C.B.S.E Board का : 10 हदी समय : 3 घटे प ू ाक : 80 निदेश : 1. इस ि-प के चार खड - क, ख, ग, और घ। 2. चार खड के ि के उतर देिा अनिवायय ै। 3. यथासभव येक खड के उतर मश: दीजिए। खड क .1. नििलिखित गदयिश को यिप ू वक पढ़कर प ू छे गए ि के उतर लिखिए : (2x4) (1×1)=[9] यतयवियप की लशटतय मि ु को आदर कय भयजि बियती है और समयज म उसकी सफितय के लिए रयतय सयफ कर देती है। मि ु कय समयज पर जो भय पड़तय है, ह क ु छ अिश म उसकी उसकी पोशयक और चयि-ढयि पर पर निभवर रहतय है, ककि त ु वष भरे किकघट की सिसयर म कमी िहि है। ह भय ऊपर होतय है और पोशयक कय मयि जब तक भय से प ु ट िहि होतय है, तब तक थयी िहि होतय। मध ु रभयषी के लिए करिी और कथिी कय सय आक है, ककि त ु कमव के लिए चि पहि सीढ़ है। मध ु र चि ह उपि कर भ और आतिक कय पररमयजवि कर देते ह। कट ु भयषी िोग से िोग द िोिकर बयत करिे से डरते ह। सयमयजजक हयर के लिए वचयर कय आदयि-दयि आक है। और ह भयषय की लशटतय और पटतय के बबिय यत िहि होतय। भयषय की सयथवकतय इसी म है कक ह द ू सर पर थेट भय डयि सके । जब ब ु रे चि आदमी को रट कर सकते ह तो मध ु र चि द ू सरे को सि भी कर सकते ह। शद कय जयद ू बड़य जबरदत होतय है।