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ctk fcxqy esgurd'k tkx] fpaxkjh ls yxsxh vkx! बढ़ता आ दूषण और घुटती ई आबादी कहानी सरकार का समरक अयोा फसला : मेहनतकशों का नररया ा हो? 9 15 16 माससक समाचारप l पूणाक 83 l वष 9, अंक 9 l नवर 2019 l पाँच पये l 16 पृ सादक मल (पेज 14 पर जारी) (पेज 8 पर जारी) बेरोगारी की भयावह तत : पहली बार देश म कुल रोगार म भारी कमी! blh la?kh ,ts.Mk dks iwjk djus esa tqVh eksnh ljdkj ns'kh&fons'kh cM+h iw¡th dk csjksdVksd jkt! देश के आरक हालात लगातारिगते जा रहे ह। जीडीपी की वृर दधीमी प रही है, औरगक उतपादन म रगरावट जारी है, खेती का संकट गमीर हता जा रहा है, संकट और घटाल से रवीय संसाएँ चरमरा रही ह, िरगारी रवकराल प म आ चुकी है, देश की एक िी आिादी खाने-पीने किरनयादी रत ी पूरी नह कर पा रही है। कुपषण यंकर सतर पर है (वैरवक ूख सूचकांक के अनुसार ारत का हर सरा िचचा कुपरषत है), देश की 50 रतशत रयाँ खून की कमी से पीरत ह, रीि रकसान, मद र और युवा आतमहतयाएँ कर रहे ह और आम लग के रलए िुरनयादी सवासय सुरवधाओं और सकूल-कॉलेज की हालत दयनीय िनी हुई है—और आने वाले दिन म इससे उबरने के कोई आसार ि र-ि तक नर नह आ रहे ह ! कयरक मदी सरकार के कारनामे अवयवसा क और ी तेी से ढलान पर लुकाने और मेहनकतकश के रसर पर तकली का और ारी पहा लादने का काम कर रहे ह। हाल म आये एक सवण ने िताया रक दिछले 6 व म िेश के कु ल रोगार म 90 लाख की कमी आ गयी! पहले आिादी िने की दर के अनुसार रगार पैदा हने की दर नह िती ी मगर कुछ-न-कुछ रगार िता रहता ा। मगर आादी के िद से िहली बार ऐसा हुआ है दक कुल रोगार कम हो गया हो, यानी दितने लोग को िहले से काम दमला हुआ था, उनकी संखया बने के बिाय और कम हो गयी। 2011- 12 और 2017-18 के िीच रगार म लगे लग म 90 लाख की कमी आयी। अीम ेमजी रववरवालय के सतत रगार के की ओर से रकये गये एक वयापक अधययन म सरकारी दाव क ठलाने वाला यह तय सामने आया है। मदी सरकार ने अपने रपछले कायकाल म िेरगारी के रजन आँक क झ ठा घरषत करदया ा, रपछले अगसत म उसने रपछले दरवाे से उस रपट क सवीकार कर रलया। यह रपट िताती है रक िे रगारी की हालत रपछले 45 वष म सिसे िुरी है। अि एक िार रिर मदी सरकार मेहनतकश जनता की िदहाली कहालत िताने वाली एक ररपट क दिाने म लग गयी है ! खुि इस सरकार के राीय सांदखयकीय दवभाग ारा िरी आँक के अनुसार दिछले 40 साल म िहली बार ऐसा हुआ है दक भारत म उिभोकता खर म दगरावट आयी है। जुलाई 2017 से जून 2018 के िीच रकये गये वयय सवण के नतीजे िताते ह रक ामीण इला म लग ने चीनी, नमक, मसाले और खा तेल जैसी िु रनयादी रत की ची पर ी पहले से कम खच रकया, रजससे गाँव म उपकता खच म 8.8 रतशत की कमी आयी। जहाँ 2011-2012 म देहात म एक औसत वयरकत 1217 पये खच करता ा, वह 2017-18 म वही वयरकत के वल 1110 पये खच करने की रसरत म ा। इसी दौरान, शहरी े म मारसक रत वयरकत खच 2212 से ा िकर 2256 ह गया, हालाँरक इसका एक कारण ऊपरी ति ारा रकया जाने वाली ारी खच ी है, कयरक शहरी रीि म ी िेरगारी पहले से जयादा ि गयी है। कुल रमलाकर, देश म रत िरगारी क लेकर मदी सरकार के झ ठ का िार-िार पदााश ह रहा है। अपने रपछले कायकाल म मदी सरकार ने िेरगारी के रजन आँक क झ ठा सारित करने म पूरी तात लगा दी ी, उसी ररपट क रपछले अगसत म उसने रपछले दरवाे से सवीकार कर रलया। सरकारी संसा नमूना सवण की यह रपट िताती है रक िे रगारी कहालत रपछले 45 वष म सिसे िु री है। और अि एक अय रतरत संसान के अधययन ने िताया है रक रपछले 6 वष म देश के कुल रगार म 90 लाख की कमी आ गयी! पहले आिादी िने की दर के अनुसार रगार पैदा हने की दर अगर नह िती ी त ी कुछ-न-कुछ रगार िता रहता ा। मगर पहली िार ऐसा हुआ है रक कुल रगार ही कम ह गया। यानी रजतने लग क पहले से काम रमला हुआ ा, उनकी संखया िने के िजाय और कम ह गयी। 2011-12 और 2017- 18 के िीच रगार म लगे लग म 90 लाख की कमी आयी। अीम ेमजी रववरवालय के सतत रगार के की ओर से रकये गये एक वयापक अधययन म सरकारी दाव क झ ठलाने वाला यह तय सामने आया है। संतष मेहरा और जजारत के. परीदा ारा रकया गया यह अधययन ज तय सामने लाया है, वे अि नये नह रह गये ह, कई अय त से ी यह िात सामने आयी है, लेरकन यह पहला ऐसा रवसतृत और आरधकारक अधययन है ज सरकारी आँक के माधयम से ठस प म यह िताता है रक देश म कुल रगार घट रहा है और िरगार नौजवान की रव सेना (पूरी तरह िेरगार और हताश) म “ारी पैमाने पर” िरी ह रही है। अधययन सरकारी और रनजी, दन तरह की नौकररय म तेी से िती ठेका ा के िरे म ी िताता है। रपट िताती है रक जयादातरगार असंगरठत औरनजी े म सूम और छटी इकाइय म ही पैदा ह रहा है। 2017-18 म कुल रगार का 68 रतशत ऐसा ही ा। सावजरनक े म ी अनौपचाररक नौकरय का रहससा ि गया है ज रनयरमत सरकारी नौकररय म कमी क दशाता है। रगार म सेकटर-वार रगरावट वष 2011-12 से 2017-18 के िच कृरष े म करीि 27 लाख रगार घट गये। कृ रष और समि े म रगार का रहससा 49 रतशत से घटकर 44 रतशत रह गया। म-सघन मैयुैकचररंग सेकटर म 35 लाख रगार की कमी ह गयी। इस तरह कुल रगार म मैयुै कचररंग का रहससा घटकर 12.6 से 12.1 रतशत रह गया है। वासतव म ारत के इरतहास म पहली िार मैयुैकचरंग े म रगार म रगरावट आयी है ! केवल वृर दर म कमी नह हुई है, िरक समपूण संखया ही घट ह गयी है। ररपट के लेखक की रटपणी है रक मैयुै कचररंग रगार म कमी ‘मेक इन इरडया’ के दाव क लत सारित करती है। रोगार और आमदनी घटने से रीब मेहनतकश आबादी खाने-पीने की बुतनयादी ची रीदने म भी अम iw¡th dh uaxh X+kqykeh gh muds ßfgUnw jk"VªÞ dk vk/kkj gksxk!

16 ns'kh&fons'kh cMh iw¡th dk csjksdVksd jkt! · हाल में आये एक सिताया ववेक्षण ने रक दिछले 6 वर्षों

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    बढ़ता हुआ प्रदूषण और घुटती हुई आबादी

    कहानी सरकार का समर्थक

    अयोध्ा फ़ै सला : मेहनतकशो ंका नज़ररया क्ा हो? 9 1516

    माससक समाचारपत्र l पूणाांक 83 l वष्थ 9, अकं 9 l नवम्बर 2019 l पाचँ रुपये l 16 पृष्ठ

    सम्ादक मण्डल

    (पेज 14 पर जारी)

    (पेज 8 पर जारी)

    बेरोज़गारी की भयावह स्थितत : पहली बार देश में कुल रोज़गार में भारी कमी!

    blh la?kh ,ts.Mk dks iwjk djus esa tqVh eksnh ljdkjns'kh&fons'kh cM+h iw¡th dk csjksdVksd jkt!

    दशे के आर थ्िक हालात लगातार रिगड़ते जा रह ेहैं। जीडीपी की वरृधि दर धीमी पड़ रही ह,ै औद्योरगक उतपादन में रगरावट जारी ह,ै खतेी का संकट गम्ीर हयोता जा रहा ह,ै संकट और घयोटालों से रवत्ीय संस्ाए ँ चरमरा रही हैं, िेरयोज़गारी रवकराल रूप में आ चकुी ह,ै दशे की एक िड़ी आिादी खाने-पीने की िरुनयादी ज़रूरतें ् ी परूी नहीं कर पा रही ह।ै कुपयोषण ्यंकर सतर पर ह ै(वैर्वक ्खू सचूकांक के अनसुार ्ारत का हर दसूरा िचचा कुपयोरषत ह)ै, दशे की 50 प्ररतशत र्रियाँ खनू की कमी से पीरड़ त हैं, ग़रीि रकसान, मज़दरू और यवुा आतमहतयाए ँकर रह ेहैं और आम लयोगों के रलए िरुनयादी सवास्थय सरुवधाओ ं

    और सकूल-कॉलेजों की हालत दयनीय िनी हुई ह—ैऔर आने वाले दिनों में इससे उबरने के कोई आसार िूर-िूर तक नज़र नहीं आ रहे हैं! कयोंरक मयोदी सरकार के कारनाम े अ थ्िवयवस्ा कयो और ् ी तेज़ी से ढलान पर लढु़काने और महेनकतकशों के रसर पर तकलीफ़ों का और ्ारी पहाड़ लादने का काम कर रह ेहैं।

    हाल में आये एक सववेक्षण ने िताया रक दिछले 6 वर्षों में िेश के कुल रोज़गार में 90 लाख की कमी आ गयी! पहले आिादी िढ़ने की दर के अनसुार रयोज़गार पैदा हयोने की दर नहीं िढ़ती ्ी मगर कुछ-न-कुछ रयोज़गार िढ़ता रहता ्ा। मगर आज़ादी के

    िाद से िहली बार ऐसा हुआ है दक कुल रोज़गार कम हो गया हो, यानी दितने लोगों को िहले से काम दमला हुआ था, उनकी सखंया बढ़ने के बिाय और कम हो गयी। 2011-12 और 2017-18 के िीच रयोज़गार में लगे लयोगों में 90 लाख की कमी आयी। अज़ीम पे्रमजी रव्वरवद्ालय के सतत रयोज़गार केन्द्र की ओर से रकये गये एक वयापक अधययन में सरकारी दावों कयो झठुलाने वाला यह त्थय सामने आया ह।ै मयोदी सरकार ने अपने रपछले कायथिकाल में िेरयोज़गारी के रजन आकँड़ों कयो झठूा घयोरषत कर रदया ्ा, रपछले अगसत में

    उसने रपछले दरवाज़े से उस ररपयोटथि कयो सवीकार कर रलया। यह ररपयोटथि िताती ह ैरक िेरयोज़गारी की हालत रपछले 45 वषषों में सिसे िरुी ह।ै

    अि एक िार रिर मयोदी सरकार महेनतकश जनता की िदहाली की हालत िताने वाली एक ररपयोटथि कयो दिाने में लग गयी ह!ै खुि इस सरकार के राष्ट्ीय सांदखयकीय दवभाग द्ारा िारी आकँड़ों के अनुसार दिछले 40 सालों में िहली बार ऐसा हुआ है दक भारत में उिभोकता खर्च में दगरावट आयी है। जलुाई 2017 से जनू 2018 के िीच रकये गये वयय सववेक्षण के नतीजे िताते हैं रक ग्ामीण इलाक़ों में लयोगों ने चीनी, नमक, मसाले

    और खाद् तेल जैसी िरुनयादी ज़रूरत की चीज़ों पर ्ी पहले से कम खचथि रकया, रजससे गाँवों में उप्योकता खचथि में 8.8 प्ररतशत की कमी आयी। जहाँ 2011-2012 में दहेात में एक औसत वयरकत 1217 रुपये खचथि करता ्ा, वहीं 2017-18 में वही वयरकत केवल 1110 रुपये खचथि करने की रस्रत में ्ा। इसी दौरान, शहरी क्षेत्ों में मारसक प्ररत वयरकत खचथि 2212 से ्योड़ा िढ़कर 2256 हयो गया, हालाँरक इसका एक कारण ऊपरी तिक़ों द्ारा रकया जाने वाली ्ारी खचथि ्ी ह,ै कयोंरक शहरी ग़रीिों में ्ी िेरयोज़गारी पहले से जयादा िढ़ गयी ह।ै कुल रमलाकर, दशे में प्ररत

    िेरयोज़गारी कयो लेकर मयोदी सरकार के झठूों का िार-िार पदाथिफ़ाश हयो रहा ह।ै अपने रपछले कायथिकाल में मयोदी सरकार ने िेरयोज़गारी के रजन आकँड़ों कयो झठूा सारित करने में परूी ताक़त लगा दी ्ी, उसी ररपयोटथि कयो रपछले अगसत में उसने रपछले दरवाज़े से सवीकार कर रलया। सरकारी संस्ा नमनूा सववेक्षण की यह ररपयोटथि िताती ह ै रक िेरयोज़गारी की हालत रपछले 45 वषषों में सिसे िरुी ह।ै और अि एक अन्य प्ररतरठित संस्ान के अधययन ने िताया ह ै रक रपछले 6 वषषों में दशे के कुल रयोज़गार में 90 लाख की कमी आ गयी! पहले आिादी

    िढ़ने की दर के अनसुार रयोज़गार पैदा हयोने की दर अगर नहीं िढ़ती ्ी तयो ्ी कुछ-न-कुछ रयोज़गार िढ़ता रहता ्ा। मगर पहली िार ऐसा हुआ ह ैरक कुल रयोज़गार ही कम हयो गया। यानी रजतने लयोगों कयो पहले से काम रमला हुआ ्ा, उनकी संखया िढ़ने के िजाय और कम हयो गयी। 2011-12 और 2017-18 के िीच रयोज़गार में लगे लयोगों में 90 लाख की कमी आयी। अज़ीम पे्रमजी रव्वरवद्ालय के सतत रयोज़गार केन्द्र की ओर से रकये गये एक वयापक अधययन में सरकारी दावों कयो झठुलाने वाला यह त्थय सामने आया ह।ै

    संतयोष महेरयोत्ा और जजारत के. परीदा द्ारा रकया गया यह अधययन जयो त्थय सामने लाया ह,ै वे अि नये नहीं रह गये हैं, कई अन्य स्योतों से ्ी यह िात सामने आयी ह,ै लेरकन यह पहला ऐसा रवसततृ और आरधकाररक अधययन ह ै जयो सरकारी आकँड़ों के माधयम से ठयोस रूप में यह िताता ह ैरक दशे में कुल रयोज़गार घट रहा ह ैऔर िेरयोज़गार नौजवानों की ररज़वथि सेना (परूी तरह िेरयोज़गार और हताश) में “्ारी पैमाने पर” िढ़योत्री हयो रही ह।ै अधययन सरकारी और रनजी, दयोनों तरह की नौकररयों में तेज़ी से िढ़ती ठेका प्र्ा के

    िारे में ्ी िताता ह।ैररपयोटथि िताती ह ै रक जयादातर

    रयोज़गार असंगरठत और रनजी क्षेत् में सकू्षम और छयोटी इकाइयों में ही पैदा हयो रहा ह।ै 2017-18 में कुल रयोज़गार का 68 प्ररतशत ऐसा ही ्ा। सावथिजरनक क्षेत् में ्ी अनौपचाररक नौकररयों का रहससा िढ़ गया ह ैजयो रनयरमत सरकारी नौकररयों में कमी कयो दशाथिता ह।ै

    रयोज़गार में सेकटर-वार रगरावट वषथि 2011-12 से 2017-18 के

    िीच कृरष क्षेत् में करीि 27 लाख रयोज़गार घट गये। कृरष और समिधि क्षेत् में रयोज़गार का रहससा 49 प्ररतशत से

    घटकर 44 प्ररतशत रह गया।श्रम-सघन मनै्यफैु़कचररंग सेकटर में

    35 लाख रयोज़गार की कमी हयो गयी। इस तरह कुल रयोज़गार में मनै्यफैु़कचररंग का रहससा घटकर 12.6 से 12.1 प्ररतशत रह गया ह।ै वासतव में ्ारत के इरतहास में पहली िार मनै्यफैु़कचररंग क्षेत् में रयोज़गार में रगरावट आयी ह!ै केवल वरृधि दर में कमी नहीं हुई ह,ै िर्क समपणूथि संखया ही घट हयो गयी ह।ै ररपयोटथि के लेखकों की रटप्पणी ह ैरक मनै्यफैु़कचररंग रयोज़गार में कमी ‘मके इन इर्डया’ के दावों कयो ग़लत सारित करती ह।ै

    रोज़गार और आमदनी घटने से ग़रीब मेहनतकश आबादी खाने-पीने की बुतनयादी चीज़ें ख़रीदने में भी अक्षम

    iw¡th dh uaxh X+kqykeh gh muds ßfgUnw jk"VªÞ dk vk/kkj gksxk!

  • मज़दूर तबगुल की वेबसाइटwww.mazdoorbigul.net

    इस वेबसाइट िर दिसमबर 2007 से अब तक दबगुल के सभी अंक क्रमवार, उससे िहले के कुछ अंकों की सामग्ी तथा राहुल ़फाउण्ेशन से प्रकादशत सभी दबगुल िुद्तकाए ँउिलब्ध हैं। दबगुल के प्रवेशांक से लेकर नवमबर

    2007 तक के सभी अंक भी वेबसाइट िर क्रमशः उिलब्ध कराये िा रहे हैं। मज़िूर दबगुल का हर नया अंक प्रकादशत होते ही वेबसाइट िर दन:शुलक

    िढ़ा िा सकता है। आि इस फेसबुक िेि के ज़ररेये भी ‘मज़िूर दबगुल’ से िुड़ सकते हैं :

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    1. ‘मज़िूर दबगुल’ वयािक मेहनतकश आबािी के बीर क्राद्तकारी रािनीदतक दशक्षक और प्ररारक का काम करेगा। यह मज़िूरों के बीर क्राद्तकारी वैज्ादनक दवरार्धारा का प्ररार करेगा और सचरी सव्चहारा सं् ककृ दत का प्ररार करेगा। यह िुदनया की क्राद्तयों के इदतहास और दशक्षाओ ंसे, अिने िेश के वग्च सघंर्षों और मज़िूर आ्िोलन के इदतहास और सबक़ से मज़िूर वग्च को िररदरत करायेगा तथा तमाम िूिँीवािी अफवाहों-कुप्ररारों का भण्ाफोड़ करेगा।

    2. ‘मज़िूर दबगुल’ भारतीय क्राद्त के ्वरूि, रा्ते और सम्याओ ंके बारे में क्राद्तकारी कमयुदन्टों के बीर िारी बहसों को दनयदमत रूि से छािेगा और ‘दबगुल’ िेश और िुदनया की रािनीदतक घटनाओ ंऔर आदथ्चक द्थदतयों के सही दवशलेर्ण से मज़िूर वग्च को दशदक्षत करने का काम करेगा।

    3. ‘मज़िूर दबगुल’ ्वयं ऐसी बहसें लगातार रलायेगा तादक मज़िूरों की रािनीदतक दशक्षा हो तथा वे सही लाइन की सोर-समझ से लैस होकर क्राद्तकारी िाटटी के बनने की प्रदक्रया में शादमल हो सकें और वयवहार में सही लाइन के सतयािन का आ्धार तैयार हो।

    4. ‘मज़िूर दबगुल’ मज़िूर वग्च के बीर रािनीदतक प्ररार और दशक्षा की कार्चवाई रलाते हुए सव्चहारा क्राद्त के ऐदतहादसक दमशन से उसे िररदरत करायेगा, उसे आदथ्चक सघंर्षों के साथ ही रािनीदतक अद्धकारों के दलए भी लड़ना दसखायेगा, िुअ्नी-रव्नीवािी भूिाछोर “कमयुदन्टों” और िूिँीवािी िादट्चयों के िुमछलले या वयदकतवािी-अरािकतावािी टे््यूदनयनों से आगाह करते हुए उसे हर तरह के अथ्चवाि और स्ुधारवाि से लड़ना दसखायेगा तथा उसे सचरी क्राद्तकारी रेतना से लैस करेगा। यह सव्चहारा की क़तारों से क्राद्तकारी भतटी के काम में सहयोगी बनेगा।

    5. ‘मज़िूर दबगुल’ मज़िूर वग्च के क्राद्तकारी दशक्षक, प्ररारक और आह्ानकता्च के अदतररकत क्राद्तकारी सगंठनकता्च और आ्िोलनकता्च की भी भूदमका दनभायेगा।

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    2 मज़दूर तबगुल, नवम्बर 2019

    “बरुुजुआ अख़बार पूँरी की विशाल राशशयो ंके दम पर चलत ेहैं। मज़दूरो ंके अख़बार ख़ुद मज़दूरो ंद्ारा इकट्ा ककये गये पैसे से चलत ेहैं। ” – लेतनन

    ‘मज़दूर बिगलु’ मज़दूरों का अपना अख़िार ह।ैयह आिकी दनयदमत आदथ्चक मिि के दबना नहीं रल सकता।

    दबगुल के दलए सहयोग भेदिए/िुटाइए।

    सहयोग कूिन मँगाने के दलए मज़िूर दबगुल काया्चलय को दलदखए।

    आपस की बात

    आज हम एक अन्धकारमय और ्यानक दौर से गजु़र रह े हैं। हममें से कई लयोग ऐसा मानते हैं रक आज रजस ग़रीिी, िदहाली, और ्खुमरी का जीवन हम जी रह े हैं, उससे िाहर रनकलने का कयोई रासता नहीं ह।ै ऐसा इसरलए ह ै कयोंरक अ्ी हमने मज़दरूों के गौरवशाली इरतहास कयो जाना नहीं ह,ै जि रूस और चीन में हमारे ्ाई-िहनों ने अकूत कु़िाथिरनयाँ दकेर अपना राज क़ायम रकया ्ा त्ा प्रगरत के नये-नये कीरतथिमान स्ारपत रकये ्े। हर रयोज़ हम हज़ारों की संखया में अपनी मज़दरू िरसतयों से कारखानों की तरफ़ रनकलते हैं और 12-14 घ्टे अपना हाड़-मांस गलाकर अधँरेा हयोने पर ही अपने दड़िेनमुा कमरों में वारपस आ पाते हैं। इसी तरह अपना और अपने पररवार का पेट पालने के रलए हम हर रदन खनू-पसीना एक करके मारलकों की रतजयोररयाँ ्रने में जटेु रहते हैं। परन्त ुइतनी कड़ी महेनत करने के िावजदू जहाँ आज हमें और हमारे पररवार कयो दयो वक़त की रयोटी जटुाना ्ी मरु्कल पड़ रहा ह,ै वहीं दसूरी तरफ़ हमारा खनू चसू-चसू मारलकों की तोंद लगातार िूलती

    जा रही ह।ै जहाँ एक तरफ़ सरकार इन मटु्ी्र धनकुिेरों के ऐशयो-आराम के रलए िडे़-िडे़ ररहायशी इलाके़ िना रही ह ै रजनमें महगँे सकूल और असपताल जैसी तमाम सरुवधाए ँ मौजदू हैं, वहीं दसूरी तरफ़ शहर कयो साफ़-सु् रा िनाने के नाम पर हमारी िरसतयों पर िलुड़योजर चलाया जा रहा ह।ै एक तरफ़ अमीरों के िचच ेसाफ़-सु् रे और महगँे सकूलों में पढ़ने जाते हैं, वहीं दसूरी तरफ़ हमारे िचच ेसकूल जाने की उम्र में अपना और अपने पररवार का पेट पालने के रलए महेनत-मज़दरूी करने कयो मजिरू हैं। मारलक और उनके पैसे से चलने वाली तमाम चनुावी पारटथियाँ चाहती हैं रक यह अधँकारमय यगु क़ायम रह े तारक वह लगातार हम पर राज कर सके।

    वे जानते हैं रक अगर हम अपने अरधकारों के रलए एकजटु हयोना शरुू हयो जायें तयो रजन आलीशान महलों में वे रह रह े हैं, उनकी दीवारें रसफ़थि हमारे नारों और क़दमों के शयोर से ही काँपना शरुू कर देंगी। इसीरलए वे लगातार हमसे कहते रहते है़ रक अपने अरधकारयो कयो जानने और उनके रलए संघषथि करने से कुछ हारसल नहीं हयोगा, मज़दरूों का

    काम तयो िस इतना ह ै रक वयो मारलकों का मनुाफ़ा लगातार िढ़ाते रहने के रलए रदन-रात खटते रह।े लेरकन यह तयो हमें तय करना ह ैरक कया हम यूँ ही लगातार मारलकों की गलुामी करते रहेंगे? या रिर खदु की और अपनी आने वाली पीरढ़ यों की आज़ादी के रलए लड़ने की तैयारी में जटु जायेंगे? अगर हम चाहते हैं रक हमारी आने वाली पीरढ़ याँ एक आज़ाद दरुनया में साँस लें तयो आज जयो सिसे िड़ा काम हमारे सामने ह,ै वयो ह ैअपने अरधकारों और मज़दरूों के गौरवशाली इरतहास के िारे में जानकारी हारसल करें। परन्त ुरसफ़थि इतने से ही काम नहीं िनेगा िर्क मज़दरू मरुकत के सपने कयो परूा करने के रलए ज़रूरी ह ैरक इन रवचारों कयो हम रजतना जयादा हयो सके अपने मज़दरू सार्यों तक पहुचँाए।ँ इसके रलए ज़रूरी ह ै रक अपनी-अपनी मज़दरू िरसतयों में अधययन चक्र त्ा पसुतकालय स्ारपत करें। हालाँरक, इस िात में कयोई शक नहीं ह ै रक यह एक लमिा और मरु्कल रासता ह ैलेरकन हर लमिी यात्ा की तैयारी छयोटे-छयोटे क़दमों से ही हयोती ह।ै

    – मनन, दशमला

    अन्धकार को दूर भगाओ, मज़दूर मकु्ति की मशाल जगाओ

  • मज़दूर तबगुल, नवम्बर 2019 3

    नही ंरम रहा ऑटो सेक्टर के श्रममको ंपर कम्नी प्रबन्धन का प्रहारहोण्डा से 3,000 ठेका मज़दूरो ंको तनकालने के तवरोध में संघष्थ तेज़

    हयो्डा मयोटरसाइरकल ए्ड सकूटसथि के मानेसर प्ला्ट से मन्दी की आड़ में रपछले तीन महीनों से ठेका श्ररमकों कयो 50 से 100 के समहू में रनकाला जा रहा ह।ै धीरे-धीरे कमपनी ने लग्ग तीन हज़ार मज़दरूों की छँटनी कर दी ह।ै अकटूिर के अरन्तम सप्ाह में ्ी मज़दरूों ने इसके रवरयोध में सांकेरतक ्खू हड़ताल की ्ी। मगर कमपनी प्रिन्धन अपनी मनमानी करने में लगा हुआ ह।ै 4 नवमिर कयो कमपनी की ओर से मन्दी का िहाना करते हुए यह नयोरटस लगा दी गयी रक ऑटयो सेकटर में अ्ी सधुार की कयोई गुंजाइश नहीं ह,ै इसरलए नवमिर, रदसमिर, जनवरी, फ़रवरी माह तक रजन श्ररमकों का ‘ररलीरवंग’ हयोना ्ा उनका नवमिर माह में कर रदया जा रहा ह,ै वे अगले तीन माह तक घर िैठेंगे; अ्ी कमपनी श्ररमकों कयो काम दनेे में असम थ्ि ह।ै 5 नवमिर कयो सिुह से ही कमपनी गेट पर ्ारी परुलस िल तैनात कर रदया गया और लग्ग 300 ठेका श्ररमकों कयो काम पर नहीं रलया गया। इस पर रयोष प्रकट करते हुए ठेका श्ररमकों ने यरूनयन व प्रिन्धकों से दररयाफ़त की मगर जि कयोई नतीजा नहीं रनकला तयो जयो ठेका श्ररमक कमपनी के अन्दर ्े वे िाहर रनकल आये और रनकाले गये श्ररमकों के सा् वहीं धरने पर िैठ गये।

    इन ठेका मज़दरूों के सम थ्िन में

    स्ायी मज़दरूों की यरूनयन ्ी आ गयी रजसने प्रिन्धन से वाताथि करने के रलए ठेका मज़दरूों कयो लेकर एक कमटेी िनायी। कई रदन की वाताथि के िाद

    ्ी कयोई नतीजा नहीं रनकला कयोंरक प्रिन्धन अपनी रज़द पर अड़ा हुआ ्ा।

    कई-कई साल से काम कर रह ेठेका मज़दरूों का समय से पहले ररलीरवंग कर छँटनी करने के रखलाफ़ संघषथि कर रह ेमज़दरूों की माँग ह ै रक उन्हें स्ायी श्ररमक का दजाथि रदया जाये या रिर न्यनूतम एक लाख रुपये सालाना की

    दर से रहसाि रकया जाये। प्रिन्धक ऐसे मज़दरूों कयो रनशाना िना रह ेहैं जयो रपछले 7 से 10 वषथि तक इस कमपनी में काम कर रह े ्े। इन्हीं मज़दरूों की

    महेनत से मनुाफ़ा िटयोरकर मारलकों ने ्ारत में 3 नये प्ला्ट खडे़ रकये हैं। एक ररपयोटथि के अनसुार हाल ही में तययोहारों के मौसम में हयो्डा से 5 लाख दपुरहया वाहनों की रिक्री हुई। कमपनी प्रिन्धन द्ारा स्ायी कमथिचाररयों पर उतपादकता िढ़ाने का दिाव डाला जा रहा ह।ै ऑटयोमयोिाइल सेकटर में तमाम

    कमपरनयाँ ठेका श्ररमकों से सालों-साल काम कराती हैं मगर िीच-िीच में 7 या 11 महीने पर मज़दरूों की ‘ररलीरवंग’ कर दतेी हैं। ‘ररलीरवंग’ यानी ठेके

    पर काम करने वाले मज़दरूों की ठेका अवरध िदल दी जाती ह,ै तारक सालों से काम कर रह ेमज़दरूों कयो काग़ज़ों पर मात् चन्द महीनों से काम करता हुआ रदखलाया जा सके। हयो्डा कमपनी सकुमा सन्स ए्ड एसयोरसएट्स, केसी इ्टरप्राइजे़ज़ और कमल इ्टरप्राइजे़ज़ नामक ठेका एजेंरसयों के ज़ररये मज़दरूों

    की ्तती करती ह।ै ररलीरवंग के वक़त मज़दरूों की ठेका एजेंसी कयो िदल रदया जाता ह ैयानी रपछले सत् में जयो मज़दरू कमल इ्टरप्राइजे़ज़ का श्ररमक ्ा, वह अगले सत् में केसी या सकुमा सन्स ए्ड एसयोरसएट्स का श्ररमक हयो जाता ह।ै इस तरह सालों-साल तक मखुय उतपादन िे्ट पर स्ायी प्रकृरत का काम कर रह ेमज़दरू महज़ कुछ माह से काम करने वाले ठेका श्ररमक के तौर पर रदखाये जाते हैं।

    रपछले कई महीने से, इस प्ला्ट में सालों से काम कर रह ेमज़दरूों कयो इसी तरीके़ से ररलीरवंग करके घर िैठा रदया जा रहा ह।ै मज़दरूों कयो झठूा आ्वासन रदया जाता ह ैरक जि काम दयोिारा गरत पकडे़गा तयो उन्हें वापस काम पर िलुा रलया जायेगा। इसी तरह छँटनी करने से पहले कारखाने के अन्दर उनके काम की जगह कयो कई िार िदला जाता ह ैतारक रनकाले गये मज़दरू संगरठत हयोकर संघषथि न छेड़ दें। नीमराणा रस्त हीरयो कमपनी ने तयो तमाम श्रम क़ाननूों कयो ताक़ पर रखते हुए कयोई स्ाई मज़दरू रखा ही नहीं ह।ै वहाँ रसफ़थि ठेका मज़दरूों से काम कराया जाता ह।ै इसी िात से अन्दाज़ा लगाया जा सकता ह ै रक मज़दरूों का ्रवषय रकतना अन्धकारमय ह।ै

    मनेैजमेंट मन्दी की आड़ में मज़दरूों

    इस मज़दूर की मौत का जज़मे्दार कौन ह़ै?जशरोकी टेक्नको प्राइवेट ललमम टेर के तनकाले गये ठेका मज़दूरो ंका संघष्थ जारी

    रशरयोकी टेरकनकयो प्राइवेट रलरम टेड, िावल, रज़ ला रेवाड़ी (हररयाणा) के मज़दरू कयोटथि के आदशे के कारण फै़कटरी गेट से 300 मीटर दरू धरना द ेरह ेहैं और संघषथि कयो आगे िढ़ाने की तैयारी में लगे हैं। कमपनी ने मज़दरूों की माँगों पर रलरखत समझौता रकया ् ा, पर उन्हें लाग ूकरने के िजाय उ्टा मज़दरूों के अरधकारों व जायज़ माँगों पर हमला कर रदया। रदवाली के िाद एकाएक तानाशाहाना ढंग से घयोषणा कर दी रक कमपनी में ठेका मज़दरूों के ठेकेदारों का ठेका खतम कर रदया गया ह ै और सिका गेटिन्द कर छँटनी की घयोषणा कर दी।

    धरना स्ल पर रवर्न्न चनुाविाज़ पारटथियों के नेता ्ी हारज़री लगाने पहुचँ।े िावल इलाके के कांग्ेसी रवधायक रचरंजीव राव ्ी आये और दयो रदन के अन्दर मज़दरूों कयो कमपनी के ् ीतर करवाने का वायदा करके चल रदये। इसके अलावा सवराज इर्डया और आप पाटती के नेता ्ी आये। केन्द्रीय टे्ड यरूनयनों के नेता ्ी आये।

    शरुू से ही संघषथिरत मज़दरूों के सा् रही ऑटयोमयोिाइल इ्डसट्ी कॉन्टै्कट वकथि सथि यरूनयन (AICWU) के कायथिकताथिओ ं ने लगातार मज़दरूों के िीच इस िात पर ज़योर रदया रक पूँजीपरतयों के

    चन्द ेसे चनुाव लड़ने वाली पारटथियों के चनुावी घयोषणापत् में न तयो ठेका प्र्ा कयो खतम करने की कयोई िात ह ै और न ही ज़मीन पर इसकयो लेकर रकसी तरह का संघषथि और आन्दयोलन ह,ै इसरलए इनके ्रयोसे न रहकर ऑटयो सेकटर के ठेका और परमाने्ट मज़दरूों कयो अपने इलाके़ के दसूरे मज़दरूों कयो सा् लेकर साझा मदु्ों पर साझा संघषथि पर ही ्रयोसा करना चारहए। ऐसी लड़ाई एक सेकटरगत/पेशागत यरूनयन के तहत ही लड़ी जा सकती ह।ै आज श्रम रव्ाग, प्रशासन, सरकारें, रिकाऊ मीरडया स्ी फै़कटरी मारलकों के रलए काम करते हैं, हमें अपनी सामरूहक एकता पर ्रयोसा करना चारहए। हमें अपने आन्दयोलन कयो ज्द से ज्द वयापक िनाने के प्रयास करने चारहए।

    रपछले रदनों एक तरफ़ ठेका मज़दरूों कयो मदर कमपनी और वे्डर कमपनी जि चाह े ति रनकाल रही ह,ै दसूरी तरफ़ परमानेंट मज़दरूों की यरूनयनें और फे़डरेशन परमानेंट मज़दरूों की छँटनी रयोकने, ज़िरन ररटायरमेंट (वीआरएस) कयो रयोकने में या अरधकांश मामलों में समझौतों कयो करवाने और/या लाग ूकरवाने में कामयाि नहीं हयो पा रही हैं। सामरूहक मयोल्ाव (िारगेरनंग) की ताक़त कम हुई ह ैरजसके चलते

    मज़दरू कारखाना मारलकों और सरकारों की तानाशाही कयो टककर नहीं द ेपा रह ेहैं।

    आज इस िात कयो समझने की ज़रूरत ह ै रक फै़कटरी आधाररत परमानेंट मज़दरूों की यरूनयन में ठेका मज़दरूों की सदसयता और िरािर की ्ागेदारी न हयोने के कारण ठेका और परमानेंट के साझा संघषषों में ठेका मज़दरू के मदु् ेकहीं पीछे छूट जाते हैं, और अरधकांश मामलों में ठेका मज़दरूों कयो काम से रनकाल रदया जाता ह।ै आज ज़रूरत ह ै रक ठेका और परमानेंट मज़दरूों की साझी पेशागत (सेकटरगत) यरूनयन हयो, रजसमें ठेका मज़दरूों कयो यरूनयन में सदसयता से लेकर चनुने और चनेु जाने का परमानेंट मज़दरूों के िरािर का हक़ हयो। रजससे ठेका मज़दरूों के मदु् े और िरािर की ्ागीदारी सरुनर्चत की जा सके। इसरलए ठेका मज़दरूों कयो अपने संघषथि का ठेका रकसी और कयो दनेे के िजाय आज सेकटरगत यरूनयन में ज्द से ज्द एकजटु हयोना हयोगा। आज इस सेकटरगत यरूनयन में ठेका और परमानेंट मज़दरू दयोनों िरािर के सदसय होंगे और एकजटु हयोकर अपने संघषथि कयो सही मायने में आगे िढ़ा पायेंगे। यही आज के वक़त की ज़रूरत ह।ै

    – तबगुल संवाददाता

    रपछले 13 अकटूिर कयो धारूहडे़ा औद्योरगक क्षेत् रस्त पीएमआई कमपनी के एक मज़दरू मकेुश कुमार की मतृय ुहयो गयी। मज़दरूों के रलए िने ररहायशी लॉज से रात के वक़त पहली मरंज़ल से रगरकर उसकी मौत हुई। 27 साल का मकेुश ग्ाम चहुथिआ, रज़ला मजुफ़फ़रपरु, रिहार का रहने वाला ्ा। उसके पीछे एक ढाई साल की िचची और ग्थिवती पतनी ह।ै कारखानेदार ने मज़दरूों के रहने के रलए कारखाना कैमपस के सा् ही एक ररहायशी लॉज िनवा रखा ह,ै तारक रदन-रात चाह ेजि मज़दरूों से काम करवाया जा सके। इस कारखाने में काम करने वाले क़रीि 700 मज़दरूों में आध ेमज़दरू वहीं िने लॉज में रहते हैं। एक कमरे में 4 से 8 मज़दरूों कयो ठँूसकर रखा जाता ह।ै कुल 63 कमरों में 300 से अरधक श्ररमक रहते हैं।

    यह हाल केवल इसी कमपनी का हयो, ऐसी िात नहीं ह।ै गडु़गाँव और उसके आसपास लाखों मज़दरू ऐसे ही हालात में रहते हैं। खसताहाल, िदइन्तज़ामी से ्रे लॉज कई िीमाररयों के सा्-सा् ऐसे हादसों के रलए ्ी रज़ममदेार हैं, रजसमें मकेुश की जान गयी। रजस जगह से मकेुश नीच े रगरा, वहाँ कमरे के िाहर आने-जाने के रलए केवल एक िुट का पतला-सा गरलयारा ह,ै रजसमें कयोई रेरलंग नहीं ह।ै इस लॉज में टॉयलेट, िा्रूम, गरलयारा, सीरढ़याँ सि टूटी-िूटी हैं और गन्दगी त्ा रिसलन िहुत जयादा ह।ै आये रदन मज़दरू वहाँ दघुथिटनाओ ंव िीमाररयों के रशकार हयोते रहते हैं। लेरकन अपनी नौकरी और रहने की जगह के छूटने के डर से वे चपु रहने के रलए मजिरू हयोते हैं।

    पीएमआई कमपनी टाटा व अन्य कमपरनयों की िसों व ट्कों की िॉडी िनाती ह।ै यहाँ मज़दरू

    दरसयों साल से ठेके पर काम कर रह ेहैं। उन्हें न तयो पकका रकया जाता ह ैऔर न ही उनके रलए पीएफ़, ईएसआई, पेंशन जैसीरकसी सामारजक सरुक्षा का प्रिन्ध ह ैऔर न ही कयोई पहचान काडथि ह ै रजससे वह सारित कर सकें रक वह कमपनी में सालों से काम कर रह ेहैं। कारखाने के अन्दर सरुक्षा के खराि इन्तज़ाम के कारण अकसर हादसे हयोते रहते हैं, रजसमें अगं-्गं हयोने से लेकर जान तक चली जाती ह।ै इस कारखाने में श्रम क़ाननूों का रदनरदहाडे़ घयोर उ्लंघन चल रहा ह ै और प्रशासन आखँें मूदँ े हुए ह।ै ऐसे हादसों के िाद मज़दरूों कयो डरा-धमकाकर िात दिा दी जाती ह।ै रकन्त ुइस िार ऑटयोमयोिाइल इ्डसट्ी कॉन्टै्कट वकथि सथि यरूनयन व अन्य कारखानों के मज़दरूों के दिाव में कारखाना प्रिन्धन मआुवज़ा दनेे के रलए तैयार हुआ।

    ऑटयो सेकटर के मज़दरूों के सा् हर जगह इसी तरह का अमानवीय सलकू रकया जा रहा ह।ै इसरलए रिना वक़त गँवाये मज़दरूों कयो अपनी यरूनयन मज़ितू कर इन अन्यायों के रखलाफ़ संघषथि छेड़ना हयोगा। यही आज हमारे अरसततव की शतथि ह ैवरना हम इसकी क़ीमत अपनी जान गँवाकर चकुाते रहेंगे।

    कारखाना पररसर या ररहायशी जगहों पर हयोने वाली मौतें हादसा नहीं िर्क मनुाफे़ की हवस में की गयी हतयाए ँहैं। इन मौतों के रलए रज़ममदेार न रसफ़थि वह कमपनी, मारलकान व प्रिन्धन ह ै जहाँ मज़दरू काम करता ह,ै िर्क परूी पूँजीवादी वयवस्ा ह ै रजसमें मज़दरू िस मारलकों के रलए मनुाफ़ा पैदा करने वाली मशीन के कल-परुज़े मात् िना रदये जाते हैं।

    – तबगुल संवाददाता

    (पेज 4 पर जारी)

  • 4 मज़दूर तबगुल, नवम्बर 2019

    की छँटनी कर रहा ह ै जयोरक परूी तरह ग़लत ह।ै मनेैजमेंट कह रहा ह ै रक दसूरे प्ला्ट के मकु़ािले इस प्ला्ट में उतपादन की लागत अरधक ह ैमगर इस तकथि का आधार मनेैजमेंट की घनघयोर मज़दरू-रवरयोधी मानरसकता ही ह।ै अन्य प्ला्टों में काम करने वाले मज़दरूों की औसत उम्र क़रीि 25 साल ह ै जिरक इस प्ला्ट के मज़दरूों की औसत उम्र लग्ग 42 साल ह ैकयोंरक यह ्ारत में हयो्डा का सिसे परुाना प्ला्ट ह ैरजसमें मज़दरू लग्ग 10 साल से काम कर रह ेहैं। ऐसे में सवा्ारवक ह ै रक उनका वेतन नये मज़दरूों से अरधक हयोगा। उनके श्रम की िदौलत िेरहसाि मनुाफ़ा कमाने के िाद अि मनेैजमेंट िेशमती के सा् कह रहा ह ैरक इन मज़दरूों की वजह से लागत अरधक हयो गयी ह।ै अगर ऐसा ह ैतयो मज़दरूों से पहले मनेैजमेंट के लयोगों कयो हटाया जाना चारहए जयो लाखों रुपये वेतन ले रह ेहैं। संघष्थरत मज़दूरो ंके सार होण्डा प्रबन्धन का अमानवीय व्यवहार

    परेू जयोशयो-खरयोश के सा् हयो्डा के संघषथिरत मज़दरू संघषथि के मदैान में डटे रह े हैं। लगातार, रदन और रात, मज़दरू अन्दर व िाहर अपनी लड़ाई लड़ते रह ेहैं। िाहर िैठे मज़दरू सड़क रकनारे घास पर दरी रिछाकर ठ्ड में रात गजु़ारते रह ेहैं। धलू-धककड़, ्खू-प्यास सि झलेते हुए मज़दरू डटे रह ेहैं। कारखाने के अन्दर के मज़दरूों के सा् हयो्डा प्रिन्धन ने नंगई

    पर उतरकर अमानवीय वयवहार रकया। कारखाने के अन्दर मज़दरूों कयो ठ्ड में सीरढ़यों पर सयोने के रलए मजिरू रकया गया और उन्हें खाने-पीने से वंरचत करने के रलए कंपनी ने कैं टीन ्ी िन्द कर दी। मज़दरूों के दिाव में कैं टीन खलुी, लेरकन उसे दयोिारा िन्द कर रदया गया। हद तयो ति हयो गयी जि अन्दर शौचालय ्ी िन्द कर रदया गया और शौचालय के दरवाज़े वेर्डंग करके जाम करा रदये गये। हयो्डा प्रिन्धन मज़दरूों के रयोज़गार के सा्-सा् उनके सवास्थय के सा् ्ी रखलवाड़ कर रहा ् ा। कारखाने के अन्दर काफ़ी मज़दरूों की सेहत ् ी खराि हयो गयी ् ी। िाहर िैठे मज़दरू अन्दर के अपने सार्यों कयो खाना पहुचँाने का प्रयास कर रह े्े तयो प्रिन्धन उन्हें ्ी रयोक रहा ्ा। मज़दरूों के काफ़ी रवरयोध के िाद अन्दर के मज़दरूों के रलए खाना उपलबध कराया गया।

    रजस समय सारे मीरडया में अययोधया के फै़सले कयो लेकर चचाथिए ँ छायी हुई ्ीं उस समय हयो्डा के हज़ारों मज़दरू मानेसर में कारखाने के अन्दर-िाहर धरने पर िैठे हुए ्े रजनके रलए अययोधया से जयादा ज़रूरी उनकी रयोज़ी-रयोटी का सवाल ह।ै मगर रिकाऊ मीरडया के रलए यह कयोई खिर नहीं ्ी।

    यूँ तयो ठेका श्ररमकों की नौकररयाँ शरुू से ही दाँव पर रही हैं। मगर हाल के रदनों में इनकी रस्रत ्यंकर रूप से िदतर हयो गयी ह।ै जि-जि मारलक के मनुाफे़ में रगरावट आयी ह ैठेका श्ररमकों कयो उसकी क़ीमत अपनी नौकरी गँवाकर

    चकुानी पड़ी ह।ै परेू ऑटयो सेकटर में 85 से 90% ठेका श्ररमकों की ्ागीदारी ह।ै लेरकन सिसे जयादा मार इन्हीं कयो झलेनी पड़ रही ह।ै हयो्डा के सा्-सा् ऑटयो सेकटर की तमाम ऐसी फै़कटररयाँ हैं जहाँ ठेका श्ररमकों कयो काम से िाहर कर रदया गया ह।ै हाल ही के रदनों में रशरयोकी टेरकनकयो इर्डया प्राइवेट रलरमटेड से 280 ठेका श्ररमक िाहर कर रदये गये। कंसाई नेरयोलैक से ठेका कमथिचाररयों की छँटनी के सा्-सा् यरूनयन पदारधकाररयों कयो िखाथिसत कर रदया गया। राने एनएसके सटीयररंग रससटम प्राइवेट रलरमटेड से 250 ठेका कमथिचाररयों कयो रनकाल रदया गया।

    आज परेू ऑटयो सेकटर में हाहाकार मचा हुआ ह।ै मगर न सरकार पर, न मारलकों पर इसका कयोई असर पड़ रहा ह।ै स्ी कमपरनयों के कमथिचारी अपनी-अपनी माँगों कयो लेकर अलग-अलग संघषथिरत हैं। मगर रपछले लमिे समय से हमने दखेा रक अलग-अलग लड़कर जयादा कुछ हारसल नहीं रकया जा सका ह।ै आज मज़दरूों कयो इन तमाम आन्दयोलनों कयो एक कड़ी में रपरयोने की ज़रूरत ह।ै कमपनी गेट के अन्दर स्ायी व ठेका कमथिचाररयों की एकता के सा्-सा् परेू सेकटर की एक सेकटरगत एकता क़ायम करने की ज़रूरत ह।ै यह न रसफ़थि वक़त की माँग ह,ै िर्क यही वह रासता ह ैरजस पर चलकर मज़दरू अपने रयोज़गार सरहत तमाम अरधकारों और िरुनयादी माँगों कयो लेकर संघषथि कर सकते हैं।

    छपते-छपते होण्ा मानेसर के मज़िूरों के

    सघंर््च का 15वां दिन20 नवमिर हयो्डा प्ला्ट के अन्दर

    िैठे मज़दरूों के सा् िाहर िैठे मज़दरूों का धरनास्ल पर एक सा् िैठने का पहला रदन ्ा। इसके पहले मज़दरूों का एक रहससा कारखाने के अन्दर डेरा जमाये हुए ्ा, तयो दसूरा कारखाने के मखुय दरवाज़े के पास िाहर डटा हुआ ्ा। रजसके कारण कारखाना प्रिन्धन कयो रववश हयोकर अरनर्चत काल के रलए उतपादन रयोकना पड़ा ्ा। कल 14 रदनों िाद हयो्डा यरूनयन के आ्वासन पर मज़दरू कारखाना पररसर के िाहर आ गये। अ्ी ्ी प्रिन्धन और श्ररमक पक्ष में मज़दरूों की मांगों कयो लेकर वाताथि जारी ह।ै अन्दर िैठे श्ररमकों ने रपछले 14 रदनों का अपना अनु् व साझा रकया। मज़दरूों ने िताया रक रकस तरह प्रिन्धन गीदड़््की दनेे से लेकर खाने पीने की िदइन्तज़ामी, शौचलय िन्द करने आरद ह्क्डों से मज़दरूों कयो तयोड़ने का असिल प्रयास कर रहा ्ा। उन्हें जान िझूकर ठ्डा, कचचा खाना रदया जा रहा ्ा तारक मज़दरू िीमार पड़ें और कारखाना पररसर छयोड़कर चले जायें। िीमार मज़दरूों कयो असपताल रेिर करने के नाम पर कारखाना पररसर से रनकाला जाये। रपछले 14 रदन से एक ही जयोड़ी कपडे़ में रहने और खाने, सयोने की खराि परररस्रतयों के कारण काफ़ी मज़दरूों

    का सवास्थय खराि हुआ रकन्त ुरकसी के हौसले में कयोई कमी नहीं आयी।

    मज़दरूों के सम थ्िन में ऑटयोमयोिाइल इडंसट्ी कॉन्टै्कट वकथि सथि यरूनयन के सा्-सा् रिगलु मज़दरू दसता के कायथिकताथिओ ं ने स्ा में रशरकत की, िात रखी और गीतों की प्रसतरुत दी। ऑटयोमयोिाइल इडंसट्ी कॉन्टै्कट वकथि सथि यरूनयन होंडा मज़दरूों के इस संघषथि में शरुू से उनके सा् खड़ी ह।ै यरूनयन के कायथिकत्ाथि संघषथिरत मज़दरूों के सा् रदनों रात संघषथि के मदैान में डटे हैं। यरूनयन की तरफ़ से सा्ी अनन्त ने कहा रक आज परेू सेकटर के मज़दरूों की नज़र हयो्डा के संघषथिरत मज़दरूों की तरफ़ ह।ै यह संघषथि ठेकेदारी प्र्ा कयो कठघरे में खड़ा कर रहा ह।ै इसीरलए इस संघषथि के ्ी आगे की रदशा इसे एक कारखाने की चौहद्ी के िाहर परेू ऑटयो सेकटर में िैलने की ओर जाती ह।ै ऑटयोमयोिाइल सेकटर में जारी मन्दी की मार सिसे जयादा ठेका श्ररमकों के ऊपर पड़ रही ह।ै आज कई अन्य कारखानों में मज़दरू ठीक उन्हीं मांगों कयो लेकर लड़ रह ेरजन मांगों कयो लेकर हयो्डा के मज़दरू लड़ रह ेहैं। AICWU की तरफ़ से धारूहडे़ा, मानेसर, गडु़गांव में आम मज़दरूों के िीच हयो्डा के मज़दरूों के जारी संघषथि में जडु़ने की अपील करता हुए पचाथि ्ी िांटा जा रहा ह।ै

    – रतव

    (पेज 3 से आगे)

    उत्र प्रदशे के नयोएडा में 50,000 से अरधक की आिादी वाली 13 कॉलयोरनयों में रिजली आपरूतथि की माँग कयो लेकर वहाँ के लयोग 5 वषषों से संघषथि कर रह ेहैं। नयोएडा औद्योरगक रवकास प्रारधकरण के तहत रह्डन नदी के रनकट सयोरखा एकसटेंशन, सैरनक रवहार, गणशे नगर, रवषण ु नगर कॉलयोनी सेकटर 115 नयोएडा, अमिेडकर रसटी, उन्नरत रवहार सेकटर 123 नयोएडा, साई ं एनकलेव, राधा कंुज, कृषणा कंुज, ककराला खासपरु एकसटेंशन, अक्षरधाम, ्याम वारटका और िालाजी एनकलेव सरहत 13 ऐसी कॉलयोरनयाँ हैं जहाँ रिजली सप्लाई की कयोई वयवस्ा नहीं ह।ै

    नयोएडा के इस रहससे में रनमन मधयवगतीय महेनतकश आिादी रहती ह ैरजनमें अरधकांश मज़दरू, रेहड़ी-खयोमच ेवाले, छयोटे दकुानदार, रसकययोररटी गाडथि, ड्ाइवर, ई-ररकशा चालक, दज़ती, छयोटे ठेकेदार, पे्टर आरद हैं। ज़मीन खरीदने में यहाँ अरधकांश लयोगों के जीवन्र की कमाई और िचत दाँव पर लगी हुई ह।ै 2006-07 में यह इलाक़ा परूी तरह से वीरान ्ा रजसके कारण ज़मीन कुछ ससती ्ी। 2006-07 के आसपास ही इन कॉलयोरनयों का रवसतार हयोना शरुू हुआ, त्ी से यहाँ रवद्तुीकरण की माँग हयो रही ह।ै सवयं रिजली रव्ाग के मतुारिक़ इस क्षेत् में 20,000 घर हैं। यहाँ रह रह ेलयोगों ने ज़मीनों की खरीद में स्ी क़ाननूी औपचाररकताए ँपरूी की हैं। इसके िावजदू उन्हें उनका वारजि हक़ नहीं रमला ह।ै जैसे-जैसे कॉलयोरनयों का रवसतार हयोता

    गया यह माँग ्ी ज़योर पकड़ती गयी और प्रशासन की लापरवाही के रखलाफ़ लयोग एकजटु हयोते गये। सरकारें आयीं गयीं पर इस समिन्ध में अि तक कयोई कारथिवाई नहीं हुई।

    अमिेडकर नगर कॉलयोनी की वारहदा िीिी और अन्य मरहलाओ ं ने िताया रक ट्ांसफ़ामथिर, तार व खम् े लगवाने के रलए लयोगों ने आपस में रमलकर पैसों का इन्तज़ाम रकया। कई लयोगों ने इसके रलए क़ज़थि ्ी रलया और लग्ग दौगनुी रक़म दकेर इसका बयाज़ ्ी चकुाया । लयोगों के पैसों से ट्ांसफ़ामथिर और खम् ेतयो लग गये और आज ्ी वैसे ही खडे़ हैं पर रिजली ति ्ी नहीं आयी। रिजली रव्ाग के अरधकारी ‘डूिवाले क्षेत् में रकसी तरह के रवकास कायथि पर प्ररतिन्ध लगे हयोने’ का हवाला दकेर अपना प्ला झाड़ लेते हैं। परन्त ुसवाल यह ह ैरक यरद 2010 से ही डूि वाले क्षेत् में कयोई रनमाथिण कायथि न करने का सख़त सरकारी आदशे जारी ्ा तयो इस क्षेत् में कॉ लयोरनयाँ कैसे रवकरसत हुई ंऔर रिजली कनेकशन कैसे िाँटे गये। यह ्ी रहसय ही ह ैरक डूि क्षेत् के यसूफु़परु, चकशाहवेरी, हिैतपरु, चयोटपरु, रछ जारसी, सरसवती कंुज और रतगरी सरहत कई अन्य कॉलयोरनयों में आधी-अधरूी ही सही, पर रिजली की वयवस्ा ह।ै अगर सरकारी रयोक ्ी तयो यह कैसे हुआ?

    एक तरफ़ रस्रत यह ह ै और दसूरी तरफ़ आये रदन नेतागण चनुाव जीतने के िाद रिजली दनेे का वादा करके रखसक लेते हैं। ्ाजपा सांसद व पवूथि केन्द्रीय

    मतं्ी महशे शमाथि ने तयो िाक़ायदा मचं से घयोषणा की ्ी रक वह स्ी लयोगों कयो सौ्ागय ययोजना के तहत रिजली कनेकशन रदलवाने के रलए रव्ाग की ओर से कैमप लगवायेंगे और यह वादा रकया ्ा रक स्ी 13 कॉलयोरनयों के प्रतयेक घर कयो 500 रुपये में कनेकशन रदया जायेगा त्ा स्ी अन्य नागररक सरुवधाए ँदी जायेंगी। आज ्ी उस कैमप का कॉलयोनीवारसयों कयो इन्तज़ार ह,ै हालाँरक इस कायथिक्रम के आययोजन में सरमरत के 84,000 रुपये खचथि हयो गये ्े। चनुाव खतम हयोने के िाद सांसद महयोदय कयो तयो ग़ायि हयोना ही ्ा, रिजली का ्ी आज तक अता-पता नहीं ह।ै

    इन झठेू आ्वासनों से तंग आकर 24 अगसत 2016 कयो सेकटर 25 में हज़ारों लयोगों ने एकजटु हयोकर रिजली की माँग कयो लेकर एक िड़ा प्रदशथिन रकया। 2 रदन तक चले इस प्रदशथिन के िाद रिजली रव्ाग ने 70 केवी का एक अस्ाई ट्ांसिॉमथिर रदया और मीटर नहीं हयोने की िात कहते हुए यह ्रयोसा रदलाया रक 3 महीने के अन्दर मीटर उपलबध हयोते ही स्ी लयोगों कयो कनेकशन दनेे की प्ररक्रया शरुू कर दी जायेगी।

    प्रदशथिन में केवल परुुष ही नहीं मरहलाए ँ ्ी गयोद में िचच े लेकर रदन ्र धरना स्ल पर िैठी रहती ्ीं। सिुह घर का काम ज्दी खतम कर वे 11 िजे तक धरना स्ल पहुचँ जाती ्ीं और रदन ढलने के िाद लौटतीं। परुुष रात धरना स्ल पर ही रिताते ्े। दयोपहर में लयोगों का खाना ्ी धरना स्ल पर ही िनता ्ा।

    इसके िाद ्ी उनकी िात सनुने कयोई नहीं पहुचँा। उ्टे प्रदशथिनकाररयों कयो शौचालय का इसतेमाल करने से रयोकने के रलए उस पर ताला लगा रदया जाता ्ा। मरहलाओ ंकयो शौच के रलए काफ़ी दरू जाना पड़ता ्ा। इन करठनाइयों के िाद ्ी लयोग डटे रह।े लेरकन राजना् रसंह के सपुतु्, रवधायक पंकज रसंह के झठेू आ्वासन कयो सचचा मानकर उन्होंने धरना समाप् कर रदया। पंकज रसंह ने वादा रकया ्ा रक तीन महीने के अन्दर स्ी 13 कॉलयोरनयों में रिजली का इन्तज़ाम हयो जायेगा। परन्त ुअन्त में उन्हें कुछ ्ी हारसल नहीं हुआ और हमशेा की तरह वे िरुी तरह ठगे गये।

    इन कॉलयोरनयों में केवल रिजली की समसया ही नहीं ह,ै यहाँ पर लयोगों कयो रकसी ्ी तरह की नागररक सरुवधा हारसल नहीं ह ै और न ही रकसी सरकारी ययोजना का उन्हें ला् ही रमलता ह।ै कॉलयोरनयों तक जाने वाले रासतों कयो ् ी लयोगों ने खदु चन्दा करके िनाया ह।ै सड़क, नाली, पानी, सावथिजरनक शौचालय, सावथिजरनक प्याऊ, सीवर, िॉरगंग, साफ़-सफ़ाई जैसी कयोई ्ी सरुवधा इन कॉलयोरनयों कयो प्राप् नहीं ह।ै रिजली नहीं हयोने के कारण रात के अधँरेे की वजह से खराि रासतों पर कई िार दघुथिटनाए ँ हयो चकुी हैं। कीडे़-मकयोडे़, साँप अधँरेे में रदखते नहीं। उनके काटने से वहाँ 2 िचचों सरहत 3 लयोगों की मौत हयो चकुी ह।ै रजन लयोगों के पास टीवी, ररि़ज, पंखा जैसे इलेकट्ॉरनक उपकरण हैं ्ी वे ्ी गत् ेमें िाँधकर रख रदये गये हैं। यहाँ तक रक मयोिाइल चाजथि करने के रलए ्ी इन लयोगों

    कयो 3-4 रकलयोमीटर दरू जाना पड़ता ह।ैरिजली की यह ज़रूरत रव्ाग के

    अरधकाररयों व कमथिचाररयों की कमाई का ज़ररया िन गया ह।ै पास के एक गाँव से जगुाड़ के ज़ररये कनेकशन द ेरदया गया ह ैरजससे लयोग अपनी छयोटी-मयोटी ज़रूरतें ्ले परूी करते हों पर इसके िदले उन्हें रनयरमत तौर पर अरधकाररयों-कमथिचाररयों की जेि ्रनी पड़ती ह।ै डूिवाले क्षेत्ों में अरधकाररयों ने अपने आदमी तैनात कर रख ेहैं जयो हर महीने वसलूी करते हैं, और सा् ही मीटर लगवाने के नाम पर ्ी लयोगों से पैसा लेते हैं। इस तरह हर महीने 4 करयोड़ रुपये इधर से उधर हयोते हैं।

    रिजली रव्ाग के भ्रष्ट कमथिचाररयों और अरधकाररयों के पौ-िारह हैं। वे परेशानहाल महेनतकश आिादी कयो लटूने में लगे हैं। इसके रलए वे तरह-तरह के तरीके़ अपनाते हैं। दल-िल के सा् पहुचँकर क्ी तार काट लाते तयो क्ी पयोल उखाड़ दतेे हैं। जि लयोग रमन्नतें करते तयो उनसे पैसा झटककर ‘आपसी सहमरत’ रदखाते हुए सामान वापस कर रदये जाते हैं। ऐसा महीने में 5-6 िार हयोता ह।ै आज ्ी रिजली वहाँ नहीं पहुचँी ह ैलेरकन जमुाथिने के नाम पर कॉलयोनी के लयोगों से काली कमाई का रसलरसला अ्ी ्ी िदसतरू जारी ह।ै रव्ाग के ही आकँडे़ िताते हैं रक वषथि 2018-19 में इस क्षेत् में 78 लाख रुपये की क़ाननूी वसलूी की जा चकुी ह।ै लेरकन वहाँ के िारशन्द ेअ्ी तक रिजली का इन्तज़ार कर रह ेहैं।

    – सते्न्द्र सार्थक

    नोएरा की 13 कॉलोतनयो ंमें पाचँ वषषों से तबजली के ललए नागररको ंका संघष्थ जारी

    होण्डा से 3,000 ठेका मज़दूरो ंको तनकालने के तवरोध में संघष्थ तेज़

  • मज़दूर तबगुल, नवम्बर 2019 5

    रद्ली में सत्ासीन केजरीवाल सरकार ने िडे़ ज़योरशयोर से एक पे्रस वाताथि के माधयम से घयोषणा की रक अि रद्ली में न्यनूतम मज़दरूी में िढ़योत्री की जा रही ह।ै यानी रद्ली में अि अकुशल मज़दरू कयो 14,842 (प्ररत रदन 571 रु.), अधथिकुशल मज़दरू कयो 16,341 (प्ररत रदन 629 रु.) और कुशल मज़दरू कयो 17,991 (प्ररत रदन 692 रु.) वेतन रमलेगा । रद्ली के मखुयमतं्ी अररवन्द केजरीवाल ने ्ी यह कह डाला रक दशे में चल रही आर थ्िक मन्दी का असर रद्ली के मज़दरूों पर नहीं हयोगा कयोंरक उनकी सरकार द्ारा अि न्यनूतम मज़दरूी िढ़ा दी गयी ह।ै

    केजरीवाल ने पे्रस वाताथि के दौरान इस न्यनूतम मज़दरूी िढ़ाने कयो एक िड़ी जीत कहा और इसके रलए उनकी पाटती द्ारा रकये गये “संघषथि” की एक कहानी ्ी सनुायी रक रकस तरह जि केजरीवाल सरकार ने रपछले समय न्यनूतम मज़दरूी िढ़ायी तयो रद्ली के फै़कटरी मारलकों ने इसके रखलाफ़ एक यारचका रद्ली हाईकयोटथि में डाल दी ् ी और इस यारचका पर हाईकयोटथि ने मारलकों के पक्ष में फै़सला दतेे हुए िढ़ी हुई न्यनूतम मज़दरूी कयो ‘असंवैधारनक’ िताते हुए खाररज कर रदया; रजसके चलते कुछ समय के रलए िढ़ी हुई न्यनूतम मज़दरूी रयोककर पनुः परुानी न्यनूतम मज़दरूी दी जाने लगी ्ी। रिर केजरीवाल सरकार हाईकयोटथि के फै़सले के रखलाफ़ सपु्रीम कयोटथि गयी और अ्ी हाल ही में (14 अकटूिर 2019) सपु्रीम कयोटथि ने केजरीवाल सरकार के पक्ष में फै़सला दतेे हुए न्यनूतम �