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ममममम ममममम मम २० मम मम मममममम ममममम मममममम मम मम मममममम ममममममम ममममममम मममम मम ममममममममममम मममम ममममम ममम मममममम मममममममम ममम मममम मम मम ममम मममममम ममममममममममम मममममममम ममममममम मममममममम ममममममममम मममम मममममम ममम मममम मममममम ममममममममममम ममममम मम मममम मममम मम ममममममम ममम ममम मममममम मममममममम ममममम ममम ममम मममममम मममममम मम ममम मममममम ममम मममममम मममम मम ममममम मममम मममम ॥३॥ ममम ममममम ममममम मममम म मम ममममम मममममम ममममममममम ममम ममम ममम मममममम मममम ममममम ममम ममममम मममममम ममम ममममम मममम ॥४॥ ममम ममममममममम मममममम ममममममममम मममममममममम ममममम मममममम ममम मममममम मम ममम मममममममममममममम ममम मम ममम मममम मम मम ॥५॥ ममम मम ममम ममममम मम मममममममममम मम ममम ममम मममम ममममममम ममम मम ममम मममममम ममममममममममम मम ममम मममममम ममम मममम ॥६॥ ममम ममममममम ममममममम ममममम मममममममम ममममम ममम ममममम मममममम

(manache Shlok) मनाचे श्लोक जय रघुवीर समर्थ

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Page 1: (manache Shlok) मनाचे श्लोक जय रघुवीर समर्थ

मना�चे� श्लो�क १ ते� २० जय जय रघु�वी�र समर्थ�

गणा�धी�श ज� ईश सवी�� ग�णा��चे�।म�ळा�र�भ आर�भ ते� निनाग��णा�चे�॥नाम%� श�रदा� म%ळा चेत्वी�र वी�चे�।गम%� पं�र्थ आना�ते य� र�घुवी�चे�॥१॥

मना� सज्जना� भक्ति+पं�र्थ�क्तिचे ज�वी,।तेर� श्री�हर� पं�निवीज�ते� स्वीभ�वी,॥जना0 निंना2द्य ते, सवी� स�डू% निना द्य�वी,।जना0 वी�द्य ते� सवी� भ�वी� कर�वी�॥२॥

प्रभ�ते� मना� र�म चिंचे2ते�ते ज�वी�।पं�ढे� वी8खर� र�म आधी� वीदा�वी�॥सदा�चे�र ह� र्थ�र स��डू% � नाय� ते�।जना0 ते�क्तिचे ते� म�नावी� धीन्य ह�ते�॥३॥

मना� वी�सना� दुष्ट क�म� ना य� र�।मना� सवी�र्थ� पं�पंबु�द्धी@ नाक� र�॥मना� सवी�र्थ� ना�निते स�डू% � नाक� ह�।मना� अं�तेर0 स�र वी�चे�र र�ह�॥४॥

मना� पं�पंस�कल्पं स�डू% निना द्य�वी�।मना� सत्यस�कल्पं ज�वी0 धीर�वी�॥मना� कल्पंना� ते� नाक� वी�षय��चे�।निवीक�र� घुडू� ह� जना� सवी� चे� चे�॥५॥

नाक� र� मना� क्रो�धी ह� ख�दाक�र�।नाक� र� मना� क�म ना�ना� निवीक�र�॥नाक� र� मना� सवी�दा� अं�निगक�रू।नाक� र� मना� मत्सरु दा�भ भ�रु॥६॥

मना� श्री�ष्ठ धी�रिरष्ट ज�वी0 धीर�वी�।मना� बु�लणा� ना�चे स�श�ते ज�वी,॥

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स्वीय, सवी�दा� नाम्र वी�चे� वीदा�वी�।मना� सवी� ल�क��क्तिस र� ना�वीवी�वी,॥७॥

दा�ह� त्य�निगते�� कOर्तिते2 म�ग, उर�वी�।मना� सज्जना� ह�क्तिचे क्रोOय� धीर�वी�॥मना� चे�दाना�चे� पंर� त्वी�� झिSज�वी�।पंर� अं�तेर0 सज्जना� ना�वीवी�वी�॥८॥

नाक� र� मना� द्रव्य ते� पं%ढिढेल��चे�।अंनिते स्वी�र्थ�बु�द्धी@ ना�र� पं�पं स��चे�॥घुडू� भ�गणा� पं�पं ते� कम� ख�टे�।ना ह�ते�� मना�स�रिरख, दु:ख म�ठे�॥९॥

सदा� सवी�दा� प्र�ते� र�म0 धीर�वी�।स�ख�चे� स्वीय, स��निडू ज�वी� कर�वी�॥दा�ह�दु:ख ते� स%ख म�ना�ते ज�वी�।निवीवी�क� सदा� स्वीस्वीरुपं0 भर�वी,॥१०॥

जना0 सवी�स%ख� अंस� क�णा आह�।निवीचे�र, मना� ते��क्तिचे श�धी�निना पं�ह�॥मना� त्वी��क्तिचे र� पं%वी�स�चे�ते क� ल�।तेय�स�रिरख� भ�गणा, प्र�प्ते ज�ल� ॥११॥

मना� म�नास0 दु:ख आणा%� नाक� र�।मना� सवी�र्थ� श�क चिंचे2ते� नाक� र�॥निवीवी�क� दा�ह�बु�झिद्धी स�डू% निना द्य�वी�।निवीदा�ह�पंणा, म�क्ति+ भ�ग�ते ज�वी�॥१२॥

मना� स��ग पं�� र�खणा� क�य ज�ल�।अंकस्म�ते ते� र�ज्य सवी] बु�डू�ल�॥म्हणा�ना� क� डू� वी�सना� स��डू वी�ग0।बुळा� ल�गल� क�ळा ह� पं�ढिठेल�ग�॥१३॥

झिजवी� कम�य�ग� जना0 जन्म ज�ल�।पंर� श�वीटे_ क�ळाम%ख0 निनाम�ल�॥

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मह�र्थ�र ते� म`त्य�पं�र्थ�क्तिचे ग�ल�।निकते�एक ते� जन्मल� आणिणा म�ल�॥१४॥

मना� पं�हते�� सत्य ह� म`त्य�भ%म�।झिजते�� बु�लते� सवी�ह� ज�वी म� म�॥क्तिचेर�ज�वी ह� सवी�ह� म�निनाते�ते�।अंकस्म�ते स��डू% निनाय� सवी� ज�ते�॥१५॥

मर� एक त्य�चे� दुज� श�क वी�ह�।अंकस्म�ते ते�ह� पं�ढे� ज�ते आह�॥पं�र�ना� जना0 ल�भ र� क्षो�भ त्य�ते�।म्हणा�ना� जना0 म�ग�ते� जन्म घु�ते�॥१६॥

मना0 म�नावी� व्यर्थ� चिंचे2ते� वीह�ते�।अंकस्म�ते ह�णा�र ह�ऊनिना ज�ते�॥घुडू, भ�गणा� सवी�ह� कम�य�ग�।मते�म�दा ते, ख�दा म�ना� निवीय�ग,॥१७॥

मना� र�घुवी,वी�णा आश� नाक� र�।मना� म�नावी�चे� नाक� कOर्तिते2 ते%� र�॥जय� वीर्णिणा2ते� वी�दा-श�स्त्रे�-पं�र�णा,।तेय� वीर्णिणा2ते�� सवी�ह� श्लो�घ्यवी�णा�॥१८॥

मना� सवी�र्थ� सत्य स��डू% � नाक� र�।मना� सवी�र्थ� मिमथ्य म��डू% � नाक� र�॥मना� सत्य ते� सत्य वी�चे� वीदा�वी�।मना� मिमथ्य ते, मिमथ्य स�डू% निना द्य�वी,॥१९॥

बुहू निंह2पं�टे@ ह�ईज� म�यपं�टे@।नाक� र� मना� य�तेना� ते�क्तिचे म�ठेk॥निनार�धी, पंचे� कlनिडूल� गभ�वी�स�।अंधी�म%ख र� दु:ख त्य� बु�ळाक�स0॥२०॥

मना�चे� श्लो�क २१ ते� ४०

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मना� वी�सना� चे%कवी0 य�रS�र�।मना� क�मना� स��डू� र� द्रव्यदा�र�॥मना� य�तेना� र्थ�र ह� गभ�वी�स0।मना� सज्जना� भ�टेवी0 र�घुवी�स0॥२१॥

मना� सज्जना� ह�ते म�S, कर�वी,।रघु�ना�यक� दृढे क्तिचेत्ती� धीर�वी,॥मह�र�ज ते� स्वी�मिम वी�य�स�ते�चे�।जना� उद्धीर� ना�र्थ ल�कत्रेय�चे�॥२२॥

ना बु�ल, मना� र�घुवी�वी�णा क��ह0।जना� वी�उग, बु�लते� स�ख ना�ह0॥घुनिडूना� घुडू� क�ळा आय�ष्य ना�ते�।दा�ह��ते0 ते�ल� क�णा स�डू% � पंह�ते�?॥२३॥

रघु�ना�यक�वी�णा वी��य� क्तिशणा�वी�।जना�स�रिरख� व्यर्थ� क�� वी�सणा�वी,॥सदा� सवी�दा� ना�म वी�चे� वीस� दा�।अंह�ते� मना� पं�निपंणा� ते� नास� दा�॥२४॥

मना� वी�टे म�ना%� नाक� बु�लण्य�चे�।पं�ढे, म�ग�ते� र�म ज�डू�ल कq चे�॥स�ख�चे� घुडू� ल�टेते�� स%ख आह�।पं�ढे, सवी� ज�ईल क��ह� ना र�ह�॥२५॥

दा�ह�रक्षोणा�क�रणा, यत्ना क� ल�।पंर� श�वीटे_ क�ळा घु�उना ग�ल�॥कर0 र� मना� भक्ति+ य� र�घुवी�चे�।पं�ढे, अं�तेर0 स�निंडू2 चिंचे2ते� भवी�चे�॥२६॥

भवी�च्य� भय� क�य भ�ते�स ल�डू�।धीर0 र� मना� धी�र धी�क�क्तिस स��डू�॥रघु%ना�यक�स�रिरख� स्वी�मिम श�र0।ना�पं�क्षो� कदा� क�पंल्य� दा�डूधी�र�॥२७॥

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ढिदाना�ना�ते ह� र�म क�दा�डूधी�र�।पं�ढे, दा�खते�� क�ळा पं�टे_ र्थर�र�॥मना� वी�क्य ना�मस्ते ह� सत्य म�ना0।ना�पं�क्षो� कदा� र�म दा�स�णिभम�ना�॥२८॥

पंदा@ र�घुवी�चे� सदा� ब्री�दा ग�ज�।वीळा, भ+र�पं%क्तिशर� क��निबु वी�ज�॥पं�र� वी�निहल@ सवी� ज�णा� निवीम�ना0।ना�पं�क्षो� कदा� र�मदा�स�णिभम�ना�॥२९॥

समर्थ��क्तिचेय� स�चेक� वीक्रो पं�ह�।अंस� सवी� भ�म�डूळा@ क�णा आह�॥जय�चे� क्तिलल� वीर्णिणा2ते� ल�क ते�न्ह�।ना�पं�क्षो� कदा� र�म दा�स�णिभम�ना�॥३०॥

मह�स�कटे@ स�निडूल� दा�वी ज�णा,।प्रते�पं� बुळा� आगळा� सवी�ग%णा�॥जय�ते� स्मर� श8लज� श%लपं�णा�।ना�पं�क्षो� कदा� र�म दा�स�णिभम�ना�॥३१॥

अंहल्य� क्तिशळा� र�घुवी, म�+ क� ल@।पंदा_ ल�गते�� ढिदाव्य ह�ऊनिना ग�ल@॥जय� वीर्णिणा2ते�� श�णाल@ वी�दावी�णा�।ना�पं�क्षो� कदा� र�म दा�स�णिभम�ना�॥३२॥

वीस� म�रुम��दा�र ह� स`मिष्टल@ल� ।शश� स%य� ते�र��गणा� म�घुम�ल�॥क्तिचेर�ज�वी क� ल� जना� दा�स दा�न्ह�।ना�पं�क्षो� कदा� र�म दा�स�णिभम�ना�॥३३॥

उपं�क्षो� कदा� र�मरुपं� अंस�ना�।झिजवी�� म�नावी�� निनाश्चय� ते� वीस�ना�॥क्तिशर� भ�र वी�ह�ना बु�ल� पं�र�णा0।ना�पं�क्षो� कदा� र�म दा�स�णिभम�ना�॥३४॥

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अंस� ह� जय� अं�तेर� भ�वी ज8स�।वीस� ह� तेय� अं�तेर� दा�वी ते8स�॥अंनान्य�स रक्षो�तेस� चे�पंपं�णा�।ना�पं�क्षो� कदा� र�म दा�स�णिभम�ना�॥३५॥

सदा� सवी�दा� दा�वी सन्नी�धी आह�।क̀पं�ळा�पंणा� अंल्पं धी�र�ष्ट पं�ह�॥स�ख�ना�दा आना�दा क8 वील्यदा�ना�।ना�पं�क्षो� कदा� र�म दा�स�णिभम�ना�॥३६॥

सदा� चेक्रोवी�क�क्तिस म�ते�डू ज8स�।उडू� घु�क्तिलते� स�कटे@ स्वी�मिम ते8स�॥हर�भक्ति+चे� घु�वी ग�ज� निनाश�णा�।ना�पं�क्षो� कदा� र�म दा�स�णिभम�ना�॥३७॥

मना� प्र�र्थ�ना� ते%जल� एक आह�।रघु%र�ज र्थक्कOते ह�ऊनिना पं�ह�॥अंवीज्ञा� कदा� ह� यदार्थx ना कOज�।मना� सज्जना� र�घुवी� वीस्तिस्ते कOज�॥३८॥

जय� वीर्णिणा2ते� वी�दा श�स्त्रे� पं�र�णा�।जय�चे�निना य�ग, सम�धी�ना बु�णा�॥तेय�ल�निंग2 ह, सवी� चे��चेल्य दा@ज�।मना� सज्जना� र�घुवी� वीस्तिस्ते कOज�॥३९॥

मना� पं�निवीज� सवी�ह� स%ख ज�र्थ�।अंनिते आदार, ठे� निवीज� लक्षो ते�र्थ,॥निवीनिवीक, क� डू� कल्पंना� पं�लढिटेज�।मना� सज्जना� र�घुवी� वीस्तिस्ते कOज�॥४०॥

मना�चे� श्लो�क ४१ ते� ६०

बुहू निंह2डूते�� सzख्य ह�णा�र ना�ह0।क्तिशणा�वी� पंर� ना�ते�डू� ह�ते क��ह0॥

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निवीचे�र, बुर, अं�तेर� बु�धीवी�ज�।मना� सज्जना� र�घुवी0 वीस्तिस्ते कOज�॥४१॥

बुहुते��पंर� ह,क्तिचे आते�� धीर�वी,।रघु%ना�यक� आपं�ल�स� कर�वी,॥ढिदाना�ना�र्थ ह, ते�डूर0 ब्री�दा ग�ज�।मना� सज्जना� र�घुवी0 वीस्तिस्ते कOज�॥४२॥

मना� सज्जना� एक ज�वी0 धीर�वी,।जना� आपं�ल, ह�ते ते%वी�� कर�वी,॥रघु%ना�यक�वी�णा बु�ल� नाक� ह�।सदा� म�नास0 ते� निनाजध्य�स र�ह�॥४३॥

मना� र� जना0 मzनाम�द्र� धीर�वी�।कर्थ� आदार� र�घुवी�चे� कर�वी�॥नास, र�म ते� धी�म स�डू% निना द्य�वी�।स�ख�ल�निंग2 आरण्य स�वी�ते ज�वी�॥४४॥

जय�चे�निना स�ग� सम�धी�ना भ�ग�।अंह�ते� अंकस्म�ते य�ऊनिना ल�ग�॥तेय� स�गते�चे� जना0 क�णा ग�डू�।झिजय� स�गते�ना, मते� र�म स�डू�॥४५॥

मना� ज� घुडू� र�घुवी�वी�णा ग�ल@।जना0 आपं�ल@ ते� ते�वी�� ह�निना क� ल@॥रघु%ना�यक�वी�णा ते� श�णा आह�।जना� दाक्षो ते� लक्षो ल�वी%निना पं�ह�॥४६॥

मना0 ल�चेना0 श्री�हर� ते�क्तिचे पं�ह�।जना0 ज�णाते�� म�+ ह�ऊनिना र�ह�॥ग�णा0 प्र�निते र�ख� क्रोम% स�धीना�चे�।जग0 धीन्य ते� दा�स सवी~त्तीम�चे�॥४७॥

सदा� दा�वीक�ज0 झिSज� दा�ह ज्य�चे�।सदा� र�मना�म, वीदा� निनात्य स�चे�॥

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स्वीधीम�क्तिचे चे�ल� सदा� उत्तीम�चे�।जग0 धीन्य ते� दा�स सवी~त्तीम�चे�॥४८॥

सदा� बु�लण्य�स�रिरख� चे�लते�ह�।अंना�क� सदा� एक दा�वी�क्तिस पं�ह�॥सग%णा� भज� ल�श ना�ह� भ्रम�चे�।जग0 धीन्य ते� दा�स सवी~त्तीम�चे�॥४९॥

नास� अं�तेर� क�म ना�ना�निवीक�र�।उदा�स�ना ज� ते�पंस� ब्रीह्मचे�र�॥निनावी�ल� मना0 ल�श ना�ह� तेम�चे�।जग� धीन्य ते� दा�स सवी~त्तीम�चे�॥५०॥

मदा, मत्सर, स��निडूल@ स्वी�र्थ�बु�द्धी@।प्रपं�चे�क ना�ह0 जय�ते, उपं�धी�॥सदा� बु�लणा� नाम्र वी�चे� स�वी�चे�।जग� धीन्य ते� दा�स सवी~त्तीम�चे�॥५१॥

क्रोम� वी�ळा ज� तेत्त्वीचिंचे2ते�ना�वी�दा�।ना चिंल2पं� कदा� दा�भ वी�दा� निवीवी�दा�॥कर� स�खस�वी�दा ज� उगम�चे�।जग� धीन्य ते� दा�स सवी~त्तीम�चे�॥५२॥

सदा� आज�वी� प्र�य ज� सवी� ल�क�।सदा� सवी�दा� सत्यवी�दा@ निवीवी�कO॥ना बु�ल� कदा� मिमथ्य वी�चे� नित्रेवी�चे�।जग� धीन्य ते� दा�स सवी~त्तीम�चे�॥५३॥

सदा� स�निवी आरण्य ते�रुण्यक�ळा_।मिमळा�ना� कदा� कल्पंना�चे�निना म�ळा@॥चेळा�ना� मना0 निनाश्चय� दृढे ज्य�चे�।जग0 धीन्य ते� दा�स सवी~त्तीम�चे�॥५४॥

नास� म�नास0 नाष्ट आश� दुर�श�।वीस� अं�तेर0 प्र�मपं�श� निपंपं�श�॥

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ऋणा� दा�वी ह� भक्ति+भ�वी� जय�चे�।जग� धीन्य ते� दा�स सवी~त्तीम�चे�॥५५॥

ढिदाना�चे� दाय�ळा% मना�चे� मवी�ळा%।स्ना�ह�ळा% क̀पं�ळा% जना0 दा�सपं�ळा%॥तेय� अं�तेर� क्रो�धी स�ते�पं कq चे�।जग0 धीन्य ते� दा�स सवी~त्तीम�चे�॥५६॥

जग0 ह�इज� धीन्य य� र�मना�म�।निक्रोय� भक्ति+ ऊपं�सना� निनात्य ना�म�॥उदा�स�नाते� तेत्त्वीते� स�र आह�।सदा� सवी�दा� म�कळा@ व̀ीणित्ती र�ह� ॥५७॥

नाक� वी�सना� वी�षय0 व̀ीणित्तीरुपं,।पंदा�र्थx जडू� क�मना� पं%वी�पं�पं,॥सदा� र�म निनाष्क�म चिंचे2ते�ते ज�वी�।मना� कल्पंना�ल�श ते�निह नास�वी�॥५८॥

मना� कल्पंना� कल्पिल्पंते�� कल्पंक�टे@।नाव्ह� र� नाव्ह� सवी�र्थ� र�मभ�टे@॥मना0 क�मना� र�म ना�ह� जय�ल�।अंते� आदार� प्र�ते� ना�ह� तेय�ल�॥५९॥

मना� र�म कल्पंतेरु क�मधी�ना�।निनाधी� स�र चिंचे2ते�मणा� क�य वी�ना%�॥जय�चे�निना य�ग� घुडू� सवी� सत्ती�।तेय� स�म्यते� क�यस� क�णा आते��॥६०॥

मना�चे� श्लो�क ६१ ते� ८०

उभ� कल्पंव̀ीक्षो�तेळा_ दु:ख वी�ह�।तेय� अं�तेर0 सवी�दा� ते�क्तिचे आह�॥

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जना� सज्जना� वी�दा ह� वी�ढेवी�वी�।पं�ढे, म�गते� श�क ज�वी0 धीर�वी�॥६१॥

निनाजध्य�स ते� सवी� ते�टे�निना ग�ल�।बुळा, अं�तेर0 श�क स�ते�पं ठे�ल�॥स�ख�ना�दा आना�दा भ�दा, बु�डू�ल�।मना� निनाश्चय� सवी� ख�दा� उडू�ल�॥६२॥

घुर� क�मधी�ना% पं�ढे, ते�क म�ग,।हर�बु�धी स��डू�निना वी�वी�दा ल�ग�॥कर� स�र चिंचे2ते�मणा� क�चेख�डू�।तेय� म�गते�� दा�ते आह� उदा�डू�॥६३॥

अंते� म%ढे त्य� दृढे बु�झिद्धी अंस�ना�।अंते� क�म त्य� र�म क्तिचेत्ती� वीस�ना�॥अंते� ल�भ त्य� क्षो�भ ह�इल ज�णा�।अंते� वी�षय� सवी�दा� दा8न्यवी�णा�॥६४॥

नाक� दा8न्यवी�णा, झिजणा� भक्ति+ऊणा�।अंते� म�ख� त्य� सवी�दा� दु:ख दूणा�॥धीर0 र� मना� आदार, प्र�निते र�म�।नाक� वी�सना� ह�मधी�म0 निवीर�म0॥६५॥

नाव्ह� स�र स�स�र ह� घु�र आह�।मना� सज्जना� सत्य श�धी�निना पं�ह�॥जना0 वी�ष ख�ते�� पं�ढे� स%ख क8 चे�।कर0 र� मना� ध्य�ना य� र�घुवी�चे,॥६६॥

घुनाश्य�म ह� र�म ल�वीण्यरुपं�।मह�धी�र ग�भ�र पं%णा�प्रते�पं�॥कर� स�कटे_ स�वीक��चे� क� डू�वी�।प्रभ�ते� मना� र�म चिंचे2ते�ते ज�वी�॥६७॥

बुळा, आगळा� र�म क�दा�डूधी�र�।मह�क�ळा निवीक्रो�ळा ते�ह� र्थर�र�॥

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पं�ढे� म�नावी� निंक2कर� क�णा क� वी�।प्रभ�ते� मना� र�म चिंचे2ते�ते ज�वी�॥६८॥

स�ख�ना�दाक�र� निनावी�र� भय�ते,।जना0 भक्ति+भ�वी� भज�वी� तेय�ते,॥निवीवी�क� त्यज�वी� अंना�चे�र ह�वी�।प्रभ�ते� मना� र�म चिंचे2ते�ते ज�वी�॥६९॥

सदा� र�मना�म� वीदा� पं�णा�क�म,।कदा� बु�मिधीज�ना� ऽऽ पंदा� निनात्य ना�म,॥मदा�लस्य ह� सवी� स�डू�निना द्य�वी�।प्रभ�ते� मना� र�म चिंचे2ते�ते ज�वी�॥७०॥

जय�चे�निना ना�म, मह�दा�ष ज�ते�।जय�चे�निना ना�म, गते� पं�निवीज�ते�॥जय�चे�निना ना�म, घुडू� पं�ण्यठे� वी�।प्रभ�ते� मना� र�म चिंचे2ते�ते ज�वी�॥७१॥

ना वी�चे� कदा� ग्रं�र्थक्तिचे अंर्थ� क�ह�।म�ख� ना�म उच्चा�रिरते�� कष्ट ना�ह0॥मह�घु�र स�स�रशत्रे� झिजणा�वी�।प्रभ�ते� मना� र�म चिंचे2ते�ते ज�वी�॥७२॥

दा�ह�दा�डूणा�चे� मह�दु:ख आह�।मह�दु:ख ते, ना�म घु�ते� ना र�ह�॥सदा�श�वी चिंचे2ते�तेस� दा�वीदा�वी�।प्रभ�ते� मना0 र�म चिंचे2ते�ते ज�वी�॥७३॥

बुहुते��पंर� स�कटे� स�धीना��चे�।व्रते� दा�ना उद्य�पंना� ते� धीना�चे�॥ढिदाना�चे� दाय�ळा% मना� आठेवी�वी�।प्रभ�ते� मना� र�म चिंचे2ते�ते ज�वी�॥७४॥

समस्ते�मधी� स�र स�चे�र आह�।कळा�ना� तेर� सवी� श�धी�ना पं�ह�॥

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झिजवी� स�शय� वी�उग� ते� त्यज�वी�।प्रभ�ते� मना� र�म चिंचे2ते�ते ज�वी�॥७५॥

नाव्ह� कम� ना� धीम� ना� य�ग क��ह�।नाव्ह� भ�ग ना� त्य�ग ना� स��ग पं�ह0॥म्हणा� दा�स निवीश्वा�स ना�म� धीर�वी�।प्रभ�ते� मना� र�म चिंचे2ते�ते ज�वी�॥७६।

कर� क�म निनाष्क�म य� र�घुवी�चे�।कर� रुपं स्वीरुपं सवी�� झिजवी��चे� ॥करिर छं�दा निनार्द्व�र्द्व ह� ग�णा ग�ते��।हर�कOते�ना� व̀ीणित्तीनिवीश्वा�स ह�ते��॥७७॥

अंह� ज्य� नार� र�मनिवीश्वा�स ना�ह0।तेय� पं�मर� बु�मिधीज� सवी� क��ह�॥मह�र�ज ते� स्वी�मिम क8 वील्यदा�ते�।व̀ीर्थ� वी�हणा, दा�हस�स�रचिंचे2ते�॥७८॥

मना� पं�वीना� भ�वीना� र�घुवी�चे�।धीर� अं�तेर0 स�निंडू2 चिंचे2ते� भवी�चे�॥भवी�चे� झिजवी� म�नावी� भ%क्तिल ठे�ल@।नास� वीस्ते�क्तिचे धी�रणा� व्यर्थ� ग�ल@॥७९॥

धीर� श्री�वीर� त्य� हर� अं�तेर�ते�।तेर� दुस्तेर� त्य� पंर� स�गर�ते�॥सर� वी�सर� त्य� भर� दुभ�र�ते�।कर� ना�कर� त्य� खर� मत्सर�ते�॥८०॥

मना�चे� श्लो�क ८१ ते� १००

मना� मत्सर� ना�म स��डू% � नाक� ह�।अंते� आदार� ह� निनाजध्य�स र�ह�॥

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समस्ते��मधी� ना�म ह� स�र आह�।दुज� ते%ळाणा� ते%णिळाते��ह� ना स�ह�॥८१॥

बुहु ना�म य� र�मना�म� ते�ळा�ना�।अंभ�ग्य� नार� पं�मर� ह� कळा,ना�॥निवीष� औषधी� घु�तेल� पं�वी�ते�श�।झिजवी� म�नावी� निंक2कर� क�णा पं�स�॥८२॥

ज�णा� ज�णिळाल� क�म ते� र�म ध्य�ते�।उम�स� अंते� आदार, ग%णा ग�ते�॥बुहु ज्ञा�ना वी8र�ग्य स�मथ्य� ज�र्थ,।पंर� अं�तेर� ना�मनिवीश्वा�स ते�र्थ,॥८३॥

निवीठे�ना� क्तिशर� वी�निहल� दा�वीर�णा�।तेय� अं�तेर� ध्य�स र� त्य�क्तिस ना�णा�॥निनावी�ल� स्वीय� ते�पंस� चे�द्रमzळा@।झिजवी� स�डूवी� र�म ह� अं�तेक�ळा_॥८४॥

भज� र�म निवीश्री�म य�ग�श्वार��चे�।जपं% ना�मिमल� ना�म गzर�हर�चे�॥स्वीय� ना�वीवी� ते�पंस� चे�द्रमzळा@।ते�म्ह�� स�डूवी� र�म ह� अं�तेक�ळा_॥८५॥

म�ख� र�म निवीश्री�म ते�र्थ�क्तिचे आह�।सदा�ना�दा आना�दा स�वी�निना आह�॥तेय�वी�णा ते� श�णा स�दा�हक�र�।निनाजधी�म ह� ना�म श�क�पंह�र�॥८६॥

म�ख� र�म त्य� क�म बु�धी�� शक� ना�।ग�णा� इष्ट धी�रिरष्ट त्य�चे� चे�क� ना�॥हर�भ+ ते� श+ क�म�स भ�र�।जग0 धीन्य ते� म�रुते� ब्रीह्मचे�र�॥८७॥

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बुहू चे��गल� ना�म य� र�घुवी�चे�।अंते� स�झिजर� स्वील्पं स�पं� फु� क�चे�॥कर� म%ळा निनाम%�ळा घु�ते� भवी�चे�।झिजवी�� म�नावी�� ह,क्तिचे क8 वील्य स�चे,॥८८॥

जना0 भ�जना� ना�म वी�चे� वीदा�वी,।अंते� आदार� गद्यघु�ष� म्हणा�वी�॥हर�चिंचे2तेना� अंन्नी स�वी�ते ज�वी�।तेर� श्री�हर� पं�निवीज�ते� स्वीभ�वी,॥८९॥

ना य� र�म वी�णा� तेय� र्थ�र ह�णा�।जना0 व्यर्थ� प्र�णा� तेय� ना�म क�णा�॥हर�ना�म ह, वी�दाश�स्त्रे0 पं�र�णा0।बुहू आगळा� बु�क्तिलल@ व्य�सवी�णा�॥९०॥

नाक� वी�टे म�ना%� रघु�ना�यक�चे�।अंते� आदार� बु�क्तिलज� र�म वी�चे�॥ना वी,चे� म�ख� स��पंडू� र� फु� क�चे�।कर0 घु�ष त्य� ज�नाकOवील्लभ�चे�॥९१॥

अंते� आदार, सवी�ह� ना�मघु�ष�।निगर�क� दार� ज�इज� दूरिर दा�ष,॥हर� नितेष्ठते% ते�षल� ना�मघु�ष,।निवीश�ष, हर�म�नास0 र�मपं�स,॥९२॥

जग0 पं�हते�� दा�वी ह� अंन्नीदा�ते�।तेय� ल�गल@ तेत्त्वीते� स�र चिंचे2ते�॥तेय�चे� म�ख� ना�म घु�ते� फु� क�चे�।मना� स��ग पं�� र� ते�S� क�य वी,चे�॥९३॥

नितेन्ह� ल�क ज�ळा�� शक� क�पं य�ते��।निनावी�ल� हरु ते� म�ख� ना�म घु�ते��॥जपं� आदार, पं�वी�ते� निवीश्वाम�ते�।म्हणा�ना� म्हणा� ते,क्तिचे ह� ना�म आते��॥९४॥

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अंज�म�ळा पं�पं� वीदा� पं�त्रेक�म�।तेय� म�क्ति+ ना�र�यणा�चे�निना ना�म,॥श�क�क�रणा� क�� टेणा� र�म वी�णा�।म�ख, बु�लते�� ख्य�निते ज�ल@ पं�र�णा0॥९५॥

मह�भ+ प्रल्ह�दा ह� दा8त्यक% ळा_।जपं� र�मना�म�वीळा@ निनात्यक�ळा_॥निपंते� पं�पंरुपं� तेय� दा�खवी�ना�।जना� दा8त्य ते� ना�म म�ख� म्हणा�ना�॥९६॥

म�ख� ना�म ना�ह0 तेय� म�क्ति+ कq चे�।अंह�ते�ग�णा� य�तेना� ते� फु� क�चे�॥पं�ढे� अं�ते य�ईल ते� दा8न्यवी�णा�।म्हणा�निना म्हणा� र� म्हणा� दा�वीर�णा�॥९७॥

हर�ना�म ना�मस्ते पं�ष�णा ते�र�।बुहु ते�र�ल� म�नावी� दा�हधी�र�॥तेय� र�मना�म0 सदा� ज� निवीकल्पं�।वीदा�ना� कदा� ज�वी ते� पं�पंरूपं�॥९८॥

जग0 धीन्य वी�र�णास� पं�ण्यर�श�।तेय�म�झिज आते�� गते0 पं%वी�ज��स�॥म�ख� र�मना�म�वीळा@ निनात्य क�ळा_।झिजवी� निहते स��ग� सदा� चे�द्रमzळा@॥९९॥

यर्थ�स��ग र� कम� ते,निह घुडू�ना�।घुडू� धीम� ते, पं�ण्य ग��ठेk पंडू�ना�॥दाय� पं�हते�� सवी� भ�ते0 अंस�ना�।फु� क�चे� म�ख� ना�म ते,ह� वीस�ना�॥१००॥

श्लो�क १०१ ते� १२०

जय� ना�वीडू� ना�म त्य� यम ज�चे�।निवीकल्पं� उठे� तेक� त्य� नाक� चे� चे�॥

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म्हणा�निना अंते� आदार� ना�म घ्य�वी�।म�ख� बु�लते�� दा�ष ज�ते� स्वीभ�वी,॥१०१॥

अंते� ल@नाते� सवी�भ�वी� स्वीभ�वी,।जना� सज्जना�ल�निंग2 स�ते�षवी�वी�॥दा�ह� क�रणा0 सवी� ल�वी�ते ज�वी,।सग%णा0 अंते� आदार�स� भज�वी,॥१०२॥

हर�कOते�ना0 प्र�निते र�म0 धीर�वी�।दा�ह�बु�झिद्धी ना�रूपंणा0 वी�सर�वी�॥पंरद्रव्य आणा�क क��ते� पंर�वी�।यदार्थ� मना� स��निडू ज�वी0 कर�वी�॥१०३॥

निक्रोय�वी�णा ना�ना�पंर� बु�क्तिलज,ते�।पंर� क्तिचेत्ती दुश्च�ते ते, ल�जवी�ते,॥मना� कल्पंना� धी�टे स8र�टे धी��वी�।तेय� म�नावी� दा�वी क8 स�निना पं�वी�॥१०४॥

निवीवी�क� निक्रोय� आपं�ल@ पं�लटे�वी�।अंते� आदार� श�द्धी क्रोOय� धीर�वी�॥जना0 बु�लण्य�स�रिरख� चे�ल बु�पं�।मना� कल्पंना� स�निंडू2 स�स�रते�पं�॥१०५॥

बुर� स्ना�नास�ध्य� कर� एकनिनाष्ठ�।निवीवी�क� मना� आवीर� स्था�नाभ्रष्ट�॥दाय� सवी�भ�ते0 जय� म�नावी�ल�।सदा� प्र�मळा% भक्ति+भ�वी� निनावी�ल�॥१०६॥

मना� क�पंआर�पंणा� ते� नास�वी�।मना� बु�झिद्धी ह� स�धी�स�ग� वीस�वी�॥मना� नाष्ट चे��डू�ळा ते� स�ग त्य�ग0।मना� ह�इ र� म�क्षोभ�ग� निवीभ�ग�॥१०७॥

मना� सवी�दा� सज्जना�चे�निना य�ग,।निक्रोय� पं�लटे� भक्ति+भ�वी�र्थ� ल�ग�॥

Page 17: (manache Shlok) मनाचे श्लोक जय रघुवीर समर्थ

निक्रोय�वी�णा वी�चे�ळाते� ते� निनावी�र�।ते�टे� वी�दा स�वी�दा ते� ह�तेक�र�॥१०८॥

जना0 वी�दावी�वी�दा स�डू% निना द्य�वी�।जना0 वी�दास�वी�दा स%ख� कर�वी�॥जग0 ते�क्तिचे ते� श�कस�ते�पंह�र�।ते�टे� वी�दा स�वी�दा ते� ह�तेक�र�॥१०९॥

ते�टे� वी�दा स�वी�दा त्य�ते� म्हणा�वी,।निवीवी�क� अंह�भ�वी य�ते, झिजणा�वी,॥अंह�ते�ग�णा� वी�दा ना�ना� निवीक�र�।ते�टे� वी�दा स�वी�दा ते� ह�तेक�र�॥११०॥

निहते�क�रणा� बु�लणा� सत्य आह�।निहते�क�रणा� सवी� श�धी�निना पं�ह,॥निहतेक�रणा� बु�डू पं�ख��डू वी�र�।ते�टे� वी�दा स�वी�दा ते� ह�तेक�र�॥१११॥

जना0 स��गते�� ऐकते� जन्म ग�ल�।पंर� वी�दावी�वी�दा ते8स�क्तिचे ठे�ल�॥उठे� स�शय� वी�दा ह� दा�भधी�र�।ते�टे� वी�दा स�वी�दा ते� ह�तेक�र�॥११२॥

जना� ह�ते पं�डू�ते स��डू�ते ग�ल�।अंह�ते�ग�णा� ब्रीह्मर�क्षोस ज�ल�॥तेय�हूना व्य�त्पंन्नी ते� क�णा आह�।मना� सवी� ज�णा�वी स��डू� निना र�ह�॥११३॥

फु� क�चे� म�ख� बु�लते�� क�य वी�चे�।ढिदास�दा@स अंभ्य�तेर� गवी� स��चे�॥निक्रोय�वी�णा वी�चे�ळाते� व्यर्थ� आह�।निवीचे�र� ते�S� ते%�क्तिचे श�धी�निना पं�ह�॥११४॥

ते�टे� वी�दा स�वी�दा ते�र्थ, कर�वी�।निवीनिवीक� अंह�भ�वी ह� पं�लटे�वी�॥

Page 18: (manache Shlok) मनाचे श्लोक जय रघुवीर समर्थ

जना0 बु�लण्य�स�रिरख� आचेर�वी,।निक्रोय�पं�लटे� भक्ति+पं�र्थ�क्तिचे ज�वी�॥११५॥

बुहू श�निपंते� कष्टल� अं�बुऋष�।तेय�चे� स्वीय� श्री�हर� जन्म स�श�॥ढिदाल� क्षो�रचिंस2धी� तेय� ऊपंम�ना�।ना�पं�क्षो� कदा� दा�वी भ+�णिभम�ना�॥११६॥

धी�रू ल�करु बु�पं�डू� दा8न्यवी�णा�।क̀पं� भ�निकते�� दा@धील@ भ�टे@ ज�णा�॥क्तिचेर�ज�वी ते�र��गणा� प्र�मख�णा�।ना�पं�क्षो� कदा� दा�वी भ+�णिभम�ना�॥११७॥

गज,दु मह�स�कटे@ वी�स पं�ह�।तेय�क�रणा� श्री�हर� धी��वीते�ह�॥उडू� घु�तेल@ ज�हल� ज�वीदा�ना�।ना�पं�क्षो� कदा� दा�वी भ+�णिभम�ना�॥११८॥

अंज�म�ळा पं�पं� तेय� अं�ते आल�।क̀पं�ळा%पंणा� ते� जना0 म�+ क� ल�॥अंना�र्थ�क्तिस आधी�र ह� चेक्रोपं�णा�।ना�पं�क्षो� कदा� दा�वी भ+�णिभम�ना�॥११९॥

निवीधी�क�रणा� ज�हल� मत्स्य वी�ग0।धीर� क% म�रुपं� धीर� पं`ष्ठभ�ग�।जना� रक्षोणा�क�रणा� ना�चे य�ना�।ना�पं�क्षो� कदा� दा�वी भ+�णिभम�ना�॥१२०॥

मना�चे� श्लो�क १२१ ते� १४०

मह�भ+ प्रल्ह�दा ह� कष्टवी�ल�।म्हणा�ना� तेय�क�रणा� चिंस2ह ज�ल�॥ना य� ज्वी�ळा वी�श�ळा स�नामिधी क�णा�।ना�पं�क्षो� कदा� दा�वी भ+�णिभम�ना�॥१२१॥

Page 19: (manache Shlok) मनाचे श्लोक जय रघुवीर समर्थ

क̀पं� भ�निकते� ज�हल� वीज्रपं�णा�।तेय� क�रणा, वी�मना% चेक्रोपं�णा�॥निर्द्वज��क�रणा� भ�ग�वी% चे�पंपं�णा�।ना�पं�क्षो� कदा� दा�वी भ+�णिभम�ना�॥१२२॥

अंहल्य�सते�ल�ग� आरण्यपं�र्थ�।क� डू�वी� पं�ढे� दा�वी बु�दा@ तेय��ते�॥बुळा� स�निडूते�� घु�वी घु�ल_ निनाश�णा�।ना�पं�क्षो� कदा� र�म दा�स�णिभम�ना�॥१२३॥

तेय� द्रzपंदा@क�रणा� ल�गवी�ग�।त्वीर� धी��वीते� सवी� स��डू% निना म�ग,॥कळा@ल�निंग2 ज�ल� अंस� बुzद्धी मzना�।ना�पं�क्षो� कदा� दा�वी भ+�णिभम�ना�॥१२४॥

अंना�र्थ�� ढिदाना��क�रणा� जन्मते�ह�।कल�कO पं�ढे� दा�वी ह�णा�र आह�॥तेय� वीर्णिणा2ते� श�णाल@ वी�दावी�णा�।ना�पं�क्षो� कदा� दा�वी भ+�णिभम�ना�॥१२५॥

जना��क�रणा� दा�वी ल@ल�वीते�र�।बुहुते��पंर� आदार, वी�षधी�र�॥तेय� ना�णाते� ते� जना पं�पंरूपं�।दुर�त्म� मह�नाष्ट चे��डू�ळा पं�पं�॥१२६॥

जग0 धीन्य ते� र�मस%ख, निनावी�ल�।कर्थ� ऐकते�� सवी� तेल्ल@ना ज�ल�॥दा�ह�भ�वीना� र�मबु�धी� उडू�ल@।मना�वी�सना� र�मरूपं0 बु�डू�ल@॥१२७॥

मना� वी�सना� वी�स�दा�वी0 वीसl दा�।मना� क�मना� क�मस�ग� नास� दा�॥मना� कल्पंना� वी�उग� ते� ना कOज�।मना� सज्जना� सज्जना� वीस्तिस्ते कOज�॥१२८॥

Page 20: (manache Shlok) मनाचे श्लोक जय रघुवीर समर्थ

गते�क�रणा� स�गते� सज्जना�चे�।मते� पं�लटे� स%मते� दुज�ना�चे�॥रते�ना�मियक� चे� पंते� नाष्ट आह�।म्हणा�ना� मना�ऽते�ते ह�वी�निना र�ह�॥१२९॥

मना� अंल्पं स�कल्पं ते�ह� नास�वी�।सदा� सत्यस�कल्पं क्तिचेत्ती0 वीस�वी�॥जना0 जल्पं वी�कल्पं ते�ह� त्यज�वी�।रम�क��ते एक�न्तेक�ळा@ भज�वी�॥१३०॥

भज�य� जना0 पं�हते�� र�म एक% ।कर� बु�णा एक% म�ख� शब्दा एक% ॥निक्रोय� पं�हते�� उद्धीर� सवी� ल�क% ।धीर� ज�नाकOना�यक�चे� निवीवी�क% ॥१३१॥

निवीचे�रूनिना बु�ल� निवीवी�चे%निना चे�ल�।तेय�चे�निना स�तेप्ते ते�ह� निनावी�ल�॥बुर, श�धील्य�वी�णा बु�ल� नाक� ह�।जना� चे�लणा� श�द्धी ना�मस्ते र�ह�॥१३२॥

हर�भ+ वी�र+ निवीज्ञा�नार�श�।ज�णा� म�नास� स्था�निपंल, निनाश्चय�स�॥तेय� दाश�ना� स्पश�ना� पं�ण्य ज�डू�।तेय� भ�षणा, नाष्ट स�दा�ह म�डू�॥१३३॥

नास� गवी� आ�ग� सदा� वी�तेर�ग�।क्षोम� श��निते भ�ग� दाय�दाक्षो य�ग�॥नास� ल�भ ना� क्षो�म ना� दा8न्यवी�णा�।इह0 लक्षोणा� ज�णिणाज� य�निगर�णा�॥१३४॥

धीर0 र� मना� स�गते� सज्जना�चे�।ज�णा, व̀ीणित्ती ह� पं�लटे� दुज�ना�चे�॥बुळा� भ�वी सद्बु�झिद्धी सन्म�ग� ल�ग�।मह�क्रो� र ते� क�ळा निवीक्रो�ळा भ�ग�॥१३५॥

Page 21: (manache Shlok) मनाचे श्लोक जय रघुवीर समर्थ

भय, व्य�निपंल� सवी� ब्रीह्म��डू आह�।भय�ते�ते ते, स�ते आना�ते पं�ह�॥जय� पं�हते�� र्द्व8ते क��ह� ढिदास�ना�।भय� म�नास0 सवी�र्थ�ह� अंस�ना�॥१३६॥

झिजवी�� श्री�ष्ठ ते� स्पष्ट स��ग�निना ग�ल�।पंर� ज�वी अंज्ञा�ना ते8स�क्तिचे ठे�ल�॥दा�ह�बु�झिद्धीचे, कम� ख�टे, टेळा�ना�।ज�ना� ठे� वीणा, म�पंणा, आकळा�ना�॥१३७॥

भ्रम� ना�ढेळा� निवीत्ती ते, ग�प्ते ज�ल�।झिजवी� जन्मदा�रिरद्र�य ठे�क� निना आल�॥दा�ह�बु�झिद्धीचे� निनाश्चय� ज्य� टेळा�ना�।ज�ना� ठे� वीणा� म�पंणा� आकळा�ना�॥१३८॥

पं�ढे, पं�हते� सवी�ह� कlदाल�स,।अंभ�ग्य�स ह, दृश्य पं�ष�णा भ�स�॥अंभ�वी� कदा� पं�ण्य ग��ठेk पंडू�ना�।ज�ना� ठे� वीणा� म�पंणा� आकळा�ना�॥१३९॥

जय�चे� तेय� चे%कल� प्र�प्ते ना�ह0।ग�णा� ग�निवील� ज�हल� दु�ख दा�ह0 ॥ग�णा�वी�गळा@ व̀ीणित्ती ते�निह वीळा�ना�।ज�ना� ठे� वीणा� म�पंणा� आकळा�ना�॥१४०॥

श्लो�क १४१ ते� १६०

म्हणा� दा�स स�य�स त्य�चे� कर�वी�।जना0 ज�णाते� पं�य त्य�चे� धीर�वी�॥ग�रू अं�जना�वी�णा ते, आकळा�ना�।ज�ना� ठे� वीणा� म�पंणा� ते� कळा�ना�॥१४१॥

कळा�ना� कळा�ना� कळा�ना� कळा�ना�।ढेळा� ना�ढेळा� स�शय�ह� ढेळा�ना�॥

Page 22: (manache Shlok) मनाचे श्लोक जय रघुवीर समर्थ

गळा�ना� गळा�ना� अंह�ते� गळा�ना�।बुळा, आकळा�ना� मिमळा�ना� मिमळा�ना�॥१४२॥

अंनिवीद्य�ग�णा� म�नावी� उमज�ना�।भ्रम� चे�कल� ह�ते ते� आकळा�ना�॥पंर�क्षो�निवीणा� बु��धील� दृढे ना�णा,।पंर� सत्य मिमथ्य� अंस, क�णा ज�णा,॥१४३॥

जग� पं�हते�� स�चे ते� क�य आह�।अंते� आदार� सत्य श�धी�ना पं�ह�॥पं�ढे� पं�हते�� पं�हते�� दा�वी ज�डू�।भ्रम भ्र��निते अंज्ञा�ना ह, सवी� म�डू�॥१४४॥

सदा� वी�षय� चिंचे2नितेते�� ज�वी ज�ल�।अंह�भ�वी अंज्ञा�ना जन्म�स आल�॥निवीवी�क� सदा� स्वीस्वीरुपं� भर�वी�।झिजवी� ऊगम� जन्म ना�ह� स्वीभ�वी,॥१४५॥

ढिदास� ल�चेना� ते� नास� कल्पंक�डू�।अंकस्म�ते आक�रल� क�ळा म�डू�॥पं�ढे� सवी� ज�ईल क��ह� ना र�ह�।मना� स�ते आना�ते श�धी�निना पं�ह�॥१४६॥

फु� टे�ना� ते�टे�ना� चेळा�ना� ढेळा�ना�।सदा� स�चेल� म�पंणा� ते� कळा�ना�॥तेय� एकरूपं�क्तिस दूज� ना स�ह�।मना� स�ते आना�ते श�धी�निना पं�ह,॥१४७॥

निनार�क�र आधी�र ब्रीह्म�ढिदाक��चे�।जय� स��गते�� श�णाल@ वी�दावी�चे�॥निवीवी�क� तेदा�क�र ह�ऊनिना र�ह,।मना� स�ते आना�ते श�धी�निना पं�ह�॥१४८॥

जग� पं�हते�� चेम�लक्षो� ना लक्षो�।जग� पं�हते� ज्ञा�नाचेक्षो� निनारक्षो�॥

Page 23: (manache Shlok) मनाचे श्लोक जय रघुवीर समर्थ

जना0 पं�हते� पं�हणा� ज�ते आह�।मना� स�ते आना�ते श�धी�निना पं�ह�॥१४९॥

नास� पं�ते ना� श्वा�ते ना� श्य�म क��ह�।नास� व्य+ अंव्य+ ना� ना�ळा ना�ह0॥म्हणा� दा�स निवीश्वा�सते�� म�क्ति+ ल�ह�।मना� स�ते आना�ते श�धी�निना पं�ह�॥१५०॥

खर, श�मिधीते�� श�मिधीते�� श�मिधीते�ह�।मना� बु�मिधीते� बु�मिधीते� बु�मिधीते�ह�॥पंर� सवी�ह� सज्जना�चे�निना य�ग�।बुर� निनाश्चय� पं�निवीज� स�ना�र�ग�॥१५१॥

बुहूते��पंर� क% सर� तेत्त्वीS�डू�।पंर� अं�तेर� पं�निहज� ते� निनावी�डू�॥मना� स�र स�चे�र ते� वी�गळा� र�।समस्ते��मधी� एक ते� आगळा� र�॥१५२॥

नाव्ह� निंपं2डूज्ञा�ना� नाव्ह� तेत्त्वीज्ञा�ना� ।सम�धी�ना क��ह� नाव्ह� ते�नाम�ना�॥नाव्ह� य�गय�ग, नाव्ह� भ�गत्य�ग,।सम�धी�ना ते� सज्जना�चे�निना य�ग�॥१५३॥

मह�वी�क्य तेत्त्वी�ढिदाक� पं�चेकणा�।ख�णा� पं�निवीज� स�तेस�ग� निवीवीणा�॥निर्द्वते�य�क्तिस स�क� ते ज� दा�निवीज�ते�।तेय� स��डू�ना� चे�द्रम� भ�निवीज�ते�॥१५४॥

ढिदास�ना� जना� ते�क्तिचे श�धी�निना पं�ह�।बुर� पं�हते� ग%ज ते�र्थ�क्तिचे आह�॥कर� घु�उ ज�ते� कदा� आढेळा�ना�।जना� सवी� कlदा�टेल� ते� कळा�ना�॥१५५॥

म्हणा� ज�णाते� ते� जना� म%ख� पं�ह�।अंतेक��क्तिस तेक� अंस� क�णा आह�॥

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जना0 म�पंणा� पं�हते� पं�हवी�ना�।तेय� लणिक्षोते�� वी�गळा� र�हवी�ना�॥१५६॥

बुहू श�स्त्रे धी��डू�ळाते� वी�डू आह�।जय� निनाश्चय� य�क ते�ह� ना स�ह�॥मते� भ��डूते� श�स्त्रेबु�धी� निवीर�धी,।गते� ख��टेते� ज्ञा�नाबु�धी� प्रबु�धी�॥१५७॥

श्री�ते� न्य�य म�म��सक� तेक� श�स्त्रे�।स्म`ते� वी�दा वी�दा�न्तेवी�क्य� निवीक्तिचेत्रे�॥स्वीय� श�ष मzना�वील� स्था�र पं�ह�।मना� सवी� ज�णा�वी स��डू%ना र�ह�॥१५८॥

ज�णा� मणिक्षोक� भणिक्षोल@ ज�णिणावी�चे�।तेय� भ�जना�चे� रुचे� प्र�प्ते क8 चे�॥अंह�भ�वी ज्य� म�नास�चे� निवीर�ना�।तेय� ज्ञा�ना ह� अंन्नी पं�टे@ झिजर�ना�॥१५९॥

नाक� र� मना� वी�दा ह� ख�दाक�र�।नाक� र� मना� भ�दा ना�ना�निवीक�र�॥नाक� र� मना� श�कवी%� पं%ढिढेल��स�।अंह�भ�वी ज� र�निहल� ते%जपं�स�॥१६०॥

श्लो�क १६१ ते� १८०

अंह�ते�ग�णा� सवी�ह� दु�ख ह�ते�।म�ख� बु�क्तिलल� ज्ञा�ना ते� व्यर्थ� ज�ते�॥स�ख� र�हते� सवी�ह� स%ख आह�।अंह�ते� ते�S� ते��क्तिचे श�धी�ना पं�ह�॥१६१॥

अंह�ते�ग�णा� ना�निते स��डू� निवीवी�कO।अंना�ते�बुळा� श्लो�घ्यते� सवी� ल�कO॥पंर� अं�तेर� अंवी�ह� स�क्षो य�ते�।प्रम�णा��तेर� बु�झिद्धी स��डू% निना ज�ते�॥१६२॥

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दा�ह�बु�झिद्धीचे� निनाश्चय� दृढे ज�ल�।दा�ह�ते�ते ते� ह�ते स��डू�ते ग�ल�॥दा�ह�बु�झिद्धी ते� आत्मबु�झिद्धी कर�वी�।सदा� स�गते� सज्जना�चे� धीर�वी�॥१६३॥

मना, कल्पिल्पंल� वी�षय� स�डूवी�वी�।मना, दा�वी निनाग%�णा ते� ओळाख�वी�॥मना, कल्पिल्पंते� कल्पंना� ते� सर�वी�।सदा� स�गते� सज्जना�चे� धीर�वी�॥१६४॥

दा�ह�दा@क प्रपं�चे ह� चिंचे2नितेय�ल�।पंर� अं�तेर� ल�भ निनाणिश्चते ठे�ल�॥हर�चिंचे2तेना� म�क्ति+क��ते� कर�वी�।सदा� स�गते� सज्जना��चे� धीर�वी�॥१६५॥

अंह�क�र निवीस्ते�रल� य� दा�ह�चे�।स्त्रिस्त्रेय�पं�त्रेमिमत्रे�ढिदाक� म�ह त्य��चे�॥बुळा� भ्र��निते ह, जन्मचिंचे2ते� हर�वी�।सदा� स�गते� सज्जना��चे� धीर�वी�॥१६६॥

बुर� निनाश्चय� श�श्वाते�चे� कर�वी�।म्हणा� दा�स स�दा�ह ते� वी�सर�वी�॥घुडू�ना� घुडू� स�र्थ�क�चे� धीर�वी�।सदा� स�गते� सज्जना��चे� धीर�वी�॥१६७॥

कर� व̀ीत्ती� ज� स�ते ते� स�ते ज�णा�।दुर�श�ग�णा� ज� नाव्ह� दा8न्यवी�णा�॥उपं�धी� दा�ह�बु�द्धी@ते� वी�ढेवी�ते�।पंर� सज्जना� क� निंवी2 बु�धी� शक� ते�॥१६८॥

नास� अं�ते आना�ते स�ते� पं�स�वी�।अंह�क�रनिवीस्ते�र ह� ना�रस�वी�॥ग�णा�वी�णा निनाग��णा ते� आठेवी�वी�।दा�ह�बु�झिद्धीचे� आठेवी� ना�ठेवी�वी�॥१६९॥

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दा�ह�बु�झिद्धी ह� ज्ञा�नाबु�धी� त्यज�वी�।निवीवी�क� तेय� वीस्ते�चे� भ�टे@ घ्य�वी�॥तेदा�क�र ह� व̀ीणित्ती ना�ह� स्वीभ�वी�।म्हणा�ना� सदा� ते�क्तिचे श�धी�ते ज�वी�॥१७०॥

अंस� स�र स�चे�र ते, चे�रल�स�।इह0 ल�चेना� पं�हते� दृश्य भ�स�॥निनार�भ�स निनाग��णा ते, आकळा�ना�।अंह�ते�ग�णा� कल्पिल्पंते�ह� कळा�ना�॥१७१॥

स्फु� र� वी�षय� कल्पंना� ते� अंनिवीद्य�।स्फु� र� ब्रीह्म र� ज�णा म�य� स�निवीद्य�॥म�ळा_ कल्पंना� दा� रुपं, ते�क्तिचे ज�ल@।निवीवी�क� तेर� स्वीस्वीरुपं� मिमळा�ल@॥१७२॥

स्वीरुपं� उदा�ल� अंह�क�र र�ह�।ते�णा� सवी� आच्छा�ढिदाल� व्य�म पं�ह�॥ढिदाश� पं�हते�� ते� निनाश� वी�ढेते�ह�।निवीवी�क� निवीचे�र� निवीवी�चे�निना पं�ह�॥१७३॥

जय� चेक्षो�ना� लणिक्षोते� लक्षोवी�ना�।भवी� भणिक्षोते� रणिक्षोते� रक्षोवी�ना�॥क्षोय�ते�ते ते� अंक्षोय� म�क्षो दा�ते�।दाय�दाक्षो ते� स�णिक्षोना� पंक्षो घु�ते�॥१७४॥

निवीधी� निनार्मिम2ते� ल@निहते� सवी� भ�ळा@।पंर� ल@निहते� क�णा त्य�चे� कपं�ळा@॥हरू ज�णिळाते� ल�क स�ह�रक�ळा@।पंर� श�वीटे@ श�कर� क�णा ज�ळा@॥१७५॥

जग� र्द्व�दाश�ढिदात्य ह� रुद्र अंक्रो�।अंस�ख्य�ते स�ख्य� कर� क�णा शक्रो�॥जग� दा�वी धी��डू�णिळाते� आढेळा�ना�।जग� म�ख्य ते� क�णा क8 स� कळा�ना�॥१७६॥

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ते�टे�ना� फु� टे�ना� कदा� दा�वीर�णा�।चेळा�ना� ढेळा�ना� कदा� दा8न्यवी�णा�॥कळा�ना� कळा�ना� कदा� ल�चेना�स�।वीस�ना� ढिदास�ना� जग� म�पंणा�स�॥१७७॥

जय� म�नाल� दा�वी ते� पं�झिजते�ह�।पंर� दा�वी श�धी�निना क�णा� ना पं�ह�॥जग� पं�हते� दा�वी क�ट्या�ना�क�टे@।जय� म�नाल@ भक्ति+ ज� ते�क्तिचे म�ठेk॥१७८॥

नितेन्ह� ल�क ज�र्थ%निना निनाम��णा S�ल�।तेय� दा�वीर�य�क्तिस क�णा� ना बु�ल�॥जग0 र्थ�रल� दा�वी ते� चे�रल�स�।ग�रूवी�णा ते� सवी�र्थ�ह� ना दा@स�॥१७९॥

ग�रु पं�हते� पं�हते� लक्षो क�टे@।बुहूस�ल म�त्रे�वीळा@ शक्ति+ म�ठेk॥मना� क�मना� चे�टेक� धी�तेम�ते�।जना� व्यर्थ� र� ते� नाव्ह� म�क्ति+दा�ते�॥१८०॥

श्लो�क १८१ ते� २०५

नाव्ह� चे�टेकO चे�ळाक% द्रव्यभlदु।नाव्ह� निंना2दाक% मत्सरू भक्ति+म�दू॥नाव्ह� उन्मते% वी�सना� स�गबु�धी%।जना� ज्ञा�निनाय� ते�क्तिचे स�धी� अंग�धी%॥१८१॥

नाव्ह� वी�उग� चे�हुटे@ क�म पं�टे@।निक्रोय�वी�णा वी�चे�ळाते� ते�क्तिचे म�ठेk॥म�ख� बु�क्तिलल्य�स�रिरख� चे�लते�ह�।मना� सद्गु�रु ते�क्तिचे श�धी�निना पं�ह�॥१८२॥

जना� भ+ ज्ञा�ना� निवीवी�कO निवीर�ग�।क̀पं�ळा� मनास्वी� क्षोम�वी�ते य�ग�॥

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प्रभ� दाक्षो व्य�त्पंन्नी चे�ते�य� ज�णा�।तेय�चे�निना य�ग� सम�धी�ना बु�णा�॥१८३॥

नाव्ह� ते�क्तिचे ज�ल� नास� ते�क्तिचे आल�।कळा� ल�गल� सज्जना�चे�निना बु�ल�॥अंनिनावी��च्य ते� वी�च्य वी�चे� वीदा�वी�।मना� स�ते आना�ते श�धी�ते ज�वी�॥१८४॥

लपं�वी� अंनिते आदार� र�मरुपं�।भय�ते�ते निनाश्च�ते य� स्वीस्वीरुपं�॥कदा� ते� जना� पं�हते��ह� ढिदास�ना�।सदा� ऐक्य ते� णिभन्नीभ�वी� वीस�ना�॥१८५॥

सदा� सवी�दा� र�म सन्नी�धी आह�।मना� सज्जना� सत्य श�धी�ना पं�ह�॥अंख�डू�ते भ�टे@ रघु%र�जय�ग%।मना� स��डू0 र� म�पंणा�चे� निवीय�ग%॥१८६॥

भ�ते� निंपं2डू ब्रीह्म��डू ह� ऐक्य आह�।पंर� सवी�ह� स्वीस्वीरुपं� ना स�ह�॥मना� भ�सल� सवी� क�ह� पंह�वी�।पंर� स�ग स�डू� निना स�ख� रह�वी�॥१८७॥

दा�ह�भ�ना ह� ज्ञा�नाशस्त्रे� ख�डू�वी�।निवीदा�ह�पंणा� भक्ति+म�ग�क्तिचे ज�वी�॥निवीर+Oबुळा� निंना2द्य सवी] त्यज�वी�।पंर� स�ग स�डू� निना स�ख� रह�वी�॥१८८॥

मह� निनार्मिम2ल@ दा�वी ते� ओळाख�वी�।जय� पं�हते�� म�क्षो तेत्क�ळा ज�वी�॥तेय� निनाग��णा�ल�ग� ग%णा� पंह�वी�।पंर� स�ग स�डू� निना स�ख� रह�वी�॥१८९॥

नाव्ह� क�य�कते�� नाव्ह� स`मिष्टभते��।पं�र�हूना पंते�� ना चिंल2पं� निवीवीते��॥

Page 29: (manache Shlok) मनाचे श्लोक जय रघुवीर समर्थ

तेय� निनार्तिवी2कल्पं�क्तिस कल्पिल्पंते ज�वी�।पंरिर स�ग स�डू� निना स�ख� रह�वी�॥१९०॥

दा�ह�बु�झिद्धीचे� निनाश्चय� ज्य� ढेळा�ना�।तेय� ज्ञा�ना कल्पं��तेक�ळा@ कळा�ना�॥पंरब्रीह्म ते, म�पंणा� आकळा�ना�।मना� श%न्य अंज्ञा�ना ह� म�वीळा�ना�॥१९१॥

मना� ना� कळा� ना� ढेळा� रुपं ज्य�चे�।दुज�वी�णा ते, ध्य�ना सवी~त्तीम�चे�॥तेय� ख�णा ते� ह�ना दृष्ट��ते पं�ह�।ते�र्थ� स�ग निना�स�ग दा�न्ह� ना स�ह�॥१९२॥

नाव्ह� ज�णाते� ना�णाते� दा�वीर�णा�।ना य� वीर्णिणा2ते� वी�दाश�स्त्रे� पं�र�णा�॥नाव्ह� दृश्य अंदृश्य स�क्षो� तेय�चे�।श्री�ते� ना�णाते� ना�णाते� अं�ते त्य�चे�॥१९३॥

वीस� हृदाय� दा�वी ते� क�णा क8 स�।पं�स� आदार� स�धीक% प्रश्न ऐस�॥दा�ह� टे�निकते� दा�वी क�ठे� पंह�ते� ।पंरिर म�ग�ते� ठे�वी क�ठे� रह�ते�॥१९४॥

बुस� हृदाय� दा�वी ते� ज�णा ऐस�।नाभ�चे�पंर� व्य�पंक% ज�णा ते8स�॥सदा� स�चेल� य�ते ना� ज�ते क��ह�।तेय�वी�णा क�ठे� रिरते� ठे�वी ना�ह�॥१९५॥

नाभ� वी�वीर� ज� अंणा�र�णा� क�ह�।रिरते� ठे�वी य� र�घुवी�वी�णा ना�ह�॥तेय� पं�हते� पं�हते� ते�क्तिचे ज�ल�।ते�र्थ� लक्षो आलक्षो सवी� बु�डू�ल�॥१९६॥

नाभ�स�रिरख� रुपं य� र�घुवी�चे�।मना� चिंचे2नितेते� म%ळा ते�टे� भवी�चे�॥

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तेय� पं�हते� दा�हबु�द्धी@ उर�ना�।सदा� सवी�दा� आते� पं�टे@ पं�र�ना�॥१९७॥

नाभ� व्य�निपंल� सवी� स`ष्ट�स आह�।रघु%ना�यक� ऊपंम� ते� ना स�ह�॥दुज�वी�णा ज� ते�क्तिचे ते� ह� स्वीभ�वी�।तेय� व्य�पंक% व्यर्थ� क8 स� म्हणा�वी�॥१९८॥

अंते� ज�णा� निवीस्ते�णा� ते� रुपं आह�।ते�र्थ� तेक� स�पंक� ते�ह� ना स�ह�॥अंते� ग�ढे ते� दृश्य तेत्क�ळा स�पं�।दुज�वी�णा ज� ख�णा स्वी�मिमप्रते�पं�॥१९९॥

कळा� आकळा� रुपं ते� ज्ञा�ना ह�ते�।ते�र्थ� आटेल@ सवी�स�क्षो� अंवीस्था�॥मना� उन्मना� शब्दा क�� ठेkते र�ह�।ते� र� ते�क्तिचे ते� र�म सवी�त्रे पं�ह�॥२००॥

कदा� ओळाख�म�झिज दूज� ढिदास�ना�।मना� म�नास� र्द्व8ते क�ह� वीस�ना�॥बुहूते� ढिदास� आपंल@ भ�टे ज�ल@।निवीदा�ह�पंणा� सवी� क�य� निनावी�ल@॥२०१॥

मना� ग�ज र� ते%ज ह� प्र�प्ते S�ल�।पंर� अं�तेर� पं�निहज� यत्ना क� ल�॥सदा� श्रीवीणा� पं�निवीज� निनाश्चय�स�।धीर� सज्जनास�गते� धीन्य ह�स�॥२०२॥

मना� सवी�ह� स�ग स�डू% निना द्य�वी�।अंते� आदार� सज्जना�चे� धीर�वी�॥जय�चे�निना स�ग� मह�दु�ख भ�ग�।जना� स�धीना�वी�णा सन्म�ग� ल�ग�॥२०३॥

मना� स�ग ह� सवी�स�ग�स ते�डू�।मना� स�ग ह� म�क्षो ते�त्क�ळा ज�डू�॥

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मना� स�ग ह� स�धीना� श�घ्र स�डू�।मना� स�ग ह� र्द्व8ते निना�श�ष म�डू�॥२०४॥

मना�चे� शते� ऐकते� दा�ष ज�ते�।मते�म�दा ते� स�धीना� य�ग्य ह�ते�॥चेढे� ज्ञा�ना वी8र�ग्य स�मथ्य� अं�ग�।म्हणा� दा�स निवीश्वा�सते म�क्ति+ भ�ग�॥२०५॥

जय जय रघु�वी�र समर्थ�