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GOA UNIVERSITY TALEIGAO PLATEAU, GOA 1 Syllabus of B.A. General Hindi programme as per CBCS w.e.f. 2017-18 Semester I HNCC- 01 Madhyakalin Evam Aadhunik Hindi Kavya Tatha Vyakaran 04 credits HNCCH -01 Aadhunik Hindi Gadya Ki Vidhaye , Vyakaran Evam Nibandha 04 credits HNAECC- 01 Sampreshan Kaushal 04 credits HNGE 01 Janasanchar Madhyam : Mudrit Madhyam 04 credits Semester II HNCC- 02 Aadhunik Hindi Katha Sahitya Evam Vyakaran 04 credits HNCCH 02 Aadhunik Hindi Padya Evam Vyakaran 04 credits HNAECC- 02 Sampreshan Kaushal 04 credits HNGE 02 Janasanchar Madhyam : Electronic Madhyam 04 credits

Syllabus of B.A. General Hindi programme as per CBCS w.e.f ... · कववताएँ – नागाजुयन- प्रेत का बयान केदारनाथ

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    Syllabus of B.A. General Hindi programme as per CBCS w.e.f. 2017-18

    Semester – I

    HNCC- 01 Madhyakalin Evam Aadhunik Hindi Kavya Tatha Vyakaran 04 credits

    HNCCH -01 Aadhunik Hindi Gadya Ki Vidhaye , Vyakaran Evam Nibandha 04 credits

    HNAECC- 01 Sampreshan Kaushal 04 credits

    HNGE 01 Janasanchar Madhyam : Mudrit Madhyam 04 credits

    Semester – II

    HNCC- 02 Aadhunik Hindi Katha Sahitya Evam Vyakaran 04 credits

    HNCCH 02 Aadhunik Hindi Padya Evam Vyakaran 04 credits

    HNAECC- 02 Sampreshan Kaushal 04 credits

    HNGE – 02 Janasanchar Madhyam : Electronic Madhyam 04 credits

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    गोवा ववश्वववद्यालय

    वहिंदी ववभाग

    F.Y. B.A. General Course ( CBCS Syllabus )

    स्नातकस्तरीय सी. बी. सी. एस्. पाठ्यक्रम

    प्रथम सत्र - 1st semester

    CORE COURSE (CC) DSC 1A

    CORE COURSE HNCC- 01

    मध्यकालीन एविं आधुवनक वहिंदी काव्य तथा व्याकरण (4 Credits ) ( Madhyakaalin Evam Aadhunik Hindi Kavya Tatha Vyakaran )

    Lectures Credit Marks

    वहन्दी पद्य 30 2 50 कबीर : 10 दोहे एविं 2 पद तुलसीदास : ववनय पवत्रका के 2 पद

    घनानिंद : 2 कववत्त

    सूययकािंत वत्रपाठी ‘वनराला’ : अवधवास, गहन है यह अिंध:कारा माखनलाल चतुवेदी : जवानी ,अमर वनशानी,कैदी और कोवकला

    गजानन माधव मुक्तिबोध : एक फोडा दुखा, मीठा बेर सुदामा पािंडेय ‘धूवमल’ : मुनावसब कारयवाई,अकाल दशयन अरूण कमल : मातृभूवम,पुतली में सिंसार

    लीलाधर मिंडलोई : यह आदमी,आपवत्त

    अनावमका : बेजगह,वृद्धाएँ धरती का नमक हैं

    बोवधसत्व : कुछ वदन पहले,मेरा कुछ नही िं हो सकता

    खण्ड काव्य – डॉ. रामकुमार वमाय - ‘ओ अवहल्या’ 15 1 25

    व्याकरण : शब्द के रूप, वतयनी सुधार, सिंवध एविं सिंवध ववचे्छद, 15 1 25

    ववकारी एविं अववकारी शब्द

    सिंदभय ग्रिंथ

    गोस्वामी तुलसीदास : ववश्वनाथ वत्रपाठी

    सिंपादक रामववलास शमाय : राग ववराग

    घूवमल : सिंसद से सडक तक

    परमानिंद श्रीवास्तव: समकालीन वहन्दी कववता

    रामववलास शमाय : वनराला की सावहत्य साधना

    कामता प्रसाद गुरू : वहिंदी व्याकरण

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    गोवा ववश्वववद्यालय

    वहिंदी ववभाग

    F.Y. B.A. Honours Course ( CBCS Syllabus )

    स्नातकस्तरीय सी. बी. सी. एस्. पाठ्यक्रम

    प्रथम सत्र ( 1nd Semester)

    CORE COURSE – (CC) DSC 3A COURE COURSE – HONOURS HNCCH - 01

    आधुवनक वहिंदी गद्य की ववधाएँ, व्याकरण एविं वनबिंध (4 Credits) Aadhunik Hindi Gadya Ki Vidhayen, Vyakaran Evam Nibandh

    Lectures Credit Marks

    वहन्दी गद्य 30 2 50 प्रतापनारायण वमश्र : जुवा पे्रमचिंद : शतरिंज के क्तखलाडी जयशिंकर प्रसाद : छोटा जादूगर ववषु्ण प्रभाकर : वपकवनक मोहन राकेश : वाररस ववजयदान देथा : ठाकुर का भूत धमयवीर भारती : वह वकशोर योद्धा मनू्न भिंडारी : रेत की दीवार कमलेश्वर : गवमययोिं के वदन ज्ञानरिंजन : वपता सूययबाला : कपडे ओमप्रकाश वाल्मीवक : सलाम

    महादेवी वमाय : ‘पथ के साथी’ 15 1 25

    व्याकरण : वतयनी सुधार, ववलोम शब्द, समानाथी शब्द,

    वाक्ािंश के वलए एक शब्द

    वनबिंध - लेखन 15 1 25

    सिंदभय ग्रिंथ

    गोपाल राय : वहिंदी कहानी का इवतहास

    नामवर वसिंह : कहानी : नई कहानी :

    ववश्वनाथ वत्रपाठी : कुछ कहावनयाँ कुछ ववचार

    मधुरेश : वहिंदी कहानी का ववकास कामता प्रसाद गुरू : वहिंदी व्याकरण

    डॉ. मु. ब. शाह : वहिंदी वनबिंध का शैलीगत अध्ययन

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    गोवा ववश्वववद्यालय

    वहिंदी ववभाग

    F.Y. B.A. General Course ( CBCS Syllabus )

    स्नातकस्तरीय सी. बी. सी. एस्. पाठ्यक्रम

    प्रथम सत्र - 1st semester

    Ability Enhancement Compulsory Course (AECC) Modern Indian Language Communication HNAECC- 01

    सिंपे्रषण कौशल (4 Credits) ( Sampreshan Kaushal )

    Lectures Credit Marks

    1. वहिंदी व्याकरण 15 1 25

    अ. स्वर-व्यिंजन : वगीकरण

    आ. सिंज्ञा, सवयनाम, ववशेषण, वक्रया, वलिंग, वचन, कारक

    इ. शब्द-उच्चारण : ध्ववन गुण

    2. भावषक सिंपे्रषण : स्वरूप एविं प्रकार 15 1 25

    अ. सिंपे्रषण : अवधारणा एविं महत्व

    आ. सिंपे्रषण के प्रकार – मौक्तखक और वलक्तखत,

    वैयक्तिक और सामावजक,

    व्यावसावयक

    इ. सिंपे्रषण की चुनौवतयाँ

    3. सिंपे्रषण के माध्यम – एकालाप, सिंवाद, सामूवहक चचाय, दृश्य -श्रव्य 15 1 25

    ( व्यावहाररक प्रयोग अपेवित है। )

    4. प्रभावी सिंपे्रषण- गहन अध्ययन, कल्पनाशीलता, व्याख्यावयत करना, 15 1 25

    चचाय, वववेचन, वववाद, तकय सिंगत ववशे्लषण, मूल्यािंकन आवद के आधार

    पर वनम्नवलक्तखत कहावनयोिं, कववताओिं, वफल्मोिं का मूल्यािंकन

    करना अवनवायय है ।

    कहावनयाँ – चिंद्रधर शमाय गुलेरी - उसने कहा था यशपाल - फूलो का कुरता मनू्न भिंडारी - यही सच है

    ओमप्रकाश वाक्तल्मकी - ग्रहण कववताएँ – नागाजुयन- पे्रत का बयान केदारनाथ वसिंह - बनारस दुष्यिंत कुमार - मै वजसे ओढ़ता - वबछाता हँ ,

    केदारनाथ अग्रवाल - सब चलता है लोकतिंत्र में वफल्म – एक कला वफल्म, एक व्यावसावयक वफल्म

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    सिंदभय ग्रिंथ

    रवी िंद्रनाथ श्रीवास्तव : वहिंदी का सामावजक सिंदभय

    सुरेश कुमार : सिंपे्रषणपरक व्याकरण : वसद्धािंत और स्वरूप

    वी. आर जगन्नाथ : प्रयोग और प्रयोग

    ववश्वनाथ प्रसाद वतवारी : रचना का सरोकार

    ववद्यावनवास वमश्र : भारतीय भाषा वचिंतन की पीवठका

    कामताप्रसाद गुरु : वहन्दी व्याकरण

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    गोवा ववश्वववद्यालय

    वहिंदी ववभाग

    F.Y. B.A. General Course ( CBCS Syllabus )

    स्नातकस्तरीय सी. बी. सी. एस्. पाठ्यक्रम

    प्रथम सत्र - 1st semester

    Generic Elective (GE) – HNGE 01 जनसिंचार माध्यम : मुवद्रत माध्यम (4 Credits)

    ( Janasanchar Madhyam : Mudrit Madhyam )

    Lectures Credit Marks

    जनसिंचार माध्यम 15 1 25

    सिंचार – पररभाषा, स्वरुप ,तत्व एविं प्रकार

    जनसिंचार- पररभाषा, स्वरुप , प्रकार एविं महत्व

    मुवद्रत माध्यम 15 1 25 पत्रकाररता – स्वरुप , वगीकरण एविं महत्व

    समाचार लेखन के तत्व , पृष्ठ सज्जा एविं प्रकाशन प्रवक्रया

    समाचार के वववभन्न स्त्रोत

    पवत्रकाएँ – प्रकार एविं महत्व

    मुवद्रत माध्यम 15 1 25

    ववज्ञापन : स्वरुप , प्रसु्तवतकरण एविं महत्व

    फीचर लेखन – स्वरुप एविं महत्व

    सािात्कार लेखन – स्वरुप, प्रकार एविं प्रवक्रया

    (व्यावहाररक प्रयोग अवनवायय है ।)

    मुवद्रत माध्यम और समाज 15 1 25 सकारात्मक प्रभाव

    नकारात्मक प्रभाव

    मुवद्रत माध्यमोिं की चुनौवतयाँ

    सिंदभय ग्रिंथ

    डॉ. अजुयन वतवारी : आधुवनक पत्रकाररता

    डॉ. सुजाता वमाय : पत्रकाररता प्रवशिण एविं पे्रस वववध

    डॉ. नरेश वमश्र : प्रयोजनमूलक वहिंदी

    डॉ.सु.नागलक्ष्मी : प्रयोजनमूलक वहिंदी : प्रासिंवगकता एविं पररदृश्य

    डॉ. चिंद्रप्रकाश वमश्र : मीवडया लेखन - वसद्धािंत एविं व्यवहार

    ववज्ञापन वनमायण और प्रवक्रया : डॉ. वनशािंत वसिंह

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    गोवा ववश्वववद्यालय

    वहिंदी ववभाग

    F.Y. B.A. General Course ( CBCS Syllabus )

    स्नातकस्तरीय सी. बी. सी. एस्. पाठ्यक्रम

    वितीय सत्र - 2nd Semester

    Core Course (CC) DSC 1B

    CORE COURCE HNCC- 02

    आधुवनक वहिंदी कथा सावहत्य एविं व्याकरण (4 Credits) ( Aadhunik Hindi Katha Sahitya Evam Vyakaran )

    Lectures Credit Marks

    वहन्दी कहानी 30 2 50 बिंग मवहला – दुलाई वाली

    पे्रमचिंद – प्रायवित

    अजे्ञय – क्तखतीन बाबू

    फणीश्वरनाथ रेणु – ठेस राजेन्द्र यादव – दायरा

    रामदरश वमश्र – एक औरत एक व़िन्दगी

    मैते्रयी पुष्पा – बेटी

    उदय प्रकाश – आचायय की रजाई

    मोहनदास नैवमशराय – आवा़िें

    जयश्री रॉय – आस्था

    कैलाश बनवासी – बाजार में रामधन

    उपन्यास -ममता कावलया– ‘दौड’ 15 1 25

    व्याकरण : उपसगय, प्रत्यय, समास, ववराम वचह्न , लोकोक्तिया 15 1 25

    और मुहावरे

    संवाद लेखन

    सिंदभय ग्रिंथ

    कामता प्रसाद गुरू : वहिंदी व्याकरण

    गोपाल राय : वहन्दी कहानी का इवतहास – भाग १ , भाग २

    डॉ. वेदप्रकाश अवमताभ : वहिंदी कहानी के सौ वषय

    डॉ. बदरीदास : वहिंदी उपन्यास -पृष्ठभूवम और परिंपरा

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    गोवा ववश्वववद्यालय

    वहिंदी ववभाग

    F.Y. B.A. Honours Course ( CBCS Syllabus )

    स्नातकस्तरीय सी. बी. सी. एस्. पाठ्यक्रम

    वितीय सत्र ( 2nd Semester)

    CORE COURSE – (CC) DSC 3B COURE COURSE – HONOURS HNCCH - 02 आधुवनक वहिंदी पद्य एविं व्याकरण (4 Credits)

    Aadhunik Hindi Padya Evam Vyakaran

    Lectures Credit Marks

    वहन्दी पद्य 30 2 50 भारतेन्दु हररिन्द्र : नए जमाने की मुकरी वनराला : जल्द जल्द पैर बढ़ाओ, आओ, आओ !, राजे ने अपनी रखवाली की

    सुभद्राकुमारी चौहान : वबदाई, स्वदेश के प्रवत हररविंशराय बच्चन : गणतिंत्र वदवस ,वहन्दू और मुसलमान नागाजुयन : सुबह-सुबह, शासन की बिंदूक

    केदारनाथ अग्रवाल : वसनेमाई सिंसार, लोगोिं का जीवन दुष्यिंतकुमार : ग़़िलें धूवमल : रोटी और सिंसद , बीस साल बाद कात्यायनी : रामधनी , हाकी खेलती लडवकयाँ वनमयला पुतुल : क्ा तुम जानते हो, उतनी दूर मत ब्याहना बाबा !

    सवेश्वरदयाल सके्सना - प्रवतवनवध कववताएँ 15 1 25

    1. नही िं नही िं प्रभु तुमसे शक्ति नही िं माँगूिंगा 2. माँ की याद

    3. पोस्टमाटयम की ररपोटय 4. जूता – 1, 2, 3, 4

    5. देशगान 6. तुम्हारे साथ रहकर

    7. सुखय हथेवलयाँ 8. रसोई

    9. अपनी वबवटया के वलए दो कववताएँ 10. गरीबा का गीत

    व्याकरण : शब्द-युग्म, शब्द भेद, अनेकाथी शब्द 15 1 25

    भाव- ववस्तार

    सिंदभय ग्रिंथ

    गणपवतचिंद्र गुप्त : वहिंदी सावहत्य का वैज्ञावनक इवतहास

    बच्चन वसिंह : वहिंदी सावहत्य का दूसरा इवतहास

    परमानिंद श्रीवास्तव : काव्य और यथाथय

    नामवर वसिंह : कववता के प्रवतमान

    कामता प्रसाद गुरू : वहिंदी व्याकरण

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    गोवा ववश्वववद्यालय

    वहिंदी ववभाग

    F.Y. B.A. General Course ( CBCS Syllabus )

    स्नातकस्तरीय सी. बी. सी. एस्. पाठ्यक्रम

    प्रथम सत्र - 2st semester

    Ability Enhancement Compulsory Course (AECC) Modern Indian Language Communication HNAECC- 02

    सिंपे्रषण कौशल (4 Credits) ( Sampreshan Kaushal )

    Lectures Credit Marks

    1. वहिंदी व्याकरण 15 1 25

    अ. स्वर-व्यिंजन : वगीकरण

    आ. सिंज्ञा, सवयनाम, ववशेषण, वक्रया, वलिंग, वचन, कारक

    इ. शब्द-उच्चारण : ध्ववन गुण

    2. भावषक सिंपे्रषण : स्वरूप एविं प्रकार 15 1 25

    अ. सिंपे्रषण : अवधारणा एविं महत्व

    आ. सिंपे्रषण के प्रकार – मौक्तखक और वलक्तखत,

    वैयक्तिक और सामावजक,

    व्यावसावयक

    इ. सिंपे्रषण की चुनौवतयाँ

    3. सिंपे्रषण के माध्यम – एकालाप, सिंवाद, सामूवहक चचाय, दृश्य -श्रव्य 15 1 25

    ( व्यावहाररक प्रयोग अपेवित है। )

    4. प्रभावी सिंपे्रषण- गहन अध्ययन, कल्पनाशीलता, व्याख्यावयत करना, 15 1 25

    चचाय, वववेचन, वववाद, तकय सिंगत ववशे्लषण, मूल्यािंकन आवद के आधार

    पर वनम्नवलक्तखत कहावनयोिं, कववताओिं, वफल्मोिं का मूल्यािंकन

    करना अवनवायय है ।

    कहावनयाँ – चिंद्रधर शमाय गुलेरी - उसने कहा था यशपाल - फूलो का कुरता मनू्न भिंडारी - यही सच है

    ओमप्रकाश वाक्तल्मकी - ग्रहण कववताएँ – नागाजुयन- पे्रत का बयान केदारनाथ वसिंह - बनारस दुष्यिंत कुमार - मै वजसे ओढ़ता - वबछाता हँ ,

    केदारनाथ अग्रवाल - सब चलता है लोकतिंत्र में वफल्म – एक कला वफल्म, एक व्यावसावयक वफल्म

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    सिंदभय ग्रिंथ

    रवी िंद्रनाथ श्रीवास्तव : वहिंदी का सामावजक सिंदभय

    सुरेश कुमार : सिंपे्रषणपरक व्याकरण : वसद्धािंत और स्वरूप

    वी. आर जगन्नाथ : प्रयोग और प्रयोग

    ववश्वनाथ प्रसाद वतवारी : रचना का सरोकार

    ववद्यावनवास वमश्र : भारतीय भाषा वचिंतन की पीवठका

    कामताप्रसाद गुरु : वहन्दी व्याकरण

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    गोवा ववश्वववद्यालय

    वहिंदी ववभाग

    F.Y. B.A. General Course ( CBCS Syllabus )

    स्नातकस्तरीय सी. बी. सी. एस्. पाठ्यक्रम

    वितीय सत्र - 2nd semester Generic Elective (GE) – HNGE - 02

    जनसिंचार माध्यम : इलेक्ट्र ॉवनक माध्यम (4 Credits) ( Janasanchar Madhyam : Electronic Madhyam )

    Lectures Credit Marks

    इलेक्ट्र ॉवनक माध्यम –स्वरुप, भेद एविं महत्व 15 1 25

    रेडियो ववकास एविं महत्व

    रेडियो लेखन सराकारी एविं गैर – सरकारी रेडियो चैनल (आकाशवाणी, ववववध भारती , एफ. एम रेनबो , रेवडयो वमची आवद )

    वसनेमा 15 1 25 वहन्दी वसनेमा – स्वरुप , ववकास यात्रा एविं महत्व

    पटकथा लेखन – स्वरुप एविं प्रवक्रया

    दूरदशयन 15 1 25

    ववकास एविं महत्व

    दूरदशयन लेखन

    सराकारी एविं गैर – सरकारी दूरदशयन चैनल

    सिंगणक 15 1 25 पररभाषा, स्वरूप , ववकास एविं महत्व

    व्यावहाररक प्रयोग वकसी भी सॉफ्टवेअर के िारा लघु समाचार पवत्रका तथा

    वनमिंत्रण पत्र बनाना

    इलैक्ट्र ॉवनक माध्यम तथा समाज सकारात्मक प्रभाव

    नकारात्मक प्रभाव

    इलेक्ट्र ॉवनक माध्यमोिं की चुनौवतयाँ

    सिंदभय ग्रिंथ

    डॉ. अजुयन वतवारी : आधुवनक पत्रकाररता

    डॉ. सुजाता वमाय : पत्रकाररता प्रवशिण एविं पे्रस वववध

    डॉ. नरेश वमश्र : प्रयोजनमूलक वहिंदी

    डॉ. सु. नागलक्ष्मी: प्रासिंवगकता एविं पररदृश्य

    डॉ. चिंद्रप्रकाश वमश्र :मीवडया लेखन–वसद्धािंत एविं व्यवहार

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    डॉ.वनशािंत वसिंह: ववज्ञापन वनमायण और प्रवक्रया हररमोहन :किं पु्यटर और वहिंदी

    मनोहर श्याम जोशी : पटकथा लेखन एयक परिचय अमरवसिंह वधान : किं पु्यटर प्रयोग और वहिंदी