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Address: Plot No. A-12,13, Flat No. 201, 2nd Floor, Ansal ... · प्ल श्वस्िक प्रदुषण के चलते दश्विणी ग्रेि श्वनकोब

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    इण्डिया ण्िस वीक काययक्रम का मक़सि आपको हफ्ते भर की उन अहम ख़बरों से रूबरू करना हैं जो आपकी परीक्षा के

    ण्िहाज़ से बेहि ही ज़रूरी है। तो आइये इस सप्ताह की कुछ महत्वपूर्य ख़बरों के साथ शुरू करते हैं इस हफ़्ते का इण्डिया

    ण्िस वीक काययक्रम...

    न्यूज़ हाईिाइट (News Highlight):

    वशै्विक भखू सचूक ांक में प श्वकस्त न और ब ांग्ल दशे से भी श्वपछड़ भ रत। 117 दशेों की सचूी में भ रत को श्वमल ह ै102 व ां

    स्थ न

    अांतरर ष्ट्रीय मदु्र कोष IMF के मतु श्वबक़ दशु्वनय में ज री ग्लोबल इकोनॉश्वमक स्लोड उन क ह ैभ रत पर सबसे ज़्य द असर।

    इस स ल दशु्वनय के क़रीब 90 फीसदी दशेों की कम रहगेी वशृ्वि दर

    प्ल श्वस्िक प्रदषुण के चलते दश्विणी ग्रेि श्वनकोब र द्वीप के प ांच समदु्र तिों के वज़दू पर ख़तर । भ रत के इस सबसे परु न ेद्वीप

    पर प ई गई हैं प्ल श्वस्िक की बोतलें

    न ग श ांश्वत समझौते को लेकर नेशनश्वलस्ि सोशश्वलस्ि क उांश्वसल ऑफ न ग लैंड - IM ने लग ए कें द्र सरक र पर आरोप। कह

    2015 में हुए न ग श ांश्वत समझौते के अपने व द ेसे मकुर रही ह ैकें द्र सरक र

    भ रतीय ऊज ा फोरम के सेर वीक सम्मलेन क हुआ नई श्वदल्ली में आयोजन। अनबुांध त्मक प्रश्वतबित ओ ां क सम्म न करेग

    भ रत

    World Sight Day के मौके पर WHO ने ज री की वल्डा श्ववज़न ररपोिा 2019। दशु्वनय में लगभग 1 श्वबश्वलयन से अश्वधक

    लोग हैं दृश्विहीनत से ग्रश्वसत।

    सबसे अश्वधक HIV सांक्रमण से प्रभ श्ववत र ज्य ह ैश्वमज़ोरम। पवूोत्तर भ रत के दो और र ज्य मश्वणपरु और नग लैंड भी हैं HIV

    सांक्रमण से ग्रश्वसत

    फेसबकु और ि्श्वविर जसैे सोशल नेिवश्वकिं ग अक उांि्स को आध र से जोड़ने की अज़ी को सपु्रीम कोिा ने श्वकय ख़ ररज।

    सोशल नेिवश्वकिं ग अक उांि्स पर श्वनयांत्रण के श्वलए द यर की गई थी ये य श्वचक

    अमरेरकी अांतररि अनसुांध न सांगठन न स ने भजे आइकॉन उपग्रह। व य ुऔर अांतररि के श्वमलन श्वबांद ुव ले रहस्यमयी और

    गश्वतशील िेत्र आयनमांडल क पत लग न ेक क म करेंगी ये सैिल इि

    India This Week

    (10th -16th October 2019)

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    खबरें ण्वस्तार से:

    1.

    2019 क वशै्विक भखू सचूक ांक ज री हो गय ह।ै बेल रूस, यकेू्रन, तकुी, क्यूब और कुवतै समते दशु्वनय के 17 दशे वशै्विक भखुमरी

    सचूक ांक 2019 में शीषा पर बने हुए हैं। ह ल ाँश्वक भ रत की श्वस्थश्वत एक ब र श्वफर से इस सचूक ांक में क फी श्वनर श जनक रही ह।ै 117

    दशेों की इस सचूी में भ रत को 102वें स्थ न पर रख गय ह।ै दखे ज ए तो 2019 के हांगर इांडेक्स में भ रत की रैंश्वकां ग में श्वसफा 1 अांक

    क म मलूी स सधु र आय ह।ै इस सचूक ांक में अगर भ रत के श्वपछले 4 स लों के ररकॉडा को दखे ेतो इसमें लग त र श्वगर वि दज़ा हो

    रही ह।ै स ल 2014 में भ रत जह ां इस सचूी में 55वें प यद न पर थ । तो वहीं 2015 में - 80वें, 2016 में - 97 वें, 2017 में - 100वें

    और स ल 2018 में भ रत - 103 वें प यद न पर थ ।

    दरअसल ये ररपोिा में दशेों में भखू की श्वस्थश्वत के आध र पर तैय र की ज ती ह।ै GHI इांडेक्स में दशेों में भखू की श्वस्थश्वत 0 से 100

    अांकों के ज़ररए दश ाई ज ती ह।ै इस इांडेक्स में 0 अांक श्वमलने क मतलब ह ैश्वक सम्बांश्वधत दशे में सवोत्तम य नी भखू की श्वस्थश्वत श्वबलकुल

    नहीं ह।ै इसके अल व 10 से कम अांक प ने व ले क मतलब ह ैश्वक दशे में भखू की समस्य क फी कम ह।ै जबश्वक इस इांडेक्स में 20

    से 34.9 अांक प ने व ले देशों को भखू के गांभीर सांकि व ले दशेों की श्रेणी में रख ज त ह।ै स थ ही 35 से 49.9 अांक व ले दशेों में

    भखू की ह लत चनुौतीपणूा होती ह ैऔर 50 य इससे ज्य द अांक प ने व ले दशेों को भखू के म मले में बेहद भय वह श्वस्थश्वत व ले

    दशेों की श्रेणी में रख ज त ह।ै भ रत को इस इांडेक्स में 30.3 अांक श्वमल ह।ै इस श्वहस ब से भ रत में भखू क गांभीर सांकि ह।ै

    ग़ौरतलब ह ैश्वक चनुौतीपणूा श्वस्थश्वत व ली श्रेणी में दशु्वनय के श्वसफा च र दशे हैं श्वजनमें च ड, मडे ग स्कर, यमन और ज श्वम्बय जसेै दशे

    शश्वमल हैं। इसके अल व सेंरल अफ्रीकन ररपश्वललक को इस सचूी में 53.6 अांक श्वमल ह ैश्वजसके क रण वो भखू के म मले में बेहद ही

    भय वह श्वस्थश्वत व ली कैश्विगरी में शमु र ह।ै इस ररपोिा में गौर करने व ली ब त ये भी ह ैश्वक दश्विण एश्वशय की सबसे बड़ी अथाव्यवस्थ

    व ले दशे भ रत को इस सचूक ांक में दश्विण एश्वशय ई दशेों में भी सबसे श्वनचले प यद न पर रख गय ह।ै वशै्विक भखू सचूक ांक में

    प श्वकस्त न, नेप ल, श्रीलांक और ब ांग्ल दशे जसेै दशे भी भ रत से आगे हैं। इसके अल व भ रत श्विक्स दशेों ि जील, रूस, चीन और

    स उथ अफ्रीक जसेै दशेों से भी बहुत पीछे ह।ै

    भ रत के रैंश्वकां ग में ख़र ब प्रदशान के श्वलए लांब ई के अनपु त में कम वजन य नी Child Wasting को मखु्य वजह बत य गय ह।ै इस

    म मले में भ रत की श्वस्थश्वत यमन और श्वजबतूी जसेै दशेों से भी खर ब ह।ै इसके अल व नेशनल फैश्वमली हले्थ सव ेके मतु श्वबक़ भी

    प ांच स ल से कम के क़रीब 38% बच्चे Stunted य नी उम्र के अनपु त में कम लांब ई और 21% बच्चे क Child Wasting य नी

    लांब ई के अनपु त में कम वजन के श्वशक र हैं। स थ ही WHO द्व र ज री की ज ने व ली ग्लोबल न्यशू्वरशन ररपोिा 2018 के मतु श्वबक

    भी भ रत में कुल च र करोड़ 66 ल ख बच्चे ऐसे ह ैश्वजनक कुपोषण के चलते लांब ई और वजन नहीं बढ ह।ै

    दखे ज ए तो भ रत में लोगों क एक बड़ तबक ख द्य व पोषण की दृश्वि से असरुश्वित ह।ै ग्र मीण िेत्रों में भशू्वमहीन, प रांपररक दस्तक र,

    प रांपररक सेव एाँ करने व ले लोग और श्वनर श्वश्रत व श्वभख री पोषण की दृश्वि से असरुश्वित हैं। इसके अल व शहरी िेत्रों में भी पररव र

    में क मक जी सदस्यों की कमी और कम वतेन प ने व ले रोज़ग र में व्यवस य करने व ले लोग भी ख द्य असरुि क श्वशक र हैं।

    सांश्ववध न के अनचु्छेद 47 के तहत स्व स््य र ज्यों क श्ववषय ह।ै ऐसे में पोषण, जीवन स्तर और स वाजश्वनक स्व स््य को बेहतर बन ने

    क क म र ज्य के ऊपर हैं। ह ल ाँश्वक आज़ दी के ब द से ही नीश्वत श्वनम ातों ने ख द्य नों पर श्वनभारत के श्वलए कई क़दम उठ ए हैं। इनमें

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    स वाज श्वनक श्ववतरण प्रण ली PDS, समश्वन्वत ब ल श्ववक स क याक्रम ICDS, श्वमड डे मील और अांत्योदय अन्न योजन ओ ां जसेै कई

    और भी महत्वपणूा योजन एां श श्वमल हैं।

    ग्लोबल हांगर इांडेक्स के ब रे में बत एां तो ये दशु्वनय के दशेों में भखुमरी और कुपोषण की गणन और इसके तलुन त्मक अध्ययन के

    श्वलए एक बहुआय मी स धन ह।ै ग्लोबल हांगर इांडेक्स को आयरलैंड की एड एजेंसी कां सना वल्डाव इड और जमान सांस्थ वले्ि हांगर

    श्वहल्फे तैय र करते हैं। ग्लोबल हांगर इांडेक्स को मखु्य रूप से च र म पनों के ज़ररए म प ज त ह।ै इनमें अल्पपोषण, लांब ई के अनपु त

    में कम वजन, आय ुके अनपु त में कम लांब ई और ब ल मतृ्य ुदर जसेै म नदांड श श्वमल हैं। एक तरीके से इस इांडेक्स के ज़ररए ये श्वदख य

    ज त ह ैश्वक दशु्वनय भर में भखू के श्वख़ल फ़ चल रही दशेों की लड़ ई में कौन-स दशे श्वकतन सफल और श्वकतन असफल रह ह।ै

    ग़ौरतलब ह ैश्वक इस इांडेक्स में उन दशेों को श श्वमल नहीं श्वकय ज त ह ैजो श्ववक स के एक ऐसे स्तर तक पहुाँच चकेु हैं, जह ाँ भखुमरी

    न म म त्र की ह।ै

    2.

    अांतरर ष्ट्रीय मदु्र कोष IMF की प्रबांध श्वनदशेक श्वक्रस्िश्वलन जॉजीव क कहन ह ै श्वक इन श्वदनों दशु्वनय के क़रीब 90 फीसदी दशे

    ग्लोबल इकोनॉश्वमक स्लोड उन से गज़ुर रह ेहैं। IMF क म नन ह ैश्वक मौजदू ग्लोबल इकोनॉश्वमक स्लोड उन क असर भ रत और

    ि ज़ील जसैी तेज़ी से उभरती अथाव्यवस्थ ओ ां पर सबसे ज़्य द श्वदख रह ह।ै इसके अल व चीन की आश्वथाक वशृ्वि दर भी धीरे-धीरे

    कम हो रही ह।ै

    IMF ने इस ह ल त के श्वलए मौजदू भ ू- र जनीश्वतक तन व, िेश्वक्सि और अमरेरक व चीन के बीच ज री रेड वॉर को श्वज़म्मदे र बत य

    ह।ै IMF के मतु श्वबक़ अकेले व्य प र यिु के चलते अगले स ल तक क़रीब 700 अरब डॉलर क नकुस न होग जोश्वक दशु्वनय की

    कुल जीडीपी की 0.8 फीसदी होगी। भ रत के श्वलह ज़ से दखेें तो श्ववत्त वषा 2019-20 की पहली श्वतम ही में भ रत की आश्वथाक श्ववक स

    दर प ांच फीसद थी, जो श्वक श्वपछले स ढे छह स लों क सबसे श्वनचल स्तर ह।ै इसके अल व भ रतीय ररजवा बैंक ने च ल ूश्ववत्त वषा के

    श्वलए श्ववक स दर के अनमु न को 6.9% से घि कर अब 6.1 फीसद कर श्वदय ह।ै गौर करने व ली ब त ये ह ैश्वक इस स्थश्वत से श्वनपिने

    के श्वलए IMF ने बशु्विमत के स थ मौश्वद्रक नीश्वतयों क इस्तेम ल करने और श्ववत्तीय श्वस्थरत को बढ ने क सझु व श्वदय ह।ै

    आपको बत दें श्वक इकोनॉश्वमक स्लोड उन को आश्वथाक अवमांदन के रूप में ज न ज त ह।ै दरअसल जब श्वकसी दशे की अथाव्यवस्थ

    की वशृ्वि दर धीरे-धीरे कमजोर पड़ती ज ती ह ैतो इसे ही आश्वथाक अवमांदन य नी इकोनॉश्वमक स्लोड उन कहते हैं। इसके अल व

    आश्वथाक मांदी य नी इकोन श्वमक ररसेशन वो अवस्थ होती ह ैजब श्वकसी दशे की अथाव्यवस्थ में वशृ्वि के बज य घिोत्तरी य कमी होने

    लगती ह।ै ग़ौरतलब ह ैश्वक आश्वथाक मांदी को म पने के श्वलए 5 क रकों क इस्तेम ल होत ह,ै श्वजनमें व स्तश्ववक जीडीपी, आय, रोज़ग र,

    श्ववश्वनम ाण और खदुर श्वबक्री श श्वमल ह।ै

    इसके अलव स्लोड उन के क रणों में अांतर ाष्ट्रीय और घरेल ूक रण शमु र होते हैं। इन तम म अांतर ाष्ट्रीय वजहों के अल व कच्चे तेल

    के बढते द म, रुपये की घिती कीमत और आय त के मकु बले श्वनय ात में श्वगर वि भी श श्वमल होती ह।ै इसके अल व स्लोड उन के

    घरेल ूक रणों में महत्वपणूा औद्योश्वगक िेत्रों में श्वगर वि, म ांग और आपशू्वता के बीच लग त र कम होत अांतर और श्वनवशे में कमी जसैे

    क रक श श्वमल भी होते हैं।

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    3.

    ह ल ही में ज री एक सव ेके मतु श्वबक़ प्ल श्वस्िक की समस्य के चलते भ रत के सबसे परु ने दश्विणी ग्रेि श्वनकोब र द्वीप के प ांच समदु्र

    तिों क वज़दू ख़तरे में आ गय ह।ै इन तिों पर प्ल श्वस्िक की बोतलें प ई गई हैं। श्वदलचस्प ब त यह ह ैश्वक इन तिों पर भ रतीय मलू क

    केवल 2.2% कचर थ , जबश्वक ब की कचर अन्य दशेों के हैं। ग़ौरतलब ह ैश्वक इस अांडम न के ग्रेि श्वनकोब र द्वीप क िेत्रफल क़रीब

    1044 वगा श्वकमी ह ैऔर यह ां लगभग 8,069 से अश्वधक लोग रहते हैं। इस द्वीप में ग्रेि श्वनकोब र ब योस्फीयर ररज़वा भी मौजदू ह ैश्वजसे

    यनूेस्को ने ब योस्फीयर ररज़व्सा के श्ववि नेिवका के रूप में घोश्वषत श्वकय गय ह।ै इन ब योस्फीयर ररज़व्सा में गलै श्वथय नेशनल प का

    और कैम्पबेल बे नेशनल प का श श्वमल हैं। इसके अल व इस द्वीप भ रत की सबसे आश्वदम जनज श्वत शोम्पेंस भी रहती हैं।

    दरअसल ये प्ल श्वस्िक कचरे हज रों स ल तक व त वरण में बने रहते ह ैय नी नि नहीं होते हैं। स थ ही कुल उत्प श्वदत प्ल श्वस्िक क

    म त्र 10-13% ही रीस यकल हो प त ह।ै फें के गए प्ल श्वस्िक ज़मीन के अन्दर य नदी के जररए समदु्र में बह ज ते हैं जह ाँ ये छोिे-छोिे

    कणों में िूिकर खतरन क रस यनों में तलदील हो ज ते हैं। श्वजससे पय ावरण और म नव स्व स््य को भ री नकु्स न होत ह।ै इसके अल व

    प्ल श्वस्िक में अश्वस्थर प्रकृश्वत क जशै्ववक क बाश्वनक एस्िर होत ह ैश्वजसके क रण कैं सर होने की सांभ वन एां रहती हैं।

    प्ल श्वस्िक की समस्य को दखेते हुए बीते 2 अक्िूबर से दशे में श्वसांगल यजू प्ल श्वस्िक को पूरी तरह से बैन कर श्वदय गय ह।ै सरक र क

    लक्ष्य 2022 तक प्ल श्वस्िक के प्रयोग को परेू तरीके से प्रश्वतबांश्वधत करने क ह।ै ये अश्वभय न दशे भर में र ष्ट्रव्य पी ज गरूकत अश्वभय न

    के तहत तीन चरणों में चल य ज येग । इसमें श्ववश्वभन्न सरक री एजेंश्वसयों द्व र ‘श्वसांगल यजू प्ल श्वस्िक’ के कचरे को जगह-जगह से

    इकठ्ठ कर इसे रीस इश्वक्लांग के श्वलए भजे ज एग ।

    4.

    ह ल ही में, नेशनश्वलस्ि सोशश्वलस्ि क उांश्वसल ऑफ न ग लैंड - IM ने कें द्र सरक र पर ये आरोप लग य ह ैश्वक सरक र स ल 2015 में

    हुए न ग श ांश्वत समझौते के अपने व द ेसे मकुर रही ह।ै NSCN - IM क कहन ह ैश्वक इस समझौते में एक स झ न ग सांप्रभतु और

    सांश्ववध न के स थ-स थ न ग ओ ां के श्वलए एक अलग ध्वज की ब त कही गई ह,ै श्वजस पर कें द्र सरक र श्वहल -हव ली कर रही ह।ै ह ल ांश्वक

    NSCN – IM 2015 के श्वजस न ग श ांश्वत समझौते की ब त कर रही ह ैउसके प्र रूप को अभी तक स वाजश्वनक नहीं श्वकय गय ह।ै

    आपको बत दें श्वक नेशनश्वलस्ि सोशश्वलस्ि क उांश्वसल ऑफ न ग लैंड पवूोत्तर भ रत में सश्वक्रय एक उग्र और अलग वव दी सांगठन ह।ै

    ग़ौरतलब ह ैश्वक आज दी के पहले न ग समदु य परूी तरीके से श्विश्विश श्वनयांत्रण में नहीं थ । न ग इल के के कुछ म मलों को अांग्रेजी

    सरक र दखे करती थी, जबश्वक ज्य द तर आांतररक म मले न ग समदु य के अधीन थे। इसके तहत श्विश्विश सरक र ने इस इल के को

    ‘नग श्वहल्स एक्सक्लडेूड एररय ’ न म श्वदय थ ।

    आज दी के वक्त न ग नेत अांग मी श्वफजो के नेततृ्व में इस समदु य ने भ रत सरक र से एक 9 सतू्रीय समझौत श्वकय । श्वजसके तहत इस

    ब त पर सहमती बनी थी श्वक अगले 10 स ल तक न ग भ रत में श श्वमल होंग।े उसके ब द व ेअपने र जनीश्वत भश्ववष्ट्य क फैसल खदु

    करेंग ेऔर तय करेंग ेश्वक व ेभ रत के स थ रहन च हते हैं य नहीं। ह ल ाँश्वक ये समझौत श्वफजो को अपने स श्वथयों के दब व में लेन पड़

    थ । इसश्वलए आग ेचलकर श्वफजो ने न ग नेशनश्वलस्ि क उांश्वसल य नी NNC न म से अपन एक अलग सांगठन बन श्वलय और एक

    अलग वव दी मशु्वहम शरुू की । अलग वव द के अपने इस मकसद को प ने के श्वलए श्वफजो ने सशस्त्र श्ववद्रोह क र स्त अपन य ।

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    अांग्रेज़ों से आज़ दी श्वमलने के ब द श्वफ़ज़ो के इस क़दम ने भ रत के स मने दशे की अखांडत को बच ए रखन सबसे बड़ी चनुौती थी।

    इसश्वलए स ल 1975 में भ रत सरक र और न ग नेशनश्वलस्ि क उांश्वसल के बीच ‘श्वशल ांग समझौत ’ पर दस्तख़त श्वकय गय । लेश्वकन

    तम म श्वभन्नत ओ ां के चलते यह समझौत भी पवूोत्तर में चल रह ेसांघषा पर रोक लग ने में न क म रह और पवूोत्तर में सांघषा ज री रह ।

    दरअसल न ग समदु यों क श्ववस्त र म्य ांम र समते असम, अरुण चल प्रदशे, न ग लैंड और मश्वणपरु जसेै र ज्यों तक फैल हुआ ह।ै

    इसश्वलए स ल 1980 में पवूोत्तर के 3 बड़े नेत ओ ां श्वचसी स,ू िी. मइुव और एस. एस. ख पल ांग के नेततृ्व में एक नए सांगठन नेशनश्वलस्ि

    सोशश्वलस्ि क उांश्वसल आफ न ग लैंड क गठन श्वकय गय । इस सांगठन क मकसद इन सभी इल कों को श्वमल कर ‘न ग श्वलम’ न म से

    एक अलग देश बन न थ । ह ल ांश्वक आग ेचलकर भ रत के स थ ररश्ते की प्रकृश्वत को लेकर इन नेत ओ ां में आपसी मतभेद हो गय

    श्वजसके क रण NSCN दो गिुों में बि गय । इसके ब द ख पल ांग के नेततृ्व व ले गिु को NSCN -K कह गय जबश्वक मइुव गिु को

    NSCN-IM कह ज त ह।ै दरअसल ये अलग व इस श्वलए हुआ थ क्यूांश्वक ख पल ांग गिु परूी तरह से भ रत से अलग होने के पि में

    ह,ै जबश्वक मइुव गिु भ रत के स थ रहकर ज्य द स्व यत्तत की म ांग कर रह ह।ै

    ह ल ाँश्वक इन सब के ब वजदू भी पवूोत्तर में श ांश्वत बह ल करने के मक़सद से भ रत सरक र ने 2001 में NSCN के स थ सांघषा श्ववर म

    समझौते पर हस्त िर भी श्वकय थ । लेश्वकन स ल 2011 में NSCN -K द्व र इस समझौते क उल्लांघन करने के क रण इस सांगठन पर

    प्रश्वतबांध लग श्वदय गय । इसके ब द श ांश्वत बह ल करने के अगले प्रय स में स ल 2015 में सरक र ने NSCN-IM के स थ ‘न ग

    श ांश्वत समझौते’ पर हस्त िर श्वकय थ और इसी समझौते को लेकर NSCN-IM कें द्र सरक र पर अब आरोप लग रही ह।ै

    5.

    बीते श्वदनों कैश्वम्िज एनजी ररसचा एसोश्वसएि्स वीक के तीसरे भ रतीय ऊज ा फोरम में मांश्वत्रस्तरीय व त ा हुई। पेरोश्वलयम एवां प्र कृश्वतक

    गसै मांत्र लय के सांरिण में आयोश्वजत इस व त ा में कई र ष्ट्रीय के स थ-स थ िेत्रीय ऊज ा कां पश्वनयों ने श्वशरकत की। व त ा के दौर न

    पेरोश्वलयम और प्र कृश्वतक गसै तथ इस्प त मांत्री धमने्द्र प्रध न ने कह श्वक सरक र ने गश्वतशील वशै्विक ऊज ा पररदृश्य में भ रत के ऊज ा

    िेत्र को अत्यश्वधक महत्व श्वदय ह।ै भ रत आने व ले दशकों में ऊज ा की भ री म ांग और श्ववक स की ज़रूरतों को दखेते हुए श्ववि में

    वशै्विक ऊज ा म ांग क सबसे महत्वपणूा क रक स श्वबत होग ।

    पेरोश्वलयम और प्र कृश्वतक गसै मांत्र लय के मतु श्वबक़ श्ववद्यतु िमत में नवीकरणीय ऊज ा के श्वहस्से में पय ाप्त वशृ्वि हुई ह ैजो इस समय

    22 प्रश्वतशत ह,ै जबश्वक 2014-15 में ये करीब 10 प्रश्वतशत थी। इसके अल व इथनॉल को श्वमल ने क प्रश्वतशत भी बढकर अब 6

    प्रश्वतशत हो गय ह ैजोश्वक 2012-13 में 0.67 फीसदी थ । स थ ही मौजदू वक़्त में लगभग 95 % से ज्य द पररव रों तक एलपीजी

    की पहुांच भी हो गई ह।ै

    दरअसल भ रतीय ऊज ा िेत्र में तीन महत्त्वपूणा बदल व श्वकये गए हैं। इनमें गश्वतशीलत , शहरीकरण और श्ववद्यतु उत्प दन श श्वमल ह।ै

    रेल मांत्र लय के मतु श्वबक़ भ रत की रेलव ेभी 2023 तक 100 प्रश्वतशत श्ववद्यतुीकृत होने की र ह पर ह।ै इसके अल व कोयल मांत्र लय

    क भी कहन ह ैश्वक भ रत में कोयले की प्रश्वत व्यश्वक्त खपत अमरेरक की तलुन में करीब 1/10व ां श्वहस्स ह।ै स थ ही भ रत इन सभी

    क़दमों के अल व गसै अथाव्यवस्थ में बदलने की योजन बन रह ह।ै कैश्वम्िज एनजी ररसचा एसोश्वसएि्स वीक के ब रे में आपको

    बत ए तो इसकी स्थ पन 1983 में कैश्वम्िज में की गई थी। मौजदू वक़्त में कैश्वम्िज एनजी ररसचा एसोश्वसएि्स वीक दशु्वनय क प्रमखु

    ऊज ा क याक्रम बन गय ह।ै

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    6.

    बीते श्वदनों श्ववि स्व स््य सांगठन WHO ने पहली श्ववि दृश्वि ररपोिा 2019 ज री की ह।ै ररपोिा में बत य गय ह ैश्वक दशु्वनय में क़रीब 1

    श्वबश्वलयन से अश्वधक लोग ऐसे हैं जो दृश्विहीनत ग्रश्वसत हैं। इसके अल व क़रीब 1.8 1 श्वबश्वलयन लोग प्रेस्बोश्वपय से ग्रश्वसत हैं य नी

    श्वजन्हें आस-प स की चीज़ों को दखेने में कश्वठन ई क स मन करन पड़त ह।ै

    इन सब के अल व वल्डा श्ववज़न ररपोिा 2019 में कई और भी महत्वपणूा आकां ड़े श्वदए गए हैं। ररपोिा में बत य गय ह ैश्वक दशु्वनय भर में

    क़रीब 2.6 श्वबश्वलयन लोग ऐसे हैं जो म योश्वपय य नी श्वजन्हें दरू दृश्वि दोष हैं। गौर करने व ले ब त ये ह ैश्वक दरू दृश्वि दोष से ग्रश्वसत लोगों

    में करीब 312 श्वमश्वलयन लोग 19 स ल से भी कम उम्र के हैं। इसके अल व ररपोिा में दृश्वि दोष से जड़ेु हुए कई और भी आाँकड़ों क

    श्वज़क्र ह।ै इनमें 65.2 श्वमश्वलयन लोग मोश्वतय श्वबांद, 6.9 श्वमश्वलयन लोग ग्लकूोम और 4.2 श्वमश्वलयन लोग कॉश्वनायल ओपेश्वसिी से ग्रश्वसत

    हैं।

    स थ ही ड यश्वबश्विक रेश्विनोपैथी और रेकोम से ग्रश्वसत लोगों की सांख्य भी क्रमश: 3 और 2 श्वमश्वलयन ह।ै

    ग़ौरतलब ह ैश्वक वल्डा श्ववज़न ररपोिा 2019 के मतु श्वबक़ पश्विमी और पवूी उप-सह र अफ्रीक के अल व दश्विण एश्वशय के श्वनम्न और

    मध्यम-आय व ले िेत्रों में दृश्विहीनत की दर उच्च-आय व ले दशेों के मक़ु बले आठ गनु ज़्य द ह।ै इसके अल व ररपोिा में बत य

    गय ह ैश्वक मश्वहल ओ ां में मोश्वतय श्वबांद और रेकोमिैस र इश्वकय श्वसस जसेै म मले सबसे अश्वधक प ए गए हैं। इन सब के अल व ररपोिा

    में इस ब त क श्वज़क्र ह ैश्वक दृश्विहीनत ग्र मीण िेत्रों में रहने व ले श्वनम्न आय व ले लोगों, मश्वहल ओ ां, बुजगुों और श्वदव्य ांगों में सबसे

    अश्वधक दखे ेज ते हैं।

    WHO द्व र ज री इस ररपोिा में भ रत के प्रय सों क भी सर हन की गई ह।ै ररपोिा के मतु श्वबक़ भ रत सरक र द्व र चल ई गई NPCB

    क याक्रम के तहत स ल 2016-2017 में, मोश्वतय श्वबांद से जझू रह ेकुल 6.5 श्वमश्वलयन लोगों की सजारी की गई। आपको बत दें श्वक

    नेशनल प्रोग्र म फॉर कां रोल ऑफ़ लल इांडनेस NPCB दृश्वष्ट् िहीनत श्वनयांत्रण के श्वलए एक र ष्ट्रीय क याक्रम ह ैश्वजसकी शरुुआत 1976

    में की गई थी। NPCB क याक्रम क मक़सद 2020 तक दशे में दृश्वष्ट् िहीनों की सांख् य को 0.3 प्रश्वतशत तक करने क लक्ष् य ह।ै

    इसके अल व श्ववि दृश्वि ररपोिा 2019 बीते श्ववि दृश्वि श्वदवस के मौके पर ज री की गई ह।ै श्ववि दृश्वि श्वदवस हरस ल अक्िूबर महीने के

    दसूरे गरुुव र को मन य ज त ह।ै श्ववि दृश्वि श्वदवस क मक़सद बचने योग्य अांधेपन और दृश्वि नकुस न के वशै्विक मदु्द ेपर ध्य न कें श्वद्रत

    करने के श्वलए ज गरूकत प्रस ररत करन ह।ै

    7.

    मौजदू वक़्त में श्वमज़ोरम देश क सव ाश्वधक HIV सांक्रमण से प्रभ श्ववत र ज्य ह।ै बीते श्वदनों श्वमज़ोरम में HIV/AIDS के कुछ नए म मले

    स मने आए हैं। श्वमज़ोरम र ज्य एड्स श्वनयांत्रण सोस इिी MCACS के आाँकड़ों के मतु श्वबक़ श्वमज़ोरम में HIV सांक्रमण दर 2.04% ह।ै

    श्वमज़ोरम में HIV सांक्रमण दर 2017 - 2019 के दौर न क फी तेज़ी से बढी ह।ै एक ओर जह ां स ल 2017-18 के दौर न श्वमजोरम में

    HIV सांक्रमण में कुल 7.2% की दर से वशृ्वि हुई तो वहीं स ल 2018-19 में ये दर 9.2% तक पहुाँच गई । श्वमजोरम के अल व पवूोतर

    भ रत के 2 और र ज्य मश्वणपरु और नग लैंड भी HIV प्रभ श्ववत र ज्यों की सचूी में क्रमशः दसूरे और तीसरे नांबर पर ह।ै मश्वणपरु में जह ां

    HIV सांक्रमण दर 1.43%ह ैतो वहीं नग लैंड में भी HIV सांक्रमण दर 1.15% बनी हुई ह।ै ग़ौरतलब ह ैश्वक HIV सांक्रमण से प्रभ श्ववत

    लोगों में 25-34 स ल के व्यश्वक्त सबसे अश्वधक प ए गए हैं। इसके अल व 35-49 स ल और 15-24 आय ुवगा के लोग भी HIV

    सांक्रमण से प्रभ श्ववत लोगों की सचूी में क्रमशः दसूरे और तीसरे प यद न पर हैं। श्वमज़ोरम र ज्य एड्स श्वनयांत्रण सोस इिी MCACS के

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    मतु श्वबक़ स ल 2006 से म चा 2019 के बीच क़रीब 67.21% व्यश्वक्त यौन सांबांधों के क रण HIV सांक्रमण से ग्रश्वसत हुए हैं। इसके

    अल व ड्रग्स लेने के श्वलए इस्तेम ल की गई सांक्रश्वमत सुइयों की वजह से भी क़रीब 28.12% व्यश्वक्त HIV सांक्रमण से प्रभ श्ववत हुए हैं।

    श्वमज़ोरम सरक र ने HIV सांक्रमण से बच व और उपच र के श्वलये इांिीग्रेिेड क उांसश्वलांग एांड िेश्वस्िांग सेंिर स्थ श्वपत श्वकए हैं। श्वमज़ोरम

    सरक र ने र ज्य में इस तरह के 44 कें द्र स्थ श्वपत श्वकए गए हैं जह ां मरीजों की श्वनशलु्क ज ांच की ज ती ह।ै इसके अल व श्वमजोरम स्िेि

    एड्स कां रोल सोस यिी के मतु श्वबक़ इन कें द्रों पर प्रश्वतश्वदन HIV सांक्रमण के नौ नए मरीज ज ांच कर ने के श्वलए पहुांच रह ेहैं जोश्वक श्वचांत

    क श्ववषय ह।ै ग़ौरतलब ह ैश्वक श्वमजोरम में HIV पॉश्वजश्विव क पहल म मल 1990 में स मने आय थ । अब तक र ज्य में एड्स के

    कुल 19,631 म मले स मने आ चकेु हैं। इसके अल व इस सांक्रमण के चलते र ज्य में अब तक कुल क़रीब दो हज र से अश्वधक एड्स

    मरीजों की मौत तक हो चकुी ह।ै

    श्वमज़ोरम के ब रे में आपको बत एां तो ये भ रत के स त उत्तर-पवूी र ज्यों में से एक ह।ै इसकी सीम एां पवूा और दश्विण में म्य ांम र और

    पश्विम में ब ांग्ल दशे से श्वमलती हैं। इसके अल व श्वमज़ोरम क उत्तरी श्वहस्स भी पवूोत्तर के कुछ र ज्यों से श्वघर हुआ ह,ै श्वजसमें मश्वणपरु,

    असम और श्वत्रपरु र ज्य श श्वमल हैं। श्वमजोरम में सबसे ज़्य द ईस ई समदु य के लोग रहते हैं, श्वजनकी मौजदूगी करीब 87 % ह।ै ईस ई

    बहुल र ज्य श्वमज़ोरम र ज्य के म्य ाँम र और ब ांग्ल दशे की सीम से लग ेहोने के क रण ये र ज्य लम्बे समय से ड्रग्स और म नव तस्करी

    की समस्य से भी जझू रह ह।ै

    8.

    बीते श्वदनों के्रश्वडि सइुस ररसचा इांस्िीि्यिू ने CS जेंडर 3000 ररपोिा ज री की ह।ै ये ररपोिा लैंश्वगक असम नत और कां पनी के बेहतर

    प्रदशान के बीच सांबांध को बदलते महौल की श्वदश में प्रदश्वशात करती ह।ै इस ररपोिा के मतु श्वबक़ मौजदू वक़्त में ख़ स तौर पर उच्च

    पदों पर परुुष वचास्व क यम ह,ै श्वजसे कम य दरू करने के श्वलये श्वनजी िेत्र द्व र क फी क म श्वकये ज ने की ज़रूरत ह।ै इस रपोिा में बत य

    गय ह ैश्वक पररव र के स्व श्वमत्व व ली कां पश्वनयों में मश्वहल ओ ां की भ गीद री 10% से भी कम ह।ै इसके अल व प ररव ररक श्वज़म्मदे ररयों

    के चलते भी मश्वहल यें नौकरी नहीं कर प ती हैं जोश्वक उनके ऊपर स म श्वजक रूप से दब व पैद करन ेक क म करती हैं । स थ ही सभी

    िेत्रों में मश्वहल ओ ां के मक़ु बले में परुुषों क वतेन भी ज़्य द ह ैग़ौरतलब ह ैश्वक इस ररपोिा के श्वलये दशु्वनय के कुल 56 दशेों की क़रीब

    3000 कां पश्वनयों क सव ेश्वकय गय ह।ै सव ेके आांकड़ों के मतु श्वबक़ वशै्विक स्तर पर मश्वहल ओ ां की भ गीद री बढी ह।ै इसमें नॉव,े फ्र ाँस,

    स्वीडन और इिली जसैे देश शीषा स्थ न पर हैं ह ल ाँश्वक भ रत की इस म मले में श्वस्थश्वत सर हनीय नहीं ह।ै

    श्वपछले स ल आई वशै्विक लैंश्वगक अांतर ल ररपोिा 2018 में भी भ रत 108वें स्थ न पर थ । इसके अल व वल्डा इकोनॉश्वमक फोरम द्व र

    ज री की ज ने व ली वशै्विक लैंश्वगक अांतर ल ररपोिा में भ रत अपने कई पड़ोसी मलु्क़ों से भी पीछे ह।ै एक ओर जह ां ब ांग्ल दशे इस

    सचूी में 48वें और श्रीलांक 100वें प यद न पर ह ैतो वहीं चीन और नेप ल भी इस म मले में भ रत से बेहतर हैं। दरअसल लैंश्वगक

    असम नत क मतलब लैंश्वगक आध र पर मश्वहल ओ ां के स थ भदेभ व करने से ह।ै लग त र कम होते श्वलांग नपु त के क रण जनसांख्य

    में असांतुलन पैद हो होत ह ैश्वजससे क रण मश्वहल ओ ां के श्वख़ल फ़ अपर ध बढने जसैी कई स म श्वजक समस्य एाँ पैद होती हैं। एक

    अरसे से मश्वहल ओ ां को सम ज में कमज़ोर वगा के रूप में दखे ज त रह ह।ै दशु्वनय भर में मौजदू लैंश्वगक अस मन के पीछे मश्वहल ओ ाँ

    की कम आश्वथाक भ गीद री, कम स िरत दर और ख़र ब स्व स््य के अल व कम जीवन प्रत्य श जसैे म मले श श्वमल हैं। इसके

    अल व भ रत में भी मौजदू लैंश्वगक अस मनत के पीछे आश्वथाक, स म श्वजक, र जनीश्वतक और ध श्वमाक क रणों जसेै महत्वपणूा क रक

    श्वज़म्मदे र हैं। सम जश श्वस्त्रयों के मतु श्वबक़ भ रत में श्वपतसृत्त त्मक सोंच भी लैंश्वगक असम नत के श्वलए ब ध ह।ै इसके अल व ग़रीबी,

    कुपोषण, ब ल श्ववव ह, दहजे और घरेल ूश्वहांस जसैी गश्वतश्ववश्वधय ां भी भ रत में लैंश्वगक असम नत के श्वलए श्वज़म्मदे र हैं।

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    के्रश्वडि सइुस ररसचा इांस्िीि्यिू क्ले ब रे में आपको बत एां तो ये एक इन-ह उस श्वथांक िैंक ह।ै इस सांस्थ की शरुुआत स ल 2008 के

    श्ववत्तीय सांकि को दखेते हुए की गई थी। इस सांस्थ क मक़सद लांबे समय के श्ववत्तीय श्ववक स और इसके प्रभ वों क आश्वथाक िेत्र और

    उसके ब हर अध्ययन करन ह।ै

    9.

    बीते 14 अक्िूबर को सपु्रीम कोिा ने एक जनश्वहत य श्वचक पर सनुव ई करते हुए फेसबकु और ि्श्वविर जसेै सोशल नेिवश्वकिं ग अक उांि्स

    को आध र से जोड़ने की म ांग को ख़ ररज कर श्वदय । उच्चतम न्य य लय ने कह श्वक इस म मले पर मद्र स ह ई कोिा पहले ही सनुव ई

    कर रह ह ैऐसे में दख़ल की कोई जरूरत नहीं ह।ै एक आांकड़े के मतु श्वबक नफरत फैल ने व ले सांदशेों के म मलों में हर स ल 19 से

    30 फीसदी की वशृ्वि दखेी ज रही ह.ै इसमें एक बड़ श्वहस्स ‘फेक न्यज़ू’ क भी ह.ै

    सोशल नेिवश्वकिं ग अक उांि्स पर ठीक से श्वनयांत्रण न होने के क रण अस म श्वजक तत्व गलत मकसद से इसक इस्तेम ल कर रह ेहैं.

    श्वजसके क रण स म श्वजक सौह दा को खतर पैद हो रह ह.ै इसके अल व आतांकव दी और कट्टरपांथी श्ववच रध र के प्रस र के श्वलए

    भी सोशल मीश्वडय क दरुुपयोग श्वकय ज रह ह.ै म इक्रोसॉफ्ि के एक सव ेमें भी द व श्वकय थ श्वक फेक न्यजू के म मले में भ रत

    दशु्वनय भर में सबसे ऊपर ह.ै

    दरअसल यह ां श्वदक्कत ये ह ैश्वक सोशल मीश्वडय कां पश्वनय ां अक्सर गोपनीयत क हव ल दतेे हुए ज ांच में सहयोग नहीं करती हैं. इसके

    अल व सचून ओ ां क इनश्वस्क्रप्शन और सवार क अन्य दशेों में श्वस्थत होने जसेै भी कई दसूरे ऐसे क रण हैं श्वजसके चलते इन सोशल

    नेिवश्वकिं ग स इि्स पर श्वनयांत्रण रख प न मशु्वश्कल हो रह ह.ै वहीं इससे अलग कुछ श्ववशषेज्ञों क कहन ह ैश्वक ऑनल इन गश्वतश्ववश्वधयों

    की श्वनगर नी से प्र प्त ड ि के मदु्रीकरण से ‘सवले न्स कैश्वपिश्वलज़म’ को बढ व श्वमलेग . स थ ही ‘सवले न्स डेमोके्रसी’ के रूप में एक

    नए प्रक र क लोकतांत्र पैद हो सकत ह.ै इसके अल व श्वनगर नी के चलते लोगों के श्वनजत के अश्वधक र के हनन होने की भी

    सांभ वन एां हैं

    10.

    बीते श्वदनों सपु्रीम कोिा ने अपन ेएक ह श्वलय फैसले में कह ह ैश्वक श्वकसी बच्चे को अपने म त और श्वपत दोनों क ही स्नहे प ने क

    अश्वधक र ह।ै दरअसल सपु्रीम कोिा क ये आदशे एक व्यश्वक्त द्व र अपने बच्चे की कस्िडी के श्वलये द यर य श्वचक की गई य श्वचक के

    ब द आय श्वजसक बच्च उसकी पत्नी के स थ ह।ै

    सपु्रीम कोिा के इस फैसले के मतु श्वबक़ यश्वद म त -श्वपत अलग हो चकेु हैं तो बच्च ेकी कस्िडी में बच्चे के श्वहतों को ्य ल सबसे आग े

    रख ज न च श्वहये। इसके अल व सपु्रीम कोिा ने अपने फैसले में इस ब त क भी श्वज़क्र श्वकय ह ैश्वक प ररव ररक अद लतों को म त -

    श्वपत को श्वमलने क अश्वधक र इस तरह से दने च श्वहये श्वक कोई भी बच्च अपने म त -श्वपत के प्य र और दखेभ ल से दरू न रह।े स थ

    ही सपु्रीम कोिा ने इस फैसले में म त - श्वपत द्व र बच्चे को प्य र करन और बच्चे को प्य र प ने क अश्वधक र दने ेको ही मौश्वलक

    अश्वधक र क़र र श्वदय गय ह।ै

    आपको बत दें श्वक म त - श्वपत के अलग होने के ब द श्वकसी बच्चे की कस्िडी सौंपी ज ती ह।ै ह ल ाँश्वक इसमें बच्चे क व्यश्वक्तगत

    श्ववक स और उसके गणुवत्त पूणा जीवन के अश्वधक र पर ख़तरे की सम्भवन होती ह।ै इसके अल व प ररव ररक क ननूों में ऐसे कई

    प्र वध न हैं जो म त -श्वपत के कस्िडी अश्वधक रों पर उनके श्वलांग के आध र पर भदेभ व करते हैं। इस तरह य ेपश्वत य पत्नी दोनों में से

    श्वकसी एक के अश्वधक रों क हनन होत ह।ै स थ ही ऐसे ह ल त बच्चे के मौश्वलक अश्वधक रों के भी श्वख़ल फ़ हैं, क्यूांश्वक ऐसे ह ल त में

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    बच्च वो अपने म त और श्वपत दोनों की दखेभ ल और प लन-पोषण से वांश्वचत रह ज त ह।ै अगर दखे ज ए तो मौजदू प ररव ररक

    क ननूों में ब ल-कें श्वद्रत दृश्विकोण की कमी ह ैश्वजससे स झ प लन-पोषण क श्ववच र प्रभ श्ववत होत ह।ै इस सन्दभा में बीते श्वदनों सपु्रीम

    कोिा ने प ररव ररक क ननूों के कुछ प्र वध नों की ज ाँच करने की ब त कही थी श्वजसमें श्ववशेष रूप से वैव श्वहक अलग व के ब द म त

    और श्वपत में से बच्चे की कस्िडी श्वकसे दी ज ए सम्बांश्वधत म मले से जड़ु थ

    11.

    ह ल ही में, अमेररकी अांतररि अनसुांध न सांगठन ‘न स ’ ने आयनमांडल क पत लग ने के श्वलये ‘आइकॉन’ न मक एक उपग्रह को

    अांतररि में भजे ह.ै यह उपग्रह व य ुऔर अांतररि के श्वमलन श्वबांद ुव ले रहस्यमयी और गश्वतशील िेत्र क पत लग ने क क म करेग ।

    यह ‘आइकॉन’ उपग्रह के जररए न स आयनमांडल में उपश्वस्थत गसैों से बनने व ले हव के प्रक शीय पुांजों क अध्ययन करेग . स थ

    ही पृ् वी की सतह से करीब 580 श्वकमी की ऊाँ च ई पर श्वस्थत अांतररि-य न के च रों ओर आवशे्वशत व त वरण को म पने की कोश्वशश

    करेग ।

    दरअसल पृ् वी से ऊपर के व त वरण को कई स्तरों में ब ांि गय ह ैऔर आयनमांडल उन्हीं में से एक स्तर ह ैजो मध्यमांडल के ऊपर

    80 से 400 श्वकलोमीिर के बीच श्वस्थत होत ह।ै यह ां पर ‘आयन’ न मक श्ववद्यतु आवशे्वशत कण प ए ज न ेके क रण इसे आयनमांडल

    के न म से ज न ज त ह।ै यह ाँ पर ऊाँ च ई बढने के स थ ही त पम न में बढोत्तरी होने लगती ह।ै ग़ौरतलब ह ैश्वक पृ् वी द्व र भजेी गई

    रेश्वडयो तरांगें इस इसी िेत्र से िकर कर पृ् वी पर व पस लौि आती हैं, श्वजससे प्रस रण, रेश्वडयो सांच र और जीपीएस आश्वद क क म

    सांभव हो प त ह।ै

    12.

    बीते 14 अक्िूबर को नई श्वदल्ली में भ रतीय मोब इल क ांग्रेस 2019 क तीन श्वदवसीय आयोजन श्वकय गय . इस दौर न अमरेरकी

    कां पनी क्व लकॉम के स्नैपडै्रगन प्लेिफॉमा पर ‘न श्ववक’ क पहल प्रदशान श्वकय गय । इस अवसर पर इसरो ने बत य श्वक क्व लकॉम

    ने इसरो के स थ श्वमलकर अपन नय श्वचपसेि प्लेिफॉमा श्ववकश्वसत श्वकय ह ैऔर उसक परीिण भी परू कर श्वलय गय , य नी यह

    श्वचपसेि प्लेिफॉमा ‘न श्ववक’ को सपोिा करत ह।ै इस तरह से उम्मीद ज़ श्वहर की ज रह ेह ैश्वक नवांबर महीने से भ रतीय ‘न श्ववक’ प्रण ली

    क इस्तेम ल शरुू हो सकत ह।ै

    आपको बत दें श्वक भ रतीय िेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रण ली य नी न श्ववक इसरो द्व र श्ववकश्वसत, एक िेत्रीय स्व यत्त उपग्रह नौवहन

    प्रण ली ह ैजो परूी तरह से भ रत सरक र के अधीन ह।ै इसक मकसद दशे तथ दशे की सीम से 1500 श्वकलोमीिर की दरूी तक के

    श्वहस्से में इसके उपयोगकत ा को सिीक श्वस्थश्वत की सचून दने ह।ै इस प्रण ली में 7 उपग्रह श श्वमल हैं श्वजन्हें PSLV-XL प्रिेपण य न

    द्व र ल ांच श्वकय गय थ ।

    13.

    ह ल ही में भ रतीय नन मररयम थ्रेश्वसय को पोप फ्र ांश्वसस द्व र सांत घोश्वषत श्वकय गय . वशे्विकन में आयोश्वजत एक भव्य सम रोह में पोप

    ने थ्रेश्वसय समते च र अन्य को सांत क दज़ ा प्रद न श्वकय । केरल की मररयम थ्रेश्वसय के स थ ही श्विश्विश क श्वडानल जॉन हनेरी न्यमूनै,

    श्वस्वस लेवीमने म गारेि बेज, ि जील की श्वसस्िर डुल्स लोप्स और इिली की श्वसस्िर श्वगसेश्वपन व नीश्वन को भी सांत की उप श्वध दी गई।

    केरल में स म श्वजक उत्थ न के क मों के श्वलए श्ववख्य त रहीं श्वसस्िर मररयम को मदर िेरेस के दज ेक म न ज त ह।ै श्वसस्िर मररयम को

    उनके दहे ांत के करीब 93 स लों ब द इस सम्म न से सम्म श्वनत श्वकय गय ह।ै

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    तो ये थी ण्पछिी सप्ताह की कुछ महत्वपूर्य ख़बरें...आइये अब आपको ण्िए चिते हैं इस काययक्रम के बेहि ही ख़ास

    सेगमेंट यानी इणं्िया राउंिअप में.... जहां आपको ण्मिेंगी हफ्ते भर की कुछ और ज़रूरी ख़बरें, वो भी फटाफट अंिाज़ में...

    फटाफट न्यूज़ (India Roundup):

    1. चेन्नई के म मल्ल परुम में सांपन्न हुई भ रत और चीन के बीच दसूरी अनौपच ररक श्वशखर व त ा। श्वद्वपिीय और व्य प ररक ररश्तों

    समते कई महत्वपूणा मदु्दों पर हुई दोनों दशेों के बीच चच ा।

    11 - 12 अक्िूबर के दौर न हुई इस व त ा के दौर न व्य प र असांतलुन को कम करन , आतांकव द की चनुौती से श्वनपिने के श्वलए स थ

    क म करन और रीजनल कॉश्वम्प्रहेंश्वसव इकनोश्वमक प िानरश्वशप - RCEP को लेकर भ रत की श्वचांत ओ ां के सम ध न की ब त कही गई।

    इसके अल व व्य प र, श्वनवशे और सेव ओ ां से जड़ेु मदु्दों के सम ध न के श्वलए एक उच्च-स्तरीय आश्वथाक एवां व्य प र सांव द तांत्र तैय र

    करन और सीम श ांश्वत बरक़र र रखने के श्वलए उप यों के ऐल न श्वकय गय ह।ै इस मौके पर शी श्वजनश्वपांग ने तीसरे अनौपच ररक श्वशखर

    सम्मलेन के श्वलए अगले स ल भ रत को चीन आने क न्यौत श्वदय ह ै।

    2. म ां और नवज त श्वशश ुके जीवन की सरुि के श्वलए शरुू हुई की गई श्वन:शलु् क सरुश्वित म ततृ् व आश् व सन योजन -सुमन। इस योजन

    क मक़सद श्वबन श्वकसी खचा के सभी म त ओ ां और नवज त श्वशशओु ां को उच् च गणुवत् त व ली स् व स् ् य सेव एां महुयै कर न ह।ै

    सरुश्वित म ततृ् व आश् व सन योजन -समुन की शरुुआत 10 अक्िूबर को केन् द्रीय स् व स् ् य और पररव र कल् य ण मांत्री डॉक् िर हषावधान

    द्व र की गई ह।ै

    3. 11-14 अक् िूबर के बीच व र णसी में आयोश्वजत हुआ 38व ां इांश्वडय क पेि एक्सपो। स ांस् कृश्वतक धरोहर और भ रतीय हस् तश्वनश्वमात

    क लीनों और फ्लोर कवररांग की बनु ई के कौशलों को बढ व दनेे के उद्दशे्य के स थ श्ववदशेों से आने व ले क लीन के खरीदद रों के

    श्वलए आयोश्वजत श्वकय गय थ इांश्वडय क पेि एक्सपो। आपको बत दें श्वक इांश्वडय क पेि एक् सपो एश्वशय में लगने व ले सबसे बड़े

    हस् तश्वनश्वमात क लीन मलेों में से एक ह।ै

    4. 10 अक्िूबर से कश् मीर घ िी में पयािकों क आव गमन श्वफर से हुआ च ल।ू इस महीने के आश्वखर तक र ज् य सरक र ने श्वदए 10वीं,

    12वीं समेत कॉलेजों की परीि एां कर ने क आदशे। ग़ौरतलब ह ैश्वक बीते श्वदनों जम्म ूकश्मीर से अनचु्छेद 370 के हि ए ज ने के ब द

    दो अगस् त से घ िे में ये प्रश्वतबन्ध ल ग ूथ ।

    5. पृ् वी श्ववज्ञ न मांत्र लय ने आपद सांबांधी चेत वनी के श्वलए ल ांच श्वकय जशै्वमनी उपकरण। ख़ सतौर पर मछुआरों को आपद के दौर न

    ज नक री प्रद न तैय र श्वकए ज ने के श्वलए तैय र हुआ ह ैये उपकरण। आपको बत दें श्वक जशै्वमनी एश्वप्लकेशन क परू न म - गगन

    आध ररत समदु्री सांच लन और ज नक री उपकरण ह।ै जशै्वमनी उपकरण, आपद सांबांधी चेत वनी, समदु्री र ज् यों में मछुआरों के श्वलए

    चेत वनी और मछली सांभ श्ववत जोन के ब रे में ज नक री दगे । इसके आल व ये उपकरण उपग्रह पर आध ररत सांच र प्रण ली ह।ै ये

    उपकरण गगन उपग्रह से श्वमले ड ि को ल लिूूथ सांच र के ज़ररए मोब इल तक पहुाँच एग । दरअसल ति से अश्वधक दरू ज ने पर मछुआरों

    क मोब इल नेिवका सांपका िूि ज त ह।ै

    6. म ां और नवज त श्वशश ुके जीवन की सरुि के श्वलए शरुू हुई की गई श्वन:शलु् क सरुश्वित म ततृ् व आश् व सन योजन -सुमन। इस योजन

    क मक़सद श्वबन श्वकसी खचा के सभी म त ओ ां और नवज त श्वशशओु ां को उच् च गणुवत् त व ली स् व स् ् य सेव एां महुयै कर न ह।ै

    सरुश्वित म ततृ् व आश् व सन योजन -समुन की शरुुआत 10 अक्िूबर को केन् द्रीय स् व स् ् य और पररव र कल् य ण मांत्री डॉक् िर हषावधान

    द्व र की गई ह।ै

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    7. नई श्वदल् ली में आयोश्वजत हुई भ रत-थ ईलैंड के सांयकु् त आयोग की 8वीं बैठक। भ रत और थ ईलैंड के श्ववदशे सेव सांस् थ नों के बीच

    एक समझौत ज्ञ पन पर श्वकए गए हस् त िर। ग़ौरतलब ह ैश्वक इस बैठक में भ रतीय और थ ईलैंड के श्ववदशे मांत्री श श्वमल हुए हुए थे।

    8. आमी एश्ववएशन कोर को र ष्ट् रपश्वत र म न थ कोश्ववांद ने प्रद न श्वकय ‘प्रेश्वसडेंि्स कलर। आमी एश्ववएशन कोर को उसकी सर हनीय

    सेव के श्वलए श्वमल ह ैये सम्म न। आपको बत दें श्वक 1986 में आमी एश्ववएशन कोर की स्थ पन हुई थी। मौजदू वक़्त में आमी

    एश्ववएशन कोर भ रतीय सेन की सबसे नई कोर ह।ै आमी एश्ववएशन कोर ने श्वपछले 32 स लों में इसने सभी िेत्रों में उत् कृष्ट् ित ह श्वसल

    की ह ैऔर अलग - अलग अश्वभय नों के दौर न अपनी शरूवीरत प्रम श्वणत की ह।ै

    9. िेलीश्ववज़न और रेश्वडयो के िेत्र में भ रत एवां श्ववदशेी प्रस रकों के बीच समझौते को श्वमली मांज़रूी। स वाजश्वनक प्रस रक को नए दृश्विकोण

    खोजने में श्वमलेगी मदद भ रत एवां श्ववदशेी प्रस रकों के बीच हुए इस समझौते से नई िेक्नोलॉजी और कड़ी प्रश्वतयोश्वगत से जड़ुी

    आवश्यकत ओ ां को परू करने के श्वलये नई रणनीश्वतयों के ब रे में मदद श्वमलेगी।

    10. जल शश्वक्त मांत्र लय ने शरुू श्वकय गांग आमांत्रण अश्वभय न। गांग नदी में प्रदषूण के चलते हो रह ेप ररश्वस्थश्वतकी बदल ओ ां के ब रे में

    लोगों को ज गरूक करन ह ैह ैइस अश्वभय न क मकसद। आपको बत दें की गांग आमांत्रण अश्वभय न में र श्वफ्िांग और नौक च लन

    श श्वमल ह।ै ये अश्वभय न उत्तर खांड के दवेप्रय ग से शरुू होकर पश्विम बांग ल के गांग स गर तक चल य ज एग । इस अश्वभय न में जल,

    थल,और व य ुसेन के भी सैश्वनक श श्वमल होंग।े इसके अल व वजै्ञ श्वनक एवां औद्योश्वगक अनसुांध न पररषद CSIR के सदस्य इस दौर न

    अलग - अलग जगहों से गांग के प नी क सैंपल इकठ्ठ कर शोध करेंग।े

    11. बीते श्वदनों दो अफ्रीकी दशेों कोम ेेरोस और श्वसएर श्वलओन के दौरे पर गए उपर ष्ट्रपश्वत एम वेंक्य न यडू। भ रत की ओर से दो

    अफ्रीकी दशेों की ये य त्र पहली आश्वधक ररक उच् च स् तरीय य त्र ह।ै इस मौके पर उपर ष्ट्रपश्वत एम वेंक्य न यडू ने आतांकव द को

    वशै्विक खतर बत ते हुए सांयकु्त र ष्ट्र में प्रस्त श्ववत कोश्वम्प्रहेंश्वसव कन्वेंशन ऑन इांिरनेशनल िेररररज्म CCIT को श्वकसी नतीज ेपर ले

    ज ने क अनरोध श्वकय । दरअसल 1993 में हुए मुांबई हमले के ब द आतांकव द से लड़ने के श्वलए एक व्य पक क ननूी ढ ांच की जरुरत

    को भ रत ने महससू श्वकय और स ल 1996 में सांयकु्त र ष्ट्र मह सभ (UNGA) को व्य पक आतांकव द पर अांतर ाष्ट्रीय सांश्वध CCIT

    अपन ने क प्रस्त व श्वदय थ । मौजदू वक़्त में ये प्रस्त व UN के सदस्य दशेों के बीच सहमश्वत नहीं हो प ने के क रण श्वकसी नतीज ेपर

    नहीं पहुांच सक ह।ै

    12. स ल 2019 के नोबेल पुरुस्क रों को घोषण । कई िेत्रों में उत्कृि योगद न दनेे व ली शश्वख्सयतों को श्वदय ज त ह ैदशु्वनय क

    सवोच्च परुूस्क र नोबेल प्र इज इस ब र के नोबेल परुस्क र श्ववजते ओ ां में अमरेरक के श्ववश्वलयम केश्वलन, ग्रेजग सेमेंज और श्वििेन के

    पीिर रैिश्वक्लफ को सांयकु्त रूप से श्वचश्वकत्स के श्वलए, जॉन बी गडुएनफ, स्िैनली श्ववश्विांघम और अकीर योश्वशनो को रस यनश स्त्र के

    श्वलए और कन ड -अमरेरक के जमे्स पीबल्स, श्वस्वि्जरलैंड के म इकल मयेर और श्वडश्वडयर क्वलेोज को भौश्वतकीश स्त्र के श्वलए नोबेल

    पपरुूस्क र श्वदय गय ह।ै स श्वहत्य के श्वलए परुस्क र पीिर हैंडके और ओल्ग िोक रजकु को सांयकु्त रूप से श्वदय ज एग इसके अल व

    श ांश्वत क नोबेल इस ब र इश्वथयोश्वपय के प्रध नमांत्री अबी अहमद को श्वदय ज रह ह।ै

    13. नोबेल परुस्क र श्ववजते ओ ां की श्वलस्ि में अथाश स्त्र के श्वलए भ रत के अश्वभजीत श्ववन यक बनजी को नोबेल प्र इज। वशै्विक गरीबी

    खत्म करने के प्रयोग के उनके शोध के श्वलए श्वमल ह ैअथाश स्त्र क 2019 क नोबेल परुस्क र । अश्वभजीत बनजी को नोबेल परुस्क र

    उनकी पत्नी एस्थर डफ्लो और म इकल के्रमर को वशै्विक गरीबी खत्म करने के प्रयोग के उनके शोध के श्वलए सांयकु्त रूप से नोबेल

    परुस्क र श्वदए ज ने की घोषण की गई ह।ै ग़ौरतलब ह ैश्वक अश्वभजीत बनजी की पत्नी एस्थर डफ्लो अथाश स्त्र में नोबेल जीतने व ली

    सबसे कम उम्र की मश्वहल हैं। आपको बत दें श्वक नोबेल परुस्क र हर स ल श ांश्वत, स श्वहत्य, भौश्वतकी, रस यन, श्वचश्वकत्स श्ववज्ञ न और

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    अथाश स्त्र में सवोत्कृि योगद न के श्वलए श्वदए ज ते ह।ै इन िेत्रों में श्वदए ज ने व ले नोबेल परुस्क र श्वव