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Kriya aur karak

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Page 1: Kriya aur karak

क्रि�या�AaOr

kark

Page 2: Kriya aur karak

जि�न शब्दों से कि�सी �ार्य� �ा �रना र्या होना व्यक्त हो उसे कि�र्या �हते हैं।

�ैसे- रोना, खाना, चलना आदिद।

Page 3: Kriya aur karak

1.घोड़ा �ाता है।2.पुस्त� मे� पर पड़ी है।3.मोहन खाना खाता है।

उपर्यु�क्त वाक्र्यों में �ाता है, पड़ी है और खाता है कि�र्याए ँहैं।

]dahrNa

Page 4: Kriya aur karak

क्रि�य�

kma- ko

AaQaar pr

rcanaa ko

AaQaar pr

Page 5: Kriya aur karak

अ�म�� कि�र्या स�म�� कि�र्या

Page 6: Kriya aur karak

अकर्मक क्रि�य�जि�स कि�र्या से सूचिचत होने वाला

व्यापार �ता� �रे और उस�ा फल भी �ता� पर ही पडे़, उसे अ�म��

कि�र्या �हते हैं।

Page 7: Kriya aur karak

]dahrNa-1. गीता गाती है।

2. बच्चा खेलता है।

3. श्र्याम हंसता है।

4. �ीड़ा किबलकिबलाता है।

Page 8: Kriya aur karak

सकर्मक क्रि�य�जि�स कि�र्या से सूचिचत होने वाले व्यापार �ा फल �ता� पर न पड़�र �म� पर पडे़,

उसे स�म�� कि�र्या �हते हैं।

Page 9: Kriya aur karak

]dahrNa-राम बाण मारता है।

राधा मूर्तित@ बनाती है।नेता भाषण देता है।

�ुत्ता हड्डी चबाता है।

Page 10: Kriya aur karak

उपर्यु�क्त वाक्र्यों में मारता है, बनाती है, देता है और

चबाता है स�म�� कि�र्याए ँहैं और बाण, मूर्तित@, भाषण और

हड्डी शब्द �म� हैं।

Page 11: Kriya aur karak

rcanaa ko AaQaar pr

रूढ़

र्यौकिग�

Page 12: Kriya aur karak

जि�स कि�र्या �ी रचना धातु से होती है, उसे रूढ़ कि�र्या �हते हैं।

रूढ़ क्रि�य�

Page 13: Kriya aur karak

चिलखना

खानापीना

]dahrNa-

पढ़ना

Page 14: Kriya aur karak

जि�स कि�र्या �ी रचना ए� से अधिध� तत्वों से होती है, उसे र्यौकिग�

कि�र्या �हते हैं।

यौक्रि�क क्रि�य�

Page 15: Kriya aur karak

]dahrNa-चिलखवाना

आते �ाते रहना

पढ़वानाबताना

बड़बड़ाना

Page 16: Kriya aur karak

यौक्रि�क क्रि�य� के भेद

संरु्यक्त कि�र्या

प्रेरणार्थ�� कि�र्या

नामधातु

अनु�रणात्म� कि�र्या

Page 17: Kriya aur karak

karkसंज्ञा र्या सव�नाम �े जि�स रूप

से उस�ा सम्बन्ध वाक्र्य में आए अन्र्य शब्दों से �ाना �ाता

है,उसे �ार� �हते है।

Page 18: Kriya aur karak

]dahrNa-1 सीता फल खाती है।

2 राम ने डंडे से घोडे �ो पीटा।

3 राम चार दिदन में आएगा।

4 राम �लम से चिलखता है।

Page 19: Kriya aur karak

क�रक के भेद1 �ता� �ार� 2 �म� �ार�

3 �रण �ार� 4 सम्प्रदान �ार� 5 अपादान �ार� 6 सम्बन्ध �ार� 7 अधिध�रण �ार� 8 संबोधन �ार�

Page 20: Kriya aur karak

क�रक के क्रि�भक्ति� क्ति�न्ह

�ता� �ार� ने�म� �ार� �ो�रण �ार� सेसम्प्रदान �ार� �े चिलएअपादान �ार� से (अलग होना)सम्बन्ध �ार� �ा,�ी,�े,रा,री,रेअधिध�रण �ार� में,परसंबोधन �ार� हे !,अरे !

क�रक क्ति�न्ह

Page 21: Kriya aur karak

कर्ता� क�रकवाक्र्य में �ार्य� �रने वाले �ो �ता�

�हते है।

1.राम ने पत्र चिलखा।2.बहन ने खाना प�ार्या।

जैसे - 

Page 22: Kriya aur karak

कर्म क�रकसंज्ञा र्या सव�नाम अर्थवा जि�स

वस्तु र्या व्यचिक्त पर कि�र्या �ा प्रभाव पडे़ उसे �म� �ार� �हते है।

जैसे - अध्र्याप� ,छात्र �ो पीटता है।

Page 23: Kriya aur karak

करण क�रकजि�स साधन से कि�र्या होता है,उसे

�रण �ार� �हते है।

�ैसे -1.बच्चा बोतल से दूध पीता है।2.बच्चे गेंद से खेल रहे है।

Page 24: Kriya aur karak

जि�स�े चिलए �ता� �ुछ �ार्य� �रे, उसे सम्प्रदान �ार� �हते है।

सम्प्रद�न क�रक

�ैसे -1.गरीबो �ो खाना दो।2.मेरे चिलए दूध ले�र आओ।

Page 25: Kriya aur karak

संज्ञा र्या सव�नाम �े जि�स रूप से कि�सी वस्तु �े अलग होने �ा बोध हो,वहां अपादान

�ार� होता है।

अप�द�न क�रक

�ैस-े1.पेड़ से आम किगरा।2.हार्थ से छड़ी किगर गई।

Page 26: Kriya aur karak

1. सीतापुर ,मोहन �ा गाँव है।2. सेना �े �वान आ रहे है।

�ैसे-

संज्ञा र्या सव�नाम �े जि�स रूप से ए� वस्तु �ा दूसरी वस्तु से सम्बन्ध ज्ञात हो,उसे

सम्बन्ध �ार� �हते है।

सम्बन्ध क�रक

Page 27: Kriya aur karak

1. हरी घर में है।2. पुस्त� म�े पर है।

�ैसे-

संज्ञा �े जि�स रूप से कि�र्या �े आधार �ा बोध हो, उसे अधिध�रण �ार�

�हते है।

अक्ति$करण क�रक

Page 28: Kriya aur karak

1.हे ईश्वर ! रक्षा �रो ।2.अरे! बच्चों शोर मत �रो ।

�ैसे -

संज्ञा र्या सव�नाम �े जि�स रूप से बुलाने र्या पु�ारने �ा बोध हो,उसे संबोधन

�ार� �हते है।

संबो$न क�रक

Page 29: Kriya aur karak

क्रिनर्म�र्ता�AMkur Ambaa