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(hindi) िताब ए मीदाद - अयाय 1 / 2 / 3 / 4
Mirdad मरदद एक यतव
kitab-e-mirdad
*** िताब -ए -मीदाद *** िसी समय 'िनौा 'िे नाम स ेप िुाे जान ेवाले मठ ि अ तु
िथा
मखाइल नईमी
ि अंेजी प ुित
''द ब िु ऑफ़ मीदाद ''
िा
हदं अन वुाद
डा . ेम मोहंा
आ . सी . बल
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साइंस ऑफ़ द सोल सरच स ट
य ै
िताब -ए -मीदाद
उस प म जसम इस ेउिसे साथय म स े
सबस ेछोटे औ वन नदा न ेलेखनीब िया।
जनम आम -वजय िे लये तड़प ै
उिने लये य मा आिलो -तभ औ आय ै।
बाक़ सब ब ुजन तािच ि इससे सावधान ।
भाई भगवतीदासनदंलाल जी िे सयोग स ेिात पीडीएफ नन िलं स ेले िसत ेै
pdf link part one :
https://www.facebook.com/groups/Call4BookReaders12.06.2013/73470118990821
4/
and pdf part two
: https://www.facebook.com/groups/Call4BookReaders12.06.2013/734701736574826/
षे ; अयाय खडं १ स ेिले ३७ ित म अन सुा म या लॉग म इस प ुित िो बाट ।
थम-पवच-आंभ
मखइल नईम वर रि प ुक ‘िताब-ए-मीदाद ’ अधयम क सवक ृ ट बसव सद क भष
म लख थ है। ओशो न ेएक बर कह थ क कस करण वश सर ेथ नट हो जए एव यदयह क ृ शषे रहे ो सय र भ वकस हो सक है। ि ूक इस थ म सभ सय क
सर एव जवन क सर है। इसम सक ृ क उवर करन ेक कल एव आम न को करन े
क म है। यह एक थ नह बक कश भ है।
यह थ ग ,बईबल एव क ु रन के समक रखने योय है। इसम आमक उन क व एक
मठ क कथ क मधयम से रख ह ुई है। उत क ृ म पह पर थप प रुन ेमठ स ेज ु कहन
ह।ै कमक भष म ग ू ब इस प ुक म लख ह ुई है। सक क ट को मजब ू कर
उसक रह के कटे हट है। नकरमक क समन करने क सम व इसम है।
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यह यवहरक प ुक नह ह,ै ससर म रस जनको आ हो उनके लए यह नह है।ै जो ससर
स ेथक गए है उनके लए यो दयक है। जो नह कह ज सक है, उस ेकहन ेम यह सम ह।ै
परम सय को लखेक को कथ के प म ब नुन ेम महरथ है। यह हमरे उपनषद क रह
है।
लखेक लख है क हम जन ेके लए मर रह ेह ैजबक लखेक मरन ेके लए ज रह है।िवरणय ह ैक जन ेके लए मरे य मरन ेके लए जए।
सथ ह इसम लख है:
मे ह भ ुक वन है।
मु ज ेहो क मु मे करन सख लो।
मु मे कर ेहो क मु जन सख लो।
मन ुय को और क ु छ सखन ेक आवयक नह।
और मे करन तय है, सवय इसके क मे यम को सद के लय ेअपन ेअदर लन कर ले
क दोन एक हो जय?
मखइल नईम लबेनन के ईसई परवर म पदै ह ुए , स म श हण क एव आग ेक श
अमेरक म। वह पर व ेखलल जन स ेज ु ेएव वह म भृष अरब क सक ृ एव सहय को
नव जवन दन करने के लए 1947 म द ब कु आ मरदद लख।
अयाय िए
मीदाद अपना पदाच टाता ै औ पद औ म ु िे बषय म बात िता
ै
नरद ; उस शम आठ सथ खन ेक मजे के िर ओर जम थ ेऔर मरदद एक ओर ख ि िुपप उनके
आदेश क कर रह थ। सथय पर लग ूप रुन नयम म स ेएक यह थ क जह क सभव हो वालप म ''म''शद क योग न कय जय।े सथ शमदम म ुखय के प म अजा अपन उपलय के
बरे म डग मर रह थ। यह दख ेह ुए क उसन ेनौक क सप और ठ म कन व ृ क ह,ैउसन ेबह ु स ेआक े ु कय।े ऐस कर ेह ुए उसन ेवजा शद क बह ु अक योग कय। सथ मकेयन न ेइसके लए उस ेएक हलक स क द। इस पर एक उजेनप णूा ववद छ गय क इस
नयम क तय उेय थ और इस ेबनय थ प हजर न हू न ेय सथ अथा समै न।े उजेन स ेएक -द सूर ेपर दोष लगन ेक नौब आ गई और इसके लवप ब इन बद गई क कह ो बह ु क ु छ पर
सम म कस क क ु छ नह आय।
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ववद को हस के ववरण म बदलन ेक इचछ स ेशमदम मरदद क ओर म ु और पट उपहस के वर
म बोल :'' इर देखो , क ु लप स ेभ ब ह यह मौज दू है। मरदद , शद क इस भ लूभ लुयै स े
नकलन ेम हम रह ब। ''सबक ट म ुकर मरदद पर टक गई , और हम आिया थ सन ह ुई
जब , स वषा क लब अव म पहल बर , मरदद न ेअपन म ु ह खोल मरदद ; नौक के मरे ेसथय
शमदम क इ िहे उपहस म कट क गई है, क ुअनजन ेह मरदद के गभर नणाय क प वूा स िून दे है। तयक जस दन मरदद न ेइस नौक म वशे कय थ , उस दन उसन ेअपन म हुर ोन ेअपन ेपरदे हटन ेऔर ुहरे थ ससर के सम खु अपन ेववक प म कट होन ेके लए इस समय और
थन को -- इस परथ को -- ि नु थ |स म हुर स ेमरदद न ेअपन म हु बद कय ह ुआ ह|ै स पद
स ेउसन ेअपन िहेर ढक रख ह,ै क मु जब श हण करन ेके योय हो जओ ो वह ुह ेऔर
ससर को सख द ेक कैस ेअपन ेहठ प ेलग मोहर ो जय, कैस ेआख प ेप ेपरदे हटय ेजय और इस रह अपन ेआपको अपन ेसमन ेअपन ेसप णूा जे म कट कय जय े। ुहर आख बह ु स ेपद स ेढक
ह ुई ह । हर व ,ु जस पर मु ट डल ेहो , म एक पदा ह ै। ुहरे होठ प ेबह ु स म हुर लग ह ुई ह । हर शद जसक मु उिचरण कर ेहो , म एक म हुर ह ै| तयोक पदथा िह ेउसक कोई प य कर
तय न हो , केवल परदे और पो ेह जनम ेजवन ढक और ल ह ुआ ह ै। ुहर आख , जो वय एक
पदा और पो ह,ै परदे और पो ेके सवय ुह ेकह और कैस ेल ेज सक ह ै? और शद -- व ेतय
अर और मओ म बद कय ेह ुए पदथा नह ह ? ुहर हठ , जो वय एक म हुर ह,ै म हुर के सवय
और तय बोल सक ह ै? आख पदा डल सक ह, परदे को वे नह सक ।हठ म हुर लग सक ेह,
म हुर को ो नह सक े।इसस ेअक इनस ेक ु छ न मगो । शरर के कय म स ेइनके हस ेक कया इन ह ह;ै और इस ेय ेभल -भ नभ रह ेह । परदे डलकर , और म हुर लगकर य े मुस ेप कुर - प कुर
कर कह रह ेह क आओ और उसक खोज करो जो पद के पछे छप ह,ैऔर उसक भदे करो जो म हुर के नि ेदब ह ै। अगर मु अय व ओु को सह प स ेदेखन िह ेहो ो पहल ेवय आख को ठक स े
देखो । ुह ेआख के वर नह, आख म स ेदेखन होग क इसस ेपर ेक सब व ओु को मु देख सको ।यद मु द सुर ेशद ठक स ेबोलन िह ेहो ो पहल ेहठ और जबन ठक स ेबोलो । ुह ेहठ और जबन
के वर नह, वक हठ और जबन म स ेबोलन होग क उनस ेपर ेके सरे शद मु बोल सको ।यद
मु केवल ठक स ेदेखोग ेऔर बोलोग,े ो ुह ेअपन ेसवय और क ु छ नजर नह आयगे , और न मु अपन ेसवय और क ु छ बोलोग े। तयक यके व ुके अदर और यके व ुस ेपर,े सब शद म और सब शद
स ेपर,े केवल मु ह हो | यद र ुहर ससर एक िकर देन ेवल पहेल ह,ै ो वह इसलए क मु वय ह वह िकर दने ेबल पहेल हो । और यद ुहर वण एक वकट भ लू भ लुयै ह,ै ो वह इसलए
क मु वय ह वह वकट भ लू भ लुयै हो । िज जैस ह वसै ह रहन ेदो ; उह बदलन ेक यस म करो
। तयक व ेजो हो ह, इसलए हो ह क मु वह हो ेहो जो हो ेहो । जब
क मु उह ट वण दन नह कर,े व ेन देख सक ह, न बोल सक ह । यद उनक वण कका श ह ैो अपन ह जय क और देखो । यद वह क ु प दखई दे ह ो श ु म भ और आखर म भ अपन
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ह आख को परखो ।पदथ स ेउनके कपड ेउर कन ेको म कहो । अपन ेपरदे उर को ,पदथ के परदे
वय उर जयग े। न ह पदथ स ेउनक म हुर ोन ेको कहो । अपन म हुर ो दो , अय सब क म हुर वय ट ूट जएग ।अपन ेपरदे उरन ेऔर अपन म हुर ोन ेक क ु ज एक शद ह ैजसे मु सदैव अपन ेहठ
म पकड ेरह ेहो । शद " म " यह सबस े चुछ और सबस ेमहन ह ै। मरदद न ेइस ेस जृनहर शद कह ह ै|
अधयय -२
सजना द - म
*********************************
सम व ओु क ो और क है जब ुहरे म हु
से ”म ” नकले ो रु
अपने दय म कहो ,
” भ ,ु ”म ”क वपय म मेर आय बनो ,
और ”म ” के परम आनद
क ओर िलने म मेर मगा दशान करो ।”
तयक इस शद के अदर ,
ययप यह अय सरण है,
येक अय शद क आम कैद है ।
एक बर उसे म तु कर दो ,
ो स गु ैलएग ुहर म खु ,
मठस म पग होग ुहर जह ,
और ुहरे येक शद से
जवन म आलद क रस टपकेग ।
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उसे कैद रहने दो ,
ो द गुा प णूा होग ुहर म खु ,
कडव होग ुहर जह और
ुहरे येक शद से म ृय ुक मवद टपकेग ।
तयक मो ”म ” ह सरजनहर शद है ।
और जब क मु इसक
िमकर शत को नह करोगे,
ब क ुहर हल ऐस होग
यद गन िहोगे ो आानद करोगे;
श िहोगे ो य ु करोग;े
यद कश म उन भरन िहोगे,
ो अेरे करगर म प ेसक ु ोगे ।
ुहर ”म ” अव क ुहर िेन म है,
म कू और देह रह अव क ,
जसे बन और देह दे द गई है ।
वह ुहरे अदर क अय है
जसे य बन दय गय है,
अय है जसे य बन दय
गय है,
क मु देखो ो अय को देख सको ;
और जब स नुो ो अय को स नु सको ।
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तयक अभ मु आख
और कन के सथ ब ेह ुए हो.
और यद मु इन आख के वर न केखो ,
और यद मु इन कनो के वर न स नुो ,
ो मु क ु छ भ देख और स नु नह सक े।
”म ” के िवर –म से मु
अपने दमग म िवर के
सम ु को हलकोरने लगे हो ।
वह सम ु िरन है ुहरे ”म ”क
जो एक सथ िवर और िवरक दोन है ।
यद ुहरे िवर एसे ह जो ि भु,े
कट ेय िनो ेह ,
ो सम लो क ुहरे
अदर के ”म ” ने ह उह डक ,
द , पजे दन कये ह …
मरदद िह है ….
क मु यह भ जन लो
क जो दन कर सक है वह छन भ सक है।
”म ” क भवन –म से मु अपने दय म भवनओ क क ु आ खोद
ले ेहो । यह क ु आ िरन है ुहरे ”म ” क जो एक सथ अन भुव
करनेवल और अन भुव दोन है । यद ुहरे दय म क टल
ड़य ह , ो जन लो ुहरे अदर के ”म ” ने ह उह वह लगय
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है ।मरदद िह है क मु यह भ जन लो क जो इन आसन
से लग सक है वह उन आसन से ज स ेउख भ सक है ।
”म ” के उिचरण –म स े मु शद के एक वशल सम हू को जम
दे ेहो ; येक शद हो एक व ुक क ; येक व ुहो है एक ससर क क ;येक ससर हो है एक हड क घटक
अग ।वह हड िरन है ुहरे ”म ” क जो एक सथ ट और
ट दोन है । यद ुहर ट म क ु छ हौए ह , ो जन लो क
ुहरे अदर के ”म ” ने ह उह अव दय है ।मरदद िह है
क यह भ जन लो क जो िरन कर सक है वह नट भ करसक है ।जसै ट हो है, वसै ह हो है उसक िरन । तय
कोई अपने आप से अक रिन िर सक है? य अपन ेआपसे
कम ?ट केवल अपने आपको िर ह—ै-न अक , न कम ।एक
म लू – ो है ”म ”जसमे वे सब व एु वह हो ह और जसमे
वे वपस िल ज ह ।जसै म लू ो हो है, वसै ह हो हैउसक वह भ एक जद ूक छ है ”म ” । र भ यह छ एस
कस व ुको पैद नह कर सक जो जद गूर म न हो । जसै
जद गूर हो है, वसै ह हो ह उसक छ क पैद क ह ुई व एु
।इसलए जसै ुहर िेन है, वसै ह ुहर ”म ” । जसै ुहर
”म ” है वसै ह है ुहर ससर । यद इस ;;म ” क अथा पट औरनि है, ो ुहरे ससर क अथा भ पट और नि है; और
ब ुहरे शद कभ भ लूभ लुयै नह हग;े न ह हगे ुहरे कमा
कभ प के घसले । यद यह परवान –रह थ िर थई है,
ो ुहर ससर भ परवान रह और िर थई है; और ब मु
हो समय से भ अक महन थ थन से भ कह अक व ृ
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। यद यह अथय और अपरवानशल है, ो ुहर ससर भ
अथय और अपरवानशल है; और मु हो एु क एक पर जस
पर स यूा अपन कोमल सस छो रह है ।यद यह एक है ो ुहर
ससर भ एक है; और ब ुहरे और वगा थ प ृव के सबनवसय के बि अन श है । यद यह अनेक है ो ुहर
ससर भ अनेक है; और मु अपन ेसथ थ भ ुके असम
सय के येक ण के सथ अ –हन य ु कर रहे हो ”म ”
ुहरे जवन क क है जसमे से वे व एु नकल ह जनसे
ुहर सप णूा ससर बन है, और जनमे वे सब वपस आकर मलज ह । यद यह थर है ो ुहर ससर भ थर ह;ै ऊपर य
नि ेक कोई भ शत ुहे दय य बए नह ड ुल सक । यद
यह िलयमन है ो ुहर ससर भ िलयमन है; और मु एक
असहय प हो हो जो हव के ु बवडर क लपेट म आ गय है
।और देखो ुहर ससर थर अवय है, पर ुकेवल अथर म ।नि है ुहर ससर , पर ुकेवल अनि म ; नय है
ुहर ससर , पर ुअनय म ; और एक है ुहर ससर , पर ु
केवल अनेक म । ुहर ससर है क म बदल ेपलनो क ,और
पलनो म बदल क क , र को नगल ेदन क , और दन को
उगल र क , य ु क घोषण कर रह श क , और श कथान कर रहे य ु क , अ ओु पर ैर म ुकन क , और म ुकन
स ेदमक ेअ ओु क । ुहर ससर नरर सव-वेदन म प
ससर है, जसक य है म ृय ु। ुहर ससर छलनय और
रनय क ससर है जसमे कोई दो छलनय य रनय एक
जसै नह ह । और मु नरर उन व ओु को छनने और रने
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म खप ेरहे हो जह छन य र नह ज सक । ुहर ससर
अपने ह व वभज है तयक ुहरे अदर क ”म ” इस कर
वभज है । ुहर ससर अवरो और ब क ससर है, तयक
ुहरे अदर क ”म ” अवरो ब क ;;म ” है ।क ु छ व ओु को यहपरय मन कर बड के बहर कर देन िह है; क ु छ को अपन
मनकर ब के अदर ले लेन िह है । पर ुजो व ुब के
बहर है वह सद बलप वूाक ब के अदर आ रह है,और जो व ु
ब के अदर है वह सद बलप वूाक ब के बहर ज रह है ।
तयक वे एक ह म क – ुहरे ”म ” क —सन होने के करणअलग-अलग नह होन िह ।और मु , उनके श भु मलप से
सन होने के बजय ,अलग न हो सकनेवल को अलग करने क
नल िेट म ज टु ज ेहो । ”म ” के अदर क दरर को भरने
क बजय मु अपने जवन को छल-छल कर नट करे ज ेहो ;
मु आश करे हो क इस रह मु इसे एक पिच बन लोगेजसे मु ,जो ुहर सम म ुहर ”म ” है और जो ुहर
कपन म ुहरे ;;म ;;से भन है, उन दोन के बि ठक सको |हे
स ओु , मरदद ुहरे ”म ” के अदर क दरर को भर देन िह है
क मु अपने सथ , मन ुय-म के सथ , और सप णूा हड के
सथ शप वूाक ज सको ।मरदद ुहरे ”म ” के अदर भरे बष कोसोख लेन िह है क मु न क मठस क रस िख सको
।मरदद ुहे ुहरे ”म ” को ोलने क व सखन िह है
क मु प णूा स लुन क आनद ले सको |
अधयय 3-
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☞पवन प टु और प णूा स लुन ☜
मरदद-ययप मुमे स ेहर-एक
अपने-अपने ” म ” म के ह ,
र भ मु सब एक
म म के हो
भ ुके म म |
भ ुक ‘म ’…..
मेरे सथय , भ ुक शव ,
एकम शद है. इसम भ ुकट हो है
जो परम िेन है. इसके बन
व प णूा मौन ह रह ज.
इस के वर ट ने अपन
िरन क है. इस के वर
वह नरकर अनेक आकर रण कर है
जनमे से होे ह ुए जव र
स ेनरकर म पह ुि जय ग.े
अपने आपक अन भुव करने के लय;े
अपने आप क िन करन ेके लये;
अपने आप क उिचरण करन ेके
लये भ ुको ‘म ’ से अक और क ु छ बोलने क आवयक नह.
इसलए ‘म ’ उसक एकम शद है.
इसलए यह शद है .जब भ ु ‘म ’ कह है
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ो क ु छ भ अनकह नह रह ज.
देख ेह ुए लोक और अनदेखे लोक ;
जम ले ि कु व एु और जम लेने
क कर रह
व एु; ब रह समय
और अभ आने बल
समय – सब ; सब-क ु छ ह ,
रे के एक-एक कण क ,
इस शद के वर कट हो ह ै
और इस शद म सम ज है.
इस के वर सब व एु िर ग थ.
इस के वर सभ क पलन हो है .
यद कस कस शद क कोई अथा न हो , ो वह शद श ूय म
ग ू ज केवल एक धवन है. यद इसक अथा सद एक ह न हो ,
ो यह गले क क सर जबन पर प ेछले से अक और क ु छ नह |
भ ुक शद श ूय म ग ू ज धवन नह है,
न ह गले क क सर है,
सवय उनके लए जो दय न से रह ह . तयक दय न वह पव शत है ….
जो शद को णवन बन ह ै
और उसे िेन के सथ जो दे है.
यह उस अन रज ूक डड है
जसके दो पल ेह —
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आद िेन और शद .आद िेन ,
शद और दय न —-
देखो स ओु ,
अव क यह प टु ,वे न जो एक ह , वह एक जो न ह ,
परपर समन , सह-यपक , सह-शव ; आम-स ुल , आम- न ,
आम-प रूक. यह न कभ घट है न बढ है — सदैव श , सदैव
समन. यह है प णूा स लुन , ये स ओु .मन ुय ने इसे भ ुनम दय
है, ययप यह इन वलण है क इसे कोई नम नह दय जसक. र भ पवन है यह नम ,और पवन है वह जह जो इसे
पवन रख है .मन ुय यद इस भ ुक सन नह ो और तय
है? तय वह भ ुसक है से भन हो ? तय ब क व ृ अपने बज
के अदर समय ह ुआ नह है? तय भ ुमन ुय के अदर य नह
है? इसलए मन ुय भ एक ऐस ह पवन प टु है; िेन , शद और दय न. मन ुय भ , अपने भ ुक रह एक ट है .उक ‘म ’
उसक िरन है .़र तय वह अपने भ ुजसै स ुल नह ह?ै यद
मु इस पहेल क उर जनन िह ेहो , ो धयन से स नुो जो
क ु छ भ मरदद ुहे बने ज रह है |
अधयय 4-
☞मन ुय पो म लपट ☜
एक परमम है
मन ुय पो म लपट एक परमम है।
समय एक पो है,
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थन एक पो है,
देह एक पो है और
इस कर ह इय थ
उनके वर अन भुव-गय व एु भ ।
म भल कर जन है
क पो ेशश ु नह ह ।
पर ुबिच यह नह जन ।
अभ मन ुय क अपने पो
म बह ु धयन रह है
जो हर दन के सथ ,
हर य गु के सथ बदले रह ेह ।
इसलए उसक िेन म
नरर परवान हो रह है;इसलए उसक शद ,
जो उसक िेन क
अभयत है,
कभ भ अथा म पट और नि नह हो ;
और इसलए उसके ववेक पर ु छई रह है;और इसलए उसक जवन अस ुल है ।
यह ग नु उलन है ।
इसलए मन ुय सहय के लए थान कर है । उसक आानद
अनद कल से ग ू ज रह है ।
वय ुउसके मलप से बोल है ।
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सम ु उसके आस ओु के नमक से खर है ।
र पर उसक क से गहर ुराय प ग ह । आकश उसक
थानओ स ेबहर हो गय है ।
और यह सब इसलए क
अभ क वह ;म ’ क अथा
नह सम जो उसके लए ह ै
पो ेऔर उसमे लपट ह ुआ शश ु भ ।
‘
म ’
कह ेह ुए मन ुय शद को
दो भग म ि र दे है;
एक , उसके पो;े
द सूर भ ुक अमर अव ।
तय मन ुय वव म
अवभय को वभज कर दे है ?भ ुन करे ऐस हो ।
अवभय को कोई शत वभज नह कर सक –इवर क
शत भ नह ।
मन ुय अपरपतव है
इसलए वभजन क कपन कर है । और मन ुय , एक शश ,ु
उस अन अव को अपने
अव क बैर मनकर लई
के लए कमर कस ले है और
य ु क घोषण कर दे है ।
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इस य ु म ,जो बरबर क नह ह,ै
मन ुय अपने मस के िथ ेउद दे है,
अपने रत क नदय वह दे है;
जबक परमम , जो म भ है और प भ , नेह-प वूाक देख रह है,
तयक वह भल-भ जन है
क मन ुय अपन ेउन मोटे पद
को ह रह है और अपने
उस कव ेवेष को ह बह रह है
जो उस एक के सथ उसक
एक के उसे अ बनय ह ुए है ।
यह मन ुय क नय है–
लन और रत बहन और म ूछा हो जन ,
और अ म जगन
और ‘म ’ के अदर क दरर को
अपने मस से भरन
और अपने रत से उसे
मजब ू स ेबद कर देन ।
इसलए सथय ……..
ुहे सवन कर दय गय है–
और ब ब ुमन के सथ
सवन कर दय गय है–
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क ‘म ’ क कम से कम योग करो ।
तयक जब क ‘म ’ स े
ुहर पया पो ेहै,
उसमे लपट केवल शश ु नह;जब क इसक अथा ुहरे
लए एक िलन है,क ु ठल नह,
ब क मु अपने मय अभमन को छने रहोगे और बटोरोगे
केवल म ृय ुको , उसस ेउपन सभ पडओ और वेदनओ के सथ |
(hindi) िताब ए मीदाद - अयाय 5/6/7 भ ुरना औ भ ु
िए तो भी
अधयय – 5..
क ु ठलय और िलनय शद भ ुक
और मन ुय क भ ुक शद एक क ु ठल है ।
जो क ु छ वह िर है
उसको पघलकर एक कर दे है,
न उसमे से कस को अचछ
मनकर वकर कर है
न ह ब रु मनकर ठ ुकर है ।
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दय न से परप णूा होन ेके
करण वह भल- जन है
क उसक िरन और वह
वय एक ह ;
क एक अश को ठ ुकरन सप रू को ठ ुकरन है;
और सप णूा को ठ ुकरन
अपने आप को ठ ुकरन है ।
इसलए उसक उेय और
आशय सद एक ह रह है ।
जबक मन ुय क शद एक िलन है ।
जो क ु छ यह िर है
उसे लई-ग ेम लग दे है ।
यह नरर कस को म मनकर अपन रह है
ो कस को ठ ुकर रह है ।
और अकसर इसक कल क म आज क श ुबन ज है; आज
क श ,ु कल क म ।
इस कर मन ुय क अपने ह व ूर और नरथाक य ु छ
रह है ।
और यह सब इसलए तयक मन ुय म पव शत क अभव
है;और केवल वह उसे बो कर सक है
क वह थ उसक िरन एक ह ह ;
क श ुको यग देन म को यग देन है ।
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तयक दोन शद ,
श ुऔर म उसके शद
उसके म क िरन है ।
जससे मु ण करे हो
और ब रु मनकर यग देे हो ,
उसे अवय ह कोई अय यत ,
अथव अय पदथा अचछ मनकर ,
अपन ले है तय एक ह
व ुएक ह समय म
परपर वपर दो व एु हो सक है ?
वह न एक ह ,
न ह द सूर ; केवल ुहरे ‘म ने उसे ब रु बह दय है,
और कस द सुरे ;;म ” न ेउसे अचछ बन बन । तय म ने कह नह क जो िर सक है?
वह अ-रि भ कर सक है ?
जस कर मु कस को श ुबन ले ेहो ,
उस कर उसके सथ श ु
को मट भ सके हो ,य उसे श ुसे म बन सके हो ।
इसके लए ुहरे ”म ” को
एक क ु ठल बनन होग।
इसके लय हुे दय न क आवयक है ।
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इसलए म मुस ेकह ह ू
क यद मु कभ कस व ु
के लए थान कर ेह हो ,
ो केवल दय न के लए थान करो। छनने वले कभ न बनन ,
मेरे सथय …
तयक भ ुक शद जवन है
और जवन एक क ु ठल है
जसमे सब क ु छ एक ,अवभय एक बन ज है;
सब क ु छ प रू रह स ुल हो है,
और सबक ु छ अपने िरय –
पवन प टु –के योय हो है ।
और इससे और कन अक ुहरे योय होग ? छनने वले
कभ न बनन , मरेे सथय ; ब ुहर यतव इन महन ,
इन सवायप और इन सवाह हो जएग क ऐस कोई भ
िलन नह मल सकेग जो ुहे अपन ेअदर समेट ले । छनने वले
कभ न बनन , मरेे सथय । पहले शद क न करो क
मु अपने ख दु के शद को जन सको । जब मु अपने शद को
जन लोगे ब अपन िलनय को अन क भ ट कर दोगे । तयक
ुहर शद और भ ुक शद एक है,अर इन ह है ुहर
शद अभ भ पद म छप ह ुआ है । मरदद मुसे परदे कव
देन िह है ।भ ुके शद के लए समय और थन क कोई
अव नह । तय कोई ऐस समय थ जब मु भ ुके सथ नह
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थे ? तय कोई ऐस थन है जह मु भ ुके अदर नह थे ? र
तय बे हो मु अन को हर और ऋ ओु क जजर म ?
और तय समेट ेहो थन को इि और मल म ?भ ुक शद वह
जवन है जो जम नह,इस लए अवनश है । र ुहर शदजम और म ृय ुक लपेट म तय है ? तय मु केवल भ ुके सहरे
जव नह हो ? और म ृय ुसे म तु कोई म ृय ुक ो हो सक
है ? भ ुके शद म सभ क ु छ शमल है उसके अदर न कोई अवरो
है न कोई ब । र ुहर शद अवरो और ब से तय इन
जजार है ?
म मुस ेकह ह ू , ुहर हड़डय और मस भ केवल ुहर ह
हड़डय और मस नह है । ुहरे हथो के सथ और अनगन
हथ भ थव और आकश क उह देगिय म ड ुबक लग ेह
जनमे से ुहर हड़डय और मस आ ेह और जनमे वो वपस
िले ज ेहै ।न ह ुहर आख क यो केवल ुहर यो है। यह उन सबक यो भ है जो स यूा कश म ुहरे भगदर ह
। यद म ुमे कश न हो ो तय ुहर आखे म ु ेदेख प ?
यह मेर कश है जो ुहर आख म म ु ेदेख है । यह ुहर
है जो मेर आख म ुहे देख है । यद म प णूा अकर हो ो
मरे और कने पर ुहर आख प णूा अकर ह हो । न ह ुहरे व म ि ल वस ुहर वस है। जो वस ले ेह , य
जहने कभ वस लय थ , वे सब ुहरे व म वस ले रहे ह
। तय यह आदम क वस नह जो अभ भ ुहरे ड को
ु ल रह है ? तय यह आदम क दय नह जो आज भ ुहरे
दय के अदर क रह है ?न ह ुहरे िवर ुहरे अपने िवर
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ह । सवाजनक िन क सम ु दव कर है क यह िवर उसके
ह ; और यह दव करे ह िन करने वले अय ण जो ुहरे
सथ उस सम ु म भगदर ह ।न ह ुहरे वन केवल ुहरे
वन ह ुहरे वन म सप णूा हड अपन ेसपने देख रह है ।न ह ुहर घर केवल ुहर घर है । यह ुहरे मेहमन क
और उस मतख , उस ि हेू, उस बल , और उन सब णय क भ
घर है जो ुहरे सथ उसक उपयोग करे ह ।इसलए , ब से
सवन रहो । मु केवल म को बद के अदर ल ेहो और सय
को बद के बहर नकल ेहो । और जब मु अपन ेआप को बद केअदर देखने के लए म ु ेहो , ो अपने समने खड पे हो म ृय ुको
जो म क द सूर नम है ।मन ुय को , हे स ओु भ ुसे अलग नह
कय ज सक ; और इसलए अपने सथ मन ुय से और अय
णय से भ उसे अलग नह कय ज सक तयक वे भ शद
स ेउपन ह ुए ह |शद सगर है, मु बदल हो , और बदल तयबदल हो सक है यद सगर उसके अदर न हो ? नसदेह म खूा ह
वह बदल जो अपने प और अपने अव को सद के लए बनये
रखने के उेय से आकश म अर टगे रहन ेके यस म ह अपन
जवन नट करन िह है । अपने म खूाप णूा म क उसे भन
आशओ और कट ु मयभमन के सवय और तय ल होग ? यद वह अपने आप को ग व नह दे , ो अपने आपको प ्
नह सक । यद वह बदल के प म मरकर ल ु नह हो ज ,
ो अपने अदर के सगर को प नह सक जो एकम उसक
अव है ।मन ुय एक बदल है जो भ ुको अपन ेअदर लए ह ुए है
। यद वह अपने आप से रत नह हो ज , ो वह अपने आप को
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प नह सक । आह , कन आनद है रत हो जने म !यद मु
अपने आप को सद के लए शद म खो नह दे ेो मु उस शद
को सम नह सक ेजो क मु वय हो ,जो क ुहर ”म ” ह है
। आह , कन आनद है खो जने म !म मुस ेर कह ह ू , दयन के लए थान करो । जब ुहरे अर म दय न कट
हो जएग , ो भ ुके वशल सय म ऐस क ु छ नह होग जो
ुहरे वर उिचर येक ”म ” क उर एक सन ह ुकर स ेन
दे ।और ब वय म ृय ु ुहरे हथ म केवल एक अ होग
जससे मु म ृय ुको परज कर सको । और ब जवन ुहरेदय को असम दय क क ु ज दन करेग । वह है ेम क स नुहर
क ु ज ।शमदम ;– म ने वन म भ कपन नह क थ क ज ू े
बान पछन ेके िथ ेऔर ू म से इन ब ुम िनो ज
सक है । (उसक सके मरदद के सेवक होन ेक ओर थ
)मरदद :– ब ुमन के लए सब क ु छ ब ुम क भडर है ।.ब ु हन के लए ब ुम वय एक म खूा है । शमदम : — रे
ज बुन , नसदेह ब ि रु है । आिया है क नूे इसे इने समय
क लगम दए रख । पर ुरेे शद बह ु कठोर और कठन ह
।मरदद ;– मेरे शद ो सरल ह शमदम । कठन ो ुहरे कन
को लग ेह । अभगे ह व ेजो स नुकर भ नह स नु;े अभगे ह वेजो देखकर भ नह देख े।शमदम:– म ु ेख बू स नुई और दखई
दे है, शयद जर से क ु छ यद ह । र भ म ऐस म खूा क
ब नह स नु ू ग क शमदम और मरदद दोन समन ह ; क
मलक और नौकर म कोई अर नह ।
* प ा अतव *
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िए द से ि सेवा म लन ै
अधयय 6
मरदद : –
मरदद ह शमदम क
एकम सेवक नह है ।
शमदम ……..तय मु अपने सेवक क
गन कर सक ेहो ?
तय कोई गड य बज है;
तय कोई देवदर य बरगद है; तय कोई पवा य न है;
तय कोई महसगर य सरोवर है;
तय कोई ़र य बदशह है
जो शमदम क सेव न कर रह हो ?
तय सर ससर ह शमदम क सेव म नह है ? न ह मरदद शमदम क एक म वम है ।
शमदम , तय मु अपने वमय
क गन कर सके हो ?
तय कोई भ ृ ग य कट है;
तय कोई उल ूय गौरैय है;तय कोई कट य टहन है;
तय कोई क कर य सप है;
तय कोई ओस-बद ुय लब है;
तय कोई भखर य िोर है
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जसक शमदम सेव न कर रह हो ?
तय शमदम सप णूा ससर क सेव म नह है ?
तयक अपन कया कर ेह ुए
ससर ुहर कया भ कर है ।
और अपन कया कर ेह ुए
मु ससर क कया भ कर ेहो ।
ह……..
मक पटे क वम है;
पर ुपेट भ मक
क कम वम नह ।
कोई भ िज सेव नह कर सक
जब क सवे करने म
उसक अपन सवे न हो हो ।
और कोई भ िज सेव नह करव सक
जब क उस सवे स े
सेव करने वले क सेव न हो हो ।
शमदम …..म मु से और सभ से कह ह ू ,
सेवक वम क वम है,और वम सेवक क सेवक ।
सवेक को अपन सर न कुने दो ।
वम को अपन सर न उठने दो ।
ूर वम के अहकर को क ु िल डलो ।
शमाद सवेक क शमादग को ज से उख को |
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यद रखो ,शद एक है ।
और उस शद के अर हो ेह ुए
मु भ वव म एक ह हो ।
कोई भ अर कस अय अर से ेठ नह,न ह कस अय अर से अक आवयक है ।
अनेक अर एक ह अर ह ,
यह क क शद भ ।
ुहे ऐस एकर बनन होग
यद मु उस अकथ आम-ेम के
णक परम आनद क अन भुव
करन िहे हो
जो सबके ,सब पदथ के , मे है ।
शमदम …
इस समय म मुसे उस रह ब नह कर रह ह ू
जस रह वम सेवक से अथव सेवक वम से कर है; बक
इस रह ब कर रह ह ू
जस रह भई भई से ब कर है ।
मु मेर ब स ेतय इने यक ु ल हो रहे हो ?
मु िहो ो म ु ेअवकर कर दो ।
पर ुम ुहे अवकर नह क ग ।
तय म ने अभ-अभ नह कह थ
क मेरे शरर क मस
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ुहरे शरर के मस स ेभन नह है ?
म मु पर वर नह क ग ,
कह ऐस न हो क मेर रत बहे ।
इसलए अपन जबन को यन म ह रहने दो ,
यद मु अपने रत को बहने से िबन िह ेहो ।
मेरे लए अपन ेदय के वर खोल दो ,
यद मु उह यथ और प
के लए बद कर देन िहे हो ।
ऐस जह स े
जसके शद कटे और जल ह
जह क न होन क ह अचछ है ।
और जब क जह दय
न के वर वचछ नह क ज ब क उससे नकले
शद सद घयल करे रह ग े
और जल म स ेरह गे |
हे स ओु …….
मरे आह है क मु अपने दय को टटोलो ।
मरे आह है क मु उसके अदर के
सभ अवरो को उख को ।
मरे आह है क मु उन
पो को जनमे ुहर ;
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म ; अभ लपट ह ुआ है
क दो ,
क मु देख सको
क अभन है ुहर ‘म ’
भ ुके शद से जो
अपने आपम सद श है
और अपने म स ेउपन ह ुए
सभ खड –हड के सथ
नरर एक- वर है ।
यह श थ मेर न हू को ।
यह श है मेर ुहे है …
नरौद ;–इसके बद हम सबको अवक
और लज छोकर मरदद
अपन कोठर म ि ल गय ।
क ु छ समय के मौन के बद ,
जसक बो असय हो रह थ ,
सभ सथ उठकर जने लग ेऔर
ज ेज ेहर सथ न ेमरदद के वषय म अपन िवर कट कय ।
शमदम ;– रज-म कु ु ट के वन देखन ेवल एक भखर ।
मकेयन:- यह वह है जो ग ु प से हजर न हू क नौक म सवर
ह ुआ थ ।
इसम कह नह थ , ”यह श थ मेर न हू को ?”
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अबमर:- उल ेह ुए स ू क एक ग चुछ ।
मकर :- कस द सुरे ह आकश क एक र ।
बनै नू :- एक मेव प ुष , क ुपरपर वरो ब म खोय ह ुआ
।
जमोर :- एक वलण रबब जसके वर को हम नह पिहन े।
हबल :- एक भटक शद कस सदय ो क खोज म
द िो ाथचना
म ढाल दो भ ुमागचि े लए
अधयय -7
मकेयन और नरद
र को मरदद से बि करे ह
जो भव जल-लय क सके दे है और
उनसे यैर रहन ेक आह कर है
***************************************
नरौद :- र के सरे पहर क
लगभग द सूर घड थ
जब म ु ेलग क
मरे कोठर क वर ख लु रह है
और म ने मकेयन को मे वर म कह ेस नु ….
तय मु जग रहे हो , नरौद ?””
इस र मेर कोठर म नद क
आगमन नह ह ुआ ह…ै…मकेयन
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‘ न ह नद ने आकर मेर आख म बसेर कय है । और वह तय
मु िसो ेहो क वह सो रह है ?””
ुहर मलब म ुशाद से है ?….
मु अभ स ेउस ेम ुशाद कहने लगे ?
शयद वह है भ ।
जब क म निय नह कर ले
क वह कौन है,
म ि ैन से नह बठै सक ।
िलो …..
इस ण उसके पस िल ।
हम दब ेपव मेर कोठर से नकले और म ुशाद क कोठर म ज
पह ुिे ।
क प रह िदन क क ु छ करण
दवर के उपर भग के एक छ से
िोर छपे घ सु ह ुई
उसके सरण-स ेबर पर प रह थ
जो स़-स थुरे ढग स ेर पर बछ ह ुआ थ । पट थ क उस
र उस पर कोई सोय न थ ।
जसक लश म हम वह आये थ,े
वह वह नह मल ।
िक , लज और नरश हम लौटने ह लगे थे
क िअनक …..
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इसस ेपहले क हमर आखे वर पर
उसके कणमय म खु क लक प,
उसक कोमल वर हमरे कनो म प ।
मरदद :- घबरओ म , श स ेबठै जओ ।
शखर पर र ेज से भ म वलन
हो ज रह है ।
वलन होने के लए यह घड ब अन कु ूल है ।
मकेयन :- ( उलन ,
और क-क कर) इस अनकर वेश केलए म करन ।
र- भर हम सो नह पये ।
मरदद:- बह ु णक हो है
नद म अपने आपको भ लू जन ।
नद क हलक-हलक पकय लेकर अपने को भ लूने से बहेर ह
जग ेह ुए ह अपने आपको
प रू रह से भ लु देन । ….
मरदद से मु तय िह ेहो ?…
मकेयन:- हम यह जनने के लए आये थ े
क मु कौन हो ।
मरदद:- जब म मन ुय के सथ हो ह ू
ो परमम ह ू ….
जब परमम के सथ
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ो मन ुय ।
तय मुने जन लय मकेयन ?
मकेयन:- मु परमम क नद कर रहे हो ।
मरदद:- मकेयन के परमम क-शयद ह,
मरदद के परमम क बलक ु ल नह ।
मकेयन:- तय जने मन ुय ह उने ह परमम ह
जो मु मरदद के लए एक परमम क
और मकेयन के लए
द सुरे परमम क ब करे हो ?
मरदद:- परमम अनेक नह ह ।
परमम एक है ।
क ुमन ुय क परछइय
अनेक और भन-भन ह ।
जब क मन ुय क परछइय
र पर प ह ,
ब क कस मन ुय क
परमम उसक परछ से ब नह हो सक ।
केवल परछ -रह मन ुय ह प रू रह से कश म है ।
केवल परछ-रह मन ुय ह
उस एक परमम को जन है ।
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तयक परमम कश है,
और केवल कश ह
कश को जन सक है ।
मकेयन:- हमसे पहेलय म ब म करो ।
हमर ब ु अभ बह ु मद है ।
मरदद:- जो मन ुय परछ क पछ कर है,
उसके लये सबक ु छ ह पहेल है ।
ऐस मन ुय उर ल ह ुई रौशन म ि ल है,
इसलए वह अपन परछ से ठोकर ख है ।
जब मु दय न के कश सिे मक उठोग े
ब ुहर कोई परछ रहेग ह नह ।
श ह मरदद परछइय
इक कर लेग और उह स यूा के प म जल डलेग ।
ब वह सब जो इस समय ुहरे लए पहेल है,
एक वल सय के प म
सहस ुहरे समने कट हो जयेग ,
और वह सय इन य होग क उस ेकस यय क आवयक नह होग..
मकेयन :- तय मु हम बओग ेनह
क मु कौन हो ?
यद हम े ुहरे नम क –
ुहरे ववक नम क —
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थ ुहरे देश
और ुहरे प वूाज क न हो
ो शयद हम ुहे अक
अचछ रह से सम ले े।
मरदद :- ओह , मकेयन !
मरदद को अपन जजर म बन े
और अपने पद म छपने क
ुहर यह यस ऐस ह है
जसै गड को वपस उस खोल म
ठ ू सन जसमे स ेवह नकल थ ।
तय नम हो सक है
उस मन ुय क
जो अब ‘खोल के अदर ‘ है ह नह ?
कस देश क समए
उस मन ुय को
अपने अदर रख सक ह
जसमे एक हड समय ह ुआ है ?
कौन-स वश उस मन ुय को अपन कह सक है जसक एकमप वूाज वय परमम है ?
यद मु म ु ेअचछ रह से
जनन िह ेहो , मकेयन ,
ो पहले मकेयन को अचछ रह से जन लो ।
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मकेयन :- शयद मु मन ुय क िोल पहने एक कपन हो ।
मरदद :- ह लोग कस दन कह ग ेक मरदद केवल एक कपन
थ ।
पर ु ुहे श ह प िल जयेग क यह कपन कनयथथा है—
मन ुय के कस भ कर के यथथा से कन अक यथथा ।
इस समय ससर क धयन मरदद क ओर नह है ।
पर मरदद ससर को सद धयन म रख है ।
ससर भ श ह मरदद क ओर धयन देग …..
मकेयन:- कह मु वह ो नह जो ग ु प से न हू क नौक म
सवर ह ुआ थ ?
मरदद:- म येक उस नव म ग ु प से सवर ह ुआ यत ह ू
जो म के ून से ज
ू रह है ।
जब भ उन नौकओ के कन म ु ेसहय के लये प कुर ेह ,
म आगे बकर पवर थम ले ह ू ।
ुहर दय भ ,िहे मु नह जन,े
दघाकल से उिच वर म म ु ेप कुर रह है ।
और देखो !
मरदद ुहे स रु खेने के लए यह आ गय है क अपन
बर आने पर मु ससर को खेकर उस जल-लय से बहर नकल
सको
जससे ब जल-लय कभ देख य स नु न गय होग ।
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मकेयन:- एक और जल-लय ?
मरदद :- र को बह देने के लए नह,
बक र के अदर जो वगा है उस ेबहर लने के लए ।
मन ुय क नशन क मट देने के लए नह,बक मन ुय के अदर छप े
परमम को कट करने के लए ।
मकेयन :- अभ क ु छ ह दन ो ह ुए ह जब इ-न षु ने स रग
स ेहमरे आकश को स शुोभ कय थ ,
और मु द सुरे जल-लय क ब करे हो |
मरदद:- न हू के जल-लय से अक वनशकर होग यह जल-
लय जसक ून लहर अभ से उठ रह ह ।
जल म ड ूब र के गभा म वस क वद हो है । लेकन अपन े
ह लह ू म उबल रह र ऐस नह हो ।
मकेयन:- ो तय हम सम क अ आनेवल है ? तयक हम
बय गय थ
क ग ु प से नौक म सवर होने वले यत क आगमन अ
क स िूक होग ।
मरदद:- र के बरे म कोई आशक म करो । अभ उसकआय ुबह ु कम है,
और उसके व क द ू उसके अदर
सम नह रह है ।
अभ और इन पढय
उसके द ू पर पलग
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क मु उह गन नह सक े।
न ह र के वम मन ुय
के लए ि करो ,
तयक वह अवनश है । ह…….
अमट है मन ुय ।
ह…अय है मन ुय ।
वह भ म वशे मन ुय –
प म करेग और नकलेग परमम बनकर । थर रहो ।
यैर रहो ।
अपन आख , कन और जहओ को
भ खू रखो ,
क ुहर दय उस पव भ खू क अन भुव कर सके
जसे यद एक बर श कर दय जये
ो वह सद के लये ृ कर दे है ।
ुहे सद ृ रहन होग ,
क मु अ ृ को ृ दन कर सको । ुहे सद सबल और थर रहन होग ,
क मु नबाल और डगमगन े
वल को सहर दे सको ।
ुहे ू़ न के लये सद यैर रहन होग ,
क मु ू़ न-पड़ बेआसर को आसर दे सको । ुहे सद
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कशवन रहन होग ,
क मु अकर म ि लनवेल को
मगा दख सको ।
नबाल के लए नबाल बो है;पर ुके लए एक स खुद दयव ।
नबाल क खोज करो ;
उनक नबाल ुहर बल है ।
भ खूे के लए भ खूे केवल भ खू ह ;
पर ु ृ के लए क ु छ देने क श ुभ अवसर । भ खू क खोज करो ; उनक भ ू ख ुहर ृ है ।
अ ेके लए अ ेर ेके पथर ह ; पर ुआखवल के लए मल-
पथर ।
अ क खोज करो ; उनक
अकर ुहर कश है ।
नरौद:- भ भ क थान के लये आवन कर ह ुआ बग लु
बज उठ ।
मरदद:- जमोर एक नये दन के आगमन क बग लु बज रह है–
एक नये िमकर के आगमन क जसे मु गव दोगे उठने–बठैने
के बि ,
जभइय ले ेह ुए , पटे को भरे
और खल कर ेह ुए ,
यथा के शद से अपन
जह को पैन कर ेह ुए और
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अधयय 8
स सथ मरदद से मलने न म ज ेह
जह वह उह अेरे म कम करने स े
सवन कर है *************************************
नरौद :- उस दन म और मकेयन
भ क थान म गए ह नह ।
शमदम को हमर अन पुथ आखर
और यह प लग जने पर
क हम र को म ुशाद से मलन ेगए थे ।
वह बह ु असन ह ुआ ।
र भ उसन ेअपन असन कट नह क ;
उि समय क कर रह ।
बक सथ हमरे यवहर से बह ु
उेज हो गये थे और उसक
करण जनन िहे थ े।
क ु छ ने िसो क हम हम
थान म शमल न होने
क सलह म ुशाद ने द थ ।
अय क ु छ सथय ने
उसक पिहन के सब म
कौ हूलप णूा अटकल लगे ह ुए कह
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क अपने आपको केवल हम पर
कट करन ेके लए म ुशाद ने हम र को अपने पस ब लुय थ
।
कोई भ यह मनन ेको ैयर नह थ
क मरदद ह ग ु प स ेन हू क
नौक म सवर होने वल यत थ ।
क ुसभ उससे मलन े
और अनेक बषय पर
उससे न प छून ेके इचछ ु क थे ।
म ुशाद क आद थ क जब वे
नौक म अपने कय से म तु हो े
ो अपन समय कल ेखड के
कगर पर टक ग ु म ब े।
इस ग ु को हम आपस म नड
कहकर प कुर ेथे ।
उस दन दोपहर ,
शमदम के अरत हम सबने उह वह ढ ू
और धयन म ड ूबे ह
ुए पय ।
उनक िहेर िमक रह थ ;
वह और भ िमक उठ
जब उनहने आख ऊपर उठई
और हमर ओर देख ।
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मरदद:- कन जद मुन े
अपन न ढ ू लय है ।
मरदद ुहर खर इस ब पर ख शु है ।
अबमर:- हमर न ो नौक है ।
मु कैसे कह ेहो क यह ग ु हमर न है ?
मरदद:- नौक कभ न थ |
अबमर:- और आज ।
मरदद:- अ़सोस ! केवल एक छ ु छ ुदर क बल ।
अबमर:- ह, आठ सन छछ ूदर और नौव मरदद ।
मरदद:- कन आसन है मजक उन ;
समन कन कठन ।
पर मजक ने सद मजक उने
वले क मजक उय है ।
अपन जह को यथा कट तय देे हो ।
अबमर:- मजक ो मु हमर उे हो जब हम छछ ूदर कह ेहो
।
हमने ऐस तय कय है
क हम यह नम दय जये ?
तय हमने हजर न हू क
यो को जलये नह रख ?
तय हमने इस नौक को ,
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जो कभ म ु भर
भखरय के लये एक क ु टय-म थ ,
सबस ेअक सम ृ महल से भ
यद सम ृ नह बन दय ?तय हमने इसक समओ क
द रू क वर नह कय
जब क क यह एक
शतशल सय नह बन गई ?
यद हम छछ ूदर ह ो नसदेह शरोमण ह
हम बल खोदने वल म ?
मरदद:- हजर न हू क यो जल ो रह है,
क ुकेवल वेद पर ।
यह यो ुहरे कस कम क
यद मु वय वदे न बने,
और नह बने ुहरे दय न और ेल ?
नौक इस समय सोने िद
स ेबह ु अक लद ह ुई है;
इसलए इसके जो िरा रहे ह ,
यह जोर से डगमग रह है
और ड ूबने को यैर है ।
जबक म-नौक जवन से भरप रू थ
और उसमे कोई ज बो नह थ ;
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इसलये सगर उसके व शतहन थ ।
ज बो से सवन ,
मेरे सथय ।
जस मन ुय को अपने
ईवरव म ववस है
उसके लये सबक ु छ ज बो है ।
वह ससर को अपने अदर रण कर है,
क ुससर क बो नह उठ |
म मुस ेकह ह ू …..
यद मु अपने सोने और िद को सम ु म ककर नव को हक
नह कर लोग,े
ो वे ुहे अपन ेसथ सम ु क
ह क खि ल ेजय गे ।
तयक मन ुय जस व ु
को कसकर पक है,
वह उसको जकड ले है
व ओु को अपन पक
स ेम तु कर दो
यद मु अपन जकड से िबन िह ेहो ।
कस भ व ुक मोल न लगओ ,
तयक सरण से सरण
व ुभ अनमोल हो है ।
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मु रोट क मोल लगे हो ।
स यूा,
र ,
वय ,ुर ,
सगर थ मन ुय के पसने
और ि रु क मोल तय नह लगे
जनके बन रोट हो ह नह सक थ ?
कस भ व ुक मोल न लगओ ,
कह ऐस न हो मु
अपने ण क मोल लग बैठो
मन ुय के ण उस व ुस े
अक म ूयवन नह हो े
जस व ुको �
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