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30) 1) Abraham Harold Maslow / अाहम हेरॉड मालो What is called education acquired without any specific purpose, fixed period and place? / कसी वशट उदेय, निचत अवध और थान के बना अधहत शा को या कहा जाता है ? 1. Formal Education. / औपचारक िशा 2. Informal Education / अनौपचारक िशा 3. Indirect evaluation / अय मूयांकन 4. Individual Education / यगत िशा Correct Answer :- Informal Education / अनौपचारक िशा Topic:- General Hindi (L1GH) िसंहासन िहल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, बूढ़े भारत भी आई िफर से नयी जवानी थी, गुमी आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी, दू र िफरंगी को करने की सबने मन ठानी थी। चमक उठी सन सावन , वह तलवार पुरानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥ कानपुर के नाना की, मुँहबोली बहन छबीली थी, लीबाई नाम, िपता की वह संतान अकेली थी, नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी, बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी। वीर िशवाजी की गाथाय उसको याद ज़बानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥ ली थी या दु गा थी वह यं वीरता की अवतार, देख मराठे पुलिकत होते उसकी तलवारों के वार, नकली यु-ूह की रचना और खेलना खूब िशकार, सै घेरना, दु ग तोड़ना ये थे उसके िखलवाड़।

Topic:- General Hindi (L1GH)...3) 3. सबन फर ह ए र ग क दर करन क स च थ 4. र ज और ज द न न फर गय क खद ड न क नय

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  • 30)

    1)

    Abraham Harold Maslow / अ�ाहम हेरॉ�ड मा�लो

    What is called education acquired without any specific purpose, fixed period and place? /�कसी �व�श�ट उ�दे�य, �नि�चत अव�ध और �थान के �बना अ�ध��हत �श�ा को �या कहा जाता है?

    1. Formal Education. / औपचा�रक िश�ा

    2. Informal Education / अनौपचा�रक िश�ा

    3. Indirect evaluation / अ��य� म�ूयांकन

    4. Individual Education / �य��गत िश�ा

    Correct Answer :-

    Informal Education / अनौपचा�रक िश�ा

    Topic:- General Hindi (L1GH)

    िसंहासन िहल उठे राजवंशो ंने भृकुटी तानी थी,

    बूढ़े भारत म� भी आई िफर से नयी जवानी थी,

    गुमी �ई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,

    दूर िफरंगी को करने की सबने मन म� ठानी थी।

    चमक उठी सन स�ावन म�, वह तलवार पुरानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    कानपुर के नाना की, मँुहबोली बहन छबीली थी,

    ल�ीबाई नाम, िपता की वह संतान अकेली थी,

    नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,

    बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।

    वीर िशवाजी की गाथाय� उसको याद ज़बानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    ल�ी थी या दुगा� थी वह �यं वीरता की अवतार,

    देख मराठे पुलिकत होते उसकी तलवारो ंके वार,

    नकली यु�-�ूह की रचना और खेलना खूब िशकार,

    सै� घेरना, दुग� तोड़ना ये थे उसके ि�य �खलवाड़।

  • 2)

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    ��: किवता म� रानी के ि�य �खलवाड़ िकन काय� को कहा गया है?

    1. केवल नकली य�ु-�यहू क� रचना

    2. केवल स�ैय घेरना, दगु� तोड़ना

    3. केवल खबू िशकार खेलना

    4. उपयु�� सभी काय�

    Correct Answer :-

    उपयु�� सभी काय�

    िसंहासन िहल उठे राजवंशो ंने भृकुटी तानी थी,

    बूढ़े भारत म� भी आई िफर से नयी जवानी थी,

    गुमी �ई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,

    दूर िफरंगी को करने की सबने मन म� ठानी थी।

    चमक उठी सन स�ावन म�, वह तलवार पुरानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    कानपुर के नाना की, मँुहबोली बहन छबीली थी,

    ल�ीबाई नाम, िपता की वह संतान अकेली थी,

    नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,

    बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।

    वीर िशवाजी की गाथाय� उसको याद ज़बानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    ल�ी थी या दुगा� थी वह �यं वीरता की अवतार,

    देख मराठे पुलिकत होते उसकी तलवारो ंके वार,

    नकली यु�-�ूह की रचना और खेलना खूब िशकार,

    सै� घेरना, दुग� तोड़ना ये थे उसके ि�य �खलवाड़।

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    ��: ‘दूर िफरंगी को करने की सबने मन म� ठानी थी’ का �ा मतलब है?

    1. सभी का रंग �फर गया था

    2. उपयु�� म� से कोई नह�ं

  • 3)

    3. सबने �फरे हुए रंग को दरू करने क� सोची थी

    4. राजा और �जा दोन� ने �फरंिगय� को खदेड़ने का िन�य �कया था

    Correct Answer :-

    राजा और �जा दोन� ने �फरंिगय� को खदेड़ने का िन�य �कया था

    िसंहासन िहल उठे राजवंशो ंने भृकुटी तानी थी,

    बूढ़े भारत म� भी आई िफर से नयी जवानी थी,

    गुमी �ई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,

    दूर िफरंगी को करने की सबने मन म� ठानी थी।

    चमक उठी सन स�ावन म�, वह तलवार पुरानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    कानपुर के नाना की, मँुहबोली बहन छबीली थी,

    ल�ीबाई नाम, िपता की वह संतान अकेली थी,

    नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,

    बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।

    वीर िशवाजी की गाथाय� उसको याद ज़बानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    ल�ी थी या दुगा� थी वह �यं वीरता की अवतार,

    देख मराठे पुलिकत होते उसकी तलवारो ंके वार,

    नकली यु�-�ूह की रचना और खेलना खूब िशकार,

    सै� घेरना, दुग� तोड़ना ये थे उसके ि�य �खलवाड़।

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    ��: िकस आज़ादी की क़ीमत सबको समझ म� आ गई थी?

    1. गुमी हुई या कह� खोई हुई

    2. गणतां��क आजाद�

    3. लोकतां��क आज़ाद�

    4. जो आज़ाद� �ा� थी

    Correct Answer :-

  • 4)

    5)

    गुमी हुई या कह� खोई हुई

    िसंहासन िहल उठे राजवंशो ंने भृकुटी तानी थी,

    बूढ़े भारत म� भी आई िफर से नयी जवानी थी,

    गुमी �ई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,

    दूर िफरंगी को करने की सबने मन म� ठानी थी।

    चमक उठी सन स�ावन म�, वह तलवार पुरानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    कानपुर के नाना की, मँुहबोली बहन छबीली थी,

    ल�ीबाई नाम, िपता की वह संतान अकेली थी,

    नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,

    बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।

    वीर िशवाजी की गाथाय� उसको याद ज़बानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    ल�ी थी या दुगा� थी वह �यं वीरता की अवतार,

    देख मराठे पुलिकत होते उसकी तलवारो ंके वार,

    नकली यु�-�ूह की रचना और खेलना खूब िशकार,

    सै� घेरना, दुग� तोड़ना ये थे उसके ि�य �खलवाड़।

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    ��: िकसके शौय� की गाथाएँ रानी ल�ीबाई को मँुहज़ुबानी याद थी?

    1. ता�या टोपे क�

    2. वीर िशवाजी क�

    3. महाराणा �ताप क�

    4. नाना फडणवीस क�

    Correct Answer :-

    वीर िशवाजी क�

    िसंहासन िहल उठे राजवंशो ंने भृकुटी तानी थी,

    बूढ़े भारत म� भी आई िफर से नयी जवानी थी,

  • 6)

    गुमी �ई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,

    दूर िफरंगी को करने की सबने मन म� ठानी थी।

    चमक उठी सन स�ावन म�, वह तलवार पुरानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    कानपुर के नाना की, मँुहबोली बहन छबीली थी,

    ल�ीबाई नाम, िपता की वह संतान अकेली थी,

    नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,

    बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।

    वीर िशवाजी की गाथाय� उसको याद ज़बानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    ल�ी थी या दुगा� थी वह �यं वीरता की अवतार,

    देख मराठे पुलिकत होते उसकी तलवारो ंके वार,

    नकली यु�-�ूह की रचना और खेलना खूब िशकार,

    सै� घेरना, दुग� तोड़ना ये थे उसके ि�य �खलवाड़।

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    ��: बताइये िक इनम� से िकस हिथयार के साथ ल�ीबाई नही ंखेली थी?

    1. ट�क

    2. ढाल

    3. कटार�

    4. बरछ�

    Correct Answer :-

    ट�क

    िसंहासन िहल उठे राजवंशो ंने भृकुटी तानी थी,

    बूढ़े भारत म� भी आई िफर से नयी जवानी थी,

    गुमी �ई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,

    दूर िफरंगी को करने की सबने मन म� ठानी थी।

    चमक उठी सन स�ावन म�, वह तलवार पुरानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

  • 7)

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    कानपुर के नाना की, मँुहबोली बहन छबीली थी,

    ल�ीबाई नाम, िपता की वह संतान अकेली थी,

    नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,

    बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।

    वीर िशवाजी की गाथाय� उसको याद ज़बानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    ल�ी थी या दुगा� थी वह �यं वीरता की अवतार,

    देख मराठे पुलिकत होते उसकी तलवारो ंके वार,

    नकली यु�-�ूह की रचना और खेलना खूब िशकार,

    सै� घेरना, दुग� तोड़ना ये थे उसके ि�य �खलवाड़।

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    ��: सभी लोगो ंने िकसको िकससे दूर करने की ठानी थी?

    1. िसपा�हय� को सेना से

    2. �कसी से नह�ं

    3. मं��य� को रा�य से

    4. �फरंिगय� को भारत से

    Correct Answer :-

    �फरंिगय� को भारत से

    िसंहासन िहल उठे राजवंशो ंने भृकुटी तानी थी,

    बूढ़े भारत म� भी आई िफर से नयी जवानी थी,

    गुमी �ई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,

    दूर िफरंगी को करने की सबने मन म� ठानी थी।

    चमक उठी सन स�ावन म�, वह तलवार पुरानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    कानपुर के नाना की, मँुहबोली बहन छबीली थी,

    ल�ीबाई नाम, िपता की वह संतान अकेली थी,

    नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,

  • 8)

    बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।

    वीर िशवाजी की गाथाय� उसको याद ज़बानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    ल�ी थी या दुगा� थी वह �यं वीरता की अवतार,

    देख मराठे पुलिकत होते उसकी तलवारो ंके वार,

    नकली यु�-�ूह की रचना और खेलना खूब िशकार,

    सै� घेरना, दुग� तोड़ना ये थे उसके ि�य �खलवाड़।

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    ��: ‘चमक उठी सन स�ावन म�’ से िकस सन् की ओर इशारा िकया गया है?

    1. 1857

    2. 1957

    3. 1757

    4. 1657

    Correct Answer :-

    1857

    िसंहासन िहल उठे राजवंशो ंने भृकुटी तानी थी,

    बूढ़े भारत म� भी आई िफर से नयी जवानी थी,

    गुमी �ई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,

    दूर िफरंगी को करने की सबने मन म� ठानी थी।

    चमक उठी सन स�ावन म�, वह तलवार पुरानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    कानपुर के नाना की, मँुहबोली बहन छबीली थी,

    ल�ीबाई नाम, िपता की वह संतान अकेली थी,

    नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,

    बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।

    वीर िशवाजी की गाथाय� उसको याद ज़बानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

  • 9)

    ल�ी थी या दुगा� थी वह �यं वीरता की अवतार,

    देख मराठे पुलिकत होते उसकी तलवारो ंके वार,

    नकली यु�-�ूह की रचना और खेलना खूब िशकार,

    सै� घेरना, दुग� तोड़ना ये थे उसके ि�य �खलवाड़।

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    ��: कविय�ी ने ल�ी और दुगा� कहकर रानी ल�ीबाई को िकसका अवतार कहा है?

    1. काली का

    2. पाव�ती का

    3. वीरता का

    4. शीतला का

    Correct Answer :-

    वीरता का

    िसंहासन िहल उठे राजवंशो ंने भृकुटी तानी थी,

    बूढ़े भारत म� भी आई िफर से नयी जवानी थी,

    गुमी �ई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,

    दूर िफरंगी को करने की सबने मन म� ठानी थी।

    चमक उठी सन स�ावन म�, वह तलवार पुरानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    कानपुर के नाना की, मँुहबोली बहन छबीली थी,

    ल�ीबाई नाम, िपता की वह संतान अकेली थी,

    नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,

    बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।

    वीर िशवाजी की गाथाय� उसको याद ज़बानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    ल�ी थी या दुगा� थी वह �यं वीरता की अवतार,

    देख मराठे पुलिकत होते उसकी तलवारो ंके वार,

    नकली यु�-�ूह की रचना और खेलना खूब िशकार,

    सै� घेरना, दुग� तोड़ना ये थे उसके ि�य �खलवाड़।

  • 10)

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    ��: कविय�ी ने रानी ल�ीबाई की कहानी िकसके मँुह से सुनी थी?

    1. �कसी से नह�ं

    2. बुंदेल�-हरबोल� से

    3. अपनी नानी से

    4. अपने घर के लोग� से

    Correct Answer :-

    बुंदेल�-हरबोल� से

    िसंहासन िहल उठे राजवंशो ंने भृकुटी तानी थी,

    बूढ़े भारत म� भी आई िफर से नयी जवानी थी,

    गुमी �ई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,

    दूर िफरंगी को करने की सबने मन म� ठानी थी।

    चमक उठी सन स�ावन म�, वह तलवार पुरानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    कानपुर के नाना की, मँुहबोली बहन छबीली थी,

    ल�ीबाई नाम, िपता की वह संतान अकेली थी,

    नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,

    बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।

    वीर िशवाजी की गाथाय� उसको याद ज़बानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    ल�ी थी या दुगा� थी वह �यं वीरता की अवतार,

    देख मराठे पुलिकत होते उसकी तलवारो ंके वार,

    नकली यु�-�ूह की रचना और खेलना खूब िशकार,

    सै� घेरना, दुग� तोड़ना ये थे उसके ि�य �खलवाड़।

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    ��: इस किवता म� भारत को बूढ़ा �ो ंकहा गया है?

    1. इनम� से कोई नह�ं

    2. बढ़ू� क� अिधक सं�या के कारण

  • 11)

    3. भारत क� �ाचीनता के कारण

    4. देश क� थकान के कारण

    Correct Answer :-

    भारत क� �ाचीनता के कारण

    िसंहासन िहल उठे राजवंशो ंने भृकुटी तानी थी,

    बूढ़े भारत म� भी आई िफर से नयी जवानी थी,

    गुमी �ई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,

    दूर िफरंगी को करने की सबने मन म� ठानी थी।

    चमक उठी सन स�ावन म�, वह तलवार पुरानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    कानपुर के नाना की, मँुहबोली बहन छबीली थी,

    ल�ीबाई नाम, िपता की वह संतान अकेली थी,

    नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,

    बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।

    वीर िशवाजी की गाथाय� उसको याद ज़बानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    ल�ी थी या दुगा� थी वह �यं वीरता की अवतार,

    देख मराठे पुलिकत होते उसकी तलवारो ंके वार,

    नकली यु�-�ूह की रचना और खेलना खूब िशकार,

    सै� घेरना, दुग� तोड़ना ये थे उसके ि�य �खलवाड़।

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    ��: इस किवता म� िफरंगी िकसे कहा गया है?

    1. पतु�गाल से आए पतु�गािलय� को

    2. �जनका रंग �फर गया हो

    3. इं�ल�ड से आए अ�ेँज� को

    4. �ांस से आए �ांसीिसय� को

    Correct Answer :-

  • 12)

    13)

    इं�ल�ड से आए अ�ेँज� को

    िसंहासन िहल उठे राजवंशो ंने भृकुटी तानी थी,

    बूढ़े भारत म� भी आई िफर से नयी जवानी थी,

    गुमी �ई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,

    दूर िफरंगी को करने की सबने मन म� ठानी थी।

    चमक उठी सन स�ावन म�, वह तलवार पुरानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    कानपुर के नाना की, मँुहबोली बहन छबीली थी,

    ल�ीबाई नाम, िपता की वह संतान अकेली थी,

    नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,

    बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।

    वीर िशवाजी की गाथाय� उसको याद ज़बानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    ल�ी थी या दुगा� थी वह �यं वीरता की अवतार,

    देख मराठे पुलिकत होते उसकी तलवारो ंके वार,

    नकली यु�-�ूह की रचना और खेलना खूब िशकार,

    सै� घेरना, दुग� तोड़ना ये थे उसके ि�य �खलवाड़।

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    ��: इस किवता के आधार पर बताइये िक कविय�ी का संकेत िकसकी ओर है?

    1. बाजीराव पेशवा क� ओर

    2. अगँरेज� क� ओर

    3. मोरो पंत क� ओर

    4. झाँसी क� रानी क� ओर

    Correct Answer :-

    झाँसी क� रानी क� ओर

    िसंहासन िहल उठे राजवंशो ंने भृकुटी तानी थी,

    बूढ़े भारत म� भी आई िफर से नयी जवानी थी,

  • 14)

    गुमी �ई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,

    दूर िफरंगी को करने की सबने मन म� ठानी थी।

    चमक उठी सन स�ावन म�, वह तलवार पुरानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    कानपुर के नाना की, मँुहबोली बहन छबीली थी,

    ल�ीबाई नाम, िपता की वह संतान अकेली थी,

    नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,

    बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।

    वीर िशवाजी की गाथाय� उसको याद ज़बानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    ल�ी थी या दुगा� थी वह �यं वीरता की अवतार,

    देख मराठे पुलिकत होते उसकी तलवारो ंके वार,

    नकली यु�-�ूह की रचना और खेलना खूब िशकार,

    सै� घेरना, दुग� तोड़ना ये थे उसके ि�य �खलवाड़।

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    ��: इस किवता के आधार पर बताइये िक ल�ीबाई के िकतने भाई-बहन थे?

    1. क�वता म� इसका कोई �ज� नह�ं है।

    2. यह �ात नह�ं है।

    3. ल�मीबाई अपने �पता क� अकेली संतान थी।

    4. एक भाई-एक बहन

    Correct Answer :-

    ल�मीबाई अपने �पता क� अकेली संतान थी।

    िसंहासन िहल उठे राजवंशो ंने भृकुटी तानी थी,

    बूढ़े भारत म� भी आई िफर से नयी जवानी थी,

    गुमी �ई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,

    दूर िफरंगी को करने की सबने मन म� ठानी थी।

    चमक उठी सन स�ावन म�, वह तलवार पुरानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

  • 15)

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    कानपुर के नाना की, मँुहबोली बहन छबीली थी,

    ल�ीबाई नाम, िपता की वह संतान अकेली थी,

    नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,

    बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।

    वीर िशवाजी की गाथाय� उसको याद ज़बानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    ल�ी थी या दुगा� थी वह �यं वीरता की अवतार,

    देख मराठे पुलिकत होते उसकी तलवारो ंके वार,

    नकली यु�-�ूह की रचना और खेलना खूब िशकार,

    सै� घेरना, दुग� तोड़ना ये थे उसके ि�य �खलवाड़।

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    ��: रानी ल�ीबाई की तलवारो ंकी वार देखकर कौन पुलिकत होते थे?

    1. अ�ेँज

    2. मग़ुल

    3. मराठे

    4. गायकवाड़

    Correct Answer :-

    मराठे

    िसंहासन िहल उठे राजवंशो ंने भृकुटी तानी थी,

    बूढ़े भारत म� भी आई िफर से नयी जवानी थी,

    गुमी �ई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,

    दूर िफरंगी को करने की सबने मन म� ठानी थी।

    चमक उठी सन स�ावन म�, वह तलवार पुरानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    कानपुर के नाना की, मँुहबोली बहन छबीली थी,

    ल�ीबाई नाम, िपता की वह संतान अकेली थी,

    नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,

  • 16)

    बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।

    वीर िशवाजी की गाथाय� उसको याद ज़बानी थी,

    बंुदेले हरबोलो ंके मँुह हमने सुनी कहानी थी,

    खूब लड़ी मदा�नी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

    ल�ी थी या दुगा� थी वह �यं वीरता की अवतार,

    देख मराठे पुलिकत होते उसकी तलवारो ंके वार,

    नकली यु�-�ूह की रचना और खेलना खूब िशकार,

    सै� घेरना, दुग� तोड़ना ये थे उसके ि�य �खलवाड़।

    उपयु�� त प�ांश को पढ़कर नीचे पूछे जाने वाले �� न का उ� तर बताइए।

    ��: ��ुत किवता म� ‘िसंहासन िहल उठे’ म� िकसके िसंहासन के िहल उठने का िज� है?

    1. लाड� डलहौजी के

    2. अ�ेँज� के

    3. भारतीय �रयासत� के

    4. महारानी �व�टो�रया के

    Correct Answer :-

    भारतीय �रयासत� के

    हमारे देश म� लोकतां��क �यव�था क� पहल� कड़ी पर��ा तब हुई जब भाषा पर आधा�रत रा�य� का गठन हुआ। ऐसाइस�लये �कया गया ता�क एक ह� भाषा बोलने वाले लोग एक ह� रा�य म� रह सक� । कुछ रा�य� का गठन भाषा के आधार परनह�ं बि�क भगूोल, जातीयता, सं�कृ�त, आ�द के आधार पर हुआ; जसेै नागाल�ड, उ�राखंड और झारखंड। भारतीय संघ क�दसूर� पर��ा थी यहाँ क� भाषा नी�त। हमारे सं�वधान ने �कसी भी भाषा को रा�� भाषा का दजा� नह�ं �दया है। �हदं� कोआ�धका�रक भाषा के �प म� मा�यता �मल�। ले�कन �हदं� केवल 40% भारतीय� क� मातभृाषा है। इस�लये दसूर� भाषाओ ंक�र�ा के �लये कई �ावधान बनाये गये। �हदं� के अलावा, 21 अ�य भाषाओ ंको सं�वधान �वारा अनसु�ूचत भाषा का दजा� �दयागया है। आजाद� के बाद के अ�धकांश समय म� �हदं� को गैर-�हदं� �े�� म� थोपे जाने क� को�शश नह�ं क� गई।

    क� � और रा�य के �र�त:े क� � और रा�य के बीच के �र�त� के पनुग�ठन से हमार� संघीय �यव�था को और बल �मला है।आजाद� के बाद एक लंबे समय तक भारत के �यादातर �ह�स� म� क� � और रा�य म� एक ह� पाट� क� सरकार हुआ करतीथी। उन �दन� भारत म� कां�ेस क� मोनोपॉल� चलती थी। इन �दन� म� क� � सरकार अ�सर रा�य सरकार के अ�धकार� क�अवहेलना करती थी। रा�य सरकार �वारा जरा-सी भी �व��हता �दखाने पर कई रा�य� पर रा��प�त शासन लागू कर �दयाजाता था।

    1989 के बाद से क� � म� गठबंधन सरकार का दौर चला। इसके प�रणाम�व�प रा�य सरकार क� �वाय�ता के स�मान औरस�ा म� साझदेार� क� नई प�रपाट� श�ु हुई। ऐसा कहा जा सकता है �क अब भारत म� संघीय �यव�था कह�ं अ�धक �बल हुईहै। 1991 क� जनगणना के अनसुार भारत म� 1500 अलग-अलग भाषाएँ ह�। इन भाषाओ ंको कुछ म�ुय भाषाओ ंके समहू म�रखा गया है। उदाहरण के �लये भोजपरु�, मगधी, बुंदेलखंडी, छ�ीसगढ़�, राज�थानी, भील� और कई अ�य भाषाओ ंको �हदं� केसमहू म� रखा गया है। �व�भ�न भाषाओ ंके समहू बनाने के बाद भी भारत म� 114 म�ुय भाषाएँ ह�। इनम� से 22 भाषाओ ंकोसं�वधान के आठव� अन�ुछेद म� अनसु�ूचत भाषाओ ंक� �ल�ट म� रखा गया है। अ�य भाषाओ ंको अ-अनसु�ूचत भाषा कहाजाता है।

    उपयु�� त ग�यांश को पढ़कर नीचे पछेू गए �� न का उ� तर बताइए।

    ��न: जब एक दल क� क� � म� सरकार थी तो रा�य सरकार� के अ�धकार� का �या करती थी?

  • 17)

    18)

    1. पालन

    2. अवहेलना

    3. मान-स�मान

    4. कुछ नह�ं

    Correct Answer :-

    अवहेलना

    हमारे देश म� लोकतां��क �यव�था क� पहल� कड़ी पर��ा तब हुई जब भाषा पर आधा�रत रा�य� का गठन हुआ। ऐसाइस�लये �कया गया ता�क एक ह� भाषा बोलने वाले लोग एक ह� रा�य म� रह सक� । कुछ रा�य� का गठन भाषा के आधार परनह�ं बि�क भगूोल, जातीयता, सं�कृ�त, आ�द के आधार पर हुआ; जसेै नागाल�ड, उ�राखंड और झारखंड। भारतीय संघ क�दसूर� पर��ा थी यहाँ क� भाषा नी�त। हमारे सं�वधान ने �कसी भी भाषा को रा�� भाषा का दजा� नह�ं �दया है। �हदं� कोआ�धका�रक भाषा के �प म� मा�यता �मल�। ले�कन �हदं� केवल 40% भारतीय� क� मातभृाषा है। इस�लये दसूर� भाषाओ ंक�र�ा के �लये कई �ावधान बनाये गये। �हदं� के अलावा, 21 अ�य भाषाओ ंको सं�वधान �वारा अनसु�ूचत भाषा का दजा� �दयागया है। आजाद� के बाद के अ�धकांश समय म� �हदं� को गैर-�हदं� �े�� म� थोपे जाने क� को�शश नह�ं क� गई।

    क� � और रा�य के �र�त:े क� � और रा�य के बीच के �र�त� के पनुग�ठन से हमार� संघीय �यव�था को और बल �मला है।आजाद� के बाद एक लंबे समय तक भारत के �यादातर �ह�स� म� क� � और रा�य म� एक ह� पाट� क� सरकार हुआ करतीथी। उन �दन� भारत म� कां�ेस क� मोनोपॉल� चलती थी। इन �दन� म� क� � सरकार अ�सर रा�य सरकार के अ�धकार� क�अवहेलना करती थी। रा�य सरकार �वारा जरा-सी भी �व��हता �दखाने पर कई रा�य� पर रा��प�त शासन लागू कर �दयाजाता था।

    1989 के बाद से क� � म� गठबंधन सरकार का दौर चला। इसके प�रणाम�व�प रा�य सरकार क� �वाय�ता के स�मान औरस�ा म� साझदेार� क� नई प�रपाट� श�ु हुई। ऐसा कहा जा सकता है �क अब भारत म� संघीय �यव�था कह�ं अ�धक �बल हुईहै। 1991 क� जनगणना के अनसुार भारत म� 1500 अलग-अलग भाषाएँ ह�। इन भाषाओ ंको कुछ म�ुय भाषाओ ंके समहू म�रखा गया है। उदाहरण के �लये भोजपरु�, मगधी, बुंदेलखंडी, छ�ीसगढ़�, राज�थानी, भील� और कई अ�य भाषाओ ंको �हदं� केसमहू म� रखा गया है। �व�भ�न भाषाओ ंके समहू बनाने के बाद भी भारत म� 114 म�ुय भाषाएँ ह�। इनम� से 22 भाषाओ ंकोसं�वधान के आठव� अन�ुछेद म� अनसु�ूचत भाषाओ ंक� �ल�ट म� रखा गया है। अ�य भाषाओ ंको अ-अनसु�ूचत भाषा कहाजाता है।

    उपयु�� त ग�यांश को पढ़कर नीचे पछेू गए �� न का उ� तर बताइए।

    ��न: भारतीय संघ क� दसूर� पर��ा �या थी?

    1. रा�यपाल� क� िनय�ु�

    2. रा�य� का गठन

    3. भाषा-नीित

    4. रा�पित का िनवा�चन

    Correct Answer :-

    भाषा-नीित

    हमारे देश म� लोकतां��क �यव�था क� पहल� कड़ी पर��ा तब हुई जब भाषा पर आधा�रत रा�य� का गठन हुआ। ऐसाइस�लये �कया गया ता�क एक ह� भाषा बोलने वाले लोग एक ह� रा�य म� रह सक� । कुछ रा�य� का गठन भाषा के आधार परनह�ं बि�क भगूोल, जातीयता, सं�कृ�त, आ�द के आधार पर हुआ; जसेै नागाल�ड, उ�राखंड और झारखंड। भारतीय संघ क�

  • 19)

    दसूर� पर��ा थी यहाँ क� भाषा नी�त। हमारे सं�वधान ने �कसी भी भाषा को रा�� भाषा का दजा� नह�ं �दया है। �हदं� कोआ�धका�रक भाषा के �प म� मा�यता �मल�। ले�कन �हदं� केवल 40% भारतीय� क� मातभृाषा है। इस�लये दसूर� भाषाओ ंक�र�ा के �लये कई �ावधान बनाये गये। �हदं� के अलावा, 21 अ�य भाषाओ ंको सं�वधान �वारा अनसु�ूचत भाषा का दजा� �दयागया है। आजाद� के बाद के अ�धकांश समय म� �हदं� को गैर-�हदं� �े�� म� थोपे जाने क� को�शश नह�ं क� गई।

    क� � और रा�य के �र�त:े क� � और रा�य के बीच के �र�त� के पनुग�ठन से हमार� संघीय �यव�था को और बल �मला है।आजाद� के बाद एक लंबे समय तक भारत के �यादातर �ह�स� म� क� � और रा�य म� एक ह� पाट� क� सरकार हुआ करतीथी। उन �दन� भारत म� कां�ेस क� मोनोपॉल� चलती थी। इन �दन� म� क� � सरकार अ�सर रा�य सरकार के अ�धकार� क�अवहेलना करती थी। रा�य सरकार �वारा जरा-सी भी �व��हता �दखाने पर कई रा�य� पर रा��प�त शासन लागू कर �दयाजाता था।

    1989 के बाद से क� � म� गठबंधन सरकार का दौर चला। इसके प�रणाम�व�प रा�य सरकार क� �वाय�ता के स�मान औरस�ा म� साझदेार� क� नई प�रपाट� श�ु हुई। ऐसा कहा जा सकता है �क अब भारत म� संघीय �यव�था कह�ं अ�धक �बल हुईहै। 1991 क� जनगणना के अनसुार भारत म� 1500 अलग-अलग भाषाएँ ह�। इन भाषाओ ंको कुछ म�ुय भाषाओ ंके समहू म�रखा गया है। उदाहरण के �लये भोजपरु�, मगधी, बुंदेलखंडी, छ�ीसगढ़�, राज�थानी, भील� और कई अ�य भाषाओ ंको �हदं� केसमहू म� रखा गया है। �व�भ�न भाषाओ ंके समहू बनाने के बाद भी भारत म� 114 म�ुय भाषाएँ ह�। इनम� से 22 भाषाओ ंकोसं�वधान के आठव� अन�ुछेद म� अनसु�ूचत भाषाओ ंक� �ल�ट म� रखा गया है। अ�य भाषाओ ंको अ-अनसु�ूचत भाषा कहाजाता है।

    उपयु�� त ग�यांश को पढ़कर नीचे पछेू गए �� न का उ� तर बताइए।

    ��न: आज़ाद� के बाद लंबे समय तक क� � और अ�धकांश रा�य� म� �कतने दल� क� सरकार चल�?

    1. एक

    2. दो

    3. तीन

    4. चार

    Correct Answer :-

    एक

    हमारे देश म� लोकतां��क �यव�था क� पहल� कड़ी पर��ा तब हुई जब भाषा पर आधा�रत रा�य� का गठन हुआ। ऐसाइस�लये �कया गया ता�क एक ह� भाषा बोलने वाले लोग एक ह� रा�य म� रह सक� । कुछ रा�य� का गठन भाषा के आधार परनह�ं बि�क भगूोल, जातीयता, सं�कृ�त, आ�द के आधार पर हुआ; जसेै नागाल�ड, उ�राखंड और झारखंड। भारतीय संघ क�दसूर� पर��ा थी यहाँ क� भाषा नी�त। हमारे सं�वधान ने �कसी भी भाषा को रा�� भाषा का दजा� नह�ं �दया है। �हदं� कोआ�धका�रक भाषा के �प म� मा�यता �मल�। ले�कन �हदं� केवल 40% भारतीय� क� मातभृाषा है। इस�लये दसूर� भाषाओ ंक�र�ा के �लये कई �ावधान बनाये गये। �हदं� के अलावा, 21 अ�य भाषाओ ंको सं�वधान �वारा अनसु�ूचत भाषा का दजा� �दयागया है। आजाद� के बाद के अ�धकांश समय म� �हदं� को गैर-�हदं� �े�� म� थोपे जाने क� को�शश नह�ं क� गई।

    क� � और रा�य के �र�त:े क� � और रा�य के बीच के �र�त� के पनुग�ठन से हमार� संघीय �यव�था को और बल �मला है।आजाद� के बाद एक लंबे समय तक भारत के �यादातर �ह�स� म� क� � और रा�य म� एक ह� पाट� क� सरकार हुआ करतीथी। उन �दन� भारत म� कां�ेस क� मोनोपॉल� चलती थी। इन �दन� म� क� � सरकार अ�सर रा�य सरकार के अ�धकार� क�अवहेलना करती थी। रा�य सरकार �वारा जरा-सी भी �व��हता �दखाने पर कई रा�य� पर रा��प�त शासन लागू कर �दयाजाता था।

    1989 के बाद से क� � म� गठबंधन सरकार का दौर चला। इसके प�रणाम�व�प रा�य सरकार क� �वाय�ता के स�मान औरस�ा म� साझदेार� क� नई प�रपाट� श�ु हुई। ऐसा कहा जा सकता है �क अब भारत म� संघीय �यव�था कह�ं अ�धक �बल हुईहै। 1991 क� जनगणना के अनसुार भारत म� 1500 अलग-अलग भाषाएँ ह�। इन भाषाओ ंको कुछ म�ुय भाषाओ ंके समहू म�रखा गया है। उदाहरण के �लये भोजपरु�, मगधी, बुंदेलखंडी, छ�ीसगढ़�, राज�थानी, भील� और कई अ�य भाषाओ ंको �हदं� केसमहू म� रखा गया है। �व�भ�न भाषाओ ंके समहू बनाने के बाद भी भारत म� 114 म�ुय भाषाएँ ह�। इनम� से 22 भाषाओ ंको

  • 20)

    सं�वधान के आठव� अन�ुछेद म� अनसु�ूचत भाषाओ ंक� �ल�ट म� रखा गया है। अ�य भाषाओ ंको अ-अनसु�ूचत भाषा कहाजाता है।

    उपयु�� त ग�यांश को पढ़कर नीचे पछेू गए �� न का उ� तर बताइए।

    ��न: हमारे देश म� लोकतां��क �यव�था क� पहल� कड़ी पर��ा कब हुई?

    1. सं�वधान लागू करते समय

    2. सं�वधान लागू करते समय

    3. भाषावार रा�य� के गठन के समय

    4. िनवा�चन के समय

    Correct Answer :-

    भाषावार रा�य� के गठन के समय

    हमारे देश म� लोकतां��क �यव�था क� पहल� कड़ी पर��ा तब हुई जब भाषा पर आधा�रत रा�य� का गठन हुआ। ऐसाइस�लये �कया गया ता�क एक ह� भाषा बोलने वाले लोग एक ह� रा�य म� रह सक� । कुछ रा�य� का गठन भाषा के आधार परनह�ं बि�क भगूोल, जातीयता, सं�कृ�त, आ�द के आधार पर हुआ; जसेै नागाल�ड, उ�राखंड और झारखंड। भारतीय संघ क�दसूर� पर��ा थी यहाँ क� भाषा नी�त। हमारे सं�वधान ने �कसी भी भाषा को रा�� भाषा का दजा� नह�ं �दया है। �हदं� कोआ�धका�रक भाषा के �प म� मा�यता �मल�। ले�कन �हदं� केवल 40% भारतीय� क� मातभृाषा है। इस�लये दसूर� भाषाओ ंक�र�ा के �लये कई �ावधान बनाये गये। �हदं� के अलावा, 21 अ�य भाषाओ ंको सं�वधान �वारा अनसु�ूचत भाषा का दजा� �दयागया है। आजाद� के बाद के अ�धकांश समय म� �हदं� को गैर-�हदं� �े�� म� थोपे जाने क� को�शश नह�ं क� गई।

    क� � और रा�य के �र�त:े क� � और रा�य के बीच के �र�त� के पनुग�ठन से हमार� संघीय �यव�था को और बल �मला है।आजाद� के बाद एक लंबे समय तक भारत के �यादातर �ह�स� म� क� � और रा�य म� एक ह� पाट� क� सरकार हुआ करतीथी। उन �दन� भारत म� कां�ेस क� मोनोपॉल� चलती थी। इन �दन� म� क� � सरकार अ�सर रा�य सरकार के अ�धकार� क�अवहेलना करती थी। रा�य सरकार �वारा जरा-सी भी �व��हता �दखाने पर कई रा�य� पर रा��प�त शासन लागू कर �दयाजाता था।

    1989 के बाद से क� � म� गठबंधन सरकार का दौर चला। इसके प�रणाम�व�प रा�य सरकार क� �वाय�ता के स�मान औरस�ा म� साझदेार� क� नई प�रपाट� श�ु हुई। ऐसा कहा जा सकता है �क अब भारत म� संघीय �यव�था कह�ं अ�धक �बल हुईहै। 1991 क� जनगणना के अनसुार भारत म� 1500 अलग-अलग भाषाएँ ह�। इन भाषाओ ंको कुछ म�ुय भाषाओ ंके समहू म�रखा गया है। उदाहरण के �लये भोजपरु�, मगधी, बुंदेलखंडी, छ�ीसगढ़�, राज�थानी, भील� और कई अ�य भाषाओ ंको �हदं� केसमहू म� रखा गया है। �व�भ�न भाषाओ ंके समहू बनाने के बाद भी भारत म� 114 म�ुय भाषाएँ ह�। इनम� से 22 भाषाओ ंकोसं�वधान के आठव� अन�ुछेद म� अनसु�ूचत भाषाओ ंक� �ल�ट म� रखा गया है। अ�य भाषाओ ंको अ-अनसु�ूचत भाषा कहाजाता है।

    उपयु�� त ग�यांश को पढ़कर नीचे पछेू गए �� न का उ� तर बताइए।

    ��न: �हदं� को �कस तरह क� भाषा के �प म� मा�यता �मल�?

    1. �ानभाषा

    2. �कसी �प म� नह�ं

    3. रा�भाषा

    4. आिधका�रक भाषा

    Correct Answer :-

  • 21)

    22)

    आिधका�रक भाषा

    हमारे देश म� लोकतां��क �यव�था क� पहल� कड़ी पर��ा तब हुई जब भाषा पर आधा�रत रा�य� का गठन हुआ। ऐसाइस�लये �कया गया ता�क एक ह� भाषा बोलने वाले लोग एक ह� रा�य म� रह सक� । कुछ रा�य� का गठन भाषा के आधार परनह�ं बि�क भगूोल, जातीयता, सं�कृ�त, आ�द के आधार पर हुआ; जसेै नागाल�ड, उ�राखंड और झारखंड। भारतीय संघ क�दसूर� पर��ा थी यहाँ क� भाषा नी�त। हमारे सं�वधान ने �कसी भी भाषा को रा�� भाषा का दजा� नह�ं �दया है। �हदं� कोआ�धका�रक भाषा के �प म� मा�यता �मल�। ले�कन �हदं� केवल 40% भारतीय� क� मातभृाषा है। इस�लये दसूर� भाषाओ ंक�र�ा के �लये कई �ावधान बनाये गये। �हदं� के अलावा, 21 अ�य भाषाओ ंको सं�वधान �वारा अनसु�ूचत भाषा का दजा� �दयागया है। आजाद� के बाद के अ�धकांश समय म� �हदं� को गैर-�हदं� �े�� म� थोपे जाने क� को�शश नह�ं क� गई।

    क� � और रा�य के �र�त:े क� � और रा�य के बीच के �र�त� के पनुग�ठन से हमार� संघीय �यव�था को और बल �मला है।आजाद� के बाद एक लंबे समय तक भारत के �यादातर �ह�स� म� क� � और रा�य म� एक ह� पाट� क� सरकार हुआ करतीथी। उन �दन� भारत म� कां�ेस क� मोनोपॉल� चलती थी। इन �दन� म� क� � सरकार अ�सर रा�य सरकार के अ�धकार� क�अवहेलना करती थी। रा�य सरकार �वारा जरा-सी भी �व��हता �दखाने पर कई रा�य� पर रा��प�त शासन लागू कर �दयाजाता था।

    1989 के बाद से क� � म� गठबंधन सरकार का दौर चला। इसके प�रणाम�व�प रा�य सरकार क� �वाय�ता के स�मान औरस�ा म� साझदेार� क� नई प�रपाट� श�ु हुई। ऐसा कहा जा सकता है �क अब भारत म� संघीय �यव�था कह�ं अ�धक �बल हुईहै। 1991 क� जनगणना के अनसुार भारत म� 1500 अलग-अलग भाषाएँ ह�। इन भाषाओ ंको कुछ म�ुय भाषाओ ंके समहू म�रखा गया है। उदाहरण के �लये भोजपरु�, मगधी, बुंदेलखंडी, छ�ीसगढ़�, राज�थानी, भील� और कई अ�य भाषाओ ंको �हदं� केसमहू म� रखा गया है। �व�भ�न भाषाओ ंके समहू बनाने के बाद भी भारत म� 114 म�ुय भाषाएँ ह�। इनम� से 22 भाषाओ ंकोसं�वधान के आठव� अन�ुछेद म� अनसु�ूचत भाषाओ ंक� �ल�ट म� रखा गया है। अ�य भाषाओ ंको अ-अनसु�ूचत भाषा कहाजाता है।

    उपयु�� त ग�यांश को पढ़कर नीचे पछेू गए �� न का उ� तर बताइए।

    ��न: रा�य सरकार �वारा जरा-सी भी �व��हता �दखाने पर रा�य� के साथ �या होता था?

    1. अनदुान म� कटौती

    2. रा�पित शासन लागू

    3. समाधान म� देर�

    4. �ावधान म� कमी

    Correct Answer :-

    रा�पित शासन लागू

    हमारे देश म� लोकतां��क �यव�था क� पहल� कड़ी पर��ा तब हुई जब भाषा पर आधा�रत रा�य� का गठन हुआ। ऐसाइस�लये �कया गया ता�क एक ह� भाषा बोलने वाले लोग एक ह� रा�य म� रह सक� । कुछ रा�य� का गठन भाषा के आधार परनह�ं बि�क भगूोल, जातीयता, सं�कृ�त, आ�द के आधार पर हुआ; जसेै नागाल�ड, उ�राखंड और झारखंड। भारतीय संघ क�दसूर� पर��ा थी यहाँ क� भाषा नी�त। हमारे सं�वधान ने �कसी भी भाषा को रा�� भाषा का दजा� नह�ं �दया है। �हदं� कोआ�धका�रक भाषा के �प म� मा�यता �मल�। ले�कन �हदं� केवल 40% भारतीय� क� मातभृाषा है। इस�लये दसूर� भाषाओ ंक�र�ा के �लये कई �ावधान बनाये गये। �हदं� के अलावा, 21 अ�य भाषाओ ंको सं�वधान �वारा अनसु�ूचत भाषा का दजा� �दयागया है। आजाद� के बाद के अ�धकांश समय म� �हदं� को गैर-�हदं� �े�� म� थोपे जाने क� को�शश नह�ं क� गई।

    क� � और रा�य के �र�त:े क� � और रा�य के बीच के �र�त� के पनुग�ठन से हमार� संघीय �यव�था को और बल �मला है।आजाद� के बाद एक लंबे समय तक भारत के �यादातर �ह�स� म� क� � और रा�य म� एक ह� पाट� क� सरकार हुआ करतीथी। उन �दन� भारत म� कां�ेस क� मोनोपॉल� चलती थी। इन �दन� म� क� � सरकार अ�सर रा�य सरकार के अ�धकार� क�अवहेलना करती थी। रा�य सरकार �वारा जरा-सी भी �व��हता �दखाने पर कई रा�य� पर रा��प�त शासन लागू कर �दयाजाता था।

  • 23)

    1989 के बाद से क� � म� गठबंधन सरकार का दौर चला। इसके प�रणाम�व�प रा�य सरकार क� �वाय�ता के स�मान औरस�ा म� साझदेार� क� नई प�रपाट� श�ु हुई। ऐसा कहा जा सकता है �क अब भारत म� संघीय �यव�था कह�ं अ�धक �बल हुईहै। 1991 क� जनगणना के अनसुार भारत म� 1500 अलग-अलग भाषाएँ ह�। इन भाषाओ ंको कुछ म�ुय भाषाओ ंके समहू म�रखा गया है। उदाहरण के �लये भोजपरु�, मगधी, बुंदेलखंडी, छ�ीसगढ़�, राज�थानी, भील� और कई अ�य भाषाओ ंको �हदं� केसमहू म� रखा गया है। �व�भ�न भाषाओ ंके समहू बनाने के बाद भी भारत म� 114 म�ुय भाषाएँ ह�। इनम� से 22 भाषाओ ंकोसं�वधान के आठव� अन�ुछेद म� अनसु�ूचत भाषाओ ंक� �ल�ट म� रखा गया है। अ�य भाषाओ ंको अ-अनसु�ूचत भाषा कहाजाता है।

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    ��न: भगूोल, जातीयता, सं�कृ�त, आ�द के आधार पर इनम� से �कन रा�य� का गठन हुआ?

    1. केवल नागाल�ड

    2. केवल झारखंड

    3. केवल उ�राखंड

    4. उपयु�� सभी

    Correct Answer :-

    उपयु�� सभी

    हमारे देश म� लोकतां��क �यव�था क� पहल� कड़ी पर��ा तब हुई जब भाषा पर आधा�रत रा�य� का गठन हुआ। ऐसाइस�लये �कया गया ता�क एक ह� भाषा बोलने वाले लोग एक ह� रा�य म� रह सक� । कुछ रा�य� का गठन भाषा के आधार परनह�ं बि�क भगूोल, जातीयता, सं�कृ�त, आ�द के आधार पर हुआ; जसेै नागाल�ड, उ�राखंड और झारखंड। भारतीय संघ क�दसूर� पर��ा थी यहाँ क� भाषा नी�त। हमारे सं�वधान ने �कसी भी भाषा को रा�� भाषा का दजा� नह�ं �दया है। �हदं� कोआ�धका�रक भाषा के �प म� मा�यता �मल�। ले�कन �हदं� केवल 40% भारतीय� क� मातभृाषा है। इस�लये दसूर� भाषाओ ंक�र�ा के �लये कई �ावधान बनाये गये। �हदं� के अलावा, 21 अ�य भाषाओ ंको सं�वधान �वारा अनसु�ूचत भाषा का दजा� �दयागया है। आजाद� के बाद के अ�धकांश समय म� �हदं� को गैर-�हदं� �े�� म� थोपे जाने क� को�शश नह�ं क� गई।

    क� � और रा�य के �र�त:े क� � और रा�य के बीच के �र�त� के पनुग�ठन से हमार� संघीय �यव�था को और बल �मला है।आजाद� के बाद एक लंबे समय तक भारत के �यादातर �ह�स� म� क� � और रा�य म� एक ह� पाट� क� सरकार हुआ करतीथी। उन �दन� भारत म� कां�ेस क� मोनोपॉल� चलती थी। इन �दन� म� क� � सरकार अ�सर रा�य सरकार के अ�धकार� क�अवहेलना करती थी। रा�य सरकार �वारा जरा-सी भी �व��हता �दखाने पर कई रा�य� पर रा��प�त शासन लागू कर �दयाजाता था।

    1989 के बाद से क� � म� गठबंधन सरकार का दौर चला। इसके प�रणाम�व�प रा�य सरकार क� �वाय�ता के स�मान औरस�ा म� साझदेार� क� नई प�रपाट� श�ु हुई। ऐसा कहा जा सकता है �क अब भारत म� संघीय �यव�था कह�ं अ�धक �बल हुईहै। 1991 क� जनगणना के अनसुार भारत म� 1500 अलग-अलग भाषाएँ ह�। इन भाषाओ ंको कुछ म�ुय भाषाओ ंके समहू म�रखा गया है। उदाहरण के �लये भोजपरु�, मगधी, बुंदेलखंडी, छ�ीसगढ़�, राज�थानी, भील� और कई अ�य भाषाओ ंको �हदं� केसमहू म� रखा गया है। �व�भ�न भाषाओ ंके समहू बनाने के बाद भी भारत म� 114 म�ुय भाषाएँ ह�। इनम� से 22 भाषाओ ंकोसं�वधान के आठव� अन�ुछेद म� अनसु�ूचत भाषाओ ंक� �ल�ट म� रखा गया है। अ�य भाषाओ ंको अ-अनसु�ूचत भाषा कहाजाता है।

    उपयु�� त ग�यांश को पढ़कर नीचे पछेू गए �� न का उ� तर बताइए।

    ��न: क� � और रा�य के बीच के �र�त� के पनुग�ठन से संघीय �यव�था को और �या �मला?

    1. �याय

    2. बल

    3. �शासन

  • 24)

    25)

    4. शासन

    Correct Answer :-

    बल

    हमारे देश म� लोकतां��क �यव�था क� पहल� कड़ी पर��ा तब हुई जब भाषा पर आधा�रत रा�य� का गठन हुआ। ऐसाइस�लये �कया गया ता�क एक ह� भाषा बोलने वाले लोग एक ह� रा�य म� रह सक� । कुछ रा�य� का गठन भाषा के आधार परनह�ं बि�क भगूोल, जातीयता, सं�कृ�त, आ�द के आधार पर हुआ; जसेै नागाल�ड, उ�राखंड और झारखंड। भारतीय संघ क�दसूर� पर��ा थी यहाँ क� भाषा नी�त। हमारे सं�वधान ने �कसी भी भाषा को रा�� भाषा का दजा� नह�ं �दया है। �हदं� कोआ�धका�रक भाषा के �प म� मा�यता �मल�। ले�कन �हदं� केवल 40% भारतीय� क� मातभृाषा है। इस�लये दसूर� भाषाओ ंक�र�ा के �लये कई �ावधान बनाये गये। �हदं� के अलावा, 21 अ�य भाषाओ ंको सं�वधान �वारा अनसु�ूचत भाषा का दजा� �दयागया है। आजाद� के बाद के अ�धकांश समय म� �हदं� को गैर-�हदं� �े�� म� थोपे जाने क� को�शश नह�ं क� गई।

    क� � और रा�य के �र�त:े क� � और रा�य के बीच के �र�त� के पनुग�ठन से हमार� संघीय �यव�था को और बल �मला है।आजाद� के बाद एक लंबे समय तक भारत के �यादातर �ह�स� म� क� � और रा�य म� एक ह� पाट� क� सरकार हुआ करतीथी। उन �दन� भारत म� कां�ेस क� मोनोपॉल� चलती थी। इन �दन� म� क� � सरकार अ�सर रा�य सरकार के अ�धकार� क�अवहेलना करती थी। रा�य सरकार �वारा जरा-सी भी �व��हता �दखाने पर कई रा�य� पर रा��प�त शासन लागू कर �दयाजाता था।

    1989 के बाद से क� � म� गठबंधन सरकार का दौर चला। इसके प�रणाम�व�प रा�य सरकार क� �वाय�ता के स�मान औरस�ा म� साझदेार� क� नई प�रपाट� श�ु हुई। ऐसा कहा जा सकता है �क अब भारत म� संघीय �यव�था कह�ं अ�धक �बल हुईहै। 1991 क� जनगणना के अनसुार भारत म� 1500 अलग-अलग भाषाएँ ह�। इन भाषाओ ंको कुछ म�ुय भाषाओ ंके समहू म�रखा गया है। उदाहरण के �लये भोजपरु�, मगधी, बुंदेलखंडी, छ�ीसगढ़�, राज�थानी, भील� और कई अ�य भाषाओ ंको �हदं� केसमहू म� रखा गया है। �व�भ�न भाषाओ ंके समहू बनाने के बाद भी भारत म� 114 म�ुय भाषाएँ ह�। इनम� से 22 भाषाओ ंकोसं�वधान के आठव� अन�ुछेद म� अनसु�ूचत भाषाओ ंक� �ल�ट म� रखा गया है। अ�य भाषाओ ंको अ-अनसु�ूचत भाषा कहाजाता है।

    उपयु�� त ग�यांश को पढ़कर नीचे पछेू गए �� न का उ� तर बताइए।

    ��न: हमारे सं�वधान ने �कस भाषा को रा��भाषा का दजा� �दया है?

    1. अ�ेँजी

    2. �हंद�

    3. तिमल

    4. �कसी को भी नह�ं

    Correct Answer :-

    �कसी को भी नह�ं

    हमारे देश म� लोकतां��क �यव�था क� पहल� कड़ी पर��ा तब हुई जब भाषा पर आधा�रत रा�य� का गठन हुआ। ऐसाइस�लये �कया गया ता�क एक ह� भाषा बोलने वाले लोग एक ह� रा�य म� रह सक� । कुछ रा�य� का गठन भाषा के आधार परनह�ं बि�क भगूोल, जातीयता, सं�कृ�त, आ�द के आधार पर हुआ; जसेै नागाल�ड, उ�राखंड और झारखंड। भारतीय संघ क�दसूर� पर��ा थी यहाँ क� भाषा नी�त। हमारे सं�वधान ने �कसी भी भाषा को रा�� भाषा का दजा� नह�ं �दया है। �हदं� कोआ�धका�रक भाषा के �प म� मा�यता �मल�। ले�कन �हदं� केवल 40% भारतीय� क� मातभृाषा है। इस�लये दसूर� भाषाओ ंक�र�ा के �लये कई �ावधान बनाये गये। �हदं� के अलावा, 21 अ�य भाषाओ ंको सं�वधान �वारा अनसु�ूचत भाषा का दजा� �दयागया है। आजाद� के बाद के अ�धकांश समय म� �हदं� को गैर-�हदं� �े�� म� थोपे जाने क� को�शश नह�ं क� गई।

  • 26)

    क� � और रा�य के �र�त:े क� � और रा�य के बीच के �र�त� के पनुग�ठन से हमार� संघीय �यव�था को और बल �मला है।आजाद� के बाद एक लंबे समय तक भारत के �यादातर �ह�स� म� क� � और रा�य म� एक ह� पाट� क� सरकार हुआ करतीथी। उन �दन� भारत म� कां�ेस क� मोनोपॉल� चलती थी। इन �दन� म� क� � सरकार अ�सर रा�य सरकार के अ�धकार� क�अवहेलना करती थी। रा�य सरकार �वारा जरा-सी भी �व��हता �दखाने पर कई रा�य� पर रा��प�त शासन लागू कर �दयाजाता था।

    1989 के बाद से क� � म� गठबंधन सरकार का दौर चला। इसके प�रणाम�व�प रा�य सरकार क� �वाय�ता के स�मान औरस�ा म� साझदेार� क� नई प�रपाट� श�ु हुई। ऐसा कहा जा सकता है �क अब भारत म� संघीय �यव�था कह�ं अ�धक �बल हुईहै। 1991 क� जनगणना के अनसुार भारत म� 1500 अलग-अलग भाषाएँ ह�। इन भाषाओ ंको कुछ म�ुय भाषाओ ंके समहू म�रखा गया है। उदाहरण के �लये भोजपरु�, मगधी, बुंदेलखंडी, छ�ीसगढ़�, राज�थानी, भील� और कई अ�य भाषाओ ंको �हदं� केसमहू म� रखा गया है। �व�भ�न भाषाओ ंके समहू बनाने के बाद भी भारत म� 114 म�ुय भाषाएँ ह�। इनम� से 22 भाषाओ ंकोसं�वधान के आठव� अन�ुछेद म� अनसु�ूचत भाषाओ ंक� �ल�ट म� रखा गया है। अ�य भाषाओ ंको अ-अनसु�ूचत भाषा कहाजात�