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thE coRE ias iNtERNatioNaL RELatioNs (अंतराीय सबध) maiNs aNsWER WRitiNG cLassEs UPsc 2018 maiNs

The Core IAS · 2019-06-21 · िसपेक कप से भारत क सुरा और अखंडता पर सवाल खड़े कये जा रहे ह

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  • thE coRE ias

    iNtERNatioNaL RELatioNs

    (अंतरा��ीय स�ब�ध)

    maiNs aNsWER WRitiNG cLassEs

    UPsc 2018 maiNs

  • �ारंिभक परी�ा 2018 स�प� हो चूक� ह ै ,आप सभी का �यान अब मु�य परी�ा पर केि��त होगा |आप के मु�य परी�ा म�

    समाचार प�� म� आने वाले स�पादक�य अ�यंत मह�वपूण� भूिमका िनभाते ह ै|पर कई बार सम�या यह उ�प� होती ह ैक� अलग

    अलग अखबार� से इन स�पादक�य खंड को कैसे पढ़ा जाये और उनका �कस �तर पर संकलन �कया जाये |मु�य परी�ा म� अलग

    अलग पेपर म� हमे अलग अलग िवचार को ��गत दशा�ना होता ह ै ,िजसक� िव�तृत िववेचना हम “उ�र लखेन “ क� क�ा म�

    करते ह ै|आप सभी के िलए यह कतई संभव नह� ह ैक� इन सभी स�पादक�य को अलग अलग समाचार प�� से �दन �ित�दन पढ़ा

    जाये और उसका संकलन �कया जा सके | हमने इन बातो को समझा और THE CORE IAS टीम �ारा पुरे एक वष� के उन

    स�पादक�य का संकलन �कया गया ह ैजो परी�ा म� आपके िवचारो और �ान को प�ुता �दान करे| |हमन ेइस स�पादक�य �ृखंला

    को मु�य परी�ा के �� प� 1,2,3और 4 के अनु�प संकिलत �कया ह ैता�क अ�यनरत अ�य�थयो िज�ह� मु�य परी�ा िलखनी ह ै

    उनका समय और उजा� दोन� को बचाया जा सके |

    दशे के �िति�त दिैनक समाचार प�� के अलावा सा�ािहक /पाि�क पि�का ,िविभ�

    वेबसाइट /वेब पोट�लो से हमने इन स�पादक�य को संकिलत �कया ह ै |पहली �ृंखला म� हम �� प� 1 के पा��म के

    अनुसार,दसूरी �ृंखला म� �� प� 2 के अनुसार स�पादक�य को ��तुत �कया था िजनमे हमने कुछ �� भी शािमल �कये ह|ै यह

    तीसरी �ृंखला अंतरा��ीय स�ब�ध को सम�पत ह|ै

    हमारे क�ा �ो�ाम म� स�पादक�य आधा�रत उ�र लेखन �कया जाता ह ै|ब�त ज�द ही हम इसका मॉडल उ�र अपने वेबसाइट

    WWW.GSHINDI.COM// WWW.THECOREIAS.COM

    के अित�र� हमारे YOUTUBE CHANNEL THECOREIAS पर भी दखे सकत ेह ै|िवगत वष� स ेसघं लोक सवेा आयोग के ���

    म� काफ� �ापकता आयी ह ै,जो क� स�पादक�य क� �ासंिगकता को संद�भत करती ह ै|

    2018 म�ुय परी�ा के िलए उ�र लखेन क� क�ा 18 जनू स े�ारंभ हो चकु� ह ै,यह फ़ा�ट �ैक बचै ह ैजो 500+ �� और लगभग

    100 टॉिप�स को पूण� कराया जायेगा |

    हमने सा�ािहक िनबंध क� खुली �ितयोिगता का आयोजन अपने वेबसाइट के मा�यम से �कया ह|ै िजसमे उ� और शै�िणक

    यो�यता क� कोई बा�यता नह� है |अिधक जानकारी के िलए WWW.GSHINDI.COM//WWW.THECOREIAS.COM पर

    िविजट कर सकते ह ैया �फर हमे WHATSAPP/TELEGRAM +918800141518 पर स�दशे भेज सकते ह|ै

  • Content भारत-अफगािन�तान स�ब�ध-

    1. अब सीपीईसी म� अफगािन�तान

    भारत-इजराइल-�फिल�तीन स�ब�ध-

    1. भारत के िलए अब इजरायल के साथ र�ा ��े स ेइतर भी सबंधं मजबतू करन ेक� ज�रत ह ै

    2. दो�ती का कारवा:ं भारत इजरायल

    3. भारत-�फली�तीन सबंधं-सतंलुन

    4. सहयोग सभंावनाए:ं भारत और इजरायल

    5. भारत को महगंी भी पड़ सकती ह ैइजरायल स ेदो�ती, हो सकत ेह� य ेनकुसान

    भारत-आिसयान स�ब�ध–

    1. भारत-आिसयान दो�ती का नया दौर

    2. चीन के मामल ेम� हर तरफ स ेसतक�

    3. वत�मान समय म� भारत- चीन के बीच उपजी तनातनी के पीछे �या कारण ह�? सीमा स�ब�धी िववाद

    और भ-ू साम�रक दिृ�कोण पर िवचार �� क�िजय।े

    4.चीन का यह कदम �हद महासागर म� भारत क� �चता को बढ़ान ेवाला ह ै

    5.चीन के आ�थक िहत� पर डोकलाम िववाद बेअसर

    6.भारत और नपेाल

    7. दिुनया क� खामोशी स ेशम�सार मानवता : Rohingya Issue

    7.1रो�ह�या मसुलमान� पर भारत का यएून को कड़ा जवाब, कहा – Question of National Security

    �यामंार ( myanmar ) सकंट स ेपार पान ेक� चनुौती

    8. �यामंार स ेिम�ता बढ़ान ेका समय

    9. ताकतवर जापान भारत के िलए होगा मददगार

    10. जापान (India Japan Relation) के साथ �र�त� क� नई र�तार

    11. अफगािन�तान म�ु ेपर अम�ेरका स ेअलग भारत को बनानी होगी रणनीित

    भारत-युएसए स�ब�ध-

    1. अम�ेरका क� दि�ण एिशया नीित म� भारत का �थान बहेद अहम : प�टागन

    2. भारत को दखेन ेके अम�ेरक� नज़�रय ेम� बदलाव

    3. डोना�ड �ंप क� नई Afgan Policy

    4. यएूस क� नई अफगान पॉिलसी (Afgan Policy) स ेहोगा एक नए यगु का आरंभ

    5. अम�ेरका के िलए अहम बनता भारत

    भारत-मालदीव स�ब�ध-

    1. मालदीव को लकेर भारत क� नीित �या होनी चािहए? | India Maldive relation

    2. मालदीव पर मौन स ेनह� चलगेा काम (Silance not solution to maldive crisis)

    3. मिु�दाता न बन ेभारत (India Maldive)

    भारत-म�य एिशया स�ब�ध-

    1. �या OMAN स ेसमझौता खाड़ी ��े म� भारत क� स�ैय कूटनीित क� एक नई श�ुआत

    2. भारत को चािहए एक मजबतू म�य-पूव� नीित (Middle east policy)

    3. खाड़ी दशे� म� भारत का बढ़ता कद

    4. द. एिशया म� भारत क� नई भागीदारी

    भारत-ईरान स�ब�ध-

    1. ईरान के साथ सबंधं� म� भारत के िलए िजतनी सभंावनाएं ह�, उतनी ही चनुौितया ंभी ह�

    2. INDIA IRAN & Recent visit of हसन �हानी

  • *अ��का म� जड़� मजबतू करन ेका मौका

    अ�य मह�वपणू� घटना�म –

    जी-20 समहू और िव� �व�था म� िवखडंन

    भटक नह� रहा ह ैि��स

  • 1. अब सीपीईसी म� अफगािन�तान

    चीन, पा�क�तान और अफगािन�तान के िवदशे मंि�य� के बीच ि�प�ीय वाता� 26 �दसंबर को बी�जग मे

    संप� �ई. इस चचा� म� अफगािन�तान को चीन-पा�क�तान इकोनॉिमक कॉ�रडर (CPEC) म� शािमल होन े

    का �योता �दय ेजान ेक� बड़ी खबर सामने आयी ह.ै इस चचा� के बाद जारी �कय ेसंय�ु व�� म�, चीन के

    वन बे�ट वन रोड (ओबोर) �ोजे�ट के अंतग�त आनेवाली प�रयोजना� म� और आतंकवाद िवरोध म ेसहकाय�

    बढ़ाने पर जोर �दया गया ह.ै �या इस चचा� से और इसके प�रणाम� से भारतीय िहत� पर कोई असर होगा,

    यह सवाल �वाभािवक ह.ै इस चचा� के उपरांत ऐसे अनेक िवषय सामने आत ेह�, िजसस ेभारत को और गौर स े

    अपनी अफगान भूिमका क� समी�ा करनी होगी|

    1. वैसे, अफगािन�तान के िवषय म� चीन �ारा एक सकारा�मक भूिमका लेना एक अ�छी बात हो

    सकती थी. ले�कन यह मामला ब�त �यादा पेचीदा ह.ै भूमंडलीय राजनीित म� अनके वष� से एक

    तट�थ भूिमका अपनान ेके बाद म� शी िजन�पग का चीन दशे एक स��य राजनीित करन ेलगा ह.ै

    हाल ही म� उसन ेइजराइल और �फिल�तीन के बीच एक अनौपचा�रक शांित वाता� का आयोजन

    �कया था. इसके साथ ही सी�रया, �यांमार का रो�ह�या �� और भूमंडलीकरण का भिव�य और ऐसे

    िवषय� पर हाल ही म� चीन न ेएक �प� और पि�मी दशे� के िवपरीत भूिमका लेन ेका िसलिसला

    शु� �कया ह.ै

    2. िसपेक और ओबोर, इन दोन� िवषय� पर भारत क� भूिमका हमेशा से �प� और सै�ांितक रही ह.ै

    भारत का यह मानना ह ै�क जमीनी तथा सागरी संपक� और यातायात �क�प �कसी तीसरे दशे क�

    सुर�ा और सं�भुता का हनन करके नह� बनाय े जा सकत.े पाक अिधकृत क�मीर स े गुजरनेवाल े

    िसपेक �क�प से भारत क� सुर�ा और अखंडता पर सवाल खड़ े �कये जा रह ेह� और इसी कारण

    िसपेक को मानदडं �बद ु बनानेवाल े ओबोर म� भारत भाग नह� लेगा.

    इसके अलावा भी, भारत न े और कई अ�य दशे� न े ओबोर के आ�थक �वहाय�ता पर सवाल भी

    उठाय� ह�, ले�कन सुर�ा और सं�भुता का मु�ा सबस ेअहम ह,ै िजस पर भारत क� भूिमका बदलने का

    कोई संदहे भी चीन ना रखे.

    3. अफगािन�तान म� चीन को िपछल ेकई वष� से एक �� लोडर यानी �क अ�य दशे� के बिलदान के

    बाद आ�थक लाभ उठान े के िलए आया �आ एक दशे के �प म� दखेा जाता ह.ै

    जारंज-डलेाराम सड़क और अफगान संसद भवन जैस े मूलभूत सुिवधा� के िनमा�ण म� भारत के

    बीएसएफ और आईटीबीपी के अनेक जवान� का खून बहा ह.ै साथ ही म� 1999 के आईसी-814 के

    अपहरण म� तािलबान का पा�क�तानी आतंकवादी गुट� को समथ�न दने ेका इितहास भी भारत भूला

    नह� ह.ै भारत न ेहमेशा से ही तािलबान को एक आतंकवादी संगठन के �प म� दखेा ह.ै ले�कन, अब

    चीन वहां आकर तािलबान को शांित ���या म� शािमल करन ेक� सलाह द ेरहा ह!ै

    Is this a sudden Movement

    यह सब अचानक नह� हो रहा, बि�क एक सुिनयोिजत सािजश का िह�सा ह.ै िजस भी दशे मे चीन ने

    आ�थक गितिविधयां बढ़ायी ह,ै वहां के आतं�रक मामल� म� ह�त�ेप ज�र क� ह.ै सूडान,�जबा�वे, �ीलंका

    और ऑ��ेिलया ने भी चीन पर ऐसे आरोप लगाये थे.

    Afghan resources and China’s interest

    अफगािन�तान क� खान म� िनवेश के साथ ही चीनी िनवेश 2010 म� शु� �ए थे. साथ ही वहां के तले और

    गैस �क�प� के उ�खनन और िवकास तथा िनया�त म� भी चीन �िच रखता ह.ै हाल ही म� चीन क� एक कंपनी

    न ेवहां रेलव ेके िनमा�ण का काय� शु� �कया ह.ै

  • साथ ही तजा�क�तान से चीन आनेवाल ेतेल, गैस और अ�य खिनज� के िलए भी अफगािन�तान और िसपेक

    का जुड़ना चीन के िलए उपयु� होगा.

    इन सब से शायद अफगािन�तान का िवकास हो, ले�कन आ�थक िवषय� पर भी

    �ीलंका का अनुभव हमारे सामने ताजा ह,ै िजसम� हबंनतोता जैसा साम�रक मह�व वाला �ोजे�ट एक चीनी

    कंपनी को 99 साल के िलए िमल गया ह.ै ओबोर के �ोजे�ट पैस ेवाल ेयूरोप के िलए महगं ेहोत े�दख रह ेह�,

    वहां अफगािन�तान �या कर पायेगा?

    ले�कन, सबस ेबड़ा खतरा चीन के तािलबान के बारे म� सोच से ह.ै तािलबान एक आतंकवादी संगठन ह ैऔर

    वह अफगािन�तान क� शांित ��कया एव ंलोक िनवा�िचत सरकार को नह� मानता ह.ै साथ ही, तािलबान पर

    पा�क�तान के खु�फया संगठन आईएसआई के साथ िमलकर, भारतीय दतूावास एव ंहरेात म� कॉ�सुलेट पर

    �ए आतंक� हमल� म� शािमल होन ेका शक ह.ै ऐसे संगठन का सामा�यीकरण करना एक �चता का िवषय ह.ै

    अगर तािलबान क� ताकत बढ़ी, तो िपछल े16 साल से अफगािन�तान म� जो बदला ह,ै वह सब न� हो सकता

    ह.ै वैसे भी, पा�क�तान को चीन आतंकवाद से पीिड़त दशे मानता ह.ै तािलबान के साथ िमलकर पा�क�तान

    अरस ेसे भारत के िहत� को नकुसान प�चंाता रहा ह ै और यह अब शायद चीन क� मा�यता के साथ होगा.

    भारत को अपनी सतक�ता और अिधक बढ़ानी होगी और अफगान सरकार के साथ अपन े�ोजे�ट� को और

    मजबूत करना होगा. आइएनएसटीसी और चाहबहार जैस े�ोजे�ट भारत को ��याशील भूिमका लेन ेम� मदद

    करत ेह�. साथ ही, काबुल क� लोकतांि�क सरकार को भी स�म बनान ेक� नीित जारी रखनी होगी

    2. भारत के िलए अब इजरायल के साथ र�ा ��े स ेइतर भी सबंधं मजबतू करन ेक� ज�रत ह ै

    इजरायली

    �धानमं�ी के

    �द�ली प�चंन ेपर

    �धानमं�ी नर��

    मोदी का

    �ोटोकॉल तोड़कर

    उनसे िमलना

    बताता ह ै �क इन

    दोन� नेता� के

    बीच �कतनी

    �गाढ़ता ह.ै यह

    �गाढ़ता आज

    भारत-इजरायल

    संबंध� म� भी दखेी

    जा रही ह.ै

    ब�जािमन नेत�या� के इस छह �दवसीय भारत दौरे से करीब छह महीन ेपहल ेही नर�� मोदी इजरायल गए थे

    और वह पहली बार था जब भारत के �कसी �धानमं�ी न ेइस पि�म-एिशयाई दशे का दौरा �कया. इसस े

    यह भी साफ हो गया था �क भारत इजरायल के साथ अपन े कूटनीितक संबंध� के 25 वष� बाद िहचक

    छोड़कर गम�जोशी भरे संबंध� क� तरफ बढ़ना चाहता ह.ै Idealism to realism

    इस तरह भारत अपनी िवदशे नीित म� आदश�वाद से उलट �ावहा�रक रवैया अपनाता �दख रहा ह.ै

    वह� दसूरी तरफ य�शलम के मु� ेपर संयु� रा� म� अमे�रका के िखलाफ वोट दनेा भी भारत �ारा

    अपनी रणनीितक �वाय�ा बरकरार रखन ेका �वहा�रक रवैया �दखाता ह.ै इसी का एक प� यह भी ह ै�क

    इजरायल स े खराब संबंध होन े के बावजूद ईरान के साथ भारत के दो�ताना संबंध ह�. Not just defence but beyond that

  • इजरायल आज िसफ� र�ा �े� म� ही भारत का बड़ा आपू�तकता� नह� ह,ै बि�क यहा ंदसूरे अ�य �े�� म�

    तकनीक� सहयोग मुहयैा करा रहा ह.ै

    यह ऐसा दशे ह ैिजसने ि�प �सचाई से अपन ेयहा ंमौजूद म��थल को हरभरा बनाया ह.ै यही वजह ह ै

    �क कृिष और जल संसाधन के मोच� पर हम� इस पि�म-एिशयाई दशे से काफ� मदद िमल रही ह.ै

    �धानमं�ी क� इजरायल या�ा के बाद से दोन� दशे� के बीच कृिष �े� से जुड़ ेसात और उ�कृ�ता क� �� म�

    कामकाज शु� हो चुका ह ैऔर इसके साथ भारत-इजरायल कृिष प�रयोजना के तहत ऐसे क� �� क� सं�या 20

    हो गई ह.ै

    Agriculture and relation आज भारत क� कृिष पर िनभ�र आबादी को जल सरं�ण और उसके पुन��योग

    के तौर-तरीके इजरायल से सीखने क� ज�रत ह.ै वैसे भी हमारे दशे म� जल संर�ण क� काफ� लचर ि�थित ह ै

    साथ ही साथ पानी के बंटवारे को लेकर रा�य� के बीच भी जब तक तनाव दखेा जाता ह.ै इन प�रि�थितय� से

    िनकलन ेम� इजरायल हमारी काफ� मदद कर सकता ह.ै

    Cyber Security: भारत और इजरायल के बीच और भी �े�� म� सहयोग मजबूत हो सकता ह,ै जैस े �क

    साइबर सुर�ा और सीमा पर िनगरानी तं�. भारत बुिनयादी ढांचा िवकास और �माट� िसटी प�रयोजना�

    म� भी इजरायली िवशेष�ता क� मदद ल ेसकता ह.ै यह पि�म-एिशयाई दशे ‘�टाट� अप’ हब के �प म� भी

    जाना जाता ह ैजो भारत क� नई आईटी कंपिनय� के आग ेबढ़न ेऔर बाजार म� �टकन ेम� सहायता कर सकता

    ह.ै

    भारत और इजरायल के संबधं अगर र�ा �े�� से इतर तेजी से आग ेबढ़ाने ह� तो इसके िलए दोन� दशे� के

    बीच मु� �ापार समझौता ज�री ह.ै मु� �ापार के ज�रए ही भारत क� कई कंपिनयां इजरायल क�

    साझेदारी म� वैि�क �तर पर पहचान बनान ेक� कोिशश कर सकती ह�. आज ये दोन� अथ��व�थाए ंएक दसूरे

    क� पूरक बन सकती ह�. चूं�क इजरायल अमे�रका या यूरोपीय संघ क� तरह कोई बड़ी अथ��व�था नह� ह ै

    ऐसे म� भारत के िलए उसके साथ साझेदारी आसान होगी. इसीिलए अब भारत और इजरायल के बीच संबंध�

    का अगला ल�य मु� �ापार समझौता ही होना चािहए

    3. दो�ती का कारवा:ं भारत इजरायल

    पि�म एिशया के उलझ ेसमीकरण �कसी भी दशे क� िवदशे नीित क� कड़ी परी�ा लते ेह�। अ�छी बात यह ह ै

    �क भारत न ेइस उलझन को काफ� हद तक पार कर िलया ह।ै इजरायल के �धानमं�ी ब�जािमन नेत�या� क�

    भारत या�ा का कुलजमा संदशे यही ह।ै

    शीत यु� के दौर और गुटिनरपे�ता क� राजनीित न ेभारत को कई दशक तक इजरायल से दरू रखा था।

    यहा ंतक �क दोन� म� औपचा�रक �र�ते भी नह� रह।े इसका िज�मेदार भले ही आजकल तु�ीकरण क�

    राजनीित को ठहराया जाता ह,ै ले�कन उस समय जो भी दबाव भारतीय राजनय पर थ,े उसके चलत ेकोई

    भी सरकार इस नीित को बदल नह� सक� थी।

    कुछ लोग यह भी कहत ेथे �क ईरान और अरब दशे� से होन ेवाला क� ेतेल का आयात भी इसम� अपनी

    भूिमका िनभाता था।

    Turning point in relation 1992 & 1999

    इसे बदलने का साहस 1992 म� �धानमं�ी नर�सह राव क� सरकार न े �दखाया था। हालां�क राव को

    उदारीकरण क� नई बयार श�ु करन ेके िलए याद �कया जाता ह,ै ले�कन उ�ह�न ेभारतीय िवदशे नीित को

    जो �दया, वह भी कम नह� ह।ै उ�ह� के शासनकाल म� इजरायल म� भारतीय दतूावास खोला गया और भारत

    व इजरायल के औपचा�रक �र�त� क� शु�आत �ई। उसके पहल ेतक भारतीय पासपोट� पर िलखा होता था-

    ‘इजरायल और दि�ण अ��का के िलए मा�य नह�’। राव के शासनकाल म� यह वा�य भारतीय पासपोट� से

    पूरी तरह हटा। ब�जािमन नते�या� उस समय भारत या�ा पर आए ह�, जब दोन� दशे� के औपचा�रक �र�त�

  • क� रजत जयतंी भी पूरी �ई ह।ैउसके बाद से भले ही नई �द�ली और तेल अवीव दोन� जगह ही सरकार�

    बदलती रह�, ले�कन ये �र�त ेलगातार आग ेबढ़ते रह ेह�।

    भारत के िलए यह दौर सीमा� पर लगातार बढ़ते तनाव का भी रहा ह ैऔर आतकंवाद के गहरात ेखतरे

    का भी। इन दोन� ही मोच� पर इजरायल का सहयोग भारत के ब�त काम आया ह।ै

    भारत इस समय अपनी ज�रत के िलए हिथयार� का सबस े�यादा आयात इजरायल से ही कर रहा ह।ै

    इस मामल ेम� इजरायल न ेकभी न अमे�रका जैसी आनाकानी क� ह ैऔर न कभी यूरोपीय दशे� जैस ेनखरे ही

    �दखाए ह�। ऐसा भी सुनन ेम� नह� आया �क उसन ेइसके िलए भारत के सामने कड़ी राजनीितक या राजनियक

    शत� रखी ह�। हिथयार ही नह�, तकनीक, उ�ोग और कृिष के �े� म� भारत के पास इजरायल से लेन ेके िलए

    ब�त कुछ ह।ै यह भी कहा जाता ह ै �क भारत के पास इजरायल से लने े लायक सबस े बड़ी चीज ह,ै

    आ�मिनभ�रता क� उसक� िजजीिवषा। अपनी ज�रत के िहसाब से तकनीक और सुिवधा� को िवकिसत

    करन ेक� िजतनी मेहनत इजरायल न ेक� ह,ै उतनी दिुनया के कम ही दशे� न े�दखाई ह।ै�दलच�प बात यह ह ै

    �क इस बीच भारत न ेफल�तीन के सवाल पर अपन े�ख को ब�त �यादा बदला भी नह� ह।ै यह िपछल े�दन�

    �फर जािहर हो गया, जब अमे�रका �ारा य�शलम को राजधानी क� मा�यता दने ेके मसला संयु� रा� म�

    उठा, तो भारत न ेइसके िखलाफ वोट �दया। जािहर ह,ै भारत के इस �ख न ेइजरायल को थोड़ा िनराश तो

    �कया होगा, ले�कन लंब ेसमय म� इजरायल न ेभारत क� फल�तीन नीित को एक सच क� तरह �वीकार भी

    �कया ह।ै इसके बाद भी अगर दोन� दशे� के �र�ते बढ़ रह ेह�, तो यह दोन� के राजनय क� प�रप�ता का एक

    और उदाहरण ह।ै �र�त� का यह �म उस समय और मजबूत �आ था, जब भारतीय �धानमं�ी मोदी न े

    इजरायल क� या�ा क� थी। और अब इजरायल के �धानमं�ी क� या�ा बताती ह ै�क �र�त� का यह सफर

    �कस तरफ जा रहा ह।ै िव� राजनीित म� इस समय दोन� दशे जहां खड़ ेह�, दोन� के �र�त� को आग ेबढ़ना ही

    ह।ै

    4.सहयोग सभंावनाए:ं भारत और इजरायल

    भारत और इजरायल के बीच कूटनियक संबंध 1992 म� �थािपत �ए। उसके बाद से दोन� दशे िनरंतर

    ब�आयामी साझेदारी का िह�सा बने ह�। नर�� मोदी पहल ेभारतीय �धानमं�ी ह� जो इजरायल क� या�ा पर

    गए ह�।

    इजरायल के �धानमं�ी ब�जािमन नेत�या� के साथ उनक� मुलाकात के बाद यह माना जा सकता ह ै�क

    वृहद आ�थक �बंधन, �ापा�रक उदारीकरण, पया�वरण संर�ण और िनवेश के मोच� पर दोन� दशे� के

    बीच आपसी सहयोग और अिधक गहरा होगा

    यह मुलाकात ि�प�ीय कारोबार और िनवेश को भी बढ़ावा दगेी जो अ�यथा ठहरा रहा ह।ै उदाहरण के

    िलए दोन� दशे� के बीच र�ा संबंध� म� िव�तार क� पूरी गुजंाइश ह।ै

    त�य यह ह ै �क भारत दिुनया म� र�ा उपकरण� के सबसे बड़ े आयातक� म� से एक ह ै और इजरायल

    दिुनया के सबस ेबड़ ेचार िनया�तक� म� शािमल ह।ै इसस ेयह संकेत साफ ह ै�क यह गठजोड़ भिव�य म�

    और अिधक मजबूत हो सकता ह।ै

    दोन� दशे� के बीच र�ा और आतंकवाद उ�मूलन कार�वाई के िलए �ोन और अंत�र� �ौ�ोिगक� म�

    सहयोग क� मदद से आपसी �र�त� को और मजबूत �कया जा सकता ह।ै ले�कन राजनियक और साम�रक

    �र�त� स ेइतर मोदी क� तीन �दवसीय इजरायल या�ा और अिधक फलदायी हो सकती ह,ै बशत� �क यह

    खेती और जल �बंधन तकनीक जसैे �े�� म� भी ि�प�ीय सहयोग पर �यान द।े ये व े �े� ह� जहा ं

    इजरायल को भारी बढ़त हािसल ह।ै

  • Other areas of cooperation

    पानी का �कफायती इ�तेमाल और खारे और खराब पानी का पुनच��ण वह �े� ह ै िजसम� दोन� दशे

    साझा सहयोग कर सकत ेह�। करीब सात दशक पहले जब इजरायल का गठन �आ तब वहां पानी क�

    भारी कमी थी। उसके भभूाग का 60 फ�सदी िह�सा रेतीला था और बाक� िह�सा एकदम शु�क। बा�रश

    म� भी लगातार कमी आ रही थी। इसके बावजूद इजरायल न ेन केवल अपनी बढ़ती आबादी के िलए

    ज�रत का पानी जुटाया बि�क अपन े पड़ोसी मु�क� को पानी का िनया�त करना भी शु� �कया।

    इजरायल न ेखारे समु�ी जल को मीठा बनाया। अब उसक� कुल खपत म� एक ितहाई पानी ऐसा ही ह।ै

    उसन ेऐसी तकनीक िवकिसत क� ह� िजसक� मदद से हवा से पानी ख�चकर उसे ऐसे �थान� पर ल ेजाया

    जाता ह ैजहां ताजे पानी क� कमी ह।ै भारत म� ऐसी अनेक जगह ह� और ये तकनीक भारतीय� क� पेय

    जल संबंधी ज�रत� को पूरा कर सकती ह�।

    इसी तरह जब �धानमं�ी न ेभारतीय कृिषिवद� को कम पानी और अिधक फसल का नारा �दया तो यह

    बात जानना ज�री ह ै�क इजरायल न ेकम से कम क�टनाशक�, उव�रक� आ�द के इ�तमेाल से अिधक स े

    अिधक फसल उगाने म� िवशेष�ता हािसल क� ह।ै

    इजरायल क� िवशेष�ता क� मदद से भारत कृिष उ�पादकता म� जबरद�त इजाफा कर सकता ह।ै

    भारत-इजरायल कृिष प�रयोजना पहल ेसे ही चल रही ह।ै उसम� ऐसी कृिष तकनीक� का �दश�न �कया

    गया ह।ै बहरहाल, इसका �भाव मोटे तौर पर छोटी जगह� तक सीिमत ह ै�य��क इन �ौ�ोिगक� म�

    भारी पूंजी क� आव�यकता होती ह।ै इसक� एक वजह यह भी ह ै �क भारतीय कृिष �सार एज�िसया ं

    �कसान� तक इसका �ान सही ढंग से प�चंा नह� पात�।

    इसके अित�र� कई छोटे और सीमांत �कसान, िजनको ऐसी तकनीक क� सबस ेअिधक आव�यकता ह,ै व े

    इ�ह� नह� आजमा पाते ह� �य��क इनम� शु�आती िनवेश ब�त �यादा ह।ै भारतीय कृिष शोध सं�थान ि�प

    �सचाई और अ�य सू�म �सचाई �व�था� को स�ता बनान ेपर काम कर रह ेह� ता�क व े�कसान� को

    सहज उपल�ध ह�। माना जा रहा ह ै�क �धानमं�ी क� यह या�ा संयु� भारत इजरायल �यास का सबब

    बनेगी और यह �र�ता दशे के �कसान� को बेहतरीन तकनीक� सहयोग �दलाएगा। िजसक� कमी

    �फलहाल उनको खल रही ह ै

  • 5.भारत को महगंी भी पड़ सकती ह ैइजरायल स ेदो�ती, हो सकत ेह� य ेनकुसान

    �धानमं�ी नर�� मोदी क� तीन �दवसीय इजरायल या�ा कई मायन� म� ऐितहािसक ह.ै दशे के 70 वष� के

    इितहास म� भारतीय �धानमं�ी का यह पहला इजरायल दौरा ह,ै िजसम� दोन� दशे� के बीच

    कृिष, िव�ान, अंत�र� और जल �बंधन जैस ेअहम �े�� म� कुल 7 समझौत े�ए.

    पीएम मोदी अपनी इस या�ा के दौरान भारत क� पूव�वत� सरकार� क� तरफ से बरती गई इजरायल से

    दरूी को रेखां�कत करते �ए भिव�य म� ि�प�ीय संबंध� को नई उंचाइय� तक ल ेजान ेक� बात कही.

    यहा ं गौर करन े वाली बात यह इ�ाइल से राजनियक संबंध� म� गम�जोशी पूव� �धानमं�ी पीवी

    नरिस�हा राव के दौर म� शु� �ई.

    हालां�क तब भी दोन� दशे� के बीच के संबंध दब-ेछुप ेही रह.े ऐसे म� सवाल उठता ह ै�क आिखर भारत

    इस पि�म एिशयाई दशे से खुल े�र�ते म� यूं कतराता �य� रहा..

    इजरायल स ेमले-िमलाप म� इस सकंोच के पीछे दो तक� बताए जात ेह�.

    1. पहला यह �क इस य�दी दशे से करीबी अरब दशे� से भारत के संबंध� म� तनाव क� आशंका,

    2. दसूरा दशे क� मुि�लम आबादी क� नाराजगी.

    दरअसल मुि�लम रा�� से िघरे इजरायल से अरब दशे� के �र�ते हमेशा ही कटुता भरे रह ेह�. अरब जगत

    इजरायल क� �थापता का शु� से ही िवरोध करते रह ेह� और वष� 1948म� इजरायल क� �थापना के तुरंत

    बाद इस पर हमला कर �दया था

    हालां�क अरब दशे� का वह हमला नाकाम रहा, ले�कन उनके बीच क� द�ुमनी ख�म नह� �ई.

    पीएम मोदी क� इस इजरायल या�ा को पि�म एिशया को लेकर भारतीय नीित म� अहम बदलाव के

    तौर पर दखेा जा रहा ह.ै

    इसस ेपहल ेजब भी कोई भारतीय राजनतेा इजरायल गए, तो उ�ह�न ेइसके साथ ही �फली�तीन का भी

    दौरा �कया.

    इजरायल और �फिल�तीन के बीच वष� से चले रह ेआ रह ेटकराव के बीच भारत सरकार क� यही

    कोिशश रही ह ै�क उसे �कसी एक का िहमायती न समझा जाए.

    ऐसे म� पीएम मोदी के अकेल ेइजरायल या�ा से जहां कई साम�रक फायद ेिगनाए जा रह ेह�, तो वह� कुछ

    नुकसान क� भी आशंका ह.ै

    सबस ेपहला तो यह �क भारत अपनी ऊजा� ज�रत� के िलए अब भी खाड़ी दशे� पर बुहत �यादा िनभ�र

    ह.ै ऐसे म� अगर इजरायल से भारत क� दो�ती से अगर अरब दशे खफा होत ेह�, तो भारत को इसके

    द�ुप�रणाम झेलने पड़ सकत ेह�.

    वह� भारत क� िवदशेी पूंजी भंडार म� बड़ा िह�सा इ�ह� अरब दशे� से आता ह.ै एक अनुमान के

    मुतािबक, करीब 80 लाख भारतीय रोजगार के िलए खाड़ी दशे� पर िनभ�र ह� और वहां से अपन ेवेतन का

    बड़ा िह�सा अपन ेप�रवार के पास भारत भेजत ेह�. ऐसे म� अरब दशे� क� नाराजगी इन प�रवार� के िलए

    नुकसानदहे सािबत हो सकती ह.ै

  • यहा ंगौर करन ेवाली बात यह ह ै�क इजरायल-�फिल�तीन के झगड़ ेम� भारत हमेशा ही �फिल�तीन के प� म�

    खड़ा �दखा. भारत न ेइजरायल के गठन के ��ताव का भी िवरोध �कया था. वह� भारत-पा�क�तान के बीच

    तनाव के माहौल म� अरब दशे� न ेभी दो�ती का खयाल रखत े�ए कभी पा�क�तान क� खुली तरफदारी नह�

    क� और ना ही क�मीर िववाद म� ह�त�ेप क� बात कही.

    इसके अलावा अंतररा�ीय मंच पर जब भी भारत िघरता पाया गया, तो वहां उसक� खुलकर मदद क�. ऐस े

    म� भारत �ारा इस तरह �फिल�तीन इंतेफादा (जन आंदोलन) को दर�कनार कर इजरायल से दो�ती के

    नतीजतन अरब दशे भी ऐसे िववाद� क� ि�थित म� भारत के प� म� खड़ा होन ेसे परहजे कर सकते ह�.

    2.(III) भारत-�फली�तीन सबंधं-सतंलुन India palastine and Israel

    �धानमं�ी का वे�ट ब�क म� रम�ला जाना �कसी भी भारतीय �धानमं�ी �ारा �फली�तीन क� इस राजधानी

    का पहला दौरा था. इसके साथ ही इ�ाइली �धानमं�ी ब�जािमन नेत�या� से उनक� �गाढ़ िम�ता क�

    पृ�भूिम म� यह भारत �ारा �फली�तीनी िहत� के सतत समथ�न का संकेत भी करता ह.ै

    India Palastine relation

    भारत न ेशु� से ही �फली�तीन का समथ�न �कया ह.ै अरब दशे� के बाहर हम दिुनया के पहल ेवैसे दशे थे,

    िजसन े�फली�तीन मुि� संगठन (पीएलओ) को �फली�तीिनय� का एकमा� �ितिनिध होन ेक� मा�यता दी.

    अरब दशे� क� ही तरह, भारत न ेभी इ�ाइल के साथ औपचा�रक राजनियक संबंध �थािपत नह� �कये.

    Aftermath of Cold war and relation

    पर शीतयु� के प�ात अमे�रका के साथ िनकटता बढ़ाना भारत क� मजबूरी हो गयी और इसके साथ ही

    इसन ेयह भी महसूस �कया �क इ�ाइल को दर�कनार कर ऐसा नह� �कया जा सकता. �फर तो भारत न े

    इ�ाइल के साथ अपनी िनकटता सायास िवकिसत क� और 1992 म� उसके साथ पूण� राजनियक संबंध भी

    �थािपत �कया. इ�ाइल के साथ अपन े घिन� होत े सहयोग के बावजूद भारत न े उसे कभी भी अिधक

    �चा�रत न �कया, �य��क उसस े �वदशे के मुसिलम अ�पसं�यक� क� नाराजगी मोल लेन े का खतरा था.

    पर वष� 2014 म� क� � म� भाजपा के स�ासीन होने के साथ ि�थितयां बदल गय�. िपछल ेवष� मोदी क�

    इ�ाइल या�ा के बाद से ही अनेक समी�क� न ेउसस ेमोदी क� बढ़ती िनकटता को संघ प�रवार क� मुसिलम-

    िवरोधी नीितय� का ही एक िव�तार मानना आरंभ कर �दया.

    िपछल ेमहीन ेनेत�या� क� भारत या�ा के समय एक बार �फर उसी मत क� पुि� होती बतायी

    गयी. पर, जो कुछ वा�तव म� �चताजनक ह,ै वह यह �क �हदवूादी शि�य� के पैरोकार� को उन

    �फली�तीिनय� के िसफ� मुि�लम होन ेक� वजह से उनके �ित अपनी नफरत के इजहार से भी गरेुज

    न �आ, जो इ�ाइली सेना के �ारा �ित�दन �तािड़त होत ेरहत ेह�.

    हालां�क, �फली�तीन म� बोलत े �ए �धानमं�ी न े यह कहा �क ‘म� अपन े साथ भारतीय� क�

    स�ावना तथा उनका अिभवादन लाया �,ं’ मगर यह केवल एक राजनियक मजबूरी म� कहा गया

    व�� मा� बनकर न रह जाय,े इसके िलए मोदी को �वदशे म� अपन े समथ�क वग� को भी

    �फली�तीन िहतैषी बनाना होगा.

    इसम� कोई शक नह� �क �कसी भी दशे के वैदिेशक संबंध उसक� गृह नीित के ही अ�स होत ेह�, �कत ु

    �फली�तीन के साथ भारत के संबंध� को �हद-ूमुि�लम नज�रय ेसे दखेना न तो रा�िहत म� होगा और

    न ही भारत के िवदशे मं�ालय म� बैठे साम�रक िवशेष�� के मतानकूुल ही. यह भारत का िववेक ही

    था, िजसके चलत ेइसन ेसंय�ु रा� म� य�शलम को इ�ाइल क� राजधानी बनान ेके डोना�ड �ंप क�

    योजना के िवरोध म� मतदान �कया.

  • Dehyphanisation in Relation

    स�ा म� आन ेके बाद, सरकार न ेयह �प� कर �दया �क वह इ�ाइल एव ं�फली�तीन के साथ अपन ेसंबंध� को

    पर�पर असंल� करन ेक� कोिशश करेगी. अपनी इसी ऐितहािसक या�ा म� मोदी न ेवे�ट ब�क तक प�चंन ेके

    िलए जॉड�न होकर जानेवाल ेमाग� का चयन �कया, न �क �यादातर पि�मी राजनेता� क� भांित इ�ाइल

    होकर. �ात� ह ै �क �फली�तीन म� इ�ाइल �कसी हवाई अ� े के प�रचालन क� अनुमित नह� दतेा.

    यह एक अहम संकेत ह,ै �य��क िपछल ेवष� अपनी इ�ाइल या�ा के ही व� मोदी न े�फली�तीन का भी दौरा

    कर लेन ेसे जान-बूझकर परहजे �कया. वष� 2015 म� जब त�कालीन रा�पित �णब मुखज� न ेपि�मी एिशया

    क� या�ा क�, तो व े जॉड�न एव ं �फली�तीन के दौरे के बाद इ�ाइल प�चंे थे.

    हालां�क, �फली�तीन के क�र समथ�क यह कहा करते ह� �क इ�ाइल �ारा वहां अतंररा�ीय काननू� और

    मानवािधकार� के सतत उ�लंघन क� वजह से भारत को इ�ाइल के साथ या तो कोई संबंध नह� रखन े

    चािहए, अथवा उ�ह� सीिमत कर दनेा चािहए. ले�कन, यह हमेशा याद रखना चािहए �क मू�य� तथा

    अिधकार� के सम�त जयघोष के बावजूद िवदशेी संबंध यथाथ�वाद क� धरातल पर ि�थत और जमीनी

    िसयासत म� ब�मूल होत ेह�.

    दसूरी बात यह ह ै�क इ�ाइल के साथ भारत के संबंध कोई अचानक ही िवकिसत नह� �ए ह� और इसका अब

    िसफ� इसिलए िवरोध नह� �कया जाना चािहए �क नर�� मोदी क� सरकार उसे िछपा-िछपी के उस दौर स े

    बाहर िनकालकर �दन के उजाले म� ले आयी ह.ैकोई इसे पसंद करे या नह�, भारत के सखु-दखु म� इ�ाइल एक

    भरोसेमंद दो�त बनकर उभरा ह.ै

    इसके अलावा, सऊदी अरब के शाह सिहत अनेक अरब दशे इ�ाइल के साथ ि�प�ीय संबंध िवकिसत करन े

    म� लग ेह�, भले ही व ेइसे �चा�रत नह� करते. भारत न ेअब तक इ�ाइल, सऊदी अरब तथा ईरान के साथ

    अपन े ि�प�ीय संबंध� को बड़ी नजाकत स ेसंतिुलत कर रखा ह,ै �य��क उनम� से कोई भी �कसी को नह�

    सुहाता. पर, इसम� कोई संदहे नह� �क इ�ाइल और �फली�तीन के मामल ेम� ऐसा करना कह� अिधक क�ठन

    ह.ै

    4. भारत-आिसयान दो�ती का नया दौर

    India ASEAN Relation: looking into History

    भारत-आिसयान �र�त� क� रजत जयंती मनान ेक� तैयारी के बीच हम इसक� अनदखेी नह� कर सकत े�क

    दि�ण-पूव� एिशया के साथ भारत के �र�ते दो हजार वष� से भी अिधक पुरान े ह�।

    इितहास म� �प� �माण िमलते ह� �क �ाचीन भारत और कंबोिडया, मलेिशया और थाईल�ड के बीच

    �ापार �आ करता था।

    इन �ाचीन संपक� न ेदि�ण-पूव� एिशयाई सं�कृित, परंपरा� और भाषा� को �भािवत �कया। �फर

    चाह ेवह कंबोिडया म� अंकोरवाट मं�दर प�रसर हो या इंडोनेिशया म� बोरोबुदरू और �ंबनन मं�दर या �फर

    मलेिशया के कई �थल, इन सभी जगह� पर भारतीय �हद-ूबौ� �भाव क� छाप साफ नजर आती ह।ै

    इंडोनेिशया, �यांमार व थाईल�ड सिहत कई दि�ण-पूव� एिशयाई दशे� म� रामायण को खासा मह�व

    �दया जाता ह।ै �सगापुर के मलय नाम क� उ�पि� भी सं�कृत भाषा से ही �ई ह,ै िजसका अथ� होता ह ैलॉयन

    िसटी यानी �सह का शहर।

  • Relation in recent times

    भारत 1992 म� आिसयान क� एक �ेणी म� संवाद साझेदार बना और 1995 म� पूण� �प से संवाद

    साझेदार।

    समय के साथ भारत-आिसयान �र�त े और परवान चढ़त े गए और 2012 म� दो�ती क� बीसव�

    वष�गांठ के अवसर पर रणनीितक साझेदारी म� बदल गए।

    दोन� प� आज आिसयान के िविभ� ्राजनीितक, सुर�ा�मक, आ�थक एव ंसामािजक-सां�कृितक

    पहलु� पर साथ िमलकर काम कर रह ेह�।

    भारत के �धानमं�ी क� Áct East Policy म� भी �ापार, संपक� और सं�कृित क� ितकड़ी पर जोर

    �दया गया ह।ै इस मं� के मा�यम से वह आिसयान के साथ स��यता को और धार दनेा चाहत ेह� जो

    हमारे ब��तरीय और �ापक सहयोग को दशा�ता ह।ै ‘

    हमारे पास सहयोग के िलए लगभग 30 �लेटफॉम� ह� िजनम� एक वा�षक िशखर स�मेलन और सात

    मंि��तरीय संवाद मंच ह�। चाह े आिसयान के नेतृ�व म� आिसयान �े�ीय मंच हो या आिसयान

    र�ामंि�य� का स�मेलन या �फर पूव� एिशया स�मेलन, भारत न ेइन आयोजन� म� हमेशा बढ़-

    चढ़कर िह�सा िलया ह।ै

    समय के साथ दोन� प�� के बीच �ापार म� भी ब�त तेजी आई ह।ै इसम� आिसयान-भारत मु�

    �ापार �े� यानी एआईएफटीए जैस ेसमझौते क� अहम भूिमका रही ह।ै

    आिसयान-भारत �ापार 1993 के 2.9 अरब डॉलर से उछलकर 2016 म� 58.4 अरब डॉलर हो

    गया। सामािजक, सां�कृितक मोच� पर भी आिसयान-भारत छा� िविनमय काय��म और �द�ली

    डायलॉग न ेदोन� प�� के बीच जनसंपक� को और तेजी दी ह।ै इन मंच� के मा�यम से हमारे युवा,

    अकादिमक और कारोबारी जगत के लोग� को एक-दसूरे से मुलाकात के दौरान सीखन-ेसमझने का

    अवसर िमला ह,ै िजससे �र�त ेऔर मजबूत �ए ह�।

    आिसयान-भारत संबंध� क� रजत जयतंी मनाने के िलए तमाम काय��म �कए जा रह ेह�। हाल म�

    �सगापुर म� आयोिजत �वासी भारतीय �दवस म� भारतवंिशय� के योगदान को सराहा गया। भारत

    के गणतं� �दवस समारोह म� आिसयान क� भागीदारी से दोन� प�� क� उ�सवध�मता चरम पर

    प�चं रही ह।ै गणतं� �दवस परेड हते ुमु�य अितिथ के तौर पर आमं�ण आिसयान नेता� के िलए

    ब�त स�मान क� बात ह।ै

    Changing Geo politics & India Asean

    भू-राजनीितक अि�थरता न ेआिसयान को भारत जैसे सहयोगी के साथ गलबिहया ंबढ़ाने क� �दशा म� नई

    ऊजा� और नज�रया �दया ह।ै

    कई अहम पैमान� पर भारत और आिसयान क� सोच भी एकसमान ह।ै �े� म� शांित और सुर�ा के

    साथ ही खुली, संतुिलत और समावेशी अवधारणा पर भी दोन� एकमत ह�। भारत क� भौगोिलक

    ि�थित रणनीितक �प से बहेद अहम ह।ै

    यह �हद महासागर और �शांत महासागर के बीच कई �मुख समु�ी माग� के बीच ि�थत ह।ै य े

    समु�ी माग� तमाम आिसयान दशे� के िलए अ�यंत मह�वपूण� �ापा�रक माग� भी ह�। ऐसे म� �ापार

    को सुगम बनाए रखन े के िलए इन समु�ी माग� क� सुर�ा दोन� प�� के िलए समान �प से

    आव�यक ह।ै

    Combined Weight of India ASEAN

  • आिसयान और भारत क� कुल आबादी करीब 180 करोड़ ह,ै जो दिुनया क� एक चौथाई आबादी के बराबर ह।ै

    हमारा सि�मिलत जीडीपी भी 4.5 लाख करोड़ डॉलर से अिधक ह।ै वष� 2025 तक भारत दिुनया का पांचवा ं

    सबस ेबड़ा उपभो�ा बाजार बन जाएगा तो दि�ण-पूव� एिशया म� भी म�यवग� का दायरा दोगुना बढ़कर

    16.3 करोड़ होन ेका अनुमान ह।ै दोन� प�� को जनसांि�यक�य लाभांश का भी फायदा हािसल ह,ै �य��क

    इनक� अिधकांश आबादी युवा ह।ै आिसयान व भारत म� इंटरनेट उपभो�ा� क� मांग भी ती� गित से बढ़

    रही ह ै िजसस े िडिजटल अथ��व�था तेजी से आग ेबढ़ सकती ह।ै दोन� प�� म� इतनी अनुकूलता होन े के

    बावजूद संबंध� को नया आयाम दने े के िलए अभी भी काफ� गुंजाइश ह।ै आिसयान के िवदशेी �ापार म�

    भारत क� िह�सेदारी महज 2.6 फ�सदी ह ैिजस ेऔर बढ़ाया जा सकता ह।ै

    पर�पर लाभ के िलए तीन सझुाव

    पहला यह �क �ापार और िनवेश को और गित दने ेके िलए भारत और आिसयान को दोगुनी गित स े

    �यास करन ेचािहए। हम� मु� �ापार सिहत मौजूदा रा�त� को समय रहते सुधारने के साथ उ�ह� �ासंिगक

    बनाए रखना होगा। मौजूदा एआईएफटीए से भी बढ़कर उ� �तरीय �े�ीय �ापक आ�थक साझेदारी यानी

    आरसीईपी जैसी पहल क� ओर कदम बढ़ाने ह�गे। इससे ऐसे एक�कृत एिशयाई बाजार का िनमा�ण होगा

    िजसम� दिुनया क� लगभग आधी आबादी और एक ितहाई जीडीपी शािमल होगी। दोन� ओर से िनयम-

    कानून� को सुसंगत बनाना होगा और भारत क� ए�ट ई�ट नीित को सफल बनान ेके साथ ही �े� म� िनया�त

    बढ़ाने के मकसद से मेक इन इंिडया को भी हरसंभव मदद दनेा होगी।

    दसूरा सुझाव यह ह ै�क जल, थल और वाय ुप�रवहन के मोच� पर सुधार हो। इसस ेहमारी जनता को

    ब�त फायदा होगा। इस �दशा म� भारत के �यास सराहनीय ह�। वह भारत-�यांमार-थाईल�ड हाईव े के

    िव�तार के साथ ही आिसयान के साथ बहेतर कनेि�टिवटी के िलए बुिनयादी ढांचा िवकास हते ुएक अरब

    डॉलर क� रािश के िलए सहमत �आ ह।ै

    तीसरा सुझाव िडिजटल कनेि�टिवटी सहयोग का ह।ै यह एक मह�वपूण� पहल ूह ैजो बेहतर भिव�य क�

    इबारत रखेगा। भारत म� आधार स े जुड़ा तं� नए अवसर तयैार कर रहा ह।ै

    साझेदारी के िलए हम� िनत नए आयाम� क� तलाश म� जटेु रहना चािहए। आिसयान का अ�य� होन ेके नात े

    �सगापुर का एक ल�य आिसयान �माट� िसटी नेटवक� तैयार करना भी ह,ै िजसम� भारत हमारा �वाभािवक

    साझेदार बन जाता ह।ै भारत न े100 �माट� िसटी िवकिसत करन ेका ल�य तय �कया ह।ै एक शहरी-रा� होन े

    के नात ेहम अपन ेअनुभव स ेइसम� भारत क� पूरी मदद कर�गे। आिसयान का अ�य� होन ेके नात े�सगापुर

    भारत के साथ �र�त� को �गाढ़ करन ेके िलए �ितब� ह।ै अगर दोन� प� अपन ेऐितहािसक और सां�कृितक

    जुड़ाव से मौजूदा चुनौितय� का समाधान िनकालकर भिव�य के िलए बेहतर बुिनयाद रखत ेह� तो हमारी

    आन ेवाली पी�ढ़यां ही इसस ेसबस ेअिधक लाभाि�वत ह�गी

    चीन के मामल ेम� हर तरफ स ेसतक� रहत े�ए सोच-िवचार कर कदम उठाना होगा।

    Changing scenario and India China relation:

    भारत और चीन को यह कहने क� �या ज�रत पड़ गई �क उनक� ि�थित अब 1962 जैसी नह� ह।ै भारत और

    चीन ही �या, दिुनया के एकाध दशे को छोड़कर �कसी भी दशे क� ि�थित 55 साल पहलेजैसी नह� रही होगी।

    चीन के साथ सीमा िववाद के गहरात ेसंकट के बीच एक-

    दसूरे को धमक� दकेर न चीन को कुछ हािसल होन ेवाला ह ैऔर न भारत को। पहले ित�बत �फर अ�णाचल

    �दशे औरअब िस��म सीमा पर चीन के ह�त�ेप न ेदोन� दशे� के बीच तनाव बढ़ाया ह।ै

  • Contentious issue in Sikkim:

    भारत-चीन के बीच िस��म म� 220 �कलोमीटर लंबी सीमा सदा से िववाद का कारण रही ह।ै

    इस इलाके म� सीमा रेखा के �प� नह� होन ेसे दोन� दशे� के सैिनक� के बीच झड़प होती रहती ह।ै

    हाल के �दन� म� अमरीका के साथ भारत क� बढ़ती नजदी�कयां चीन को रास नह� आ रही ह�

    चीन रह-रहकर भारत को उकसान ेवाली कार�वाई करता रहा ह।ै

    चीन कभी ��पु� नदी पर बांध बनाकर पानी अपनी तरफ मोड़ कर िववाद को हवा दतेा ह ैतो कभी िस

    ��म म� सड़क बनाकर अपनी कु�टल चाल चलता ह।ै चीन क� असली �चता अंतररा�ीयजगत म� भारत

    क� बढ़ती ताकत ह ै

    िपछले एक दशक म� भारत न ेिजस तरह �गित क� राह पकड़ी ह,ै चीन उस ेपचा नह� पा रहा। चीन भार

    त के साथ ही िववाद म� नह� उलझा ह।ै

    दि�ण चीन सागर पर एकािधकार को लेकर उसक� िवयतनाम, �फलीप�स, ताइवान और दि�ण पूव� ए

    िशयाई दशे� के साथ ठनी �ई ह।ै मामला अंतररा�ीय पंचायत तक प�चं चुका ह।ै ले�कन चीनअपना अ

    िडय़ल रवैया छोडऩ ेको तैयार नह�।

    चीन दसूरे दशे� के �ाकृितक संसाधन� पर क�जा करना चाहता ह।ै आज उ�र को�रया को छोड़ दिुनया

    म� कोई ऐसा दशे नह� िजस ेचीन अपना िव��त सहयोगी दशे कह सके।

    चीन-पा�क�तान इकॉनोिमक कॉ�रडोर के िनमा�ण को लेकर चीन भारत को परेशान करना चाहता ह।ै

    Strategy of India:

    भारत 1962 के बाद से ही चीन क� चाल� को समझ भी रहा ह ैऔर उसके अनुकूल जवाब भी द ेरहा ह।ै

    ले�कन चीन ह ै�क अपनी हठध�मता छोडऩे को तैयार ही नह�। एक तरफ वह भारत के साथदो�ती का हाथ

    बढ़ाता ह ैतो दसूरी तरफ िववाद� को हवा भी दतेा रहता ह।ै चीन के मामले म� एक बार हम धोखा खा चकेु

    ह� िलहाजा हर तरफ से सतक� रहत े�ए सोच-िवचार कर कदम उठाना होगा।

    भारत को अपनी तैया�रया ंपूरी रखनी होगी। भारत-चीन सीमा का सच यह ह ै�क चीन न ेवहा ंपर रेल और

    सड़क समेत एक बड़ा सै�य इ��ा���चर खड़ा कर िलया ह।ै ले�कन दसूरी तरफ भारत इसमामले म� ब�त

    पीछे ह।ै योजनाए ंतो भारत क� तरफ से भी बनी ह�, ले�कन उन पर अमल नह� हो सका। भारत ने ल�ाख

    तक बारहमासी सड़क के िनमा�ण क� जो प�रयोजना बनाई थी, वह अभी तकरोहतागं सरंुग म� ही अटक� �ई

    ह।ै यह ठीक ह ै�क चीन से लगी �ई भारत क� सीमा� पर अभी भी उस तरह का तनाव नह� ह,ै िजस तरह

    का पा�क�तान क� सीमा पर ह,ै उस तरह क� आशकंाए ंभी�फलहाल नह� ह�, ल�ेकन हम� उतनी तयैा�रया ंतो

    करनी ही पड़�गी, िजतनी दसूरी तरफ हो रही ह�। उतनी ही तेजी से भी।

    वत�मान समय म� भारत- चीन के बीच उपजी तनातनी के पीछे �या कारण ह�? सीमा स�ब�धी िववाद और

    भ-ू साम�रक दिृ�कोण पर िवचार �� क�िजय।े

    दरअसल िस��म-भूटान-ितब् बत िमलन स् थल पर चीनी गितिविधयां ताजा िववाद क� मुख् य वजह मानी

    जा रही ह.ै

    इस तनातनी के पीछे भू-साम�रक दिृ�कोण से महत् वपूण� भारतीय जमीन के उस टुकड़ ेको माना जा रहा

    ह ैिजस े'िचकन नेक' के नाम से जाना जाता ह.ै चीन, भारत को इस �े� म� घेरना चाहता ह.ै

    इसिलए वह िस��म-भूटान और ितब् बत के िमलन �बद ुस् थल (डोका ला) तक एक सड़क का िनमा�ण

    करन ेक� कोिशश कर रहा ह ैिजस पर भारत को आपि� ह.ै

    इस सड़क का िनमा�ण वह भटूान के डोकलाम पठार म� कर रहा ह.ै

  • => डोका- ला पठार चीन, भटूान और भारत का िमलन �बद ु-

    इस �े� के अिधकार को लेकर चीन और भूटान के बीच िववाद ह.ै चीन इस �े� को ड�गलांग कहता ह ै

    और �ाचीन काल स ेअपना िहस् सा बताता ह.ै इसीिलए अपनी सेना के गश् ती दल को वहां भेजता रहता

    ह.ै

    दरअसल चीन क� मंशा डोकलाम से डोका ला तक इस सड़क के िनमा�ण से दि�त ितब् बत म� ि�थत चुंबी

    घाटी तक अपनी पैठ को बढ़ाना ह.ै

    यह घाटी हिंसए क� तरह ह ैजो िस��म और भूटान को अलग करती ह.ै

    दरअसल य�द डोका ला तक चीन सड़क का िनमा�ण कर लेता ह ै तो उसक� सेना को यहा ं स े

    तकरीबन 50 �कमी दरू संकरे िसिलगुड़ी कॉरीडोर तक साम�रक बढ़त िमल जाएगी जो�क पि�म बंगाल

    का िहस् सा ह.ै इसी कॉरीडोर को किथत �प स े'िचकन नके' कहा जाता ह ैऔर यह भारत क� मुख् य भूिम

    को उत् तर-पूव� राज् य� से जोड़ने का एकमा� ज�रया ह.ै

    =>चुबंी घाटी का प�च :-

    र�ा जानकार� के मुतािबक चुंबी घाटी म� चीन क� गितिविधया ंभारत के िलए �चता का सबब ह.ै

    यह मानिच� म� हिंसए क� तरह का िहस् सा ह ैजो भारत के 'िचकन नेक' से ठीक ऊपर ि�थत ह.ै

    अभी इस �े� म� भू-साम�रक िलहाज से भारत बेहतर ि�थित म� ह ैले�कन डोकलाम से डोका ला तक

    सड़क िनमा�ण कर चीन, इन दशे� के िमलन �बद ुस् थल तक प�चंकर भारत को घेरना चाहता ह.ै

    चीन का यह कदम �हद महासागर म� भारत क� �चता को बढ़ान ेवाला ह ै

    चीन दिुनया म� अपनी सै�य शि� का तेजी स ेिव�तार करने म� लगा ह.ै समाचार एज�सी रॉयटस� के

    अनुसार उसने अ��क� दशे िजबूती म� अपना पहला नौसैिनक अ�ा चालू करन ेके िलए सैिनक�

    कोरवाना कर �दया ह.ै

    �हद महासागर के उ�र-पि�म �कनारे पर बस ेिजबूती म� चीन के सै�य �ठकाने को भारत को घेरने क�

    ‘��टग ऑफ प�स�’ नाम क� रणनीित स ेजोड़कर दखेा जा रहा ह.ै

    इसके तहत चीन बां�लादशे, �यांमार और �ीलंका सिहत अ�य दशे� म� सै�य �ठकाने और संपि�यां

    िवकिसत कर भारत को घेरना चाहता ह.ै

    Military base of china in Indian ocean

    चीन ने िजबूती म� सै�य �ठकाना बनान ेका काम िपछले साल शु� �कया था. हालां�क चीन क� सरकारी

    �यूज एज�सी िश��आ ने इससे इनकार �कया ह ै�क यह सै�य �ठकाना ह.ै उसके मुतािबक यहअ��का और

    पि�म एिशया म� माग� क� र�ा करने के अलावा शांित सैिनक और मानवीय सहायता उपल�ध कराने म�

    मदद करने वाला �ठकाना ह.ै वह�, चीन के िवदशे मं�ालय के �व�ा ग�ग शआुगंका कहना ह ै�क इसस ेचीन,

    अ��का और वैि�क �तर पर शांित कायम करने म� �यादा कारगर भूिमका िनभा पाएगा.

    उधर, चीन के सरकारी अखबार �लोबल टाइ�स का कहना ह ै�क यह चीन का सै�य अ�ा ही ह,ै जो उसने

    अपनी सुर�ा पु�ता करने के िलए बनाया ह,ै न �क दिुनया को िनयंि�त करने के िलए. चीन �ाराअ�य दशे�

    म� ऐसे सै�य अ� े िवकिसत करने क� संभावना जताई जा रही ह.ै िपछले महीने अमे�रक� र�ा िवभाग न े

    संसद म� पेश अपनी सालाना �रपोट� म� कहा था �क चीन भिव�य म� पा�क�तान जैसे उनतमाम मु�क� म� सै�य

    �ठकाने बना सकता ह,ै िजनके साथ उसक� िम�ता ह ै

  • चीन के आ�थक िहत� पर डोकलाम िववाद बअेसर

    भारत और चीन के बीच िस��म �े� म� सीमा िववाद को लेकर बनी तनातनी से ऐसी आशंकाए ंजताई जा

    रही ह� �क चीन इस ि�थित म� �कस तरह का रवैया अपनाएगा? चीन के नेतृ�व न े कहा ह ै �क जब तक

    भारतीय सैिनक उसके इलाके से नह� हटत ेह�, तब तक भारत के साथ �कसी भी तरह क� बातचीत नह� होगी

    Reply of India

    इसके जवाब म� भारत के िवदशे सिचव न ेकहा ह ै�क आपसी मतभेद� को दोन� पड़ोसी दशे� के बीच िववाद

    नह� बनन े�दया जाएगा।

    ले�कन इसके बाद भी गितरोध बना �आ ह ैिजससे भारत के साथ चीन के आ�थक �र�त� पर पडऩे वाल ेअसर

    का मु�ा खासा अहम हो गया ह।ै �हा�सऐप पर स��य तमाम समूह� समेत िविभ� सोशल मीिडया मंच� पर

    पहल े ही यह अिभयान शु� हो चुका ह ै �क भारतीय नाग�रक चीन म� उ�पा�दत व�तु� को खरीदने स े

    इनकार कर इस पड़ोसी दशे को करारा सबक िसखा सकत ेह�।

    यह अिभयान रा�वादी भावना� से ओत�ोत ह।ै ले�कन इस तरह क� मुिहम का चीनी उ�पाद� के िनया�त या

    िनवेश पर �या वाकई म� कोई गंभीर असर पड़ सकता ह?ै इसका आकलन करन ेके िलए चीन के साथ भारत

    के �ापार और भारत म� चीनी िनवेश संबंधी आंकड़� पर एक नजर डालना ज�री होगा।

    इसम� कोई शक नह� ह ै �क भारत म� चीन से होन े वाल े िनवेश म� लगातार बढ़ोतरी हो रही ह।ै

    वष� 2011 म� भारत म� िनवेश करन े वाल े दशे� म� चीन 37व� �थान पर �आ करता था ले�कन अब

    यह17वा ंसबस ेबड़ा िवदशेी िनवेशक बन चुका ह।ै

    दखेने म� यह आंकड़ा ती� वृि� को दशा� रहा ह