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HINDI AS A SECOND LANGUAGE 0549/02 Paper 2 Listening March 2020 TRANSCRIPT Approximately 35–45 minutes © UCLES 2020 [Turn over This document has 10 pages. Blank pages are indicated. Cambridge IGCSE

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HINDI AS A SECOND LANGUAGE 0549/02

Paper 2 Listening March 2020

TRANSCRIPT Approximately 35–45 minutes

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0549/02/M/20© UCLES 2020

MALE: अभयास 1: परशन 1–6

परशन 1 स 6 क लिए आप करमयानसयार कछ सकषिपत सवयाद सनग। उनक आधयार पर परतक परशन कया उततर नीच दी गई रखया पर लिखखए। आपक उततर जहया तक हो सक सकषिपत होन चयाहहए।

आपको परतक सवयाद दो बयार सनयाया जयाएगया।

[Pause 5 seconds] [Signal] [Pause 3 seconds]

FEMALE: सवयाद 1

MALE: * होटल गलाब निवास म आप सभी का सवागत ह। आप सब क ललए कमरो की वयवसा कर दी गई ह। जलदी स िाशता कर ल और तयार हो जाए। पषकर मल स सबनधित जररी जािकारी और मािचितर आपक कमरो म मौजद ह। आप िाह तो निजी गाइड भी ककराए पर ल सकत ह। हम ठीक एक घट बाद मल क ललए रवािा होग। मल म अपि सामाि का धयाि रख और अचधिकत दकािो स ही िीज खरीद। मददर और सरोवर म परवश करत समय शालीि कपडो म रह। कोई समसया हो तो आप मर या होटल क फोि पर सपकक कर सकत ह। **

[Pause 3 seconds] [Repeat from * to **] [Pause 10 seconds]

FEMALE: सवयाद 2

FEMALE: मदहलाः * हलो!

परषः हलो …!

मदहलाः जी? ... माफ कीनजए ... आप कौि बोल रह ह?

परषः आप को ककस स बात करिी ह?

मदहलाः जी, अनिल स। अनिल मििदािी!

परषः दखखए, यह उिका िबर िही ह। आपि कौि सा िबर डायल ककया ा?

मदहलाः ओह, माफ कीनजए। कया यह 9878685847 िही ह?

परषः जी, िबर तो सही ह। लककि अनिल मििदािी का िही ह।

मदहलाः लककि मरी तो परसो ही उिस बात हई ह?

परषः पता िही। यह िबर तो बरसो स मरा ह! **

[Pause 3 seconds] [Repeat from * to **] [Pause 10 seconds]

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0549/02/M/20© UCLES 2020 [Turn over

MALE: सवयाद 3

FEMALE: * लशमला म अगल सपताह लमला-जला मौसम रहि की सभाविा ह। जाखो पहाडी और आसपास की िोदटयो पर सोमवार को तज धिप खखली रहगी लककि बधिवार को बादल छाए रहग और तज हवाओ क सा ोडी बफक बारी भी हो सकती ह। पजाब और राजसाि म दबाव बढि क कारण शनिवार और रवववार को एक बार किर तज धिप खखलगी लककि शकरवार को मौसम ठडा रहगा। लशमला और आसपास की पहाडडयो पर गरज क सा छीट पडि की सभाविा बिी रहगी। **

[Pause 3 seconds] [Repeat from * to **] [Pause 10 seconds]

MALE: सवयाद 4

FEMALE: मदहलाः * भाई साहब, एक कमरा ककराए पर लिा ह।

परषः कवल कमरा िादहए या उसक सा रसोई भी।

मदहलाः जी हा, रसोई क सा-सा अपिी बालकिी या छत भी हो तो अचछा रहगा।

परषः ककसी कोठी म लिा िाहगी या फलट म?

मदहलाः सब ककराए और जगह पर निभकर करता ह। वस सरका मरी सबस बडी परालमकता ह।

परषः तब तो कोठी ठीक रहगी। एक-दो दछनतया ददखा सकता ह। लककि ककराया जयादा लगगा।

मदहलाः कोई बात िही, ददखा तो दीनजए। **

[Pause 3 seconds] [Repeat from * to **] [Pause 10 seconds]

FEMALE: सवयाद 5

MALE: * भारतीय मदहला ककरकट टीम की पवक कपताि लमताली राज को दश का सवकशषठ खखलाडी ििा गया ह। भारत को मदहला ककरकट ववशव कप क फाइिल म पहिाि म लमताली राज का अहम योगदाि ा। सटार बडलमटि खखलाडी पी वी लसधि को वषक की सवकशषठ मदहला खखलाडी का खखताब लमला ह। जबकक दसर बडलमटि सटार ककदामबी शीकात को वषक का सवकशषठ परष खखलाडी ििा गया ह। लमताली राज अपिा परसकार लि क ललय समारोह म मौजद िही ी। इसललए उिका परसकार उिक माता-वपता ि ललया। **

[Pause 3 seconds] [Repeat from * to **] [Pause 10 seconds]

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FEMALE: सवयाद 6

MALE: परषः * कदहए बहि जी, कया सवा कर?

मदहलाः पािी की बोतल लमलगी, ठडी?

परषः जरर लमलगी। एक लीटर, दो लीटर या िार?

मदहलाः जी, दो लीटर वाली ही िलगी।

परषः और ... पाि-वाि िही लगवाएगी?

मदहलाः कसा पाि लगात ह आप?

परषः सादा, मीठा, मघई! जो आपको पसद हो! य दखखए, लग रख ह!

मदहलाः य सब तो काफी बड लगत ह। िललए मघई ही लगा दीनजए! **

[Pause 3 seconds] [Repeat from * to **] [Pause 10 seconds]

MALE: ह अभयास 1 कया अततम सवयाद थया। थोडी दर म आप अभयास 2 सनग। अब आप अभयास 2 क परशनो पर धयान दीजजए।

[Pause 30 seconds]

FEMALE: अभयास 2: परशन 7

नई हदलिी क शकर अतरयाराषटी गडडया सगरहयाि की सगरहपयाि बॉबी तनगम क सयाथ पतरिकया क सवयाददयातया परम महरया की बयातचीत को धयान स सतनए और नीच छोड गए खयािी सथयानो (a–h) को भररए।

ह बयातचीत आपको दो बयार सनयाई जयाएगी।

[Pause 5 seconds] [Signal] [Pause 3 seconds]

MALE: परमः * बॉबी निगम जी, हमार बाल शोताओ की ओर स आज की मलाकात म आपका सवागत ह।

FEMALE: बॉबीः धियवाद, परम जी।

परमः बॉबी जी, गडड-गडडया घर-घर म पाए जात ह। हम सब बिपि म उि स खल ह। हमि उिक िाि दख ह। लककि उिक अतराकषटीय सगरहालय का वविार अपि-आप म अिठा ह। कया आप बता सकती ह इस बिाि का वविार कहा स आया और इतिी सारी गडडया जमा कस हई?

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0549/02/M/20© UCLES 2020 [Turn over

बॉबीः परम जी, गडडया सगरहालय बिाि का वविार भारत क जाि-माि काटकनिसट शकर वपलल का ा। उह हगरी क एक राजिनयक ि एक गडडया भट की ी। उसी स उिक मि म दनिया भर की गडडया जमा करि का वविार आया और व अपिी दश-ववदश की यातराओ स लौटत समय वहा की गडडया सा लाि लग।

परमः इस तरह तो बहत सी गडडया जमा हो गई होगी। इतिी सारी गडडयो का व करत कया ? उह कहा रखत ?

बॉबीः शकर वपलल को बचिो स बहत लगाव ा और बचि गडड-गडडयो स पयार करत ह। इसललए उहोि गरीब बचिो क ललए अपिी गडडयो की परदशकनिया लगािा शर ककया। ऐसी ही एक परदशकिी म भारत क पवक परधिािमतरी सवगगीय जवाहर लाल िहर अपिी बटी इददरा गाधिी क सा गए । इददरा जी को इस परदशकिी ि इतिा परभाववत ककया कक उहोि शकर वपलल को एक अतराकषटीय गडडया सगरहालय बिाि क ललए कहा।

परमः लककि सगरहालय म तो हजारो गडड-गडडया ह। कया य सभी शकर वपलल ि जमा ककए ?

बॉबीः िही। लककि उिक दवारा जमा ककए गए गडड-गडडयो की सखया काफी बडी ह। वस िहर जी और इददरा जी का भी इस सगरहालय स काफी लगाव ा। इसललए उहोि सरकारी तौर पर भट म लमल सार गडड-गडडयो को इस सगरहालय को दाि कर ददया। उिस परररत होकर दनिया भर क दशो क राजदतो ि भी अपि-अपि दश क िनिदा गडड-गडडया सगरहालय को दाि ककए नजसकी वजह स इतिा ववशाल और ववववधिता वाला सगरह तयार हो गया।

परमः वस यह सगरहालय िई ददलली म ह कहा पर बॉबी जी?

बॉबीः परम जी, अतराकषटीय गडडया सगरहालय बहादर शाह जफर मागक पर बाल पसतक यास की इमारत म नसत ह। आप शायद जाित ही होग कक बाल-पसतक यास की सापिा भी शकर वपलल ि ही की ी, नजसि भारत म बाल-सादहय क ववकास की िीव डाली ी। कछ वषषो बाद बाल-पसतक यास की इमारत म ही अतराकषटीय गडडया सगरहालय की सापिा कर दी गई और उस शकर वपलल की याद म शकर गडडया सगरहालय का िाम ददया गया।

परमः बॉबी जी, इस सगरहालय की लोकवपरयता ददिो-ददि बढती जा रही ह। बचिो स भी बडी सखया म बड लोग इसकी परदशकनियो म जाि लग ह। इसकी वजह कया ह?

बॉबीः इसकी एक वजह तो यही ह कक कमपयटर खलो और डडनजटल पातरो की आज की आभासी दनिया म गडड-गडडया सगरहालय की िीज बित जा रह ह। लोग इिम अपि उस खोए बिपि को ढढि आत ह जो उह गडड-गडडयो क जररए परीकाओ की खलशयो स भरी दनिया म ल जाता ा। लककि इसका एक दसरा पहल भी ह जो बचिो और बडो सभी को आकवषकत करता ह।

परमः कही आप समाज और इनतहास की तरफ तो इशारा िही कर रही।

बॉबीः जी, म उसी पहल की बात कर रही ी। सादहय, लसिमा और सगीत की तरह गडड-गडडया भी ककसी दश, समाज और इनतहास क दौर क बार म बहत सी ददलिसप बात बता सकत ह।

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परमः मसलि?

बॉबीः लमसाल क तौर पर भारत क ववलभि राजयो क गडड-गडडया जयादातर धिालमकक कािको और पातरो पर आधिाररत ह। राधिा-कषण की गडडया, गण-गौर की गडडया और कककली क पातरो की गडडया। वस गरामीण और कबाइली जि-जीवि की झाककया पश करि वाली गडडया भी मौजद ह, जस पनिहारी की गडडया, गडडयार की गडडया या किर सपरो और मदाररयो की गडडया।

परमः पनशिमी दशो और िीि-जापाि जस पवगी दशो की गडडया कसी ह?

बॉबीः पनशिमी दशो की गडडयो म राजकमाररयो, पररयो और जहाज स यातरा करि वाल वयापाररयो की गडडयो की सखया जयादा ह। घडसवार कलीिो और सवटर बिती मदहलाओ क गडड-गडडया भी खब ह। िीिी और जापािी गडड-गडडया रखवाली करत समराई योदाओ और पारपररक पोशाक और छात म इठलाती मदहलाओ क जीवि की झाकी परसतत करती ह।

परमः बॉबी जी, ददलली क शकर अतराकषटीय गडडया सगरहालय क बार म इतिी ददलिसप जािकारी दि क ललए आपका बहत-बहत धियवाद।

बॉबीः धियवाद। **

[Pause 30 seconds]

MALE: अभयास 2 की ह बयातचीत अब आप फिर स सनग।

[Pause 3 seconds] [Repeat from * to **] [Pause 30 seconds]

MALE: अभयास 2 अब समयापत हआ। थोडी दर म आप अभयास 3 सनग। अब आप अभयास 3 क परशनो पर धयान दीजजए।

[Pause 30 seconds]

FEMALE: अभयास 3: परशन 8–15

भयारती अतररषि अनसधयान सगठन, इसरो की अतररषि वजयातनक ऋत समवयाि क सयाथ परिकयार आकयाश दीप की बयातचीत को धयान स सतनए और नीच हदए गए परतक कथन म रखयाफकत की गई गिती को सही शबदो या वयाकयाश कया परोग करत हए ठीक कीजजए।

ह बयातचीत आपको दो बयार सनयाई जयाएगी।

[Pause 5 seconds] [Signal] [Pause 3 seconds]

MALE: आकाशः * ऋत समवाल जी, िए ककनतज क पाठको की ओर स आपका सवागत ह।

ऋतः धियवाद, आकाश जी।

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आकाशः ऋत जी, आपका रझाि चिककसा, वकालत और कला जस पारपररक ववषयो की बजाए अतररक ववजाि की तरफ कब और कस हआ?

ऋतः आकाश जी, िाद-तारो स मझ बिपि स ही पयार हो गया ा। बिपि म घटो घर की छत पर जाकर िाद-तारो को निहारती रहती ी। तरह-तरह क सवाल मि म उठत। घर वालो स उिका जवाब ि लमलि पर ककताब छािती किरती। तभी मि म ठाि ली ी कक इि रहसयो की गनया खोलिी ह। अतररक ववजाि पढिा ह।

आकाशः घर वालो की राय कया ी?

ऋतः हमारा पररवार लखिऊ का एक मधयवगगीय पररवार ा। कफजलखिगी क ललए कोई जगह िही ी लककि पढाई पर परा जोर ददया जाता ा। हम अचछ सकलो म पढाया गया लककि टयशि-कोचिग कभी िही कराई गई। वपता रका सवा म । मा कभी घर का काम करि क ललए िही कहती ी। उिका एक ही सपिा ा कक बदटया पढ-ललख कर काबबल बि। इसललए दसवी पास करि क बाद मि दोसतो की सलाह स फसला ककया कक मझ अतररक ववजाि ही पढिा ह।

आकाशः आपि काफी कदठि ववषय ििा। इसक ललए आपि अपि-आप को कस तयार ककया?

ऋतः िाद-तारो की दनिया म ददलिसपी तो ी ही, ववजाि क समािारो को धयाि स पढि लगी। अखबारो की कतरि सभाल कर रखती और बाद म अपि अधयापको स उि पर बहस करती। बारहवी क सा ही भारतीय ववजाि ससाि म परवश क ललए परनतयोचगता की तयारी शर कर दी ी। ववजाि ससाि म परवश पाकर अतररक इजीनियरी की डडगरी हालसल कर ली। सौभागय स जस ही भारतीय अतररक अिसधिाि सगठि, इसरो स बलावा आया, तो मरी खशी का दठकािा ि रहा।

आकाशः लककि इसरो तो बगलर म ह। आपको लखिऊ छोड कर बगलर जािा पडा होगा!

ऋतः जी हा। मा को चिता ी कक बटी इतिी दर अकली कस रहगी। पर उहोि रोका िही, खशी-खशी जाि ददया और म दो ददि का सफर तय करक इसरो पहिी। अपिी मनजल की ओर यह मरा पहला कदम ा।

आकाशः कसा लगा आपको वहा पहि कर?

ऋतः मझ लगा कक जस वाकई लसतारो का जहा लमल गया। हालाकक उि ददिो इसरो म बहत कम मदहला वजानिक काम करती ी। लककि मझ कई महवपणक पररयोजिाओ पर काम करि का मौका लमला नजिम मगलयाि को म सबस परमख मािती ह।

आकाशः मगलयाि पर काम करि की नजममदारी आपको कस लमली?

ऋतः सब-कछ अिािक ही हआ ा। हमारी एक महवपणक पररयोजिा परी ही हई ी कक मझ बला कर कहा गया कक मझ मगलयाि पर काम करिा ह। मझ मगलयाि का सिालि उपनिदशक बिाया गया ा और अलभयाि को 18 महीिो क भीतर परा करिा ा।

आकाशः मगलयाि अलभयाि की सबस बडी ििौती कया ी?

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ऋतः सबस बडी ििौती यही ी हम पहली बार म सिलता हालसल करिी ी। अमरीका, रस, िीि और जापाि सभी दश कोलशश कर िक । लककि ककसी दश का अलभयाि पहली बार म सिल िही हआ ा। अलभयाि की कामयाबी हमार सिालि सोफटवयर पर निभकर करती ी।

आकाशः तब तो काफी कडी महित करिी पडी होगी!

ऋतः बस, पनछए मत। सबह-शाम समय का कोई दहसाब िही ा। ि कोई छटी, ि आराम। दस महीि पलक झपकत ही निकल गए। घर म बचि परशाि हो उठ । लककि दस महीि बाद मगलयाि का सिालि करि वाला महवपणक सॉफटवयर तयार हो गया और किर 24 लसतबर 2014 को वह घडी भी आई नजसि सारी काि और लशकायत दर कर दी। हमारा अलभयाि पहली बार म ही सिल हो गया और यह दनिया का सबस ससता मगल अलभयाि ा।

आकाशः मगलयाि की सिलता ि आपका िाम ककया ही िही बनलक बदल ददया!

ऋतः जी हा। मजाक म लोग मझ ‘रॉकट वमि’ कह कर बलाि लग। मझ यवा वजानिक परसकार भी लमला और िदरयाि-दो की नजममदारी भी।

आकाशः ऋत समवाल जी, अपिी अतररक ववजाि यातरा पर रोिक बातिीत क ललए बहत-बहत धियवाद।

ऋतः आपका भी धियवाद। **

[Pause 30 seconds]

MALE: अभयास 3 की ह बयातचीत अब आप फिर स सनग।

[Pause 3 seconds] [Repeat from * to **] [Pause 30 seconds]

MALE: अभयास 3 अब समयापत हआ। थोडी दर म आप अभयास 4 सनग। अब आप अभयास 4 क परशनो पर धयान दीजजए।

[Pause 30 seconds]

FEMALE: अभयास 4: परशन 16–23

FEMALE: लशषिया को शरम स जोडन की जररत पर लशषियाशयासरिी ववन मोहन क ववचयारो को धयान स सतनए और तनमनलिखखत वयाको को परया करन क लिए A, B अथवया C म स फकसी एक ववकलप को सही [] कया तनशयान िगया कर चतनए।

उनक ववचयार आपको दो बयार सनयाए जयाएग।

[Pause 5 seconds] [Signal] [Pause 3 seconds]

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0549/02/M/20© UCLES 2020 [Turn over

MALE: * मिषय हर बार सामि आई समसया पर िए तरीक स सोि सकता ह। हर मिषय अलग-अलग तरीको स सोि सकता ह। सोि पाि की इसी कमता को ‘परयपि मनतव’ कहत ह। यही वजह ह कक लाख परयासो क बावजद वजानिक कबतरम बवद को मिषय की कमता क बराबर िही बिा पाए ह।

वजानिको का माििा ह कक परयपि मनतव का सीधिा सबधि शारीररक शम स ह। मिषय जब अपि हा स काम करता ह तो उसका ददमाग लगातार सककरय रहता ह और सोिता रहता ह कक उस काम को कस कम ऊजाक खिक कर क ककया जाए। इसी परयास म िए आववषकार होत ह। इसललए अगर हम अपि यवाओ स रििाशील होि की उममीद करत ह, तो उिक परयपि मनतव की कमता क ववकास पर धयाि दिा पडगा और इसक ललए उह शारीररक शम म लगािा होगा। शम को जीवि का अग बिािा होगा।

इस बात की समझ गाधिी जी जस चितको को ी। इसीललए गाधिी जी ि अपिी ‘िई तालीम’ योजिा म लशका को शम स जोडि की बात की ी। ववदयालयो को कवल पसतक आधिाररत बिाि क बजाय उह दनिक जीवि और उपादि स जोडि क पीछ शायद यही मकसद रहा होगा कक शम और परकनत क सयोग स मािव मनसतषक जयादा परयपिमनत होगा और समाज म सही रििामक सोि को ववकलसत कर पाएगा।

इसललए शम स लशका को जोडि क इस पि को समझ लिा जररी ह। समाजशानसतरयो का कहिा ह कक बचिो म अगर शर स ही घर और ववदयालय म काम करि की आदत डाली जाए तो उिम शम क परनत सममाि और काम करि वालो क परनत आदर तो होगा ही, इसका परभाव उिकी बौवदक कमता पर भी पडगा। इसस कल का समाज बहतर तो बिगा ही, उह भी इसको समझि म सहायता लमलगी। लककि अगर उह कवल परलशककत शलमक बिाि का परयास ककया गया तो ि व परयोगधिमगी होग और ि ही सामानजक।

समय आ गया ह कक लशका पर खिक बढा कर हम भारत को पजी क ललए ससत शम का सोत ि बिा कर एक अवषी समाज बिाए। दश की यवा जिसखया को कवल पजी कमाि का परलशकण दकर शलमक म बदल दिा हमार समाज क परनत अपराधि होगा। आि वाल समय म वही समाज आग जा पाएगा, जो िई खोज कर सक और आि वाली बौवदक करानत का जिक बि सक।

इसक ललए हमार पास हर तरह की कमता ह और तकिीक भी। सवततरता सगराम क दौराि और उसक बाद भारत म लशका क कतर म कई परयोग हए , उिस सीखि की जररत होगी। एक तरफ तो व ववदयालय , नजिम उचि वगक क बचि पढत और जहा जलदी ही शम को लशका स जोडिा हय मािा जाि लगा ा। दसरी तरि सामाय सरकारी ववदयालय , नजिम शम को महव तो ददया गया, लककि ससाधिि पयाकपत िही ददए गए।

इि दोिो क बीि एक और सिल परयोग हआ। जवाहरलाल िहर और बबहार क कछ मिीवषयो ि परायोचगक तौर पर रािी क करीब ितरहाट म एक ववदयालय खोला। इसम परनतयोचगता परीका क दवारा सामाय पररवारो और यहा तक कक अनत निधिकि पररवारो क बचिो को लाया गया। गाधिी की िई तालीम और िहर की आधिनिक लशका क बीि की कोई वयवसा बिाई गई। इस ववदयालय क लगभग पाि हजार स जयादा छातर भारत और दनिया भर क अलग-अलग दहससो म उचि आधिनिक पशो म ह। इस ववदयालय क जयादातर लशकको और छातरो का माििा ह कक शम क सा लशका को जोडि का परयोग ही उिक ववदयालय की सबस बडी दि ह, कयोकक इसका परभाव उिक जीवि दशकि पर पडा ह।

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Permission to reproduce items where third-party owned material protected by copyright is included has been sought and cleared where possible. Every reasonable effort has been made by the publisher (UCLES) to trace copyright holders, but if any items requiring clearance have unwittingly been included, the publisher will be pleased to make amends at the earliest possible opportunity.

To avoid the issue of disclosure of answer-related information to candidates, all copyright acknowledgements are reproduced online in the Cambridge Assessment International Education Copyright Acknowledgements Booklet. This is produced for each series of examinations and is freely available to download at www.cambridgeinternational.org after the live examination series.

Cambridge Assessment International Education is part of the Cambridge Assessment Group. Cambridge Assessment is the brand name of the University of Cambridge Local Examinations Syndicate (UCLES), which itself is a department of the University of Cambridge.

कल लमला कर अगर भारत अपिी यवा पीढी का लाभ पािा िाहता ह, तो उस यहा हए अिक परयोगो स शम और लशका को जोडि का सबक लि की जररत ह। भारत को तकिीकी म परलशककत ससत शम क बदल एक ऐस समाज को दनिया क सामि रखि की जररत होगी जो अवषी हो और जिदहतषी हो।**

[Pause 30 seconds]

FEMALE: अभयास 4 क इन ववचयारो को अब आप फिर स सनग।

[Pause 3 seconds] [Repeat from * to **] [Pause 30 seconds]

FEMALE: अभयास 4 और ह परीषिया समयापत हई।

This is the end of the examination.