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डेली यूज़ (05 Nov, 2019) drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/05-11-2019/print रा जलमाग -2 ीलस ीलस केके लये लये : भारत रा जल माग , भारतीय अंतदशीय जलमाग ाधकरण मु"य मु"य परी$ा परी$ा केके लये लये : भारत और बां'लादेश के बीच अंतदशीय जल पारगमन और *यापार तथा इस संदभ रा जलमाग -2 का मह.व, भारत तथा बां'लादेश के बीच अंतदशीय जल पारगमन और *यापार संबंधी नयाचार चचा चचा 0य1 0य1 ? 4 नवंबर, 2019 को पहले कं टेनर काग4 क5 खेप ह78दया डॉक कॉ:े0स (Haldia Dock Complex-HDC) से देश के अंतदशीय जलमाग ाधकरण (Inland Waterways Authority of India-IWAI) ट;मनल के लये गुवाहाटी के पांडु रवाना हुईमुख मुख =बदु =बदु 12-15 िदन1 क5 यह समु?ी या@ा रा जलमाग -1 (गंगा नदी), रा जलमाग -97 (सुंदरबन), भारत-बां'लादेश ोटोकॉल (Indo-Bangladesh Protocol-IBP) माग और रा जलमाग -2 (ABपु@ नदी) के राCते एक एक5कृ त आईडG8यूटी आवाजाही होगीइस अंतदशीय जल पHरवहन (Inland Water Transport-IWT) माग पर यह पहला कं टेनरीकृ त काग4 आवाजाही है इस 1425 िकलोमीटर लंबी आवाजाही से इन िविवध जलमागJ का उपयोग करके IWT मोड क5 तकनीक5 और वाण7Mयक *यवहायता Cथािपत िकये जाने क5 उमीद है , साथ ही इस भू-भाग पर अNगामी आवाजािहय1 क5 एक Oृंखला क5 योजना भी बनाई गई है इस नवीनतम IWT आवाजाही का उPेQय कRे माल और तैयार माल के पHरवहन के लये एक वैक78पक माग खोलने के Sारा उTर पूव $े@ के औUोिगक िवकास को बढ़ावा दान करना है 1/19

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  • डेली यूज़ (05 Nov, 2019)drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/05-11-2019/print

    रा ीय जलमाग-2

    ी ल सी ल स केके लयेलये:भारत म रा ीय जल माग, भारतीय अंतदशीय जलमाग ाधकरण

    मु यमु य परी ापरी ा केके लयेलये:भारत और बां लादेश के बीच अंतदशीय जल पारगमन और यापार तथा इस संदभ म रा ीय जलमाग-2 का मह व, भारत तथाबां लादेश के बीच अंतदशीय जल पारगमन और यापार संबधंी नयाचार

    चचाचचा मम यय ?4 नवंबर, 2019 को पहले कंटेनर काग क खेप ह दया डॉक कॉ े स (Haldia Dock Complex-HDC) से देश केअंतदशीय जलमाग ाधकरण (Inland Waterways Authority of India-IWAI) ट मनल के लये गुवाहाटी के पांडु मरवाना हुई।

    मुखमुख बदुबदु12-15 िदन क यह समु ी या ा रा ीय जलमाग -1 (गगंा नदी), रा ीय जलमाग-97 (सुंदरबन), भारत-बां लादेशोटोकॉल (Indo-Bangladesh Protocol-IBP) माग और रा ीय जलमाग-2 ( पु नदी) के रा ते एक एक कृतआईड यूटी आवाजाही होगी।इस अंतदशीय जल प रवहन (Inland Water Transport-IWT) माग पर यह पहला कंटेनरीकृत काग आवाजाहीह।ैइस 1425 िकलोमीटर लबंी आवाजाही से इन िविवध जलमाग का उपयोग करके IWT मोड क तकनीक औरवाण यक यवहायता थािपत िकये जाने क उ मीद ह,ै साथ ही इस भू-भाग पर अ गामी आवाजािहय क एकृखंला क योजना भी बनाई गई ह।ै

    इस नवीनतम IWT आवाजाही का उ े य क े माल और तयैार माल के प रवहन के लये एक वकै पक माग खोलने केारा उ र पूव े के औ ोिगक िवकास को बढ़ावा दान करना ह।ै

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    https://www.drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/05-11-2019/printhttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-editorials/the-new-highways

  • रा ीय जलमाग-1 पर IWT ारा जल माग िवकास प रयोजना के तहत गगंा क नेिवगेशन मता म संवधन म अ छीवृ देखी गई हैरा ीय जलमाग-1 पर यातायात 2017-18 के 5.48 िम लयन टन से बढ़कर 2018-19 म 6.79 िम लयन टन तकपहँुच गया ह।ैरा ीय जलमाग-1 पर 6.79 िम लयन टन के कुल टैिफ़क म से, लगभग 3.15 िम लयन टन भारत बां लादेश ोटोकॉल(IBP) माग का उपयोग करके भारत और बां लादेश के बीच ए जम यापार ह।ै

    रा ीयरा ीय जलमागजलमाग 21988 म धुबरी से सिदया तक 891 िकमी. तक को रा ीय जलमाग सं या-2 घोिषत िकया गया। धुबरी पु नदीपर पहला बड़ा ट मनल ह।ैरा ीय जलमाग अधिनयम (National Waterways Act), 2016 के लागू होने के साथ देश म रा ीय जलमाग ककुल सं या 111 हो गई ह। परतंु अभी भी इस संबधं म घाट के िनमाण, ट मनल और नेिवगेशन चैनल जसैी बुिनयादीढाँचागत सुिवधाएँ उपल ध कराने क िदशा म चुनौतयाँ बनी हुई ह।रा ीय जलमाग-2 म पांडु बदंरगाह सबसे बड़ा एवं सबसे मह वपूण बदंरगाह ह।ै

    भारतभारत केके अ यअ य 3 मुखमुख रा ीयरा ीय जलमागजलमागराष्राष्टीयटीय जलमागजलमाग संख्संख्याया 1: इलाहाबाद-ह दया जलमाग को भारत म रा ीय जलमाग सं या-1 का दजा िदया गया ह।ैयह जलमाग गगंा-भागीरथी-हुगली नदी तं म थत ह।ै इस जलमाग पर थत मुख शहर इलाहाबाद, वाराणसी,मुगलसराय, ब सर, आरा, पटना, मोकामा, बाढ, मुगेंर, भागलपुर, फर ा, कोलकाता तथा ह दया ह।ैरा ीयरा ीय जलमागजलमाग सं यासं या 3: उ ोग मडंल और चंपकारा नहर के साथ प मी समु तट नहर (को ापुरम से कोल्लम) केबीच थत ह।ैरा ीयरा ीय जलमागजलमाग सं यासं या 4: गोदावरी और कृष्णा नदी से लगा काक नदा-पु चेुरी नहर (1078 िकलो मीटर) को 2008 मराष्टीय जलमाग- 4 घोिषत िकया गया ह।ै

    स मस म जलजल- प रवहनप रवहन केके आव यकआव यक त वत वपया गहराई व चौड़ाई वाला जलमाग।चौबीस घटें नौवहन लायक सुिवधाएँ।सभी साजोसमान से लसै ट मनल।

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    http://drishtiias.com/hindi/images/uploads/1572952990_National Highway.jpg

  • पया सं या म उ मता वाले जलयान।

    जलजल-प रवहनप रवहन केके समसम मुखमुख चुनौतीचुनौतीनिदय म भारी गाद भरना तथा वष भर जल क समुचत मा ा का आभाव।माल प रवहन के लये जलयान क भारी कम ।फेयरवे बेहतर बनाने के लये उचत ट मनल और रप का आभाव।ट मनल पर मकैिनकल हडलग का आभाव।

    भारतभारत औरऔर बां लादेशबां लादेश केके बीचबीच अतंदशीयअतंदशीय जलजल पारगमनपारगमन एवंएवं यापारयापार

    (Protocol on Inland Water Transit and Trade-PIWTT)

    भारत और बां लादेश के बीच अंतदशीय जल पारगमन और यापार (PIWTT) पर नयाचार दोन देश के पोत ारादोन देश के बीच माल क आवाजाही हेतु अपने जलमाग के उपयोग के लये पार प रक प से लाभकारी यव थाक अनुमत देता ह।ैIBP मागमाग रा ीय जलमाग-1 पर कोलकाता (भारत) से रा ीय जलमाग-2 (नदी पु ) पर ■सलघाट (असम) औरकरीमगजं (असम) पर रा ीय जलमाग-16 (बराक नदी) पर फैला हुआ ह।ैबां लादेश के अंतदशीय जलमाग के IBP माग पर दो भू-भाग नामत: ■सराजगजं-दाइखवा और आशूगजं-जािकगजं मागका िवकास कुल 305.84 करोड़ पए क लागत से 80:20 लागत साझाकरण के आधार पर (भारत ारा 80% औरबां लादेश ारा 20% वहन िकया जा रहा ह)ै िकया जा रहा ह।ैइन दोन खंड के िवकास से IBP माग के रा ते जलमाग के ज रये उ र पूव भारत को िनबाध नेिवगेशन दान िकयेजाने क उ मीद ह।ै अपे त गहराई हा■सल करने और बनाए रखने के लये दो िह स पर डे↓जग के अनुबधं िदए गए ह।

    उपरो के अलावा, भारत और बां लादेश ने हाल के िदन म जलमाग के उपयोग को बढ़ाने के लये बड़े कदम उठाए ह। इनमभारत म कोलाघाट म PIWTT, धु लयान, माया, सोनमुरा और बां लादेश म चलमारी, राजशाही, सु तानगजं, दौखंडी मअत र पोट ऑफ कॉल क घोषणा पर समझौता शािमल ह।ै

    दोनदोन देशदेश नेने िन न ल खतिन न ल खत परपर भीभी सहमतसहमत जताईजताई:1. करीमगजं (असम, भारत) के िव ता रत पोट ऑफ कॉल के प म बदरपुर और बां लादेश म आशूगजं का घोरासल2. कोलकाता, भारत के िव ता रत पोट ऑफ कॉल के प म िटबेनी और बां लादेश म पनगाँव का मु ारपुर3. ोटोकॉल ट नबंर 5 और 6 यानी राजशाही-गोडागरी-धु लयान को अ रचा (बां लादेश) तक िव ता रत िकया जाएगा।4. नये ट न बर 9 और 10 के प म गुमटी नदी पर दाउदखंडी-सोनमुरा खंड का समावेश।

    बां लादेश म चटगाँव और म गला बदंरगाह के ज़ रये भारत से माल क आवाजाही को सुगम बनाने के लये एक मानक संचालनि या (Standard Operating Procedure-SOP) पर दोन देश ारा 5 अ ू बर, 2019 को ह ता र िकये गए ह। इनदोन बदंरगाह क िनकटता से संभारतं लागत म कमी आएगी और उ र पूव रा य क यापार त प ा म सुधार होगा।

    भारतीयभारतीय अतंदशीयअतंदशीय जलमागजलमाग ाधकरणाधकरण

    (Inland Waterways Authority of India-IWAI)3/19

  • अंतदशीय जलमाग के िवकास और िविनयमन हेतु भारतीय अंतदशीय जलमाग ाधकरण (IWAI) क थापना 27अ ू बरअ ू बर, 1986 को क गई।IWAI जहाज़रानीजहाज़रानी मं ालयमं ालय (Ministry of Shipping) केके अधीनअधीन एक सांिवधकसांिवधक िनकायिनकाय ह।ैयह जहाज़रानी मं ालय से ा अनुदान के मा यम से रा ीय जलमाग पर अंतदशीय जल प रवहन अवसंरचना केिवकास और अनुर ण का काय करता ह।ैाधकरण का मु यालयमु यालय नोएडानोएडा (New Okhla Industrial Development Authority-NOIDA) म, े ीयकायालय पटना, कोलकाता, गुवाहाटी और कोची म तथा उप-कायालय यागराज (पूव म इलाहाबाद), वाराणसी,भागलपुर, र ा और को म म ह।रा ीयरा ीय जलमागजलमाग अधिनयमअधिनयम, 2016 के अनुसार अभी तक 111 जलमागजलमाग कोको रा ीयरा ीय जलमागजलमाग घोिषतघोिषत िकया गया ह।ैवष 2018 म IWAI ने काग मा लक एवं लॉ■ज ट स संचालक को जोड़ने हेतु सम पत पोटल ‘फोकलफोकल’ (Forumof Cargo Owners and Logistics Operators-FOCAL) लॉ च िकया था जो जहाज़ क उपल धता केबार ेम रयल टाइम डेटा उपल ध कराता ह।ै

    ोतोत: PIB

    RCEP म शािमल नह होगा भारत

    ी ल सी ल स केके लयेलयेRCEP

    मे समे स केके लयेलयेभारत-आ■सयान संबधंी मु े

    चचाचचा मम यय ?भारत सरकार ने 16 सद य देश वाले े ीय यापक आथक भागीदारी (Regional Comprehensive EconomicPartnership-RCEP) समूह म शािमल न होने का िनणय लया ह।ै

    गौरतलब ह ैिक RCEP से जुड़ी भारत क चताओं को तमाम वाताओं के बाद भी दरू नह िकया जा सका, ■जसकेकारण भारत को यह िनणय लेना पड़ा।यात य ह ैिक भारत के अत र अ य सभी 15 देश वष 2020 तक मु यापार समझौते पर ह ता र करगे।

    याया हैहै RCEP?े ीय यापक आथक भागीदारी या RCEP एक मु यापार समझौता ह,ै जो िक 16 देश के म य िकया जा रहा था।िविदत हो िक भारत के इसम शािमल न होने के िनणय के प ात् अब इसम 15 देश शेष ह।

    इसम 10 आ■सयान देश तथा उनके FTA भागीदार- भारत, चीन, जापान, को रया, ऑ टे लया और यूज़ीलडशािमल थे।

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  • इसका उ े य यापार और िनवेश को बढ़ावा देने के लये इसके सद य देश के बीच यापार िनयम को उदार बनानाएवं सभी 16 देश म फैले हुए बाज़ार का एक करण करना ह।ैइसका अथ ह ैिक सभी सद य देश के उ पाद और सेवाओं का संपूण े म पहँुचना आसान होगा।इसक औपचा रक शु आत नवंबर 2012 म कंबोडया म आयो■जत आ■सयान शखर स मेलन म क गई थी।RCEP को टांस-प■ैसिफक भागीदारी के एक िवक प के प म भी देखा जाता रहा ह।ैयिद भारत सिहत यह समझौता संप होता तो यह वै क सकल घरलेू उ पाद के 25 तशत और वै क यापार के30 तशत का तिनध व करता।

    साथ ही यह तकरीबन 5 अरब लोग क आबादी के लहाज़ से सबसे बड़ा यापार लॉक भी बन जाता।RCEP समझौते म व तुओं एवं सेवाओं का यापार, िनवेश, आथक और तकनीक सहयोग, बौ क संपदा, त प ा,िववाद िनपटान तथा अ य मु े शािमल ह।

    याया हैहै सम यासम या?भारत के अत र RCEP म भाग लेने वाले अ य सभी 15 सद य ने मु यापार समझौते पर ह ता र करने कािनणय लया ह।ै इस समझौते के वष 2020 तक संप होने क उ मीद ह।ैदसूरी ओर भारत ने कुछ अनसुलझे मु के कारण इस समझौते म शािमल न होने का िनणय लया ह।ैिनणय क घोषणा करते हुए भारतीय धानमं ी ने कहा िक “RCEP अपने मूल उ े य को त बिबत नह करता एवंइसके प रणाम न तो उचत ह और न ही संतु लत।”RCEP वाता के दौरान कई भारतीय उ ोग समूह ने इस समझौते पर ह ता र करने को लेकर चता जताई थी।उ ह ने तक िदया था िक कुछ घरलेू े अ य तभागी देश के स ते िवक प के कारण भािवत हो सकते ह।

    उदाहरण के लये समझौते के फल व प देश के डेयरी उ ोग को ऑ टे लया और यूज़ीलड से कड़ीत प ा का सामना करना पड़ेगा। इसी कार देश के इ पात और कपड़ा उ ोग को भी कड़ी त प ा कासामना करना पड़ेगा।

    अनसुलझेअनसुलझे मु ेमु ेकई भारतीय उ ोग ने चता ज़ािहर क थी िक यिद चीन जसेै देश के स ते उ पाद को भारतीय बाज़ार म आसानपहँुच ा हो जाएगी तो भारतीय घरलेू उ ोग पूणतः तबाह हो जाएगा।

    यात य ह ैिक भारत ऐसे ऑटो-िटगर तं क मांग कर रहा था जो उसे ऐसे उ पाद पर शु क बढ़ाने कअनुमत देगा जहाँ आयात एक िन त सीमा को पार कर चुका हो।

    भारत पहले से ही 16 RCEP देश के साथ यापार घाटे क थत म ह।ै अपने बाज़ार को और अधक मु बनाने सेथत और िबगड़ सकती ह।ै गौरतलब ह ैिक चीन के साथ भारत का कुल यापार 50 िब लयन डॉलर से भी अधक

    का ह।ैइस यापार संध म शािमल होने क भारत क अिन छा इस अनुभव से भी े रत ह ैिक भारत को को रया, मलेशयाऔर जापान जसेै देश के साथ मु यापार समझौत का कोई लाभ ा नह हुआ ह।ैसमझौत का काया वयन शु होने के बाद इन देश से भारत के आयात म तो वृ हुई लेिकन भारत से िनयात म उसगत से वृ नह हुई और इससे देश का यापार घाटा बढ़ा।गरै टै रफ बाधाओं संबधंी भारत क चता और बाज़ार तक अधक पहँुच क मांग को लेकर भी भारत को कोईिव सनीय आ ासन नह िदया गया।भारत ने कई बार उ पाद पर टै रफ को कम करने अथवा समा करने के संबधं म अपना डर ज़ािहर िकया था।

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  • RCEP म ‘ स ऑफ ओ र■जन’ (Rules of Origin) के दु पयोग से संबंधत भारतीय चताओं को भी सही ढंग सेसंबोधत नह िकया गया।

    िकसी उ पाद के रा ीय ोत को िनधा रत करने के लये उपयोग िकये जाने वाले मानदडं को ‘ स ऑफओ र■जन’ कहा जाता ह।ै

    RCEP समझौते म टै रफ घटाने के लये वष 2013 को आधार वष के प म चुनने का ताव िकया गया ह,ै परतंुभारत इसके िवरोध म ह ै य िक बीते कुछ वष म कपड़ा और इले टॉिनक जसेै कई उ पाद पर आयात शु क बढ़ा हैऔर इस लये भारत चाहता ह ैिक वष 2019 को आधार वष के प म चुना जाए।

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    सामा■जक-आथक संकेतक

    ी ल सी ल स केके लयेलये:रा ीय तदश सव ण कायालय

    मे समे स केके लयेलये:सामा■जक आथक संकेतक के आधार पर मु लम यवुाओं क थत से संबंधत मु े

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म इं टी ूट फॉर टडीज़ इन इडं टयल डेवलपमट िद ी ारा काशत एक लेख म रा ीय तदश सव णकायालय (National Sample Survey Office-NSSO) क आवधक म बल सव ण रपोट, 2018 [PeriodicLabour Force Survey (PLFS) Report, 2018] तथा इ ॉयमट-अनइ ॉयमट सव, 2011-12 (EmploymentUnemployment Survey (EUS), 2011-12) के आँकड़ के आधार पर मु लम यवुाओं क सामा■जक-आथक थतपर काश डाला गया ह।ै

    मु यमु य बदुबद:ु■जस कार लोकसभा-चुनाव 2019 के प रणाम म संसद के िनचले सदन म मु लम सांसद क सं या काफ कमहोने से मुसलमान के राजनीतक प से हाशये पर आने क पुनः पुि हुई ह ैउसी कार मु लम समुदाय सामा■जक-आथक प से भी हाशये पर ह।ैPLFS रपोट, 2018 तथा EUS, 2011-12 के आँकड़ का योग करके इस लेख म मु लम यवुाओं तथा अ य वगके यवुाओं क सामा■जक-आथक थत क तुलना क गई ह।ैयह रपोट उन 13 रा य से संबंधत आँकड़ से तयैार क गई ह ैजो वष 2011 क जनगणना म उप थत 17 करोड़मु लम क सं या के 89% का तिनध व करते ह।

    मु लममु लम यवुाओंयवुाओं कक सामा■जकसामा■जक-आथकआथक थतथत जाननेजानने केके लयेलये तीनतीन वगवग बनाबनाएए गएगए हह-

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  • नातकनातक उपाधउपाध ाा यवुायवुा:नातक क उपाध ा कर चुके यवुाओं को श ा ा यवुाओं क ेणी म रखा गया ह।ैवष 2017-18 के दौरान श ा ाि का अनुपात मु लम यवुाओं म 14%, द लत समुदाय म 18%, िह दूओबीसी वग म 25% तथा हद ूउ जातय म 37% ह।ैवष 2011-12 म मु लम वग तथा अनुसूचत वग के यवुाओं के बीच श ा ाि का अंतर केवल 1% का थाजो िक वष 2017-18 के दौरान बढ़कर 4% हो गया, इसी कार वष 2011-12 म मु लम समुदाय तथा हदूओबीसी वग के यवुाओं के बीच यह अंतर 7% का था जो िक वष 2017-18 के दौरान बढ़कर 11% हो गया,वह वष 2011-12 के दौरान कुल हद ूऔर मु लम वग के यवुाओं के बीच यह अंतर 9% का था जो िक वष2017-18 के दौरान बढ़कर 11% हो गया।हदी-भाषी रा य म वष 2017-18 के दौरान श त यवुा मु लम क सबसे कम सं या (3%) ह रयाणारा य म ह।ै यह सं या राज थान, उ र देश म मशः 7% तथा 11% ह।ै हदी-भाषी रा य म म य देशअकेला रा य ह ैजहाँ मु लम समुदाय के श त यवुाओं क सं या (17%) अनुसूचत वग के यवुाओं कसं या क तुलना म अधक ह।ैवष 2011-12 म ह रयाणा और राज थान म अनुसूचत वग तथा मु लम समुदाय के श ा ा यवुाओं कसं या म अंतर 12% का था, वह उ र देश म यह अंतर 7 तशत का था।पूव भारतीय रा य म िबहार, प म बगंाल तथा असम म श त मु लम यवुाओं क सं या मशः 8%, 8%और 7% ह,ै जबिक इ ह रा य म अनुसूचत वग के श त यवुाओं क सं या मशः 7%, 9% और 8% ह।ैप मी भारत म श त मु लम यवुाओं क सं या के आँकड़े बेहतर हुए ह लेिकन ये आँकड़े हद ूओबीसी वगऔर अनुसूचत वग क तुलना म मह वपूण सुधार को त बिबत नह करते ह। वष 2017-18 म गुजरात केमु लम समुदाय तथा अनुसूचत वग के श त यवुाओं क सं या म 14% का अंतर था जो िक वष 2011-12म केवल 8 तशत था।वष 2011-12 म महारा रा य के श त मु लम यवुाओं क सं या अनुसूचत वग के यवुाओं क सं या से2% अधक थी जो िक अब तुलना मक प से 8% कम हो गई ह।ैतिमलनाडु 36% नातक उपाध ा यवुा मु लम समुदाय के साथ भारत म सव े थान पर ह,ै वह केरल,आं देश और कनाटक म यह अनुपात मशः 28%, 21% और 18% ह।ैतिमलनाडु और आं देश म अनुसूचत वग तथा मु लम समुदाय के यवुाओं के बीच जहाँ करीबी त प ाह ैवह केरल म मु लम समुदाय काफ पीछे ह।ैद ण के रा य म मु लम समुदाय क इन उपल धय को रा य के इनके त सकरा मक ि कोण के संदभम भी देखा जाना चािहए।

    वतमानवतमान मम िकसीिकसी शै णकशै णक सं थानसं थान मम नामांिकतनामांिकत यवुायवुा (15-24 वषवष):जब हम वतमान म शै णक सं थान से जुड़े मु लम यवुाओं से संबंधत आँकड़ का अ ययन करते ह तबसामा■जक-आथक संकेतक पर मु लम यवुाओं का हाशये पर होना और अधक प हो जाता ह।ैवतमान म शै णक सं थान म वेश लेने वाले यवुाओं म मु लम यवुाओं का तशत सबसे कम ह।ैमु लम समुदाय के 15-24 वष क आय ुवग के केवल 39% यवुा शै णक सं थान म नामांिकत ह, वहअनुसूचत वग के 44%, हद ूओबीसी वग के 51%, हद ूउ जातय के 59% यवुा शै णक सं थान मनामांिकत ह।

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  • श ाश ा, रोज़गाररोज़गार औरऔर श णश ण सेसे वंचतवंचत यवुायवुा:यवुाओं क इस ेणी को NEET (Not in Employment, Education or Training) ेणी म रखा गयाह।ै मु लम यवुाओं क एक बड़ी सं या इस ेणी म आती ह।ैमु लम समुदाय के 31% यवुा इस ेणी म आते ह जो िक देश के िकसी भी समुदाय के यवुाओं से अधक ह,वह अनुसूचत वग के 26% यवुा, हद ूओबीसी वग के 23% यवुा तथा हद ूउ जातय के 17% यवुा इसेणी के अंतगत आते ह।

    यह वृ हदी-भाषी रा य म अधक देखी गई ह।ै राज थान, उ र देश, ह रयाणा और म य देश ममु लम समुदाय के मशः 38%, 37%, 37% और 35% यवुा इस ेणी के अंतगत आते ह।द ण भारत के रा य म आनुपातक प से बेहतर थत ह।ै तेलगंाना, केरल, तिमलनाडु और आं देश ममु लम समुदाय के मशः 17%, 19%, 24% और 27% यवुा इस ेणी के अंतगत आते ह।

    रा ीयरा ीय तदशतदश सव णसव ण कायालयकायालय

    (National Sample Survey Office-NSSO):

    NSSO का काय िवभ सामा■जक-आथक िवषय को लेकर रा यापी तर पर घर का सव ण, वा षक औ ोिगकसव ण कर आँकड़े एकि त करना ह।ैNSSO का मुख एक महािनदेशक होता ह ैजो अ खल भारतीय तर पर तदश सव ण के लये िज़ मेदार होता ह।ैNSSO िकसी यि के रोज़गार और बेरोज़गार होने क थत को तीन आधार पर प करता ह:ै

    रोज़गार ा यिरोज़गार के लये उपल धरोज़गार के लये उपल ध नह

    ोतोत- दद इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    लाइफोसेट

    ी ल सी ल स केके लयेलयेलाइफोसेट या ह?ै

    मे समे स केके लयेलयेकृिष म खरपतवारनाशी के योग का जवै-पा र थतक पर भाव

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म जमनी क फामा कंपनी बायेर (Bayer) के एक खरपतवारनाशी उ पाद के खलाफ अमे रका म हजार लोग नेमुक़दमा दायर िकया ह ैतथा तक िदया जा रहा ह ैिक यह उ पाद कसर का कारक ह।ै

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  • वतमानवतमान संदभसंदभ :कृिष तथा बागवानी काय के लये अमे रका म बहुतायत म इसका योग िकया जाता ह।ै वष 2015 म िव वा यसंगठन (WHO) ारा िकये गए एक शोध से यह पता चला ह ैिक लाइफोसेट संभवतः मानव म कसर का कारक(Carcinogenic) ह ै■जसक वजह से वहाँ लाइफोसेट आधा रत उ पाद का िवरोध िकया जा रहा ह।ैलाइफोसेट के वा तिवक भाव के संबधं म अभी भी िन त तौर पर कुछ कहना मु कल ह,ै साथ ही WHO ने इसेकसर के कारक के प म संभािवत तौर पर ही माना ह।ै इस वजह से जहाँ ाँस, इटली तथा िवयतनाम नेखरपतवारनाशी म इसके योग पर पाबदंी लगाई ह ैवह अमे रका, चीन, ाज़ील तथा कनाडा इसका समथन करते ह।भारत म इसका योग िपछले दो दशक म काफ बढ़ा ह।ै पहले इसका योग ■सफ असम तथा बगंाल के चाय बागान मिकया जाता था लेिकन अब इसका सवाधक योग महारा म ग ा, म ा तथा फल जसेै-अंगूर, केला, आम व संतरेको उगाने म िकया जाता ह।ैभारतीय कृिष अनुसंधान प रषद (Indian Council of Agricultural Research-ICAR) के अनुसार, भारत मलाइफोसेट का योग िवशेषकर राउंडअप, लाईसेल तथा ेक नामक खरपतवारनाशी दवाओं म होता ह।ै

    लाइफोसेटलाइफोसेट याया हैहै?लाइफोसेट एक खरपतवारनाशी ह ैतथा इसका IUPAC नाम N-(phosphonomethyl) Glycine ह।ै इसकासव थम योग 1970 म शु िकया गया था। फसल तथा बागान म उगने वाले अवांछत घास-फूस को न करने केलये इसका यापक पमैाने पर उपयोग होता ह।ैयह एक कार का गरै-चयना मक (Non-Selective) खरपतवारनाशी (Herbicide) ह ैजो कई पौध को न करदेता ह।ै यह पौध म एक िवशेष कार के ोटीन के िनमाण को रोक देता ह ैजोिक पौध के िवकास के लए सहायकहोते ह।लाइफोसेट िम ी को कसकर बांधे रखता ह,ै इस वजह से यह भूजल म भी नह िमलता। यह िवशेष प र थतय म 6महीने तक िम ी म बना रह सकता ह ैतथा िम ी म बै टी रया ारा इसका अपघटन होता ह।ैहालाँिक शु लाइफोसेट जलीय या अ य व यजीव के लये हािनकारक नह ह,ै लेिकन लाइफोसेट यु उ पाद,उनम मौजूद अ य अवयव के कारण िवषा हो सकते ह। लाइफोसेट अ य प से पा र थतक को भािवत करसकता ह ै य िक पौध के न होने से व यजीव के ाकृतक आवास पर नकारा मक भाव पड़ेगा।इसंान के लाइफोसेट के बाहरी संपक म आने से उनक वचा या आँख म जलन हो सकती ह।ै इसको िनगलने से मुँहतथा गले म जलन, उ टी, डाय रया आिद ल ण हो सकते ह।

    IUPAC (International Union for Pure and Applied Chemistry) रसायन िव ान से संबंधत एक अंतरा ीयाधकरण ह ैजो आवत सारणी म उप थत रासायिनक त व को नाम दान करने, उनके यमान सं या आिद को िनधा रतकरने के लये एक मानक तय करता ह।

    ोतोत : इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    हाइिगया: सौर मंडल का छठा बौना ह

    ी ल सी ल स केके लयेलये:हाइिगया के बार ेम, बौना ह घोिषत िकये जाने हेतु मापदडं, हमार ेसौरमडंल म बौने ह, अंतरा ीय खगोलीय संघ

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  • चचाचचा मम यय ?वेरी लाज टेली कोप (Very Large Telescope-VLT) म यूरोिपयन पेस ऑगनाइजेशन (European SpaceOrganisation) के SPHERE इं टमट के मा यम से िकये गए अवलोकन क सहायता से खगोलिवद ने यह दावा िकया हैिक Hygiea संभवतः एक बौना ह हो सकता ह।ै

    मुखमुख बदुबदु

    अब तक आधका रक प से हमारी सौर णाली म पाँच बौने ह ह।सबसे ■स बौना ह ूटो ह,ै वष 2006 म इसे ह क ेणी से हटाते हुए बौना ह घोिषत िकया गया था। अ य चारबौने ह ह: ए रस (Eris), मेकमेक (Makemake), हुमा (Haumea) और सेरसे (Ceres)।नासा के अनुसार, Hygiea एक ऐसे ु ह बे ट का िह सा ह,ै ■जसम 1.1 से लेकर 1.9 िम लयन क सं या म बड़ेु ह (1 िकमी. या 0.6 मील से अधक यास वाले) के साथ ही लाख अ य छोटे छु ह भी मौजूद ह।संभवतः Hygiea क उ प भी सेरसे (Ceres) नामक छु ह के साथ 2 िब लयन वष पहले हुई थी। लगभग 431िकमी. के यास के साथ यह आकार म छोटा ह।ै यह लगभग साढ़े पाँच साल म सूय के चार और अपनी प र मा पूरीकरता ह ैतथा अपने अ /धुरी (Axis) पर एक घूणन पूरा करने म इसे 27.6 िदन का समय लगता ह।ैइस ु ह क खोज वष 1849 म क गई थी, इसका नामकरण शुचता और व छता क ीक देवी (Greekgoddess) के नाम पर िकया गया था।इस बे ट के मौजूदा पड म सेरसे एकमा बौना ह ह ैजो आंत रक सौर णाली म उप थत ह ैसाथ ही यह सौरणाली के अब तक ात सभी बौने ह म सबसे छोटा ह।ै

    बौनेबौने हह हेतुहेतु मानदडंमानदडं

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    http://drishtiias.com/hindi/images/uploads/1572953785_dwarf planet.jpg

  • अंतरा ीय खगोलीय संघ (International Astronomical Union) ने एक बौने ह के लये चार मानदडं िनधा रतिकये ह, Hygiea इनम से तीन मानदडं को पहले ही पूरा कर चुका ह:ै

    यह सूय के चार ओर प र मा करता हो,यह चं मा न हो, औरइसने अपनी क ा के चारो-ओर के े क प र मा न क हो।

    चौथी आव यकता यह ह ैिक उसका यमान कम-से-कम इतना हो िक अपने गु वाकषण के कारण उसका आकारलगभग गोल हो गया हो तथा वह अपने पड़ोसी िप ड क क ा को न लांघता हो।।

    अतंरा ीयअतंरा ीय खगोलीयखगोलीय संघसंघयह पेशेवर खगोलिवद का एक संगठन ह,ै ■जसक थापना वष 1919 म क गई थी।इसका क ीय सचवालय पे रस म ह।ैइस वष यानी वष 2019 म यह संघ अपनी थापना क 100व वषगाँठ मना रहा ह।ैइस संघ का उ े य खगोलशा के े म अनुसंधान और अ ययन को अंतरा ीय तर पर बढ़ावा देना ह।ैजब भी ांड म कोई नई व तु पाई जाती ह ैतो खगोलीय संघ ारा िदये गए नाम ही अंतरा ीय तर पर मा य होते ह।अंतरा ीय खगोलीय संघ (IAU) का उ े य खगोलीय िव ान को बढ़ावा देना ह।ैअंतरा ीय खगोलीय संघ क महासभा क बठैक तीन वष म एक बार क जाती ह।ै िपछली बार इसक बठैक काआयोजन ऑ टया के िवएना म वष 2018 म िकया गया था। IAU क आगामी बठैक का आयोजन वष 2021 मद ण को रया के बुसान म िकया जाएगा।

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    क ट के तर ा तर म वृ

    ी ल सी ल स केके लयेलयेबीटा-ओसीमीन, लनालूल

    चचाचचा मम यय ?बगलू थत रा ीयरा ीय जीवजीव िव ानिव ान कक (National Centre for Biological Sciences, Bengaluru) केअनुसंधानक ाओं ने पौधे क वा पशीलता (Plant volatiles) का कृिमय के तर ा तर पर पड़ने वाले भाव का पतालगाया ह।ै

    मुखमुख बदुबदु

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  • इस अनुसंधान म वन पत, परजीवी एवं परभ ी क ट के म य संबधं का अ ययन िकया गया।इस अनुसंधान को कपास के पौधे पर िकया गया ■जसमे इस पौधे क वा पशीलता का पोडो टेरापोडो टेरा लटूरालटूरा(Spodoptera Litura) नामक कृिमय के तर ा तर पर भाव एवं परभ ी क ट/बर यानी ोकेनोकेन ेिवको नसेिवको नस(Bracon brevicornis) के म य संबधं को पता लगाया गया ह।ैजब कृमी कपास के पौधे क प य को खाता ह ैतो प यां सुगंधत और वा पशील वा प को वातावरण म िवमोचतकरती ह यह सुगंधत वा प परभ ी क ट एवं बर/ततयैा आिद को आक षत करती ह।ैये परभ ी क ट, पोडो टेरा लटूरा क वचा पर अंडे देते ह तथा इन अंडो से िनकला लावा इस कृमी के शरीर का हीभ ण करता ह ैजो इसक मृ य ुका कारण बनता ह।ैइस कृमी क वचा पर अंडे देने के लये पहले परभ ी क ट डंक से जहरीले पदाथ को कृमी पोडो टेरा लटूरा के शरीरम पहँुचा कर उसे गतहीन कर देता ह ैएवं त प ात इसके शरीर पर अंडे देता ह।ैइस योग म बीटा-ओसीमीन और लनालूल जसेै छह पादप वा पशील का उपयोग िकया गया और येक का कपासक प ी के कृमी क तर ा णाली पर अलग-अलग भाव पड़ा।पादप वा पशील पदाथ बीटाबीटा-ओसीमीनओसीमीन (Beta-Ocimene) को प य पर छडकने पर कृिम के तर ा तं मसुधार होता ह ै■जससे परभ ी क ट के डंक से कृिम गतहीन नह होता ह।ै इस थत म कृिम के गतशील होने केकारण परभ ी इसके शरीर पर अंडे नही दे पाते ह।पादप वा पशील पदाथ लनालूललनालूल (Linalool) को प य पर छडकने के कारण कृिमय म बै टी रया व रोगजनकके िव बेहतर तर ा तं उ प होता ह।ैबीटा-ओसीमीन आधा रत तर ा प रवतन कृिमय /शाकभ य क परजीिवय के त तर ा को सु ढ़ करता हैकृिमय /शाकभ य क के तर ा म सुधार परभ ी क ट के लावा को िनयिं त करने के थान पर इनके यवुायवुा(Pupal) के आकार म कमी व इनक य क परभ ी क ट के जीवनकाल म कमी के कारण होता ह।ै

    पौधेपौधे केके वा पशीलवा पशील पदाथपदाथ (Plant volatiles)पौधे िवभ र ा मक तं के मा यम से परजीवी कृिमय के त तर ा करते ह।ये पदाथ पौध ारा इनके ऊतक क त होने पर िवमोचत िकये जाते ह।

    बीटाबीटा-ओसीमीनओसीमीनयह एक काबिनक यौिगक ह ैइसका रसायिनक सू C H ह।ैयह पौध प और फूल से िवमोचत होने वाला वा पशील पदाथ ह।ैइसका योग खा पदाथ े वर व सौ दय साधन म सुंगधं के लए िकया जाता ह।ै

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    http://drishtiias.com/hindi/images/uploads/1572957983_Plant, pest and predator.jpg

  • लनालूललनालूलयह एक काबिनक यौिगक ह ैइसका रसायिनक सू C H O ह।ैपौध के मेटाबोलाइट, वा पशील तेल घटक, रोगाणरुोधी एजट और सुगधं के प म इसक मह वपूण भूिमका ह।ैइसका उपयोग इ , साबुन, और खा साम ी म िकया जाता ह।ै

    ोतोत: दद हदूहदू

    रज़व बक के NBFCs के लये नए तरलता िनदश

    ी ल सी ल स केके लयेलये :NBFC, HQLA,

    मे समे स केके लयेलये :भारतीय अथ यव था म नॉन- ब कग फाइन■सयल क पनीज का योगदान और सुधार

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म रज़व बक ने नॉन- ब कग फाइन■सयल कंपिनय (Non Banking Financial Companies) पर भावी संपदेयता बधंन (Asset Liability Management) के मानक को सु ढ़ करने के लये तरलता जो खम बधंन (LiquidityRisk Management) पर मौजूद िदशा-िनदश को संशोधत िकया ह।ै

    मुखमुख बदुबद:ुभारतीय रज़व बक ने तरलता अंतर के संदभ म नकारा मक संप देयताओं (Negative Assets liabilities) कएक िवशेष सीमा िनधा रत क ह,ै साथ ही साथ तरलता कवरजे अनुपात (Liquidity Coverage Ratio- LCR)बनाए रखने का िनदश िदया ह।ैसंरचना मक तरलता (Structural Liquidity) को बनाए रखने के लये देनदा रय हेतु 1 से 30 िदन के समयअंतराल (Time Bucket) को,1 से 7 िदन, 8 से 14 िदन और 15 से 30 िदन के समय अंतराल म बाँट िदया गया ह।ैनए िनयम के अनुसार उपयु समय अंतराल म शु संचयी अंतर (Net Commulative Mismatch) 1 से 7 िदनके समय अंतराल के लये 10%, 8 से 14 िदन के लये 10% और 15 से 30 िदन के समय अंतराल के लये संचयीनकद बिह वाह (Commulative Cash Outflow) के 20% से अधक नह होना चािहए।इन अवधय के पीछे मूल िवचार यह ह ैिक लघु अवध म बक म नकद का बिह वाह (Outflow), नकद के अंत वाह(Inflow) से अधक नह होना चािहए। उदाहरण के लये पहले समय अंतराल म नकद बिह वाह अपे त अंत वाह के10% से अधक नह होना चािहये।रज़व बक के अनुसार, NBFCs को एक तरलता बफर, तरलता कवरजे अनुपात (Liquidity Coverage Ratio)के प म बनाये रखना चािहए, ■जससे आव यकता पड़ने पर या जो खम के समय ये सुिन त िकया जा सके िक बकके पास अगले 30 िदन के लये उ गुणव ा वाली तरल संप (High Quality Liquidity Asset-HQLA) ह ै।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-editorials/crisis-in-nbfc-sector-could-hurt-economic-growth

  • NBFCs के लये 1 िदसंबर 2020 से LCR का 50% HQLA के प म और 1 िदस बर 2024 से इसे 100% बनाएरखने का ावधान ह।ैLCR का मुख उ े य तरलता जो खम (Liquidity Risk) क थत से िनपटने के लये बक के पास उ गुणव ावाली तरल संप य का होना सुिन त करना ह।ैइन ावधान के अंतगत ऐसी नॉन ब कग फाइन■सयल कंपनीज आती ह ■जनका संप आकार 100 करोड़ पए सेअधक हो।टाइप I - NBFC-ND (Non Deposit Taking) इकाइयाँ LCR मानदडं के अंतगत नह आती ह।टाइप I - एनबीएफसी-एनडी इकाइयाँ वे इकाइयाँ होती ह जो सावजिनक जमाओं को वीकार नह करत ।

    संपसंप देयतादेयता बधंनबधंन-संप देयता बधंन के अंतगत बक ारा तरलता या याज दर म प रवतन के कारण संप और दाय व के बीच अंतर सेउ प जो खम का पता चलता ह।ै

    उउ गुणव ागुणव ा वालीवाली तरलतरल संपसंप

    (High Quality Liquidity Asset-HQLA)

    उन संप य को उ गुणव ा वाली तरल संप माना जाता ह ैजो आसानी से और संप के मू य म अपे ाकृत कमया िबना िकसी ास के नकदी म प रवतत हो सकती ह।इसके अंतगत नकद, सरकारी तभूतयां और िवदेशी िव ीय सं थाओं ारा तभूतयाँ शािमल ह। ये संप याँ िकसीभी िव ीय देयता से मु होनी चािहये।

    ोतोत-दद हदूहदू

    आइसडैश एवं अतथ

    ी ल सी ल स केके लयेलये:आइसडैश एवं अतथ पहल, क ीय अ य कर एवं सीमा शु क बोड

    मे समे स केके लयेलये:आइसडैश तथा अतथ पहल से लाभ

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म िव मं ालय ारा ‘आइसडैश’ (ICEDASH) तथा ‘अतथ’ (ATITHI) नामक दो नई सूचना तकनीक पहल शुक गई ह।

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  • मु यमु य बदुबद:ुिव मं ालय ारा क ीय अ य कर एवं सीमा शु क बोड (Central Board of Indirect Taxes &Customs- CBIC) के अंतगत भारतीय बदंरगाह तथा हवाई-अ पर आयातत व तुओं के ‘क टम ि यरस’(Custom Clearance) को गत दान करने तथा उसक िनगरानी करने के लये ‘आइसडैश’ नामक ऑनलाइनडैशबोड तथा भारत म आने वाले अंतरा ीय याि य क सुिवधा के लये ‘अतथ’ नामक मोबाइल एप लॉ च िकयागया।

    ‘आइसडैशआइसडैश’ तथातथा इसकेइसके लाभलाभ:‘आइसडैश’ सीमा शु क िवभाग ारा भारत म कारोबार क सुगमता क िनगरानी करने के लये CBIC के अंतगत शुिकया गया एक ऑनलाइन डैशबोड ह।ैइस पहल क सहायता से आयातक तथा सामा य लोग यह देख सकगे िक देश के िकस बदंरगाह अथवा हवाई-अ े परआयातत सामान के ‘क टम ि यरस’ क या थत ह।ैCBIC ने रा ीय सूचना िव ान क (National Informatics Center- NIC) के साथ िमलकर इस डैशबोड कोिवक■सत िकया ह।ै‘आइसडैश’ के मा यम से ‘क टम ि यरस’ संबधंी ि याओं म पारदशता के साथ-साथ ह त ेप म कमी आएगी।

    ‘अतथअतथ’ तथातथा इसकेइसके लाभलाभ:अतथ के मा यम से अंतरा ीय पयटक अि म प से सीमा शु क िवभाग को यह जानकारी दे सकगे िक वे अपने साथकौन-कौन सी कर यो य व तु तथा िकतनी मु ा लेकर आ रहे ह।‘अतथ’ एप ारा अंतरा ीय पयटक को हवाई अ पर सीमा शु क िवभाग ारा व रत ि यरस और सुगम आगमनक सुिवधा दी जाएगी ■जससे हमार ेहवाई-अ पर अंतरा ीय पयटक तथा अ य आगतंुक क सं या म वृ होगी।‘अतथ’ एप ारा भारतीय सीमा शु क िवभाग क िव म ‘टेक सेवी’ [(Tech Savvy) तकनीक ेमी ] छिव बनेगी,■जसके मा यम से भारत म पयटन और यापार या ाओं को ो साहन िमलेगा।

    क ीयक ीय अ यअ य करकर एवंएवं सीमासीमा शु कशु क बोडबोड

    (Central Board of Indirect Taxes & Customs- CBIC):

    क ीय अ य कर एवं सीमा शु क बोड िव मं ालय के अधीन राज व िवभाग का एक अंग ह।ैयह बोड सीमा शु क, क ीय उ पाद शु क, क ीय व तु एवं सेवा कर और IGST (Integrated Goods andService Tax) का उ हण तथा सं ह का काय करता ह।ैसीमा शु क, क ीय उ पाद शु क, क ीय व तु एवं सेवा कर और IGST तथा नारकोिट स से जुड़े त करी तथाशासन संबधंी मु े CBIC के िव तार े के अंतगत आते ह।पूव म इसका नाम क ीय उ पाद एवं सीमा शु क बोड था।

    ोतोत- PIB

    EIU क िव ीय समावेशन रपोट15/19

  • EIU क िव ीय समावेशन रपोट

    ी ल सी ल स केके लयेलये:इकोनॉिमक इटें लजस यूिनट, िव ीय समावेशन रपोट

    मे समे स केके लयेलये:िव ीय समावेशन से संबंधत मु े

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म दद इकोनॉिम सइकोनॉिम स इटें लजसइटें लजस यूिनटयूिनट (The Economist Intelligence Unit- EIU) ने ‘ लोबललोबल माइ ो कोपमाइ ो कोप2019: दद एनेबलगएनेबलग ए वायरनमटए वायरनमट ऑनऑन फाइनशयलफाइनशयल इं ूज़नइं ूज़न रपोटरपोट’ (Global Microscope 2019-The EnablingEnvironment On Financial Inclusion) जारी क ।

    िन कषिन कष:उपयु रपोट के अनुसार, भारत िव ीय समावेशन हेतु अनुकूल वातावरण दान करने के मामले म िव के शीष देशम शािमल ह।ैभारत िव ीय समावेशन के लये अनुकूल वातावरण दान करने क ि से 5व थान पर ह।ैइस सूची म शीष पर कोलिंबया ह,ै इसके अलावा दसूर,े तीसर ेऔर चौथे थान पर मशः पे , उ वे और मे सकोह।55 देश क इस सूची म सबसे नीचे डेमो े िटक रप लक ऑफ़ कांगो (Democratic Republic of Congo) ह।ैात य ह ैिक इन सभी मानदडं पर ■सफ 4 देश को पूर ेअंक िमले, इनमे भारत, कोलिंबया, ज़मकैा और उ वे शािमल

    ह।

    रपोटरपोट केके बारेबारे मम:इस रपोट म 55 देश और 5 े क को शािमल िकया गया ह:ै

    1. शासन और नीत समथन2. उ पाद और िनगम3. थरता और अखंडता4. उपभो ा संर ण5. आधारभूत ढाँचा

    उपयु रपोट म ड■जटल िव ीय समावेशन के अंतगत िन न ल खत 4 मानदडं को शािमल िकया गया:गरै-ब कग े को ई-मनी जारी करने क अनुमत।िव ीय सेवा एजट क मौजूदगी।आनुपातक आधार पर ाहक क जाँच-परख।भावी उपभो ा संर ण।

    रपोट के इस सं करण म िव ीय समावेशन के े म ी और पु ष दोन क भागीदारी सुिन त करने के लये 11लग-आधा रत संकेतक भी जोड़े गए।

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  • भारतभारत केके संदभसंदभ मम:रपोट के अनुसार, भारतीय रज़व बक ने अथ यव था के डिज़टलीकरण के लये म यम अवध क रणनीत तयैारकरने हेतु उ तरीय सिमत का गठन िकया ह।ैअग त 2019 म रज़व बक ने एक रगेुलेटरी सडबॉ स (Regulatory Sandbox- RS) के लये े मवक जारी िकयाह।ै रगेुलेटरी सडबॉ स, िव , औ ोिगक और टाटअ स (Startups) को नई तकनीक एवं सेवाओं के परी ण केलये आधार उपल ध कराएगा।

    रगेुलेटरीरगेुलेटरी सडबॉ ससडबॉ स:सडबॉ स एक बुिनयादी ढाँचा ह ैजो बक ारा िफनटेक कंपनी को उपल ध कराया जाता ह ैतािक उ पाद या सेवाओंके तयैार होने के बाद एवं बाज़ार म आने से पहले उनका परी ण िकया जा सके।

    िफनटेकिफनटेक याया हैहै?िफनटेक (FinTech) Financial Technology का सं प ह।ै िव ीय काय म ौ ोिगक के उपयोग कोिफनटेक कहा जा सकता ह।ैदसूर ेश द म यह पारपं रक िव ीय सेवाओं और िवभ कंपिनय तथा यापार म िव ीय पहलुओं के बधंन मआधुिनक तकनीक का काया वयन ह।ैपहले बक म िकसी िववरण को र■ज टर पर लखा जाता था ■जसम काफ समय भी लगता था। वतमान म अब ब कगणाली म ौ ोिगक के योग से कोर ब कग ■स टम चलन म आ गया ह ैऔर इससे ब कग णाली आसान हो गईह।ै इस कार क िव ीय ौ ोिगक को िफनटेक कहा जाता ह।ैबक ारा िफनटेक के मा यम से मोबाइल वॉलेट स वस तथा UPI और भीम एप लॉ च करके ब कग णाली कोआसान बनाया जा रहा ह।ैिफनटेक बक के लये भुगतान, नकद ह तांतरण जसैी सेवाओं म काफ मददगार सािबत हो रहा ह,ै साथ ही यह देश केदरूदराज़ के इलाक तक ब कग सेवाएँ भी उपल ध करा रहा ह।ै

    ोतोत-दद िह दूिह द ूिबज़नेसिबज़नेस लाइनलाइन

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    http://drishtiias.com/hindi/images/uploads/1572958563_India's Performance.jpg

  • िव यापार संगठन और स सडी मु ा

    ी ल सी ल स केके लयेलये:िव यापार संगठन, SCM

    मे समे स केके लयेलये:स सडी से संबंधत मु े

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म िव यापार संगठन (World Trade Organization- WTO) के िववाद िनपटान पनैल (DisputeSettlement Panel) ने भारत म दी जाने वाली िनयात स सडी पर आप जताई ह।ै

    पनैल के अनुसार, भारत क िनयात ो साहन योजनाओं ने िव यापार संगठन के स सडी और काउंटरवेलगमानक (Subsidies and Countervailing Measures- SCM) से संबंधत समझौते के कई ावधान काउ ंघन िकया ह।ै

    SCM:

    SCM समझौता दो मु से संबंधत है

    1. पहला बहुप ीय स सडी के ावधान का िविनयमन।2. स सडी वाले आयात के कारण होने वाली हािन से संबंधत काउंटरवेलग उपाय।

    बहुप ीय स सडी के ावधान के तहत ही िकसी देश ारा िनयात स सडी लगाई जाती ह।ैइसके िवपरीत यिद कोई प इस िनयात स सडी से भािवत हो रहा ह ैतो वह SCM समझौते म िनधा रत मापदडं केतहत काउंटरवेलग ूटी लगा सकता ह।ै

    पनैल ने फैसला सुनाया िक भारत िनयात दशन पर आक मक स सडी दान करने का हकदार नह ह ै य िकभारत का त यि सकल रा ीय उ पाद 1,000 डॉलर तवष से अधक हो गया ह।ैिव यापार संगठन के SCM समझौते के अनु छेद 3।1 के तहत तवष 1,000 डॉलर के त यि सकल रा ीयउ पाद वाले िवकासशील देश को िनयात स सडी दान करने का अधकार नह ह।ैSCM समझौते के अनु छेद 4।7 के अनुसार, यिद िनिष व तुओं पर स सडी का उठता ह ैतो पनैल स सडीदेने वाले देश से व रत प से स सडी वापस लेने क अनुशसंा कर सकता ह।ैपनैल के अनुसार, भारत क िनयात ो साहन स सडी को SCM समझौते के अनु छेद 3।1(a) और 3।2 से असंगतपाया गया ह।ैपनैल ने फैसला सुनाया ह ैिक भारत को 90-120 िदन क समयावध के भीतर SCM समझौते से असंगत सभीयोजनाओं को वापस लेना चािहये।

    इसइस कारकार केके फैसलेफैसले काका भारतभारत परपर भावभाव:18/19

  • इस कार के फैसले के बाद भारत सरकार ारा चलाई जा रही कई िनयात-स सडी योजनाएँ गभंीर प से भािवतह गी। इन योजनाओं म शािमल ह:

    1. इले टॉिन स हाडवेयर टे नोलॉजी पाक क म, बायो-टे नोलॉजी पाक क म2. मचडाइज़ ए सपो स ॉम इंडया क म3. ए सपोट मोशन कैिपटल गु स क म4. िवशेष आथक े (Special Economic Zone)

    भारत तवष 7 िब लयन डॉलर (5।4 िब लयन पाउंड) से अधक क स सडी िवभ उ पाद जसेै- इ पात,फामा यूिटक स, रसायन, आईटी और व आिद पर देता ह।ै

    भारतभारत केके लयेलये िनयातिनयात स सडीस सडी काका मह वमह व:भारत अभी भी िवकासशील देश क ेणी म ह।ै भारत क आय म जो वृ हुई ह ैउसम िनयात से यादा योगदान सेवाे का ह ैइस लये भारत के इस कार के ावधान अ ासंिगक तीत होते ह, यात य ह ैिक भारत काफ समय से इसकार के ावधान के अंतगत िवशेष छूट क मांग कर रहा ह।ैवतमान समय म वै क तर पर संर णवाद और अ य भावी कारक के कारण भारत क अथ यव था परनकारा मक भाव पड़ा ह,ै इस लये ऐसे समय म भारत जसेै िवकासशील देश को इन ावधान से िवशेष छूट िमलनीचािहये।भारत का ब कग और उ ोग े क इस समय मदंी से घरा हुआ ह,ै इस लये िवशेष ो साहन के िबना अथ यव था मउ पादन बढ़ाना आसान काय नह ह।ै

    ोतोत: इकोनॉिम सइकोनॉिम स टाइ सटाइ स

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    डेली न्यूज़ (05 Nov, 2019)राष्ट्रीय जलमार्ग-2प्रीलिम्स के लिये:मुख्य परीक्षा के लिये:चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदुराष्ट्रीय जलमार्ग 2भारत के अन्य 3 प्रमुख राष्ट्रीय जलमार्गसक्षम जल- परिवहन के आवश्यक तत्त्वजल-परिवहन के समक्ष प्रमुख चुनौतीभारत और बांग्लादेश के बीच अंतर्देशीय जल पारगमन एवं व्यापार(Protocol on Inland Water Transit and Trade-PIWTT)दोनों देशों ने निम्नलिखित पर भी सहमत जताई:भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण(Inland Waterways Authority of India-IWAI)स्रोत: PIB

    RCEP में शामिल नहीं होगा भारतप्रीलिम्स के लियेमेन्स के लियेचर्चा में क्यों?क्या है RCEP?क्या है समस्या?अनसुलझे मुद्देस्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

    सामाजिक-आर्थिक संकेतकप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?मुख्य बिंदु:मुस्लिम युवाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति जानने के लिये तीन वर्ग बनाए गए हैं-वर्तमान में किसी शैक्षणिक संस्थान में नामांकित युवा (15-24 वर्ष):राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय(National Sample Survey Office-NSSO):स्रोत- द इंडियन एक्सप्रेस

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