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ISD/IX/Sample Paper/2019 Page 1 Set 4 Code No.29/2/4 INDIAN SCHOOL DARSAIT Sample question paper 2019 HINDI-COURSE B ( 085) Class: IX Max. Marks: 80 Date: 28-08-2019 Time: 3 hours निेश (General Instructions) : (1) इस -के चार खंड ,, और (2) चार खंड के के उर देना अननवाय है (3) थासंभव ेक खंड के उर मश: दीजिए खंड - 1. नििलिखखत गदांश को ािपूवक पकर िीचे दए गए ि के उर लिखखए ाचीन काल म शन को अमंगलकारी ह समझा िाता था । स नी- नाई बात के आधार पर लोग म इस ह के बारे म ांनता फैलती चली ग । ह ह अंत मंद गनत से स य के चार ओर करीब तीस वय म एक चकर प रा करता है । शनन का ददन हमारे दन से छोटा होता है । ह अंत ठंडा ह है । इसके वा मंडल का तापमान श 150 0 सटीेड नीचे रहता है । अत: हा िीवन संभव नहीं है । वैानक खोि के आधार पर शन के उपह की संा सह हो गई है । इस ह का सबसे बडा उपह चं टाइटन है । ह उपह चंमा से काफी बडा है । टाइटन की अभ त ची इसका वा मंडल है । इसके वा मंडल म मीथेन गैस पायत माा म है । इस पर मीथेन, पानी की तरह मानी िा सकती है । शनन को द रबीन से देखा िाए तो इसके चोर ओर वल ा घेरे दखाई देते ह । इन वल ा कंकण से इसकी स दरता काफी ब िाती है । इन वल की खोि गैलीललो ने की थी । नई खोि के आधार पर सौरमंडल के कई ह के वल की खोि हो च की है । शनन जितने स दर और

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ISD/IX/Sample Paper/2019 Page 1

Set 4

Code No.29/2/4

INDIAN SCHOOL DARSAIT

Sample question paper 2019 HINDI-COURSE B ( 085)

Class: IX Max. Marks: 80 Date: 28-08-2019 Time: 3 hours

निरे्दश (General Instructions) :

(1) इस प्रश्न-पत्र के चार खंड हैं – क ,ख, ग और घ ।

(2) चारों खडंों के प्रश्नों के उत्तर देना अननवार्य है ।

(3) र्थासंभव प्रत्रे्क खडं के उत्तर क्रमश: दीजिए । खडं - क

1. निम्िलिखखत गद्ांश को ध््ािपरू्वक पढ़कर िीचे दर्दए गए प्रश्िों के उत्तर लिखखए ।

प्राचीन काल में शनन को अमंगलकारी ग्रह समझा िाता था । सुनी-सुनाई बातों के आधार पर लोगों में इस ग्रह के बारे में भ्ांनतर्ााँ फैलती चली गईं । र्ह ग्रह अत्र्ंत मंद गनत से सरू्य के चारों ओर करीब तीस वर्य में एक चक्कर पूरा करता है । शनन का ददन हमारे ददन से छोटा होता है । र्ह अत्र्ंत ठंडा ग्रह है । इसके वार्ुमंडल का तापमान शून्र् 1500 सेंटीगे्रड नीच ेरहता है । अत: र्हााँ िीवन संभव नहीं है । वैज्ञाननक खोिों के आधार पर शनन के उपग्रहों की संख्र्ा सत्रह हो गई है । इस ग्रह का सबसे बडा उपग्रह चदं्र टाइटन है । र्ह उपग्रह चदं्रमा से काफी बडा है । टाइटन की अद्भुत चीज़ इसका वार्ुमंडल है । इसके वार्मुंडल में मीथेन गैस पर्ायप्त मात्रा में है । इस पर मीथेन, पानी की तरह मानी िा सकती है । शनन को दरूबीन से देखा िाए तो इसके चोरों ओर वलर् र्ा घेरे ददखाई देते हैं । इन वलर्ों र्ा कंकणों से इसकी सुंदरता काफी बढ़ िाती है । इन वलर्ों की खोि गैलीललर्ो ने की थी । नई खोिों के आधार पर सौरमंडल के कई ग्रहों के वलर्ों की खोि हो चकुी है । शनन जितने सुंदर और

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ISD/IX/Sample Paper/2019 Page 2

स्पष्ट वलर् ककसी ग्रह के नहीं हैं । (क) शनन की सुंदरता का कारण क्र्ा है ? 2

(ख) शनन पर िीवन क्र्ों संभव नहीं है ? 2

(ग) धरती का उपग्रह कौन-सा है ? 2

(घ) मीथेन गैस को ककसके समान माना गर्ा है ? 2

(ङ) शनन के वलर्ों की खोि करने वाले वैज्ञाननक कौन थे ? 1

2. निम्िलिखखत काव्ांश को ध््ािपरू्वक पढ़कर िीच ेदर्दए गए प्रश्िों के उत्तरों को लिखखए –

मन समर्पयत, तन समर्पयत और र्ह िीवन समर्पयत

चाहता हूाँ देश की धरती तुझ ेकुछ और भी दूाँ । देश तुझको देखकर र्ह बोध पार्ा

और मेरे बोध की कोई विह है

स्वगय केवल देवताओं का नहीं है

दानवों की भी र्हााँ अपनी िगह है

स्वप्न अर्पयत, प्रश्न अर्पयत, आर्ु का क्षण-क्षण समर्पयत

चाहता हूाँ देश की धरती तुझ ेकुछ और भी दूाँ ।

रंग इतन,े रूप इतने र्ह र्वर्वधता र्ह असंभव एक र्ा दो तूललर्ों से

लग रहा है देश ने तुझको पुकारा मन बरौनी और बीसों उाँगललर्ों से

मान अर्पयत, गान अर्पयत रक्त का कण-कण समर्पयत

चाहता हूाँ देश की धरती तुझ ेकुछ और भी दूाँ ।

(क) देश को देखकर कर्व को क्र्ा बोध हुआ ? 2

(ख) देश में ककस-ककस तरह की र्वर्वधताएाँ हैं ? 2

(ग) कर्व अपना सवयस्व ककसे समर्पयत करना चाहते हैं और क्र्ों ? 2

खडं - ख

3. (क) निम्िलिखखत शब्र्दों का र्र्व-वर्च्छेर्द कीजिए -

(i) रािर्र्य (ii) श्रीखडं

2

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(ख) निम्िलिखखत शब्र्दों में से उस शब्र्द को चनुिए, जििमें अिुस्र्ार का प्र्ोग होता है –

गूगा, सौगध

1

(ग)निम्िलिखखत शब्र्द में उचचत स्थाि पर अिुिालसक का प्र्ोग कर शब्र्द

को र्दबुारा लिखखए । गूथना

1

(घ) निम्िलिखखत शब्र्द में उचचत स्थाि पर िुक्ते का प्र्ोग कीजिए ।

गगरफ्तार

1

4. (क) निम्िलिखखत शब्र्दों में से मिू शब्र्दों र् प्रत्््ों को अिग अिग - कीजिए ।

(i)बडप्पन (ii) दीनदार

2

(ख) निम्िलिखखत शब्र्द में से मिू शब्र्द र् प्र्कु्त उपसगव को अिग - अिग

कीजिए-

अनुरोध

1

5. (क)निम्िलिखखत शब्र्दों में संचि कीजिए ।

(i)प्रनत + ईक्षा (ii) अप + वाद

2

(ख)निम्िलिखखत शब्र्दों में संचि-वर्च्छेर्द कीजिए ।

(i) वैज्ञाननक (ii) संसार

2

(ग)निम्िलिखखत र्ाक््ों में वर्राम चचह्ि िगाइए –

(i) हे भगवान रानी सीता और गीता को सद्बुद्धी देना

3

खण्ड ‘ग’

6. पदित पािों के आिार पर निम्िलिखखत प्रश्िों के उत्तर लिखखए । 2+2+1

(क) बदुढ़र्ा को पत्थर ददल क्र्ों कहा गर्ा है ? वह रो क्र्ों रही थी ?

(ख) अखाड ेकी लमट्टी की क्र्ा र्वशरे्ता है ?

(ग) मतृ्र्ु के अवसाद को देखकर कनयल खुल्लर ने क्र्ा कहा?

7. पाठ के अनसुार मौलाना अब्दलु बारी और शकंराचार्य िैसे लोग शजक्तशाली क्र्ों बन गए ?

अथर्ा

5

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ISD/IX/Sample Paper/2019 Page 4

नदी ककनारे अकंकत पदगचह्न और सींगों के गचह्नों से मानो मदहर्कुल के भारतीर् र्दु्ध का परूा इनतहास ही इस कदयम लेख में ललखा हो ऐसा भास होता है ।‘ कीचड का काव्र् पाठ के आधार पर आशर् स्पष्ट कीजिए ।

8. निम्िलिखखत प्रश्िों के उत्तर र्दीजिए –

)क( रैदास ने दीपक और बाती द्वारा कौन-सा भाव प्रकट ककर्ा है ? )ख ( ‘मााँग मत’ ,'कर शपथ’ ,‘लथपथ’ इन शब्दों का बार -बार प्रर्ोग कर

कर्व क्र्ा कहना चाहता है ? (ग) मूल को सींचने का क्र्ा लाभ होता है ?

2+2+1

9. नज़ीर अकबराबादी द्वारा रगचत ‘आदमी नामा’ कर्वता का प्रनतपाद्र् स्पष्ट कीजिए ।

अथर्ा हररवंशरार् बच्चन द्वारा रगचत ‘अजनन पथ’ कर्वता का प्रनतपाद्र् स्पष्ट कीजिए ।

5

10. ‘घार्लों की सहार्ता के ललए धरै्य की आवश्र्कता होती है”- गगल्लू के संदभय में स्पष्ट कीजिए कक ककसी घार्ल के प्रनत आपके व्र्वहार में क्र्ा र्वशरे्ता होगी?

अथर्ा “काश मैं आपके मुल्क में आकर र्ह सब अपनी आाँखों से देख सकता ।” हालमद ने ऐसा क्र्ों कहा? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

5

खण्ड ‘घ’

11. दर्दए गए संकेत बबरं्दओुं के आिार पर ककसी एक वर्ष् पर िगभग

80-100 शब्र्दों में अिुच्छेर्द लिखखए। (क) लशष्टाचार

लशष्टाचार क्र्ा है

महत्व एवं लाभ

बाधक तत्व एव ंननराकरण

(ख) िीर्ि में श्रम की महत्ता श्रम के र्वलभन्न रूप

प्रगनत का मूल मंत्र

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श्रम के आदशय

(ग) र्दरूर्दशवि दरूदशयन की भूलमका शैक्षणणक लाभ

र्वकास में र्ोगदान 12 आपके बड ेभाई साहब आपके ललए अमेररका से एक घडी ख़रीद कर

लाए हैं । उन्हें धन्र्वाद देते हुए एक पत्र ललणखए । 5

13 गचत्र को देखकर मन में उभरत ेर्वचार र्ा कहानी अथवा लेख के रूप में ललणखए । आपकी कहानी र्ा लेख का सीधा सम्बन्घ गचत्र से होना आवश्र्क है ?

5

14. बढ़ती हुई महाँगाई के र्वर्र् में पनूम और कुसमु के बीच हुई बातचीत को सवंाद के रूप में ललणखए ।

5

15. आपके शहर में ककताबों की सेल लगी है । इसके ललए एक र्वज्ञापन तरै्ार कीजिए ।

5

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ISD/IX/Sample Paper/2019 Page 6

उत्तर कंुिी (ANSWER KEY)

1.(क) इसके चारों ओर चमकते घेरे

(ख) बहुत ठंडा ग्रह है

(ग) चंद्रमा

(घ) पानी

(ङ) गैलीललर्ो

2.(क) कर्व को अपने देश से असीम प्रेम है । देश को देखकर कर्व को र्ह बोध होता है कक देश

से उसे ककतना कुछ लमला है । इसीललए कर्व देश के प्रनत अपना सवयस्व अपयण करना

चाहता है ।

(ख) भारत र्वर्वधताओं में एकता वाला देश है । र्हााँ अलग-अलग रूप-रंग और आकार-प्रकार

के लोग रहते हैं लेककन इन सबके बाविूद देश एक है ।

(ग) कर्व भारत मााँ को अपना सवयस्व समर्पयत करना चाहते हैं । इसी देश की लमट्टी में खेल-

कूदकर बड ेहोन,े इसी माटी का अन्न खाकर पलने के कारण कर्व देश की पुकार पर

अपने रक्त कण-कण भारतमाता को समर्पयत करना चाहते हैं ।

3.(क) (i) र +आ +ि ्+अ +ऋ +र् ्+इ (ii)श+् र+् ई +ख ्+अ +ण+् ड् +अ

( ख) सौगंध

(ग) गूाँथना

(घ) गगरफ़्तार

4. (क) (i) बडा + पन (ii) दीन + दार

( ख) अनु + रोध

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ISD/IX/Sample Paper/2019 Page 7

5. ( )क (i)प्रतीक्षा (ii) अपवाद (ख) (i)र्वज्ञान + इक (ii) सम ्+ सार

(ग) (i) हे भगवान ! रानी, सीता और गीता को सद्बुद्धी देना ।

6(क) बुदढ़र्ा की जस्थनत से अनिान लोगों ने उसे ‘पत्थर-ददल’ कहा । लोगों ने बस इतना ही

िाना कक एक ददन पहले बुदढ़र्ा का िवान पुत्र मरा है और अगले ददन वह बाज़ार में खरबूिे बेचने आ गई है । उन्होंने उसे कठोर मााँ समझा । परंतु र्ह उनका अज्ञान था।

वे उसकी मिबूरी को नहीं समझ सके । बुदढ़र्ा रो इसललए रही थी क्र्ोंकक उसका

िवान बेटा मर गर्ा था । साथ ही उसके पास अपने पररवार का पेट भरने का कोई साधन नहीं था ।

(ख) अखाड ेकी लमट्टी र्वशरे् होती है । वह तले और मट्ठे से लसझाई हुई होती है । िब

वह पसीने से लथपथ शरीर पर फसलती है तो ऐसा लगता है मानो आदमी कुआाँ

खोदकर ननकलो हो ।

(ग) मतृ्र्ु के अवसाद को देखकर कनयल खलु्लर ने कहा कक ऐसे साहलसक अभीर्ानों में होने

वाली मतृ्र्ु को सहि भाव से स्वीकार करना चादहए ।

7 इन लोगों को अपने समदुार् का प्रनतननगधत्व लमला था । इन लोगों ने धालमयक आधार पर लोगों की भावनाओं से खेलकर ईश्वर का आसन ग्रहण कर ललर्ा । सपं्रदार्ों की शजक्त बढ़ाने और अपना प्रभतु्व िमाने की इच्छा के कारण इन्होंने िन-साधारण लोगों को एक-दसूरे के णखलाफ भडकार्ा । रे् लोग धालमयक भावनाओ ंके कारण शजक्तशाली बन गए ।

अथर्ा

लेखक कहता है – नदी-ककनारे फैली कीचड िब सखूकर ठोस हो िाती है, तो उस पर भैंसों के पाड ेआपस में खूब क्रीडा-र्दु्घ करत ेहैं । वे सींग से सींग लभडाकर लडत ेहैं तथा अपने परैों और सींगों से कीचड को खोद डालत ेहैं । उस खदुी हुई कीचड को देखकर ऐसे लगता है मानो र्हााँ भसैों के कुल का कोई महाभारत लडा गर्ा हो ।

8. (क)रैदास ने प्रभु को दीपक के समान माना है तथा स्वर्ं को उसमें िलने वाली बाती के समान माना है । वह कहना चाहता है कक प्रभु ही उसके िीवन का आधार हैं । उसके िीवन में िो भी प्रकाश है , धडकन है, वह स्वर्ं प्रभु रूपी दीपक की ही देन है ।

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(ख)‘मााँग मत’ ,'कर शपथ’ ,‘लथपथ’ शब्दों का बार -बार प्रर्ोग करके कर्व मनषु्र् को कष्ट सहने के ललए तरै्ार करना चाहता है । वह चाहता है कक मनषु्र् आाँसू ,पसीने और खून से ‘लथपथ’ होने पर भी राहत

और सरु्वधा न मााँगे।वह कष्टों को रौंदता हुआ आगे बढ़ता िाए ओर सघंर्य करने शपथ ले।

(ग)मनुष्र् फल-फूल पाकर तपृ्त हो िाता है ।

9. ‘आदमी नामा’ कर्वता में मानव के र्वर्वध रूपों पर प्रकाश डाला गर्ा है । कर्व के अनसुार आदमी में अनेक सभंीवनाएाँ नछपी हुई हैं । उसकी पररजस्थनतर्ााँ और भानर् भी लभन्न हैं जिसके कारण उसे लभन्न-लभन्न रूपों में िीनव िीना पडता है । बादशाह, वज़ीर और अमीर भी आदमी हैं, और गरीब, लभखारी, फकीर भी आदमी हैं । आदमी ही इमाम, नमाज़ी और धालमयक मनषु्र् हैं और आदमी ही उनकी िनूतर्ााँ चुराने िैसा नीच कार्य करता है । सहंारकताय भी आदमी है, रक्षक और करुणावान भी आदमी है ।

अथर्ा

हररवंशरार् बच्चन द्वारा रगचत ‘अजनन पथ’ कर्वता मनुष्र् को संघर्य करने की प्रेरणा देती है । कर्व िीवन को अजनन-भरा मागय मानता है । संसार में कदठनाइर्ााँ ही कदठनाइर्ााँ हैं । मनुष्र् को चादहए कक वह न तो इनसे घबराए, न अपना मुाँह मोड,े बजल्क ननरंतर संघर्य करता रहे । चाहे रास्ते में उस रास्ते में आने वाली सुर्वधाओं और राहतों की मााँग नहीं करनी चादहए । ऐसे संघर्यशील मनुष्र् का िीवन ही सफल है ।

10. • गगल्ल ूके घार्ल होने पर लेणखका द्वारा सेवा • धैर्य से सेवा करने पर सखुद पररणाम

व्र्ाख्र्ात्मक हल : लेणखका को गगल्ल ूननश्चषे्ट अवस्था में गमले की सगंध में लमला था। उसके शरीर पर कौओं की चोंच के िख्म थ।े लेणखका ने उसे उठार्ा और धैर्यपवूयक उसके घावों को साफ ककर्ा और मरहम लगार्ा। उन्होंने रूई की बत्ती बनाकर उसे दधू भी र्पलाने की कोलशश की, उन्होंने बड ेधैर्य के साथ रात-ददन उसकी सेवा की। उनकी इसी धैर्य पणूय सेवा के कारण गगल्ल ूएकदम स्वस्थ हो गर्ा ।

अथर्ा

िब लेखक ने र्ह बतार्ा कक हमारे देश में दहदंु -मुसलमान में कोई फकय नहीं है तथा वहााँ सभी लमल-िुलकर रहते हैं और बेखटके मुसलमानी होटल में िार्ा करते हैं । भारत में मुस लमानों की

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पहली मजस्िद का ननमायण भी लेखक के ही राज्र् में हुआ था तथा वहााँ कभी भी दहदंु -मुसलमानों के बीच दंगे नहीं होते । र्ह सब सुनकर हालमद र्ह कहता है कक काश ,मैं आपके मुल्क में

आकर र्ह सब देख सकता । उसके देश में र्ह सब कुछ नहीं है ।