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Uncorrected and unedited/Not for Publication February 26, 2019 छतीसग विधान सभा की अशोधधत कायिाही पंचम विधान सभा थम स मंगलिार, दिनांक 26 फरिरी, 2019 (फाग न 07, शक सित ् 1940) [अंक 18]

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Uncorrected and unedited/Not for Publication February 26, 2019

छत्‍तीसगढ़‍विधान‍सभा की

अशोधधत‍कार्यिाही

पंचम‍विधान‍सभा ‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍प्रथम‍सत्र

मंगलिार,‍दिनाकं‍26‍फरिरी,‍2019‍

(फाल्‍गुन‍07,‍शक‍सम्‍ित‍्1940)

‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍[अकं‍18] ‍‍

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छत्‍तीसगढ़‍विधान‍सभा

मगंलवार, दिनांक 26 फरवरी, 2019

(फाल् गनु 07, शक सवंत ्1940) ववधान सभा पवूााह्न 11.00 बजे समवेत हुई.

(अध्‍यक्ष‍महोदय‍(डॉ0चरणदास‍महंत)‍पीठासीन‍हुए)

भारतीय‍िायसेुना‍द्िारा‍की‍गई‍काररिाई‍की‍सराहना

अध् यक्ष महोिय :- बजृमोहन अग्रवाल जी। प्रश् नोत् तर प्रश् नकाल के बाि कर लें।

नेता प्रततपक्ष (श्री धरमलाल कौशशक) :- नहीं-नहीं। ये आज िेश की इच् छा और िेश की भावना जो प्रतीक्षा कर रहे थे, आज एयरफोसा के जवानों के द्वारा जो आतकंवािी दिकानों पर जो हमला ककये गये और उसके शलए हम लोग एयरफोसा के जवानों को बधाई िेना चाहत ेहैं। साथ ही इस िेश के रक्षा मतं्री, गहृमतं्री और प्रधानमतं्री जी को बधाई िेना चाहत ेहैं, जजससे यहां के जवानों का मनोबल बढे और आतकंवािी जो गततववधधयां जो चला रही हैं, उनका मनोबल धगरना चादहए और उनके मनसबेू पर पानी कफरना चादहए और इसके शलए हम लोग बधाई िेना चाहत ेहैं।

मखु् यमतं्री (श्री भपेूश बघेल) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, जजस प्रकार से पलुवामा की घटना घटी और उसके बाि अभी भारतीय वाय ुसेना के द्वारा प्रत् योत् तर में जो कारावाई की गई है, परूा िेश भारतीय सेना के साथ है। भारतीय सेना अतलुनीय है। परेू ववश् व में सवाशे्रष् ि है और उसने कफर से अपनी शे्रष् िता शसद्ध की है और आतकंवाि के खिलाफ जजतनी कडी से कडी कारावाई हो सके, ककया जाना चादहए। परूा िेश समवते स् वर में शाशमल है। साथ ही परूा छत् तीसगढ भारतीय सेना के साथ है और हम उनका समथान करत ेहैं।

ससंिीय काया मतं्री (श्री रववन्‍द र चौब)े :- अध् यक्ष जी, सारा दहन्‍द िसु् तान अपनी फौज पर गवा करता है। पलुवामा की घटना के बाि हम लोगों ने इस सिन में अपने जवानों की शहाित को सलाम ककया था और आिरणीय अध् यक्ष जी हमारे एयरफोसा ने जो कारावाइयां कीं, हम सब लोग उसका समथान करत ेहैं लेककन माननीय अध् यक्ष महोिय, धचतंा का ववषय है। िेश की आंतररक जस्थतत में ये सब घटनाएं जो घदटत हो रही हैं, अब चुनाव सामने है, पता नहीं ये ककस दिशा में हम लोग जा रहे हैं ? लगातार कश् मीर में शांतत हुआ करती थी। अमन-चैन का शासन हुआ करता था। ऐसी पररजस्थततयों का तनमााण इन 5 सालों में क् यों हुआ ? जवानों को लगातार शहाित िेना पड रहा है और सिन में भी और सिन के बाहर

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हम नमन कर रहे हैं, श्रद्धांजशल िे रहे हैं लेककन इन पररजस्थततयों का जजन लोगों ने तनमााण ककया, जो लोग जजम् मिेार हैं, उसको भी िेश माफ करने वाला नहीं है।

श्री अजीत जोगी (मरवाही) :- अध् यक्ष महोिय। अजय-अजय (श्री अजय चन्‍द राकर की ओर इशारा करत ेहुए) अध् यक्ष महोिय, पाककस् तान ने पलुवामा में जो कायराना हरकत की थी, जजसमें हमारे बहािरु जवान और प्रहरी शहीि हुए थे, आज पाककस् तान को उसका करारा जवाब हमारी सेना ने, हमारी वाय ुसेना ने, हमारे बहािरु सतैनकों ने शमलकर दिया है और पाककस् तान के उन दिकानों को नष् ट ककया है जजसे वे लांधचन पिै के तरह इस् तेमाल करत ेथे। हमारे 40 सतैनक शहीि हुए थे। उम् मीि की जाती है कक उससे कम से कम 10 गनेु लोग उनके मारे गये होंगे। हम अपनी सेना को सलाम करत ेहैं। हम अपनी सेना के सामने नतमस् तक हैं और पाककस् तान को यह याि दिलाना चाहत ेहैं कक ऐसे समय में परूा भारत एक है। ककसी को राजनीतत नहीं करनी चादहए। यह सेना का प्रश् न है। भारत का प्रश् न है। भारत की एकता और अक्षुण् णता का प्रश् न है । हम सब एक हैं। हम सबने शमलकर , हम सबकी ओर से शमलकर हमारे सेना ने यह कारावाई की है। इसमें राजनीतत का ततल भर भी स् थान नहीं है। मैं एक बार कफर स ेअपनी सेना को, ववशषेकर वाय ुसेना को लक्ष् याधधक धन्‍द यवाि िेता हूूँ, बधाई िेता हूूँ। मैं यह आशा करता हूूँ कक भववष् य में ऐसी कोई कायराना हरकत की गई तो उसको ऐसा ही करारा जवाब पाककस् तान को शमलेगा।

श्री अजय चन्‍द राकर (कुरूि) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, हमारे वायसेुना के जवानों ने रात साढे तीन बजे पी0ओ0के0 में जो कारावाई की है। जो क्षतत हुई और कश् मीर की वतामान पररजस्थततयों में जो कारावाई िेश चाहता था, उन्‍द होंने उस शौया को िेश के शलए ककया। माननीय अध् यक्ष महोिय, परूा सिन, परूा छत् तीसगढ, सिन के नेता, प्रततपक्ष के नेता, ससंिीय कायामतं्री और पवूा मखु् यमतं्री जी ने भी अपनी भावनाएं व् यक् त की है और परूा उसके साथ है। लेककन जोगी जी ने जैसा कहा कक इसमें कोई राजनीतत नहीं होनी चादहए। मैं इस बात पर समथान व् यक् त करता हूूँ। माननीय अध् यक्ष महोिय, आप धचतंनशील व् यजक्त हैं। कश् मीर की जस्थतत 5 साल की नहीं है। कश् मीर की जस्थतत 1947 और उग्रवाि 3 िशक परुानी है। यदि सेना कोई कारावाई करती है तो हमारी आंतररक जस्थतत जो भी है, आंतररक जस्थतत के ववरूद्ध ककसी बाहरी ताकत के ववरूद्ध सघंषा कर रहा है, तो उसके शलए यह िेश और प्रिेश मजबतूी के साथ िडा है।

श्री नारायण चंिेल (जांजगीर-चाम् पा) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, हम सेना के जवानों को सलाम करत ेहैं। सेना ने जो कारावाई की है, वह परेू िेश का जनमानस था, िेश की आवश् यकता थी। जजस तरीके से आतकंवाि, उग्रवाि बढ रहा थ, हमारे जवान शहीि हो रहे थे। तनजश्चत रूप स ेिेश की जनता की यह मांग थी कक पाककस् तान के खिलाफ किोर कारावाई की जाये। हम तनजश्चत रूप से सेना के

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जवानों की प्रशसंा करत े हैं। यह सिन प्रशसंा करता है। इस अन्‍द य ककसी प्रकार की बात नहीं होनी चादहए। हम सेना को सलाम करत ेहैं।

श्री बजृमोहन अग्रवाल (रायपरु िक्षक्षण) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, हमने इसी सिन में पलुवामा की घटना पर अपने जवानों की बहािरुी के शलए उनको सलाम ककया था। उनके प्रतत श्रद्धासमुन अवपात ककए थे। आज भारत की सेना ने कुशल नेततृ् व के चलत ेहुए पाककस् तर के ऊपर हमला ककया है। हमने यह दििा दिया है कक भारत की सेना और भारत का जनमानस इस प्रकार का है कक यदि वह तय कर ले तो भारत के ऊपर जो भी आिं उिायेगा, उसको करारा जवाब िेने की जस्थतत में है। आज हमारी सेना ने करारा जवाब दिया है। इसकी तो भरूी-भरूी प्रशसंा की जानी चादहए। हमारे सेना, हमारे जवानों को बधाई िी जानी चादहए। इसमें कहीं राजनीतत िेिना, यह िभुााग् यजनक है। हम परूी सेना को बधाई िेत ेहैं। राजनीततक नेततृ् व को बधाई िेत ेहैं। पाककस् तान को हमारे सिन की ओर स,े छत् तीसगढ की तरफ स ेकक हमारी छत् तीसगढ की जनता सेना के साथ है। राजनीततक नेततृ् व के साथ है। पाककस् तान के खिलाफ जो भी कारावाई की जायेगी, परूा छत् तीसगढ उनके साथ है, इस सिन के माध् यम से हम यह ववश् वास दिलात ेहैं। श्री धमाजीत शसहं (लोरमी) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, हमारी बहािरु सेना ने बहािरुी का पररचय दिया। टी0व् ही0 में आ रहा था कक तीन सौ आतकंवािी मर गए। मैं उम् मीि करता हूूँ कक हमें इंतजार करना चादहए कक ककतने लोग मरे और ककतने लोग नहीं मरे। लेककन मझुे यह लगता है कक हाकफज सईि और मसिू अजहर िोनों नहीं मरे हैं और ये जब तक न मरे तब तक पाककस् तान के ऊपर बमबारी होत ेरहना चादहए। आखिर वह छोटा सा, वपद्िा सा िेश 125 करोड लोगों को आिं दििाता है। िो गणु् ड-ेमवाली भेजकर आतकंवािी हमलें से हमारे जवान मरत ेहैं। जब हमारी सेना पाककस् तान के िो टुकड ेकरके बगंलािेश बना सकता है तो मजु् जफराबाि और लाहौर को भी दहन्‍द िसु् तान में शमलाने की ताकत है। िो-चार दिन के हमले में लाहौर में तो हमारा कब् जा हो जायेगा। बाघा बाडार से 25-30 ककलोमीटर िरू तो है, वहां की लाईट दििती है। वहीं सब ये आतकंवािी लांच पेड बनाकर रिे हुए हैं। यह पयााप् त नहीं है। हम इस काया के शलए सेना की बहािरुी को सलाम करत ेहैं और हमें भरोसा भी सेना के ऊपर ही है। कोशशश यह होनी चादहए कक अभी लगातार 10-15 दिन वहां बम धगरत ेरहे। हम प्रततदिन यहां पर सिन में अपने जवानों को बधाई िेत ेरहे और वहां आतकंवािी मरत ेरहे। आखिर हमारा िेश कब तक ये बिााश् त करेगा । हम ववकास की ओर बढना चाहत े हैं ओर आतकंवािी हमारे िेश को लहुलहूान करत े हैं । सेना के बहािरुी को सलाम और पाककस् तान के आतकंवािी कृत् य की तनन्‍द िा करत ेहैं। लाहौर और मजुफ्रराबाि में कब् जे की कामना करत ेहैं ।

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श्री मोहन मरकाम (कोण् डागांव) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, भारतीय सेवा की बहािरुी की ववश् व में एक अलग पहचान है । चाहे 1965 का यदु्ध हो या 1971 का यदु्ध हो, वह अपनी काबबशलयत हमारी सेना ने दििाई है, मैं उनको सलाम करता हंू और साथ ही साथ जो बातें आई हैं, वह कहीं न कहीं धचन्‍द ता का ववषय है । भववष् य में इस पर गभंीर धचतंन होना चादहए क् योंकक सेना का काम है कक अपनी ड्यटूी करना है, मगर उसका राजनीततकरण नहीं होनी चादहए । वपछली बार सजजाकल स् राईक हुआ, मगर सरकारों ने उसका शे्रय लेने का प्रयास नहीं ककया, मगर वतामान सरकार ने शे्रय लेने का प्रयास ककया । इसी का पररणाम गल त तनकल रहा है ।

श्री अरूण वोरा (िगुा शहर) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, एयरफोसा के जवानों ने आतकं कैम् प में जो हमला ककया है, उसकी जजतनी प्रशसंा की जाये, वह कम है। हमारे िेश के वीर जवानों ने हमेशा िेश की एकता और अिण् डता को मजबतूी प्रिान करने का काम ककया था । मैं रववन्‍द र चौबे जी की बात स ेसहमत हंू कक हमारे िेश में ऐसी जस्थतत नहीं आनी चादहए थी और हम अपने जवानों पर हमेशा गौरवाजन्‍दवत होत ेरहेंगे।

श्री अमरजीत भगत (सीतापरु) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, िेश सवोपरर है और इस िेश को जो भी चोट पहंुचाने की कोशशश करेगा, यहां की एकता को िंडडत करने की कोशशश करेगा तो हमारी सेना, यहां के जवान ऐसे ही मुहं तोड जवाब िेत ेरहेंगे । जो कायावाही हुई है, उसको हम लोग सब एकतरफा समथान करत ेहैं और जो भी कायावाही हुई है, जजसमें हमारे वाय ुसेना हो, थल सेना हो, जो भी जवान शहीि हुए हैं, उनके प्रतत हम श्रद्धासमुन अवपात करत ेहैं ।

िाद्य मतं्री (श्री मोहम् मि अकबर) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, सभी आतकंी दिकाने ध् वस् त ककय ेजाने चादहए, इनके सारे काम मानवीय मलू् यों के खिलाफ है । भारतीय सेना ने जो कायावाही की है, हम उसका स् वागत करत ेहैं। सनेा को सलाम करत ेहैं, परूा िेश उनके साथ िडा हुआ है ।

श्री शशवरतन शमाा (भाटापारा) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, परेू िेश को अपनी सेना पर गवा है । 14 फरवरी को पलुवामा की जो घटना हुई, उसका एक बिला हमारी सेना ने शलया है । जहां हम अपनी सेना पर गवा करत ेहैं, वही एक ववषय आया कक इस ववषय पर राजनीतत नहीं होनी चादहए । वपछल ेपांच वषा में जस्थतत क् यों बबगडी । मैं तो यही कहंूगा कक जो पांच वषा की बात कर रहे हैं, वे 1985 से 90 के बीच का काश् मीर का इततहास पढ लें और काश् मीर में जो जस्थतत बबगडी है, वह 85 से 90 के बीच ज् यािा बबगडी है । माननीय ससंिीय कायामतं्री, अगर आप बोलेंगे तो मैं आपको पढने के शलए परूा इततहास िे िूंगा । अध् यक्ष महोिय :- आज तडके भारतीय वाय ु सेना द्वारा पाककस् तान अधधकृत काश् मीर जस्थत आतकंवादियों के दिकानों पर सफल कायावाही कर सी.आर.पी.एफ. के जवानों की शहाित का बिला

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शलया । यह सिन वाय ुसेना के इस पराक्रम की सराहना करता है । हम और समस् त प्रिेशवासी भारतीय सेना के साथ हैं ।

तारांककत‍प्रश्‍नों‍के‍मौखिक‍उत्‍तर

प्रदेश‍के‍जिला‍चचककत्सालयों‍में‍हुई‍मौतें

1. (*क्र. 1501) श्री बजृमोहन अग्रवाल : क्या पचंायत मतं्री महोिय यह बताने की कृपा करेंगे कक प्रिेश के जजला धचककत्सालयों में 1 दिसबंर, 2018 से जनवरी 2019 तक ककतने परुुषों, मदहलाओं एव ंबच्चों की मतृ्य ुहुई है ?

पचंायत मतं्री (श्री टी. एस. शसहंिेव) : प्रिेश के जजला धचककत्सालयों में 1 दिसबंर, 2018 स ेजनवरी, 2019 तक 424 परुुषों, 261 मदहलाओ ंएव ं166 बच्चों की मतृ्य ुहुई है. श्री बजृमोहन अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं माननीय मतं्री जी से जानना चाहता हंू कक आपने जनवरी तक जजला अस् पताल के बारे में मरीजों की मतृ् य ु के बारे में बताया, हमारे मेडडकल कॉलेज अस् पताल और बाकी हॉजस्पटल में भी कुल ककतनी मतृ् य ुहुई है, जरा इसकी जानकारी िे िें। श्री टी. एस. शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, प्रश् न जजला अस् पतालों के सिंभा का था। अगर माननीय सिस् य और कोई भी जानकारी प्रश् न के िायरे के बाहर की चाहत ेहैं तो मैं उनको उपलब् ध करा िूंगा ।

श्री बजृमोहन अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, प्रश् न के िायरे के बाहर नहीं है ।

श्री टी. एस. शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, जजला अस् पताल का स् पशेशकफक प्रश् न हैं । अध् यक्ष महोिय :- आपने प्रश् न में जजला अस् पताल शलिा है । श्री बजृमोहन अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, हां, मैंने जजला अस् पताल शलिा है, परन्‍द त ुजब प्रश् न से उद्भतू की परेू प्रिेश में ककतने मरीजों की मतृ् य ुतनजी अस् पतालों में, सरकारी मेडडकल कॉलेज हाजस्पटल में हुई है, ये तो इस प्रश् न से उद्भतू होता है । मैं परेू प्रिेश का प्रश् न पछू रहा हंू । मैं िसूरा प्रश् न पछू लेता हंू कक आप जरा ये बता िें कक ये जो मतृ् य ुहै, वह ककतने दिनों की है और उसके पवूा के महीनों में अस् पतालों में ककतनी मतृ् य ुहुई है ? जरा ये बता िें ।

श्री टी.एस.शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, सवाल में और जवाब में भी स् पष् ट है कक 1 दिसम् बर 2018 से जनवरी 2019 तक की जानकारी चाही गई थी, 424 परुूष और 261 मदहलायें और 166 बच् चों की मतृ् य ुकी जानकारी आई है । माननीय सिस् य ने जानना चाहा है कक पवूा की जस्थतत क् या थी, एक वषा पवूा 1 दिसम् बर 2017 से 31 दिसम् बर 2017 तक मतृ् य ुकी सखं् या 433 और 1 जनवरी

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2018 स े453 इस प्रकार से 886 मतृ् य ुहुई है । वषा 2018-2019 में 851, वषा 2017-2018 में 886 मतृ् य ुहुई है ।

श्री बजृमोहन अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैंने पछूा है कक इसके पवूा के महीने की मतृ् य,ु मझुे आपने दिसम् बर से जनवरी तक बताया है, कृपया अक् टूबर, नवम् बर के एक-एक महीने में ककतनी मतृ् य ुहुई है, यह जानकारी िे िें ?

श्री टी.एस.शसहंिेव :- अध् यक्ष महोिय, समय लगेगा । जानकारी लेकर उपलबध करा िूंगा । श्री बजृमोहन अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, यह शसफा एक महीने की जानकारी है । इस

एक महीने के अिंर 851 लोग जो हॉस् पीटल में भती हुये, आपकी सरकार आने के बाि 1 दिसम् बर स े31 जनवरी तक उनकी एक महीने में मतृ् य ुहो गयी है । अस् पताल में इतनी सखं् या में मतृ् य ुहो जाना, बहुत ही भयावह और आश् चयाजनक है । हमारा यह कहना है कक सरकार कोई तनणाय नहीं ले पा रही है । आप इसमें यह बता िें कक ककतनी एक् सीडेंटल मतृ् य ुहै, ककतनी महतारी योजना के अतंगात मतृ् य ुहै, ककतनी स् वाभाववक मतृ् य ुहै, ककतने बीमार लोगों की मतृ् य ुहुई है, यह बता िें ?

श्री टी.एस.शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, हिय रोग से और हियाघात स े144, फेफडों की िीघाकाशलक बीमारी सीओपीडी के साथ जदटलता के कारण 97, समय पवूा जन्‍द म के साथ जदटलताओं के कारण 75, जहरीली पिाथा का सेवन 37, सडक िघुाटना के साथ हेड एंजरी एव ंअन्‍द य जदटलतायें 34, लेबर एव ंपेट के रोग 27, मधुमेह के साथ जदटलतायें 22, सेरेब्रो वस् कुलर एक् सीडेंट के साथ जदटलतायें 21, सेफटीसीशमया के कारण 17, ककडनी सेसबंधंधत बीमाररयों के कारण 12, उिर रोग के कारण 11, जलने के कारण 10, शमगी के कारण 4, अन्‍द य जजसमें रक् त की कमी, सपािंश, कैं सर आदि से 340 और कुल 851 लोगों की मतृ् य ुहुई ?

अध् यक्ष महोिय :- श्री ववद्याभषूण भसीन ।

श्री बजृमोहन अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, क् या इसमें जो एक् सीडेंटल मतृ् य ुहै, जन्‍द म स ेपवूा मतृ् य ुहै, उसका मखु् य कारण आपने स् माटा काडा योजना बिं कर िी है, आपने सौभाग् य योजना बिं कर िी, उसके कारण गरीब मरीज इलाज नहीं करवा पा रहे हैं । उनकी मतृ् य ुहो रही है, आपने कोई योजना नहीं लाई है । सबसे िभुााग् यजनक है कक बबना ककसी योजना के गरीब मरीजों को जो ईलाज शमलता था, वह ईलाज परूी तरह बिं हो गया है । जब तक कोई नई योजना नहीं लात ेतब तक उन मरीजों को इन िोनों योजनाओं का लाभ या फायिा शमले, आप इसकी व् यवस् था करेंगे क् या ?

श्री टी.एस.शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, माननीय सिस् य बहुत वररष् ि सिस् य हैं, शासन का दहस् सा रहत ेहुये इनका गहरा अनभुव है । मैं समझ नहीं पा रहा ह ू ं कक कैसे सिन के सामने ऐसी बात रि रहे हैं कक इन योजनाओं को बिं कर दिया गया है । सिन के सामने जानकारी आ चुकी है कक

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मखु् यमतं्री स् वास् ् य बीमा योजना ववद्यमान है, राष् रीय स् वास् ् य बीमा योजना का समावेश एक प्रकार स ेमान लें कक आयषु् मान योजना में शलया गया है । अध् यक्ष महोिय, मैं एक और जानकारी बता िूं कक यह जो आयषु् मान भारत के नाम पर पाचं लाि तक की सीमा का उपचार करने की बात का शे्रय केन्‍द र की सरकार को दिया जा रहा है । मात्र 50 हजार के बीमा का ही आधार 1100 रूपये के इन्‍द श् योंरेंस प्रीशमयम के ऊपर है । शषे राशश राज् य की सरकार उपलबध करा रही है । पांच लाि तक का शलशमट है । यहां रस् ट मॉडल में काम हो रहा है । आपकी सरकार सपंणूा राशश उपलबध करा रही है । केन्‍द र सरकार इसमें 50 हजार के ऊपर एक नया पसैा िचा के शलए नहीं िे रही है ।

श्री बजृमोहन अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं माननीय मतं्री जी से यही जानना चाहता ह ू ंकक इन 851 मरीजों में से ककतने मरीजों ने स् माटा काडा और आयषु् मान योजना का फायिा शलया है ?

अध् यक्ष महोिय :- आपकी पयााप् त जानकारी आ गई है । श्री टी.एस. शसहंिेव :- मैं उपलबध करा िूंगा ।

श्री बजृमोहन अग्रवाल :- मरीज अस् पतालों में आयषु् मान योजना और स् माटा काडा का पसैा नहीं शमलने के कारण, लाग ूनहीं होने के कारण, डॉक् टरों को हॉस् पीटल् स में पेमेंट नहीं हो रहा है ।

अध् यक्ष महोिय :- आपको उपलब् ध करा दिया जायेगा । आिरणीय जोगी जी ।

श्री बजृमोहन अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, हाजस्पटलों में मरीजों के पेमेंट नहीं हो रहे हैं, हाजस्पटलों ने मरीजों का इलाज करना बिं कर दिया है। स् माटा काडा और आयषु् मान योजना िोनों का पेमेंट नहीं हो रहा है और उसके कारण मरीजों का इलाज होना बिं हो गया है और उसके कारण मतृ् य ुहो रही है। मेरा कहना है कक आयषु् मान योजना और स् माटा काडा योजना में हाजस्पटलों को पसैा नहीं शमलने के कारण जजन अस् पतालों ने इलाज करना बिं कर दिया उनके खिलाफ क् या आप कायावाही करेंगे क् या ? श्री टी.एस.शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, ऐसी कोई जस्थतत ही नहीं है।

श्री बजृमोहन अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, आपने अपने िसूरे ही प्रश् न में स् वीकार ककया है कक एक करोड 62 लाि रूपये का भगुतान बाकी है और ये भगुतान नहीं होने के कारण मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है।

श्री टी.एस.शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, 01 करोड 62 लाि रूपये के भगुतान पेंडडगं के कारण सारे स् वास् ् य बीमा योजनाओं का ...।

अध् यक्ष महोिय :- चशलए, पयााप् त उत् तर आ गया है।

श्री बजृमोहन अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, जो पेमेंट पेंडडगं है उसे आप कब तक पेमेंट करवा िेंग?े

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श्री टी.एस.शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, ये एक अलग सवाल है, इससे जडुा हुआ नहीं है। अगले सवाल में है उसका भी परीक्षण करके उसका भी भगुतान अवश् य हो जायेगा।

प्रश् न सखं् या 02 :- XX XX

प्रदेश‍के‍शासकीय‍अस्पतालों‍में‍उपलब्ध‍डायलललसस‍मशीनें

3. (*क्र. 245) श्री अजीत जोगी:- क्या पचंायत मतं्री महोिय यह बताने की कृपा करेंग े कक (क) प्रिेश के शासकीय अस्पतालों में दिनाकं 15-01-2019 तक ककतनी डायशलशसस मशीनें उपलब्ध हैं?

(ि) शासकीय अस्पतालों में डायशलशसस मशीनों की कमी को परूा करने के शलए शासन की क्या योजना हैं?

पचंायत मतं्री (श्री टी. एस. शसहंिेव) :- (क) प्रिेश के शासकीय अस्पतालों में दिनांक 15-01-2019 तक कुल 89 डायशलशसस मशीनें उपलब्ध है. (ि) सचंालनालय स्वास््य सेवाए ं के अधीनस्थ शासकीय धचककत्सालयों से मांग के अनसुार छत्तीसगढ मेडडकल सववासेस कापोरेशन शलशमटेड रायपरु के द्वारा क्रय करने की कायावाही की जाती है।

श्री अजीत जोगी:- माननीय अध् यक्ष महोिय, उत् तर में आया है कक प्रिेश में 89 डायशलशसस मशीनें हैं। मैं माननीय मतं्री महोिय से जानना चाहता हंू कक हर डायशलशसस मशीन को चलाने के शलए एक नेफ्रोलाजजस् ट और एक टेक् नॉलाजजस् ट की आवश् यकता होती है तो क् या हमारी इन परूी 89 मशीनों के शलए हमारे पास पयााप् त सखं् या में नेफ्रोलॉजजस् ट और टेक् नोलॉजजस् ट उपलबध हैं? और क् या ये परूी 89 मशीनें चल रही हैं और यदि नेफ्रोलॉजजस् ट या टेक् नोलॉजजस् ट उपलब् ध नहीं हैं तो ककतनी मशीनें ऐसी हैं जो बेकार पडी हैं, लग गई हैं और उनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है? उनका उपयोग कब से होने लगेगा और मैं ये भी जानना चाहंूगा कक हमारे पास 89 मशीनें हैं, आपने क् या कोई आकंलन ककया है कक प्रिेश में डायशलशसस करने के शलए कुल ककतनी मशीनों की आवश् यकता होगी, क् या अभी भी मशीनों की कमी है और ककतनी कमी है?

श्री टी.एस.शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, तनजश्चत रूप से कमी है और जो वतामान में डायशलशसस की मशीनों को उपलब् ध कराया गया है इसमें 74 मशीनें धचककत् सा महाववद्यालयों में लगी हैं जजसमें से 60 मशीनें अकेले डी.के.एस. में ववद्यमान हैं। 60 में स े एक मशीन को िेवभोग जजले में गररयाबिं में स् थावपत ककया गया है, वहां की पररजस्थतत के अनसुार और इसमें नेफ्रोलॉजजस् ट की सखं् या की बबल् कुल कमी है उनकी भती के शलए प्रकक्रयाएं भी चल रही हैं और शषे जगह जो लोग काम कर रहे हैं, डडप् लोमा टेजक्नशशयन्‍द स हैं, वह सारी सचूी मैं माननीय वररष् ि सिस् य को उपलब् ध करा िूंगा।

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श्री अजीत जोगी:- अपने पास ककतने नेफ्रोलॉजजस् ट हैं?

श्री टी.एस.शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, नेफ्रोलॉजजस् ट मेरे ख् याल स ेडी.के.एस. में होंगे। मैं आपको जानकारी उपलब् ध करा िूंगा। इनकी कमी है इसे मझुे स् वीकार करने में कोई सकंोच नहीं है। एक तो हस् तातंररत हो गये बाकी की मैं परूी जानकारी िे िूंगा।

श्री अजीत जोगी:- अध् यक्ष महोिय, इस सिन में 2017 में एक सकंल् प सवासम् मतत से पाररत हुआ था कक डायशलशसस बहुत महंगा रीटमेंट है इसशलए सस् त ेमें उसका इलाज सरकारी अस् पतालों के माध् यम से ककया जाना चादहए। 2017 को अब िो वषा हो गये हैं, मैं जानना चाहंूगा कक सस् त ेइलाज की व् यवस् था हमारे यहां ककन-ककन अस् पतालों में है और सस् त ेका क् या मतलब है? कुल शमलाकर एक व् यजक्त को अगर वह डायशलशसस पर जजन्‍द िा रहना चाहता है तो उसे अपने जीवन में अनमुान से 10 लाि रूपये लगत ेहैं। तो आप ककतनी ररयायत िे रहे हैं और कहां-कहां िे रहे हैं?

श्री टी.एस.शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, यतूनवसाल हेल् थ केयर का जो कान्‍द सेप् ट है वह इसीशलए वतामान सरकार ने बजट में भी प्रस् ततु ककया है और छत् तीसगढ में लाना चाह रही है कक ऐसी बहुत सारी बीमाररयां हैं जजनका अत् यधधक भार नागररकों और उनके पररवारों के ऊपर पडता है। तो इसके तनिान के शलए ही यतूनवसाल हेल् थ केयर का कान्‍द सेप् ट है। यह एक दिन में नहीं आ सकता। िसूरा हेल् थ इंश् योरेंस ककम् स के माध् यम से भी एम.एस.बी.वाय और आर.एस.बी.वाय. आयषु् मान के माध् यम स ेभी ये ईलाज कवडा हैं। मेरे ख् याल से डी.के.एस में 1050 और अन्‍द य जगहों में 2 हजार के आस पास इसके ईलाज के शलये व् यवस् था उपलब् ध होती है। उन नागररेकों के शलये जो इसके अतंगात कवडा हैं। इसके अततररक् त 11 धचककत् सालयों में 32 डायशलशसस मशीन स् थावपत करने के शलये केन्‍द र सरकार से बात चल रही है, प्रस् ताव भेज दिया गया है। रायपरु के 100 बबस् तर अस् पताल के शलये 2, िगुा में 500 बबस् तर अस् पताल के शलये के शलए 6, धमतरी में 200 बबस् तर अस् पताल के शलये 4, कोरबा में 100 बबस् तर अस् पताल के शलये के शलये 2, बबलासपरु में 200 बबस् तर अस् पताल के शलये के शलये 4, जशपरु में 100 बबस् तर अस् पताल के शलये के शलये 2, कांकेर में 200 बबस् तर अस् पताल के शलये के शलये 4, कोण् डागांव में 100 बबस् तर अस् पताल के शलये के शलये 2, िंतवेाडा में 100 बबस् तर अस् पताल के शलये के शलये 2, महासमुिं में 100 बबस् तर अस् पताल के शलये के शलये 2, कोररया 100 बबस् तर अस् पताल के शलये के शलये 2, 32 अन्‍द य वतामान में स् थावपत डायशलशसस की इकाईयां हैं। इनके अततररक् त इनके शलये ककया जा रहा है। परेशानी और दिक् कत उसी बात की है कक टेजक्नकल हैंण् डस हमारे पास उपलब् ध नही ंहो पा रहे हैं। स् पजेस् लस् ट डॉक् टर हमारे पास उपलब् ध नहीं हो रहे हैं। हम मशीन भी ले आयेंग ेऔर उनको जब चलाने वाला नहीं होगा, यही कारण है कक आउटसोशसाग का और यतूनवसाल हेल् थ केयर का है। श्री अजय चंराकर :- अध् यक्ष महोिय, आपने आउटसोशसाग कही, आउटसोशसाग कर रहे हैं क् या ?

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श्री अजीत जोगी :- अध् यक्ष महोिय, मैं एक छोटी सी जानकारी और जानना चाहता हंू कक वपछले सरकार के समय में ये महससू ककया गया था कक पी.पी.पी माडल इंरोड्यसू ककया जाये और उसके माध् यम से मशीनें बढाई जाये। यह भी प्रस् ताव आया था, इस सिन में पाररत हुआ था कक तनजी लोगों को मिि िेकर डायशलशसस का काम भी ककया जाये। मैं जानना चाहता हंू कक क् या पी.पी.पी. मॉडल पर कोई प्रगतत हुई है और मैं यह भी जानना चाहता हंू कक सपेुबेडा जजसके कारण परूा छत् तीसगढ बिनाम हुआ है। सपेुबेडा में मशीन लग गई तो क् या वहां डायशलशसस रेगलुर हो रहा है। क् या वहा ं आपने नेफ्रोलाजजस् ट और टेजक् नशशयन पोस् ट कर दिया है?

श्री टी.एस. शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैंने पहले ही बताया कक नेफ्रोलाजजस् ट नहीं है। सपेुबेडा में मैंने तनैात होनी की जस्थतत पहले ही बता िी है, मशीन वहां पर है।

श्री अजीत जोगी :- अध् यक्ष महोिय, मशीन का क् या फायिा होगा?

श्री टी.एस. शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मशीन भेजकर वहां पर ईलाज कराये जाने की व् यवस् था भी रिी गई है। मेकाहारा में, सपेुबेडा में वहां पर टेजक् नशशयन हैं, जो वहां पर चला सकत ेहैं, राशश ककतनी लगती है। मकेाहारा में गरीबी रेिा के नीचे पररवारों का डायशलशसस तन:शकु् ल उपलब् ध होती है। बाककयों से 500 रूपये के आधार पर शलया जाता है जजसका बीमा योजना के तहत िो हजार रूपये तक लेने का प्रावधान है। आउटसोशसाग के शलए भी आप बात कर रहे थे तो...। अध् यक्ष महोिय :- नहीं, नहीं, पहले सवाल। डॉ. (श्रीमती) रेणु अजीत जोगी :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं माननीय मतं्री जी से जानना चाहंूगी कक गौरेला सनैोटेररयम में मिर एंड चाईल् ड हाजस्पटल केन्‍द र के द्वारा बनाया गया है। वहां भी एक डायशलशसस मशीन इंसटाल् ड कर िी गई है। अभी, आज दिन तक वहां पर कोई टेजक् नशशयन उपलब् ध नहीं है। आप कब तक उपलब् ध करेंगे और उसका मिर एडं चाईल् ड केयर में क् या औधचत् य है ? क् योंकक वहा ंलेडी डॉक् टर भी नहीं है।

श्री टी.एस. शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, जल् िी स ेजल् िी उसकी व् यवस् था करायेंगे और भती की प्रकक्रया भी चल रही है। प्रयास यही है कक जल् िी से जल् िी उसकी व् यवस् था हो। श्री शशवरतन शमाा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, इस सिन ने सवा सम् मतत से सिन के माननीय सिस् य श्री लिेश् वर बघेल जी के अशासकीय सकंल् प को स् वीकार ककया था। जजला अस् पतालों में सभी जगह डायशलशसस की व् यवस् था की जायेगी। शायि आप भी उस चचाा में भाग लेने वालों में थे। डायशलशसस से मशीनों से सबंधंधत प्रश् न है, आप स् पष् ट कर िें कक जजला अस् पतालों में आप कब तक व् यवस् था कर िेंगे।

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श्री टी.एस. शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मरेे ख् याल से सभी जजला मखु् यालयों में मैंने आपको जो व् यवस् था अभी पढ के बताई है। 6 मेडडकल कॉलेजेस में ये व् यवस् था हैं, और जजला मखु् यालय भी हैं। उसके अततररक् त 6 अन्‍द य जजला मखु् यालय हैं जहां ये उपलब् ध हैं। 11 जजला मखु् यालयों के शलये और व् यवस् था मैंने आपको बताई कक केन्‍द र सरकार से तय हो गया है कक ये 32 मशीनें उपलब् ध हो जायेंगी। ये व् यवस् था बन जायेगी और िसूरा कारण कुछ जजलों में लो लोड का भी है जहां केसस कम आत ेहैं। उस कारण स ेये डायशलशसस की मशीन की स् थापना है या नही?ं एकाध जगह उस पर ववचार जरूर चल रहा है। अगर ये आवश् यकता महससू हुई तो वहां भी लगाया जा सकता है।

अध् यक्ष महोिय :- इस पर पयााप् त प्रश् न हो गये। अब हो गया।

श्री धमाजीत शसहं :- माननीय अध् यक्ष महोिय, एक शमनट।

अध् यक्ष महोिय :- आप प्रश् न कररये।

श्री शशवरतन शमाा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, कुल शमलाकर आपने जो जवाब दिया, उसमें आपने 12 जजलों में व् यवस् था की है। टैजक्नशशयन के बबना कैसे होगा? आप कहीं से भी उनकी भती कीजजए।

श्री धमाजीत शसहं :- माननीय अध् यक्ष महोिय, अभी तक के माननीय सिस् यों और माननीय मतं्री जी के जवाब से मैं जो समझ रहा हूूँ कक माननीय मतं्री जी स् पष् ट रूप स े बोल दिये हैं कक कोई डायशलशसस के शलए नेफ्रोलॉजजस् ट नहीं है, वह उनके पास उपलब् ध नहीं है। आप कृपा करके ये तो कर सकत ेहैं कक बड-ेबड े अस् पताल जैस ेअपोलो, स् काटा है या बलैाडीला का कोई हॉजस्पटल होगा या यहां का कोई बडा प्राईवेट हॉजस्पटल जजसके पास बडै हों, आप एक एग्रीमेंट तो कर लीजजए, आपके लोग वहा ंररफर कर िें। वहां ईलाज हो जाए। स् पेशसकफक इस केस के शलए कम से कम इतना अभी तो कराईये, आप ये करा लीजजए ।

श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, माननीय जोगी जी ने जो मलू प्रश् न ककया था। वपछली सरकार ने इस सिन में चचाा के बाि पी.पी.पी. मोड में ईलाज के शलए हम बढे थे। आज के िसूरे नबंर के प्रश् न को आप िेिेंगे तो बहुत सारे अस् पताल की सम् बद्धता ित् म कर िी गई है। यह उत् तर में दिया गया है। अब जब हम कोई भी प्रश् न करत ेहैं तो एक बात आती है कक यतूनवसाल हेल् थ केयर में होने वाला है, वह इतनी जल् िी नहीं हो सकता। तो मैं ये जानना चाहता हूूँ कक यतूनवसाल हेल् थ केयर क् या है और कब तक लॉन्‍द च होगा ? यदि स् वास् ् य के ववषय में हम कोई भी बात करेंगे तो हमको एक सपना दििा दिया जाता है कक यतूनवसाल हेल् थ केयर आ रहा है। ये यतूनवसाल हेल् थ केयर क् या है और वह कब तक लॉन्‍द च होगा ? आप कोई अवधध बतायेंगे ? और उसके शलए कोई कायायोजना कब तक प्रस् ततु करेंगे, ये बतायेंगे ? क् योंकक हर बात ये उत् तर आता है।

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अध् यक्ष महोिय :- आप यतूनवसाल हेल् थ केयर के बारे में बता चुके हैं। कब तक लॉन्‍द च होगा, आप यह बता िीजजए।

श्री टी.एस.शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, हमारे माननीय सिस् य भलू गये कक जब वे इधर बिैा करत ेथे। उनके मखु् यमतं्री जी ने कहा था कक सपना िेिना कोई बरुी बात नहीं है। हम तो सपना नहीं िेि रहे हैं। हमने एक योजना बनाकर प्रस् ततु ककया है।

श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, हमने सपना नहीं िेिा। हमने तो 25 करोड रूपये रिे थे, जजसको आपने काट दिया और आप उसकी जगह यतूनवसाल हेल् थ केयर की िो महीने स ेबात कर रहे हैं, आप कब तक लॉन्‍द च करेंगे, यह बता िीजजए ?

श्री टी.एस.शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, आपके मखु् यमतं्री जी ने सपने के बारे में कहा था। वह लॉन्‍द च हो चुका है। इनने बजट भाषण शायि मखु् यमतं्री जी का नहीं सनुा। जजसमें उन्‍द होंने कहा था कक ये एक पररकल् पना हमारी है, हमने...।

श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, आप िेि लीजजए। इस हाऊस में बजट भाषण है। मैंने अपने बजट भाषण में कहा था कक अगले साल या अगले साल करेंग।े इस साल के बजट में शाशमल करेंगे, ...।

अध् यक्ष महोिय :- चशलये हो गया।

श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, आपको बताना चादहए कक यतूनवसाल हेल् थ केयर क् या है, वह कब आएगा ? ये हर प्रश् नों का उत् तर यतूनवसाल हेल् थ केयर, ये ऐसा नहीं होता। क् या है ये यतूनवसाल हेल् थ केयर ?

श्री टी.एस.शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, उनने सोचा नहीं उसके बारे में तो मैं क् या कर सकता हूूँ।

श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, नहीं। आपने सोचा कक आप उसको क् या करना चाहत ेहैं ? आप ये तो बताईये ?(व् यवधान)

श्री अरूण वोरा :- माननीय चन्‍द राकर जी, ये बोलने का तरीका नहीं है।

अध् यक्ष महोिय :- माननीय वोरा जी, आप बिै जाएं। श्री धरमलाल कौशशक :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं आपके माननीय मतं्री जी से माध् यम स े

जानना चाहता हूूँ कक यतूनवसाल हेल् थ जस्कम मैं इसके सिंभा में नहीं पछू रहा हूूँ। उनका कहना है कक हमने उसको लॉन्‍द च कर दिया है, उसके शलए बजट रिे हैं। प्रश् न ये है कक जजस प्रकार से आयषु्मान भारत योजना में ये जक्लयर कॉन्‍द सपे् ट है कक इतने पसै ेका ईलाज इसमें होगा, ये अस् पताल में जाएगंे। जो आपकी मखु् यमतं्री जस्कम है, उसके अतंगात में 50 हजार रूपये के ये ईलाज होंगे। आप कृपया ये बतायें

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कक कक आपके यतूनवसाल हेल् थ जस्कम में ककतने रूपये के प्रावधान में मरीज ककस अस् पताल में जाएंगे ? ककतना ईलाज करा सकत ेहैं यदि आपने लॉन्‍द च ककया है तो मरीजों को इधर-उधर घमूना न पड।े उनका ईलाज हो जाए। आप कृपया बताने का कष् ट करें।

श्री टी.एस.शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, इस ववषय पर पहले भी हाऊस में चचाा हो गई है। अच् छा है इस पर और चचाा हो रही है। यतूनवसाल हेल् थ जस्कम नहीं है। यतूनवसाल हेल् थ केयर की पररकल् पना है जजस पररकल् पना को लॉन्‍द च ककया गया है और इसके प्रावधान यही हैं कक तन:शलु् क ईलाज प्राथशमक द्ववतीय और रसरी स् तर के मरीजों को शासन अपनी ओर से िेगा। ये आज हो जाएगा क् या ? इतना भी हम नहीं समझ सकत,े सोच सकत ेहो, तब तो ये िभुााग् यपणूा है। ये सोच है एक व् यवस् था है इसको लाग ू ककया जायेगा, समय लगेगा। हम लोगों ने बोला भी कक हम 2 महीने में इतना करेंगे, 4 महीने में इतना करेंगे, 6 महीने में इतना करेंगे। रोड मपै बताया हुआ है।(व् यवधान)

अध् यक्ष महोिय :- डॉ. ववनय जायसवाल।

श्री धरमलाल कौशशक :- माननीय अध् यक्ष महोिय, ये जो गोल-गोल घमूाने की योजना है। ये आप यहां पर यतूनवसाल हेल् थ जस्कम के नाम से पेसेंटों के साथ में खिलवाड कर रहे हैं।

श्री टी.एस.शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, खिलवाड की बात नहीं है।

श्री धरमलाल कौशशक :- आज अस् पतालों की अतनजश्चतता की जस्थतत हो गई है। अस् पताल वाल ेभी सोचत ेहैं कक पसैा िेंग ेया नहीं िेंगे ? ये सरकार से पसैा शमलेगा या नहीं शमलेगा ? ये ऊहापोह की जस्थतत तनशमात हो गई है

श्री टी.एस.शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, कहीं कोई खिलवाड की बात नहीं है, ये िभुााग् यजनक और आपवत्तजनक बयान बहुत जजम् मेिार माननीय नेता प्रततपक्ष जी की ओर स ेआ रहे हैं। कहीं कोई खिलवाड का प्रश् न नहीं है, कहीं ककसी व् यवस् था की कमी का प्रश् न नहीं है। जो व् यवस् था ववद्यमान थी उसे बेहतर करने की दिशा में ये सरकार काम कर रही है और पहले से बेहतर है। यतूनवसाल हेल् थ केयर जब लान्‍द च होगा तब आप िेिेंगे कक आपको कई गनुा बेहतर व् यवस् था शमलेगी। श्री धरमलाल कौशशक :- यही तो हम पछूना चाह रहे हैं कक ईलाज कहां होगा, कहां जायेंगे? मनेै िभुााग् यजनक नहीं कहा, मैंने यह कहा कक क् लीयर कासंेप् ट क् या है, मरीज इधर-उधर घमू रहे हैं, अस् पताल में अतनजश्चतता की जस्थतत उत् पन्‍द न हो गई है और हमारा स् वास् ् य ववभाग हाल-बेहाल है। ये जस्थतत हो गई है। श्री टी.एस.शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, माननीय नेता प्रततपक्ष जी ने सिन की कायावाही में भाग लेत ेहुए ध् यान से इस बात को नहीं सनुा कक कई बिैकें हो गई हैं, कई वका शाप हो गये हैं, कई

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एक् सपटास से मलुाकात हो गई है। वह थाईलणै्ड भी भलू गये। थाईलणै् ड की बात भी वह भलू गये कक वहां भी टीम गई थी और चचाा करके आई है।

श्री शशवरतन शमाा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, परेू प्रिेश के नागररकों से जुडा हुआ मामला है। श्री अमरजीत भगत :- माननीय अध् यक्ष महोिय, इन लोगों को जब काम करने का मौका था तो ककये नहीं। श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, प्रिेश की जनता के स् वास् ् य में लापरवाही के खिलाफ हम इस सिन में बदहगामन करत ेहैं।

समय : 11:36 बजे बहहगरमन‍

शासन‍के‍उत्‍तर‍के‍विरोध‍में।

(श्री‍ अिय‍ चन्‍द‍रकार,‍ सदस्‍य‍ के‍ नेततृ्‍ि‍ में‍ भारतीय‍ िनता‍ पार्टी‍ के‍ सदस्‍यों‍ द्िारा‍ शासन‍ के‍उत्‍तर‍के‍विरोध‍में‍सदन‍से‍बहहगरमन‍ककया‍गया।)

तारांककत‍प्रश्‍नों‍के‍मौखिक‍उत्‍तर‍(क्रमश:)

मनेन्‍दरगढ़‍‍विधानसभा‍क्षेत्र‍में‍सगंीत‍महाविद्यालय‍प्रारंभ‍करने‍की‍योिना

4. (*क्र. 565) डॉ. ववनय जायसवाल : क्या उच्च शशक्षा मतं्री महोिय यह बताने की कृपा करेंगे कक मनेन्‍दरगढ ववधानसभा क्षेत्र में सगंीत एव ंकला महाववद्यालय िोलने की क्या योजना है ?

उच्च शशक्षा मतं्री (श्री उमशे पटेल) : मनेन्‍दरगढ ववधानसभा क्षेत्र के अतंगात सगंीत एव ंकला महाववद्यालय िोलने की कोई योजना नहीं है.

डॉ. ववनय जायसवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मेरा माननीय उच् च शशक्षा मतं्री जी से एक प्रश् न था कक मनेन्‍द रगढ ववधानसभा क्षेत्र में सगंीत एव ंकला महाववद्यालय िोलने की क् या उनकी कोई योजना है या नहीं ? मैं माननीय मतं्री जी से तनवेिन करंूगा कक मेरे ववधानसभा में धचरशमरी नगर तनगम को छोटे इंडडया के रूप में जानत ेहैं, बहुत ही अलग-अलग ससं् कृतत के लोग रहत ेहैं, मेरा उनसे तनवेिन है कक वहां के शलए सगंीत एव ंकला महाववद्यालय िे िेत ेहैं तो आपकी बहुत कृपा होगी। श्री उमेश पटेल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, इनका प्रश् न मनेन्‍द रगढ ववधानसभा से उपजस्थत था, अभी ऐसी कोई योजना नहीं है, लेककन आप बतायेंगे तो उस पर ववचार ककया जायेगा।

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प्रदेश‍के‍शासकीय‍चचककत्सालयों‍में‍ब्लड‍बैंक‍की‍सवुिधा

5. (*क्र. 1398) श्री अरूण वोरा : क्या पचंायत मतं्री महोिय यह बताने की कृपा करेंगे कक (क) प्रिेश में कुल ककतने जजला शासकीय धचककत्सालयों में ब्लड बैंक की सवुवधा है ? जजलेवार जानकारी िें ?

(ि) जजन जजला शासकीय धचककत्सालयों में ब्लड बैंक सचंाशलत हैं वहां 31 जनवरी, 19 की जस्थतत में कुल ककतने यतूनट ब्लड स्टोर में उपलब्ध हैं ? जजलेवार जानकारी िें ?

पचंायत मतं्री (श्री टी. एस. शसहंिेव) : (क) प्रिेश में 18 जजला शासकीय धचककत्सालयों में ब्लड बैंक की सवुवधा है. जजलेवार जानकारी † सलंग्न1 प्रपत्र “अ” अनसुार. (ि) जजला शासकीय धचककत्सालयों में सचंाशलत ब्लड बैंकों में 31 जनवरी, 2019 की जस्थतत में कुल 505 ब्लड यतूनट उपलब्ध है. जजलेवार जानकारी † सलंग्न प्रपत्र “ब” अनसुार.

श्री अरूण वोरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैंने माननीय स् वास् ् य मतं्री जी से जानना चाहा था कक प्रिेश में कुल ककतने जजला शासकीय धचककत्सालयों में ब्लड बैंक की सवुवधा है ? माननीय मतं्री जी ने जवाब दिया है कक 27 जजलों मंे से 18 जजला शासकीय धचककत्सालयों में ब्लड बैंक की सवुवधा है। साथ ही मैंने माननीय मतं्री जी से यह जानना चाहा था कक जजन जजला शासकीय धचककत्सालयों में ब्लड बैंक सचंाशलत हैं वहां 31 जनवरी, 19 की जस्थतत में कुल ककतने यतूनट ब्लड स्टोर में उपलब्ध हैं ? मैं माननीय मतं्री जी से जानना चाहता हंू। श्री अजय चन्‍द राकर :- िीक से शलि कर लाया करें न, अटक-अटक कर पढत ेहो। श्री अरूण वोरा :- मेरे को आपको गरुूजी बताना पडगेा। मैं आपसे कहना चाहता हंू कक 15 साल में जो व् यवस् थायें बबगडी हैं, यह स् वास् ् य मतं्री रह चकेु हैं और उसको हम 60 दिन में कैसे िीक कर सकत ेहैं ?

श्री अमरजीत भगत :- यह हमारी सरकार को गलत ही शसिायेंगे। श्री शलैेष पांड े:- माननीय अध् यक्ष महोिय, हमारी सरकार अगर कोई योजना बनाती है तो उस योजना का ववरोध क् यों ककया जाता है ?

अध् यक्ष महोिय :- आप अभी बदैिये। आप अपना प्रश् न कररये। श्री अरूण वोरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, वपछले 5 साल तक यह रमन शसहं जी के पीछे बिेै रहे, लेककन इसके बाि भी नहीं सधुर सके तो आपका भगवान ही माशलक है। माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं माननीय मतं्री जी से जानना चाहता हंू कक प्रिेश में औसतन प्रततमाह कुल ककतने यतूनट ब् लड की आवश् यकता होती है। मैं आपको जानकारी के शलए बता िेता हंू कक हमारे िगुा जजले में सबसे बडा

1 † पररशशष् ट– “एक”

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धचककत् सालय है, उसमें अभी वतामान में 84 यतूनट ब् लड उपलब् ध है जबकक वहां पर 300 यतूनट ब् लड की आवश् यकता होती है। लगातार िघुाटनायें होती हैं, शसकलसेल के मरीज पहंुचत े हैं तो ब् लड की आवश् यकता होती है। कमोबेश यह जस्थतत परेू प्रिेश के जजला धचककत् सालयों मे है। श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, अरूण वोरा जी का प्रश् न आउटसोशसिंग से बनकर आता है। अध् यक्ष महोिय :- माननीय मतं्री जी।

श्री टी.एस.शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, 18 जजला धचककत् सालयों के साथ-साथ 6 धचककत् सा महाववद्यालयों में भी और एक रेडक्रास सोसायटी रायपरु में भी ब् लड बैंक उपलब् ध हैं, यातन कुल 25 ब् लड बैंक हैं। माननीय सिस् य की जानकारी और उनकी धचतंा से मैं परूी तरह सहमत हंू कक 31 तारीि को िगुा के अस् पताल में एक ब् लड ग्रपू ववशषे के सिंभा में वहां पर उस दिन स् टाक शसकलसेल के मरीज के शलए उपलब् ध नहीं था, ककन्‍द त ुउसको उपलब् ध करा दिया गया था, तनजी बैंक से उपलब् ध कराकर उसका उपचार कर दिया गया था। और जो आपकी धचतंा है कक भववष् य में इसकी कमी न

तो शासन हर सभंव यह व् यवस् था करेगा कक ककसी मरीज को जजनको िून की आवश् यकता होगी उसकी कमी उनको कतई नहीं होगी, 100 परसेंट उनके शलये हर अस् पताल में ब् लड उपलब् ध करा दिया जायेगा इसका मैं इसका ववश् वास दिलाता हंू ।

श्री अरूण वोरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं माननीय मतं्री जी से यह जानना चाह रहा था कक प्रिेश में औसतन प्रततमाह कुल ककतने ब् लड यतूनट की आवश् यकता होती है ?

श्री टी. एस. शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, थोडा कदिन सा प्रश् न है ।

अध् यक्ष महोिय :- बाि में बता िीजजयेगा । श्री प्रकाश नायक । श्री टी. एस. शसहंिेव :- जानकारी आयेगी तो उपलब् ध करा िूंगा । (व् यवधान)

श्री अजय चंराकर :- वह कदिन क् यों नहीं रहेगा, वह प्रश् न आऊटसोशसिंग से बनकर आया है । श्री अरूण वोरा :- मैं आपको पहले ही बता चुका हंू कक आप डॉ. रमन शसहं जी के पीछे बिैकर कुछ नहीं सीि सके तो हम लोग आपको क् या शसिा सकत ेहैं ?

श्री शशवरतन शमाा :- आप सत् त ूभयैा के पीछे बिैकर क् या-क् या सीि ेवह बताईये । श्री टी. एस. शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, साल का जो आकंडा है, वह लगभग 2 लाि 55 हजार यतूनट का है उसको डडवाईड कर सकत ेहैं ।

श्री अरूण वोरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, क् या हॉजस्पटलों में आवश् यकता पडने पर तन:शलु् क ब् लड की सवुवधा िी जा सकती है ?

अध् यक्ष महोिय :- श्री प्रकाश नायक ।

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श्री टी. एस. शसहंिेव :- जरूर िी जा सकती है । मरेे ख् याल से तो वह शासकीय में तन:शलु् क उपलब् ध होता ही है ।

श्री बहृस् पत शसहं :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मेरा ब् लड से सबंधंधत केवल एक प्रश् न था । (व् यवधान)

अध् यक्ष महोिय :- श्री प्रकाश नायक का पहला प्रश् न है, चलने िीजजये । श्री बहृस् पत शसहं :- माननीय अध् यक्ष महोिय, केवल बलरामपरु जजले में ब् लड बैंक का नहीं दिि रहा है इसशलये आपके माध् यम से पछूना चाह रहा था ।

अध् यक्ष महोिय :- श्री प्रकाश नायक का पहला प्रश् न है, उनके घर वाले उनको िेिने के शलये आये हैं उनको प्रश् न करने िीजजये । बदैिए । (हंसी) श्री बहृस् पत शसहं :- माननीय अध् यक्ष महोिय, आपके माध् यम स े माननीय मतं्री जी स े यह जानना चाहता हंू कक बलरामपरु जजले में अभी भी ब् लड बैंक की व् यवस् था नहीं है तो क् या वहां भी ब् लड बैंक बनायेंगे ? (व् यवधान)

नगरीय प्रशासन मतं्री (डॉ. शशवकुमार डहररया) :- बहू बिैी हैं, उनको प्रश् न पछूने िो नहीं तो घर में डॉटं पडगेी । (व् यवधान)

श्री अरूण वोरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं माननीय मतं्री जी से यह जानना चाहता हंू कक 15 साल में ब् लड के शलये कोई जागरूक करने की योजना नहीं बनी तो क् या आप योजना बनायेंगे ताकक इसके शलये सवुवधा शमल सके ।

वाखणजज्यक कर मतं्री (श्री कवासी लिमा) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, श्री नायक जी पीछे िड ेहैं वे पछू नहीं पा रहे हैं । श्री टी. एस. शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, जो व् यवस् था की कमी है जो सझुाव आयेंगे, अवश् य कराये जायेंगे । बलरामपरु में अभी पथैालॉजजस् ट नहीं है, पथैालॉजजस् ट की पोजस्टंग करा िी

जायेगी ।

अध् यक्ष महोिय :- श्री प्रकाश नायक प्रश् न करें ।

रायगढ़‍मेडडकल‍में‍कॉलेि, हॉस्र्टल‍एि‍ंस्र्टॉफ‍क्िार्टरर‍ननमारण‍कायों‍की‍अद्यतन‍जस्िनत

6. (*क्र. 1104) श्री प्रकाश शक्राजीत नायक : क्या पचंायत मतं्री महोिय यह बताने की कृपा करेंगे कक रायगढ मेडडकल कॉलेज भवन, छात्रावास स्टॉफ क्वाटार तनमााण काया की कायाािेश ततधथ, भवन

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तनमााण की लागत, काया पणूा करने की ततधथ तथा 31-12-2018 की जस्थतत में तनमााण काया की अद्यतन जस्थतत क्या-क्या हैं ?

पचंायत मतं्री (श्री टी. एस. शसहंिेव) : जानकारी पररशशष्ट पर ††2 सलंग्न है. श्री प्रकाश शक्राजीत नायक :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं आपके माध् यम स ेमैं माननीय मतं्री जी से यह जानना चाहता हंू कक रायगढ मेडडकल कॉलेज भवन, छात्रावास भवन और भवन की तनमााण लागत और काया पणूा करने की ततधथ की आज तक क् या जस्थतत है ?

श्री टी. एस. शसहंिेव :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मेडडकल कॉलेज भवन रायगढ साथ में छात्रावास भवन, स् टॉफ क् वाटार, गल् सा हॉस् टल जूतनयर रेसीडेंस हॉस् टल बॉयस के शलये, जूतनयर रेसीडेंस हॉस् टल गल् सा के शलये टायफाईड के 2 यतूनट, यतूनट ए और यतूनट बी, टाईप 6, टाईप 7, टाईप 3 स् टॉफ क् वाटार, टाईप 4 स् टॉफ क् वाटार, यतूनट ए और यतूनट बी बॉयस हॉस् टल, नशसिंग हॉस् टल इनके शलये तनमााण के कायाािेश दिनाकं 20.01.2010 को दिया गया था और नीच ेकी इकाईयों के शलये दिनांक 01.07.2014 को दिया गया था । क्रमश: राशश 125.8 करोड और 86.04 करोड काया पणूाता की जस्थतत मेडडकल कॉलजे भवन के शलये दिनांक 16.11.2013 और हस् तांतरण का इसका दिनाकं 31.03.2016, गल् सा हॉस् टल काया पणूाता की ततधथ 31.12.2016, जूतनयर रेसीडेंस हॉस् टल 16.11.2013, जूतनयर रेसीडेंस हॉस् टल गल् सा 16.11.2013 इसमें हस् तांतरण की ततधथ एक पहले की दििती है, यह हस् तातंररत तो पणूा के बाि ही हुआ होगा ककंत ुचूंकक यहां पर स् टूडेंट बाहर रह रहे थे और अपने िचे पर रह रहे थ ेतो वे पीडब् ल् यडूी के ववभाग के साथ बात करके हो सकता है कक इसका उपयोग प्रारंभ हो गया हो इसी तरह से यतूनट ए, यतूनट बी, टाईप 6, टाईप 7, दिनांक 31.12.2016 और टाईप 3 क् वाटसा दिनाकं 10.09.2016 यतूनट ए, यतूनट बी, बॉयस हॉस् टल और नसा हॉस् टल 16.09.2016 और 10.10.2016 को यह काया पणूा ककये गये और इसका हस् तांतरण दिनाकं 04.11.2016 है । श्री प्रकाश शक्राजीत नायक :- माननीय अध् यक्ष महोिय, माननीय मतं्री जी बताने की कृपा करेंगे कक अगर मेडडकल कॉलेज भवन तयैार है तो मेडडकल कॉलेज हॉजस्पटल जजला अस् पताल में क् या लग रहा है ? श्री टी.एस.शसहंिेव :- कॉलजे और हॉस् टल । जो इकाई जजला अस् पताल में चल रही है । उसके भवन में काम की कमी है, गसै पाईप लाइन और एयर कंडीशतनगं का काम परूा नहीं हुआ है, उसकी जानकारी मैंने नहीं िी है । वह काया अभी पणूा नहीं हुआ है । गसै पाइप लाइन नहीं लग पाई है और एयर कंडीशतनगं का काम परूा नहीं हुआ है । यह बात सही है ।

2 पररशशष् ट– “िो”

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श्री प्रकाश शक्राजीत नायक :- अध् यक्ष महोिय, इस कॉलेज भवन का तनमााण शरुू हुए लगभग 13 साल हो गए हैं । आज तक जजला अस् पताल में ही कॉलेज का चलना बहुत िभुााग् यपणूा है । मैं मतं्री जी से पछूना चाहंूगा कक कब तक भवन शशफ्ट हो जाएगा ? श्री अमरजीत भगत :- यही तो चन्‍द राकर जी के 15 साल की उपलजब्ध है । अध् यक्ष महोिय :- भगत जी, प् लीज । श्री टी.एस.शसहंिेव :- अध् यक्ष महोिय, मैं ववरासत की बात तो नहीं कहंूगा लेककन आश् वस् त करंूगा कक वहां जल् ि से जल् ि करने की कोशशश करेंगे । श्री प्रकाश शक्राजीत नायक :- अध् यक्ष महोिय, वहां प्रततदिन 2 लाि लीटर पानी की जरूरत है और वहां पर 7 पम् प हैं जजसमें से 6 फेल हैं । मैं मतं्री जी से पछूना चाहंूगा कक जब यह चाल ूहोगा तो आप पानी की व् यवस् था कहां से करेंगे ? श्री टी.एस.शसहंिेव :- अध् यक्ष महोिय, पानी की भी व् यवस् था की जाएगी ।

प्रधानमतं्री‍आिास‍योिना‍के‍अतंगरत‍ननयकु्त‍ककए‍गए‍आिास‍लमत्र

7. (*क्र. 1323) श्री धनेन्‍दर साहू : क्या पचंायत मतं्री महोिय यह बताने की कृपा करेंगे कक प्रिेश के ककस-ककस जजले में प्रधानमतं्री आवास योजना के अतंगात ककतने-ककतने आवास शमत्रों की तनयजुक्त की गई है ? आवास शमत्रों की तनयजुक्त ककस आधार पर, ककतने मानिेय या वेतन पर ककतनी अवधध के शलये ककया गया है? इन आवास शमत्रों को कौन-कौन सी जजम्मेिारी एव ंिातयत्व सौंपा जाता है ?

पचंायत मतं्री (श्री टी. एस. शसहंिेव) : प्रिेश के समस्त 27 जजलों में प्रधानमतं्री आवास योजना-ग्रामीण अतंगात चयतनत 3803 आवास शमत्रों की तनयजुक्त की गई है. जजलेवार जानकारी प्रपत्र “अ” में

‡3 सलंग्न है. आवास शमत्रों की तनयजुक्त का आधार, मानिेय या वेतन, अवधध, जजम्मेिारी एव ंिातयत्व की जानकारी प्रपत्र “ब” में ‡ सलंग्न है. श्री धनेन्‍द र साहू :- अध् यक्ष महोिय, मेरे प्रश् न के जवाब में माननीय मतं्री जी ने जजलेवार आवास शमत्रों की सखं् या बताई है । उसमें बहुत ववसगंतत है । जहां बबलासपरु में 472 आवास शमत्र हैं, वही ंसकुमा में मात्र 15 हैं और रायपरु जजले में मात्र 94 हैं । आवास शमत्रों की तनयजुक्त क् या पचंायतों की सखं् या अनपुात में तनधााररत हुई है या स् वीकृत प्रधानमतं्री आवास योजना के आधार पर आवास शमत्रों की सखं् या तनधााररत की गई है ?

‡3 पररशशष् ट– “तीन”

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श्री टी.एस.शसहंिेव :- अध् यक्ष महोिय, आवास शमत्रों की व् यवस् था उनकी क् वाशलकफकेशन के आधार पर 100 यतूनट के पीछे 1, इस पररकल् पना पर की गई है। 100 आवासीय इकाईयों पर एक ।

श्री धनेन्‍द र साहू :- अध् यक्ष महोिय, जैसा कक तनयजुक्त के आधार में बताया गया है कक जो बी.ई. और डडप् लोमा वालों को 25 प्रततशत अततररक् त माक् सा दिए गए हैं । वसैे ही इसमें आई.टी.आई. के भी जो लोग हैं उन्‍द हें भी उस व् यवस् था में शाशमल करेंग ेक् या और इस तनयजुक्त का अधधकार ककसको है ?

श्री टी.एस.शसहंिेव :- अध् यक्ष महोिय, अगर अन्‍द य क् वाशलकफकेशन समकक्ष हैं तो उस पर जरूर ववचार ककया जा सकता है । यदि वे भी तकनीकी रूप से िक्ष माने जाएंगे तो उन पर भी ववचार ककया जा सकता है ।

अध् यक्ष महोिय :- प्रश् न क्रमांक 8 श्री अजय चन्‍द राकर । श्री धनेन्‍द र साहू :- अध् यक्ष महोिय, अभी तो शरुूआत है ।

अध् यक्ष महोिय :- माननीय भाटो साहब, आपके प्रश् न में तो यही जवाब आएगा कक प्रश् न उपजस्थत नहीं होता इसशलए मझुे अब आगे बढने िो ।

श्री धनेन्‍द र साहू :- अध् यक्ष महोिय, इसमें इनकी तनयजुक्त की अधधकतम अवधध एक वषा के शलए है । मैं माननीय मतं्री जी से जानना चाहंूगा कक ककतने आवास शमत्र हैं जजनको 1 वषा से अधधक हो गए हैं और क् या उनको पनुतनायजुक्त िी गई है या पनुतनायजुक्त की प्रकक्रया की जाएगी ?

श्री टी.एस.शसहंिेव :- अध् यक्ष महोिय, तनयजुक्त की जो पररकल् पना है वह आवास को समय सीमा के अिंर पणूा करने की है । यदि आप 9 महीने या उसके अिंर आवास के काया को पणूा कर लेत ेहैं तो उसमें बोनस की भी व् यवस् था है । यदि आप उस काम में 1 साल से ज् यािा लगात ेहैं तो पेनाल् टी की भी व् यवस् था है । इसशलए जो 1 साल की अवधध िी गई है वह टारगेट दिया गया है कक आपको समय के अिंर उस काम को परूा करना है। तनयजुक्त 1 साल की नहीं है । काम को 1 साल के अिंर पणूा करना है ।

श्री धनेन्‍द र साहू :- अध् यक्ष महोिय, आपने इसमें स् पष् ट दिया है । िोनों चीजें हैं 9 महीने स े1 साल के अिंर उन्‍द हें आवास पणूा करना है । लेककन इन्‍द हें तनयजुक्त ही एक साल के शलए िी गई है । यदि उसको एक साल से अधधक एक् सटेंशन ककया जा रहा है तो उसके भी कुछ आधार होंगे और इसी तरह से उस पर जो आपके और पनुतनायजुक्त के क् या प्रावधान हैं । अध् यक्ष महोिय, चूंकक आवास शमत्रों को इतनी बडी जजम् मेिारी िी गई है । एक आवास के पीछे एक हजार रूपया उनको दिया जा रहा है। लोग अततक्रमण भशूम में मकान बनाए जा रहे हैं । उनकी जजम् मेिारी वहां है । मैंने अपने ही क्षेत्र में िेिा है कक घर बना रहा है और उसके ऊपर से बबजली का तार गया हुआ है । उसका काम बिं हो गया । ऐसी गलत जगह पर मकान बना रहा है कक मकान बनने के पहले ही धगर जा रहा है । यह आवास शमत्रों की

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जजम् मिेारी तय है उस पर यदि ये लोग इस तरह की गडबडी कर रहे हैं तो उस पर कोई कारावाई करना चादहए और उनके कामों को मॉनीटररगं करने का अधधकार ककसको है ?

श्री टी.एस. शसहंिेव :- अध् यक्ष महोिय, ववभाग मॉतनटररगं करता है। उनके ऊपर जो ववभाग का अमला है जे.ई. है, एस.ई. है, ई.ई. है मॉतनटररगं करत ेहैं और कहीं भी अगर काम की कोई कमी है तो उसकी जानकारी मैं माननीय सिस् य से ले लूगंा।

अध् यक्ष महोिय :- माननीय सिस् य बहुत वररष् ि नेता हैं, आप उनको परूी जानकारी िे िीजजएगा। अजय चन्‍द राकर जी।

रोिगार‍कायारलयों‍में‍पिंीकृत‍बेरोिगार

8. (*क्र. 695) श्री अजय चन्‍दराकर : क्या उच्च शशक्षा मतं्री महोिय यह बताने की कृपा करेंगे कक रोजगार कायाालय में 18 वषा के ऊपर ककतने बेरोजगार पजंीकृत हैं ? क्या इनको बेरोजगारी भत्ता दिये जाने की कोई योजना है ? यदि हां, तो प्रततमाह ककतने बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है ?

उच्च शशक्षा मतं्री (श्री उमशे पटेल) : प्रिेश के रोजगार कायाालयों में 18 वषा के उपर पजंीकृत बेरोजगारों की सखं्या दिनाकं 31 जनवरी 2019 की जस्थतत में 23,04,618 है. बरेोजगारी भत्ता दिया जाना ववचाराधीन है. श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मझुे थोड े दिन सरकार में काम करने का अनभुव है। ज् यािा दिन तो नहीं है। आपने इसमें कहा है कक ववचाराधीन है। प्रश् न में बेरोजगारी भत् ता दिया जाना ववचाराधीन है तो यह ववभाग अध् यक्ष के स् तर पर ववचाराधीन है कक ववत् त ववभाग में ववचाराधीन है, मतं्री स् तर में ववचाराधीन है, समन्‍द वय में ववचाराधीन है कक केबबनेट में ववचाराधीन है। ककस स् तर पर ववचाराधीन है? मैं यह जानना चाहता हंू।

अध् यक्ष महोिय :- माननीय मतं्री जी।

श्री उमेश पटेल :- यह ववभागीय स् तर पर ववचाराधीन है। श्री बहृस् पत शसहं :- आपको इस बात की शकंा है क् या कक 15 लाि जैसे ववचाराधीन है।

श्री अजय चन्‍द राकर :- ववभागीय स् तर पर.. श्री बहृस् पत शसहं :- 15 लाि जैसे ववचाराधीन है क् या ? आपके मन में यह आ रहा है क् या ?

श्री अजय चन्‍द राकर :- िो दिन तक कहां गायब थे ?

श्री अरूण वोरा :- चन्‍द राकर जी, यह आपके शासनकाल ही प्रश् न है। इसका जवाब तो आपको िेना चादहए।

अध् यक्ष महोिय :- चशलए, आप आगे बद ि़ए।

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श्री अजय चन्‍द राकर :- लेककन मेरा प्रश् न आउटसोशसिंग से नहीं आता।

अध् यक्ष महोिय :- चशलए, चन्‍द राकर जी।

श्री अरूण वोरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, प्रश् न को िेिकर लगता है कक ये आउटसोशसिंग से ही प्रश् न लात ेहैं।

श्री अजय चन्‍द राकर :- आपने कहा कक ववभाग में ववचाराधीन है। तो ववभाग में क् या प्रस् ताव ववचाराधीन है ? ककस स् वरूप में ववभाग में ववचाराधीन है ? यह बताने का कष् ट करें।

श्री उमेश पटेल :- बेरोजगारी भत् ता िेने का जो जनघोषणा पत्र में घोषणा की थी, उसी में ववचाराधीन है।

श्री अजय चन्‍द राकर :- नहीं, मैंने पछूा है कक ववभाग में ववचाराधीन है तो क् या स् वरूप में, ककस तरह का ववचाराधीन है कक एक रूपया िेंगे, 5 रूपया चूंकक आपने स् वीकार ककया है कक ववभाग में ववचाराधीन हे तो ककस प्रस् ताव में, कौन स ेस् वरूप में ववचाराधीन है, मैं यह कह रहा हंू। ककस-ककस स् वरूप में ववचाराधीन है।

श्री अमरजीत भगत :- इतने दिन मतं्री थे, आप भी जानत ेहैं। प्रकक्रया में टाइम लगता है।

श्री अजय चन्‍द राकर :- वे बहुत अच् छे सक्षम मतं्री हैं, उनको आपकी मिि की जरूरत नहीं है।

अध् यक्ष महोिय :- माननीय मतं्री जी आप बताइए। ककस स् वरूप में ववचाराधीन है ?

श्री अजय चन्‍द राकर :- जो हमारे घोषणा पत्र में है, उसको ककस तरह से इम् लीमेंट ककया जा सकता है, उसी पर ववचाराधीन है।

श्री अजय चन्‍द राकर :- घोषणा पत्र और सरकार िोनों अलग-अलग ववषय हैं। मैंने घोषणा पत्र का उल् लिे नहीं ककया। घोषणा पत्र पॉशलदटकल डाक् यमूेंट है। आपने उत् तर दिया है सरकारी। आपने स् वीकार ककया कक ववभाग में ववचाराधीन है। मैंने एक लाइन पछूी है कक ववभाग में ककस स् वरूप में कक आप इतने बेरोजगार हैं, प्रिेश में उसको इतना िेंगे, इतना नही ंिेंगे। ववत् त ववभाग में भजेेंगे, इस स् तर तर लाग ूकरेंगे ऐसा प्रारूप या ड्राफ्ट तो आपने ववचार के शलए रिा होगा। वह ड्राफ्ट क् या है, मैं यह जानना चाहता हंू जब आपने कहा है कक ववभाग में ववचाराधीन है तो।

अध् यक्ष महोिय :- माननीय मतं्री जी। अग्रवाल जी। अग्रवाल जी। जय शसहं जी आपके सामने प्रश् न हो रहा है प् लीज।

श्री उमेश पटेल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, यह सरकार बनने स े पहले जजस तरह स े हमने घोषणा की थी और अपने घोषणा पत्र में इसे रिा था, उसी पर ववचार ककया जा रहा है कक इसको ककस तरह से इम् पीमेंट ककया जा सकता है।

श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मेरा बहुत छोटा सा प्रश् न है।

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श्री अमरजीत भगत :- ववचाराधीन तो है। प्रकक्रया चल रहा है। इनको इतनी जल् िबाजी क् या है। अभी िो महीने सरकार को बने हुआ है और आपको तो इतना भी तसल् ली नहीं है आपके यहां तो (व् यवधान) आपके समय भगुतान सालों साल नहीं शमलता था। यह प्रकक्रयाधीन है।

श्री मनोज शसहं मडंावी :- िो महीने सरकार को हुआ है और आप इतनी ज् यािा अपेक्षा रित ेहैं। इसको सोचना चादहए। 15 साल (व् यवधान) ववचाराधीन है (व् यवधान)

श्री नारायण प्रसाि चंिेल :- नहीं यह िीक भी नहीं है। ये लोग भी िड ेहो गये हैं।

डॉ. शशवकुमार डहररया :- और 500 रूपये बेरोजगारी भत् ता िेने का घोषणा ककया था (व् यवधान)

श्री कवासी लिमा :- 15 साल के बाि भी नहीं ककये। 15 साल के बाि अभी तक (व् यवधान)

श्री अमरजीत भगत :- प्रकक्रयाधीन है। प्रकक्रयापवूाक हमें सिन में घसुने का (व् यवधान) अध् यक्ष महोिय :- आप लोग उत् तर मत िीजजए न।

श्री केशव प्रसाि चन्‍द रा :- मतं्री जी तो जवाब िे रहे हैं। बाकी लोगों को जवाब िेने की क् या जरूरत ?

अध् यक्ष महोिय :- आप बदैिए-बदैिए।

श्री अजय चन्‍द राकर :- मैं आपकी अनमुतत से िडा हुआ था।

अध् यक्ष महोिय :- आप मेरी अनमुतत से िड ेहैं बाकक लोग बबल् कुल बबना अनमुतत के िड ेहैं। आपका जवाब माननीय मतं्री जी िे रहे हैं।

श्री धमाजीत शसहं :- अध् यक्ष जी, कल ही सिन ने माननीय मतं्री जी का बेहतरीन जवाब सनुा। बहुत सक्षम हैं।

श्री नारायण प्रसाि चंिेल :- हम लोगों ने बधाई भी दिया।

श्री धमाजीत शसहं :- बहुत पढे-शलिे हैं। मैं समझता हंू कक जब कोई सिस् य पछू रहा हो। कोई मतं्री अच् छे से जवाब िे रहा हो तो बीच में ककसी को भी परैवी नहीं करना चादहए। न इधर से न उधर से।

अध् यक्ष महोिय :- चशलए।

श्री अमरजीत भगत :- यह सरकार भी वपछली सरकार की (व् यवधान), जजसको परूा नहीं ककया। आदिवाशसयों को (व् यवधान)

श्री मनोज शसहं मडंावी :- आदिवाशसयों को (व् यवधान) िेंगे। 15 साल (व् यवधान) और हम लोग कोई व् यवधान डालना नहीं चाह रहे हैं।

श्री अमरजीत भगत :- प्रकक्रया चल रहा है। मतं्री जी तो उत् तर िे रहे हैं। आप ही तो तयैार नहीं हैं। (व् यवधान)

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श्री धमाजीत शसहं :- यह सरकार, वह सरकार करके आप उत् तर को नहीं रोक सकत ेभई। आपको जब बोलना होगा, आपको अवसर शमलेगा। बोल लेना। उनसे कई जानकाररयां लोगों को आ रही हैं लोगों को सनुना है । आप लोग जबरिस् ती। जब मतं्री बनोग ेतो कर लेना जवाब वहां से।

श्री मनोज शसहं मडंावी :- इतनी ज् यािा तत् परता से पछू रहे हैं आिरणीय इसशलए माननीय सिस् यों से अपोजजट कह रहे हैं। इतने ज् यािा तत् परता से बात कर रहे हैं। पूवा मतं्री रहे हैं 15 साल इसशलए कहा जा रहा है।

श्री अमरजीत भगत :- माननीय अध् यक्ष महोिय, धमाजीत भयै्या, वे सीतनयर मतं्री रहे हैं, व ेइतने कमजोर थोडी न हैं ?

श्री मनोज शसहं मण् डावी :- वे इतनी तत् परता से बात कर रहे हैं। 15 साल तक मतं्री रहे हैं, इसशलए कहा जा रहा है। डॉ0 शशवकुमार डहररया :- माननीय अध् यक्ष महोिय, ये तो आज पहली बार अपने प्रश् न पर आये हैं। नहीं तो िसूरों के प्रश् न में ही प्रश् न पछूत ेहैं। अध् यक्ष महोिय :- अच् छा, उनको अपने प्रश् न को पछूने िीजजये न। उनका अपना प्रश् न है, पछूने िीजजये।

डॉ0 शशवकुमार डहररया :- माननीय अध् यक्ष जी, 15 साल में उनकी घोषणा परूी नहीं हुई है। ये लोग बोले थे कक हम पाचं सौ रूपया बेरोजगारी भत् ता िेंगे। इन्‍द होंने घोषणा-पत्र को सकंल् प-पत्र बनाया था। श्री केशव प्रसाि चन्‍द रा :- इसीशलए आप नहीं िोगे क् या ? ...(व् यवधान) अध् यक्ष महोिय :- भगत जी, मनोज जी।

नेता प्रततपक्ष (श्री धरम लाल कौशशक) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मतं्री जी जवाब िे रहे हैं और बाकी लोग अवरोध उत् पन्‍द न कर रहे हैं। यह िीक नहीं है। आप समय िेि लीजजये।

अध् यक्ष महोिय :- आप लोग प्रश् नकाल में अनावश् यक समय क् यों बबााि कर रहे हैं।

श्री धरम लाल कौशशक :- अध् यक्ष महोिय, आसिंी से तनिेशशत होना चादहए। प्रश् नकाल को बाधा मत पहंुचाये। मतं्री जी अच् छा जवाब िे रहे हैं।

श्री शशवरतन शमाा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, जानबझूकर प्रश् न को टालने के शलए इस प्रकार व् यवधान ककया जा रहा है। .....(व् यवधान)

श्री मनोज शसहं मण् डावी :- वह 15 लाि कब तक आयेगा ?

डॉ0 शशवकुमार डहररया :- वह 15 लाि कब आयेगा, यही बता िीजये। साढे चार साल तक नही ंआया।

श्री मनोज शसहं मण् डावी :- 15 लाि नहीं तो एकाध ककश् त को जारी करो।

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अध् यक्ष महोिय :- डहररया जी, आप मतं्री हैं भाई। आप मतं्री है। श्री धमाजीत शसहं :- अध् यक्ष महोिय, यह बहुत आपवत्तजनक है। सिस् य को प्रश् न पछूने से वधंचत ककया जा रहा है। .....( व् यवधान) श्री बजृमोहन अग्रवाल :- अध् यक्ष महोिय, आप उनको प्रताड डत कररये। ये क् या तरीका है ?( व् यवधान) श्री धमाजीत शसहं :- अध् यक्ष महोिय, प्रश् नकाल को बाधधत करने की यह गलत परम् परा है। प्रश् नकाल को बाधधत नहीं ककया जाना चादहए। .....( व् यवधान) श्री नारायण चंिेल :- सबसे महत् वपणूा काल होता है, प्रश् नकाल। उसको बाधधत ककया जा रहा है और प् लातनगं से ककया जा रहा है।

श्री भीमा मण् डावी :- माननीय अध् यक्ष महोिय, माननीय मतं्री जी जवाब िेने के शलए सक्षम हैं। आप क् यों बीच में बोल रहे हैं।

अध् यक्ष महोिय :- माननीय चौबे जी, आप ससंिीय कायामतं्री हैं। आप अपने सिस् यों को समझाइये कक प्रश् नकाल में बाधा उत् पन्‍द न नही करना चादहए। (प्रततपक्ष के सिस् यों द्वारा मजेों की थपथपाहट)

डॉ0 शशवकुमार डहररया :- जजतना अधधकार उनका है उतना अधधकार हमारा है।

अध् यक्ष महोिय :- माननीय मतं्री जी, आप रेजरी बेंच हैं। आपका सवाल आयेगा, तब जवाब िीजजयेगा।

श्री अजय चन्‍द राकर :- बहुत सनु्‍द िर। (प्रततपक्ष के सिस् यों द्वारा मेजों की थपथपाहट) ससंिीय कायामतं्री (श्री रववन्‍द र चौबे) :- माननीय अध् यक्ष जी, आसिंी का हर आिेश और तनणाय शशरोधाया है। लेककन अगर अजय जी का प्रश् न है और शशवरतन जी भी िड ेहोकर प्रश् न करेंगे तो क् या अमरजीत को अधधकार नही ंहै ?

श्री शशवरतन शमाा :- मैंने िड ेहोकर प्रश् न नहीं ककया है। माननीय अध् यक्ष महोिय, ये गलत बोल रहे हैं। मैंने प्रश् न नहीं ककया है। प्रश् न अजय चन्‍द राकर जी कर रहे हैं। .....( व् यवधान) श्री धरम लाल कौशशक :- अध् यक्ष महोिय, यह आसिंी का अपमान है। .....( व् यवधान) अध् यक्ष महोिय :- आप बिै तो जाईये। .....( व् यवधान) आप बिै तो जाईये।

श्री नारायण चंिेल :- यह घोर आपवत्तजनक है। .....( व् यवधान) अध् यक्ष महोिय :- आप बदैिये, बदैिये।

श्री रववन्‍द र चौब े:- अध् यक्ष महोिय, मेरी बात तो परूी हो जाने िीजजये। अध् यक्ष महोिय :- नहीं, आप मेरी बात सतुनये। अजय जी के प्रश् न पर ककसी भी ववपक्षी सिस् य

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को या ककसी भी सिस् य को परूक प्रश् न पछूने का अधधकार है। (प्रततपक्ष के सिस् यों द्वारा मेजों की थपथपाहट) श्री रववन्‍द र चौब े:- अध् यक्ष जी, आप जजनको अनमुतत िेंगे, वही िडा होगा। अध् यक्ष महोिय :- इनको परूक प्रश् न पछूने का अधधकार है। ककसी को अनावश् यक हस् तक्षेप करने का अधधकार नहीं है। (प्रततपक्ष के सिस् यों द्वारा मजेों की थपथपाहट)

डॉ0 शशवकुमार डहररया :- माननीय अध् यक्ष महोिय, आपकी व् यवस् था शशरोधाया है। लेककन उधर से शशवरतन शमाा जी बबना अनमुतत के िड ेहो जात ेहैं। तो इधर िडा होना ही पडता है।

श्री अरूण वोरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, माननीय सिस् य को उत् तजेना फैलाने का भी अधधकार नहीं है। उत् तजेना फैलात ेहैं। प्रश् न का उत् तर कोई सनुना नहीं चाहत ेहैं। अध् यक्ष महोिय :- उनका बी0पी0 बढा हुआ है। श्री अरूण वोरा :- हां, उनका बी0पी0 बढा हुआ है। मैं स् वास् ् य मतं्री जी से अनरुोध करंूगा कक इनको कक्ष में ले जाकर इनका ब् लउ प्रेशर नपवाये। .....(व् यवधान) माननीय अध् यक्ष महोिय, यह उत् तजेना िीक नहीं है।

डॉ0 शशवकुमार डहररया :- भयै्या, सरकार की तरफ स ेकैम् प लगा है। अध् यक्ष महोिय :- सतुनये, सतुनये।

श्री मोहन मरकाम :- माननीय अध् यक्ष जी, अजय चन्‍द राकर जी का बी0पी0 चेक कराया जाये। अध् यक्ष महोिय :- प्रश् नकाल समाप् त।

(प्रश्‍नकाल‍समाप्‍त)

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समय : 12:00 बजे पचृ्‍छा

श्री बजृमोहन अग्रवाल (रायपरु िक्षक्षण) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मेरी व् यवस् था का प्रश् न है कक माननीय सिस् यों ने जजस प्रकार से प्रश् नकाल को रेजरी बेंच के सिस् यों ने व् यवधान उपजस्थत करने की कोशशश की है, आपकी व् यवस् था िेने के बाि भी उन्‍द होंने बार-बार व् यवधान उपजस्थत ककया है, ये घोर तनन्‍द िनीय है और इस प्रकार अगर प्रश् नकाल में सत् ता पक्ष हमारे प्रश् नों को बाधधत करेगा...। अध् यक्ष महोिय :- ये प् वाइंट आफ आडार नहीं बनता, आप शनू्‍द यकाल में बात कररए ।

श्री बजृमोहन अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं व् यवस् था की बात कर रहा हंू । व् यवस् था का प्रश् न उिा रहा हंू । अध् यक्ष महोिय :- व् यवस् था का प्रश् न नहीं बनता ।

श्री बजृमोहन अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, ये व् यवस् था का प्रश् न है । अध् यक्ष महोिय :- नहीं है । श्री बजृमोहन अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, शनू्‍द यकाल में व् यवस् था का प्रश् न रिने का अधधकार है । अध् यक्ष महोिय :- आप अपनी बात को शनू्‍द यकाल में रिें ।

श्रम मतं्री (डॉ. शशवकुमार डहररया) :- आप आसिंी के खिलाफ बदहामन करत ेहो, क् या व् यवस् था का प्रश् न है। प्रश् नकाल परूा हो गया, उसके बाि अब क् या है.....(व् यवधान)

अध् यक्ष महोिय :- प्रश् नकाल समाप् त हो गया । श्री बजृमोहन अग्रवाल :- अध् यक्ष महोिय, प्रश् नकाल में व् यवस् था का प्रश् न नहीं होता है । प्रश् नकाल के बाि ही व् यवस् था का प्रश् न होता है ।

श्री सत् यनारायण शमाा :- इनके पास कोई प्रश् न है ही नहीं, इनका कोई प् वाइंट आफ आडार बनता ही नहीं ।

श्री बजृमोहन अग्रवाल :- आज सिन में जजस प्रकार की जस्थतत पिैा हुई है, वह बहुत िभुााग् यजनक है कक प्रश् नकाल को बाधधत करने के शलए रेजरी बेंच के लोग ववपक्ष के सिस् यों को प्रश् न पछूने से रोकें , आपकी व् यवस् था के बाि भी इस प्रकार की व् यवस् था बनी रहेगी तो िभुााग् यजनक है तो ववपक्ष के अधधकारों का सरंक्षण कौन करेगा ।

अध् यक्ष महोिय :- मैं व् यवस् था िेता हंू, आगे बद ि़ए । श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, आपने सिन के एक जजम् मेिार मतं्री के बारे में बात कही कक आप बाधधत कर रहे हैं, अपने ववभाग में बोशलएगा । उसके बाि आपने माननीय ससंिीय

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कायामतं्री स े भी आग्रह ककया, उसके बाि भी प्रश् नकाल बाधधत होता रहा, आज आपकी व् यवस् था की अवमानना हुई । हम इस ववषय पर कहना चाहत ेहैं कक आखिर प्रश् नकाल चलाना चाहत े हैं कक नही ंचलाना चाहत ेहैं और प्रश् नकाल ककस तरह से चलगेा, इस पर आपकी व् यवस् था आनी चादहए क् योंकक िो-तीन बार हो गया, सत् तारूढ िल बाधधत करती है । डॉ. शशवकुमार डहररया :- हम माननीय अध् यक्ष के हर आिेश का पालन करत ेहैं ।

ससंिीय कायामतं्री (श्री रववन्‍द र चौब)े :- आप अध् यक्ष जी को भडका रहे हैं, अध् यक्ष जी को गसु् सा दिला रहे हैं ।

श्री अजय चन्‍द राकर :- मैंने माननीय अध् यक्ष जी से आग्रह ककया, मैंने अध् यक्ष जी को तनिेशशत नहीं ककया । आपने अध् यक्ष जी का तनिेश नहीं माना। डॉ. शशवकुमार डहररया :- हमने अध् यक्ष जी के हर आिेश का पालन ककया है ।

श्री शशवरतन शमाा :- अध् यक्ष महोिय, प्रश् नकाल में जब बाधा उत् पन्‍द न हो रही थी तो आपने ससंिीय कायामतं्री रववन्‍द र चौबे जी को बात रिने की बात की और ससंिीय कायामतं्री िड ेहुए और उन्‍द होंने कहा कक अजय चन्‍द राकर जी प्रश् न कर रहे हैं और शशवरतन जी िड ेहो गए। आप कायावाही तनकालकर िेि लीजजए, मैंने उस समय कोई प्रश् न ककया क् या ? ससंिीय कायामतं्री जी सजम्मशलत थे । ....(व् यवधान) श्री अजय चन्‍द राकर :- वह समय व् यतीत करने के शलए िड ेहुए, उस प्रश् न का उत् तर माननीय मतं्री जी के पास नहीं था ।....(व् यवधान) श्री शशवरतन शमाा :- प्रश् नकाल में सरकार के पास जवाब नहीं था इसशलए प्रश् नकाल टले, इसके शलए ससंिीय कायामतं्री भी सजम्मशलत थे । डॉ. शशवकुमार डहररया :- आपने तो जवाब नहीं सनुा, हल् ला ककये न।....(व् यवधान)

अध् यक्ष महोिय :- अजय चन्‍द राकर जी, आज शशववर लगा हुआ है, जरा आप चके-अप करा लीजजए ।....(व् यवधान) श्री मोहन मरकाम :- माननीय अध् यक्ष जी, वररष् ि सिस् य चन्‍द राकर जी का बी.पी. बढा हुआ है, हमें धचन्‍द ता है इसशलए चेक-अप कराया जाये ।

अध् यक्ष महोिय :- मझु ेतो बोलने िीजजए । चन्‍द राकर जी, आप जरा चेक-अप करा लीजजए । आपकी अनावश् यक उत् तजेना बढ रही है । श्री अरूण वोरा :- अध् यक्ष महोिय, आपके इस प्रस् ताव से हम सहमत हैं, इनको बी.पी. चेक करा लेना चादहए क् योंकक इनकी बी.पी. लगातार बढती है। ....(व् यवधान)

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नेता प्रततपक्ष (श्री धरम लाल कौशशक) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, आज अजय चन्‍द राकर जी बहुत शालीनता के साथ प्रश् न पछू रहे थे, मतं्री जी भी जवाब िे रहे थे, लेककन मतं्री जी को जवाब िे रहे थे, लेककन मतं्री जी को जवाब िेने से सत् ता पक्ष के ववधायकों ने उनको रोका ।

श्री सत् यनारायण शमाा :- ऐसा नहीं हुआ, कोई ककसी ने नहीं रोका। श्री धरम लाल कौशशक :- इसशलए रोका कक कोई उत् तर नहीं था और इस प्रश् न का अतं तक जवाब इसशलए नहीं आया तो ये जो प्रश् नकाल में व् यवधान उत् पन्‍द न करत ेहैं, कम से कम प्रश् नकाल में सहयोग करें और मतं्री जी जवाब िे रहे हैं तो हम लोग भी जवाब सनु रहे हैं, उनका उत् तर आने िेना चादहए, उसमें व् यवधान उत् पन्‍द न न करें ।

अध् यक्ष महोिय :- िीक है ।

श्री सत् यनारायण शमाा :- माननीय अध् यक्ष जी, मेरे पास चन्‍द राकर जी का ईलाज है । मेरी बनाई हुई कैप् सलू पटकामाई सील िा लो तो आप फौरन िीक हो जाओगे । पटकामाईसीन कैप् सलू फौरन पटक िेती है ।

अध् यक्ष महोिय :- शनू्‍द यकाल । श्री शशवरतन शमाा (भाटापारा) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, हमने कल एक स् थगन आपके समक्ष प्रस् ततु ककया है । भारत सरकार ने प्रधानमतं्री ककसान सम् मान तनधध की शरुूआत की है और ककसान सम् मान तनधध के अतंगात िो हेक् टेअर से छोटे ककसानों को 6000 रूपये साल प्रतत वषा भारत सरकार िेने वाली है । राजस् व ववभाग को इसका नोडल अधधकारी बनाया गया है । छत् तीसगढ में इस योजना का लाभ लगभग 30 लाि ककसानों को प्राप् त होगा, पर छत् तीसगढ की सरकार जान-बझूकर इस योजना के कक्रयान्‍द वयन को रोकने में लगी हुई है । जजस योजना का लाभ 30 लाि ककसानों को शमलना है, सरकार ये चाहती है कक हम फारमेल् टी परूी न करें, भारत सरकार को जानकारी न भेजें, ताकक चुनाव आचार सदंहता लगने तक इनको ककसी प्रकार का लाभ न शमले । इस ववषय पर हमारा स् थगन है । आप स् थगन ग्राह्य कर चचाा कराएं, ये तनवेिन मैं आपसे करना चाहता हंू ।

अध् यक्ष महोिय :- अजीत जोगी जी ।

श्री अजीत जोगी (मरवाही) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, हमारे सवोच् च न्‍द यायालय ने वपछल ेिो-तीन दिन पहले, एक तनणाय दिया है, जजसे मैं बहुत ही िभुााग् यपणूा मानता ह ू ं। उन्‍द होंने वन क्षते्रों में पटटे दिये जाने से इंकार करत ेहुये आदिवाशसयों को न दिया जाये, इस तरह की व् यवस् था िी है । अगर उसका पालन ककया गया तो ववशषेकर हमारे प्रिेश में, जो आदिवासी बाहुल् य प्रिेश है, जहां अधधकांश आदिवासी बबना पटटा के िेती कर रहे हैं । यदि सपु्रीम कोटा के इस आिेश का अक्षरश: पालन ककया जायेगा तो बहुत भारी अव् यवस् था उत् पन्‍द न हो जायेगी । मैं आपके माध् यम से सरकार से तनवेिन करना चाहता ह ू ंकक

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इस आिेश के पनुरावलोकन के शलए तत् काल सपु्रीम कोटा पर आवेिन लगाये जाये, हमारे प्रिेश का उिाहरण िेकर यह कहा जाये कक जहां हमने वषा 2007 का एक् ट बनाया, पटटे िेने का प्रावधान ककया, उसका बबल् कुल उल् टा सवोच् च न्‍द यायालय ने फैसला िे दिया है । हम लोगों ने इस पर एक ध् यानाकषाण भी दिया है । कृपया इसे स् वीकार करें, यह एक बहुत ही महत् वपणूा ववषय है, इस पर लम् बी चचाा होकर पनुरावलोकन ररव् य ूवपटीशन जरूर लगाई जानी चादहये ।

श्री अजय चन्‍द राकर (कुरूि) :- माननीय अध्यक्ष महोिय, मैंने कल राजस् व ववभाग के अनिुान मांगों पर भी इस बात को कहा था कक छत् तीसगढ दहन्‍द िसु् तान के उन प्रिेशों में से शाशमल है, जहां लघ ुसीमांत कृषकों की सखं् या ज् यािा है । अभी अपषु् ट आंकड ेनहीं आये हैं, लकेकन लगभग 33 लाि ककसान प्रधानमतं्री सम् मान ककसान तनधध से लाभाजन्‍दवत होंग े । माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं कल जजस समय बोल रहा था, शसफा 1 लाि 30 हजार ककसानों की ऑनलाईन एण् री हुई थी । सरकार न तो डाटा उपलब् ध करा रही है, न ऑनलाईन करवाने के प्रतत गभंीर है, न ही ककसी प्रकार की गभंीरता दििा रही है और जो पहली बार तलेगंाना या उडीसा की सरकारों के बाि केन्‍द र सरकार ने यह सोचा कक ककसानों को एक कैश बेतनकफट स् कीम िी जाये । छत् तीसगढ सरकार के जजम् मिेार मतं्री का यह बयान आया कक हम उसमें ककसी तरह के कोई इन्‍द रेस् टेड नहीं है । हम उसकी जगह बबल् कुल यतूनवसाल हेल् थ केयर स् कीम की तरह कोई नया स् कीम लायेंगे । जानबझूकर उस महती योजना को कक्रयाजन्‍दवत करने में छत् तीसगढ सरकार कोताही बरत रही है, ककसानों की उपेक्षा कर रही है, ककसानों के दहत के साथ िले रही है, इसके ववरोध में हमने आपके सम् मिु स् थगन प्रस् ताव दिया है, यह ककसानों का ववषय है, इसशलए इस पर तत् काल कायावाही रोक कर सिन में चचाा करवाई जानी चादहये ।

श्री बजृमोहन अग्रवाल (रायपरु िक्षक्षण) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, छत् तीसगढ के अगर 30 लाि ककसान भी हम मान लेत ेहैं, 6 हजार रूपये के दहसाब स े1800 करोड रूपये ककसानों के िात ेमें जाना है । ककसानों को जजस योजना का फायिा शमलना है, उस योजना का फायिा दिलवाने में छत् तीसगढ की सरकार परूी तरह कोताही बरत रही है, परूी तरह लापरवाही बरत रही है और जानबझूकर ककसानों के िात ेमें पसैा जाने स ेरोक रही है । केन्‍द र सरकार को उन ककसानों का डडटेल् स उपलबध नहीं करा रही है । यह बहुत िभुााग् यजनक है कक ककसानों के पसैे को रोकने का काम यह वतामान सरकार कर रही है । हमने इसके ऊपर में स् थगन दिया है, हम चाहत ेहैं कक ककसानों के िात ेमें जो 1800 रूपये जाने वाला है, वह जल् िी से जल् िी जाये । इसको जानबझूकर सरकार के द्वारा रोका जा रहा है, आप इस स् थगन प्रस् ताव को स् वीकार करें, उसके ऊपर में आप चचाा करवायें तो ववस् ततृ जानकारी इसके बारे में रिेंगे, इस

बात का आपसे आग्रह है ।

अध् यक्ष महोिय :- श्री धनेन्‍द र साहू जी ।

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श्री धनेन्‍द र साहू (अभनपरु) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मेरे यहां महानिी जलाशय पररयोजना समहू की एशशया की सबसे बडी शलफट एररगेशन अभनपरु नहर उिवहन शसचंाई पररयोजना है । वपछले 10-15 सालों स ेकोई मरम् मत नहीं होने के कारण, पपंों की नई िरीिी नहीं होने के कारण, परूा कंडम हो गया है । शसचंाई की जो क्षमता है, लगभग 25 परशेंट हो गई है । माननीय अध् यक्ष महोिय, इस ववषय में ध् यानाकषाण दिया है ।

श्री नारायण प्रसाि चंिेल (जांजगीर-चांपा) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, इस प्रिेश के भशूम पतु्र और अन्‍द निाता ककसानों से यह जुडा हुआ मामला है । माननीय अध् यक्ष महोिय, ककसानों के सम् मान तनधध के इस ववषय पर राजनीतत से परे हटकर, राजनीतत से ऊपर हटकर और बड ेमन स े वतामान सरकार को काम करने की आवश् यकता है । माननीय अध् यक्ष महोिय, यह बडी ववसगंतत है कक ककसानों के िात ेमें पसैा जा रहा है, उसमें ककसी प्रकार का मीन-मेग तनकालना, उसको रोकना, यह प्रिेश के ककसानों के साथ में घोर अन्‍द याय है । आप आसिंी से तनिेशशत करें कक जो भी प्रकक्रया है, वह परूी हो और हमने इस पर ध् यानाकषाण और स् थगन दिया है । इस पर पयााप् त चचाा कराई जाये ।

श्री सौरभ शसहं :- माननीय अध् यक्ष महोिय, ककसान समदृ्धध योजना प्रिेश के ककसानों को लाभाजन्‍दवत करने वाली योजना है और इसमें सरकार की कोई रूधच नहीं है। तहसील स् तर पर ककसान अपना प्रततवेिन लेकर जा रहे हैं तो कोई सबंधंधत नोडल अधधकारी उपलब् ध नहीं है। योजना का कक्रयान्‍द वयन करने में सरकार की कोई रूधच नहीं है। वहां कोई अधधकारी उपलब् ध नहीं है। तहसील स् तर पर कोई फामा नहीं दिया जा रहा है और ककसान अपनी ऋण पजुस्तका ररकाडा लेकर जा रहे हैं तो उन्‍द हें ररकाडा भी उपलब् ध नहीं कराया जा रहा है। हमने इस पर स् थगन दिया है आपसे तनवेिन है कक इस पर कृपापवूाक चचाा करायें।

नेता प्रततपक्ष (श्री धरमलाल कौशशक) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, ककसान सम् मान तनधध ये एक ऐसी योजना है जो ककसानों को केवल एक वषा के शलए नहीं बजल्क प्रत् येक वषा ककसानों के िात ेमें छ: हजार रूपये जाने हैं। परेू दहन्‍द िसु् तान में इस योजना का कक्रयान्‍द वयन हो रहा है, ककसानों के िात ेमें पसैा पहंुचना भी प्रारंभ हो गया है लेककन छत् तीसगढ एक ऐसा प्रिेश है जो ककसानों का प्रिेश है लेककन यहां की सरकार की जो भशूमका है, इनकी इच् छा है कक ककसानों का उसका लाभ न शमले। इसशलए जो सहयोग इनको करना चादहए और जो िस् तावेज उपलब् ध कराने की बात है ये सरकार जानबझूकर ये िस् तावेज उपलब् ध नहीं करा रही है और ये ककसानों के दहत में बडी-बडी बात करती है। लेककन ये जो पसैा केन्‍द र सरकार से शमलना है इसके शलए ये नहीं चाहत ेकक सरकार का पसैा उनके िात ेमें जाए और इसे लेकर जब हमारे ककसान तहसील कायाालय से लेकर बाकी जगह जो चक् कर लगा रहे हैं, ककसानों में इस बात को लेकर काफी आक्रोश है कक केवल एक वषा के शलए नहीं बजल्क हर साल ककसानों को पसैा शमलना है,

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इससे वह ककसानों को वधंचत कर रहे हैं। हम लोग इस पर स् थगन दिये हैं और यह इतना बडा मदु्िा है कक यदि सरकार ने ध् यान नहीं दिया और कुछ दिन में आचार सदंहता लग जायेगी जजससे इस योजना से हमारे ककसान वधंचत होंगे। इसशलए सारी कायावाही को रोककर आज स् थगन पर चचाा हो और हम सारे त् य उस पर रि सकें और उसमें हम ववस् तार से चचाा कर सकें ।

अध् यक्ष महोिय :- वह मेरे ववचाराधीन है।

श्री केशव प्रसाि चंरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, ककसान के दहत की बात है।

अध् यक्ष महोिय :- इसमें ककतने लोग बात करेंग ेयह बता िीजजए? एक ही ववषय पर पांच लोग बोले हैं। श्री अजय चन्‍द राकर :- यह ककसानों के दहत का मामला है, इस पर तत् काल चचाा कराई जानी चादहए।

अध् यक्ष महोिय :- आप मेरा ध् यानाकषाण कर रहे हैं तो ककतने सिस् य करेंग?े आप सब करेंगे?

श्री बजृमोहन अग्रवाल :- हॉ,ं सब करेंगे।

श्री नारायण चंिेल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, यह लोक महत् व का ववषय है। ककसानों से जुडा हुआ मदु्िा है। यह लोकमहत् व का ववषय है इसशलए सिन की कायावाही रोककर इस पर अववलबं चचाा करायें।

अध् यक्ष महोिय :- मैंने कह दिया कक मेरे ववचाराधीन है।

श्री नारायण चिेंल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, यह लोक महत् व का ववषय है इससे बडा कोई ववषय नहीं है।

अध् यक्ष महोिय :- माननीय ताम्रध् वज साहू । श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, इस ववषय पर चचाा होनी चादहए। ककसानों स ेबढकर कोई बडा लोक महत् व नहीं है। इसी सरकार ने कहा है कक ककसान हमारे एजेंडा में हैं और यही सरकार ककसानों के दहत के साथ खिलवाड कर रही है। इस पर तत् काल चचाा कराई जाए।

अध् यक्ष महोिय :- मैंने सनु शलया, वह मेरे ववचार में है।

श्री नारायण चंिेल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, यह प्रिेश के भशूमपतु्र अन्‍द निाता ककसानों का मामला है और इससे बडा कोई ववषय नहीं है।

(भारतीय‍िनता‍पार्टी‍के‍सदस्‍यों‍द्िारा‍नारे‍लगाए‍गए‍की‍गई)

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समय:

12:13 बजे पत्रों‍का‍पर्टल‍पर‍रिा‍िाना

छत्‍तीसगढ़‍पलुलस‍हाऊलसगं‍कापोरेशन‍लललमरे्टड‍का‍छठिां‍िावषरक‍प्रनतिेदन‍िषर‍2016-2017

गहृ मतं्री (श्री ताम्रध् वज साहू) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं, कंपनी अधधतनयम 2013 (क्रमांक 18 सन ्2013) की धारा 395 की उपधारा (1) के पि (बी) की अपेक्षानसुार छत् तीसगढ पशुलस हाऊशसगं कापोरेशन शलशमटेड का छिवां वावषाक प्रततवेिन वषा 2016-2017 पटल पर रिता हंू।

(भारतीय‍िनता‍पार्टी‍के‍सदस्‍यों‍द्िारा‍नारे‍लगाए‍गए)

समय :

12:14 बजे ध्‍यानाकषरण‍सचूना‍

(1) पामगढ़‍विधानसभा‍क्षते्र‍में‍र्टािर‍लाईन‍ननमारण‍से‍प्रभावित‍ककसानों‍को‍मआुििा‍भगुतान‍नह ं‍ककया‍िाना.

श्रीमती इंि ूबजंारे (पामगढ), श्री केशव प्रसाि चंरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मेरी ध् यानाकषाण सचूना का ववषय इस प्रकार है :- जजला जाजंगीर-चांपा के ववधानसभा क्षेत्र पामगढ के ग्राम-ढाबाडीह, कोशीर, शमलौनी, जोरैला, डोगाकोहरौि, मोऊभांटा में उडीसा जनरेशन फेस-II टॉवर कंपनी के द्वारा टावर लाईन का तनमााण सनु्‍द िरगढ, झारसगुडा से रायपरु तक डबल सकका ट का टावर लाईन ले जायी जा रही है, जजसमें ककसानों की जमीन के ऊपर पेड, फसल क्षतत का मआुवजा ककसानों को नहीं दिया गया है। इसी प्रकार ग्राम केरा, मडुपार, तलु् मा, िरौि, िेवरी, िोरसी, तनौि, डवेरघटा, िरगहनी, िरुपा, करमिंी में पावर ग्रीड टावर कंपनी के द्वारा िम् भे एव ंतार का काया ककया जा रहा है। टावर तनमााण के पहल ेककसानों को उनकी जमीन जजसमें िम् भा लगना है उसका 85 प्रततशत तार के नीचे पडने वाले जमीन का 15 प्रततशत मआुवजा िेने का प्रावधान है। इस सबंधं में शशकायत ककय ेजाने पर राजस् व ववभाग के अधधकाररयों के द्वारा कोई ध् यान नहीं दिया जा रहा है जजससे ककसानों को आधथाक क्षतत का सामना करना पड रहा है। लाईन प्रवादहत होने की जस्थतत में है। ककसानों को टावर तनमााण में आयी जमीन, पेड एव ंफसल क्षतत का मआुवजा नहीं शमलने से क्षते्र के ककसानों में शासन/प्रशासन एव ंटावर कंपनी के प्रतत भयानक आक्रोश व् याप् त है।

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(भारतीय‍िनता‍पार्टी‍के‍सदस्‍यों‍द्िारा‍नारे‍लगाये‍गये)

अध् यक्ष महोिय :- सभा की कायावाही पांच शमनट के शलये स् थधगत।

(12.16‍से‍12.37‍बिे‍तक‍सभा‍की‍कायरिाह ‍स्‍िचगत‍रह ।)

समय :

12:37 बजे (अध्‍यक्ष‍महोदय‍(डॉ.‍चरणदास‍महंत)‍पीठासीन‍हुए।)

गभरगहृ‍में‍आने‍पर‍स्‍िमेि‍ननलबंन

अध् यक्ष महोिय :- प्रकक्रया तथा काया सचंालन सबंधंी तनयमावली के तनयम 250 (1) के तहत तनम् नाकंकत माननीय सिस् य अपने स् थान को छोडकर गभागहृ में प्रवेश करने के कारण, सभा की कायावाही से स् वमेव तनलबंबत हो गये हैं :-

भारतीय‍िनता‍पार्टी

1. डॉ. रमन शसहं 2. श्री बजृमोहन अग्रवाल 3. श्री अजय चंराकर 4. श्री शशवरतन शमाा 5. डॉ. कृष् णमतूत ा बांधी 6. श्री सौरभ शसहं 7. श्री डमरूधर पजुारी 8. श्रीमती रंजना डीपेन्‍द र साहू 9. श्री धरम लाल कौशशक 10. श्री नारायण चंिेल 11. श्री भीमा मडंावी 12. श्री रजनीश कुमार शसहं

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ननलबंन‍समाजप्त‍की‍घोषणा

अध् यक्ष महोिय :- मैं उनका तनलबंन समाप् त करता हंू ।

समय :

12:38 बजे ध्‍यानाकषरण‍सचूना‍(क्रमश:)

अध् यक्ष महोिय :- माननीय सिस् य का ध् यानाकषाण पढा हुआ माना जाता है। राजस् व मतं्री (श्री जयशसहं अग्रवाल) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, जजला - जांजगीर चांपा के ववधानसभा पामगढ क्षेत्र के ग्राम ि़ाबाडीह, कोशीर, शभलौनी, जोरैला, डोंगाकोहरौि, मेऊभांिा में उडीसा जनरेशन फेस-2 टावर कंपनी के द्वारा टावर लाईन का तनमााण सनु्‍द िरगढ - झारसगुडुा से रायपरु तक डबल सकका ट का टावर लाईन ले जाया जा रहा है। यह सही नहीं है कक ककसानों के जमीन के ऊपर पेड, फसल क्षतत का मआुवजा ककसानों को नहीं दिया गया है। छ.ग. शासन, राजस् व एव ंआपिा प्रबधंन ववभाग, मतं्रालय, महानिी भवन, नया रायपरु के आिेश क्रमांक एफ 7-7 /सात-1/2014 नया रायपरु, दिनांक 29.11.2016 के आिेशानसुार टावर तनमााण में प्रभाववत भशूम का बाजार मलू् य का 85 प्रततशत तथा तार के नीच ेपडने वाली भशूम का बाजार मलू् य के 15 प्रततशत मआुवजा िेने के आिेश के पररप्रेक्ष् य में टावर लाईन में प्रभाववत ग्रामों के ककसानों की प्रभाववत भशूम एव ंवकृ्षों का क्षततपतूत ा मआुवजा भगुतान की कायावाही प्रकक्रयाधीन है। यह सही नहीं है कक ककसानों को 20 हजार, 30 हजार का चके बनाकर िे रहे हैं। सत् य यह है कक उडीसा जनरेशन फेस-2 टावर कंपनी के द्वारा टावर लाईन में ववधानसभा क्षते्र पामगढ के 08 ग्रामों के 632 प्रभाववत ककसानों की प्रभाववत भशूम एव ंवकृ्षों का क्षततपणूा राशश रूपये 3,28,69,110/- (रू. तीन करोड अट्िाईस लाि उनहत् तर हजार एक सौ िस मात्र) तनधााररत ककया गया है, जजसमें से 603 ककसानों को रू. 3,01,44,956 /- ( रू. तीन करोड एक लाि चवालीस हजार नौ सौ छप् पन मात्र) का भगुतान राजस् व ववभाग के अधधकाररयों के द्वारा ककया गया है, शषे 29 ककसानों की राशश रूपये. 27,24,154 /- (रू. सत् ताईस लाि चौबीस हजार एक सौ चौवन मात्र) के भगुतान की कायावाही प्रकक्रयाधीन है। अत: क्षेत्र के ककसानों में शासन/प्रशासन एंव टावर कंपनी के प्रतत कोई रोष और आक्रोश व् याप् त नहीं है।

श्रीमती इन्‍द ि ू बजंारे :- माननीय अध् यक्ष महोिय, ये प्रावधान में शलिा है कक शतप्रततशत मआुवजा के बाि ही अपना काया चाल ूकर सकत ेहैं लेककन आज भी मेरे क्षेत्र में ककसी ककसान को कोई मआुवजा प्राप् त नहीं हुआ है। धाबाडीह में एक भलुऊ दिनकर करके नाम है। उनको करीब 6-7 महीने स े

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एस.डी.एम. और कलके् टर ऑकफस के बहुत चक् कर काट रहे हैं, लकेकन आज भी उसको मआुवजा प्राप् त नहीं हुआ है।

श्री जयशसहं अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, जजन-जजन ककसानों को मआुवजा नहीं शमला है, उसमें कुछ आपसी वववाि का कारण हो सकता है और जजनका मआुवजा बाकी है वह मआुवजा राजस् व ववभाग में है, हम लोग उनको मआुवजा का भगुतान जल् िी से जल् िी करायेंगे।

श्रीमती इन्‍द ि ू बजंारे :- माननीय मतं्री महोिय, मैं आपको बताना चाहती हूूँ कक जो ककसान, जजसका प्रकक्रयाधीन शलिा है, उसको डराया, धमकाया जाकर, ऐसा प्रकक्रयाधीन है, ऐसा बताया जा रहा है। न तो ककसी ककसान को मआुवजा शमला है। ककसानों को उल् टा घरों पर जाकर धमकाया जाता है और काया को ककया जाता है और इसके साथ इसमें जो काया शलिा है, अभी काया बिं है। लेककन वह काया चाल ूहुआ है और चल भी रहा है और जब उस काया को रुकवाने के शलए ककसान लोग गये थे। तो उस काया को बिं नहीं ककया गया और उनको डरा, धमका कर, वहां स े भगा दिया गया था। मैंने जब एस.डी.एम. को फोन लगाया तो उसने मेरे फोन को ररशसव नहीं ककया और जो िेकेिार है उनका फोन ररशसव करके उनसे बात कर शलया और वह भी मेरे ही सामने ककया।

अध् यक्ष महोिय :- मतं्री जी, आप इसको स् पशेल िेि लीजजएगा। आप स् वय ं हस् तक्षेप कररये। माननीय केशव चन्‍द रा जी।

श्री बजृमोहन अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, माननीय ववधायक जी के फोन को एस.डी.एम. ने ररशसव नहीं ककया। ये गभंीर बात है।

अध् यक्ष महोिय :- मैंने तो कह दिया कक...।

श्रीमती इन्‍द ि ूबजंारे :- माननीय अध् यक्ष महोिय, और बबना बताये छुट्टी पर चले गये थे और मेरे फोन को ररशसव भी नहीं ककया।

श्री बजृमोहन अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, माननीय मतं्री जी को इसको िेिना चादहए। ववधायक केफोन को ररशसव नहीं करना। ये आपवत्तजनक है।

श्री जयशसहं अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं इसको दििवा लूगंा।

अध् यक्ष महोिय :- मैंने तनिेश कर दिया है कक आप स् वय ंव् यजक्तगत रूप स ेिेिें।

श्री केशव प्रसाि चन्‍द रा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, माननीय मतं्री जी ने तो उडीसा जनरेशन फेस-2 का तो जवाब दिया। लेककन पॉवर धग्रड भी अपना एक टॉवर लगा रहा है, आपके उत् तर में पॉवर धग्रड के बारे में कोई जवाब नहीं आया है। मैं माननीय मतं्री जी से यह जानना चाहता हूूँ कक क् या पॉवर धग्रड का भी कोई काम चल रहा है ? और यदि पॉवर धग्रड का टॉवर लगाने का काम चल रहा है तो उसमें अब ककतने ककसानों को मआुवजा दिये हैं और काम प्रारंभ हुए, ककतने दिन हो गया है ?

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श्री जयशसहं अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, आप ये 90 में बता रहे हैं ?

श्री केशव प्रसाि चन्‍द रा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, ये ध् यानाकषाण में है कक पॉवर धग्रड टॉवर कंपनी के द्वारा िम् भे एव ंतार का ककया जा रहा है। आपने इनका जवाब नहीं दिया ?

श्री जयशसहं अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, नहीं। छत् तीसगढ राज् य ववद्यतु मण् डल द्वारा भी आपके टॉवर कंपनी द्वारा ककया जा रहा है। उडीसा और जनरेशन और रासंशमशन द्वारा ककया जा रहा है और पॉवर धग्रड कापोरेशन ऑफ इजण्डया द्वारा भी ककया जा रहा है। कुछ काया जो पणूा हो गये हैं जो आपने अडानी के बारे में बताया था कक वह काया पणूा हुआ है और बाकी ..।

श्री केशव प्रसाि चन्‍द रा :- माननीय मतं्री जी, नहीं। पहले मैं पॉवर धग्रड के बारे में जानना चाहता हूूँ कक पॉवर धग्रड ये छत् तीसगढ पॉवर से नहीं है। पॉवर धग्रड एक कंपनी है भले वह सरकार की कंपनी रहे या कुछ भी। उनका टॉवर लग रहा है ये ध् यानाकषाण में है िरुपा, करमिंी, िरगहनी, डबेरघटा, ििौर, िोरसी, िेवरी, िरौि, इसमें पॉवर धग्रड कंपनी के द्वारा िम् भे एव ंतार का ककया जा रहा है, उनका मआुवजा नहीं शमला है आप इनका जवाब बता िें कक वास् तव में उनका काम हो रहा है या नहीं हो रहा है ? और अगर हो रहा है तो क् या ककसानों को मआुवजा दिया गया है या नहीं दिया गया है ?

श्री जयशसहं अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, जजला जांजगीर चांपा ववद्यतु पारेषण टॉवर लाईन की 4 कंपतनयों के द्वारा टॉवर लाईन का तनमााण ककया जा रहा है। ऐसे ही नहीं, कक शासन के तनिेश के बावजूि जजला प्रशासन की तनष् क्रीयता टॉवर कंपनी को सरंक्षण िेने के चलत ेआज ककसानों को मआुवजा नहीं शमला है। यह सही है कक छत् तीसगढ शासन राजस् व आपिा प्रबधंन ववभाग महानिी भवन रायपरु, जजला जाजंगीर चापंा के ववधान सभा पामगढ के अतंगात पावर धग्रड पॉवर कंपनी के द्वारा िंभ ेऔर तार का काया ककया जा रहा है। अध् यक्ष महोिय :- वह बस टॉवर धग्रड के बारे में जानना चाहत ेहैं कक क् या टॉवर धग्रड का काम चल रहा है?

श्री जयशसहं अग्रवाल :- टॉवर धग्रेड का काम अभी चल रहा है। श्री केशव प्रसाि चन्‍द रा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, माननीय मतं्री जी ने कहा है कक नया आिेश आया है, उसमें जमीन का मआुवजा िेना है, 85 प्रततशत जहां टॉवर लगता है, तार के नीचे 15 प्रततशत मआुवजा िेना है, पेड की क्षतत और इनके अलावा एक चीज का उन्‍द होंने जजक्र नहीं ककया है, जबकक पत्र में स् पष् ट है कक अगर काम करने के िौरान कोई फसल की क्षतत होती है तो उस फसल की क्षतत का भी मआुवजा दिया जाना है। जांजगीर चांपा जजला में ये 4 टॉवर कंपनी काम कर रही हैं, एक तो उडीसा जनरेशन फेस-2 जजसके बारे में माननीय मतं्री जी ने बताया, िसूरा पावर धग्रड का लारा से चांपा 400 के.व् ही. डबल सकका ट का काम चार साल पहले चाल ू हुआ और िो साल पहले लाईन प्रभाववत हो गई,

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उसका मआुवजा ककसानों को नहीं शमला है। छत् तीसगढ डब् ल् य.ूआर. रांसमीशन अडानी की कंपनी है जो रायगढ से चांपा 765 के.व् ही. शसगंल सकका ल का इनका काम 4 साल पहले चाल ू हुआ, 1 साल इनकी लाईन प्रभाववत हो गई, लेककन आज भी ककसानों को मआुवाजा नहीं शमला है। माननीय मतं्री जी मैं जजस लाईन के बारे में बोल रहा हंू ये पावर धग्रड जो रायगढ से मरास, चेन्‍द नई जा रही है, ये नया टॉवर तनमााण का काम शरुू हुआ है और इसमें परूा टॉवर िडा हो गया है और ककसान को डडंा-डडंा मार-मार कर िडा कर दिये हैं और एक भी ककसान को एक भी रुपये का भगुतान नहीं हुआ है। टॉवर कंपनी भगुतान िे रही है यह तो अलग बात है। आपके शासन का स् पष् ट तनिेश है कक सपंणूा भगुतान की जवाबिारी राजस् व ववभाग की है। लेककन राजस् व ववभाग के अधधकाररयों ने एक भी जगह का सवे नहीं ककया है, मआुवजा का तनधाारण नहीं ककया है और ये डडं ेचला करके परेू टॉवर िडा करके ले जा रहे हैं। मैं आपसे अनरुोध करना चाहता हंू कक सरकार के दहत और प्रशासन की सोच ककसानों के प्रतत होनी चादहए, इनके प्रतत नहीं होना चादहए। छत् तीसगढ डब् ल् य.ूआर. रांसमीशन काम करके चला गया, लाईन चाल ूहो गई, उडीसा जनरेशन फेस-2 वाले काम करके लाईन चाल ूकरके चले गये। आज आपके कलेक् टर को बोलत ेहैं तो वह बोलत ेहैं कक मैं उनको कहां िोजूंगा, वह तो चले गये। िोजना उनका काम है, सरकार का काम है। ककसान के साथ अन्‍द याय मत हो। मैं आपसे अनरुोध करना चाहता हंू कक आप ये सतुनजश् चत कक जब तक शत-प्रततशत मआुवजा न शमले, पावर धग्रड का काम रोकवायेंगे ?

श्री जयशसहं अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, जांजगीर जजले के 2-3 ववधानसभा में ये समस् या है। कहीं कोई कंपनी काम परूा करके चली गई, ककसी का काम चाल ूहै, कुछ जगह मआुवजा ववतरण हो गया, कुछ जगह नहीं हुआ। इसके शलए मैं सिन में इस बात की घोषणा करता हंू कक जो भी माननीय सिस् य जजन-जजन के क्षेत्र में जांजगीर में ये टॉवर लाईन की समस् या है, जजन ककसानों की जमीन गई है, जजतनी धचतंा माननीय सिस् यों को ककसानों की है, उससे कहीं ज् यािा मझुे भी और सरकार को भी है। इसशलए मैं घोषणा करता हंू कक 2 तारीि को रेवेन्‍द य ूसेकेटरी, कलेक् टर, वहां के ववधायक, इन सब के साथ, और जो भी पावर कंपतनयां हैं, उन सबके वररष् ि अधधकारी, उनकी सेकंड हॉफ में एक बिैक करके इस परूी समस् या का वहीं पर समाधान करंूगा।

अध् यक्ष महोिय :- बहुत हो गया। श्री केशव प्रसाि चन्‍द रा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, केवल एक प्रश् न है, मैं माननीय मतं्री जी को धन्‍द यवाि िेता हंू कक उन्‍द होंने ककसानों के बारे में धचतंन ककया है। लेककन मैंने जो पहला आपने आश् वासन चाहा कक 2 तारीि तक भी क् या आप काम को रूकवायेंगे ? आप तनिेश तो यहीं से िे सकत ेहैं, जब मआुवजा नहीं दिये हैं तो वह काम क् यों करें ? मैं आपसे आश् वासन चाहता हंू कक आज और अभी तत् काल काम को रूकवायें।

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श्री जयशसहं अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, आज ककतनी तारीि है, 26 तारीि है, टोटल 3 दिन बीच में है। श्री धमाजीत शसहं :- फोन में तो बोल िीजजए। श्री जयशसहं अग्रवाल :- जब मैंने स् वय ंजाकर जांजगीर जजला मखु् यालय में बिैक करने की बात कही है। श्री केशव प्रसाि चन्‍द रा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, वह जायेंगे, मीदटगं लेंगे, क् या समस् या है, उसको िेिेंगे, अभी जो काम हो रहा है, उसका क् या करेंगे, आप उस काम को अभी रूकवाईये न ?

श्री जयशसहं अग्रवाल :- चन्‍द रा जी, आप मेरी बात सतुनये। जब मैंने कहा है कक मैं स् वय ंजाऊंगा, रेवेन्‍द य ूसेकेटरी भी रहेगा, कलेक् टर भी रहेगा, सबंधंधत कंपनी के अधधकारी भी रहेंगे, अगर उनके बीच में फैसला नहीं होगा तो फैसला कैसे नहीं होगा, आप बताईए। वहां पर बिैकर आप लोगों के सामने बात करेंगे। क् योकक कहीं मआुवजा शमला है, कहीं नहीं शमला है, कहीं काम करके चले गये तो मआुवजा नहीं शमला तो कोई काम कर रहा है, ये सारी चीजें अभी इसमें परूा जक्लयर होना सभंव नहीं है इसशलये मैं चाहता हंू कक 2 तारीि को बिैक करके उस समस् या का समाधान वहीं इस बात को ककया जायेगा । श्री केशव प्रसाि चंरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, बिैक तो होगी । सरकार का तो पहले भी तनिेश गया है । शत-प्रततश त मआुवजा के बाि ही काम प्रारंभ करेंगे यह सरकार का तनिेश है, हमारा तनिेश नहीं है । काम भी हो गया, लाईन भी चाल ूहो गया और वे चले गये, मतं्री जी तो यह समीक्षा करेंगे कक मआुवजा क् यों नहीं शमला है ? लेककन आज जो काम हो रहा है उसका क् या होगा ? माननीय अध् यक्ष महोिय, आपकी अनमुतत होगी तो मैं इसको पटल पर रि िूंगा ।

अध् यक्ष महोिय :- हां, पटल पर रि िीजजयेगा ।

श्री केशव प्रसाि चरंा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, तहसीलिार ऐसे नोदटस िेकर के ककसान लोगों को धमका रहे हैं कक अगर आप टॉवर को नहीं लगाने िेंगे तो आपके ववरूद्ध फलाना एक् ट के तहत ्....।

अध् यक्ष महोिय :- आप वह पटल पर रि िीजजये न, मतं्री जी को िे िीजजये। श्री केशव प्रसाि चंरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, काम रोकवा िें न । ककसानों को मआुवजा नहीं शमला है तो काम रूकवा िें । हम मतं्री जी से यही तो आश् वासन चाहत ेहैं । श्री धमाजीत शसहं :- माननीय अध् यक्ष महोिय, माननीय सिस् य ककसानों की बात कह रहे हैं । एक टेलीफोन करके काम रूकवा िीजजये, 3 दिन में कोई बहुत बडा पहाड नहीं टूट जायेगा और यह न केवल इनके क्षेत्र का मामला है बजल्क परेू प्रिेश में लबें-लबंे टॉवर िीचंे जा रहे हैं और ककसानों की जमीन का बबना मआुवजा दिये िींचे जा रहे हैं तो क् या आप एक तनयम नहीं बना सकत ेकक जब तक आप ककसानों का मआुवजा नहीं िेंगे तब तक उसमें िभंा नहीं गाड सकत े।

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श्री केशव प्रसाि चरंा :- तनयम है, जजस पत्र का जजक्र ककये हैं उसमें स् पष् ट है।

श्री धमाजीत शसहं :- माननीय अध् यक्ष महोिय, आपकी प्राथशमकता ककसान है तो ककसानों का पक्ष लीजजये, यह लबं-ेलबंे बडी-बडी कंपतनयों के लोग जो आये हैं चाहे वह अडानी का िींचे या अबंानी का िींचे तो उनको इतना अधधकार नहीं होना चादहए और तहसीलिारों को तो कम से कम बोशलये कक ककसानों को धमकाने की भाषा छोडें। तहसीलिार, एसडीएम को उनके एजेंट बनकर काम करने की क् या जरूरत है ?

श्री जयशसहं अग्रवाल :- माननीय धमाजीत भयैा, जब मैंने इस बात की घोषणा कर िी है । श्री धमाजीत शसहं :- माननीय अध् यक्ष महोिय, ये बड-ेबड े उद्योगपततयों के एजेंट बनने की जरूरत नहीं है । आप आसिंी से तनिेश िीजजये क् योंकक यह परेू प्रिेश का मामला है और ककसानों की कोई सनुवाई नहीं हो रही है उनको अगर मआुवजा भी नहीं शमलेगा तो ककसान कहां जायेगा इसशलये यह गभंीर मसला है, आप 3 दिन बाि मीदटगं लेंगे, िीक बात है, आपका स् वागत है कक आप कम से कम इतनी सहृियता दििा रहे हैं लेककन एक टेलीफोन कररये कक जब तक आप नहीं आयेंगे तब तक कोई काम नहीं बनेगा और जो तहसीलिार इस प्रकार की भाषा ककसानों को धमकान ेकी भाषा करे उसको आप तत् काल तनलबंबत कररए । माननीय अध् यक्ष महोिय, यह बहुत गभंीर मसला है । आखिर ककसान कहां जायेगा, तहसीलिार उसको धमका रहा है ।

श्री जयशसहं अग्रवाल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, तहसीलिार को तनिेश दिये जायेंगे, कोई धमकी-चमकी नहीं होगी । 2-3 दिन की बात है और मैं केवल समीक्षा करने के शलये नहीं जा रहा हंू मैंने यह कहा कक वहीं पर बिैकर वे पॉवर कंपनी के लोग भी रहेंगे, कलेक् टर भी रहेगा, रेवेन्‍द य ूसेके्रटरी भी रहेगा और मैं भी रहंूगा एव ंसबंधंधत ववधायक भी रहेंगे और सबके सामने जो समस् या है उसका समाधान करेंगे, यह मैंने कहा है इसशलये 2-3 दिन थोडा पशेेंस रखिये । अध् यक्ष महोिय :- श्री अरूण वोरा । श्री केशव प्रसाि चंरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, यह मामला इसशलये गभंीर है कक यह रांसशमशन लाईन के भगुतान को लेकर के दिनांक 21.11.2016 को भी सिन में ध् यानाकषाण लगा था, दिनांक 23.02.2018 को भी ध् यानाकषाण लगा था तो माननीय मतं्री जी का जवाब आया था कक हम भगुतान करवायेंगे लेककन वह टॉवर लग गया, लाईन चाल ूहो गया लेककन ककसानों को मआुवजा नहीं शमला । माननीय मतं्री जी, हम यही चाहत ेहैं न कक आज आप घोषणा कर िें कक जब तक भगुतान नहीं होगा तब तक काम नहीं होगा । क् या दिक् कत है, आपके तनयम में है । िसूरी चीज यह मआुवजा नहीं शमला तो ककसी न ककसी रूप में राजस् व ववभाग इसके शलये िोषी है तो कौन अधधकारी िोषी है, ककसशलये

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िोषी है कक मआुवजा बबना दिलवाये लाईन चाल ूकरवा दिये, क् या आप उनके ऊपर कायावाही करेंगे, आप हमें यह आश् वासन िे िीजजये । श्री जयशसहं अग्रवाल :- आपने जो कहा है, जैसा आपने कहा कक अडानी अपना काम परूा करके चला गया तो आज उस अडानी का कौन सा काम रूकेगा तो इसशलये मैं बोल रहा हंू कक जो भी कंपतनया ंहैं उन सब कंपतनयों के अधधकारी, आप लोग स् वय ंरहेंगे, मैं रहंूगा, सेके्रटरी रहेगा, कलेक् टर रहेगा और उसके बाि भी कैसे हल नहीं तनकलेगा आप यह बताईये तो इसशलये आप थोडा सा 2-3 दिन तो पेशेंस रखिये।

श्री केशव प्रसाि चरंा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, यही तो हमारा कहना है कक अडानी काम करके क् यों चला गया ? ककसानों को मआुवजा क् यों नहीं शमला, इसके शलये कौन िोषी हैं ?

श्री जयशसहं अग्रवाल :- अडानी काम करके अभी 20 दिन या महीने भर में तो गया नहीं है । आप स् वय ंइस बात को बता रहे हैं कक अडानी काम करके चला गया मतलब वपछली सरकार के समय गया होगा ।

श्री केशव प्रसाि चंरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, उडीसा जरासन फेस-टू काम करके चला गया । अध् यक्ष महोिय :- अब आप ज् यािा कर रहे हैं, प् लीज । श्री केशव प्रसाि चंरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, माननीय मतं्री जी की तरफ से आश् वासन आ जाये ।

अध् यक्ष महोिय :- आप अपना ध् यानाकषाण पढें । (व् यवधान)

श्री धमाजीत शसहं :- माननीय मतं्री जी आप बोल िीजजये न कक मैं अभी बाहर तनकलकर फोन में बोलूगंा, काम रूक जायेगा इतना ही तो चाह रहे हैं, आप बाल िीजजये ।

श्री जयशसहं अग्रवाल :- जसैा कक आप िुि यह बोल रहे हैं कक कुछ कंपनी काम करके चली गयी है । (व् यवधान)

श्री धमाजीत शसहं :- उसको तो पशुलस भेजकर बलुवा लेंगे । (व् यवधान)

श्री केशव प्रसाि चंरा :- माननीय मतं्री जी, कोई काम करके चला गया तो मआुवजा ककनकी गलती के कारण नहीं शमला, उन पर कायावाही का आश् वासन शासन िेगा । (व् यवधान)

श्री धमाजीत शसहं :- वह कंपनी चली गयी है तो उसको छत् तीसगढ की पशुलस जाकर ले आयेगी । श्री केशव प्रसाि चरंा :- वह काम करके चला गया, आपका परूा प्रशासन था । श्री जयशसहं अग्रवाल :- कंपनी काम करके चली गयी तो कंपनी के अधधकारी भाग थोडी गये होंगे, प्रिेश में कहीं तो होंग े।

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श्री धमाजीत शसहं :- भाग गये हैं न ।

श्री जयशसहं अग्रवाल :- हम उनको पकडकर लायेंगे और आपको मआुवजा दिलवायेंगे, आप तनजश्चंत रदहये । (मेजों की थपथपाहट)

श्री धमाजीत शसहं :- उनको पशुलस भेजकर बलुवा लीजजए । िरोगा, एस.पी. भेजकर बलुवाइए उनको । अगर भाग गए हों तो उनको धगरफ्तार करवाइए । अमानत में ियानत, ककसानों के साथ धोिा ककया है । ककसानों की सरकार है तो ककसानों का पक्ष लीजजए ना आप । श्रीमती इंि ूबजंारे :- अध् यक्ष महोिय, ककसानों को मआुवजा िेने में भी अतनयशमतता बरती जाती है । जजस ककसान की जमीन कम है और अगर वह पावरफुल है तो उसको ज् यािा मआुवजा दिया जाता है । जबकक ज् यािा जमीन वाले ककसानों को कम पसैा दिया जाता है । माननीय मतं्री जी से तनवेिन है कक इसकी भी जांच कराकर योग् य ककसानों को मआुवजा प्रिान ककया जाए ।

(2) नई‍रािधानी‍रायपरु‍में‍िेदांता‍को‍अस्‍पताल‍ननमारण‍हेत‍ुननयम‍विरूद्ध‍िमीन‍आिहंर्टत‍की‍िाना.

श्री अरूण वोरा (िगुा शहर) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, नई राजधानी रायपरु में वेिांता को अस् पताल के तनमााण के शलए 2004 में 1 रूपए प्रतत वगाफीट की िर से जमीन िी गई, ककंत ु3 वषा में तनमााण के तनयम का पालन नहीं करने के कारण 2009 में जमीन का आवटंन तनरस् त कर दिया गया । ववभाग ने सबंधंधत पक्षकार को नोदटस जारी करने ओर ब् लैकशलस् ट करने के तनयम के ववरूद्ध जनवरी 2018 में बाकायिा 50 एकड जमीन कफर से आवदंटत कर िी गई । यह पहला ससं् थान है जजेसके साथ िो बार सरकार ने अस् पताल के शलए एमओय ूककया और उसे तनरस् त ककया । 2008 में हुए एमओय ूमें यह शता थी कक अस् पताल में प्रिेश के गरीबों का इलाज फ्री होगा और अस् पताल का एक डायरेक् टर राज् य सरकार तनयकु् त करेगी । ककंत ुइस एमओय ूको अचानक ही रद्ि कर आनन-फानन में 50 एकड जमीन आवदंटत कर िी गई । जजसके शलए कोई शलखित प्रस् ताव या तनिेश नहीं था, इस जमीन आवटंन में भारी गडबडी की गई है । इससे शासन व प्रशासन के प्रतत भारी आक्रोश व् याप् त है । आवास एव ंपयाावरण मतं्री (श्री मोहम् मि अकबर) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, यह कहना सही नहीं है कक नई राजधानी रायपरु में वेिांता को अस् पताल के तनमााण के शलए 2004 में 1.00 रूपए प्रतत वगाफीट की िर से जमीन िी गई थी । 03 वषा में तनमााण के तनयम का पालन नहीं करने के कारण 2009 में जमीन का आवटंन तनरस् त कर दिया गया । वस् तजुस्थतत यह है कक वेिांता मेडडकल ररसचा फाउंडशेन द्वारा उच् च स् तरीय कैं सर केयर अस् पताल केन्‍द र स् थावपत ककये जाने के सबंधं में वेिांता

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मेडडकल ररसचा फाउंडशेन तथा राज् य शासन (स् वास् ् य एव ं पररवार कल् याण ववभाग) के मध् य प्रथम एमओय ू दिनांक 15.08.2008 को ककया गया था । राज् य शासन (राजस् व एव ंआपिा प्रबधंन ववभाग) द्वारा एमओय ूकी शतों के आधार पर ग्राम सड्डू जस्थत 40 एकड भशूम वषा 2008-09 की गाईड लाईन एव ं राजस् व पसु् तक पररपत्र चार-1 की कंडडका-26 के प्रावधान अनसुार प्रब् याजी एव ं वावषाक भ-ूभाटक लेकर स् थाई पट्टे पर आिेश दिनांक 19.09.2008 द्वारा आवदंटत की गई । राजस् व एव ंआपिा प्रबधंन ववभाग ने उक् त आिेश को सशंोधधत करत े हुए उक् त भशूम 1 रूपया प्रततवषा लीज़ रेंट पर दिनांक 03.10.2008 को आवदंटत की। इस मामले पर दिनांक 11.07.2009 को तत् कालीन मखु् यमतं्री जी की अध् यक्षता में सम् पन्‍द न समीक्षा बिैक में तनणाय शलया गया कक ससं् थान को ग्राम सड्डू में उपलब् ध कराई गई भशूम तनमााण काया हेत ुअनपुयकु् त है, इसशलए इसे नया रायपरु में स् थावपत ककया जाए । समीक्षा बिैक में शलए गए तनणाय के अनसुार वेिांता मेडडकल ररसचा फाउंडशेन तथा सधचव, छत् तीसगढ शासन, स् वास् ् य एव ंपररवार कल् याण ववभाग के मध् य दिनाकं 17.09.2009 को पनु: एमओय ूतनष् पादित ककया गया । एमओय ूकी प्रमि शतें तनम् नशलखित थीं :- 1. छ.ग.शासन, कैं सर अस् पताल को 30 वषा की लीज के शलए 50 एकड भशूम, लीज रेंट 1.00 रूपए प्रतत वषा के दहसाब से आवदंटत करेगा । 2. वेिांता मेडडकल ररसचा फाउंडशेन को भशूम पर स् वाशमत् व का अधधकार नहीं होगा । 3. भशूम अन्‍द य प्रयोजन के शलए वेिांता द्वारा उपयोग नहीं की जाएगी । 4. वेिांता कैं सर हॉस् पीटल, पेशेंट व उसके पररवार को आवश् यक सवुवधा उपलबध कराएगा । वेिांता राज् य सरकार के कमाचारी, अधधकारी एव ंपेंशन भोगी को मफु्त में इलाज की सवुवधा िेगा । 20 प्रततशत बीपीएल पररवारों को मफु्त में इलाज िेगा । उभयपक्ष में ककसी प्रकार के वववाि की जस्थतत में प्रकरण मखु् य सधचव छत् तीसगढ शासन को भेजा जाएगा । 5. उक् त ससं् था के सचंालक मडंल में राज् य सरकार की ओर से तीन प्रतततनधध होंगे । उपरोक् तानसुार तनष् पादित एमओय ूकी शतों के अनकु्रम में राज् य शासन (आवास एव ंपयाावरण ववभाग) के आिेश दिनांक 24.10.2009 द्वारा वेिांता मेडडकल ररसचा फाउंडशेन को नया रायपरु के ग्राम िपरी एव ं उपरवारा जस्थत 20.23 हेक् टेयर भशूम छत् तीसगढ ववशषे क्षेत्र (अचल सम् पवत्त का व् ययन) तनयम, 2008 के अधीन 30 वषा की लीज पर जो पनु: 30 वषा हेत ुबढाई जा सकेगी, आवदंटत करने की स् वीकृतत प्रिान की गई । आिेश के अनसुार उक् त लीज के शलए प्रीशमयम प्रभाररत नहीं होगा परंत ुप्रततवषा 1 रूपया लीज रेंट ससं् थान द्वारा जमा कराया जावेगा । ससं् थान के पक्ष में उक् त भशूम का लीज अनबुधं 03.11.2011 को तनष् पादित ककया गया । राजस् व एव ंआपिा प्रबधंन ववभाग ने सड्डू में आवदंटत 40 एकड शासकीय भशूम का आवटंन आिेश दिनांक 31.03.2010 को तनरस् त ककया गया ।

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राज् य शासन (धचककत् सा शशक्षा ववभाग) द्वारा आिेश दिनांक 17 जनवरी, 2018 में तनम् नानसुार उल् लिे करत ेहुए दिनांक 17.09.2009 को राज् य शासन एव ंमेससा वेिांता मेडडकल ररसचा फाउंडशेन के मध् य हस् ताक्षररत मेमोरेंडम ऑफ अडंरस् टैंडडगं को तनरस् त ककया गया है :- छत् तीसगढ राज् य में कैं सर अस् पताल एव ं अनसुधंान केन्‍द र की स् थापना के शलए दिनाकं 17.09.2009 को राज् य शासन एव ंवेिांता मेडडकल ररसचा फाउंडशेन के मध् य एमओय ूतनष् पािन ककया गया । तनष् पादित एम.ओ.य.ू की कंडडका क्रमांक (1) में उल् लखेित शतों में वेिांता मेडडकल ररसचा फाउण् डशेन को भशूम प्राप् त होने के 03 वषों के भीतर अस् पताल, ररसचा सेंटर, नशसिंग स् कूल, शकै्षखणक केन्‍द र और सबंधंधत बतुनयािी ि़ांच ेऔर सवुवधाओ ंकी स् थापना एव ंकोरबा, कवधाा, जगिलपरु, अबंबकापरु, व राजनांिगांव में 05 क्षेत्रीय केनरों की स् थापना सजम्मशलत था, परन्‍द त ुइस सबंधं में वेिांता मेडडकल ररसचा फाउण् डशेन ने आज तक केवल नया रायपरु में कैं सर हॉजस्पटल भवन का तनमााण कराया है, शषे सवुवधाओं की स् थापना के सबंधं में कोई कायावाही नहीं की गई है।

अत: वेिांता मेडडकल ररसचा फाउण् डशेन द्वारा तनष् पादित दिनाकं 17/09/2009 की कंडडका क्रमाकं (1) की शतों का पणूातया पालन नहीं करने के कारण राज् य शासन एतद् द्वारा उक् त ससं् थान को प्रित् त ररयायत, प्रारंभ से ही प्रभाव-शनू्‍द य मानत ेहुये उक् त एम.ओ.य.ू 17/09/2009 को तत् काल प्रभाव से तनरस् त करता है।''

उपरोक् तानसुार धचककत् सा शशक्षा ववभाग द्वारा मेमोरेण् डम ऑफ अन्‍द डरस् टैंडडगं तनरस् त ककये जाने के फलस् वरूप राज् य शासन द्वारा यह तनणाय शलया गया कक आिेश दिनाकं 24/10/2009 जजसके द्वारा मेससा वेिांता मेडडकल ररसचा फाउण् डशेन को 20.23 हे. भशूम रूपये 1 प्रततवषा लीज रेन्‍द ट पर आबदंटत की गई थी, को तनरस् त करने तथा आबदंटत भशूम के उपयोग अवधध के वावषाक भ-ूभाटक की राशश तथा उस पर तनयमानसुार िेय शाजस्त की राशश ससं् था से वसलू की जाए तथा भशूम को वतामान प्रचशलत गाइड लाइन िर के आधार पर भशूम का आबटंन ककया जाए। शासन द्वारा शलये गए तनणाय अनसुार दिनांक 24/03/2018 को आिेश जारी ककए गए। उक् त आिेश के पररपालन में अटल नगर ववकास प्राधधकरण ने वेिांता मेडडकल ररसचा फाउण् डशेन से वतामान प्रचशलत िर पर आकशलत लीज प्रीशमयम राशश रूपए 34,94,47,068/- एव ंलीज रेन्‍द ट तथा सरचाजा की राशश रूपए 3,18,04,702/- दिनांक 16/04/2018 को प्राप् त कर दिनांक 06/12/2018 को वेिांता मेडडकल ररसचा फाउण् डशेन से पवूा में तनष् पादित लीज अनबुधं दिनांक 03/11/2011 को तनरस् त कर तनयमानसुार नया लीज अनबुधं तनष् पादित ककया गया जजसके कारण शासन और प्रशासन के प्रतत लोगों के आक्रोशशत होने की जस्थतत नहीं है।

श्री अरूण वोरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मतं्री जी ने बहुत ववस् तार से इसका उत् तर दिया और यह भी कहा है कक इसमें कोई आक्रोश की बात नहीं है। मैं माननीय मतं्री जी से जानना चाहता हंू कक िो

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बाि एम.ओ.य.ू तनरस् त होने के बाि भी ब् लकै शलस् ट करने की जगह 50 एकड जमीन का आबटंन ककस आधार पर ककया गया? क् या यह सही है कक वेिांता को रायपरु शहर में पवूा में जमीन िी गई थी तो कहां पर ककतनी और ककस िर पर िी गई थी?

श्री मोहम् मि अकबर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, विेांता ररसचा फाउण् डशेन को पहले सड्डू में जमीन िी गई। 19/09/2008 प्रब् याजी भ-ूभाटक लेकर स् थायी पट्टा ग्राम सड्डू 40 एकड 2008-09 की गाइडलाइन के आधार पर। इसके बाि दिनांक 11/07/2009 को तत् कालीन मखु् यमतं्री जी की अध् यक्षता में एक बिैक सपंन्‍द न हुई, जजसमें यह तनणाय शलया गया कक ग्राम सड्डू में उपलब् ध कराई गयी भशूम तनमााण काया हेत ु अनपुयकु् त है। इसशलए नया रायपरु में स् थावपत ककया जाए। इसमें वेिांता मेडडकल ररसचा फाउण् डशेन को यह तय करना था कक यह भशूम उपयकु् त है या नहीं ? लेककन एक हाथ आगे जाकर राज् य सरकार ने यह तय ककया। राज् य सरकार को ऐसा लगा कक यह उपयकु् त नहीं है, इसशलए उसको तनरस् त ककया गया। उसके बाि कफर नया रायपरु में उसका आवटंन ककया गया।

श्री अरूण वोरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मतं्री जी ने कहा कक नया रायपरु में इसका आवटंन ककया गया है। मैं माननीय मतं्री जी से यह जानना चाहता हूूँ कक वेिान्‍द ता कैं सर हाजस्पटल ककतने हैक् टेयर जमीन, ककस िर पर िी गई है ? इस पर ककतना तनमााण हुआ है और इसमें क् या-क् या सवुवधाएं िी जा रही है ?

श्री मोहम् मि अकबर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, 24 अक् टूबर, 2009 को वेिान्‍द ता मेडडकल ररसचा फाउण् डशेन एव ंछत् तीसगढ शासन के पररवार कल् याण ववभाग के मध् य 17 शसतम् बर, 2009 को एम0ओ0य0ू हुआ था। उक् त लीज के शलए प्रीशमयम प्रभाररत नहीं होगी, परन्‍द त ुरूपया एक प्रततवषा लीज रेन्‍द ट आवदंटती द्वारा जमा ककया जायेगा। लीज की अन्‍द य शता सम् पादित एम0ओ0य0ू दिनांक 17.09.2009 तक छत् तीसगढ ववशषे क्षेत्र अचल सम् पवत्त ववतनयम 2008 के प्रावधानों के अनरुूप होगा। माननीय अध् यक्ष महोिय, जहां तक सवुवधाओं की बात है, तो वतामान में जो पवूा में शतें तनधााररत थीं, पवूा की शतों के दहसाब से जो सवुवधा शमलना था। उसमें वेिान्‍द ता मडेडकल ररसचा फाउण् डशेन भशूम अन्‍द य प्रयोजन के शलए वेिान्‍द ता द्वारा उपयोग नहीं ककया जायेगा। वेिान्‍द ता कैं सर हाजस्पटल पेसेन्‍द ट तथा उसके पररवार को आवश् यक सवुवधा उपलब् ध करायेगी। वेिान्‍द ता राज् य शासन के कमाचारी-अधधकारी एव ं पेंशन भोधगयों को मफु्त में ईलाज की सवुवधा िेगा। 20 प्रततशत बी0पी0एल0 पररवारों का मफु्त में ईलाज िेगा। उभयपक्ष में ककसी वववाि की जस्थतत में मखु् य सधचव शासन को भेजेगा। ये सवुवधाएं जो थीं, वतामान में नहीं है।

श्री अरूण वोरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, आपने कहा कक बी0पी0एल0 और गरीब लोगों की ईलाज की सवुवधा नहीं है। मैं आपको बताना चाहता हूूँ, जैसा कक मैंने एक समाचार-पत्र में पढा है,

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भास् कर समाचार-पत्र में आया है, इसमें शलिा है कक वेिान्‍द ता समहू द्वारा तनयमों के तहत गरीबों का फ्री ईलाज नहीं ककया जा रहा है। तो इसमें कैं सर पीड डत 14 माह की बच् ची समेत एक महीने में चार लोगों को वेिान्‍द ता हाजस्पटल से अम् बेडकर अस् पताल लौटा गया है। तो इसमें फ्री में ईलाज हो रहा है या नहीं, यह मैं जानना चाहता हूूँ ?

माननीय अध् यक्ष महोिय, मेरा िसूरा प्रश् न है कक इसमें जो जमीन आवदंटत की गई है, नया रायपरु में जजतनी भी जमीन आवदंटत की गई है, उसमें बीड के तनयमों का पालन ककया गया है या नहीं तथा फ्री में ईलाज ककया जा रहा है या नहीं ? क् योंकक बहुत से मरीज वावपस लौटाये जा रहे हैं।

श्री मोहम् मि अकबर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, पवूा की शतों के प्रावधान को राज् य सरकार ने उस एम0ओ0य0ू को तनरस् त ककया। नया आवटंन ककया, जजसमें यह शता हटा िी गई कक ककसी भी गरीब का मफु्त में ईलाज नहीं होगा।

माननीय अध् यक्ष महोिय, जहां तक बात आवटंन की है तो आपका कहना है कक बीड में होना था। लेककन जब राज् य सरकार, मबंत्रपररषद् िुि फैसला ले ले तो बीड का ववकल् प समाप् त हो जाता है। श्री धनेन्‍द र साहू :- माननीय अध् यक्ष महोिय, यह मेरे तनवााचन क्षते्र का ववषय है और ग्राम उपरवारा में स् थावपत है। इतनी महंगी जमीन में यह अस् पताल स् थावपत है। वही ंके गांव के लोगों का भी तन:शलु् क ईलाज की सवुवधा नहीं है। इसका पनु: परीक्षण कराकर के पनु: गरीबों का तन:शलु् क ईलाज कराने के शलए तनधााररत शता में इसको जुडवायेंगे क् या ? क् योंकक यह परेू क्षते्र का मामला है। वहां पर लोगों का कम से कम तन:शलु् क ईलाज हो जाये।

श्री मोहम् मि अकबर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, इस परेू मामलें में धचतंा का ववषय यह है कक वेिान्‍द ता मेडडकल ररसचा फाउण् डशेन के बताये अनसुार राज् य सरकार बार-बार अपने फैसले को बिलती रही है। जब मजी आये, वहां उन्‍द होंने जमीन शलया, यह पहली बार, कफर िसूरी बार, कफर तीसरी बार। केबबनेट की बिैक में माननीय मतं्री जी ने इसमें ववरोध भी ककया, लेककन अतंत: राज् य सरकार ने उसको जमीन िे िी। इसमें कोई तनयमानसुार कारावाई अब सभंव नहीं है। राज् य सरकार कोई िबाव नहीं बना सकती है कक आपको इतने लोगों का ईलाज करना पडगेा, क् योंकक शतों में इस बात का उल् लेि नहीं है। कफर भी माननीय सिस् य की जो धचतंा है, एक बार उनसे बात करके अनरुोध करके इस प्रकार की व् यवस् था बनाने का हम लोग प्रयास करेंगे।

श्री मोहन मरकाम :- माननीय अध् यक्ष महोिय, एम0ओ0य0ू की शतों के अनसुार रायपरु नई राजधानी की काफी महंगी जमीन िे िी गई है। जबकक छत् तीसगढ के गरीब लोगों का कैं सर का ईलाज फ्री में करने की शता थी। अगर शतों का पालन नहीं ककया गया तो क् या उस जमीन को सरकार कफर स े

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वावपस लेगी ? क् योंकक शतों में स् पष् ट था कक गरीबों के कैं सर का ईलाज करायेंगे, उसके बाि भी सरकार ने इतनी महंगी जमीन िे िी है तो क् या एमओय ूतनरस् त करके कफर से करेंगे क् या ?

श्री मोहम् मि अकबर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, जजस एमओय ूमें शतों का उल् लेि था कक गरीबों का ईलाज होगा, पेंशनर का ईलाज होगा, कमाचाररयों का इालाज होगा, वह एमओय ूपवूावती सरकार तनरस् त कर चुकी है। वतामान में जो नया आवटंन है, उसमें ककसी प्रकार की कोई शता नहीं है इसशलए जो आप कह रहे हैं, वह सभंव नहीं है ।

श्री धमाजीत शसहं :- माननीय अध् यक्ष जी, गरीबों के ईलाज की व् यवस् था परुानी सरकार ने ितम कर िी, पर मैं ये जानना चाहता हंू कक कोरबा, कवधाा, जगिलपरु, अबंबकापरु और राजनांिगांव में पांच क्षेत्रीय केन्‍द रों की स् थापना भी सजम्मशलत थी । ये अभी सजम्मशलत है या नहीं है और नहीं है तो परूी शता को, डील को कें शसल करके नया शता बनाने के शलए आप शासन की तरफ स ेकायावाही करेंगे क् या ? वेिांता की शतों पर छत् तीसगढ की जमीन थोडी िी जायेगी । लोगों को कें सर की बीमारी की बहुत तकलीफ है और सरकार के 50-60 एकड जमीन को यू ंही तो ककसी को नहीं दिया जा सकता न और इसमें आपने ही शलिा है कक कोरबा, कवधाा, जगिलपरु, अबंबकापरु और राजनांिगांव में पांच क्षेत्रीय केन्‍द रों की स् थापना करेंगे, गरीबों का अस् पताल बनाएंगे, कें सर का अस् पताल बनाएंगे, अमीरों का, गरीबों का जो ईलाज कर रहे हैं, वह नहीं कर रहे हैं, वह बाि की बात है, पर पहले कम से कम अस् पताल तो बना िें, ईलाज तो शरुू हो और अगर वह भी न करें तो तत् काल एमओय ूकें शसल कररए, आप ववधान सभा में घोषणा कररए कक कब तक नहीं करेगा, नहीं तो आप कें शसल कर िेंगे, सरकार को डील कें शसल करने का परूा अधधकार है । श्री मोहम् मि अकबर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, आपने जजन स् थानों का उल् लेि ककया है, ये इसके पहले जो एमओय ूहुआ था, उसमें ये शता थी । वह तत् कालीन सरकार के द्वारा पहले ही तनरस् त ककया जा चकुा है, उसमें शतों का उल् लेि नहीं है । जो नया आवटंन है, उसमें इस प्रकार की कोई शता नहीं है ।

श्री धमाजीत शसहं :- माननीय अध् यक्ष जी, जब ये कोई शता नहीं है तो वेिांता को आखिर 60 एकड जमीन चाहे जजस सरकार ने जजस कारण से िी हो, आप ववधान सभा में घोषणा कररए कक इन शतों को इस परेू लीज को तनरस् त कराएंग े। जब हमारे प्रिेश के गरीबों का ईलाज नहीं होना है, जब कवधाा में ईलाज नहीं होना है, कोरबा में ईलाज नहीं होना है, अबंबकापरु में ईलाज नहीं होना है । इसके पीछे मशंा यह है कक छत् तीसगढ में कें सर के हॉजस्पटल की सवुवधा कोई बड ेससं् थान के लोग िें, सरकार ने इस उद्िेश् य से जमीन िी है । वहां उसको वपकतनक स् पॉट बनाने के शलए तो जमीन नहीं िी है। आप उसको कें शसल करने की घोषणा कर िीजजए ।

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श्री मोहम् मि अकबर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, बकायिा लीज डीड का पजंीयन हुआ है, उसमें सारी शतें तनधााररत हैं और ये एक पक्ष नही ंहोता, िोनों पक्ष का होता है इसशलए जब त ब आवटंन के तनयमों का उल् लघंन न हो, तब तक इसे कैसे तनरस् त ककया जायेगा, उसको तनरस् त नहीं ककया जा सकता। अध् यक्ष महोिय :- आज शनू्‍द यकाल में प्रततपक्ष के माननीय सिस् यों ने उनके द्वारा दिए गए स् थगन प्रस् ताव की सचूना के सबंधं में मेरा ध् यानाकवषात ककया । मैं उनके द्वारा प्रस् ततु स् थगन की सचूना को ध् यानाकषाण के रूप में लूगंा ।

समय : 1:12 बजे ननयम‍267‍“क”‍के‍अधीन‍शनू्‍द‍यकाल‍की‍सचूनाएं‍

अध् यक्ष महोिय :- तनम् नशलखित सिस् यों की शनू्‍द यकाल की सचूनाएं सिन में पढी हुई मानी जायेगी तथा इन्‍द हें उत् तर के शलए सबंधंधत ववभागों को भेजा जायेगा :-

1 श्री सौरभ शसहं, सिस् य

2 श्री केशव प्रसाि चंरा, सिस् य

3 डॉ. (श्रीमती) लक्ष् मी ध्रुव, सिस् य

4 श्री प्रकाश शक्राजीत नायक, सिस् य

5 श्री रामपकुार शसहं, सिस् य

समय : 1:13 बज े याचचकाओ‍ंकी‍प्रस्‍तनुत

अध् यक्ष महोिय :- आज की कायासचूी में तनम् नशलखित सजम्मशलत उपजस्थत माननीय सिस् यों की याधचकाएं सभा में पढी हुई मानी जायेंगी :- 1. श्रीमती इंि ूबजंारे 2. श्रीमती छन्‍द नी चंि ूसाहू 3. श्री सौरभ शसहं

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समय : 1:14 बजे शासकीय‍विचध‍विषयक‍कायर छत्‍तीसगढ़‍माध्‍यस्‍िम‍अचधकरण‍(सशंोधन)‍विधेयक,‍2019

ववधध और ववधायी काया मतं्री (श्री रववन्‍द र चौब)े :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं छत् तीसगढ माध् यस् थम अधधकरण (सशंोधन) ववधेयक, 2019 (क्रमांक 4 सन ् 2019) के परु:स् थापन की अनमुतत चाहता हंू ।

अध् यक्ष महोिय :- प्रश् न यह है कक छत् तीसगढ माध् यस् थम अधधकरण (सशंोधन) ववधेयक, 2019 (क्रमांक 4 सन ्2019) के परु:स् थापन की अनमुतत िी जाये । अनमुनत‍प्रदान‍की‍गई।

ववधध और ववधायी काया मतं्री (श्री रववन्‍द र चौब)े :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं छत् तीसगढ माध् यस् थम अधधकरण (सशंोधन) ववधेयक, 2019 (क्रमाकं 4 सन ्2019) का परु:स् थापन करता हंू ।

सदन‍को‍सचूना

अध् यक्ष महोिय :- आज भोजनावकाश नहीं होगा । मैं समझता हंू कक सभा सहमत है । ‍‍‍‍सदन‍द्िारा‍सहमनत‍प्रदान‍की‍गई. अध् यक्ष महोिय :- भोजन की व् यवस् था माननीय मतं्री अतनला भेंड डया की ओर से माननीय सिस् यों के शलए लाबी जस्थत कक्ष में एव ंपत्रकारों के शलए प्रथम तल पर की गई है । कृपया सवुवधानसुार भोजन ग्रहण करें ।

समय : 1:45 बजे वित्‍तीय‍िषर‍2019-20120‍की‍अनदुान‍मांगों‍पर‍चचार

मांग‍सखं्‍या‍ 1 सामान्‍द‍य‍प्रशासन‍

मांग‍सखं्‍या‍ 2 सामान्‍द‍य‍प्रशासन‍विभाग‍स‍ेसबंचंधत‍अन्‍द‍य‍व्‍यय

मांग‍सखं्‍या‍ 6 वित्‍त‍विभाग‍से‍सबंचंधत‍व्‍यय‍

मांग‍सखं्‍या‍ 60 जिला‍पररयोिनाओ‍ंसे‍सबंचंधत‍व्‍यय‍

मांग‍सखं्‍या‍ 12 उिार‍विभाग‍से‍सबंचंधत‍व्‍यय‍

मांग‍सखं्‍या‍ 25 िननि‍विभाग‍से‍सबंचंधत‍व्‍यय‍

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मांग‍सखं्‍या‍ 32 िनसम्‍पकर ‍विभाग‍से‍सबंचंधत‍व्‍यय‍

मांग‍सखं्‍या‍ 71 इलके्‍राननक्‍स‍एि‍ंसचूना‍प्रौद्योचगकी‍विभाग‍

मांग‍सखं्‍या 65 विमानन‍विभाग‍

मखु् यमतं्री श्री भपेूश बघेल :- अध् यक्ष महोिय, मैं राज् यपाल महोियाकी शसफाररश केअनसुार प्रस् ताव करता ह ू ंकक दिनांक 31 माचा, 2020 को समाप् त होने वाले वषा में राज् य कीसधंचत तनधध में से प्रस् ताववत व् यय के तनशमत् त राज् यपाल महोिया को :- मांग सखं् या - 1 सामान्‍द य प्रशासन के शलए-तीन सौ बहत् तर करोड बारह लाि, तरेह हजार रूपये

मांग सखं् या - 2 सामान्‍द य प्रशासन ववभाग स ेसबंधंधत अन्‍द य व् यय के शलए-तीस करोड अन्‍द िावन लाि, पैंतीस हजार रूपये मांग सखं् या - 6 ववत् त ववभाग से सबंधंधत व् यय के शलए-आि हजार पाचं सौ तछहत् तर करोड, पैंसि लाि रूपये

मांग सखं् या - 60 जजला पररयोजनाओ ंसे सबंधंधत व् यय के शलए-एक सौ चार करोड, अस् सी लाि रूपये

मांग सखं् या - 12 उजाा ववभाग से सबंधंधत व् यय के शलए- िो हजार तीन सौ सात करोड, एक लाि इक् यासी हजार रूपये

मांग सखं् या - 25 ितनज साधन ववभाग से सबंधंधत व् यय के शलए- सात सौ पच् चीस करोड, पचपन लाि, िो हजार रूपये

मांग सखं् या - 32 जनसपंका ववभाग स ेसबंधंधत व् यय के शलए-एक सौ तछयासी करोड, बयासी लाि, पन्‍द चानबे हजार रूपये

मांग सखं् या - 71 इलेक् रातनक् स एव ंसचूना प्रौद्योधगकी ववभाग के शलए- एक सौ अटिाईस करोड, तनन्‍द यानबे लाि, अन्‍द िानबे हजार रूपये तथा

मांग सखं् या - 65 ववमानन ववभाग के शलए- सडसि करोड, चौरानबे लाि, चालीस हजार रूपये तक की राशश िी जाय े।

अध् यक्ष महोिय :- प्रस् ताव प्रस् ततु हुआ ।

अध् यक्ष महोिय :- अब इन मांगों पर कटौती प्रस् ताव प्रस् ततु होंगे । कटौती प्रस् तावों की सचूी पथृकत: ववतररत की जा चकुी है । प्रस् तावक सिस् य का नाम पकुारे जाने पर जो माननीय सिस् य हाथ उिाकर कटौती प्रस् ताव प्रस् ततु ककये जाने हेत ुसहमतत िेंगे, उनके ही कटौती प्रस् ताव प्रस् ततु हुये माने जायेंगे ।

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मांग‍सखं्‍या-‍1 सामान्‍द‍य‍प्रशासन

1. श्री पनु्‍दनलूाल मोहले 1

2. डॉ. रेणु अजीत जोगी 4

3. श्री बजृमोहन अग्रवाल 8

मांग‍सखं्‍या-‍6

वित्‍त‍विभाग‍से‍सबंचंधत‍व्‍यय

1. डॉ. रेणु अजीत जोगी 2

2. श्री बजृमोहन अग्रवाल 3

3. श्री नारायण चंिेल 1

मांग‍सखं्‍या-‍60

जिला‍पररयोिनाओ‍ंसे‍सबंचंधत‍व्‍यय

1. श्री अजय चन्‍द राकर 1

मांग‍सखं्‍या-12

उिार‍विभाग‍से‍सबंचंधत‍व्‍यय

1. श्री धरमलाल कौशशक 4

2. श्री पनु्‍द नलूाल मोहले 1

3. श्री सौरभ शसहं 1

4. डॉ. रेणु अजीत जोगी 7

5. श्री बजृमोहन अग्रवाल 1

6. श्री नारायण चंिेल 3

मांग‍सखं्‍या-‍25

िननि‍साधन‍विभाग‍से‍सबंचंधत‍व्‍यय

1. डॉ. रेणु अजीत जोगी 1

2.

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मांग‍सखं्‍या-‍32

िनसम्‍पकर ‍विभाग‍से‍सबंचंधत‍व्‍यय

1. श्री अजय चन्‍द राकर 1

मांग‍सखं्‍या-‍71

इलेक्‍राननक्‍स‍एि‍ंसचूना‍प्रौद्योचगकी‍विभाग

1. श्री अजय चन्‍द राकर 1

मांग‍सखं्‍या-‍65 विमानन‍विभाग‍

1. श्री बजृमोहन अग्रवाल 1

उपजस्थत सिस् यों के कटौती प्रस् ताव प्रस् ततु हुये । अब मांगों एव ंकटौती प्रस् तावों पर एक साथ चचाा होगी । डॉ.रमन शसहं जी ।

डॉ.रमन शसहं (राजनांिगावं) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मखु् यमतं्रीजी के अनिुान मांगों की मांग सखं् या 1, 2, 6, 60, 12, 25, 32, और 71, 65 के ववरोध के शलए िडा हुआ ह ू ं । माननीय अध् यक्ष महोिय, ववरोध इसशलए कक छत् तीसगढ की जनता को जजस प्रकार स ेजनघोषणा पत्र जारी करके परेू छत् तीसगढ में एक भ्रम का वातावरण बनाने का प्रयास हुआ है, जनता इस लोक लभुावन नारे के भ्रम में आ गई । जब ककसी सरकार का पहला बजट आता है, परेू छत् तीसगढ के लोगों के अिंर एक उम् मीि, एक ववश् वास था, एक भरोसा था कक इतनी बडी सखं् या में जजताया है, कहीं न कहीं उन जनघोषणा पत्र के वािों का ववश् वास का कुछ न कुछ प्रतीकात् मक प्रावधान तो होगा । मगर परूी तरीके से ककसी सरकार के 60 दिन परेू होने में ही, क् योंकक 60 दिन, 6 महीने और एक साल शरुूआत के छण होत ेहैं । अध् यक्ष महोिय, हमने तो पन्‍द रह साल काम ककया है । 60 दिन में ववरोध के स् वर प्रकट होने लगे, कमाचारी आंिोलन के शलए आगे आना शरुू हो जाये, जजस प्रकार वािा ककया गया था, िैतनक वेतन भोगी कमाचारी, अतनयशमत कमाचारी, सवंविा कमाचारी तनयशमतीकरण का प्रावधान ककया जायेगा । प्रतीकात् मक तो रहता, शसबंाशलक तो कुछ रहता, मगर ककसी वगा के शलए कोई बात नहीं रिा । प्रिेश के यवुा, 23 लाि रजजस् टडा यवुा पहले बजट को टकटकी लगाये िेि रहे थ ेक् योंकक पहले नबंर पर यवुकों के शलए घोषणा की गई कक 2500 रूपये बेरोजगारी भत् ता िेंगे। आपने 25 लाि रूपये नहीं दिया, 10 लाि रूपये नही ंदिया, 1 लाि या 50 हजार रूपये से तो शरुूआत होती तो छत् तीसगढ के यवुकों को इस बात का भरोसा

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होता कक हमारे शलए घोषणा हो रही है, हमारे शलए काम हो रहा है और आने वाले बजट में कम से कम इसको बढाया जायेगा। मगर उसका कोई जजक्र भी नहीं रिा है। 60 साल से अधधक बजुुगों के शलए 1000 रूपये प्रततमाह, 75 वषा से अधधक बजुुगों के शलए 1500 रूपये का कोई जजक्र नहीं है। इसके साथ ही शशक्षाकशमायों के आंिोलन की सगुबगुाहट और शरुूआत हो चकुी है और शशक्षाकमी आिंोलन की दिशा में आगे बढ रहे हैं। छत् तीसगढ की मदहलाओ ं ने इस बार परेू मन और मनोयोग से तनजश्चत रूप से आपको सहयोग और समथान दिया है और ववश् वास प्रकट ककया है। अध् यक्ष महोिय, राजनीतत में ककसी का ववश् वास िंडडत होना सबसे गलत चीज होती है। यदि छत् तीसगढ की आधी आबािी का ववश् वास आपने िंडडत ककया है तो इसका िाशमयाजा भी लोकसभा में ही आपको दििने लगेगा कक आपने मदहलाओं के ववश् वास को तोडा है क् योंकक इसमें पणूा शराबबिंी का कोई जजक्र नहीं है। श्री अमरजीत भगत :- डॉ. साहब, हमारी भी सनु लीजजए।

डॉ. रमन शसहं :- अध् यक्ष महोिय, आप सबको बोलने का अवसर िेंगे।

अध् यक्ष महोिय :- भगत जी, आप सनु लीजजए। जो सिस् य वक् तव् य िे रहे हैं यदि वह आपके ववचारों को हस् तक्षेप नहीं करना चाहत ेतो आपको अधधकार नहीं है कक आप जबरिस् ती करें।

डॉ. रमन शसहं :- माननीय अध् यक्ष महोिय, धन्‍द यवाि। अध् यक्ष महोिय, ये एक प्रकार स ेववश् वास टूटने की बात होती है। आज लोगों के मन में था कक पणूा शराबबिंी की शरुूआत होगी। उल् टे अब तो शराब के िेके होंगे, िेशी शराब के अलग होंगे, अगें्रजी के अलग होंगे। जजस प्रकार की परुानी परंपरा थी कोधचयाओं का राज हो जायेगा। ये परेू छत् तीसगढ में वातावरण का तनमााण हुआ है। शसफा 60 दिन के अिंर लोगों का ववश् वास जजस प्रकार से टूटा है, मझुे लगता है कक इसमें िो साल के बोनस का कही ंजजक्र नहीं ककया गया है कक िो साल का बोनस दिया जायेगा। बजट में हम पढ रहे थे, ककसानों को कहा गया कक भारतीय जनता पाटी सरकार ने एक साल का, िो साल का नहीं दिया और इन्‍द होंने घोषणा की थी।

अध् यक्ष महोिय, स् वास् ् य में इतना बडा खिलवाड मझु े आज तक समझ में नहीं आया कक आयषु् मान भारत के शलए हम सोचत ेथे। ितुनया की सबसे बडी हेल् थ स् कीम जजसमें गरीब लोगों की 5 लाि रूपये तक का इलाज चाहे हॉटा की प्राब् लम हो, ककडनी का प्राब् लम हो, नी ररप् लेसमेंट हो, बाईपास सजारी हो इन सारी चीजों के शलए 37 लाि गरीबों के शलए 05 लाि रूपये तक के इलाज की व् यवस् था थी। मझुे लगा कक बजट में इसका प्रावधान होगा।

अध् यक्ष महोिय, एक सबसे बडी बात नरवा, गरवा, घरुूआ, बाडी। अध् यक्ष महोिय, नरवा, गरवा, घरुूआ, बाडी, गांव का ककसान बोलता है पसैा कहां हे सगंवारी। इसमें पसैा है ही नहीं। चार बडी फ्लेगशशप स् कीम और पसै ेका प्रावधान ही नहीं रि ेहैं। जो सबसे महत् वपणूा है गांव का ककसान और मजिरू पछू रहा है कक पसैा कहां रिे हे सगंवारी। इसमें बजट का प्रावधान है क् या? यानी इस प्रकार स े

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शरुूआत होती है तो यह छत् तीसगढ के लोगों के मन में ववश् वास टूटने का काम 60 दिन के अिंर हो गया है।

अध् यक्ष महािेय, जो सबस ेबडा वायिा- जजस समाज ने सबसे ज् यािा समथान दिया, अनसुधूचत जातत, जनजातत के लोगों ने जजस प्रकार से इस सरकार को समथान दिया, इसके बजट के प्रावधान में मझुे पहली बार आश् चया भी हुआ और ििु भी हुआ कक आदिवासी उपयोजना और अनसुधूचत जातत उपयोजना के शलए जो हमने 15 साल का ववश् लेषण ककया, 15 साल के बजट को मैं िेिता रहा उस बजट में मझुे आश् चया भी हुआ और ििु भी हुआ, इन 15 साल के आंकडों को िेिने के बाि मझु ेआश् चया हुआ कक आज तक के सबसे कम बजट अनसुधूचत जातत और जनजातत के उपयोजना क्षत्र में हुआ है। अभी तक एवरेज जो मैं तनकालकर िेि रहा था 35, 36, 37 प्रततशत िचा होता था, अनसुधूचत जातत क्षेत्र में 12 प्रततशत िचा होता था लेककन इस बार 32 प्रततशत और 11 प्रततशत का प्रावधान रिा गया है। इस क्षेत्र में भी जो कक हमारा प्रायाररटी सके् टर है, अनसुधूचत जातत, जनजातत क्षते्रों में यदि बजट को कम ककया गया है तो तनजश्चत रूप से इसका एक गलत प्रभाव समाज के अिंर पडगेा। ये इस क्षेत्र में 15 साल में सबस ेकम िचा करने वाला बजट है। यह बजट छत् तीसगढ का सबसे बड ेघाटे वाला बजट है। सरकार की ववत् तीय कुप्रबधंन की ओर इशारा करता है। 2018-19 में पनुरीक्षक्षत बजट घाटा 5 हजार 344 करोड, जजसका अथा है कक सरकार के कुल िचे और कुल आय से ज् यािा है। ये 5 हजार 344 करोड का फका मतलब आमिनी अट्िनी और िचाा रूपये वाला बजट है। अगले साल ये बजट घाटा 4 हाजर 717 करोड रिा गया है। इसका अथा है कक इस साल का घाटा और अगले साल भी चलेगा। इतना ही नहीं 2018-19 में राजस् व घाटा 6 हजार 341 करोड और ववत् तीय घाटा 18 हजार 768 करोड जा पहु ्ंचा है। इसको यदि तलुना करेंगे, जी.एस.डी.पी आधथाक सवेक्षण के आधार पर 3 लाि 11 हजार 360 करोड में यदि प्रततशत िेिेंगे तो 6.06 प्रततशत है। छत् तीसगढ के इततहास का सवााधधक है। जो 18 करोड का राजस् व घाटा है ये धचतंा का ववषय है। 3 प्रततशत से बढकर हम 6 प्रततशत की ओर जा रहे हैं। छत् तीसगढ के इततहास में पहली बार हुआ है कक बजट में 3 प्रकार के बड ेघाटे िशााये गये हैं। आप तकनीकी दृजष्ट से िेखिये, पहला राजस् व घाटा, यानी राजस् व प्राजप्त और राजस् व व् यय का अतंर। िसूरा ववत् तीय घाटा, राजस् व प्राजप्त और कुल व् यय का अतंर, जजसकी पतूत ा कजा लेकर की जाती है। तीसरा सबसे महत् वपणूा बजट घाटा है। यानी कुल आय और व् यय का अतंर। मतलब कजा समेत सभी प्राजप्तयों के बाि िचे अधधक होना। ये गहरे आधथाक सकंट की ओर प्रिेश को ले जाने की तनशानी है। इसके तनपटने का उपाय बजट में नहीं दिया गया है। 2018-19 के पनुरीक्षक्षत अनमुान में यह बजट घाटा 5 हाजर 344 करोड, 2019-20 में 4 हजार 711 करोड बताया गया है। सबस ेमहत् वपणूा ववषय की ओर ध् यान आकवषात कराना चाहता हंू। जो राज् य को ववकास से पीछे ल ेजाने का जजस प्रकार कम बढा है।

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आप इस बजट को बारीकी से िेिेंगे, राजस् व व् यय और पूजंीगत व् यय िोनों को वषों के काम से तलुना करेंगे । पूजंीगत व् यय का मतलब होता है जो तनमााण काया हमारे छत् तीसगढ के होत ेहैं, सडक, पशुलया से लेकर स् कूल अस् पताल कॉलेज से लेकर जो अधोसरंचना में काम करत ेहैं । पूजंीगत व् यय में यदि लगातार कमी होगी, राजस् व व् यय में लगातार वदृ्धध होगी। ये छत् तीसगढ के ववकास की जजस रफ्तार स े15 सालों में हम लोगों ने ले जाने का प्रयास ककया है, सीधा नीचे ले जाने का प्रयास हो रहा है। राजस् व व् यय 78 हजार 595 करोड, पूजंीगत व् यय 12 हजार 110 करोड। धचतंा का ववषय यही है कक इस प्रकार यदि पूजंीगत व् यय में लगातार कशमया ंआती रही, राजस् व व् यय बढता रहा, कजा प ेकजा लेत ेगये और इस प्रकार बजट में लोड पडता रहा तो आने वाले समय में स् टेट की क् या जस्थतत होगी। ये एक प्रकार से परेू छत् तीसगढ को ववकास में पीछे ले जाने वाला है। इस साल यानी 2018-19 के राजस् व घाटे 6 हजार 341 करोड। जो इस प्रकार के घाटे होत ेहैं उसका स् टेट के फायनेंस में क् या डायरेक् ट इफेक् ट होता है? सीधा क् या असर पडा है। हमारी सरकार ने िो सालों के िौरान, बीत ेिो साल में राजस् व आधधक् य यदि सरप् लस होता है जो इस साल 1800 करोड अधधक कजा लेने की सवुवधा शमली। यदि िो साल तक राजस् व आधधक् य होता है, तो हमें ये छूट रहती है कक 1800 करोड अधधक कजा ले सकत ेहैं। क् योंकक 14 वें ववत् त आयोग की शसफाररश के अनसुार िो साल राजस् व आधधक् य होने पर जी.एस.डी.पी के 3.5 प्रततशत ववत् तीय घाटा रिा जाता है। ये 0.5 प्रततशत का एडडशनल बेतनकफट शमलता है, उस बेतनकफट स ेआप अलग हो गये। वो बेतनकफट नहीं शमलेगा जो 1800 करोड अततररक् त कजा लेने की क्षमता थी वह अपने आप समाप् त हो गया। आपने इस घाटा को बढा दिया और ववत् तीय घाटा को 3 प्रततशत पर सीशमत रिने पर, राजस् व घाटे की जस्थतत में तीन प्रततशत हो सकती है। सवंवधान के अनचु् छेि 293 के अतंगात भारत सरकार से शमलने वाली उधार सीमा की सहमतत ववत् तीय घाटे के बराबर कजा लेकर प्राप् त होती है। ये एक बड ेनकुसान की शरुूआत हो रही है। यदि हम अपने ववत् तीय प्रबधंन को िीक नही ंरित,े घाटे को बढात ेहैं कजा लेत ेजात ेहैं, तो राज् य सरकार की कजा लेने की क्षमता अपने आप कम होती है। वषा 2003 में भारत सरकार द्वारा एफ.आर.बी.एम. एक् ट की शरुूआत की। हमने वषा 2005 में एफ.आर.बी.एम. एक् ट लाग ूककया। 15 साल के शासनकाल में 13 साल, मैं आंकड ेइसशलए बता रहा हूूँ ये बहुत अलाशमिंग इंडडकेशन है, ये ितरनाक सकेंत है कक 13 साल राजस् व आधधक् य रहा। ववत् तीय घाटा 3 प्रततशत के भीतर रिने में हम सफल रहे। ववत् तीय प्रबधंन के शलए छत् तीसगढ सरकार के काम को आर.बी.आई. से लेकर कृवषल जैसे प्रततजष्ित ससं् थाओ ंने तारीफ की कक हमने 15 सालों में बेहतर काम ककया है। ये िेश के अिंर सबसे बेहतर तरीके से बजट को हमने कुशल ववत् तीय प्रबधंन करके और इसका फायिा हुआ कक हमें कम ब् याज िर पर बाजार का ऋण प्राप् त हुआ। ब् याज भगुतान की बचत हुई।

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माननीय अध् यक्ष महोिय, इस बजट में जजस बात का जजक्र कर रहा था कक पूजंीगत व् यय 13 प्रततशत। जबकक वषों में यदि 15 सालों का िेिें तो 17 प्रततशत से अधधक था। हमने राज् य की अधोसरंचना के ववकास के शलए बजट में 17 से 20 प्रततशत की राशश रिी थी। पूजंीगत व् यय तनमााण काया, ववकास कामों, अधोसरंचना तनमााण के शलए है। ववकशसत अधोसरंचना से ही स् टेट की इकॉनामी में ग्रोथ होता है। सडकें बनेंगी तो बेहतर कनेजक्टववटी होगी, बबजली लगेगी तो ववकास की गतत बढेगी। स् कूल कॉलेज िोलेंग ेतो इससे बेहतर व् यवस् था बनेगी। इस बार के बजट में जो धचतंा का ववषय है कक जो कमी आयी है जो ववकशसत अधोसरंचना के तनमााण में जो राजस् व आय की वदृ्धध होनी थी उससे हम बचेंगे। लोक तनमााण में 13.5 प्रततशत की कमी, शसचंाई में 8 प्रततशत, ऊजाा में 7.5 प्रततशत की कमी, ग्रामीण ववकास में 2.5 प्रततशत, नई राजधानी के ववकास के शलए 33 प्रततशत की कमी, जबकक मैं एक बात याि दिलाना चाह रहा हूूँ कक पहला बजट ककतना महत्वपणूा होता है। जब हमने पहला बजट रिा था, उस समय हमने शसचंाई में 46 प्रततशत की वदृ्धध की थी। वषा 2004 में वषा 2003-04 की तलुना में 32 प्रततशत बढाया था और हमारे उस समय का वषा 2019-20 के बजट को यदि हम तलुना करेंगे तो ये भववष् य के शलए एक ितरा हमको नजर आ रहा है।

माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं एक तलुना करना चाहता हूूँ। कजा की जस्थतत आज क् या है और कजा की जस्थतत वषा 2003 में क् या थी? जब हम लोगों ने राज् य की बागडोर सभंाली थी। राज् य पर 8 हजार, 121 करोड का कजा था। वषा 2003 में जी.एस.डी.पी. 38 हजार करोड की थी। यानी 21 प्रततशत, 31 माचा 2018 में राज् य पर 36 हजार, 690 करोड का कजा छोडा। जो इस साल के जी.एस.डी.पी. का मात्र 10 प्रततशत है अथाात ्15 सालों में केवल 28 हजार, 390 करोड रुपये कजा शलया गया यानी 15 सालों में सालाना 2 हजार करोड से कम कजा शलया गया। ये ववत् तीय जस्थतत इसशलए बता रहा हूूँ क् योंकक एक साल में नहीं होता। ये 15 साल बेहतर व् यवस् था करके 15 सालों में हमने केवल 28 हजार रुपये कजा शलया गया, शसफा 2 हजार करोड रुपये हर साल के एवरेज से शलया और इसका फायिा ये हुआ कक राज् य में अधोसरंचना तनमााण तजेी के साथ हुआ। राजस् व आय बढी, जी.एस.डी.पी. प्रतत व् यजक्त आमिनी बढी, नई सरकार आत ेही पहले दिन स ेही काम क् या शरुू हुआ?कजा लेने की शरुूआत अभी तक 6 हजार करोड रुपये कजा शलया जा चुका है। आर.बी.आई. की वेबसाईट और पेपर से लगता है कक 1 हजार करोड रुपये का और कजा शलया जा रहा है। इसका मतलब कक 55 दिन में 7 हजार करोड रुपये कजा ले चकेु हैं। पनुरीक्षक्षत बजट अनमुान के अनसुार 12 हजार, 725 करोड रूपये का कजा इस साल लेंगे। इस साल 12 हजार, 725 करोड रूपये का कजा लेंगे और अगले साल कफर 11 हजार करोड रूपये का कजा अथाात ्सरकार बनने के 15 महीने में ही, माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं तलुना कर रहा हूूँ। 15 साल बनाम, 15 महीने जो इनके आने वाले हैं। हमने 28 हजार करोड का कजा शलया ये 15 महीने में ही 24 हजार करोड

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रुपये का कजा हो जाएगा। जो हमने 15 सालों में हमने ककया। मैं बहुत बाररक तलुना कर रहा हूूँ ककसी राज् य के ककसी सरकार की उसके ववत् तीय प्रबधंन और आने वाले समय में राज् य के ऊपर पडने वाले लोड कैसे बढता है? मैं इस आंकड ेसे बताने का प्रयास कर रहा हूूँ। 15 साल बनाम, 15 महीने, कहां 24 हजार करोड रुपये कजा की जस्थतत आ जाएगी और ये ककसके शलए है? यदि ये पूजंीगत व् यय, तनमााण, ववकास, सडकों के शलए होता तो िीक है कजा शसफा राजस् व व् यय के शलए है, इसका मतलब है कक उसका स् टेट के ककसी इनफ्रास् रक् चर में कोई इफेक् ट नहीं आने वाला है, हम इतने बड ेकजा के जाल में फंस गये हैं। कजा के बोझ में परूा राज् य िब जायेगा। इस ववत् तीय कुप्रबधंन, कुचक्र से तनकलने के शलए वषों लगत ेहैं। एक बार जो ववत् तीय प्रबधंन में नकुसान होता है, उसकी भरपाई आसानी से नहीं होती है। मझुे एक बात अच् छी लगी कक लोक तनमााण ववभाग में 3500 ककलोमीटर लबंाई की सडक की पररयोजना की बात कही है। यह ए.डी.बी. की पररयोजना है, ये ऋण सहायता पोवषत पररयोजना है जजसकी हमारी सरकार द्वारा स् वीकृतत िेकर अधग्रम रूप से दिया जा चुका है, तनवविा लग चुकी थी, बजट में ले आयें हैं मैं उसके शलए उनको बधाई िूंगा, धन्‍द यवाि िूंगा। बजट में आय प्रावधान की ओर आपका ध् यान आकवषात कर रहा हंू। वषा 2018-19 और 2019-20 में राजस् व प्राजप्तयॉ ंहैं, कैसी वदृ्धध और कमी होती है। राजस् व की राजस् व प्राजप्तयॉ ं24,200 करोड से 31,700 करोड, केन्‍द र की प्राजप्तयां 38,668 करोड से 47,000 करोड, पूजंीगत प्राजप्तयां 9,314 करोड से 10 हजार करोड है। अध् यक्ष महोिय, इसका मतलब यह है कक वषा 2019-20 के शलए राज् य की राजस् व प्राजप्तयां 2018-19 की तलुना में 2445 करोड की कमी है। राज् य की राजस् व प्राजप्तयॉ ंहैं। मैं इसको कफर से बोल रहा हंू राज् य की राजस् व प्राजप्तयॉ ं2018-19 की तलुना में 2019-20 के शलए 2445 करोड की कमाई िशााई गई है और केन्‍द र से प्राप् त होने वाली राशश 9332 करोड की बि़ोत् तरी दििाई गई है। हमें केन्‍द र से जो राशश शमल रही है, उसमें 9332 करोड की बढोत् तरी है। इसी प्रकार पूजंीगत प्राजप्तयों में 1600 करोड की वदृ्धध िशााई गई है। इसका मतलब यह हुआ कक केन्‍द र स ेप्राप् त होने वाले राशश और कजा की कुल वदृ्धध 10923 करोड है तो यह मान शलया जाये कक धान के बोनस के 5 हजार करोड, कजा माफी के 5 हजार करोड और बबजली हाफ के 400 करोड का प्रबधंन इसी राशश से ककया गया है। केन्‍द र सरकार को धन्‍द यवाि भी िेना चादहए कक राशश बढी है, अच् छी बात है। उसके साथ ही साथ राजस् व प्राजप्तयों में 5 हजार करोड आबकारी शलु् क स ेप्राप् त होने वाला है। इनके घोषणा पत्र में जो बातें कही थी, उससे ववपरीत जाने का काम है।

माननीय अध् यक्ष महोिय, 35 ककलो चावल की बात बड े जोर-शोर से उिाई गई। दिल् ली में य.ूपी.ए. की सरकार ने जब मनमोहन शसहं जी प्रधानमतं्री थे, उन्‍द होंने नेशनल फुड शसक् योररटी एक् ट को लाया। इस एक् ट को लाने के बाि प्रतत सिस् य 7 ककलो चावल िेने का दिल् ली की सरकार ने एक् ट में प्रावधान ककया और डॉ. रमन ने उसका कक्रयान्‍द वयन ककया, चूंकक उस एक् ट के अनसुार मझु ेलगा कक

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इसका कक्रयान्‍द वयन करना चादहए, इसीशलए हमने 35 ककलो से 7 ककलो िेने का प्रावधान ककया। अब आप अपने िाद्य सरुक्षा से हट रहे हैं। केन्‍द र सरकार की उस योजना का आप पालन नहीं कर रहे हैं। यदि 6 सिस् य, 8 सिस् य का पररवार है हैं तो क् या आप उसको 35 ककलो चावल िेंगे ? इसमें बहुत सारी बातें हैं। छत् तीसगढ का िाद्यान्‍द न सरुक्षा अधधतनयम िेश के शलए माडल है और परूा िेश इसका कक्रयान्‍द वयन कर रहा है, इसशलए इस माडल को सरुक्षक्षत रिने की जरूरत है।

माननीय अध् यि महोिय, एक ववषय है आपने 2500 रुपये में धान िरीिी का तनणाया शलया, मैं इसका स् वागत करता हंू। मैं बधाई िेता हंू कक आपने बडा काम ककया है। लेककन अब जस्थतत यह हो रही है। िाद्य मतं्री (श्री मोहम् मि अकबर) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, माननीय मनमोहन शसहं जी ने जो िाद्य सरुक्षा काननू 7 ककलो प्रतत व् यजक्त का लाया था, केवल जानकारी के शलए आपको बताना चाहता हंू कक जो योजना छत् तीसगढ की सरकार ने 35 ककलो चावल प्रतत पररवार लाई है, उसके साथ-साथ ये भी कहा है कक पररवार की सखं् या जहां अधधक है तो उसको 7 ककलो के दहसाब से, अधधक पररवार को जजतने भी सिस् य हैं, तो 7 ककलो के दहसाब से ही दिया जायेगा, यातन 35 ककलो से ऊपर, वह केवल आपकी जानकारी के शलए िेना चाहता हंू।

डॉ. रमन शसहं :- मैंने उस परेू एक् ट को पढा, उसका कक्रयान्‍द वयन भी हमने कराया था, उन्‍द होंने व् यजक्त को यतूनट कर दिया। इससे िसूरा फायिा यह है पररवार की डकेफनेशन में िो आिमी, चार आिमी, 6 आिमी, बोगस सखं् या बढती जाती है, इसशलए व् यजक्त को कर िें तो कफर झंझट ही ित् म हो जाती है, धचतंा ही ित् म हो जाती है, हर व् यजक्त को 7 ककलो शमलेगा, ये हमारा कांसेप् ट था और ये य.ूपी.ए. गवनामेण् ट ने िाद्यान्‍द न सरुक्षा बबल लाया था । उनके ही प्रावधान का हम कक्रयान्‍द वयन करें । माननीय अध् यक्ष महोिय, अच् छा हुआ, ढाई हजार धान िरीिी कर रहे हैं इसके शलये मैं बधाई िूंगा लेककन जो सबसे बडी मजुश्कल वाली बात आने वाली है कक माका फेड बड ेघाटे नहीं सह सकती । माका फेड को चलाना और इस सीजन में धान िरीिी के शलये बैंक में राशश की व् यवस् था करनी होती है । एफ.सी.आई. नागररक आपतूत ा तनगम से धान के कस् टम मीशलगं उपरांत होने वाली राशश स ेबैंक के ऋण चुकाकर अगले सीजन के शलये ऋण दिये जात ेहैं । माका फेड लगातार घाटे में चल रहा है, धान िरीिी की घाटे की भरपाई लगातार सरकार बजट से करेगी, अभी तो केवल और केवल हम उनको ढाई हजार िे रहे हैं लेककन जो घाटा स् टोरेज के शलये, मीशलगं के शलये और उसके डडस् पोजल के शलये जो होता है वह प्रकक्रया में 6 से 8-9 महीने लगत ेहैं । इंटरेस् ट जो आरबीआई स ेहमको शमलता है वह 4 महीने के शलये शमलता है । अब यह लोड बजट के ऊपर और एडडशनल पडगेा वह हजार करोड होगा, 2 हजार करोड

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होगा, 3 हजार करोड होगा । धान िुले में रिा है, सड रहा है, स् टेट के बजट के ऊपर इसका इफेक् ट पडगेा। इसकी धचतंा करनी चादहए, मैं यह कहना चाहता हंू कक यह ववषय महत् वपणूा है ।

माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं िसूरा ववभाग ऊजाा लेना चाहता हंू जो 15 साल और ये 60 दिनों में, मैं ककसी की तलुना नहीं करता लेककन स् टेट अधेंरे में था । 15 साल में ऊजाा क्षेत्र में अभतूपवूा काम हुआ, ववद्यतु उत् पािन 3500 मेगावाट से बढकर 22 हजार मेगावाट यह छत् तीसगढ स् टेट के शलये, िेश के शलये एक उिाहरण ककसी स् टेट में है जो 15 साल में 3500 से बढकर 22 हजार मेगावाट पॉवर सरप् लस स् टेट बना । हमने अपनी कैपशेसटी बढायी, 442, 21, 30 के सबस् टेशन की सखं् या, 39 स ेबढाकर 96 ककया । 442, 21, 30 के केव् ही के पारेषण लाईन 5 हजार से बढाकर 11 हजार सकका ट ककलोमीटर ककया । 33-11 केव् ही स् टेशन गांव-गांव में जो लगे हैं, यह 35 हजार से बढकर 1 लाि 56 हजार बढाने का काम ककया । मैं यह इसशलये कह रहा हंू कक यह इंफ्रास् रक् चर बनाना, जनरेशन बनाना, रांसशमशन बनाना और डडशसरब् यशून की लाईन नेटवका बनाना, यह अपने आप में बहुत बडा पसैा मांगता है, बहुत बडा इंवेस् टमेंट मागंता है और आखिरी गांव, 20 हजार गांव तक इस कनेजक्टववटी को जोडने का काम बस् तर में 10 दिन अधेंरा हो गया, नक् सशलयों ने टॉवर जला दिया, उसी दिन मैंने तय ककया कक बस् तर में शसगंल लाईन नहीं लगेगा बस् तर में 132 केव् ही का एक लाईन लगवाया, 220 का िसूरा लगाया और 440 का तीसरा लगाया । पहली बार हुआ है कक 3 अलग-अलग कनेक् शन से बस् तर जुड गया है और बस् तर में कभी अधेंरा नहीं हो सकता । वहा ं के ववधायक जानत े हैं कक 7 दिन तक बस् तर ने मोमबत् ती में जीवन जजया था । यह छत् तीसगढ की ताकत है जजसको हमने इस सेक् टर में मजबतूी से काम ककया । जब सरकार बनी, हमारी सरकार में शत-प्रततशत ववद्यतुीकरण में 14 हजार 846 मजरा-टोलों में ववद्यतु था, 14 हजार से बढकर 36 हजार 734 ककया । घरों के ववद्यतु कनेक् शन 27 लाि स ेबढकर 47 लाि हुआ । एकलबत् ती 7 लाि 18 हजार से बढकर 19 लाि हुआ । ऊजीकृत पपं शसफा और शसफा 96 हजार थे उस 96 हजार से बढकर 4 लाि 18 हजार पपं कनेक् शन और दहिंसु् तान में अकेला छत् तीसगढ है जहां अनसुधूचत जातत-जनजातत यानी आधी आबािी के पपं कनेक् शन का पसैा ही नही ंलगता, उनको बबजली का बबल ही नहीं जाता, फ्री कनेक् शन िेने वाला स् टेट छत् तीसगढ है । सौभाग् य योजना में 7 लाि 7 हजार घरों में कनेक् शन दिये गये, इस प्रिेश के केवल िंतवेाडा, सकुमा, बीजापरु में 20 हजार घरों में ही कनेक् शन नहीं हैं । अभी बबजली हाफ करके बहुत नारे लगाये, ककसानों को डॉयरेक् ट, क् या सजब्सडी िी जा रही है ? कैस ेहमने ककसानों को उनके परैों में िडा करने के शलये काम ककया ? न केवल हमने ककसानों के शलये 5 हॉसा पॉवर के कृवष पपं में 2975 करोड की सजब्सडी, पपं कनेक् शन 5 हॉसा पॉवर और 3 हॉसा पॉवर के शलये दिया है । एकलबत् ती कनेक् शन के शलये 363 करोड की सजब्सडी, सौलर पपं के शलये 636 करोड की सजब्सडी, सौलर ऊजाा योजनाओं के शलये 21 करोड की

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सजब्सडी, 4 हजार करोड ककसानों को मजबतू करने के शलये सजब्सडी के रूप में दिया है । बबजली हाफ करके, भ्रम फैलाकर केवल 400 यतूनट की बात नहीं करत,े ककसानों की आथाक जस्थतत मजबतू करने के शलये 4000 करोड का काम ककया । इस प्रकार से पपं और पपं का कनेक् शन और छत् तीसगढ को ऊजीकृत करने के काम की जो शरुूआत हुई है, हम इस काम को कर रहे हैं । अध् यक्ष महोिय, ितनज के बारे में बहुत लम् बा बोलने की जरूरत नहीं है । मैं िो ही ववषय कहना चाहंूगा । ितनज का ववषय महत् वपणूा इसशलए है कक गौण ितनज में रेत आम आिमी से जुडा हुआ है । चाहे छोटा ककसान हो, चाहे आम आिमी हो या बबल् डर हो । रेत उसके जीवन का दहस् सा होता है । रेत को ऐसा रेग् यलुेट करना चादहए जजससे ककसानों को और मकान बनाने वालों को आज जजस िर पर रेत शमल रही है, उससे कम िर पर शमले । सरकार की यही सफलता है । उसमें िसूरी चीज जुडी है कक पचंायती राज के सशजक्तकरण बत्रस् तरीय पचंायती राज का सपना राजीव गांधी जी ने िेिा था । पचंायतों के पास अधधकार रहता है, उनके हाथ में एडशमतनस् रेदटव पावर रहता है । यदि उसको बबचौशलयों के हाथ में छोड दिया जाए तो क् या होगा ? हमने कई राज् यों की हालत िेिी है । जहां ऑकशन होता है, जहां िेकेिार आता है, जहां गुडंागिी होती है । वहां पर इसके रेट पर 10 हजार, 20 हजार, 30 हजार, 40 हजार प्रतत रक बढ जाता है । क् योंकक ऑक् शन में जो मजैक्जमम बोली लगाएगा उसको रेत शमलेगा । श्री अमरजीत भगत :- डॉ. साहब यह तो आपके समय चल रहा था । अभी तो सब बिं है । डॉ. रमन शसहं :- यदि उस ऑक् शन को हम पचंायतों को जो अधधकार दिया गया था यदि हम उसको सरुक्षक्षत रिें और पचंायतों के माध् यम से रेग् यलुेट कराएं तो कोई दिककत नहीं है । हां, इंटरस् टेट बॉडार में, जहां से रेत बाहर जा रही है, वहां रायल् टी 10 गनुा बढा लें । यदि हमें और ज् यािा राजस् व लेना है तो वह रॉयल् टी उनसे लेना है तो जो रेत उत् तरप्रिेश, बबहार आदि जगहों पर जा रही है, उनकी रायल् टी आप जजतना बढाना चाहें बढाएं, राज् य में ककसी को आपवत्त नही होगी, यहां के लोगों को आपवत्त नहीं होगी । ऐसे इंटरस् टेट बॉडर में बडी-बडी नदियों का ककनारा है वहां पर कर सकत ेहैं, उसको करना चादहए । मगर यदि ऑक् शन में सीधे िेकेिारों के हाथों में चला जाएगा तो आप िेिेंगे कक रेट में जा वदृ्धध अभी 30 प्रततशत दिि रही है वह शत-प्रततशत और िगुनुा, ततगनुा हो जाएगा । श्री गलुाब कमरो :- जनकपरु में बहुत रेत िनन हो रहा था । डॉ. रमन शसहं :- अध् यक्ष महोिय, िसूरा ववषय, जजसकी ओर मैं आपका ध् यान आकवषात करंूगा । छत् तीसगढ की माइतनगं पॉशलसी का आधार क् या था ? एमएमडीआर एक् ट, इसके कक्रयान्‍द वयन में पारिशशाता के साथ, वह चाहे कोयले का हो, आयरन ओर का हो, हमने स् पष् ट और साफ नीतत बनाई । उस नीतत में सीधा सीधा जजक्र ककया कक वेल् य ुएडीशन ववदिन स् टेट । जो इन्‍द वेस् टमेंट करेगा, जो यहा ंइंडस् री लगाएगा उसको हमारी प्रायररटी रहेगी । पहल ेआओ, पहले पाओ की नीतत नहीं रहेगी। इन्‍द वेस् टमेंट

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के शलए यदि छत् तीसगढ में । श्री अमरजीत भगत :- आपने जो डीएमएफ बनाया था । उसमें जनप्रतततनधधयों का प्रस् ताव ही सजम्मशलत नहीं ककया जाता था । केवल कलेक् टर लोग बांटत ेथे साहब । डॉ. रमन शसहं :- अध् यक्ष महोिय, इसका बेनेकफट और फायिा क् या शमला ? वेल् य ुएडीशन ववदिन स् टेट । बस् तर के सिुरू अचंल में जजस स् टील प् लाटं को आने में 100 साल लग गए । नगरनार का स् टील प् लाटं बस् तर में आया, बस् तर का सपना था स् टील प् लाटं, नगरनार का स् टील प् लाटं तब आया, जब हमने कहा कक यहां के आयरन ओर को जापान, चाइना, कोररया कब तक भेजत ेरहोगे ? यहां प् लाटं डालो । एनएमडीसी ने पहली बार वहां प् लांट डाला और 3 शमशलयन टन का स् टील प् लांट बनकर तयैार हो गया है । बस् तर में 100 साल बाि स् टील प् लाटं आया है । अध् यक्ष महोिय, यह बस् तर की उपलजब्ध नहीं है, छत् तीसगढ की उपलजब्ध है । यह माइतनगं पॉशलसी का प्रेशर था । उस समय इस योजना का हमने कक्रयान्‍द वयन ककया । आज एक नया शभलाई जैसा शहर वहां तयैार हो रहा है । वहां पर लोग आएंगे और उस क्षेत्र के ववकास के साथ जुडेंगे । इस प्रकार की पॉशलसी रहे, जजसमें तनजश्चत रूप से लोगों को लाभ शमले और बेहतर फायिा शमले । अध् यक्ष महोिय, सामान्‍द य प्रशासन ववभाग । ककसी सरकार को चलाने के शलए उसके िो भाग होत ेहैं । पहला यह कक उसका गवनेंस कैसा है और िसूरा उसमें क् या राजनीतत चल रही है । वपछले 60 दिनों में आपने प्रिेश की गवनेंस को परूी तरह से तहस-नहस कर दिया । हमने पहला सनुा था कक यपूी और बबहार में कलेक् टर और एसपी का कायाकाल तीन महीने होता है, चार महीने होता है, 6 महीना होता ओर 4-6 महीने में कलके् टर, एसपी बिल जात े हैं । हमने ऐसा सनुा ही था लेककन जजस प्रकार छत् तीसगढ में स् थानान्‍द तरण हो रहे हैं, यहां की प्रशासतनक व् यवस् था चरमरा गई है । कुछ उिाहरण हैं, एसपी जांजगीर, एसपी नारायणपरु, एसपी रायपरु । ये आए कब और कब चले गए, यह ककसी को मालमू ही नहीं हुआ । जब एसपी रायपरु की पोजस्टंग यहां हुई तो पे्रस में बड ेशानिार िं़ग से आया कक पहली बार राजधानी में मदहला एसपी को पिस् थ ककया गया है । मदहला एसपी को पिस् थ करके बडी वाहवाही लटूी गई और 60 दिन के अिंर ही पता चला कक वह मदहला एसपी इतनी सक्षम है कक 60 दिन के अिंर ही उसको रायपरु से हटा । पता चला कक वह मदहला एस.पी. इतनी सक्षम है कक 60 दिन के अिंर ही उसे रायपरु से हटा दिया गया। यह भरोसा इतनी जल् िी टूटने का क् या कारण है? मैंने िसूरा िेिा। इसी प्रकार धचप् स के 3 सी.ई.ओ. 60 दिन में बिल गये। इतनी रफ्तार क् या है कक 60 दिन में ही सब कुछ बिल िेंगे। रात को 12-01 बजे आडार तनकलत ेहैं। अधधकारी सबेरे कहीं रहता है, िोपहर कहीं रहता है और डडनर कहीं करता है। प्रशासन में इस प्रकार की जस्थतत बनी है। इस िराब जस्थतत का प्रशासन में अच् छा इफेक् ट नहीं जाता। एक यवुा आई.पी.एस. अधधकारी को एस.आई.टी. का प्रमिु बनाया गया।

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श्री अमरजीत भगत :- डॉ. साहब, आपने नायक कफल् म तो िेिी होगी। उसी स् टाइल में चल रहा है।

डॉ. रमन शसहं :- म ैअभी कफल् म में भी आ रहा हंू। धचतंा मत कररए। एक आई.पी.एस. को एस.आई.टी. का प्रमिु बना दिया। उसने ककसी िबाव में कोई कारावाई करने से इंकार दिया। गलत आफ.आई.आर. नहीं ककया। उसको तत् काल एस.पी. स ेहटा दिया गया, एस.आई.टी. से हटा दिया गया। इस प्रकार की कायावाही जन चचाा में है। लोगों में चचाा है। अध् यक्ष महोिय, इस प्रकार की व् यवस् था से प्रिेश में प्रशासतनक असफलता कैसे है ?

श्री अमरजीत भगत :- मदहला एस.पी. के बारे में बोल-बोलकर आप मदहलाओ ंका अपमान कर रहे हैं।

डॉ. रमन शसहं :- मैं कुछ बारीक-बारीक बबिंओु ंको ही टच करंूगा। बहुत डडटेल में नहीं जाउंगा। कुछ इशारा करंूगा। सधुार लेंगे तो बहुत अच् छा होगा। नहीं सधुारेंगे तो यह प्रशासतनक असफलता चलता है। पयाावरण मडंल के सिस् य सधचव। राजंेक् शन ऑफ बबजनेस रूल में सवंवधान के बनाये काननू के अनसुार इसका आिेश कौन तनकालेगा। सामान्‍द य प्रशासन ववभाग के द्वारा आिेश तनकलता है जबकक रांजेक् शन ऑफ बबजनेस रूल में पयाावरण ववभाग द्वारा तनकाला जाना चादहए। अगर आपको रांसफर करना है तो कायिे-काननू से करें, कोई दिक् कत नही ंहै। मगर वह भी ध् यान में नहीं रित ेऔर इतनी हडबडी में कर रहे हैं कक भारसाधक मतं्री को पता ही नहीं। भारसाधक मतं्री के अनमुोिन से होना चादहए था। ये कशमयां हैं। िसूरा, सपु्रीम कोटा के तनिेशानसुार पयाावरण मडंल का अध् यक्ष कोई राजनीततक व् यजक्त नहीं हो सकता। मैं कफर से िोहराउं- सपु्रीम कोटा के तनिेशानसुार पयाावरण मडंल का अध् यक्ष कोई राजनीततक व् यजक्त नही ंहो सकता लेककन आपने पयाावरण मडंल का अध् यक्ष ववभागीय मतं्री को बनाकर सपु्रीम कोटा के आिेश की अवहेलना की है और उसमें एन.जी.टी. ने बडा ही स् पष् ट कहा है। एन.जी.टी. ने guildeline issue ककया है appointment of Chair person and Member of Secretariate of State Pollution

Control Board उसने कहा है कक क् या-क् या क् वालीकफकेशन होना चादहए। उसमें क् या-क् या एकेडशेमक क् वालीकफकेशन चादहए। कफल् ड ऑफ एनवायनमेंटल में उसकी क् वालीकफकेशन िी है कक शसववल और केशमकल में होना चादहए। एनवायरमेंटल इंजीतनयररगं में होना चादहए। पोस् ट गेज् यएुट इनवायरमेंट इंजीतनयररगं में िो साल का कोसा होना चादहए। एम.एस.सी. एनवायरमेंटल साइंस में और एनवायरमेंटल मनेैजमेंट में इसके शलए जो ररकोग् नाइज् ड यतूनवशसाटी से उसे क् वालीकफकेशन या क् वालीफाइड होना चादहए। यह स् पष् ट कहा है। और िसूरी बात और जोडा है जजसकी ओर ध् यान आकवषात कर रहा हंू कक कौन-कौन नहीं रह सकत।े इसमें शलिा है कक person should not be appointed as a Chair Person of State Board by

virtue of their designation कौन चीफ सेके्रटरी, आई.एफ.एस. अफसर, ऑकफसर इन एनी सववासेस

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एनवायरमेंटल Secretariate, प ाशलदटशशयन, एम.एल.ए., शलटरेरी परसन ये नहीं रह सकत।े हम पॉशलदटशशयन को ला रहे हैं। बबना क् वालीकफकेशन के ला रहे हैं। एन.जी.टी. की गाइडलाइन की अवहेलना करके ला रहे हैं। कोई कायिा काननू इस राज् य में चलेगा कक मेरी मजी चलेगा। इस प्रकार की बातों का जजक्र इसशलए कर रहा हंू कक यह अवसर है कक हम सावधान रहें कक हमारी गवनेंस का मामला परूा िेश िेिता है और गवनेंस बेहतर हो, इसके शलए यह जरूरी है कक इस प्रकार की सावधानी रिनी चादहए। अध् यक्ष महोिय, अब्राहम शलकंन ने कहा था कक लोकततं्र में सरकार जनता की है, जनता के द्वारा है और जनता के शलए होती है। यह बडा प्रशसद्ध है। हर व् यजक्त इसे जानता है लेककन हमने आपके 60 िेिे। आपकी सरकार एस.आई.टी. के द्वारा और एस.आई.टी. के शलए है। यह जस्थतत है। एस.आई.टी. क् यों बने ? एस0आई0टी0 के द्वारा, यदि ऐसे ही एस0आई0टी0 बनात ेरहेंगे तो एस0आई0टी0 काया कर रही है या नहीं, उसके शलए भी एस0आई0टी0 बनाना पडगेा। अध् यक्ष महोिय, मैं पेपर में पढ रहा था कक एक मतं्री के थाईलणै् ड यात्रा के सम् बन्‍द ध में भी एस0आई0टी0 बनाई जा रही है। इतने एस0आई0टी0 ? अध् यक्ष महोिय, यह अजीब बात है। जांच जो होनी है, वह जो जाये, होनी चादहए।

श्री अमरजीत भगत :- आप डटेा ऐसे पढ रहे हैं, जसेै कोई मखु् यमतं्री पढ रहा हो। आपका डटेा थोडी न है। अब सरकार बिल गया है।

डॉ0 रमन शसहं :- अध् यक्ष महोिय, प्रशासतनक असफलता कैसी होती है, उसके बारे में शसफा इशारा करंूगा, बहुत ज् यािा बोलने की इच् छा भी नहीं है। 60 दिन में ककतना बोलेंगे। मैं प्रशासतनक असफलता की ओर इशारा कर रहा हूूँ। आज मझुे बहुत ज् यािा बोलने की इच् छा नहीं है। मैं कुछ बबन्‍द िओु ंकी ओर इशारा करंूगा। प्रशासतनक असफलता क् या है, उस पर दििाना चाहता हूूँ।

माननीय अध् यक्ष महोिय, एक पशुलस महातनिेशक, स् थाई तनयजुक्त िो महीने में नहीं हो पाया है। क् या जस्थतत है ? िो महीने तनकल गए। आपको मालमू है कक सपु्रीम कोटा के आिेशानसुार ककसी राज् य के डी0जी0पी0 तनयजुक्त के शलए राज् य सरकार को य0ूपी0एस0सी0 में 3 वररष् ि अधधकाररयों का पनैल भेजना पडता है। य0ूपी0एस0सी0 द्वारा वररष् िता तय कर राज् य सरकार को भेजा जाता है। राज् य सरकार के आग्रह पर य0ूपी0एस0सी0 द्वारा डी0पी0सी0 की तारीि तय की जाती है। लेककन पहली बार ककसी कारणवश मखु् य सधचव नही ंजा सके। िोबारा य0ूपी0एस0सी0 द्वारा तारीि तय की गई, लेककन इस बार भी मखु् य सधचव डी0पी0सी0 में नहीं जा पाये। यह क् या सामान्‍द य घटना है या कोई सोची-समझी रणनीतत है ? आज प्रिेश में िो-िो डी0जी0पी0 काम कर रहे हैं। प्रिेश के नक् सल प्रभाववत क्षेत्र के शलए एक पशुलस अधीक्षक एक डी0जी0पी0 को ररपोटा करेगा, बाकी जजलों के िसूरे पशुलस अधीक्षक िसूरे डी0जी0पी0 को ररपोटा करेंगे। नक् सल आपरेशन में जो एक डी0जी0पी0 है, वतामान डी0जी0पी0 स े3 साल वररष् ि है। अध् यक्ष महोिय, वह ककस ेररपोटा करेगा ? पशुलस फोसा को िो दहस् सों में बांटने का जो

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लक्षण दिि रहा है, काम दिि रहा है, वह उधचत नहीं है। पशुलस का मनोबल, डी0जी0 उसका मखुिया होता है। लािों पशुलस के अधधकारी-कमाचारी काम करत ेहैं। यदि इस प्रकार खिलवाड होता है, तो उधचत नहीं है। माननीय अध् यक्ष महोिय, िसूरी प्रशासतनक असफलता िेखिये। डी0जी0पी0 को हटाने की प्रकक्रया, क् या ककसी को अपमातनत करके हटा दिया जायेगा ? डी0जी0पी0 को हटान े की प्रकक्रया में स् पष् ट गाइडलाईन तय है। सपु्रीम कोटा का तनिेश है कक डी0जी0पी0 को कब, कैसे हटाया जा सकता है और क् या-क् या कंडीशन होंगे। उसमें चार कारण बताये हैं कक डी0जी0पी0 को कैसे ररमवू ककया जा सकता है। उसके खिलाफ disciplinary action हो, conviction हो, corruption charges हो और सक्षम न हो। ये चारो नहीं होने के बाि सपु्रीम कोटा ने फैसला दिया। यह ककसी स् टेट के प्रशासतनक तनणाय के ऊपर है। इससे बडा तमाचा नहीं हो सकता है। The removal of D.G.P. Shri A.N.Uppadhaya is policitacly motivated. इसमें सीधा-सीधा 3.7.2018 को Prakash Singh Vs. Union of Government में जो फैसला दिया है। उन्‍द होंने कहा revangfull activity है और policitacly motivated है। अध् यक्ष महोिय, यदि ऐसे कमेन्‍द टस होत ेरहे, यदि ऐसी घटनाओं की चचाा होती रहे, यह िीक नहीं है। इसशलए परेू िेश में हमारे प्रशासतनक मजाक न उड।े इसशलए मैं चाहता हूूँ कक हम तनणाय लें। हम काम करें। हमें कोई आपवत्त नहीं है। मगर कम से कम, तनयम, कायिा-काननू के अनसुार होना चादहए। व् यवस् था के अनसुार होना चादहए कक आने वाले समय में उिाहरण रहे। हमको इस प्रकार की प्रकक्रया करनी चादहए।

माननीय अध् यक्ष महोिय, एक और उिाहरण है। हमारी सरकार में भ्रष् टाचार में शलप् त एक आई0ए0एस0 अधधकारी के ववरूद्ध चाजाशीट िायर की गई है। कांग्रेस के तत् कालीन अध् यक्ष और नेता प्रततपक्ष ने लबंा-चौडा धचट्िी प्रधानमतं्री जी को शलिा। मझुे भी कापी िी। इन्‍द फोसा डायरेक् टोरेट से जांच हो, इसको तरुन्‍द त धगरफ्तार करो, उन्‍द होंने यह धचट्िी प्रधानमतं्री जी को शलिा और ई0डी0 को भी शलिा। वह अधधकारी, जजसे भ्रष् टाचार में शलप् त होना कहत ेथे, मगर दिसम् बर, 2018 को गजनी कफल् म के हीरो की तरह याििाश् त चली जाती है। याििाश् त कैस ेजाता है ? अध् यक्ष महोिय, जो उस घटना में शलप् त था, जजसके खिलाफ इन्‍द फोसामेंट डायरोटोरेट में कारावाई की बात थी, प्रधानमतं्री को पत्र शलिा गया। अध् यक्ष महोिय, उसके आवेिन पर एस0आई0टी0 का गिन होता है। उस अधधकारी के पास सारे प्रशासतनक तनणाय के शलये जात ेहैं। डी0जी0 बगल में बिैा है, जजसका जमानत नहीं हुआ है, जो आज प्रशासतनक तनणाय में सहभागी कर रहा है। इस प्रकार का कोई अधधकारी जजसके खिलाफ जमानत का केस चाल ूनही ंहुआ है । वह भ्रष् टाचार में शलप् त चाजाशीट िायर है ।

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समय : 2:00 बज े

श्री अमरजीत भगत :- वह तो आपका बहुत ववश् वास पात्र अधधकारी था, नजिीकी था, उसमें डरने की क् या बात है ? डॉ. रमन शसहं :- अध् यक्ष महोिय, उद्योग के शलए कोई पसैा तो नहीं रिा गया है, मगर छत् तीसगढ में रांसफर उद्योग से बडा कोई उद्योग नहीं है। रात को 12 बजे, 1 बज ेशलस् ट तनकल रही है । कौन अधधकारी कल कहां रहेगा, उसको िुि को पता नहीं है । एक और घटना बस् तर के एक आईपीएस अधधकारी जजसकी तनयजुक्त हुई ।

श्री बहृस् पत शसह :- अध् यक्ष महोिय, पहले की सरकार रांसफर में जैस ेतनधााररत रेट था, वसैा तो नहीं है ।

डॉ. रमन शसहं :- अध् यक्ष महोिय, एनआईए के ऊपर आपने एक एसआईटी बनायी है। िीक है, आप बना सकत े हो । मगर मैं एक बात िावे के साथ कह सकता हंू कक आप एनआईए के ऊपर एसआईटी बनाइाए, मगर आपकी सरकार में जो व् यजक्त मतं्री बनकर बिैा है, उससे बडा चश् मिीि गवाह और कौन शमलेगा । परूी घटना का सबसे बडा साक्ष् य है, उससे बात करके क् यों नहीं आगे की कायावाही बढती ? एनआईए को कुछ डाक् यमूेंट िेना है तो एनआईए को क् यों प्रस् ततु नहीं ककया जाता, क् या एसआईटी बना िेना ककसी समस् या का हल है ? ईमानिारी से उसका तनष् कषा और जड जाना है तो उसको बबिाकर बात करना चादहए, जो आज सम् माननीय पि में बिेै हुए हैं ।

अध् यक्ष महोिय, बस् तर के एक आईपीएस अधधकारी, जजसकी तनयजुक्त नक् सल आपरेशन में आई.जी. के रूप में की गई थी । आपने उस अधधकारी के खिलाफ कई शशकायतें कीं, आदिवासी मदहला से बलात् कार का आरोप, राष् रीय मीडडया ने अधधकारी के खिलाफ हल् ला ककया, शशकायत की आधार पर हमने उसको हटा दिया । वही अधधकारी अब ईओडब् ल् य ूका प्रमिु बना दिया जाता है । कैसे, कैसे लोग कहा-ंकहां बबिाये जा रहे हैं ।

श्री अमरजीत भगत :- सब आपके परुाने लोग हैं साहब । डॉ. रमन शसहं :- अध् यक्ष महोिय, आपके कायाालय में प्रधानमतं्री कायाालय से सेवारत ्काया ककये

गए अधधकारी से शशकायत प्राप् त होती है । प्रधानमतं्री कायाालय से शशकायत पत्र शमलती है कक उसकी पिस् थापना बबना ववजजलेंस के की गई । मैं आपको बताना चाहता हंू कक उसके ववजजलेंस क् लीयरेंस सबंधंी जांच अनेक ससं् थाओ ंद्वारा ककया जा चुका है, लेककन आपने उस अधधकारी के ववरूद्ध जांच के शलए एसआईटी बना दिया, अच् छा ककया। मैं आपसे पछूना चाहता हंू कक आपकी सलाहकार की तनयजुक्त करत ेसमय जो आपके साथ सीबीआई के प्रकरण में सह आरोपी है, उसका ववजजलेंस क् लीयरेंस शलया गया है

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या नहीं शलया गया है, ये इसशलए नही ं शलया गया है कक आपके साथ सह आरोपी है, उस े ववजजलेंस क् लीयरेंस की जरूरत नहीं है क् या ? क् योंकक िोनों की तनयजुक्त सवंविा हुई है, िोनों की तनयजुक्त एक ही शता में सवंविा हुई है।

श्री अमरजीत भगत :- वह तो झिूा केश बनाया गया है, वह मनगिं़त राजनीतत से पे्रररत था । डॉ. रमन शसहं :- अध् यक्ष महोिय, इस सरकार में नीतत और नीयत िोनों सिेंह के िायरे में है ।

व् यजक्त का सम् मान और पि की मयाािा िोनों ितरे में है, लोक लभुावन घोषणाओं से पाटी को शमला बहुमत व् यजक्त तानाशाही में पररवतत ात हो रहा है, मबंत्रयों की बेबसी और उनके बयानों से साफ झलकता है कक हालात िराब हो रहे हैं, मखु् यमतं्री िुि अपने फैसले को कैलेण् डर की तरह बिलत ेहैं, प्रशासतनक ि़ांचा को लकवा मार गया है । इसशलए मैं इस बजट का ववरोध कर रहा हंू कक तनमााण काया के शलए, ववकास काम के शलए स् टेट को आगे ले जाने के शलए एजुकेशन और हैल् थ के शलए चाहे आयषु् मान भारत हो या िसूरी योजना हो, उसके शलए पयााप् त राशश रित ेतो हम िुश होकर इसको आगे बढाने का काम करत,े मगर कहीं भी इस बजट में प्रिेश को आगे ल ेजाने का कोई काम नहीं है, परूी तरीके से ववकास में पीछे ले जाने की साजजश है इसशलए मैं इन अनिुान मांगों का ववरोध करता हंू। अध् यक्ष महोिय, आपने बोलने का समय दिया, धन्‍द यवाि ।

अध् यक्ष महोिय :- बहुत-बहुत धन्‍द यवाि । आपने 45 शमनट तक अपना भाषण दिया है । मैं सभी सिस् यों से अनरुोध करंूगा कक बाकी लोग थोडा सा सकं्षक्षप् त में अपना भाषण करें ।

श्री मोहन मरकाम (कोण् डागांव):- माननीय अध् यक्ष महोिय, छत् तीसगढ शासन के ऊजाावान लोकवप्रय ककसान पतु्र ने ववत् तीय वषा 2019-20 के मागं सखं् या-1, 2, 6, 7, 12, 15, 32, 71 और 65 के सबंधं में इस सिन से अनिुान की मांग की गई है, मैं उसका समथान करत ेहुए अपनी बात कहना चाहता हंू ।

माननीय अध् यक्ष महोिय, छत् तीसगढ में 15 सालों बाि माननीय मखु् यमतं्री भपेूश बघेल जी के नेततृ् व में कांग्रेस की सरकार आई है । हमारी सरकार गढबो नवा छत् तीसगढ की नई पररकल् पना के साथ, नई उम् मीिों, नई आशाओं के साथ छत् तीसगढ के पौने तीन करोड जनता की जन आकाकं्षाओं पर िरा उतरने का प्रयास ककया है, उसके अनसुार ही बजट में प्रावधान है । उसी के अनसुार हर ववभाग में प्रावधान है । राज् य एव ंराष् र की आधथाक, सामाजजक प्रगतत के शलए ऊजाा पयााप् त होना अतत आवश् यक है । ऊजाा के मामले में छत् तीसगढ राज् य सम् पन्‍द न राज् य है, सरप् लस राज् य है । माननीय अध् यक्ष महोिय, जब छत् तीसगढ राज् य का वषा 2000 में गिन हुआ था । उस समय 1360 मेगावाट बबजली का उत् पािन होता था । 18 वषों के बाि 3424.60 मेगावाट उत् पािन हो गयी है । माननीय अध् यक्ष जी, स् टेट सेक् टर की उपक्षमता 3280 मेगावाट और जल ववद्यतु क्षमता का 138.70 मेगावाट है । माननीय

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अध् यक्ष जी, हमारी सरकार ने ककसानों के शलए ववशषे कायायोजना बनाकर ककसानों को लाभ ज् यािा स ेज् यािा शमले, उसके शलए माननीय अध् यक्ष जी, कायायोजना बनाई है । 5 अश् व शजक्त तक कृवष पपंों को तन:शलु् क ववद्यतु प्रिाय योजना, ककसानों को ज् यािा से ज् यािा लाभ कैसे शमले, उनको लाभ िेने के शलए इस बजट में 2164.50 करोड का प्रावधान ककया गया है । इसमें लगभग 5 लाि 50 हजार 889 दहतग्राही लाभ होंगे । कहीं न कहीं माननीय मखु् यमतं्री जी के जो अनिुान मांग है, उजाा ववभाग का अनिुान मांग है । इसमें पांच लाि से अधधक ककसानों को प्रत् यक्ष लाभ शमल रहा है । माननीय अध् यक्ष जी, एकल बत् ती कनेक् शन योजना, उपववद्यतु प्रिाय योजना, गरीबी रेिा से नीचे जीवन यापन करने वाले, जो दहतग्राही है, 19 लाि 58 हजार 630 दहतग्राही उनके शलए 585 करोड का इस बजट में प्रावधान ककया गया है । कहीं न कही ंजो गरीबी रेिा से नीचे हैं, एकल बत् ती कनेक् शन शलये हैं, उसका प्रत् यक्ष लाभ शमलेगा । माननीय अध् यक्ष महोिय, नेशनल धग्रड शमशन योजना अन्‍द तगात स् माटा मीदटररगं की व् यवस् था करने के के शलए जो शहर के एटीएनसी लॉस जो 15 प्रततशत से कम लाने के शलए राज् य के चार बड ेशहरों में इसका प्रयोग ककया जा रहा है । इसके शलए बजट में 32.80 करोड का प्रावधान ककया गया है ।

समय : 2:06 बजे (सभापनत‍महोदय‍(श्री‍सत्‍यनारायण‍शमार)‍पीठासीन‍हुये)

माननीय सभापतत जी, मखु् यमतं्री शहरी ववद्यतुीकरण योजना, शहरी क्षेत्रों में ववद्यतु व् यवस् था का सदुृढीकरण करने के शलए इस बजट में 35 करोड का प्रावधान ककया गया है । मखु् यमतं्री मजरा-टोला ववद्यतुीकरण, अववद्यतुीकृत मजरा-टोला का ववद्यतुीकरण करने के शलए इस बजट में 30 करोड 74 लाि का प्रावधान ककया है, जजसमें 1500 से अधधक मजरा-टोला का लाभ इस बजट में शमलेगा । माननीय अध् यक्ष महोिय जी, सौर सजुला योजना के अन्‍द तगात सोलर पम् पों को सहायक अनिुान । माननीय अध् यक्ष जी, शदु्ध पानी की व् यवस् था गांवों में कैसी हो, उसके शलए शासन ने और मखु् यमतं्री जी ने 10 करोड का प्रावधान ककया है । इसमें 240 नग सोलर पम् प स् थावपत होंगे । उसके माध् यम से गांव में शदु्ध पानी की व् यवस् था होगी । माननीय अध् यक्ष जी, शसचंाई पम् प हेत ुसोलर कृवष पम् पों की स् थापना, इसके शलए 467.34 करोड का प्रावधान ककया गया है । माननीय सभापतत जी, 20 हजार से अधधक कृवष पपंों का सोलर पपंों का उजीकरण होगा । पहाडी क्षते्रों में, ग्रामीण क्षेत्रों में जहा ंबबजली की सवुवधा नहीं है, उन क्षेत्रों में भी बबजली की सवुवधा कैसे पहंुचे, उसके शलए सरकार ने ववशषे कायायोजना बनाकर, ववशषे प्रावधान ककया है । माननीय सभापतत जी, हमारी सरकार ने, माननीय भपेूश बघेल जी की सरकार ने जो कहा, वह परूा ककया । माननीय सभापतत जी, बबजली बबल हाफ, तत् कालीन मखु् यमतं्री जी कह रहे

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थे, एक भी जनघोषणा पत्र का पालन नहीं हुआ है । हमारी 60 दिन की सरकार, िो महीने की सरकार ने, सरकार में आत ेही पहला, ऐततहाशसक तनणाय शलया है, बबजली बबल हाफ, 400 यतूनट तक जो भी उपभोक् ता है, माननीय सभापतत जी, 400 करोड रूपये इस बजट में प्रावधान ककया है । कहीं न कहीं ऐततहाशसक तनणाय सरकार में आत े ही 60 दिनों के अिंर तनणाय शलया है । यह हमारी सरकार का ऐततहाशसक तनणाय है । माननीय अध् यक्ष जी, हम छत् तीसगढ में िेित ेहैं, हम वपछली सरकार की बात कर रहे थे, वपछली सरकार 15 सालों से सरकार में रही है । इन्‍द होंने कई एम.ओ.य.ूककये । 91 पॉवर कंपतनयों ने बबजली उत् पािन का एम.ओ.य.ू ककया था । 68,460 मेगावाट बबजली उत् पािन करने का लक्ष् य रिा था । वषा 2012 में के्रडा ने 101 एम.ओ.य.ू ककया था । नवम् बर 2012 में तत् कालीन सरकार ने ग् लोबल इन्‍द वसान मीट के िौरान अरबों रूपये के एम.ओ.य.ू ककये थे, हजारों की सखं् या में रोजगार िेने का सब् जबाग दििाया था । मैं तत् कालीन मखु् यमतं्री जी से पछूना चाहता ह ू ं कक आपने ककतने लोगों को रोजगार दिया? आपने 15 साल राज करने के बाि भी आपने जजतने एम.ओ.य.ू ककये थे वह आज कायारूप में पररखणत हुए क् या? ततकालीन मखु् यमतं्री जी ने वषा 2004-05 में पहला भाषण दिया था उसमें कहा था कक हम वषा 2007 तक प्रत् येक गांव में बबजली पहंुचायेंगे। बबजली नहीं पहंुची और वे 2008 में कफर से सरकार में आये और उन्‍द होंने वषा 2013 तक प्रत् येक गांव में बबजली लगाने की बात की। तब भी नहीं लगा। वह वषा 2013 में कफर से सरकार में आये और उन्‍द होंने 2017 तक प्रत् येक गांव में बबजली लगाने की बात की। सभापतत महोिय, बस् तर के आधा से अधधक गावं में आज तक बबजली नहीं लगी है। जबकक केन्‍द र में हमारी तत् कालीन सरकार ने 10वीं, 11वीं, 12वीं पचंवषीय योजना में 920 करोड रूपये छत् तीसगढ सरकार को राजीव गांधी ववद्यतुतकरण योजना के तहत दिये थे मगर 15 वषों तक इन्‍द होंने बबजली नहीं लगाई। जब वषा 2014 में केन्‍द र में माननीय मोिी जी की सरकार आई तो उसी योजना को बिलकर उन्‍द होंने िीनियाल उपाध् याय ज् योतत योजना बनाया। पसैा हमने दिया था और ये कहत ेथे कक हमारी योजनाओं को आप बिलत ेथे। आप कें र में सरकार में आत ेहैं और पसैा हमने दिया था और उस पसै ेकी योजना का नाम आप िीनियाल उपाध् याय जी के नाम से रित ेहैं। आज 15 वषा तक सरकार में रहने के बाि भी गांव में बबजली नहीं पहंुची है। आज लगातार जो बातें कही जा रही हैं, मैं तत् कालीन मखु् यमतं्री जी को याि दिलाना चाहता हंू क् योंकक वह याि दिला रहे थे कक आपने जन घोषणा पत्र में जो बातें कही हैं कक अतनयशमत कमाचारी, शशक्षाकमी को कुछ नहीं दिया और ककसान को बोनस नहीं दिया। आपने 15 साल में जो-जो घोषणा की थी, परूा नहीं ककया। मैं आपको वषा 2003 के घोषणा पत्र की याि दिलाना चाहता हंू- प्रत् येक आदिवासी पररवार से एक को नौकरी, 12वीं पास पढे-शलि ेको बेरोजगारी भत् ता, आदिवाशसयों को जसी गाय िेंगे। आपने ककतने लोगों को दिया? आपने 2100 रूपये समथान मलू् य स ेलेकर कई वायिा ककये थे मगर उसे आपने 15 साल में परूा नहीं ककया। इसीशलए

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छत् तीसगढ की जनता ने आपको 15 सीटों में समेट दिया। तत् कालीन मखु् यमतं्री जी बार-बार एफ.आर.बी.एम. एक् ट की बात करत ेहैं। मझु ेजो जानकारी है एफ.आर.बी.एम. एक् ट में चौिहवें ववत् त

आयोग का जो तनिेश है कक जी.डी.पी. से जजसका 3 प्रततशत स ेकम है उन्‍द ही ंको अन्‍द य ववत् तीय ससं् थाओ ंसे लोन दिया जा सकता है। मगर हमारी सरकार ने एफ.आर.बी.एम. एक् ट का भी पालन ककया है और 2.99 प्रततशत तक अपना रिा है। आप हमेशा एफ.आर.बी.एम. (फाईनेंशशयल ररस् पांशसबबशलटी बजट मनेैजमेंट) एक् ट, ववत् तीय मनेैजमेंट की बात कहत े हैं कक वपछले 15 सालों में ववत् तीय प्रबधंन बहुत अच् छा था। मैं तत् कालीन मखु् यमतं्री जी से पछूना चाहता हंू कक यदि आपको एफ.आर.बी.एम. (फाईनेंशशयल ररस् पांशसबबशलटी बजट मनेैजमेंट) की ररस् पांशसबबशलटी थी, छत् तीसगढ की जनता के िजाने की जजम् मिेारी आपको िी गई थी तो आपने ऐसी योजनाएं बनाईं जो शसफा और शसफा कागजों में दििी।ं आपने वषा 2003-04 के बाि योजनाएं बनाई थीं-लिंन से न िाडी से डीजल शमलेगा बाडी से। आपने इसमें 400-500 करोड रूपये िचा कर दिया। ककसके बाडी में डीजल शमल रहा है? आप करोडों रूपये लोन लेकर मोबाईल बांट रहे हैं। आपने लोगों को गमुराह करने का प्रयास ककया। आज कहीं न कहीं उसी का पररणाम है कक 15 साल राज करने के बाि आप 15 सीटों पर आकर शसमट गए।

माननीय सभापतत महोिय, जनसपंका की बात है। लोकततं्र में सचूना की शजक्त ही जनता और उसके द्वारा तनवााधचत लोक कल् याणकारी सरकार की सबसे बडी ताकत होती है। शासकीय योजनाओं और ववकास कायाक्रमों की सफलता के शलए उनमें जनता की व् यापक और सकक्रय भागीिारी होती है। हम िेित े हैं कक जनसपंका ववभाग में जो लगातार अतनयशमतताएं हो रही हैं, जनसपंका ववभाग का काम सवंवधान में िी गई अशभव् यजक्त की स् वततं्रता को कायम रिने में मिि करना और ऐसे वातावरण बनाये रिना है जजसमें मीडडया को भी अपनी स् वततं्रता के साथ काया करने में मिि शमले। हमने 15 साल इनके शासनकाल में िेिा है कक छत् तीसगढ में भाजपा सरकार ने एक तरह से प्रेस की आजािी छीन ली थी। ऊपर पत्रकार िीघाा में बिेै हमारे पत्रकार साधथयों में से शायि कोई ऐसा होगा जजनके ससं् थान एव ंतनजी सपंको में कोई भी पत्रकार वपछली सरकार से प्रताड डत न हुआ हो। मैं तो उम् मीि कर रहा था कक डॉ. रमनशसहं जी जनसपंका ववभाग के मतं्री भी थे वे ये बतात ेकी सरकारी ििल से ककतने पत्रकारों की नौकरी गई और ककतने पत्रकारों का रांसफर राज् य के बाहर कराया गया कक वे मजबरू होकर नौकरी छोड िें। मैं बहुत ही िुशी के साथ यह बताना चाहता हंू कक आज हमारी माननीय श्री भपेूश बघेल जी की सरकार में ने तो फोन रैककंग का डर है, न पत्रकारों का सरकार में िमन का डर है। आज हमोर शमडडया के साथी महससू कर रहे हैं कक उन्‍द हें िुली हवा से सांस ले पा रहे हैं और आजािी से अपना प्रोफेसनल काम कर रहे हैं। राज् य में काम कर रहे िजानों चैनलों को अब इस बात का कोई भय नहीं है कक कोई चैनल उनके काम की तनगरानी कर रहा है, वीडडयो बना रहा है, या ककसको ककसको ररपोटा कर रहा है।

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आपके माध् यम से मैं यह कहना चाहता हंू कक पत्रकार सरुक्षा काननू बनाने की पहल हमारी सरकार माननीय श्री भपेूश बघेल की सरकार ने की है। उसके कारण परेू िेश में छत् तीसगढ का नाम रोशन हुआ है। अब छत् तीसगढ में वास् तव में सवंवधान की भावना के मतुाबबक अशभव् यजक्त की स् वततं्रता वाला राज् य बन जायेगा। जन सपंका ववभाग, माननीय सभापतत महोिय, मैं पहला वक् ता हंू अभी तो शरुूआत हो रही है।

सभापतत महोिय :- प्राय: प्राय: आपने सभी बातें कह िी है। आप सकं्षेप में कर िीजजये।

श्री मोहन मरकाम :- माननीय सभापतत महोिय, आपका सरंक्षण चादहए, मैं आधे घटें में अपनी बात करंूगा। आज भाजपा सरकार के िौरान जन सपंका ववभाग की छवव ऐसे घोटाले करने वाले ववभाग के रूप में बन गयी है जो पहले कभी सोच भी नहीं सकता था। एक ऐसा अजूबा, हजारों, करोडों बजट वाले ववभाग ने नहीं ककया जो जन सपंका ववभाग वालों ने कर दििाया। ववभाग का जो बजट सवा सौ स ेडडे सौ करोड हुआ करता था, उसे चुनावी साल में बढाकर िो सौ साि करोड कर दिया। इससे भी नहीं भरा तो चार सौ करोड रूपये िचा कर दिये गये। िचाा भी ऐसा ककया जैसे राजा महाराजा का राज हो, मौखिक कायाािेश, फाईल में कुछ नहीं, एक पन्‍द ने में करोडों की स् वीकृतत और आचार सदंहता लगने के बाि भी 28 करोड का लगभग, स् वीकृतत दिला दिये। ये जन सपंका ववभाग की कायाप्रणाली है वह भी हमारे तात् कालीन मखु् यमतं्री जी की है। श्री सौरभ शसहं :- सभापतत महोिय, श्री मोहन मरकाम जी, शलि के कौन दिया है, उसको थोडा बता िेत।े श्री मोहन मरकाम :- माननीय सभापतत महोिय, इस तरह से सरकार चल रही है थी कक ककसी दिमाग से ऐसे काम हो रहे थे। अगर वपछली सरकार के मखुिया जो िुि जन सपकंा ववभाग के मखुिया भी थ ेवे सिन मे बोल िेत ेतो कुछ भी सही बातें रहती तो सामने आती। आज हम िेिें लगातार जो बातें आ रही है । आज वपछली सरकार की कारनामों के कारण आज उनके अच् छे अच् छे दिग् गज मतं्री धरासाई हुए, उसी का पररणाम है कक आज 15 सीटों में आ के शसमट गये। श्री अजय चंराकर :- सभापतत महोिय, 25, 30 बार बोशलये हम 15 सीट पर शसमट गये, हम 15 सीट पर शसमट गये, हम 15 सीट पर शसमट गये। श्री मोहन मरकाम :- माननीय सभापतत महोिय, 60 साल आप 3 साल की याि दिला रहे थ।े इसीशलए बार बार याि दिला रहा हंू कक 15 सीट में शसमट गये। इसीशलए मैं बार बार याि दिलाऊंगा। छत् तीसगढ राज् य ितनज ससंाधनों के मामले में प्रकृतत ने हमको अनमोल उपहार दिया है। छत् तीसगढ में ितनज सपंिा का बहुमलू् य उपहार है। ितनज िोहन में लगी कंपतनया, पट्टेिार अधधक लाभ अजजात करते हैं परंत ुउस क्षेत्र के लोगों को उसका लाभ नहीं शमलता। छत् तीसगढ राज् य में लगभग 27 प्रततशत राजस् व

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ितनजों के िोहन से प्राप् त होता है। छत् तीसगढ राज् य को ववकशसत राज् य की शे्रणी में लाने के शलये, समदृ्ध राज् य बनाने के शलये, ज् यािा से ज् यािा ितनज ससंाधनों को िोहन कैस हो, इसके शलये हम लोग प्रयास कर रहे हैं। हमारी सरकार इसके शलये ववशषे काया योजना बना रही है। कोयल ऊजाा का प्रमिु स् त्रोत है। प्रिेश में ितनज राजस् व में 48.1 प्रततशत कोयला का योगिान है। राज् य में कोयले का 56 हजार, 36 शमशलयन टन भण् डार है। जो कक राष् र के कोयला भण् डार का 18.1 प्रततशत है। राष् र के कोयला उत् पािन में छत् तीसगढ की सहभाधगता 21.01 प्रततशत है। ताप ववद्यतु, सीमेंट उद्योग, इस् पात उद्योग में इसकी उपयोधगता हो रही है मगर वपछली सरकार में इनके चहेत ेचाहे अडानी हो या अन्‍द य

लोगों को हमारे कोयला ििानों को तनयम ववरूद्ध आंवटन ककया गया है। मैं वतामान सरकार से चाहंूगा कक उसकी जांच होनी चादहए जो कल तक केन्‍द र की तत् कालीन मनमोहन शसहं जी की सरकार पर कोयल ेका आरोप लगाती थी। मगर इनकी सरकार आत ेही चाहे केन्‍द र में हो राज् य सरकार, उनके उद्योगपतत शमत्रों को कई कोयला ििानें और उनके चहेत ेलोगों को आवटंन ककया है। सरकार को इस पर तनणाय लेना चादहए और उसका कफर से पनुरीक्षण करना चादहए।

माननीय सभापतत महोिय, लोह अयस् क के सबंधं में अपनी बात रिना चाहता हूूँ कक प्रिेश में ितनज राजस् व से लोह अयस् क से लगभग 26.28 प्रततशत योगिान रहता है। कबीरधाम जजले के इकलामा क्षते्र बलोि जजल े से िल् ली राजहरा होत े हुए बस् तर की बलैाडीला पहाड डयों में..। माननीय सभावप त महोिय, मैं केवल 10 शमनट में अपनी बात समाप् त करंूगा।

सभापतत महोिय :- नहीं। 10 शमनट नहीं, आप जरा और सकं्षेप कररये। आपके िल के बोलने वाले 19 लोग हैं।

श्री मोहन मरकाम :- माननीय सभापतत महोिय, जी। आज हम िेित ेहैं कक लगातार महत् वपणूा ितनज हीरा, स् वणा धात ु बस् तर और छत् तीसगढ में पाया जाता है। आज हम िेित े हैं चाहे हीरा का ििान, छत् तीसगढ में िेवभोग एररया में पाया जाता है। स् वणा धात ुबलौिा बाजार सोना िान, राजा िेवरी क्षेत्र में पाया जाता है। बलौिा बाजार सोना िान जो हमारे छत् तीसगढ के प्रथम स् वततं्रता सगं्राम सेनानी का जो क्षते्र है, उस क्षेत्र को भी वपछली सरकार, तात् कालीन सरकार ने नहीं छोडा, उस क्षेत्र में भी उद्योगपततयों को सोना तनकालने की िुली छूट िे रही थी। तो हमारी सरकार ने एक एततहाशसक तनणाय शलया है कक जो हमारे वीर सपतू हैं। उनका जो जन्‍द म स् थान बलौिा बाजार का सोनािान है, वह क्षते्र सरंक्षक्षत हो, ऐसा हमारी सरकार ने तनणाय शलया है ये स् वागत योग् य है।

माननीय सभापतत महोिय, आज गौण ितनज की बात है इमारती पत् थर, रेत, साधारण धगट्टी, बजरी, पत् थर, मरुूम आदि आत ेहैं। इसके शलए छत् तीसगढ सरकार ने सी.एम.डी.सी., छत् तीसगढ शमनरल डवेलपमेंट कापोरेट से तनकालने की बात की गई है। क् योंकक लगातार शशकायतें आ रही हैं कक ितनज

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माकफया, रेत माकफया, अद्ाध रूप से ितनजों का िोहन करके, इसकी रायल् टी न िेकर, सरकार को चूना लगा रहे हैं इसशलए हमारी सरकार ने यह तनणाय शलया है कक रेत का ििान सी.एम.डी.सी. करेगी।

माननीय सभापतत महोिय, उसके साथ-साथ ितनज तनधध में व् यय, ितनज तनधध से प्राप् त

आरक्षक्षत राशश ितनज िोज अन्‍द वेषण सयंकु् त परीक्षण के शलए हमारी सरकार ने 338 करोड रुपये का इसके शलए बजट में प्रावधान ककया है। गौण ितनजों से प्राप् त राजस् व का पचंायतों एव ंनगरीय क्षेत्रों में सीधा हस् तातंरण के शलए, 237 करोड, 50 लाि का प्रावधान ककया गया है। इससे पचंायतों को सीधा लाभ शमलेगा और जजस क्षते्र में गौण ितनज तनकाला जाता है और उसकी अधोसरंचना के ववकास में रोड पलु पशुलया से लेकर पानी की उस क्षेत्र में सवुवधा हो, इसके शलए हमारी सरकार ने व् यवस् था की है।

माननीय सभापतत महोिय, आज हम िेित ेहैं सामान्‍द य प्रशासन की बात कहना चाहता हूूँ कक सामान्‍द य प्रशासन ववभाग शासन का मखु् य प्रशासतनक ववभाग होता है। प्रशासन हेत ुप्रशासतनक व् यवस् था को सचुारू रूप से चलाने के शलए लोक उपयोगी योजनाएं बनाने के शलए आवश् यक दिशा तनिेश जारी करत ेहैं। हमने 15 सालों में वपछली सरकार में िेिा है कक राज् य आधथाक अपराध अन्‍द वेषण ब् यरूो, 1 नवम् बर 2000 में इसका गिन ककया गया था। वपछले 15 सालों में अपराधधक प्रकरण 65 जजसमें 31.12.2018 की जस्थतत में आज भी 58 प्रकरण लबंबत हैं। प्रारंशभक जाचं प्रकरण 159 में 31.12.2018 की जस्थतत में 129 प्रकरण लबंबत हैं। 73 न्‍द यायालयीन प्रकरण में 59 प्रकरण लबंबत है। जनसमस् या तनवारण शशववर, वपछली सरकार में वषा 2018 तक 58,765 प्रकरण लबंबत थे, मगर उसमें आज भी 3 हजार प्रकरण लबंबत हैं। माननीय सभापतत महोिय, ववमानन की बात कहना चाहंूगा। ववमानन महत् वपणूा ववभाग है। वपछली सरकार ने 2006 में शासकीय ववमान 23 करोड 88 लाि का िरीिा था और 2007 में इटली की कपनंी से अगस् ता हेलीकॉप् टर 25 करोड 96 लाि में िरीिा था। मरेे वपछले प्रश् न के उत् तर में आया था िो सालों में 78 करोड रुपये ककराये के हेलाकॉप् टर में िचा ककया। इन्‍द होंने कहीं न कहीं सरकारी िजाने का िरुूपयोग ककया। पवूा मखु् यमतं्री जी शमतव् यतयता की बात करत ेथे, जीरो टालरेन्‍द स की बात करत ेथे। वपछले 4 सालों में 2 अरब 7 करोड 47 लाि रुपये का काला धन के रूप में सामने आया है, यह सरकार का बयान था। भ्रष् टाचार के 231 प्रकरणों में आिेश में 331 सरकारी अधधकारी कमाचाररयों के खिलाफ प्रकरण िजा हुए थे। इसमें 3 आई.ए.एस. अधधकारी, 3 राज् य प्रशासतनक अधधकारी, 307 अन्‍द य प्रकारेण हैं। जो जीरो टारलने्‍द स की बात कर रहे थे, इनके 15 सालों के राज में इनके सरंक्षण में भ्रष् टाचार का बोलबाला हुआ है। आज हम िेित ेहैं कक जो बातें लगातार आ रही हैं, आज कही न कहीं हमारी सरकार पारिशशाता के साथ, शमतव् यतयता के साथ आगे काम का रही है। जब 2003 में हमारी सरकार थी तो छत् तीसगढ के राजकीय कोष में 600 करोड रुपये शषे थे, मगर 15 वषों के बाि डॉ. रमन शसहं जी की सरकार जाने के बाि 43,439 हजार करोड रुपया राज् य में कजा चढा और

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प्रतत व् यजक्त 17,034 रुपये का कजा हुआ। एफ.आर.बी.एम. एक् ट की बार-बार बात करत ेथे, शमतव् यतयता की बात कर रहे थे, जो हमेशा कहत े थ े कक हमारा ववत् तीय प्रबधंन बहुत अच् छा है, मगर ववत् तीय कुप्रबधंन के कारण लगातार छत् तीसगढ में कजा का बोझ बढा और 43 हजार करोड का बजट बढा। सभापतत महोिय :- मरकाम जी, समाप् त करें। आपको बोलत ेहुए 25 शमनट हो गये हैं।

श्री मोहन मरकाम :- माननीय मखु् यमतं्री जी ने जो बजट प्रस् ततु ककया है, जो अनिुान मांग ककया है। एक नई सोच के साथ हमारी सरकार ने अगर वपछली सरकार ने गडबड डयां की हैं, चाहे 36 हजार करोड का नान घोटाला हो, झीरम घाटी में हमारे 32 नेता शहीि हुए, उसमें एस.आई.टी. गिन की बात हो, अतंागढ कांड की िेश की ऐसा पहली घटना है, लोकततं्र को लज् जाजनक करने वाली घटना है। इन्‍द होंने एक राष् रीय पाटी के प्रत् याशी को पसेै के िम पर िरीिकर नाम पास लेने के शलए मजबरू ककया। अगर वतामान सरकार जांच करा रही है तो इसमें बिलापरु की कहां की बात हुई। अगर आपने गलत नहीं ककया है तो आज इतनी हडबडाहट क् यों हैं ? अगर आप गलत नहीं तो आप पाक साफ हो जायेंगे। सभापतत महोिय :- कृपया समाप् त करें। माननीय अजय चन्‍द राकर जी, मैंने अनमुतत िे िी है, आप शरुू करें। मरकाम जी हो गया, बहुत समय हो गया। अब बबल् कुल नहीं, बदैिये। आप मेहरबानी करके बदैिये। श्री मोहन मरकाम :- माननीय सभापतत जी, इसशलए मैं माननीय मखु् यमतं्री जी की अनिुान मांगों का समथान करत ेहुए अपनी बात समाप् त करना चाहता हंू। आपने बोलने का मौका दिया, बहुत-बहुत धन्‍द यवाि।

श्री अजय चन्‍द राकर (कुरूि) :- माननीय सभापतत महोिय, अभी मैंने 12-13 साल प्रिेश के ववत् त मतं्री रहे, उनका भाषण सनुा। उच् च शशक्षा मतं्री (श्री उमशे पटेल) :- भयैा, क् या हो गया है ?

सभापतत महोिय :- माननीय ववधायक जी, ये िीक नहीं है। अधधकारी िीघाा स ेकोई माननीय ववधायक चचाा नहीं कर सकता। ये आप लोग तनयम के ववपरीत कर रहे हैं। माननीय चन्‍द राकर जी। श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय सभापतत महोिय, जो 12-13 साल प्रिेश के मखु् यमतं्री के साथ-साथ ववत् त मतं्री रहे, उनका भाषण सनु रहा था। आज मैंने अभी एक इकानॉशमस् ट का भाषण सनुा। ववधायक के साथ-साथ प्रिेश के सबसे अच् छे इकानॉशमस् ट का भाषण सनुा। अच् छा लगा। माननीय सभापतत महोिय, मैं छोटी-छोटी बात कहंूगा। जैसा आपने कहा है कक जनसपंका ववभाग । माननीय अध् यक्ष महोिय, जो ऊपर हमारे साथी बिेै हैं, एक शब् ि उपयोग होता है शब् ि की सत् ता, वह भी ककसी एक शब् ि की सत् ता के माशलक हैं । हमारे जजतने महापरुूष चाहे उन्‍द होंने समाज सधुार के अशभयानों का नेततृ् व ककया हो, राजनीततक नवजागरण का काम ककया हो अथवा स् वततं्रता सगं्राम के लोकनायक रहे हों,

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सबने जनसवंाि के शलये पत्रकाररता को ककसी न ककसी समय माध् यम बनाया है । हमारा छत् तीसगढ बनने के बाि छत् तीसगढ की जो ववरासत है, छत् तीसगढ की जो ससं् कृतत है, छत् तीसगढ की सरकार जो छत् तीसगढ के शलये करने जा रही है, उनका एक शे्रष् ि माध् यम था और पत्रकाररता के माध् यम स ेहम छत् तीसगि़ को और मजबतू करके हम छत् तीसगढ को आगे ले जा सकत ेथे।

माननीय सभापतत महोिय, बजट में उनकी कटौती हुई । अब तो मैं ककसी ववभाग की बजट कटौती के बारे में बात ही नहीं करता । अब जो सबसे महतवपणूा बात है कक छत् तीसगि़ की छवव क् या बन रही है ? सबसे महत् वपणूा यह बात है, मैंने जनसपंका से बात इसशलये शरुू की कक छत् तीसगढ की ब्रांडडगं अब केवल जो रांसफर, एस.आई.टी. या जाचं इसी ववषय पर छत् तीसगि़ की ब्रांडडगं हो रही है, छत् तीसगढ की ब्रांडडगं के शलये कुछ भी ववषय नहीं हैं, एक महत् वपणूा ववभाग जो प्रिेश को िेश में स् थावपत कर सकता था, उसमें जांच और जाचं और जांच । लगतार जांच और उसके बाि ब्रांडडगं का मैंने बताया कक छत् तीसगि़ में अच् छी जाचं होती है, छत् तीसगढ में अच् छी एसआईटी बनती है और अब आग ेशलिना चादहए श्री अशमताभ बच् चन की वपक् चर शहनसाह थी, रात के 12 बजे तनकलता है और ऑडार सबुह तनकल जाता है ऐसा बबल् कुल रॉबबनहुड की तरह छवव है कक 2 बजे रात को मीडडया शलिता है कक रांसफर ऑडार जारी हुए तो जो उनके शलये बात कही गयी, ककस सरकार, ककस व् यजक्त के शलये मैं यह नहीं जानता कक उनकी सरुक्षा, उनकी सवुवधा, उनकी िेिरेि उनकी जो भी समस् याएं हैं, उनके शलये जो बात कही गयी । िभुााग् य है कक वह बजट में नहीं झलकती । अब जो डॉ. रमन शसहं जी का भाषण हो रहा था कक आपने जो उनके शलये कशमटमेंट ककया उससे आप पीछे क्यों हटे ? करना चादहए, आपको ककसने मना ककया ? व ेऐसे ससं् थान हैं, ककसी भी स् वरूप में िेश-काल पररजस्थततयों को आप याि कर लीजजये । मैं कभी अवसर आयेगा तो मैं उसका उिाहरण िूंगा कक वे राजसत् ता से ही, राजसत् ता का स् वरूप समय-काल में अलग-अलग बिलती रही उसके द्वारा ही पोवषत होत े रहे लेककन आज आपने स् वरूप बिल दिया कक उसके खिलाफ छोटी-छोटी एजेंशसयों ने छोटे-छोटे काम ककये होंगे । ककसी के कहने पर आपने जांच की, भगुतान रोक दिया, िसूरे ववभाग जो जनसपंका को भगुतान कर चुके हैं, आपका चुनाव आयोग भगुतान कर चुका है, आपके और अन्‍द यान्‍द य ववभाग हैं जो भगुतान कर चुके हैं लेककन आप उन छोटे-छोटे लोगों का पमेेंट रोककर रिे हैं । आप जांच करवाईये, गलती िोजजये, यदि एक एसआईटी से गलती नहीं शमल रही है तो िसूरी एसआइटी बनाईये उसमें आपवत्त नहीं है लेककन जो प्रकक्रया है उसको आप रिें और उन लोगों के साथ आपने जो वायिे ककये हैं उन ससं् थान को मजबतू करने के शलये जो वायिे ककये हैं उसको परूा कररये ।

माननीय सभापतत महोिय, जनसपंका ववभाग । जनसपंका ववभाग बहुत लबंा-चौडा ववभाग है । कुछ उिाहरण आये हैं लेककन मैं जनसपंका ववभाग में कुछ ही बातें बोलूगंा । हम लोग 13 मतं्री थे, 27

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जजले थे । हम 15 अगस् त, 26 जनवरी में माननीय सांसिों की भी ड्यटूी लगात ेथे । ससंिीय कायामतं्री जी, भारतीय जनता पाटी के सांसिों का आप मत लगाईये । आप बबलासपरु मखु् यालय के ववधायक को छोड िेत ेहैं, िसूरे मखु् यालय से लात ेहैं । आप श्रीमती छाया वमाा जी यहां की सम् माननीय सांसि हैं, श्री मोतीलाल वोरा जी सम् माननीय सांसि हैं । आप उनका अपमान करत ेहैं, यदि आप अवसर िेना चाहत ेहैं तो प्रिेश में सांसि भी हैं । छत् तीसगढ में परुस् कार इतने सारे हैं, इतने सारे परुस् कार हैं कक उसकी परूी महत् ताित् म हो चुकी है और परुस् कार, कब-कौन ककसको िेगा हर बात में यहां परुस् कार है, हंसने पर भी परुस् कार है, रोने पर भी परुस् कार है, शलिने पर भी परुस् कार है, आप जजसमें चाहें उसमें परुस् कार िे सकत ेहैं । माननीय सभापतत महोिय, ससंिीय कायामतं्री जी यहां पर मौजूि हैं । हमने एक कोशशश की थी लेककन सहमतत के अभाव में नहीं हो पाई । आप छत् तीसगढ में भारत सरकार के पद्म परुस् कारों की शलैी में एक-िो परुस् कार स् थावपत कीजजए । नागररक क्षेत्र के सबसे बड ेपरुस् कार हैं, पद्मश्री, पद्म भषूण, पद्म ववभषूण या भारत रत् न, इस तरह के । लेककन छत् तीसगढ जैसा मकु् त हस् त से भारत के ककसी भी राज् य में नहीं बांटा जाता और इनके परुस् कारों की कहीं कोई मान्‍द यता नहीं है । कहीं कोई उसे गभंीरता से नहीं लेता, इस बात को मैंने कहा । मैं इस बात पर नहीं जाता कक ककसने ककया है । सभापतत महोिय, सामान्‍द य प्रशासन ववभाग के अतंगात िसूरी महत् वपणूा बात कहना चाहंूगा, जजस पर काफी लम् बी चौडी बात हुई है । ववकलांगों के शलए आरक्षण के तनयम, इसे सामान्‍द य प्रशासन ववभाग िेिता है । अनकंुपा भती, सामान्‍द य प्रशासन ववभाग िेिता है । िभुााग् य से, ववकलांगों के बारे में पिों की पतूत ा और उसकी सतत ् मॉनीटररगं, अनकंुपा भती समय पर हो, पीड डत पररवारों को समय पर लाभ शमल े । इस पर गभंीरता की जरूरत है । मानव अधधकार सरंक्षण 1993, माननीय ससंिीय कायामतं्री जी, सामान्‍द य प्रशासन ववभाग ही िेिता है । राजनीतत कक्रयाकलापों को भी सामान्‍द य प्रशासन ववभाग िेिता है । राजनीततक कक्रयाकलापों से मतलब यह बबल् कुल नहीं होता कक ववरोधधयों को तनपटाने के शलए आप षडयतं्र करें । राजनीततक कक्रयाकलापों स ेअशभप्राय स ेमतलब प्रिेश में क् या कुछ घट रहा है, आपको उसकी अद्यतन जानकारी होनी चादहए । प्रिेश में धरने हो रहे हैं, आंिोलन हो रहे हैं, वविेशी घसु रहे हैं, पाककस् तानी आ रहे हैं । आप िेिेंगे तो सारे आपके तनयमों में शमलेंगे । शायि आप सामान्‍द य प्रशासन ववभाग में रहे हैं । अभी जो सबसे ज् यािा एजक्टव है मानव अधधकार सरंक्षण अधधतनयम को और राजनीततक कक्रयाकलाप को शमक् स करके मैंने परसों शनू्‍द यकाल में उिाया था । इनकी 60 दिनों की उपलजब्ध में पचासों घटनाएं बता िूंगा जब ववरोधी कायाकतााओं को प्रताड डत ककया गया । मानव अधधकार कायाकतााओं को प्रताड डत ककया, अपमातनत ककया । ऐसे उिाहरण बता िूंगा लेककन आज उसका समय नहीं है । इस बात का संज्ञान ससंिीय कायामतं्री जी जरूर लेंगे । इस प्रिेश में सामान्‍द य प्रशासन ववभाग की एक ससं् था जो सबसे एजक्टव है वह है एटंी करप् शन ब् यरूो । अगर परेू प्रिेश में इनकी 60 दिनों की

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उपलजब्ध धगनी जाए और यदि मझुे नम् बर िेने के शलए कहा जाए तो िो चीजें हैं एक एसआईटी और िसूरा एसीबी । इनकी सबसे ज् यािा सकक्रयता रही । अगर पॉशलदटकल स् लोगन लेंगे तो नरवा, गरवा, घरुवा, बाडी इन इक् वल टू सब । बाकी समाज में और कोई भी वगा नहीं हैं जजसके बारे में आपने पॉशलदटकल डॉक् यमूेंट में कहा हो । मैं यतूनवसाल हेल् थ स् कीम को मानता नहीं, आप सपने िेि रहे हैं, वह हो सकता है लकेकन या तो आप उसको लेजजस् लेदटव सपोटा िीजजए कक यह काननू बना है, जैसा कक हमने िाद्यान्‍द न्‍द सरुक्षा को दिया, हमने लोक सेवा गारंटी को दिया, हमने कौशल उन्‍द नयन को दिया । यह यतूनवसाल हेल् थ छत् तीसगढ के लोगों का अधधकार होगा । उसमें लजेजसलेदटव सपोटा के बाि उसमें बजटीय प्रावधान िीजजए तब भारत सरकार या ककसी अन्‍द य के आयषु् मान भारत योजना की आलोचना कीजजए । आप कहत ेहैं कक केवल यतूनवसाल हेल् थ स् कीम आ रही है । पहली बार छत् तीसगढ ववधान सभा में काल् पतनक चीजों को जनता के सामने वोट पाने के शलए परोसकर िेिा जा रहा है । सभापतत महोिय, बबजली ववभाग में िो बातें कहकर सचूना प्रौद्योधगकी पर बात करके ित् म कर िूंगा । बबजली ववभाग की िो उपलजब्धयां हैं । सभापतत महोिय, मैंने अनिुान मांगों पर चचाा के समय कहा था कक बबजली बबल हाफ का क् या मतलब क् या है ? ये बबजली बबल हाफ का मतलब कभी नहीं बतलात े। श्री बहृस् पत शसहं :- हाफ का मतलब आधा, हाफ का मतलब आधा । श्री अजय चन्‍द राकर :- आधा का मतलब 400 यतूनट नहीं होता । मेरे घर में जजतनी बबजली जलती है उसका हाफ कररये । यदि घरेल ूभी करत ेहैं तो बाकी टैररफ भलू जाइए । श्री बहृस् पत शसहं :- वही करने जा रहे हैं साहब, जो 15 सालों में आपने नहीं ककया । श्री अजय चन्‍द राकर :- बहुत सुिंर । आपकी क्षमता हो जाए, आपकी उधर सनुवाई हो जाए कफर बोलना । अगली बार कफर यह मत बोलना कक हम करने जा रहे हैं । सभापतत महोिय, िसूरी बात यह है कक एक चीज बहुत सफाई से तछपा ली जाती है कक ककतनी बबजली गलु हो रही है । शाम पांच बजे से आप िेत में चल िीजजए, गांव में चल िीजजए । यदि भरोसा नहीं है तो ककसी मतं्री महोिय से कह िें मैं अपने ववधान सभा क्षते्र में दििा िूंगा । मेरे क्षेत्र में रबी फसल में, जो छत् तीसगढ का सबसे ज् यािा शसधंचत क्षेत्र है वहां प्रततदिन बबजली कटौती आम बात है । ये इनके 60 दिनों की िो प्रमिु उपलजब्धयां हैं ।

श्री बहृस् पत शसहं :- चन्‍द राकर जी, आप ककतने साल से िेत में नही ंगये हैं? चन्‍द राकर जी, आप ककतने साल से िेत में नही ंगये हैं? कभी िेती ककये हैं क् या ? कभी िते में गये हैं क् या ?

श्री सौरभ शसहं :- कल ही गये थे। कल तो गये थे।

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श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय ससंिीय काया मतं्री जी। ससंिीय काया मतं्री जी। ससंिीय काया मतं्री जी। मैंने तीन बार ससंिीय काया मतं्री जी कहा। 3 टाइम् स।

सभापतत महोिय :- माननीय चन्‍द राकर जी, कृपया समाप् त करें।

श्री अजय चन्‍द राकर :- एक ववभाग। साहब, मखु् यमतं्री जी का है। एक ववभाग मैं छोटा सा बोल िेता हंू। ऊजाा ववभाग में मैं यह जरूर जानना चाहंूगा कक ससंिीय काया मतं्री जी। कफर ससंिीय काया मतं्री जी उधर चल िेत ेहैं बताइए। छत् तीसगढ का पारेषण लॉस ककतना है ? छत् तीसगढ की ववतरण कंपतनयां ककतने घाटे में है ? यह आप जरूर बताइएगा और सौभाग् य योजना या उिय योजना के कक्रयान्‍द वयन में आप कौन से स् थान पर हैं, यह जरूर बताइएगा और यह लगातार 7 दिनों में नीचे धगरा है। सभापतत महोिय, आप इसको ऑनलाइन िेि सकत ेहैं। एक छोटा सा इलेक् रातनक ववभाग धचप् स है। मैं एक छोटे से बजट का उल् लिे कर िेता हंू। इसकी मि सखं् या 7776 है। कौशल उन्‍द नयन एव ंप् लेसमेंट हेत ुअनिुान। वपछली बार 51722 इतने हजार करोड रूपये का बजट था। अभी उसमें 10 हजार रूपये हैं। कौशल उन्‍द नयन एव ंकहां है यवुा मतं्री जी। कौशल एव ंउन्‍द नयन हेत ुअनिुान है। उसमें जो आपने बेरोजगार लोगों की सखं् या िी है, उसको ककतना पसैा शमलेगा .0042 रूपये। माने लगभग 42 पसैे मान लीजजए। कौशल उन्‍द न्‍द यन और प् लेसमेंट के शलए आपने बडी राशश की व् यवस् था की है, उसके शलए आप बहुत-बहुत बधाई स् वीकार करें। आप य.ूपी.ए. की बहुत प्रशसंा करत ेहैं। मैं भी य.ूपी.ए. की एक स् कीम की प्रशसंा कर िेता हंू। तत् कालीन प्रधानमतं्री मनमोहन शसहं जी ने प्रोफेशनल की व् यवस् था की। उन्‍द होंने आर.पी.एम. आर.डी.एफ. योजना लाग ूकी। पहले रूरल डवेलपमेंट में। राजा साहब। ओ बाबा साहब। (श्री टी.एस.शसहंिेव की ओर इशारा करत े हुए) प्रधानमतं्री जी ने पहले यह योजना लाग ू की और रूरल डवेलपमेंट में अनप्रोफेसनल दिये गये और उस योजना के आउटपटु से प्रभाववत होकर नरेन्‍द र मोिी जी ने भी वह योजना लाग ूकी। छत् तीसगढ सरकार ने मखु् यमतं्री के नाम से एक योजना शरुू की और उसने 3 चरणों में ए.एम.सी.ए.टी. अतंरााष् रीय एक ससं् था है जजन्‍द होंने छत् तीसगढ के अनप्रोफेशनल के शलए परीक्षा आयोजजत की। िसूरे चरण में जो थे आई.एम.आई.टी.एस.एस. के प्रोफेसर लोग थे। जो आवेिन ककये थ ेउसमें से मात्र 40 लोग सलेक् ट हुए। 40 लोग सलेक् ट हुए, उसमें से 6 लोग छत् तीसगढ के थे। आप आये और एक सकेण् ड में आपने हटा दिया कक साहब ये कलेक् टर के ऊपर सपुर कलेक् टर की तरह काम कर रहे थे। उन लोगों ने 386 रूरल डवेलपमेंट में है आप जो 386 प्रोजेक् ट जमा ककये एकाक प्रोजके् ट का अध् ययन कीजजएगा। वो सवंधैातनकता सत् ता नहीं थे। यह शसववल सववास कान्‍द स् टीट्यशूनल यतूनट है। उससे ऊपर नहीं हो सकती। आप यह घरुवा बनाना चाहत ेहैं। आप स् माटा घरुवा बनाना चाहत ेहैं। यदि आप उस प्रोफेशनल को िेत े तो परेू ससंार में स् माटा घरुवा, घरुवा ककसने, घरुवा है तो उसकी लागत क् या है ? नरवा...।

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सभापतत महोिय :- समाप् त करें, चन्‍द राकर जी।

अध् यक्ष महोिय :- अब साहब, आखिरी चीज तो बोल रहा हंू। बस िो लाइन।

सभापतत महोिय :- आखिरी तो बोलत ेही नहीं न। आपका आखिरी कब होगा। श्री अजय चन्‍द राकर :- हमारे यहां का एक नाम मैं काट िूंगा। आपके यहां का एक नाम आप काट िो।

श्री शशवरतन शमाा :- मेरा नाम काट िो। मेरी जगह िे िो इनको। आप मेरा नाम काट िो।

सभापतत महोिय :- िीक है।

श्री अजय चन्‍द राकर :- जजतने तरह के घरुवा हैं जैसा घरुवा बनाना है, वह आप बना लो।

श्री बहृस् पत शसहं :- आपकी उमर भी इधर लग जाये।

श्री अजय चन्‍द राकर :- वह आपको अध् ययन करके िे िेत।े

सभापतत महोिय :- शशवरतन जी, आपका नाम काट दिया।

श्री अजय चन्‍द राकर :- लेककन आपने पवूााग्रह से। मैं तो चाहंूगा कक आप ससंिीय काया मतं्री जी उसके प्रोजेक् ट का अध् ययन कीजजए। आज कमलनाथ जी ने आिेश ककया कक हम प्रोफेशनल रिेंगे। 9-10 स् टेट में यह प्रोफेशनल चल रहा है शसफा छत् तीसगढ को छोडकर। तो छत् तीसगढ में तो अब नरवा, गरूवा, घरुवा और बाडी ही है। उसके शसवाय कोई िसूरी बात तो हम कर ही नहीं सकत।े

श्री बहृस् पत शसहं :- इसका मतलब आप समझत े हैं क् या ? नरवा, गरूवा, घरुवा का मतलब समझत ेहैं क् या ?

श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय सभापतत महोिय, अब मैं ित् म करता हंू। इलेक् रातनक् स के शलए..।

श्री धमाजीत शसहं :- एक शमनट-एक शमनट। अभी मैं िो-चार झन का नाम बताउंगा न एक सांस में नरवा, घरुवा, बारी नहीं बोल पाओगे । अब जजतना पढाये हैं, उतना रट लो लेककन इसके बारे में अभी जब वह बोल रहे हैं तो नरवा, गरूवा, घरुवा स् पेशशलस् ट हैं वे। (हंसी) श्री अजय चन्‍द राकर :- बस, अभी ित् म करता हंू।

सभापतत महोिय :- और काहे-कहो में स् पेशशलस् ट हैं ये और ककस-ककस चीज के स् पेशशलस् ट हैं ये भी बताएं।

श्री बहृस् पत शसहं :- और ककस-ककस चीज के स् पशेशलस् ट हैं ये भी बताइए।

श्री धमाजीत शसहं :- ये नरवा और घरुवा के ववशषेज्ञ हैं।

श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय सभापतत महोिय, उसमें तो मेरी चचाा लगी है, मैं उस पर बोलूगंा । आप समय िीजजयेगा। माननीय ससंिीय कायामतं्री जी, आप िगुा में रहत े हैं। शभलाई के

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साफ्टवेयर पाका तनमााण के शलए ककतनी कटौती की गई है, आप उस बजट को पढ लीजजये, आपकी राजनीततक क्षमता, आपका प्रतततनधधत् व दििता है। छत् तीसगढ में इलेक् रातनक इंजीतनयर ककतने तनकल रहे हैं ? आप िसूरे से साफ्टवेयर बनवा रहे हैं, आप िसूरे से प्रयोग करवा रहे हैं। आपके पाका में यहां के इंजीतनयरों को जो नौकरी शमलती, शभलाई के आप भी हैं न, आपकी राजनीततक क्षमता दिि गई, राजनीततक क्षमता कम कर िी गई।

माननीय सभापतत महोिय, मैं एक योजना पर बोलकर अपनी बात समाप् त करंूगा। स् काई योजना, कल प्रश् न नहीं हो रहे थे तो भी माननीय मखु् यमतं्री जी बताने को उत् सकु दिि रहे थे। हमारे माननीया बहन जी ने प्रश् न नहीं ककया, परन्‍द त ुमाननीय मखु् यमतं्री जी बताने को उत् सकु दिि रहे थे। ऐसा पहली बार हुआ, तो हम भी उत् सकुता से सनु रहे थे कक िेिे स् काय योजना में क् या तनकलता है ? स् काय योजना की पषृ् िभशूम क् या थी, इसको जानने के बजाय सरकार की रूधच इस बात पर है कक इसमें गडबडी तनकाली जाय और ककसी आिमी को आरोवपत ककया जाए और उसके उद्िेश् यों को प्रभाववत ककया जाए। मैं उत् तर में यह जरूर सनुना चाहंूगा कक धचप् स में स् काय योजना लाग ूहोने के पहले छत् तीसगढ में कनेजक्टववटी का प्रततशत ककतना था और परेू दहन्‍द िसु् तान में कौन से पायिान पर था और आज दहन्‍द िसु् तान में कौन से पायिान पर है ? आप स् काय योजना बिं कर िीजजये, छत् तीसगढ में शत-प्रततशत कनेजक्टववटी के शलए आपके पास वकैजल्पक प्रोग्राम क् या है ? चूकंक मदहला बहन जी ने प्रश् न उिाया था, इसशलए मैं इस बात को नहीं कहंूगा। नई ववधायक हैं। जो मेनीफैक् चररगं एसोशसयशन है, वह कहता है कक दहन्‍द िसु् तान में 58 प्रततशत मदहलाओं के पास और 85 प्रततशत परुूषों के पास मोबाइल है। लेककन छत् तीसगढ में वह 37 प्रततशत मदहलाओ ंके पास है।

श्री अमरजीत भगत :- माननीय उस मोबाइल का भी उल् लिे कर िीजजये न कक मोबाइल कैस ेफटता था, कैसे फट जाता था, ककतने का मोबाइल था, ककतने में बबकता था। आप उसको तो भी बता िीजजये। 1500 रूपये की मोबाइल 5 हजार में बबका, वह भी बता िीजजये। डॉ0 श्रीमती लक्ष् मी ध्रुव :- मोबाइल िेने से पहले यदि नेट की सवुवधा िे िी जाती तो ज् यािा होता। श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय सभापतत महोिय, सब गलततयां थी, यदि गलततयां िोजना है, माननीय ससंिीय कायामतं्री जी इस बात को सनु रहे हैं कक छत् तीसगढ की मदहलाओं को नेट से जोडने के शलए, छत् तीसगढ में कनेजक्टववटी शत-प्रततशत करने के शलए क् या वकैजल्पक प्रोग्राम है ? यह प्रस् ततु करें। आज की ितुनया के नये ववचारों को छत् तीसगढ की सरकार ने प्रततबधंधत ककया। नई सेवाएं जो ग्रामीण जनता को शमलती, उससे वधंचत ककया। यदि रमन एप, मोिी एप में आपवत्त थी तो माननीय भपेूश बघेल जी भी बहुत िूबसरूत लगत ेहैं, माननीय ससंिीय कायामतं्री जी भी बहुत िबूसरूत लगत ेहैं, माननीय

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टी0एस0 शसहंिेव साहब, आपकी तो िूबसरूती ककसी को भी ित् म कर िेगी, उसमें आपका एप लग जाए, हमको कोई आपवत्त नहीं है। हमारा उद्िेश् य यह है कक शत-प्रततशत मदहला, शत-प्रततशत छत् तीसगढ कनेजक्टववटी से जुड।े मैंने यगं प्रोफेशनल की बात इसीशलए कही। इलेक् रातनक पाका की बात इसीशलए कही। जो इलेक् रातनक गे्रजएुट तनकल रहे हैं, उनके शलए बात कही। जो आप बाहर से साफ्टवेयर बनवा रहे हो उसको छत् तीसगढ में बनवाओ, इसीशलए कही। लेककन अब नवाचारों के शलए छत् तीसगढ नही ंरहा। मैं इस अनिुान मांगों का ववरोध करत ेहुए अपनी बात समाप् त करता हूूँ। सभापतत महोिय, आपने मझु ेबोलने के शलए समय दिया, उसके शलए आभार व् यक् त करता हूूँ।

सभापतत महोिय :- माननीय सतंराम नेताम। श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय सभापतत महोिय, एक छोटी सी बात है। बहुत दिनों बाि अशमतशे शकु् ल जी हाउस में आये हैं। अध् यक्ष महोिय जी के साथ राजजम गये थे। आरती में फोटो छपा था उसमें रो रहे थे। क् यों रो रहे थे, आज तक समझ में नहीं आया ? इसमें भी एस0आई0टी0 जांच होनी चादहए। अशमतशे शकु् ल जी आरती करत-ेकरत ेक् यों रो रहे थे ?

श्री अशमतशे शकु् ल :- माननीय सभापतत महोिय, इनको बताईये कक शािी-ब् याह में जाने िेंगे या नहीं िेंगे ? ककसी पररवार की शािी होगी तो वहां जाने की अनमुतत िेंगे या नहीं िेंगे अजय चन्‍द राकर जी ?

श्री अरूण वोरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, अजय चन्‍द राकर जी को कैस ेपता चला कक फोटो में ये हंस रहे हैं या रो रहे हैं ?

श्री अजय चन्‍द राकर :- पेपर में छपा है। श्री अरूण वोरा :- फोटो में पता नहीं चलता।

श्री अशमतशे शकु् ल :- मैं तो भावनात् मक हूूँ। आप तो 15 साल रोये ही नहीं हो। जनता की जो परेशानी है, उसमें आप रोये ही नहीं हो ?

श्री शशवरतन शमाा :- अशमतशे जी, पनु्‍द नी मेला कैसे चल रहा है, यह बता िीजजये।

सभापतत महोिय :- बस करें। माननीय नेताम जी, अपना भाषण शरुू करें।

श्री शशवरतन शमाा :- सभापतत महोिय, अशमतशे जी बहुत दिनों बाि सिन में आये हैं उनको बोलने िीजजए । सभापतत महोिय :- कोइा बात नहीं ।

श्री सतंराम नेताम (केशकाल) :- सभापतत महोिय, प्रिेश के मखु् यमतं्री माननीय भपेूश बघेल जी के ववभाग की मांग सखं् या-1, 2, 6, 60, 12, 25, 32, 71 और 65 पर अपना ववचार रिना चाहता हंू ।

श्री अशमतशे शकु् ल :- आप लोगों ने पनु्‍द नी मेला मान शलया इसशलए मैंने बोलना बिं कर दिया ।

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श्री सतंराम नेताम :- छत् तीसगढ के मखु् यमतं्री माननीय माननीय भपेूश बघेल जी के शलए मैं चार लाईन कहना चाहंूगा, शमाा जी इस कववता को सतुनएगा :-

सत् य को कहने के शलए ककसी शपथ की जरूरत नहीं होती, नदियों को बहने के शलए ककसी पथ की जरूरत नहीं होती, जो बढत ेहैं, जो बढत ेहैं जमाने में, अपने मजबतू इरािों के बल पर, उन्‍द हें अपनी मजंजल पाने के शलए ककसी रथ की जरूरत नहीं होती।

(मेजों की थपथपाहट) सभापतत महोिय, हमारे भपेूश बघेल की जो कांगे्रस अध् यक्ष के रूप में यहां बिैत ेथे और आज वहां मखु् यमतं्री जी के रूप में वहां बिैत ेहैं, उन्‍द होंने ककसानों के दहत में, बेरोजगारों के शलए में एक बडी-बडी योजना लांच की है ।

श्री बजृमोहन अग्रवाल :- सतंराम जी, जरा सभापतत जी से पछूो कक उनकी जगह बिली है कक नहीं बिली ।

श्री सतंराम नेताम :- हमारे सभापतत महोिय और आगे जाएंगे । श्री शशवरतन शमाा :- आगे कहां ।

श्री सतंराम नेताम :- हमारे सभापतत के शलए अभी ब हुत कुछ है। सभापतत महोिय, जब डा. रमन शसहं जी सरकार में 15 साल मखु् यमतं्री थे, वे अभी भाषण में शशक्षा कमी की बात कर रहे थे । उन्‍द होंने एक शब् ि कहा था कक हम एक घटें में शशक्षाकशमायों की तनयशमतीकरण कर िेंगे । 15 साल स ेशशक्षा कशमायों को ककस प्रकार से रूलाया, उनके साथ ककस प्रकार से धोिा ककया, वह प्रिेश की जनता जानती है, शशक्षा कमी जानत े हैं । उन्‍द होंने 60 दिनों में 15 साल की तलुना की, िैतनक वेतन भोगी असतंषु् ट हैं, हमारे सवंविा कमी आिंोलन के मडू में हैं । आपने 15 साल में रहकर इन लोगों की मांग को परूा क् यों नहीं ककया ? छत् तीसगढ शासन के 34 ववभागों के अधधकारी-कमाचारी 2018 में वह मिैान में अपनी मांगों को लेकर आिंोलन कर रहे थे, आपने क् यों नहीं सनुा ? इसशलए हमारी प्रिेश की जनता ने, ककसानों ने, कमाचाररयों ने आपको 15 सीटों में शसमटकर रि दिया । मैं बहुत समय से सनुता हंू, हमारे ववपक्ष के साथी कहत ेहैं और नरवा, घरुवा, गरू वा और बाडी के बारे में वे खिल् ली उडात ेहैं । श्री केशव प्रसाि चंरा :- सतंराम जी, मखु् यमतं्री के ववभाग के बारे में बोशलए न, 15 सीट स ेक् या मतलब है ?

श्री सतंराम नेताम :- मैं वही बात कर रहा हंू कक ववपक्ष के सिस् य कहत ेहैं कक नरवा, घरुवा, गरू वा और बाडी के शलए बजट नहीं है । आप धचन्‍द ता क् यों करत ेहैं, ये जो नारा है- नरवा, घरुवा, गरू वा और बाडी स ेगांव का ववकास होने वाला है । आप िेित ेजाईए, धैया रखिए, अभी 60 दिन हुआ है।

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इसके शलए हमारी सरकार बजट िेगी और गांव का ववकास होगा । आप थोडा सा धैया रखिए, हमारे प्रिेश के मखुिया काफी सवेंिनशील हैं, ककसान पतु्र हैं, उनको मालमू है कक कैसे गांव का ववकास कर सकत े हैं ।

सभापतत महोिय, आप 35 ककलो चांवल की बात करत ेहैं । जब आप 35 ककलो चांवल िे रहे थ,े बाि में आपने 7 ककलो कर दिया तो इस योजना के कारण हमारे बस् तर में बहुत से भाईयों का पेट नहीं भर पा रहा था। इसशलए हमारी सरकार ने सीधा-सीधा प्रत् येक पररवार को 35 ककलो चांवल िेने की व् यवस् था की है, अगर ज् यािा सिस् य होंग ेतो उनके शलए भी 7 ककलो के मान से उनका भी चांवल बि़ाया जायेगा । आपने ककसानों को सपना दििाया कक हम 21 सौ रूपये समथान मलू् य िेंगे । आज हमारी जन घोषणा की आप खिल् ली उडात ेहैं, हमारी सरकार ने जो कहा, उसको ककया । हमारे मखु् यमतं्री जी ने 25 सौ रूपये िेने की बात कही थी, उसको करके दििाया । आप तो 15 सालों से ककसानों का धान िरीिने के नाम स ेआपने केवल नाटक ककया, ककसानों को धोिा दिया और 300 रूपये बोनस के शलए हम इस तरफ बिैकर जब मांग करत ेथे तो आप हमारी बातों को अनिेिा करत ेथे । आज बडी-बडी बात करत ेहैं, अगर आप ककसानों के शलए सवंेिनशील होत े तो आज इधर नहीं बिैत े । आिरणीय सभापतत महोिय, अभी ऊपर मीडडया के साधथयों के शलए, हमारे चन्‍द राकर जी कह रहे थे, कायापाशलका, व् यवसावपका, न्‍द यायपाशलका, इन तीनों जगहों के शलए आप वेतनभत् ता िेत े हैं । चौथा स् तंभ आप उस मीडडया को मानत ेहैं, इनके शलए भी कम से कम वेतन भत् ता होना चादहये । बबहार में एक तनधध के माध् यम से उनको प्रततमाह 6 हजार रूपया दिया जाता है । वसै े ही हमारे छत् तीसगढ के शलए भी माननीय मखु् यमतं्री जी से मांग करता ह ू ंकक जजस प्रकार से हमारे पत्रकार साधथायों के शलए सरुक्षा काननू व् यवस् था बनाया है, उसी प्रकार उनको भी एक तनजश्चत तनधध दिया जाना चादहये । श्री केशव प्रसाि चन्‍द रा :- घोषणा करवा िीजजए ।

श्री सतंराम नेताम :- सभापतत महोिय, वह अपने कक्ष में बिैकर शलि रहे हैं ।

श्री धमाजीत शसहं :- कक्ष में भी नहीं है, भईया । कहां है ?

श्री अजय चन्‍द राकर :- आप बात कर रहे हैं तो ससंिीय काया मतं्री जी हैं नहीं ?

सभापतत महोिय:- मतं्रीगण बिैै हैं (व् यवधान)

श्री सतंराम नेताम :- आिरणीय सभापतत महोिय, मैं इसशलए कह रहा ह ू ंकक क् योंकक पत्रकार की गतत को मैंने िेिा है । बस् तर में हमारे पत्रकार साथी अपने जान को जोखिम में डालकर िरूस् थ अचंलों में जाकर समाचार पत्रों में प्रकाशशत करत ेहैं, जो सरकार को आईना दििाने का काम करत ेहैं । वसैे ही पत्रकार साधथयों के खिलाफ में वपछले 15 वषों में बहुत से अपराध िजा ककये हैं । जजस प्रकार से उनके साथ में अन्‍द याय हुआ, इसशलए सरुक्षा काननू का गिन ककया गया है । आपके द्वारा जजला जनसमस् या

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शशववर चलाया गया । सभापतत महोिय, शशववर एक वपकतनक रह गया है । शशववर में कोई जनता जाना पसिं नहीं करता है । केवल वहां पर एक पजंीयन होता है । वहा ं पर सब अधधकारी और कमाचारी वपकतनक मनाने के शलए जात ेहैं । सभापतत महोिय, यहां पर उस शशववर के नाम से बहुत से हमारे अधधकाररयों के द्वारा टेंट का, माईक का, बबल बनाया जाता है । उस बबल को कौन पटाता है, ककसको पटाने के शलए बोला जाता है ? वहां के सरपचं को मलूभतू पसेै..। श्री नारायण प्रसाि चंिेल :- सभापतत महोिय, ये सरकारी काम को वपकतनक कहना िीक नही ं है ।

श्री सतंराम नेताम :- आिरणीय सभापतत महोिय, बबल् कुल वपकतनक के रूप में ही वहां पर सरपचं को बशल का बकरा का बशल बनाया जाता है । टेंट के शलए, माईक के शलए, उसके शलए आपने बजट में क् यों प्रावधान नहीं ककये हैं । उसको आप सरपचं के ऊपर क् यों लाित ेहो ? इसशलए इस व् यवस् था में भी सधुार लाने की जरूरत है । हमारे मखु् यमतं्री जी अभी बबजली के सबंधं में बात कर रहे थे, मैं जबसे सनु रहा ह ू ,ं हमारे बस् तर सभंाग में वषा 2007 स ेबबजली कंपलीट कर दिया जायेगा । बाि में पता चला कक वषा 2012 में कंपलीट कर दिया जायेगा । जब हम क् वेश् चन लगाये, तब यही सिन में हमारे मखु् यमतं्री जी ने कहा कक बस् तर में अधेंरा नहीं रहेगा । परेू बस् तर को हम चकाचक कर िेंगे । सभापतत महोिय, लेककन आज भी अधेंरा में डूबा हुआ है । इस प्रकार से 15 साल में बस् तर के आदिवासी भाईयों के शलए वहां के ककसानों के साथ आपने ककस प्रकार से ककये । वह सब जान रहे हैं । राजीव गांधी ववद्यतुीकरण योजना के नाम से जब था, उसको आपने पररवतान ककया, िीनियाल उपाध् याय के नाम से आपने बिला है । आपको बस् तर में और बिलाव की आवश् यकता है । हमारे मखु् यमतं्री जी से हम मांग करत ेहैं कक अधधक से अधधक गावं जो अधेंरे में हैं, उस गांव की जल् ि से जल् ि ववद्यतु ववस् तार की आवश् यकता है ।

समय : 2:58 बजे (सभापनत‍महोदय‍(श्री‍देिने्‍द‍रबहादरु‍लसहं)‍पीठासीन‍हुये)

सभापतत महोिय, वहां पर हम ितनज की बात करत ेहैं, कलेक् टर कोंडागांव, आपने कलेक् टर को ितनज अध् यक्ष बनाया । सभापतत महोिय, वह मनमानी करता है । आपके बोनस ववतरण के नाम पर वहां लािों रूपये लगाये जात ेहैं । वहां पर गणवेश िरीिा जाता है । जबकक ितनज न्‍द यास का पसैा वहा ंआम लोगों के शलए ...। सभापतत महोिय :- सतंराम जी, कृपया समाप् त करें ।

श्री सतंराम नेताम :- सभापतत महोिय, आम लोगों के मलूभतू सवुवधा के शलए यह ककया जाता है । इसशलए पसेै का िरुूपयोग हो रहा था । हमारे मुख् यमतं्री जी ने इसको गभंीरता से लेत ेहुये अबवहां

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के प्रभारी मतं्री, जनप्रतततनधध वहा ंके अध् यक्ष होंगे, वहां केववधायक सिस् य होंगे, इसशलए मैं आपसे कहना चाहता ह ू ंकक यह जो तनधध 1200 करोड प्रततवषा दिया जाता है, इसकासही उपयोगहोना चादहये। बिंरबांट नहीं होना चादहये, कलेक् टर के द्वारा मनमानी नहीं ककया जाना चादहये ।आपने 15 साल कलेक् टर को छूट िे रिा है । वह ककसी भी जनप्रतततनधध से न तो कोई राय लेता था और वहां के स् कूलों में डामर पोत दिया गया है। आपकी गलत नीतत के कारण, आपकी प्रशासतनक व् यवस् था नहीं होने के कारण व् यवस् था का ये आलम हुआ और पसेै का िरुूपयोग हुआ है।

सभापतत महोिय, मैं सामान्‍द य प्रशासन में अपनी थोडी सी बात करके अपनी बात समाप् त करता हंू। हमारे प्रिेश की सरकार और हमारे मखु् यमतं्री जी काफी गभंीर हैं। आप रांसफर को प्रशासतनक असफलता बता रहे हैं। यह कोई असफलता नहीं है। सब तनयम स ेहो रहा है। रांसफर की एक प्रकक्रया है, वषों से वहां पर जो अधधकारी, कमाचारी पिस् थ हैं, जो मनमाने ढंग से काम कर रहे थे उन्‍द हें बिलने के शलए, सशुासन लाने के शलए, अच् छी व् यवस् था के शलए हमारी सरकार व् यवस् था कर रही है। ककसी भी अधधकारी के खिलाफ बिलापरु की राजनीतत नहीं की जा रही है। जो भी व् यवस् था हो रही है तनयम के तहत हो रहा है लेककन जजस प्रकार से माननीय पवूा मखु् यमतं्री जी ने यहां सिन में हमारे प्रशासतनक व् यवस् था के सबंधं में बताया इसका भी मैं िंडन करत े हुए अपनी बात समाप् त करता हंू। आपने मझु ेसमय दिया, इसके शलए बहुत-बहुत धन्‍द यवाि। श्री सौरभ शसहं (अकलतरा) :- माननीय सभापतत महोिय।

श्री बहृस् पत शसहं :- सौरभ शसहं जी, वपछले 15 साल वाला कहानी भी बताईयेगा, आप बहुत सरकार में रहे हैं। श्री सौरभ शसहं :- माननीय सभापतत महोिय, कहानी बताने का समय नहीं है। अपने-अपने क्षते्र की बात बोलने का तनिेश है। माननीय सभापतत महोिय, मैं माननीय मखु् यमतं्री जी की मांग सखं् या के ववरोध में बोलने के शलए िडा हंू। माननीय सभापतत महोिय, डी.एम.एफ. मि की बात हो रही थी। माननीय अजय चन्‍द राकर जी के सवाल के उत् तर में आया है कक हमारे जांजगीर जजल ेमें 300 करोड रूपये का डी.एम.एफ. मि आया है। इस 300 करोड रूपये में से 124 करोड रूपये आज तक लबंबत है। मेरे ववधानसभा क्षते्र में अमोरा और नररयरा िो जगह हायर सेकें डरी स् कूल की अनमुतत प्रिान की गई थी। टेंडर हो गया, टेंडर के बाि एग्रीमेंट इसशलए नहीं हुआ क् योंकक आचार सदंहता लग गई। उसके बाि पसैा यहां आ गया कक उसकी स् वीकृतत नहीं की जायेगी। ये हायर सेकें डरी स् कूल से क् या िशु् मनी है? आप हायर सेकें डरी स् कूल को तो िे िें। कम से कम स् कूल के आहाता को तो िे िें। मैं मतं्री जी लोगों स ेतनवेिन करंूगा कक थोडा शलि लेत ेतभी तो मखु् यमतं्री जी को बतायेंगे। (मखु् यमतं्री जी सिन में उपजस्थत नहीं हैं।)

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सभापतत महोिय :- वह शलि रहे हैं।

श्री सौरभ शसहं :- भईया बता रहे हैं कक थोडा िराा शलि लेव। माननीय सभापतत महोिय, मैं शसफा अपने ववधानसभा क्षते्र के बारे में ही बोलूगंा। मेरे ववधानसभा क्षते्र में एक जगह डोलोमाईड की माईंस िी गई है और सरकार बिलने के बाि जो डोलोमाईड की माईन्‍द स थी उसके बगल की जो माईन्‍द स हैं उस माईन्‍द स का जो जीरा है वह गौंण ितनज में आता है माने धगट्टी है। तो जीरे को डोलोमाईड के रेट से बेचा जा रहा है। मैं माननीय मखु् यमतं्री जी का इस पर ध् यान आकवषात करना चाहंूगा। माननीय सभावप त महोिय, रेत की नीतत के बारे में बहुत चचाा हुई। मेरे ववधानसभा क्षते्र अकलतरा में हसिेव निी के ककनारे चार ऐसे स् थान हैं जहां पर आज तक रेत घाट के ििानों में कभी भी मशीन नहीं उतरी और मशीन नहीं उतरने का कारण यह है कक लोग जब वहां से पलायन करके जाकर अन्‍द य जगह पर काम करत ेथे, उन लोग वहां पर रोज की अपनी मजिरूी कमात ेथे। माननीय सभापतत महोिय, रेत की नीतत की घोषणा से उन चार गांवों में चूल् हा नहीं जला है और पलायन की तयैारी हो गई है, एक हजार मजिरू पलायन करेंगे। यह कैसी रेत नीतत है? उन एक हजार मजिरूों का क् या होगा? रेत नीतत बनात ेवक् त माननीय मखु् यमतं्री जी स ेमेरा तनवेिन है कक ऐसी ििानें जहां पर कभी मशीन नहीं उतरी थी, वहां जो लेबर काम करत ेथे उन लबेरों के प्रतत क् या नीतत होगी?

माननीय सभापतत महोिय, बबजली ववभाग में मेरे ववधानसभा क्षते्र में बोलूगंा। अमोरा नामक जगह पर लाफाजा सीमेंट सयंतं्र शलए अजुानी और अमोरा के बीच में एक जगह सब स् टेशन बनाया गया। उस सब स् टेशन में एक कंपोनेंट है कक सब स् टेशन स ेपास के गांवों को भी बबजली व् यवस् था िी जायेगी। 60 दिन से लगातार बबजली के अधधकाररयों को मैंने तनवेिन ककया है कक वहां से लाईन की आपतूत ा क् यों नहीं कर िेत,े आप 10 ककलोमीटर से लाईन ला रहे हैं तो लाईन लॉस हो रहा है और रोज बबजली जा रही है तो उसके शलए क् यों व् यवस् था नहीं कर िेत?े इस पर ककसी का कोई ध् यान नहीं है। माननीय सभापतत महोिय, परेू बबलासपरु सभंाग में िीनियाल जीवन ज् योतत योजना के तहत 33/11 सब स् टेशन का तनमााण होना था।माननीय केशव चंरा जी ने इस सबंधं में प्रश् न भी लगाया था। एक फेडरल् स लायसा दिल् ली की कंपनी को िेका दिया गया था। वह कंपनी काम बिं कर िी है। वह कंपनी वपछली सरकार बिलने के बाि काम बिं कर िी। क् यों बिं कर िी, कैसे बिं कर िी, ये कंपनी जाने और सरकार जाने, इस पर क् या कायावाही होगी। वो कंपनी वाले काम बिं करके भाग गये। कृपापवूाक इस पर भी ध् यान िेंगे। मेरे ववधानसभा क्षते्र में 48 गांव ऐसे हैं जहां पर एच.बी.डी.सी की लाईन नहीं है। एच.बी.डी.सी की लाईन का मतलब तीन तारों को बिलकर केबल डालना है। केबल डालने से लाईन लास कम होता है और बबजली चोरी कम होती है। उस पर कोई काम नहीं हुआ, वह काम िप् प हो गया। मेरा तनवेिन है उस पर ध् यान िेंगे। मडवा की एक् सपेंशन की बात हुई, बबजली उत् पािन कंपनी के जो चेयरमेन थे उन्‍द होंने

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जांजगीर में जा करके स् टेटमेंट दिया कक हम मडवा और ऐसे प् लांटों का एक् सपेंशन करेंगे। एक् सपेंशन की क् या जरूरत है। छत् तीसगढ राज् य में बहुत सारे जजले में जांजगीर जजले में, कोरबा जजले में, रायगढ जजले में, बहुत सारे ऐसे उद्योग हैं, जजनको कोयला नहीं शमल रहा है। कोयला इसशलए नहीं शमल रहा है क् योंकक बबजली का पी.पी.ए (पावर पचेस एग्रीमेंट) नहीं है। नये प् लांट क् यों लगाना, उन्‍द हीं से पावर पचेस एग्रीमेंट से बबजली ले लें। ये क् या बात हुई कक हम नया प् लांट लगायेंगे जरूरत होगी आवश् यकता होगी तो लगायेंगे। उसी मडवा पावर प् लांट में जो बेरोजगार हैं जजनकी जमीन गइा है, जो भ-ूस् थावपत हैं उनको नौकरी नहीं शमल रही है। उनके नौकरी के कई प्रकरण लबंबत हैं, कभी कभी ये कहानी बताकर, कभी वो कहानी बताकर कृपापवूाक उस पर भी ध् यान िेंगे। उसी मडवा पावर प् लाटं में जजसमें चेयरमेन साहब स् टेटमेंट िेकर आये कक उसका एक् सपेंशन होगा। वहां सी.एस.आर के मामले लबंबत हैं। एक गांव में वपछले पांच साल में 6 लाि का सी.एस.आर, एक गांव में 45 लाि का सी.एस.आर, इस पर क् या व् यवस् था होगी। रूफ्त ऑफ सोलर हावेजस्टंग आज की तारीि में सबसे महत् वपणूा योजना है। मेरे छत या ककसी भी प्रिेश के नागररक की छत उस छत पर, मैं रूफ्त ऑफ सोलर हावेजस्टंग कर सकता हंू, एक प् लाटं लगा सकता हंू, जजससे मैं बबजली ले सकता हंू और उस बबजली को ग्रीड पर िे सकता हंू। उसके शलये शसफा 21 करोड की अनिुान राशश िी गई है। ये क् यों 21 करोड की अनिुान राशश िी, इससे पयाावरण शभु होता है, पयाावरण का सरंक्षण होता है। इस पर लोगों को अपने छत के उपयोग का मौका शमलता है। शसफा 21 करोड की राशश िी गई है। बायो एनजी, नरवा,गरूवा,घरुूवा और बाडी वहीं से तो बायो एनजी आई है। बायो एनजी के शलये शसफा िो करोड का अनिुान है। क् या नरूवा, क् या घरुूवा बाडी और क् या गसै, कहां से आयेगा बायोगसै एनजी ? माननीय सभापतत महोिय, आपने मझुे बोलने का समय दिया उसके शलये धन्‍द यवाि।

श्री शशशपुाल सोरी (कांकेर) :- माननीय सभापतत महोिय, मैं कटौती प्रस् ताव मांग सखं् या एक सामान्‍द य प्रशासन के शलये समथान करने के शलये यहां पर िडा हुआ हंू। आपने मझुे बोलने का अवसर दिया उसके शलए धन्‍द यवाि ज्ञावपत करता हंू। सामान्‍द य प्रशासन ववभाग में िासकर जो अनसुधूचत जातत, जनजातत के शलये ववशषे सेल की स् थापना की जाती है और इसमें जो आरक्षण के प्रावधान हैं, उसकी व् यवस् था उस सेल के माध् यम से होती है। ववगत 15 सालों में इस ओर ध् यान नहीं दिया गया था। मेरा आपके माध् यम से तनवेिन है कक इस दिशा में कायावाही हो। सभापतत महोिय, आपने मझु ेबोलने का अवसर दिया उसके शलए धन्‍द यवाि ।

श्री रजनीश कुमार (बेलतरा) :- माननीय सभापतत महोिय, मैं माननीय मखु् यमतं्री जी के अनिुान मांग सखं् या 1,2,6,10,12,25,32,71,65 में कटौती के शलये िडा हुआ हंू। इसमें अपने क्षते्र के प्रमिु मांगों को रिूंगा।

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श्री मोहन मरकाम :- सभापतत महोिय, कटौती भी कर रहे हैं और मांग भी रहे हैं िोनों तो नहीं हो सकती न या तो समथान करो या.....। श्री रजनीश कुमार :- सभापतत महोिय, उसको जोड िूंगा या उसको मैं वापस ले लूगंा न।

श्री मोहन मरकाम:- आप कटौती भी कर रहे हैं और मांग भी रहे हैं, ये िोनों बातें नहीं हो सकती। या कफर आप समथान कररये।

सभापतत महोिय :- कृपया मरकाम जी आप बदैिए।

श्री रजनीश कुमार शसहं :- माननीय सभापतत महोिय, उसको जोड िेंगे। यदि है तो मैं वापस ले लूगंा ।

माननीय सभापतत महोिय, मेरे ववधान सभा में िो पचंायतें ऐसी हैं जो एक पचंायत ग्राम शलगंाडीह जहां की वोटर सखं् या 22 हजार है और ये परेू भारत िेश में ककसी भी ग्राम पचंायत के सबसे ज् यािा मतिाता सखं् या वाला ग्राम पचंायत है और बहुत दिनों से लबंबत है मैं आपके माध् यम से उसको नगर पचंायत का िजाा िेने की मांग ववत् त ववभाग से करता हूूँ कक इसको नगर पचंायत का िजाा दिया जाये। इसी प्रकार ग्राम पचंायत मगंला इसी ववधान सभा में बबलासपरु से िोनों लगा हुआ पचंायत है और वहां की वोटर सखं् या 18 हजार है। माननीय सभापतत महोिय, मैं आपके माध् यम से माननीय मखु् यमतं्री जी से आग्रह करंूगा कक इन िोनों ग्राम पचंायतों को नगर पचंायत का िजाा दिया जाये।

माननीय सभापतत महोिय, जब माननीय कृवष मतं्री जी के बजट भाषण पर चचाा हो रही थी तो मैंने एक ववषय उिाया था कक अमतृ शमशन योजना एक महत् वाकांक्षी योजना परेू प्रिेश में चल रही है और इसी के तहत बबलासपरु में भी अमतृ शमशन योजना में पाईप लाईन बबछने का काम अतंतम चरणों में है, लेककन वहां जो िूंटा घाट, िारंग जलाशय से पानी आएगा।उसमें नगरीय तनकाय और जल ससंाधन मतं्रालय से एम.ओ.य.ू हुआ है कक अदहरन निी से िारंग जलाशय में पानी लाया जाएगा, उसके पश् चात ् कफर बबलासपरु को पानी के शलए पानी दिया जायेगा। कभी बबलासपरु में जो 10 फीट हाथ स ेगड्ि़ा िोिने पर पानी शमल जाता था। लगातार वपछले वषा भी और अभी से जल सकंट से जूझना प्रारंभ हो गया है इसशलए मेरा तनवेिन है कक अदहरन निी से िूंटा घाट को जोडने का जो काम है, उसके शलए बजट में प्रावधान करके उसको जोडा जाए और उसके बाि कफर अमतृ शमशन योजना के शलए िूंटा घाट से पानी दिया जाये।

माननीय सभापतत महोिय, इसी प्रकार एक बहुत बडी पचंायत शहर से लगा हुआ, जहां लगभग 500 छात्र-छात्राएं पढत े हैं। ऐसे मोक्का हाईस् कूल को हायर सेकेण् डरी में उन्‍द नयन ककया जाये। सेलर हाईस् कूल को 10 वी ंसे 12 वीं में हायर सकेेण् डरी में उन्‍द नयन ककया जाये। मैं आपके माध् यम से माननीय मतं्री जी से तनवेिन करंूगा कक हमारे पचंायत ग्रामीण मतं्री जी बिेै हुए हैं। मैं डी.एल.एस. कॉलेज से

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िमतराई ग्राम पचंायत तक, रोड के शलए इसी प्रकार लिराम पचंायत से सरवनिेवरी तक रोड के शलए काया भेजा हूूँ। आपके माध् यम से मेरा तनवेिन है कक माननीय पचंायत मतं्री जी एव ंलोक तनमााण मतं्री को जो प्रस् ताव दिया गया है, उसे भी इस बजट प्रस् ताव में शाशमल करके, उसके शलए भी इस ववत् तीय वषा में प्रावधान करके, उस काम को पणूा ककया जाये। आपने मझुे बोलने का अवसर दिया, उसके शलए आपको बहुत-बहुत धन्‍द यवाि।

श्री अनपू नाग (अतंागढ) :- माननीय सभापतत महोिय, मैं माननीय मखु् यमतं्री जी अनिुान मांग सखं् या 1, 2, 6, 60, 12, 25, 32, 71 और 65 का समथान करता हूूँ। मैं ज् यािा समय न लेत े हुए आपसे अपने क्षेत्र की आवश् यक मांग आपके समक्ष रिता हूूँ।

माननीय सभापतत महोिय, मेरे क्षेत्र चार गांव में मेटाबोिली लोह अयस् क की ििान सचंाशलत है। मेरा आपसे इस सबंधं में अनरुोध है कक उक् त माईन्‍द स जो वहां पर सचंाशलत हैं उसमें स् थानीय बेरोजगार लोगों को रोजगार सतुनजश्चत ककया जावे। वहां पर माईन्‍द स प्रबधंन द्वारा स् थानीय लोगों को पररवहन काया से पथृक रिा गया है एव ं बाहरी लोगों को ही काया दिये जा रहे हैं। वहां पर माईन्‍द स प्रबधंन द्वारा सी.एस.आर. मि से जो राशश स् थानीय स् तर पर ववकास के कायों में व् यय की जानी चादहए, वह नहीं ककया जा रहा है। माईन्‍द स के कारण वहां पर लगातार भारी वाहनों का आवागमन रहता है, सडके जजार हो रही है, ओव् हर लोड और अधधक मात्रा में रक चलने के कारण ड्रायवरों, वाहन माशलकों में भी प्रततस् पधाा बढती जा रही है जजससे आये दिन िघुाटनायें हो रही हैं। डी.एम.एफ. फंड के तहत जो राशश क्षेत्र में प्राप् त होती है, उसमें भी पवूावती सरकार द्वारा मि में पररवतान कर ववकास कायों में उपयोग न करत े हुए अन्‍द य कायों में उपयोग में लाई जा रही थी, इससे वहां का ववकास अवरूद्ध हो गया है। माननीय सभापतत महोिय, मैं नक् सली क्षते्र का ववधायक हंू, मेरा क्षेत्र नक् सली प्रभाववत एव ंआदिवासी क्षेत्र है। वतामान में उस क्षेत्र में ऐसे बहुत सारे गांव ववद्यतुववहीन हैं, जहां के शलए ववद्यतुलाईन भी प्रस् ताववत नहीं हैं। इसशलए मैं आपके माध् यम से तनवेिन करना चाहता हंू कक वहां प्रकाश की व् यवस् था होनी चादहए। आपके माध् यम से एक छोटी सी और मांग करना चाहता हंू कक मेरे अतंागढ ववधानसभा क्षेत्र के अतंगात रूक् मणी आश्रम में आिवीं क् लास तक परेू ग्रामीण क्षते्र के गरीब बच् चे, नक् सली प्रभाववत बच् चे पढत ेहैं। आिवीं कक्षा के बाि जब उनको नवमीं कक्षा में जाना रहता है तो गरीबी के कारण उनकी कोई ऐसी व् यवस् था नहीं है, वहां के शलए मैं आपके माध् यम से मांग करना चाहता हंू कक आने वाले सत्र में उसका 12वीं कक्षा तक उन्‍द नयन होना चादहए। माननीय सभापतत महोिय, आपने मझुे बोलने का मौका दिया, उसके शलए धन्‍द यवाि।

श्रीमती रंजना डीपेन्‍द र साहू (धमतरी) :- माननीय सभापतत महोिय जी, सबसे पहले तो मैं आपका ध् यान आकृष् ट करना चाहती हंू, यहां पर हमें जो ववभागों से जानकारी शमलती है, वह जानकाररयां

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गलत रहती हैं। मैंने पररवहन ववभाग से जानकारी मागंी थी कक धमतरी में पररवहन ववभाग क् या स् वय ंके भवन में सचंाशलत है? ववभाग ने यह उत् तर दिया कक वह स् वय ंके भवन में सचंाशलत है जबकक वह कई वषों से एररगेशन के भवन में सचंाशलत हो रहा है। कफर मैंने िेल ववभाग से जानकारी मांगी कक उन्‍द होंने ककतनी राशश धमतरी ववधानसभा में भेजी है और ककतनी राशश िचा की है? उन्‍द होंने भेजी हुई राशश की जानकारी नही ं िी, केवल जो राशश ववशभन्‍द न िेलों में िचा की गई, उसकी जानकारी िी गई। मैंने पी.डब् ल् य.ूडी. ववभाग से जानकारी मांगी की मेरे धमतरी ववधानसभा में ककतनी सडकें जजार हैं? उन्‍द होंने स् पष् ट शलिकर दिया है कक धमतरी ववधानसभा में पी.डब् ल् य.ूडी. ववभाग के अतंगात एक भी सडकें जजार नहीं हैं। माननीय सभापतत महोिय, इस तरह की जानकाररयां िेना उधचत नहीं है जो हमें गलत जानकारी िी जाती है। माननीय सभापतत महोिय, हम ककसानों के शलए बात करत े हैं कक लगभग 15 जक्वटंल धान िरीिी कर सकत े हैं। एक समय-सीमा तनधााररत कर िी जाती है कक इतने जक्वटंल तक धान िरीिी होगी। लेककन उसके बाि ककसानों के पास जो धान बचता है, वह धान को वह बाजार में औने-पौने िाम में बेचने को मजबरू हो जाता है। इसके शलए यह सुतनजश्चत ककया जाये कक यदि आप उन्‍द हें प्रोत् साहन राशश भी िे रहे हैं, धान का समथान मलू् य िे रहे हैं, उसके बाि हमारे ककसानों को क् या फायिा हो रहा है? यदि वह बचा हुआ धान औने-पौने रेट में बाजार में बेच रहे हैं, उससे ककसानों को कोई फायिा नही ंहो रहा है। माननीय सभापतत महोिय, माननीय मखु् यमतं्री जी के ववभागों पर चचाा हो रही है, उसमें ितनज ववभाग भी माननीय मखु् यमतं्री जी के पास है। हम सब काफी समय से िेि रहे हैं कक रेत की ककल् लतें बढ गई हैं और रेत का िाम बढ गया है। चूंकक मेरे ववधानसभा में हमारे सरपचं बार-बार इन परेशातनयों को झेल रहे हैं कक यदि उनको तनमााण काया कराना है, चूंकक वहां पर एक तनजश्चत राशश तनमााण काया के शलए आती है, वह िो गनेु, तीन गनेु रेट में रेत को िरीि रहे हैं तो वह कहां से पतूत ा कर पायेंगे? इस प्रकार की समस् यायें आ रही हैं। माननीय सभापतत महोिय, आपने बबजली बबल हाफ ककया है। आपने बबजली बबल तो हाफ ककया, लेककन वहां पर बबजली भी हाफ िे रहे हैं, लोगों को 24 घटें में केवल 12 घटें बबजली शमल पा रही है, ये कहां तक सही है? माननीय सभापतत महोिय, मैं आपका ध् यान आकृष् ट कराना चाहती हंू कक आयषु् मान केन्‍द र की सबसे महती योजना है, उस योजना को यहां पर राज् य सरकार के द्वारा बिं ककया गया है। यदि आपको नई योजना की शरुूआत करनी है तो बिं करने से पहले आप उस योजना को ले आत,े कफर आयषु् मान योजना को बिं करना था तो आप बिं कर िेत।े लेककन इन िोनों के बीच जो बहुत सी समस् यायें लोगों के पास आ रही हैं, वह बहुत महत् वपणूा हैं। माननीय सभापतत महोिय, मेरा यही

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तनवेिन था कक चूकंक हमें जनदहत के मदु्िों पर काम करना है तो कृपया इस योजना को न बिं ककया जाये। माननीय सभापतत महोिय, आपने मझुे बोलने का समय दिया, इसके शलए धन्‍द यवाि।

श्री प्रकाश नायक :- XX

श्री शलैेश पांड े (बबलासपरु) :- माननीय सभापतत महोिय, आपने मझुे बोलने का अवसर दिया इसके शलये आपको बहुत-बहुत धन्‍द यवाि । मैं माननीय मखु् यमतं्री जी की सभी ववभागों की मांगों का समथान करता हंू और जो सचूना प्रौद्योधगकी ववभाग है उस ववभाग में अपनी बातें रिना चाहता हंू । आज परेू िेश में आई.टी. और आई.टी. इनेबल् ड जो सववासेस हैं उसकी सबको जरूरत है । आज ऐसा कोई वगा नहीं रह गया है, ऐसा कोई क्षते्र नहीं रह गया है जहां पर सचूना प्रौद्योधगकी आई.टी. की जरूरत न हो, चाहे व ेछात्र-छात्राएं हों, चाहे यवुा वगा हों, चाहे वे वररष् िजन हों, चाहे वे नौकरीपेशा हों और चाहे व ेगहृस् थ जीवन में रहने वाले लोग हों, चाहे वे शहर में रहत ेहों, चाहे वे गांव में रहत ेहों आज सबको जरूरत है और चूकंक सरकार की सभी को जरूरत पडती है, बहुत सारी चीजें सरकार पर डडपेंड रहती हैं और सरकार ही उनको महैुया भी कराती है इसशलये आज आई.टी. और आई.टी. इनेबल् ड सववासेस की बहुत ज् यािा जरूरत रहती है । मैं यह बताना चाहता हंू कक छत् तीसगढ में जब हमारी सरकार थी तब सरकार द्वारा सबस ेपहले इस बात पर महत् व दिया गया था, हमारे माननीय मखु् यमतं्री जी उस समय प्रिेश में राजस् व मतं्री रहे थे और उनके इस कायाकाल में सबसे पहले छत् तीसगढ की जनता को िसरा, बी-वन, नक् शा ये सारी चीजें िेने के शलये उन्‍द होंने सकंल् प शलया था । मझुे उस वक् त की याि है, मैं उस कायाक्रम में था । वहां पर उन ग्रामीणों को बलुाया गया था और उस वक् त हमारे पास कनेजक्टववटी की बहुत ज् यािा उपलब् धता नहीं थी । हमारे पास ऐसा कोई साधन नहीं था जजससे हम यह सारी चीजें करा पायें तब उस वक् त माननीय राजस् व मतं्री जो आज हमारे मखु् यमतं्री हैं उन्‍द होंने ईसरो से, नागपरु से ये सारी ससं् थाओं से उस परेू डटेा को, छत् तीसगि़ के डटेा को डडजजटलाईज् ड ककया गया था और जजसके कारण आज छत् तीसगढ में जो इतनी सगुमता से हर नागररक को एक-एक सेवायें जो शमल रही हैं वह सारी सेवायें उनको प्राप् त हो रही हैं ।

माननीय सभापतत महोिय, मैं यह बताना चाहता हंू कक हमारे तत् कालीन प्रधानमतं्री श्री मनमोहन शसहं जी ने जब राष् रीय ई गवनेंस पररयोजना लायी थी उस पररयोजना के बाि छत् तीसगढ में सबस ेज् यािा आई.टी. का काम ककया गया, इसके बीच में प्रिेश में ऐसा कोई नहीं ककया गया जजससे कक प्रिेश की जनता को कोई लाभ हो सके केवल अबान एररया में जो च् वाईस सेंटर हैं केवल उन चवाईस सेंटरों का काम ककया जाता था और शहरी क्षेत्रों में कनेजक्टववटी बडी आसानी से शमल जाती थी लेककन अगर हम नीचे जात ेहैं जजले में और जजले के नीचे जात ेहैं तो वहां पर हमारे पास कोई कनेजक्टववटी नहीं थी । जब माननीय मनमोहन शसहं जी की सरकार आयी, उन्‍द होंने जब कनेजक्टववटी िी, राष् रीय गवनेंस पररयोजना

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जजसके 4 घटक हुआ करत ेथे । उस घटक के अतंगात उन्‍द होंने स् टेट वाईड एररया नेटवका का, िसूरा घटक कॉमन सववास सेंटर और तीसरा घटक जो है वह स् टेट डटेा सेंटर जब उन्‍द होंने बनाने का ककया, परेू िेश में लाग ू ककया तब जाकर सचूना प्रौद्योधगकी आग ेबढी । उसके बाि छत् तीसगि़ ने प्रगतत की और इसमें सबसे ज् यािा जो जरूरत है वह स् टेट वाईड एररया नेटवका जो उन्‍द होंने बनाया है इसके अतंगात मैं आपको बताना चाहता हंू । सभापतत महोिय :- कृपया समाप् त करें ।

श्री शलैेश पांड े:- माननीय सभापतत महोिय, मैं थोडा सा समय चाहता हंू । स् टेट वाईड एररया नेटवका के अतंगात जो हमारी कनेजक्टववटी है जजसमें लीज लाईन डाली गयी, जजसके अतंगात ऑजप्टकल फाईबर केबल् स डाले गये और परेू ग्रामीण क्षते्र तक वह एक नेटवका फैलाया गया जजसके कारण डडजस्रक में जो ई-गवनेंस के जो सेंटर बनाये गये, उन डडजस्रक सेंटर के माध् यम से लोगों को िसरा, बी-वन, नक् शा, आय प्रमाण पत्र, जन्‍द म प्रमाण पत्र, मतृ् य ुप्रमाण पत्र और सारे प्रमाण-पत्र दिये गये। जो जीटूसी सववासेस थी, जो गवनामेंट को जाती थी । इसके अलावा भी बहुत सी बी 2 सववासेस, वे सववासेस भी पजब्लक को िी जाने लगी है जजसमें इंश् योरेंस, बैंककंग जैसी बहुत सी सेवाएं आम जनता को उपलब् ध कराने में हम लोग सफल हो सके । सभापतत जी, मैं आपको बताना चाहता हंू कक हमारे प्रिेश में ई-डडजस्रक् ट सेंटर, कॉमन सववास सेंटर, आधार प्रमाणीकरण, जनसवंाि पररयोजना ये सभी पररयोजनाए ंहमारे आई.टी. डडपाटामेंट के कारण हमारे प्रिेश की जनता को महैुया हो पा रही है । मैं आपका ध् यान इस ओर भी आकवषात करना चाहता हंू कक ई-प्रोक् यरूमेंट, मखु् यमतं्री डशेबोडा पररयोजनाएं भी लोगों को आगे बढाने में सहायक शसद्ध हुई । आज सबसे ज् यािा भौगोशलक सचूना प्रणाली की जरूरत है । इसके कारण बहुत सारे गांवों में 70 लेयर के अिंर डाटा तयैार ककया गया है । इसमें अशभलेिों को सडक मागा, भशूम का उपयोग आम जनता के शलए बहुत उपयोगी चीजें हैं । आज एक टैक् सी में बिैने वाला व् यजक्त, एक छोटे स ेछोटा बच् चा भी बता िेता है कक मझु ेककस जगह जाना है, ककस जगह पर मोड आ रहा है, ककस जगह िादहने मडुना है, ककस जगह बांये मडुना है । ये सारी उपलजब्धयां आईटी डडपाटामेंट की रही है । मैं माननीय मखु् यमंत्री जी का बहुत बहुत आभार व् यक् त करता हंू । आगे भी इस तरह की पररयोजना से प्रिेश की जनता को बहुत लाभ शमल सकेगा । आपने मझु ेबोलने का अवसर दिया इसके शलए मैं आपका बहुत बहुत आभार व् यक् त करता हंू । धन्‍द यवाद् । डॉ. कृष् णमतूत ा बांधी (मस् तरुी) :- माननीय सभापतत महोिय, मैं, माननीय मखु् यमतं्री जी की मांग सखं् या 1, 2, 6, 60, 12, 25, 32, 71, 65 के ववरोध में िडा हंू । सभापतत महोिय, मैं ऊजाा ववभाग से अपनी बात को शरुू करता हंू और मैं तनयम, ववधध, योजनाओ ंपर बात न कहकर, सामान्‍द य बातें, जो आम छत् तीसगढ के लोगों के शलए जरूरत है, मैं उन्‍द हीं मदु्िों पर बात रिता हंू । सभापतत महोिय, आज

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भी गांव में जो लजू़ लाईन है गांव के अिंर जो बबजली जाती है । उसके सधंारण के शलए कोई िोस योजना नहीं बनात े। पररणाम यह है कक आज भी अगर उस गांव में गाडी घसुती है तो । श्री बजृमोहन अग्रवाल :- ये बताओ कक लजू लाइन को टाइट करने के शलए क् या योजना बनेगी ? डॉ. कृष् णमतूत ा बांधी :- एक् सपटा लोग ही बताएंगे । श्री मोहन मरकाम :- आप भी तो एक् सपटा हैं । डॉ. कृष् णमतूत ा बांधी :- अभी थोडा थोडा एक् सपटा हैं । श्री बजृमोहन अग्रवाल :- सभापतत जी, जो लाइन लजू हो गई है उसको टाइट कैसे ककया जाए, इसकी योजना भी तो बताना चादहए ना । डॉ. कृष् णमतूत ा बांधी :- आप तनयम, ववधध, ववधान बनाइए तो कफर सब िीक हो जाएगा । श्री अरूण वोरा :- इस पर चन्‍द राकर जी स् पशेशलष् ट हैं मैं समझता हंू कक चंराकर जी को जानकारी होगी कक कैसे लजू को टाइट ककया जाता है । श्री धमाजीत शसहं :- सभापतत महोिय, मैं पहली बार िेि रहा हंू कक मखु् यमतं्री जी के बजट भाषण चचाा में नीरसता है । परूा मिैान साफ है । आिरणीय टी.एस.बाबा के अलावा 10/11 सभी मतं्री गायब हैं, आपके ववधायक भी नहीं हैं । 13/14 ही ववधायक हैं । ककसी की कोई आस् था ही नहीं है । श्री मोहन मरकाम :- सब इंजेक् शन लगवा रहे हैं । स् वास् ् य मतं्री महोिय का तनिेश है । श्री शशवरतन शमाा :- शसफा बाबा साहब उपजस्थत हैं और मबंत्रमडंल में बाबा साहब की क् या जस्थतत है यह सबकी जानकारी में है । श्री अजय चन्‍द राकर :- सभापतत जी, अिंर में जो हैं ना उनमें जो टोपी वाले हैं उनकी बात नहीं कर रहे हैं, यह बडा क् लीयर है । डॉ. कृष् णमतूत ा बांधी :- मैं आपसे आग्रह करता हंू कक ग्राम शलमतरा में बबजली िंभा वालों ने िो पोल के बीच ऐसे तार िीचंत ेहैं कक ककसानों के घर के ऊपर से जाता है और उस गांव बिंर का प्रकोप है, िो लोग मारे जा चुके हैं । इतनी बार कहने के बावजूि भी बबजली ववभाग ने उस तार की शशजफ्टंग तक नहीं की है । कई ऐसे गांव हैं जजनको मैंने भी कहा कक लजू कनेक् शन हैं, लजू तार हैं उनको िींच दिया जाए लेककन आज तक बबजली ववभाग वाले टस से मस नहीं होते । शशकायत भी नहीं सनुत े। मैं तो आपसे आग्रह करना चाहता हंू ।

श्री धमाजीत शसहं :- अब आ गये हैं (श्री अशमतशे शकु् ल की ओर इशारा करत ेहुए) अब आ गये हैं उनसे बात कर लो कैसे होगा वह?

श्री अरूण वोरा :- नहीं, ये सभंाववत मतं्री हैं।

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श्री बजृमोहन अग्रवाल :- उनको तो सरकार ने लजू कर ही दिया है। अब वे तो कभी टाइट नहीं हो सकत।े माननीय सभापतत जी, परूी अधधकारी िीघाा िाली है। मखु् यमतं्री जी के आि-आि ववभाग हैं। आिों ववभाग के अधधकारी तो होने चादहए। सेके्रटरी होने चादहए । इससे ज् यािा ववधान सभा की अवमानना हम लोगों ने आज तक नहीं िेिी है कक जब मखु् यमतं्री जी के ववभाग में चचाा चल रही है तब सरकार का करेंट गायब हैं। परेू मतं्री गायब हैं, ववधायक गायब हैं और परेू अधधकारी ही गायब हैं। कम से कम आपको ताककि करना चादहए कक मखु् यमतं्री जी के ववभागों में चचाा हो तो सरकार सजग रहे।

श्री अशमतशे शकु् ल :- मतं्री लायक िमिार लोग तो हैं न।

श्री अजय चन्‍द राकर :- शसफा पनू्‍द नी मेला भर है।

श्री अशमतशे शकु् ल :- मतं्री लायक िमिार लोग तो हैं न।

श्री बजृमोहन अग्रवाल :- आप तो लजू हो गये हो। यह परूी सरकार लजू हो गई है। परूी सरकार का करेंट गायब हो गया है। परूी सरकार के िंभे गायब हो गये हैं। िेि रहे हैं परेू िंभे गायब हैं। वायर तो गायब ही है। वायर तो दिि ही नहीं रहा है। रांसफामार तो है ही नहीं। सब गायब हो गये हैं।

श्री शशवरतन शमाा :- और आपको तो पहले ही उिाड दिया है।

श्री अशमतशे शकु् ल :- हम लोगों का एक पावर हाउस काफी रहता है।

श्री केशव प्रसाि चन्‍द रा :- माननीय वही मांग तो हुआ है िेिेंगे, बलुाएंगे अधधकाररयों को, बिैें गे।

श्री अजय चन्‍द राकर :- अशमतशे शलु् क जी को ववशषे तौर पर पनु्‍द नी मलेा की जजम् मेिारी िी गई है। वे परूा टाइम पनु्‍द नी मेला को िे रहे हैं।

सभापतत महोिय :- चशलए, बांधी जी बोशलए।

श्री अशमतशे शकु् ल :- िुशी है कक आप पनु्‍द नी मेला बोलने लगे। कंुभ नहीं बोल रहे हो यह अच् छी चीज है। आप मान शलये हैं कक कंुभ के बिले पनु्‍द नी मलेा नाम हो गया है। आपका धन्‍द यवाि।

श्री अजय चन्‍द राकर :- उस दिन रो क् यों रहे थे ? (हंसी) सभापतत महोिय :- चशलए, प्रारंभ कीजजए।

डॉ. कृष् णमतूत ा बांधी :- सभापतत महोिय, मेरा आपसे आग्रह है कक िेखिए उस लाइन से िो लोग मारे गये। यह गभंीर मामला है। कफर भी ववभाग उस लाइन की व् यवस् था बनाने की ही कल् पना करत ेहैं। मैं आपके माध् यम से आग्रह करता हंू कक अपने ववधान सभा क्षते्र में 20 गांव के लाइन स् टाटा करें कक हम िीचेंगे, व् यवजस्थत करेंगे। 10-10 गांव से कर िें हम उतने स ेहम स् वीकार करत ेहैं। 10 गांव स ेशरुूआत कर िे। क् या उतना भी मस् तरूी ववधान सभा क्षते्र के 10 गांव के जो लजू कनेक् शन हैं उसको िीक करने के शलए नहीं करेंगे।

श्री अजय चन्‍द राकर :- परूा सब तरफ लजू ही लजू कनेक् शन है। (हंसी)

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डॉ. कृष् णमतूत ा बांधी :- मैं आपसे आग्रह कर रहा हंू कक मेरे मस् तरूी क्षते्र में सब डडवीजन ऑकफस बना हुआ है। उस सब डडवीजन ऑकफस में मस् तरूी ववधान सभा परूी बबलासपरु जजले में सबसे बडा ववधान सभा, सबसे बडा सभंाग है। उसकी जनसखं् या, उसकी भौगोशलक जस्थतत बहुत बडी है और उसकी व् यवस् था के शलए सब डडवीजन ऑकफस का तनणाय ककया गया था। सब डडवीजन ऑकफस िुला है लेककन उस सब डडवीजन ऑकफस में पि के अनरुूप कोई पिस् थ नहीं है। सब डडवीजन ऑकफस में मापिंड के अनसुार जो कुछ भी होना चादहए, वसैा कुछ भी नहीं है। अगर गांव में रांसफामार िराब होता है, उस रांसफामार को बिलने के शलए सजब्सट्यटू में इनके पास कोई व् यवस् था नहीं है। ग्रामीण अचंल मेरा क्षेत्र नीलागर निी अरपा निी से तघरा हुआ है। वहां पर प्राकृततक रूप से थोडी ईश् वर की कृपा है और उसके कारण लोग नीलागर निी अरपा निी से पानी ले लेकर अपने फसलों के बचाव का काम करत ेहैं लेककन बबजली ववभाग के द्वारा िीक समय में जब रांसफामार गोल होता है। वह एक-एक महीने के बाि िीक होता है। ितुनयाभर का प्रिशान करने के बाि ितुनयाभर की बात बोलने के बाि अभी रांसफामार नहीं है, ऐसा कहा जाता है। ऐसी जस्थतत में हम बबजली ववभाग की अच् छी व् यवस् था की कैसे कल् पना कर सकत ेहैं ? आपके माध् यम से इस सिन के माध् यम से हम चाहत ेहैं कक मस् तरूी क्षते्र में सब डडवीजन ऑकफस हो। वह अच् छे स ेकाम करे। अततररक् त रांसफामार बने। लजू कनेक् शन िीक हो और कई जगह के्रडा का ऑकफस दिया हुआ है। के्रडा की सवुवधा प्राप् त है। उस के्रडा के पास जो सोलर एनजी शसस् टम है उस ेबनाने वाला नहीं शमल रहा है। बडी ही परेशानी का सामना करना पड रहा है। यह तो अच् छा है कक उच् च शशक्षा में आई.टी.आई. में हम सधुारने के शलए एक रेड िोल रहे हैं लेककन जो कई ऊजाा के सोलर पावर सेंटर बने हुए हैं, वह िीक नहीं हैं।

श्री बहृस् पत शसहं :- सभापतत महोिय, बांधी जी यह भी बता िीजजए कक आपकी सरकार में 5 हजार 10 हजार िेने पर रांसफामार पहंुचता था गांव में। उसका भी तो उल् लेि कर िीजजए।

सभापतत महोिय :- डॉ. साहब, कृपया समाप् त कररए।

श्री कृष् णमतूत ा बांधी :- मैं सामान्‍द य प्रशासन ववभाग में एक बात कहना चाह रहा हंू।

श्री केशव प्रसाि चन्‍द रा :- बहृस् पत जी, अभी फ्री में लग रहा है क् या ?

श्री बहृस् पत शसहं :- फ्री में लग रहा है। जहां लगता है गडबड वहां सही है।

श्री केशव प्रसाि चन्‍द रा :- तो हम आपको फोन करेंग ेजलेगा तो।

सभापतत महोिय :- कृपया, जल् िी समाप् त करें।

डॉ. कृष् णमतूत ा बांधी :-आरक्षण के शलए आपको बहुत सारे तनिेश सामान्‍द य प्रशासन से शमले हैं। इस आरक्षण में अनसुधूचत जातत, जनजातत और अन्‍द य वपछडा वगा की बात आई है। मैं अनसुधूचत जातत के सन्‍द िभा में भी बात करना चाहता हूूँ। जो पवूा से 16 प्रततशत था, वह ककसी कारण से 14 प्रततशत में

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आ गया है। सभापतत महोिय, मैं आपके माध् यम से माननीय मखु् यमतं्री से कहना चाहता हूूँ कक आरक्षण 14 प्रततशत की जगह 16 प्रततशत करने का कष् ट करेंगे। अनसुधूचत जातत बड ेववश् वास व् यक् त ककए हैं।

सभापतत महोिय:- कृपया समाप् त करें। डॉ0 कृष् णमतूत ा बांधी :- सभापतत महोिय, एक छोटा सा ववमानन ववभाग है। मैं उसके सन्‍द िभा में कहना चाहता हूूँ। हम बबलासपरु के चकरभािा के शलए ककतने दिनों से प्रयास कर रहे हैं। उसके शलए बहुत सारे प्रयास हुए हैं कक वहां पर एयरपोटा िं़ग से सचंाशलत हो। लेककन एयरपोटा की जो व् यवस् था है, वहां पर जजस िं़ग से अधधकाररयों-कमाचाररयों में तालमेल का अभाव है, वहां की जो प्रकक्रया है, उसको लबंबत करने का प्रयास कर रहे हैं। सभापतत महोिय:- कृपया समाप् त करें। डॉ0 कृष् णमतूत ा बांधी :- सभापतत महोिय, मैं आपसे आग्रह करता हूूँ कक ववभागों के बीच में इन्‍द टर कोआडड ानेसन्‍द स रहे। िासकर ववमानन ववभाग में इसके शलए बहुत कम प्रावधान है। इसमें प्रावधान को बढाने की कोशशश करें।

सभापतत महोिय:- कृपया जल् िी समाप् त करें। डॉ0 कृष् णमतूत ा बांधी :- सभापतत महोिय, जन शशकायत पर बात करना चाहता हूूँ। जन शशकायत वास् तव में आम जनता की बातों को सनुने के शलए एक बहुत बद ि़या प्रकक्रया है। इसके शलए जजला स् तर पर भी प्रावधान बने हुए हैं। लेककन जब शशववर लगता है, उस शशववर में जनता की बात आनी चादहए। सरकार के पास जमीनी स् तर पर जनता की बात कहने वाले ही लोग होत ेहैं, ग्राम सधचव होत ेहैं। ग्राम सधचव के माध् यम से कक ककतने लोगों को पेंशन शमल रहा है, ककतने ककसान लोगों की समस् या है, ककसी को बबजली की समस् या है, ये सब बातें प्रशासतनक तौर पर सधचव के माध् यम से जन समस् या तनवारण शशववर में आना चादहए। परन्‍द त ुऐसा नही ंहोता है। ककसी भी शशववर में, हम ककतना मेहनत करत ेहैं, सरकार पसैा लगाकर शशववर का आयोजन करती है, हमारे अधधकारी-कमाचारी काया करत ेहैं। लेककन जन समस् या तनवारण शशववर को लेकर गभंीर नहीं हैं। इसके कारण परूी बातें, आम जनता की बातें रह जाती है। ऐसा लगता है कक ये कागजों में, ककताबों भर में रह गया है। जन शशकायत समस् या की कोई सनुवाई नहीं हो रहा है। कृपया उसको व् यवजस्थत करने का कष् ट करें।

सभापतत महोिय:- कृपया समाप् त करें। श्री धमाजीत शसहं जी।

डॉ0 कृष् णमतूत ा बांधी :- सभापतत महोिय, एक अतंतम बात, ितनज के सन्‍द िभा में है। हम ितनज में बड-ेबड ेरोड िेकेिारों को िे रहे हैं। जब कोई सामान्‍द य आिमी मायतनगं की अनमुतत लेता है तो उसे बहुत सारी प्रकक्रयाओ ंसे गजुरना पडता है। लेककन जब कोई रोड का िेकेिार आयेगा, तो उसके शलए सब तनयमों को शशधथल करके उसको िेका िे िेत ेहैं।

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सभापतत महोिय:- कृपया बिैें । डॉ0 कृष् णमतूत ा बांधी :- सभापतत महोिय, जो लोग ववधधवत मायतनगं की रायल् टी िेत ेहैं, पसैा पटात ेहैं, सब कुछ करत ेहैं, उनको प्राथशमकता नहीं शमलती है। ये जो महाशय लोग आत ेहैं, िेकेिार आत ेहैं, उनसे िरीिने के बजाय सीधे-सीधे अपने अनसुार से चलात ेहैं। इस पर सशंोधन कररये। श्री अमरजीत भगत :- वे सब रमन शसहं के लोग थे। इस सरकार में ऐसा नहीं है।

डॉ0 कृष् णमतूत ा बांधी :- अमरजीत जी, हम आपसे उम् मीि कर रहे हैं और हम िेित ेहैं कक क् या करत ेहैं। अभी रेत में जजस तरीक से योजना बनाए हैं, उससे परेू गांव के गांव परेशान हैं। लोग परेशान हैं, मजिरू परेशान हैं, आपने ऐसी नीतत बनाई है। श्री बहृस् पत शसहं :- अभी तो नई सरकार की नई नीतत शरुू ही नहीं हुई है। आपके परुाने सरकार में गडबड हुई है। सभापतत महोिय:- कृपया समाप् त करें। श्री अमरजीत भगत :- िोनों हमारे नेता हैं।

श्री शशवरतन शमाा :- रेत का स् वाभाव है कक मठु्िी में रिे तो पता ही नहीं चलेगा कक कब तनकल गया।

सभापतत महोिय:- डाक् टर साहब, समाप् त करें। डॉ0 कृष् णमतूत ा बांधी :- धन्‍द यवाि सभापतत महोिय। श्री धमाजीत शसहं (लोरमी) :- माननीय सभापतत महोिय, मैं माननीय मखु् यमतं्री जी के अनिुान मांगों का ववरोध करने के शलए िडा हुआ हूूँ।

सभापतत महोिय, मैं छोटी-छोटी बात की ओर ध् यान आकृष् ट करना चाहता हूूँ। सामान्‍द य प्रशासन ववभाग में प्रिेश के सबस ेबड े पिों की भती पी0एस0सी0 के नये शसलेबस में ससं् कृत को हटाकर के अगें्रजी को अतनवाया कर दिया है। जबकक य0ूपी0एस0सी0, आई0ए0एस0 के एक् जाम में अगं्रजेी को अतनवाया नहीं रिा गया है। सभापतत महोिय, यह कौन सा तरीका है ? न हमारे बच् चे पहली कक्षा में अगं्रेजी पढत ेहैं, न कॉलजे में अगं्रेजी पढत,े उसको अतनवाया करने की कोई आवश् यकता नहीं है, इस पर ववचार कररए ।

श्री अमरजीत शसहं :- धमाजीत भयैा, जब हम लोग दिल् ली गए थ ेतो आप फरााटे से अगं्रेजी बोल रहे थे ।

श्री धमाजीत शसहं :- कहां स ेबोल लेंगे ।

डा. कृष् णमतूत ा बांधी :- अमरजीत जी, आप अगं्रजेी और छत् तीसगढी भाषा को नहीं समझ पाओगे । धमाजीत भयैा िीक बोल रहे हैं ।

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श्री अमरजीत शसहं :- धमाजीत जी अगं्रजेी में बात कर रहे थे ।

श्री केशव प्रसाि चरंा :- अमरजीत जी, िेशी और अगें्रजी को बिं करोगे, पणूा शराब बिंी बिं करोगे तो िीक रहेगा। श्री धमाजीत शसहं :- हम लोग जमीन में टाटपट्टी में बिैकर पढे हैं, नहीं तो अगं्रजेी बोलकर कई लोग अपने आप को बहुत बहािरु समझत ेहैं, उनकी बहािरुी िीक कर दिए होत े।

श्री अमरजीत भगत :- टैगोर जी के यहां गए तो आप अगं्रेजी में बात कर रहे थ े।

समय : 3:41 बजे (अध्‍यक्ष‍महोदय‍(डॉ.‍चरण‍दास‍महंत)‍पीठासीन‍हुए)

श्री धमाजीत शसहं :- बाि में उसकी जमानत जप् त हुई थी । अध् यक्ष महोिय, 50 वषा पणूा कर चुके या जजनकी 20 वषा की सेवा अवधध पणूा हो गई हो, ऐसे अधधकारी और कमाचाररयों को पवूवती सरकार ने जबरिस् ती सेवा तनववृत्त िे िी है, जजनकी सखं् या हजारों में है । आपको इनको बहाल कर िेना चादहए था, मैं तो उनकी बात कह रहा हंू, मैं तो कौन सी उनकी परैवी कर रहा हंू । इनकी सरकार ने बिाास् तगी की, हजारों की सखं् या में इनकी सखं् या है, लेककन इन्‍द हें बहाल करने के शसलशसल ेमें कोई भी जजक्र माननीय मखु् यमतं्री के बजट में नहीं आया है । जब फरवरी में बजट सत्र चल रहा था तो रायपरु ववकास प्राधधकरण ने एक आिेश जारी कर अतनवाया सेवा तनवतृ् त कमाचाररयों के अभ् याविेन को सामान्‍द य प्रशासन ववभाग का हवाला िेकर तनरस् त कर दिया गया और ये कहा गया कक आपको ये नौकरी नहीं िी जायेगी । इस प्रिेश को बड-ेबड ेभ्रष् टाचारी लील कर सरुक्षक्षत जा रहे हैं, हमारे छत् तीसगढ के रहने वाले गरीब पररवार के बच् चे हैं, अगर वे थोडी सी कोई गलती कर भी दिए होंगे तो उनको सीधा फांसी की सजा सनुा रहे हैं । पवूावती सरकार ने सनुाया, माननीय मतं्री जी, आप तो छत् तीसगढ के दहतों की बात कह रहे हैं, आप तो उनके दहत के शलए बात कररए, एक किम आगे बद ि़ए । श्री अजय चन्‍द राकर :- अध् यक्ष महोिय, छत् तीसगढ के दहत की एक ही पररभाषा है, कुछ भी नहीं होगा, आप शसफा बात कर सकत ेहैं, कोई सझुाव िे सकत ेहैं तो नरवा, घरुवा, गरू वा और बाडी में िो, 5वीं बात तो आप करो ही मत, अपेक्षा भी मत करो ।

श्री बहृस् पत शसहं :- चन्‍द राकर जी, आप तो ऐसा मत बोलो, जब 15 साल राज ककय े हो । धमाजीत भयैा को बोलने िीजजए ।

श्री अरूण वोरा :- चन्‍द राकर जी, नरवा, घरुवा, गरू वा और बाडी यही तो छत् तीसगढ की लाईफ लाईन है, आप उसको क् यों नकार रहे हैं ?

श्री धमाजीत शसहं :- अध् यक्ष महोिय, बेरोजगारों को बेरोजगारी भत् ता िेने की बात भी आपने नही ंकी । शशक्षा कशमायों के सवंवशलयन करने का भी आपने कोई जजक्र नहीं ककया । राज् य के कमाचाररयों और

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अधधकाररयों को डी.ए. भी आपने िेने की बात नही ंकी । वषा 2019-20 के अनमुातनत आय में व् यय का जो आंकडा आपने दिया है, उसमें पूजंीगत व् यय अथाात ्सडक, पलु-पशुलया, स् कूल, अस् पताल के शलए मात्र 13 प्रततशत का बजट है और शषे 87 परसेंट रेवेन्‍द य ूव् यय हैं । इसका मतलब है कक िाली तनख् वे में पसैा जायेगा, ववकास के शलए, इंफ्रास् रक् चर के शलए, अन्‍द य ववकास और जनोपयोगी काया के शलए आपके पास कोई पसैा नहीं है ।

अध् यक्ष महोिय, मैं ितनज ससंाधन के बारे में बताना चाहता हंू । कोयला ऊजाा का प्रमिु स् त्रोत है । प्रिेश में ितनज राजस् व का 47.27 प्रततशत योगिान रहता है । लोहा, लौह अयस् क 20.4 प्रततशत योगिान िेता है, जो छत् तीसगढ के ववशभन्‍द न दहस् सों में है। िेश के लौह अयस् क उत् पािन में 16.17 प्रततशत छत् तीसगढ भाग िेता है, बॉक् साइड में 168 शमशलयन टन उपलब् ध है, जो िेश के भडंार का 40 प्रततशत छत् तीसगढ में है । चूना पत् थर 8959 शमशलयन टन भडंार का 4.84 प्रततशत छत् तीसगढ में है, डोलोमाइट का 919 शमशलयन टन भडंार का 11.37 प्रततशत यहां उपलब् ध है । परेू प्रिेश में गौण ितनज

है । रेत ििान 800 की सखं् या में पयाावरण स् वीकृतत के साथ यहां ववद्यमान है । इसके अलावा हीरा, स् वणा धात,ु एलेक् जेंड्राइड, कोरण् डम, मगै् नीज और ितुनया भर के सभी ितनज यहां उपलब् ध हैं । अध् यक्ष महोिय, मेरा कहने का आशय यह है कक इस प्रिेश की ितनज नीतत इतनी लचर है कक आप िेखियेगा, वषा 2017 और वषा 2018 का आंकडा बताना चाहता ह ू ,ं दिसम् बर, 2017 तक पररवहन में 2959 प्रकरण िजा ककये गये है और िण् ड वसलूी हुई 3 करोड 80 लाि रूपये । इसी प्रकार उत् िनन में 392 प्रकरण िजा हुये हैं और िण् ड वसलूी हुई 1 करोड 7 लाि रूपये । अवधै भण् डारण 54 हुये, 34 लाि 42 हजार का िण् ड वसलूी हुआ । मेरा कहने का आशय शसफा यह है कक अगर 3-4 करोड रूपया िेकर, फाईन पटाकर, परेू प्रिेश की ितनज सपंिा को, लटूने का अधधकार माकफयाओं को, आपको िेने का अधधकार ककसने दिया । आप कोई भी एक प्रकरण बताईये, जजसमें आपने ितनज माकफया को जेल के सीिंचों के अिंर डाला हो । एक माकफया बताईये, जजसमें उसके परेू प्रापटी को राजसात ककया हो । अध् यक्ष महोिय, ितनज सपंिा का िोहन और शोषण करने के शलए तो 4 करोड में तो कोई भी िेका ले लेगा । मेरा कहने का आशय यह है कक टी.एस.बाबा साहब, मखु् यमतं्री जी की जगह में अभी आप ही हैं । उम् मीि करत ेहैं कक आप आगे भी रहेंगे । आप जरा सतुनये । आधथाक िण् ड कोई अपराधधयों को तनयतं्रण करने का अस् त्र नहीं हो सकता । उनको िंडडत करने के शलए काननूी रूप से जले में डालने का प्रावधान कररये, तब इन माकफयाओं में भय व् याप् त होगा । आिरणीय अध् यक्ष महोिय, पयाावरण प्रिवूषत हो रहा है । क् यों हो रहा है । कोरबा में 34 लाि मीदरक टन राि आज की तारीि में हुआ है । 10 माह बाि 96 लाि मीदरक टन होने जा रहा है । क् यों ? जंगल हमारा, जमीन हमारी, पानी हमारा, मजिरू हमारे, बड-ेबड ेउद्योगपतत यहां पर आकर उद्योग िोले हैं, धलू-धक् क् ड, घुआं, पीशलया, मलेररया, डायररया, येसब

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चीजोंको हमको उपहार में हमको िेंगे ? पसैा वह कमाये, बीमार हमारा बच् चा पड े । पसैा वह कमाये, हमारा ककसान बेमौत मारा जाये ? पसैा वह कमाये, हमारा ककसान नगंे बिन रहे ? राि के ढेर में िेलन ेके शलए छोडने की अनमुतत ककसी भी सरकार को नहीं िी जा सकती है । इसशलए मैं आपसे तनवेिन करता हूूँ कक आप चाहे टमाटर की सॉस बनाने की फैक् टरी िोल िेना, गन्‍द ने की रस की फैक् टरी िोलना और कुछ भी करना, लेककन अब इस प्रिेश की छाती को पॉवर प् लाण् ट के बोझ को सहने की ताकत नही ंहै । अगर आप ककसी स् वाथा के तहत पॉवर प् लाण् ट की अनमुतत िेंगे, यह माना जायेगा कक आप छत् तीसगढ के िो करोड पचास लाि लोगों के दहतों की बशल चढाकर िे रहे है । अध् यक्ष महोिय, जाईये जांजगीर जजले में, कही ितेी नहीं हो पा रही है, कोरबा में प्रिषूण से मर रहे हैं, घर में कपडा टांगों काला हो जाता है । घर में बतान घलू से जम जाता है । आखिर हम कौन स ेववकास की बात कर रहे हैं ? इतना सुिंर हमारा छत् तीसगढ प्रिेश् , मनैपाट की पहाड डयों का ताज, इन्‍द रावती कल-कल करती हुई, छत् तीसगढ के माथ को पिारती हुई, उस छत् तीसगढ को आप गिंगी के रास् ते पर ले जाने की सोच रहे हैं । माननीय अध् यक्ष महोिय, यह जुमा, यह पाप जजसने भी ककया हो । लेककन अब छत् तीसगढ के साथ यह अन्‍द याय अब मत कीजजएगा । माननीय अध् यक्ष महोिय, सीमेंट का जक्लकंर, बलौिाबाजर में, सीमेंट का 6-6 प् लाण् ट, 8-8 प् लाण् ट है, बडी-बडी कंपतनयों ने हजारों एकड जमीन छत् तीसगढ की धरती का लीज में शलया है । अध् यक्ष महोिय, सीमेंट बनाना चादहये ना। वह जक्लकंर बनाकर बाहर भेज रहे हैं । जक्लकंर का मतनब है, जक्लकंर में कोई पावडर शमलाकर शमक् सर मशीन में पीसने स ेवह सीमेंट बनता है और वह जी.एस.टी. भी नहीं िे रहे हैं । बलौिाबाजार में प्रततदिन 5 करोड रूपये से 10 करोड रूपये की जी.एस.टी. की चोरी हो रही है । बलौिाबाजार के सीमेंट का माशलक इतने तानाशाह हैं कक वह पांच सीमेंट के माशलक आपस में बिैकर तय करत ेहैं कक छत् तीसगढ में कल सीमेंट 200 रूपये बबकेगा या 250 रूपया बबकेगा । अध् यक्ष महोिय, हमारे ितनज संपिा में कलकत् त ेमें बिेै हुये बड-ेबड ेलोग, हैिराबाि में बिेै हुये बड-ेबड ेलोग, हमारे छत् तीसगढ का रेट तय करेंगे । हमारा जक्लकंर बाहर भेजेंगे, करोडो रूपये कमा रहे हैं, करोडो रूपये चोरी कर रहे हैं, इनके यहां भी रेड होना चादहये अध् यक्ष महोिय, इनको भी जेल के सींिचों में भेजना चादहये । इन उद्योगपततयों को हमने इसशलए उद्योग लगाने की अनमुतत िी है ताकक हमारे प्रिेश का औद्योधगकीकरण हो, लेककन इस प्रिेश को िोिला करने और लटूने की अनमुतत नहीं है। मेरी जानकारी में जी.एस.टी. डडपाटामेंट आपके पास है। माननीय मतं्री जी, आप इसे सजं्ञान में लीजजएगा। आप रेट करवाईये। हर सीमेंट प् लांट में प्रततदिन 10 करोड रूपये प्रततदिन से ज् यािा की जी.एस.टी. की चोरी हो रही है। उस ेरोकने का काम आपका है। वे लोग ििान िोि िेत ेहैं लेककन उसे िोिने के बाि उसे पाटेगा कौन? मनेन्‍द रगढ के एम.एल.ए. डॉक् टर ववनय जायसवाल जी बिेै थे, आप धचरशमरी को िोिा कर दिये हो। तनयम है कक ििान िोिने के बाि उसे पाटना पडता है। कौन पाटेगा?

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अगर वह नही पाट रहा है तो उसे िेिना पडगेा। कौन िेिेगा? सरकार नही ं िेिगेी तो कौन िेिन ेआयेगा? माननीय मतं्री जी, सेटेलाईट स ेनहीं दििता है। फील् ड में जजम् मेिार अधधकाररयों की तनयजुक्त होनी चादहए और वहां पर जो ििान िाली हो, जब तक वह ििान न पाटे तब तक िसूरे ििान में उसे फावडा और बलुडोजर चलाने की अनमुतत नहीं होनी चादहए।

अध् यक्ष महोिय, सरकार ने सभी ररक् त पिों की भती का वायिा ककया था लेककन मतं्रालय के सामान्‍द य प्रशासन ववभाग ने िो ववज्ञापन ड्राईवर और लाईब्रेरी के ररक् त पिों की भती भर तनकाला है और बाकी में आचार सदंहता के नाम से ित् म कर दिये। जी.ए.डी. में आपके अधधकारी 15-15 साल से एक ही जगह बिेै हैं। आप इन्‍द हें हटाने की दहम् मत नहीं जुटा पा रहे हैं।

अध् यक्ष महोिय, मैं एक प्राथाना और करना चाहता हंू और इसमें आपसे भी ववशषे रूधच लेने के शलए बहुत तयैारी से मैं यहां पर बोलना चाहता हंू। कोल इंडडया का एस.ई.सी.एल. आपके क्षेत्र में है। मतं्री जी आप भी सनु लेत ेतो बडी कृपा होती। एस.ई.सी.एल. का कुल उत् पािन 165 शमशलयन टन प्रततवषा है। छत् तीसगढ में केजप्टव पॉवर प् लांट लगभग 20 के आसपास होंगे इन्‍द हें प्रततवषा लगभग 26 शमशलयन टन कोयले की जरूरत पडती है जो कक एस.ई.सी.एल. के कुल उत् पािन का 15 प्रततशत होता है। एस.ई.सी.एल. में जो उत् पािन होता है उसका शसफा 15 प्रततशत ही 26 शमशलयन टन होता है। लकेकन एस.ई.सी.एल. हमारे प्रिेश के केजप्टव पॉवर प् लांट को शसफा 12 शमशलयन टन कोयला ही दिया जा रहा है बाकी 14 शमशलयन टन कोयला आस् रेशलया से, मलेशशया या िसूरी जगहों से मगंाया जा रहा है। इसमें वहां से कीमत ज् यािा लगती है और केजप्टव पॉवर प् लांट का प्रोडक् सन कम हो गया है। अगर एस.ई.सी.एल. के लोग इनको परूा 26 शमशलयन टन कोयला िे िें तो कम से कम 500 करोड रूपये सरकार का रेवेन्‍द य ूबढ सकता है कयोंकक जब वे प्रोडक् सन करेंगे, तो शासन को इनजी ड्यटूी और अन्‍द य टैक् स में शासन को 500 करोड रूपये का फायिा होगा। अध् यक्ष महोिय, मैं आपसे यह तनवेिन करना चाहता हंू कक आप स् वय ंमाननीय पचंायत मतं्री जी, मखु् यमतं्री जी, कोल इंडडया के सी.एम.डी. को फोन करके यहां बलुवाईये और उनको बोशलए कक जब हमारी ही धरती से कोयला तनकाल रहे हो, 165 शमशलयन टन तनकालत ेहो तो 26 शमशलयन टन कोयला प्रिेश के उद्योगों को भी जजन्‍द िा रिने के शलए उनको िेने में क् या तकलीफ है और आप िबाव डालकर दिलवाईये। अगर वह 26 शमशलयन टन कोयला उनको शमलेगा और वे आस् रेशलया और मलेशशया से बलुाने से बचेंगे तो आपको 500 रूपये एनजी ड्यटूी के रूप में प्राप् त होगा, उस ेआप बढा लीजजए। अभी प्रोडक् सन स् लो-डाऊन हो गया है। माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं कुछ बातों की ओर थोडा सा आपका ध् यान आकृष् ट करके अपनी बात समाप् त करंूगा। आपने पांच-पाचं होजल्डगं कंपतनया ंबनाई, छत् तीसगढ स् टेट पावर, छत् तीसगढ जनरेशन, छत् तीसगढ रांसमीशन, छत् तीसगढ डडस् रीब् यसून, छत् तीसगढ स् टेट पॉवर रेडडगं कापोरेशन। अध् यक्ष जी, इसकी जरूरत क् या है?

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जब एक आिमी से काम चले तो छ: बीमारी पालने की क् या जरूरत है, िचा बढाने की क् या जरूरत है ? छत् तीसगढ में अगर सरप् लस बबजली है, अगर आप धनाड्य हैं तो इतराने की कोई जरूरत नहीं है, अइिने की भी कोई जरूरत नहीं है, िम् भ करने की भी कोई जरूरत नहीं है।

श्री शशवरतन शमाा :- अध् यक्ष महोिय, पांचों के चेयरमने एक ही हैं। श्री धमाजीत शसहं :- माननीय अध् यक्ष महोिय, ये एक या िो हैं उससे मेरे को मतलब नहीं है। मैं ये चाहता हंू कक ये पांचों स् टेट पावर कंपतनयों को कम कररये। पहले एक था, आपको जरूरत पडी तो िो कर लीजजये। ये पांच सफेि हाथी पालने की कोई आवश् यकता नहीं है। हमारे गांवों में जो 20 साल पहल ेबबजली लगी हुई है, बबजली के तार सड गये हैं, भैंसा िंभे को छूता है तो िंभा धगर रहा है, तार धगर रहा है। बच् चे जल के मर रहे हैं, परैावट में आग लग रही है, रांसफामार नहीं बिल रहे हैं, िो तार के तीन तार नहीं हो रहे हैं। थोडा प्रजैक्टकल होइये, प्रजैक्टकल हो के गांव के लोगों की समस् याएं को सतुनये। यहां आंकडों में बिै के बहस करने से, न उसमें छत् तीसगढ का भला होगा, न उसमें ककसी की जीत होगी और न उसमें कोई हारेगा। तलेगंाना को आपने 3 रूपये या कुछ रूपये में बबजली दिया।

श्री अशमतषे शकु् ल :- अध् यक्ष महोिय, माननीय श्री धमाजीत शसहं जी वसैे ववधानसभा का अपना महत् व है और यहां चचाा में थोडा बहुत फायिा होता है। ऐसा मतलब नहीं है कक बबल् कुल भी फायिा नहीं होता। बाहर भी िीक है, लेककन यहां ववधानसभा का भी महत् व है।

श्री धमाजीत शसहं :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं जो बोला वो आप समझे नहीं। मैंने ये कहा कक आंकडों में बहस करके कोई जीत हार नहीं होती। आप प्रजैक्टकल होइये, गांव की समस् या लाईये, यहां पर चचाा कररये, उसका हल तनकाशलये।

अजय चंराकर :- अध् यक्ष महोिय, मैं िसूरी बात कहने के शलये िडा हुआ था।

अध् यक्ष महोिय :- जो बोल रहे हैं वे इजाजत िेंगे, मैं नहीं िे सकता । श्री धमाजीत शसहं :- माननीय अध् यक्ष महोिय, सर जी मैं तो अपनी बात कह रहा था।

अध् यक्ष महोिय :- आपको डडस् टबा करने वालों को इजाजत िे रहे हैं तो िे िें।

श्री धमाजीत शसहं :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं तो उनसे कुछ बातें नहीं कर रहा हंू। मैं तो आपको िेि रहा हंू और कभी कभी बाबा साहब की तरफ िेि लेता हंू। अभी िो लोग ही लग रहे हैं कक यहां मैं बोलूगंा तो कुछ होगा बाकी जगह तो लोग ििु ही धचल् लात ेरहत ेहैं, नरूवा, गरूवा, घरुूवा बाडी करके। मझुे अभी आपसे उम् मीि है, क् योंकक आप भी उस क्षते्र की समस् या से वाककफ हैं ।

श्री अमरजीत भगत :- माननीय अध् यक्ष महोिय, श्री अजय चंराकर जी भयैा को प्रभाववत कर रहे हैं लगता है। श्री धमाजीत शसहं :- माननीय अध् यक्ष महोिय, पि शमला है आप अच् छे से काम कररये लेककन

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याि रखिये, पि में अगर आप बिले की भावना लेकर का करेंगे उसी वक् त आपके ववनाश का समय शरुू हो जायेगा। इसशलए सहृियता से ववशाल दिल से, जो गलत है उसको सजा िीजजये, लकेकन अगर मैं नापसिं हंू तो मझुको सजा मत िीजजये। मैं आपको नापसिं हो सकता हंू लेककन आप मझुे तगं करके कुछ नहीं पा सकत।े इसशलए मैं चाहता हंू, क् योंकक हमने राजनीततक इततहास में िेिा है। ये 68 के बहुमत में इतना अहंकार करने की जरूरत नहीं है। हमने दहन्‍द िसु् तान के इततहास में िेिा है, 425 सीट पा करके भी एक नेता चार साल बाि बहुत बरुी जस्थतत में चुनाव में पराजजत हुआ। 1977 में दहन्‍द िसु् तान में एक बड ेनेता की सरकार को बिल करके िसूरे नेता बने लेककन उन्‍द होंने उनका नाम जपना नहीं छोडा तो ि़ाई साल में भी उस सरकार का पतन हो गया। मैंने प हले दिन ही कहा था कक आप 68 के बहुमत पर हैं, लेककन जब आप सरकार में बिैें गे तो आपको अहंकार आना शरुू होगा। तब मैं ये आपके वववेक पर छोडता हंू कक आप अपने अहंकार को रोकें और लोगों को सम् मान िें। हम ववरोधी िल के लोग चुन करके आये हैं। कल एक घटना हुई है। एक मतं्री जी से अगर एक पवूा ववधायक जा करके कोई अपनी बात कहना चाहता है तो पुशलस की लादियों का शशकार होता है। हम लोग भी तो जनता से चुन करके आये हैं, ये कहां शलिा है कक हमको जनािेश नहीं शमला है लेककन अगर कोई आपका कायाक्रम हो, आप हमारे भी मतं्री हैं। हमारे भी मखु् यमतं्री हैं, अगर आपका कुछ कायाक्रम होता है तो ववरोधी िल के ववधायक को वहां सम् मान सदहत नहीं बलुायेंगे, नहीं बिैायेंगे, तो ये प्रजाततं्र का अपमान होगा। हमको अगर लादियों के तत् पर से िरू करेंगे तो ये प्रजाततं्र का अपमान होगा। इसशलए जनप्रतततनधधयों को सम् मान िेने की ससं् कृतत भी इस सरकार में पिैा हो। अध् यक्ष जी अभी तक तो 15 साल 15 साल का जवाब सनुत ेआये हैं। आपका समय शरुू होता है कल, और जब कल ववतनयोग ववधेयक पेश होगा उसके बाि जवाबिेही आपकी होगी। तब अगले सत्र में आपसे पछूें गे कक क् या हुआ तरेा वािा ? अध् यक्ष महोिय, आपने मझुे बोलने का समय दिया उसके शलये बहुत बहुत धन्‍द यवाि।

समय : 4:00 बज े

विननयोग‍विधेयक‍के‍प्रस्‍ततु‍करने‍की‍समय‍में‍िदृ्चध

अध् यक्ष महोिय :- छत् तीसगढ ववधानसभा की प्रकक्रया तथा काया सचंालन सबंधंी तनयमावली के तनयम 153 के उप तनयम (2) के अतंगात अनिुान के मांगों के शलये तनयत अतंतम दिन 4.00 बज ेववतनयोग ववधेयक प्रस् ततु ककया जाना है। चूंकक अभी मांगों पर चचाा शषे है, अत: अनिुान की मांगों पर चचाा पणूा होने एव ंमांगों का प्रस् ताव स् वीकृत होने का काया पणूा होने के पश् चात ् ववतनयोग ववधेयक प्रस् ततु करने हेत ुसमय की वदृ्धध की जाये। मैं समझता हूूँ सिन इससे सहमत है?

‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍(सदन‍द्िारा‍सहमनत‍प्रदान‍की‍गई.)

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वित्‍तीय‍िषर‍2019-2020‍की‍अनदुान‍मांगों‍का‍चचार‍(क्रमश:)

अध् यक्ष महोिय :- श्री केशव प्रसाि चरंा। आप िोनों समय का उपयोग कर लीजजए। उनका भी अपना भी और ित् म कर िीजजए।

श्री केशव प्रसाि चरंा (जजैपेरु) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, नहीं। वह भी िो शमनट क्षेत्र के शलए बोलेंगे।

अध् यक्ष महोिय :- कफर आपको मैं तीन शमनट का समय िेता हूूँ। आपके शलए उससे ज् यािा समय नहीं है। 5.30 बज ेमखु् यमतं्री जी भाषण िेंगे। उसके पहले ये आधा घण् टा बोलेंगे। आप कम स ेकम समय में अपनी बात रिें।

श्री केशव प्रसाि चंरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, जो आपका तनिेश है, मैं उसका पालन ककया हूूँ।

माननीय अध् यक्ष महोिय, माननीय मखु् यमतं्री जी की अनिुान मांग में बोले बर िड ेहोए हों। ये अनिुान मांग में सबसे महत् वपणूा हे सामान्‍द य प्रशासन ववभाग। सामान्‍द य प्रशासन ववभाग एकर बर महत् वपणूा हे, कक योजना कोई भी बनए, जब तक ओ योजना ला लाग ूकरे बर, प्रशासन हर मसु् तिैी के साथ नइ िड ेरही, प्रशासन में कसावट नई रही तो योजना सफल नइ हो सके। आज सरकार ला भले ज् यािा दिन नइ होय हे, लेककन हमला प्रशासन में कोई फेर बिल नइ दिित हे। प्रशासन में कोई कसावट नइ दिित हे, कोई योजना ला लाग ूकरे बर, कोई जनता मन के दहत मा काम करे बर। हा नेता मन के कहे मा अगर कोई काम कर िेत हो ही त ेअलग बात हे लेककन सामान्‍द य आिमी बर कोई अच् छा काम करत हे प्रशासन हर। प्रशासन में बइिे हुए अधधकारी मन अइसे कहीं महससू नइ होवत हावए।

माननीय अध् यक्ष महोिय,वपछले सरकार में भी हमर एके िन बात रदहसे कक जो जनप्रतततनधध चुनकर आथे, वो जनता मन के प्रतत जवाबिेह होथ ेअउ जनप्रतततनधध ला जनता मन कथ ेकक कोई जगह अन्‍द याय, अत् याचार होवत हे तो एकर से हमला तनजात दिलावव। कोई सरकार के योजना के लाभ नइ शमलत हे तो हमला लाभ ला दिलावव। लेककन प्रशासन के अधधकारी मन जनप्रतततनधध मन के बात ला भी नइ सनुत ररदहन हे, अउ आज भी वही जस्थतत हे। अगर एक ववधायक, सांसि धचट्िी शलित हे तो परूा प्रिेश के अधधकारी ओकर जवाबिेह ला अपन जवाबिारी अउ जजम् मेिारी नइ समझत हे। अउ अगर कहीं गलती से जवाब आ जावत हे तो कलेक् टर के जवाब आवत हे कक आपके पत्र ला मय तहसीलिार ला भेज िे हों। हम जनता के का दहत कर सकत हन ? जे आवाज ला ये प्रशासन के अधधकारी मन िबाए के काम करत हे। जनसमस् या तनवारण शशववर के आयोजन होवत हे, प्रत् येक सप् ताह कलेक् टोरेट मा

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अनवुवभाग मा जन िशान के कायाक्रम आयोजजत होवत हावय। ये केवल एक औपचाररकता तनभाए के काम होवत हे, कोई जनता मन के दहत करे के काम नइ होवत हे।

माननीय अध् यक्ष महोिय, प्रशासन मा कसावट लाए के आवश् यकता हे। अधधकारी कमाचारी जेमन के रूझान भ्रष् टाचार के तरफ हे, लेनिेन के तरह हे ओमा कसावट लाए के जरूरत हे। जे दिन ये व् यवस् था ला ये सरकार बना शलही, तनजश्चत रूप से ये सरकार के योजना के लाभ आम जनता ला शमलही। ये प्रिेश हा ितनज के प्रिेश है, इहां ितनज के भण् डार हे, अउ ितनज के भण् डार मा ििान के माशलक मन तो लाभ कमात हे, ििान के माशलक मन पइसा कमात हे, लेककन छत् तीसगढ के जो ये ितनज के माशलक हे तमेन बहुत ि:ुिी, लाचार, बेबस हे। आिरणीय धमाजीत जी बतात ररदहन हे कक 4 करोड रुपया के जुमााना पड ेहे, तो जुमााना कोई अवधै ितनज के काम करईया ला नइ पड ेहे, गांव के गरीब आिमी जे हा एक रेक् टर लाकर के अपन प्रधानमतं्री आवास में घर बनावत हे, ओकर रेक् टर ला पकड करके ओला जुमााना ककये गे हे। कहीं कोई आिमी अपन घर बनाए बर कोइ तररया, नरवा मा एको रेक् टर पथरा तनकाले हावए, तलेा पकड कर के ओकर बर जमुााना ककये गे हे, अवधै काम करईया कोई ितनज के धगरोह हे तकेर बर कोई आज तक कायावाही नइ होए हावए। ये मन के ऊपर कायावाही होय, तो आज ितनज के माध् यम से छत् तीसगढ प्रिेश मा जतका कन राजस् व आत हावय, ओकर 10 गनुा से भी ज् यािा राजस् व छत् तीसगढ प्रिेश मा ितनज के माध् यम से आही। माननीय अध् यक्ष महोिय, जतका ििान हे, जब ओला िेका दिये जात हे तो तनयम अलग बनथे। स् थानीय आिमी ला ओकर रोजगार शमलय का के बात होत हे। लेककन जैसे ही िेका होत हे, िेकेिार बड-ेबड ेमशीन लात हे, जतका क्षमता नहीं हे, तिेर ले ज् यािा बारूि जला थे, जकेरा भी ििान हे, आज ओ गांव के घर मन टूटे लागत हें, सरकारी बबजल्डगं मन टूटत हवय, काबर की ज् यािा क्षमता के ऊंहा बारूि चलात हें, पत् थर ला तोडत हावय। ऊहां कोई क्षेत्रीय आिमी ला काम नई शमलत हावय। माननीय अध् यक्ष महोिय, जजला ितनज न्‍द याय ससं् थान के गिन ककये गईस। अउ ओकर स ेप्रभाववत क्षते्र मा ओ राशश के उपयोग ककये जाय करके तनयम बनाय गईस। अभी नवा सरकार ओमा रोक लगा िेय हे। हमन जांजगीर चांपा जजला मा एक साल में 100 करोड डी.एम.एफ मि मा आत हे। कई िन ऐसे स् कूल हे, जे भवनववहीन हे, ओकर बर स् वीकृतत िे रदहन हे, ओला भी रोके के काम करे हवय। अब कौन सा राशश के िरुूपयोग होत हे, जे स् कूल में भवन नहीं हे, लईका मन ला बिेै बर भवन के स् वीकृतत हो गये हे तो कौन सा िरुूपयोग होत हवय। माननीय मखु् यमतं्री जी कहत रदहन आप डॉक् टर, मास् टर रिा, मास् टर रिना सरकार के काम हे, आप रिा न, कौन मना करत हे। ववज्ञापन तनकाला, छत् तीसगढ में 50 हजार मास् टर के कमी हवय, मास् टर के भती करा। रायपरु के अस् पताल मा डॉक् टर नई

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पात हव तो जांजगीर चांपा जजला के डी.एम.एफ. के पसैा मा ओ कलेक् टर हा कहां ले िोज के लागही। कौन डॉक् टर ला वहां तनयजुक्त िेही?

समय : 4:07 बज े (सभापनत‍महोदय‍(श्री‍देिेन्‍द‍र‍बहादरु‍लसहं)‍पीठासीन‍हुए)

श्री अमरजीत भगत :- नहीं गा, ऐमे करना चादहए या नहीं करना चादहए, अगर करत हे तो अच् छा बात हे न। अगर डॉक् टर, मास् टर व् यवस् था होवत हे, ये बात हे अच् छा हे। श्री केशव प्रसाि चन्‍द रा :- अमरजीत भयैा, क् या स् कूल नई बनना चादहए ?

डॉ.कृष् णमतूत ा बांधी :- तैं तो एक जजम् मिेार मतं्री बरोबर जवाब िेथस भाई। तैंहा चुप बिै नई सकस।

नगरीय प्रशासन मतं्री (डॉ. शशवकुमार डहररया) :- मतं्री ले कम थोड ेहय। डॉ.कृष् णमतूत ा बांधी :- तय अपन जगह ओला िे िे न। श्री केशव प्रसाि चन्‍द रा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मेरा ववधानसभा क्षते्र के समेराडीह गांव मा स् कूल नई हे, एको िन सरकारी बबजल्डगं नई हे, िलुा में लइका मन बिैत हें। उहां स् कूल के बबजल्डगं स् वीकृत हो गये हे, ओला रोक िेव हवव, भौधथया में स् कूल नई हे, ओला रोक िेय हवय। जैजैपरु में 30 बबस् तर के अस् पताल हें, 12 िन बबस् तर लगथे, ओकर ववस् तार बर 76 लाि स् वीकृत हो गये हे, ओला रोक िेव हवय। त ेये गलत हे न। हा ंएकर बर रोक िेय होईहा कक चल ओ ववपक्ष के ववधायक हे, आने िल के ववधायक हे, ता ओकर क्षते्र के काम ला रोक िेई, ऐसे अगर राजनीततक िभुाावना से कोई काम होत होईही तो आप मन िीक करत हन। श्री अमरजीत भगत :- नई गा, एमन जा हे, बिंरबाट करे रदहन, जो काम के जरूरत नई रदहस ओहू मन ला स् वीकृत कर िेय रदहन, एकर सती ओला रोके गईस हे। ओला प्राथशमकता तय करके करल जाही। श्री केशव प्रसाि चन्‍द रा :- गौंण ितनज के राशश मा प्रशासन के तनयत िराब हे। गौंण ितनज जें गांव में ििान हे, ओ गांव मा पचंायत में परूा पसैा जात हे, जनपि मा पसैा जात हे तो भई, ग्राम पचंायत तय करही, ग्राम पचंायत, जनपि पचंायत एक स् वतंत्र ससं् था हे, तनवााधचत जनप्रतततनधध हे, ओमन तय करही कक हम का काम करवाई। ओमन तय करत हे, प्रस् ताव बना कर भेजत हें, कलेक् टर नई कहत हे, जजला पचंायत के सी.ई.ओ. नई कहत हे, मैं जे काम ला कदहहौं तलेा अगर प्रस् ताव बनाब ेतो ओ काम आ होईही। ऐसे प्रशासतनक आतकंवाि ऐ प्रिेश में हे। 15 साल तक एमन कररन, 15 सीट में शसमट गेईन। ऐ मन जो कररन, त ेतो कररन, अब तो िीक-िाक कर लेव, अब तो सधुार कर लेवव,

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प्रशासतनक आतकंवाि ला अब तो समाप् त करा। जब तक ये प्रशासतनक आतकंवाि ला समाप् त नई कररहा तो वही धगरोह मा तहूु मन तघरा जाहे। कफर ओई मन अपन दहसाब से तमुन ला चलाये के काम कररही और वो दिन तमु् हर सोच हा जनता के प्रतत नई बनय, बजल्क केवल अपन व् यजक्तगत और तनजी स् वाथा बर रदहही। तकेर बर मैं कहना चाहत हौं कक छत् तीसगढ के जो ितनज साधन हे, केवल सरकार के न होय, हम सब मन के, छत् तीसगढ के गरीब आिमी मन के, मजिरू के, ककसान के हे और एकर से प्रभाववत छत् तीसगढ के एक-एक नागररक होत हावय। ओकर स ेजो राजस् व आत हावय ओला बादहर प्रिेश के उद्योगपतत मन ला मत कमान िेवव, बजल्क छत् तीसगढ के दहत मा ओकर काम ला करा। सभापतत महोिय :- कृपया समाप् त करें। श्री केशव प्रसाि चरंा :- माननीय सभापतत महोिय, मैं अतंतम ऊजाा के बारे में िो शमनट बोल लेथओं । हमर प्रिेश मा बबजली बनत हे । बड-ेबड ेकारिाना आ धगस, हमरे जमीन हे, हमरे निी हे, ओकर पानी के उपयोग होत हे अऊ हमरे जमीन के अिंर के कोयला हे लकेकन बबजली के का हालत हे ? जेन प्रिेश में हम बबजली बेचत हन उंहां सस् ता हे अऊ सब चीज ला प्रिषूण ला िात हन, धूल ला िात हन, हमर सपंवत्त ला लगाये हन, उंहां बबजली महंगा हे, सरकार ला आधा करे के जरूरत पडत हावय कक बबजली बबल हाफ करे के जरूरत पडत हे । बबजली हाफ करे के जरूरत नइ हे, छत् तीसगढ के धरती में अगर उद्योग लगाये हओ, इंहां ले अगर बबजली बनात हओ, बादहर प्रिेश में बेचत हावा तो इंहा के अगर जनता मन ला लाभ दिहा तो आप जो आधा करे हओ तकेर से भी सस् ता इंहां के बबजली ला शमलना चादहए । बबजली के ववस् तार होगे, िंभा बढ गे, तार बढ गे, रांसफामार बढ गे, सब-स् टेशन बढ गे, बबजली के उपभोक् ता बढ ग ेलेककन बबजली ववभाग के कमाचारी मन हा खियाधगन हावय, कम होगे । अब हमन ला कैसे बबजली शमलय, डॉ. बांधी जी कहत रदहन लजू कनेक् शन हे । बांधी जी कइसे लजू कनेक् शन नइ रइही ? रांसफामार जल जात हे, 10 दिन में रांसफामार नइ बिलत हे । श्री बहृस् पत शसहं :- 15 साल तक लजू सरकार आगे रदहसे तकेरे सेती लजू होगे रदहसे । अब टाईट सरकार आगे हे अब टाईट होही । श्री अमरजीत भगत :- ऐकर कनेक् शन तो पदहली से लजू है । डॉ. कृष् ण् मतूत ा बाधंी :- 10 गांव ला टाईट कर िओ । अच् छा बबजली कनेक् शन शमल जाये, पॉवर शमल जाये ता हम जान जईन । श्री केशव प्रसाि चरंा :- माननीय सभापतत महोिय, उपभोक् ता के अनरुूप, बबजली लाईन के अनरुूप जब तक बबजली ववभाग में कमाचारी नइ रदहसे, सबला िेका िे दिन । एक िंभा टूटही ता िेकेिार बनाही । एक िन सामान लगही ता िेकेिार लाही अऊ ओ सामान मन में गणुवत् ता नइ हे, ऐमा जब तक सधुार नइ करहीं तब तक हमन के दहत नइ होवए । रांसशमशन लाईन लगात हें । कौन जने

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बड-ेबड ेलाईन जाथे, कहां ले कहां जाथे ? हमन ला तो मालमू नइ हे लेककन हमर जमीन में गडत है, हमर पडे कटत हे, हमर फसल के क्षतत होत हे, आज ेराजस् व मतं्री करा हमन ध् यानाकषाण लगाये रहेन लेककन ककसान मन ला मआुवजा नइ शमलत हावय । मैं माननीय मखु् यमतं्री जी ला कहना चाहत हंओ ंकक आप प्रशासन में कसावट लावओ, छत् तीसगढ के जनता के दहत मा, छत् तीसगढ के जनता मन ला परेशान मत करओ, कोई रेता के नाम से, कोई एक रेक् टर धगट्टी के नाम से, ओमन के रेक् टर ला जब् ती कर लेत हांवय । बड-ेबड ेििान के माशलक हैं । जेन मन रॉयल् टी के चोरी करत हें ओला परेशान करओ, ओला तगं करओ । तनजश्चत रूप से ओकर लाभ शमलही अऊ बबजली के व् यवस् था ला भी, रांसफामार के व् यवस् था ला भी िेिओ, ए साल आप मन छूट िेहा तो भारी अकन धान लगे हावय अऊ ि ू दिन रांसफामार अगर जल जही ता ओ धान हा ित् म हो जही तो आप ओकर व् यवस् था ला भी बनावओ । माननीय सभापतत महोिय, आप मोला बोले बर मौका िे हओ तकेर शलये बहुत-बहुत धन्‍द यवाि।

श्री रामकुमार यािव (चंरपरु) :- माननीय सभापतत महोिय, बहुत-बहुत धन्‍द यवाि । आज मैं माननीय मखु् यमतं्री जी के अनिुान मांग के समथान में िड ेहंओं।

माननीय मखु् यमतं्री जी, मैं आज इस सिन के माध् यम से कहना चाहत हंओं कक छत् तीसगढ के तनमााण अऊ मध् यप्रिेश अऊ छत् तीसगढ काबर बतनस ? वषा 2000 में छत् तीसगढ अलग होइस, छत् तीसगढ मा अलग होए के बाि मा छत् तीसगढ में एक उम् मीि जागे रदहस हे कक छत् तीसगढ में सबल ेज् यािा पानी है, छत् तीसगढ में सबले ज् यािा कोयला है, छत् तीसगढ में सबले ज् यािा वन है, इहां के प्रिेश मन के भी आज हमन ववकास करबो अइसे सोच बनाकर ओ प्रिेश से अलग होए रदहस हे । 15 साल तक इंहां राज करे धगस लेककन 15 साल में का शमशलस ? मैं ओ क्षेत्र के रहइया हंओं जहां पर 3-3 िा पॉवर प् लाटं लगे हे । 3 िा पॉवर प् लांट जा के िेखिहओ ता धचरई हा बलुके नइ सकत हे, हमन नान-नान रहे हावन ता गडुरेा धचरई िेिन, मनैा िेिन, बाज िेिन, सआु िेिन लेककन आज जाके िेखिहओ ता जतका हे ओ हा तार मा झटक के मर गे हे, एक िन धचरई-धचरकुन नइ पावओ । मैं आज ए छत् तीसगढ में माननीय मखु् यमतं्री जी ला धन्‍द यवाि दिहंू कक आज छत् तीसगढ के महतारी, छत् तीसगि़ के बेटा मन गौरवावंवत होत हे कक अइसे आज मखु् यमतं्री पाये हन जेन नरूवा, गरूआ, घरुवा, बाडी के बात करथ े। आज मैं ए बात ला बार-बार सनुथओं नरूवा, गरूआ, घरुवा, बाडी । मैं आज सिन से कहना चाहत हंओ ंआप मन जय स् तम् भ चौक पर, घडी चौक पर जाकर िेखिहा ता काय स् कॉय वाक बने हे, हम छत् तीसगद ि़या आिमी मन तो गोदिया ला नइ जानन । ओकर का उपयोग । ओमा कोन आिमी रही । लेककन जब छत् तीसगढ के मखु् यमतं्री, छत् तीसगढ के ििु ििा ला समझ करके नरवा, गरवा, घरुवा बारी करके ए परिेस ला आगे बढाए के बात करथे तो एमन ला समझ नइ आत हे ।

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सभापतत महोिय :- कृपया समाप् त करें रामकुमार जी । श्री रामकुमार यािव :- महोिय जी, मैं थोरे से समय लेहौं, मखु् यमतं्री जी ले भी कइहौं कक मोला थोड ेसे बोले के मउका दिये जाए । आज ए प्रिेश में, छत् तीसगढ प्रिेश में आज हम जाकर िेिथन, एिर पदहली सरकार बड ेबड ेकोयला ला जोर के लेजावत राहय । हमन मोटर सायकल मा जात रहन तो कहय..ए रोको, रोको, रोको । हमर िाई ििा मन झोला मा िवाई रिे रहेन । ओला ितुनया भर के जांच करए, चेक करए । आने के मोटर सायकल मांग के जात रहेत आउ 200, 300 रूपए पेरोल भराए बर रिे राहन ओला भी ले लेवय । अउ बड ेबड ेितनज वाला मन ले जावय ओिर कोई िेका झेका नई । लेककन धन्‍द यवाि िेहौं मैं हा मखु् यमतं्री जी ला । जब हमर छत् तीसगद ि़या मखु् यमतं्री बने हे तो आज छत् तीसगद ि़या बेटा मन भी सीमा तानकर चलत ेहैं, तिेर शलए मैं मखु् यमतं्री जी ला धन्‍द यवाि िेवत हौं । अतं में कहना चाहत हौं । वइसे गोदियाना तो बहुत सारा ररदहस हे लेककन कुछ ववषय ला कहना चाहत हौं । सामान्‍द य प्रशासन मोर मखु् यमतं्री जी करा हावय । मैं तनवेिन कररहौं, मखु् यमतं्री जी थोडा मोरो ओर िेिौ, मैं तनवेिनपवूाक कहना चाहत हौं, छत् तीसगढ मा एक कहावत हे, कोस कोस में पानी बिले, अउ 15 कोस मा बानी । कोस कोस में पानी बिले, 15 कोस मा बानी । यहा ं पर आईएएस, आईपीएस, यपूीएससी ले बनकर आवत हैं, कोना आंध्रप्रिेश, कोनो ताशमलनाड, कनााटक ितुनया भर के मन इहां आवत हैं, अच् छी बात हे, बहुत अच् छी बात हे । हमर लोकततं्र के सवंवधान के अनसुार कलेक् टर बन गे । सभापतत महोिय :- समाप् त करे रामकुमार जी । श्री रामकुमार यािव :- बहुत महत् वपणूा छत् तीसगद ि़या बात हे तलेा बोशलहौं साहब । आत हव ैअउ कलेक् टर बनके कोना जजला में चल दिस, हमर िाई ििा मन जाकर काहत हें बेटा कलके् टर साहब, मैं बासी ला िाकर आए रहेंव मोर काम हे तलेा कर िौ आप । लेककन वो हा छत् तीसगढी बोली ला समझत नइ हे । मैं माननीय मखु् यमतं्री जी ला कहना चाहत हौं कक अइसे आईपीएस, आईएएस, कलेक् टर मन ला, जब बनकर आवत हे तो कोई बोली ला भी चाहे बस् तररया हो, चाहे सरगजुजया हो चाहे छत् तीसगढी बोली हो ओिरो शलए भी रेतनगं दिये जाये । ताकक हमर छत् तीसगद ि़या मन के बोली ला समझ सकय । सभापतत महोिय :- समाप् त करें । श्री रामकुमार यािव :- अतं में, अपन क्षेत्र के बात कदह के अपन वाणी ला ववराम िेवत हौं । मोर क्षेत्र मा तीन पावर प् लांट हे । सभापतत महोिय :- श्री नारायण चिेंल जी । श्री रामकुमार यािव :- पावर प् लाटं के कारण वो गांव प्रभाववत हे । कबीर साहब के िोहा हे, जल में रदहके प् यासी, मोला सनु सनु आव ैहंसी । ओमन के बबजली, कोयला, पानी, रोड सब चले गे है अउ ओमन के बड ेबड े बबजली बबल आथे। कम से कम ओ गांव मा जो गांव बबजली से प्रभाववत हे, जहां

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पावर प् लाटं लगे हे ओ गावं ला बबजली बबल से फ्री कर दिये जाए, अइसे तनवेिन कररहौं । कम से कम जो गांव प्रभाववत हे, पावर प् लांट जलत रथ ेआउ ओमन दिया ला बात के रहे रथे । अतं में मोर क्षेत्र में एक िो डी.ई. स् तर के डभरा में एक कायाालय िोल दिये जाए । धन्‍द यवाि ।

समय : 4:19 बजे (अध्‍यक्ष‍महोदय‍(डॉ.‍चरणदास‍महंत)‍पीठासीन‍हुए)

श्री नारायण चंिेल (जाजंगीर-चांपा) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, इस िेश के पवूा प्रधानमतं्री माननीय अटल जी ने कहा है कक छोटे मन स ेकोई बडा नहीं होता । छोटे मन से कोई बडा नहीं होता और टूटे मन से कोई िडा नहीं होता । माननीय अध् यक्ष महोिय । अध् यक्ष महोिय :- चंिेल जी, आप नेता जी की जगह भाषण िे रहे हैं या वो अलग भाषण िेंगे । श्री नारायण चंिेल :- नेता जी आ रहे हैं । अध् यक्ष महोिय :- वे भी भाषण िेंगे । श्री नारायण चंिेल :- हां िेंगे ना । अध् यक्ष महोिय :- तो आप कम समय में समाप् त करेंगे । श्री नारायण चंिेल :- ये उपनेता भी हैं । अध् यक्ष महोिय :- तो कफर उन्‍द हीं को बोलने िीजजए । श्री नारायण चंिेल :- माने सचेतक हैं । श्री शशवरतन शमाा :- माननीय अध् यक्ष जी, माननीय मखु् यमतं्री जी के पास आि-आि ववभाग हैं । अध् यक्ष महोिय :- तो 9-9 लोग तो बोल रहे हैं आप लोग । श्री शशवरतन शमाा :- कहां 9 लोग बोले हैं, 5 लोग बोले हैं, छिवां बोल रहे हैं। अध् यक्ष महोिय :- 9 की शलस् ट है । श्री नारायण चंिेल :- बहुत महत् वपणूा ववभाग हैं । श्री कवासी लिमा :- जब बोल रहे थे तो आप नाम काटने की बात कर रहे थे। श्री शशवरतन शमाा :- अध् यक्ष जी से ववशषे अनमुतत प्राप् त कर रहा हंू भाई मैं। श्री नारायण चंिेल :- माननीय अध् यक्ष जी । अध् यक्ष महोिय :- कम समय में बोशलए । श्री नारायण चंिेल :- हमारे ववद्वानों ने, बजुुगों ने कहा है कक शपथ लेना तो सरल है, पर तनभाना तो कदिन है । हम शपथ तो ले लेत े हैं । हम सवंवधान को साक्षी मानकर शपथ

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तो ले लेत ेहैं लेककन माननीय अध् यक्ष जी, जब इस परेू बजट को हम िेित ेहैं और माननीय मखु् यमतं्री जी के ववभाग को िेित ेहैं तो इस बजट में माननीय मखु् यमतं्री जी के सबंधंधत ववभागों में छत् तीसगढ प्रिेश को आग ेबढाने के शलए, छत् तीसगढ प्रिेश कैस े ववकास के रास् ते पर जाए, शसवाय गरवा, घरुवा, नरवा, बारी एकर छोडके अउ कुछ दिित नहीं हे एमा सगंवारी। शब् िों का चयन अच् छा है।

श्री मोहन मरकाम :- वही में सब राज है सगंवारी साहब। आप िेित ेतो जाइए।

श्री नारायण चंिेल :- पहली त ेचुप बइि तो। पहली चपु बइि।

श्री कंुवर शसहं तनषाि :- एक िल अउ हे सर गढबो नवा छत् तीसगढ ओला भलुागे रहो। गढबो।

श्री नारायण चंिेल :- शब् िों का चयन अच् छा है। हम मखु् यमतं्री जी को बधाई िेता हंू। बधाई इसशलए कक शब् िों का चयन अच् छा ककये हैं लेककन बजट में परेू छत् तीसगढ को हम कैसे ववकास के रास् त ेपर ले जायेंगे ? कैसे यहां की मलूभतू आवश् यकताओ ंकी पतूत ा करेंगे ? यहां की बतुनयािी समस् याओ ंका कैसे तनिान करेंग?े इसके शलए कोई िोस आधार कोई िोस नीतत का इस बजट में कोई प्रावधान नही ंहै। माननीय मखु् यमतं्री जी के ववभागों में। माननीय अध् यक्ष जी, माननीय मखु् यमतं्री जी यहा ंसिन में बिेै हैं। सभी जजले में अधधकाररयों और कमाचाररयों की कमी है। डडप् टी कलके् टर से लेकर बाकी अन्‍द य कमाचारी हैं। माननीय मखु् यमतं्री जी अभी हमारी केन्‍द र की सरकार जो दिल् ली में चल रही है। माननीय मोिी जी से कुछ सीिने की आवश् यकता है। आप दिल् ली के मतं्रालय में जाइए। अधधकारी समय पर आत ेहैं और समय पर जात ेहैं।

श्री बहृस् पत शसहं :- ककस तरह का माननीय । ये 15 लाि वाला सीिना है। 15 लाि वाला सीिना है।

श्री नारायण चंिेल :- थोडा पहली चुप बइि तो त।े

श्री नारायण चिेंल :- वसेै ही अनशुासन का पालन मतं्रालय में होना चादहए और सभी ववभाग के। जजतने भी शासकीय कायाालय हैं। अधधकारी समय पर आये, कमाचारी समय पर आयें और समय पर जायें। क् योंकक हमारी जो गरीब जनता है, जो गांवों से आती है, सिुरू क्षेत्रों से वे छोटे-मोटे काम को लेकर आत ेहैं। हमारे अधधकारी और कमाचारी भाई 11 बज ेआत ेहैं, एक बजे लचं में जात ेहैं और कफर 3 बज ेवापस आत ेहैं। 5 बज नहीं पाता साढे चार बजे से जाने की तयैारी करत ेहैं तो इसशलए काम का समय सतुनजश्चत हो। यह माननीय मखु् यमतं्री जी को तनिेशशत करना चादहए और कडाई से पालन होना चादहए। मैं अपने जजले की बात बताता हंू वहां पर जांजगीर-चांपा जजले में अधधकारी और कमाचारी अप-डाउन करत ेहैं क् योंकक अधधकाररयों के आवास की िं़ग से कोई सवुवधा नहीं है। जांजगीर-चांपा जजले में 25 मई, 1998 को जजले का तनमााण हुआ था लेककन अभी तक वहां कलेक् रेट में कंपोजजंग बबजल्डगं नहीं है। कई

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जो अन्‍द य ऑकफस हैं, व ेइतने साल बाि भी ककराये के भवन में सचंाशलत हो रहे हैं। तो इन सब बातों पर वास् तव में ध् यान िेने की आवश् यकता है।

अध् यक्ष महोिय :- धन्‍द यवाि।

श्री नारायण चंिेल :- नहीं, आपको भी धन्‍द यवाि है। (हंसी) लेककन मैं बोलता हंू।

अध् यक्ष महोिय :- समाप् त करने के शलए धन्‍द यवाि दिया हंू। मैंने समाप् त करने के शलए धन्‍द यवाि दिया है (हंसी)

श्री शशवरतन शमाा :- आपने समय दिया है, इसके शलए धन्‍द यवाि दिये हैं।

श्री नारायण चिेंल :-नहीं, वे समय दिये हैं कहां बोला हंू। (हंसी) माननीय अध् यक्ष जी, ववद्यतु ववभाग, ऊजाा ववभाग माननीय मखु् यमतं्री जी के पास है। बहुत से बातें माननीय सिस् यों ने कही है कक रांसफामार की, लाइन की। सब दि़ला हो गया है। जजार हो गया है। उसमें ववद्यतु का प्रवाह िीक से नही ंहो रहा है। सब स् टेशनों का तनमााण जहां पर आवश् यकता है, वहां होना चादहए लेककन मैं माननीय मखु् यमतं्री जी से तनवेिन करता हंू कक बबजली की चोरी को रोकने का प्रयास करना चादहए और जो बबजली चोरी हो रही है, उस पर किोर कारावाई करने की आवश् यकता है। चाहे वह कोई भी व् यजक्त हो, चाहे ककतना भी बडा व् यजक्त हो। इस पर कोई िोस नीतत बनाये जाने की आवश् यकता है। बबजली का बबल अनाप-शनाप आ रहा है और मध् यम वगा आिमी या जो छोटा आिमी है, ककसान आिमी है, वह बबजली के बबल को लेकर परेशान है और जब वह उसको सधुरवाने के शलए बबजली ऑकफस जाता है तो वहां पर जो अधधकारी-कमाचारी बिैत ेहैं, वे बागेतनगं करत ेहैं तो यह उधचत नहीं है। हमारे जजले में बहुत से उद्योग है, पावर प् लांट हैं और भी तनजी उद्योग हैं, परेू प्रिेश में लेककन सी.एस.आर. मि से जो काम होना चादहए, उसमें कंडीशन है, वह अपनी कमाई का, अपने लाभ का इतना प्रततशत दहस् सा जनदहत में िचा करेगा। लेककन उस 2 प्रततशत की राशश को कई उद्योगपतत कभी भी िचा नहीं करत ेहैं। इसशलए यह सतुनजश्चत होना चादहए कक हर उद्योगपतत के साथ कडाई से पालन कराया जाना चादहए। उसकी मानीटररगं हो। उसने हर साल जो लाभ अजजात ककया है, क् योंकक यहां की शमट्टी, यहां की हवा, यहां की पानी से उसका उद्योग चल रहा है। यहा ंकी पानी और यहा ंकी जवानी लग रही है। लकेकन उसके बाि भी जनदहत में उस राशश को िचा नहीं करत ेहैं। इसशलए मैं माननीय मखु् यमतं्री जी से तनवेिन करंूगा, मैं माननीय मखु् यमतं्री जी से आग्रह करंूगा। क् योंकक उनके ववभाग पर चचाा हो रही है, हमारे जो ववधायक शमत्र हैं, जो हमको जनसम् पका तनधध साढे तीन लाि रूपया दिया जाता है, उसमें बढोत् तरी करने की कृपा करें।

श्री अमरजीत भगत :- चंिेल जी, ववधायक तनधध बढाये हैं, उसके शलए एक बार बधाई तो िे िो भाई।

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श्री नारायण चंिेल :- बधाई। श्री अमरजीत भगत :- बद ि़या से िे िो। श्री नारायण चंिेल :- तगडा बधाई। (हंसी)

श्री केशव प्रसाि चन्‍द रा :- शसत् तो के बधाई िेवत हे, अमरजीत जी।

श्री मोहन मरकाम :- चिेंल साहब, हमर सी0एम0 साहब, अतत उिारत से िेवत हे, ओिर बाि भी कटौती प्रस् ताव लावत हा। श्री नारायण चंिेल :- त ैसरोत् तर बिै तो। माननीय अध् यक्ष जी, आपने चुनाव के पहले हसिेव की पियात्रा की थी। जहां कोररया जजले में हसिेव निी का उिगम स् थल है। माननीय अध् यक्ष जी, हमारा और आपका ववधान सभा क्षते्र लगा हुआ है। जांजगीर-चाम् पा जजले में जो बागंो बांध है, वह हमारी जीवनिातयनी हसिेव पर है। लेककन हसिेव निी दिनोंदिन प्रिवूषत हो रही है। उसमें सारा कचरा डाला जा रहा है। इसशलए हसिेव को बचाने के शलए कोई कारगर योजना सरकार को बनाने की आवश् यकता है। मेरा आपसे तनवेिन है कक ...। अध् यक्ष महोिय :- बद ि़या सझुाव है, इसी तरीके से 2-4 सझुाव िे िीजजये और ित् म कररये। श्री नारायण चंिेल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, जांजगीर-चाम् पा जजला एक ऐसा जजला है, जो इस प्रिेश में सबसे ज् यािा शसधंचत है। जहा ं पर शसचंाई का रकबा सबसे ज् यािा है और उद्योग भी सबस ेज् यािा है। प्रिेश नहीं, िेश में ऐसे बबरले जजले बहुत कम शमलेंगे। मेरा माननीय मखु् यमतं्री जी स ेतनवेिन है, ववमानन ववभाग भी उनके पास है, बडी सखं् या में आवागमन होता है। आपको भी आसपास जाना पडता है, माननीय मखु् यमतं्री जी को भी जाना पडता है। तो जांजगीर-चाम् पा जजले में कोई हवाई पट्टी का तनमााण हो जाए, यह अनरुोध माननीय मखु् यमतं्री जी से है। अध् यक्ष महोिय :- जमीन आप बता िीजजये, मैं भी शसफाररश कर िूंगा। श्री नारायण चंिेल :- वह तो आपकी शसफाररश से ही होगा।

अध् यक्ष महोिय :- जमीन बताना। श्री नारायण चंिेल :- वो हम बिै के बताबो। (हंसी) माननीय अध् यक्ष जी, इस परेू प्रिेश में, अपने जजले में बडी सखं् या में बेरोजगार घमू रहे हैं। लेककन वास् तव में इन अनिुान मांगों पर, माननीय मखु् यमतं्री जी के ववभाग में बेरोजगारों को रोजगार कैसे िेंगे। उनको बेरोजगारी भत् ता िेने की बात माननीय मखु् यमतं्री जी ने अपने घोषणा-पत्र में ककया था। उस पर कोई कारगर नीतत नहीं बनाई गई है। मेरा आपसे अनरुोध है, सरकार से अनरुोध है कक बेरोजगार नवजवानों के शलए कोई िोस नीतत बनाये। ताकक उनको रोजगार शमल सके या उनको समय पर बेरोजगारी भत् ता शमल सके। माननीय अध् यक्ष

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महोिय, आपने समय दिया, धन्‍द यवाि। अध् यक्ष महोिय :- श्रीमती रजश्म आशीष जी। तीन शमनट में बोशलये। श्रीमती रजश्म आशीष शसहं िाकुर (तितपरु) :- मेरा नबंर पांचवे नबंर में था, तो मैं सोची कक शायि अब नहीं आयेगा।

अध् यक्ष महोिय :- इसशलए आपको िो शमनट दिया गया है। श्रीमती रजश्म आशीष शसहं िाकुर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, आज मझुे बोलने का अवसर शमला, उसके शलए बहुत-बहुत धन्‍द यवाि। अध् यक्ष महोिय :- रोज शमलता है। श्रीमती रजश्म आशीष शसहं िाकुर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, आज इस सिन में बहुत से ववषय उिे। मैं उसमें स ेसबसे पहले अधधकाररयों के ववषय में चचाा करना चाहंूगी। आप हमारी सरकार को बहुत-बहुत धन्‍द यवाि िीजजय े कक मारी सरकार उन्‍द ही ं अधधकाररयों से काम ले रहे हैं, जो अधधकारी पवूावती सरकार के समय काम कर रहे थे, जो आप छोडकर गये थे। सरकार ने कोई भी आयाततत अधधकारी नहीं लाया है। आप सभी ववधायक, मबंत्रयों के ऊपर शासन कर रहे थे, सरकार बिलत ेसाथ ही तीन दिन में छत् तीसगढ छोडकर चले गये। (मेजों की थपथपाहट)

माननीय अध् यक्ष महोिय, िाद्यान्‍द न सरुक्षा काननू के बारे में भोजन के अधधकार पर चचाा हो रही थी। मैं पवूावती मखु् यमतं्री जी को धन्‍द यवाि िेना चाहंूगी कक कम स ेकम उन्‍द हें सिन में यह उल् लिे तो करना पड गया कक यह य0ूपी0ए0 शासन की लाई हुई योजना थी, भोजन के अधधकार काननू के अन्‍द तगात यह काननू लाई थी। (मेजों की थपथपाहट) तो मैं उनको धन्‍द यवाि िेती हूूँ। मैं माननीय मखु् यमतं्री जी को धन्‍द यवाि िेना चाहंूगी कक यदि पररवार में 5 सिस् य स ेकम हैं, तब भी 35 ककलो चांवल प्रतत राशन काडा में दिया जायेगा और पांच से अधधक सखं् या होने पर 7 के गणुांक से उन्‍द हें अनाज दिया जाएगा, इसके शलए मैं माननीय मखु् यमतं्री जी को धन्‍द यवाि िेती हंू कक क् योंकक हम में से अधधकाशं सिस् यों ने अपने क्षते्र में वािा ककया था कक पररवार में पांच सिस् य स ेअधधक होने पर 7 के गणुांक से अनाज दिया जायेगा, इसके शलए तनयम-काननू में बिलाव ककया जा रहा है । तीसरी महत् वपणूा बात स् काई के बारे में चचाा हो रही थी कक मोबाईल बांटा । मोबाईल बांटने की हडबडी उसके भ्रष् टाचार की ओर इशारा है। पहले 15 हजार गांव में कनेजक्टववटी िी जानी थी, उसके बाि मोबाईल बांटने की बात थी, लेककन आचार सदंहता के डर से हडबडी में मोबाईल बांट दिया गया, कफर भी कई लाि मोबाईल नहीं बांटे गए । ये भ्रष् टाचार की ओर ही इशारा करता है । मैं कहना चाहती हंू कक मोबाईल बांटने की बजाय सरकार ने ककसानों के धान का बोनस बांट दिया होता तो क्षेत्र का ज् यािा भला हुआ होता। मोबाईल का िरुूपयोग छोटे-छोटे बच् च ेकर रहे हैं, अभी बताया गया कक माताओ ं के हाथ में मोबाईल है, बहुत सी

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मदहलाओं के हाथ में मोबाईल आये, इससे पहले मदहलाएं मोबाईल से वधंचत थीं तो मां के मोबाईल को एक 6-7 साल का बच् चा लेकर हर ववधान सभा क्षेत्र में जब आप कायाक्रम में जात ेहोंग ेतो छोटे-छोटे बच् चे लाईव वीडडयो बनाकर नेट में डालने लगत ेहैं, मझुे लाईव फेसबकु करना भी नहीं आता और व ेछोटे-छोटे बच् चे आपके भाषण को लाईव करके दििाने लग जात ेहैं ।

माननीय अध् यक्ष महोिय, अब मैं आपकी अनमुतत से अपने क्षेत्र के बारे में बात करना चाहती हंू कक सामान्‍द य प्रशासन ववभाग के अतंगात मेरा आग्रह है कक तितपरु को अनवुवभाग बनाने की चचाा बहुत समय से चल रही है तो तितपरु ववधान सभा में एक एसडीएम कायाालय िोल दिया जाये तो मैं मखु् यमतं्री जी की आभारी रहंूगी । इसी तरह मेरे ववधान सभा क्षेत्र के कई गांव है, जो लोरमी क्षेत्र से लगे हुए हैं । वहां की ववद्यतु व् यवस् था का तनयतं्रण लोरमी के अधधकाररयों के द्वारा होने के कारण वहां की शशकायत और समस् या पर सनुवाई नहीं होती है, यदि वह व् यवस् था सधुारी जा सके तो अच् छा है । नहीं तो उन अधधकाररयों को तनिेश दिया जाए कक तितपरु ववधान सभा क्षते्र की समस् या का भी अततशीघ्र तनराकरण ककया करें या इसे यजुक्तयकु् त करण करें । माननीय अध् यक्ष महोिय, सोलर के बारे में बात हो रही है । मैं जानना चाहंूगी कक सोलर में अभी सौर ऊजाा से चशलत पम् प, सौर ऊजाा से बस् तर के सिुरू आदिवासी गांव में जगमगाहट आ गई है, यह उल् लेि हुआ तो सौर ऊजाा की लाईफ ककतनी है, उस बटैरी की लाईफ ककतनी है, उनकी उपयोधगता ककतनी है और ये जजस िाम में िरीिे गए, क् या उस िाम के लायक ररटना िेकर समाप् त होंगे या उसके पहले समाप् त होने वाले हैं । इसके बारे में मैं चचाा करना चाहंूगी क् योंकक बबलासपरु में शसम् स में चूंकक मैं बबलासपरु से हंू और अिबारों में आये दिन पढती हंू कक पवूावती सरकार द्वारा लाईट लगाने के शलए शसम् स में सोलर की व् यवस् था की गई थी और उस सोलर लाईट के उपयोग उस पनैल के मेंटनेंस की अवधध आने के पवूा ही वह व् यवस् था ध् वस् त हो गई । उस बारे में कहना चाहती हंू कक इसमें लबंा भ्रष् टाचार हुआ है, शसम् स में पसेै की बरबािी पवूावती सरकार के समय में सोलर के रूप में की गई है, मखु् यमतं्री जी से उसकी जाचं के शलए मेरा आग्रह है ।

माननीय अध् यक्ष महोिय, बहुप्रतीक्षक्षत चकरभाटा ववमानतल जो है, उसके नामकरण का मैं आग्रह करंूगी कक ववलासा ववमान पट्टना उस ववमानतल का नाम रिा जाये और उस ेअततशीघ्र चाल ूकरने के शलए आिेशशत करेंगे तो मैं आपको धन्‍द यवाि िेना चाहंूगी । मेरे ववधान सभा क्षेत्र में अनेक के्रशर सचंाशलत हैं, वहां स् वीकृतत से भी ज् यािा िनन हो रहा है, उसकी भी जांच की मैं मांग करती हंू । आपने मझुे बोलने का समय दिया, उसके शलए मैं आपको धन्‍द यवाि िेती हंू ।

डॉ. (श्रीमती) रेणु अजीत जोगी (कोटा) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं अपनी बात इस बात स ेशरुू करना चाहती हंू कक इततहास सीिने के शलए होता है, िोहराने के शलए नहीं और जब 1956 में

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पजंाब का बटंवारा हुआ तो वहां के मखु् यमतं्री बशंीलाल जी जो हररयाणा के थे, उन्‍द हें आज भी ववकास परुूष के नाम से जानत ेहैं या पजंाब कैरो जी को भी याि करत ेहैं । जब हमारे िेश में शसकंिर महान ने आक्रमण ककया था तो उसने परुू राजा (पोरस) को हराया था और जब िोनों आमने-सामने आये तो शसकंिर ने परुू से पछूा कक आपके साथ कैसा व् यवहार ककया जाये तो उसने कहा कक जैसा एक राजा िसूरे राजा के साथ करता है ।

अध् यक्ष महोिय :- आप जोगी जी का भाषण पढ रही हैं क् या ? (हंसी) डॉ. (श्रीमती) रेणु अजीत जोगी :- नहीं, मैं अपना ही भाषण पढ रही हंू। क् योंकक वातावरण इतना नीरस हो गया था इसशलए मैंने सोचा कक नींि से जगाने के शलए कुछ हटकर बात की जाये । पोरस ने जवाब दिया, जैसे एक राजा िसूरे राजा से करता है । इसशलए यह सनुकर शसकंिर ने पोरस को ससम् मान अपने पास राजगििी में बबिाया, आवभगत की, उसका राजपाि उस ेवापस ककया । यह बातें इततहास की है । माननीय मखु् यमतं्री जी से मैं यह कहना चाहती हंू कक आपके सामने छत् तीसगढ राज् य बने हुये 18 साल बीत चुके हैं, 2 मखु् यमतं्री बन चुके हैं, 2 लकीरें िींच चकुी है, आपको उन लकीरों को पार करके आगे जाना है । प्रिेश के ववकास में अग्रणी होना है । इसके शलए जब आपने टाटा की जमीन लोहाण् डीगडुा में वापस की, सब को िशुी हुई, मझुे भी िुशी हुई, क् योंकक उस क्षते्र में मैं आई कैम् प मे जा चुकी ह ू । मेरा सोच था कक मेरी आपसे अपेक्षा है, जैसे जमशिेपरु ककतना ववकशसत शहर बना है, टाटा अगर वापस बस् तर में स् टील प् लाण् ट लगाना चाहे तो उसे वापस लायें । लोहाण् डीगडुा में नहीं हो तो अन्‍द य जगहों पर जहां बजंर जमीन है, वहां उसे स् थावपत करें तो आपका नाम छत् तीसगढ में अमर हो सकता है । बस् तर का ववकास हो सकता है। मदहलाओं की कमजोरी रहती है, हीरा, सोना, एलेक् जेंडराईट, रूबी आदि बहुमलू् य ितनज हमारे प्रिेश की धरती में समाये हुये हैं, इतने वषा हो गये हैं, 25 साल हो गये है, जब दिजग्वजय शसहं जी की सरकार थी, अजुान शसहं जी की सरकार थी, डीबीयसा कंपनी उसको लेने में उत् सकु थी, कृपया उस ओर भी आप ध् यान िें । ताकक गरीब जनता उन सब का उपयोग करके प्रिेश में अपना आधथाक स् तर सधुार सके । सचूना और प्रौद्यौधगक ववभाग, इलेक् रातनक् स भी आपके पास है, अभी मेिान्‍द ता हॉस् पीटल में जोगी जी का ईलाज चल रहा था, सके् टर 38 था । उसके बाि सनुा है कक 120 सेक् टर भी बन गये हैं । मानेसर तक जापानीज लोगों की कॉलोनी है, चौटाला जी का ववजन था, सोच था कक गडुगांव जैसे नीरस छोटे से गांव को उन्‍द होंने एक आई.टी. हब के रूप में उन्‍द होंने ववकशसत ककया । हमारे यहां भी नई राजधानी वसैे ही दििती है, एकिम बजंर और उपके्षक्षत सी दििती है । यदि आप आई.टी. ससं् थान को जैसे कक चन्‍द रबाब ूनायडू ने हैिराबाि में आई.टी. हब बनाया, या बगंलौर में बनाया गया, हमारा प्रिेश भी सेंटर में जस्थत है, आप कुछ ऐसा प्रयास कीजजए, आई.टी. हब के रूप में यह क्षेत्र ववकशसत हो । हमारे क्षेत्र के नवजवानों को रोजगार शमल सके । पॉवर प् लाण् ट के बारे में

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चन्‍द रपरु के ववधायक, जांजगीर वगरैह के ववधायक कह रहे थे कक एधथना आरकेएम जीएमआर एसकेएस वधाा प् लाण् ट जो अकलतरा में जस्थता है, हम लोगों ने रोगिा बांध के सबंधं में आंिोलन भी ककया था, धरमजीत जी कह रहे थे कक हमारे एस.ई.सी.एल. मे इतना उत् पािन होता है कक जो भी अडचन उनको स् टाटा करने में पॉवर प् लाण् ट को आ रही है, उसे आप िरू करें, क् योंकक सब बिं होने के कगार पर िड ेहैं, बबकने की कगार पर है । यह चुनौती आपके सामने है कक ितनज ववभाग आपका ही है, आप उसे ककसी भी तरह प्रारंभ करें, जब छत् तीसगढ राज् य तनशमात हुआ था, राईस शमनलें बिं थी, पता नहीं क् या करके स् टील प् लाण् ट बिं करके उनको जो भी आवश् यक मिि िी गयी, कफर इतने स् टील प् लाण् ट लगे, इतनी राईस शमलें लगी, हमारा प्रिेश उन्‍द नतत के पथ पर गया। अतं में हेल् थ के बारे में स् वास् ् य मतं्री की बहुत अच् छी मशंा रही होगी । वह थाईलणै् ड गये थे, मैं थाईलणै् ड को स् वास् ् य के क्षेत्र में एक अच् छे ववकशसत राष् र के रूप में मानती ह ू ,ं पर जीवन में मैंने पहली बार थाईलैंड को एक अच् छा स् वास् ् य के रूप में ववकशसत िेश के रूप में सनुा। क् योंकक शसगंापरु में कई लोग इलाज कराने जात ेहैं जो कक तनयरेस् ट है, श्री अमर शसहं की ककडनी रांसप् लांट भी वहीं हुई, अमेररका तो है ही, कई माननीय राजनेता भी वहां इलाज कराने गये और कहीं िरू न जाएं तो मैं हमेशा सनुती रहती हंू कक श्री राजशिेर रेड्डी जो कक हैिराबाि के चीफ शमतनस् टर थे, उन्‍द होंने स् वास् ् य की कोई योजना बनाई थी कक वहा ंके ड्राईवर से लेकर गरीब व् यजक्त भी उनसे बहुत प्रसन्‍द न थे और उसकी वजह से वह िो चुनाव तो जीत ेभी थे, तीसरा चुनाव जीतने की कगार पर थे जब उनका असामतयक िेहांत हो गया। आप इसके पहले कक मझुे रोकें मैं अपने क्षेत्र की बात बोलना चाहती हंू। मेरे क्षेत्र में तेंिआु ग्राम पचंायत में शसफा डोलोमाईड होता है। लोरमी के कोई िेकेिार 20 साल स ेउसका उत् िनन कर रहे हैं। तो डोलोमाईड तो ित् म हो गया, वह के्रशर लगाकर एक पहाड जहां आदिवाशसयों की धूंधी माता का मदंिर है उसको उन्‍द होंने लगभग आधा काट दिया है। लोगों का कहना है कक व ेबबना लीज आदि शलये वह तनरंतर डोलोमाईड की आड में उसका िनन हो रहा है। और िसूरी बात जो सौर उजाा के बारे में बात होती है, पवूा में सौर उजाा चूल् हा भी आता था। भारतीय जनता पाटी की सरकार ने उज् जवला गसै बाटंा वह अच् छा है पर गांव के लोग उस ेअफोडा नहीं कर सकत ेकक वह िोबारा शसलेंडर भरवा सकें । तो सौर उजाा का चलू् हा करीब 25-30 साल पहले शमलता था। वह पता नहीं क् यों नहीं शमल रहा है। आप कृपया उसे उपलब् ध करायें। मैंने भी उसमें कई बार िाना बनाया है इसशलए मैं उसके बारे में जानती हंू। मेरे यहां 100 प्रततशत बगैा बाहुल् य िो-तीन ग्राम पचंायतें हैं- कुरिर, उमररया हैं जहा ंवपछल े8-10 साल से राजीव गांधी ववद्यतुीकरण स् वीकृत है, ककंत ुफारेस् ट के कारण वह रूका हुआ है और अभी इस साल के बजट में मैं िेि रही थी कक पाचं करोड का ईको-टूररज् म भी वहा ंस् वीकृत हो गया है तो यदि वह लग जाता है, वह अडचनें िरू हो जाती हैं तो उस क्षेत्र के शलए बहुत अच् छा होगा। अध् यक्ष महोिय, आपने मझु ेबोलने के शलए परूा समय दिया, इसके शलए धन्‍द यवाि।

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श्री शशवरतन शमाा (भाटापारा) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं माननीय मखु् यमतं्री जी की अनिुान मांगों का ववरोध करने के शलए िडा हुआ हंू।

माननीय अध् यक्ष महोिय, डी.एम.एफ. फंड छत् तीसगढ में एक बडी राशश है और पवूावती सरकार ने डी.एम.एफ. फंड के उपयोग के शलए कुछ नाम् सा तय ककए थ ेऔर इस सरकार ने सरकार में आने के बाि सबसे पहले डी.एम.एफ. के फंड का उपयोग बिं ककया और वपछले िो महीने से कोई भगुतान नहीं हो रहा है। वास् तव में डी.एम.एफ. फंड से बहुत से टीचर, डॉक् टर और शसचंाई के कनेक् शन के शलए राशश जारी की जा रही थी और वह सब रूकी पडी है। इस पर आपको समीक्षा करके तत् काल तनणाय लेना चादहए। िसूरा ववषय- पवूावती सरकार ने 1975 में आपातकाल में जजनको मीसा बिंी बनाया गया और जो छ: महीने से ज् यािा जेल में रहे उन्‍द हें पेंशन िेने की शरुूआत की थी और वास् तव में वह लोग जो जेल गये थे, वह कोई अपराधी नहीं थ े बजल्क राजनीततक पादटायों के कायाकताा थ।े क् योंकक आपातकाल के ववरोध में उन्‍द होंने धरना प्रिशान ककया और उसके चलत ेउनकी धगरफ्तारी हुई थी। उस पेंशन को आपने रोकने का काम ककया है। वह पेंशन सरकार को जारी करना चादहए।

श्री बहृस् पत शसहं :- अध् यक्ष महोिय, आपके 15 साल के शासनकाल में ऐसे ही धरना-प्रिशान में हम लोग भी जेल में रहे हैं, हम लोगों को भी पेंशन िे िेत।े श्री शशवरतन शमाा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, पवूावती सरकार ने प्रिेश के पत्रकारों को आवास िेने की घोषणा की थी। बबलासपरु में लगभग डढे सौ पत्रकारों को आवास शमल भी गया। रायपरु में भी 900 पत्रकारों को आवास िेने की बात थी, आचार सदंहता लगने के चलत ेवह काम नहीं हो पाया था। एक योजना के अतंगात पत्रकारों ने रायपरु नगर तनगम में लगभग तीन करोड रूपये जमा ककया हुआ है। मैं माननीय मखु् यमतं्री जी से तनवेिन करंूगा कक पत्रकारों को उनका मकान शमल जाए। माननीय मखु् यमतं्री जी ने एक घोषणा की कक मैं ववधायक तनधध को बढाकर 1 करोड रूपये से 2 करोड रूपये करता हंू। उसमें कहीं यह स् पष् ट नहीं है कक ववधायक को िो करोड रूपये की अनशुसंा करना है या पहले जो 75 एव ं25 का रेशशयो था उस दहसाब से अभी भी 25 एव ं75 का रेशशयो रहेगा। उसे वह क् लीयर कर िें। मैं तो आग्रह करंूगा कक अगर ववधायकों को 2 करोड की राशश िे रहे हैं। उसकी परूी अनसुशंा का अधधकार ववधायक को ही रहना चादहए। भले उसमें बांड कर िें कक उसमें 50 लाि रूपया कनवजान के वगा के शलये ले लें। ऐसी कुछ व् यवस् था कर िें, पर उसकी परूी अनसुशंा का अधधकार ववधायक को ही शमलना चादहए। ये आपसे आग्रह करना चाहता हंू। श्री बहृस् पत शसहं :- अध् यक्ष महोिय, 15 साल बाि आपको याि आया। हम लोग तो बहुत तगं रहे हैं।

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श्री शशवरतन शमाा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, हमको क् या क् या याि आया। बहुत समय लगेगा, समय नहीं िे पायेंगे।

श्री बहृस् पत शसहं :- अध् यक्ष महोिय, 25 प्रततशत राशश प्रभारी मतं्री की अनसुशंा....। श्री शशवरतन शमाा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, श्री बहृस् पत जी मैं सब बातों का जवाब िे सकता हंू। माननीय अध् यक्ष जी समय नहीं िेंगे। नहीं तो बोलो सब बातों का एक एक लाईन जवाब िेता हंू। समय दिलवा िो मैं परूी बातों का जवाब िेता हंू।

श्री बहृस् पत शसहं :- अध् यक्ष महोिय, जनाब आप तो श्री अजय चरंाकर जी को समय िे दिये थे । आप िुि इसी सिन में बोले हैं। आपने ही अध् यक्ष जी से तनवेिन ककया था कक चंराकर जी को समय दिया था।

श्री शशवरतन शमाा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, सामान्‍द य प्रशासन ववभाग के प्रततवेिन में बहुत से काम सरकार के जजम् मे हैं, ववशषे रूप से ए.सी.बी के हैं। ए.सी.बी का इन्‍द होंने जो प्रततवेिन दिया है, उसमें शलिा है कक कुल 17 प्रकरण ऐसे हैं, जो पजंीबद्ध ककये गये हैं और जजनका अभी चालान प्रसततु नहीं ककया गया है। ए.सी.बी सामान्‍द य प्रशासन ववभाग के अतंगात गदित हुई। इस सरकार ने नई परंपरा की शरुूआत एस.आई.टी गिन से की है। माननीय मखु् यमंत्री जी से तनवेिन करंूगा कक एस.आई.टी के गिन पर प्रिेश के हाईकोटा ने क् या कमेंट्स ककये हैं। इसकी जानकारी वे सिन को जरूर िें। वहीं एजक्सडेंट जो होता है, उसमें मतृ् य ु होने पर 25 हजार रूपये का प्रावधान है, घायल को 10 हजार रूपये िेने का प्रावधान है, प्रततवेिन में बताया गया है। ये राशश आज के समय में बहुत कम होती है। इस राशश में कम से कम 10 गणुा वदृ्धध करने की आवश् यकता है। अनकंुपा तनयजुक्त के शलये जो ररक् त पि हैं, उसमें कुल 10 प्रततशत का प्रावधान रिा गया है। अनकंुपा तनयजुक्त ऐसा ववषय है जजसमें जजस पररवार को अनकंुपा तनयजुक्त की आवश् यकता होती है वास् तव में वह बहुत आवश् यकतामिं होता है। इसमें तनणाय होना चादहए कक अनकंुपा तनयजुक्त के जजतने आवेिन आयेंगे, उनको एक समय सीमा के अिंर शत प्रततशत लोगों को अनकंुपा तनयजुक्त िी जायेगी। इस बात की व् यवस् था करनी चादहए। माननीय श्री बहृस् पतत जी कुछ बातें बोल रहे थे। माननीय श्री बहृस् पतत जी आपकी सरकार जो छत् तीसगढ में तीन चौथाई बहुमत के कारण बनी है। उस बहुमत की सरकार बनने के पीछे कारण आपके जन घोषणा पत्र का है। जन घोषणा पत्र में कुछ ववषय ऐसे थे ...। श्री मोहन मरकाम :- अध् यि महोिय, माननीय श्री शशवरतन शमाा जी, हम सब की है, हमारी नहीं आपकी भी सरकार है।

श्री शशवरतन शमाा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, जन घोषणा पत्र में कुछ ववषय ऐसे थे, जजसमें आपने कहा था कक हम सरकार बनने के तत् काल बाि करेंगे। एक भी काम करने में असफल हुए हो। एक

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भी काम आप नहीं कर पाये हो। जो बार बार ककसानों की ऋण मजुक्त की बात करत ेहो न, आज भी ककसानों को नो ड्यसू नहीं शमल रहा है। इस बात को हम लोग ववधानसभा में उिा चकेु हैं। आज भी जजस ववषय को हम लोगों ने शनू्‍द यकाल में उिाया था । ककसानों को 1800 से 2000 रूपये सरकार िेने वाली है। ककसानों को प्रततवषा िेने वाली है।

श्री अशमतषे शकु् ल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, ऐसा न बोलें कक कुछ काम नहीं हुआ है। ये क् या बात कर रहे हैं ?

श्री शशवरतन शमाा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, राजस् व ववभाग को जो फामेल् टी परूी करनी चादहए, वो भी आप नहीं कर रहे हो। आपने बबजली बबल हाफ करने की बात कही। बबजली बबल हाफ करने के शलए बजट प्रावधान 400 करोड रूपये का ककया है।

श्री अशमतषे शकु् ल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, 18 घोषणा पत्र है ककसानों की परूी की है, ये क् या बात कर रहे हैं। श्री शशवरतन शमाा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, अगर आपको बबजली बबल हाफ करना है तो चार लाि ककसानों के पास पपं कनेक् शन हैं।

श्री अरूण वोरा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, श्री अजय चंराकर जी, श्री अशमतषे शकु् ल जी को उकसात ेहैं।

श्री अशमतषे शकु् ल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, आप जानकारी तो परूी रखिये।

श्री शशवरतन शमाा :- माननीय अध् यक्ष महोिय, श्री अशमतषे जी षडयतं्रों को आपको बता दिया। परूा षडयतं्र है।

अध् यक्ष महोिय :- चशलये बदैिये। श्री अशमतषे शकु् ल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, ये गजब बात आप ववधानसभा में कुछ भी बोल रहे हैं। घोषणा हुई है और एक भी घोषणा नहीं हुई बोलत ेहैं।

श्री अजय चरंाकर :- अध् यक्ष महोिय, आप आसिंी में नहीं थ ेलेककन मौके में जरूर थे। राजजम मेले का उद्घाटन हुआ, उस दिन श्री अशमतषे शकु् ल जी आरती करत ेकरत ेरो क् यों रहे थे, ये आप जरूर बताईये।

श्री शशवरतन शमाा :- अध् यक्ष महोिय, रोत े हुए का कारण था कक मखु् यमतं्री जी ने धोिा िे दिया। मेरे को मतं्री नहीं बनाये करके। श्री अशमतषे शकु् ल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, ये बार बार इसका उल् लिे कर रहे हैं तो मैं बता ही िेता हंू। बड ेििु की बात है कक इनको ये नहीं पता है कक मेरे वपता जी का िेहावसान हुआ था। जब

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मैं रो रहा था, मेरे वपता जी की याि में जरा थोडा भावकु हो गया था। उसी दिन का वो मामला है, इनको पता नहीं है।

नगरीय प्रशासन मतं्री (डॉ. शशवकुमार डहररया) :- अध् यक्ष महोिय, कुछ समझत ेनहीं हो, बीच बीच में बोल िेत ेहो। श्री अजय चंराकर :- अध् यक्ष महोिय, मतं्री नहीं बने, इसशलए रो रहे थे, ऐसा बोल रहे थे।

अध् यक्ष महोिय :- चशलये।

श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, आप रो क् यों रहे थे, मतं्री नहीं बने इसशलए रो रहे थे। (व् यवधान)

श्री अशमतषे शकु् ल:- माननीय अध् यक्ष महोिय, इनको कुछ आइडडया नहीं है। ये चीजों को समझत ेनहीं, क् योंकक मैं भावकु हो गया था।

श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मतं्री नहीं बने, इसशलए रो रहे थे। ऐसा बोल रहे थे।

आबकारी मतं्री (श्री कवासी लिमा) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, ये मतं्री रहकर, अटल बबहारी वाजपेयी जी का कोई कायाक्रम हो रहा था, उस समय िोनों हंस रहे थे। ये ितुनया िेि रही थी। परूा िेश मानता है कक माननीय अटल बबहारी वाजपेयी जी ने हमको छत् तीसगढ दिया है, उसको सब मान रहे थे। उस दिन आप लोग हंस रहे थे, मजाक कर रहे थे।

श्री अशमतषे शकु् ल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं कब रोया बताईये ?

श्री अजय चन्‍द राकर :- ये बबल् कुल सही।

श्री अशमतषे शकु् ल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, भावकु आिमी रोयेगा नहीं तो क् या करेगा ?

श्री शशवरतन शमाा :- माननीय अशमतशे जी, मेरी बात को ध् यान िेना, आपको बहुत ज् यािा महंगा पडगेा। जो षडयतं्र हो रहा है, उसके आप शशकार हो रहे हैं।

श्री अजय चन्‍द राकर :- माननीय िािी, जब माननीय मखु् यमतं्री जी थ ेतब आप हाऊस में कहां थे ?

श्री बहृस् पत शसहं :- माननीय शमाा जी, आप ककतनी बार षडयतं्र के शशकार रहे हैं।

अध् यक्ष महोिय :- माननीय नेता प्रततपक्ष जी आप शरुू करें। (मेजों की थपथपाहट) श्री अमरजीत भगत :- माननीय अध् यक्ष महोिय, हम लोगों का भाषण रह गया। हम अपने क्षते्र की बात केवल िो-िो शमनट में रिेंगे।

अध् यक्ष महोिय :- जजन-जजन माननीय सिस् यों के भाषण रह गये हैं वे शलखित में माननीय मखु् यमतं्री जी को िे िें।

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नेता प्रततपक्ष (श्री धरमलाल कौशशक) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं माननीय मखु् यमतं्री जी अनिुान मांग सखं् या 1, 2, 6, 60, 12, 25, 32, 71 और 65 पर चचाा करने के शलए मैं िडा हुआ हूूँ।

माननीय अध् यक्ष महोिय, जब माननीय मखु् यमतं्री जी ने बजट प्रस् ततु ककया तो तनजश्चत रूप स ेइस प्रिेश की जनता की जो अपेक्षाएं और िासकर के उनके द्वारा जो ककये हुए वायिे हैं। हम समझत ेथे कक शायि इस बजट के माध् यम से उनको परूा कर पायें और एक जनता की जो भावनाएं हैं कक सरकार हमारी अपेक्षाओ ंको परूा कर सकें , ककंत ुइस बजट को िेिने के बाि तनजश्चत रूप से प्रिेश के लोगों में एक घोर तनराशा का वातावरण बना है। िासकर जहां इस प्रिेश में 65 प्रततशत यवुा हैं और उन यवुाओं के शलए रोजगार, नये रोजगार का सजृन, उसके साथ बेरोजगारी भत् ता से लेकर, यवुाओ ं के रोजगार के शलए बहुत सारी बातें हैं।

अध् यक्ष महोिय :- माननीय सिस् यों के शलए स् वल् पाहार की व् यवस् था लॉबी जस्थत कक्ष में एव ंपत्रकार गणों के शलए प्रथम तल पर की गई है। सवुवधा अनसुार स् वल् पाहार ग्रहण करें।

श्री धरमलाल कौशशक :- माननीय अध् यक्ष महोिय, प्रिेश के यवुा आने वाले समय में अपने परैों पर िड े हो सके। वे आत् मतनभार बन सकें और उसके शलए कोई न कोई ऐसी िोस योजना, नीततगत तनणाय इस बजट के माध् यम से हम अपेक्षा कर रहे थे, लेककन इस बजट को िेिने के बाि में ऐसा बबल् कुल नहीं है कक आने वाले समय में हम 2-3 सालों तक भी उन यवुाओं के शलए कोई िोस कायायोजना सतुनजश्चत कर सकें ।

माननीय अध् यक्ष महोिय, इस प्रिेश का आने वाला भववष् य हमारे यवुा हैं और यदि हमारे यवुा िाली रहेंगे, यदि यवुा को रोजगार नहीं शमलेगा तो तनजश्चत रूप से उनके मन में भी एक घोर तनराशा के भाव उत् पन्‍द न होंगे। ककन्‍द त ुइस बजट को प्रस् ततु होने के बाि सारे यवुाओं की जो अपेक्षाएं रही हैं, इन यवुाओं के सिंभा में हम कोरी कल् पना ही कह सकत ेहैं और िोस योजना नहीं होने से उनको हम एक तनजश्चत दिशा में ले जा सकें , उस दिशा में उनके शलए काया कर सकें । उनके शलए कोई योजना प् लातनगं करके कर सकें , यह अभाव हम सब को दििाई िे रहा है।

माननीय अध् यक्ष महोिय, इसके साथ ही साथ में मदहलाओ ं को लेकर कोई कायायोजना नही ंदििती है। हमारी मदहलाओं की स् व सहायता समहू ने जो ऋण शलया हुआ है उसमें छूट िेने या उससे मजुक्त िेने की बात कहीं नहीं दििती है। आज इस प्रिेश में 50 प्रततशत की आबािी मदहलाओं की है। इन मदहलाओं के शलए आने वाले समय में कोई दिशा िेकर कोई कायायोजना बनाये और कायायोजना बनाकर के उस दिशा आग ेबढने के शलए हम उनको पे्रररत कर सकें । उनके रोजगार से लेकर सजृन तक उसके शलए कोई कायायोजना बनायें। ककन्‍द त ु हम िेि रहे हैं कक जहां 50 प्रततशत मदहलाओं की जो अपेक्षाएं रही हैं। आज इस बजट िेिने के बाि में बबल् कुल यह नहीं लगा कक हम उनको कोई कायायोजना

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बना करके िे सकें । आज इस बात की आवश् यकता है। डॉ. रमन शसहं जी के मखु् यमतं्री के कायाकाल में उनके द्वारा पचंायतों, जनपिों के तनवााचन में मदहलाओं को 50 प्रततशत आरक्षण दिया और आरक्षण के बाि में वह जनप्रतततनधध के रूप में चुनी गई और आज उसका लाभ इस प्रिेश में हम ववधानसभा में िेि रहे हैं। हमारे बहुत सारे जनप्रतततनधध जजनको कभी जजला पचंायत, जनपि में काम करने का अवसर प्राप् त हुआ, आज ववधानसभा में भी हम उनको िेि रहे हैं। उस समय एक बडी योजना प्रारंभ की गई कक रोजगार की दिशा में रेडी टू ईट से लेकर एक बडी कायायोजना बनाई। वह अपने परैों पर िडा हो सकें , रोजगार की दिशा में उनका सजृन हो सके। जो पहले कभी कुछ लोगों के हाथ में, िेकेिारों के हाथ में हुआ करता था, उससे तनकाल करके उन मदहलाओं को िे करके एक बडी आबािी, एक बडा तबका अपने परैों पर िडा हो सके। लेककन हमें लगता था कक मदहलाओं को ले करके सरकार की गभंीरता दििाई िेगी। इस गभंीरता के साथ में उन मदहलाओं के शलए कोई कायायोजना बने जजसके माध् यम से एक नई रोजगार की दिशा में उनका सजृन हो सके। बजल्क इतना ही नहीं हुआ, जो पणूा शराबबिंी को ले करके एक आशायें जगाईं। लेककन पणूा शराबबिंी की बात में मतं्री का जो बयान पढने को आया, िेशी और वविेशी िारू की िेके की बात होने लगी। जब आपको िेका ही िेना था, जब आपको िारू बिं करना ही नहीं था, यदि आपकी नीयत साफ थी तो उस दिशा में बात करने की आवश् यकता क् या है? उनको बहला करके वोट लेने की क् या आवश् यकता है? लेककन आपने उनकी भावनाओं को जगाया। नगरीय प्रशासन मतं्री (डॉ. शशवकुमार डहररया) :- नेता जी, आप लोगों ने िारू बिं करने की जो कमेटी बनाई थी उस कमेटी ने ही शसफाररश ककया था कक िारू की िकुानें बढा िी जायें, बबयर बार के लाईसेन्‍द स बढा दिये जायें। श्री धरमलाल कौशशक :- क् या आप उस कमेटी की ररपोटा को आज लाग ूकरेंगे? आप तो एक नई कमेटी बनाने वाले थे, वह कमेटी का भी गिन नहीं हुआ और कमेटी की अनशुसंायें आने के पहले मतं्री का बयान आ गया कक हम िेशी शराब िकुान को िेका में िेने वाले हैं। आपने मदहलाओं का ककतना सम् मान ककया है? आपने उन मदहलाओं की भावनाओं को जगाया, उसका आपने ककतना मान रिा है। इसके साथ ही साथ में उनके शलए एक िोस कायायोजना बना करके काम करें, उस दिशा में भी कोई कारगर पहल नहीं ककया। मझुे लगता था कक इन मदहलाओं के शलए तनजश्चत कायायोजना बना करके काम करेंगे, लकेकन उसका भी अभाव हम िेि रहे हैं। इस दिशा में जो पहल होनी चादहए, उस दिशा में कोई पहल नहीं दििाई िे रही है। हम लोग ककसानों की बात कर रहे थे, ककसानों की शसचंाई से लकेर के, कोई योजना बनाने को लेकर के अनेक सभंावनाओ ंपर चचाा कर रहे थे, लेककन इसमें जो लोन, बजट में वदृ्धध की बात आई, केवल उतनी ही वदृ्धध हुई कक ककसानों का जो कजा छूटना है, धान िरीिी के शलए जो व् यवस् था करनी है, उसके शलए लोन ले करके व् यवस् था कर रहे हैं। लेककन आने वाले समय में ककसान

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अपने परैों पर िडा हो सके, क् योंकक हम आज भी यह कह सकत ेहैं कक हमारा छत् तीसगढ प्रिेश ककसानों का प्रिेश है। लेककन ककसानों के प्रिेश होने के बाि भी यहां पर 80 प्रततशत आबािी जजनका मखु् य व् यवसाय कृवष है, कृवष के ऊपर पररवार तनभार है। आज भी यदि हम छत् तीसगढ में रोजगार की दिशा में बात करें तो उद्योग हमारा सेकेण् डरी है, प्रथम हमारा कृवष है, जजसके ऊपर प्रिेश की सबसे जयािा आबािी तनभार है। लेककन कृवष पर तनभार होने के बाि में उनकी धान िरीिी, अल् पकालीन कजा को छोड करके, उनके शलए कैस ेकोई नीतत, कायायोजना ककसानों के सबंधं में बना करके अपने परैों पर िडा कर सकें । सरकार ने उस दिशा मे एक इंच भी किम आग ेनहीं बढाया है कक आने वाले समय में हम उनको अपने परैों पर िडा करने में सक्षम हो सकें । यह इस प्रिेश में ककसानों का सम् मान हो सके। श्री अमरजीत भगत :- माननीय नेता जी, धान का िाम 2500 रुपया ककया, कजा माफ ककया, ककसानों के शलए इतना कुछ ककया, इसके बाि बोलत ेहैं कक कुछ नहीं ककया। कुछ तो धन्‍द यवाि, बधाई िीजजए। श्री धरमलाल कौशशक :- मैं िोनों ववषय को बता दिया। मखु् यमतं्री जी को डॉक् टर साहब तो बधाई भी दिये। हम भी उसके शलए बधाई िेत ेहैं तो काम ककये हैं। लेककन उसको छोड करके इस बजट के माध् यम से हम ककसानों के शलए कुछ ऐसा करके दििाये हैं, उस दिशा में बबल् कुल शनू्‍द य है और उस ककसान को अपने परैों पर िडा कर सकें ऐसी कोई एक कायायोजना जो बननी चादहए आने वाले समय के शलये उसका अभाव हम सब कोई िेि रहे हैं ।

माननीय अध् यक्ष महोिय, जजस बात का बहुत सारे सिस् यों ने उल् लिे ककया ववत् तीय प्रबधंन । तनजश्चत रूप स ेआने वाले समय में हमारी जो िेनिाररयां हैं वह बढती जा रही हैं और िेनिाररयों के साथ में जो ब् याज की राशश है उसकी अिायगी भी हमारी बढती जा रही है । अभी जो प्रततवेिन प्रस् ततु हुआ है उसको मैं पढ रहा था, माननीय मखु् यमतं्री जी ने कहा कक उसको हम एक शलशमट के अिंर में लायेंगे और उससे ज् यािा ऊपर नहीं जाने िेंगे लेककन जजस प्रकार से अभी लोन शलये हैं आने वाले समय में जजस लोन को लेंगे और उसके बाि में जो लोन लेने वाले हैं तो उसको ववत् तीय प्रबधंन को रोकने में कैस ेसफल होंगे ? यह तो आने वाले समय में बतायेंगे कक कैस ेउसको रोकें गे ? लकेकन एक दृजष्ट िेिने स ेऐसा लगता है तनजश्चत रूप से जजन कायों को लेकर, ववत् तीय प्रबधंन को लेकर िेश में छत् तीसगढ का एक नाम और उसको एक शलशमट तक रिने के बाि में जो सवुवधायें इस प्रिेश को शमली हैं मझु ेलगता है कक आने वाले समय में उसके शलये स् वाभाववक रूप से धचतंा करने की आवश् यकता है कक हम उसको पार करेंगे, जो सवुवधायें शमल रही हैं उससे यदि वधंचत होंगे तो कैसे अब उसको, उस ववत् तीय प्रबधंन को एक शलशमट के अिंर में रिेंगे ? माननीय मखु् यमतं्री जी इस ववषय में अभी चचाा करेंगे, बतायेंगे लेककन ऐसा बबल् कुल नहीं लग रहा है कक उसको रोकने में सफल होंगे ।

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माननीय अध् यक्ष महोिय, इसके साथ ही साथ प्रिेश में जजस बात को लेकर सारे सिस् यों ने चचाा की । एस.आई.टी. को लेकर, ई्ओ.डब् ल् य.ू को लेकर कक ककस प्रकार से एक यवुा अधधकारी को उसके प्रमिु बनाया जाता है और बनाने के बाि में उस पर िबाव बनाया जाता है कक वे एफ.आई.आर. करे और यदि वह अधधकारी एफ.आई.आर. करना नहीं चाहता, सरकार के िबाव में यदि आना नहीं चाहता तो तत् काल उसको हटा दिया जाता है, हटाकर िसूरे को बिैा दिया जाता है । मझुे लगता है कक जो िो डी.जी.पी. की बात हो रही है, वह शायि छत् तीसगढ में ही है । एक डी.जी.पी. ऐसा हो जजसको जो हमारे नक् सल प्रभाववत क्षते्र के हमारे पशुलस अधीक्षक हैं वे उनको ररपोटा करें और िसूरा डी.जी. ऐसा हो जो गरै नक् सल प्रभाववत क्षेत्र के जो लोग हैं उनको ररपोटा करे । यह जो िोहरी व् यवस् था है एक प्रिेश में यह आखिर ककस प्रकार से प्रशासन चला रहे हैं, हम लोग ककस दिशा में जा रहे हैं ? और उसके साथ ही साथ में जो नक् सल प्रभाववत क्षेत्र में काम करने वाले जो डी.जी.पी. बनाये गये हैं और जो पशुलस महातनिेशक हैं उससे वे 3 साल के सीतनयर हैं और वह 3 साल के सीतनयर हैं वह पशुलस महातनिेशक को कहा ं ररपोटा करेंगे, क् या ररपोटा करेंग े? तनजश्चत रूप से इस प्रशासतनक व् यवस् था को लकेर के जो सरकार के कायाकाल का और उनके तनणाय का जो पररणाम हमारे सामने आया है ऐसा लगता है कक मखु् यमतं्री जी आज जो सोचत ेहैं और सोचने के बाि में उसको अमल में लात ेहैं लेककन वह अधधकारी उनकी इच् छानसुार यदि काम न करे तो उस अधधकारी को बिल दिया जाये, अनेक ऐसे अतनणाय की जस्थतत में मखु् यमतं्री जी का तनणाय हुआ है । उिाहरण हमारे सामने आया है जशपरु से लेकर, जांजगीर से लेकर के और सरूजपरु से लेकर, नारायणपरु से लेकर कक कब उनको बनाया गया ? कब उनको िातयत् व दिया गया और पता लगा कक उसके बाि में उनको पनु: बिल दिया गया । माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं इसशलये इस बात को कहना चाहता हंू कक पजश्चम बगंाल में ऐसी ही एक घटना हुई है, उन्‍द होंने आत् महत् या की, आत् महत् या करने के बाि में उन्‍द होंने एक नोट शलिा और उस नोट में उन्‍द होंने ववस् तार से शलिा कक हम नहीं चाहत ेकक छत् तीसगढ सरकार की ऐसी कोई बिनामी हो, आने वाले समय में िसूरे प्रिेश के लोग इसका मजाक उडायें इसशलये आपको अधधकार है, आपकी सरकार को अधधकार है कक आप नीततगत तनणाय करें, रांसफर-पोजस्टंग का आपका अधधकार है । आप उसको कररये लेककन करने के बाि में रातोंरात यदि आप उसको बिल िें तो ऐसा लगता है यह अतनजश्चतता की जस्थतत और आपके मन में अतनणाय की जस्थतत क् यों आ रही है ? आपको तो जनता ने यहां पर 5 साल के शलये बिैाया है, 5 साल के शलये बिैाया है तो उसी अनसुार सरकार का तनणाय भी दििना चादहए लेककन ऐसा बबल् कुल नहीं दििता है कक वह तनणाय की जस्थतत में सरकार है बजल्क वह कोई नायक के बारे में बीच में कोई बता रहे थे । एक दिन के मखु् यमतं्री नहीं हैं भई, हम लोग भी एक दिन के मखु् यमतं्री नहीं मान रहे हैं

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इसशलये मैं यह कहना चाहता हंू कक उसी जस्थरता के साथ में आपका जो तनणाय हो और उस तनणाय के बाि में कायम रहे इस बात की धचतंा जरूर होनी चादहए ।

डॉ. शशवकुमार डहररया :- मैं उसके बारे में बोल रहा था, शमाा जी एसपी थे, उन्‍द होंने आत् महत् या की थी । सरकार की प्रताडना के नाम से । श्रीमती रजश्म आशशष शसहं :- बबलासपरु एसपी राहुल शमाा ने 7 वषा पवूा आत् महत् या की थी । उस समय जी.बी.शसहं साहब थे लेककन आत् महत् या क् यों हुई थी यह आज तक नहीं मालमू पडा ? श्री धरमलाल कौशशक :- वह मझुे मालमू है । उसके शलए भी एक एसआईटी बना िेना चादहए । मखु् यमतं्री जी उस ेशलए एसआईटी बना िें । जजस अधधकारी का आप नाम ल ेरही हैं, मैं उनका नाम नही ंलूगंा । श्रीमती रजश्म आशशष शसहं :- आपने पहले क् या ककया था वह बता िीजजएगा? श्री धरमलाल कौशशक :- जजनके कायाकाल में उन्‍द होंने आत् महत् या की है । एक एसआईटी बनाकर जांच करवा िें तो िधू का िधू और पानी का पानी हो जाएगा । हमारा उसमें समथान रहेगा, हम क् यों ववरोध करेंगे ? यदि घटना घदटत हुई है तो तनजश्चत रूप से उसकी जांच होनी चादहए । हम उसका समथान करत ेहैं । श्री अमरजीत भगत :- नेता जी, आप एसआईटी को बहुत हल् के में ल ेरहे हैं । जजनका जजनका नाम आ रहा है वो जान रहे हैं..। श्री धरमलाल कौशशक :- जब माननीय मखु् यमतं्री जी अपना जवाब प्रस् ततु करेंगे तो उस समय उस एसआईटी का गिन कर िें । उस अधधकारी के खिलाफ जाचं हो जाए, हमें कोई आपवत्त नहीं है । हमने ककसी अधधकारी को बचाने का काम नहीं ककया है । माननीय अध् यक्ष महोिय, छत् तीसगढ राज् य के तनमााण के समय हमारा बबजली का उत् पािन था, 15 सालों में डॉ. रमन शसहं जी के कायाकाल में हम सरप् लस स् टेट की जस्थतत में आ गए थ े। जीरो पावर कट की जस्थतत में हम लोग आए । लेककन अभी िो दिन पहले आपने िेिा होगा । यहां जो चचाा हुई, उस चचाा के िौरान सत् ता पक्ष के सिस् य भी इस बात पर धचतंा जादहर कर रहे हैं कक आखिर सरप् लस स् टेट में लोड शडेडगं की आवश् यकता क् यों, बबजली कटौती क् यों ? उसमें भी एक घटंा, िो घटंा नहीं, जोगी जी तो बोल रहे थ ेकक 6-7 घटें बबजली कटौती हो रही है । तनजश्चत रूप से ऐसे सरप् लस स् टेट में लोड शडेडगं की आवश् यकता क् यों ? इन 60 दिनों में यहां पर न तो कोई नया कारिाना िुला है, जजसे बबजली िेनी पड रही हो । न तो कोई उद्योग लगा है या ऐसी कोई घटना घटी हो जजसके कारण हमारे प्रोडक् शन में कमी आई हो । लकेकन उसके बाि भी लोड शडेडगं की आवश् यकता क् यों? मैं माननीय मखु् यमतं्री जी से कहना चाहंूगा कक जो अभी एग्रीमेंट हुए हैं, उसके तहत तनजी पावर सके् टर में उत् पािन शरुू हो गया है । 443 मेगावाट बबजली वेररयेशन चाजा पर

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िरीिना है । उत् पाउन भी चाल ूहो गया है, मैं माननीय मखु् यमतं्री जी से चाहंूगा कक हमें कम रेट में शमले तो जो लोड शडेडगं का मामला है, क् या उसके शलए बबजली िरीिेंगे और िरीिकर, प्रिेश में हो रही अघोवषत बबजली कटौती को समाप् त करेंगे । मझुे लगता है कक इस दिशा में भी धचतंा और ववचार करने की आवश् यकता है । माननीय अध् यक्ष महोिय, यह जो 400 यतूनट बबजली की बात आई है । प्रश् न और अन्‍द य ववषयों में बातें आईं, आपने हाफ तो वसैे ही कर दिया । अगर ककसी का 600, 700, 800 यतूनट है तो उसको आपने 400 में लाकर िडा कर दिया और उसके बाि जो िासकर हमारे ककसान हैं, हम लोग ककसानों के बारे में ज् यािा धचतंतत रहत ेहैं । डोमेजस्टक कनेक् शन का तो िीक है । ऐसे ककसानों का जो पहले सरकारों के द्वारा माफ की गई है लेककन उसके बाि मझुे ऐसा लगता है कक बहुत कम ककसान हैं जजनके 2 पम् प हों, 3 पम् प हों, 4 पम् प हों, ऐसे ककसानों की सखं् या प्रिेश में कम है। उनका बबजली बबल हाफ की जो बात आई है । आज मखु् यमतं्री जी उस ववषय में घोषणा कर सकत ेहैं कक डोमेजस्टक कनेक् शन के बाि एक पम् प के बाि अन्‍द य पम् पों के जो कनेक् शन हैं । उसमें उनके बबजली बबल हाफ की जो बात है, यदि उसका कक्रयान्‍द वयन करेंगे तो इस प्रिेश के ककसानों का भला होगा और इस प्रिेश के ककसानों को लाभ शमलेगा । इसमें बहुत ज् यािा राशश िचा होने की आवश् यकता नहीं है। क् योंकक आपने एक पम् प का तो वसै ेही फ्री कर दिया है । लेककन उसके बाि के पम् प जो उनके नाम पर हैं, उससे उनको लाभ शमलेगा । इसशलए इस फैसले पर ववचार करने की आवश् यकता है । यदि इस पर ववचार करके घोषणा करें तो इस प्रिेश के ककसानों को इसका लाभ शमलेगा । अध् यक्ष महोिय, इसके साथ ही साथ हमारा जो ऊजाा ववभाग है । तनजश्चत रूप से हम सब सौभाग् यशाली हैं कक हमारा प्रिेश ितनज सम् पिा, वन सम् पिा से पररपणूा है और ये हमारी राजस् व और आय के भी स्रोत हैं। इस के साथ ही साथ में हम िेि रहे हैं कक रेत की उस दिन जो बात आयी थी कक छत् तीसगढ शमनरल कापोरेशन को िेने के बाि में उसमें तय हो जाए लेककन आप िेिे होंगे कक िसूरे दिन यह पेपर में आ गया लेककन घोषणा करने के बाि में 1500 रूपये रेत की िर में वदृ्धध हो गई। जब छत् तीसगढ राज् य बना और अलग होने के बाि जब हम लोग ववधायक थे, आप भी थे, उस समय हमने िेिा था कक रेत माकफयाओं के चंगलु में लोग कैसे फंसत ेहैं? और रेट में जो वदृ्धध हुई थी, इसके कारण परेू लोग परेशान रहें। इसके कारण यह अधधकार पचंायतों को दिया गया और पचंायतों को िेने के बाि में रेत का जो रेट है, वह कम हुआ। मझुे लगता है कक हमारे जो अन्‍द य सीमावती प्रिेश हैं यदि सबसे कम िर पर रेत यदि उपलब् ध कराई जाती है और रेत शमलती है तो यह छत् तीसगढ है । अगर आने वाले समय में पारिशशाता के साथ इसमें काम नही ंकरेंगे तो जो पवूा में जस्थतत रही है, शायि वह जस्थतत न आ जाए और यह जो रेत घाट है ककसी न ककसी माध् यम से रेत माकफयाओं के हाथ न जाए और माकफयाओं के हाथ में आने के बाि रेत के कारण इन छत् तीसगढ के लोगों को जूझना पड ेऔर उनका शोषण हो इसशलए मझुे लगता है कक यदि इसमें

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पार िशशाता के साथ काम हो तो ज् यािा अच् छा होगा। नहीं तो हम कफर पवूा जस्थतत में आयेंगे। माननीय अध् यक्ष महोिय, इसके साथ ही साथ कुछ और महत् वपणूा ववषय हैं। श्री अमरजीत भगत :- रेत से तले आज मत तनकाशलएगा।

श्री धरमलाल कौशशक :- अभी रेत का तले तनकलेगा आपका। अनसुधूचत जातत जनजातत के शलए वपछली सरकार द्वारा बहुत छोटे-छोटे काया जैस ेपपं कनेक् शन को लकेर, उनके गांव के ववकास को लेकर और अन्‍द य बातों को लेकर प्राधधकरण का गिन हुआ। प्राधधकरण के गिन के पश् चात ्उसकी तनयशमत बिैक और बिैक के साथ उनके दहतों पर चचाा और चचाा करने के उपरांत उनको प्रिेश स् तर के छोटे-छोटे कायों के शलए यहां न आना पड,े जूझना न पड।े इसशलए इसमें एक तनजश्चत बजट के माध् यम से उनको यह उपलब् ध कराने की व् यवस् था की गई लेककन 2 महीने की सरकार हो जाने के बाि मझुे लगता है कक आज तक प्राधधकरण की एक भी बिैक नहीं हुई है जोकक मझुे जानकारी में है। यह जो प्राधधकरण की बिैक नहीं होने के कारण उनके दहतों का जो सरंक्षण होना चादहए, जो कक्रयान्‍द वयन होना चादहए, वह लबंबत है। मझुे लगता है कक आने वाले समय में इस बात को लेकर जो पवूा तनधााररत समय-सीमा है उसके अनसुार बिैक होनी चादहए और जो उसका कक्रयान्‍द वयन है तथा नीतत तनधाारण में जो उनको लाभ शमलना चादहए, उस ेप्रॉयरटी से िेिने की आवश् यकता है। माननीय अध् यक्ष महोिय, दिनांक 04 फरवरी, 2019 को छत् तीसगढ उच् च न्‍द यायालय स ेएक तनणाय आया है। यह पिोन्‍द नतत में आरक्षण के लाभ को लेकर के है । पिोन्‍द नतत में आरक्षण का लाभ नहीं िेने से प्रिेश के लािों अनसुधूचत जातत, जनजातत के कमाचारी प्रभाववत हुए हैं और इसको लेकर सरकार के द्वारा यहां पर 23 फरवरी, 2019 को आिेश जारी कर दिया गया है। मझुे लगता है कक इसमें आिेश जारी करने की बजाय हमारे आदिवासी समाज के अनसुधूचत जातत और जनजातत के लोग हैं, इस तनणाय के बाि में प्रभाववत हुए हैं, उनके दहतों के सरंक्षण के शलए अपर कोटा में जाने की आवश् यकता है। अपील करने की आवश् यकता है और अपील करने के बाि उन्‍द हें उनके दहतों स ेवधंचत रिन ेकी बजाय उसको लाभ शमल सके, इस दिशा में यदि सरकार साथाक पहल करे तो तनजश्चत रूप से ऐसे लोगों को प्रमोशन शमलेगा और उनको लाभ शमलेगा। अध् यक्ष महोिय, साथ ही साथ हम बस् तर नेट की और बाकी चीजों की जो बात कर रहे थे, यह जो मोबाइल का मामला आया और उसके साथ आबािी वाले क्षते्र को कवरेज करने के शलए जजस प्रकार से वहां काम प्रारंभ हुए हैं कक हम उनको कनेजक्टववटी से जोड सकें और जोडने के शलए टावर लगाने का काम और बाकी चीजें हैं। आज के समय में हमारे वनांचल और िरूांचल के लोग हैं कक दिल् ली में कोई घटना घदटत हो रही है, दिल् ली में कोई योजना बन रही है, ववश् व की जो पररजस्थततयां हैं, उन सारी बातों से वे जुड सकें और कनेक् ट हो सकें , उसके शलए एक बडा कायाक्रम बनाकर के डॉ. रमन शसहं जी के द्वारा उस समय प्रारंभ ककया गया था। मझुे लगता है कक यदि आज उस योजना को पणूा करेंगे, तो तनजश्चत रूप से ये सारे लोग

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कनेजक्टववटी से जुडेंगे, जजसका लाभ आने वाले समय में उन सब लोगों को शमलेगा। यह बात आई थी कक मोबाइल क् यों बांट दिए, वहां पर टावर की व् यवस् था नहीं है, वहां पर कवेरज नहीं है। वास् तव में हम यह अनिेिा नहीं कर सकत ेकक कवरेज एररया नहीं है तो हम उनको छोड िे। श्री अमरजीत भगत :- आपने स् काय सेन्‍द टर क् यों बनाया ?

श्री धरम लाल कौशशक :- हम उनको कवरेज एररया में कैसे ला सके, इस बात की चचाा होनी चादहए।

श्री सत् यनारायण शमाा :- माननीय नेता जी, आप जो टावर लगा रहे थे, वह पचंायत के पसैे स ेलगा रहे थे। जब ववरोध हुआ तो आपको तनणाय वापस लेना पडा। श्री अमरजीत भगत :- नेता जी, जब अपने आप में आ जात ेहैं तो ककसी की नहीं सनुत ेहैं। श्री धरम लाल कौशशक :- माननीय अध् यक्ष महोिय, यह िीक नहीं होगा। यदि कवरेज एररया में नहीं है तो यह कोई तका नहीं हुआ। मान लो जजस गांव में सडक नहीं है तो आपने स् कूल क् यों िोल दिया। अब वहां के लोग बोलेंगे कक वहां शशक्षक नहीं जा रहे है। तो बोलेंगे कक साहब, जब सडक नहीं है तो स् कूल क् यों िोल दिया। क् योंकक सडक नहीं है, इसशलए शशक्षक नहीं जायेंगे। जब आप स् कूल िोले हैं तो वहां तक शशक्षक पहंुचनी चादहए, उसके शलए सडक की व् यवस् था आप करें। डॉ0 शशवकुमार डहररया :- आिरणीय नेता जी, आपकी सरकार ने तीन हजार स् कूल बिं कर दिए। श्री धरम लाल कौशशक :- आप वहां पर उनको कनेजक्टववटी स े कैसे जोड सकत ेहैं, जो काया प्रारंभ हुए हैं, तो उनको छोडने के बजाय वहां तक हमारा एप्रोच हो, हम उनको मखु् य धारा में जोड सकें , यह हमारी प्राथशमकता होनी चादहए। इसमें न कोई राजनीतत की बात है न कोई िल की बात है। बजल्क िास करके ऐसे हमारे सरगजुा और बस् तर लोग हैं, उनको इस कनेजक्टववटी स ेजोड सकें , यह प्राथशमकता होनी चादहए, ऐसा मैं महससू करता हूूँ।

माननीय अध् यक्ष महोिय, ववमानन ववभाग के अन्‍द तगात जगिलपरु, बबलासपरु, रायगढ में काफी िचा कर चुके हैं। मझुे उसमें लगता है कक औपचाररकता ही बाकी हे। शासन की ओर से दिल् ली तक, उसमें भी बहुत सारे अनबुधं हुए हैं। मझुे लगता है कक उसमें थोडा प्रयास करेंगे तो हम लोग इसको एयर कनेजक्टववटी से जोड सकत ेहैं। जगिलपरु का एयर प्रारंभ हुआ था। ककन्‍द त ुककसी कारण बिं हो गया है। मझुे लगता है कक माननीय मखु् यमतं्री जी उसको िेिेंग ेकक उसमें क् या दिक् कत आ रही है। श्री अमरजीत भगत :- उसका उद्घाटन मोिी जी ककए थे, इसशलए बिं हो गया।

श्री धरम लाल कौशशक :- जो भी कारण से हो। उसके साथ ही साथ चकरभािा मेरे ववधान सभा क्षेत्र में है, जो बबलासपरु का एयरपोटा है। बबलासपरु में िासकर हाईकोटा है, एन0टी0पी0सी0 और एस0ई0सी0एल0 है तथा बबलासपरु एक व् यवसातयक सेन्‍द टर के रूप में है। जब कोई पक्षकार दिल् ली जाता

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है तो वहां पर यह पछूा जाता है कक कहां जायेंगे और कहां से ककतना जाना पडगेा। यह वहां हम एयर कनेजक्टववटी प्रारंभ करत े हैं और यदि यह सवुवधा प्रिान करेंगे तो न केवल हाईकोटा, बजल्क एस0ई0सी0एल0 से लेकर एन0टी0पी0सी0 तक को लाभ शमलेगा। माननीय अध् यक्ष महोिय, आपका जांजगीर भी लगा हुआ है। तो परेू अचंल के लोगों को उसका लाभ शमलेगा। मझुे लगता है कक इसको बहुत जल् िी प्रारंभ कर सकत ेहैं। सारी औपचाररकता परूी हो गई है, थोड ेबहुत बाकी होंगे। एग्रीमेंट करने की आवश् यकता है तो उस दिशा में एग्रीमेंट करें। तो इस दिशा में काम करने से हम सबको लाभ शमलेगा।

श्री अमरजीत भगत :- नेता जी, आप जजस कालोनी में रहत ेहैं, वहां का सडक नहीं बना है। वपछली सरकार ने तो नहीं बनाया है। इसशलए कम से कम मांग कर लीजजये।

श्री धरम लाल कौशशक :- मझुे मांग करने की आवश् यकता नहीं है। शशव डहररया जी उस दिन इस बात की चचाा कर रहे थे। शशव डहररया जी वहां िेिकर जो भी छोटी-मोटी समस् या है, उसको िेिकर करा सकत ेहैं। मझुे मांग करने की आवश् यकता नहीं है। हमारे सभी ववधायक रहत ेहैं।

अध् यक्ष महोिय :- अब आप भी समाप् त कर िीजजये, क् या है।

श्री धरम लाल कौशशक :- माननीय अध् यक्ष महोिय, इसशलए इन सारी पररजस्थततयों और बातों को िेित ेहुए कक वास् तव में छत् तीसगढ को जजस दिशा में जाना चादहए, जजन ऊचांईयों में जाना चादहए, वह नहीं जा रहा है। नीयत और नीतत में अतंर दििाई िे रहा है। उसके कारण बहुत सारे, हाईकोटा से लेकर बहुत सारी दटप् पखणया ंभी हो रही है। उससे बचने की आवश् यकता है। इन्‍द हीं सब कारणों को लेकर, न यवुाओ ंके शलए धचतंा की, न मदहलाओं की धचतंा की, न ककसानों की धचतंा की। उन्‍द होंने जजन बातों का उल् लिे ककया, उन बातों की धचतंा नहीं की। इसशलए मैं असहमतत व् यक् त करत े हुए अपनी वाणी को ववराम िेता हूूँ। माननीय अध् यक्ष महोिय, आपने बोलने का अवसर दिया है, उसके शलए धन्‍द यवाि िेता हूूँ। श्री अमरजीत भगत :- नेता जी, िेखिये। ववधायक तनधध बढाया है। उसके बाि भी नकार रहे हो।

सदन‍को‍सचूना

अध् यक्ष महोिय :- माननीय धाशमाक न्‍द यास एव ंधमास् व पयाटन तथा ससं् कृतत मतं्री श्री ताम्रध् वज साहू ने महाशशवराबत्र के अवसर पर राजजम में दिनांक 19 फरवरी से 4 माचा, 2019 तक आयोजजत माघी पनु्‍द नी मेले में आयोजजत सतं समागम कायाक्रम में सभी माननीय सिस् यों को आमबंत्रत ककया है । आज साय ं7 बजे माननीय सिस् यों के शलए राजजम जाने के शलए ववधान सभा पररसर में बसों की व् यवस् था की गई है ।

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आज की कायासचूी में पि क्रमांक 7 का काया पणूा होत ेतक सभा के समय में वदृ्धध की जाये, मैं समझता हंू कक सिन इससे सहमत होगा । सदन‍द्िारा‍सहमनत‍प्रदान‍की‍गई‍।

माननीय मखु् यमतं्री जी ।

(मेजों की थपथपाहट)

िषर‍2019-20‍की‍अनदुान‍मांगों‍पर‍मतदान‍(क्रमश:)

मखु् यमतं्री (श्री भपेूश बघेल) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं सभी सिस् यों को धन्‍द यवाि िेता हंू कक जजन्‍द होंने मेरे ववभाग की चचाा में भाग शलया, जजसमें डॉ. रमन शसहं जी, माननीय मोहन मरकाम जी, अजय चन्‍द राकर जी, सतंराम नेताम जी, सौरभ शसहं जी, शशशपुाल शसहं जी, रजनीश कुमार शसहं जी, अनपू नाग जी, रंजना डीपेन्‍द र साहू जी, शलेैश पाण् डये जी, डॉ. कृष् णमतूत ा बांधी जी, धमाजीत शसहं जी, केशव प्रसाि चंरा जी, रामकुमार यािव जी, नारायण चंिेल जी, श्रीमती रजश्म आशशष शसहं जी, डॉ. रेण ुजोगी जी, माननीय शशवरतन शमाा जी, नेता प्रततपक्ष आिरणीय धरम लाल कौशशक जी ने दहस् सा शलया, सभी सिस् यों को मैं धन्‍द यवाि िेता हंू ।

माननीय अध् यक्ष महोिय, भाभी जी अभी सिन में नहीं हैं । श्री धमाजीत शसहं :- आ रही हैं ।

श्री भपेूश बघेल :- आ रही हैं । श्री बहृस् पत शसहं :- बोलकर गई हैं कक भयैा से बडा लकीर आपको िोजना है । िोनों बड ेभयैा लोगों से बडी लकीर िींचने के शलए बोल रही थीं।

श्री भपेूश बघेल :- भाभी का आशीवााि तो िेवर के ऊपर ज् यािा ही रहता है और उन्‍द होंने कहा कक िोनों से ज् यािा बडी लकीर िींचनी है । उन्‍द होंने शसकंिर और पोरस का जजक्र ककया था । उनका इशारा क् या है, मझुे तो समझ में नहीं आया क् योंकक शसकंिर और पोरस का जो यदु्ध हुआ था, तब उन्‍द होंने कहा था कक आपके साथ व् यवहार कैसा ककया जाये । तब पोरस ने कहा था कक एक राजा को राजा की तरह व् यवहार करना चादहए । ये इसशलए इततहास में िजा है, जो हारा हुआ व् यजक्त है, हारा हुआ सेना है या सेनापतत है या राजा है, वह केवल लडाई नहीं हारता, बजल्क अपने समस् त अजस्तत् व सकंट में डाल िेता है और साथ ही उसका मनोबल परूी तरह टूट चुका होता है और ऐसे समय में पोरस ये कहे कक एक राजा को राजा की तरह व् यवहार करना चादहए, ये अपने उस मनोबल को बरकरार रिा, जो आत् मबल बरकरार रिा, इस कारण से इततहास में वह बातें िजा है। अब सवाल इस बात का है, अब तो राजततं्र नहीं रहा,

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न उस प्रकार का यदु्ध होता । एक िेश और िसूरे िेश के बीच में यदु्ध होता है । अब तो प्रजाततं्र आ गया है और इस प्रजाततं्र में जनता ही ककसी के सजा िेती है और ककसी को सत् ता िेती है तो इस समय जो चुनाव हुए, उसमें हमें जनता ने 68 सीट दिया, आपको 15 सीट दिया और आपको 5 सीट दिया । (मेजों की थपथपाहट) तो माफ करना या सजा िेना जनता का हक है, ये हमारा अधधकार नहीं है ।

माननीय अध् यक्ष महोिय, माननीय चंिेल जी ने बहुत अच् छी बात कही, शशवरतन जी ने बातें कहीं, मैं उसमें बाि में आऊंगा । माननीय रमन शसहं जी ने जो बातें कहीं, आज भी वे भलू नहीं पाये हैं कक वे मखु् यमतं्री नहीं रहे, उनके तवेर आज भी वसैे ही है ।

श्री शशवरतन शमाा :- मखु् यमतं्री जी, अभी आपने पौरूश की बात की कक पौरूश का मनोबल ककतना था । हमारे मखु् यमतं्री जी का मनोबल भी उतना ही मजबतू है ।

श्री बहृस् पत शसहं :- अभी आप ववपक्ष का मखु् यमतं्री अलग बना शलये हैं क् या ?

डॉ. शशवकुमार डहररया :- पौरूश नहीं, पोरस ।

श्री शशवरतन शमाा :- हां पोरस । सधुार लो, गलती हो गई ।

श्री भपेूश बघेल :- गलती आप करें, सधुारने का काम इनका है । उनकी भाषा और उनके तवेर ऐसे हैं, जैसे सत् ता में रहत ेहुए, सवंविा अधधकाररयों से तघरे हुये थे, उस समय जो तवेर थे, वही तवेर आज भी है । माननीय अध् यक्ष महोिय, जजस सवंविा अधधकाररयों के बल पर सत् ता चला रहे थे, उसी के कारण से आप 15 सीट पर पहंुच गये हैं । अध् यक्ष महोिय, आपको 65 सीट का सपना दििा रहे थे और 15 में लाकर पटक दिये । डॉ.साहब हमको शासन का गरु सीिा रहे हैं ? जजस सवंविा अधधकारी के िल ने आपके टाइटैतनक का जो हश्र ककया है, टाइटेतनक जो जहाज डूबा है, वह अधधकारी माननीय मखु् यमतं्री जी के कायाालय में ओएसडी के रूप में आता है । िेिते-िेित ेसयंकु् त सधचव भी बन जात ेहैं और सधचव बन जातो हैं, प्रमिु सधचव बन जात ेहैं, आज हमें प्रशासन चलाना सीिा रहे हैं ? आपने सारे आई.ए.एस. अधधकाररयों को सर पर बबिा कर रिा था । आप इस बात को भलू गये ? आप कहत ेहैं कक रांसफर उद्योग चल रहा है, आप एक आिमी की बात सनुत ेथ े ? ववधायक और मतं्री की भी नहीं चलती थी, आज हम रांसफर कर रहे हैं तो सारे ववधायकों से पछूकर कर रहे हैं । (मेजों की थपथपाहट) आप इसको उद्योग का नाम िे रहे हैं तो आप यह भी समझ लीजजएगा, आप अपने अनभुव का बिान कर रहे हैं, कैसे एक आिमी के द्वारा सब कुछ बटोर रहे थे, यह भी पररलक्षक्षत होता है । माननीय अध् यक्ष महोिय, यदि अपने मलू ववभाग में होता तो प्रमिु सधचव के रूप में ररटायर होता । जजस तजेी से वह आग ेबढे, वह तो आपके जैसे चमत् काररक मखु् यमतं्री के रहत ेही सभंव था । ऐसा न तो पहले छत् तीसगढ में ही हुआ है, न दहन्‍द िसु् तान में हुआ है । छत् तीसगढ के प्रतत उसका प्रेम ऐसा जागा कक नौकरी तक छोड िी, रांसफर होत ेतो जात,े लेककन नौकरी तक छोड िी । रांसफर होत ेतो कहीं जात,े इतना प्रेम ? ऐसा क् या

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हुआ कक वह मखु् यमतं्री सधचवालय को छोड नही पाये ? जैसे आप हटे, छत् तीसगढ का प्रेम समाप् त । इस् तीफा िेकर भाग गये। गरै प्रशासतनक अधधकारी, इंजजतनयररगं की पढाई की, अनेक ववषय के एक् सपटा बन बिेै, आई.टी. के एक् सपटा, केशमकल इंजजतनयररगं, पयाावरण, वह भी ववभाग ले शलया, एनआरडीए का भी बन गये, उजाा का भी बन गये, इलेजक्रकल का भी बन गये, सारे ववभागों का एक् सपटा बन गये, यही कारण है कक जो सवंविा के टाइटेतनक चालक थे, उसके कारण से आप सपना िेित ेरहे, 65 प् लस का और 15 में आ गये । जो गडढा आपने िोिा है, वहीं धगर रहे हैं । यह हमारा िोष नहीं है ।

माननीय अध् यक्ष महोिय, शशवरतन शमाा जी डी.एम.एफ. फंड की बात कर रहे थे। इसके उपयोग के सबंधं में आप जब सरकार में थे तब आपने ही तनयम बनाया था। लेककन उस तनयम में ऑक् सीजोन बनाना कहां शलिा था, कलेक् टर के बगंले और ऑकफस में शलफ्ट लगाने का कहां शलिा था, अधधकाररयों के बगंले में अततररक् त कमरे बनाना कहां शलिा था, डी.एम.एफ. के फंड स ेहवाई पट्टी बनाना कहां शलिा था?

श्री मोहन मरकाम :- स् वीशमगं पलु भी तो था।

श्री भपेूश बघेल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, आदिवासी उजड रहे हैं और शहर में आप ऑडडटोररयम बना रहे हैं? ये डी.एम.एफ. फंड का पैसा है? शशवरतन जी, आपने सही कहा कक उसका उपयोग उसकी शशक्षा में, उसके स् वास् ् य में, वहां की कनेजक्टववटी में होना चादहए। और तो और बस् तर में जजस कनेजक्टववटी की बात अभी नेता जी कर रहे थे उसमें भी डी.एम.एफ. का पसैा लगा है। पहल ेआप कनेजक्टववटी कर लेत ेउसके बाि मोबाईल बांटत।े मोबाईल तो िराब होने वाली चीज है कब तक कोई उसे रिेगा। यदि आप पहले टॉवर लगा लेत,े कनेजक्टववटी कर लेत े उसके बाि मोबाईल िेत ेतो तनजश्चत रूप से उसका स् वागत होता, लेककन आपने तो उल् टा ही कर दिया। हमारे नारायण चंिेल जी ने बहुत अच् छी बात कही कक अनशुासन और समय की पाबिंी की बात कही। मैं इसका स् वागत करता हंू लेककन आपको आश् वासन भी िेना चाहता हंू कक हम िसूरा मडवा नहीं बनने िेंगे। छ: हजार करोड में बनने वाला प् लाटं 9 हजार करोड रूपये में बना है और उतने में तशमलनाडु में 1500 मेगावॉट का बना है और आप एक हजार मेगावॉट का बनाये हैं और वह भी परूा उत् पािन नहीं हो रहा है। तीन हजार करोड रूपये का नकुसान। यदि वह पसैा रहता तो गरीबों के हक में, आदिवाशसयों के हक में, अनसुधूचत जाततयों और नौजवानों के हक में हम ककतना काम कर लते।े आप ववत् तीय अनशुासन का पाि पढा रहे थे। आपने, ये तीन हजार करोड रूपये क् यों बबााि होने दिया? आप बहुत ववत् तीय अनशुासन की बात कर रहे हैं तो प् लांट लगा नहीं और मशीन पहले िरीि शलये और उसका ब् याज भर रहे हैं? ये कौन सा ववत् तीय अनशुासन है?

श्री बहृस् पत शसहं :- कमीशन का सवाल था।

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श्री भपेूश बघेल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, आज उसका िाशमयाजा परूा छत् तीसगढ भोग रहा है। दहन्‍द िसु् तान में यदि कही ंपर सबसे महंगा बबजली उत् पािन हो रहा है तो वह मडवा में हो रहा है। ऐसी मशीन आप लाये कक वह चाल ूही नहीं हुआ और उसे आप बनाने के शलए भेज दिये। आया तो उसमें आग लग गई। आप छत् तीसगढ के धन को बबााि करने का िस कारण बता रहे हैं। अध् यक्ष महोिय, इससे िसूरा कोई उिाहरण शमलेगा? डी.जी. की तनयजुक्त के बारे में डॉक् टर साहब ने बात उिाई। ये सारा ज्ञान वषा 2012-13 में कहां चला गया था जब आपने डी.जी. की तनयजुक्त की थी? सारे सीतनयाररटी को िरककनार करके आपने जजस व् यजक्त को बबिाया था तब आपको ध् यान नहीं था और आज हमने कर दिया तो पर उपिेश कुशल बहुतरेे? आपने तो वह काम ककए हैं, आपके पास पोस् ट नहीं है और प्रमोशन कर दिये हैं। आचार सदंहता लग गयी तब भी प्रमोशन हो रहा है। डॉक् टर साहब, जब आप उूँगली उिात ेहैं तो तीन उूँगली आपकी तरफ होती है। एस.आई.टी. की बडी चचाा हुई। उस दिन आप नहीं थे, भाषण िेकर चले गये थ ेलेककन श्री अजय चंराकर जी को, श्री बजृमोहन अग्रवाल जी, श्री शशवरतन शमाा, नेता प्रततपक्ष जी से मैंने पछूा था कक बिलापरु की बात, ये आपके शब् ि हैं। डॉक् टर साहब जी सबसे पहल ेआपने इजाि की बिलापरु। उसके बाि तो मजबरूी में इन लोगों को बोलना पडा। मैं माननीय सिस् यों स ेउस दिन पछूा था, आपने हमारे सिस् यों का कोई अदहत ककया है, कोई नकुसान पहंुचाया है। जब श्री बजृमोहन अग्रवाल जी मतं्री थे, आप ववधानसभा अध् यक्ष रहे हैं, श्री शशवरतन शमाा जी भाजपा के बड ेप्रभावशाली नेता थे और अब भी हैं। जब आपने हमारा कुछ नकुसान नहीं पहंुचाया तो हम बिला ककससे लेंगे। बिला तो उससे होता है न कक आप चांटा मारे और मैंने गाली िी, तभी तो बिला कहलायेगा। डॉक् टर साहब मैं तो पछू रहा हंू कक आपने हमारा कुछ नकुसान पहंुचाया है। यदि नकुसान नहीं पहंुचाया है तो बिला ककस बात की। (मेजों की थपथपाहट) अब जो िौर चल रहा है वह बिलाव का है। हम बिलाव के िौर में हैं। इस बात को समझ लीजजयेगा, जनता ने हमें चुना है, हम उन्‍द हीं बातों को लेकर जनता की बीच में गये थे, जजनको हम परूा कर रहे हैं। आपने जो बातें कही, आपने झीरम घाटी के बारे में कहा, क् या आपके मबंत्रमडंल में सिस् य हैं ? उसी से पछू लेत,े ककतना िभुााग् य है। आप मखु् यमतं्री रहे हैं, उस घटना के बाि कफर से चुने गये और यदि आपको जानकारी थी तो कफर आप चुप क् यों थे ? इसके शलये ककसकी जजम् मिेारी है, आपने क् यों तछपाया, आपके पास त् य थे, आप क् यों नहीं बताये। एन.आई.ए. को हमने पत्र शलिा। उन्‍द होंने कहा कक हम मामले को परेू क् लोज कर दिये हैं लकेकन आप जांच करेंग ेतो हम सहयोग करने को तयैार हैं, हमारे साथ जाचं कर सकत ेहैं। ये हमारे पास जवाब आया है। वो तो क् लोज कर चुके हैं, हम चाहत े हैं जांच हो। परूा प्रिेश, परूा सिन चाहता है कक जांच हो, सच् चाई सामने आये, कौन है, कौन नहीं है ये मैं नहीं कहता। उसके शलये एस.आई.टी गिन कर रहे हैं, अब रहने िीजजये, आपके नेता तो कभी बिेै नहीं। 15 साल भी नहीं बिेै और आज भी श्री अमरजीत

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भगत कुछ बोलने का प्रयास ककये तो बिेै ही नहीं। आज भी वही अकड बोशलये। श्री शशवरतन शमाा :- अध् यक्ष महोिय, आप झीरम घाटी की एस.आई.टी की बात कर रहे हैं। इस सिन में झीरम घाटी के बारे में कई बार चचाा हुई है। मैंने आपसे कहा था कक आप हमेशा बोलत ेहैं कक मेरे पास त् य हैं। मैंने आपको कहा था कक आप त् य को जांच सशमतत के सामने क् यों नहीं रित।े आपका जवाब था कक मैं त् य रिूंगा तो उन लोगों को कौन सरुक्षा प्रिान करेगा। अब आप स् वय ंमखु् यमतं्री है, सबको सरुक्षा िे सकत ेहैं। प्रशांत शमश्रा का न्‍द यातयक आयोग बना हुआ है। उसके सामने त् य क् यों नहीं रित।े श्री भपेूश बघेल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, श्री शशवरतन शमाा जी ववद्वान सिस् य हैं। मैं जानता हंू न कक ककसके ककसके पास त् य है। इसीशलये तो एस.आई.टी का गिन ककया है। सभी सिस् यों ने शमल के एस.आई.टी का गिन ककया है, पहले दिन मबंत्रमडंल बनने के पहले दिन पहली बिैक में हमने एस.आई.टी का गिन ककया है। (मेजों की थपथपाहट) अब आप अपनी भारत सरकार से कदहये, आपके गहृमतं्री जी से कदहये अनमुतत प्रिान कररये। हमने जो केस आपको सौंपा था उसका वापस करने में आप मिि कररये। आप क् यों नही ंबोल रहे हैं ? गहृमतं्री जी से क् यों नहीं बोलत ेवे केस वापस करें। व ेसारे लोग, एस.आई.टी का काम करने िीजजये। सारे लोग आ के जानकारी िेंगे। सभी जानकाररयां पडी हुई हैं, वह सामने आएंगी। लेककन रोक रहे हैं। माननीय शशवरतन जी, िाल में कहीं काला है? (शमे-शमे की आवाज) अनमुतत दिलवा िीजजए, हमने पत्र शलिा। हमने अधधकारी भेजा। उसके बाि भी नहीं, उसमें िेि रहे हैं हमारे पास सवंवधान में कुछ व् यवस् था है, उसमें हम अध् ययन करवा रहे हैं कक हम कैसे जांच शरुू कर सकत ेहैं ? कोई अडगंा डाले, ककतना भी अडगंा डाले। लेककन उसकी सच् चाई हम सामने लाकर रहेंगे। (मेजों की थपथपाहट)

माननीय अध् यक्ष महोिय, माननीय नेता प्रततपक्ष जी अभी ताजा-ताजा हाईकोटा गये हैं नान की और जांच नहीं होनी चादहए। फरिर इंवेजस्टगेशन की आवश् यकता नहीं है। उन्‍द होंने पी.आई.एल. लगायी है। परूा चालान आप तत् काल बाि कर िेत ेहैं, आचार सदंहता लगने के बाि। आप इतने दिन क् या करत ेरहे ? उस अधधकारी पर कायावाही करने के बारे में आज कह रहे हैं। आपने क् यों नहीं ककया ? उनको क् यों बचाये रिें ? क् या वह राज जानता था जजसके कारण स ेआप कारावाई नहीं कर रहे थे ? आपको ककसने रोका था ? आज इस सिन को बतात ेहुए अब इसमें कहंू कक ककतनी तकलीफ हो रही है एक अधधकारी बबना अनमुतत के फोन टेवपगं कर रहा है। ककसके-ककसके फोन टेप हो रहे हैं वह तो ररकॉडा में है तो पता चला और हमारे पवूा भोले मखु् यमतं्री जी कहत ेहैं कक उसे तो सी.एस. लेवल के अधधकारी उसकी अनमुतत िेत ेहैं। यहां तो बबना अनमुतत के फोन टेवपगं हो रही है हूजूर। उसमें कहां की अनमुतत ? आप क् या करत े रहे ? आपने कैस ेहोने दिया ? आपके सारे मबंत्रमण् डल के सिस् य, आपके सारे अधधकारी कोई फोन में बात

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नहीं कर पाता था। कहत ेथे कक आप लणै् ड लाईन में बात कररये या ककसी िसूरे फोन में बात कररये या शसग् नल या वॉट्स अप में बात कररये। आपने इतना डर का माहौल बनाकर रिा था। अधधकाररयों के हाथ में िेलत ेरहे और आज हमें शासन चलाना शसिा रहे हैं।

माननीय अध् यक्ष महोिय, हमारी सरकार को केवल िो महीने हुए हैं। हमने आम जनता से वायिा 36 बबन्‍द िओुं पर ककया था, उसमें से आधे बबन्‍द िओु ंपर हमने िो महीनों में वायिा परूा ककया है। (मेजों की थपथपाहट) आधा वायिा, आप परेू 5 साल का कायाकाल तनकाल लीजजए। मैं तो कहता हूूँ कक आपके केन्‍द र की सरकार का 60 महीने का कायाकाल तनकाल लीजजए और हमारा 60 िजनों का कार्यकाल तनकाल कर िेि लीजजए।(मेजों की थपथपाहट) आपने जनता स े जो वायिा ककया था और हमारी छत् तीसगढ की सरकार, कागं्रेस पाटी ने जो वायिा ककया था वह, 60 साल बनाम 60 दिन। हम तजेी से काम कर रहे हैं।

श्री अजय चन्‍द राकर :- 60 महीने।

श्री भपेूश बघेल :- हां आपके 60 महीने, केन्‍द र सरकार के 60 महीने। आपके 15 सालों का दहसाब तनकाल कर िेि लीजजए, आप अपने घोषणा पत्र को तनकाल कर िेि लीजजए कक आपने क् या–क् या वायिा ककया था और ककतना परूा ककये? आप हमें घोषणा पत्र की याि मत दिलाईये। हम उस घोषणापत्र के दहसाब से पहले दिन स ेही काम करना शरुू कर दिये हैं। आप तो उन पन्‍द नों को छुए तक नहीं थे। हम घोषणा पत्र की याि दिलात ेथे तो इधर-उधर की बात करत ेथे।

माननीय अध् यक्ष महोिय, बबजली की िर के बारे में बडी बातें हुईं। 15 सालों में आपने 5 गनुा बबजली बढाई। 5 गनुा बबजली की िर। 80 पसेै की बबजली को 3 रूपये 70 पसैा, कृवष में जो बबजली िर थी वह 1 रूपये से बढाकर 4 रूपये 70 पसैा, ये ककसने बढाया है ? आपने बढाया है। क् यों बि़ा ? ये मडवा टाईप का जजतना भी ककये, उसके कारण से बढा।

माननीय अध् यक्ष महोिय, मीटर शशजफ्टंग में आपने क् या कारनाम ेककये? सत् यनारायण शमाा जी, वपछले ववधानसभा सत्रों में इस बात को िूब उिात ेथे। मीटर शशजफ्टंग में मीटर शशफ्ट हुआ नहीं, बबशलगं हो गया। जांच कराओ तो इनको बिलापरु नजर आता है। माननीय अध् यक्ष महोिय, ववत् त ववभाग के बारे में चचाा हो रही थी। आपने कहा कक हम बरबाि हो जायेंगे, रसातल में चल ेजायेंगे। अध् यक्ष महोिय, जो लोन शलया है, आपने ककसशलए लोन शलया था, इसको तो पता नही, लेककन हमने अन्‍द निाताओं को ऋण मकु् त करने के शलए, 2500 रुपये में धान िरीिी करने के शलए लोन शलया है, कमीशन िाने के शलए नहीं शलया है। हम करेंगे और अगले साल िेि लीजजयेगा हमारी जस्थतत क् या रहेगी। यह 18 हजार करोड का बजट घाटा बता रहे हैं, ये जनवरी 2019 के अतं में अनमुान की जस्थतत है। माचा अतं तक व् यय में कटौती करेंगे, तनयतं्रण रिेंग ेऔर इसमें

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घाटे में कमी लायेंगे। 2018-19 में ऋण 12700 करोड है और 2019-20 में 10500 करोड का होगा, आप जो बोल रहे थ ेन कक आपको लोन नहीं शमलेगा, अगले साल 2019-20 में 10500 करोड का होगा। माननीय अध् यक्ष महोिय, रेत के बारे में चचाा हो रही थी, मैं आपसे कहना चाहंूगा कक पचंायतों से जो रायल् टी शमलती थी, वह केवल 10 करोड की है। वतामान रेत की रायल् टी 50 रुपया प्रतत घनमीटर है और प्रिेश में कुल 300 ििानें सचंाशलत हैं। कुल प्राप् त हो रही रायल् टी के दहसाब से िेिा जाये तो आश् चया होगा कक इन ििानों से प्रततदिन 2 या 3 रक रेत तनकलती है। अब यदि माननीय सिस् यों कों इसमें सतंजुष्ट है तो मझुे कुछ नहीं कहना है। कोई मान सकता है कक इन ििानों से िो या तीन रक तनकलता है। श्री बहृस् पत शसहं :- 300 रक तो मेरे क्षेत्र में एक ििान से तनकलती थी। श्री भपेूश बघेल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, रेत तनमााण काया में, नगरीय तनकायों में िपत हो रहे हैं, रायल् टी ईमानिारी से वसलूी नहीं जा रही है। हम तो ईमानिारी की बात कर रहे हैं। हम तो सी.सी. कैमरा लगाने की बात कर रहे हैं ताकक कोई चोरी न कर सके। ररवसा ब्रीडडगं करेंगे, ताकक रेट में उछाल न आये। अभी जो रेत के रेट में उछाल की बात समाचार पत्रों के आधार पर आप कह रहे हैं, हमने कडी कायावाही की है। सकैडों डम् पर, रक और हाईवा हमने पकड ेहैं। क् या हम चोरी पकडना बिं कर िें? ये गुडंागिी, बिमाशी जजतनी अभी हो रही है, आपके समय में हुआ तो कोई बोल नहीं पा रहा था। कोई सामने आने की दहम् मत नहीं कर पा रहा था। कौन ककसके ररश् तिेार हैं, कौन ककतने गरुूगे हैं, अध् यक्ष महोिय, यह बताने की आवश् यकता नही ंहै। लेककन यदि हमको एक साथ समाप् त करना है तो ये सारी चीज में बिलाव लाने की आवश् यकता है। अब वह जमाना तनकल गया, जब टेन्‍द डर होत ेथे, उसमें गुडंागिी करत ेथे। आज तो सेटेलाईट का जमाना है, आप सेटेलाईट से मॉतनटररगं कर सकत ेहैं। आप सी.सी. कैमरा लगा कर के मॉतनटररगं कर सकत ेहैं, आकफस में बिैकर उसको िेि सकत ेहैं कक ककतने रक तनकली है। रकों में जी.पी.एस. लगा सकत ेहैं , सारे तरीके हैं जजससे कंरोल ककया जा सकता है लेककन इससे राज् य के राजस् व में वदृ्धध होगी । पयाावरण को जो नकुसान पहंुचा रहा है वह नहीं होगा । लोगों को सस् त ेिर पर रेत शमलेगा और राज् य के राजस् व में वदृ्धध होगी और हमने यह कहा है कक पचंायतों को 25 प्रततशत बढाकर िेंग े। इसमें क् या बरुाई है ?

श्री बजृमोहन अग्रवाल :- माननीय मखु् यमतं्री जी, अभी बाजार में रेत के रेट जो बहुत ज् यािा बढ गये हैं, सीमेंट के रेट बहुत ज् यािा बढ गये हैं उसको कम करने के शलये सरकार क् या कर रही है ? जो सामान्‍द य उपभोक् ता है वह परेशान है और सीमेंट के मामले में तो यह है कक सरकार की सहमतत से सीमेंट के रेट बढाये गये हैं और रेत के रेट बढ गये हैं तो आप उस पर तनयतं्रण करने के शलये क् या कर रहे हैं ? हमारे समय सीमेंट के रेट बढे थे तो सरकार ने उन कंपतनयों पर िबाव डालकर रेट कम करवाये

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थे । आपने अभी तक कोई प्रयास नहीं ककया, वपछले एक महीने में 50 रूपये सीमेंट की एक बोरी के रेट बढे हैं ।

श्री भपेूश बघेल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, यह तनजश्चत रूप से धचतंा का ववषय है और यह जो रेट तनयतं्रण है वह आज भारत सरकार के अधीन है, हमारे अधीन नहीं है । बिैक बलुायेंगे, जो लोकसभा के चुनाव हो रहे हैं इस कारण से रेट बढे हैं । (शमे-शमे की आवाज) मुबंई में बिैक ककये, वहां आपकी सरकार है । श्री बहृस् पत शसहं :- चंिा नागपरु िेना होगा ।

श्री भपेूश बघेल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, ववधानसभा के चुनाव के समय तो नहीं बढा था, लोकसभा का चुनाव आया तो 50 रूपये उछाल आ गया । कें र सरकार का तनयतं्रण है, मुबंई में बिैक हो रही है और आप हमको कह रहे हैं कफर भी हमारी नतैतक जजम् मेिारी है, हम उनको बलुाकर बात करेंगे, यह रेट िीक नहीं है इसमें कमी लानी पडगेी । हम इसको करेंगे, ववधानसभा सत्र चल रहा है, शायि इसी िौरान बलुायेंगे या इसके बाि बलुायेंगे ।

माननीय अध् यक्ष महोिय, सचूना प्रोद्योधगकी ववभाग । आज इस क्रांतत ने परूी ितुनया को बिल दिया है । छत् तीसगढ में भी इसका बहुत असर हुआ, जब हमारी सरकार थी, मैं उस समय राजस् व ववभाग िेिता था तो ककसानों के जो नक् शे हैं, गांव के जो नक् शे हैं, उसको कम् प् यटूराईज करने की बात कही थी । आज इन 15 वषों में क् या जस्थतत है ? आप एक किम भी आगे नहीं बढे, ऑनलाईन कुछ भी नहीं हो रहा है, नक् शा कुछ बता रहा है, मौके में कुछ बता रहे हैं, बी-वन पॉचंशाला कुछ और बता रहा है यह जस्थतत है । माननीय अध् यक्ष महोिय, मेजर शमनरल् स के बारे में भी चचाा हुई । मझुे याि है जब छत् तीसगढ में कोयला ििानों की नीलामी हुई तो उस समय राज् य को 500 से 3200 रूपये प्रतत टन नीलामी की राशश शमलती थी लेककन अब बबना नीलामी के ििानें स् वीकृत ककये जा रहे हैं । राज् यों को आवदंटत ककये जा रहे हैं, एम.डी.ओ. का फैशन चल पडा है और आप िसूरे राज् यों को आवदंटत कर रहे हैं तो हमको केवल 100 रूपये प्रतत टन शमल रहा है । कहां नीलामी में 500 से 3200 प्रततटन हमको शमलता था, आज केवल 100 रूपये प्रततटन तो आपने तो नीलामी ही बिं कर िी और इससे राज् य के राजस् व में भारी नकुसान हुआ है । यदि यह सारी नीलामी होती तो हमको लािों-करोडों रूपये शमलता इसके बावजूि भी ितनज ववभाग के अधधकारी जो काम कर रहे हैं, मैं उनको बधाई िेना चाहंूगा । माननीय अध् यक्ष महोिय, पत्रकार कल् याण की बात आयी । जो वतामान व् यवस् था है वह 5000 रूपये न्‍द यनूतम है यदि कोई बीमारी हो जाये और अधधकतम 50,000 रूपये की सहायता िी जाती है । अब हमने तनणाय शलया है कक पत्रकार साधथयों को न्‍द यनूतम 10,000 रूपये और अधधकतम 2 लाि रूपये उसको सहायता िी जायेगी । (मेजों की थपथपाहट) हमारी सरकार ने पत्रकारों के कल् यण के शलए एक

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सशमतत का गिन कर दिया है । उनके जो सझुाव आएंगे उन्‍द हें तनजश्चत रूप से लाग ूकरेंगे । मीडडया कमी के सम् मान की योजना है, मीडडया कशमायों को सम् मान तनधध के रूप में 5 हजार रूपया प्रततमाह का प्रावधान है । साथ ही 62 वषा से अधधक आय ुके मीडडया कशमायों को यह सवुवधा िी गई थी । अब न्‍द यनूतम आय ुघटाकर 60 वषा कर दिया गया है और माशसक सम् मान तनधध 5 हजार से बढाकर 10 हजार रूपया कर दिया जाएगा (मेजो की थपथपाहट) प्रचशलत योजना में यह सम् मान तनधध शसफा 5 साल के शलए थी । इस प्रावधान को आजीवन ककया जा रहा है (मजेो की थपथपाहट) । माननीय अध् यक्ष महोिय, चूंकक समय काफी हो चुका है । हमारे साधथयों ने हवाई पट्टी के बारे में बात कही । उसके बारे में अबंबकापरु, जगिलपरु, बबलासपरु हवाई पट्टी, एयरपोटा को ववकशसत करने का काम हम लोग तजेी से परूा करेंगे । अध् यक्ष महोिय, आपने शरुू ककया था लेककन उसे परूा करने का काम हम लोग करेंगे और बहुत तजेी से करेंगे । हवाई जहाज आए तो केवल उद्घाटन ही न हो, वह चले ऐसी व् यवस् था करेंग े(मेजो की थपथपाहट) इन्‍द ही ंशब् िों के साथ मैं आपको धन्‍द यवाि िेता हंू । श्री नारायण चंिेल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैंने माननीय मखु् यमतं्री जी स ेतनवेिन ककया था और आपके माध् यम से भी तनवेिन कर रहा हंू । जांजगीर-चांपा जजले में हवाई पट्टी का तनमााण हो । क् योंकक वह सबसे बडा कृवष प्रधान जजला है और सबसे ज् यािा उद्योग वहां पर हैं । उसकी तरफ भी ववशषे रूप से कृपा कर िेत।े अध् यक्ष महोिय :- वे नहीं थे, उस समय आपने मांग की थी । श्री धमाजीत शसहं :- माननीय मखु् यमतं्री जी, जो पांच-पांच होजल्डगं कंपतनयां बनी हुई थीं उनके बारे में भी कुछ बोल िीजजए । उनको कम करेंगे या वसेै ही रिेंगे। श्री नारायण चिेंल :- माननीय अध् यक्ष जी, वहां लाफाजा की हवाई पट्टी िाली पडी है और परशमट भी । श्री सत् यनारायण शमाा :- कब् जा कर लीजजए (हंसी)। श्री भपेूश बघेल :- माननीय अध् यक्ष महोिय, इन पांच कंपतनयों के बारे में हम शरुू से कह रहे हैं कक ये कम होना चादहए और उसे िो कंपतनयों तक सीशमत रिने का हमारा प्रयास होगा । इस मामले में बहुत जल् िी फैसला करेंग े। चंिेल जी ने जो कहा उस पर बाि में ववचार करेंग े। अध् यक्ष महोिय, आपने समय दिया उसके शलए धन्‍द यवाद् ।

अध् यक्ष महोिय :- मैं पहल ेकटौती प्रस् तावों पर मत लूगंा ।

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अध् यक्ष महोिय :- प्रश् न यह है कक मांग सखं् या – 1, 6, 60, 12, 25, 32, 71 एव ं65 पर प्रस् ततु कटौती प्रस् ताव स् वीकृत ककये जाएं । कर्टौती‍प्रस्‍ताि‍अस्‍िीकृत‍हुए‍। अध् यक्ष महोिय :- अब मैं मांगों पर मत लूगंा । अध् यक्ष महोिय :- प्रश् न यह है कक मैं राज् यपाल महोिया की शसफाररश के अनसुार प्रस् ताव करता ह ू ंकक दिनांक 31 माचा, 2020 को समाप् त होने वाले वषा में राज् य की सधंचत तनधध में से प्रस् ताववत व् यय के तनशमत् त राज् यपाल महोिया को :- मांग सखं् या - 1 सामान्‍द य प्रशासन के शलए-तीन सौ बहत् तर करोड बारह लाि, तरेह हजार रूपये मांग सखं् या - 2 सामान्‍द य प्रशासन ववभाग से सबंधंधत अन्‍द य व् यय के शलए-तीस करोड अन्‍द िावन लाि, पैंतीस हजार रूपये

मांग सखं् या - 6 ववत् त ववभाग से सबंधंधत व् यय के शलए-आि हजार पांच सौ तछहत् तर करोड, पैंसि लाि रूपये

मांग सखं् या - 60 जजला पररयोजनाओं से सबंधंधत व् यय के शलए-एक सौ चार करोड, अस् सी लाि रूपये

मांग सखं् या - 12 ऊजाा ववभाग से सबंधंधत व् यय के शलए- िो हजार तीन सौ सात करोड, एक लाि इक् यासी हजार रूपये

मांग सखं् या - 25 ितनज साधन ववभाग से सबंधंधत व् यय के शलए- सात सौ पच् चीस करोड, पचपन लाि, िो हजार रूपये

मांग सखं् या - 32 जनसपंका ववभाग से सबंधंधत व् यय के शलए-एक सौ तछयासी करोड, बयासी लाि, पन्‍द चानबे हजार रूपये

मांग सखं् या - 71 इलेक् रातनक् स एव ंसचूना प्रौद्योधगकी ववभाग के शलए- एक सौ अटिाईस करोड, तनन्‍द यानबे लाि, अन्‍द िानबे हजार रूपये तथा

मांग सखं् या - 65 ववमानन ववभाग के शलए- सडसि करोड, चौरानबे लाि, चालीस हजार रूपये तक की राशश िी जाय े।

मांगों‍का‍प्रस्‍ताि‍स्‍िीकृत‍हुआ। ‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍(मेिो‍की‍िपिपाहर्ट)

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समय : 6:00 बज े शासकीय‍विचध‍विषयक‍कायर ‍छत्‍तीसगढ़‍विननयोग‍(क्रमांक-2)‍विधेयक,‍2019

मखु् यमतं्री (श्री भपेूश बघेल) :- माननीय अध् यक्ष महोिय, मैं छत् तीसगढ ववतनयोग (क्रमांक-2) ववधेयक, 2019 (क्रमांक 5, सन ्2019) का परु:स् थापन करता हंू ।

अध् यक्ष महोिय :- सभा की कायावाही बधुवार, दिनांक 27 फरवरी, 2019 को 11.00 बज ेदिन तक के शलए स् थधगत ।

(साय‍ं 6‍ बिे‍ विधान‍ सभा‍ की‍ कायरिाह ‍ बधुिार,‍ हदनांक‍ 27‍ फरिर ‍ (फाल्‍गनु‍ 8,‍ शक्‍ सिंत‍्1940)‍के‍पिूारह्न‍11.00‍बिे‍तक‍के‍ललए‍स्‍िचगत‍की‍गई‍।) चन्‍द‍र‍शिेर‍गगंराड ेरायपरु (छत् तीसगढ) सचचि 26 फरवरी, 2019 छत्‍तीसगढ़‍विधान‍सभा