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अन्नपूर्णा स्तोत्रम्
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अन्नपू�र्णा�� स्तोत्रम्
Kashi Annapoorna
नि�त्या��न्दकरी� वरी�भयाकरी� सौ�न्दया�रीत्��करी�नि�र्धू��तो�खि�लघोरीपू�व�करी� प्रत्याक्षम्�हे#श्वरी� ।प्र�ल#या�चलव'शपू�व�करी� क�श�पू)री�र्धू�श्वरी�भिभक्ष�' द#निहे क+ पू�वलम्ब�करी� म्�तो�न्नपू�र्णा.श्वरी� ॥१॥
����रीत्�निवचिचत्रभ�षर्णाकरी� हे#म्�म्बरी�डम्बरी�म्)क्ता�हे�रीनिवलम्बम्��निवलसौद्वक्षजक) म्भा�न्तोरी� ।क�श्म्�री�गरुव�चिसौतो�ङ्गरुचिचरी# क�श�पू)री�र्धू�श्वरी�भिभक्ष�' द#निहे क+ पू�वलम्ब�करी� म्�तो�न्नपू�र्णा.श्वरी� ॥२॥
याग��न्दकरी� रिरीपू)क्षयाकरी� र्धूम्��र्थ�नि�ष्ठा�करी�चन्द्रा�क���लभ�सौम्��लहेरी� त्रAलक्यारीक्ष�करी� ।सौवCश्वया�सौम्स्तोव�ञ्छिEFतोकरी� क�श�पू)री�र्धू�श्वरी�भिभक्ष�' द#निहे क+ पू�वलम्ब�करी� म्�तो�न्नपू�र्णा.श्वरी� ॥३॥
कA ल�सौ�चलकन्दरी�लयाकरी� ग�री� उम्� शङ् करी�क�म्�री� नि�गम्�र्थ�गचरीकरी� ओङ् क�रीब�ज�क्षरी� ।म्क्षद्व�रीकपू�टपू�ट�करी� क�श�पू)री�र्धू�श्वरी�भिभक्ष�' द#निहे क+ पू�वलम्ब�करी� म्�तो�न्नपू�र्णा.श्वरी� ॥४॥
दृश्या�दृश्यानिवभ�नितोव�हे�करी� ब्रह्मा�ण्डभ�ण्डदरी�ल�ल���टकसौ�त्रभ#द�करी� निवज्ञा��दRपू�ङ् क) री� ।श्री�निवश्व#शम्�Tप्रसौ�द�करी� क�श�पू)री�र्धू�श्वरी�भिभक्ष�' द#निहे क+ पू�वलम्ब�करी� म्�तो�न्नपू�र्णा.श्वरी� ॥५॥
उवVसौव�ज�#श्वरी� भगवतो� म्�तो�न्नपू�र्णा.श्वरी�व#र्णा���लसौम्��क) न्तोलहेरी� नि�त्या�न्नद��#श्वरी� ।सौव���न्दकरी� सौद� श)भकरी� क�श�पू)री�र्धू�श्वरी�भिभक्ष�' द#निहे क+ पू�वलम्ब�करी� म्�तो�न्नपू�र्णा.श्वरी� ॥६॥
आदिदक्ष�न्तोसौम्स्तोवर्णा��करी� शम्भास्त्रिस्त्रभ�व�करी�क�श्म्�री�नित्रजल#श्वरी� नित्रलहेरी� नि�त्या�ङ् क) री� शव�री� ।क�म्�क�ङ् क्षकरी� ज�दयाकरी� क�श�पू)री�र्धू�श्वरी�भिभक्ष�' द#निहे क+ पू�वलम्ब�करी� म्�तो�न्नपू�र्णा.श्वरी� ॥७॥
द#व� सौव�निवचिचत्ररीत्�रीचिचतो� द�क्ष�यार्णा� सौ)न्दरी�व�म्' स्व�दुपूयार्धूरीनिप्रयाकरी� सौ�भ�ग्याम्�हे#श्वरी� ।भक्ता�भ�ष्टकरी� सौद� श)भकरी� क�श�पू)री�र्धू�श्वरी�भिभक्ष�' द#निहे क+ पू�वलम्ब�करी� म्�तो�न्नपू�र्णा.श्वरी� ॥८॥
चन्द्रा�क���लकदिटकदिटसौदृश� चन्द्रा�'श)निबम्ब�र्धूरी�चन्द्रा�क��ग्निग्�सौम्��क) न्तोलर्धूरी� चन्द्रा�क� वर्णा.श्वरी� ।म्�ल�पू)स्तोकपू�श�सौ�ङ् क) शर्धूरी� क�श�पू)री�र्धू�श्वरी�
क्षत्रत्र�र्णाकरी� म्हे�ऽभयाकरी� म्�तो� क+ पू�सौ�गरी�
सौ�क्ष�न्म्क्षकरी� सौद� भिशवकरी� निवश्व#श्वरीश्री�र्धूरी� ।दक्ष�क्रन्दकरी� नि�री�म्याकरी� क�श�पू)री�र्धू�श्वरी�भिभक्ष�' द#निहे क+ पू�वलम्ब�करी� म्�तो�न्नपू�र्णा.श्वरी� ॥१०॥
अन्नपू�र्णा. सौद�पू�र्णा. शङ् करीप्र�र्णावल्लभ# ।ज्ञा��वAरी�ग्याचिसौद्ध्यर्थf भिभक्ष�' द#निहे च पू�व�नितो ॥११॥म्�तो� च पू�व�तो� द#व� निपूतो� द#व म्हे#श्वरीT ।ब�न्धव�T भिशवभक्ता�श्च स्वद#श भ)व�त्रयाम् ॥१२॥