Role of parent in child's life

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How to behave as parent with our child specially young child ,How to fulfill the gap between child and parent .

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मू�ल्य है� क्य�?

जीवन मू�ल्य पर चलकर है किकसी भी घर, क� पन, सीमू�जी एव� दे�श क� चरिरत्र क� किनमू��ण है ता� है�. मू�ल्य य�न जीवन क� र�स्ता� क ताय

करन� क� लिलए क$ छ मू�लभी�ता आधा�र.

सीत्य सी�ईबा�बा�

जीवन मू�ल्य

जी व्यलि, अपन� जीवन मू�ल्य पर अकि.ग रहैकर चलता� है�, वहै कभी भी भीय मू0 नहै1 जीता�. उसीक� च�हैर� हैमू�श� आत्मूकिवश्वा�सी सी� देमूकता�

रहैता� है�. वहै किनभी�य है कर अपन बा�ता कहैता� है� और हैर पल सी$रक्षा� क� अन$भीव करता� है�.

जीवन मू�ल्य हैमू�र� लिलए एक सी$रक्षा� कवच बान जी�ता� है6. इनसी� हैमू0 हैर परिरस्थि9किता क� सी�मून� करन� क: शलि, मिमूलता है�. हैमू0 हैर क ई सीम्मू�न

क: दृमि> सी� दे�खता� है� जिजीसी चरिरत्रव�न सीमू�जी- दे�श क: कल्पन� हैमू करता� है6, जिजीसीक: इच्छा�

हैमू�र� मून मू0 है� और जी हैमू क$ छ हैटकर अलग सी� करन� च�हैता� है6, उसीक: श$रुआता स्वय� सी� है है ग. स्व- परिरवता�न सी� है जीग परिरवता�न

सी�भीव है�.

बाच्चों मू0 जीवन मू�ल्य

आजी बाच्चों क� किवक�सी जिजीसी रूप मू0 है ग�। वहै हैमू0 कल क� आन� व�ल� अपन� घर, परिरव�र, सीमू�जी और दे�श क� रूप मू0

दिदेख�ग�। आजी यदिदे य� लड़ा�ई- झगड़ा� क: ओर प्रवLत्त है गए ता  आग� जी�कर हैमू0 हिंहैOसी� है दे�खन� क मिमूल�ग। बाच्चों� दे�श क� भीकिवष्य है6। इनक� पQधा� रूप जीड़ा मू0 यदिदे आपन� सीहै ढं�ग सी� ख�दे- प�न .�लकर जीवन मू�ल्य इन्है0 सी1च� ता

सीमूLजिT क� वLक्षा बानकर परिरव�र और दे�श क� न�मू र शन कर0ग�।

सीहैजी सी$लभी व�ता�वरण

आजी हैमू�र� बाच्चों क सी$किवधा�ए� सीहैजीता� सी� प्र�प्ता है� जी हैमू सीबाक� जीमू�न� मू� दुल�भी था� । मूसीलन मू बा�इल , टX व , क� प्य�टर और भी न

जी�न� क्य� क्य� । बाच्चों क: रुलिचय�Y उसीक� परिरव�र, परिरसीर, और पर�पर�ओं क� अन$सी�र बानता है� । इसीलिलए घर क� व�ता�वरण श$T

है न� च�किहैए ।

जिजीज्ञा�सी�

बाच्चों क ग$मूर�है न कर0 , उन्है� सीहै सीमूय पर सीहै लिशक्षा� दे� कर   उनक� जिजीज्ञा�सी� क श��ता करन� च�किहैए ता�किक उन्है� अपन� क मूल मून

क� उभीरता� हुय� प्रश्नों क� सीहै उत्तर मिमूल जी�ए और व� यहै�Y वहै�Y सी� अधाकचर� ज्ञा�न न बाट र0 ।

आपसी मू� भी अनग�ल प्रल�प सी� बाच0 जिजीसीक� सीधा� असीर बाच्चों� पर है ता� है� । बाच्चों सी� चख लिचल्ल� कर न बा ल0 अन्यथा� उनमू� भी इसी तारहै बा�ता करन� क: प्रवLत्तित्त आता है� ।

प्र�रण�

बाच्चों� क� प्रकिता किनष्ठा�व�न रहै0 और उसीक भी अपन� प्रकिता किनष्ठा�व�न रहैन� क: प्र�रण� दे0 ता�किक वहै सीमू�जी मू� मूजीबा�ता सी� खड़ा� रहै सीक� उनमू�

आत्मूकिवश्वा�सी किक कमू न है न� प�य� ।

आचरण

घर मू� स्वयमू क� आचरण भी सी�यमिमूता है न च�किहैए जिजीसीसी� बाच्चों मू� भी सी�यमू सी� रहैन� क: प्र�रण� मिमूलता रहै�

मूसीलन आप टXव दे�खन� क� शQक:न है� और बाच्चों� क� सी न� क�  सीमूय है� ता आप उसी सीमूय टXव बा�दे कर दे0 ,  बाच्चों� क� पढ़न� क� सीमूय टXव बा�दे रख� । इसी तारहै अन्य बा�ता क� भी ध्य�न रख0 ता�किक बाच्चों� क� क मूल मून पर गलता असीर न है न� प�य� ।

बाच्चों� क: मू�नलिसीकता�

  जीबा बाच्चों� बा�हैर सी�सी�र मू0 अपन� लिलए एक जीगहै ढं��ढंन� क: क लिशश क� ताहैता घर क: च�रदेXव�र क� बा�हैर कदेमू रखन� च�हैता� है� ता यहै

मू�ता�- किपता� और बाच्चों� क� लिलए बाहुता है मूहैत्वप�ण� स्थि9किता है ता है�।मू�ता�- किपता� क लगता� है� किक बाच्चों� उनक� किनय�त्रण सी� बा�हैर जी� रहै� है�

और उसीक� प�सी उनक� लिलए सीमूय नहै1 है�। 

मू�ता� प्रथामू लिशत्तिक्षाक� है ता है6। व� बाच्चों क� चरिरत्र किनमू��ण मू0 सीहै�यक है6।

घर सी� सीखकर बाच्चों� सीमू�जी मू� जी�ता� है� , और वहै�Y वहै व्यवहै�र करता� है� जी उसीन� अपन� घर पर दे�ख� है ता� है� और सीख� है ता� है� , मूसीलन क ई मू�Y अपन� पकिता सी� झ�ठ बा ल कर बाच्चों� क: गलकिताय पर

पदे�� .�लता है� ता वहै अनजी�न� है बाच्चों� क� अ�देर झ�ठ बा लन� क� बाजी बा रहै है ता है�

हैन$मू�न जी क� चरिरत्र किनमू��ण मू0 मू�� अ�जीन� क� प्रमू$ख य गदे�न रहै�। मू�ता� प�व�ता न� गण�श जी क अपन ग दे मू0 बा�ठ�कर श्रवण कर�य�।

परिरण�मू स्वरूप मू�ता�- किपता� क: है परिरक्रमू� कर गण�श जी 35 कर ड़ा दे�व- दे�वता�ओं मू0 प्रथामू प�जिजीता है गए।

इसीक� किवपरता दे�वर�जी इ�द्र अपन� बा�ट� जीय�ता क ग दे मू0 किबाठ�कर मूदिदेर�प�न किकय�। अप्सीर�ओं क� नLत्य दे�ख�। परिरण�मू यहै हुआ किक

उन्है0 हिंनOदे� क� प�त्र बानन� पड़ा�।

मू�� क� य गदे�न

आचरण

य�दे रखिखए बाच्चों� उसी क मूल पQधा� क: तारहै है� जिजीसी� सीहै दे�खभी�ल न मिमूलन� पर वहै सी�ख जी�ता� है� खर�बा है जी�ता� है� । बाच्चों क सीहै लिशक्षा� घर सी� मिमूल� इसी बा�ता क ध्य�न मू� रखता� हुए अपन� आचरण भी

सी�यमिमूता रखन� मू�ता� किपता� क� है दे�मियत्व है� ।

है�।

सीमूस्य� क� हैल

• बाच्चों� मू�ता�- किपता� पर उसी� न सीमूझन� क� दे ष लग�ता� है�।• इसी प्रक�र उनक� देरम्य�न सी�बा�धा मू0 सीमूस्य� उत्पन्न है जी�ता है�।दे न

पक्षा मू0 खट�सी प�दे� है जी�ता है�। इसीक� एकमू�त्र हैल है� बाहैसी क� किबान� बा�ताचता।

• बा�ताचता क� मूतालबा है� एक- दूसीर� क सीमूझन� क� प्रय�सी करन�। दूसीर ओर बाहैसी क� मूतालबा है� नक�र�त्मूक ऊजी�� क� ल�न- दे�न।

• नक�र�त्मूक ऊजी�� य�न बाहैसी सी�बा�धा मू0 प�दे� हुई किकसी भी सीमूस्य� क� हैल नहै1 किनक�ल सीकता।

सी�हैतामू�दे बा�ताचता है एकमू�त्र हैल

मू�ता�- किपता� क: भी�मिमूक�

मू�ता�- किपता� क: भी�मिमूक� एक मू�ग�देश�क क: है ता है� ता�किक बाच्चों� क अन$श�सीन मू0 रख� जी� सीक� और उसीक� मू�ग�देश�न किकय� जी�ए।

उसीक: कkसीलिंलOग क: जी�ए न किक उसी पर किनय�त्रण रख� जी�ए। यदिदेमू�ता�- किपता� सीजी� दे�कर बाच्चों� क किनय�त्रण मू0 रखन� क: क लिशश करता� है6 ता इसीक� परिरण�मूस्वरूप बाच्चों� किवद्र है है सीकता� है�

मू�ता�- किपता� क: भी�मिमूक�

बाच्चों पर बा�ता बा�ता पर क्र धा न कर0 ,   उन पर किबान� वजीहै दे ष�र पण न कर0,  दूसीर� बाच्चों सी� उनक: बार�बार न कर0 अन्यथा� उनमू� हैन

भी�वन� उत्पन्न है जी�एग । ऐसी� बाच्चों� आक्र�मूक रुख अस्थिnताय�र कर ल�ता� है� और सीमू�जी क� लिलए मू$सीबाता बान जी�ता� है� ।

दे न पक्षा अपन�- अपन� दृमि>क ण ख$ल कर एक- दूसीर� क� सी�मून� रख सीकता� है6 जिजीसीसी� किक व� एक- दूसीर� क: सी च क सीमूझ सीक0 । मू�ता�- किपता� क सीमूझ ल�न�

च�किहैए किक बाच्चों क अपन� दे स्ता - सीहैप�दिठय सी� अच्छाX सीमूझ मिमूल रहै है�, कहै1 व� इतान� न�सीमूझ ता नहै1 है गए जिजीतान� किक मू�ता�- किपता� उसीक: उम्र मू0 दुश्मून नहै1 है6 बाल्किल्क श$भीलिंचOताक है6।

समा�धा�न के� लिये�

मू�ता�- किपता� क बाच्चों पर किवश्वा�सी जीता�न� च�किहैए और सी�था है किबान� शता� प्य�र क� इजीहै�र करन� च�किहैए ता�किक बाच्चों� ख$लकर बा�ताचता मू0 किहैस्सी�

ल� सीक� । एक- दूसीर� क न सीमूझ प�न� सी� रिरश्ता मू0 तान�व प�दे� है ता� है�। अच्छा� रिरश्ता क� लिलए मू�ता�- किपता� क बाच्चों� मू0 किवश्वा�सी है न� च�किहैए।   उनक� दृमि>क ण ख$ल� है और व� किबान� किकसी शता� बाच्चों� सी� प्र�मू करता� है ।

एक बा�र मू�ता�- किपता� बाच्चों क� प्रकिता इन भी�व क देश��ए� ता बाच्चों� अपन� आप अमिधाक जिजीम्मू�दे�र और मू�ता�- किपता� क� प्रकिता जीव�बादे�है है जी�ता� है�।

किवश्वा�सी

अमिधाक�र जीता�न� सी�, ग$स्सी� करन� सी� य� शक करन� सी� नक�र�त्मूक ऊजी�� प�दे� है ता है� इसीलिलए हैमू0 ऐसी

सीमूस्य� क� हैल ढं��ढंता� सीमूय अपन� दिदेमू�ग पर प�र� जी र  दे�न� च�किहैए।

मू�ता�- किपता� क बाच्चों� द्वा�र� क: गई क लिशश मू0 किवश्वा�सी है न� च�किहैए। उन्है0 बाच्चों क सीहै मू�ग�देश�न दे�न� च�किहैए। व� ख$ल�पन और किवश्वा�सी व�ल सीक�र�त्मूक ऊजी�� क� सी�था प्रत्य�क चरण पर बाच्चों� क सील�है-मूशकिवर�

दे0। इसीसी� बाच्चों� कदिठन परिरस्थि9किताय क� सी�मून� करन� मू0 सीक्षामू है सीक� ग�।  उसीक� व्यलि,त्व मू0 आत्मूकिवश्वा�सी बाढ़�ग�।

सीक�र�त्मूक ऊजी��

किनष्कष�

मू�ता�- किपता� और बाच्चों क� सी�बा�धा अन�दिदे क�ल सी� है�। यहै एक ऐसी कल� है� जिजीसीमू0 उन्है0 ट्रे�हिंनOग नहै1 मिमूल।

बाच्चों क� मू�� सी� सी�व�दे है उसीक� जीवन क: न1व रखता� है�।मू�ता�- किपता� क� बाच्चों क कमू सीमूय दे�न� क� चलता� बाच्चों मू0 कई तारहै

क: मून व�ज्ञा�किनक व्य�मिधाय�� प�दे� है रहै है6।    किनम्है�न्सी क: रिरप ट� मू0 कहै� अबा न्य�स्थिक्लयर परिरव�र क� चलन है�,

 इसीलिलए दे�पकिताय क सी�र� तान�व ख$दे है झ�लन� पड़ाता� है6। Contin……….

किनष्कष�

किनम्है��सी क� श धाकता��ओं न� मू�न� किक सी�य$, परिरव�र मू0 सी�झ� च�ल्है� है न� सी� खचt बा�ट जी�ता� था�। च�र ओर क� तान�व और श�ररिरक-

मू�नलिसीक थाक�न सी� मू�ता�- किपता� इसी ल�यक नहै1 बाचता� किक अपन� है बाच्चों पर ध्य�न दे� सीक0 ।

मू�ता�- किपता� क ख$दे है क ई र�स्ता� किनक�लन� है ग�। ख$दे क श��ता रखन� क� तारक� ख जीन� है ग�। जीवन मू0 अन$श�सीन ल�न� है ग� और अपन प्र�थामिमूकता�ए� किनयता कर उन पर क�मू करन� है ग�। जीवन

  श�ल मू0 बादेल�व करन� है ग�।

धान्येवा�द

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