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कककककककक - कककककक ककककककक कक कककककक जजजज जजजजजजजज जजज जज जजजजजजज जजजज जज जजजज जज जजजजजजजजजजज जज जजजजज जजजजजजजजज जजजज जज, जज जज जजजजजजज जज जज जजजज जज जजजजजजजजजजज जज जजजजजजजज जज जजज-जजज जजजजजजज जज जजजजजज जजज जज जजजजजजजज जजजज जजज जजजज जज जजज जज जजज जज जजजजजज जजजजजजजजजजजजजज जज जजजजजज जज जजजजज जजज जजजजजजज जजजजजज जज जजज जजजज जजजजजजजज जजजजजज जज 'जजजजजजज जज जजजजजज' जजजजजज जजजजजज जज जजजजजजजजजजज जजजज जजज जजजजजजजज, जजजजजजज, जजजजजजजजजजज जजज जजजजजजज जजजजजजजजज जज जजजजजज जजजज जजजज: जजजज जजजजजज जज जजजजजजजजजजजज जज जजजजजजज जजजजजजजजज जज जजज जज जजज जजजजजज जजजज जजजज जजजजजज जज जजजजज जजजजजजज जज जजजजजज जजजज जजज जज जजज जजजजज जजज जजजज जजजज जज जजजज जजजजज जजज जजज जजजजज जजज जजजजजजजजज जज जजजजज जज जजजज जजजज जज जज जजज जजजजजज जजजजजजजजजजजज जजजजजजजज जज जजजजजज जज जजजजज जजजजजजज जज 900 जजजजजज जज जजजजजज जज जजज जजजजज जजज जजजजजज जज जजजज जजज-- कककककक (कककककककककक, ककककक 1050-1375) ककककक ककककककक (कककककककक, ककककक 1375-1700) ककककक ककककककक (ककककककक, ककककक 1700-1900) कककककक ककक (ककककककक, ककककक 1900-1984) जजजजजज जज जजजजज जज जजजजजज जज जजजजज जजजजजजजजज जज जजजजजज जज जजजज जजजजजज जजजज जजज जज, जज जज ज जजजजज जजजजज जज जजजज जजजजज जजज जजज जज जजजजजज जज जजजजजज जजजज जज जजजज जजजजजजज जजजजजजजज जज जजजजजजज जज जजज जज जजजजज जजजजज जज जजजज जजजजज जजजजजजज जजजजजज जजज जजजजजज जज जजजजजजज जजज जजज जज जजजज जजज जजज जज जजजजजजजजजज जजज जजज जजजज जजजज: जजजजजजजज जजज जज जजजजज जज जजजजजजज जज जजजज जजजजज जज जजजज जज जजजज जजज जज जजजजज जजजजजजजजज जजजज जज जजजजजज जज जजजजज जजजज जज जज जजज जज जजजजज जज जजजजजजज जजजजज, जजजज जजजजजजज जजज जजजज जजजजजजजज जज जजजजजज जज जजजजज जजजज जजजजज जजजजजज जज जजजजजज जजजजजजजजजज जजजजजज जजजजजजज जज जजजजजज - जजजजजजजज जजजजज जजजजज जजजजजजज जज जजजजजज जजज जजजज जज जजजजजज जज जजजजज जजज जजजजजज जज जजजजजजजज जजजजजजजजजजजज जजजजजजज जज जजजजजजजजजजज जज जजजजज जज जजजजजज जजजजजजज जजज जज जजजजजजज जजज जजजजजजजजजज जज जजजजजजज जजजज जजज जजजजजजजज जज जजजजजज जज जजजजज जजजजजजजजजजजज जज जजजजजजजजज जजजजजज जज जजजजजज जजजज जज जजजज जजज जजजजज जजज जजजजजजजज जज जजज जजज जजजज जज जजजज जजजजज जजजज जजजजजजजज जज जजज जजज जजजजजजज जज जजजजजजजज जजजजजजजज जजजजजजजज जज जजज जजज जजजज जज जज जजजजज जजज जज जजजजजजजज जज जजज जज जजजजजजज जज जजजजज जजज जज जजज जजजजजजज जजजजजजजजज जजजजजज जजजजजजज जजज जजजज जज जजजजज जजजजजज जजजजजज जजजज जज जजजजज जजजज जजजजजज जजजज जजजजजजजजज जज जज जजजजज जजजज जजजजजजज जजज जजज जज जज जजजजजज जजज जजजजजज जज जजजजजजजजजज जजजज जज जजजज जजजज जजजज जजजजजज जज जजजजजज जजज जजजजजजज जजजज जजजज जजजज जजजजज जजज जजजजजजजजजजजज जजजजजज जजजज

हिन्दी साहित्य का इतिहास कालविभाग

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Page 1: हिन्दी साहित्य का इतिहास कालविभाग

का�लवि�भा�ग - विन्दी� सा�वित्य का� इवि��सा जबकि� प्रत्ये�� दे�श �� सा�कि त्ये व �� �� जनता� �� चि�त्तव�त्तित्त �� सा�चि�ता प्रकिताबिंब�ब �ता� �, ताब ये किनत्ति�ता � कि� जनता� �� चि�त्तव�त्तित्त �� परि वता!न �� सा�थ-सा�थ सा�कि त्ये �� स्वरूप में& भी( परि वता!न �ता� �ला� ज�ता� �। आदिदे सा� अं�ता ता� इन् 0 चि�त्तव�त्तित्तये1 �� प �प � �� प खता� हुए सा�कि त्ये प �प � �� सा�थ उन�� सा�में�जस्ये दिदेख�न� ( 'सा�कि त्ये �� इकिता �सा' � ला�ता� �। जनता� �� चि�त्तव�त्तित्त बहुता �6 छ �जन(किता�, सा�में�जिज�, सा��प्रदे�यिये� ताथ� धा�र्मिमें�� परि स्थि=किता �� अंन6सा� �ता( �। अंता: �� ण स्वरूप इन परि स्थि=किताये1 �� बिं��चि�ता? दिदेग्देश!न भी( सा�थ ( सा�थ आवश्ये� �ता� �। इसा दृयिC सा� बिं �देD सा�कि त्ये �� किवव��न � न� में& ये ब�ता ध्ये�न में& खन( �गी( कि� कि�सा( किवश�ष सामेंये में& ला�गी1 में& रुचि�किवश�ष �� सा��� औ प�षण कि�धा सा� औ कि�सा प्र�� हुआ। उपये6!क्त व्यव=� �� अंन6सा� में बिं �देD सा�कि त्ये �� 900 वषL �� इकिता �सा �� �� ��ला1 में& किवभीक्त � सा�ता� M--आदिदीका�ल (��रग�था�का�ल, सा���� 1050-1375)पू��� मध्यका�ल (भाक्ति�का�ल, सा���� 1375-1700)उत्तर मध्यका�ल (र�वि�का�ल, सा���� 1700-1900)आधु#वि$का का�ल (गद्यका�ल, सा���� 1900-1984)येद्यकिप इन ��ला1 �� �न�ओं �� किवश�ष प्रव�त्तित्त �� अंन6सा� ( इन�� न�में� ण कि�ये� गीये� �, प ये न सामेंझन� ��कि ए कि� कि�सा( किवश�ष ��ला में& औ प्र�� �� �न�ए� �ता( ( न 0 थ0। ज�सा� भीचिक्त��ला ये� (किता��ला �� ला& ता� उसामें& व( सा �� अंन�� ��व्य यिमेंला&गी� जिजनमें& व( �ज�ओं �� प्रश�सा� उसा( ढं�गी �� �गी( जिजसा ढं�गी �� व( गी�थ���ला में& हुआ � ता( थ(। अंता: प्रत्ये�� ��ला �� वण!न इसा प्रण�ला( प कि�ये� ज�एगी� कि� प ला� ता� उक्त ��ला �� किवश�ष प्रव�त्तित्त साR�� उन �न�ओं �� वण!न �गी� ज� उसा ��ला �� लाक्षण �� अं�तागी!ता 1गी(, प(छ� सा�क्ष�प में& उन�� अंकितारि क्त औ प्र�� �� ध्ये�न दे�न� ये�ग्ये �न�ओं �� उल्ला�ख �गी�। आधा6किन� कि न्देD सा�कि त्ये �� इकिता �सा- पRर्णिण�में� वमें!न

बिं �देD सा�कि त्ये �� आधा6किन� ��ला भी� ता �� इकिता �सा �� बदेलाता� हुए स्वरूप सा� प्रभी�किवता थ�। स्वता�त्रता� सा�ग्रा�में औ �ष्ट्री(येता� �� भी�वन� �� प्रभी�व सा�कि त्ये में& भी( आये�। भी� ता में& औद्य�गी(� ण �� प्र� �भी �न� लागी� थ�। आव�गीमेंन �� सा�धान1 �� किव��सा हुआ। अं�ग्रा�ज़ी( औ प���त्ये चिशक्ष� �� प्रभी�व बढ़ा� औ ज(वन में& बदेला�व आन� लागी�। ईश्व �� सा�थ सा�थ में�नव �� सामें�न में त्व दिदेये� गीये�। भी�वन� �� सा�थ सा�थ किव�� 1 �� पये�!प्ता प्रधा�नता� यिमेंला(। पद्य �� सा�थ सा�थ गीद्य �� भी( किव��सा हुआ औ छ�प�ख�न� �� आता� ( सा�कि त्ये �� सा�सा� में& ए� नये( क्रां��किता हुई।  

आधा6किन� कि न्देD सा�कि त्ये में& गीद्य �� किव��सा  

आधा6किन� कि न्देD गीद्य �� किव��सा �� वला कि न्देD भी�ष( क्ष�त्र1 ता� ( सा(यिमेंता न 0 �। पR � दे�श में& औ प्रदे�श में& कि न्देD �� ला��किप्रयेता� फै� ला( औ अंन�� अंन्ये भी�ष( ला�ख�1 न� कि न्देD में& सा�कि त्ये �न� � �� इसा�� किव��सा में& में त्त्वपRण! ये�गीदे�न कि�ये�।

कि न्देD गीद्य �� किव��सा �� किवत्तिभीन्न सा�प�न1 में& किवभीक्त कि�ये� ज� सा�ता� �।

१. भी� ता&दु पRव! ये6गी १८०० ईस्व( सा� १८५० ईस्व( ता�२. भी� ता&दु ये6गी १८५० ईस्व( सा� १९०० ईस्व( ता�३. किjव�देD ये6गी १९०० ईस्व( सा� १९२० ईस्व( ता�४. �में��द्र श6क्ला व प्र�में��दे ये6गी १९२० ईस्व( सा� १९३६ ईस्व( ता�५. अंद्यतान ये6गी १९३६ ईस्व( सा� आजता�भी� ता&दु पRव! ये6गी

कि न्देD में& गीद्य �� किव��सा १९व0 शता�ब्देD �� आसाप�सा हुआ। इसा किव��सा में& �ला�त्त� �� फै�र्ट! किवचिलायेमें �qला�ज �� में त्त्वपRण! भीRयिमें�� (। इसा �qला�ज �� दे� किवj�न1 लाल्लाRला�ला ज( ताथ� सादेला यिमेंश्र न� किगीलाक्रां�इस्र्ट �� किनदेsशन में& क्रांमेंश: प्र�मेंसा�गी ताथ� न�चिसा�� ता�प�ख्ये�न न�में� प6स्ता�& ता�ये� �u। इसा( सामेंये सादे�सा6खला�ला न� सा6खसा�गी ताथ� में6�श( इ�श� अंल्ला� ख�� न� �न( �� ता�� �� � �न( �� �न� �� इन साभी( ग्रा�थ1 �� भी�ष� में& उसा सामेंये प्रये�गी में& आन�व�ला( खड़ी( ब�ला( �� =�न यिमेंला�।

आधा6किन� खड़ी( ब�ला( �� गीद्य �� किव��सा में& किवत्तिभीन्न धामेंL �� परि �ये�त्में� प6स्ता�1 �� खRब सा ये�गी � जिजसामें& ईसा�ई धामें! �� भी( ये�गीदे�न �। ब�गी�ला �� �ज� �में में� न �ये न� १८१५ ईस्व( में& व�दे��तासाRत्र �� कि न्देD अंन6व�दे प्र��चिशता � व�ये�। इसा�� ब�दे उन् 1न� १८२९ में& ब�गीदूता न�में� पत्र कि न्देD में& किन��ला�। इसा�� प ला� ( १८२६ में& ��नप6 �� प� ज6गीला कि�श� न� कि न्देD �� प ला� सामें��� पत्र उदे�तामें�ताyड �ला�त्त� सा� किन��ला�। इसा( सामेंये गी6ज �ता( भी�ष( आये!सामें�ज सा�=�प� स्व�में( देये�न�दे न� अंपन� प्रचिसाद्ध ग्रा�थ सात्ये�थ! प्र��श कि न्देD में& चिलाख�।

भी� ता&दु ये6गी

भी� ता&दु रि ��द्र (१८५५-१८८५) �� कि न्देD-सा�कि त्ये �� आधा6किन� ये6गी �� प्रकिताकिनयिधा में�न� ज�ता� �। उन् 1न� �किवव�न सा6धा�, रि �न्द्र में�गीज़ी(न औ रि ��द्र पकित्र�� किन��ला(। सा�थ ( अंन�� न�र्ट�1 �� �न� ��। उन�� प्रचिसाद्ध न�र्ट� M - ��द्र�वला(, भी� ता दुदे!श�, अं�धा� नगी (। ये� न�र्ट� �गीमें�� प भी( बहुता ला��किप्रये हुए। इसा ��ला में& किनब�धा न�र्ट� उपन्ये�सा ताथ� � �किनये1 �� �न� हुई। इसा ��ला �� ला�ख�1 में& ब�ला�� ष्ण भीट्ट, प्रता�प न� �येण यिमेंश्र, �धा� � ण गी�स्व�में(, उप�ध्ये�ये बदे (न�थ �~धा ( 'प्र�मेंघन', ला�ला� श्र(किनव�सा दे�सा, ब�बR दे�व�� न�देन खत्र(, औ कि�श� ( ला�ला गी�स्व�में( आदिदे उल्ला�खन(ये M। इनमें& सा� अंयिधा���श ला�ख� �न� �� सा�थ सा�थ पत्र�� भी( थ�।

श्र(किनव�सादे�सा �� उपन्ये�सा प (क्ष�गी6रू �� कि न्देD �� प ला� उपन्ये�सा � � ज�ता� �। �6 छ किवj�न श्रद्ध� �में फै6 ल्ला~ ( �� उपन्ये�सा भी�ग्येवता( �� कि न्देD �� प ला� उपन्ये�सा में�नता� M। ब�बR दे�व��न�देन खत्र( �� ��द्र���ता� ताथ� ��द्र���ता� सा�ताकिता आदिदे इसा ये6गी �� प्रमें6ख उपन्ये�सा M। ये� उपन्ये�सा इतान� ला��किप्रये हुए कि� इन�� पढ़ान� �� चिलाये� बहुता सा� अंबिं �देD भी�किषये1 न� बिं �देD सा(ख(। इसा ये6गी �� � �किनये1 में& 'चिशवप्रसा�दे चिसाता� � कि न्दे' �� �ज� भी�ज �� सापन� में त्त्वपRण! �।

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किjव�देD ये6गी

आ��ये! में �व( प्रसा�दे किjव�देD �� न�में प ( इसा ये6गी �� न�में 'किjव�देD ये6गी' ख� गीये�। सान १९०३ ईस्व( में& किjव�देD ज( न� सा स्वता( पकित्र�� �� सा�प�देन �� भी� सा�भी�ला�। उन् 1न� खड़ी( ब�ला( गीद्य �� स्वरूप �� स्थि= कि�ये� औ पकित्र�� �� में�ध्येमें सा� �न��� 1 �� ए� बड़ी� सामें6दे�ये �� खड़ी( ब�ला( में& चिलाखन� �� प्र�रि ता कि�ये�। इसा ��ला में& किनब�धा, उपन्ये�सा, � �न(, न�र्ट� एव� सामें�ला��न� �� अंच्छा� किव��सा हुआ।

इसा ये6गी �� किनब�धा�� 1 में& प� में �व( प्रसा�दे किjव�देD, में�धाव प्रसा�दे यिमेंश्र, श्ये�में सा6�दे दे�सा, ��द्रधा शमें�! गी6ला� ( , ब�ला में6�� दे गी6प्ता औ अंध्ये�प� पRण! सिंसा� आदिदे उल्ला�खन(ये M। इन�� किनब�धा गी�भी( , लाचिलाता एव� किव�� �त्में� M, कि�श� (ला�ला गी�स्व�में( औ ब�बR गी�प�ला �में गी में ( �� उपन्ये�सा1 में& मेंन� �जन औ घर्टन�ओं �� ���ता� �। बिं �देD � �न( �� व�स्ताकिव� किव��सा 'किjव�देD ये6गी' सा� ( श6रू हुआ। कि�श� ( ला�ला गी�स्व�में( �� इ�दुमेंता( � �न( �� �6 छ किवj�न बिं �देD �� प ला( � �न( में�नता� M। अंन्ये � �किनये1 में& ब�गी मेंकि ला� �� दुला�ई व�ला(, श6क्ला ज( �� ग्ये� वष! �� सामेंये, प्रसा�दे ज( �� ग्रा�में औ ��द्रधा शमें�! गी6ला� ( �� उसान� � � थ� में त्त्वपRण! M। सामें�ला��न� �� क्ष�त्र में& पद्मसिंसा� शमें�! उल्ला�खन(ये M। " रि औधा", चिशवन�देन सा �ये ताथ� �ये दे�व(प्रसा�दे पRण! j� � �6 छ न�र्ट� चिलाख� गीए।

�में��द्र श6क्ला एव� प्र�में��दे ये6गी

गीद्य �� किव��सा में& इसा ये6गी �� किवश�ष में त्त्व �। प� �में��द्र श6क्ला (१८८४-१९४१) न� किनब�धा, कि न्देD सा�कि त्ये �� इकिता �सा औ सामें�ला��न� �� क्ष�त्र में& गी�भी( ला�खन कि�ये�। उन् 1न� मेंन�किव�� 1 प बिं �देD में& प ला( ब� किनब�धा ला�खन कि�ये�। सा�कि त्ये सामें(क्ष� सा� सा�ब�यिधाता किनब�धा1 �� भी( �न� ��। उन�� किनब�धा1 में& भी�व औ किव�� अंथ�!ता? ब6जिद्ध औ हृदेये दे�न1 �� सामेंन्वये �। बिं �देD शब्देसा�गी �� भीRयिमें�� �� रूप में& चिलाख� गीये� उन�� इकिता �सा आज भी( अंपन( सा�थ!�ता� बन�ए हुए �। ज�येसा(, ता6लासा(दे�सा औ साR दे�सा प चिलाख( गीये( उन�� आला��न�ओं न� भी�व( आला���1 �� में�गी!देश!न कि�ये�। इसा ��ला �� अंन्ये किनब�धा�� 1 में& ज�न�न्द्र �6 में� ज�न, चिसाये� �मेंश ण गी6प्ता, पदुमेंला�ला प6न्न�ला�ला बख्शी( औ जयेश�� प्रसा�दे आदिदे उल्ला�खन(ये M।

�थ� सा�कि त्ये �� क्ष�त्र में& प्र�में��दे न� क्रां��किता ( � ड�ला(। अंब �थ� सा�कि त्ये �� वला मेंन� �जन, �~ताR ला औ न(किता �� किवषये ( न 0 � बल्किल्� सा(धा� ज(वन �� सामेंस्ये�ओं सा� ज6ड़ी गीये�। उन् 1न� सा�व� सादेन, �गीभीRयिमें, किनमें!ला�, गीबन एव� गी�दे�न आदिदे उपन्ये�सा1 �� �न� ��। उन�� ता(न सा~ सा� अंयिधा� � �किनये�� में�नसा �व �� आठ भी�गी1 में& ताथ� गी6प्ताधान �� दे� भी�गी1 में& सा�ग्राकि ता M। पRसा �� �ता, �फ़न, शता �ज �� खिखला�ड़ी(, प�� प में�श्व , नमें� �� दे �गी� ताथ� ईदेगी� आदिदे उन�� � �किनये�� खRब ला��किप्रये हुये0। इसा��ला �� अंन्ये �थ��� 1 में& किवश्व�भी शमें�! '�~चिश�", व��दे�वनला�ला वमें�!, �हुला सा���� त्ये�येन , प��ड�ये ब��न शमें�! 'उग्रा', उप�न्द्रन�थ अंश्� , जयेश�� प्रसा�दे , भीगीवता(� ण वमें�! आदिदे �� न�में उल्ला�खन(ये M।

न�र्ट� �� क्ष�त्र में& जयेश�� प्रसा�दे �� किवश�ष =�न �। इन�� ��द्रगी6प्ता, स्�� देगी6प्ता, ध्रु6वस्व�यिमेंन( ज�सा� ऐकिता �चिसा� न�र्ट�1 में& इकिता �सा औ �ल्पन� ताथ� भी� ता(ये औ प���त्ये न�ट्य पद्यकिताये1 �� सामेंन्वये हुआ �। लाक्ष्में(न� �येण यिमेंश्र, रि �� ष्ण प्र�में(, जगीदेDश��द्र में�थ6 आदिदे इसा ��ला �� उल्ला�खन(ये न�र्ट��� M।

अंद्यतान ��ला

इसा ��ला में& गीद्य �� �हु�में6ख( किव��सा हुआ। प� ज� ( प्रसा�दे किjव�देD, ज�न�न्द्र, अंज्ञे�ये, येशप�ला, न�देदुला� � व�जप�ये(, नगी&द्र, �मेंव�क्ष ब�न(प6 ( ताथ� ड� �मेंकिवला�सा शमें�! आदिदे न� किव�� �त्में� किनब�धा1 �� �न� �� �। ज� ( प्रसा�दे किjव�देD, किवद्य�किनव�सा यिमेंश्र , �न् �ये�ला�ला यिमेंश्र प्रभी�� , किवव��� �ये, औ �6 ब� न�थ �ये न� लाचिलाता किनब�धा1 �� �न� �� �। रि श�� प सा��ई , श दे ज�श( , श्र(ला�ला श6क्ला, व0न्द्रन�थ त्ये�गी(, ताथ� �� प( साक्सा�न�, �� व्य�ग्ये आज �� ज(वन �� किवद्रूपता�ओं �� उद्घा�र्टन में& साफैला हुए M। ज�न�न्द्र, अंज्ञे�ये, येशप�ला, इला���द्र ज�श(, अंमें�ताला�ला न�गी , ��गी�ये �घव औ भीगीवता( � ण वमें�! न� उल्ला�खन(ये उपन्ये�सा1 �� �न� ��। न�गी�ज6!न, फैण(श्व न�थ �ण6 , अंमें�ता �ये, ताथ� � ( में�साRमें ज़ी� न� ला��किप्रये आ��चिला� उपन्ये�सा चिलाख� M। में� न ��� श , �ज�न्द्र ये�देव, मेंन्नR भी�ड� ( , �मेंला�श्व , भी(ष्में सा� न( , भी� व प्रसा�दे गी6प्ता, आदिदे न� आधा6किन� भी�व ब�धा व�ला� अंन�� उपन्ये�सा1 औ � �किनये1 �� �न� �� �। अंमें ���ता, किनमें!ला वमें�! ताथ� ज्ञे�न �जन आदिदे भी( नए �थ� सा�कि त्ये �� में त्वपRण! स्ता�भी M।

प्रसा�दे�त्त न�र्ट�1 �� क्ष�त्र में& लाक्ष्में(न� �येण ला�ला, लाक्ष्में(���ता वमें�!, ताथ� में� न ��� श �� न�में उल्ला�खन(ये M। �न् �ये�ला�ला यिमेंश्र प्रभी�� , �मेंव�क्ष ब�न(प6 ( ताथ� बन� सा(दे�सा �ता6वsदेD आदिदे न� सा�स्में ण �ख�चि�त्र व ज(वन( आदिदे �� �न� �� �। श6क्ला ज( �� ब�दे प� ज़ी� ( प्रसा�दे किjव�देD, न�दे दुला� � व�जप�ये(, नगी�न्द्र, �मेंकिवला�सा शमें�! ताथ� न�मेंव सिंसा� न� बिं �देD सामें�ला��न� �� सामें�द्ध कि�ये�।

आज गीद्य �� अंन�� नये( किवधा�ओं ज�सा� ये�त्र� व�त्त��ता, रि प�ता�!ज, �किडये� रूप�, आला�ख आदिदे में& किवप6ला सा�कि त्ये �� �न� � ( � औ गीद्य �� किवधा�ए� ए� दूसा � सा� यिमेंला ( M।

आधा6किन� कि न्देD सा�कि त्ये में& पद्य �� किव��सा 

आधा6किन� ��ला �� �किवता� �� किव��सा �� किनम्नचिलाखिखता धा� �ओं में& ब��र्ट सा�ता� M।  १. नवज�गी ण ��ला (भी� ता&दु ये6गी) १८५० ईस्व( सा� १९०० ईस्व( ता�२. सा6धा� ��ला (किjव�देD ये6गी) १९०० ईस्व( सा� १९२० ईस्व( ता�३. छ�ये�व�दे १९२० ईस्व( सा� १९३६ ईस्व( ता�४. प्रगीकिताव�दे प्रये�गीव�दे १९३६ ईस्व( सा� १९५३ ईस्व( ता�५. नई �किवता� व सामें��ला(न �किवता� १९५३ ईस्व( सा� आजता�

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नवज�गी ण ��ला (भी� ता&दु ये6गी)

इसा ��ला �� �किवता� �� साबसा� बड़ी( किवश�षता� ये � कि� ये प ला( ब� जन-ज(वन �� सामेंस्ये�ओं सा� सा(धा� ज6ड़ीता( �। इसामें& भीचिक्त औ श्र�गी� �� सा�थ सा�थ सामें�ज सा6धा� �� भी�वन� भी( अंत्तिभीव्यक्त हुई। प� �परि � किवषये1 �� �किवता� �� में�ध्येमें ब्रजभी�ष� ( ( ला�कि�न ज �� ये� �किवता�ए� नव ज�गी ण �� स्व �� अंत्तिभीव्यचिक्त � ता( M, व �� इन�� भी�ष� कि न्देD � ज�ता( �। �किवये1 में& भी� ता&दु रि ��द्र �� व्यचिक्तत्व प्रधा�न �। उन् & नवज�गी ण �� अंग्रादूता � � ज�ता� �। प्रता�प न� �येण यिमेंश्र न� बिं �देD बिं �दू बिं �दुस्ता�न �� व��लाता ��। अंन्ये �किवये1 में& उप�ध्ये�ये बदे (न� �येण �~धा ( 'प�मेंघन' �� न�में उल्ला�खन(ये M।सा6धा� ��ला (किjव�देD ये6गी)

बिं �देD �किवता� �� नये� �गीरूप दे�न� में& श्र(घ प�ठ� �� में त्वपRण! ये�गीदे�न �। उन् & प्रथमें स्वच्छा�देता�व�देD �किव � � ज�ता� �। उन�� ए���ता ये�गी( औ �श्में( सा6षमें� खड़ी( ब�ला( �� सा6प्रचिसाद्ध �न�ए� M। �मेंन �श किjव�देD न� अंपन� पचिथ� यिमेंलान औ स्वप्न में ���व्य1 में& इसा धा� � �� किव��सा कि�ये�। अंये�ध्ये�सिंसा� उप�ध्ये�ये ' रि औधा ' �� किप्रये प्रव�सा �� खड़ी( ब�ला( �� प ला� में ���व्य में�न� गीये� �।

में �व( प्रसा�दे किjव�देD �� प्र� ण� सा� में�चिथला(श ण गी6प्ता न� खड़ी( ब�ला( में& अंन�� ��व्य1 �� �न� ��। इन ��व्य1 में& भी� ता भी� ता(, सा��� ता, जयेद्रथ वधा प��वर्टD औ जयेभी� ता आदिदे उल्ला�खन(ये M। उन�� 'भी� ता भी� ता(' में& स्व�धा(नता� आ�दे�लान �� लाला�� �। �ष्ट्री(ये प्र�में उन�� �किवता�ओं �� प्रमें6ख स्व �।

इसा ��ला �� अंन्ये �किवये1 में& चिसाये� �में श ण गी6प्ता, सा6भीद्र��6 में� ( �~ �न , न�थR �में श�� शमें�! ताथ� गीये�प्रसा�दे श6क्ला 'सान� (' आदिदे �� न�में उल्ला�खन(ये M।छ�ये�व�दे

�किवता� �� दृयिC सा� ये में इसा ��ला में& ए� दूसा ( धा� � भी( थ( ज� सा(धा� सा(धा� स्व�धा(नता� आ�दे�लान सा� ज6ड़ी( थ(। इसामें& में�खनला�ला �ता6वsदेD , ब�ला�� ष्ण शमें�! 'नव(न', न �न्द्र शमें�!, �मेंधा� ( सिंसा� दिदेन� , श्र(�� ष्ण सा ला आदिदे �� न�में उल्ला�खन(ये M। इसा ये6गी �� प्रमें6ख �� किताये1 में& जये श�� प्रसा�दे �� ��में�येन( औ आ�साR, सा6यिमेंत्र�न�देन प�ता �� पल्लाव, गी6�जन औ व(ण�, साRये!���ता कित्रप�ठ� किन �ला� �� गी(किता�� औ अंन�यिमें��, ताथ� में �दे�व( वमें�! �� ये�में�, देDपचिशख� औ सा��ध्येगी(ता आदिदे �� किताये�� में त्वपRण! M। ��मेंयेन( �� आधा6किन� ��ला �� साव!श्र�ष्ठ में ���व्य � � ज�ता� �।

छ�ये�व�दे�त्त ��ला में& रि व�श �ये बच्चन �� न�में उल्ला�खन(ये �। छ�ये�व�देD ��व्य में& आत्मेंप �ता�, प्र�� किता �� अंन�� रूप1 �� साज(व चि�त्रण, किवश्व में�नवता� �� प्रकिता प्र�में आदिदे �� अंत्तिभीव्यचिक्त हुई �। इसा( ��ला में& में�नव मेंन साRक्ष्में भी�व1 �� प्र�र्ट � न� �� क्षमेंता� बिं �देD भी�ष� में& किव�चिसाता हुई।प्रगीकिताव�दे

सान १९३६ �� आसाप�सा सा� �किवता� �� क्ष�त्र में& बड़ी� परि वता!न दिदेख�ई पड़ी� प्रगीकिताव�दे न� �किवता� �� ज(वन �� येथ�थ! सा� ज�ड़ी�। प्रगीकिताव�देD �किव ��ला! में�क्सा! �� सामें�जव�देD किव�� धा� � सा� प्रभी�किवता M।

ये6गी �� में��गी �� अंन6रूप छ�ये�व�देD �किव सा6यिमेंत्र�न�देन प�ता औ साRये!���ता कित्रप�ठ� किन �ला� न� अंपन( ब�दे �� �न�ओं में& प्रगीकिताव�दे �� सा�थ दिदेये�। न &द्र शमें�! औ दिदेन� न� भी( अंन�� प्रगीकिताव�देD �न�ए� �u। प्रगीकिताव�दे �� प्रकिता सामेंर्पिप�ता �किवये1 में& �� दे� न�थ अंग्राव�ला, न�गी�ज6!न, शमेंश� ब �दु सिंसा� , �मेंकिवला�सा शमें�!, कित्रला��न श�स्त्र( औ में6चिक्तब�धा �� न�में उल्ला�खन(ये M।

इसा धा� � में& सामें�ज �� श�किषता वगी! -मेंज़ीदू औ कि�सा�न1-�� प्रकिता सा �न6भीRकिता व्यक्त �� गीये(, धा�र्मिमें�� रूदिढ़ाये1 औ सा�में�जिज� किवषमेंता� प ��र्ट �� गीये( औ बिं �देD �किवता� ए� ब� किफै ख�ता1 औ खचिला �न1 सा� ज6ड़ी(।प्रये�गीव�दे

प्रगीकिताव�दे �� सामें�न��ता प्रये�गीव�दे �� धा� � भी( प्रव�कि ता हुई। अंज्ञे�ये �� इसा धा� � �� प्रवता!� स्व(� कि�ये� गीये�। सान १९४३ में& अंज्ञे�ये न� ता� साप्ता� �� प्र��शन कि�ये�। इसा�� सा�ता �किवये1 में& प्रगीकिताव�देD �किव अंयिधा� थ�। �मेंकिवला�सा शमें�!, प्रभी�� में��व�, न�यिमें��दे ज�न, गीज�नन में�धाव में6चिक्तब�धा, किगीरि ज��6 में� में�थ6 औ भी� ताभीRषण अंग्राव�ला ये� साभी( �किव प्रगीकिताव�देD M। इन �किवये1 न� �थ्ये औ अंत्तिभीव्यचिक्त �� दृयिC सा� अंन�� नए नए प्रये�गी कि�ये�। अंता: ता� साप्ता� �� प्रये�गीव�दे �� आधा� ग्रा�थ में�न� गीये�। अंज्ञे�ये j� � सा�प�दिदेता प्रता(� में& इन �किवये1 �� अंन�� �न�ए� प्र��चिशता हुये0।नई �किवता� औ सामें��ला(न �किवता�

सान १९५३ ईस्व( में& इला� �ब�दे सा� "नई �किवता�" पकित्र�� �� प्र��शन हुआ। इसा पकित्र�� में& नई �किवता� �� प्रये�गीव�दे सा� त्तिभीन्न रूप में& प्रकितायिष्ठता कि�ये� गीये�। दूसा � साप्ता�(१९५१), ता(सा � साप्ता�(१९५९) ताथ� �~थ� साप्ता� �� �किवये1 �� भी( नए �किव � � गीये�। वस्ता6ता: नई �किवता� �� प्रये�गीव�दे �� ( त्तिभीन्न रूप में�न� ज�ता� �। इसामें& भी( दे� धा �ए� परि लात्तिक्षता �ता( M।

व�येचिक्त�ता� �� सा6 त्तिक्षता खन� �� प्रयेत्न � न� व�ला( धा� � जिजसामें& अंज्ञे�ये, धामें!व( भी� ता( , �6� व न� �येण, श्र(���ता वमें�!, जगीदेDश गी6प्ता प्रमें6ख M ताथ� प्रगीकिताश(ला धा� � जिजसामें& गीज�नन में�धाव में6चिक्तब�धा, �मेंकिवला�सा शमें�!, न�गी�ज6!न, शमेंश� ब �दु सिंसा� , कित्रला��न श�स्त्र( , घ6व( सा �ये, �� दे� न�थ सिंसा� ताथ� सा6दे�में� प��ड�ये धाRयिमेंला आदिदे उल्ला�खन(ये M। सावsश्व देये�ला साक्सा�न� में& इन दे�न1 धा �ओं �� में�ला दिदेख�ई पड़ीता� �। इन दे�न� ( धा� �ओं में& अंन6भीव �� प्र�में�त्तिण�ता�, लाघ6में�नव �� प्रकिताष्ठ� ताथ� ब~यिधा�ता� �� आग्रा आदिदे प्रमें6ख प्रव�त्तित्तये�� M। सा�धा� ण ब�ला��ला �� शब्दे�वला( में& अंसा�धा� ण अंथ! भी दे�न� इन�� भी�ष� �� किवश�षता� �।

सामें��ला(न �किवता� में� गी(ता नवगी(ता औ गीज़ीला �� ओ रूझ�न बढ़ा� �। आज बिं �देD �� किन �ता गीकिताश(ला औ व्य�प� �ता( हुई ��व्यधा� � में& सा�पRण! भी� ता �� साभी( प्रदे�श1 �� सा�थ ( सा�थ सा�पRण! किवश्व में& ला�कि�किप्रये � ( �। इसामें& आज दे�श किवदे�श में& न� व�ला� अंन�� न�गीरि �ता�ओं �� अंसा�ख्ये किवj�न1 औ प्रव�सा( भी� ता(ये1 �� ये�गीदे�न किन �ता ज� ( �।

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आधु#वि$का का�लहिं'दी� सा�वित्य का� आधु#वि$का का�ल तात्��ला(न �जन�किता� गीकिताकिवयिधाये1 सा� प्रभी�किवता हुआ। इसा�� बिं �देD सा�कि त्ये �� साव!श्र�ष्ठ ये6गी में�न� ज� सा�ता� �, जिजसामें& पद्य �� सा�थ-सा�थ गीद्य, सामें�ला��न�, � �न(, न�र्ट� व पत्र��रि ता� �� भी( किव��सा हुआ।सा� 1800 किव. �� उप ��ता भी� ता में& अंन�� येR �प(ये ज�किताये�� व्य�प� �� चिलाए आईं। उन�� सा�प�! सा� ये �� प���त्ये साभ्येता� �� प्रभी�व पड़ीन� प्र� �भी हुआ। किवदे�चिशये1 न� ये �� �� दे�श( �ज�ओं �� प� स्परि � फैR र्ट सा� ला�भी उठ�� अंपन� प� जमें�न� में& साफैलाता� प्र�प्ता ��। जिजसा�� परि ण�में-स्वरूप ये �� प किब्रदिर्टश सा�म्रा�ज्ये �� =�पन� हुई। अं�ग्रा�ज1 न� ये �� अंपन� श�सान ��ये! �� सा6��रु रूप सा� �ला�न� एव� अंपन� धामें!-प्र�� �� चिलाए जन-सा�धा� ण �� भी�ष� �� अंपन�ये�। इसा ��ये! �� चिलाए गीद्य ( अंयिधा� उपये6क्त �ता( �। इसा �� ण आधा6किन� ये6गी �� में6ख्ये किवश�षता� गीद्य �� प्रधा�नता� (। इसा ��ला में& �न� व�ला� में6द्रण �ला� �� आकिवष्�� न� भी�ष�-किव��सा में& में �न ये�गीदे�न दिदेये�। स्व�में( देये�न�दे न� भी( आये! सामें�ज �� ग्रा�थ1 �� �न� �ष्ट्रीभी�ष� बिं �देD में& �� औ अं�ग्रा�ज़ी यिमेंशनरि ये1 न� भी( अंपन( प्र�� प6स्ता�& बिं �देD गीद्य में& ( छपव�ईं। इसा ता किवत्तिभीन्न मेंता1 �� प्र�� ��ये! सा� भी( बिं �देD गीद्य �� सामें6चि�ता किव��सा हुआ।इसा ��ला में& �ष्ट्री(ये भी�वन� �� भी( किव��सा हुआ। इसा�� चिलाए श्र��गी� ( ब्रजभी�ष� �� अंप�क्ष� खड़ी( ब�ला( उपये6क्त सामेंझ( गीई। सामेंये �� प्रगीकिता �� सा�थ गीद्य औ पद्य दे�न1 रूप1 में& खड़ी( ब�ला( �� पये�!प्ता किव��सा हुआ। भी� ता&दु ब�बR रि ��द्र ताथ� ब�बR अंये�ध्ये� प्रसा�दे खत्र( न� खड़ी( ब�ला( �� दे�न1 रूप1 �� सा6धा� न� में& में �न प्रयेत्न कि�ये�। उन् 1न� अंपन( साव!ता�न्में6ख( प्रकिताभी� j� � बिं �देD सा�कि त्ये �� साम्ये� सा�वधा!न� ��।इसा ��ला �� आ �भी में& �ज� लाक्ष्मेंण सिंसा� , भी� ता&दु रि ��द्र , जगीन्न�थ दे�सा त्न�� , श्र(धा प�ठ� , �में��द्र श6क्ला आदिदे न� ब्रजभी�ष� में& ��व्य �न� ��। इन�� उप ��ता भी� ता&दु ज( न� गीद्य �� सामें6चि�ता किव��सा कि�ये� औ आ��ये! में �व( प्रसा�दे किjव�देD न� इसा( गीद्य �� प्र��जला रूप प्रदे�न कि�ये�। इसा�� सात्प्र� ण�ओं सा� अंन्ये ला�ख�1 औ �किवये1 न� भी( अंन�� भी��किता �� ��व्य �न� ��। इनमें& में�चिथला(श ण गी6प्ता , �में�रि ता उप�ध्ये�ये , न�थR �में शमें�! श�� , ला�. भीगीव�न देDन , �मेंन �श कित्रप�ठ� , जयेश�� प्रसा�दे , गी�प�ला श ण सिंसा� , में�खन ला�ला �ता6वsदेD , अंनRप शमें�! , �में�6 में� वमें�! , श्ये�में न� �येण प��ड�ये , दिदेन� , सा6भीद्र� �6 में� ( �~ �न , में �दे�व( वमें�! आदिदे �� न�में किवश�ष रूप सा� उल्ला�खन(ये �। भी� ता �� स्वता�त्रता� प्र�प्तिप्ता �� प्रभी�व सा� बिं �देD-��व्य में& भी( स्वच्छा�दे (अंता6���ता) छ�दे1 �� प्र�लान हुआ।इसा ��ला में& गीद्य-किनब�धा, न�र्ट�-उपन्ये�सा, � �न(, सामें�ला��न�, ता6लान�त्में� आला��न�, सा�कि त्ये आदिदे साभी( रूप1 �� सामें6चि�ता किव��सा हुआ। इसा ये6गी �� प्रमें6ख सा�कि त्ये�� किनम्नचिलाखिखता M-अ$#क्रम[छ6 प�ए�] १ सामें�ला��� २ � �न( ला�ख� ३ उपन्ये�सा�� ४ न�र्ट��� ५ किनब�धा ला�ख� ६ ये भी( दे�ख& [सा�पू�दिदी� कार* ] साम�ल+चकाआ��ये! किjव�देD ज(, पद्म सिंसा� शमें�! , किवश्वन�थ प्रसा�दे यिमेंश्र , आ��ये! �में��द्र श6क्ला , ड�क्र्ट �में�6 में� वमें�! , श्ये�मेंसा6�दे दे�सा , डq �में तान भीर्टन�गी आदिदे M।[सा�पू�दिदी� कार* ] का�$� ल-खकाप्र�में��दे, किवन�दे श�� व्य�सा , प्रसा�दे , प�ता , गी6ला� (, किन �ला�, �~चिश�, सा6देश!न, ज�न&द्र, हृदेये�श आदिदे।[सा�पू�दिदी� कार* ] उपून्य�साका�रप्र�में��दे, प्रता�पन� �येण श्र(व�स्ताव , प्रसा�दे, उग्रा, हृदेये�श, ज�न&द्र, भीगीवता(� ण वमें�! , व��दे�वन ला�ला वमें�! , गी6रुदेत्त आदिदे।[सा�पू�दिदी� कार* ] $�टकाका�रप्रसा�दे, सा�ठ गी�बिंव�दे दे�सा , गी�बिंव�दे वल्लाभी प�ता , लाक्ष्में( न� �येण यिमेंश्र , उदेये श�� भीट्ट , �में�6 में� वमें�! आदिदे M।[सा�पू�दिदी� कार* ] वि$बं�धु ल-खकाआ��ये! किjव�देD , में�धाव प्रसा�दे श6क्ला , �में��द्र श6क्ला , ब�बR श्ये�मेंसा6�दे दे�सा , पद्म सिंसा� , अंध्ये�प� पRण!सिंसा� आदिदे M।भाक्ति� का�लबिं �देD सा�कि त्ये �� भाक्ति� का�ल 1375 किव0 सा� 1700 किव0 ता� में�न� ज�ता� �। ये ये6गी भीचिक्त��ला �� न�में सा� प्रख्ये�ता �। ये बिं �देD सा�कि त्ये �� श्र�ष्ठ ये6गी �। सामेंस्ता बिं �देD सा�कि त्ये �� श्र�ष्ठ �किव औ उत्तमें �न�ए� इसा ये6गी में& प्र�प्ता �ता( M।देत्तिक्षण में& आलाव� ब�धा6 न�में सा� प्रख्ये�ता भीक्त � गीए। इनमें& सा� �ई ताथ��चिथता न(�( ज�किताये1 सा� आए थ�। व� बहुता पढं�-चिलाख� न 0 थ� प �ता6 अंन6भीव( थ�। आलाव� 1 �� प��ता देत्तिक्षण में& आ��येL �� ए� प �प � �ला( जिजसामें& �में�न6ज���ये! प्रमें6ख थ�। �में�न6ज���ये! �� प �प � में& �में�न�दे हुए। आप�� व्यचिक्तत्व अंसा�धा� ण थ�। व� उसा सामेंये �� साबसा� बड़ी� आ��ये! थ�। उन् 1न� भीचिक्त �� क्ष�त्र में& ऊं� �-न(� �� भी�दे ता�ड़ी दिदेये�। साभी( ज�किताये1 �� अंयिधा�� ( व्यचिक्तये1 �� आपन� चिशष्ये बन�ये�। उसा सामेंये �� साRत्र � गीये�  ज�किता-प��किता पRछ� नबिं � ��ई। रि �� भीज� सा� रि �� �ई।। �में�न�दे न� किवष्ण6 �� अंवता� �में �� उप�सान� प बला दिदेये�। �में�न�दे न� औ उन�� चिशष्ये-में�डला( न� देत्तिक्षण �� भीचिक्तगी�गी� �� उत्त में& प्रव� कि�ये�। सामेंस्ता उत्त -भी� ता इसा प6ण्ये-प्रव� में& ब न� लागी�। भी� ता भी में& उसा सामेंये पहु��� हुए सा�ता औ में �त्में� भीक्त1 �� आकिवभी�!व हुआ।में �प्रभी6 वल्लाभी���ये! न� प6यिC-में�गी! �� =�पन� �� औ किवष्ण6 �� �� ष्ण�वता� �� उप�सान� � न� �� प्र�� कि�ये�। आप�� j� � जिजसा ला(ला�-गी�न �� उपदे�श हुआ उसान� दे�शभी �� प्रभी�किवता कि�ये�। अंCछ�प �� सा6प्रचिसाध्दे �किवये1 न� आप�� उपदे�श1 �� मेंधा6 �किवता� में& प्रकिताबिंब�किबता कि�ये�।इसा�� उप ��ता में�ध्व ताथ� बिंन�ब��! सा�प्रदे�ये1 �� भी( जन-सामें�ज प प्रभी�व पड़ी� �। सा�धान�-क्ष�त्र में& दे� अंन्ये सा�प्रदे�ये भी( उसा सामेंये किवद्यमें�न थ�। न�थ1 �� ये�गी-में�गी! सा� प्रभी�किवता सा�ता सा�प्रदे�ये �ला� जिजसामें& प्रमें6ख व्यचिक्तत्व सा�ता �ब( दे�सा �� �। में6सालामें�न �किवये1 �� साRफै�व�दे बिं �दुओं �� किवचिशC�j�ताव�दे सा� बहुता त्तिभीन्न न 0 �। �6 छ भी�व6� में6सालामें�न �किवये1 j� � साRफै�व�दे सा� �गी( हुई उत्तमें �न�ए� चिलाख( गीईं। सा�क्ष�प में& भीचिक्त-ये6गी �� �� प्रमें6ख ��व्य-धा� �ए� यिमेंलाता( M : ज्ञे�न�श्रये( श�ख� , प्र�में�श्रये( श�ख� , �� ष्ण�श्रये( श�ख� औ �में�श्रये( श�ख� , प्रथमें दे�न1 धा� �ए� किनगी6!ण मेंता �� अं�तागी!ता आता( M, श�ष दे�न1 सागी6ण मेंता �� ।

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अ$#क्रम[छ6 प�ए�] १ ज्ञे�न�श्रये( श�ख� २ प्र�में�श्रये( श�ख� ३ �� ष्ण�श्रये( श�ख� ४ �में�श्रये( श�ख� ५ ये भी( दे�ख& ६ ब� ( �किड़ीये�� [सा�पू�दिदी� कार* ] ज्ञा�$�श्रय� शा�ख�इसा श�ख� �� भीक्त-�किव किनगी6!णव�देD थ� औ न�में �� उप�सान� � ता� थ�। गी6रु �� व� बहुता साम्में�न दे�ता� थ� औ ज�किता-प��किता �� भी�दे1 �� अंस्व(�� � ता� थ�। व�येचिक्त� सा�धान� प व� बला दे�ता� थ�। यिमेंथ्ये� आड�ब 1 औ रूदिढंये1 �� व� किव �धा � ता� थ�। लागीभीगी साब सा�ता अंपढ़ा थ� प �ता6 अंन6भीव �� दृयिC सा� सामें�ध्दे थ�। प्र�ये  साब सात्सा�गी( थ� औ उन�� भी�ष� में& �ई ब�चिलाये1 �� यिमेंश्रण प�ये� ज�ता� � इसाचिलाए इसा भी�ष� �� 'साधा6क्�ड़ी(' � � गीये� �। सा�धा� ण जनता� प इन सा�ता1 �� व�ण( �� ज़ीब देस्ता प्रभी�व पड़ी� �। इन सा�ता1 में& प्रमें6ख �ब( दे�सा थ�। अंन्ये में6ख्ये सा�ता-�किवये1 �� न�में M - न�न�, �दे�सा, दे�दूदेये�ला, सा6�दे दे�सा ताथ� मेंलाR�दे�सा।

प्र�फ़� सा में �व( सा न ज�न न� किनगी6!ण भीचिक्त �� स्वरूप �� ब� � में& प्रश्न उठ�ए M ताथ� प्रकिताप�दिदेता कि�ये� � कि� सा�ता1 �� किनगी6!ण भीचिक्त �� अंपन� स्वरूप � जिजसा�� व�दे��ता देश!न �� सान्देभी! में& व्य�ख्ये�यियेता न 0 कि�ये� ज� सा�ता�. उन�� शब्दे M: " भीस्थिक् ता ये� उप�सान� �� चिलाए गी6ण1 �� सात् ता� आवश् ये� �। ब्रह्म �� सागी6ण स् वरूप �� आधा� बन�� ता� भीस्थिक् ता / उप�सान� �� ज� सा�ता( � कि�न् ता6 ज� किनगी6!ण एव� किन ��� � उसा�� भीस्थिक् ता कि�सा प्र�� साम् भीव � ? किनगी6!ण �� गी6ण1 �� आख् ये�न कि�सा प्र�� कि�ये� ज� सा�ता� � ? गी6ण�ता(ता में& गी6ण1 �� प्रव� कि�सा प्र�� में�न� ज� सा�ता� � ? ज� किन �लाम् ब �, उसा�� आलाम् बन कि�सा प्र�� बन�ये� ज� सा�ता� �। ज� अंरूप �, उसा�� रूप �� �ल् पन� कि�सा प्र�� साम् भीव �। ज� �गी�ता(ता �, उसा�� प्रकिता �गी1 �� अंप!ण कि�सा प्र�� कि�ये� ज� सा�ता� � ? रूप�ता(ता सा� यिमेंलान� �� उत् �� ठ� �� क् ये� औचि�त् ये � सा�ता� �। ज� न�में सा� भी( अंता(ता �, उसा�� न�में �� जप कि�सा प्र�� कि�ये� ज� सा�ता� �।श�स् त्र(ये दृखिष् र्ट सा� उपये6!क् ता साभी( प्रश् न ‘किनगी6!ण-भीस्थिक् ता‘ �� स् वरूप �� ता�ला ठ1�� ‘��ला�न् ज‘ दे�ता� हुए प्रता(ता �ता� M। ये �� ये उल् ला�खन(ये � कि� सा�ता1 ताथ� साRकिफैये1 �� ‘‘भीस्थिक् ता‘‘ �� किवचिशष् र्ट पद्धकिता ताथ� किवचिशष् र्ट दृखिष् र्ट �� व�ज्ञे�किन� दृखिष् र्ट सा� किवव��न �न� ��कि ए; पRव�!ग्रा कि ता एव� पक्षप�ता (न मेंन स्थिस् थकिता में& इसा�� व् ये�ख् ये� �न( ��कि ए। इसा साम् बन् धा में& �6 छ किव�� साRत्र तात् साम् बल्किन् धाता क्ष�त्र �� अंध् ये�ता�ओं एव� अंन6सा�यिधात् सा6ओं �� चिलाए प्रस् ता6ता � (1) �ब( आदिदे सा�ता1 �� दे�श!किन� किवव��न� � ता� सामेंये आ��ये! �में�न् द्र श6ल् � न� ये में�न् येता� स् थ�किपता �� � कि� उन् 1न� किन ��� ईश् व �� चिलाए भी� ता(ये व�दे�न् ता �� पल् ला� प�ड़ी� �।इसा साम् बन् धा में& जब में श��� अंj�ताव�दे एव� सा�ता1 �� किनगी6!ण भीस्थिक् ता �� ता6लान�त् में� पक्ष1 प किव�� � ता� M ता� उपये6!क् ता में�न् येता� �� सा(में�ये& स् पष् र्ट � ज�ता( M ः (�) श��� अंj�ताव�दे में& भीस्थिक् ता �� सा�धान �� रूप में& स् व(�� कि�ये� गीये� �, कि�न् ता6 उसा� सा�ध् ये न ( में�न� गीये� �। सा�ता1 न� (साRकिफैये1 न� भी() भीस्थिक् ता �� सा�ध् ये में�न� �।(ख) श��� अंj�ताव�दे में& में6स्थिक् ता �� प्रत् येक्ष सा�धान �� रूप में& ‘ज्ञे�न' �� ग्रा ण कि�ये� गीये� �। व �� में6स्थिक् ता �� चिलाए भीस्थिक् ता �� ग्रा ण अंपरि �ये! न 0 �। व �� भीस्थिक् ता �� में त् व �� सा(में� प्रकिताप�दिदेता �। व �� भीस्थिक् ता �� में त् व �� वला इसा दृखिष् र्ट सा� � कि� व अंन् ता � ण �� में�चिलान् ये �� प्रक्ष�लान � न� में& सामेंथ! चिसाद्ध �ता( �। भीस्थिक् ता आत् में-सा�क्ष�त् �� न 0 � � सा�ता(, व �� वला आत् में सा�क्ष�त् �� �� चिलाए उचि�ता भीRयिमें�� �� किनमें�!ण � सा�ता( �। सा�ता1 न� अंपन� � में लाक्ष् ये आत् में सा�क्ष�त् �� ये� भीगीवदे? -देश!न में�न� � ताथ� भीस्थिक् ता �� ग्रा ण �� अंपरि �ये! रूप में& स् व(�� कि�ये� � क् ये1कि� सा�ता1 �� दृखिष् र्ट में& भीस्थिक् ता ( आत् में-सा�क्ष�त् �� ये� भीगीवदे? देश!न � �ता( �।"[सा�पू�दिदी� कार* ] प्रे-म�श्रय� शा�ख�में6सालामें�न्दे साRफै� �किवये1 �� इसा सामेंये �� ��व्य-धा� � �� प्र�मेंमें�गी¦ में�न� गीये� � क्ये1कि� प्र�में सा� ईश्व प्र�प्ता �ता� M ऐसा( उन�� में�न्येता� थ(। ईश्व �� ता प्र�में भी( साव!व्य�प( तात्व � औ ईश्व �� ज(व �� सा�थ प्र�में �� ( सा�ब�धा � सा�ता� �, ये उन�� �न�ओं �� मेंRला तात्व �। उन् 1न� प्र�मेंगी�थ�ए� चिलाख( M। ये� प्र�मेंगी�थ�ए� फै� सा( �� मेंसानकिवये1 �� श�ला( प �( गीई M। इन गी�थ�ओं �� भी�ष� अंवधा( � औ इनमें& दे� �-�~प�ई छ�दे1 �� प्रये�गी हुआ �। में6सालामें�न �ता� हुए भी( उन् 1न� बिं �दू-ज(वन सा� सा�ब�यिधाता �थ�ए� चिलाख( M। ख�डन-में�डन में& न पड़ी� इन फै�� �किवये1 न� भी~किता� प्र�में �� में�ध्येमें सा� ईश्व (ये प्र�में �� वण!न कि�ये� �। ईश्व �� में�शR� में�न� गीये� � औ प्र�ये  प्रत्ये�� गी�थ� में& ��ई �ज�6 में� कि�सा( �ज�6 में� ( �� प्र�प्ता � न� �� चिलाए न�न�किवधा �C1 �� सा�मेंन� � ता� �, किवकिवधा �सा~दिर्टये1 सा� प� �ता� � औ ताब ज�� में�शR� �� प्र�प्ता � सा�ता� �। इन �किवये1 में& मेंचिला� में6 म्मेंदे ज�येसा( प्रमें6ख M। आप�� 'पद्म�वता' में ���व्य इसा श�ला( �� साव!श्र�ष्ठ �न� �। अंन्ये �किवये1 में& प्रमें6ख M - में�झन, �6 ता6बन औ उसामें�न।[सा�पू�दिदी� कार* ] का5 ष्णा�श्रय� शा�ख�इसा गी6ण �� इसा श�ख� �� साव�!यिधा� प्र�� हुआ �। किवत्तिभीन्न सा�प्रदे�ये1 �� अं�तागी!ता उच्च ��दिर्ट �� �किव हुए M। इनमें& वल्लाभी���ये! �� प6यिC-सा�प्रदे�ये �� अं�तागी!ता साR दे�सा ज�सा� में �न �किव हुए M। व�त्साल्ये एव� श्र��गी� �� साव§त्तमें भीक्त-�किव साR दे�सा �� पदे1 �� प वता¦ बिं �देD सा�कि त्ये प साव�!यिधा� प्रभी�व पड़ी� �। इसा श�ख� �� �किवये1 न� प्र�ये  में6क्त� ��व्य ( चिलाख� �। भीगीव�न श्र(�� ष्ण �� ब�ला एव� कि�श� रूप ( इन �किवये1 �� आ�र्पिष�ता � प�ये� � इसाचिलाए इन�� ��व्य1 में& श्र(�� ष्ण �� ऐश्वये! �� अंप�क्ष� में�धा6ये! �� ( प्र�धा�न्ये � �। प्र�ये  साब �किव गी�ये� थ� इसाचिलाए �किवता� औ सा�गी(ता �� अंद्भु©ता सा6�दे सामेंन्वये इन �किवये1 �� �न�ओं में& यिमेंलाता� �। गी(किता - ��व्य �� ज� प �प � जयेदे�व औ किवद्य�पकिता j� � पल्लाकिवता हुई थ( उसा�� � में-किव��सा इन �किवये1 j� � हुआ �। न -न� ( �� सा�धा� ण प्र�में-ला(ला�ओं �� �धा�-�� ष्ण �� अंला~कि�� प्र�मेंला(ला� j� � व्य�जिजता � �� उन् 1न� जन-में�नसा �� सा�प्ला�किवता � दिदेये�। आन�दे �� ए� ला दे�श भी में& दे~ड ग़ई। इसा श�ख� �� प्रमें6ख �किव थ� साR दे�सा, न�देदे�सा, में( � ब�ई , कि ता रि व�श, रि दे�सा, साख�न, न �त्तमेंदे�सा वगी� । (में भी( इसा( सामेंये हुए।[सा�पू�दिदी� कार* ] र�म�श्रय� शा�ख��� ष्णभीचिक्त श�ख� �� अं�तागी!ता ला(ला�-प6रुष�त्तमें �� गी�न � ता� �मेंभीचिक्त श�ख� �� प्रमें6ख �किव ता6लासा(दे�सा न� मेंये�!दे�-प6रुष�त्तमें �� ध्ये�न � न� �� �। इसाचिलाए आपन� �में��द्र �� आ �ध्ये में�न� औ ' �में�रि ता में�नसा ' j� � �में-�थ� �� घ -घ में& पहु��� दिदेये�। ता6लासा(दे�सा बिं �देD सा�कि त्ये �� श्र�ष्ठ �किव में�न� ज�ता� M। सामेंन्वयेव�देD ता6लासा(दे�सा में& ला��न�ये� �� साब गी6ण में~जRदे थ�। आप�� प�वन औ मेंधा6 व�ण( न� जनता� �� तामें�में स्ता 1 �� �मेंमेंये � दिदेये�। उसा सामेंये प्र�चिलाता तामें�में भी�ष�ओं औ छ�दे1 में& आपन� �में�थ� चिलाख देD। जन-सामें�ज �� उत्था�न में& आपन� साव�!यिधा� में त्वपRण! ��ये! कि�ये� �। इसा श�ख� में& अंन्ये ��ई �किव ता6लासा(दे�सा �� सामें।न उल्ला�खन(ये न 0 � ताथ�किप अंग्रादे�सा, न�भी�दे�सा ताथ� प्र�ण �न्दे �~ �न भी( इसा श्र�ण( में& आता� M।» में6खप�ष्ठ » कि न्देD सा�कि त्ये �� इकिता �सा » भीचिक्त ��ला - कि न्देD सा�कि त्ये �� इकिता �सा भाक्ति� का�ल - विन्दी� सा�वित्य का� इवि��सा

पू��� मध्य का�ल : भाक्ति� का�ल ( सा���� 1375-1700)

Page 6: हिन्दी साहित्य का इतिहास कालविभाग

प्रेकारणा 1

सा�म�न्य पूरिरचय

दे�श में& में6सालामें�न1 �� �ज्ये प्रकितायिष्ठता � ज�न� प बिं �दू जनता� �� हृदेये में& गी~ व, गीव! औ उत्सा� �� चिलाए व अंव��श न गीये�। उसा�� सा�मेंन� ( उसा�� दे�वमें�दिदे किगी �ए ज�ता� थ�, दे�वमेंRर्पिता�ये�� ता�ड़ी( ज�ता( थ0 औ पRज्ये प6रुष1 �� अंपमें�न �ता� थ� औ व� �6 छ भी( न 0 � सा�ता� थ�। ऐसा( देश� में& अंपन( व( ता� �� गी(ता न ता� व� गी� ( सा�ता� थ� औ न किबन� लास्थि¬ता हुए सा6न ( सा�ता� थ�। आगी� �ला� जब में6स्थिस्लामें सा�म्रा�ज्ये दू ता� =�किपता � गीये� ताब प स्प लाड़ीन� व�ला� स्वता�त्र �ज्ये भी( न 0 गीए। इतान� भी� ( �जन(किता� उलार्टफै� �� प(छ� बिं �दू जनसामें6दे�ये प बहुता दिदेन1 ता� उदे�सा(-सा( छ�ई (। अंपन� प~रुष सा� ता�श ज�किता �� चिलाए भीगीव�न �� शचिक्त औ �रुण� �� ओ ध्ये�न ला� ज�न� �� अंकितारि क्त दूसा � में�गी! ( क्ये� थ�?ये ता� हुई �जन(किता� परि स्थि=किता। अंब धा�र्मिमें�� स्थि=किता दे�खिखए। आदिदे��ला �� अं�तागी!ता ये दिदेख�ये� ज� �6�� � कि� कि�सा प्र�� वज्रये�न( चिसाद्ध , ��प�चिला� आदिदे दे�श �� पR ब( भी�गी1 में& औ न�थप�थ( ज�गी( पत्ति�में( भी�गी1 में& मेंता� �ला� आ � थ�।1 इसा( ब�ता सा� इसा�� अंन6में�न � सा�ता� � कि� सा�में�न्ये जनता� �� धामें!भी�वन� कि�तान( देबता( ज� ( थ(, उसा�� हृदेये धामें! सा� कि�तान( दू र्टता� �ला� ज� � थ�।धामें! �� प्रव� �में!, ज्ञे�न औ भीचिक्त, इन ता(न धा� �ओं में& �लाता� �। इन ता(न1 �� सा�में�जस्ये सा� धामें! अंपन( पRण! साज(व देश� में& ता� �। कि�सा( ए� �� भी( अंभी�व सा� व किव�ला��गी ता� �। �में! �� किबन� व लाRला�-ला�गीड़ी�, ज्ञे�न �� किबन� अं�धा� औ भीचिक्त �� किबन� हृदेयेकिव (न क्ये�, किनष्प्र�ण ता� �? ज्ञे�न �� अंयिधा�� ( ता� सा�में�न्ये सा� बहुता अंयिधा� सामें6न्नता औ किव�चिसाता ब6जिद्ध �� �6 छ थ�ड़ी�-सा� किवचिशC व्यचिक्त ( �ता� M। �में! औ भीचिक्त ( सा� � जनसामें6दे�ये �� सा�पत्तित्त �ता( �। कि न्देD सा�कि त्ये �� आदिदे��ला में& �में! ता� अंथ!शRन्ये किवयिधाकिवधा�न, ता(थ�!र्टन औ पव!स्न�न इत्ये�दिदे �� सा��6 चि�ता घ� � में& प ला� सा� बहुता �6 छ बद्ध �ला� आता� थ�। धामें! �� भी�व�त्में� अंन6भीRकिता ये� भीचिक्त, जिजसा�� साRत्रप�ता में �भी� ता ��ला में& औ किवस्ता�ता प्रवता!न प6 �ण��ला में& हुआ थ�, �भी( � 0 देबता(, �भी( � 0 उभी ता( कि�सा( प्र�� �ला( भी आ ( थ(।अंथ!शRन्ये ब� ( किवयिधाकिवधा�न, ता(थ�!र्टन, पव!स्न�न आदिदे �� किनस्सा� ता� �� सा�स्�� फै� ला�न� �� ज� ��ये! वज्रये�न( चिसाध्दे1 औ न�थप�थ( ज�किगीये1 �� j� � हुआ, उसा�� उल्ला�ख � �6�� �।2 प उन�� उद्दे�श्ये '�में!' �� उसा ता�गी गीङ्? ढं� सा� किन��ला� प्र�� ता धामें! �� ख6ला� क्ष�त्र में& ला�न� न थ� बल्किल्� ए�ब� गी( कि�न� � ढं�� ला दे�न� थ�। जनता� �� दृयिC �� आत्में�ल्ये�ण औ ला���ल्ये�ण किवधा�ये� साच्च� �मेंL �� ओ ला� ज�न� �� बदेला� उसा� व� �में!क्ष�त्र सा� ( र्ट�न� में& लागी गीए थ�। उन�� ब�न( ता� 'गी6ह्य, स्ये औ चिसाजिद्ध ' ला�� उठ� थ(। अंपन( स्येदेर्शिश�ता� �� धा�� जमें�न� �� चिलाए व� ब�ह्य जगीता? �� ब�ता& छ�ड़ी, घर्ट �� भी(ता �� ��ठ1 �� ब�ता बता�ये� � ता� थ�। भीचिक्त, प्र�में आदिदे हृदेये �� प्र�� ता भी�व1 �� उन�� अं�तास्सा�धान� में& ��ई =�न न थ�, क्ये1कि� इन�� j� � ईश्व �� प्र�प्ता � न� ता� साब�� चिलाए सा6लाभी � � ज� सा�ता� �। सा�में�न्ये अंचिशत्तिक्षता ये� अंधा!चिशत्तिक्षता जनता� प इन�� ब�किनये1 �� प्रभी�व इसा�� अंकितारि क्त औ क्ये� � सा�ता� थ� कि� व साच्च� श6भी�मेंL �� में�गी! सा� ताथ� भीगीवद्भुचिक्त �� स्व�भी�किव� हृदेये-पद्ध किता सा� र्ट� अंन�� प्र�� �� में�त्र, ता�त्र औ उप�� 1 में& ज� उलाझ� औ उसा�� किवश्व�सा अंला~कि�� चिसाजिद्ध ये1 प ज� जमें�? इसा( देश� �� ओ लाक्ष्ये � �� गी�स्व�में( ता6लासा(दे�सा न� � � थ�गी� ख जगी�ये� ज�गी, भीगीकिता भीगी�ये� ला�गी।सा� ��श ये कि� जिजसा सामेंये में6सालामें�न भी� ता में& आए उसा सामेंये साच्च� धामें!भी�व �� बहुता �6 छ ह्रा�सा � गीये� थ�। प्रकितावता!न �� चिलाए बहुता �ड़ी� धाक्�1 �� आवश्ये�ता� थ(।ऊंप जिजसा अंव=� �� दिदेग्देश!न हुआ �, व सा�में�न्ये जनसामें6दे�ये �� थ(। श�स्त्रज्ञे किवj�न1 प चिसाध्दे1 औ ज�किगीये1 �� ब�किनये1 �� ��ई अंसा न थ�। व� इधा -उधा पड़ी� अंपन� ��ये! � ता� ज� � थ�। प�किडता1 �� श�स्त्र�थ! भी( �ता� थ�, दे�श!किन� ख�डन-में�डन �� ग्रा�थ भी( चिलाख� ज�ता� थ�। किवश�ष ���! व�दे��ता �� थ(। ब्रह्मसाRत्र1 प , उपकिनषदे1 प , गी(ता� प , भी�ष्ये1 �� प �प � किवjन्में�डला( �� भी(ता �ला( �ला ( थ( जिजसासा� प �प �गीता भीचिक्तमें�गी! �� चिसाध्दे��ता पक्ष �� �ई रूप1 में& नRतान किव��सा हुआ।��लादेश¦ भीक्त �किव जनता� �� हृदेये �� सा�भी�लान� औ ला(न खन� �� चिलाए देब( हुई भीचिक्त �� जगी�न� लागी�। क्रांमेंश: भीचिक्त �� प्रव� ऐसा� किव�चिसाता औ प्रबला �ता� गीये� कि� उसा�� लाप�र्ट में& �� वला बिं �दू जनता� ( न 0, दे�श में& बसान� व�ला� साहृदेये में6सालामें�न1 में& सा� भी( न ज�न� कि�तान� आ गीए। प्र�मेंस्वरूप ईश्व �� सा�मेंन� ला�� भीक्त �किवये1 न� बिं �दुओं औ में6सालामें�न1 दे�न1 �� मेंन6ष्ये �� सा�में�न्ये रूप में& दिदेख�ये� औ भी�देभी�व �� दृश्ये1 �� र्ट�� प(छ� � दिदेये�।भीचिक्त �� ज� सा�ता� देत्तिक्षण �� ओ सा� धा( �-धा( � उत्त भी� ता �� ओ प ला� सा� ( आ � थ� उसा� �जन(किता� परि वता!न �� �� ण शRन्ये पड़ीता� हुए जनता� �� हृदेये क्ष�त्र में& फै� लान� �� चिलाए पR � =�न यिमेंला�। �में�न6ज���ये! (सा�वता? 1073) न� श�स्त्र(ये पद्ध किता सा� जिजसा सागी6ण भीचिक्त �� किनरूपण कि�ये� थ� उसा�� ओ जनता� आ�र्पिष�ता �ता( �ला( आ ( थ(।गी6ज �ता में& स्व�में( मेंध्व���ये! ज( (सा�वता? 1254-1333) न� अंपन� j�ताव�देD व�ष्णव सा�प्रदे�ये �ला�ये� जिजसा�� ओ बहुता सा� ला�गी झ6�� । दे�श �� पR ब( भी�गी में& जयेदे�व ज( �� �� ष्ण प्र�में सा�गी(ता �� गीR�ज �ला( आ ( थ( जिजसा�� सा6 में& यिमेंचिथला� �� ��कि�ला (किवद्य�पकिता) न� अंपन� सा6 यिमेंला�ये�। उत्त ये� मेंध्ये भी� ता में& ए� ओ ता� ईसा� �� प�द्र व0 शता�ब्देD में& �में�न6ज���ये! �� चिशष्ये प �प � में& स्व�में( �में�न�दे ज( हुए जिजन् 1न� किवष्ण6 �� अंवता� �में �� उप�सान� प ज� दिदेये� औ ए� बड़ी� भी� ( सा�प्रदे�ये खड़ी� कि�ये�, दूसा ( ओ बल्लाभी���ये! ज( न� प्र�मेंमेंRर्पिता� �� ष्ण �� ला�� जनता� �� सामेंग्न कि�ये�। इसा प्र�� �में�प�सा� औ �� ष्ण�प�सा� भीक्त1 �� प �प �ए� �ला0 जिजनमें& आगी� �ला� कि न्देD ��व्य �� प्र~ढ़ाता� प पहु���न� व�ला� जगीमेंगी�ता� त्न1 �� किव��सा हुआ। इन भीक्त1 न� ब्रह्म �� 'साता?' औ 'आन�दे' स्वरूप �� सा�क्ष�त्�� �में औ �� ष्ण �� रूप में& इसा ब�ह्य जगीता? �� व्यक्त क्ष�त्र में& कि�ये�।ए� ओ ता� प्र��(न सागी6ण�प�सान� �� ये ��व्यक्ष�त्र ता�ये� हुआ, दूसा ( ओ में6सालामें�न1 �� बसा ज�न� सा� दे�श में& ज� नई परि स्थि=किता उत्पन्न हुई उसा�� दृयिC सा� बिं �दू में6सालामें�न दे�न1 �� चिलाए ए� 'सा�में�न्ये भीचिक्तमें�गी!' �� किव��सा भी( �न� लागी�। उसा�� किव��सा �� चिलाए कि�सा प्र�� व( गी�थ���ला में& ( चिसाध्दे1 औ न�थप�थ( ये�किगीये1 �� j� � में�गी! किन��ला� ज� �6�� थ�, ये दिदेख�ये� ज� �6�� �।3 वज्रये�न �� अंन6ये�ये( अंयिधा�ता न(�( ज�किता �� थ� अंता: ज�किता प��किता �� व्यव=� सा� उन�� अंसा�ता�ष स्व�भी�किव� थ�। न�थ सा�प्रदे�ये में& भी( श�स्त्रज्ञे किवj�न न 0 आता� थ�। इसा सा�प्रदे�ये �� �नफैर्ट मेंता� ये�गी( घर्ट �� भी(ता �� �क्रां1, सा स्रदेला, �मेंला, इला�, बिंप�गीला�, न�किड़ीये1 इत्ये�दिदे �� ओ सा��� ता � न�व�ला( स्येमेंये( ब�किनये�� सा6न�� औ � �में�ता दिदेख�� अंपन( चिसाध्दे�ई �� धा�� सा�में�न्ये जनता� प जमें�ए हुए थ�। व� ला�गी1 �� ऐसा( ब�ता& सा6न�ता� आ � थ� कि� व�देश�स्त्र पढ़ान� सा� क्ये� �ता� �, ब� ( पRज�-अं��! �� किवयिधाये�� व्यथ! M, ईश्व ता� प्रत्ये�� �� घर्ट �� भी(ता �, अं�तामें6!ख सा�धान�ओं सा� ( व प्र�प्ता � सा�ता� �, बिं �दू-में6सालामें�न दे�न1 ए� M, दे�न1 �� चिलाए श6द्ध सा�धान� �� में�गी! भी( ए� �, ज�किता-प��किता �� भी�दे व्यथ! खड़ी� कि�ए गीए M, इत्ये�दिदे। इन ज�किगीये1 �� प�थ में& �6 छ में6सालामें�न भी( आए। इसा�� उल्ला�ख प ला� � �6�� �।4भीचिक्त �� आ�दे�लान �� ज� ला देत्तिक्षण सा� आई उसा( न� उत्त भी� ता �� परि स्थि=किता �� अंन6रूप बिं �दू में6सालामें�न दे�न1 �� चिलाए ए� सा�में�न्ये भीचिक्तमें�गी! �� भी( भी�वन� �6 छ ला�गी1 में& जगी�ई। हृदेयेपक्षशRन्ये सा�में�न्ये अं�तास्सा�धान� �� में�गी! किन��लान� �� प्रयेत्न न�थप�थ( � �6�� थ�, ये में � �6�� �।5 प �गी�त्में� तात्व सा� कि ता सा�धान� सा� ( मेंन6ष्ये �� आत्में� ता�प्ता न 0 � सा�ता(। में � �ष्ट्री दे�श �� प्रचिसाद्ध भीक्त न�मेंदे�व (सा�वता? 1328-1408) न� बिं �दू में6सालामें�न दे�न1 �� चिलाए ए� सा�में�न्ये भीचिक्तमें�गी! �� भी( आभी�सा दिदेये�। उसा�� प(छ� �ब( दे�सा न� किवश�ष तात्प ता� �� सा�थ ए� व्यवस्थि=ता रूप में& ये में�गी! 'किनगी6!णप�थ' �� न�में सा� �ला�ये�। ज�सा� कि� प ला� � � ज� �6�� �, �ब( �� चिलाए न�थप�थ( ज�गी( बहुता �6 छ �स्ता� किन��ला �6�� थ�। भी�देभी�व �� किनर्दिदे�C � न� व�ला� उप�सान� �� ब� ( किवधा�न1 �� अंलागी ख� उन् 1न� अं�तास्सा�धान� प ज� दिदेये� थ�। प न�थप�चिथये1 �� अं�तास्सा�धान� हृदेयेपक्षशRन्ये थ( उसामें& प्र�मेंतात्व �� अंभी�व थ�। �ब( न� येद्यकिप न�थप�थ �� बहुता-सा( ब�ता1 �� अंपन( ब�न( में& जगी देD, प ये ब�ता उन् & खर्ट��। इसा�� सा��� ता उन�� ये� व�न दे�ता� M

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जिझलायिमेंला झगी � झRलाता� ब��� ( न ��हु।गी� ख अंर्ट�� ��लाप6 �~न � �व� सा�हु?बहुता दिदेवसा ता� बिं �किडये� सा6यिन्न सामें�यिधा लागी�इ।� � पकिड़ीये� गी�ड़ी में& दूरि प � पचिछता�इ� � = (1) � भी; �थ( �� बच्च�; (2) ठये�गी �� किक्रांये� � न�व�ला�]अंता: �ब( न� जिजसा प्र�� ए� किन ��� ईश्व �� चिलाए भी� ता(ये व�दे��ता �� पल्ला� प�ड़ी� उसा( प्र�� उसा किन ��� ईश्व �� भीचिक्त �� चिलाए साRकिफैये1 �� प्र�मेंतात्व चिलाये� औ अंपन� 'किनगी6!णप�थ' धाRमेंधा�में सा� किन��ला�। ब�ता ये थ( कि� भी� ता(ये भीचिक्तमें�गी! सा��� औ सागी6ण रूप �� ला�� �ला� थ�, किनगी6!ण औ किन ��� ब्रह्म भीचिक्त ये� प्र�में �� किवषये न 0 में�न� ज�ता�। इसामें& ��ई सा�दे� न 0 कि� �ब( न� ठ�� में~�� प जनता� �� उसा बड़ी� भी�गी �� सा�भी�ला� ज� न�थप�चिथये1 �� प्रभी�व सा� प्र�मेंभी�व औ भीचिक्त सा सा� शRन्ये औ श6ष्� पड़ीता� ज� � थ�। उन�� j� � ये बहुता ( आवश्ये� ��ये! हुआ। इसा�� सा�थ ( मेंन6ष्येत्व �� सा�में�न्ये भी�वन� �� आगी� � �� किनम्न श्र�ण( �� जनता� में& उन् 1न� आत्मेंगी~ व �� भी�व जगी�ये� औ भीचिक्त �� ऊं� �� सा� ऊं� �� सा�प�न �� ओ बढ़ान� �� चिलाए बढ़ा�व� दिदेये�। उन�� 'किनगी6!णप�थ' �ला किन�ला� जिजसामें& न�न�, दे�दू, मेंलाR�दे�सा आदिदे अंन�� सा�ता हुए।�ब( ताथ� अंन्ये किनगी6!णप�थ( सा�ता1 �� j� � अं�तास्सा�धान� में& �गी�त्मित्में�� 'भीचिक्त' औ 'ज्ञे�न' �� ये�गी ता� हुआ, प '�में!' �� देश� व ( ( ज� न�थप�चिथये1 �� ये �� थ(। इन सा�ता1 �� ईश्व ज्ञे�नस्वरूप औ प्र�मेंस्वरूप ( �, धामें!स्वरूप न � प�ए। ईश्व �� धामें!स्वरूप �� ला�� , उसा स्वरूप �� ला�� , जिजसा�� मेंण(ये अंत्तिभीव्यचिक्त ला�� �� क्ष� औ �जन में& �ता( �, प्र��(न व�ष्णव भीचिक्तमें�गी! �� �मेंभीचिक्त श�ख� उठ�। �� ष्णभीचिक्त श�ख� �� वला प्र�मेंस्वरूप ( ला�� नई उमें�गी सा� फै� ला(।ये �� प ए� ब�ता �� ओ ध्ये�न दिदेला� दे�न� आवश्ये� प्रता(ता �ता� �। सा�धान� �� ज� ता(न अंवयेव �में!, ज्ञे�न औ भीचिक्त � � गीए M, व� साब ��ला प�� दे�षग्रास्ता � सा�ता� M। '�में!' अंथ!शRन्ये किवयिधा-किवधा�न1 सा� किन�म्में� � सा�ता� �, 'ज्ञे�न' स्ये औ गी6ह्य �� भी�वन� सा� प�ख�डपRण! � सा�ता� � औ 'भीचिक्त' इ�दिद्रये�पभी�गी �� व�सान� सा� �ला6किषता � सा�ता( �। भीचिक्त �� किनष्पत्तित्त श्रध्दे� औ प्र�में �� ये�गी सा� �ता( �। ज �� श्रध्दे� ये� पRज्ये ब6जिद्ध �� अंवयेव जिजसा�� लागी�व धामें! सा� �ता� � छ�ड़ी� �� वला प्र�में लाक्षण� भीचिक्त ला( ज�येगी( व �� व अंवश्ये किवला�चिसाता� सा� ग्रास्ता � ज�येगी(।इसा दृयिC सा� येदिदे में दे�ख& ता� �ब( �� 'ज्ञे�नपक्ष' ता� स्ये औ गी6ह्य �� भी�वन� सा� किव�� ता यिमेंला�गी�, प साRकिफैये1 सा� ज� प्र�मेंतात्व उन् 1न� चिलाये� व साRकिफैये1 �� ये �� �� � ��मेंव�सान�ग्रास्ता हुआ �, प 'किनगी6!णप�थ' में& अंकिव�� ता �। ये किनस्सा�दे� प्रश�सा� �� ब�ता �। व�ष्णव1 �� �� ष्णभीचिक्त श�ख� न� �� वला प्र�मेंलाक्षण� भीचिक्त ला(; फैला ये हुआ कि� उसान� अंश्ली(ला किवला�चिसाता� �� प्रव�त्तित्त जगी�ई। �मेंभीचिक्त श�ख� में& भीचिक्त साव�yगीपRण! (; इसासा� व किव�� ता न �न� प�ई। ता6लासा( �� भीचिक्तपद्ध किता में& �में! (धामें!) औ ज्ञे�न �� पR � सा�में�जस्ये औ सामेंन्वये �। इधा आज�ला अंलाबत्त� �6 छ ला�गी1 न� �� ष्णभीचिक्त श�ख� �� अंन6� ण प उसामें& भी( 'में�धा6ये! भी�व' �� गी6ह्य स्ये घ6सा�न� �� उद्य�गी कि�ये� � जिजसासा� 'साख( सा�प्रदे�ये' किन�ला पड़ी� M औ �में �� भी( 'किता छD चि�तावन' औ 'ब���� अंदे�' �� गी(ता गी�ए ज�न� लागी� M।ये सा�में�न्ये भीचिक्तमें�गी! ए�� श्व व�दे �� ए� किनत्ति�ता स्वरूप ला�� खड़ी� हुआ, ज� �भी( ब्रह्मव�दे �� ओ ढंलाता� थ� औ �भी( प�गी�ब ( ख6दे�व�दे �� ओ । ये 'किनगी6!णप�थ' �� न�में सा� प्रचिसाद्ध हुआ। इसा�� ओ ला� ज�न�व�ला( साबसा� प ला( प्रव�त्तित्त ज� लात्तिक्षता हुई व ऊं� � न(� औ ज�किता-प��किता �� भी�व �� त्ये�गी औ ईश्व �� भीचिक्त �� चिलाए मेंन6ष्ये में�त्र �� सामें�न अंयिधा�� �� स्व(�� थ�। इसा भी�व �� साRत्रप�ता भीचिक्तमें�गी! �� भी(ता में � �ष्ट्री औ मेंध्ये दे�श में& न�मेंदे�व औ �में�न�दे ज( j� � हुआ। में � �ष्ट्री दे�श में& न�मेंदे�व �� जन्में��ला श� सा�वता? 1192 औ में�त्ये6��ला श� सा�वता? 1272 प्रचिसाद्ध �। ये� देत्तिक्षण �� नरुसा(बमेंन( (साता� � जिजला�) �� दे ज( थ�। प(छ� प�ढं प6 �� किवठ�ब� (किवष्ण6 भीगीव�न) �� में�दिदे में& भीगीवद्भुजन � ता� हुए अंपन� दिदेन किबता�ता� थ�।में � �ष्ट्री �� भीक्त1 में& न�मेंदे�व �� न�में साबसा� प ला� आता� �। में �ठ� भी�ष� �� अंभी�गी1 �� अंकितारि क्त इन�� कि न्देD �न�ए� भी( प्र�6 परि में�ण में& यिमेंलाता( M। इन कि न्देD �न�ओं में& ए� किवश�ष ब�ता ये प�ई ज�ता( � कि� �6 छ ता� सागी6ण�प�सान� सा� सा�ब�धा खता( M औ �6 छ किनगी6!ण�प�सान� सा�। इसा�� सामें�धा�न �� चिलाए इन�� सामेंये �� परि स्थि=किता �� ओ ध्ये�न दे�न� आवश्ये� �। आदिदे��ला �� अंन्तागी!ता ये � � ज� �6�� � कि� में6सालामें�न1 �� आन� प पठ�न1 �� सामेंये में& गी� खप�थ( ये�किगीये1 �� दे�श में& बहुता प्रभी�व थ�। न�मेंदे�व �� ( सामेंये में& प्रचिसाद्ध ज्ञे�नये�गी( ज्ञे�नदे�व हुए M जिजन् 1न� अंपन� �� गी� ख �� चिशष्ये प �प � में& बता�ये� �। ज्ञे�नदे�व �� प ला��व�सा बहुता थ�ड़ी( अंव=� में& ( हुआ, प न�मेंदे�व उन�� उप ��ता बहुता दिदेन1 ता� ज(किवता �। न�मेंदे�व सा(धा� सा�दे� सागी6ण भीचिक्त में�गी! प �ला� ज� � थ�, प प(छ� उसा न�थप�थ �� प्रभी�व �� भी(ता भी( ये� ला�ए गीए, ज� अं�तामें6!ख सा�धान� j� � साव!व्य�प� किनगी6!णब्रह्म �� सा�क्ष�त्�� �� ( में�क्ष �� में�गी! में�नता� थ�। ला�न� व�ला� थ� ज्ञे�नदे�व।ए� ब� ज्ञे�नदे�व इन् & सा�थ ला�� ता(थ!ये�त्र� �� किन�ला�। में�गी! में& ये� अंपन� किप्रये किवग्रा किवठ�ब� (भीगीव�न) �� किवये�गी में& व्य��6 ला � � ता� थ�। ज्ञे�नदे�व इन् & ब �ब सामेंझ�ता� ज�ता� थ� कि� 'भीगीव�न क्ये� ए� ( जगी M; व� ता� साव!त्र M, साव!व्य�प� M। ये में� छ�ड़ी�। ता6म् � ( भीचिक्त अंभी( ए���गी( �, जब ता� किनगी6!ण पक्ष �� भी( अंन6भीRकिता ता6म् & न �गी(, ताब ता� ता6में पक्�� न �गी�'। ज्ञे�नदे�व �� ब न में6क्त�ब�ई �� � न� प ए� दिदेन 'सा�ताप (क्ष�' हुई। जिजसा गी��व में& ये सा�ता में�डला( उता ( थ(, उसामें& ए� �6 म् � ता� थ�। में�डला( �� साब सा�ता �6प��प ब�ठ गीए। �6 म् � घड़ी� प(र्टन� �� किपर्टन� ला�� साब�� चिसा प जमें�न� लागी�। ��र्ट प ��र्ट ख�� भी( ��ई किव�चिलाता न हुआ। प जब न�मेंदे�व �� ओ बढ़ा� ताब व� किबगीड़ी खड़ी� हुए। इसा प व �6 म् � ब�ला�, 'न�मेंदे�व �� छ�ड़ी औ साब घड़ी� पक्�� M'। ब��� � न�मेंदे�व �च्च� घड़ी� ठ �ए गीए। इसा �थ� सा� ये स्पC लात्तिक्षता � ज�ता� � कि� न�मेंदे�व �� न�थप�थ �� ये�गीमें�गी! �� ओ प्रव�त्त � न� �� चिलाए ज्ञे�नदे�व �� ओ सा� ता -ता �� प्रयेत्न �ता� �।चिसाद्ध औ ये�गी( किन �ता अंभ्ये�सा j� � अंपन� श ( �� किवलाक्षण बन� ला�ता� थ�। ख�पड़ी( प ��र्ट& ख� ख�� उसा� पक्�� � न� उन�� चिलाए ��ई �दिठन ब�ता न थ(। अंब भी( ए� प्र�� �� में6सालामें�न फै�� अंपन� श ( प ज� -ज� सा� ड�ड� जमें�� त्तिभीक्ष� में��गीता� M।न�मेंदे�व कि�सा( गी6रु सा� देDक्ष� ला�� अंपन( सागी6ण भीचिक्त में& प्रव�त्त न 0 हुए थ�, अंपन� ( हृदेये �� स्व�भी�किव� प्र� ण� सा� हुए थ�। ज्ञे�नदे�व ब �ब उन् & 'किबन6 गी6रु �इ न ज्ञे�न' सामेंझ�ता� आता� थ�। सा�ता1 �� ब(� किनगी6!ण ब्रह्म �� सा�ब�धा में& ज� �6 छ � �-सा6न� ज�ता� � औ ईश्व प्र�प्तिप्ता �� ज� सा�धान� बता�ई ज�ता( �, व कि�सा( गी6रु �� चिसाख�ई हुई �ता( �। प में�त्में� �� श6द्ध किनगी6!णस्वरूप �� ज्ञे�न �� चिलाए ज्ञे�नदे�व �� आग्रा ब �ब बढ़ाता� गीये�। गी6रु �� अंभी�व �� �� ण कि�सा प्र�� न�मेंदे�व में& प में�त्में� �� साव!व्य�प�ता� �� उदे� भी�व न 0 जमें प�ये� थ� औ भी�देभी�व बन� थ�, इसा प भी( ए� �थ� �ला( आता( �। � ता� M कि� ए� दिदेन स्वये� किवठ�ब� (भीगीव�न) ए� में6सालामें�न फै�� �� रूप धा � न�मेंदे�व �� सा�मेंन� आए। न�मेंदे�व न� उन् & न 0 प ��न�। ताब उनसा� � � गीये� कि� व� ता� प ब्रह्म भीगीव�न ( थ�। अं�ता में& ब��� � न�मेंदे�व न� न�गीन�थ न�में� चिशव �� =�न प ज�� किबसा�ब� ख�� ये� ख�� न�थ न�में� ए� न�थप�थ( �नफैर्ट� सा� देDक्ष� ला(। इसा�� सा�ब�धा में& उन�� ये� व�न Mमेंन में� ( सा6ई, तान में� � धा�गी�। ख�� ज( �� � ण प न�में� सिंसा�प( ला�गी�।

सा6फैला जन्में में��� गी6रु ��न�। दुख किबसा� सा6ख अं�ता देDन�ज्ञे�न दे�न में��� गी6रु देDन�। �में न�में किबन ज(वन (न�

कि�साR हूँ� पRजR� दूज� नज न आई।ए�� प�थ कि�¬� भी�व। दूज� प�थ धा�रि प�वज� व� दे�व ता� में ब( दे�व। � � न�मेंदे�व में रि �� सा�व

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ये ब�ता सामेंझ खन( ��कि ए कि� न�मेंदे�व �� सामेंये में& ( दे�वकिगीरि प पठ�न1 �� �ढ़ा�इये�� � �6�� थ0 औ में6सालामें�न में � �ष्ट्री में& भी( फै� ला गीए थ�। इसा�� प ला� सा� ( गी� खन�थ �� अंन6ये�ये( बिं �दुओं औ में6सालामें�न1 दे�न1 �� चिलाए अं�तास्सा�धान� �� ए� सा�में�न्ये में�गी! �� उपदे�श दे�ता� आ � थ�।इन�� भीचिक्त �� अंन�� �मेंत्�� भीक्तमें�ला में& चिलाख� M, ज�सा� किवठ�ब� (ठ��6 ज() �� मेंRर्पिता� �� इन�� �थ सा� दूधा प(न�, अंबिंव�दे न�गीन�थ �� चिशवमें�दिदे �� j� �� इन�� ओ घRमें ज�न� इत्ये�दिदे। इन�� में� �त्म्ये न� ये चिसाद्ध � दिदेख�ये� कि� 'ज�किता-प��किता पRछ� नबिं � ��ई। रि �� भीज� सा� रि �� �ई।' इन�� इC सागी6ण�प�सान� �� �6 छ पदे न(�� दिदेए ज�ता� M जिजनमें& शब (, �� वर्ट आदिदे �� सा6गीकिता ताथ� भीगीव�न �� अंवता� ला(ला� �� ��ता!न बड़ी� प्र�मेंभी�व सा� कि�ये� गीये� �अं�ब (ष �� दिदेये� अंभीये पदे, �ज किवभी(षन अंयिधा� � ये�।नव किनयिधा ठ��6 देई सा6दे�मेंबिं �, धा�?रुव ज� अंर्टला अंजहूँ� न र्ट ये�।भीगीता �ता में� ये� रि न��6 सा, न�सिंसा� रूप ह्वै� दे� धा� ये�।न�में� � � भीगीकिता बसा �� साव, अंजहूँ� बचिला �� j� ख �

देसा थ �येन�दे �ज� में� � �में��दे। प्रणव� न�में� तात्व सा अंमें�ता प(ज�

धा�किन धा�किन में�घ� �में�वला(, धा�किन-धा�किन �� ष्ण ओढ़ा� ��व�ला(।धा�किन धा�किन ताR में�ता� दे�व��, जिज गी� में�ये� �व�ला�पता(।धा�किन धा�किन बनख�ड व��दे�वन�, ज � ख�ला� श्र(न� �येन�।ब�न6 बज�व�, गी�धा�न �� �, न�में� �� स्व�यिमें आन�दे � �ये ता� हुई न�मेंदे�व �� व्यक्त�प�सान� सा�ब�धा( हृदेयेप्र�रि ता �न�। आगी� गी6रु सा� सा(ख� हुए ज्ञे�न �� उद्ध ण( अंथ�!ता? 'किनगी6!न ब�न(' भी( �6 छ दे�खिखएमें�इ न �ता(, ब�प न �ता�, �म्में! न �ता� ��ये�। में नबिं � �ता�, ता6में नबिं � �ता�, �~न � �� ता� आये�।

��दे न �ता�, साR न �ता�, प�न( पवन यिमेंला�ये�।श�स्त्र न �ता�, व�दे न �ता�, � में � �� ता� आये�

प��ड� ता6म् ( गी�येत्र( ला�धा� �� ख�ता ख�ता( थ(।ला� �रि ठ&गी� र्ट�गी ( ता� ( ला�गीता ला�गीता आता( थ(प��ड� ता6म् � में �दे�व धा~ला बलादे �ढ़ा� आवता दे�ख� थ�।प��ड� ता6म् � � �में��दे सा� भी( आवता दे�ख� थ� �वन सा&ता( सा ब �ई, घ �� ज�ये गी�व�ई थ(।बिं �दू अं�धा� ता6रु�~ ��न�, दु ~ ता� ज्ञे�न( साये�न�

बिं �दू पRज� दे� �, में6सालामें�न मेंसा(दे।न�में� सा�ई सा�किवये� ज � दे� � न मेंसा(देसागी6ण�प�सा� भीक्त भीगीव�न �� सागी6ण औ किनगी6!ण दे�न1 रूप में�नता� �, प भीचिक्त �� चिलाए सागी6ण रूप ( स्व(�� � ता� �, किनगी6!ण रूप ज्ञे�नमें�र्पिगी�ये1 �� चिलाए छ�ड़ी दे�ता� �। साब सागी6णमें�गी¦ भीक्त भीगीव�न �� व्यक्त रूप �� सा�थ-सा�थ उन�� अंव्यक्त औ किनर्पिव�श�ष रूप �� भी( किनदेsश � ता� आए M ज� ब�धागीम्ये न 0। व� अंव्यक्त �� ओ सा��� ता भी � ता� M, उसा�� किवव ण में& प्रव�त्त न 0 �ता�। न�मेंदे�व क्ये1 प्रव�त्त हुए, ये ऊंप दिदेख�ये� ज� �6�� �। जबकि� उन् 1न� ए� गी6रु सा� ज्ञे�न�पदे�श चिलाये� ताब चिशष्येधामें�!न6सा� उसा�� उद्ध ण( आवश्ये� हुई।न�मेंदे�व �� �न�ओं में& ये ब�ता सा�फै दिदेख�ई पड़ीता( � कि� सागी6ण भीचिक्त पदे1 �� भी�ष� ता� ब्रज ये� प �प �गीता ��व्य भी�ष� �, प 'किनगी6!ण ब�न(' �� भी�ष� न�थप�चिथये1 j� � ग्रा (ता खड़ी( ब�ला( ये� साधा6क्�ड़ी( भी�ष�।न�मेंदे�व �� �न� �� आधा� प ये � � ज� सा�ता� � कि� 'किनगी6!णप�थ' �� चिलाए में�गी! किन��लान�व�ला� न�थप�थ �� ये�गी( औ भीक्त न�मेंदे�व थ�। ज �� ता� पता� �लाता� �, 'किनगी6!ण में�गी!' �� किनर्दिदे�C प्रवता!� �ब( दे�सा ( थ� जिजन् 1न� ए� ओ ता� स्व�में( �में�न�दे ज( �� चिशष्ये �� भी� ता(ये अंj�ताव�दे �� �6 छ =Rला ब�ता& ग्रा ण �u औ दूसा ( ओ ये�किगीये1 औ साRफै� फै�� 1 �� सा�स्�� प्र�प्ता कि�ए। व�ष्णव1 सा� उन् 1न� अंबिं �सा�व�दे औ प्रपत्तित्तव�दे चिलाए। इसा( सा� उन�� ताथ� 'किनगी6!णव�दे' व�ला� औ दूसा � सा�ता1 �� व�न1 में& � 0 भी� ता(ये अंj�ताव�दे �� झला� यिमेंलाता( � ता� � 0 ये�किगीये1 �� न�ड़ी(�क्रां ��, � 0 साRकिफैये1 �� प्र�मेंतात्व ��, � 0 प�गी�ब ( �ट्ट ख6दे�व�दे �� औ � 0 अंबिं �सा�व�दे ��। अंता: ता�प्तित्व� दृयिC सा� न ता� में इन् & पR � अंj�ताव�देD � सा�ता� M औ न ए�� श्व व�देD। दे�न1 �� यिमेंला�ज6ला� भी�व इन�� ब�न( में& यिमेंलाता� �। इन�� लाक्ष्ये ए� ऐसा( सा�में�न्ये भीचिक्त पद्ध किता �� प्र�� थ� जिजसामें& बिं �दू औ में6सालामें�न दे�न1 ये�गी दे� सा�& औ भी�देभी�व �� �6 छ परि � �। बहुदे�व�प�सान�, अंवता� औ मेंRर्पिता�पRज� �� ख�डन ये� में6सालामें�न( ज�श �� सा�थ � ता� थ� औ में6सालामें�न1 �� �6 ब�न( (बिं �सा�), नमें�ज, �ज� आदिदे �� अंसा� ता� दिदेख�ता� हुए ब्रह्म, में�ये�, ज(व, अंन दे न�दे, सा�यिC, प्रलाये आदिदे �� ���! पR � बिं �दू ब्रह्मज्ञे�न( बन� � ता� थ�। सा� ��श ये कि� ईश्व पRज� �� उन त्तिभीन्न त्तिभीन्न ब�ह्य किवयिधाये1 प सा� ध्ये�न र्ट�� , जिजन�� �� ण धामें! में& भी�देभी�व फै� ला� हुआ थ�, ये� श6द्ध ईश्व प्र�में औ सा�प्तित्व� ज(वन �� प्र�� � न� �� ता� थ�।इसा प्र�� दे�श में& सागी6ण औ किनगी6!ण �� न�में सा� भीचिक्त��व्य �� दे� धा� �ए� किवक्रांमें �� प�द्र व0 शता�ब्देD �� अं�कितामें भी�गी सा� ला�� सात्र व0 शता�ब्देD �� अं�ता ता� सामें�न��ता �लाता( 0। भीचिक्त �� उत्था�न ��ला �� भी(ता कि न्देD भी�ष� �� �6 छ किवस्ता�ता �न� प ला� प ला �ब( ( �� यिमेंलाता( �। अंता: प ला� किनगी6!ण मेंता �� सा�ता1 �� उल्ला�ख उचि�ता ठ ता� �। ये किनगी6!ण धा� � दे� श�ख�ओं में& किवभीक्त हुई ए� ता� ज्ञे�न�श्रये( श�ख� औ दूसा ( श6द्ध प्र�मेंमें�गी¦ श�ख� (साRकिफैये1 ��)।प ला( श�ख� भी� ता(ये ब्रह्मज्ञे�न औ ये�गीसा�धान� �� ला�� ताथ� उसामें& साRकिफैये1 �� प्र�मेंतात्व �� यिमेंला�� उप�सान� �� क्ष�त्र में& अंग्रासा हुई औ सागी6ण �� ख�डन में& उसा( ज�श �� सा�थ तात्प ( जिजसा ज�श �� सा�थ प�गी�ब ( मेंता बहुदे�व�प�सान� औ मेंRर्पिता�पRज� आदिदे �� ख�डन में& ता� M। इसा श�ख� �� �न�ए� सा�कि प्तित्ये� न 0 M फै6 र्ट�ला दे� 1 ये� पदे1 �� रूप में& M जिजन�� भी�ष� औ श�ला( अंयिधा�ता अंव्यवस्थि=ता औ ऊंर्टपर्ट��गी �। �ब( आदिदे दे� ए� प्रकिताभी�सा�पन्न सा�ता1 �� छ�ड़ी औ 1 में& ज्ञे�नमें�गी! �� सा6न( सा6न�ई ब�ता1 �� किपCप�षण ताथ� ठये�गी �� ब�ता1 �� �6 छ रूप� भीद्देD ता6�ब�दिदेये1 में& M। भीचिक्त सा में& मेंग्न � न� व�ला( सा साता� भी( बहुता �में प�ई ज�ता( �। ब�ता ये � कि� इसा प�थ �� प्रभी�व चिशC औ चिशत्तिक्षता जनता� प न 0 पड़ी�, क्ये1कि� उसा�� चिलाए न ता� इसा प�थ में& ��ई नई ब�ता थ(, न नये� आ�ष!ण। सा�स्�� ता ब6जिद्ध , सा�स्�� ता हृदेये औ सा�स्�� ता व�ण( �� व किव��सा इसा श�ख� में& न 0 प�ये� ज�ता� ज� चिशत्तिक्षता सामें�ज �� अंपन( ओ आ�र्पिष�ता � ता�। प अंचिशत्तिक्षता औ किनम्न श्र�ण( �� जनता� प इन सा�ता में �त्में�ओं �� बड़ी� भी� (

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उप�� �। उच्च किवषये1 �� �6 छ आभी�सा दे�� , आ� ण �� श6द्ध ता� प ज� दे�� , आड�ब 1 �� किता स्�� � �� , आत्मेंगी~ व �� भी�व उत्पन्न � �� , इन् 1न� इसा� ऊंप उठ�न� �� स्ता6त्ये प्रयेत्न कि�ये�। प���त्ये1 न� इन् & ज� 'धामें!सा6धा� �' �� उप�यिधा देD �, व इसा( ब�ता �� ध्ये�न में& ख� ।दूसा ( श�ख� श6द्ध प्र�मेंमें�गी¦ साRफै� �किवये1 �� � जिजन�� प्र�मेंगी�थ�ए� व�स्ताव में& सा�कि त्ये ��दिर्ट �� भी(ता आता( M। इसा श�ख� �� साब �किवये1 न� �स्थिल्पता � �किनये1 �� j� � प्र�मेंमें�गी! �� में त्व दिदेख�ये� �। इन सा�धा� �किवये1 न� ला~कि�� प्र�में �� ब �न� उसा 'प्र�मेंतात्व' �� आभी�सा दिदेये� � ज� किप्रयेतामें ईश्व सा� यिमेंला�न� व�ला� �। इन प्र�में � �किनये1 �� किवषये ता� व ( सा�धा� ण �ता� � अंथ�!ता? कि�सा( �ज�6 में� �� कि�सा( �ज�6 में� ( �� अंला~कि�� सा¹देये! �� ब�ता सा6न� उसा�� प्र�में में& प�गीला �न� औ घ ब� छ�ड़ी� किन�ला पड़ीन� ताथ� अंन�� �C औ आपत्तित्तये�� झ�ला� अंन्ता में& उसा �ज�6 में� ( �� प्र�प्ता � न�। प 'प्र�में �� प( ' �� ज� व्य�जन� �ता( �, व ऐसा� किवश्वव्य�प� रूप में& �ता( � कि� व प्र�में इसा ला�� सा� प � दिदेख�ई पड़ीता� �। में� � अंन6में�न � कि� साRफै� �किवये1 न� ज� � �किनये�� ला( M व� साब बिं �दुओं �� घ 1 में& बहुता दिदेन1 सा� �ला( आता( हुई � �किनये�� M जिजनमें& आवश्ये�ता�न6सा� उन् 1न� � फै� कि�ये� �। � �किनये1 �� में�र्मिमें�� आधा� बिं �दू M। मेंन6ष्ये �� सा�थ पश6 पक्ष( औ प�ड़ी-प~धा1 �� भी( सा �न6भीRकिता साRत्र में& बद्ध दिदेख�� ए� अंख�ड ज(वनसामेंयिC �� आभी�सा दे�न� बिं �दू प्र�में � �किनये1 �� किवश�षता� �। मेंन6ष्ये �� घ� दुख प वन �� व�क्ष भी( �ता� M, पक्ष( भी( सा�दे�सा� पहु���ता� M। ये ब�ता इन � �किनये1 में& भी( यिमेंलाता( �।चिशत्तिक्षता1 औ किवj�न1 �� ��व्य प �प � में& येद्यकिप अंयिधा�ता आश्रयेदे�ता� �ज�ओं �� �रि ता1 औ प~ �त्तिण� ये� ऐकिता �चिसा� आख्ये�न1 �� ( प्रव�त्तित्त थ(, प सा�थ ( �स्थिल्पता � �किनये1 �� भी( �लान थ�, इसा�� पता� लागीता� �। दिदेल्ला( �� ब�देश� चिसा�न्दे श� (सा�वता? 1546-1574) �� सामेंये में& �किव ईश्व दे�सा न� 'सात्येवता( �थ�' न�में �� ए� � �न( दे� �, �~प�इये1 में& चिलाख( थ( जिजसा�� आ �भी ता� व्य�सा जनमें�जये �� सा�व�दे सा� प~ �त्तिण� ढं�गी प �ता� �, प ज� अंयिधा�ता �स्थिल्पता, स्वच्छा�दे औ में�र्मिमें�� में�गी! प �लान�व�ला( �। वनव�सा �� सामेंये प��डव1 �� में��y ड�ये ऋकिष यिमेंला� जिजन् 1न� ये �थ� सा6न�ईमेंथ6 � �� �ज� ��द्रउदेये �� ��ई सा�ताकिता न थ(। चिशव �� तापस्ये� � न� प उन�� व सा� �ज� �� सात्येवता( न�में �� ए� �न्ये� हुई। व जब �6 में� ( हुई ताब किनत्ये ए� सा6�दे सा �व में& स्न�न � �� चिशव �� पRजन कि�ये� � ता(। इ�द्रपकिता न�में� ए� �ज� �� ऋता6वण! आदिदे �� प6त्र थ�। ए� दिदेन ऋता6वण! चिश�� ख�लाता� ख�लाता� घ� ज�गीला में& भीर्ट� गीये�। ए� =�न प उसा� �ल्पव�क्ष दिदेख�ई पड़ी� जिजसा�� श�ख�ए� ता(सा ��सा ता� फै� ला( थ0। उसाप �ढ़ा � �� 1 ओ दृयिC दे~ड़ी�न� प उसा� ए� सा6�दे सा �व दिदेख�ई पड़ी� जिजसामें& �ई �6 में�रि ये�� स्न�न � ( थ0। व जब उता � व �� गीये� ता� सात्येवता( �� दे�ख में�कि ता � गीये�। �न्ये� �� मेंन भी( उसा� दे�ख �6 छ ड�ला गीये�। ऋता6वण! जब उसा�� ओ ए�र्ट� ता��ता� गीये� ताब सात्येवता( �� क्रां�धा आ गीये� औ उसान� ये � � कि�ए� चि�त्त मेंM चि�ताव� जसा ज�गी( चि�ता ज�गी।धा में न ज�नचिसा प�प(, � चिसा �~न ताM ला�गीश�प दिदेये� कि� 'ताR ��ढ़ाD औ व्य�यिधाग्रास्ता � ज�।' ऋता6वण! व�सा� ( � गीये� औ प(ड़ी� सा� फैR र्ट-फैR र्ट � �न� लागी�ए �व� व्य�धा( बहुता प6�� (। छ� न किब्रछ �वM साब झ� (ब�घ सिंसा� �वता बन में� 0। �वता प�छD बहुता ओन� 0ये व्य�प� किवला�प सा6न� सात्येवता( उसा ��ढ़ाD �� प�सा ज�ता( �; प व उसा� ये � � र्ट� दे�ता� � कि� 'ता6में ज�ओ, अंपन� �सा� ख�ला�'। सात्येवता( �� किपता� �ज� ए� दिदेन जब उधा सा� किन�ला� ताब ��ढ़ाD �� श ( सा� उठ� दुगीyधा सा� व्य��6 ला � गीये�। घ आ� उसा दुगीyधा �� श��किता �� चिलाए �ज� न� बहुता दे�न-प6ण्ये कि�ये�। जब �ज� भी�जन � न� ब�ठ� ताब उसा�� �न्ये� व �� न थ(। �ज� �न्ये� �� किबन� भी�जन ( न � ता� थ�। �न्ये� �� ब6ला�न� जब �ज� �� दूता गीए ताब व चिशव �� पRज� छ�ड़ी� न आई। इसा प �ज� न� क्रां6 द्ध �� दूता1 सा� � � कि� सात्येवता( �� ला� ज�� उसा( ��ढ़ाD �� सा¹प दे�। दूता1 �� व�न सा6न� �न्ये� न(में �� र्ट न( ला�� उसा ��ढ़ाD �� सा�व� �� चिलाए �ला पड़ी( औ उसासा� � �ता�कि छ��किड़ी अंब मेंM कि�ता ज�ऊं� । में�इ ब�प सा¹प� ता6व ठ�ऊं��न्ये� प्र�में सा� उसा�� सा�व� � न� लागी( औ ए� दिदेन उसा� �� धा� प किबठ�� सात्येवता( ता(थ!=�न � �न� ला� गीई, ज �� बहुता सा� दे�वता�, में6किन, कि�न्न आदिदे किनव�सा � ता� थ�। व �� ज�� सात्येवता( न� � �, 'येदिदे मेंM साच्च( साता( हूँ� ता� �ता � ज�ये।' इसा प �� 1 ओ घ� अं�धा�� छ� गीये�। साब दे�वता� ता6 �ता सात्येवता( �� प�सा दे~ड़ी� आए। सात्येवता( न� उनसा� ऋता6वण! �� सा6�दे श ( प्र�प्ता � न� �� व में��गी�। व्य�यिधाग्रास्ता ऋता6वण! न� ता(थ! में& स्न�न कि�ये� औ उसा�� श ( किनमें!ला � गीये�। दे�वता�ओं न� व 0 दे�न1 �� किवव� � � दिदेये�।ईश्व दे�सा न� ग्रा�थ �� �न���ला �� उल्ला�ख इसा प्र�� कि�ये� �भी�दे¹ में�सा प�ष उजिजये� �। किताचिथ न~में( औ में�गीलाव� �नषता अंल्किस्वन(, में�ष � ��दे�। प�� जन� सा� सादे� अंन�दे�ज�किगीन(प6 दिदेल्ला( बड़ी थ�न�। सा� चिसा�� दे बड़ी सा6ल्ता�न��� ठ� ब�ठ सा सा6ता( किवद्य� गीनपकिता देDन् ।ता� दिदेन �थ� आ �भी ये इसा दे�सा �किव ��न् प6स्ता� में& प��� प��� �~प�इये1 (अंधा�!चिलाये1) प ए� दे� � �। इसा प्र�� 58 दे� � प ये सामें�प्ता � गीई �। भी�ष� अंये�ध्ये� �� आसाप�सा �� ठ�� ठ�ठ अंवधा( �। 'ब�र्ट�' (= �) �� प्रये�गी जगी जगी �। ये ( अंवधा( भी�ष�, �~प�ई, दे� � �� क्रांमें औ � �न( �� रूप �गी साRफै� �किवये1 न� ग्रा ण कि�ये�। आख्ये�न ��व्य1 �� चिलाए �~प�ई, दे� � �� प �प � बहुता प6 �न� (किवक्रांमें �� ग्ये� व0 शता( �� ) ज�न �रि ता ��व्य1 में& यिमेंलाता( �, इसा�� उल्ला�ख प ला� � �6�� �।6साRकिफैये1 �� प्र�मेंप्रब�धा1 में& ख�डन में�डन �� ब6जिद्ध �� कि�न� � ख� , मेंन6ष्ये �� हृदेये �� स्पश! � न� �� ( प्रयेत्न कि�ये� गीये� � जिजसासा� इन�� प्रभी�व बिं �दुओं औ में6सालामें�न1 प सामें�न रूप सा� पड़ीता� �। ब(� ब(� में& स्येमेंये प �क्ष �� ओ ज� मेंधा6 सा��� ता यिमेंलाता� M, व� बड़ी� हृदेयेग्रा� ( �ता� M। �ब( में& ज� स्येव�दे यिमेंलाता� � व बहुता �6 छ उन प�रि भी�किष� सा�ज्ञे�ओं �� आधा� प � ज� व�दे��ता औ ठये�गी में& किनर्दिदे�C M। प इन प्र�में प्रब�धा�� 1 न� जिजसा स्येव�दे �� आभी�सा ब(� ब(� में& दिदेये� �, उसा�� सा��� ता स्व�भी�किव� औ मेंमें!स्पश¦ M। श6द्ध प्र�मेंमें�गी¦ साRफै� �किवये1 �� श�ख� में& साबसा� प्रचिसाद्ध ज�येसा( हुए, जिजन�� 'पद्म�वता' कि न्देD ��व्यक्ष�त्र में& ए� अंद्भु©ता त्न �। इसा सा�प्रदे�ये �� साब �किवये1 न� पR ब( कि न्देD अंथ�!ता? अंवधा( �� व्यव � कि�ये� � जिजसामें& गी�स्व�में( ता6लासा(दे�सा ज( न� अंपन� �में�रि तामें�नसा चिलाख� �।अंपन� भी�व�त्में� स्येव�दे ला�� साRफै� जब भी� ता में& आए ताब ये �� उन् & �� वला सा�धान�त्में� स्येव�दे ये�किगीये1, सा�येकिनये1 औ ता��कित्र�1 में& यिमेंला�। सा�श्व देश!न �� उल्ला�ख 'साव!देश!नसा�ग्रा ' में& �। ज�येसा( आदिदे साRफै� �किवये1 न� ठये�गी औ सा�येन �� �6 छ ब�ता1 �� भी( � 0 � 0 अंपन( � �किनये1 में& =�न दिदेये� �।ज�सा� ऊंप � � ज� �6�� �, भीचिक्त �� उत्था�न��ला �� भी(ता कि न्देD भी�ष� में& �6 छ किवस्ता�ता �न� प ला� प ला �ब( �� ( यिमेंलाता( �, अंता: प ला� किनगी6!ण सा�प्रदे�ये �� 'ज्ञे�न�श्रये( श�ख�' �� सा�त्तिक्षप्ता किवव ण आगी� दिदेये� ज�ता� � जिजसामें& साव!प्रथमें �ब( दे�सा ज( सा�मेंन� आता� M।भाक्ति�का�ल बिं �देD सा�कि त्ये �� भीचिक्त ��ला 1375 किव0 सा� 1700 किव0 ता� में�न� ज�ता� �। ये ये6गी भीचिक्त��ला �� न�में सा� प्रख्ये�ता �। ये बिं �देD सा�कि त्ये �� श्र�ष्ठ ये6गी �। सामेंस्ता बिं �देD सा�कि त्ये �� श्र�ष्ठ �किव औ उत्तमें �न�ए� इसा ये6गी में& प्र�प्ता �ता( M।

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देत्तिक्षण में& आलाव� ब�धा6 न�में सा� प्रख्ये�ता भीक्त � गीए। इनमें& सा� �ई ताथ��चिथता न(�( ज�किताये1 सा� आए थ�। व� बहुता पढं�-चिलाख� न 0 थ� प �ता6 अंन6भीव( थ�। आलाव� 1 �� प��ता देत्तिक्षण में& आ��येL �� ए� प �प � �ला( जिजसामें& �में�न6ज���ये! प्रमें6ख थ�।

�में�न6ज���ये! �� प �प � में& �में�न�दे हुए। आप�� व्यचिक्तत्व अंसा�धा� ण थ�। व� उसा सामेंये �� साबसा� बड़ी� आ��ये! थ�। उन् 1न� भीचिक्त �� क्ष�त्र में& ऊं� �-न(� �� भी�दे ता�ड़ी दिदेये�। साभी( ज�किताये1 �� अंयिधा�� ( व्यचिक्तये1 �� आपन� चिशष्ये बन�ये�। उसा सामेंये �� साRत्र � गीये� 

ज�किता-प��किता पRछ� नबिं � ��ई। रि �� भीज� सा� रि �� �ई।।

�में�न�दे न� किवष्ण6 �� अंवता� �में �� उप�सान� प बला दिदेये�। �में�न�दे न� औ उन�� चिशष्ये-में�डला( न� देत्तिक्षण �� भीचिक्तगी�गी� �� उत्त में& प्रव� कि�ये�। सामेंस्ता उत्त -भी� ता इसा प6ण्ये-प्रव� में& ब न� लागी�। भी� ता भी में& उसा सामेंये पहु��� हुए सा�ता औ में �त्में� भीक्त1 �� आकिवभी�!व हुआ।

में �प्रभी6 वल्लाभी���ये! न� प6यिC-में�गी! �� =�पन� �� औ किवष्ण6 �� �� ष्ण�वता� �� उप�सान� � न� �� प्र�� कि�ये�। आप�� j� � जिजसा ला(ला�-गी�न �� उपदे�श हुआ उसान� दे�शभी �� प्रभी�किवता कि�ये�। अंCछ�प �� सा6प्रचिसाध्दे �किवये1 न� आप�� उपदे�श1 �� मेंधा6 �किवता� में& प्रकिताबिंब�किबता कि�ये�।

इसा�� उप ��ता में�ध्व ताथ� बिंन�ब��! सा�प्रदे�ये1 �� भी( जन-सामें�ज प प्रभी�व पड़ी� �। सा�धान�-क्ष�त्र में& दे� अंन्ये सा�प्रदे�ये भी( उसा सामेंये किवद्यमें�न थ�। न�थ1 �� ये�गी-में�गी! सा� प्रभी�किवता सा�ता सा�प्रदे�ये �ला� जिजसामें& प्रमें6ख व्यचिक्तत्व सा�ता �ब( दे�सा �� �। में6सालामें�न �किवये1 �� साRफै�व�दे बिं �दुओं �� किवचिशC�j�ताव�दे सा� बहुता त्तिभीन्न न 0 �। �6 छ भी�व6� में6सालामें�न �किवये1 j� � साRफै�व�दे सा� �गी( हुई उत्तमें �न�ए� चिलाख( गीईं। सा�क्ष�प में& भीचिक्त-ये6गी �� �� प्रमें6ख ��व्य-धा� �ए� यिमेंलाता( M : ज्ञे�न�श्रये( श�ख�, प्र�में�श्रये( श�ख�, �� ष्ण�श्रये( श�ख� औ �में�श्रये( श�ख�, प्रथमें दे�न1 धा� �ए� किनगी6!ण मेंता �� अं�तागी!ता आता( M, श�ष दे�न1 सागी6ण मेंता �� ।

अ$#क्रम[छ6 प�ए�] 1 ज्ञे�न�श्रये( श�ख� 2 प्र�में�श्रये( श�ख� 3 �� ष्ण�श्रये( श�ख� 4 �में�श्रये( श�ख� ज्ञा�$�श्रय� शा�ख�इसा श�ख� �� भीक्त-�किव किनगी6!णव�देD थ� औ न�में �� उप�सान� � ता� थ�। गी6रु �� व� बहुता साम्में�न दे�ता� थ� औ ज�किता-प��किता �� भी�दे1 �� अंस्व(�� � ता� थ�। व�येचिक्त� सा�धान� प व� बला दे�ता� थ�। यिमेंथ्ये� आड�ब 1 औ रूदिढंये1 �� व� किव �धा � ता� थ�। लागीभीगी साब सा�ता अंपढ़ा थ� प �ता6 अंन6भीव �� दृयिC सा� सामें�ध्दे थ�। प्र�ये  साब सात्सा�गी( थ� औ उन�� भी�ष� में& �ई ब�चिलाये1 �� यिमेंश्रण प�ये� ज�ता� � इसाचिलाए इसा भी�ष� �� 'साधा6क्�ड़ी(' � � गीये� �। सा�धा� ण जनता� प इन सा�ता1 �� व�ण( �� ज़ीब देस्ता प्रभी�व पड़ी� �। इन सा�ता1 में& प्रमें6ख �ब( थ�। अंन्ये में6ख्ये सा�ता-�किवये1 �� न�में M - न�न�, �दे�सा, दे�दूदेये�ला, सा6�दे दे�सा ताथ� मेंलाR�दे�सा।

प्रे-म�श्रय� शा�ख�में6सालामें�न साRफै� �किवये1 �� इसा सामेंये �� ��व्य-धा� � �� प्र�मेंमें�गी¦ में�न� गीये� � क्ये1कि� प्र�में सा� ईश्व प्र�प्ता �ता� M ऐसा( उन�� में�न्येता� थ(। ईश्व �� ता प्र�में भी( साव!व्य�प( तात्व � औ ईश्व �� ज(व �� सा�थ प्र�में �� ( सा�ब�धा � सा�ता� �, ये उन�� �न�ओं �� मेंRला तात्व �। उन् 1न� प्र�मेंगी�थ�ए� चिलाख( M। ये� प्र�मेंगी�थ�ए� फै� सा( �� मेंसानकिवये1 �� श�ला( प �( गीई M। इन गी�थ�ओं �� भी�ष� अंवधा( � औ इनमें& दे� �-�~प�ई छ�दे1 �� प्रये�गी हुआ �। में6सालामें�न �ता� हुए भी( उन् 1न� बिं �दू-ज(वन सा� सा�ब�यिधाता �थ�ए� चिलाख( M। ख�डन-में�डन में& न पड़ी� इन फै�� �किवये1 न� भी~किता� प्र�में �� में�ध्येमें सा� ईश्व (ये प्र�में �� वण!न कि�ये� �। ईश्व �� में�शR� में�न� गीये� � औ प्र�ये  प्रत्ये�� गी�थ� में& ��ई �ज�6 में� कि�सा( �ज�6 में� ( �� प्र�प्ता � न� �� चिलाए न�न�किवधा �C1 �� सा�मेंन� � ता� �, किवकिवधा �सा~दिर्टये1 सा� प� �ता� � औ ताब ज�� में�शR� �� प्र�प्ता � सा�ता� �। इन �किवये1 में& मेंचिला� में� म्मेंदे ज�येसा( प्रमें6ख M। आप�� 'पद्म�वता' में ���व्य इसा श�ला( �� साव!श्र�ष्ठ �न� �। अंन्ये �किवये1 में& प्रमें6ख M - में�झन, �6 ता6बन औ उसामें�न।

का5 ष्णा�श्रय� शा�ख�इसा गी6ण �� इसा श�ख� �� साव�!यिधा� प्र�� हुआ �। किवत्तिभीन्न सा�प्रदे�ये1 �� अं�तागी!ता उच्च ��दिर्ट �� �किव हुए M। इनमें& वल्लाभी���ये! �� प6यिC-सा�प्रदे�ये �� अं�तागी!ता साR दे�सा ज�सा� में �न �किव हुए M। व�त्साल्ये एव� श्र��गी� �� साव§त्तमें भीक्त-�किव साR दे�सा �� पदे1 �� प वता¦ बिं �देD सा�कि त्ये प साव�!यिधा� प्रभी�व पड़ी� �। इसा श�ख� �� �किवये1 न� प्र�ये  में6क्त� ��व्य ( चिलाख� �। भीगीव�न श्र(�� ष्ण �� ब�ला एव� कि�श� रूप ( इन �किवये1 �� आ�र्पिष�ता � प�ये� � इसाचिलाए इन�� ��व्य1 में& श्र(�� ष्ण �� ऐश्वये! �� अंप�क्ष� में�धा6ये! �� ( प्र�धा�न्ये � �। प्र�ये  साब �किव गी�ये� थ� इसाचिलाए �किवता� औ सा�गी(ता �� अंद्भु©ता सा6�दे सामेंन्वये इन �किवये1 �� �न�ओं में& यिमेंलाता� �। गी(किता-��व्य �� ज� प �प � जयेदे�व औ किवद्य�पकिता j� � पल्लाकिवता हुई थ( उसा�� � में-किव��सा इन �किवये1 j� � हुआ �। न -न� ( �� सा�धा� ण प्र�में-ला(ला�ओं �� �धा�-�� ष्ण �� अंला~कि�� प्र�मेंला(ला� j� � व्य�जिजता � �� उन् 1न� जन-में�नसा �� सा�प्ला�किवता � दिदेये�। आन�दे �� ए� ला दे�श भी में& दे~ड ग़ई। इसा श�ख� �� प्रमें6ख �किव थ� साR दे�सा, न�देदे�सा, में( �ब�ई, कि ता रि व�श, रि दे�सा, साख�न, न �त्तमेंदे�सा वगी� । (में भी( इसा( सामेंये हुए।

र�म�श्रय� शा�ख��� ष्णभीचिक्त श�ख� �� अं�तागी!ता ला(ला�-प6रुष�त्तमें �� गी�न � ता� �मेंभीचिक्त श�ख� �� प्रमें6ख �किव ता6लासा(दे�सा न� मेंये�!दे�-प6रुष�त्तमें �� ध्ये�न � न� �� �। इसाचिलाए आपन� �में��द्र �� आ �ध्ये में�न� औ ' �में�रि ता में�नसा ' j� � �में-�थ� �� घ -घ में& पहु��� दिदेये�। ता6लासा(दे�सा बिं �देD सा�कि त्ये �� श्र�ष्ठ �किव में�न� ज�ता� M। सामेंन्वयेव�देD ता6लासा(दे�सा में& ला��न�ये� �� साब गी6ण में~जRदे थ�। आप�� प�वन औ मेंधा6 व�ण( न� जनता� �� तामें�में स्ता 1 �� �मेंमेंये � दिदेये�। उसा सामेंये प्र�चिलाता तामें�में भी�ष�ओं औ छ�दे1 में& आपन� �में�थ� चिलाख देD। जन-सामें�ज �� उत्था�न में& आपन� साव�!यिधा� में त्वपRण! ��ये! कि�ये� �। इसा श�ख� में& अंन्ये ��ई �किव ता6लासा(दे�सा �� सामें।न उल्ला�खन(ये न 0 � ताथ�किप अंग्रादे�सा, न�भी�दे�सा ताथ� प्र�ण �न्दे �~ �न भी( इसा श्र�ण( में& आता� M।

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र�वि� का�ल र�वि� का�ल सा$ 1650 सा- 1850 �का इसा ये6गी �� (किता��ला इसाचिलाए � ता� M, क्ये1कि� इसामें& ��व्य- (किता प अंयिधा� किव�� हुआ �। इसा ��ला में& �ई �किव ऐसा� हुए M ज� आ��ये! भी( थ� औ जिजन् 1न� किवकिवधा ��व्य��गी1 �� लाक्षण दे�न� व�ला� ग्रा�थ भी( चिलाख�। इसा ये6गी में& श्र��गी� �� प्रधा�नता� (। ये ये6गी में6क्त�- �न� �� ये6गी �। में6ख्येताये� �किवत्त, साव�ये� औ दे� � इसा ये6गी में& चिलाख� गीए। �किव �ज�त्तिश्रता �ता� थ� इसाचिलाए इसा ये6गी �� �किवता� अंयिधा�ता दे ब� ( ( जिजसा�� फैलास्वरूप इसामें& �मेंत्�� पRण! व्य�जन� �� किवश�ष में�त्र� ता� यिमेंलाता( � प �ता6 �किवता� सा�धा� ण जनता� सा� किवमें6ख भी( � गीई। (किता��ला �� अंयिधा���श �किव दे ब� ( थ�। �� शवदे�सा (ओ छ�), प्रता�प सिंसा� (� ख� (), किब � ((जयेप6 , आमें� ), मेंकिता �में (बR�देD), भीRषण (पन्न�), सिं��ता�मेंत्तिण(न�गीप6 ), दे�व(किप �न(), त्तिभीख� (दे�सा(प्रता�पगीढ़ा-अंवधा), घ6न�थ(��श(), ब�न( (कि�शनगीढ़ा), गी�गी(दिदेल्ला(), र्टD�� �में(बड़ी~दे�), ग्व�ला(प�ज�ब), �न्द्रश�ख ब�जप�ई(पदिर्टये�ला�), न�में(�पR थला�), �6 लापकिता यिमेंश्र (जयेप6 ), न�व�ज(पन्न�), सा6 किता यिमेंश्र(दिदेल्ला(), �व(न्द्र उदेयेन�थ(अंमें�ठ�), ऋकिषन�थ(��श(), तान �किव(श्र(नगी -गीढ़ाव�ला), ब�न( बन्देDजन (अंवधा), ब�न( प्रव(न (लाखनऊं), ब्रह्मदेत्त (��श(), ठ��6 ब6न्दे�लाखण्ड( (ज�ताप6 ), ब�धा� (पन्न�), गी6में�न यिमेंश्र (किप �न() आदिदे औ अंन�� �किव ता� �ज� ( थ�, ज�सा�- में � �ज जसावन्ता सिंसा� (किताव�!), भीगीवन्ता �ये ख(�(, भीRपकिता, साकिनयिधा (देकिताये� �� जमें0दे� ), में � �ज किवश्वन�थ, किjजदे�व (में � �ज में�नसिंसा� )। इकिता �सा सा�क्ष( � कि� अंपन� प �भीव ��ला में& भी( ये ये6गी व�भीव किव��सा �� थ�। में6गीला दे ब� �� में में& प���-प��� ज� रूपचिसाये�� ता( थ0। में(न� ब�ज़ी� लागीता� थ�, सा6 �-सा6न्दे ( �� उन्में6क्त व्य�प� �ता� थ�। डq० नगी�न्द्र चिलाखता� M- "व�सान� �� सा�गी ऐसा� प्रबला व�गी सा� उमेंड़ी � थ� कि� श6जिद्धव�दे साम्रा�र्ट �� साभी( किनष�धा प्रयेत्न उसामें& ब गीये�। अंमें( -उमें �व न� उसा�� किनष�धा पत्र1 �� श �ब �� सा6 � ( में&...............गी�! � दिदेये�। ..............किवला�सा �� अंन्ये सा�धान भी( प्र�6 में�त्र� में& थ�।" पद्म�� न� ए� ( छन्दे में& तात्��ला(न दे ब� 1 �� रूप �ख� �� अं��न � दिदेये� �- गी6लागी6ला( किगीला में& गीला(�� M, गी6न(जन M, ���देन( �, चि�� � चि� �गीन �� में�ला� M। � M पद्म�� त्ये¹ गीज� किगीज� � साज( सा�ज M सा6 � ( M सा6 � M औ प्ये�ला� M। चिसाचिसा �� प�ला� �� व्य�पता न �सा�ला� कितान् &, जिजन�� अंधा(न ऐता� उदिदेता मेंसा�ला� M। ता�न ता6� ता�ला� �, किवन�दे �� सा�ला� �, सा6ब�ला� M, दुसा�ला� M किवसा�ला� चि�त्रसा�ला� M।६

ऐ ला~कि��ता�, श्र��गी�रि �ता�, न�यिये��भी�दे औ अंला��� -किप्रयेता� इसा ये6गी �� प्रमें6ख किवश�षता�ए� M। प्र�ये  साब �किवये1 न� ब्रज-भी�ष� �� अंपन�ये� �। स्वता�त्र �किवता� �में चिलाख( गीई, सा, अंला��� वगी� ��व्य��गी1 �� लाक्षण चिलाखता� सामेंये उदे� ण �� रूप में& - किवश�ष� श्र��गी� �� आला�बन1 एव� उद्देDपन1 �� उदे� ण �� रूप में& - सा सा �न�ए� इसा ये6गी में& चिलाख( गीईं। भीRषण �किव न� व( सा �� �न�ए� भी( दे»। भी�व-पक्ष �� अंप�क्ष� �ला�-पक्ष अंयिधा� सामें�द्ध �। शब्दे-शचिक्त प किवश�ष ध्ये�न न 0 दिदेये� गीये�, न न�र्टयेश�स्त्र �� किवव��न कि�ये� गीये�। किवषये1 �� सा���� � गीये� औ में~चिला�ता� �� ह्रा�सा �न� लागी�। इसा सामेंये अंन�� �किव हुए— �� शव, सिं��ता�मेंत्तिण, दे�व, किब � (, मेंकिता �में, भीRषण, घन�न�दे, पद्म�� आदिदे। इनमें& सा� �� शव, किब � ( औ भीRषण �� इसा ये6गी �� प्रकिताकिनयिधा �किव में�न� ज� सा�ता� �। किब � ( न� दे� 1 �� सा�भी�वन�ओं �� पRण! रूप सा� किव�चिसाता � दिदेये�। आप�� (किता-��ला �� प्रकिताकिनयिधा �किव में�न� ज� सा�ता� �। इसा ��ला �� �किवये1 �� ता(न श्र�त्तिणये1 में& ब��र्ट� ज� सा�ता� �- (किता बद्ध �किव (किता में6क्त �किव (किता चिसाद्ध �किव किवj�न1 �� ये भी( मेंता ¼ कि� इसा ��ला �� �किवये1 न� ��व्य में& मेंये�!दे� �� पRण! प�लान कि�ये� �। घ� श्र�गी� ( �किवता� �न� प भी( � 0 भी( मेंये�!दे� �� उल्ला�घन दे�खन� �� न 0 यिमेंलाता� �।

आदिदीका�ल आदिदीका�ल सा$ 1000 सा- 1325 �का बिं �देD सा�कि त्ये �� इसा ये6गी �� ये न�में डq. ज� ( प्रसा�दे किjव�देD सा� यिमेंला� �। आ��ये! �में��द्र श6क्ला ताथ� किवश्वन�थ प्रसा�दे यिमेंश्र न� इसा� व( -गी�थ� ��ला न�में दिदेये� �। इसा ��ला �� सामेंये �� आधा� प सा�कि त्ये �� इकिता �सा चिलाखन� व�ला� यिमेंश्र ब�धा6ओं न� इसा�� न�में प्र� �त्तिभी� ��ला कि�ये� औ आ��ये! में �व( प्रसा�दे किjव�देD न� ब(जवपन ��ला। डq. �में�6 में� वमें�! न� इसा ��ला �� प्रमें6ख प्रव�त्तित्तये1 �� आधा� प इसा�� �� ण-��ला � � � औ �हुला सा��� त्ये�येन न� चिसाद्ध-सा�में�ता ��ला। इसा सामेंये �� सा�कि त्ये में6ख्येता  �� रूप1 में& यिमेंलाता� � : चिसाध्दे-सा�कि त्ये ताथ� न�थ-सा�कि त्ये, ज�न सा�कि त्ये, �� ण(-सा�कि त्ये,

प्र��ण!� सा�कि त्ये। अ$#क्रम[छ6 प�ए�] 1 चिसाद्ध औ न�थ सा�कि त्ये 2 ज�न सा�कि त्ये 3 �� ण( - सा�कि त्ये 4 प्र��ण!� सा�कि त्ये क्तिसाद्ध और $�था सा�वित्यये सा�कि त्ये उसा सामेंये चिलाख� गीये� जब बिं �देD अंपभ्रं�श सा� आधा6किन� बिं �देD �� ओ किव�चिसाता � ( थ(। चिसाद्ध धामें! �� वज्रये�न श�ख� �� अंन6ये�ये( उसा सामेंये चिसाद्ध � ला�ता� थ�। इन�� सा�ख्ये� �~ �सा( में�न( गीई �। सा प� (सा �जप�दे अंथव� सा �जभीद्र) प्रथमें चिसाद्ध में�न� गीए M। इसा�� अंकितारि क्त शब प�, ला6इप�, ड�ल्कि¾प�, �ण् प�, �6 क्�6 रि प� आदिदे चिसाद्ध साकि त्ये �� प्रमें6ख? �किव �|ये� �किव अंपन( व�ण( �� प्र�� जन भी�ष� में� � ता� थ�| उन�� सा जिजये� प्रव�त्तित्त मेंन6ष्ये �� स्व�भी�किव� व�त्तित्त �� �& द्र में& ख� किनधा�!रि ता हुई थ(। इसा प्रव�त्तित्त न� ए� प्र�� �� स्वच्छा�देता� �� जन्में दिदेये� जिजसा�� प्रकिताकिक्रांये� में& न�थ सा�प्रदे�ये श6रू हुआ। न�थ-सा�धा6 ठये�गी प किवश�ष बला दे�ता� थ�। व� ये�गी में�गी¦ थ�। व�

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किनगी6!ण किन ��� ईश्व �� में�नता� थ�। ताथ��चिथता न(�( ज�किताये1 �� ला�गी1 में& सा� �ई पहु��� हुए चिसाद्ध एव� न�थ हुए M। न�थ-सा�प्रदे�ये में& गी� खन�थ साबसा� में त्वपRण! थ�। आप�� �ई �न�ए� प्र�प्ता �ता( M। इसा�� अंकितारि क्त �~ न्गी(न�थ, गी�प(�न्दे, भी थ ( आदिदे न�थ पन्थ �� प्रमें6ख �किव �। इसा सामेंये �� �न�ए� सा�धा� णता  दे� 1 अंथव� पदे1 में& प्र�प्ता �ता( M, �भी(-�भी( �~प�ई �� भी( प्रये�गी यिमेंलाता� �। प वता¦ सा�ता-सा�कि त्ये प चिसाध्दे1 औ किवश�ष� न�थ1 �� गी � प्रभी�व पड़ी� �। जै<$ सा�वित्यअंपभ्रं�श �� ज�न-सा�कि त्ये प �प � बिं �देD में& भी( किव�चिसाता हुई �। बड़ी�-बड़ी� प्रब�धा��व्य1 �� उप ��ता लाघ6 ख�ड-��व्य ताथ� में6क्त� �न�ए� भी( ज�न-सा�कि त्ये �� अं�तागी!ता आता( M। स्वये�भीR �� पउमें-�रि उ व�स्ताव में& �में-�थ� ( �। स्वये�भीR, प6ष्पदे�ता, धानप�ला आदिदे उसा सामेंये �� प्रख्ये�ता �किव M। गी6ज �ता �� प्रचिसाध्दे ज�न���ये! �में��द्र भी( लागीभीगी इसा( सामेंये �� M। ज�न1 �� सा�ब�धा �ज=�न ताथ� गी6ज �ता सा� किवश�ष � �, इसा(चिलाए अंन�� ज�न �किवये1 �� भी�ष� प्र��(न �ज=�न( ( �, जिजसासा� अंव�!�(न �ज=�न( एव� गी6ज �ता( �� किव��सा हुआ �। साRरि ये1 �� चिलाख� �में-ग्रा�थ भी( इसा( भी�ष� में& उपलाब्ध M। च�रणा�-सा�वित्यइसा�� अं�तागी!ता �� ण �� उप ��ता ब्रह्मभीट्ट औ अंन्ये ब�देDजन �किव भी( आता� M। सा~ �ष्ट्री, गी6ज �ता औ पत्ति�में( �ज=�न में& �� ण1 ��, ताथ� ब्रज-प्रदे�श, दिदेल्ला( ताथ� पRव¦ �ज=�न में& भीट्ट1 �� प्र�धा�न्ये � थ�। �� ण1 �� भी�ष� सा�धा� णता  �ज=�न( ( � औ भीट्ट1 �� ब्रज। इन भी�ष�ओं �� बिंड�गीला औ बिंप�गीला न�में भी( यिमेंला� M। ये� �किव प्र�ये  �ज�ओं �� दे ब� 1 में& � उन�� प्रशल्किस्ता कि�ये� � ता� थ�। अंपन� आश्रयेदे�ता� �ज�ओं �� अंकिता �जिजता प्रश�सा� � ता� थ�। श्र��गी� औ व( उन�� में6ख्ये सा थ�। इसा सामेंये �� प्रख्ये�ता �न�ओं में& ��देब दे�ई �� ता प�थ्व( �ज �सा� , देलापकिता �� ता ख6में�ण- �सा�, न पकिता-न�ल् �� ता ब(सालादे�व �सा�, जगीकिन� �� ता आल् ख�ड वगी� में6ख्ये M। इनमें& साव�!यिधा� में त्वपRण! प�थ्व( �ज �सा� �। इन साब ग्रा�थ1 �� ब� � में& आज ये चिसाद्ध हुआ � कि� उन�� �ई अं�श क्ष�प� M। प्रेका=णा�का सा�वित्यखड़ी( ब�ला( �� आदिदे-�किव अंमें( ख6सा � इसा( सामेंये � गीये� �। ख6सा � �� प �चिलाये�� औ में6�रि ये�� प्रख्ये�ता M। में�चिथला-��कि�ला किवद्य�पकिता भी( इसा( सामेंये �� अं�तागी!ता हुए M। आप�� मेंधा6 पदे1 �� �� ण आप�� 'अंत्तिभीनव जयेदे�व' भी( � � ज�ता� �। में�चिथला( औ अंव ट्ट में& आप�� �न�ए� यिमेंलाता( M। आप�� पदे�वला( �� में6ख्ये सा श्र��गी� में�न� गीये� �। अंब्दुला में�न �� ता 'सा�दे�श �सा�' भी( इसा( सामेंये �� ए� सा6�दे �न� �। इसा छ�र्ट� सा� प्र�में-सा�दे�श-��व्य �� भी�ष� अंपभ्रं�श सा� अंत्येयिधा� प्रभी�किवता �न� सा� �6 छ किवj�न इसा�� बिं �देD �� �न� न में�न� अंपभ्रं�श �� �न� में�नता� M। आश्रयेदे�ता�ओं �� अंकिता �जिजता प्रश�सा�ए�, ये6ध्दे1 �� सा6�दे वण!न, श्र��गी� -यिमेंत्तिश्रता व( सा �� आला�खन वगी� इसा सा�कि त्ये �� प्रमें6ख किवश�षता�ए� M। इस्ला�में �� भी� ता में& प्रव�श � �6�� थ�। दे�श( जव�ड़ी� प स्प �ला में& व्यस्ता थ�। साब ए� सा�थ यिमेंला� में6सालामें�न1 �� सा�थ लाड़ीन� �� चिलाए ता�ये� न 0 थ�। परि ण�में ये हुआ कि� अंलागी-अंलागी साब�� �� में6सालामें�न ये 0 स्थि= � गीए। दिदेल्ला( �� गीद्देD उन् 1न� प्र�प्ता � ला( औ क्रांमेंश  उन�� �ज्ये �� किवस्ता� बढ़ान� लागी�। तात्��ला(न �किवता� प इसा स्थि=किता �� प्रभी�व दे�ख� ज� सा�ता� �।

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��रग�था� का�लग्ये� व0 सादेD �� लागीभीगी दे�शभी�ष� बिं �देD �� रूप अंयिधा� स्फु6 र्ट �न� लागी�। उसा सामेंये पत्ति�में( बिं �देD प्रदे�श में& अंन�� छ�र्ट� छ�र्ट� �जपRता �ज्ये =�किपता � गीए थ�। ये� प स्प अंथव� किवदे�श( आक्रांमेंण��रि ये1 सा� प्र�ये: ये6द्ध ता � � ता� थ�। इन् 0 �ज�ओं �� सा� क्षण में& न�व�ला� �� ण1 औ भी�र्ट1 �� �जप्रशल्किस्तामेंRला� ��व्य व( गी�थ� �� न�में सा� अंत्तिभीकि ता कि�ये� गीये�। इन व( गी�थ�ओं �� �सा� � � ज�ता� �। इनमें& आश्रयेदे�ता� �ज�ओं �� श~ये! औ प �क्रांमें �� ओजस्व( वण!न � न� �� सा�थ ( उन�� प्र�मेंप्रसा�गी1 �� भी( उल्ला�ख �। �सा� ग्रा�थ1 में& सा�घष! �� �� ण प्र�ये: प्र�में दिदेख�ये� गीये� �। इन �न�ओं में& इकिता �सा औ �ल्पन� �� यिमेंश्रण �। �सा� व( गी(ता (ब(सालादे�व �सा� औ आल् � आदिदे) औ प्रब�धा��व्य (प�थ्व( �ज �सा�, खमेंन �सा� आदिदे) - इन दे� रूप1 में& चिलाख� गीए। इन �सा� ग्रा�थ1 में& सा� अंन�� �� उपलाब्ध प्रकिताये�� �� � ऐकिता �चिसा� दृयिC सा� सा�दिदेग्धा 1 प इन व( गी�थ�ओं �� में~खिख� प �प � अं�सादिदेग्धा �। इनमें& श~ये! औ प्र�में �� ओजस्व( औ सा सा अंत्तिभीव्यचिक्त हुई �।इसा( ��ला�वयिधा में& में�चिथला ��कि�ला किवद्य�पकिता हुए जिजन�� पदे�वला( में& में�नव(ये सा¹देये! ओ प्र�में �� अंन6पमें व्य�जन� यिमेंलाता( �। ��र्पिता�लाता� औ ��र्पिता�पता��� इन�� दे� अंन्ये प्रचिसाद्ध ग्रा�थ M। अंमें( ख6सा � �� भी( ये ( सामेंये �। इन् 1न� ठ�ठ खड़ी( ब�ला( में& अंन�� प �चिलाये��, में6�रि ये�� औ दे� साख6न �� M। इन�� गी(ता1, दे� 1 �� भी�ष� ब्रजभी�ष� �।[सा�पू�दिदी� कार* ] भाक्ति�का�ल (सा$� १४००-१६०० ई.)ता� व0 सादेD ता� धामें! �� क्ष�त्र में& बड़ी( अंस्ताव्यस्ताता� आ गीई। जनता� में& चिसाद्ध1 औ ये�किगीये1 आदिदे j� � प्र�चिलाता अं�धाकिवश्व�सा फै� ला � थ�, श�स्त्रज्ञे�नसा�पन्न वगी! में& भी( रूदिढ़ाये1 औ आड�ब �� प्रधा�नता� � �ला( थ(। में�ये�व�दे �� प्रभी�व सा� ला��किवमें6खता� औ किनत्मिष्क्रांयेता� �� भी�व सामें�ज में& पनपन� लागी� थ�। ऐसा� सामेंये में& भीचिक्तआ�दे�लान �� रूप में& ऐसा� भी� ताव्य�प( किवश�ला सा��स्�� किता� आ�दे�लान उठ� जिजसान� सामें�ज में& उत्�ष!किवधा�ये� सा�में�जिज� औ व�येचिक्त� मेंRल्ये1 �� प्रकिताष्ठ� ��। भीचिक्त आ�दे�लान �� आ �भी देत्तिक्षण �� आलाव� सा�ता1 j� � देसाव0 सादेD �� लागीभीगी हुआ। व �� श�� ���ये! �� अंj�तामेंता औ में�ये�व�दे �� किव �धा में& �� व�ष्णव सा�प्रदे�ये खड़ी� हुए। इन �� 1 सा�प्रदे�ये1 न� उत्त भी� ता में& किवष्ण6 �� अंवता� 1 �� प्र�� प्रसा� कि�ये�। इनमें& सा� ए� �� प्रवता!� �में�न6ज���ये! थ�, जिजन�� चिशष्येप �प � में& आन�व�ला� �में�न�दे न� (प�द्र व0 सादेD) उत्त भी� ता में& �मेंभीचिक्त �� प्र�� कि�ये�। �में�न�दे �� �में ब्रह्म �� =�न�पन्न थ� ज� �क्षसा1 �� किवन�श औ अंपन( ला(ला� �� किवस्ता� � न� �� चिलाए सा�सा� में& अंवता(ण! �ता� M। भीचिक्त �� क्ष�त्र में& �में�न�दे न� ऊं� �न(� �� भी�देभी�व यिमेंर्ट�न� प किवश�ष बला दिदेये�। �में �� सागी6ण औ किनगी6!ण दे� रूप1 �� में�नन�व�ला� दे� भीक्त1 - �ब( औ ता6लासा( �� इन् 1न� प्रभी�किवता कि�ये�। किवष्ण6स्व�में( �� श6द्ध�j�ता मेंता �� आधा� ला�� इसा( सामेंये बल्लाभी���ये! न� अंपन� प6यिCमें�गी! �ला�ये�। ब� व0 सा� सा�ला व0 सादेD ता� पR � दे�श में& प6 �णसाम्मेंता �� ष्ण�रि ता? �� आधा� प �ई सा�प्रदे�ये प्रकितायिष्ठता हुए, जिजनमें& साबसा� ज्ये�दे� प्रभी�वश�ला( वल्लाभी �� प6यिCमें�गी! थ�। उन् 1न� श��� मेंता �� किवरुद्ध ब्रह्म �� सागी6ण रूप �� ( व�स्ताकिव� � �। उन�� मेंता सा� ये सा�सा� यिमेंथ्ये� ये� में�ये� �� प्रसा� न 0 � बल्किल्� ब्रह्म �� ( प्रसा� �, अंता: सात्ये �। उन् 1न� �� ष्ण �� ब्रह्म �� अंवता� में�न� औ उसा�� प्र�प्तिप्ता �� चिलाए भीक्त �� पRण! आत्मेंसामेंप!ण आवश्ये� बताला�ये�। भीगीव�न? �� अंन6ग्रा ये� प6यिC �� j� � ( भीचिक्त सा6लाभी � सा�ता( �। इसा सा�प्रदे�ये में& उप�सान� �� चिलाए गी�प(जनवल्लाभी, ला(ला�प6रुष�त्तमें �� ष्ण �� मेंधा6 रूप स्व(�� ता हुआ। इसा प्र�� उत्त भी� ता में& किवष्ण6 �� �में अं� �� ष्ण अंवता� 1 प्रकिताष्ठ� हुई।

Page 13: हिन्दी साहित्य का इतिहास कालविभाग

येद्यकिप भीचिक्त �� स्र�ता देत्तिक्षण सा� आये� ताथ�किप उत्त भी� ता �� नई परि स्थि=किताये1 में& उसान� ए� नये� रूप भी( ग्रा ण कि�ये�। में6सालामें�न1 �� इसा दे�श में& बसा ज�न� प ए� ऐसा� भीचिक्तमें�गी! �� आवश्ये�ता� थ( ज� बिं �दू औ में6सालामें�न दे�न1 �� ग्रा�ह्य �। इसा�� अंकितारि क्त किनम्न वगी! �� चिलाए भी( अंयिधा� में�न्ये मेंता व ( � सा�ता� थ� ज� उन् 0 �� वगी! �� प6रुष j� � प्रवर्पिता�ता �। में � �ष्ट्री �� सा�ता न�मेंदे�व न� १४व0 शता�ब्देD में& इसा( प्र�� �� भीचिक्तमेंता �� सा�में�न्ये जनता� में& प्र�� कि�ये� जिजसामें& भीगीव�न? �� सागी6ण औ किनगी6!ण दे�न1 रूप गी� (ता थ�। �ब( �� सा�तामेंता �� ये� पRव!प6रुष M। दूसा ( ओ साRफै� �किवये1 न� बिं �दुओं �� ला���थ�ओं �� आधा� ला�� ईश्व �� प्र�मेंमेंये रूप �� प्र�� कि�ये�।इसा प्र�� इन किवत्तिभीन्न मेंता1 �� आधा� ला�� बिं �देD में& किनगी6!ण औ सागी6ण �� न�में सा� भीचिक्त��व्य �� दे� श�ख�ए� सा�थ सा�थ �ला0। किनगी6!णमेंता �� दे� उपकिवभी�गी हुए - ज्ञे�न�श्रये( औ प्र�में�श्रये(। प ला� �� प्रकिताकिनयिधा �ब( औ दूसा � �� ज�येसा( M। सागी6णमेंता भी( दे� उपधा� �ओं में& प्रव�कि ता हुआ - �मेंभीचिक्त औ �� ष्णभीचिक्त। प ला� �� प्रकिताकिनयिधा ता6लासा( M औ दूसा � �� साR दे�सा।भीचिक्त��व्य �� इन किवत्तिभीन्न प्रणचिलाये1 �� अंपन( अंलागी अंलागी किवश�षता�ए� M प �6 छ आधा� भीRता ब�ता1 �� सायिन्नव�श साब में& �। प्र�में �� सा�में�न्ये भीRयिमें�� साभी( न� स्व(�� ��। भीचिक्तभी�व �� स्ता प मेंन6ष्येमें�त्र �� सामें�नता� साब�� में�न्ये �। प्र�में औ �रुण� सा� ये6क्त अंवता� �� �ल्पन� ता� सागी6ण भीक्त1 �� आधा� ( � प किनगी6!ण�प�सा� �ब( भी( अंन� �में �� किप्रये, किपता� औ स्व�में( आदिदे �� रूप में& स्में ण � ता� M। ज्ञे�न �� ता6लान� में& साभी( भीक्त1 न� भीचिक्तभी�व �� गी~ व दिदेये� �। साभी( भीक्त �किवये1 न� ला��भी�ष� �� में�ध्येमें स्व(�� कि�ये� �।ज्ञे�नश्रये( श�ख� �� प्रमें6ख �किव �ब( प ता�त्��चिला� किवत्तिभीन्न धा�र्मिमें�� प्रव�त्तित्तये1 औ दे�श!किन� मेंता1 �� सात्मिम्मेंचिलाता प्रभी�व �। उन�� �न�ओं में& धामें!सा6धा� � औ सामें�जसा6धा� � �� रूप किवश�ष प्रख �। उन् 1न� आ� ण �� श6द्धता� प बला दिदेये�। ब�ह्य�ड�ब , रूदिढ़ाये1 औ अं�धाकिवश्व�सा1 प उन् 1न� ता(व्र �श�घ�ता कि�ये�। मेंन6ष्ये �� क्षमेंता� �� उद्घा�ष � उन् 1न� किनम्नश्र�ण( �� जनता� में& आत्मेंगी~ व �� भी�व जगी�ये�। इसा श�ख� �� अंन्ये �किव �दे�सा, दे�दू M।अंपन( व्यचिक्तगीता धा�र्मिमें�� अंन6भीRकिता औ सा�में�जिज� आला��न� j� � �ब( आदिदे सा�ता1 न� जनता� �� किव�� �� स्ता प प्रभी�किवता कि�ये� थ�। साRफै� सा�ता1 न� अंपन� प्र�में�ख्ये�न1 j� � ला��में�नसा �� भी�वन� �� स्ता प प्रभी�किवता � न� �� प्रयेत्न कि�ये�। ज्ञे�नमें�गी¦ सा�ता �किवये1 �� व�ण( में6क्त�बद्ध �, प्र�मेंमें�गी¦ �किवये1 �� प्र�मेंभी�वन� ला��प्र�चिलाता आख्ये�न1 �� आधा� ला�� प्रब�धा��व्य �� रूप में& ख्प�यियेता हुई �। साRफै� ईश्व �� अंन�ता प्र�में औ सा¹देये! �� भी�ड� में�नता� M। उन�� अंन6सा� ईश्व �� ज(व प्र�में �� में�गी! सा� ( उपलाब्ध � सा�ता� �। सा�धा�न� �� में�गी! में& आन�व�ला( ब�धा�ओं �� व गी6रु ये� प( �� सा �येता� सा� सा� सापRव!� प� � �� अंपन� प मेंकिप्रये �� सा�क्ष�त्�� � ता� �। साRकिफैये1 न� �� � अंपन� मेंता �� प्र�� �� चिलाए अंपन� �थ���व्य �� �न� �� � प सा�कि प्तित्ये� दृयिC सा� उन�� मेंRल्ये इसाचिलाए � कि� उसामें& प्र�में औ उसासा� प्र�रि ता अंन्ये सा�व�गी1 �� व्य�जन� सा जब�ध्ये ला~कि�� भीRयिमें प हुई �। उन�� j� � व्य�जिजता प्र�में ईश्व �न्में6ख � प सा�में�न्येता: ये प्र�में ला~कि�� भीRयिमें प ( सा�क्रांमेंण � ता� �। प मेंकिप्रये �� सा¹देये!, प्र�मेंक्रां�ड़ी� औ प्र�में( �� किव �j�गी आदिदे �� वण!न उन् 1न� इतान( तान्मेंयेता� सा� कि�ये� � औ उन�� ��व्य �� में�नव(ये आधा� इतान� प6C � कि� आध्ये�त्मित्में� प्रता(�1 औ रूप�1 �� ब�वजRदे उन�� �न�ए� प्र�मेंसामेंर्पिप�ता �थ���व्य �� श्र�ष्ठ �� किताये�� बन गीई M। उन�� ��व्य �� पR � व�ता�व ण ला��ज(वन �� औ गी� !स्थि=� �। प्र�में�ख्ये�न�1 �� श�ला( फै� सा( �� मेंसानव( ��व्य ज�सा( �।इसा धा� � �� साव!प्रमें6ख �किव ज�येसा( M जिजन�� "पदेमें�वता' अंपन( में�र्मिमें�� प्र�मेंव्य�जन�, �थ� सा औ सा ज �ला�किवन्ये�सा �� �� ण किवश�ष प्रश�चिसाता हुआ �। इन�� अंन्ये �न�ओं में& "अंख �वर्ट' औ "आखिख ( �ला�में' आदिदे M, जिजनमें& साRफै� सा�प्रदे�येसा�गीता ब�ता& M१ इसा धा� � �� अंन्ये �किव M �6 ताबन, में�झन, उसामें�न, श�ख, नब(, औ नR में6 म्मेंदे आदिदे।ज्ञे�नमें�गी¦ श�ख� �� �किवये1 में& किव�� �� प्रधा�नता� � ता� साRकिफैये1 �� �न�ओं में& प्र�में �� ए���किता� रूप व्यक्त हुआ �। सागी6ण धा� � �� �किवये1 न� किव�� �त्में� श6ष्�ता� औ प्र�में �� ए���किगीता� दू � ज(वन �� सा ज उल्ला�सामेंये औ व्य�प� रूप �� प्रकिताष्ठ� ��। �� ष्णभीचिक्तश�ख� �� �किवये1 न� आन�देस्वरूप ला(ला�प6रुष�त्तमें �� ष्ण �� मेंधा6 रूप �� प्रकिताष्ठ� � ज(वन �� प्रकिता गी न �गी �� स्फुR ता! कि�ये�। इन �किवये1 में& साR सा�गी �� �यियेता� में ��किव साR दे�सा श्र�ष्ठतामें M जिजन् 1न� �� ष्ण �� मेंधा6 व्यचिक्तत्व �� अंन�� में�र्मिमें�� रूप1 में& सा�क्ष�त्�� कि�ये�। ये� प्र�में औ सा¹देये! �� किनसागी!चिसाद्ध गी�ये� M। �� ष्ण �� ब�लारूप �� ज�सा( किवमें� �, साज(व औ बहुकिवधा �ल्पन� इन् 1न� �� � व अंपन� सा�न( न 0 खता(। �� ष्ण औ गी�किपये1 �� स्वच्छा�दे प्र�मेंप्रसा�गी1 j� � साR न� में�नव(ये �गी �� बड़ी� ( किनश्छला औ सा ज रूप उद्घा�दिर्टता कि�ये� �। ये प्र�में अंपन� सा ज परि व�श में& सा ये�गी( भी�वव�त्तित्तये1 सा� सा�प�क्त �� किवश�ष अंथ!व�न? � गीये� �। �� ष्ण �� प्रकिता उन�� सा�ब�धा में6ख्येता: साख्येभी�व �� �। आ �ध्ये �� प्रकिता उन�� सा ज सामेंप!ण भी�वन� �� गी ( सा� गी ( भीRयिमें��ओं �� स्पश! � न�व�ला� �। साR दे�सा वल्लाभी���ये! �� चिशष्ये थ�। वल्लाभी �� प6त्र किबट्ठलान�थ न� �� ष्णला(ला�गी�न �� चिलाए अंCछ�प �� न�में सा� आठ �किवये1 �� किनव�!�न कि�ये� थ�। साR दे�सा इसा में�डला �� साव§त्�� C �किव M। अंन्ये किवचिशC �किव न�देदे�सा औ प में�न�देदे�सा M। न�देदे�सा �� �ला���तान� अंप�क्ष��� ता किवश�ष में6ख �।मेंध्येये6गी में& �� ष्णभीचिक्त �� व्य�प� प्र�� हुआ औ वल्लाभी���ये! �� प6यिCमें�गी! �� अंकितारि क्त अंन्ये भी( �ई सा�प्रदे�ये =�किपता हुए, जिजन् 1न� �� ष्ण��व्य �� प्रभी�किवता कि�ये�। कि ता रि व�श ( �धा�वल्लाभी( सा�प्र.), रि दे�सा (र्टट्टD सा�प्र.), गीदे�धा भीट्ट औ साR दे�सा मेंदेनमें� न (गी~ड़ी(ये सा�प्र.) आदिदे अंन�� �किवये1 न� किवत्तिभीन्न मेंता1 �� अंन6सा� �� ष्णप्र�में �� में�र्मिमें�� �ल्पन�ए� �u। में( � �� भीचिक्त दे��पत्येभी�व �� थ( ज� अंपन� स्वता:स्फुR ता! ��मेंला औ �रुण प्र�मेंसा�गी(ता सा� आ�दे�किताला � ता( M। न �त्तमेंदे�सा, साख�न, सा�न�पकिता आदिदे इसा धा� � �� अंन्ये अंन�� प्रकिताभी�श�ला( �किव हुए जिजन् 1न� बिं �देD ��व्य �� सामें�द्ध कि�ये�। ये सा� � �� ष्ण��व्य में6क्त� ये� �थ�त्तिश्रता में6क्त� �। सा�गी(ता�त्में�ता� इसा�� ए� किवचिशC गी6ण �।�� ष्ण��व्य न� भीगीव�न? �� मेंधा6 रूप �� उद्घा�र्टन कि�ये� प उसामें& ज(वन �� अंन��रूपता� न 0 थ(, ज(वन �� किवकिवधाता� औ किवस्ता� �� में�र्मिमें�� ये�जन� �में��व्य में& हुई। �� ष्णभीचिक्त��व्य में& ज(वन �� में�धा6ये! पक्ष �� स्फुR र्पिता�प्रदे सा�गी(ता थ�, �में��व्य में& ज(वन �� न(कितापक्ष औ सामें�जब�धा अंयिधा� में6खरि ता हुआ। ए� न� स्वच्छा�दे �गीतात्व �� में त्व दिदेये� ता� दूसा � न� मेंये�!दिदेता ला����तान� प किवश�ष बला दिदेये�। ए� न� भीगीव�न �� ला�� �जन�� ( सा¹देये!प्रकितामें� �� सा�गीठन कि�ये� ता� दूसा � न� उसा�� शचिक्त, श(ला औ सा¹देये!मेंये ला��में�गीला�� ( रूप �� प्र��चिशता कि�ये�। �में��व्य �� साव§त्�� C व�भीव " �में�रि तामें�नसा' �� �यियेता� ता6लासा(दे�सा �� ��व्य में& प्र�र्ट हुआ ज� किवद्य�किवदे? किग्रायेसा!न �� दृयिC में& ब6द्धदे�व �� ब�दे �� साबसा� बड़ी� जनन�ये� थ�। प ��व्य �� दृयिC सा� ता6लासा( �� में त्व भीगीव�न? �� ए� ऐसा� रूप �� परि �ल्पन� में& � ज� में�नव(ये सा�मेंथ्ये! औ औदे�त्ये �� उच्चतामें भीRयिमें प अंयिधायिष्ठता �। ता6लासा( �� ��व्य �� ए� बड़ी( किवश�षता� उन�� बहुमें6ख( सामेंन्वयेभी�वन� � ज� धामें!, सामें�ज औ सा�कि त्ये साभी( क्ष�त्र1 में& साकिक्रांये �। उन�� ��व्य ला���न्में6ख �। उसामें& ज(वन �� किवस्ता(ण!ता� �� सा�थ गी �ई भी( �। उन�� में ���व्य �में�रि तामें�नसा �में �� सा�पRण! ज(वन �� में�ध्येमें सा� व्यचिक्त औ ला��ज(वन �� किवत्तिभीन्न पक्ष1 �� उद्घा�र्टन � ता� �। उसामें& भीगीव�न? �में �� ला��में�गीला�� ( रूप �� प्रकिताष्ठ� �। उन�� सा�कि त्ये सा�में�जिज� औ व�येचिक्त� �ता!व्य �� उच्च आदेशL में& आ=� दृढ़ा � न�व�ला� �। ता6लासा( �� "किवनयेपकित्र��' में& आ �ध्ये �� प्रकिता, ज� �किव �� आदेशL �� साज(व प्रकितारूप �, उन�� किन �ता औ किनश्छला सामेंप!णभी�व, ��व्य�त्में� आत्में�त्तिभीव्यचिक्त �� उत्�� C दृC��ता �। ��व्य�त्तिभीव्यचिक्त �� किवत्तिभीन्न रूप1 प उन�� सामें�न अंयिधा�� �। अंपन� सामेंये में& प्र�चिलाता साभी( ��व्यश�चिलाये1 �� उन् 1न� साफैला प्रये�गी कि�ये�। प्रब�धा औ में6क्त� �� सा�कि प्तित्ये� श�चिलाये1 �� अंकितारि क्त ला��प्र�चिलाता अंवधा( औ ब्रजभी�ष� दे�न1 �� व्यव � में& व� सामें�न रूप सा� सामेंथ! M। ता6लासा( �� अंकितारि क्त �में��व्य �� अंन्ये �यियेता�ओं में& अंग्रादे�सा, न�भी�दे�सा, प्र�ण��दे �~ �न औ हृदेये �में आदिदे उल्ला�ख्ये M।आज �� दृयिC सा� इसा सा�पRण! भीचिक्त��व्य �� में त्व उसा� धा�र्मिमें��ता� सा� अंयिधा� ला��ज(वनगीता में�नव(ये अंन6भीRकिताये1 औ भी�व1 �� �� ण �। इसा( किव�� सा� भीचिक्त��ला �� बिं �देD ��व्य �� स्वण! ये6गी � � ज� सा�ता� �।[सा�पू�दिदी� कार* ] र�वि�का�ल (सा$� १७००-१८०० ई.)१७०० ई. �� आसा प�सा बिं �देD �किवता� में& ए� नये� में�ड़ी आये�। इसा� किवश�षता: ता�त्��चिला� दे ब� ( सा�स्�� किता औ सा�स्�� तासा�कि त्ये सा� उत्त�जन� यिमेंला(। सा�स्�� ता सा�कि त्येश�स्त्र �� �कितापये अं�श1 न� उसा� श�स्त्र(ये अंन6श�सान �� ओ प्रव�त्त कि�ये�। बिं �देD में& (किता ये� ��व्य (किता शब्दे �� प्रये�गी ��व्यश�स्त्र �� चिलाए हुआ थ�। इसाचिलाए ��व्यश�स्त्रबद्ध सा�में�न्ये

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सा�जनप्रव�त्तित्त औ सा, अंला��� आदिदे �� किनरूप� बहुसा�ख्ये� लाक्षणग्रा�थ1 �� ध्ये�न में& खता� हुए इसा सामेंये �� ��व्य �� (किता��व्य � � गीये�। इसा ��व्य �� श��गी� ( प्रव�त्तित्तये1 �� प6 �न( प �प � �� स्पC सा��� ता सा�स्�� ता, प्र��� ता, अंपभ्रं�श, फै� सा( औ बिं �देD �� आदिदे��व्य ताथ� �� ष्ण��व्य �� श��गी� ( प्रव�त्तित्तये1 में& यिमेंलाता� M। (किता��व्य �न� �� आ �भी ए� सा�स्�� ताज्ञे न� कि�ये�। ये� थ� आ��ये! �� शवदे�सा, जिजन�� साव!प्रचिसाद्ध �न�ए� �किवकिप्रये�, चिसा�किप्रये� औ �में��दिद्र�� M। �किवकिप्रये� में& अंला��� औ चिसा�किप्रये� में& सा �� सा�दे� ण किनरूपण �। लाक्षण दे� 1 में& औ उदे� ण �किवत्तसाव�ए में& M। लाक्षण-लाक्ष्ये-ग्रा�थ1 �� ये ( प �प � (किता��व्य में& किव�चिसाता हुई। �में��दिद्र�� �� शव �� प्रब�धा��व्य � जिजसामें& भीचिक्त �� तान्मेंयेता� �� =�न प ए� साजगी �ला��� �� प्रख �ला���तान� प्रस्फु6 दिर्टता हुई। �� शव �� �ई देश� ब�दे सिं��ता�मेंत्तिण सा� ला�� अंठ� व0 सादेD ता� बिं �देD में& (किता��व्य �� अंजस्र स्र�ता प्रव�कि ता हुआ जिजसामें& न -न� (-ज(वन �� मेंण(ये पक्ष1 औ तात्सा�ब�धा( सा सा सा�व�देन�ओं �� अंत्ये�ता �ला�त्में� अंत्तिभीव्यचिक्त व्य�प� रूप में& हुई। (किता��ला �� �किव �ज�ओं औ ईसा1 �� आश्रये में& ता� थ�। व �� मेंन� �जन औ �ला�किवला�सा �� व�ता�व ण स्व�भी�किव� थ�। ब~जिद्ध� आन�दे �� में6ख्ये सा�धान व �� उचिक्तव�चि�ता?ः? ये सामेंझ� ज�ता� थ�। ऐसा� व�ता�व ण में& चिलाख� गीये� सा�कि त्ये अंयिधा�ता श��गी� मेंRला� औ �ला�व�चि�ता?ः? ये सा� ये6क्त थ�। प इसा( सामेंये प्र�में �� स्वच्छा�दे गी�ये� भी( हुए जिजन् 1न� प्र�में �� गी �इये1 �� स्पश! कि�ये� �। में�त्र� औ ��व्यगी6ण दे�न1 ( दृयिCये1 सा� इसा सामेंये �� न -न� (-प्र�में औ सा¹देये! �� में�र्मिमें�� व्य�जन� � न�व�ला� ��व्यसा�कि त्ये में त्वपRण! �।इसा सामेंये व( ��व्य भी( चिलाख� गीये�। में6गीला श�सा� औ �गीज�ब �� �ट्ट सा��प्रदे�यिये�ता� औ आक्रां�में� �जन(किता �� र्ट� � र्ट सा� इसा ��ला में& ज� किवक्ष�भी �� स्थि=किताये�� आई उन् 1न� �6 छ �किवये1 �� व( ��व्य �� सा�जन �� भी( प्र� ण� देD। ऐसा� �किवये1 में& भीRषण प्रमें6ख M जिजन् 1न� (किताश�ला( �� अंपन�ता� हुए भी( व( 1 �� प �क्रांमें �� ओजस्व( वण!न कि�ये�। इसा सामेंये न(किता, व� �ग्ये औ भीचिक्त सा� सा�ब�यिधाता ��व्य भी( चिलाख� गीये�। अंन�� प्रब�धा��व्य भी( किनर्मिमें�ता हुए। इधा �� श�धा��ये! में& इसा सामेंये �� श��गी� �ता �न�ए� औ प्रब�धा��व्य प्र�6 परि में�ण में& यिमेंला � M। इसाचिलाए (किता��ला(न ��व्य �� किनता��ता ए���गी( औ ए�रूप सामेंझन� उचि�ता न 0 �। इसा सामेंये �� ��व्य में& पRव!वता¦ ��ला1 �� साभी( प्रव�त्तित्तये�� साकिक्रांये M। ये प्रधा�न धा� � श��गी� ��व्य �� � ज� इसा सामेंये �� ��व्यसा�पत्तित्त �� व�स्ताकिव� किनदेश!� में�न( ज�ता( ( �। श��गी� ( ��व्य ता(न वगीL में& किवभी�जिजता कि�ये� ज�ता� �। प ला� वगी! (किताबद्ध �किवये1 �� � जिजसा�� प्रकिताकिनयिधा �� शव, सिं��ता�मेंत्तिण, त्तिभीख� (दे�सा, दे�व, मेंकिता �में औ पद्म�� आदिदे M। इन �किवये1 न� दे� 1 में& सा, अंला��� औ न�यिये�� �� लाक्षण दे�� �किवत्त साव�ए में& प्र�में औ सा¹देये! �� �ला�पRण! में�र्मिमें�� व्य�जन� �� �। सा�स्�� ता सा�कि त्येश�स्त्र में& किनरूकिपता श�स्त्र(ये ���! �� अंन6सा ण में�त्र इनमें& अंयिधा� �। प �6 छ न� थ�ड़ी( में~चिला�ता� भी( दिदेख�ई �, ज�सा� त्तिभीख� (दे�सा �� बिं �देD छ�दे1 �� किनरूपण। दूसा � वगी! (किताचिसाद्ध �किवये1 �� �। इन �किवये1 न� लाक्षण न 0 किनरूकिपता कि�ए, �� वला उन�� आधा� प ��व्य �न� ��। किब � ( इनमें& साव!श्र�ष्ठ M, जिजन् 1न� दे� 1 में& अंपन( "सातासाई' प्रस्ता6ता ��। किवत्तिभीन्न में6द्र�ओंव�ला� अंत्ये�ता व्य�ज� सा¹देये!चि�त्र1 औ प्र�में �� भी�वदेश�ओं �� अंन6पमें अं��न इन�� ��व्य में& यिमेंलाता� �। ता(सा � वगी! में& घन�न�दे, ब�धा�, किjजदे�व ठ��6 आदिदे (कितामें6क्त �किव आता� M जिजन् 1न� स्वच्छा�दे प्र�में �� अंत्तिभीव्यचिक्त �� �। इन�� �न�ओं में& प्र�में �� ता(व्रता� औ गी नता� �� अंत्ये�ता प्रभी�वश�ला( व्य�जन� हुई �। (किता��व्य में6ख्येता: में��साला श��गी� �� ��व्य �। इसामें& न -न� (ज(वन �� स्में ण(ये पक्ष1 �� सा6�दे उद्घा�र्टन हुआ �। अंयिधा� ��व्य में6क्त� श�ला( में& �, प प्रब�धा��व्य भी( M। इन दे� सा~ वषL में& श��गी� ��व्य �� अंपRव! उत्�ष! हुआ। प धा( � धा( � (किता �� ज�ड़ी बढ़ाता( गीई औ बिं �देD ��व्य �� भी�वक्ष�त्र सा���ण! �ता� गीये�। आधा6किन� ये6गी ता� आता� आता� इन दे�न1 �यिमेंये1 �� ओ सा�कि त्ये�� 1 �� ध्ये�न किवश�ष रूप सा� आ�� C हुआ।आदिदीका�लआदिदीका�ल सा$ 1000 सा- 1325 �कामें6ख्ये ला�ख : आदिदे��ला - न�में� ण �� किवत्तिभीन्न मेंता बिं �देD सा�कि त्ये �� इसा ये6गी �� ये न�में डq. ज� ( प्रसा�दे किjव�देD सा� यिमेंला� �। आ��ये! �में��द्र श6क्ला ताथ� किवश्वन�थ प्रसा�दे यिमेंश्र न� इसा� व( -गी�थ� ��ला न�में दिदेये� �। इसा ��ला �� सामेंये �� आधा� प सा�कि त्ये �� इकिता �सा चिलाखन� व�ला� यिमेंश्र ब�धा6ओं न� इसा�� न�में प्र� �त्तिभी� ��ला कि�ये� औ आ��ये! में �व( प्रसा�दे किjव�देD न� ब(जवपन ��ला। डq. �में�6 में� वमें�! न� इसा ��ला �� प्रमें6ख प्रव�त्तित्तये1 �� आधा� प इसा�� �� ण-��ला � � � औ �हुला सा��� त्ये�येन न� चिसाद्ध-सा�में�ता ��ला।इसा सामेंये �� सा�कि त्ये में6ख्येता  �� रूप1 में& यिमेंलाता� � : चिसाध्दे-सा�कि त्ये ताथ� न�थ-सा�कि त्ये, ज�न सा�कि त्ये, �� ण(-सा�कि त्ये, प्र��ण!� सा�कि त्ये।अ$#क्रम[छ6 प�ए�] १ चिसाद्ध औ न�थ सा�कि त्ये २ ज�न सा�कि त्ये ३ �� ण( - सा�कि त्ये ४ प्र��ण!� सा�कि त्ये ५ ये भी( दे�ख& ६ ब� ( �किड़ीये�� [सा�पू�दिदी� कार* ] क्तिसाद्ध और $�था सा�वित्यये सा�कि त्ये उसा सामेंये चिलाख� गीये� जब बिं �देD अंपभ्रं�श सा� आधा6किन� बिं �देD �� ओ किव�चिसाता � ( थ(। चिसाद्ध धामें! �� वज्रये�न श�ख� �� अंन6ये�ये( उसा सामेंये चिसाद्ध � ला�ता� थ�। इन�� सा�ख्ये� �~ �सा( में�न( गीई �। सा प� (सा �जप�दे अंथव� सा �जभीद्र) प्रथमें चिसाद्ध में�न� गीए M। इसा�� अंकितारि क्त शब प�, ला6इप�, ड�ल्कि¾प�, �ण् प�, �6 क्�6 रि प� आदिदे चिसाद्ध साकि त्ये �� प्रमें6ख? �किव �|ये� �किव अंपन( व�ण( �� प्र�� जन भी�ष� में� � ता� थ�| उन�� सा जिजये� प्रव�त्तित्त मेंन6ष्ये �� स्व�भी�किव� व�त्तित्त �� �& द्र में& ख� किनधा�!रि ता हुई थ(। इसा प्रव�त्तित्त न� ए� प्र�� �� स्वच्छा�देता� �� जन्में दिदेये� जिजसा�� प्रकिताकिक्रांये� में& न�थ सा�प्रदे�ये श6रू हुआ। न�थ-सा�धा6 ठये�गी प किवश�ष बला दे�ता� थ�। व� ये�गी में�गी¦ थ�। व� किनगी6!ण किन ��� ईश्व �� में�नता� थ�। ताथ��चिथता न(�( ज�किताये1 �� ला�गी1 में& सा� �ई पहु��� हुए चिसाद्ध एव� न�थ हुए M। न�थ-सा�प्रदे�ये में& गी� खन�थ साबसा� में त्वपRण! थ�। आप�� �ई �न�ए� प्र�प्ता �ता( M। इसा�� अंकितारि क्त �~ न्गी(न�थ, गी�प(�न्दे, भी थ ( आदिदे न�थ पन्थ �� प्रमें6ख �किव �। इसा सामेंये �� �न�ए� सा�धा� णता  दे� 1 अंथव� पदे1 में& प्र�प्ता �ता( M, �भी(-�भी( �~प�ई �� भी( प्रये�गी यिमेंलाता� �। प वता¦ सा�ता-सा�कि त्ये प चिसाध्दे1 औ किवश�ष� न�थ1 �� गी � प्रभी�व पड़ी� �।[सा�पू�दिदी� कार* ] जै<$ सा�वित्यअंपभ्रं�श �� ज�न-सा�कि त्ये प �प � बिं �देD में& भी( किव�चिसाता हुई �। बड़ी�-बड़ी� प्रब�धा��व्य1 �� उप ��ता लाघ6 ख�ड-��व्य ताथ� में6क्त� �न�ए� भी( ज�न-सा�कि त्ये �� अं�तागी!ता आता( M। स्वये�भीR �� पउमें-�रि उ व�स्ताव में& �में-�थ� ( �। स्वये�भीR, प6ष्पदे�ता, धानप�ला आदिदे उसा सामेंये �� प्रख्ये�ता �किव M। गी6ज �ता �� प्रचिसाध्दे ज�न���ये! �में��द्र भी( लागीभीगी इसा(

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सामेंये �� M। ज�न1 �� सा�ब�धा �ज=�न ताथ� गी6ज �ता सा� किवश�ष � �, इसा(चिलाए अंन�� ज�न �किवये1 �� भी�ष� प्र��(न �ज=�न( ( �, जिजसासा� अंव�!�(न �ज=�न( एव� गी6ज �ता( �� किव��सा हुआ �। साRरि ये1 �� चिलाख� �में-ग्रा�थ भी( इसा( भी�ष� में& उपलाब्ध M।[सा�पू�दिदी� कार* ] च�रणा�-सा�वित्यइसा�� अं�तागी!ता �� ण �� उप ��ता ब्रह्मभीट्ट औ अंन्ये ब�देDजन �किव भी( आता� M। सा~ �ष्ट्री, गी6ज �ता औ पत्ति�में( �ज=�न में& �� ण1 ��, ताथ� ब्रज-प्रदे�श, दिदेल्ला( ताथ� पRव¦ �ज=�न में& भीट्ट1 �� प्र�धा�न्ये � थ�। �� ण1 �� भी�ष� सा�धा� णता  �ज=�न( ( � औ भीट्ट1 �� ब्रज। इन भी�ष�ओं �� बिंड�गीला औ बिंप�गीला न�में भी( यिमेंला� M। ये� �किव प्र�ये  �ज�ओं �� दे ब� 1 में& � उन�� प्रशल्किस्ता कि�ये� � ता� थ�। अंपन� आश्रयेदे�ता� �ज�ओं �� अंकिता �जिजता प्रश�सा� � ता� थ�। श्र��गी� औ व( उन�� में6ख्ये सा थ�। इसा सामेंये �� प्रख्ये�ता �न�ओं में& ��देब दे�ई �� ता प�थ्व( �ज �सा� , देलापकिता �� ता ख6में�ण - �सा� , न पकिता - न�ल् �� ता ब(सालादे�व �सा� , जगीकिन� �� ता आल् ख�ड वगी� में6ख्ये M। इनमें& साव�!यिधा� में त्वपRण! प�थ्व( �ज �सा� �। इन साब ग्रा�थ1 �� ब� � में& आज ये चिसाद्ध हुआ � कि� उन�� �ई अं�श क्ष�प� M।[सा�पू�दिदी� कार* ] प्रेका=णा�का सा�वित्यखड़ी( ब�ला( �� आदिदे-�किव अंमें( ख6सा � इसा( सामेंये � गीये� �। ख6सा � �� प �चिलाये�� औ में6�रि ये�� प्रख्ये�ता M। में�चिथला-��कि�ला किवद्य�पकिता भी( इसा( सामेंये �� अं�तागी!ता हुए M। आप�� मेंधा6 पदे1 �� �� ण आप�� 'अंत्तिभीनव जयेदे�व' भी( � � ज�ता� �। में�चिथला( औ अंव ट्ट में& आप�� �न�ए� यिमेंलाता( M। आप�� पदे�वला( �� में6ख्ये सा श्र��गी� में�न� गीये� �। अंब्दुला में�न �� ता 'सा�दे�श �सा�' भी( इसा( सामेंये �� ए� सा6�दे �न� �। इसा छ�र्ट� सा� प्र�में-सा�दे�श-��व्य �� भी�ष� अंपभ्रं�श सा� अंत्येयिधा� प्रभी�किवता �न� सा� �6 छ किवj�न इसा�� बिं �देD �� �न� न में�न� अंपभ्रं�श �� �न� में�नता� M।आश्रयेदे�ता�ओं �� अंकिता �जिजता प्रश�सा�ए�, ये6ध्दे1 �� सा6�दे वण!न, श्र��गी� -यिमेंत्तिश्रता व( सा �� आला�खन वगी� इसा सा�कि त्ये �� प्रमें6ख किवश�षता�ए� M। इस्ला�में �� भी� ता में& प्रव�श � �6�� थ�। दे�श( जव�ड़ी� प स्प �ला में& व्यस्ता थ�। साब ए� सा�थ यिमेंला� में6सालामें�न1 �� सा�थ लाड़ीन� �� चिलाए ता�ये� न 0 थ�। परि ण�में ये हुआ कि� अंलागी-अंलागी साब�� �� में6सालामें�न ये 0 स्थि= � गीए। दिदेल्ला( �� गीद्देD उन् 1न� प्र�प्ता � ला( औ क्रांमेंश  उन�� �ज्ये �� किवस्ता� बढ़ान� लागी�। तात्��ला(न �किवता� प इसा स्थि=किता �� प्रभी�व दे�ख� ज� सा�ता� �।