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विधान सभा कायिाही / 26 July 2016 अशोवधत / काशन के विए नह मदेश विधान सभा कᳱ कायिाही (अवधकृत वििरण) __________________________________________________________ चतुदयश विधान सभा एकादश स जुिाई, 2016 स मंगििार, ᳰदनांक 26 जुिाई, 2016 (4 ािण, शक संित 1938 ) [खड- 11 ] [अंक- 6 ] __________________________________________________________

मध्र्प्रदेश विधान भा की कार्यिाmpvidhansabha.nic.in/house proceedings/hp260716.pdfऐ वस्थवत वनर्मयत

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

मध्र्प्रदशे विधान सभा

की

कार्यिाही

(अवधकृत वििरण)

__________________________________________________________

चतुदयश विधान सभा एकादश सत्र

जिुाई, 2016 सत्र

मंगििार, ददनांक 26 जुिाई, 2016

(4 श्रािण, शक संित 1938 )

[खण्ड- 11 ] [अंक- 6 ]

__________________________________________________________

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

मध्र्प्रदशे विधान सभा

मंगििार, ददनांक 26 जुिाई, 2016

(4 श्रािण, शक संित 1938 )

विधान सभा पूिायह्न 11.03 बज ेसमिेत हुई.

{अध्र्क्ष महोदर् (डॉ.सीतासरन शमाय) पीठासीन हुए.}

पुनासा डमे के अतंगयत संचावित पररर्ोजनाएं

1. ( *क्र. 2857 ) श्री सवचन र्ादि : क्र्ा राज् र्मंत्री, नमयदा घाटी विकास महोदर् र्ह बताने की

कृपा करेंगे दक (क) इंददरा सागर पररर्ोजना (पुनासा डमे) के अंतगयत ऐसी दकतनी पररर्ोजनाएं हैं,

वजनके माध् र्म से दकतने ग्रामों की दकतनी-दकतनी हके् टेर्र कृवि भूवम को ससंवचत एिं अपररष् कृत

पेर्जि सुविधा उपिब् ध कराई जा रही ह?ै इनका विस् तार कर और दकतने ग्रामों एिं के्षत्र की कृवि

भूवम को ससंवचत दकर्ा जार्ेगा एिं दकतनी-दकतनी पररर्ोजनाएं स् िीकृत एिं प्रस् तावित हैं, उन

पररर्ोजनाओं से दकतने ग्रामों की दकतनी हके् टेर्र कृवि भूवम को ससंवचत एिं अपररष् कृत पेर्जि

सुविधा उपिब् ध कराने का िक्ष् र् रखा गर्ा ह ै एिं उनके विस् तारीकरण की भी क् र्ा आगामी

कार्यर्ोजना ह?ै (ख) क् र्ा इंददरा सागर पररर्ोजना (पुनासा डमे) जिाशर् की भंडारण क्षमता के

मान से प्रश नांश (क) में दर्शयत पररर्ोजनाएं बनाई गई हैं? हााँ तो उक् त पररर्ोजनाओं की पूर्तय के

उपरांत दकतना पानी उक् त डेम में शेि रहगेा? (ग) प्रश नांश (क) अनुसार वजिा खरगोन के दकतने-

दकतने ग्रामों की दकतनी-दकतनी हके् टेर्र कृवि भूवम को ससंवचत एिं अपररष् कृत पेर्जि सुविधा दी

जा रही ह ैएिं दी जार्ेगी तथा अस् िीकृत एिं प्रस् तावित आगामी पररर्ोजनाओं से दकतने हके् टेर्र

कृवि भूवम को ससंवचत एिं अपररष् कृत पेर्जि सुविधा ददर्े जाने का िक्ष् र् रखा गर्ा ह?ै (घ) क् र्ा

उक् त पररर्ोजनाओं के अंतगयत के्षत्रों में पड़ने िािे तािाबों, जिाशर्ों आदद को भी इन

पररर्ोजनाओं के माध् र्म से पानी डािा जार्ेगा? हााँ तो बतार्ें? नहीं तो क् र्ों?

राज् र्मतं्री, नमयदा घाटी विकास ( श्री िािससहं आर्य ) : (क) इस संरचना के अंतगयत दो

पररर्ोजनाएं आती हैं, वजसमें से एक इंददरा सागर नहर पररर्ोजना एिं दसूरी पुनासा उद्वहन

ससंचाई पररर्ोजना ह।ै (1) इंददरा सागर पररर्ोजना के अंतगयत खरगोन उद्वहन नहर का कार्य भी

सवममवित ह।ै ितयमान में इंददरा सागर पररर्ोजना से िवक्षत 596 ग्रामों की 123000 हके् टेर्र के

विरूद्ध 358 ग्रामों की 105000 हके् टेर्र के्षत्र में ससंचाई सुविधा उपिब् ध कराई जा रही ह ै एिं

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

खरगोन उद्वहन नहर से 152 ग्रामों में अपररष् कृत पेर्जि उपिब् ध करार्ा जाना प्रस् तावित ह।ै (2)

पुनासा उद्वहन ससंचाई पररर्ोजना में इंददरा सागर जिाशर् से सीधे पानी उद्वहन कर खण् डिा वजिे

के 99 ग्रामों की 35000 हके् टेर्र कृवि भूवम को ससंवचत एिं अपररष् कृत पेर्जि सुविधा उपिब् ध

कराई जा रही ह।ै (3) इंददरा सागर की मुख् र् नहर के विस् तारीकरण के अंतगयत दो पररर्ोजनाएं

स् िीकृत हैं, वजनका वििरण वनम नानुसार ह ै :- (i) छैगााँिमाखन उद्वहन र्ोजना-ससंचाई क्षमता

35000 हके् टेर्र, िाभाववित ग्रामों की संख् र्ा 58, अपररष् कृत जि उपिब् ध करार्े गर्े ग्रामों की

संख् र्ा 0. (ii) वबस् टान उद्वहन र्ोजना-ससंचाई क्षमता 22000 हके् टेर्र िाभाववित ग्रामों की संख् र्ा

92, अपररष् कृत जि उपिब् ध करार्े गर्े ग्रामों की संख् र्ा 0. (4) पुनासा ससंचाई र्ोजना के

विस् तारीकरण के अंतगयत ससंहाडा उद्वहन र्ोजना स् िीकृत ह,ै वजसकी ससंचाई क्षमता 5750 हके् टेर्र,

िाभाववित ग्रामों की संख् र्ा 17 तथा अपररष् कृत जि उपिब् ध करार्े गर्े ग्रामों की संख् र्ा 17 ह।ै

(5) इसके अवतररक् त इंददरा सागर पररर्ोजना के जिाशर् से हरसूद उद्वहन र्ोजना प्रस् तावित ह,ै

वजससे खण् डिा वजिे की हरसूद तहसीि के 13 ग्रामों में 5648 हके् टेर्र के्षत्र में ससंचाई प्रस् तावित ह।ै

(ख) इंददरा सागर पररर्ोजना के जिाशर् से ससंचाई हतेु 1730 वमविर्न क् र्ू.मी. पानी सुरवक्षत

रखा गर्ा ह ैजो दक प्रश नांश (क) में दशायई गई र्ोजनाओं हतेु सुरवक्षत ह।ै उक् त र्ोजनाओं में पानी

की आपूर्तय के पश चात (पुनासा डेम) में 8020 वमविर्न क् र्ू.मी. पानी उपिब् ध रहता ह।ै (ग)

प्रश नांश (क) अनुसार वजिा खरगोन के 225 ग्रामों की 54000 हके् टेर्र के्षत्र में ससंचाई क्षमता

वनर्मयत हो चुकी ह ैतथा र्ोजना का शेि कार्य पूणय होने पर 62 ग्रामों की 12551 हके् टेर्र के्षत्र में

ससंचाई सुविधा एिं 152 ग्रामों के विर्े अपररष् कृत पेर्जि उपिब् ध कराई जािेगी एिं स् िीकृत

वबस् टान उद्वहन नहर ससंचाई र्ोजना से 92 ग्रामों की 22000 हके् टेर्र के्षत्र को ससंवचत करार्ा जाना

प्रस् तावित ह।ै (घ) जी नहीं। प्रस् तावित पररर्ोजनाओं में ऐसा कोई प्रािधान नहीं ह।ै

श्री सवचन र्ादि--अध्र्क्ष महोदर्,मैं आपके माध्र्म से माननीर् मंत्रीजी से पूछना चाहता

ह.ं मैंने जो प्रश्न दकर्ा था उसका जो जिाब आर्ा ह ैदक सारी पररर्ोजनाओं को पानी आिंरटत करने

के पश्चात इंददरा सागर बांध में पर्ायप्त पानी रहता ह.ै मैं, आपके माध्र्म से पूछना चाहता ह ंदक

क्र्ा कारण ह ैदक पर्ायप्त पानी होने के बािजूद जब बोनी का समर् आता तो हर साि दकसानों को

सड़कों पर उतर कर एनव्हीडीए के अवधकाररर्ों के दफ्तरों का घेराि करना पड़ता ह.ै हर साि

ऐसी वस्थवत वनर्मयत होती ह ै वजसके कारण दकसान परेशान होते हैं. मैं मंत्रीजी से इसका कारण

जानना चाहता ह.ं

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श्री िाि ससंह आर्य--अध्र्क्ष महोदर्, बहुत सारी नहरों का कहीं न कहीं काम चि रहा ह ै

इसके कारण थोड़ा बहुत काम प्रभावित होता ह.ै अध्र्क्ष महोदर्, जब भी दकसान फसि के विए

पानी की मांग करते हैं तो हम वनमायण कार्य रोक कर दकसानों के वहत में पानी देने का काम करते हैं,

और र्ह भविष्र् में जारी रहगेा.

श्री सवचन र्ादि--अध्र्क्ष महोदर्, मैं, आपके माध्र्म से र्ह भी जानना चाहता ह ं दक

नहरों के काम के जो टेण्डर 2006 में स्िीकृत हुए थे, उन नहरों का काम आज तक क्र्ों नहीं पूरा हो

पा रहा ह.ै मैं कई बार धरने द ेचुका ह.ं कई बार उच्चावधकाररर्ों से, प्रमुख सवचि से, चचाय कर चुका

ह.ं किेक्टर के माध्र्म से जो वजिे के बड़ ेअवधकारी हैं, उनसे चचाय कर चुका ह.ं िेदकन हर बार

मुझे वसफय आश्वासन वमिता ह.ै विगत 2-3 सािों से िगातार र्ही वस्थवत वनर्मयत हो रही ह ैदक हर

बार जब भी पानी छोड़ने की बात आती ह ैतो विभाग के िोग नहरों का काम पूरा करने की आड़

िेकर हर बार ऐसी वस्थवत वनर्मयत करते हैं वजसके कारण दकसानों को बहुत समस्र्ा का सामना

करना पड़ता ह.ै

अध्र्क्ष महोदर्--कृपर्ा प्रश्न पूछें.

श्री सवचन र्ादि--अध्र्क्ष महोदर्, मैं, आपके माध्र्म से पूछना चाहता ह ं दक एक

समर्ािवध बतार्ी जार्े वजसमें नहरों का काम, विशेि कर मेरे के्षत्र में जो अधूरा पड़ा ह,ै िह काम

कब तक पूणय कर विर्ा जाएगा?

श्री िाि ससंह आर्य - अध्र्क्ष महोदर्,जब कभी प्राकृवतक घटनाएं होती हैं, तब काम

प्रभावित होता ह.ै वनमाड़ के्षत्र में कभी-कभी बरसात अवधक होती ह,ै कभी-कभी दकसानों के

आवदोिन भी होते हैं दक हमें पानी ददर्ा जार्, काम रोक ददर्ा जार्, इसविए ऐसी पररवस्थवत

होती ह,ै तब काम प्रभावित होता ह.ै िेदकन दफर भी श्री सवचन जी मैं आपको संतुष्ट करना चाहता

ह ंदक जून, 2017 तक हम इस काम को पूणय कर देंगे.

श्री सवचन र्ादि - अध्र्क्ष महोदर्, मैं जब वपछिी बार धरने पर बैठा था, तब मुझे कहा

गर्ा था दक अक्टूबर, 2016 तक जो नहरों का काम अधूरा पड़ा हुआ ह,ै उसको पूणय कर विर्ा

जाएगा. अब माननीर् मंत्री जी कह रह ेहैं दक जून, 2017 तक दकर्ा जाएगा. अब र्ह बताएं दक

अगिी बार जब बोिनी का सीजन आएगा, दफर र्ही वस्थवत वनर्मयत होगी, दफर िही धरने,

आवदोिन, दकसानों को सड़कों पर उतरना पड़गेा. इस वस्थवत से बचने के विए मैं आपके माध्र्म से

माननीर् मंत्री जी से वनिेदन करना चाहता ह ंदक इस काम अवतशीघ्र पूरा दकर्ा जार् और जो मुझे

आश्वासन ददर्ा गर्ा था दक अक्टूबर, 2016 तक इस काम को पूणय कर विर्ा जाएगा, उसका

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आश्वासन मैं माननीर् मंत्री जी से िेना चाहता ह.ं अध्र्क्ष महोदर्, साथ ही साथ आपके माध्र्म से

माननीर् मंत्री र्ह भी आश्वासन िेना चाहता ह ंदक चूंदक जिाब में ददर्ा ह ैदक डमे में पर्ायप्त पानी

उपिब्ध ह ैतो क्र्ा जो मेरा के्षत्र ह,ै जो सूखा के्षत्र ह,ै विशेिकर हमारा बिकिाड़ा, ससंगून, दाबरी,

नाइदड़ िािा जो बेल्ट ह,ै सािा, उमररर्ा िािा जो बेल्ट ह,ै उस बेल्ट में उन दकसानों के खेतों तक

पानी पहुचंाने के विए क्र्ा कोई र्ोजना मंजूर करने का काम हमारे माननीर् मंत्री जी करेंगे?

अध्र्क्ष महोदर् - मंत्री जी एक वमनट, श्री वहतेवर ससंह सोिंकी जी का प्रश्न भी इसी से

संबंवधत ह,ै आप दोनों का साथ में उत्तर द ेदीवजए.

श्री वहतेवर ससंह सोिंकी - अध्र्क्ष महोदर्, मैं माननीर् मंत्री जी से र्ह चाहता ह ंदक र्ह

दकसानों से जुड़ा हुआ नहरों का मामिा ह,ै नहरें वबछ चुकी हैं. तािाब के दकनारे कई नहरें वनकि

गई हैं. तािाब सूख जाते हैं, तािाब से भी नहरें बनी हुई हैं. क्र्ा उन नहरों में पानी छोड़ा जाएगा

और र्ह बार-बार विपक्ष के िोग जो र्ह काम दकर्ा करते हैं दक कभी भी खड़ े हो जाना,

आवदोिन करना तो इसमें कोई तारीख वनवश्चत कर दें दक जब गमी में पानी छोड़ा जार्, फसिें जब

दकसान िगाता ह,ै उस समर् र्दद पानी छोड़ देंगे तो र्ह आवदोिन िािी बात खत्म हो जाएगी.

श्री िाि ससंह आर्य - अध्र्क्ष महोदर्, जैसा माननीर् श्री सवचन जी और श्री वहतेवर जी ने

कहा ह,ै अभी तक जो हमने बातचीत की ह.ै मुवशकि में दो महीने हमारा नहरों का काम हो पाता

ह.ै उसका कारण ह ैदक हमें कभी रबी की फसि में पानी दनेा पड़ता ह,ै कभी खरीफ की फसि में

पानी दनेा पड़ता ह.ै कभी बरसात होती ह,ै इस कारण से काम प्रभावित होता ह.ै िेदकन दकसानों

के वहत को ध्र्ान में रखते हुए माननीर् मुख्र्मंत्री जी ने एक नहीं कई ऐवतहावसक वनणयर् विर्े हैं.

एक नहीं कई र्ोजनाओं को जवम ददर्ा ह,ै वजसके कारण दकसानों में खुशहािी आई ह.ै िेदकन

माननीर् श्री सवचन जी जैसा कह रह ेहैं, आपने जैसा इंवगत दकर्ा ह,ै बिकिाड़ा, ससंगून, दाबरी

जोन, आप वनसश्चंत रवहए, ऐसे बेल्ट जहां पर सूखा ह,ै उन बेल्टों को भी सोिर पिांट िगाकर हम

दकसान को पानी कैसे द ेपाएं, र्ह भी हमारा विचार चि रहा ह.ै

श्री सवचन र्ादि - माननीर् मंत्री जी, इसमें सािा, उमररर्ा भी जोड़ िें.

श्री िाि ससंह आर्य - आपका जो वििर् आर्ा ह,ै आप िह भी विखकर द ेदेना. सरकार का

मंतव्य एक ही ह ैदक एक भी इंच जमीन जो सूखी ह,ै उस दकसान के खेत तक पानी पहुचंाना. जहां

तक तािाब िािी बात आई ह,ै हम समीक्षा करेंगे. दकसान के वहत में जो आिशर्क हो सकता होगा,

िह हम करेंगे.

अध्र्क्ष महोदर् - श्री मनोज कुमार अग्रिाि..

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

श्री वहतेवर ससंह सोिंकी - माननीर् मंत्री जी, केिि तारीख वनवश्चत कर दें.

(व्यिधान)..गमी के समर् में पानी छोड़ने िािी बात ह.ै

श्री सवचन र्ादि - अध्र्क्ष महोदर्, मेरा पाइंटेड प्रश्न ह.ै आपसे वनिेदन करना चाहता ह.ं

अध्र्क्ष महोदर् - अब नहीं. 4-4, 5-5 प्रश्न हो गर्े. िाद-वििाद नहीं होता, आपकी सब

बातें आ गईं.

दवैनक ितेनभोगी कमयचाररर्ों का वनर्वमतीकरण

2. ( *क्र. 1481 ) श्री मनोज कुमार अग्रिाि : क्र्ा मुख्र्मंत्री महोदर् र्ह बताने की कृपा करेंगे दक

(क) सामाव र् प्रशासन विभाग के आदशे क्र. एफ 5-3/2006/1/3 भोपाि ददनांक 29 वसतम बर, 2014

के अनुसार म.प्र. शासन के विवभव न विभागों में कार्यरत दैवनक िेतनभोगी कमयचाररर्ों को 31 माचय,

2016 तक वनर्वमत दकर्े जाने के आदशे ददर्े हैं? (ख) शासन के दकन विभागों ने इस आदशे के तहत

विभागों में कार्यरत दवैनक िेतनभोगी कमयचाररर्ों को वनर्वमत नहीं दकर्ा है? सूची प्रदार् की

जािे। (ग) उक् त आदशे का पािन संबंवधत विभागों द्वारा कब तक दकर्ा जािेगा?

मुख्र्मतं्री ( श्री वशिराज ससहं चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) एिं (ग) उत् तरांश (क) के पररप्रेक्ष् र् में

प्रश न उपवस्थत नहीं होता ह।ै

माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, र्ह कमयचाररर्ों और मानि के शोिण का मामिा ह ै । इसमें

दवैनक िेतन भोवगर्ों के साथ अव र्ार् हो रहा ह,ै उसका मामिा ह,ै सुप्रीम कोटय का 2015 का भी

आदशे ह ैदक वनर्वमवतकरण दकर्ा जाए । आज तक इसमें र्ह नहीं बतार्ा दक दकतने िोगों का

वनर्वमवतकरण दकर्ा गर्ा और वनर्वमवतकरण करने की इनकी आगे की क् र्ा प िासनंग ह ै। कृपर्ा

मुख् र्मंत्री महोदर् बताने की कृपा करें दक कब तक वनर्वमवतकरण होगा ।

राज् र्मंत्री,सामाव र् प्रशासन ( श्री िाि ससंह आर्य)- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, माननीर्

सदस् र् ने र्ह नहीं पूछा दक दकतने िोगों का वनर्वमवतकरण हो चुका ह ै। दफर भी मैं आपके संज्ञान

में िा रहा ह ं दक 58 हजार कमयचारी हमारे मध् र्प्रदशे में हैं वजनमें से 10 हजार का हम

वनर्वमवतकरण कर चुके हैं,48 हजार शेि हैं ।

माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, माननीर् मुख् र्मंत्री जी, हमारी पूरी सरकार हर पहिू पर

विचार कर रही ह ैऔर वनर्वमवतकरण की िाईन में खड़ ेहुए हमारे जो कमयचारी हैं दकस एंगि से

हम काम कर पाए इस पहिू पर हम काम कर रह ेहैं । माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, कमयचारी हमारा

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ह,ै उसने कभी सरकार के वखिाफ आंदोिन नहीं दकर्ा ह,ै आंदोिन करने की बारी नहीं आ पाई ।

तब तक हमने कमयचारी और अवधकाररर्ों के वहतों में हम जो कुछ कर सकते हैं िह हमने दकर्ा ह ै।

श्री मनोज कुमार अग्रिाि- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, इसकी समर् सीमा क् र्ा ह ै।

श्री बािा बच् चन- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, इसी से संबंवधत मेरा भी प्रश न ह ैकृपर्ा मुझे

समर् दें ।

अध् र्क्ष महोदर्- पहिे उनका प्रश न पूरा हो जाए उसके बाद ।

श्री मनोज कुमार अग्रिाि- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, मैं माननीर् मंत्री जी से जानना

चाहता ह ंदक इसकी समर् सीमा क् र्ा ह ै। दकतनी समर् सीमा में र्ह कर पाएंगे दकतने प्रवतशत र्ह

कर पाएंगे ।

श्री बािा बच् चन- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, माननीर् मंत्री जी ने विधार्क के जबाि को

पूरी तरह से भ्रवमत करने का प्रर्ास दकर्ा ह ै। मैं र्ह जानना चाहता ह ंदवैनक िेतन भोगी कमयचारी

हाईकोटय और सुप्रीम कोटय दोनों कोटय से जीत चुके हैं उसके बाद भी सरकार उनको दकतना परेशान

करेगी । उनको वनर्वमत क् र्ों नहीं दकर्ा जा रहा ह,ै माननीर् मंत्री जी इससे बड़ी और व् र्िस् था

क् र्ा हो सकती ह ै।

श्री र्शपाि ससंह वससोददर्ा- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, प्रवतपक्ष आज दवैनक िेतन भोगी

की वहमार्ती बन रहा ह ैकांग्रेस के समर् में एक झटके में उनको वनकाि कर बाहर कर ददर्ा था ।

( व् र्िधान)

अध् र्क्ष महोदर्- कृपर्ा उत् तर तो आने दीवजए .

श्री र्शपाि ससंह वससोददर्ा- आपने 28 हजार को वनकाि ददर्ा था । (व् र्िधान)

श्री वजतू पटिारी- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्......( व् र्िधान)

अध् र्क्ष महोदर्- कृपर्ा बैठ जाइए प्रश नकाि को बावधत न करें । कृपर्ा उत् तर आने दें ।

वजतू पटिारी जी बैठ जाइए । (व् र्िधान)

श्री िािससंह आर्य- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, मैंने एक प्रश न का जबाि उनको ददर्ा था

दसूरे प्रश न से भी मैं उनको संतुष् ट करना चाहता ह ंपर मुझे िग रहा ह ैदक र्ह प्रश न का जबाि िेने

से ज् र्ादा राजनैवतक िाभ उठाने का ज् र्ादा प्रर्ास हो रहा ह ै। माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, माननीर्

वशिराज ससंह जी की सरकार कमयचारी अवधकारी दकसान मजदरूों की वहतैिी सरकार ह ै। इसविए

आप वचव ता मत कररए र्ह खाने के दांत और ददखाने के दांत कृपर्ा आप ऐसा मत कररए, 28

हजार कमयचाररर्ों को आपने वनकािा था, िेदकन आप वजन कमयचाररर्ों को वजन वशक्षकों को

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

2300 रूपए दतेे थे हमने उनको 22000 तक पहुचंा ददर्ा ह ै। इसविए माननीर् अध् र्क्ष महोदर् मैं

आपके माध् र्म से कहना चाहता ह ंऔर पूरे दािे के साथ पूरी गंभीरता के साथ कहना चाहता ह ंदक

कमयचारी हमारे पररिार का अंग है, मध् र्प्रदशे को आगे बढाने में उसकी भी सहभावगता ह ै ।

इसविए माननीर् मुख् र्मंत्री हमारा शासन प्रशासन सारे वििर्ों पर हम गंभीरता से विचार कर रह े

हैं और इनकी वचव ता का कारण र्ह नहीं ह ैइनकी वचव ता का कारण सत् ता ह ै। मुख् र्मंत्री जी की

वचव ता का कारण ह ैइसविए हम पूरे पहिुओ पर विचार करके उनके वहत में कोई अच् छा वनणयर् हो

सके । इसका हम प्रर्ास कर रह ेहैं ।

प्रश न सखं्र्ा -3 (अनपुवस्थत)

अिैध खनन के प्रकरण में िसूिी

4. ( *क्र. 1136 ) श्री बहादरु ससहं चौहान : क्र्ा खवनज साधन मंत्री महोदर् र्ह बताने की कृपा

करेंगे दक (क) कवमश नर उज् जनै के समक्ष ददनेश वपता मांगीिाि जैन वनिासी मवहदपुर रोड के

विरूद्ध चि रह े प्रकरण की अद्यत न वस्थवत बतािें। (ख) विगत 3 माह में इसमें दकतनी तारीखें

िगीं? इसकी जानकारी देिें। (ग) इस प्रकरण का कब तक वनराकरण होगा और क् र्ा इनसे रावश

िसूि की जािेगी? समर्-सीमा बतािें।

खवनज साधन मतं्री ( श्री राजवेर शुक्ि ) : (क) प्रकरण व र्ार्ािर्, अपर आर्ुक् त, उज् जनै संभाग,

उज् जनै के समक्ष प्रकरण क्रमांक 395/15-16 दजय ह।ै इसमें ददनांक 25.07.2016 को पेशी वनर्त ह।ै

(ख) प्रश नाधीन अिवध में प्रकरण में 5 तारीखें सुनिाई हतेु िगी हैं। (ग) प्रकरण अधयव र्ावर्क प्रदक्रर्ा

के तहत विचाराधीन ह।ै अत: प्रश नानुसार समर्-सीमा बतार्ा जाना संभि नहीं ह।ै

श्री बहादरु ससंह चौहान- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, मेरा प्रश न अिैध खनन को िेकर ह ै ।

पूिय में भी माननीर् अध् र्क्ष जी इस प्रश न पर चचाय हो चुकी ह ै। 30 करोड़ 29 िाख 25 हजार

625 का केस अिैध खनन का ह ै। चूंदक मध् र्प्रदशे का सबसे बड़ा अिैध खनन का केस मेरे द्वारा

विधानसभा में उठाने के बाद बनार्ा गर्ा ह ैपर माननीर् अध् र्क्ष जी मुझे ऐसा िग रहा ह ैदक अभी

भी खनन मादफर्ा वजसके विरूद्व इतना बड़ा केस बनार्ा ह ैउसके विरूद्व कोई कार्यिाही नहीं हो

रही ह ै। इस पर उत् तर आर्ा दक 5 तारीखें िग गई हैं । कि भी तारीख थी 25.7 को विभाग की

ओर से कोई िकीि िहां पर उपवस्थत नहीं हो रहा ह ै। अधय व र्ार्ािर् अपर आर्ुक् त उज् जैन में र्ह

केस चि रहा ह ैमेरा आपसे आग्रह ह ैदक इतना बड़ा केस 30 करोड़ का ह ैमैं बार बार इस प्रश न को

िा रहा ह ं।

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अध् र्क्ष महोदर्- आप सीधे प्रश न कर दें ।

श्री बहादरु ससंह चौहान- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, मैं माननीर् मंत्री जी से कहना चाहता

ह ंदक आपके विभाग का िररष् ठ अवधकारी जो भोपाि स् तर का अवधकारी होगा जाकर इस केस को

जो दक अद्वय व र्ार्ािर् में चि रहा ह ैउसका वनराकरण करिाएंगे ।

श्री राजेव र शुक् ि- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, अद्वय व र्ार्ावर्क मामिा ह ै। कवमश नर कोटय में

सुनिाई चि रही ह ैऔर गुणदोि के आधार पर व र्ार्ािर् जो फैसिा करेगा उसके वहसाब से

कार्यिाही होगी जहां तक कुकी के आदशे को जारी करने का सिाि ह ैउस पर बोडय ऑफ रेिेव र्ू ने

भी स् टे िगार्ा हुआ ह ैइसविए कुकी की कार्यिाही नहीं हो पा रही ह ै।

श्री बहादरु ससंह चौहान- माननीर् अध् र्क्ष जी, आर आर सी जारी हो चुकी ह ैऔर जो तीन

महीने का स् टे ददए हुआ ह ैिह िेकेट हो गर्ा ह ैमेरी अपनी जानकारी के वहसाब से तीन माह के

विए स् टे ददर्ा था उसका मकान आदद भी सीज हो रहा था गाडी । मेरा कहना ह ैदक 6 तारीखें िग

गई हैं क् र्ा कारण ह ैदक बार बार इसमें तारीखें बढ रही हैं । अपर आर्ुक् त उज् जनै इसकी तारीखें

बढा रह ेहैं तो विभाग क् र्ा दखे रहा ह ै। िहां के जो खवनज का अवधकारी ह ैिह खवनज मादफर्ा से

वमिा हुआ ह ै। मैं कहना चाहता ह ंक् र्ा भोपाि के अवधकारी इस केस को डीि करेंगे । मेरा आपसे

वसफय इतना आग्रह ह ैदक र्ह अद्वय व र्ावर्क प्रकरण अपर आर्ुक् त उज् जनै व र्ार्ािर् में चि रहा ह ै।

क् र्ा माननीर् मंत्री जी इस अधय व र्ार्ािर् में इस केस को वनराकरण कराने के विए भोपाि स् तर के

अवधकारी को वनर्ुक् त करेंगे । तादक समर् पर तारीखों पर जाकर िकीि इसका वनराकरण करा

सकें ।

श्री राजेव र शुक् ि- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, माननीर् सदस् र् की मंशा के अनुसार जो भी

इसमें व र्ार्ावर्क तौर से दकर्ा जा सकता ह ैिह दकर्ा जाएगा ।

श्री बहादरु ससंह चौहान- माननीर् अध् र्क्ष जी मेरी मांग ह ै दक इसके विए कोई दसूरा

अवधकारी वनर्ुक् त करें । उज् जैन का अवधकारी उस खनन मादफर्ा से वमिा हुआ ह ै। मेरा आग्रह ह ै

दक भोपाि स् तर से अवधकारी वनर्ुक् त करने में क् र्ा ददक् कत ह ै। माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, मैं गित

क् र्ा कह रहा ह ू ं? भोपाि स् तर के अवधकारी को इसके वनराकरण के विए वनर्ुक् त कर दें.

अध् र्क्ष महोदर् -- आप बैठ जाएं कृपर्ा. (व् र्िधान) उनका उत् तर आ रहा ह.ै

श्री मुकेश नार्क -- अध् र्क्ष महोदर्, माननीर् मुख् र्मंत्री जी सदन में हैं हमारी तो िे नहीं

सुनते िेदकन उनकी पाटी के विधार्क जो कह रह ेहैं उसे तो सुन िें. (व् र्िधान)

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अध् र्क्ष महोदर् -- आप िोग बैठ जाइए, उत् तर आ रहा ह.ै

श्री राजेव र शुक् ि -- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, बहादरु ससंह जी ने मेरी बात को ध् र्ान से

नहीं सुना. मैंने कहा बहादरु ससंह जी की मंशा के अनुसार वनर्म के अनुरूप जो भी कार्यिाही होगी,

िह की जािेगी.

डार्िसयन शलु् क एि ंसम पवत्तकर का वनराकरण

5. ( *क्र. 1812 ) श्री सूबदेार ससहं रजौधा : क्र्ा नगरीर् विकास एिं आिास मंत्री महोदर्ा र्ह

बताने की कृपा करेंगी दक (क) क् र्ा नगर पररिद जौरा के्षत्राव तगयत डार्िसयन कर समाप त करने

बाित पररिद द्वारा सियस म मवत से प्रस् ताि पाररत कर किेक् टर मुरैना ि राज् र् शासन की ओर से

पत्र कं्र. 108570/860 ददनांक 17-09-2004 को भेजा गर्ा था? र्दद हााँ, तो उस पर क् र्ा

कार्यिाही की गई? (ख) क् र्ा अभी भी नगर के िगभग 3000 भिन स् िामी सम पवत्त कर ि

डार्िसयन शुल् क दोनों भार िहन कर रह ेहैं? र्दद हााँ, तो क् र्ा दोनों शुल् क अदा करना व र्ार् संगत

ह?ै (ग) प्रश नांश (क) (ख) के पररप्रेक्ष् र् में क् र्ा नगर के भिन स् िावमर्ों को दोहरी शुल् क अदार्गी से

मुक् त दकर्ा जािेगा? र्दद हााँ, तो कब तक? र्दद नहीं, तो कारण स् पष् ट करे?

नगरीर् विकास एि ंआिास मतं्री ( श्रीमती मार्ा ससहं ) : (क) जी हााँ, नगर पररिद, जौरा द्वारा

जौरा के्षत्रांतगयत डार्िसयन कर समाप त करने हतेु प्रस् ताि अनुविभागीर् अवधकारी एिं किेक् टर

महोदर् वजिा-मुरैना की ओर भेजा गर्ा ह,ै सही ह,ै दकव त ु डार्िसयन शुल् क राज् र् शासन के

प्रािधानानुसार होने से कोई कार्यिाही प्रचवित नहीं ह।ै (ख) जी हााँ (1) जौरा नगर में नगर पररिद

द्वारा म.प्र. नगर पाविका अवधवनर्म, 1961 के अध् र्ार् 7 भाग 1 की धारा 126 अनुसार दर

वनधायररत कर संपवत्त कर एिं समेदकत कर अवधरोवपत दकर्ा जाता है, जो दक वनर्मानुसार ह,ै (2)

डार्िसयन शुल् क म.प्र. भू-राजस् ि संवहता, 1961 के अध् र्ार् 11 की धारा 57, 58 एिं 137 से 140

तक में भू-राजस् ि के अवधरोपण एिं िसूिी के संबंध में प्रािधान है, धारा 57 के अनुसार समस् त

भूवम राज् र् सरकार की संपवत्त ह,ै धारा 58 के अंतगयत समस् त भूवम चाह ेिह दकसी भी प्रर्ोजन के

विर्े उपर्ोवजत की जाती हो और चाह ेिह कहीं भी वस्थत हो राज् र् सरकार को राजस् ि के भुगतान

के विर्े दावर्त् िाधीन ह,ै 57 एिं 58 से स् पष् ट ह ैदक प्रत् र्ेक भूवम पर भू-राजस् ि दरे् होता ह,ै जो दक

सांकेवतक रूप से दशायता ह ैदक सभी भूवम का अंवतम स् िावमत् ि सरकार में ही वनवहत ह ैऔर भूवम

स् िामी/भू-धारक/उपर्ोगकताय उक् त भूवम के उपर्ोग के एिज में राज् र् शासन को भू-राजस् ि अदा

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कर रहा ह।ै इस प्रकार सम पवत्त कर ि डार्िसयन शुल् क अदा करना वनर्मानुसार ह।ै (ग) जी नहीं,

शेिांश का प्रश न उपवस्थत नहीं होता।

श्री सूबेदार ससंह रजौधा -- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, जौरा नगर के तीन हजार नागररकों

पर दोहरा टैक् स िग रहा ह ैएक तो नगर पंचार्त िूसि कर रहा ह ैदसूरा डार्िसयन के रूप में

राजस् ि विभाग िसूि कर रहा ह ैतो र्ह विसंगवत ह.ै मैंने जो प्रश न िगार्ा था उसमें माननीर् मंत्री

जी से पूछा था दक ििय 2004 में नगर पंचार्त, जौरा ने र्ह प्रस् ताि करके भेजा ह ैदक हम मकान

िािों को पूरी मूिभूत सुविधाएं द ेरह ेहैं उनसे टैक् स िसूि कर रह ेहैं तो राजस् ि विभाग को इसमें

टैक् स िेने का कोई औवचत् र् नहीं ह ैर्ह प्रस् ताि गर्ा ह ैिेदकन माननीर् मंत्रीजी ने जो जिाब ददर्ा

ह ै उसमें इतनी धाराएं विख दी हैं दक मैं पढते-पढते उनको समझ ही नहीं पाऊंगा, इसविए

माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, मैं आपका संरक्षण चाहगंा. सौभाग् र् से माननीर् मुख् र्मंत्री जी भी बैठे हैं.

माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, अगर कोई कानूनी पेंच ह ैदक उसमें नहीं कर सकते तो उसमें उस

कानूनी पेंच को आज अध् र्क्ष जी बैठे हैं पूरे विधानसभा के सब सदस् र् बैठे हैं, क् र्ा दोहरा टैक् स उन

गरीब दकसानों के साथ व र्ार् नहीं होगा ? मैं चाहगंा दक इसमें आपका भी संरक्षण वमिेगा और

माननीर् मंत्री जी तो हमारी बहुत उदार मंत्री हैं और दफर हमारी प्रभारी मंत्री भी हैं. इनसे तो मैं

पूरी उम मीद करता ह ू ं िेदकन इसमें पढकर थोड़ी हताशा हुई ह.ै मैं माननीर्ा मंत्री जी से आग्रह

करता ह ू ंदक कुछ न कुछ व् र्िस् था ऐसी वनकािें दक उन मकान माविकों को दोहरा टैक् स न िगे र्ा

तो डार्िसयन िगे र्ा संपवत्त कर के रूप में नगर पंचार्त िसूि करे.

श्रीमती मार्ा ससंह -- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, आपके माध् र्म से मैं सम मानीर् विधार्क

जी को बताना चाहती ह ू ंदक उव होंने जो सिाि पूछा ह ैदक नगर पररिद जौरा में िहां के रहने िािे

िोगों के ऊपर दोहरा करारारोपण दकर्ा जा रहा ह.ै मैं आपको बताना चाहती ह ू ंिास् तविकता र्ह

ह ै दक र्ह वनर्मों के अंतगयत िैधावनक रूप से ही िसूि दकर्ा जा रहा ह.ै मैं आपके माध् र्म से

बताना चाहती ह ू ं दक संपवत्त कर मध् र्प्रदशे नगर पाविका अवधवनर्म 1961 की धारा 126 के

अंतगयत विर्ा जाता ह.ै विधार्क जी कहना ह ैदक बहुत सारे ऐसे कागज द ेददए हैं और वनर्मों का

हिािा ददर्ा ह ैजो उनके समझ में नहीं आ रहा ह.ै मैं बहुत ही सरि भािा में बताना चाहती ह ू ंजो

डार्िसयन शुल् क ह ैिह मध् र्प्रदशे भू-राजस् ि संवहता 1959 की धारा 11 के अंतगयत 57, 58, 137

और 140 के अंतगयत उल् िेवखत प्रािधानों के अंतगयत र्ह डार्िसयन शुल् क विर्ा जा रहा ह ैक् र्ोंदक

सारी जो जमीन ह ैिह राज् र् सरकार की संपवत्त ह ैऔर उसके उपर्ोग के एिज में भू-राजस् ि अदा

करना अवनिार्य ह ैतो इसविए र्ह दोनों जो कर हैं, िह वनर्मानुसार विर्े जा रह ेहैं.

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श्री सूबेदार ससंह रजौधा -- माननीर् अध्र्क्ष महोदर् र्ह विधान सभा वनर्मों को दरुूस्त

करने के विए ही तो ह.ै आप स्िर्ं सोचें दक उनको संपवत्तकर भी िगे और डार्िसयन शुल्क भी िगे

और इस तरह के एक र्ा दो प्रकरण नहीं ह,ै 3 हजार िोग हैं. आपकी पररिद में चुने हुए िोग होते

हैं और सरकार की तरफ से सीएमओ होता ह.ै मैं माननीर् मंत्री जी से उममीद करता हं दक उनको

एक ही कर िगे, ऐसी कोई व्यिस्था माननीर् मंत्री जी करेंगी.

श्रीमती मार्ा ससंह -- माननीर् अध्र्क्ष जी, मैं पुन: अपनी बात को दोहराना चाहती ह ंऔर

विधार्क जी से मेरा भी आग्रह ह ैदक इनसे र्ह दोनों शुल्क वनर्मानुसार विर्े जा रह ेहैं. संपवत्त कर

और डार्िसयन शुल्क जमा करना वनर्मों के अंतगयत ह.ै वनर्मों में पररितयन करना और र्हां पर

उसका आश्वासन दनेा, र्ह मेरे विए संभि नहीं ह.ै

बादिडोह जिाशर् की नहर की मरम मत

6. ( *क्र. 1935 ) श्री चैतराम मानेकर : क्र्ा जि संसाधन मंत्री महोदर् र्ह बताने की कृपा करेंगे

दक (क) बादिडोह जिाशर् की नहर का वनमायण कब हुआ? (ख) क् र्ा ससंचाई के समर् नहर का

पानी अत् र्ावधक मात्रा में सीिेज होता ह?ै (ग) र्दद नहीं, तो ससंचाई के समर् नहर के नीचे खेतों में

पानी का जमाि कैसे होता ह?ै नहर को कब तक ठीक कर विर्ा जार्ेगा?

जि ससंाधन मतं्री ( डॉ. नरोत्तम वमश्र ) : (क) ग्रीष् म काि 2016 में। (ख) एिं (ग) वनमायणाधीन

नहर की िाईसनंग का कार्य पूणय कराए बगैर रबी ससंचाई में पानी दनेे से सीपेज हुआ जो स् िभाविक

था। िाईसनंग का कार्य पूणय करा विर्ा गर्ा ह।ै

श्री चैतराम मानेकर -- माननीर् अध्र्क्ष महोदर् मेरे प्रश्न के उत्तर में माननीर् मंत्री जी ने

जानकारी दी ह ैदक िाइसनंग का कार्य पूणय करार्े बगैर रबी ससंचाई में पानी दनेे से सीपेज हुआ ह ै

जो दक स्िाभाविक था, मैं स्िीकार करता ह ंिेदकन अध्र्क्ष महोदर् मैंने तो उस जगह कीबात की ह ै

जहां पर िाइसनंग का काम हो गर्ा था. इसके बाद में भी अब नहर का िाइसनंग का काम पूणय हो

गर्ा ह ैऔर 2 - 3 माह के बाद में अक्टूबर निमबर में रबी सीजन आर्ेगा और नहर से पानी दनेे का

काम शुरू होगा तो उस समर् नहर से र्दद पानी सीपेज होगा तो क्र्ा मंत्री जी दोिी अवधकाररर्ों

पर कार्यिाही करेंगे?

डॉ नरोत्तम वमश्र -- माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, सीपेज की समस्र्ा बताई दक िाइसनंग का

काम पूणय हो गर्ा ह.ै अब िहां पर समस्र्ा का भी समाधान हो गर्ा ह ैउसके बाद में भी अगर

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सदस्र् अगर दकसी बात के बारे में आशंका व्यक्त करते हैं र्ा हमें ऐसा बताते हैं दक र्हां पर कोई

अवनर्वमतता की ह ैतो दोिी व्यवक्त के विरूद्ध वनवश्चत रूप से कार्यिाही करेंगे.

श्री चैतराम मानेकर -- धवर्िाद.

सीहोर विधानसभा क्षते्रांतगयत खराब/जि ेट्राव सफामयर

7. ( *क्र. 111 ) श्री सदुशे रार् : क्र्ा ऊजाय मंत्री महोदर् र्ह बताने की कृपा करेंगे दक (क) वजिा

सीहोर अंतगयत विधानसभा के्षत्र 159 सीहोर में ऐसे दकतने ट्राव सफामयर हैं जो जि जाने एिं अव र्

कारणों से खराब पड़ ेहैं, इनमें से दकतने को बदिा गर्ा तथा दकतने बदिे जाने शेि हैं? र्दद शेि हैं

तो इनको बदिने में दरेी का कारण बतािें तथा कब तक बदि ददर्े जार्ेंगे? (ख) खरीफ फसि की

बुआई के पूिय ग्रामीण के्षत्रों में ट्राव सफामयरों के रख-रखाि के विर्े विभाग द्वारा क् र्ा कार्यिाही की

जा रही ह ैऔर र्दद कृिकों को फसिों की बुआई के बाद तत् काि में ट्राव सफामयर की आिश र्कता

होती ह ैतो उसकी आपूर्तय दकस प्रकार की जािेगी?

ऊजाय मतं्री ( श्री पारस चव र जनै ) : (क) सीहोर विधान सभा के्षत्राव तगयत वित् तीर् ििय 2016-17 में

प्रश न ददनांक तक 68 ट्रांसफामयर फेि हुए हैं, वजसमें से 67 ट्रांसफामयर बदि ददर्े गर्े हैं, 1

ट्रांसफामयर संबद्ध उपभोक् ताओं द्वारा रू. 10 िाख की बकार्ा रावश में से वनर्मानुसार रावश जमा

नहीं करने के कारण बदिा जाना शेि ह।ै वनर्मानुसार बकार्ा रावश जमा होने पर उक् त ट्रांसफामयर

बदि ददर्ा जािेगा। (ख) खरीफ फसि की बुआई के पूिय ग्रामीण के्षत्रों में ट्रांसफामयरों का रख-रखाि

कार्य वितरण कंपनी द्वारा विभागीर् स् तर पर सुवनवश्चत दकर्ा जाता ह।ै साथ ही वितरण कंपनी

द्वारा विभागीर् तौर पर एिं रेट काव टे्रक् ट के माध् र्म से विवभव न फमों से जिे/खराब ट्रांसफामयरों में

आिश र्क सुधार कार्य करिाकर के्षत्रीर् भण् डारों में ट्रांसफामयरों की उपिब् धता सुवनवश्चत की जाती

ह।ै कृवि कार्ों हतेु ट्रांसफामयरों की पर्ायप त उपिब् धता सुवनवश्चत करने हतेु मध् र् के्षत्र विद्युत वितरण

कंपनी द्वारा उक् तानुसार कार्यिाही की जा रही ह।ै

श्री सुदशे रार् -- माननीर् अध्र्क्ष महोदर् मंत्री जी ने मेरे प्रश्न क के उत्तर में बतार्ा ह ैदक

मेरी विधान सभा के्षत्र में 68 में से 67 खराब ि जिे ट्रांसफामयर बदिे जा चुके हैं. मेरे पास में ऐसे

27 गांिों में 40 ट्रांसफामयरों की सूची ह ैजो अभी तक खराब पड़े हुए हैं. अध्र्क्ष महोदर्, मैं पूछना

चाहता ह ं दक अगर मंत्री जी को गित जानकारी उपिब्ध कराई जाती ह ैतो इसकी जिाबदारी

दकसकी ह?ै अगर उनको गित जानकारी दी जा रही ह ैतो हमें क्र्ा देंगे.

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श्री पारस चवर जैन -- माननीर् अध्र्क्ष महोदर् आपके माध्र्म से मैं माननीर् सदस्र् को

बताना चाहता ह ंदक जब उवहोंने विधान सभा में प्रश्न िगार्ा था, उस समर् 68 में से 67 सुधर गर्े

थे एक रह गर्ा था, िेदकन 100 प्रवतशत बकार्ा होने के बाद में र्ह ट्रांसफामयर उठार्े गर्े हैं.

श्री सुदशे रार् -- माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, क्र्ा मेरे प्रश्न िगाने के बाद में इतने सारे

ट्रांसफामयर खराब हो गर्े हैं. अगर मंत्री जी को गित जानकारी उपिब्ध कराई गई ह ै तो र्ह

दकतनी गित बात ह.ै क्र्ा आप गित जानकारी दनेे िािों पर कार्यिाही करेंगे?

श्री पारस चवर जैन -- अध्र्क्ष महोदर्, मैंने इनको बतार्ा ह,ै आंकड़ ेऔर तारीख इनके पास

ह,ै र्दद उस तारीख पर दखे िेंगे विधान सभा का प्रश्न जब िगार्ा ह ैउस समर् 68 में से सब सुधार

ददर्े थे केिि एक ही बकार्ा था, िेदकन जब 100 प्रवतशत बकार्ा ह ैतो उसके बाद में िार्े हैं

क्र्ोंदक आगे फसि आर्ेगी तो उसके विए मरममत कराना भी हमारे विए आिशर्क ह.ै

श्री सुदशे रार् -- अध्र्क्ष महोदर्, मंत्री जी जो बता रह ेहैं र्ह अभी अभी नहीं हुआ ह.ै

आपको जानकारी ही गित उपिब्ध कराई गई ह.ै आप अपने अवधकाररर्ों से पता करें और उन पर

क्र्ा कार्यिाही की जार्ेगी, क्र्ोंदक अगर उनका सुधार कार्य नहीं होगा तो कोई भी अवधकारी

दकसी की नहीं सुनेगा. जब माननीर् मुख्र्मंत्री जी दकसानों के विए इतना काम कर रह ेहैं और

अवधकारी गित काम करेंगे तो दकसानों पर इसका क्र्ा प्रभाि पड़ेगा?

अध्र्क्ष महोदर् -- आप सही जानकारी उपिब्ध करा दें उसके आधार पर कार्यिाही करेंगे

र्ा आपको रीजन बता देंगे.

श्री सुदशे रार् -- क्र्ा गित जानकारी दनेे िािों पर कार्यिाही होगी.

अध्र्क्ष महोदर् -- आप पहिे सही जानकारी तो उपिब्ध करा दें.

श्री सुदशे रार् -- हां मेरे पास में पूरी जानकारी ह.ै

अध्र्क्ष महोदर् -- हां आप उनको उपिब्ध करा दें.

नगरपाविका हटा/पटेरा द्वारा शौचािर्ों का वनमायण

8. ( *क्र. 1277 ) श्रीमती उमादिेी िािचदं खटीक : क्र्ा नगरीर् विकास एिं आिास मंत्री

महोदर्ा र्ह बताने की कृपा करेंगी दक (क) नगर पाविका पररिद हटा एिं नगर पंचार्त पटेरा

द्वारा विगत ििय 2014-15 ि 2015-16 में दकतने शौचािर् बनार्े गर्े? नाम, पतािार सूची

उपिब् ध करार्ें। (ख) नगर पररिद पटेरा द्वारा गठन ददनांक से प्रश न ददनांक तक नगर पंचार्त

अंतगयत क् र्ा-क् र्ा खरीदी एिं कार्य दकए गए? रावशिार कार्ों की जानकारी उपिब् ध करार्ें। साथ

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

ही भ्रमण उपरांत प्राप त वशकार्तें ि कार्ों की ि खरीदी की जााँच हतेु दि गरठत कर जााँच कराई

जािेगी एिं दोविर्ों पर कार्यिाही के वनदशे कब तक प्रदार् दकर्े जािेंगें।

नगरीर् विकास एि ंआिास मतं्री ( श्रीमती मार्ा ससहं ) : (क) ििय 2014-15 में नगरपाविका

पररिद हटा एिं नगर पररिद पटेरा के द्वारा कोई शौचािर् नहीं बनार्े गर्े हैं। ििय 2015-16 में

नगर पाविका पररिद हटा द्वारा 25 तथा नगर पररिद पटेरा द्वारा 60 शौचािर्ों का वनमायण

करार्ा गर्ा वजनकी जानकारी पसु्तकािर् में रखे पररवशष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनसुार ह।ै (ख)

जानकारी पसु्तकािर् में रख ेपररवशष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनसुार ह।ै कोई वशकार्त प्राप्त नहीं होने से

शेिांश का प्रश न उपवस्थत नहीं होता ह।ै

श्रीमती उमादिेी िािचंद खटीक -- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, मैं आपके माध् र्म से घोिणा

के अनुसार नगर पाविका पररिद के गठन की माननीर् मुख् र्मंत्री जी को बहुत-बहुत बधाई दतेी हाँ.

मैं माननीर् मंत्री महोदर्ा जी के जिाब से संतुष् ट हाँ. मैं माननीर् मंत्री जी से वनिेदन करती हाँ दक

निगरठत नगर पररिद पटेरा में पद सरंचना के वहसाब से पदों की पूर्तय की जािे वजससे छोटी-मोटी

अवनर्वमतताएं नहीं होंगी एिं शासन स् तर पर अधोसरंचना मद से रावश प्रदार् की जािे वजससे

नगर का विकास हो सके. मैं वनिेदन करती हाँ दक पररिद में एक मंगि-भिन का वनमायण दकर्ा

जािे एिं पटेरा बस स् टैंड को व् र्िवस् थत रखने की घोिणा की जािे, र्े दोनों हमारी मांगे हैं, इनको

पूणय दकर्ा जािे, ऐसा मैं वनिेदन करती हाँ.

अध् र्क्ष महोदर् -- प्रश न उद्भूत नहीं होता ह,ै परंतु माननीर् मंत्री जी र्दद आप उनको कुछ

आश िस् त करना चाहें तो कर दें.

श्रीमती मार्ा ससंह -- माननीर् अध् र्क्ष जी, सम माननीर् सदस् र्ा जी ने जो सिाि उठार्ा ह ै

मैं उनसे कहना चाहती हाँ दक पद पूर्तय की जो बात की गई ह ैिह हम अिश र् िहां सारी जानकारी

उपिब् ध करेंगे और उसके आधार पर पदों की पूर्तय करने का मैं उनको आश िासन दतेी हाँ. साथ ही

साथ अधोसरंचना के विकास कार्ों के विए उव होंने कहा ह ैतो िे प्रस् ताि बनाकर हमारे पास भेज दें

और जो भी मदद संभि हो सकती ह ैहम जरूर मदद करेंगे.

श्रीमती उमादिेी िािचंद खटीक -- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, बहुत-बहुत धव र्िाद.

सड़क वनमायण हते ुमुरम खदानों के आिटंन में ररर्ार्त

9. ( *क्र. 1450 ) श्रीमती नीना विक्रम िमाय : क्र्ा खवनज साधन मंत्री महोदर् र्ह बताने की कृपा

करेंगे दक (क) क् र्ा धार-गुजरी सीमेंटीकृत रोड के वनमायण हतेु संबंवधत ठेकेदार को धार वजिे में

मुरम खदान आिंरटत की गई ह?ै (ख) र्दद हााँ, तो कहााँ-कहााँ आिंरटत की गई ह?ै ग्राम का नाम,

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

खसरा नम बर ि के्षत्रफि सवहत वनर्मयत दकर्े जा रह ेमागय से दरूी बताएं। (ग) क् र्ा सड़क वनमायण हतेु

मुरम खदानों के आिंटन में ठेकेदारों को कुछ ररर्ार्त दी जाती ह ै तथा इस प्रर्ोजन हतेु मुरम

खदान दकतने समर्ािवध के विर्े आिंरटत की जाती है? (घ) क् र्ा मुरम का पररिहन अवधक क्षमता

के भारी डम पर के माध् र्म से करने में ग्रामीण सड़कों को हो रह े नुकसान की भरपाई संबंवधत

ठेकेदार से करिार्े जाने का प्रािधान ह ैअथिा ठेकेदार से इन मागों की मरम मत करिार्े जाने का

प्रािधान ह?ै

खवनज साधन मतं्री ( श्री राजवेर शुक्ि ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश नांश (क) के उत् तर के प्रकाश में

प्रश न उपवस्थत नहीं होता। (ग) मध् र्प्रदशे गौण खवनज वनर्म 1996 के वनर्म 68 के तहत सड़क

वनमायण हतेु मुरम खवनज के उत् खनन अनुज्ञा ददर्े जाने का प्रािधान ह।ै र्ह उत् खनन अनुज्ञा वनमायण

की कािािवध हतेु ददर्े जाने का प्रािधान ह।ै राज् र् सरकार के साियजवनक उपक्रम, स् थानीर् वनकार्

तथा सरकारी विभागों के अधीन दकर्े जाने िािे समस् त वनमायण कार्ों के विर्े मुरम पर रॉर्ल् टी

दरे् नहीं ह।ै (घ) जी नहीं। प्रश नानुसार प्रािधान वनर्मों में नहीं ह।ै

श्रीमती नीना विक्रम िमाय -- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, मैं आपका संरक्षण चाहते हुए अपनी

बात रखना चाहगंी. मैंने प्रश न इसविए िगार्ा क् र्ोंदक गांिों के अंदर जो छोटी-मोटी सड़कें होती हैं

िे खराब हो जाती हैं तो गांि के िोग परेशान होते हैं. र्ह जरूर ह ैदक विकास के विए हम बड़े-बड़े

प्रोजेक् ट बनाते हैं, ढाई सौ, तीन सौ करोड़ के प्रोजेक् ट हैं वजव हें वगट्टी, वमट्टी की आिश र्कता होती ह ै

सरकार उव हें खदानें आिंरटत भी करती ह ैिेदकन रॉर्ल् टी नहीं िेती, र्े न िे कोई बात नहीं िेदकन

जो ठेकेदार हैं जो वमट्टी, वगट्टी िेकर आते हैं र्े छोटे-छोटे गांिों में से होकर आते हैं वजससे गांिों की

सड़कें खराब हो जाती हैं जो दक प्रधानमंत्री सड़क र्ोजना की सड़कें हैं, मुख् र्मंत्री सड़क र्ोजना की

सड़कें हैं, विधार्क और सांसद वनवध की सड़कें हैं. र्े सड़कें इनके कारण क्षवतग्रस् त हो जाती हैं

क् र्ोंदक इनके बड़-ेबड़ ेिाहन आते-जाते हैं. इससे गांििािों को भी परेशानी होती ह ैतो मैं माननीर्

मंत्री जी से आपके माध् र्म से पूछना चाहगंी दक क् र्ा कोई ऐसा प्रािधान बनाएंगे वजससे ठेकेदार

इन सड़कों की मरम मत करें र्ा विभाग के द्वारा इन सड़कों की मरम मत करके गांि िािों को सुविधा

प्रदान की जा सके, कृपर्ा माननीर् मंत्री बताने का कष् ट करें ?

श्री राजेव र शुक् ि -- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, माननीर् सदस् र्ा के प्रस् ताि पर विचार

करेंगे. अभी कोई प्रािधान तो नहीं ह ैिेदकन भविष् र् में क् र्ा दकर्ा जा सकता ह ैसंबंवधत विभागों

से बातचीत कर प्रािधान करने के बारे में विचार करेंगे.

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श्रीमती नीना विक्रम िमाय -- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, मेरा र्ह विचार ह ै दक जब तक

विभाग द्वारा प्रािधान करने पर विचार हो तब तक क् र्ा हम इन बड़ ेठेकेदारों को र्ह बता सकते हैं

र्ा र्ह कह सकते हैं दक िे कुछ समर् के विए ही सही उन सड़कों को टेम पोरेरी रूप से थोड़ा सा तो

सुधार दें तादक गांि िािों का आिागमन सुगम हो सके.

अध् र्क्ष महोदर् -- माननीर् मंत्री जी, र्ह बात सही ह ै दक जो ट्रक् स चिते हैं उनसे

प्रधानमंत्री सड़क र्ोजना की सड़कें र्ा अव र् जो सड़कें हैं िे खराब होती हैं, उनके ररपेर्र की दफर

कोई व् र्िस् था नहीं होती तो इस संबंध में जरूर कुछ करें जैसा दक माननीर् सदस् र्ा ने भी प्रश न

उठार्ा ह ैआप कुछ विचार करें और जो आप अभी कुछ कहने िािे थे िह भी कहें.

श्री राजेव र शुक् ि -- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, जैसा आपका वनदशे ह ैइस पर विचार करेंगे

क् र्ोंदक ज् र्ादातर प्रधानमंत्री सड़क र्ोजना की सड़कें बनती हैं र्ा िोक वनमायण विभाग की भी जो

सड़कें बनती हैं उनके मेंटेनेंस पीररएड के अंतगयत संबंवधत ठेकेदार को उनको सुधारना होता ह ै

िेदकन भारी िाहनों से र्दद िे डेमेज हुई हैं तो उनके स् कोप के अंतगयत िे सुधार रह ेहैं र्ा नहीं

सुधार रह ेहैं और जैसा माननीर् सदस् र्ा ने कहा ह ैदक र्दद थोड़ा-बहुत काम करने से, मुरम िगैरह

डािने से िह मोटरेबि हो सकती हैं तो मुझे िह सूची आप उपिब् ध करा देंगे तो जो ठेकेदार उसमें

पररिहन कर रह ेहैं उनसे बातचीत करके रास् ता वनकािेंगे.

श्रीमती नीना विक्रम िमाय -- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, नहीं तो र्े पंचार्तों को थोड़ा-बहुत

टैक् स द ेदें तो पंचार्तें खुद ररपेर्र कर सकती हैं र्ा ठेकेदार द्वारा ददििा ददर्ा जाए क् र्ोंदक बहुत

बड़-ेबड़ ेप्रोजेक् ट होते हैं और गांि बहुत छोटे-छोटे होते हैं उनमें प्रधानमंत्री सड़कें कई बार नहीं

होतीं, पर मुख् र्मंत्री सड़क र्ोजना की सड़कें र्ा विधार्क, सांसद वनवध से बनी सड़कें बहुत ज् र्ादा

डमेेज हो जाती हैं उनके विए कोई प्रािधान ही नहीं ह ैर्ा तो विधार्क दफर उव हें दोबारा बनाएं जो

दक इतनी जल् दी संभि नहीं होता और र्े सड़कें बहुत जल् दी टूट जाती हैं क् र्ोंदक इनकी क्षमता

उतनी नहीं होती ह ैवजतने दक िहां डम पर और ट्रक चिाए जा रह ेहैं तो माननीर् अध् र्क्ष जी, मेरा

वनिेदन ह ैदक उन ठेकेदारों को वनदवेशत कर ददर्ा जाए.

अध् र्क्ष महोदर् -- ठीक ह,ै आपकी बात आ गई, मंत्री जी भी सहमत हैं, अग्रिाि जी आप

कुछ कह रह ेथे.

श्री प्रदीप अग्रिाि -- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, होता क् र्ा ह ै दक जो हमारी प्रधानमंत्री

सड़क र्ोजना की सड़कें हैं र्ा मुख् र्मंत्री सड़क र्ोजना की सड़कें हैं र्े केिि 10, 20 और 30 टन

की क्षमता के विए पास होती हैं जबदक इन सड़कों पर 80 से 100 टन के िाहन जो दक 15-15 सौ,

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

12-12 सौ फुट रेत िेकर जा रह ेहैं इसके कारण सड़कें क्षवतग्रस् त हो जाती हैं. िे सड़कें एक महीने

भी नहीं चिती हैं और एक महीने के अंदर ही उखड़ जाती हैं.

अध् र्क्ष महोदर् -- ठीक ह,ै िही वििर् ह.ै

शास. कार्ों के भूवमपजून/िोकापयण में क्षेत्रीर् विधार्कों को आमंवत्रत दकर्ा जाना

10. ( *क्र. 2820 ) श्रीमती इमरती दिेी : क्र्ा नगरीर् विकास एिं आिास मंत्री महोदर्ा र्ह

बताने की कृपा करेंगी दक (क) क् र्ा म.प्र. शासन सामाव र् प्रशासन विभाग के आदशेानुसार

शासकीर् कार्ों के भूवमपूजन/िोकापयण में के्षत्रीर् विधार्क को भी आंमवत्रत करना तथा परट्टका में

भी के्षत्रीर् विधार्क का नाम अंदकत करने के वनदशे हैं? (ख) र्दद हााँ, तो ििय 2015-16

एिं 2016-17 में नगर पाविका पररिद डबरा, नगर पंचार्त वपछोर एिं नगर पररिद वबिौआ

वजिा ग् िाविर्र में िियिार उक् त अिवध में दकतने कार्य स् िीकृत हुए तथा दकतने पूणय/अपूणय हैं? उक् त

अिवध में इनमें से दकतने कार्ों के भूवमपूजन/िोकापयण में के्षत्रीर् विधार्क को आमंवत्रत दकर्ा

गर्ा? र्दद नहीं, तो क् र्ा शासन के आदशे की अिहिेना की गई ह?ै इसके विर्े कौन दोिी ह,ै उस

पर क् र्ा कार्यिाही की गई ह?ै नहीं तो कब तक की जािेगी?

नगरीर् विकास एि ंआिास मतं्री ( श्रीमती मार्ा ससहं ) : (क) जी हााँ। (ख) नगर पाविका पररिद

डबरा, नगर पररिद वपछोर एिं वििौआ द्वारा ििय 2015-16 एिं 2016-17 में करार्े गर्े कार्ों

का भूवमपूजन/िोकापयण कराने की जानकारी पुस् तकािर् में रखे पररवशष् ट अनुसार ह,ै शेिांस का

प्रश न उपवस् थत नहीं होता ह.ै

पररवशष्ट - ''एक''

श्रीमती इमरती दिेी-- माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, मैं आपके माध्र्म से माननीर् मंत्री जी से

पूछना चाहती ह ंदक डबरा नगरपाविका, वपछोर नगर पंचार्त,वबिौआ नगर पंचार्त में 2015-

16 दकतने कार्य हुए हैं और दकतनों का भूवमपूजन हुआ ह ैएिं िोकापयण हुआ ह ै?

अध्र्क्ष महोदर्-- र्ह जानकारी पुस्तकािर् में रखी हुई ह.ै

श्रीमती इमरती दिेी—अध्र्क्ष महोदर्, जानकारी तो ह ैिेदकन गित ह ैइसविए मैंने पूछा

ह.ै

श्रीमती मार्ा ससंह--- माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, िैसे तो इसकी विस्तृत जानकारी दी गई

ह ै और पररशष्ट में संिग्न भी ह ै िेदकन आपने पूछा ह ै तो मैं आपको बताना चाहती ह ं दक

नगरपाविका पररिद डबरा में ििय 2015-16 में आपने वजन कार्ों की जानकारी चाही ह ैउसमें 15

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कार्य पूणय हुए हैं और 1 वनमायण कार्य अधूरा ह.ै इसी तरीके से नगरपाविका पररिद डबरा में ििय

2016-17 में 10 कार्य पूणय हुए हैं और 5 के वनमायण कार्य अभी अपूणय हैं. वपछोर के अंदर 6 वनमायण

कार्य पूणय हुए हैं, 5 वनमायण कार्य अभी अपूणय हैं.वपछोर में ििय 2016-17 में 1 कार्य पूरा हुआ ह ै

और 7 वनमायण कार्य अपूणय हैं. वबिौआ में ििय 2015-16 में 2 वनमायण कार्य स्िीकृत हैं वजसमें से

दोनों वनमायण कार्य पूरे हो गर्े हैं और वबिौआ में ििय 2016-17 में 4 कार्य पूणय हुए हैं और 7

वनमायण कार्य अपूणय हैं.

श्रीमती इमरती दिेी-- माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, माननीर् मंत्री जी से मैं कहना चाहती ह ं

दक डबरा नगरपाविका में 31 कार्य स्िीकृत हुए हैं, 31 के भूवम पूजन हुए हैं और 25 में िोकापयण

हुए हैं. इन कार्ों में क्र्ा विधार्क को बुिार्ा जाता है? र्ह बड़ ेभाईसाहब मुख्र्मंत्री जी बैठे हैं,

इवहोंने इसी विधानसभा में एक वनर्म बनार्ा था दक जहााँ भी िोकापयण भूवमपूजन होगा, िहााँ के्षत्र

के विधार्क को बुिार्ा जाएगा.19 भूवमपूजन वपछोर में हुए हैं उसमें 7 िोकापयण हुए हैं उसमें

बुिार्ा, वबिौआ में िोकापयण हुए हैं, उसमें हमें बुिार्ा ह ैिहााँ हम गर्े भी हैं, परट्टका भी िगी ह.ै

मैं मंत्री जी से पूछना चाहती ह ंदक जो मुख्र्मंत्री जी ने वनर्म बनार्ा ह ैउसका पािन क्र्ों नहीं हो

रहा ह ैऔर पूरे मध्र्प्रदशे में जहााँ कांग्रेस के विधार्क हैं, िहााँ उनको क्र्ों नहीं बुिार्ा जाता ह.ै

(शेम-शेम की आिाजें)

श्रीमती मार्ा ससंह—माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, मैं विधार्क जी को बताना चाहती ह,ं िह

बहुत पररश्रमी हैं और बहुत ही व्यिहार-कुशि भी हैं. शासकीर् कार्ों के भूवमपूजन और िोकापयण

में के्षत्रीर् विधार्क को आमंवत्रत करना चावहए र्ह वनदशे भी हैं और नगर पररिद वबिौआ में

2015-16 में दो वनमायण कार्य हुए हैं वजनका िोकापयण दकर्ा गर्ा और उसमें सांसद जी मौजूद थे,

मैं स्िर्ं मौजूद थी, आप भी मौजूद थीं और एक कार्यक्रम में आप मेरे ही साथ मौजूद थीं. बाकी के

और जो भूवमपूजन के कार्यक्रम हुए हैं, पत्र जाता ह ैऔर वजसमें अगर आपको िगता ह ैदक वनमंत्रण

नहीं ददर्ा ह ैतो मुझे आप विवखत में बता दें दक दकसमें नहीं ददर्ा ह.ै मैं इस बात की वहमार्ती ह ं

दक िहााँ के स्थानीर् विधार्क को जरूर बुिाना चावहए.

प्रभारी नेता प्रवतपक्ष(श्री बािा बच्चन)--- माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, र्ह पूरे मध्र्प्रदशे में

हो रहा ह,ै हम िोगों के साथ भी होता ह.ै पूरे मध्र्प्रदशे में जहााँ-जहााँ कांग्रेस पाटी के विधार्क र्ा

सासंदगण हैं, िहााँ पर ऐसा दकर्ा जा रहा ह.ै..(व्यिधान)

अध्र्क्ष महोदर्--- बात आ गई ह.ै..(व्यिधान)... र्ह क्र्ा इतना महत्िपूणय ह ैदक इस पर

बहस की जाए.

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श्री बािा बच्चन--- अध्र्क्ष महोदर्, पूरे मध्र्प्रदशे में हो रहा ह,ैहमें किेक्टर और कवमश्नसय

से बात करना पड़ती ह,ै संबंवधत प्रभारी मंवत्रर्ों से बात करना पड़ती ह.ै

अध्र्क्ष महोदर्--- इसके वनदशे भी हैं और मंत्री जी राजी हैं, र्ह क्र्ा इतना महत्िपूणय ह ै

दक प्रश्नकाि को बावधत करके इस पर बात की जाए?

श्री बािा बच्चन--- अध्र्क्ष महोदर्, आसंदी से सरकार को आपका आदशे जाना चावहए.

..(व्यिधान).. हमारे प्रोटोकॉि का हक मार रही ह ैसरकार.

श्री रामवनिास राित-- क्र्ा विधार्कों का सममान महत्िपूणय नहीं ह?ै

अध्र्क्ष महोदर्-- विधार्कों का सममान महत्िपूणय ह ै परवतु प्रश्नकाि भी महत्िपूणय ह ै

..(व्यिधान)... आप बैठ जाइए कृपा करके. र्ह प्रश्न जनता के हैं.

श्री बािा बच्चन-- हम क्र्ा बोिे, हमारे साथ भी हो रहा ह.ै

श्री रामवनिास राित-- अध्र्क्ष महोदर्, हम आपसे ही अपेक्षा करेंगे दक आप हमारे

सममान की रक्षा करें. संरक्षण प्रदान करें.

अध्र्क्ष महोदर्-- इस तरह से दकसी भी वििर् को िेकर के बावधत करना उवचत नहीं ह.ै

श्री बािा बच्चन-- अध्र्क्ष महोदर्, इस संबंध में सरकार पुनः आदशे जारी करें, हमें संरक्षण

दें और इस सरकार को इस बारे में आप वहदार्त दें र्ह हम िोगों के साथ में भी हो रहा ह.ै

अध्र्क्ष महोदर्-- जब मंत्री जी खुद ही तैर्ार हैं तो उसमें क्र्ा वहदार्त दें.

श्री बािा बच् चन- िो र्े कह रह ेहैं दक िह विस् ट दें दक दकस-दकस तारीख को िोकापयण

हुआ ह,ै उनको नहीं बुिार्ा ह.ै र्े हो सकता ह ै दक मध् र्प्रदशे में भारतीर् जनता पाटी की र्ह

रणनीवत हो दक जो भी कांग्रेस के जनप्रवतवनवध हैं, उव हें न बुिार्ा जाए. हम विधार्क हैं, दफर भी

हमारे साथ ऐसा हो रहा ह.ै (व् र्िधान)

डॉ. नरोत् तम वमश्र- सरकार की ओर से पररपत्र गर्ा हुआ ह.ै सरकार का र्ह मामिा नहीं

ह.ै र्े बीएसपी की अध् र्क्ष हैं, र्ह बीएसपी और कांग्रेस दोनों का चुनाि िड़ी हैं, र्े उनका मामिा

ह,ै सरकार कहां से बीच में आ गई. सरकार ने तो पररपत्र जारी दकर्ा ह.ै जहां तक नेता प्रवतपक्ष् ाा

ने और जगह का कहा ह,ै िहां एक बार और ररमाण् डर करिा देंगे.

श्रीमती इमरती दिेी- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, र्े बीएसपी और बीजेपी का कोई प्रश न

नहीं ह,ै मुख् र्मंत्री जी ने सदन में वनर्म बनार्ा ह,ै उसका पािन नहीं हो रहा ह.ै मुझे िोकापयण

और भूवमपूजन से मतिब ह.ै

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

अध् र्क्ष महोदर्- िो मान तो रह ेहैं दक एक बार और वनदशे द ेदेंगे. कुछ नहीं आएगा अब

ररकॉडय में.

श्रीमती इमरती दिेी- (xxx)

चदंिा विधानसभा क्षेत्र में रेत/बाि ूमादफर्ाओं द्वारा अिैध खनन

11. ( *क्र. 2051 ) श्री आर.डी. प्रजापवत : क्र्ा खवनज साधन मंत्री महोदर् र्ह बताने की कृपा

करेंगे दक (क) क् र्ा छतरपुर वजिे की चंदिा वि.स. के्षत्र की केन नदी में म.प्र. एिं उत् तर प्रदशे के

खनन मादफर्ा ददन-रात केन नदी के पास की खदानों में आर्े ददन अिैध खनन करते हैं। क् र्ा इन

बािू मादफर्ा से गरीब जनता ि दकसानों में भर् व् र्ाप त ह?ै (ख) क् र्ा मिईघाट, परेई, िरूआ,

फत् तपेुर, रामपुर, हरयई, कुरधना, बधारी आदद से अिैध रूप से दकसी दकसान के खेत से बािू उठाने

के नाम पर पट्टा िेकर सीधे नदी से रेत/बािू वनकाि रह ेहैं एिं इसकी दकतनी वशकार्तें प्राप त हुर्ी

हैं? सूची प्रदार् करें। (ग) क् र्ा प्रवतददन िगभग 800 से 1000 ट्रक/ट्रािों से बािू वनकािी जाती ह?ै

बािू उठाने की स् िीकृवत कहीं की होती ह,ै परव तु उठाते सीधे नदी से पोपिेन एिं एि.एन.टी. आदद

मशीनों से बािू उठाते हैं वजससे अिैध उत् खनन से वसफय पर्ायिरण संतुिन ही नहीं बवल्क केन नदी

के अवस्ति पर भी खतरा मंडरा रहा ह,ै इससे प्रवतददन दकतने राजस् ि की चोरी होती ह?ै (घ) क् र्ा

खवनज मादफर्ा आर्े ददन फार्ररंग कर र्हां के ग्रामीणों को धमकाते हैं, ददनांक 10.3.16 को

फत् तपेुर में फार्ररंग हुर्ी एिं मिईघाट में फार्ररंग हुर्ी, वजसमें 02 िोग मारे गए एिं कई घार्ि

हो गर्े हैं? र्दद हााँ, तो इससे दकतने दकसानों ने पिार्न दकर्ा ह?ै सूचीिार जानकारी दिेें।

खवनज साधन मंत्री ( श्री राजेवर शकु्ि ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। प्रश नानुसार प्राप त वशकार्तों

का वििरण पुस्तकािर् में रख ेपररवशष्ट अनसुार ह।ै (ग) एिं (घ) जी नहीं। अत: शेि प्रश न उपवस्थत

नहीं होता।

श्री आर डी प्रजापवत- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, मेरा विधानसभा के्षत्र चंदिा उत् तरप्रदशे

की सीमा से िगा हुआ ह ैऔर तीन तरफ से उत् तरप्रदशे से वघरा हुआ ह.ै केन नदी पर उत् तरप्रदशे के

मादफर्ा प्रवतददन हजारों की संख् र्ा में आते हैं और मेरे के्षत्र में बंदकूों से फार्ररंग करते हैं. एक ही

ददन में एक हजार ट्रक वनकिते हैं. मेरे प्रश न के उत् तर में मंत्री जी ने कहा ह ैदक िहां कोई अिैध

उत् खनन नहीं होता ह.ै जब अिैध उत् खनन नहीं हो रहा ह ैतो दफर मेरे पास िहां के 500 िोगों का

ररकॉडय ह,ै वजव होंने मुख् र्मंत्री हले् पिाईन में फोन दकर्ा ह.ै

श्री बािा बच् चन- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, (व् र्िधान)

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

गभयगहृ में प्रिशे एि ंिापसी

बसपा की सदस् र् श्रीमती इमरती दिेी का गभयगृह में प्रिेश

(बसपा की सदस् र् श्रीमती इमरती दिेी अपनी बात कहते हुए गभयगृह में आई और अध् र्क्ष महोदर्

की समझाईश पर िापस अपने स् थान पर गई.)

अध् र्क्ष महोदर्- आप सीट पर जार्ें. मुख् र् सचेतक जी र्े क् र्ा तरीका ह.ै सारे प्रश न का

उत् तर आ गर्ा ह.ै सरकार वनदशे दे रही ह.ै मंत्री जी भी राजी हैं. आप कुछ बोिते क् र्ों नहीं? प्रश न

काि बावधत हो रहा ह.ै

श्री बािा बच् चन- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, उनके पास िो पूरी तारीखें हैं, जब-जब

िोकापयण, वशिाव र्ास हुआ ह ैऔर उव हें नहीं बुिार्ा गर्ा ह.ै माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, आप जिाब

ददििार्ें.

डॉ. नरोत् तम वमश्र- सारा जिाब ददर्ा ह.ै (व् र्िधान)

श्री आर डी प्रजापवत- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, 10-03-2016 को हथ् थेपुरा और मिई

घाट में खवनज मादफर्ा द्वारा फार्ररंग की गई. वजसमें कई िोग घार्ि हो गए. मिई घाट में बािू

के विए दो आदवमर्ों की हत् र्ा हो गई. िेदकन मंत्री जी कहते हैं िहां कुछ नहीं हो रहा ह.ै

श्री बािा बच् चन- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, मुख् र्मंत्री जी र्हां बैठे हुए हैं, उव हें इस बारे में

जिाब देना चावहए.

अध् र्क्ष महोदर्- मंत्री जी ने जिाब द ेददर्ा.

श्री आर डी प्रजापवत- मैं आपको बताना चाहता ह ंदक कम से कम चार सौ पांच सौ िोगों ने

पीजी सेि में, मुख् र्मंत्री हले् पिाईन में वशकार्त की ह ैऔर र्े कह रह ेहैं दक कुछ नहीं हुआ ह.ै आप

मेरे के्षत्र में जांच करिा िीवजर्े. र्दद मैं दोिी ह ंतो मेरे ऊपर एफआईआर दजय की जाए.

श्री राजेव र शुक् ि- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, र्े जो फार्ररंग और दो िोगों के मारे जाने की

बात माननीर् सदस् र् ने कही ह.ै इस प्रकार की कोई घटना िहां नहीं हुई ह.ै र्े जानकारी खवनज

विभाग द्वारा नहीं दी जा रही ह ैबवल् क पुविस अधीक्षक छतरपुर का 18 माचय का पत्र ह.ै वजसमें र्े

कहा गर्ा ह ैदक न तो कोई फार्ररंग हुई ह,ै न दकसी की मौत हुई ह ैऔर न ही कोई घार्ि हुआ ह.ै

श्री आर डी प्रजापवत- माननीर् मंत्री जी कह रह ेहैं दक कुछ नहीं हुआ. िेदकन कम से कम

पांच सौ िोगों ने पीजी सेि में वशकार्त की ह.ै आप जांच करिा िीवजर्े दक िहां अिैध खनन हो

रहा ह ैर्ा नहीं ? सुबह से िेकर रात तक फार्ररंग होती है. (XXX). मां-बहनों के साथ अव र्ार्

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करते हैं. एक ददन में एक हजार ट्रक वनकिते हैं. एक करोड़ की प्रवतददन बािू वनकािते हैं. इव होंने

मेरे प्रश न के उत् तर में सबंद ु (ख) में कहा ह ैदक अभी तक मुझे चार आिेदन प्राप त हुए हैं और चार

आिेदनों में से पहिा एसडीएम कार्ायिर् में, दसूरा एसडीएम कार्ायिर् में, तीसरा खवनज विभाग

और तहसीिदार ने जााँच की, िह भी अप्राप्त ह.ै चौथा, आप कह रह ेहैं जााँच दि बना ह,ै िह भी

अप्राप्त ह,ै 2014 से और र्े पााँच सौ से ज्र्ादा....

अध्र्क्ष महोदर्-- आप प्रश्न पूवछए.

श्री आर.डी.प्रजापवत-- मेरा वनिेदन ह ैदक...

अध्र्क्ष महोदर्-- आप सीधा प्रश्न पूवछए.

श्री आर.डी.प्रजापवत-- महत्िपूणय जानकारी दी ह.ै ऐसे अवधकारी को वनिंवबत दकर्ा जाए

और उनके ऊपर एफआईआर की जाए र्ा तो मेरे ऊपर एफआईआर दजय की जाए र्ा तो उस

अवधकारी के ऊपर एफआईआर दजय की जाए वजसने असत्र् जानकारी दी ह.ै (शेम शेम की आिाज)

अध्र्क्ष महोदर्-- आप बैरठए. प्रश्न का उत्तर तो आ जाए...(व्यिधान)..

श्री आर.डी.प्रजापवत-- मैं दो साि से िगातार परेशान हाँ....(व्यिधान)..

अध्र्क्ष महोदर्-- अजर् ससंह जी आप बोविए.

श्री आर.डी.प्रजापवत-- दो साि से परेशान हाँ....(व्यिधान)..

अध्र्क्ष महोदर्-- नहीं, वसफय अजर् ससंह जी बोिेंगे.

श्री अजर् ससंह-- माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, र्ह बहुत ही गंभीर बात ह ै दक सत्तापक्ष के

विधार्क, र्े दसूरे विधार्क हैं आज सुबह से अिैध उत्खनन की बात कर रह ेहैं. सरकार की तरफ से

जो उत्तर आ रहा ह.ै...

अध्र्क्ष महोदर्-- मंत्री जी भी उत्तर देंगे.

श्री अजर् ससंह-- जो अभी उत्तर इवहोंने ददर्ा दक कोई जानकारी नहीं, कोई फार्ररंग नहीं,

र्दद एक सममावनत विधार्क भारतीर् जनता पाटी का बोि रहा ह ैदक पााँच सौ, आठ सौ से हजार

ट्रक रोजाना अिैध उत्खनन हो रहा ह.ै क्र्ा सरकार अिैध उत्खनन के विए सचंवतत ह ैर्ा नहीं?

अध्र्क्ष महोदर्-- (श्री आर.डी.प्रजापवत जी के खड़ ेहोने पर) प्रजापवत जी, आप भी बैरठए.

श्री आर.डी.प्रजापवत-- अध्र्क्ष महोदर्, मेरे प्रश्न का उत्तर ददििाइर्े.

अध्र्क्ष महोदर्-- मंत्री जी को तो बोिने दें.

श्री आर.डी.प्रजापवत-- मैं वनिेदन करना चाहता हाँ..

अध्र्क्ष महोदर्-- आप उत्तर तो िीवजए.

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श्री राजेवर शुक्ि-- माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, पूिय नेता प्रवतपक्ष जी ने जो बात कही ह ैदक

सरकार अिैध उत्खनन को िेकर के सचंवतत ह ैदक नहीं ह.ै मैं उनको र्ह जानकारी दनेा चाहता हाँ

दक जब उनकी सरकार रहती थी तो......(व्यिधान)..

अध्र्क्ष महोदर्-- उत्तर तो िेना पड़गेा. ..(व्यिधान)..

श्री रामवनिास राित-- माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, अिैध उत्खनन के संबंध में सदन की

सवमवत बनाकर जााँच कराने की घोिणा कर दें. ..(व्यिधान)..

अध्र्क्ष महोदर्-- बोिने तो दें भाई. आप बोिने ही नहीं द ेरह.े ..(व्यिधान)..

श्री वजतू पटिारी-- हमारी सरकार थी, 15 साि में दकतना पानी बह गर्ा नदी में...

..(व्यिधान)..

श्री राजेवर शुक्ि-- पूरी बात सुनने का साहस नहीं ह ैक्र्ा? ..(व्यिधान)..

संसदीर् कार्य मंत्री (डॉ नरोत्तम वमश्र)-- अध्र्क्ष महोदर्, मेरे को विपक्ष पर तरस आने

िगा ह.ै खुद तो कोई प्रश्न िगाते नहीं और पूछते नहीं ..(व्यिधान)..

श्री आर.डी.प्रजापवत-- अध्र्क्ष महोदर्, मेरे प्रश्न का उत्तर आ जाने दीवजए. मेरा आप िोगों

से हाथ जोड़कर वनिेदन ह.ै र्ह गंभीर मामिा ह.ै ..(व्यिधान)..

प्रभारी नेता प्रवतपक्ष (श्री बािा बच्चन)-- माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, आपकी पाटी के

एमएिए ने र्ह कहा ह ै दक अगर मैं असत्र् हाँ तो मेरे वखिाफ एफआईआर दजय कराई

जाए...(व्यिधान)..

डॉ नरोत्तम वमश्र-- पहिे सिाि का जिाब आने दें. पहिे से ही खड़ ेहो जाते हैं. माननीर्

सदस्र् का जो मूि प्रश्न चि रहा ह.ै उसका जिाब आर्ा नहीं और खड़ ेहो

जाएाँगे. ..(व्यिधान)..

श्री रामवनिास राित-- आप तो बैठ जाओ भैय्र्ा.

अध्र्क्ष महोदर्-- राित जी, बैरठए.

श्री बािा बच्चन-- माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, भारतीर् जनता पाटी के एमएिए ने र्ह कहा

ह ैदक अगर मैं गित हाँ तो मेरे वखिाफ एफआईआर कराई जाए और क्र्ा बच जाता ह ैमाननीर्

मंत्री जी?

अध्र्क्ष महोदर्-- आप बैरठए. उत्तर तो सुन िीवजए.

डॉ नरोत्तम वमश्र-- र्ह भारतीर् जनता पाटी का स्िस्थ िोकतंत्र ह ैआप िोग अपनी

सोचो.

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श्री राजेवर शुक्ि-- माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, मैं इनके समर् के कुशासन की र्ाद नहीं

ददिाता र्दद पूिय नेता प्रवतपक्ष खड़ ेनहीं होते. िेदकन र्ह बताना आिशर्क ह ै दक छःसौ करोड़

रुपर्े इनके शासनकाि में जो रार्ल्टी से राजस्ि आता था. िह साढे तीन हजार करोड़ हो गर्ा ह.ै

(मेजों की थपथपाहट) र्दद हमने अिैध उत्खनन में वशकंजा नहीं कसा होता, अंकुश नहीं िगार्ा

होता तो क्र्ा र्ह कभी संभि हो सकता था? ..(व्यिधान)..

श्री सुवदरिाि वतिारी-- तनख्िाह दकतनी बढ गई मंत्री जी की... ..(व्यिधान)..

डॉ नरोत्तम वमश्र-- आपकी तुिना में कम बढी ह.ै. ..(व्यिधान)..

अध्र्क्ष महोदर्-- उत्तर तो आने दो ..(व्यिधान)..

श्री बािा बच्चन-- माननीर् मंत्री जी, पहिे ..(व्यिधान)..जिाब दीवजए

आप ..(व्यिधान)..

श्री आर.डी.प्रजापवत-- मेरा वनिेदन ह ैदक मेरे प्रश्न का जिाब तो आ जाने

दीवजए. ..(व्यिधान)..

श्री बािा बच्चन-- र्ह वपछिी सरकार से तुिना करके जिाब देना तो सदन को भ्रवमत

करने जैसा ह.ै

डॉ नरोत्तम वमश्र-- र्े जिाब िेना नहीं चाहते हैं क्र्ा? ..(व्यिधान)..

श्री बािा बच्चन-- उवहोंने स्पेवसदफक प्रश्न पूछा ह ैआपकी पाटी के विधार्क ने पूछा ह ैऔर

कहा ह ै दक अगर मैं असत्र् हाँ तो मेरे वखिाफ एफआईआर कराई जाए. इससे बड़ी बात क्र्ा हो

सकती ह?ै आप प्रश्न से बचना चाहते हों और...

अध्र्क्ष महोदर्-- उत्तर द ेरह ेहैं भाई.

श्री बािा बच्चन-- गित जिाब द ेरह ेहों. कााँग्रेस की सरकार को जाने को 13 साि हो गए

उसका जिाब दकेर आप सदन को क्र्ों भ्रवमत कर रह ेहों?

अध्र्क्ष महोदर्-- कृपा करके उत्तर तो िे िें. प्रजापवत जी की बात का उत्तर

दीवजए. ..(व्यिधान)..

डॉ नरोत्तम वमश्र-- पूरे झूठे, कोई पिेट नहीं खरीदी गई ..(व्यिधान)..कोई पिेट नहीं पूरे के

पूरे झूठ के आधार पर कााँग्रेस चि रही ह.ै पूरा का पूरा झूठ. पूरी कााँग्रेस झूठ के आधार पर चि रही

ह.ै ..(व्यिधान)..

श्री सुवदरिाि वतिारी-- सोिह सौ रुपर्े में.... ..(व्यिधान)..

डॉ नरोत्तम वमश्र-- कोई पिेट नहीं खरीदी गई ..(व्यिधान)..

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अध्र्क्ष महोदर्-- झूठ शब्द वनकाि दीवजए. ..(व्यिधान)..

(व्यिधान)

श्री आर.डी. प्रजापवत--मेरा आप िोगों से हाथ जोड़कर व्यवक्तगत वनिेदन ह ैदक मंत्री जी

को मेरे प्रश्न का उत्तर दनेे दीवजए..(व्यिधान)

अध्र्क्ष महोदर्--मेरा आप िोगों से अनुरोध ह ैदक माननीर् सदस्र् ने एक प्रश्न पूछा ह ैउस

पर माननीर् िररष्ठतम सदस्र् श्री अजर् ससंह जी ने भी बात रखी ह ैमंत्री जी को उनकी बात कहने

दें और उनका समाधान होने दें. बैठ जाइर्े.

डॉ. नरोत्तम वमश्र--अध्र्क्ष जी पूरे असत्र् पर कांग्रेस चि रही ह.ै100 प्रवतशत असत्र् बोि

रह ेहैं. एक भी पिेट नहीं खरीदी गई. एक भी मटका नहीं खरीदा गर्ा.हम सही बात कह रह ेहैं.

दािे के साथ कह रह ेहैं. हम मंत्री हैं आधार पर बोि रह ेहैं और आपकी कृपा से नहीं हैं.

श्री रामवनिास राित--असत्र् शब्द क्र्ा होता ह ैजिाब आने दो. आप बीच में उठकर सदन

नहीं चिाने दतेे हैं. आप संसदीर् मंत्री हो सदन बावधत करते हो. चचाय बाद में कर िेना पहिे इस

प्रश्न का जिाब आए.

अध्र्क्ष महोदर्--तो आप उत्तर तो िीवजए.

श्री आर.डी. प्रजापवत--माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, 15 मई को मैंने स्िर्ं तीन ट्रक पकड़ ेथे.

श्री गोपाि भागयि--(XXX)

अध्र्क्ष महोदर्--र्ह जो गोपाि भागयि जी ने कहा र्ह ररकाडय में नहीं आएगा. (व्यिधान)

श्री बािा बच्चन--र्ह कोई तरीका ह ैआपका भ्रष्टाचार करते हो (व्यिधान)

अध्र्क्ष महोदर्--उसे कार्यिाही से वनकाि ददर्ा गर्ा ह ै(व्यिधान)

श्री आर.डी. प्रजापवत--माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, दसूरे िोग वडस्टबय करते हैं.(व्यिधान)

श्री बािा बच्चन--अध्र्क्ष महोदर्, गोपाि भागयि जी का र्ह कोई तरीका ह ै बात करने

का..(व्यिधान)

11.52 बजे

गभयगहृ में प्रिशे एि ंिापसी

इंवडर्न नेशनि कांग्रेस के सदस्र्गण द्वारा गभयगृह में प्रिेश

(पंचार्त एिं ग्रामीण विकास मंत्री (श्री गोपाि भागयि) की रटपपणी से नाराज होकर

इंवडर्न नेशनि कांग्रेस के कई सदस्र्गण अपनी अपनी बात कहते हुए गभयगृह में आए)

अध्र्क्ष महोदर्--उसे कार्यिाही से वनकाि ददर्ा ह ै(व्यिधान)

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संसदीर् कार्य मंत्री (डॉ. नरोत्तम वमश्र)--अध्र्क्ष जी कोई माफी नहीं मांगी जाएगी. कोई

असभ्र् बात नहीं कही ह ैचिे र्ा न चिे (व्यिधान)

अध्र्क्ष महोदर्--कृपा करके अपने स्थान पर जाइर्े. (व्यिधान)

श्री बािा बच्चन--मुख्र्मंत्री जी के संरक्षण में माननीर् मंत्रीगण इस तरह की बातें कर रह ेहैं.

(व्यिधान)

अध्र्क्ष महोदर्--उसे कार्यिाही से वनकाि ददर्ा गर्ा ह.ै

श्री बािा बच्चन--अध्र्क्ष महोदर्, कार्यिाही से वनकािने से नहीं चिेगा..(व्यिधान)

(गभयगृह में आए इंवडर्न नेशनि कांग्रेस के सदस्र्गण अपने-अपने आसन पर िापस गए)

श्री आर.डी. प्रजापवत--माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, 15 तारीख को मैंने तीन ट्रक पकड़.े

पुविस को और टी आई को सूवचत दकर्ा. 100 नंबर पर पुविस को भी सूवचत दकर्ा (व्यिधान) मैंने

खवनज अवधकारी से कहा दक माननीर् खवनज अवधकारी जी आ जाइर्े तो उवहोंने कहा दक मैं क्र्ा

हिाई जहाज से आ जाऊं, र्ह खवनज अवधकारी के बोि थे..(व्यिधान)

अध्र्क्ष महोदर्-- बैठ जाइए उत्तर िे िीवजए. मंत्री जी को उत्तर पूरा कर िेने दें उसके बात

भनोत जी का प्रश्न ह.ै

श्री अजर् ससंह--माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, माननीर् मंत्री जी इस सदन के िररष्ठ सदस्र् हैं

वजस तरह से उवहोंने रटपपणी की उसे आपने कार्यिाही से तो वििोवपत कर ददर्ा ह ैिेदकन हम सब

का अनुरोध ह ै दक इस तरह से मंत्री को बात नहीं करना चावहए. कृपा करके आप इस पर कुछ

व्यिस्था द ेदें.

श्री गोपाि भागयि--माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, आप भी दखे रह ेहैं जब से सत्र शुरु हुआ ह.ै

पहिे ददन से पिेट, चममच घड़ा इसके अिािा अवर् दकसी िोक महत्ि के वििर् पर चचाय नहीं कर

रह ेहैं. (व्यिधान)

डॉ. नरोत्तम वमश्र--माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, र्दद चिन्नी का भी भ्रष्टाचार ह ैतो कोटय में

जाएं, िोकार्ुक्त में जाएं िहां प्रमाण रखें. िोकार्ुक्त में क्र्ों नहीं जाते हैं. कौन रोक रहा ह ैजाने के

विए, इनको चुनौती द ेरह ेहैं र्दद चिन्नी का भ्रष्टाचार हुआ हो तो..(व्यिधान)

श्री बािा बच्चन--कोटय की प्रदक्रर्ा अिग ह.ै कोटय में भी जाएंगे िेदकन विधान सभा की

प्रदक्रर्ा अिग ह.ै र्ह विधान सभा सदन दकसविए ह ै (व्यिधान) र्ह मध्र्प्रदशे की विधान सभा

र्ह संस्था, र्ह सदन दकसविए ह ै(व्यिधान) कोटय की प्रदक्रर्ा के विए भी हम जाएंगे.

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श्री गोपाि भागयि--र्दद गित हुआ ह ैतो आपके पास दस फोरम हैं िोकार्ुक्त में जाएं, हाई

कोटय में जाएं, ईओडब्ल्र्ू में जाएं, अवर् दकसी एजेंसी में जाएं.

अध्र्क्ष महोदर्--र्हां र्ह वििर् नहीं ह.ै ससंहस्थ पर बहस नहीं हो रही ह.ै कृपा करके

माननीर् मंत्रीगणों से और सदस्र्ों से भी अनुरोध ह ै दक र्हां ससंहस्थ पर बहस नहीं हो रही ह.ै

बैरठए आप िोग..(व्यिधान)

श्री गोपाि भागयि--िोक महत्ि के अवर् वििर् भी हैं चचाय करने के विए. प्रदशे की और भी

करठनाइर्ां हैं िोक महत्ि के अनेकों वििर् हैं (व्यिधान)

अध् र्क्ष महोदर् :- ससंहस् थ पर बहस नहीं हो रही ह.ै कृपा करके शांवत रखें. सुखेव र जी

कृपर्ा बैरठर्े. कृपा करके राित जी,पटिारी जी बैरठर्े. आप िोग बैरठर्े उत् तर आने दीवजर्े.

(व् र्िधान)

डॉ. नरोत् तम वमश्र :- इतने िोक महत् ि के प्रश न ह,ै िेदकन कभी उत् तर प्रदशे के मामिे पर,

कभी ददल् िी के मामिे पर और कभी अव र् वििर् पर प्रश नकाि को बावधत करते हैं.

श्री रामवनिास राित :- आप क् र्ा कर रह ेहैं.आप बैठ जाईर्े.

(व् र्िधान)

अध् र्क्ष महोदर् :- मंत्री जी आप बोविर्े. आप िोग उत् तर नहीं िेना चाहते हैं. आप िोग

बैठ जाईर्े. मंत्री जी आप जल् दी से उत् तर दीवजर्े. दफर मैं दसूरा प्रश न करंूगा.

श्री राजेव र शुक् ि :- माननीर् प्रजापवत जी ने जो मुद्दा उठार्ा ह,ै हािांदक रेत की जो नर्ी

नीवत बनी ह ैऔर उससे जो आक् शन पद्धवत से हमने रेत को अिाट करने का काम दकर्ा है, उससे

अकेिे छतरपुर में 56.68 करोड़ रूपर्े रेत की रार्ल् टी से प्राप त होने िािी ह.ै

(व् र्िधान)

अध् र्क्ष महोदर्:- आप िोग जबरदस् ती खड़ ेहो जाते हैं. आप िोग उत् तर ही नहीं आने दनेा

चाहते हैं.

श्री राजेव र शुक् ि :- जब आपका प्रश न िगे, तब आप सिाि करना. अभी दसूरे सदस् र् का

प्रश न ह ैतो आप क् र्ों वडस् टबय कर रह ेहैं. दसूरे के प्रश न पर वडस् टबय कर रह ेहैं.

(व् र्िधान)

अध् र्क्ष महोदर् :- आप िोग माननीर् सदस् र् के अवधकारों का हनन कर रह ेहैं. कृपा करके

उनका उत् तर आने दीवजर्े. र्ह बात उवचत नहीं ह.ै

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श्री राजेव र शुक् ि :- प्रजापवत जी ने इतने मुवशकि से प्रश न िगार्ा ह,ै उनका जिाब आने

दीवजर्े.

अध् र्क्ष महोदर्:- दण् डोवतर्ा जी आप बैठ जाईर्े, उसका उत् तर आने दीवजर्े.

(व् र्िधान)

श्री राजेव र शुक् ि:- अध् र्क्ष महोदर्, र्ह गैर वजम मेदारी की पराकाष् ठा ह,ै माननीर् सदस् र्

की.

अध् र्क्ष महोदर् :- आप माननीर् सदस् र् के प्रश न का उत् तर दें, उनका समाधान कर दें.

श्री राजेव र शुक् ि :- अध् र्क्ष महोदर्, मैं माननीर् सदस् र् से चचाय करंूगा और उव होंने जो -जो

बातें कही हैं, वशकार्त के रूप में उसकी जांच करार्ी जार्ेगी, जो दोिी होगा उसके वखिाफ

कार्यिाही होगी.

अध् र्क्ष महोदर् :- प्रश न क्रमांक 12 श्री तरूण भानोत.

(व् र्िधान)

श्री आर.डी.प्रजापवत :- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, वनिंवबत कर ददर्ा जार्े. मेरा आपसे

हाथ जोड़कर वनिेदन ह ै दक र्ा तो मेरे ऊपर कार्यिाही की जार्े. मैंने चार पत्र बतार्ें हैं, जबदक

पांच सौ से ज् र्ादा ट्रक हैं. वजसका मैंने बतार्ा ह ैउनको वनिंवबत दकर्ा जार्े. गित जानकारी दी

ह.ै

(व् र्िधान)

अध् र्क्ष महोदर् :- भानोत जी आप अपना प्रश न कररर्े. अपने अपने माईक बंद कररर्े,

उनका माईक चािू नहीं हो रहा ह.ै वसफय भानोत जी का विखा जार्ेगा. प्रजापवत जी आपका प्रश न

समाप त हो गर्ा ह.ै

(व् र्िधान)

श्री आर.डी.प्रजापवत :- उनको वनिंवबत दकर्ा जार्े.

अध् र्क्ष महोदर् :- माननीर् मंत्री जी ने जांच कराने का बोि ददर्ा ह.ै

(व् र्िधान)

श्री आर.डी.प्रजापवत :- राजस् ि विभाग की िसूिी नहीं होती, मेरे कारण ही िसूिी हुई ह.ै

उसको वनिंवबत दकर्ा जार्े. वजसने गित जानकारी दी ह.ै मैं दो साि से परेशान ह.ं

(व् र्िधान) मैं जांच के विर्े तैर्ार ह.ं गित हुआ तो मेरे ऊपर कार्यिाही की जार्े. मेरा इस् तीफा

विर्ा जार्े, मैं तैर्ार ह.ं

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

(व् र्िधान)

(इंवडर्न नशेनि कांग्रसे के सदस् र्ों द्वारा शेम-शेम के नारे िगार् ेगर्.े)

श्री आर.डी.प्रजापवत :- अध् र्क्ष महोदर्, मैं नहीं मान सकता, उसे वनिंवबत दकर्ा जार्े.

(व् र्िधान)

अध् र्क्ष महोदर् :- आप िोग कृपा करके बैठ जार्ें. आपके प्रश न का उत् तर आ गर्ा ह.ै मंत्री

जी ने जांच कराने का बोि ददर्ा ह.ै

श्री आर.डी. प्रजापवत :- वजस आदमी ने इतना बड़ा अव र्ार् दकर्ा ह,ै क् र्ा उसको वनिंवबत

नहीं दकर्ा जा सकता ह.ै इतना बड़ा खनन मादफर्ा ह.ै(व् र्िधान) उसको हटार्ा जार्े, उसको

वनिंवबत दकर्ा जार्े. जब तक वनिंवबत नहीं दकर्ा जार्ेगा मैं नहीं बैठने िािा ह.ं (व् र्िधान)

प्रभारी नेता प्रवतपक्ष (श्री बािा बच् चन):- अध् र्क्ष महोदर्, सत् ता पक्ष के सदस् र् बोि रह ेहैं.

(व् र्िधान) आप विधार्कों को संरक्षण दनेे के बजाए आप सरकार को संरक्षण द ेरह ेहैं...(व् र्िधान

)इस पर आपको विचार करना पड़गेा. हम सबकी गररमा का मामिा ह.ै

प्रश्नकाि समाप्त

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

अध्र्क्ष महोदर्-- माननीर् सदस्र् ने प्रश्न दकर्ा ह ै मंत्री जी इसकी जांच कराने के विर्े

तैर्ार हैं. श्री प्रजापवत जी आप अपने स्थान पर बैठ जाएं, र्ह ठीक बात नहीं ह.ै

(व्यिधान)

श्री रामवनिास राित(विजर्पुर)--अध्र्क्ष महोदर्, इससे बड़ी बात क्र्ा हो सकती ह ै दक

सदस्र्ों के अवधकारों का र्हां पर हनन हो रहा ह.ै

श्री आर.डी.प्रजापवत--अध्र्क्ष महोदर्, मैं नहीं बैठने िािा चाह ेआप मुझे वनिंवबत कर दें.

(व्यिधान)

अध्र्क्ष महोदर्--आप बैठ जाएं प्रश्नकाि समाप्त हो गर्ा ह ैआप र्हां पर परमपराएं नहीं

समझाएं.

श्री आर.डी.प्रजापवत--मैं आसवदी से वनिेदन करना चाहता ह ं दक र्हां पर विधार्क को

कोई बात बोिने का अवधकार नहीं ह ैजब मंत्री जी सदन को असत्र् जानकारी द े रह े हैं उनको

विधान सभा में ऐसी बातें नहीं बोिना चावहर्े.

अध्र्क्ष महोदर्--आप बैठ जाएं. पंवडत रमेश दबुे अपनी शूवर्काि की सूचना को पढें.

श्री आर.डी.प्रजापवत--संबंवधत अवधकारी को हटार्ा जाए, तब ही बैठंूगा, उनके ऊपर

कार्यिाही की जाए, तब ही सीट पर बैठंूगा. जांच की बात हो र्ा कुछ भी मैं इसके विर्े बैठने के

विर्े तैर्ार नहीं ह.ं

(व्यिधान)

प्रभारी नेता प्रवतपक्ष(श्री बािा बच्चन)--माननीर् विधार्क जी ने बोिा ह ैदक मेरा इस्तीफा

िे िें मुझे पाटी से वनिंवबत कर दें अथिा मुझे सदस्र्ता से वनिंवबत कर दें इससे बढकर और क्र्ा

बात हो सकती ह.ै मंत्री जी आपकी पाटी का विधार्क बोि रहा ह ैदक मुझे वनिंवबत कर दें अथिा

मेरा इस्तीफा िे िें.

संसदीर् कार्य मंत्री (डॉ.नरोत्तम वमश्र)--िह बैठ गर्े हैं उनकी समस्र्ा का समाधान

हो गर्ा ह.ै आप कृपर्ा आराम करें.

(व्यिधान)

अध्र्क्ष महोदर्--िह वििर् अब समाप्त हो गर्ा ह,ै इस वििर् पर र्हां पर कोई भी चचाय

नहीं होगी.

श्री बािा बच्चन--प्रकरण समाप्त नहीं हुआ ह.ै

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

अध्र्क्ष महोदर्--आपके कहने से इस तरह से नहीं होगा. िह वििर् समाप्त हो गर्ा आपका

कंसनय उसमें नहीं ह.ै सभी सदस्र् अपनी बात कहने के विर्े सक्षम हैं. र्हां पर दकसी के गार्जयर्न

बनने की जरूरत नहीं ह.ै

(भाजपा के अनेक सदस्र्गण अपनी बात कहते हुर्े श्री राजेवर शुक्ि खवनज मंत्री के आसन्न

के समीप आर्े)

श्री रामवनिास राित--अध्र्क्ष महोदर्, र्ह क्र्ा हो रहा ह ै(सत्तापक्ष की ओर इशारा करत े

हुए.)

(व्यिधान)

(श्री बािा बच्चन के नेतृत्ि में इंवडर्न नेशनि कांग्रेस के समस्त सदस्र्गण गभय गृह में आ

गर्े.)

अध्र्क्ष महोदर्--विधान सभा की कार्यिाही 10 वमनट के विर्े स्थवगत.

(12.03 बजे विधान सभा की कार्यिाही 10 वमनट के विर्े स्थवगत)

12.21 बजे [विधानसभा पुन: समिते हुई ]

{उपाध् र्क्ष महोदर् (डॉ. राजेव र कुमार ससंह) पीठासीन हुए}

श्री बािा बच् चन – माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, मध् र्प्रदशे विधानसभा के इवतहास में र्ह

पहिी बार हुआ ह.ै

उपाध् र्क्ष महोदर् – शूव र्काि की सूचनाएं िी जार्ेंगी. (व् र्िधान)

श्री बािा बच् चन – र्ह माननीर् विधार्कों का अपमान ह.ै

श्री रामवनिास राित – वजसकी िजह से हाऊस स् थवगत हुआ था. उस पर कम से कम

व् र्िस् था तो आ जार्े.

श्री बािा बच् चन – कई विधार्कों ने माननीर् मंत्री जी को घेरा ह.ै र्ह पूरे सदन के

विधार्कों का र्ह अपमान ह.ै

डॉ. नरोत् तम वमश्र – नेताजी, बािा बच् चन जी....

श्री रामवनिास राित – अगर िे संतुष् ट हो गए हों तो कोई बात नहीं.

डॉ. नरोत् तम वमश्र – बािा बच् चन जी, (श्री आर.डी.प्रजापवत की ओर दखेते हुए) िे कुछ

बोि रह ेहैं.

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

श्री आर.डी.प्रजापवत – माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, जो मेरी मांग थी माननीर् मंत्री जी ने

मेरी मांग पूरी कर िी ह.ै जो कह ददर्ा ह,ै उससे मैं सहमत हाँ.

श्री आररफ अकीि – क् र्ा सदन के सामने कहने में शमय आ रही थी ?

श्री बािा बच् चन – र्ह माननीर् मंत्री जी बता दें. (व् र्िधान)

श्री रामवनिास राित – माननीर् मंत्री ने सदन का अपमान दकर्ा ह.ै सदन चि रहा ह.ै

सदन में प्रश न पूछ रहा हैं और आप सदन के बाहर संतुष् ट कर रह ेहो. आपको सदन में जिाब दनेा

चावहर्े. (व् र्िधान)

डॉ. गोविव द ससंह – जनता के प्रवतवनवधर्ों का अपमान ह.ै (व् र्िधान)

उपाध् र्क्ष महोदर् – अब िे संतुष् ट हो गए हैं, मामिा पटाके्षप हो गर्ा ह.ै

डॉ. गोविव द ससंह – अकेिे में माफी मांगते हो और सदन का अपमान करते हो.

.............(व् र्िधान)......

उपाध् र्क्ष महोदर् – कोई एक सदस् र् बोिे. आप िोग एक साथ बोि रह ेहैं.

श्री बािा बच् चन – माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, र्ह विधार्कों का अपमान ह.ै मंत्री जी से

बुििाओ.

उपाध् र्क्ष महोदर् – माननीर् मंत्री जी ....

डॉ. गोविव द ससंह – माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, र्ह सदन का अपमान ह.ै...... (व् र्िधान)

उपाध् र्क्ष महोदर् – आप बोिें, एक व् र्वक्त बोिे दक क् र्ा बोिना चाहता ह ै?

श्री आर.डी.प्रजापवत – उपाध् र्क्ष महोदर्, मैं अपनी बात स् िर्ं कर िेता हाँ एिं मुझे जनता

ने चुना ह.ै मेरी बात माननीर् मंत्री जी ने मान िी ह ैऔर मैं पूणय रूप से संतुष् ट हाँ. मुझे दकसी भी

प्रकार की जरूरत नहीं ह.ै मैं स् िर्ं नेता एिं विधार्क हाँ. (व् र्िधान)

उपाध् र्क्ष महोदर् – आररफ अकीि साहब, मेरी बात भी सुन िीवजर्े. आप एक वमनट

सुवनर्े. (व् र्िधान) एक वमनट, आप बात ही नहीं सुनेंगे.

श्री आररफ अकीि – हमें महाभारत की जरूरत नहीं ह.ै (व् र्िधान)

उपाध् र्क्ष महोदर् – आररफ साहब, मेरी बात सुन िीवजर्े. मैं खड़ा हाँ. आप बैठ जाइर्े.

आसव दी की मर्ायदा रवखर्े. कोई एक व् र्वक्त बोिे दक क् र्ा बोिना ह ैतो उसके बाद, हम उसकी बात

सुनें. दफर मामिा पटाके्षप होगा. आप सबकी तरफ से बोि रह ेहैं.

श्री बािा बच् चन – माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, हमारा र्ह आग्रह ह ैदक वजस समर् प्रश न

का जिाब माननीर् मंत्री महोदर् को दनेा था, उस समर् जिाब क् र्ों नहीं ददर्ा ? र्ह पूरे सदन का

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

अपमान ह.ै र्ह विधार्कों का अपमान ह.ै र्ह उसी समर् अगर माननीर् मंत्री जी जिाब द ेदतेे तो

मैं समझता हाँ दक बात इतनी नहीं बढती और सदन 10 वमनट के विए जो स् थवगत हुआ. उस दौरान

40 विधार्कों ने माननीर् मंत्री जी को घेरा था, जो उनकी पाटी के थे तब जाकर जिाब ददर्ा ह.ै

र्ह सदन का अपमान ह.ै (व् र्िधान)

उपाध् र्क्ष महोदर् – चविर्े, आपकी बात आ गई ह.ै अब उनको बोिने दीवजर्े.

श्री बािा बच् चन – र्ह भारतीर् जनता पाटी के कार्यकाि में ...... (व् र्िधान)

श्री रामवनिास राित – उपाध् र्क्ष महोदर्, जो हम सदन में पूछ रह ेहैं.....

उपाध् र्क्ष महोदर् – र्ह प्रभारी नेता प्रवतपक्ष ने पूछ विर्ा ह.ै उव होंने अपनी बात रख दी

ह.ै बात र्ही हुई थी दक सबकी तरफ से बोिेंगे.

श्री रामवनिास राित – जब सदन चि रहा ह ैतो सदन के बाहर मंत्री जी बतार्ेंगे. र्ह

सदन का अपमान नहीं ह.ै ...

श्री आररफ अकीि – आप पहिे व् र्िस् था दें.

उपाध् र्क्ष महोदर् – अब उनको बोि िेने दीवजर्े.

श्री आररफ अकीि – उपाध् र्क्ष महोदर्, आपकी व् र्िस् था उस पर आनी चावहर्े.

उपाध् र्क्ष महोदर् – दकस चीज पर ?

श्री आररफ अकीि – पहिे उस पर व् र्िस् था दीवजर्े.

उपाध् र्क्ष महोदर् – दवेखर्े, मामिा आगे बढ चुका ह.ैप्रश नकाि समाप त हो गर्ा ह.ै परम परा

र्ही रही ह ैएक घंटे के बाद प्रश नकाि नहीं चिता. र्ह मेरी व् र्िस् था ह.ै (व् र्िधान)

श्री राम वनिास राित— परम परा रही ह ैिेदकन सदस् र्ों का सम मान क् र्ा परम परा से हटकर

ह?ै (व् र्िधान)

उपाध् र्क्ष महोदर्— र्ह ठीक ह ैिेदकन बात िहां खत् म हो गई. (व् र्िधान)

श्री रामवनिास राित— सदन की गररमा बनाए रखना क् र्ा हम िोगों का दावर्त् ि नहीं ह.ै

सदन चि रहा ह,ै सदन में प्रश न पूछा जा रहा ह,ै सदन में जिाब दनेा चावहए. (व् र्िधान)

उपाध् र्क्ष महोदर्— वजस माननीर् सदस् र् का मुद्दा ह.ै िह बैठ गए राित जी आप बैठ

जाइए, र्ह गित बात ह.ै र्ह कुछ नहीं विखा जाएगा. (व् र्िधान)

श्री आररफ अकीि – (XXX)

उपाध् र्क्ष महोदर्— आररफ जी मेरी बात सुन िीवजए. प्रश नकाि समाप त हो गर्ा विधार्क

जी अपना कोई िक् तव् र् दनेा चाहते हैं सुन िीवजए. वजनका मूि प्रश न था. (व् र्िधान)

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

श्री आररफ अकीि – बािा बच् चन ने जो व् र्िस् था की बात उठाई ह ैउस पर क् र्ा कर रह ेहो

आप. (व् र्िधान)

उपाध् र्क्ष महोदर्— आपवत्त दकसको थी. कौन इससे परेशान था. माननीर् विधार्क थे.

(व् र्िधान)

श्री रामवनिास राित—बािा बच् चन को. (व् र्िधान)

डॉ. नरोत् तम वमश्र—अध् र्क्ष महोदर्, मेरा प िाइंट ऑफ आडयर.

उपाध् र्क्ष महोदर्— आप तो उनको समथयन द ेरह ेथे. आप इव हीं की बात रख रह ेथे. पाइंट

ऑफ आडयर सुन िीवजए. (व् र्िधान)

12:27 बजे {अध् र्क्ष महोदर् (डॉ. सीतासरन शमाय) पीठासीन हुए}

डॉ. नरोत् तम वमश्र— अध् र्क्ष महोदर् मेरा व् र्िस् था का प्रश न र्ह ह.ै (व् र्िधान)

श्री आररफ अकीि – पहिे बािा बच् चन जी की बात पर व् र्िस् था दीवजए. (व् र्िधान)

अध् र्क्ष महोदर्—दोनों की बात पर व् र्िस् था देंगे. (व् र्िधान)

डॉ. नरोत् तम वमश्र—दसूरे के ििना का पिना झुिाने से कुछ नहीं वमिने िािा.

(व् र्िधान)

श्री आररफ अकीि — तुम हारा ििना न पिना कुछ नहीं ह.ै (व् र्िधान)

अध् र्क्ष महोदर्— माननीर् मंत्री जी आपका पाइंट ऑफ आडयर क् र्ा ह?ै (व् र्िधान)

श्री आररफ अकीि—अब आप र्ही कहने िािे हो.

डॉ. नरोत् तम वमश्र— अध् र्क्ष जी, मेरी गुजाररश वसफय इतनी ह ैदक सम मावनत सदस् र्ों का

र्ह कहना ह ैदक सदन के बाहर जिाब ददर्ा ह.ै इसको मैं उवचत इसविए नहीं मानता दक अभी तक

जब हाउस में व् र्िधान आता ह ैतब विधानसभा के सम मावनत अध् र्क्ष वजस तरफ से व् र्िधान आता

ह ै उस पक्ष को, मंत्री को र्ा नेता प्रवतपक्ष को बुिाकर उस वििर् पर बात करते हैं. आज भी

माननीर् अध् र्क्ष महोदर् ने सम मावनत सदस् र् को सम मावनत मंत्री को बुिार्ा और समाधान दकर्ा

हाउस को समिेत चिाने के विए इसमें न तो कोई सदन के बाहर जिाब ददर्ा. (व् र्िधान)

श्री रामवनिास राित – क् र्ा समाधान दकर्ा, र्हां बात आ जाए?

डॉ. नरोत् तम वमश्र— मुझे अपनी पूरी बात कह िेने दीवजए.

श्री रामवनिास राित – मेरा भी व् र्िस् था का प्रश न ह.ै

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

डॉ. नरोत् तम वमश्र— क् र्ा मैं अपनी पूरी बात न बोिंू? क् र्ा मेरी बात नहीं सुनी जाएगी?

मेरी बात सुन िीवजए उसके बाद अपनी बात बोविए आपको कोई नहीं रोक रहा ह.ै र्हां पर हम

िोग बोिने के विए आए हैं.

श्री बािा बच् चन – माननीर् संसदीर् कार्य मंत्री जी आप ठंड ेवमजाज से बोविए.

डॉ. नरोत् तम वमश्र— जब भी व् र्िधान आएगा मैं संसदीर् कार्य मंत्री ह]ं इस व् र्िस् था का

अंग होऊंगा. (व् र्िधान)

श्री बािा बच् चन – उसी समर् जिाब द ेदतेे तो र्ह वस्थवत बनती ही नहीं. माननीर् मंत्री

जी हमारा र्ह कहना ह ैआप हाउस को चिाते, हाउस को दखेते आपको बुिा विर्ा. कौन सी बात

हमारी जानकारी में आई. डॉ. नरोत् तम वमश्र— माननीर् मंत्री जिाब द े रह े थे उसी िक् त प्रश नकाि समाप त की

घोिणा सम मावनत अध् र्क्ष ने आसंदी से की थी इसके बाद सम मावनत सदस् र् ने उठकर कह ददर्ा दक

मैं अब संतुष् ट ह.ं मैं कोई िकाित नहीं चाहता तो वििर् समाप त हो जाता ह ै. आपके पास में आप

समाधान करते हैं र्ा नहीं र्ह मेरी व् र्िस् था का प्रश न ह,ै आप बता दो. (व् र्िधान)

अध् र्क्ष महोदर्—पाइंट ऑफ आडयर कैसे होगा?

श्री आररफ अकीि – अध् र्क्ष महोदर्.

अध् र्क्ष महोदर् – हां आपकी बात भी सुनेंगे.

श्री आररफ अकीि – अध् र्क्ष महोदर् पहिे बािा बच् चन जी ने व् र्िस् था मांगी थी उपाध् र्क्ष

जी ने उनको सुना था उसके बाद आप आ गए. तो उनकी बात अधूरी रह गई.

श्री बािा बच् चन – अध् र्क्ष महोदर्, वजस तर ह से माननीर् संसदीर् कार्य मंत्री जी ने अभी

बोिा क् र्ा र्ह आपकी पाटी का मेटर था? आप वजस तरह से बोि रह ेहैं, र्ह सदन का मेटर था.

र्ह इश र्ू सदन में रेस हुआ था.

डॉ. नरोत् तम वमश्र— सदन में जो मेटर रेस होता ह ैउसे अध् र्क्ष जी बुिाते हैं.

श्री बािा बच् चन—र्ह सदन का हक और अवधकार ह.ै र्ह पाटी का मेटर नहीं था.

(व् र्िधान)

अध्र्क्ष महोदर् -- उवहोंने उनसे कहा, मेरे से तो कुछ कहा ही नहीं.

श्री बािा बच्चन -- अध्र्क्ष महोदर्, मैं र्ह बोि रहा ह ंदक 10 वमनट की कार्यिाही

छूटने के बाद मंत्री जी को भारतीर् जनता पाटी के ही 40 विधार्कों ने घेरा था. तब जाकर

मजबूरन विधार्क जी को बुिाकर र्ह बात कही.

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

श्री रामवनिास राित -- अध्र्क्ष महोदर्, मेरा पाइंट ऑफ आडयर ह.ै

अध्र्क्ष महोदर् -- अब इस पर पाइंट ऑफ आडयर कब तक चिेगा. अभी

माननीर् संसदीर् कार्य मंत्री जी और बािा बच्चन जी ने जो वििर् उठार्ा, चूंदक आपने कहा,

इसविर्े दोनों का उत्तर मैं द ेदतेा ह.ं

श्री रामवनिास राित -- अध्र्क्ष महोदर्, तो हम पाइंट ऑफ आडयर नहीं उठा

सकते.

अध्र्क्ष महोदर् -- आप भी उठा सकते हैं, पर पाइंट ऑफ आडयर पर पाइंट ऑफ

आडयर नहीं होता. कृपर्ा बैठ जार्ें.

श्री बािा बच्चन -- अध्र्क्ष महोदर्, र्ह सदन का मेटर ह.ै

अध्र्क्ष महोदर् -- आप कृपर्ा बैठ जार्ें. अभी माननीर् संसदीर् कार्य मंत्री जी ने

एक वििर् उठार्ा..

श्री आररफ अकीि -- अध्र्क्ष महोदर्, पहिे बािा बच्चन जी ने उठार्ा.

अध्र्क्ष महोदर् -- बािा बच्चन जी ने भी उठार्ा, दोनों के उत्तर इकट्ठा दूगंा. उवहोंने

अपनी बात रखी दक माननीर् सदस्र् का समाधान हो गर्ा ह ैऔर ऐसी पहिे भी परमपरा ह.ै

माननीर् नेता प्रवतपक्ष, बािा बच्चन जी ने भी उस वििर् को उठार्ा और कहा दक समस्र्ा सदस्र्

की नहीं सदन की थी. र्ही वििर् था न आपका. मेरा इसमें कहना र्ह ह ैदक माननीर् सदस्र् ने

सदन में ही कहा ह ैदक उनका समाधान हो गर्ा ह.ै अब उसमें कोई वििर् कैसे उठता ह.ै

..(व्यिधान)..

श्री रामवनिास राित -- अध्र्क्ष महोदर्, क्र्ा सदन को र्ह जानने का अवधकार

नहीं ह.ै

अध्र्क्ष महोदर् -- वजस सदस्र् ने समाधान की बात उठाई, िही सदस्र् र्दद सदन

में कह रहा ह,ै तो आप उस पर से क्र्ा कह सकते हैं.

डॉ. गोविवद ससंह -- कक्ष में क्र्ा वनणयर् हुआ, उस वनणयर् की जानकारी सदन में

आनी चावहर्े और अभी मंत्री जी जिाब दनेे के विर्े खड़ ेहुए थे, तो उनको जिाब दनेा चावहर्े.

श्री बािा बच्चन -- अध्र्क्ष महोदर्, र्ह सदन का अपमान ह.ै जो सदन में सदस्र्

गण आते हैं, उनका अपमान ह.ै

अध्र्क्ष महोदर् -- नहीं. र्ह कोई अपमान नहीं ह.ै अब इस वििर् को र्ही समाप्त

दकर्ा जाता ह.ै

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

श्री रामवनिास राित -- अध्र्क्ष महोदर्, मेरा पाइंट ऑफ आडयर ह.ै

श्री मुकेश नार्क -- अध्र्क्ष महोदर्, वजस सदस्र् ने प्रश्न पूछा ह,ै तो उसका उत्तर

मंत्री जी आपके कक्ष में विधान सभा के सदस्र् को थोड़ी देंगे. िह तो विधान सभा के अवदर ही

दनेा पड़गेा.

अध्र्क्ष महोदर् -- उत्तर नहीं ददर्ा ह.ै उत्तर तो र्हीं ददर्ा ह.ै

श्री रामवनिास राित -- अध्र्क्ष महोदर्, कहां ददर्ा ह.ै

अध्र्क्ष महोदर् --र्ह आपने कैसे अनुमान िगा विर्ा दक उत्तर िहां द ेददर्ा.

श्री मुकेश नार्क -- समाधान क्र्ा हुआ ह,ै इसका उत्तर मंत्री जी सदन को बता

दें.

डॉ. गोविवद ससंह -- अध्र्क्ष महोदर्, क्र्ा उत्तर ददर्ा ह,ै हम िोगों को भी उसकी

जानकारी हो. आपने िहां क्र्ा गुड़ फोड़ ददर्ा ह,ै िह गुड़ फोड़ने की जानकारी र्हां तो हो.

डॉ. नरोत्तम वमश्र -- अध्र्क्ष महोदर्, र्ह तो गित परमपरा पड़ जार्ेगी. र्ह

ऐसा नहीं होगा.

डॉ. गोविवद ससंह -- र्ह गित परंपरा नहीं ह.ै

..(व्यिधान)..

अध्र्क्ष महोदर् -- कक्ष की कोई बातें र्हां नहीं होतीं, र्ह पुरानी परमपराएं हैं.

..(व्यिधान)..

श्री रामवनिास राित -- अध्र्क्ष महोदर्, मेरा व्यिस्था का प्रश्न ह.ै

श्री सुवदरिाि वतिारी -- अध्र्क्ष महोदर्, मेरा भी पाइंट ऑफ आडयर ह.ै

डॉ. गोविवद ससंह -- अध्र्क्ष महोदर्, आपके कक्ष में क्र्ा चचाय हुई ह,ै उसकी

जानकारी आप सदन में अिगत करा दें. ..(व्यिधान).. आपके समक्ष वनणयर् हुआ ह,ै उस वनणयर्

की जानकारी आप सदन को दें, ऐसा मेरा आपसे अनुरोध ह.ै

श्री आररफ अकीि -- अध्र्क्ष महोदर्, पहिे आप ही ने बारबार कहा ह ै दक जो

आपके कक्ष में बात होती ह,ै उसकी चचाय र्हां नहीं कर सकते.

अध्र्क्ष महोदर् -- उसकी चचाय र्हां नहीं होती.

श्री आररफ अकीि -- नहीं होती ना. दफर र्हां कैसे हो रही ह.ै

अध्र्क्ष महोदर् -- गित ह ै. नहीं करना चावहर्े.

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

श्री रामवनिास राित -- अध्र्क्ष महोदर्, मेरा व्यिस्था का प्रश्न ह.ै मैं आपका

संरक्षण चाहते हुए, आपसे वनिेदन करते हुए र्ह व्यिस्था चाहता ह ंदक सदन में एक घण्टे का

समर् प्रश्नकाि के विर्े वनधायररत दकर्ा गर्ा ह.ै सदन में सदस्र् प्रश्न पूछते हैं और प्रश्न इसविर्े

िगार्े जाते हैं दक हमें सदन में जिाब वमि जार्े. सदस्र् का प्रश्न चचाय में आर्ा. सदस्र् ने अपनी

पीड़ा व्यक्त की. जब सदस्र् प्रश्न कर रहा था, तब सदस्र् ने र्हां तक कहा दक र्ा तो मेरा इस्तीफा

िे िो, मेरे वखिाफ एफआईआर करा दो, अगर मेरी बात गित वसद्ध हो, तो मुझे वनिवमबत कर

दो. उवहोंने र्हां तक कहा दक मुझे वनिवमबत भी कर दो विधान सभा से, अगर मेरी बात गित

वसद्ध हो तो. उसकी र्ह पीड़ा, सदस्र् के अवधकारों की रक्षा करना, मैं आसंदी से वनिेदन करता

ह.ं उसके बाद सदन स्थवगत हो गर्ा. सदन के बाहर मंत्री जी ने क्र्ा उत्तर ददर्ा, चूंदक उनकी

पाटी का सदस्र् ह,ै उनकी पाटी के 40 विधार्क इकटे्ठ हुए. मंत्री जी ने क्र्ा उत्तर ददर्ा, र्ह क्र्ा

सदन की गररमा को भंग करने का सिाि नहीं ह.ै जो प्रश्न सदन में उठा, सदन में पूछा, तो सदन

में उसका जिाब आना चावहर्े. र्ह वनर्मों में भी व्यिस्था ह ै दक जब सदन चि रहा हो और

सदस्र् कोई प्रश्न उठाता ह,ै तो उसका जिाब सदन में आना चावहर्े, न दक िह सदस्र् आपकी

पाटी का ह,ै तो दबाि बनाकर बाहर उसे सहमवत के विर्े तैर्ार कर रह ेहैं.

अध्र्क्ष महोदर् -- र्ह दबाि बनाने िािी बात कार्यिाही से वनकाि दें.

श्री रामवनिास राित -- अध्र्क्ष महोदर्, मैं र्ह बात आसंदी से जानना चाहता ह ं

दक ..

डॉ. नरोत्तम वमश्र -- र्ह मैं बता रहा ह,ं जिाब द ेरहा ह.ं

श्री रामवनिास राित -- मैं आसंदी से जिाब चाह रहा ह,ं आपसे नहीं.

अध्र्क्ष महोदर् -- मैंने उनको अनुमवत दी ह.ै पाइंट ऑफ आडयर में ऐसी व्यिस्थाएं

हैं दक र्दद कोई सदस्र् पाइंट ऑफ आडयर उठार्े, तो संसदीर् कार्य मंत्री जी से र्ा दकसी अवर्

सदस्र् को बोिने की अनुमवत दी जा सकती ह.ै

श्री रामवनिास राित -- अध्र्क्ष महोदर्, र्ह सदन की गररमा का सिाि ह.ै र्ह

सदस्र् के मौविक अवधकारों का सिाि ह.ै

अध्र्क्ष महोदर् -- कृपर्ा बैठ जार्ें. आप िोगों के साथ र्ही मुवशकि ह ैदक आप

प्रश्न उठाते हैं, उत्तर नहीं िेते. आप बैठ जाइर्े.

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

संसदीर् कार्यमंत्री (डॉ. नरोत् तम वमश्र) – अध् र्क्ष महोदर्, आपने बोि विर्ा इसके बाद मुझे

बोिने दो (श्री सुव दरिाि वतिारी के खड़ ेहोने पर) इसके बाद आप बोि िेना वतिारी जी, कोई

ददक् कत नहीं ह,ै साथयक चचाय होगी.

श्री आररफ अकीि – र्ह बता दीवजए दक (XXX) क् र्ा हुई.

डॉ. नरोत् तम वमश्र – बता रह ेहैं िह भी सुनो.

अध् र्क्ष महोदर् – इसको कार्यिाही से वनकाि दीवजए.

डॉ. नरोत् तम वमश्र – अध् र्क्ष जी, वसफय (XXX) पाविरटक् स ही करना ह ैतो कहां तक जिाब

देंगे. (...व् र्िधान...)

श्री रामवनिास राित – पूरे प्रदशे में अिैध उत् खनन हो रहा ह ैऔर र्ह आपके संरक्षण में हो

रहा ह.ै (...व् र्िधान...)

डॉ. नरोत् तम वमश्र – क् र्ा अध् र्क्ष जी (XXX) करते हैं. आप अध् र्क्ष जी पर आरोप िगा रह े

हैं ? (...व् र्िधान...)

श्री रामवनिास राित –अध् र्क्ष जी पर आरोप दकसने िगार्ा, तुम हारे ऊपर िगार्ा ह.ै

(...व् र्िधान...) हम आसंदी का सम मान करते हैं.

अध् र्क्ष महोदर् – र्ह शब् द कार्यिाही से वनकाि दीवजए. (व् र्िधान)

श्री आररफ अकीि – मैंने र्ह शब् द अध् र्क्ष जी के विए कुछ नहीं कहा, र्ह िापस िो.

(व् र्िधान)

श्री रामवनिास राित – आप कार्यिाही में ददखिा िो.

श्री अध् र्क्ष महोदर् – राित जी, मैंने खुद कहा ह ैदक आररफ अकीि जी की कोई दभुायिना

नहीं थी, उव होंने सहज भाि से ऐसा कह ददर्ा. (...व् र्िधान...)

डॉ. नरोत् तम वमश्र – अध् र्क्ष जी, मेरी र्ह गुजाररश ह ैदक सम मावनत सदन के सदस् र्ों की

मर्ायदा को रखना, स् िावभमान को रखना, सम मान को रखना हम सब की सामूवहक वजम मेदारी हैं,

जहां तक सम मावनत सदस् र् ने जो प्रश न उठार्ा था, सम मावनत मंत्री उसका जिाब द े रह ेथे और

सम मावनत मंत्री का जबाि चूंदक (व् र्िधान)

श्री मुकेश नार्क – सम मावनत सदस् र् बस र्ह जानना चाहते हैं दक मंत्री जी का आश िासन

क् र्ा ह,ै इतनी सी बात ह,ै इतनी चतुराई की, इतने घुमान-ेदफराने की आिश र्कता क् र्ा ह.ै

अध् र्क्ष महोदर् – आप बैठ जाइए.

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डॉ. नरोत् तम वमश्र – र्े आपकी समझ में नहीं आएगी मुकेश भाई, अध् र्क्ष महोदर्, आपने

बोिने की अनुमवत मुझे दी ह ैदक इनको दी ह.ै

अध् र्क्ष महोदर् – आपको अनुमवत दी ह.ै

डॉ. नरोत् तम वमश्र – र्दद मुझे अनुमवत दी ह ैतो इनको बैठािो आप.

श्री मुकेश नार्क -- अध् र्क्ष महोदर्, सदन र्ह जानना चाहता ह ै दक माननीर् मंत्री जी

सदन को क् र्ा आश िासन देना चाहते हैं.

अध् र्क्ष महोदर् – आप कृपर्ा बैठ जाएं.

डॉ. नरोत् तम वमश्र -- मेरी बात तो पूरी कर िेने दें, खड़ ेहो गए िकाित करने को जैसे

दकसी ने िकीि वनर्ुक् त कर ददर्ा हो. मेरी र्ह गुजाररश ह ै वसफय दक उस हो-हल् िे के बीच में

माननीर् मंत्री जी ने र्ह आश िासन ददर्ा,

श्री मुकेश नार्क – आपकी चािाकी के विए विधान सभा नहीं ह.ै

डॉ. नरोत् तम वमश्र – विधान सभा इसके विए भी नहीं ह ैदक आप िकाित करो.

अध् र्क्ष महोदर् – मुकेश नार्क जी आप बैठ जाइए, वतिारी जी आप बैठ जाएं, उनकी बात

पूरी होने दो, उसके बार पुष् पेव र नाथ पाठक जी कुछ कहेंगे.

श्री रामवनिास राित – माननीर् संसदीर् कार्य मंत्री जी उत् तेवजत न हों, सदन की गररमा

का ख् र्ाि रखें.

डॉ. नरोत् तम वमश्र – सारे सदस् र् एक साथ खड़े हो गए, र्े क् र्ा तरीका ह.ै अध् र्क्ष जी, र्े

पूरी बात नहीं सुनना चाहते हैं.

श्री आररफ अकीि – पानी पी िो पानी (डॉ. नरोत् तम वमश्र की ओर इशारा करते हुए)

अध् र्क्ष महोदर् – संबंवधत मंत्री जी खड़े हुए हैं, अब तो बैठ जाइए.

डॉ. नरोत् तम वमश्र – पानी पीने की जरूरत नहीं ह,ै वबना पानी पीए कोसता रहगंा. मेरा

र्ह कहना ह ैअध् र्क्ष जी, जब सम मावनत सदस् र् सिाि पूछ रह ेथे, तब मंत्री जी ने उस िक् त भी

जिाब ददर्ा, उस िक् त हो-हल् िे में जिाब नहीं आर्ा. सम मावनत सदस् र् की एक ही मांग थी दक

उसको हटाकर जांच की जाए मंत्री ने उस िक् त भी कहा. आप कार्यिाही दखे िें, िही बात अंदर

हुई.

श्री बािा बच् चन – कार्यिाही ददखिा िो, माननीर् मंत्री जी गित बोि रह ेहैं, कार्यिाही

ददखिा िो, अगर र्ह बात मंत्री जी के द्वारा आ जाती, माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, माननीर् मंत्री जी

ने नहीं बोिा, संसदीर् कार्य मंत्री जी कार्यिाही वनकििाकर चैक करा िें.

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डॉ. नरोत् तम वमश्र – मैं र्ह कह रहा हाँ दक हो-हल् िे में िह बात नहीं आई.

श्री रामवनिास राित – आप संसदीर् कार्य मंत्री हो, सदन में असत् र् मत बोिो.

श्री बािा बच् चन – माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, मंत्री को बचाने के विए, सरकार को बचाने के

विए सदन में संसदीर् कार्यमंत्री असत् र् बोि रह ेहैं.

डॉ. नरोत् तम वमश्र – मैं कह रहा हाँ, पूरी बात तो सुन िो, हो-हल् िे में िह बात नहीं आई.

मंत्री खुद खड़ ेहोकर कह रह ेहैं चिो उनसे ही पूछ िो.

अध् र्क्ष महोदर् – नेता प्रवतपक्ष जी, मैं अिाउ नहीं दकर्ा ह.ै

श्री रामवनिास राित – माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, मंत्री जी जिाब द ेरह ेहैं.

श्री बािा बच् चन – अध् र्क्ष जी, मंत्री जी जिाब दनेा चाह रह ेहैं.

अध् र्क्ष महोदर् – मैं अिाउ करंूगा तभी तो जिाब देंगे. मैं उव हें अिाउ ही नहीं करंूगा तो

कैसे जिाब देंगे.

श्री बािा बच् चन – माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, अभी संसदीर् कार्यमंत्री जी ने बोिा ह ै दक

उस समर् सुनाई नहीं ददर्ा, जिाब नहीं आर्ा था तो माननीर् मंत्री जी का जिाब आने दीवजए.

श्री रामवनिास राित – अध् र्क्ष महोदर्, जिाब आने दीवजए, इस वििर् पर आपसे संरक्षण

की अपेक्षा ह.ै सदन की कार्यिाही इतनी बावधत हुई.

श्री बािा बच् चन – माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, िे जिाब दनेा चाह रह े हैं जिाब आने

दीवजए.

डॉ. गौरीशंकर शेजिार-- नेता प्रवतपक्ष और स् पीकर खड़ े हैं, आपको इतना भी

ख् र्ाि नहीं ह.ै... (व् र्िधान).....

श्री बािा बच् चन-- आपके संसदीर् कार्यमंत्री जी की व् र्िस् था के ऊपर हम जिाब चाह रह े

हैं.

अध् र्क्ष महोदर्-- आप सदन चिने दनेा चाहते हैं र्ा नहीं.

श्री बािा बच् चन-- जी चाहते हैं.

अध् र्क्ष महोदर्-- तो बैठ जाइर्े. .... (व् र्िधान).....

डॉ. गोसिंद ससंह-- माननीर् स् पीकर जी, खवनज मंत्री जी जिाब दनेा चाहते थे तो कृपर्ा

आप जिाब ददििा दें.

अध् र्क्ष महोदर्-- आप बैठ जार्ें, आपकी बात सुन िी मैंने. .... (व् र्िधान).....

डॉ. गौरीशंकर शेजिार-- (XXX).... (व् र्िधान).....

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

श्री बािा बच् चन-- (XXX). .... (व् र्िधान).....

श्री आररफ अकीि-- (XXX). .... (व् र्िधान).....

श्री रामवनिास राित—(XXX).... (व् र्िधान).....

श्री मुकेश नार्क-- अध् र्क्ष महोदर्,(XXX).

डॉ. गोसिंद ससंह-- (XXX). .... (व् र्िधान).....

श्री रामवनिास राित—(XXX). .... (व् र्िधान).....

डॉ. गोसिंद ससंह—(XXX)

अध् र्क्ष महोदर्-- इसे कार्यिाही से वनकाि दें. आप िोग कृपा करके बैठ जार्ें. ....

(व् र्िधान).....

एक माननीर् सदस् र्-- गोसिंद ससंह जी, र्ह जंगि के शेर हैं, उिझो मत.

श्री रामवनिास राित-- अध् र्क्ष महोदर्, वििर् पर आर्े बात.

अध् र्क्ष महोदर्-- आप सुन कहां रह ेहैं.

श्री रामवनिास राित-- र्ह बात को डार्िटय करते हैं (डॉ. गौरीशंकर शेजिार की तरफ

इशारा करते हुर्े) आप इव हें डांटते ही नहीं हो.

अध् र्क्षीर् व् र्िस् था

प्रश नकाि में चचाय होन ेके पश चात भोजन अिकाश के बाद र्ा विधान सभा स् थवगत होन ेके बाद

उस चचाय को पनु: नहीं उठार् ेजान ेवििर्क

अध् र्क्ष महोदर्-- माननीर् मंत्री जी कृपर्ा शांत रहेंगे, बोि ददर्ा मैंने. अब सभी बैठ जार्ें.

.... (व् र्िधान)..... आप िोगों को सदन चिने दनेा ह ै दक नहीं चिने दनेा ह,ै बार-बार खड़ ेहो

जाते हो. दोनों पक्षों से अनुरोध ह ैमेरा कोई भी खड़ा नहीं होगा. .... (व् र्िधान)..... अरे बैठ जाओ

महाराज. .... (व् र्िधान).....

अभी प्रश नकाि के बाद में माननीर् सदस् र्ों ने कुछ वििर् र्हां उठार्े थे, उस पर पाइंट्स

ऑफ आडयसय भी उठार्े गर्े माननीर् प्रवतपक्ष के नेता जी ने और मुख् र् सचेतक जी ने, आररफ अकीि

साहब ने डॉ. गोसिंद ससंह जी ने और संसदीर् कार्यमंत्री जी ने उन पाइंट्स ऑफ आडयसय के बारे में

अपनी बात कही. जैसा दक मैंने पहिे भी कहा था दक समाधान हो गर्ा ह ै ककंतु सदस् र्गण र्ह

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जानना चाहते थे दक समाधान क् र्ा हुआ. इस संबंध में मैं आपको जो अध् र्क्षीर् व् र्िस् था ह ैउसके

बारे में अिगत कराना चाहता ह.ं प्रश नकाि में जो प्रश न उठार्ा गर्ा था उसकी जांच के संबंध में

मंत्री जी ने आश िासन द ेददर्ा था, उसके बाद में व् र्िधान हुआ और मेरे बार-बार अनुरोध करने के

बाद भी िह शांत नहीं हुआ, जबदक सदस् र् और मंत्री जी, सदस् र् प्रश न पूछना जारी रखना चाहते थे

और मंत्री जी उत् तर दनेा भी चाहते थे. प्रश नकाि समाप त हो गर्ा और उसके बाद में माननीर्

सदस् र् ने र्हां कहा दक उनका समाधान हो गर्ा ह ैिह संतुष् ट हैं.

इसके संबंध में जो आसवदी की अध्र्क्षीर् व्यिस्था ह ैिह मैं पढकर सुनाता ह.ं प्रश्नकाि के

समर् दकसी मुद्दे पर चचाय हुई हो और अपराह्न में भोजन अिकाश के बाद र्ा स्थवगत होने के बाद

विधान सभा जब समिेत हुई हो तो िह मामिा नहीं उठार्ा जा सकता इसीविर्े र्ह व्यिस्था का

प्रश्न अग्राह्य दकर्ा जाता ह ैऔर सदन की कार्यिाही आगे जारी रहगेी.

श्री बािा बच्चन - समाधान क्र्ा हुआ.

श्री रामवनिास राित - एक मामिा और था.

(..व्यिधान..)

अध्र्क्ष महोदर् - िह नहीं उठार्ा जा सकता.पं.रमेश दबुे.

श्री रामवनिास राित - माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, एक मामिा और उद्भूत हो गर्ा ह.ै

अभी संसदीर् कार्य मंत्री ने कहा था दक उसे हटाने के वनदशे द ेददर्े हैं. क्र्ा संसदीर् कार्य मंत्री जी

ने असत्र् कहा. अभी हाऊस में कहा था दक उस खवनज अवधकारी को हटाने के वनदशे द ेददर्े हैं.

क्र्ा संसदीर् कार्य मंत्री जी ने असत्र् कहा.

श्री रामवनिास राित - अध्र्क्ष महोदर्, क्र्ा संसदीर् कार्य मंत्री जी ने असत्र् कहा.

अध्र्क्ष महोदर् - िह वििर् अब व्यिस्था के बाद समाप्त हो गर्ा ह.ै

श्री बािा बच्चन - खवनज मंत्री जी जिाब द ेरह ेहैं तो आप िह ददििाईर्े ना दक समाधान

क्र्ा हुआ.

श्री रामवनिास राित - िह स्पष्ट करें.

श्री बािा बच्चन - र्ह सदन का मेटर था.

अध्र्क्ष महोदर् - अब र्ह व्यिस्था आने के बाद में िह चचाय पूणय हो गई. अब उस पर कोई

चचाय नहीं होगी.

(..व्यिधान..)

श्री रामवनिास राित - मंत्री जी कह रह ेथे दक उस अवधकारी को हटा ददर्ा गर्ा ह.ै

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

श्री बािा बच्चन - सदन र्ह जानना चाहता ह ैदक समाधान क्र्ा हुआ.

ए़व्होकेट सत्र्प्रकाश सखिार - माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, मैं आपके माध्र्म से शूवर्काि

की विशेि सूचना बताना चाहता ह.ं

श्री बािा बच्चन - सदन र्ह जानना चाहता ह ैदक समाधान क्र्ा हुआ ह.ै माननीर् संसदीर्

कार्य मंत्री जी ने अभी बोिा था दक खवनज मंत्री जी जिाब दनेा चाहते हैं. तो खवनज मंत्री का

जिाब आ जाने दीवजर्े. सदन का मेटर था समाधान क्र्ा हुआ. र्ह सदन भी जानना चाहता ह.ै

(..व्यिधान..)

डॉ.गौरीशंकर शेजिार - माननीर् अध्र्क्ष महोदर्,आपकी व्यिस्था के बाद इस तरीके से

व्यिधान करना र्ह उवचत नहीं ह.ै

श्री बािा बच्चन - क्र्ा व्यिधान ह.ै

श्री रामवनिास राित - क्र्ा उवचत ह ैक्र्ा अनुवचत ह ैक्र्ा आपसे पूछकर बोिेंगे.

(..व्यिधान..)

डॉ.गौरीशंकर शेजिार - आप आसवदी का अपमान कर रह ेहो.

श्री रामवनिास राित - (..व्यिधान..)क्र्ा आप चिाओगे सदन.

डॉ.गौरीशंकर शेजिार - आपको कोई अवधकार नहीं ह.ैआप आसवदी का अपमान कर रह ेहो

और आसवदी का अपमान करना वर्ार्संगत नहीं ह.ै बैठ जाईर्े आप.

श्री बािा बच्चन - हम आसवदी से मांग कर रह ेहैं इस सरकार से जिाब ददििाएं. िह सदन

का मेटर था. सरकार सदन को भ्रवमत कर रही ह.ै

श्रीमती ऊिा चौधरी - बािा बच्चन जी इनकी वनर्त नहीं ह ैजिाब देने की. दसूरा वििर्

आने दें.

श्री बािा बच्चन - समझौता क्र्ा हुआ ह ैिह सदन को बताना चाहता ह.ं

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12.46 बजे वनर्म 267-क के अधीन वििर्

अध्र्क्ष महोदर् - माननीर् सदस्र्ों की शूवर्काि की सूचनाएं पढी हुई मानी जार्ेंगी.

शूवर्काि में उल्िखे

एडव्होकेट सत्र्प्रकाश सखिार - माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, ग्िाविर्र में सरकार की शह

पर पुविस द्वारा दवित बवस्तर्ों में घुसकर बहन,बेरटर्ों के साथ अभर व्यिहार कर शराब के नशे में

घरों में घुसकर छेड़खानी की जा रही ह ैएिं जबरन मुकदमे िगाकर जेि में बंद करने की धमकी दी

जा रही ह.ै

अध्र्क्ष महोदर् - शूवर्काि समाप्त हो गर्ा. सखिार जी,

ए़व्होकेट सत्र्प्रकाश सखिार - इससे पूरे ग्िाविर्र वजिे में दवितों का उत्पीड़न हो रहा

ह,ै उनमें भर्ंकर रोि व्याप्त ह.ै

अध्र्क्ष महोदर् - सखिार जी कुछ पढकर नहीं बोि सकते. वसफय शूवर्काि की सूचनार्ें जो

विस्टेड होती हैं वसफय िही पढ सकते हैं.

ए़व्होकेट सत्र्प्रकाश सखिार - अध्र्क्ष महोदर्,इस पर जरूर चचाय करा िी जार्े.

अध्र्क्ष महोदर् - ठीक ह ैआपकी बात आ गई. आप बैठ जाईर्े.

(..व्यिधान..)

12.47 बजे पत्रों का पटि पर रखा जाना

(1) मध्र्प्रदशे िेट वनर्म,2006 में संशोधन संबंधी िावणवज्र्क कर विभाग की अवधसूचना क्रमांक

एफ ए 3-18-2016-1-पांच(25) ददनांक 2 अप्रैि 2016 तथा, िावणवज्र्क कर विभाग की

अवधसूचना क्रमांक एफ ए-3-17-2016-1-पांच(22)ददनांक 31माचय,2016

िावणवज्र्क कर मंत्री(श्री जर्ंत मिैर्ा) - अध्र्क्ष महोदर्, मैं, मध्र्प्रदशे िेट

अवधवनर्म,2002(क्रमांक 20 सन 2002) की धारा 71 की उपधारा(5) की अपेक्षानुसार

मध्र्प्रदशे िेट वनर्म,2006 में संशोधन संबंधी िावणवज्र्क कर विभाग की अवधसूचना क्रमांक एफ

ए 3-18-2016-1-पांच(25) ददनांक 2 अप्रैि 2016 तथा,

मध्र्प्रदशे वििावसता,मनोरंजन,आमोद एिं विज्ञापन कर अवधवनर्म 2011(क्रमांक11

सन 2011) की धारा 13 की उपधारा(3) की अपेक्षानुसार

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िावणवज्र्क कर विभाग की अवधसूचना क्रमांक एफ ए-3-17-2016-1-पांच(22)ददनांक

31माचय,2016 पटि पर रखता ह.ं

(..व्यिधान..)

12.48बजे उपाध्र्क्ष महोदर्(डॉ.राजेवर कुमार ससहं) पीठासीन हुए.

12.49 बजे गभयगृह में प्रिशे

बहुजन समाज पाटी के समस्त सदस्र् एि ंइंवडर्न नशेनि कांग्रसे के सदस्र्गणों का प्रदशे में दवितों

पर हो रह ेअत्र्ाचार के विरोध में गभयगहृ में प्रिेश

(एडव्होकेट सत्र्प्रकाश सखिार के नेतृत्ि में बहुजन समाज पाटी के समस्त सदस्र् एि ं

इंवडर्न नेशनि कांग्रेस के सदस्र्गण प्रदशे में दवितों पर हो रह ेअत्र्ाचार के विरोध में गभयगृह में

आर्े तथा नारे िगार्े.)

(2) मध् र्प्रदशे राज् र् बीज एि ं फामय विकास वनगम का िार्ियक प्रवतिदेन एि ं िखे े

वित् तीर् ििय 2015 -2016

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(3) अपके्षानसुार ऊजाय विभाग की वनम न अवधसचूनाएं:-

(i) क्रमाकं 2493-एफ-3-02-2011-तेरह, ददनाकं 01 अप्रिै, 2016

(ii) क्रमाकं 03-02-2011-तेरह, ददनांक 14 जून, 2016

ख) (i) शहपुरा थमयि पॉिर कंपनी विवमटेड, जबिपुर का नौिा ंिार्ियक प्रवतिदेन

ििय 2014-2015, एि ं

(ii) मध् र्प्रदशे पवश्चम क्षेत्र विद्यतु वितरण कंपनी विवमटेड, इंदौर

का त्रर्ोदश िार्ियक प्रवतिदेन ददनाकं 31 माचय, 2015 को समाप त अिवध हते.ु

(ग) (i) क्रमांक 894- मप्रविवनआ - 2016, ददनाकं 30 मई 2016, एिं

(ii) क्रमाकं 900/2016, ददनाकं 31 मई, 2106

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(4) उद्योग और रोजगार विभाग की अवधसचूना क्रमांक एफ 16-18-

2015-बी-ग् र्ारह ददनाकं 11 माचय, 2016.

(5) एम.पी.स् टेट एग्रो इंडस् ट्रीज डवे् हिपमेंट कापोरेशन विवमटेड का 45 िा ं िार्ियक

प्रवतिदेन एिं िेख ेििय 2013 - 2014

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प्रभारी नेता प्रवतपक्ष (श्री बािा बच् चन) - माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, माननीर् सखिार

जी के द्वारा जो शूव र्काि में मामिा उठार्ा गर्ा ह ैदक ग् िाविर्र में पुविस दवित बवस्तर्ों में जाती

ह ैऔर अभ्रदता करती ह ै तथा िहां की मवहिाओं के साथ में भी छेड़खानी करती ह.ै माननीर्

उपाध् र्क्ष महोदर्, माननीर् सखिार जी ने शूव र्काि में मामिा उठार्ा ह,ै आपके संज्ञान में आ गर्ा

ह,ै इस पर कार्यिाही होनी चावहए. िहां की पुविस जो वनदोि िोगों के वखिाफ करती हैं, आप

इस पर ध् र्ान दें. (व् र्िधान..)

माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर् आपको इस पर व् र्िस् था दनेा चावहए. ग् िाविर्र वजिे की

पुविस बवस्तर्ों में जाती ह ैऔर िहां पर बदतमीजी करती है, आपको इस पर व् र्िस् था दनेा चावहए

और कार्यिाही करना चावहए दक दवितों के साथ में ऐसा न हो. (व् र्िधान)

डॉ. नरोत् तम वमश्र - (व् र्िधान)...कांग्रेस कभी भाजपा का, कभी बसपा का कांग्रेस वििर्

उठा रही ह.ै.... (व् र्िधान)...

श्री बािा बच् चन - माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, शराब के नशे में पुविस जाती ह,ै मारपीट

करती ह,ै छेड़छाड़ करती ह.ै.. (व् र्िधान)...दवितों का अपमान ह.ै र्ह सरकार की तानाशाही ह.ै

इस पर चचाय करानी चावहए.

उपाध् र्क्ष महोदर् - कि शूल् र्काि में िे िेंगे ... (व् र्िधान)...

(गभयगृह में उपवस्थत सदस् र्गण नारे िगात ेरह.े)

श्री बािा बच् चन - माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, ... (व् र्िधान)..र्ह सरकार की तानाशाही

ह,ै हम इसकी सनंदा करते हैं, दवितों का अपमान ह ैदवितों बवस्तर्ों में पुविस जाती ह ै छेड़छाड़

करती ह,ै शराब के नशे में दवितों को पीटती है, अपमावनत करती ह ैऔर उनके वखिाफ पुविस

थानों में एफ.आई.आर. कराती ह.ै र्ह बहुत सनंदनीर् ह.ै

उपाध् र्क्ष महोदर् - ध् र्ानाकियण की सूचनाऐं श्री जर्िधयन ससंह .

श्री बािा बच् चन - माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, विधानसभा की कार्यिाही को रोककर इस

पर चचाय कराई जार्े.

उपाध् र्क्ष महोदर् - कि शूव र्काि में िे विर्ा जार्ेगा.

श्री बािा बच् चन - माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, र्ह विधार्कों का अपमान भी ह,ै हमारे

द्वारा र्ह जो बात उठाई जा रही ह ै इसके ऊपर आसंदी कोई संज्ञान िे. सरकार से कार्यिाही

करिार्ें.

उपाध् र्क्ष महोदर् - श्री बािा बच् चन जी इस वििर् का पटाके्षप हो गर्ा.

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

श्री बािा बच् चन - र्ह दवितों का अपमान ह,ै शराब पीकर पुविस जाती ह,ै िहां की

मवहिाओं के साथ छेड़छाड़ करती ह.ै

उपाध् र्क्ष महोदर् - कि शूव र्काि में उनकी सूचना िे िी जार्ेगी. समाधान हो गर्ा ह ै

दफर क् र्ों खड़ ेहोकर बोि रह ेहैं. (व् र्िधान)

श्री बािा बच् चन - ठीक ह.ै अगर आपने शूव र्काि की चचाय िे िी और इसमें अगर आप

कार्यिाही करिा रह ेह,ै तो इस पर हमारा धव र्िाद.

उपाध् र्क्ष महोदर् - श्री जर्िधयन ससंह का ध् र्ानाकियण आने दीवजए.

श्री रामवनिास राित - इस वििर् को शूव र्काि में िेने की आपने कृपा की ह.ै. ध् र्ानाकियण

में िे िें तो कृपा होगी.

उपाध् र्क्ष महोदर् - नहीं कि शूव र्काि में िे िेंगे.

श्री रामवनिास राित - र्ह ध् र्ानाकियण का वििर् ह.ै दवितों पर अत् र्ाचार ध् र्ानाकियण

का वििर् ह.ै

उपाध् र्क्ष महोदर् - नहीं. अब िह संतुष् ट हो गर्े हैं. र्ह बेगानी शादी में अब् दलु् िा दीिाना

समझ नहीं आ रहा ह ैबार-बार. इधर से भी उठते हैं, उधर से भी उठते हैं, बैठ जाईर्े.

श्रीमती ऊिा चौधरी - माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, सदन में दवितों के साथ बहुत अत् र्ाचार

हो रहा ह.ै (व् र्िधान) ....

श्रीमती शीिा त् र्ागी - (व् र्िधान) ....अव र्ार् हो रहा ह,ै रात को दारू पी-पी कर 25-25

िोग जाकर बवस्तर्ों में जाकर अत् र्ाचार करते हैं, बहुत अश िीि हरकतें करते ह.ै..... (व् र्िधान)

....

उपाध् र्क्ष महोदर् - बैठ जाईर्े. उनका ध् र्ानाकियण आने दीवजए.

श्रीमती शीिा त् र्ागी - आप र्ह असत् र् कह रह ेहैं दक हम िोग संतुष् ट हो गर्े हैं. हम िोग

संतुष् ट नहीं ह.ै

उपाध् र्क्ष महोदर् - श्री सत् र्प्रकाश सखिार जी संतुष् ट हैं, कि िे विर्ा जार्ेगा उनका.

वजतू पटिारी जी बैठ जार्े. आप सदन नहीं चिने दनेा चाह रह ेहैं क् र्ा ? (व् र्िधान) ....

श्रीमती शीिा त् र्ागी - (व् र्िधान) ....20 से 25 िोग जा जाकर बवच्चर्ों और मवहिाओं के

साथ अश िीि हरकतें करते हैं इससे गंभीर मामिा क् र्ा हो सकता ह.ै

उपाध् र्क्ष महोदर् - शीिा जी बैठ जार्े. वजतू पटिारी जी बैठ जार्े. उनका ध् र्ानाकियण

आने दीवजए महत् िपूणय वििर् ह.ै

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श्रीमती ऊिा चौधरी - (व् र्िधान) ....उन पुविस िािों पर कार्यिाही होना चावहए.

उपाध् र्क्ष महोदर् - कि सूचनाओं में िे विर्ा जार्ेगा.

श्रीमती ऊिा चौधरी - (व् र्िधान) ... संसदीर् कार्य मंत्री जी दवितों का मुद्दा उठता ह ैतो

मजाक उड़ातें हैं, इनको शमय आना चावहए.

उपाध् र्क्ष महोदर् - नहीं-नहीं मजाक नहीं उड़ा रह ेहैं. (व् र्िधान) ...

एडव्होकेट सत्र्प्रकाश सखिार--उपाध्र्क्ष महोदर्, माननीर् मंत्रीजी मजाक उड़ाते हैं र्ह

बड़ी शमय की बात ह.ै जब सदन में दवितों के, मवहिाओं के अवधकारों की बात कही जाती ह ैतब

माननीर् मंत्रीजी को गंभीरता से उस मसिे को वनपटाना चावहए.

उपाध्र्क्ष महोदर्-- सखिार जी, ऐसी कोई बात नहीं ह.ै बैठ जार्ें. आपकी शूवर्काि की

सूचना कि िे िी जाएगी.(व्यिधान)

श्री वजतू पटिारी-- उपाध्र्क्षजी, तहसीिदार ने एक व्यवक्त को कह ददर्ा दक तू जहर खा िे

तो उसने जहर खा विर्ा. सरकारी तंत्र में र्ह बहुत महत्िपूणय ह.ै (व्यिधान) विददशा का कुशिाह

नामक व्यवक्त को तहसीिदार ने कहा दक तू जहर खा िे, उसने जहर खा विर्ा. (व्यिधान)

उपाध्र्क्ष महोदर्-- श्री वजतू पटिारी जो बोि रह ेहैं, उनका कुछ नहीं विखा जाएगा.

श्री वजतू पटिारी-- (XXX)

उपाध्र्क्ष महोदर्-- ऊिा जी, हम खड़ ेहैं अब आप बैठ जाईर्े. आसंदी की मर्ायदा रवखर्े.

बैठ जार्ें.

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12.56 बज े ध्र्ानाकियण

प्रदशे में कृिकों स ेपर्ाज खरीदी में अवनर्वमतता दकर् ेजान.े

श्री जर्िद्धयन ससंह (राघोगढ)-- उपाध्र्क्ष महोदर्,

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राज् र्मंत्री सहकाररता( श्री विश िास सारंग)-

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श्री जर्िद्वयन ससंह- माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, आदरणीर् मंत्री जी र्ुिा मंत्री हैं और पहिी

बार शार्द ध् र्ानाकियण का उत् तर द ेरह ेहैं । मेरे चार प्रश न हैं और मुझे उम मीद ह ै दक मेरे चारों

प्रश नों का उत् तर वमिेगा ।

उपाध् र्क्ष महोदर्- चार प्रश न पूछने का वनर्म नहीं ह ै। आप उसको जोड़ िीवजए । वनर्म

एक का ह ैहम अवधकतम दो प्रश न की अनुमवत द ेसकते हैं ।

श्री जर्िद्वयन ससंह- माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, अभी भी एक करोड़ 75 िाख की रावश

का ब् र्ािरा में अभी भुगतान नहीं हुआ ह ै। ितयमान में अभी तक एक िाख मेरट्रक टन में 62 करोड़

की खरीदी की गई ह ै र्ह पहिे पृष् ठ पर विखा ह ै दसूरे पृष् ठ पर र्ह विखा ह ै दक जो भुगतान

दकसानों को हुआ ह ैिह मात्र 23 करोड़ का ह ैबाकी जो 40 करोड़ की रावश ह ैिह कहां गई ह ैऔर

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अगर इतना भुगतान बाकी ह ैिेदकन जो अनुपूरक बजट ह ैउसमें वसफय 15 करोड का उल् िेख ह ैतो

र्ह पूरी रावश जो अवतररक् त अभी शेि ह ैिह कहां से बांटी जाएगी, कैसे बांटी जाएगी ? अंवतम

प्रश न मेरा र्ह ह ैदक जो प र्ाज खरीदी गई थी उसकी वस्थवत क् र्ा ह ै? मुझे जानकारी वमिी ह ैदक

िह पूरी सड़ चुकी ह ै। माननीर् मंत्री जी उत् तर दें दक जो प र्ाज खरीदा गर्ा था उसकी क् र्ा वस्थवत

ह ै? दकतना सड़ चुका ह ै? दकतना अभी भी ठीक ह ै? र्ह व् र्िस् था मौके पर की गई थी िेदकन

भविष् र् के विए जब पूरे माििा के्षत्र में प र्ाज का इतना उत् पादन बढ रहा ह ैऔर िाकई में अगर

दकसान के पास स् टोरेज सुविधा होगी तों र्ह स् िाभाविक ह ैदक जब सप िाई ज् र्ादा होती ह ैतो दाम

घटता ह ैिेदकन जब सप िाई कम होगी तो दाम बढेगा तो अपने पास र्दद स् टोरेज की सुविधा होगी

तो उसके माध् र्म से जब दाम ज् र्ादा होगा उसका सीधा िाभ दकसान को वमि सकेगा । उसके विए

ब् िाक स् तर पर सुविधा वमिना चावहए, ऐसी बुवनर्ादी व् र्िस् था होनी चावहए उसके विए मंत्री जी

की क् र्ा प िासनंग ह ै?

श्री विश िास सारंग- माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, विधार्क साथी ने जो प्रश न पूछे हैं उसमें

उव होंने पहिा प्रश न दकर्ा ह ै दक उनके विधानसभा के्षत्र में िगभग 1 करोड़ 72 िाख रूपर्ा का

अभी भुगतान नहीं हुआ ह ै। उव होंने र्ह भी वजक्र दकर्ा दक पहिे पृष् ठ पर कुछ उत् तर ह ैऔर दसूरे

पृष् ठ पर दसूरा उत् तर ह ै। मुझे िगता ह ैदक उव होंने पूरा उत् तर नहीं पढा उसमें विखा हुआ ह ैदक

अभी 23 करोड़ का भुगतान हुआ ह ैबाकी भुगतान की प्रदक्रर्ा चि रही ह ै।

माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, आरटीजीएस के माध् र्म से भुगतान होना ह ैकहीं कहीं जहां

दकसानों के बैंक खातों की जानकारी रह गई ह ैतो िह एकवत्रत करके र्ह प्रदक्रर्ा चि रही ह ैऔर मैं

सदन में बताना चाहता ह ंदक इस सप ताह तक रावश का भुगतान पूरी तरह से सुवनवश्चत कर ददर्ा

जाएगा, मैं र्ह सदन में बोिना चाहता ह ंदसूरा विधार्क जी ने पूछा ह ैदक जो 40 िाख रूपए शेि

रह गए हैं मैं बताना चाहता ह ंदक 15 करोड़ की रावश राज् र् शासन द्वारा दी गई और बाकी रावश

की प्रवतपूर्तय िोन से की जाएगी इसविए उसका दकसी बजट में प्रािधान र्ा ददखाने का कोई

औवचत् र् नहीं था िह िोन भी हमको वमि चुका ह ैऔर उसके माध् र्म से हम इस रावश का भुगतान

करेंगे । तीसरा जो माननीर् विधार्क जी ने प्रश न दकर्ा ह ैदक दकतनी प र्ाज सड़ चुकी ह.ै माननीर्

उपाध् र्क्ष महोदर्, मैं बताना चाहता ह ंदक सही मार्ने में मुझे ऐसा िगता ह ैदक सदन में इस बात

की कहीं न कहीं तारीफ होना चावहए क् र्ोंदक माननीर् मुख् र्मंत्री जी ने वजस प्रकार से मुख् र्मंत्री

बनने के बाद भारतीर् जनता पाटी की सरकार ने िगातार दकसान वहतैिी वनणयर् विए हैं उसी

वनणयर् में र्ह वनणयर् भी शावमि हुआ ह ैजब दशे में पहिी बार दकसानों को प र्ाज में ददक् कत पैदा

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हुई तो दकसानों के आसुओं को पोछने का काम भी वशिराज ससंह चौहान जी ने दकर्ा इसकी तारीफ

होनी चावहए । ( मेजों की थपथपाहट) मैं र्हां पर वनिेदन करना चाहता ह ं.......

उपाध् र्क्ष महोदर्- भविष् र् में भण् डारण की क् र्ा व् र्िस् था होगी ? र्ह और बता दें ।

श्री विश िास सारंग- माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, राष् ट्रीर् उद्यावनकी अनुसंधान एिं विकास

केव र, नावसक, जो दक राष् ट्रीर् स् तर की संस् था ह ैजो प र्ाज के पूरे भण् डारण को िेकर अध् र्र्न दकर्ा

ह ैउव होंने भी कहा ह ैदक 25 से 30 प्रवतशत र्दद अल् पािवध में हम इसका भण् डारण करते हैं तो

उसमें क्षरण होने की आशंका रहती ह.ै र्ह जानकारी प्रारंवभक जानकारी ह ै इसमें 10 से 12

प्रवतशत ही क्षरण हुआ ह,ै र्ह और बढ भी सकता ह ैक् र्ोंदक र्ह तो एक प्रदक्रर्ा ह ैप र्ाज की प्रिृवत

ऐसी ह ैदक उसमें क्षरण होना ह ैइसविए मैं विश िास ददिाना चाहता ह ं।

माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, एक बात का और मैं वजक्र करना चाहता ह ं। इस पूरी प्रदक्रर्ा

में मध्र्प्रदशे शासन के 3-3, 4-4 विभागों ने वमिकर काम दकर्ा ह ैऔर बहुत को-आर्डयनेशन से

काम दकर्ा ह.ै इसमें उद्यावनकी विभाग, सहकाररता विभाग, मंडी के माध्र्म से कृवि विभाग ने भी

काम दकर्ा ह.ै सभी विभागों के अवधकाररर्ों ने को-आर्डयनेशन से र्ह वस्थवत बहुत अच्छी की ह.ै

मुझे ऐसा िगता ह ै दक इसमें हम सबको वमिकर माननीर् मुख्र्मंत्री जी का अवभिादन करना

चावहए दक उवहोंने दकसान वहतैिी वनणयर् विर्ा ह.ै (मेजों की थपथपाहट)...

उपाध्र्क्ष महोदर् - भविष्र् में आपकी भण्डारण की क्र्ा व्यिस्था ह,ै र्ह भी बता दें?

क्र्ोंदक आपके पास पर्ाज के गोदाम नहीं थे, आपने जनरि गोदामों में भण्डारण दकर्ा ह.ै

श्री विश्वास सारंग - उपाध्र्क्ष महोदर्, जैसा उत्तर में भी आर्ा ह ैदक तकनीकी रूप से अभी

मध्र्प्रदशे में इस तरह के गोदाम नहीं हैं जो दक पर्ाज के भण्डारण के विए उपर्ुक्त हों, उद्यावनकी

विभाग ने एक र्ोजना बनाई ह ैऔर उस र्ोजना के तहत िह सवब्सडी दकेर ऐसे भण्डारों को आगे

बनाने के विए प्रोत्सावहत करने का काम करने िािे हैं.

श्री जर्िद्धयन ससंह - उपाध्र्क्ष महोदर्, माननीर् मंत्री जी को धवर्िाद करता ह ंदक उवहोंने

िगभग सभी उत्तर द ेददर्े हैं. िेदकन पहिा जो वबवद ुथा दक शेि रावश वजसके विए माननीर् मंत्री

जी ने कहा ह ैदक बजट में रावश आिंरटत हो गई ह.ै

उपाध्र्क्ष महोदर् - उवहोंने बजट में नहीं कहा ह,ै बैंकों से ऋण िेने की बात कही ह.ै

श्री जर्िद्धयन ससंह - उपाध्र्क्ष महोदर्, अनुपूरक बजट में 15 करोड़ रुपए का प्रािधान

दकर्ा ह ैऔर बाकी जो शेि रावश ह ैउसके विए उवहोंने कहा ह ैदक बैंक के ऋण के माध्र्म से उसको

आिंरटत करेंगे. िेदकन मुझे इस बात का संदहे ह ैदक िह पूरी 40 करोड़ रुपए की रावश दकसानों को

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इस हफ्ते के अंत तक वमि जाएगी, इसीविए अगर हो सके तो शुक्रिार तक एक आंकड़ा पूरा साफ

हो जार् तो उसके बारे में कह दें.

उपाध्र्क्ष महोदर् - उवहोंने आश्वासन ददर्ा ह ैदक एक हफ्ते में भुगतान हो जाएगा.

श्री जर्िद्धयन ससंह - अगर िह विधान सभा में प्रस्तुत हो सके?

उपाध्र्क्ष महोदर् - आपकी समस्र्ा का पूरा समाधान हो गर्ा ह ैऔर माकेट इंटरिेंशन

पर्ाज के मामिे में पहिी बार हुआ ह,ै र्ह बात भी सही ह.ै

श्री सत्र्पाि ससंह वसकरिार - पर्ाज खरीदी के विए सरकार को बधाई तो द ेदें, पहिी बार

र्ह वनणयर् हुआ ह.ै

श्री जर्िद्धयन ससंह - उपाध्र्क्ष महोदर्, अगर अच्छे िेर्र हाऊसेस होते तो और अच्छी

कीमत वमिती. 10-15 रुपए बढे हुए वमिते. आपके के्षत्र का मुद्दा था आपने नहीं उठार्ा. मैं इसे

उठा रहा ह.ं

श्री अमर ससंह र्ादि - बहुत अच्छे से पर्ाज की खरीदी हुई ह,ै जहां तक दकसानों की बात ह ै

तो कोई रोि नहीं ह.ै

श्री मनोज वनभयर् ससंह पटेि - आपको सरकार को इतना धवर्िाद दनेा चावहए दक दकसान

पर्ाज को सड़कों पर फें क रहा था, पहिी र्ह संिेदनशीि सरकार ह,ै दकसानों के वहतैिी मुख्र्मंत्री

हैं, वजवहोंने पर्ाज को खरीदा.

उपाध्र्क्ष महोदर् - आप बैठ जाइए. र्ह बात मैंने आसंदी से कह दी ह.ै

श्री रामवनिास राित (विजर्पुर) - उपाध्र्क्ष महोदर्, सभी सदस्र्ों ने कहा और माननीर्

मंत्री जी ने भी काफी िंबा चौड़ा भािण ददर्ा. दकसानों के वहतों के संरक्षण के विए मुख्र्मंत्री जी ने

पर्ाज खरीदने का वनणयर् विर्ा, वबल्कुि धवर्िाद के कावबि ह.ै हम भी कह रह ेहैं धवर्िाद के

कावबि ह.ै िेदकन मेरा र्ह वनिेदन ह,ै मंत्री जी ने जिाब ददर्ा ह ैदक पूरे प्रदशे में 1 िाख 4 हजार

26 मीरट्रक टन पर्ाज जून में खरीदी गई. 4 जून से िेकर 23 जून तक आपने पर्ाज खरीदी ह.ै र्ह

वस्थवत कब बनी? जब प्रदशे में पर्ाज का बमपर उत्पादन हुआ. कम से कम 12 िाख से अवधक

मीरट्रक टन पर्ाज का प्रदशे में उत्पादन हुआ ह.ै उस उत्पादन के बाद जब दकसान मंवडर्ों में फसि

िे जाने िगे, िह मंवडर्ों में वबकी नहीं. िह 50-60 पैसे दकिो वबक रही थी, तब िे उसको फें कने

िगे. हमारा कहना था दक आपने बतार्ा ह ैदक दकसानों में आक्रोश नहीं ह.ै मेरा आरोप ह ैदक आपने

पर्ाज के बमपर उत्पादन में 10 प्रवतशत की खरीदी का भी काम नहीं दकर्ा ह.ै

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

उपाध्र्क्ष महोदर्, मेरा सीधा-सा प्रश्न ह ै दक प्रदशे में पर्ाज का उत्पादन दकतना दकर्ा ह ै

और आपका र्ह उत्तर सदन के पटि पर भी रहगेा, र्ह आपके आर्थयक सिेक्षण में भी आता ह,ै

इसका उत्तर आप मंत्री जी सोच-समझकर देना. इसे मंत्री जी नोट करते जार्ं दक दकतना उत्पादन

हुआ और उत्पादन के दकतने प्रवतशत में खरीदी की गई? दसूरा, माननीर् मंत्री जी आपके पास

भण्डारण की क्र्ा व्यिस्था थी, आसंदी ने भण्डारण की बात की. मेरा र्ह वनिेदन ह ैदक वजस समर्

दकसान की पर्ाज का रेट कम था, उस समर् सरकार ने पर्ाज खरीदने का वनणयर् विर्ा. आपने

भण्डारण दकर्ा, भण्डारण के बाद पर्ाज सड़ने िगी, गिने िगी और आज आपने बेचने का काम

दकर्ा ह.ै प र्ाज बेचने का काम दकर्ा ह ैसरकार प र्ाज भी बेचने का काम कर रही ह.ै आपने दो बार

टेण् डर बुिाए. नंबर एक र्ह इ सविए बुिाए और इसविए प र्ाज खरीदी दक दकसानों को उवचत

भाि वमि सके. मैं एक बात सीधी सी जानना चाहता ह ू ,ं सभी सदस् र्ों से भी पूछना चाहता ह ू ंजो

धव र्िाद द ेरह ेथे दक माकेट में आज दकसान की अच् छी प र्ाज का भाि क् र्ा ह.ै 9 रूपर्े दकिो ह,ै

10 रूपर्े दकिो ह ैअगर दकसान की अच् छी क् िॉविटी की प र्ाज ह ैतो आप दकतने रूपर्े में बेच रहो

हो, 60 पैसे से िेकर 3 रूपर्े 62 पैसे में बेचने का काम कर रह ेहो. अभी तक दकतनी प र्ाज बेची ?

आपके टेण् डर में इतनी रेट आई ह,ै 4 रूपर्े दकिो आप माकेट में खुिे रूप में बेच रह े हो, खुिे

बाजार में बेच रह ेहो, अभी तक आपकी दकतनी प र्ाज वबकी और क् र्ा इस तरह आप माकेट रेट से

ितयमान में कम दर पर प र्ाज बेचकर दकसानों के साथ में अव र्ार् नहीं कर रह े ?

श्री मनोज वनभयर् ससंह पटेि -- माननीर् उपाध् र्क्ष जी, मेरा एक वनिेदन ह ैदक माननीर्

राित जी...

उपाध् र्क्ष महोदर् – आपके प्रश न आ गए ह.ै माननीर् मंत्री जी जिाब दें. मनोज जी आप बैठ

जाइए.

श्री रामवनिास राित – मनोज जी को जिाब दनेे दीवजए.

उपाध् र्क्ष महोदर् – नहीं मनोज जी आप जिाब नहीं देंगे. आप बैठ जाइए. आपको भ्रम हो

रहा ह.ै

श्री मनोज वनभयर् ससंह पटेि -- माननीर् उपाध् र्क्ष जी, मेरा वनिेदन ह ैदक आपने कहा दक

आज प र्ाज के क् र्ा भाि हैं ? खािी एक िाईन में बोिंूगा. अगर सरकार भंडारण नहीं करती तो

र्ह भाि भी नहीं वमिते....(व् र्िधान)

उपाध् र्क्ष् ाा महोदर् – मनोज जी, मंत्री जी जिाब द ेरह ेह.ै आप बैठ जाइए.

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

श्री रामवनिास राित -- तुम हारे वपताजी सदन में दकसानों के विए बहुत िड़ते थे, उनका

तो सम मान करो. थोड़ी बहुत दकसानों के विए पीड़ा जगाओ.

उपाध् र्क्ष महोदर् -- र्ह क् र्ा ह ै? मनोज जी, आप बैठ जाइए. (व् र्िधान)

श्री विश िास सारंग -- माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, आदरणीर् राित जी ने थोड़ा मुझे

िगता ह ैदक कुछ भ्रामक जानकारी उनको वमिी ह ैकहीं भी उत् तर में र्ह नहीं विखा ह ैदक टेण् डर में

जो रेट आर्ा ह ैउसके वहसाब से 6 पैसे और 3 रूपर्े 62 पैसे तक..

श्री रामवनिास राित -- माननीर् उपाध् र्क्ष जी, क्रर् विक्रर् के विर्े पारदशी व् र्िस् था के

अंतगयत दो बार टेण् डर आमंवत्रत दकए गए.

उपाध् र्क्ष महोदर् -- राित जी, उनको जिाब दो देने दीवजए.

श्री रामवनिास राित -- दसूरी बार टेण् डर आमंवत्रत करने पर 60 पैसे प्रथम बार तो आर्ा

ही नहीं.

उपाध् र्क्ष महोदर् – बड़ी मुवशकि ह.ै उत् तर आने दीवजए.

श्री रामवनिास राित – माननीर् उपाध् र्क्ष जी, मैं उव हीं का उत् तर पढ रहा ह ू .ं

श्री विश िास सारंग – माननीर् उपाध् र्क्ष जी, मुझे बोिने ही नहीं द ेरह ेहैं.

श्री रामवनिास राित – 60 पैसे से िेकर 3 रूपर्े 16 पैसे प्रवत दकिो के भाि से प्राप त हुए.

उपाध् र्क्ष महोदर् – र्ह टेण् डर रेट्स की बात कर रह ेहैं. आप बैठ जाइए. ठीक तो ह.ै िह

बेच दकतने में रह ेहैं र्ह भी तो आप सुन िीवजए.

श्री शंकरिाि वतिारी -- माननीर् उपाध् र्क्ष जी, मेरे माइक की िाि बत् ती नहीं जिा

करती ह.ै राित जी जो विघ् न पैदा कर रह ेहैं, माननीर् वशिराज ससंह जी के इतने ऐवतहावसक

वनणयर् पर दकसानों की तत् काि प र्ाज खरीदी जाए. उसमें जो विघ् न पैदा कर रह ेहैं उसमें मैं इनको

धव र्िाद दतेा ह ू .ं

उपाध् र्क्ष महोदर् -- ठीक ह ैआप बैठ जाइए. आपने धव र्िाद द ेददर्ा, आप बैठ जाइए.

श्री रामवनिास राित -- आप मंत्री तो बन जाओ, मैं और विघ् न पैदा कर दूगंा, तुम मंत्री तो

बन जाओ. तुम हारा नंबर नहीं िगने िािा. सात साि में बाहर चिे जाओगे.

उपाध् र्क्ष महोदर् -- राित जी, दसूरा ध् र्ानाकियण भी ह ैिह भी महत् िपूणय ह.ै

श्री विश िास सारंग -- माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, जो उत् तर में विखा ह ै इसमें हम 4

रूपर्े दकिों ही प र्ाज का विक्रर् कर रह ेहैं 3 रूपर्े 62 पैसे का रेट आर्ा था उसको दवृष्टगत रखते

हुए 4 रूपर्े और माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर् मैं दफर वनिेदन करना चाहता ह ू ंदक...

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

श्री रामवनिास राित -- प र्ाज अभी तक दकतनी वबकी ?

उपाध् र्क्ष महोदर् -- आप जिाब तो िे िीवजए. आपने पूछा ह ैदकतनी प र्ाज वबकी.

श्री विश िास सारंग – माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, दो ददन में िगभग 7 हजार कवंटि प र्ाज

वबक चुकी ह.ै इसमें तो धव र्िाद दनेा चावहए. एक तरफ माननीर् वशिराज ससंह जी के वनणयर् से

दकसानों का फार्दा हुआ.

श्री रामवनिास राित -- माकेट रेट क् र्ा ह ै? अभी तक दकसानों को नुकसान हो रहा ह.ै

प र्ाज सस् ता कर ददर्ा आपने. आपको दकस बात का धव र्िाद दें? (व् र्िधान)

उपाध् र्क्ष महोदर् -- राित जी, आप बैठ जाइए. अरे, उपभोक् ताओं को तो फार्दा द ेरह ेहैं.

आप क् र्ों वचव ता कर रह ेहैं. प र्ाज उव होंने पहिे दकसानों से ही खरीदी. (व् र्िधान)..

श्री जर्िद्धयन ससंह -- अध्र्क्ष महोदर् र्ह िैकवल्पक व्यिस्था थी...(व्यिधान)..

उपाध्र्क्ष महोदर् -- बाजार में जब रेट ज्र्ादा थे तब उवहोंने खरीदा ह ैऔर अब अगर बेच

रह े हैं तो उपभोक्ताओं का फार्दा हो रहा ह.ै.(व्यिधान).. माकेट इंटरिेंशन क्र्ा होता ह ै

बताइर्े...(व्यिधान)

श्री रामवनिास राित -- दकसानों को उनकी िागत का उवचत मूल्र् वमिना

चावहए...(व्यिधान)..

उपाध्र्क्ष महोदर् -- नहीं गित बात ह.ै..(व्यिधान)..

श्री रामवनिास राित --( X X X )

उपाध्र्क्ष महोदर् -- र्ह वनकाि दीवजर्े...(व्यिधान)...

डॉ नरोत्तम वमश्रा -- नहीं, र्ह आसंदी से बात करने का तरीका गित ह.ै(व्यिधान)..

उपाध्र्क्ष महोदर् -- नहीं, राित जी आप दकसी बात को समझ ही नहीं रह ेहैं. राित जी

आप इतने बुवद्धमान और होवशर्ार सदस्र् हैं समझें उस बात को..(व्यिधान)..

श्री रामवनिास राित -- मैं समझ रहा ह.ं.

उपाध्र्क्ष महोदर् -- जब डढे रूपर्े दकिो पर्ाज वबक रही थी तब उवहोंने 6 रूपर्े दकिो

खरीदी ह ैतो उससे दकसको फार्दा हुआ ह ै?..(व्यिधान)...

श्री रामवनिास राित -- िेदकन वजन दकसानों की पर्ाज नहीं खरीदी गई ह ैउनको िाभ

वमिना चावहए..(व्यिधान)..

उपाध्र्क्ष महोदर् -- अब तो र्ह वचत हम जीते, पट तुम हारे र्ह बात करेंगे हमेशा, र्ह भी

बात गित ह.ै..(व्यिधान)..

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

श्री रामवनिास राित.. --( X X X )

उपाध्र्क्ष महोदर् -- राित जी जो कह रह ेहैं िह नहीं विखा जार्ेगा.. ( व्यिधान).. नहीं

दकसी की बात नहीं..मंत्री जी का जिाब पूरा आ जाने दें. आप मंत्री जी का पूरा जिाब िेना चाहते

हैं र्ा नहीं ?..(व्यिधान)..

श्री विश्वास सारंग -- उपाध्र्क्ष महोदर् आपने वबल्कुि सही कहा ह ैदक एक तरफ तो इस

वनणयर् से उन दकसानों को वजनकी पर्ाज एक से डेढ रूपर्े दकिो में वबक रही थी 6 रूपर्े दकिो में

खरीदकर सरकार ने दकसानों का वहत दकर्ा ह,ै उसके बाद में4 रूपर्े दकिो में बेचकर उपभोक्ताओं

को िाभ दनेे का प्रर्ास दकर्ा गर्ा ह.ै र्ह तो सरकार का बहुत ही उपर्ोगी और अच्छा वनणयर् ह.ै

इ सके विए तो आपको सरकार की तारीफ करना चावहए.

श्री रामवनिास राित -- वजन दकसानों के पास में पर्ाज का भण्डारण ह ैउनके साथ में तो

अवर्ार् हो रहा ह.ै...(व्यिधान)... आप उनके साथ में क्र्ों अवर्ार् कर रह ेहैं..(व्यिधान). माकेट में

दकतना रेट ह ैर्ह बता दें..(व्यिधान)..

उपाध्र्क्ष महोदर् -- दकतना उत्पादन हुआ ह ै र्ह नहीं आर्ा ह.ै..(व्यिधान)..र्ह कोई

जबरदस्ती ह,ै इस तरह से नहीं चिेगा ?

श्री रामवनिास राित --- उपाध्र्क्ष महोदर् हम अपनी बात कहेंगे, दकसानों के साथ में

अवर्ार् कर रही ह ैसरकार.

उपाध्र्क्ष महोदर् -- नहीं, ऐसा नहीं. जब हम अनुमवत दें तब आप अपनी बात कहेंगे ऐसा

नहीं ह.ै..(व्यिधान).. इनका एक प्रश्न अनुत्तररत ह ै दक दकतना उत्पादन हुआ ह ै र्ह बता

दें...(व्यिधान)..

श्री बािा बच्चन -- उपाध्र्क्ष महोदर् जो मई जून में दकसानों का पर्ाज खरीदा गर्ा ह.ै िह

मई जून का भुगतान अभी तक सरकार ने नहीं दकर्ा ह,ै..(व्यिधान).

उपाध्र्क्ष महोदर् -- बािा बच्चन जी आपने मंत्री जी का स्टेटमेंट नहीं सुना, उवहोंने कहा है

दक एक हफ्त ेमें भुगतान कर देंगे...(व्यिधान)..

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

बवहगयमन

सरकार द्वारा दकसानों को पर्ाज का भगुतान नहीं दकर्े जान े इवण्डर्न नशे्नि कागं्रसे के सदस्र्गण

द्वारा सदन स ेबवहगयमन

श्री बािा बच्चन -- सरकार पूरी बातों का जिाब नहीं द ेपा रही ह.ै.(व्यिधान).. पुराना

पर्ाज का भुगतान नहीं कर पा रही ह,ै हमारे प्रश्नों का जिाब नहीं द ेपा रही ह,ै हम सदन से इसके

विए बवहगयमन करते हैं.

( प्रभारी नेता प्रवतपक्ष श्री बािा बच्चन के नेतृत्ि में इ.ने.कां. के सदस्र्गण द्वारा सरकार

द्वारा दकसानों को पर्ाज का भुगतान नहीं दकए जाने के विरोध में सदन से बवहगयमन दकर्ा)

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नीमच एि ंजबिपरु के केवटोनमेंट क्षेत्र में शासन की र्ोजनाओं का िाभ न वमिना

श्री ददिीप ससंह पररहार ( नीमच ) --

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नगरीर् विकास एिं आिास मंत्री (श्रीमती मार्ा ससंह) -- माननीर् उपाध् र्क्ष जी,

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श्री ददिीप ससंह पररहार-- माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्,िगभग 15 हजार मकान बंगिा

बगीचा के्षत्र में हैं और िगभग 40 से 45 हजार िोग िहााँ वनिास करते हैं.

उपाध्र्क्ष महोदर्-- कार्यसूची के पद 7(1) में उल्िेवखत कार्य पूणय होने तक सदन के समर्

में िृवद्ध की जार्. मैं समझता ह ंसदन इससे सहमत हैं.

(सदन द्वारा सहमवत प्रदान की गई)

श्री र्शपाि ससंह वससोददर्ा-- माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, ददिीप ससंह पररहार जी

माननीर् मंत्री महोदर्ा से कुछ आश्वासन चाहेंगे. आज सदन में भाभीजी श्रीमती पररहार भी

विरावजत हैं, मैं मंत्री महोदर्ा से आग्रह करंूगा दक ददिीप ससंह जी का भािण बड़ ेगौर से आज

वमसेस पररहार सुन रही हैं.

श्री ददिीप ससंह पररहार--- माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, िगभग 40-45 हजार िोग िहााँ

वनिास करते हैं,िह िोग िहााँ पर मूिभूत सुविधार्ें जैसे वबजिी, पानी, भी प्राप्त नहीं कर पा रह े

हैं.

प्रभारी नेता प्रवतपक्ष(श्री बािा बच्चन)--- माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, आपने कार्यसूची के

पद 7(1) तक कार्य पूरा करने के विए बोिा ह,ै पद क्रमांक 7 में शासकीर् विवध वििर्क कार्य है?

उपाध्र्क्ष महोदर्--- हम चाहते हैं दक उसमें एक विधेर्क आ जार्े चूंदक माननीर् मंत्री जी

को ददल्िी जाना ह,ै उनके वपताजी अस्पताि में भती ह,ै इस कारण िहााँ तक की कार्यसूची का कार्य

िेंगे.

श्री ददिीप ससंह पररहार--- माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, मैं आपके माध्र्म से माननीर्

मंत्री जी से चाहगंा दक जो गरीब िोग िहााँ वनिास करते हैं र्दद उनको अपनी बेटी का वििाह

करना होता ह ैतो िह पिॉट बेचना चाहते हैं, वगरिी रखना चाहते हैं, िोन िेना चाहते हैं तो िह

कुछ भी नहीं कर पाते हैं और वबल्कुि नारकीर् जीिन जी रह ेहैं.र्ह समस्र्ा मैंने िगातार माननीर्

मुख्र्मंत्री जी के सामने उठाई,विधार्क दि में भी उठाई ह.ै माननीर् मुख्र्मंत्री जी ने र्ह

आश्वासन ददर्ा दक जो जहााँ ह,ै िहीं रहगेा. उनको वबजिी की,सड़कों की व्यिस्था दी जाएगी,

नािी की वनकासी की जाएगी मगर आज तक कोई व्यिस्था नहीं की गई ह.ै मैं मंत्री जी से इस प्रश्न

के माध्र्म से र्ही पूछना चाहता ह ं दक क्र्ा आप िहााँ वनमायण अनुमवत,रवजस्ट्री ि नामांतरण

इत्र्ादद ददर्े जाने का वनदेश देंगी? एक तो मेरा र्ह प्रश्न ह ैऔर जो िहााँ विस्थावपत ससंधी समाज के

िोग वनिास करते हैं उनको जो मकान ददर्े गर्े थे िह वबल्कुि क्षवतग्रस्त हैं, िहााँ पानी चूाँ रहा ह,ै

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

जनहावन तक हो गई ह.ै ना तो िह िहााँ वनमायण कर पाते हैं, ना अपना टेंट िगाकर िहााँ रह सकते

हैं तो कम से कम मानिीर् आधार पर मंत्री जी उनको अनुमवत दें.

उपाध्र्क्ष महोदर्--- आपका एक प्रश्न ह.ै

श्री ददिीप ससंह पररहार--- और भी प्रश्न हैं.

उपाध्र्क्ष महोदर्--- इसके बाद एक ही एिाऊ करेंगे.

श्री ददिीप ससंह पररहार--- मैं इसी में अपना प्रश्न कर िेता ह.ं माननीर् मंत्री महोदर्ा जी,

जो हमारी सवमवत बनी ह,ै उसकी भी बैठकें हुई हैं उसमें भी कुछ वनणयर् नहीं हुआ ह.ै जबिपुर

नगरपाविका में चोरी-छुपे नामांतरण दकर्े जा रह ेहैं. जो प्रभािशािी िोग हैं, उनके नामांतरण

दकर्े गर्े हैं तो वििाददत वस्थवत उत्पन्न हो रही ह ैऔर जो प्रभािशािी िोग हैं िह िोग वनमायण भी

कर रह े हैं, गरीब आदमी वनमायण नहीं कर पा रहा ह ै तो कहीं-न-कहीं जो वििाददत विक्रर्पत्र,

िसीर्त के आधार पर जो पूिय अवधकारी ने नामांतरण दकर्े हैं, जो िगभग 95.36 िगयमीटर भूवम

पर पररिद संकल्प 180.61, 3.1.2014 पर नामांतरण स्िीकृत दकर्ा गर्ा ह ैतो उस अवधकारी के

वखिाफ कार्यिाही की जाएगी वजसने र्ह दकर्ा ह.ै र्ा तो सबको समान अवधकार दें दक उनके

नामांतरण हो जाए उनको ऋण वमि जार्े, सरकार की र्ोजनाओं का िाभ वमि जाए वजससे दक

िह िोन िे सके अपना मकान बना सके.

श्रीमती मार्ा ससंह--- माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, सममाननीर् विधार्क जी ने जो बात

पूछी ह ैउस संबंध में मैं कहना चाहती ह ंदक माननीर् वित्तमंत्री जी की अध्र्क्षता में केवबनेट सब-

कमेटी बनाई गई और सवमवत ने 5 हजार िगय फीट तक के भूखंडों के व्यिस्थापन हतेु वनर्मों को 27

फरिरी 2016 की बैठक में सहमवत दी. वनर्मों में सिेक्षण,पात्रता ि व्यिस्थापन के बारे में विस्तृत

वनर्म ह.ै अतः विवध विभाग के अवभमत के बाद वनर्म िागू दकर्े जाने हैं और विवध विभाग ने

22.7.2016 की टीप में कहा ह ै दक वर्ार्ािर्ीन प्रकरणों पर अवभमत नहीं ददर्ा जा सकता

इसविए वर्ार्ािर्ीन प्रकरणों को छोड़कर अवर् भूवमर्ों पर र्ोजना िागू करने के विए पुनः

परीक्षण करने के विए विवध विभाग से अनुरोध दकर्ा जा रहा ह.ै

श्री ददिीप ससंह पररहार--- माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, वजन अवधकाररर्ों ने वििाददत

नामांतरण दकर्े हैं उनके वखिाफ तो कार्यिाही होना चावहए र्ा तो िह सबके नामांतरण

करें.माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, िसीर्त के आधार पर 3.1.2014 को कुछ नामांतरण हुए, जो

प्रभािशािी िोग हैं उनके नामांतरण हो गर्े हैं मेरा कहना ह ै दक दफर सबके नामांतरण होना

चावहए.

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

श्रीमती मार्ा ससंह- माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, मैं र्े कहना चाहती ह ंदक मंवत्रमंडि की

उपसवमवत का शीघ्र ही पुनगयठन कर बैठक हम आर्ोवजत करेंगे. आपने जो बात रखी है, उस पर

बैठक में अिश र् ध् र्ान देंगे. प्रारूप और वनर्मों पर कार्यिाही प्रचवित ह.ै बाकी की बातें हम उस

बैठक में रखेंगे.

श्री ददिीप ससंह पररहार- माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, मूिभूत सुविधार्ें- वबजिी, पानी,

सड़क की व् र्िस् था तो कम से कम हो जाए.

उपाध् र्क्ष महोदर्- कमेटी की बैठक में िे विचार करेंगे.

श्री ओमप्रकाश सखिेचा- एक सिाि र्ह ह ै दक वजव होंने गित नामांतरण कर ददए हैं,

उनके वखिाफ क् र्ा कार्यिाही होगी ?

श्री ददिीप ससंह पररहार- कम से कम उव हें मूिभूत सुविधार्ें तो वमि जार्ें.

उपाध् र्क्ष महोदर्- ददिीप ससंह जी आपकी बात आ गई ह.ै माननीर् मंत्री जी ने जिाब

ददर्ा ह.ै एक बात और उव होंने पूछी ह ै दक वजनके गित तरीके से नामांतरण हो गए हैं, उनके

वखिाफ आप क् र्ा कार्यिाही करेंगे ?

श्रीमती मार्ा ससंह- माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, क् र्ोंदक मंवत्रमंडि का पुनगयठन हुआ, इसी

िजह से सवमवत का पुनगयठन करके एक माह में उक् त प्रकार से सभी प्रकरणों को संज्ञान में िेकर

जल् दी से जल् दी वनणयर् दकर्ा जार्ेगा.

श्री ददिीप ससंह पररहार- बहुत- बहुत धव र्िाद मंत्री जी.

श्री महवे र ससंह कािूखेड़ा- उपाध् र्क्ष महोदर्, नीमच के बंगिा बगीचा की समस् र्ा बहुत

सािों से पेंसडगं थी. इस पर कई घोिणार्ें भी हुई. माननीर् मुख् र्मंत्री जी ने भी घोिणा की. सभी

जनप्रवतवनवध बहुत समर् से प्रर्ासशीि थे. आपने खेत एररर्ा में आिासीर् भिनों के नामांतरण की

अनुमवत द ेदी ह.ै िेदकन बंगिा बगीचा के आिासीर् भिनों के नामांतरण पर आपने रोक िगा रखी

ह.ै आप समर्-सीमा बतार्ें दक कब तक र्े रोक हटा िी जार्ेगी और मंवत्रमंडिीर् उपसवमवत इस

पर कब तक वनणयर् द ेदगेी और आप सभी समस् र्ाओं का समाधान कर देंगे ?

श्रीमती मार्ा ससंह- माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, माननीर् सदस् र् ने खेत और बगीचे के

बारे में जो बतार्ा ह,ै उस पर भी हम उपरोक् त सवमवत की बैठक में वनणयर् करेंगे. वजतने भी

वििाददत नामांतरण के मामिे हैं, जो वशकार्तें हैं उसके वनराकरण हतेु तो किेक् टर भी सक्षम हैं.

र्दद इस संबंध में विधार्क जी ने कोई विवखत वशकार्त किेक् टर को दी ह ैतो किेक् टर भी इसका

वनराकरण कर सकते हैं. महवे र ससंह जी ने जो बात कही ह,ै उसके पररपेक्ष् र् में मैं पुन: अपनी बात

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

दोहराना चाहती ह ंदक एक माह के भीतर ही कमेटी की बैठक में आपके द्वारा उठार्े गए सबंदओुं को

रखेंगे. इस संबंध में विवध विभाग का अवभमत भी चार ददन पहिे हमें प्राप त हो चुका ह.ै इन सबंदओुं

पर विचार करके सकारात् मक कदम हम शीघ्र ही उठार्ेंगे. मंवत्रमंडिीर् उपसवमवत में भी र्ह

मामिा रखा जाएगा.

उपाध् र्क्ष महोदर्- मंत्री महोदर्, किेक् टरों को आप शासन स् तर से वनदशे दे दीवजए तादक

िे ऐसे प्रकरणों का वनराकरण कर सकें .

श्रीमती मार्ा ससंह- जी, माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्.

श्री महवे र ससंह कािूखेड़ा- पचास सािों से र्े समस् र्ा ह,ै आप कुछ समर्-सीमा बता

दीवजर्े दक कब तक इसका समाधान होगा ?

श्रीमती मार्ा ससंह- माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, हमारे मंवत्रमंडि का पुनगयठन हुआ ह.ै

पहिे कमेरटर्ां बनी थी, अभी विभागों में भी बदिाि हुआ ह.ै उस दवृष् ट से हम सवमवत का पुनगयठन

करके एक माह के अंदर बैठक में आपने जो बातें हमारे संज्ञान में िाई हैं, जो सबंद ुसदन में रखे हैं,

उस पर सकारात् मक चचाय करके शीघ्र हि वनकािेंगे.

श्री अशोक रोहाणी- माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, जो समस् र्ार्ें माननीर् पररहार जी ने

सदन में रखी हैं. िे िगभग सभी कैव टोंमेंट बोडय में व् र्ाप त हैं. मेरे के्षत्र में भी बगीचों को हटाने के

विए कैं टोंमेंट बोडय प्रर्ास करता ह.ै िगभग तीन सौ एकड़ की जमीन राज् र् शासन ने कैं टोंमेंट बोडय

को दी थी. उसके बदिे एक सौ वतरेपन एकड़ की जमीन पर बगीचािासी वनिासरत हैं. अदिा-

बदिी का र्ह प्रस् ताि कें र सरकार के पास प्रस् तावित ह.ै मेरा वनिेदन ह ैदक शीघ्र ही केवर सरकार

से जो अदिा-बदिी का प्रस्ताि ह ैिह पास करार्ा जाए. दसूरा शासन की र्ोजनाओं के िाभ के

विए जो मेरे पास उत्तर आर्ा ह ैउसमें किेक्टोरेट में जो शासन की र्ोजनाएाँ संचावित होती हैं िह

तो कें टोनमेंट बोडय को वमिती हैं िेदकन नगर पाविक वनगम से संचावित र्ोजनाओं का िाभ

कें टोनेमेंट बोडय के वनिावसर्ों को नहीं वमिता ह.ै हमारे जबिपुर में कें टोनेमेंट बोडय में िगभग

पचास हजार िोग वनिास करते हैं. मेरा माननीर् मंत्री जी से वनिेदन ह ैदक उनके विए अिग से

कोई एक व्यिस्था करें तादक िे िोग न भटकें .

श्रीमती मार्ा ससंह-- माननीर् उपाध्र्क्ष जी, विधार्क जी ने जो बात उठाई ह ैमैं उनको

बताना चाहती हाँ दक नगर पाविका वनगम, जबिपुर द्वारा वसटी वमशन मैनेजमेंट सेि गरठत दकर्ा

गर्ा ह,ै जो दक कें टोनेमेंट बोडय की शासकीर् र्ोजनाओं के प्रभारी अवधकाररर्ों के साथ समविर्

स्थावपत करके कें ट के्षत्र के नागररकों को र्ोजनाओं का िाभ प्रदान करें.

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

उपाध्र्क्ष महोदर्-- पर माननीर् सदस्र् का कहना र्ह ह ैदक जो नगर पाविक वनगम की

र्ोजनाएाँ हैं उनका िाभ नहीं वमिता ह.ै कें ट के्षत्र के नागररकों को शासन की र्ोजनाओं का िाभ तो

वमिता ह,ै र्ह उनका कहना ह.ै

श्री अशोक रोहाणी-- उपाध्र्क्ष महोदर्, जो नगर पाविक वनगम संचावित करता ह ैउन

र्ोजनाओं का िाभ नहीं वमिता ह.ै वजिाध्र्क्ष कार्ायिर् से जो र्ोजनाएाँ संचावित होती हैं उनका

िाभ वमिता ह.ै

श्रीमती मार्ा ससंह-- माननीर् उपाध्र्क्ष जी, मैंने िही बात रखी दक नगर पाविका वनगम

जबिपुर द्वारा वसटी वमशन मैनेजमेंट सेि गरठत दकर्ा गर्ा ह ैऔर कें टोनेमेंट बोडय के शासकीर्

र्ोजनाओं के प्रभारी अवधकारी के साथ समविर् स्थावपत करके कें ट के्षत्र की वजतनी भी नागररकों

की र्ोजनाएाँ हैं उनका िाभ उवहें वमिे और कें टोनेमेंट बोडय के के्षत्र में सभी र्ोजनाओं का िाभ िोगों

को वमि रहा ह,ै र्ह भी ह ैऔर पूरक जानकारी में मैंने पहिे इस बात को रखा भी ह.ै

इंजीवनर्र प्रदीप िाररर्ा(नरर्ाििी)-- माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, जैसा दक माननीर्

मंत्री महोदर्ा ने बतार्ा ह ैदक एक सब कमेटी बना रह ेहैं और उसकी बैठक भी जल्दी कर रह ेहैं.

इसमें मेरा वसफय इतना ही आग्रह ह ैदक जो अभी रोहाणी जी कह रह ेथे, र्ह बात सही ह ैदक कई

शासकीर् र्ोजनाओं का िाभ वमिता ह ैऔर कई र्ोजनाओं का िाभ नहीं वमि रहा ह.ै एक बार

सब कमेटी में इसका परीक्षण हो जाए. दसूरा, मध्र्प्रदशे में तो पााँच छः कें टोनमेंट (छािनी) पररिद

हैं, पूरे दशे में भी अस्सी के ऊपर छािनी पररिद हैं. ददल्िी में और अवर् राज्र्ों में कें टोनमेंट के्षत्र के

विकास के विए ग्राण्ट वमिती ह ैऔर ददल्िी की राज्र् सरकार अपने बजट में िहााँ के विकास और

र्ोजनाओं के विए बजट का प्रािधान करती ह.ै क्र्ा र्ह सब कमेटी अवर् राज्र्ों का और ददल्िी का

परीक्षण कराकर जो िाभ िहााँ के रहिावसर्ों को वमि रहा ह ैर्ह मध्र्प्रदशे के कें टोनमेंट के्षत्र के

रहिावसर्ों को भी वमिेगा? माननीर् मंत्री जी से मैं उत्तर चाहाँगा.

श्रीमती मार्ा ससंह-- माननीर् उपाध्र्क्ष जी, मैंने पूिय में भी अपनी बात कही थी दक हम

इस उप सवमवत का शीघ्र गठन करके बैठक आर्ोवजत करेंगे और र्हााँ वजतने सममाननीर् विधार्कों

ने जो-जो सुझाि र्हााँ ददए हैं और अभी िाररर्ा जी ने जो बात कही ह ैउस बैठक में उन सारी बातों

को रख कर दफर वनणयर् करेंगे, वनर्म के अनुसार वनणयर् दकर्ा जाएगा.

श्री शैिेवर जैन-- माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, सेम मेरा प्रश्न था जो नहीं आ पार्ा ह.ै एक

प्रश्न करने की अनुमवत अध्र्क्ष महोदर् ने दी थी मेरे को...(व्यिधान)..

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इंजीवनर्र प्रदीप िाररर्ा-- उपाध्र्क्ष महोदर्, कें टोनमेंट के्षत्र के विकास के विए िहााँ कुछ

प्रािधान हैं...

उपाध्र्क्ष महोदर्-- माननीर् मंत्री जी, इनका स्पेवसदफक सुझाि ह ै दक दसूरे राज्र्ों में

कें टोनमेंट बोर्डसय में जो सुविधाएाँ वमि रही हैं क्र्ा उनका परीक्षण करके अपने र्हााँ िागू करेंगे?

श्रीमती मार्ा ससंह-- वबल्कुि हम इस पर ध्र्ान देंगे और परीक्षण करके जो उनके वहत में

कदम उठाए जा सकते हैं. वबल्कुि ध्र्ान रखेंगे..(व्यिधान)..

इंजीवनर्र प्रदीप िाररर्ा-- माननीर् मंत्री महोदर्ा, सरकार की वजतनी भी र्ोजनाएाँ हैं

उसका िाभ भी सुवनवश्चत कराएाँ.

श्रीमती मार्ा ससंह-- सरकार की बहुत सारी र्ोजनाओं का मैंने पूिय में अपना िक्तव्य आपके

सामने पढा, उसमें बतार्ा ह ैबहुत सारी र्ोजनाओं का िाभ िोगों को वमि रहा ह.ै

श्री अशोक रोहाणी-- उपाध्र्क्ष महोदर्, मेरे एक प्रश्न का उत्तर अभी नहीं आर्ा ह ैदक केवर

सरकार में जो प्रस्ताि गर्ा ह ैअदिा-बदिी का उसके विए प्रर्ास दकए जाएाँ. उसका उत्तर आ

जाए.

उपाध्र्क्ष महोदर्-- अब उवहोंने स्पष्ट कह ददर्ा ह ैदक सवमवत की बैठक में उन सब चीजों

को रखेंगे.

श्री अशोक रोहाणी-- मेरा बगीचों का प्रश्न ह ैऔर जो प्रस्ताि केवर सरकार को गर्ा ह ै

उसमें प्रर्ास दकए जाएाँ बस इतना मेरा वनिेदन ह.ै

उपाध्र्क्ष महोदर्-- मंत्री जी ने र्ही कहा ह ैदक बैठक में इन सब वबवदओुं को रखेंगे और

उसमें प्रर्ास करेंगे, उवहोंने अपने जिाब में कहा ह.ै

श्री तरूण भनोत(जबिपुर-पवश्चम)-- माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, आपको धवर्िाद दक

आपने बोिने के विए समर् ददर्ा. मैं माननीर् मंत्री महोदर्ा से वसफय र्ह जानना चाहता हाँ दक जो

कें टोनमेंट में आपने र्ह कहा दक हमने नोडि अवधकारी जो ह ैउससे र्ह कहा ह ैदक समविर् बना

कर काम करें. िह अिग बात हो गई. मैं पिाईंटेड र्ह पूछना चाहता हाँ दक क्र्ा रावश का प्रािधान

दकर्ा जाएगा? जो रावश अभी नगर वनगम को प्राप्त हुई ह.ैजो नगर वनगम के क्षेत्रों में खचय करन े के

विए ह.ै क्र्ा नगर वनगम के पास अिग से रावश उपिब्ध कराई जाएगी तादक िह रावश केवटोनमेंट क्षेत्रों में

व्यर् की जा सके. र्ा िह रावश कम करके केवटोनमेंट क्षेत्र में खचय की जाएगी.

श्रीमती मार्ा ससंह--माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, मैं माननीर् विधार्क जी की इस बात का बाद में

जिाब दूगंी क्र्ोंदक इस बारे में मुझे विस्तृत जानकारी नहीं ह ैविस्तृत जानकारी हावसि करके इस बात का

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जिाब दूगंी. िेदकन केवटोनमेंट क्षेत्र में प्रमुख सवचि और आर्ुक्त के द्वारा वहतग्रावहर्ों के िाभ के संबंध में

हम समीक्षा करेंगे और र्दद उवहें िाभ नहीं वमिा ह ैतो िाभ ददििार्ा जाएगा.

श्री तरुण भनोत--उपाध्र्क्ष महोदर्, अगर रावश का प्रािधान नहीं दकर्ा जाएगा तो आप

केवटोनमेंट में िाभ कैसे देंगे.

श्रीमती मार्ा ससंह--उस संबधं में दखेेंगे.

उपाध्र्क्ष महोदर्--मंत्री जी ने कहा ह ै आपको बाद में िे जानकारी द े देंगी अभी उनके पास

जानकारी नहीं ह.ै

श्री अशोक रोहाणी--उपाध्र्क्ष महोदर्, जो समविर् सवमवत बनाई गई ह ैउसने अपना कार्य करना

शुरु कर ददर्ा ह ैइसके विए मंत्री जी को बहुत-बहुत धवर्िाद.

श्री शैिेवर जैन--माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, छािनी पररिद की धारा-243 (सी) के तहत वजतन े

भी केवटोनमेंट बोडय हैं उनको नगर पाविका के समान दजाय दनेे का प्रािधान ह.ै क्र्ा र्ह िागू करेंगे ?

श्रीमती मार्ा ससंह--माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, सवमवत की जो बैठक होगी उस सवमवत की बैठक

में इन सब सबंदओुं पर हम विचार कर िेंगे और वनर्म के अनुसार वहत में जो भी कदम उठाए जा सकते हैं

िह उठाए जाएगंे. इस बात के विए र्हां पर सहमवत दनेा संभि नहीं ह.ै

1.47 बज े

प्रवतिदेनों की प्रस्तवुत

(1) सरकारी उपक्रमों संबंधी सवमवत का इक्र्ानिेिां से एक सौ एक िां प्रवतिेदन

श्री र्शपाि ससंह वससोददर्ा (सभापवत)--उपाध्र्क्ष महोदर्, मैं सरकारी उपक्रमों संबंधी सवमवत

का इक्र्ानिेिां से एक सौ एक िां प्रवतिेदन सदन में प्रस्तुत करता हाँ.

(2) प्रश्न एिं संदभय सवमवत का आठिां, नौिां, दसिां, ग्र्ारहिां, बारहिां, तेरहिां एिं चौदहिां प्रवतिेदन.

श्री अंचि सोनकर (सभापवत)-- उपाध्र्क्ष महोदर्, मैं, प्रश्न एिं संदभय सवमवत का आठिां, नौिां,

दसिां, ग्र्ारहिां, बारहिां, तेरहिां एिं चौदहिां प्रवतिेदन प्रस्तुत करता हाँ.

1.48 बज े

र्ावचकाओं की प्रस्तवुत

उपाध्र्क्ष महोदर्--आज की र्ावचकाए ंपढी हुई मानी जाएगंी.

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1.49 बज े

सवंिवहत सकंल्प

(क) मध्र्प्रदशे विधान सभा सदस्र् िेतन, भत्ता तथा पेंशन अवधवनर्म, 1972 (क्रमाकं 7 सन 1973) के

अधीन बनाए गए मध्र्प्रदशे विधान मंडि र्ात्रा भत्ता वनर्म, 1957 में दकए गए संशोधन संबंधी.

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1.50 बजे

(ख) मध् र्प्रदशे विधान सभा सदस् र्, ितेन भत् ता, तथा पेंशन अवधवनर्म, 1972

(क्रमाकं 7 सन 1973)

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1.52 बज े

(ग) मध् र्प्रदशे विधान सभा सदस् र् ितेन, भत् ता तथा पेंशन अवधवनर्म, 1972

(क्रमाकं 7 सन 1973)

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1.54 बज े शासकीर् विवध वििर्क कार्य

उपाध् र्क्ष महोदर्:- विधान सभा की कार्यिाही अपराह्न 3.30 बजे तक के विर्े स् थवगत.

(1.55 बज ेस े3.30 बजे तक अतंराि)

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3.37 बजे {अध्र्क्ष महोदर् (डॉ.सीतासरन शमाय) पीठासीन हुए.}

शासकीर् विवध वििर्क कार्य.

मध्र्प्रदशे वनजी विश्वविद्यािर् (स्थापना एि ंसंचािन) सशंोधन विधरे्क, 2016 (क्रमाकं 13 सन

2016)

उच्च वशक्षा मंत्री(श्री जर्भान ससंह पिैर्ा)--अध्र्क्ष महोदर्, मैं प्रस्ताि करता ह ं दक

मध्र्प्रदशे वनजी विश्वविद्यािर् (स्थापना एिं संचािन) संशोधन विधेर्क, 2016 पर विचार दकर्ा

जार्.

अध्र्क्ष महोदर्--प्रस्ताि प्रस्तुत हुआ दक मध्र्प्रदेश वनजी विश्वविद्यािर् (स्थापना एिं

संचािन) संशोधन विधेर्क, 2016 पर विचार दकर्ा जार्.

श्री मुकेश नार्क (पिई)--माननीर् अध्र्क्ष महोदर्, संशोधन विधेर्क सरकार ने सदन में

प्रस्तुत दकर्ा ह ैऔर संशोधन विधेर्क के पररपत्र में ही विख ददर्ा ह ैदक सदन चािू होने में समर्

था इसविर्े दो महीने पहिे इसका अध्र्ादशे जारी कर ददर्ा गर्ा. इस तरह से अध्र्ादशे को जारी

करने का कोई औवचत्र् नहीं था इसको सदन में ही रखकर इस अवधवनर्म में संशोधन विधेर्क िाने

की आिशर्कता थी और नर्े विश्वविद्यािर्ों की अनुमवत भी सदन में िाने की आिशर्कता थी. मैं

माननीर् मंत्री जी से आपके माध्र्म से र्ह कहना चाहता ह ंदक भविष्र् में कभी भी इस तरह के

संशोधनों की आिशर्कता हो तो विधान सभा का फोरम ही सबसे अच्छा होता ह ै उसके बाहर

अध्र्ादशे िाने की परमपरा हमें नहीं डािना चावहर्े. दसूरी बात में कहना चाहता ह ंदक पहिे से

ही मध्र्प्रदशे में 20 वनजी विश्वविद्यािर् काम कर रह ेथे आज 3 विश्वविद्यािर्ों को हमने अनुमवत

दनेे के विर्े प्रस्ताि सदन में रखा ह.ै इस तरह से मध्र्प्रदशे में 23 वनजी विश्वविद्यािर् हो जाएंगे.

सरकार ने र्ह कहा ह ै दक वनजी विश्वविद्यािर् का उद्देशर् र्ह ह ै दक ज्र्ादा से ज्र्ादा

रोजगारोवमुखी वशक्षा को प्रोत्सावहत करना एक समर्क और जनचेतना को वशक्षा के उद्देशर् में

इसको जोड़ना. वशक्षा का उद्देशर् व्यवक्त के जीिन में समझ और रोजगार दोनों में समविर् ह.ै वसफय

रोजगार ही वशक्षा द,े र्ह वशक्षा अधूरी ह ैऔर वशक्षा रोजगार न दे, र्ह वशक्षा भी अधूरी ह.ै इस

उद्देश र् से वशक्षा को समझ और रोजगार दोनों के समव िर् के साथ उसका प्रारूप तैर्ार करना होता

ह ैएिं वशक्षाविदों ने बार-बार इस बात को कहा ह.ै मैंने र्ह बात इसविए कही क् र्ोंदक मैं माननीर्

मंत्री महोदर् का ध् र्ान आकर्ियत करना चाहाँगा दक जब भी हम सदन में परंपराओं की श्रृंखिाओं को

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आगे बढाते हैं तो परंपरा क् र्ा रही ह ै इस पर विचार करना आिश र्क होता ह.ै मेरा उद्देश र् जब

आप तीन नर्े विश िविद्यािर्ों की स् थापना करने के विए आ रह ेहैं तो आप इस पर विचार करें दक

पहिे 20 वनजी विश िविद्यािर् जो मध् र्प्रदशे में आपने खोिे हैं. िे क् र्ा काम करते रह ेहैं ? उनकी

क् र्ा कार्य-प्रणािी रही ह ै? आपने विवनर्ामक आर्ोग का गठन दकर्ा. इस आर्ोग का र्ह उद्देश र्

था दक शासन के द्वारा वशक्षा के पररसर में जो वनधायररत मापदण् ड हैं, उनका आकिन करें और िे

मापदण् ड कोई भी आिेदक करता ह ै र्ा नहीं करता है, इसका आकिन करने के बाद र्दद िह

मापदण् डों में खरा उतरता ह ैतो विश िविद्यािर् की वसफाररश राज् र् सरकार को भेजे.

अध् र्क्ष महोदर्, मुझे आश चर्य होता ह ैदक पहिे दकस तरह से वशक्षा विभाग में काम होता

रहा ह.ै वनधायररत मापदण् ड ह ैदक वनजी विश िविद्यािर् के विए 20 हके् टेर्र जमीन जरूरी ह ैदफर

आपने उसको घटाकर 10 हके् टेर्र कर ददर्ा. िेदकन जब मापदण् डों में 20 हके् टेर्र जमीन थी तब मैं

सी.ए.जी. की एक ररपोटय की तरफ आपका ध् र्ान आकर्ियत कराना चाहता हाँ दक र्ह कैसा

विवनर्ामक आर्ोग ह ैजो इस बात को नहीं दखेता ह ैदक कोई भी आिेदक अपने वनधायररत मापदण् ड

पूरा कर रहा ह ैर्ा नहीं कर रहा ह.ै अगर विश िविद्यािर् में िार्ब्रेरी नहीं होगी, ररफरेंस िार्ब्रेरी

नहीं होगी, िैब नहीं होगा, इव रास् ट्रक् चर नहीं होगा, खेि-मैदान नहीं होंगे तो दफर र्े

विश िविद्यािर् विद्यार्थयर्ों को क् र्ा वशक्षा देंगे ? आप दवेखर्े, जो सी.ए.जी. ने रटप पणी की ह,ै मैं

उसकी ओर माननीर् मंत्री जी का ध् र्ान आकर्ियत करना चाहाँगा. र्ह भारत के वनर्ंत्रक

महािेखाकार परीक्षण का प्रवतिेदन ददनांक 21 माचय, 2015 ह,ै ‘‘मध् र्प्रदशे विवनर्ामक आर्ोग

संबंवधत वजिा किेक् टरों से प्रार्ोजी वनकार्ों द्वारा प्रस् तुत भूवम संबंधी वििरणों के साथ अनुपािन

प्रवतिेदन के सत् र्ापन हतेु वनिेदन करता ह.ै वजिा किेक् टरों के प्रवतिेदन की संिीक्षा में प्रकट हुआ

दक 6 प्रार्ोजी वनकार्ों के पास शैक्षवणक उद्देश र् हतेु 20 हके् टेर्र भूवम नहीं थी, 4 प्रार्ोजी वनकार्ों

के प्रकरण में उनकी सम पूणय 20 हके् टेर्र भूवम शैक्षवणक उद्देश र्ों के अिािा अव र् उद्देश र्ों के विर्े थी,

जबदक 2 प्रार्ोजी वनकार्ों के पास क्रमश: 3.94 हके् टेर्र, 5.15 हके् टेर्र भूवम शैक्षवणक उद्देश र्ों के

विए थी. शैक्षवणक उद्देश र्ों के विए अपेवक्षत भूवम की अनुपिब् धता के बािजूद मध् र्प्रदशे

विवनर्ामक आर्ोग ने अपने प्रवतिेदन में 6 वनजी विश िविद्यािर्ों की अनुशंसा राज् र् सरकार से

की. विभाग ने भी प्रार्ोजी वनकार्ों द्वारा इन कवमर्ों को दरू दकर्ा जाना सुवनवश्चत दकर्े वबना ही

उनकी स् थापना कर दी.’’ इतना ही नहीं दकसी भी नर्े विश िविद्यािर् की स् थापना के विए जरूरी

होता ह ै दक विवनर्ामक आर्ोग की वसफाररशों के बाद 90 ददन की कार्ायिवध में उच् च वशक्षा

अनुदान आर्ोग के द्वारा उस विश िविद्यािर् का वनरीक्षण होता ह,ै पूरी र्ू.जी.सी. की कमेटी आती

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ह ैऔर िह कमेटी, विश िविद्यािर् वनधायररत मापदण् डों को पूरा करता ह ैर्ा नहीं करता ह,ै इसका

आकिन करती ह.ै

अध् र्क्ष महोदर्, मैं आपका ध् र्ान सी.ए.जी. की ररपोटय की रटप पणी की तरफ आकर्ियत

करता हाँ दक ‘अवधवनर्म की धारा 8.5 के अनुसार राज् र् सरकार आशर् पत्र पर, अनुपािन

प्रवतिेदन पर, मध् र्प्रदशे विवनर्ामक आर्ोग से प्रवतिेदन प्राप त होने के पश चात र्ू.जी.सी. से

प्रस् तावित वनजी विश िविद्यािर् का वनरीक्षण करने का अनुरोध करेगा अव र्था राज् र् सरकार ऐसा

वनणयर् कर सकेगी दक जैसा िह उवचत समझे.’ उच् च वशक्षा विभाग ने प्रस् तावित वनजी

विश िविद्यािर् श्री सत् र् सांई प्रौद्योवगक एिं वचदकत् सा विज्ञान विश िविद्यािर्, सीहोर की

अधोसंरचना भिन, भूवम, स् टॉफ, पुस् तकािर् एिं पाठ्यक्रमों की वस्थवत के वनरीक्षण हतेु सवचि,

र्ू.जी.सी. नई ददल् िी से अनुरोध दकर्ा था. वनरीक्षण हतेु सवचि र्ू.जी.सी. नई ददल् िी को 06-07-

2013 को अनुरोध दकर्ा था प्रस् तावित वनजी विश िविद्यािर् के वनरीक्षण हतेु र्ू.जी.सी. से दकर्े

गर्े अपने अनुरोध के तीन माह की समावप्त के पूिय ही विभाग ने 17-09-2013 को वनजी

विश िविद्यािर् की स् थापना कर दी आप तीन महीने इंतजार नहीं कर सकते थे? अगर तीन महीने

र्ू.जी.सी. की टीम आकर वनरीक्षण नहीं करती तो उसके बाद मध् र्प्रदशे सरकार को र्ह अवधकार

था दक उस विश िविद्यािर् की स् थापना की आप अनुमवत दें िेदकन तीन महीने खत् म नहीं हुए और

आर.के.डी.एफ. वजसने चार विश िविद्यािर् पहिे ही मध् र्प्रदशे में बना विए उस र्ूवनिर्सयटी को

आपने अनुमवत द ेदी र्ू.जी.सी. की टीम की वसफाररश के बगैर जो वबिकुि भी आपके अवधवनर्म

के विरूद्ध ह ैमाव र् परम पराओं के विरुद्ध ह ैऔर जो दकसी भी वशक्षा संस् थान का जो एक् सीिेंस होता

ह,ै उसकी जो उत् कृष् टता होती ह ैउसके भी विरुद्ध ह ैइस तरह का काम वनजी विश िविद्यािर् की

स् थापना के विए दकर्ा. इतना ही नहीं माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, आपने वनजी विश िविद्यािर् को

जो सीट वनधायररत की ह,ै आर.के.डी.एफ. र्ूवनिर्सयटी को बी.एड. और डी.एड. और एम.एड. की

पांच सौ सीट अिॉट की ह.ै उव होंने पांच हजार बच् चों को परीक्षा में बैठा ददर्ा और वडवग्रर्ां बांट

दीं. आर.के.डी.एफ. में, राजीि गांधी प्रौद्योवगकी विश िविद्यािर् में पांच हजार बच् चे फस् टय इर्र में

फेि हो गए थे.

अध् र्क्ष महोदर्—र्ह वििर् पररितयन ह.ै

श्री मुकेश नार्क—मैं एक् ट पर बोि रहा ह.ं विश िविद्यािर् की स् थापना को िेकर

विवनर्ामक आर्ोग और र्ू.जी.सी. के बारे में जो विखा ह ैमैं उसी पर बोि रहा ह.ं िही वििर् ह.ै

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अध् र्क्ष महोदर्—र्ह जो एक् ट ह ै इसमें तीन विश िविद्यािर् वजनको दक अध् र्ादशे द्वारा

िार्ा गर्ा था उनको अब एक् ट बनार्ा जा रहा ह.ै

श्री मुकेश नार्क—मैं इसी का विरोध कर रहा ह ं दक आपने इससे पहिे जो 20 वनजी

विश िविद्यािर् बनाए हैं क् र्ा िह काम कर रह े हैं, इसका क् र्ा औवचत् र् ह.ै अगर उसका कोई

औवचत् र् नहीं ह ैतो र्ह तीन विश िविद्यािर् क् र्ों बनाए जा रह ेहैं. मैं र्ह कहना चाहता ह ंऔर

इसीविए र्ह प्रासंवगक हो जाता ह,ै ररिेिेंट हो जाता ह ैऔर र्ह एक् ट की चचाय का वहस् सा बन

जाता ह.ै आप दवेखए दक पांच हजार बच् चे जो राजीि गांधी र्ूवनिर्सयटी में फेि हो गए थे. पांच

हजार बच् चों को माइग्रेशन सार्टयदफकेट नहीं वमिा. उनको टी.सी. नहीं वमिी, िह परीक्षा में फेि

हो गए. और उनको आर.जी.पी.िी. और दसूरे वनजी विश िविद्यािर्ों ने अपने र्हां एडवमशन दे

ददर्ा. पहिी बात तो र्ह ह ैदक कोई भी इंजीवनर्ररंग कॉिेज का बच् चा ह ैजब फस् टय इर्र में िह

फेि हो जाता ह ैतो उसको कोई र्ूवनिर्सयटी अपने र्हां इंजीवनर्ररंग कॉिेज में एडवमशन कैसे दे

सकती ह.ै र्ह अपने आप एक् ट का िाएिेशन ह.ै अपने आप र्ह वनर्मों का उल् िंघन ह.ै मैं आपसे

र्ह कहना चाहता ह ंदक वजस तरह से वनजी विश िविद्यािर् वनरंकुश और स् िेच् छाचारी हो गए हैं.

वजस तरह से वनजी विश िविद्यािर् एक व् र्ािसावर्क अड्ड ेबन गए हैं. इसके कारण वजस उद्देश र् से

आप वशक्षा संस् थानों को बनाते हैं, वजस उद्देश र् से आप विश िविद्यािर्ों को बनाते हैं िह वशक्षा का

उद्देश र् आपका पूरा नहीं हो रहा ह.ै आज आइसेक् ट र्ूवनिर्सयटी की चचाय करें. आइसेक् ट र्ूवनिर्सयटी

आपने बनाई, मध् र्प्रदशे की सरकार ने इग् नू से एक एग्रीमेंट दकर्ा दक मध् र्प्रदशे में पंरह हजार

वशक्षकों को हम डी.एड. कराएंगे. इग् नू और भोज विश िविद्यािर् वडस् टेंस एज् र्ूकेशन के सेंटर पाइंट

हैं. र्ह दरूस् थ वशक्षा प्रणािी के विश िविद्यािर् हैं. जहां बच् चे रोजमराय की पढाई में शावमि नहीं

होकर केिि परीक्षा केव रों पर परीक्षा दनेे के विए जाते हैं. और उव हें वडवग्रर्ां वमिती हैं. र्ह उन

बच् चों के विए ह ैजो ड्राप रेट में आ गए हैं. जो दकसी न दकसी कारण से वशक्षा की वनरंतरता से न हीं

जुड़ पाते हैं उन बच् चों के विए हमने एक वडस् टेंस एज् र्ूकेशन के कंसेप ट को इंट्रीड्यूस दकर्ा ह ैऔर

उसके दो बड़ ेकेव र भारत में हैं. एक इग् नू र्ूवनिर्सयटी और दसूरी भोज र्ूवनिर्सयटी इग् नू से आपकी

सरकार ने एग्रीमेंट कर विर्ा दक पंरह हजार सरकारी वशक्षकों को डी.एड. की परीक्षा कराएंगे और

इग् न ूने उसमें से पांच हजार टीचर के एक् जावमनेशन को आइसेक् ट र्ूवनिर्सयटी को आउटसोसय कर

ददर्ा. आपके एक् ट में कहीं ऐसा विखा ह ैक् र्ा दक एक र्ूवनिर्सयटी अपने विद्यार्थयर्ों की परीक्षा को

दसूरे र्ूवनिर्सयटी के विर्े आउट सोसय कर दगेा. हमने एडवमशन ददर्ा, हम उसको दसूरे

विश्वविद्यािर् में कैसे परीक्षा में वबठाि सकते हैं. र्ह आउट सोसय एक्सावमनेशन के विर्े पहिी

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बार ह ैदक कोई बच्चों को एक्सावमनेशन के विर्े दकसी दसूरी र्ूवनिर्सयटी आउट सोसय कर द.े

र्ह तो हमने पूरी दवुनर्ा में कभी सुना नहीं. भोपाि की आईसेक्ट र्ूवनिर्सयटी को 5 हजार

वशक्षकों की एक्सावमनेशन के विर्े उनको अनुमवत द ेदी. करोड़ों रुपर्े, सौ करोड़ से ज्र्ादा, एक

वशक्षक से 40 हजार रुपर्े से ज्र्ादा फीस िी. आप अंदाज िगा िीवजर्े दक 5 हजार वशक्षकों की

फीस दकतनी हुई और उनकी एक साि की परीक्षा कराई एिं दसूरे साि परीक्षा कराई ही नहीं.

आज तक िह िोग फीस दनेे के बाद भटक रह े हैं, उनके एक्सावमनेशन के विर्े आईसेक्ट

र्ूवनिर्सयटी को उनका कोसय कमपिीट करिाना था, िह कोसय कमपिीट नहीं करिार्ा. मेरे कहने

का आशर् र्ह ह ैदक वनधायररत मापदडं, वशक्षा के उद्देशर्, इन तमाम चीजों को िेकर के अगर आप

वनजी विश्वविद्यािर् और वनजी के्षत्र में वशक्षा को प्रोत्साहन देंगे, तो आपके विर्े उपर्ोगी

रहगेा. अगर वनधायररत मापदडं, समाज के उद्देशर् और शैक्षवणक व्यिस्था की उत्कृष्टता इसको

अनदखेा करके अगर वनजी के्षत्र में वशक्षा को आपने प्रोत्सावहत दकर्ा तो आपका िह उद्देशर्

पूरा नहीं होगा, वजस उद्देशर् से शैक्षवणक संस्थान तैर्ार दकर्े जाते हैं. राष्ट्रीर् दावर्त्ि के विर्े,

रोजागर, समझ के विर्े और भारत ििय का एक वजममेदार नागररक बनाने के विर्े वजन वशक्षा

पररसरों को हम उत्तरदार्ी बनाते हैं, िह अधूरे रह जार्ेंगे, र्ही मेरा कहना ह.ै मंत्री जी, आपने

नर्ा-नर्ा कार्यभार संभािा ह.ै इसविर्े मैं इन तमाम अव्यिस्थाओं के विर्े आपको वजममेदार

नहीं मानता ह.ं मुझे आपसे बहुत उममीद ह,ै आप एक संजीदा व्यवक्त हैं, पढे विखे, समझदार

व्यवक्त हैं. आप इस वशक्षा के महत्िपूणय दावर्त्ि को समभािने के बाद अपने वशक्षा संस्थानों में

पूरे शैक्षवणक िातािरण में, केमपस कल्चर में और र्ूवनिर्सयटीज में आप पररितयन िार्ेंगे, ऐसी मैं

आपसे उममीद करता ह.ं बहुत-बहुत धवर्िाद.

श्री र्शपाि ससंह वससौददर्ा(मंदसौर) -- अध्र्क्ष महोदर्, मैं मध्र्प्रदशे वनजी

विश्वविद्यािर् (स्थापना एिं संचािन) संशोधन विधेर्क,2016 (क्रमांक 13 सन 2016) का

समथयन करता ह.ं अध्र्क्ष महोदर्, मैं मंत्री जी का हृदर् से धवर्िाद इसविर्े ज्ञावपत करना

चाहता ह ंदक मध्र्प्रदशे में विवभन्न श्रेवणर्ों की वशक्षा को िेकर के एक िातािरण वनर्मयत हुआ

ह,ै एक विश्वास जागृत हुआ ह.ै विश्वविद्यािर् की स्थापना से व्यिस्थाओं में सुधार हो और कहीं

न कहीं उन तमाम वजममेदार संस्थाओं के ऊपर, वजसकी प्रस्तािना र्ा वजसकी कल्पना

अवधवनर्म के अधीन गरठत विवनर्ामक आर्ोग समर् समर् पर ऐसे विश्वविद्यािर्ों की स्थापना

को िेकर अनुशंसा करता ह.ै उन अनुशंसाओं को गुण-दोि के आधार पर तर् करते हुए जब

सदन में विधेर्क की बात आती ह,ै तो पूरे मध्र्प्रदशे में र्दद आप दखेेंगे, मुकेश नार्क जी ने वजन

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पूिय से गरठत 20 विश्वविद्यािर्ों का जो उल्िेख दकर्ा ह,ै मैं भी इनका अध्र्र्न कर रहा था.

ऐसा कोई के्षत्र, वििर् और ऐसा कोई वनजी विश्वविद्यािर्, वजसकी स्थापना र्ा वजसकी

अनुमवत चिते चिते र्ूं ही नहीं द ेदी गई ह.ै उसके पीछे कोई ठोस कारण ह.ै उसके पीछे िह

तमाम व्यिस्थाएं हैं और उसके पीछे चिाने िािे, संचािन करने िािे उन िोगों की सहभावगता

ह ैऔर उसमें चाह ेगुना,भोपाि, ग्िाविर्र, इंदौर, मंदसौर हो. इन अवर्ावर् शहरों में वजस विधान

की, वजस विधावर्का की मंशा के अनुरुप र्दद कोई संस्था इस वस्थवत में आन पड़ी ह ैऔर शासन

से उन वनर्माििी के अंतगयत र्दद मंशा रखती ह ै दक विश िविद्यािर् का दजाय वमिे और उसी

श्रृंखिा के तहत श्रृंखिाबद्ध तरीके से बीस पूिय गरठत विश िविद्यािर्ों का गठन हुआ और आज वजस

विधेर्क पर हम चचाय कर रह ेहैं, सुदरू िनिासी आददिासी अंचि, जहां वछव दिाड़ा में अभी कोई

विश िविद्यािर् ही नहीं ह ैऔर न कोई वनजी विश िविद्यािर् ह.ै कहा जाता ह ैदक वछव दिाड़ा के बारे

में बहुत विचार करते हैं, बहुत वचव ता करते हैं, वछव दिाड़ा तो वबिकुि स् िगय ह,ै धरती पर चांद

वसतारे उतर गए हैं, वछव दिाड़ा में कोई कमी नहीं ह ैऔर ितयमान सरकार र्ह सदन.

श्री बािा बच् चन – आप कब गए थे वछव दिाड़ा, मैं समझता ह ंदक वछव दिाड़ा मध् र्प्रदशे के

मॉडि वजिे के रूप में हैं और वछव दिाड़ा संसदीर् के्षत्र जाकर दखे िेना आप.

श्री र्शपाि ससंह वससोददर्ा – मैं गर्ा तो नहीं ह,ं बािा भाई, िेदकन दरू के ढोि सुहाने,

हाथी के दांत खाने के कुछ और ददखाने के कुछ.

श्री बािा बच् चन – िह कहाित इस पर चररताथय नहीं होती, आप जाकर दखेना, इस

पर,तब दफर बात करेंगे.

श्री र्शपाि ससंह वससोददर्ा – आज के इस वििर् के संदभय में र्ह विधेर्क आता ह ैतो हम

सबको वमिकर के उसका स् िागत करना चावहए. जीएस रार् सोनी एजुकेशन मेडीकि ररसचय

फाउंडशेन, ग्राम सांईखेड़ा वजिा वछव दिाड़ा को र्ह सौभाग् र् प्राप त होने जा रहा ह,ै वजसके बारे में

हम चचाय कर रह ेहैं. इसी चचाय में इंदौर जैसे महानगर को जो व् र्िसावर्क, आर्थयक रूप से सम पव न

राजधानी कही जाती ह,ै जहां विकास के अंधोसंरचना के के्षत्र में आज इंदौर का नाम है. डीसी

विश िविद्यािर् इंदौर, वजसको डेिी कािेज कहा जाता ह ैऔर र्ह प्रसव नता की बात ह ै दक उस

डिेी कािेज में पढने िािे छात्र राजनीवतक के के्षत्र में उंचाईर्ों पर गए होंगे, उद्योग, व् र्ापार के

जगत में उव होंने उंचाईर्ां छुआ होगा, खेि जगत के के्षत्र में डेिी कािेज से वनकिे हुए छात्र छात्राओं

ने इस प्रदशे का और दशे का नाम गौरिाववित दकर्ा होगा. डेिी कािेज के बारे में आज भी कहा

जाता ह ैदक इसके प्रिेश के विए जो गुणित् ता ह,ै जो व् र्िस् था ह,ै जो िहां का संचािन ह ैऔर आज

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इस बात की प्रसव नता भी ह ैदक जो डेिी कािेज है, उसे डिेीकािेज का जो ट्रस् ट ह,ै उस ट्रस् ट का

सफि संचािन करने का दावर्त् ि भी हमारी अपनी इस विधानसभा की माननीर् सदस् र् महोदर्ा

मेरे समक्ष मेरे पास विरावजत ह,ै माननीर् श्रीमती गार्त्री राजे पिार, िे उनकी अध् र्क्ष हैं, र्ह

हमको गिय करना चावहए, इसविए दक हमारी विधानसभा की सम मावनत सदस् र्ा का पररिार ििों

से इस ट्रस् ट का सफि संचािन कर रह ेहैं और आज उसको विश िविद्यािर् का दजाय ददए जाने को

िेकर के र्हां पर विधेर्क के माध् र्म से चचाय कर रह ेहैं. माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, जैसा दक मैंने

कहा दक तीन विधेर्क आ रह े हैं, तीन में से दो का सौभाग् र् वमिा ह,ै इंदौर महानगर को दिेी

अवहल् र्ा की िह नगरी जो विकास की उंचाईर्ों को छू रही है, इंदौर के निवनर्मयत मागय पर जो

एअरपोटय पर जाता ह,ै गांधीनगर की तरफ जाता ह,ै ििकुश चौराहा से अरसिंदो अस् पताि के पास

से बड़ा िाणगढा, तहसीि हातोद िगती ह,ै िहां पर वसम बोवसस र्ूवनिर्सयटी ऑफ एम पिाइड

साइंसेज इज इंदौर को भी विश िविद्यािर् का दजाय ददए जाने को िेकर के हम इस सदन में चचाय

कर हैं. माननीर् अध् र्क्ष महोदर् इसका औवचत् र् ह,ै विवभव न विवभव न के्षत्रों में अिग अिग प्रकार

की वस्थवतर्ां- पररवस्थवतर्ां वनर्मयत होती ह,ै वजस शहर का मैं प्रवतवनवधत् ि करता ह,ं मंदसौर का

िहां पर एमआईटी कािेज ह,ै मंदसौर इंस् टीटर्ूट ऑफ टेक् नॉिाजी, स् िगीर् भंिरिाि नाहटा,

स् मृवत संस् थान उसका नाम ह.ै कांग्रेस के बड़ ेनेता रह ेहैं, पूिय सांसद रह ेहैं, उनके पुत्र विधानसभा में

दस ििय तक कांग्रेस की ओर से मंत्री रह ेहैं, इन बीस सूची में उसका भी नाम ह,ै अिग अिग स् थान

पर अिग अिग पररवस्थवतर्ां ह ैऔर उसके आधार पर र्ह सुवनवश्चत होता ह ैदक विश िविद्यािर्

का दजाय प्राप त करने िािा व् र्वक्त कौन ह,ै संस् थाएं कौन हैं, उनका कामकाज करने का तौर-तरीका

क् र्ा ह,ै िे दकस प्रकार से उसको आगे चिा पाएंगे. र्ह अिग बात ह ैमुकेश जी ने इस ओर ध् र्ान

ददर्ा ह ैदक इसके गठन के बाद और उसकी व् र्िस् था के….

(4.00 बज)े उपाध् र्क्ष महोदर् (डॉ. राजेव र कुमार ससहं) पीठासीन हुर्.े

श्री र्शपाि ससंह वससौददर्ा (जारी)-- कहीं न कहीं चचाय उस पर होना चावहर्े, कहीं न

कहीं अंकुश भी होना चावहर्े, समर्-समर् पर इसकी मॉनीटररंग भी होना चावहर्े, आपकी बात से

मैं सहमत ह,ं िेदकन इस बात को मैं कहना चाहता ह ं दक र्ह िह सरकार ह ै वजसने वनजी

विश िविद्यािर्ों को बढािा दनेे को िेकर के वजस तरह से औवचत् र्ता प्रदान की ह,ै अब रार्सौिी

विश िविद्यािर् सछंदिाड़ा वजसकी दरकार ह ैदक उनको वनजी विश िविद्यािर् का दजाय वमि जार्े.

माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, गुणित् ता परख रोजगारोव मुखी वशक्षा उपिब् ध कराने को िेकर के एक

महत् िपूणय कदम सछंदिाड़ा के्षत्र में होगा. मैंने पूिय में भी कहा दक मध् र्प्रदशे के सछंदिाड़ा में कोई

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पारंपररक शासकीर् विश िविद्यािर् ह ैही नहीं और न िहां पर अभी तक कोई वनजी विश िविद्यािर्

की स् थापना हुई ह.ै माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, इस वशक्षा समूह के जो संचािक हैं उसके अध् र्क्ष हैं

श्री सुनीि रार् सोनी, वशक्षा के के्षत्र में पूरे दशे में िे प्रवतवष्ठत नामचीन व् र्वक्त हैं, वजनका समपयण

भाि, वजनका अनुभि, र्ह संस् था 1958 से महाराष् ट्र से प्राथवमक से िेकर के उच् च वशक्षा के के्षत्र में

महत् िपूणय संस् थाओं का सुव् र्िवस्थत प्रबंधनीर् अवभर्ांवत्रकी विवध, विज्ञान आदद पाठ्यक्रमों को

शावमि करते हुर्े संचािन कर रही ह.ै इस संस् था में 9 से ज् र्ादा कैम प में 30 वशक्षण संस् थाओं के

माध् र्म से 25 हजार से अवधक विद्याथी अध् र्र्नरत हैं. ऐसी संस् था का कोई संस् थागत अध् र्क्ष

आपसे, हमसे अपेक्षा करते हैं और इस उम मीद के साथ दक इसको दजाय वमिेगा तो मध् र्प्रदशे में

व् र्ािसावर्क पाठ्यक्रमों के साथ-साथ कौशि विकास के संबंध में पाठ्यक्रमों का भी संचािन दकर्ा

जार्ेगा. माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, इसी प्रकार से मैंने डेिी कॉिेज के बारे में र्हां उल् िेख दकर्ा.

ििय 1870 में इंदौर जैसे शहर में इस संस् थान की स् थापना हुई थी. सर हनेी डिेी द्वारा रेजीडेंस

स् कूि के रूप में इसकी स् थापना की गई थी. उच् च वशक्षा के के्षत्र में वनवश्चत रूप से जो इसकी

गुणित् ता ह,ै इसकी कार्यकुशिता ह ैहम सब उसकी प्रशंसा सुनते हैं. वजस प्रकार से िहां पर वशक्षा

का पाठ्यक्रम सुवनवश्चत ह,ै वजस प्रकार से िहां पर व् र्िस् थार्ें सुव् र्िवस्थत हैं, एक उत् कृष् ट मानि

संसाधन का सृजन करने की ताकत डेिी कॉिेज रखता ह.ै मैं विशेि रूप से माननीर् मुख् र्मंत्री जी

का धव र्िाद दनेा चाहता ह.ं इंदौर के एक कार्यक्रम में डेिी कॉिेज में उव होंने विश िविद्यािर् में

पररितयन करने को िेकर के क् र्ा प्राथवमकता दी जार्ेगी, र्ह साियजवनक रूप से माननीर् मुख् र्मंत्री

जी ने अपनी भािनाओं को प्रवतपाददत दकर्ा था और इस बात की घोिणा की थी दक र्दद

आिश र्कता पड़ी और प्रबंधन र्दद वनजी विश िविद्यािर् की ओर होने का मन बनार्ेगा तो मैं

आपको मुख् र्मंत्री के नाते आश िस् त करता ह,ं ऐसा माननीर् मुख् र्मंत्री जी ने साियजवनक रूप से उस

कार्यक्रम में कहा था. आज उनकी बात र्हां साथयकता विर्े हो रही ह ैऔर माननीर् मुख् र्मंत्री जी

की घोिणा आज इस विधेर्क के माध् र्म से पूरी होने जा रही ह.ै माननीर् मुख् र्मंत्री जी का भी

और माननीर् उच् च वशक्षा मंत्री आदरणीर् पिैर्ा जी को भी मैं हृदर् से बधाई दनेा चाहता ह,ं

धव र्िाद दनेा चाहता ह.ं

माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, र्ह प्रसव नता का वििर् ह ैदक इंदौर जैसे शहर में ही जहां एक

ओर वजस प्रकार से आर्थयक उव नवत को िेकर के, प्रगवत को िेकर के, विकास को िेकर के,

वसम बार्ोवसस एम प िाइड साइंसेस को िेकर के जो इंदौर शहर तरक् की कर रहा ह,ै माननीर् अध् र्क्ष

महोदर्, इस फाउंडशेन के जो अध् र्क्ष हैं िह पद्मविभूिण उपावध से सुशोवभत हैं, ऐसे प्रोफेसर

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एस.बी. मजूमदार हैं वजव होंने पुणे में, बैंगिौर में, नोएडा में, नावसक में कौशि विकास के के्षत्र में

प्रबंधन के के्षत्र में विश िस् तरीर् संस् थाओं का संचािन दकर्ा. ऐसी संस् थाओं के संस् थागत अध् र्क्ष र्दद

उम मीद करें, अपेक्षा करें, मध् र्प्रदशे में जो िातािरण ह ैउस िातािरण को िेकर के र्दद िे उम मीद

से िबरेज हों और इस सदन से इस विधेर्क के माध् र्म से अगर र्ह संस् था अपेक्षा करती ह ैतो मैं

समझता ह ंहमारे विर्े गिय का वििर् होगा. माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, इस संस् था के शैक्षवणक

संस् थाओं के माध् र्म से वपछिे 38 ििों में 43 शैक्षवणक संस्थाओं के माध्र्म से गुणित्ता परख वशक्षा

उपिब्ध कराई जा रही ह.ै विवभन्न संस्थाओं के माध्र्म से 27 हजार से ज्र्ादा दशेी ि विदशेी

छात्र,छात्राएं अध्र्र्न कर रह ेहैं. एक िाख से ज्र्ादा विद्याथी दरुिती वशक्षा के के्षत्र के माध्र्म से

िाभाववित हो रह ेहैं. इस संस्था की इवदौर में स्थापना होने से विद्यार्थयर्ों को औद्योवगक उत्पादन

के के्षत्र में,विकास के के्षत्र में,आई.टी. के के्षत्र में, ररटेि के के्षत्र में और आधुवनकतम रोजगारमूिक

वििर्ों में वडग्री,वडपिोमा और सर्टयदफकेट के माध्र्म से पाठ्यक्रम उपिब्ध होंगे. माननीर्

उपाध्र्क्ष महोदर्, प्रदशे के छात्रों को वशक्षा के के्षत्र में विश्वस्तरीर् अधोसंरचना एिं मूिभूत

सुविधाओं के साथ-साथ इन विवशष्ट पाठ्यक्रमों को पढने का मौका वमिेगा. प्रस्तावित

विश्वविद्यािर् व्यिहाररक विज्ञान एिं तकनीक के साथ-साथ विवभन्न प्रकार के कि कारखानों में

कार्य करने हतेु सुर्ोग्र् मानि संसाधन उपिब्ध कराएगा. र्ह मानि संसाधन उपिब्ध कराने का

एक र्ोजनाबद्ध व्यिवस्थत संस्थान ह.ै संस्थान ने कमर्ुवनटी कािेज के माध्र्म से वशक्षा से िंवचत

ग्रामीण के्षत्र की मवहिाओं एिं अवर् उपेवक्षत िगों हतेु कौशि विकास से संबंवधत प्रवशक्षण एिं

वशक्षा प्रदान करने के विर्े प्रवतबद्धता ददखाई ह.ै र्ह एक सकारात्मक कदम ह ैऔर इसको िेकर मैं

समझता ह ं दक जो विधेर्क वनजी विश्वविद्यािर्ों को िेकर आर्ा ह ै इसकी मैं भूरर-भूरर प्रशंसा

करता ह ंऔर इसका समथयन करते हुए माननीर् मुख्र्मंत्री जी और उच्च वशक्षा मंत्री पिैर्ा जी को

हृदर् से बधाई दनेा चाहता ह ंधवर्िाद दनेा चाहता ह.ंमाननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, आपने बोिने

का अिसर ददर्ा बहुत-बहुत धवर्िाद.

प्रभारी नेता प्रवतपक्ष(श्री बािा बच्चन) - माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, वनजी विश्वविद्यािर्ों

की स्थापना एिं संचािन से संबंवधत जो संशोधन विधेर्क आर्ा ह ैइस पर मैं अपनी बात रख रहा

ह.ं वनजी विश्वविद्यािर्ों की स्थापना में पहिे भी पैसे का काफी िेनदने हुआ ह ैऔर बहुत

भ्रष्टाचार होता ह.ै मैं बताना चाहता ह ंऔर आपके माध्र्म से सरकार की जानकारी में िाना

चाहता ह ंदक उपर्ुक्त जमीन नहीं ह,ैभिन नहीं ह,ैसंसाधन नहीं ह,ैस्टाफ नहीं ह,ै उसके बािजूद भी

इन वनजी विश्वविद्यािर्ों को धड़ल्िे से अनुमवत दी जाती ह.ै माननीर् मंत्री जी अभी आप नर्े-नर्े

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मंत्री बने हैं इसको आप दखेें और इसीविर्े शासन को विवनर्ामक आर्ोग,मतिब वििर् खोिने

और कोसय खोिने के विर्े विवनर्ामक आर्ोग विधेर्क िाना पड़ा ह.ै अगर सब कुछ ठीक-ठाक

चिता तो र्ह विधेर्क नहीं िाना पड़ता. उसके बाद भी आर्े ददन वनजी विश्वविद्यािर्ों की आर्े

ददन अनुमवत दी जा रही ह.ै जहां वनजी विश्वविद्यािर् स्थावपत होना हैं िहां जमीन ह ैदक नहीं,

भिन ह ैदक नहीं ह ैऔर भिन ह ैतो दकतने िगयफीट का ह ैजमीन दकतनी िगती ह.ै जो भी वनजी

विश्वविद्यािर् की स्थापना के विर्े जरूरी चीजें होती हैं िह नहीं होतीं, उसके बािजूद भी

अनुमवत दी जाती ह.ै जो जमीन वजसका रकबा,खसरा नंबर सब होना चावहर्े और वजतने िगयफीट

का भिन बनता ह ैउसमें प्रर्ोगशािा ह ैदक नहीं ह,ै िार्ब्रेरी ह ै दक नहीं इसके अिािा खेिने का

मैदान,बगीचा,कांरें स हाि र्ह जो तमाम चीजें वनजी विश्वविद्यािर्ों से संबंवधत िगती हैं नहीं

होने के बाद भी अनुमवत द ेदी जाती ह.ै जैसा मैंने पहिे कहा दक इसमें काफी पैसे का िेनदने और

भ्रष्टाचार होता ह ैऔर अभी तक हमने दजयनों वनजी विश्वविद्यािर्ों को इसी सदन से अनुमवत दी ह ै

िेदकन उसके ररजल्ट क्र्ा हैं. वशक्षा के नाम पर इवहोंने िूट मचा रखी ह.ै आपने सदन में चचाय भी

नहीं कराई जैसा अभी नार्क जी ने बोिा था दक सदन में वबना चचाय के ही मंजूरी द ेदी ह ैइस चीज

का आप ध्र्ान रखें. िैसे मध्र्प्रदशे में आप वबना सदन की अनुमवत के वनजी विश्वविद्यािर्ों को

अनुमवत देंगें तो इसके ररजल्ट अच्छे नहीं आर्ेंगे. बड़ ेदखु की बात ह ैदक आर्े ददन हम िोगों की

जानकारी में ह ैऔर उसके बाद अखबारों में भी र्ह चीजें छपती आई हैं दक मध्र्प्रदशे जो वडग्री

बेचने िािा बहुत बड़ा प्रदशे बन चुका ह.ै मैं आपको बताना चाहता ह ंदक जो वडवग्रर्ां हैं पैसा बोिो

और माि िो. इस तरह ग्रेज् र्ुएशन और पी.एच.डी की वडवग्रर्ां तक मध् र्प्रदशे में वबकती हैं. कम से

कम आप इस पर रोक िगिार्ें और वजस तरह से मध् र्प्रदशे में वशक्षा से संबंवधत जो माहौि और

िातािरण बन गर्ा ह,ै वडवग्रर्ां जो वबकने िग गई हैं, इस पर आप रोक िगिार्ें. जब तक आप

सदन को विश िास में नहीं िेंगे और सदन की जानकारी में र्ह बात नहीं आर्ेगी, तब तक ऐसे ही

वनजी विश िविद्यािर्ों को अनुमवतर्ों दतेे रहेंगे, और र्ह सब चिता रहगेा.

माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, हम आपके माध् र्म से माननीर् मंत्री जी से र्ह भी जानना

चाहते हैं दक र्ह तीनों जो वनजी विश िविद्यािर् स् थावपत होना ह ैउसके विर्े आपने दकतनी जमीन

दी ह,ै िह दकतने कीमत की जमीने हैं, उसमें वनजी विश िविद्यािर्ों का दकतना पैसा िगा ह ै ?

जहां तक मेरी जानकारी में ह ैएक जगह िगभग पांच सौ करोड़ रूपर्े की जमीन सरकार ने मुफ्त

में दी ह,ै कम से कम र्ह नुकसान न करार्े. ठीक ह,ै वशक्षा का स् तर भी इसमें सुधरना चावहए बाकी

वशक्षा के नाम पर जो िूट मचा रखी ह,ै इस पर आप ध् र्ान दें. इस पर आप कसािट करें, वजस तरह

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पहिे एक समर् हमारे मध् र्प्रदशे के स् टूडेंटस के वशक्षा के स् तर का पूरा िोहा दशे मानता था, िह

आज कहीं न कहीं कमजोर और कम होता जा रहा है, इस पर भी माननीर् मंत्री जी आप इस बात

का ध् र्ान रखें.

माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, जहां तक वनजी विश िविद्यािर् स् थावपत कर रहें ह,ै उनमें

असेट्स दकतने िगे हैं और सरकार से दकतने जमीन के रूप में िे रह े हैं. जहां तक मैंने आपको

बतार्ा ह ैदक 500-500 करोड़ रूपर्े तक की जमीन इन वनजी विश िविद्यािर् स् थावपत करने िािों

को मुफ्त में दी जाती ह.ै मैं समझता ह ं दक र्ह प्रदशे का दभुायग् र् ह.ै इन सभी पहिुओं का आप

ध् र्ान दें और प्रदशे का दकसी तरह से नुकसान न होने दें. नौजिानों को अच् छी क् िाविटी की वशक्षा

देंगे तो मैं समझता ह ंदक र्ह ज् र्ादा बेहतर होगा, र्ही मेरा सुझाि और विचार ह.ै धव र्िाद.

उपाध् र्क्ष महोदर् - माननीर् मंत्री जी.

उच् च वशक्षा मंत्री (श्री जर्भान ससंह पिैर्ा) - माव र्िर उपाध् र्क्ष महोदर्, मध् र्प्रदशे वनजी

विश िविद्यािर् (स् थापना और संचािन) संशोधन अवधवनर्म 2007 के अंतगयत प्रदशे में वनजी

संस् थाओं द्वारा वशक्षा के बेहतर सुविधाएं एिं गुणित् ता िार्े जाने के उद्देश र् से वनजी विश िविद्यािर्

स् थावपत दकर्े जा रह ेहैं. चूंदक अवधवनर्म की धारा 9.1 के तहत वनजी विश िविद्यािर् स् थावपत

करने के विर्े अवधवनर्म 2007 की अनुसूची में संशोधन करना होता ह.ै जून जुिाई से अकादवमक

सत्र प्रारंभ होने से विद्याथी वहत में और जनवहत में वनजी विश िविद्यािर्ों की स् थापना अकादवमक

सत्र के दवृष्टकोण से आिश र्क थी और इसविए जी.एच.रार्सोनी वनजी विश िविद्यािर्, सछंदिाड़ा

डी.सी. वनजी विश िविद्यािर् इंदौर और ससंबार्वसस र्ूवनिर्सयटी ऑफ एप िार्ड साइंसेज इंदौर की

स् थापना संशोधन अध् र्ादेश 2016 के तहत की गई, इसका राजपत्र में प्रकाशन दकर्ा गर्ा. अभी

हमारे माननीर् सदस् र् ने तीनों विश िविद्यािर्ों की आिश र्कता पर प्रकाश डािा और मैं सोचता ह ं

दक उसके बारे में बहुत बोिने की आिश र्कता नहीं ह.ै सदस् र् सहमत होंगे दक भूमंडिीकरण के इस

दौर में हम वशक्षा के दरिाजे बंद नहीं कर सकते हैं. र्ह विचारों के आदान- प्रदान का सदन ह.ै अभी

माव र्िर नार्क जी और माव र्िर बािा बच् चन जी ने कुछ सुझाि और कुछ सबंद ुहमारे सामने िार्े

हैं. मैं बहुत खुिे ददमाग से और सकारात् मक दवृष्टकोण से रचनात् मक सुझािों का स् िागत करने का

हामी ह.ं (मेजों की थपथपाहट) हम सब की सचंता का कें र सबंद ुछात्र होता है. दकसी अस् पताि का

मूल् र्ाकंन करना हो तो भिन से नहीं होगा, दकतने डॉक् टर हैं, इससे नहीं होगा िेदकन मरीज का

इिाज कैसा हो रहा ह,ै इससे होगा. इसी तरह वशक्षा के के्षत्र में छात्रों को दखेकर ही हम मूल् र्ांकन

कर सकते हैं. मैं सहमत ह ंइन सब बातों से हम सुधार भी करेंगे और अपने द्वार भी वशक्षा विस् तार

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के विर्े खुिे रखेंगे. कुछ वबवद ुनार्क जी ने हमारे सामने िार्े हैं. जो अध्र्ादशे िाना पड़ा उसका

कारण मैंने वनिेददत दकर्ा दक अकादवमक सत्र जुिाई से प्रारंभ होना था इसविए आिशर्कता को

दवृष्टगत रखते हुए अध्र्ादशे िाना पड़ा और इसविए भी क्र्ोंदक संपूणय दशे का (जीआर) सकि

पंजीर्न अनुपात 23.6 प्रवतशत ह.ै मध्र्प्रदशे का 19.6 प्रवतशत ह.ै सीवमत संसाधनों के कारण और

बढती हुई जनसंख्र्ा के कारण वशक्षण की जरुरतों के कारण बढौत्री बहुत आिशर्क ह.ै वनजी

वशक्षण संस्थानों के द्वारा रोजगारोवमुखी और व्यािसावर्क स्ि वित्तीर् पाठ्यक्रम चिार्े जाने के

बारे में सरकार पर कोई वित्तीर् भार नहीं आता िेदकन हमें उसकी मावर्ता के बारे में विचार

करना चावहए.

उपाध्र्क्ष महोदर्, आपने CAG की टीप में िर्णयत तथ्र्ों की बात की. आपने CAG की

ररपोटय पढकर र्ह तथ्र् सामने िार्ा ह ैतो मैं आपको र्ही कह सकता ह ं दक इसका तत्काि हम

परीक्षण करा िेंगे. दसूरी बात आपने UGC के वनरीक्षण की कही ह.ै मैं आपसे अनुरोध कर दू ंदक

अभी हम इसके पश्चात जो दसूरा विधेर्क िा रह ेहैं उसका उद्देशर् ही र्ही ह.ै प्रारंवभक तौर पर

जब सबसे पहिे UGC का वनरीक्षण होता था और उसमें िह केिि तीन चीजों का वनरीक्षण करती-

भूवम,भिन और दफक्स वडपॉवजट. जब विश्वविद्यािर् अपना रुप ही नहीं िे सकता, न स्टॉफ का

वनरीक्षण हो सकता था, न प्रर्ोगशािा का वनरीक्षण हो सकता और इसविए उस धारा में संशोधन

करके, हम उस वनरीक्षण को पाठ्यक्रम शुरु होने के 6 महीने भीतर िा रह ेहैं और सारी सुवनवश्चत

बातें वनर्ामक आर्ोग के द्वारा पहिे तर् करके, प्रदक्रर्ा आगे बढेगी.

उपाध्र्क्ष महोदर्, वनजी विश्वविद्यािर् में सभी विद्यार्थयर्ों की जानकारी साियजवनक हो,

पारदशी तरीके से हो र्ह जानकारी िेबसाईट पर प्रकावशत करने की हम तत्काि व्यिस्था करने जा

रह ेहैं. अगर िेबसाईट पर होगी तो दकसी प्रकार के संदहे नहीं रहगेा.

उपाध्र्क्ष महोदर्, एक वबवद ूइनसेट के बारे में उठार्ा ह.ै र्ह कांटे्रक्ट मध्र्प्रदशे की सरकार

से नहीं था, भारत सरकार से था. इगू्न विश्वविद्यािर् ने दकर्ा था. र्ह चूंदक राज्र् सरकार के द्वारा

नहीं ह ैिेदकन मैं जानकारी के विए बता दू ंदक इगू्न के िाईस चांसिर के वखिाफ भारत सरकार ने

कारयिाई कर भी दी ह.ै

उपाध्र्क्ष महोदर्, आपने आरकेडीएफ कॉिेज के संबंध में कुछ बातें उठाई हैं. आप अगर

तथ्र् द ेदें तो मैं सदन में उसकी तत्काि जांच कराने की घोिणा करता ह.ं

उपाध्र्क्ष महोदर्, आदरणीर् बािा बच्चन जी ने कहा ह ै दक उसकी भूवम,भिन,अधो

संरचना इसकी जांच दकए वबना हम उसको Recognised कर दतेे हैं, आप भरोसा रवखर्े दक

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वबिकुि ऐसा नहीं होता. उसकी पूरी प्रदक्रर्ा ह.ै अगर अभी भी ऐसी कोई बात ह ैदक विवनर्ामक

आर्ोग ने िह जांच नहीं की ह,ै वनरीक्षण नहीं दकर्ा ह,ै आप मुझे कागज मुहरै्ा करा दीवजए, हम

तत्काि विवनर्ामक आर्ोग को इसके विए विखेंगे और आपको जिाब भी देंगे. धवर्िाद.

उपाध्र्क्ष महोदर्-- प्रश्न र्ह ह ै दक मध्र्प्रदशे वनजी विश्वविद्यािर्(स्थापना एि ं

संचािन)सशंोधन विधरे्क,2016 पर विचार दकर्ा जाए.

प्रस्ताि स्िीकृत हुआ.

अब,विधेर्क के खण्डों पर विचार होगा.

प्रश्न र्ह ह ैदक खण्ड 2 तथा 3 इस विधेर्क का अंग बने.

खण्ड 2 तथा 3 इस विधरे्क का अगं बन.े

प्रश्न र्ह ह ैदक खण्ड 1 इस विधेर्क का अंग बने.

खण्ड 1 इस विधरे्क का अगं बना.

प्रश्न र्ह ह ैदक पूणय नाम तथा अवधवनर्म सूत्र विधेर्क का अंग बने.

पणूय नाम तथा अवधवनर्म सूत्र विधरे्क का अगं बन.े

श्री जर्भान ससंह पिैर्ा - उपाध्र्क्ष महोदर्, मैं, प्रस्ताि करता ह ं दक मध्र्प्रदशे वनजी

विश्वविद्यािर् (स्थापना एिं संचािन) संशोधन विधेर्क, 2016 (क्रमांक 13 सन , 2016) पाररत

दकर्ा जार्.

उपाध्र्क्ष महोदर् - प्रस्ताि प्रस्तुत हुआ दक मध्र्प्रदेश वनजी विश्वविद्यािर् (स्थापना एिं

संचािन) संशोधन विधेर्क, 2016 (क्रमांक 13 सन , 2016) पाररत दकर्ा जार्.

प्रश्न र्ह ह ैदक मध्र्प्रदशे वनजी विश्वविद्यािर् (स्थापना एिं संचािन) संशोधन विधेर्क,

2016 (क्रमांक 13 सन , 2016) पाररत दकर्ा जार्.

प्रस्ताि स्िीकृत हुआ.

विधेर्क पाररत हुआ.

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मध्र्प्रदशे वनजी विश्वविद्यािर् (स्थापना एि ंसंचािन) वद्वतीर् सशंोधन विधरे्क, 2016

(क्रमाकं 14 सन 2016)

उच्च वशक्षा मंत्री (श्री जर्भान ससंह पिैर्ा)- उपाध्र्क्ष महोदर्, मैं प्रस्ताि करता ह ं दक

मध्र्प्रदशे वनजी विश्वविद्यािर् (स्थापना एिं संचािन) वद्वतीर् संशोधन विधेर्क, 2016 (क्रमांक

14 सन 2016) पर विचार दकर्ा जार्.

उपाध्र्क्ष महोदर् - प्रस्ताि प्रस्तुत हुआ दक मध्र्प्रदशे वनजी विश्वविद्यािर् (स्थापना एिं

संचािन) वद्वतीर् संशोधन विधेर्क, 2016 (क्रमांक 14 सन 2016) पर विचार दकर्ा जार्.

श्री दगुायिाि विजर् ( शर्ोपुर ) -- उपाध्र्क्ष महोदर् मैं मध्र्प्रदशे वनजी विश्वविद्यािर्

(स्थापना एिं संचािन) वद्वतीर् संशोधन विधेर्क, 2016 ( क्रमांक14 सन 2016) का समथयन

करता ह.ं उपाध्र्क्ष महोदर् संशोधन में भिे ही दो धाराओं में संशोधन करने का प्रािधान दकर्ा

गर्ा ह,ै िेदकन उपाध्र्क्ष महोदर् इन दोनों धाराओं के कारण से जो सदस्र्ों ने अभी सचंता प्रकट की

ह ैउसी को दरू करने का प्रर्त्न इन दो संशोधनों के माध्र्म से दकर्ा गर्ा ह.ै

उपाध्र्क्ष महोदर्, ितयमान समर् में परंपरागत रूप से जो वशक्षा प्रणािी चिी आ रही ह ै

दशे और विदशे में तमाम सारे पररितयनों के कारण से वशक्षा में भी बहुत अवधक पररितयन की

आिशर्कता महसूस हुई ह ैऔर र्ह बात भी सच ह ैदक राज्र् सरकार के सीवमत संसाधनों से इस

सब को पूरा करना करठन ह.ै जब हम मध्र्प्रदशे राज्र् को अग्रणी राज्र् में िाना चाहते हैं तो अवर्

राज्र्ों के मुकाबिे और विदशेों के मुकाबिे वशक्षा की वस्थवत और अच्छी बने इसके विए हमें वनजी

वनिेश की आिशर्कता भी ह ै और वनजी रूप से आने िािे िोगों को भागीदार बनाने की

आिशर्कता भी ह.ै वनजी विश्वविद्यािर् स्थावपत दकर्े जाने के र्ही उद्देशर् हैं और इसी के कारण

2007 में मध्र्प्रदशे की सरकार ने और मध्र्प्रदशे की विधान सभा ने वनजी विश्वविद्यािर् स्थावपत

करने का फैसिा दकर्ा था िह जो फैसिा दकर्ा था उस समर् जो अवधवनर्म बना था, उस

अवधवनर्म में कुछ खामी होने के कारण समर् समर् पर र्ह महसूस दकर्ा जाने िगा दक वनजी

विश्वविद्यािर्ों के वनर्ंत्रण के विए और अवधक कसािट दकर्े जाने की आिशर्कता ह.ै इस कसािट

को करने की दवृष्ट से ही र्ह संशोधन इसमें िार्ा गर्ा ह ै.

उपाध्र्क्ष महोदर्, आज विद्याथी रोजगार मूिक वशक्षा की ओर आगे बढ रह े हैं. वनजी

विश्वविद्यािर्ों में भी बहुत तेजी के साथ कुछ ऐसे कोसय प्रारमभ दकर्े जा रह ेहैं जो व्यािसावर्क

प्रकृवत के हैं वजनके कारण से िोगों को रोजगार उपिब्ध होने का अिसर प्राप्त होता ह,ै उसमें

स्थापत्र् किा, इंजीवनर्ररंग, औद्योवगकी, औिवध, वनमायण विज्ञान, प्रबंधन, दतं वचदकत्सा, सह

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

वचदकत्सा, आर्ुिेद, होमर्ोपैथी र्ूनानी और प्राकृवतक वचदकत्सा और कृवि उद्यावनकी ऐसे अनेक

वििर् र्ह वनजी विश्वविद्यािर्ों के माध्र्म से दकर्े गर्े हैं. आज प्रवतस्पधाय का र्ुग ह.ै कुछ

कवमर्ां और खावमर्ां तो हो सकती हैं. िेदकन मुझे र्ह कहते हुए गिय ह ै दक मध्र्प्रदशे के

विद्यार्थयर्ों ने न केिि वहवदसु्तान में वपछिे 10 ििों के अंदर विदशे में भी मध्र्प्रदशे के नाम को

गौरिाववित दकर्ा ह.ै इससे र्ह बात तो प्रगट होती ह ै दक मध्र्प्रदशे में कहीं न कहीं वशक्षा में

गुणित्ता की ओर, उत्कृष्टता की ओर मध्र्प्रदशे की सरकार की ओर से प्रर्ास दकर्े गर्े हैं, इसी के

कारण से आज हमारे मध्र्प्रदशे के विद्याथी विवभन्न सारे के्षत्रों में चाह ेिह तकनीकी का के्षत्र हो,

चाह ेिह वचदकत्सा का के्षत्र हो र्ा िह अवर् कोई के्षत्र हो उसमें उवहोंने दशे में और विदशे के अंदर

अपने आपको बहुत आगे बढाने का काम दकर्ा ह,ै बड़ी उत्कृष्टता के साथ में अपने अध्र्र्न और

अध्र्ापन के माध्र्म से बड़ी उत् कृष् टता के साथ अपने अध् र्र्न और अध् र्ापन के माध् र्म से

मध् र्प्रदशे के नाम को गौरिावव ित करने का काम दकर्ा ह.ै आज मध् र्प्रदशे के वनजी

विश िविद्यािर्ों के बारे में कुछ प्रश नवचह्न उठाए जाते हैं िेदकन बहुत से विश िविद्यािर्ों में अच् छी

और गुणित् तापूणय वशक्षा उत् कृष् टता के साथ दी जा रही ह.ै वजन विश िविद्यािर्ों में खावमर्ां हैं

उनको दरुुस् त करने के विए माननीर् मंत्री जी ने जैसा अभी अपने िक् तव् र् में कहा ह ै दक इसमें

दकसी प्रकार की कसर नहीं छोड़ी जाएगी िेदकन आज जो पररवस् थवत ह ैऔर वजसके अंतगयत र्ह

अवधवनर्म िार्ा गर्ा ह ै र्ह वनवश चत रूप से सराहनीर् ह.ै मैं प्रदशे के मुख् र्मंत्री जी को और

माननीर् मंत्री जी को हृदर् से बहुत-बहुत साधुिाद दनेा चाहता हाँ. इसमें दो प्रािधान दकए गए हैं

एक तो धारा 9 में संशोधन दकर्ा गर्ा ह ैऔर धारा 9 में संशोधन कर उसके अंदर वनर्ामक आर्ोग

को सशक् त तो बनार्ा ही ह ैऔर साथ ही साथ र्ह भी प्रािधान दकर्ा गर्ा ह ैदक जो कोई शासी

वनकार् हैं और वजनसे वनर्ामक आर्ोग ने वनरीक्षण के बाद कुछ खावमर्ां वनकिने के बाद जरूरी

आिश र्कताएं पूरी करने के विए कहा ह ै र्दद िे समर् सीमा में उसको पूरा करेंगे तो उस

विश िविद्यािर् को माव र्ता प्रदान की जाएगी और अगर उसमें कहीं दकसी प्रकार की खामी रही ह ै

वजसकी ओर वनर्ामक आर्ोग ने ध् र्ान आकृष् ट दकर्ा ह ै र्दद उसकी पूर्तय नहीं होती ह ै तो इस

अवधवनर्म में र्ह भी प्रािधान कर ददर्ा गर्ा ह ै दक ऐसे विश िविद्यािर् को दकसी भी प्रकार से

अनुमवत प्राप त नहीं होगी. इसमें धारा 9 (ख) को स् थावपत दकर्ा गर्ा ह ै वजसमें कहा गर्ा ह ै दक

वनजी विश िविद्यािर् दकव हीं कक्षाओं अथिा पाठ्यक्रमों को प्रारंभ करने के पूिय वनरीक्षण के विए

विवनर्ामक आर्ोग को विवहत प्रारूप में आिेदन प्रस् तुत करेगा और वनरीक्षण के पश चात

विवनर्ामक आर्ोग द्वारा पाई गई दकसी व र्ूनता के बारे में उक् त विश िविद्यािर् को सूवचत दकर्ा

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

जाएगा. उसे ठीक करने के विए एक र्ुवक् तर्ुक् त अिसर भी प्रदान दकर्ा जाएगा और विवनर्ामक

आर्ोग ऐसी कक्षाओं अथिा पाठ्यक्रमों को चिाने की अनुज्ञा तब तक प्रदान नहीं करेगा जब तक

दक उस व र्ूनता को ठीक नहीं कर ददर्ा गर्ा ह.ै

माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, जैसा अभी माननीर् नार्क जी ने और नेता प्रवतपक्ष ने भी इस

बात की ओर ध् र्ान आकृष् ट दकर्ा था, इसी व् र्िस् था को ठीक करने के विए र्े धारा 9 (ख)

अंत:स् थावपत की गई ह ैऔर इस संशोधन के माध् र्म से एक और मौका विश िविद्यािर् को दनेे का

भी प्रािधान दकर्ा गर्ा ह.ै पहिे तो र्ह होता था दक वनरीक्षण के समर् कोई खामी पाई जाती ह ै

तो माव र्ता वमिे न वमिे िेदकन उस विश िविद्यािर् को एक बार अिसर दनेे का प्रािधान इस

अवधवनर्म में संशोधन के माध् र्म से दकर्ा गर्ा ह.ै र्ह जो प्रािधान ह ै इस प्रािधान के कारण

विश िविद्यािर् को एक अिसर भी प्राप त हुआ ह ैऔर र्दद पूरा नहीं करता ह ै तो दफर उसको

माव र्ता न देने का भी इस उपबंध के माध् र्म से प्रािधान दकर्ा गर्ा ह ैजो बहुत सराहनीर् और

प्रशंसनीर् ह.ै इसके माध् र्म से ऐसे बहुत से कार्य जो विश िविद्यािर् के पूरे नहीं होने के कारण

उसको माव र्ता दनेे से रोके जाने का प्रािधान ह.ै

माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, धारा 39 का जो प्रािधान ह ैर्ह बहुत महत् िपूणय प्रािधान ह ै

और उसमें भी विश िविद्यािर् अपनी मनमजी से कोई काम न कर सके, विश िविद्यािर् मनमानी के

कारण केिि वडग्री दनेे का एक माध् र्म न बने और उत् कृष् टता के साथ, गुणित् ता के साथ विद्यार्थयर्ों

को वशक्षा प्रदान कर सके इसके विए उसकी अधोसंरचना, इसके विए उसका पुस् तकािर्, इसके

विए विश िविद्यािर् का प्रांगण, इसके विए िहां के कमयचारी, व् र्ाख् र्ाता, प्राध् र्ापक, र्े सब उस

श्रेणी के हैं अथिा नहीं और इसके विए जब वनर्ामक आर्ोग अनुमवत दतेा ह ैतो र्े प्रािधान विशेि

रूप से दकर्ा गर्ा ह ै दक प्रथम पाठ्यक्रम प्रारंभ होने के बाद और 6 महीने के अंदर उस

विश िविद्यािर् के विए र्ह अवनिार्य दकर्ा गर्ा ह ैदक िह विश िविद्यािर् विश िविद्यािर् अनुदान

आर्ोग को आिेदन करेगा दक हमने संपूणय अपेक्षाएं पूणय कर िी हैं और विश िविद्यािर्ों के विए

वजतनी अपेक्षा कानून और वनर्मों के अंदर दी गई हैं िह सब अपेक्षाएं पूरी हो गई हैं .आप हमारा

वनरीक्षण करें. इसमें विशेि प्रािधान र्ह भी हुआ ह ै दक पहिे विश्वविद्यािर् अनुदान आर्ोग

वनरीक्षण के विए बहुत िंबा समर् िगाते थे काफी कोवशश होने के बाद भी समर् पर उसका

वनरीक्षण नहीं हो पाता था, इसके विए समर्-सीमा भी इस धारा 39 का संशोधन करके वनवश्चत

की गई ह ैदक छह माह के अंदर आप इसका आिशर्क रूप से वनरीक्षण करके और वजस प्रकार की

व्यिस्था ह,ै जो आप दखेते हैं उसके बारे में अपना वनणयर् दें. माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, वनर्ामक

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आर्ोग के अनुमवत दनेे के बाद भी छह महीने के अंदर र्ह विश्वविद्यािर् अनुदान आर्ोग जो

वनरीक्षण करेगा, उस बात से र्ह बात पक्की हो जाएगी दक िास्ति में जो अपेक्षार्ें हैं जैसा दकर्ा

जाना चावहए उस सबको करने के विए विश्वविद्यािर् ने ठीक से प्रबंध कर विर्ा ह.ै र्ह जो दो

संशोधन आए हैं र्ह दोनों संशोधन विश्वविद्यािर् अवधवनर्म के विए बहुत महत्िपूणय थे. बहुत

ददनों से इसकी आिशर्कता महसूस की जा रही थी. जहााँ तक आदरणीर् डॉ. साहब ने अभी कहा

दक आप अध्र्ादशे क्र्ों िार्े ? िह समर् ऐसा था जब विद्यार्थयर्ों को प्रिेश दनेे का समर् समर्

वबल्कुि नजदीक आ गर्ा था औऱ इसके कारण र्ह वनणयर् करना बहुत आिशर्क था, चूंदक

विधानसभा का सत्र नहीं था, ऐसी अिवध में विद्यार्थयर्ों के वहत को ध्र्ान में रखते हुए अध्र्ादशे

िार्े हैं तो संिैधावनक तरीके से िह अध्र्ादशे आर्ा था और आज उस अध्र्ादेश को र्हााँ सदन के

सामने अवधवनर्म के रूप में प्रस्तुत दकर्ा गर्ा ह ैइसविए मेरा अनुरोध ह ैदक इसको पाररत दकर्ा

जार्े. इस अध्र्ादशे को िाने के विए मैं प्रदशे के माननीर् मुख्र्मंत्री जी को और हमारे उच्च वशक्षा

मंत्री माननीर् पिैर्ा जी को बहुत- बहुत धवर्िाद देता ह.ं धवर्िाद.

श्री रामवनिास राित(विजर्पुर)-- माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, माननीर् मंत्री जी ने नर्ा-

नर्ा विभाग ग्रहण दकर्ा ह ैऔर वजस समर् र्ह अध्र्ादशे िार्े गर्े थे, उस समर् मंत्री जी के पास

र्ह विभाग नहीं था. िगातार माचय में विधानसभा समाप्त हुई, बजट सत्र हुआ.माचय के बाद अप्रैि-

मई-जून, तीन महीने के बाद जुिाई में दफर विधानसभा का सत्र चि रहा ह ैइसी बीच में अध्र्ादशे

िाने की ऐसी कौनसी विशेि पररवस्थवतर्ााँ पैदा हो गई वजसकी िजह से अध्र्ादशे िाना पड़ा. िह

भी एक नहीं दो-दो अध्र्ादशे. दोनों अध्र्ादशेों का उद्देशर् एक ही था, र्ह दोनों वनजी

विश्वविद्यािर्ों को मावर्ता प्रदान करने के विए ही वद्वतीर् संशोधन अध्र्ादशे आपने प्रस्तुत दकर्ा

था. “स्थापना एिं संचािन वद्वतीर् संशोधन विधेर्क 2016” के संबंध में अध्र्ादशे आप िार्े थे.

आपने बतार्ा भी दक इसविए आिशर्क था दक हमें बच्चों को एडमीशन दनेा था, बच्चों की व्यिस्था

करनी थी.

माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, कोई विश्वविद्यािर् स्थापना के विए तीन महीने बहुत कम

होते हैं. इन तीन महीनों में उवहोंने पूरा इवरास्ट्रक्चर तो तैर्ार नहीं कर विर्ा. इससे पहिे से ही

तैर्ारी कर िी होगी उवहोंने. आपको र्ह बताना चावहए दक अगर तीनों विश्वविद्यािर्ों को

स्थापना के विए र्ह अध्र्ादशे िार्े हैं तो इन तीन विश्वविद्यािर्ों ने कब विवनर्ामक आर्ोग के

समक्ष विश्वविद्यािर् की मावर्ता प्राप्त करने के विए आिेदन पत्र प्रस्तुत दकर्ा. इवरास्ट्रक्चर भी

तैर्ार दकर्ा होगा, एकेडवमक वसस्टम भी तैर्ार दकर्ा होगा. जब उनका तैर्ार नहीं था, क्रमांक 14

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

पर पहिे र्ह व्यिस्था थी दक कोई भी वनजी विश्वविद्यािर् अपनी स्थापना के विए विवनर्ामक

आर्ोग के समक्ष अपना आिेदन प्रस्तुत करेगा और प्रस्तुत करने के बाद अगर विवनर्ामक आर्ोग

संतुष्ट हो जाता ह ै अपने परीक्षण के बाद संतुष्ट हो जाता ह ै तो िह अपनी ररपोटय के सवहत

र्ूजीसी(विश्व विद्यािर् अनुदान आर्ोग) वजवहोंने विश्वविद्यािर् की स्थापना के विए मानदडं

वनधायररत दकर्े हैं, मैं समझता ह ंदक उवहीं मानदडंों के अनुरूप जो विश्वविद्यािर् पूर्तय करेगा उसी

को विश्वविद्यािर् खोिने की मावर्ता प्रदान की जाना चावहए. आपने उन विश्वविद्यािर् अनुदान

आर्ोग की मावर्ताओं र्ा मानदडंों को ही वडिीट करने का इस संशोधन के माध्र्म से एक तरह से

कार्य दकर्ा ह ैदक विश्वविद्यािर् अनुदान आर्ोग की ररपोटय ह ैर्ा जो मानदडं हैं अगर उनकी भी

पूर्तय कोई वनजी विश्वविद्यािर् नहीं करता ह ैतो विवनर्ामक आर्ोग मावर्ता प्रदान कर दगेा.

माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, आपने मूि अवधवनर्म की धारा 9 में जो संशोधन दकर्ा है,

उसमें विखा गर्ा ह ैदक र्दद विश ि विद्यािर् अनुदान आर्ोग की कोई वनरीक्षण ररपोटय हो तो उसे

िोप दकर्ा जाए. इसका आशर् क् र्ा ह ै ? र्दद विश िविद्यािर् अनुदान आर्ोग की ररपोटय की

आिश र्कता नहीं ह.ै दकसी वनरीक्षण की आिश र्कता नहीं ह.ै भिे ही विश िविद्यािर् अनुदान

आर्ोग के मानदडंों की पूर्तय न हो. आपने विवनर्ामक आर्ोग को र्े अवधकार द े ददर्ा दक वनजी

विश िविद्यािर्, अनुदान आर्ोग के मानदडंों की पूर्तय करें र्ा न करें, उव हें माव र्ता प्राप त हो जाएगी.

माव र्ता देने के बाद आपने मूि अवधवनर्म की धारा उव तािीस एक में स् थावपत पैरा में कहा ह ैदक

कोई भी पाठ्यक्रम प्रारंभ होने के छ: माह के अिवध के भीतर वनजी विश िविद्यािर् के विए र्े

अवनिार्य होगा दक िह विश िविद्यािर् अनुदान आर्ोग को ऐसी रीवत से जैसा दक विश िविद्यािर्

अनुदान आर्ोग द्वारा विवधत की जाए, वनरीक्षण के विए आिेदन प्रस् तुत करे. आपने र्े बाध् र्ता भी

कर दी. जब आप मानदडंों का मान नहीं रह ेहैं, उसकी कोई सचंता नहीं ह,ै तो आिेदन प्रस् तुत करने

की बात क् र्ों कही. र्दद आिेदन प्रस् तुत भी होगा, तो उसकी ररपोटय के संबंध में कोई उल् िेख नहीं

ह.ै पहिे र्े उल् िेवखत था दक तीस ददनों के भीतर विश िविद्यािर् अनुदान आर्ोग अपनी ररपोटय

प्रस् ततु करेगा. विधेर्क की धारा 9 की उपधारा 5 में ह.ै िेदकन अब विश िविद्यािर् केिि आिेदन

प्रस् ततु करेगा, विश िविद्यािर् अनुदान आर्ोग उसकी ररपोटय कब तक दगेा, इसके संबंध में कोई

उल् िेख नहीं ह.ै र्दद विश िविद्यािर् अनुदान आर्ोग की ररपोटय उनके मानदडंों के अनुरूप नहीं हुई

तो उस वस् थवत में आप क् र्ा करेंगे ? जैसा दक डॉ. साहब ने संशोधन प्रस् तुत दकर्ा ह.ै विश िविद्यािर्ों

की स् थापना पर हमारा कोई विरोध नहीं ह.ै अच् छे संस् थान बनने चावहए इसका कोई विरोधी नहीं

ह.ै वशक्षा का कोई विरोधी नहीं हो सकता. वशक्षा समग्र विकास के विए, व् र्वक् तत् ि विकास के विए,

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प्रदशे के भविष् र् के विए बहुत आिश र्क ह.ै हमें उम मीद ह ैआप बहुत कुछ अच् छा करने का प्रर्ास

भी करेंगे. कई वनजी संस् थानों में ओबीसी, एससी, एसटी के छात्रों की शासन से जाने िािे फीस

और छात्रिृवत् त के मामिे में भ्रष् टाचार हुआ ह.ै आपका कोई वनर्ंत्रण ही नहीं रह गर्ा ह.ै प्रार्िेट

कॉिेज, प्रार्िेट विश िविद्यािर् छात्रों के ओररजनि दस् तािेज रख िेते हैं. र्दद छात्र

विश िविद्यािर् छोड़ना चाह ेतो उनकी फीस िापसी की कोई व् र्िस् था नहीं ह ैऔर उनके ओररजनि

दस् तािेज िापस करने के विए उव हें बार-बार चक् कर कटिार्े जाते हैं, उव हें परेशान दकर्ा जाता ह.ै

हम माननीर् मंत्री जी से अपेक्षा करेंगे दक प्रदशे का र्ुिा परेशान न हो, उव हें अच् छी वशक्षा वमिे.

जब हम पढा करते थे, आप और हम सभी उव हीं विश िविद्यािर्ों से वनकिे हुए हैं, वजनकी िजह से

हम र्हां बैठे हुए हैं, कहीं उनका अवस् तत् ि ही न समाप त हो जाए. शासन के विश िविद्यािर्ों में भी

गुणित् ता सुधार का काम कररर्े. ददल् िी र्ूवनिर्सयटी, जेएनर्ू का अपना एक नाम ह.ै इसी तरीके से

मध् र्प्रदशे के भी विश िविद्यािर्ों र्दद आप अच् छी सुविधार्ें, अच् छी फैकल् टी देंगे तो बेहतर होगा.

गरीब बच् चे शासन के इन विश िविद्यािर्ों से वशक्षा प्राप त कर सकें गे. माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्,

आपने जो संशोधन प्रस् तुत दकर्ा ह,ै िह स् पष् ट नहीं ह.ै र्दद विश िविद्यािर् अनुदान आर्ोग में छ:

माह बाद आिेदन प्रस् तुत होगा और विश िविद्यािर् अनुदान आर्ोग से एक साि बाद ररपोटय आती

ह ैदक वनजी विश िविद्यािर् स् थापना के विए उपर्ुक् त नहीं ह,ै उस वस् थवत में आपका विवनर्ामक

आर्ोग क् र्ा वनणयर् िेगा ? उस वस् थवत में बच् चों के भविष् र् का क् र्ा होगा ? मैं माननीर् मंत्री जी से

वनिेदन करता ह ं दक कृपर्ा िे इसे स् पष् ट करें. वनजी विश िविद्यािर् खोिने का कोई विरोध नहीं

कर रहा ह.ै परंतु वनजी विश िविद्यािर्ों पर आपका वनर्ंत्रण रह,े वनर्मन रह.े बच् चों को अच् छी

वशक्षा वमिे. उव हें कम फीस में उच् च गुणित् ता की वशक्षा प्राप त हो, ऐसा हम चाहते हैं. माननीर्

उपाध् र्क्ष महोदर्, आपने मुझे बोिने के विए समर् ददर्ा उसके विए आपका धव र्िाद.

डॉ मोहन र्ादि(उज्जैन दवक्षण)-- माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, मैं माननीर् उच्च वशक्षा मंत्री

द्वारा प्रस्तुत 9 ख के अंतःस्थापन का समथयन करता हाँ. बहुत ददनों बाद, वजसका इंतजार था, िह

क्षण आर्ा. हमारे विए बड़ ेसौभाग्र् की बात ह ै दक एक महत्िपूणय वििर् की तरफ सरकार ने

ध्र्ानाकर्ियत करते हुए वनजी विश्वविद्यािर् में, उपाध्र्क्ष महोदर्, मैं बड़ा आश्चर्य भी कर रहा हाँ

दक जो राित जी कह रह ेहैं िह सारी बात इसमें संशोधन के माध्र्म से ही आने िािी ह ैइसके

अिािा दसूरी बात ह ैही नहीं. जो आपने कहा ह ैदक हम अपना वनर्ंत्रण थोड़ा विश्वविद्यािर् में

रखें तो र्ही तो संशोधन ह.ै ऐसा न होगा दक एक बार हमने विश्वविद्यािर् खोि ददर्ा बाद में

शासन उसमें कुछ नहीं कर सकता, उसमें जो छूट पहिे थी, इस संशोधन के माध्र्म से अब उसमें

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दार्रा बढार्ा गर्ा ह ैऔर उसी दार्रे के अाँतगयत ही होने िािी सभी घटनाओं में शासन अपनी

पैनी वनगाह रखने की गुंजाईश रख रहा ह.ै

श्री रामवनिास राित-- उपाध्र्क्ष महोदर्, इस संशोधन में केिि र्ूवनियवसटी ग्राण्ट

कमीशन की ररपोटय को एग्जेमपट करने की व्यिस्था की गई ह.ै इसके अिािा और कुछ नहीं ह ैभाई

मोहन र्ादि.

डॉ.मोहन र्ादि-- माननीर् राित जी, 8 (5) िें और 9 ख पढ िें. र्े दोनों संशोधन अगर

आप पढेंगे तो मेरी बात का आप समथयन करेंगे. जैसे गोविवद जी ने कहा ह,ै आप दोनों पढेंगे तो

इसमें ममय समझ में आएगा और मैं उसी बात को दोहराना चाहता हाँ दक वजस प्रकार से र्ह जो

भािना व्यक्त की गई ह.ै जैसी आपकी भािना ह ैदक िास्ति में सरकारी विश्वविद्यािर् से काम नहीं

चिने िािा ह ैऔर अब हम पूरे दशे के नक्शे में और दशे क्र्ा दवुनर्ा के पररप्रेक्ष्र् में दखे िें. अब

भारत एक उभरती हुई अथयव्यिस्था, और उसमें बड़े पैमाने पर वशक्षा के महत्ि के नाते से िह एक

अपनी पहचान बना रहा ह.ै ऐसे में हम जो एक बड़े पैमाने पर रोजगार की संभािना उत्कृष्ट मानि

संसाधन उपिब्ध कराने की भूवमका में अगर आना चाहेंगे तो वनवश्चत रूप से हमको इस ददशा में

बढना पड़गेा और मुझे इस बात के विए खुशी ह.ै माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, वजस प्रकार से

गोविवद ससंह जी ने बात रखी थी, आपने कहा दक फीस पर पूरा कंट्रोि होना चावहए. मैं एक छोटी

सी बात आपके सामने जरूर रखना चाहता हाँ दक अगर हम विश्वविद्यािर् प्रार्िेट सेक्टर में िाना

चाहते हैं तो थोड़ी छूट हमको उनको भी दनेा पड़गेी. आप ऐसा नहीं कर सकते दक उसको भी पूरे

सरकारी ढााँचे में ही िे आएाँगे. वनवश्चत रूप से हमको उनकी गुाँजाईश भी दनेा पडेे़गी और हमारी

भूवमका भी रखना पड़गेी. दोनों भूवमकाओं से ही काम चिने िािा ह.ै वजस प्रकार से (डॉ गोविवद

ससंह जी के खड़ ेहोने पर) गोविवद ससंह जी, मैंने आपकी बात सुनी मैं जिाब नहीं द ेरहा हाँ. मैं तो

आपकी बात को कह रहा हाँ जो आपने कहा ह.ै...

डॉ गोविवद ससंह-- उपाध्र्क्ष महोदर्, उसमें उद्देशर् में उल्िेख करिा दें, गिती से रह गर्ा

होगा तो उसको जुड़िा दें.

डॉ.मोहन र्ादि-- गिती से रह गर्ा होगा, आपने अपनी बात कह दी मुझे िगता ह ैदक

मंत्री जी के जिाब में िह बात आ जाएगी, जो मैं आपकी बात समझ पार्ा और जो मैं उत्तर द ेरहा

हाँ मेरे ख्र्ाि से उसमें इसी बात का आ रहा ह ैदक जो आपने कहा दक फीस का कंट्रोि पूरा शासन

कर िे तो शासन से जब तक स्िार्त्तता नहीं होगी वनजी सेक्टर कभी नहीं बढ सकता. वनजी सेक्टर

को हमको छूट दनेा पड़गेी. जब वनजी सेक्टर के िोग आएाँगे वनवश्चत रूप से अगर शासकीर् स्तर के

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विश्वविद्यािर् पूरा कर दतेे तो दफर अब जरूरत ही क्र्ा थी प्रार्िेट सेक्टर के विश्वविद्यािर् को

िाने की. मनीपाि विश्वविद्यािर् को दखेें मनीपाि बहुत छोटा सा आर्थयक और भौगोविक दवृष्ट

से अिग टाईप का एक स्थान िािा राज्र् ह,ै िेदकन उसके बािजूद भी आज दशे भर में उनकी

वशक्षा का स्थान बढा ह,ै जबदक मध्र्प्रदशे में उससे कई गुना ज्र्ादा संभािना ह.ै वनवश्चत रूप से

अभी र्ह जो विश्वविद्यािर् खुिे हैं. इससे कई गुना ज्र्ादा खोिने की आिशर्कता ह ैऔर कई

प्रकार से जोड़ने की जरुरत ह.ै अभी इसमें ितयमान में मध्र्प्रदशे में तो एक तरह से शुरुआत हुई ह ै

और मुझे पूरी खुशी ह ैर्ह 9 ख का अंतःस्थापन और 8 (5) का जो संशोधन ददर्ा ह.ै वनवश्चत रूप से

हमारे विए बहुत कावबिे-तारीफ ह.ै मैं माननीर् मुख्र्मंत्री और माननीर् वशक्षा मंत्री का समथयन

करता हाँ और उममीद करता हाँ दक इन संशोधनों के माध्र्म से अभी हमने जो अपनी मूि भािना

रखी ह ैउस भािना का िह ध्र्ान रखेंगे. मेरी अपनी ओर से इस प्रस्ताि के प्रवत पूणय समथयन ह.ै

बहुत बहुत धवर्िाद.

प्रभारी नेता प्रवतपक्ष (श्री बािा बच्चन)-- माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, जैसे मैंने पहिे भी,

इसके पहिे िािे वनजी विश्वविद्यािर् की अनुमवत दनेे से संबंवधत संशोधन विधेर्क पर अपने

विचार रखे थे. र्ह जो वनजी विश्वविद्यािर् स्थावपत हो रह ेहैं और इसके विए जो अनुमवत दी जा

रही ह.ै इसमें वनर्म, कानून, कार्दों को वबल्कुि ध्र्ान में नहीं रखा जा रहा और वबल्कुि वनर्म,

कानून, कार्दों की धवज्जर्ााँ उड़ाई जा रही हैं. मैं आपको बताना चाहता हाँ दक र्ह जो विवनर्ामक

आर्ोग के विए माननीर् मंत्री जी र्ह जो संशोधन विधेर्क िाए हैं मैं र्ह जानना चाहता हाँ दक

र्ह कौनसी एजेवसी होगी और उसके बाद क्र्ा र्ह भी ईमानदारी से काम करेगा क्र्ोंदक इसके

पहिे के जो फीस एिं प्रिेश से संबंवधत विवनर्ामक आर्ोग का भी अनुभि बहुत कड़िा ह ैऔर मैं

आपको बताना चाहता हाँ दक प्रिेश से संबंवधत भी अवनर्वमतताएाँ काफी हुई हैं और अभी तक

उसकी कोई जााँच हुई नहीं ह ैतो र्ह विवनर्ामक आर्ोग, मैं इसमें आप से र्ह जानना चाहता हाँ दक

क्र्ा इसमें वशक्षाविद होंगे, इससे संबंवधत एक्सपट्सय को आप रखेंगे, जो वनजी कार्ों की समीक्षा

करेंगे, विश्लेिण करेंगे, अविेिण करेंगे, ऐसे व्यवक्तर्ों को भी आप इसमें रखेंगे? नहीं तो जो अभी तक

का जो ररपीरटशन होता आ रहा ह.ै िह वनरंतर चिता रहगेा. आप इस आर्ोग को नर्े कोसय र्ा

वििर् खोिने की रोक तक ही सीवमत न रखें. इसमें र्ह विखा ह ै दक वनजी विश्वविद्यािर् नर्े

वििर् नहीं खोि सकते हैं नर्े कोसय नहीं खोि सकते हैं र्ह आर्ोग उन पर बंददश िगाएगा. मेरा

आग्रह र्ह ह ैदक इस आर्ोग को इसी बात तक सीवमत न रखें. वनजी विश्वविद्यािर् मनमाने तरीके

से जो फीस िसूिते हैं उस पर भी रोक िगना चावहए. फीस पर भी अंकुश िगना चावहए तब मैं

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समझता हाँ दक इस संशोधन विधेर्क की साथयकता होगी. वजस प्रकार से राजीि गांधी प्रौद्योवगकी

विश्वविद्यािर् ह ै उसके इंजीवनर्ररंग कॉिेज की फीस 60 हजार रुपए ह.ै प्रार्िेट इंजीवनर्ररंग

कॉिेज की फीस डेढ. से दो िाख रुपए होती ह.ै इसी तरह से एमबीए के कोसय के भी हाि हैं. आप

नर्े कोसय और वििर् की बंददश तक ही सीवमत न रहें वनजी विश्वविद्यािर् जो बढा-चढाकर फीस

िसूिते हैं उस पर भी रोक िगाएंगे तो मैं समझता ह ं ज्र्ादा उवचत होगा. इसी प्रकार प्रार्िेट

र्ूवनिर्सयटी के मेवडकि कॉिेज सामावर् मेवडकि कॉिेज से दो से तीन गुना ज्र्ादा फीस िेते हैं.

अभी हमने तीन र्ूवनिर्सयटीज की अनुमवत दी ह ै और जो चचाय की ह.ै इसमें नसी मोवजी

र्ूवनिर्सयटी एमबीए के विए ढाई से तीन-तीन िाख रुपर्े फीस िसूि रही ह.ै

माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, हमने िगभग 500 करोड़ रुपए की उवहें जमीन दी ह,ै उसके

बाद भी मध्र्प्रदशे के विद्यार्थयर्ों से इतनी फीस िेंगे तो इस पर भी सरकार को विचार करना

चावहए और इस पर कहीं न कहीं रोक िगना चावहए. जो विद्याथी पूरी पूरी फीस नहीं द ेपाते हैं

इससे ऐसे विद्याथी भी पढना चाहें तो िे भी इंजीवनर्ररंग कॉिेज में, मेवडकि कॉिेज में, पेरा

मेवडकि कॉिेज में पढ सकते हैं और अच्छी वाविटी की एजूकेशन िे सकते हैं. इसी प्रकार जो दो

और र्ूवनिर्सयटी हैं उनमें भी र्ही हाि ह.ै मैंने र्ह बात पहिे भी कही ह,ै मैं उसे ररपीट नहीं करना

चाहता हाँ. हम जानकारी िेंगे दक इंदौर में वसमबार्वसस र्ूवनिर्सयटी स्थावपत हो रही थी जो दक

वनजी विश्वविद्यािर् ह ै उसे 500 करोड़ रुपए की जमीन क्र्ों दी गई ह.ै इस बात को हम सब

जानते हैं िह बात मैं अभी बताना नहीं चाहता ह ंिेदकन जब इस तरह का कोई मामिा सदन में

आएगा तो मैं इस बात को जरुर बताउंगा.

श्री सुदशयन गुप्ता आर्य--बता दीवजए हम िोग सुनने के विए तैर्ार हैं.

श्री बािा बच्चन--सुनो आप. क्र्ा मध्र्प्रदशे के मुख्र्मंत्री के बेटे महाराष्ट्र में इस र्ूवनिर्सयटी

में पढ रह ेहैं इसविए 500 करोड़ रुपए की जमीन दी ह,ै और सुनोगे. माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्,

इन सब बातों को भी ध्र्ान में रखा जाए.

श्री सुदशयन गुप्ता आर्य--बेटा कहीं पढेगा र्ा नहीं पढेगा र्ा आपकी तरह अनपढ ही रहगेा.

क्र्ा बेटे को पढने का अवधकार नहीं ह.ै इनफोवसस और अवर् कमपवनर्ां आने के कारण िहां पर

रोजगार के अिसर उपिब्ध होंगे. िहां पढ विखकर नर्े-नर्े र्ुिा तैर्ार होंगे.

श्री बािा बच्चन--जो विद्याथी फीस िहन नहीं कर सकते हैं उन विद्यार्थयर्ों का भी ध्र्ान

रखा जाए. वजस मकसद से वनजी विश्वविद्यार् खोिे जा रह े हैं िह पूरा हो र्ही मेरा आग्रह ह.ै

धवर्िाद.

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

श्री दिेेवर िमाय (खण्डिा)-- उपाध्र्क्ष महोदर्, मैं मध्र्प्रदशे वनजी विश्वविद्यािर् वद्वतीर्

संशोधन विधेर्क 2016 (क्रमांक 14 सन 2016) के समथयन में बोिने के विए खड़ा हुआ ह.ं

उपाध्र्क्ष महोदर्, वजस प्रकार हम दखे रह ेहैं दक मध्र्प्रदशे के विद्यार्थयर्ों को अच्छी वशक्षा

वमिे िह चाह ेप्रार्मरी से िेकर हार्र एजूकेशन तक की बात हो इसके विए हमारी सरकार और

हमारे मुख्र्मंत्री जी प्रर्ास कर रह े हैं. हमारे प्रदेश में कुछ वनवश्चत साधन, संसाधन हैं हमारी

सरकार प्रर्ास कर रही ह ै दक उसमें दकस प्रकार ज्र्ादा से ज्र्ादा अच्छा कर सकें . िेदकन हम

व्यापक रुप में दखेते हैं तो िगता ह ैवशक्षा के के्षत्र में भी वनजी के्षत्र को िार्ें और समाज के प्रत्र्ेक

तबके तक उच्च वशक्षा पहुचंे. इसका प्रर्ास हमारी सरकार कर रही ह ैऔरऔर वनवश्चत रूप से

सकारात् मक पररणाम हमारे प्रदशे में दखेने को वमिे हैं. र्हां पर नर्े नर्े विश िविद्यािर् स् थावपत

हुए हैं और ऐसे के्षत्रों में वजसकी कल् पना हम नहीं कर सकते थे ऐसे के्षत्रों तक हमारे आददिासी और

गरीब भाई आज उच् च वशक्षा प्राप त कर रह ेहैं. वनवश्चत ही इस संशोधन के माध् र्म से कहीं न कहीं

समाज में इस प्रकार की बात जाती ह ैदक कहीं न कहीं वनजी विश िविद्यािर् होंगे, िह इस प्रकार के

सेंटर खोिते हैं, वजन सेंटरों के माध् र्म से एक धारणा ह ैदक िहां पर पढाई नहीं होती ह.ै िह वशक्षा

को बेचते हैं, वडवग्रर्ां बेचते हैं और िह मानक पूरे नहीं करते हैं. वनवश्चत ही इस प्रकार के संसाधनों

से और ज् र्ादा कठोरता के साथ और सरकार के िचीिे रूख के कारण इस प्रकार के सेंटरों को

हमारी सरकार और अच् छे से दखे पार्ेगी और हमारे बच् चों को अच् छी से अच् छी वशक्षा द ेपार्ेगी.

वनवश्चत ही जब हम वनजी विश िविद्यािर्ों की बात करते हैं तो मैं आपके माध् र्म से वनिेदन करना

चाहता ह ंदक हम प्रार्िेट विश िविद्यािर्ों के विर्े प्रर्ास कर रह ेहैं दक हमारे प्रदशे में आर्ें.

उपाध् र्क्ष महोदर्, मेरा आपके माध् र्म से वनिेदन ह ैदक हमारे प्रदशे में पहिे से ही प्रार्िेट

महाविद्यािर् संचावित हो रह ेहैं, कहीं न कहीं र्ू.जी.सी. के कुछ ऐसे वनर्म हैं वजसके कारण से इन

विश िविद्यािर्ों के संचािन में ददक् कत आती ह.ै जहां एक ओर दखेें तो स् िेट की जो परीक्षा ह ैिह

1993 के बाद हमारे मध् र्प्रदशे में नहीं हो पार्े हैं. इसके पररणाम स् िरूप कहीं न कहीं ददक् कतें आ

रही हैं. इसी प्रकार हम देखते हैं दक जो पी.एच.डी. और नेट है, इसकी गवत धीमी ह ैवजसके कारण

हमारे प्रदशे के छात्रों को को पी.एच.डी. और नेट करने में ददक् कत आ रही ह,ै इसकी प्रदक्रर्ा बहुत

धीमी ह.ै उसमें भी दकस प्रकार सुधार दकर्ा जार्े, इसका भी प्रर्ास हमारी सरकार के द्वारा दकर्ा

जाना चावहर्े और जो र्ू.जी.सी के नाम सय हैं 428 उसके माध् र्म से प्रार्िेट महाविद्यािार्ों में भी

ददक् कतें आ रही हैं. उन ददक् क् तों की ओर भी सरकार ध् र्ान दकेर सुधार करती ह ै तो ऐसे

महाविद्यािर् जो हमारे ग्रामीण के्षत्रों में सीवमत संसाधनों में अच् छी वशक्षा दनेे का काम कर रह ेहैं

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

उसके विर्े एक मीि का पत् थर सावबत होगा. उपाध् र्क्ष महोदर्, आपने बोिने का समर् ददर्ा,

बहुत-बहुत धव र्िाद .

श्री पव नािाि शाक् र् (गुना):- माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर् और माननीर् सभासदों को और

डॉक् टर साहब को भी बहुत-बहुत प्रणाम.

माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, अभी मुझे र्हां पर आर्े हुए िगभग 31 महीने हुए हैं. मुझे

र्हां पर बहुत अच् छे-अच् छे उदाहरण दखेने को वमिे हैं. अभी र्हां पर खनन के वििर् पर चचाय हो

रही थी. माफी चाहगंा मैं वििर् पर भूवमका जमा िंू. ज् र्ादा िम बी भूवमका नहीं होगी.

श्री गोपाि भागयि :- उपाध् र्क्ष महोदर्, आप इनको पर्ायप त समर् बोिने दें, क् र्ोंदक िह

बोर हो गर्े हैं.

श्री पव नािाि शाक् र् :- उपाध् र्क्ष महोदर्, मैंने दो-तीन वनजी विश िविद्यािर्ों के नाम सुने

हैं िह आपको बताना चाहता ह.ं एक वनजी विश िविद्यािर् म हर्िय िवशष् ठ ने स् थावपत दकर्ा था.

वजसने राम जैसे व् र्वक्त को पैदा दकर्ा. एक सांदीपवन ने वनजी विश िविद्यािर् स् थावपत दकर्ा,

वजसने कृष् ण जैसा व् र्वक्त पैदा दकर्ा और एक वनजी विश िविद्यािर् रविव रनाथ टेगोर ने स् थावपत

दकर्ा, वजसका नाम आज तक ह.ै हम वजतने वनजी विश िविद्यािर् स् थावपत कर रह ेहैं, क् र्ा िह

भारत के प्रवत िफादार बन रह े हैं ? गांि के प्रवत िफादार बन रह े हैं, क् र्ा इस प्रकृवत के प्रवत

िफादार बन रह ेहैं ? क् र्ा भ्रष् टाचार पर िगाम िगेगी ? जो भी कुछ हो, जैसे मैंने एक पत्र ददर्ा था

दक मेरे को इस पत्र का जिाब दो और उस पत्र का जिाब भी नहीं आर्ा तो ऐसे अवधकाररर्ों का

हम वनमायण करेंगे इस वशक्षा नीवत से तो क् र्ा होने िािा ह,ै क् र्ा भिा होगा. एक दसूरी बात और

ह,ै अभी मेरे सम मावनत सदस् र् कह रह ेथे दक 500 करोड़ रूपर्े की जमीन द ेदी तो क्र्ा बात ह,ै

बहुत अच्छी बात ह ैउसमें अब्दिु किाम जैसे िोग पैदा होंगे तो हमें खुशी होगी, िेदकन विजर्

माल्र्ा जैसे िोग होते हैं तो ऐसे वशक्षा विश्वविद्यािर् खोिने की कोई जरूरत नहीं ह.ै तो वनजी

विश्वविद्यािर्ों के वििर् में हमारे माननीर् उच्च वशक्षा मंत्री जी ने जो प्रस्ताि रखा ह,ै हम उसका

समथयन करते हैं और मैं जो कह रहा ह ंउस पर जरूर ध्र्ान दीवजर्ेगा दक उस विश्वविद्यािर् में क्र्ा

इस स्तर की पढाई होगी क्र्ा ? जो गांि के प्रवत िफादार हो, गांिों से िोगों का पिार्न हो गर्ा ह ै

उसका पररणाम र्ह वनकि रहा ह ैदक आदमी शहर की ओर आ रहा ह.ै शहर में पढने के बाद भारत

ही छोड़कर के चिा जाता ह ैतो ऐसी वशक्षा नीवत और ऐसे विश्वविद्यािर्ों पर बारीकी से विचार

दकर्ा जार्. मैं माननीर् उच्च वशक्षा मंत्री जी से जो बड़ ेमैदानी रह ेहैं मैं इनको बड़ी ही नजदीकी से

जानता ह,ं िह बड़ ेही ओजस्िी हैं और बड़ ेही फार्र हैं, िह जरूर इस पर विचार करेंगे. धवर्िाद.

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

उच्च वशक्षा मंत्री (श्री जर्भान ससंह पिैर्ा)--माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, हमारे विपक्ष के

िररष्ठ वमत्रों के विचार आर्े हैं और हमारे भाजपा वमत्रों के भी विचार प्राप्त हुए हैं. मैं प्रश्न का जिाब

दतेा ह ंतब भी और आज विधेर्क पर विचार हो रहा ह,ै तब से सामने से एक शब्द जरूर आ रहा ह ै

दक पिैर्ा जी अभी नर्े नर्े मंत्री बने हैं. मैं मंत्री नर्ा हो सकता ह,ं िेदकन नेता बहुत पुराना ह ंतथा

आपके जसैा ह.ं रामवनिास जी आप 18 साि पहिे की बात को भूि गर्े हैं, िगता ह.ै

डॉ.गोविवद ससंह--आपको तो पूरे प्रदशे का नेता मान रहा ह.ं

श्री रामवनिास राित--हम तो पूरे प्रदशे तथा दशे का नेता आपको मानते हैं. आप तो विश्व

वहवद ूपररिद के दशे के नेता भी रह ेहैं केिि मंत्री बनने के विर्े नर्ा विभाग ह,ै इसके विर्े आपको

ऐसा कहा ह.ै

श्री जर्भान ससंह पिैर्ा--माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, अभी डॉ.साहब ने अपने विचार

विधेर्क में संशोधन िाकर के रखे हैं इसमें कुछ बातें ऐसी आर्ी हैं. मैं आपको बहुत विनम्रतापूियक

स्पष्ट कर दू ंदक मुझे नहीं पता दक दकतने वमत्र र्हां कॉिेज िािे हैं. मेरा तो मेरी वजवदगी में कोई

स्कूि का भी काम नहीं ह.ै दसूरी बात ह,ै तो चुटकी िेते हुए बोिी होगी डॉ.साहब ने ऐसा िगता

ह.ै उवहोंने कहा दक कोई कािेज में वचकने पत्थर िगा िेते हैं, कहीं कहीं पर भोजन मंत्र कराकर के

भोजन कराते हैं तो कहते हैं दक बदढर्ा हो गर्ा. डॉ. साहब वचकने पत्थर र्ूवनिर्सयरटर्ों में िोग

िगा रह ेहैं, िेदकन आजकि साधुओं के आश्रमों में भी अगर चमकदार पत्थर नहीं होते तो भीड़ िहां

पर भी नहीं जाती ह,ै जमाना बदिा ह,ै र्ह सामावर् सी बात ह.ै भोजन मंत्र का जहां तक सिाि है

मैं आपका इशारा समझा ह ंआप दकसको कह रह ेहैं और आप क्र्ा कहना चाहते हैं अगर भोजन मंत्र

कराकर के न करार्ा जार् तो क्र्ा नशा करके भोजन करके भोजन करने से िोग वशक्षािान होते हैं,

ऐसा बता दीवजर्े. वबना संस्कार के वशक्षा अधूरी होती ह.ै मैं उत्तर पर आ रहा ह.ं आदरणीर् डॉ.

गोविव द ससंह जी ने 9 (ख) के पश चात 9 (ग) में संशोधन प्रस् तावित दकर्ा ह.ै

उपाध् र्क्ष महोदर् – खण् ड 4 में संशोधन ह.ै

श्री जर्भान ससंह पिैर्ा- उपाध् र्क्ष महोदर्, मैं माननीर् सदस् र् को अिगत कराना चाहाँगा

दक अवधवनर्म 2007 की धारा 7 (4) (झ) के अनुसार वनजी विश िविद्यािर् फीस वनधायरण का

काम, विश िविद्यािर् अनुदान आर्ोग वनर्ामक वनकार्ों र्था ए.आई.सी.टी.ई., एन.सी.टी.ई. एिं

बी.सी.आई. आदद के ददशा-वनदशेों के अनुसार करता ह.ै मूि अवधवनर्म की धारा 4 (झ) के

अनुसार, िह र्था-वस्थवत विश िविद्यािर् अनुदान आर्ोग, विवनर्ामक पररिदों र्ा विनार्मक

आर्ोग के मानकों, ददशा-वनदशेों के अनुसार प्रिेश प्रदक्रर्ा में फीस के वनर्तन को अिधाररत करता

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

ह.ै छात्रों से अनुवचत फीस न िी जार्े, इसके प्रवत उच् च वशक्षा विभाग सजग ह.ै इसका प्रािधान

पहिे से ही अवधवनर्म की धारा 36 (10) (ख) और (ग) में ह.ै

उपाध् र्क्ष महोदर्, ितयमान प्रािधानों के अनुसार िागत के आधार पर फीस वनधायरण का

नाम स् िर्ं वनजी विश िविद्यािर् करता ह ै दकव तु उस फीस वनधायरण की समीक्षा का कार्य

विवनर्ामक आर्ोग अवधवनर्म की धारा 36 (10) (ख) के अंतगयत करता ह.ै अवधवनर्म की धारा

36 (10) (ग) र्ह सुवनवश्चत करता ह ैदक छात्रों से ज् र्ादा फीस न िी जार्े. ितयमान में विवनर्ामक

आर्ोग राष् ट्रीर् फीस कमेटी, वजसका गठन सुप्रीम कोटय के ररटार्डय जज माननीर् श्री कृष् ण की

अध् र्क्षता में हुआ था. उनकी ररपोटय सन 2015 में सुझार्े गर्े फीस वनधायरण के मागयदशी वसद्धाव तों

का पािन करता ह.ै मैं उदाहरण के विर्े र्ह वनिेदन करूाँ गा दक श्री सत् र् सांई प्रौद्योवगकी एिं

वचदकत् सा विज्ञान विश िविद्यािर्, सीहोर द्वारा उसके अनेक पाठ्यक्रमों के विर्े जो फीस वनधायररत

की गई थी, उसको मध् र्प्रदशे वनजी विश िविद्यािर् विवनर्ामक आर्ोग, भोपाि द्वारा ददनांक

15/06/2016 को समीक्षा उपरांत कम दकर्ा गर्ा. जैसे एम.कॉम. पाठ्यक्रम के विर्े र्ूवनिर्सयटी में

फीस रू. 31,000 वनधायररत की थी िेदकन विवनर्ामक आर्ोग द्वारा उसे रू. 18,000 दकर्ा गर्ा

और इसी तरह बी.पी.एड. पाठ्यक्रम के विर्े रू. 77,000 की फीस को रू. 56,000 वनधायररत

दकर्ा गर्ा. आपने अध् र्ादशे िाने के बारे में सिाि उठार्ा ह.ै तीन निीन विश िविद्यािर्ों की

स् थापना, निीन अकादवमक सत्र में बहुत आिश र्क थी, प्रस् तावित थीं. उसके द्वारा पाठ्यक्रम

संचािन के पूिय, समस् त अधोसंरचना की उपिब् धता सुवनवश्चत कराने के उद्देश र् से अवधवनर्म में

आिश र्क संशोधन की तात् काविक आिश र्कता को देखते हुए र्ह अध् र्ादशे िार्ा गर्ा ह.ै

उपाध् र्क्ष महोदर्, र्ू.जी.सी. के बारे में कुछ प्रश न आर्े हैं. दवेखर्े, पहिे क्रम र्हां से शुरू होता था

दक पी.एस.सी. प्राथवमक वनरीक्षण प्रारंभ में करती थी और प्रारंभ में केिि 3 चीजों का वनरीक्षण

कर िेती थी दक क् र्ा भूवम ह,ै क् र्ा भिन ह ैऔर क् र्ा 5 करोड़ रूपर्े की दफक् स वडपॉवजट ह ै? र्ह

केिि पर्ायप त वनरीक्षण होता था, उसमें भी प्रािधान र्ह था दक उसको आिेदन करना ह ैएिं 18

मामिों में ऐसा हुआ ह ैदक र्ू.जी.सी. वनरीक्षण करने के विए नहीं आर्ा. प्रािधान में अवनिार्यता

नहीं ह,ै आिेदन का उल् िेख ह ैइसविए र्ू.जी.सी. के वनरीक्षण नहीं होने के बाद प्रदक्रर्ा शुरू करना

पड़ी. अभी जो संशोधन दकर्ा गर्ा ह,ै िह र्ह ह ैदक अब पूरी प्रदक्रर्ा होने के बाद, पाठ्यक्रम प्रारंभ

होकर 6 मास के भीतर शैक्षवणक स् टॉफ, अधोसंरचना, िेबोरेट्री िगैरह पूरे वनरीक्षण का कार्य

र्ू.जी.सी. करेगी और र्ू.जी.सी. के करने के बाद भी हमारे राित जी ने पूछा दक क् र्ा करेंगे. उसमें

हमें पर्ायप त अवधकार ददर्े गर्े हैं. मध् र्प्रदशे वनजी विश िविद्यािर् अवधवनर्म 2007 में हमें र्ह

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शवक्तर्ां दी गई हैं दक अगर वनजी विश िविद्यािर् में वित् तीर् कुप्रबंधन एिं कुशासन की वस्थवत

उत् पव न हो रही ह.ै तो विश िविद्यािर् आर्ोग ने अगर अवनर्वमतता पाई ह ैतो विश िविद्यािर् से

जानकारी प्राप त करने के साथ आर्ोग राज् र् शासन को ररपोटय दगेा और ररपोटय के बाद में राज् र्

शासन विश िविद्यािर् की माव र्ता को भी समाप त कर सकता ह.ै इसविए र्ूजीसी के वनरीक्षण के

बाद ऐसी कोई ररपोटय आती ह ैतो शासन के पास पर्ायप त अवधकार ह ैऔर शासन उस पर कार्यिाही

करेगा ही इसमें हमें कोई संदहे नहीं होना चावहए.

दसूरी बात फीस के वनधायरण की शुल् क के बारे में डॉक् टर साहब ने कही ह ै तो मैं एक

सैद्धाववतक बात आपको कह ंऔर आप सहमत होगें दक इस मामिे में सरकार पाटी नहीं बना सकती

िेदकन सरकार को जज की भूवमका में रहना चावहए. विश िविद्यािर् प्रार्ोजक और विद्यार्थयर्ों के

बीच संतुिन बनाने के विए हमें विद्यार्थयर्ों के वहत का भी ध् र्ान रखना ह ैऔर हमें फीस का

वनधायरण दखेकर करना ह ैजो मानक वसद्धांत उसके विए ददए गए हैं इसविए सीधी-सीधी फीस का

वनर्मन सरकार करेगी तो मुझे ऐसा िगता ह ै दक इतनी अनािश र्क शतें भी आप थोपेंगे तो जो

महत् िपूणय संस् थाएं मध् र्प्रदशे में वनिेश करने के विए वशक्षा के्षत्र में आ रही हैं हो सकता ह ै दक

अव र्त्र राज् र्ों में पिार्न करने िगें और हम शासकीर् और अशासकीर् स् तर पर जो प्रगवत चाहते

हैं, वशक्षा के के्षत्र में उसमें बाधा उत् पव न हो. अभी शासकीर् विश िविद्यािर् के बारे में आपने कहा ह ै

तो मैं आपकी जानकारी में िा दूं दक निीन शासकीर् विश िविद्यािर् भी खोिे जा रहें हैं वजसमें

छतरपुर में निीन विश िविद्यािर् की स् थापना की गई ह.ै महाराजा छत्रसाि मेवडकि एज् र्ूकेशन,

पशुवचदकत् सा, एग्रीकल् चर, संगीत वजसमें दो विश िविद्यािर् तो ग् िाविर्र में ही स् थावपत दकर्े गए

और विद्यार्थयर्ों की आिश र्कता को दखेते हुए और भी विश िविद्यािर्ों की आिश र्कता ह.ै वनजी

के्षत्र से मेरा अनुरोध र्ह ह ै दक अभी अिोचना भी हुई ह ैऔर कुछ तथ् र्ात् मक सुझाि आते हैं तो

उससे मैं असहमत भी नहीं हो सकता िेदकन हम जब सदन में वशक्षा के्षत्र की केिि धुंधिी तस् िीर

को पेश करेंगे तो मुझे िगता ह ैदक दशे के मानवचत्र पर मध् र्प्रदशे के वशक्षा जगत की केिि िही

तस् िीर जाती ह ैवजसको हम अवधक उभारेंगे. मैं विनम्रता से आपकी जानकारी में िा दू ंदक वनजी

विश िविद्यािर्ों में दो विश िविद्यािर्ों को एचआरडी भारत सरकार ने सौ श्रेष् ठ विश िविद्यािर्ों

को चर्न दकर्ा ह ैउसमें ग् िाविर्र की आईटीएम र्ूवनिर्सयटी और जेपी र्ूवनिर्सयटी गुना को भी

स् थान वमिा ह.ै एक तरफा तो नहीं कह सकते हैं दक पूरा ग् िास खािी ह,ै ग् िास भरा हुआ भी ददखे

तो मुझे िगता ह ै दक प्रदेश की दवृष्ट से हम सब उसी के जनप्रवतवनवध हैं हम व र्ार् कर सकें गे.

आदरणीर् राित जी ने विश िविद्यािर् अनुदान आर्ोग के बारे में प्रश न उठाए थे मैंने कुछ उत् तर दनेे

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की कोवशश भी की ह ै िेदकन आपके ध् र्ान में िा दू ं दक र्ह ररपोटय दनेा इस वनर्म में पहिे भी

बंधनकारी नहीं था िेदकन र्ह संशोधन करके इसका वनरीक्षण अवनिार्य ही दकर्ा जा रहा ह ैत्रुरट

पाए जाने पर सुधारात् मक वनदशे दनेे के साथ और सुधार नहीं करने पर विश िविद्यािर्ों को बंद

तक करा दनेे का प्रािधान पूिय से ही अवधवनर्म में ह.ै स् थापना करने के पश चात र्ूजीसी वनरीक्षण

करने के विए कभी भी स् ितंत्र ह ै और समर् समर् पर िह इस संबंध में विश िविद्यािर्ों का

वनरीक्षण करता ह ैऔर शासन उस विचार करता ह.ै

उपाध् र्क्ष महोदर्, बािा बच् चन जी ने विवनर्ामक आर्ोग के बारे में कुछ सुझाि ददर्ा है,

आपका सुझाि अच् छा ह ैिेदकन ितयमान में भी विवनर्ामक आर्ोग में अध् र्क्ष सवहत तीन वशक्षाविद

हैं और एक सेिावनिृत् त डी.जी. पुविस जो स् िंर् पी.एच.डी. के उपावधधारी हैं ितयमान में सदस् र् हैं

मैं आपकी जानकारी के विए बता दू ंदक शासन की ओर से भी विवनर्ामक आर्ोग को इस संबंध में

पत्र जारी दकर्ा गर्ा ह.ै उपाध्र्क्ष महोदर् - प्रश्न र्ह ह ै दक मध्र्प्रदशे वनजी विश्वविद्यािर्

(स्थापना एिं संचािन) वद्वतीर् संशोधन विधेर्क, 2016 (क्रमांक 14 सन 2016) पर विचार

दकर्ा जार्.

प्रस्ताि स्िीकृत हुआ.

अब विधेर्क के खण्डों पर विचार होगा.

खण्ड 4 : इस खण्ड में एक संशोधन ह.ै

डॉ. गोविवद ससंह - उपाध्र्क्ष महोदर्, मैं प्रस्ताि करता ह ं दक खण्ड 4 में इस प्रकार

संशोधन दकर्ा जार् -

खण्ड 4 में, उपखण्ड 9-ख के पश्चात वनम्नविवखत उपखण्ड स्थावपत दकर्ा जाए, अथायत -

"9-ग वनजी विश्वविद्यािर् दकवहीं कक्षाओं अथिा पाठ्यक्रमों के विए वशक्षण शुल्क

वनधायररत करने के विए विवनर्ामक आर्ोग को विवहत प्ररूप में आिेदन प्रस्तुत करेगा और परीक्षा

के पश्चात विवनर्ामक आर्ोग उक्त विश्वविद्यािर् को एक सी कक्षाओं अथिा पाठ्यक्रमों को चिाने

के विए वशक्षण शुल्क वनधायररत कर सूवचत करेगा."

उपाध्र्क्ष महोदर्, माननीर् उच्च वशक्षा मंत्री द्वारा संशोधन विधेर्क जो प्रस्तुत दकर्ा गर्ा

ह,ै उसमें िास्ति में वनजी विश्वविद्यािर् पहिे तो मैं र्ह पूछना चाहता ह ंदक आपने अभी कुछ ददन

पूिय 10 जून 2016 को अध्र्ादशे जारी दकर्ा ह.ै र्ह मेरी समझ में नहीं आ रहा ह ै दक आवखर

अध्र्ादशे की इतनी आिशर्कता क्र्ा थी? ऐसी कोई इमरजेंसी का काम नहीं था. न कोई ऐसी बाढ

आ गई थी दक इसमें संशोधन िाना पड़ ेर्ा विपवत्त आई हो, आवखर ऐसा िगता ह ैदक सरकार के

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पास कोई काम ह ैनहीं. बैठे ठािे संशोधन वनकािते रहो, न कोई अध्र्ादशे जारी करो? आवखर

अध्र्ादशे की आिशर्कता तो जब होती ह,ै संविधान में प्रािधान इसविए दकर्ा ह ै दक जब कोई

इमरजेंसी हो, आिशर्कता हो तब. 2 महीने बाद जब आपका विधान सभा सत्र आहत होने था,

विधेर्क आपने पेश दकर्ा तो 2 महीने में कौन-सी ददक्कत आ रही थी? इसे 2 महीने बाद पेश

करते. इसविए मैं आपसे अनुरोध करना चाहता ह ंदक अध्र्ादशे की परमपरा रोकने का काम करें.

र्ह प्रजातंत्र के वहतों में नहीं ह.ै

उपाध्र्क्ष महोदर्, माननीर् मंत्री जी ने अपने उद्देशर् में उल्िेख दकर्ा ह ैदक जो पाठ्यक्रम

और उसकी वििर् िस्तु , अधोसंरचना, अपेवक्षत अध्र्ापन, अध्र्ापनेत्तर कमयचारीिृंद, उनकी

संख्र्ा, अहयताएं, प्रिेश पात्रता, प्रिेश की प्रदक्रर्ा में फीस और ऐसे अवर् वििर्ों के विए मानक

स्थावपत दकर्े हैं. इसके साथ ही वनजी वनिेश को बढािा दनेे के विए विश्वविद्यािर् स्थावपत दकर्े

जा रह ेहैं. परवतु जो आपने उद्देशर् में तो र्ह दकर्ा ह.ै परव त ुआपने विधेर्क के उद्देश र् में तो दकर्ा

ह ैिेदकन आपने मूि विधेर्क की धारा में जो प्रस् तावित दकर्ा ह ैउस धारा में इस बात का कहीं

उल् िेख नहीं ह.ै आपने इसमें साफ विखा ह ै–

“वनजी विश िविद्यािर् दकव हीं कक्षाओं अथिा पाठ्यक्रमों को प्रारम भ करने के पूिय वनरीक्षण

के विर्े विवनर्ामक आर्ोग को विवहत प्रारूप में आिेदन प्रस् तुत करेगा और वनरीक्षण के पश चात

विवनर्ामक आर्ोग पाई गई दकसी व र्ूनता के बारे में उक् त विश िविद्यािर् को सूवचत करेगा और

उसे ठीक करने के विर्े उसे एक र्ुवक्तर्ुक् त अिसर प्रदान करेगा. विवनर्ामक आर्ोग ऐसी कक्षाओं

अथिा पाठ्यक्रमों को चिाने की अनुज्ञा तब तक प्रदान नहीं करेगा जब तक दक उस व र्ूनता को ठीक

नहीं कर ददर्ा जाता.”

इसमें आपने अपने उद्देश र् में फीस का उल् िेख दकर्ा, िेदकन इसमें आप जो संशोधन विधर्ेक

कानून बना रह ेहैं उसमें कहीं भी फीस के विर्े आपका कंट्रोि वनर्ामक आर्ोग का नहीं ह.ै इसविए

प्रदशे के वहत में, जनता के वहत में इस संशोधन को हमने प्रस् तुत दकर्ा ह.ै इस संशोधन की ही बात

ह.ै एक तो वनर्ामक आर्ोग बनाते हैं. उस वनर्ामक आर्ोग में वििर् विशेिज्ञों को रखना चावहए.

अभी सरकार ने फीस कमेटी तर् की ह,ै िेदकन जब आप पूरे विश िविद्यािर् के विए वनर्ामक

आर्ोग उसके अधीनस् थ िा रह ेहैं कक्षाओं को िा रह ेहैं, मंजूरी के विए िा रह ेहैं, वनरीक्षण का

अवधकार द ेरह ेहैं तो फीस का अवधकार भी आपको वनर्ामक आर्ोग को दनेा चावहए, र्ह मैं कहना

चाहता ह ू ंक् र्ोंदक वनजी विश िविद्यािर् आजकि व् र्िसावर्क अड्ड ेहो गए हैं. वजव होंने अभी दो ििय

पहिे विश िविद्यािर् खोिा ह.ै करोड़ों रूपर्े भी वबसल्डगंें, भिन बनाकर तैर्ार हो गर्े हैं. हम

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आपसे र्ह कहना चाहते हैं दक आज से करीब 20-25 ििय पूिय एक विश िविद्यािर् 20-20, 25-25

जगह थे. उस िक् त मेडीकि कॉिेज भी थे, फामेसी कॉिेज भी थे, सभी विश िविद्यािर् के अधीनस् थ

आते थे. आपकी सरकार के द्वारा, विभाग के द्वारा जो विश िविद्यािर् शासकीर् स् तर पर आपने

स् थावपत दकए हैं आप उनमें अच् छी गुणित् ता, एक प्रोफेसर दें. पढाई-विखाई करें तो वनजी

विश िविद्यािर् प्रदशे की जनता की गाढी कमाई के िूटने का एक जररर्ा न बनाएं, र्ह उवचत

होगा. र्ह िगातार विश िविद्यािर् खोिते चिे जा रह ेहैं अभी आपने तीन का प्रस् ताि कर ददर्ा.

मतिब जैसे बरसात में कुकुरमुत् ते के पेड़ उग आते हैं ऐसे विश िविद्यािर् खोि रह ेहैं. जगह-जगह

खोिने का काम हो रहा ह.ै आजकि वजनके पास थोड़ा पैसा हो गर्ा ह ैउव होंने विर्ा और मनमानी

फीस िे रह ेहैं उसमें फीस तर् ह ैिेदकन उस पर कहीं कोई कंट्रोि नहीं ह.ै कानून में कोई बाध् र्ता

नहीं ह.ै और इसविए जहां शासकीर् मेडीकि कॉिेज में, इंजीवनर्ररंग कॉिेज में फीस अगर 25 से

30 हजार िग रही ह ैतो िह 3-3, 4-4 िाख रूपर्े िे रह ेहैं. मेडीकि कॉिेज में 5 से 7 िाख फीस

तो िेते ही हैं प्रवतििय, िेदकन उसके अिािा डोनेशन भी िे रह ेहैं. जब मजी अगर कोई एक छात्र

एक ददन बीमार पड़ जाए, छुट्टी का आिेदन नहीं द ेपाए तो 100 रूपर्े का दण् ड िगा दतेे हैं. दो

ददन न आएं तो 200 रूपर्े फीस. उनके वहसाब से ड्रसे पहवनए. उस फीस के अिािा सांस् कृवतक

फीस, टूर फीस, बस फीस िगाकर िूटने का काम कर रह ेहैं. अच् छा तामझाम बनाकर जमा िेते हैं.

माबयि के बवे़ढर्ा-बवे़ढर्ा वचकने पत् थर िगा विर्े, िोग आकर्ियत हो जाते हैं. बहुत अच् छा काम चि

रहा ह.ै अगर भोजन का मंत्र पढा ददर्ा, भोजन का मंत्र पढकर र्दद भूि गए तो उसके भी 100

रूपर्े दण् ड कर ददर्े, र्ह हाित ह.ै इसविए इस पर कंट्रोि होना चावहए.

हमारा माननीर् मंत्री जी से अनुरोध ह ैदक इन पररवस्थवतर्ों में आप भविष् र् को दखेते हुए

जब आप सुधार कर रह ेहैं, सुधार के विए हम आपको धव र्िाद दतेे हैं िेदकन इसमें आपने खुद ही

उद्देश र् में शावमि करके, हो सकता ह ैआपकी वप्ररटंग में वमस् टेक हो गई हो, तो उसको आप सुधारने

का काम करें और मनमानी फीस रोकने के विए भी आपको वनर्ामक आर्ोग के पास जाना चावहए.

कक्षाएं खोिेंगे, वनरीक्षण करेंगे िेदकन इसके विए भी मैंने कहा दक पहिे आिेदन दें. आप फीस के

विए भी, जो फीस वनधायरण विनार्क आर्ोग करेगा उसके वहसाब से फीस वनधायररत हो. इसीविए

र्ह संशोधन प्रदशे की जनता के वहत में, छात्रों के वहत में और दकसान, मजदरूों के पढने िािे बच् चों

के वहत में ह.ै

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हमारा सरकार से आग्रह ह ै दक इस संशोधन को आप सियसम मवत से स् िीकार करें. उनकी

मनमानी पर वनजी विश िविद्यािर् जो मनमानी तानाशाही चिाते हैं उन पर रोक िगे, र्ही हमारा

कहना ह.ै इसी के साथ मैं अपनी बात समाप त करता ह ू .ं

पंचार्त एिं ग्रामीण विकास मंत्री (श्री गोपाि भागयि) -- गोविवद ससंह जी,

संशोधन िापस िे िें, उसके बारे में मंत्री जी ने काफी बोि ददर्ा ह.ै

डॉ. गोविवद ससंह -- उपाध्र्क्ष महोदर्, मैं बोि दतेा ह.ं चूंदक माननीर् उच्च वशक्षा

मंत्री जी ने स्पष्ट कर ददर्ा ह ैदक पहिे से ही धारा 36 में फीस के विर्े प्रािधान ह.ै हमारा जो

संशोधन ह,ै चूंदक इसका पहिे से प्रािधान ह,ै इसविर्े अब हम अपने इस संशोधन को िापस िेते

हैं.

उपाध्र्क्ष महोदर् - प्रस्ताि प्रस्तुत हुआ.

उपाध्र्क्ष महोदर् -- प्रश्न र्ह ह ैदक खण्ड 4 में इस प्रकार संशोधन दकर्ा जाए-

खण्ड 4 में, उपखण्ड 9-ख के पश्चात वनम्नविवखत उपखण्ड स्थावपत दकर्ा जाए, अथायत -

"9-ग. वनजी विश्वविद्यािर् दकवहीं कक्षाओं अथिा पाठ्यक्रमों के विर्े वशक्षण शुल्क

वनधायररत करने के विर्े विवनर्ामक आर्ोग को विवहत प्रारुप में आिेदन प्रस्तुत करेगा और परीक्षा

के पश्चात विवनर्ामक आर्ोग उक्त विश्वविद्यािर् को एक सी कक्षाओं अथिा पाठ्यक्रमों को चिाने

के विर्े वशक्षण शुल्क वनधायररत कर सूवचत करेगा. "

संशोधन िापस हुआ.

प्रश्न र्ह ह ैदक खण्ड 4 इस विधेर्क का अंग बने.

खण्ड 4 विधेर्क का अंग बना.

प्रश्न र्ह ह ैदक खण्ड 2,3,5 एिं 6 इस विधेर्क का अंग बने.

खण्ड 2,3,5 एिं 6 इस विधेर्क का अंग बने.

प्रश्न र्ह ह ैदक खण्ड 1 इस विधेर्क का अंग बने.

खण्ड 1 इस विधेर्क का अंग बना.

प्रश्न र्ह ह ैदक पूणय नाम तथा अवधवनर्मन सूत्र विधेर्क का अंग बने.

पूणय नाम तथा अवधवनर्मन सूत्र विधेर्क का अंग बने.

श्री जर्भान ससंह पिैर्ा -- उपाध्र्क्ष महोदर्, मैं प्रस्ताि करता ह ं दक मध्र्प्रदेश

वनजी विश्वविद्यािर् (स्थापना एिं संचािन) वद्वतीर् संशोधन विधेर्क, 2016 पाररत दकर्ा जार्.

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

उपाध्र्क्ष महोदर् -- प्रस्ताि प्रस्तुत हुआ दक मध्र्प्रदशे वनजी विश्वविद्यािर्

(स्थापना एिं संचािन) वद्वतीर् संशोधन विधेर्क, 2016 पाररत दकर्ा जार्.

प्रश्न र्ह ह ै दक मध्र्प्रदशे वनजी विश्वविद्यािर् (स्थापना एिं संचािन) वद्वतीर्

संशोधन विधेर्क, 2016 पाररत दकर्ा जार्. ..

श्री जसिंत ससंह हाड़ा -- उपाध्र्क्ष महोदर्, सियसममवत से करिा दीवजर्े. ना में

तो ह ैही नहीं कोई भी और ना में बोिते भी नहीं हैं बहुत. सब हां ही हां हो रही ह.ै इसविर्े

सियसममवत से पाररत करा दीवजर्े.

उपाध्र्क्ष महोदर् -- चविर्े, अगर दकसी को आपवत्त नहीं ह,ै तो सियसममवत से

पाररत कर दतेे हैं.

प्रस्ताि स्िीकृत हुआ.

विधेर्क सियसममवत से पाररत हुआ.

(4)मध् र्प्रदशे पंचार्त राज एि ंग्राम स् िराज(सशंोधन) विधरे्क, 2016

(क्रमाकं 16 सन 2016)

पंचार्त एिं ग्रामीण विकास(श्री गोपाि भागयि) – माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, मैं प्रस् ताि

करता ह ंदक मध् र्प्रदशे पंचार्त एिं ग्राम स् िराज संशोधन विधेर्क 2016 पर विचार दकर्ा जाए.

उपाध् र्क्ष महोदर् - प्रस् ताि प्रस् तुत हुआ दक मध् र्प्रदशे पंचार्त राज एिं ग्राम स् िराज

संशोधन विधेर्क 2016 पर विचार दकर्ा जाए.

श्री रामवनिास राित (विजर्पुर)– माननीर् गोपाि भागयि जी, पाररत तो होना ही ह,ै

आप बुंदिेखंड के हों और मैं भी उस के्षत्र का ह ंजहां बुव देिखंड जैसी वस्थवत हुई. आपने फ्िश

शौचािर् र्ा जििावहत शौचािर् संबंधी संशोधन दकर्ा ह.ै मैं केिि मंत्री जी से वसफय जानना

चाहता ह ंआप बुंदेिखंड के हों, जहां सूखे की त्रासदी जबरदयस् त रूप से झेिी ह,ै मैं उस के्षत्र का ह,ं

जहां पानी के विए िोग मारे मारे दफर रह ेहैं. आपने इसमें संशोधन के माध् र्म से फ्िश शौचािर्

और जििावहत शौचािर् की व् र्िस् था की ह.ै माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, मेरा ही एक गांि हैं,

100 प्रवतशत िहां शौचािर् बन गए हैं. आप तो 12000 रूपए द ेरह ेहों, बहुत एक् सपटय हो, बहुत

कम पैसे में बना दतेे हों. 12000 में फ्िश के शौचािर् और जििावहत शौचािर् कोई नहीं बना

सकता और बना भी िेंगे तो, जैसे मैंने बतार्ा दक मेरे के्षत्र में एक गांि ह ैकींजरी िहां पूरे घर घर में

शौचािर् बने हुए हैं, िेदकन पीने के पानी के विए इतना दरू जाना पड़ता ह ैदक कहीं से िे आए तो

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िे आए एक मटका, शौचािर् में उपर्ोग करने की तो हम कल् पना भी नहीं कर सकते दक हम

शौचािर् में पानी का उपर्ोग कर िें.

चौधरी मुकेश ससंह चतुिेदी – माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, र्ह तो वसफय प्रोत् साहन रावश ह ै

12000 रूपए तो वसफय प्रोत् साहन रावश ह,ै बाकी व् र्वक्त खुद बनाता ह,ै दफर भी इस बात को आप

बोि रह ेहैं.

श्री रामवनिास राित – मािूम ह,ै सुन िो और समझ िो.

उपाध् र्क्ष महोदर् - राित ससंह जी िे भी चम बि के हैं.

श्री रामवनिास राित – माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, मैं उस के्षत्र में वनिास करता ह ंजहां

पीटीजी ग्रुप सहररर्ा आददिासी प्रदशे का वनिास करता ह ैऔर मेरा एक ब् िाक ह,ै कराहाि, 100

प्रवतशत ट्रार्बि ब् िाक ह ैऔर वजतने भी िहां पदावधकारी ह,ै सारे चेर्रपसयन ट्रार्बि के ही ह,ै

सहररर्ा जावत के ही ह,ै उनकी वस्थवत र्ह ह ैदक मजदरूी करते हैं और पेट भरते हैं. अगर हम फ्िश

शौचािर् और जििावहत शौचािर् की व् र्िस् था कर दतेे उस समर् कोई भी आपवत्त कर के अगर

र्ह कह दगेा दक इसके घर में फ्िश शौचािर् और जििावहत शौचािर् नहीं ह ैतो मैं र्ह दािा कर

सकता ह ंमंत्री जी दक मेरे उस विकासखंड के सभी पंचार्तों में सरपंचों के पद खािी रह ेजाएंगे.

इसका विरोध नहीं ह,ै र्ह व् र्िस् था होना चावहए. व् र्िस् था तो पहिे दो बच् चों की भी थी िह

आपने समाप त कर दी, व् र्िस् था का विरोध नहीं ह,ै िेदकन हम व् र्िस् था से पहिे पानी की व् र्िस् था

कराए तो तो ज् र्ादा अच् छा ह.ै हमें इस तरफ भी ध् र्ान दनेा पड़ेगा, सोचना पड़गेा, हम केिि

व् र्िस् था कर दें व् र्िस् था से काम नहीं चिेगा, व् र्िस् था करेंगे, सब एफीडेविट भी िगाएंगे बना िेंगे.

आज कई गांि ऐसे हैं जहां शौचािर् बने हुए है, िेदकन पानी के अभाि में सूखे के समर् में िोगों ने

कभी शौचािर् का उपर्ोग नहीं दकर्ा न ही कर पाते हैं तो हम दकस तरह से ज् र्ादा से ज् र्ादा सोचे

की पानी की व् र्िस् था कैसे मुहरै्ा कराए. आप बुव दिेखंड के हों, भुगते भी हो, दखेा भी ह,ै क् र्ा

संभावित ह ै दक जििावहत और फ्िश शौचािर् सब बन जाए. सबके ऊपर टंकी रख जाए, एक

बाल् टी पानी पीने को नहीं वमिता क् र्ा उन टंदकर्ों से फ्िश चिाएंगे.

उपाध् र्क्ष महोदर् – इस विधेर्क पर चचाय पूणय होने तक सदन के समर् में िृवद्ध की जाए, मैं

समझता ह ंदक सदन इससे सहमत ह.ै (समर् के समर् में िृवद्ध की गई) 5.29

(सदन द्वारा सहमवत प्रदान की गई)

श्री रामवनिास राित – आप बाध् र्कारी कर रह ेहो, िेदकन कुछ चीजें ऐसी ह ैदक अगर र्े

भी दखे िें दक जो बीपीएि के िोग ह ैर्ा पीटीजी के िोग है, अगर ऐसी वस्थवत नहीं आ पाती ह ैतो

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उनके विए बंधन कर करें, र्ा दफर अिग से उनके विए इतनी रावश की व् र्िस् था कर दें, इतनी

व् र्िस् थ कर दें. भाई मुकेश जी ने कहा, उनके के्षत्र में कुछ िोग बना िेंगे, हमारे कुछ गांि हैं, िहां

भी िोग बना िेंगे स् िर्ं. िेदकन इस तरह के भी के्षत्र ह ैजो स् िर्ं की व् र्िस् था से नहीं बना सकते,

उनको अवधक से अवधक पैसे की व् र्िस् था कर दें तो बड़ा उवचत होगा, हम इसका समथयन भी करेंगे,

हमें कोई आपत्त वााा नहीं ह.ै

प्रभारी नेता प्रवतपक्ष(श्री बािा बच्चन) - माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, पहिे केवर में र्ूपीए

की सरकार थी ददल्िी में, जब वनमयि भारत अवभर्ान के तहत र्ह कार्य करार्े जाते थे और उसको

बदिकर जो एनडीए की सरकार ह ै ददल्िी में िह स्िच्छ भारत अवभर्ान के तहत इन वनमायण

कार्ों को करा रही ह.ै उसी समर् पहिे वनमयि भारत अवभर्ान के तहत जो रावश दी जाती थी िह

बाईस सौ रूपर्े थी उसके बाद चार हजार हुई उसके बाद इस सरकार ने बारह हजार रुपर्े दकर्े

हैं.जब से र्ह कार्यक्रम चि रह ेहैं तब से माननीर् मंत्री जी ही अगर वनगरानी करते,समीक्षा करते

तो मैं समझता ह ं दक अभी तक काफी शौचािर् बन जाते तो ऐसी नौबत नहीं आती और र्ह

संशोधन विधेर्क नहीं िाना पड़ता.मैं समझता ह ं दक जो रावश उस समर् दी गई िह रावश उस

काम में नहीं िगी और शौचािर् वनमायण में भारी भ्रष्टाचार हुआ ह ैऔर उवहीं कामों के विर्े उवहीं

शौचािर्ों के विर्े दफर से रावश स्िच्छ भारत अवभर्ान के तहत दी गई ह ैतो मेरा मंत्री जी से र्ह

कहना ह ैदक शौचािर् वनमायण में भ्रष्टाचार हुआ ह.ै उवहीं शौचािर्ों के विर्े दफर से रावश दी जाती

ह ैऔर राित जी ने जो बोिा ह ैदक वजनके घरों में फ्िश शौचािर् और जििार्ु शौचािर् अगर

नहीं हैं और उनको ग्राम पंचार्त के चुनाि में, चुनाि िड़ने से सरकार िंवचत करती ह ैतो र्ह उन

व्यवक्तर्ों को िोकतांवत्रक अवधकारों से िंवचत जैसा होगा. मुझे ऐसा िगता ह ैदक आप इस संशोधन

विधेर्क को इसविर्े िार्े हैं दक आपको भरोसा नहीं ह ै दक शौचािर् बन पार्ेंगे दक नहीं. इसके

बजार् आप ग्राम पंचार्त से िेकर जनपद पंचार्त तक की मॉनीटररंग करें. आपके विभाग से

मॉनीटररंग करिाएं तो शौचािर् भी बन जार्ेंगे और ऐसे संशोधन विधेर्क का सहारा नहीं िेना

पड़गेा तो उवहें चुनाि िड़ने से िंवचत न करें. र्ह उनके चुनाि िड़ने िािे अवधकार का हनन ह.ै

आप स्िच्छ भारत अवभर्ान की आपके विभाग में जमकर मॉनीटररंग करें तो कम से कम चुनाि

िड़ने िािों को चुनाि िड़ने से िंवचत न करें. शौचािर् बनें इसके पक्षधर हम िोग भी हैं िेदकन

आप अपनी विफिताओं को वछपाने के विर्े इस तरह के संशोधन विधेर्क का सहारा िेते हो तो

इसका कोई औवचत्र् नहीं ह,ै महत्ि नहीं ह.ै विभाग चाहता तो कभी के सभी शौचािर् बन

जाते.माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, आपने समर् ददर्ा धवर्िाद.

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श्री जसिंत ससंह हाड़ा - माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, र्े नेता प्रवतपक्ष हैं और अच्छे

जनप्रवतवनवधर्ों के विर्े प्रेरणा ह ैदक िे इस काम को करें. बािा बच्चन जी स्िच्छता अवभर्ान का

विरोध कर रह ेहैं.

श्री बािा बच्चन - आपने मेरी बात ठीक से नहीं सुनी.वनमयि भारत अवभर्ान के अंतगयत र्ह

शौचािर् बनाने का कार्यक्रम कई सािों से चि रहा ह.ै

श्री जसिंत ससंह हाड़ा - आप पचास-साठ साि से छूट दतेे आर्े. (XXX) अब उसको ठीक

करने का समर् आर्ा ह.ै

उपाध्र्क्ष महोदर् - आप बैठ जार्ें. गंदगी िािी बात वििोवपत.

डॉ.गोविवद ससंह(िहार) - माननीर् उपाध्र्क्ष महोदर्, माननीर् पंचार्त एिं ग्रामीण

विकास मंत्री द्वारा प्रस्तुत मध्र्प्रदशे पंचार्त राज एिं ग्राम स्िराज(संशोधन) विधेर्क,2016 का मैं

विरोध करता ह.ं विरोध इसविर्े करता ह ंदक आपका जो संशोधन विधेर्क ह ैर्ह मध्र्प्रदशे की

आज की पररवस्थवत में सामवर्क नहीं ह.ै जैसा दक राित जी ने बतार्ा दक पहिे तो आपने तमाम

संशोधन िा ददर्े. आप प्रजातांवत्रक संस्थाओं को क्र्ों नष्ट करना चाहते हैं. पहिे आपने पंचार्त के

चुनाि में दकर्ा दक दकसी पर विद्युत का वबि बकार्ा नहीं होना चावहर्े, िह चुनाि नहीं िड़

पार्ेगा. आपको जानकारी हो कई जगह बारह-पंरह ििों से वबजिी के खमभे नहीं हैं,ट्रांसफामयर

नहीं हैं और गांि में डेढ-दो िाख तक के वबि आ रह ेहैं. कई िोग पंचार्त का चुनाि िड़ने से

इसविर्े िंवचत हो गर्े क्र्ोंदक उनके पास वबजिी के डढे से दो िाख रुपर्े तक के वबि िंवबत थे.

दस बरस पहिे उवहोंने कनेक्शन विर्ा होगा. कई िोगों के वपताजी ने कनेक्शन विर्ा. हमारे र्हां

एक गांि कुरथर ह ैवजसका मैं उदाहरण बताता ह ंिहां 24 िोगों पर विद्युत अवधवनर्म की धारा-

35 िगा दी. उसमें जमानत का प्रािधान नहीं ह.ै फजी वबि हैं. 10 ििों से खमभे टूटे हुए हैं. फजी

वबि हैं, दस ििय से खंभे टूटे हैं िहां वबजिी ह ैनहीं िेदकन िहां रोक िगा दी. पंचार्त के चुनाि

िड़ने से िंवचत ही रह ेगर्े ह.ै इसके अिािा िह िोग जेि में भी गर्े. दीिािी उनकी जेि में मनी

थी. 24 में से 3 पकड़ ेगर्े थे, बाकी अवग्रम जमानत का प्रािधान ही नहीं है, उव होंने पूछा तो बोिे

दक प्रािधान नहीं ह.ै आपने पहिे इसमें रोक ददर्ा, दफर आपने तमाम पंचार्तों की ररकिरी की.

ठीक ह,ै पंचार्त का चुनाि िड़ रह ेहैं अगर पंचार्त में अगर ह ैपैसा, रावश का गबन है, उपर्ोग

दकर्ा ह ैतो उसे जमा करना चावहए.

XXX : आदशेानुसार ररकाडय नहीं दकर्ा गर्ा.

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माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, आप गांि के आदमी हो, ददन भर गांि के बीच में रहते हो,

जनता के बीच में गम मत भी गाते हो, ढोिक भी बजती ह,ै तो कम से कम व् र्ािहाररक रूप से दखेते

. शहर में बैठने िािे फाइि स् टार िािे तो अिग हैं. िेदकन आप तो वसफय दहेात िािे हो, अब गांि

में कई िोग ऐसे हैं वजनको अभी रोजगार गारंटी में काम वमिा है, परंतु िेतन नहीं वमिा, उनका

घर कच् चा ह,ै कच् ची मढर्ा बनी हुई ह,ै उसमें आप कहां से शौचािर् बना िेंगे, बारह हजार में

बनता ह.ै िेदकन आप गांि के िोगों के पीछे हाथ धोकर क् र्ों पड़ गर्े हैं दक र्ह चुनाि ही न िड़

पार्ें. आपने प्रवतबंध िगा ददर्ा. जनजागरण करें, सामवर्क चेतना जगार्ें.

डॉ. नरोत् तम वमश्र - आप इसका विरोध कर रह ेहो दक समथयन कर रह ेहो ?

डॉ. गोसिदं ससहं - घोर विरोध कर रह ेहैं.

डॉ. नरोत् तम वमश्र - दादा सरपंच बन जार्ेगा, िोटा िेकर गांि में जार्ेगा सबको ददखाता

हुआ अच् छा िगेगा.

श्री रामवनिास राित - आप ही व् र्िस् था कर दो दक बनने के बाद बना िे.

डॉ. नरोत् तम वमश्र - जो अच् छी चीज ह,ै अच् छी नजीरे बने ऐसी व् र्िस् था दो. वसफय विरोध

करना ह ैइसविए हर बात का विरोध ठीक नहीं ह.ै

उपाध् र्क्ष महोदर् - श्री रामवनिास राित जी हम भी सदन में बैठे हैं चंबि िािे आपस में

बात क् र्ों कर रह ेहैं ?

श्री गोपाि भागयि- जब सरकार एक रूपर्े दकिो का गेह ंवखिा रही ह ैतो शौचािर् की भी

व् र्िस् था करेगी क् र्ा ददक् कत ह.ै उसमें क् र्ा समस् र्ा ह ैऔर अच् छा ह.ै

डॉ. गोसिंद ससंह - समस् र्ा तो इसविए ह ै दक बना नहीं सकते ह ैऔर दफर बारह हजार

रूपर्े आप द ेरह ेहो, आपके पटेि साहब बोि रह ेह ैदक हमने बारह हजार रूपर्े में बनिा ददर्े.

श्री जािम ससंह पटेि - दो ब् िॉक में बन गर्े हैं और साईड में टंकी बनी ह.ै

डॉ. गोसिंद ससंह - चिो हम आपको पूरे सभंड वजिे का ठेका ददििा देते हैं, आप बनिा दो.

श्री रामवनिास राित - फ्िश िगे हैं, टंकी रखी ह.ै

उपाध् र्क्ष महोदर् महोदर् - जािम ससंह जी आपका माइक तो नीचे ह.ै

डॉ. गोसिंद ससंह - फ्िश के बनेंगे तो गड्ढ ेखोदना पड़गेा, गड्ढ ेबनते ह ैकरीब ढाई से तीन

हजार की तो सीट आती ह.ै

डॉ. नरोत् तम वमश्र - क् र्ों गोसिंद ससंह जी, आपने कहा जािम ससंह जी से दक चिो सभंड के

सब ठेके ददििा दतेे हैं.

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डॉ. गोसिंद ससंह - हां पंचार्तों के ददििा देंगे.

डॉ. नरोत् तम वमश्र - इतने सारे ठेके आप ही ददििाते हो क् र्ा

डॉ. गोसिंद ससंह - हां, हम ददििाते हैं. ग्राम पंचार्तों के, गरीबों को ठेके हम ददििार्ेंगे.

बारह हजार में हम बनिा देंगे.

श्री मुकेश ससंह चतुिेदी (मेहगांि) - माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर् अकेिे पंचर्तों के नहीं

पीडब् िूडी िगैरह सबके ठेके हम ददििाते हैं .(व् र्िधान)....

श्री जािम ससंह पटेि - माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर् अब ठेका वसस् टम भी खत् म हो गर्ा ह.ै

(व् र्िधान)....

श्री ददिीप ससंह पररहार (नीमच) - रेत के भी ठेके ददििार्ेंगे (व् र्िधान)....

श्री मुकेश ससंह चतुिेदी (मेहगांि) -जो भी विभाग हो, सबके ठेके होते हैं. (व् र्िधान)....

डॉ. गोसिंद ससंह - हम सरपंच से ददििा देंगे, आप बनाते जाओ....... (व् र्िधान)...

श्री घनश र्ाम वपरोवनर्ां (भाण् डेर) - रेत के भी ठेके ददििा देंगे डॉक् टर साहब...

(व् र्िधान)...

डॉ. गोसिंद ससंह - र्ह तो आप चड्ढी िािों के काम हैं ?

उपाध् र्क्ष महोदर् - श्री जािम ससंह पटेि..

डॉ. गोसिंद ससंह - मैं आपसे इतना अजय करना चाहता ह ंमाननीर् उपाध् र्क्ष जी िास् ति में

र्ह सच् चाई ह ै.

श्री ददिीप ससंह पररहार - माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर् र्ह बात बार चड्ढी की बात क् र्ों

करते हैं .(व् र्िधान)

डॉ. गोसिंद ससंह - िंगोट पहनकर आओ.

श्री शैिेंर जैन (सागर) - आप बगैर चड्ढी के हैं क् र्ा ? आप अपना स् टेटस बताइर्े.

.(व् र्िधान)

एक माननीर् सदस् र् - माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर् र्ह बहुत अभ्रद भािा ह ैदक वबना चड्ढी

के आ जाते हैं . .(व् र्िधान)..

डॉ. गोसिंद ससंह - िंगोट कसकर आर्े हैं .(व् र्िधान)

श्री ददिीप ससंह पररहार - .(व् र्िधान) ..माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर् राष् ट्रीर् स् िर्ं सेिक

संघ की िजह से इनकी नींद हराम ह.ै

श्री घनश र्ाम वपरोवनर्ां - चड्ढी पहनकर फूि वखिता ह ै. .(व् र्िधान) .(हसंी)

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श्री ददिीप ससंह पररहार - हां चड्ढी पहनकर फूि वखिा ह.ै

उपाध् र्क्ष महोदर् - ददिीप ससंह जी..... .(व् र्िधान) .

डॉ. गोसिंद ससंह - इसविए मैं कहना चाहता हाँ दक र्ा तो इनकी रावश बढार्े आप कम से

कम बीस हजार रूपर्े से ऊपर रावश कर दें तभी संभि ह ैदसूरा आप कह रह ेहैं दक खुिे में ना जार्.

अब हमारे गांि मैं मनसुख सरपंच ह.ै

उपाध् र्क्ष महोदर् - बैठ जार्े.

डॉ. गोसिंद ससंह - उसके अिािा पहिे मैं बता दू ं....

श्री जसिंत ससंह हाड़ा (शुजािपुर) - माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर् मैं चाह रहा था दक डॉक् टर

साहब कह रह ेहैं दक र्ह नहीं होना चावहए और दफर कह रहें दक रावश बढा दो...

डॉ. गोसिंद ससंह - अगर आप रावश बढा दें तो बना सकते हैं नहीं तो कैसे बनेगा.

श्री जसिंत ससंह हाड़ा - दफर शौचािर् की प्राथवमकता हो गई और र्दद रावश नहीं बढाओ

तो र्ह कानून गित हो रहा ह.ै

डॉ. गोसिंद ससंह - कई जगह गांि में आददिासी इिाके में झोपड़ी के, पत् थर के मकान बने

हैं, पत् थर का पटाि ह,ै पत् थर की दीिारें परटर्ा बने हुए ह ैिहां बारह हजार में आप गड्ढा ही नहीं

खोद सकते हैं, तो कहां से बारह हजार रूपर्े बन जार्ेगा शौचािर् ? िह रोजाना दवैनक मजूदरी

करने िािे हैं. उव हें सौ रूपर्े, डढे सौ रूपर्े मजदरूी वमिती ह ैगांि में रोजगार गारंटी में महीनों

तक पेमेंट नहीं होता ह ैइसविए ऐसी पररवस्थवत ह.ै इसविए शौचािर् अवनिार्य कर दें. हम सहमत

हैं िेदकन इसमें चुनाि का जो बंधन ह,ै उससे इसको मुक्त कर दें क्र्ोंदक आधे िोग चुनाि से िंवचत

होजाएंगे, र्ह प्रजातंत्र के विरोध में ह,ै प्रजातंत्र के विए घातक ह,ै र्ह विधेर्क िोगों के अवधकारों

का हनन करने िािा ह.ै इसविए माननीर् मंत्री जी से अनुरोध करना चाहते हैं दक आप इसमें रावश

बढाने की घोिणा करें, अवर्था इस संशोधन को िापस करें. डॉ. नरोत्तम जी, जो आप कह रह ेहैं तो

गांि में कई िोग ऐसे हैं जो ििों से जा रह ेहैं, उनके शौचािर् नहीं हैं, िह सिेरे घूमकर खेत में ही

जाते हैं.

डॉ. नरोत्तम वमश्र - िह तो आप भी पहिे जाते थे. िेदकन र्ह अच्छी आदत नहीं ह.ै

डॉ. गोविवद ससंह - हम तो अभी भी चिे जाते हैं. (हसंी)..हमें कोई ददक्कत नहीं ह.ै

डॉ. नरोत्तम वमश्र - आप अभी भी जाते हो तो र्ह अच्छी आदत नहीं ह.ै गांि में बह-बेरटर्ां

भी रहती हैं.

उपाध्र्क्ष महोदर् - डॉक्टर साहब, इसमें आजकि विवसि ब्िोअर भी आ गर्े हैं.

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

पंचार्त और ग्रामीण विकास मंत्री (श्री गोपाि भागयि) - उपाध्र्क्ष महोदर्, दवुनर्ा बहुत

तेज गवत से आगे बढ रही ह.ै हम जब र्ूरोप की बात करते हैं, अमेररका की बात करते हैं, हमारे

बहुत से वमत्र विदशेों में जाते हैं. मैं मानकर चिता ह ंदक कभी कभी हमें भी अपने दशे के बारे में

सोचना चावहए. प्रधानमंत्री जी की बहुत अच्छी कल्पना स्िच्छ भारत अवभर्ान की ह.ै इसके पूिय

की जो सरकार थी, उसने भी वनमयि भारत अवभर्ान चिार्ा था. रावश का अंतर हो सकता ह,ै

कभी 2200 रुपए, कभी 4200 रुपए, कभी 12000 रुपए हुए. उपाध्र्क्ष महोदर्, हम सभी की

एक सहमवत होना चावहए, सवममवित भािना होना चावहए. डॉक्टर साहब कह रह ेथे दक गांि के

िोगों के साथ मजाक ह.ै र्ह नगरीर् विकास विभाग जो ह,ै उसने भी कानून बनाने का काम कर

विर्ा ह,ै िह केवबनेट से हो गर्ा ह ैऔर र्ह जल्दी से जल्दी विधेर्क के रूप में सामने आएगा. आज

भी हम जाते हैं सड़क के दकनारे दोनों तरफ हम दखेते हैं दक मवहिाएं, चाह ेिे नगरीर् के्षत्र की हों,

चाह ेग्रामीण के्षत्र की हों, जब हमारी गाड़ी जाती ह,ै िाईट जिती हुई जाती ह,ै र्ा दफर िैसे ही

पैदि जाते हैं तो बेचारी उठती हैं बैठती हैं, जैसे ही कोई िाहन आता ह,ै जैसे ही कोई िोग आते हैं.

आज भी आजादी के 70 साि के बाद र्ह शमयनाक बात ह,ै बड़ी दर्नीर् वस्थवत हमारे वहवदसु्तान में

ह.ै

उपाध्र्क्ष महोदर् - आपने पुरुिों को क्र्ों छोड़ ददर्ा?.. िे उठते बैठते नहीं हैं.

श्री जसिंत ससंह हाड़ा- िे खड़ ेनहीं होते हैं.

श्री गोपाि भागयि - उपाध्र्क्ष महोदर्, आपने भी दखेा होगा. र्ह उन बेचारी मवहिाओं की

वििशता ह.ै र्ह हमारी मवहिाओं की मर्ायदा और इज्जत से जुड़ा हुआ सिाि है. मर्ायदा मवहिा की

क्र्ा, पुरुि की क्र्ा? मैं मानकर चिता ह ं दक र्ह बहुत बड़ा वििर् नहीं होना चावहए. क्र्ोंदक

भारत में जो आंकड़ा हमारे सामने ह ैइसमें वसफय 42 प्रवतशत आबादी किर कर पाए. अभी भी

हमारी 58 प्रवतशत आबादी इसमें किर होना बाकी ह.ै समाज के जो िररष्ठ िोग हैं, हम विधार्क,

मंत्री, सांसद, और भी हमारे नगरीर् वनकार्ों के िोग हैं, पंचार्तों के प्रवतवनवध हैं, वजिा पंचार्त,

जनपद पंचार्त, ग्राम पंचार्तों के प्रवतवनवध हैं. उपाध्र्क्ष महोदर्, र्ही िोग समाज को ददशा नहीं

ददखाएंगे, मैं मानकर चिता ह ं दक नीचे जो िोट देने िािा आदमी ह ैिह भी कहगेा दक सरपंच

साहब आप ही तो शौचािर् नहीं बनाए हो और आप हमारे शौचािर्ों का ठेका विए दफर रह ेहो,

हमको प्रेररत कर रह ेहो, हमें मोरटिेट कर रह ेहो, इसविए हमारा जो कंसेपट ह ैऔर प्रधानमंत्री जी

का ही नहीं, दकसी पाटी का ही नहीं, बवल्क पूरे दशे का र्ह विचार ह.ै इसविए मैं कहता ह ंदक इस

58 परसेंट आबादी को किर करने के विए, समाज को ददशा ददखाने के विए जो समाज के िररष्ठ

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

िोग हैं, चाह ेजनपद के हों, नगरीर् वनकार्ों के हों, चाह ेग्रामीण वनकार्ों के हों, सभी के विए

सवममवित रूप से प्रर्ास करना चावहए. ििय 2019 तक हमारा िक्ष्र् ह ैदक हम शतप्रवतशत जो शेि

65 िाख पररिार हैं, उनके शौचािर् बनाने का काम हम कर िेंगे. इसके विए सब प्रर्ास करने की

थोड़ी आिशर्कता ह.ै समाज के जो अग्रणी िोग हैं, उनके विए भी चाह ेिैधावनक रूप से बाध्र्ता

हो, चाह ेनैवतक रूप से हो, चाह ेजागरूकता के माध्र्म से हो, िेदकन उनसे र्ह काम करिाना

चावहए. इसी उद्देशर् से र्ह विधेर्क िार्ा गर्ा था. जहां तक श्री रामवनिास जी ने कहा ह ै दक

पानी की ददक्कत ह ैतो इसका जो इंटरवप्रटेशन ह,ै मैंने दखेा ह ैदक - does not have flush latrine or

pure flush latrine in his residential premises, इसमें दोनों प्रकार की हैं, मतिब एक िोटा भी

र्दद एक मग्गा भी आप पानी डािेंगे तब भी अपात्र नहीं होगा. वनरहयता नहीं होगी. इसविए इसमें

कोई शंका करने की आिशर्कता नहीं ह.ै दोनों प्रकार की हैं एक तो विफ्ट करते हैं उससे भी और

दसूरे से भी ह.ै उपाध्र्क्ष महोदर्, मैं चाहता ह ंदक दशे वहत में, समाज वहत में और भारत को 70

ििय आजादी के विए हो गर्े हैं और आज भी हम खुिे में शौच करने के विए जार्ं, हमारे पररिार

की मर्ायदा भंग हो तो मैं मानकर चिता ह ंदक समेदकत रूप से हम सभी के विए रावश की जहां तक

बात ह,ै िह कम ज्र्ादा होती ह.ै पहिे कम थी, सभी को जानकारी में ह,ै 1200 रुपए थी, 2200

रुपए हुई, 4200 रुपए हुई, अब 12000 रुपए हो गई. सही बात ह ैदक र्ह पररिार की मुवखर्ा की

भी वजममेदारी ह,ै गड्ढा खोदने का काम र्ा दसूरा िेबर का काम भी कर सकता ह,ै मटेररर्ि का

काम सरकार कर दगेी र्ा हमारी जो भी एजेंसी ह ैिह कर दगेी तो मैं मानकर चिता ह ंदक जहां

चाह िहां राह भी ह.ै हम इस मामिे में सफि होंगे. मैं सभी से आग्रह करता ह ं दक इसके विए

समथयन दें. नमस्कार.

श्री रामवनिास राित -- आपने अपना स् पष् टीकरण तो द ेददर्ा िेदकन उस समर् जो वस्थवत

होगी जब चुनाि होंगे वडस् क् िाविदफकेशन में ह ैर्ह चुनाि होंगे तो िोग आपवत्त करेंगे. इनके र्हां

फ्िश शौचािर् नहीं ह,ै जिरवहत शौचािर् नहीं हैं, दखेने कौन जाएगा. क् र्ा चेक करने ररटर्निंग

ऑदफसर जाएगा?

श्री गोपाि भागयि -- इसमें आप वबल् कुि भी कोई शंका न करें. र्दद िह शपथ पत्र भी देता

ह ैदक मेरे र्हां शौचािर् ह ैतो माव र् होगा, उसका फामय खाररज नहीं होगा. श्री रामवनिास राित -- इसमें और व् र्िथा कर दें र्ा वनर्मों में जोड़ दें. र्ह तो वनर्मों में

होगी.

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

श्री कमिेश िर पटेि -- माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, आपके माध् र्म से मंत्री जी से एक

सुझाि ह,ै एक वनिेदन ह ै दक बहुत सारे ऐसे गरीब हैं वजनके पास शौचािर् बनाने के विर्े भी

जगह नहीं ह ैऔर शौचािर् नहीं बनने की िजह से हमारे सीधी वजिे में ही कई िोगों को खाद्याव न

बंद कर ददर्ा गर्ा, वनरावश्रत वमिना बंद हो गए. इस तरह की वहटिरशाही नहीं होना चावहए.

शौचािर् बनें, बहन-बेरटर्ों की इज् जत सुरवक्षत रह,े पर इस तरह का कोई फरमान जारी नहीं हो.

आपके माध् र्म से वनिेदन ह ैदक इस तरह की व् र्िस् था बनाएं दक जो शासकीर् सुविधा ह ैिह उसमें

दकसी प्रकार की रोक नहीं िगनी चावहए.

उपाध् र्क्ष महोदर् – इस प्रकार का प्रािधान नहीं ह ैविधेर्क में.

श्री कमिेश िर पटेि – माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, इस तरह का विधेर्क में प्रािधान हुआ

ह.ै

श्री जािमससंह पटेि -- माननीर् अध् र्क्ष महोदर्, वजनके र्हां जमीन नहीं थी. सरकार ने

सरकारी जमीन में उसके विए शौचािर् बनार्ा. हमारे र्हां भी अिग से एक-दो िोग ऐसे वमि

गए हैं.

श्री गोपाि भागयि – नरससंहपुर वजिे में दो ब् िॉक ओडीएफ हो गए हैं.

उपाध् र्क्ष महोदर् – प्रश न र्ह ह ैदक मध् र्प्रदशे पंचार्त राज एिं ग्राम स् िराज (संशोधन)

विधेर्क, 2016 पर विचार दकर्ा जार्.

प्रस् ताि स् िीकृत हुआ.

उपाध् र्क्ष महोदर् - अब विधेर्क के खण् डों पर विचार होगा.

प्रश न र्ह ह ैदक खण् ड 2 विधेर्क का अंग बने. खण् ड 2 इस विधेर्क का अंग बना.

प्रश न र्ह ह ैदक खण् ड 1 इस विधेर्क का अंग बने.

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विधान सभा कार्यिाही / 26 July 2016 अशोवधत / प्रकाशन के विए नहीं

खण् ड 1 इस विधेर्क का अंग बना.

प्रश न र्ह ह ैदक पूणय नाम तथा अवधवनर्म सूत्र विधेर्क का अंग बने.

पूणय नाम तथा अवधवनर्म सूत्र विधेर्क का अंग बने.

श्री गोपाि भागयि – माननीर् उपाध् र्क्ष महोदर्, मैं प्रस् ताि करता ह ू ंदक मध् र्प्रदशे पंचार्त

राज एिं ग्राम स् िराज् र् (संशोधन) विधेर्क, 2016 पाररत दकर्ा जार्.

उपाध् र्क्ष महोदर् – प्रस् ताि प्रस् तुत हुआ दक मध् र्प्रदशे पंचार्त राज एिं ग्राम स् िराज् र्

(संशोधन) विधेर्क, 2016 पाररत दकर्ा जार्.

प्रश न र्ह ह ै दक मध् र्प्रदशे पंचार्त राज एिं ग्राम स् िराज् र् (संशोधन) विधेर्क, 2016

पाररत दकर्ा जार्. प्रस् ताि स् िीकृत हुआ.

विधरे्क पाररत हुआ.

विधान सभा की कार्यिाही बुधिार, ददनांक 27 जुिाई, 2016 को प्रात: 11:00 बजे तक

के विए स् थवगत.

सार्ं 5.50 बजे विधान सभा की कार्यिाही बुधिार, ददनांक 27 जुिाई 2016 (5 श्रािण,

शक संित 1938) के प्रात: 11.00 बजे तक के विए स् थवगत की गई ह.ै

भोपाि. अिधेश प्रताप ससहं

ददनांक: 26 जुिाई 2016 प्रमुख सवचि,

मध् र्प्रदशे विधान सभा.