23
1 GS Paper 2_1 Answer Key GENERAL STUDIES PAPER – 2_1 भारतीय राजयवथा, शासन और संवधान Q1. अधधकांश लोकतांिक णाललय कायाामक तनधधव के ऊपर ादेलशक तनधधव को ाथलमकता दी गई है। ादेलशक तनधधव की वशेषताओं और सीमाओं के संदभा चचाकर। (150 शद, 10 अंक) टिकोण: ेीय तितिधिव और कायाामक तितिधिव की याया कर इि णालिय की वशेषिाओं और सीमाओं का उिेख करिे बिाएं अधिकांश िकिांक णालिय ेीय तितिधिव को कायाामक तितिधिव की बजाय पसंद कया गया है। पूरे वव , सामाय तितिधिव के दो ाि मािदंड , अााि ् तिवााचि का ेीय या भौगोलिक वभाजि और तिवााचि की रचिा के लिए कायाामक या पेशेवरािा आिार। ादेलशक तनधधव: अधिकांश िकिांक राय तितिधिव का चलिि ऱप तिवााचि की ेीय या भौगोलिक संरचिा है। देश के ि मिदािाओं को ेीय तिवााचि वभाजजि कया गया है , जो एक तितिधि (यदएक सदयीय तिवााचि ) या अधिक (बह -सदय तिवााचि के मामिे ) का चुिाव करिे ह। पूरी आबादी यूिाधिक मिदािाओं के सा तिवााचि वभाजजि है। येक दशक के बाद, तिवााचि के जिसंया पररविा ि को समायोजजि करिे के लिए संसद के एक अधितियम वारा ावपि पररसीमि आयोग की देखरेख और तियंण पररसीलमि कया जािा है। कायाामक तनधधव: इस णािी , िगररक को उिके आधाक काय या यावसातयक दहि के आिार पर तिवााचि वभाजजि कया जािा है , जिका वे समाज तितिधिव करिे ह। उदाहरण के लिए, कसाि, औयोधगक लमक, यापाररय, तिमाािाओं , लशक, वकीि, पकार, सरकारी कमाचाररय, दहणी आदके लिए अिग तिवााचि हगे। यहा अंितिादहि िरणा यह है िगररक का तितिधिव अधिक वािवक और होिा है , यदवे चुिाव के लिए वलशट कायाामक इकाइय वभाजजि होिे , ि यावसातयक ऱप से वि और कायाामक ऱप से वषम ेीय इकाइय म। ेिीय तनधधव णाली के गुण: यह एक सरि, यावहाररक और सुवविाजिक णािी है। यह समाििा के मूि लसांि को तिददाट करिा है , जसका िहै "एक यजि एक वोट"जेरेमी बम िबुतियादी लसांि तििााररि कए : "येक एक के लिए और कोई भी एक से अधिक िहीं के आिार पर गणिा" एक तिवााचि की बंििीय सीमाओं के कारण, मिदािा और उसके तितिधि आपसी समझ और समाि का संबंि वकलसि कर सकिे ह। इस णािी उमीदवार के लिए कम-चुिाव िगि और यय की आवयकिा होिी है। यह सरकारी-शजि के शांतिपूणहिांिरण को सुतिजचि करिे , विातयका एक जर बह मि दाि करिे मदद करिा है। कायाामक तनधधव की सीमाएं : कायाामक तितिधिव णािी कई कलमया : अंेजी राजिीतिक लसांिकार और अाशाी हेरोड जोसेफ िकी कहिे : "यावसातयक तिकाय के पास कायाामक समयाओं के समािाि के लिए मूय ; िकि वे अपिी ति से िहीं , बजक उि सामाय मु से तिपटिे के लिए बिाए गए , जिका सामिा पूरा समाज करिा है " यह भी बिाया गया है इस णािी असर "पेशा (काय) इििा महवपूणा हो जािा है यह कसी यजिव को िलमि कर देिा है। अय आिोचक का कहिा है यह याि रखा जािा चादहए इस णािी किाय राके ति

GENERAL STUDIES PAPER 2 1...1 GS Paper 2_1 Answer Key GENERAL STUDIES PAPER – 2_1 भ रत य र जव यवस थ , श सन और स ववध न Q1. अधधक श

  • Upload
    others

  • View
    10

  • Download
    0

Embed Size (px)

Citation preview

  • 1 GS Paper 2_1 Answer Key

    GENERAL STUDIES

    PAPER – 2_1

    भारतीय राजव्यवस्था, शासन और संववधान

    Q1. अधधकांश लोकतांत्रिक प्रणाललयों में कायाात्मक प्रतततनधधत्व के ऊपर प्रादेलशक प्रतततनधधत्व को प्राथलमकता दी गई है। प्रादेलशक प्रतततनधधत्व की ववशेषताओं और सीमाओ ंके संदभा में चचाा करें। (150 शब्द, 10 अंक) दृष्टिकोण:

    क्षेत्रीय प्रतितिधित्व और कायाात्मक प्रतितिधित्व की व्याख्या करें

    इि प्रणालियों की कुछ ववशेषिाओं और सीमाओं का उल्िेख करिे हुए बिाएं कक अधिकांश िोकिांत्रत्रक प्रणालियों में क्षेत्रीय प्रतितिधित्व को कायाात्मक प्रतितिधित्व की बजाय क्यों पसंद ककया गया है।

    पूरे ववश्व में, सामान्य प्रतितिधित्व के दो ज्ञाि मािदंड हैं, अर्ााि ्तिवााचि क्षेत्रों का क्षेत्रीय या भौगोलिक ववभाजि और तिवााचि क्षेत्र की रचिा के लिए कायाात्मक या पेशेवरािा आिार। प्रादेलशक प्रतततनधधत्व: अधिकांश िोकिांत्रत्रक राज्यों में प्रतितिधित्व का प्रचलिि रूप तिवााचि क्षेत्रों की क्षेत्रीय या भौगोलिक संरचिा है। देश के कुि मिदािाओं को क्षेत्रीय तिवााचि क्षेत्रों में ववभाजजि ककया गया है, जो एक प्रतितिधि (यदद एक सदस्यीय तिवााचि क्षेत्र) या अधिक (बहु-सदस्य तिवााचि क्षेत्र के मामिे में) का चुिाव करिे हैं। पूरी आबादी न्यूिाधिक मिदािाओं के सार् तिवााचि क्षेत्रों में ववभाजजि है। प्रत्येक दशक के बाद, तिवााचि क्षेत्रों के जिसंख्या पररविाि को समायोजजि करिे के लिए संसद के एक अधितियम द्वारा स्र्ावपि पररसीमि आयोग की देखरेख और तियंत्रण में पररसीलमि ककया जािा है। कायाात्मक प्रतततनधधत्व: इस प्रणािी में, िागररकों को उिके आधर्ाक कायों या व्यावसातयक दहिों के आिार पर तिवााचि क्षेत्रों में ववभाजजि ककया जािा है, जजिका वे समाज में प्रतितिधित्व करि े हैं। उदाहरण के लिए, ककसािों, औद्योधगक श्रलमकों, व्यापाररयों, तिमाािाओं, लशक्षकों, वकीिों, पत्रकारों, सरकारी कमाचाररयों, गदृहणी आदद के लिए अिग तिवााचि क्षेत्र होंगे।

    यहााँ अंितिादहि िारणा यह है कक िागररकों का प्रतितिधित्व अधिक वास्िववक और प्रत्यक्ष होिा है, यदद वे चुिाव के लिए ववलशष्ट कायाात्मक इकाइयों में ववभाजजि होि े हैं, ि कक व्यावसातयक रूप से ववववि और कायाात्मक रूप से ववषम क्षेत्रीय इकाइयों में। क्षेिीय प्रतततनधधत्व प्रणाली के गुण:

    यह एक सरि, व्यावहाररक और सुवविाजिक प्रणािी है।

    यह समाििा के मूि लसद्ांि को तिददाष्ट करिा है, जजसका िाम है "एक व्यजक्ि एक वोट"। जेरेमी बेंर्म िे बुतियादी लसद्ांि तििााररि ककए रे्: "प्रत्येक एक के लिए और कोई भी एक से अधिक िहीं के आिार पर गणिा"।

    एक तिवााचि क्षेत्र की प्रबंििीय सीमाओं के कारण, मिदािा और उसके प्रतितिधि आपसी समझ और सम्माि का संबंि ववकलसि कर सकि ेहैं।

    इस प्रणािी में उम्मीदवार के लिए कम-चुिाव िागि और व्यय की आवश्यकिा होिी है।

    यह सरकारी-शजक्ि के शांतिपूणा हस्िांिरण को सुतिजश्चि करिे हुए, वविातयका में एक जस्र्र बहुमि प्रदाि करि ेमें मदद करिा है।

    कायाात्मक प्रतततनधधत्व की सीमाएं: कायाात्मक प्रतितिधित्व प्रणािी में कई कलमयााँ हैं:

    अंगे्रजी राजिीतिक लसद्ांिकार और अर्ाशास्त्री हेरोल्ड जोसेफ िास्की कहिे हैं: "व्यावसातयक तिकायों के पास कायाात्मक समस्याओं के समािाि के लिए मूल्य हैं; िेककि वे अपिी प्रकृति से िहीं हैं, बजल्क उि सामान्य मुद्दों से तिपटिे के लिए बिाए गए हैं, जजिका सामिा पूरा समाज करिा है"।

    यह भी बिाया गया है कक इस प्रणािी में अक्सर "पेशा (काया) इििा महत्वपूणा हो जािा है कक यह ककसी व्यजक्ित्व को िूलमि कर देिा है।

    अन्य आिोचकों का कहिा है कक यह ध्याि में रखा जािा चादहए कक इस प्रणािी में किाव्य राष्र के प्रति

  • 2 GS Paper 2_1 Answer Key

    िहीं बजल्क केवि उिके अिग-अिग पेशों के प्रति होिे हैं।

    तिष्पक्ष रूप से यह तिणाय करिा बहुि मुजश्कि हो जाि है, कक वविातयका में ककस काया और पेशे का प्रतितिधित्व ककया जािा चादहए और ककसे बाहर रखा जािा चादहए।

    ववलभन्ि कायाात्मक समूहों के लिए आिुपातिक प्रतितिधित्व को सुिारिे की ज़रुरि है।

    यदद कायाात्मक प्रतितिधित्व लसद्ांि को संसद और वविािसभाओं के चुिाव के आिार के रूप में स्वीकार ककया जािा है िो मौजूदा पाटी प्रणािी काम िहीं करेगी क्योंकक आज एक पाटी कई दहि समूहों का प्रतितिधित्व करिी है और इसमें कई कायों और पेशों से संबंधिि व्यजक्ि शालमि होिे हैं।

    इस सब को ध्याि में रखिे हुए, इसलिए, िगभग सभी िोकिांत्रत्रक प्रणालियों में क्षेत्रीय प्रतितिधित्व की पद्ति को प्रार्लमकिा दी जािी है। हािांकक, कायाात्मक प्रतितिधित्व के लसद्ांि को कभी-कभी भारि की संसद में राज्य सभा की िरह द्ववसदिीय वविाि-मंडि में उच्च सदि की संरचिा में शालमि ककया जािा है।

    Q2. लोकतंि में जनमत का क्या महत्व है? ववलभन्न एजेंलसयों/ साधनों का वणान करें ष्जनके माध्यम से जनता की राय व्यक्त की जाती है।

    (150 शब्द, 10 अंक) दृष्टिकोण:

    िोकिंत्र में जिमि और उसके महत्व को पररभावषि करें।

    पे्रस, रेडडयो, टी.वी. , इंटरिेट, शैक्षणणक संस्र्ािों आदद जैसी कई एजेंलसयों के बारे में चचाा करें जजिके माध्यम से जििा की राय व्यक्ि की जािी है।

    'जिमि' शब्द 17 वीं शिाब्दी में दाशातिक जॉि िॉक द्वारा गढा गया र्ा। हािााँकक, अविारणा िॉक से पूवाविी है। “वॉक्स पॉपुिी” या 'िोगों की आवाज', जिमि के समाि एक िैदटि अविारणा है। आज, जििा की राय को तिम्िलिणखि िरीके से पररभावषि ककया गया है: राजिीतिक-सामाजजक-आधर्ाक मुद्दों, िीतियों, संस्र्ािों और व्यजक्ियों पर िोगों द्वारा व्यक्ि सामूदहक मूल्यांकि।

    लोकतंि में जनमत का महत्व: िोकिंत्र में सुििा आवश्यक है। िोगों को अपिे

    प्रतितिधियों द्वारा सुिे जािे का अधिकार प्राप्ि है। यही वह है जो जििा की िज़र में िोकिंत्र को वैििा प्रदाि करिा है और सरकार और उसके संस्र्ािों में ववश्वास पैदा करिा है। एक जस्र्र समाज में कामकाज दो-िरफा संचार के माध्यम के त्रबिा असंभव है - बाि करिा और सुििा, जजसमें दसूरों के दृजष्टकोण के लिए स्वीकायािा भी सार् हो।

    जििा की राय िेितृ्व पर एक तिगरािी (चके) के रूप में काया कर सकिी है, क्योंकक जििा के सदस्य उि राजिेिाओं के प्रति असंिोष व्यक्ि कर सकि ेहैं जो जििा की राय पर ध्याि िहीं देि ेऔर जििा उन्हें सत्िा से बेदखि कर सकिी है।

    जििा के ववचारों को सरकार के उि िेिाओं के सामिे रखिा, जो तिणाय िेिे का अधिकार रखिे हैं, जजससे समाज प्रभाववि होिा है। िेिा अक्सर िीतिगि तिणाय िेि े समय जििा की सोच की तिगरािी करिे हैं, खासकर जब वे चुिाव अलभयाि में होिे हैं।

    ववलभन्ि एजेंलसयां जजिके माध्यम से जििा की राय व्यक्ि की जािी है: जिमि की एजेंलसयों द्वारा, हमारा मििब उि सभी संगठिों, संस्र्ाओं और समूहों से है जो जिमि के तिमााण और अलभव्यजक्ि में महत्वपूणा योगदाि देिे हैं। हर समाज में, बडी संख्या में िोग और एजेंलसयां जिमि के तिमााण और अलभव्यजक्ि में महत्वपूणा भूलमका तिभाि ेहैं। ब्राइस के अिुसार, िीि प्रकार के िोग सावाजतिक राय के तिमााण, अलभव्यजक्ि और प्रचार में महत्वपूणा योगदाि देि ेहैं: 1. जििा की राय बिािे वािे: इस शे्रणी में वविातयका और पत्रकार शालमि हैं, जो अपिे ववचारों से और जि-माध्यमों के उपयोग से जिमि की एजेंलसयों के रूप में काया करिे हैं। 2. वे िोग जो सामाजजक और राजिीतिक जीवि में सकिय हैं: ये अच्छी िरह से सूधचि और सकिय िोग होिे हैं, जो एक ववशेष ददशा में जििा की राय को तिदेलशि करिे हैं। 3. िीसरी शे्रणी में वे िोग शालमि हैं, जो सावाजतिक राय रखिे हैं। ये वे िोग हैं जो सावाजतिक बैठकों, आंदोििों और प्रदशािों में भाग िेि ेहैं।

  • 3 GS Paper 2_1 Answer Key

    सावाजतिक राय जादहर करिे की प्रमुख एजेंलसया ंतिम्िलिणखि हैं:

    पे्रस: समाचार पत्र-पत्रत्रकाओं, यािी वप्रटं मीडडया जिमि की एक महत्वपूणा प्रमुख एजेंसी है। पे्रस, सावाजतिक सरोकारों और संपादकीय और हर महत्वपूणा मुद्दे पर चचाा और ववश्िेषण करिी है और हमेशा जिमि के तिमााण और अलभव्यजक्ि में बडी भूलमका तिभािी है।

    वविािमंडि: वविािमंडि का गठि जििा के चुिे हुए प्रतितिधियों द्वारा ककया जािा है। यह राजिीतिक िेिाओं की एक सभा है। यह जििा की राय के सार्-सार् जििा की राय के तिमााण और अलभव्यजक्ि के लिए एजेंसी के रूप में काया करिा है। वविायी बहस, वविातयका की बहसों के ररकॉडा का प्रकाशि, और वविायकों द्वारा वविातयका के अंदर और बाहर दोिों ही िरह से व्यक्ि ककए गए ववचार जििा की राय बिािे और प्रतित्रबतं्रबि करि ेमें महत्वपूणा भूलमका तिभािे हैं।

    सावाजतिक बैठकें और बहस: हर िोकिांत्रत्रक राज्य में िोगों को संघ बिािे, बैठकें , जुिूस और प्रदशाि आयोजजि करिे और सावाजतिक महत्व और धचिंा के सभी मुद्दों पर चचाा करिे का अधिकार और स्विंत्रिा है। इस िरह की सावाजतिक बैठकें पजब्िक ओवपतियि के तिमााण हेिु प्रमुख एजेंलसयां हैं।

    राजिीतिक दि: राजिीतिक दि राजिीतिक लशक्षा के एजेंट होिे हैं। ये िोगों को सरकार की गतिववधियों, सफििाओं, ववफििाओं, चूक, और त्रुदटयों के बारे में सभी जािकारी प्रदाि करिे हैं। प्रत्येक राजिीतिक दि अपिे पक्ष में जििा की राय बिािे की कोलशश करिा है। यह सावाजतिक महत्व के मुद्दों को उजागर करिे के लिए बैठकें , प्रदशाि, जुिूस और आंदोििों का आयोजि करिा है। ये सभी गतिववधियााँ जिमि के तिमााण में भूलमका तिभािी हैं। राजिीतिक पादटायां रुधच-व्यजक्िकरण और राजिीतिक संचार के लिए महत्वपूणा, उपयोगी और सकिय एजेंलसयों के रूप में काया करिी हैं। ये जिमि के तिमााण में प्रमुख भूलमका तिभािी हैं।

    रेडडयो, टी.वी., और इंटरिेट: सचूिा िांति के इस युग में रेडडयो, टी.वी. और इंटरिेट जििा की राय बिािे में महत्वपूणा योगदाि देि े हैं। रेडडयो और टी.वी. की बािचीि और बहस सावाजतिक राय बिािे के लिए पे्ररक कारकों के रूप में काया करिी है। ये राजिीतिक लशक्षा की एजेंलसयों के रूप में काया

    करिे हैं। चुिाव के दौराि इिका उपयोग जििा की राय बिािे और बदििे के लिए एक सािि के रूप में ककया जािा है।

    शैक्षक्षक संस्र्ाि: लशक्षण संस्र्ािों में व्याख्याि, भाषण, बैठक और ववलभन्ि प्रकार के सेलमिार आयोजजि ककए जािे हैं। प्रख्याि िेिा, ववद्वाि और िेखक इि बैठकों और सभाओं में भाग िेि ेहैं और ववचारों के पारस्पररक आदाि-प्रदाि के माध्यम से छात्रों और लशक्षकों के ववचारों को प्रभाववि करिे हैं।

    सार् ही, लशक्षकों द्वारा अपिी कक्षाओं में व्यक्ि ककए गए ववचार छात्रों को प्रभाववि करि े हैं। इस प्रकार व्यक्ि ककए गए ववचार छात्रों की सोच का दहस्सा बि जाि े हैं। सार् ही, लशक्षण संस्र्ािों में पढािे के लिए तििााररि पाठ्यिम को कुछ ववलशष्ट उद्देश्यों के सार् िैयार ककया जािा है। यह सब जििा की राय बिािे में मदद करिा है।

    िालमाक संस्र्ाएाँ: मिुष्य के राजिीतिक ववचार भी उसके िालमाक ववचारों से प्रभाववि होि ेहैं। भारि में, ववशेष रूप से कई राजिीतिक दि िमा पर आिाररि हैं। भारि में िालमाक समूहों का हमेशा एक राजिीतिक चहेरा भी होिा है। िमा का सहारा िेकर, राजिीतिक ववचार व्यक्ि और प्रसाररि ककए जाि ेहैं। िोग ईमािदारी से ’इि ववचारों का पािि करि ेहैं और इस िरह जििा की राय िैयार हो जािी है।

    Q3. आम चुनाव में न केवल एक सरकार बष्कक एक ववपक्ष भी अष्स्तत्व में आता है।" एक लोकतांत्रिक प्रणाली में ववपक्षी दलों की भूलमका का वणान करें। (150 शब्द, 10 अंक) दृष्टिकोण:

    चचाा करें कक ववपक्ष संसदीय िोकिंत्र की सबसे ववलशष्ट ववशेषिा कैसे है।

    एक िोकिांत्रत्रक प्रणािी में ववपक्षी दिों के कुछ सकारात्मक और िकारात्मक पहिुओं का उल्िेख करें।

    आप यह तिष्कषा तिकाि सकि े हैं कक संसदीय िोकिंत्र के काम के लिए रचिात्मक आिोचिा ककििी महत्वपूणा है।

    ववपक्ष की उपजस्र्ति संसदीय िोकिंत्र की सबसे ववलशष्ट ववशेषिा है। ववपक्ष की भूलमका पर प्रकाश डािि े हुए सर

  • 4 GS Paper 2_1 Answer Key

    आइवर जेतिगं्स कहिे हैं कक आम चुिाव ि केवि एक सरकार बजल्क एक ववपक्ष भी पैदा करिा है और अगर कोई ववपक्ष िहीं है, िो कोई िोकिंत्र िहीं है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में ववपक्षी दलों की भूलमका:

    संसदीय िोकिंत्र को एक तिवााधचि ववपक्ष की आवश्यकिा है। संस्र्ागि "शालसि की सहमति", संस्र्ागि "शालसि के असंिोष" से संिुलिि होिी है।

    एक अच्छा ववपक्ष गितियों, कलमयों, ववफििाओं, ववचिि, ववश्वासघाि और सरकार की ईमािदारी और सत्यतिष्ठा की कमी को उजागर कर सकिा है।

    यदद अतियंत्रत्रि और बहुि िंबे समय िक सत्िा का उपभोग ककया जािा है, िो सत्िा में भ्रष्ट होिे की प्रवजृत्ि होिी है, ववपक्षी दि सत्िारूढ पाटी को उिकी गितियों की आिोचिा करके तिगरािी और संिुिि (चके एंड बैिेंस) प्रदाि करिे की आवश्यकिा को पूरा करिे हैं।

    ववपक्ष, ककसी भी सरकार के लिए एक आवश्यक सुिारात्मक ित्व है और सरकारी िीतियों का एक ववकल्प प्रदाि कर सकि ेहैं।

    एक स्वस्र् और मजबूि ववपक्ष िीतियों, वविायी उपायों, गैर-कजल्पि वविेयकों और सरकार के अिुधचि खचों को मंजूरी देिे से इिकार करिे में सक्षम है।

    जैसा कक एि.एि. िोवेि िे सही उल्िेख ककया है: "एक मान्यिा प्राप्ि ववपक्ष का तिरंिर दबाव तिरंकुशिावाद के लिए एक बािा है और यह केवि तिरंकुश के प्रति िहीं बजल्क कट्टर-बहुमि के अत्याचार के णखिाफ भी है।

    ववपक्ष की नकारात्मक भूलमका:

    भारि में ववपक्ष की भूलमका हाि ही में बहुि बदि गई है। हमिे देखा है कक हाि के ददिों में ववपक्ष अधिक से अधिक िकारात्मक हो गया है।

    ववपक्ष, सरकार की आिोचिा करिे के अपिे प्रयासों में, इस हद िक चिा गया है कक उन्हें यह महसूस िहीं होिा है कक वे समाज और िोगों को कैसे प्रभाववि कर रहे हैं।

    ववपक्ष के िकारात्मक पहिुओं में से एक प्रिािमंत्री को िगािार िक्षक्षि करिा है। ववपक्ष अपिे स्वयं के प्रिािमंत्री की राष्रीय और अंिरााष्रीय मंचों पर आिोचिा करिा रहिा है।

    जबकक ये ववपक्षी सदस्य ककसी भी प्रकार की अंिरााष्रीय बैठकों, काउंलसि और सम्मेििों के लिए बाहर जाि े हैं, वे दतुिया के सामिे अपिे प्रिािमंत्री की खुिकर आिोचिा करिे हैं। उन्हें एहसास िहीं है कक ऐसा करिा ऐसी दिों के राजिीतिक रुख और देश के प्रतिकूि हो सकिा है।

    तनटकषा:

    ववपक्ष बहुि महत्वपूणा है और इसलिए इस िरह की िकारात्मक आिोचिाओं के बजाय, ववपक्ष को रचिात्मक आिोचिा प्रदाि करिे का प्रयास करिा चादहए।

    एक जजम्मेदार सरकार और जजम्मेदार ववपक्ष संसदीय िोकिंत्र के लिए महत्वपूणा हैं।

    Q4. चचाा करें कक ववत्तीय अपयााप्तता और बेतरतीब शहरीकरण की समस्याएं शहरी स्थानीय प्रशासन के ललए एक बडी चुनौती बन गई हैं।

    (150 शब्द, 10 अंक) दृष्टिकोण:

    शहरी स्र्ािीय प्रशासि के समक्ष चुिौतियां पैदा करिे वािे शहरीकरण पर चचाा करें।

    बिाएं कक कैसे स्र्ािीय तिकायों के पास अपिे काया करिे के लिए पयााप्ि संसािि िहीं हैं

    ववत्िीय स्वायत्ििा को बढावा देिे के लिए सुझाव प्रस्िुि करें।

    कई राज्यों में शहरीकरण जबरदस्ि गति से हो रहा है, िेककि कई शहर इससे तिपटिे में कदठिाई महसूस कर रहे हैं। बेहिर जीवि और अवसरों की उम्मीद में शहरों की ओर आिे वािे िोगों के सार्, आवास, पािी, स्वास््य और स्वच्छिा जैसे उपिब्ि संसाििों पर भारी दबाव है।

    िगािार ववस्िार कर रहे शहर की समस्याओं को संभाििे की जजम्मेदारी का बडा दहस्सा शहर प्रशासि पर पडिा है। समस्याएं अपराि की घटिाओं, सुरक्षा, यािायाि-प्रबंिि और कचरा तिपटाि के मुद्दों से शुरू होिी हैं। शहरों में तिवााधचि तिकाय, िगरपालिकाएं या तिगम हैं जो भवि तिमााण, संपजत्ि के भुगिाि, पािी और सीवरेज टैक्स के लिए स्र्ािीय तियामक कािूि पाररि करिे हैं।

  • 5 GS Paper 2_1 Answer Key

    स्र्ािीय प्रशासि सामुदातयक स्वास््य, स्वच्छिा और सडकों के रखरखाव के लिए भी जजम्मेदार है। कई राज्यों में शहरीकरण जबरदस्ि गति से हो रहा है, िेककि कई शहर ववत्िीय अभाव के कारण इससे जूझ रहे हैं।

    भारि में िगरीय-ववत्ि की कमी स्र्ािीय सरकारों के फंड और कायों के बीच तिरंिर ििाव की ववशेषिा है।

    भारि के शहरों में अपिी व्यय-आवश्यकिाओं को पूरा करिे के लिए अपयााप्ि राजस्व उपकरण हैं। जबकक 74 वााँ संवैिातिक संशोिि अधितियम िे स्र्ािीय सरकारों को कायाात्मक स्वायत्ििा का एक मौका प्रदाि ककया र्ा, उसमें ववत्िीय स्वायत्ििा का प्राविाि अिुपजस्र्ि र्ा।

    74वें संवविाि संशोिि के िहि िगरपालिका तिकायों द्वारा ककए जािे वािे 18 कायों में से आिे से भी कम के पास ववत्िपोषण के स्रोि हैं।

    इसके अिावा अधिकांश स्र्ािीय सरकारें राज्य सरकारों की स्पष्ट सहमति के त्रबिा कर दरों को तििााररि िहीं कर सकिी हैं या संग्रह के आिार को बदि िहीं सकिी हैं। हािांकक, भारि में िगरपालिका के ववत्िपोषण की सभी समस्याएं सरकारों के ऊपरी स्िरों के कारण िहीं हैं

    स्र्ािीय सरकारें उि कर और शुल्क संबंिी शजक्ियों का भी पयााप्ि रूप से उपयोग करिे में ववफि रही हैं, जो अधिकार उिके पास हैं

    इस प्रकार, भारिीय शहरों में स्वयं के राजस्व का स्िर बहुि कम है, इसलिए उन्हें अपिे िागररकों को सबसे बुतियादी सावाजतिक सेवाएं प्रदाि करि ेमें बािा उत्पन्ि होिी है।

    1990 के बाद, शहरी बुतियादी ढांच े के लिए वैकजल्पक ववत्ि पोषण मॉडि की खोज करि ेकी ददशा में अधिक जोर ददया गया है। इसके लिए पे्ररणा िीि स्रोिों से आई है:

    74वें संवैिातिक संशोिि के पाररि होिे से शहरी स्र्ािीय तिकायों (यूएिबी) को संवैिातिक दजाा ददया गया है और इसिे यूएिबी स्िर िक तिधियों, कायों और कायावादहयों को ववकलसि ककया है।

    आधर्ाक उदारीकरण और बढी हुई प्रतिस्पिाा िे ववत्िीय संस्र्ािों द्वारा पूंजी के अधिक कुशि आवंटि पर जोर ददया है और इसलिए अक्षम ववत्िपोषण का िंत्र से उन्मूिि कर ददया गया है

    राज्य सरकार के ववत्ि दबाव में रहे हैं और वे िगरपालिका के लिए ऋण सजब्सडी जारी रखिे में असमर्ा रहे हैं

    भारि में िगरपालिका के ववत्िपोषण हेिु माहौि के ववश्िेषण के अिुसार यह स्पष्ट है कक वपछिे 15 वषों में तिजी पूंजी को िािे वािे बाजार-आिाररि िंत्रों के उपयोग को बढािे के लिए अिुदाि और सॉफ्ट-िोि आिाररि बुतियादी ढांचा तिमााण कायािम से पयााप्ि ववकास हुआ है।

    सरकार के ऊपरी स्िरों से शहरों को अिुदाि रालश के एक जस्र्र और अिुमातिि प्रवाह को बिािे की आवश्यकिा है। िगर तिगम के बुतियादी ढांच े के लिए इस िरह के स्र्ायी ववत्िपोषण मॉडि की अिुपजस्र्ति में, भारि में समावेशी शहरों का िक्ष्य गंभीर खिरे में पड सकिा है। आगे की राह:

    दक्षक्षण अफ्रीकी और ब्राजीि की िीतियों के सबक के आिार पर, भारि में कई िीतिगि सुिार िाग ूककए जा सकिे हैं:

    िगरपालिकाओं को कर की दरें तििााररि करिे और उधचि सीमा के भीिर उपयोगकिाा शुल्क िगािे का अधिकार ददया जािा चादहए िाकक वे बुतियादी ढााँच ेके प्राविाि के लिए प्रभावी रूप से योजिा बिा सकें ।

    एक समाि संपजत्ि करािाि संदहिा के लिए देश भर में संपजत्ि मूल्यांकि की एक समाि ववधि की ओर एक कदम उठािा चादहए।

    बुतियादी ढांचागि सेवाओं के लिए न्यूििम सेवा की गुणवत्िा और मात्रा के स्िर की गणिा की जािी चादहए।

    यूएिबी के िागररकों को तिगमीकृि इकाई में दहस्सेदारी की त्रबिी के माध्यम से सेवा प्रदािा और िागररकों के बीच एक सीिा संबंि स्र्ावपि ककया जा सकिा है।

    वाडा सलमतियों और क्षेत्रीय सभाओं को भागीदारीपूणा-िोकिंत्र के वाहि बििे की आवश्यकिा है, जैसा कक 74वें संवविाि संशोिि द्वारा कल्पिा की गई है। यह उि कुछ शहरों को चुििे के माध्यम से प्राप्ि ककया जा सकिा है जजिमें िागररक सकियिा का इतिहास है और इि सलमतियों के गठि और कामकाज को सकिय रूप से आगे बढा रहा है। इि शुरुआिी शहरों से सकारात्मक पररणामों को व्यापक रूप प्रचाररि करके अन्य िगर

  • 6 GS Paper 2_1 Answer Key

    पालिकाओं को प्रोत्सादहि करिे के लिए प्रचाररि ककया जा सकिा है।

    सूचिा प्रसार को प्रभावी रूप से िागररक भागीदारी के लिए एक उपकरण के रूप में इस्िमेाि ककया जा सकिा है। जब सावाजतिक रूप से जािकारी उपिब्ि होिी है, िो िागररक सेवाओं की डडिीवरी के लिए स्र्ािीय सरकारों को जज़म्मेदार ठहराया जा सकिा है। उदाहरण के लिए, ब्राज़ीि में राष्रीय सरकार िे 2003 में एक भ्रष्टाचार-ववरोिी अलभयाि चिाया, जजसमें एक स्विंत्र सावाजतिक एजेंसी द्वारा िगरपालिका सरकार के बजट का यादृजच्छक ऑडडट और इसके पररणामों को जििा के लिए जारी करिा शालमि र्ा।

    तनटकषा: यदद स्र्ािीय तिकायों के पास अपिे कायों को करिे के लिए पयााप्ि संसािि िहीं हैं, िो उन्हें बाहरी सहायिा पर तिभार रहिा होगा और इससे स्र्ािीय तिकायों की स्विंत्रिा और महत्व कम हो जाएगा। यदद स्र्ािीय तिकाय अपिे क्षेत्रों में स्वायत्ि रहिा चाहिे हैं, िो उिके पास अपिे पैरों पर खडे होिे के लिए पयााप्ि संसािि होिे चादहए।

    Q5. भारत में ववधातयका और कायापाललका के बीच शष्क्तयों के पथृक्करण पर दलबदल ववरोधी कानून और संववधान के 91वें संशोधन के तनहहताथों का समालोचनात्मक परीक्षण करें।

    (150 शब्द, 10 अंक) पररचय:

    सत्िा के परृ्क्करण के लसद्ांि का िात्पया है कक िोकिंत्र का प्रत्येक स्िंभ - कायापालिका, वविातयका और न्यायपालिका - अिग-अिग काया करिे हैं और अिग-अिग संस्र्ाओं के रूप में काया करि ेहैं। यह संवविाि की मूि संरचिा का एक दहस्सा है, भिे ही इसका पाठ में ववशेष रूप से उल्िेख िहीं ककया गया है। मुख्य भाग: दिबदि ववरोिी कािूि - 1985 में पाररि ककया गया और दसवी ंअिुसूची जोडी गई और एक सांसद या वविायक को िब दोषपूणा मािा गया, यदद उसिे स्वेच्छा से पाटी से इस्िीफा दे ददया या मिदाि पर पाटी िेितृ्व के तिदेशों की अवहेििा की, जहााँ वे पाटी के जव्हप के णखिाफ िहीं जा सकिे रे्।

    तिदहिार्ा: चुिे गए सांसदों के िोकिांत्रत्रक अधिकारों का हिि करिे और वविायकों के भाषण की स्वंत्रिा के अधिकार पर अडगंा िगािे के रूप में कािूि की आिोचिा की गई है, हािांकक सुप्रीम कोटा िे कहा है कक (ककहोटो होिोहि बिाम जधचल्िू और अन्य (1992) मामिा), ऐसा िगिा है वविातयका की स्वायत्ििा और स्विंत्र तिणाय िेिे की क्षमिा पर अडचि की बहस मुद्दा कें दिि होिे के बजाय पाटी कें दिि हो गई है।

    इससे सरकार की जस्र्रिा से संबंधिि मुद्दों पर भी सांसदों और वविायकों के मिदाि-व्यवहार पर असर पडा है, क्योंकक व ेआम िौर पर अपिे वास्िववक ववश्वास या अपिे तिवााचि क्षेत्रों के दहिों को व्यक्ि करि े में असमर्ा हैं। इसलिए ववश्वास और अववश्वास प्रस्िाव वािे कािूि को प्रतिबंधिि करिे का मामिा हो सकिा है।

    ददिेश गोस्वामी कमेटी ऑि इिेक्टोरि ररफॉम्सा (1990) िे इस बदिाव की लसफाररश की। संवविाि में 91 वां संशोिि (2003) सबसे पहिे, "वविातयका के िोकवप्रय सदि" की शजक्ि के 15% िक मंत्रत्रयों के ऊपरी स्िर (कैत्रबिेट) को कैप ककया गया और दसूरा 1985 में पहिे से िागू दसवीं अिुसूची के दिबदि ववरोिी प्राविािों को कडा ककया गया। यह उि सभी के लिए अतिवाया है, जो अपिे राजिीतिक दि बदि रहे हैं, चाहे वह अकेिे हों या समूहों में, अपिी वविायी सदस्यिा से इस्िीफा देिे पर और उन्हें दोष िगि ेपर कफर से चुिाव में भाग िेिा पडा।

    अब पाटी के कम से कम 2/3 सदस्यों को पाटी छोडिी पडिी है, िाकक यह दिबदि के रूप में योग्य ि हो। इस प्रकार, इसिे कायापालिका के पक्ष में पिडा और भारी कर ददया, क्योंकक अब सांसदों (वविातयका) को पाटी िाइि को माििा होिा है, जो ज्यादािर वररष्ठ मंत्रत्रयों द्वारा िय की जािी है जो आमिौर पर कायापालिका का दहस्सा होिे हैं।

    हािांकक, ऐसे उदाहरण हैं कक चुिाव पररणाम घोवषि होिे के बाद, जीििे वािे उम्मीदवारों िे सदि और सार् ही जजस पाटी से वे तिवााधचि हुए रे्, की अपिी सदस्यिा से इस्िीफा दे ददया । िुरंि, वे उस राजिीतिक दि में शालमि हो गए, जजसिे सरकार बिाई है और कफर से उस राजिीतिक दि से चुिाव िडा है, जो एक िोखा प्रिीि होिा है और िोकिंत्र की भाविा के ववरुद् जािा है। इसिे संसदीय सधचवों की तियुजक्ि करि ेवािे राज्यों को भी मंत्रत्रपररषद की सहायिा करि े के लिए पे्रररि ककया है, िाकक वे संशोिि द्वारा तििााररि 15% की सीमा को पार कर सकें ।

  • 7 GS Paper 2_1 Answer Key

    तनटकषा: इस प्रकार हम कह सकिे हैं, कक इि कािूिों िे मौजूदा अंिदािीय िोकिंत्र को कुछ हद िक दबा ददया है, और कायापालिका की संसदीय ववशेषिा को कम कर ददया है। वविातयका के सदस्यों को प्रभावी ढंग से सशक्ि बिािे और उिकी पाटी से संबद्िा के बावजूद सरकार को जवाबदेह बिाए रखिे के लिए पयााप्ि स्विंत्रिा सुतिजश्चि करि े की आवश्यकिा है क्योंकक वविािसभा में वविायक अपिी पाटी के प्रतितिधि होिे के बजाय िोगों के प्रतितिधि हैं।

    Q6. जनहहत याधचका (PIL) के रूप में जानी जाने वाली प्रकिया के माध्यम से न्यातयक सकियता भारत में सामाष्जक पररवतान का एक शष्क्तशाली तंि बनकर उभरी है। चचाा करें। (150 शब्द, 10 अंक) दृष्टिकोण:

    न्यातयक सकियिा और जिदहि याधचका के बारे में चचाा करें।

    बिाएं कक जिदहि याधचका का क्या महत्व है। कुछ उदाहरणों से बिाएं कक कैसे पीआईएि भारि में

    सामाजजक पररविाि के लिए एक उपकरण के रूप में काया करिा है।

    न्यातयक सकियता: न्यातयक सकियिा िागररकों के अधिकारों के संरक्षण और समाज में न्याय को बढावा देिे में न्यायपालिका द्वारा तिभाई गई सकिय भूलमका है। यह न्यातयक शजक्ि का प्रयोग करि ेका एक िरीका है, जो न्यायािीशों को सामान्य रूप से प्रगतिशीि और िई सामाजजक िीतियों के पक्ष में न्यातयक प्रकिया के सख्ि पािि करिे के लिए पे्रररि करिा है। जनहहत याधचका: सावाजतिक दहि या सामान्य दहि के प्रविाि के लिए PIL, कािूि की अदािि में शुरू की गई एक कािूिी कारावाई है, जजसमें समुदाय के कुछ आधर्ाक अधिकार या उिके कािूिी अधिकार प्रभाववि होि ेहैं। इसे ककसी भी उच्च न्यायािय में या सीिे उच्चिम न्यायािय में दायर ककया जा सकिा है। पीआईएि सामाजजक रूप से जागरूक सदस्य या एक ककसी कमाठ एिजीओ को ददया गया अधिकार है जो ककसी सावाजतिक दहि के लिए न्यातयक मांग का प्रयास करिा है।

    जनहहत याधचका का महत्व: जिदहि याधचका सामाजजक पररविाि के महत्वपूणा सािि के रूप में काम कर रही है। यह समाज के हर वगा के कल्याण के लिए प्रयासरि है। इसका उपयोग समाज में व्याप्ि अत्याचारों का मुकाबिा करिे की रणिीति के रूप में ककया गया है। जिदहि याधचका के मुख्य अिुप्रयोग हैं:

    कािूि को स्पष्ट करिे में सावाजतिक तिकायों को यह सुतिजश्चि करिे के

    लिए बाध्य करिे में, कक वे उधचि तिणाय िें, तिष्पक्ष और पारदशी िरीके से काया करें।

    न्यायािीशों को कािूि की व्याख्या करि े का अवसर देकर कािूिी-प्रकिया ववकलसि करिे में मदद करिे में।

    कमजोर िोगों के ककसी महत्वपूणा मुद्दे को उजागर करके और उिके अधिकारों की वकािि करिे के लिए एक मंच प्रदाि करिे में।

    सावाजतिक बहस और मीडडया कवरेज को प्रोत्सादहि करिे वािे महत्वपूणा मुद्दों के बारे में जागरूकिा बढािा।

    भारि में सामाजजक पररविाि के रूप में जिदहि याधचका: जिदहि याधचका की अविारणा की शुरुआि भारि में जजस्टस कृष्ण अय्यर द्वारा की गयी और जजस्टस पी.एि. भगविी िे इसे बढाया। भारि में पीआईएि के कुछ महत्वपूणा मामिे इस प्रकार हैं:

    1979 में पहिी जिदहि याधचका जेिों की अमािवीय जस्र्तियों और हुसैिारा खािूि बिाम त्रबहार राज्य मामिे में ववचारािीि कैददयों पर कें दिि र्ी।

    लसटीजि फॉर डमेोिेसी बिाम असम राज्य में सुप्रीम कोटा िे घोषणा की कक जेि में रहिे हुए या एक जेि से दसूरी जेि में या अदािि में या वापस जाि ेसमय हर्कडी और अन्य बेडडयााँ ककसी कैदी को िहीं िगाए जाएंगे।

    ववशाखा बिाम राजस्र्ाि राज्य मामिे में काया स्र्िों पर मदहिाओं के यौि उत्पीडि से सुरक्षा के लिए ददशातिदेश जारी ककये गए।

    एम.सी. मेहिा बिाम भारि संघ िे स्वच्छ पयाावरण को मौलिक अधिकार बिाया, जजसिे पयाावरण प्रदषूण के णखिाफ कदम उठािे में मदद की।

  • 8 GS Paper 2_1 Answer Key

    इस प्रकार जिदहि याधचका आम जििा के दहि को बिाए रखिे में मदद करिी है।

    तनटकषा: जब बडे पैमािे पर ककसी समुदाय या जििा का दहि बाधिि होिा है, िब जिदहि याधचका िे लशकायि तिवारण के लिए एक िंत्र बिाया। यह ि केवि प्रभावविों को बजल्क दसूरों को भी मुद्दों के समािाि के लिए न्यायपालिका से संपका करिे की अिुमति देिा है। तिदहि स्वार्ा के चििे कुछ वगों द्वारा साििों का दरुुपयोग भी ककया जािा है, जजससे न्यायपालिका को कडाई से तिपटिे की आवश्यकिा है।

    Q7. सोशल ऑडिि (सामाष्जक अंकेक्षण) नागररक-कें हित प्रशासन के ललए एक महत्वपूणा उपकरण है’, लेककन भारत में इसे सावाजतनक सेवा ववतरण के हर हहस्से में नहीं अपनाया गया है। सावाजतनक सेवा ववतरण में सामाष्जक अंकेक्षण की भूलमका में सुधार के ललए चुनौततयों पर चचाा करें और सुझाव दें।

    (150 शब्द, 10 अंक) दृष्टिकोण:

    सामाजजक अंकेक्षण का अर्ा लिखें िागररक कें दिि प्रशासि में सामाजजक अंकेक्षण की

    भूलमका के बारे में लिखें भारि में सामाजजक अंकेक्षण के समक्ष चुिौतियों के

    बारे में लिखें सामाजजक अंकेक्षण को मजबूि करिे के उपाय

    लिखें भारि में सामाजजक अंकेक्षण की चुिौतियााँ: 1. सामाजजक अंकेक्षण के कायाान्वयि के लिए कािूिी जवाबदेही ढांच ेका अभाव। 2. सामाजजक अंकेक्षण को सफि बिािे के लिए राजिीतिक और िौकरशाही की इच्छाशजक्ि का अभाव। अकाउंटेत्रबलिटी ररसचा सेंटर द्वारा ककए गए सवेक्षण, 33% राजिेिा और 21% िौकरशाह सामाजजक ऑडडट के लिए प्रतिकियाशीि िहीं रे् 3. सामाजजक अंकेक्षण करिे के लिए िोगों के बीच बहीखािा पद्ति, िेखांकि प्रर्ाओं जैसे िकिीकी और प्रबंिकीय क्षमिा की अिुपजस्र्ति। 4. ववश्व बैंक के अिुसार 25% भारिीय तिरक्षर हैं, और इस प्रकार सामाजजक ऑडडट के बारे में िहीं जाििे हैं, इस प्रकार जागरूकिा का अभाव है।

    5. सामाजजक अंकेक्षण का दायरा स्पष्ट रूप से पररभावषि िहीं ककया गया है। 6. कमजोर स्र्ािीय स्वशासी संस्र्ािों में भी सोशि ऑडडट्स का खराब पािि होिा है। सामाजजक अंकेक्षण को मजबूि करिे के उपाय: 1. सामाजजक अंकेक्षण आयोजजि करिे के लिए एक स्विंत्र सुवविा संरचिा स्र्ावपि करिे िर्ा इसे कािूिी रूप से सशक्ि और अतिवाया बिािे की आवश्यकिा है। 2. कैग के सार् स्र्ािीय स्िर पर सामाजजक अंकेक्षण सलमतियों को जोडिा। 3. अन्य राज्य मेघािय से सीख सकि ेहैं जजसिे राज्य के लिए एक सामाजजक िेखा परीक्षा कािूि ववकलसि ककया है। सामाजजक अंकेक्षण की प्रणािी को संस्र्ागि समर्ाि की आवश्यकिा है और एक संस्र्ागि ढांचे को स्र्ावपि करि ेके लिए कई प्राधिकाररयों द्वारा एक गंभीर प्रयास ककया जािा है जजसे ककसी भी तिदहि स्वार्ों के लिए कम िहीं ककया जा सकिा है। 4. स्र्ािीय स्वशासि संस्र्ािों को अधिक िि उपिब्ि कराकर उिके कायाकिापों को ववकलसि करके उिकी संरचिा में सुिार करिा। 5. राजस्र्ाि की पदयात्रा जैसे जागरूकिा अलभयाि को कहीं और भी दोहराया जा सकिा है 6. कािूिी जिादेश सामाजजक ऑडडट के पािि को और मजबूि कर सकिा है।

    Q8. भारत में ववचाराधीन कैहदयों (अंिर-ट्रायल) की संख्या दतुनया में सबसे अधधक है। इस संदभा में, भारत में जेल सुधारों के ललए संभाववत चुनौततयों पर चचाा करें। कैहदयों को सुधारवादी न्याय प्रदान करन ेके ललए कें ि और राज्य सरकारों द्वारा क्या कदम उठाए जाने चाहहए?

    (150 शब्द, 10 अंक) दृष्टिकोण:

    वप्रज़ि स्टैदटजस्टक्स इंडडया 2016 की ररपोटा के अिुसार, भारि में 68 प्रतिशि से अधिक कैदी अंडर-रायि हैं। यह ररमांड सुिवाई के दौराि अिावश्यक धगरफ्िारी और अप्रभावी कािूिी सहायिा का पररणाम हो सकिा है। जेल सुधार के समक्ष चुनौती: 1. कािूिी सहायिा अपयााप्ि है: भारि में दो-तिहाई कैदी ववचारािीि हैं। तििाि कैदी वकीि रखिे में असमर्ा हैं। एक

  • 9 GS Paper 2_1 Answer Key

    कैदी को कािूिी सहायिा एक संवैिातिक अधिकार है, िेककि कािूिी सहायिा िक पहंुच जेिों में कैददयों के समक्ष सबसे बडी चुिौिी है। 2. ररकार्डास िक पहुाँच कदठि है: एकीकृि जेि प्रबंिि प्रणािी की कमी है। इसके कारण कैददयों को अदाििी आदेशों जैसे दस्िावेजों की प्रतियों के उपयोग के बारे में बहुि समस्याएाँ हैं। 3. अिीिस्र् न्यायपालिका में िंत्रबि मामिों का उच्च अिुपाि: अिीिस्र् न्यायपालिका में मामिों के िंत्रबि होिे के उच्चािुपाि के कारण मामिों का त्वररि तिपटाि संभव िहीं है। इसके कारण तिचिी न्यायपालिका में अंडर रायि मामिों की अधिकिा है। 4. जेि में बुतियादी ढांचा: जेि में खराब बुतियादी ढांच े के कारण जेि में भीडभाड है। जेि पररसर में मूिभूि सुवविाओं की कमी है। 5. जेि सुिारों को िेकर कें ि और राज्य के बीच समिव्य का अभाव: चंूकक जेि राज्य का ववषय है। इसलिए कें ि सरकार केवि ददशातिदेश दे सकिी है। कें िीय और राज्य सरकार के बीच समन्वय की कमी के कारण जेि सुिार तििंत्रबि जस्र्ति में है। कें ि और राज्य सरकार द्वारा पहल: 1. िंत्रबि मामिों को कम करिा: इस प्रयोजि के लिए न्यातयक अवसंरचिा जैसे न्यायािीशों की संख्या बढाई जािी चादहए। ई-कोटा को बढावा ददया जािा चादहए। 2. कैददयों के लिए कािूिी सहायिा: राष्रीय कािूिी सेवा प्राधिकरण (NALSA), एक सरकारी संस्र्ा है, जो असमर्ा िोगों को कािूिी सहायिा देिी है, िे देश भर में 1,401 जिेों में सभी कैददयों की जािकारी की मैवपगं करि े का तिणाय लिया है और उिके णखिाफ आरोपों की सूची बिाकर उिके लिए एक वकीि को संिग्ि करके उिके मामिों में सुिवाई को आगे बढािे का प्रयास ककया है। 3. एकीकृि जेि प्रबंिि प्रणािी: एकीकृि जेि प्रबंिि प्रणािी की आवश्यकिा है िाकक कैददयों को अदािि के सभी आदेशों िक आसािी से पहंुच सुतिजश्चि की जा सके। 4. ओपि (खुिी) जेि: ओपि जेि त्रबिा सिाखों की जेि हैं। कैदी अपिे पररवार के सार् रहि े हैं और अपिी आजीववका कमाि े हैं। ररफॉमेदटव ्योरी िॉ (सुिारात्मक कािूि) के अिुसार, इसे मािवीय दंड व्यवस्र्ा मािा जािा है, जजसमें िका ददया गया है कक सजा का उद्देश्य कैदी में सुिार होिा चादहए। आगे का रास्ता:

    देश की जेि अवसंरचिा के आिुतिकीकरण की ित्काि आवश्यकिा है। उस उद्देश्य के लिए कें ि-राज्य के समन्वय की आवश्यकिा है। न्यातयक प्रणािी में प्रौद्योधगकी के उपयोग से िंत्रबि मामिों की संख्या को कम ककया जािा चादहए।

    Q9. भारत में तनवारक तनरोध कानूनों के लगातार दरुुपयोग के प्रकाश में, संववधान में तनवारक तनरोध के खिलाफ प्रदान ककए गए सुरक्षा उपायों पर चचाा करें?

    (150 शब्द, 10 अंक) दृष्टिकोण:

    तिवारक तिरोि की व्याख्या करें कई उदाहरणों के सार् तिवारक तिरोि कािूिों के

    दरुुपयोग पर चचाा करि ेहैं तिवारक तिरोि के लिए संवैिातिक प्राविािों पर

    चचाा करें तिवारक तिरोि का मििब है कक एक कायाकारी प्राधिकारी के मि में संदेह होिे पर ककसी व्यजक्ि को अदािि द्वारा त्रबिा ककसी मुकदमे के दहरासि में रखा जािा। देश में तिवारक तिरोि कािूि के दरुुपयोग के मामिे अक्सर सामिे आिे रहिे हैं। इस िरह के कािूि व्यजक्ियों को दहरासि में िेिे के लिए कायाकारी पर असािारण वववेकािीि शजक्ियां प्रदाि करि े हैं। उधचि सुरक्षा उपायों की अिुपजस्र्ति में, तिवारक तिरोि का बडे पैमािे पर दरुुपयोग ककया गया है, खासकर दलििों और अल्पसंख्यकों के णखिाफ।

    कई राज्यों में एक कािूि िोकवप्रय है जजसे 'गुंडा अधितियम' के रूप में जािा जािा है जजसका उद्देश्य अपरािी की खिरिाक गतिववधियों को रोकिा है।

    एिएसए की िारा 3 कें ि सरकार को ककसी भी व्यजक्ि को दहरासि में िेिे की शजक्ि देिी है यदद सरकार 'संिुष्ट' है कक उसे ऐसा करिा 'आवश्यक' है, और ककसी भी पूवााग्रहपूणा कायावाही से बचिे के लिए राज्य के तिम्िलिणखि दहिों को ध्याि में रखिा चादहए: राज्य के दहि:

    राज्य की रक्षा ववदेशी शजक्ि के सार् राज्य का संबंि राज्य की सुरक्षा सावाजतिक कािूि-व्यवस्र्ा िर्ा

  • 10 GS Paper 2_1 Answer Key

    समुदाय को आवश्यक सेवाओं की आपूतिा का रखरखाव।

    चंूकक इि अविारणाओं को स्पष्ट रूप से पररभावषि िहीं ककया गया है और ववलभन्ि व्याख्याओं की संभाविा के कारण, दवु्यावहार की गुंजाइश मोटे िौर पर बिी हुई है।

    तिवारक तिरोि कािूि इस हद िक प्रकृति के ववपरीि हैं कक टाडा अधितियम की िारा 15 के िहि प्राविाि भारिीय साक्ष्य अधितियम, 1872 की िारा 26 के िहि तििााररि साक्ष्य के तियम का पूणा उल्िंघि है। जबकक साक्ष्य अधितियम की िारा 26 स्पष्ट रूप से कहा गया है कक पुलिस की दहरासि में रहिे हुए अलभयुक्िों द्वारा स्वीकार ककए जािे को उसके णखिाफ सबूि के रूप में इस्िमेाि िहीं ककया जा सकिा है, हािांकक, टाडा अधितियम की िारा 15 के िहि प्राविािों में कहा गया है कक पुलिस अधिकाररयों को ददए गए कुछ बयािों को सबूि के रूप में रखा जा सकिा है।

    कश्मीर में, तिवारक तिरोि कािूिों का गिि िरीके से दरुुपयोग ककया गया है और जम्मू-कश्मीर, भारि में शांतिपूवाक असंिोष फैिािे वािों की मिमािी धगरफ्िारी और दहरासि जारी है, जि सुरक्षा अधितियम (PSA), सरकार की आिोचिा करिे वािों को दंडडि करिे के लिए इस्िमेाि ककया जा रहा है।

    एक अन्य कािूि जजसका दरुुपयोग ककया जािा है, वह है COFEPOSA, जजसके िहि एक व्यजक्ि को जो तिवषद् व्यापार में लिप्ि है, उसे त्रबिा ककसी मुकदमे और जमािि के जेि में रखा जा सकिा है, इस संभाविा के बावजूद कक व्यजक्ि को िोखा ददया गया हो, क्योंकक, यह है अक्सर देखा गया है कक िोग दोस्िों या ररश्िदेारों द्वारा ववश्वासघाि के कारण सामाि की िस्करी में फंस जाि े हैं और वे COFEPOSA के िहि जेि में बंद होिे हैं। दभुााग्य से, कािूि ऐसे वास्िववक मामिों में भी तिदोषिा को मान्यिा िहीं देिा है।

    तिवारक तिरोि के लिए संवैिातिक प्राविाि: विामाि में, भारिीय संवविाि में तिवारक तिरोि से

    संबंधिि प्राविाि सािवी ंअिुसूची के अिुच्छेद 22 और सूची I (प्रववजष्ट 9) और सूची III (प्रववजष्ट 3) में तिदहि हैं।

    अिुच्छेद 22 के भाग 3 में यह प्राविाि है कक अिुच्छेद 22 के पहिे दो भागों में प्रस्िुि सुरक्षा उपाय और प्राविाि ऐसे िोगों पर िाग ूिहीं होिे हैं,

    जजन्हें ककसी तिवारक तिरोि कािूि के िहि धगरफ्िार ककया जािा है।

    दहरासि के आिार का पिा िगाकर उसे दहरासि में लिया जािा चादहए। हािााँकक, जिदहि के णखिाफ मािे जािे वािे ि्यों का खुिासा िहीं ककया जािा चादहए।

    बंदी को तिरोि आदेश के णखिाफ अपीि करिे का अवसर ददया जािा चादहए।

    आिोचकों का कहिा है कक तिवारक तिरोि (अिुच्छेद 22) का प्राविाि मौलिक अधिकारों की भाविा को िुकसाि पहंुचािा है। यह राज्य की मिमािी शजक्ियों को स्वीकार करिा है और व्यजक्िगि स्विंत्रिा की उपेक्षा करिा है। यह इस आिोचिा को सही ठहरािा है कक भारि का संवविाि व्यजक्ि के णखिाफ राज्य के अधिकारों को राज्य के णखिाफ व्यजक्ि के अधिकारों पर अधिक महत्व देिा है। ववशेष रूप से, दतुिया के ककसी भी िोकिांत्रत्रक देश िे तिवारक तिरोि को उिके संवविाि के अलभन्ि अंग के रूप में िहीं बिाया है, जैसा कक भारि में ककया गया है।

    Q10. "देश की न्यातयक प्रणाली में 3.5 करोड से अधधक मामले लंत्रबत हैं"। इस संदभा में, लंत्रबत मामलों की संख्या को कम करने और न्याय प्रशासन में सुधार के ललए सुझाव दें। (150 शब्द, 10 अंक) न्यातयक दक्षिा और कािूि के शासि के बीच घतिष्ठ संबंि है। न्यायपालिका की उत्पादकिा िागररकों के राजिीतिक, आधर्ाक और सामाजजक अधिकारों को सुरक्षक्षि करिे के लिए महत्वपूणा है। िेककि हमारी न्यातयक प्रणािी को कई समस्याओं का सामिा करिा पड रहा है, जैसे न्यायािीशों के पदों की ररजक्ियां, खराब बुतियादी ढांच े और कई पुरािे कािूिों की उपजस्र्ति। ऐसे मामिे में हमारी न्यातयक प्रणािी में प्रमुख सुिारों की आवश्यकिा है। न्यातयक प्रणाली में सुधार: 1. काया ददवसों की संख्या में ववृद्: छुदट्टयों के कारण िम्बी-अवधि के लिए भारिीय अदाििें बंद हो जािी हैं। उदाहरण के लिए, सुप्रीम कोटा के लिए काया ददवस एक वषा में केवि 190 ददि होि ेहैं। काया ददवसों की सखं्या में ववृद् से सुप्रीम कोटा और उच्च न्यायाियों की उत्पादकिा में सुिार होगा। 2. भारिीय न्यायाियों और न्यायाधिकरण सेवाओं की स्र्ापिा: अदाििों के प्रशासि की गुणवत्िा, ववशेष रूप से द्वविीयक कायों और प्रकियाओं के सार् एक बडी समस्या है।

  • 11 GS Paper 2_1 Answer Key

    भारिीय न्यायाियों में प्रशासि की मुख्य जजम्मेदारी मुख्य न्यातयक अधिकारी को सौंपी जािी है। िेककि उिका मुख्य काया कुशििा से मूि-न्यातयक काया करिा रहा है। इस मामिे में भारिीय न्यायाियों और अधिकरण सेवाओं (ICTS) की आवश्यकिा है, जो कािूिी प्रणािी के प्रशासतिक पहिुओं पर कें दिि है। 3. प्रौद्योधगकी का इस्िमेाि: प्रौद्योधगकी अदाििों की दक्षिा में काफी सुिार कर सकिी है। इस ददशा में एक बडा प्रयास कािूि-मंत्रािय की ओर से e-Courts Mission Mode Project, जजसे चरणों में िाग ूककया जा रहा है। इसिे राष्रीय न्यातयक डटेा धग्रड (NJDG) के तिमााण की अिुमति दी है। 4. िोक अदाििों और फास्ट-रैक अदाििों जैसे वैकजल्पक वववाद तिवारण िंत्र का प्रचार। 5. न्यातयक अवसंरचिा में सुिार: तिचिी अदाििों में न्यायािीशों के ररक्ि पद को भरिे की ित्काि आवश्यकिा है। इसी िरह अदािि के अन्य बुतियादी ढांचे जैसे-कोटा रूम और न्यातयक कमाचाररयों की संख्या को बढाया जािा चादहए।

    Q11. लशक्षा का अधधकार नागररक अधधकारों के अध्यायों में “दसूरी िांतत की सुबह” 'के रूप में वखणात ककया गया था। कथन के प्रकाश में, भारत में लशक्षा की गुणवत्ता में सुधार के ललए सरकार द्वारा हाल ही में ककए गए उपायों पर प्रकाश िालें।

    (250 शब्द, 15 अंक) दृष्टिकोण:

    संक्षेप में लशक्षा के महत्व और भारि में लशक्षा की विामाि जस्र्ति पर प्रकाश ड�