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सीखने के तिफल क तीन हि दी बच – y नी/पढ़ी रचनाओ की विषय-िस , घटनाओ , पा, शीषक आवि के बारे म बाची करे ह, राय बाे ह। y कहानी, कविा आवि को उपय उार-चढ़ाि, गव, िाह और सही प ट के साथ नाे ह। y पढ़ी ह ई सामी और वनजी अन भि को जोड़े ह ए उनसे उभरी स ििनाओ और विचार की (मौविक/विवि) अवभवयव करे ह। y रह-रह की रचनाओ /सामी (अिबार, बाि पवका आवि) को समझकर पढ़ने के बाि उस पर आधार न प छे ह, अपनी राय िेे ह, वशक एि अपने सहपाविय के साथ चचा करे ह और प छे गए न के उर (मौविक/विवि प से) िेे ह। y अिग-अिग रह की रचनाओ म आए नए शबि को स िभ म समझकर उनका अथ िगाे ह। y रह-रह की रचनाओ की भाषा की बारीवकय (जैसे – शबि की प नराि व, स ा, सिनाम आवि) की पहचान और योग करे ह। y सिेचछा से या वशक ारा य गवविवध के अ ग िनी के व सचे होे ह ए सि- वनय व िे िन (कनिशनि राइवट ग) करे ह। y विवभनन उेय के विए वििे ह ए अपने िे िन म शबि के च नाि, िाय स रचना और ििन के सिप (जैसे – िोस को प वििना) का वनरय िेे ह ए वििे ह। y अिग-अिग उेय के विए वििे ह ए अपने िे िन म विराम-वच, जैसे – प र विराम, अलप विराम, निाचक वच का सचे इसेमाि करे ह। Class - 3.indd 1 8/30/2017 3:04:56 PM

सीखने के प्रतिफलscert.cg.gov.in/pdf/learning-outcome/hindi/Hindi Class...कक ष त न ह द बच च – y सन /पढ रचन ओ क व

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  • सीखने के प्रतिफलकक्षा तीन हिंदी

    बच च्े – y सनुी/पढ़ी रचनाओ ंकी विषय-िस्,ु घटनाओ,ं पात्रों, शीष्षक आवि के बारे में बा्ची्

    कर्े हैं, राय ब्ा्े हैं।

    y कहानी, कवि्ा आवि को उपयकु्् उ्ार-चढ़ाि, गव्, प्रिाह और सही पटु के साथ सनुा्े हैं।

    y पढ़ी हुई सामग्ी और वनजी अनभुिरों को जोड़्े हुए उनसे उभरी संिेिनाओ ंऔर विचाररों की (मौविक/विवि्) अवभवयवक्् कर्े हैं।

    y ्रह-्रह की रचनाओ/ंसामग्ी (अिबार, बाि पवत्का आवि) को समझकर पढ़ने के बाि उस पर आधारर् प्रश्न पछू्े हैं, अपनी राय िे् े हैं, वशक्षक एिं अपने सहपावियरों के साथ चचा्ष कर्े हैं और पछेू गए प्रश्नरों के उत्तर (मौविक/विवि् रूप से) िे् े हैं।

    y अिग-अिग ्रह की रचनाओ ंमें आए नए शबिरों को संिभ्ष में समझकर उनका अथ्ष िगा्े हैं।

    y ्रह-्रह की रचनाओ ंकी भाषा की बारीवकयरों (जैसे – शबिरों की पनुरािवृत्त, संज्ा, सि्षनाम आवि) की पहचान और प्रयोग कर्े हैं।

    y सिेचछा से या वशक्षक द्ारा ्य गव्विवध के अं् ग्ष् ि ््षनी के प्रव् सचे् हो्े हुए सि-वनयंवत्् िेिन (कनिैंशनि राइवटंग) कर्े हैं।

    y विवभनन उद्शे्यरों के विए विि्े हुए अपने िेिन में शबिरों के चनुाि, िाक्य संरचना और िेिन के सिरूप (जैसे – िोस् को पत् वििना) का वनर्षय िे्े हुए विि्े हैं।

    y अिग-अिग उद्शे्यरों के विए विि्े हुए अपने िेिन में विराम-वचह्रों, जैसे – परू्ष विराम, अलप विराम, प्रश्निाचक वचह् का सचे् इस्ेमाि कर्े हैं।

    Class - 3.indd 1 8/30/2017 3:04:56 PM