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ससस ससससससस ससससस ससससस सससससस “ससससससस”

Hindi Vyakaran Bharti

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Page 1: Hindi Vyakaran Bharti

सभी� कक्षा�ओं क लि�ए

स रेश क मा�रे मिमाश्रा� “उरेतृ�प्तृ”

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अध्या�या 1

1.भा�षा�, व्या�करण और बो�ली�

परिरेभी�षा�- भी�षा� अभिभीव्यलि� क� एक ऐस� समार्थ" स�धन है& जि(सक द्वा�रे� मान ष्य अपन वि-चा�रे/ क0 दूसरे/ परे प्रकट करे सकतृ� है& औरे दूसरे/ क वि-चा�रे (�न� सकतृ� है&।स6स�रे मा7 अनक भी�षा�ए8 है9। (&स-विहैन्दी<,स6स्क� तृ,अ6ग्रे(�, बँ8ग��,ग (रे�तृ�,प6(�बँ�,उदू", तृ� ग , मा�य��मा, कन्नड़, फ्रैं9 चा, चा�न�, (मा"न इत्य�दिदी।

भी�षा� क प्रक�रे- भी�षा� दी0 प्रक�रे कG है0तृ� है&-1. माHखिJक भी�षा�।2. लि�खिJतृ भी�षा�।आमान-स�मान बँ&ठे व्यलि� परेस्परे बँ�तृचा�तृ करेतृ है9 अर्थ-� क0ई व्यलि� भी�षाण आदिदी द्वा�रे� अपन वि-चा�रे प्रकट करेतृ� है& तृ0 उस भी�षा� क� माHखिJक रूप कहैतृ है9।(बँ व्यलि� विकस� दूरे बँ&ठे व्यलि� क0 पत्र द्वा�रे� अर्थ-� प स्तृक/ ए-6 पत्र-पवित्रक�ओं मा7 �J द्वा�रे� अपन वि-चा�रे प्रकट करेतृ� है& तृबँ उस भी�षा� क� लि�खिJतृ रूप कहैतृ

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है9।

व्या�करण

मान ष्य माHखिJक ए-6 लि�खिJतृ भी�षा� मा7 अपन वि-चा�रे प्रकट करे सकतृ� है& औरे करेतृ� रेहै� है& विकन्तृ इसस भी�षा� क� क0ई विनभिRतृ ए-6 श द्ध स्-रूप स्थिUरे नहैV है0 सकतृ�। भी�षा� क श द्ध औरे U�य� रूप क0 विनभिRतृ करेन क लि�ए विनयमाबँद्ध य0(न� कG आ-श्यकतृ� है0तृ� है& औरे उस विनयमाबँद्ध य0(न� क0 हैमा व्य�करेण कहैतृ है9।

परिरेभी�षा�- व्य�करेण -है श�स्त्र है& जि(सक द्वा�रे� विकस� भी� भी�षा� क शब्दी/ औरे -�क्य/ क श द्ध स्-रूप/ ए-6 श द्ध प्रय0ग/ क� वि-शदी ज्ञा�न करे�य� (�तृ� है&।भी�षा� औरे व्य�करेण क� स6बँ6ध- क0ई भी� मान ष्य श द्ध भी�षा� क� प[ण" ज्ञा�न व्य�करेण क विबँन� प्र�प्तृ नहैV करे सकतृ�। अतृ\ भी�षा� औरे व्य�करेण क� घविनष्ठ स6बँ6ध है9 -है भी�षा� मा7 उच्चा�रेण, शब्दी-प्रय0ग, -�क्य-गठेन तृर्थ� अर्थ` क प्रय0ग क रूप क0 विनभिRतृ करेतृ� है&।

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व्य�करेण क वि-भी�ग- व्य�करेण क चा�रे अ6ग विनध�"रिरेतृ विकय गय है9-1. -ण"-वि-चा�रे।2. शब्दी-वि-चा�रे।3. पदी-वि-चा�रे।4. -�क्य वि-चा�रे।

बो�ली�

भी�षा� क� क्षात्र�य रूप बँ0�� कहै��तृ� है&। अर्थ�"तृa दीश क वि-भिभीन्न भी�ग/ मा7 बँ0�� (�न -��� भी�षा� बँ0�� कहै��तृ� है& औरे विकस� भी� क्षात्र�य बँ0�� क� लि�खिJतृ रूप मा7 स्थिUरे स�विहैत्य -है�8 कG भी�षा� कहै��तृ� है&।

लिलीपि�

विकस� भी� भी�षा� क लि�Jन कG वि-मिध क0 ‘लि�विप’ कहैतृ है9। विहैन्दी< औरे स6स्क� तृ भी�षा� कG लि�विप क� न�मा दी-न�गरे� है&। अ6ग्रे(� भी�षा� कG लि�विप ‘रे0मान’, उदू" भी�षा� कG लि�विप फा�रेस�, औरे प6(�बँ� भी�षा� कG लि�विप ग रुमा J� है&।

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सा�पि�त्या

ज्ञा�न-रे�लिश क� स6लिचातृ क0श है� स�विहैत्य है&। स�विहैत्य है� विकस� भी� दीश, (�वितृ औरे -ग" क0 (�-6तृ रेJन क�- उसक अतृ�तृ रूप/ क0 दीश�"न क� एकमा�त्र स�क्ष्य है0तृ� है&। यहै मा�न- कG अन भी[वितृ क वि-भिभीन्न पक्षा/ क0 स्पष्ट करेतृ� है& औरे प�ठेक/ ए-6 श्रा0तृ�ओं क हृदीय मा7 एक अ�Hविकक अविन-"चान�य आन6दी कG अन भी[वितृ उत्पन्न करेतृ� है&।

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अध्या�या 2

वण�-पिवचा�र

परिरेभी�षा�-विहैन्दी< भी�षा� मा7 प्रय � सबँस छो0ट< ध्-विन -ण" कहै��तृ� है&। (&स-अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, कa , Ja आदिदी।

वण�मा�ली�

-ण` क समा दी�य क0 है� -ण"मा��� कहैतृ है9। विहैन्दी< -ण"मा��� मा7 44 -ण" है9। उच्चा�रेण औरे प्रय0ग क आध�रे परे विहैन्दी< -ण"मा��� क दी0 भीदी विकए गए है9-1. स्-रे2. व्य6(न

स्वर

जि(न -ण` क� उच्चा�रेण स्-तृ6त्र रूप स है0तृ� है0 औरे (0 व्य6(न/ क उच्चा�रेण मा7 सहै�यक है/ - स्-रे कहै��तृ है&। य स6ख्य� मा7 ग्य�रेहै है9-अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।

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उच्चा�रेण क समाय कG दृमिष्ट स स्-रे क तृ�न भीदी विकए गए है9-1. ह्रस्- स्-रे।2. दी<घ" स्-रे।3. प्� तृ स्-रे।

1. ह्रस्व स्वर

जि(न स्-रे/ क उच्चा�रेण मा7 कमा-स-कमा समाय �गतृ� है9 उन्है7 ह्रस्- स्-रे कहैतृ है9। य चा�रे है9- अ, इ, उ, ऋ। इन्है7 मा[� स्-रे भी� कहैतृ है9।

2. दी�र्घ� स्वर

जि(न स्-रे/ क उच्चा�रेण मा7 ह्रस्- स्-रे/ स दुग न� समाय �गतृ� है& उन्है7 दी<घ" स्-रे कहैतृ है9। य विहैन्दी< मा7 स�तृ है9- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।वि-शषा- दी<घ" स्-रे/ क0 ह्रस्- स्-रे/ क� दी<घ" रूप नहैV समाझन� चा�विहैए। यहै�8 दी<घ" शब्दी क� प्रय0ग उच्चा�रेण मा7 �गन -�� समाय क0 आध�रे मा�नकरे विकय� गय� है&।

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3. प्ली!त स्वर

जि(न स्-रे/ क उच्चा�रेण मा7 दी<घ" स्-रे/ स भी� अमिधक समाय �गतृ� है& उन्है7 प्� तृ स्-रे कहैतृ है9। प्र�य\ इनक� प्रय0ग दूरे स बँ ��न मा7 विकय� (�तृ� है&।

मा�त्रा�एँ%

स्-रे/ क बँदी� हुए स्-रूप क0 मा�त्र� कहैतृ है9 स्-रे/ कG मा�त्र�ए8 विनम्नलि�खिJतृ है9-स्-रे मा�त्र�ए8 शब्दीअ × कमाआ v� क�माइ wv विकस�यई v� J�रेउ v ग ��बँऊ v[ भी[�ऋ v� तृ�णए v क शऐ v& है&

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ओ v0 चा0रेऔ vH चाHJटअ -ण" (स्-रे) कG क0ई मा�त्र� नहैV है0तृ�। व्य6(न/ क� अपन� स्-रूप विनम्नलि�खिJतृ है9-कa चाa छोa (a झa तृa र्थa धa आदिदी।अ �गन परे व्य6(न/ क न�चा क� (है�) लिचाह्न हैट (�तृ� है&। तृबँ य इस प्रक�रे लि�J (�तृ है9-क चा छो ( झ तृ र्थ ध आदिदी।

व्या&जन

जि(न -ण` क प[ण" उच्चा�रेण क लि�ए स्-रे/ कG सहै�यतृ� �� (�तृ� है& - व्य6(न कहै��तृ है9। अर्थ�"तृ व्य6(न विबँन� स्-रे/ कG सहै�यतृ� क बँ0� है� नहैV (� सकतृ। य स6ख्य� मा7 33 है9। इसक विनम्नलि�खिJतृ तृ�न भीदी है9-1. स्पश"2. अ6तृ\U3. ऊष्मा

1. स्पर्श�

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इन्है7 प�8चा -ग` मा7 रेJ� गय� है& औरे हैरे -ग" मा7 प�8चा-प�8चा व्य6(न है9। हैरे -ग" क� न�मा पहै� -ग" क अन स�रे रेJ� गय� है& (&स-क-ग"- कa Ja गa घa ड़्चा-ग"- चाa छोa (a झa ञ्aट-ग"- टa ठेa ड्a ढ्a णa (ड़् ढ़्)तृ-ग"- तृa र्थa दीa धa नaप-ग"- पa फाa बँa भीa माa

2. अ&त+स्थ

य विनम्नलि�खिJतृ चा�रे है9-यa रेa �a -a

3. ऊष्मा

य विनम्नलि�खिJतृ चा�रे है9-शa षाa सa हैa

-&स तृ0 (है�8 भी� दी0 अर्थ-� दी0 स अमिधक व्य6(न मिमा� (�तृ है9 - स6य � व्य6(न कहै��तृ है9, विकन्तृ दी-न�गरे� लि�विप मा7 स6य0ग क बँ�दी

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रूप-परिरे-तृ"न है0 (�न क क�रेण इन तृ�न क0 विगन�य� गय� है&। य दी0-दी0 व्य6(न/ स मिमा�करे बँन है9। (&स-क्षा=कa +षा अक्षारे, ज्ञा=(a+ञ् ज्ञा�न, त्र=तृa+रे नक्षात्र क छो �0ग क्षाa त्रa औरे ज्ञाa क0 भी� विहैन्दी< -ण"मा��� मा7 विगनतृ है9, परे य स6य � व्य6(न है9। अतृ\ इन्है7 -ण"मा��� मा7 विगनन� उलिचातृ प्रतृ�तृ नहैV है0तृ�।

अन!स्व�र

इसक� प्रय0ग प6चामा -ण" क U�न परे है0तृ� है&। इसक� लिचान्है (v6) है&। (&स- सम्भ-=स6भी-, सञ्जय=स6(य, गड़्ग�=ग6ग�।

पिवसार्ग�

इसक� उच्चा�रेण हैa क समा�न है0तृ� है&। इसक� लिचाह्न (:) है&। (&स-अतृ\, प्र�तृ\।

चा&द्रबिंबो2दु

(बँ विकस� स्-रे क� उच्चा�रेण न�लिसक� औरे मा J दी0न/ स विकय� (�तृ� है& तृबँ उसक ऊपरे

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चा6द्रबिंबँ�दु (v8) �ग� दिदीय� (�तृ� है&।यहै अन न�लिसक कहै��तृ� है&। (&स-है8सन�, आ8J।

विहैन्दी< -ण"मा��� मा7 11 स्-रे तृर्थ� 33 व्य6(न विगन�ए (�तृ है9, परेन्तृ इनमा7 ड़्, ढ़् अ6 तृर्थ� अ\ (0ड़न परे विहैन्दी< क -ण` कG क � स6ख्य� 48 है0 (�तृ� है&।

�ली&त

(बँ कभी� व्य6(न क� प्रय0ग स्-रे स रेविहैतृ विकय� (�तृ� है& तृबँ उसक न�चा एक वितृरेछो< रेJ� (va) �ग� दी< (�तृ� है&। यहै रेJ� है� कहै��तृ� है&। है�य � व्य6(न है�6तृ -ण" कहै��तृ� है&। (&स-वि-दीa य�।

वण4 क5 उच्चा�रण-स्थ�न

मा J क जि(स भी�ग स जि(स -ण" क� उच्चा�रेण है0तृ� है& उस उस -ण" क� उच्चा�रेण U�न कहैतृ है9।

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उच्चा�रण स्थ�न त�लिलीक�

क्रमा -ण" उच्चा�रेण श्राण�

1.अ आ कa Ja गa घa ड़् हैa

वि-सग" क6 ठे औरे (�भी क� विनचा�� भी�ग

क6 ठेU

2.इ ई चाa छोa (a झa ञ्a यa श तृ�� औरे (�भी तृ��व्य

3.ऋ टa ठेa ड्a ढ्a णa ड़् ढ़् रेa षाa मा[ध�" औरे (�भी मा[ध"न्य

4.तृa र्थa दीa धa नa �a सa दी�8तृ औरे (�भी दी6त्य

5.उ ऊ पa फाa बँa भीa मा दी0न/ है/ठे ओष्ठ्य

6. ए ऐ क6 ठे तृ�� औरे (�भी क6 ठेतृ��व्य

7. ओ औ दी�8तृ (�भी औरे है/ठे क6 ठे0ष्ठ्य

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8. -a दी�8तृ (�भी औरे है/ठे दी6तृ0षाa

अध्या�या 3

र्शब्दी-पिवचा�र

परिरेभी�षा�- एक य� अमिधक -ण` स बँन� हुई स्-तृ6त्र स�र्थ"क ध्-विन शब्दी कहै��तृ� है&। (&स- एक -ण" स विनर्मिमा�तृ शब्दी-न (नहैV) - (औरे) अनक -ण` स विनर्मिमा�तृ शब्दी-क त्ता�, शरे,कमा�, नयन, प्र�स�दी, स-"व्य�प�, परेमा�त्मा�।

र्शब्दी-भा5दी

व्य त्पभित्ता (बँन�-ट) क आध�रे परे शब्दी-भीदी-व्य त्पभित्ता (बँन�-ट) क आध�रे परे शब्दी क विनम्नलि�खिJतृ तृ�न भीदी है9-

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1. रूढ़2. यHविगक3. य0गरूढ़

1. रूढ़

(0 शब्दी विकन्हैV अन्य शब्दी/ क य0ग स न बँन है/ औरे विकस� वि-शषा अर्थ" क0 प्रकट करेतृ है/ तृर्थ� जि(नक ट कड़/ क� क0ई अर्थ" नहैV है0तृ�, - रूढ़ कहै��तृ है9। (&स-क�, परे। इनमा7 क, �, प, रे क� ट कड़ करेन परे क छो अर्थ" नहैV है9। अतृ\ य विनरेर्थ"क है9।

2. या;पिर्गक

(0 शब्दी कई स�र्थ"क शब्दी/ क मा� स बँन है/,- यHविगक कहै��तृ है9। (&स-दी-��य=दी-+आ�य, रे�(प रुषा=रे�(+प रुषा, विहैमा��य=विहैमा+आ�य, दी-दूतृ=दी-+दूतृ आदिदी। य सभी� शब्दी दी0 स�र्थ"क शब्दी/ क मा� स बँन है9।

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3. या�र्गरूढ़

- शब्दी, (0 यHविगक तृ0 है9, विकन्तृ स�मा�न्य अर्थ" क0 न प्रकट करे विकस� वि-शषा अर्थ" क0 प्रकट करेतृ है9, य0गरूढ़ कहै��तृ है9। (&स-प6क(, दीश�नन आदिदी। प6क(=प6क+( (कGचाड़ मा7 उत्पन्न है0न -���) स�मा�न्य अर्थ" मा7 प्रचालि�तृ न है0करे कमा� क अर्थ" मा7 रूढ़ है0 गय� है&। अतृ\ प6क( शब्दी य0गरूढ़ है&। इस� प्रक�रे दीश (दीस) आनन (मा J) -��� रे�-ण क अर्थ" मा7 प्रलिसद्ध है&।

उत्�लि< क5 आधा�र �र र्शब्दी-भा5दी

उत्पभित्ता क आध�रे परे शब्दी क विनम्नलि�खिJतृ चा�रे भीदी है9-

1. तृत्समा- (0 शब्दी स6स्क� तृ भी�षा� स विहैन्दी< मा7 विबँन� विकस� परिरे-तृ"न क � लि�ए गए है9 - तृत्समा कहै��तृ है9। (&स-अखिग्न, क्षात्र, -�य , रे�वित्र, स[य" आदिदी।

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2. तृद्भ-- (0 शब्दी रूप बँदी�न क बँ�दी स6स्क� तृ स विहैन्दी< मा7 आए है9 - तृद्भ- कहै��तृ है9। (&स-आग (अखिग्न), Jतृ(क्षात्र), रे�तृ (रे�वित्र), स[रे( (स[य") आदिदी।3. दीश(- (0 शब्दी क्षात्र�य प्रभी�- क क�रेण परिरेस्थिUवितृ - आ-श्यकतृ�न स�रे बँनकरे प्रचालि�तृ है0 गए है9 - दीश( कहै��तृ है9। (&स-पगड़�, ग�ड़�, र्थ&��, पट, JटJट�न� आदिदी।4. वि-दीश� य� वि-दीश(- वि-दीश� (�वितृय/ क स6पक" स उनकG भी�षा� क बँहुतृ स शब्दी विहैन्दी< मा7 प्रय � है0न �ग है9। ऐस शब्दी वि-दीश� अर्थ-� वि-दीश( कहै��तृ है9। (&स-स्क[ �, अन�रे, आमा, क9 चा�,अचा�रे, प लि�स, ट��फा0न, रिरेक्शा� आदिदी। ऐस क छो वि-दीश� शब्दी/ कG स[चा� न�चा दी< (� रेहै� है&।अ6ग्रे(�- क��(, प9लिस�, रेविड्य0, ट��वि-(न, ड्�क्टरे, �&टरेबँक्स, प&न, दिटकट, माश�न, लिसगरेट, स�इविक�, बँ0तृ� आदिदी।

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फा�रेस�- अन�रे,चाश्मा�, (माVदी�रे, दुक�न, दीरेबँ�रे, नमाक, नमा[न�, बँ�मा�रे, बँरेफा, रूमा��, आदीमा�, चा ग�J0रे, ग6दीग�, चा�प�[स� आदिदी।अरेबँ�- औ��दी, अमा�रे, कत्�, क�मा, क�न[न, Jतृ, फाकGरे, रिरेश्वतृ, औरेतृ, क& दी<, मा�लि�क, गरे�बँ आदिदी।तृ क�- क9 चा�, चा�क[ , तृ0प, बँ�रूदी, ��श, दी�रे0ग�, बँहै�दुरे आदिदी।प तृ"ग���- अचा�रे, आ�प�न, क�रेतृ[स, गमा��, चा�बँ�, वितृ(0रे�, तृHलि�य�, फाGतृ�, स�बँ न, तृ6बँ�क[ , क�फाG, कमा�( आदिदी।फ्रैं�6स�स�- प लि�स, क�ट["न, इ6(�विनयरे, कर्फ्यूय[", विबँग � आदिदी।चा�न�- तृ[फा�न, ��चा�, चा�य, पट�J� आदिदी।य[न�न�- ट��फा0न, ट��ग्रे�फा, ऐटमा, ड्ल्ट� आदिदी।(�प�न�- रिरेक्शा� आदिदी।

प्रया�र्ग क5 आधा�र �र र्शब्दी-भा5दी

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प्रय0ग क आध�रे परे शब्दी क विनम्नलि�खिJतृ आठे भीदी है&-1. स6ज्ञा�2. स-"न�मा3. वि-शषाण4. विक्रय�5. विक्रय�-वि-शषाण6. स6बँ6धबँ0धक7. समा च्चायबँ0धक8. वि-स्माय�दिदीबँ0धक

इन उपय "� आठे प्रक�रे क शब्दी/ क0 भी� वि-क�रे कG दृमिष्ट स दी0 भी�ग/ मा7 बँ�8ट� (� सकतृ� है&-1. वि-क�रे�2. अवि-क�रे�

1. पिवक�र� र्शब्दी

जि(न शब्दी/ क� रूप-परिरे-तृ"न है0तृ� रेहैतृ� है& - वि-क�रे� शब्दी कहै��तृ है9। (&स-क त्ता�,

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क त्ता, क त्ता/, मा9 मा झ,हैमा7 अच्छा�, अच्छा J�तृ� है&, J�तृ� है&, J�तृ है9। इनमा7 स6ज्ञा�, स-"न�मा, वि-शषाण औरे विक्रय� वि-क�रे� शब्दी है9।

2. अपिवक�र� र्शब्दी

जि(न शब्दी/ क रूप मा7 कभी� क0ई परिरे-तृ"न नहैV है0तृ� है& - अवि-क�रे� शब्दी कहै��तृ है9। (&स-यहै�8, विकन्तृ , विनत्य, औरे, है अरे आदिदी। इनमा7 विक्रय�-वि-शषाण, स6बँ6धबँ0धक, समा च्चायबँ0धक औरे वि-स्माय�दिदीबँ0धक आदिदी है9।

अर्थ� कA दृपिC सा5 र्शब्दी-भा5दी

अर्थ" कG दृमिष्ट स शब्दी क दी0 भीदी है9-1. स�र्थ"क2. विनरेर्थ"क

1. सा�र्थ�क र्शब्दी

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जि(न शब्दी/ क� क छो-न-क छो अर्थ" है0 - शब्दी स�र्थ"क शब्दी कहै��तृ है9। (&स-रे0ट<, प�न�, मामातृ�, ड्6ड्� आदिदी।

2. पिनरर्थ�क र्शब्दी

जि(न शब्दी/ क� क0ई अर्थ" नहैV है0तृ� है& - शब्दी विनरेर्थ"क कहै��तृ है9। (&स-रे0ट<--0ट<, प�न�--�न�, ड्6ड्�--6ड्� इनमा7 -0ट<, -�न�, -6ड्� आदिदी विनरेर्थ"क शब्दी है9।वि-शषा- विनरेर्थ"क शब्दी/ परे व्य�करेण मा7 क0ई वि-चा�रे नहैV विकय� (�तृ� है&।

अध्या�या 4

�दी-पिवचा�र

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स�र्थ"क -ण"-समा[है शब्दी कहै��तृ� है&, परे (बँ इसक� प्रय0ग -�क्य मा7 है0तृ� है& तृ0 -है स्-तृ6त्र नहैV रेहैतृ� बँल्किल्क व्य�करेण क विनयमा/ मा7 बँ8ध (�तृ� है& औरे प्र�य\ इसक� रूप भी� बँदी� (�तृ� है&। (बँ क0ई शब्दी -�क्य मा7 प्रय � है0तृ� है& तृ0 उस शब्दी न कहैकरे पदी कहै� (�तृ� है&।विहैन्दी< मा7 पदी प�8चा प्रक�रे क है0तृ है9-1. स6ज्ञा�2. स-"न�मा3. वि-शषाण4. विक्रय�5. अव्यय

1. सा&ज्ञा�

विकस� व्यलि�, U�न, -स्तृ आदिदी तृर्थ� न�मा क ग ण, धमा", स्-भी�- क� बँ0ध करे�न -�� शब्दी स6ज्ञा� कहै��तृ है9। (&स-श्य�मा, आमा, मिमाठे�स, है�र्थ� आदिदी।स6ज्ञा� क प्रक�रे- स6ज्ञा� क तृ�न भीदी है9-

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1. व्यलि�-�चाक स6ज्ञा�।2. (�वितृ-�चाक स6ज्ञा�।3. भी�--�चाक स6ज्ञा�।

1. व्यालिEव�चाक सा&ज्ञा�

जि(स स6ज्ञा� शब्दी स विकस� वि-शषा, व्यलि�, प्र�ण�, -स्तृ अर्थ-� U�न क� बँ0ध है0 उस व्यलि�-�चाक स6ज्ञा� कहैतृ है9। (&स-(यप्रक�श न�रे�यण, श्रा�क� ष्ण, रे�मा�यण, तृ�(माहै�, क तृ बँमा�न�रे, ���विक�� विहैमा��य आदिदी।

2. ज�पितव�चाक सा&ज्ञा�

जि(स स6ज्ञा� शब्दी स उसकG स6प[ण" (�वितृ क� बँ0ध है0 उस (�वितृ-�चाक स6ज्ञा� कहैतृ है9। (&स-मान ष्य, नदी<, नगरे, प-"तृ, पश , पक्षा�, �ड़क�, क त्ता�, ग�य, घ0ड़�, भी9स, बँकरे�, न�रे�, ग�8- आदिदी।

3. भा�वव�चाक सा&ज्ञा�

जि(स स6ज्ञा� शब्दी स पदी�र्थ` कG अ-U�,

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ग ण-दी0षा, धमा" आदिदी क� बँ0ध है0 उस भी�--�चाक स6ज्ञा� कहैतृ है9। (&स-बँ ढ़�प�, मिमाठे�स, बँचापन, मा0ट�प�, चाढ़�ई, र्थक�-ट आदिदी।वि-शषा -�व्य- क छो वि-द्वा�न अ6ग्रे(� व्य�करेण क प्रभी�- क क�रेण स6ज्ञा� शब्दी क दी0 भीदी औरे बँतृ��तृ है9-1. समा दी�य-�चाक स6ज्ञा�।2. द्रव्य-�चाक स6ज्ञा�।

1. सामा!दी�याव�चाक सा&ज्ञा�

जि(न स6ज्ञा� शब्दी/ स व्यलि�य/, -स्तृ ओं आदिदी क समा[है क� बँ0ध है0 उन्है7 समा दी�य-�चाक स6ज्ञा� कहैतृ है9। (&स-सभी�, कक्षा�, सन�, भी�ड़, प स्तृक��य दी� आदिदी।

2. द्रव्याव�चाक सा&ज्ञा�

जि(न स6ज्ञा�-शब्दी/ स विकस� ध�तृ , द्रव्य आदिदी पदी�र्थ` क� बँ0ध है0 उन्है7 द्रव्य-�चाक स6ज्ञा� कहैतृ है9। (&स-घ�, तृ�, स0न�,

Page 25: Hindi Vyakaran Bharti

चा�8दी<,प�तृ�, चा�-�, गहूँ8, क0य��, �0है� आदिदी।

इस प्रक�रे स6ज्ञा� क प�8चा भीदी है0 गए, विकन्तृ अनक वि-द्वा�न समा दी�य-�चाक औरे द्रव्य-�चाक स6ज्ञा�ओं क0 (�वितृ-�चाक स6ज्ञा� क अ6तृग"तृ है� मा�नतृ है9, औरे यहै� उलिचातृ भी� प्रतृ�तृ है0तृ� है&।भी�--�चाक स6ज्ञा� बँन�न�- भी�--�चाक स6ज्ञा�ए8 चा�रे प्रक�रे क शब्दी/ स बँनतृ� है9। (&स-

1. ज�पितव�चाक सा&ज्ञा�ओं सा5

दी�स दी�सतृ�प6विड्तृ प�6विड्त्य बँ6ध बँ6ध त्-क्षावित्रय क्षावित्रयत्-प रुषा प रुषात्- प्रभी प्रभी तृ�पश पश तृ�,पश त्-ब्रा�ह्मण ब्रा�ह्मणत्-

Page 26: Hindi Vyakaran Bharti

मिमात्र मिमात्रतृ�बँ��क बँ��कपनबँच्चा� बँचापन न�रे� न�रे�त्-

2. साव�न�मा सा5

अपन� अपन�पन, अपनत्- विन( विन(त्-,विन(तृ�परे�य� परे�य�पन स्- स्-त्-स-" स-"स्-अहै6 अहै6क�रेमामा मामात्-,मामातृ�

3. पिवर्श5षाण सा5

मा�ठे� मिमाठे�स चातृ रे चा�तृ य", चातृ रे�ईमाध रे मा�ध य" स 6दीरे स�दीय", स 6दीरेतृ�विनबँ"� विनबँ"�तृ� सफा दी सफा दी<

Page 27: Hindi Vyakaran Bharti

हैरे� हैरिरेय��� सफा� सफा�तृ�प्र-�ण प्र-�णतृ� मा&�� मा&�विनप ण विनप णतृ� Jट्टा� Jट�स

4. पिGया� सा5

J�न� J� र्थकन� र्थक�-ट लि�Jन� �J, लि�J�ईहै8सन� है8स��न�-दीन� �न-दीनपढ़न� पढ़�ईमिमा�न� मा�चाढ़न� चाढ़�ई मा सक�न� मा सक�नकमा�न� कमा�ई उतृरेन� उतृरे�ई उड़न� उड़�न

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रेहैन�-सहैन� रेहैन-सहैन दीJन�-भी��न� दीJ-भी��

अध्या�या 5

सा&ज्ञा� क5 पिवक�रक तत्व

जि(न तृत्-/ क आध�रे परे स6ज्ञा� (स6ज्ञा�, स-"न�मा, वि-शषाण) क� रूप�6तृरे है0तृ� है& - वि-क�रेक तृत्- कहै��तृ है9।-�क्य मा7 शब्दी/ कG स्थिUवितृ क आध�रे परे है� उनमा7 वि-क�रे आतृ है9। यहै वि-क�रे लिं��ग, -चान औरे क�रेक क क�रेण है� है0तृ� है&। (&स-�ड़क� शब्दी क चा�रे/ रूप- 1.�ड़क�, 2.�ड़क , 3.�ड़क/, 4.�ड़क0-क -� -चान औरे क�रेक/ क क�रेण बँनतृ है9।लिं��ग- जि(स लिचाह्न स यहै बँ0ध है0तृ� है0 विक

Page 29: Hindi Vyakaran Bharti

अमा क शब्दी प रुषा (�वितृ क� है& अर्थ-� स्त्र� (�वितृ क� -है लिं��ग कहै��तृ� है&।परिरेभी�षा�- शब्दी क जि(स रूप स विकस� व्यलि�, -स्तृ आदिदी क प रुषा (�वितृ अर्थ-� स्त्र� (�वितृ क है0न क� ज्ञा�न है0 उस लिं��ग कहैतृ है9। (&स-�ड़क�, �ड़कG, नरे, न�रे� आदिदी। इनमा7 ‘�ड़क�’ औरे ‘नरे’ प स्थिल्�6ग तृर्थ� �ड़कG औरे ‘न�रे�’ स्त्र�लिं��ग है9।

विहैन्दी< मा7 लिं��ग क दी0 भीदी है9-1. प स्थिल्�6ग।2. स्त्र�लिं��ग।

1. �!ल्लिंIली&र्ग

जि(न स6ज्ञा� शब्दी/ स प रुषा (�वितृ क� बँ0ध है0 अर्थ-� (0 शब्दी प रुषा (�वितृ क अ6तृग"तृ मा�न (�तृ है9 - प स्थिल्�6ग है9। (&स-क त्ता�, �ड़क�, पड़, लिंस�है, बँ&�, घरे आदिदी।

2. स्त्रा�लिंली2र्ग

Page 30: Hindi Vyakaran Bharti

जि(न स6ज्ञा� शब्दी/ स स्त्र� (�वितृ क� बँ0ध है0 अर्थ-� (0 शब्दी स्त्र� (�वितृ क अ6तृग"तृ मा�न (�तृ है9 - स्त्र�लिं��ग है9। (&स-ग�य, घड़�, �ड़कG, क रेस�, छोड़�, न�रे� आदिदी।

�!ल्लिंIली&र्ग कA ��चा�न

1. आ, आ-, प�, पन न य प्रत्यय जि(न शब्दी/ क अ6तृ मा7 है/ - प्र�य\ प स्थिल्�6ग है0तृ है9। (&स- मा0ट�, चाढ़�-, बँ ढ़�प�, �ड़कपन �न-दीन।2. प-"तृ, मा�स, -�रे औरे क छो ग्रेहै/ क न�मा प स्थिल्�6ग है0तृ है9 (&स-बिं-�ध्य�चा�, विहैमा��य, -&श�J, स[य", चा6द्र, मा6ग�, बँ ध, रे�हु, क तृ (ग्रेहै)।3. पड़/ क न�मा प स्थिल्�6ग है0तृ है9। (&स-प�प�, न�मा, आमा, श�शमा, स�गHन, (�मा न, बँरेगदी आदिदी।4. अन�(/ क न�मा प स्थिल्�6ग है0तृ है9। (&स-बँ�(रे�, गहूँ8, चा�-�, चान�, माटरे, (H, उड़दी आदिदी।

Page 31: Hindi Vyakaran Bharti

5. द्र- पदी�र्थ` क न�मा प स्थिल्�6ग है0तृ है9। (&स-प�न�, स0न�, तृ�8बँ�, �0है�, घ�, तृ� आदिदी।6. रेत्न/ क न�मा प स्थिल्�6ग है0तृ है9। (&स-है�रे�, पन्न�, मा[8ग�, मा0तृ� मा�भिणक आदिदी।7. दीहै क अ-य-/ क न�मा प स्थिल्�6ग है0तृ है9। (&स-लिसरे, मास्तृक, दी�8तृ, मा J, क�न, ग��, है�र्थ, प�8-, है/ठे, तृ�� , नJ, रे0मा आदिदी।8. (�, U�न औरे भी[मा6ड्� क भी�ग/ क न�मा प स्थिल्�6ग है0तृ है9। (&स-समा द्र, भी�रेतृ, दीश, नगरे, द्वा<प, आक�श, प�तृ��, घरे, सरे0-रे आदिदी।9. -ण"मा��� क अनक अक्षारे/ क न�मा प स्थिल्�6ग है0तृ है9। (&स-अ,उ,ए,ओ,क,J,ग,घ, चा,छो,य,रे,�,-,श आदिदी।

स्त्रा�लिंली2र्ग कA ��चा�न

1. जि(न स6ज्ञा� शब्दी/ क अ6तृ मा7 J है0तृ है&, - स्त्र�लिं��ग कहै��तृ है9। (&स-ईJ, भी[J,

Page 32: Hindi Vyakaran Bharti

चा0J, रे�J, क0J, ��J, दीJरेJ आदिदी।2. जि(न भी�--�चाक स6ज्ञा�ओं क अ6तृ मा7 ट, -ट, य� हैट है0तृ� है&, - स्त्र�लिं��ग कहै��तृ� है9। (&स-झ6झट, आहैट, लिचाकन�हैट, बँन�-ट, स(�-ट आदिदी।3. अन स्-�रे�6तृ, ईक�रे�6तृ, ऊक�रे�6तृ, तृक�रे�6तृ, सक�रे�6तृ स6ज्ञा�ए8 स्त्र�लिं��ग कहै��तृ� है&। (&स-रे0ट<, ट0प�, नदी<, लिचाट्ठी<, उदी�स�, रे�तृ, बँ�तृ, छोतृ, भी�तृ, �[, बँ��[, दी�रू, सरेस/, Jड़�ऊ8 , प्य�स, -�स, स�8स आदिदी।4. भी�षा�, बँ0�� औरे लि�विपय/ क न�मा स्त्र�लिं��ग है0तृ है9। (&स-विहैन्दी<, स6स्क� तृ, दी-न�गरे�, पहै�ड़�, तृ� ग प6(�बँ� ग रुमा J�।5. जि(न शब्दी/ क अ6तृ मा7 इय� आतृ� है& - स्त्र�लिं��ग है0तृ है9। (&स-क दिटय�, Jदिटय�, लिचाविड़य� आदिदी।6. नदिदीय/ क न�मा स्त्र�लिं��ग है0तृ है9। (&स-ग6ग�, यमा न�, ग0दी�-रे�, सरेस्-तृ� आदिदी।7. तृ�रे�J/ औरे वितृलिर्थय/ क न�मा स्त्र�लिं��ग

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है0तृ है9। (&स-पहै��, दूसरे�, प्रवितृपदी�, प[र्णिण�मा� आदिदी।8. प�थ्-� ग्रेहै स्त्र�लिं��ग है0तृ है9।9. नक्षात्र/ क न�मा स्त्र�लिं��ग है0तृ है9। (&स-अभिश्वन�, भीरेण�, रे0विहैण� आदिदी।

र्शब्दीK क� लिंली2र्ग-�रिरवत�न

प्रत्याया �!ल्लिंIली&र्ग स्त्रा�लिंली2र्गई घ0ड़� घ0ड़�

दी- दी-�दी�दी� दी�दी<�ड़क� �ड़कGब्रा�ह्मण ब्रा�ह्मण�नरे न�रे�बँकरे� बँकरे�

इय� चा[है� चा विहैय�लिचाड़� लिचाविड़य�बँट� विबँदिटय�

Page 34: Hindi Vyakaran Bharti

ग ड्डा� ग विड़य��0ट� � दिटय�

इन मा��� मा�लि�नकहै�रे कहै�रिरेनस न�रे स न�रिरेन� है�रे � है�रिरेनध0बँ� ध0विबँन

न� मा0रे मा0रेन�है�र्थ� है�लिर्थनलिंस�है लिंस�हैन�

आन� नHकरे नHकरे�न�चाHधरे� चाHधरे�न�दी-रे दी-रे�न�सठे सठे�न�(ठे (ठे�न�

आइन प6विड्तृ प6विड्तृ�इनठे�क रे ठे�क रे�इन

आ बँ�� बँ���

Page 35: Hindi Vyakaran Bharti

स तृ स तृ�छो�त्र छो�त्र�लिशष्य लिशष्य�

अक क0 इक� करेक

प�ठेक प�दिठेक�

अध्य�पक अध्य�विपक�बँ��क बँ�लि�क��Jक �खिJक�स-क सवि-क�

इन� (इण�)

तृपस्-� तृपल्किस्-न�

विहैतृक�रे� विहैतृक�रिरेन�स्-�मा� स्-�मिमान�परे0पक�रे� परे0पक�रिरेन�

क छो वि-शषा शब्दी (0 स्त्र�लिं��ग मा7 विबँ�क � है� बँदी� (�तृ है9।

Page 36: Hindi Vyakaran Bharti

प स्थिल्�6ग स्त्र�लिं��गविपतृ� मा�तृ�भी�ई भी�भी�नरे मा�दी�रे�(� रे�न�सस रे स�ससम्रा�ट सम्रा�ज्ञा�प रुषा स्त्र�बँ&� ग�यय -क य -तृ�

वि-शषा -�व्य- (0 प्र�भिण-�चाक सदी� शब्दी है� स्त्र�लिं��ग है9 अर्थ-� (0 सदी� है� प स्थिल्�6ग है9 उनक प स्थिल्�6ग अर्थ-� स्त्र�लिं��ग (तृ�न क लि�ए उनक स�र्थ ‘नरे’ - ‘मा�दी�’ शब्दी �ग� दीतृ है9। (&स-स्त्र�लिं��ग प स्थिल्�6ग

Page 37: Hindi Vyakaran Bharti

माक्J� नरे माक्J�क0य� नरे क0य�विग�हैरे� नरे विग�हैरे�मा&न� नरे मा&न�वितृतृ�� नरे वितृतृ��बँ�( मा�दी� बँ�(Jटमा� मा�दी� Jटमा�चा�� नरे चा��कछो आ नरे कछो आकHआ नरे कHआभीविड़य� मा�दी� भीविड़य�उल्�[ मा�दी� उल्�[माच्छारे मा�दी� माच्छारे

अध्या�या 6

वचान

Page 38: Hindi Vyakaran Bharti

परिरेभी�षा�-शब्दी क जि(स रूप स उसक एक अर्थ-� अनक है0न क� बँ0ध है0 उस -चान कहैतृ है9।विहैन्दी< मा7 -चान दी0 है0तृ है9-1. एक-चान2. बँहु-चान

एँकवचान

शब्दी क जि(स रूप स एक है� -स्तृ क� बँ0ध है0, उस एक-चान कहैतृ है9। (&स-�ड़क�, ग�य, लिसप�है�, बँच्चा�, कपड़�, मा�तृ�, मा���, प स्तृक, स्त्र�, ट0प� बँ6दीरे, मा0रे आदिदी।

बोहुवचान

शब्दी क जि(स रूप स अनकतृ� क� बँ0ध है0 उस बँहु-चान कहैतृ है9। (&स-�ड़क , ग�य7, कपड़, ट0विपय�8, मा���ए8, मा�तृ�ए8, प स्तृक7 , -ध ए8, ग रु(न, रे0दिटय�8, स्त्रिस्त्रय�8, �तृ�ए8, बँट आदिदी।एक-चान क U�न परे बँहु-चान क� प्रय0ग(क) आदीरे क लि�ए भी� बँहु-चान क� प्रय0ग है0तृ� है&। (&स-

Page 39: Hindi Vyakaran Bharti

(1) भी�ष्मा विपतृ�माहै तृ0 ब्राह्मचा�रे� र्थ।(2) ग रु(� आ( नहैV आय।(3) लिश-�(� सच्चा -�रे र्थ।(J) बँड़प्पन दीश�"न क लि�ए क छो �0ग -है क U�न परे - औरे मा9 क U�न हैमा क� प्रय0ग करेतृ है9 (&स-(1) मा�लि�क न कमा"चा�रे� स कहै�, हैमा मा�टिंट�ग मा7 (� रेहै है9।(2) आ( ग रु(� आए तृ0 - प्रसन्न दिदीJ�ई दी रेहै र्थ।(ग) क श, रे0मा, अश्रा , प्र�ण, दीश"न, �0ग, दीश"क, समा�चा�रे, दी�मा, है0श, भी�ग्य आदिदी ऐस शब्दी है9 जि(नक� प्रय0ग बँहुध� बँहु-चान मा7 है� है0तृ� है&। (&स-(1) तृ म्है�रे क श बँड़ स न्दीरे है9।(2) �0ग कहैतृ है9।बँहु-चान क U�न परे एक-चान क� प्रय0ग(क) तृ[ एक-चान है& जि(सक� बँहु-चान है& तृ मा विकन्तृ सभ्य �0ग आ(क� �0क-व्य-है�रे मा7 एक-चान क लि�ए तृ मा क� है� प्रय0ग करेतृ है9 (&स-(1) मिमात्र, तृ मा कबँ आए।(2) क्य� तृ मान J�न� J� लि�य�।

Page 40: Hindi Vyakaran Bharti

(J) -ग", -�6दी, दी�, गण, (�वितृ आदिदी शब्दी अनकतृ� क0 प्रकट करेन -�� है9, विकन्तृ इनक� व्य-है�रे एक-चान क समा�न है0तृ� है&। (&स-(1) स&विनक दी� शत्र क� दीमान करे रेहै� है&।(2) स्त्र� (�वितृ स6घषा" करे रेहै� है&।(ग) (�वितृ-�चाक शब्दी/ क� प्रय0ग एक-चान मा7 विकय� (� सकतृ� है&। (&स-(1) स0न� बँहुमा[ल्य -स्तृ है&।(2) मा 6बँई क� आमा स्-�दिदीष्ट है0तृ� है&।बँहु-चान बँन�न क विनयमा(1) अक�रे�6तृ स्त्र�लिं��ग शब्दी/ क अ6वितृमा अ क0 ए8 करे दीन स शब्दी बँहु-चान मा7 बँदी� (�तृ है9। (&स-एक-चान बँहु-चानआ8J आ8J7बँहैन बँहैन7प स्तृक प स्तृक7सड़क सड़कग�य ग�य7बँ�तृ बँ�तृ7

Page 41: Hindi Vyakaran Bharti

(2) आक�रे�6तृ प स्थिल्�6ग शब्दी/ क अ6वितृमा ‘आ’ क0 ‘ए’ करे दीन स शब्दी बँहु-चान मा7 बँदी� (�तृ है9। (&स-एक-चान बँहु-चान एक-चान बँहु-चानघ0ड़� घ0ड़ कHआ कHएक त्ता� क त्ता गध� गधक �� क � बँट� बँट

(3) आक�रे�6तृ स्त्र�लिं��ग शब्दी/ क अ6वितृमा ‘आ’ क आग ‘ए8’ �ग� दीन स शब्दी बँहु-चान मा7 बँदी� (�तृ है9। (&स-एक-चान बँहु-चान एक-चान बँहु-चानकन्य� कन्य�ए8 अध्य�विपक� अध्य�विपक�ए8क�� क��ए8 मा�तृ� मा�तृ�ए8कवि-तृ� कवि-तृ�ए8 �तृ� �तृ�ए8

(4) इक�रे�6तृ अर्थ-� ईक�रे�6तृ स्त्र�लिं��ग शब्दी/ क अ6तृ मा7 ‘य�8’ �ग� दीन स औरे दी<घ" ई क0 ह्रस्- इ करे दीन स शब्दी बँहु-चान मा7 बँदी� (�तृ है9। (&स-एक-चान बँहु-चान एक-चान बँहु-चान

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बँ जिद्ध बँ जिद्धय�8 गवितृ गवितृय�8क�� कलि�य�8 न�वितृ न�वितृय�8क�प� क�विपय�8 �ड़कG �ड़विकय�8र्थ��� र्थ�लि�य�8 न�रे� न�रिरेय�8

(5) जि(न स्त्र�लिं��ग शब्दी/ क अ6तृ मा7 य� है& उनक अ6वितृमा आ क0 आ8 करे दीन स - बँहु-चान बँन (�तृ है9। (&स-एक-चान बँहु-चान एक-चान बँहु-चानग विड़य� ग विड़य�8 विबँदिटय� विबँदिटय�8चा विहैय� चा विहैय�8 क वितृय� क वितृय�8लिचाविड़य� लिचाविड़य�8 Jदिटय� Jदिटय�8बँ दिढ़य� बँ दिढ़य�8 ग&य� ग&य�8

(6) क छो शब्दी/ मा7 अ6वितृमा उ, ऊ औरे औ क स�र्थ ए8 �ग� दीतृ है9 औरे दी<घ" ऊ क स�र्थन परे ह्रस्- उ है0 (�तृ� है&। (&स-एक-चान बँहु-चान एक-चान बँहु-चानगH गHए8 बँहूँ बँहूँए8

Page 43: Hindi Vyakaran Bharti

-ध[ -ध[ए8 -स्तृ -स्तृ ए8धन धन ए8 ध�तृ ध�तृ ए8

(7) दी�, -�6दी, -ग", (न �0ग, गण आदिदी शब्दी (0ड़करे भी� शब्दी/ क� बँहु-चान बँन� दीतृ है9। (&स-एक-चान बँहु-चान एक-चान बँहु-चान

अध्य�पक अध्य�पक-�6दी मिमात्र मिमात्र-ग"

वि-द्या�र्थ  वि-द्या�र्थ गण सन� सन�दी�

आप आप �0ग ग रु ग रु(नश्रा0तृ� श्रा0तृ�(न गरे�बँ गरे�बँ �0ग

(8) क छो शब्दी/ क रूप ‘एक-चान’ औरे ‘बँहु-चान’ दी0न0 मा7 समा�न है0तृ है9। (&स-एक-चान बँहु-चान एक-चान बँहु-चानक्षामा� क्षामा� नतृ� नतृ�(� (� प्रमा प्रमा

Page 44: Hindi Vyakaran Bharti

विगरिरे विगरिरे क्र0ध क्र0धरे�(� रे�(� प�न� प�न�

वि-शषा- (1) (बँ स6ज्ञा�ओं क स�र्थ न, क0, स आदिदी परेसग" �ग है0तृ है9 तृ0 स6ज्ञा�ओं क� बँहु-चान बँन�न क लि�ए उनमा7 ‘ओ’ �ग�य� (�तृ� है&। (&स-एक-चान बँहु-चान एक-चान बँहु-चान�ड़क क0 बँ ��ओ

�ड़क0 क0 बँ ��ओ

बँच्चा न ग�न� ग�य�

बँच्चा/ न ग�न� ग�य�

नदी< क� (� ठे6ड्� है&

नदिदीय/ क� (� ठे6ड्� है&

आदीमा� स प[छो �0

आदीमिमाय/ स प[छो �0

(2) स6बँ0धन मा7 ‘ओ’ (0ड़करे बँहु-चान बँन�य� (�तृ� है&। (&स-बँच्चा/ ! ध्य�न स स न0। भी�इय/ ! माहैनतृ करे0। बँहैन0 ! अपन� कतृ"व्य विनभी�ओ।

Page 45: Hindi Vyakaran Bharti

अध्या�या 7

क�रक

परिरेभी�षा�-स6ज्ञा� य� स-"न�मा क जि(स रूप स उसक� स�ध� स6बँ6ध विक्रय� क स�र्थ ज्ञा�तृ है0 -है क�रेक कहै��तृ� है&। (&स-ग�तृ� न दूध प�य�। इस -�क्य मा7 ‘ग�तृ�’ प�न� विक्रय� क� कतृ�" है& औरे दूध उसक� कमा"। अतृ\ ‘ग�तृ�’ कतृ�" क�रेक है& औरे ‘दूध’ कमा" क�रेक।क�रेक वि-भीलि�- स6ज्ञा� अर्थ-� स-"न�मा शब्दी/ क बँ�दी ‘न, क0, स, क लि�ए’, आदिदी (0 लिचाह्न �गतृ है9 - लिचाह्न

Page 46: Hindi Vyakaran Bharti

क�रेक वि-भीलि� कहै��तृ है9।

विहैन्दी< मा7 आठे क�रेक है0तृ है9। उन्है7 वि-भीलि� लिचाह्न/ सविहैतृ न�चा दीJ� (� सकतृ� है&-क�रेक वि-भीलि� लिचाह्न (परेसग")1. कतृ�" न2. कमा" क03. करेण स, क स�र्थ, क द्वा�रे�4. स6प्रदी�न क लि�ए, क05. अप�दी�न स (प�र्थक)6. स6बँ6ध क�, क , कG7. अमिधकरेण मा7, परे8. स6बँ0धन है ! हैरे !क�रेक लिचाह्न स्मारेण करेन क लि�ए इस पदी कG रेचान� कG गई है9-कतृ�" न अरु कमा" क0, करेण रे�वितृ स (�न।स6प्रदी�न क0, क लि�ए, अप�दी�न स मा�न।।क�, क , कG, स6बँ6ध है9, अमिधकरेण�दिदीक मा7 मा�न।रे ! है ! है0 ! स6बँ0धन, मिमात्र धरेहु यहै ध्य�न।।वि-शषा-कतृ�" स अमिधकरेण तृक वि-भीलि� लिचाह्न (परेसग")

Page 47: Hindi Vyakaran Bharti

शब्दी/ क अ6तृ मा7 �ग�ए (�तृ है9, विकन्तृ स6बँ0धन क�रेक क लिचाह्न-है, रे, आदिदी प्र�य\ शब्दी स प[-" �ग�ए (�तृ है9।

1. कत�� क�रक

जि(स रूप स विक्रय� (क�य") क करेन -�� क� बँ0ध है0तृ� है& -है ‘कतृ�"’ क�रेक कहै��तृ� है&। इसक� वि-भीलि�-लिचाह्न ‘न’ है&। इस ‘न’ लिचाह्न क� -तृ"मा�नक�� औरे भीवि-ष्यक�� मा7 प्रय0ग नहैV है0तृ� है&। इसक� सकमा"क ध�तृ ओं क स�र्थ भी[तृक�� मा7 प्रय0ग है0तृ� है&। (&स- 1.रे�मा न रे�-ण क0 मा�रे�। 2.�ड़कG स्क[ � (�तृ� है&।

पहै� -�क्य मा7 विक्रय� क� कतृ�" रे�मा है&। इसमा7 ‘न’ कतृ�" क�रेक क� वि-भीलि�-लिचाह्न है&। इस -�क्य मा7 ‘मा�रे�’ भी[तृक�� कG विक्रय� है&। ‘न’ क� प्रय0ग प्र�य\ भी[तृक�� मा7 है0तृ� है&। दूसरे -�क्य मा7 -तृ"मा�नक�� कG विक्रय� क� कतृ�" �ड़कG है&। इसमा7 ‘न’ वि-भीलि� क� प्रय0ग नहैV हुआ है&।

वि-शषा- (1) भी[तृक�� मा7 अकमा"क विक्रय� क कतृ�" क स�र्थ भी� न परेसग" (वि-भीलि� लिचाह्न) नहैV �गतृ� है&।

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(&स--है है8स�।(2) -तृ"मा�नक�� - भीवि-ष्यतृक�� कG सकमा"क विक्रय� क कतृ�" क स�र्थ न परेसग" क� प्रय0ग नहैV है0तृ� है&। (&स--है फा� J�तृ� है&। -है फा� J�एग�।(3) कभी�-कभी� कतृ�" क स�र्थ ‘क0’ तृर्थ� ‘स’ क� प्रय0ग भी� विकय� (�तृ� है&। (&स-(अ) बँ��क क0 स0 (�न� चा�विहैए। (आ) स�तृ� स प स्तृक पढ़< गई।(इ) रे0ग� स चा�� भी� नहैV (�तृ�। (ई) उसस शब्दी लि�J� नहैV गय�।

2. कमा� क�रक

विक्रय� क क�य" क� फा� जि(स परे पड़तृ� है&, -है कमा" क�रेक कहै��तृ� है&। इसक� वि-भीलि�-लिचाह्न ‘क0’ है&। यहै लिचाह्न भी� बँहुतृ-स U�न/ परे नहैV �गतृ�। (&स- 1. मा0हैन न स�8प क0 मा�रे�। 2. �ड़कG न पत्र लि�J�। पहै� -�क्य मा7 ‘मा�रेन’ कG विक्रय� क� फा� स�8प परे पड़� है&। अतृ\ स�8प कमा" क�रेक है&। इसक स�र्थ परेसग" ‘क0’ �ग� है&।दूसरे -�क्य मा7 ‘लि�Jन’ कG विक्रय� क� फा� पत्र परे

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पड़�। अतृ\ पत्र कमा" क�रेक है&। इसमा7 कमा" क�रेक क� वि-भीलि� लिचाह्न ‘क0’ नहैV �ग�।

3. करण क�रक

स6ज्ञा� आदिदी शब्दी/ क जि(स रूप स विक्रय� क करेन क स�धन क� बँ0ध है0 अर्थ�"तृa जि(सकG सहै�यतृ� स क�य" स6पन्न है0 -है करेण क�रेक कहै��तृ� है&। इसक वि-भीलि�-लिचाह्न ‘स’ क ‘द्वा�रे�’ है&। (&स- 1.अ( "न न (यद्रर्थ क0 बँ�ण स मा�रे�। 2.बँ��क ग7दी स J� रेहै है&।पहै� -�क्य मा7 कतृ�" अ( "न न मा�रेन क� क�य" ‘बँ�ण’ स विकय�। अतृ\ ‘बँ�ण स’ करेण क�रेक है&। दूसरे -�क्य मा7 कतृ�" बँ��क J�न क� क�य" ‘ग7दी स’ करे रेहै है9। अतृ\ ‘ग7दी स’ करेण क�रेक है&।

4. सा&प्रदी�न क�रक

स6प्रदी�न क� अर्थ" है&-दीन�। अर्थ�"तृ कतृ�" जि(सक लि�ए क छो क�य" करेतृ� है&, अर्थ-� जि(स क छो दीतृ� है& उस व्य� करेन -�� रूप क0 स6प्रदी�न क�रेक कहैतृ है9। इसक वि-भीलि� लिचाह्न ‘क लि�ए’ क0 है9।1.स्-�स्थ्य क लि�ए स[य" क0 नमास्क�रे करे0। 2.ग रु(�

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क0 फा� दी0।इन दी0 -�क्य/ मा7 ‘स्-�स्थ्य क लि�ए’ औरे ‘ग रु(� क0’ स6प्रदी�न क�रेक है9।

5. अ��दी�न क�रक

स6ज्ञा� क जि(स रूप स एक -स्तृ क� दूसरे� स अ�ग है0न� प�य� (�ए -है अप�दी�न क�रेक कहै��तृ� है&। इसक� वि-भीलि�-लिचाह्न ‘स’ है&। (&स- 1.बँच्चा� छोतृ स विगरे पड़�। 2.स6ग�तृ� घ0ड़ स विगरे पड़�।इन दी0न/ -�क्य/ मा7 ‘छोतृ स’ औरे घ0ड़ ‘स’ विगरेन मा7 अ�ग है0न� प्रकट है0तृ� है&। अतृ\ घ0ड़ स औरे छोतृ स अप�दी�न क�रेक है9।

6. सा&बो&धा क�रक

शब्दी क जि(स रूप स विकस� एक -स्तृ क� दूसरे� -स्तृ स स6बँ6ध प्रकट है0 -है स6बँ6ध क�रेक कहै��तृ� है&। इसक� वि-भीलि� लिचाह्न ‘क�’, ‘क ’, ‘कG’, ‘रे�’, ‘रे’, ‘रे�’ है&। (&स- 1.यहै रे�धश्य�मा क� बँट� है&। 2.यहै कमा�� कG ग�य है&।इन दी0न/ -�क्य/ मा7 ‘रे�धश्य�मा क� बँट’ स औरे ‘कमा��

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क�’ ग�य स स6बँ6ध प्रकट है0 रेहै� है&। अतृ\ यहै�8 स6बँ6ध क�रेक है&।

7. अलिधाकरण क�रक

शब्दी क जि(स रूप स विक्रय� क आध�रे क� बँ0ध है0तृ� है& उस अमिधकरेण क�रेक कहैतृ है9। इसक वि-भीलि�-लिचाह्न ‘मा7’, ‘परे’ है9। (&स- 1.भी8-रे� फा[ �/ परे मा8ड्रे� रेहै� है&। 2.कमारे मा7 ट<.-�. रेJ� है&।इन दी0न/ -�क्य/ मा7 ‘फा[ �/ परे’ औरे ‘कमारे मा7’ अमिधकरेण क�रेक है&।

8. सा&बो�धान क�रक

जि(सस विकस� क0 बँ ��न अर्थ-� सचातृ करेन क� भी�- प्रकट है0 उस स6बँ0धन क�रेक कहैतृ है& औरे स6बँ0धन लिचाह्न (!) �ग�य� (�तृ� है&। (&स- 1.अरे भी&य� ! क्य/ रे0 रेहै है0 ? 2.है ग0प�� ! यहै�8 आओ।इन -�क्य/ मा7 ‘अरे भी&य�’ औरे ‘है ग0प��’ ! स6बँ0धन क�रेक है&।

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अध्या�या 8

साव�न�मा

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स-"न�मा-स6ज्ञा� क U�न परे प्रय � है0न -�� शब्दी क0 स-"न�मा कहैतृ है&। स6ज्ञा� कG प नरुलि� क0 दूरे करेन क लि�ए है� स-"न�मा क� प्रय0ग विकय� (�तृ� है&। (&स-मा9, हैमा, तृ[, तृ मा, -है, यहै, आप, कHन, क0ई, (0 आदिदी।स-"न�मा क भीदी- स-"न�मा क छोहै भीदी है9-1. प रुषा-�चाक स-"न�मा।2. विनRय-�चाक स-"न�मा।3. अविनRय-�चाक स-"न�मा।4. स6बँ6ध-�चाक स-"न�मा।5. प्रश्न-�चाक स-"न�मा।6. विन(-�चाक स-"न�मा।

1. �!रुषाव�चाक साव�न�मा

जि(स स-"न�मा क� प्रय0ग -�� य� �Jक स्-य6 अपन लि�ए अर्थ-� श्रा0तृ� य� प�ठेक क लि�ए अर्थ-� विकस� अन्य क लि�ए करेतृ� है& -है प रुषा-�चाक स-"न�मा कहै��तृ� है&। प रुषा-�चाक स-"न�मा तृ�न प्रक�रे क है0तृ है9-(1) उत्तामा प रुषा-�चाक स-"न�मा- जि(स स-"न�मा क� प्रय0ग बँ0�न -��� अपन लि�ए करे, उस उत्तामा

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प रुषा-�चाक स-"न�मा कहैतृ है9। (&स-मा9, हैमा, मा झ, हैमा�रे� आदिदी।(2) माध्यमा प रुषा-�चाक स-"न�मा- जि(स स-"न�मा क� प्रय0ग बँ0�न -��� स नन -�� क लि�ए करे, उस माध्यमा प रुषा-�चाक स-"न�मा कहैतृ है9। (&स-तृ[, तृ मा,तृ झ, तृ म्है�रे� आदिदी।(3) अन्य प रुषा-�चाक स-"न�मा- जि(स स-"न�मा क� प्रय0ग बँ0�न -��� स नन -�� क अवितृरिरे� विकस� अन्य प रुषा क लि�ए करे उस अन्य प रुषा-�चाक स-"न�मा कहैतृ है9। (&स--है, -, उसन, यहै, य, इसन, आदिदी।

2. पिनश्चयाव�चाक साव�न�मा

(0 स-"न�मा विकस� व्यलि� -स्तृ आदिदी कG ओरे विनRयप[-"क स6क तृ करे7 - विनRय-�चाक स-"न�मा कहै��तृ है9। इनमा7 ‘यहै’, ‘-है’, ‘-’ स-"न�मा शब्दी विकस� वि-शषा व्यलि� आदिदी क� विनRयप[-"क बँ0ध करे� रेहै है9, अतृ\ य विनRय-�चाक स-"न�मा है&।

3. अपिनश्चयाव�चाक साव�न�मा

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जि(स स-"न�मा शब्दी क द्वा�रे� विकस� विनभिRतृ व्यलि� अर्थ-� -स्तृ क� बँ0ध न है0 - अविनRय-�चाक स-"न�मा कहै��तृ है9। इनमा7 ‘क0ई’ औरे ‘क छो’ स-"न�मा शब्दी/ स विकस� वि-शषा व्यलि� अर्थ-� -स्तृ क� विनRय नहैV है0 रेहै� है&। अतृ\ ऐस शब्दी अविनRय-�चाक स-"न�मा कहै��तृ है9।

4. सा&बो&धाव�चाक साव�न�मा

परेस्परे एक-दूसरे� बँ�तृ क� स6बँ6ध बँतृ��न क लि�ए जि(न स-"न�मा/ क� प्रय0ग है0तृ� है& उन्है7 स6बँ6ध-�चाक स-"न�मा कहैतृ है9। इनमा7 ‘(0’, ‘-है’, ‘जि(सकG’, ‘उसकG’, ‘(&स�’, ‘-&स�’-य दी0-दी0 शब्दी परेस्परे स6बँ6ध क� बँ0ध करे� रेहै है9। ऐस शब्दी स6बँ6ध-�चाक स-"न�मा कहै��तृ है9।

5. प्रश्नव�चाक साव�न�मा

(0 स-"न�मा स6ज्ञा� शब्दी/ क U�न परे तृ0 आतृ है� है&, विकन्तृ -�क्य क0 प्रश्न-�चाक भी� बँन�तृ है9 - प्रश्न-�चाक स-"न�मा कहै��तृ है9। (&स-क्य�, कHन आदिदी। इनमा7 ‘क्य�’ औरे ‘कHन’ शब्दी प्रश्न-�चाक स-"न�मा है9, क्य/विक इन स-"न�मा/ क द्वा�रे� -�क्य प्रश्न-�चाक बँन (�तृ है9।

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6. पिनजव�चाक साव�न�मा

(है�8 अपन लि�ए ‘आप’ शब्दी ‘अपन�’ शब्दी अर्थ-� ‘अपन’ ‘आप’ शब्दी क� प्रय0ग है0 -है�8 विन(-�चाक स-"न�मा है0तृ� है&। इनमा7 ‘अपन�’ औरे ‘आप’ शब्दी उत्तामा, प रुषा माध्यमा प रुषा औरे अन्य प रुषा क (स्-य6 क�) अपन आप क� बँ0ध करे� रेहै है9। ऐस शब्दी विन(-�चाक स-"न�मा कहै��तृ है9।वि-शषा-(है�8 क -� ‘आप’ शब्दी क� प्रय0ग श्रा0तृ� क लि�ए है0 -है�8 यहै आदीरे-स[चाक माध्यमा प रुषा है0तृ� है& औरे (है�8 ‘आप’ शब्दी क� प्रय0ग अपन लि�ए है0 -है�8 विन(-�चाक है0तृ� है&।स-"न�मा शब्दी/ क वि-शषा प्रय0ग(1) आप, -, य, हैमा, तृ मा शब्दी बँहु-चान क रूप मा7 है9, विकन्तृ आदीरे प्रकट करेन क लि�ए इनक� प्रय0ग एक व्यलि� क लि�ए भी� है0तृ� है&।(2) ‘आप’ शब्दी स्-य6 क अर्थ" मा7 भी� प्रय � है0 (�तृ� है&। (&स-मा9 यहै क�य" आप है� करे �[8ग�।

अध्या�या 9

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पिवर्श5षाण

वि-शषाण कG परिरेभी�षा�- स6ज्ञा� अर्थ-� स-"न�मा शब्दी/ कG वि-शषातृ� (ग ण, दी0षा, स6ख्य�, परिरेमा�ण आदिदी) बँतृ�न -�� शब्दी ‘वि-शषाण’ कहै��तृ है9। (&स-बँड़�, क���, �6बँ�, दीय�� , भी�रे�, स न्दीरे, क�यरे, टढ़�-माढ़�, एक, दी0 आदिदी।वि-शष्य- जि(स स6ज्ञा� अर्थ-� स-"न�मा शब्दी कG वि-शषातृ� बँतृ�ई (�ए -है वि-शष्य कहै��तृ� है&। यर्थ�- ग�तृ� स न्दीरे है&। इसमा7 ‘स न्दीरे’ वि-शषाण है& औरे ‘ग�तृ�’ वि-शष्य है&। वि-शषाण शब्दी वि-शष्य स प[-" भी� आतृ है9 औरे उसक बँ�दी भी�।प[-" मा7, (&स- (1) र्थ0ड़�-स� (� ��ओ। (2) एक मा�टरे कपड़� � आन�।बँ�दी मा7, (&स- (1) यहै रे�स्तृ� �6बँ� है&। (2) J�रे� कड़-� है&।वि-शषाण क भीदी- वि-शषाण क चा�रे भीदी है9-1. ग ण-�चाक।2. परिरेमा�ण-�चाक।

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3. स6ख्य�-�चाक।4. स6क तृ-�चाक अर्थ-� स�-"न�मिमाक।

1. र्ग!णव�चाक पिवर्श5षाण

जि(न वि-शषाण शब्दी/ स स6ज्ञा� अर्थ-� स-"न�मा शब्दी/ क ग ण-दी0षा क� बँ0ध है0 - ग ण-�चाक वि-शषाण कहै��तृ है9। (&स-(1) भी�-- अच्छा�, बँ रे�, क�यरे, -�रे, ड्रेप0क आदिदी।(2) रे6ग- ���, हैरे�, प���, सफा दी, क���, चामाकG��, फाGक� आदिदी।(3) दीश�- पतृ��, मा0ट�, स[J�, ग�ढ़�, विपघ��, भी�रे�, ग���, गरे�बँ, अमा�रे, रे0ग�, स्-U, प��तृ[ आदिदी।(4) आक�रे- ग0�, स ड्H�, न कG��, समा�न, प0�� आदिदी।(5) समाय- अग��, विपछो��, दी0पहैरे, स6ध्य�, स-रे� आदिदी।(6) U�न- भी�तृरे�, बँ�हैरे�, प6(�बँ�, (�प�न�, प रे�न�, तृ�(�, आग�मा� आदिदी।(7) ग ण- भी��, बँ रे�, स न्दीरे, मा�ठे�, Jट्टा�, दी�न�,सचा,

Page 59: Hindi Vyakaran Bharti

झ[ठे, स�ध� आदिदी।(8) दिदीश�- उत्तारे�, दीभिक्षाण�, प[- , पभिRमा� आदिदी।

2. �रिरमा�णव�चाक पिवर्श5षाण

जि(न वि-शषाण शब्दी/ स स6ज्ञा� य� स-"न�मा कG मा�त्र� अर्थ-� न�प-तृ0� क� ज्ञा�न है0 - परिरेमा�ण-�चाक वि-शषाण कहै��तृ है9।परिरेमा�ण-�चाक वि-शषाण क दी0 उपभीदी है&-(1) विनभिRतृ परिरेमा�ण-�चाक वि-शषाण- जि(न वि-शषाण शब्दी/ स -स्तृ कG विनभिRतृ मा�त्र� क� ज्ञा�न है0। (&स-(क) मारे स[ट मा7 स�ढ़ तृ�न मा�टरे कपड़� �गग�।(J) दीस विक�0 चा�न� � आओ।(ग) दी0 लि�टरे दूध गरेमा करे0।(2) अविनभिRतृ परिरेमा�ण-�चाक वि-शषाण- जि(न वि-शषाण शब्दी/ स -स्तृ कG अविनभिRतृ मा�त्र� क� ज्ञा�न है0। (&स-(क) र्थ0ड़�-स� नमाकGन -स्तृ � आओ।(J) क छो आमा दी दी0।(ग) र्थ0ड़�-स� दूध गरेमा करे दी0।

3. सा&ख्या�व�चाक पिवर्श5षाण

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जि(न वि-शषाण शब्दी/ स स6ज्ञा� य� स-"न�मा कG स6ख्य� क� बँ0ध है0 - स6ख्य�-�चाक वि-शषाण कहै��तृ है9। (&स-एक, दी0, विद्वातृ�य, दुग न�, चाHग न�, प�8चा/ आदिदी।स6ख्य�-�चाक वि-शषाण क दी0 उपभीदी है9-(1) विनभिRतृ स6ख्य�-�चाक वि-शषाण- जि(न वि-शषाण शब्दी/ स विनभिRतृ स6ख्य� क� बँ0ध है0। (&स-दी0 प स्तृक7 मारे लि�ए � आन�।विनभिRतृ स6ख्य�-�चाक क विनम्नलि�खिJतृ चा�रे भीदी है9-(क) गण-�चाक- जि(न शब्दी/ क द्वा�रे� विगनतृ� क� बँ0ध है0। (&स-(1) एक �ड़क� स्क[ � (� रेहै� है&।(2) पच्चा�स रुपय दी<जि(ए।(3) क� मारे यहै�8 दी0 मिमात्र आए8ग।(4) चा�रे आमा ��ओ।(J) क्रमा-�चाक- जि(न शब्दी/ क द्वा�रे� स6ख्य� क क्रमा क� बँ0ध है0। (&स-(1) पहै�� �ड़क� यहै�8 आए।(2) दूसरे� �ड़क� -है�8 बँ&ठे ।(3) रे�मा कक्षा� मा7 प्रर्थमा रेहै�।

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(4) श्य�मा विद्वातृ�य श्राण� मा7 प�स हुआ है&।(ग) आ-�भित्ता-�चाक- जि(न शब्दी/ क द्वा�रे� क -� आ-�भित्ता क� बँ0ध है0। (&स-(1) मा0हैन तृ मास चाHग न� क�मा करेतृ� है&।(2) ग0प�� तृ मास दुग न� मा0ट� है&।(घ) समा दी�य-�चाक- जि(न शब्दी/ क द्वा�रे� क -� स�मा[विहैक स6ख्य� क� बँ0ध है0। (&स-(1) तृ मा तृ�न/ क0 (�न� पड़ग�।(2) यहै�8 स चा�रे/ चा� (�ओ।(2) अविनभिRतृ स6ख्य�-�चाक वि-शषाण- जि(न वि-शषाण शब्दी/ स विनभिRतृ स6ख्य� क� बँ0ध न है0। (&स-क छो बँच्चा प�क" मा7 J� रेहै है9।

4. सा&क5 तव�चाक (पिनदीRर्शक) पिवर्श5षाण

(0 स-"न�मा स6क तृ द्वा�रे� स6ज्ञा� य� स-"न�मा कG वि-शषातृ� बँतृ��तृ है9 - स6क तृ-�चाक वि-शषाण कहै��तृ है9।वि-शषा-क्य/विक स6क तृ-�चाक वि-शषाण स-"न�मा शब्दी/ स बँनतृ है9, अतृ\ य स�-"न�मिमाक वि-शषाण कहै��तृ है9। इन्है7 विनदी£शक भी� कहैतृ है9।(1) परिरेमा�ण-�चाक वि-शषाण औरे स6ख्य�-�चाक

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वि-शषाण मा7 अ6तृरे- जि(न -स्तृ ओं कG न�प-तृ0� कG (� सक उनक -�चाक शब्दी परिरेमा�ण-�चाक वि-शषाण कहै��तृ है9। (&स-‘क छो दूध ��ओ’। इसमा7 ‘क छो’ शब्दी तृ0� क लि�ए आय� है&। इसलि�ए यहै परिरेमा�ण-�चाक वि-शषाण है&। 2.जि(न -स्तृ ओं कG विगनतृ� कG (� सक उनक -�चाक शब्दी स6ख्य�-�चाक वि-शषाण कहै��तृ है9। (&स-क छो बँच्चा इधरे आओ। यहै�8 परे ‘क छो’ बँच्चा/ कG विगनतृ� क लि�ए आय� है&। इसलि�ए यहै स6ख्य�-�चाक वि-शषाण है&। परिरेमा�ण-�चाक वि-शषाण/ क बँ�दी द्रव्य अर्थ-� पदी�र्थ"-�चाक स6ज्ञा�ए8 आए8ग� (बँविक स6ख्य�-�चाक वि-शषाण/ क बँ�दी (�वितृ-�चाक स6ज्ञा�ए8 आतृ� है9।(2) स-"न�मा औरे स�-"न�मिमाक वि-शषाण मा7 अ6तृरे- जि(स शब्दी क� प्रय0ग स6ज्ञा� शब्दी क U�न परे है0 उस स-"न�मा कहैतृ है9। (&स--है मा 6बँई गय�। इस -�क्य मा7 -है स-"न�मा है&। जि(स शब्दी क� प्रय0ग स6ज्ञा� स प[-" अर्थ-� बँ�दी मा7 वि-शषाण क रूप मा7 विकय� गय� है0 उस स�-"न�मिमाक वि-शषाण कहैतृ है9। (&स--है रेर्थ आ रेहै� है&। इसमा7 -है शब्दी रेर्थ क� वि-शषाण है&। अतृ\ यहै स�-"न�मिमाक वि-शषाण है&।

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पिवर्श5षाण कA अवस्थ�एँ%

वि-शषाण शब्दी विकस� स6ज्ञा� य� स-"न�मा कG वि-शषातृ� बँतृ��तृ है9। वि-शषातृ� बँतृ�ई (�न -��� -स्तृ ओं क ग ण-दी0षा कमा-ज्य�दी� है0तृ है9। ग ण-दी0षा/ क इस कमा-ज्य�दी� है0न क0 तृ �न�त्माक ढ्6ग स है� (�न� (� सकतृ� है&। तृ �न� कG दृमिष्ट स वि-शषाण/ कG विनम्नलि�खिJतृ तृ�न अ-U�ए8 है0तृ� है9-(1) मा[��-U�(2) उत्तारे�-U�(3) उत्तामा�-U�

(1) माSली�वस्थ�

मा[��-U� मा7 वि-शषाण क� तृ �न�त्माक रूप नहैV है0तृ� है&। -है क -� स�मा�न्य वि-शषातृ� है� प्रकट करेतृ� है&। (&स- 1.स�वि-त्र� स 6दीरे �ड़कG है&। 2.स रेश अच्छा� �ड़क� है&। 3.स[य" तृ(स्-� है&।

(2) उ<र�वस्थ�

(बँ दी0 व्यलि�य/ य� -स्तृ ओं क ग ण-दी0षा/ कG तृ �न� कG (�तृ� है& तृबँ वि-शषाण उत्तारे�-U� मा7 प्रय � है0तृ� है&।

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(&स- 1.रे-�न्द्र चातृन स अमिधक बँ जिद्धमा�न है&। 2.सवि-तृ� रेमा� कG अपक्षा� अमिधक स न्दीरे है&।

(3) उ<मा�वस्थ�

उत्तामा�-U� मा7 दी0 स अमिधक व्यलि�य/ ए-6 -स्तृ ओं कG तृ �न� करेक विकस� एक क0 सबँस अमिधक अर्थ-� सबँस कमा बँतृ�य� गय� है&। (&स- 1.प6(�बँ मा7 अमिधकतृमा अन्न है0तृ� है&। 2.स6दी<प विनक� ष्टतृमा बँ��क है&।वि-शषा-क -� ग ण-�चाक ए-6 अविनभिRतृ स6ख्य�-�चाक तृर्थ� विनभिRतृ परिरेमा�ण-�चाक वि-शषाण/ कG है� य तृ �न�त्माक अ-U�ए8 है0तृ� है9, अन्य वि-शषाण/ कG नहैV।अ-U�ओं क रूप-(1) अमिधक औरे सबँस अमिधक शब्दी/ क� प्रय0ग करेक उत्तारे�-U� औरे उत्तामा�-U� क रूप बँन�ए (� सकतृ है9। (&स-मा[��-U� उत्तारे�-U� उत्तामा�-U�अच्छा< अमिधक अच्छा< सबँस अच्छा<चातृ रे अमिधक चातृ रे सबँस अमिधक चातृ रेबँ जिद्धमा�न अमिधक बँ जिद्धमा�न सबँस अमिधक बँ जिद्धमा�न

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बँ�-�न अमिधक बँ�-�न सबँस अमिधक बँ�-�नइस� प्रक�रे दूसरे वि-शषाण शब्दी/ क रूप भी� बँन�ए (� सकतृ है9।(2) तृत्समा शब्दी/ मा7 मा[��-U� मा7 वि-शषाण क� मा[� रूप, उत्तारे�-U� मा7 ‘तृरे’ औरे उत्तामा�-U� मा7 ‘तृमा’ क� प्रय0ग है0तृ� है&। (&स-मा[��-U� उत्तारे�-U� उत्तामा�-U�उच्चा उच्चातृरे उच्चातृमाकठे0रे कठे0रेतृरे कठे0रेतृमाग रु ग रुतृरे ग रुतृमामाहै�न, माहै�नतृरे माहैत्तारे, माहै�नतृमा माहैत्तामा

न्य[न न्य[नतृरे न्यन[तृमा�घ �घ तृरे �घ तृमातृ�व्र तृ�व्रतृरे तृ�व्रतृमावि-श�� वि-श��तृरे वि-श��तृमाउत्क� ष्ट उत्क� ष्टरे उत्क� ट्ठीतृमास 6दीरे स 6दीरेतृरे स 6दीरेतृमा

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माध रे माध रेतृरे माध तृरेतृमा

पिवर्श5षाणK कA रचान�

क छो शब्दी मा[�रूप मा7 है� वि-शषाण है0तृ है9, विकन्तृ क छो वि-शषाण शब्दी/ कG रेचान� स6ज्ञा�, स-"न�मा ए-6 विक्रय� शब्दी/ स कG (�तृ� है&-(1) स6ज्ञा� स वि-शषाण बँन�न�प्रत्यय स6ज्ञा� वि-शषाण स6ज्ञा� वि-शषाणक अ6श आ6लिशक धमा" ध�र्मिमा�क

अ�6क�रे आ�6क�रिरेक न�वितृ न&वितृक

अर्थ" आर्थिर्थ�क दिदीन दी&विनक

इवितृहै�स ऐवितृहै�लिसक दी- दी&वि-क

इतृ अ6क अ6विकतृ क स मा क स मिमातृस रेभिभी स रेभिभीतृ ध्-विन ध्-विनतृक्षा ध� क्षा मिधतृ तृरे6ग तृरे6विगतृ

इ� (ट� (दिट� प6क प6विक�

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फा न फा विन� उर्मिमा� उर्मिमा��इमा स्-ण" स्-र्णिण�मा रे� रेलि�माई रे0ग रे0ग� भी0ग भी0ग�ईन,ईण

क � क ��न ग्रे�मा ग्रे�मा�ण

ईय आत्मा� आत्मा�य (�वितृ (�तृ�यआ� श्राद्ध� श्राद्ध�� ईष्य�" ईष्य�"� -� मानस मानस्-� तृपस तृपस्-�माय स J स Jमाय दुJ दुJमाय-�न रूप रूप-�न ग ण ग ण-�न-तृ�(स्त्र�)

ग ण ग ण-तृ� प त्र प त्र-तृ�

मा�न बँ जिद्ध बँ जिद्धमा�न श्रा� श्रा�मा�नमातृ� (स्त्र�)

श्रा� श्रा�मातृ� बँ जिद्ध बँ जिद्धमातृ�

रेतृ धमा" धमा"रेतृ कमा" कमा"रेतृU समा�प समा�पU दीहै दीहैU

Page 68: Hindi Vyakaran Bharti

विनष्ठ धमा" धमा"विनष्ठ कमा" कमा"विनष्ठ

(2) स-"न�मा स वि-शषाण बँन�न�स-"न�मा वि-शषाण स-"न�मा वि-शषाण-है -&स� यहै ऐस�

(3) विक्रय� स वि-शषाण बँन�न�विक्रय� वि-शषाण विक्रय� वि-शषाणपतृ पवितृतृ प[( प[(न�यपठे पदिठेतृ -6दी -6दीन�य

भी�गन� भी�गन -��� प��न� प��न -���

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अध्या�या 10

पिGया�

विक्रय�- जि(स शब्दी अर्थ-� शब्दी-समा[है क द्वा�रे� विकस� क�य" क है0न अर्थ-� करेन क� बँ0ध है0 उस विक्रय� कहैतृ है9। (&स-(1) ग�तृ� न�चा रेहै� है&।(2) बँच्चा� दूध प� रेहै� है&।(3) रे�क श क��( (� रेहै� है&।(4) गHरे- बँ जिद्धमा�न है&।(5) लिश-�(� बँहुतृ -�रे र्थ।इनमा7 ‘न�चा रेहै� है&’, ‘प� रेहै� है&’, ‘(� रेहै� है&’ शब्दी क�य"-व्य�प�रे क� बँ0ध करे� रेहै है9। (बँविक ‘है&’, ‘र्थ’ शब्दी है0न क�। इन सभी� स विकस� क�य" क करेन अर्थ-� है0न क� बँ0ध है0 रेहै� है&। अतृ\ य विक्रय�ए8 है9।

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धा�त!

विक्रय� क� मा[� रूप ध�तृ कहै��तृ� है&। (&स-लि�J, पढ़, (�, J�, ग�, रे0, प� आदिदी। इन्हैV ध�तृ ओं स लि�Jतृ�, पढ़तृ�, आदिदी विक्रय�ए8 बँनतृ� है9।विक्रय� क भीदी- विक्रय� क दी0 भीदी है9-(1) अकमा"क विक्रय�।(2) सकमा"क विक्रय�।

1. अकमा�क पिGया�

जि(न विक्रय�ओं क� फा� स�ध� कतृ�" परे है� पड़ - अकमा"क विक्रय� कहै��तृ� है9। ऐस� अकमा"क विक्रय�ओं क0 कमा" कG आ-श्यकतृ� नहैV है0तृ�। अकमा"क विक्रय�ओं क अन्य उदी�हैरेण है9-(1) गHरे- रे0तृ� है&।(2) स�8प रे7गतृ� है&।(3) रे�ग�ड़� चा�तृ� है&।क छो अकमा"क विक्रय�ए8- �(�न�, है0न�, बँढ़न�, स0न�, J�न�, अकड़न�, ड्रेन�, बँ&ठेन�, है8सन�, उगन�, (�न�, दीHड़न�, रे0न�, ठेहैरेन�, चामाकन�, ड्0�न�,

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मारेन�, घटन�, फा�8दीन�, (�गन�, बँरेसन�, उछो�न�, क[ दीन� आदिदी।

2. साकमा�क पिGया�

जि(न विक्रय�ओं क� फा� (कतृ�" क0 छो0ड़करे) कमा" परे पड़तृ� है& - सकमा"क विक्रय� कहै��तृ� है9। इन विक्रय�ओं मा7 कमा" क� है0न� आ-श्यक है9, सकमा"क विक्रय�ओं क अन्य उदी�हैरेण है9-(1) मा9 �J लि�Jतृ� हूँ8। (2) रेमाश मिमाठे�ई J�तृ� है&।(3) सवि-तृ� फा� ��तृ� है&। (4) भी8-रे� फा[ �/ क� रेस प�तृ� है&।3.विद्वाकमा"क विक्रय�- जि(न विक्रय�ओं क दी0 कमा" है0तृ है9, - विद्वाकमा"क विक्रय�ए8 कहै��तृ� है9। विद्वाकमा"क विक्रय�ओं क उदी�हैरेण है9-(1) मा9न श्य�मा क0 प स्तृक दी<।(2) स�तृ� न रे�ध� क0 रुपय दिदीए।ऊपरे क -�क्य/ मा7 ‘दीन�’ विक्रय� क दी0 कमा" है9। अतृ\ दीन� विद्वाकमा"क विक्रय� है9।

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प्रया�र्ग कA दृपिC सा5 पिGया� क5 भा5दी

प्रय0ग कG दृमिष्ट स विक्रय� क विनम्नलि�खिJतृ प�8चा भीदी है9-1.स�मा�न्य विक्रय�- (है�8 क -� एक विक्रय� क� प्रय0ग है0तृ� है& -है स�मा�न्य विक्रय� कहै��तृ� है&। (&स-1. आप आए। 2.-है नहै�य� आदिदी।2.स6य � विक्रय�- (है�8 दी0 अर्थ-� अमिधक विक्रय�ओं क� स�र्थ-स�र्थ प्रय0ग है0 - स6य � विक्रय� कहै��तृ� है9। (&स-1.सवि-तृ� माहै�भी�रेतृ पढ़न �ग�। 2.-है J� चा क�।3.न�माध�तृ विक्रय�- स6ज्ञा�, स-"न�मा अर्थ-� वि-शषाण शब्दी/ स बँन विक्रय�पदी न�माध�तृ विक्रय� कहै��तृ है9। (&स-हैलिर्थय�न�, शरेमा�न�, अपन�न�, �(�न�, लिचाकन�न�, झ ठे��न� आदिदी।4.प्ररेण�र्थ"क विक्रय�- जि(स विक्रय� स पतृ� चा� विक कतृ�" स्-य6 क�य" क0 न करेक विकस� अन्य क0 उस क�य" क0 करेन कG प्ररेण� दीतृ� है& -है प्ररेण�र्थ"क विक्रय� कहै��तृ� है&। ऐस� विक्रय�ओं क दी0 कतृ�" है0तृ है9- (1) प्ररेक कतृ�"- प्ररेण� प्रदी�न करेन -���। (2) प्ररिरेतृ कतृ�"-प्ररेण� �न

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-���। (&स-श्य�मा� रे�ध� स पत्र लि�J-�तृ� है&। इसमा7 -�स्तृ- मा7 पत्र तृ0 रे�ध� लि�Jतृ� है&, विकन्तृ उसक0 लि�Jन कG प्ररेण� दीतृ� है& श्य�मा�। अतृ\ ‘लि�J-�न�’ विक्रय� प्ररेण�र्थ"क विक्रय� है&। इस -�क्य मा7 श्य�मा� प्ररेक कतृ�" है& औरे रे�ध� प्ररिरेतृ कतृ�"।5.प[-"क�लि�क विक्रय�- विकस� विक्रय� स प[-" यदिदी क0ई दूसरे� विक्रय� प्रय � है0 तृ0 -है प[-"क�लि�क विक्रय� कहै��तृ� है&। (&स- मा9 अभी� स0करे उठे� हूँ8। इसमा7 ‘उठे� हूँ8’ विक्रय� स प[-" ‘स0करे’ विक्रय� क� प्रय0ग हुआ है&। अतृ\ ‘स0करे’ प[-"क�लि�क विक्रय� है&।वि-शषा- प[-"क�लि�क विक्रय� य� तृ0 विक्रय� क स�मा�न्य रूप मा7 प्रय � है0तृ� है& अर्थ-� ध�तृ क अ6तृ मा7 ‘करे’ अर्थ-� ‘करेक ’ �ग� दीन स प[-"क�लि�क विक्रय� बँन (�तृ� है&। (&स-(1) बँच्चा� दूध प�तृ है� स0 गय�। (2) �ड़विकय�8 प स्तृक7 पढ़करे (�ए8ग�।

अ�Sण� पिGया�

कई बँ�रे -�क्य मा7 विक्रय� क है0तृ हुए भी� उसक� अर्थ" स्पष्ट नहैV है0 प�तृ�। ऐस� विक्रय�ए8 अप[ण" विक्रय�

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कहै��तृ� है9। (&स-ग�8ध�(� र्थ। तृ मा है0। य विक्रय�ए8 अप[ण" विक्रय�ए8 है&। अबँ इन्हैV -�क्य/ क0 विफारे स पदिढ़ए-ग�6ध�(� रे�ष्ट्रविपतृ� र्थ। तृ मा बँ जिद्धमा�न है0।इन -�क्य/ मा7 क्रमाश\ ‘रे�ष्ट्रविपतृ�’ औरे ‘बँ जिद्धमा�न’ शब्दी/ क प्रय0ग स स्पष्टतृ� आ गई। य सभी� शब्दी ‘प[रेक’ है9।अप[ण" विक्रय� क अर्थ" क0 प[रे� करेन क लि�ए जि(न शब्दी/ क� प्रय0ग विकय� (�तृ� है& उन्है7 प[रेक कहैतृ है9।

अध्या�या 11

क�ली

क�ली

विक्रय� क जि(स रूप स क�य" स6पन्न है0न क� समाय (क��) ज्ञा�तृ है0 -है क�� कहै��तृ� है&। क�� क

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विनम्नलि�खिJतृ तृ�न भीदी है9-1. भी[तृक��।2. -तृ"मा�नक��।3. भीवि-ष्यक��।

1. भाSतक�ली

विक्रय� क जि(स रूप स बँ�तृ हुए समाय (अतृ�तृ) मा7 क�य" स6पन्न है0न क� बँ0ध है0 -है भी[तृक�� कहै��तृ� है&। (&स-(1) बँच्चा� गय�। (2) बँच्चा� गय� है&। (3) बँच्चा� (� चा क� र्थ�।य सबँ भी[तृक�� कG विक्रय�ए8 है9, क्य/विक ‘गय�’, ‘गय� है&’, ‘(� चा क� र्थ�’, विक्रय�ए8 भी[तृक�� क� बँ0ध करे�तृ� है&।भी[तृक�� क विनम्नलि�खिJतृ छोहै भीदी है9-1. स�मा�न्य भी[तृ।2. आसन्न भी[तृ।3. अप[ण" भी[तृ।4. प[ण" भी[तृ।5. स6दिदीग्ध भी[तृ।

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6. हैतृ हैतृ मादी भी[तृ।1.स�मा�न्य भी[तृ- विक्रय� क जि(स रूप स बँ�तृ हुए समाय मा7 क�य" क है0न क� बँ0ध है0 विकन्तृ ठे¨क समाय क� ज्ञा�न न है0, -है�8 स�मा�न्य भी[तृ है0तृ� है&। (&स-(1) बँच्चा� गय�। (2) श्य�मा न पत्र लि�J�। (3) कमा� आय�।2.आसन्न भी[तृ- विक्रय� क जि(स रूप स अभी�-अभी� विनकट भी[तृक�� मा7 विक्रय� क� है0न� प्रकट है0, -है�8 आसन्न भी[तृ है0तृ� है&। (&स-(1) बँच्चा� आय� है&। (2) श्य�न न पत्र लि�J� है&।(3) कमा� गय� है&।3.अप[ण" भी[तृ- विक्रय� क जि(स रूप स क�य" क� है0न� बँ�तृ समाय मा7 प्रकट है0, परे प[रे� है0न� प्रकट न है0 -है�8 अप[ण" भी[तृ है0तृ� है&। (&स-(1) बँच्चा� आ रेहै� र्थ�। (2) श्य�मा पत्र लि�J रेहै� र्थ�।(3) कमा� (� रेहै� र्थ�।

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4.प[ण" भी[तृ- विक्रय� क जि(स रूप स यहै ज्ञा�तृ है0 विक क�य" समा�प्तृ हुए बँहुतृ समाय बँ�तृ चा क� है& उस प[ण" भी[तृ कहैतृ है9। (&स-(1) श्य�मा न पत्र लि�J� र्थ�।(2) बँच्चा� आय� र्थ�। (3) कमा� गय� र्थ�।5.स6दिदीग्ध भी[तृ- विक्रय� क जि(स रूप स भी[तृक�� क� बँ0ध तृ0 है0 विकन्तृ क�य" क है0न मा7 स6दीहै है0 -है�8 स6दिदीग्ध भी[तृ है0तृ� है&। (&स-(1) बँच्चा� आय� है0ग�।(2) श्य�मा न पत्र लि�J� है0ग�।(3) कमा� गय� है0ग�।6.हैतृ हैतृ मादी भी[तृ- विक्रय� क जि(स रूप स बँ�तृ समाय मा7 एक विक्रय� क है0न परे दूसरे� विक्रय� क� है0न� आभिश्रातृ है0 अर्थ-� एक विक्रय� क न है0न परे दूसरे� विक्रय� क� न है0न� आभिश्रातृ है0 -है�8 हैतृ हैतृ मादी भी[तृ है0तृ� है&। (&स-(1) यदिदी श्य�मा न पत्र लि�J� है0तृ� तृ0 मा9 अ-श्य आतृ�।(2) यदिदी -षा�" है0तृ� तृ0 फास� अच्छा< है0तृ�।

2. वत�मा�न क�ली

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विक्रय� क जि(स रूप स क�य" क� -तृ"मा�न क�� मा7 है0न� प�य� (�ए उस -तृ"मा�न क�� कहैतृ है9। (&स- (1) मा विन मा��� फा रेतृ� है&। (2) श्य�मा पत्र लि�Jतृ� है0ग�। इन सबँ मा7 -तृ"मा�न क�� कG विक्रय�ए8 है9, क्य/विक ‘फा रेतृ� है&’, ‘लि�Jतृ� है0ग�’, विक्रय�ए8 -तृ"मा�न क�� क� बँ0ध करे�तृ� है9।इसक विनम्नलि�खिJतृ तृ�न भीदी है9-(1) स�मा�न्य -तृ"मा�न।(2) अप[ण" -तृ"मा�न।(3) स6दिदीग्ध -तृ"मा�न।1.स�मा�न्य -तृ"मा�न- विक्रय� क जि(स रूप स यहै बँ0ध है0 विक क�य" -तृ"मा�न क�� मा7 स�मा�न्य रूप स है0तृ� है& -है�8 स�मा�न्य -तृ"मा�न है0तृ� है&। (&स-(1) बँच्चा� रे0तृ� है&। (2) श्य�मा पत्र लि�Jतृ� है&।(3) कमा� आतृ� है&।2.अप[ण" -तृ"मा�न- विक्रय� क जि(स रूप स यहै बँ0ध है0 विक क�य" अभी� चा� है� रेहै� है&, समा�प्तृ नहैV हुआ है& -है�8

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अप[ण" -तृ"मा�न है0तृ� है&। (&स-(1) बँच्चा� रे0 रेहै� है&। (2) श्य�मा पत्र लि�J रेहै� है&।(3) कमा� आ रेहै� है&।3.स6दिदीग्ध -तृ"मा�न- विक्रय� क जि(स रूप स -तृ"मा�न मा7 क�य" क है0न मा7 स6दीहै क� बँ0ध है0 -है�8 स6दिदीग्ध -तृ"मा�न है0तृ� है&। (&स-(1) अबँ बँच्चा� रे0तृ� है0ग�। (2) श्य�मा इस समाय पत्र लि�Jतृ� है0ग�।

3. भापिवष्यात क�ली

विक्रय� क जि(स रूप स यहै ज्ञा�तृ है0 विक क�य" भीवि-ष्य मा7 है0ग� -है भीवि-ष्यतृ क�� कहै��तृ� है&। (&स- (1) श्य�मा पत्र लि�Jग�। (2) श�यदी आ( स6ध्य� क0 -है आए।इन दी0न/ मा7 भीवि-ष्यतृ क�� कG विक्रय�ए8 है9, क्य/विक लि�Jग� औरे आए विक्रय�ए8 भीवि-ष्यतृ क�� क� बँ0ध करे�तृ� है9।इसक विनम्नलि�खिJतृ दी0 भीदी है9-1. स�मा�न्य भीवि-ष्यतृ।2. स6भी�व्य भीवि-ष्यतृ।

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1.स�मा�न्य भीवि-ष्यतृ- विक्रय� क जि(स रूप स क�य" क भीवि-ष्य मा7 है0न क� बँ0ध है0 उस स�मा�न्य भीवि-ष्यतृ कहैतृ है9। (&स- (1) श्य�मा पत्र लि�Jग�।(2) हैमा घ[मान (�ए8ग।2.स6भी�व्य भीवि-ष्यतृ- विक्रय� क जि(स रूप स क�य" क भीवि-ष्य मा7 है0न कG स6भी�-न� क� बँ0ध है0 -है�8 स6भी�व्य भीवि-ष्यतृ है0तृ� है& (&स-(1) श�यदी आ( -है आए। (2) स6भी- है& श्य�मा पत्र लि�J। (3) कदी�लिचातृ स6ध्य� तृक प�न� पड़।

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अध्या�या 12

व�च्या

-�च्य-विक्रय� क जि(स रूप स यहै ज्ञा�तृ है0 विक -�क्य मा7 विक्रय� द्वा�रे� स6प�दिदीतृ वि-ध�न क� वि-षाय कतृ�" है&, कमा" है&, अर्थ-� भी�- है&, उस -�च्य कहैतृ है9।-�च्य क तृ�न प्रक�रे है9-1. कतृ�"-�च्य।2. कमा"-�च्य।3. भी�--�च्य।1.कतृ�"-�च्य- विक्रय� क जि(स रूप स -�क्य क उद्देश्य (विक्रय� क कतृ�") क� बँ0ध है0, -है कतृ�"-�च्य कहै��तृ� है&। इसमा7 लिं��ग ए-6 -चान प्र�य\ कतृ�" क अन स�रे है0तृ है9। (&स-

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1.बँच्चा� J�तृ� है&। 2.घ0ड़� भी�गतृ� है&।इन -�क्य/ मा7 ‘बँच्चा�’, ‘घ0ड़�’ कतृ�" है9 तृर्थ� -�क्य/ मा7 कतृ�" कG है� प्रध�नतृ� है&। अतृ\ ‘J�तृ� है&’, ‘भी�गतृ� है&’ य कतृ�"-�च्य है9।2.कमा"-�च्य- विक्रय� क जि(स रूप स -�क्य क� उद्देश्य ‘कमा"’ प्रध�न है0 उस कमा"-�च्य कहैतृ है9। (&स- 1.भी�रेतृ-प�क य द्ध मा7 सहैस्रों/ स&विनक मा�रे गए। 2.छो�त्र/ द्वा�रे� न�टक प्रस्तृ तृ विकय� (� रेहै� है&। 3.प स्तृक मारे द्वा�रे� पढ़< गई। 4.बँच्चा/ क द्वा�रे� विनबँ6ध पढ़ गए। इन -�क्य/ मा7 विक्रय�ओं मा7 ‘कमा"’ कG प्रध�नतृ� दीश�"ई गई है&। उनकG रूप-रेचान� भी� कमा" क लिं��ग, -चान औरे प रुषा क अन स�रे हुई है&। विक्रय� क ऐस रूप ‘कमा"-�च्य’ कहै��तृ है9।3.भी�--�च्य-विक्रय� क जि(स रूप स -�क्य क� उद्देश्य क -� भी�- (विक्रय� क� अर्थ") है� (�न� (�ए -है�8 भी�--�च्य है0तृ� है&। इसमा7 कतृ�" य� कमा" कG प्रध�नतृ� नहैV है0तृ� है&। इसमा7 मा ख्यतृ\ अकमा"क विक्रय� क� है� प्रय0ग है0तृ� है& औरे स�र्थ है� प्र�य\ विनषाध�र्थ"क -�क्य है�

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भी�--�च्य मा7 प्रय � है0तृ है9। इसमा7 विक्रय� सदी&- प स्थिल्�6ग, अन्य प रुषा क एक -चान कG है0तृ� है&।

प्रया�र्ग

प्रय0ग तृ�न प्रक�रे क है0तृ है9-1. कतृ"रिरे प्रय0ग।2. कमा"भिण प्रय0ग।3. भी�- प्रय0ग।1.कतृ"रिरे प्रय0ग- (बँ कतृ�" क लिं��ग, -चान औरे प रुषा क अन रूप विक्रय� है0 तृ0 -है ‘कतृ"रिरे प्रय0ग’ कहै��तृ� है&। (&स- 1.�ड़क� पत्र लि�Jतृ� है&। 2.�ड़विकय�8 पत्र लि�Jतृ� है&।इन -�क्य/ मा7 ‘�ड़क�’ एक-चान, प स्थिल्�6ग औरे अन्य प रुषा है& औरे उसक स�र्थ विक्रय� भी� ‘लि�Jतृ� है&’ एक-चान, प स्थिल्�6ग औरे अन्य प रुषा है&। इस� तृरेहै ‘�ड़विकय�8 पत्र लि�Jतृ� है9’ दूसरे -�क्य मा7 कतृ�" बँहु-चान, स्त्र�लिं��ग औरे अन्य प रुषा है& तृर्थ� उसकG विक्रय� भी� ‘लि�Jतृ� है9’ बँहु-चान स्त्र�लिं��ग औरे अन्य प रुषा है&।

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2.कमा"भिण प्रय0ग- (बँ विक्रय� कमा" क लिं��ग, -चान औरे प रुषा क अन रूप है0 तृ0 -है ‘कमा"भिण प्रय0ग’ कहै��तृ� है&। (&स- 1.उपन्य�स मारे द्वा�रे� पढ़� गय�। 2.छो�त्र/ स विनबँ6ध लि�J गए। 3.य द्ध मा7 है(�रे/ स&विनक मा�रे गए। इन -�क्य/ मा7 ‘उपन्य�स’, ‘स&विनक’, कमा" कतृ�" कG स्थिUवितृ मा7 है9 अतृ\ उनकG प्रध�नतृ� है&। इनमा7 विक्रय� क� रूप कमा" क लिं��ग, -चान औरे प रुषा क अन रूप बँदी�� है&, अतृ\ यहै�8 ‘कमा"भिण प्रय0ग’ है&।3.भी�- प्रय0ग- कतृ"रिरे -�च्य कG सकमा"क विक्रय�ए8, (बँ उनक कतृ�" औरे कमा" दी0न/ वि-भीलि�य � है/ तृ0 - ‘भी�- प्रय0ग’ क अ6तृग"तृ आतृ� है9। इस� प्रक�रे भी�--�च्य कG सभी� विक्रय�ए8 भी� भी�- प्रय0ग मा7 मा�न� (�तृ� है&। (&स- 1.अन�तृ� न बँ� क0 सVचा�। 2.�ड़क/ न पत्र/ क0 दीJ� है&। 3.�ड़विकय/ न प स्तृक/ क0 पढ़� है&। 4.अबँ उसस चा�� नहैV (�तृ� है&। इन -�क्य/ कG विक्रय�ओं क लिं��ग, -चान औरे प रुषा न कतृ�" क अन स�रे है9 औरे न है� कमा" क अन स�रे, अविपतृ

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- एक-चान, प स्थिल्�6ग औरे अन्य प रुषा है9। इस प्रक�रे क ‘प्रय0ग भी�-’ प्रय0ग कहै��तृ है9।

व�च्या �रिरवत�न

1.कतृ�"-�च्य स कमा"-�च्य बँन�न�-(1) कतृ�"-�च्य कG विक्रय� क0 स�मा�न्य भी[तृक�� मा7 बँदी�न� चा�विहैए।(2) उस परिरे-र्तितृ�तृ विक्रय�-रूप क स�र्थ क��, प रुषा, -चान औरे लिं��ग क अन रूप (�न� विक्रय� क� रूप (0ड़न� चा�विहैए।(3) इनमा7 ‘स’ अर्थ-� ‘क द्वा�रे�’ क� प्रय0ग करेन� चा�विहैए। (&स-कतृ�"-�च्य कमा"-�च्य1.श्य�मा� उपन्य�स लि�Jतृ� है&। श्य�मा� स उपन्य�स लि�J� (�तृ� है&।2.श्य�मा� न उपन्य�स लि�J�। श्य�मा� स उपन्य�स लि�J� गय�।3.श्य�मा� उपन्य�स लि�Jग�। श्य�मा� स (क द्वा�रे�) उपन्य�स लि�J� (�एग�।2.कतृ�"-�च्य स भी�--�च्य बँन�न�-

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(1) इसक लि�ए विक्रय� अन्य प रुषा औरे एक-चान मा7 रेJन� चा�विहैए।(2) कतृ�" मा7 करेण क�रेक कG वि-भीलि� �ग�न� चा�विहैए।(3) विक्रय� क0 स�मा�न्य भी[तृक�� मा7 ��करे उसक क�� क अन रूप (�न� विक्रय� क� रूप (0ड़न� चा�विहैए।(4) आ-श्यकतृ�न स�रे विनषाधस[चाक ‘नहैV’ क� प्रय0ग करेन� चा�विहैए। (&स-कतृ�"-�च्य भी�--�च्य1.बँच्चा नहैV दीHड़तृ। बँच्चा/ स दीHड़� नहैV (�तृ�।2.पक्षा� नहैV उड़तृ। पभिक्षाय/ स उड़� नहैV (�तृ�।3.बँच्चा� नहैV स0य�। बँच्चा स स0य� नहैV (�तृ�।

अध्या�या 13

Page 87: Hindi Vyakaran Bharti

पिGया�-पिवर्श5षाण

विक्रय�-वि-शषाण- (0 शब्दी विक्रय� कG वि-शषातृ� प्रकट करेतृ है9 - विक्रय�-वि-शषाण कहै��तृ है9। (&स- 1.स0हैन स 6दीरे लि�Jतृ� है&। 2.गHरे- यहै�8 रेहैतृ� है&। 3.स6ग�तृ� प्रवितृदिदीन पढ़तृ� है&। इन -�क्य/ मा7 ‘स न्दीरे’, ‘यहै�8’ औरे ‘प्रवितृदिदीन’ शब्दी विक्रय� कG वि-शषातृ� बँतृ�� रेहै है9। अतृ\ य शब्दी विक्रय�-वि-शषाण है9।अर्थ�"न स�रे विक्रय�-वि-शषाण क विनम्नलि�खिJतृ चा�रे भीदी है9-1. क��-�चाक विक्रय�-वि-शषाण।2. U�न-�चाक विक्रय�-वि-शषाण।3. परिरेमा�ण-�चाक विक्रय�-वि-शषाण।4. रे�वितृ-�चाक विक्रय�-वि-शषाण।1.क��-�चाक विक्रय�-वि-शषाण- जि(स विक्रय�-वि-शषाण शब्दी स क�य" क है0न क� समाय ज्ञा�तृ है0 -है क��-�चाक विक्रय�-वि-शषाण कहै��तृ� है&। इसमा7 बँहुध� य शब्दी प्रय0ग मा7 आतृ है9- यदी�, कदी�, (बँ, तृबँ, हैमाश�, तृभी�, तृत्क��, विनरे6तृरे, श�घ्र, प[-", बँ�दी, प�छो, घड़�-घड़�, अबँ, तृत्पR�तृa, तृदीन6तृरे, क�, कई बँ�रे, अभी� विफारे कभी� आदिदी।

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2.U�न-�चाक विक्रय�-वि-शषाण- जि(स विक्रय�-वि-शषाण शब्दी द्वा�रे� विक्रय� क है0न क U�न क� बँ0ध है0 -है U�न-�चाक विक्रय�-वि-शषाण कहै��तृ� है&। इसमा7 बँहुध� य शब्दी प्रय0ग मा7 आतृ है9- भी�तृरे, बँ�हैरे, अ6दीरे, यहै�8, -है�8, विकधरे, उधरे, इधरे, कहै�8, (है�8, प�स, दूरे, अन्यत्र, इस ओरे, उस ओरे, दी�ए8, बँ�ए8, ऊपरे, न�चा आदिदी।3.परिरेमा�ण-�चाक विक्रय�-वि-शषाण-(0 शब्दी विक्रय� क� परिरेमा�ण बँतृ��तृ है9 - ‘परिरेमा�ण-�चाक विक्रय�-वि-शषाण’ कहै��तृ है9। इसमा7 बँहुध� र्थ0ड़�-र्थ0ड़�, अत्य6तृ, अमिधक, अल्प, बँहुतृ, क छो, पय�"प्तृ, प्रभी[तृ, कमा, न्य[न, बँ[8दी-बँ[8दी, स्-ल्प, क -�, प्र�य\ अन मा�नतृ\, स-"र्थ� आदिदी शब्दी प्रय0ग मा7 आतृ है9।क छो शब्दी/ क� प्रय0ग परिरेमा�ण-�चाक वि-शषाण औरे परिरेमा�ण-�चाक विक्रय�-वि-शषाण दी0न/ मा7 समा�न रूप स विकय� (�तृ� है&। (&स-र्थ0ड़�, कमा, क छो क�फाG आदिदी।4.रे�वितृ-�चाक विक्रय�-वि-शषाण- जि(न शब्दी/ क द्वा�रे� विक्रय� क स6पन्न है0न कG रे�वितृ क� बँ0ध है0तृ� है& - ‘रे�वितृ-�चाक विक्रय�-वि-शषाण’ कहै��तृ है9। इनमा7 बँहुध�

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य शब्दी प्रय0ग मा7 आतृ है9- अचा�नक, सहैस�, एक�एक, झटपट, आप है�, ध्य�नप[-"क, धड़�धड़, यर्थ�, तृर्थ�, ठे¨क, सचामा चा, अ-श्य, -�स्तृ- मा7, विनस्स6दीहै, बँशक, श�यदी, स6भी- है9, कदी�लिचातृa, बँहुतृ करेक , है�8, ठे¨क, सचा, (�, (रूरे, अतृए-, विकसलि�ए, क्य/विक, नहैV, न, मातृ, कभी� नहैV, कदी�विप नहैV आदिदी।

अध्या�या 14

सा&बो&धाबो�धाक अव्याया

स6बँ6धबँ0धक अव्यय- जि(न अव्यय शब्दी/ स स6ज्ञा� अर्थ-� स-"न�मा क� -�क्य क दूसरे शब्दी/ क स�र्थ स6बँ6ध (�न� (�तृ� है&, - स6बँ6धबँ0धक अव्यय कहै��तृ है9। (&स- 1.

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उसक� स�र्थ छो0ड़ दी<जि(ए। 2.मारे स�मान स हैट (�। 3.���विक� परे वितृरे6ग� �हैरे� रेहै� है&। 4.-�रे अभिभीमान्य अ6तृ तृक शत्र स �0है� �तृ� रेहै�। इनमा7 ‘स�र्थ’, ‘स�मान’, ‘परे’, ‘तृक’ शब्दी स6ज्ञा� अर्थ-� स-"न�मा शब्दी/ क स�र्थ आकरे उनक� स6बँ6ध -�क्य क दूसरे शब्दी/ क स�र्थ बँतृ� रेहै है9। अतृ\ - स6बँ6धबँ0धक अव्यय है&।अर्थ" क अन स�रे स6बँ6धबँ0धक अव्यय क विनम्नलि�खिJतृ भीदी है9-1. क��-�चाक- पहै�, बँ�दी, आग, प�छो।2. U�न-�चाक- बँ�हैरे, भी�तृरे, बँ�चा, ऊपरे, न�चा।3. दिदीश�-�चाक- विनकट, समा�प, ओरे, स�मान।4. स�धन-�चाक- विनमिमात्ता, द्वा�रे�, (रिरेय।5. वि-रे0धस[चाक- उ�ट, वि-रुद्ध, प्रवितृक[ �।6. समातृ�स[चाक- अन स�रे, सदृश, समा�न, तृ ल्य, तृरेहै।7. हैतृ -�चाक- रेविहैतृ, अर्थ-�, लिस-�, अवितृरिरे�।8. सहैचारेस[चाक- समातृ, स6ग, स�र्थ।9. वि-षाय-�चाक- वि-षाय, बँ�बँतृ, �J।10. स6ग्रे-�चाक- समातृ, भीरे, तृक।

Page 91: Hindi Vyakaran Bharti

पिGया�-पिवर्श5षाण और सा&बो&धाबो�धाक अव्याया माU अ&तर

(बँ इनक� प्रय0ग स6ज्ञा� अर्थ-� स-"न�मा क स�र्थ है0तृ� है& तृबँ य स6बँ6धबँ0धक अव्यय है0तृ है9 औरे (बँ य विक्रय� कG वि-शषातृ� प्रकट करेतृ है9 तृबँ विक्रय�-वि-शषाण है0तृ है9। (&स-(1) अ6दीरे (�ओ। (विक्रय� वि-शषाण)(2) दुक�न क भी�तृरे (�ओ। (स6बँ6धबँ0धक अव्यय)

Page 92: Hindi Vyakaran Bharti

अध्या�या 15

सामा!च्चायाबो�धाक अव्याया

समा च्चायबँ0धक अव्यय- दी0 शब्दी/, -�क्य�6श/ य� -�क्य/ क0 मिमा��न -�� अव्यय समा च्चायबँ0धक अव्यय कहै��तृ है9। इन्है7 ‘य0(क’ भी� कहैतृ है9। (&स-(1) श्रा वितृ औरे ग 6(न पढ़ रेहै है9।(2) मा झ टपरिरेक�ड्"रे य� घड़� चा�विहैए।(3) स�तृ� न बँहुतृ माहैनतृ कG विकन्तृ विफारे भी� सफा� न है0 सकG।(4) बँशक -है धन-�न है& परेन्तृ है& क6 ([स।इनमा7 ‘औरे’, ‘य�’, ‘विकन्तृ ’, ‘परेन्तृ ’ शब्दी आए है9 (0विक दी0 शब्दी/ अर्थ-� दी0 -�क्य/ क0 मिमा�� रेहै है9। अतृ\ य समा च्चायबँ0धक अव्यय है9।समा च्चायबँ0धक क दी0 भीदी है9-

Page 93: Hindi Vyakaran Bharti

1. समा�न�मिधकरेण समा च्चायबँ0धक।2. व्यमिधकरेण समा च्चायबँ0धक।

1. सामा�न�लिधाकरण सामा!च्चायाबो�धाक

जि(न समा च्चायबँ0धक शब्दी/ क द्वा�रे� दी0 समा�न -�क्य�6श/ पदी/ औरे -�क्य/ क0 परेस्परे (0ड़� (�तृ� है&, उन्है7 समा�न�मिधकरेण समा च्चायबँ0धक कहैतृ है9। (&स- 1.स न6दी� Jड़� र्थ� औरे अ�क� बँ&ठे¨ र्थ�। 2.ऋतृश ग�एग� तृ0 ऋतृ तृबँ�� बँ(�एग�। इन -�क्य/ मा7 औरे, तृ0 समा च्चायबँ0धक शब्दी/ द्वा�रे� दी0 समा�न शब्दी औरे -�क्य परेस्परे ( ड़ है9।समा�न�मिधकरेण समा च्चायबँ0धक क भीदी- समा�न�मिधकरेण समा च्चायबँ0धक चा�रे प्रक�रे क है0तृ है9-(क) स6य0(क।(J) वि-भी�(क। (ग) वि-रे0धस[चाक। (घ) परिरेण�मास[चाक।

(क) स6य0(क- (0 शब्दी/, -�क्य�6श/ औरे उप-�क्य/ क0 परेस्परे (0ड़न -�� शब्दी स6य0(क कहै��तृ है9।

Page 94: Hindi Vyakaran Bharti

औरे, तृर्थ�, ए-6 - आदिदी स6य0(क शब्दी है9।(J) वि-भी�(क- शब्दी/, -�क्य�6श/ औरे उप-�क्य/ मा7 परेस्परे वि-भी�(न औरे वि-कल्प प्रकट करेन -�� शब्दी वि-भी�(क य� वि-कल्पक कहै��तृ है9। (&स-य�, चा�है अर्थ-�, अन्यर्थ�, -� आदिदी।(ग) वि-रे0धस[चाक- दी0 परेस्परे वि-रे0ध� कर्थन/ औरे उप-�क्य/ क0 (0ड़न -�� शब्दी वि-रे0धस[चाक कहै��तृ है9। (&स-परेन्तृ , परे, विकन्तृ , मागरे, बँल्किल्क, �विकन आदिदी।(घ) परिरेण�मास[चाक- दी0 उप-�क्य/ क0 परेस्परे (0ड़करे परिरेण�मा क0 दीश�"न -�� शब्दी परिरेण�मास[चाक कहै��तृ है9। (&स-फा�तृ\, परिरेण�मास्-रूप, इसलि�ए, अतृ\, अतृए-, फा�स्-रूप, अन्यर्थ� आदिदी।

2. व्यालिधाकरण सामा!च्चायाबो�धाक

विकस� -�क्य क प्रध�न औरे आभिश्रातृ उप-�क्य/ क0 परेस्परे (0ड़न -�� शब्दी व्यमिधकरेण समा च्चायबँ0धक कहै��तृ है9।व्यमिधकरेण समा च्चायबँ0धक क भीदी- व्यमिधकरेण समा च्चायबँ0धक चा�रे प्रक�रे क है0तृ है9-

Page 95: Hindi Vyakaran Bharti

(क) क�रेणस[चाक। (J) स6क तृस[चाक। (ग) उद्देश्यस[चाक। (घ) स्-रूपस[चाक।(क) क�रेणस[चाक- दी0 उप-�क्य/ क0 परेस्परे (0ड़करे है0न -�� क�य" क� क�रेण स्पष्ट करेन -�� शब्दी/ क0 क�रेणस[चाक कहैतृ है9। (&स- विक, क्य/विक, इसलि�ए, चा[8विक, तृ�विक आदिदी।(J) स6क तृस[चाक- (0 दी0 य0(क शब्दी दी0 उप-�क्य/ क0 (0ड़न क� क�य" करेतृ है9, उन्है7 स6क तृस[चाक कहैतृ है9। (&स- यदिदी....तृ0, (�...तृ0, यद्याविप....तृर्थ�विप, यद्याविप...परेन्तृ आदिदी।(ग) उदीश्यस[चाक- दी0 उप-�क्य/ क0 परेस्परे (0ड़करे उनक� उद्देश्य स्पष्ट करेन -�� शब्दी उद्देश्यस[चाक कहै��तृ है9। (&स- इसलि�ए विक, तृ�विक, जि(सस विक आदिदी।(घ) स्-रूपस[चाक- मा ख्य उप-�क्य क� अर्थ" स्पष्ट करेन -�� शब्दी स्-रूपस[चाक कहै��तृ है9। (&स-य�न�, मा�न0, विक, अर्थ�"तृa आदिदी।

Page 96: Hindi Vyakaran Bharti

अध्या�या 16

पिवस्माया�दिदीबो�धाक अव्याया

वि-स्माय�दिदीबँ0धक अव्यय- जि(न शब्दी/ मा7 हैषा", श0क, वि-स्माय, ग्��विन, घ�ण�, �ज्जा� आदिदी भी�- प्रकट है0तृ है9 - वि-स्माय�दिदीबँ0धक अव्यय कहै��तृ है9। इन्है7 ‘द्या0तृक’ भी� कहैतृ है9। (&स- 1.अहै� ! क्य� माHसमा है&।2.उफा ! विकतृन� गरेमा� पड़ रेहै� है&। 3. अरे ! आप आ गए ? 4.बँ�प रे बँ�प ! यहै क्य� करे ड्��� ? 5.लिछो\-लिछो\ ! मिधक्क�रे है& तृ म्है�रे न�मा क0।इनमा7 ‘अहै�’, ‘उफा’, ‘अरे’, ‘बँ�प-रे-बँ�प’, ‘लिछो\-लिछो\’

Page 97: Hindi Vyakaran Bharti

शब्दी आए है9। य सभी� अनक भी�-/ क0 व्य� करे रेहै है9। अतृ\ य वि-स्माय�दिदीबँ0धक अव्यय है&। इन शब्दी/ क बँ�दी वि-स्माय�दिदीबँ0धक लिचाह्न (!) �गतृ� है&।प्रकट है0न -�� भी�- क आध�रे परे इसक विनम्नलि�खिJतृ भीदी है9-(1) हैषा"बँ0धक- अहै� ! धन्य !, -�है--�है !, ओहै ! -�है ! श�बँ�श !(2) श0कबँ0धक- आहै !, है�य !, है�य-है�य !, है�, त्र�विहै-त्र�विहै !, बँ�प रे !(3) वि-स्माय�दिदीबँ0धक- है9 !, ऐं !, ओहै0 !, अरे, -�है !(4) वितृरेस्क�रेबँ0धक- लिछो\ !, हैट !, मिधकa , धतृa !, लिछो\ लिछो\ !, चा प !(5) स्-�क� वितृबँ0धक- है�8-है�8 !, अच्छा� !, ठे¨क !, (� है�8 !, बँहुतृ अच्छा� !(6) स6बँ0धनबँ0धक- रे !, रे� !, अरे !, अरे� !, ओ !, अ(� !, है&�0 !(7) आश�-�"दीबँ0धक- दी<घ�"य है0 !, (�तृ रेहै0 !

अध्या�या 17

Page 98: Hindi Vyakaran Bharti

र्शब्दी-रचान�

शब्दी-रेचान�-हैमा स्-भी�-तृ\ भी�षा�-व्य-है�रे मा7 कमा-स-कमा शब्दी/ क� प्रय0ग करेक अमिधक-स-अमिधक क�मा चा��न� चा�हैतृ है9। अतृ\ शब्दी/ क आरे6भी अर्थ-� अ6तृ मा7 क छो (0ड़करे अर्थ-� उनकG मा�त्र�ओं य� स्-रे मा7 क छो परिरे-तृ"न करेक न-�न-स-न-�न अर्थ"-बँ0ध करे�न� चा�हैतृ है9। कभी�-कभी� दी0 अर्थ-� अमिधक शब्दी�6श/ क0 (0ड़करे नए अर्थ"-बँ0ध क0 स्-�क�रेतृ है9। इस तृरेहै एक शब्दी स कई अर्थ` कG अभिभीव्यलि� हैतृ (0 नए-नए शब्दी बँन�ए (�तृ है9 उस शब्दी-रेचान� कहैतृ है9।शब्दी रेचान� क चा�रे प्रक�रे है9-1. उपसग" �ग�करे2. प्रत्यय �ग�करे3. स6मिध द्वा�रे�4. समा�स द्वा�रे�

उ�सार्ग�

- शब्दी�6श (0 विकस� शब्दी क आरे6भी मा7 �गकरे उनक अर्थ" मा7 वि-शषातृ� �� दीतृ है9 अर्थ-� उसक अर्थ" क0 बँदी�

Page 99: Hindi Vyakaran Bharti

दीतृ है9, उपसग" कहै��तृ है9। (&स-परे�-परे�क्रमा, परे�(य, परे�भी-, परे�ध�न, परे�भी[तृ।उपसग` क0 चा�रे भी�ग/ मा7 बँ�8ट� (� सकतृ� है9-(क) स6स्क� तृ क उपसग"(J) विहैन्दी< क उपसग"(ग) उदू" क उपसग"(घ) उपसग" कG तृरेहै प्रय � है0न -�� स6स्क� तृ क अव्यय

(क) सा&स्कW त क5 उ�सार्ग�

उपसग" अर्थ" (मा7) शब्दी-रूप

अवितृ अमिधक, ऊपरे अत्य6तृ, अत्य त्तामा, अवितृरिरे�

अमिध ऊपरे, प्रध�नतृ� अमिधक�रे, अध्यक्षा, अमिधपवितृ

अन प�छो, समा�न अन रूप, अन (, अन करेण

अप बँ रे�, है�न अपमा�न, अपयश, अपक�रे

Page 100: Hindi Vyakaran Bharti

अभिभी स�मान, अमिधक प�स

अभिभीय0ग, अभिभीमा�न, अभिभीभी�-क

अ- बँ रे�, न�चा अ-नवितृ, अ-ग ण, अ-शषा

आ तृक स, �करे, उ�ट�

आ(न्मा, आगमान, आक�श

उतृa ऊपरे, श्राष्ठ उत्क6 ठे�, उत्कषा", उत्पन्न

उप विनकट, गHणउपक�रे, उपदीश, उपचा�रे, उप�ध्यक्षा

दुरेa बँ रे�, कदिठेन दु("न, दुदी"श�, दुग"मा

दुसa बँ रे� दुRरिरेत्र, दुस्स�हैस, दुग"मा

विन अभी�-, वि-शषा विनय �, विनबँ6ध, विनमाग्न

विनरेa विबँन� विन-�"है, विनमा"�, विन("न

विनसa विबँन� विनR�, विनश्छो�,

Page 101: Hindi Vyakaran Bharti

विनभिRतृ

परे� प�छो, उ�ट� परे�माश", परे�ध�न, परे�क्रमा

परिरे सबँ ओरे परिरेप[ण", परिरे(न, परिरे-तृ"न

प्र आग, अमिधक, उत्क� ष्ट

प्रयत्न, प्रबँ�, प्रलिसद्ध

प्रवितृ स�मान, उ�ट�, हैरेएक

प्रवितृक[ �, प्रत्यक, प्रत्यक्षा

वि- है�नतृ�, वि-शषा वि-य0ग, वि-शषा, वि-ध-�

समाa प[ण", अच्छा� स6चाय, स6गवितृ, स6स्क�रे

स अच्छा�, सरे� स गमा, स यश, स्-�गतृ

(ख) पि�न्दी� क5 उ�सार्ग�

या5 प्र�या+ सा&स्कW त उ�सार्ग4 क5 अ�भ्रं&र्श मा�त्रा �� �[।

Page 102: Hindi Vyakaran Bharti

उपसग" अर्थ" (मा7) शब्दी-रूप

अ अभी�-, विनषाध अ(रे, अछो[ तृ, अक��

अन रेविहैतृ अनपढ़, अनबँन, अन(�न

अध आध�अधमारे�, अधखिJ��, अधपक�

औ रेविहैतृ औग न, औतृ�रे, औघट

क बँ रे�ई क स6ग, क कमा", क मावितृ

विन अभी�- विनड्रे, विनहैत्था�, विनकम्मा�

(र्ग) उर्दू� क5 उ�सार्ग�

उपसग" अर्थ" (मा7) शब्दी-रूपकमा र्थ0ड़� कमाबँख्तृ,

Page 103: Hindi Vyakaran Bharti

कमा(0रे, कमालिसन

J श प्रसन्न, अच्छा� J शबँ[, J शदिदी�, J शमिमा(�(

ग&रे विनषाध ग&रेहै�जि(रे, ग&रेक�न[न�, ग&रेकHमा

दीरे मा7 दीरेअस�, दीरेक�रे, दीरेमिमाय�न

न� विनषाध न���यक, न�पस6दी, न�मा माविकन

बँ� अन स�रेबँ�माHक�, बँ�क�यदी�, बँ�इज्जातृ

बँदी बँ रे� बँदीन�मा, बँदीमा�श, बँदीचा�न

बँ विबँन� बँईमा�न, बँचा�रे�, बँअक्�

�� रेविहैतृ ��परे-�है, ��चा�रे, ��-�रिरेस

Page 104: Hindi Vyakaran Bharti

सरे मा ख्य सरेक�रे, सरेदी�रे, सरेप6चा

हैमा स�र्थ हैमादीदी±, हैमारे�(, हैमादीमा

हैरे प्रवितृ हैरेदिदीन, हैरेएक,हैरेस��

(र्घ) उ�सार्ग� कA तर� प्रया!E ��न5 व�ली5 सा&स्कW त अव्याया

उपसग" अर्थ" (मा7) शब्दी-रूपअ (व्य6(न/ स प[-")

विनषाध अज्ञा�न, अभी�-, अचातृ

अनa (स्-रे/ स प[-")

विनषाध अन�गतृ, अनर्थ", अन�दिदी

स सविहैतृ स(�, सक�, सहैषा"

अध\ न�चा अध\पतृन, अध0गवितृ, अध0मा J

लिचारे बँहुतृ दीरे लिचारे�य , लिचारेक��,

Page 105: Hindi Vyakaran Bharti

लिचारे6तृन

अ6तृरे भी�तृरे अ6तृरे�त्मा�, अ6तृरे�"ष्ट्र�य, अ6तृ(�"तृ�य

प न\ विफारे प नग"मान, प न("न्मा, प नर्मिमा��न

प रे� प रे�न� प रे�तृत्-, प रे�तृनप रेसa आग प रेस्क�रे, प रेस्क� तृवितृरेसa बँ रे�, है�न वितृरेस्क�रे, वितृरे0भी�-

सतृa श्राष्ठ सत्क�रे, सज्जान, सत्क�य"

Page 106: Hindi Vyakaran Bharti

अध्या�या 18

प्रत्याया

प्रत्यय- (0 शब्दी�6श शब्दी/ क अ6तृ मा7 �गकरे उनक अर्थ" क0 बँदी� दीतृ है9 - प्रत्यय कहै��तृ है9। (&स-(�(, प6क( आदिदी। (�=प�न� तृर्थ� (=(न्मा �न -���। प�न� मा7 (न्मा �न -��� अर्थ�"तृa कमा�। इस� प्रक�रे प6क शब्दी मा7 ( प्रत्यय �गकरे प6क( अर्थ�"तृ कमा� करे दीतृ� है&। प्रत्यय दी0 प्रक�रे क है0तृ है9-1. क� तृ प्रत्यय।2. तृजिद्धतृ प्रत्यय।

1. कW त प्रत्याया

Page 107: Hindi Vyakaran Bharti

(0 प्रत्यय ध�तृ ओं क अ6तृ मा7 �गतृ है9 - क� तृ प्रत्यय कहै��तृ है9। क� तृ प्रत्यय क य0ग स बँन शब्दी/ क0 (क� तृ+अ6तृ) क� दी6तृ कहैतृ है9। (&स-रे�Jन+है�रे�=रे�Jनहै�रे�, घट+इय�=घदिटय�, लि�J+आ-ट=लि�J�-ट आदिदी।(क) कतृ�"-�चाक क� दी6तृ- जि(स प्रत्यय स बँन शब्दी स क�य" करेन -�� अर्थ�"तृ कतृ�" क� बँ0ध है0, -है कतृ�"-�चाक क� दी6तृ कहै��तृ� है&। (&स-‘पढ़न�’। इस स�मा�न्य विक्रय� क स�र्थ -��� प्रत्यय �ग�न स ‘पढ़न-���’ शब्दी बँन�।प्रत्यय शब्दी-रूप

प्रत्यय शब्दी-रूप

-���

पढ़न-���, लि�Jन-���,रेJ-���

है�रे�रे�Jनहै�रे�, J-नहै�रे�, प��नहै�रे�

आऊ

विबँक�ऊ, दिटक�ऊ, चा��ऊ

आक तृ&रे�क

आक�

�ड़क�, धड़�क�, धमा�क�

आड़�

अन�ड़�, खिJ��ड़�, अग�ड़�

Page 108: Hindi Vyakaran Bharti

आ�[आ� , झगड़��[, दीय�� , क� प��

ऊ उड़�ऊ, कमा�ऊ, J�ऊ

एरे� � टरे�, सपरे� इय� बँदिढ़य�, घदिटय�

ऐय� ग-&य�, रेJ&य�, � ट&य�

अक ध�-क, सहै�यक, प��क

(J) कमा"-�चाक क� दी6तृ- जि(स प्रत्यय स बँन शब्दी स विकस� कमा" क� बँ0ध है0 -है कमा"-�चाक क� दी6तृ कहै��तृ� है&। (&स-ग� मा7 न� प्रत्यय �ग�न स ग�न�, स[8घ मा7 न� प्रत्यय �ग�न स स[8घन� औरे विबँछो मा7 औन� प्रत्यय �ग�न स विबँछोHन� बँन� है&।(ग) करेण-�चाक क� दी6तृ- जि(स प्रत्यय स बँन शब्दी स विक्रय� क स�धन अर्थ�"तृ करेण क� बँ0ध है0 -है करेण-�चाक क� दी6तृ कहै��तृ� है&। (&स-रेतृ मा7 ई प्रत्यय �ग�न स रेतृ� बँन�।प्रत्यय शब्दी-रूप

प्रत्यय शब्दी-रूप

आ भीटक�, भी[��, झ[��

ई रेतृ�, फा�8स�, भी�रे�

Page 109: Hindi Vyakaran Bharti

ऊ झ�²ड़ू न बँ�न, झ�ड़न, बँ6धन

न�ध�कन� करेतृन�, स मिमारेन�

(घ) भी�--�चाक क� दी6तृ- जि(स प्रत्यय स बँन शब्दी स भी�- अर्थ�"तृa विक्रय� क व्य�प�रे क� बँ0ध है0 -है भी�--�चाक क� दी6तृ कहै��तृ� है&। (&स-स(� मा7 आ-ट प्रत्यय �ग�न स स(�-ट बँन�।प्रत्यय शब्दी-रूप

प्रत्यय शब्दी-रूप

अन चा�न, मानन, मिमा�न

औतृ�

मानHतृ�, विफारेHतृ�, चा नHतृ�

आ-�

भी ��-�,छो��-�, दिदीJ�-�

अ6तृ भिभीड़6तृ, गढ़6तृ

आई कमा�ई, चाढ़�ई, �ड़�ई

आ-ट

स(�-ट, बँन�-ट, रुक�-ट

आहै घबँरे�है

Page 110: Hindi Vyakaran Bharti

ट ट,लिचाल्��हैट

(ड़) विक्रय�-�चाक क� दी6तृ- जि(स प्रत्यय स बँन शब्दी स विक्रय� क है0न क� भी�- प्रकट है0 -है विक्रय�-�चाक क� दी6तृ कहै��तृ� है&। (&स-भी�गतृ� हुआ, लि�Jतृ� हुआ आदिदी। इसमा7 मा[� ध�तृ क स�र्थ तृ� �ग�करे बँ�दी मा7 हुआ �ग� दीन स -तृ"मा�नक�लि�क विक्रय�-�चाक क� दी6तृ बँन (�तृ� है&। विक्रय�-�चाक क� दी6तृ क -� प स्थिल्�6ग औरे एक-चान मा7 प्रय � है0तृ� है&।प्रत्यय शब्दी-रूप

प्रत्यय शब्दी-रूप

तृ� ड्[बँतृ�, बँहैतृ�, रेमातृ�, चा�तृ�

तृ� हुआ आतृ� हुआ, पढ़तृ� हुआ

य� J0य�, बँ0य� आ स[J�, भी[��, बँ&ठे�करे (�करे, दीJकरे न� दीHड़न�, स0न�

2. तद्धि_त प्रत्याया

Page 111: Hindi Vyakaran Bharti

(0 प्रत्यय स6ज्ञा�, स-"न�मा अर्थ-� वि-शषाण क अ6तृ मा7 �गकरे नए शब्दी बँन�तृ है9 तृजिद्धतृ प्रत्यय कहै��तृ है9। इनक य0ग स बँन शब्दी/ क0 ‘तृजिद्धतृ�6तृ’ अर्थ-� तृजिद्धतृ शब्दी कहैतृ है9। (&स-अपन�+पन=अपन�पन, दी�न-+तृ�=दी�न-तृ� आदिदी।(क) कतृ�"-�चाक तृजिद्धतृ- जि(सस विकस� क�य" क करेन -�� क� बँ0ध है0। (&स- स न�रे, कहै�रे आदिदी।प्रत्यय शब्दी-रूप प्रत्यय शब्दी-रूप

क प�ठेक, �Jक, लि�विपक

आरे स न�रे, � है�रे, कहै�रे

क�रेपत्रक�रे, क��क�रे, लिचात्रक�रे

इय� स वि-ध�, दुखिJय�, आढ़वितृय�

एरे� सपरे�, ठेठे रे�, लिचातृरे�

आ माछो आ, गरुआ, ठे� आ

-���ट0प�-��� घरे-���, ग�ड़�-���

दी�रेईमा�नदी�रे, दुक�नदी�रे, क("दी�रे

Page 112: Hindi Vyakaran Bharti

है�रे� �कड़है�रे�, पविनहै�रे�, माविनहै�रे

चा� माश��चा�, J(�नचा�, मा0चा�

गरे क�रे�गरे, बँ�(�गरे, (�दूगरे

(J) भी�--�चाक तृजिद्धतृ- जि(सस भी�- व्य� है0। (&स-सरे�"फा�, बँ ढ़�प�, स6गतृ, प्रभी तृ� आदिदी।प्रत्यय शब्दी-रूप प्रत्यय शब्दी-रूप

पन बँचापन, �ड़कपन, बँ��पन

आ बँ ��-�, सरे�"फा�

आई भी��ई, बँ रे�ई, दिढ्ठे�ई

आहैटलिचाकन�हैट, कड़-�हैट, घबँरे�हैट

इमा� ��लि�मा�, माविहैमा�, अरुभिणमा�

प� बँ ढ़�प�, मा0ट�प�

ई गरेमा�, सरेदी<,गरे�बँ�

औतृ� बँपHतृ�

Page 113: Hindi Vyakaran Bharti

(ग) स6बँ6ध-�चाक तृजिद्धतृ- जि(सस स6बँ6ध क� बँ0ध है0। (&स-सस रे��, भीतृ�(�, चाचारे� आदिदी।प्रत्यय शब्दी-रूप प्रत्यय शब्दी-रूप

आ� सस रे��, नविनहै�� एरे� मामारे�,चाचारे�, फा फा रे�

(� भी�न(�, भीतृ�(� इक न&वितृक, ध�र्मिमा�क, आर्थिर्थ�क

(घ) ऊनतृ� (�घ तृ�) -�चाक तृजिद्धतृ- जि(सस �घ तृ� क� बँ0ध है0। (&स-� दिटय�।प्रत्ययय शब्दी-रूप प्रत्यय शब्दी-रूप

इय� � दिटय�, विड्विबँय�, Jदिटय�

ई क0ठेरे�, ट0कन�, ढ्0�कG

ट<, ट��8ग0ट<, कछोHट<,क�[ट�

ड़�, ड़�

पगड़�, ट कड़�, बँछोड़�

Page 114: Hindi Vyakaran Bharti

(ड़) गणन�-�चाक तृद्धवितृ- जि(सस स6ख्य� क� बँ0ध है0। (&स-इकहैरे�, पहै��, प�8चा-�8 आदिदी।प्रत्यय शब्दी-रूप प्रत्यय शब्दी-रूप

हैरे� इकहैरे�, दुहैरे�, वितृहैरे�

�� पहै��

रे� दूसरे�, तृ�सरे� र्थ� चाHर्थ�

(चा) स�दृश्य-�चाक तृजिद्धतृ- जि(सस समातृ� क� बँ0ध है0। (&स-स नहैरे�।प्रत्यय शब्दी-रूप प्रत्यय शब्दी-रूप

स� प���-स�, न���-स�, क���-स�

हैरे� स नहैरे�, रुपहैरे�

(छो) ग ण-�चाक तृद्धवितृ- जि(सस विकस� ग ण क� बँ0ध है0। (&स-भी[J, वि-षा&��, क �-6तृ आदिदी।प्रत्य शब्दी-रूप प्रत्यय शब्दी-रूप

Page 115: Hindi Vyakaran Bharti

आ भी[J�, प्य�स�, ठे6ड्�,मा�ठे�

ई धन�, �0भी�, क्र0ध�

ईय -�6छोन�य, अन करेण�य

ई�� रे6ग���, स(���

ऐ�� वि-षा&��, कस&�� � क� प�� , दीय�� -6तृ दीय�-6तृ, क �-6तृ -�न ग ण-�न, रूप-�न

(() U�न-�चाक तृद्धवितृ- जि(सस U�न क� बँ0ध है0. (&स-प6(�बँ�, (बँ�प रिरेय�, दिदील्��-��� आदिदी।प्रत्यय शब्दी-रूप प्रत्यय शब्दी-रूप

ई प6(�बँ�, बँ6ग���, ग (रे�तृ�

इय� क�कवितृय�, (बँ�प रिरेय�

-�� -��� ड्रे-���, दिदील्��-���

कW त प्रत्याया और तद्धि_त प्रत्याया माU अ&तर

Page 116: Hindi Vyakaran Bharti

क� तृ प्रत्यय- (0 प्रत्यय ध�तृ य� विक्रय� क अ6तृ मा7 ( ड़करे नय� शब्दी बँन�तृ है9 क� तृ प्रत्यय कहै��तृ है9। (&स-लि�Jन�, लि�J�ई, लि�J�-ट।तृजिद्धतृ प्रत्यय- (0 प्रत्यय स6ज्ञा�, स-"न�मा य� वि-शषाण मा7 ( ड़करे नय� शब्दी बँन�तृ है6 - तृजिद्धतृ प्रत्यय कहै��तृ है9। (&स-न�वितृ-न&वितृक, क���-क�लि�मा�, रे�ष्ट्र-रे�ष्ट्र�यतृ� आदिदी।

अध्या�या 19

सा&लिधा

स6मिध-स6मिध शब्दी क� अर्थ" है& मा�। दी0 विनकट-तृ  -ण` क परेस्परे मा� स (0 वि-क�रे (परिरे-तृ"न) है0तृ� है& -है स6मिध कहै��तृ� है&। (&स-समाa+तृ0षा=स6तृ0षा।

Page 117: Hindi Vyakaran Bharti

दी-+इ6द्र=दी-7द्र। भी�न +उदीय=भी�न[दीय।स6मिध क भीदी-स6मिध तृ�न प्रक�रे कG है0तृ� है9-1. स्-रे स6मिध।2. व्य6(न स6मिध।3. वि-सग" स6मिध।

1. स्वर सा&लिधा

दी0 स्-रे/ क मा� स है0न -�� वि-क�रे (परिरे-तृ"न) क0 स्-रे-स6मिध कहैतृ है9। (&स-वि-द्या�+आ�य=वि-द्या��य।स्-रे-स6मिध प�8चा प्रक�रे कG है0तृ� है9-

(क) दी�र्घ� सा&लिधा

ह्रस्- य� दी<घ" अ, इ, उ क बँ�दी यदिदी ह्रस्- य� दी<घ" अ, इ, उ आ (�ए8 तृ0 दी0न/ मिमा�करे दी<घ" आ, ई, औरे ऊ है0 (�तृ है9। (&स-(क) अ+अ=आ धमा"+अर्थ"=धमा�"र्थ", अ+आ=आ-विहैमा+आ�य=विहैमा��य।आ+अ=आ आ वि-द्या�+अर्थ =वि-द्या�र्थ  आ+आ=आ-वि-द्या�+आ�य=वि-द्या��य।(J) इ औरे ई कG स6मिध-

Page 118: Hindi Vyakaran Bharti

इ+इ=ई- रेवि-+इ6द्र=रे-Vद्र, मा विन+इ6द्र=मा नVद्र।इ+ई=ई- विगरिरे+ईश=विगरे�श मा विन+ईश=मा न�श।ई+इ=ई- माहै�+इ6द्र=माहैVद्र न�रे�+इ6दु=न�रेVदुई+ई=ई- नदी<+ईश=नदी<श माहै�+ईश=माहै�श(ग) उ औरे ऊ कG स6मिध-उ+उ=ऊ- भी�न +उदीय=भी�न[दीय वि-ध +उदीय=वि-ध[दीयउ+ऊ=ऊ- �घ +ऊर्मिमा�=�घ[र्मिमा� लिसध +ऊर्मिमा�=लिंस�ध[र्मिमा�ऊ+उ=ऊ- -ध[+उत्स-=-ध[त्स- -ध[+उल्�J=-ध[ल्�Jऊ+ऊ=ऊ- भी[+ऊध्-"=भी[ध्-" -ध[+ऊ(�"=-ध[(�"

(ख) र्ग!ण सा&लिधा

इसमा7 अ, आ क आग इ, ई है0 तृ0 ए, उ, ऊ है0 तृ0 ओ, तृर्थ� ऋ है0 तृ0 अरेa है0 (�तृ� है&। इस ग ण-स6मिध कहैतृ है9 (&स-(क) अ+इ=ए- नरे+इ6द्र=नरे7द्र अ+ई=ए- नरे+ईश=नरेशआ+इ=ए- माहै�+इ6द्र=माहै7द्र आ+ई=ए माहै�+ईश=माहैश

Page 119: Hindi Vyakaran Bharti

(J) अ+ई=ओ ज्ञा�न+उपदीश=ज्ञा�न0पदीश आ+उ=ओ माहै�+उत्स-=माहै0त्स-अ+ऊ=ओ (�+ऊर्मिमा�=(�0र्मिमा� आ+ऊ=ओ माहै�+ऊर्मिमा�=माहै0र्मिमा�(ग) अ+ऋ=अरेa दी-+ऋविषा=दी-र्तिषा�(घ) आ+ऋ=अरेa माहै�+ऋविषा=माहैर्तिषा�

(र्ग) वWद्धि_ सा&लिधा

अ आ क� ए ऐ स मा� है0न परे ऐ अ आ क� ओ, औ स मा� है0न परे औ है0 (�तृ� है&। इस -�जिद्ध स6मिध कहैतृ है9। (&स-(क) अ+ए=ऐ एक+एक=एक& क अ+ऐ=ऐ मातृ+ऐक्य=मातृ&क्यआ+ए=ऐ सदी�+ए-=सदी&- आ+ऐ=ऐ माहै�+ऐश्वय"=माहै&श्वय"(J) अ+ओ=औ -न+ओषामिध=-नHषामिध आ+ओ=औ माहै�+औषाध=माहैHषामिधअ+औ=औ परेमा+औषाध=परेमाHषाध आ+औ=औ माहै�+औषाध=माहैHषाध

Page 120: Hindi Vyakaran Bharti

(र्घ) याण सा&लिधा

(क) इ, ई क आग क0ई वि-(�तृ�य (असमा�न) स्-रे है0न परे इ ई क0 ‘यa’ है0 (�तृ� है&। (J) उ, ऊ क आग विकस� वि-(�तृ�य स्-रे क आन परे उ ऊ क0 ‘-a’ है0 (�तृ� है&। (ग) ‘ऋ’ क आग विकस� वि-(�तृ�य स्-रे क आन परे ऋ क0 ‘रेa’ है0 (�तृ� है&। इन्है7 यण-स6मिध कहैतृ है9।इ+अ=यa+अ यदिदी+अविप=यद्याविप ई+आ=यa+आ इवितृ+आदिदी=इत्य�दिदी।ई+अ=यa+अ नदी<+अप"ण=नद्याप"ण ई+आ=यa+आ दी-�+आगमान=दीव्य�गमान(घ) उ+अ=-a+अ अन +अय=अन्-य उ+आ=-a+आ स +आगतृ=स्-�गतृउ+ए=-a+ए अन +एषाण=अन्-षाण ऋ+अ=रेa+आ विपतृ�+आज्ञा�=विपत्र�ज्ञा�(ड़) अय�दिदी स6मिध- ए, ऐ औरे ओ औ स परे विकस� भी� स्-रे क है0न परे क्रमाश\ अयa, आयa, अ-a औरे आ-a है0 (�तृ� है&। इस अय�दिदी स6मिध कहैतृ है9।(क) ए+अ=अयa+अ न+अन+नयन (J)

Page 121: Hindi Vyakaran Bharti

ऐ+अ=आयa+अ ग&+अक=ग�यक(ग) ओ+अ=अ-a+अ प0+अन=प-न (घ) औ+अ=आ-a+अ पH+अक=प�-कऔ+इ=आ-a+इ नH+इक=न�वि-क

2. व्या&जन सा&लिधा

व्य6(न क� व्य6(न स अर्थ-� विकस� स्-रे स मा� है0न परे (0 परिरे-तृ"न है0तृ� है& उस व्य6(न स6मिध कहैतृ है9। (&स-शरेतृa+चा6द्र=शरेच्चा6द्र।(क) विकस� -ग" क पहै� -ण" कa , चाa, टa, तृa, पa क� मा� विकस� -ग" क तृ�सरे अर्थ-� चाHर्थ -ण" य� यa, रेa, �a, -a, है य� विकस� स्-रे स है0 (�ए तृ0 कa क0 गa चाa क0 (a, टa क0 ड्a औरे पa क0 बँa है0 (�तृ� है&। (&स-कa +ग=ग्ग दिदीकa +ग(=दिदीग्ग(। कa +ई=ग� -�कa +ईश=-�ग�शचाa+अ=(a अचाa+अ6तृ=अ(6तृ टa+आ=ड्� षाटa+आनन=षाड्�ननप+(+ब्( अपa+(=अब्((J) यदिदी विकस� -ग" क पहै� -ण" (कa , चाa, टa, तृa, पa) क� मा� नa य� माa -ण" स है0 तृ0 उसक U�न परे उस� -ग"

Page 122: Hindi Vyakaran Bharti

क� प�8चा-�8 -ण" है0 (�तृ� है&। (&स-कa +मा=ड़् -�कa +माय=-�ड़्माय चाa+न=ञ्a अचाa+न�श=अञ्न�शटa+मा=णa षाटa+मा�स=षाण्मा�स तृa+न=नa उतृa+नयन=उन्नयनपa+माa=माa अपa+माय=अम्माय(ग) तृa क� मा� ग, घ, दी, ध, बँ, भी, य, रे, - य� विकस� स्-रे स है0 (�ए तृ0 दीa है0 (�तृ� है&। (&स-तृa+भी=द्भ सतृa+भी�-न�=सद्भ�-न� तृa+ई=दी< (गतृa+ईश=(गदी<शतृa+भी=द्भ भीग-तृa+भीलि�=भीग-द्भलि� तृa+रे=द्र तृतृa+रूप=तृद्रूपतृa+ध=द्ध सतृa+धमा"=सद्धमा"(घ) तृa स परे चाa य� छोa है0न परे चा, (a य� झa है0न परे (a, टa य� ठेa है0न परे टa, ड्a य� ढ्a है0न परे ड्a औरे � है0न परे �a है0 (�तृ� है&। (&स-तृa+चा=च्चा उतृa+चा�रेण=उच्चा�रेण तृa+(=ज्जा सतृa+(न=सज्जानतृa+झ=ज्झ उतृa+झदिटक�=उज्झदिटक� तृa+ट=ट्टा

Page 123: Hindi Vyakaran Bharti

तृतृa+ट<क�=तृट्टा<क�तृa+ड्=ड्डा उतृa+ड्यन=उड्डायन तृa+�=ल्� उतृa+��स=उल्��स(ड़) तृa क� मा� यदिदी शa स है0 तृ0 तृa क0 चाa औरे शa क� छोa बँन (�तृ� है&। (&स-तृa+शa=च्छा उतृa+श्व�स=उच्छ्-�स तृa+श=च्छा उतृa+लिशष्ट=उस्थिच्छाष्टतृa+श=च्छा सतृa+श�स्त्र=सच्छा�स्त्र(चा) तृa क� मा� यदिदी हैa स है0 तृ0 तृa क� दीa औरे हैa क� धa है0 (�तृ� है&। (&स-तृa+है=द्ध उतृa+है�रे=उद्ध�रे तृa+है=द्ध उतृa+हैरेण=उद्धरेणतृa+है=द्ध तृतृa+विहैतृ=तृजिद्धतृ(छो) स्-रे क बँ�दी यदिदी छोa -ण" आ (�ए तृ0 छोa स पहै� चाa -ण" बँढ़� दिदीय� (�तृ� है&। (&स-अ+छो=अच्छा स्-+छो6दी=स्-च्छा6दी आ+छो=आच्छा आ+छो�दीन=आच्छा�दीनइ+छो=इच्छा स6मिध+छोदी=स6मिधच्छादी उ+छो=उच्छा अन +छोदी=अन च्छादी

Page 124: Hindi Vyakaran Bharti

(() यदिदी माa क बँ�दी कa स माa तृक क0ई व्य6(न है0 तृ0 माa अन स्-�रे मा7 बँदी� (�तृ� है&। (&स-माa+चाa=v6 विकमाa+लिचातृ=बिंक�लिचातृ माa+क=v6 विकमाa+करे=बिंक�करेमाa+क=v6 समाa+कल्प=स6कल्प माa+चा=v6 समाa+चाय=स6चायमाa+तृ=v6 समाa+तृ0षा=स6तृ0षा माa+बँ=v6 समाa+बँ6ध=स6बँ6धमाa+प=v6 समाa+प[ण"=स6प[ण"(झ) माa क बँ�दी मा क� विद्वात्- है0 (�तृ� है&। (&स-माa+मा=म्मा समाa+मावितृ=सम्मावितृ माa+मा=म्मा समाa+मा�न=सम्मा�न(ञ्) माa क बँ�दी यa, रेa, �a, -a, शa, षाa, सa, हैa मा7 स क0ई व्य6(न है0न परे माa क� अन स्-�रे है0 (�तृ� है&। (&स-माa+य=v6 समाa+य0ग=स6य0ग माa+रे=v6 समाa+रेक्षाण=स6रेक्षाणमाa+-=v6 समाa+वि-ध�न=स6वि-ध�न माa+-=v6 समाa+-�दी=स6-�दीमाa+श=v6 समाa+शय=स6शय माa+�=v6

Page 125: Hindi Vyakaran Bharti

समाa+�ग्न=स6�ग्नमाa+स=v6 समाa+स�रे=स6स�रे(ट) ऋ,रेa, षाa स परे नa क� णa है0 (�तृ� है&। परेन्तृ चा-ग", ट-ग", तृ-ग", श औरे स क� व्य-ध�न है0 (�न परे नa क� णa नहैV है0तृ�। (&स-रेa+न=ण परिरे+न�मा=परिरेण�मा रेa+मा=ण प्र+मा�न=प्रमा�ण(ठे) सa स पहै� अ, आ स भिभीन्न क0ई स्-रे आ (�ए तृ0 सa क0 षा है0 (�तृ� है&। (&स-भीa+सa=षा अभिभी+सक=अभिभीषाक विन+लिसद्ध=विनविषाद्ध वि-+समा+वि-षामा

3. पिवसार्ग�-सा&लिधा

वि-सग" (:) क बँ�दी स्-रे य� व्य6(न आन परे वि-सग" मा7 (0 वि-क�रे है0तृ� है& उस वि-सग"-स6मिध कहैतृ है9। (&स-मान\+अन क[ �=मान0न क[ �।

(क) वि-सग" क पहै� यदिदी ‘अ’ औरे बँ�दी मा7 भी� ‘अ’ अर्थ-� -ग` क तृ�सरे, चाHर्थ प�8चा-7 -ण", अर्थ-� य, रे, �, - है0 तृ0 वि-सग" क� ओ है0 (�तृ� है&। (&स-

Page 126: Hindi Vyakaran Bharti

मान\+अन क[ �=मान0न क[ � अध\+गवितृ=अध0गवितृ मान\+बँ�=मान0बँ�

(J) वि-सग" स पहै� अ, आ क0 छो0ड़करे क0ई स्-रे है0 औरे बँ�दी मा7 क0ई स्-रे है0, -ग" क तृ�सरे, चाHर्थ, प�8चा-7 -ण" अर्थ-� यa, रे, �, -, है मा7 स क0ई है0 तृ0 वि-सग" क� रे य� रेa है0 (�तृ� है&। (&स-विन\+आहै�रे=विनरे�है�रे विन\+आश�=विनरे�श� विन\+धन=विनध"न

(ग) वि-सग" स पहै� क0ई स्-रे है0 औरे बँ�दी मा7 चा, छो य� श है0 तृ0 वि-सग" क� श है0 (�तृ� है&। (&स-विन\+चा�=विनR� विन\+छो�=विनश्छो� दु\+श�सन=दुश्श�सन

(घ)वि-सग" क बँ�दी यदिदी तृ य� स है0 तृ0 वि-सग" सa बँन (�तृ� है&। (&स-नमा\+तृ=नमास्तृ विन\+स6तृ�न=विनस्स6तृ�न दु\+स�हैस=दुस्स�हैस

Page 127: Hindi Vyakaran Bharti

(ड़) वि-सग" स पहै� इ, उ औरे बँ�दी मा7 क, J, ट, ठे, प, फा मा7 स क0ई -ण" है0 तृ0 वि-सग" क� षा है0 (�तृ� है&। (&स-विन\+क�6क=विनष्क�6क चातृ \+प�दी=चातृ ष्प�दी विन\+फा�=विनष्फा�

(ड्)वि-सग" स पहै� अ, आ है0 औरे बँ�दी मा7 क0ई भिभीन्न स्-रे है0 तृ0 वि-सग" क� �0प है0 (�तृ� है&। (&स-विन\+रे0ग=विनरे0ग विन\+रेस=न�रेस

(छो) वि-सग" क बँ�दी क, J अर्थ-� प, फा है0न परे वि-सग" मा7 क0ई परिरे-तृ"न नहैV है0तृ�। (&स-अ6तृ\+करेण=अ6तृ\करेण

अध्या�या 20

सामा�सा

Page 128: Hindi Vyakaran Bharti

समा�स क� तृ�त्पय" है& ‘स6भिक्षाप्तृ�करेण’। दी0 य� दी0 स अमिधक शब्दी/ स मिमा�करे बँन हुए एक न-�न ए-6 स�र्थ"क शब्दी क0 समा�स कहैतृ है9। (&स-‘रेस0ई क लि�ए घरे’ इस हैमा ‘रेस0ईघरे’ भी� कहै सकतृ है9।स�मा�लिसक शब्दी- समा�स क विनयमा/ स विनर्मिमा�तृ शब्दी स�मा�लिसक शब्दी कहै��तृ� है&। इस समास्तृपदी भी� कहैतृ है9। समा�स है0न क बँ�दी वि-भीलि�य/ क लिचाह्न (परेसग") � प्तृ है0 (�तृ है9। (&स-रे�(प त्र।समा�स-वि-ग्रेहै- स�मा�लिसक शब्दी/ क बँ�चा क स6बँ6ध क0 स्पष्ट करेन� समा�स-वि-ग्रेहै कहै��तृ� है&। (&स-रे�(प त्र-रे�(� क� प त्र।प[-"पदी औरे उत्तारेपदी- समा�स मा7 दी0 पदी (शब्दी) है0तृ है9। पहै� पदी क0 प[-"पदी औरे दूसरे पदी क0 उत्तारेपदी कहैतृ है9। (&स-ग6ग�(�। इसमा7 ग6ग� प[-"पदी औरे (� उत्तारेपदी है&।

सामा�सा क5 भा5दी

समा�स क चा�रे भीदी है9-1. अव्यय�भी�- समा�स।2. तृत्प रुषा समा�स।

Page 129: Hindi Vyakaran Bharti

3. द्वा6द्वा समा�स।4. बँहुव्र�विहै समा�स।

1. अव्याया�भा�व सामा�सा

जि(स समा�स क� पहै�� पदी प्रध�न है0 औरे -है अव्यय है0 उस अव्यय�भी�- समा�स कहैतृ है9। (&स-यर्थ�मावितृ (मावितृ क अन स�रे), आमारेण (मा�त्य करे) इनमा7 यर्थ� औरे आ अव्यय है9।क छो अन्य उदी�हैरेण-आ(�-न - (�-न-भीरे, यर्थ�स�माथ्य" - स�माथ्य" क अन स�रेयर्थ�शलि� - शलि� क अन स�रे, यर्थ�वि-मिध वि-मिध क अन स�रेयर्थ�क्रमा - क्रमा क अन स�रे, भीरेपट पट भीरेकरेहैरेरे0ज़ - रे0ज़-रे0ज़, है�र्थ/है�र्थ - है�र्थ है� है�र्थ मा7रे�तृ/रे�तृ - रे�तृ है� रे�तृ मा7, प्रवितृदिदीन - प्रत्यक दिदीनबँशक - शक क विबँन�, विनड्रे - ड्रे क विबँन�विनस्स6दीहै - स6दीहै क विबँन�, हैरेस�� - हैरेक स��अव्यय�भी�- समा�स कG पहैचा�न- इसमा7 समास्तृ पदी अव्यय बँन (�तृ� है& अर्थ�"तृ समा�स है0न क बँ�दी उसक�

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रूप कभी� नहैV बँदी�तृ� है&। इसक स�र्थ वि-भीलि� लिचाह्न भी� नहैV �गतृ�। (&स-ऊपरे क समास्तृ शब्दी है&।

2. तत्�!रुषा सामा�सा

जि(स समा�स क� उत्तारेपदी प्रध�न है0 औरे प[-"पदी गHण है0 उस तृत्प रुषा समा�स कहैतृ है9। (&स-तृ �स�दी�सक� तृ=तृ �स� द्वा�रे� क� तृ (रेलिचातृ)ज्ञा�तृव्य- वि-ग्रेहै मा7 (0 क�रेक प्रकट है0 उस� क�रेक -��� -है समा�स है0तृ� है&। वि-भीलि�य/ क न�मा क अन स�रे इसक छोहै भीदी है9-(1) कमा" तृत्प रुषा विगरेहैकट विगरेहै क0 क�टन -���(2) करेण तृत्प रुषा मानचा�है� मान स चा�है�(3) स6प्रदी�न तृत्प रुषा रेस0ईघरे रेस0ई क लि�ए घरे(4) अप�दी�न तृत्प रुषा दीशविनक��� दीश स विनक���(5) स6बँ6ध तृत्प रुषा ग6ग�(� ग6ग� क� (�(6) अमिधकरेण तृत्प रुषा नगरे-�स नगरे मा7 -�स

(क) नञ तत्�!रुषा सामा�सा

जि(स समा�स मा7 पहै�� पदी विनषाध�त्माक है0 उस नञ् तृत्प रुषा समा�स कहैतृ है9। (&स-

Page 131: Hindi Vyakaran Bharti

समास्तृ पदी समा�स-वि-ग्रेहै समास्तृ पदी समा�स-वि-ग्रेहैअसभ्य न सभ्य अन6तृ न अ6तृअन�दिदी न आदिदी अस6भी- न स6भी-

(ख) कमा�धा�रया सामा�सा

जि(स समा�स क� उत्तारेपदी प्रध�न है0 औरे प[-"-दी - उत्तारेपदी मा7 वि-शषाण-वि-शष्य अर्थ-� उपमा�न-उपमाय क� स6बँ6ध है0 -है कमा"ध�रेय समा�स कहै��तृ� है&। (&स-समास्तृ पदी समा�स-वि-ग्रेहै

समास्तृ पदी समा�तृ वि-ग्रेहै

चा6द्रमा J चा6द्र (&स� मा J कमा�नयन

कमा� क समा�न नयन

दीहै�तृ� दीहै रूप� �तृ� दीहै�बँड़� दीहै� मा7 ड्[बँ� बँड़�न��कमा� न��� कमा� प�तृ�6बँरे

प��� अ6बँरे (-स्त्र)

सज्जान सतृa (अच्छा�) (न

नरेलिंस�है नरे/ मा7 लिंस�है क समा�न

(र्ग) पिaर्ग! सामा�सा

Page 132: Hindi Vyakaran Bharti

जि(स समा�स क� प[-"पदी स6ख्य�-�चाक वि-शषाण है0 उस विद्वाग समा�स कहैतृ है9। इसस समा[है अर्थ-� समा�है�रे क� बँ0ध है0तृ� है&। (&स-समासaतृ पदी समा�तृ-वि-ग्रेहै

समास्तृ पदी समा�स वि-ग्रेहै

न-ग्रेहै

नH ग्रेहै/ क� मास[है दी0पहैरे दी0 पहैरे/ क�

समा�है�रेवित्र�0क

तृ�न/ �0क/ क� समा�है�रे

चाHमा�स�

चा�रे मा�स/ क� समा[है

न-रे�त्र

नH रे�वित्रय/ क� समा[है

शतृ�बँaदी<

सH अब्दी0 (स��/) क� समा[है

अठेन्न�

आठे आन/ क� समा[है

3. a&a सामा�सा

जि(स समा�स क दी0न/ पदी प्रध�न है0तृ है9 तृर्थ� वि-ग्रेहै करेन परे ‘औरे’, अर्थ-�, ‘य�’, ए-6 �गतृ� है&, -है द्वा6द्वा समा�स कहै��तृ� है&। (&स-

Page 133: Hindi Vyakaran Bharti

समासaतृ पदी समा�स-वि-ग्रेहै

समास्तृ पदी समा�स-वि-ग्रेहै

प�प-प ण्य

प�प औरे प ण्य अन्न-(�

अन्न औरे (�

स�तृ�-रे�मा

स�तृ� औरे रे�मा Jरे�-J0ट�

Jरे� औरे J0ट�

ऊ8 चा-न�चा

ऊ8 चा औरे न�चा रे�ध�-क� ष्ण

रे�ध� औरे क� ष्ण

4. बोहुव्री�पि� सामा�सा

जि(स समा�स क दी0न/ पदी अप्रध�न है/ औरे समास्तृपदी क अर्थ" क अवितृरिरे� क0ई स�6क वितृक अर्थ" प्रध�न है0 उस बँहुव्र�विहै समा�स कहैतृ है9। (&स-समास्तृ पदी समा�स-वि-ग्रेहै

दीश�नन दीश है& आनन (मा J) जि(सक अर्थ�"तृa रे�-ण

Page 134: Hindi Vyakaran Bharti

न��क6 ठे न��� है& क6 ठे जि(सक� अर्थ�"तृa लिश-

स �0चान� स 6दीरे है& �0चान जि(सक अर्थ�"तृa माघन�दी कG पत्न�

प�तृ�6बँरे प�� है& अम्बँरे (-स्त्र) जि(सक अर्थ�"तृa श्रा�क� ष्ण

�6बँ0दीरे �6बँ� है& उदीरे (पट) जि(सक� अर्थ�"तृa गणश(�

दुरे�त्मा� बँ रे� आत्मा� -��� (क0ई दुष्ट)

श्वतृ�6बँरे श्वतृ है& जि(सक अ6बँरे (-स्त्र) अर्थ�"तृa सरेस्-तृ�

सा&लिधा और सामा�सा माU अ&तर

स6मिध -ण` मा7 है0तृ� है&। इसमा7 वि-भीलि� य� शब्दी क� �0प नहैV है0तृ� है&। (&स-दी-+आ�य=दी-��य। समा�स दी0 पदी/ मा7 है0तृ� है&। समा�स है0न परे वि-भीलि� य� शब्दी/ क� �0प भी� है0 (�तृ� है&। (&स-मा�तृ�-विपतृ�=मा�तृ� औरे विपतृ�।कमा"ध�रेय औरे बँहुव्र�विहै समा�स मा7 अ6तृरे- कमा"ध�रेय मा7

Page 135: Hindi Vyakaran Bharti

समास्तृ-पदी क� एक पदी दूसरे क� वि-शषाण है0तृ� है&। इसमा7 शब्दी�र्थ" प्रध�न है0तृ� है&। (&स-न��क6 ठे=न��� क6 ठे। बँहुव्र�विहै मा7 समास्तृ पदी क दी0न/ पदी/ मा7 वि-शषाण-वि-शष्य क� स6बँ6ध नहैV है0तृ� अविपतृ -है समास्तृ पदी है� विकस� अन्य स6ज्ञा�दिदी क� वि-शषाण है0तृ� है&। इसक स�र्थ है� शब्दी�र्थ" गHण है0तृ� है& औरे क0ई भिभीन्न�र्थ" है� प्रध�न है0 (�तृ� है&। (&स-न��+क6 ठे=न��� है& क6 ठे जि(सक� अर्थ�"तृ लिश-।

Page 136: Hindi Vyakaran Bharti

अध्या�या 21

�दी-�रिरचाया

पदी-परिरेचाय- -�क्यगतृ शब्दी/ क रूप औरे उनक� प�रेस्परिरेक स6बँ6ध बँतृ�न मा7 जि(स प्रविक्रय� कG आ-श्यकतृ� पड़तृ� है& -है पदी-परिरेचाय य� शब्दीबँ0ध कहै��तृ� है&।परिरेभी�षा�--�क्यगतृ प्रत्यक पदी (शब्दी) क� व्य�करेण कG दृमिष्ट स प[ण" परिरेचाय दीन� है� पदी-परिरेचाय कहै��तृ� है&।शब्दी आठे प्रक�रे क है0तृ है9-1.स6ज्ञा�- भीदी, लिं��ग, -चान, क�रेक, विक्रय� अर्थ-� अन्य शब्दी/ स स6बँ6ध।2.स-"न�मा- भीदी, प रुषा, लिं��ग, -चान, क�रेक, विक्रय� अर्थ-� अन्य शब्दी/ स स6बँ6ध। विकस स6ज्ञा� क U�न परे आय� है& (यदिदी पतृ� है0)।3.विक्रय�- भीदी, लिं��ग, -चान, प्रय0ग, ध�तृ , क��, -�च्य, कतृ�" औरे कमा" स स6बँ6ध।

Page 137: Hindi Vyakaran Bharti

4.वि-शषाण- भीदी, लिं��ग, -चान औरे वि-शष्य कG वि-शषातृ�।5.विक्रय�-वि-शषाण- भीदी, जि(स विक्रय� कG वि-शषातृ� बँतृ�ई गई है0 उसक बँ�रे मा7 विनदी£श।6.स6बँ6धबँ0धक- भीदी, जि(सस स6बँ6ध है& उसक� विनदी£श।7.समा च्चायबँ0धक- भीदी, अन्विन्-तृ शब्दी, -�क्य�6श य� -�क्य।8.वि-स्माय�दिदीबँ0धक- भीदी अर्थ�"तृ कHन-स� भी�- स्पष्ट करे रेहै� है&।

अध्या�या 22

र्शब्दी-ज्ञा�न

1. �या��याव�चा� र्शब्दी

विकस� शब्दी-वि-शषा क लि�ए प्रय � समा�न�र्थ"क शब्दी/ क0 पय�"य-�चा� शब्दी कहैतृ है9। यद्याविप पय�"य-�चा� शब्दी समा�न�र्थ  है0तृ है9 विकन्तृ भी�- मा7 एक-दूसरे स बिंक�लिचातृ

Page 138: Hindi Vyakaran Bharti

भिभीन्न है0तृ है9।1.अमा�तृ- स ध�, स0मा, प�य[षा, अमिमाय।2.अस रे- रे�क्षास, दी&त्य, दी�न-, विनश�चारे।3.अखिग्न- आग, अन�, प�-क, -मिह्न।4.अश्व- घ0ड़�, हैय, तृ रे6ग, बँ�(�।5.आक�श- गगन, नभी, आसमा�न, व्य0मा, अ6बँरे।6.आ8J- नत्र, दृग, नयन, �0चान।7.इच्छा�- आक�6क्षा�, चा�है, अभिभी��षा�, क�मान�।8.इ6द्र- स रेश, दी-7द्र, दी-रे�(, प रे6दीरे।9.ईश्वरे- प्रभी , परेमाश्वरे, भीग-�न, परेमा�त्मा�।10.कमा�- (�(, प6क(, सरे0(, रे�(�-, अरेवि-न्दी।11.गरेमा�- ग्रे�ष्मा, तृ�प, विनदी�घ, ऊष्मा�।12.ग�है- घरे, विनक तृन, भी-न, आ�य।13.ग6ग�- स रेसरिरे, वित्रपर्थग�, दी-नदी<, (�ह्न-�, भी�ग�रेर्थ�।14.चा6द्र- चा�8दी, चा6द्रमा�, वि-ध , शलिश, रे�क श।15.(�- -�रिरे, प�न�, न�रे, सलि��, तृ0य।16.नदी<- सरिरेतृ�, तृदिटन�, तृरे6विगण�, विनझ"रिरेण�।17.प-न- -�य , समा�रे, है-�, अविन�।

Page 139: Hindi Vyakaran Bharti

18.पत्न�- भी�य�", दी�रे�, अध�"विगन�, -�मा�।19.प त्र- बँट�, स तृ, तृनय, आत्मा(।20.प त्र�-बँट<, स तृ�, तृनय�, आत्मा(�।21.प�थ्-�- धरे�, माहै�, धरेतृ�, -स ध�, भी[मिमा, -स 6धरे�।22.प-"तृ- श&�, नग, भी[धरे, पहै�ड़।23.विबँ(��- चाप��, चा6चा��, दी�मिमान�, सHदी�मान�।24.माघ- बँ�दी�, (�धरे, पय0दी, पय0धरे, घन।25.रे�(�- न�प, न�पवितृ, भी[पवितृ, नरेपवितृ।26.रे(न�- रे�वित्र, विनश�, य�मिमान�, वि-भी�-रे�।27.सप"- स�6प, अविहै, भी (6ग, वि-षाधरे।28.स�गरे- समा द्र, उदीमिध, (�मिध, -�रिरेमिध।29.लिंस�है- शरे, -नरे�(, श�दू"�, मा�गरे�(।30.स[य"- रेवि-, दिदीनकरे, स[रे(, भी�स्करे।31.स्त्र�- ��न�, न�रे�, क�मिमान�, रेमाण�, माविहै��।32.लिशक्षाक- ग रु, अध्य�पक, आचा�य", उप�ध्य�य।33.है�र्थ�- क 6 (रे, ग(, विद्वाप, करे�, हैस्तृ�।

2. अन5क र्शब्दीK क5 लिलीएँ एँक र्शब्दी

1 जि(स दीJकरे ड्रे (भीय) �ग ड्रे�-न�,

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भीय�नक2 (0 स्थिUरे रेहै U�-रे3 ज्ञा�न दीन -��� ज्ञा�नदी�

4भी[तृ--तृ"मा�न-भीवि-ष्य क0 दीJन ((�नन) -��

वित्रक��दीश 

5 (�नन कG इच्छा� रेJन -��� जि(ज्ञा�स 6 जि(स क्षामा� न विकय� (� सक अक्षाम्य7 प6द्रहै दिदीन मा7 एक बँ�रे है0न -��� प�भिक्षाक8 अच्छा चारिरेत्र -��� सच्चारिरेत्र

9 आज्ञा� क� प��न करेन -��� आज्ञा�क�रे�

10 रे0ग� कG लिचाविकत्स� करेन -��� लिचाविकत्सक

11 सत्य बँ0�न -��� सत्य-�दी<12 दूसरे/ परे उपक�रे करेन -��� उपक�रे�13 जि(स कभी� बँ ढ़�प� न आय अ(रे14 दीय� करेन -��� दीय�� 15 जि(सक� आक�रे न है0 विनरे�क�रे

Page 141: Hindi Vyakaran Bharti

16 (0 आ8J/ क स�मान है0 प्रत्यक्षा

17 (है�8 पहु8चा� न (� सक अगमा, अगम्य

18जि(स बँहुतृ कमा ज्ञा�न है0, र्थ0ड़� (�नन -���

अल्पज्ञा

19 मा�स मा7 एक बँ�रे आन -��� मा�लिसक20 जि(सक क0ई स6तृ�न न है0 विनस्स6तृ�न21 (0 कभी� न मारे अमारे22 जि(सक� आचारेण अच्छा� न है0 दुरे�चा�रे�23 जि(सक� क0ई मा[ल्य न है0 अमा[ल्य24 (0 -न मा7 घ[मातृ� है0 -नचारे25 (0 इस �0क स बँ�हैरे कG बँ�तृ है0 अ�Hविकक26 (0 इस �0क कG बँ�तृ है0 �Hविकक27 जि(सक न�चा रेJ� है0 रेJ�6विकतृ28 जि(सक� स6बँ6ध पभिRमा स है0 प�R�त्य29 (0 स्थिUरे रेहै U�-रे30 दुJ�6तृ न�टक त्र�सदी<31 (0 क्षामा� करेन क य0ग्य है0 क्षाम्य

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32 बिंहै�स� करेन -��� बिंहै�सक33 विहैतृ चा�हैन -��� विहैतृ&षा�

34 है�र्थ स लि�J� हुआ हैस्तृलि�खिJतृ

35 सबँ क छो (�नन -��� स-"ज्ञा36 (0 स्-य6 प&दी� हुआ है0 स्-य6भी[37 (0 शरेण मा7 आय� है0 शरेण�गतृ

38 जि(सक� -ण"न न विकय� (� सक -ण"न�तृ�तृ

39 फा�-फा[ � J�न -��� श�क�है�रे�40 जि(सकG पत्न� मारे गई है0 वि-ध रे41 जि(सक� पवितृ मारे गय� है0 वि-ध-�42 सHतृ�� मा�8 वि-मा�तृ�43 व्य�करेण (�नन-��� -&य�करेण44 रेचान� करेन -��� रेचामियतृ�45 J[न स रे8ग� हुआ रे�रे6जि(तृ46 अत्य6तृ स न्दीरे स्त्र� रूपस�47 कGर्तितृ�मा�न प रुषा यशस्-�

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48 कमा Jचा" करेन -��� मिमातृव्यय�49 माछो�� कG तृरेहै आ8J/ -��� मा�न�क्षा�50 माय[रे कG तृरेहै आ8J/ -��� माय[रे�क्षा�

51 बँच्चा/ क लि�ए क�मा कG -स्तृ बँ��0पय0ग�

52 जि(सकG बँहुतृ अमिधक चाचा�" है0 बँहुचार्थिचा�तृ

53 जि(स स्त्र� क कभी� स6तृ�न न हुई है0-6ध्य� (बँ�8झ)

54 फा न स भीरे� हुआ फा विन�55 विप्रय बँ0�न -��� स्त्र� विप्रय6-दी�56 जि(सकG उपमा� न है0 विनरुपमा57 (0 र्थ0ड़� दीरे पहै� प&दी� हुआ है0 न-(�तृ58 जि(सक� क0ई आध�रे न है0 विनरे�ध�रे59 नगरे मा7 -�स करेन -��� न�गरिरेक60 रे�तृ मा7 घ[मान -��� विनश�चारे61 ईश्वरे परे वि-श्व�स न रेJन -��� न�ल्किस्तृक62 मा�6स न J�न -��� विनरे�मिमाषा63 विबँ�क � बँरेबँ�दी है0 गय� है0 ध्-स्तृ

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64 जि(सकG धमा" मा7 विनष्ठ� है0 धमा"विनष्ठ65 दीJन य0ग्य दीश"न�य66 बँहुतृ तृ( चा�न -��� द्रुतृग�मा�67 (0 विकस� पक्षा मा7 न है0 तृटU68 तृत्त्त्ता- क0 (�नन -��� तृत्त्त्ता-ज्ञा69 तृप करेन -��� तृपस्-�70 (0 (न्मा स अ6ध� है0 (न्मा�6ध71 जि(सन इ6दिद्रय/ क0 (�तृ लि�य� है0 जि(तृ7दिद्रय72 लिंचा�तृ� मा7 ड्[बँ� हुआ लिंचा�वितृतृ73 (0 बँहुतृ समाय करे ठेहैरे लिचारेU�य�74 जि(सकG चा�रे भी (�ए8 है/ चातृ भी "(75 है�र्थ मा7 चाक्र ध�रेण करेन-��� चाक्रप�भिण76 जि(सस घ�ण� कG (�ए घ�भिणतृ77 जि(स ग प्तृ रेJ� (�ए ग0पन�य78 गभिणतृ क� ज्ञा�तृ� गभिणतृज्ञा79 आक�श क0 चा[मान -��� गगनचा 6बँ�80 (0 ट कड़-ट कड़ है0 गय� है0 J6विड्तृ81 आक�श मा7 उड़न -��� नभीचारे

Page 145: Hindi Vyakaran Bharti

8

82 तृ( बँ जिद्ध-��� क श�ग्रेबँ जिद्ध

83 कल्पन� स परे है0 कल्पन�तृ�तृ

84 (0 उपक�रे मा�नतृ� है& क� तृज्ञा85 विकस� कG है8स� उड़�न� उपहै�स86 ऊपरे कहै� हुआ उपय "�

87 ऊपरे लि�J� गय� उपरिरेलि�खिJतृ

88 जि(स परे उपक�रे विकय� गय� है0 उपक� तृ

89 इवितृहै�स क� ज्ञा�तृ� अवितृहै�सज्ञा

90 आ�0चान� करेन -��� आ�0चाक91 ईश्वरे मा7 आU� रेJन -��� आल्किस्तृक92 विबँन� -तृन क� अ-&तृविनक

93 (0 कहै� न (� सक अकर्थन�य

Page 146: Hindi Vyakaran Bharti

94 (0 विगन� न (� सक अगभिणतृ

95 जि(सक� क0ई शत्र है� न (न्मा� है0 अ(�तृशत्र

96 जि(सक समा�न क0ई दूसरे� न है0 अविद्वातृ�य97 (0 परिरेलिचातृ न है0 अपरिरेलिचातृ98 जि(सकG क0ई उपमा� न है0 अन पमा

3. पिव�र�त�र्थ�क (पिवली�मा र्शब्दी)

शब्दी वि-�0मा शब्दी वि-�0मा शब्दी वि-�0मा

अर्थ इवितृ आवि-भी�"-

वितृरे0भी�-

आकषा"ण

वि-कषा"ण

आमिमाषा

विनरे�मिमाषा अभिभीज्ञा अनभिभी

ज्ञाआ(�दी< ग ��मा�

अन क[� प्रवितृक[ � आद्र" श ष्क अन रे�ग वि-रे�ग

आहै�रे विनरे�है�रे अल्प अमिधक अविन-�य"

-&कस्थिल्पक

अमा�तृ वि-षा अगमा स गमा अभिभीमा� नम्रातृ�

Page 147: Hindi Vyakaran Bharti

नआक�श प�तृ�� आश� विनरे�श� अर्थ" अनर्थ"

अल्प�य दी<घ�"य अन ग्रेहै वि-ग्रेहै अपमा�

न सम्मा�न

आभिश्रातृ

विनरे�भिश्रातृ अ6धक�रे प्रक�श अन ( अग्रे(

अरुलिचा रुलिचा आदिदी अ6तृ आदी�न प्रदी�न

आरे6भी अ6तृ आय व्यय अ-�"चा�न प्र�चा�न

अ-नवितृ उन्नवितृ कट माध रे अ-न� अ6बँरे

विक्रय� प्रवितृविक्रय� क� तृज्ञा क� तृघ्न आदीरे अन�दीरे

कड़-� मा�ठे� आ�0क अ6धक�रे क्र द्ध श�न्तृ

उदीय अस्तृ क्रय वि-क्रय आय�तृ विनय�"तृकमा" विनष्कमा" अन प उपस्थिU खिJ�न� मा रेझ�

Page 148: Hindi Vyakaran Bharti

स्थिUतृ तृ न�आ�सaय स्फू[ र्तितृ� J श� दुJ,

गमाआय" अन�य"

गहैरे� उर्थ�� अवितृ-�मिष्ट अन�-�मिष्ट ग रु �घ

आदिदी अन�दिदी (�-न मारेण इच्छा� अविनच्छा�

ग ण दी0षा इष्ट अविनष्ट गरे�बँ अमा�रेइस्थिच्छातृ

अविनस्थिच्छातृ घरे बँ�हैरे इहै�0

क परे�0क

चारे अचारे उपक�रे अपक�रे छो[ तृ अछो[ तृ

उदी�रे अन दी�रे (� र्थ� उत्ता�ण" अन त्ता�ण"

(ड़ चातृन उध�रे नकदी (�-न मारेणउत्था�नपतृन (6गमा U�-रे उत्कषा" अपकषा"उत्तारे दीभिक्षाण (दिट� सरेस ग प्तृ प्रकटएक अनक तृ च्छा माहै�न ऐस� -&स�

Page 149: Hindi Vyakaran Bharti

दिदीन रे�तृ दी- दी�न- दुरे�चा�रे�

सदी�चा�रे�

मा�न-तृ� दी�न-तृ� धमा" अधमा" माहै�त्मा� दुरे�त्मा�

ध�रे अध�रे मा�न अपमा�न ध[प छो�8-

मिमात्र शत्र न[तृन प रे�तृन माध रे कट नक�� अस�� मिमाथ्य� सत्य विनमा�"ण वि-न�शमाHखिJक लि�खिJतृ आल्किस्तृक न�ल्किस्तृ

क मा0क्षा बँ6धन

विनकट दूरे रेक्षाक भीक्षाक बिंन�दी� स्तृ वितृपवितृव्रतृ� क �ट� रे�(� रे6क प�प प ण्य

रे�ग द्वाषा प्र�य स�मिष्ट रे�वित्र दिदी-सपवि-त्र अपवि-त्र ��भी है�विन वि-ध-� सध-�प्रमा घ�ण� वि-(य परे�(य प्रश्न उत्तारेप[ण" अप[ण" -स6तृ पतृझरे परेतृ6त्र स्-तृ6त्रवि-रे0ध समार्थ"न बँ�ढ़ स[J� श[रे क�यरे

Page 150: Hindi Vyakaran Bharti

बँ6धन मा लि� शयन (�गरेण बँ रे�ई भी��ई

श�तृ उष्ण भी�- अभी�- स्-ग" नरेक

मा6ग� अमा6ग� सHभी�ग्य दुभी�"ग्य स्-�क� तृ अस्-�क�तृ

श क्� क� ष्ण विहैतृ अविहैतृ स�क्षारे विनरेक्षारेस्-दीश वि-दीश हैषा" श0क बिंहै�स� अबिंहै�स�स्-�ध�न परे�ध�न क्षाभिणक श�श्वतृ स�ध अस�ध

ज्ञा�न अज्ञा�न स (न दु("न श भी अश भीस प त्र क प त्र स मावितृ क मावितृ सरेस न�रेस

सचा झ[ठे स�क�रे विनरे�क�रे श्रामा वि-श्रा�मा

स्तृ वितृ बिंन�दी� वि-श द्ध दूविषातृ स(�- विन( -वि-षामा समा स रे अस रे वि-द्वा�न मा[J"

4. एँक�र्थ�क प्रत�त ��न5 व�ली5 र्शब्दी

Page 151: Hindi Vyakaran Bharti

1. अस्त्र- (0 हैलिर्थय�रे है�र्थ स फा7 ककरे चा��य� (�ए। (&स-बँ�ण।शस्त्र- (0 हैलिर्थय�रे है�र्थ मा7 पकड़-पकड़ चा��य� (�ए। (&स-क� प�ण।2. अ�Hविकक- (0 इस (गतृ मा7 कदिठेन�ई स प्र�प्तृ है0। �0क0त्तारे।अस्-�भी�वि-क- (0 मा�न- स्-भी�- क वि-परे�तृ है0।अस�ध�रेण- स�6स�रिरेक है0करे भी� अमिधकतृ� स न मिमा�। वि-शषा।3. अमा[ल्य- (0 चा�( मा[ल्य दीकरे भी� प्र�प्तृ न है0 सक ।बँहुमा[ल्य- जि(स चा�( क� बँहुतृ मा[ल्य दीन� पड़�।4. आन6दी- J श� क� U�य� औरे ग6भी�रे भी�-।आह्ला�दी- क्षाभिणक ए-6 तृ�व्र आन6दी।उल्��स- स J-प्र�न्विप्तृ कG अल्पक�लि�क विक्रय�, उमा6ग।प्रसन्नतृ�-स�ध�रेण आन6दी क� भी�-।5. ईष्य�"- दूसरे कG उन्नवितृ क0 सहैन न करे सकन�।ड्�है-ईष्य�"य � (�न।द्वाषा- शत्र तृ� क� भी�-।स्पध�"- दूसरे/ कG उन्नवितृ दीJकरे स्-य6 उन्नवितृ करेन क�

Page 152: Hindi Vyakaran Bharti

प्रय�स करेन�।6. अपरे�ध- स�मा�जि(क ए-6 सरेक�रे� क�न[न क� उल्�6घन।प�प- न&वितृक ए-6 ध�र्मिमा�क विनयमा/ क0 तृ0ड़न�।7. अन नय-विकस� बँ�तृ परे सहैमातृ है0न कG प्र�र्थ"न�।वि-नय- अन श�सन ए-6 लिशष्टतृ�प[ण" विन-दीन।आ-दीन-य0ग्यतृ�न स�रे विकस� पदी क लि�ए कर्थन द्वा�रे� प्रस्तृ तृ है0न�।प्र�र्थ"न�- विकस� क�य"-लिसजिद्ध क लि�ए वि-नम्रातृ�प[ण" कर्थन।8. आज्ञा�-बँड़/ क� छो0ट/ क0 क छो करेन क लि�ए आदीश।अन मावितृ-प्र�र्थ"न� करेन परे बँड़/ द्वा�रे� दी< गई सहैमावितृ।9. इच्छा�- विकस� -स्तृ क0 चा�हैन�।उत्क6 ठे�- प्रतृ�क्षा�य � प्र�न्विप्तृ कG तृ�व्र इच्छा�।आश�-प्र�न्विप्तृ कG स6भी�-न� क स�र्थ इच्छा� क� समान्-य।स्प�है�-उत्क� ष्ट इच्छा�।10. स 6दीरे- आकषा"क -स्तृ ।चा�रु- पवि-त्र औरे स 6दीरे -स्तृ ।

Page 153: Hindi Vyakaran Bharti

रुलिचारे-स रुलिचा (�ग्रेतृ करेन -��� स 6दीरे -स्तृ ।मान0हैरे- मान क0 � भी�न -��� -स्तृ ।11. मिमात्र- समा-यस्क, (0 अपन प्रवितृ प्य�रे रेJतृ� है0।सJ�-स�र्थ रेहैन -��� समा-यस्क।सग�-आत्मा�यतृ� रेJन -���।स हृदीय-स 6दीरे हृदीय -���, जि(सक� व्य-है�रे अच्छा� है0।12. अ6तृ\करेण- मान, लिचात्ता, बँ जिद्ध, औरे अहै6क�रे कG समामिष्ट।लिचात्ता- स्मा�वितृ, वि-स्मा�वितृ, स्-प्न आदिदी ग णध�रे� लिचात्ता।मान- स J-दुJ कG अन भी[वितृ करेन -���।13. माविहै��- क ��न घरे�न कG स्त्र�।पत्न�- अपन� वि--�विहैतृ स्त्र�।स्त्र�- न�रे� (�वितृ कG बँ0धक।14. नमास्तृ- समा�न अ-U� -��0 क0 अभिभी-�दीन।नमास्क�रे- समा�न अ-U� -��/ क0 अभिभी-�दीन।प्रण�मा- अपन स बँड़/ क0 अभिभी-�दीन।अभिभी-�दीन- सम्मा�नन�य व्यलि� क0 है�र्थ (0ड़न�।15. अन (- छो0ट� भी�ई।अग्रे(- बँड़� भी�ई।

Page 154: Hindi Vyakaran Bharti

भी�ई- छो0ट-बँड़ दी0न/ क लि�ए।16. स्-�गतृ- विकस� क आगमान परे सम्मा�न।अभिभीन6दीन- अपन स बँड़/ क� वि-मिध-तृ सम्मा�न।17. अहै6क�रे- अपन ग ण/ परे घमा6ड् करेन�।अभिभीमा�न- अपन क0 बँड़� औरे दूसरे क0 छो0ट� समाझन�।दी6भी- अय0ग्य है0तृ हुए भी� अभिभीमा�न करेन�।18. मा6त्रण�- ग0पन�य रूप स परे�माश" करेन�।परे�माश"- प[ण"तृय� विकस� वि-षाय परे वि-चा�रे-वि-माश" करे मातृ प्रकट करेन�।

5.सामा�च्चारिरत र्शब्दी

1. अन�=आग अविन�=है-�, -�य 2. उपक�रे=भी��ई, भी�� करेन�अपक�रे=बँ रे�ई, बँ रे� करेन�3. अन्न=अन�( अन्य=दूसरे�4. अण =कण अन =पR�तृ

Page 155: Hindi Vyakaran Bharti

5. ओरे=तृरेफाऔरे=तृर्थ�6. अलिसतृ=क��� अलिशतृ=J�य� हुआ 7. अपक्षा�=तृ �न� मा7 उपक्षा�=विनरे�दीरे, ��परे-�है� 8. क�=स 6दीरे, प रे(�क��=समाय9. अ6दीरे=भी�तृरे अ6तृरे=भीदी 10. अ6क=ग0दी अ6ग=दीहै क� भी�ग 11. क �=-6शक[ �=विकन�रे�12. अश्व=घ0ड़� अश्मा=पत्थारे 13. अलि�=भ्रमारेआ��=सJ� 14. क� मिमा=कGट

Page 156: Hindi Vyakaran Bharti

क� विषा=Jतृ�15. अपचा�रे=अपरे�ध उपचा�रे=इ��( 16. अन्य�य=ग&रे-इ6स�फाG अन्य�न्य=दूसरे-दूसरे 17. क� वितृ=रेचान�क� तृ�=विनप ण, परिरेश्रामा�18. आमारेण=मा�त्य पयÁतृ आभीरेण=गहैन� 19. अ-स�न=अ6तृ आस�न=सरे� 20. कलि�=कलि�य ग, झगड़�क��=अधखिJ�� फा[ �21. इतृरे=दूसरे� इत्र=स ग6मिधतृ द्रव्य 22. क्रमा=लिस�लिस�� कमा"=क�मा 23. परुषा=कठे0रेप रुषा=आदीमा�24. क ट=घरे,विक�� क[ ट=प-"तृ

Page 157: Hindi Vyakaran Bharti

25. क चा=स्तृन क[ चा=प्रU�न 26. प्रस�दी=क� प�प्र�स�दी�=माहै�27. क (न=दु("न क[ (न=पभिक्षाय/ क� क�रे- 28. गतृ=बँ�तृ� हुआ गवितृ=चा�� 29. प�न�=(�प�भिण=है�र्थ30. ग रे=उप�य ग रु=लिशक्षाक, भी�रे� 31. ग्रेहै=स[य",चा6द्र ग�है=घरे 32. प्रक�रे=तृरेहैप्र�क�रे=विक��, घरे�33. चारेण=प&रे चा�रेण=भी�ट 34. लिचारे=प रे�न�चा�रे=-स्त्र

Page 158: Hindi Vyakaran Bharti

35. फान=स�8प क� फानफ़न=क��36. छोत्र=छो�य� क्षात्र=क्षावित्रय,शलि� 37. ढ्<ठे=दुष्ट,जि(द्दे<ड्�ठे=दृमिष्ट 38. बँदीन=दीहै-दीन=मा J39. तृरेभिण=स[य" तृरेण�=नHक� 40. तृरे6ग=�हैरे तृ रे6ग=घ0ड़� 41. भी-न=घरेभी -न=स6स�रे42. तृप्तृ=गरेमा तृ�प्तृ=स6तृ ष्ट 43. दिदीन=दिदी-स दी<न=दीरिरेद्र 44. भी�वितृ=भीय

Page 159: Hindi Vyakaran Bharti

भिभीभित्ता=दी<-�रे45. दीश�=है��तृ दिदीश�=तृरेफ़ 46. द्र-=तृरे� पदी�रेअर्थ द्रव्य=धन 47. भी�षाण=व्य�ख्य�नभी�षाण=भीय6करे48. धरे�=प�थ्-� ध�रे�=प्र-�है 49. नय=न�वितृ न-=नय� 50. विन-�"ण=मा0क्षा विनमा�"ण=बँन�न� 51. विन("रे=दी-तृ� विनझ"रे=झरेन� 52. मातृ=रे�यमावितृ=बँ जिद्ध53. नक=अच्छा� नक =तृविनक 54. पर्थ=रे�है

Page 160: Hindi Vyakaran Bharti

पथ्य=रे0ग� क� आहै�रे 55. मादी=मास्तृ�माद्या=मादिदीरे�56. परिरेण�मा=फा� परिरेमा�ण=-(न 57. माभिण=रेत्न फाण�=सप" 58. मालि�न=मा&��म्��न=मा रेझ�य� हुआ59. मा�तृ�=मा�तृ�मा�त्र=क -� 60. रे�वितृ=तृरे�क� रे�तृ�=J��� 61. रे�(=श�सनरे�(=रेहैस्य62. �लि�तृ=स 6दीरे �लि�तृ�=ग0प� 63. �क्ष्य=उद्देश्य �क्षा=��J

Page 161: Hindi Vyakaran Bharti

64. -क्षा=छो�तृ�-�क्षा=पड़65. -सन=-स्त्र व्यसन=नश�, आदीतृ 66. -�सन�=क स्थित्सतृ वि-चा�रे बँ�स=ग6ध 67. -स्तृ =चा�(-�स्तृ =माक�न68. वि-(न=स नस�न व्य(न=प6J� 69. श6करे=लिश- स6करे=मिमाभिश्रातृ 70. विहैय=हृदीयहैय=घ0ड़�71. शरे=बँ�ण सरे=तृ���बँ 72. शमा=स6यमा समा=बँरे�बँरे 73. चाक्र-�क=चाक-�

Page 162: Hindi Vyakaran Bharti

चाक्र-�तृ=बँ-6ड्रे74. श[रे=-�रे स[रे=अ6ध� 75. स मिध=स्मारेण स ध�=बँ जिद्धमा�न 76. अभीदी=अ6तृरे नहैVअभीद्या=न ट[टन य0ग्य77. स6घ=समा दी�य स6ग=स�र्थ 78. सग"=अध्य�य स्-ग"=एक �0क 79. प्रणय=प्रमापरिरेणय=वि--�है80. समार्थ"=सक्षामा स�माथ्य"=शलि� 81. कदिटबँ6ध=कमारेबँ6धकदिटबँद्ध=तृ&य�रे 82. क्र�6वितृ=वि-द्र0हैक्��6वितृ=र्थक�-ट

Page 163: Hindi Vyakaran Bharti

83. इ6दिदीरे�=�क्ष्मा� इ6द्र�=इ6द्र�ण�

6. अन5क�र्थ�क र्शब्दी

1. अक्षारे= नष्ट न है0न -���, -ण", ईश्वरे, लिश-।2. अर्थ"= धन, ऐश्वय", प्रय0(न, हैतृ ।3. आरे�मा= बँ�ग, वि-श्रा�मा, रे0ग क� दूरे है0न�।4. करे= है�र्थ, विकरेण, ट&क्स, है�र्थ� कG स[8ड़।5. क��= समाय, मा�त्य , यमारे�(।6. क�मा= क�य", पश�, ध6ध�, -�सन�, क�मादी-।7. ग ण= कHश�, श��, रेस्स�, स्-भी�-, धन षा कG ड्0रे�।8. घन= बँ�दी�, भी�रे�, हैर्थHड़�, घन�।9. (�(= कमा�, मा0तृ�, माछो��, चा6द्रमा�, श6J।10. तृ�तृ= विपतृ�, भी�ई, बँड़�, प[ज्य, प्य�रे�, मिमात्र।11. दी�= समा[है, सन�, पत्ता�, विहैस्स�, पक्षा, भी�ग, लिचाड़�।12. नग= प-"तृ, -�क्षा, नग�न�।13. पय0धरे= बँ�दी�, स्तृन, प-"तृ, गन्न�।14. फा�= ��भी, मा-�, नतृ�(�, भी�� कG न0क।

Page 164: Hindi Vyakaran Bharti

15. बँ��= बँ��क, क श, बँ���, दी�नय � ड्6ठे�।16. माध = शहैदी, मादिदीरे�, चा&तृ मा�स, एक दी&त्य, -स6तृ।17. रे�ग= प्रमा, ��� रे6ग, स6ग�तृ कG ध्-विन।18. रे�लिश= समा[है, माषा, कक" , -�भिRक आदिदी रे�लिशय�8।19. �क्ष्य= विनश�न, उद्देश्य।20. -ण"= अक्षारे, रे6ग, ब्रा�ह्मण आदिदी (�वितृय�8।21. स�रे6ग= मा0रे, सप", माघ, विहैरेन, पप�है�, रे�(है6स, है�र्थ�, क0य�, क�मादी-, लिंस�है, धन षा भी�रे�, माध माक्J�, कमा�।22. सरे= अमा�तृ, दूध, प�न�, ग6ग�, माध , प�थ्-�, तृ���बँ।23. क्षात्र= दीहै, Jतृ, तृ�र्थ", सदी�व्रतृ बँ�8टन क� U�न।24. लिश-= भी�ग्यश���, माहै�दी-, श्रा�ग��, दी-, मा6ग�।25. हैरिरे= है�र्थ�, वि-ष्ण , इ6द्र, पहै�ड़, लिंस�है, घ0ड़�, सप", -�नरे, माढ्क, यमारे�(, ब्राह्म�, लिश-, क0य�, विकरेण, है6स।

7. �र्श!-�द्धिcयाK कA बो�लिलीया�%

Page 165: Hindi Vyakaran Bharti

पश बँ0�� पश बँ0�� पश बँ0��

ऊ8 ट बँ�बँ��न� क0य� क[ कन� ग�य रे8भी�न�

लिचाविड़य� चाहैचाहै�न� भी9स

ड्करे�न� (रे8भी�न�)

बँकरे�

मिमामिमाय�न�

मा0रे क हैकन� घ0ड़� विहैनविहैन�न� तृ0तृ� ट9-ट9

करेन�

है�र्थ� लिचाघ�ड़न� कHआ

क�8--क�8- करेन�

स�8प फा फाक�रेन�

शरे दीहै�ड़न� स�रेस क्र7 -क्र7 करेन�

दिटटहैरे� टÃ-टÃ करेन�

क त्ता� भी�कन� माकaJ�

भिभीनभिभीन�न�

8. क! छ जड़ �दी�र्थ4 कA पिवर्श5षा ध्वपिनया�% या� पिGया�एँ%

जि(ह्वा� �प�प�न� दी�8तृ विकटविकट�न�हृदीय धड़कन� प&रे पटकन�

Page 166: Hindi Vyakaran Bharti

अश्रा छो�छो��न� घड़� दिटक-दिटक करेन�

प6J फाड़फाड़�न� तृ�रे (गमाग�न�नHक� ड्गमाग�न� माघ गरे(न�

9. क! छ सा�मा�न्या अर्श!द्धि_या�%

अश द्ध श द्ध अश द्ध श द्ध अश द्ध श द्ध अश

द्ध श द्ध

अग�मा�

आग�मा�

लि�J�य�

लि�J�ई

सप्तृ�विहैक

स�प्तृ�विहैक

अ�0विकक

अ�Hविकक

स6स�रिरेक

स�6स�रिरेक क्य[8 क्य/ आध�न अध�न हैस्तृ�

क्षापहैस्तृक्षाप

व्य0है�रे

व्य-है�रे बँरे�तृ बँ�रे�

तृउपन्य�लिसक

औपनaय�लिसक

क्षात्र�य क्षावित्रय

दुविनय�6 दुविनय� वितृर्थ� वितृलिर्थ क���दी�स

क�लि�दी�स प[रेतृ� प[र्तितृ�

अवितृ अवितृलिर्थ न�तृ� न�वितृ ग�हैण� ग�विहैण� परिरे परिरे

Page 167: Hindi Vyakaran Bharti

र्थ� स्थिUतृ स्थिUवितृआर्थिश�-�दी

आश�-�"दी

विनरिरेक्षाण

विनरे�क्षाण विबँमा�रे� बँ�मा�रे� पस्त्रित्न पत्न�

शतृ�खिब्दी

शतृ�बँaदी<

�ड़�य�

�ड़�ई U�ई U�य� श्रा�मा

वितृश्रा�मातृ�

स�मिमाग्रे� स�माग्रे� -�विप

स-�पस

प्रदीर्थिश�न� प्रदीश"न� ऊत्था�

नउत्था�न

दुसरे� दूसरे� स�ध[ स�ध रेण[ रेण न प रे न[प रेअन दिदीतृ

अन[दिदीतृ (�दु (�दू बँ�( ब्रा( प्रर्थक प�र्थक

इवितृहै�लिसक

ऐवितृहै�लिसक

दी�इतृa-

दी�मियतृa- सविनक स&विनक स&न� सन�

घबँड़�न�

घबँरे�न� श्रा�प श�प बँनस्प

वितृ-नस्पवितृ बँन -न

वि-न� विबँन� बँस6तृ -स6तृ अमा�-श्य�

अमा�-सaय� प्रश�दी प्रस�दी

है6लिसय�है8लिसय� ग6-�रे ग8-�रे अस0क अश0क विनस्-�र्थ"

विन\सa-�र्थ"

Page 168: Hindi Vyakaran Bharti

दुस्करे दुष्करे मा ल्य-�न

मा[ल्य-�न

लिसरे�मा�न श्रा�मा�न माहै�

अन माहै�न

न-माa न-मा क्षा�त्र छो�त्र छोमा� क्षामा� आदी"श

आदीश"

षाष्टमाa षाष्ठ प्र6तृ परे6तृ प्र�क्षा� परे�क्षा� मारेय�दी�

माय�"दी�

दुदीश�" दुदी"श� कवि-त्र�

क-मियत्र�

प्रमा�तृaमा�

परेमा�तृaमा� घविनष्ट घविनष्ठ

रे�(भिभीषाक

रे�ज्य�भिभीषाक

विपय�स प्य�स वि-तृ�तृ व्यतृ�तृ क� प्य� क� प�

व्यलि�क

-&यलि�क

मा�6लिसक

मा�नलिसक

समा-�दी स6-�दी स6पवितृस6प

भित्ता

वि-षाश वि-शषा श�शन

श�सन दु\J दुJ मा[�तृ

य\ मा[�तृ\

विपओ विपय0 हुय हुए ��य लि�ए सहै�स स�हैस

रे�मा�यन

रे�मा�यण चारेन चारेण रेनभी[

मिमा रेणभी[मिमा रेस�यण

रेस�यन

प्र�न प्र�ण मारेन मारेण कल्य� कल्य� पड्तृ� पड़तृ�

Page 169: Hindi Vyakaran Bharti

न णढ़रे ढ्रे झ�ड्[ झ�ड़ू मा7ढ़क माढ्क श्राष्ट श्राष्ठषाष्ट� षाष्ठ� विनष्ट� विनष्ठ� स�मिष्ठ स�मिष्ट इष्ठ इष्ट

स्-�U स्-�स्थ्यप�6ड् प�6ड्य स्-तृ6त्र� स्-तृ6त्र

तृ�उप�क्षा

उप�क्ष्य

माहैत्- माहैत्त्त्- उज्-� उज्जा-� व्यस्क -यस्क

अध्या�या 23

पिवर�मा-लिचाह्न

वि-रे�मा-लिचाह्न- ‘वि-रे�मा’ शब्दी क� अर्थ" है& ‘रुकन�’। (बँ हैमा अपन भी�-/ क0 भी�षा� क द्वा�रे� व्य� करेतृ है9 तृबँ एक भी�- कG अभिभीव्यलि� क बँ�दी क छो दीरे रुकतृ है9, यहै रुकन� है� वि-रे�मा कहै��तृ� है&।इस वि-रे�मा क0 प्रकट करेन हैतृ जि(न क छो लिचाह्न/ क� प्रय0ग विकय� (�तृ� है&, वि-रे�मा-लिचाह्न कहै��तृ है9। - इस प्रक�रे है9-1. अल्प वि-रे�मा (,)- पढ़तृ अर्थ-� बँ0�तृ समाय बँहुतृ र्थ0ड़� रुकन क लि�ए अल्प वि-रे�मा-लिचाह्न क� प्रय0ग विकय�

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(�तृ� है&। (&स-स�तृ�, ग�तृ� औरे �क्ष्मा�। यहै स 6दीरे U�, (0 आप दीJ रेहै है9, बँ�प[ कG समा�मिध है&। है�विन-��भी, (�-न-मारेण, यश-अपयश वि-मिध है�र्थ।2. अध" वि-रे�मा (;)- (है�8 अल्प वि-रे�मा कG अपक्षा� क छो ज्य�दी� दीरे तृक रुकन� है0 -है�8 इस अध"-वि-रे�मा लिचाह्न क� प्रय0ग विकय� (�तृ� है&। (&स-स[यÅदीय है0 गय�; अ6धक�रे न (�न कहै�8 � प्तृ है0 गय�।3. प[ण" वि-रे�मा (।)- (है�8 -�क्य प[ण" है0तृ� है& -है�8 प[ण" वि-रे�मा-लिचाह्न क� प्रय0ग विकय� (�तृ� है&। (&स-मा0हैन प स्तृक पढ़ रेहै� है&। -है फा[ � तृ0ड़तृ� है&।4. वि-स्माय�दिदीबँ0धक लिचाह्न (!)- वि-स्माय, हैषा", श0क, घ�ण� आदिदी भी�-/ क0 दीश�"न -�� शब्दी क बँ�दी अर्थ-� कभी�-कभी� ऐस -�क्य�6श य� -�क्य क अ6तृ मा7 भी� वि-स्माय�दिदीबँ0धक लिचाह्न क� प्रय0ग विकय� (�तृ� है&। (&स- है�य ! -है बँचा�रे� मा�रे� गय�। -है तृ0 अत्य6तृ स श�� र्थ� ! बँड़� अफ़स0स है& !5. प्रश्न-�चाक लिचाह्न (?)- प्रश्न-�चाक -�क्य/ क अ6तृ मा7 प्रश्न-�चाक लिचाह्न क� प्रय0ग विकय� (�तृ� है&। (&स-विकधरे चा� ? तृ मा कहै�8 रेहैतृ है0 ?

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6. क0ष्ठक ()- इसक� प्रय0ग पदी (शब्दी) क� अर्थ" प्रकट करेन हैतृ , क्रमा-बँ0ध औरे न�टक य� एक�6कG मा7 अभिभीनय क भी�-/ क0 व्य� करेन क लि�ए विकय� (�तृ� है&। (&स-विनरे6तृरे (�ग�तृ�रे) व्य�य�मा करेतृ रेहैन स दीहै (शरे�रे) स्-U रेहैतृ� है&। वि-श्व क माहै�न रे�ष्ट्र/ मा7 (1) अमारिरेक�, (2) रूस, (3) चा�न, (4) विब्राटन आदिदी है9।न�-(खिJन्न है0करे) ओरे मारे दुभी�"ग्य ! तृ[न दीमाय6तृ� क0 मारे स�र्थ बँ�8धकरे उस भी� (�-न-भीरे कष्ट दिदीय�।7. विनदी£शक लिचाह्न (-)- इसक� प्रय0ग वि-षाय-वि-भी�ग स6बँ6ध� प्रत्यक श�षा"क क आग, -�क्य/, -�क्य�6श/ अर्थ-� पदी/ क माध्य वि-चा�रे अर्थ-� भी�- क0 वि-लिशष्ट रूप स व्य� करेन हैतृ , उदी�हैरेण अर्थ-� (&स क बँ�दी, उद्धरेण क अ6तृ मा7, �Jक क न�मा क प[-" औरे कर्थ0पकर्थन मा7 न�मा क आग विकय� (�तृ� है&। (&स-समास्तृ (�--(6तृ -घ0ड़�, ऊ8 ट, बँ&�, क0य�, लिचाविड़य� सभी� व्य�क � र्थ। तृ मा स0 रेहै है0- अच्छा�, स0ओ।द्वा�रेप��-भीग-न ! एक दुबँ��-पतृ�� ब्रा�ह्मण द्वा�रे परे Jड़� है&।8. उद्धरेण लिचाह्न (‘‘ ’’)- (बँ विकस� अन्य कG उलि�

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क0 विबँन� विकस� परिरे-तृ"न क ज्य/-क�-त्य/ रेJ� (�तृ� है&, तृबँ -है�8 इस लिचाह्न क� प्रय0ग विकय� (�तृ� है&। इसक प[-" अल्प वि-रे�मा-लिचाह्न �गतृ� है&। (&स-नतृ�(� न कहै� र्थ�, ‘‘तृ मा हैमा7 J[न दी0, हैमा तृ म्है7 आ(�दी< दी7ग।’’, ‘‘ ‘रे�माचारिरेतृ मा�नस’ तृ �स� क� अमारे क�व्य ग्रे6र्थ है&।’’9. आदीश लिचाह्न (:- )- विकस� वि-षाय क0 क्रमा स लि�Jन� है0 तृ0 वि-षाय-क्रमा व्य� करेन स प[-" इसक� प्रय0ग विकय� (�तृ� है&। (&स-स-"न�मा क प्रमा J प�8चा भीदी है9 :-(1) प रुषा-�चाक, (2) विनRय-�चाक, (3) अविनRय-�चाक, (4) स6बँ6ध-�चाक, (5) प्रश्न-�चाक।10. य0(क लिचाह्न (-)- समास्तृ विकए हुए शब्दी/ मा7 जि(स लिचाह्न क� प्रय0ग विकय� (�तृ� है&, -है य0(क लिचाह्न कहै��तृ� है&। (&स-मा�तृ�-विपतृ�, दी��-भी�तृ, स J-दुJ, प�प-प ण्य।11. ��घ- लिचाह्न (.)- विकस� बँड़ शब्दी क0 स6क्षाप मा7 लि�Jन क लि�ए उस शब्दी क� प्रर्थमा अक्षारे लि�Jकरे उसक आग श[न्य �ग� दीतृ है9। (&स-प6विड्तृ=प6., ड्�क्टरे=ड्�., प्र0फा सरे=प्र0.।

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अध्या�या 24

व�क्या-प्रकरण

-�क्य- एक वि-चा�रे क0 प[ण"तृ� स प्रकट करेन -��� शब्दी-समा[है -�क्य कहै��तृ� है&। (&स- 1. श्य�मा दूध प� रेहै� है&। 2. मा9 भी�गतृ-भी�गतृ र्थक गय�। 3. यहै विकतृन� स 6दीरे उप-न है&। 4. ओहै ! आ( तृ0 गरेमा� क क�रेण

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प्र�ण विनक� (� रेहै है9। 5. -है माहैनतृ करेतृ� तृ0 प�स है0 (�तृ�।य सभी� मा J स विनक�न -��� स�र्थ"क ध्-विनय/ क समा[है है9। अतृ\ य -�क्य है9। -�क्य भी�षा� क� चारेमा अ-य- है&।

व�क्या-ख&ड

-�क्य क प्रमा J दी0 J6ड् है9-1. उद्देश्य।2. वि-धय।1. उद्देश्य- जि(सक वि-षाय मा7 क छो कहै� (�तृ� है& उस स[चाविक करेन -�� शब्दी क0 उद्देश्य कहैतृ है9। (&स-1. अ( "न न (यद्रर्थ क0 मा�रे�।2. क त्ता� भी�क रेहै� है&। 3. तृ0तृ� ड्�� परे बँ&ठे� है&।इनमा7 अ( "न न, क त्ता�, तृ0तृ� उद्देश्य है9; इनक वि-षाय मा7 क छो कहै� गय� है&। अर्थ-� य/ कहै सकतृ है9 विक -�क्य मा7 (0 कतृ�" है0 उस उद्देश्य कहै सकतृ है9 क्य/विक विकस� विक्रय� क0 करेन क क�रेण -है� मा ख्य है0तृ� है&।2. वि-धय- उद्देश्य क वि-षाय मा7 (0 क छो कहै� (�तृ� है&, अर्थ-� उद्देश्य (कतृ�") (0 क छो क�य" करेतृ� है& -है सबँ

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वि-धय कहै��तृ� है&। (&स- 1. अ( "न न (यद्रर्थ क0 मा�रे�।2. क त्ता� भी�क रेहै� है&। 3. तृ0तृ� ड्�� परे बँ&ठे� है&।इनमा7 ‘(यद्रर्थ क0 मा�रे�’, ‘भी�क रेहै� है&’, ‘ड्�� परे बँ&ठे� है&’ वि-धय है9 क्य/विक अ( "न न, क त्ता�, तृ0तृ�,-इन उद्देश्य/ (कतृ�"ओं) क क�य` क वि-षाय मा7 क्रमाश\ मा�रे�, भी�क रेहै� है&, बँ&ठे� है&, य वि-ध�न विकए गए है9, अतृ\ इन्है7 वि-धय कहैतृ है9।उद्देश्य क� वि-स्तृ�रे- कई बँ�रे -�क्य मा7 उसक� परिरेचाय दीन -�� अन्य शब्दी भी� स�र्थ आए है0तृ है9। य अन्य शब्दी उद्देश्य क� वि-स्तृ�रे कहै��तृ है9। (&स-1. स 6दीरे पक्षा� ड्�� परे बँ&ठे� है&।2. क��� स�8प पड़ क न�चा बँ&ठे� है&।इनमा7 स 6दीरे औरे क��� शब्दी उद्देश्य क� वि-स्तृ�रे है9।उद्देश्य मा7 विनम्नलि�खिJतृ शब्दी-भीदी/ क� प्रय0ग है0तृ� है&-(1) स6ज्ञा�- घ0ड़� भी�गतृ� है&।(2) स-"न�मा- -है (�तृ� है&।(3) वि-शषाण- वि-द्वा�न कG स-"त्र प[(� है0तृ� है&।

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(4) विक्रय�-वि-शषाण- (जि(सक�) भी�तृरे-बँ�हैरे एक-स� है0।(5) -�क्य�6श- झ[ठे बँ0�न� प�प है&।-�क्य क स�ध�रेण उद्देश्य मा7 वि-शषाण�दिदी (0ड़करे उसक� वि-स्तृ�रे करेतृ है9। उद्देश्य क� वि-स्तृ�रे न�चा लि�J शब्दी/ क द्वा�रे� प्रकट है0तृ� है&-(1) वि-शषाण स- अच्छा� बँ��क आज्ञा� क� प��न करेतृ� है&।(2) स6बँ6ध क�रेक स- दीश"क/ कG भी�ड़ न उस घरे लि�य�।(3) -�क्य�6श स- क�मा स�J� हुआ क�रे�गरे कदिठेन�ई स मिमा�तृ� है&।वि-धय क� वि-स्तृ�रे- मा[� वि-धय क0 प[ण" करेन क लि�ए जि(न शब्दी/ क� प्रय0ग विकय� (�तृ� है& - वि-धय क� वि-स्तृ�रे कहै��तृ है9। (&स--है अपन प&न स लि�Jतृ� है&। इसमा7 अपन वि-धय क� वि-स्तृ�रे है&।कमा" क� वि-स्तृ�रे- इस� तृरेहै कमा" क� वि-स्तृ�रे है0 सकतृ� है&। (&स-मिमात्र, अच्छा< प स्तृक7 पढ़0। इसमा7 अच्छा< कमा" क� वि-स्तृ�रे है&।विक्रय� क� वि-स्तृ�रे- इस� तृरेहै विक्रय� क� भी� वि-स्तृ�रे है0

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सकतृ� है&। (&स-श्राय मान �ग�करे पढ़तृ� है&। मान �ग�करे विक्रय� क� वि-स्तृ�रे है&।

व�क्या-भा5दी

रेचान� क अन स�रे -�क्य क विनम्नलि�खिJतृ भीदी है9-1. स�ध�रेण -�क्य।2. स6य � -�क्य।3. मिमाभिश्रातृ -�क्य।

1. सा�धा�रण व�क्या

जि(स -�क्य मा7 क -� एक है� उद्देश्य (कतृ�") औरे एक है� समा�विपक� विक्रय� है0, -है स�ध�रेण -�क्य कहै��तृ� है&। (&स- 1. बँच्चा� दूध प�तृ� है&। 2. कमा� ग7दी स J�तृ� है&। 3. मा�दु�� प स्तृक पढ़ रेहै� है9।वि-शषा-इसमा7 कतृ�" क स�र्थ उसक वि-स्तृ�रेक वि-शषाण औरे विक्रय� क स�र्थ वि-स्तृ�रेक सविहैतृ कमा" ए-6 विक्रय�-वि-शषाण आ सकतृ है9। (&स-अच्छा� बँच्चा� मा�ठे� दूध अच्छा< तृरेहै प�तृ� है&। यहै भी� स�ध�रेण -�क्य है&।

2. सा&या!E व�क्या

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दी0 अर्थ-� दी0 स अमिधक स�ध�रेण -�क्य (बँ स�मा�न�मिधकरेण समा च्चायबँ0धक/ (&स- (परे, विकन्तृ , औरे, य� आदिदी) स ( ड़ है0तृ है9, तृ0 - स6य � -�क्य कहै��तृ है9। य चा�रे प्रक�रे क है0तृ है9।(1) स6य0(क- (बँ एक स�ध�रेण -�क्य दूसरे स�ध�रेण य� मिमाभिश्रातृ -�क्य स स6य0(क अव्यय द्वा�रे� ( ड़� है0तृ� है&। (&स-ग�तृ� गई औरे स�तृ� आई।(2) वि-भी�(क- (बँ स�ध�रेण अर्थ-� मिमाश्रा -�क्य/ क� परेस्परे भीदी य� वि-रे0ध क� स6बँ6ध रेहैतृ� है&। (&स--है माहैनतृ तृ0 बँहुतृ करेतृ� है& परे फा� नहैV मिमा�तृ�।(3) वि-कल्पस[चाक- (बँ दी0 बँ�तृ/ मा7 स विकस� एक क0 स्-�क�रे करेन� है0तृ� है&। (&स- य� तृ0 उस मा9 अJ�ड़ मा7 पछो�ड़ू8ग� य� अJ�ड़ मा7 उतृरेन� है� छो0ड़ दू8ग�।(4) परिरेण�माबँ0धक- (बँ एक स�ध�रेण -�क्य दीस[रे स�ध�रेण य� मिमाभिश्रातृ -�क्य क� परिरेण�मा है0तृ� है&। (&स- आ( मा झ बँहुतृ क�मा है& इसलि�ए मा9 तृ म्है�रे प�स नहैV आ सक[8 ग�।

3. मिमाद्धिjत व�क्या

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(बँ विकस� वि-षाय परे प[ण" वि-चा�रे प्रकट करेन क लि�ए कई स�ध�रेण -�क्य/ क0 मिमा��करे एक -�क्य कG रेचान� करेन� पड़तृ� है& तृबँ ऐस रेलिचातृ -�क्य है� मिमाभिश्रातृ -�क्य कहै��तृ है9।वि-शषा- (1) इन -�क्य/ मा7 एक मा ख्य य� प्रध�न उप-�क्य औरे एक अर्थ-� अमिधक आभिश्रातृ उप-�क्य है0तृ है9 (0 समा च्चायबँ0धक अव्यय स ( ड़ है0तृ है9।(2) मा ख्य उप-�क्य कG प मिष्ट, समार्थ"न, स्पष्टतृ� अर्थ-� वि-स्तृ�रे हैतृ है� आभिश्रातृ -�क्य आतृ है&।आभिश्रातृ -�क्य तृ�न प्रक�रे क है0तृ है9-(1) स6ज्ञा� उप-�क्य।(2) वि-शषाण उप-�क्य।(3) विक्रय�-वि-शषाण उप-�क्य।1. स6ज्ञा� उप-�क्य- (बँ आभिश्रातृ उप-�क्य विकस� स6ज्ञा� अर्थ-� स-"न�मा क U�न परे आतृ� है& तृबँ -है स6ज्ञा� उप-�क्य कहै��तृ� है&। (&स- -है चा�हैतृ� है& विक मा9 यहै�8 कभी� न आऊ8 । यहै�8 विक मा9 कभी� न आऊ8 , यहै स6ज्ञा� उप-�क्य है&।2. वि-शषाण उप-�क्य- (0 आभिश्रातृ उप-�क्य मा ख्य उप-�क्य कG स6ज्ञा� शब्दी अर्थ-� स-"न�मा शब्दी कG

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वि-शषातृ� बँतृ��तृ� है& -है वि-शषाण उप-�क्य कहै��तृ� है&। (&स- (0 घड़� मा( परे रेJ� है& -है मा झ प रेस्क�रेस्-रूप मिमा�� है&। यहै�8 (0 घड़� मा( परे रेJ� है& यहै वि-शषाण उप-�क्य है&।3. विक्रय�-वि-शषाण उप-�क्य- (बँ आभिश्रातृ उप-�क्य प्रध�न उप-�क्य कG विक्रय� कG वि-शषातृ� बँतृ��तृ� है& तृबँ -है विक्रय�-वि-शषाण उप-�क्य कहै��तृ� है&। (&स- (बँ -है मारे प�स आय� तृबँ मा9 स0 रेहै� र्थ�। यहै�8 परे (बँ -है मारे प�स आय� यहै विक्रय�-वि-शषाण उप-�क्य है&।

व�क्या-�रिरवत�न

-�क्य क अर्थ" मा7 विकस� तृरेहै क� परिरे-तृ"न विकए विबँन� उस एक प्रक�रे क -�क्य स दूसरे प्रक�रे क -�क्य मा7 परिरे-तृ"न करेन� -�क्य-परिरे-तृ"न कहै��तृ� है&।(1) स�ध�रेण -�क्य/ क� स6य � -�क्य/ मा7 परिरे-तृ"न-स�ध�रेण -�क्य स6य � -�क्य1. मा9 दूध प�करे स0 गय�। मा9न दूध विपय� औरे स0 गय�।2. -है पढ़न क अ��-� अJबँ�रे भी� बँचातृ� है&। -है पढ़तृ� भी� है& औरे अJबँ�रे भी� बँचातृ� है&3. मा9न घरे पहु8चाकरे सबँ बँच्चा/ क0 J�तृ हुए दीJ�।

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मा9न घरे पहु8चाकरे दीJ� विक सबँ बँच्चा J� रेहै र्थ। 4. स्-�स्थ्य ठे¨क न है0न स मा9 क�श� नहैV (� सक�। मारे� स्-�स्थ्य ठे¨क नहैV र्थ� इसलि�ए मा9 क�श� नहैV (� सक�।5. स-रे तृ( -षा�" है0न क क�रेण मा9 दीर्फ्यूतृरे दीरे स पहु8चा�। स-रे तृ( -षा�" है0 रेहै� र्थ� इसलि�ए मा9 दीर्फ्यूतृरे दीरे स पहु8चा�।(2) स6य � -�क्य/ क� स�ध�रेण -�क्य/ मा7 परिरे-तृ"न-स6य � -�क्य स�ध�रेण -�क्य1. विपतृ�(� अस्-U है9 इसलि�ए मा झ (�न� है� पड़ग�। विपतृ�(� क अस्-U है0न क क�रेण मा झ (�न� है� पड़ग�।2. उसन कहै� औरे मा9 मा�न गय�। उसक कहैन स मा9 मा�न गय�।3. -है क -� उपन्य�सक�रे है� नहैV अविपतृ अच्छा� -�� भी� है&। -है उपन्य�सक�रे क अवितृरिरे� अच्छा� -�� भी� है&।4. �[ चा� रेहै� र्थ� इसलि�ए मा9 घरे स बँ�हैरे नहैV विनक� सक�। �[ चा�न क क�रेण मा9 घरे स बँ�हैरे नहैV विनक� सक�।

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5. ग�ड्" न स�ट< दी< औरे ट्रेन चा� पड़�। ग�ड्" क स�ट< दीन परे ट्रेन चा� पड़�।(3) स�ध�रेण -�क्य/ क� मिमाभिश्रातृ -�क्य/ मा7 परिरे-तृ"न-स�ध�रेण -�क्य मिमाभिश्रातृ -�क्य1. हैरेलिंस�ग�रे क0 दीJतृ है� मा झ ग�तृ� कG य�दी आ (�तृ� है&। (बँ मा9 हैरेलिंस�ग�रे कG ओरे दीJतृ� हूँ8 तृबँ मा झ ग�तृ� कG य�दी आ (�तृ� है&।2. रे�ष्ट्र क लि�ए मारे मिमाटन -��� व्यलि� सच्चा� रे�ष्ट्रभी� है&। -है व्यलि� सच्चा� रे�ष्ट्रभी� है& (0 रे�ष्ट्र क लि�ए मारे मिमाट।3. प&स क विबँन� इ6स�न क छो नहैV करे सकतृ�। यदिदी इ6स�न क प�स प&स� नहैV है& तृ0 -है क छो नहैV करे सकतृ�।4. आध� रे�तृ है0तृ-है0तृ मा9न क�मा करेन� बँ6दी करे दिदीय�। ज्य/है� आध� रे�तृ हुई त्य/है� मा9न क�मा करेन� बँ6दी करे दिदीय�।(4) मिमाभिश्रातृ -�क्य/ क� स�ध�रेण -�क्य/ मा7 परिरे-तृ"न-मिमाभिश्रातृ -�क्य स�ध�रेण -�क्य1. (0 स6तृ0षा� है0तृ है9 - सदी&- स J� रेहैतृ है9 स6तृ0षा� सदी&- स J� रेहैतृ है9।

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2. यदिदी तृ मा नहैV पढ़0ग तृ0 परे�क्षा� मा7 सफा� नहैV है0ग। न पढ़न कG दीश� मा7 तृ मा परे�क्षा� मा7 सफा� नहैV है0ग।3. तृ मा नहैV (�नतृ विक -है कHन है& ? तृ मा उस नहैV (�नतृ।4. (बँ (बँकतृरे न मा झ दीJ� तृ0 -है भी�ग गय�। मा झ दीJकरे (बँकतृरे� भी�ग गय�।5. (0 वि-द्वा�न है&, उसक� स-"त्र आदीरे है0तृ� है&। वि-द्वा�न/ क� स-"त्र आदीरे है0तृ� है&।

व�क्या-पिवश्ले5षाण

-�क्य मा7 आए हुए शब्दी अर्थ-� -�क्य-J6ड्/ क0 अ�ग-अ�ग करेक उनक� प�रेस्परिरेक स6बँ6ध बँतृ�न� -�क्य-वि-श्लेषाण कहै��तृ� है&।स�ध�रेण -�क्य/ क� वि-श्लेषाण1. हैमा�रे� रे�ष्ट्र समा�द्धश��� है&।2. हैमा7 विनयमिमातृ रूप स वि-द्या��य आन� चा�विहैए।3. अश0क, स0हैन क� बँड़� प त्र, प स्तृक��य मा7 अच्छा< प स्तृक7 छो�8ट रेहै� है&।उद्देश्य वि-धय-�क्य उद्देश्य उद्देश्य क� विक्रय� कमा" कमा" क� प[रेक

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वि-धय क्रमा�6क कतृ�" वि-स्तृ�रे वि-स्तृ�रे क� वि-स्तृ�रे1. रे�ष्ट्र हैमा�रे� है& - - समा�द्ध -2. हैमा7 - आन� वि-द्या��य - श��� विनयमिमातृचा�विहैए रूप स3. अश0क स0हैन क� छो�8ट रेहै� प स्तृक7 अच्छा< प स्तृक��यबँड़� प त्र है& मा7मिमाभिश्रातृ -�क्य क� वि-श्लेषाण-1. (0 व्यलि� (&स� है0तृ� है& -है दूसरे/ क0 भी� -&स� है� समाझतृ� है&।2. (बँ-(बँ धमा" कG क्षावितृ है0तृ� है& तृबँ-तृबँ ईश्वरे क� अ-तृ�रे है0तृ� है&।3. मा��[मा है0तृ� है& विक आ( -षा�" है0ग�।4. (0 स6तृ0षा� है0तृ है9 - सदी&- स J� रेहैतृ है9।5. दी�श"विनक कहैतृ है9 विक (�-न प�न� क� बँ �बँ �� है&।स6य � -�क्य क� वि-श्लेषाण-1. तृ( -षा�" है0 रेहै� र्थ� इसलि�ए परेस/ मा9 तृ म्है�रे घरे नहैV आ सक�।2. मा9 तृ म्है�रे� रे�है दीJतृ� रेहै� परे तृ मा नहैV आए।

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3. अपन� प्रगवितृ करे0 औरे दूसरे/ क� विहैतृ भी� करे0 तृर्थ� स्-�र्थ" मा7 न विहैचाक0।

अर्थ� क5 अन!सा�र व�क्या क5 प्रक�र

अर्थ�"न स�रे -�क्य क विनम्नलि�खिJतृ आठे भीदी है9-1. वि-ध�न�र्थ"क -�क्य।2. विनषाध�र्थ"क -�क्य।3. आज्ञा�र्थ"क -�क्य।4. प्रश्न�र्थ"क -�क्य।5. इच्छा�र्थ"क -�क्य।6. स6दीर्थ"क -�क्य।7. स6क तृ�र्थ"क -�क्य।8. वि-स्मायबँ0धक -�क्य।1. वि-ध�न�र्थ"क -�क्य-जि(न -�क्य/ मा7 विक्रय� क करेन य� है0न क� स�मा�न्य कर्थन है0। (&स-मा9 क� दिदील्�� (�ऊ8 ग�। प�थ्-� ग0� है&।2. विनषाध�र्थ"क -�क्य- जि(स -�क्य स विकस� बँ�तृ क न है0न क� बँ0ध है0। (&स-मा9 विकस� स �ड़�ई मा0� नहैV �न� चा�हैतृ�।3. आज्ञा�र्थ"क -�क्य- जि(स -�क्य स आज्ञा� उपदीश

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अर्थ-� आदीश दीन क� बँ0ध है0। (&स-श�घ्र (�ओ -रेन� ग�ड़� छो[ ट (�एग�। आप (� सकतृ है9।4. प्रश्न�र्थ"क -�क्य- जि(स -�क्य मा7 प्रश्न विकय� (�ए। (&स--है कHन है9 उसक� न�मा क्य� है&।5. इच्छा�र्थ"क -�क्य- जि(स -�क्य स इच्छा� य� आश� क भी�- क� बँ0ध है0। (&स-दी<घ�"य है0। धन-�न है0।6. स6दीहै�र्थ"क -�क्य- जि(स -�क्य स स6दीहै क� बँ0ध है0। (&स-श�यदी आ( -षा�" है0। अबँ तृक विपतृ�(� (� चा क है/ग।7. स6क तृ�र्थ"क -�क्य- जि(स -�क्य स स6क तृ क� बँ0ध है0। (&स-यदिदी तृ मा कन्य�क मा�रे� चा�0 तृ0 मा9 भी� चा�[8।8. वि-स्मायबँ0धक -�क्य-जि(स -�क्य स वि-स्माय क भी�- प्रकट है/। (&स-अहै� ! क& स� स है�-न� माHसमा है&।

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अध्या�या 25

अर्श!_ व�क्याK क5 र्श!_ व�क्या

(1) -चान-स6बँ6ध� अश जिद्धय�8अश द्ध श द्ध1. प�विकस्तृ�न न ग0� औरे तृ0प/ स आक्रमाण

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विकय�। प�विकस्तृ�न न ग0�/ औरे तृ0प/ स आक्रमाण विकय�।2. उसन अनक/ ग्रे6र्थ लि�J। उसन अनक ग्रे6र्थ लि�J।3. माहै�भी�रेतृ अठे�रेहै दिदीन/ तृक चा�तृ� रेहै�। माहै�भी�रेतृ अठे�रेहै दिदीन तृक चा�तृ� रेहै�।4. तृरे� बँ�तृ स नतृ-स नतृ क�न पक गए। तृरे� बँ�तृ7 स नतृ-स नतृ क�न पक गए।5. पड़/ परे तृ0तृ� बँ&ठे� है&। पड़ परे तृ0तृ� बँ&ठे� है&।(2) लिं��ग स6बँ6ध� अश जिद्धय�8-अश द्ध श द्ध1. उसन स6तृ0षा क� स�8स ��। उसन स6तृ0षा कG स�8स ��।2. सवि-तृ� न (0रे स है8स दिदीय�। सवि-तृ� (0रे स है8स दी<।3. मा झ बँहुतृ आन6दी आतृ� है&। मा झ बँहुतृ आन6दी आतृ� है&।4. -है ध�मा� स्-रे मा7 बँ0��। -है ध�मा स्-रे मा7 बँ0��।5. रे�मा औरे स�तृ� -न क0 गई। रे�मा औरे स�तृ�

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-न क0 गए।(3) वि-भीलि�-स6बँ6ध� अश जिद्धय�8-अश द्ध श द्ध1. मा9 यहै क�मा नहैV विकय� हूँ8। मा9न यहै क�मा नहैV विकय� है&।2. मा9 प स्तृक क0 पढ़तृ� हूँ8। मा9 प स्तृक पढ़तृ� हूँ8।3. हैमान इस वि-षाय क0 वि-चा�रे विकय�। हैमान इस वि-षाय परे वि-चा�रे विकय�4. आठे बँ(न क0 दीस मिमानट है&। आठे बँ(न मा7 दीस मिमानट है&।5. -है दीरे मा7 स0करे उठेतृ� है&। -है दीरे स स0करे उठेतृ� है&।(4) स6ज्ञा� स6बँ6ध� अश जिद्धय�8-अश द्ध श द्ध1. मा9 रेवि--�रे क दिदीन तृ म्है�रे घरे आऊ8 ग�। मा9 रेवि--�रे क0 तृ म्है�रे घरे आऊ8 ग�।2. क त्ता� रे7कतृ� है&। क त्ता� भी�कतृ� है&।3. मा झ सफा� है0न कG विनरे�श� है&। मा झ सफा� है0न कG आश� नहैV है&।4. ग� मा7 ग ��मा� कG बँविड़य�8 पड़ गई। प&रे/ मा7

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ग ��मा� कG बँविड़य�8 पड़ गई।(5) स-"न�मा कG अश जिद्धय�8-अश द्ध श द्ध1. ग�तृ� आई औरे कहै�। ग�तृ� आई औरे उसन कहै�।2. मा9न तृरे क0 विकतृन� समाझ�य�। मा9न तृ झ विकतृन� समाझ�य�।3. -है क्य� (�न विक मा9 क& स (�वि-तृ हूँ8। -है क्य� (�न विक मा9 क& स (� रेहै� हूँ8।(6) वि-शषाण-स6बँ6ध� अश जिद्धय�8-अश द्ध श द्ध1. विकस� औरे �ड़क क0 बँ ��ओ। विकस� दूसरे �ड़क क0 बँ ��ओ।2. लिंस�है बँड़� बँ�भीत्स है0तृ� है&। लिंस�है बँड़� भीय�नक है0तृ� है&।3. उस भी�रे� दुJ हुआ। उस बँहुतृ दुJ हुआ।4. सबँ �0ग अपन� क�मा करे0। सबँ �0ग अपन�-अपन� क�मा करे0।(7) विक्रय�-स6बँ6ध� अश जिद्धय�8-अश द्ध श द्ध

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1. क्य� यहै स6भी- है0 सकतृ� है& ? क्य� यहै स6भी- है& ?2. मा9 दीश"न दीन आय� र्थ�। मा9 दीश"न करेन आय� र्थ�।3. -है पढ़न� मा�8गतृ� है&। -है पढ़न� चा�हैतृ� है&।4. बँस तृ मा इतृन रूठे उठे बँस, तृ मा इतृन मा7 रूठे गए।5. तृ मा क्य� क�मा करेतृ� है& ? तृ मा क्य� क�मा करेतृ है0 ?(8) मा है�-रे-स6बँ6ध� अश जिद्धय�8-अश द्ध श द्ध1. य ग कG मा�8ग क� यहै बँ�ड़� कHन चाबँ�तृ� है& य ग कG मा�8ग क� यहै बँ�ड़� कHन उठे�तृ� है&।2. -है श्य�मा परे बँरेस गय�। -है श्य�मा परे बँरेस पड़�।3. उसकG अक्� चाक्करे J� गई। उसकG अक्� चाकरे� गई।4. उस परे घड़/ प�न� विगरे गय�। उस परे घड़/ प�न� पड़ गय�।(9) विक्रय�-वि-शषाण-स6बँ6ध� अश जिद्धय�8-

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अश द्ध श द्ध1. -है �गभीग दीHड़ रेहै� र्थ�। -है दीHड़ रेहै� र्थ�।2. स�रे� रे�तृ भीरे मा9 (�गतृ� रेहै�। मा9 स�रे� रे�तृ (�गतृ� रेहै�।3. तृ मा बँड़� आग बँढ़ गय�। तृ मा बँहुतृ आग बँढ़ गए.4. इस प-"तृ�य क्षात्र मा7 स-"स्- श�6वितृ है&। इस प-"तृ�य क्षात्र मा7 स-"त्र श�6वितृ है&।

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अध्या�या 26

मा!��वर5 और ली�क�लिEया�%

मा है�-रे�- क0ई भी� ऐस� -�क्य�6श (0 अपन स�ध�रेण अर्थ" क0 छो0ड़करे विकस� वि-शषा अर्थ" क0 व्य� करे उस मा है�-रे� कहैतृ है9।�0क0लि�- �0क0लि�य�8 �0क-अन भी- स बँनतृ� है9। विकस� समा�( न (0 क छो अपन �6बँ अन भी- स स�J� है& उस एक -�क्य मा7 बँ�8ध दिदीय� है&। ऐस -�क्य/ क0 है� �0क0लि� कहैतृ है9। इस कहै�-तृ, (नश्रा वितृ आदिदी भी� कहैतृ है9।मा है�-रे� औरे �0क0लि� मा7 अ6तृरे- मा है�-रे� -�क्य�6श है&

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औरे इसक� स्-तृ6त्र रूप स प्रय0ग नहैV विकय� (� सकतृ�। �0क0लि� स6प[ण" -�क्य है& औरे इसक� प्रय0ग स्-तृ6त्र रूप स विकय� (� सकतृ� है&। (&स-‘है0श उड़ (�न�’ मा है�-रे� है&। ‘बँकरे कG मा�8 कबँ तृक J&रे मान�एग�’ �0क0लि� है&।क छो प्रचालि�तृ मा है�-रे

1. अ&र्ग सा&बो&धा� मा!��वर5

1. अ6ग छो[ ट�- (कसमा J�न�) मा9 अ6ग छो[ करे कहैतृ� हूँ8 स�हैबँ, मा&न प�(बँ नहैV दीJ�।2. अ6ग-अ6ग मा सक�न�-(बँहुतृ प्रसन्न है0न�)- आ( उसक� अ6ग-अ6ग मा सकरे� रेहै� र्थ�।3. अ6ग-अ6ग ट[टन�-(स�रे बँदीन मा7 दीदी" है0न�)-इस ज्-रे न तृ0 मारे� अ6ग-अ6ग तृ0ड़करे रेJ दिदीय�।4. अ6ग-अ6ग ढ्<�� है0न�-(बँहुतृ र्थक (�न�)- तृ म्है�रे स�र्थ क� चा�[8ग�। आ( तृ0 मारे� अ6ग-अ6ग ढ्<�� है0 रेहै� है&।

2. अक्ली-सा&बो&धा� मा!��वर5

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1. अक्� क� दुश्मान-(मा[J")- -है तृ0 विनरे� अक्� क� दुश्मान विनक��।2. अक्� चाकरे�न�-(क छो समाझ मा7 न आन�)-प्रश्न-पत्र दीJतृ है� मारे� अक्� चाकरे� गई।3. अक्� क प�छो �ठे लि�ए विफारेन� (समाझ�न परे भी� न मा�नन�)- तृ मा तृ0 सदी&- अक्� क प�छो �ठे लि�ए विफारेतृ है0।4. अक्� क घ0ड़ दीHड़�न�-(तृरेहै-तृरेहै क वि-चा�रे करेन�)- बँड़-बँड़ -&ज्ञा�विनक/ न अक्� क घ0ड़ दीHड़�ए, तृबँ कहैV - अण बँमा बँन� सक ।

3. आ%ख-सा&बो&धा� मा!��वर5

1. आ8J दिदीJ�न�-(ग स्स स दीJन�)- (0 हैमा7 आ8J दिदीJ�एग�, हैमा उसकG आ8J7 फा0ड़ दीग7।2. आ8J/ मा7 विगरेन�-(सम्मा�नरेविहैतृ है0न�)- क रेस� कG है0ड़ न (नतृ� सरेक�रे क0 (नतृ� कG आ8J/ मा7 विगरे� दिदीय�।3. आ8J/ मा7 ध[� झ/कन�-(ध0J� दीन�)- लिश-�(� मा ग� पहैरेदी�रे/ कG आ8J/ मा7 ध[� झ/ककरे बँ6दी<ग�है स बँ�हैरे विनक� गए।

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4. आ8J चा रे�न�-(लिछोपन�)- आ(क� -है मा झस आ8J7 चा रे�तृ� विफारेतृ� है&।5. आ8J मा�रेन�-(इश�रे� करेन�)-ग-�है मारे भी�ई क� मिमात्र विनक��, उसन उस आ8J मा�रे�, अन्यर्थ� -है मारे वि-रुद्ध ग-�है� दी दीतृ�।6. आ8J तृरेसन�-(दीJन क ����मियतृ है0न�)- तृ म्है7 दीJन क लि�ए तृ0 मारे� आ8J7 तृरेस गई।7. आ8J फा रे �न�-(प्रवितृक[ � है0न�)- उसन आ(क� मारे� ओरे स आ8J7 फा रे �� है9।8. आ8J विबँछो�न�-(प्रतृ�क्षा� करेन�)- �0कन�यक (यप्रक�श न�रे�यण जि(धरे (�तृ र्थ उधरे है� (नतृ� उनक लि�ए आ8J7 विबँछो�ए Jड़� है0तृ� र्थ�।9. आ8J7 स7कन�-(स 6दीरे -स्तृ क0 दीJतृ रेहैन�)- आ8J स7कतृ रेहै0ग य� क छो करे0ग भी�10. आ8J7 चा�रे है0न�-(प्रमा है0न�,आमान�-स�मान� है0न�)- आ8J7 चा�रे है0तृ है� -है खिJड़कG परे स हैट गई।11. आ8J/ क� तृ�रे�-(अवितृविप्रय)-आश�षा अपन� मा�8 कG आ8J/ क� तृ�रे� है&।12. आ8J उठे�न�-(दीJन क� स�हैस करेन�)- अबँ -है कभी� भी� मारे स�मान आ8J नहैV उठे� सक ग�।

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13. आ8J J �न�-(है0श आन�)- (बँ स6बँ6मिधय/ न उसकG स�रे� स6पभित्ता हैड़प �� तृबँ उसकG आ8J7 J �V।14. आ8J �गन�-(नVदी आन� अर्थ-� व्य�रे है0न�)- बँड़� मा ल्किश्क� स अबँ उसकG आ8J �ग� है&। आ(क� आ8J �गतृ दीरे नहैV है0तृ�।15. आ8J/ परे परेदी� पड़न�-(�0भी क क�रेण सचा�ई न दी<Jन�)- (0 दूसरे/ क0 ठेग� करेतृ है9, उनकG आ8J/ परे परेदी� पड़� हुआ है&। इसक� फा� उन्है7 अ-श्य मिमा�ग�।16. आ8J/ क� क�ट�-(अविप्रय व्यलि�)- अपन� क प्र-�भित्ताय/ क क�रेण रे�(न विपतृ�(� कG आ8J/ क� क�8ट� बँन गय�।17. आ8J/ मा7 समा�न�-(दिदी� मा7 बँस (�न�)- विगरेधरे मा�रे� कG आ8J/ मा7 समा� गय�।

4. कली5ज�-सा&बो&धा� क! छ मा!��वर5

1. क�( परे है�र्थ रेJन�-(अपन दिदी� स प[छोन�)- अपन क�( परे है�र्थ रेJकरे कहै0 विक क्य� तृ मान प&न नहैV तृ0ड़�।2. क�(� (�न�-(तृ�व्र अस6तृ0षा है0न�)- उसकG बँ�तृ7

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स नकरे मारे� क�(� (� उठे�।3. क�(� ठे6 ड्� है0न�-(स6तृ0षा है0 (�न�)- ड्�क ओं क0 पकड़� हुआ दीJकरे ग�8- -��/ क� क�(� ठे6 ढ्� है0 गय�।4. क�(� र्थ�मान�-((� कड़� करेन�)- अपन एकमा�त्र य -� प त्र कG मा�त्य परे मा�तृ�-विपतृ� क�(� र्थ�माकरे रेहै गए।5. क�( परे पत्थारे रेJन�-(दुJ मा7 भी� ध�रे( रेJन�)- उस बँचा�रे कG क्य� कहैतृ है/, उसन तृ0 क�( परे पत्थारे रेJ लि�य� है&।6. क�( परे स�8प �0टन�-(ईष्य�" स (�न�)- श्रा�रे�मा क रे�ज्य�भिभीषाक क� समा�चा�रे स नकरे दी�स� मा6र्थरे� क क�( परे स�8प �0टन �ग�।

5. क�न-सा&बो&धा� क! छ मा!��वर5

1. क�न भीरेन�-(चा ग�� करेन�)- अपन स�लिर्थय/ क वि-रुद्ध अध्य�पक क क�न भीरेन -�� वि-द्या�र्थ  अच्छा नहैV है0तृ।2. क�न कतृरेन�-(बँहुतृ चातृ रे है0न�)- -है तृ0 अभी� स बँड़-बँड़/ क क�न कतृरेतृ� है&।

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3. क�न क� कच्चा�-(स नतृ है� विकस� बँ�तृ परे वि-श्व�स करेन�)- (0 मा�लि�क क�न क कच्चा है0तृ है9 - भी� कमा"चा�रिरेय/ परे भी� वि-श्व�स नहैV करेतृ।4. क�न परे ([8 तृक न रे7गन�-(क छो असरे न है0न�)-मा�8 न गHरे- क0 बँहुतृ समाझ�य�, विकन्तृ उसक क�न परे ([8 तृक नहैV रे7ग�।5. क�न/क�न Jबँरे न है0न�-(विबँ�क � पतृ� न चा�न�)-स0न क य विबँस्क ट � (�ओ, विकस� क0 क�न/क�न Jबँरे न है0।

6. न�क-सा&बो&धा� क! छ मा!��वर5

1. न�क मा7 दीमा करेन�-(बँहुतृ तृ6ग करेन�)- आतृ6क-�दिदीय/ न सरेक�रे कG न�क मा7 दीमा करे रेJ� है&।2. न�क रेJन�-(मा�न रेJन�)- सचा प[छो0 तृ0 उसन सचा कहैकरे मारे� न�क रेJ ��।3. न�क रेगड़न�-(दी<नतृ� दिदीJ�न�)-विगरेहैकट न लिसप�है� क स�मान J[बँ न�क रेगड़�, परे उसन उस छो0ड़� नहैV।4. न�क परे माक्J� न बँ&ठेन दीन�-(अपन परे आ8चा न आन दीन�)-विकतृन� है� मा स�बँतृ7 उठे�ई, परे उसन न�क

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परे माक्J� न बँ&ठेन दी<।5. न�क कटन�-(प्रवितृष्ठ� नष्ट है0न�)- अरे भी&य� आ(क� कG औ��दी तृ0 J�नदी�न कG न�क क�टकरे रेJ दीतृ� है&।

7. मा!%�-सा&बो&धा� क! छ मा!��वर5

1. मा 8है कG J�न�-(है�रे मा�नन�)-पड़0स� क घरे क मा�मा� मा7 दीJ� दीकरे हैरेद्वा�रे� क0 मा 8है कG J�न� पड़�।2. मा 8है मा7 प�न� भीरे आन�-(दिदी� ��चा�न�)- �ड्डुड् ओं क� न�मा स नतृ है� प6विड्तृ(� क मा 8है मा7 प�न� भीरे आय�।3. मा 8है J[न �गन�-(रिरेश्वतृ �न कG आदीतृ पड़ (�न�)- उसक मा 8है J[न �ग� है&, विबँन� लि�ए -है क�मा नहैV करेग�।4. मा 8है लिछोप�न�-(�स्थिज्जातृ है0न�)- मा 8है लिछोप�न स क�मा नहैV बँनग�, क छो करेक भी� दिदीJ�ओ।5. मा 8है रेJन�-(मा�न रेJन�)-मा9 तृ म्है�रे� मा 8है रेJन क लि�ए है� प्रमा0दी क प�स गय� र्थ�, अन्यर्थ� मा झ क्य� आ-श्यकतृ� र्थ�।6. मा 8हैतृ0ड़ (-�बँ दीन�-(कड़� उत्तारे दीन�)- श्य�मा मा 8हैतृ0ड़ (-�बँ स नकरे विफारे क छो नहैV बँ0��।

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7. मा 8है परे क�लि�J प0तृन�-(क�6क �ग�न�)-बँट� तृ म्है�रे क कमा` न मारे मा 8है परे क�लि�J प0तृ दी< है&।8. मा 8है उतृरेन�-(उदी�स है0न�)-आ( तृ म्है�रे� मा 8है क्य/ उतृरे� हुआ है&।9. मा 8है तृ�कन�-(दूसरे परे आभिश्रातृ है0न�)-अबँ गहूँ8 क लि�ए हैमा7 अमारिरेक� क� मा 8है नहैV तृ�कन� पड़ग�।10. मा 8है बँ6दी करेन�-(चा प करे दीन�)-आ(क� रिरेश्वतृ न बँड़-बँड़ अफासरे/ क� मा 8है बँ6दी करे रेJ� है&।

8. दी�%त-सा&बो&धा� मा!��वर5

1. दी�8तृ प�सन�-(बँहुतृ ज्य�दी� ग स्स� करेन�)- भी�� मा झ परे दी�8तृ क्य/ प�सतृ है0? श�श� तृ0 श6करे न तृ0ड़� है&।2. दी�8तृ Jट्टा करेन�-(बँ रे� तृरेहै हैरे�न�)- भी�रेतृ�य स&विनक/ न प�विकस्तृ�न� स&विनक/ क दी�8तृ Jट्टा करे दिदीए।3. दी�8तृ क�ट< रे0ट<-(घविनष्ठतृ�, पक्कG मिमात्रतृ�)- कभी� रे�मा औरे श्य�मा मा7 दी�8तृ क�ट< रे0ट< र्थ� परे आ( एक-दूसरे क (�न� दुश्मान है&।

9. र्गरदीन-सा&बो&धा� मा!��वर5

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1. गरेदीन झ क�न�-(�स्थिज्जातृ है0न�)- मारे� स�मान� है0तृ है� उसकG गरेदीन झ क गई।2. गरेदीन परे स-�रे है0न�-(प�छो पड़न�)- मारे� गरेदीन परे स-�रे है0न स तृ म्है�रे� क�मा नहैV बँनन -��� है&।3. गरेदीन परे छो रे� फा रेन�-(अत्य�चा�रे करेन�)-उस बँचा�रे कG गरेदीन परे छो रे� फा रेतृ तृ म्है7 शरेमा नहैV आतृ�, भीग-�न इसक लि�ए तृ म्है7 कभी� क्षामा� नहैV करे7ग।

10. र्गली5-सा&बो&धा� मा!��वर5

1. ग�� घ/टन�-(अत्य�चा�रे करेन�)- (0 सरेक�रे गरे�बँ/ क� ग�� घ/टतृ� है& -है दीरे तृक नहैV दिटक सकतृ�।2. ग�� फा8 स�न�-(बँ6धन मा7 पड़न�)- दूसरे/ क मा�मा� मा7 ग�� फा8 स�न स क छो है�र्थ नहैV आएग�।3. ग� माढ़न�-((बँरेदीस्तृ� विकस� क0 क0ई क�मा स�पन�)- इस बँ द्धÉ क0 मारे ग� माढ़करे ����(� न तृ0 मा झ तृ6ग करे ड्��� है&।4. ग� क� है�रे-(बँहुतृ प्य�रे�)- तृ मा तृ0 उसक ग� क� है�रे है0, भी�� -है तृ म्है�रे क�मा क0 क्य/ मान� करेन �ग�।

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11. लिसार-सा&बो&धा� मा!��वर5

1. लिसरे परे भी[तृ स-�रे है0न�-(ध न �ग�न�)-तृ म्है�रे लिसरे परे तृ0 हैरे समाय भी[तृ स-�रे रेहैतृ� है&।2. लिसरे परे माHतृ J�न�-(मा�त्य समा�प है0न�)- वि-भी�षाण न रे�-ण क0 स6बँ0मिधतृ करेतृ हुए कहै�, ‘भी&य� ! मा झ क्य� ड्रे� रेहै है0 ? तृ म्है�रे लिसरे परे तृ0 माHतृ J� रेहै� है&‘।3. लिसरे परे J[न स-�रे है0न�-(मारेन-मा�रेन क0 तृ&य�रे है0न�)- अरे, बँदीमा�श कG क्य� बँ�तृ करेतृ है0 ? उसक लिसरे परे तृ0 हैरे समाय J[न स-�रे रेहैतृ� है&।4. लिसरे-धड़ कG बँ�(� �ग�न�-(प्र�ण/ कG भी� परे-�है न करेन�)- भी�रेतृ�य -�रे दीश कG रेक्षा� क लि�ए लिसरे-धड़ कG बँ�(� �ग� दीतृ है9।5. लिसरे न�चा� करेन�-(�(� (�न�)-मा झ दीJतृ है� उसन लिसरे न�चा� करे लि�य�।

12. ��र्थ-सा&बो&धा� मा!��वर5

1. है�र्थ J��� है0न�-(रुपय�-प&स� न है0न�)- ( आ J�न क क�रेण रे�(� न� क� है�र्थ J��� है0 गय� र्थ�।

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2. है�र्थ JVचान�-(स�र्थ न दीन�)-मा स�बँतृ क समाय नक�� मिमात्र है�र्थ JVचा �तृ है9।3. है�र्थ प है�र्थ धरेकरे बँ&ठेन�-(विनकम्मा� है0न�)- उद्यामा� कभी� भी� है�र्थ परे है�र्थ धरेकरे नहैV बँ&ठेतृ है9, - तृ0 क छो करेक है� दिदीJ�तृ है9।4. है�र्थ/ क तृ0तृ उड़न�-(दुJ स है&रे�न है0न�)- भी�ई क विनधन क� समा�चा�रे प�तृ है� उसक है�र्थ/ क तृ0तृ उड़ गए।5. है�र्थ/है�र्थ-(बँहुतृ (ल्दी<)-यहै क�मा है�र्थ/है�र्थ है0 (�न� चा�विहैए।6. है�र्थ मा�तृ रेहै (�न�-(पछोतृ�न�)- (0 विबँन� स0चा-समाझ क�मा श रू करेतृ है& - अ6तृ मा7 है�र्थ मा�तृ रेहै (�तृ है9।7. है�र्थ स�फा करेन�-(चा रे� �न�)- ओहै ! विकस� न मारे� (बँ परे है�र्थ स�फा करे दिदीय�।8. है�र्थ-प�8- मा�रेन�-(प्रय�स करेन�)- है�र्थ-प�8- मा�रेन -��� व्यलि� अ6तृ मा7 अ-श्य सफा�तृ� प्र�प्तृ करेतृ� है&।9. है�र्थ ड्��न�-(श रू करेन�)- विकस� भी� क�मा मा7 है�र्थ ड्��न स प[-" उसक अच्छा य� बँ रे फा� परे वि-चा�रे करे �न� चा�विहैए।

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13. �व�-सा&बो&धा� मा!��वर5

1. है-� �गन�-(असरे पड़न�)-आ(क� भी�रेतृ�य/ क0 भी� पभिRमा कG है-� �ग चा कG है&।2. है-� स बँ�तृ7 करेन�-(बँहुतृ तृ( दीHड़न�)- रे�ण� प्रतृ�प न ज्य/ है� �ग�मा विहै��ई, चातृक है-� स बँ�तृ7 करेन �ग�।3. है-�ई विक� बँन�न�-(झ[ठे¨ कल्पन�ए8 करेन�)- है-�ई विक� है� बँन�तृ रेहै0ग य� क छो करे0ग भी� ?4. है-� है0 (�न�-(ग�यबँ है0 (�न�)- दीJतृ-है�-दीJतृ मारे� स�इविक� न (�न कहै�8 है-� है0 गई ?

14. ��न�-सा&बो&धा� मा!��वर5

1. प�न�-प�न� है0न�-(�स्थिज्जातृ है0न�)-ज्य/है� स0हैन न मा�तृ�(� क पस" मा7 है�र्थ ड्��� विक ऊपरे स मा�तृ�(� आ गई। बँस, उन्है7 दीJतृ है� -है प�न�-प�न� है0 गय�।2. प�न� मा7 आग �ग�न�-(श�6वितृ भी6ग करे दीन�)-तृ मान तृ0 सदी� प�न� मा7 आग �ग�न क� है� क�मा विकय� है&।3. प�न� फा रे दीन�-(विनरे�श करे दीन�)-उसन तृ0 मारे� आश�ओं परे प�न� परे दिदीय�।

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4. प�न� भीरेन�-(तृ च्छा �गन�)-तृ मान तृ0 (�-न-भीरे प�न� है� भीरे� है&।

15. क! छ मिमाली5-ज!ली5 मा!��वर5

1. अ8ग[ठे� दिदीJ�न�-(दीन स स�फा इनक�रे करे दीन�)-सठे रे�मा��� न धमा"श��� क लि�ए प�8चा है(�रे रुपए दी�न दीन क0 कहै� र्थ�, विकन्तृ (बँ मा&न(रे उनस मा�6गन गय� तृ0 उन्है/न अ8ग[ठे� दिदीJ� दिदीय�।2. अगरे-मागरे करेन�-(ट��माट0� करेन�)-अगरे-मागरे करेन स अबँ क�मा चा�न -��� नहैV है&। बँ6ध !3. अ6ग�रे बँरेस�न�-(अत्य6तृ ग स्स स दीJन�)-अभिभीमान्य -ध कG स[चान� प�तृ है� अ( "न क नत्र अ6ग�रे बँरेस�न �ग।4. आड़ है�र्थ/ �न�-(अच्छा< तृरेहै क�बँ[ करेन�)-श्रा�क� ष्ण न क6 स क0 आड़ है�र्थ/ लि�य�।5. आक�श स बँ�तृ7 करेन�-(बँहुतृ ऊ8 चा� है0न�)-ट<.-�.ट�-रे तृ0 आक�श स बँ�तृ करेतृ� है&।6. ईदी क� चा�8दी-(बँहुतृ कमा दी<Jन�)-मिमात्र आ(क� तृ0 तृ मा ईदी क� चा�8दी है0 गए है0, कहै�8 रेहैतृ है0 ?7. उ8ग�� परे नचा�न�-(-श मा7 करेन�)-आ(क� कG

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औरेतृ7 अपन पवितृय/ क0 उ8गलि�य/ परे नचा�तृ� है9।8. क�ई J �न�-(रेहैस्य प्रकट है0 (�न�)-उसन तृ0 तृ म्है�रे� क�ई J0�करे रेJ दी<।9. क�मा तृमा�मा करेन�-(मा�रे दीन�)- रे�न� �क्ष्मा�बँ�ई न प�छो� करेन -�� दी0न/ अ6ग्रे(/ क� क�मा तृमा�मा करे दिदीय�।10. क त्ता कG माHतृ करेन�-(बँ रे� तृरेहै स मारेन�)-रे�ष्ट्रद्र0है� सदी� क त्ता कG माHतृ मारेतृ है9।11. क0ल्हूँ क� बँ&�-(विनरे6तृरे क�मा मा7 �ग रेहैन�)-क0ल्हूँ क� बँ&� बँनकरे भी� �0ग आ( भीरेपट भी0(न नहैV प� सकतृ।12. J�क छो�नन�-(दीरे-दीरे भीटकन�)-J�क छो�नन स तृ0 अच्छा� है& एक (गहै (माकरे क�मा करे0।13. गड़ मा रेदी उJ�ड़न�-(विपछो�� बँ�तृ/ क0 य�दी करेन�)-गड़ मा रेदी उJ�ड़न स तृ0 अच्छा� है& विक अबँ हैमा चा प है0 (�ए8।14. ग �छोरे£ उड़�न�-(माH( करेन�)-आ(क� तृ मा तृ0 दूसरे क मा�� परे ग �छोरे£ उड़� रेहै है0।15. घ�स J0दीन�-(फा ([� समाय विबँतृ�न�)-स�रे� उम्रा तृ मान घ�स है� J0दी< है&।

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16. चा6पतृ है0न�-(भी�ग (�न�)-चा0रे प लि�स क0 दीJतृ है� चा6पतृ है0 गए।17. चाHकड़� भीरेन�-(छो��8ग �ग�न�)-विहैरेन चाHकड़� भीरेतृ हुए कहैV स कहैV (� पहु8चा।18. छोक्क छो ड्�²न�-(बँ रे� तृरेहै परे�जि(तृ करेन�)-प�थ्-�रे�( चाHहै�न न मा हैम्मादी ग0रे� क छोक्क छो ड़� दिदीए।19. टक�-स� (-�बँ दीन�-(क0रे� उत्तारे दीन�)-आश� र्थ� विक कहैV -है मारे� (�वि-क� क� प्रबँ6ध करे दीग�, परे उसन तृ0 दीJतृ है� टक�-स� (-�बँ दी दिदीय�।20. ट0प� उछो��न�-(अपमा�विनतृ करेन�)-मारे� ट0प� उछो��न स उस क्य� मिमा�ग�?21. तृ�- चा�टन-(J श�मादी करेन�)-तृ�- चा�टकरे नHकरे� करेन स तृ0 कहैV ड्[बँ मारेन� अच्छा� है&।22. र्थ��� क� बँ9गन-(अस्थिUरे वि-चा�रे -���)- (0 �0ग र्थ��� क बँ&गन है0तृ है9, - विकस� क सच्चा मिमात्र नहैV है0तृ।23. दी�न-दी�न क0 तृरेसन�-(अत्य6तृ गरे�बँ है0न�)-बँचापन मा7 मा9 दी�न-दी�न क0 तृरेसतृ� विफारे�, आ( ईश्वरे कG क� प� है&।24. दीHड़-ध[प करेन�-(कठे0रे श्रामा करेन�)-आ( क य ग

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मा7 दीHड़-ध[प करेन स है� क छो क�मा बँन प�तृ� है&।25. धस्थिज्जाय�8 उड़�न�-(नष्ट-भ्रष्ट करेन�)-यदिदी क0ई भी� रे�ष्ट्र हैमा�रे� स्-तृ6त्रतृ� क0 हैड़पन� चा�हैग� तृ0 हैमा उसकG धस्थिज्जाय�8 उड़� दी7ग।26. नमाक-मिमाचा" �ग�न�-(बँढ़�-चाढ़�करे कहैन�)-आ(क� समा�चा�रेपत्र विकस� भी� बँ�तृ क0 इस प्रक�रे नमाक-मिमाचा" �ग�करे लि�Jतृ है9 विक (नस�ध�रेण उस परे वि-श्व�स करेन �ग (�तृ� है&।27. नH-दी0 ग्य�रेहै है0न�-(भी�ग (�न�)- विबँल्�� क0 दीJतृ है� चा[है नH-दी0 ग्य�रेहै है0 गए। 28. फा[8 क-फा[8 ककरे कदीमा रेJन�-(स0चा-समाझकरे कदीमा बँढ़�न�)-(-�न� मा7 फा[8 क-फा[8 ककरे कदीमा रेJन� चा�विहैए।29. बँ��-बँ�� बँचान�-(बँड़� कदिठेन�ई स बँचान�)-ग�ड़� कG टक्करे है0न परे मारे� मिमात्र बँ��-बँ�� बँचा गय�।30. भी�ड़ झ/कन�-(य/है� समाय विबँतृ�न�)-दिदील्�� मा7 आकरे भी� तृ मान तृ�स स�� तृक भी�ड़ है� झ/क� है&।31. मास्थिक्Jय�8 मा�रेन�-(विनकम्मा रेहैकरे समाय विबँतृ�न�)-यहै समाय मास्थिक्Jय�8 मा�रेन क� नहैV है&, घरे क� क छो क�मा-क�( है� करे �0।

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32. मा�र्थ� ठेनकन�-(स6दीहै है0न�)- लिंस�है क प6(/ क विनश�न रेतृ परे दीJतृ है� ग�दीड़ क� मा�र्थ� ठेनक गय�।33. मिमाट्टा< Jरे�बँ करेन�-(बँ रे� है�� करेन�)-आ(क� क नH(-�न/ न बँ[ढ़/ कG मिमाट्टा< Jरे�बँ करे रेJ� है&।34. रे6ग उड़�न�-(घबँरे� (�न�)-क�� न�ग क0 दीJतृ है� मारे� रे6ग उड़ गय�।35. रेफा[ चाक्करे है0न�-(भी�ग (�न�)-प लि�स क0 दीJतृ है� बँदीमा�श रेफा[ चाक्करे है0 गए।36. �0है क चान चाबँ�न�-(बँहुतृ कदिठेन�ई स स�मान� करेन�)- मा ग� सम्रा�ट अकबँरे क0 रे�ण�प्रतृ�प क स�र्थ टक्करे �तृ समाय �0है क चान चाबँ�न पड़।37. वि-षा उग�न�-(बँ रे�-भी�� कहैन�)-दुयÅधन क0 ग�6ड्�- धन षा क� अपमा�न करेतृ दीJ अ( "न वि-षा उग�न �ग�।38. श्रा�गणश करेन�-(श रू करेन�)-आ( बँ�हैस्पवितृ-�रे है&, नए -षा" कG पढ्�ई क� श्रा�गणश करे �0।39. है(�मातृ बँन�न�-(ठेगन�)-य विहैप्प� न (�न विकतृन भी�रेतृ�य/ कG है(�मातृ बँन� चा क है9।40. श&तृ�न क क�न कतृरेन�-(बँहुतृ चा���क है0न�)-तृ मा तृ0 श&तृ�न क भी� क�न कतृरेन -�� है0, बँचा�रे

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रे�मान�र्थ कG तृ म्है�रे स�मान विबँस�तृ है� क्य� है& ?41. रे�ई क� पहै�ड़ बँन�न�-(छो0ट<-स� बँ�तृ क0 बँहुतृ बँढ़� दीन�)- तृविनक-स� बँ�तृ क लि�ए तृ मान रे�ई क� पहै�ड़ बँन� दिदीय�।

क! छ प्रचालिलीत ली�क�लिEया�%

1. अध(� गगरे� छो�कतृ (�ए-(कमा ग ण -��� व्यलि� दिदीJ�-� बँहुतृ करेतृ� है&)- श्य�मा बँ�तृ7 तृ0 ऐस� करेतृ� है& (&स हैरे वि-षाय मा7 मा�स्टरे है0, -�स्तृ- मा7 उस विकस� वि-षाय क� भी� प[रे� ज्ञा�न नहैV-अध(� गगरे� छो�कतृ (�ए।2. अबँ पछोतृ�ए है0तृ क्य�, (बँ लिचाविड़य�8 चा ग गई Jतृ-(समाय विनक� (�न परे पछोतृ�न स क्य� ��भी)- स�रे� स�� तृ मान प स्तृक7 J0�करे नहैV दीJV। अबँ पछोतृ�ए है0तृ क्य�, (बँ लिचाविड़य�8 चा ग गई Jतृ।3. आमा क आमा ग ठेलि�य/ क दी�मा-(दुग न� ��भी)- विहैन्दी< पढ़न स एक तृ0 आप नई भी�षा� स�Jकरे नHकरे� परे पदी0न्नवितृ करे सकतृ है9, दूसरे विहैन्दी< क उच्चा स�विहैत्य क� रेस�स्-�दीन करे सकतृ है9, इस कहैतृ है9-आमा क आमा ग ठेलि�य/ क दी�मा।

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4. ऊ8 चा� दुक�न फाGक� पक-�न-(क -� ऊपरे� दिदीJ�-� करेन�)- कन�टप्�स क अनक स्ट0रे बँड़ प्रलिसद्ध है&, परे सबँ घदिटय� दी(£ क� मा�� बँचातृ है9। सचा है&, ऊ8 चा� दुक�न फाGक� पक-�न।5. घरे क� भीदी< �6क� ढ्�ए-(आपस� फा[ ट क क�रेण भीदी J0�न�)-कई व्यलि� पहै� क�6ग्रेस मा7 र्थ, अबँ (नतृ� (एस) प�ट± मा7 मिमा�करे क�ग्रे7स कG बँ रे�ई करेतृ है9। सचा है&, घरे क� भीदी< �6क� ढ्�ए।6. जि(सकG ��ठे¨ उसकG भी9स-(शलि�श��� कG वि-(य है0तृ� है&)- अ6ग्रे(/ न सन� क बँ� परे बँ6ग�� परे अमिधक�रे करे लि�य� र्थ�-जि(सकG ��ठे¨ उसकG भी9स।7. (� मा7 रेहैकरे मागरे स -&रे-(विकस� क आश्राय मा7 रेहैकरे उसस शत्र तृ� मा0� �न�)- (0 भी�रेतृ मा7 रेहैकरे वि-दीश/ क� ग णग�न करेतृ है9, उनक लि�ए -है� कहै�-तृ है& विक (� मा7 रेहैकरे मागरे स -&रे।8. र्थ0र्थ� चान� बँ�( घन�-(जि(समा7 सतृ नहैV है0तृ� -है दिदीJ�-� करेतृ� है&)- ग(7द्र न अभी� दीस-V कG परे�क्षा� प�स कG है&, औरे आ�0चान� अपन बँड़-बँड़ ग रु(न/ कG करेतृ� है&। र्थ0र्थ� चान� बँ�( घन�।

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9. दूध क� दूध प�न� क� प�न�-(सचा औरे झ[ठे क� ठे¨क फा& स��)- सरेप6चा न दूध क� दूध,प�न� क� प�न� करे दिदीJ�य�, अस�� दी0षा� मा6ग[ क0 है� दी6ड् मिमा��।10. दूरे क ढ्0� स है�-न-((0 चा�(7 दूरे स अच्छा< �गतृ� है/)- उनक मास[रे� -�� बँ6ग� कG बँहुतृ प्रश6स� स नतृ र्थ विकन्तृ -है�8 दुगÁध क मा�रे तृ6ग आकरे हैमा�रे मा J स विनक� है� गय�-दूरे क ढ्0� स है�-न।11. न रेहैग� बँ�8स, न बँ(ग� बँ�8स रे�-(क�रेण क नष्ट है0न परे क�य" न है0न�)- स�रे� दिदीन �ड़क आमा/ क लि�ए पत्थारे मा�रेतृ रेहैतृ र्थ। हैमान आ8गन मा7 स आमा क� -�क्षा कG कट-� दिदीय�। न रेहैग� बँ�8स, न बँ(ग� बँ�8स रे�।12. न�चा न (�न आ8गन टढ़�-(क�मा करेन� नहैV आन� औरे बँहै�न बँन�न�)-(बँ रे-Vद्र न कहै� विक क0ई ग�तृ स न�इए, तृ0 स न�� बँ0��, ‘आ( समाय नहैV है&’। विफारे विकस� दिदीन कहै� तृ0 कहैन �ग�, ‘आ( मा[ड् नहैV है&’। सचा है&, न�चा न (�न आ8गन टढ़�।13. विबँन मा�8ग मा0तृ� मिमा�, मा�8ग मिमा� न भी�J-(मा�8ग विबँन� अच्छा< -स्तृ कG प्र�न्विप्तृ है0 (�तृ� है&, मा�8गन परे स�ध�रेण भी� नहैV मिमा�तृ�)- अध्य�पक/ न मा�8ग/ क लि�ए

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हैड़तृ�� करे दी<, परे उन्है7 क्य� मिमा�� ? इनस तृ0 बँ&क कमा"चा�रे� अच्छा रेहै, उनक� भीत्ता� बँढ़� दिदीय� गय�। विबँन मा�8ग मा0तृ� मिमा�, मा�8ग मिमा� न भी�J।14. मा�न न मा�न मा9 तृरे� माहैमा�न-((बँरेदीस्तृ� विकस� क� माहैमा�न बँनन�)-एक अमारिरेकन कहैन �ग�, मा9 एक मा�स आपक प�स रेहैकरे आपक रेहैन-सहैन क� अध्ययन करू8 ग�। मा9न मान मा7 कहै�, अ(बँ आदीमा� है&, मा�न न मा�न मा9 तृरे� माहैमा�न।15. मान चा6ग� तृ0 कठेHतृ� मा7 ग6ग�-(यदिदी मान पवि-त्र है& तृ0 घरे है� तृ�र्थ" है&)-भी&य� रे�माश्वरेमा (�करे क्य� करे0ग ? घरे परे है� ईशस्तृ वितृ करे0। मान चा6ग� तृ0 कठेHतृ� मा7 ग6ग�।16. दी0न/ है�र्थ/ मा7 �ड्डू-(दी0न/ ओरे ��भी)- माहै7द्र क0 इधरे उच्चा पदी मिमा� रेहै� र्थ� औरे उधरे अमारिरेक� स -(�फा� उसक तृ0 दी0न/ है�र्थ/ मा7 �ड्डू र्थ।17. नय� नH दिदीन प रे�न� सH दिदीन-(नई -स्तृ ओं क� वि-श्व�स नहैV है0तृ�, प रे�न� -स्तृ दिटक�ऊ है0तृ� है&)- अबँ भी�रेतृ�य (नतृ� क� यहै वि-श्व�स है& विक इस सरेक�रे स तृ0 पहै�� सरेक�रे विफारे भी� अच्छा< र्थ�। नय� नH दिदीन, प रे�न� नH दिदीन।18. बँग� मा7 छो रे� मा 8है मा7 रे�मा-रे�मा-(भी�तृरे स शत्र तृ�

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औरे ऊपरे स मा�ठे¨ बँ�तृ7)- स�म्रा�ज्य-�दी< आ( भी� क छो रे�ष्ट्र/ क0 उन्नवितृ कG आश� दिदी��करे उन्है7 अपन अध�न रेJन� चा�हैतृ है9, परेन्तृ अबँ सभी� दीश समाझ गए है9 विक उनकG बँग� मा7 छो रे� औरे मा 8है मा7 रे�मा-रे�मा है&।19. ��तृ/ क भी[तृ बँ�तृ/ स नहैV मा�नतृ-(शरे�रेतृ� समाझ�न स -श मा7 नहैV आतृ)- स��मा बँड़� शरे�रेतृ� है&, परे उसक अब्बँ� उस प्य�रे स समाझ�न� चा�हैतृ है9। विकन्तृ - नहैV (�नतृ विक ��तृ/ क भी[तृ बँ�तृ/ स नहैV मा�नतृ।20. सहै( पक (0 मा�ठे� है0य-(ध�रे-ध�रे विकए (�न -��� क�य" U�य� फा�दी�यक है0तृ� है&)- वि-न0बँ� भी�- क� वि-चा�रे र्थ� विक भी[मिमा स ध�रे ध�रे-ध�रे औरे श�6वितृप[-"क ��न� चा�विहैए क्य/विक सहै( पक स0 मा�ठे� है0य।21. स�8प मारे ��ठे¨ न ट[ट-(है�विन भी� न है0 औरे क�मा भी� बँन (�ए)- घनश्य�मा क0 उसकG दुष्टतृ� क� ऐस� मा(� चाJ�ओ विक बँदीन�मा� भी� न है0 औरे उस दी6ड् भी� मिमा� (�ए। बँस यहै� समाझ0 विक स�8प भी� मारे (�ए औरे ��ठे¨ भी� न ट[ट।22. अ6तृ भी�� स0 भी��-(जि(सक� परिरेण�मा अच्छा� है&, -है स-Åत्तामा है&)- श्य�मा पढ़न मा7 कमा(0रे र्थ�, �विकन परे�क्षा� क� समाय आतृ-आतृ प[रे� तृ&य�रे� करे �� औरे

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परे�क्षा� प्रर्थमा श्राण� मा7 उत्ता�ण" कG। इस� क0 कहैतृ है9 अ6तृ भी�� स0 भी��।23. चामाड़� (�ए परे दीमाड़� न (�ए-(बँहुतृ क6 ([स है0न�)-माहै7द्रप�� अपन बँट क0 अच्छा कपड़ तृक भी� लिस�-�करे नहैV दीतृ�। उसक� तृ0 यहै� लिसद्ध�न्तृ है& विक चामाड़� (�ए परे दीमाड़� न (�ए।24. सH स न�रे कG एक � है�रे कG-(विनबँ"� कG स&कड़/ चा0ट/ कG सबँ� एक है� चा0ट स मा क�बँ�� करे दीतृ है&)- कHरे-/ न भी�मा क0 बँहुतृ तृ6ग विकय� तृ0 -है कHरे-/ क0 गदी� स प�टन �ग�-सH स न�रे कG एक � है�रे कG।25. स�-न हैरे न भी�दी/ स[J-(सदी&- एक-स� स्थिUवितृ मा7 रेहैन�)- गतृ चा�रे -षा` मा7 हैमा�रे -तृन - भीत्ता मा7 एक सH रुपए कG बँढ़0त्तारे� हुई है&। उधरे 25 प्रवितृशतृ दी�मा बँढ़ गए है9-भी&य� हैमा�रे� तृ0 यहै� स्थिUवितृ रेहै� है& विक स�-न हैरे न भी�ग/ स[J।