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Samachar Patra
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समाचार पत्र
आज के युग में समाचार पत्र मनुष् य की दि�नचया� का आवश् यक अंग बन गया है। प्रात:काल से ही मनुष् य को इसका इंतजार रहता है। समाज की उन् नतित म ें इसका अहम योग�ान रहा है।
हमारे आसपास व देश-विवदेश की घटनाओं की जानकारी समाचार पत्र से ही प्राप् त होती है। समाचार पत्र का प्रकाशन कलकत् ता से प्रारंभ हुआ। पूव$ में समाचार पत्र का उपयोग सैविनकों द्वारा सूचना देने के लिलए विकया जाता था।
हमें हर तरह की जानकारी इससे ही मिमलती है। लिशक्षा, खेल, मनोरंजन, साविहत् य आदिद की प्रमुख खबरें दैविनक समाचार में प्रकालिशत होती हैं। हर देश में भिभन् न-भिभन् न भाषाओं में इसका प्रकाशन होता है। दैविनक समाचार पत्र के अलावा मालिसक, पाभिक्षक व साप् ताविहक पत्र-पवित्रकाओं का प्रकाशन होता है।
हमें समाचार पत्र से घर बैठे देश-विवदेश की गवितविवमि< का पता चल जाता है। समाचार के लेख, खबरें समाज की उन् नवित में इनका विवलिशष् ट योगदान रहा है। इसका के्षत्र काफी बढ़ गया है। समाचार पत्र संचार के सा<नों म ें महत् वपूर्ण$ स् थान रखत े हैं।
समाचार पत्र हमें देश-विवदेश से परिरचय कराता है। समाचार पत्र के अलावा हमें टीवी, इंटरनेट पर भी खबरों की सुविव<ा मिमल जाती है। यह न् याय के खिखलाफ हमेशा तत् पर रहता है। पहले इतने सा<न नहीं थे, लेविकन अब समाचार पत्र के कारर्ण हमें नई-नई ज्ञान की बातें भी मिमलती हैं। यह हमारे लिलए ज्ञान का सशक् त माध् यम है।