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तं�त्र और मा�या�वी विवीद्या�...
तं�त्र मा मा�या�वी विवीद्या� का� अपना� एका अलगस्था�ना रहा� हा�.. मा�या�वी विवीद्या� अर्था��तं रूप परिरवीतं�ना कारना�, लिंल�ग बदलना�, एका से! अना!का" का# से�ख्या� मा हा" जा�ना�, प्रका' वितं मा का' वित्रमातं� ल! आना� जा!से! वीर्षा��, एका हा सेमा�या! विवीविवीधस्था�ना+ पर दिदखल�ई द!ना�,
म्रि0गचरिरका� उत्पन्न कारना� इत्या�दिद...
तं�त्र का! प्रवीतं�का द!वी�धिधद!वी माहा�द!वी हा�.. और माहा�द!वी का# उप�सेना� कार "ग7ह्यका" ना�माका एका वीग� जा" का# याक्षों+ का# उपजा�वितं मा आतं! हा� उन्हा+ना! इसे; मा�या�वी विवीद्या� का+ धिसेद्धि= का! रूप मा माहा�द!वी से! मा��ग धिलया�..
मा�या�वी विवीद्या� मा�या� ल"का से! से�ब�धिधतं हा�.. मा�या� ल"का का# अभी चच�� ना� कारतं! हुए मा�या�वी विवीद्या� जिजासेमा! प्र�ण शधिCऔर इच्छा� शधिC का� उपया"ग विकाया� जा�तं� हा�.. और ग7ह्यका" मा प्र�ण शधिC का# अधिधकातं� हा"तं हा�.. इसे का�रण वी! इसे; विवीद्या� का+
सेफलतं� पFवी�का से�पन्न कार इसेका! अधिधष्ठा�तं� बना सेका! .
भीया�कार से! भीया�कार रूप ध�रण कारना! का! धिलए प्रबल इच्छा� शधिC एवी� प्र�ण ऊजा�� का� हा"ना� आवीश्याका हा"तं� हा�. ग7ह्यका माहा�द!वी का! गण+ का! रूप मा भी प्रचधिलतं हुए.. प'थ्वी ल"का मा र�वीण का� ना�मा श्रे!ष्ठा तंन्त्रच�याL मा विगना� जा�तं� हा�... र�वीण ना! द्धिभी इसे; मा�या�वी
विवीद्या� का+ ग7ह्यका" से! प्र�प्तं विकाया�.. ना� का! वील र�वीण अविपतं7 का7 म्भकारण, मा!घना�द आदिद र�क्षोंसे+ ना! द्धिभी इसे; विवीद्या� का+ ग7ह्यका" से! प्र�प्तं कार अपना! मा�या�वीपना से! उत्प�तं माच�या�..
याक्षों वीग� का# इसे; प्रजा�वितं ना! ना� का! वील मा�या�वी विवीद्या� अविपतं7 और भी काई ऐसे! पक्षों ग7ह्यका" का! जा" प्रधिसेद्द रहा! हा�.. द्धिशवी का! उप�सेका तं" वी! र्था! हा इसेधिलए गण+ का# उप�धिध से! द्धिभी सेज्जिSतं हुए.. परन्तं7 इसे का! से�र्था से�र्था वी! का7 ब!र जा" द!वीतं�ओं का! से�पधिU
का"र्षा रक्षोंका हा! उनाका! से�र्था द्धिभी रक्षोंका स्वीरूप का�या�रतं हा!..
मा�या�वी विवीद्या� का! धिलए प्रधिसेद्द ग7ह्यका उसे तंरहा श�स्त्रया पक्षों भी! उUमा जा�नाका�र रहा! हा!.. याहा नाहाW श�स्त्र"पजावी से�ज्ञा� से! द्धिभी उन्हा से�ब"धिधतं विकाया� जा�तं� हा�.. औरआजा द्धिभी उनाका� अस्तिस्तंत्वी विहामा�लया का# बफZल दुग�मा घ�दि\या+ मा प�या� जा�तं� हा! ऐसे�
अना7मा�विनातं हा!.. श�स्त्र"पजावी हा"ना! का# वीजाहा से! वी! पर"क्षोंअपर"क्षों रूप से! आजा द्धिभी प'थ्वी ल"का का! श�स्त्र अध्यायाना मा व्यस्तं से�क्षोंर+ एवी� विवीद्वा�ना+ का+ सेहा�यातं� प्रद�ना कारतं! हा�..