घर में हर दिन के कलह का कारण

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घर में� हर दि�न के केलह के� के�रणBy Gaurv Kumar Shrma in TAT SAT निः��स्वा�र्थ� कर्म�यो�गी� ज्यो�निः�षी� सर्म�ह (Files) · Edit Doc

आपक� घर र्म� हर दि�� क� कलह क� क�रण —-

(कह उत्तर दि�शा� र्म� निःकच�/रस�ईघर �� �ह ह�..???)

घर र्म� निःकच� सबस� र्महत्वाप�ण� स्था�� ह��� ह)। इस� घर क, आत्र्म� कह� जा��� ह) क्यो/निःक योह भो�जा� ब��� ह) जिजासस� घर र्म� रह�� वा�ल� ल�गी/ क� आह�र मिर्मल�� ह)। वा�स्�3 क� अ�3स�र उत्तर दि�शा� भोगीवा�� क� खजा�6च� क3 ब�र क� स्था�� ह��� ह)। इस दि�शा� क� प्रनिः�निः�मि8 ग्रह ब38 ह)। वा�स्�3निःवाज्ञा�� क� अ�3स�र योह दि�शा� शा3द्घ और वा�स्�3 स� र्म3क्त ह��� पर व्यक्तिक्त क� र्म��@ पक्ष एवा6 र्म��� स� स3ख मिर्मल�� ह)। योह दि�शा� वा�स्�3 प�निःC� ह��� पर र्म��� क� कष्ट ह��� ह)। आर्थिर्थFक एवा6 कई प्रक�र क, स्वा�स्थ्यो स� जा3C� सर्मस्यो�ओं क� स�र्म�� कर�� ह��� ह)। घर क� वा�स्�3 ��षी स� र्म3क्त रख�� क� क्तिलए घर ब���� सर्मयो उत्तर दि�शा� स� स6बमि8� इ� ब��/ क� ध्यो�� रख�� च�निःहए।

क�रण -परिरवा�र र्म� कलह क� —

वा�स्�3 निःवाज्ञा�� क� अ�3स�र घर र्म� निःकच� उत्तर दि�शा� र्म� ह��� पर वा)वा�निःहक जा�वा� र्म� पर�शा��� आ�� ह)। घर र्म� रह�� वा�ल� स्त्रिस्Lयो/ र्म� आपस� ��लर्म�ल क, कर्म� ह��� ह)। इस� प्रक�र स्���गी@ह उत्तर र्म� ह��� पर र्म��� एवा6 पत्�� स� र्म�र्म3टा�वा रह�� ह) जाबनिःक भो�ईयो/ र्म� आपस� प्यो�र ब�� रह�� ह)। प�जा� घर उत्तर र्म� ह��� पर परिरवा�र क, स्त्रिस्Lयो/ क� स्वा�स्थ्यो स� जा3C� सर्मस्यो�ओं क� स�र्म�� कर�� ह��� ह)। निःवाशा�षी�Pर पर र्म��� क� कष्ट ह��� ह)।

ह��� ह� आर्थिर्थFक �3कस��—

योह दि�शा� क3 ब�र क� ह)। इसक्तिलए इस दि�शा� क� स�फ स3र्थर� रख�� च�निःहए। इस दि�शा� र्म� स्टा�र ब���� यो� कब�C रख�� पर 8�र�-8�र� स6पत्तित्त �ष्ट ह��� चल� जा��� ह)। उत्तर दि�शा� र्म� जाल रख�� स� 8� क� आगीर्म� ब�� रह�� ह)। इसस� घर र्म� रह�� वा�ल/ क, बPक्तिद्घक क्षर्म�� एवा6 अन्���मिष्ट बढ़�� ह)।

उत्तर दि�शा� क� ऐस� वा�स्�3 र्म3क्त ब��ए6 —-

उत्तर दि�शा� क� क�रक ग्रह ब38 ह) इसक्तिलए इस दि�शा� र्म� ���� प�ल� यो� ���� क, �स्वा�र लगी�ए6। इस दि�शा� क, �Vवा�र क� हर� र6गी स� प�टा कर�ए6। प�जा� स्था�� र्म� ब38 यो6L रख�।

ब3र� आत्र्म�ए6 ऐस� आ�� हW निःकच� /रस�ईघर र्म� —-

ज्यो�निः�षीशा�स्L क� अ�3स�र र�हु भो��-प्र�� एवा6 अदृश्यो शाक्तिक्तयो/ क� क�रक ह��� ह)। वा�स्�3 निःवाज्ञा�� क� अ�3स�र र�हु टा�टा� हुए �रवा�जा�, उखर� हुए प्ल�स्टार, �Vवा�र/ क, �र�र/, टा�टाV हुई वास्�3ओं, फ,क, प�टिंटाFगी वा�ल� �Vवा�र/ र्म�, अ68�र� क��/ र्म� रह�� ह)। अगीर निःकच� र्म� निःकच� र्म� बC� छज्जा� निः�कल� हुआ ह) और र�शा�� कर्म ह) ह� वाह�6 भो� र�हु ब)ठा� ह��� ह)। जाह�6 र�हु ह��� ह) वाह�6 ब3र� आत्र्म�ए6 आस��� स� अप�� घर ब�� ल��� हW। निःकच� बहु� लम्ब� और बC� ह� ल�निःक� इसर्म� 83आ6 निः�कल�� क� क्तिलए क्तिचर्म�� क, व्यवास्था� �ह ह� �� 83आ6 घर र्म� रह जा��� ह)। इसस� �Vवा�र� क�ल� पC�� लगी�� हW। निःकच� क� र6गी फ,क� ह��� पर ब3र� आत्र्म�ओं क� निःकच� र्म� अप�� प्रभो�वा जार्म��� क� र्मPक� मिर्मल जा��� ह)।

रस�ईघर/निःकच� स� ऐस� भोगी�यो� ब3र� आत्र्म�ओं क�—–

निःकच� र्म� र�शा�� क� अच्छा� प्रब68 कर� ��निःक क�ई भो� क��� अ68�र� �ह रह�। 83आ6 निः�कल�� क� क्तिलए क्तिचर्म�� लगीवा�ए6 यो� अन्यो क�ई व्यवास्था� कर� ��निःक 83आ6 निःकच� र्म� �ह रह�। वाषी� र्म� कर्म स� कर्म एक ब�र निःकच� क, �Vवा�र/ पर सफ� �V करवा�ए6। �Vवा�र/ र्म� �र�र� आ�� पर उसक, र्मरम्र्म� र्म� ��र � कर�। निःकच� क� हर्म�शा� स�फ रख�। र�� र्म� स��� स� पहल�

निःकच� क, स�फ सफ�ई कर ल�। झू�ठा� ब��� वाcशा ब�क्तिस� र्म� र�� क� �ह छ�C�। स3बह और शा�र्म र्म� भो�जा� ब���� स� पहल� निःकच� र्म� 8�प �Vप दि�ख�यो�।

निःवाशा�षी ध्यो�� रखिखयो�—

अगीर निःकच�/रस�ईघर ब3र� आत्र्म�ओं क� प्रभो�वा र्म� ह� �� घर र्म� रह�� वा�ल� ल�गी कभो� ख3शा �ह रह��। र�गी उन्ह� स�� घ�र� रह�� ह) �र्थ� ऐस� घर र्म� रह�� वा�ल� �6पत्तित्त क� उपर र्म��क्तिसक ���वा ब�� रह�� ह)।

रस�ई घर र्म� अ68�र� ह� और वाह घर क� दूसर� कर्मर/ स� बC� ह� �� वाह निःबल्क3 ल भो� शा3भो �ह र्म��� जा��� ह)। योदि� रस�ई क, �Vवा�र टा�टाV-फ� टाV ह�, क्रे� क ह� छ� पर बहु� बC� छज्जा� ह�। रस�ई घर र्म� उक्तिच� र�शा�� �ह ह� �� ऐस� स्था�� पर ब3र� आत्र्म�ए6 स्था�� पर ब3र� आत्र्म�ए6 अप�� जागीह ब�� ल��� हW।

क3 छ घर/ र्म� रस�ई घर बहु� बC� और ल6ब� ह��� ह)। प�र� रस�ई घर 83ए6 स� क�ल� ह� जा��� ह)।

ऐस� स्था�� �क�र�त्र्मक ऊजा�� स� भोर जा��� ह)। ज्यो�निः�षी क� अ�3स�र ग्रह/ क, स6ख्यो� �P र्म��� गीई ह)। ग्रह/ क� प्रभो�वा जिजास �रह प@थ्वा� क� सभो� जा�वा/ पर पC�� ह)।

घर क, �त्तिक्षण दि�शा� क� स्वा�र्म� र्म6गील ग्रह ह��� ह)। घर र्म� रस�ईघर, इल�क्ट्रिक्lक ब�र्ड�, ख6भो� वा अन्यो और जिजास स्था�� पर अनिःग्र क� प्रयो�गी ह��� ह)। वाह�6 र्म6गील क� प्रभो�वा ह��� ह)।

इसक� र्म3ख्योक�रण योह ह) निःक र्म6गील क� रस�ई क� क�रक र्म��� गीयो� ह)। स�र्थ ह� र्म6गील क� उग्र�� वा आगी क� प्र��क र्म��� जा��� ह)। अनिःग्र क� ल�ल र6गी भो� र्म6गील क� ह� र6गी र्म��� जा��� ह)। इस�क्तिलए रस�ई घर र्म� योदि� पयो��प्� प्रक�शा �� ह� यो� र�� क� सर्मयो अ68�र� रख� जा��� ह) यो� घर क� अन्यो कर्मर� स� रस�ई घर बC� ह� �� घर क� स�स्यो/ क� आर्थिर्थFक वा र्म��क्तिसक ���/ ह� �रह क, सर्मस्यो�ओं क� स�र्म�� कर�� पC�� ह)। इस�क्तिलए रस�ई घर क� हर्म�शा� स�फ-स3र्थर� और र�शा����र रख�� च�निःहए।

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