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अनकरमणिका

पाठको स ससककति परव का यह तरशष अक आपक हाथो म ह इस अक क तिय तितो का सकिन गगि स तकया गया ह तिसक तिए हम उन सभी छायाकारो क परति

ककिजञ ह इस अक म सभर ह तक सपादन अथरा सयािन म कछ तरतिया रह गयी हो इसतिए हम अपन सरधी पाठको स अपका करि ह तक र तरतियो को

निरअदाि करग यह अक आपको कसा िगा इस बार म हम अपन तरिारो स अरशय अरगि कराईएगा सनािन ससककति क सरकण और सरधवन म

आपका योगदान अतयि मलयरान ह ndash समपादक

करम सखया शीषवक िखक पषठ स०

01 भारत क लोकमगल क विहान का समय पो० राकश कमार उपाधयाय 18

02 अयाधया एक दशशन सजय वतिारी 20

03 शी रामजनमभवम का इवतहास डा० वदनशमवि वरिपाठी 36

04 Remaking of Ram Temple Dr Rajeev Tiwari 42

05 अिधय अिध अयोधया और गोदान अवनता अगरिाल 48

06 अयोधया मनषय आर मनसममवत डा० अरशना वतिारी 52

07 जनमभवम मम परी सहािवन मनोज वरिपाठी 56

08 मर राम कपटन सभाष ओझा 58

09 कसा था िह जिार हररहर शमाश 60

10 सपना साकार होत दख पा रहा अवनता अगरिाल 62

11 सघषश स परा हो रहा एक सपना सजय यादि 64

12 अयोधया का पारीन और पौराविक इवतहास डा० अरशना पाठया 66

13 आसथा आतमसममान और आतमवनभशरता सजय वसह 70

14 हनमान ः समपशि का सिवोतककषट भाि कमलश कमल 74

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सरकषक मडलसवामी जीतनदवानद सरसती जी(महामतरी अखिल भारतरीय सत सखमखत एव गगा महासभा)जगदगर सवामी रवाघवाचवारय जी (अयोधया)परो० रवाकश उपवाधरवार(अधयकष भारत अधययन कनदर का खह खव खव वाराणसरी)

विदवत पररषदपरो0 सभवाजीत ममशर (पवव अधयकष दरवनरासत खवभाग गोरिपर खवशवखवदालय)परो० दरवानवाथ मरिपवाठी (पवव अधयकष आईसरीएचआर नई खदललरी)परो मनर कमवार पवाणडर(अधयकष जयोखतष खवभाग का खह खव खव वाराणसरी)परो0 रवामद शकल(पवव अधयकष खहनदरी खवभाग गो०खव०खव०)परो0 मवातवा पसवाद मरिपवाठी(पवव अधयकष पाचरीन इखतहास खवभाग गो०खव०खव०)परो0 ननद मकशरोर पवाणडर (अधयकष कनदररीय खहनदरी ससान आगरा)परो0 सदवानद गपत (कायवकाररी अधयकष उततर पदर खहनदरी ससान लिनऊ)परो0 अमजत क चतवदी (खनदरक आईआईटरी रड़करी)परो0 सरनद दब (कलपखत खसदा व खवशवखवदालय कखपलवसत खसदा वनगर)परो0 रवाजनद पसवाद (कलपखत मगध खवशवखवदालय गया खिहार)शरी पफलल कतकर(समपादक आगवनाइजर)शरी कषणकवात उपवाधरवार (समपादक खहनदसतान खिहारझारिड)परो0 मचतरजन ममशर (पवव अधयकष खहनदरी खवभाग गोरिपर खवशवखवदालय गोरिपर)परो0 जीतनद ममशर(अखधषाता खवखध सकाय दरीदउ गोखवखव)परो0 मिमवाश चतवदी(पवव अधयकष इखतहास खवभाग गो०खव०खव०)परो0 रवाजनद मसि (पवव पखतकलपखत गोरिपर खवशवखवदालय गोरिपर)वा० मणवामलनी चतवदी(अधयकषsbquo कायोिक इटरनरनलsbquo नई खदललरी)वा० नरश अगरवाल(वररष िाल रोग खवरषजञsbquo गोरिपर)वा० आर सी शरीवासत(अवकारपापत आईएएस)रवाकश मरिपवाठी(आई आर एस)वा० ररोगश ममशर(समह समपादक अपना भारतनयज टरक लिनऊ)शरी मकशरनवाथ पवाणडर(सखचव नरनल एजकरनल सोसाईटरी गोरिपर)परो० रतनदीप उपवाधरवार(अमररका)

सलाहकार पररषदअधरकषशरीमती रशमवा एच मसि(नई खदललरी)शरी अजर उपवाधरवार(वररष पतकार नई खदललरी)वा० सजर मविदी(खनदरक भारतरीय जनसचार ससान नई खदललरी)शरी सजीत कमवार पवाणडर (वररष पतकार गोरिपर)वा० मनवा मतवारी (िनदलिणड खव०खव० झासरी)वा० ममतवा मरिपवाठी (खदललरी खव०खव०)शरी सनील जन(एडवोकट इलाहािाद)शरी सजर मसि(खनदरक भखमटरक डरवलपसव लिनऊ)आचवारय सरोमदतत मविदी(वाराणसरी)शरी िमत ममशर(खनदरक एिरीसरी खरकषा समह)शरी अजर शवािी(खनदरक आरपरीएम खरकषा समह)वा० गजनदनवाथ ममशर (खनदरक आरसरी ममोररयल खरकषा समह)शरी अरणकवात मरिपवाठी (समपादक कमलजयोखत लिनऊ) वा० मनरोज कमवार शरीवासत (खचखकतसक एव लिक वाराणसरी)वा० वाई क मदमशरवा (वररष खचखकतसक कररीनगर)शरी दीपतभवान ड (वररष पतकार गोरिपर)शरी रमतभवान मरिपवाठी (वररष पतकार लिनऊ)शरी परषरोततम मतवारी (वररष पतकार कोलकाता)शरी अनपम सिवार(वररष अखधकाररी परीएनिरी)ॉ० रमकवात मतवारी(अमररका)वा० रवाम शमवाय(खरकषाखवद मर)वा० मममथलश मतवारी(गोरिपर)

जलाई - 2020िषष-3 अक-05

पजरीकत कायावलय िरी-64 आवास खवकास कालोनरी सरजकड गोरिपर-273001लिनऊ कायावलय 243 खवजय िणड गोमतरी नगर लिनऊ-226010खदललरी कायावलय िरी-38 खडफनस कालोनरी नई खदललरी-110024समपकक - + 91 94508 87186-87

सवामरीsbquo मदरक एव पकारक सजय खतवाररी दारा सवाससतक गरखफकसsbquo महागनगरsbquo लिनऊ उ०प० स मखदरत एव िरीndash64sbquo आवास खवकास कॉलोनरीsbquo सरजकणडsbquo गोरिपरsbquo उ०प० स पकाखरत

पखतका म पकाखरत सामगररी क खलए सिखधत लिक उततरदायरी होगा खकसरी भरी पकार क नयाखयक खववाद का कषत गोरिपर खजला नयायालय क अधरीन होगा

पररणापरम पजय सामी अखणानद जी महाराज

सत साहहतय मममजञ आचारम परशराम चतरवदीबरहमर षि रररती रमण पाणरर

Mail us - editorsanskritiparvagmailcomWebsite - wwwbharatsanskritinyasorg

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समपवादकीर सरकषकआचवारय मशनवाथ पसवाद मतवारी

(पवव अधयकष साखहतय अकादमरी नई खदललरी)

पबध समपवादकिरी क खमशर

समपवादकसजय खतवाररी

अमतमथ समपवादकसवामरी जरीतनदराननद सरसवतरी

कवारयकवारी समपवादकडा० अचवना खतवाररी

सिवारक-समपवादक (मिनदी)डा० अखनता अगरवाल

सिवारक-समपवादक (अगरजी)डा० राजरीव खतवाररी

सि-समपवादकडा० पदरीप राव

डा० खदनरमखण खतपारीकमलर कमल खदवाकर रमाव

समनर समपवादकखवकमाखदतय खसह

समपवादकीर सलवािकवारमनोज कमार खतपारी

लआउट गरवामफकस ए मजवाइनसजय मानव

मशष समपवादकीर परवामशयआचवारय लवालममण मतवारी

(गरीता पस गोरिपर)शरी रसनद फरोगलवा

(गरीता वाखटका गोरिपर)शरी अजीत दब

(सदसय साखहतय अकादमरी नई खदललरी)

ममध सलवािकवारशरी अममतवाभ चतवदी

(वररष अखधवकता नई खदललरी)शरी अमसत क चतवदी

(वररष अखधवकता लिनऊ)शरी अशरोक नवारवारण धर दब (वररष अखधवकता गोरिपर)

लखवा परीकषकअरण गपता

सचनवा तकनीक ए पबधनउतकषय मतवारी

मरिएमट पकषय मतवारी

(shot by Inflict)

vksk vad

(भारत ससकखत नयास का पकारन)

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जयोतिष विभाग ससकिविदया धरमविजञान सकाय DEPARTMENT OF JYOTISH FACULTY OF SVDV अधयकष (HEAD)

Tel 0542-6701969

शभाशसा दिनाक- 27072020

पराचीन काल म लौककक आखयानो सदित जञान-विजञान परण आचार-वयििार विशव-बधति एि सािणभौममक समानता आदि िशणननक एि आधयाततमक गरो स पररपरण चचरतन परपराओ म परिादित विचारधारा स भारतिरण क विशव गर पि पर आसीन िोन क कारर भारतीय सनातन ससकनत एि सभयता का अजसर परिाि अतयनत पराचीन काल स समगर विशव को अपनी तरफ आकवरणत करता रिा ि परनत कनतपय ऐनतिामसक काररो स िमारी सनातन परसत विचारधारा विखडित िो गई तथा िमारी यिा पीढी अपनी इस इस समदध विरासत स अनमभजञ िोकर कषणरक सखिायक पाशचातय ससकनत की ओर आकवरणत एि अगरसररत िोती गई तजसका परतयकष परभाि भारतीय समाज म सिणतर दविगत िो रिा ि तजसक ननिान क मलए िमारी भारतीय यिा पीढी को अपनी समदध परपरा स अिगत कराना अतयत आिशयक ि परसतत परसग म आिशण सिरप विदयमान साकषात जगतननयता भगिान विषर क अितार मयाणिा पररोततम भगिान शरी राम की जीिन लीला अतयत उपयोगी मसदध िोगी कयोकक उनका जीिनितत भारतीय समाज िी निी अवपत समगर विशव क मलए अनकररीय ि परसतत सिभण म यि अतयत िरण का विरय ि कक सनातन मलयो पर आधाररत ldquoससकति पिमrdquo नामक इस पतरतरका का परसतत अक विशवराधय मयाणिा पररोततम भगिान शरी राम क विशराक क रप म परकामशत िोकर िो रिा ि अतः म ससकनत पिण पतरतरका क सपािक मिल सदित सभी सिसयो का अमभनिन करता ि कक आप लोगो न अतयत समसामनयक विरय को क दित कर भगिान शरीराम अक क रप म इस पतरतरका को परकामशत करन का ननरणय मलया ि जो ननशचय िी समाज ननमाणर क मलए अतयत लाभकारी मसदध िोगा

(परो विनय कमार पाणिय)

अधयकष जयोनतर विभाग

का दि वि वि िारारसी

s

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रह अनजान नही ह उसका अनमान नही ह उसकी दषटि म रह साभिमान नही ह रह अरोधा का सराल नही ह का गलत ह का सही ह सराल उस मनषय का ह जजसकी खद की सजञा इसी अरोधा सर बनती ह सषटि कर पथम पर मन सर ही रह जनती ह इसी सजञा म भिपा ह अरोधा और मररा असतितव मररा का हो सकता ह अभिमान इस घोर कजलकाल म कसा अपमान रा हक कसी कोई ननशानी इनर कौन बतारर रही ह सरर का पानी दःख तो रह हक रर जान नही सकतर रह मनषय मन सर ही बना ह रर मान नही सकतर रह हकतना बड़ा षखलराड़ ह बदधि का कसा उजाड़ ह कागज कर पनो म ईट गारर और पतथर कर जगल म आपस कर ही दगल म मनषय कर रर दल तलाश रहर मररा असतितव हकसी िभम कर अश पर मररा साभमतव मनषय और मनषय कर बीच का ररराद मनषय ही कर रहर नार का सराद और नारासन पर िी मनषय ही ररराजमान अितपरम अभिमान अनमान िररषय सर अनजान इनर कौन बतारर हक

म कर रल एक शहर नही ह हकसी सभयता कर जलए जहर नही ह म सषटि का अरध ह जगत का ननबध ह जीरन कर जलए बाध ह अरध ह अरध ह इस मनषय कर जलए असाध ह कर रल दशरथ रा इकषाक की नही ह तम नही जान सकोगर म इस धरती पर पथ की कपा नही ह नही ह हकसी नप की नपा अरोधा र ही नही ह मन कर परम िी रही ह मानर तम कसर जान सकोगर मररा इततहास तमर किी न होगा इसका आिास ननषफल ही होगा परास म तो सनातन दशमन की सहराती ह तम कसर समझोगर हक गारती ह अनिर करो सरर का ताप अनिर करो कौशलपतत कर महल म आरती का आलाप अनिर करो सागर को सगर को अनिर करो जसधिाशरम की डगर को अनिर करो रा करो ररशराम अनिर करो जसरा कर राम को अनिर करो उस ररराम को काल कर जलए बरमानी ह अनिर और अनमान सषटि कर जलए जररी ह ससतत ससार और साभिमान रही ह अरोधा रही ह राम की पहचान सजर ततरारी

र ही नही ह अरोधा

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यह शी अयोधया जी का पनरदार ह शी रामजनमभवम की मकत क साथ ही 492 िषश पिश हई कषवत की ऐसी पवतपवतश ह जो नय भारत क उदय क रप म आधार पा रही ह शी राजनमभवम पर पजन का महतश किल एक मकनदर क वनमाशि का महतश भर नही ह यह नय सनातन भारत की आधारवशला रख जान का महतश भी ह शी रामजनमभवम की मकत का सघषश बहत पीड़ादायक ह 492 िषषो म लगभग 40 लाख वहनदओ क बवलदान क बाद यह मकत वमली ह आधवनक यग म शी अयोधया जी क इवतहास पर नजर डाल तो ईशा स 57 िषश पिश महाराजा विकरमावदतय न इस नय वसर स बसाया था सन 1528 म एक मौलिी क कहन पर वजस मकनदर को मीरबाकी न ढहाया था उस शीराम जनमभवम मकनदर का वनमाशि भी महाराजा विकरमावदतय क समय म ही वकय जान क पमाि ह इवतहास साकषी ह वक अयोधया म महाराजा विकरमावदतय न शीराम स सबवधत उनक अलग-अलग सिरपो क 1150 मकनदर सथावपत वकय थ गोसिामी तलसीदास जी न शीरामरररत मानस म सपषट वलखा ह -रवरमहस वनज मानस राखाभारतीय जनता पाटटी क शीषश परष लालककषि आडिािी न शीरामजनमभवम मकत आदोलन क समय कहा था- राम राषट ह रामजनमभवम की मकत स पहल यह जान लना जररी ह वक इसकी आिशयकता कब और यो पड़ी मझ यह वलखत हए अतयत सतोष का अनभि हो रहा ह वक मरी तीन पीविया इस आदोलन म शावमल रही ह म वजस परमपरा स आता ह उसम शीजयोवतषपीठाधीशिर भगिान शकरारायश मर दादागर सिामी शातानदजी महाराज न इस पर आदोलन की रपरखा और भवमका तयार की थी मर ितशमान गर शीजयोवतषपाठाधीशिर भगिान शकरारायश सिामी िासदिानदजी महाराज न इस करम को आग बिाया और आज िह शीरामजनमभवम तीथश कषरि टरसट क िररषठतम सदसय ह म सिय उस समय यावन 1986 म आठिी ककषा का विदाथटी था जब इस आदोलन क पहल सममलन म अपन टयशन क पसो स यारिा कर शावमल हआ था इस आदोलन क पिता परमपजय सिामी िामदिजी महाराज न 127 समपदायो को एकरि कर अवखल भारतीय सत सवमवत की सथापना की थी वजसकी आज म महामरिी ह इस रप म म कह सकता ह वक इस आदोलन क सभी सिरपो को मन ठीक स दखा ह और अनभि वकया ह भारत म वहनद सनातन समाज को और खासतौर पर सत समाज को विभावजत करन का षडयरि बहत पहल स रलता रला आ रहा ह भारत को धमश क आधार पर विभावजत करन क बाद वहनदसथान क अदर वहनदओ को विभावजत कर राजनीवत करन की परमपरा न ही ऐस सघषषो को जनम वदया ह इसी विभाजन की रिनीवत क तहत 1953 म तततकालील सरकार न गलजारीलाल नदा जी को आग करक भारत साध समाज की सथापना की थी इसी भारत साध समाज

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यह परणय घड़ी ह

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क ितशमान अधयकष सिामीसिरपानद सरसिती और महामरिी सिामी हररनारायिानद ह य लोग ही ह जो इस समय शीराम जनमभवम पर होन िाल पविरि कायषो का भी विरोध कर रह ह यहा एक घटना का उललख आिशयक लगता ह- 1980 म मजफफरनगर म कछ वहनद लोग मकसजद म नमाज पिकर वनकलन िाल मसलमानो को गड़ और रना वखला कर पानी वपलात थ वजस मकसजद क सामन वहनद लोग यह आयोजन करत थ उसी मकसजद म वकसी न कछ ऐसा कर वदया वक मजफफरनगर म दगा भड़क गया और जो लोग वहनद-मकसलम एकता क वलए रन वखलाया करत थ मसलमानो न उनही लोगो पर आकरमि कर वदया इसस पर दश म माहौला वबगड़न लगा उस समय दश म शीमवत इकनदरा गाधी जी की सरकार थी और उततर पदश म नारायि दतत वतिारी जी मखयमरिी थ वतिारी जी क मवरिमडल क एक सदसय दाऊ दयाल खना भी थ 1983 म इस घटना क बाद मजफफरनगर म वहनद सममलन आयोवजत हआ वजसम गोरकष पीठाधीशिर महत अिदनाथ जी की अधयकषता म शीराम जनमभवम मकत यजञ सवमवत की सथापना हई और दाऊ दयाल खना इस सवमवत क महामरिी बनाय गय इस सममलन म धयान दन िाली बात यह थी वक 1953 म भारत साध समाज की सथापना म भवमका वनभान िाल गलजारीलाल नदा भी शावमल हए थ लवकन सरकार क दबाि म िह िापस रल गय शीराम जनमभवम मकत यजञ सवमवत क नतमति म यह आदोलन आग बिा और विशि वहनद पररषद इसक साथ शावमल हो गई महत अिदनाथ जी क साथ जयोवतषपीठाधीसिर शकरारायश सिामी िासदिानद जी सरसिती सिामी िामदि जी परमहस रामरदर दास अशोक वसघल विषि हरर डालवमया और आरायश वगररराज वकशोर सवहत दश क सभी बड़ सतो और आरायषो न इस आदोलन म बि-रिकर वहससा लना शर वकया दश क भीतर ऐस सभी वहनद धावमशक सथल वजन पर अिध कबज ह उनको हटान क वलए एकातमकता यारिाए शर हई लवकन इसी बीर 31 अटटबर 1984 को पधानमरिी शीमवत इकनदरा गाधी जी की हतया क बाद य यारिाए सथवगत कर दी गई लगभग एक साल बाद पनः कायशकरम शर हए और 1986 म शीराम जनमभवम क भिन म लग अजञात ताल को उस समय क फजाबाद क ततकालीन वजला जज शी ककषि मोहन पाणडय न खोलन का आदश द वदया यह ताला न खल इसक वलय उस समय क पधानमरिी जी न हाईकोटट उततर पदश क मखय नयायाधीश स बात की थी लवकन रवक िह ताला वकसी नयायालय क आदश स नही लगा था इसवलए वजला जज न इस मामल म कोई बात नही सनी और उस समय क फजाबाद क पवलस कपान स कानन वयिसथा का आशिासन लकर ताला खलिा वदया इसी क बाद राजनीवत गमश हो गई ककषि मोहन पाणडय अपन जीिन म कभी भी हाई कोटट क जज नही बन पाय इसी बीर शाहबानो मामल म सपीम कोटट का फसला कनदर सरकार यह कहत हए पलट रकी थी वक धावमशक आसथा क मामलो म सरकार हसतकषप नही करगी लवकन वहनदओ क मामल म अयोधया पकारि पर जब सरकारी हसतकषप होन लगा और तकषटकरि की राजनीवत शर हो गई तो वहनदओ का

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गससा बिन लगा और आदोलना तीवर होता रला गया इसक बाद की कसथवतया सभी क सामन ह 6 वदसमबर 1992 को ढारा वगरत ही कनदर की ततकालीन कागरस सरकार न भाजपा की तीन राजय सरकारो को ततकाल पभाि स बखाशसत कर वदया राषटरीय सिय सिक सघ और विशि वहनद पररषद पर पवतबध लगा वदया गया इसक बाद वदनो वदन वहनद समदाय क वलए परशावनयो पर परशानी खड़ी की गई एक समय ऐसा भी आया जब काराी क शकरारायश सिामी रदरशखरनदर सरसिती को अनायास का आरोप लगाकर दीपािली क समय वगरफतार कर जल भज वदया गया उस समय हम वकतन वििश थ वक अपन शकारारायश क वगरफतारी का विरोध भी ठीक तरह स नही कर पा रह थ दश की पररकसथवतया वकसी स वछपी नही ह उचच नयायालय इलाहाबाद का फसला आन स लकर 9 निमबर 2019 को सपीम कोटट स शीराम जनमभवम पर अवतम फसला आन क बीर की सभी घटनाए अभी भी दश को याद ह आज जब शी राम जनमभवम मकत सथान पर भवय शीराम क मकनदर का वनमाशि होन जा रहा ह तो कछ लोगो को छोड़ वदया जाए तो विशि क सभी सनातन धमाशिवलयो क मन म गिश की अनभवत हो रही ह 119 एकड़ भवम पर होन जा रहा यह भवय वनमाशि नय भारत म नय यग का आरभ ह यह कायश वनकशरत तौर पर एक बड़ सकलप की िजह स हो रहा ह वजसक पिता भारत क यशसिी पधानमरिी नरनदर मोदी ह अपन छह िषश क कायशकाल म िह पहली बार शी अयोधया जी म शीराम जनमभवम पर बनन िाल भवय शीराम मकनदर की आधारवशला रखन आ रह ह सपषट ह वक यह उनका सकलप था वक शीराम जनमभवम को िासतविक मकत पदान करन क बाद ही िह शी अयोधया जी म पिश करग ऐस अिसर पर ससककवत पिश का यह विशषाक पकावशत करन क पीछ उदशय भी यही ह वक नय सनातन भारत का नय ढग स आसथािान उदय इस रप म वदख वक आन िाली पीविया सिय को सिावभमानी महसस कर आसथा और सिावभमान क साथ ही आतमवनभशर नय भारत क वनमाशि की यह पणय घड़ी ह नारायि

सिामी जीतनदरानद सरसितीमहामरिी अवखल भारतीय सत सवमवतएि महमरिी शी गगामहासभा काशी

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यह वरतन ही मनभािन ह शी अयोधया जी और भगिान राम की पािन जनमभवम पर कवदरत ससककवत पिश का विशष अक भारतीयता की पहरान क सभी तति एक अक म इस रप म पसतत करन की योजना ही अदभत ह ससककवत पिश क पकाशन क इवतहास म यह एक विवशषट सयोग ह हालावक इस अक की सामगरी जटान स लकर पकाशन तक क वलए समय बहत कम था भारत क यशसिी पधानमरिी क दमि सकलपो स लगभग 500 िषषो क एक ऐस सघषश का अत हआ जो सभी सनातन धवमशयो क वलए वनशरय ही अवत विवशषट ह शी अयोधया जी म पभ शीराम की पविरि जनमभवम पर भवय शीराम मवदर क गभशगमह क वनमाशि की पवकरया जब सिय पधान मरिी शी नरनदर मोदी जी क कर कमलो स शर हो रही ह ऐसी घड़ी म ससककवतपिश न वनशरय ही इस विशष अक का आयोजन कर अपना धमश वनभाया हससककवत पिश का यह अयोधया अक वनकशरत रप स एक कालजयी सगरह ह वजसको पतयक सनातन धमाशिलबी अपन साथ रखना राहगा मझ सतोष ह वक अतयत कम समय म ससककवत पिश पररिार न इस अक को सयोवजत वकया ह यह कायश वजतना ही विवशषट ह उतना ही ऐवतहावसक भी ह ससककवत पिश क सपादक और परी सपादकीय पररषद को इस विशष आयोजन क वलए बहत बहत बधाईमझ उममीद ह वक हमार सममावनत पाठको को भी यह अक बहत पसद आएगा आपकी पवतवकरया और शभकषा की कामनाओ क साथ

(बी क वमश)

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बालमीवक क राम तलसी क राम नानक क राम गोरख क राम कबीर क राम राजा राम दशरथसत राम कौशलया क राम शबरी क राम अवहलया क राम सरभग क राम विशिावमरि क राम िवशषठ क राम हनमान क राम वसया क राम वशि क राम नारद क राम कागभशकणड क राम अयोधया क राम या वक लोक क रामराम क वबना िद उपवनषद सममवत इवतहास पराि यावक कोई शासरि परा नही हो सकता राम क वबना न तो सनातन ससककवत की कलपना की जा सकती ह और न ही मनषय की ऐस राम क जनमसथान क वलए 452 िषषो का रकतम सघषश हदय विदीिश हो जाता ह यह कलपना मारि स वक लगभग 40 लाख मनषयो को बवलदान हो जाना पड़ा आवखर सनातन सभयता इतनी वनरीह यो हो रकी थी वजसक आधार म लोक कलयाि क वलए यद हो िही सभयता ऎसी अिसथा म वरता होती ह यह वरता इसवलए भी योवक सभी मानक सामन ह कही वकसी स कछ पछन तक वक जररत नही कभी सिय का मलयाकन यो नही वकया इस समदाय न यह पमथिी आपकी थी आप क वलए ही थी आप ही रकरितटी होत थ धरा क आप ही भोता थ आपक वलए आपक साथ आपक सभी दिता थ आपन अपन दिता को ही ठीक स दखा होता ठीक स उसक सिरप स सीख पात इतन पतन क गतश म तो नही जात आपका पतयक दिता आपका रोलमॉडल ह कोई दिता ऐसा ह या जो असरिविहीन हो सनातन सभयता क सभी दिता अपन विवशषट रप रग आकार पकार िाहन आवद स ही पहरान जात ह हमार पतयक दिता क पास एक कोई पश अिशय ह एक पषप ह एक असरि और एक शासरि भी अिशय ह यावन पतयक का सदश सपषट ह पश पकषी जीि िनसपवत सभी की सरकषा शकत स सवनवहत इकाई ही कषमाशील भी हो सकती ह जो शकतहीन होगा उसक कषमा का या मतलब िह तो उसकी कायरता ही होगी यही शकतहीन कषमाशीलता धारि करन की एक िककलपक सभयता विकवसत कर ली थी हमन और खद को पता नही या या घोवषत करत रहत थ सवदयो क बाद आज िह कसथवत आयी ह जब खद सनातन का वहससा होन पर गिश होन लगा ह यवद शी अयोधया जी म शीरामजनमभवम सथल अब एक भवय शीराममवदर स आचछावदत होन जा रहा ह यो यह ऐसा गिश ह जो आन िाली पीवियो को सनातन स तो जोड़गा ही इवतहास की दबी हई ऐसी परतो को भी उजागर करन की शकत दगा वजसका साहस इसस पिश हम खो रक थयहा अपन राषटरीय नतमति की सकलप शकत की रराश बहत आिशयक लगती ह िस भी म यह मानता ह वक भारत क पधानमरिी नरदर मोदी जी यवद कभी भी कछ बोल रह होत ह तो उनक शबदो पर न जा कर उनह दर तक वडकोड करन की जररत पड़ती ह यह हमार पधान मरिी की विशषता ही ह जो उनको विशि पटल पर सनातन क महायोदा क रप म सथावपत करती ह यहा वपछल िषश अमररका क हाउडी मोदी कायशकरम क कछ दमशय याद आ रह ह वबलकल ही नए भारत का उदघोष नए भारत का सकलप यकीनन कल हसटन म न कोई पारपररक पोटोकाल बरा था और न

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अयोधया क राम और राम की अयोधया

सजर मतवारी

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ही कोई परानी कमजोरी नजर आयी ऊजाश और असीम सभािनाओ िाल भारत का जलिा अमररका सवहत विशि भर की वनगाहो म आशरयश कौतहल विसमय विशिगर भारत का यही सिरप कभी सिामी वििकानद की सकलपना म रहा होगा जब वशकागो की धमशसभा म तावलया बजी होगी आज भारत क पधानमरिी जब विशिमहानायक क रप म हसटन क सटवडयम म अमररकी राषटरपवत डोनालड टरमप का परररय करा रह थ उनक ही दश म खद मजबान बनकर उनका सिागत कर रह थ वजसन भी इस दमशय को दखा विसमय म डटब गया अदभत अविसमरिीय अकलपनीयहाउडी मोदी कायशकरम न विशि को नया इवतहास वदया इसम कोई सदह नही भारत और अमररका की ऐसी जगलबदी गजब एक तरफ पवसडट टरमप इसलावमक आतकिाद क वखलाफ हकार भर रह थ तो दसरी तरफ मोदी जी कशमीर क विकास क वलए 370 क फयरिल की बात कह रह थ एक तरफ टरमप दोनो दशो म रकषा सहयोग और अतररकष सहयोग की बात कर रह थ तो िही मोदी जी ऐलान कर रह थ वक आतकिाद क विरोध म पवसडट टरमप पर मन स साथ खड़ ह दोनो नताओ क भाषि स भी जयादा आकषशि भाषि क बाद भीड़ की पररकरमा म वदखा मोदी का हाथ पकड़ टरमप पर गदगद भाि स कस सटवडयम का रकर लगा रह थ मोदी जी तो ऐस रल रह थ जस टरमप को रनािी रली म लोगो स कनट होन क गर सीखा रह हो विशि की राजनीवत म वकसी विशलषक न शायद ही ऐस दमशय पहल कभी दख हो इस घटना की रराश इसवलए आिशयक लगी योवक विशि क ितशमान हालात म भारत क पधानमरिी की विवशषट भवमका को अब दवनया दख रही ह अभी जो हालात ह उनकी भयािहता स विशि म वसहरन ह दवकषि एवशया म रीन की शरारत कोरोना का सकट इनही सकटो क बीर अयोधया म शीराम जनमभवम पर शीराम क मवदर की आधारवशला रखन क वलए पधानमरिी का अयोधया आगमन यह उनकी सकलपशकत ही तो ह वजस सलीक स इतन गभीर मद को उनहोन सलझाया ह उतन ही गिश स अब मवदर वनमाशि की पवकरया शर करन िह आ रह ह यह अभतपिश ह सर म यह नया भारत ह यह आधारवशला नए भारत क वनमाशि की ह यह सनातन ससककवत क वलए िकशिक गिश का विषय ह यही ह सनातन सकलप यही ह राम की शकत इसी शकत स नय भारत का उदय हो रहा ह यह मगलमय ह और सििटीम भी सशत नतमति और सबल सकलप क माधयम स अब भारत अगरसर ह विशिगर बनन क पथ पर

सजय वतिारीसमपादकससककवत पिश

सनातन सभयता क सभी दिता अपन विविषट रप रग आकार परकार िाहन आवद स ही पहचान जात ह हमार परतयक दिता क पास एक कोई पि अिशय

ह एक पषप ह एक असतर और एक िासतर भी

अिशय ह यावन परतयक का सदि सपषट ह पि पकषी जीि िनसपवत सभी की

सरकषा िकत स सवनिवहत इकाई ही कषमािील भी हो सकती ह जो िकतहीन होगा उसक कषमा का या मतलब िह तो उसकी कायरता ही होगी यही िकतहीन कषमािीलता धारण करन की एक

िककपक सभयता विकवसत कर ली थी हमन और

खद को पता नही या या घोवषत करत रहत थ

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राम ईशवर भरी ह और माता करी गोद म िलत मसकरात कौरलयानदन भरी ह राम अखवनाररी ह तो अयोधयावासरी भरी ह वह राजा ह तो परातपर बरहम क ईषट भरी ह वह खरव-रसकत क आधयासतमक आदरव क मखतवमत पाकटय ह खवषण-लकमरी क सकलप सवरप होकर लोक क खनभवय हो जान उसक पालन-पोषण क हत होकर वह सरीतापखत ह

खसयाराम ह शररीराम ह

रामरकषा सतोत म खरव पाववतरी जरी क सवाद म मत आता ह-राम रामखत रामखत रम राम मनोरम सहसरनाम तततलय रामनाम वरानन खरव सवय एकमात रामनाम को हरी मसकत का महामत घोखषत करत ह महखषव वालमरीखक स लकर गोसवामरी तलसरीदास तक रामनाम हरी महामत क रप म कोखट कोखट

भारत क लोकमगल क विहान का समय

आज विर िही शीराम अयोधया म पनः भारत की राजनीवत क आदिष

रामराजय की सकपना को साकार दखन क वलए पनः अपन िभि क साथ अपनी जनमभवम पर विराजमान हो रह ह तो सपणष मानिजावत क वलए भारत की ओर स वनयवत का यह सदि सना

और सनाया जाना ही चावहए वक राम सभी क ह सभी

जन राम क ही ह

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सनािन धमव ससककति कािियी ह और शी रामिनमभतम अयोधया क परनरदार की महान सघषव गाथा इसक कािियी होन का सबस निन परमाण ह भारि क िोकिीरन म भारि क रािनीतिक आदशव म भारि क इतिहास और परराण म भारि की आधयाततमक तरिारधारा म और इसक िन-मन म राम तिस गहराई स

रि-बस ह रह सरय ही इस बाि का परमाण ह तक राम क तबना भारि क अतसितर की भी कलपना नही की िा सकिी राम राषटर ह राषटर क पराण भी ह राम राजय ह और राजय क आदशव भी ह राम भारि क िोक ह उसकी मगिकामना भी ह राम घि-

घि वयापी ईशरर ह िो राम अयोधया म सशरीर परकि होन राि रामििा भी ह

रताबदरी परी आचायव भारत अधययन कदर काररी खहनद खवशवखवदालय वाराणसरी-221005

पोराकर कमार उपाधयाय

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वयाकल जनो क जरीवन म आस-खवशवास िनकर जयोखतत होता खदिाई दता ह बरहमाड करी सकम सारसवतधारा क सपकक स खनखमवत षोडरमातका यकत मानव मसषतषक क भरीतर स उत खनराकार रबद ससार करी खवदतरीय हलचल और उस हलचल स रबद को साकार रप म पररवखतवत करन वाल क क मधय आक खजस परम परमातम धवखन का साकषातकार सनातन काल स ऋखष-मखन करत आ रह ह वह खनरतर गजतरी धवखन मगलकाररी राम ह खनगवण खनराकार ओकार जि साकार होन क याता मागव पर िढता ह तो उस राम िनना हरी पड़ता ह

इसरीखलए भारतरीय सनातन आधयासतमक परपरा म बरहम का अनसधान और लकय सि राम म हरी समाखहत माना गया ह राम रबद क उचारण मात स हरी क स लकर मसषतषक क सववोच खिनद सहसरार तक जो सकम वदत तरग दौड़तरी ह वह राम नाम क महातमय को सवय हरी पकट कर दतरी ह मनषय अपनरी समसत वदना म सभरी कषटो म जि खिलकल हरी खनःसहाय रह जाता ह ति भरी यह रामनाम उसक भरीतर रसकत का सचार करता ह रामनाम का जाप उस खफर स दःि करी धल झाड़कर आननदमागव पर चलन क खलए उतपररत कर दता ह

यहरी कारण ह खक भारत करी आधयासतमक भावधारा राम नाम क िगर एक कदम आग नही िढ सकतरी चाह उस खनगवण रप म सतो न दिा भागवत काधारा पराणकाल म खवकखसत हो गई खजसम राम और कषण समत लोकमगल क खलए भगवान क सभरी अवतारो करी का का समावर हआ कालातर म सवामरी रामाननद क जरीवन स राम-भसकत का खनमवल कमल पसषपत हआ खजसकरी सरधारा म समसत भारत भावखवहवल हो गया किरीर न भरी खजनह गाया और गोसवामरी तलसरीदास स लकर सत रखवदास तक समसत सतरसकत क भरीतर उस पराधरीनता क कालिड म जो आतमजयोखत पकार और रसकत सवरप िनकर पकट हए उसक भरी सकड़ो वषव पवव आज स 2000 साल पवव जि पसशचमरी दरो म सववत ििवरता अटास कर रहरी री और खजसक दारा पररत खवषाण रक-हण आखद ििवर रसकतयो क आकमण क रप भारत क लोकजरीवन को तसत कर रह ति उस कषटकाल िाहय आकमणकाल म सदरवन चकधाररी भगवान खवषण क धनधावररी सवरप को हमाररी राजनरीखत न अपन सममि पकट खकया

रारङगधनष को धारण करन वाल भागवत भगवान खवषण को भारतरीय रासन न अपना आदरव घोखषत खकया फन उाकर सदा फफकारन वाल दररतओ का पलक झपकत हरी भकषण कर रत क समल खवनार करी कटनरीखतक एव राजनरीखतक पजञा स समपनन पकषरीराज गरड़ को ति भारत न अपना राषटखचनह िना खलया भागवत पररत रासन वयवसा खनखमवत करन वाला वह महान गपतवररीय रासन आज भरी हमार इखतहास म सवखणवम यग माना गया ह खजसम स खनकलरी खवकमाखदतय रपरी रासक परपरा न

अयोधया समत समसत भारत खकवा खवशवभर म भगवान खवषण क धनधावररी सवरप अावत शररीराम करी पखतमा को जन-मन का वासतखवक रासक मानकर भारतरीय राजय को पजा क चरणकमलो करी सवा क खलए हरी मानो सदा क खलए पसतत कर खदया ततायग स पवाखहत होतरी आ रहरी शररीराम करी आदरव परपरा को ति नवरीन आधार खमला उनका खवगरह भारत क गाव-गाव म अपन महान सापतय और सवााग सदर सभरी क भरण-पोषण करी वयवसा क सा जन-जरीवन का आदरव िना आयववद धनववद सापतयवद गाधवववद आखद वदो क समसत उपवदो करी जञान गगा म सभरी वणव और सभरी जाखत क लोग सससकत और उपकत हए लौखकक सि-समखद क आधार सवरप खरकषा-कला-कौरल म भारत का आम आदमरी ससार का सिस हनरमद उतपादक समह माना और जाना जान लगा तो यह हर आतमा क भरीतर उपससत परमातमा सवरप शररीराम करी ओर खनरतर दिन और पतयक कायव म उनकरी छखव को खनरिकर कमवयोग को हरी भगवान करी भसकत का महामत भारत न िना खलया

आज खफर वहरी शररीराम अयोधया म पनः भारत करी राजनरीखत क आदरव रामराजय करी सकलपना को साकार दिन क खलए पनः अपन वभव क सा अपनरी जनमभखम पर खवराजमान हो रह ह तो सपणव मानवजाखत क खलए भारत करी ओर स खनयखत का यह सदर सना और सनाया जाना हरी चाखहए खक राम सभरी क ह सभरी जन राम क हरी ह वह मयावदा क आदरव ह समनवय क आधार ह जरीव करी सदगखत ह खनरतर सखजत होत और खमटत जरीवन करी वह सजरीवनरी ह राम रपरी अमत को पाकर हरी मानवता सदा क खलए सतषट और सिरी हो सकतरी ह इसक खसवाय कोई रासता नही ह सखदयो क िाद भारत म हो रह इस खचरपखतखकषत नवखवहानकाल को घखटत होत दि अयोधया समत भारत का वतवमान आनसनदत हो उा ह उसका लोक पसनन होन लगा ह और सारा काला-कलष-कलमष कलप कलप कर खमट रहा ह तो यह भखवषय करी आहट ह खक गगनाचछाखदत घन अधर अि ससार क पागण स खवदा होग और सतय का सयव सववत एकसमान पकार दता हआ पकट होकर हरी रहगा भागयवान ह यह परीढरी और वो लोग जो इस राम-कायव क साकषरी और कारण िन ह और उसस भरी िड़भागरी ह वो खजनहोन अपना सववसव इस राम-काज क खलए समखपवत कर खदया ह

हम भारत क गराम-गराम म राम क उसरी सकलप करी पखतषा करनरी होगरी खजस राम क खिना गराम िन हरी नही सकता राम हमार जरीवन क सि क कारणरप गराम ह तो समसत सकटो स जरीवन को मसकत खदलान वाल सगराम भरी ह ऐस राम करी साधना जितक भारत करगा वह अपन आतमखनभवर धययप पर अखवकल चलता रहगा ऐसा हमार पववजो का पववकाल स हम खदया गया पाय ह

रवामवार रवामचदवार रवामभदवार धस रघनवाथवार नवाथवार सीतवारः पतर नमः

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पथवरी पर ससषट क अससततव का इखतहास कया ह ससषट क जरीवो का इखतहास कया ह जरीवो करी सभयताका इखतहास कया ह यह सि सदा स हरी कौतक क खवषय रह ह समय समय पर सभयताओ क खवकासक सा हरी ततसमय क खवदान लोग इन सभरी खवषयो को जानन करी चषटा करत रह ह हम खफलहालउसक भद खवभद या तकक आखद म नही जाना यह पशन भारत भखम पर अवससत एक नगर कइखतहास स जड़ा ह खजसका नाम ह अयोधया यह इखतहास भरी इसखलए महतवपणव हो जाता ह कयोखकभारत भखम करी यह अयोधया कोई सामानय नगररी या िसतरी या रहर मात नही ह

पाचरीन भारतरीय वागमय गरो शरखतयो समखतयो पराणो और इखतहास क गहन खवचरण और अधययन क िाद जि भरी अयोधया रबद सामन आता ह तो उसरी क सा धरतरी पर मनषय क आखवभावव करी गाा भरी सामन आन लगतरी ह हजारो पमाण इस िात क मौजद ह खक अयोधया नाम का नगर खकसरी ख़ास वगव जातरी धमव मज़हि समपदाय या अवावचरीन खरलपरी दारा िसाया या िनाया गया नही ह अयोधया इस पथवरी पर ति स ह जि स यह ससषट ह अयोधया हरी वह सल

ह जहा मनषय नाम क पाणरी का सिस पहल आखवभावव हआ और मानव सभयता का भरी जनम हआ भारतरीय वागमयो क अधययन और आचायवो ता खचतको का खनषकषव ह खक ससषट करी रचना क समय मनषय क रप म पहल मानव का आखवभावव इसरी अयोधया म हआ धरतरी पर जि ससषटकताव न मनषय को उतार उसस पहल उसन अयोधयापररी दरी और सा म खदया शरखत गरन ताखक खजस पाणरी को वह ससषट क खलए भज रह या उतार रह ह वह शरखत स ससकार पापत कर ससार का सजन कमव आग िढाए

यह तो हमाररी अजञानता या लापरवाहरी ह खक ससषट करी उतपखतत करी उस कहानरी को हम पढ और पढा रह ह खजसम मनषय को िनदर करी सतान िताया जाता ह वासतव म यह हमार अजञान का हरी पररचायक ह हम पसशचम क उस कखत खवजञान को सिकछ मानन लग ह जो चौक चौक कर एक एक कदम चलता ह अपन हरी पखतपादन को आग आकर िाररज़ करता ह पसशचम करी नक़ल क इस यग म हम अपन हरी इखतहास को पररी तौर पर भल गए व कखत सभय लोग खजनम स खकसरी का इखतहास दो हजार साल खकसरी

अयोधा एक दरशन

अयोधया किल एक नगर मातर नही ह िासति म यह पथिी पर मानि जावत की उतपवति उसकी ससककवत

और उसक समगर सभयताओ क विकास की िासतविक

राजधानी ह आवद परष मन का अविभाषि इसी अयोधया

क साथ हआ और उनही मन स मानि समदाय का विकास सभि हो पाया इसक वलए

पकशचम की वकसी अिधारणा म जान की आिशयकता नही बकक किल अपनी

शवतयो समवतयो और सिय क इवतहास को ही जानन की

आिशयकता ह

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इस बरहाणड म सकषट की कपना क साथ ही अयोधया का भी अकसतति ककपत होन लगता ह आज का विजान वजन करोडो बरहाडो की बात

कहता ह उनम स वजस बरहाणड पर हम ह उसकी पथिी और उस पर रची जा चकी सकषट की जानकारी भी बहत जररी ह पथिी क अकसतति का इवतहास या ह इसी विषय पर परसतत ह सजय वतिारी का आलख

अधयकष

भारत ससकखत नयास नयरी खदललरी

तरता यग सर परव तरता यगोपरात और ररवमान सररप

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का डरढ हजार साल का ह उनकरी धारणाओ और उनक कन को मरील का पतर िना कर हम पाठयकम िना खलए और अपन िद क उपलबध लािो वषव क इखतहास को कड़र म दाल खदए एक पसशचमरी आदमरी न कह खदया करी मनषय क पववज िनदर और हमन मान खलया यह जानन का भरी पयास नही खकया खक मनषय रबद आया कहा स ह यहरी स अयोधया करी भरी कहानरी रर होतरी ह भारतरीय शरखतयो और अनय वागमयो म हजारो ऐस पमाण ह जो साखित करत ह खक धरतरी पर पम मानव हमार आखद परष मन हरी हम सभरी मन करी हरी सतान ह इसरी मन रबद स मनषय रबद का भो जनम हआ ह मन क वरज अावत मानव यह खकतन दःि करी िात ह खक िद करी वरावलरी होत हए भरी आज का मानव िदरो म अपनरी वरावलरी करी तलार कर रहा ह

िहरहाल यहा चचाव अयोधया करी हो रहरी ह अयोधया क उस इखतहास करी जो तता यग स पहल तता यग म और तता यग क िाद का ह इसको समझन क खलए जरररी ह करी पहल यगो करी काल गणना को सकषप म जान खलया जाय ससषट का इखतहास कलप म और ससषट म मानव उतपखतत व उतान का इखतहास मनवतरो म वखणवत खकया गया ह और उसक पशचात मनवनतरो का इखतहास यग-यगानतरो म खवसतार स समझाया गया ह

पाचीन गरनथो म मानर इततहास को पाच कलपो म बाटा गया

1 हमत कलप 1 लाि 9 हजार 8 सौ वषव खवकमरीय पवव स आरमभ होकर 85800 वषव पवव तक

2 खहरणय गभव कलप 85800 खवकमरीय पवव स 61800 वषव पवव तक बराहम कलप 60800 खवकमरीय पवव स 37800 वषव पवव तक

3 बराहम कलप 60800 खवकमरीय पवव स 37800 वषव पवव तक

4 पादम कलप 37800 खवकम पवव स 13800 वषव पवव तक

5 वराह कलप 13800 खवकम पवव स आरमभ होकर इस समय तक चल रहा ह

यह भरी सौभागय का खवषय ह खक ससषट का सिस रद काल मापन करी वयवसा भारतरीय पणालरी म मौजद रहरी ह भारत का पाचरीन साखहतय सपषट करता ह खक ससषट क उदभव स अि तक का खकतना समय िरीत चका ह और ससषट करी अि तक करी उमर कया ह

रतिक सरत क अनसारldquo खदतरीयपराधव ववसतमनवनतर अषटाखवरखत ndash कलौ यग ५११६

गताबद ldquo अावत यह ववसत मन का अाईसवा कखल ह खजसक ५११६वषव िरीत चक ह | बरहमा क एक खदन को कलप अवा ससषट समय कहत ह | यह कलप १४ मनवनतरो अवा एक सहसत चतयवखगयो का होता ह | अि तक छह मनवनतर िरीत चक ह | एक मनवनतर लगभग ७१ चतयवखगयो का होता ह | ववसत मन करी २७ चतयवगरी िरीत चकरी ह |

अाईसवी म भरी ( कत तता और दापर ) तरीन यग िरीत चक ह | चौ कखल क भरी ५११९ वषव िरीत चक ह | एक मनवनतर म 71 चतयवखगया होतरी ह एक चतयवग म सतयग ततादापर और

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कखलयग होत ह सतयग म 1728000 वषव तता म 1296000 वषव दापर म 864000 वषव और कखलयग म 432000 वषव होत ह इन चारो यगो म कल 4320000 वषव होत ह 71 चतयवखगयो म कल306720000 वषव होत ह छः मनवनतर अावत 1840320000 वषव पर िरीत चक ह और अि सातव मनवनतर करी 28वी चतयवगरी चल रहरी ह गखणत करक दिा गया ह खक इस गणना क अनसार यह समय 1960853115 वषव िनत ह यहरी समय मानव उतपखतत का ह खगनरीज िक ऑफ वलडङ ररकारसव न कलप को समय का सवावखधक लमिा मापन घोखषत खकया ह

अयोधया मन और मानरभारतरीय वागमय म उपलबध साकय साफ़ साफ़ कहत ह करी

सा हरी साखपत आखद परष मन क सा जो ससकखत रर हई उस ससकखत करी राजधानरी अयोधया को मयावदा परषोततम शररी राम क जनम क सा हरी दवरी मयावदा भरी पापत हो गयरी तता यग म भगवान राम क अवतरण क िाद अयोधया को अगखणत गरो न नए ढग स वयाखयाखयत करना रर कर खदया आज अयोधया करी सापना को ससार पभ शररी राम करी जनमसलरी क रप म पहचानता ह रासत कहत ह खक अयोधया पणयनगररी ह अयोधया करी महतता क िार म पवााचल म एक लोकगरीत पचखलत ह -

गगवा बडी गरोदवारी

तीरथ बडरो परवाग

सबस बडी अररोधरवानगरी

जि रवाम मलररो अतवार

इसस पवव खक अयोघया और मन क उदभव पर िात करी जाय यह जरररी लगता ह खक शररी राम और उनकरी पवव वरावलरी पर दसषटपात कर लरी जाय इस को दिन स िहत स तथय सवयम खमल जात ह

खजसस तता क पवव ता तता म अयोधया करी ससखत और महतता पमाखणत होतरी ह

राम क परवजो का इततहासबरहमाजरी करी उनचाखलसवरी परीढरी म

भगवाम शररीराम का जनम हआ ा ववसवत मन क दस पत -

इल इकवाक करनाम अररषट धषट नररषयनतकरष महािलरी रयावखत और पषध

शररी राम का जनम इकवाक क कल म हआ ा और जन धमव क तरीाकर खनखम भरी इसरी कल क

मन क दसर पत इकवाक स खवकखकष खनखम और दणडक पत उतपनन हए

इस तरह स यह वर परमपरा चलत-चलत हररशचनदर रोखहत वष िाह और सगरतक पहचरी

इकवाक पाचरीन कौरल दर क राजा और इनकरी राजधानरी अयोधया री

रामायण क िालकाड म गर वखरषजरी दारा राम क कल का वणवन खकया गया ह जो इस पकार ह

1 - बरहमाजरी स मररीखच

2 - मररीखच क पत कशयप

3 - कशयप क पत खववसवान

4 - खववसवान क ववसवत मन हएववसवत मन क समय जल पलय हआ ा

5 - ववसवतमन क दस पतो म स एक का नाम इकवाक ा इकवाक न अयोधया को अपनरी राजधानरी िनाया और इस पकार इकवाक कलकरी सापना करी

6 - इकवाक क पत कखकष हए

7 - कखकष क पत का नाम खवकखकष ा

8 - खवकखकष क पत िाण हए

9 - िाण क पत अनरणय हए

10- अनरणय स प हए

11- प स खतरक का जनम हआ

12- खतरक क पत धधमार हए

13- धनधमार क पत का नाम यवनाशव ा

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14- यवनाशव क पत मानधाता हए

15- मानधाता स सससनध का जनम हआ

16- सससनध क दो पत हए- धवससनध एव पसनखजत

17- धवससनध क पत भरत हए

18- भरत क पत अखसत हए

19- अखसत क पत सगर हए

20- सगर क पत का नाम असमज ा

21- असमज क पत अरमान हए

22- अरमान क पत खदलरीप हए

23- खदलरीप क पत भगरीर हए भागरीर न हरी गगा को पथवरी पर उतारा ाभागरीर क पत ककतस

24- ककतस क पत रघ हए रघ क अतयत तजसवरी और पराकमरी नरर होन क कारण उनक िाद इस वर का नाम रघवर हो गयाति स शररी राम क कल को रघ कल भरी कहा जाता ह

25- रघ क पत पवद हए

26- पवद क पत रिण

27- रिण क पत सदरवन हए

28- सदरवन क पत का नाम अखनिवणव ा

29- अखनिवणव क पत ररीघरग हए

30- ररीघरग क पत मर हए

31- मर क पत परशरक

32- परशरक क पत अमिररीष हए

33- अमिररीष क पत का नाम नहष ा

34- नहष क पत ययाखत हए

35- ययाखत क पत नाभाग हए

36- नाभाग क पत का नाम अज ा

37- अज क पत दरर हए

38- दरर क चार पत राम भरत लकमण ता रतघन हए इस पकार बरहमा करी उनचाखलसवरी (39) परीढरी म शररीराम का जनम हआ

मन की उतपतर और अयोधयाअभगचछत रवाजनद दमकवा मशरतवाम

पसमतयरि मपवाणवा शररत भरतषयभ

- मिवाभवारत

सपतचरतरीव क पास खवतसता नदरी करी रािा दखवका नदरी क तट पर मनषय जाखत करी उतपखतत हई

पमाण यहरी ितात ह खक आखद ससषट करी उतपखतत बरहमावतव कषत म हरी हई सवायभव को आखद भरी कहा जाता ह सभरी भाषाओ क मनषय-वाचरी रबद मन मनज मानव आदम आदमरी आखद सभरी मन रबद स पभाखवत ह यह समसत मानव जाखत क पम सदरवाहक ह इनह पम मानन क कई कारण ह ससार क पम परष सवायभव मन और पम सतरी री रतरपा इनही पम परष और पम सतरी करी सनतानो स ससार क समसत जनो करी उतपखतत हई मन करी सनतान होन क कारण व मानव कहलाए मानव उस कहत ह खजसम जड़ और पाण स कही जयादा सखकय ह- मन मनषय म मन करी ताकत ह खवचार करन करी ताकत ह इसरीखलए उस मनषय कहत ह चखक यह सभरी करी सतान ह इसरीखलए मनषयत को मानव भरी कहा जाता ह सवायभव मन क हरी कल म आग चलकर सवायभव सखहत कल कमर 7 मन हए और 7 होना िाकरी ह महाभारत म 8 मनओ का उललि खमलता ह शवतवराह कलप म 14 मनओ का उललि ह इन चौदह मनओ को हरी जन धमव म कलकर कहा गया ह

चौिह मनओ क नाम1 सवायमभ 2 सवरोखचष 3 औततमरी 4 तामस मन 5 रवत 6

चाकषष 7ववसवत 8सयवसावखणव 9 दकष सावखणव 10 बरहम सावखणव 11 धमव सावखणव 12 रदर सावखणव 13 रौचय या दव सावखणव 14 भौत या इनदर सावखणव

पजापतय कलप म बरहमा न रदर रप को हरी सवयभ मन और सतरी रप म रतरपा को पकट खकया सवायभव मन एव रतरपा क कल पाच सनतान ी खजनम स दो पत खपयवरत एव उततानपाद ता तरीन कनयाए आकखत दवहखत और पसखत आकखत का खववाह रखच पजापखत क सा और पसखत का खववाह दकष पजापखत क सा हआ दवहखत का खववाह पजापखत कदवम क सा हआ रखच क आकखत स एक पत उतपनन हआ खजसका नाम यजञ रिा गया इनकरी पतरी का नाम दखकषणा ा कखपल ऋखष दवहखत करी सतान पराणो अनसार इनही तरीन कनयाओ स ससार क मानवो म वखद हई

दकष न पसखत स 24 कनयाओ को जनम खदया इसक नाम शरदा लकमरी पसषट धखत तसषट मधा खकया िखद लजा वप रासनत ऋखद और करीखतव ह तरह का खववाह धमव स खकया और खफर भग स खयाखत का खरव स सतरी का मररीखच स समभखत का अखगरा स समखत का पलसतय स परीखत का पलह स कषमा का कखत स सननखत का अखत स अनसया का वखरषट स ऊजाव का वहव स सवाह का ता खपतरो स सवधा का खववाह खकया आग आन वालरी ससषट इनही स खवकखसत हई दो पत- खपयवरत और उततानपाद उततानपाद करी सनरीखत और सरखच नामक दो पतरी ी राजा उततानपाद क सनरीखत स धव ता सरखच स उततम नामक पत उतपनन हए धव न िहत पखसखद हाखसल करी री सवायभव मन क दसर पत खपयवरत न खवशवकमाव करी पतरी

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िखहषमवतरी स खववाह खकया ा खजनस आनिरीध यजञिाह मधाखतख आखद दस पत उतपनन हए खपयवरत करी दसररी पतरी स उततम तामस और रवत- य तरीन पत उतपनन हए जो अपन नामवाल मनवतरो क अखधपखत हए महाराज खपयवरत क दस पतो म स कखव महावरीर ता सवन य तरीन नसषक बरहमचाररी और उनहोन सनयास धमव गरहण खकया ा महाराज मन न िहत खदनो तक इस सपतदरीपवतरी पथवरी पर राजय खकया उनक राजय म पजा िहत सिरी री इनही न मन समखत करी रचना करी री जो आज मल रप म नही खमलतरी उसक अव का अनव हरी होता रहा ह उस काल म वणव का अव रग होता ा और आज जाखत पजा का पालन करत हए जि महाराज मन को मोकष करी अखभलाषा हई तो व सपणव राजपाट अपन िड़र पत उततानपाद को सौपकर एकानत म अपनरी पतरी रतरपा क सा नखमषारणय तरीव चल गए लखकन उततानपाद करी अपकषा उनक दसर पत राजा खपयवरत करी पखसखद हरी अखधक रहरी मन न सनदा नदरी क खकनार सौ वषव तक तपसया करी दोनो पखत-पतरी न नखमषारणय नामक पखवत तरीव

म गौमतरी क खकनार भरी िहत समय तक तपसया करी उस सान पर दोनो करी समाखधया िनरी हई ह

सवायमभ मन क काल क ऋखष मररीखच अखत अखगरस पलह कत पलसतय और वखरष हए राजा मन सखहत उकत ऋखषयो न हरी मानव को सभय सखवधा सपनन शरमसाधय और सससकत िनान का कायव खकया

मानर ससककतत की राजधानी अयोधया अयोधया कवल एक नगर मात नही ह वासतव म यह पथवरी पर

मानव जाखत करी उतपखतत उसकरीससकखत और उसक समगर सभयताओ क खवकास करी वासतखवक राजधानरी ह आखद परष मन का आखवभावव

इसरी अयोधया क सा हआ और उनहरी मन स मानव समदाय का खवकास सभव हो पाया इसक खलए पसशचम करी खकसरी अवधारणा म जान करी आवशयकता नही िसलक कवल अपनरी शरखतयो समखतयो और सवय क इखतहास को हरी जानन करी आवशयकता ह पसशचमरी इखतहासकारो जरीवराससतयो परावजञाखनको जरीवाशम खवजञाखनयो अवा दारवखनको न ससषट और मनषय करी उतपखतत को लकर चाह जरीतनरी वयाखयाए दरी हो परत उनकरी कोई वयाखया अभरी तक सटरीक नही पायरी गयरी उनकरी साररी िोज कछ हज़ार वषवो पवव स रर होकर खमट जातरी ह और इसरीखलए व कोई नतरीजा नही द पात उनक पास आधार साखहतय हरी नही ह इसखलए उनकरी अवधारणाओ को वासतखवकता करी कसौटरी िाररज़ कर दतरी ह उदाहरण क खलए उनकरी िनदर स मनषय क खवसकसत होन करी अवधारणा यखद सहरी होतरी तो आज धरतरी पर िदर नही होन चाखहए कयो करी िदर को खवसकसत होकर मनषय िन जाना चाखहए ा वासतखवकता यह ह खक ससषट क उदभव और उसक समगर खवकास करी गाा हमाररी शरखतयो

और अनय वागमयो म उपलबध ह लखकन दभावगय ह खक हमार यहा उन पर कोई कारगर अधययन या रोध नही हो पाया शरखत परपरा का जञान हम खमलता तो रहा लखकन िरीत हज़ार वषवो म भारत पर दसररी सभयताओ क हमलो न हमारो उस खवरासत को तोड़ा और हमाररी जञानाजवन करी अपनरी परपरा खवलपत हो गयरी अभरी माता 70 साल पहल हरी हम आज़ाद हए ह लखकन खवडमिना ह खक अि जञानाजवन करी कवल पसशचमरी परमपराओ पर हम जरीन लग ह वह पसशचम खजसक पास खरकषा और जञान का कल अनभव हरी महज कछ सौ सालो का ह

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सभी महापरषो का उदभर सथल अयोधया भारत वषव क चाह खजतन नाम हो इसक चाह खजतन भरी सवरप

और दरवन रह हो पर सभरी क मल म अयोधया हरी खमलतरी ह चाह भरत हो धव हो मानधाता हो िखल हो सगर भगरीर खदलरीप प सतयवादरी हररशचनदर या खवदह महाराज जनक हरी कयो न हो सभरी पर भारत को गवव ह और इन सभरी का समिनध अयोधया स हरी ह इसरी पकार हमाररी ऋखष परमपरा म गर वखरष खवशवाखमत गौतम ररभग शरगरी परररामस लकर रतानद तक सभरी ऋखष मखन और तपससवयो क खलए अयोधया हरी कमवभखम रहरी ह

वासतव म इस ससषट म कवल एक माता अयोधया हरी ह खजसन सभरी यगो क सभरी सभयताओ को जनम लत फलत फलत खवसकसत होत और नषट दिा ह अयोधया हरी साकषरी ह सतयग करी अयोधया हरी साकषरी ह सतयग म दव मानव और उस समय करी अनय ससकखतयो क सघषव करी अयोधया न हरी तता यग म मानव और रकष सभयताओ का सघषव दिा ह अयोधया न हरी दापर म ससकारो और पररवारो का सघषव भरी दिा ह अयोधया हरी ह जो अि मनषय और उसकरी शवास क िरीच का सघषव भरी दि रहरी ह

इततहास म अयोधयाऐखतहाखसक दसतावज ितात ह खक अयोधया रघवररी राजाओ

करी िहत परानरी राजधानरी री ऐसरी धारणा ह खक सवय मन न अयोधया का खनमावण खकया ा वालमरीखक रामायण सपता चलता ह खक सवगावरोहण स पवव रामचदरजरी न कर को करावतरी नामक नगररी का राजा िनायाा शररीराम क पशचात अयोधया उजाड़ हो गई री कयोखक उनक उततराखधकाररी कर न अपनरी राजधानरी करावतरी म िना लरी री काखलदास क महाकावय रघवर स जञात होता ह खक अयोधया करी दरीन-हरीन दरा दिकर कर न अपनरी राजधानरी पन अयोधया म िनाई री महाभारतम अयोधया क दरीघवयजञ नामक राजा का उललि ह खजस भरीमसन न पववदर करी खदसगवजय म जरीता ा घटजातक म अयोधया (अयोजझा) क कालसन नामक राजा का उललि ह गौतमिद क समय कोसल क दो भाग हो गए - उततरकोसल और दखकषणकोसल खजनक िरीच म सरयनदरी िहतरी री अयोधया या साकत उततररी भाग करी और शरावसतरी दखकषणरी भाग करी राजधानरी री इस समय शरावसतरी का महतव अखधक िढा हआ ा िौद काल म हरी अयोधया क खनकट एक नई िसतरी िन गई री खजसका नाम साकत ा िौद साखहतय म साकत और अयोधया दोनो का नाम सा-सा भरी खमलता ह खजसस दोनो क खभनन अससततव करी जानकाररी पापत होतरी ह िालमरीखक रामायण म अयोधया का उललि कोरल जनपद करी राजधानरी क रप म खकया गया ह पराणो म इस नगर क सिध म कोई खवरष उललि नही खमलता ह परनत इस नगर क रासको करी वरावखलया अवशय खमलतरी ह जो इस नगर करी पाचरीनता एव महतव क पामाखणकसाकय ह बराहमण साखहतय म इसका वणवन एक गराम क रप म खकया गया ह ऐसा वणवन खमलता

ह खक सत और मागध उस नगररी म िहत अयोधया िहत हरी सनदर नगररी री अयोधया म ऊचरी अटाररयो पर धवजाए रोभायमान ी और सकड़ो रतखघनया उसकरी रकषा क खलए लगरी हई ी राम क समय यह नगर अवध नाम करी राजधानरी स सरोखभत ा अभरी उपलबध िौद गरनो क अनसार अयोधया पवववतरी ता साकत परवतती राजधानरी री भारतवषव क पखवत सानो म इसका नाम खमलता ह पखयात चरीनरी यातरी फ़ाहयान न इसका lsquoरा-चrsquo नाम स उललि खकया हजो कननौज स 13 योजन दखकषण-पवव म ससत ा

एक इखतहासकार मललसकर न पाखल-परपरा क साकत को सई नदरी क खकनार उननाव खज़ल म ससत सजानकोट क िडहरो स समरीकत खकया ह नाखलयाकष दतत एव कषणदतत िाजपयरी न भरी इसका समरीकरण सजानकोट स खकया ह रगाा अटका म साकत को सरय नदरी कखकनार िताया गया ह अत सभव ह खक पाखल का साकत आधखनक अयोधया हरी हो

अयोधया क पाचीन अतभलरखरग वर क पम रासक पषयखमत (खदतरीय रतरी ई प) का

एक खरलालि अयोधया स पापत हआ ा खजसम उस सनापखत कहा गया ह ता उसक दारा दो अशवमध यजञो क खलए जान का वणवन ह अनक अखभलिो स जञात होता ह खक गपतवररीय चदरगपत खदतरीय क समय (चतवरतरी ई का मधयकाल) और ततपशचात काफ़री समय तक अयोधया गपत सामराजय करी राजधानरी री गपतकालरीन महाकखव काखलदासन अयोधया का रघ वर म कई िार उललि खकया ह काखलदास न उततरकौरल करी राजधानरी साकत और अयोधया दोनो हरी का नामोललि खकया ह इसस जान पड़ता ह खक काखलदास क समय म दोनो हरी नाम पचखलत रह होग मधयकाल म अयोधया का नाम अखधक सनन म नही आता ा यवानचवाग क वणवनो स जञात होता ह खक उततर िदकाल म अयोधया का महतव घट चका ा

कावय सातहतय म अयोधयाअयोधया का उललि महाकावयो म खवसतार स खमलता ह

रामायण क अनसार यह नगर सरय नदरी क तट पर िसा हआ ा ता कोरल राजय का सववपमि नगर ा अयोधया को दिन स ऐसा पतरीत होता ा खक मानो मन न सवय अपन हाो क दारा अयोधया का खनमावण खकया हो अयोधया नगर 12 योजन लमिाई म और 3 योजन चौड़ाई म फला हआ ा खजसकरी पसषट वालमरीखक रामायण म भरी होतरी ह एक परवतती जन लिक हमचनदर न नगर का कषतफल 12times9 योजन ितलाया ह जो खक खनसशचत हरी अखतरखजत वणवन ह साकयो क अवलोकन स नगर क खवसतार क खलए कखनघम का मत सवावखधक महतवपणव लगता ह उनकरी मानयता ह खक नगर करी पररखध 12 कोर (24 मरील) री जो वतवमान नगर करी पररखध क अनरप ह अयधया खहनदओ और जखनयो का एक पखवत तरीवसलह और इसका उललि सपतपररयो म सववपम खकया जाताह पराणो क

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अनसार इन सात पररयो या तरीथो को मोकषदायक कहा गया ह इनका सखकषपत खववरण इस पकार ह-

कवाशी कवाची चमवारवाखरवातररोधरवाविवारतरमप

मथरवाऽननतकवा चतवाः सपतपरयोऽरि मरोकषदवाः

अररोधरवा-मथरवामवारवाकवाशीकवाचीतननतकवा

परी विवारवातीच सपतत मरोकषदवामरकवाः

1 अयोधयाशररीराम का जनम यही हआ ा राम करी जनम-भखम अयोधया

उततर पदर म सरय नदरी क दाए तट पर ससत ह अयोधया खहनदओ क पाचरीन और सात पखवत तरीवसलो म स एक ह अयोधया को अवववद म ईशवर का नगर िताया गया ह और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह रामायण क अनसार अयोधया करी सापना मन न करी री कई रतासबदयो तक यह नगर सयव वर करी राजधानरी रहा अयोधया एक तरीव सान ह और मल रप स मखदरो का रहर ह यहा आज भरी खहनद िौद इसलाम और जन धमव स जड़र अवरष दि जा सकत ह जन मत क अनसार यहा आखदना सखहत पाच तरीाकरो का जनम हआ ा

2 मथरापराणो म मरा क गौरवमय इखतहास का खवषद खववरण खमलता

ह अनक धमथो स सिखधत होन क कारण मरा म िसन और रहन का महतव कमर िढता रहा ऐसरी मानयता री खक यहा रहन स पाप रखहत हो जात ह ता इसम रहन करन वालो को मोकष करी पाखपत होतरी ह वराह पराण म कहा गया ह खक इस नगररी म जो लोग रधद खवचार स खनवास करत ह व मानव क रप म साकषात दवता ह शराद कमव का खवरष फल मरा म पापत होता ह मरा म शराद करन वालो क पववजो को आधयासतमक मसकत खमलतरी ह उततानपाद क पत धव न मरा म तपसया कर क नकषतो म सान पापत खकया ा पराणो म मरा करी मखहमा का वणवन ह पथवरी क यह पछन पर खक मरा जस तरीव करी मखहमा कया ह महावराह न कहा ा- मझ इस वसधरा म पाताल अवा अतररकष स भरी मरा अखधक खपय ह वराह पराण म भरी मरा क सदभव म उललि खमलता ह यहा करी भौगोखलक ससखत

का वणवन खमलता ह यहा मरा करी माप िरीस योजन ितायरी गयरी ह इस मडल म मरा गोकल वनदावन ोवधवन आखद नगर गराम एव मखदर तड़ाग कणड वन एव अनगखणत तरीथो क होन का खववरण खमलता ह इनका खवसतत वणवन पराणो म खमलता ह गगा क समान हरी यमना क गौरवमय महतव का भरी खवरद खववरण खकया गया ह पराणो म वखणवत राजाओ क रासन एव उनक वरो का भरी वणवन पापत होता ह

3 हररदारहररदार उततरािड म ससत भारत क सात सिस पखवत तरीव

सलो म एक ह भारत क पौराखणक गरो और उपखनषदो म हररदार को मायापररी कहा गया ह गगा नदरी क खकनार िसा हररदार अावत हरर तक पहचन का दार ह हररदार को धमव करी नगररी माना जाता ह सकडो सालो स लोग मोकष करी तलार म इस पखवत भखम म आत रह ह इस रहर करी पखवत नदरी गगा म डिकरी लगान और अपन पापो का नार करन क खलए साल भर शरदालओ का आना जाना यहा लगा रहता ह गगा नदरी पहाड़री इलाको को परीछर छोड़तरी हई हररदार स हरी मदानरी कषत म पवर करतरी ह

4 काशीवाराणसरी काररी अवा िनारस भारत दर क उततर पदर का

एक पाचरीन और धाखमवक महतता रिन वाला रहर ह वाराणसरी का पराना नाम काररी ह वाराणसरी खवशव का पाचरीनतम िसा हआ रहर ह यह गगा नदरी खकनार िसा ह और हज़ारो साल स उततर भारत का धाखमवक एव सासकखतक कनदर रहा ह दो नखदयो वरणा और अखस क मधय िसा होन क कारण इसका नाम वाराणसरी पडा िनारस या वाराणसरी का नाम पराणो रामायण महाभारत जस अनकानक गरनो म खमलता ह

5 काचीपरमकाचरीपरम तरीवपररी दखकषण करी काररी मानरी जातरी ह जो चननई

स 45 मरील करी दररी पर दखकषणndashपसशचम म ससत ह काचरीपरम को काचरी भरी कहा जाता ह यह आधखनक काल म काचरीवरम क नाम स भरी पखसद ह ऐसरी अनशरखत ह खक इस कषत म पाचरीन काल म बरहमा जरी न दवरी क दरवन क खलय तप खकया ा मोकषदाखयनरी सपत पररयो अयोधया मरा दारका माया(हररदार) काररी और अवसनतका (उजन) म इसकरी गणना करी जातरी ह काचरी हररहरातमक पररी ह इसक दो भाग खरवकाचरी और खवषणकाचरी ह

6 अरततकाउजखयनरी का पाचरीनतम नाम अवसनतका अवसनत नामक राजा

क नाम पर ा इस जगह को पथवरी का नाखभदर कहा गया ह महखषव सानदरीपखन का आशरम भरी यही ा उजखयनरी महाराज खवकमाखदतय

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करी राजधानरी री भारतरीय जयोखतष रासत म दरानतर करी रनय रिा उजखयनरी स पारमभ हई मानरी जातरी ह इसकाखलदास करी नगररी क नाम स भरी जाना जाता ह यहा हर 12 वषव पर खसहस कभ मलालगता ह भगवान खरव क 12 जयोखतखलागो म एक महाकाल इस नगररी म ससत ह

7 दारकादारका का पाचरीन नाम ह पौराखणक काओ क अनसार

महाराजा रवतक क समदर म कर खिछाकर यजञ करन क कारण हरी इस नगररी का नाम करसलरी हआ ा िाद म खतखवकम भगवान न कर नामक दानव का वध भरी यही खकया ा खतखवकम का मखदर दारका म रणछोड़जरी क मखदर क खनकट ह महाराज रवतक (िलराम करी पतरी रवतरी क खपता) न पम िार समदर म स कछ भखम िाहर खनकाल कर यह नगररी िसाई होगरी हररवर पराण क अनसारकरसलरी उस पदर का नाम ा जहा यादवो न दारका िसाई री खवषण पराण क अनसार अावत आनतव क रवत नामक पत हआ खजसन करसलरी नामक पररी म रह कर आनतव पर राजय खकया खवषण पराण स सखचत होता ह खक पाचरीन करावतरी क सान पर हरी शररीकषण न दारका िसाई री करसलरी या तव भप रमया पररी पराभदमरावतरीव सा दारका सपखत तत चासत स करवारो िलदवनामा

सात पररयो क अनतसवमबनध इस िात क भरी ऐखतहाखसक पमाण ह खक इन सातो पररयो क

अतवसिध भरी िहत गहर ह अयोधया मरा काररी हररदार काचरीपरम अवखतका या उजखयनरी और दाररका क िार म खवसतार स चचाव समरीचरीन नही ह खकनत भारत वषव म खनवास करन वाल पतयक सनातन मनषय क खलए इन सभरी सात पररयो करी ख़ास महतता ह ख़ास यह ह खक इनम स खकसरी करी चचाव रर करी जातरी ह तो सातो करी चचाव हो हरी जातरी ह

मधयकाल म अयोधयामधयकाल म मसलमानो क उतकषव क समय अयोधया िचाररी

उपखकषता हरी िनरी रहरी यहा तक खक मगल सामराजय क ससापक िािर क एक सनापखत न खिहार अखभयान क समय अयोधया म शररीराम क जनमसान पर ससत पाचरीन मखदर को तोड़कर एक मससजद िनवाईखजसकोलकर खवगत कई दरको स खववाद िना हआ ह मससजद म लग हए अनक सतभ और खरलापटट उसरी पाचरीन मखदर क क हरी

अयोधया क वतवमान मखदर कनकभवन आखद अखधक पाचरीन नही ह और वहा यह कहावत पचखलत ह खक सरय को छोड़कर रामचदरजरी क समय करी कोईखनरानरी नही ह कहत ह खक अवध क नवािो न जि फ़ज़ािाद म राजधानरी िनाई री तो वहा क अनक

महलो म अयोधया क परान मखदरो करी सामगररी उपयोग म लाई गई री

बौदध सातहतय म अयोधयािौद साखहतय म भरी अयोधया का उललि खमलता ह गौतम िद

का इस नगर स खवरष समिनध ा उललिनरीय ह खक गौतम िद क इस नगर स खवरष समिनध करी ओर लकय करक मसजझमखनकाय म उनह कोसलक (कोरल का खनवासरी) कहा गया ह

धमव-पचाराव व इस नगर म कई िार आ चक एक िार गौतम िद न अपन अनयाखययो को मानव जरीवन करी खनसवारता ता कषण-भगरता पर वयाखयान खदया ा अयोधयावासरी गौतम िद क िहतिड़र परसक और उनहोन उनक खनवास क खलए वहा पर एक खवहार का खनमावणभरी करवाया ा सयकतखनकाय म उललि आया ह खक िद न यहा करी याता दो िार करी री उनहोन यहा फण सकत और दारकिधसकत का वयाखयान खदया ा

अयोधया और साकतअयोधया और साकत दोनो नगरो को कछ खवदानो न एक हरी

माना ह काखलदास न भरी रघवर म दोनो नगरो को एक हरी माना ह खजसका समवन जन साखहतय म भरी खमलता ह कखनघम न भरी अयोधया और साकत को एक हरी नगर स समरीकत खकया ह इसक खवपररीत खवखभननखवदानो न साकत को खभनन-खभनन सानो स समरीकत खकया ह इसकरी पहचान सजानकोट आधखनकलिनऊ कसती परा (पसाका) और तसरन खिहार इलाहािाद स 27 मरील दर ससत ह) स करी गई ह इस नगर क समरीकरण म उपयवकत खवदानो क मतो म सवल पमाणो काअभाव दसषटगत होता ह िौद गरनो म भरी अयोधया और साकत को खभनन-खभनन नगरो क रप म पसतत खकया गया ह वालमरीखक रामायण म अयोधया को कोरल करी राजधानरी िताया गया ह और िाद क ससकत गरनो म साकत स खमला खदया गया ह अयोधयाको सयकतखनकाय मएक ओर गगा क खकनार ससत एक छोटा गाव या नगर ितलाया गया ह जिखक साकत उसस खभनन एक महानगर ा अतएव खकसरी भरी दरा म य दोनो नाम एक नही हो सकत ह

जन गरनथ क अनसारजन गरन खवखवधतरीवकलप म अयोधया को ऋषभ अखजत

अखभनदन समखत अननत और अचलभान- इन जन मखनयो का जनमसान माना गया ह नगररी का खवसतार लमिाई म 12 योजन और चौड़ाई म 9 योजन कहा गया ह इस गरन म वखणवत ह खक चकशवररी और गोमि यकषअयोधया क खनवासरी घघवर-दाह और सरय का अयोधया क पास सगम िताया ह और सयकत नदरी को सवगवदारा नाम स अखभखहत खकया गया ह नगररी स 12 योजन पर अषटावट या अषटापद पहाड़ पर आखद-गर का कवलयसान माना गया ह इस गरन म यह भरी वखणवत ह खकअयोधया क चारो दारो पर

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24 जन तरीाकरो करी मखतवया पखतषाखपत ी एक मखतव करी चालकय नरर कमारपाल न पखतषापना करी री इस गरन म अयोधया को दरर राम और भरत करी राजधानरी िताया गया ह जनगरनो म अयोधया को खवनरीता भरी कहा गया ह

जन गर महापराण (आखदपराण) क अनसार करोड़ो वषव पवव अयोधया म पाच तरीाकरो क जनम तो हए हरी ह सा हरी वहा अनय अनक इखतहास भरी जड़ अयोधया म वतवमान म रायगज पररसर म 31 फट उततग भगवान ऋषभदव करी िरगासन पखतमा खवराजमान ह वहा पखतवषव चतकषण नवमरी क खदन भगवान ऋषभदव क जनम कलयाणक खदवस का वाखषवक मला आयोखजत होता ह खजसम हज़ारो शरदाल भकत भाग लकर पणयलाभ पापत करत ह अयोधया म सवगवदार मोहलल म ऋषभदव का सनदर खजन मखदर िना ह वह भगवान का वासतखवक जनम सानमाना जाता ह सरय नदरी क खनकट हरी भगवान ऋषभदव उदान िहत सदर िना हआ ह जहा दर- खवदर क हज़ारो पयवटक पखतखदन आकर पाकखतक सौदयव का आनद लत ह

राज डतरडस क अनसारराज डरखवरस का कन ह खक दोनो नगर वतवमान लदन और

वसटखमसटर क समान एक-दसर स सटर रह होग जो कालानतर म खवकखसत होकर एक हो गय अयोधया समभवत पाचरीन राजधानरी री और साकत परवतती राजधानरी खवरदाननद पाक भरी राज डरखवरस क मत का समवनकरत ह और पररवतवन क खलए सरय नदरी करी धारा म पररवतवन या खकसरी पाकखतक कारण को उततरदायरी मानत ह खजसक कारण अयोधया का सकचन हआ और दसररी तरफ़ नई खदरा म परवतती काल म साकत का उदभव हआ

साकय साकयो क अवलोकन स दोनो नगरो क अलग-अलग अससततव

करी सावकता खसद हो जातरी ह ता साकत क परवतती काल म खवकास करी िात सतय क अखधक समरीप लगतरी ह इस सनदभव म ई ज ामस रामायण करी परमपरा को िौद परमपरा करी अपकषा उततरकालरीन मानत ह उनकरीमानयता ह खक पहल कोरल करी राजधानरी शरावसतरी री और जि िाद म कोरल का खवसतार दखकषण करी ओर हआ तो अयोधया राजधानरी िनरी जो खक साकत क हरी खकसरी खवजयरी राजा दारा खदया हआ नाम ा

परवाततमदो कवा मत कछ पराततवखवदो या-पो बरजवासरी लाल ता हसमि

धरीरजलाल साकखलया न रामायण इतयाखद म वखणवत अयोधया करी पहचान नगर करी भौगोखलक ससखत पाचरीनता एव सासकखतक अवरषो का अधययन खकया रामायण म वखणवत उपयवकत खववरणो क अनतर करी वयाखया भरी पसतत करी ह इन दोनो खवदानो का यह मत ा खक परातासतवक दसषट स न कवल अयोधया करी पहचान करी जा

अयोधया का इततहास पसतक सर महतरपरव अश-अयोधया वजस अिध और साकत भी कहत ह

अतयत पारीन नगरी ह यह पहल उततरकोशल की राजधानी थी वजसम सख-सममवद क साथ वहनद लोग वजस िसत की आकाकषा करत या वजसका आदर-सममान करत ह िह सब पाप हो रका था जसा वक अब वमलना असभि ह और जो उस तजधारी राजिश का वनिास सथान था जो सयशदि स उतपन हआ और वजसम 60 वनदवोष शासको क पीछ मयाशदा परषोततम शीरामरदर का अितार हआ इस िीर को ऐवतहावसक समालोरना स मनषय की कलपना का सिवोततम वनसगश वसद कर या अदरधऐवतहावसक सथान द इस पर विरार करना वयथश ह इवतहास का उस पभाि स समबध ह जो इनक ररररि का इस बड़ी आयशजावत क सामावजक और धावमशक विशिास पर ह और इवतहास यह भी दखता ह वक इनकी जनम-भवम की यारिा को बड़ी शदा और भकत स यावरियो की ऐसी भीड़ आती ह जसी वकसी दसर तीथश म नही अयोधया का नाम 7 तीथषो म सबस पहल आया ह-अयोधया मथररा माया काशी काञी हररतनिका पररी दारारिीिर सपिा मोकदातयकाछद म अयोधया का नाम पहल आना उसक

पाधानय का पमाि नही परत यह ठीक नही एक पवसद शलोक और ह वजसस पकट ह वक अयोधया-तीथश-रपी विषि का मसतक ह-विषिो पादमिकनतका गििती मधय र काञीपरीननातभ दाररिीनिथा ि हदय मायापररी परणयदामगीरामिमरदाहरतनि मथररा नासाञ राराणसीमएिदबाहमतरदो रदतनि मरनयोऽयोधयापररी

मसिकमशष 6 तीथषो म स अनक की बड़ाई इसी कोशल-

राजधानी क समबध स हई ह शीककषि जी क जनम स पहल मथरा को शरिघन न बसाया था वजनको शीरामरदर न यमनातट पर बस हए तपकसियो क सतान िाल लिि को मारन क वलए भजा था माया या मायापरी हररदार का नामातर ह जहा अयोधया क राजा भगीरथ की लाई हई गगा पहाड़ो स वनकलकर मदान म आती ह और काशी अयोधया की शमशान- भवम ह इन वदनो भी अयोधया जन-मतािलकमबयो का ऐसा ही तीथश ह जसा वहनदओ

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सकतरी ह रामायण म वखणवत अनय सान या- ननदरीगराम शरगवरपर भारदाज आशरम पररयर एव वालमरीखक आशरम भरी खनसशचत रप स पहचान जा सकतह इस सनदभव म पो बरजवासरी लाल दारा खवरद रप म खकए गए परातासतवक सववकषण एव उतिनन उललिनरीय ह परातासतवक आधार पर पो लाल न रामायण म उपयवकत सानो करी पाचरीनता को लगभग सातवी सदरीई प म रिा इस साकय क कारण रामायण एव महाभारत करीपाचरीनता का जो कम ा वह पररवखतवत हो गया ता महाभारत पहल का पतरीत हआ इस पकार पो लाल ता साकखलया का मत हमचनदर राय चौधररी क मत स खमलता ह शररी रायचौधररी का भरी कन ा खक महाभारत म वखणवत सान एव घटनाए रामायण म वखणवत सान एव घटनाओ क पवव करी ह

मनीश चनद जरोशी कवा मत शररी मनरीर चनदर जोररी न पो लाल एव साकखलया क इस मत करी

िलकर आलोचना करी ता तखततररीय आरणयक म उदत अयोधया क उललि का वणवन करत हए यह मत पसतत खकया-

जि तखततररीय आरणयक करी रचना हई उस समय मनरीखषयो करी नगररी अयोधया एव उसकरी ससकखत (अगर यह री तो) को लोग पणवत भल गय अयोधया पणवत पौराखणक नगररी पतरीत होतरी ह आधखनक अयोधया और राम स इसका साहचयव परवतती काल का पतरीत होता ह इन आधारो पर शररी जोररी न कहा खक वखदक या पौराखणक सामगररी क आधार पर परातासतवक साकयो का समरीकरण न तो गराहय ह और न हरी उखचत उनका यह भरी कन ा खक अखधकतर भारतरीय पौराखणक एव वखदक सामगररी का उपयोग धमव एव अनषान क खलए खकया गया ाऐखतहाखसक रप स उनकरी सतयता सखदगध ह

परो बरजवासी लवाल कवा मत शररी जोररी क मतो का िणडन पो बरजवासरी लाल न पराततव

म छप अपन एक लि म खकया ह शररी लाल का कहना ह खक शररी जोररी का पम मत उनक ततरीय मत स मल नही िाता उनका कहना ह खक पम तो जोररी यह मानन को तयार हरी नही होत एव खदतरीय यह सपषट नही हखक राम एव आधखनक अयोधया का समिनध खकस काल म एव कस जोड़ा गया पो लाल का कहना ह खक अयोधया रबद न कवल तखततररीय आरणयक म ह िसलक इसका उललि अवववद म भरी खमलता ह इसक खवसतत अधययन स अयोधया रबद का पयोग अयोधया नगररी स हरी नहीिसलक अजय स खलया जा सकता ह तखततररीय आरणयक म वखणवत अयोधया नगररी का समरीकरण उनहोन मनषय रररीर स खकया ह ता शररीमदभागवदगरीता म आए उस शलोक का खजक़र खकया ह खजसम रररीर नामक नगर का वणवन ह शररी लाल का कहना ह खक तततररीय आरणयकअवववद ता शररीमदभगवदगरीता म रररीर क एक समान उललि खमलत ह खजसम कहा गया ह खक दवताओ करी इस सवखणवम नगररी क आ चक (पररकषत) और नौ दार ह जो खक हमरा पकारमान रहता ह नगर क पकारमान होन करी वयाखया मनषय क धयानमनि होन

का 24 तीथथकरो म स 22 इकिाकिशी थ और उनम स सबस पहल तीथथकर आवदनाथ (ऋषभदि जी) का और 4 और तीथथकरो का जनम यही हआ थाबौदमत की तो कोशला जनमभवम ही माननी

रावहए शायमवन की जनमभवम कवपलिसत और वनिाशिभवम कवशनगर दोनो कोशला म थ अयोधया म उनहोन अपन मत की वशकषा दी और ि वसदात बनाए वजनस जगतपवसद हए और कवशनगर म उनह िह पद पाप हआ वजसकी बौदमत िाल आकाकषा करत

और वजस वनिाशि कहत ह सयशिश क असत होन पर 80 िषश तक अयोधया शकतशाली गपो की राजधानी रही ह सोलकी राजाओ क विषय म कछ ऐस पमाि वमल ह वजनस विवदत होता ह वक यह लोग अयोधया स ही पहल दवकषि गए और िहा सालकी (रालय) राजय सथावपत वकया िहा स गजरात आए जहा अनहलिाड़ को राजधानी बनाकर बहत वदनो तक शासन करत रह परत यह अभी तक वनकशरत नही हआ वक सोलकी जो अपन को रदरिशी मानत ह अयोधया क वसहासन पर कब बठ थराजा साहब सतारा क पास की एक िशािली स विवदत होता ह वक रादरसनीय कायसथ सरयतट पर अयोधया (अजोढा) और मविपर (आजकल का मनकापर) स गए थ पवसद इवतहास-ममशजञ सीिाई िद न वहनद भारत क अत म वलखा ह वक अतयत पारीन काल म अयोधया म वहनदी सावहतय की उतपवतत हई सामानय लोगो को यह सनकर भी आशरयश होगा वक मसलमान भी अयोधया को अपना बड़ा तीथश मानत ह मदीनतल-औवलया नाम क उदश गरथ म जो अयोधया स पकावशत हआ ह वलखा ह वक अयोधया म आदम क समय स आज तक अनक औवलया और पीर हए ह मसलमान निाब िजीरो क राज म अयोधया ही का एक अश फजाबाद क नाम स 3 निाब िजीरो की राजधानी रहा शजाउदौला क शासन म इसकी शोभा दखकर यरोपीय यारिी रवकत होत थ सावहतयरतन वहनदी सधाकर रायबहादर शी अिधिासी लाला सीताराम बीए या कहत ह

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क पशचातजञान जयोखत क पापत होन करी ससखत स करी गई ह आ चको (पररकषतो) का समरीकरण आ धमखनयो क जाल-नरीच करी मलधारा स रर होकर ऊपर करी सहसर धारा तक-स करी गई ह नवदारो का समरीकरण रररीर क नवदारो-दो आि नाक क दो दार दो कान मि गदा एवखरशन- स खकया गया ह

पो बरजवासरी लाल न शररी मनरीरचनदर जोररी क रोधपत एव समिसनधत सामगररी का खवसतत खववचन करक अपन इस मत का पषटरीकरण खकया खक आधखनक अयोधया एव रामायण म वखणवत अयोधया एक हरी ह यखद परातासतवक सामगररी एव रामायण म वखणवत सामगररी म मल नही िातातो इसका अव यह नही खक अयोधया करी पहचान गलत ह या खक वह पौराखणक एव कालपखनक नगर ा वासतव म दोनो सामखगरयो क मल न िान का मखय कारण रामायण क मल म खकया गया िार-िार पररवतवन ह

चीनी रवामरिरो कवा रवारिवा मरणचरीनरी यातरी फ़ाहयान न अयोधया को रा चनाम स अखभखहत खकया

ह उसक याता खववरण म इस नगर का अतयनत सखकषपत वणवन खमलता ह फ़ाहयान क अनसार यहा िौदो एव बराहमणो म सौहादव नही ा उसन यहा उन सानो को दिा ा जहा िद ित और टहलत इससान करी समखतसवरप यहा एक सतप िना हआ ा

हन तसवागहवन तसाग नवदवकल नगर स दखकषण पवव 600 लरी याता करक

और गगा नदरी पार करक अयधा (अयोधया) पहचा ा यह समपणव कषत 5000 लरी ता इसकरी राजधानरी 20 लरी म फलरी हई री यह असग एव िसिध का असायरी खनवास सान ा यहा फ़सल अचछरी होतरी ी और यह सदव पचर हररीखतमा स आचछाखदत रहता ा इसम वभव रालरी फलो क िाग ता यहा करी जलवाय सवासथयवधवक री यहा क खनवासरी खरषट आचरण वाल खकयाररील एव वयावहाररक जञान क उपासक इस नगर म 100 स अखधक िौद खवहार और 3000 स अखधक खभकषक जोमहायान और हरीनयान मतो क अनयायरी यहा 10 दव मसनदर खजनम अिौदो करी सखया अपकषाकत कम री

हवन तसाग खलित ह खक नगर क उततर 40 लरी दररी पर गगा क खकनार एक िड़ा सघाराम ा खजसक भरीतर अरोक दारा खनखमवत एक 200 फट ऊचा सतप ा यह वहरी सान ा जहा पर तागत न दव समाज क उपकार क खलए तरीन मास तक धमव क उततमोततम खसदानतो काखववचन खकया ा इस खवहार स 4-5 लरी पसशचम म िद क अससयकत एक सतप ा खजसक उततर म पाचरीन खवहार क अवरष जहा सौतासनतक समपदाय समिनधरी खवभाषा रासत करी रचना करी गई रीहवन तसाग क अनसार राजधानरी म एक पाचरीन सघाराम ा यह वह सान हजहा दरिध न कखन पररशरम स खवखवध रासतो करी रचना करी री इन भनिावरषो म एक महाककष

ा जहा पर िसिध खवदरो स आन वाल राजकमारो एव खभकषओ को िौदधमव का उपदर दत हवन तसाग क अनसार नगर क दखकषण-पसशचम म 5-6 लरी करी दररी पर एक आमरवाखटका म एक पाचरीन सघाराम ा यह वह सान ा जहा असङग िोखधसतव न खवदाधययन खकया ा आमरवाखटका स पसशचमोततर खदरा म लगभग 100 क़दम करी दररी पर एक सतप ा खजसम तागत क नि और िाल रि हए इसक खनकट हरी कछ पाचरीन दरीवारो करी िखनयाद ी यह वहरी सान ह जहा पर वसिध िोखधसतव तखषत सवगव स उतरकर असङग िोखधसतव स खमलत

परवातवानतक उतखननभारतवषव क पाचरीन इखतहास को समझन म परातासतवक साकयो

का िड़ा महतव ह उतिनन स हरी पाचरीन सभयताओ क िार म आज का मनषय जान सका ह अयोधया क सरीखमत कषतो म पराततववतताओ न उतिनन कायव खकए इस कषत का सववपम उतिनन पोफ़सर अवध खकरोर नारायण क नततव म काररी खहनद खवशवखवदालय क

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एक दल न 1967-1970 म खकया यह उतिनन मखयत जन घाट क समरीप क कषत लकमण टरकररी एवनल टरील क समरीपवतती कषतो म हआ उतिनन स पापत सामगररी को तरीन कालो म खवभकत खकया गया ह-

पथम कवालउतिनन म पम काल क उततररी काल चमकरील मणभाड परमपरा

(एन िरी परी ियर) क भर पात एव लाल रग क मणभाड खमल ह इस काल करी अनय वसतओ म खमटटरी क कटोर गोखलया खख़लौना गाड़री क चक हडरी क उपकरण ताि क मनक सफखटक ररीरा आखद क मनक एवमणमखतवया आखद मखय ह

दसरवा कवालइस काल क मणभाड मखयत ईसा क पम रताबदरी क ह

उतिनन स पापत मखय वसतओ म मकरमिाकखत टोटरी दावात क ढककन करी आकखत क मतपात खचपटर लाल रग क चपटर आधारयकत लमिवत धारदार कटोर सटप और मतपात िणड आखद ह

ततीर कवालइस काल का आरमभ एक लमिरी अवखध क िाद खमलता ह

उतिनन स पापत मधयकालरीन चमकरील मतपात अपन सभरी पकारो म खमलत ह इसक अखतररकत काहरी एव पोकलन मणभाड भरी खमल ह अनय पमि वसतओ म खमटटरी क डिर लोढर लोह करी खवखभनन वसतए मनक िहमलयपतर ररीर करी एकरगरी और िहरगरी चखड़या और खमटटरी करी पर आकखतया (खवरषकर खचखड़यो करी आकखत) ह

अररोधरवा क कछ कषरिो कवा पन उतखननअयोधया क कछ कषतो का पन उतिनन दो सतो 1975-1976

ता 1976-1977 म बरजवासरी लाल और क वरी सनदराजन क नततव म हआ यह उतिनन मखयत दो कषतो- रामजनमभखम और हनमानगढरी म खकया गया इस उतिनन स ससकखतयो का एक खवशवसनरीय कालकमपकार म आया ह सा हरी इस सान पर पाचरीनतम िसतरी क खवषय म जानकाररी भरी खमलरी ह उतिनन म सिस खनचल सतर स उततर कालरीन चमकरील मणभाड एव धसर मणभाड परमपरा क मतपात खमल ह धसर परमपरा क कछ मणभाडो पर काल रग म खचतकाररी भरी खमलतरी ह

िनमवानगढी कषरि म उतखननहनमानगढरी कषत स भरी उततररी कालरी चमकरीलरी मणभाड ससकखत

क अवरष पकार म आए ह सा हरी यहा अनक पकार क मखतका वलय कप ता एक कए म पयकत कछ रकवाकार ईट भरी खमलरी ह उतिनन स िड़री माता म खवखभनन पकार करी वसतए खमलरी ह खजनम मखयत आधादजवन महर70 खसकक एक सौ स अखधक लघ मणमखतवया आखद उललिनरीय ह इस उतिनन म सिस महतवपणव उपलसबध आद ऐखतहाखसक काल क रोलटरड मणभाडो करी पाखपत ह

य मणभाड पम खदतरीय रताबदरी ई क ह इस पकार क मणभाडो करी पाखपत स यह खसद होता ह खक ततकालरीन अयोधया म वाखणजय और वयापार िड़र पमान पर होता ा यहवयापार सरय नदरी क जलमागव दारा गगा नदरी स समिद ा

आद ऐखतहाखसक काल क पशचात यहा क मलिो और गडो स पापत वसतओ क आधार पर वयावसाखयक कम म अवरोध दसषटगत होता ह समभवत यह कषत पन11वी रताबदरी म अखधवाखसत हआ यहा स उतिनन म कछ परवतती मधयकालरीन ईट ककड़ एव चन करी फ़रव आखद भरीखमल ह अयोधया स 16 खकलोमरीटर दखकषण म तमसा नदरी क खकनार ससत ननदरीगराम म भरी शररी बरजवासरी लाल क नततव म उतिनन कायव खकया गया उललि ह खक राम क वनगमन क पशचात भरत न यही पर खनवास करत हए अयोधया का रासन कायव सचाखलत खकया ा यहा कसरीखमत उतिनन स पापत वसतए अयोधया करी वसतओ क समकालरीन ह

सीममत कषरि म उतखनन1981- 1982 ई म सरीखमत कषत म उतिनन खकया गया यह

उतिनन मखयत हनमानगढरी और लकमणघाट कषतो म हआ इसम 700स 800 ई प क कलातमक पात खमल ह शररी लाल क उतिनन स पमाखणत होता ह खक यह िौद काल म अयोधया का महतवपणव सान ा िद रसशम मखण और हरर माझरी क नततव म

नमनवा सखरवा नमनो की मतमथ पनयगणनवा षय म

सखया-7 अयोधया-1 2152 जरी-7 (16) 915 मरीटर 2830 100 िरी परी (880 ई प) 1190- 840 ई प

सखया-8 अयोधया-1 2153 जरी-7 (19) 1100 मरीटर 2860 100 िरी परी (910 ई प) 1210- 900 ई प

सखया-9 अयोधया-1 2154 जरी-7 (20) 1153 मरीटर 3200 130 िरी परी (1250 ई प) 1680-1320 ई प

भारतरीय पराततव सववकषण खवभाग भारत सरकार नई खदललरी दारा िद रसशम मखण और हरर माझरी क नततव म 2003 ईसवरी म रामजनम भखम कषत म उतिनन कायव खकया गया यह उतिनन कायव सववोच नयायालय क खनदवर परवषव 2002स सचाखलत हआ उतिनन स पवव उततररी कषणपररमाखजवत ससकखत स लकर परवतती

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मगलकालरीन ससकखत तक क अवरष पकार म आए पम काल क अवरषो एव रखडयो कािवन खतखयो स यह खनसशचत हो जाता ह खक मानव सभयता करी कहानरी अयोधया म 1300 ईसा पवव स हरी पारमभ होतरी ह

मन ही मानर समाज क आति परषमहखषव मन हरी पहल वयसकत ह खजनहोन एक वयवससत िरी

खनयमिद नखतक आदरव मानवरीय जरीवन जरीन करी पदखत खसिाई ह | मन हरी वह धमव गर ह खजनहोन यजञ परमपरा का पवतवन खकया | उनक दारा रखचत धमवरासत खजसको करी आज मनसमखत क नाम स जाना जाता ह सिस पाचरीन समखत गरन ह | इखतहास उा कर दि लरीखजय वखदक साखहतय स लकर आधखनक काल तक एक परमपरा उन रासतकारो साखहतयकारो लिको कखवयो और राजाओ करी खमलतरी ह खजनहोन मकतक स मन करी पररा करी ह | वखदक5 सखहताओ एव बराहमण गरो म मन करी वचनो को ldquo औषध क समान खहतकाररी और गणकाररी कहा ह ldquo | महखषव िालमरीखक रामायण म मन को एक पमाखणक धमव रासतजञ क रप म उदत हरात ह और शररी राम अपन आचरण को रासत सममत खसद करन क खलए उसक समव म मन क शलोको को उदत करत ह | महाभारत म अनक सानो पर उनक धमव रासत को पररीकषा खसद घोखषत खकया ह | अनक परानो म उनह आखद राजऋखष रासतकार आखद खवरषणो स खवभखषत खकया ह | खनरकत म आचायव यासक न मन क मत को उदत करक पत पतरी क समान दायभाग क खवषय म पमाखणक माना ह | कौखटलय अवरासत म चाणकय न मन क मत को पमाण रप म उदत खकया ह | समखतकार िहसपखत मन करी समखत को सिस पमाखणत मान कर खवरद समखतयो को अमानय घोखषत करत ह | िौद कवरी अशवघोष न अपनरी कखत ldquo वजरकोपखनषद ldquo म मन क पमाणो को पमाण रप माना ह | याजञवलकय समखत मन समखत पर हरी आधाररत ह | शररी रवरीनदरना टगोर डाकटर राधाकषणन जवाहरलाल नहर आखद राषट नताओ न मन को आखद लॉ मगर क रप म उसललखित खकया ह | अनक काननखवदो जससटस डरी एन मलला एन राघवाचायव आखद न सवरखचत खहनद लॉ समिनधरी गरो म मन क खवधान को lsquo अाररटरी lsquo घोखषत खकया ह | मन क मतवयो का समवन करत हए अपनरी पसतको म मकसमलर ए ए मकडोनाल ए िरी करी परी ॉमस आखद पाशचतय लिको न मन समखत को धमव रासत क सा सा एक लॉ िक भरी माना ह| जमवन क पखसद दारवखनक फरीडररच नरीतस न तो यहा तक कहा ह करी ldquo मनसमखत िाइखिल स उततम गरन ह ldquo िसलक ldquo उसस िाइखिल करी तलना करना भरी पाप ह ldquo कहन का

तातपयव यह ह करी मनसमखत को पररी दखनया क खवदानो न महतव खदया ह | यखद मनसमखत न होतरी तो न हरी नयाय वयवसा न अव वयवसा न कमव वयवसा अावत कोई भरी वयवसा नही होतरी| लव न िसाया लाहौर और कसर री कर करी राजधानरी धमावचायव और इखतहासवतता कहत ह खक पाखकसतान क लाहौर रहर को भगवान राम क पत लव न िसाया ा वहा सनातन धखमवयो न हजारो साल तक वषणव धमव का झडा फहराया यहा स कछ दर ससत कसर नगर को कर दारा िसाया गया माना जाता ह इस िार म कई अखभलि भरी सामन आय ह लाहौर परान पजाि करी राजधानरी ह जो रावरी नदरी क दाखहन तट पर िसा हआ ह यह िहत पाचरीन नगर ह लाहौर कराचरी क िाद पाखकसतान म दसरा सिस जयादा आिादरी वाला रहर ह इस पाखकसतान का खदल भरी कहा जाता ह कयोखक इस रहर का इखतहास ससकखत एव खरकषा म अतयत समद रहा ह

पाखकसतान म इस िागो क रहर क रप म भरी जाना जाता ह लाहौर को सभवतः ईसवरी सन करी पारसमभक रतासबदयो म िसाया

गया ा और सातवी रताबदरी ई म यह इतना महतवपणव ा खक उसका उललि चरीनरी यातरी हवन तसाग न खकया ह रतजय क एक अखभलि म लवपर या लाहौर को लामपर कहा गया ह लाहौर रहर रावरी एव वाघा नदरी क तट पर भारत-पाखकसतान सरीमा पर ससत ह

मानयताओ क अनसार लाहौर नगर का पाचरीन नाम लवपर या लवपररी ा और इस शररीरामचनदर क पत लव न िसाया ा कहत ह खक लाहौर क पास ससत कसर नामक नगर को लव क िड़र भाई कर न िसाया ा लाहौर क पजाि खवशवखवदालय म 8671 ससकत-खहदरी करी पाडखलखपया पसतकालय म आज भरी सरखकषत ह यहा अरिरी फरसरी तकती उदव और कषतरीय भाषाओ करी कल िाइस हजार पाडखलखपया रिरी

ह काररी खहद खवशवखवदालय वाराणसरी ससकत न इस सिध म महतवपणव जानकाररया पापत करी ह पौराखणक दसषट स माना जाता ह खक यह नगर भगवान शररीरामचदर क पत लव न िसाया ा लाहौर खकल क अदर उनका मखदर ह लाहौर सासकखतक दसषट स भरी काफरी महतवपणव माना जाता ह बरहमखषव पचता क पत ह िालमरीखक ससषट क आखद कखव और शररीमद रामायण क रचखयता बरहमखषव िालमरीखक कोई चोर अवा डाक नही ह हमार आखद कखव वासतव म बरहमखषव पचता क पत ह वरण दव का हरी एक नाम पचता भरी ह िालमरीखक जरी इनहरी क दसव पत ह इनहोन अयोधया क दखकषण तमसा नदरी क तट पर अपना आशरम साखपत खकया ा पभ शररीराम न जि सरीता जरी को वनवास खदया ति वह इनहरी िालमरीखक जरी क आशरम म आ कर रहरी री शररीमद रामायण जरी म हरी िालमरीखक जरी न अपना परा पररचय खलिा ह जि वह सरीता जरी को लकर राम क दरिार म

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पहचात ह ति वह सवय कहत ह खक राम आपकरी सरीता उतनरी हरी पखवत ह खजतना आपकरी अपकषा ह मन अपन जरीवन म न तो कभरी झ िोला ह और ना हरी खकसरी पकार का कोई गलत कायव खकया ह ऐस म यखद सरीता म कोई भरी दोष हो तो वह सारा पाप मझ लग जाय सवय पर इतना आतमखवशवास करन वाल िालमरीखक जरी खक िात पर पभ शररी राम भरी चखकत ह िालमरीखक जरी लव कर और सरीता जरी को लकर शररी राम क पास आय ह यहा वह अपना पररचय भरी दत ह खक म पचता का दसवा पत िालमरीखक ह अि यह सवय पमाण ह खक रामायण क रचखयता िालमरीखक कभरी डाक नही इस पसग को जगतगर सवामरी राघवाचायव जरी महाराज न भरी खवसतार स वयाखयाखयत खकया ह

अि यह पशन सामन आता ह खक वह िालमरीखक कौन जो डाक इस िार म शररीमद रामायण क साखपत भाषयकार आचायव नागर भटट न खलिा ह खक एक हरी समय म दो िालमरीखक हए ह एकिालमरीखक वह ह जो तमसा क तट पर रहत उनहोन हरी रामायण खक रचना करी दसर िालमरीखक वह ह जो खचतकट म राम स खमल वह िालमरीखक खकसरी ऋखष या बरहमखषव क पत नही िसलक पहल दसय और नारद जरी स खमलन क िाद सनयासरी िन इस पकार स यह भासनत अि दर कर लन करी आवशयकता ह खक ससषट क आखद कखव िालमरीखक पहल चोर या डाक रह ऐसा समझना आखदकखव का अपमान होगा

यह आज जो अयोधया ह आज करी अयोधया चाह जसरी हो पर वसरी नही ह जसरी मन क समय रहरी होगरी ससषट क सा हरी पथवरी पर उताररी गयरी अयोधयापररी का वततवमान िहत हरी खवकत हो चका ह अयोधया करी पकखत और ससकखत क िरीच खवकखत करी िाई काफरी गहररी हो गयरी ह खजस अयोधया पर शररीराम क रासन का वभव सभरी वागमय गात नही कत ह उसरी अयोधया म उसरी राम करी पाखतमा को एक छत इसखलए नसरीि नही हो पा रहरी कयोखक राम क हरी वरजो म उसरी राम क जनमसल को लकर झगड़ा चल रहा ह अयधा

अावत जहा कभरी यद न हो वसरी अयोधया न खपछलरी सदरी क उततराधव म भयकर िन िरािा भरी दि खलया खजस अयोधया म राम क काल म खकसरी पकार क दखहक दखवक भौतरी ताप का पकोप नही होता ा उस अयोधया म आज िहत खवकखतया भररी पड़री ह अयोधया का दभावगय यह रहा करी खपछल लगभग एक हज़ार साल स अखधक समय म भारत पर होन वाल हरक खवदररी आकमण करी मार इस झलनरी पड़री ह यहा शरखत परमपरा म यगो स चलतरी आन वालरी जञान करी धारा को इन आकमणो न िहत नकसान पहचाया पररणाम यह हआ करी खजस अयोधया स जञान लकर ससार पकारमान होता ा उस अयोधया क जञान क पज खवलपतपाय हो चक ह अि भारत करी आधखनक ताहाकाखत मधा पसशचम क कखत पगखतररील आखयानो को आधार िना कर मानव सभयता और खवकास करी कहानरी पढ और पढा रहरी ह

दःि तो इस िात को लकर होता ह खक खबरखटर रासन करी गलामरी स मकत होन क िाद भारत को सचाखलत करन वालरी दररी सरकारो न भरी अयोधया करी खवरासत को सरखकषत करन करी कोखरर नही करी अयोधया का वासतखवक इखतहास तक पकाखरत करन करी कोखरर सरकारो न नही खकया जो नगर मनषय करी ससकखत क खवकास क खलए साखपत ह उस नगर करी घनघोर उपकषा हई सवाधरीनता क िाद सिस जयादा धयान अपनरी इस आखद खवरासत को समहालन पर खदया जाना चाखहए ा पर ऐसा नही खकया गया इसरी िरीच भगवान राम क जनमसान को हरी खववाखदत िना कर राजनरीखत करी रोखटया सकरी जान लगरी आज अयोधया वासतव म खजस ददवरा स गजर रहरी ह उसकरी परीड़ा को समझन करी कोखरर कोई नही कर रहा ससषट करी इस सखगनरी क आसओ को नही समझ गया और ऐस हरी उपकषा होतरी रहरी तो खकसरी एक समदाय खवरष को हरी नही िसलक समचरी मानवता को इसकरी भाररी करीमत चकानरी पड़रगरी

सदभव अगल पष पर ndash

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सनदभय 01- अयोधया मरा माया काररी काखचरवसनतका पररी

दारावतरी चव सपतत मोकषदाखयका िालकाणड 5 6 क अनसार

02- वालमरीखक रामायण उततर काणड 108 4

03- रघ वर सगव 16

04- अयोधया त धमवजञ दरीघवयजञ महािलम अजयत पाडवशरषो नाखततरीवरणकमवणा- सभापवव 30-2

05- जातक सखया 454

06- रायसडरवरीज िखदसट इखडया पष 39

07-बरहम पराण2 1-33ampquot

08- शररीमद भागवत ततरीय सकध 12 52-56 13

09-(ऋगवद 180 168631101005) 14241 तखतत सखहता1513751536713321541056661रतप बराहमण 11414)

10- ऋगवद 8521)ampquot

11- (अवववद 81024)ampquot

12- (ऋगवद 8511)ampquot

13- खवषण पराण

14- एस सरी डर खहसटाररखसटरी ऑफ़ रामायण एड खद इडो आयवन सोसाइटरी इन इखडया एड सरीलोन (खदललरी - अजता पसबलकरस पनमखदवत 1976) पष 80-81

15- ऐतरय बराहमण 731 दि ज रा ए सो 1971 पष 52 (पादखटपपणरी 39 सतमागधसिाधा शररीमतरीमतलपभाम उचाटटालधवजवती रतघनरीरतसकलाम 39 िालका 5 11

16- नदलाल डर खद खजयोगराखफ़कल खडकरनररी ऑफ़ ऐशयट एड खमखडवल इखडया पष 14

17- जमस लगग खद टवलस ऑफ़ फ़ाहयान ओररयटल पसबलरसव खदललरी पनमवखदरत 1972 पष 54

18- जरी परी मललसकर खडकरनररी ऑफ़ पाखल पापर नमस भाग 2 पष 1086

19- नखलनाकष दतत एव कषणदतत िाजपयरी उततर पदर म िौद धमव का खवकास (पकारन बयरो उततर पदर सरकार लिनऊ पम ससकरण 1956) पष 7 एव 12

20-रगाा अटका भाग 1 पष 103

21-39जलाखन या तरीरखनिातयपा वहतययोधयामनराजधानरीम

39 रघ वर 13 61

3 9 आ ल ो क ख य ष य न म ख द त ा म य ो ध य ा पासादमभखलहमाररोह

39- रघ वर 14 29

22- रघ वर 531 1362

23-कोसलो नाम मखदरत सफरीतो जनपदो महान खनखवषट सरयतरीर परभत धनधानयवान (रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 5 amp39मनना मानवदरवण या पररी खनखमवता सवयमय ततव पसकत 12

24-खवनोदखवहाररी दतत टाउन पलाखनग इन ऐशयट इखडया (कलकतता कर ससपक एड क 1925) पष 321- 322 खवखवध तरीवकलप अधयाय 34

25-आयता दर च द योजनाखन महापरो शररीमतरी तखण खवसतरीणव सखवभकतमहापा रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 7

26-दादरयोजनायामा नवयोजन खवसतताम अयोधयलयपराखभखया खवनरीता सोऽकरोतपररीम खतरससतसलाकापररचररत पवव अधयाय 2 शलोक 912

27- ए कखनघम ऐशयट जयोगराफ़री ऑफ़ इखडया (इडोलाखजकल िक हाउस 1963) पष 342

28- मललसकर खडकरनररी ऑफ़ पाखल पापर नमस भाग 1 पष 165

29- सयकतखनकाय (पाखल टरकटस सोसाइटरी) भाग 3 पष 140 और आग ततव भाग 4 पष 179 अधयाय 5 शलोक 31

30- आखद पराण 12 पष 77 खवखवधतरीवकलप पष 55 खवरदानद पाक खहसटरी ऑफ़ कोरल (मोतरीलाल िनारसरीदास वाराणसरी 1963 ई) पष 55

31- ऐलकजडर कखनघम ऐशयट जयोगराफ़री ऑफ़ इखडया (इडोलाखजकल िक हाउस वाराणसरी 1976) पष 405

32- नदलाल डर खद खजयोगराखफ़कल खडकरनररी ऑफ़ ऐशयट एड खमखडवल इखडया पष 174

33- फगवसन आखककयोलाजरी इन इखडया पष 110

34- िरी ए ससम ज रा ए सो 1898 पष 124

35- खवखलयम होवरी ज ऐ सो ि 1900 पष 75

36- डबलय िोसट ज रा ए सो 1906 पष 437 और आग

37- भरतखसह उपाधयाय िदकालरीन भारतरीय भगोल (खहनदरी साखहतय सममलन पयाग 2018) पष 254

38- आवससक कमटरी पष 24

39- राज डरखवरस िखदसट इखडया पष 39

40- हमचनद राय चौधररी पाचरीन भारत का राजनरीखतक इखतहास (खकताि महल इलाहािाद 1976 ई) पष 91

41- खवरदानद पाक खहसटरी ऑफ़ कोरल मोतरीलाल िनारसरीदास वाराणसरी पम ससकरण 1963 पष 58

42- ई ज ामस खद लाइफ़ ऑफ़ िद ऐज लरीजड इन खहसटरी (सटलज एड कगन पाल खलखमटरड लनदन ततरीय ससकरण पनमवखदरत 1952) पष 15

43- बरजवासरी लाल आखककयोलाजरी एड ट इखडयन इखपकस एनलस ऑफ़ खद भणडारकर ओररयटल ररसचव इसटरीटयट खजलद 54 1973 ई

44- हसमि धरीरजलाल साकखलया रामायण खम आर ररयखलटरी नई खदललरी 1973 ई

45- हमचनदर राय चौधररी पाचरीन भारत का राजनरीखतक इखतहास पष 7

46- मनरीरचनदर जोररी आखककयोलाजरी एड इखडयन टरखडरस सम आबजववरन पराततव खजलद 8 1978 ई प पष 89-102

47- तखततररीय आरणयक 127 अषटाचक नवदारा दवना परयोधया तसयाम खहरनमयकोराह सवगवलोको जयोखतषावत यो वयताम बरहममनो वद अमतनावतमपररीम तसम बरहम च आय करीखतवम पजाम यदह खवभाजमानाम हररणरीम यररा सपररीवतताम परम खहरणयमयोम बरहमाखववरापराखजताम

48- बरजवासरी लाल िाज अयोधया ए खमखकल खसटरी पराततव खजलद 10 पष 47

49- अवववद 10228-33

50- शररीमदभागवदगरीता 513

51- पववउललखित 127

52- पववउललखित पराततव खजलद 10 पष 47

53- पववउललखित पराततव खजलद 8 पष 98-102

54- जमस लगग खद टवलस ऑफ़ फ़ाहयान (ओररयटल पसबलरसव नई खदललरी खदतरीय ससकरण 1972) पष 54-55

55- ामस वाटसव ऑन यवॉन चवागस टवलस इन इखडया भाग 1 पष 355

56- िसिध का अधयापन एव पररशरम आखद अयोधया म हरी हआ ा

57- ामस वाटसव ऑन यवॉन चवागस टवलस इन इखडया भाग 1 पष 357

58- इ आ रर 1959-70 पष 40-41

59- इ आ रर 1976-77 पष 52

60- हरर माझरी और िरी आर मखण अयोधया 2002-2003 एकसकवरनस ऐट दरी ampquotखडसपयटरड साइटampquot भारतरीय पराततव सववकषण खवभाग नई खदललरी 2003 छाया पखत

61- कािवन-4 क अदवजरीवन पर आधाररत (5570 30 वषव

62- 39 जलाखन या तरीरखनिातयपा वहतययोधयामनराजधानरीम

39 रघ वर 13 61

3 9 आ ल ो क ख य ष य न म ख द त ा म य ो ध य ा पासादमभखलहमाररोह 39- रघ वर 14 29

63- रघ वर 531 1362

64- कोसलो नाम मखदरत सफरीतो जनपदो महान खनखवषट सरयतरीर पभत धनधानयवान (रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 5

65- 39मनना मानवदरवण या पररी खनखमवता सवयमय ततव पसकत 12

66- खवनोदखवहाररी दतत टाउन पलाखनग इन ऐशयट इखडया (कलकतता कर ससपक एड क 1925) पष 321-322 खवखवध तरीवकलप अधयाय 34

67- आयता दर च द योजनाखन महापरो शररीमतरी तखण खवसतरीणव सखवभकतमहापा रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 7

68- अदभत भारत ए एल वारम

69- पो आर आर पाडरय भारतरीय दरवन

70- पो खवसवमभारररण पाक पाचरीन भारत

71- सवामरी अिणडाननद सरसवतरी शररी राम का एव शररीमद भागवत

72- महामडलशवर सवामरी अवधराननद जरी शररी राम का एव शररीमद भगवत

73- जगतगर सवामरीराघवाचायव जरी शररीमद िालमरीकरीय रामायण

74- शररी रामका सवामरी रामखककर जरी

75- शररीमद रामचररत मानस गोसवामरी तलसरी दास

76- ससकखत क चार अधयाय रामधाररी खसह खदनकर

77- साकत मखलरीररण गपत

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06 तदसमबर 1992 क बाद स िगािार िनि म तररािमान शीराम ििा

सरपरीम कोिट क फसि क बाद रामििा की पतरत

िनमभतम तररादो स मरकि हो गई इसक बाद रामििा को िनि स असथाई मतनदर

म ि िाि उततर परदश क मरखयमती िथा गोरक पीठाधीशरर महि योगी

आतदतयनाथ

शी रामििा का पिन करि उततर परदश क

मरखयमती योगी आदततयनाथ

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अयोधया स जड़र ऐखतहाखसक तथय और साकय इस इखतहास क मकममल गवाह ह रामजनमभखम का इखतहास कवल उतना हरी पराना ह खजतना हमार खवशवखवदालयो म पढाया जान वाला इखतहास का खवषय ह भारतरीय इखतहास को पाचरीन मधयकालरीन और आधखनक क िटवार म डाल कर पढान करी वयवसा खवशवखवदालयो म करी गयरी ह आधखनक और मधयकालरीन इखतहास खलिन वाल और उनक पाठयकम तय करन वाल लोगो को हरी असलरी इखतहासकार िता कर

भारत क ताकखत सकयलर सखहषण खवदान लिरी लिरी िहस करत ह और खपछल 60 -70 वषवो स उनह हरी भारत क इखतहास क अखधकत खवदान िताकर उनहरी क पमाणन को सतय का दज़ाव दत आ रह ह य व हरी इखतहासकार ह खजनको रानरी पखदमनरी और उनका जौहर भरी कालपखनक लगता ह इनको वह कछ भरी नही खदिाई दता जो भारत का अपना और िद क गौरव स जड़ा हो इनको हरी आइना खदिन क खलए यह आलि सामन ह सिकछ खतखवार ह यह ह शररीरामजनमभखम का इखतहास -

शरीरामजनमभमम का इवतहास

30 अटटबर 1990 को हजारो रामभतो न िोट-बक क लालची मलायम वसह यादि क दवारा खडी की गई अनक बाधाओ को पार कर अयोधया म परिि वकया और वििावदत ढाच

क ऊपर भगिा धिज िहरा वदया लवकन 2 निमबर

1990 को मखयमतरी मलायम वसह यादि न कारसिको पर गोली चलान का आदि वदया वजसम सकडो रामभतो न अपन जीिन की आहवतया

दी

vkys[k

भारत क यिसिी परधानमतरी नरनदर मोदी जी अयोधया म भवय शीराम मकनदर क वनमाषण की परवरिया िर करन जा रह ह शीराम जनमभवम पर वपछल पाच सौ िषषो स मकनदर नही था इस सथल पर मकनदर क पनवनषमाण का सघषष बहत कविन रहा ह इस सघषष की गाथा अब एक ऐसा इवतहास ह वजसको पढ कर नई पीढी अिशय कछ न कछ सीखगी

लिक माधयखमक खरकषा सवा चयन िोडङ उ० प० क सदसय और इखतहास क खवदान ह

डा० खदनरमखण खतपारी

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जि िािर खदललरी करी गदरी पर आसरीन हआ उस समय जनमभखम खसद महातमा शयामननद जरी महाराज क अखधकार कषत म री महातमा शयामननद करी खयाखत सनकर खवाजा कजल अबिास मसा आखरकान अयोधया आय महातमा जरी क खरषय िनकर खवाजा कजल अबिास मसा न योग और खसखदया पापकर लरी और उनका नाम भरी महातमा शयामननद क खयाखतपापत खरषयो म खलया जान लगा य सनकर जलालराह नाम का एक फकरीर भरी महातमा शयामननद क पास आया और उनका खरषय िनकर खसखदया पापत करन लगा जलालराह एक कटटर मसलमान ा और उसको एक हरी सनक री हर जगह इसलाम का आखधपतय साखित करना अत जलालराह न अपन काखफर गर करी परी म छरा घोपकर खवाजा कजल अबिास मसा क सा खमलकर य खवचार खकया करी यखद इस मखदर को तोड़ कर मससजद िनवा दरी जाय तो इसलाम का परचम खहनदसान म सायरी हो जायगा धरीर धरीर जलालराह और खवाजा कजल अबिास मसा इस साखजर को अजाम दन करी तयाररयो म जट गए

सववपम जलालराह और खवाजा िािर क खवशवासपात िन और दोनो न अयोधया को िदव मकका िनान क खलए जनमभखम क आसपास करी जमरीनो म िलपववक मत मसलमानो को दफन करना रर खकया और मरीरिाकरी िा क माधयम स िािर को उकसाकर मखदर क खवधवस का कायवकम िनाया िािा शयामननद जरी अपन मससलम खरषयो करी करतत दि क िहत दिरी हए और अपन खनणवय पर उनह िहत पछतावा हआ दिरी मन स िािा शयामननद जरी न रामलला करी मखतवया सरय म पवाखहत खकया और िद खहमालय करी और तपसया करन चल गए मखदर क पजाररयो न मखदर क अनय सामान आखद हटा खलए और व सवय मखदर क दार पर रामलला करी रकषा क खलए िड़र हो गए जलालराह करी आजञा क अनसार उन चारो पजाररयो क सर काट खलए गए खजस समय मखदर को खगराकर मससजद िनान करी घोषणा हई उस समय भरीटरी क राजा महताि खसह िदररी नारायण करी याता करन क खलए खनकल अयोधया पहचन पर रासत म उनह य ििर खमलरी तो उनहोन अपनरी याता सखगत कर दरी और अपनरी छोटरी सना म रामभकतो को राखमल कर 1 लाि चौहततर हजार लोगो क सा िािर करी सना क 4 लाि 50 हजार सखनको स लोहा लन खनकल पड़र

रामभकतो न सौगध ल रकिरी री रकत करी आखिररी िद तक लड़ग जि तक पाण ह ति तक मखदर नही खगरन दग रामभकत वरीरता क सा लड़र 70 खदनो तक घोर सगराम होता रहा और अत म राजा महताि

खसह समत सभरी 1 ल ा ि

74 हजार रामभकत मार गए शररीराम जनमभखम रामभकतो क रकत स लाल हो गयरी इस भरीषण कतल आम क िाद मरीरिाकरी न तोप लगा क मखदर खगरवा खदया मखदर क मसाल स हरी मससजद का खनमावण हआ पानरी करी जगह मर हए खहनदओ का रकत इसतमाल खकया गया नरीव म लिौररी इटो क सा

इखतहासकार कखनघम अपन लिनऊ गजखटयर क 66व अक क पष 3 पर खलिता ह करी एक लाि चौहतर हजार खहदओ करी लार खगर जान क पशचात मरीरिाकरी अपन मखदर धवसत करन क अखभयान म सफल हआ और उसक िाद जनमभखम क चारो और तोप लगवाकर मखदर को धवसत कर खदया गया इसरी पकार हखमलटन नाम का एक अगरज िारािकरी गजखटयर म खलिता ह करी लालराह न खहनदओ क िन का गारा िना क लिौररी ईटो करी नरीवमससजद िनवान क खलए दरी गयरी री उस समय अयोधया स 6 मरील करी दररी पर सन नाम का एक गाव क पखडत दवरीदरीन पाणडरय न वहा क आस पास क गावो सराय खसखसडा राजपर आखद क सयववररीय कषखतयो को एकखतत खकया दवरीदरीन पाणडरय न सयववररीय कषखतयो स कहा भाइयो आप लोग मझ अपना राजपरोखहत मानत ह अप क पववज शररी राम और हमार पववज महखषव भरदाज जरी आज मयावदा परषोततम शररी राम करी जनमभखम को मसलमान आकानता कबरो स पाट रह ह और िोद रह ह इस पररससखत म हमारा मकदरवक िन कर जरीखवत रहन करी िजाय जनमभखम करी रकषाव यद करत करत वरीरगखत पाना जयादा उततम होगा

दवरीदरीन पाणडरय करी आजञा स दो खदन क भरीतर 90 हजार कषखतय इकठा हो गए दर दर क गावो स लोग समहो म इकठा हो कर दवरीदरीन पाणडरय क नततव म जनमभखम पर जिरदसत धावा िोल खदया राहरी सना स लगातार 5 खदनो तक यद हआ छर खदन मरीरिाकरी का सामना दवरीदरीन पाणडरय स हआ उसरी समय धोि स उसक अगरकषक न एक लिौररी ईट स पाणडरय जरी करी िोपड़री पर वार

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कर खदया दवरीदरीन पाणडरय का सर िररी तरह फट गया मगर उस वरीर न अपन पगड़री स िोपड़री स िाधा और तलवार स उस कायर अगरकषक का सर काट खदया इसरी िरीच मरीरिाकरी न खछपकर गोलरी चलायरी जो पहल हरी स घायल दवरीदरीन पाणडरय जरी को लगरी और वो जनमभखम करी रकषा म वरीर गखत को पापत हएजनमभखम खफर स 90 हजार खहनदओ क रकत स लाल हो गयरी दवरीदरीन पाणडरय क वरज सन गराम क ईशवररी पाडर का परवा नामक जगह पर अि भरी मौजद ह पाणडरय जरी करी मतय क 15 खदन िाद हसवर क महाराज रणखवजय खसह न खसफक 25 हजार सखनको क सा मरीरिाकरी करी खवराल और रसतो स ससखजत सना स रामलला को मकत करान क खलए आकमण खकया 10 खदन तक यद चला और महाराज जनमभखम क रकषाव वरीरगखत को पापत हो गए जनमभखम म 25 हजार खहनदओ का रकत खफर िहा रानरी जयराज कमाररी हसवर क सवगतीय महाराज रणखवजय खसह करी पतरी री जनमभखम करी रकषा म महाराज क वरीरगखत पापत करन क िाद महारानरी न उनक कायव को आग िढान का िरीड़ा उाया और तरीन हजार नाररयो करी सना लकर उनहोन जनमभखम पर हमला िोल खदया और हमाय क समय तक उनहोन छापामार यद जाररी रिा रानरी क गर सवामरी महशवरानद जरी न रामभकतो को इकठा करक सना का पिध करक जयराज कमाररी करी सहायता करी सा हरी सवामरी महशवरानद जरी न सनयाखसयो करी सना िनायी इसम उनहोन 24 हजार सनयाखसयो को इकठा खकया और रानरी जयराज कमाररी क सा हमाय क समय म कल 10 हमल जनमभखम क उदार क खलए खकय १०व हमल म राहरी सना को काफरी नकसान हआ और जनमभखम पर रानरी जयराज कमाररी का अखधकार हो गया

लगभग एक महरीन िाद हमाय न पररी ताकत स राहरी सना खफर भजरी इस यद म सवामरी महशवरानद और रानरी कमाररी जयराज कमाररी लड़त हए अपनरी िचरी हई सना क सा मार गए और जनमभखम पर पनः मगलो का अखधकार हो गया शररीराम जनमभखम एक िार खफर कल 24 हजार सनयाखसयो और 3 हजार वरीर नाररयो क रकत स लाल हो गयरी रानरी जयराज कमाररी और सवामरी महशवरानद जरी क िाद यद का नततव सवामरी िलरामचाररी जरी न अपन हा म ल खलया सवामरी िलरामचाररी जरी न गाव गाव म घम कर रामभकत खहनद यवको और सनयाखसयो करी एक मजित सना तयार करन का पयास खकया और जनमभखम क उदाराव 20 िार आकमण खकय इन 20 हमलो म कम स कम 15 िार सवामरी िलरामचाररी न जनमभखम पर अपना अखधकार कर खलया मगर य अखधकार अलप समय क खलए रहता ा ोड़र खदन िाद िड़री राहरी फ़ौज आतरी री और जनमभखम पनः मगलो क अधरीन हो जातरी रीजनमभखम म लािो खहनद िखलदान होत रह उस समय का मगल रासक अकिर ा

राहरी सना हर खदन क इन यदो स कमजोर हो रहरी री अतः अकिर न िरीरिल और टोडरमल क कहन पर िस करी टाट स उस चितर पर ३ फरीट का एक छोटा सा मखदर िनवा खदया लगातार यद करत रहन क कारण सवामरी िलरामचाररी का सवासथय खगरता चला गया ा और पयाग कमभ क अवसर पर खतवणरी तट पर सवामरी िलरामचाररी करी मतय हो गयरी इस पकार िार-िार क आकमणो और खहनद जनमानस क रोष एव खहनदसान पर मगलो करी ढरीलरी होतरी पकड़ स िचन का एक राजनखतक पयास करी अकिर करी इस

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कटनरीखत स कछ खदनो क खलए जनमभखम म रकत नही िहा यहरी कम राहजहा क समय भरी चलता रहा खफर औरगजि क हा सतता आई वो कटटर मसलमान ा और उसन समसत भारत स काखफरो क समपणव सफाय का सकलप खलया ा उसन लगभग 10 िार अयोधया म मखदरो को तोड़न का अखभयान चलकर यहा क सभरी पमि मखदरो करी मखतवयो को तोड़ डाला औरगजि क समय म समव गर शररी रामदास जरी महाराज जरी क खरषय शररी वषणवदास जरी न जनमभखम क उदाराव 30 िार आकमण खकय इन आकमणो म अयोधया क आस पास क गावो क सयववररीय कषखतयो न पणव सहयोग खदया खजनम सराय क ाकर सरदार गजराज खसह और राजपर क कवर गोपाल खसह ता खसखसणडा क ाकर जगदिा खसह पमि य सार वरीर य जानत हए भरी करी उनकरी सना और हखयार िादराहरी सना क सामन कछ भरी नही ह अपन जरीवन क आखिररी समय तक राहरी सना स लोहा लत रह लमि समय तक चल इन यदो म रामलला को मकत करान क खलए हजारो खहनद वरीरो न अपना िखलदान खदया और अयोधया करी धरतरी पर उनका रकत िहता रहा ाकर गजराज खसह और उनक सारी कषखतयो क वरज आज भरी सराय म मौजद ह आज भरी फजािाद खजल क आस पास क सयववररीय कषखतय खसर पर पगड़री नही िाधत जता नही पहनत छाता नही लगात उनहोन अपन पववजो क सामन य पखतजञा लरी री करी जि तक शररी राम जनमभखम का उदार नही कर लग ति तक जता नही पहनग छाता नही लगाएग पगड़री नही पहनग 1640 ईसवरी म औरगजि न मसनदर को धवसत करन क खलए जिाज िा क नततव म एक जिरजसत सना भज दरी री िािा वषणव दास क सा साधओ करी एक सना री जो हर खवदा म खनपण री इस खचमटाधाररी साधओ करी सना भरी कहत जि जनमभखम पर जिाज िा न आकमण खकया तो खहदओ क सा खचमटाधाररी साधओ करी सना करी सना खमल गयरी और उववररी कड नामक जगह पर जािाज़ िा करी सना स सात खदनो तक भरीषण यद खकया

खचमटाधाररी साधओ क खचमटर क मार स मगलो करी सना भाग िड़री हई इस पकार चितर पर ससत मखदर करी रकषा हो गयरी जािाज़ िा करी पराखजत सना को दिकर औरगजि िहत कोखधत हआ और उसन जािाज़ िा को हटाकर एक अनय खसपहसालार सययद हसन अलरी को 50 हजार सखनको करी सना और तोपिान क सा अयोधया करी ओर भजा और सा म य आदर खदया करी अिकरी िार जनमभखम को ििावद करक वापस आना ह यह समय सन 1680 का ा िािा वषणव दास न खसकिो क गर गरगोखवद खसह स यद म सहयोग क खलए पत क माधयम सदर भजा पत पाकर गर गरगोखवद खसह सना समत ततकाल अयोधया आ गए और बरहमकड पर अपना डररा डाला बरहमकड वहरी जगह जहा आजकल गरगोखवद खसह करी समखत म खसकिो का गरदारा िना हआ ह िािा वषणव दास एव खसकिो क गरगोखवद खसह रामलला करी रकषा हत एकसा रणभखम म कद पड़र इन वरीरो क सखनयोखजत हमलो स

मगलो करी सना क पाव उिड़ गय सययद हसन अलरी भरी यद म मारा गया औरगजि खहदओ करी इस पखतखकया स सतबध रह गया ा और इस यद क िाद 4 साल तक उसन अयोधया पर हमला करन करी खहममत नही करी औरगजि न सन 1664 म एक िार खफर शररी राम जनमभखम पर आकमण खकया इस भरीषण हमल म राहरी फौज न लगभग 10 हजार स जयादा खहदओ करी हतया कर दरी नागररको तक को नही छोड़ा जनमभखम खहनदओ क रकत स लाल हो गयरी जनमभखम क अदर नवकोण क एक कदपव कप नाम का कआ ा सभरी मार गए खहदओ करी लार मगलो न उसम फककर चारो ओर चहारदरीवाररी उा कर उस घर खदया आज भरी कदपवकप ldquoगज रहरीदाrdquo क नाम स पखसद हऔर जनमभखम क पवती दार पर ससत ह राहरी सना न जनमभखम का चितरा िोद डाला िहत खदनो तक वह चितरा गडर क रप म वहा ससत ा औरगजि क कर अतयाचारो करी माररी खहनद जनता अि उस गडर पर हरी शररी रामनवमरी क खदन भसकतभाव स अकषतपषप और जल चढातरी रहतरी री

निािसहादत अलरी क समय 1763 ईसवरी म जनमभखम क रकषाव अमरी क राजा गरदतत खसह और खपपरपर क राजकमार खसह क नततव म िािररी ढाच पर पनः पाच आकमण खकय गय खजसम हर िार खहनदओ करी लार अयोधया म खगरतरी रही लिनऊ गजखटयर म कनवल हट खलिता ह करी ldquo लगातार खहदओ क हमल स ऊिकर निाि न खहदओ और मसलमानो को एक सा नमाज पढन और भजन करन करी इजाजत द दरी पर सचा मसलमान होन क नात उसन काखफरो को जमरीन नही सौपरी ldquoलिनऊ गजखटयर पष 62rdquo नाखसरदरीन हदर क समय म मकरहरी क राजा क नततव म जनमभखम को पनः अपन रप म लान क खलए खहदओ क तरीन आकमण हय खजसम िड़री सखया म खहनद मार गय परनत तरीसर आकमण म डटकर निािरी सना का सामना हआ 8व खदन खहदओ करी रसकत कषरीण होन लगरी जनमभखम क मदान म खहनदओ और मसलमानो करी लारो का ढरर लग गया इस सगराम म भरीतरी हसवर मकर हरी िजरहट दरीयरा अमरी क राजा गरदतत खसह आखद सममखलत हारतरी हई खहनद सना क सा वरीर खचमटाधाररी साधओ करी सना आ खमलरी और इस यद म राहरी सना क खचड़र उड गय और उस रौदत हए खहदओ न जनमभखम पर कबजा कर खलया मगर हर िार करी तरह कछ खदनो क िाद खवराल राहरी सना न पनः जनमभखम पर अखधकार कर खलया और हजारो खहनदओ को मार डाला गया जनमभखम म खहनदओ का रकत पवाखहत होन लगा

नावाि वाखजदअलरी राह क समय क समय म पनः खहदओ न जनमभखम क उदाराव आकमण खकया फजािाद गजखटयर म कखनघम न खलिा इस सगराम म िहत हरी भयकर िनिरािा हआ दो खदन और रात होन वाल इस भयकर यद म सकड़ो खहनदओ क मार जान क िावजद खहनदओ न राम जनमभखम पर कबजा कर खलया कद खहदओ करी भरीड़ न कबर तोड़ फोड़ कर ििावद कर डालरी मससजदो को खमसमार करन लग और पररी ताकत स मसलमानो को

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1986 काचरी कामकोखट परी क रकराचायव और मससलम पसवनल

लॉ िोडङ क पखसडट अलरी खमया नदवरी क िरीच िातचरीत हई लखकन वो खकसरी नतरीज पर नही पहचरी

1990 ति परीएम रह चदररिर न दोनो (खहद-मससलम) समदायो

क िरीच गखतरोध तोड़न करी कोखरर करी य िातचरीत उस वकत टट गई जि वरीएचपरी वालखटयसव पर मससजद क एक खहसस को तोड़न का आरोप लगा

मदसबर 1992 िािररी मससजद ढाच को खगराए जान (6 खदसिर 1992)

क 10 खदन िाद परीएम रह परीवरी नरखसमहाराव न जससटस खलबरहान करी अगवाई म एक जाच कमरीरन का गन खकया कमरीरन न 17 साल िाद 2009 म अपनरी ररपोटङ पर करी

इस सहरी मायन म सलह करी कोखरर माना जा सकता ह हालाखक इसका भरी कोई नतरीजा नही खनकला

जन 2002 अटल खिहाररी वाजपयरी न अपन ऑखफस म एक अयोधया

सल िनवाई और उसम पाटती क सरीखनयर पदाखधकाररी रतघन खसह को अपवाइट खकया

सल को इसखलए िनाया गया ा ताखक वह खहद और मससलम लरीडसव स िात कर सक लखकन य कोखरर भरी कामयाि नही हो पाई

अपल 2015 ऑल इखडया खहद महासभा क पखसडट सवामरी चकपाखण और

मससलमो करी ओर दायर खपटरीरस करी अगआई करन वाल मोहममद हाखरम असाररी क िरीच मलाकात हई हालाखक इस मलाकात क िाद कोई िास पहल नही हई

असाररी न हनमान गढरी मखदर क महत जञान दास स िातचरीत करी ररआत करी इसम पलान ा खक खववाखदत 70 एकड़ करी जमरीन पर मखदर और मससजद िनाई जाए दोनो क िरीच 100 फरीट करी दरीवार रहगरी

मई 2016 ऑल इखडया अिाड़ा पररषद क अधयकष महत नरदर खगररी न

असाररी क सा मलाकात करी िातचरीत आग िढतरी इसक पहल हरी असाररी का खनधन हो गया

नबर 2016 हाईकोटङ क ररटायडङ जज जससटस पलक िस न कोटङ क

िाहर सटलमट का सझाव रिा इसम 10 हजार खहद

मार-मार कर अयोधया स िदड़ना रर खकयामगर खहनद भरीड़ न मसलमान ससतयो और िचो को कोई हाखन नही पहचाई अयोधया म पलय मचा हआ ा

इखतहासकार कखनघम खलिता ह करी य अयोधया का सिस िड़ा खहनद मससलम िलवा ा खहदओ न अपना सपना परा खकया और औरगजि दारा खवधवस खकए गए चितर को खफर वापस िनाया चितर पर तरीन फरीट ऊचरी िस करी टाट स एक छोटा सा मखदर िनवा खलया खजसम पनः रामलला करी सापना करी गयरी कछ जहादरी मललाओ को य िात सवरीकार नही हई और कालातर म जनमभखम खफर खहनदओ क हाो स खनकल गयरी

सन 1857 करी काखत म िहादर राह जफर क समय म िािा रामचरण दास न एक मौलवरी आखमर अलरी क सा जनमभखम क उदार का पयास खकया पर 18 माचव सन 1858 को किर टरीला ससत एक इमलरी क पड़ म दोनो को एक सा अगरज़ो न फासरी पर लटका खदया जि अगरज़ो न य दिा खक य पड़ भरी दरभकतो एव रामभकतो क खलए एक समारक क रप म खवकखसत हो रहा ह ति उनहोन इस पड़ को कटवा कर इस आखिररी खनरानरी को भरी खमटा खदया इस पकार अगरज़ो करी कखटल नरीखत क कारण रामजनमभखम क उदार का यह एकमात पयास खवफल हो गया

30 अकटिर 1990 को हजारो रामभकतो न वोट-िक क लालचरी मलायम खसह यादव क दारा िड़री करी गई अनक िाधाओ को पार कर अयोधया म पवर खकया और खववाखदत ढाच क ऊपर भगवा धवज फहरा खदया लखकन 2 नवमिर 1990 को मखयमतरी मलायम खसह यादव न कारसवको पर गोलरी चलान का आदर खदया खजसम सकड़ो रामभकतो न अपन जरीवन करी आहखतया दी सरकार न मतको करी असलरी सखया खछपायरी परनत पतयकषदखरवयो क अनसार सरय तट रामभकतो करी लारो स पट गया ा

4 अपल 1991 को कारसवको क हतयार उततर पदर क ततकालरीन मखयमतरी मलायम खसह यादव न इसतरीफा खदया लािो राम भकत 6 खदसमिर को कारसवा हत अयोधया पहच और राम जनमसान पर िािर क सनापखत दार िनाए गए अपमान क पतरीक मससजदनमा ढाच को धवसत कर खदया परनत खहनद समाज क अनदर वयापत घोर सगनहरीनता एव आज भरी खहनदओ क सिस िड़र आराधय भगवान शररीराम एक फटर हए तमि म खवराजमान ह

राम मखदर खववाद को सलझान करी िरीत 30 साल म 8 कोखरर हई लखकन य सभरी नाकाम रही 1986 म पहलरी िार ति क काचरी कामकोखट रकराचायव न मससलम पसवनल लॉ िोडङ स िातचरीत करी लखकन वो खकसरी नतरीज पर नही पहच पाई इसक िाद परीएम रह चदररिर परीवरी नरखसमहाराव अटल खिहाररी वाजपयरी करी समय भरी कोखरर हई िता द खक िधवार को सपरीम कोटङ न राम मखदर खववाद का हल आपसरी िातचरीत क जररए हल करन को कहा ा जान खकस-खकसन कया कदम उाए

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और मसलमानो क साइन खकया हआ पपोजल फजािाद कखमशनर क सामन रिा गया

सटलमट क खलए सार डॉकयमट सपरीम कोटङ म रि जा चक ह

मवाचय 2017 सपरीम कोटङ न राम मखदर मसल का हल आपसरी िातचरीत

क जररए करन को कहा य कहा खक कोटङ मरीखडएटर िनन को तयार ह

9 नमबर 2019 कई दौर करी िातचरीत और लमिरी सनवाई क िाद आखिर

शररीरामजनमभखम करी मसकत का समय आया 09 नवमिर 2019 को सपरीम काटङ न ऐखतहाखसक फसला दत हए शररी रामजनमभखम को खहनदओ को सौपन का आदर खदया और मससलम पकष को अयोधया जनपद म हरी पाच एकड़ भखम दन का खनणवय सनाया इस आदर क िाद शररीरामजनमभखम पर मसनदर िनन का मागव परसत हो गया

तकसका-कया िारा- बीजपी िीएरपी समत कई वहद सगठन वििावदत जमीन पर राम मवदर और सनी िफ बोडट समत कई मकसलम सगठन िहा मकसजद होन का दािा करत ह

- वहदओ का कहना ह वक िह जगह रामजनम भवम ह िहा भगिान राम का मवदर था वजस मगल शासक बाबर क वसपहसालार मीर बाकी न 1528 म तड़िा वदया और उसकी जगह मकसजद बनिा दी वजस बाबरी मकसजद कहा गया

कौन थर 3 पकष- वनमवोही अखाड़ा वििावदत जमीन का एक-वतहाई वहससा यानी राम रबतरा और सीता रसोई िाली जगह

- रामलला विराजमानएक-वतहाई वहससा यानी रामलला की मवतश िाली जगह

- सनी िफ बोडट वििावदत जमीन का बरा हआ एक-वतहाई ससा

कया था राम मतिर का मदा- राम मवदर मदा 1989 क बाद अपन उफान पर था इस मद की िजह स तब दश म सापदावयक तनाि फला था दश की राजनीवत इस मद स पभावित होती रही ह- वहद सगठनो का दािा ह वक अयोधया म भगिान राम की

जनमसथली पर बाबरी मकसजद बनी थी मवदर तोड़कर यह मकसजद 16िी शताबदी म बनिाई गई थी

- राम मवदर आदोलन क दौरान 6 वदसबर 1992 को अयोधया म बाबरी मकसजद का वििावदत ढारा वगरा वदया गया था मामला अब सपीम कोटट म ह

इलाहाबाि हाईकोटट नर कया तिया था फसला- 30 वसतबर 2010 को इलाहाबाद हाईकोटट क जकसटस सधीर अगरिाल एस य खान और डीिी शमाश की बर न मवदर मद पर अपना फसला भी सनात हए अयोधया की वििावदत 277 एकड़ जमीन को तीन बराबर वहससो म बाटन का आदश वदया था

- बर न तय वकया था वक वजस जगह पर रामलला की मवतश ह उस रामलला विराजमान को द वदया जाए राम रबतरा और सीता रसोई िाली जगह वनमवोही अखाड़ को द दी जाए बरा हआ एक-वतहाई वहससा सनी िफ बोडट को वदया जाए

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Most effective way to prove dominance over any civilization is to attack and demolish their god culture and custom Desecration of someonersquos God and humiliating their deity sends a clear message of their incapability and submission

In whole world Hinduism is the only religion which in spite of having facedcenturies of tyranny slavery barbarism and forced conversion still believes in ldquoVasudhaiv Kutumbakamrdquo

In 1526 Babur after Defeating Ibrahim Lodhi in Panipat became the ruler of north India Although he liked many things about India like numerical system and craftsmanship but principally he despisedHindustan and Hindus This quote from Baburnama

makes his dislike evident ldquoHindustan is a place of little charm There is no beauty in its people no graceful social intercourse no poetic talent or understanding no etiquette nobility or manliness The arts and crafts have no harmony or symmetry There are no good horses meat grapes melons or other fruit There is no ice cold water good food or bread in the markets There are no baths and no schools There are no candles torches or even candlesticksrdquo

It is believed that in 1528 Babur visited Ayodhya and under his instruction Mir- Baqi demolished Ram temple the birth place of Lord Rama and most sacred place for Hindus (However there is no written historical document of Baburrsquos

Remaking of Ram Temple

It is believed that in 1528 Babur visited

Ayodhya and under his instruction Mir- Baqi demolished Ram temple the

birth place of Lord Rama and most sa-cred place for Hin-

dus (However there is no written his-

torical document of Baburrsquos instruction

toMir Baqi)

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Noted historian Arnold JToynbee once said ldquoWhen any civilization becomes too developed it is taken over by

Barbaric racesrdquo Indian civilization is the oldest civiliza-tion on this planet with a history spanning for thousands

of centuries A history full of culture tradition knowl-edge and valour but India has her share of historical

blunders and treachery too The story of Babri Masjid is one such parable Its construction by force over razed Ram Mandir its demolition in 1992 and courtrsquos order of reconstruction of ram temple in 2019is true portrayal of Hindu resilience and suffering yet yearn for justice

through peaceful means

Dr Rajeev Tewari

A story of 400 years of struggle and endurance

Dr Rajeev Tewari is a practicing surgeon at Delhi He did his MBBS course from KGMC Lucknow and finished his masterrsquos course (MS is Surgery) in 1986 from KGMC He specialises is Laparoscopic surgery Writing and teaching undergraduate students are his passion He likes writing on Indian history and Hindu Mythology and recent Geo-political issues

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instruction toMir Baqi) In 1528-29 Mir Baqi constructed Babri Masjid after razing Ram temple

This shameful blot on Hindus was first challenged by Raghubar Das in1885 who filed a suit in court seeking permission for construction of Ram Temple but his appeal was rejected

In 1948 Vishwa Hindu Parishad (VHP) launched a campaign for the construction of a Ram temple at Janmabhoomi Idols of Ram Lalla was placed under central dome and in 1949 a group of devotees led by Baba Abhayram Das of Nirmohi Akhada began offering prayers at the site but government ordered to lock the gates of the premises

In 1950s ldquoParamahansa Ramachandra Dasrdquo the head of Ram Janbhoomi Nyas of Ayodhya filed suit for keeping the idols and continuation of worship Nirmohi Akhara in 1959 filed another suit claiming to be the custodian of the disputed land and sought possession of the land In1961 the Sunni Central Waqf Board too filed a suit claiming ownership of the site (Hashim Ansari and five others joined the case through separate pleas) Although Paramahansa Ramachandra Das and Hashim Ansari were the main petitioner in court but outside of the court they were good friends

During 1980s Swami Vamdev Paramhansa Ramchandradasji Mahant Avaidhyanathji (Guru of Yogi Adityanath presentCM of UP) Nritya Gopaldasji and Yug Purush Parmanandji Maharaj started a movement for Ram temple construction

Swami Vamdev was hailing from a Brahmin family of UPand was atravelling preacher Amit Shah considered him his spiritual Guru

Mahant Avaidyanath was a Mahant (chief priest) of Gorakhnath Temple and one of the most revered Guru of Hindu dharma He was 4 times elected MP of Lok Sabha from Gorakhpur He was one of the pioneer of Ram Janmabhoomi movement In 1984 he was elected as chief of Sri Ramjanmabhoomi Mukti Yagna Samiti Rebuilding of Ram temple was his lifetime dream Since 1984 onwards Mahant Avaidyanath organized many rallies and mobilized many people of VHP which eventually culminated into demolition of the Masjid in 1992

Paramahansa Ramachandra Das ji was born as Chandreshwar Tiwari in Bihar At a very young age of 15 once he attended a Yagna performed by some Sadhus in his village he got very much influenced and moved by the company of Sadhus After becoming Aurvedacharya and

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Sanskritacharya he became a saint and moved to Ayodhya to ldquoParamhans Ramkinker daas ji ashramrdquo and made RamKishore das ji maharaj his spiritual Guru In 1975 he was made Mahant (Head priest) of Digambar Akhada He dedicated his whole life for three motives - construction of Temples at Ayodhya Mathura and Kashi (which were destroyed by Mughals) Prohibition of cow slaughter and formation of Akhand Bharat

Eventually in 1986 Faizabad District Judge Krishna Mohan Pandey allowed the unlocking of the Babri Mosque and worship of lord Ram The Muslims protested the move and ldquoBabri Masjid Action Committeerdquo was formed in the same year Many people believe Judge Krishna Mohan Pandey promotion was withheld till 1991 on the orders of Mulayam Singh Yadav for passing this Judgment Judge Pandey preferred to follow the path of righteousness even putting his career at risk

In 1989 all cases of Babri Masjid-Ram Janmabhoomi title suit were transferred to the High Court Allahabad and HC ordered maintenance of status quo in respect of the disputed structure In the same year Vishwa Hindu Parishad (VHP) laid the foundation of a Ram temple on the land next to the Babri Masjid

In 1990 BJP along with VHP RSS and

other Hindu affiliates launched ldquoThe Ram Rath Yatrardquo with the aim to build a Ram temple on the site of the Babri Masjid The yatra led by Mr LK Advani commenced from Somnath on 25 September 1990 and was planned across the country to Ayodhya through hundreds of villages and cities Thousands of Kar-Sevaks accompanied the yatra which used to travel approximately

300 KM in a day and Advani addressing 4 to 6 public gathering per day Mr Advani was arrested by the Laloorsquos government in Bihar in October 1990

In October 1990 VHP BJP and RSS campaigned for a construction of Ram Temple at the Ram Janmabhoomi site Mr Ashok Singhal the then head of VHP mobilized people to gather at Ayodhya Mr Advani was detained by Laloo Prasad Yadav so he could not reach at the site The then SP government of UP under Mulayam Singh Yadav ordered complete lockdown and stated No bird would be able to fly into Ayodhya Government deployed heavy police and PAC personnel and barred all public transport including trains and buses to Ayodhya

On 30th October 1990 the ldquoD- day of Kar-sevardquo out of 40000 Kar sevaks 25000 managed to reach Ayodhya mostly on foot some even swam across Saryu river A curfew was imposed in Ayodhya and 15 cm long path was barricaded near disputed structure In the morning of 30th October Swami Vamadev Mahant Nratyagopal Das and Ashok Singhal led the kar-sevaks towards disputed site Mr Ashok Singhal was attacked by police and sustain head injury Police detained more than one lakh kar sevaks still many kar sevaks could reach disputed structure

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and finally the Kothari brothers of Kolkata mounted a saffron flag atop Babri Masjid erasing a shameful blot which had lasted for four centuries

Mulayam Singh Yadav ordered police to open fire at Kar sevaks Police chased kar sevaks all across the area and resorted to Lathi charge which led to Stampede at Saryu bridge Many people died from head injuries and in stampede

On 2nd November again kar sevaks gathered at Ram-lalla sthan and after offering prayers started to proceed towards disputed land Police resorted to Lathi charge and used tear gas to disperse the crowd however some kar sevaks reached the disputed structure and partially damaged it The police opened fire again second time within 3 days killing many Kar sevaks including Kothari Bandhu after dragging them out of a house That alley is now named as Shaheed Gali or Martyrrsquos Alley It is accused that police cremated many bodies and even dumped some bodies in Saryu river

The state governments officially reported 16 people were killed This whole incidence was repetition of Jallianwala Bagh episode where Indians forces were ordered to fire at fellow Indians but unlike Jallianwala massacre this order was not issued by an alien ruler Some of the sevaks who were martyred on that day were- Kothari Brothers Sitaram Mali Ramesh Kumar Mahavir Prasad Ramesh Pandey Sanjay Kumar Professor Mahendranath Arora a sadhu Rajendra Dharkar Babulal Tiwari and many more After this incidence Mulayam Singh Yadav earned the title of ldquoMulla Mulayam Singhrdquo among Hindu groups

on April 1991at Boat club Delhi a memorial meeting was arranged for the dead Karsevaks and a nationwide program Asthi Kalash (funeral urns) was launched to make people aware about those who died in the firing incident

Finally in 1992 on 6th December on the call of BJP and VHP around 15 Lakhs volunteer gathered at Ayodhya Rallies were organised and speeches were made by many leaders including Murli Manohar Joshi Uma Bharti and Mr Advani By afternoon a saffron flag could be seen on top of Babri Masjid and thousands of Kar Sevaks by using axes hammers and grappling hooks soon razed the disputed structureto the ground This led to riots all across the country causing deaths of 2000 people The PV Narasimha Rao government formed a commission of inquiry under Justice MS Liberhan to investigate about this whole incidence

In 1993 central Government passed Acquisition of Certain Area at Ayodhya Act and acquired land in the disputed area

During NDA-1 regime Mr Ashok Singhal demanded construction of Ram Temple at Ayodhya and went on fast unto death He was Force Fed on the orders of Atal Bihari Vajpayee

On 27th February 2002 Many Kar Sevaks and pilgrims were returning to Gujarat by Sabarmati

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express after attending Purnahuti Maha Yagna in Ajodhya which was done after completion of 10 years of Babri Masjid demolition About 1500 to 2000 Muslims with pre-planned motive and preparation attacked this train and burnt S-6 compartment of this train burning 59 karsevaks alive including 27 women and 10 children This incidence led to widespread riots in Gujarat in which 790 Muslims and 254 Hindus lost their lives (official figure)

A charge sheet was filed which mentioned that 1540 unidentified men attacked the train 107 people were charged including 8 juvenile out of which 68 could be arrested In Feb 2003 they were charged under POTA But in 2005 UPA decided not to charge the accused under POTA so finally all thirty-one Muslims who were convicted in 2011 could escape death penalty Most shameful act of subversion of justice was done by Laloo Prasad Yadav the then Railway Minister Lalu Yadav formed a committee under justice U C Banerjee who gave the report that the fire was a natural accident due to cooking inside the coach

This report was challenged in High court HC ruled that the Banerjee report was ldquounconstitutional illegal and null and voidrdquo declared its formation to be a ldquocolourable exercise of power with mala fide intentionsrdquo and its argument of accidental fire ldquoopposed to the prima facie accepted facts on recordrdquo The High Court also directed that the report should not be tabled in the Parliament

In 2002 The High Court ordered the Archaeological Survey of India (ASI) to excavate the site to prove any existence of temple in disputed area to determine lawful owner of the land

On Sep 30 2010 High court in a 21 majority rules three-way division of disputed area between Sunni Waqf Board the Nirmohi Akhara and Ram Lalla where one third will belong to Ram Lalla represented by the Hindu Mahasabha one third to the Islamic Waqf Board and the remaining third to the Nirmohi

Akhara In December the Akhil Bharatiya Hindu Mahasabha and the Sunni Waqf Board moved the Supreme Court challenging the HC ruling This ruling was quashed by SC in 2011 maintaining the status Quo

It is shameful yet ridiculous to see the anti-Hindu attitude of so called academicians of left liberal gang of India and how Allahabad High court exposed them in 2010 hearing and proved them epitome of hypocrisy Among all the experts which appeared in court claiming that no Ram Mandir ever existed underneath the Masjid not even one had any knowledge on Medieval History Babur Archaeology or about Ram Janbhoomi excavation Not even one had read Baburnama They all were simply stating each other statements and hearsay as facts (without any historical Proof) During cross examination they all agreed in court under oath that they never visited the disputed area and had no knowledge of archaeological findings and their knowledge was only based on newspaper reports After examining Prof D Mandal Allahabad bench head Justice Sudhir Agarwal noted that ldquothe statements made by him (Mandal) in cross-examination show the shallowness of his knowledge on the subjectrdquo Same kind of opinion was given by the judge for other experts like Supriya Verma Suvira Jaiswal etc The excavation finding by Shri BB lal and his meticulous writing and record keeping conclusively proved the presence of many Hindu sculpture beneath the Masjid and was sufficient to refute all left historians claim

In 2013 Meenakshi Jain a political scientist and historian wrote a book rdquoRama and Ayodhya and 2013rdquo in which she exposed the eminent historians on what they said in court and what they say in Media

Even in 2019 when Rajeev Dhavan (Lawyer for Waqf board) asked the four judge SC bench to take a note of a grandly titled Historiansrsquo Report To The Indian Nation written in 1991 by four Left historians ndash R S Sharma M Athar Ali D N Jha and Suraj Bhan after going through

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the matter and cross examining the historians the bench wrote-

ldquoThese historians did not have the benefit of the archaeological evidence Had this report really been prepared after studying the data collected through an archaeological excavation by ASI (about possible existence of a temple below the mosque) it could have had some meaning to it But these historians have not examined the ASI data The methodology they have adopted appears to be perfunctory as was termed by the High Courtrdquo

The former Regional Director of the Archaeological Survey of India (ASI) KK Muhammed In his book titled ldquoNjan Enna Bharatiyanrdquo (I an Indian) has stated that Left historians actually prevented an agreement between Hindus andMuslims He wrote-

ldquoThe Babri issue would have been settled long ago if the Muslim intelligentsia had not fallen prey to the brain-washing by the Leftist historians A set of historians including Romila Thapar Bipin Chandra and S Gopal argued that there was no mention of the dismantling of the temple before 19th century and Ayodhya is a Buddhist-Jain centre They were supported by historians Irfan Habib RS Sharma DN Jha Suraj Bhan and Akthar Alirdquo

It was a long and taxing path to refute all convoluted false claims of left historians but eventually after legal battle of 4 decades finally based on hard facts and archaeological excavation findings courts disproved all such arguments with very harsh wording for left historians

In August 2019 on Dr Subramaniam Swami plea SC agreed for day-to-day hearing on the land dispute By October 16th SC concludedits hearing and reserved the order

Finally on 9th November the 5 judge bench headed by Chief Justice Ranjan Gogoi and comprising of justices SA Bobde Ashok Bhushan DY Chandrachud and S Abdul Nazeer gave the historic decision in which SC grants

entire 277 acre of disputed land in Ayodhya to Ram Lalla and SC directedgovernment to allot 5 acre alternative land to Muslims at a prominent place to built a mosque

This legal battle which lasted for 7 long decades was finally won by Lord Ram devotee and truth prevailed with a poetic justice Laloo got Mr Advani arrested in 1990 for rath yatra now in 2010 on 5th of August Mr Advani will be doing bhoomi Pujan for Ram mandir at Ayodhya while Laloo is cooling his heels in jail

So finally a long battle for justice and truth is nearing its end The sacrifices and toil of Paramahansa Ramachandra Das Swami Vamdev Mahant Avaidyanath ji Ashok Singhal ji Swami Vasudevanand Sarswati ji Kothari Bandhu and thousands of Hindu devotee is about to bear fruit Shri Narendra Modirsquos leadership and Amit bhai Shahrsquos operation proved auspicious to all Hindus On 5th of August a new chapter of Indian glory and pride will begin when Mr Modi in the presence of Shri LK Advani will do ldquoBhoomi Pujanrdquo of Ram Janbhoomi and in next 3 years the world will see a new bold reverent and pious icon of Hindu dharma in the form of new ldquoRam Mandirrdquo

I started this article with a quote from historian Toynbee I will close this article with another piece of Toynbee

ldquoIt is already becoming clear the chapter which had western beginning will have to have a Indian ending if it is not to end in self destruction of human race At this supremely dangerous moment in human history the only way of salvation is the ancient Hindu way Here we have the attitude and spirit that can make it possible for the human race to grow together in to a single familyrdquo

Toynbee was one of the few western historian who understood the concept of ldquoVasudhaiv Kutumbakamrdquo Eventually all races of world have to follow this Hindu concept if they want to survive and thrive

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अवधय वह ह खजस ससषट न मनषय क खलए सिस िड़र धन क रप म धरतरी पर उतारा ऋगवद स लकर मनसमखत महाभारत और शररीमदभगवदगरीता तक म उस अवधय करी सजञा दरी गयरी वहरी एक माता धन ह मानव सभयता म उस हरी रासतो न धन कहा उस हरी गोमाता करी सजञा खमलरी वहरी गाय ह गाय कोई सामानय पर नही ह इस इस ससषट म खवधाता न सजवन करी याता को आग िढन क खलए मनषय को अखपवत खकया मनषय क खलए यहरी एक माता धन री खजसक आदान पदान स उसन अपनरी जरीवन याता करी ररआत करी अखत पाचरीन गरन और यहा तक खक हडापपा क खवदान भरी यह सवरीकार करत ह खक इस अवधय पाणरी क िल पर हरी मानव सभयता का खवकास सभव हो सका ह इस िार म उपलबध साकय िता रह ह खक ऋगवद म जो सोमकयनरी रबद आया ह उसक मल म गो का हरी अससततव ह सभयता क पारमभ म जि िररीद खिकरी या खकसरी पकार क आदान पदान क खलए कोई मापक भरी नही होता ा ति गाय क इकाई पर हरी साड़री गखतखवखध सपनन होतरी री

ऋगवद म सोम करी कय पखकया म कला रफ पाद गवाधव और गो का पयोग आया ह कहरी कहरी इसक खलए गो क सान पर धन का पयोग ह यह एक मापक इकाई ह खवदानो न इस इकाई करी वयाखया भरी करी ह इसक

अनसार - गाय क आधा िर का खनरान एक रफ होता ह दो रफ खमलाकर एक पाद होता ह दो पाद खमला कर एक गवाधव होता ह दो गवाधव क िरािर एक धन अवा पणव चार पाद होत ह इसरी आधार पर पारसमभक मानव सभयता क सामाखजक कायव वयवहार सपनन होत इसरी आधार पर गो करी इकाई करी वयवसा स काम होत

यहा यह सपषट करना आवशयक ह खक सभयता क पारमभ म गाय हरी एक मात धन होतरी री इसखलए सभरी मानवरीय कायव वयवहार म इसरी को आधार िना कर काम होत लन - दन और यजञ कमव दान आखद म भरी कवल गाय क हरी लन - दन स कायव होन लग और इसको सासकखतक रप म भरी सवरीकार कर खलया गया समाज म वहरी वयसकत सिस अखधक धनवान माना गया खजसक पास अखधक गोधन होता ा जि जरीवन करी सखहताओ का खनमावण हमार ऋखष परपरा न रर खकया तो उनहोन भरी गोधन को हरी आधार िनाया हमार रासत कहत ह -

त रजञसर त मवातवा सयदवानवा कवारणम |त सयतीथवायनवा नमसततअसत सदवानघ |शमश सरयरणवा रसरवा ललवाटड षभ धज|सरसती च िकवार सवनवागवासच कमबल ||कषर पषटड च गनधवाय दवाशचतवार ए च |मखवागर सयतीथवायमन सथवावारवामन चरवामण च ||

अिध अिध अयोधा और गोदान

सभयता की विकास यातरा म गोधन क अलािा अनय मयिान िसतओ और

मदराओ का परचलन समाज म विकसत हआ वकनत

कमषकाडीय और याजीक परपरा म धन अथिा गाय

का लन दन रवढगत रप म कायम रहा पररणाम यह

हआ वक यह रवढ आज एक अभतपिष विसगवत का परमाण बन कर मानि सभयता क सामन कडी हो गयी ह

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अयोधया ही अिध ह अिध का जनम होता ह अिधय स अिधय का आविभाषि

सकषट क साथ ही होता ह अिधय ह उसी क दान की परपरा ह अिधय वजस कषतर

म वनिास करत ह िही अिधय कषतर ह अब उस हम अिध क नाम स जानत ह

यह अिधय या ह इस अिधय का अकसतति या ह

सपखसद लिक कवखयतरी एव ससकखत पवव करी सहायक समपादक ह

ॉ अमनतवा अगरवाल

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ldquo ह खनषपाप तम सि दवताओ करी मायजञ करी कारण रपा और समपणव तरीथो करी तरीव रपा हो हम तमह सदानमसकार करत ह तमहार ललाट म चदरमा सयव अरण और वषवभधवज रकर खवराजमान ह हकार म सरसवतरीगल कमिल म नागगण िरो म गनधवव और चारो वद ता मिागर म चर-अचर समपणव तरीथो का वास ह तातपयव यह खक गोवर भारतरीय जरीवन ससकखत ईखतहास का अटट अग ह याखन जिस ससषट करी रचना हयरी तभरी स गाय का इखतहास भरी पारमभ होता ह यह का सभरी को मालम ह खक आखदकाल म दव और दानवो न अमत पापत करन क खलए समदर मन खकया ा पभ न कचछप अवतार लकर समर पववत को धारण खकया और वासकरी नाग को रज क तौर पर पयोग म लाकर मन खकया गया खजसम पम हलाहल खवष करी जवाला स तारन क खलए रतसवरपा कामधन का पागटय हआ जो सभरी मनोकामना सकलप और आवशयकता पणव करन म सकषम री कामधन को पालन हत दवताओ न महाऋखष वखरषट को पदान खकया खजनहोन गौलोक करी रचना करी

गौ क खवषय म एक और का आतरी ह -जि ससषट का पारमभ हआ तो बरहमा जरी न मन को ससषट रचना का आदर खदया खजसक कारण हम मानव कहलात ह उनहोन गोमाता करीसतखत करी और गोकपा अनसार गौदोहन खकया और पथवरी पर कखष का पारभ खकया पव मन क नाम स यह धरा पथवरी कहलाई

वालमरीखक रामायण स लकर महाभारत शररीमद भागवत पराण आखद गरो स जञात होता ह खक िडर-िडर राजा-महाराजा लािो करी सखया म गोवर का पालन करत और लािो गायो का एक सा दान कर खदया करत गाय का दान ऐस वयसकत को अखधक खकया जाता ा जो समाज म उतकषट कायव कर लोक मगल करी पनरीत परमपरा को समद करन म सतत पयतररील रहता ा

शररीमद भागवत म राजा नग दारा गाए दान करन का एक रोचक पसग आता ह-

रवातरः मसकतवा भमरवायतररो मदम तवारकवा रवातररो षयधवारवाशच तवातीरददवा सवा गवाःपरनसनीरतरणी शील रपगणरोपपनवाः कमपलवा िमशरगीःनरवारवामजतवा कपरखशः सतसवादकलमवालवाभरणवा ददवािम

इस दषटानत स सपषट होता ह खक राजा नग न नयाय स पापत असखय गाए िछडो सखहत दान करी री खजस तरह पथवरी क धखल कण आकार क तार और वषाव करी धाराओ को कोई खगन नही सकता वस हरी उनकरी भरी कोई गणना नही करी जा सकतरी री और व सभरी गौव दधार यवा सरीधरी सनदर कखपला सलकषणा एव वसतालकारो स खवभखषत री

दवखषव नारद न भगवान रामचनदर करी लरीलाओ क वणवन म कहा

ह-

गवा करोरसयरत दतवा मविदभररो ममधपयकमअावत भगवान राम न दस सहसर करोड गौए खवदानो को

खवखधपववक दान करी री अयोधया काणड क ३२व सगव म यकभ पसग आता ह खक एक िार भगवान राम क पास खतजट नामक बराहमण न आकर गायो क खलए याचना करी भगवान राम न खवनोद म उनस कहा- खवपवर आप अपना डडा खजतनरी दर फक सकग वहा तक करी सभरी गाए आपको खमल जाएगरी बराहमण न पररी रसकत स घमाकर अपना डडा फका और वह सरय नदरी क उस पार हजारो गायो क गोष म जाकर खगरा शररी राम न खतजट का सममान करत हए वहा तक करी साररी गौए उसक आशरम म पहचा दरी िहरहाल यह सि व िात ह खजनस भारतरीय वागमय भर पड़र ह हम यहा चचाव सर गाय और गोदान करी परपरा पर कर रह ह

सभयता करी खवकास याता म गोधन क अलावा अनय मलयवान वसतओ और मदराओ का पचलन समाज म खवसकसत हआ खकनत कमवकाडरीय और याजञरीक परपरा म धन अवा गाय का लन दन रखढगत रप म कायम रहा पररणाम यह हआ खक यह रखढ आज एक अभतपवव खवसगखत का पमाण िन कर मानव सभयता क सामन कड़री हो गयरी ह मनषय क खलए गाय खकतना उपयोगरी ह यह खवचार का अलग खवषय ह खकनत खजस गोदान करी परपरा ससषट क सा अवध कषत म रर हई री उसन सभयता म मनषय क फलाव क सा हरी अपनरी याता भरी जाररी रिरी सनातन ससकखत क अनयाखययो म यह उसरी गोदान क रप म खवदमान रहरी लोक मानयता म यह खवदमान रहा खक मतय स पवव गोदान करन स मनषय को मसकत खमलतरी ह और वह भवसागर पर कर जाता ह वद जनो को मतय स पवव गोदान करन करी परपरा आज भरी चलतरी ह शराद एव अनय अवसरो पर भरी गोदान करी परपरा अभरी जाररी ह वसतरीससखत यह ह खक जि य परमपराए रर हई री ति मनषय क पास दान करन योगय गाय हरी एक माता धन री लखकन इस रखढ िनाकर कमवकाड और यजञ स लोगो न जोड़ खदया कालातर म इस धाखमवक कतय क रप म साखपत कर खदया गया गाय हमार जरीवन दरवन म खकतनरी महतवपणव रहरी ह इसका सिस िड़ा उदहारण हमाररी लोक परपरा क रबद गज़ गोदना गोत गाव गोधखल गोरस गोदोहन गोष गोषरी आखद हरी

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 49

पमाखणत कर दत ह गाय जहा िाधरी जातरी री वह सान गोष कहा जाता ा और वह ि कर करी जान वालरी चचाव हरी गोषरी कहलातरी री गोषरी रबद आज पररषकत िन गया ह और कखतम सभागारो म होन वालरी चचावय इसक नाम हो गयरी ह

गाय की अरधयता वदो म पराणो म ता महाभारत म भरी सभरी सानो पर गौ को

अवधय कहा गया ह| महाभारत क राखतपवव शरखत म गौवो को अवधय कहा गया ह तो कौन उनक वध का खवचार करगा जो गायो और िलो को मरता ह वो महान पाप करता ह अगर परओ करी हतया का फल सवगव ह तो नरक खकन कमथो का फल ह

आर गरोिवा निवा धरो रो असत ऋगवद ७५६१७सदा हरी रकषा क पात गाय और िल को मत मार |

सरसवाद भगती मिभरवा अथरो र भगनतः सरवामअमद तणयमघनर मशदवानीमपब शदमदकमवाचरनती ऋगवद ११६४४०

ऋगवद गौ- हतया को जघनय अपराध घोखषत करत हए मनषय हतया क तलय मानता ह और ऐसा महापाप करन वाल क खलय दणड का खवधान करता ह |

अघनरर सवा दयतवा मित सौभगवार ऋगवद १ १६४२७अघनया

गौ- हमार खलय आरोगय एव सौभागय लातरी ह |

रमद नरो गवा िमस रदयशम रमद परषत तवा सीसन मधरवामरो रथवा नरो सरो अीरिवा

अवववद ११६४

यखद कोई हमार गायघोड़र और परषो करी हतया करता ह तो उस सरीस करी गोलरी स उड़ा दो |

अयोधया म गोिान और तरसगततअवधय कषत अावत अवध अावत अयोधया म आज भरी हर साल

सावन मल क अवसर पर लािो लोग गोदान करत ह खवगत कछ वषवो म इस पा को रकन करी भरी कवायद रर हई ह कयोखक पाडा लोग इस पररी तौर पर एक धध क रप म अपना चक ह उनक खलए यह अदभत धनधा िन गया ह य पणडर िद करी गाय िररीद कर लात ह और सरय क खकनार डररा जमा कर ि जात ह खफर जो भरी धमावनरागरी लोग सरय सान करन आत ह उनको पकड़ कर य गोदान करान लगत ह यह धन उगाहरी का ऐसा माधयम िना खदया गया ह करी एक एक गाय स य पणडर हज़ार हज़ार आदमरी को दान करात ह और रद रप स धाखमवक गरी करत ह इसको रोकन क खलए खपछल वषव िाकायदा परासन न जि पडो को सरय क खकनार गाय रिन स मन खकया तो सघषव करी ससखत आ गयरी

मानयताओ और परमपराओ क नाम पर गरी और रखढ िना दन करी कहानरी िहत हरी कषटदायक ह दिद पहल तो यह ह खक महज़ एक दो खदन मल भर क खलए गाय जगाड़ कर पसा काम लन क िाद य लोग गायो को भिो मारन क खलए खववर कर दत ह कयोखक खकसरी क पास कोई गोराला या ऐसरी जगह होतरी हरी नही जहा य गयो को पाल सक और खिला खपला सक िहतर तो ऐस ह जो मला ख़तम होत हरी गायो को कसाईयो क हा भरी िच दत ह यह उसरी अयोधया म धमव क नाम पर खकया जाता ह खजस अयोधया को वद अवधय कषत क रप म मानयता दत ह

गोिान और धमव कमव दर क पायः सभरी धाखमवक नगरो या काररी मखरा वनदावन

हररदार ऋखषकर हररहर कषत पयागराज आखद सभरी जगह गोदान करी परपरा चलरी आ रहरी ह जि भरी सामानय वयसकत तरीव याता अवा सान आखद क खलए खनकलता ह तो वह रासत सममत खकयाय भरी करना चाहता ह लोकमानस करी इसरी धाखमवक भावना का लाभ उा कर गोदान करन वाल िद को बराहमण ितान वाल लोग िि रीक स सनातन ससकखत को िदनाम करन म लग ह जो भरी लोग यह कायव करत ह उनम स िहतो को इस परपरा का कोई जञान भरी नही होता लखकन यह हो तो रहा ह

दरअसल गाय को लकर खजस ढग स िात हो रहरी ह उनम नाटो कोई इसक उदभव और वगयाखनक तथयो पर जाना चाह रहा ह और नही गाय करी मानवरीय जरीवन म खवखरषट भखमका को समझन करी कोखरर करी जा रहरी ह गाय सनातन ससकत का खहससा ह और रहगरी इस कोई नकार नही सकता लखकन गाय करी वतवमान िाज़ार दरा डरक कर खचता होना सवाभाखवक ह खहदतव क दरवन म ग का महतव िता कर अि इस खवरद धाखमवक पर िना कर पसतत करन वाल लोग गाय का भला नही कर रह खजस पकार स गोदान क नाम पर सरआम खिवाड़ हो रहा ह उसस गाय का तो नकसान हो हरी रहा ह खहदतव जसा दरवन भरी िदनाम हो रहा ह

laLd`fr ioZtqykbZamp 2020 vksk foskkkad50

आिायव तगररराि तकशोर

अशोक तसघि सरामी अरदानाथ िी महाराि

सरामी रासरदरानद िी महाराि

सरामी नतयगोपािदस िी महाराि

सरामी रामिनदर परमहस

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 51

अयोधा मनषय और मनसमवत

मनसमवत मानि ससककवत का सबस महतिपणष एि पराचीन धमषिासतर (समवत) ह इस मानि-धमष-िासतर मनसवहता आवद नामो स भी जाना जाता ह यह उपदि क रप म ह जो मन दवारा

ऋवषयो को वदया गया इसक बाद क धमषगरनथकारो न

मनसमवत को एक सनदभष क रप म सिीकारत हए इसका अनसरण वकया ह भारतीय मानयता क अनसार मनसमवत

बरहा की िाणी ह

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जब भी अयोधया की चचाष िर होती ह उसी क साथ आवद परष भगिान मन और उनक दवारा रवचत मनसमवत की चचाष सिाभाविक रप स सामन आ जाती ह बरहा जी न जब धरती पर सकषट सञालन क वलए मन को उतारा

उसी समय उनहोन जीिन सचालन की वयिशथा क वलए शवतयो का भी अितरण कराया इन शवतयो क आधार पर मनषय को विकसत सभयता का वनमाषण करना था इस कायष क वलए उनहोन मन स समवत की रचना कराई

वजस मनसमवत क नाम स आज विशि जानता ह

अधयकष गहखवजञान खवभाग

गगोतरी दवरी महाखवदालय गोरिपर

9450887187

डॉ अचवना खतवाररी

laLd`fr ioZtqykbZamp 2020 vksk foskkkad52

भारतरीय खचतन करी इस खवचारधारा को अि पसशचमरी खवदान भरी सवरीकार करन लग ह मकसमलर जस महापरष का कन ह करी ससषट करी रचना क सा हरी ससषट सचालन क साखहतय भरी ससशतकार न अवशय खदया होगा कयो करी पहल ससषट दन का कोई औखचतय नही हो सकता जि मनषय धरतरी पर आया होगा तभरी उस मनषय करी जरीवन सखहता भरी आई होगरी

िहरहाल यहा अखभपाय खकसरी अवधारण स नही ह िसलक यह खवखदत होन का ह करी आज क समाज म खजस पकार स एक वगव क आलोचक लोग मन और मन समखत पर अनगवल खटकाए करत ह कया उनह पता भरी ह खक व भरी उसरी मन करी सतान ह मन करी खजस वणव वयवसा को पानरी परी परी कर व कोसत ह और उस वयवसा क खवरोध म खजस पकार स अपनरी अपनरी अवधारानाय साखपत करत ह उसस समाज को व कया नया द पात ह मन न चार वनावशरमो म समाज को वयवससत खकया ह बराहमण कषखतया वशय और रदर हम इस खववाद म नही जाना खक कौन कस पदा होता ह लखकन आज क नए सामाखजक अलमिरदारो स यह सवाल जरर करना चाहगरी खक मन करी अवधारणा को गाखलया दन क िाद आप अज खकस तरह समाज को खवभाखजत कर रह ह आप भरी तो आज कलास वन कलास ट कलास थरी और कलास फोर म हरी पोर समाज को खवभाखजत करन का सखवधान रच रह ह कहन का तातपय यह खक आप भरी समाज को सचाखलत करन क खलए चार पकार क मनषयो पर हरी आखशरत ह तो खवचार करी िात ह खक आखद परष करी सामाखजक अवधारना स अलग आप कया कर पा रह ह

सच यह ह खक खरखकषत अजञानरी समदाय न पसशचम करी नक़ल म भारतरीयता को िदनाम करन और उसकरी आलोचना करन का एक फरन पल खलया ह और पाचरीनता करी आलोचना हरी उनका रगल ह यह वासतखवकता ह करी मन और मनसमखत करी आलोचना कर क समाज को िरगलान वाल खकसरी वयसकत क पास नाटो मनसमखत ह और न हरी उसन मन समखत पढरी ह खिना मन और मनसमखत को जान हरी कवल आलोचना क खलए आलोचना इनका उदशय हो गया ह और य लोग वाहरी करत ह

मनसमखत मानव ससकखत का सिस महतवपणव एव पाचरीन धमवरासत (समखत) ह इस मानव-धमव-रासत मनसखहता आखद नामो स भरी जाना जाता ह यह उपदर क रप म ह जो मन दारा ऋखषयो को खदया गया इसक िाद क धमवगरनकारो न मनसमखत को एक सनदभव क रप म सवरीकारत हए इसका अनसरण खकया ह भारतरीय मानयता क अनसार मनसमखत बरहमा करी वाणरी ह lsquoमनसमखतrsquo भारतरीय ससकखत का अखभनन अग ह इसकरी गणना खवशव क ऐस गरनो म करी जातरी ह खजनस मानव न वयसकतक आचरण और समाज रचना क खलए परणा पापत करी ह इसम पशन कवल वततवमान धाखमवक आसा या खवशवास का नही ह िसलक मनषय क जरीवन करी आवशयकताओ करी पखतव खकसरी भरी पकार आपसरी सहयोग ता सरखचपणव ढग स हो सक यह अपकषा और आकाकषा पतयक सामाखजक वयसकत म होतरी ह दखनया भर म इस खवषय पर पयावपत िोज हई ह तलनातमक अधययन हआ ह और समालोचनाए भरी हई ह भारतरीय जरीवन वयवसा और समाज म तो इसका सान वदतयरी क उपरात ह मनसमखत क िहत स ससकरण उपलबध ह कालानतर म िहत स पकषप भरी सवाभाखवक ह साधारण वयसकत क खलए यह सभव नही ह खक वह िाद म ससममखलत हए अरो करी पहचान कर सक कोई अखधकाररी खवदान हरी तलनातमक अधययन क उपरानत ऐसा कर सकता ह मनसमखत करी पामाखणकता और वजञाखनकता को भारतरीय शरखत मनसमखत करी सरचना एव खवषयवसत एव समखत परमपरा को खवशलखषत कर क समझा जा सकता ह

भारतीय आचार-सतहता का तरशरकोशमनसमखत भारतरीय आचार-सखहता का खवशवकोर ह मनसमखत

म िारह अधयाय ता दो हजार पाच सौ शलोक ह खजनम ससषट करी उतपखतत ससकार खनतय और नखमखततक कमव आशरमधमव वणवधमव राजधमव व पायसशचत आखद खवषयो का उललि ह

(1) जगत करी उतपखतत

(2) ससकारखवखध वरतचयाव उपचार

(3) सान दाराखघगमन खववाहलकषण महायजञ शरादकलप

(4) वखततलकषण सातक वरत

(5) भकयाभकय रौच अरखद सतरीधमव

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 53

(6) गहसाशरम वानपस मोकष सनयास

(7) राजधमव

(8) कायवखवखनणवय साखकषपशनखवधान

(9) सतरीपसधमव खवभाग धमव धत कटकरोधन वशयरदरोपचार

(10) सकरीणवजाखत आपदमव

(11) पायसशचतत

(12) ससारगखत कमव कमवगणदोष दरजाखत कलधमव खनशरयस

टीकाएमन पर कई वयाखयाए पचखलत ह-

(1) पधाखतखकत भाषय

(2) कललककत मनवव मकताव लरी टरीका

(3) नारायणकत मनवव खववखतत टरीका

(4) राघवानद कत मनवव चखदरका टरीका

(5) नदनकत नखदनरी टरीका

(6) गोखवदराज कत मनवारयानसाररणरी टरीका आखद

मन क अनक टरीकाकारो क नाम जञात ह खजनकरी टरीकाए अि लपत हो गई ह या- असहाय भतवयजञ यजवा उपाधयाय ऋज खवषणसवामरी उदयकर भारखच या भागरर भोजदव

धरणरीधर आखद धमवरासतरीय गरकारो क अखतररकत रकराचायव रिरसवामरी जस दारवखनक भरी पमाणरपण इस गर को उदत करत ह परपरानसार यह समखत सवायभव मन दारा रखचत ह मनसमखत स यह भरी पता चलता ह खक सवायभव मन क मलरासत का आशरय कर भग न उस समखत का अवगाहन खकया ा जो पचखलत मनसमखत क नाम स पखसद ह इस भागववरीया मनसमखत करी तरह नारदरीया मनसमखत भरी पचखलत ह मनसमखत वह धमवरासत ह खजसकरी मानयता जगखवखयात ह न कवल भारत म अखपत खवदर म भरी इसक पमाणो क आधार पर खनणवय होत रह ह और आज भरी होत ह अतः धमवरासत क रप म मनसमखत को खवशव करी अमलय खनखध माना जाता ह भारत म वदो क उपरानत सवावखधक मानयता और पचलन lsquoमनसमखतrsquo का हरी ह इसम चारो वणथो चारो आशरमो सोलह ससकारो ता ससषट उतपखतत क अखतररकत राजय करी वयवसा राजा क कतववय भाखत-भाखत क खववादो सना का पिनध आखद उन सभरी खवषयो पर परामरव खदया गया ह जो खक मानव मात क जरीवन म घखटत होन समभव ह यह सि धमव-वयवसा वद पर आधाररत ह मन महाराज क जरीवन और उनक रचनाकाल क खवषय म इखतहास-पराण सपषट नही ह ताखप सभरी एक सवर स सवरीकार करत ह खक मन आखदपरष और उनका यह रासत आखदःरासत ह

मनसममतत क पररता एर कालमनसमखत क काल एव पणता क खवषय म नवरीन अनसधानकाररी

खवदानो न पयावपत खवचार खकया ह खकसरी का मत ह खक मानव चरण (वखदक रािा) म पोकत होन क कारण इस समखत का नाम

laLd`fr ioZtqykbZamp 2020 vksk foskkkad54

मनसमखत पड़ा कोई कहत ह खक मनसमखत स पहल कोई मानव धमवसत ा (जस मानव गहयसत आखद ह) खजसका आशरय लकर खकसरी न एक मल मनसमखत िनाई री जो िाद म उपिखहत होकर वतवमान रप म पचखलत हो गई मनसमखत क अनक मत या वाकय जोखनरकत महाभारत आखद पाचरीन गरो म नही खमलत ह उनक हत पर खवचार करन पर भरी कई उततर पखतभाखसत होत ह इस पकार क अनक तथयो का िहलर (Buhler G) (सकड िकस ऑव ईसट सरीररीज सखया 25) पाणडरग वामन काण (खहसटरी ऑव धमवरात म मनपकरण) आखद खवदानो न पयावपत खववचन खकया ह

यह भरी सच ह खकमन क काल करी समखत अि उपलबध नही ह आज जो मनसमखत हम पात ह वह मल मनसमखत नही ह यह वह ह खजस समय समय पर खवखिनना ऋखषयोआचायवो और खवदानो न समाज को खदया मन क कल स अि तक ससषट का इतना समय िरीत चका ह ससषट क सा क साखहतय या शरखत अवा समखत का उसरी रप म पापत होना िहत कखन ह इसका कारण यह ह करी खजस शरखत परपरा म इनक अधययन अधयापन करी वयवसा िनरी री वह परपरा िहत पहल हरी िखडत हो चकरी ह िास कर भारत पर खवदररी अभारतरीय आखधपतय क िाद तो कछ भरी नही िचा ऐस म मल शरखत और समखत को पाना िहत कखन ह

पाशचातय खवदानो क अनसार मन परपरा करी पाचरीनता होन पर भरी वतवमान मनसमखत ईसा पवव चतव रताबदरी स पाचरीन नही हो सकतरी (यह िात दसररी ह खक इसम पाचरीनतर काल क अनक वचन सगहरीत हए ह) यह िात यवन रक कािोज चरीन आखद जाखतयो क खनदवर स जञात होतरी ह यह भरी खनसशचत ह खक समखत का वतवमान रप खदतरीय रतरी ईसा पवव तक दढ हो गया ा और इस काल क िाद इसम कोई ससकार नही खकया गया मनकाल करी समखत करी अनपलबधता और भाषाई कखनाइयो क िरीच पसशचम क खवदानो करी अवाधारानाओ क खलए उनह दोषरी नही हराया जाना चाखहए

मनसममतत और जातत वयरसथा मनसमखत उस काल करी ह जि जनमना जाखत वयवसा क

खवचार का भरी कोई अससततव नही ा| अत मनसमखत जनमना समाज वयवसा का कही भरी समवन नही करतरी| महखषव मन न मनषय क गण- कमव ndash सवभाव पर आधाररत समाज वयवसा करी रचना कर क वदो म परमातमा दारा खदए गए आदर का हरी पालन खकया ह (दि ndash ऋगवद-१०१०११-१२ यजववद-३११०-११ अवववद-१९६५-६)|

यह वणव वयवसा ह| वणव रबद ldquoवञrdquo धात स िनता ह खजसका मतलि ह चयन या चनना और सामानयत पयकत रबद वरण भरी यहरी अव रिता ह | जस वर अावत कनया दारा चना गया पखत खजसस पता चलता ह खक वखदक वयवसा कनया को अपना पखत चनन का पणव अखधकार दतरी ह |

सनदभय अयोधया मरा माया काररी काखचरवसनतका पररी दारावतरी चव सपतत मोकषदाखयका वालमरीखक रामायण उततर काणड 108 4 रघ वर सगव 16 अयोधया त धमवजञ दरीघवयजञ महािलम अजयत पाडवशरषो नाखततरीवरणकमवणा- सभापवव 30-2

जातक सखया 454 रायसडरवरीज िखदसट इखडया पष 39 एस सरी डर खहसटाररखसटरी ऑफ़ रामायण एड खद इडो आयवन सोसाइटरी इन इखडया एड सरीलोन (खदललरी अजता पसबलकरस पनमखदवत 1976) पष 80-81

ऐतरय बराहमण 731 दि ज रा ए सो 1971 डा सरनदर कमार पगगापसाद उपाधयाय और सवामरी दयानद सरसवतरी क कायव |

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मनसमखत म वणव वयवसा को हरी िताया गया ह और जाखत वयवसा को नही इसका सिस िड़ा पमाण यह ह खक मनसमखत क पम अधयाय म कही भरी जाखत या गोत रबद हरी नही ह िसलक वहा चार वणथो करी उतपखतत का वणवन ह | यखद जाखत या गोत का इतना हरी महतव होता तो मन इसका उललि अवशय करत खक कौनसरी जाखत बराहमणो स सिखधत ह कौनसरी कषखतयो स कौनसरी वशयो और रदरो स |

मनसमखत २ १३६ धनरी होना िाधव होना आय म िड़र होना शरष कमव का होना और खवदतता यह पाच सममान क उततरोततर मानदड ह | इन म कही भरी कल जाखत गोत या वर को सममान का मानदड नही माना गया ह | मनसमत करी वयापक दसषट कवल मनषय को कदर म रितरी ह और उस मनषय को सससकत िनान और सिरी जरीवन जरीन करी कला खसिातरी ह मानयता और पचलन lsquoमनसमखतrsquo का हरी ह इसम चारो वणथो चारो आशरमो सोलह ससकारो ता ससषट उतपखतत क अखतररकत राजय करी वयवसा राजा क कतववय भाखत-भाखत क खववादो सना का पिनध आखद उन सभरी खवषयो पर परामरव खदया गया ह जो खक मानव मात क खजवन म घखटत होन समभव ह यह सि धमव-वयवसा वद पर आधाररत ह मन महाराज क जरीवन और उनक रचनाकाल क खवषय म इखतहास-पराण सपषट नही ह ताखप सभरी एक सवर स सवरीकार करत ह खक मन आखदपरष और उनका यह रासत आखदःरासत ह कयोखक मन करी समसत मानयताए सतय होन क सा-सा दर काल ता जाखत िनधनो स रखहत ह यह तथय ह खक जि भरी अयोधया पर िात होगरी ति ति अनय सभरी महतताओ क आलावा मनषय जातरी क खलए जरीवन क सखवधान क रप म मन जरी दारा दरी गयरी मनसमखत करी भरी चचाव करनरी हरी होगरी ताकखत आज क खरखकषत और कछ िखधखतरकवादरी लोगो क खलए भारतरीय गरो को लकर खटपपखणया करना उनक कखत पगखतररीलता का दोतक िन गया ह पर यह सि दि कर दःि भरी होता ह य कौन लोग ह खजनह अपनरी ससकखत करी पाचरीनता पर भरी गवव नही ह य िद क माता खपता को गाखलया दकर कया हाखसल करना चाहत ह

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शररीमद रामचररत मानस जरी म गोसवामरी तलसरी दास जरी न वखणवत खकया ह -

अधपरी सम मपर नमि सरोऊ

रि पसग जवानइ करोउ करोऊ

जनमभमम मम परी सिवामन

उततर मदमस बि सरज पवामन

जवा मजजन त मबनमि परवासवा

मम समीप नर पवामि बवासवा

अमत मपर मरोमि इिवा क बवासी

मम धवामदवा परी सख रवासीअि चचाव करत ह पखवत सरय क उदभव

अससततव और इखतहास करी सरय नदरी उततर पदर म अयोधया क खनकट िहन वालरी भारत करी पाचरीन नखदयो म स एक ह घाघरा सरज ता रारदा इस नदरी क अनय नाम ह यह खहमालय स खनकलकर उततररी भारत क गगा क मदान म िहन वालरी नदरी ह जो िखलया और छपरा क िरीच म गगा म खमल जातरी ह अपन ऊपररी भाग म जहा इस कालरी नदरी क नाम स जाना जाता ह यह काफ़री दररी तक भारत (उततरािणड राजय) और नपाल क िरीच सरीमा िनातरी ह

पाचरीन गरो म वखणवत खमलता ह खक

रामायण काल म सरय कोसल जनपद करी पमि नदरी री-

lsquoकरोसलरो नवाम ममदतः सफीतरो जनपदो मिवान मनमषटः सररतीर पभतधनधवानरवान

अररोधरवा नवाम नगरी तरिवासीललरोकमशरतवा

मननवा मवाननदण रवा परी मनममयतवा सरम अयोधया स कछ दर सरय क तट पर घना

जगल ससत ा जहा अयोधया नरर आिट क खलए जाया करत दरर न इसरी वन म आिट क समय भल स शरवण कमार का जो सरय स अपन अध माता-खपता क खलए जल लन क खलए आया ा िध कर खदया ा-

तनसमनमत सखकवाल धनषमवामनषमवानरथी वरवारवामकतसकलपः सररमनगवा नदीम मनपवान ममिष रवारिौगज बवाभरवागतमगम अनरद वा शवापद मकमचमजजधवासरमजतननदरवाrsquo lsquoअपशरमभषणवा तीर सररबवासतवा पस ितम अकीणजटवाभवार पममदकलशरोदकम

सरय नदरी का ऋगवद म उललि ह और यह कहा गया ह खक यद और तववसस न इस पार खकया ा पाखणखन न अषटाधयायरी म सरय का नामोललि खकया ह पदमपराण क उततरिड म भरी सरय नदरी का माहातमय वखणवत ह सरय नदरी अयोधयावाखसयो करी िड़री खपय नदरी री काखलदास क रघवर म राम सरय

जनम भमम मम पररी सहािमन

सरय नदी का ऋगिद म उलख ह और यह कहा गया ह वक यद और तिषसस न इस पार वकया था पावणवन न अषटाधयायी म सरय का नामोलख वकया ह पदमपराण क उतिरखड

म भी सरय नदी का माहातमय िवणषत ह सरय नदी अयोधयािावसयो की

बडी वपरय नदी थी

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आवदपरी शी अयोधया जी की जब भी चचाष होगी उसक साथ ही परम पािनी माता सरय पर विमिष अिशय होगा सरय और अयोधया जी का

सबध भगिान मन स ह और मन स आग इकिाक क ििज भगिान शीराम की यही पवितर जनमभवम ह लगभग 500 िषषो क अनिरत सघषष क बाद जब परभ शीराम की जनमभवम पर भवय शीराम मवदर सथावपत हो रहा ह तो

यह आिशयक लगता ह वक पवितर सरय जी पर भी विमिष हो

लिक वररष पतकार ह

मनोज कमार खतपारी

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को जननरी क समान हरी पजय कहत ह-

lsquoसर मदीरवा जननी तन मवानरन रवाजञवा सररमरकतवा दर बसनत मशमशरवामनलमवाा तरगिसतरपगितीrsquo

सरय क तट पर अनक यजञो क रपो का वणवन काखलदास न अपन महाकावय रघवर म खकया ह-

lsquoजलवामन रवा तीरमनखवातरपवा बितरररोषरवामनरवाजधवानीमrsquo महाभारत अनरासनपवव म सरय को मानसरोवर स खनससत

माना गया ह अधयातम रामायण म भरी इसरी तथय का खनदवर ह- एषा भागरीररी गगा दशयत लोकपावनरी एषा सा दशयत सरीत सरययवपमाखलनरी

भगवान शररीराम करी यह सरय मानसरोवर स खनकलतरी ह खजसका नाम बरहमसर भरी ह काखलदास क खनमन वणवन स यह कन सखचत होता ह-

पररोधरः पणरजनवागनवानवा मनमयषटिमवामबजरण रसरवाः बरवाहसरः कवारणमवापतवाचरो बदररवावरकतमदवािरननत

उपरोकत उदरण स यह भरी जान पड़ता ह खक काखलदास क समय म परमपरागत रप म इस तथय करी जानकाररी यदखप री तो भरी सरय क उदगम को रायद हरी खकसरी न दिा ा इस भौगोखलक तथय का जञान तलसरीदस को भरी ा कयोखक उनहोन सरय को मानसननदनरी कहा ह

यह सरय मानसरोवर स पहल कौड़यालरी नाम धारण करक िहतरी ह खफर इसका नाम सरय और अत म घाघरा या घघवरा

हो जाता ह सरय छपरा (खिहार) क खनकट गगा म खमलतरी ह गगा-सरय सगम पर चरान नामक पाचरीन सान ह काखलदास न सरय-जाहनवरी सगम को तरीव िताया ह यहा दरर क खपता अज न वदावसा म पाण तयाग खदए -

त ी थ वत रो र व र म त क र भ ज ह क न र वा र व रो दितरवागवादमरवाणनवालखरमवासवादय सदयः

समभवत उपरोकत तरीव चरान क खनकट रहा होगा महाभारत भरीषमपवव म सरय का नामोललि इस पकार ह-

रिसरवा शतकभवा च सरर च तथ च

चमयणती रिती िनसतसरोमवा मदशर तथवा शररीमदभागवत म नखदयो करी सचरी म भरी सरय पररगखणत ह-

रमनवा सरसती दषविती गरोमती सरर खमखलदपनहो नामक िौद गर म सरय का सरभ कहा गया ह

जो पाातर मात ह रामचररतमानस का उललि अवधपररी मम पररी सहावखन दखकषण खदर िह सरय पावनरी रामचररत मानस करी इस चौपाई म सरय नदरी को अयोधया करी पहचान का पमि खचहन िताया गया ह राम करी जनम-भखम अयोधया उततर पदर म सरय नदरी क दाए तट पर ससत ह अयोधया खहनदओ क पाचरीन और सात पखवत तरीवसलो म एक ह अयोधया को अवववद म ईशवर का नगर िताया गया ह और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह

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कालिणड अपनरी गखत स िढता रहा पखत सोपान राम हमाररी आसा ह यह मत जाप अनवरत होता रहा ह मरीरिाकरी न सवय खलिा lsquolsquoयह फररशत क उतरन करी जगह हrsquorsquo

30 खदसमिर 1949 मखतवयो का पकाटय हआ राम करी धन धड़कन िन धड़कन लगरी राम आसा ह राम मयावदा ह राम सभयता ह राम ससकखत ह राम भाषा ह राम जनम म ह राम मतय म राम मोकष ह राम अधयातम ह

12 वषव म कछ माह रष - 19 खदसमिर 1961 को खववाद का जनम होता ह शररीराम क जनम क 7100 वषव िाद भखम खववाद का मससलम पकष दारा मकदमा दायर होता ह

इस समय भारतरीय राजनरीखत म मससलम तषटरीकरण रर हो गया ा अिल कलाम आजाद को खरकषा मनतरी नहर न िनाया ा इसखलए अकिर महान मजिररी म पढना पड़ा तजोमय मसनदर स ताजमहल और वाराह खमखहर करी दरिरीन को कतिमरीनार पढाया जान लगा कयोखक कागरस मससलम तषटरीकरण म लगरी री- सभरी सानो म नामो करी पखटटका गाधरी नहर पररवार तक खसमटरी रहरी आजादरी क रहरीदो को भरी याद नही खकया जा रहा ा आजादरी क 25 वषथो म हरी जनता जनादोलन क खलए तयार हो रहरी री आपातकाल क दौरान जनानदोलन खहनदतव सगनो और खवपकषरी सगनो को दरखहत म एक सा आन म सवाभाखवक सरलतापववक सयकत सगन िना

राजरीव गाधरी न राहिानो पकरण म सववोच नयायालय क खनणवय को वापस लन क उपरानत खहनदतव सगन न समाज का आहवान कर खदया अि खहनदतव राषटरीय पटल पर साखपत होन करी ओर िढन लगा

मनषयता म आम ततर राम हबरहमा क पत पचता उनक दसव पत

िासलमरीखक जरी खजनको नारद जरी न राम का सनायरी और राम क जरीवन काल म रामायण खलिरी गयरी िालमरीखक जरी सरीता और लव कष को लकर अयोधया आत ह- राजाराम स कहत ह lsquolsquoम पचता पत कहता हrsquorsquo सरीता उतनरी पखवत ह खजतना मर पणय और यखद ऐसा ना हो तो मर समसत पणय कषरीण हो जाए

मर राम

राम भारत क रोम रोम म ह भारत क लोक म राम ह भारत की सास म राम ह भारत की वमटी हिा जल म राम ह राम भारत की समपदा िभि यष मयाषदा जीिन पदववत ह मकसलम तषटीकरण का पररणाम

सपरदाय जवनत िातािरण की गमाषहट स नय यग क

परारमभ होन की वदषा म एक नय अधयाय की ओर वहनद सगिन बढन लगा वजसकी पररणवत राम रथ यातरा न

भारत की राजनीवत क नय आयाम गढन लग भारत की मौवलक राषटीय चतना को

आग नतति वमला

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भारत की सासककवतक चतना राममय रही ह आजादी क आनदोलन की चतना का मल मतर राम ह इसवलए रघपवत राघि राजाराम मल अथाष म

लोक मतर बना सिाधीनता सगराम म िाह गर शी गरगोविनद वसह की सना न सन 1858 म अयोधया म धािा बोलकर lsquolsquoमकसजदrsquorsquo जनमभवम की दीिार

पर राम राम वलखा था वजस ततकालीन कोतिाल िीतला परसाद दब न थाना-ररपोटट म वलखा ह

सयोजक नदरी सरकषण लोकभारतरी9415217404

कपटन सभाष ओझा

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राम भारत क रोम रोम म ह भारत क लोक म राम ह भारत करी सास म राम ह भारत करी खमटटरी हवा जल म राम ह राम भारत करी समपदा वभव यर मयावदा जरीवन पदखत ह मससलम तषटरीकरण का पररणाम सपदाय जखनत वातावरण करी गमावहट स नय यग क पारमभ होन करी खदरा म एक नय अधयाय करी ओर खहनद सगन िढन लगा खजसकरी पररणखत राम र याता न भारत करी राजनरीखत क नय आयाम गढन लग भारत करी मौखलक राषटरीय चतना को आग नततव खमला

रयाता ससमरण म - आडवाणरी जरी क सा रयाता क सयोजक शररी क० एन० गोखवनदाचायव जरी रह गोखवनद जरी भारत परसत सगन और सजन रसकत को सगखत कर रह दर म र अपनरी याता पर ा एक खदन गोखवनदाचायव जरी स राखत भोजन क उपरानत टहलत हए आडवाणरी जरी न एक पशन खकया - यह जनता जनादवन र क आग खमटटरी म लोट रहरी ह और रा क परीछर करी खमटटरी को कागज पखड़या म रि कर मा चढा रहरी ह आडवाणरी जरी न कहा म हतपभ और आशचयवचखकत ह गोखवनद जरी भरी अनततररत रह गोखवनद जरी न िताया अधययन अवकार क समय खिनदवार धयान करन पर आया खक आडवाणरी जरी अगरजरी ससकखत म पढर पल होन क कारण उनक मन मससतषक म राम मय खमटटरी म लोट-पोट रहरी जनता जनादवन क पखत खवसमय रहा ा

भारत करी तासरीर-तवर कलवर समझन क खलए राममय होना पड़रगा राम करी भष-भषा म आन मात स रावण का मन राममय हो गया ा राम करी मयावदा क आचरण तपसया तयाग और परोपकार सत ससकखत का जरीवन जरीन स रामराजय जनम लता ह

छदम सकलरवाद अि सकलरवाद करी जगह पा चका ा 6 खदसमिर 1992 दोपहर म शररी कलयाण खसह मखयमनतरी उ०प० अपन आवास पर दो मनतरी क सा िर अयोधया म कार सवा चल रहरी री कारसवक िािररी मससजद क गिद पर चढ गय और कदालो स तोड़न लग वहा पयावपत सखया म अधव सखनक िल ा लखकन कार सवको न उनक और िािररी मससजद क िरीच एक घरा िना खदया ा उस समय कलयाण खसह क आवास पर पखलस महाखनदषक उ०प० एल०एम० खतपारी भागत हए आय मखयमतरी स खमलना चाहा अनदर स सनदर आया भोजन समापत होन तक पतरीकषा कर कछ दर िाद जि डरी०जरी०परी० अनदर गय तो lsquolsquoकारसवको पर गोलरी चलान करी अनमखत मागरी ताखक िािररी मससजद को खगरन स िचाया जा सक- कलयाण खसह न पछा - अगर गोलरी चलरी तो कारसवक मार जायग डरी०जरी०परी० न जवाि खदया हा ति मखयमतरी न कहा म आपको गोलरी चलान का आदर नही दगा आप अनय साधनो स खनयतण कर राम को िािररी मससजद का ढाचा ढह गया माननरीय कलयाण खसह न अपना तयाग पत राजयपाल को सौप खदया िािररी मससजद करी एक एक ईट कायवकताव उा ल गय सकलरवाखदयो क अनयायपणव खजद करी पखतखकया म कारसवको न ढाचा खगरा खदया कार सवको न शररी हनमान जरी करी रसकत स िािररी मससजद का पटाकषप कर खदया ा

दरदरवन पर रामायण और महाभारत का खदगदरवन न भारतरीय जनमानस का मानस िनाया रामजनमभखम पर मसनदर खनमावण करी माग और िािररी मससजद करी माग साववजनक गलरी नककड मोहललो गावो म िहस होन लगरी

आम चचाव म राम का जरीवन मयावदा मलयो तयाग करणा दया वातसलय पम सह िनधतव कषमा अपार धयव साहस वरीरता उधम नयायखपयता नसखगवक ईशवररीय गणो स समपणव चररत चचाव चल रहरी री खजस िािा गोसवामरी तलसरीदास जरी मयावदा परषोततम भगवान शररी राम करी सतखत कहत ह समसत ससार रामनाम दरीिन म भगवान क िामन रप जसा ह दरीिन म छोटा खकनत वासतखवक सवरप म पकट कन पर अननत कोखट बरहमाणडो को अपन म समा सकता ह सभरी बरहमाणडो क नायक शररीराम जरी ह

सयव क कनदर म जो सखवता ह वो साकषात नारायण ह इखसलए शररीराम सयववररी ह आसा क पाणततव का पखतफल मर राम ह

भारत का जरीवन दरवन मर राम ह भारत करी पहचान आन मान सममान मर राम ह हम राम जरी क रामजरी हमार ह तभरी असनतम समय म राम नाम सतय ह सभरी करी यह गखत ह

सासकखतक जागरण क कारण उस समय करी िदाई होन पर मसनदर क पमाखणक साकय न नयायालय म जनमभखम करी नयाय म सहायता खदलाया

राम जनमभखम खववाद उच नयायालय स सववोच नयायालय तक पहचन म भारत करी सासकखतक चतना पणव रप स एक मत होन लगरी खक राम भारत क पाण ततव ह भारत क सखवधान करी मल पखत पर भगवान राम सपररवार पषपक खवमान सखहत खचत सयोखजत ह तो भारत क सखवधान म मर राम ह

राम क पाकटय सल पर सववोच नयायालय दारा पापत खनणवय पर अनय सापतय क खिना भारत करी अससमता पर पशन खचहन लगा रहगा राषटवादरी चतना न सासकखतक राषटवाद करी सरकार िनायरी दसररी ओर सवय सवक खवदान अखधवकता सनतो महनतो रकराचायथो आचायथो खवदानजन सजन रसकतयो क दारा तकक साकय समखत खचहन पाकटय पमाण जटान म लग रह खजस सवधाखनक अाव म नयायपणव खनणवय दारा पापत आदष स शररी राम जनमभखम मसनदर खनमावण करीआधारखरला यरसवरी माननरीय पधानमतरी आदरणरीय शररी नरनदर मोदरी जरी क कर कमलो स नय भारत का गौरवारालरी इखतहास रचगा इस पनव खनमावण स खवखरषट रलरी क मसनदर का भखम पजन भारत सवाखभमान को सरोखभत करगा यह समपणव ससार क समकष एक आतमततव राम करी पखतमखतव खवशव को एक वखरषटय उदाहरण पसतत करगा खजसम खहनदतव सनातन करी सासकखतक राषटरीय चतना का गौरव साखपत होगा और यह सतय खक मर राम अखवनाररी कण-कण म ह- घट-घट म ह मर राम

मर राम

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 59

मागव म सानरीय जनता का अभतपवव सहयोग इन लोगो को दिन को खमला अधररी रात म भरी लोग लालटरन लकर गावो म हर जगह इनका सवागत करत पआल पर िोररी या दररी खिछाकर इनक खवशराम करी वयवसा भोजन नाशता मवा आखद स इनका आखतथय होता सि भोजन क पकट तो रासत भर खमल इन कार सवको को खिलान क खलए गननो क कई ित साफ़ कर खदए सानरीय जन सामानय न आग यखद पखलस होन करी सभावना होतरी तो व हरी लोग इनह सावधान करत और सरखकषत मागव भरी सझात राम भसकत का अदभत जवार ा उन खदनो म

फजावाद स कछ खकलोमरीटर पवव रामगज नामक गाव म रात को एक िज लगभग ७००-८०० कारसवक पहच इनक पहचन करी सचना खमलत हरी गाव करी माता िखहन एकखतत हो गई और दित हरी दित सिन खमलकर एक घटर क अदर गरम ताजा भोजन तयार कर खिलाया गराम वाखसयो न अपन सोन क सान िालरी कर कारसवको को सलाया और सवय िाहर सोय सखदवयो क खदन तो सिह ितो म कडाव चढाकर

इन लोगो क सान आखद क खलए पानरी करी वयवसा करी गई गाव करी मखहला सरपच न अपनरी जरीप और गाव क टरकटरो स कारसवको को अयोधया क नजदरीक गोमतरी खकनार तक पहचाया और तो और गोमतरी पार करान िाल नाखवको न भरी इनस पस लन स इनकार कर खदया

१९९० म कार सवा का आवहान हआ खजसम खरवपररी स भरी सकडो सवयसवक रवाना हए खरवपररी झासरी मागव पर उततर पदर करी मलायम खसह सरकार न पल

कसा था िह जार

१९९० म कार सिा का आवहान हआ वजसम वििपरी

स भी सकडो सियसिक रिाना हए वििपरी झासी

मागष पर उतिर परदि की मलायम वसह सरकार न पल पवलया तोड वदए थ तावक कोई अयोधया तो दर उतिर परदि म भी ना पहच सक कारसिक जब झासी की

ओर पदल रिाना हए उनम स अनको वगरफतार कर वलय

गए

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१९९० म वपपररया स पहला जतथा वजला परमख शी अनतराम जी क नतति म तथा दसरा शी दवारका परसाद खडलिाल क नतति म रिाना हआ

इलाहािाद क आग परताप गढ चकपोसट पर इन लोगो को वगरफतार कर वलया गया बहा इनह नि वनवमषत पोलीटवनिक कालज म बदी बनाकर

रखा गया बहा परिासन दवारा भोजन आवद की कोई वयिसथा नही की गई थी इतना ही नही तो बाहर स सथानीय कायषकताषओ दवारा की गई भोजन

वयिसथा को भी नही लन वदया जा रहा था उस पररसर म लगभग ३००० लोग भड बकररयो की तरह भर वदए गए थ अवयिसथा स नाराज इन

लोगो न गट पर लगा ताला तोड वदया बहा उपकसथत मटीभर अवधकारी इस जन सलाब को नही रोक पाए पदल ही य आग अयोधया क मागष पर

बढ चल

लिक वररष पतकार ह

हररहर रमाव

रामजनम भवम आनदोलन ससमरण

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पखलया तोड़ खदए ताखक कोई अयोधया तो दर उततर पदर म भरी ना पहच सक कारसवक जि झासरी करी ओर पदल रवाना हए उनम स अनको खगरफतार कर खलय गए झासरी करी लकमरी वयायामराला को असाई जल िनाया गया जहा इन लोगो न अपनरी आिो क सामन पखलस गोलरी चालन म हताहत होत कारसवको को दिा जो एक दिद अनभव ा

पखलस को चकमा द अनको कारसवक अयोधया क मागव पर आग खनकलन म सफल हए खकनत अततः व भरी खगरफतार कर उननाव जल भज खदए गए इस जल म परासन करी रह पर मससलम कखदयो न लोह करी छड़ो वा पलटो इतयाखद स इनपर हमला कर खदया शररी खवमलर गोयल को तो इतना परीटा गया खक व िहोर हो गए वा आकमण काररी उनह मत समझकर छोड़ गए सात खदन िाद असपताल म शररी गोयल को होर आया

कोलारस गपत वाखहनरी क गयारह कारसवक लिनऊ स २०० खकमरी पदल चलकर सवव शररी गणर खमशरा आलोक खिदल पम रकर वमाव फलखसह जाट खरबिखसह जाट (हममाल) रामशवर खिदल सतोष गौड़ खवनोद खमशरा लाडलरी पसाद गोयल आखद अयोधया पहचन म सफल हए इन सभरी न २ नवमिर को हए नरसहार को अपनरी आिो स दिा व भोगा

२८ अकटिर १९९० को मधय भारत करी ४० वाहखनया अयोधया क खलय रवाना हई| उततर पदर म मलायमखसह करी सरकार न खभड इटावा मागव स कोई आग ना िढ सक इसक पखता इतजाम खकय | इटावा मलायम खसह का गह खजला होन स उनक छोटर भाई खररपाल यादव िद इस वयवसा को दि रह |

चमिल क पल पर तरीन दरीवाल िनाकर यातायात को िाखधत खकया ा िहरी इस िात करी भरी पररी वयवसा री खक कोई पदल भरी उततर पदर म पवर ना कर सक | ईटो करी पककरी दरीवारो क िरीच म लोह करी चादर रिरी गई ी | इसक िाद डरम रिकर उसक परीछर सरसत पखलस िल तनात ा | चमिल म चलन िालरी साररी नावो पर पखलस न कबजा कर खलया ा | नदरी क उस पार खररपाल खसह साररी वयवसाओ का खनररीकषण कर रह | उनक सा हखयार िद गडर भरी |

कार सवको म सिस आग सतो करी टोलरी री | साधओ न खतरल आखद करी सहायता स दरीवार को तोड़ खदया | दरीवार टटत हरी लगभग ४००० कार सवक आग िढन लग | पखलस न कार सवको करी खगरफताररी रर कर दरी | लखकन सखया इतनरी अखधक री खक सिको खगरफतार करना परासन क खलए सभव हरी नहरी ा |

खगरफताररी स काम ना िनता दिकर नदरी पार स खररपाल खसह यादव ता उसक सा िड़र एक पतकार और खडपटरी कलकटर न सवय गोलरी चलाना पारमभ कर खदया | पहलरी गोलरी खभड क एक कायवकताव सतय पाल को लगरी | गभरीर रप स घायल सतयपाल करी िाद म मतय हो गई | कोकखसह नरवररया करी इतनरी खपटाई हई खक उनकरी ररीढ करी हडरी हरी टट गई | उनह ६ माह असपताल म खिताना पड़र | रामखसया क पर म गोलरी लगरी और व जरीवन भर क खलए अपाखहज हो गए | कारसवको न हर पकार क कषट सहकर भरी कारसवा म उतसाह पववक भाग खलया |

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यह िातचरीत ह उस िालकषण सराफ जरी स खजनहोन शररी राम जनमभखम मसकत क आदोलन म तन मन और धन स लग कर इसको गखत दरी री जि अयोधया म मखदर क गभवगह क भखमपजन करी खतख खनधावररत हो चकरी ह ति यह महतवपणव हो जाता ह खक इस लि सघषव क साकषरी और सहभागरी रह िालकषण जरी जस कमवयोदा स चचाव करी जाय इसरी उदशय स जि उनस िातचरीत रर हई तो आदोलन क खदनो म हरी जस वह िो गए िालकषण जरी न िताना रर खकया - व खदन िड़र अलग पकार क गोरकषपरीाधरीशवर महनत अवदना जरी महाराज शररीराम जनमभखम मसकत यजञ सखमखत क अधयकष होत इस कारण भरी और शररी अयोधया जरी क खनकट का सान होन स भरी गोरिपर हरी उस आदोलन का कदर हो गया ा आदोलन स जड़र सभरी पमि और िड़र नता पायः गोरिपर आत रहत

सपना साकार होत दख पा रहा यह राम जरी की कम पा

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शी अयोधया जी म भगिान शी राम की जनमभवम पर मवदर का वनमाषण एक सपना था जो अब परा हो रहा ह परमपजय गोलोकिासी अिोक वसघल जी का यह सपना रहा

वक अपनी आखो स राम मवदर का वनमाषण दख पात उनक जीिन म भल ही सभि नही हो पाया लवकन हम अतयत सौभागयिाली ह जो यह दख रह ह यह कायष वजस सकप िकत क साथ परधानमतरी जी धयषपिषक कर रह ह इसस सनातन धमष क इवतहास म

बहत महतिपणष पनिा जड रहा ह परसतत ह इसी विषय पर बालककषण सराि स बातचीत ससककवत पिष की सहायक समपादक अवनता अगरिाल की बातचीत क कछ परमख अि

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िालकषण जरी ितात ह खक चाह अरोक खसघल हो या खफर खवषणहरर डालखमया या खफर खवनय कखटयार सभरी न मरा आखतथय सवरीकार खकया कारसवको करी मदद म मररी पतरी गोलोकवासरी पकाररी दवरी करी भखमका करी चचाव भरी यहा जरररी ह कयोखक इस धाखमवक कायव म उनहोन भरी न कवल परा सा खदया िसलक कई िार सवाकायव म वह मझस भरी आग नजर आई जि भरी कारसवको क िानपान और रहन क इतजाम करी समसया आतरी यह हमार खजमम होता ा इस कायव म मररी धमवपतरी का योगदान िहत महतवपणव ह कयोखक िान पान और रहन करी वयवसा वहरी समहालतरी ी 1990 और 1992 क आदोलनो म खहससा लन जान वाल िहत स कारसवको करी न कवल आखवक मदद करी िसलक उनक अयोधया तक पहचन का इतजाम भरी खकया

वह ितात ह खक इन आदोलनो को सफल िनान करी रणनरीखत को लकर कई गोपनरीय िक मर घर पर हरी समपनन होतरी ी 1992 क आदोलन म कारसवको करी मदद को लकर जि पखलस न मझ खगरफतार न करन क खलए माफरीनाम करी रतव रिरी तो मन रतव को मानन स साफ इनकार यह कहकर कर खदया खक हम अपन रामलला क खलए लड़ रह ह कोई अपराध नही कर रह िाद म पखलस न खगरफतार तो खकया लखकन कोई सित नही खमलन क चलत मझ छोड़ना पड़ा

िालकषण जरी उन खदनो याद करत हए ितात ह खक व खदन अतयत सघषव क राजनरीखतक पररससखतया अतयत खवपररीत ी सभरी को िरािर खगरफताररी का डर िना रहता ा गोरिना मखदर सरसवतरी खवदामखदर क अलावा मरा हरी घर ा जो पमि कदर ा ति सगन करी भरी आखवक ससखत िहत अचछरी नहरी होतरी री इसखलए हर योजना म िाधाए भरी िहत आतरी ी खवपररीत राजनरीखतक पररवर क कारण सामानय लोगो का सहयोग भरी िहत कम हरी खमलता ा जो लोग मन स आदोलन क सा व भरी िल कर सामन नहरी आत

वतवमान उपलसबधयो और मखदर खनमावण को लकर पछर जान पर िालकषण जरी करी आिो म एक अलग हरी चमक उभरतरी ह वह जस सच म सपनो करी दखनया म िो जात ह कछ रक कर िोलत ह - िहत मसशकलो क िाद यह खदन आया ह हर भारतरीय क खलए यह गौरव का कषण ह हर खहनद को अि िद खहद होन पर अवशय गवव हो रहा ह शररीराम कवल एक दवता नहरी ह शररीराम क खिना भला हमारा अससततव हरी कया ह शररीराम करी जनमभखम पर िन रहा मखदर वासतव म भारत को खवशवगर िनायगा अि स दखनया भारत को खवशवगर क रप म हरी दिगरी यह अदभत ह िड़र िखलदानो क िाद यह खदन आया ह यह भारत करी असलरी सवततता ह यह वासतखवक दरीपावलरी ह

सघ परमपरा

मोहन भागरि िी

क सी सरदशवन िी

परो० रािनदर तसह (रज भया)

बािा साहब दररस िी

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खरव जरी खसह गोरिपर म शररी राम जनमभखम आदोलन का एक गढ रह सरसवतरी खवदा मखदर पररवार क पमि ह वषव 1990 स 1992 तक यह खवदालय आदोलनकाररी खहनद नताओ का पमि आशरयसल रहा ह उस समय क यहा क पमि नागदर खसह दाढरी िािा स लकर खरव जरी खसह तक न अतयत सखकय भखमका खनभाई ह खरव जरी खसह उन खदनो को याद करत हए कहत ह खक खजस तरह का जोर और उतसाह राम मखदर को लकर उस समय िना ा उसकरी कलपना वहरी कर सकता ह जो उसम रररीक रहा वह कहत ह खक अतयत खवपररीत पररससखतयो म उस समय हर आदोलनकाररी एक सवयसवक क रप म ा पायः आदोलनकाररयो करी तलार म खवदालय म पखलस आतरी रहतरी री लखकन ऐसरी वयवसा िनानरी पड़तरी री खक कोई पकड़ म न आय

अपन सघषव क खदनो को याद करत हए खरवजरी खसह ितात ह खक 1990 स 1992 क िरीच कारसवको क खछपन का महतवपणव खकाना ा सरसवतरी खवदा मखदर यहा आन वाल कारसवको क रहन-िान क इतजाम का खजममा मझ पर हरी ा खकसरी को रक न हो इसक खलए जि भरी आदोलन चरम पर होता म नपालरी का वर धारण कर अडरवरीयर-िखनयान और नपालरी टोपरी पहनकर वह पररसर म ऐस घमता जस कोई पररचारक

खरवजरी ितात ह खक 1992 क आदोलन म एक िार ऐसा हआ खक यहा सवा सौ करी सखया म झारिड स आए तरीर-कमान वाल कारसवक खछप हए और दर रात पखलस का छापा पड़ गया ऐस म िद को िचान क खलए मझ नीव क खलए तयार खकए गए उस गडर म कद जाना पड़ा खजसम स छड़ खनकलरी हई ी यह राम जरी करी कपा हरी री खक मझ एक िरोच तक नही आई खरवजरी ितात ह खक उन खदनो हररयाणा पजाि झारिड खिहार स आए हजारो कारसवको करी सवा का उनह अवसर खमला कारसवको क खलए भोजन क तौर पर खवदालय म उन खदनो गड़ चड़ा चना अचार हररी खमचव जस चरीज अखधक माता म हमरा मौजद रहतरी ी खरवजरी क मताखिक आदोलन करी रणनरीखत िनान क खलए कई िार खछपकर अरोक खसघल जरी और खवनय कखटयार जस नता भरी वहा पहच और उनह उनकरी सवा का अवसर भरी खमला ा राम मखदर खनमावण रर होन करी चचाव पर खरवजरी भावक होकर कहत ह खक हमाररी तपसया आखिरकार सफल हई वह कहत ह खक यह पशन कवल एक मखदर का नहरी ा यह भारत और सनातन ससकखत करी अससमता का सवाल रहा ह अि शररीराम जनम भखम पर भवय मखदर क खनमावण का सपना परा हो रहा ह यह ससखत भारत और भारतरीयता क खलए वसशवक गवव करी ह

सघरश स परा हो रहा एक सपनाvkys[k

अयोधया म शी राम जनमभवम पर मवदर का वनमाषण असाधारण घटना ह बहत बवलदानो और सघषषो क बाद यह सपना परा हो रहा ह मझ गिष ह वक म खद भी इस सघषष म एक वगलहरी परयास क साथ मौजद रहा ह आज भी

आदोलन क दौरान की घटनाए याद आती ह तो यकीन ही नही होता वक उतना सब होता था और हम लोग करत थ

सजय यादव

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तालकटोरा सडियम म सतो का रखनाद

3-4 निमबर 2018

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गगवा बडी गरोदवारी तीरथ बडरो परवागसबस बडी अररोधरवानगरीजि रवाम मलररो अतवार

दो हजार साल िाद पाच अगसत को वह सवनवम अवसर आएगा जि राम जनमभखम पर पधानमतरी नरदर मोदरी भवय राममखदर करी आधारखरला रिग और सदरी क सौभागयरालरी लोग इस अवसर क गवाह िनग 21वी सदरी क लोग सौभागयरालरी खजनक सामन वो खचर अखभलाखषत कषण आ रहा ह खजसक खलए कई परीखढय़ो न सघषव खकया और रामजनमभखम क पाशरव म पवाखहत उततरावाखहनरी मा सरय आनिय कोण पर खवराजमान हनमान जरी अयोधयावासरी और शरदावनत साधक जलद हरी अपन रामलला को अपन भाइयो क सा ऐस भवय भवन म खवराजमान होत दिग खजसकरी कामना पाच सदरी स होतरी रहरी ह राम मखदर क भखमपजन करी ताररीि जस-जस नजदरीक आ रहरी ह हलचल िढतरी जा रहरी ह दरभर म मखदर खनमावण म सहयोग दन करी गखतखवखधया भरी तज हो गई ह भखम पजन क खलए पखवत नखदयो का जल और तरीव सलो करी पखवत खमटटरी लान का खसलखसला भरी रर हो गया ह

खहनदओ क मखदरो क अलावा अयोधया

जन मखदरो क खलए भरी िासा लोकखपय ह अयोधया को पाच जन ततीकरो करी जनमभखम भरी कहा जाता ह जहा खजस ततीकर का जनम हआ ा वही उस ततीकर का मखदर िना हआ ह इन मखदरो को फजािाद क नवाि क िजाचरी कसररी खसह न िनवाया ा कहत ह खक खसकदर लोदरी क रासनकाल क दौरान यहा मखदर मौजद ा 14वी रताबदरी म खहनदसतान पर मगलो का अखधकार हो गया और उसक िाद हरी राम जनमभखम एव अयोधया को नषट करन क खलए कई अखभयान चलाए गए अतत 1527-28 म इस भवय मखदर को तोड़ खदया गया और उसकरी जगह िािररी ढाचा िड़ा खकया गया अयोधया म राम जनमभखम को लकर कई दरको स खववाद चल रहा ा खजस सववोच नयायालय क खनणवय न ितम कर खदया ह

भारत करी पाचरीन नगररयो म स एक अयोधया को खहनद पौराखणक इखतहास म पखवत और सिस पाचरीन सपत पररयो म पम माना गया ह अयोधया का सिस पहला वणवन अवववद म खमलता ह अवववद म अयोधया को दवताओ का नगर िताया गया ह पौराखणक काओ क अनसार बरहमा स जि मन न अपन खलए एक नगर क खनमावण करी िात कहरी तो व उनह खवषणजरी क

अयोधा का पाचरीन और पौराणिक इवतहास

भारत की पराचीन नगररयो म स एक अयोधया को वहनद पौरावणक इवतहास

म पवितर और सबस पराचीन सपत पररयो म परथम

माना गया ह अयोधया का सबस पहला िणषन अथिषिद म वमलता ह अथिषिद म अयोधया को

दिताओ का नगर बताया गया ह

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अयोधया कहत ह वक इवतहास खद को दोहराता ह और अयोधया म राम मवदर का पनवनषमाषण एक बार विर इवतहास क पनिो म दजष होन जा रहा ह सन 1528 म बाबर न रामजनमभवम पर बन वजस मवदर का धिस कराया

उस लगभग दो हजार साल पहल महाराज विरिमावदतय न ही वनवमषत कराया था पाच सौ साल क लब सघषष और सपरीम कोटट क िसल क बाद नीि

की ईट विर भवयता धारण करन को आतर ह

लिक महातमा गाधरी अतरावषटरीय खहनदरी खवशव खवदालय वधाव म वररष रोध अधयता ह

डॉ0 अचवना पाठया

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पास ल गए खवषणजरी न उनह अवधधाम म एक उपयकत सान िताया खवषणजरी न इस नगररी को िसान क खलए बरहमा ता मन क सा दवखरलपरी खवशवकमाव को भज खदया इसक अलावा अपन रामावतार क खलए उपयकतन सारन ढढन क खलए महखषव वखरष को भरी उनक सा भजा मानयता ह खक वखरष दारा सरय नदरी क तट पर लरीलाभखम का चयन खकया गया जहा खवशवकमाव न नगर का खनमावण खकया सकददपराण क अनसार अयोधया भगवान खवषण क चक पर खवराजमान ह

सरय नदरी क तट पर िस इस नगर करी रामायण अनसार खववसवान (सयव) क पत ववसवत मन महाराज दारा सापना करी गई री मारो क इखतहास क अनसार ववसवत मन लगभग 6673 ईसा पवव हए बरहमाजरी क पत मररीखच स कशयप का जनम हआ कशयप स खववसवान और खववसवान क पत ववसवत मन ववसवत मन क 10 पत- इल इकवाक करनाम अररषट धषट नररषयनत करष महािलरी रयावखत और पषध इसम इकवाक कल का हरी जयादा खवसतार हआ इकवाक कल म कई महान पतापरी राजा ऋखष अररहत और भगवान हए ह इकवाक कल म हरी आग चलकर पभ शररीराम हए अयोधया पर महाभारत काल तक इसरी वर क लोगो का रासन रहा इस वर म राजा रामचदरजरी क खपता दरर 63व रासक इकवाक न अयोधया को अपनरी राजधानरी िनाकर भारत क लगभग िहत िड़र कषत पर रासन खकया इकवाक क तरीन पत 1कखकष 2खनखम और 3दणडक उतपनन हए इकवाक क पम पत कखकष क पत का नाम खवकखकष ा खवकखकष क पत िाण और िाण क पत अनरणय हए अनरणय स प और प और प स खतरक का जनम हआ खतरक क पत धधमार हए धधमार क पत का नाम यवनाशव ा यवनाशव क पत मानधाता हए और मानधाता स सससनध का जनम हआ सससनध

क दो पत हए- धवससनध एव पसनखजत धवससनध क पत भरत हए कखकष क कल म भरत स आग चलकर सगर भागरीर रघ अमिररीष ययाखत नाभाग दरर और भगवान राम हए उकत सभरी न अयोधया पर राजय खकया पहल अयोधया भारतवषव करी राजधानरी हआ करतरी री िाद म हसतरीनापर हो गई

इकवाक क दसर पत खनखम खमखला क राजा इसरी इकवाक वर म िहत आग चलकर राजा जनक हए राजा खनखम क गर - ऋखष वखसष खनखम जन धमव क 21व तरीाकर िन इस तरह स यह वर परमपरा चलत-चलत हररशचनदर रोखहत वष िाह और सगर तक पहचरी राजा सगर क दो ससतया ी-पभा और भानमखत पभा न औवावखनि स सा हजार पत और भानमखत कवल एक पत करी पाखपत करी खजसका नाम असमजस ा यह का िहत पखसद ह खक सगर क सा हजार पत कखपल मखन क राप स पाताल लोक म भसम हो गए और खफर असमजस करी परमपरा म भगरीर न गगा को मनाकर अपन पववजो का उदार खकया ा इस तरह सयववररी इकवाक वर क अनतगवत अनक यरसवरी राजा उतपनन हए उकत सभरी लोगो न अयोधया पर राज खकया ा सभरी करी काए आपको जन और खहनद पराणो म खवसतार स खमल जाएगरी भगरीर क पत ककतस और ककतस क पत रघ हए रघ क अतयत तजसवरी और पराकमरी नरर होन क कारण उनक िाद इस वर का नाम रघवर हो गया ति राम क कल को रघकल भरी कहा जाता ह रघ क पत पवद हए पवद क पत रिण और रिण क पत सदरवन हए सदरवन क पत का नाम अखनिवणव ा अखनिवणव क पत ररीघरग और ररीघरग क पत मर हए मर क पत परशरक और परशरक क पत अमिररीष हए अमिररीष क पत का नाम नहष ा नहष क पत ययाखत और ययाखत क पत नाभाग हए नाभाग क पत का नाम अज ा अज क पत दरर हए और दरर क य चार

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 67

पत राम भरत लकमण ता रतघन ह राम क दो जड़वा पत लव और कर दोनो का हरी वर आग चला वतवमान म दोनो क हरी वर क लोग िहतायत म पाए जात ह

अयोधया क राजा नाखभराज क पत ऋषभदव अपन खपता करी मतय क िाद राजखसहासन पर िर यवा होन पर कचछ और महाकचछ करी 2 िहनो यरसवतरी (नदा) और सनदा स ऋषभना का खववाह हआ नदा न भरत को जनम खदया जो आग चलकर चकवतती समराट िना उसरी क नाम पर हमार दर का नाम भारत पड़ा सनदा न िाहिलरी को जनम खदया खजनहोन घनघोर तप खकया और अनक खसखदया पापत की इस पकार आखदना ऋषभना 100 पतो और बराहमरी ता सदररी नामक 2 पखतयो क खपता िन शररीमदभागवत क पञचम सकध एव जन गरो म चकवतती समराट राजा भरत क जरीवन एव उनक अनय जनमो का वणवन आता ह महाभारत क अनसार भरत का सामराजय सपणव भारतरीय उपमहादरीप म वयापत ा अयोधया इनकरी राजधानरी री इनक हरी कल म राजा हरररचदर हए और आग चलकर उपर िताए गए महान राजा हए अयोधया इकवाक और खफर रघवररी राजाओ करी िहत परानरी राजधानरी री पहल यह कौरल जनपद करी राजधानरी री पाचरीन उललिो क अनसार ति इसका कषतफल 96 वगव मरील ा वालमरीवखक रामायण क 5व सगव म अयोधयार पररी का वणवन खवसतार स खकया गया ह उततर भारत क तमाम खहससो म जस कौरल कखपलवसत वरालरी और खमखला आखद म अयोधया क इकवाक वर क रासको न हरी राजय कायम खकए अयोधया और पखतषानपर (झसरी) क इखतहास का उदगम बरहमाजरी क मानस पत मन स हरी समिद ह जस पखतषानपर और यहा क चदरवररी रासको करी सापना मन क पत ऐल स जड़री ह खजस खरव क शराप न इला िना खदया ा उसरी पकार अयोधया और उसका सयववर मन क पत इकवाक स पारमभ हआ

भगवान शररीराम क िाद िाद लव न शरावसतरी िसाई और इसका सवतत उललि अगल 800 वषथो तक खमलता ह कहत ह खक भगवान शररीराम क पत कर न एक िार पन राजधानरी अयोधया का पनखनवमावण कराया ा इसक िाद सयववर करी अगलरी 44 परीखढयो तक इसका अससततव िरकरार रहा रामचदर स लकर दापरकालरीन महाभारत और उसक िहत िाद तक हम अयोधया क सयववररी इकवाकओ क उललि खमलत ह इस वर का िहदर अखभमनय क हाो महाभारत क यद म मारा गया ा महाभारत क यद क िाद अयोधया उजड़-सरी गई लखकन उस दौर म भरी शररीराम जनमभखम का अससततव सरखकषत ा जो लगभग 14वी सदरी तक िरकरार रहा िहदर क कई काल िाद यह नगर यह नगर मगध क मौयथो स लकर गपतो और कननौज क रासको क अधरीन रहा अत म यहा महमद गजनरी क भाज सयद सालार न तकक रासन करी सापना करी वो िहराइच म 1033 ई म मारा गया ा उसक िाद तमर क पशचात जि जौनपर म रको का राजय साखपत हआ

तो अयोधया रखककयो क अधरीन हो गया खवरषरप स रक रासक महमद राह क रासन काल म 1440 ई म 1526 ई म िािर न मगल राजय करी सापना करी और उसक सनापखत न 1528 म यहा आकमण करक मससजद का खनमावण करवाया जो 1992 म मखदर-मससजद खववाद क चलत रामजनमभखम आनदोलन क दौरान ढहा दरी गई

ईसा क लगभग 100 वषव पवव उजन क चकवतती समराट खवकमाखदतय एक खदन आिट करत-करत अयोधया पहच गए कान होन क कारण अयोधया म सरय नदरी क खकनार एक आम क वकष क नरीच व अपनरी सना सखहत आराम करन लग उस समय यहा घना जगल हो चला ा कोई िसावट भरी यहा नही री महाराज खवकमाखदतय को इस भखम म कछ चमतकार खदिाई दन लग ति उनहोन िोज आरभ करी और पास क योगरी व सतो करी कपा स उनह जञात हआ खक यह शररीराम करी अवध भखम ह उन सतो क खनदवर स समराट न यहा एक भवय मखदर क सा हरी कप सरोवर महल आखद िनवाए कहत ह खक उनहोन शररीराम जनमभखम पर काल रग क कसौटरी पतर वाल 84 सतभो पर खवराल मखदर का खनमावण करवाया ा

अयोधया भारत क उततर पदर राजय का एक अखत पाचरीन धाखमवक नगर भारतरीयो क आराधय भगवान शररीराम करी जनमसलरी क रप म खवखयात ह यह पखवत सरय नदरी क तट पर िसा ह इस नगर को मन न िसाया ा और इस अयोधया का नाम खदया खजसका अव होता ह अ-यधय अाव जहा कभरी यद नही होता इस कौरल दर भरी कहा जाता ा अयोधया म सयववररीरघवररी

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राजाओ का राजय हआ करता ा खजसम भगवान शररी राम न अवतार खलए अयोधया को अवववद म ईशवर का नगर िताया गया ह और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह पभ शररी राम करी जनमसलरी होन क कारण अयोधया को मोकषदाखयनरी एव खहनदओ करी पमि तरीवसलरी क रप म माना जाता ह भारत करी गौरवरालरी आधयासतमक एव सासकखतक परमपरा का पखतखनखधतव करन वालरी अयोधया पाचरीनकाल स हरी धमव और ससकखत करी परम -पावन नगररी क रप म समपणव खवशव म खवखयात रहरी ह| वद म अयोधया को ईशवर का नगर िताया गया ह अषटचका नवदारा दवाना परयोधया और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह वतवमान अयोघया क पाचरीन मखदरो म सरीतारसोई ता हनमानगढरी मखय ह कछ मखदर 18वी ता 19वी रताबदरी म िन खजनम कनकभवन नागशवरना ता दरवनखसह मखदर दरवनरीय ह कछ जन मखदर भरी ह भगवान शररीराम करी लरीला क अखतररकत अयोधया म शररीहरर क अनय सात पाकटय हय ह खजनह सपतहरर क नाम स जाना जाता ह

अयोधया को भगवान राम करी नगररी कहा जाता ह मानयता ह खक यहा हनमान जरी सदव वास करत ह इसखलए अयोधया आकर भगवान राम क दरवन स पहल भकत हनमान जरी क दरवन करत ह यहा का सिस पमि हनमान मखदर हनमानगढरी क नाम स पखसद ह यह मखदर राजदार क सामन ऊच टरील पर ससत ह कहा जाता ह खक हनमान जरी यहा एक गफा म रहत और रामजनमभखम और रामकोट करी रकषा करत पभ शररीराम न हनमान जरी को य अखधकार खदया ा खक जो भरी भकत मर दरवनो क खलए अयोधया आएगा उस पहल तमहारा दरवन पजन करना होगा यहा आज भरी छोटरी दरीपावलरी क खदन आधरी रात को सकटमोचन का जनम खदवस मनाया जाता ह पखवत नगररी अयोधया म सरय नदरी म पाप धोन स पहल लोगो को भगवान हनमान स आजञा लनरी होतरी ह यह मखदर अयोधया म एक टरील पर ससत होन क कारण मखदर तक पहचन क खलए लगभग 76 सरीखढगया चढनरी पड़तरी ह इसक िाद पवनपत हनमान करी 6 इच करी पखतमा क दरवन होत हजो हमरा फल-मालाओ स सरोखभत रहतरी ह मखय मखदर म िाल हनमान क सा अजनरी माता करी पखतमा ह शरदालओ का मानना ह खक इस मखदर म आन स उनकरी साररी मनोकामनाए पणव होतरी ह मखदर पररसर म मा अजनरी व िाल हनमान करी मखतव ह खजसम हनमान जरी अपनरी मा अजनरी करी गोद म िालक क रप म खवराजमान ह इस मसनदर क खनमावण क परीछर करी एक का पचखलत ह सलतान मसर अलरी अवध का नवाि ा एक िार उसका एकमात पत गभरीर रप स िरीमार पड़ गया पाण िचन क आसार नही रह राखत करी काखलमा गहरान क सा हरी उसकरी नाड़री उिड़न लगरी तो सलतान न क हार कर सकटमोचक हनमान जरी क चरणो म माा रि खदया हनमान न अपन आराधय पभ शररीराम का धयान खकया और सलतान क पत करी धड़कन पनः पारमभ हो गई अपन

इकलौत पत क पाणो करी रकषा होन पर अवध क नवाि मसर अलरी न िजरगिलरी क चरणो म माा टरक खदया खजसक िाद नवाि न न कवल हनमान गढरी मखदर का जरीणथोदार कराया िसलक तामरपत पर खलिकर य घोषणा करी खक कभरी भरी इस मखदर पर खकसरी राजा या रासक का कोई अखधकार नही रहगा और न हरी यहा क चढाव स कोई कर वसल खकया जाएगा उसन 52 िरीघा भखम हनमान गढरी व इमलरी वन क खलए उपलबध करवाई इस हनमान मखदर क खनमावण क कोई सपषट साकय तो नही खमलत ह लखकन कहत ह खक अयोधया न जान खकतनरी िार िसरी और उजड़री लखकन खफर भरी एक सान जो हमरा अपन मल रप म रहा वो हनमान टरीला ह जो आज हनमान गढरी क नाम स पखसद ह लका स खवजय क पतरीक रप म लाए गए खनरान भरी इसरी मखदर म रि गए जो आज भरी िास मौक पर िाहर खनकाल जात ह और जगह-जगह पर उनकरी पजा-अचवना करी जातरी ह मसनदर म खवराजमान हनमान जरी को वतवमान अयोधया का राजा माना जाता ह कहत ह खक हनमान यहा एक गफा म रहत और रामजनमभखम और रामकोट करी रकषा करत |

अयोधया घाटो और मखदरो करी पखसद नगररी ह सरय नदरी यहा स होकर िहतरी ह सरय नदरी क खकनार 14 पमि घाट ह इनम गपतदार घाट ककयरी घाट कौरलया घाट पापमोचन घाट लकमण घाट आखद खवरष उललिनरीय ह मखदरो म कनक भवन सिस सदर ह लोकमानयता क अनसार ककयरी न इस सरीता को मह खदिाई म खदया ा ऊच टरील पर हनमानगढरी आकषवक का कदर ह इस नगर म रामजनमभखम-सल करी िड़री मखहमा ह शररीराम क वन गमन पर भरत जि उनह लौटान हत उनक पास गय और शररीराम न भरत क सि पकार क अननय खवनय को सखवनय असवरीकार कर खदया तो भरत को रामचदरजरी करी िड़ाऊ लकर हरी सतोष करना पड़ा इस समय रामचदरजरी और अयोधया क िहत स लोगो क समकष भरत न कहा ा-

चतयदयश िी सपणय षवदवि मनरघतम नदकरवामम रमद तवा त पकरवामम ितवाशन

अावत ह रघकल शरष खजस खदन चौदह वषव पर होग उस खदन यखद आपको अयोधया म नहरी दिगा तो अखनि म पवर कर जाऊगा अावत आतमदाह दारा पाण तयाग दगा भरत क मि स ऐस पखतजञापणव रबद सनकर रामचदर जरी न अपनरी आतमा करी पखतमखतव भरत को आशवसत करत हए कहा ा- तखत पखतजञाय-अावत ऐसा हरी होगा उनका आरय सपषट ा खक खजस खदन 14 वषव का वनवास पणव हो जाएगा मर अनज भरत म उसरी खदन अयोधया पहच जाऊगा रामचदरजरी अपन खदय वचनो को कभरी खवसमत नहरी करत इसखलए भाई भरत को खदय य वचन उनह पर वनवास काल म भलरी पकार समरण रह

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गोसवामरी तलसरीदास जरी न ऐसरी हरी अयोधया करी तो कलपना करी री शररीमदरामचररतमानस करी अवधारणा म उनक रामराजय करी कलपना यहरी तो ह आसा आतमसममान और आतमखनभवरता यहरी उदोष तो सभरी सनातन रासत करत ह

अयोधया अवा शररीराम कवल एक सान और दवता भर नहरी ह राम क खिना तो भारत भारतरीयता और यहा तक खक मनषयता करी भरी पररकलपना नहरी करी जा सकतरी ह खजस मन स मनषय सजञा साकार होतरी ह वहरी तो हमार और शररीराम क भरी आखद परष ह यानरी समसत मानव जाखत क आखद परष यह सोच कर हरी अदभत आभास होता ह खक हम खकन महान परषो क वरज ह हमाररी आय कया ह और आसा खकतनरी गहररी और महान ह इन सभरी तथयो को हम गोसवामरी जरी क दादस गरो और उनक सवय क जरीवन म दि सकत ह

लोकसरर म लोक मगल गोसवामरी तलसरीदास न रामभसकत क

दारा न कवल अपना हरी जरीवन कताव खकया वरन सभरी को शररीराम क आदरथो स

िाधन का पयास खकया वालमरीखक जरी करी रचना रामायण को आधार मानकर गोसवामरी तलसरीदास न लोक भाषा म राम का करी रचना करीसमपणव भारतवषव म गोसवामरी तलसरीदास क समरण म तलसरी जयतरी मनाई जातरी ह शरावण मास करी सपतमरी क खदन तलसरीदास करी जयतरी मनाई जातरी ह गोसवामरी तलसरीदास न सगण भसकत करी रामभसकत धारा को ऐसा पवाखहत खकया खक वह धारा आज भरी पवाखहत हो रहरी ह गोसवामरी तलसरी दास लोक मगल क लोक सवरो क पणता ह वह गढ जञान को लोक करी भाषा म रबद दन म खसदहसत ह वह लोक करी चतना और उसक समपषण क खलए सतत पयतररील ह वह खजतन िड़र भकत ह उसस भरी िड़र मनषय मानव उनकरी रचना क कदर म ह इसरीखलए वह आज भरी लोक म उतन हरी घल खमल ह भारत करी जञान परमपरा को लोक म पवाखहत करन करी उनकरी महनत िद म िहत कछ कह जातरी ह साखहतय स इात कवल भसकत को भरी दि तो तलसरी को गा कर आज हजारो लोग अपनरी रोजरी चला रह ह मानस ममवजञ और मानस क वयाखयाता िन कर परसकत और सममाखनत

आसा आतमसमान और आतममनभशरता

तलसी की परतयक ककवत कालजयी ह उनक परतयक िबद सनदि और मतर ह उनकी हर रचना पथिी की धाररता को भी पार करन िाली ह िह वजतन बड कवि ह उसस भी बड

यगदरषटा ह समय को पढऩा और उसक अनरप चतना

विवकसत कर लोक को जगा दन म िह मावहर ह

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शी अयोधया जी म भगिान शीराम की जनमभवम पर शीराम मवदर का वनमाषण एक नए यग का सतरपात ह यह आसथािान आतमसिावभमान स पररपणष आतमवनभषर भारत क निवनमाषण की आधारविला भी ह सकडो िषषो की पराधीनता स मत अयोधया को दखना सिय म अवत सखद ह हम उस पीढी क लोग ह जो सवदयो स दगध इवतहास को उजल सिरप म दखन जा रह ह ऐस नए भारत क सिरप को यवद साकार होत हम दख

रह ह तो यह हमारा सौभागय ह

लिक भखमटरक डरवलपसव पा० खल० लिनऊ क खनदरक ह

सजय खसह

सिभव गोसरामी तलसीिास और उनक दािस गरथ

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हो रह ह एक मानस स हरी आज हजारो घर पललखवत और पसषपत हो रह ह अदभत रचना ससार ह गोसवामरी जरी का उतनरी खवरद राखर को भला कछ पननो और रबदो म कस समटा जा सकता ह तलसरी करी पतयक कखत कालजयरी ह उनक पतयक रबद सनदर और मत ह उनकरी हर रचना पथवरी करी धाररता को भरी पार करन वालरी ह वह खजतन िड़र कखव ह उसस भरी िड़र यगदरषटा ह समय को पढऩा और उसक अनरप चतना खवखकसत कर लोक को जगा दन म वह माखहर ह

तलसरीदास जरी खजनका नाम आत हरी पभ राम का सवरप भरी सामन उभर आता ह तलसरीदास जरी रामचररत मानस क रचखयता ता उस भसकत को पान वाल जो अनक जनमो को धारण करन क पशचात भरी नही खमल पातरी उसरी अदभत सवरप को पान वाल तलसरीदास जरी सभरी क खलए सममाननरीय एव पजनरीय रह तलसरीदास जरी का जनम सवत 1589 को उततर पदर क िादा खजला क राजापर नामक गराम म हआ ा इनक खपता का नाम आतमाराम दि ता माता का नाम हलसरी ा तलसरीदास जरी न अपन िालयकाल म अनक दि सह यवा होन पर इनका खववाह

रतावलरी स हआ अपनरी पतरी रतावलरी स इनह अतयाखधक पम ा परत अपन इसरी पम क कारण उनह एक िार अपनरी पतरी रतावलरी करी फटकार lsquoलाज न आई आपको दौर आएह नाrsquo असस चमव मय दह यह ता सो ऐसरी परीखत ता नक जो होतरी राम स तो काह भव-भरीत िरीता न उनक जरीवन करी खदरा हरी िदल दरी और तलसरी जरी राम जरी करी भसकत म ऐस डि खक उनक अननय भकत िन गए िाद म इनहोन गर िािा नरहररदास स दरीकषा पापत करी

समाज क पथपिशवकतलसरीदास जरी न उस समय म समाज म फलरी अनक कररीखतयो

को दर करन का पयास खकया अपनरी रचनाओ दारा उनहोन खवधमती िातो पवाद और सामाज म उतपनन िराइयो करी आलोचना करी उनहोन साकार उपासना गो-बराहमण रकषा सगणवाद एव पाचरीन ससकखत क सममान को उपर उान का पयास खकया वह रामराजय करी पररकलपना करत इधर उनक इस कायथो क दारा समाज क कछ लोग उनस ईषरया करन लग ता उनकरी रचनाओ को नषट करन क पयास भरी खकए खकत कोई भरी उनकरी कखततयो को हाखन नही पहचा सका आज भरी भारत क कोन-कोन म रामलरीलाओ का मचन होता ह उनक जयतरी क उपलकय म दर क कोन कोन म रामचररत मानस ता उनक खनखमवत गरो का पा खकया जाता ह

अयोधया काशी और तलसीिासभगवान रकरजरी करी परणा स रामरल पर रहन वाल शररी

अननताननद जरी क खपय खरषय शररीनरहयावननद जरी न इस रामिोला क नाम स िहचखचवत हो चक िालक को ढढ खनकाला और खवखधवत उसका नाम तलसरीराम रिा तदपरानत व उस अयोधया ल गय और वहा सवत 1561 माघ रकल पचमरी (रकवार) को उसका यजञोपवरीत-ससकार समपनन कराया ससकार क समय भरी खिना खसिाय हरी िालक रामिोला न गायतरी-मनत का सपषट उचारण खकया खजस दिकर सि लोग चखकत हो गय इसक िाद नरहरर िािा न वषणवो क पाच ससकार करक िालक को राम-मनत करी दरीकषा दरी और अयोधया म हरी रहकर उस खवदाधययन कराया िालक रामिोला करी िखद िड़री पिर री वह एक हरी िार म गर-मि स जो सन लता उस वह क स हो जाता वहा स कछ काल क िाद गर-खरषय दोनो रकरकषत (सोरो) पहच वहा नरहरर िािा न िालक को राम-का सनायरी खकनत वह उस भलरी-भाखत समझ न आयरी जयष रकल तयोदररी गरवार सवत 1583 को 29 वषव करी आय म राजापर स ोड़री हरी दर यमना क उस पार ससत एक गाव करी अखत सनदररी भारदाज गोत करी कनया रतावलरी क सा उनका खववाह हआ चखक गौना नही हआ ा अत कछ समय क खलय व काररी चल गय और वहा रष सनातन जरी क पास रहकर वद-वदाग क अधययन म जट गय वहा रहत हए अचानक एक खदन उनह अपनरी पतरी करी याद आयरी और व

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वयाकल होन लग जि नही रहा गया तो गरजरी स आजञा लकर व अपनरी जनमभखम राजापर लौट आय पतरी रतावलरी चखक मायक म हरी री अत तलसरीराम न भयकर अधररी रात म उफनतरी यमना नदरी तरकर पार करी और सरीध अपनरी पतरी क रयन-ककष म जा पहच रतावलरी इतनरी रात गय अपन पखत को अकल आया दि कर आशचयवचखकत हो गयरी उसन लोक-लजा क भय स जि उनह चपचाप वापस जान को कहा तो व उसस उसरी समय घर चलन का आगरह करन लग उनकरी इस अपतयाखरत खजद स िरीझकर रतावलरी न सवरखचत एक दोह क माधयम स जो खरकषा उनह दरी उसन हरी तलसरीराम को तलसरीदास िना खदया रतावलरी न जो दोहा कहा ा वह इस पकार ह-

अनसथ चमय मर दि रि तवा सो ऐसी पीमत

नक जरो िरोती रवाम स तरो कवाि भ-भीत

ससककत म पदय-रचनासवत 1628 म वह हनमान जरी करी आजञा लकर अयोधया करी

ओर चल पड़र उन खदनो पयाग म माघ मला लगा हआ ा व वहा कछ खदन क खलय हर गय पवव क छह खदन िाद एक वटवकष क नरीच उनह भारदाज और याजञवलकयमखन क दरवन हए वहा उस समय वहरी का हो रहरी री जो उनहोन सकरकषत म अपन गर स सनरी री माघ मला समापत होत हरी तलसरीदास जरी पयाग स पन वापस काररी आ गय और वहा क पहादघाट पर एक बराहमण क घर खनवास खकया वही रहत हए उनक अनदर कखवतव-रसकत का पसफरण हआ और व ससकत म पद-रचना करन लग परनत खदन म व खजतन पद रचत राखत म व सि लपत हो जात आव खदन तलसरीदास जरी को सवपन हआ भगवान रकर न उनह आदर खदया खक तम अपनरी भाषा म कावय रचना करो तलसरीदास जरी करी नीद उचट गयरी व उकर ि गय उसरी समय भगवान खरव और पाववतरी उनक सामन पकट हए तलसरीदास जरी न उनह साषटाग पणाम खकया इस पर पसनन होकर खरव जरी न कहा तम अयोधया म जाकर रहो और खहनदरी म कावय-रचना करो मर आररीवावद स तमहाररी कखवता सामवद क समान फलवतरी होगरी इतना कहकर गौररीरकर अनतधावन हो गय तलसरीदास जरी उनकरी आजञा खररोधायव कर काररी स सरीध अयोधया चल गय

तलसीिास की रचनाएअपन 126 वषव क दरीघव जरीवन-काल म तलसरीदास न

कालकमानसार खनमनखलखित कालजयरी गरनो करी रचनाए की-

रामललानहछ वरागयसदरीपनरी रामाजञापशन जानकरी-मगल रामचररतमानस सतसई पाववतरी-मगल गरीतावलरी खवनय-पखतका कषण-गरीतावलरी िरव रामायण दोहावलरी और कखवतावलरी

इनम स रामचररतमानस खवनय-पखतका कखवतावलरी गरीतावलरी जसरी कखतयो क खवषय म खकसरी कखव करी यह आषववाणरी सटरीक पतरीत होतरी ह - पशय दवसय कावय न मणोखत न जरीयवखत अावत दवपरषो का कावय दखिय जो न मरता न पराना होता ह

लगभग चार सौ वषव पवव तलसरीदास जरी न अपनरी कखतयो करी रचना करी री आधखनक पकारन-सखवधाओ स रखहत उस काल म भरी तलसरीदास का कावय जन-जन तक पहच चका ा यह उनक कखव रप म लोकखपय होन का पतयकष पमाण ह मानस जस वहद गरन को कणस करक सामानय पढर खलि लोग भरी अपनरी रखचता एव जञान क खलए पखसद होन लग

रामचररतमानस तलसरीदास जरी का सवावखधक लोकखपय गरन रहा ह उनहोन अपनरी रचनाओ क समिनध म कही कोई उललि नही खकया ह इसखलए पामाखणक रचनाओ क समिनध म अनत साकय का अभाव खदिायरी दता ह नागररी पचाररणरी सभा काररी दारा पकाखरत गरन इस पकार ह-

रामचररतमानस रामललानहछ वरागय-सदरीपनरी िरव रामायण पाववतरी-मगल जानकरी-मगल रामाजञापशन दोहावलरी कखवतावलरी गरीतावलरी शररीकषण-गरीतावलरी खवनय-पखतका सतसई छदावलरी रामायण कडखलया रामायण राम रलाका सकट मोचन करिा रामायण रोला रामायण झलना छपपय रामायण कखवतत रामायण कखलधमावधमव खनरपण हनमान चालरीसा

एनसाइकलोपरीखडया ऑफ ररलरीजन एड एखकस म खगरयसवन न भरी उपरोकत पम िारह गरनो का उललि खकया ह

शीराम सर भटकछ काल राजापर रहन क िाद व पन काररी चल गय और

वहा करी जनता को राम-का सनान लग का क दौरान उनह एक खदन मनषय क वष म एक पत खमला खजसन उनह हनमान जरी का पता ितलाया हनमान जरी स खमलकर तलसरीदास न उनस शररीरघना जरी का दरवन करान करी पावना करी हनमान जरी न कहा तमह खचतकट म रघना जरी दरवन होग इस पर तलसरीदास जरी खचतकट करी ओर चल पड़र खचतकट पहच कर उनहोन रामघाट पर अपना आसन जमाया एक खदन व पदखकषणा करन खनकल हरी खक यकायक मागव म उनह शररीराम क दरवन हए उनहोन दिा खक दो िड़र हरी सनदर राजकमार घोड़ो पर सवार होकर धनष-िाण खलय जा रह ह तलसरीदास उनह दिकर आकखषवत तो हए परनत उनह पहचान न सक तभरी परीछर स हनमानजरी न आकर जि उनह सारा भद िताया तो व पशचाताप करन लग इस पर हनमान जरी न उनह सातवना दरी और कहा पात काल खफर दरवन होग सवत 1607 करी मौनरी अमावसया को िधवार क खदन उनक सामन भगवान शररीराम पन पकट हए उनहोन िालक रप म आकर तलसरीदास

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स कहा िािा हम चनदन चाखहय कया आप हम चनदन द सकत ह हनमान जरी न सोचा कही व इस िार भरी धोिा न िा जाय इसखलय उनहोन तोत का रप धारण करक यह दोहा कहा

मचरिकट क घवाट पर भइ सनतन की भीर

तलसीदवास चनदन मघस मतलक दत रघबीर

तलसरीदास शररीराम जरी करी उस अदभत छखव को खनहार कर अपन रररीर करी सध-िध हरी भल गय अनततोगतवा भगवान न सवय अपन हा स चनदन लकर अपन ता तलसरीदास जरी क मसतक पर लगाया और अनतधरयान हो गय

कखलकाल क िहान स तलसरी कखवतावलरी और खवनयपखतका म िाहय समाज म वयापत लोभ खलपसा ईषरया-दष रोषण भि िकाररी अकाल सामखजक अराजकता सासकखतक अपदषण सामतरी वगव करी मनमानरी कटटरपरी धमाववलसमियो क वणवन क सा तलसरी क अतमवन और तन करी परीड़ा का उललि खकया ह आलोचक रमर कतल मघ करी साहसपणव मगर वसतखनष खटपणणरी तलसरीदास क वयसकततव और कखततव को रिाखकत करतरी ह जि व समाज क पर रगमच को दित-दित ता भोगत-भोगत याववादरी एव वयवाहररक भरी हो जात ह (दोहावलरी कखवतावलरी हनमानिाहकाखद) ति व कखलकाल करी गदवन मरोड़ दत ह अपन जरीवन क परवतती चरण म तलसरी आधयासतमक और सवपनदरषटा क िजाय धाखमवक और याव दरषटा हए ह उनहोन अतत घोखषत हरी खकया करी सार समाज तत का आधार lsquoपटrsquo अावत आखवक रसकत ह (कखवतावालरी) यह उनक समाज दरवन करी महततम खसखद ह जो उनह किरीर तक स िहत आग ल जा सकतरी ह आखवक दररदरता को इतना भोगन-समझन वाला मनषय दररदरता क सामाखजक पररणामो को इतना सटरीक खवशलखषत करन वाला समाज-परष और दररदरता स इतनरी पगाढ नफरत करन वाला लोककखव तलसरी क अलावा कोई नही ह

रामचररतमानस की रचनासवत 1631 का पारमभ हआ दवयोग स उस वषव रामनवमरी

क खदन वसा हरी योग आया जसा ततायग म राम-जनम क खदन ा उस खदन पातकाल तलसरीदास जरी न शररीरामचररतमानस करी रचना पारमभ करी दो वषव सात महरीन और छबिरीस खदन म यह अदभत गरन समपनन हआ सवत 1633 क मागवररीषव रकलपकष म राम-खववाह क खदन सातो काणड पणव हो गय इसक िाद भगवान करी आजञा स तलसरीदास जरी काररी चल आय वहा उनहोन भगवान खवशवना और माता अननपणाव को शररीरामचररतमानस सनाया रात को पसतक खवशवना-मसनदर म रि दरी गयरी पात काल जि मसनदर क पट िोल गय तो पसतक पर खलिा हआ पाया गया-सतय खरव सनदरम खजसक नरीच भगवान रकर करी सहरी (पसषट) री उस समय वहा उपससत लोगो न सतय खरव सनदरम करी आवाज

भरी कानो स सनरी इधर काररी क पसणडतो को जि यह िात पता चलरी तो उनक मन म ईषरया उतपनन हई व दल िनाकर तलसरीदास जरी करी खननदा और उस पसतक को नषट करन का पयत करन लग उनहोन पसतक चरान क खलय दो चोर भरी भज चोरो न जाकर दिा खक तलसरीदास जरी करी कटरी क आसपास दो यवक धनषिाण खलय पहरा द रह ह दोनो यवक िड़र हरी सनदर कमर शयाम और गौर वणव क उनक दरवन करत हरी चोरो करी िखद रद हो गयरी उनहोन उसरी समय स चोररी करना छोड़ खदया और भगवान क भजन म लग गय तलसरीदास जरी न अपन खलय भगवान को कषट हआ जान कटरी का सारा समान लटा खदया और पसतक अपन खमत टोडरमल (अकिर क नौरतो म एक) क यहा रिवा दरी इसक िाद उनहोन अपनरी खवलकषण समरण रसकत स एक दसररी पखत खलिरी उसरी क आधार पर दसररी पखतखलखपया तयार करी गयी और पसतक का पचार खदनो-खदन िढऩ लगा इधर काररी क पसणडतो न और कोई उपाय न दि शररी मधसदन सरसवतरी नाम क महापसणडत को उस पसतक को दिकर अपनरी सममखत दन करी पावना करी मधसदन सरसवतरी जरी न उस दिकर िड़री पसननता पकट करी और उस पर अपनरी ओर स यह खटपपणरी खलि दरी-

आननदकवानन हवानसमञजङगमसतलसीतर

कमतवामञजरी भवामत रवामभरमरभमषतवा

इसका खहनदरी म अव इस पकार ह काररी क आननद-वन म तलसरीदास साकषात चलता-खफरता तलसरी का पौधा ह उसकरी कावय-मञजररी िड़री हरी मनोहर ह खजस पर शररीराम रपरी भवरा सदा मडराता रहता ह पसणडतो को उनकरी इस खटपपणरी पर भरी सतोष नही हआ ति पसतक करी पररीकषा का एक अनय उपाय सोचा गया काररी क खवशवना-मसनदर म भगवान खवशवना क सामन सिस ऊपर वद उनक नरीच रासत रासतो क नरीच पराणऔर सिक नरीच रामचररतमानस रि खदया गया पात काल जि मसनदर िोला गया तो लोगो न दिा खक शररीरामचररतमानस वदो क ऊपर रिा हआ ह अि तो सभरी पसणडत िड़र लखजत हए उनहोन तलसरीदास जरी स कषमा मागरी और भसकत-भाव स उनका चरणोदक खलया

तलसरीदास जरी जि काररी क खवखयात घाट असरीघाट पर रहन लग तो एक रात कखलयग मतव रप धारण कर उनक पास आया और उनह परीड़ा पहचान लगा तलसरीदास जरी न उसरी समय हनमान जरी का धयान खकया हनमान जरी न साकषात पकट होकर उनह पावना क पद रचन को कहा इसक पशचात उनहोन अपनरी असनतम कखत खवनय-पखतका खलिरी और उस भगवान क चरणो म समखपवत कर खदया शररीराम जरी न उस पर सवय अपन हसताकषर कर खदय और तलसरीदास जरी को खनभवय कर खदया सवत 1680 म शरावण कषण ततरीया रखनवार को तलसरीदास जरी न राम-राम कहत हए अपना रररीर पररतयाग खकया

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अतमलतबलधवाम िमशलवाभदि

दनजनकशवान जञवामननवामगरगणरम

सकलगणमनधवान वानरवाणवामधीश

रघपमतमपरभकत वातजवात नमवामम

ऐस तो शररीअयोधयाजरी सखहत समपणव जगत हरी राममय ह और भारत करी कोई भरी पररकलपना राम स असपकत हो हरी नही सकतरी भारतरीय जन-मन भारतरीय जरीवन और दि तो सपणव भारतरीय पाररससखतकरी हरी राममय ह कहा भरी गया ह-सरीय राममय सि जग जानरी

करउ पनवाम जरोरर जग पवानी असत जहा राम ह वहा सरीता ह और वही ह शररीराम भकत िजरगिलरी हनमान

शररीअयोधया जरी तो अवववद क अनसार भरी सवगव सरी समद ईशवर करी नगररी ह खजसक कण-कण म राम नाम करी मखहमा पररवयापत

ह ऐस म राम क सा हरी रामभकत शररी हनमान भरी यहा खवरष रप स खवराजमान ह ऐसरी आशवससत ह खक अयोधया करी रकषा क खलए सवय पभ शररीराम न हनमानजरी को यहा खवराजमान रहन क खलए कहा ा राम स पहल रामभकत हनमान करी तज़व पर यहा आकर भकत राम क दरवन स पहल हनमानगढरी जाकर शररी हनमानजरी क दरवन करत ह मखदर म भल हरी िाल रप म शररीहनमानजरी जरी करी मात छः इच लिरी पखतमा ह पर इस पखतमा करी मखहमा करोड़ो खहनदओ सखहत अवध क नवाि मसर अलरी राह न दिा और परिा ह 76 सरीखढया चढकर जि भकत मा अजनरी करी गोद म लटर शररीहनमानजरी क िाल रप क दरवन करन जात ह तो उनह वह खदवय अनभखत होतरी ह खक हा शररीहनमानजरी क खिना शररीराम क दरवन का वह महतव नही

साकत नगररी अयोधया स जहा कोखट-कोखट खहदओ करी अगाध राम-आसा सननद

हनमान समपशि का सिवोतम षट भाि

एक बार सीता माता को वसदर लगात दख हनमानजी न इसका परयोजन जानना चाहा जब मा सीता न यह कहा वक इसस परभ राम

परसनि होग तो शीहनमानजी न अपन पर िरीर को ही वसदर स रग वलया इस

परकरण क बाद परभ शीराम क परवत उनकी वनषिा न जनमानस क बीच उनह भकत का कदर बना वदया

और उनकी परवतमा पर वसदर लवपत करना आसथा का

विषय बन गया

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आईग टरीग िरी ग परीग जिलपर म वररष अखधकाररी एव सपखसद लिक

कमलर कमल

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ह वही यह समपवण क सववोतकषट रप म शररीहनमानजरी को रपाखयत करतरी ह जनमानस म यह आशवससत ह खक और कोई नही सवय शररीहनमानजरी हरी शररीराम जनमभखम और इसक राजकोट करी रकषा करत ह

अयोधयानगररी हरी नही सपणव आयाववतव म शररी राम क सा हरी शररीहनमानजरी करी मखहमा गाई जातरी ह

धयातवय ह खक सामानय अखभवादन स लकर उन िन छीकन तक पर राम-राम कहन करी परपरा स लकर इहलरीला करी पररसमाखपत पर राम नाम सतय ह का सामखहक उदोष ह तो रसकत और भसकत क पकषटतम पारप क रप म शररी हनमान का जयघोष और उदोष ह

सभरी यगो म रभ क पसार हत साध-सत और कावाचक पभ राम क माहातमय को जन-जन तक पहचान का पयास करत ह कहा भरी गया ह-

रवामकथवा समस मकरन समवानवा

सत चकोर करखह जखह पानाअसत जहा राम ह वही हनमान भरी ह हर राम का म हनमानजरी करी तसवरीर या पखतमा अवशय होतरी ह अगाध और अटट खनषा और खनषकाम समपवण क ददरीपयमान सतमभ क रप म हनमानजरी करी मखहमा आज इतनरी वयापक ह खक समपणव भारत वषव म राम स अखधक मखदर हनमान क ह मगलवार का खदन हरी शररी हनमान करी भसकत को समखपवत ह और इस खदन मखदरो म खजतनरी लिरी-लिरी कतार लगतरी ह वह जनमानस करी हनमानजरी क पखत आसा को रपाखयत करता ह इतना हरी नही हनमानजरी करी मखतव पर जो खसदर लखपत खकया जाता ह वह भरी पकारानतर स शररीराम क पखत भसकत को हरी रपाखयत करता ह

का ह खक एक िार सरीता माता को खसदर लगात दि हनमानजरी न इसका पयोजन जानना चाहा जि मा सरीता न यह कहा खक इसस पभ राम पसनन होग तो शररीहनमानजरी न अपन पर रररीर को हरी खसदर स रग खलया इस पकरण क िाद पभ शररीराम क पखत उनकरी खनषा न जनमानस क िरीच उनह भसकत का कदर िना खदया और उनकरी पखतमा पर खसदर लखपत करना आसा का खवषय िन गया तलसरीदास जरी न खलिा-

लवाल दि लवाली लस अर धरर लवाल लगर

जर दि दवान दलन जर-जर-जर कमप शर

धयातवय ह खक शररीहनमानजरी को खनषकाम भसकत का सववोतकषट रप कहा जाता ह जनमानस म यह िात इतनरी घर कर गई ह खक जि कोई खकसरी क पखत िहत शरदा रिता ह और उस खवशवास नही खदला पाता ह तो कहता ह- हनमान तो ह नही खक छातरी चरीरकर खदिा सक वह पतरीकातमक तसवरीर खजसम शररी हनमान न छातरी चरीर कर राम और सरीता करी तसवरीर का दरवन कराया ह सामानय लोक म यह आसा खवकखसत और पोखषत करन म सववा सकषम ह खक खनषकाम और पणव समपवण म पररी भारतरीय ससकखत म शररी हनमान स

िड़ा कोई उदाहरण नही खदिता

खनषकाम समपवण करी िात भाषा-खवजञान क आलोक म भरी खसद होतरी ह महतवपणव यह ह खक अतखलत िल क धाम( खनवास सान) जञाखनयो क नामो म सिस आग खगन जान वाल और सकल (सभरी) गणो क खनधान( अमानत Treasury treasurer trove) वानरो क पमि पवनपत को हम lsquoहनमानrsquo नाम स हरी कयो जानत ह

सनातन ससकखत क अपखतम धवज-धारक भगवान रकराचायव न कहा-

अिमनयश मक पररमचनतनीर

ससवार ममथरवात मशवातमतत

इसम व खजस तरह खरव-ततव और आतम ततव क खचतन करी िात करत ह ससार करी खनससारता करी िात करत ह हनमान जरी करी राम भसकत उसका सिस िड़ा पमाण ह आइए इस रबद क सजञा-वखरषटय को दि

अगर हम lsquoहनमानrsquo रबद करी वयाखया - समास-खवगरह क आधार पर कर तो िात सपषट हो जातरी ह lsquoहनमानrsquo रबद lsquoहन+ मानrsquo स िना ह lsquoहनrsquo रबद क दो अव ह

1 हनन करना और 2 जिड़ा

इस तरह हनमान रबद क भरी दो अव हए

खजसन हनन कर खलया -अपन मान घमड का (िहवररीखह समास)

हन( जिड़ा) ह खजसका मान - कमवधारय समास

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 75

समास खवगरह का खनयम ह खक जहा िहवररीखह और कमवधारय दोनो समास हो वहा िहवररीखह को वररीयता दरी जातरी ह ताखककक और िौखदक धरातल पर खवचार कर तो सपषट ह खक पहलरी वयाखया हरी तककसगत और समरीचरीन ह ऐस भरी इतन गणो क आगर (िान mine) हो जो राम जरी का खपय भकत हो और तो और वह हनन( हतया) हरी कर चका हो अपन मान तक का तो सिस िड़री खवरषता खफर यहरी ह राम काज करीज खिना मोखह कहा खवशराम का उदोष करन वाल पवनपत तो राम करी सतता क सा हरी अनसयत और खनमखजत स हो गए ह

ऐस इस सदभव म एक का यह भरी ह खक इदर न अपन वजर क पहार स पवनपत क हन (डरी) को कषखतगरसत कर खदया खजसक िाद उनका नाम हरी हनमान हो गया हालाखक उनही क आररीष स इनका रररीर वजर करी हरी भाखत मज़ित हो गया खजस कारण इनह वजराग कहा गया वयाकरखणक रप स दि तो वजर+अग = वजराग िनता ह यहा भरी िहवररीखह समास ह- व खजनक अग वजर क समान ह लौखकक रप म वजराग वजरग और वजरग स िजरग हो गया अतयखधक िलरालरी होन क कारण िलरी खवरषण भरी सननद हो गया वजर जसरी मज़ितरी क कारण इनह वजरदह वजरागरी (लौखकक रप िजरगरी) वजरकटक आखद भरी कहा जाता ह

हनमानजरी जरी क खपता का नाम कसररी ा इस कारण इनह कसररीनदन कसररीसवन कहा जाता ह रीक इसरी तरह माता अजखन क पत होन क कारण इनह आजनय (अजनरी+एय पतयय) अजनरीसत अजखनपत अजखन क लाल आखद भरी कहा जाता ह

मरत अवा वाय क दवता स जड़र होन क कारण इनह मारत(मरत +अ पतयय = मारत) कहा जाता ह इसरी तरह इनह मारखत(मरत + सतानवाचक इ पतयय) पवननदन पवनसत मरतसत पवनज वातपत वातातमज पवनातमज और पवनपत भरी

कहा जाता ह खजसका अव ह- वायदवता क पत सभरी सकटो स रकषा करन क कारण इनह सकटमोचन कहा जाता ह एव िदरो क ईशवर होन क कारण इनह कपरीर (कखप+ईर) कपरीशवर वानरनदर आखद कहा जाता ह

धयातवय ह खक जयोखतषरीय गणना एव लोकमानयता क अनसार शररीहनमानजरी का जनम 58 हजार 112 वषव पवव तता यग क अखतम चरण म चत पखणवमा खदन मगलवार खचता नकषत एव मष लनि म सिह 6 िज क कररीि झारिड राजय क गमला खजल क आजन नाम क एक छोटर स पववतरीय गाव म हआ ा इस छोटरी सरी जगह म जनम लकर यह खदवय िालक कालातर म अपन तज अपन

बरहमचयव अपनरी मधा एव अपनरी अलौखकक रसकतयो स सपणव आयाववतव म पजय हो गया ऐस तो हनमानजरी बरहमा का सा आचरण करन वाल बरहमचाररी री लखकन एक मानयता ह खक इनक पसरीन स एक मकरधवज नामक िालक करी उतपखतत हई री इस मानयता करी पसषट खवखवध पामाखणक सदभथो स नही होतरी

बरहमाडपराण क अनसार शररी हनमानजरी अपनरी माता अजखन क सिस िड़र पत एव उनक 5 अनय भाई खजनक नाम - मखतमान शरखतमान कतमान गखतमान और धखतमान महाभारत काल म महािलरी भरीम भरी पवन क पत होन क नात इनक भाई अपन जयष भाता होन का कतववय खनभात हए इनहोन भरीमसन का दपव भजन खकया और उनह

खवनयररीलता करी खरकषा दरी री यग िदलत रह पररससखतया िदलतरी रही पर शररीहनमानजरी क पखत जनमानस करी आसा और भसकत सदा िलवतरी हरी होतरी गई िनारस पयागराज पटना महदरीपर आखद शररीहनमान जरी स सिधद अनकानक रहर जरीवत तरीव होत चल गए

यहा हरकर राम और मानस पर भरी दसषटपात कर लना उखचत होगा यग-यगातर क खलए मनषय करी समखत म अतयततम आदरव का पकारसतभ ह राम चाररखतक औदातय पणव-चतना आलोचनातमक

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खववक एव दारवखनक मलयानभखत क पणव-पररपाक ह शररीराम कह सकत ह खक-

शील-शनकत-मरवायदवा क पकषटतम पमवाण ि रवाम

ऐस िी निी घर-घर पज जवात ि पभ रवाम

और रामचररतमानस कया ह रामचररतमानस ह - राम क चररत को हर मानस म उदभाखसत-अवससत करन का मानवता क इखतहास का सववोततम पयास यह कवल एक महाकावयातमक गर हरी नही ह खजसक सा धाखमवक आसा सननद ह वरन यह तो मनषय जाखत क आतयसनतक रभ करी समयक पररकलपना ह इस कराल कखलकाल म जहा मानव-मलयो का कषरण दरत गखत स हो रहा ह मानस क आलोक म मानव जाखत क आतयखतक रभ करी समयक पररकलपना हमार खलए आशवससतकारक हरी नही खदराखनदवरक भरी ह राजा कसा हो पत कसा हो पतरी कसरी हो खमत कसा हो यह हम मानस िताता ह ऐस म भसकत कसरी हो और भकत कसा हो उसका खवराट रप हम शररी हनमान क रप म दसषटगोचर होता ह ऐस भसकत और रसकत हरी कयो हम शररीहनमानजरी करी चतराई भरी दिनरी चाखहए-

जस जस सरसवा दन बढवावा

तास दनरी कखप रप दिावा क खवराट रप क िाद अचानक हरी मकिरी क सकम रप म सरसा क मह म पवर कर िाहर खनकल जान करी चतराई स सपषट होता ह खक उनक खलए अपन पभ क कायव का सपादन हरी धयय ा

दत क रप म मा जानकरी का पता लगाना हो अपन सवामरी करी रसकत स दशमन को सावधान करना हो या सकट काल म सजरीवनरी हत पववत हरी उा लाना शररीहनमानजरी न जो खकया वहरी जनमानस क खलए भसकत का भा-सवर हो गया

शररीरामचररतमानस क आलोक म हरी दि तो यह सभरी मानवरीय मलयो करी सापना क सा कखलयग करी वतवमान ससखत का भरी इसम खदगदरवन खमलता ह आज करी ससखत को उततरकाणड म दिा जा सकता ह-

सद तत समतवा मगरवानवा

कत पभवा पसन मन मवानवा

सत बित रज कछ रमत कमवाय

सब मबमध सख रितवा कर धमवाय

बि रज सलप सत कछ तमसवा

विवापर धमय िरष भर मनसवा

तवामस बित रजरोगण थरोरवा

कमल पभवा मबररोध चि ओरवा

ऐसरी ससखत म भरी मानव तन करी गररमा को भरी साखपत खकया

गया ह गरड जरी पशन करत ह-

पथममि किि नवाथ ममतधीरवा

सबस दलयभ कौन सरीरवा

अि भरसणड जरी कहत ह-

नर तन सम नमि कमनउ दिी

जी चरवाचर जवाचत सिी

नरक सगय अपगय मनसनी

जञवान मरवाग भगमत सख दनी

अि इसरी कड़री म सत और असत क लकषण का खनरपण दखिए-

सत सिमि दःख पर मित लवागी

पर दख ित असत अभवागी

भजय तर सम सत कपवालवा

पर मित मनत सि मबपमत मबसवालवा

सन इ खल पर बधन करई

खल कढवाई मबपमतत समि मरई

यहा खवचारणरीय ह खक हनमान जरी महान भकत हरी नही परम सत भरी ह सततव क सार गण उनम समगरता म समदाखटत ह

शररी हनमान सत हरी नही महानायक क रप म हमार सामन आत ह आषव परपरा म महानायकरीय अवा दवरीय चाररतरय हत 14 गण िताए गए ह- सतय धमव पखतभा कतजञता उदारता चाररतरय अनसया साखतवक कोध आतमसममान सववभतखहत नरीखत अनसरण अकोध एव वासगमता अगर इस खनकष पर भरी दि तो शररी हनमान जरी म अनकानक गणो का पाकटय हआ ह आज क सदभव म भरी दि तो ससषट क पहल सपर हरीरो क रप म िचा-िचा उनह जानता और मानता ह

उपयवकत खिदओ क आलोक म यह उदभाखषत होता ह खक खनषकाम समपवण और भसकत क ऐस खचरजरीवत पकारसतमभ ह शररीहनमान खजसस अभरी हरी नही आन वालरी सखदया भरी अनपाखणत-पोखषत होतरी रहगरी शररीअयोधयाजरी म िनन वाल खदवय और भवय राम मखदर क दरवनाव आन वाल समसत शरदालओ को जय शररीराम क उदोष क सा हरी जय हनमान और जय िजरगिलरी क उदोषो स भरी ऊजाव खमलतरी रहगरी

इमत शभम

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तसरीरो म

सघरश क

डदन

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शरभ घड़ी अब आयी

बड़ सिाल उठ बड़ वयगय कस गए वटबोली बोली गयी लोकसभा क दो रनाि बीत गए बसती आय सतकबीर नगर आय गोरखपर आय बाराबकी आय अमबडकर नगर आय लखनऊ आय बनारस स लड़ दोनो बार जीत अयोधया कभी नही आय हालावक मन पथम लोकसभा रनाि क दौरान अपनी इसी शमखला म वलख वदया वक पधानमरिी नरदर मोदी अयोधया तभी आएग जब शीराम जनमभवम पर मवदर की आधारवशला रखनी होगी दरअसल लोगो म बड़ी अधीरता ह ि भल जात ह वक लालककषि आडिािी की राम रथ यारिा और मरली मनोहर जोशी की वतरगा यारिा का सारथी जब सिवोचच वसहासन पर खद सथावपत ह तो भला लालरौक और शीराम जनमभवम को वििावदत रप म कभी नही रखना राहगा पार िषवो क सततातमक सघषश और छठ िषश म पिश क साथ ही इन सभी वििादो को वनविशिाद बन जान क बाद उनकी इस यारिा की पतीकषा की जानी रावहए थी यह यारिा रामनिमी क वदन होन की सभािना थी लवकन कोरोना सकट न नही होन वदया नरदर मोदी की नीवत नीयत और निोनमषी रिनीवत को समझन की आिशयकता ह यह इतना सरल भी नही ह उनको समझन क वलए वकसी भी राजनीवतक या िराररक रशम को वकनार रखना होगा याद कीवजय जब राम मवदर क मद पर कई लोग जब जयादा बयानबाजी करन लग थ तब मोदी न एक िाय म सभी को रप करा वदया था बयानिीर की सजञा दी थी उनहोन यह अलग बात ह वक बािजद उनक वनददश क कछ लोग अपनी िाली करत रह यह बतान क वलए वक शीराम जनम भवम का मदा ि ही सलझा रह ह आप किल वपछल एक िषश क समय की समीकषा कीवजय अपनी ही नजर घमाइए कशमीर की धारा 370 शी राम जनमभवम समान नागररक सवहता की ओर बि कदम और विशिमर पर भारत की उपकसथवत नपाल की छड़खानी रीन की दवमहकडी यद की आहट महामारी और तजी स बदलता हआ इवतहास भगोल बदलन की सगबगाहट और मनषयता की छटपटाहट किल 5 अगसत 2019 स रलत हए 5 अगसत 2020 तक आइय दख सरय तट पर या वदख रहा ह बहत खास होन जा रहा इस बार अयोधया म शी राम जनम भवम गभशगमह क भवम पजन की साइत आ गयी भवम पजन इसी वदन यानी 5 अगसत को होगा राम जनमभवम तीथश कषरि टरसट की ओर स पधानमरिी कायाशलय को 3 और 5 अगस त की तारीख भजी गई थी पीएमओ न 5 अगसत का रना खद पधानमरिी नरदर मोदी इस भवम पजन म वशरकत करग शवनिार को मवदर टरसट की बठक क बाद दो तारीख तय की गई थी इस अिसर पर पधान मरिी का समबोधन बहत खास होन िाला ह सभि हो तो वडकोड कीवजयगा

ndash समपादक

सनािन क महायोदा

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अनकरमणिका

पाठको स ससककति परव का यह तरशष अक आपक हाथो म ह इस अक क तिय तितो का सकिन गगि स तकया गया ह तिसक तिए हम उन सभी छायाकारो क परति

ककिजञ ह इस अक म सभर ह तक सपादन अथरा सयािन म कछ तरतिया रह गयी हो इसतिए हम अपन सरधी पाठको स अपका करि ह तक र तरतियो को

निरअदाि करग यह अक आपको कसा िगा इस बार म हम अपन तरिारो स अरशय अरगि कराईएगा सनािन ससककति क सरकण और सरधवन म

आपका योगदान अतयि मलयरान ह ndash समपादक

करम सखया शीषवक िखक पषठ स०

01 भारत क लोकमगल क विहान का समय पो० राकश कमार उपाधयाय 18

02 अयाधया एक दशशन सजय वतिारी 20

03 शी रामजनमभवम का इवतहास डा० वदनशमवि वरिपाठी 36

04 Remaking of Ram Temple Dr Rajeev Tiwari 42

05 अिधय अिध अयोधया और गोदान अवनता अगरिाल 48

06 अयोधया मनषय आर मनसममवत डा० अरशना वतिारी 52

07 जनमभवम मम परी सहािवन मनोज वरिपाठी 56

08 मर राम कपटन सभाष ओझा 58

09 कसा था िह जिार हररहर शमाश 60

10 सपना साकार होत दख पा रहा अवनता अगरिाल 62

11 सघषश स परा हो रहा एक सपना सजय यादि 64

12 अयोधया का पारीन और पौराविक इवतहास डा० अरशना पाठया 66

13 आसथा आतमसममान और आतमवनभशरता सजय वसह 70

14 हनमान ः समपशि का सिवोतककषट भाि कमलश कमल 74

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सरकषक मडलसवामी जीतनदवानद सरसती जी(महामतरी अखिल भारतरीय सत सखमखत एव गगा महासभा)जगदगर सवामी रवाघवाचवारय जी (अयोधया)परो० रवाकश उपवाधरवार(अधयकष भारत अधययन कनदर का खह खव खव वाराणसरी)

विदवत पररषदपरो0 सभवाजीत ममशर (पवव अधयकष दरवनरासत खवभाग गोरिपर खवशवखवदालय)परो० दरवानवाथ मरिपवाठी (पवव अधयकष आईसरीएचआर नई खदललरी)परो मनर कमवार पवाणडर(अधयकष जयोखतष खवभाग का खह खव खव वाराणसरी)परो0 रवामद शकल(पवव अधयकष खहनदरी खवभाग गो०खव०खव०)परो0 मवातवा पसवाद मरिपवाठी(पवव अधयकष पाचरीन इखतहास खवभाग गो०खव०खव०)परो0 ननद मकशरोर पवाणडर (अधयकष कनदररीय खहनदरी ससान आगरा)परो0 सदवानद गपत (कायवकाररी अधयकष उततर पदर खहनदरी ससान लिनऊ)परो0 अमजत क चतवदी (खनदरक आईआईटरी रड़करी)परो0 सरनद दब (कलपखत खसदा व खवशवखवदालय कखपलवसत खसदा वनगर)परो0 रवाजनद पसवाद (कलपखत मगध खवशवखवदालय गया खिहार)शरी पफलल कतकर(समपादक आगवनाइजर)शरी कषणकवात उपवाधरवार (समपादक खहनदसतान खिहारझारिड)परो0 मचतरजन ममशर (पवव अधयकष खहनदरी खवभाग गोरिपर खवशवखवदालय गोरिपर)परो0 जीतनद ममशर(अखधषाता खवखध सकाय दरीदउ गोखवखव)परो0 मिमवाश चतवदी(पवव अधयकष इखतहास खवभाग गो०खव०खव०)परो0 रवाजनद मसि (पवव पखतकलपखत गोरिपर खवशवखवदालय गोरिपर)वा० मणवामलनी चतवदी(अधयकषsbquo कायोिक इटरनरनलsbquo नई खदललरी)वा० नरश अगरवाल(वररष िाल रोग खवरषजञsbquo गोरिपर)वा० आर सी शरीवासत(अवकारपापत आईएएस)रवाकश मरिपवाठी(आई आर एस)वा० ररोगश ममशर(समह समपादक अपना भारतनयज टरक लिनऊ)शरी मकशरनवाथ पवाणडर(सखचव नरनल एजकरनल सोसाईटरी गोरिपर)परो० रतनदीप उपवाधरवार(अमररका)

सलाहकार पररषदअधरकषशरीमती रशमवा एच मसि(नई खदललरी)शरी अजर उपवाधरवार(वररष पतकार नई खदललरी)वा० सजर मविदी(खनदरक भारतरीय जनसचार ससान नई खदललरी)शरी सजीत कमवार पवाणडर (वररष पतकार गोरिपर)वा० मनवा मतवारी (िनदलिणड खव०खव० झासरी)वा० ममतवा मरिपवाठी (खदललरी खव०खव०)शरी सनील जन(एडवोकट इलाहािाद)शरी सजर मसि(खनदरक भखमटरक डरवलपसव लिनऊ)आचवारय सरोमदतत मविदी(वाराणसरी)शरी िमत ममशर(खनदरक एिरीसरी खरकषा समह)शरी अजर शवािी(खनदरक आरपरीएम खरकषा समह)वा० गजनदनवाथ ममशर (खनदरक आरसरी ममोररयल खरकषा समह)शरी अरणकवात मरिपवाठी (समपादक कमलजयोखत लिनऊ) वा० मनरोज कमवार शरीवासत (खचखकतसक एव लिक वाराणसरी)वा० वाई क मदमशरवा (वररष खचखकतसक कररीनगर)शरी दीपतभवान ड (वररष पतकार गोरिपर)शरी रमतभवान मरिपवाठी (वररष पतकार लिनऊ)शरी परषरोततम मतवारी (वररष पतकार कोलकाता)शरी अनपम सिवार(वररष अखधकाररी परीएनिरी)ॉ० रमकवात मतवारी(अमररका)वा० रवाम शमवाय(खरकषाखवद मर)वा० मममथलश मतवारी(गोरिपर)

जलाई - 2020िषष-3 अक-05

पजरीकत कायावलय िरी-64 आवास खवकास कालोनरी सरजकड गोरिपर-273001लिनऊ कायावलय 243 खवजय िणड गोमतरी नगर लिनऊ-226010खदललरी कायावलय िरी-38 खडफनस कालोनरी नई खदललरी-110024समपकक - + 91 94508 87186-87

सवामरीsbquo मदरक एव पकारक सजय खतवाररी दारा सवाससतक गरखफकसsbquo महागनगरsbquo लिनऊ उ०प० स मखदरत एव िरीndash64sbquo आवास खवकास कॉलोनरीsbquo सरजकणडsbquo गोरिपरsbquo उ०प० स पकाखरत

पखतका म पकाखरत सामगररी क खलए सिखधत लिक उततरदायरी होगा खकसरी भरी पकार क नयाखयक खववाद का कषत गोरिपर खजला नयायालय क अधरीन होगा

पररणापरम पजय सामी अखणानद जी महाराज

सत साहहतय मममजञ आचारम परशराम चतरवदीबरहमर षि रररती रमण पाणरर

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समपवादकीर सरकषकआचवारय मशनवाथ पसवाद मतवारी

(पवव अधयकष साखहतय अकादमरी नई खदललरी)

पबध समपवादकिरी क खमशर

समपवादकसजय खतवाररी

अमतमथ समपवादकसवामरी जरीतनदराननद सरसवतरी

कवारयकवारी समपवादकडा० अचवना खतवाररी

सिवारक-समपवादक (मिनदी)डा० अखनता अगरवाल

सिवारक-समपवादक (अगरजी)डा० राजरीव खतवाररी

सि-समपवादकडा० पदरीप राव

डा० खदनरमखण खतपारीकमलर कमल खदवाकर रमाव

समनर समपवादकखवकमाखदतय खसह

समपवादकीर सलवािकवारमनोज कमार खतपारी

लआउट गरवामफकस ए मजवाइनसजय मानव

मशष समपवादकीर परवामशयआचवारय लवालममण मतवारी

(गरीता पस गोरिपर)शरी रसनद फरोगलवा

(गरीता वाखटका गोरिपर)शरी अजीत दब

(सदसय साखहतय अकादमरी नई खदललरी)

ममध सलवािकवारशरी अममतवाभ चतवदी

(वररष अखधवकता नई खदललरी)शरी अमसत क चतवदी

(वररष अखधवकता लिनऊ)शरी अशरोक नवारवारण धर दब (वररष अखधवकता गोरिपर)

लखवा परीकषकअरण गपता

सचनवा तकनीक ए पबधनउतकषय मतवारी

मरिएमट पकषय मतवारी

(shot by Inflict)

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(भारत ससकखत नयास का पकारन)

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जयोतिष विभाग ससकिविदया धरमविजञान सकाय DEPARTMENT OF JYOTISH FACULTY OF SVDV अधयकष (HEAD)

Tel 0542-6701969

शभाशसा दिनाक- 27072020

पराचीन काल म लौककक आखयानो सदित जञान-विजञान परण आचार-वयििार विशव-बधति एि सािणभौममक समानता आदि िशणननक एि आधयाततमक गरो स पररपरण चचरतन परपराओ म परिादित विचारधारा स भारतिरण क विशव गर पि पर आसीन िोन क कारर भारतीय सनातन ससकनत एि सभयता का अजसर परिाि अतयनत पराचीन काल स समगर विशव को अपनी तरफ आकवरणत करता रिा ि परनत कनतपय ऐनतिामसक काररो स िमारी सनातन परसत विचारधारा विखडित िो गई तथा िमारी यिा पीढी अपनी इस इस समदध विरासत स अनमभजञ िोकर कषणरक सखिायक पाशचातय ससकनत की ओर आकवरणत एि अगरसररत िोती गई तजसका परतयकष परभाि भारतीय समाज म सिणतर दविगत िो रिा ि तजसक ननिान क मलए िमारी भारतीय यिा पीढी को अपनी समदध परपरा स अिगत कराना अतयत आिशयक ि परसतत परसग म आिशण सिरप विदयमान साकषात जगतननयता भगिान विषर क अितार मयाणिा पररोततम भगिान शरी राम की जीिन लीला अतयत उपयोगी मसदध िोगी कयोकक उनका जीिनितत भारतीय समाज िी निी अवपत समगर विशव क मलए अनकररीय ि परसतत सिभण म यि अतयत िरण का विरय ि कक सनातन मलयो पर आधाररत ldquoससकति पिमrdquo नामक इस पतरतरका का परसतत अक विशवराधय मयाणिा पररोततम भगिान शरी राम क विशराक क रप म परकामशत िोकर िो रिा ि अतः म ससकनत पिण पतरतरका क सपािक मिल सदित सभी सिसयो का अमभनिन करता ि कक आप लोगो न अतयत समसामनयक विरय को क दित कर भगिान शरीराम अक क रप म इस पतरतरका को परकामशत करन का ननरणय मलया ि जो ननशचय िी समाज ननमाणर क मलए अतयत लाभकारी मसदध िोगा

(परो विनय कमार पाणिय)

अधयकष जयोनतर विभाग

का दि वि वि िारारसी

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रह अनजान नही ह उसका अनमान नही ह उसकी दषटि म रह साभिमान नही ह रह अरोधा का सराल नही ह का गलत ह का सही ह सराल उस मनषय का ह जजसकी खद की सजञा इसी अरोधा सर बनती ह सषटि कर पथम पर मन सर ही रह जनती ह इसी सजञा म भिपा ह अरोधा और मररा असतितव मररा का हो सकता ह अभिमान इस घोर कजलकाल म कसा अपमान रा हक कसी कोई ननशानी इनर कौन बतारर रही ह सरर का पानी दःख तो रह हक रर जान नही सकतर रह मनषय मन सर ही बना ह रर मान नही सकतर रह हकतना बड़ा षखलराड़ ह बदधि का कसा उजाड़ ह कागज कर पनो म ईट गारर और पतथर कर जगल म आपस कर ही दगल म मनषय कर रर दल तलाश रहर मररा असतितव हकसी िभम कर अश पर मररा साभमतव मनषय और मनषय कर बीच का ररराद मनषय ही कर रहर नार का सराद और नारासन पर िी मनषय ही ररराजमान अितपरम अभिमान अनमान िररषय सर अनजान इनर कौन बतारर हक

म कर रल एक शहर नही ह हकसी सभयता कर जलए जहर नही ह म सषटि का अरध ह जगत का ननबध ह जीरन कर जलए बाध ह अरध ह अरध ह इस मनषय कर जलए असाध ह कर रल दशरथ रा इकषाक की नही ह तम नही जान सकोगर म इस धरती पर पथ की कपा नही ह नही ह हकसी नप की नपा अरोधा र ही नही ह मन कर परम िी रही ह मानर तम कसर जान सकोगर मररा इततहास तमर किी न होगा इसका आिास ननषफल ही होगा परास म तो सनातन दशमन की सहराती ह तम कसर समझोगर हक गारती ह अनिर करो सरर का ताप अनिर करो कौशलपतत कर महल म आरती का आलाप अनिर करो सागर को सगर को अनिर करो जसधिाशरम की डगर को अनिर करो रा करो ररशराम अनिर करो जसरा कर राम को अनिर करो उस ररराम को काल कर जलए बरमानी ह अनिर और अनमान सषटि कर जलए जररी ह ससतत ससार और साभिमान रही ह अरोधा रही ह राम की पहचान सजर ततरारी

र ही नही ह अरोधा

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यह शी अयोधया जी का पनरदार ह शी रामजनमभवम की मकत क साथ ही 492 िषश पिश हई कषवत की ऐसी पवतपवतश ह जो नय भारत क उदय क रप म आधार पा रही ह शी राजनमभवम पर पजन का महतश किल एक मकनदर क वनमाशि का महतश भर नही ह यह नय सनातन भारत की आधारवशला रख जान का महतश भी ह शी रामजनमभवम की मकत का सघषश बहत पीड़ादायक ह 492 िषषो म लगभग 40 लाख वहनदओ क बवलदान क बाद यह मकत वमली ह आधवनक यग म शी अयोधया जी क इवतहास पर नजर डाल तो ईशा स 57 िषश पिश महाराजा विकरमावदतय न इस नय वसर स बसाया था सन 1528 म एक मौलिी क कहन पर वजस मकनदर को मीरबाकी न ढहाया था उस शीराम जनमभवम मकनदर का वनमाशि भी महाराजा विकरमावदतय क समय म ही वकय जान क पमाि ह इवतहास साकषी ह वक अयोधया म महाराजा विकरमावदतय न शीराम स सबवधत उनक अलग-अलग सिरपो क 1150 मकनदर सथावपत वकय थ गोसिामी तलसीदास जी न शीरामरररत मानस म सपषट वलखा ह -रवरमहस वनज मानस राखाभारतीय जनता पाटटी क शीषश परष लालककषि आडिािी न शीरामजनमभवम मकत आदोलन क समय कहा था- राम राषट ह रामजनमभवम की मकत स पहल यह जान लना जररी ह वक इसकी आिशयकता कब और यो पड़ी मझ यह वलखत हए अतयत सतोष का अनभि हो रहा ह वक मरी तीन पीविया इस आदोलन म शावमल रही ह म वजस परमपरा स आता ह उसम शीजयोवतषपीठाधीशिर भगिान शकरारायश मर दादागर सिामी शातानदजी महाराज न इस पर आदोलन की रपरखा और भवमका तयार की थी मर ितशमान गर शीजयोवतषपाठाधीशिर भगिान शकरारायश सिामी िासदिानदजी महाराज न इस करम को आग बिाया और आज िह शीरामजनमभवम तीथश कषरि टरसट क िररषठतम सदसय ह म सिय उस समय यावन 1986 म आठिी ककषा का विदाथटी था जब इस आदोलन क पहल सममलन म अपन टयशन क पसो स यारिा कर शावमल हआ था इस आदोलन क पिता परमपजय सिामी िामदिजी महाराज न 127 समपदायो को एकरि कर अवखल भारतीय सत सवमवत की सथापना की थी वजसकी आज म महामरिी ह इस रप म म कह सकता ह वक इस आदोलन क सभी सिरपो को मन ठीक स दखा ह और अनभि वकया ह भारत म वहनद सनातन समाज को और खासतौर पर सत समाज को विभावजत करन का षडयरि बहत पहल स रलता रला आ रहा ह भारत को धमश क आधार पर विभावजत करन क बाद वहनदसथान क अदर वहनदओ को विभावजत कर राजनीवत करन की परमपरा न ही ऐस सघषषो को जनम वदया ह इसी विभाजन की रिनीवत क तहत 1953 म तततकालील सरकार न गलजारीलाल नदा जी को आग करक भारत साध समाज की सथापना की थी इसी भारत साध समाज

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यह परणय घड़ी ह

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क ितशमान अधयकष सिामीसिरपानद सरसिती और महामरिी सिामी हररनारायिानद ह य लोग ही ह जो इस समय शीराम जनमभवम पर होन िाल पविरि कायषो का भी विरोध कर रह ह यहा एक घटना का उललख आिशयक लगता ह- 1980 म मजफफरनगर म कछ वहनद लोग मकसजद म नमाज पिकर वनकलन िाल मसलमानो को गड़ और रना वखला कर पानी वपलात थ वजस मकसजद क सामन वहनद लोग यह आयोजन करत थ उसी मकसजद म वकसी न कछ ऐसा कर वदया वक मजफफरनगर म दगा भड़क गया और जो लोग वहनद-मकसलम एकता क वलए रन वखलाया करत थ मसलमानो न उनही लोगो पर आकरमि कर वदया इसस पर दश म माहौला वबगड़न लगा उस समय दश म शीमवत इकनदरा गाधी जी की सरकार थी और उततर पदश म नारायि दतत वतिारी जी मखयमरिी थ वतिारी जी क मवरिमडल क एक सदसय दाऊ दयाल खना भी थ 1983 म इस घटना क बाद मजफफरनगर म वहनद सममलन आयोवजत हआ वजसम गोरकष पीठाधीशिर महत अिदनाथ जी की अधयकषता म शीराम जनमभवम मकत यजञ सवमवत की सथापना हई और दाऊ दयाल खना इस सवमवत क महामरिी बनाय गय इस सममलन म धयान दन िाली बात यह थी वक 1953 म भारत साध समाज की सथापना म भवमका वनभान िाल गलजारीलाल नदा भी शावमल हए थ लवकन सरकार क दबाि म िह िापस रल गय शीराम जनमभवम मकत यजञ सवमवत क नतमति म यह आदोलन आग बिा और विशि वहनद पररषद इसक साथ शावमल हो गई महत अिदनाथ जी क साथ जयोवतषपीठाधीसिर शकरारायश सिामी िासदिानद जी सरसिती सिामी िामदि जी परमहस रामरदर दास अशोक वसघल विषि हरर डालवमया और आरायश वगररराज वकशोर सवहत दश क सभी बड़ सतो और आरायषो न इस आदोलन म बि-रिकर वहससा लना शर वकया दश क भीतर ऐस सभी वहनद धावमशक सथल वजन पर अिध कबज ह उनको हटान क वलए एकातमकता यारिाए शर हई लवकन इसी बीर 31 अटटबर 1984 को पधानमरिी शीमवत इकनदरा गाधी जी की हतया क बाद य यारिाए सथवगत कर दी गई लगभग एक साल बाद पनः कायशकरम शर हए और 1986 म शीराम जनमभवम क भिन म लग अजञात ताल को उस समय क फजाबाद क ततकालीन वजला जज शी ककषि मोहन पाणडय न खोलन का आदश द वदया यह ताला न खल इसक वलय उस समय क पधानमरिी जी न हाईकोटट उततर पदश क मखय नयायाधीश स बात की थी लवकन रवक िह ताला वकसी नयायालय क आदश स नही लगा था इसवलए वजला जज न इस मामल म कोई बात नही सनी और उस समय क फजाबाद क पवलस कपान स कानन वयिसथा का आशिासन लकर ताला खलिा वदया इसी क बाद राजनीवत गमश हो गई ककषि मोहन पाणडय अपन जीिन म कभी भी हाई कोटट क जज नही बन पाय इसी बीर शाहबानो मामल म सपीम कोटट का फसला कनदर सरकार यह कहत हए पलट रकी थी वक धावमशक आसथा क मामलो म सरकार हसतकषप नही करगी लवकन वहनदओ क मामल म अयोधया पकारि पर जब सरकारी हसतकषप होन लगा और तकषटकरि की राजनीवत शर हो गई तो वहनदओ का

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गससा बिन लगा और आदोलना तीवर होता रला गया इसक बाद की कसथवतया सभी क सामन ह 6 वदसमबर 1992 को ढारा वगरत ही कनदर की ततकालीन कागरस सरकार न भाजपा की तीन राजय सरकारो को ततकाल पभाि स बखाशसत कर वदया राषटरीय सिय सिक सघ और विशि वहनद पररषद पर पवतबध लगा वदया गया इसक बाद वदनो वदन वहनद समदाय क वलए परशावनयो पर परशानी खड़ी की गई एक समय ऐसा भी आया जब काराी क शकरारायश सिामी रदरशखरनदर सरसिती को अनायास का आरोप लगाकर दीपािली क समय वगरफतार कर जल भज वदया गया उस समय हम वकतन वििश थ वक अपन शकारारायश क वगरफतारी का विरोध भी ठीक तरह स नही कर पा रह थ दश की पररकसथवतया वकसी स वछपी नही ह उचच नयायालय इलाहाबाद का फसला आन स लकर 9 निमबर 2019 को सपीम कोटट स शीराम जनमभवम पर अवतम फसला आन क बीर की सभी घटनाए अभी भी दश को याद ह आज जब शी राम जनमभवम मकत सथान पर भवय शीराम क मकनदर का वनमाशि होन जा रहा ह तो कछ लोगो को छोड़ वदया जाए तो विशि क सभी सनातन धमाशिवलयो क मन म गिश की अनभवत हो रही ह 119 एकड़ भवम पर होन जा रहा यह भवय वनमाशि नय भारत म नय यग का आरभ ह यह कायश वनकशरत तौर पर एक बड़ सकलप की िजह स हो रहा ह वजसक पिता भारत क यशसिी पधानमरिी नरनदर मोदी ह अपन छह िषश क कायशकाल म िह पहली बार शी अयोधया जी म शीराम जनमभवम पर बनन िाल भवय शीराम मकनदर की आधारवशला रखन आ रह ह सपषट ह वक यह उनका सकलप था वक शीराम जनमभवम को िासतविक मकत पदान करन क बाद ही िह शी अयोधया जी म पिश करग ऐस अिसर पर ससककवत पिश का यह विशषाक पकावशत करन क पीछ उदशय भी यही ह वक नय सनातन भारत का नय ढग स आसथािान उदय इस रप म वदख वक आन िाली पीविया सिय को सिावभमानी महसस कर आसथा और सिावभमान क साथ ही आतमवनभशर नय भारत क वनमाशि की यह पणय घड़ी ह नारायि

सिामी जीतनदरानद सरसितीमहामरिी अवखल भारतीय सत सवमवतएि महमरिी शी गगामहासभा काशी

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यह वरतन ही मनभािन ह शी अयोधया जी और भगिान राम की पािन जनमभवम पर कवदरत ससककवत पिश का विशष अक भारतीयता की पहरान क सभी तति एक अक म इस रप म पसतत करन की योजना ही अदभत ह ससककवत पिश क पकाशन क इवतहास म यह एक विवशषट सयोग ह हालावक इस अक की सामगरी जटान स लकर पकाशन तक क वलए समय बहत कम था भारत क यशसिी पधानमरिी क दमि सकलपो स लगभग 500 िषषो क एक ऐस सघषश का अत हआ जो सभी सनातन धवमशयो क वलए वनशरय ही अवत विवशषट ह शी अयोधया जी म पभ शीराम की पविरि जनमभवम पर भवय शीराम मवदर क गभशगमह क वनमाशि की पवकरया जब सिय पधान मरिी शी नरनदर मोदी जी क कर कमलो स शर हो रही ह ऐसी घड़ी म ससककवतपिश न वनशरय ही इस विशष अक का आयोजन कर अपना धमश वनभाया हससककवत पिश का यह अयोधया अक वनकशरत रप स एक कालजयी सगरह ह वजसको पतयक सनातन धमाशिलबी अपन साथ रखना राहगा मझ सतोष ह वक अतयत कम समय म ससककवत पिश पररिार न इस अक को सयोवजत वकया ह यह कायश वजतना ही विवशषट ह उतना ही ऐवतहावसक भी ह ससककवत पिश क सपादक और परी सपादकीय पररषद को इस विशष आयोजन क वलए बहत बहत बधाईमझ उममीद ह वक हमार सममावनत पाठको को भी यह अक बहत पसद आएगा आपकी पवतवकरया और शभकषा की कामनाओ क साथ

(बी क वमश)

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बालमीवक क राम तलसी क राम नानक क राम गोरख क राम कबीर क राम राजा राम दशरथसत राम कौशलया क राम शबरी क राम अवहलया क राम सरभग क राम विशिावमरि क राम िवशषठ क राम हनमान क राम वसया क राम वशि क राम नारद क राम कागभशकणड क राम अयोधया क राम या वक लोक क रामराम क वबना िद उपवनषद सममवत इवतहास पराि यावक कोई शासरि परा नही हो सकता राम क वबना न तो सनातन ससककवत की कलपना की जा सकती ह और न ही मनषय की ऐस राम क जनमसथान क वलए 452 िषषो का रकतम सघषश हदय विदीिश हो जाता ह यह कलपना मारि स वक लगभग 40 लाख मनषयो को बवलदान हो जाना पड़ा आवखर सनातन सभयता इतनी वनरीह यो हो रकी थी वजसक आधार म लोक कलयाि क वलए यद हो िही सभयता ऎसी अिसथा म वरता होती ह यह वरता इसवलए भी योवक सभी मानक सामन ह कही वकसी स कछ पछन तक वक जररत नही कभी सिय का मलयाकन यो नही वकया इस समदाय न यह पमथिी आपकी थी आप क वलए ही थी आप ही रकरितटी होत थ धरा क आप ही भोता थ आपक वलए आपक साथ आपक सभी दिता थ आपन अपन दिता को ही ठीक स दखा होता ठीक स उसक सिरप स सीख पात इतन पतन क गतश म तो नही जात आपका पतयक दिता आपका रोलमॉडल ह कोई दिता ऐसा ह या जो असरिविहीन हो सनातन सभयता क सभी दिता अपन विवशषट रप रग आकार पकार िाहन आवद स ही पहरान जात ह हमार पतयक दिता क पास एक कोई पश अिशय ह एक पषप ह एक असरि और एक शासरि भी अिशय ह यावन पतयक का सदश सपषट ह पश पकषी जीि िनसपवत सभी की सरकषा शकत स सवनवहत इकाई ही कषमाशील भी हो सकती ह जो शकतहीन होगा उसक कषमा का या मतलब िह तो उसकी कायरता ही होगी यही शकतहीन कषमाशीलता धारि करन की एक िककलपक सभयता विकवसत कर ली थी हमन और खद को पता नही या या घोवषत करत रहत थ सवदयो क बाद आज िह कसथवत आयी ह जब खद सनातन का वहससा होन पर गिश होन लगा ह यवद शी अयोधया जी म शीरामजनमभवम सथल अब एक भवय शीराममवदर स आचछावदत होन जा रहा ह यो यह ऐसा गिश ह जो आन िाली पीवियो को सनातन स तो जोड़गा ही इवतहास की दबी हई ऐसी परतो को भी उजागर करन की शकत दगा वजसका साहस इसस पिश हम खो रक थयहा अपन राषटरीय नतमति की सकलप शकत की रराश बहत आिशयक लगती ह िस भी म यह मानता ह वक भारत क पधानमरिी नरदर मोदी जी यवद कभी भी कछ बोल रह होत ह तो उनक शबदो पर न जा कर उनह दर तक वडकोड करन की जररत पड़ती ह यह हमार पधान मरिी की विशषता ही ह जो उनको विशि पटल पर सनातन क महायोदा क रप म सथावपत करती ह यहा वपछल िषश अमररका क हाउडी मोदी कायशकरम क कछ दमशय याद आ रह ह वबलकल ही नए भारत का उदघोष नए भारत का सकलप यकीनन कल हसटन म न कोई पारपररक पोटोकाल बरा था और न

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अयोधया क राम और राम की अयोधया

सजर मतवारी

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ही कोई परानी कमजोरी नजर आयी ऊजाश और असीम सभािनाओ िाल भारत का जलिा अमररका सवहत विशि भर की वनगाहो म आशरयश कौतहल विसमय विशिगर भारत का यही सिरप कभी सिामी वििकानद की सकलपना म रहा होगा जब वशकागो की धमशसभा म तावलया बजी होगी आज भारत क पधानमरिी जब विशिमहानायक क रप म हसटन क सटवडयम म अमररकी राषटरपवत डोनालड टरमप का परररय करा रह थ उनक ही दश म खद मजबान बनकर उनका सिागत कर रह थ वजसन भी इस दमशय को दखा विसमय म डटब गया अदभत अविसमरिीय अकलपनीयहाउडी मोदी कायशकरम न विशि को नया इवतहास वदया इसम कोई सदह नही भारत और अमररका की ऐसी जगलबदी गजब एक तरफ पवसडट टरमप इसलावमक आतकिाद क वखलाफ हकार भर रह थ तो दसरी तरफ मोदी जी कशमीर क विकास क वलए 370 क फयरिल की बात कह रह थ एक तरफ टरमप दोनो दशो म रकषा सहयोग और अतररकष सहयोग की बात कर रह थ तो िही मोदी जी ऐलान कर रह थ वक आतकिाद क विरोध म पवसडट टरमप पर मन स साथ खड़ ह दोनो नताओ क भाषि स भी जयादा आकषशि भाषि क बाद भीड़ की पररकरमा म वदखा मोदी का हाथ पकड़ टरमप पर गदगद भाि स कस सटवडयम का रकर लगा रह थ मोदी जी तो ऐस रल रह थ जस टरमप को रनािी रली म लोगो स कनट होन क गर सीखा रह हो विशि की राजनीवत म वकसी विशलषक न शायद ही ऐस दमशय पहल कभी दख हो इस घटना की रराश इसवलए आिशयक लगी योवक विशि क ितशमान हालात म भारत क पधानमरिी की विवशषट भवमका को अब दवनया दख रही ह अभी जो हालात ह उनकी भयािहता स विशि म वसहरन ह दवकषि एवशया म रीन की शरारत कोरोना का सकट इनही सकटो क बीर अयोधया म शीराम जनमभवम पर शीराम क मवदर की आधारवशला रखन क वलए पधानमरिी का अयोधया आगमन यह उनकी सकलपशकत ही तो ह वजस सलीक स इतन गभीर मद को उनहोन सलझाया ह उतन ही गिश स अब मवदर वनमाशि की पवकरया शर करन िह आ रह ह यह अभतपिश ह सर म यह नया भारत ह यह आधारवशला नए भारत क वनमाशि की ह यह सनातन ससककवत क वलए िकशिक गिश का विषय ह यही ह सनातन सकलप यही ह राम की शकत इसी शकत स नय भारत का उदय हो रहा ह यह मगलमय ह और सििटीम भी सशत नतमति और सबल सकलप क माधयम स अब भारत अगरसर ह विशिगर बनन क पथ पर

सजय वतिारीसमपादकससककवत पिश

सनातन सभयता क सभी दिता अपन विविषट रप रग आकार परकार िाहन आवद स ही पहचान जात ह हमार परतयक दिता क पास एक कोई पि अिशय

ह एक पषप ह एक असतर और एक िासतर भी

अिशय ह यावन परतयक का सदि सपषट ह पि पकषी जीि िनसपवत सभी की

सरकषा िकत स सवनिवहत इकाई ही कषमािील भी हो सकती ह जो िकतहीन होगा उसक कषमा का या मतलब िह तो उसकी कायरता ही होगी यही िकतहीन कषमािीलता धारण करन की एक

िककपक सभयता विकवसत कर ली थी हमन और

खद को पता नही या या घोवषत करत रहत थ

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राम ईशवर भरी ह और माता करी गोद म िलत मसकरात कौरलयानदन भरी ह राम अखवनाररी ह तो अयोधयावासरी भरी ह वह राजा ह तो परातपर बरहम क ईषट भरी ह वह खरव-रसकत क आधयासतमक आदरव क मखतवमत पाकटय ह खवषण-लकमरी क सकलप सवरप होकर लोक क खनभवय हो जान उसक पालन-पोषण क हत होकर वह सरीतापखत ह

खसयाराम ह शररीराम ह

रामरकषा सतोत म खरव पाववतरी जरी क सवाद म मत आता ह-राम रामखत रामखत रम राम मनोरम सहसरनाम तततलय रामनाम वरानन खरव सवय एकमात रामनाम को हरी मसकत का महामत घोखषत करत ह महखषव वालमरीखक स लकर गोसवामरी तलसरीदास तक रामनाम हरी महामत क रप म कोखट कोखट

भारत क लोकमगल क विहान का समय

आज विर िही शीराम अयोधया म पनः भारत की राजनीवत क आदिष

रामराजय की सकपना को साकार दखन क वलए पनः अपन िभि क साथ अपनी जनमभवम पर विराजमान हो रह ह तो सपणष मानिजावत क वलए भारत की ओर स वनयवत का यह सदि सना

और सनाया जाना ही चावहए वक राम सभी क ह सभी

जन राम क ही ह

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सनािन धमव ससककति कािियी ह और शी रामिनमभतम अयोधया क परनरदार की महान सघषव गाथा इसक कािियी होन का सबस निन परमाण ह भारि क िोकिीरन म भारि क रािनीतिक आदशव म भारि क इतिहास और परराण म भारि की आधयाततमक तरिारधारा म और इसक िन-मन म राम तिस गहराई स

रि-बस ह रह सरय ही इस बाि का परमाण ह तक राम क तबना भारि क अतसितर की भी कलपना नही की िा सकिी राम राषटर ह राषटर क पराण भी ह राम राजय ह और राजय क आदशव भी ह राम भारि क िोक ह उसकी मगिकामना भी ह राम घि-

घि वयापी ईशरर ह िो राम अयोधया म सशरीर परकि होन राि रामििा भी ह

रताबदरी परी आचायव भारत अधययन कदर काररी खहनद खवशवखवदालय वाराणसरी-221005

पोराकर कमार उपाधयाय

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वयाकल जनो क जरीवन म आस-खवशवास िनकर जयोखतत होता खदिाई दता ह बरहमाड करी सकम सारसवतधारा क सपकक स खनखमवत षोडरमातका यकत मानव मसषतषक क भरीतर स उत खनराकार रबद ससार करी खवदतरीय हलचल और उस हलचल स रबद को साकार रप म पररवखतवत करन वाल क क मधय आक खजस परम परमातम धवखन का साकषातकार सनातन काल स ऋखष-मखन करत आ रह ह वह खनरतर गजतरी धवखन मगलकाररी राम ह खनगवण खनराकार ओकार जि साकार होन क याता मागव पर िढता ह तो उस राम िनना हरी पड़ता ह

इसरीखलए भारतरीय सनातन आधयासतमक परपरा म बरहम का अनसधान और लकय सि राम म हरी समाखहत माना गया ह राम रबद क उचारण मात स हरी क स लकर मसषतषक क सववोच खिनद सहसरार तक जो सकम वदत तरग दौड़तरी ह वह राम नाम क महातमय को सवय हरी पकट कर दतरी ह मनषय अपनरी समसत वदना म सभरी कषटो म जि खिलकल हरी खनःसहाय रह जाता ह ति भरी यह रामनाम उसक भरीतर रसकत का सचार करता ह रामनाम का जाप उस खफर स दःि करी धल झाड़कर आननदमागव पर चलन क खलए उतपररत कर दता ह

यहरी कारण ह खक भारत करी आधयासतमक भावधारा राम नाम क िगर एक कदम आग नही िढ सकतरी चाह उस खनगवण रप म सतो न दिा भागवत काधारा पराणकाल म खवकखसत हो गई खजसम राम और कषण समत लोकमगल क खलए भगवान क सभरी अवतारो करी का का समावर हआ कालातर म सवामरी रामाननद क जरीवन स राम-भसकत का खनमवल कमल पसषपत हआ खजसकरी सरधारा म समसत भारत भावखवहवल हो गया किरीर न भरी खजनह गाया और गोसवामरी तलसरीदास स लकर सत रखवदास तक समसत सतरसकत क भरीतर उस पराधरीनता क कालिड म जो आतमजयोखत पकार और रसकत सवरप िनकर पकट हए उसक भरी सकड़ो वषव पवव आज स 2000 साल पवव जि पसशचमरी दरो म सववत ििवरता अटास कर रहरी री और खजसक दारा पररत खवषाण रक-हण आखद ििवर रसकतयो क आकमण क रप भारत क लोकजरीवन को तसत कर रह ति उस कषटकाल िाहय आकमणकाल म सदरवन चकधाररी भगवान खवषण क धनधावररी सवरप को हमाररी राजनरीखत न अपन सममि पकट खकया

रारङगधनष को धारण करन वाल भागवत भगवान खवषण को भारतरीय रासन न अपना आदरव घोखषत खकया फन उाकर सदा फफकारन वाल दररतओ का पलक झपकत हरी भकषण कर रत क समल खवनार करी कटनरीखतक एव राजनरीखतक पजञा स समपनन पकषरीराज गरड़ को ति भारत न अपना राषटखचनह िना खलया भागवत पररत रासन वयवसा खनखमवत करन वाला वह महान गपतवररीय रासन आज भरी हमार इखतहास म सवखणवम यग माना गया ह खजसम स खनकलरी खवकमाखदतय रपरी रासक परपरा न

अयोधया समत समसत भारत खकवा खवशवभर म भगवान खवषण क धनधावररी सवरप अावत शररीराम करी पखतमा को जन-मन का वासतखवक रासक मानकर भारतरीय राजय को पजा क चरणकमलो करी सवा क खलए हरी मानो सदा क खलए पसतत कर खदया ततायग स पवाखहत होतरी आ रहरी शररीराम करी आदरव परपरा को ति नवरीन आधार खमला उनका खवगरह भारत क गाव-गाव म अपन महान सापतय और सवााग सदर सभरी क भरण-पोषण करी वयवसा क सा जन-जरीवन का आदरव िना आयववद धनववद सापतयवद गाधवववद आखद वदो क समसत उपवदो करी जञान गगा म सभरी वणव और सभरी जाखत क लोग सससकत और उपकत हए लौखकक सि-समखद क आधार सवरप खरकषा-कला-कौरल म भारत का आम आदमरी ससार का सिस हनरमद उतपादक समह माना और जाना जान लगा तो यह हर आतमा क भरीतर उपससत परमातमा सवरप शररीराम करी ओर खनरतर दिन और पतयक कायव म उनकरी छखव को खनरिकर कमवयोग को हरी भगवान करी भसकत का महामत भारत न िना खलया

आज खफर वहरी शररीराम अयोधया म पनः भारत करी राजनरीखत क आदरव रामराजय करी सकलपना को साकार दिन क खलए पनः अपन वभव क सा अपनरी जनमभखम पर खवराजमान हो रह ह तो सपणव मानवजाखत क खलए भारत करी ओर स खनयखत का यह सदर सना और सनाया जाना हरी चाखहए खक राम सभरी क ह सभरी जन राम क हरी ह वह मयावदा क आदरव ह समनवय क आधार ह जरीव करी सदगखत ह खनरतर सखजत होत और खमटत जरीवन करी वह सजरीवनरी ह राम रपरी अमत को पाकर हरी मानवता सदा क खलए सतषट और सिरी हो सकतरी ह इसक खसवाय कोई रासता नही ह सखदयो क िाद भारत म हो रह इस खचरपखतखकषत नवखवहानकाल को घखटत होत दि अयोधया समत भारत का वतवमान आनसनदत हो उा ह उसका लोक पसनन होन लगा ह और सारा काला-कलष-कलमष कलप कलप कर खमट रहा ह तो यह भखवषय करी आहट ह खक गगनाचछाखदत घन अधर अि ससार क पागण स खवदा होग और सतय का सयव सववत एकसमान पकार दता हआ पकट होकर हरी रहगा भागयवान ह यह परीढरी और वो लोग जो इस राम-कायव क साकषरी और कारण िन ह और उसस भरी िड़भागरी ह वो खजनहोन अपना सववसव इस राम-काज क खलए समखपवत कर खदया ह

हम भारत क गराम-गराम म राम क उसरी सकलप करी पखतषा करनरी होगरी खजस राम क खिना गराम िन हरी नही सकता राम हमार जरीवन क सि क कारणरप गराम ह तो समसत सकटो स जरीवन को मसकत खदलान वाल सगराम भरी ह ऐस राम करी साधना जितक भारत करगा वह अपन आतमखनभवर धययप पर अखवकल चलता रहगा ऐसा हमार पववजो का पववकाल स हम खदया गया पाय ह

रवामवार रवामचदवार रवामभदवार धस रघनवाथवार नवाथवार सीतवारः पतर नमः

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पथवरी पर ससषट क अससततव का इखतहास कया ह ससषट क जरीवो का इखतहास कया ह जरीवो करी सभयताका इखतहास कया ह यह सि सदा स हरी कौतक क खवषय रह ह समय समय पर सभयताओ क खवकासक सा हरी ततसमय क खवदान लोग इन सभरी खवषयो को जानन करी चषटा करत रह ह हम खफलहालउसक भद खवभद या तकक आखद म नही जाना यह पशन भारत भखम पर अवससत एक नगर कइखतहास स जड़ा ह खजसका नाम ह अयोधया यह इखतहास भरी इसखलए महतवपणव हो जाता ह कयोखकभारत भखम करी यह अयोधया कोई सामानय नगररी या िसतरी या रहर मात नही ह

पाचरीन भारतरीय वागमय गरो शरखतयो समखतयो पराणो और इखतहास क गहन खवचरण और अधययन क िाद जि भरी अयोधया रबद सामन आता ह तो उसरी क सा धरतरी पर मनषय क आखवभावव करी गाा भरी सामन आन लगतरी ह हजारो पमाण इस िात क मौजद ह खक अयोधया नाम का नगर खकसरी ख़ास वगव जातरी धमव मज़हि समपदाय या अवावचरीन खरलपरी दारा िसाया या िनाया गया नही ह अयोधया इस पथवरी पर ति स ह जि स यह ससषट ह अयोधया हरी वह सल

ह जहा मनषय नाम क पाणरी का सिस पहल आखवभावव हआ और मानव सभयता का भरी जनम हआ भारतरीय वागमयो क अधययन और आचायवो ता खचतको का खनषकषव ह खक ससषट करी रचना क समय मनषय क रप म पहल मानव का आखवभावव इसरी अयोधया म हआ धरतरी पर जि ससषटकताव न मनषय को उतार उसस पहल उसन अयोधयापररी दरी और सा म खदया शरखत गरन ताखक खजस पाणरी को वह ससषट क खलए भज रह या उतार रह ह वह शरखत स ससकार पापत कर ससार का सजन कमव आग िढाए

यह तो हमाररी अजञानता या लापरवाहरी ह खक ससषट करी उतपखतत करी उस कहानरी को हम पढ और पढा रह ह खजसम मनषय को िनदर करी सतान िताया जाता ह वासतव म यह हमार अजञान का हरी पररचायक ह हम पसशचम क उस कखत खवजञान को सिकछ मानन लग ह जो चौक चौक कर एक एक कदम चलता ह अपन हरी पखतपादन को आग आकर िाररज़ करता ह पसशचम करी नक़ल क इस यग म हम अपन हरी इखतहास को पररी तौर पर भल गए व कखत सभय लोग खजनम स खकसरी का इखतहास दो हजार साल खकसरी

अयोधा एक दरशन

अयोधया किल एक नगर मातर नही ह िासति म यह पथिी पर मानि जावत की उतपवति उसकी ससककवत

और उसक समगर सभयताओ क विकास की िासतविक

राजधानी ह आवद परष मन का अविभाषि इसी अयोधया

क साथ हआ और उनही मन स मानि समदाय का विकास सभि हो पाया इसक वलए

पकशचम की वकसी अिधारणा म जान की आिशयकता नही बकक किल अपनी

शवतयो समवतयो और सिय क इवतहास को ही जानन की

आिशयकता ह

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इस बरहाणड म सकषट की कपना क साथ ही अयोधया का भी अकसतति ककपत होन लगता ह आज का विजान वजन करोडो बरहाडो की बात

कहता ह उनम स वजस बरहाणड पर हम ह उसकी पथिी और उस पर रची जा चकी सकषट की जानकारी भी बहत जररी ह पथिी क अकसतति का इवतहास या ह इसी विषय पर परसतत ह सजय वतिारी का आलख

अधयकष

भारत ससकखत नयास नयरी खदललरी

तरता यग सर परव तरता यगोपरात और ररवमान सररप

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का डरढ हजार साल का ह उनकरी धारणाओ और उनक कन को मरील का पतर िना कर हम पाठयकम िना खलए और अपन िद क उपलबध लािो वषव क इखतहास को कड़र म दाल खदए एक पसशचमरी आदमरी न कह खदया करी मनषय क पववज िनदर और हमन मान खलया यह जानन का भरी पयास नही खकया खक मनषय रबद आया कहा स ह यहरी स अयोधया करी भरी कहानरी रर होतरी ह भारतरीय शरखतयो और अनय वागमयो म हजारो ऐस पमाण ह जो साखित करत ह खक धरतरी पर पम मानव हमार आखद परष मन हरी हम सभरी मन करी हरी सतान ह इसरी मन रबद स मनषय रबद का भो जनम हआ ह मन क वरज अावत मानव यह खकतन दःि करी िात ह खक िद करी वरावलरी होत हए भरी आज का मानव िदरो म अपनरी वरावलरी करी तलार कर रहा ह

िहरहाल यहा चचाव अयोधया करी हो रहरी ह अयोधया क उस इखतहास करी जो तता यग स पहल तता यग म और तता यग क िाद का ह इसको समझन क खलए जरररी ह करी पहल यगो करी काल गणना को सकषप म जान खलया जाय ससषट का इखतहास कलप म और ससषट म मानव उतपखतत व उतान का इखतहास मनवतरो म वखणवत खकया गया ह और उसक पशचात मनवनतरो का इखतहास यग-यगानतरो म खवसतार स समझाया गया ह

पाचीन गरनथो म मानर इततहास को पाच कलपो म बाटा गया

1 हमत कलप 1 लाि 9 हजार 8 सौ वषव खवकमरीय पवव स आरमभ होकर 85800 वषव पवव तक

2 खहरणय गभव कलप 85800 खवकमरीय पवव स 61800 वषव पवव तक बराहम कलप 60800 खवकमरीय पवव स 37800 वषव पवव तक

3 बराहम कलप 60800 खवकमरीय पवव स 37800 वषव पवव तक

4 पादम कलप 37800 खवकम पवव स 13800 वषव पवव तक

5 वराह कलप 13800 खवकम पवव स आरमभ होकर इस समय तक चल रहा ह

यह भरी सौभागय का खवषय ह खक ससषट का सिस रद काल मापन करी वयवसा भारतरीय पणालरी म मौजद रहरी ह भारत का पाचरीन साखहतय सपषट करता ह खक ससषट क उदभव स अि तक का खकतना समय िरीत चका ह और ससषट करी अि तक करी उमर कया ह

रतिक सरत क अनसारldquo खदतरीयपराधव ववसतमनवनतर अषटाखवरखत ndash कलौ यग ५११६

गताबद ldquo अावत यह ववसत मन का अाईसवा कखल ह खजसक ५११६वषव िरीत चक ह | बरहमा क एक खदन को कलप अवा ससषट समय कहत ह | यह कलप १४ मनवनतरो अवा एक सहसत चतयवखगयो का होता ह | अि तक छह मनवनतर िरीत चक ह | एक मनवनतर लगभग ७१ चतयवखगयो का होता ह | ववसत मन करी २७ चतयवगरी िरीत चकरी ह |

अाईसवी म भरी ( कत तता और दापर ) तरीन यग िरीत चक ह | चौ कखल क भरी ५११९ वषव िरीत चक ह | एक मनवनतर म 71 चतयवखगया होतरी ह एक चतयवग म सतयग ततादापर और

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कखलयग होत ह सतयग म 1728000 वषव तता म 1296000 वषव दापर म 864000 वषव और कखलयग म 432000 वषव होत ह इन चारो यगो म कल 4320000 वषव होत ह 71 चतयवखगयो म कल306720000 वषव होत ह छः मनवनतर अावत 1840320000 वषव पर िरीत चक ह और अि सातव मनवनतर करी 28वी चतयवगरी चल रहरी ह गखणत करक दिा गया ह खक इस गणना क अनसार यह समय 1960853115 वषव िनत ह यहरी समय मानव उतपखतत का ह खगनरीज िक ऑफ वलडङ ररकारसव न कलप को समय का सवावखधक लमिा मापन घोखषत खकया ह

अयोधया मन और मानरभारतरीय वागमय म उपलबध साकय साफ़ साफ़ कहत ह करी

सा हरी साखपत आखद परष मन क सा जो ससकखत रर हई उस ससकखत करी राजधानरी अयोधया को मयावदा परषोततम शररी राम क जनम क सा हरी दवरी मयावदा भरी पापत हो गयरी तता यग म भगवान राम क अवतरण क िाद अयोधया को अगखणत गरो न नए ढग स वयाखयाखयत करना रर कर खदया आज अयोधया करी सापना को ससार पभ शररी राम करी जनमसलरी क रप म पहचानता ह रासत कहत ह खक अयोधया पणयनगररी ह अयोधया करी महतता क िार म पवााचल म एक लोकगरीत पचखलत ह -

गगवा बडी गरोदवारी

तीरथ बडरो परवाग

सबस बडी अररोधरवानगरी

जि रवाम मलररो अतवार

इसस पवव खक अयोघया और मन क उदभव पर िात करी जाय यह जरररी लगता ह खक शररी राम और उनकरी पवव वरावलरी पर दसषटपात कर लरी जाय इस को दिन स िहत स तथय सवयम खमल जात ह

खजसस तता क पवव ता तता म अयोधया करी ससखत और महतता पमाखणत होतरी ह

राम क परवजो का इततहासबरहमाजरी करी उनचाखलसवरी परीढरी म

भगवाम शररीराम का जनम हआ ा ववसवत मन क दस पत -

इल इकवाक करनाम अररषट धषट नररषयनतकरष महािलरी रयावखत और पषध

शररी राम का जनम इकवाक क कल म हआ ा और जन धमव क तरीाकर खनखम भरी इसरी कल क

मन क दसर पत इकवाक स खवकखकष खनखम और दणडक पत उतपनन हए

इस तरह स यह वर परमपरा चलत-चलत हररशचनदर रोखहत वष िाह और सगरतक पहचरी

इकवाक पाचरीन कौरल दर क राजा और इनकरी राजधानरी अयोधया री

रामायण क िालकाड म गर वखरषजरी दारा राम क कल का वणवन खकया गया ह जो इस पकार ह

1 - बरहमाजरी स मररीखच

2 - मररीखच क पत कशयप

3 - कशयप क पत खववसवान

4 - खववसवान क ववसवत मन हएववसवत मन क समय जल पलय हआ ा

5 - ववसवतमन क दस पतो म स एक का नाम इकवाक ा इकवाक न अयोधया को अपनरी राजधानरी िनाया और इस पकार इकवाक कलकरी सापना करी

6 - इकवाक क पत कखकष हए

7 - कखकष क पत का नाम खवकखकष ा

8 - खवकखकष क पत िाण हए

9 - िाण क पत अनरणय हए

10- अनरणय स प हए

11- प स खतरक का जनम हआ

12- खतरक क पत धधमार हए

13- धनधमार क पत का नाम यवनाशव ा

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14- यवनाशव क पत मानधाता हए

15- मानधाता स सससनध का जनम हआ

16- सससनध क दो पत हए- धवससनध एव पसनखजत

17- धवससनध क पत भरत हए

18- भरत क पत अखसत हए

19- अखसत क पत सगर हए

20- सगर क पत का नाम असमज ा

21- असमज क पत अरमान हए

22- अरमान क पत खदलरीप हए

23- खदलरीप क पत भगरीर हए भागरीर न हरी गगा को पथवरी पर उतारा ाभागरीर क पत ककतस

24- ककतस क पत रघ हए रघ क अतयत तजसवरी और पराकमरी नरर होन क कारण उनक िाद इस वर का नाम रघवर हो गयाति स शररी राम क कल को रघ कल भरी कहा जाता ह

25- रघ क पत पवद हए

26- पवद क पत रिण

27- रिण क पत सदरवन हए

28- सदरवन क पत का नाम अखनिवणव ा

29- अखनिवणव क पत ररीघरग हए

30- ररीघरग क पत मर हए

31- मर क पत परशरक

32- परशरक क पत अमिररीष हए

33- अमिररीष क पत का नाम नहष ा

34- नहष क पत ययाखत हए

35- ययाखत क पत नाभाग हए

36- नाभाग क पत का नाम अज ा

37- अज क पत दरर हए

38- दरर क चार पत राम भरत लकमण ता रतघन हए इस पकार बरहमा करी उनचाखलसवरी (39) परीढरी म शररीराम का जनम हआ

मन की उतपतर और अयोधयाअभगचछत रवाजनद दमकवा मशरतवाम

पसमतयरि मपवाणवा शररत भरतषयभ

- मिवाभवारत

सपतचरतरीव क पास खवतसता नदरी करी रािा दखवका नदरी क तट पर मनषय जाखत करी उतपखतत हई

पमाण यहरी ितात ह खक आखद ससषट करी उतपखतत बरहमावतव कषत म हरी हई सवायभव को आखद भरी कहा जाता ह सभरी भाषाओ क मनषय-वाचरी रबद मन मनज मानव आदम आदमरी आखद सभरी मन रबद स पभाखवत ह यह समसत मानव जाखत क पम सदरवाहक ह इनह पम मानन क कई कारण ह ससार क पम परष सवायभव मन और पम सतरी री रतरपा इनही पम परष और पम सतरी करी सनतानो स ससार क समसत जनो करी उतपखतत हई मन करी सनतान होन क कारण व मानव कहलाए मानव उस कहत ह खजसम जड़ और पाण स कही जयादा सखकय ह- मन मनषय म मन करी ताकत ह खवचार करन करी ताकत ह इसरीखलए उस मनषय कहत ह चखक यह सभरी करी सतान ह इसरीखलए मनषयत को मानव भरी कहा जाता ह सवायभव मन क हरी कल म आग चलकर सवायभव सखहत कल कमर 7 मन हए और 7 होना िाकरी ह महाभारत म 8 मनओ का उललि खमलता ह शवतवराह कलप म 14 मनओ का उललि ह इन चौदह मनओ को हरी जन धमव म कलकर कहा गया ह

चौिह मनओ क नाम1 सवायमभ 2 सवरोखचष 3 औततमरी 4 तामस मन 5 रवत 6

चाकषष 7ववसवत 8सयवसावखणव 9 दकष सावखणव 10 बरहम सावखणव 11 धमव सावखणव 12 रदर सावखणव 13 रौचय या दव सावखणव 14 भौत या इनदर सावखणव

पजापतय कलप म बरहमा न रदर रप को हरी सवयभ मन और सतरी रप म रतरपा को पकट खकया सवायभव मन एव रतरपा क कल पाच सनतान ी खजनम स दो पत खपयवरत एव उततानपाद ता तरीन कनयाए आकखत दवहखत और पसखत आकखत का खववाह रखच पजापखत क सा और पसखत का खववाह दकष पजापखत क सा हआ दवहखत का खववाह पजापखत कदवम क सा हआ रखच क आकखत स एक पत उतपनन हआ खजसका नाम यजञ रिा गया इनकरी पतरी का नाम दखकषणा ा कखपल ऋखष दवहखत करी सतान पराणो अनसार इनही तरीन कनयाओ स ससार क मानवो म वखद हई

दकष न पसखत स 24 कनयाओ को जनम खदया इसक नाम शरदा लकमरी पसषट धखत तसषट मधा खकया िखद लजा वप रासनत ऋखद और करीखतव ह तरह का खववाह धमव स खकया और खफर भग स खयाखत का खरव स सतरी का मररीखच स समभखत का अखगरा स समखत का पलसतय स परीखत का पलह स कषमा का कखत स सननखत का अखत स अनसया का वखरषट स ऊजाव का वहव स सवाह का ता खपतरो स सवधा का खववाह खकया आग आन वालरी ससषट इनही स खवकखसत हई दो पत- खपयवरत और उततानपाद उततानपाद करी सनरीखत और सरखच नामक दो पतरी ी राजा उततानपाद क सनरीखत स धव ता सरखच स उततम नामक पत उतपनन हए धव न िहत पखसखद हाखसल करी री सवायभव मन क दसर पत खपयवरत न खवशवकमाव करी पतरी

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िखहषमवतरी स खववाह खकया ा खजनस आनिरीध यजञिाह मधाखतख आखद दस पत उतपनन हए खपयवरत करी दसररी पतरी स उततम तामस और रवत- य तरीन पत उतपनन हए जो अपन नामवाल मनवतरो क अखधपखत हए महाराज खपयवरत क दस पतो म स कखव महावरीर ता सवन य तरीन नसषक बरहमचाररी और उनहोन सनयास धमव गरहण खकया ा महाराज मन न िहत खदनो तक इस सपतदरीपवतरी पथवरी पर राजय खकया उनक राजय म पजा िहत सिरी री इनही न मन समखत करी रचना करी री जो आज मल रप म नही खमलतरी उसक अव का अनव हरी होता रहा ह उस काल म वणव का अव रग होता ा और आज जाखत पजा का पालन करत हए जि महाराज मन को मोकष करी अखभलाषा हई तो व सपणव राजपाट अपन िड़र पत उततानपाद को सौपकर एकानत म अपनरी पतरी रतरपा क सा नखमषारणय तरीव चल गए लखकन उततानपाद करी अपकषा उनक दसर पत राजा खपयवरत करी पखसखद हरी अखधक रहरी मन न सनदा नदरी क खकनार सौ वषव तक तपसया करी दोनो पखत-पतरी न नखमषारणय नामक पखवत तरीव

म गौमतरी क खकनार भरी िहत समय तक तपसया करी उस सान पर दोनो करी समाखधया िनरी हई ह

सवायमभ मन क काल क ऋखष मररीखच अखत अखगरस पलह कत पलसतय और वखरष हए राजा मन सखहत उकत ऋखषयो न हरी मानव को सभय सखवधा सपनन शरमसाधय और सससकत िनान का कायव खकया

मानर ससककतत की राजधानी अयोधया अयोधया कवल एक नगर मात नही ह वासतव म यह पथवरी पर

मानव जाखत करी उतपखतत उसकरीससकखत और उसक समगर सभयताओ क खवकास करी वासतखवक राजधानरी ह आखद परष मन का आखवभावव

इसरी अयोधया क सा हआ और उनहरी मन स मानव समदाय का खवकास सभव हो पाया इसक खलए पसशचम करी खकसरी अवधारणा म जान करी आवशयकता नही िसलक कवल अपनरी शरखतयो समखतयो और सवय क इखतहास को हरी जानन करी आवशयकता ह पसशचमरी इखतहासकारो जरीवराससतयो परावजञाखनको जरीवाशम खवजञाखनयो अवा दारवखनको न ससषट और मनषय करी उतपखतत को लकर चाह जरीतनरी वयाखयाए दरी हो परत उनकरी कोई वयाखया अभरी तक सटरीक नही पायरी गयरी उनकरी साररी िोज कछ हज़ार वषवो पवव स रर होकर खमट जातरी ह और इसरीखलए व कोई नतरीजा नही द पात उनक पास आधार साखहतय हरी नही ह इसखलए उनकरी अवधारणाओ को वासतखवकता करी कसौटरी िाररज़ कर दतरी ह उदाहरण क खलए उनकरी िनदर स मनषय क खवसकसत होन करी अवधारणा यखद सहरी होतरी तो आज धरतरी पर िदर नही होन चाखहए कयो करी िदर को खवसकसत होकर मनषय िन जाना चाखहए ा वासतखवकता यह ह खक ससषट क उदभव और उसक समगर खवकास करी गाा हमाररी शरखतयो

और अनय वागमयो म उपलबध ह लखकन दभावगय ह खक हमार यहा उन पर कोई कारगर अधययन या रोध नही हो पाया शरखत परपरा का जञान हम खमलता तो रहा लखकन िरीत हज़ार वषवो म भारत पर दसररी सभयताओ क हमलो न हमारो उस खवरासत को तोड़ा और हमाररी जञानाजवन करी अपनरी परपरा खवलपत हो गयरी अभरी माता 70 साल पहल हरी हम आज़ाद हए ह लखकन खवडमिना ह खक अि जञानाजवन करी कवल पसशचमरी परमपराओ पर हम जरीन लग ह वह पसशचम खजसक पास खरकषा और जञान का कल अनभव हरी महज कछ सौ सालो का ह

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सभी महापरषो का उदभर सथल अयोधया भारत वषव क चाह खजतन नाम हो इसक चाह खजतन भरी सवरप

और दरवन रह हो पर सभरी क मल म अयोधया हरी खमलतरी ह चाह भरत हो धव हो मानधाता हो िखल हो सगर भगरीर खदलरीप प सतयवादरी हररशचनदर या खवदह महाराज जनक हरी कयो न हो सभरी पर भारत को गवव ह और इन सभरी का समिनध अयोधया स हरी ह इसरी पकार हमाररी ऋखष परमपरा म गर वखरष खवशवाखमत गौतम ररभग शरगरी परररामस लकर रतानद तक सभरी ऋखष मखन और तपससवयो क खलए अयोधया हरी कमवभखम रहरी ह

वासतव म इस ससषट म कवल एक माता अयोधया हरी ह खजसन सभरी यगो क सभरी सभयताओ को जनम लत फलत फलत खवसकसत होत और नषट दिा ह अयोधया हरी साकषरी ह सतयग करी अयोधया हरी साकषरी ह सतयग म दव मानव और उस समय करी अनय ससकखतयो क सघषव करी अयोधया न हरी तता यग म मानव और रकष सभयताओ का सघषव दिा ह अयोधया न हरी दापर म ससकारो और पररवारो का सघषव भरी दिा ह अयोधया हरी ह जो अि मनषय और उसकरी शवास क िरीच का सघषव भरी दि रहरी ह

इततहास म अयोधयाऐखतहाखसक दसतावज ितात ह खक अयोधया रघवररी राजाओ

करी िहत परानरी राजधानरी री ऐसरी धारणा ह खक सवय मन न अयोधया का खनमावण खकया ा वालमरीखक रामायण सपता चलता ह खक सवगावरोहण स पवव रामचदरजरी न कर को करावतरी नामक नगररी का राजा िनायाा शररीराम क पशचात अयोधया उजाड़ हो गई री कयोखक उनक उततराखधकाररी कर न अपनरी राजधानरी करावतरी म िना लरी री काखलदास क महाकावय रघवर स जञात होता ह खक अयोधया करी दरीन-हरीन दरा दिकर कर न अपनरी राजधानरी पन अयोधया म िनाई री महाभारतम अयोधया क दरीघवयजञ नामक राजा का उललि ह खजस भरीमसन न पववदर करी खदसगवजय म जरीता ा घटजातक म अयोधया (अयोजझा) क कालसन नामक राजा का उललि ह गौतमिद क समय कोसल क दो भाग हो गए - उततरकोसल और दखकषणकोसल खजनक िरीच म सरयनदरी िहतरी री अयोधया या साकत उततररी भाग करी और शरावसतरी दखकषणरी भाग करी राजधानरी री इस समय शरावसतरी का महतव अखधक िढा हआ ा िौद काल म हरी अयोधया क खनकट एक नई िसतरी िन गई री खजसका नाम साकत ा िौद साखहतय म साकत और अयोधया दोनो का नाम सा-सा भरी खमलता ह खजसस दोनो क खभनन अससततव करी जानकाररी पापत होतरी ह िालमरीखक रामायण म अयोधया का उललि कोरल जनपद करी राजधानरी क रप म खकया गया ह पराणो म इस नगर क सिध म कोई खवरष उललि नही खमलता ह परनत इस नगर क रासको करी वरावखलया अवशय खमलतरी ह जो इस नगर करी पाचरीनता एव महतव क पामाखणकसाकय ह बराहमण साखहतय म इसका वणवन एक गराम क रप म खकया गया ह ऐसा वणवन खमलता

ह खक सत और मागध उस नगररी म िहत अयोधया िहत हरी सनदर नगररी री अयोधया म ऊचरी अटाररयो पर धवजाए रोभायमान ी और सकड़ो रतखघनया उसकरी रकषा क खलए लगरी हई ी राम क समय यह नगर अवध नाम करी राजधानरी स सरोखभत ा अभरी उपलबध िौद गरनो क अनसार अयोधया पवववतरी ता साकत परवतती राजधानरी री भारतवषव क पखवत सानो म इसका नाम खमलता ह पखयात चरीनरी यातरी फ़ाहयान न इसका lsquoरा-चrsquo नाम स उललि खकया हजो कननौज स 13 योजन दखकषण-पवव म ससत ा

एक इखतहासकार मललसकर न पाखल-परपरा क साकत को सई नदरी क खकनार उननाव खज़ल म ससत सजानकोट क िडहरो स समरीकत खकया ह नाखलयाकष दतत एव कषणदतत िाजपयरी न भरी इसका समरीकरण सजानकोट स खकया ह रगाा अटका म साकत को सरय नदरी कखकनार िताया गया ह अत सभव ह खक पाखल का साकत आधखनक अयोधया हरी हो

अयोधया क पाचीन अतभलरखरग वर क पम रासक पषयखमत (खदतरीय रतरी ई प) का

एक खरलालि अयोधया स पापत हआ ा खजसम उस सनापखत कहा गया ह ता उसक दारा दो अशवमध यजञो क खलए जान का वणवन ह अनक अखभलिो स जञात होता ह खक गपतवररीय चदरगपत खदतरीय क समय (चतवरतरी ई का मधयकाल) और ततपशचात काफ़री समय तक अयोधया गपत सामराजय करी राजधानरी री गपतकालरीन महाकखव काखलदासन अयोधया का रघ वर म कई िार उललि खकया ह काखलदास न उततरकौरल करी राजधानरी साकत और अयोधया दोनो हरी का नामोललि खकया ह इसस जान पड़ता ह खक काखलदास क समय म दोनो हरी नाम पचखलत रह होग मधयकाल म अयोधया का नाम अखधक सनन म नही आता ा यवानचवाग क वणवनो स जञात होता ह खक उततर िदकाल म अयोधया का महतव घट चका ा

कावय सातहतय म अयोधयाअयोधया का उललि महाकावयो म खवसतार स खमलता ह

रामायण क अनसार यह नगर सरय नदरी क तट पर िसा हआ ा ता कोरल राजय का सववपमि नगर ा अयोधया को दिन स ऐसा पतरीत होता ा खक मानो मन न सवय अपन हाो क दारा अयोधया का खनमावण खकया हो अयोधया नगर 12 योजन लमिाई म और 3 योजन चौड़ाई म फला हआ ा खजसकरी पसषट वालमरीखक रामायण म भरी होतरी ह एक परवतती जन लिक हमचनदर न नगर का कषतफल 12times9 योजन ितलाया ह जो खक खनसशचत हरी अखतरखजत वणवन ह साकयो क अवलोकन स नगर क खवसतार क खलए कखनघम का मत सवावखधक महतवपणव लगता ह उनकरी मानयता ह खक नगर करी पररखध 12 कोर (24 मरील) री जो वतवमान नगर करी पररखध क अनरप ह अयधया खहनदओ और जखनयो का एक पखवत तरीवसलह और इसका उललि सपतपररयो म सववपम खकया जाताह पराणो क

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अनसार इन सात पररयो या तरीथो को मोकषदायक कहा गया ह इनका सखकषपत खववरण इस पकार ह-

कवाशी कवाची चमवारवाखरवातररोधरवाविवारतरमप

मथरवाऽननतकवा चतवाः सपतपरयोऽरि मरोकषदवाः

अररोधरवा-मथरवामवारवाकवाशीकवाचीतननतकवा

परी विवारवातीच सपतत मरोकषदवामरकवाः

1 अयोधयाशररीराम का जनम यही हआ ा राम करी जनम-भखम अयोधया

उततर पदर म सरय नदरी क दाए तट पर ससत ह अयोधया खहनदओ क पाचरीन और सात पखवत तरीवसलो म स एक ह अयोधया को अवववद म ईशवर का नगर िताया गया ह और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह रामायण क अनसार अयोधया करी सापना मन न करी री कई रतासबदयो तक यह नगर सयव वर करी राजधानरी रहा अयोधया एक तरीव सान ह और मल रप स मखदरो का रहर ह यहा आज भरी खहनद िौद इसलाम और जन धमव स जड़र अवरष दि जा सकत ह जन मत क अनसार यहा आखदना सखहत पाच तरीाकरो का जनम हआ ा

2 मथरापराणो म मरा क गौरवमय इखतहास का खवषद खववरण खमलता

ह अनक धमथो स सिखधत होन क कारण मरा म िसन और रहन का महतव कमर िढता रहा ऐसरी मानयता री खक यहा रहन स पाप रखहत हो जात ह ता इसम रहन करन वालो को मोकष करी पाखपत होतरी ह वराह पराण म कहा गया ह खक इस नगररी म जो लोग रधद खवचार स खनवास करत ह व मानव क रप म साकषात दवता ह शराद कमव का खवरष फल मरा म पापत होता ह मरा म शराद करन वालो क पववजो को आधयासतमक मसकत खमलतरी ह उततानपाद क पत धव न मरा म तपसया कर क नकषतो म सान पापत खकया ा पराणो म मरा करी मखहमा का वणवन ह पथवरी क यह पछन पर खक मरा जस तरीव करी मखहमा कया ह महावराह न कहा ा- मझ इस वसधरा म पाताल अवा अतररकष स भरी मरा अखधक खपय ह वराह पराण म भरी मरा क सदभव म उललि खमलता ह यहा करी भौगोखलक ससखत

का वणवन खमलता ह यहा मरा करी माप िरीस योजन ितायरी गयरी ह इस मडल म मरा गोकल वनदावन ोवधवन आखद नगर गराम एव मखदर तड़ाग कणड वन एव अनगखणत तरीथो क होन का खववरण खमलता ह इनका खवसतत वणवन पराणो म खमलता ह गगा क समान हरी यमना क गौरवमय महतव का भरी खवरद खववरण खकया गया ह पराणो म वखणवत राजाओ क रासन एव उनक वरो का भरी वणवन पापत होता ह

3 हररदारहररदार उततरािड म ससत भारत क सात सिस पखवत तरीव

सलो म एक ह भारत क पौराखणक गरो और उपखनषदो म हररदार को मायापररी कहा गया ह गगा नदरी क खकनार िसा हररदार अावत हरर तक पहचन का दार ह हररदार को धमव करी नगररी माना जाता ह सकडो सालो स लोग मोकष करी तलार म इस पखवत भखम म आत रह ह इस रहर करी पखवत नदरी गगा म डिकरी लगान और अपन पापो का नार करन क खलए साल भर शरदालओ का आना जाना यहा लगा रहता ह गगा नदरी पहाड़री इलाको को परीछर छोड़तरी हई हररदार स हरी मदानरी कषत म पवर करतरी ह

4 काशीवाराणसरी काररी अवा िनारस भारत दर क उततर पदर का

एक पाचरीन और धाखमवक महतता रिन वाला रहर ह वाराणसरी का पराना नाम काररी ह वाराणसरी खवशव का पाचरीनतम िसा हआ रहर ह यह गगा नदरी खकनार िसा ह और हज़ारो साल स उततर भारत का धाखमवक एव सासकखतक कनदर रहा ह दो नखदयो वरणा और अखस क मधय िसा होन क कारण इसका नाम वाराणसरी पडा िनारस या वाराणसरी का नाम पराणो रामायण महाभारत जस अनकानक गरनो म खमलता ह

5 काचीपरमकाचरीपरम तरीवपररी दखकषण करी काररी मानरी जातरी ह जो चननई

स 45 मरील करी दररी पर दखकषणndashपसशचम म ससत ह काचरीपरम को काचरी भरी कहा जाता ह यह आधखनक काल म काचरीवरम क नाम स भरी पखसद ह ऐसरी अनशरखत ह खक इस कषत म पाचरीन काल म बरहमा जरी न दवरी क दरवन क खलय तप खकया ा मोकषदाखयनरी सपत पररयो अयोधया मरा दारका माया(हररदार) काररी और अवसनतका (उजन) म इसकरी गणना करी जातरी ह काचरी हररहरातमक पररी ह इसक दो भाग खरवकाचरी और खवषणकाचरी ह

6 अरततकाउजखयनरी का पाचरीनतम नाम अवसनतका अवसनत नामक राजा

क नाम पर ा इस जगह को पथवरी का नाखभदर कहा गया ह महखषव सानदरीपखन का आशरम भरी यही ा उजखयनरी महाराज खवकमाखदतय

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करी राजधानरी री भारतरीय जयोखतष रासत म दरानतर करी रनय रिा उजखयनरी स पारमभ हई मानरी जातरी ह इसकाखलदास करी नगररी क नाम स भरी जाना जाता ह यहा हर 12 वषव पर खसहस कभ मलालगता ह भगवान खरव क 12 जयोखतखलागो म एक महाकाल इस नगररी म ससत ह

7 दारकादारका का पाचरीन नाम ह पौराखणक काओ क अनसार

महाराजा रवतक क समदर म कर खिछाकर यजञ करन क कारण हरी इस नगररी का नाम करसलरी हआ ा िाद म खतखवकम भगवान न कर नामक दानव का वध भरी यही खकया ा खतखवकम का मखदर दारका म रणछोड़जरी क मखदर क खनकट ह महाराज रवतक (िलराम करी पतरी रवतरी क खपता) न पम िार समदर म स कछ भखम िाहर खनकाल कर यह नगररी िसाई होगरी हररवर पराण क अनसारकरसलरी उस पदर का नाम ा जहा यादवो न दारका िसाई री खवषण पराण क अनसार अावत आनतव क रवत नामक पत हआ खजसन करसलरी नामक पररी म रह कर आनतव पर राजय खकया खवषण पराण स सखचत होता ह खक पाचरीन करावतरी क सान पर हरी शररीकषण न दारका िसाई री करसलरी या तव भप रमया पररी पराभदमरावतरीव सा दारका सपखत तत चासत स करवारो िलदवनामा

सात पररयो क अनतसवमबनध इस िात क भरी ऐखतहाखसक पमाण ह खक इन सातो पररयो क

अतवसिध भरी िहत गहर ह अयोधया मरा काररी हररदार काचरीपरम अवखतका या उजखयनरी और दाररका क िार म खवसतार स चचाव समरीचरीन नही ह खकनत भारत वषव म खनवास करन वाल पतयक सनातन मनषय क खलए इन सभरी सात पररयो करी ख़ास महतता ह ख़ास यह ह खक इनम स खकसरी करी चचाव रर करी जातरी ह तो सातो करी चचाव हो हरी जातरी ह

मधयकाल म अयोधयामधयकाल म मसलमानो क उतकषव क समय अयोधया िचाररी

उपखकषता हरी िनरी रहरी यहा तक खक मगल सामराजय क ससापक िािर क एक सनापखत न खिहार अखभयान क समय अयोधया म शररीराम क जनमसान पर ससत पाचरीन मखदर को तोड़कर एक मससजद िनवाईखजसकोलकर खवगत कई दरको स खववाद िना हआ ह मससजद म लग हए अनक सतभ और खरलापटट उसरी पाचरीन मखदर क क हरी

अयोधया क वतवमान मखदर कनकभवन आखद अखधक पाचरीन नही ह और वहा यह कहावत पचखलत ह खक सरय को छोड़कर रामचदरजरी क समय करी कोईखनरानरी नही ह कहत ह खक अवध क नवािो न जि फ़ज़ािाद म राजधानरी िनाई री तो वहा क अनक

महलो म अयोधया क परान मखदरो करी सामगररी उपयोग म लाई गई री

बौदध सातहतय म अयोधयािौद साखहतय म भरी अयोधया का उललि खमलता ह गौतम िद

का इस नगर स खवरष समिनध ा उललिनरीय ह खक गौतम िद क इस नगर स खवरष समिनध करी ओर लकय करक मसजझमखनकाय म उनह कोसलक (कोरल का खनवासरी) कहा गया ह

धमव-पचाराव व इस नगर म कई िार आ चक एक िार गौतम िद न अपन अनयाखययो को मानव जरीवन करी खनसवारता ता कषण-भगरता पर वयाखयान खदया ा अयोधयावासरी गौतम िद क िहतिड़र परसक और उनहोन उनक खनवास क खलए वहा पर एक खवहार का खनमावणभरी करवाया ा सयकतखनकाय म उललि आया ह खक िद न यहा करी याता दो िार करी री उनहोन यहा फण सकत और दारकिधसकत का वयाखयान खदया ा

अयोधया और साकतअयोधया और साकत दोनो नगरो को कछ खवदानो न एक हरी

माना ह काखलदास न भरी रघवर म दोनो नगरो को एक हरी माना ह खजसका समवन जन साखहतय म भरी खमलता ह कखनघम न भरी अयोधया और साकत को एक हरी नगर स समरीकत खकया ह इसक खवपररीत खवखभननखवदानो न साकत को खभनन-खभनन सानो स समरीकत खकया ह इसकरी पहचान सजानकोट आधखनकलिनऊ कसती परा (पसाका) और तसरन खिहार इलाहािाद स 27 मरील दर ससत ह) स करी गई ह इस नगर क समरीकरण म उपयवकत खवदानो क मतो म सवल पमाणो काअभाव दसषटगत होता ह िौद गरनो म भरी अयोधया और साकत को खभनन-खभनन नगरो क रप म पसतत खकया गया ह वालमरीखक रामायण म अयोधया को कोरल करी राजधानरी िताया गया ह और िाद क ससकत गरनो म साकत स खमला खदया गया ह अयोधयाको सयकतखनकाय मएक ओर गगा क खकनार ससत एक छोटा गाव या नगर ितलाया गया ह जिखक साकत उसस खभनन एक महानगर ा अतएव खकसरी भरी दरा म य दोनो नाम एक नही हो सकत ह

जन गरनथ क अनसारजन गरन खवखवधतरीवकलप म अयोधया को ऋषभ अखजत

अखभनदन समखत अननत और अचलभान- इन जन मखनयो का जनमसान माना गया ह नगररी का खवसतार लमिाई म 12 योजन और चौड़ाई म 9 योजन कहा गया ह इस गरन म वखणवत ह खक चकशवररी और गोमि यकषअयोधया क खनवासरी घघवर-दाह और सरय का अयोधया क पास सगम िताया ह और सयकत नदरी को सवगवदारा नाम स अखभखहत खकया गया ह नगररी स 12 योजन पर अषटावट या अषटापद पहाड़ पर आखद-गर का कवलयसान माना गया ह इस गरन म यह भरी वखणवत ह खकअयोधया क चारो दारो पर

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24 जन तरीाकरो करी मखतवया पखतषाखपत ी एक मखतव करी चालकय नरर कमारपाल न पखतषापना करी री इस गरन म अयोधया को दरर राम और भरत करी राजधानरी िताया गया ह जनगरनो म अयोधया को खवनरीता भरी कहा गया ह

जन गर महापराण (आखदपराण) क अनसार करोड़ो वषव पवव अयोधया म पाच तरीाकरो क जनम तो हए हरी ह सा हरी वहा अनय अनक इखतहास भरी जड़ अयोधया म वतवमान म रायगज पररसर म 31 फट उततग भगवान ऋषभदव करी िरगासन पखतमा खवराजमान ह वहा पखतवषव चतकषण नवमरी क खदन भगवान ऋषभदव क जनम कलयाणक खदवस का वाखषवक मला आयोखजत होता ह खजसम हज़ारो शरदाल भकत भाग लकर पणयलाभ पापत करत ह अयोधया म सवगवदार मोहलल म ऋषभदव का सनदर खजन मखदर िना ह वह भगवान का वासतखवक जनम सानमाना जाता ह सरय नदरी क खनकट हरी भगवान ऋषभदव उदान िहत सदर िना हआ ह जहा दर- खवदर क हज़ारो पयवटक पखतखदन आकर पाकखतक सौदयव का आनद लत ह

राज डतरडस क अनसारराज डरखवरस का कन ह खक दोनो नगर वतवमान लदन और

वसटखमसटर क समान एक-दसर स सटर रह होग जो कालानतर म खवकखसत होकर एक हो गय अयोधया समभवत पाचरीन राजधानरी री और साकत परवतती राजधानरी खवरदाननद पाक भरी राज डरखवरस क मत का समवनकरत ह और पररवतवन क खलए सरय नदरी करी धारा म पररवतवन या खकसरी पाकखतक कारण को उततरदायरी मानत ह खजसक कारण अयोधया का सकचन हआ और दसररी तरफ़ नई खदरा म परवतती काल म साकत का उदभव हआ

साकय साकयो क अवलोकन स दोनो नगरो क अलग-अलग अससततव

करी सावकता खसद हो जातरी ह ता साकत क परवतती काल म खवकास करी िात सतय क अखधक समरीप लगतरी ह इस सनदभव म ई ज ामस रामायण करी परमपरा को िौद परमपरा करी अपकषा उततरकालरीन मानत ह उनकरीमानयता ह खक पहल कोरल करी राजधानरी शरावसतरी री और जि िाद म कोरल का खवसतार दखकषण करी ओर हआ तो अयोधया राजधानरी िनरी जो खक साकत क हरी खकसरी खवजयरी राजा दारा खदया हआ नाम ा

परवाततमदो कवा मत कछ पराततवखवदो या-पो बरजवासरी लाल ता हसमि

धरीरजलाल साकखलया न रामायण इतयाखद म वखणवत अयोधया करी पहचान नगर करी भौगोखलक ससखत पाचरीनता एव सासकखतक अवरषो का अधययन खकया रामायण म वखणवत उपयवकत खववरणो क अनतर करी वयाखया भरी पसतत करी ह इन दोनो खवदानो का यह मत ा खक परातासतवक दसषट स न कवल अयोधया करी पहचान करी जा

अयोधया का इततहास पसतक सर महतरपरव अश-अयोधया वजस अिध और साकत भी कहत ह

अतयत पारीन नगरी ह यह पहल उततरकोशल की राजधानी थी वजसम सख-सममवद क साथ वहनद लोग वजस िसत की आकाकषा करत या वजसका आदर-सममान करत ह िह सब पाप हो रका था जसा वक अब वमलना असभि ह और जो उस तजधारी राजिश का वनिास सथान था जो सयशदि स उतपन हआ और वजसम 60 वनदवोष शासको क पीछ मयाशदा परषोततम शीरामरदर का अितार हआ इस िीर को ऐवतहावसक समालोरना स मनषय की कलपना का सिवोततम वनसगश वसद कर या अदरधऐवतहावसक सथान द इस पर विरार करना वयथश ह इवतहास का उस पभाि स समबध ह जो इनक ररररि का इस बड़ी आयशजावत क सामावजक और धावमशक विशिास पर ह और इवतहास यह भी दखता ह वक इनकी जनम-भवम की यारिा को बड़ी शदा और भकत स यावरियो की ऐसी भीड़ आती ह जसी वकसी दसर तीथश म नही अयोधया का नाम 7 तीथषो म सबस पहल आया ह-अयोधया मथररा माया काशी काञी हररतनिका पररी दारारिीिर सपिा मोकदातयकाछद म अयोधया का नाम पहल आना उसक

पाधानय का पमाि नही परत यह ठीक नही एक पवसद शलोक और ह वजसस पकट ह वक अयोधया-तीथश-रपी विषि का मसतक ह-विषिो पादमिकनतका गििती मधय र काञीपरीननातभ दाररिीनिथा ि हदय मायापररी परणयदामगीरामिमरदाहरतनि मथररा नासाञ राराणसीमएिदबाहमतरदो रदतनि मरनयोऽयोधयापररी

मसिकमशष 6 तीथषो म स अनक की बड़ाई इसी कोशल-

राजधानी क समबध स हई ह शीककषि जी क जनम स पहल मथरा को शरिघन न बसाया था वजनको शीरामरदर न यमनातट पर बस हए तपकसियो क सतान िाल लिि को मारन क वलए भजा था माया या मायापरी हररदार का नामातर ह जहा अयोधया क राजा भगीरथ की लाई हई गगा पहाड़ो स वनकलकर मदान म आती ह और काशी अयोधया की शमशान- भवम ह इन वदनो भी अयोधया जन-मतािलकमबयो का ऐसा ही तीथश ह जसा वहनदओ

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सकतरी ह रामायण म वखणवत अनय सान या- ननदरीगराम शरगवरपर भारदाज आशरम पररयर एव वालमरीखक आशरम भरी खनसशचत रप स पहचान जा सकतह इस सनदभव म पो बरजवासरी लाल दारा खवरद रप म खकए गए परातासतवक सववकषण एव उतिनन उललिनरीय ह परातासतवक आधार पर पो लाल न रामायण म उपयवकत सानो करी पाचरीनता को लगभग सातवी सदरीई प म रिा इस साकय क कारण रामायण एव महाभारत करीपाचरीनता का जो कम ा वह पररवखतवत हो गया ता महाभारत पहल का पतरीत हआ इस पकार पो लाल ता साकखलया का मत हमचनदर राय चौधररी क मत स खमलता ह शररी रायचौधररी का भरी कन ा खक महाभारत म वखणवत सान एव घटनाए रामायण म वखणवत सान एव घटनाओ क पवव करी ह

मनीश चनद जरोशी कवा मत शररी मनरीर चनदर जोररी न पो लाल एव साकखलया क इस मत करी

िलकर आलोचना करी ता तखततररीय आरणयक म उदत अयोधया क उललि का वणवन करत हए यह मत पसतत खकया-

जि तखततररीय आरणयक करी रचना हई उस समय मनरीखषयो करी नगररी अयोधया एव उसकरी ससकखत (अगर यह री तो) को लोग पणवत भल गय अयोधया पणवत पौराखणक नगररी पतरीत होतरी ह आधखनक अयोधया और राम स इसका साहचयव परवतती काल का पतरीत होता ह इन आधारो पर शररी जोररी न कहा खक वखदक या पौराखणक सामगररी क आधार पर परातासतवक साकयो का समरीकरण न तो गराहय ह और न हरी उखचत उनका यह भरी कन ा खक अखधकतर भारतरीय पौराखणक एव वखदक सामगररी का उपयोग धमव एव अनषान क खलए खकया गया ाऐखतहाखसक रप स उनकरी सतयता सखदगध ह

परो बरजवासी लवाल कवा मत शररी जोररी क मतो का िणडन पो बरजवासरी लाल न पराततव

म छप अपन एक लि म खकया ह शररी लाल का कहना ह खक शररी जोररी का पम मत उनक ततरीय मत स मल नही िाता उनका कहना ह खक पम तो जोररी यह मानन को तयार हरी नही होत एव खदतरीय यह सपषट नही हखक राम एव आधखनक अयोधया का समिनध खकस काल म एव कस जोड़ा गया पो लाल का कहना ह खक अयोधया रबद न कवल तखततररीय आरणयक म ह िसलक इसका उललि अवववद म भरी खमलता ह इसक खवसतत अधययन स अयोधया रबद का पयोग अयोधया नगररी स हरी नहीिसलक अजय स खलया जा सकता ह तखततररीय आरणयक म वखणवत अयोधया नगररी का समरीकरण उनहोन मनषय रररीर स खकया ह ता शररीमदभागवदगरीता म आए उस शलोक का खजक़र खकया ह खजसम रररीर नामक नगर का वणवन ह शररी लाल का कहना ह खक तततररीय आरणयकअवववद ता शररीमदभगवदगरीता म रररीर क एक समान उललि खमलत ह खजसम कहा गया ह खक दवताओ करी इस सवखणवम नगररी क आ चक (पररकषत) और नौ दार ह जो खक हमरा पकारमान रहता ह नगर क पकारमान होन करी वयाखया मनषय क धयानमनि होन

का 24 तीथथकरो म स 22 इकिाकिशी थ और उनम स सबस पहल तीथथकर आवदनाथ (ऋषभदि जी) का और 4 और तीथथकरो का जनम यही हआ थाबौदमत की तो कोशला जनमभवम ही माननी

रावहए शायमवन की जनमभवम कवपलिसत और वनिाशिभवम कवशनगर दोनो कोशला म थ अयोधया म उनहोन अपन मत की वशकषा दी और ि वसदात बनाए वजनस जगतपवसद हए और कवशनगर म उनह िह पद पाप हआ वजसकी बौदमत िाल आकाकषा करत

और वजस वनिाशि कहत ह सयशिश क असत होन पर 80 िषश तक अयोधया शकतशाली गपो की राजधानी रही ह सोलकी राजाओ क विषय म कछ ऐस पमाि वमल ह वजनस विवदत होता ह वक यह लोग अयोधया स ही पहल दवकषि गए और िहा सालकी (रालय) राजय सथावपत वकया िहा स गजरात आए जहा अनहलिाड़ को राजधानी बनाकर बहत वदनो तक शासन करत रह परत यह अभी तक वनकशरत नही हआ वक सोलकी जो अपन को रदरिशी मानत ह अयोधया क वसहासन पर कब बठ थराजा साहब सतारा क पास की एक िशािली स विवदत होता ह वक रादरसनीय कायसथ सरयतट पर अयोधया (अजोढा) और मविपर (आजकल का मनकापर) स गए थ पवसद इवतहास-ममशजञ सीिाई िद न वहनद भारत क अत म वलखा ह वक अतयत पारीन काल म अयोधया म वहनदी सावहतय की उतपवतत हई सामानय लोगो को यह सनकर भी आशरयश होगा वक मसलमान भी अयोधया को अपना बड़ा तीथश मानत ह मदीनतल-औवलया नाम क उदश गरथ म जो अयोधया स पकावशत हआ ह वलखा ह वक अयोधया म आदम क समय स आज तक अनक औवलया और पीर हए ह मसलमान निाब िजीरो क राज म अयोधया ही का एक अश फजाबाद क नाम स 3 निाब िजीरो की राजधानी रहा शजाउदौला क शासन म इसकी शोभा दखकर यरोपीय यारिी रवकत होत थ सावहतयरतन वहनदी सधाकर रायबहादर शी अिधिासी लाला सीताराम बीए या कहत ह

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क पशचातजञान जयोखत क पापत होन करी ससखत स करी गई ह आ चको (पररकषतो) का समरीकरण आ धमखनयो क जाल-नरीच करी मलधारा स रर होकर ऊपर करी सहसर धारा तक-स करी गई ह नवदारो का समरीकरण रररीर क नवदारो-दो आि नाक क दो दार दो कान मि गदा एवखरशन- स खकया गया ह

पो बरजवासरी लाल न शररी मनरीरचनदर जोररी क रोधपत एव समिसनधत सामगररी का खवसतत खववचन करक अपन इस मत का पषटरीकरण खकया खक आधखनक अयोधया एव रामायण म वखणवत अयोधया एक हरी ह यखद परातासतवक सामगररी एव रामायण म वखणवत सामगररी म मल नही िातातो इसका अव यह नही खक अयोधया करी पहचान गलत ह या खक वह पौराखणक एव कालपखनक नगर ा वासतव म दोनो सामखगरयो क मल न िान का मखय कारण रामायण क मल म खकया गया िार-िार पररवतवन ह

चीनी रवामरिरो कवा रवारिवा मरणचरीनरी यातरी फ़ाहयान न अयोधया को रा चनाम स अखभखहत खकया

ह उसक याता खववरण म इस नगर का अतयनत सखकषपत वणवन खमलता ह फ़ाहयान क अनसार यहा िौदो एव बराहमणो म सौहादव नही ा उसन यहा उन सानो को दिा ा जहा िद ित और टहलत इससान करी समखतसवरप यहा एक सतप िना हआ ा

हन तसवागहवन तसाग नवदवकल नगर स दखकषण पवव 600 लरी याता करक

और गगा नदरी पार करक अयधा (अयोधया) पहचा ा यह समपणव कषत 5000 लरी ता इसकरी राजधानरी 20 लरी म फलरी हई री यह असग एव िसिध का असायरी खनवास सान ा यहा फ़सल अचछरी होतरी ी और यह सदव पचर हररीखतमा स आचछाखदत रहता ा इसम वभव रालरी फलो क िाग ता यहा करी जलवाय सवासथयवधवक री यहा क खनवासरी खरषट आचरण वाल खकयाररील एव वयावहाररक जञान क उपासक इस नगर म 100 स अखधक िौद खवहार और 3000 स अखधक खभकषक जोमहायान और हरीनयान मतो क अनयायरी यहा 10 दव मसनदर खजनम अिौदो करी सखया अपकषाकत कम री

हवन तसाग खलित ह खक नगर क उततर 40 लरी दररी पर गगा क खकनार एक िड़ा सघाराम ा खजसक भरीतर अरोक दारा खनखमवत एक 200 फट ऊचा सतप ा यह वहरी सान ा जहा पर तागत न दव समाज क उपकार क खलए तरीन मास तक धमव क उततमोततम खसदानतो काखववचन खकया ा इस खवहार स 4-5 लरी पसशचम म िद क अससयकत एक सतप ा खजसक उततर म पाचरीन खवहार क अवरष जहा सौतासनतक समपदाय समिनधरी खवभाषा रासत करी रचना करी गई रीहवन तसाग क अनसार राजधानरी म एक पाचरीन सघाराम ा यह वह सान हजहा दरिध न कखन पररशरम स खवखवध रासतो करी रचना करी री इन भनिावरषो म एक महाककष

ा जहा पर िसिध खवदरो स आन वाल राजकमारो एव खभकषओ को िौदधमव का उपदर दत हवन तसाग क अनसार नगर क दखकषण-पसशचम म 5-6 लरी करी दररी पर एक आमरवाखटका म एक पाचरीन सघाराम ा यह वह सान ा जहा असङग िोखधसतव न खवदाधययन खकया ा आमरवाखटका स पसशचमोततर खदरा म लगभग 100 क़दम करी दररी पर एक सतप ा खजसम तागत क नि और िाल रि हए इसक खनकट हरी कछ पाचरीन दरीवारो करी िखनयाद ी यह वहरी सान ह जहा पर वसिध िोखधसतव तखषत सवगव स उतरकर असङग िोखधसतव स खमलत

परवातवानतक उतखननभारतवषव क पाचरीन इखतहास को समझन म परातासतवक साकयो

का िड़ा महतव ह उतिनन स हरी पाचरीन सभयताओ क िार म आज का मनषय जान सका ह अयोधया क सरीखमत कषतो म पराततववतताओ न उतिनन कायव खकए इस कषत का सववपम उतिनन पोफ़सर अवध खकरोर नारायण क नततव म काररी खहनद खवशवखवदालय क

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एक दल न 1967-1970 म खकया यह उतिनन मखयत जन घाट क समरीप क कषत लकमण टरकररी एवनल टरील क समरीपवतती कषतो म हआ उतिनन स पापत सामगररी को तरीन कालो म खवभकत खकया गया ह-

पथम कवालउतिनन म पम काल क उततररी काल चमकरील मणभाड परमपरा

(एन िरी परी ियर) क भर पात एव लाल रग क मणभाड खमल ह इस काल करी अनय वसतओ म खमटटरी क कटोर गोखलया खख़लौना गाड़री क चक हडरी क उपकरण ताि क मनक सफखटक ररीरा आखद क मनक एवमणमखतवया आखद मखय ह

दसरवा कवालइस काल क मणभाड मखयत ईसा क पम रताबदरी क ह

उतिनन स पापत मखय वसतओ म मकरमिाकखत टोटरी दावात क ढककन करी आकखत क मतपात खचपटर लाल रग क चपटर आधारयकत लमिवत धारदार कटोर सटप और मतपात िणड आखद ह

ततीर कवालइस काल का आरमभ एक लमिरी अवखध क िाद खमलता ह

उतिनन स पापत मधयकालरीन चमकरील मतपात अपन सभरी पकारो म खमलत ह इसक अखतररकत काहरी एव पोकलन मणभाड भरी खमल ह अनय पमि वसतओ म खमटटरी क डिर लोढर लोह करी खवखभनन वसतए मनक िहमलयपतर ररीर करी एकरगरी और िहरगरी चखड़या और खमटटरी करी पर आकखतया (खवरषकर खचखड़यो करी आकखत) ह

अररोधरवा क कछ कषरिो कवा पन उतखननअयोधया क कछ कषतो का पन उतिनन दो सतो 1975-1976

ता 1976-1977 म बरजवासरी लाल और क वरी सनदराजन क नततव म हआ यह उतिनन मखयत दो कषतो- रामजनमभखम और हनमानगढरी म खकया गया इस उतिनन स ससकखतयो का एक खवशवसनरीय कालकमपकार म आया ह सा हरी इस सान पर पाचरीनतम िसतरी क खवषय म जानकाररी भरी खमलरी ह उतिनन म सिस खनचल सतर स उततर कालरीन चमकरील मणभाड एव धसर मणभाड परमपरा क मतपात खमल ह धसर परमपरा क कछ मणभाडो पर काल रग म खचतकाररी भरी खमलतरी ह

िनमवानगढी कषरि म उतखननहनमानगढरी कषत स भरी उततररी कालरी चमकरीलरी मणभाड ससकखत

क अवरष पकार म आए ह सा हरी यहा अनक पकार क मखतका वलय कप ता एक कए म पयकत कछ रकवाकार ईट भरी खमलरी ह उतिनन स िड़री माता म खवखभनन पकार करी वसतए खमलरी ह खजनम मखयत आधादजवन महर70 खसकक एक सौ स अखधक लघ मणमखतवया आखद उललिनरीय ह इस उतिनन म सिस महतवपणव उपलसबध आद ऐखतहाखसक काल क रोलटरड मणभाडो करी पाखपत ह

य मणभाड पम खदतरीय रताबदरी ई क ह इस पकार क मणभाडो करी पाखपत स यह खसद होता ह खक ततकालरीन अयोधया म वाखणजय और वयापार िड़र पमान पर होता ा यहवयापार सरय नदरी क जलमागव दारा गगा नदरी स समिद ा

आद ऐखतहाखसक काल क पशचात यहा क मलिो और गडो स पापत वसतओ क आधार पर वयावसाखयक कम म अवरोध दसषटगत होता ह समभवत यह कषत पन11वी रताबदरी म अखधवाखसत हआ यहा स उतिनन म कछ परवतती मधयकालरीन ईट ककड़ एव चन करी फ़रव आखद भरीखमल ह अयोधया स 16 खकलोमरीटर दखकषण म तमसा नदरी क खकनार ससत ननदरीगराम म भरी शररी बरजवासरी लाल क नततव म उतिनन कायव खकया गया उललि ह खक राम क वनगमन क पशचात भरत न यही पर खनवास करत हए अयोधया का रासन कायव सचाखलत खकया ा यहा कसरीखमत उतिनन स पापत वसतए अयोधया करी वसतओ क समकालरीन ह

सीममत कषरि म उतखनन1981- 1982 ई म सरीखमत कषत म उतिनन खकया गया यह

उतिनन मखयत हनमानगढरी और लकमणघाट कषतो म हआ इसम 700स 800 ई प क कलातमक पात खमल ह शररी लाल क उतिनन स पमाखणत होता ह खक यह िौद काल म अयोधया का महतवपणव सान ा िद रसशम मखण और हरर माझरी क नततव म

नमनवा सखरवा नमनो की मतमथ पनयगणनवा षय म

सखया-7 अयोधया-1 2152 जरी-7 (16) 915 मरीटर 2830 100 िरी परी (880 ई प) 1190- 840 ई प

सखया-8 अयोधया-1 2153 जरी-7 (19) 1100 मरीटर 2860 100 िरी परी (910 ई प) 1210- 900 ई प

सखया-9 अयोधया-1 2154 जरी-7 (20) 1153 मरीटर 3200 130 िरी परी (1250 ई प) 1680-1320 ई प

भारतरीय पराततव सववकषण खवभाग भारत सरकार नई खदललरी दारा िद रसशम मखण और हरर माझरी क नततव म 2003 ईसवरी म रामजनम भखम कषत म उतिनन कायव खकया गया यह उतिनन कायव सववोच नयायालय क खनदवर परवषव 2002स सचाखलत हआ उतिनन स पवव उततररी कषणपररमाखजवत ससकखत स लकर परवतती

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मगलकालरीन ससकखत तक क अवरष पकार म आए पम काल क अवरषो एव रखडयो कािवन खतखयो स यह खनसशचत हो जाता ह खक मानव सभयता करी कहानरी अयोधया म 1300 ईसा पवव स हरी पारमभ होतरी ह

मन ही मानर समाज क आति परषमहखषव मन हरी पहल वयसकत ह खजनहोन एक वयवससत िरी

खनयमिद नखतक आदरव मानवरीय जरीवन जरीन करी पदखत खसिाई ह | मन हरी वह धमव गर ह खजनहोन यजञ परमपरा का पवतवन खकया | उनक दारा रखचत धमवरासत खजसको करी आज मनसमखत क नाम स जाना जाता ह सिस पाचरीन समखत गरन ह | इखतहास उा कर दि लरीखजय वखदक साखहतय स लकर आधखनक काल तक एक परमपरा उन रासतकारो साखहतयकारो लिको कखवयो और राजाओ करी खमलतरी ह खजनहोन मकतक स मन करी पररा करी ह | वखदक5 सखहताओ एव बराहमण गरो म मन करी वचनो को ldquo औषध क समान खहतकाररी और गणकाररी कहा ह ldquo | महखषव िालमरीखक रामायण म मन को एक पमाखणक धमव रासतजञ क रप म उदत हरात ह और शररी राम अपन आचरण को रासत सममत खसद करन क खलए उसक समव म मन क शलोको को उदत करत ह | महाभारत म अनक सानो पर उनक धमव रासत को पररीकषा खसद घोखषत खकया ह | अनक परानो म उनह आखद राजऋखष रासतकार आखद खवरषणो स खवभखषत खकया ह | खनरकत म आचायव यासक न मन क मत को उदत करक पत पतरी क समान दायभाग क खवषय म पमाखणक माना ह | कौखटलय अवरासत म चाणकय न मन क मत को पमाण रप म उदत खकया ह | समखतकार िहसपखत मन करी समखत को सिस पमाखणत मान कर खवरद समखतयो को अमानय घोखषत करत ह | िौद कवरी अशवघोष न अपनरी कखत ldquo वजरकोपखनषद ldquo म मन क पमाणो को पमाण रप माना ह | याजञवलकय समखत मन समखत पर हरी आधाररत ह | शररी रवरीनदरना टगोर डाकटर राधाकषणन जवाहरलाल नहर आखद राषट नताओ न मन को आखद लॉ मगर क रप म उसललखित खकया ह | अनक काननखवदो जससटस डरी एन मलला एन राघवाचायव आखद न सवरखचत खहनद लॉ समिनधरी गरो म मन क खवधान को lsquo अाररटरी lsquo घोखषत खकया ह | मन क मतवयो का समवन करत हए अपनरी पसतको म मकसमलर ए ए मकडोनाल ए िरी करी परी ॉमस आखद पाशचतय लिको न मन समखत को धमव रासत क सा सा एक लॉ िक भरी माना ह| जमवन क पखसद दारवखनक फरीडररच नरीतस न तो यहा तक कहा ह करी ldquo मनसमखत िाइखिल स उततम गरन ह ldquo िसलक ldquo उसस िाइखिल करी तलना करना भरी पाप ह ldquo कहन का

तातपयव यह ह करी मनसमखत को पररी दखनया क खवदानो न महतव खदया ह | यखद मनसमखत न होतरी तो न हरी नयाय वयवसा न अव वयवसा न कमव वयवसा अावत कोई भरी वयवसा नही होतरी| लव न िसाया लाहौर और कसर री कर करी राजधानरी धमावचायव और इखतहासवतता कहत ह खक पाखकसतान क लाहौर रहर को भगवान राम क पत लव न िसाया ा वहा सनातन धखमवयो न हजारो साल तक वषणव धमव का झडा फहराया यहा स कछ दर ससत कसर नगर को कर दारा िसाया गया माना जाता ह इस िार म कई अखभलि भरी सामन आय ह लाहौर परान पजाि करी राजधानरी ह जो रावरी नदरी क दाखहन तट पर िसा हआ ह यह िहत पाचरीन नगर ह लाहौर कराचरी क िाद पाखकसतान म दसरा सिस जयादा आिादरी वाला रहर ह इस पाखकसतान का खदल भरी कहा जाता ह कयोखक इस रहर का इखतहास ससकखत एव खरकषा म अतयत समद रहा ह

पाखकसतान म इस िागो क रहर क रप म भरी जाना जाता ह लाहौर को सभवतः ईसवरी सन करी पारसमभक रतासबदयो म िसाया

गया ा और सातवी रताबदरी ई म यह इतना महतवपणव ा खक उसका उललि चरीनरी यातरी हवन तसाग न खकया ह रतजय क एक अखभलि म लवपर या लाहौर को लामपर कहा गया ह लाहौर रहर रावरी एव वाघा नदरी क तट पर भारत-पाखकसतान सरीमा पर ससत ह

मानयताओ क अनसार लाहौर नगर का पाचरीन नाम लवपर या लवपररी ा और इस शररीरामचनदर क पत लव न िसाया ा कहत ह खक लाहौर क पास ससत कसर नामक नगर को लव क िड़र भाई कर न िसाया ा लाहौर क पजाि खवशवखवदालय म 8671 ससकत-खहदरी करी पाडखलखपया पसतकालय म आज भरी सरखकषत ह यहा अरिरी फरसरी तकती उदव और कषतरीय भाषाओ करी कल िाइस हजार पाडखलखपया रिरी

ह काररी खहद खवशवखवदालय वाराणसरी ससकत न इस सिध म महतवपणव जानकाररया पापत करी ह पौराखणक दसषट स माना जाता ह खक यह नगर भगवान शररीरामचदर क पत लव न िसाया ा लाहौर खकल क अदर उनका मखदर ह लाहौर सासकखतक दसषट स भरी काफरी महतवपणव माना जाता ह बरहमखषव पचता क पत ह िालमरीखक ससषट क आखद कखव और शररीमद रामायण क रचखयता बरहमखषव िालमरीखक कोई चोर अवा डाक नही ह हमार आखद कखव वासतव म बरहमखषव पचता क पत ह वरण दव का हरी एक नाम पचता भरी ह िालमरीखक जरी इनहरी क दसव पत ह इनहोन अयोधया क दखकषण तमसा नदरी क तट पर अपना आशरम साखपत खकया ा पभ शररीराम न जि सरीता जरी को वनवास खदया ति वह इनहरी िालमरीखक जरी क आशरम म आ कर रहरी री शररीमद रामायण जरी म हरी िालमरीखक जरी न अपना परा पररचय खलिा ह जि वह सरीता जरी को लकर राम क दरिार म

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पहचात ह ति वह सवय कहत ह खक राम आपकरी सरीता उतनरी हरी पखवत ह खजतना आपकरी अपकषा ह मन अपन जरीवन म न तो कभरी झ िोला ह और ना हरी खकसरी पकार का कोई गलत कायव खकया ह ऐस म यखद सरीता म कोई भरी दोष हो तो वह सारा पाप मझ लग जाय सवय पर इतना आतमखवशवास करन वाल िालमरीखक जरी खक िात पर पभ शररी राम भरी चखकत ह िालमरीखक जरी लव कर और सरीता जरी को लकर शररी राम क पास आय ह यहा वह अपना पररचय भरी दत ह खक म पचता का दसवा पत िालमरीखक ह अि यह सवय पमाण ह खक रामायण क रचखयता िालमरीखक कभरी डाक नही इस पसग को जगतगर सवामरी राघवाचायव जरी महाराज न भरी खवसतार स वयाखयाखयत खकया ह

अि यह पशन सामन आता ह खक वह िालमरीखक कौन जो डाक इस िार म शररीमद रामायण क साखपत भाषयकार आचायव नागर भटट न खलिा ह खक एक हरी समय म दो िालमरीखक हए ह एकिालमरीखक वह ह जो तमसा क तट पर रहत उनहोन हरी रामायण खक रचना करी दसर िालमरीखक वह ह जो खचतकट म राम स खमल वह िालमरीखक खकसरी ऋखष या बरहमखषव क पत नही िसलक पहल दसय और नारद जरी स खमलन क िाद सनयासरी िन इस पकार स यह भासनत अि दर कर लन करी आवशयकता ह खक ससषट क आखद कखव िालमरीखक पहल चोर या डाक रह ऐसा समझना आखदकखव का अपमान होगा

यह आज जो अयोधया ह आज करी अयोधया चाह जसरी हो पर वसरी नही ह जसरी मन क समय रहरी होगरी ससषट क सा हरी पथवरी पर उताररी गयरी अयोधयापररी का वततवमान िहत हरी खवकत हो चका ह अयोधया करी पकखत और ससकखत क िरीच खवकखत करी िाई काफरी गहररी हो गयरी ह खजस अयोधया पर शररीराम क रासन का वभव सभरी वागमय गात नही कत ह उसरी अयोधया म उसरी राम करी पाखतमा को एक छत इसखलए नसरीि नही हो पा रहरी कयोखक राम क हरी वरजो म उसरी राम क जनमसल को लकर झगड़ा चल रहा ह अयधा

अावत जहा कभरी यद न हो वसरी अयोधया न खपछलरी सदरी क उततराधव म भयकर िन िरािा भरी दि खलया खजस अयोधया म राम क काल म खकसरी पकार क दखहक दखवक भौतरी ताप का पकोप नही होता ा उस अयोधया म आज िहत खवकखतया भररी पड़री ह अयोधया का दभावगय यह रहा करी खपछल लगभग एक हज़ार साल स अखधक समय म भारत पर होन वाल हरक खवदररी आकमण करी मार इस झलनरी पड़री ह यहा शरखत परमपरा म यगो स चलतरी आन वालरी जञान करी धारा को इन आकमणो न िहत नकसान पहचाया पररणाम यह हआ करी खजस अयोधया स जञान लकर ससार पकारमान होता ा उस अयोधया क जञान क पज खवलपतपाय हो चक ह अि भारत करी आधखनक ताहाकाखत मधा पसशचम क कखत पगखतररील आखयानो को आधार िना कर मानव सभयता और खवकास करी कहानरी पढ और पढा रहरी ह

दःि तो इस िात को लकर होता ह खक खबरखटर रासन करी गलामरी स मकत होन क िाद भारत को सचाखलत करन वालरी दररी सरकारो न भरी अयोधया करी खवरासत को सरखकषत करन करी कोखरर नही करी अयोधया का वासतखवक इखतहास तक पकाखरत करन करी कोखरर सरकारो न नही खकया जो नगर मनषय करी ससकखत क खवकास क खलए साखपत ह उस नगर करी घनघोर उपकषा हई सवाधरीनता क िाद सिस जयादा धयान अपनरी इस आखद खवरासत को समहालन पर खदया जाना चाखहए ा पर ऐसा नही खकया गया इसरी िरीच भगवान राम क जनमसान को हरी खववाखदत िना कर राजनरीखत करी रोखटया सकरी जान लगरी आज अयोधया वासतव म खजस ददवरा स गजर रहरी ह उसकरी परीड़ा को समझन करी कोखरर कोई नही कर रहा ससषट करी इस सखगनरी क आसओ को नही समझ गया और ऐस हरी उपकषा होतरी रहरी तो खकसरी एक समदाय खवरष को हरी नही िसलक समचरी मानवता को इसकरी भाररी करीमत चकानरी पड़रगरी

सदभव अगल पष पर ndash

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 33

सनदभय 01- अयोधया मरा माया काररी काखचरवसनतका पररी

दारावतरी चव सपतत मोकषदाखयका िालकाणड 5 6 क अनसार

02- वालमरीखक रामायण उततर काणड 108 4

03- रघ वर सगव 16

04- अयोधया त धमवजञ दरीघवयजञ महािलम अजयत पाडवशरषो नाखततरीवरणकमवणा- सभापवव 30-2

05- जातक सखया 454

06- रायसडरवरीज िखदसट इखडया पष 39

07-बरहम पराण2 1-33ampquot

08- शररीमद भागवत ततरीय सकध 12 52-56 13

09-(ऋगवद 180 168631101005) 14241 तखतत सखहता1513751536713321541056661रतप बराहमण 11414)

10- ऋगवद 8521)ampquot

11- (अवववद 81024)ampquot

12- (ऋगवद 8511)ampquot

13- खवषण पराण

14- एस सरी डर खहसटाररखसटरी ऑफ़ रामायण एड खद इडो आयवन सोसाइटरी इन इखडया एड सरीलोन (खदललरी - अजता पसबलकरस पनमखदवत 1976) पष 80-81

15- ऐतरय बराहमण 731 दि ज रा ए सो 1971 पष 52 (पादखटपपणरी 39 सतमागधसिाधा शररीमतरीमतलपभाम उचाटटालधवजवती रतघनरीरतसकलाम 39 िालका 5 11

16- नदलाल डर खद खजयोगराखफ़कल खडकरनररी ऑफ़ ऐशयट एड खमखडवल इखडया पष 14

17- जमस लगग खद टवलस ऑफ़ फ़ाहयान ओररयटल पसबलरसव खदललरी पनमवखदरत 1972 पष 54

18- जरी परी मललसकर खडकरनररी ऑफ़ पाखल पापर नमस भाग 2 पष 1086

19- नखलनाकष दतत एव कषणदतत िाजपयरी उततर पदर म िौद धमव का खवकास (पकारन बयरो उततर पदर सरकार लिनऊ पम ससकरण 1956) पष 7 एव 12

20-रगाा अटका भाग 1 पष 103

21-39जलाखन या तरीरखनिातयपा वहतययोधयामनराजधानरीम

39 रघ वर 13 61

3 9 आ ल ो क ख य ष य न म ख द त ा म य ो ध य ा पासादमभखलहमाररोह

39- रघ वर 14 29

22- रघ वर 531 1362

23-कोसलो नाम मखदरत सफरीतो जनपदो महान खनखवषट सरयतरीर परभत धनधानयवान (रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 5 amp39मनना मानवदरवण या पररी खनखमवता सवयमय ततव पसकत 12

24-खवनोदखवहाररी दतत टाउन पलाखनग इन ऐशयट इखडया (कलकतता कर ससपक एड क 1925) पष 321- 322 खवखवध तरीवकलप अधयाय 34

25-आयता दर च द योजनाखन महापरो शररीमतरी तखण खवसतरीणव सखवभकतमहापा रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 7

26-दादरयोजनायामा नवयोजन खवसतताम अयोधयलयपराखभखया खवनरीता सोऽकरोतपररीम खतरससतसलाकापररचररत पवव अधयाय 2 शलोक 912

27- ए कखनघम ऐशयट जयोगराफ़री ऑफ़ इखडया (इडोलाखजकल िक हाउस 1963) पष 342

28- मललसकर खडकरनररी ऑफ़ पाखल पापर नमस भाग 1 पष 165

29- सयकतखनकाय (पाखल टरकटस सोसाइटरी) भाग 3 पष 140 और आग ततव भाग 4 पष 179 अधयाय 5 शलोक 31

30- आखद पराण 12 पष 77 खवखवधतरीवकलप पष 55 खवरदानद पाक खहसटरी ऑफ़ कोरल (मोतरीलाल िनारसरीदास वाराणसरी 1963 ई) पष 55

31- ऐलकजडर कखनघम ऐशयट जयोगराफ़री ऑफ़ इखडया (इडोलाखजकल िक हाउस वाराणसरी 1976) पष 405

32- नदलाल डर खद खजयोगराखफ़कल खडकरनररी ऑफ़ ऐशयट एड खमखडवल इखडया पष 174

33- फगवसन आखककयोलाजरी इन इखडया पष 110

34- िरी ए ससम ज रा ए सो 1898 पष 124

35- खवखलयम होवरी ज ऐ सो ि 1900 पष 75

36- डबलय िोसट ज रा ए सो 1906 पष 437 और आग

37- भरतखसह उपाधयाय िदकालरीन भारतरीय भगोल (खहनदरी साखहतय सममलन पयाग 2018) पष 254

38- आवससक कमटरी पष 24

39- राज डरखवरस िखदसट इखडया पष 39

40- हमचनद राय चौधररी पाचरीन भारत का राजनरीखतक इखतहास (खकताि महल इलाहािाद 1976 ई) पष 91

41- खवरदानद पाक खहसटरी ऑफ़ कोरल मोतरीलाल िनारसरीदास वाराणसरी पम ससकरण 1963 पष 58

42- ई ज ामस खद लाइफ़ ऑफ़ िद ऐज लरीजड इन खहसटरी (सटलज एड कगन पाल खलखमटरड लनदन ततरीय ससकरण पनमवखदरत 1952) पष 15

43- बरजवासरी लाल आखककयोलाजरी एड ट इखडयन इखपकस एनलस ऑफ़ खद भणडारकर ओररयटल ररसचव इसटरीटयट खजलद 54 1973 ई

44- हसमि धरीरजलाल साकखलया रामायण खम आर ररयखलटरी नई खदललरी 1973 ई

45- हमचनदर राय चौधररी पाचरीन भारत का राजनरीखतक इखतहास पष 7

46- मनरीरचनदर जोररी आखककयोलाजरी एड इखडयन टरखडरस सम आबजववरन पराततव खजलद 8 1978 ई प पष 89-102

47- तखततररीय आरणयक 127 अषटाचक नवदारा दवना परयोधया तसयाम खहरनमयकोराह सवगवलोको जयोखतषावत यो वयताम बरहममनो वद अमतनावतमपररीम तसम बरहम च आय करीखतवम पजाम यदह खवभाजमानाम हररणरीम यररा सपररीवतताम परम खहरणयमयोम बरहमाखववरापराखजताम

48- बरजवासरी लाल िाज अयोधया ए खमखकल खसटरी पराततव खजलद 10 पष 47

49- अवववद 10228-33

50- शररीमदभागवदगरीता 513

51- पववउललखित 127

52- पववउललखित पराततव खजलद 10 पष 47

53- पववउललखित पराततव खजलद 8 पष 98-102

54- जमस लगग खद टवलस ऑफ़ फ़ाहयान (ओररयटल पसबलरसव नई खदललरी खदतरीय ससकरण 1972) पष 54-55

55- ामस वाटसव ऑन यवॉन चवागस टवलस इन इखडया भाग 1 पष 355

56- िसिध का अधयापन एव पररशरम आखद अयोधया म हरी हआ ा

57- ामस वाटसव ऑन यवॉन चवागस टवलस इन इखडया भाग 1 पष 357

58- इ आ रर 1959-70 पष 40-41

59- इ आ रर 1976-77 पष 52

60- हरर माझरी और िरी आर मखण अयोधया 2002-2003 एकसकवरनस ऐट दरी ampquotखडसपयटरड साइटampquot भारतरीय पराततव सववकषण खवभाग नई खदललरी 2003 छाया पखत

61- कािवन-4 क अदवजरीवन पर आधाररत (5570 30 वषव

62- 39 जलाखन या तरीरखनिातयपा वहतययोधयामनराजधानरीम

39 रघ वर 13 61

3 9 आ ल ो क ख य ष य न म ख द त ा म य ो ध य ा पासादमभखलहमाररोह 39- रघ वर 14 29

63- रघ वर 531 1362

64- कोसलो नाम मखदरत सफरीतो जनपदो महान खनखवषट सरयतरीर पभत धनधानयवान (रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 5

65- 39मनना मानवदरवण या पररी खनखमवता सवयमय ततव पसकत 12

66- खवनोदखवहाररी दतत टाउन पलाखनग इन ऐशयट इखडया (कलकतता कर ससपक एड क 1925) पष 321-322 खवखवध तरीवकलप अधयाय 34

67- आयता दर च द योजनाखन महापरो शररीमतरी तखण खवसतरीणव सखवभकतमहापा रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 7

68- अदभत भारत ए एल वारम

69- पो आर आर पाडरय भारतरीय दरवन

70- पो खवसवमभारररण पाक पाचरीन भारत

71- सवामरी अिणडाननद सरसवतरी शररी राम का एव शररीमद भागवत

72- महामडलशवर सवामरी अवधराननद जरी शररी राम का एव शररीमद भगवत

73- जगतगर सवामरीराघवाचायव जरी शररीमद िालमरीकरीय रामायण

74- शररी रामका सवामरी रामखककर जरी

75- शररीमद रामचररत मानस गोसवामरी तलसरी दास

76- ससकखत क चार अधयाय रामधाररी खसह खदनकर

77- साकत मखलरीररण गपत

laLd`fr ioZtqykbZamp 2020 vksk foskkkad34

06 तदसमबर 1992 क बाद स िगािार िनि म तररािमान शीराम ििा

सरपरीम कोिट क फसि क बाद रामििा की पतरत

िनमभतम तररादो स मरकि हो गई इसक बाद रामििा को िनि स असथाई मतनदर

म ि िाि उततर परदश क मरखयमती िथा गोरक पीठाधीशरर महि योगी

आतदतयनाथ

शी रामििा का पिन करि उततर परदश क

मरखयमती योगी आदततयनाथ

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 35

अयोधया स जड़र ऐखतहाखसक तथय और साकय इस इखतहास क मकममल गवाह ह रामजनमभखम का इखतहास कवल उतना हरी पराना ह खजतना हमार खवशवखवदालयो म पढाया जान वाला इखतहास का खवषय ह भारतरीय इखतहास को पाचरीन मधयकालरीन और आधखनक क िटवार म डाल कर पढान करी वयवसा खवशवखवदालयो म करी गयरी ह आधखनक और मधयकालरीन इखतहास खलिन वाल और उनक पाठयकम तय करन वाल लोगो को हरी असलरी इखतहासकार िता कर

भारत क ताकखत सकयलर सखहषण खवदान लिरी लिरी िहस करत ह और खपछल 60 -70 वषवो स उनह हरी भारत क इखतहास क अखधकत खवदान िताकर उनहरी क पमाणन को सतय का दज़ाव दत आ रह ह य व हरी इखतहासकार ह खजनको रानरी पखदमनरी और उनका जौहर भरी कालपखनक लगता ह इनको वह कछ भरी नही खदिाई दता जो भारत का अपना और िद क गौरव स जड़ा हो इनको हरी आइना खदिन क खलए यह आलि सामन ह सिकछ खतखवार ह यह ह शररीरामजनमभखम का इखतहास -

शरीरामजनमभमम का इवतहास

30 अटटबर 1990 को हजारो रामभतो न िोट-बक क लालची मलायम वसह यादि क दवारा खडी की गई अनक बाधाओ को पार कर अयोधया म परिि वकया और वििावदत ढाच

क ऊपर भगिा धिज िहरा वदया लवकन 2 निमबर

1990 को मखयमतरी मलायम वसह यादि न कारसिको पर गोली चलान का आदि वदया वजसम सकडो रामभतो न अपन जीिन की आहवतया

दी

vkys[k

भारत क यिसिी परधानमतरी नरनदर मोदी जी अयोधया म भवय शीराम मकनदर क वनमाषण की परवरिया िर करन जा रह ह शीराम जनमभवम पर वपछल पाच सौ िषषो स मकनदर नही था इस सथल पर मकनदर क पनवनषमाण का सघषष बहत कविन रहा ह इस सघषष की गाथा अब एक ऐसा इवतहास ह वजसको पढ कर नई पीढी अिशय कछ न कछ सीखगी

लिक माधयखमक खरकषा सवा चयन िोडङ उ० प० क सदसय और इखतहास क खवदान ह

डा० खदनरमखण खतपारी

laLd`fr ioZtqykbZamp 2020 vksk foskkkad36

जि िािर खदललरी करी गदरी पर आसरीन हआ उस समय जनमभखम खसद महातमा शयामननद जरी महाराज क अखधकार कषत म री महातमा शयामननद करी खयाखत सनकर खवाजा कजल अबिास मसा आखरकान अयोधया आय महातमा जरी क खरषय िनकर खवाजा कजल अबिास मसा न योग और खसखदया पापकर लरी और उनका नाम भरी महातमा शयामननद क खयाखतपापत खरषयो म खलया जान लगा य सनकर जलालराह नाम का एक फकरीर भरी महातमा शयामननद क पास आया और उनका खरषय िनकर खसखदया पापत करन लगा जलालराह एक कटटर मसलमान ा और उसको एक हरी सनक री हर जगह इसलाम का आखधपतय साखित करना अत जलालराह न अपन काखफर गर करी परी म छरा घोपकर खवाजा कजल अबिास मसा क सा खमलकर य खवचार खकया करी यखद इस मखदर को तोड़ कर मससजद िनवा दरी जाय तो इसलाम का परचम खहनदसान म सायरी हो जायगा धरीर धरीर जलालराह और खवाजा कजल अबिास मसा इस साखजर को अजाम दन करी तयाररयो म जट गए

सववपम जलालराह और खवाजा िािर क खवशवासपात िन और दोनो न अयोधया को िदव मकका िनान क खलए जनमभखम क आसपास करी जमरीनो म िलपववक मत मसलमानो को दफन करना रर खकया और मरीरिाकरी िा क माधयम स िािर को उकसाकर मखदर क खवधवस का कायवकम िनाया िािा शयामननद जरी अपन मससलम खरषयो करी करतत दि क िहत दिरी हए और अपन खनणवय पर उनह िहत पछतावा हआ दिरी मन स िािा शयामननद जरी न रामलला करी मखतवया सरय म पवाखहत खकया और िद खहमालय करी और तपसया करन चल गए मखदर क पजाररयो न मखदर क अनय सामान आखद हटा खलए और व सवय मखदर क दार पर रामलला करी रकषा क खलए िड़र हो गए जलालराह करी आजञा क अनसार उन चारो पजाररयो क सर काट खलए गए खजस समय मखदर को खगराकर मससजद िनान करी घोषणा हई उस समय भरीटरी क राजा महताि खसह िदररी नारायण करी याता करन क खलए खनकल अयोधया पहचन पर रासत म उनह य ििर खमलरी तो उनहोन अपनरी याता सखगत कर दरी और अपनरी छोटरी सना म रामभकतो को राखमल कर 1 लाि चौहततर हजार लोगो क सा िािर करी सना क 4 लाि 50 हजार सखनको स लोहा लन खनकल पड़र

रामभकतो न सौगध ल रकिरी री रकत करी आखिररी िद तक लड़ग जि तक पाण ह ति तक मखदर नही खगरन दग रामभकत वरीरता क सा लड़र 70 खदनो तक घोर सगराम होता रहा और अत म राजा महताि

खसह समत सभरी 1 ल ा ि

74 हजार रामभकत मार गए शररीराम जनमभखम रामभकतो क रकत स लाल हो गयरी इस भरीषण कतल आम क िाद मरीरिाकरी न तोप लगा क मखदर खगरवा खदया मखदर क मसाल स हरी मससजद का खनमावण हआ पानरी करी जगह मर हए खहनदओ का रकत इसतमाल खकया गया नरीव म लिौररी इटो क सा

इखतहासकार कखनघम अपन लिनऊ गजखटयर क 66व अक क पष 3 पर खलिता ह करी एक लाि चौहतर हजार खहदओ करी लार खगर जान क पशचात मरीरिाकरी अपन मखदर धवसत करन क अखभयान म सफल हआ और उसक िाद जनमभखम क चारो और तोप लगवाकर मखदर को धवसत कर खदया गया इसरी पकार हखमलटन नाम का एक अगरज िारािकरी गजखटयर म खलिता ह करी लालराह न खहनदओ क िन का गारा िना क लिौररी ईटो करी नरीवमससजद िनवान क खलए दरी गयरी री उस समय अयोधया स 6 मरील करी दररी पर सन नाम का एक गाव क पखडत दवरीदरीन पाणडरय न वहा क आस पास क गावो सराय खसखसडा राजपर आखद क सयववररीय कषखतयो को एकखतत खकया दवरीदरीन पाणडरय न सयववररीय कषखतयो स कहा भाइयो आप लोग मझ अपना राजपरोखहत मानत ह अप क पववज शररी राम और हमार पववज महखषव भरदाज जरी आज मयावदा परषोततम शररी राम करी जनमभखम को मसलमान आकानता कबरो स पाट रह ह और िोद रह ह इस पररससखत म हमारा मकदरवक िन कर जरीखवत रहन करी िजाय जनमभखम करी रकषाव यद करत करत वरीरगखत पाना जयादा उततम होगा

दवरीदरीन पाणडरय करी आजञा स दो खदन क भरीतर 90 हजार कषखतय इकठा हो गए दर दर क गावो स लोग समहो म इकठा हो कर दवरीदरीन पाणडरय क नततव म जनमभखम पर जिरदसत धावा िोल खदया राहरी सना स लगातार 5 खदनो तक यद हआ छर खदन मरीरिाकरी का सामना दवरीदरीन पाणडरय स हआ उसरी समय धोि स उसक अगरकषक न एक लिौररी ईट स पाणडरय जरी करी िोपड़री पर वार

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 37

कर खदया दवरीदरीन पाणडरय का सर िररी तरह फट गया मगर उस वरीर न अपन पगड़री स िोपड़री स िाधा और तलवार स उस कायर अगरकषक का सर काट खदया इसरी िरीच मरीरिाकरी न खछपकर गोलरी चलायरी जो पहल हरी स घायल दवरीदरीन पाणडरय जरी को लगरी और वो जनमभखम करी रकषा म वरीर गखत को पापत हएजनमभखम खफर स 90 हजार खहनदओ क रकत स लाल हो गयरी दवरीदरीन पाणडरय क वरज सन गराम क ईशवररी पाडर का परवा नामक जगह पर अि भरी मौजद ह पाणडरय जरी करी मतय क 15 खदन िाद हसवर क महाराज रणखवजय खसह न खसफक 25 हजार सखनको क सा मरीरिाकरी करी खवराल और रसतो स ससखजत सना स रामलला को मकत करान क खलए आकमण खकया 10 खदन तक यद चला और महाराज जनमभखम क रकषाव वरीरगखत को पापत हो गए जनमभखम म 25 हजार खहनदओ का रकत खफर िहा रानरी जयराज कमाररी हसवर क सवगतीय महाराज रणखवजय खसह करी पतरी री जनमभखम करी रकषा म महाराज क वरीरगखत पापत करन क िाद महारानरी न उनक कायव को आग िढान का िरीड़ा उाया और तरीन हजार नाररयो करी सना लकर उनहोन जनमभखम पर हमला िोल खदया और हमाय क समय तक उनहोन छापामार यद जाररी रिा रानरी क गर सवामरी महशवरानद जरी न रामभकतो को इकठा करक सना का पिध करक जयराज कमाररी करी सहायता करी सा हरी सवामरी महशवरानद जरी न सनयाखसयो करी सना िनायी इसम उनहोन 24 हजार सनयाखसयो को इकठा खकया और रानरी जयराज कमाररी क सा हमाय क समय म कल 10 हमल जनमभखम क उदार क खलए खकय १०व हमल म राहरी सना को काफरी नकसान हआ और जनमभखम पर रानरी जयराज कमाररी का अखधकार हो गया

लगभग एक महरीन िाद हमाय न पररी ताकत स राहरी सना खफर भजरी इस यद म सवामरी महशवरानद और रानरी कमाररी जयराज कमाररी लड़त हए अपनरी िचरी हई सना क सा मार गए और जनमभखम पर पनः मगलो का अखधकार हो गया शररीराम जनमभखम एक िार खफर कल 24 हजार सनयाखसयो और 3 हजार वरीर नाररयो क रकत स लाल हो गयरी रानरी जयराज कमाररी और सवामरी महशवरानद जरी क िाद यद का नततव सवामरी िलरामचाररी जरी न अपन हा म ल खलया सवामरी िलरामचाररी जरी न गाव गाव म घम कर रामभकत खहनद यवको और सनयाखसयो करी एक मजित सना तयार करन का पयास खकया और जनमभखम क उदाराव 20 िार आकमण खकय इन 20 हमलो म कम स कम 15 िार सवामरी िलरामचाररी न जनमभखम पर अपना अखधकार कर खलया मगर य अखधकार अलप समय क खलए रहता ा ोड़र खदन िाद िड़री राहरी फ़ौज आतरी री और जनमभखम पनः मगलो क अधरीन हो जातरी रीजनमभखम म लािो खहनद िखलदान होत रह उस समय का मगल रासक अकिर ा

राहरी सना हर खदन क इन यदो स कमजोर हो रहरी री अतः अकिर न िरीरिल और टोडरमल क कहन पर िस करी टाट स उस चितर पर ३ फरीट का एक छोटा सा मखदर िनवा खदया लगातार यद करत रहन क कारण सवामरी िलरामचाररी का सवासथय खगरता चला गया ा और पयाग कमभ क अवसर पर खतवणरी तट पर सवामरी िलरामचाररी करी मतय हो गयरी इस पकार िार-िार क आकमणो और खहनद जनमानस क रोष एव खहनदसान पर मगलो करी ढरीलरी होतरी पकड़ स िचन का एक राजनखतक पयास करी अकिर करी इस

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कटनरीखत स कछ खदनो क खलए जनमभखम म रकत नही िहा यहरी कम राहजहा क समय भरी चलता रहा खफर औरगजि क हा सतता आई वो कटटर मसलमान ा और उसन समसत भारत स काखफरो क समपणव सफाय का सकलप खलया ा उसन लगभग 10 िार अयोधया म मखदरो को तोड़न का अखभयान चलकर यहा क सभरी पमि मखदरो करी मखतवयो को तोड़ डाला औरगजि क समय म समव गर शररी रामदास जरी महाराज जरी क खरषय शररी वषणवदास जरी न जनमभखम क उदाराव 30 िार आकमण खकय इन आकमणो म अयोधया क आस पास क गावो क सयववररीय कषखतयो न पणव सहयोग खदया खजनम सराय क ाकर सरदार गजराज खसह और राजपर क कवर गोपाल खसह ता खसखसणडा क ाकर जगदिा खसह पमि य सार वरीर य जानत हए भरी करी उनकरी सना और हखयार िादराहरी सना क सामन कछ भरी नही ह अपन जरीवन क आखिररी समय तक राहरी सना स लोहा लत रह लमि समय तक चल इन यदो म रामलला को मकत करान क खलए हजारो खहनद वरीरो न अपना िखलदान खदया और अयोधया करी धरतरी पर उनका रकत िहता रहा ाकर गजराज खसह और उनक सारी कषखतयो क वरज आज भरी सराय म मौजद ह आज भरी फजािाद खजल क आस पास क सयववररीय कषखतय खसर पर पगड़री नही िाधत जता नही पहनत छाता नही लगात उनहोन अपन पववजो क सामन य पखतजञा लरी री करी जि तक शररी राम जनमभखम का उदार नही कर लग ति तक जता नही पहनग छाता नही लगाएग पगड़री नही पहनग 1640 ईसवरी म औरगजि न मसनदर को धवसत करन क खलए जिाज िा क नततव म एक जिरजसत सना भज दरी री िािा वषणव दास क सा साधओ करी एक सना री जो हर खवदा म खनपण री इस खचमटाधाररी साधओ करी सना भरी कहत जि जनमभखम पर जिाज िा न आकमण खकया तो खहदओ क सा खचमटाधाररी साधओ करी सना करी सना खमल गयरी और उववररी कड नामक जगह पर जािाज़ िा करी सना स सात खदनो तक भरीषण यद खकया

खचमटाधाररी साधओ क खचमटर क मार स मगलो करी सना भाग िड़री हई इस पकार चितर पर ससत मखदर करी रकषा हो गयरी जािाज़ िा करी पराखजत सना को दिकर औरगजि िहत कोखधत हआ और उसन जािाज़ िा को हटाकर एक अनय खसपहसालार सययद हसन अलरी को 50 हजार सखनको करी सना और तोपिान क सा अयोधया करी ओर भजा और सा म य आदर खदया करी अिकरी िार जनमभखम को ििावद करक वापस आना ह यह समय सन 1680 का ा िािा वषणव दास न खसकिो क गर गरगोखवद खसह स यद म सहयोग क खलए पत क माधयम सदर भजा पत पाकर गर गरगोखवद खसह सना समत ततकाल अयोधया आ गए और बरहमकड पर अपना डररा डाला बरहमकड वहरी जगह जहा आजकल गरगोखवद खसह करी समखत म खसकिो का गरदारा िना हआ ह िािा वषणव दास एव खसकिो क गरगोखवद खसह रामलला करी रकषा हत एकसा रणभखम म कद पड़र इन वरीरो क सखनयोखजत हमलो स

मगलो करी सना क पाव उिड़ गय सययद हसन अलरी भरी यद म मारा गया औरगजि खहदओ करी इस पखतखकया स सतबध रह गया ा और इस यद क िाद 4 साल तक उसन अयोधया पर हमला करन करी खहममत नही करी औरगजि न सन 1664 म एक िार खफर शररी राम जनमभखम पर आकमण खकया इस भरीषण हमल म राहरी फौज न लगभग 10 हजार स जयादा खहदओ करी हतया कर दरी नागररको तक को नही छोड़ा जनमभखम खहनदओ क रकत स लाल हो गयरी जनमभखम क अदर नवकोण क एक कदपव कप नाम का कआ ा सभरी मार गए खहदओ करी लार मगलो न उसम फककर चारो ओर चहारदरीवाररी उा कर उस घर खदया आज भरी कदपवकप ldquoगज रहरीदाrdquo क नाम स पखसद हऔर जनमभखम क पवती दार पर ससत ह राहरी सना न जनमभखम का चितरा िोद डाला िहत खदनो तक वह चितरा गडर क रप म वहा ससत ा औरगजि क कर अतयाचारो करी माररी खहनद जनता अि उस गडर पर हरी शररी रामनवमरी क खदन भसकतभाव स अकषतपषप और जल चढातरी रहतरी री

निािसहादत अलरी क समय 1763 ईसवरी म जनमभखम क रकषाव अमरी क राजा गरदतत खसह और खपपरपर क राजकमार खसह क नततव म िािररी ढाच पर पनः पाच आकमण खकय गय खजसम हर िार खहनदओ करी लार अयोधया म खगरतरी रही लिनऊ गजखटयर म कनवल हट खलिता ह करी ldquo लगातार खहदओ क हमल स ऊिकर निाि न खहदओ और मसलमानो को एक सा नमाज पढन और भजन करन करी इजाजत द दरी पर सचा मसलमान होन क नात उसन काखफरो को जमरीन नही सौपरी ldquoलिनऊ गजखटयर पष 62rdquo नाखसरदरीन हदर क समय म मकरहरी क राजा क नततव म जनमभखम को पनः अपन रप म लान क खलए खहदओ क तरीन आकमण हय खजसम िड़री सखया म खहनद मार गय परनत तरीसर आकमण म डटकर निािरी सना का सामना हआ 8व खदन खहदओ करी रसकत कषरीण होन लगरी जनमभखम क मदान म खहनदओ और मसलमानो करी लारो का ढरर लग गया इस सगराम म भरीतरी हसवर मकर हरी िजरहट दरीयरा अमरी क राजा गरदतत खसह आखद सममखलत हारतरी हई खहनद सना क सा वरीर खचमटाधाररी साधओ करी सना आ खमलरी और इस यद म राहरी सना क खचड़र उड गय और उस रौदत हए खहदओ न जनमभखम पर कबजा कर खलया मगर हर िार करी तरह कछ खदनो क िाद खवराल राहरी सना न पनः जनमभखम पर अखधकार कर खलया और हजारो खहनदओ को मार डाला गया जनमभखम म खहनदओ का रकत पवाखहत होन लगा

नावाि वाखजदअलरी राह क समय क समय म पनः खहदओ न जनमभखम क उदाराव आकमण खकया फजािाद गजखटयर म कखनघम न खलिा इस सगराम म िहत हरी भयकर िनिरािा हआ दो खदन और रात होन वाल इस भयकर यद म सकड़ो खहनदओ क मार जान क िावजद खहनदओ न राम जनमभखम पर कबजा कर खलया कद खहदओ करी भरीड़ न कबर तोड़ फोड़ कर ििावद कर डालरी मससजदो को खमसमार करन लग और पररी ताकत स मसलमानो को

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1986 काचरी कामकोखट परी क रकराचायव और मससलम पसवनल

लॉ िोडङ क पखसडट अलरी खमया नदवरी क िरीच िातचरीत हई लखकन वो खकसरी नतरीज पर नही पहचरी

1990 ति परीएम रह चदररिर न दोनो (खहद-मससलम) समदायो

क िरीच गखतरोध तोड़न करी कोखरर करी य िातचरीत उस वकत टट गई जि वरीएचपरी वालखटयसव पर मससजद क एक खहसस को तोड़न का आरोप लगा

मदसबर 1992 िािररी मससजद ढाच को खगराए जान (6 खदसिर 1992)

क 10 खदन िाद परीएम रह परीवरी नरखसमहाराव न जससटस खलबरहान करी अगवाई म एक जाच कमरीरन का गन खकया कमरीरन न 17 साल िाद 2009 म अपनरी ररपोटङ पर करी

इस सहरी मायन म सलह करी कोखरर माना जा सकता ह हालाखक इसका भरी कोई नतरीजा नही खनकला

जन 2002 अटल खिहाररी वाजपयरी न अपन ऑखफस म एक अयोधया

सल िनवाई और उसम पाटती क सरीखनयर पदाखधकाररी रतघन खसह को अपवाइट खकया

सल को इसखलए िनाया गया ा ताखक वह खहद और मससलम लरीडसव स िात कर सक लखकन य कोखरर भरी कामयाि नही हो पाई

अपल 2015 ऑल इखडया खहद महासभा क पखसडट सवामरी चकपाखण और

मससलमो करी ओर दायर खपटरीरस करी अगआई करन वाल मोहममद हाखरम असाररी क िरीच मलाकात हई हालाखक इस मलाकात क िाद कोई िास पहल नही हई

असाररी न हनमान गढरी मखदर क महत जञान दास स िातचरीत करी ररआत करी इसम पलान ा खक खववाखदत 70 एकड़ करी जमरीन पर मखदर और मससजद िनाई जाए दोनो क िरीच 100 फरीट करी दरीवार रहगरी

मई 2016 ऑल इखडया अिाड़ा पररषद क अधयकष महत नरदर खगररी न

असाररी क सा मलाकात करी िातचरीत आग िढतरी इसक पहल हरी असाररी का खनधन हो गया

नबर 2016 हाईकोटङ क ररटायडङ जज जससटस पलक िस न कोटङ क

िाहर सटलमट का सझाव रिा इसम 10 हजार खहद

मार-मार कर अयोधया स िदड़ना रर खकयामगर खहनद भरीड़ न मसलमान ससतयो और िचो को कोई हाखन नही पहचाई अयोधया म पलय मचा हआ ा

इखतहासकार कखनघम खलिता ह करी य अयोधया का सिस िड़ा खहनद मससलम िलवा ा खहदओ न अपना सपना परा खकया और औरगजि दारा खवधवस खकए गए चितर को खफर वापस िनाया चितर पर तरीन फरीट ऊचरी िस करी टाट स एक छोटा सा मखदर िनवा खलया खजसम पनः रामलला करी सापना करी गयरी कछ जहादरी मललाओ को य िात सवरीकार नही हई और कालातर म जनमभखम खफर खहनदओ क हाो स खनकल गयरी

सन 1857 करी काखत म िहादर राह जफर क समय म िािा रामचरण दास न एक मौलवरी आखमर अलरी क सा जनमभखम क उदार का पयास खकया पर 18 माचव सन 1858 को किर टरीला ससत एक इमलरी क पड़ म दोनो को एक सा अगरज़ो न फासरी पर लटका खदया जि अगरज़ो न य दिा खक य पड़ भरी दरभकतो एव रामभकतो क खलए एक समारक क रप म खवकखसत हो रहा ह ति उनहोन इस पड़ को कटवा कर इस आखिररी खनरानरी को भरी खमटा खदया इस पकार अगरज़ो करी कखटल नरीखत क कारण रामजनमभखम क उदार का यह एकमात पयास खवफल हो गया

30 अकटिर 1990 को हजारो रामभकतो न वोट-िक क लालचरी मलायम खसह यादव क दारा िड़री करी गई अनक िाधाओ को पार कर अयोधया म पवर खकया और खववाखदत ढाच क ऊपर भगवा धवज फहरा खदया लखकन 2 नवमिर 1990 को मखयमतरी मलायम खसह यादव न कारसवको पर गोलरी चलान का आदर खदया खजसम सकड़ो रामभकतो न अपन जरीवन करी आहखतया दी सरकार न मतको करी असलरी सखया खछपायरी परनत पतयकषदखरवयो क अनसार सरय तट रामभकतो करी लारो स पट गया ा

4 अपल 1991 को कारसवको क हतयार उततर पदर क ततकालरीन मखयमतरी मलायम खसह यादव न इसतरीफा खदया लािो राम भकत 6 खदसमिर को कारसवा हत अयोधया पहच और राम जनमसान पर िािर क सनापखत दार िनाए गए अपमान क पतरीक मससजदनमा ढाच को धवसत कर खदया परनत खहनद समाज क अनदर वयापत घोर सगनहरीनता एव आज भरी खहनदओ क सिस िड़र आराधय भगवान शररीराम एक फटर हए तमि म खवराजमान ह

राम मखदर खववाद को सलझान करी िरीत 30 साल म 8 कोखरर हई लखकन य सभरी नाकाम रही 1986 म पहलरी िार ति क काचरी कामकोखट रकराचायव न मससलम पसवनल लॉ िोडङ स िातचरीत करी लखकन वो खकसरी नतरीज पर नही पहच पाई इसक िाद परीएम रह चदररिर परीवरी नरखसमहाराव अटल खिहाररी वाजपयरी करी समय भरी कोखरर हई िता द खक िधवार को सपरीम कोटङ न राम मखदर खववाद का हल आपसरी िातचरीत क जररए हल करन को कहा ा जान खकस-खकसन कया कदम उाए

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और मसलमानो क साइन खकया हआ पपोजल फजािाद कखमशनर क सामन रिा गया

सटलमट क खलए सार डॉकयमट सपरीम कोटङ म रि जा चक ह

मवाचय 2017 सपरीम कोटङ न राम मखदर मसल का हल आपसरी िातचरीत

क जररए करन को कहा य कहा खक कोटङ मरीखडएटर िनन को तयार ह

9 नमबर 2019 कई दौर करी िातचरीत और लमिरी सनवाई क िाद आखिर

शररीरामजनमभखम करी मसकत का समय आया 09 नवमिर 2019 को सपरीम काटङ न ऐखतहाखसक फसला दत हए शररी रामजनमभखम को खहनदओ को सौपन का आदर खदया और मससलम पकष को अयोधया जनपद म हरी पाच एकड़ भखम दन का खनणवय सनाया इस आदर क िाद शररीरामजनमभखम पर मसनदर िनन का मागव परसत हो गया

तकसका-कया िारा- बीजपी िीएरपी समत कई वहद सगठन वििावदत जमीन पर राम मवदर और सनी िफ बोडट समत कई मकसलम सगठन िहा मकसजद होन का दािा करत ह

- वहदओ का कहना ह वक िह जगह रामजनम भवम ह िहा भगिान राम का मवदर था वजस मगल शासक बाबर क वसपहसालार मीर बाकी न 1528 म तड़िा वदया और उसकी जगह मकसजद बनिा दी वजस बाबरी मकसजद कहा गया

कौन थर 3 पकष- वनमवोही अखाड़ा वििावदत जमीन का एक-वतहाई वहससा यानी राम रबतरा और सीता रसोई िाली जगह

- रामलला विराजमानएक-वतहाई वहससा यानी रामलला की मवतश िाली जगह

- सनी िफ बोडट वििावदत जमीन का बरा हआ एक-वतहाई ससा

कया था राम मतिर का मदा- राम मवदर मदा 1989 क बाद अपन उफान पर था इस मद की िजह स तब दश म सापदावयक तनाि फला था दश की राजनीवत इस मद स पभावित होती रही ह- वहद सगठनो का दािा ह वक अयोधया म भगिान राम की

जनमसथली पर बाबरी मकसजद बनी थी मवदर तोड़कर यह मकसजद 16िी शताबदी म बनिाई गई थी

- राम मवदर आदोलन क दौरान 6 वदसबर 1992 को अयोधया म बाबरी मकसजद का वििावदत ढारा वगरा वदया गया था मामला अब सपीम कोटट म ह

इलाहाबाि हाईकोटट नर कया तिया था फसला- 30 वसतबर 2010 को इलाहाबाद हाईकोटट क जकसटस सधीर अगरिाल एस य खान और डीिी शमाश की बर न मवदर मद पर अपना फसला भी सनात हए अयोधया की वििावदत 277 एकड़ जमीन को तीन बराबर वहससो म बाटन का आदश वदया था

- बर न तय वकया था वक वजस जगह पर रामलला की मवतश ह उस रामलला विराजमान को द वदया जाए राम रबतरा और सीता रसोई िाली जगह वनमवोही अखाड़ को द दी जाए बरा हआ एक-वतहाई वहससा सनी िफ बोडट को वदया जाए

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Most effective way to prove dominance over any civilization is to attack and demolish their god culture and custom Desecration of someonersquos God and humiliating their deity sends a clear message of their incapability and submission

In whole world Hinduism is the only religion which in spite of having facedcenturies of tyranny slavery barbarism and forced conversion still believes in ldquoVasudhaiv Kutumbakamrdquo

In 1526 Babur after Defeating Ibrahim Lodhi in Panipat became the ruler of north India Although he liked many things about India like numerical system and craftsmanship but principally he despisedHindustan and Hindus This quote from Baburnama

makes his dislike evident ldquoHindustan is a place of little charm There is no beauty in its people no graceful social intercourse no poetic talent or understanding no etiquette nobility or manliness The arts and crafts have no harmony or symmetry There are no good horses meat grapes melons or other fruit There is no ice cold water good food or bread in the markets There are no baths and no schools There are no candles torches or even candlesticksrdquo

It is believed that in 1528 Babur visited Ayodhya and under his instruction Mir- Baqi demolished Ram temple the birth place of Lord Rama and most sacred place for Hindus (However there is no written historical document of Baburrsquos

Remaking of Ram Temple

It is believed that in 1528 Babur visited

Ayodhya and under his instruction Mir- Baqi demolished Ram temple the

birth place of Lord Rama and most sa-cred place for Hin-

dus (However there is no written his-

torical document of Baburrsquos instruction

toMir Baqi)

vkys[k

Noted historian Arnold JToynbee once said ldquoWhen any civilization becomes too developed it is taken over by

Barbaric racesrdquo Indian civilization is the oldest civiliza-tion on this planet with a history spanning for thousands

of centuries A history full of culture tradition knowl-edge and valour but India has her share of historical

blunders and treachery too The story of Babri Masjid is one such parable Its construction by force over razed Ram Mandir its demolition in 1992 and courtrsquos order of reconstruction of ram temple in 2019is true portrayal of Hindu resilience and suffering yet yearn for justice

through peaceful means

Dr Rajeev Tewari

A story of 400 years of struggle and endurance

Dr Rajeev Tewari is a practicing surgeon at Delhi He did his MBBS course from KGMC Lucknow and finished his masterrsquos course (MS is Surgery) in 1986 from KGMC He specialises is Laparoscopic surgery Writing and teaching undergraduate students are his passion He likes writing on Indian history and Hindu Mythology and recent Geo-political issues

laLd`fr ioZtqykbZamp 2020 vksk foskkkad42

instruction toMir Baqi) In 1528-29 Mir Baqi constructed Babri Masjid after razing Ram temple

This shameful blot on Hindus was first challenged by Raghubar Das in1885 who filed a suit in court seeking permission for construction of Ram Temple but his appeal was rejected

In 1948 Vishwa Hindu Parishad (VHP) launched a campaign for the construction of a Ram temple at Janmabhoomi Idols of Ram Lalla was placed under central dome and in 1949 a group of devotees led by Baba Abhayram Das of Nirmohi Akhada began offering prayers at the site but government ordered to lock the gates of the premises

In 1950s ldquoParamahansa Ramachandra Dasrdquo the head of Ram Janbhoomi Nyas of Ayodhya filed suit for keeping the idols and continuation of worship Nirmohi Akhara in 1959 filed another suit claiming to be the custodian of the disputed land and sought possession of the land In1961 the Sunni Central Waqf Board too filed a suit claiming ownership of the site (Hashim Ansari and five others joined the case through separate pleas) Although Paramahansa Ramachandra Das and Hashim Ansari were the main petitioner in court but outside of the court they were good friends

During 1980s Swami Vamdev Paramhansa Ramchandradasji Mahant Avaidhyanathji (Guru of Yogi Adityanath presentCM of UP) Nritya Gopaldasji and Yug Purush Parmanandji Maharaj started a movement for Ram temple construction

Swami Vamdev was hailing from a Brahmin family of UPand was atravelling preacher Amit Shah considered him his spiritual Guru

Mahant Avaidyanath was a Mahant (chief priest) of Gorakhnath Temple and one of the most revered Guru of Hindu dharma He was 4 times elected MP of Lok Sabha from Gorakhpur He was one of the pioneer of Ram Janmabhoomi movement In 1984 he was elected as chief of Sri Ramjanmabhoomi Mukti Yagna Samiti Rebuilding of Ram temple was his lifetime dream Since 1984 onwards Mahant Avaidyanath organized many rallies and mobilized many people of VHP which eventually culminated into demolition of the Masjid in 1992

Paramahansa Ramachandra Das ji was born as Chandreshwar Tiwari in Bihar At a very young age of 15 once he attended a Yagna performed by some Sadhus in his village he got very much influenced and moved by the company of Sadhus After becoming Aurvedacharya and

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Sanskritacharya he became a saint and moved to Ayodhya to ldquoParamhans Ramkinker daas ji ashramrdquo and made RamKishore das ji maharaj his spiritual Guru In 1975 he was made Mahant (Head priest) of Digambar Akhada He dedicated his whole life for three motives - construction of Temples at Ayodhya Mathura and Kashi (which were destroyed by Mughals) Prohibition of cow slaughter and formation of Akhand Bharat

Eventually in 1986 Faizabad District Judge Krishna Mohan Pandey allowed the unlocking of the Babri Mosque and worship of lord Ram The Muslims protested the move and ldquoBabri Masjid Action Committeerdquo was formed in the same year Many people believe Judge Krishna Mohan Pandey promotion was withheld till 1991 on the orders of Mulayam Singh Yadav for passing this Judgment Judge Pandey preferred to follow the path of righteousness even putting his career at risk

In 1989 all cases of Babri Masjid-Ram Janmabhoomi title suit were transferred to the High Court Allahabad and HC ordered maintenance of status quo in respect of the disputed structure In the same year Vishwa Hindu Parishad (VHP) laid the foundation of a Ram temple on the land next to the Babri Masjid

In 1990 BJP along with VHP RSS and

other Hindu affiliates launched ldquoThe Ram Rath Yatrardquo with the aim to build a Ram temple on the site of the Babri Masjid The yatra led by Mr LK Advani commenced from Somnath on 25 September 1990 and was planned across the country to Ayodhya through hundreds of villages and cities Thousands of Kar-Sevaks accompanied the yatra which used to travel approximately

300 KM in a day and Advani addressing 4 to 6 public gathering per day Mr Advani was arrested by the Laloorsquos government in Bihar in October 1990

In October 1990 VHP BJP and RSS campaigned for a construction of Ram Temple at the Ram Janmabhoomi site Mr Ashok Singhal the then head of VHP mobilized people to gather at Ayodhya Mr Advani was detained by Laloo Prasad Yadav so he could not reach at the site The then SP government of UP under Mulayam Singh Yadav ordered complete lockdown and stated No bird would be able to fly into Ayodhya Government deployed heavy police and PAC personnel and barred all public transport including trains and buses to Ayodhya

On 30th October 1990 the ldquoD- day of Kar-sevardquo out of 40000 Kar sevaks 25000 managed to reach Ayodhya mostly on foot some even swam across Saryu river A curfew was imposed in Ayodhya and 15 cm long path was barricaded near disputed structure In the morning of 30th October Swami Vamadev Mahant Nratyagopal Das and Ashok Singhal led the kar-sevaks towards disputed site Mr Ashok Singhal was attacked by police and sustain head injury Police detained more than one lakh kar sevaks still many kar sevaks could reach disputed structure

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and finally the Kothari brothers of Kolkata mounted a saffron flag atop Babri Masjid erasing a shameful blot which had lasted for four centuries

Mulayam Singh Yadav ordered police to open fire at Kar sevaks Police chased kar sevaks all across the area and resorted to Lathi charge which led to Stampede at Saryu bridge Many people died from head injuries and in stampede

On 2nd November again kar sevaks gathered at Ram-lalla sthan and after offering prayers started to proceed towards disputed land Police resorted to Lathi charge and used tear gas to disperse the crowd however some kar sevaks reached the disputed structure and partially damaged it The police opened fire again second time within 3 days killing many Kar sevaks including Kothari Bandhu after dragging them out of a house That alley is now named as Shaheed Gali or Martyrrsquos Alley It is accused that police cremated many bodies and even dumped some bodies in Saryu river

The state governments officially reported 16 people were killed This whole incidence was repetition of Jallianwala Bagh episode where Indians forces were ordered to fire at fellow Indians but unlike Jallianwala massacre this order was not issued by an alien ruler Some of the sevaks who were martyred on that day were- Kothari Brothers Sitaram Mali Ramesh Kumar Mahavir Prasad Ramesh Pandey Sanjay Kumar Professor Mahendranath Arora a sadhu Rajendra Dharkar Babulal Tiwari and many more After this incidence Mulayam Singh Yadav earned the title of ldquoMulla Mulayam Singhrdquo among Hindu groups

on April 1991at Boat club Delhi a memorial meeting was arranged for the dead Karsevaks and a nationwide program Asthi Kalash (funeral urns) was launched to make people aware about those who died in the firing incident

Finally in 1992 on 6th December on the call of BJP and VHP around 15 Lakhs volunteer gathered at Ayodhya Rallies were organised and speeches were made by many leaders including Murli Manohar Joshi Uma Bharti and Mr Advani By afternoon a saffron flag could be seen on top of Babri Masjid and thousands of Kar Sevaks by using axes hammers and grappling hooks soon razed the disputed structureto the ground This led to riots all across the country causing deaths of 2000 people The PV Narasimha Rao government formed a commission of inquiry under Justice MS Liberhan to investigate about this whole incidence

In 1993 central Government passed Acquisition of Certain Area at Ayodhya Act and acquired land in the disputed area

During NDA-1 regime Mr Ashok Singhal demanded construction of Ram Temple at Ayodhya and went on fast unto death He was Force Fed on the orders of Atal Bihari Vajpayee

On 27th February 2002 Many Kar Sevaks and pilgrims were returning to Gujarat by Sabarmati

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express after attending Purnahuti Maha Yagna in Ajodhya which was done after completion of 10 years of Babri Masjid demolition About 1500 to 2000 Muslims with pre-planned motive and preparation attacked this train and burnt S-6 compartment of this train burning 59 karsevaks alive including 27 women and 10 children This incidence led to widespread riots in Gujarat in which 790 Muslims and 254 Hindus lost their lives (official figure)

A charge sheet was filed which mentioned that 1540 unidentified men attacked the train 107 people were charged including 8 juvenile out of which 68 could be arrested In Feb 2003 they were charged under POTA But in 2005 UPA decided not to charge the accused under POTA so finally all thirty-one Muslims who were convicted in 2011 could escape death penalty Most shameful act of subversion of justice was done by Laloo Prasad Yadav the then Railway Minister Lalu Yadav formed a committee under justice U C Banerjee who gave the report that the fire was a natural accident due to cooking inside the coach

This report was challenged in High court HC ruled that the Banerjee report was ldquounconstitutional illegal and null and voidrdquo declared its formation to be a ldquocolourable exercise of power with mala fide intentionsrdquo and its argument of accidental fire ldquoopposed to the prima facie accepted facts on recordrdquo The High Court also directed that the report should not be tabled in the Parliament

In 2002 The High Court ordered the Archaeological Survey of India (ASI) to excavate the site to prove any existence of temple in disputed area to determine lawful owner of the land

On Sep 30 2010 High court in a 21 majority rules three-way division of disputed area between Sunni Waqf Board the Nirmohi Akhara and Ram Lalla where one third will belong to Ram Lalla represented by the Hindu Mahasabha one third to the Islamic Waqf Board and the remaining third to the Nirmohi

Akhara In December the Akhil Bharatiya Hindu Mahasabha and the Sunni Waqf Board moved the Supreme Court challenging the HC ruling This ruling was quashed by SC in 2011 maintaining the status Quo

It is shameful yet ridiculous to see the anti-Hindu attitude of so called academicians of left liberal gang of India and how Allahabad High court exposed them in 2010 hearing and proved them epitome of hypocrisy Among all the experts which appeared in court claiming that no Ram Mandir ever existed underneath the Masjid not even one had any knowledge on Medieval History Babur Archaeology or about Ram Janbhoomi excavation Not even one had read Baburnama They all were simply stating each other statements and hearsay as facts (without any historical Proof) During cross examination they all agreed in court under oath that they never visited the disputed area and had no knowledge of archaeological findings and their knowledge was only based on newspaper reports After examining Prof D Mandal Allahabad bench head Justice Sudhir Agarwal noted that ldquothe statements made by him (Mandal) in cross-examination show the shallowness of his knowledge on the subjectrdquo Same kind of opinion was given by the judge for other experts like Supriya Verma Suvira Jaiswal etc The excavation finding by Shri BB lal and his meticulous writing and record keeping conclusively proved the presence of many Hindu sculpture beneath the Masjid and was sufficient to refute all left historians claim

In 2013 Meenakshi Jain a political scientist and historian wrote a book rdquoRama and Ayodhya and 2013rdquo in which she exposed the eminent historians on what they said in court and what they say in Media

Even in 2019 when Rajeev Dhavan (Lawyer for Waqf board) asked the four judge SC bench to take a note of a grandly titled Historiansrsquo Report To The Indian Nation written in 1991 by four Left historians ndash R S Sharma M Athar Ali D N Jha and Suraj Bhan after going through

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the matter and cross examining the historians the bench wrote-

ldquoThese historians did not have the benefit of the archaeological evidence Had this report really been prepared after studying the data collected through an archaeological excavation by ASI (about possible existence of a temple below the mosque) it could have had some meaning to it But these historians have not examined the ASI data The methodology they have adopted appears to be perfunctory as was termed by the High Courtrdquo

The former Regional Director of the Archaeological Survey of India (ASI) KK Muhammed In his book titled ldquoNjan Enna Bharatiyanrdquo (I an Indian) has stated that Left historians actually prevented an agreement between Hindus andMuslims He wrote-

ldquoThe Babri issue would have been settled long ago if the Muslim intelligentsia had not fallen prey to the brain-washing by the Leftist historians A set of historians including Romila Thapar Bipin Chandra and S Gopal argued that there was no mention of the dismantling of the temple before 19th century and Ayodhya is a Buddhist-Jain centre They were supported by historians Irfan Habib RS Sharma DN Jha Suraj Bhan and Akthar Alirdquo

It was a long and taxing path to refute all convoluted false claims of left historians but eventually after legal battle of 4 decades finally based on hard facts and archaeological excavation findings courts disproved all such arguments with very harsh wording for left historians

In August 2019 on Dr Subramaniam Swami plea SC agreed for day-to-day hearing on the land dispute By October 16th SC concludedits hearing and reserved the order

Finally on 9th November the 5 judge bench headed by Chief Justice Ranjan Gogoi and comprising of justices SA Bobde Ashok Bhushan DY Chandrachud and S Abdul Nazeer gave the historic decision in which SC grants

entire 277 acre of disputed land in Ayodhya to Ram Lalla and SC directedgovernment to allot 5 acre alternative land to Muslims at a prominent place to built a mosque

This legal battle which lasted for 7 long decades was finally won by Lord Ram devotee and truth prevailed with a poetic justice Laloo got Mr Advani arrested in 1990 for rath yatra now in 2010 on 5th of August Mr Advani will be doing bhoomi Pujan for Ram mandir at Ayodhya while Laloo is cooling his heels in jail

So finally a long battle for justice and truth is nearing its end The sacrifices and toil of Paramahansa Ramachandra Das Swami Vamdev Mahant Avaidyanath ji Ashok Singhal ji Swami Vasudevanand Sarswati ji Kothari Bandhu and thousands of Hindu devotee is about to bear fruit Shri Narendra Modirsquos leadership and Amit bhai Shahrsquos operation proved auspicious to all Hindus On 5th of August a new chapter of Indian glory and pride will begin when Mr Modi in the presence of Shri LK Advani will do ldquoBhoomi Pujanrdquo of Ram Janbhoomi and in next 3 years the world will see a new bold reverent and pious icon of Hindu dharma in the form of new ldquoRam Mandirrdquo

I started this article with a quote from historian Toynbee I will close this article with another piece of Toynbee

ldquoIt is already becoming clear the chapter which had western beginning will have to have a Indian ending if it is not to end in self destruction of human race At this supremely dangerous moment in human history the only way of salvation is the ancient Hindu way Here we have the attitude and spirit that can make it possible for the human race to grow together in to a single familyrdquo

Toynbee was one of the few western historian who understood the concept of ldquoVasudhaiv Kutumbakamrdquo Eventually all races of world have to follow this Hindu concept if they want to survive and thrive

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अवधय वह ह खजस ससषट न मनषय क खलए सिस िड़र धन क रप म धरतरी पर उतारा ऋगवद स लकर मनसमखत महाभारत और शररीमदभगवदगरीता तक म उस अवधय करी सजञा दरी गयरी वहरी एक माता धन ह मानव सभयता म उस हरी रासतो न धन कहा उस हरी गोमाता करी सजञा खमलरी वहरी गाय ह गाय कोई सामानय पर नही ह इस इस ससषट म खवधाता न सजवन करी याता को आग िढन क खलए मनषय को अखपवत खकया मनषय क खलए यहरी एक माता धन री खजसक आदान पदान स उसन अपनरी जरीवन याता करी ररआत करी अखत पाचरीन गरन और यहा तक खक हडापपा क खवदान भरी यह सवरीकार करत ह खक इस अवधय पाणरी क िल पर हरी मानव सभयता का खवकास सभव हो सका ह इस िार म उपलबध साकय िता रह ह खक ऋगवद म जो सोमकयनरी रबद आया ह उसक मल म गो का हरी अससततव ह सभयता क पारमभ म जि िररीद खिकरी या खकसरी पकार क आदान पदान क खलए कोई मापक भरी नही होता ा ति गाय क इकाई पर हरी साड़री गखतखवखध सपनन होतरी री

ऋगवद म सोम करी कय पखकया म कला रफ पाद गवाधव और गो का पयोग आया ह कहरी कहरी इसक खलए गो क सान पर धन का पयोग ह यह एक मापक इकाई ह खवदानो न इस इकाई करी वयाखया भरी करी ह इसक

अनसार - गाय क आधा िर का खनरान एक रफ होता ह दो रफ खमलाकर एक पाद होता ह दो पाद खमला कर एक गवाधव होता ह दो गवाधव क िरािर एक धन अवा पणव चार पाद होत ह इसरी आधार पर पारसमभक मानव सभयता क सामाखजक कायव वयवहार सपनन होत इसरी आधार पर गो करी इकाई करी वयवसा स काम होत

यहा यह सपषट करना आवशयक ह खक सभयता क पारमभ म गाय हरी एक मात धन होतरी री इसखलए सभरी मानवरीय कायव वयवहार म इसरी को आधार िना कर काम होत लन - दन और यजञ कमव दान आखद म भरी कवल गाय क हरी लन - दन स कायव होन लग और इसको सासकखतक रप म भरी सवरीकार कर खलया गया समाज म वहरी वयसकत सिस अखधक धनवान माना गया खजसक पास अखधक गोधन होता ा जि जरीवन करी सखहताओ का खनमावण हमार ऋखष परपरा न रर खकया तो उनहोन भरी गोधन को हरी आधार िनाया हमार रासत कहत ह -

त रजञसर त मवातवा सयदवानवा कवारणम |त सयतीथवायनवा नमसततअसत सदवानघ |शमश सरयरणवा रसरवा ललवाटड षभ धज|सरसती च िकवार सवनवागवासच कमबल ||कषर पषटड च गनधवाय दवाशचतवार ए च |मखवागर सयतीथवायमन सथवावारवामन चरवामण च ||

अिध अिध अयोधा और गोदान

सभयता की विकास यातरा म गोधन क अलािा अनय मयिान िसतओ और

मदराओ का परचलन समाज म विकसत हआ वकनत

कमषकाडीय और याजीक परपरा म धन अथिा गाय

का लन दन रवढगत रप म कायम रहा पररणाम यह

हआ वक यह रवढ आज एक अभतपिष विसगवत का परमाण बन कर मानि सभयता क सामन कडी हो गयी ह

vkys[k

अयोधया ही अिध ह अिध का जनम होता ह अिधय स अिधय का आविभाषि

सकषट क साथ ही होता ह अिधय ह उसी क दान की परपरा ह अिधय वजस कषतर

म वनिास करत ह िही अिधय कषतर ह अब उस हम अिध क नाम स जानत ह

यह अिधय या ह इस अिधय का अकसतति या ह

सपखसद लिक कवखयतरी एव ससकखत पवव करी सहायक समपादक ह

ॉ अमनतवा अगरवाल

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ldquo ह खनषपाप तम सि दवताओ करी मायजञ करी कारण रपा और समपणव तरीथो करी तरीव रपा हो हम तमह सदानमसकार करत ह तमहार ललाट म चदरमा सयव अरण और वषवभधवज रकर खवराजमान ह हकार म सरसवतरीगल कमिल म नागगण िरो म गनधवव और चारो वद ता मिागर म चर-अचर समपणव तरीथो का वास ह तातपयव यह खक गोवर भारतरीय जरीवन ससकखत ईखतहास का अटट अग ह याखन जिस ससषट करी रचना हयरी तभरी स गाय का इखतहास भरी पारमभ होता ह यह का सभरी को मालम ह खक आखदकाल म दव और दानवो न अमत पापत करन क खलए समदर मन खकया ा पभ न कचछप अवतार लकर समर पववत को धारण खकया और वासकरी नाग को रज क तौर पर पयोग म लाकर मन खकया गया खजसम पम हलाहल खवष करी जवाला स तारन क खलए रतसवरपा कामधन का पागटय हआ जो सभरी मनोकामना सकलप और आवशयकता पणव करन म सकषम री कामधन को पालन हत दवताओ न महाऋखष वखरषट को पदान खकया खजनहोन गौलोक करी रचना करी

गौ क खवषय म एक और का आतरी ह -जि ससषट का पारमभ हआ तो बरहमा जरी न मन को ससषट रचना का आदर खदया खजसक कारण हम मानव कहलात ह उनहोन गोमाता करीसतखत करी और गोकपा अनसार गौदोहन खकया और पथवरी पर कखष का पारभ खकया पव मन क नाम स यह धरा पथवरी कहलाई

वालमरीखक रामायण स लकर महाभारत शररीमद भागवत पराण आखद गरो स जञात होता ह खक िडर-िडर राजा-महाराजा लािो करी सखया म गोवर का पालन करत और लािो गायो का एक सा दान कर खदया करत गाय का दान ऐस वयसकत को अखधक खकया जाता ा जो समाज म उतकषट कायव कर लोक मगल करी पनरीत परमपरा को समद करन म सतत पयतररील रहता ा

शररीमद भागवत म राजा नग दारा गाए दान करन का एक रोचक पसग आता ह-

रवातरः मसकतवा भमरवायतररो मदम तवारकवा रवातररो षयधवारवाशच तवातीरददवा सवा गवाःपरनसनीरतरणी शील रपगणरोपपनवाः कमपलवा िमशरगीःनरवारवामजतवा कपरखशः सतसवादकलमवालवाभरणवा ददवािम

इस दषटानत स सपषट होता ह खक राजा नग न नयाय स पापत असखय गाए िछडो सखहत दान करी री खजस तरह पथवरी क धखल कण आकार क तार और वषाव करी धाराओ को कोई खगन नही सकता वस हरी उनकरी भरी कोई गणना नही करी जा सकतरी री और व सभरी गौव दधार यवा सरीधरी सनदर कखपला सलकषणा एव वसतालकारो स खवभखषत री

दवखषव नारद न भगवान रामचनदर करी लरीलाओ क वणवन म कहा

ह-

गवा करोरसयरत दतवा मविदभररो ममधपयकमअावत भगवान राम न दस सहसर करोड गौए खवदानो को

खवखधपववक दान करी री अयोधया काणड क ३२व सगव म यकभ पसग आता ह खक एक िार भगवान राम क पास खतजट नामक बराहमण न आकर गायो क खलए याचना करी भगवान राम न खवनोद म उनस कहा- खवपवर आप अपना डडा खजतनरी दर फक सकग वहा तक करी सभरी गाए आपको खमल जाएगरी बराहमण न पररी रसकत स घमाकर अपना डडा फका और वह सरय नदरी क उस पार हजारो गायो क गोष म जाकर खगरा शररी राम न खतजट का सममान करत हए वहा तक करी साररी गौए उसक आशरम म पहचा दरी िहरहाल यह सि व िात ह खजनस भारतरीय वागमय भर पड़र ह हम यहा चचाव सर गाय और गोदान करी परपरा पर कर रह ह

सभयता करी खवकास याता म गोधन क अलावा अनय मलयवान वसतओ और मदराओ का पचलन समाज म खवसकसत हआ खकनत कमवकाडरीय और याजञरीक परपरा म धन अवा गाय का लन दन रखढगत रप म कायम रहा पररणाम यह हआ खक यह रखढ आज एक अभतपवव खवसगखत का पमाण िन कर मानव सभयता क सामन कड़री हो गयरी ह मनषय क खलए गाय खकतना उपयोगरी ह यह खवचार का अलग खवषय ह खकनत खजस गोदान करी परपरा ससषट क सा अवध कषत म रर हई री उसन सभयता म मनषय क फलाव क सा हरी अपनरी याता भरी जाररी रिरी सनातन ससकखत क अनयाखययो म यह उसरी गोदान क रप म खवदमान रहरी लोक मानयता म यह खवदमान रहा खक मतय स पवव गोदान करन स मनषय को मसकत खमलतरी ह और वह भवसागर पर कर जाता ह वद जनो को मतय स पवव गोदान करन करी परपरा आज भरी चलतरी ह शराद एव अनय अवसरो पर भरी गोदान करी परपरा अभरी जाररी ह वसतरीससखत यह ह खक जि य परमपराए रर हई री ति मनषय क पास दान करन योगय गाय हरी एक माता धन री लखकन इस रखढ िनाकर कमवकाड और यजञ स लोगो न जोड़ खदया कालातर म इस धाखमवक कतय क रप म साखपत कर खदया गया गाय हमार जरीवन दरवन म खकतनरी महतवपणव रहरी ह इसका सिस िड़ा उदहारण हमाररी लोक परपरा क रबद गज़ गोदना गोत गाव गोधखल गोरस गोदोहन गोष गोषरी आखद हरी

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पमाखणत कर दत ह गाय जहा िाधरी जातरी री वह सान गोष कहा जाता ा और वह ि कर करी जान वालरी चचाव हरी गोषरी कहलातरी री गोषरी रबद आज पररषकत िन गया ह और कखतम सभागारो म होन वालरी चचावय इसक नाम हो गयरी ह

गाय की अरधयता वदो म पराणो म ता महाभारत म भरी सभरी सानो पर गौ को

अवधय कहा गया ह| महाभारत क राखतपवव शरखत म गौवो को अवधय कहा गया ह तो कौन उनक वध का खवचार करगा जो गायो और िलो को मरता ह वो महान पाप करता ह अगर परओ करी हतया का फल सवगव ह तो नरक खकन कमथो का फल ह

आर गरोिवा निवा धरो रो असत ऋगवद ७५६१७सदा हरी रकषा क पात गाय और िल को मत मार |

सरसवाद भगती मिभरवा अथरो र भगनतः सरवामअमद तणयमघनर मशदवानीमपब शदमदकमवाचरनती ऋगवद ११६४४०

ऋगवद गौ- हतया को जघनय अपराध घोखषत करत हए मनषय हतया क तलय मानता ह और ऐसा महापाप करन वाल क खलय दणड का खवधान करता ह |

अघनरर सवा दयतवा मित सौभगवार ऋगवद १ १६४२७अघनया

गौ- हमार खलय आरोगय एव सौभागय लातरी ह |

रमद नरो गवा िमस रदयशम रमद परषत तवा सीसन मधरवामरो रथवा नरो सरो अीरिवा

अवववद ११६४

यखद कोई हमार गायघोड़र और परषो करी हतया करता ह तो उस सरीस करी गोलरी स उड़ा दो |

अयोधया म गोिान और तरसगततअवधय कषत अावत अवध अावत अयोधया म आज भरी हर साल

सावन मल क अवसर पर लािो लोग गोदान करत ह खवगत कछ वषवो म इस पा को रकन करी भरी कवायद रर हई ह कयोखक पाडा लोग इस पररी तौर पर एक धध क रप म अपना चक ह उनक खलए यह अदभत धनधा िन गया ह य पणडर िद करी गाय िररीद कर लात ह और सरय क खकनार डररा जमा कर ि जात ह खफर जो भरी धमावनरागरी लोग सरय सान करन आत ह उनको पकड़ कर य गोदान करान लगत ह यह धन उगाहरी का ऐसा माधयम िना खदया गया ह करी एक एक गाय स य पणडर हज़ार हज़ार आदमरी को दान करात ह और रद रप स धाखमवक गरी करत ह इसको रोकन क खलए खपछल वषव िाकायदा परासन न जि पडो को सरय क खकनार गाय रिन स मन खकया तो सघषव करी ससखत आ गयरी

मानयताओ और परमपराओ क नाम पर गरी और रखढ िना दन करी कहानरी िहत हरी कषटदायक ह दिद पहल तो यह ह खक महज़ एक दो खदन मल भर क खलए गाय जगाड़ कर पसा काम लन क िाद य लोग गायो को भिो मारन क खलए खववर कर दत ह कयोखक खकसरी क पास कोई गोराला या ऐसरी जगह होतरी हरी नही जहा य गयो को पाल सक और खिला खपला सक िहतर तो ऐस ह जो मला ख़तम होत हरी गायो को कसाईयो क हा भरी िच दत ह यह उसरी अयोधया म धमव क नाम पर खकया जाता ह खजस अयोधया को वद अवधय कषत क रप म मानयता दत ह

गोिान और धमव कमव दर क पायः सभरी धाखमवक नगरो या काररी मखरा वनदावन

हररदार ऋखषकर हररहर कषत पयागराज आखद सभरी जगह गोदान करी परपरा चलरी आ रहरी ह जि भरी सामानय वयसकत तरीव याता अवा सान आखद क खलए खनकलता ह तो वह रासत सममत खकयाय भरी करना चाहता ह लोकमानस करी इसरी धाखमवक भावना का लाभ उा कर गोदान करन वाल िद को बराहमण ितान वाल लोग िि रीक स सनातन ससकखत को िदनाम करन म लग ह जो भरी लोग यह कायव करत ह उनम स िहतो को इस परपरा का कोई जञान भरी नही होता लखकन यह हो तो रहा ह

दरअसल गाय को लकर खजस ढग स िात हो रहरी ह उनम नाटो कोई इसक उदभव और वगयाखनक तथयो पर जाना चाह रहा ह और नही गाय करी मानवरीय जरीवन म खवखरषट भखमका को समझन करी कोखरर करी जा रहरी ह गाय सनातन ससकत का खहससा ह और रहगरी इस कोई नकार नही सकता लखकन गाय करी वतवमान िाज़ार दरा डरक कर खचता होना सवाभाखवक ह खहदतव क दरवन म ग का महतव िता कर अि इस खवरद धाखमवक पर िना कर पसतत करन वाल लोग गाय का भला नही कर रह खजस पकार स गोदान क नाम पर सरआम खिवाड़ हो रहा ह उसस गाय का तो नकसान हो हरी रहा ह खहदतव जसा दरवन भरी िदनाम हो रहा ह

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आिायव तगररराि तकशोर

अशोक तसघि सरामी अरदानाथ िी महाराि

सरामी रासरदरानद िी महाराि

सरामी नतयगोपािदस िी महाराि

सरामी रामिनदर परमहस

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अयोधा मनषय और मनसमवत

मनसमवत मानि ससककवत का सबस महतिपणष एि पराचीन धमषिासतर (समवत) ह इस मानि-धमष-िासतर मनसवहता आवद नामो स भी जाना जाता ह यह उपदि क रप म ह जो मन दवारा

ऋवषयो को वदया गया इसक बाद क धमषगरनथकारो न

मनसमवत को एक सनदभष क रप म सिीकारत हए इसका अनसरण वकया ह भारतीय मानयता क अनसार मनसमवत

बरहा की िाणी ह

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जब भी अयोधया की चचाष िर होती ह उसी क साथ आवद परष भगिान मन और उनक दवारा रवचत मनसमवत की चचाष सिाभाविक रप स सामन आ जाती ह बरहा जी न जब धरती पर सकषट सञालन क वलए मन को उतारा

उसी समय उनहोन जीिन सचालन की वयिशथा क वलए शवतयो का भी अितरण कराया इन शवतयो क आधार पर मनषय को विकसत सभयता का वनमाषण करना था इस कायष क वलए उनहोन मन स समवत की रचना कराई

वजस मनसमवत क नाम स आज विशि जानता ह

अधयकष गहखवजञान खवभाग

गगोतरी दवरी महाखवदालय गोरिपर

9450887187

डॉ अचवना खतवाररी

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भारतरीय खचतन करी इस खवचारधारा को अि पसशचमरी खवदान भरी सवरीकार करन लग ह मकसमलर जस महापरष का कन ह करी ससषट करी रचना क सा हरी ससषट सचालन क साखहतय भरी ससशतकार न अवशय खदया होगा कयो करी पहल ससषट दन का कोई औखचतय नही हो सकता जि मनषय धरतरी पर आया होगा तभरी उस मनषय करी जरीवन सखहता भरी आई होगरी

िहरहाल यहा अखभपाय खकसरी अवधारण स नही ह िसलक यह खवखदत होन का ह करी आज क समाज म खजस पकार स एक वगव क आलोचक लोग मन और मन समखत पर अनगवल खटकाए करत ह कया उनह पता भरी ह खक व भरी उसरी मन करी सतान ह मन करी खजस वणव वयवसा को पानरी परी परी कर व कोसत ह और उस वयवसा क खवरोध म खजस पकार स अपनरी अपनरी अवधारानाय साखपत करत ह उसस समाज को व कया नया द पात ह मन न चार वनावशरमो म समाज को वयवससत खकया ह बराहमण कषखतया वशय और रदर हम इस खववाद म नही जाना खक कौन कस पदा होता ह लखकन आज क नए सामाखजक अलमिरदारो स यह सवाल जरर करना चाहगरी खक मन करी अवधारणा को गाखलया दन क िाद आप अज खकस तरह समाज को खवभाखजत कर रह ह आप भरी तो आज कलास वन कलास ट कलास थरी और कलास फोर म हरी पोर समाज को खवभाखजत करन का सखवधान रच रह ह कहन का तातपय यह खक आप भरी समाज को सचाखलत करन क खलए चार पकार क मनषयो पर हरी आखशरत ह तो खवचार करी िात ह खक आखद परष करी सामाखजक अवधारना स अलग आप कया कर पा रह ह

सच यह ह खक खरखकषत अजञानरी समदाय न पसशचम करी नक़ल म भारतरीयता को िदनाम करन और उसकरी आलोचना करन का एक फरन पल खलया ह और पाचरीनता करी आलोचना हरी उनका रगल ह यह वासतखवकता ह करी मन और मनसमखत करी आलोचना कर क समाज को िरगलान वाल खकसरी वयसकत क पास नाटो मनसमखत ह और न हरी उसन मन समखत पढरी ह खिना मन और मनसमखत को जान हरी कवल आलोचना क खलए आलोचना इनका उदशय हो गया ह और य लोग वाहरी करत ह

मनसमखत मानव ससकखत का सिस महतवपणव एव पाचरीन धमवरासत (समखत) ह इस मानव-धमव-रासत मनसखहता आखद नामो स भरी जाना जाता ह यह उपदर क रप म ह जो मन दारा ऋखषयो को खदया गया इसक िाद क धमवगरनकारो न मनसमखत को एक सनदभव क रप म सवरीकारत हए इसका अनसरण खकया ह भारतरीय मानयता क अनसार मनसमखत बरहमा करी वाणरी ह lsquoमनसमखतrsquo भारतरीय ससकखत का अखभनन अग ह इसकरी गणना खवशव क ऐस गरनो म करी जातरी ह खजनस मानव न वयसकतक आचरण और समाज रचना क खलए परणा पापत करी ह इसम पशन कवल वततवमान धाखमवक आसा या खवशवास का नही ह िसलक मनषय क जरीवन करी आवशयकताओ करी पखतव खकसरी भरी पकार आपसरी सहयोग ता सरखचपणव ढग स हो सक यह अपकषा और आकाकषा पतयक सामाखजक वयसकत म होतरी ह दखनया भर म इस खवषय पर पयावपत िोज हई ह तलनातमक अधययन हआ ह और समालोचनाए भरी हई ह भारतरीय जरीवन वयवसा और समाज म तो इसका सान वदतयरी क उपरात ह मनसमखत क िहत स ससकरण उपलबध ह कालानतर म िहत स पकषप भरी सवाभाखवक ह साधारण वयसकत क खलए यह सभव नही ह खक वह िाद म ससममखलत हए अरो करी पहचान कर सक कोई अखधकाररी खवदान हरी तलनातमक अधययन क उपरानत ऐसा कर सकता ह मनसमखत करी पामाखणकता और वजञाखनकता को भारतरीय शरखत मनसमखत करी सरचना एव खवषयवसत एव समखत परमपरा को खवशलखषत कर क समझा जा सकता ह

भारतीय आचार-सतहता का तरशरकोशमनसमखत भारतरीय आचार-सखहता का खवशवकोर ह मनसमखत

म िारह अधयाय ता दो हजार पाच सौ शलोक ह खजनम ससषट करी उतपखतत ससकार खनतय और नखमखततक कमव आशरमधमव वणवधमव राजधमव व पायसशचत आखद खवषयो का उललि ह

(1) जगत करी उतपखतत

(2) ससकारखवखध वरतचयाव उपचार

(3) सान दाराखघगमन खववाहलकषण महायजञ शरादकलप

(4) वखततलकषण सातक वरत

(5) भकयाभकय रौच अरखद सतरीधमव

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(6) गहसाशरम वानपस मोकष सनयास

(7) राजधमव

(8) कायवखवखनणवय साखकषपशनखवधान

(9) सतरीपसधमव खवभाग धमव धत कटकरोधन वशयरदरोपचार

(10) सकरीणवजाखत आपदमव

(11) पायसशचतत

(12) ससारगखत कमव कमवगणदोष दरजाखत कलधमव खनशरयस

टीकाएमन पर कई वयाखयाए पचखलत ह-

(1) पधाखतखकत भाषय

(2) कललककत मनवव मकताव लरी टरीका

(3) नारायणकत मनवव खववखतत टरीका

(4) राघवानद कत मनवव चखदरका टरीका

(5) नदनकत नखदनरी टरीका

(6) गोखवदराज कत मनवारयानसाररणरी टरीका आखद

मन क अनक टरीकाकारो क नाम जञात ह खजनकरी टरीकाए अि लपत हो गई ह या- असहाय भतवयजञ यजवा उपाधयाय ऋज खवषणसवामरी उदयकर भारखच या भागरर भोजदव

धरणरीधर आखद धमवरासतरीय गरकारो क अखतररकत रकराचायव रिरसवामरी जस दारवखनक भरी पमाणरपण इस गर को उदत करत ह परपरानसार यह समखत सवायभव मन दारा रखचत ह मनसमखत स यह भरी पता चलता ह खक सवायभव मन क मलरासत का आशरय कर भग न उस समखत का अवगाहन खकया ा जो पचखलत मनसमखत क नाम स पखसद ह इस भागववरीया मनसमखत करी तरह नारदरीया मनसमखत भरी पचखलत ह मनसमखत वह धमवरासत ह खजसकरी मानयता जगखवखयात ह न कवल भारत म अखपत खवदर म भरी इसक पमाणो क आधार पर खनणवय होत रह ह और आज भरी होत ह अतः धमवरासत क रप म मनसमखत को खवशव करी अमलय खनखध माना जाता ह भारत म वदो क उपरानत सवावखधक मानयता और पचलन lsquoमनसमखतrsquo का हरी ह इसम चारो वणथो चारो आशरमो सोलह ससकारो ता ससषट उतपखतत क अखतररकत राजय करी वयवसा राजा क कतववय भाखत-भाखत क खववादो सना का पिनध आखद उन सभरी खवषयो पर परामरव खदया गया ह जो खक मानव मात क जरीवन म घखटत होन समभव ह यह सि धमव-वयवसा वद पर आधाररत ह मन महाराज क जरीवन और उनक रचनाकाल क खवषय म इखतहास-पराण सपषट नही ह ताखप सभरी एक सवर स सवरीकार करत ह खक मन आखदपरष और उनका यह रासत आखदःरासत ह

मनसममतत क पररता एर कालमनसमखत क काल एव पणता क खवषय म नवरीन अनसधानकाररी

खवदानो न पयावपत खवचार खकया ह खकसरी का मत ह खक मानव चरण (वखदक रािा) म पोकत होन क कारण इस समखत का नाम

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मनसमखत पड़ा कोई कहत ह खक मनसमखत स पहल कोई मानव धमवसत ा (जस मानव गहयसत आखद ह) खजसका आशरय लकर खकसरी न एक मल मनसमखत िनाई री जो िाद म उपिखहत होकर वतवमान रप म पचखलत हो गई मनसमखत क अनक मत या वाकय जोखनरकत महाभारत आखद पाचरीन गरो म नही खमलत ह उनक हत पर खवचार करन पर भरी कई उततर पखतभाखसत होत ह इस पकार क अनक तथयो का िहलर (Buhler G) (सकड िकस ऑव ईसट सरीररीज सखया 25) पाणडरग वामन काण (खहसटरी ऑव धमवरात म मनपकरण) आखद खवदानो न पयावपत खववचन खकया ह

यह भरी सच ह खकमन क काल करी समखत अि उपलबध नही ह आज जो मनसमखत हम पात ह वह मल मनसमखत नही ह यह वह ह खजस समय समय पर खवखिनना ऋखषयोआचायवो और खवदानो न समाज को खदया मन क कल स अि तक ससषट का इतना समय िरीत चका ह ससषट क सा क साखहतय या शरखत अवा समखत का उसरी रप म पापत होना िहत कखन ह इसका कारण यह ह करी खजस शरखत परपरा म इनक अधययन अधयापन करी वयवसा िनरी री वह परपरा िहत पहल हरी िखडत हो चकरी ह िास कर भारत पर खवदररी अभारतरीय आखधपतय क िाद तो कछ भरी नही िचा ऐस म मल शरखत और समखत को पाना िहत कखन ह

पाशचातय खवदानो क अनसार मन परपरा करी पाचरीनता होन पर भरी वतवमान मनसमखत ईसा पवव चतव रताबदरी स पाचरीन नही हो सकतरी (यह िात दसररी ह खक इसम पाचरीनतर काल क अनक वचन सगहरीत हए ह) यह िात यवन रक कािोज चरीन आखद जाखतयो क खनदवर स जञात होतरी ह यह भरी खनसशचत ह खक समखत का वतवमान रप खदतरीय रतरी ईसा पवव तक दढ हो गया ा और इस काल क िाद इसम कोई ससकार नही खकया गया मनकाल करी समखत करी अनपलबधता और भाषाई कखनाइयो क िरीच पसशचम क खवदानो करी अवाधारानाओ क खलए उनह दोषरी नही हराया जाना चाखहए

मनसममतत और जातत वयरसथा मनसमखत उस काल करी ह जि जनमना जाखत वयवसा क

खवचार का भरी कोई अससततव नही ा| अत मनसमखत जनमना समाज वयवसा का कही भरी समवन नही करतरी| महखषव मन न मनषय क गण- कमव ndash सवभाव पर आधाररत समाज वयवसा करी रचना कर क वदो म परमातमा दारा खदए गए आदर का हरी पालन खकया ह (दि ndash ऋगवद-१०१०११-१२ यजववद-३११०-११ अवववद-१९६५-६)|

यह वणव वयवसा ह| वणव रबद ldquoवञrdquo धात स िनता ह खजसका मतलि ह चयन या चनना और सामानयत पयकत रबद वरण भरी यहरी अव रिता ह | जस वर अावत कनया दारा चना गया पखत खजसस पता चलता ह खक वखदक वयवसा कनया को अपना पखत चनन का पणव अखधकार दतरी ह |

सनदभय अयोधया मरा माया काररी काखचरवसनतका पररी दारावतरी चव सपतत मोकषदाखयका वालमरीखक रामायण उततर काणड 108 4 रघ वर सगव 16 अयोधया त धमवजञ दरीघवयजञ महािलम अजयत पाडवशरषो नाखततरीवरणकमवणा- सभापवव 30-2

जातक सखया 454 रायसडरवरीज िखदसट इखडया पष 39 एस सरी डर खहसटाररखसटरी ऑफ़ रामायण एड खद इडो आयवन सोसाइटरी इन इखडया एड सरीलोन (खदललरी अजता पसबलकरस पनमखदवत 1976) पष 80-81

ऐतरय बराहमण 731 दि ज रा ए सो 1971 डा सरनदर कमार पगगापसाद उपाधयाय और सवामरी दयानद सरसवतरी क कायव |

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मनसमखत म वणव वयवसा को हरी िताया गया ह और जाखत वयवसा को नही इसका सिस िड़ा पमाण यह ह खक मनसमखत क पम अधयाय म कही भरी जाखत या गोत रबद हरी नही ह िसलक वहा चार वणथो करी उतपखतत का वणवन ह | यखद जाखत या गोत का इतना हरी महतव होता तो मन इसका उललि अवशय करत खक कौनसरी जाखत बराहमणो स सिखधत ह कौनसरी कषखतयो स कौनसरी वशयो और रदरो स |

मनसमखत २ १३६ धनरी होना िाधव होना आय म िड़र होना शरष कमव का होना और खवदतता यह पाच सममान क उततरोततर मानदड ह | इन म कही भरी कल जाखत गोत या वर को सममान का मानदड नही माना गया ह | मनसमत करी वयापक दसषट कवल मनषय को कदर म रितरी ह और उस मनषय को सससकत िनान और सिरी जरीवन जरीन करी कला खसिातरी ह मानयता और पचलन lsquoमनसमखतrsquo का हरी ह इसम चारो वणथो चारो आशरमो सोलह ससकारो ता ससषट उतपखतत क अखतररकत राजय करी वयवसा राजा क कतववय भाखत-भाखत क खववादो सना का पिनध आखद उन सभरी खवषयो पर परामरव खदया गया ह जो खक मानव मात क खजवन म घखटत होन समभव ह यह सि धमव-वयवसा वद पर आधाररत ह मन महाराज क जरीवन और उनक रचनाकाल क खवषय म इखतहास-पराण सपषट नही ह ताखप सभरी एक सवर स सवरीकार करत ह खक मन आखदपरष और उनका यह रासत आखदःरासत ह कयोखक मन करी समसत मानयताए सतय होन क सा-सा दर काल ता जाखत िनधनो स रखहत ह यह तथय ह खक जि भरी अयोधया पर िात होगरी ति ति अनय सभरी महतताओ क आलावा मनषय जातरी क खलए जरीवन क सखवधान क रप म मन जरी दारा दरी गयरी मनसमखत करी भरी चचाव करनरी हरी होगरी ताकखत आज क खरखकषत और कछ िखधखतरकवादरी लोगो क खलए भारतरीय गरो को लकर खटपपखणया करना उनक कखत पगखतररीलता का दोतक िन गया ह पर यह सि दि कर दःि भरी होता ह य कौन लोग ह खजनह अपनरी ससकखत करी पाचरीनता पर भरी गवव नही ह य िद क माता खपता को गाखलया दकर कया हाखसल करना चाहत ह

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शररीमद रामचररत मानस जरी म गोसवामरी तलसरी दास जरी न वखणवत खकया ह -

अधपरी सम मपर नमि सरोऊ

रि पसग जवानइ करोउ करोऊ

जनमभमम मम परी सिवामन

उततर मदमस बि सरज पवामन

जवा मजजन त मबनमि परवासवा

मम समीप नर पवामि बवासवा

अमत मपर मरोमि इिवा क बवासी

मम धवामदवा परी सख रवासीअि चचाव करत ह पखवत सरय क उदभव

अससततव और इखतहास करी सरय नदरी उततर पदर म अयोधया क खनकट िहन वालरी भारत करी पाचरीन नखदयो म स एक ह घाघरा सरज ता रारदा इस नदरी क अनय नाम ह यह खहमालय स खनकलकर उततररी भारत क गगा क मदान म िहन वालरी नदरी ह जो िखलया और छपरा क िरीच म गगा म खमल जातरी ह अपन ऊपररी भाग म जहा इस कालरी नदरी क नाम स जाना जाता ह यह काफ़री दररी तक भारत (उततरािणड राजय) और नपाल क िरीच सरीमा िनातरी ह

पाचरीन गरो म वखणवत खमलता ह खक

रामायण काल म सरय कोसल जनपद करी पमि नदरी री-

lsquoकरोसलरो नवाम ममदतः सफीतरो जनपदो मिवान मनमषटः सररतीर पभतधनधवानरवान

अररोधरवा नवाम नगरी तरिवासीललरोकमशरतवा

मननवा मवाननदण रवा परी मनममयतवा सरम अयोधया स कछ दर सरय क तट पर घना

जगल ससत ा जहा अयोधया नरर आिट क खलए जाया करत दरर न इसरी वन म आिट क समय भल स शरवण कमार का जो सरय स अपन अध माता-खपता क खलए जल लन क खलए आया ा िध कर खदया ा-

तनसमनमत सखकवाल धनषमवामनषमवानरथी वरवारवामकतसकलपः सररमनगवा नदीम मनपवान ममिष रवारिौगज बवाभरवागतमगम अनरद वा शवापद मकमचमजजधवासरमजतननदरवाrsquo lsquoअपशरमभषणवा तीर सररबवासतवा पस ितम अकीणजटवाभवार पममदकलशरोदकम

सरय नदरी का ऋगवद म उललि ह और यह कहा गया ह खक यद और तववसस न इस पार खकया ा पाखणखन न अषटाधयायरी म सरय का नामोललि खकया ह पदमपराण क उततरिड म भरी सरय नदरी का माहातमय वखणवत ह सरय नदरी अयोधयावाखसयो करी िड़री खपय नदरी री काखलदास क रघवर म राम सरय

जनम भमम मम पररी सहािमन

सरय नदी का ऋगिद म उलख ह और यह कहा गया ह वक यद और तिषसस न इस पार वकया था पावणवन न अषटाधयायी म सरय का नामोलख वकया ह पदमपराण क उतिरखड

म भी सरय नदी का माहातमय िवणषत ह सरय नदी अयोधयािावसयो की

बडी वपरय नदी थी

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आवदपरी शी अयोधया जी की जब भी चचाष होगी उसक साथ ही परम पािनी माता सरय पर विमिष अिशय होगा सरय और अयोधया जी का

सबध भगिान मन स ह और मन स आग इकिाक क ििज भगिान शीराम की यही पवितर जनमभवम ह लगभग 500 िषषो क अनिरत सघषष क बाद जब परभ शीराम की जनमभवम पर भवय शीराम मवदर सथावपत हो रहा ह तो

यह आिशयक लगता ह वक पवितर सरय जी पर भी विमिष हो

लिक वररष पतकार ह

मनोज कमार खतपारी

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को जननरी क समान हरी पजय कहत ह-

lsquoसर मदीरवा जननी तन मवानरन रवाजञवा सररमरकतवा दर बसनत मशमशरवामनलमवाा तरगिसतरपगितीrsquo

सरय क तट पर अनक यजञो क रपो का वणवन काखलदास न अपन महाकावय रघवर म खकया ह-

lsquoजलवामन रवा तीरमनखवातरपवा बितरररोषरवामनरवाजधवानीमrsquo महाभारत अनरासनपवव म सरय को मानसरोवर स खनससत

माना गया ह अधयातम रामायण म भरी इसरी तथय का खनदवर ह- एषा भागरीररी गगा दशयत लोकपावनरी एषा सा दशयत सरीत सरययवपमाखलनरी

भगवान शररीराम करी यह सरय मानसरोवर स खनकलतरी ह खजसका नाम बरहमसर भरी ह काखलदास क खनमन वणवन स यह कन सखचत होता ह-

पररोधरः पणरजनवागनवानवा मनमयषटिमवामबजरण रसरवाः बरवाहसरः कवारणमवापतवाचरो बदररवावरकतमदवािरननत

उपरोकत उदरण स यह भरी जान पड़ता ह खक काखलदास क समय म परमपरागत रप म इस तथय करी जानकाररी यदखप री तो भरी सरय क उदगम को रायद हरी खकसरी न दिा ा इस भौगोखलक तथय का जञान तलसरीदस को भरी ा कयोखक उनहोन सरय को मानसननदनरी कहा ह

यह सरय मानसरोवर स पहल कौड़यालरी नाम धारण करक िहतरी ह खफर इसका नाम सरय और अत म घाघरा या घघवरा

हो जाता ह सरय छपरा (खिहार) क खनकट गगा म खमलतरी ह गगा-सरय सगम पर चरान नामक पाचरीन सान ह काखलदास न सरय-जाहनवरी सगम को तरीव िताया ह यहा दरर क खपता अज न वदावसा म पाण तयाग खदए -

त ी थ वत रो र व र म त क र भ ज ह क न र वा र व रो दितरवागवादमरवाणनवालखरमवासवादय सदयः

समभवत उपरोकत तरीव चरान क खनकट रहा होगा महाभारत भरीषमपवव म सरय का नामोललि इस पकार ह-

रिसरवा शतकभवा च सरर च तथ च

चमयणती रिती िनसतसरोमवा मदशर तथवा शररीमदभागवत म नखदयो करी सचरी म भरी सरय पररगखणत ह-

रमनवा सरसती दषविती गरोमती सरर खमखलदपनहो नामक िौद गर म सरय का सरभ कहा गया ह

जो पाातर मात ह रामचररतमानस का उललि अवधपररी मम पररी सहावखन दखकषण खदर िह सरय पावनरी रामचररत मानस करी इस चौपाई म सरय नदरी को अयोधया करी पहचान का पमि खचहन िताया गया ह राम करी जनम-भखम अयोधया उततर पदर म सरय नदरी क दाए तट पर ससत ह अयोधया खहनदओ क पाचरीन और सात पखवत तरीवसलो म एक ह अयोधया को अवववद म ईशवर का नगर िताया गया ह और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह

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कालिणड अपनरी गखत स िढता रहा पखत सोपान राम हमाररी आसा ह यह मत जाप अनवरत होता रहा ह मरीरिाकरी न सवय खलिा lsquolsquoयह फररशत क उतरन करी जगह हrsquorsquo

30 खदसमिर 1949 मखतवयो का पकाटय हआ राम करी धन धड़कन िन धड़कन लगरी राम आसा ह राम मयावदा ह राम सभयता ह राम ससकखत ह राम भाषा ह राम जनम म ह राम मतय म राम मोकष ह राम अधयातम ह

12 वषव म कछ माह रष - 19 खदसमिर 1961 को खववाद का जनम होता ह शररीराम क जनम क 7100 वषव िाद भखम खववाद का मससलम पकष दारा मकदमा दायर होता ह

इस समय भारतरीय राजनरीखत म मससलम तषटरीकरण रर हो गया ा अिल कलाम आजाद को खरकषा मनतरी नहर न िनाया ा इसखलए अकिर महान मजिररी म पढना पड़ा तजोमय मसनदर स ताजमहल और वाराह खमखहर करी दरिरीन को कतिमरीनार पढाया जान लगा कयोखक कागरस मससलम तषटरीकरण म लगरी री- सभरी सानो म नामो करी पखटटका गाधरी नहर पररवार तक खसमटरी रहरी आजादरी क रहरीदो को भरी याद नही खकया जा रहा ा आजादरी क 25 वषथो म हरी जनता जनादोलन क खलए तयार हो रहरी री आपातकाल क दौरान जनानदोलन खहनदतव सगनो और खवपकषरी सगनो को दरखहत म एक सा आन म सवाभाखवक सरलतापववक सयकत सगन िना

राजरीव गाधरी न राहिानो पकरण म सववोच नयायालय क खनणवय को वापस लन क उपरानत खहनदतव सगन न समाज का आहवान कर खदया अि खहनदतव राषटरीय पटल पर साखपत होन करी ओर िढन लगा

मनषयता म आम ततर राम हबरहमा क पत पचता उनक दसव पत

िासलमरीखक जरी खजनको नारद जरी न राम का सनायरी और राम क जरीवन काल म रामायण खलिरी गयरी िालमरीखक जरी सरीता और लव कष को लकर अयोधया आत ह- राजाराम स कहत ह lsquolsquoम पचता पत कहता हrsquorsquo सरीता उतनरी पखवत ह खजतना मर पणय और यखद ऐसा ना हो तो मर समसत पणय कषरीण हो जाए

मर राम

राम भारत क रोम रोम म ह भारत क लोक म राम ह भारत की सास म राम ह भारत की वमटी हिा जल म राम ह राम भारत की समपदा िभि यष मयाषदा जीिन पदववत ह मकसलम तषटीकरण का पररणाम

सपरदाय जवनत िातािरण की गमाषहट स नय यग क

परारमभ होन की वदषा म एक नय अधयाय की ओर वहनद सगिन बढन लगा वजसकी पररणवत राम रथ यातरा न

भारत की राजनीवत क नय आयाम गढन लग भारत की मौवलक राषटीय चतना को

आग नतति वमला

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भारत की सासककवतक चतना राममय रही ह आजादी क आनदोलन की चतना का मल मतर राम ह इसवलए रघपवत राघि राजाराम मल अथाष म

लोक मतर बना सिाधीनता सगराम म िाह गर शी गरगोविनद वसह की सना न सन 1858 म अयोधया म धािा बोलकर lsquolsquoमकसजदrsquorsquo जनमभवम की दीिार

पर राम राम वलखा था वजस ततकालीन कोतिाल िीतला परसाद दब न थाना-ररपोटट म वलखा ह

सयोजक नदरी सरकषण लोकभारतरी9415217404

कपटन सभाष ओझा

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राम भारत क रोम रोम म ह भारत क लोक म राम ह भारत करी सास म राम ह भारत करी खमटटरी हवा जल म राम ह राम भारत करी समपदा वभव यर मयावदा जरीवन पदखत ह मससलम तषटरीकरण का पररणाम सपदाय जखनत वातावरण करी गमावहट स नय यग क पारमभ होन करी खदरा म एक नय अधयाय करी ओर खहनद सगन िढन लगा खजसकरी पररणखत राम र याता न भारत करी राजनरीखत क नय आयाम गढन लग भारत करी मौखलक राषटरीय चतना को आग नततव खमला

रयाता ससमरण म - आडवाणरी जरी क सा रयाता क सयोजक शररी क० एन० गोखवनदाचायव जरी रह गोखवनद जरी भारत परसत सगन और सजन रसकत को सगखत कर रह दर म र अपनरी याता पर ा एक खदन गोखवनदाचायव जरी स राखत भोजन क उपरानत टहलत हए आडवाणरी जरी न एक पशन खकया - यह जनता जनादवन र क आग खमटटरी म लोट रहरी ह और रा क परीछर करी खमटटरी को कागज पखड़या म रि कर मा चढा रहरी ह आडवाणरी जरी न कहा म हतपभ और आशचयवचखकत ह गोखवनद जरी भरी अनततररत रह गोखवनद जरी न िताया अधययन अवकार क समय खिनदवार धयान करन पर आया खक आडवाणरी जरी अगरजरी ससकखत म पढर पल होन क कारण उनक मन मससतषक म राम मय खमटटरी म लोट-पोट रहरी जनता जनादवन क पखत खवसमय रहा ा

भारत करी तासरीर-तवर कलवर समझन क खलए राममय होना पड़रगा राम करी भष-भषा म आन मात स रावण का मन राममय हो गया ा राम करी मयावदा क आचरण तपसया तयाग और परोपकार सत ससकखत का जरीवन जरीन स रामराजय जनम लता ह

छदम सकलरवाद अि सकलरवाद करी जगह पा चका ा 6 खदसमिर 1992 दोपहर म शररी कलयाण खसह मखयमनतरी उ०प० अपन आवास पर दो मनतरी क सा िर अयोधया म कार सवा चल रहरी री कारसवक िािररी मससजद क गिद पर चढ गय और कदालो स तोड़न लग वहा पयावपत सखया म अधव सखनक िल ा लखकन कार सवको न उनक और िािररी मससजद क िरीच एक घरा िना खदया ा उस समय कलयाण खसह क आवास पर पखलस महाखनदषक उ०प० एल०एम० खतपारी भागत हए आय मखयमतरी स खमलना चाहा अनदर स सनदर आया भोजन समापत होन तक पतरीकषा कर कछ दर िाद जि डरी०जरी०परी० अनदर गय तो lsquolsquoकारसवको पर गोलरी चलान करी अनमखत मागरी ताखक िािररी मससजद को खगरन स िचाया जा सक- कलयाण खसह न पछा - अगर गोलरी चलरी तो कारसवक मार जायग डरी०जरी०परी० न जवाि खदया हा ति मखयमतरी न कहा म आपको गोलरी चलान का आदर नही दगा आप अनय साधनो स खनयतण कर राम को िािररी मससजद का ढाचा ढह गया माननरीय कलयाण खसह न अपना तयाग पत राजयपाल को सौप खदया िािररी मससजद करी एक एक ईट कायवकताव उा ल गय सकलरवाखदयो क अनयायपणव खजद करी पखतखकया म कारसवको न ढाचा खगरा खदया कार सवको न शररी हनमान जरी करी रसकत स िािररी मससजद का पटाकषप कर खदया ा

दरदरवन पर रामायण और महाभारत का खदगदरवन न भारतरीय जनमानस का मानस िनाया रामजनमभखम पर मसनदर खनमावण करी माग और िािररी मससजद करी माग साववजनक गलरी नककड मोहललो गावो म िहस होन लगरी

आम चचाव म राम का जरीवन मयावदा मलयो तयाग करणा दया वातसलय पम सह िनधतव कषमा अपार धयव साहस वरीरता उधम नयायखपयता नसखगवक ईशवररीय गणो स समपणव चररत चचाव चल रहरी री खजस िािा गोसवामरी तलसरीदास जरी मयावदा परषोततम भगवान शररी राम करी सतखत कहत ह समसत ससार रामनाम दरीिन म भगवान क िामन रप जसा ह दरीिन म छोटा खकनत वासतखवक सवरप म पकट कन पर अननत कोखट बरहमाणडो को अपन म समा सकता ह सभरी बरहमाणडो क नायक शररीराम जरी ह

सयव क कनदर म जो सखवता ह वो साकषात नारायण ह इखसलए शररीराम सयववररी ह आसा क पाणततव का पखतफल मर राम ह

भारत का जरीवन दरवन मर राम ह भारत करी पहचान आन मान सममान मर राम ह हम राम जरी क रामजरी हमार ह तभरी असनतम समय म राम नाम सतय ह सभरी करी यह गखत ह

सासकखतक जागरण क कारण उस समय करी िदाई होन पर मसनदर क पमाखणक साकय न नयायालय म जनमभखम करी नयाय म सहायता खदलाया

राम जनमभखम खववाद उच नयायालय स सववोच नयायालय तक पहचन म भारत करी सासकखतक चतना पणव रप स एक मत होन लगरी खक राम भारत क पाण ततव ह भारत क सखवधान करी मल पखत पर भगवान राम सपररवार पषपक खवमान सखहत खचत सयोखजत ह तो भारत क सखवधान म मर राम ह

राम क पाकटय सल पर सववोच नयायालय दारा पापत खनणवय पर अनय सापतय क खिना भारत करी अससमता पर पशन खचहन लगा रहगा राषटवादरी चतना न सासकखतक राषटवाद करी सरकार िनायरी दसररी ओर सवय सवक खवदान अखधवकता सनतो महनतो रकराचायथो आचायथो खवदानजन सजन रसकतयो क दारा तकक साकय समखत खचहन पाकटय पमाण जटान म लग रह खजस सवधाखनक अाव म नयायपणव खनणवय दारा पापत आदष स शररी राम जनमभखम मसनदर खनमावण करीआधारखरला यरसवरी माननरीय पधानमतरी आदरणरीय शररी नरनदर मोदरी जरी क कर कमलो स नय भारत का गौरवारालरी इखतहास रचगा इस पनव खनमावण स खवखरषट रलरी क मसनदर का भखम पजन भारत सवाखभमान को सरोखभत करगा यह समपणव ससार क समकष एक आतमततव राम करी पखतमखतव खवशव को एक वखरषटय उदाहरण पसतत करगा खजसम खहनदतव सनातन करी सासकखतक राषटरीय चतना का गौरव साखपत होगा और यह सतय खक मर राम अखवनाररी कण-कण म ह- घट-घट म ह मर राम

मर राम

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मागव म सानरीय जनता का अभतपवव सहयोग इन लोगो को दिन को खमला अधररी रात म भरी लोग लालटरन लकर गावो म हर जगह इनका सवागत करत पआल पर िोररी या दररी खिछाकर इनक खवशराम करी वयवसा भोजन नाशता मवा आखद स इनका आखतथय होता सि भोजन क पकट तो रासत भर खमल इन कार सवको को खिलान क खलए गननो क कई ित साफ़ कर खदए सानरीय जन सामानय न आग यखद पखलस होन करी सभावना होतरी तो व हरी लोग इनह सावधान करत और सरखकषत मागव भरी सझात राम भसकत का अदभत जवार ा उन खदनो म

फजावाद स कछ खकलोमरीटर पवव रामगज नामक गाव म रात को एक िज लगभग ७००-८०० कारसवक पहच इनक पहचन करी सचना खमलत हरी गाव करी माता िखहन एकखतत हो गई और दित हरी दित सिन खमलकर एक घटर क अदर गरम ताजा भोजन तयार कर खिलाया गराम वाखसयो न अपन सोन क सान िालरी कर कारसवको को सलाया और सवय िाहर सोय सखदवयो क खदन तो सिह ितो म कडाव चढाकर

इन लोगो क सान आखद क खलए पानरी करी वयवसा करी गई गाव करी मखहला सरपच न अपनरी जरीप और गाव क टरकटरो स कारसवको को अयोधया क नजदरीक गोमतरी खकनार तक पहचाया और तो और गोमतरी पार करान िाल नाखवको न भरी इनस पस लन स इनकार कर खदया

१९९० म कार सवा का आवहान हआ खजसम खरवपररी स भरी सकडो सवयसवक रवाना हए खरवपररी झासरी मागव पर उततर पदर करी मलायम खसह सरकार न पल

कसा था िह जार

१९९० म कार सिा का आवहान हआ वजसम वििपरी

स भी सकडो सियसिक रिाना हए वििपरी झासी

मागष पर उतिर परदि की मलायम वसह सरकार न पल पवलया तोड वदए थ तावक कोई अयोधया तो दर उतिर परदि म भी ना पहच सक कारसिक जब झासी की

ओर पदल रिाना हए उनम स अनको वगरफतार कर वलय

गए

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१९९० म वपपररया स पहला जतथा वजला परमख शी अनतराम जी क नतति म तथा दसरा शी दवारका परसाद खडलिाल क नतति म रिाना हआ

इलाहािाद क आग परताप गढ चकपोसट पर इन लोगो को वगरफतार कर वलया गया बहा इनह नि वनवमषत पोलीटवनिक कालज म बदी बनाकर

रखा गया बहा परिासन दवारा भोजन आवद की कोई वयिसथा नही की गई थी इतना ही नही तो बाहर स सथानीय कायषकताषओ दवारा की गई भोजन

वयिसथा को भी नही लन वदया जा रहा था उस पररसर म लगभग ३००० लोग भड बकररयो की तरह भर वदए गए थ अवयिसथा स नाराज इन

लोगो न गट पर लगा ताला तोड वदया बहा उपकसथत मटीभर अवधकारी इस जन सलाब को नही रोक पाए पदल ही य आग अयोधया क मागष पर

बढ चल

लिक वररष पतकार ह

हररहर रमाव

रामजनम भवम आनदोलन ससमरण

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पखलया तोड़ खदए ताखक कोई अयोधया तो दर उततर पदर म भरी ना पहच सक कारसवक जि झासरी करी ओर पदल रवाना हए उनम स अनको खगरफतार कर खलय गए झासरी करी लकमरी वयायामराला को असाई जल िनाया गया जहा इन लोगो न अपनरी आिो क सामन पखलस गोलरी चालन म हताहत होत कारसवको को दिा जो एक दिद अनभव ा

पखलस को चकमा द अनको कारसवक अयोधया क मागव पर आग खनकलन म सफल हए खकनत अततः व भरी खगरफतार कर उननाव जल भज खदए गए इस जल म परासन करी रह पर मससलम कखदयो न लोह करी छड़ो वा पलटो इतयाखद स इनपर हमला कर खदया शररी खवमलर गोयल को तो इतना परीटा गया खक व िहोर हो गए वा आकमण काररी उनह मत समझकर छोड़ गए सात खदन िाद असपताल म शररी गोयल को होर आया

कोलारस गपत वाखहनरी क गयारह कारसवक लिनऊ स २०० खकमरी पदल चलकर सवव शररी गणर खमशरा आलोक खिदल पम रकर वमाव फलखसह जाट खरबिखसह जाट (हममाल) रामशवर खिदल सतोष गौड़ खवनोद खमशरा लाडलरी पसाद गोयल आखद अयोधया पहचन म सफल हए इन सभरी न २ नवमिर को हए नरसहार को अपनरी आिो स दिा व भोगा

२८ अकटिर १९९० को मधय भारत करी ४० वाहखनया अयोधया क खलय रवाना हई| उततर पदर म मलायमखसह करी सरकार न खभड इटावा मागव स कोई आग ना िढ सक इसक पखता इतजाम खकय | इटावा मलायम खसह का गह खजला होन स उनक छोटर भाई खररपाल यादव िद इस वयवसा को दि रह |

चमिल क पल पर तरीन दरीवाल िनाकर यातायात को िाखधत खकया ा िहरी इस िात करी भरी पररी वयवसा री खक कोई पदल भरी उततर पदर म पवर ना कर सक | ईटो करी पककरी दरीवारो क िरीच म लोह करी चादर रिरी गई ी | इसक िाद डरम रिकर उसक परीछर सरसत पखलस िल तनात ा | चमिल म चलन िालरी साररी नावो पर पखलस न कबजा कर खलया ा | नदरी क उस पार खररपाल खसह साररी वयवसाओ का खनररीकषण कर रह | उनक सा हखयार िद गडर भरी |

कार सवको म सिस आग सतो करी टोलरी री | साधओ न खतरल आखद करी सहायता स दरीवार को तोड़ खदया | दरीवार टटत हरी लगभग ४००० कार सवक आग िढन लग | पखलस न कार सवको करी खगरफताररी रर कर दरी | लखकन सखया इतनरी अखधक री खक सिको खगरफतार करना परासन क खलए सभव हरी नहरी ा |

खगरफताररी स काम ना िनता दिकर नदरी पार स खररपाल खसह यादव ता उसक सा िड़र एक पतकार और खडपटरी कलकटर न सवय गोलरी चलाना पारमभ कर खदया | पहलरी गोलरी खभड क एक कायवकताव सतय पाल को लगरी | गभरीर रप स घायल सतयपाल करी िाद म मतय हो गई | कोकखसह नरवररया करी इतनरी खपटाई हई खक उनकरी ररीढ करी हडरी हरी टट गई | उनह ६ माह असपताल म खिताना पड़र | रामखसया क पर म गोलरी लगरी और व जरीवन भर क खलए अपाखहज हो गए | कारसवको न हर पकार क कषट सहकर भरी कारसवा म उतसाह पववक भाग खलया |

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 61

यह िातचरीत ह उस िालकषण सराफ जरी स खजनहोन शररी राम जनमभखम मसकत क आदोलन म तन मन और धन स लग कर इसको गखत दरी री जि अयोधया म मखदर क गभवगह क भखमपजन करी खतख खनधावररत हो चकरी ह ति यह महतवपणव हो जाता ह खक इस लि सघषव क साकषरी और सहभागरी रह िालकषण जरी जस कमवयोदा स चचाव करी जाय इसरी उदशय स जि उनस िातचरीत रर हई तो आदोलन क खदनो म हरी जस वह िो गए िालकषण जरी न िताना रर खकया - व खदन िड़र अलग पकार क गोरकषपरीाधरीशवर महनत अवदना जरी महाराज शररीराम जनमभखम मसकत यजञ सखमखत क अधयकष होत इस कारण भरी और शररी अयोधया जरी क खनकट का सान होन स भरी गोरिपर हरी उस आदोलन का कदर हो गया ा आदोलन स जड़र सभरी पमि और िड़र नता पायः गोरिपर आत रहत

सपना साकार होत दख पा रहा यह राम जरी की कम पा

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शी अयोधया जी म भगिान शी राम की जनमभवम पर मवदर का वनमाषण एक सपना था जो अब परा हो रहा ह परमपजय गोलोकिासी अिोक वसघल जी का यह सपना रहा

वक अपनी आखो स राम मवदर का वनमाषण दख पात उनक जीिन म भल ही सभि नही हो पाया लवकन हम अतयत सौभागयिाली ह जो यह दख रह ह यह कायष वजस सकप िकत क साथ परधानमतरी जी धयषपिषक कर रह ह इसस सनातन धमष क इवतहास म

बहत महतिपणष पनिा जड रहा ह परसतत ह इसी विषय पर बालककषण सराि स बातचीत ससककवत पिष की सहायक समपादक अवनता अगरिाल की बातचीत क कछ परमख अि

laLd`fr ioZtqykbZamp 2020 vksk foskkkad62

िालकषण जरी ितात ह खक चाह अरोक खसघल हो या खफर खवषणहरर डालखमया या खफर खवनय कखटयार सभरी न मरा आखतथय सवरीकार खकया कारसवको करी मदद म मररी पतरी गोलोकवासरी पकाररी दवरी करी भखमका करी चचाव भरी यहा जरररी ह कयोखक इस धाखमवक कायव म उनहोन भरी न कवल परा सा खदया िसलक कई िार सवाकायव म वह मझस भरी आग नजर आई जि भरी कारसवको क िानपान और रहन क इतजाम करी समसया आतरी यह हमार खजमम होता ा इस कायव म मररी धमवपतरी का योगदान िहत महतवपणव ह कयोखक िान पान और रहन करी वयवसा वहरी समहालतरी ी 1990 और 1992 क आदोलनो म खहससा लन जान वाल िहत स कारसवको करी न कवल आखवक मदद करी िसलक उनक अयोधया तक पहचन का इतजाम भरी खकया

वह ितात ह खक इन आदोलनो को सफल िनान करी रणनरीखत को लकर कई गोपनरीय िक मर घर पर हरी समपनन होतरी ी 1992 क आदोलन म कारसवको करी मदद को लकर जि पखलस न मझ खगरफतार न करन क खलए माफरीनाम करी रतव रिरी तो मन रतव को मानन स साफ इनकार यह कहकर कर खदया खक हम अपन रामलला क खलए लड़ रह ह कोई अपराध नही कर रह िाद म पखलस न खगरफतार तो खकया लखकन कोई सित नही खमलन क चलत मझ छोड़ना पड़ा

िालकषण जरी उन खदनो याद करत हए ितात ह खक व खदन अतयत सघषव क राजनरीखतक पररससखतया अतयत खवपररीत ी सभरी को िरािर खगरफताररी का डर िना रहता ा गोरिना मखदर सरसवतरी खवदामखदर क अलावा मरा हरी घर ा जो पमि कदर ा ति सगन करी भरी आखवक ससखत िहत अचछरी नहरी होतरी री इसखलए हर योजना म िाधाए भरी िहत आतरी ी खवपररीत राजनरीखतक पररवर क कारण सामानय लोगो का सहयोग भरी िहत कम हरी खमलता ा जो लोग मन स आदोलन क सा व भरी िल कर सामन नहरी आत

वतवमान उपलसबधयो और मखदर खनमावण को लकर पछर जान पर िालकषण जरी करी आिो म एक अलग हरी चमक उभरतरी ह वह जस सच म सपनो करी दखनया म िो जात ह कछ रक कर िोलत ह - िहत मसशकलो क िाद यह खदन आया ह हर भारतरीय क खलए यह गौरव का कषण ह हर खहनद को अि िद खहद होन पर अवशय गवव हो रहा ह शररीराम कवल एक दवता नहरी ह शररीराम क खिना भला हमारा अससततव हरी कया ह शररीराम करी जनमभखम पर िन रहा मखदर वासतव म भारत को खवशवगर िनायगा अि स दखनया भारत को खवशवगर क रप म हरी दिगरी यह अदभत ह िड़र िखलदानो क िाद यह खदन आया ह यह भारत करी असलरी सवततता ह यह वासतखवक दरीपावलरी ह

सघ परमपरा

मोहन भागरि िी

क सी सरदशवन िी

परो० रािनदर तसह (रज भया)

बािा साहब दररस िी

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खरव जरी खसह गोरिपर म शररी राम जनमभखम आदोलन का एक गढ रह सरसवतरी खवदा मखदर पररवार क पमि ह वषव 1990 स 1992 तक यह खवदालय आदोलनकाररी खहनद नताओ का पमि आशरयसल रहा ह उस समय क यहा क पमि नागदर खसह दाढरी िािा स लकर खरव जरी खसह तक न अतयत सखकय भखमका खनभाई ह खरव जरी खसह उन खदनो को याद करत हए कहत ह खक खजस तरह का जोर और उतसाह राम मखदर को लकर उस समय िना ा उसकरी कलपना वहरी कर सकता ह जो उसम रररीक रहा वह कहत ह खक अतयत खवपररीत पररससखतयो म उस समय हर आदोलनकाररी एक सवयसवक क रप म ा पायः आदोलनकाररयो करी तलार म खवदालय म पखलस आतरी रहतरी री लखकन ऐसरी वयवसा िनानरी पड़तरी री खक कोई पकड़ म न आय

अपन सघषव क खदनो को याद करत हए खरवजरी खसह ितात ह खक 1990 स 1992 क िरीच कारसवको क खछपन का महतवपणव खकाना ा सरसवतरी खवदा मखदर यहा आन वाल कारसवको क रहन-िान क इतजाम का खजममा मझ पर हरी ा खकसरी को रक न हो इसक खलए जि भरी आदोलन चरम पर होता म नपालरी का वर धारण कर अडरवरीयर-िखनयान और नपालरी टोपरी पहनकर वह पररसर म ऐस घमता जस कोई पररचारक

खरवजरी ितात ह खक 1992 क आदोलन म एक िार ऐसा हआ खक यहा सवा सौ करी सखया म झारिड स आए तरीर-कमान वाल कारसवक खछप हए और दर रात पखलस का छापा पड़ गया ऐस म िद को िचान क खलए मझ नीव क खलए तयार खकए गए उस गडर म कद जाना पड़ा खजसम स छड़ खनकलरी हई ी यह राम जरी करी कपा हरी री खक मझ एक िरोच तक नही आई खरवजरी ितात ह खक उन खदनो हररयाणा पजाि झारिड खिहार स आए हजारो कारसवको करी सवा का उनह अवसर खमला कारसवको क खलए भोजन क तौर पर खवदालय म उन खदनो गड़ चड़ा चना अचार हररी खमचव जस चरीज अखधक माता म हमरा मौजद रहतरी ी खरवजरी क मताखिक आदोलन करी रणनरीखत िनान क खलए कई िार खछपकर अरोक खसघल जरी और खवनय कखटयार जस नता भरी वहा पहच और उनह उनकरी सवा का अवसर भरी खमला ा राम मखदर खनमावण रर होन करी चचाव पर खरवजरी भावक होकर कहत ह खक हमाररी तपसया आखिरकार सफल हई वह कहत ह खक यह पशन कवल एक मखदर का नहरी ा यह भारत और सनातन ससकखत करी अससमता का सवाल रहा ह अि शररीराम जनम भखम पर भवय मखदर क खनमावण का सपना परा हो रहा ह यह ससखत भारत और भारतरीयता क खलए वसशवक गवव करी ह

सघरश स परा हो रहा एक सपनाvkys[k

अयोधया म शी राम जनमभवम पर मवदर का वनमाषण असाधारण घटना ह बहत बवलदानो और सघषषो क बाद यह सपना परा हो रहा ह मझ गिष ह वक म खद भी इस सघषष म एक वगलहरी परयास क साथ मौजद रहा ह आज भी

आदोलन क दौरान की घटनाए याद आती ह तो यकीन ही नही होता वक उतना सब होता था और हम लोग करत थ

सजय यादव

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तालकटोरा सडियम म सतो का रखनाद

3-4 निमबर 2018

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गगवा बडी गरोदवारी तीरथ बडरो परवागसबस बडी अररोधरवानगरीजि रवाम मलररो अतवार

दो हजार साल िाद पाच अगसत को वह सवनवम अवसर आएगा जि राम जनमभखम पर पधानमतरी नरदर मोदरी भवय राममखदर करी आधारखरला रिग और सदरी क सौभागयरालरी लोग इस अवसर क गवाह िनग 21वी सदरी क लोग सौभागयरालरी खजनक सामन वो खचर अखभलाखषत कषण आ रहा ह खजसक खलए कई परीखढय़ो न सघषव खकया और रामजनमभखम क पाशरव म पवाखहत उततरावाखहनरी मा सरय आनिय कोण पर खवराजमान हनमान जरी अयोधयावासरी और शरदावनत साधक जलद हरी अपन रामलला को अपन भाइयो क सा ऐस भवय भवन म खवराजमान होत दिग खजसकरी कामना पाच सदरी स होतरी रहरी ह राम मखदर क भखमपजन करी ताररीि जस-जस नजदरीक आ रहरी ह हलचल िढतरी जा रहरी ह दरभर म मखदर खनमावण म सहयोग दन करी गखतखवखधया भरी तज हो गई ह भखम पजन क खलए पखवत नखदयो का जल और तरीव सलो करी पखवत खमटटरी लान का खसलखसला भरी रर हो गया ह

खहनदओ क मखदरो क अलावा अयोधया

जन मखदरो क खलए भरी िासा लोकखपय ह अयोधया को पाच जन ततीकरो करी जनमभखम भरी कहा जाता ह जहा खजस ततीकर का जनम हआ ा वही उस ततीकर का मखदर िना हआ ह इन मखदरो को फजािाद क नवाि क िजाचरी कसररी खसह न िनवाया ा कहत ह खक खसकदर लोदरी क रासनकाल क दौरान यहा मखदर मौजद ा 14वी रताबदरी म खहनदसतान पर मगलो का अखधकार हो गया और उसक िाद हरी राम जनमभखम एव अयोधया को नषट करन क खलए कई अखभयान चलाए गए अतत 1527-28 म इस भवय मखदर को तोड़ खदया गया और उसकरी जगह िािररी ढाचा िड़ा खकया गया अयोधया म राम जनमभखम को लकर कई दरको स खववाद चल रहा ा खजस सववोच नयायालय क खनणवय न ितम कर खदया ह

भारत करी पाचरीन नगररयो म स एक अयोधया को खहनद पौराखणक इखतहास म पखवत और सिस पाचरीन सपत पररयो म पम माना गया ह अयोधया का सिस पहला वणवन अवववद म खमलता ह अवववद म अयोधया को दवताओ का नगर िताया गया ह पौराखणक काओ क अनसार बरहमा स जि मन न अपन खलए एक नगर क खनमावण करी िात कहरी तो व उनह खवषणजरी क

अयोधा का पाचरीन और पौराणिक इवतहास

भारत की पराचीन नगररयो म स एक अयोधया को वहनद पौरावणक इवतहास

म पवितर और सबस पराचीन सपत पररयो म परथम

माना गया ह अयोधया का सबस पहला िणषन अथिषिद म वमलता ह अथिषिद म अयोधया को

दिताओ का नगर बताया गया ह

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अयोधया कहत ह वक इवतहास खद को दोहराता ह और अयोधया म राम मवदर का पनवनषमाषण एक बार विर इवतहास क पनिो म दजष होन जा रहा ह सन 1528 म बाबर न रामजनमभवम पर बन वजस मवदर का धिस कराया

उस लगभग दो हजार साल पहल महाराज विरिमावदतय न ही वनवमषत कराया था पाच सौ साल क लब सघषष और सपरीम कोटट क िसल क बाद नीि

की ईट विर भवयता धारण करन को आतर ह

लिक महातमा गाधरी अतरावषटरीय खहनदरी खवशव खवदालय वधाव म वररष रोध अधयता ह

डॉ0 अचवना पाठया

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पास ल गए खवषणजरी न उनह अवधधाम म एक उपयकत सान िताया खवषणजरी न इस नगररी को िसान क खलए बरहमा ता मन क सा दवखरलपरी खवशवकमाव को भज खदया इसक अलावा अपन रामावतार क खलए उपयकतन सारन ढढन क खलए महखषव वखरष को भरी उनक सा भजा मानयता ह खक वखरष दारा सरय नदरी क तट पर लरीलाभखम का चयन खकया गया जहा खवशवकमाव न नगर का खनमावण खकया सकददपराण क अनसार अयोधया भगवान खवषण क चक पर खवराजमान ह

सरय नदरी क तट पर िस इस नगर करी रामायण अनसार खववसवान (सयव) क पत ववसवत मन महाराज दारा सापना करी गई री मारो क इखतहास क अनसार ववसवत मन लगभग 6673 ईसा पवव हए बरहमाजरी क पत मररीखच स कशयप का जनम हआ कशयप स खववसवान और खववसवान क पत ववसवत मन ववसवत मन क 10 पत- इल इकवाक करनाम अररषट धषट नररषयनत करष महािलरी रयावखत और पषध इसम इकवाक कल का हरी जयादा खवसतार हआ इकवाक कल म कई महान पतापरी राजा ऋखष अररहत और भगवान हए ह इकवाक कल म हरी आग चलकर पभ शररीराम हए अयोधया पर महाभारत काल तक इसरी वर क लोगो का रासन रहा इस वर म राजा रामचदरजरी क खपता दरर 63व रासक इकवाक न अयोधया को अपनरी राजधानरी िनाकर भारत क लगभग िहत िड़र कषत पर रासन खकया इकवाक क तरीन पत 1कखकष 2खनखम और 3दणडक उतपनन हए इकवाक क पम पत कखकष क पत का नाम खवकखकष ा खवकखकष क पत िाण और िाण क पत अनरणय हए अनरणय स प और प और प स खतरक का जनम हआ खतरक क पत धधमार हए धधमार क पत का नाम यवनाशव ा यवनाशव क पत मानधाता हए और मानधाता स सससनध का जनम हआ सससनध

क दो पत हए- धवससनध एव पसनखजत धवससनध क पत भरत हए कखकष क कल म भरत स आग चलकर सगर भागरीर रघ अमिररीष ययाखत नाभाग दरर और भगवान राम हए उकत सभरी न अयोधया पर राजय खकया पहल अयोधया भारतवषव करी राजधानरी हआ करतरी री िाद म हसतरीनापर हो गई

इकवाक क दसर पत खनखम खमखला क राजा इसरी इकवाक वर म िहत आग चलकर राजा जनक हए राजा खनखम क गर - ऋखष वखसष खनखम जन धमव क 21व तरीाकर िन इस तरह स यह वर परमपरा चलत-चलत हररशचनदर रोखहत वष िाह और सगर तक पहचरी राजा सगर क दो ससतया ी-पभा और भानमखत पभा न औवावखनि स सा हजार पत और भानमखत कवल एक पत करी पाखपत करी खजसका नाम असमजस ा यह का िहत पखसद ह खक सगर क सा हजार पत कखपल मखन क राप स पाताल लोक म भसम हो गए और खफर असमजस करी परमपरा म भगरीर न गगा को मनाकर अपन पववजो का उदार खकया ा इस तरह सयववररी इकवाक वर क अनतगवत अनक यरसवरी राजा उतपनन हए उकत सभरी लोगो न अयोधया पर राज खकया ा सभरी करी काए आपको जन और खहनद पराणो म खवसतार स खमल जाएगरी भगरीर क पत ककतस और ककतस क पत रघ हए रघ क अतयत तजसवरी और पराकमरी नरर होन क कारण उनक िाद इस वर का नाम रघवर हो गया ति राम क कल को रघकल भरी कहा जाता ह रघ क पत पवद हए पवद क पत रिण और रिण क पत सदरवन हए सदरवन क पत का नाम अखनिवणव ा अखनिवणव क पत ररीघरग और ररीघरग क पत मर हए मर क पत परशरक और परशरक क पत अमिररीष हए अमिररीष क पत का नाम नहष ा नहष क पत ययाखत और ययाखत क पत नाभाग हए नाभाग क पत का नाम अज ा अज क पत दरर हए और दरर क य चार

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पत राम भरत लकमण ता रतघन ह राम क दो जड़वा पत लव और कर दोनो का हरी वर आग चला वतवमान म दोनो क हरी वर क लोग िहतायत म पाए जात ह

अयोधया क राजा नाखभराज क पत ऋषभदव अपन खपता करी मतय क िाद राजखसहासन पर िर यवा होन पर कचछ और महाकचछ करी 2 िहनो यरसवतरी (नदा) और सनदा स ऋषभना का खववाह हआ नदा न भरत को जनम खदया जो आग चलकर चकवतती समराट िना उसरी क नाम पर हमार दर का नाम भारत पड़ा सनदा न िाहिलरी को जनम खदया खजनहोन घनघोर तप खकया और अनक खसखदया पापत की इस पकार आखदना ऋषभना 100 पतो और बराहमरी ता सदररी नामक 2 पखतयो क खपता िन शररीमदभागवत क पञचम सकध एव जन गरो म चकवतती समराट राजा भरत क जरीवन एव उनक अनय जनमो का वणवन आता ह महाभारत क अनसार भरत का सामराजय सपणव भारतरीय उपमहादरीप म वयापत ा अयोधया इनकरी राजधानरी री इनक हरी कल म राजा हरररचदर हए और आग चलकर उपर िताए गए महान राजा हए अयोधया इकवाक और खफर रघवररी राजाओ करी िहत परानरी राजधानरी री पहल यह कौरल जनपद करी राजधानरी री पाचरीन उललिो क अनसार ति इसका कषतफल 96 वगव मरील ा वालमरीवखक रामायण क 5व सगव म अयोधयार पररी का वणवन खवसतार स खकया गया ह उततर भारत क तमाम खहससो म जस कौरल कखपलवसत वरालरी और खमखला आखद म अयोधया क इकवाक वर क रासको न हरी राजय कायम खकए अयोधया और पखतषानपर (झसरी) क इखतहास का उदगम बरहमाजरी क मानस पत मन स हरी समिद ह जस पखतषानपर और यहा क चदरवररी रासको करी सापना मन क पत ऐल स जड़री ह खजस खरव क शराप न इला िना खदया ा उसरी पकार अयोधया और उसका सयववर मन क पत इकवाक स पारमभ हआ

भगवान शररीराम क िाद िाद लव न शरावसतरी िसाई और इसका सवतत उललि अगल 800 वषथो तक खमलता ह कहत ह खक भगवान शररीराम क पत कर न एक िार पन राजधानरी अयोधया का पनखनवमावण कराया ा इसक िाद सयववर करी अगलरी 44 परीखढयो तक इसका अससततव िरकरार रहा रामचदर स लकर दापरकालरीन महाभारत और उसक िहत िाद तक हम अयोधया क सयववररी इकवाकओ क उललि खमलत ह इस वर का िहदर अखभमनय क हाो महाभारत क यद म मारा गया ा महाभारत क यद क िाद अयोधया उजड़-सरी गई लखकन उस दौर म भरी शररीराम जनमभखम का अससततव सरखकषत ा जो लगभग 14वी सदरी तक िरकरार रहा िहदर क कई काल िाद यह नगर यह नगर मगध क मौयथो स लकर गपतो और कननौज क रासको क अधरीन रहा अत म यहा महमद गजनरी क भाज सयद सालार न तकक रासन करी सापना करी वो िहराइच म 1033 ई म मारा गया ा उसक िाद तमर क पशचात जि जौनपर म रको का राजय साखपत हआ

तो अयोधया रखककयो क अधरीन हो गया खवरषरप स रक रासक महमद राह क रासन काल म 1440 ई म 1526 ई म िािर न मगल राजय करी सापना करी और उसक सनापखत न 1528 म यहा आकमण करक मससजद का खनमावण करवाया जो 1992 म मखदर-मससजद खववाद क चलत रामजनमभखम आनदोलन क दौरान ढहा दरी गई

ईसा क लगभग 100 वषव पवव उजन क चकवतती समराट खवकमाखदतय एक खदन आिट करत-करत अयोधया पहच गए कान होन क कारण अयोधया म सरय नदरी क खकनार एक आम क वकष क नरीच व अपनरी सना सखहत आराम करन लग उस समय यहा घना जगल हो चला ा कोई िसावट भरी यहा नही री महाराज खवकमाखदतय को इस भखम म कछ चमतकार खदिाई दन लग ति उनहोन िोज आरभ करी और पास क योगरी व सतो करी कपा स उनह जञात हआ खक यह शररीराम करी अवध भखम ह उन सतो क खनदवर स समराट न यहा एक भवय मखदर क सा हरी कप सरोवर महल आखद िनवाए कहत ह खक उनहोन शररीराम जनमभखम पर काल रग क कसौटरी पतर वाल 84 सतभो पर खवराल मखदर का खनमावण करवाया ा

अयोधया भारत क उततर पदर राजय का एक अखत पाचरीन धाखमवक नगर भारतरीयो क आराधय भगवान शररीराम करी जनमसलरी क रप म खवखयात ह यह पखवत सरय नदरी क तट पर िसा ह इस नगर को मन न िसाया ा और इस अयोधया का नाम खदया खजसका अव होता ह अ-यधय अाव जहा कभरी यद नही होता इस कौरल दर भरी कहा जाता ा अयोधया म सयववररीरघवररी

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राजाओ का राजय हआ करता ा खजसम भगवान शररी राम न अवतार खलए अयोधया को अवववद म ईशवर का नगर िताया गया ह और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह पभ शररी राम करी जनमसलरी होन क कारण अयोधया को मोकषदाखयनरी एव खहनदओ करी पमि तरीवसलरी क रप म माना जाता ह भारत करी गौरवरालरी आधयासतमक एव सासकखतक परमपरा का पखतखनखधतव करन वालरी अयोधया पाचरीनकाल स हरी धमव और ससकखत करी परम -पावन नगररी क रप म समपणव खवशव म खवखयात रहरी ह| वद म अयोधया को ईशवर का नगर िताया गया ह अषटचका नवदारा दवाना परयोधया और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह वतवमान अयोघया क पाचरीन मखदरो म सरीतारसोई ता हनमानगढरी मखय ह कछ मखदर 18वी ता 19वी रताबदरी म िन खजनम कनकभवन नागशवरना ता दरवनखसह मखदर दरवनरीय ह कछ जन मखदर भरी ह भगवान शररीराम करी लरीला क अखतररकत अयोधया म शररीहरर क अनय सात पाकटय हय ह खजनह सपतहरर क नाम स जाना जाता ह

अयोधया को भगवान राम करी नगररी कहा जाता ह मानयता ह खक यहा हनमान जरी सदव वास करत ह इसखलए अयोधया आकर भगवान राम क दरवन स पहल भकत हनमान जरी क दरवन करत ह यहा का सिस पमि हनमान मखदर हनमानगढरी क नाम स पखसद ह यह मखदर राजदार क सामन ऊच टरील पर ससत ह कहा जाता ह खक हनमान जरी यहा एक गफा म रहत और रामजनमभखम और रामकोट करी रकषा करत पभ शररीराम न हनमान जरी को य अखधकार खदया ा खक जो भरी भकत मर दरवनो क खलए अयोधया आएगा उस पहल तमहारा दरवन पजन करना होगा यहा आज भरी छोटरी दरीपावलरी क खदन आधरी रात को सकटमोचन का जनम खदवस मनाया जाता ह पखवत नगररी अयोधया म सरय नदरी म पाप धोन स पहल लोगो को भगवान हनमान स आजञा लनरी होतरी ह यह मखदर अयोधया म एक टरील पर ससत होन क कारण मखदर तक पहचन क खलए लगभग 76 सरीखढगया चढनरी पड़तरी ह इसक िाद पवनपत हनमान करी 6 इच करी पखतमा क दरवन होत हजो हमरा फल-मालाओ स सरोखभत रहतरी ह मखय मखदर म िाल हनमान क सा अजनरी माता करी पखतमा ह शरदालओ का मानना ह खक इस मखदर म आन स उनकरी साररी मनोकामनाए पणव होतरी ह मखदर पररसर म मा अजनरी व िाल हनमान करी मखतव ह खजसम हनमान जरी अपनरी मा अजनरी करी गोद म िालक क रप म खवराजमान ह इस मसनदर क खनमावण क परीछर करी एक का पचखलत ह सलतान मसर अलरी अवध का नवाि ा एक िार उसका एकमात पत गभरीर रप स िरीमार पड़ गया पाण िचन क आसार नही रह राखत करी काखलमा गहरान क सा हरी उसकरी नाड़री उिड़न लगरी तो सलतान न क हार कर सकटमोचक हनमान जरी क चरणो म माा रि खदया हनमान न अपन आराधय पभ शररीराम का धयान खकया और सलतान क पत करी धड़कन पनः पारमभ हो गई अपन

इकलौत पत क पाणो करी रकषा होन पर अवध क नवाि मसर अलरी न िजरगिलरी क चरणो म माा टरक खदया खजसक िाद नवाि न न कवल हनमान गढरी मखदर का जरीणथोदार कराया िसलक तामरपत पर खलिकर य घोषणा करी खक कभरी भरी इस मखदर पर खकसरी राजा या रासक का कोई अखधकार नही रहगा और न हरी यहा क चढाव स कोई कर वसल खकया जाएगा उसन 52 िरीघा भखम हनमान गढरी व इमलरी वन क खलए उपलबध करवाई इस हनमान मखदर क खनमावण क कोई सपषट साकय तो नही खमलत ह लखकन कहत ह खक अयोधया न जान खकतनरी िार िसरी और उजड़री लखकन खफर भरी एक सान जो हमरा अपन मल रप म रहा वो हनमान टरीला ह जो आज हनमान गढरी क नाम स पखसद ह लका स खवजय क पतरीक रप म लाए गए खनरान भरी इसरी मखदर म रि गए जो आज भरी िास मौक पर िाहर खनकाल जात ह और जगह-जगह पर उनकरी पजा-अचवना करी जातरी ह मसनदर म खवराजमान हनमान जरी को वतवमान अयोधया का राजा माना जाता ह कहत ह खक हनमान यहा एक गफा म रहत और रामजनमभखम और रामकोट करी रकषा करत |

अयोधया घाटो और मखदरो करी पखसद नगररी ह सरय नदरी यहा स होकर िहतरी ह सरय नदरी क खकनार 14 पमि घाट ह इनम गपतदार घाट ककयरी घाट कौरलया घाट पापमोचन घाट लकमण घाट आखद खवरष उललिनरीय ह मखदरो म कनक भवन सिस सदर ह लोकमानयता क अनसार ककयरी न इस सरीता को मह खदिाई म खदया ा ऊच टरील पर हनमानगढरी आकषवक का कदर ह इस नगर म रामजनमभखम-सल करी िड़री मखहमा ह शररीराम क वन गमन पर भरत जि उनह लौटान हत उनक पास गय और शररीराम न भरत क सि पकार क अननय खवनय को सखवनय असवरीकार कर खदया तो भरत को रामचदरजरी करी िड़ाऊ लकर हरी सतोष करना पड़ा इस समय रामचदरजरी और अयोधया क िहत स लोगो क समकष भरत न कहा ा-

चतयदयश िी सपणय षवदवि मनरघतम नदकरवामम रमद तवा त पकरवामम ितवाशन

अावत ह रघकल शरष खजस खदन चौदह वषव पर होग उस खदन यखद आपको अयोधया म नहरी दिगा तो अखनि म पवर कर जाऊगा अावत आतमदाह दारा पाण तयाग दगा भरत क मि स ऐस पखतजञापणव रबद सनकर रामचदर जरी न अपनरी आतमा करी पखतमखतव भरत को आशवसत करत हए कहा ा- तखत पखतजञाय-अावत ऐसा हरी होगा उनका आरय सपषट ा खक खजस खदन 14 वषव का वनवास पणव हो जाएगा मर अनज भरत म उसरी खदन अयोधया पहच जाऊगा रामचदरजरी अपन खदय वचनो को कभरी खवसमत नहरी करत इसखलए भाई भरत को खदय य वचन उनह पर वनवास काल म भलरी पकार समरण रह

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 69

गोसवामरी तलसरीदास जरी न ऐसरी हरी अयोधया करी तो कलपना करी री शररीमदरामचररतमानस करी अवधारणा म उनक रामराजय करी कलपना यहरी तो ह आसा आतमसममान और आतमखनभवरता यहरी उदोष तो सभरी सनातन रासत करत ह

अयोधया अवा शररीराम कवल एक सान और दवता भर नहरी ह राम क खिना तो भारत भारतरीयता और यहा तक खक मनषयता करी भरी पररकलपना नहरी करी जा सकतरी ह खजस मन स मनषय सजञा साकार होतरी ह वहरी तो हमार और शररीराम क भरी आखद परष ह यानरी समसत मानव जाखत क आखद परष यह सोच कर हरी अदभत आभास होता ह खक हम खकन महान परषो क वरज ह हमाररी आय कया ह और आसा खकतनरी गहररी और महान ह इन सभरी तथयो को हम गोसवामरी जरी क दादस गरो और उनक सवय क जरीवन म दि सकत ह

लोकसरर म लोक मगल गोसवामरी तलसरीदास न रामभसकत क

दारा न कवल अपना हरी जरीवन कताव खकया वरन सभरी को शररीराम क आदरथो स

िाधन का पयास खकया वालमरीखक जरी करी रचना रामायण को आधार मानकर गोसवामरी तलसरीदास न लोक भाषा म राम का करी रचना करीसमपणव भारतवषव म गोसवामरी तलसरीदास क समरण म तलसरी जयतरी मनाई जातरी ह शरावण मास करी सपतमरी क खदन तलसरीदास करी जयतरी मनाई जातरी ह गोसवामरी तलसरीदास न सगण भसकत करी रामभसकत धारा को ऐसा पवाखहत खकया खक वह धारा आज भरी पवाखहत हो रहरी ह गोसवामरी तलसरी दास लोक मगल क लोक सवरो क पणता ह वह गढ जञान को लोक करी भाषा म रबद दन म खसदहसत ह वह लोक करी चतना और उसक समपषण क खलए सतत पयतररील ह वह खजतन िड़र भकत ह उसस भरी िड़र मनषय मानव उनकरी रचना क कदर म ह इसरीखलए वह आज भरी लोक म उतन हरी घल खमल ह भारत करी जञान परमपरा को लोक म पवाखहत करन करी उनकरी महनत िद म िहत कछ कह जातरी ह साखहतय स इात कवल भसकत को भरी दि तो तलसरी को गा कर आज हजारो लोग अपनरी रोजरी चला रह ह मानस ममवजञ और मानस क वयाखयाता िन कर परसकत और सममाखनत

आसा आतमसमान और आतममनभशरता

तलसी की परतयक ककवत कालजयी ह उनक परतयक िबद सनदि और मतर ह उनकी हर रचना पथिी की धाररता को भी पार करन िाली ह िह वजतन बड कवि ह उसस भी बड

यगदरषटा ह समय को पढऩा और उसक अनरप चतना

विवकसत कर लोक को जगा दन म िह मावहर ह

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शी अयोधया जी म भगिान शीराम की जनमभवम पर शीराम मवदर का वनमाषण एक नए यग का सतरपात ह यह आसथािान आतमसिावभमान स पररपणष आतमवनभषर भारत क निवनमाषण की आधारविला भी ह सकडो िषषो की पराधीनता स मत अयोधया को दखना सिय म अवत सखद ह हम उस पीढी क लोग ह जो सवदयो स दगध इवतहास को उजल सिरप म दखन जा रह ह ऐस नए भारत क सिरप को यवद साकार होत हम दख

रह ह तो यह हमारा सौभागय ह

लिक भखमटरक डरवलपसव पा० खल० लिनऊ क खनदरक ह

सजय खसह

सिभव गोसरामी तलसीिास और उनक दािस गरथ

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हो रह ह एक मानस स हरी आज हजारो घर पललखवत और पसषपत हो रह ह अदभत रचना ससार ह गोसवामरी जरी का उतनरी खवरद राखर को भला कछ पननो और रबदो म कस समटा जा सकता ह तलसरी करी पतयक कखत कालजयरी ह उनक पतयक रबद सनदर और मत ह उनकरी हर रचना पथवरी करी धाररता को भरी पार करन वालरी ह वह खजतन िड़र कखव ह उसस भरी िड़र यगदरषटा ह समय को पढऩा और उसक अनरप चतना खवखकसत कर लोक को जगा दन म वह माखहर ह

तलसरीदास जरी खजनका नाम आत हरी पभ राम का सवरप भरी सामन उभर आता ह तलसरीदास जरी रामचररत मानस क रचखयता ता उस भसकत को पान वाल जो अनक जनमो को धारण करन क पशचात भरी नही खमल पातरी उसरी अदभत सवरप को पान वाल तलसरीदास जरी सभरी क खलए सममाननरीय एव पजनरीय रह तलसरीदास जरी का जनम सवत 1589 को उततर पदर क िादा खजला क राजापर नामक गराम म हआ ा इनक खपता का नाम आतमाराम दि ता माता का नाम हलसरी ा तलसरीदास जरी न अपन िालयकाल म अनक दि सह यवा होन पर इनका खववाह

रतावलरी स हआ अपनरी पतरी रतावलरी स इनह अतयाखधक पम ा परत अपन इसरी पम क कारण उनह एक िार अपनरी पतरी रतावलरी करी फटकार lsquoलाज न आई आपको दौर आएह नाrsquo असस चमव मय दह यह ता सो ऐसरी परीखत ता नक जो होतरी राम स तो काह भव-भरीत िरीता न उनक जरीवन करी खदरा हरी िदल दरी और तलसरी जरी राम जरी करी भसकत म ऐस डि खक उनक अननय भकत िन गए िाद म इनहोन गर िािा नरहररदास स दरीकषा पापत करी

समाज क पथपिशवकतलसरीदास जरी न उस समय म समाज म फलरी अनक कररीखतयो

को दर करन का पयास खकया अपनरी रचनाओ दारा उनहोन खवधमती िातो पवाद और सामाज म उतपनन िराइयो करी आलोचना करी उनहोन साकार उपासना गो-बराहमण रकषा सगणवाद एव पाचरीन ससकखत क सममान को उपर उान का पयास खकया वह रामराजय करी पररकलपना करत इधर उनक इस कायथो क दारा समाज क कछ लोग उनस ईषरया करन लग ता उनकरी रचनाओ को नषट करन क पयास भरी खकए खकत कोई भरी उनकरी कखततयो को हाखन नही पहचा सका आज भरी भारत क कोन-कोन म रामलरीलाओ का मचन होता ह उनक जयतरी क उपलकय म दर क कोन कोन म रामचररत मानस ता उनक खनखमवत गरो का पा खकया जाता ह

अयोधया काशी और तलसीिासभगवान रकरजरी करी परणा स रामरल पर रहन वाल शररी

अननताननद जरी क खपय खरषय शररीनरहयावननद जरी न इस रामिोला क नाम स िहचखचवत हो चक िालक को ढढ खनकाला और खवखधवत उसका नाम तलसरीराम रिा तदपरानत व उस अयोधया ल गय और वहा सवत 1561 माघ रकल पचमरी (रकवार) को उसका यजञोपवरीत-ससकार समपनन कराया ससकार क समय भरी खिना खसिाय हरी िालक रामिोला न गायतरी-मनत का सपषट उचारण खकया खजस दिकर सि लोग चखकत हो गय इसक िाद नरहरर िािा न वषणवो क पाच ससकार करक िालक को राम-मनत करी दरीकषा दरी और अयोधया म हरी रहकर उस खवदाधययन कराया िालक रामिोला करी िखद िड़री पिर री वह एक हरी िार म गर-मि स जो सन लता उस वह क स हो जाता वहा स कछ काल क िाद गर-खरषय दोनो रकरकषत (सोरो) पहच वहा नरहरर िािा न िालक को राम-का सनायरी खकनत वह उस भलरी-भाखत समझ न आयरी जयष रकल तयोदररी गरवार सवत 1583 को 29 वषव करी आय म राजापर स ोड़री हरी दर यमना क उस पार ससत एक गाव करी अखत सनदररी भारदाज गोत करी कनया रतावलरी क सा उनका खववाह हआ चखक गौना नही हआ ा अत कछ समय क खलय व काररी चल गय और वहा रष सनातन जरी क पास रहकर वद-वदाग क अधययन म जट गय वहा रहत हए अचानक एक खदन उनह अपनरी पतरी करी याद आयरी और व

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वयाकल होन लग जि नही रहा गया तो गरजरी स आजञा लकर व अपनरी जनमभखम राजापर लौट आय पतरी रतावलरी चखक मायक म हरी री अत तलसरीराम न भयकर अधररी रात म उफनतरी यमना नदरी तरकर पार करी और सरीध अपनरी पतरी क रयन-ककष म जा पहच रतावलरी इतनरी रात गय अपन पखत को अकल आया दि कर आशचयवचखकत हो गयरी उसन लोक-लजा क भय स जि उनह चपचाप वापस जान को कहा तो व उसस उसरी समय घर चलन का आगरह करन लग उनकरी इस अपतयाखरत खजद स िरीझकर रतावलरी न सवरखचत एक दोह क माधयम स जो खरकषा उनह दरी उसन हरी तलसरीराम को तलसरीदास िना खदया रतावलरी न जो दोहा कहा ा वह इस पकार ह-

अनसथ चमय मर दि रि तवा सो ऐसी पीमत

नक जरो िरोती रवाम स तरो कवाि भ-भीत

ससककत म पदय-रचनासवत 1628 म वह हनमान जरी करी आजञा लकर अयोधया करी

ओर चल पड़र उन खदनो पयाग म माघ मला लगा हआ ा व वहा कछ खदन क खलय हर गय पवव क छह खदन िाद एक वटवकष क नरीच उनह भारदाज और याजञवलकयमखन क दरवन हए वहा उस समय वहरी का हो रहरी री जो उनहोन सकरकषत म अपन गर स सनरी री माघ मला समापत होत हरी तलसरीदास जरी पयाग स पन वापस काररी आ गय और वहा क पहादघाट पर एक बराहमण क घर खनवास खकया वही रहत हए उनक अनदर कखवतव-रसकत का पसफरण हआ और व ससकत म पद-रचना करन लग परनत खदन म व खजतन पद रचत राखत म व सि लपत हो जात आव खदन तलसरीदास जरी को सवपन हआ भगवान रकर न उनह आदर खदया खक तम अपनरी भाषा म कावय रचना करो तलसरीदास जरी करी नीद उचट गयरी व उकर ि गय उसरी समय भगवान खरव और पाववतरी उनक सामन पकट हए तलसरीदास जरी न उनह साषटाग पणाम खकया इस पर पसनन होकर खरव जरी न कहा तम अयोधया म जाकर रहो और खहनदरी म कावय-रचना करो मर आररीवावद स तमहाररी कखवता सामवद क समान फलवतरी होगरी इतना कहकर गौररीरकर अनतधावन हो गय तलसरीदास जरी उनकरी आजञा खररोधायव कर काररी स सरीध अयोधया चल गय

तलसीिास की रचनाएअपन 126 वषव क दरीघव जरीवन-काल म तलसरीदास न

कालकमानसार खनमनखलखित कालजयरी गरनो करी रचनाए की-

रामललानहछ वरागयसदरीपनरी रामाजञापशन जानकरी-मगल रामचररतमानस सतसई पाववतरी-मगल गरीतावलरी खवनय-पखतका कषण-गरीतावलरी िरव रामायण दोहावलरी और कखवतावलरी

इनम स रामचररतमानस खवनय-पखतका कखवतावलरी गरीतावलरी जसरी कखतयो क खवषय म खकसरी कखव करी यह आषववाणरी सटरीक पतरीत होतरी ह - पशय दवसय कावय न मणोखत न जरीयवखत अावत दवपरषो का कावय दखिय जो न मरता न पराना होता ह

लगभग चार सौ वषव पवव तलसरीदास जरी न अपनरी कखतयो करी रचना करी री आधखनक पकारन-सखवधाओ स रखहत उस काल म भरी तलसरीदास का कावय जन-जन तक पहच चका ा यह उनक कखव रप म लोकखपय होन का पतयकष पमाण ह मानस जस वहद गरन को कणस करक सामानय पढर खलि लोग भरी अपनरी रखचता एव जञान क खलए पखसद होन लग

रामचररतमानस तलसरीदास जरी का सवावखधक लोकखपय गरन रहा ह उनहोन अपनरी रचनाओ क समिनध म कही कोई उललि नही खकया ह इसखलए पामाखणक रचनाओ क समिनध म अनत साकय का अभाव खदिायरी दता ह नागररी पचाररणरी सभा काररी दारा पकाखरत गरन इस पकार ह-

रामचररतमानस रामललानहछ वरागय-सदरीपनरी िरव रामायण पाववतरी-मगल जानकरी-मगल रामाजञापशन दोहावलरी कखवतावलरी गरीतावलरी शररीकषण-गरीतावलरी खवनय-पखतका सतसई छदावलरी रामायण कडखलया रामायण राम रलाका सकट मोचन करिा रामायण रोला रामायण झलना छपपय रामायण कखवतत रामायण कखलधमावधमव खनरपण हनमान चालरीसा

एनसाइकलोपरीखडया ऑफ ररलरीजन एड एखकस म खगरयसवन न भरी उपरोकत पम िारह गरनो का उललि खकया ह

शीराम सर भटकछ काल राजापर रहन क िाद व पन काररी चल गय और

वहा करी जनता को राम-का सनान लग का क दौरान उनह एक खदन मनषय क वष म एक पत खमला खजसन उनह हनमान जरी का पता ितलाया हनमान जरी स खमलकर तलसरीदास न उनस शररीरघना जरी का दरवन करान करी पावना करी हनमान जरी न कहा तमह खचतकट म रघना जरी दरवन होग इस पर तलसरीदास जरी खचतकट करी ओर चल पड़र खचतकट पहच कर उनहोन रामघाट पर अपना आसन जमाया एक खदन व पदखकषणा करन खनकल हरी खक यकायक मागव म उनह शररीराम क दरवन हए उनहोन दिा खक दो िड़र हरी सनदर राजकमार घोड़ो पर सवार होकर धनष-िाण खलय जा रह ह तलसरीदास उनह दिकर आकखषवत तो हए परनत उनह पहचान न सक तभरी परीछर स हनमानजरी न आकर जि उनह सारा भद िताया तो व पशचाताप करन लग इस पर हनमान जरी न उनह सातवना दरी और कहा पात काल खफर दरवन होग सवत 1607 करी मौनरी अमावसया को िधवार क खदन उनक सामन भगवान शररीराम पन पकट हए उनहोन िालक रप म आकर तलसरीदास

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स कहा िािा हम चनदन चाखहय कया आप हम चनदन द सकत ह हनमान जरी न सोचा कही व इस िार भरी धोिा न िा जाय इसखलय उनहोन तोत का रप धारण करक यह दोहा कहा

मचरिकट क घवाट पर भइ सनतन की भीर

तलसीदवास चनदन मघस मतलक दत रघबीर

तलसरीदास शररीराम जरी करी उस अदभत छखव को खनहार कर अपन रररीर करी सध-िध हरी भल गय अनततोगतवा भगवान न सवय अपन हा स चनदन लकर अपन ता तलसरीदास जरी क मसतक पर लगाया और अनतधरयान हो गय

कखलकाल क िहान स तलसरी कखवतावलरी और खवनयपखतका म िाहय समाज म वयापत लोभ खलपसा ईषरया-दष रोषण भि िकाररी अकाल सामखजक अराजकता सासकखतक अपदषण सामतरी वगव करी मनमानरी कटटरपरी धमाववलसमियो क वणवन क सा तलसरी क अतमवन और तन करी परीड़ा का उललि खकया ह आलोचक रमर कतल मघ करी साहसपणव मगर वसतखनष खटपणणरी तलसरीदास क वयसकततव और कखततव को रिाखकत करतरी ह जि व समाज क पर रगमच को दित-दित ता भोगत-भोगत याववादरी एव वयवाहररक भरी हो जात ह (दोहावलरी कखवतावलरी हनमानिाहकाखद) ति व कखलकाल करी गदवन मरोड़ दत ह अपन जरीवन क परवतती चरण म तलसरी आधयासतमक और सवपनदरषटा क िजाय धाखमवक और याव दरषटा हए ह उनहोन अतत घोखषत हरी खकया करी सार समाज तत का आधार lsquoपटrsquo अावत आखवक रसकत ह (कखवतावालरी) यह उनक समाज दरवन करी महततम खसखद ह जो उनह किरीर तक स िहत आग ल जा सकतरी ह आखवक दररदरता को इतना भोगन-समझन वाला मनषय दररदरता क सामाखजक पररणामो को इतना सटरीक खवशलखषत करन वाला समाज-परष और दररदरता स इतनरी पगाढ नफरत करन वाला लोककखव तलसरी क अलावा कोई नही ह

रामचररतमानस की रचनासवत 1631 का पारमभ हआ दवयोग स उस वषव रामनवमरी

क खदन वसा हरी योग आया जसा ततायग म राम-जनम क खदन ा उस खदन पातकाल तलसरीदास जरी न शररीरामचररतमानस करी रचना पारमभ करी दो वषव सात महरीन और छबिरीस खदन म यह अदभत गरन समपनन हआ सवत 1633 क मागवररीषव रकलपकष म राम-खववाह क खदन सातो काणड पणव हो गय इसक िाद भगवान करी आजञा स तलसरीदास जरी काररी चल आय वहा उनहोन भगवान खवशवना और माता अननपणाव को शररीरामचररतमानस सनाया रात को पसतक खवशवना-मसनदर म रि दरी गयरी पात काल जि मसनदर क पट िोल गय तो पसतक पर खलिा हआ पाया गया-सतय खरव सनदरम खजसक नरीच भगवान रकर करी सहरी (पसषट) री उस समय वहा उपससत लोगो न सतय खरव सनदरम करी आवाज

भरी कानो स सनरी इधर काररी क पसणडतो को जि यह िात पता चलरी तो उनक मन म ईषरया उतपनन हई व दल िनाकर तलसरीदास जरी करी खननदा और उस पसतक को नषट करन का पयत करन लग उनहोन पसतक चरान क खलय दो चोर भरी भज चोरो न जाकर दिा खक तलसरीदास जरी करी कटरी क आसपास दो यवक धनषिाण खलय पहरा द रह ह दोनो यवक िड़र हरी सनदर कमर शयाम और गौर वणव क उनक दरवन करत हरी चोरो करी िखद रद हो गयरी उनहोन उसरी समय स चोररी करना छोड़ खदया और भगवान क भजन म लग गय तलसरीदास जरी न अपन खलय भगवान को कषट हआ जान कटरी का सारा समान लटा खदया और पसतक अपन खमत टोडरमल (अकिर क नौरतो म एक) क यहा रिवा दरी इसक िाद उनहोन अपनरी खवलकषण समरण रसकत स एक दसररी पखत खलिरी उसरी क आधार पर दसररी पखतखलखपया तयार करी गयी और पसतक का पचार खदनो-खदन िढऩ लगा इधर काररी क पसणडतो न और कोई उपाय न दि शररी मधसदन सरसवतरी नाम क महापसणडत को उस पसतक को दिकर अपनरी सममखत दन करी पावना करी मधसदन सरसवतरी जरी न उस दिकर िड़री पसननता पकट करी और उस पर अपनरी ओर स यह खटपपणरी खलि दरी-

आननदकवानन हवानसमञजङगमसतलसीतर

कमतवामञजरी भवामत रवामभरमरभमषतवा

इसका खहनदरी म अव इस पकार ह काररी क आननद-वन म तलसरीदास साकषात चलता-खफरता तलसरी का पौधा ह उसकरी कावय-मञजररी िड़री हरी मनोहर ह खजस पर शररीराम रपरी भवरा सदा मडराता रहता ह पसणडतो को उनकरी इस खटपपणरी पर भरी सतोष नही हआ ति पसतक करी पररीकषा का एक अनय उपाय सोचा गया काररी क खवशवना-मसनदर म भगवान खवशवना क सामन सिस ऊपर वद उनक नरीच रासत रासतो क नरीच पराणऔर सिक नरीच रामचररतमानस रि खदया गया पात काल जि मसनदर िोला गया तो लोगो न दिा खक शररीरामचररतमानस वदो क ऊपर रिा हआ ह अि तो सभरी पसणडत िड़र लखजत हए उनहोन तलसरीदास जरी स कषमा मागरी और भसकत-भाव स उनका चरणोदक खलया

तलसरीदास जरी जि काररी क खवखयात घाट असरीघाट पर रहन लग तो एक रात कखलयग मतव रप धारण कर उनक पास आया और उनह परीड़ा पहचान लगा तलसरीदास जरी न उसरी समय हनमान जरी का धयान खकया हनमान जरी न साकषात पकट होकर उनह पावना क पद रचन को कहा इसक पशचात उनहोन अपनरी असनतम कखत खवनय-पखतका खलिरी और उस भगवान क चरणो म समखपवत कर खदया शररीराम जरी न उस पर सवय अपन हसताकषर कर खदय और तलसरीदास जरी को खनभवय कर खदया सवत 1680 म शरावण कषण ततरीया रखनवार को तलसरीदास जरी न राम-राम कहत हए अपना रररीर पररतयाग खकया

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अतमलतबलधवाम िमशलवाभदि

दनजनकशवान जञवामननवामगरगणरम

सकलगणमनधवान वानरवाणवामधीश

रघपमतमपरभकत वातजवात नमवामम

ऐस तो शररीअयोधयाजरी सखहत समपणव जगत हरी राममय ह और भारत करी कोई भरी पररकलपना राम स असपकत हो हरी नही सकतरी भारतरीय जन-मन भारतरीय जरीवन और दि तो सपणव भारतरीय पाररससखतकरी हरी राममय ह कहा भरी गया ह-सरीय राममय सि जग जानरी

करउ पनवाम जरोरर जग पवानी असत जहा राम ह वहा सरीता ह और वही ह शररीराम भकत िजरगिलरी हनमान

शररीअयोधया जरी तो अवववद क अनसार भरी सवगव सरी समद ईशवर करी नगररी ह खजसक कण-कण म राम नाम करी मखहमा पररवयापत

ह ऐस म राम क सा हरी रामभकत शररी हनमान भरी यहा खवरष रप स खवराजमान ह ऐसरी आशवससत ह खक अयोधया करी रकषा क खलए सवय पभ शररीराम न हनमानजरी को यहा खवराजमान रहन क खलए कहा ा राम स पहल रामभकत हनमान करी तज़व पर यहा आकर भकत राम क दरवन स पहल हनमानगढरी जाकर शररी हनमानजरी क दरवन करत ह मखदर म भल हरी िाल रप म शररीहनमानजरी जरी करी मात छः इच लिरी पखतमा ह पर इस पखतमा करी मखहमा करोड़ो खहनदओ सखहत अवध क नवाि मसर अलरी राह न दिा और परिा ह 76 सरीखढया चढकर जि भकत मा अजनरी करी गोद म लटर शररीहनमानजरी क िाल रप क दरवन करन जात ह तो उनह वह खदवय अनभखत होतरी ह खक हा शररीहनमानजरी क खिना शररीराम क दरवन का वह महतव नही

साकत नगररी अयोधया स जहा कोखट-कोखट खहदओ करी अगाध राम-आसा सननद

हनमान समपशि का सिवोतम षट भाि

एक बार सीता माता को वसदर लगात दख हनमानजी न इसका परयोजन जानना चाहा जब मा सीता न यह कहा वक इसस परभ राम

परसनि होग तो शीहनमानजी न अपन पर िरीर को ही वसदर स रग वलया इस

परकरण क बाद परभ शीराम क परवत उनकी वनषिा न जनमानस क बीच उनह भकत का कदर बना वदया

और उनकी परवतमा पर वसदर लवपत करना आसथा का

विषय बन गया

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आईग टरीग िरी ग परीग जिलपर म वररष अखधकाररी एव सपखसद लिक

कमलर कमल

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ह वही यह समपवण क सववोतकषट रप म शररीहनमानजरी को रपाखयत करतरी ह जनमानस म यह आशवससत ह खक और कोई नही सवय शररीहनमानजरी हरी शररीराम जनमभखम और इसक राजकोट करी रकषा करत ह

अयोधयानगररी हरी नही सपणव आयाववतव म शररी राम क सा हरी शररीहनमानजरी करी मखहमा गाई जातरी ह

धयातवय ह खक सामानय अखभवादन स लकर उन िन छीकन तक पर राम-राम कहन करी परपरा स लकर इहलरीला करी पररसमाखपत पर राम नाम सतय ह का सामखहक उदोष ह तो रसकत और भसकत क पकषटतम पारप क रप म शररी हनमान का जयघोष और उदोष ह

सभरी यगो म रभ क पसार हत साध-सत और कावाचक पभ राम क माहातमय को जन-जन तक पहचान का पयास करत ह कहा भरी गया ह-

रवामकथवा समस मकरन समवानवा

सत चकोर करखह जखह पानाअसत जहा राम ह वही हनमान भरी ह हर राम का म हनमानजरी करी तसवरीर या पखतमा अवशय होतरी ह अगाध और अटट खनषा और खनषकाम समपवण क ददरीपयमान सतमभ क रप म हनमानजरी करी मखहमा आज इतनरी वयापक ह खक समपणव भारत वषव म राम स अखधक मखदर हनमान क ह मगलवार का खदन हरी शररी हनमान करी भसकत को समखपवत ह और इस खदन मखदरो म खजतनरी लिरी-लिरी कतार लगतरी ह वह जनमानस करी हनमानजरी क पखत आसा को रपाखयत करता ह इतना हरी नही हनमानजरी करी मखतव पर जो खसदर लखपत खकया जाता ह वह भरी पकारानतर स शररीराम क पखत भसकत को हरी रपाखयत करता ह

का ह खक एक िार सरीता माता को खसदर लगात दि हनमानजरी न इसका पयोजन जानना चाहा जि मा सरीता न यह कहा खक इसस पभ राम पसनन होग तो शररीहनमानजरी न अपन पर रररीर को हरी खसदर स रग खलया इस पकरण क िाद पभ शररीराम क पखत उनकरी खनषा न जनमानस क िरीच उनह भसकत का कदर िना खदया और उनकरी पखतमा पर खसदर लखपत करना आसा का खवषय िन गया तलसरीदास जरी न खलिा-

लवाल दि लवाली लस अर धरर लवाल लगर

जर दि दवान दलन जर-जर-जर कमप शर

धयातवय ह खक शररीहनमानजरी को खनषकाम भसकत का सववोतकषट रप कहा जाता ह जनमानस म यह िात इतनरी घर कर गई ह खक जि कोई खकसरी क पखत िहत शरदा रिता ह और उस खवशवास नही खदला पाता ह तो कहता ह- हनमान तो ह नही खक छातरी चरीरकर खदिा सक वह पतरीकातमक तसवरीर खजसम शररी हनमान न छातरी चरीर कर राम और सरीता करी तसवरीर का दरवन कराया ह सामानय लोक म यह आसा खवकखसत और पोखषत करन म सववा सकषम ह खक खनषकाम और पणव समपवण म पररी भारतरीय ससकखत म शररी हनमान स

िड़ा कोई उदाहरण नही खदिता

खनषकाम समपवण करी िात भाषा-खवजञान क आलोक म भरी खसद होतरी ह महतवपणव यह ह खक अतखलत िल क धाम( खनवास सान) जञाखनयो क नामो म सिस आग खगन जान वाल और सकल (सभरी) गणो क खनधान( अमानत Treasury treasurer trove) वानरो क पमि पवनपत को हम lsquoहनमानrsquo नाम स हरी कयो जानत ह

सनातन ससकखत क अपखतम धवज-धारक भगवान रकराचायव न कहा-

अिमनयश मक पररमचनतनीर

ससवार ममथरवात मशवातमतत

इसम व खजस तरह खरव-ततव और आतम ततव क खचतन करी िात करत ह ससार करी खनससारता करी िात करत ह हनमान जरी करी राम भसकत उसका सिस िड़ा पमाण ह आइए इस रबद क सजञा-वखरषटय को दि

अगर हम lsquoहनमानrsquo रबद करी वयाखया - समास-खवगरह क आधार पर कर तो िात सपषट हो जातरी ह lsquoहनमानrsquo रबद lsquoहन+ मानrsquo स िना ह lsquoहनrsquo रबद क दो अव ह

1 हनन करना और 2 जिड़ा

इस तरह हनमान रबद क भरी दो अव हए

खजसन हनन कर खलया -अपन मान घमड का (िहवररीखह समास)

हन( जिड़ा) ह खजसका मान - कमवधारय समास

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 75

समास खवगरह का खनयम ह खक जहा िहवररीखह और कमवधारय दोनो समास हो वहा िहवररीखह को वररीयता दरी जातरी ह ताखककक और िौखदक धरातल पर खवचार कर तो सपषट ह खक पहलरी वयाखया हरी तककसगत और समरीचरीन ह ऐस भरी इतन गणो क आगर (िान mine) हो जो राम जरी का खपय भकत हो और तो और वह हनन( हतया) हरी कर चका हो अपन मान तक का तो सिस िड़री खवरषता खफर यहरी ह राम काज करीज खिना मोखह कहा खवशराम का उदोष करन वाल पवनपत तो राम करी सतता क सा हरी अनसयत और खनमखजत स हो गए ह

ऐस इस सदभव म एक का यह भरी ह खक इदर न अपन वजर क पहार स पवनपत क हन (डरी) को कषखतगरसत कर खदया खजसक िाद उनका नाम हरी हनमान हो गया हालाखक उनही क आररीष स इनका रररीर वजर करी हरी भाखत मज़ित हो गया खजस कारण इनह वजराग कहा गया वयाकरखणक रप स दि तो वजर+अग = वजराग िनता ह यहा भरी िहवररीखह समास ह- व खजनक अग वजर क समान ह लौखकक रप म वजराग वजरग और वजरग स िजरग हो गया अतयखधक िलरालरी होन क कारण िलरी खवरषण भरी सननद हो गया वजर जसरी मज़ितरी क कारण इनह वजरदह वजरागरी (लौखकक रप िजरगरी) वजरकटक आखद भरी कहा जाता ह

हनमानजरी जरी क खपता का नाम कसररी ा इस कारण इनह कसररीनदन कसररीसवन कहा जाता ह रीक इसरी तरह माता अजखन क पत होन क कारण इनह आजनय (अजनरी+एय पतयय) अजनरीसत अजखनपत अजखन क लाल आखद भरी कहा जाता ह

मरत अवा वाय क दवता स जड़र होन क कारण इनह मारत(मरत +अ पतयय = मारत) कहा जाता ह इसरी तरह इनह मारखत(मरत + सतानवाचक इ पतयय) पवननदन पवनसत मरतसत पवनज वातपत वातातमज पवनातमज और पवनपत भरी

कहा जाता ह खजसका अव ह- वायदवता क पत सभरी सकटो स रकषा करन क कारण इनह सकटमोचन कहा जाता ह एव िदरो क ईशवर होन क कारण इनह कपरीर (कखप+ईर) कपरीशवर वानरनदर आखद कहा जाता ह

धयातवय ह खक जयोखतषरीय गणना एव लोकमानयता क अनसार शररीहनमानजरी का जनम 58 हजार 112 वषव पवव तता यग क अखतम चरण म चत पखणवमा खदन मगलवार खचता नकषत एव मष लनि म सिह 6 िज क कररीि झारिड राजय क गमला खजल क आजन नाम क एक छोटर स पववतरीय गाव म हआ ा इस छोटरी सरी जगह म जनम लकर यह खदवय िालक कालातर म अपन तज अपन

बरहमचयव अपनरी मधा एव अपनरी अलौखकक रसकतयो स सपणव आयाववतव म पजय हो गया ऐस तो हनमानजरी बरहमा का सा आचरण करन वाल बरहमचाररी री लखकन एक मानयता ह खक इनक पसरीन स एक मकरधवज नामक िालक करी उतपखतत हई री इस मानयता करी पसषट खवखवध पामाखणक सदभथो स नही होतरी

बरहमाडपराण क अनसार शररी हनमानजरी अपनरी माता अजखन क सिस िड़र पत एव उनक 5 अनय भाई खजनक नाम - मखतमान शरखतमान कतमान गखतमान और धखतमान महाभारत काल म महािलरी भरीम भरी पवन क पत होन क नात इनक भाई अपन जयष भाता होन का कतववय खनभात हए इनहोन भरीमसन का दपव भजन खकया और उनह

खवनयररीलता करी खरकषा दरी री यग िदलत रह पररससखतया िदलतरी रही पर शररीहनमानजरी क पखत जनमानस करी आसा और भसकत सदा िलवतरी हरी होतरी गई िनारस पयागराज पटना महदरीपर आखद शररीहनमान जरी स सिधद अनकानक रहर जरीवत तरीव होत चल गए

यहा हरकर राम और मानस पर भरी दसषटपात कर लना उखचत होगा यग-यगातर क खलए मनषय करी समखत म अतयततम आदरव का पकारसतभ ह राम चाररखतक औदातय पणव-चतना आलोचनातमक

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खववक एव दारवखनक मलयानभखत क पणव-पररपाक ह शररीराम कह सकत ह खक-

शील-शनकत-मरवायदवा क पकषटतम पमवाण ि रवाम

ऐस िी निी घर-घर पज जवात ि पभ रवाम

और रामचररतमानस कया ह रामचररतमानस ह - राम क चररत को हर मानस म उदभाखसत-अवससत करन का मानवता क इखतहास का सववोततम पयास यह कवल एक महाकावयातमक गर हरी नही ह खजसक सा धाखमवक आसा सननद ह वरन यह तो मनषय जाखत क आतयसनतक रभ करी समयक पररकलपना ह इस कराल कखलकाल म जहा मानव-मलयो का कषरण दरत गखत स हो रहा ह मानस क आलोक म मानव जाखत क आतयखतक रभ करी समयक पररकलपना हमार खलए आशवससतकारक हरी नही खदराखनदवरक भरी ह राजा कसा हो पत कसा हो पतरी कसरी हो खमत कसा हो यह हम मानस िताता ह ऐस म भसकत कसरी हो और भकत कसा हो उसका खवराट रप हम शररी हनमान क रप म दसषटगोचर होता ह ऐस भसकत और रसकत हरी कयो हम शररीहनमानजरी करी चतराई भरी दिनरी चाखहए-

जस जस सरसवा दन बढवावा

तास दनरी कखप रप दिावा क खवराट रप क िाद अचानक हरी मकिरी क सकम रप म सरसा क मह म पवर कर िाहर खनकल जान करी चतराई स सपषट होता ह खक उनक खलए अपन पभ क कायव का सपादन हरी धयय ा

दत क रप म मा जानकरी का पता लगाना हो अपन सवामरी करी रसकत स दशमन को सावधान करना हो या सकट काल म सजरीवनरी हत पववत हरी उा लाना शररीहनमानजरी न जो खकया वहरी जनमानस क खलए भसकत का भा-सवर हो गया

शररीरामचररतमानस क आलोक म हरी दि तो यह सभरी मानवरीय मलयो करी सापना क सा कखलयग करी वतवमान ससखत का भरी इसम खदगदरवन खमलता ह आज करी ससखत को उततरकाणड म दिा जा सकता ह-

सद तत समतवा मगरवानवा

कत पभवा पसन मन मवानवा

सत बित रज कछ रमत कमवाय

सब मबमध सख रितवा कर धमवाय

बि रज सलप सत कछ तमसवा

विवापर धमय िरष भर मनसवा

तवामस बित रजरोगण थरोरवा

कमल पभवा मबररोध चि ओरवा

ऐसरी ससखत म भरी मानव तन करी गररमा को भरी साखपत खकया

गया ह गरड जरी पशन करत ह-

पथममि किि नवाथ ममतधीरवा

सबस दलयभ कौन सरीरवा

अि भरसणड जरी कहत ह-

नर तन सम नमि कमनउ दिी

जी चरवाचर जवाचत सिी

नरक सगय अपगय मनसनी

जञवान मरवाग भगमत सख दनी

अि इसरी कड़री म सत और असत क लकषण का खनरपण दखिए-

सत सिमि दःख पर मित लवागी

पर दख ित असत अभवागी

भजय तर सम सत कपवालवा

पर मित मनत सि मबपमत मबसवालवा

सन इ खल पर बधन करई

खल कढवाई मबपमतत समि मरई

यहा खवचारणरीय ह खक हनमान जरी महान भकत हरी नही परम सत भरी ह सततव क सार गण उनम समगरता म समदाखटत ह

शररी हनमान सत हरी नही महानायक क रप म हमार सामन आत ह आषव परपरा म महानायकरीय अवा दवरीय चाररतरय हत 14 गण िताए गए ह- सतय धमव पखतभा कतजञता उदारता चाररतरय अनसया साखतवक कोध आतमसममान सववभतखहत नरीखत अनसरण अकोध एव वासगमता अगर इस खनकष पर भरी दि तो शररी हनमान जरी म अनकानक गणो का पाकटय हआ ह आज क सदभव म भरी दि तो ससषट क पहल सपर हरीरो क रप म िचा-िचा उनह जानता और मानता ह

उपयवकत खिदओ क आलोक म यह उदभाखषत होता ह खक खनषकाम समपवण और भसकत क ऐस खचरजरीवत पकारसतमभ ह शररीहनमान खजसस अभरी हरी नही आन वालरी सखदया भरी अनपाखणत-पोखषत होतरी रहगरी शररीअयोधयाजरी म िनन वाल खदवय और भवय राम मखदर क दरवनाव आन वाल समसत शरदालओ को जय शररीराम क उदोष क सा हरी जय हनमान और जय िजरगिलरी क उदोषो स भरी ऊजाव खमलतरी रहगरी

इमत शभम

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तसरीरो म

सघरश क

डदन

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शरभ घड़ी अब आयी

बड़ सिाल उठ बड़ वयगय कस गए वटबोली बोली गयी लोकसभा क दो रनाि बीत गए बसती आय सतकबीर नगर आय गोरखपर आय बाराबकी आय अमबडकर नगर आय लखनऊ आय बनारस स लड़ दोनो बार जीत अयोधया कभी नही आय हालावक मन पथम लोकसभा रनाि क दौरान अपनी इसी शमखला म वलख वदया वक पधानमरिी नरदर मोदी अयोधया तभी आएग जब शीराम जनमभवम पर मवदर की आधारवशला रखनी होगी दरअसल लोगो म बड़ी अधीरता ह ि भल जात ह वक लालककषि आडिािी की राम रथ यारिा और मरली मनोहर जोशी की वतरगा यारिा का सारथी जब सिवोचच वसहासन पर खद सथावपत ह तो भला लालरौक और शीराम जनमभवम को वििावदत रप म कभी नही रखना राहगा पार िषवो क सततातमक सघषश और छठ िषश म पिश क साथ ही इन सभी वििादो को वनविशिाद बन जान क बाद उनकी इस यारिा की पतीकषा की जानी रावहए थी यह यारिा रामनिमी क वदन होन की सभािना थी लवकन कोरोना सकट न नही होन वदया नरदर मोदी की नीवत नीयत और निोनमषी रिनीवत को समझन की आिशयकता ह यह इतना सरल भी नही ह उनको समझन क वलए वकसी भी राजनीवतक या िराररक रशम को वकनार रखना होगा याद कीवजय जब राम मवदर क मद पर कई लोग जब जयादा बयानबाजी करन लग थ तब मोदी न एक िाय म सभी को रप करा वदया था बयानिीर की सजञा दी थी उनहोन यह अलग बात ह वक बािजद उनक वनददश क कछ लोग अपनी िाली करत रह यह बतान क वलए वक शीराम जनम भवम का मदा ि ही सलझा रह ह आप किल वपछल एक िषश क समय की समीकषा कीवजय अपनी ही नजर घमाइए कशमीर की धारा 370 शी राम जनमभवम समान नागररक सवहता की ओर बि कदम और विशिमर पर भारत की उपकसथवत नपाल की छड़खानी रीन की दवमहकडी यद की आहट महामारी और तजी स बदलता हआ इवतहास भगोल बदलन की सगबगाहट और मनषयता की छटपटाहट किल 5 अगसत 2019 स रलत हए 5 अगसत 2020 तक आइय दख सरय तट पर या वदख रहा ह बहत खास होन जा रहा इस बार अयोधया म शी राम जनम भवम गभशगमह क भवम पजन की साइत आ गयी भवम पजन इसी वदन यानी 5 अगसत को होगा राम जनमभवम तीथश कषरि टरसट की ओर स पधानमरिी कायाशलय को 3 और 5 अगस त की तारीख भजी गई थी पीएमओ न 5 अगसत का रना खद पधानमरिी नरदर मोदी इस भवम पजन म वशरकत करग शवनिार को मवदर टरसट की बठक क बाद दो तारीख तय की गई थी इस अिसर पर पधान मरिी का समबोधन बहत खास होन िाला ह सभि हो तो वडकोड कीवजयगा

ndash समपादक

सनािन क महायोदा

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Page 3: laLd`fr ioZ v;ks?;k fo'kskkad tqykbZ& 2020

अनकरमणिका

पाठको स ससककति परव का यह तरशष अक आपक हाथो म ह इस अक क तिय तितो का सकिन गगि स तकया गया ह तिसक तिए हम उन सभी छायाकारो क परति

ककिजञ ह इस अक म सभर ह तक सपादन अथरा सयािन म कछ तरतिया रह गयी हो इसतिए हम अपन सरधी पाठको स अपका करि ह तक र तरतियो को

निरअदाि करग यह अक आपको कसा िगा इस बार म हम अपन तरिारो स अरशय अरगि कराईएगा सनािन ससककति क सरकण और सरधवन म

आपका योगदान अतयि मलयरान ह ndash समपादक

करम सखया शीषवक िखक पषठ स०

01 भारत क लोकमगल क विहान का समय पो० राकश कमार उपाधयाय 18

02 अयाधया एक दशशन सजय वतिारी 20

03 शी रामजनमभवम का इवतहास डा० वदनशमवि वरिपाठी 36

04 Remaking of Ram Temple Dr Rajeev Tiwari 42

05 अिधय अिध अयोधया और गोदान अवनता अगरिाल 48

06 अयोधया मनषय आर मनसममवत डा० अरशना वतिारी 52

07 जनमभवम मम परी सहािवन मनोज वरिपाठी 56

08 मर राम कपटन सभाष ओझा 58

09 कसा था िह जिार हररहर शमाश 60

10 सपना साकार होत दख पा रहा अवनता अगरिाल 62

11 सघषश स परा हो रहा एक सपना सजय यादि 64

12 अयोधया का पारीन और पौराविक इवतहास डा० अरशना पाठया 66

13 आसथा आतमसममान और आतमवनभशरता सजय वसह 70

14 हनमान ः समपशि का सिवोतककषट भाि कमलश कमल 74

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सरकषक मडलसवामी जीतनदवानद सरसती जी(महामतरी अखिल भारतरीय सत सखमखत एव गगा महासभा)जगदगर सवामी रवाघवाचवारय जी (अयोधया)परो० रवाकश उपवाधरवार(अधयकष भारत अधययन कनदर का खह खव खव वाराणसरी)

विदवत पररषदपरो0 सभवाजीत ममशर (पवव अधयकष दरवनरासत खवभाग गोरिपर खवशवखवदालय)परो० दरवानवाथ मरिपवाठी (पवव अधयकष आईसरीएचआर नई खदललरी)परो मनर कमवार पवाणडर(अधयकष जयोखतष खवभाग का खह खव खव वाराणसरी)परो0 रवामद शकल(पवव अधयकष खहनदरी खवभाग गो०खव०खव०)परो0 मवातवा पसवाद मरिपवाठी(पवव अधयकष पाचरीन इखतहास खवभाग गो०खव०खव०)परो0 ननद मकशरोर पवाणडर (अधयकष कनदररीय खहनदरी ससान आगरा)परो0 सदवानद गपत (कायवकाररी अधयकष उततर पदर खहनदरी ससान लिनऊ)परो0 अमजत क चतवदी (खनदरक आईआईटरी रड़करी)परो0 सरनद दब (कलपखत खसदा व खवशवखवदालय कखपलवसत खसदा वनगर)परो0 रवाजनद पसवाद (कलपखत मगध खवशवखवदालय गया खिहार)शरी पफलल कतकर(समपादक आगवनाइजर)शरी कषणकवात उपवाधरवार (समपादक खहनदसतान खिहारझारिड)परो0 मचतरजन ममशर (पवव अधयकष खहनदरी खवभाग गोरिपर खवशवखवदालय गोरिपर)परो0 जीतनद ममशर(अखधषाता खवखध सकाय दरीदउ गोखवखव)परो0 मिमवाश चतवदी(पवव अधयकष इखतहास खवभाग गो०खव०खव०)परो0 रवाजनद मसि (पवव पखतकलपखत गोरिपर खवशवखवदालय गोरिपर)वा० मणवामलनी चतवदी(अधयकषsbquo कायोिक इटरनरनलsbquo नई खदललरी)वा० नरश अगरवाल(वररष िाल रोग खवरषजञsbquo गोरिपर)वा० आर सी शरीवासत(अवकारपापत आईएएस)रवाकश मरिपवाठी(आई आर एस)वा० ररोगश ममशर(समह समपादक अपना भारतनयज टरक लिनऊ)शरी मकशरनवाथ पवाणडर(सखचव नरनल एजकरनल सोसाईटरी गोरिपर)परो० रतनदीप उपवाधरवार(अमररका)

सलाहकार पररषदअधरकषशरीमती रशमवा एच मसि(नई खदललरी)शरी अजर उपवाधरवार(वररष पतकार नई खदललरी)वा० सजर मविदी(खनदरक भारतरीय जनसचार ससान नई खदललरी)शरी सजीत कमवार पवाणडर (वररष पतकार गोरिपर)वा० मनवा मतवारी (िनदलिणड खव०खव० झासरी)वा० ममतवा मरिपवाठी (खदललरी खव०खव०)शरी सनील जन(एडवोकट इलाहािाद)शरी सजर मसि(खनदरक भखमटरक डरवलपसव लिनऊ)आचवारय सरोमदतत मविदी(वाराणसरी)शरी िमत ममशर(खनदरक एिरीसरी खरकषा समह)शरी अजर शवािी(खनदरक आरपरीएम खरकषा समह)वा० गजनदनवाथ ममशर (खनदरक आरसरी ममोररयल खरकषा समह)शरी अरणकवात मरिपवाठी (समपादक कमलजयोखत लिनऊ) वा० मनरोज कमवार शरीवासत (खचखकतसक एव लिक वाराणसरी)वा० वाई क मदमशरवा (वररष खचखकतसक कररीनगर)शरी दीपतभवान ड (वररष पतकार गोरिपर)शरी रमतभवान मरिपवाठी (वररष पतकार लिनऊ)शरी परषरोततम मतवारी (वररष पतकार कोलकाता)शरी अनपम सिवार(वररष अखधकाररी परीएनिरी)ॉ० रमकवात मतवारी(अमररका)वा० रवाम शमवाय(खरकषाखवद मर)वा० मममथलश मतवारी(गोरिपर)

जलाई - 2020िषष-3 अक-05

पजरीकत कायावलय िरी-64 आवास खवकास कालोनरी सरजकड गोरिपर-273001लिनऊ कायावलय 243 खवजय िणड गोमतरी नगर लिनऊ-226010खदललरी कायावलय िरी-38 खडफनस कालोनरी नई खदललरी-110024समपकक - + 91 94508 87186-87

सवामरीsbquo मदरक एव पकारक सजय खतवाररी दारा सवाससतक गरखफकसsbquo महागनगरsbquo लिनऊ उ०प० स मखदरत एव िरीndash64sbquo आवास खवकास कॉलोनरीsbquo सरजकणडsbquo गोरिपरsbquo उ०प० स पकाखरत

पखतका म पकाखरत सामगररी क खलए सिखधत लिक उततरदायरी होगा खकसरी भरी पकार क नयाखयक खववाद का कषत गोरिपर खजला नयायालय क अधरीन होगा

पररणापरम पजय सामी अखणानद जी महाराज

सत साहहतय मममजञ आचारम परशराम चतरवदीबरहमर षि रररती रमण पाणरर

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समपवादकीर सरकषकआचवारय मशनवाथ पसवाद मतवारी

(पवव अधयकष साखहतय अकादमरी नई खदललरी)

पबध समपवादकिरी क खमशर

समपवादकसजय खतवाररी

अमतमथ समपवादकसवामरी जरीतनदराननद सरसवतरी

कवारयकवारी समपवादकडा० अचवना खतवाररी

सिवारक-समपवादक (मिनदी)डा० अखनता अगरवाल

सिवारक-समपवादक (अगरजी)डा० राजरीव खतवाररी

सि-समपवादकडा० पदरीप राव

डा० खदनरमखण खतपारीकमलर कमल खदवाकर रमाव

समनर समपवादकखवकमाखदतय खसह

समपवादकीर सलवािकवारमनोज कमार खतपारी

लआउट गरवामफकस ए मजवाइनसजय मानव

मशष समपवादकीर परवामशयआचवारय लवालममण मतवारी

(गरीता पस गोरिपर)शरी रसनद फरोगलवा

(गरीता वाखटका गोरिपर)शरी अजीत दब

(सदसय साखहतय अकादमरी नई खदललरी)

ममध सलवािकवारशरी अममतवाभ चतवदी

(वररष अखधवकता नई खदललरी)शरी अमसत क चतवदी

(वररष अखधवकता लिनऊ)शरी अशरोक नवारवारण धर दब (वररष अखधवकता गोरिपर)

लखवा परीकषकअरण गपता

सचनवा तकनीक ए पबधनउतकषय मतवारी

मरिएमट पकषय मतवारी

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(भारत ससकखत नयास का पकारन)

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जयोतिष विभाग ससकिविदया धरमविजञान सकाय DEPARTMENT OF JYOTISH FACULTY OF SVDV अधयकष (HEAD)

Tel 0542-6701969

शभाशसा दिनाक- 27072020

पराचीन काल म लौककक आखयानो सदित जञान-विजञान परण आचार-वयििार विशव-बधति एि सािणभौममक समानता आदि िशणननक एि आधयाततमक गरो स पररपरण चचरतन परपराओ म परिादित विचारधारा स भारतिरण क विशव गर पि पर आसीन िोन क कारर भारतीय सनातन ससकनत एि सभयता का अजसर परिाि अतयनत पराचीन काल स समगर विशव को अपनी तरफ आकवरणत करता रिा ि परनत कनतपय ऐनतिामसक काररो स िमारी सनातन परसत विचारधारा विखडित िो गई तथा िमारी यिा पीढी अपनी इस इस समदध विरासत स अनमभजञ िोकर कषणरक सखिायक पाशचातय ससकनत की ओर आकवरणत एि अगरसररत िोती गई तजसका परतयकष परभाि भारतीय समाज म सिणतर दविगत िो रिा ि तजसक ननिान क मलए िमारी भारतीय यिा पीढी को अपनी समदध परपरा स अिगत कराना अतयत आिशयक ि परसतत परसग म आिशण सिरप विदयमान साकषात जगतननयता भगिान विषर क अितार मयाणिा पररोततम भगिान शरी राम की जीिन लीला अतयत उपयोगी मसदध िोगी कयोकक उनका जीिनितत भारतीय समाज िी निी अवपत समगर विशव क मलए अनकररीय ि परसतत सिभण म यि अतयत िरण का विरय ि कक सनातन मलयो पर आधाररत ldquoससकति पिमrdquo नामक इस पतरतरका का परसतत अक विशवराधय मयाणिा पररोततम भगिान शरी राम क विशराक क रप म परकामशत िोकर िो रिा ि अतः म ससकनत पिण पतरतरका क सपािक मिल सदित सभी सिसयो का अमभनिन करता ि कक आप लोगो न अतयत समसामनयक विरय को क दित कर भगिान शरीराम अक क रप म इस पतरतरका को परकामशत करन का ननरणय मलया ि जो ननशचय िी समाज ननमाणर क मलए अतयत लाभकारी मसदध िोगा

(परो विनय कमार पाणिय)

अधयकष जयोनतर विभाग

का दि वि वि िारारसी

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रह अनजान नही ह उसका अनमान नही ह उसकी दषटि म रह साभिमान नही ह रह अरोधा का सराल नही ह का गलत ह का सही ह सराल उस मनषय का ह जजसकी खद की सजञा इसी अरोधा सर बनती ह सषटि कर पथम पर मन सर ही रह जनती ह इसी सजञा म भिपा ह अरोधा और मररा असतितव मररा का हो सकता ह अभिमान इस घोर कजलकाल म कसा अपमान रा हक कसी कोई ननशानी इनर कौन बतारर रही ह सरर का पानी दःख तो रह हक रर जान नही सकतर रह मनषय मन सर ही बना ह रर मान नही सकतर रह हकतना बड़ा षखलराड़ ह बदधि का कसा उजाड़ ह कागज कर पनो म ईट गारर और पतथर कर जगल म आपस कर ही दगल म मनषय कर रर दल तलाश रहर मररा असतितव हकसी िभम कर अश पर मररा साभमतव मनषय और मनषय कर बीच का ररराद मनषय ही कर रहर नार का सराद और नारासन पर िी मनषय ही ररराजमान अितपरम अभिमान अनमान िररषय सर अनजान इनर कौन बतारर हक

म कर रल एक शहर नही ह हकसी सभयता कर जलए जहर नही ह म सषटि का अरध ह जगत का ननबध ह जीरन कर जलए बाध ह अरध ह अरध ह इस मनषय कर जलए असाध ह कर रल दशरथ रा इकषाक की नही ह तम नही जान सकोगर म इस धरती पर पथ की कपा नही ह नही ह हकसी नप की नपा अरोधा र ही नही ह मन कर परम िी रही ह मानर तम कसर जान सकोगर मररा इततहास तमर किी न होगा इसका आिास ननषफल ही होगा परास म तो सनातन दशमन की सहराती ह तम कसर समझोगर हक गारती ह अनिर करो सरर का ताप अनिर करो कौशलपतत कर महल म आरती का आलाप अनिर करो सागर को सगर को अनिर करो जसधिाशरम की डगर को अनिर करो रा करो ररशराम अनिर करो जसरा कर राम को अनिर करो उस ररराम को काल कर जलए बरमानी ह अनिर और अनमान सषटि कर जलए जररी ह ससतत ससार और साभिमान रही ह अरोधा रही ह राम की पहचान सजर ततरारी

र ही नही ह अरोधा

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यह शी अयोधया जी का पनरदार ह शी रामजनमभवम की मकत क साथ ही 492 िषश पिश हई कषवत की ऐसी पवतपवतश ह जो नय भारत क उदय क रप म आधार पा रही ह शी राजनमभवम पर पजन का महतश किल एक मकनदर क वनमाशि का महतश भर नही ह यह नय सनातन भारत की आधारवशला रख जान का महतश भी ह शी रामजनमभवम की मकत का सघषश बहत पीड़ादायक ह 492 िषषो म लगभग 40 लाख वहनदओ क बवलदान क बाद यह मकत वमली ह आधवनक यग म शी अयोधया जी क इवतहास पर नजर डाल तो ईशा स 57 िषश पिश महाराजा विकरमावदतय न इस नय वसर स बसाया था सन 1528 म एक मौलिी क कहन पर वजस मकनदर को मीरबाकी न ढहाया था उस शीराम जनमभवम मकनदर का वनमाशि भी महाराजा विकरमावदतय क समय म ही वकय जान क पमाि ह इवतहास साकषी ह वक अयोधया म महाराजा विकरमावदतय न शीराम स सबवधत उनक अलग-अलग सिरपो क 1150 मकनदर सथावपत वकय थ गोसिामी तलसीदास जी न शीरामरररत मानस म सपषट वलखा ह -रवरमहस वनज मानस राखाभारतीय जनता पाटटी क शीषश परष लालककषि आडिािी न शीरामजनमभवम मकत आदोलन क समय कहा था- राम राषट ह रामजनमभवम की मकत स पहल यह जान लना जररी ह वक इसकी आिशयकता कब और यो पड़ी मझ यह वलखत हए अतयत सतोष का अनभि हो रहा ह वक मरी तीन पीविया इस आदोलन म शावमल रही ह म वजस परमपरा स आता ह उसम शीजयोवतषपीठाधीशिर भगिान शकरारायश मर दादागर सिामी शातानदजी महाराज न इस पर आदोलन की रपरखा और भवमका तयार की थी मर ितशमान गर शीजयोवतषपाठाधीशिर भगिान शकरारायश सिामी िासदिानदजी महाराज न इस करम को आग बिाया और आज िह शीरामजनमभवम तीथश कषरि टरसट क िररषठतम सदसय ह म सिय उस समय यावन 1986 म आठिी ककषा का विदाथटी था जब इस आदोलन क पहल सममलन म अपन टयशन क पसो स यारिा कर शावमल हआ था इस आदोलन क पिता परमपजय सिामी िामदिजी महाराज न 127 समपदायो को एकरि कर अवखल भारतीय सत सवमवत की सथापना की थी वजसकी आज म महामरिी ह इस रप म म कह सकता ह वक इस आदोलन क सभी सिरपो को मन ठीक स दखा ह और अनभि वकया ह भारत म वहनद सनातन समाज को और खासतौर पर सत समाज को विभावजत करन का षडयरि बहत पहल स रलता रला आ रहा ह भारत को धमश क आधार पर विभावजत करन क बाद वहनदसथान क अदर वहनदओ को विभावजत कर राजनीवत करन की परमपरा न ही ऐस सघषषो को जनम वदया ह इसी विभाजन की रिनीवत क तहत 1953 म तततकालील सरकार न गलजारीलाल नदा जी को आग करक भारत साध समाज की सथापना की थी इसी भारत साध समाज

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यह परणय घड़ी ह

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क ितशमान अधयकष सिामीसिरपानद सरसिती और महामरिी सिामी हररनारायिानद ह य लोग ही ह जो इस समय शीराम जनमभवम पर होन िाल पविरि कायषो का भी विरोध कर रह ह यहा एक घटना का उललख आिशयक लगता ह- 1980 म मजफफरनगर म कछ वहनद लोग मकसजद म नमाज पिकर वनकलन िाल मसलमानो को गड़ और रना वखला कर पानी वपलात थ वजस मकसजद क सामन वहनद लोग यह आयोजन करत थ उसी मकसजद म वकसी न कछ ऐसा कर वदया वक मजफफरनगर म दगा भड़क गया और जो लोग वहनद-मकसलम एकता क वलए रन वखलाया करत थ मसलमानो न उनही लोगो पर आकरमि कर वदया इसस पर दश म माहौला वबगड़न लगा उस समय दश म शीमवत इकनदरा गाधी जी की सरकार थी और उततर पदश म नारायि दतत वतिारी जी मखयमरिी थ वतिारी जी क मवरिमडल क एक सदसय दाऊ दयाल खना भी थ 1983 म इस घटना क बाद मजफफरनगर म वहनद सममलन आयोवजत हआ वजसम गोरकष पीठाधीशिर महत अिदनाथ जी की अधयकषता म शीराम जनमभवम मकत यजञ सवमवत की सथापना हई और दाऊ दयाल खना इस सवमवत क महामरिी बनाय गय इस सममलन म धयान दन िाली बात यह थी वक 1953 म भारत साध समाज की सथापना म भवमका वनभान िाल गलजारीलाल नदा भी शावमल हए थ लवकन सरकार क दबाि म िह िापस रल गय शीराम जनमभवम मकत यजञ सवमवत क नतमति म यह आदोलन आग बिा और विशि वहनद पररषद इसक साथ शावमल हो गई महत अिदनाथ जी क साथ जयोवतषपीठाधीसिर शकरारायश सिामी िासदिानद जी सरसिती सिामी िामदि जी परमहस रामरदर दास अशोक वसघल विषि हरर डालवमया और आरायश वगररराज वकशोर सवहत दश क सभी बड़ सतो और आरायषो न इस आदोलन म बि-रिकर वहससा लना शर वकया दश क भीतर ऐस सभी वहनद धावमशक सथल वजन पर अिध कबज ह उनको हटान क वलए एकातमकता यारिाए शर हई लवकन इसी बीर 31 अटटबर 1984 को पधानमरिी शीमवत इकनदरा गाधी जी की हतया क बाद य यारिाए सथवगत कर दी गई लगभग एक साल बाद पनः कायशकरम शर हए और 1986 म शीराम जनमभवम क भिन म लग अजञात ताल को उस समय क फजाबाद क ततकालीन वजला जज शी ककषि मोहन पाणडय न खोलन का आदश द वदया यह ताला न खल इसक वलय उस समय क पधानमरिी जी न हाईकोटट उततर पदश क मखय नयायाधीश स बात की थी लवकन रवक िह ताला वकसी नयायालय क आदश स नही लगा था इसवलए वजला जज न इस मामल म कोई बात नही सनी और उस समय क फजाबाद क पवलस कपान स कानन वयिसथा का आशिासन लकर ताला खलिा वदया इसी क बाद राजनीवत गमश हो गई ककषि मोहन पाणडय अपन जीिन म कभी भी हाई कोटट क जज नही बन पाय इसी बीर शाहबानो मामल म सपीम कोटट का फसला कनदर सरकार यह कहत हए पलट रकी थी वक धावमशक आसथा क मामलो म सरकार हसतकषप नही करगी लवकन वहनदओ क मामल म अयोधया पकारि पर जब सरकारी हसतकषप होन लगा और तकषटकरि की राजनीवत शर हो गई तो वहनदओ का

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गससा बिन लगा और आदोलना तीवर होता रला गया इसक बाद की कसथवतया सभी क सामन ह 6 वदसमबर 1992 को ढारा वगरत ही कनदर की ततकालीन कागरस सरकार न भाजपा की तीन राजय सरकारो को ततकाल पभाि स बखाशसत कर वदया राषटरीय सिय सिक सघ और विशि वहनद पररषद पर पवतबध लगा वदया गया इसक बाद वदनो वदन वहनद समदाय क वलए परशावनयो पर परशानी खड़ी की गई एक समय ऐसा भी आया जब काराी क शकरारायश सिामी रदरशखरनदर सरसिती को अनायास का आरोप लगाकर दीपािली क समय वगरफतार कर जल भज वदया गया उस समय हम वकतन वििश थ वक अपन शकारारायश क वगरफतारी का विरोध भी ठीक तरह स नही कर पा रह थ दश की पररकसथवतया वकसी स वछपी नही ह उचच नयायालय इलाहाबाद का फसला आन स लकर 9 निमबर 2019 को सपीम कोटट स शीराम जनमभवम पर अवतम फसला आन क बीर की सभी घटनाए अभी भी दश को याद ह आज जब शी राम जनमभवम मकत सथान पर भवय शीराम क मकनदर का वनमाशि होन जा रहा ह तो कछ लोगो को छोड़ वदया जाए तो विशि क सभी सनातन धमाशिवलयो क मन म गिश की अनभवत हो रही ह 119 एकड़ भवम पर होन जा रहा यह भवय वनमाशि नय भारत म नय यग का आरभ ह यह कायश वनकशरत तौर पर एक बड़ सकलप की िजह स हो रहा ह वजसक पिता भारत क यशसिी पधानमरिी नरनदर मोदी ह अपन छह िषश क कायशकाल म िह पहली बार शी अयोधया जी म शीराम जनमभवम पर बनन िाल भवय शीराम मकनदर की आधारवशला रखन आ रह ह सपषट ह वक यह उनका सकलप था वक शीराम जनमभवम को िासतविक मकत पदान करन क बाद ही िह शी अयोधया जी म पिश करग ऐस अिसर पर ससककवत पिश का यह विशषाक पकावशत करन क पीछ उदशय भी यही ह वक नय सनातन भारत का नय ढग स आसथािान उदय इस रप म वदख वक आन िाली पीविया सिय को सिावभमानी महसस कर आसथा और सिावभमान क साथ ही आतमवनभशर नय भारत क वनमाशि की यह पणय घड़ी ह नारायि

सिामी जीतनदरानद सरसितीमहामरिी अवखल भारतीय सत सवमवतएि महमरिी शी गगामहासभा काशी

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यह वरतन ही मनभािन ह शी अयोधया जी और भगिान राम की पािन जनमभवम पर कवदरत ससककवत पिश का विशष अक भारतीयता की पहरान क सभी तति एक अक म इस रप म पसतत करन की योजना ही अदभत ह ससककवत पिश क पकाशन क इवतहास म यह एक विवशषट सयोग ह हालावक इस अक की सामगरी जटान स लकर पकाशन तक क वलए समय बहत कम था भारत क यशसिी पधानमरिी क दमि सकलपो स लगभग 500 िषषो क एक ऐस सघषश का अत हआ जो सभी सनातन धवमशयो क वलए वनशरय ही अवत विवशषट ह शी अयोधया जी म पभ शीराम की पविरि जनमभवम पर भवय शीराम मवदर क गभशगमह क वनमाशि की पवकरया जब सिय पधान मरिी शी नरनदर मोदी जी क कर कमलो स शर हो रही ह ऐसी घड़ी म ससककवतपिश न वनशरय ही इस विशष अक का आयोजन कर अपना धमश वनभाया हससककवत पिश का यह अयोधया अक वनकशरत रप स एक कालजयी सगरह ह वजसको पतयक सनातन धमाशिलबी अपन साथ रखना राहगा मझ सतोष ह वक अतयत कम समय म ससककवत पिश पररिार न इस अक को सयोवजत वकया ह यह कायश वजतना ही विवशषट ह उतना ही ऐवतहावसक भी ह ससककवत पिश क सपादक और परी सपादकीय पररषद को इस विशष आयोजन क वलए बहत बहत बधाईमझ उममीद ह वक हमार सममावनत पाठको को भी यह अक बहत पसद आएगा आपकी पवतवकरया और शभकषा की कामनाओ क साथ

(बी क वमश)

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बालमीवक क राम तलसी क राम नानक क राम गोरख क राम कबीर क राम राजा राम दशरथसत राम कौशलया क राम शबरी क राम अवहलया क राम सरभग क राम विशिावमरि क राम िवशषठ क राम हनमान क राम वसया क राम वशि क राम नारद क राम कागभशकणड क राम अयोधया क राम या वक लोक क रामराम क वबना िद उपवनषद सममवत इवतहास पराि यावक कोई शासरि परा नही हो सकता राम क वबना न तो सनातन ससककवत की कलपना की जा सकती ह और न ही मनषय की ऐस राम क जनमसथान क वलए 452 िषषो का रकतम सघषश हदय विदीिश हो जाता ह यह कलपना मारि स वक लगभग 40 लाख मनषयो को बवलदान हो जाना पड़ा आवखर सनातन सभयता इतनी वनरीह यो हो रकी थी वजसक आधार म लोक कलयाि क वलए यद हो िही सभयता ऎसी अिसथा म वरता होती ह यह वरता इसवलए भी योवक सभी मानक सामन ह कही वकसी स कछ पछन तक वक जररत नही कभी सिय का मलयाकन यो नही वकया इस समदाय न यह पमथिी आपकी थी आप क वलए ही थी आप ही रकरितटी होत थ धरा क आप ही भोता थ आपक वलए आपक साथ आपक सभी दिता थ आपन अपन दिता को ही ठीक स दखा होता ठीक स उसक सिरप स सीख पात इतन पतन क गतश म तो नही जात आपका पतयक दिता आपका रोलमॉडल ह कोई दिता ऐसा ह या जो असरिविहीन हो सनातन सभयता क सभी दिता अपन विवशषट रप रग आकार पकार िाहन आवद स ही पहरान जात ह हमार पतयक दिता क पास एक कोई पश अिशय ह एक पषप ह एक असरि और एक शासरि भी अिशय ह यावन पतयक का सदश सपषट ह पश पकषी जीि िनसपवत सभी की सरकषा शकत स सवनवहत इकाई ही कषमाशील भी हो सकती ह जो शकतहीन होगा उसक कषमा का या मतलब िह तो उसकी कायरता ही होगी यही शकतहीन कषमाशीलता धारि करन की एक िककलपक सभयता विकवसत कर ली थी हमन और खद को पता नही या या घोवषत करत रहत थ सवदयो क बाद आज िह कसथवत आयी ह जब खद सनातन का वहससा होन पर गिश होन लगा ह यवद शी अयोधया जी म शीरामजनमभवम सथल अब एक भवय शीराममवदर स आचछावदत होन जा रहा ह यो यह ऐसा गिश ह जो आन िाली पीवियो को सनातन स तो जोड़गा ही इवतहास की दबी हई ऐसी परतो को भी उजागर करन की शकत दगा वजसका साहस इसस पिश हम खो रक थयहा अपन राषटरीय नतमति की सकलप शकत की रराश बहत आिशयक लगती ह िस भी म यह मानता ह वक भारत क पधानमरिी नरदर मोदी जी यवद कभी भी कछ बोल रह होत ह तो उनक शबदो पर न जा कर उनह दर तक वडकोड करन की जररत पड़ती ह यह हमार पधान मरिी की विशषता ही ह जो उनको विशि पटल पर सनातन क महायोदा क रप म सथावपत करती ह यहा वपछल िषश अमररका क हाउडी मोदी कायशकरम क कछ दमशय याद आ रह ह वबलकल ही नए भारत का उदघोष नए भारत का सकलप यकीनन कल हसटन म न कोई पारपररक पोटोकाल बरा था और न

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अयोधया क राम और राम की अयोधया

सजर मतवारी

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ही कोई परानी कमजोरी नजर आयी ऊजाश और असीम सभािनाओ िाल भारत का जलिा अमररका सवहत विशि भर की वनगाहो म आशरयश कौतहल विसमय विशिगर भारत का यही सिरप कभी सिामी वििकानद की सकलपना म रहा होगा जब वशकागो की धमशसभा म तावलया बजी होगी आज भारत क पधानमरिी जब विशिमहानायक क रप म हसटन क सटवडयम म अमररकी राषटरपवत डोनालड टरमप का परररय करा रह थ उनक ही दश म खद मजबान बनकर उनका सिागत कर रह थ वजसन भी इस दमशय को दखा विसमय म डटब गया अदभत अविसमरिीय अकलपनीयहाउडी मोदी कायशकरम न विशि को नया इवतहास वदया इसम कोई सदह नही भारत और अमररका की ऐसी जगलबदी गजब एक तरफ पवसडट टरमप इसलावमक आतकिाद क वखलाफ हकार भर रह थ तो दसरी तरफ मोदी जी कशमीर क विकास क वलए 370 क फयरिल की बात कह रह थ एक तरफ टरमप दोनो दशो म रकषा सहयोग और अतररकष सहयोग की बात कर रह थ तो िही मोदी जी ऐलान कर रह थ वक आतकिाद क विरोध म पवसडट टरमप पर मन स साथ खड़ ह दोनो नताओ क भाषि स भी जयादा आकषशि भाषि क बाद भीड़ की पररकरमा म वदखा मोदी का हाथ पकड़ टरमप पर गदगद भाि स कस सटवडयम का रकर लगा रह थ मोदी जी तो ऐस रल रह थ जस टरमप को रनािी रली म लोगो स कनट होन क गर सीखा रह हो विशि की राजनीवत म वकसी विशलषक न शायद ही ऐस दमशय पहल कभी दख हो इस घटना की रराश इसवलए आिशयक लगी योवक विशि क ितशमान हालात म भारत क पधानमरिी की विवशषट भवमका को अब दवनया दख रही ह अभी जो हालात ह उनकी भयािहता स विशि म वसहरन ह दवकषि एवशया म रीन की शरारत कोरोना का सकट इनही सकटो क बीर अयोधया म शीराम जनमभवम पर शीराम क मवदर की आधारवशला रखन क वलए पधानमरिी का अयोधया आगमन यह उनकी सकलपशकत ही तो ह वजस सलीक स इतन गभीर मद को उनहोन सलझाया ह उतन ही गिश स अब मवदर वनमाशि की पवकरया शर करन िह आ रह ह यह अभतपिश ह सर म यह नया भारत ह यह आधारवशला नए भारत क वनमाशि की ह यह सनातन ससककवत क वलए िकशिक गिश का विषय ह यही ह सनातन सकलप यही ह राम की शकत इसी शकत स नय भारत का उदय हो रहा ह यह मगलमय ह और सििटीम भी सशत नतमति और सबल सकलप क माधयम स अब भारत अगरसर ह विशिगर बनन क पथ पर

सजय वतिारीसमपादकससककवत पिश

सनातन सभयता क सभी दिता अपन विविषट रप रग आकार परकार िाहन आवद स ही पहचान जात ह हमार परतयक दिता क पास एक कोई पि अिशय

ह एक पषप ह एक असतर और एक िासतर भी

अिशय ह यावन परतयक का सदि सपषट ह पि पकषी जीि िनसपवत सभी की

सरकषा िकत स सवनिवहत इकाई ही कषमािील भी हो सकती ह जो िकतहीन होगा उसक कषमा का या मतलब िह तो उसकी कायरता ही होगी यही िकतहीन कषमािीलता धारण करन की एक

िककपक सभयता विकवसत कर ली थी हमन और

खद को पता नही या या घोवषत करत रहत थ

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राम ईशवर भरी ह और माता करी गोद म िलत मसकरात कौरलयानदन भरी ह राम अखवनाररी ह तो अयोधयावासरी भरी ह वह राजा ह तो परातपर बरहम क ईषट भरी ह वह खरव-रसकत क आधयासतमक आदरव क मखतवमत पाकटय ह खवषण-लकमरी क सकलप सवरप होकर लोक क खनभवय हो जान उसक पालन-पोषण क हत होकर वह सरीतापखत ह

खसयाराम ह शररीराम ह

रामरकषा सतोत म खरव पाववतरी जरी क सवाद म मत आता ह-राम रामखत रामखत रम राम मनोरम सहसरनाम तततलय रामनाम वरानन खरव सवय एकमात रामनाम को हरी मसकत का महामत घोखषत करत ह महखषव वालमरीखक स लकर गोसवामरी तलसरीदास तक रामनाम हरी महामत क रप म कोखट कोखट

भारत क लोकमगल क विहान का समय

आज विर िही शीराम अयोधया म पनः भारत की राजनीवत क आदिष

रामराजय की सकपना को साकार दखन क वलए पनः अपन िभि क साथ अपनी जनमभवम पर विराजमान हो रह ह तो सपणष मानिजावत क वलए भारत की ओर स वनयवत का यह सदि सना

और सनाया जाना ही चावहए वक राम सभी क ह सभी

जन राम क ही ह

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सनािन धमव ससककति कािियी ह और शी रामिनमभतम अयोधया क परनरदार की महान सघषव गाथा इसक कािियी होन का सबस निन परमाण ह भारि क िोकिीरन म भारि क रािनीतिक आदशव म भारि क इतिहास और परराण म भारि की आधयाततमक तरिारधारा म और इसक िन-मन म राम तिस गहराई स

रि-बस ह रह सरय ही इस बाि का परमाण ह तक राम क तबना भारि क अतसितर की भी कलपना नही की िा सकिी राम राषटर ह राषटर क पराण भी ह राम राजय ह और राजय क आदशव भी ह राम भारि क िोक ह उसकी मगिकामना भी ह राम घि-

घि वयापी ईशरर ह िो राम अयोधया म सशरीर परकि होन राि रामििा भी ह

रताबदरी परी आचायव भारत अधययन कदर काररी खहनद खवशवखवदालय वाराणसरी-221005

पोराकर कमार उपाधयाय

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वयाकल जनो क जरीवन म आस-खवशवास िनकर जयोखतत होता खदिाई दता ह बरहमाड करी सकम सारसवतधारा क सपकक स खनखमवत षोडरमातका यकत मानव मसषतषक क भरीतर स उत खनराकार रबद ससार करी खवदतरीय हलचल और उस हलचल स रबद को साकार रप म पररवखतवत करन वाल क क मधय आक खजस परम परमातम धवखन का साकषातकार सनातन काल स ऋखष-मखन करत आ रह ह वह खनरतर गजतरी धवखन मगलकाररी राम ह खनगवण खनराकार ओकार जि साकार होन क याता मागव पर िढता ह तो उस राम िनना हरी पड़ता ह

इसरीखलए भारतरीय सनातन आधयासतमक परपरा म बरहम का अनसधान और लकय सि राम म हरी समाखहत माना गया ह राम रबद क उचारण मात स हरी क स लकर मसषतषक क सववोच खिनद सहसरार तक जो सकम वदत तरग दौड़तरी ह वह राम नाम क महातमय को सवय हरी पकट कर दतरी ह मनषय अपनरी समसत वदना म सभरी कषटो म जि खिलकल हरी खनःसहाय रह जाता ह ति भरी यह रामनाम उसक भरीतर रसकत का सचार करता ह रामनाम का जाप उस खफर स दःि करी धल झाड़कर आननदमागव पर चलन क खलए उतपररत कर दता ह

यहरी कारण ह खक भारत करी आधयासतमक भावधारा राम नाम क िगर एक कदम आग नही िढ सकतरी चाह उस खनगवण रप म सतो न दिा भागवत काधारा पराणकाल म खवकखसत हो गई खजसम राम और कषण समत लोकमगल क खलए भगवान क सभरी अवतारो करी का का समावर हआ कालातर म सवामरी रामाननद क जरीवन स राम-भसकत का खनमवल कमल पसषपत हआ खजसकरी सरधारा म समसत भारत भावखवहवल हो गया किरीर न भरी खजनह गाया और गोसवामरी तलसरीदास स लकर सत रखवदास तक समसत सतरसकत क भरीतर उस पराधरीनता क कालिड म जो आतमजयोखत पकार और रसकत सवरप िनकर पकट हए उसक भरी सकड़ो वषव पवव आज स 2000 साल पवव जि पसशचमरी दरो म सववत ििवरता अटास कर रहरी री और खजसक दारा पररत खवषाण रक-हण आखद ििवर रसकतयो क आकमण क रप भारत क लोकजरीवन को तसत कर रह ति उस कषटकाल िाहय आकमणकाल म सदरवन चकधाररी भगवान खवषण क धनधावररी सवरप को हमाररी राजनरीखत न अपन सममि पकट खकया

रारङगधनष को धारण करन वाल भागवत भगवान खवषण को भारतरीय रासन न अपना आदरव घोखषत खकया फन उाकर सदा फफकारन वाल दररतओ का पलक झपकत हरी भकषण कर रत क समल खवनार करी कटनरीखतक एव राजनरीखतक पजञा स समपनन पकषरीराज गरड़ को ति भारत न अपना राषटखचनह िना खलया भागवत पररत रासन वयवसा खनखमवत करन वाला वह महान गपतवररीय रासन आज भरी हमार इखतहास म सवखणवम यग माना गया ह खजसम स खनकलरी खवकमाखदतय रपरी रासक परपरा न

अयोधया समत समसत भारत खकवा खवशवभर म भगवान खवषण क धनधावररी सवरप अावत शररीराम करी पखतमा को जन-मन का वासतखवक रासक मानकर भारतरीय राजय को पजा क चरणकमलो करी सवा क खलए हरी मानो सदा क खलए पसतत कर खदया ततायग स पवाखहत होतरी आ रहरी शररीराम करी आदरव परपरा को ति नवरीन आधार खमला उनका खवगरह भारत क गाव-गाव म अपन महान सापतय और सवााग सदर सभरी क भरण-पोषण करी वयवसा क सा जन-जरीवन का आदरव िना आयववद धनववद सापतयवद गाधवववद आखद वदो क समसत उपवदो करी जञान गगा म सभरी वणव और सभरी जाखत क लोग सससकत और उपकत हए लौखकक सि-समखद क आधार सवरप खरकषा-कला-कौरल म भारत का आम आदमरी ससार का सिस हनरमद उतपादक समह माना और जाना जान लगा तो यह हर आतमा क भरीतर उपससत परमातमा सवरप शररीराम करी ओर खनरतर दिन और पतयक कायव म उनकरी छखव को खनरिकर कमवयोग को हरी भगवान करी भसकत का महामत भारत न िना खलया

आज खफर वहरी शररीराम अयोधया म पनः भारत करी राजनरीखत क आदरव रामराजय करी सकलपना को साकार दिन क खलए पनः अपन वभव क सा अपनरी जनमभखम पर खवराजमान हो रह ह तो सपणव मानवजाखत क खलए भारत करी ओर स खनयखत का यह सदर सना और सनाया जाना हरी चाखहए खक राम सभरी क ह सभरी जन राम क हरी ह वह मयावदा क आदरव ह समनवय क आधार ह जरीव करी सदगखत ह खनरतर सखजत होत और खमटत जरीवन करी वह सजरीवनरी ह राम रपरी अमत को पाकर हरी मानवता सदा क खलए सतषट और सिरी हो सकतरी ह इसक खसवाय कोई रासता नही ह सखदयो क िाद भारत म हो रह इस खचरपखतखकषत नवखवहानकाल को घखटत होत दि अयोधया समत भारत का वतवमान आनसनदत हो उा ह उसका लोक पसनन होन लगा ह और सारा काला-कलष-कलमष कलप कलप कर खमट रहा ह तो यह भखवषय करी आहट ह खक गगनाचछाखदत घन अधर अि ससार क पागण स खवदा होग और सतय का सयव सववत एकसमान पकार दता हआ पकट होकर हरी रहगा भागयवान ह यह परीढरी और वो लोग जो इस राम-कायव क साकषरी और कारण िन ह और उसस भरी िड़भागरी ह वो खजनहोन अपना सववसव इस राम-काज क खलए समखपवत कर खदया ह

हम भारत क गराम-गराम म राम क उसरी सकलप करी पखतषा करनरी होगरी खजस राम क खिना गराम िन हरी नही सकता राम हमार जरीवन क सि क कारणरप गराम ह तो समसत सकटो स जरीवन को मसकत खदलान वाल सगराम भरी ह ऐस राम करी साधना जितक भारत करगा वह अपन आतमखनभवर धययप पर अखवकल चलता रहगा ऐसा हमार पववजो का पववकाल स हम खदया गया पाय ह

रवामवार रवामचदवार रवामभदवार धस रघनवाथवार नवाथवार सीतवारः पतर नमः

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पथवरी पर ससषट क अससततव का इखतहास कया ह ससषट क जरीवो का इखतहास कया ह जरीवो करी सभयताका इखतहास कया ह यह सि सदा स हरी कौतक क खवषय रह ह समय समय पर सभयताओ क खवकासक सा हरी ततसमय क खवदान लोग इन सभरी खवषयो को जानन करी चषटा करत रह ह हम खफलहालउसक भद खवभद या तकक आखद म नही जाना यह पशन भारत भखम पर अवससत एक नगर कइखतहास स जड़ा ह खजसका नाम ह अयोधया यह इखतहास भरी इसखलए महतवपणव हो जाता ह कयोखकभारत भखम करी यह अयोधया कोई सामानय नगररी या िसतरी या रहर मात नही ह

पाचरीन भारतरीय वागमय गरो शरखतयो समखतयो पराणो और इखतहास क गहन खवचरण और अधययन क िाद जि भरी अयोधया रबद सामन आता ह तो उसरी क सा धरतरी पर मनषय क आखवभावव करी गाा भरी सामन आन लगतरी ह हजारो पमाण इस िात क मौजद ह खक अयोधया नाम का नगर खकसरी ख़ास वगव जातरी धमव मज़हि समपदाय या अवावचरीन खरलपरी दारा िसाया या िनाया गया नही ह अयोधया इस पथवरी पर ति स ह जि स यह ससषट ह अयोधया हरी वह सल

ह जहा मनषय नाम क पाणरी का सिस पहल आखवभावव हआ और मानव सभयता का भरी जनम हआ भारतरीय वागमयो क अधययन और आचायवो ता खचतको का खनषकषव ह खक ससषट करी रचना क समय मनषय क रप म पहल मानव का आखवभावव इसरी अयोधया म हआ धरतरी पर जि ससषटकताव न मनषय को उतार उसस पहल उसन अयोधयापररी दरी और सा म खदया शरखत गरन ताखक खजस पाणरी को वह ससषट क खलए भज रह या उतार रह ह वह शरखत स ससकार पापत कर ससार का सजन कमव आग िढाए

यह तो हमाररी अजञानता या लापरवाहरी ह खक ससषट करी उतपखतत करी उस कहानरी को हम पढ और पढा रह ह खजसम मनषय को िनदर करी सतान िताया जाता ह वासतव म यह हमार अजञान का हरी पररचायक ह हम पसशचम क उस कखत खवजञान को सिकछ मानन लग ह जो चौक चौक कर एक एक कदम चलता ह अपन हरी पखतपादन को आग आकर िाररज़ करता ह पसशचम करी नक़ल क इस यग म हम अपन हरी इखतहास को पररी तौर पर भल गए व कखत सभय लोग खजनम स खकसरी का इखतहास दो हजार साल खकसरी

अयोधा एक दरशन

अयोधया किल एक नगर मातर नही ह िासति म यह पथिी पर मानि जावत की उतपवति उसकी ससककवत

और उसक समगर सभयताओ क विकास की िासतविक

राजधानी ह आवद परष मन का अविभाषि इसी अयोधया

क साथ हआ और उनही मन स मानि समदाय का विकास सभि हो पाया इसक वलए

पकशचम की वकसी अिधारणा म जान की आिशयकता नही बकक किल अपनी

शवतयो समवतयो और सिय क इवतहास को ही जानन की

आिशयकता ह

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इस बरहाणड म सकषट की कपना क साथ ही अयोधया का भी अकसतति ककपत होन लगता ह आज का विजान वजन करोडो बरहाडो की बात

कहता ह उनम स वजस बरहाणड पर हम ह उसकी पथिी और उस पर रची जा चकी सकषट की जानकारी भी बहत जररी ह पथिी क अकसतति का इवतहास या ह इसी विषय पर परसतत ह सजय वतिारी का आलख

अधयकष

भारत ससकखत नयास नयरी खदललरी

तरता यग सर परव तरता यगोपरात और ररवमान सररप

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का डरढ हजार साल का ह उनकरी धारणाओ और उनक कन को मरील का पतर िना कर हम पाठयकम िना खलए और अपन िद क उपलबध लािो वषव क इखतहास को कड़र म दाल खदए एक पसशचमरी आदमरी न कह खदया करी मनषय क पववज िनदर और हमन मान खलया यह जानन का भरी पयास नही खकया खक मनषय रबद आया कहा स ह यहरी स अयोधया करी भरी कहानरी रर होतरी ह भारतरीय शरखतयो और अनय वागमयो म हजारो ऐस पमाण ह जो साखित करत ह खक धरतरी पर पम मानव हमार आखद परष मन हरी हम सभरी मन करी हरी सतान ह इसरी मन रबद स मनषय रबद का भो जनम हआ ह मन क वरज अावत मानव यह खकतन दःि करी िात ह खक िद करी वरावलरी होत हए भरी आज का मानव िदरो म अपनरी वरावलरी करी तलार कर रहा ह

िहरहाल यहा चचाव अयोधया करी हो रहरी ह अयोधया क उस इखतहास करी जो तता यग स पहल तता यग म और तता यग क िाद का ह इसको समझन क खलए जरररी ह करी पहल यगो करी काल गणना को सकषप म जान खलया जाय ससषट का इखतहास कलप म और ससषट म मानव उतपखतत व उतान का इखतहास मनवतरो म वखणवत खकया गया ह और उसक पशचात मनवनतरो का इखतहास यग-यगानतरो म खवसतार स समझाया गया ह

पाचीन गरनथो म मानर इततहास को पाच कलपो म बाटा गया

1 हमत कलप 1 लाि 9 हजार 8 सौ वषव खवकमरीय पवव स आरमभ होकर 85800 वषव पवव तक

2 खहरणय गभव कलप 85800 खवकमरीय पवव स 61800 वषव पवव तक बराहम कलप 60800 खवकमरीय पवव स 37800 वषव पवव तक

3 बराहम कलप 60800 खवकमरीय पवव स 37800 वषव पवव तक

4 पादम कलप 37800 खवकम पवव स 13800 वषव पवव तक

5 वराह कलप 13800 खवकम पवव स आरमभ होकर इस समय तक चल रहा ह

यह भरी सौभागय का खवषय ह खक ससषट का सिस रद काल मापन करी वयवसा भारतरीय पणालरी म मौजद रहरी ह भारत का पाचरीन साखहतय सपषट करता ह खक ससषट क उदभव स अि तक का खकतना समय िरीत चका ह और ससषट करी अि तक करी उमर कया ह

रतिक सरत क अनसारldquo खदतरीयपराधव ववसतमनवनतर अषटाखवरखत ndash कलौ यग ५११६

गताबद ldquo अावत यह ववसत मन का अाईसवा कखल ह खजसक ५११६वषव िरीत चक ह | बरहमा क एक खदन को कलप अवा ससषट समय कहत ह | यह कलप १४ मनवनतरो अवा एक सहसत चतयवखगयो का होता ह | अि तक छह मनवनतर िरीत चक ह | एक मनवनतर लगभग ७१ चतयवखगयो का होता ह | ववसत मन करी २७ चतयवगरी िरीत चकरी ह |

अाईसवी म भरी ( कत तता और दापर ) तरीन यग िरीत चक ह | चौ कखल क भरी ५११९ वषव िरीत चक ह | एक मनवनतर म 71 चतयवखगया होतरी ह एक चतयवग म सतयग ततादापर और

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कखलयग होत ह सतयग म 1728000 वषव तता म 1296000 वषव दापर म 864000 वषव और कखलयग म 432000 वषव होत ह इन चारो यगो म कल 4320000 वषव होत ह 71 चतयवखगयो म कल306720000 वषव होत ह छः मनवनतर अावत 1840320000 वषव पर िरीत चक ह और अि सातव मनवनतर करी 28वी चतयवगरी चल रहरी ह गखणत करक दिा गया ह खक इस गणना क अनसार यह समय 1960853115 वषव िनत ह यहरी समय मानव उतपखतत का ह खगनरीज िक ऑफ वलडङ ररकारसव न कलप को समय का सवावखधक लमिा मापन घोखषत खकया ह

अयोधया मन और मानरभारतरीय वागमय म उपलबध साकय साफ़ साफ़ कहत ह करी

सा हरी साखपत आखद परष मन क सा जो ससकखत रर हई उस ससकखत करी राजधानरी अयोधया को मयावदा परषोततम शररी राम क जनम क सा हरी दवरी मयावदा भरी पापत हो गयरी तता यग म भगवान राम क अवतरण क िाद अयोधया को अगखणत गरो न नए ढग स वयाखयाखयत करना रर कर खदया आज अयोधया करी सापना को ससार पभ शररी राम करी जनमसलरी क रप म पहचानता ह रासत कहत ह खक अयोधया पणयनगररी ह अयोधया करी महतता क िार म पवााचल म एक लोकगरीत पचखलत ह -

गगवा बडी गरोदवारी

तीरथ बडरो परवाग

सबस बडी अररोधरवानगरी

जि रवाम मलररो अतवार

इसस पवव खक अयोघया और मन क उदभव पर िात करी जाय यह जरररी लगता ह खक शररी राम और उनकरी पवव वरावलरी पर दसषटपात कर लरी जाय इस को दिन स िहत स तथय सवयम खमल जात ह

खजसस तता क पवव ता तता म अयोधया करी ससखत और महतता पमाखणत होतरी ह

राम क परवजो का इततहासबरहमाजरी करी उनचाखलसवरी परीढरी म

भगवाम शररीराम का जनम हआ ा ववसवत मन क दस पत -

इल इकवाक करनाम अररषट धषट नररषयनतकरष महािलरी रयावखत और पषध

शररी राम का जनम इकवाक क कल म हआ ा और जन धमव क तरीाकर खनखम भरी इसरी कल क

मन क दसर पत इकवाक स खवकखकष खनखम और दणडक पत उतपनन हए

इस तरह स यह वर परमपरा चलत-चलत हररशचनदर रोखहत वष िाह और सगरतक पहचरी

इकवाक पाचरीन कौरल दर क राजा और इनकरी राजधानरी अयोधया री

रामायण क िालकाड म गर वखरषजरी दारा राम क कल का वणवन खकया गया ह जो इस पकार ह

1 - बरहमाजरी स मररीखच

2 - मररीखच क पत कशयप

3 - कशयप क पत खववसवान

4 - खववसवान क ववसवत मन हएववसवत मन क समय जल पलय हआ ा

5 - ववसवतमन क दस पतो म स एक का नाम इकवाक ा इकवाक न अयोधया को अपनरी राजधानरी िनाया और इस पकार इकवाक कलकरी सापना करी

6 - इकवाक क पत कखकष हए

7 - कखकष क पत का नाम खवकखकष ा

8 - खवकखकष क पत िाण हए

9 - िाण क पत अनरणय हए

10- अनरणय स प हए

11- प स खतरक का जनम हआ

12- खतरक क पत धधमार हए

13- धनधमार क पत का नाम यवनाशव ा

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14- यवनाशव क पत मानधाता हए

15- मानधाता स सससनध का जनम हआ

16- सससनध क दो पत हए- धवससनध एव पसनखजत

17- धवससनध क पत भरत हए

18- भरत क पत अखसत हए

19- अखसत क पत सगर हए

20- सगर क पत का नाम असमज ा

21- असमज क पत अरमान हए

22- अरमान क पत खदलरीप हए

23- खदलरीप क पत भगरीर हए भागरीर न हरी गगा को पथवरी पर उतारा ाभागरीर क पत ककतस

24- ककतस क पत रघ हए रघ क अतयत तजसवरी और पराकमरी नरर होन क कारण उनक िाद इस वर का नाम रघवर हो गयाति स शररी राम क कल को रघ कल भरी कहा जाता ह

25- रघ क पत पवद हए

26- पवद क पत रिण

27- रिण क पत सदरवन हए

28- सदरवन क पत का नाम अखनिवणव ा

29- अखनिवणव क पत ररीघरग हए

30- ररीघरग क पत मर हए

31- मर क पत परशरक

32- परशरक क पत अमिररीष हए

33- अमिररीष क पत का नाम नहष ा

34- नहष क पत ययाखत हए

35- ययाखत क पत नाभाग हए

36- नाभाग क पत का नाम अज ा

37- अज क पत दरर हए

38- दरर क चार पत राम भरत लकमण ता रतघन हए इस पकार बरहमा करी उनचाखलसवरी (39) परीढरी म शररीराम का जनम हआ

मन की उतपतर और अयोधयाअभगचछत रवाजनद दमकवा मशरतवाम

पसमतयरि मपवाणवा शररत भरतषयभ

- मिवाभवारत

सपतचरतरीव क पास खवतसता नदरी करी रािा दखवका नदरी क तट पर मनषय जाखत करी उतपखतत हई

पमाण यहरी ितात ह खक आखद ससषट करी उतपखतत बरहमावतव कषत म हरी हई सवायभव को आखद भरी कहा जाता ह सभरी भाषाओ क मनषय-वाचरी रबद मन मनज मानव आदम आदमरी आखद सभरी मन रबद स पभाखवत ह यह समसत मानव जाखत क पम सदरवाहक ह इनह पम मानन क कई कारण ह ससार क पम परष सवायभव मन और पम सतरी री रतरपा इनही पम परष और पम सतरी करी सनतानो स ससार क समसत जनो करी उतपखतत हई मन करी सनतान होन क कारण व मानव कहलाए मानव उस कहत ह खजसम जड़ और पाण स कही जयादा सखकय ह- मन मनषय म मन करी ताकत ह खवचार करन करी ताकत ह इसरीखलए उस मनषय कहत ह चखक यह सभरी करी सतान ह इसरीखलए मनषयत को मानव भरी कहा जाता ह सवायभव मन क हरी कल म आग चलकर सवायभव सखहत कल कमर 7 मन हए और 7 होना िाकरी ह महाभारत म 8 मनओ का उललि खमलता ह शवतवराह कलप म 14 मनओ का उललि ह इन चौदह मनओ को हरी जन धमव म कलकर कहा गया ह

चौिह मनओ क नाम1 सवायमभ 2 सवरोखचष 3 औततमरी 4 तामस मन 5 रवत 6

चाकषष 7ववसवत 8सयवसावखणव 9 दकष सावखणव 10 बरहम सावखणव 11 धमव सावखणव 12 रदर सावखणव 13 रौचय या दव सावखणव 14 भौत या इनदर सावखणव

पजापतय कलप म बरहमा न रदर रप को हरी सवयभ मन और सतरी रप म रतरपा को पकट खकया सवायभव मन एव रतरपा क कल पाच सनतान ी खजनम स दो पत खपयवरत एव उततानपाद ता तरीन कनयाए आकखत दवहखत और पसखत आकखत का खववाह रखच पजापखत क सा और पसखत का खववाह दकष पजापखत क सा हआ दवहखत का खववाह पजापखत कदवम क सा हआ रखच क आकखत स एक पत उतपनन हआ खजसका नाम यजञ रिा गया इनकरी पतरी का नाम दखकषणा ा कखपल ऋखष दवहखत करी सतान पराणो अनसार इनही तरीन कनयाओ स ससार क मानवो म वखद हई

दकष न पसखत स 24 कनयाओ को जनम खदया इसक नाम शरदा लकमरी पसषट धखत तसषट मधा खकया िखद लजा वप रासनत ऋखद और करीखतव ह तरह का खववाह धमव स खकया और खफर भग स खयाखत का खरव स सतरी का मररीखच स समभखत का अखगरा स समखत का पलसतय स परीखत का पलह स कषमा का कखत स सननखत का अखत स अनसया का वखरषट स ऊजाव का वहव स सवाह का ता खपतरो स सवधा का खववाह खकया आग आन वालरी ससषट इनही स खवकखसत हई दो पत- खपयवरत और उततानपाद उततानपाद करी सनरीखत और सरखच नामक दो पतरी ी राजा उततानपाद क सनरीखत स धव ता सरखच स उततम नामक पत उतपनन हए धव न िहत पखसखद हाखसल करी री सवायभव मन क दसर पत खपयवरत न खवशवकमाव करी पतरी

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िखहषमवतरी स खववाह खकया ा खजनस आनिरीध यजञिाह मधाखतख आखद दस पत उतपनन हए खपयवरत करी दसररी पतरी स उततम तामस और रवत- य तरीन पत उतपनन हए जो अपन नामवाल मनवतरो क अखधपखत हए महाराज खपयवरत क दस पतो म स कखव महावरीर ता सवन य तरीन नसषक बरहमचाररी और उनहोन सनयास धमव गरहण खकया ा महाराज मन न िहत खदनो तक इस सपतदरीपवतरी पथवरी पर राजय खकया उनक राजय म पजा िहत सिरी री इनही न मन समखत करी रचना करी री जो आज मल रप म नही खमलतरी उसक अव का अनव हरी होता रहा ह उस काल म वणव का अव रग होता ा और आज जाखत पजा का पालन करत हए जि महाराज मन को मोकष करी अखभलाषा हई तो व सपणव राजपाट अपन िड़र पत उततानपाद को सौपकर एकानत म अपनरी पतरी रतरपा क सा नखमषारणय तरीव चल गए लखकन उततानपाद करी अपकषा उनक दसर पत राजा खपयवरत करी पखसखद हरी अखधक रहरी मन न सनदा नदरी क खकनार सौ वषव तक तपसया करी दोनो पखत-पतरी न नखमषारणय नामक पखवत तरीव

म गौमतरी क खकनार भरी िहत समय तक तपसया करी उस सान पर दोनो करी समाखधया िनरी हई ह

सवायमभ मन क काल क ऋखष मररीखच अखत अखगरस पलह कत पलसतय और वखरष हए राजा मन सखहत उकत ऋखषयो न हरी मानव को सभय सखवधा सपनन शरमसाधय और सससकत िनान का कायव खकया

मानर ससककतत की राजधानी अयोधया अयोधया कवल एक नगर मात नही ह वासतव म यह पथवरी पर

मानव जाखत करी उतपखतत उसकरीससकखत और उसक समगर सभयताओ क खवकास करी वासतखवक राजधानरी ह आखद परष मन का आखवभावव

इसरी अयोधया क सा हआ और उनहरी मन स मानव समदाय का खवकास सभव हो पाया इसक खलए पसशचम करी खकसरी अवधारणा म जान करी आवशयकता नही िसलक कवल अपनरी शरखतयो समखतयो और सवय क इखतहास को हरी जानन करी आवशयकता ह पसशचमरी इखतहासकारो जरीवराससतयो परावजञाखनको जरीवाशम खवजञाखनयो अवा दारवखनको न ससषट और मनषय करी उतपखतत को लकर चाह जरीतनरी वयाखयाए दरी हो परत उनकरी कोई वयाखया अभरी तक सटरीक नही पायरी गयरी उनकरी साररी िोज कछ हज़ार वषवो पवव स रर होकर खमट जातरी ह और इसरीखलए व कोई नतरीजा नही द पात उनक पास आधार साखहतय हरी नही ह इसखलए उनकरी अवधारणाओ को वासतखवकता करी कसौटरी िाररज़ कर दतरी ह उदाहरण क खलए उनकरी िनदर स मनषय क खवसकसत होन करी अवधारणा यखद सहरी होतरी तो आज धरतरी पर िदर नही होन चाखहए कयो करी िदर को खवसकसत होकर मनषय िन जाना चाखहए ा वासतखवकता यह ह खक ससषट क उदभव और उसक समगर खवकास करी गाा हमाररी शरखतयो

और अनय वागमयो म उपलबध ह लखकन दभावगय ह खक हमार यहा उन पर कोई कारगर अधययन या रोध नही हो पाया शरखत परपरा का जञान हम खमलता तो रहा लखकन िरीत हज़ार वषवो म भारत पर दसररी सभयताओ क हमलो न हमारो उस खवरासत को तोड़ा और हमाररी जञानाजवन करी अपनरी परपरा खवलपत हो गयरी अभरी माता 70 साल पहल हरी हम आज़ाद हए ह लखकन खवडमिना ह खक अि जञानाजवन करी कवल पसशचमरी परमपराओ पर हम जरीन लग ह वह पसशचम खजसक पास खरकषा और जञान का कल अनभव हरी महज कछ सौ सालो का ह

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सभी महापरषो का उदभर सथल अयोधया भारत वषव क चाह खजतन नाम हो इसक चाह खजतन भरी सवरप

और दरवन रह हो पर सभरी क मल म अयोधया हरी खमलतरी ह चाह भरत हो धव हो मानधाता हो िखल हो सगर भगरीर खदलरीप प सतयवादरी हररशचनदर या खवदह महाराज जनक हरी कयो न हो सभरी पर भारत को गवव ह और इन सभरी का समिनध अयोधया स हरी ह इसरी पकार हमाररी ऋखष परमपरा म गर वखरष खवशवाखमत गौतम ररभग शरगरी परररामस लकर रतानद तक सभरी ऋखष मखन और तपससवयो क खलए अयोधया हरी कमवभखम रहरी ह

वासतव म इस ससषट म कवल एक माता अयोधया हरी ह खजसन सभरी यगो क सभरी सभयताओ को जनम लत फलत फलत खवसकसत होत और नषट दिा ह अयोधया हरी साकषरी ह सतयग करी अयोधया हरी साकषरी ह सतयग म दव मानव और उस समय करी अनय ससकखतयो क सघषव करी अयोधया न हरी तता यग म मानव और रकष सभयताओ का सघषव दिा ह अयोधया न हरी दापर म ससकारो और पररवारो का सघषव भरी दिा ह अयोधया हरी ह जो अि मनषय और उसकरी शवास क िरीच का सघषव भरी दि रहरी ह

इततहास म अयोधयाऐखतहाखसक दसतावज ितात ह खक अयोधया रघवररी राजाओ

करी िहत परानरी राजधानरी री ऐसरी धारणा ह खक सवय मन न अयोधया का खनमावण खकया ा वालमरीखक रामायण सपता चलता ह खक सवगावरोहण स पवव रामचदरजरी न कर को करावतरी नामक नगररी का राजा िनायाा शररीराम क पशचात अयोधया उजाड़ हो गई री कयोखक उनक उततराखधकाररी कर न अपनरी राजधानरी करावतरी म िना लरी री काखलदास क महाकावय रघवर स जञात होता ह खक अयोधया करी दरीन-हरीन दरा दिकर कर न अपनरी राजधानरी पन अयोधया म िनाई री महाभारतम अयोधया क दरीघवयजञ नामक राजा का उललि ह खजस भरीमसन न पववदर करी खदसगवजय म जरीता ा घटजातक म अयोधया (अयोजझा) क कालसन नामक राजा का उललि ह गौतमिद क समय कोसल क दो भाग हो गए - उततरकोसल और दखकषणकोसल खजनक िरीच म सरयनदरी िहतरी री अयोधया या साकत उततररी भाग करी और शरावसतरी दखकषणरी भाग करी राजधानरी री इस समय शरावसतरी का महतव अखधक िढा हआ ा िौद काल म हरी अयोधया क खनकट एक नई िसतरी िन गई री खजसका नाम साकत ा िौद साखहतय म साकत और अयोधया दोनो का नाम सा-सा भरी खमलता ह खजसस दोनो क खभनन अससततव करी जानकाररी पापत होतरी ह िालमरीखक रामायण म अयोधया का उललि कोरल जनपद करी राजधानरी क रप म खकया गया ह पराणो म इस नगर क सिध म कोई खवरष उललि नही खमलता ह परनत इस नगर क रासको करी वरावखलया अवशय खमलतरी ह जो इस नगर करी पाचरीनता एव महतव क पामाखणकसाकय ह बराहमण साखहतय म इसका वणवन एक गराम क रप म खकया गया ह ऐसा वणवन खमलता

ह खक सत और मागध उस नगररी म िहत अयोधया िहत हरी सनदर नगररी री अयोधया म ऊचरी अटाररयो पर धवजाए रोभायमान ी और सकड़ो रतखघनया उसकरी रकषा क खलए लगरी हई ी राम क समय यह नगर अवध नाम करी राजधानरी स सरोखभत ा अभरी उपलबध िौद गरनो क अनसार अयोधया पवववतरी ता साकत परवतती राजधानरी री भारतवषव क पखवत सानो म इसका नाम खमलता ह पखयात चरीनरी यातरी फ़ाहयान न इसका lsquoरा-चrsquo नाम स उललि खकया हजो कननौज स 13 योजन दखकषण-पवव म ससत ा

एक इखतहासकार मललसकर न पाखल-परपरा क साकत को सई नदरी क खकनार उननाव खज़ल म ससत सजानकोट क िडहरो स समरीकत खकया ह नाखलयाकष दतत एव कषणदतत िाजपयरी न भरी इसका समरीकरण सजानकोट स खकया ह रगाा अटका म साकत को सरय नदरी कखकनार िताया गया ह अत सभव ह खक पाखल का साकत आधखनक अयोधया हरी हो

अयोधया क पाचीन अतभलरखरग वर क पम रासक पषयखमत (खदतरीय रतरी ई प) का

एक खरलालि अयोधया स पापत हआ ा खजसम उस सनापखत कहा गया ह ता उसक दारा दो अशवमध यजञो क खलए जान का वणवन ह अनक अखभलिो स जञात होता ह खक गपतवररीय चदरगपत खदतरीय क समय (चतवरतरी ई का मधयकाल) और ततपशचात काफ़री समय तक अयोधया गपत सामराजय करी राजधानरी री गपतकालरीन महाकखव काखलदासन अयोधया का रघ वर म कई िार उललि खकया ह काखलदास न उततरकौरल करी राजधानरी साकत और अयोधया दोनो हरी का नामोललि खकया ह इसस जान पड़ता ह खक काखलदास क समय म दोनो हरी नाम पचखलत रह होग मधयकाल म अयोधया का नाम अखधक सनन म नही आता ा यवानचवाग क वणवनो स जञात होता ह खक उततर िदकाल म अयोधया का महतव घट चका ा

कावय सातहतय म अयोधयाअयोधया का उललि महाकावयो म खवसतार स खमलता ह

रामायण क अनसार यह नगर सरय नदरी क तट पर िसा हआ ा ता कोरल राजय का सववपमि नगर ा अयोधया को दिन स ऐसा पतरीत होता ा खक मानो मन न सवय अपन हाो क दारा अयोधया का खनमावण खकया हो अयोधया नगर 12 योजन लमिाई म और 3 योजन चौड़ाई म फला हआ ा खजसकरी पसषट वालमरीखक रामायण म भरी होतरी ह एक परवतती जन लिक हमचनदर न नगर का कषतफल 12times9 योजन ितलाया ह जो खक खनसशचत हरी अखतरखजत वणवन ह साकयो क अवलोकन स नगर क खवसतार क खलए कखनघम का मत सवावखधक महतवपणव लगता ह उनकरी मानयता ह खक नगर करी पररखध 12 कोर (24 मरील) री जो वतवमान नगर करी पररखध क अनरप ह अयधया खहनदओ और जखनयो का एक पखवत तरीवसलह और इसका उललि सपतपररयो म सववपम खकया जाताह पराणो क

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अनसार इन सात पररयो या तरीथो को मोकषदायक कहा गया ह इनका सखकषपत खववरण इस पकार ह-

कवाशी कवाची चमवारवाखरवातररोधरवाविवारतरमप

मथरवाऽननतकवा चतवाः सपतपरयोऽरि मरोकषदवाः

अररोधरवा-मथरवामवारवाकवाशीकवाचीतननतकवा

परी विवारवातीच सपतत मरोकषदवामरकवाः

1 अयोधयाशररीराम का जनम यही हआ ा राम करी जनम-भखम अयोधया

उततर पदर म सरय नदरी क दाए तट पर ससत ह अयोधया खहनदओ क पाचरीन और सात पखवत तरीवसलो म स एक ह अयोधया को अवववद म ईशवर का नगर िताया गया ह और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह रामायण क अनसार अयोधया करी सापना मन न करी री कई रतासबदयो तक यह नगर सयव वर करी राजधानरी रहा अयोधया एक तरीव सान ह और मल रप स मखदरो का रहर ह यहा आज भरी खहनद िौद इसलाम और जन धमव स जड़र अवरष दि जा सकत ह जन मत क अनसार यहा आखदना सखहत पाच तरीाकरो का जनम हआ ा

2 मथरापराणो म मरा क गौरवमय इखतहास का खवषद खववरण खमलता

ह अनक धमथो स सिखधत होन क कारण मरा म िसन और रहन का महतव कमर िढता रहा ऐसरी मानयता री खक यहा रहन स पाप रखहत हो जात ह ता इसम रहन करन वालो को मोकष करी पाखपत होतरी ह वराह पराण म कहा गया ह खक इस नगररी म जो लोग रधद खवचार स खनवास करत ह व मानव क रप म साकषात दवता ह शराद कमव का खवरष फल मरा म पापत होता ह मरा म शराद करन वालो क पववजो को आधयासतमक मसकत खमलतरी ह उततानपाद क पत धव न मरा म तपसया कर क नकषतो म सान पापत खकया ा पराणो म मरा करी मखहमा का वणवन ह पथवरी क यह पछन पर खक मरा जस तरीव करी मखहमा कया ह महावराह न कहा ा- मझ इस वसधरा म पाताल अवा अतररकष स भरी मरा अखधक खपय ह वराह पराण म भरी मरा क सदभव म उललि खमलता ह यहा करी भौगोखलक ससखत

का वणवन खमलता ह यहा मरा करी माप िरीस योजन ितायरी गयरी ह इस मडल म मरा गोकल वनदावन ोवधवन आखद नगर गराम एव मखदर तड़ाग कणड वन एव अनगखणत तरीथो क होन का खववरण खमलता ह इनका खवसतत वणवन पराणो म खमलता ह गगा क समान हरी यमना क गौरवमय महतव का भरी खवरद खववरण खकया गया ह पराणो म वखणवत राजाओ क रासन एव उनक वरो का भरी वणवन पापत होता ह

3 हररदारहररदार उततरािड म ससत भारत क सात सिस पखवत तरीव

सलो म एक ह भारत क पौराखणक गरो और उपखनषदो म हररदार को मायापररी कहा गया ह गगा नदरी क खकनार िसा हररदार अावत हरर तक पहचन का दार ह हररदार को धमव करी नगररी माना जाता ह सकडो सालो स लोग मोकष करी तलार म इस पखवत भखम म आत रह ह इस रहर करी पखवत नदरी गगा म डिकरी लगान और अपन पापो का नार करन क खलए साल भर शरदालओ का आना जाना यहा लगा रहता ह गगा नदरी पहाड़री इलाको को परीछर छोड़तरी हई हररदार स हरी मदानरी कषत म पवर करतरी ह

4 काशीवाराणसरी काररी अवा िनारस भारत दर क उततर पदर का

एक पाचरीन और धाखमवक महतता रिन वाला रहर ह वाराणसरी का पराना नाम काररी ह वाराणसरी खवशव का पाचरीनतम िसा हआ रहर ह यह गगा नदरी खकनार िसा ह और हज़ारो साल स उततर भारत का धाखमवक एव सासकखतक कनदर रहा ह दो नखदयो वरणा और अखस क मधय िसा होन क कारण इसका नाम वाराणसरी पडा िनारस या वाराणसरी का नाम पराणो रामायण महाभारत जस अनकानक गरनो म खमलता ह

5 काचीपरमकाचरीपरम तरीवपररी दखकषण करी काररी मानरी जातरी ह जो चननई

स 45 मरील करी दररी पर दखकषणndashपसशचम म ससत ह काचरीपरम को काचरी भरी कहा जाता ह यह आधखनक काल म काचरीवरम क नाम स भरी पखसद ह ऐसरी अनशरखत ह खक इस कषत म पाचरीन काल म बरहमा जरी न दवरी क दरवन क खलय तप खकया ा मोकषदाखयनरी सपत पररयो अयोधया मरा दारका माया(हररदार) काररी और अवसनतका (उजन) म इसकरी गणना करी जातरी ह काचरी हररहरातमक पररी ह इसक दो भाग खरवकाचरी और खवषणकाचरी ह

6 अरततकाउजखयनरी का पाचरीनतम नाम अवसनतका अवसनत नामक राजा

क नाम पर ा इस जगह को पथवरी का नाखभदर कहा गया ह महखषव सानदरीपखन का आशरम भरी यही ा उजखयनरी महाराज खवकमाखदतय

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करी राजधानरी री भारतरीय जयोखतष रासत म दरानतर करी रनय रिा उजखयनरी स पारमभ हई मानरी जातरी ह इसकाखलदास करी नगररी क नाम स भरी जाना जाता ह यहा हर 12 वषव पर खसहस कभ मलालगता ह भगवान खरव क 12 जयोखतखलागो म एक महाकाल इस नगररी म ससत ह

7 दारकादारका का पाचरीन नाम ह पौराखणक काओ क अनसार

महाराजा रवतक क समदर म कर खिछाकर यजञ करन क कारण हरी इस नगररी का नाम करसलरी हआ ा िाद म खतखवकम भगवान न कर नामक दानव का वध भरी यही खकया ा खतखवकम का मखदर दारका म रणछोड़जरी क मखदर क खनकट ह महाराज रवतक (िलराम करी पतरी रवतरी क खपता) न पम िार समदर म स कछ भखम िाहर खनकाल कर यह नगररी िसाई होगरी हररवर पराण क अनसारकरसलरी उस पदर का नाम ा जहा यादवो न दारका िसाई री खवषण पराण क अनसार अावत आनतव क रवत नामक पत हआ खजसन करसलरी नामक पररी म रह कर आनतव पर राजय खकया खवषण पराण स सखचत होता ह खक पाचरीन करावतरी क सान पर हरी शररीकषण न दारका िसाई री करसलरी या तव भप रमया पररी पराभदमरावतरीव सा दारका सपखत तत चासत स करवारो िलदवनामा

सात पररयो क अनतसवमबनध इस िात क भरी ऐखतहाखसक पमाण ह खक इन सातो पररयो क

अतवसिध भरी िहत गहर ह अयोधया मरा काररी हररदार काचरीपरम अवखतका या उजखयनरी और दाररका क िार म खवसतार स चचाव समरीचरीन नही ह खकनत भारत वषव म खनवास करन वाल पतयक सनातन मनषय क खलए इन सभरी सात पररयो करी ख़ास महतता ह ख़ास यह ह खक इनम स खकसरी करी चचाव रर करी जातरी ह तो सातो करी चचाव हो हरी जातरी ह

मधयकाल म अयोधयामधयकाल म मसलमानो क उतकषव क समय अयोधया िचाररी

उपखकषता हरी िनरी रहरी यहा तक खक मगल सामराजय क ससापक िािर क एक सनापखत न खिहार अखभयान क समय अयोधया म शररीराम क जनमसान पर ससत पाचरीन मखदर को तोड़कर एक मससजद िनवाईखजसकोलकर खवगत कई दरको स खववाद िना हआ ह मससजद म लग हए अनक सतभ और खरलापटट उसरी पाचरीन मखदर क क हरी

अयोधया क वतवमान मखदर कनकभवन आखद अखधक पाचरीन नही ह और वहा यह कहावत पचखलत ह खक सरय को छोड़कर रामचदरजरी क समय करी कोईखनरानरी नही ह कहत ह खक अवध क नवािो न जि फ़ज़ािाद म राजधानरी िनाई री तो वहा क अनक

महलो म अयोधया क परान मखदरो करी सामगररी उपयोग म लाई गई री

बौदध सातहतय म अयोधयािौद साखहतय म भरी अयोधया का उललि खमलता ह गौतम िद

का इस नगर स खवरष समिनध ा उललिनरीय ह खक गौतम िद क इस नगर स खवरष समिनध करी ओर लकय करक मसजझमखनकाय म उनह कोसलक (कोरल का खनवासरी) कहा गया ह

धमव-पचाराव व इस नगर म कई िार आ चक एक िार गौतम िद न अपन अनयाखययो को मानव जरीवन करी खनसवारता ता कषण-भगरता पर वयाखयान खदया ा अयोधयावासरी गौतम िद क िहतिड़र परसक और उनहोन उनक खनवास क खलए वहा पर एक खवहार का खनमावणभरी करवाया ा सयकतखनकाय म उललि आया ह खक िद न यहा करी याता दो िार करी री उनहोन यहा फण सकत और दारकिधसकत का वयाखयान खदया ा

अयोधया और साकतअयोधया और साकत दोनो नगरो को कछ खवदानो न एक हरी

माना ह काखलदास न भरी रघवर म दोनो नगरो को एक हरी माना ह खजसका समवन जन साखहतय म भरी खमलता ह कखनघम न भरी अयोधया और साकत को एक हरी नगर स समरीकत खकया ह इसक खवपररीत खवखभननखवदानो न साकत को खभनन-खभनन सानो स समरीकत खकया ह इसकरी पहचान सजानकोट आधखनकलिनऊ कसती परा (पसाका) और तसरन खिहार इलाहािाद स 27 मरील दर ससत ह) स करी गई ह इस नगर क समरीकरण म उपयवकत खवदानो क मतो म सवल पमाणो काअभाव दसषटगत होता ह िौद गरनो म भरी अयोधया और साकत को खभनन-खभनन नगरो क रप म पसतत खकया गया ह वालमरीखक रामायण म अयोधया को कोरल करी राजधानरी िताया गया ह और िाद क ससकत गरनो म साकत स खमला खदया गया ह अयोधयाको सयकतखनकाय मएक ओर गगा क खकनार ससत एक छोटा गाव या नगर ितलाया गया ह जिखक साकत उसस खभनन एक महानगर ा अतएव खकसरी भरी दरा म य दोनो नाम एक नही हो सकत ह

जन गरनथ क अनसारजन गरन खवखवधतरीवकलप म अयोधया को ऋषभ अखजत

अखभनदन समखत अननत और अचलभान- इन जन मखनयो का जनमसान माना गया ह नगररी का खवसतार लमिाई म 12 योजन और चौड़ाई म 9 योजन कहा गया ह इस गरन म वखणवत ह खक चकशवररी और गोमि यकषअयोधया क खनवासरी घघवर-दाह और सरय का अयोधया क पास सगम िताया ह और सयकत नदरी को सवगवदारा नाम स अखभखहत खकया गया ह नगररी स 12 योजन पर अषटावट या अषटापद पहाड़ पर आखद-गर का कवलयसान माना गया ह इस गरन म यह भरी वखणवत ह खकअयोधया क चारो दारो पर

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24 जन तरीाकरो करी मखतवया पखतषाखपत ी एक मखतव करी चालकय नरर कमारपाल न पखतषापना करी री इस गरन म अयोधया को दरर राम और भरत करी राजधानरी िताया गया ह जनगरनो म अयोधया को खवनरीता भरी कहा गया ह

जन गर महापराण (आखदपराण) क अनसार करोड़ो वषव पवव अयोधया म पाच तरीाकरो क जनम तो हए हरी ह सा हरी वहा अनय अनक इखतहास भरी जड़ अयोधया म वतवमान म रायगज पररसर म 31 फट उततग भगवान ऋषभदव करी िरगासन पखतमा खवराजमान ह वहा पखतवषव चतकषण नवमरी क खदन भगवान ऋषभदव क जनम कलयाणक खदवस का वाखषवक मला आयोखजत होता ह खजसम हज़ारो शरदाल भकत भाग लकर पणयलाभ पापत करत ह अयोधया म सवगवदार मोहलल म ऋषभदव का सनदर खजन मखदर िना ह वह भगवान का वासतखवक जनम सानमाना जाता ह सरय नदरी क खनकट हरी भगवान ऋषभदव उदान िहत सदर िना हआ ह जहा दर- खवदर क हज़ारो पयवटक पखतखदन आकर पाकखतक सौदयव का आनद लत ह

राज डतरडस क अनसारराज डरखवरस का कन ह खक दोनो नगर वतवमान लदन और

वसटखमसटर क समान एक-दसर स सटर रह होग जो कालानतर म खवकखसत होकर एक हो गय अयोधया समभवत पाचरीन राजधानरी री और साकत परवतती राजधानरी खवरदाननद पाक भरी राज डरखवरस क मत का समवनकरत ह और पररवतवन क खलए सरय नदरी करी धारा म पररवतवन या खकसरी पाकखतक कारण को उततरदायरी मानत ह खजसक कारण अयोधया का सकचन हआ और दसररी तरफ़ नई खदरा म परवतती काल म साकत का उदभव हआ

साकय साकयो क अवलोकन स दोनो नगरो क अलग-अलग अससततव

करी सावकता खसद हो जातरी ह ता साकत क परवतती काल म खवकास करी िात सतय क अखधक समरीप लगतरी ह इस सनदभव म ई ज ामस रामायण करी परमपरा को िौद परमपरा करी अपकषा उततरकालरीन मानत ह उनकरीमानयता ह खक पहल कोरल करी राजधानरी शरावसतरी री और जि िाद म कोरल का खवसतार दखकषण करी ओर हआ तो अयोधया राजधानरी िनरी जो खक साकत क हरी खकसरी खवजयरी राजा दारा खदया हआ नाम ा

परवाततमदो कवा मत कछ पराततवखवदो या-पो बरजवासरी लाल ता हसमि

धरीरजलाल साकखलया न रामायण इतयाखद म वखणवत अयोधया करी पहचान नगर करी भौगोखलक ससखत पाचरीनता एव सासकखतक अवरषो का अधययन खकया रामायण म वखणवत उपयवकत खववरणो क अनतर करी वयाखया भरी पसतत करी ह इन दोनो खवदानो का यह मत ा खक परातासतवक दसषट स न कवल अयोधया करी पहचान करी जा

अयोधया का इततहास पसतक सर महतरपरव अश-अयोधया वजस अिध और साकत भी कहत ह

अतयत पारीन नगरी ह यह पहल उततरकोशल की राजधानी थी वजसम सख-सममवद क साथ वहनद लोग वजस िसत की आकाकषा करत या वजसका आदर-सममान करत ह िह सब पाप हो रका था जसा वक अब वमलना असभि ह और जो उस तजधारी राजिश का वनिास सथान था जो सयशदि स उतपन हआ और वजसम 60 वनदवोष शासको क पीछ मयाशदा परषोततम शीरामरदर का अितार हआ इस िीर को ऐवतहावसक समालोरना स मनषय की कलपना का सिवोततम वनसगश वसद कर या अदरधऐवतहावसक सथान द इस पर विरार करना वयथश ह इवतहास का उस पभाि स समबध ह जो इनक ररररि का इस बड़ी आयशजावत क सामावजक और धावमशक विशिास पर ह और इवतहास यह भी दखता ह वक इनकी जनम-भवम की यारिा को बड़ी शदा और भकत स यावरियो की ऐसी भीड़ आती ह जसी वकसी दसर तीथश म नही अयोधया का नाम 7 तीथषो म सबस पहल आया ह-अयोधया मथररा माया काशी काञी हररतनिका पररी दारारिीिर सपिा मोकदातयकाछद म अयोधया का नाम पहल आना उसक

पाधानय का पमाि नही परत यह ठीक नही एक पवसद शलोक और ह वजसस पकट ह वक अयोधया-तीथश-रपी विषि का मसतक ह-विषिो पादमिकनतका गििती मधय र काञीपरीननातभ दाररिीनिथा ि हदय मायापररी परणयदामगीरामिमरदाहरतनि मथररा नासाञ राराणसीमएिदबाहमतरदो रदतनि मरनयोऽयोधयापररी

मसिकमशष 6 तीथषो म स अनक की बड़ाई इसी कोशल-

राजधानी क समबध स हई ह शीककषि जी क जनम स पहल मथरा को शरिघन न बसाया था वजनको शीरामरदर न यमनातट पर बस हए तपकसियो क सतान िाल लिि को मारन क वलए भजा था माया या मायापरी हररदार का नामातर ह जहा अयोधया क राजा भगीरथ की लाई हई गगा पहाड़ो स वनकलकर मदान म आती ह और काशी अयोधया की शमशान- भवम ह इन वदनो भी अयोधया जन-मतािलकमबयो का ऐसा ही तीथश ह जसा वहनदओ

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सकतरी ह रामायण म वखणवत अनय सान या- ननदरीगराम शरगवरपर भारदाज आशरम पररयर एव वालमरीखक आशरम भरी खनसशचत रप स पहचान जा सकतह इस सनदभव म पो बरजवासरी लाल दारा खवरद रप म खकए गए परातासतवक सववकषण एव उतिनन उललिनरीय ह परातासतवक आधार पर पो लाल न रामायण म उपयवकत सानो करी पाचरीनता को लगभग सातवी सदरीई प म रिा इस साकय क कारण रामायण एव महाभारत करीपाचरीनता का जो कम ा वह पररवखतवत हो गया ता महाभारत पहल का पतरीत हआ इस पकार पो लाल ता साकखलया का मत हमचनदर राय चौधररी क मत स खमलता ह शररी रायचौधररी का भरी कन ा खक महाभारत म वखणवत सान एव घटनाए रामायण म वखणवत सान एव घटनाओ क पवव करी ह

मनीश चनद जरोशी कवा मत शररी मनरीर चनदर जोररी न पो लाल एव साकखलया क इस मत करी

िलकर आलोचना करी ता तखततररीय आरणयक म उदत अयोधया क उललि का वणवन करत हए यह मत पसतत खकया-

जि तखततररीय आरणयक करी रचना हई उस समय मनरीखषयो करी नगररी अयोधया एव उसकरी ससकखत (अगर यह री तो) को लोग पणवत भल गय अयोधया पणवत पौराखणक नगररी पतरीत होतरी ह आधखनक अयोधया और राम स इसका साहचयव परवतती काल का पतरीत होता ह इन आधारो पर शररी जोररी न कहा खक वखदक या पौराखणक सामगररी क आधार पर परातासतवक साकयो का समरीकरण न तो गराहय ह और न हरी उखचत उनका यह भरी कन ा खक अखधकतर भारतरीय पौराखणक एव वखदक सामगररी का उपयोग धमव एव अनषान क खलए खकया गया ाऐखतहाखसक रप स उनकरी सतयता सखदगध ह

परो बरजवासी लवाल कवा मत शररी जोररी क मतो का िणडन पो बरजवासरी लाल न पराततव

म छप अपन एक लि म खकया ह शररी लाल का कहना ह खक शररी जोररी का पम मत उनक ततरीय मत स मल नही िाता उनका कहना ह खक पम तो जोररी यह मानन को तयार हरी नही होत एव खदतरीय यह सपषट नही हखक राम एव आधखनक अयोधया का समिनध खकस काल म एव कस जोड़ा गया पो लाल का कहना ह खक अयोधया रबद न कवल तखततररीय आरणयक म ह िसलक इसका उललि अवववद म भरी खमलता ह इसक खवसतत अधययन स अयोधया रबद का पयोग अयोधया नगररी स हरी नहीिसलक अजय स खलया जा सकता ह तखततररीय आरणयक म वखणवत अयोधया नगररी का समरीकरण उनहोन मनषय रररीर स खकया ह ता शररीमदभागवदगरीता म आए उस शलोक का खजक़र खकया ह खजसम रररीर नामक नगर का वणवन ह शररी लाल का कहना ह खक तततररीय आरणयकअवववद ता शररीमदभगवदगरीता म रररीर क एक समान उललि खमलत ह खजसम कहा गया ह खक दवताओ करी इस सवखणवम नगररी क आ चक (पररकषत) और नौ दार ह जो खक हमरा पकारमान रहता ह नगर क पकारमान होन करी वयाखया मनषय क धयानमनि होन

का 24 तीथथकरो म स 22 इकिाकिशी थ और उनम स सबस पहल तीथथकर आवदनाथ (ऋषभदि जी) का और 4 और तीथथकरो का जनम यही हआ थाबौदमत की तो कोशला जनमभवम ही माननी

रावहए शायमवन की जनमभवम कवपलिसत और वनिाशिभवम कवशनगर दोनो कोशला म थ अयोधया म उनहोन अपन मत की वशकषा दी और ि वसदात बनाए वजनस जगतपवसद हए और कवशनगर म उनह िह पद पाप हआ वजसकी बौदमत िाल आकाकषा करत

और वजस वनिाशि कहत ह सयशिश क असत होन पर 80 िषश तक अयोधया शकतशाली गपो की राजधानी रही ह सोलकी राजाओ क विषय म कछ ऐस पमाि वमल ह वजनस विवदत होता ह वक यह लोग अयोधया स ही पहल दवकषि गए और िहा सालकी (रालय) राजय सथावपत वकया िहा स गजरात आए जहा अनहलिाड़ को राजधानी बनाकर बहत वदनो तक शासन करत रह परत यह अभी तक वनकशरत नही हआ वक सोलकी जो अपन को रदरिशी मानत ह अयोधया क वसहासन पर कब बठ थराजा साहब सतारा क पास की एक िशािली स विवदत होता ह वक रादरसनीय कायसथ सरयतट पर अयोधया (अजोढा) और मविपर (आजकल का मनकापर) स गए थ पवसद इवतहास-ममशजञ सीिाई िद न वहनद भारत क अत म वलखा ह वक अतयत पारीन काल म अयोधया म वहनदी सावहतय की उतपवतत हई सामानय लोगो को यह सनकर भी आशरयश होगा वक मसलमान भी अयोधया को अपना बड़ा तीथश मानत ह मदीनतल-औवलया नाम क उदश गरथ म जो अयोधया स पकावशत हआ ह वलखा ह वक अयोधया म आदम क समय स आज तक अनक औवलया और पीर हए ह मसलमान निाब िजीरो क राज म अयोधया ही का एक अश फजाबाद क नाम स 3 निाब िजीरो की राजधानी रहा शजाउदौला क शासन म इसकी शोभा दखकर यरोपीय यारिी रवकत होत थ सावहतयरतन वहनदी सधाकर रायबहादर शी अिधिासी लाला सीताराम बीए या कहत ह

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क पशचातजञान जयोखत क पापत होन करी ससखत स करी गई ह आ चको (पररकषतो) का समरीकरण आ धमखनयो क जाल-नरीच करी मलधारा स रर होकर ऊपर करी सहसर धारा तक-स करी गई ह नवदारो का समरीकरण रररीर क नवदारो-दो आि नाक क दो दार दो कान मि गदा एवखरशन- स खकया गया ह

पो बरजवासरी लाल न शररी मनरीरचनदर जोररी क रोधपत एव समिसनधत सामगररी का खवसतत खववचन करक अपन इस मत का पषटरीकरण खकया खक आधखनक अयोधया एव रामायण म वखणवत अयोधया एक हरी ह यखद परातासतवक सामगररी एव रामायण म वखणवत सामगररी म मल नही िातातो इसका अव यह नही खक अयोधया करी पहचान गलत ह या खक वह पौराखणक एव कालपखनक नगर ा वासतव म दोनो सामखगरयो क मल न िान का मखय कारण रामायण क मल म खकया गया िार-िार पररवतवन ह

चीनी रवामरिरो कवा रवारिवा मरणचरीनरी यातरी फ़ाहयान न अयोधया को रा चनाम स अखभखहत खकया

ह उसक याता खववरण म इस नगर का अतयनत सखकषपत वणवन खमलता ह फ़ाहयान क अनसार यहा िौदो एव बराहमणो म सौहादव नही ा उसन यहा उन सानो को दिा ा जहा िद ित और टहलत इससान करी समखतसवरप यहा एक सतप िना हआ ा

हन तसवागहवन तसाग नवदवकल नगर स दखकषण पवव 600 लरी याता करक

और गगा नदरी पार करक अयधा (अयोधया) पहचा ा यह समपणव कषत 5000 लरी ता इसकरी राजधानरी 20 लरी म फलरी हई री यह असग एव िसिध का असायरी खनवास सान ा यहा फ़सल अचछरी होतरी ी और यह सदव पचर हररीखतमा स आचछाखदत रहता ा इसम वभव रालरी फलो क िाग ता यहा करी जलवाय सवासथयवधवक री यहा क खनवासरी खरषट आचरण वाल खकयाररील एव वयावहाररक जञान क उपासक इस नगर म 100 स अखधक िौद खवहार और 3000 स अखधक खभकषक जोमहायान और हरीनयान मतो क अनयायरी यहा 10 दव मसनदर खजनम अिौदो करी सखया अपकषाकत कम री

हवन तसाग खलित ह खक नगर क उततर 40 लरी दररी पर गगा क खकनार एक िड़ा सघाराम ा खजसक भरीतर अरोक दारा खनखमवत एक 200 फट ऊचा सतप ा यह वहरी सान ा जहा पर तागत न दव समाज क उपकार क खलए तरीन मास तक धमव क उततमोततम खसदानतो काखववचन खकया ा इस खवहार स 4-5 लरी पसशचम म िद क अससयकत एक सतप ा खजसक उततर म पाचरीन खवहार क अवरष जहा सौतासनतक समपदाय समिनधरी खवभाषा रासत करी रचना करी गई रीहवन तसाग क अनसार राजधानरी म एक पाचरीन सघाराम ा यह वह सान हजहा दरिध न कखन पररशरम स खवखवध रासतो करी रचना करी री इन भनिावरषो म एक महाककष

ा जहा पर िसिध खवदरो स आन वाल राजकमारो एव खभकषओ को िौदधमव का उपदर दत हवन तसाग क अनसार नगर क दखकषण-पसशचम म 5-6 लरी करी दररी पर एक आमरवाखटका म एक पाचरीन सघाराम ा यह वह सान ा जहा असङग िोखधसतव न खवदाधययन खकया ा आमरवाखटका स पसशचमोततर खदरा म लगभग 100 क़दम करी दररी पर एक सतप ा खजसम तागत क नि और िाल रि हए इसक खनकट हरी कछ पाचरीन दरीवारो करी िखनयाद ी यह वहरी सान ह जहा पर वसिध िोखधसतव तखषत सवगव स उतरकर असङग िोखधसतव स खमलत

परवातवानतक उतखननभारतवषव क पाचरीन इखतहास को समझन म परातासतवक साकयो

का िड़ा महतव ह उतिनन स हरी पाचरीन सभयताओ क िार म आज का मनषय जान सका ह अयोधया क सरीखमत कषतो म पराततववतताओ न उतिनन कायव खकए इस कषत का सववपम उतिनन पोफ़सर अवध खकरोर नारायण क नततव म काररी खहनद खवशवखवदालय क

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एक दल न 1967-1970 म खकया यह उतिनन मखयत जन घाट क समरीप क कषत लकमण टरकररी एवनल टरील क समरीपवतती कषतो म हआ उतिनन स पापत सामगररी को तरीन कालो म खवभकत खकया गया ह-

पथम कवालउतिनन म पम काल क उततररी काल चमकरील मणभाड परमपरा

(एन िरी परी ियर) क भर पात एव लाल रग क मणभाड खमल ह इस काल करी अनय वसतओ म खमटटरी क कटोर गोखलया खख़लौना गाड़री क चक हडरी क उपकरण ताि क मनक सफखटक ररीरा आखद क मनक एवमणमखतवया आखद मखय ह

दसरवा कवालइस काल क मणभाड मखयत ईसा क पम रताबदरी क ह

उतिनन स पापत मखय वसतओ म मकरमिाकखत टोटरी दावात क ढककन करी आकखत क मतपात खचपटर लाल रग क चपटर आधारयकत लमिवत धारदार कटोर सटप और मतपात िणड आखद ह

ततीर कवालइस काल का आरमभ एक लमिरी अवखध क िाद खमलता ह

उतिनन स पापत मधयकालरीन चमकरील मतपात अपन सभरी पकारो म खमलत ह इसक अखतररकत काहरी एव पोकलन मणभाड भरी खमल ह अनय पमि वसतओ म खमटटरी क डिर लोढर लोह करी खवखभनन वसतए मनक िहमलयपतर ररीर करी एकरगरी और िहरगरी चखड़या और खमटटरी करी पर आकखतया (खवरषकर खचखड़यो करी आकखत) ह

अररोधरवा क कछ कषरिो कवा पन उतखननअयोधया क कछ कषतो का पन उतिनन दो सतो 1975-1976

ता 1976-1977 म बरजवासरी लाल और क वरी सनदराजन क नततव म हआ यह उतिनन मखयत दो कषतो- रामजनमभखम और हनमानगढरी म खकया गया इस उतिनन स ससकखतयो का एक खवशवसनरीय कालकमपकार म आया ह सा हरी इस सान पर पाचरीनतम िसतरी क खवषय म जानकाररी भरी खमलरी ह उतिनन म सिस खनचल सतर स उततर कालरीन चमकरील मणभाड एव धसर मणभाड परमपरा क मतपात खमल ह धसर परमपरा क कछ मणभाडो पर काल रग म खचतकाररी भरी खमलतरी ह

िनमवानगढी कषरि म उतखननहनमानगढरी कषत स भरी उततररी कालरी चमकरीलरी मणभाड ससकखत

क अवरष पकार म आए ह सा हरी यहा अनक पकार क मखतका वलय कप ता एक कए म पयकत कछ रकवाकार ईट भरी खमलरी ह उतिनन स िड़री माता म खवखभनन पकार करी वसतए खमलरी ह खजनम मखयत आधादजवन महर70 खसकक एक सौ स अखधक लघ मणमखतवया आखद उललिनरीय ह इस उतिनन म सिस महतवपणव उपलसबध आद ऐखतहाखसक काल क रोलटरड मणभाडो करी पाखपत ह

य मणभाड पम खदतरीय रताबदरी ई क ह इस पकार क मणभाडो करी पाखपत स यह खसद होता ह खक ततकालरीन अयोधया म वाखणजय और वयापार िड़र पमान पर होता ा यहवयापार सरय नदरी क जलमागव दारा गगा नदरी स समिद ा

आद ऐखतहाखसक काल क पशचात यहा क मलिो और गडो स पापत वसतओ क आधार पर वयावसाखयक कम म अवरोध दसषटगत होता ह समभवत यह कषत पन11वी रताबदरी म अखधवाखसत हआ यहा स उतिनन म कछ परवतती मधयकालरीन ईट ककड़ एव चन करी फ़रव आखद भरीखमल ह अयोधया स 16 खकलोमरीटर दखकषण म तमसा नदरी क खकनार ससत ननदरीगराम म भरी शररी बरजवासरी लाल क नततव म उतिनन कायव खकया गया उललि ह खक राम क वनगमन क पशचात भरत न यही पर खनवास करत हए अयोधया का रासन कायव सचाखलत खकया ा यहा कसरीखमत उतिनन स पापत वसतए अयोधया करी वसतओ क समकालरीन ह

सीममत कषरि म उतखनन1981- 1982 ई म सरीखमत कषत म उतिनन खकया गया यह

उतिनन मखयत हनमानगढरी और लकमणघाट कषतो म हआ इसम 700स 800 ई प क कलातमक पात खमल ह शररी लाल क उतिनन स पमाखणत होता ह खक यह िौद काल म अयोधया का महतवपणव सान ा िद रसशम मखण और हरर माझरी क नततव म

नमनवा सखरवा नमनो की मतमथ पनयगणनवा षय म

सखया-7 अयोधया-1 2152 जरी-7 (16) 915 मरीटर 2830 100 िरी परी (880 ई प) 1190- 840 ई प

सखया-8 अयोधया-1 2153 जरी-7 (19) 1100 मरीटर 2860 100 िरी परी (910 ई प) 1210- 900 ई प

सखया-9 अयोधया-1 2154 जरी-7 (20) 1153 मरीटर 3200 130 िरी परी (1250 ई प) 1680-1320 ई प

भारतरीय पराततव सववकषण खवभाग भारत सरकार नई खदललरी दारा िद रसशम मखण और हरर माझरी क नततव म 2003 ईसवरी म रामजनम भखम कषत म उतिनन कायव खकया गया यह उतिनन कायव सववोच नयायालय क खनदवर परवषव 2002स सचाखलत हआ उतिनन स पवव उततररी कषणपररमाखजवत ससकखत स लकर परवतती

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मगलकालरीन ससकखत तक क अवरष पकार म आए पम काल क अवरषो एव रखडयो कािवन खतखयो स यह खनसशचत हो जाता ह खक मानव सभयता करी कहानरी अयोधया म 1300 ईसा पवव स हरी पारमभ होतरी ह

मन ही मानर समाज क आति परषमहखषव मन हरी पहल वयसकत ह खजनहोन एक वयवससत िरी

खनयमिद नखतक आदरव मानवरीय जरीवन जरीन करी पदखत खसिाई ह | मन हरी वह धमव गर ह खजनहोन यजञ परमपरा का पवतवन खकया | उनक दारा रखचत धमवरासत खजसको करी आज मनसमखत क नाम स जाना जाता ह सिस पाचरीन समखत गरन ह | इखतहास उा कर दि लरीखजय वखदक साखहतय स लकर आधखनक काल तक एक परमपरा उन रासतकारो साखहतयकारो लिको कखवयो और राजाओ करी खमलतरी ह खजनहोन मकतक स मन करी पररा करी ह | वखदक5 सखहताओ एव बराहमण गरो म मन करी वचनो को ldquo औषध क समान खहतकाररी और गणकाररी कहा ह ldquo | महखषव िालमरीखक रामायण म मन को एक पमाखणक धमव रासतजञ क रप म उदत हरात ह और शररी राम अपन आचरण को रासत सममत खसद करन क खलए उसक समव म मन क शलोको को उदत करत ह | महाभारत म अनक सानो पर उनक धमव रासत को पररीकषा खसद घोखषत खकया ह | अनक परानो म उनह आखद राजऋखष रासतकार आखद खवरषणो स खवभखषत खकया ह | खनरकत म आचायव यासक न मन क मत को उदत करक पत पतरी क समान दायभाग क खवषय म पमाखणक माना ह | कौखटलय अवरासत म चाणकय न मन क मत को पमाण रप म उदत खकया ह | समखतकार िहसपखत मन करी समखत को सिस पमाखणत मान कर खवरद समखतयो को अमानय घोखषत करत ह | िौद कवरी अशवघोष न अपनरी कखत ldquo वजरकोपखनषद ldquo म मन क पमाणो को पमाण रप माना ह | याजञवलकय समखत मन समखत पर हरी आधाररत ह | शररी रवरीनदरना टगोर डाकटर राधाकषणन जवाहरलाल नहर आखद राषट नताओ न मन को आखद लॉ मगर क रप म उसललखित खकया ह | अनक काननखवदो जससटस डरी एन मलला एन राघवाचायव आखद न सवरखचत खहनद लॉ समिनधरी गरो म मन क खवधान को lsquo अाररटरी lsquo घोखषत खकया ह | मन क मतवयो का समवन करत हए अपनरी पसतको म मकसमलर ए ए मकडोनाल ए िरी करी परी ॉमस आखद पाशचतय लिको न मन समखत को धमव रासत क सा सा एक लॉ िक भरी माना ह| जमवन क पखसद दारवखनक फरीडररच नरीतस न तो यहा तक कहा ह करी ldquo मनसमखत िाइखिल स उततम गरन ह ldquo िसलक ldquo उसस िाइखिल करी तलना करना भरी पाप ह ldquo कहन का

तातपयव यह ह करी मनसमखत को पररी दखनया क खवदानो न महतव खदया ह | यखद मनसमखत न होतरी तो न हरी नयाय वयवसा न अव वयवसा न कमव वयवसा अावत कोई भरी वयवसा नही होतरी| लव न िसाया लाहौर और कसर री कर करी राजधानरी धमावचायव और इखतहासवतता कहत ह खक पाखकसतान क लाहौर रहर को भगवान राम क पत लव न िसाया ा वहा सनातन धखमवयो न हजारो साल तक वषणव धमव का झडा फहराया यहा स कछ दर ससत कसर नगर को कर दारा िसाया गया माना जाता ह इस िार म कई अखभलि भरी सामन आय ह लाहौर परान पजाि करी राजधानरी ह जो रावरी नदरी क दाखहन तट पर िसा हआ ह यह िहत पाचरीन नगर ह लाहौर कराचरी क िाद पाखकसतान म दसरा सिस जयादा आिादरी वाला रहर ह इस पाखकसतान का खदल भरी कहा जाता ह कयोखक इस रहर का इखतहास ससकखत एव खरकषा म अतयत समद रहा ह

पाखकसतान म इस िागो क रहर क रप म भरी जाना जाता ह लाहौर को सभवतः ईसवरी सन करी पारसमभक रतासबदयो म िसाया

गया ा और सातवी रताबदरी ई म यह इतना महतवपणव ा खक उसका उललि चरीनरी यातरी हवन तसाग न खकया ह रतजय क एक अखभलि म लवपर या लाहौर को लामपर कहा गया ह लाहौर रहर रावरी एव वाघा नदरी क तट पर भारत-पाखकसतान सरीमा पर ससत ह

मानयताओ क अनसार लाहौर नगर का पाचरीन नाम लवपर या लवपररी ा और इस शररीरामचनदर क पत लव न िसाया ा कहत ह खक लाहौर क पास ससत कसर नामक नगर को लव क िड़र भाई कर न िसाया ा लाहौर क पजाि खवशवखवदालय म 8671 ससकत-खहदरी करी पाडखलखपया पसतकालय म आज भरी सरखकषत ह यहा अरिरी फरसरी तकती उदव और कषतरीय भाषाओ करी कल िाइस हजार पाडखलखपया रिरी

ह काररी खहद खवशवखवदालय वाराणसरी ससकत न इस सिध म महतवपणव जानकाररया पापत करी ह पौराखणक दसषट स माना जाता ह खक यह नगर भगवान शररीरामचदर क पत लव न िसाया ा लाहौर खकल क अदर उनका मखदर ह लाहौर सासकखतक दसषट स भरी काफरी महतवपणव माना जाता ह बरहमखषव पचता क पत ह िालमरीखक ससषट क आखद कखव और शररीमद रामायण क रचखयता बरहमखषव िालमरीखक कोई चोर अवा डाक नही ह हमार आखद कखव वासतव म बरहमखषव पचता क पत ह वरण दव का हरी एक नाम पचता भरी ह िालमरीखक जरी इनहरी क दसव पत ह इनहोन अयोधया क दखकषण तमसा नदरी क तट पर अपना आशरम साखपत खकया ा पभ शररीराम न जि सरीता जरी को वनवास खदया ति वह इनहरी िालमरीखक जरी क आशरम म आ कर रहरी री शररीमद रामायण जरी म हरी िालमरीखक जरी न अपना परा पररचय खलिा ह जि वह सरीता जरी को लकर राम क दरिार म

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पहचात ह ति वह सवय कहत ह खक राम आपकरी सरीता उतनरी हरी पखवत ह खजतना आपकरी अपकषा ह मन अपन जरीवन म न तो कभरी झ िोला ह और ना हरी खकसरी पकार का कोई गलत कायव खकया ह ऐस म यखद सरीता म कोई भरी दोष हो तो वह सारा पाप मझ लग जाय सवय पर इतना आतमखवशवास करन वाल िालमरीखक जरी खक िात पर पभ शररी राम भरी चखकत ह िालमरीखक जरी लव कर और सरीता जरी को लकर शररी राम क पास आय ह यहा वह अपना पररचय भरी दत ह खक म पचता का दसवा पत िालमरीखक ह अि यह सवय पमाण ह खक रामायण क रचखयता िालमरीखक कभरी डाक नही इस पसग को जगतगर सवामरी राघवाचायव जरी महाराज न भरी खवसतार स वयाखयाखयत खकया ह

अि यह पशन सामन आता ह खक वह िालमरीखक कौन जो डाक इस िार म शररीमद रामायण क साखपत भाषयकार आचायव नागर भटट न खलिा ह खक एक हरी समय म दो िालमरीखक हए ह एकिालमरीखक वह ह जो तमसा क तट पर रहत उनहोन हरी रामायण खक रचना करी दसर िालमरीखक वह ह जो खचतकट म राम स खमल वह िालमरीखक खकसरी ऋखष या बरहमखषव क पत नही िसलक पहल दसय और नारद जरी स खमलन क िाद सनयासरी िन इस पकार स यह भासनत अि दर कर लन करी आवशयकता ह खक ससषट क आखद कखव िालमरीखक पहल चोर या डाक रह ऐसा समझना आखदकखव का अपमान होगा

यह आज जो अयोधया ह आज करी अयोधया चाह जसरी हो पर वसरी नही ह जसरी मन क समय रहरी होगरी ससषट क सा हरी पथवरी पर उताररी गयरी अयोधयापररी का वततवमान िहत हरी खवकत हो चका ह अयोधया करी पकखत और ससकखत क िरीच खवकखत करी िाई काफरी गहररी हो गयरी ह खजस अयोधया पर शररीराम क रासन का वभव सभरी वागमय गात नही कत ह उसरी अयोधया म उसरी राम करी पाखतमा को एक छत इसखलए नसरीि नही हो पा रहरी कयोखक राम क हरी वरजो म उसरी राम क जनमसल को लकर झगड़ा चल रहा ह अयधा

अावत जहा कभरी यद न हो वसरी अयोधया न खपछलरी सदरी क उततराधव म भयकर िन िरािा भरी दि खलया खजस अयोधया म राम क काल म खकसरी पकार क दखहक दखवक भौतरी ताप का पकोप नही होता ा उस अयोधया म आज िहत खवकखतया भररी पड़री ह अयोधया का दभावगय यह रहा करी खपछल लगभग एक हज़ार साल स अखधक समय म भारत पर होन वाल हरक खवदररी आकमण करी मार इस झलनरी पड़री ह यहा शरखत परमपरा म यगो स चलतरी आन वालरी जञान करी धारा को इन आकमणो न िहत नकसान पहचाया पररणाम यह हआ करी खजस अयोधया स जञान लकर ससार पकारमान होता ा उस अयोधया क जञान क पज खवलपतपाय हो चक ह अि भारत करी आधखनक ताहाकाखत मधा पसशचम क कखत पगखतररील आखयानो को आधार िना कर मानव सभयता और खवकास करी कहानरी पढ और पढा रहरी ह

दःि तो इस िात को लकर होता ह खक खबरखटर रासन करी गलामरी स मकत होन क िाद भारत को सचाखलत करन वालरी दररी सरकारो न भरी अयोधया करी खवरासत को सरखकषत करन करी कोखरर नही करी अयोधया का वासतखवक इखतहास तक पकाखरत करन करी कोखरर सरकारो न नही खकया जो नगर मनषय करी ससकखत क खवकास क खलए साखपत ह उस नगर करी घनघोर उपकषा हई सवाधरीनता क िाद सिस जयादा धयान अपनरी इस आखद खवरासत को समहालन पर खदया जाना चाखहए ा पर ऐसा नही खकया गया इसरी िरीच भगवान राम क जनमसान को हरी खववाखदत िना कर राजनरीखत करी रोखटया सकरी जान लगरी आज अयोधया वासतव म खजस ददवरा स गजर रहरी ह उसकरी परीड़ा को समझन करी कोखरर कोई नही कर रहा ससषट करी इस सखगनरी क आसओ को नही समझ गया और ऐस हरी उपकषा होतरी रहरी तो खकसरी एक समदाय खवरष को हरी नही िसलक समचरी मानवता को इसकरी भाररी करीमत चकानरी पड़रगरी

सदभव अगल पष पर ndash

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सनदभय 01- अयोधया मरा माया काररी काखचरवसनतका पररी

दारावतरी चव सपतत मोकषदाखयका िालकाणड 5 6 क अनसार

02- वालमरीखक रामायण उततर काणड 108 4

03- रघ वर सगव 16

04- अयोधया त धमवजञ दरीघवयजञ महािलम अजयत पाडवशरषो नाखततरीवरणकमवणा- सभापवव 30-2

05- जातक सखया 454

06- रायसडरवरीज िखदसट इखडया पष 39

07-बरहम पराण2 1-33ampquot

08- शररीमद भागवत ततरीय सकध 12 52-56 13

09-(ऋगवद 180 168631101005) 14241 तखतत सखहता1513751536713321541056661रतप बराहमण 11414)

10- ऋगवद 8521)ampquot

11- (अवववद 81024)ampquot

12- (ऋगवद 8511)ampquot

13- खवषण पराण

14- एस सरी डर खहसटाररखसटरी ऑफ़ रामायण एड खद इडो आयवन सोसाइटरी इन इखडया एड सरीलोन (खदललरी - अजता पसबलकरस पनमखदवत 1976) पष 80-81

15- ऐतरय बराहमण 731 दि ज रा ए सो 1971 पष 52 (पादखटपपणरी 39 सतमागधसिाधा शररीमतरीमतलपभाम उचाटटालधवजवती रतघनरीरतसकलाम 39 िालका 5 11

16- नदलाल डर खद खजयोगराखफ़कल खडकरनररी ऑफ़ ऐशयट एड खमखडवल इखडया पष 14

17- जमस लगग खद टवलस ऑफ़ फ़ाहयान ओररयटल पसबलरसव खदललरी पनमवखदरत 1972 पष 54

18- जरी परी मललसकर खडकरनररी ऑफ़ पाखल पापर नमस भाग 2 पष 1086

19- नखलनाकष दतत एव कषणदतत िाजपयरी उततर पदर म िौद धमव का खवकास (पकारन बयरो उततर पदर सरकार लिनऊ पम ससकरण 1956) पष 7 एव 12

20-रगाा अटका भाग 1 पष 103

21-39जलाखन या तरीरखनिातयपा वहतययोधयामनराजधानरीम

39 रघ वर 13 61

3 9 आ ल ो क ख य ष य न म ख द त ा म य ो ध य ा पासादमभखलहमाररोह

39- रघ वर 14 29

22- रघ वर 531 1362

23-कोसलो नाम मखदरत सफरीतो जनपदो महान खनखवषट सरयतरीर परभत धनधानयवान (रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 5 amp39मनना मानवदरवण या पररी खनखमवता सवयमय ततव पसकत 12

24-खवनोदखवहाररी दतत टाउन पलाखनग इन ऐशयट इखडया (कलकतता कर ससपक एड क 1925) पष 321- 322 खवखवध तरीवकलप अधयाय 34

25-आयता दर च द योजनाखन महापरो शररीमतरी तखण खवसतरीणव सखवभकतमहापा रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 7

26-दादरयोजनायामा नवयोजन खवसतताम अयोधयलयपराखभखया खवनरीता सोऽकरोतपररीम खतरससतसलाकापररचररत पवव अधयाय 2 शलोक 912

27- ए कखनघम ऐशयट जयोगराफ़री ऑफ़ इखडया (इडोलाखजकल िक हाउस 1963) पष 342

28- मललसकर खडकरनररी ऑफ़ पाखल पापर नमस भाग 1 पष 165

29- सयकतखनकाय (पाखल टरकटस सोसाइटरी) भाग 3 पष 140 और आग ततव भाग 4 पष 179 अधयाय 5 शलोक 31

30- आखद पराण 12 पष 77 खवखवधतरीवकलप पष 55 खवरदानद पाक खहसटरी ऑफ़ कोरल (मोतरीलाल िनारसरीदास वाराणसरी 1963 ई) पष 55

31- ऐलकजडर कखनघम ऐशयट जयोगराफ़री ऑफ़ इखडया (इडोलाखजकल िक हाउस वाराणसरी 1976) पष 405

32- नदलाल डर खद खजयोगराखफ़कल खडकरनररी ऑफ़ ऐशयट एड खमखडवल इखडया पष 174

33- फगवसन आखककयोलाजरी इन इखडया पष 110

34- िरी ए ससम ज रा ए सो 1898 पष 124

35- खवखलयम होवरी ज ऐ सो ि 1900 पष 75

36- डबलय िोसट ज रा ए सो 1906 पष 437 और आग

37- भरतखसह उपाधयाय िदकालरीन भारतरीय भगोल (खहनदरी साखहतय सममलन पयाग 2018) पष 254

38- आवससक कमटरी पष 24

39- राज डरखवरस िखदसट इखडया पष 39

40- हमचनद राय चौधररी पाचरीन भारत का राजनरीखतक इखतहास (खकताि महल इलाहािाद 1976 ई) पष 91

41- खवरदानद पाक खहसटरी ऑफ़ कोरल मोतरीलाल िनारसरीदास वाराणसरी पम ससकरण 1963 पष 58

42- ई ज ामस खद लाइफ़ ऑफ़ िद ऐज लरीजड इन खहसटरी (सटलज एड कगन पाल खलखमटरड लनदन ततरीय ससकरण पनमवखदरत 1952) पष 15

43- बरजवासरी लाल आखककयोलाजरी एड ट इखडयन इखपकस एनलस ऑफ़ खद भणडारकर ओररयटल ररसचव इसटरीटयट खजलद 54 1973 ई

44- हसमि धरीरजलाल साकखलया रामायण खम आर ररयखलटरी नई खदललरी 1973 ई

45- हमचनदर राय चौधररी पाचरीन भारत का राजनरीखतक इखतहास पष 7

46- मनरीरचनदर जोररी आखककयोलाजरी एड इखडयन टरखडरस सम आबजववरन पराततव खजलद 8 1978 ई प पष 89-102

47- तखततररीय आरणयक 127 अषटाचक नवदारा दवना परयोधया तसयाम खहरनमयकोराह सवगवलोको जयोखतषावत यो वयताम बरहममनो वद अमतनावतमपररीम तसम बरहम च आय करीखतवम पजाम यदह खवभाजमानाम हररणरीम यररा सपररीवतताम परम खहरणयमयोम बरहमाखववरापराखजताम

48- बरजवासरी लाल िाज अयोधया ए खमखकल खसटरी पराततव खजलद 10 पष 47

49- अवववद 10228-33

50- शररीमदभागवदगरीता 513

51- पववउललखित 127

52- पववउललखित पराततव खजलद 10 पष 47

53- पववउललखित पराततव खजलद 8 पष 98-102

54- जमस लगग खद टवलस ऑफ़ फ़ाहयान (ओररयटल पसबलरसव नई खदललरी खदतरीय ससकरण 1972) पष 54-55

55- ामस वाटसव ऑन यवॉन चवागस टवलस इन इखडया भाग 1 पष 355

56- िसिध का अधयापन एव पररशरम आखद अयोधया म हरी हआ ा

57- ामस वाटसव ऑन यवॉन चवागस टवलस इन इखडया भाग 1 पष 357

58- इ आ रर 1959-70 पष 40-41

59- इ आ रर 1976-77 पष 52

60- हरर माझरी और िरी आर मखण अयोधया 2002-2003 एकसकवरनस ऐट दरी ampquotखडसपयटरड साइटampquot भारतरीय पराततव सववकषण खवभाग नई खदललरी 2003 छाया पखत

61- कािवन-4 क अदवजरीवन पर आधाररत (5570 30 वषव

62- 39 जलाखन या तरीरखनिातयपा वहतययोधयामनराजधानरीम

39 रघ वर 13 61

3 9 आ ल ो क ख य ष य न म ख द त ा म य ो ध य ा पासादमभखलहमाररोह 39- रघ वर 14 29

63- रघ वर 531 1362

64- कोसलो नाम मखदरत सफरीतो जनपदो महान खनखवषट सरयतरीर पभत धनधानयवान (रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 5

65- 39मनना मानवदरवण या पररी खनखमवता सवयमय ततव पसकत 12

66- खवनोदखवहाररी दतत टाउन पलाखनग इन ऐशयट इखडया (कलकतता कर ससपक एड क 1925) पष 321-322 खवखवध तरीवकलप अधयाय 34

67- आयता दर च द योजनाखन महापरो शररीमतरी तखण खवसतरीणव सखवभकतमहापा रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 7

68- अदभत भारत ए एल वारम

69- पो आर आर पाडरय भारतरीय दरवन

70- पो खवसवमभारररण पाक पाचरीन भारत

71- सवामरी अिणडाननद सरसवतरी शररी राम का एव शररीमद भागवत

72- महामडलशवर सवामरी अवधराननद जरी शररी राम का एव शररीमद भगवत

73- जगतगर सवामरीराघवाचायव जरी शररीमद िालमरीकरीय रामायण

74- शररी रामका सवामरी रामखककर जरी

75- शररीमद रामचररत मानस गोसवामरी तलसरी दास

76- ससकखत क चार अधयाय रामधाररी खसह खदनकर

77- साकत मखलरीररण गपत

laLd`fr ioZtqykbZamp 2020 vksk foskkkad34

06 तदसमबर 1992 क बाद स िगािार िनि म तररािमान शीराम ििा

सरपरीम कोिट क फसि क बाद रामििा की पतरत

िनमभतम तररादो स मरकि हो गई इसक बाद रामििा को िनि स असथाई मतनदर

म ि िाि उततर परदश क मरखयमती िथा गोरक पीठाधीशरर महि योगी

आतदतयनाथ

शी रामििा का पिन करि उततर परदश क

मरखयमती योगी आदततयनाथ

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अयोधया स जड़र ऐखतहाखसक तथय और साकय इस इखतहास क मकममल गवाह ह रामजनमभखम का इखतहास कवल उतना हरी पराना ह खजतना हमार खवशवखवदालयो म पढाया जान वाला इखतहास का खवषय ह भारतरीय इखतहास को पाचरीन मधयकालरीन और आधखनक क िटवार म डाल कर पढान करी वयवसा खवशवखवदालयो म करी गयरी ह आधखनक और मधयकालरीन इखतहास खलिन वाल और उनक पाठयकम तय करन वाल लोगो को हरी असलरी इखतहासकार िता कर

भारत क ताकखत सकयलर सखहषण खवदान लिरी लिरी िहस करत ह और खपछल 60 -70 वषवो स उनह हरी भारत क इखतहास क अखधकत खवदान िताकर उनहरी क पमाणन को सतय का दज़ाव दत आ रह ह य व हरी इखतहासकार ह खजनको रानरी पखदमनरी और उनका जौहर भरी कालपखनक लगता ह इनको वह कछ भरी नही खदिाई दता जो भारत का अपना और िद क गौरव स जड़ा हो इनको हरी आइना खदिन क खलए यह आलि सामन ह सिकछ खतखवार ह यह ह शररीरामजनमभखम का इखतहास -

शरीरामजनमभमम का इवतहास

30 अटटबर 1990 को हजारो रामभतो न िोट-बक क लालची मलायम वसह यादि क दवारा खडी की गई अनक बाधाओ को पार कर अयोधया म परिि वकया और वििावदत ढाच

क ऊपर भगिा धिज िहरा वदया लवकन 2 निमबर

1990 को मखयमतरी मलायम वसह यादि न कारसिको पर गोली चलान का आदि वदया वजसम सकडो रामभतो न अपन जीिन की आहवतया

दी

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भारत क यिसिी परधानमतरी नरनदर मोदी जी अयोधया म भवय शीराम मकनदर क वनमाषण की परवरिया िर करन जा रह ह शीराम जनमभवम पर वपछल पाच सौ िषषो स मकनदर नही था इस सथल पर मकनदर क पनवनषमाण का सघषष बहत कविन रहा ह इस सघषष की गाथा अब एक ऐसा इवतहास ह वजसको पढ कर नई पीढी अिशय कछ न कछ सीखगी

लिक माधयखमक खरकषा सवा चयन िोडङ उ० प० क सदसय और इखतहास क खवदान ह

डा० खदनरमखण खतपारी

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जि िािर खदललरी करी गदरी पर आसरीन हआ उस समय जनमभखम खसद महातमा शयामननद जरी महाराज क अखधकार कषत म री महातमा शयामननद करी खयाखत सनकर खवाजा कजल अबिास मसा आखरकान अयोधया आय महातमा जरी क खरषय िनकर खवाजा कजल अबिास मसा न योग और खसखदया पापकर लरी और उनका नाम भरी महातमा शयामननद क खयाखतपापत खरषयो म खलया जान लगा य सनकर जलालराह नाम का एक फकरीर भरी महातमा शयामननद क पास आया और उनका खरषय िनकर खसखदया पापत करन लगा जलालराह एक कटटर मसलमान ा और उसको एक हरी सनक री हर जगह इसलाम का आखधपतय साखित करना अत जलालराह न अपन काखफर गर करी परी म छरा घोपकर खवाजा कजल अबिास मसा क सा खमलकर य खवचार खकया करी यखद इस मखदर को तोड़ कर मससजद िनवा दरी जाय तो इसलाम का परचम खहनदसान म सायरी हो जायगा धरीर धरीर जलालराह और खवाजा कजल अबिास मसा इस साखजर को अजाम दन करी तयाररयो म जट गए

सववपम जलालराह और खवाजा िािर क खवशवासपात िन और दोनो न अयोधया को िदव मकका िनान क खलए जनमभखम क आसपास करी जमरीनो म िलपववक मत मसलमानो को दफन करना रर खकया और मरीरिाकरी िा क माधयम स िािर को उकसाकर मखदर क खवधवस का कायवकम िनाया िािा शयामननद जरी अपन मससलम खरषयो करी करतत दि क िहत दिरी हए और अपन खनणवय पर उनह िहत पछतावा हआ दिरी मन स िािा शयामननद जरी न रामलला करी मखतवया सरय म पवाखहत खकया और िद खहमालय करी और तपसया करन चल गए मखदर क पजाररयो न मखदर क अनय सामान आखद हटा खलए और व सवय मखदर क दार पर रामलला करी रकषा क खलए िड़र हो गए जलालराह करी आजञा क अनसार उन चारो पजाररयो क सर काट खलए गए खजस समय मखदर को खगराकर मससजद िनान करी घोषणा हई उस समय भरीटरी क राजा महताि खसह िदररी नारायण करी याता करन क खलए खनकल अयोधया पहचन पर रासत म उनह य ििर खमलरी तो उनहोन अपनरी याता सखगत कर दरी और अपनरी छोटरी सना म रामभकतो को राखमल कर 1 लाि चौहततर हजार लोगो क सा िािर करी सना क 4 लाि 50 हजार सखनको स लोहा लन खनकल पड़र

रामभकतो न सौगध ल रकिरी री रकत करी आखिररी िद तक लड़ग जि तक पाण ह ति तक मखदर नही खगरन दग रामभकत वरीरता क सा लड़र 70 खदनो तक घोर सगराम होता रहा और अत म राजा महताि

खसह समत सभरी 1 ल ा ि

74 हजार रामभकत मार गए शररीराम जनमभखम रामभकतो क रकत स लाल हो गयरी इस भरीषण कतल आम क िाद मरीरिाकरी न तोप लगा क मखदर खगरवा खदया मखदर क मसाल स हरी मससजद का खनमावण हआ पानरी करी जगह मर हए खहनदओ का रकत इसतमाल खकया गया नरीव म लिौररी इटो क सा

इखतहासकार कखनघम अपन लिनऊ गजखटयर क 66व अक क पष 3 पर खलिता ह करी एक लाि चौहतर हजार खहदओ करी लार खगर जान क पशचात मरीरिाकरी अपन मखदर धवसत करन क अखभयान म सफल हआ और उसक िाद जनमभखम क चारो और तोप लगवाकर मखदर को धवसत कर खदया गया इसरी पकार हखमलटन नाम का एक अगरज िारािकरी गजखटयर म खलिता ह करी लालराह न खहनदओ क िन का गारा िना क लिौररी ईटो करी नरीवमससजद िनवान क खलए दरी गयरी री उस समय अयोधया स 6 मरील करी दररी पर सन नाम का एक गाव क पखडत दवरीदरीन पाणडरय न वहा क आस पास क गावो सराय खसखसडा राजपर आखद क सयववररीय कषखतयो को एकखतत खकया दवरीदरीन पाणडरय न सयववररीय कषखतयो स कहा भाइयो आप लोग मझ अपना राजपरोखहत मानत ह अप क पववज शररी राम और हमार पववज महखषव भरदाज जरी आज मयावदा परषोततम शररी राम करी जनमभखम को मसलमान आकानता कबरो स पाट रह ह और िोद रह ह इस पररससखत म हमारा मकदरवक िन कर जरीखवत रहन करी िजाय जनमभखम करी रकषाव यद करत करत वरीरगखत पाना जयादा उततम होगा

दवरीदरीन पाणडरय करी आजञा स दो खदन क भरीतर 90 हजार कषखतय इकठा हो गए दर दर क गावो स लोग समहो म इकठा हो कर दवरीदरीन पाणडरय क नततव म जनमभखम पर जिरदसत धावा िोल खदया राहरी सना स लगातार 5 खदनो तक यद हआ छर खदन मरीरिाकरी का सामना दवरीदरीन पाणडरय स हआ उसरी समय धोि स उसक अगरकषक न एक लिौररी ईट स पाणडरय जरी करी िोपड़री पर वार

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कर खदया दवरीदरीन पाणडरय का सर िररी तरह फट गया मगर उस वरीर न अपन पगड़री स िोपड़री स िाधा और तलवार स उस कायर अगरकषक का सर काट खदया इसरी िरीच मरीरिाकरी न खछपकर गोलरी चलायरी जो पहल हरी स घायल दवरीदरीन पाणडरय जरी को लगरी और वो जनमभखम करी रकषा म वरीर गखत को पापत हएजनमभखम खफर स 90 हजार खहनदओ क रकत स लाल हो गयरी दवरीदरीन पाणडरय क वरज सन गराम क ईशवररी पाडर का परवा नामक जगह पर अि भरी मौजद ह पाणडरय जरी करी मतय क 15 खदन िाद हसवर क महाराज रणखवजय खसह न खसफक 25 हजार सखनको क सा मरीरिाकरी करी खवराल और रसतो स ससखजत सना स रामलला को मकत करान क खलए आकमण खकया 10 खदन तक यद चला और महाराज जनमभखम क रकषाव वरीरगखत को पापत हो गए जनमभखम म 25 हजार खहनदओ का रकत खफर िहा रानरी जयराज कमाररी हसवर क सवगतीय महाराज रणखवजय खसह करी पतरी री जनमभखम करी रकषा म महाराज क वरीरगखत पापत करन क िाद महारानरी न उनक कायव को आग िढान का िरीड़ा उाया और तरीन हजार नाररयो करी सना लकर उनहोन जनमभखम पर हमला िोल खदया और हमाय क समय तक उनहोन छापामार यद जाररी रिा रानरी क गर सवामरी महशवरानद जरी न रामभकतो को इकठा करक सना का पिध करक जयराज कमाररी करी सहायता करी सा हरी सवामरी महशवरानद जरी न सनयाखसयो करी सना िनायी इसम उनहोन 24 हजार सनयाखसयो को इकठा खकया और रानरी जयराज कमाररी क सा हमाय क समय म कल 10 हमल जनमभखम क उदार क खलए खकय १०व हमल म राहरी सना को काफरी नकसान हआ और जनमभखम पर रानरी जयराज कमाररी का अखधकार हो गया

लगभग एक महरीन िाद हमाय न पररी ताकत स राहरी सना खफर भजरी इस यद म सवामरी महशवरानद और रानरी कमाररी जयराज कमाररी लड़त हए अपनरी िचरी हई सना क सा मार गए और जनमभखम पर पनः मगलो का अखधकार हो गया शररीराम जनमभखम एक िार खफर कल 24 हजार सनयाखसयो और 3 हजार वरीर नाररयो क रकत स लाल हो गयरी रानरी जयराज कमाररी और सवामरी महशवरानद जरी क िाद यद का नततव सवामरी िलरामचाररी जरी न अपन हा म ल खलया सवामरी िलरामचाररी जरी न गाव गाव म घम कर रामभकत खहनद यवको और सनयाखसयो करी एक मजित सना तयार करन का पयास खकया और जनमभखम क उदाराव 20 िार आकमण खकय इन 20 हमलो म कम स कम 15 िार सवामरी िलरामचाररी न जनमभखम पर अपना अखधकार कर खलया मगर य अखधकार अलप समय क खलए रहता ा ोड़र खदन िाद िड़री राहरी फ़ौज आतरी री और जनमभखम पनः मगलो क अधरीन हो जातरी रीजनमभखम म लािो खहनद िखलदान होत रह उस समय का मगल रासक अकिर ा

राहरी सना हर खदन क इन यदो स कमजोर हो रहरी री अतः अकिर न िरीरिल और टोडरमल क कहन पर िस करी टाट स उस चितर पर ३ फरीट का एक छोटा सा मखदर िनवा खदया लगातार यद करत रहन क कारण सवामरी िलरामचाररी का सवासथय खगरता चला गया ा और पयाग कमभ क अवसर पर खतवणरी तट पर सवामरी िलरामचाररी करी मतय हो गयरी इस पकार िार-िार क आकमणो और खहनद जनमानस क रोष एव खहनदसान पर मगलो करी ढरीलरी होतरी पकड़ स िचन का एक राजनखतक पयास करी अकिर करी इस

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कटनरीखत स कछ खदनो क खलए जनमभखम म रकत नही िहा यहरी कम राहजहा क समय भरी चलता रहा खफर औरगजि क हा सतता आई वो कटटर मसलमान ा और उसन समसत भारत स काखफरो क समपणव सफाय का सकलप खलया ा उसन लगभग 10 िार अयोधया म मखदरो को तोड़न का अखभयान चलकर यहा क सभरी पमि मखदरो करी मखतवयो को तोड़ डाला औरगजि क समय म समव गर शररी रामदास जरी महाराज जरी क खरषय शररी वषणवदास जरी न जनमभखम क उदाराव 30 िार आकमण खकय इन आकमणो म अयोधया क आस पास क गावो क सयववररीय कषखतयो न पणव सहयोग खदया खजनम सराय क ाकर सरदार गजराज खसह और राजपर क कवर गोपाल खसह ता खसखसणडा क ाकर जगदिा खसह पमि य सार वरीर य जानत हए भरी करी उनकरी सना और हखयार िादराहरी सना क सामन कछ भरी नही ह अपन जरीवन क आखिररी समय तक राहरी सना स लोहा लत रह लमि समय तक चल इन यदो म रामलला को मकत करान क खलए हजारो खहनद वरीरो न अपना िखलदान खदया और अयोधया करी धरतरी पर उनका रकत िहता रहा ाकर गजराज खसह और उनक सारी कषखतयो क वरज आज भरी सराय म मौजद ह आज भरी फजािाद खजल क आस पास क सयववररीय कषखतय खसर पर पगड़री नही िाधत जता नही पहनत छाता नही लगात उनहोन अपन पववजो क सामन य पखतजञा लरी री करी जि तक शररी राम जनमभखम का उदार नही कर लग ति तक जता नही पहनग छाता नही लगाएग पगड़री नही पहनग 1640 ईसवरी म औरगजि न मसनदर को धवसत करन क खलए जिाज िा क नततव म एक जिरजसत सना भज दरी री िािा वषणव दास क सा साधओ करी एक सना री जो हर खवदा म खनपण री इस खचमटाधाररी साधओ करी सना भरी कहत जि जनमभखम पर जिाज िा न आकमण खकया तो खहदओ क सा खचमटाधाररी साधओ करी सना करी सना खमल गयरी और उववररी कड नामक जगह पर जािाज़ िा करी सना स सात खदनो तक भरीषण यद खकया

खचमटाधाररी साधओ क खचमटर क मार स मगलो करी सना भाग िड़री हई इस पकार चितर पर ससत मखदर करी रकषा हो गयरी जािाज़ िा करी पराखजत सना को दिकर औरगजि िहत कोखधत हआ और उसन जािाज़ िा को हटाकर एक अनय खसपहसालार सययद हसन अलरी को 50 हजार सखनको करी सना और तोपिान क सा अयोधया करी ओर भजा और सा म य आदर खदया करी अिकरी िार जनमभखम को ििावद करक वापस आना ह यह समय सन 1680 का ा िािा वषणव दास न खसकिो क गर गरगोखवद खसह स यद म सहयोग क खलए पत क माधयम सदर भजा पत पाकर गर गरगोखवद खसह सना समत ततकाल अयोधया आ गए और बरहमकड पर अपना डररा डाला बरहमकड वहरी जगह जहा आजकल गरगोखवद खसह करी समखत म खसकिो का गरदारा िना हआ ह िािा वषणव दास एव खसकिो क गरगोखवद खसह रामलला करी रकषा हत एकसा रणभखम म कद पड़र इन वरीरो क सखनयोखजत हमलो स

मगलो करी सना क पाव उिड़ गय सययद हसन अलरी भरी यद म मारा गया औरगजि खहदओ करी इस पखतखकया स सतबध रह गया ा और इस यद क िाद 4 साल तक उसन अयोधया पर हमला करन करी खहममत नही करी औरगजि न सन 1664 म एक िार खफर शररी राम जनमभखम पर आकमण खकया इस भरीषण हमल म राहरी फौज न लगभग 10 हजार स जयादा खहदओ करी हतया कर दरी नागररको तक को नही छोड़ा जनमभखम खहनदओ क रकत स लाल हो गयरी जनमभखम क अदर नवकोण क एक कदपव कप नाम का कआ ा सभरी मार गए खहदओ करी लार मगलो न उसम फककर चारो ओर चहारदरीवाररी उा कर उस घर खदया आज भरी कदपवकप ldquoगज रहरीदाrdquo क नाम स पखसद हऔर जनमभखम क पवती दार पर ससत ह राहरी सना न जनमभखम का चितरा िोद डाला िहत खदनो तक वह चितरा गडर क रप म वहा ससत ा औरगजि क कर अतयाचारो करी माररी खहनद जनता अि उस गडर पर हरी शररी रामनवमरी क खदन भसकतभाव स अकषतपषप और जल चढातरी रहतरी री

निािसहादत अलरी क समय 1763 ईसवरी म जनमभखम क रकषाव अमरी क राजा गरदतत खसह और खपपरपर क राजकमार खसह क नततव म िािररी ढाच पर पनः पाच आकमण खकय गय खजसम हर िार खहनदओ करी लार अयोधया म खगरतरी रही लिनऊ गजखटयर म कनवल हट खलिता ह करी ldquo लगातार खहदओ क हमल स ऊिकर निाि न खहदओ और मसलमानो को एक सा नमाज पढन और भजन करन करी इजाजत द दरी पर सचा मसलमान होन क नात उसन काखफरो को जमरीन नही सौपरी ldquoलिनऊ गजखटयर पष 62rdquo नाखसरदरीन हदर क समय म मकरहरी क राजा क नततव म जनमभखम को पनः अपन रप म लान क खलए खहदओ क तरीन आकमण हय खजसम िड़री सखया म खहनद मार गय परनत तरीसर आकमण म डटकर निािरी सना का सामना हआ 8व खदन खहदओ करी रसकत कषरीण होन लगरी जनमभखम क मदान म खहनदओ और मसलमानो करी लारो का ढरर लग गया इस सगराम म भरीतरी हसवर मकर हरी िजरहट दरीयरा अमरी क राजा गरदतत खसह आखद सममखलत हारतरी हई खहनद सना क सा वरीर खचमटाधाररी साधओ करी सना आ खमलरी और इस यद म राहरी सना क खचड़र उड गय और उस रौदत हए खहदओ न जनमभखम पर कबजा कर खलया मगर हर िार करी तरह कछ खदनो क िाद खवराल राहरी सना न पनः जनमभखम पर अखधकार कर खलया और हजारो खहनदओ को मार डाला गया जनमभखम म खहनदओ का रकत पवाखहत होन लगा

नावाि वाखजदअलरी राह क समय क समय म पनः खहदओ न जनमभखम क उदाराव आकमण खकया फजािाद गजखटयर म कखनघम न खलिा इस सगराम म िहत हरी भयकर िनिरािा हआ दो खदन और रात होन वाल इस भयकर यद म सकड़ो खहनदओ क मार जान क िावजद खहनदओ न राम जनमभखम पर कबजा कर खलया कद खहदओ करी भरीड़ न कबर तोड़ फोड़ कर ििावद कर डालरी मससजदो को खमसमार करन लग और पररी ताकत स मसलमानो को

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1986 काचरी कामकोखट परी क रकराचायव और मससलम पसवनल

लॉ िोडङ क पखसडट अलरी खमया नदवरी क िरीच िातचरीत हई लखकन वो खकसरी नतरीज पर नही पहचरी

1990 ति परीएम रह चदररिर न दोनो (खहद-मससलम) समदायो

क िरीच गखतरोध तोड़न करी कोखरर करी य िातचरीत उस वकत टट गई जि वरीएचपरी वालखटयसव पर मससजद क एक खहसस को तोड़न का आरोप लगा

मदसबर 1992 िािररी मससजद ढाच को खगराए जान (6 खदसिर 1992)

क 10 खदन िाद परीएम रह परीवरी नरखसमहाराव न जससटस खलबरहान करी अगवाई म एक जाच कमरीरन का गन खकया कमरीरन न 17 साल िाद 2009 म अपनरी ररपोटङ पर करी

इस सहरी मायन म सलह करी कोखरर माना जा सकता ह हालाखक इसका भरी कोई नतरीजा नही खनकला

जन 2002 अटल खिहाररी वाजपयरी न अपन ऑखफस म एक अयोधया

सल िनवाई और उसम पाटती क सरीखनयर पदाखधकाररी रतघन खसह को अपवाइट खकया

सल को इसखलए िनाया गया ा ताखक वह खहद और मससलम लरीडसव स िात कर सक लखकन य कोखरर भरी कामयाि नही हो पाई

अपल 2015 ऑल इखडया खहद महासभा क पखसडट सवामरी चकपाखण और

मससलमो करी ओर दायर खपटरीरस करी अगआई करन वाल मोहममद हाखरम असाररी क िरीच मलाकात हई हालाखक इस मलाकात क िाद कोई िास पहल नही हई

असाररी न हनमान गढरी मखदर क महत जञान दास स िातचरीत करी ररआत करी इसम पलान ा खक खववाखदत 70 एकड़ करी जमरीन पर मखदर और मससजद िनाई जाए दोनो क िरीच 100 फरीट करी दरीवार रहगरी

मई 2016 ऑल इखडया अिाड़ा पररषद क अधयकष महत नरदर खगररी न

असाररी क सा मलाकात करी िातचरीत आग िढतरी इसक पहल हरी असाररी का खनधन हो गया

नबर 2016 हाईकोटङ क ररटायडङ जज जससटस पलक िस न कोटङ क

िाहर सटलमट का सझाव रिा इसम 10 हजार खहद

मार-मार कर अयोधया स िदड़ना रर खकयामगर खहनद भरीड़ न मसलमान ससतयो और िचो को कोई हाखन नही पहचाई अयोधया म पलय मचा हआ ा

इखतहासकार कखनघम खलिता ह करी य अयोधया का सिस िड़ा खहनद मससलम िलवा ा खहदओ न अपना सपना परा खकया और औरगजि दारा खवधवस खकए गए चितर को खफर वापस िनाया चितर पर तरीन फरीट ऊचरी िस करी टाट स एक छोटा सा मखदर िनवा खलया खजसम पनः रामलला करी सापना करी गयरी कछ जहादरी मललाओ को य िात सवरीकार नही हई और कालातर म जनमभखम खफर खहनदओ क हाो स खनकल गयरी

सन 1857 करी काखत म िहादर राह जफर क समय म िािा रामचरण दास न एक मौलवरी आखमर अलरी क सा जनमभखम क उदार का पयास खकया पर 18 माचव सन 1858 को किर टरीला ससत एक इमलरी क पड़ म दोनो को एक सा अगरज़ो न फासरी पर लटका खदया जि अगरज़ो न य दिा खक य पड़ भरी दरभकतो एव रामभकतो क खलए एक समारक क रप म खवकखसत हो रहा ह ति उनहोन इस पड़ को कटवा कर इस आखिररी खनरानरी को भरी खमटा खदया इस पकार अगरज़ो करी कखटल नरीखत क कारण रामजनमभखम क उदार का यह एकमात पयास खवफल हो गया

30 अकटिर 1990 को हजारो रामभकतो न वोट-िक क लालचरी मलायम खसह यादव क दारा िड़री करी गई अनक िाधाओ को पार कर अयोधया म पवर खकया और खववाखदत ढाच क ऊपर भगवा धवज फहरा खदया लखकन 2 नवमिर 1990 को मखयमतरी मलायम खसह यादव न कारसवको पर गोलरी चलान का आदर खदया खजसम सकड़ो रामभकतो न अपन जरीवन करी आहखतया दी सरकार न मतको करी असलरी सखया खछपायरी परनत पतयकषदखरवयो क अनसार सरय तट रामभकतो करी लारो स पट गया ा

4 अपल 1991 को कारसवको क हतयार उततर पदर क ततकालरीन मखयमतरी मलायम खसह यादव न इसतरीफा खदया लािो राम भकत 6 खदसमिर को कारसवा हत अयोधया पहच और राम जनमसान पर िािर क सनापखत दार िनाए गए अपमान क पतरीक मससजदनमा ढाच को धवसत कर खदया परनत खहनद समाज क अनदर वयापत घोर सगनहरीनता एव आज भरी खहनदओ क सिस िड़र आराधय भगवान शररीराम एक फटर हए तमि म खवराजमान ह

राम मखदर खववाद को सलझान करी िरीत 30 साल म 8 कोखरर हई लखकन य सभरी नाकाम रही 1986 म पहलरी िार ति क काचरी कामकोखट रकराचायव न मससलम पसवनल लॉ िोडङ स िातचरीत करी लखकन वो खकसरी नतरीज पर नही पहच पाई इसक िाद परीएम रह चदररिर परीवरी नरखसमहाराव अटल खिहाररी वाजपयरी करी समय भरी कोखरर हई िता द खक िधवार को सपरीम कोटङ न राम मखदर खववाद का हल आपसरी िातचरीत क जररए हल करन को कहा ा जान खकस-खकसन कया कदम उाए

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और मसलमानो क साइन खकया हआ पपोजल फजािाद कखमशनर क सामन रिा गया

सटलमट क खलए सार डॉकयमट सपरीम कोटङ म रि जा चक ह

मवाचय 2017 सपरीम कोटङ न राम मखदर मसल का हल आपसरी िातचरीत

क जररए करन को कहा य कहा खक कोटङ मरीखडएटर िनन को तयार ह

9 नमबर 2019 कई दौर करी िातचरीत और लमिरी सनवाई क िाद आखिर

शररीरामजनमभखम करी मसकत का समय आया 09 नवमिर 2019 को सपरीम काटङ न ऐखतहाखसक फसला दत हए शररी रामजनमभखम को खहनदओ को सौपन का आदर खदया और मससलम पकष को अयोधया जनपद म हरी पाच एकड़ भखम दन का खनणवय सनाया इस आदर क िाद शररीरामजनमभखम पर मसनदर िनन का मागव परसत हो गया

तकसका-कया िारा- बीजपी िीएरपी समत कई वहद सगठन वििावदत जमीन पर राम मवदर और सनी िफ बोडट समत कई मकसलम सगठन िहा मकसजद होन का दािा करत ह

- वहदओ का कहना ह वक िह जगह रामजनम भवम ह िहा भगिान राम का मवदर था वजस मगल शासक बाबर क वसपहसालार मीर बाकी न 1528 म तड़िा वदया और उसकी जगह मकसजद बनिा दी वजस बाबरी मकसजद कहा गया

कौन थर 3 पकष- वनमवोही अखाड़ा वििावदत जमीन का एक-वतहाई वहससा यानी राम रबतरा और सीता रसोई िाली जगह

- रामलला विराजमानएक-वतहाई वहससा यानी रामलला की मवतश िाली जगह

- सनी िफ बोडट वििावदत जमीन का बरा हआ एक-वतहाई ससा

कया था राम मतिर का मदा- राम मवदर मदा 1989 क बाद अपन उफान पर था इस मद की िजह स तब दश म सापदावयक तनाि फला था दश की राजनीवत इस मद स पभावित होती रही ह- वहद सगठनो का दािा ह वक अयोधया म भगिान राम की

जनमसथली पर बाबरी मकसजद बनी थी मवदर तोड़कर यह मकसजद 16िी शताबदी म बनिाई गई थी

- राम मवदर आदोलन क दौरान 6 वदसबर 1992 को अयोधया म बाबरी मकसजद का वििावदत ढारा वगरा वदया गया था मामला अब सपीम कोटट म ह

इलाहाबाि हाईकोटट नर कया तिया था फसला- 30 वसतबर 2010 को इलाहाबाद हाईकोटट क जकसटस सधीर अगरिाल एस य खान और डीिी शमाश की बर न मवदर मद पर अपना फसला भी सनात हए अयोधया की वििावदत 277 एकड़ जमीन को तीन बराबर वहससो म बाटन का आदश वदया था

- बर न तय वकया था वक वजस जगह पर रामलला की मवतश ह उस रामलला विराजमान को द वदया जाए राम रबतरा और सीता रसोई िाली जगह वनमवोही अखाड़ को द दी जाए बरा हआ एक-वतहाई वहससा सनी िफ बोडट को वदया जाए

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Most effective way to prove dominance over any civilization is to attack and demolish their god culture and custom Desecration of someonersquos God and humiliating their deity sends a clear message of their incapability and submission

In whole world Hinduism is the only religion which in spite of having facedcenturies of tyranny slavery barbarism and forced conversion still believes in ldquoVasudhaiv Kutumbakamrdquo

In 1526 Babur after Defeating Ibrahim Lodhi in Panipat became the ruler of north India Although he liked many things about India like numerical system and craftsmanship but principally he despisedHindustan and Hindus This quote from Baburnama

makes his dislike evident ldquoHindustan is a place of little charm There is no beauty in its people no graceful social intercourse no poetic talent or understanding no etiquette nobility or manliness The arts and crafts have no harmony or symmetry There are no good horses meat grapes melons or other fruit There is no ice cold water good food or bread in the markets There are no baths and no schools There are no candles torches or even candlesticksrdquo

It is believed that in 1528 Babur visited Ayodhya and under his instruction Mir- Baqi demolished Ram temple the birth place of Lord Rama and most sacred place for Hindus (However there is no written historical document of Baburrsquos

Remaking of Ram Temple

It is believed that in 1528 Babur visited

Ayodhya and under his instruction Mir- Baqi demolished Ram temple the

birth place of Lord Rama and most sa-cred place for Hin-

dus (However there is no written his-

torical document of Baburrsquos instruction

toMir Baqi)

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Noted historian Arnold JToynbee once said ldquoWhen any civilization becomes too developed it is taken over by

Barbaric racesrdquo Indian civilization is the oldest civiliza-tion on this planet with a history spanning for thousands

of centuries A history full of culture tradition knowl-edge and valour but India has her share of historical

blunders and treachery too The story of Babri Masjid is one such parable Its construction by force over razed Ram Mandir its demolition in 1992 and courtrsquos order of reconstruction of ram temple in 2019is true portrayal of Hindu resilience and suffering yet yearn for justice

through peaceful means

Dr Rajeev Tewari

A story of 400 years of struggle and endurance

Dr Rajeev Tewari is a practicing surgeon at Delhi He did his MBBS course from KGMC Lucknow and finished his masterrsquos course (MS is Surgery) in 1986 from KGMC He specialises is Laparoscopic surgery Writing and teaching undergraduate students are his passion He likes writing on Indian history and Hindu Mythology and recent Geo-political issues

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instruction toMir Baqi) In 1528-29 Mir Baqi constructed Babri Masjid after razing Ram temple

This shameful blot on Hindus was first challenged by Raghubar Das in1885 who filed a suit in court seeking permission for construction of Ram Temple but his appeal was rejected

In 1948 Vishwa Hindu Parishad (VHP) launched a campaign for the construction of a Ram temple at Janmabhoomi Idols of Ram Lalla was placed under central dome and in 1949 a group of devotees led by Baba Abhayram Das of Nirmohi Akhada began offering prayers at the site but government ordered to lock the gates of the premises

In 1950s ldquoParamahansa Ramachandra Dasrdquo the head of Ram Janbhoomi Nyas of Ayodhya filed suit for keeping the idols and continuation of worship Nirmohi Akhara in 1959 filed another suit claiming to be the custodian of the disputed land and sought possession of the land In1961 the Sunni Central Waqf Board too filed a suit claiming ownership of the site (Hashim Ansari and five others joined the case through separate pleas) Although Paramahansa Ramachandra Das and Hashim Ansari were the main petitioner in court but outside of the court they were good friends

During 1980s Swami Vamdev Paramhansa Ramchandradasji Mahant Avaidhyanathji (Guru of Yogi Adityanath presentCM of UP) Nritya Gopaldasji and Yug Purush Parmanandji Maharaj started a movement for Ram temple construction

Swami Vamdev was hailing from a Brahmin family of UPand was atravelling preacher Amit Shah considered him his spiritual Guru

Mahant Avaidyanath was a Mahant (chief priest) of Gorakhnath Temple and one of the most revered Guru of Hindu dharma He was 4 times elected MP of Lok Sabha from Gorakhpur He was one of the pioneer of Ram Janmabhoomi movement In 1984 he was elected as chief of Sri Ramjanmabhoomi Mukti Yagna Samiti Rebuilding of Ram temple was his lifetime dream Since 1984 onwards Mahant Avaidyanath organized many rallies and mobilized many people of VHP which eventually culminated into demolition of the Masjid in 1992

Paramahansa Ramachandra Das ji was born as Chandreshwar Tiwari in Bihar At a very young age of 15 once he attended a Yagna performed by some Sadhus in his village he got very much influenced and moved by the company of Sadhus After becoming Aurvedacharya and

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Sanskritacharya he became a saint and moved to Ayodhya to ldquoParamhans Ramkinker daas ji ashramrdquo and made RamKishore das ji maharaj his spiritual Guru In 1975 he was made Mahant (Head priest) of Digambar Akhada He dedicated his whole life for three motives - construction of Temples at Ayodhya Mathura and Kashi (which were destroyed by Mughals) Prohibition of cow slaughter and formation of Akhand Bharat

Eventually in 1986 Faizabad District Judge Krishna Mohan Pandey allowed the unlocking of the Babri Mosque and worship of lord Ram The Muslims protested the move and ldquoBabri Masjid Action Committeerdquo was formed in the same year Many people believe Judge Krishna Mohan Pandey promotion was withheld till 1991 on the orders of Mulayam Singh Yadav for passing this Judgment Judge Pandey preferred to follow the path of righteousness even putting his career at risk

In 1989 all cases of Babri Masjid-Ram Janmabhoomi title suit were transferred to the High Court Allahabad and HC ordered maintenance of status quo in respect of the disputed structure In the same year Vishwa Hindu Parishad (VHP) laid the foundation of a Ram temple on the land next to the Babri Masjid

In 1990 BJP along with VHP RSS and

other Hindu affiliates launched ldquoThe Ram Rath Yatrardquo with the aim to build a Ram temple on the site of the Babri Masjid The yatra led by Mr LK Advani commenced from Somnath on 25 September 1990 and was planned across the country to Ayodhya through hundreds of villages and cities Thousands of Kar-Sevaks accompanied the yatra which used to travel approximately

300 KM in a day and Advani addressing 4 to 6 public gathering per day Mr Advani was arrested by the Laloorsquos government in Bihar in October 1990

In October 1990 VHP BJP and RSS campaigned for a construction of Ram Temple at the Ram Janmabhoomi site Mr Ashok Singhal the then head of VHP mobilized people to gather at Ayodhya Mr Advani was detained by Laloo Prasad Yadav so he could not reach at the site The then SP government of UP under Mulayam Singh Yadav ordered complete lockdown and stated No bird would be able to fly into Ayodhya Government deployed heavy police and PAC personnel and barred all public transport including trains and buses to Ayodhya

On 30th October 1990 the ldquoD- day of Kar-sevardquo out of 40000 Kar sevaks 25000 managed to reach Ayodhya mostly on foot some even swam across Saryu river A curfew was imposed in Ayodhya and 15 cm long path was barricaded near disputed structure In the morning of 30th October Swami Vamadev Mahant Nratyagopal Das and Ashok Singhal led the kar-sevaks towards disputed site Mr Ashok Singhal was attacked by police and sustain head injury Police detained more than one lakh kar sevaks still many kar sevaks could reach disputed structure

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and finally the Kothari brothers of Kolkata mounted a saffron flag atop Babri Masjid erasing a shameful blot which had lasted for four centuries

Mulayam Singh Yadav ordered police to open fire at Kar sevaks Police chased kar sevaks all across the area and resorted to Lathi charge which led to Stampede at Saryu bridge Many people died from head injuries and in stampede

On 2nd November again kar sevaks gathered at Ram-lalla sthan and after offering prayers started to proceed towards disputed land Police resorted to Lathi charge and used tear gas to disperse the crowd however some kar sevaks reached the disputed structure and partially damaged it The police opened fire again second time within 3 days killing many Kar sevaks including Kothari Bandhu after dragging them out of a house That alley is now named as Shaheed Gali or Martyrrsquos Alley It is accused that police cremated many bodies and even dumped some bodies in Saryu river

The state governments officially reported 16 people were killed This whole incidence was repetition of Jallianwala Bagh episode where Indians forces were ordered to fire at fellow Indians but unlike Jallianwala massacre this order was not issued by an alien ruler Some of the sevaks who were martyred on that day were- Kothari Brothers Sitaram Mali Ramesh Kumar Mahavir Prasad Ramesh Pandey Sanjay Kumar Professor Mahendranath Arora a sadhu Rajendra Dharkar Babulal Tiwari and many more After this incidence Mulayam Singh Yadav earned the title of ldquoMulla Mulayam Singhrdquo among Hindu groups

on April 1991at Boat club Delhi a memorial meeting was arranged for the dead Karsevaks and a nationwide program Asthi Kalash (funeral urns) was launched to make people aware about those who died in the firing incident

Finally in 1992 on 6th December on the call of BJP and VHP around 15 Lakhs volunteer gathered at Ayodhya Rallies were organised and speeches were made by many leaders including Murli Manohar Joshi Uma Bharti and Mr Advani By afternoon a saffron flag could be seen on top of Babri Masjid and thousands of Kar Sevaks by using axes hammers and grappling hooks soon razed the disputed structureto the ground This led to riots all across the country causing deaths of 2000 people The PV Narasimha Rao government formed a commission of inquiry under Justice MS Liberhan to investigate about this whole incidence

In 1993 central Government passed Acquisition of Certain Area at Ayodhya Act and acquired land in the disputed area

During NDA-1 regime Mr Ashok Singhal demanded construction of Ram Temple at Ayodhya and went on fast unto death He was Force Fed on the orders of Atal Bihari Vajpayee

On 27th February 2002 Many Kar Sevaks and pilgrims were returning to Gujarat by Sabarmati

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express after attending Purnahuti Maha Yagna in Ajodhya which was done after completion of 10 years of Babri Masjid demolition About 1500 to 2000 Muslims with pre-planned motive and preparation attacked this train and burnt S-6 compartment of this train burning 59 karsevaks alive including 27 women and 10 children This incidence led to widespread riots in Gujarat in which 790 Muslims and 254 Hindus lost their lives (official figure)

A charge sheet was filed which mentioned that 1540 unidentified men attacked the train 107 people were charged including 8 juvenile out of which 68 could be arrested In Feb 2003 they were charged under POTA But in 2005 UPA decided not to charge the accused under POTA so finally all thirty-one Muslims who were convicted in 2011 could escape death penalty Most shameful act of subversion of justice was done by Laloo Prasad Yadav the then Railway Minister Lalu Yadav formed a committee under justice U C Banerjee who gave the report that the fire was a natural accident due to cooking inside the coach

This report was challenged in High court HC ruled that the Banerjee report was ldquounconstitutional illegal and null and voidrdquo declared its formation to be a ldquocolourable exercise of power with mala fide intentionsrdquo and its argument of accidental fire ldquoopposed to the prima facie accepted facts on recordrdquo The High Court also directed that the report should not be tabled in the Parliament

In 2002 The High Court ordered the Archaeological Survey of India (ASI) to excavate the site to prove any existence of temple in disputed area to determine lawful owner of the land

On Sep 30 2010 High court in a 21 majority rules three-way division of disputed area between Sunni Waqf Board the Nirmohi Akhara and Ram Lalla where one third will belong to Ram Lalla represented by the Hindu Mahasabha one third to the Islamic Waqf Board and the remaining third to the Nirmohi

Akhara In December the Akhil Bharatiya Hindu Mahasabha and the Sunni Waqf Board moved the Supreme Court challenging the HC ruling This ruling was quashed by SC in 2011 maintaining the status Quo

It is shameful yet ridiculous to see the anti-Hindu attitude of so called academicians of left liberal gang of India and how Allahabad High court exposed them in 2010 hearing and proved them epitome of hypocrisy Among all the experts which appeared in court claiming that no Ram Mandir ever existed underneath the Masjid not even one had any knowledge on Medieval History Babur Archaeology or about Ram Janbhoomi excavation Not even one had read Baburnama They all were simply stating each other statements and hearsay as facts (without any historical Proof) During cross examination they all agreed in court under oath that they never visited the disputed area and had no knowledge of archaeological findings and their knowledge was only based on newspaper reports After examining Prof D Mandal Allahabad bench head Justice Sudhir Agarwal noted that ldquothe statements made by him (Mandal) in cross-examination show the shallowness of his knowledge on the subjectrdquo Same kind of opinion was given by the judge for other experts like Supriya Verma Suvira Jaiswal etc The excavation finding by Shri BB lal and his meticulous writing and record keeping conclusively proved the presence of many Hindu sculpture beneath the Masjid and was sufficient to refute all left historians claim

In 2013 Meenakshi Jain a political scientist and historian wrote a book rdquoRama and Ayodhya and 2013rdquo in which she exposed the eminent historians on what they said in court and what they say in Media

Even in 2019 when Rajeev Dhavan (Lawyer for Waqf board) asked the four judge SC bench to take a note of a grandly titled Historiansrsquo Report To The Indian Nation written in 1991 by four Left historians ndash R S Sharma M Athar Ali D N Jha and Suraj Bhan after going through

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the matter and cross examining the historians the bench wrote-

ldquoThese historians did not have the benefit of the archaeological evidence Had this report really been prepared after studying the data collected through an archaeological excavation by ASI (about possible existence of a temple below the mosque) it could have had some meaning to it But these historians have not examined the ASI data The methodology they have adopted appears to be perfunctory as was termed by the High Courtrdquo

The former Regional Director of the Archaeological Survey of India (ASI) KK Muhammed In his book titled ldquoNjan Enna Bharatiyanrdquo (I an Indian) has stated that Left historians actually prevented an agreement between Hindus andMuslims He wrote-

ldquoThe Babri issue would have been settled long ago if the Muslim intelligentsia had not fallen prey to the brain-washing by the Leftist historians A set of historians including Romila Thapar Bipin Chandra and S Gopal argued that there was no mention of the dismantling of the temple before 19th century and Ayodhya is a Buddhist-Jain centre They were supported by historians Irfan Habib RS Sharma DN Jha Suraj Bhan and Akthar Alirdquo

It was a long and taxing path to refute all convoluted false claims of left historians but eventually after legal battle of 4 decades finally based on hard facts and archaeological excavation findings courts disproved all such arguments with very harsh wording for left historians

In August 2019 on Dr Subramaniam Swami plea SC agreed for day-to-day hearing on the land dispute By October 16th SC concludedits hearing and reserved the order

Finally on 9th November the 5 judge bench headed by Chief Justice Ranjan Gogoi and comprising of justices SA Bobde Ashok Bhushan DY Chandrachud and S Abdul Nazeer gave the historic decision in which SC grants

entire 277 acre of disputed land in Ayodhya to Ram Lalla and SC directedgovernment to allot 5 acre alternative land to Muslims at a prominent place to built a mosque

This legal battle which lasted for 7 long decades was finally won by Lord Ram devotee and truth prevailed with a poetic justice Laloo got Mr Advani arrested in 1990 for rath yatra now in 2010 on 5th of August Mr Advani will be doing bhoomi Pujan for Ram mandir at Ayodhya while Laloo is cooling his heels in jail

So finally a long battle for justice and truth is nearing its end The sacrifices and toil of Paramahansa Ramachandra Das Swami Vamdev Mahant Avaidyanath ji Ashok Singhal ji Swami Vasudevanand Sarswati ji Kothari Bandhu and thousands of Hindu devotee is about to bear fruit Shri Narendra Modirsquos leadership and Amit bhai Shahrsquos operation proved auspicious to all Hindus On 5th of August a new chapter of Indian glory and pride will begin when Mr Modi in the presence of Shri LK Advani will do ldquoBhoomi Pujanrdquo of Ram Janbhoomi and in next 3 years the world will see a new bold reverent and pious icon of Hindu dharma in the form of new ldquoRam Mandirrdquo

I started this article with a quote from historian Toynbee I will close this article with another piece of Toynbee

ldquoIt is already becoming clear the chapter which had western beginning will have to have a Indian ending if it is not to end in self destruction of human race At this supremely dangerous moment in human history the only way of salvation is the ancient Hindu way Here we have the attitude and spirit that can make it possible for the human race to grow together in to a single familyrdquo

Toynbee was one of the few western historian who understood the concept of ldquoVasudhaiv Kutumbakamrdquo Eventually all races of world have to follow this Hindu concept if they want to survive and thrive

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अवधय वह ह खजस ससषट न मनषय क खलए सिस िड़र धन क रप म धरतरी पर उतारा ऋगवद स लकर मनसमखत महाभारत और शररीमदभगवदगरीता तक म उस अवधय करी सजञा दरी गयरी वहरी एक माता धन ह मानव सभयता म उस हरी रासतो न धन कहा उस हरी गोमाता करी सजञा खमलरी वहरी गाय ह गाय कोई सामानय पर नही ह इस इस ससषट म खवधाता न सजवन करी याता को आग िढन क खलए मनषय को अखपवत खकया मनषय क खलए यहरी एक माता धन री खजसक आदान पदान स उसन अपनरी जरीवन याता करी ररआत करी अखत पाचरीन गरन और यहा तक खक हडापपा क खवदान भरी यह सवरीकार करत ह खक इस अवधय पाणरी क िल पर हरी मानव सभयता का खवकास सभव हो सका ह इस िार म उपलबध साकय िता रह ह खक ऋगवद म जो सोमकयनरी रबद आया ह उसक मल म गो का हरी अससततव ह सभयता क पारमभ म जि िररीद खिकरी या खकसरी पकार क आदान पदान क खलए कोई मापक भरी नही होता ा ति गाय क इकाई पर हरी साड़री गखतखवखध सपनन होतरी री

ऋगवद म सोम करी कय पखकया म कला रफ पाद गवाधव और गो का पयोग आया ह कहरी कहरी इसक खलए गो क सान पर धन का पयोग ह यह एक मापक इकाई ह खवदानो न इस इकाई करी वयाखया भरी करी ह इसक

अनसार - गाय क आधा िर का खनरान एक रफ होता ह दो रफ खमलाकर एक पाद होता ह दो पाद खमला कर एक गवाधव होता ह दो गवाधव क िरािर एक धन अवा पणव चार पाद होत ह इसरी आधार पर पारसमभक मानव सभयता क सामाखजक कायव वयवहार सपनन होत इसरी आधार पर गो करी इकाई करी वयवसा स काम होत

यहा यह सपषट करना आवशयक ह खक सभयता क पारमभ म गाय हरी एक मात धन होतरी री इसखलए सभरी मानवरीय कायव वयवहार म इसरी को आधार िना कर काम होत लन - दन और यजञ कमव दान आखद म भरी कवल गाय क हरी लन - दन स कायव होन लग और इसको सासकखतक रप म भरी सवरीकार कर खलया गया समाज म वहरी वयसकत सिस अखधक धनवान माना गया खजसक पास अखधक गोधन होता ा जि जरीवन करी सखहताओ का खनमावण हमार ऋखष परपरा न रर खकया तो उनहोन भरी गोधन को हरी आधार िनाया हमार रासत कहत ह -

त रजञसर त मवातवा सयदवानवा कवारणम |त सयतीथवायनवा नमसततअसत सदवानघ |शमश सरयरणवा रसरवा ललवाटड षभ धज|सरसती च िकवार सवनवागवासच कमबल ||कषर पषटड च गनधवाय दवाशचतवार ए च |मखवागर सयतीथवायमन सथवावारवामन चरवामण च ||

अिध अिध अयोधा और गोदान

सभयता की विकास यातरा म गोधन क अलािा अनय मयिान िसतओ और

मदराओ का परचलन समाज म विकसत हआ वकनत

कमषकाडीय और याजीक परपरा म धन अथिा गाय

का लन दन रवढगत रप म कायम रहा पररणाम यह

हआ वक यह रवढ आज एक अभतपिष विसगवत का परमाण बन कर मानि सभयता क सामन कडी हो गयी ह

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अयोधया ही अिध ह अिध का जनम होता ह अिधय स अिधय का आविभाषि

सकषट क साथ ही होता ह अिधय ह उसी क दान की परपरा ह अिधय वजस कषतर

म वनिास करत ह िही अिधय कषतर ह अब उस हम अिध क नाम स जानत ह

यह अिधय या ह इस अिधय का अकसतति या ह

सपखसद लिक कवखयतरी एव ससकखत पवव करी सहायक समपादक ह

ॉ अमनतवा अगरवाल

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ldquo ह खनषपाप तम सि दवताओ करी मायजञ करी कारण रपा और समपणव तरीथो करी तरीव रपा हो हम तमह सदानमसकार करत ह तमहार ललाट म चदरमा सयव अरण और वषवभधवज रकर खवराजमान ह हकार म सरसवतरीगल कमिल म नागगण िरो म गनधवव और चारो वद ता मिागर म चर-अचर समपणव तरीथो का वास ह तातपयव यह खक गोवर भारतरीय जरीवन ससकखत ईखतहास का अटट अग ह याखन जिस ससषट करी रचना हयरी तभरी स गाय का इखतहास भरी पारमभ होता ह यह का सभरी को मालम ह खक आखदकाल म दव और दानवो न अमत पापत करन क खलए समदर मन खकया ा पभ न कचछप अवतार लकर समर पववत को धारण खकया और वासकरी नाग को रज क तौर पर पयोग म लाकर मन खकया गया खजसम पम हलाहल खवष करी जवाला स तारन क खलए रतसवरपा कामधन का पागटय हआ जो सभरी मनोकामना सकलप और आवशयकता पणव करन म सकषम री कामधन को पालन हत दवताओ न महाऋखष वखरषट को पदान खकया खजनहोन गौलोक करी रचना करी

गौ क खवषय म एक और का आतरी ह -जि ससषट का पारमभ हआ तो बरहमा जरी न मन को ससषट रचना का आदर खदया खजसक कारण हम मानव कहलात ह उनहोन गोमाता करीसतखत करी और गोकपा अनसार गौदोहन खकया और पथवरी पर कखष का पारभ खकया पव मन क नाम स यह धरा पथवरी कहलाई

वालमरीखक रामायण स लकर महाभारत शररीमद भागवत पराण आखद गरो स जञात होता ह खक िडर-िडर राजा-महाराजा लािो करी सखया म गोवर का पालन करत और लािो गायो का एक सा दान कर खदया करत गाय का दान ऐस वयसकत को अखधक खकया जाता ा जो समाज म उतकषट कायव कर लोक मगल करी पनरीत परमपरा को समद करन म सतत पयतररील रहता ा

शररीमद भागवत म राजा नग दारा गाए दान करन का एक रोचक पसग आता ह-

रवातरः मसकतवा भमरवायतररो मदम तवारकवा रवातररो षयधवारवाशच तवातीरददवा सवा गवाःपरनसनीरतरणी शील रपगणरोपपनवाः कमपलवा िमशरगीःनरवारवामजतवा कपरखशः सतसवादकलमवालवाभरणवा ददवािम

इस दषटानत स सपषट होता ह खक राजा नग न नयाय स पापत असखय गाए िछडो सखहत दान करी री खजस तरह पथवरी क धखल कण आकार क तार और वषाव करी धाराओ को कोई खगन नही सकता वस हरी उनकरी भरी कोई गणना नही करी जा सकतरी री और व सभरी गौव दधार यवा सरीधरी सनदर कखपला सलकषणा एव वसतालकारो स खवभखषत री

दवखषव नारद न भगवान रामचनदर करी लरीलाओ क वणवन म कहा

ह-

गवा करोरसयरत दतवा मविदभररो ममधपयकमअावत भगवान राम न दस सहसर करोड गौए खवदानो को

खवखधपववक दान करी री अयोधया काणड क ३२व सगव म यकभ पसग आता ह खक एक िार भगवान राम क पास खतजट नामक बराहमण न आकर गायो क खलए याचना करी भगवान राम न खवनोद म उनस कहा- खवपवर आप अपना डडा खजतनरी दर फक सकग वहा तक करी सभरी गाए आपको खमल जाएगरी बराहमण न पररी रसकत स घमाकर अपना डडा फका और वह सरय नदरी क उस पार हजारो गायो क गोष म जाकर खगरा शररी राम न खतजट का सममान करत हए वहा तक करी साररी गौए उसक आशरम म पहचा दरी िहरहाल यह सि व िात ह खजनस भारतरीय वागमय भर पड़र ह हम यहा चचाव सर गाय और गोदान करी परपरा पर कर रह ह

सभयता करी खवकास याता म गोधन क अलावा अनय मलयवान वसतओ और मदराओ का पचलन समाज म खवसकसत हआ खकनत कमवकाडरीय और याजञरीक परपरा म धन अवा गाय का लन दन रखढगत रप म कायम रहा पररणाम यह हआ खक यह रखढ आज एक अभतपवव खवसगखत का पमाण िन कर मानव सभयता क सामन कड़री हो गयरी ह मनषय क खलए गाय खकतना उपयोगरी ह यह खवचार का अलग खवषय ह खकनत खजस गोदान करी परपरा ससषट क सा अवध कषत म रर हई री उसन सभयता म मनषय क फलाव क सा हरी अपनरी याता भरी जाररी रिरी सनातन ससकखत क अनयाखययो म यह उसरी गोदान क रप म खवदमान रहरी लोक मानयता म यह खवदमान रहा खक मतय स पवव गोदान करन स मनषय को मसकत खमलतरी ह और वह भवसागर पर कर जाता ह वद जनो को मतय स पवव गोदान करन करी परपरा आज भरी चलतरी ह शराद एव अनय अवसरो पर भरी गोदान करी परपरा अभरी जाररी ह वसतरीससखत यह ह खक जि य परमपराए रर हई री ति मनषय क पास दान करन योगय गाय हरी एक माता धन री लखकन इस रखढ िनाकर कमवकाड और यजञ स लोगो न जोड़ खदया कालातर म इस धाखमवक कतय क रप म साखपत कर खदया गया गाय हमार जरीवन दरवन म खकतनरी महतवपणव रहरी ह इसका सिस िड़ा उदहारण हमाररी लोक परपरा क रबद गज़ गोदना गोत गाव गोधखल गोरस गोदोहन गोष गोषरी आखद हरी

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पमाखणत कर दत ह गाय जहा िाधरी जातरी री वह सान गोष कहा जाता ा और वह ि कर करी जान वालरी चचाव हरी गोषरी कहलातरी री गोषरी रबद आज पररषकत िन गया ह और कखतम सभागारो म होन वालरी चचावय इसक नाम हो गयरी ह

गाय की अरधयता वदो म पराणो म ता महाभारत म भरी सभरी सानो पर गौ को

अवधय कहा गया ह| महाभारत क राखतपवव शरखत म गौवो को अवधय कहा गया ह तो कौन उनक वध का खवचार करगा जो गायो और िलो को मरता ह वो महान पाप करता ह अगर परओ करी हतया का फल सवगव ह तो नरक खकन कमथो का फल ह

आर गरोिवा निवा धरो रो असत ऋगवद ७५६१७सदा हरी रकषा क पात गाय और िल को मत मार |

सरसवाद भगती मिभरवा अथरो र भगनतः सरवामअमद तणयमघनर मशदवानीमपब शदमदकमवाचरनती ऋगवद ११६४४०

ऋगवद गौ- हतया को जघनय अपराध घोखषत करत हए मनषय हतया क तलय मानता ह और ऐसा महापाप करन वाल क खलय दणड का खवधान करता ह |

अघनरर सवा दयतवा मित सौभगवार ऋगवद १ १६४२७अघनया

गौ- हमार खलय आरोगय एव सौभागय लातरी ह |

रमद नरो गवा िमस रदयशम रमद परषत तवा सीसन मधरवामरो रथवा नरो सरो अीरिवा

अवववद ११६४

यखद कोई हमार गायघोड़र और परषो करी हतया करता ह तो उस सरीस करी गोलरी स उड़ा दो |

अयोधया म गोिान और तरसगततअवधय कषत अावत अवध अावत अयोधया म आज भरी हर साल

सावन मल क अवसर पर लािो लोग गोदान करत ह खवगत कछ वषवो म इस पा को रकन करी भरी कवायद रर हई ह कयोखक पाडा लोग इस पररी तौर पर एक धध क रप म अपना चक ह उनक खलए यह अदभत धनधा िन गया ह य पणडर िद करी गाय िररीद कर लात ह और सरय क खकनार डररा जमा कर ि जात ह खफर जो भरी धमावनरागरी लोग सरय सान करन आत ह उनको पकड़ कर य गोदान करान लगत ह यह धन उगाहरी का ऐसा माधयम िना खदया गया ह करी एक एक गाय स य पणडर हज़ार हज़ार आदमरी को दान करात ह और रद रप स धाखमवक गरी करत ह इसको रोकन क खलए खपछल वषव िाकायदा परासन न जि पडो को सरय क खकनार गाय रिन स मन खकया तो सघषव करी ससखत आ गयरी

मानयताओ और परमपराओ क नाम पर गरी और रखढ िना दन करी कहानरी िहत हरी कषटदायक ह दिद पहल तो यह ह खक महज़ एक दो खदन मल भर क खलए गाय जगाड़ कर पसा काम लन क िाद य लोग गायो को भिो मारन क खलए खववर कर दत ह कयोखक खकसरी क पास कोई गोराला या ऐसरी जगह होतरी हरी नही जहा य गयो को पाल सक और खिला खपला सक िहतर तो ऐस ह जो मला ख़तम होत हरी गायो को कसाईयो क हा भरी िच दत ह यह उसरी अयोधया म धमव क नाम पर खकया जाता ह खजस अयोधया को वद अवधय कषत क रप म मानयता दत ह

गोिान और धमव कमव दर क पायः सभरी धाखमवक नगरो या काररी मखरा वनदावन

हररदार ऋखषकर हररहर कषत पयागराज आखद सभरी जगह गोदान करी परपरा चलरी आ रहरी ह जि भरी सामानय वयसकत तरीव याता अवा सान आखद क खलए खनकलता ह तो वह रासत सममत खकयाय भरी करना चाहता ह लोकमानस करी इसरी धाखमवक भावना का लाभ उा कर गोदान करन वाल िद को बराहमण ितान वाल लोग िि रीक स सनातन ससकखत को िदनाम करन म लग ह जो भरी लोग यह कायव करत ह उनम स िहतो को इस परपरा का कोई जञान भरी नही होता लखकन यह हो तो रहा ह

दरअसल गाय को लकर खजस ढग स िात हो रहरी ह उनम नाटो कोई इसक उदभव और वगयाखनक तथयो पर जाना चाह रहा ह और नही गाय करी मानवरीय जरीवन म खवखरषट भखमका को समझन करी कोखरर करी जा रहरी ह गाय सनातन ससकत का खहससा ह और रहगरी इस कोई नकार नही सकता लखकन गाय करी वतवमान िाज़ार दरा डरक कर खचता होना सवाभाखवक ह खहदतव क दरवन म ग का महतव िता कर अि इस खवरद धाखमवक पर िना कर पसतत करन वाल लोग गाय का भला नही कर रह खजस पकार स गोदान क नाम पर सरआम खिवाड़ हो रहा ह उसस गाय का तो नकसान हो हरी रहा ह खहदतव जसा दरवन भरी िदनाम हो रहा ह

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आिायव तगररराि तकशोर

अशोक तसघि सरामी अरदानाथ िी महाराि

सरामी रासरदरानद िी महाराि

सरामी नतयगोपािदस िी महाराि

सरामी रामिनदर परमहस

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अयोधा मनषय और मनसमवत

मनसमवत मानि ससककवत का सबस महतिपणष एि पराचीन धमषिासतर (समवत) ह इस मानि-धमष-िासतर मनसवहता आवद नामो स भी जाना जाता ह यह उपदि क रप म ह जो मन दवारा

ऋवषयो को वदया गया इसक बाद क धमषगरनथकारो न

मनसमवत को एक सनदभष क रप म सिीकारत हए इसका अनसरण वकया ह भारतीय मानयता क अनसार मनसमवत

बरहा की िाणी ह

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जब भी अयोधया की चचाष िर होती ह उसी क साथ आवद परष भगिान मन और उनक दवारा रवचत मनसमवत की चचाष सिाभाविक रप स सामन आ जाती ह बरहा जी न जब धरती पर सकषट सञालन क वलए मन को उतारा

उसी समय उनहोन जीिन सचालन की वयिशथा क वलए शवतयो का भी अितरण कराया इन शवतयो क आधार पर मनषय को विकसत सभयता का वनमाषण करना था इस कायष क वलए उनहोन मन स समवत की रचना कराई

वजस मनसमवत क नाम स आज विशि जानता ह

अधयकष गहखवजञान खवभाग

गगोतरी दवरी महाखवदालय गोरिपर

9450887187

डॉ अचवना खतवाररी

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भारतरीय खचतन करी इस खवचारधारा को अि पसशचमरी खवदान भरी सवरीकार करन लग ह मकसमलर जस महापरष का कन ह करी ससषट करी रचना क सा हरी ससषट सचालन क साखहतय भरी ससशतकार न अवशय खदया होगा कयो करी पहल ससषट दन का कोई औखचतय नही हो सकता जि मनषय धरतरी पर आया होगा तभरी उस मनषय करी जरीवन सखहता भरी आई होगरी

िहरहाल यहा अखभपाय खकसरी अवधारण स नही ह िसलक यह खवखदत होन का ह करी आज क समाज म खजस पकार स एक वगव क आलोचक लोग मन और मन समखत पर अनगवल खटकाए करत ह कया उनह पता भरी ह खक व भरी उसरी मन करी सतान ह मन करी खजस वणव वयवसा को पानरी परी परी कर व कोसत ह और उस वयवसा क खवरोध म खजस पकार स अपनरी अपनरी अवधारानाय साखपत करत ह उसस समाज को व कया नया द पात ह मन न चार वनावशरमो म समाज को वयवससत खकया ह बराहमण कषखतया वशय और रदर हम इस खववाद म नही जाना खक कौन कस पदा होता ह लखकन आज क नए सामाखजक अलमिरदारो स यह सवाल जरर करना चाहगरी खक मन करी अवधारणा को गाखलया दन क िाद आप अज खकस तरह समाज को खवभाखजत कर रह ह आप भरी तो आज कलास वन कलास ट कलास थरी और कलास फोर म हरी पोर समाज को खवभाखजत करन का सखवधान रच रह ह कहन का तातपय यह खक आप भरी समाज को सचाखलत करन क खलए चार पकार क मनषयो पर हरी आखशरत ह तो खवचार करी िात ह खक आखद परष करी सामाखजक अवधारना स अलग आप कया कर पा रह ह

सच यह ह खक खरखकषत अजञानरी समदाय न पसशचम करी नक़ल म भारतरीयता को िदनाम करन और उसकरी आलोचना करन का एक फरन पल खलया ह और पाचरीनता करी आलोचना हरी उनका रगल ह यह वासतखवकता ह करी मन और मनसमखत करी आलोचना कर क समाज को िरगलान वाल खकसरी वयसकत क पास नाटो मनसमखत ह और न हरी उसन मन समखत पढरी ह खिना मन और मनसमखत को जान हरी कवल आलोचना क खलए आलोचना इनका उदशय हो गया ह और य लोग वाहरी करत ह

मनसमखत मानव ससकखत का सिस महतवपणव एव पाचरीन धमवरासत (समखत) ह इस मानव-धमव-रासत मनसखहता आखद नामो स भरी जाना जाता ह यह उपदर क रप म ह जो मन दारा ऋखषयो को खदया गया इसक िाद क धमवगरनकारो न मनसमखत को एक सनदभव क रप म सवरीकारत हए इसका अनसरण खकया ह भारतरीय मानयता क अनसार मनसमखत बरहमा करी वाणरी ह lsquoमनसमखतrsquo भारतरीय ससकखत का अखभनन अग ह इसकरी गणना खवशव क ऐस गरनो म करी जातरी ह खजनस मानव न वयसकतक आचरण और समाज रचना क खलए परणा पापत करी ह इसम पशन कवल वततवमान धाखमवक आसा या खवशवास का नही ह िसलक मनषय क जरीवन करी आवशयकताओ करी पखतव खकसरी भरी पकार आपसरी सहयोग ता सरखचपणव ढग स हो सक यह अपकषा और आकाकषा पतयक सामाखजक वयसकत म होतरी ह दखनया भर म इस खवषय पर पयावपत िोज हई ह तलनातमक अधययन हआ ह और समालोचनाए भरी हई ह भारतरीय जरीवन वयवसा और समाज म तो इसका सान वदतयरी क उपरात ह मनसमखत क िहत स ससकरण उपलबध ह कालानतर म िहत स पकषप भरी सवाभाखवक ह साधारण वयसकत क खलए यह सभव नही ह खक वह िाद म ससममखलत हए अरो करी पहचान कर सक कोई अखधकाररी खवदान हरी तलनातमक अधययन क उपरानत ऐसा कर सकता ह मनसमखत करी पामाखणकता और वजञाखनकता को भारतरीय शरखत मनसमखत करी सरचना एव खवषयवसत एव समखत परमपरा को खवशलखषत कर क समझा जा सकता ह

भारतीय आचार-सतहता का तरशरकोशमनसमखत भारतरीय आचार-सखहता का खवशवकोर ह मनसमखत

म िारह अधयाय ता दो हजार पाच सौ शलोक ह खजनम ससषट करी उतपखतत ससकार खनतय और नखमखततक कमव आशरमधमव वणवधमव राजधमव व पायसशचत आखद खवषयो का उललि ह

(1) जगत करी उतपखतत

(2) ससकारखवखध वरतचयाव उपचार

(3) सान दाराखघगमन खववाहलकषण महायजञ शरादकलप

(4) वखततलकषण सातक वरत

(5) भकयाभकय रौच अरखद सतरीधमव

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(6) गहसाशरम वानपस मोकष सनयास

(7) राजधमव

(8) कायवखवखनणवय साखकषपशनखवधान

(9) सतरीपसधमव खवभाग धमव धत कटकरोधन वशयरदरोपचार

(10) सकरीणवजाखत आपदमव

(11) पायसशचतत

(12) ससारगखत कमव कमवगणदोष दरजाखत कलधमव खनशरयस

टीकाएमन पर कई वयाखयाए पचखलत ह-

(1) पधाखतखकत भाषय

(2) कललककत मनवव मकताव लरी टरीका

(3) नारायणकत मनवव खववखतत टरीका

(4) राघवानद कत मनवव चखदरका टरीका

(5) नदनकत नखदनरी टरीका

(6) गोखवदराज कत मनवारयानसाररणरी टरीका आखद

मन क अनक टरीकाकारो क नाम जञात ह खजनकरी टरीकाए अि लपत हो गई ह या- असहाय भतवयजञ यजवा उपाधयाय ऋज खवषणसवामरी उदयकर भारखच या भागरर भोजदव

धरणरीधर आखद धमवरासतरीय गरकारो क अखतररकत रकराचायव रिरसवामरी जस दारवखनक भरी पमाणरपण इस गर को उदत करत ह परपरानसार यह समखत सवायभव मन दारा रखचत ह मनसमखत स यह भरी पता चलता ह खक सवायभव मन क मलरासत का आशरय कर भग न उस समखत का अवगाहन खकया ा जो पचखलत मनसमखत क नाम स पखसद ह इस भागववरीया मनसमखत करी तरह नारदरीया मनसमखत भरी पचखलत ह मनसमखत वह धमवरासत ह खजसकरी मानयता जगखवखयात ह न कवल भारत म अखपत खवदर म भरी इसक पमाणो क आधार पर खनणवय होत रह ह और आज भरी होत ह अतः धमवरासत क रप म मनसमखत को खवशव करी अमलय खनखध माना जाता ह भारत म वदो क उपरानत सवावखधक मानयता और पचलन lsquoमनसमखतrsquo का हरी ह इसम चारो वणथो चारो आशरमो सोलह ससकारो ता ससषट उतपखतत क अखतररकत राजय करी वयवसा राजा क कतववय भाखत-भाखत क खववादो सना का पिनध आखद उन सभरी खवषयो पर परामरव खदया गया ह जो खक मानव मात क जरीवन म घखटत होन समभव ह यह सि धमव-वयवसा वद पर आधाररत ह मन महाराज क जरीवन और उनक रचनाकाल क खवषय म इखतहास-पराण सपषट नही ह ताखप सभरी एक सवर स सवरीकार करत ह खक मन आखदपरष और उनका यह रासत आखदःरासत ह

मनसममतत क पररता एर कालमनसमखत क काल एव पणता क खवषय म नवरीन अनसधानकाररी

खवदानो न पयावपत खवचार खकया ह खकसरी का मत ह खक मानव चरण (वखदक रािा) म पोकत होन क कारण इस समखत का नाम

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मनसमखत पड़ा कोई कहत ह खक मनसमखत स पहल कोई मानव धमवसत ा (जस मानव गहयसत आखद ह) खजसका आशरय लकर खकसरी न एक मल मनसमखत िनाई री जो िाद म उपिखहत होकर वतवमान रप म पचखलत हो गई मनसमखत क अनक मत या वाकय जोखनरकत महाभारत आखद पाचरीन गरो म नही खमलत ह उनक हत पर खवचार करन पर भरी कई उततर पखतभाखसत होत ह इस पकार क अनक तथयो का िहलर (Buhler G) (सकड िकस ऑव ईसट सरीररीज सखया 25) पाणडरग वामन काण (खहसटरी ऑव धमवरात म मनपकरण) आखद खवदानो न पयावपत खववचन खकया ह

यह भरी सच ह खकमन क काल करी समखत अि उपलबध नही ह आज जो मनसमखत हम पात ह वह मल मनसमखत नही ह यह वह ह खजस समय समय पर खवखिनना ऋखषयोआचायवो और खवदानो न समाज को खदया मन क कल स अि तक ससषट का इतना समय िरीत चका ह ससषट क सा क साखहतय या शरखत अवा समखत का उसरी रप म पापत होना िहत कखन ह इसका कारण यह ह करी खजस शरखत परपरा म इनक अधययन अधयापन करी वयवसा िनरी री वह परपरा िहत पहल हरी िखडत हो चकरी ह िास कर भारत पर खवदररी अभारतरीय आखधपतय क िाद तो कछ भरी नही िचा ऐस म मल शरखत और समखत को पाना िहत कखन ह

पाशचातय खवदानो क अनसार मन परपरा करी पाचरीनता होन पर भरी वतवमान मनसमखत ईसा पवव चतव रताबदरी स पाचरीन नही हो सकतरी (यह िात दसररी ह खक इसम पाचरीनतर काल क अनक वचन सगहरीत हए ह) यह िात यवन रक कािोज चरीन आखद जाखतयो क खनदवर स जञात होतरी ह यह भरी खनसशचत ह खक समखत का वतवमान रप खदतरीय रतरी ईसा पवव तक दढ हो गया ा और इस काल क िाद इसम कोई ससकार नही खकया गया मनकाल करी समखत करी अनपलबधता और भाषाई कखनाइयो क िरीच पसशचम क खवदानो करी अवाधारानाओ क खलए उनह दोषरी नही हराया जाना चाखहए

मनसममतत और जातत वयरसथा मनसमखत उस काल करी ह जि जनमना जाखत वयवसा क

खवचार का भरी कोई अससततव नही ा| अत मनसमखत जनमना समाज वयवसा का कही भरी समवन नही करतरी| महखषव मन न मनषय क गण- कमव ndash सवभाव पर आधाररत समाज वयवसा करी रचना कर क वदो म परमातमा दारा खदए गए आदर का हरी पालन खकया ह (दि ndash ऋगवद-१०१०११-१२ यजववद-३११०-११ अवववद-१९६५-६)|

यह वणव वयवसा ह| वणव रबद ldquoवञrdquo धात स िनता ह खजसका मतलि ह चयन या चनना और सामानयत पयकत रबद वरण भरी यहरी अव रिता ह | जस वर अावत कनया दारा चना गया पखत खजसस पता चलता ह खक वखदक वयवसा कनया को अपना पखत चनन का पणव अखधकार दतरी ह |

सनदभय अयोधया मरा माया काररी काखचरवसनतका पररी दारावतरी चव सपतत मोकषदाखयका वालमरीखक रामायण उततर काणड 108 4 रघ वर सगव 16 अयोधया त धमवजञ दरीघवयजञ महािलम अजयत पाडवशरषो नाखततरीवरणकमवणा- सभापवव 30-2

जातक सखया 454 रायसडरवरीज िखदसट इखडया पष 39 एस सरी डर खहसटाररखसटरी ऑफ़ रामायण एड खद इडो आयवन सोसाइटरी इन इखडया एड सरीलोन (खदललरी अजता पसबलकरस पनमखदवत 1976) पष 80-81

ऐतरय बराहमण 731 दि ज रा ए सो 1971 डा सरनदर कमार पगगापसाद उपाधयाय और सवामरी दयानद सरसवतरी क कायव |

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मनसमखत म वणव वयवसा को हरी िताया गया ह और जाखत वयवसा को नही इसका सिस िड़ा पमाण यह ह खक मनसमखत क पम अधयाय म कही भरी जाखत या गोत रबद हरी नही ह िसलक वहा चार वणथो करी उतपखतत का वणवन ह | यखद जाखत या गोत का इतना हरी महतव होता तो मन इसका उललि अवशय करत खक कौनसरी जाखत बराहमणो स सिखधत ह कौनसरी कषखतयो स कौनसरी वशयो और रदरो स |

मनसमखत २ १३६ धनरी होना िाधव होना आय म िड़र होना शरष कमव का होना और खवदतता यह पाच सममान क उततरोततर मानदड ह | इन म कही भरी कल जाखत गोत या वर को सममान का मानदड नही माना गया ह | मनसमत करी वयापक दसषट कवल मनषय को कदर म रितरी ह और उस मनषय को सससकत िनान और सिरी जरीवन जरीन करी कला खसिातरी ह मानयता और पचलन lsquoमनसमखतrsquo का हरी ह इसम चारो वणथो चारो आशरमो सोलह ससकारो ता ससषट उतपखतत क अखतररकत राजय करी वयवसा राजा क कतववय भाखत-भाखत क खववादो सना का पिनध आखद उन सभरी खवषयो पर परामरव खदया गया ह जो खक मानव मात क खजवन म घखटत होन समभव ह यह सि धमव-वयवसा वद पर आधाररत ह मन महाराज क जरीवन और उनक रचनाकाल क खवषय म इखतहास-पराण सपषट नही ह ताखप सभरी एक सवर स सवरीकार करत ह खक मन आखदपरष और उनका यह रासत आखदःरासत ह कयोखक मन करी समसत मानयताए सतय होन क सा-सा दर काल ता जाखत िनधनो स रखहत ह यह तथय ह खक जि भरी अयोधया पर िात होगरी ति ति अनय सभरी महतताओ क आलावा मनषय जातरी क खलए जरीवन क सखवधान क रप म मन जरी दारा दरी गयरी मनसमखत करी भरी चचाव करनरी हरी होगरी ताकखत आज क खरखकषत और कछ िखधखतरकवादरी लोगो क खलए भारतरीय गरो को लकर खटपपखणया करना उनक कखत पगखतररीलता का दोतक िन गया ह पर यह सि दि कर दःि भरी होता ह य कौन लोग ह खजनह अपनरी ससकखत करी पाचरीनता पर भरी गवव नही ह य िद क माता खपता को गाखलया दकर कया हाखसल करना चाहत ह

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शररीमद रामचररत मानस जरी म गोसवामरी तलसरी दास जरी न वखणवत खकया ह -

अधपरी सम मपर नमि सरोऊ

रि पसग जवानइ करोउ करोऊ

जनमभमम मम परी सिवामन

उततर मदमस बि सरज पवामन

जवा मजजन त मबनमि परवासवा

मम समीप नर पवामि बवासवा

अमत मपर मरोमि इिवा क बवासी

मम धवामदवा परी सख रवासीअि चचाव करत ह पखवत सरय क उदभव

अससततव और इखतहास करी सरय नदरी उततर पदर म अयोधया क खनकट िहन वालरी भारत करी पाचरीन नखदयो म स एक ह घाघरा सरज ता रारदा इस नदरी क अनय नाम ह यह खहमालय स खनकलकर उततररी भारत क गगा क मदान म िहन वालरी नदरी ह जो िखलया और छपरा क िरीच म गगा म खमल जातरी ह अपन ऊपररी भाग म जहा इस कालरी नदरी क नाम स जाना जाता ह यह काफ़री दररी तक भारत (उततरािणड राजय) और नपाल क िरीच सरीमा िनातरी ह

पाचरीन गरो म वखणवत खमलता ह खक

रामायण काल म सरय कोसल जनपद करी पमि नदरी री-

lsquoकरोसलरो नवाम ममदतः सफीतरो जनपदो मिवान मनमषटः सररतीर पभतधनधवानरवान

अररोधरवा नवाम नगरी तरिवासीललरोकमशरतवा

मननवा मवाननदण रवा परी मनममयतवा सरम अयोधया स कछ दर सरय क तट पर घना

जगल ससत ा जहा अयोधया नरर आिट क खलए जाया करत दरर न इसरी वन म आिट क समय भल स शरवण कमार का जो सरय स अपन अध माता-खपता क खलए जल लन क खलए आया ा िध कर खदया ा-

तनसमनमत सखकवाल धनषमवामनषमवानरथी वरवारवामकतसकलपः सररमनगवा नदीम मनपवान ममिष रवारिौगज बवाभरवागतमगम अनरद वा शवापद मकमचमजजधवासरमजतननदरवाrsquo lsquoअपशरमभषणवा तीर सररबवासतवा पस ितम अकीणजटवाभवार पममदकलशरोदकम

सरय नदरी का ऋगवद म उललि ह और यह कहा गया ह खक यद और तववसस न इस पार खकया ा पाखणखन न अषटाधयायरी म सरय का नामोललि खकया ह पदमपराण क उततरिड म भरी सरय नदरी का माहातमय वखणवत ह सरय नदरी अयोधयावाखसयो करी िड़री खपय नदरी री काखलदास क रघवर म राम सरय

जनम भमम मम पररी सहािमन

सरय नदी का ऋगिद म उलख ह और यह कहा गया ह वक यद और तिषसस न इस पार वकया था पावणवन न अषटाधयायी म सरय का नामोलख वकया ह पदमपराण क उतिरखड

म भी सरय नदी का माहातमय िवणषत ह सरय नदी अयोधयािावसयो की

बडी वपरय नदी थी

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आवदपरी शी अयोधया जी की जब भी चचाष होगी उसक साथ ही परम पािनी माता सरय पर विमिष अिशय होगा सरय और अयोधया जी का

सबध भगिान मन स ह और मन स आग इकिाक क ििज भगिान शीराम की यही पवितर जनमभवम ह लगभग 500 िषषो क अनिरत सघषष क बाद जब परभ शीराम की जनमभवम पर भवय शीराम मवदर सथावपत हो रहा ह तो

यह आिशयक लगता ह वक पवितर सरय जी पर भी विमिष हो

लिक वररष पतकार ह

मनोज कमार खतपारी

laLd`fr ioZtqykbZamp 2020 vksk foskkkad56

को जननरी क समान हरी पजय कहत ह-

lsquoसर मदीरवा जननी तन मवानरन रवाजञवा सररमरकतवा दर बसनत मशमशरवामनलमवाा तरगिसतरपगितीrsquo

सरय क तट पर अनक यजञो क रपो का वणवन काखलदास न अपन महाकावय रघवर म खकया ह-

lsquoजलवामन रवा तीरमनखवातरपवा बितरररोषरवामनरवाजधवानीमrsquo महाभारत अनरासनपवव म सरय को मानसरोवर स खनससत

माना गया ह अधयातम रामायण म भरी इसरी तथय का खनदवर ह- एषा भागरीररी गगा दशयत लोकपावनरी एषा सा दशयत सरीत सरययवपमाखलनरी

भगवान शररीराम करी यह सरय मानसरोवर स खनकलतरी ह खजसका नाम बरहमसर भरी ह काखलदास क खनमन वणवन स यह कन सखचत होता ह-

पररोधरः पणरजनवागनवानवा मनमयषटिमवामबजरण रसरवाः बरवाहसरः कवारणमवापतवाचरो बदररवावरकतमदवािरननत

उपरोकत उदरण स यह भरी जान पड़ता ह खक काखलदास क समय म परमपरागत रप म इस तथय करी जानकाररी यदखप री तो भरी सरय क उदगम को रायद हरी खकसरी न दिा ा इस भौगोखलक तथय का जञान तलसरीदस को भरी ा कयोखक उनहोन सरय को मानसननदनरी कहा ह

यह सरय मानसरोवर स पहल कौड़यालरी नाम धारण करक िहतरी ह खफर इसका नाम सरय और अत म घाघरा या घघवरा

हो जाता ह सरय छपरा (खिहार) क खनकट गगा म खमलतरी ह गगा-सरय सगम पर चरान नामक पाचरीन सान ह काखलदास न सरय-जाहनवरी सगम को तरीव िताया ह यहा दरर क खपता अज न वदावसा म पाण तयाग खदए -

त ी थ वत रो र व र म त क र भ ज ह क न र वा र व रो दितरवागवादमरवाणनवालखरमवासवादय सदयः

समभवत उपरोकत तरीव चरान क खनकट रहा होगा महाभारत भरीषमपवव म सरय का नामोललि इस पकार ह-

रिसरवा शतकभवा च सरर च तथ च

चमयणती रिती िनसतसरोमवा मदशर तथवा शररीमदभागवत म नखदयो करी सचरी म भरी सरय पररगखणत ह-

रमनवा सरसती दषविती गरोमती सरर खमखलदपनहो नामक िौद गर म सरय का सरभ कहा गया ह

जो पाातर मात ह रामचररतमानस का उललि अवधपररी मम पररी सहावखन दखकषण खदर िह सरय पावनरी रामचररत मानस करी इस चौपाई म सरय नदरी को अयोधया करी पहचान का पमि खचहन िताया गया ह राम करी जनम-भखम अयोधया उततर पदर म सरय नदरी क दाए तट पर ससत ह अयोधया खहनदओ क पाचरीन और सात पखवत तरीवसलो म एक ह अयोधया को अवववद म ईशवर का नगर िताया गया ह और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 57

कालिणड अपनरी गखत स िढता रहा पखत सोपान राम हमाररी आसा ह यह मत जाप अनवरत होता रहा ह मरीरिाकरी न सवय खलिा lsquolsquoयह फररशत क उतरन करी जगह हrsquorsquo

30 खदसमिर 1949 मखतवयो का पकाटय हआ राम करी धन धड़कन िन धड़कन लगरी राम आसा ह राम मयावदा ह राम सभयता ह राम ससकखत ह राम भाषा ह राम जनम म ह राम मतय म राम मोकष ह राम अधयातम ह

12 वषव म कछ माह रष - 19 खदसमिर 1961 को खववाद का जनम होता ह शररीराम क जनम क 7100 वषव िाद भखम खववाद का मससलम पकष दारा मकदमा दायर होता ह

इस समय भारतरीय राजनरीखत म मससलम तषटरीकरण रर हो गया ा अिल कलाम आजाद को खरकषा मनतरी नहर न िनाया ा इसखलए अकिर महान मजिररी म पढना पड़ा तजोमय मसनदर स ताजमहल और वाराह खमखहर करी दरिरीन को कतिमरीनार पढाया जान लगा कयोखक कागरस मससलम तषटरीकरण म लगरी री- सभरी सानो म नामो करी पखटटका गाधरी नहर पररवार तक खसमटरी रहरी आजादरी क रहरीदो को भरी याद नही खकया जा रहा ा आजादरी क 25 वषथो म हरी जनता जनादोलन क खलए तयार हो रहरी री आपातकाल क दौरान जनानदोलन खहनदतव सगनो और खवपकषरी सगनो को दरखहत म एक सा आन म सवाभाखवक सरलतापववक सयकत सगन िना

राजरीव गाधरी न राहिानो पकरण म सववोच नयायालय क खनणवय को वापस लन क उपरानत खहनदतव सगन न समाज का आहवान कर खदया अि खहनदतव राषटरीय पटल पर साखपत होन करी ओर िढन लगा

मनषयता म आम ततर राम हबरहमा क पत पचता उनक दसव पत

िासलमरीखक जरी खजनको नारद जरी न राम का सनायरी और राम क जरीवन काल म रामायण खलिरी गयरी िालमरीखक जरी सरीता और लव कष को लकर अयोधया आत ह- राजाराम स कहत ह lsquolsquoम पचता पत कहता हrsquorsquo सरीता उतनरी पखवत ह खजतना मर पणय और यखद ऐसा ना हो तो मर समसत पणय कषरीण हो जाए

मर राम

राम भारत क रोम रोम म ह भारत क लोक म राम ह भारत की सास म राम ह भारत की वमटी हिा जल म राम ह राम भारत की समपदा िभि यष मयाषदा जीिन पदववत ह मकसलम तषटीकरण का पररणाम

सपरदाय जवनत िातािरण की गमाषहट स नय यग क

परारमभ होन की वदषा म एक नय अधयाय की ओर वहनद सगिन बढन लगा वजसकी पररणवत राम रथ यातरा न

भारत की राजनीवत क नय आयाम गढन लग भारत की मौवलक राषटीय चतना को

आग नतति वमला

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भारत की सासककवतक चतना राममय रही ह आजादी क आनदोलन की चतना का मल मतर राम ह इसवलए रघपवत राघि राजाराम मल अथाष म

लोक मतर बना सिाधीनता सगराम म िाह गर शी गरगोविनद वसह की सना न सन 1858 म अयोधया म धािा बोलकर lsquolsquoमकसजदrsquorsquo जनमभवम की दीिार

पर राम राम वलखा था वजस ततकालीन कोतिाल िीतला परसाद दब न थाना-ररपोटट म वलखा ह

सयोजक नदरी सरकषण लोकभारतरी9415217404

कपटन सभाष ओझा

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राम भारत क रोम रोम म ह भारत क लोक म राम ह भारत करी सास म राम ह भारत करी खमटटरी हवा जल म राम ह राम भारत करी समपदा वभव यर मयावदा जरीवन पदखत ह मससलम तषटरीकरण का पररणाम सपदाय जखनत वातावरण करी गमावहट स नय यग क पारमभ होन करी खदरा म एक नय अधयाय करी ओर खहनद सगन िढन लगा खजसकरी पररणखत राम र याता न भारत करी राजनरीखत क नय आयाम गढन लग भारत करी मौखलक राषटरीय चतना को आग नततव खमला

रयाता ससमरण म - आडवाणरी जरी क सा रयाता क सयोजक शररी क० एन० गोखवनदाचायव जरी रह गोखवनद जरी भारत परसत सगन और सजन रसकत को सगखत कर रह दर म र अपनरी याता पर ा एक खदन गोखवनदाचायव जरी स राखत भोजन क उपरानत टहलत हए आडवाणरी जरी न एक पशन खकया - यह जनता जनादवन र क आग खमटटरी म लोट रहरी ह और रा क परीछर करी खमटटरी को कागज पखड़या म रि कर मा चढा रहरी ह आडवाणरी जरी न कहा म हतपभ और आशचयवचखकत ह गोखवनद जरी भरी अनततररत रह गोखवनद जरी न िताया अधययन अवकार क समय खिनदवार धयान करन पर आया खक आडवाणरी जरी अगरजरी ससकखत म पढर पल होन क कारण उनक मन मससतषक म राम मय खमटटरी म लोट-पोट रहरी जनता जनादवन क पखत खवसमय रहा ा

भारत करी तासरीर-तवर कलवर समझन क खलए राममय होना पड़रगा राम करी भष-भषा म आन मात स रावण का मन राममय हो गया ा राम करी मयावदा क आचरण तपसया तयाग और परोपकार सत ससकखत का जरीवन जरीन स रामराजय जनम लता ह

छदम सकलरवाद अि सकलरवाद करी जगह पा चका ा 6 खदसमिर 1992 दोपहर म शररी कलयाण खसह मखयमनतरी उ०प० अपन आवास पर दो मनतरी क सा िर अयोधया म कार सवा चल रहरी री कारसवक िािररी मससजद क गिद पर चढ गय और कदालो स तोड़न लग वहा पयावपत सखया म अधव सखनक िल ा लखकन कार सवको न उनक और िािररी मससजद क िरीच एक घरा िना खदया ा उस समय कलयाण खसह क आवास पर पखलस महाखनदषक उ०प० एल०एम० खतपारी भागत हए आय मखयमतरी स खमलना चाहा अनदर स सनदर आया भोजन समापत होन तक पतरीकषा कर कछ दर िाद जि डरी०जरी०परी० अनदर गय तो lsquolsquoकारसवको पर गोलरी चलान करी अनमखत मागरी ताखक िािररी मससजद को खगरन स िचाया जा सक- कलयाण खसह न पछा - अगर गोलरी चलरी तो कारसवक मार जायग डरी०जरी०परी० न जवाि खदया हा ति मखयमतरी न कहा म आपको गोलरी चलान का आदर नही दगा आप अनय साधनो स खनयतण कर राम को िािररी मससजद का ढाचा ढह गया माननरीय कलयाण खसह न अपना तयाग पत राजयपाल को सौप खदया िािररी मससजद करी एक एक ईट कायवकताव उा ल गय सकलरवाखदयो क अनयायपणव खजद करी पखतखकया म कारसवको न ढाचा खगरा खदया कार सवको न शररी हनमान जरी करी रसकत स िािररी मससजद का पटाकषप कर खदया ा

दरदरवन पर रामायण और महाभारत का खदगदरवन न भारतरीय जनमानस का मानस िनाया रामजनमभखम पर मसनदर खनमावण करी माग और िािररी मससजद करी माग साववजनक गलरी नककड मोहललो गावो म िहस होन लगरी

आम चचाव म राम का जरीवन मयावदा मलयो तयाग करणा दया वातसलय पम सह िनधतव कषमा अपार धयव साहस वरीरता उधम नयायखपयता नसखगवक ईशवररीय गणो स समपणव चररत चचाव चल रहरी री खजस िािा गोसवामरी तलसरीदास जरी मयावदा परषोततम भगवान शररी राम करी सतखत कहत ह समसत ससार रामनाम दरीिन म भगवान क िामन रप जसा ह दरीिन म छोटा खकनत वासतखवक सवरप म पकट कन पर अननत कोखट बरहमाणडो को अपन म समा सकता ह सभरी बरहमाणडो क नायक शररीराम जरी ह

सयव क कनदर म जो सखवता ह वो साकषात नारायण ह इखसलए शररीराम सयववररी ह आसा क पाणततव का पखतफल मर राम ह

भारत का जरीवन दरवन मर राम ह भारत करी पहचान आन मान सममान मर राम ह हम राम जरी क रामजरी हमार ह तभरी असनतम समय म राम नाम सतय ह सभरी करी यह गखत ह

सासकखतक जागरण क कारण उस समय करी िदाई होन पर मसनदर क पमाखणक साकय न नयायालय म जनमभखम करी नयाय म सहायता खदलाया

राम जनमभखम खववाद उच नयायालय स सववोच नयायालय तक पहचन म भारत करी सासकखतक चतना पणव रप स एक मत होन लगरी खक राम भारत क पाण ततव ह भारत क सखवधान करी मल पखत पर भगवान राम सपररवार पषपक खवमान सखहत खचत सयोखजत ह तो भारत क सखवधान म मर राम ह

राम क पाकटय सल पर सववोच नयायालय दारा पापत खनणवय पर अनय सापतय क खिना भारत करी अससमता पर पशन खचहन लगा रहगा राषटवादरी चतना न सासकखतक राषटवाद करी सरकार िनायरी दसररी ओर सवय सवक खवदान अखधवकता सनतो महनतो रकराचायथो आचायथो खवदानजन सजन रसकतयो क दारा तकक साकय समखत खचहन पाकटय पमाण जटान म लग रह खजस सवधाखनक अाव म नयायपणव खनणवय दारा पापत आदष स शररी राम जनमभखम मसनदर खनमावण करीआधारखरला यरसवरी माननरीय पधानमतरी आदरणरीय शररी नरनदर मोदरी जरी क कर कमलो स नय भारत का गौरवारालरी इखतहास रचगा इस पनव खनमावण स खवखरषट रलरी क मसनदर का भखम पजन भारत सवाखभमान को सरोखभत करगा यह समपणव ससार क समकष एक आतमततव राम करी पखतमखतव खवशव को एक वखरषटय उदाहरण पसतत करगा खजसम खहनदतव सनातन करी सासकखतक राषटरीय चतना का गौरव साखपत होगा और यह सतय खक मर राम अखवनाररी कण-कण म ह- घट-घट म ह मर राम

मर राम

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 59

मागव म सानरीय जनता का अभतपवव सहयोग इन लोगो को दिन को खमला अधररी रात म भरी लोग लालटरन लकर गावो म हर जगह इनका सवागत करत पआल पर िोररी या दररी खिछाकर इनक खवशराम करी वयवसा भोजन नाशता मवा आखद स इनका आखतथय होता सि भोजन क पकट तो रासत भर खमल इन कार सवको को खिलान क खलए गननो क कई ित साफ़ कर खदए सानरीय जन सामानय न आग यखद पखलस होन करी सभावना होतरी तो व हरी लोग इनह सावधान करत और सरखकषत मागव भरी सझात राम भसकत का अदभत जवार ा उन खदनो म

फजावाद स कछ खकलोमरीटर पवव रामगज नामक गाव म रात को एक िज लगभग ७००-८०० कारसवक पहच इनक पहचन करी सचना खमलत हरी गाव करी माता िखहन एकखतत हो गई और दित हरी दित सिन खमलकर एक घटर क अदर गरम ताजा भोजन तयार कर खिलाया गराम वाखसयो न अपन सोन क सान िालरी कर कारसवको को सलाया और सवय िाहर सोय सखदवयो क खदन तो सिह ितो म कडाव चढाकर

इन लोगो क सान आखद क खलए पानरी करी वयवसा करी गई गाव करी मखहला सरपच न अपनरी जरीप और गाव क टरकटरो स कारसवको को अयोधया क नजदरीक गोमतरी खकनार तक पहचाया और तो और गोमतरी पार करान िाल नाखवको न भरी इनस पस लन स इनकार कर खदया

१९९० म कार सवा का आवहान हआ खजसम खरवपररी स भरी सकडो सवयसवक रवाना हए खरवपररी झासरी मागव पर उततर पदर करी मलायम खसह सरकार न पल

कसा था िह जार

१९९० म कार सिा का आवहान हआ वजसम वििपरी

स भी सकडो सियसिक रिाना हए वििपरी झासी

मागष पर उतिर परदि की मलायम वसह सरकार न पल पवलया तोड वदए थ तावक कोई अयोधया तो दर उतिर परदि म भी ना पहच सक कारसिक जब झासी की

ओर पदल रिाना हए उनम स अनको वगरफतार कर वलय

गए

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१९९० म वपपररया स पहला जतथा वजला परमख शी अनतराम जी क नतति म तथा दसरा शी दवारका परसाद खडलिाल क नतति म रिाना हआ

इलाहािाद क आग परताप गढ चकपोसट पर इन लोगो को वगरफतार कर वलया गया बहा इनह नि वनवमषत पोलीटवनिक कालज म बदी बनाकर

रखा गया बहा परिासन दवारा भोजन आवद की कोई वयिसथा नही की गई थी इतना ही नही तो बाहर स सथानीय कायषकताषओ दवारा की गई भोजन

वयिसथा को भी नही लन वदया जा रहा था उस पररसर म लगभग ३००० लोग भड बकररयो की तरह भर वदए गए थ अवयिसथा स नाराज इन

लोगो न गट पर लगा ताला तोड वदया बहा उपकसथत मटीभर अवधकारी इस जन सलाब को नही रोक पाए पदल ही य आग अयोधया क मागष पर

बढ चल

लिक वररष पतकार ह

हररहर रमाव

रामजनम भवम आनदोलन ससमरण

laLd`fr ioZtqykbZamp 2020 vksk foskkkad60

पखलया तोड़ खदए ताखक कोई अयोधया तो दर उततर पदर म भरी ना पहच सक कारसवक जि झासरी करी ओर पदल रवाना हए उनम स अनको खगरफतार कर खलय गए झासरी करी लकमरी वयायामराला को असाई जल िनाया गया जहा इन लोगो न अपनरी आिो क सामन पखलस गोलरी चालन म हताहत होत कारसवको को दिा जो एक दिद अनभव ा

पखलस को चकमा द अनको कारसवक अयोधया क मागव पर आग खनकलन म सफल हए खकनत अततः व भरी खगरफतार कर उननाव जल भज खदए गए इस जल म परासन करी रह पर मससलम कखदयो न लोह करी छड़ो वा पलटो इतयाखद स इनपर हमला कर खदया शररी खवमलर गोयल को तो इतना परीटा गया खक व िहोर हो गए वा आकमण काररी उनह मत समझकर छोड़ गए सात खदन िाद असपताल म शररी गोयल को होर आया

कोलारस गपत वाखहनरी क गयारह कारसवक लिनऊ स २०० खकमरी पदल चलकर सवव शररी गणर खमशरा आलोक खिदल पम रकर वमाव फलखसह जाट खरबिखसह जाट (हममाल) रामशवर खिदल सतोष गौड़ खवनोद खमशरा लाडलरी पसाद गोयल आखद अयोधया पहचन म सफल हए इन सभरी न २ नवमिर को हए नरसहार को अपनरी आिो स दिा व भोगा

२८ अकटिर १९९० को मधय भारत करी ४० वाहखनया अयोधया क खलय रवाना हई| उततर पदर म मलायमखसह करी सरकार न खभड इटावा मागव स कोई आग ना िढ सक इसक पखता इतजाम खकय | इटावा मलायम खसह का गह खजला होन स उनक छोटर भाई खररपाल यादव िद इस वयवसा को दि रह |

चमिल क पल पर तरीन दरीवाल िनाकर यातायात को िाखधत खकया ा िहरी इस िात करी भरी पररी वयवसा री खक कोई पदल भरी उततर पदर म पवर ना कर सक | ईटो करी पककरी दरीवारो क िरीच म लोह करी चादर रिरी गई ी | इसक िाद डरम रिकर उसक परीछर सरसत पखलस िल तनात ा | चमिल म चलन िालरी साररी नावो पर पखलस न कबजा कर खलया ा | नदरी क उस पार खररपाल खसह साररी वयवसाओ का खनररीकषण कर रह | उनक सा हखयार िद गडर भरी |

कार सवको म सिस आग सतो करी टोलरी री | साधओ न खतरल आखद करी सहायता स दरीवार को तोड़ खदया | दरीवार टटत हरी लगभग ४००० कार सवक आग िढन लग | पखलस न कार सवको करी खगरफताररी रर कर दरी | लखकन सखया इतनरी अखधक री खक सिको खगरफतार करना परासन क खलए सभव हरी नहरी ा |

खगरफताररी स काम ना िनता दिकर नदरी पार स खररपाल खसह यादव ता उसक सा िड़र एक पतकार और खडपटरी कलकटर न सवय गोलरी चलाना पारमभ कर खदया | पहलरी गोलरी खभड क एक कायवकताव सतय पाल को लगरी | गभरीर रप स घायल सतयपाल करी िाद म मतय हो गई | कोकखसह नरवररया करी इतनरी खपटाई हई खक उनकरी ररीढ करी हडरी हरी टट गई | उनह ६ माह असपताल म खिताना पड़र | रामखसया क पर म गोलरी लगरी और व जरीवन भर क खलए अपाखहज हो गए | कारसवको न हर पकार क कषट सहकर भरी कारसवा म उतसाह पववक भाग खलया |

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यह िातचरीत ह उस िालकषण सराफ जरी स खजनहोन शररी राम जनमभखम मसकत क आदोलन म तन मन और धन स लग कर इसको गखत दरी री जि अयोधया म मखदर क गभवगह क भखमपजन करी खतख खनधावररत हो चकरी ह ति यह महतवपणव हो जाता ह खक इस लि सघषव क साकषरी और सहभागरी रह िालकषण जरी जस कमवयोदा स चचाव करी जाय इसरी उदशय स जि उनस िातचरीत रर हई तो आदोलन क खदनो म हरी जस वह िो गए िालकषण जरी न िताना रर खकया - व खदन िड़र अलग पकार क गोरकषपरीाधरीशवर महनत अवदना जरी महाराज शररीराम जनमभखम मसकत यजञ सखमखत क अधयकष होत इस कारण भरी और शररी अयोधया जरी क खनकट का सान होन स भरी गोरिपर हरी उस आदोलन का कदर हो गया ा आदोलन स जड़र सभरी पमि और िड़र नता पायः गोरिपर आत रहत

सपना साकार होत दख पा रहा यह राम जरी की कम पा

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शी अयोधया जी म भगिान शी राम की जनमभवम पर मवदर का वनमाषण एक सपना था जो अब परा हो रहा ह परमपजय गोलोकिासी अिोक वसघल जी का यह सपना रहा

वक अपनी आखो स राम मवदर का वनमाषण दख पात उनक जीिन म भल ही सभि नही हो पाया लवकन हम अतयत सौभागयिाली ह जो यह दख रह ह यह कायष वजस सकप िकत क साथ परधानमतरी जी धयषपिषक कर रह ह इसस सनातन धमष क इवतहास म

बहत महतिपणष पनिा जड रहा ह परसतत ह इसी विषय पर बालककषण सराि स बातचीत ससककवत पिष की सहायक समपादक अवनता अगरिाल की बातचीत क कछ परमख अि

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िालकषण जरी ितात ह खक चाह अरोक खसघल हो या खफर खवषणहरर डालखमया या खफर खवनय कखटयार सभरी न मरा आखतथय सवरीकार खकया कारसवको करी मदद म मररी पतरी गोलोकवासरी पकाररी दवरी करी भखमका करी चचाव भरी यहा जरररी ह कयोखक इस धाखमवक कायव म उनहोन भरी न कवल परा सा खदया िसलक कई िार सवाकायव म वह मझस भरी आग नजर आई जि भरी कारसवको क िानपान और रहन क इतजाम करी समसया आतरी यह हमार खजमम होता ा इस कायव म मररी धमवपतरी का योगदान िहत महतवपणव ह कयोखक िान पान और रहन करी वयवसा वहरी समहालतरी ी 1990 और 1992 क आदोलनो म खहससा लन जान वाल िहत स कारसवको करी न कवल आखवक मदद करी िसलक उनक अयोधया तक पहचन का इतजाम भरी खकया

वह ितात ह खक इन आदोलनो को सफल िनान करी रणनरीखत को लकर कई गोपनरीय िक मर घर पर हरी समपनन होतरी ी 1992 क आदोलन म कारसवको करी मदद को लकर जि पखलस न मझ खगरफतार न करन क खलए माफरीनाम करी रतव रिरी तो मन रतव को मानन स साफ इनकार यह कहकर कर खदया खक हम अपन रामलला क खलए लड़ रह ह कोई अपराध नही कर रह िाद म पखलस न खगरफतार तो खकया लखकन कोई सित नही खमलन क चलत मझ छोड़ना पड़ा

िालकषण जरी उन खदनो याद करत हए ितात ह खक व खदन अतयत सघषव क राजनरीखतक पररससखतया अतयत खवपररीत ी सभरी को िरािर खगरफताररी का डर िना रहता ा गोरिना मखदर सरसवतरी खवदामखदर क अलावा मरा हरी घर ा जो पमि कदर ा ति सगन करी भरी आखवक ससखत िहत अचछरी नहरी होतरी री इसखलए हर योजना म िाधाए भरी िहत आतरी ी खवपररीत राजनरीखतक पररवर क कारण सामानय लोगो का सहयोग भरी िहत कम हरी खमलता ा जो लोग मन स आदोलन क सा व भरी िल कर सामन नहरी आत

वतवमान उपलसबधयो और मखदर खनमावण को लकर पछर जान पर िालकषण जरी करी आिो म एक अलग हरी चमक उभरतरी ह वह जस सच म सपनो करी दखनया म िो जात ह कछ रक कर िोलत ह - िहत मसशकलो क िाद यह खदन आया ह हर भारतरीय क खलए यह गौरव का कषण ह हर खहनद को अि िद खहद होन पर अवशय गवव हो रहा ह शररीराम कवल एक दवता नहरी ह शररीराम क खिना भला हमारा अससततव हरी कया ह शररीराम करी जनमभखम पर िन रहा मखदर वासतव म भारत को खवशवगर िनायगा अि स दखनया भारत को खवशवगर क रप म हरी दिगरी यह अदभत ह िड़र िखलदानो क िाद यह खदन आया ह यह भारत करी असलरी सवततता ह यह वासतखवक दरीपावलरी ह

सघ परमपरा

मोहन भागरि िी

क सी सरदशवन िी

परो० रािनदर तसह (रज भया)

बािा साहब दररस िी

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खरव जरी खसह गोरिपर म शररी राम जनमभखम आदोलन का एक गढ रह सरसवतरी खवदा मखदर पररवार क पमि ह वषव 1990 स 1992 तक यह खवदालय आदोलनकाररी खहनद नताओ का पमि आशरयसल रहा ह उस समय क यहा क पमि नागदर खसह दाढरी िािा स लकर खरव जरी खसह तक न अतयत सखकय भखमका खनभाई ह खरव जरी खसह उन खदनो को याद करत हए कहत ह खक खजस तरह का जोर और उतसाह राम मखदर को लकर उस समय िना ा उसकरी कलपना वहरी कर सकता ह जो उसम रररीक रहा वह कहत ह खक अतयत खवपररीत पररससखतयो म उस समय हर आदोलनकाररी एक सवयसवक क रप म ा पायः आदोलनकाररयो करी तलार म खवदालय म पखलस आतरी रहतरी री लखकन ऐसरी वयवसा िनानरी पड़तरी री खक कोई पकड़ म न आय

अपन सघषव क खदनो को याद करत हए खरवजरी खसह ितात ह खक 1990 स 1992 क िरीच कारसवको क खछपन का महतवपणव खकाना ा सरसवतरी खवदा मखदर यहा आन वाल कारसवको क रहन-िान क इतजाम का खजममा मझ पर हरी ा खकसरी को रक न हो इसक खलए जि भरी आदोलन चरम पर होता म नपालरी का वर धारण कर अडरवरीयर-िखनयान और नपालरी टोपरी पहनकर वह पररसर म ऐस घमता जस कोई पररचारक

खरवजरी ितात ह खक 1992 क आदोलन म एक िार ऐसा हआ खक यहा सवा सौ करी सखया म झारिड स आए तरीर-कमान वाल कारसवक खछप हए और दर रात पखलस का छापा पड़ गया ऐस म िद को िचान क खलए मझ नीव क खलए तयार खकए गए उस गडर म कद जाना पड़ा खजसम स छड़ खनकलरी हई ी यह राम जरी करी कपा हरी री खक मझ एक िरोच तक नही आई खरवजरी ितात ह खक उन खदनो हररयाणा पजाि झारिड खिहार स आए हजारो कारसवको करी सवा का उनह अवसर खमला कारसवको क खलए भोजन क तौर पर खवदालय म उन खदनो गड़ चड़ा चना अचार हररी खमचव जस चरीज अखधक माता म हमरा मौजद रहतरी ी खरवजरी क मताखिक आदोलन करी रणनरीखत िनान क खलए कई िार खछपकर अरोक खसघल जरी और खवनय कखटयार जस नता भरी वहा पहच और उनह उनकरी सवा का अवसर भरी खमला ा राम मखदर खनमावण रर होन करी चचाव पर खरवजरी भावक होकर कहत ह खक हमाररी तपसया आखिरकार सफल हई वह कहत ह खक यह पशन कवल एक मखदर का नहरी ा यह भारत और सनातन ससकखत करी अससमता का सवाल रहा ह अि शररीराम जनम भखम पर भवय मखदर क खनमावण का सपना परा हो रहा ह यह ससखत भारत और भारतरीयता क खलए वसशवक गवव करी ह

सघरश स परा हो रहा एक सपनाvkys[k

अयोधया म शी राम जनमभवम पर मवदर का वनमाषण असाधारण घटना ह बहत बवलदानो और सघषषो क बाद यह सपना परा हो रहा ह मझ गिष ह वक म खद भी इस सघषष म एक वगलहरी परयास क साथ मौजद रहा ह आज भी

आदोलन क दौरान की घटनाए याद आती ह तो यकीन ही नही होता वक उतना सब होता था और हम लोग करत थ

सजय यादव

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तालकटोरा सडियम म सतो का रखनाद

3-4 निमबर 2018

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गगवा बडी गरोदवारी तीरथ बडरो परवागसबस बडी अररोधरवानगरीजि रवाम मलररो अतवार

दो हजार साल िाद पाच अगसत को वह सवनवम अवसर आएगा जि राम जनमभखम पर पधानमतरी नरदर मोदरी भवय राममखदर करी आधारखरला रिग और सदरी क सौभागयरालरी लोग इस अवसर क गवाह िनग 21वी सदरी क लोग सौभागयरालरी खजनक सामन वो खचर अखभलाखषत कषण आ रहा ह खजसक खलए कई परीखढय़ो न सघषव खकया और रामजनमभखम क पाशरव म पवाखहत उततरावाखहनरी मा सरय आनिय कोण पर खवराजमान हनमान जरी अयोधयावासरी और शरदावनत साधक जलद हरी अपन रामलला को अपन भाइयो क सा ऐस भवय भवन म खवराजमान होत दिग खजसकरी कामना पाच सदरी स होतरी रहरी ह राम मखदर क भखमपजन करी ताररीि जस-जस नजदरीक आ रहरी ह हलचल िढतरी जा रहरी ह दरभर म मखदर खनमावण म सहयोग दन करी गखतखवखधया भरी तज हो गई ह भखम पजन क खलए पखवत नखदयो का जल और तरीव सलो करी पखवत खमटटरी लान का खसलखसला भरी रर हो गया ह

खहनदओ क मखदरो क अलावा अयोधया

जन मखदरो क खलए भरी िासा लोकखपय ह अयोधया को पाच जन ततीकरो करी जनमभखम भरी कहा जाता ह जहा खजस ततीकर का जनम हआ ा वही उस ततीकर का मखदर िना हआ ह इन मखदरो को फजािाद क नवाि क िजाचरी कसररी खसह न िनवाया ा कहत ह खक खसकदर लोदरी क रासनकाल क दौरान यहा मखदर मौजद ा 14वी रताबदरी म खहनदसतान पर मगलो का अखधकार हो गया और उसक िाद हरी राम जनमभखम एव अयोधया को नषट करन क खलए कई अखभयान चलाए गए अतत 1527-28 म इस भवय मखदर को तोड़ खदया गया और उसकरी जगह िािररी ढाचा िड़ा खकया गया अयोधया म राम जनमभखम को लकर कई दरको स खववाद चल रहा ा खजस सववोच नयायालय क खनणवय न ितम कर खदया ह

भारत करी पाचरीन नगररयो म स एक अयोधया को खहनद पौराखणक इखतहास म पखवत और सिस पाचरीन सपत पररयो म पम माना गया ह अयोधया का सिस पहला वणवन अवववद म खमलता ह अवववद म अयोधया को दवताओ का नगर िताया गया ह पौराखणक काओ क अनसार बरहमा स जि मन न अपन खलए एक नगर क खनमावण करी िात कहरी तो व उनह खवषणजरी क

अयोधा का पाचरीन और पौराणिक इवतहास

भारत की पराचीन नगररयो म स एक अयोधया को वहनद पौरावणक इवतहास

म पवितर और सबस पराचीन सपत पररयो म परथम

माना गया ह अयोधया का सबस पहला िणषन अथिषिद म वमलता ह अथिषिद म अयोधया को

दिताओ का नगर बताया गया ह

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अयोधया कहत ह वक इवतहास खद को दोहराता ह और अयोधया म राम मवदर का पनवनषमाषण एक बार विर इवतहास क पनिो म दजष होन जा रहा ह सन 1528 म बाबर न रामजनमभवम पर बन वजस मवदर का धिस कराया

उस लगभग दो हजार साल पहल महाराज विरिमावदतय न ही वनवमषत कराया था पाच सौ साल क लब सघषष और सपरीम कोटट क िसल क बाद नीि

की ईट विर भवयता धारण करन को आतर ह

लिक महातमा गाधरी अतरावषटरीय खहनदरी खवशव खवदालय वधाव म वररष रोध अधयता ह

डॉ0 अचवना पाठया

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पास ल गए खवषणजरी न उनह अवधधाम म एक उपयकत सान िताया खवषणजरी न इस नगररी को िसान क खलए बरहमा ता मन क सा दवखरलपरी खवशवकमाव को भज खदया इसक अलावा अपन रामावतार क खलए उपयकतन सारन ढढन क खलए महखषव वखरष को भरी उनक सा भजा मानयता ह खक वखरष दारा सरय नदरी क तट पर लरीलाभखम का चयन खकया गया जहा खवशवकमाव न नगर का खनमावण खकया सकददपराण क अनसार अयोधया भगवान खवषण क चक पर खवराजमान ह

सरय नदरी क तट पर िस इस नगर करी रामायण अनसार खववसवान (सयव) क पत ववसवत मन महाराज दारा सापना करी गई री मारो क इखतहास क अनसार ववसवत मन लगभग 6673 ईसा पवव हए बरहमाजरी क पत मररीखच स कशयप का जनम हआ कशयप स खववसवान और खववसवान क पत ववसवत मन ववसवत मन क 10 पत- इल इकवाक करनाम अररषट धषट नररषयनत करष महािलरी रयावखत और पषध इसम इकवाक कल का हरी जयादा खवसतार हआ इकवाक कल म कई महान पतापरी राजा ऋखष अररहत और भगवान हए ह इकवाक कल म हरी आग चलकर पभ शररीराम हए अयोधया पर महाभारत काल तक इसरी वर क लोगो का रासन रहा इस वर म राजा रामचदरजरी क खपता दरर 63व रासक इकवाक न अयोधया को अपनरी राजधानरी िनाकर भारत क लगभग िहत िड़र कषत पर रासन खकया इकवाक क तरीन पत 1कखकष 2खनखम और 3दणडक उतपनन हए इकवाक क पम पत कखकष क पत का नाम खवकखकष ा खवकखकष क पत िाण और िाण क पत अनरणय हए अनरणय स प और प और प स खतरक का जनम हआ खतरक क पत धधमार हए धधमार क पत का नाम यवनाशव ा यवनाशव क पत मानधाता हए और मानधाता स सससनध का जनम हआ सससनध

क दो पत हए- धवससनध एव पसनखजत धवससनध क पत भरत हए कखकष क कल म भरत स आग चलकर सगर भागरीर रघ अमिररीष ययाखत नाभाग दरर और भगवान राम हए उकत सभरी न अयोधया पर राजय खकया पहल अयोधया भारतवषव करी राजधानरी हआ करतरी री िाद म हसतरीनापर हो गई

इकवाक क दसर पत खनखम खमखला क राजा इसरी इकवाक वर म िहत आग चलकर राजा जनक हए राजा खनखम क गर - ऋखष वखसष खनखम जन धमव क 21व तरीाकर िन इस तरह स यह वर परमपरा चलत-चलत हररशचनदर रोखहत वष िाह और सगर तक पहचरी राजा सगर क दो ससतया ी-पभा और भानमखत पभा न औवावखनि स सा हजार पत और भानमखत कवल एक पत करी पाखपत करी खजसका नाम असमजस ा यह का िहत पखसद ह खक सगर क सा हजार पत कखपल मखन क राप स पाताल लोक म भसम हो गए और खफर असमजस करी परमपरा म भगरीर न गगा को मनाकर अपन पववजो का उदार खकया ा इस तरह सयववररी इकवाक वर क अनतगवत अनक यरसवरी राजा उतपनन हए उकत सभरी लोगो न अयोधया पर राज खकया ा सभरी करी काए आपको जन और खहनद पराणो म खवसतार स खमल जाएगरी भगरीर क पत ककतस और ककतस क पत रघ हए रघ क अतयत तजसवरी और पराकमरी नरर होन क कारण उनक िाद इस वर का नाम रघवर हो गया ति राम क कल को रघकल भरी कहा जाता ह रघ क पत पवद हए पवद क पत रिण और रिण क पत सदरवन हए सदरवन क पत का नाम अखनिवणव ा अखनिवणव क पत ररीघरग और ररीघरग क पत मर हए मर क पत परशरक और परशरक क पत अमिररीष हए अमिररीष क पत का नाम नहष ा नहष क पत ययाखत और ययाखत क पत नाभाग हए नाभाग क पत का नाम अज ा अज क पत दरर हए और दरर क य चार

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पत राम भरत लकमण ता रतघन ह राम क दो जड़वा पत लव और कर दोनो का हरी वर आग चला वतवमान म दोनो क हरी वर क लोग िहतायत म पाए जात ह

अयोधया क राजा नाखभराज क पत ऋषभदव अपन खपता करी मतय क िाद राजखसहासन पर िर यवा होन पर कचछ और महाकचछ करी 2 िहनो यरसवतरी (नदा) और सनदा स ऋषभना का खववाह हआ नदा न भरत को जनम खदया जो आग चलकर चकवतती समराट िना उसरी क नाम पर हमार दर का नाम भारत पड़ा सनदा न िाहिलरी को जनम खदया खजनहोन घनघोर तप खकया और अनक खसखदया पापत की इस पकार आखदना ऋषभना 100 पतो और बराहमरी ता सदररी नामक 2 पखतयो क खपता िन शररीमदभागवत क पञचम सकध एव जन गरो म चकवतती समराट राजा भरत क जरीवन एव उनक अनय जनमो का वणवन आता ह महाभारत क अनसार भरत का सामराजय सपणव भारतरीय उपमहादरीप म वयापत ा अयोधया इनकरी राजधानरी री इनक हरी कल म राजा हरररचदर हए और आग चलकर उपर िताए गए महान राजा हए अयोधया इकवाक और खफर रघवररी राजाओ करी िहत परानरी राजधानरी री पहल यह कौरल जनपद करी राजधानरी री पाचरीन उललिो क अनसार ति इसका कषतफल 96 वगव मरील ा वालमरीवखक रामायण क 5व सगव म अयोधयार पररी का वणवन खवसतार स खकया गया ह उततर भारत क तमाम खहससो म जस कौरल कखपलवसत वरालरी और खमखला आखद म अयोधया क इकवाक वर क रासको न हरी राजय कायम खकए अयोधया और पखतषानपर (झसरी) क इखतहास का उदगम बरहमाजरी क मानस पत मन स हरी समिद ह जस पखतषानपर और यहा क चदरवररी रासको करी सापना मन क पत ऐल स जड़री ह खजस खरव क शराप न इला िना खदया ा उसरी पकार अयोधया और उसका सयववर मन क पत इकवाक स पारमभ हआ

भगवान शररीराम क िाद िाद लव न शरावसतरी िसाई और इसका सवतत उललि अगल 800 वषथो तक खमलता ह कहत ह खक भगवान शररीराम क पत कर न एक िार पन राजधानरी अयोधया का पनखनवमावण कराया ा इसक िाद सयववर करी अगलरी 44 परीखढयो तक इसका अससततव िरकरार रहा रामचदर स लकर दापरकालरीन महाभारत और उसक िहत िाद तक हम अयोधया क सयववररी इकवाकओ क उललि खमलत ह इस वर का िहदर अखभमनय क हाो महाभारत क यद म मारा गया ा महाभारत क यद क िाद अयोधया उजड़-सरी गई लखकन उस दौर म भरी शररीराम जनमभखम का अससततव सरखकषत ा जो लगभग 14वी सदरी तक िरकरार रहा िहदर क कई काल िाद यह नगर यह नगर मगध क मौयथो स लकर गपतो और कननौज क रासको क अधरीन रहा अत म यहा महमद गजनरी क भाज सयद सालार न तकक रासन करी सापना करी वो िहराइच म 1033 ई म मारा गया ा उसक िाद तमर क पशचात जि जौनपर म रको का राजय साखपत हआ

तो अयोधया रखककयो क अधरीन हो गया खवरषरप स रक रासक महमद राह क रासन काल म 1440 ई म 1526 ई म िािर न मगल राजय करी सापना करी और उसक सनापखत न 1528 म यहा आकमण करक मससजद का खनमावण करवाया जो 1992 म मखदर-मससजद खववाद क चलत रामजनमभखम आनदोलन क दौरान ढहा दरी गई

ईसा क लगभग 100 वषव पवव उजन क चकवतती समराट खवकमाखदतय एक खदन आिट करत-करत अयोधया पहच गए कान होन क कारण अयोधया म सरय नदरी क खकनार एक आम क वकष क नरीच व अपनरी सना सखहत आराम करन लग उस समय यहा घना जगल हो चला ा कोई िसावट भरी यहा नही री महाराज खवकमाखदतय को इस भखम म कछ चमतकार खदिाई दन लग ति उनहोन िोज आरभ करी और पास क योगरी व सतो करी कपा स उनह जञात हआ खक यह शररीराम करी अवध भखम ह उन सतो क खनदवर स समराट न यहा एक भवय मखदर क सा हरी कप सरोवर महल आखद िनवाए कहत ह खक उनहोन शररीराम जनमभखम पर काल रग क कसौटरी पतर वाल 84 सतभो पर खवराल मखदर का खनमावण करवाया ा

अयोधया भारत क उततर पदर राजय का एक अखत पाचरीन धाखमवक नगर भारतरीयो क आराधय भगवान शररीराम करी जनमसलरी क रप म खवखयात ह यह पखवत सरय नदरी क तट पर िसा ह इस नगर को मन न िसाया ा और इस अयोधया का नाम खदया खजसका अव होता ह अ-यधय अाव जहा कभरी यद नही होता इस कौरल दर भरी कहा जाता ा अयोधया म सयववररीरघवररी

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राजाओ का राजय हआ करता ा खजसम भगवान शररी राम न अवतार खलए अयोधया को अवववद म ईशवर का नगर िताया गया ह और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह पभ शररी राम करी जनमसलरी होन क कारण अयोधया को मोकषदाखयनरी एव खहनदओ करी पमि तरीवसलरी क रप म माना जाता ह भारत करी गौरवरालरी आधयासतमक एव सासकखतक परमपरा का पखतखनखधतव करन वालरी अयोधया पाचरीनकाल स हरी धमव और ससकखत करी परम -पावन नगररी क रप म समपणव खवशव म खवखयात रहरी ह| वद म अयोधया को ईशवर का नगर िताया गया ह अषटचका नवदारा दवाना परयोधया और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह वतवमान अयोघया क पाचरीन मखदरो म सरीतारसोई ता हनमानगढरी मखय ह कछ मखदर 18वी ता 19वी रताबदरी म िन खजनम कनकभवन नागशवरना ता दरवनखसह मखदर दरवनरीय ह कछ जन मखदर भरी ह भगवान शररीराम करी लरीला क अखतररकत अयोधया म शररीहरर क अनय सात पाकटय हय ह खजनह सपतहरर क नाम स जाना जाता ह

अयोधया को भगवान राम करी नगररी कहा जाता ह मानयता ह खक यहा हनमान जरी सदव वास करत ह इसखलए अयोधया आकर भगवान राम क दरवन स पहल भकत हनमान जरी क दरवन करत ह यहा का सिस पमि हनमान मखदर हनमानगढरी क नाम स पखसद ह यह मखदर राजदार क सामन ऊच टरील पर ससत ह कहा जाता ह खक हनमान जरी यहा एक गफा म रहत और रामजनमभखम और रामकोट करी रकषा करत पभ शररीराम न हनमान जरी को य अखधकार खदया ा खक जो भरी भकत मर दरवनो क खलए अयोधया आएगा उस पहल तमहारा दरवन पजन करना होगा यहा आज भरी छोटरी दरीपावलरी क खदन आधरी रात को सकटमोचन का जनम खदवस मनाया जाता ह पखवत नगररी अयोधया म सरय नदरी म पाप धोन स पहल लोगो को भगवान हनमान स आजञा लनरी होतरी ह यह मखदर अयोधया म एक टरील पर ससत होन क कारण मखदर तक पहचन क खलए लगभग 76 सरीखढगया चढनरी पड़तरी ह इसक िाद पवनपत हनमान करी 6 इच करी पखतमा क दरवन होत हजो हमरा फल-मालाओ स सरोखभत रहतरी ह मखय मखदर म िाल हनमान क सा अजनरी माता करी पखतमा ह शरदालओ का मानना ह खक इस मखदर म आन स उनकरी साररी मनोकामनाए पणव होतरी ह मखदर पररसर म मा अजनरी व िाल हनमान करी मखतव ह खजसम हनमान जरी अपनरी मा अजनरी करी गोद म िालक क रप म खवराजमान ह इस मसनदर क खनमावण क परीछर करी एक का पचखलत ह सलतान मसर अलरी अवध का नवाि ा एक िार उसका एकमात पत गभरीर रप स िरीमार पड़ गया पाण िचन क आसार नही रह राखत करी काखलमा गहरान क सा हरी उसकरी नाड़री उिड़न लगरी तो सलतान न क हार कर सकटमोचक हनमान जरी क चरणो म माा रि खदया हनमान न अपन आराधय पभ शररीराम का धयान खकया और सलतान क पत करी धड़कन पनः पारमभ हो गई अपन

इकलौत पत क पाणो करी रकषा होन पर अवध क नवाि मसर अलरी न िजरगिलरी क चरणो म माा टरक खदया खजसक िाद नवाि न न कवल हनमान गढरी मखदर का जरीणथोदार कराया िसलक तामरपत पर खलिकर य घोषणा करी खक कभरी भरी इस मखदर पर खकसरी राजा या रासक का कोई अखधकार नही रहगा और न हरी यहा क चढाव स कोई कर वसल खकया जाएगा उसन 52 िरीघा भखम हनमान गढरी व इमलरी वन क खलए उपलबध करवाई इस हनमान मखदर क खनमावण क कोई सपषट साकय तो नही खमलत ह लखकन कहत ह खक अयोधया न जान खकतनरी िार िसरी और उजड़री लखकन खफर भरी एक सान जो हमरा अपन मल रप म रहा वो हनमान टरीला ह जो आज हनमान गढरी क नाम स पखसद ह लका स खवजय क पतरीक रप म लाए गए खनरान भरी इसरी मखदर म रि गए जो आज भरी िास मौक पर िाहर खनकाल जात ह और जगह-जगह पर उनकरी पजा-अचवना करी जातरी ह मसनदर म खवराजमान हनमान जरी को वतवमान अयोधया का राजा माना जाता ह कहत ह खक हनमान यहा एक गफा म रहत और रामजनमभखम और रामकोट करी रकषा करत |

अयोधया घाटो और मखदरो करी पखसद नगररी ह सरय नदरी यहा स होकर िहतरी ह सरय नदरी क खकनार 14 पमि घाट ह इनम गपतदार घाट ककयरी घाट कौरलया घाट पापमोचन घाट लकमण घाट आखद खवरष उललिनरीय ह मखदरो म कनक भवन सिस सदर ह लोकमानयता क अनसार ककयरी न इस सरीता को मह खदिाई म खदया ा ऊच टरील पर हनमानगढरी आकषवक का कदर ह इस नगर म रामजनमभखम-सल करी िड़री मखहमा ह शररीराम क वन गमन पर भरत जि उनह लौटान हत उनक पास गय और शररीराम न भरत क सि पकार क अननय खवनय को सखवनय असवरीकार कर खदया तो भरत को रामचदरजरी करी िड़ाऊ लकर हरी सतोष करना पड़ा इस समय रामचदरजरी और अयोधया क िहत स लोगो क समकष भरत न कहा ा-

चतयदयश िी सपणय षवदवि मनरघतम नदकरवामम रमद तवा त पकरवामम ितवाशन

अावत ह रघकल शरष खजस खदन चौदह वषव पर होग उस खदन यखद आपको अयोधया म नहरी दिगा तो अखनि म पवर कर जाऊगा अावत आतमदाह दारा पाण तयाग दगा भरत क मि स ऐस पखतजञापणव रबद सनकर रामचदर जरी न अपनरी आतमा करी पखतमखतव भरत को आशवसत करत हए कहा ा- तखत पखतजञाय-अावत ऐसा हरी होगा उनका आरय सपषट ा खक खजस खदन 14 वषव का वनवास पणव हो जाएगा मर अनज भरत म उसरी खदन अयोधया पहच जाऊगा रामचदरजरी अपन खदय वचनो को कभरी खवसमत नहरी करत इसखलए भाई भरत को खदय य वचन उनह पर वनवास काल म भलरी पकार समरण रह

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गोसवामरी तलसरीदास जरी न ऐसरी हरी अयोधया करी तो कलपना करी री शररीमदरामचररतमानस करी अवधारणा म उनक रामराजय करी कलपना यहरी तो ह आसा आतमसममान और आतमखनभवरता यहरी उदोष तो सभरी सनातन रासत करत ह

अयोधया अवा शररीराम कवल एक सान और दवता भर नहरी ह राम क खिना तो भारत भारतरीयता और यहा तक खक मनषयता करी भरी पररकलपना नहरी करी जा सकतरी ह खजस मन स मनषय सजञा साकार होतरी ह वहरी तो हमार और शररीराम क भरी आखद परष ह यानरी समसत मानव जाखत क आखद परष यह सोच कर हरी अदभत आभास होता ह खक हम खकन महान परषो क वरज ह हमाररी आय कया ह और आसा खकतनरी गहररी और महान ह इन सभरी तथयो को हम गोसवामरी जरी क दादस गरो और उनक सवय क जरीवन म दि सकत ह

लोकसरर म लोक मगल गोसवामरी तलसरीदास न रामभसकत क

दारा न कवल अपना हरी जरीवन कताव खकया वरन सभरी को शररीराम क आदरथो स

िाधन का पयास खकया वालमरीखक जरी करी रचना रामायण को आधार मानकर गोसवामरी तलसरीदास न लोक भाषा म राम का करी रचना करीसमपणव भारतवषव म गोसवामरी तलसरीदास क समरण म तलसरी जयतरी मनाई जातरी ह शरावण मास करी सपतमरी क खदन तलसरीदास करी जयतरी मनाई जातरी ह गोसवामरी तलसरीदास न सगण भसकत करी रामभसकत धारा को ऐसा पवाखहत खकया खक वह धारा आज भरी पवाखहत हो रहरी ह गोसवामरी तलसरी दास लोक मगल क लोक सवरो क पणता ह वह गढ जञान को लोक करी भाषा म रबद दन म खसदहसत ह वह लोक करी चतना और उसक समपषण क खलए सतत पयतररील ह वह खजतन िड़र भकत ह उसस भरी िड़र मनषय मानव उनकरी रचना क कदर म ह इसरीखलए वह आज भरी लोक म उतन हरी घल खमल ह भारत करी जञान परमपरा को लोक म पवाखहत करन करी उनकरी महनत िद म िहत कछ कह जातरी ह साखहतय स इात कवल भसकत को भरी दि तो तलसरी को गा कर आज हजारो लोग अपनरी रोजरी चला रह ह मानस ममवजञ और मानस क वयाखयाता िन कर परसकत और सममाखनत

आसा आतमसमान और आतममनभशरता

तलसी की परतयक ककवत कालजयी ह उनक परतयक िबद सनदि और मतर ह उनकी हर रचना पथिी की धाररता को भी पार करन िाली ह िह वजतन बड कवि ह उसस भी बड

यगदरषटा ह समय को पढऩा और उसक अनरप चतना

विवकसत कर लोक को जगा दन म िह मावहर ह

vkys[k

शी अयोधया जी म भगिान शीराम की जनमभवम पर शीराम मवदर का वनमाषण एक नए यग का सतरपात ह यह आसथािान आतमसिावभमान स पररपणष आतमवनभषर भारत क निवनमाषण की आधारविला भी ह सकडो िषषो की पराधीनता स मत अयोधया को दखना सिय म अवत सखद ह हम उस पीढी क लोग ह जो सवदयो स दगध इवतहास को उजल सिरप म दखन जा रह ह ऐस नए भारत क सिरप को यवद साकार होत हम दख

रह ह तो यह हमारा सौभागय ह

लिक भखमटरक डरवलपसव पा० खल० लिनऊ क खनदरक ह

सजय खसह

सिभव गोसरामी तलसीिास और उनक दािस गरथ

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हो रह ह एक मानस स हरी आज हजारो घर पललखवत और पसषपत हो रह ह अदभत रचना ससार ह गोसवामरी जरी का उतनरी खवरद राखर को भला कछ पननो और रबदो म कस समटा जा सकता ह तलसरी करी पतयक कखत कालजयरी ह उनक पतयक रबद सनदर और मत ह उनकरी हर रचना पथवरी करी धाररता को भरी पार करन वालरी ह वह खजतन िड़र कखव ह उसस भरी िड़र यगदरषटा ह समय को पढऩा और उसक अनरप चतना खवखकसत कर लोक को जगा दन म वह माखहर ह

तलसरीदास जरी खजनका नाम आत हरी पभ राम का सवरप भरी सामन उभर आता ह तलसरीदास जरी रामचररत मानस क रचखयता ता उस भसकत को पान वाल जो अनक जनमो को धारण करन क पशचात भरी नही खमल पातरी उसरी अदभत सवरप को पान वाल तलसरीदास जरी सभरी क खलए सममाननरीय एव पजनरीय रह तलसरीदास जरी का जनम सवत 1589 को उततर पदर क िादा खजला क राजापर नामक गराम म हआ ा इनक खपता का नाम आतमाराम दि ता माता का नाम हलसरी ा तलसरीदास जरी न अपन िालयकाल म अनक दि सह यवा होन पर इनका खववाह

रतावलरी स हआ अपनरी पतरी रतावलरी स इनह अतयाखधक पम ा परत अपन इसरी पम क कारण उनह एक िार अपनरी पतरी रतावलरी करी फटकार lsquoलाज न आई आपको दौर आएह नाrsquo असस चमव मय दह यह ता सो ऐसरी परीखत ता नक जो होतरी राम स तो काह भव-भरीत िरीता न उनक जरीवन करी खदरा हरी िदल दरी और तलसरी जरी राम जरी करी भसकत म ऐस डि खक उनक अननय भकत िन गए िाद म इनहोन गर िािा नरहररदास स दरीकषा पापत करी

समाज क पथपिशवकतलसरीदास जरी न उस समय म समाज म फलरी अनक कररीखतयो

को दर करन का पयास खकया अपनरी रचनाओ दारा उनहोन खवधमती िातो पवाद और सामाज म उतपनन िराइयो करी आलोचना करी उनहोन साकार उपासना गो-बराहमण रकषा सगणवाद एव पाचरीन ससकखत क सममान को उपर उान का पयास खकया वह रामराजय करी पररकलपना करत इधर उनक इस कायथो क दारा समाज क कछ लोग उनस ईषरया करन लग ता उनकरी रचनाओ को नषट करन क पयास भरी खकए खकत कोई भरी उनकरी कखततयो को हाखन नही पहचा सका आज भरी भारत क कोन-कोन म रामलरीलाओ का मचन होता ह उनक जयतरी क उपलकय म दर क कोन कोन म रामचररत मानस ता उनक खनखमवत गरो का पा खकया जाता ह

अयोधया काशी और तलसीिासभगवान रकरजरी करी परणा स रामरल पर रहन वाल शररी

अननताननद जरी क खपय खरषय शररीनरहयावननद जरी न इस रामिोला क नाम स िहचखचवत हो चक िालक को ढढ खनकाला और खवखधवत उसका नाम तलसरीराम रिा तदपरानत व उस अयोधया ल गय और वहा सवत 1561 माघ रकल पचमरी (रकवार) को उसका यजञोपवरीत-ससकार समपनन कराया ससकार क समय भरी खिना खसिाय हरी िालक रामिोला न गायतरी-मनत का सपषट उचारण खकया खजस दिकर सि लोग चखकत हो गय इसक िाद नरहरर िािा न वषणवो क पाच ससकार करक िालक को राम-मनत करी दरीकषा दरी और अयोधया म हरी रहकर उस खवदाधययन कराया िालक रामिोला करी िखद िड़री पिर री वह एक हरी िार म गर-मि स जो सन लता उस वह क स हो जाता वहा स कछ काल क िाद गर-खरषय दोनो रकरकषत (सोरो) पहच वहा नरहरर िािा न िालक को राम-का सनायरी खकनत वह उस भलरी-भाखत समझ न आयरी जयष रकल तयोदररी गरवार सवत 1583 को 29 वषव करी आय म राजापर स ोड़री हरी दर यमना क उस पार ससत एक गाव करी अखत सनदररी भारदाज गोत करी कनया रतावलरी क सा उनका खववाह हआ चखक गौना नही हआ ा अत कछ समय क खलय व काररी चल गय और वहा रष सनातन जरी क पास रहकर वद-वदाग क अधययन म जट गय वहा रहत हए अचानक एक खदन उनह अपनरी पतरी करी याद आयरी और व

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वयाकल होन लग जि नही रहा गया तो गरजरी स आजञा लकर व अपनरी जनमभखम राजापर लौट आय पतरी रतावलरी चखक मायक म हरी री अत तलसरीराम न भयकर अधररी रात म उफनतरी यमना नदरी तरकर पार करी और सरीध अपनरी पतरी क रयन-ककष म जा पहच रतावलरी इतनरी रात गय अपन पखत को अकल आया दि कर आशचयवचखकत हो गयरी उसन लोक-लजा क भय स जि उनह चपचाप वापस जान को कहा तो व उसस उसरी समय घर चलन का आगरह करन लग उनकरी इस अपतयाखरत खजद स िरीझकर रतावलरी न सवरखचत एक दोह क माधयम स जो खरकषा उनह दरी उसन हरी तलसरीराम को तलसरीदास िना खदया रतावलरी न जो दोहा कहा ा वह इस पकार ह-

अनसथ चमय मर दि रि तवा सो ऐसी पीमत

नक जरो िरोती रवाम स तरो कवाि भ-भीत

ससककत म पदय-रचनासवत 1628 म वह हनमान जरी करी आजञा लकर अयोधया करी

ओर चल पड़र उन खदनो पयाग म माघ मला लगा हआ ा व वहा कछ खदन क खलय हर गय पवव क छह खदन िाद एक वटवकष क नरीच उनह भारदाज और याजञवलकयमखन क दरवन हए वहा उस समय वहरी का हो रहरी री जो उनहोन सकरकषत म अपन गर स सनरी री माघ मला समापत होत हरी तलसरीदास जरी पयाग स पन वापस काररी आ गय और वहा क पहादघाट पर एक बराहमण क घर खनवास खकया वही रहत हए उनक अनदर कखवतव-रसकत का पसफरण हआ और व ससकत म पद-रचना करन लग परनत खदन म व खजतन पद रचत राखत म व सि लपत हो जात आव खदन तलसरीदास जरी को सवपन हआ भगवान रकर न उनह आदर खदया खक तम अपनरी भाषा म कावय रचना करो तलसरीदास जरी करी नीद उचट गयरी व उकर ि गय उसरी समय भगवान खरव और पाववतरी उनक सामन पकट हए तलसरीदास जरी न उनह साषटाग पणाम खकया इस पर पसनन होकर खरव जरी न कहा तम अयोधया म जाकर रहो और खहनदरी म कावय-रचना करो मर आररीवावद स तमहाररी कखवता सामवद क समान फलवतरी होगरी इतना कहकर गौररीरकर अनतधावन हो गय तलसरीदास जरी उनकरी आजञा खररोधायव कर काररी स सरीध अयोधया चल गय

तलसीिास की रचनाएअपन 126 वषव क दरीघव जरीवन-काल म तलसरीदास न

कालकमानसार खनमनखलखित कालजयरी गरनो करी रचनाए की-

रामललानहछ वरागयसदरीपनरी रामाजञापशन जानकरी-मगल रामचररतमानस सतसई पाववतरी-मगल गरीतावलरी खवनय-पखतका कषण-गरीतावलरी िरव रामायण दोहावलरी और कखवतावलरी

इनम स रामचररतमानस खवनय-पखतका कखवतावलरी गरीतावलरी जसरी कखतयो क खवषय म खकसरी कखव करी यह आषववाणरी सटरीक पतरीत होतरी ह - पशय दवसय कावय न मणोखत न जरीयवखत अावत दवपरषो का कावय दखिय जो न मरता न पराना होता ह

लगभग चार सौ वषव पवव तलसरीदास जरी न अपनरी कखतयो करी रचना करी री आधखनक पकारन-सखवधाओ स रखहत उस काल म भरी तलसरीदास का कावय जन-जन तक पहच चका ा यह उनक कखव रप म लोकखपय होन का पतयकष पमाण ह मानस जस वहद गरन को कणस करक सामानय पढर खलि लोग भरी अपनरी रखचता एव जञान क खलए पखसद होन लग

रामचररतमानस तलसरीदास जरी का सवावखधक लोकखपय गरन रहा ह उनहोन अपनरी रचनाओ क समिनध म कही कोई उललि नही खकया ह इसखलए पामाखणक रचनाओ क समिनध म अनत साकय का अभाव खदिायरी दता ह नागररी पचाररणरी सभा काररी दारा पकाखरत गरन इस पकार ह-

रामचररतमानस रामललानहछ वरागय-सदरीपनरी िरव रामायण पाववतरी-मगल जानकरी-मगल रामाजञापशन दोहावलरी कखवतावलरी गरीतावलरी शररीकषण-गरीतावलरी खवनय-पखतका सतसई छदावलरी रामायण कडखलया रामायण राम रलाका सकट मोचन करिा रामायण रोला रामायण झलना छपपय रामायण कखवतत रामायण कखलधमावधमव खनरपण हनमान चालरीसा

एनसाइकलोपरीखडया ऑफ ररलरीजन एड एखकस म खगरयसवन न भरी उपरोकत पम िारह गरनो का उललि खकया ह

शीराम सर भटकछ काल राजापर रहन क िाद व पन काररी चल गय और

वहा करी जनता को राम-का सनान लग का क दौरान उनह एक खदन मनषय क वष म एक पत खमला खजसन उनह हनमान जरी का पता ितलाया हनमान जरी स खमलकर तलसरीदास न उनस शररीरघना जरी का दरवन करान करी पावना करी हनमान जरी न कहा तमह खचतकट म रघना जरी दरवन होग इस पर तलसरीदास जरी खचतकट करी ओर चल पड़र खचतकट पहच कर उनहोन रामघाट पर अपना आसन जमाया एक खदन व पदखकषणा करन खनकल हरी खक यकायक मागव म उनह शररीराम क दरवन हए उनहोन दिा खक दो िड़र हरी सनदर राजकमार घोड़ो पर सवार होकर धनष-िाण खलय जा रह ह तलसरीदास उनह दिकर आकखषवत तो हए परनत उनह पहचान न सक तभरी परीछर स हनमानजरी न आकर जि उनह सारा भद िताया तो व पशचाताप करन लग इस पर हनमान जरी न उनह सातवना दरी और कहा पात काल खफर दरवन होग सवत 1607 करी मौनरी अमावसया को िधवार क खदन उनक सामन भगवान शररीराम पन पकट हए उनहोन िालक रप म आकर तलसरीदास

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स कहा िािा हम चनदन चाखहय कया आप हम चनदन द सकत ह हनमान जरी न सोचा कही व इस िार भरी धोिा न िा जाय इसखलय उनहोन तोत का रप धारण करक यह दोहा कहा

मचरिकट क घवाट पर भइ सनतन की भीर

तलसीदवास चनदन मघस मतलक दत रघबीर

तलसरीदास शररीराम जरी करी उस अदभत छखव को खनहार कर अपन रररीर करी सध-िध हरी भल गय अनततोगतवा भगवान न सवय अपन हा स चनदन लकर अपन ता तलसरीदास जरी क मसतक पर लगाया और अनतधरयान हो गय

कखलकाल क िहान स तलसरी कखवतावलरी और खवनयपखतका म िाहय समाज म वयापत लोभ खलपसा ईषरया-दष रोषण भि िकाररी अकाल सामखजक अराजकता सासकखतक अपदषण सामतरी वगव करी मनमानरी कटटरपरी धमाववलसमियो क वणवन क सा तलसरी क अतमवन और तन करी परीड़ा का उललि खकया ह आलोचक रमर कतल मघ करी साहसपणव मगर वसतखनष खटपणणरी तलसरीदास क वयसकततव और कखततव को रिाखकत करतरी ह जि व समाज क पर रगमच को दित-दित ता भोगत-भोगत याववादरी एव वयवाहररक भरी हो जात ह (दोहावलरी कखवतावलरी हनमानिाहकाखद) ति व कखलकाल करी गदवन मरोड़ दत ह अपन जरीवन क परवतती चरण म तलसरी आधयासतमक और सवपनदरषटा क िजाय धाखमवक और याव दरषटा हए ह उनहोन अतत घोखषत हरी खकया करी सार समाज तत का आधार lsquoपटrsquo अावत आखवक रसकत ह (कखवतावालरी) यह उनक समाज दरवन करी महततम खसखद ह जो उनह किरीर तक स िहत आग ल जा सकतरी ह आखवक दररदरता को इतना भोगन-समझन वाला मनषय दररदरता क सामाखजक पररणामो को इतना सटरीक खवशलखषत करन वाला समाज-परष और दररदरता स इतनरी पगाढ नफरत करन वाला लोककखव तलसरी क अलावा कोई नही ह

रामचररतमानस की रचनासवत 1631 का पारमभ हआ दवयोग स उस वषव रामनवमरी

क खदन वसा हरी योग आया जसा ततायग म राम-जनम क खदन ा उस खदन पातकाल तलसरीदास जरी न शररीरामचररतमानस करी रचना पारमभ करी दो वषव सात महरीन और छबिरीस खदन म यह अदभत गरन समपनन हआ सवत 1633 क मागवररीषव रकलपकष म राम-खववाह क खदन सातो काणड पणव हो गय इसक िाद भगवान करी आजञा स तलसरीदास जरी काररी चल आय वहा उनहोन भगवान खवशवना और माता अननपणाव को शररीरामचररतमानस सनाया रात को पसतक खवशवना-मसनदर म रि दरी गयरी पात काल जि मसनदर क पट िोल गय तो पसतक पर खलिा हआ पाया गया-सतय खरव सनदरम खजसक नरीच भगवान रकर करी सहरी (पसषट) री उस समय वहा उपससत लोगो न सतय खरव सनदरम करी आवाज

भरी कानो स सनरी इधर काररी क पसणडतो को जि यह िात पता चलरी तो उनक मन म ईषरया उतपनन हई व दल िनाकर तलसरीदास जरी करी खननदा और उस पसतक को नषट करन का पयत करन लग उनहोन पसतक चरान क खलय दो चोर भरी भज चोरो न जाकर दिा खक तलसरीदास जरी करी कटरी क आसपास दो यवक धनषिाण खलय पहरा द रह ह दोनो यवक िड़र हरी सनदर कमर शयाम और गौर वणव क उनक दरवन करत हरी चोरो करी िखद रद हो गयरी उनहोन उसरी समय स चोररी करना छोड़ खदया और भगवान क भजन म लग गय तलसरीदास जरी न अपन खलय भगवान को कषट हआ जान कटरी का सारा समान लटा खदया और पसतक अपन खमत टोडरमल (अकिर क नौरतो म एक) क यहा रिवा दरी इसक िाद उनहोन अपनरी खवलकषण समरण रसकत स एक दसररी पखत खलिरी उसरी क आधार पर दसररी पखतखलखपया तयार करी गयी और पसतक का पचार खदनो-खदन िढऩ लगा इधर काररी क पसणडतो न और कोई उपाय न दि शररी मधसदन सरसवतरी नाम क महापसणडत को उस पसतक को दिकर अपनरी सममखत दन करी पावना करी मधसदन सरसवतरी जरी न उस दिकर िड़री पसननता पकट करी और उस पर अपनरी ओर स यह खटपपणरी खलि दरी-

आननदकवानन हवानसमञजङगमसतलसीतर

कमतवामञजरी भवामत रवामभरमरभमषतवा

इसका खहनदरी म अव इस पकार ह काररी क आननद-वन म तलसरीदास साकषात चलता-खफरता तलसरी का पौधा ह उसकरी कावय-मञजररी िड़री हरी मनोहर ह खजस पर शररीराम रपरी भवरा सदा मडराता रहता ह पसणडतो को उनकरी इस खटपपणरी पर भरी सतोष नही हआ ति पसतक करी पररीकषा का एक अनय उपाय सोचा गया काररी क खवशवना-मसनदर म भगवान खवशवना क सामन सिस ऊपर वद उनक नरीच रासत रासतो क नरीच पराणऔर सिक नरीच रामचररतमानस रि खदया गया पात काल जि मसनदर िोला गया तो लोगो न दिा खक शररीरामचररतमानस वदो क ऊपर रिा हआ ह अि तो सभरी पसणडत िड़र लखजत हए उनहोन तलसरीदास जरी स कषमा मागरी और भसकत-भाव स उनका चरणोदक खलया

तलसरीदास जरी जि काररी क खवखयात घाट असरीघाट पर रहन लग तो एक रात कखलयग मतव रप धारण कर उनक पास आया और उनह परीड़ा पहचान लगा तलसरीदास जरी न उसरी समय हनमान जरी का धयान खकया हनमान जरी न साकषात पकट होकर उनह पावना क पद रचन को कहा इसक पशचात उनहोन अपनरी असनतम कखत खवनय-पखतका खलिरी और उस भगवान क चरणो म समखपवत कर खदया शररीराम जरी न उस पर सवय अपन हसताकषर कर खदय और तलसरीदास जरी को खनभवय कर खदया सवत 1680 म शरावण कषण ततरीया रखनवार को तलसरीदास जरी न राम-राम कहत हए अपना रररीर पररतयाग खकया

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 73

अतमलतबलधवाम िमशलवाभदि

दनजनकशवान जञवामननवामगरगणरम

सकलगणमनधवान वानरवाणवामधीश

रघपमतमपरभकत वातजवात नमवामम

ऐस तो शररीअयोधयाजरी सखहत समपणव जगत हरी राममय ह और भारत करी कोई भरी पररकलपना राम स असपकत हो हरी नही सकतरी भारतरीय जन-मन भारतरीय जरीवन और दि तो सपणव भारतरीय पाररससखतकरी हरी राममय ह कहा भरी गया ह-सरीय राममय सि जग जानरी

करउ पनवाम जरोरर जग पवानी असत जहा राम ह वहा सरीता ह और वही ह शररीराम भकत िजरगिलरी हनमान

शररीअयोधया जरी तो अवववद क अनसार भरी सवगव सरी समद ईशवर करी नगररी ह खजसक कण-कण म राम नाम करी मखहमा पररवयापत

ह ऐस म राम क सा हरी रामभकत शररी हनमान भरी यहा खवरष रप स खवराजमान ह ऐसरी आशवससत ह खक अयोधया करी रकषा क खलए सवय पभ शररीराम न हनमानजरी को यहा खवराजमान रहन क खलए कहा ा राम स पहल रामभकत हनमान करी तज़व पर यहा आकर भकत राम क दरवन स पहल हनमानगढरी जाकर शररी हनमानजरी क दरवन करत ह मखदर म भल हरी िाल रप म शररीहनमानजरी जरी करी मात छः इच लिरी पखतमा ह पर इस पखतमा करी मखहमा करोड़ो खहनदओ सखहत अवध क नवाि मसर अलरी राह न दिा और परिा ह 76 सरीखढया चढकर जि भकत मा अजनरी करी गोद म लटर शररीहनमानजरी क िाल रप क दरवन करन जात ह तो उनह वह खदवय अनभखत होतरी ह खक हा शररीहनमानजरी क खिना शररीराम क दरवन का वह महतव नही

साकत नगररी अयोधया स जहा कोखट-कोखट खहदओ करी अगाध राम-आसा सननद

हनमान समपशि का सिवोतम षट भाि

एक बार सीता माता को वसदर लगात दख हनमानजी न इसका परयोजन जानना चाहा जब मा सीता न यह कहा वक इसस परभ राम

परसनि होग तो शीहनमानजी न अपन पर िरीर को ही वसदर स रग वलया इस

परकरण क बाद परभ शीराम क परवत उनकी वनषिा न जनमानस क बीच उनह भकत का कदर बना वदया

और उनकी परवतमा पर वसदर लवपत करना आसथा का

विषय बन गया

vkys[k

आईग टरीग िरी ग परीग जिलपर म वररष अखधकाररी एव सपखसद लिक

कमलर कमल

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ह वही यह समपवण क सववोतकषट रप म शररीहनमानजरी को रपाखयत करतरी ह जनमानस म यह आशवससत ह खक और कोई नही सवय शररीहनमानजरी हरी शररीराम जनमभखम और इसक राजकोट करी रकषा करत ह

अयोधयानगररी हरी नही सपणव आयाववतव म शररी राम क सा हरी शररीहनमानजरी करी मखहमा गाई जातरी ह

धयातवय ह खक सामानय अखभवादन स लकर उन िन छीकन तक पर राम-राम कहन करी परपरा स लकर इहलरीला करी पररसमाखपत पर राम नाम सतय ह का सामखहक उदोष ह तो रसकत और भसकत क पकषटतम पारप क रप म शररी हनमान का जयघोष और उदोष ह

सभरी यगो म रभ क पसार हत साध-सत और कावाचक पभ राम क माहातमय को जन-जन तक पहचान का पयास करत ह कहा भरी गया ह-

रवामकथवा समस मकरन समवानवा

सत चकोर करखह जखह पानाअसत जहा राम ह वही हनमान भरी ह हर राम का म हनमानजरी करी तसवरीर या पखतमा अवशय होतरी ह अगाध और अटट खनषा और खनषकाम समपवण क ददरीपयमान सतमभ क रप म हनमानजरी करी मखहमा आज इतनरी वयापक ह खक समपणव भारत वषव म राम स अखधक मखदर हनमान क ह मगलवार का खदन हरी शररी हनमान करी भसकत को समखपवत ह और इस खदन मखदरो म खजतनरी लिरी-लिरी कतार लगतरी ह वह जनमानस करी हनमानजरी क पखत आसा को रपाखयत करता ह इतना हरी नही हनमानजरी करी मखतव पर जो खसदर लखपत खकया जाता ह वह भरी पकारानतर स शररीराम क पखत भसकत को हरी रपाखयत करता ह

का ह खक एक िार सरीता माता को खसदर लगात दि हनमानजरी न इसका पयोजन जानना चाहा जि मा सरीता न यह कहा खक इसस पभ राम पसनन होग तो शररीहनमानजरी न अपन पर रररीर को हरी खसदर स रग खलया इस पकरण क िाद पभ शररीराम क पखत उनकरी खनषा न जनमानस क िरीच उनह भसकत का कदर िना खदया और उनकरी पखतमा पर खसदर लखपत करना आसा का खवषय िन गया तलसरीदास जरी न खलिा-

लवाल दि लवाली लस अर धरर लवाल लगर

जर दि दवान दलन जर-जर-जर कमप शर

धयातवय ह खक शररीहनमानजरी को खनषकाम भसकत का सववोतकषट रप कहा जाता ह जनमानस म यह िात इतनरी घर कर गई ह खक जि कोई खकसरी क पखत िहत शरदा रिता ह और उस खवशवास नही खदला पाता ह तो कहता ह- हनमान तो ह नही खक छातरी चरीरकर खदिा सक वह पतरीकातमक तसवरीर खजसम शररी हनमान न छातरी चरीर कर राम और सरीता करी तसवरीर का दरवन कराया ह सामानय लोक म यह आसा खवकखसत और पोखषत करन म सववा सकषम ह खक खनषकाम और पणव समपवण म पररी भारतरीय ससकखत म शररी हनमान स

िड़ा कोई उदाहरण नही खदिता

खनषकाम समपवण करी िात भाषा-खवजञान क आलोक म भरी खसद होतरी ह महतवपणव यह ह खक अतखलत िल क धाम( खनवास सान) जञाखनयो क नामो म सिस आग खगन जान वाल और सकल (सभरी) गणो क खनधान( अमानत Treasury treasurer trove) वानरो क पमि पवनपत को हम lsquoहनमानrsquo नाम स हरी कयो जानत ह

सनातन ससकखत क अपखतम धवज-धारक भगवान रकराचायव न कहा-

अिमनयश मक पररमचनतनीर

ससवार ममथरवात मशवातमतत

इसम व खजस तरह खरव-ततव और आतम ततव क खचतन करी िात करत ह ससार करी खनससारता करी िात करत ह हनमान जरी करी राम भसकत उसका सिस िड़ा पमाण ह आइए इस रबद क सजञा-वखरषटय को दि

अगर हम lsquoहनमानrsquo रबद करी वयाखया - समास-खवगरह क आधार पर कर तो िात सपषट हो जातरी ह lsquoहनमानrsquo रबद lsquoहन+ मानrsquo स िना ह lsquoहनrsquo रबद क दो अव ह

1 हनन करना और 2 जिड़ा

इस तरह हनमान रबद क भरी दो अव हए

खजसन हनन कर खलया -अपन मान घमड का (िहवररीखह समास)

हन( जिड़ा) ह खजसका मान - कमवधारय समास

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समास खवगरह का खनयम ह खक जहा िहवररीखह और कमवधारय दोनो समास हो वहा िहवररीखह को वररीयता दरी जातरी ह ताखककक और िौखदक धरातल पर खवचार कर तो सपषट ह खक पहलरी वयाखया हरी तककसगत और समरीचरीन ह ऐस भरी इतन गणो क आगर (िान mine) हो जो राम जरी का खपय भकत हो और तो और वह हनन( हतया) हरी कर चका हो अपन मान तक का तो सिस िड़री खवरषता खफर यहरी ह राम काज करीज खिना मोखह कहा खवशराम का उदोष करन वाल पवनपत तो राम करी सतता क सा हरी अनसयत और खनमखजत स हो गए ह

ऐस इस सदभव म एक का यह भरी ह खक इदर न अपन वजर क पहार स पवनपत क हन (डरी) को कषखतगरसत कर खदया खजसक िाद उनका नाम हरी हनमान हो गया हालाखक उनही क आररीष स इनका रररीर वजर करी हरी भाखत मज़ित हो गया खजस कारण इनह वजराग कहा गया वयाकरखणक रप स दि तो वजर+अग = वजराग िनता ह यहा भरी िहवररीखह समास ह- व खजनक अग वजर क समान ह लौखकक रप म वजराग वजरग और वजरग स िजरग हो गया अतयखधक िलरालरी होन क कारण िलरी खवरषण भरी सननद हो गया वजर जसरी मज़ितरी क कारण इनह वजरदह वजरागरी (लौखकक रप िजरगरी) वजरकटक आखद भरी कहा जाता ह

हनमानजरी जरी क खपता का नाम कसररी ा इस कारण इनह कसररीनदन कसररीसवन कहा जाता ह रीक इसरी तरह माता अजखन क पत होन क कारण इनह आजनय (अजनरी+एय पतयय) अजनरीसत अजखनपत अजखन क लाल आखद भरी कहा जाता ह

मरत अवा वाय क दवता स जड़र होन क कारण इनह मारत(मरत +अ पतयय = मारत) कहा जाता ह इसरी तरह इनह मारखत(मरत + सतानवाचक इ पतयय) पवननदन पवनसत मरतसत पवनज वातपत वातातमज पवनातमज और पवनपत भरी

कहा जाता ह खजसका अव ह- वायदवता क पत सभरी सकटो स रकषा करन क कारण इनह सकटमोचन कहा जाता ह एव िदरो क ईशवर होन क कारण इनह कपरीर (कखप+ईर) कपरीशवर वानरनदर आखद कहा जाता ह

धयातवय ह खक जयोखतषरीय गणना एव लोकमानयता क अनसार शररीहनमानजरी का जनम 58 हजार 112 वषव पवव तता यग क अखतम चरण म चत पखणवमा खदन मगलवार खचता नकषत एव मष लनि म सिह 6 िज क कररीि झारिड राजय क गमला खजल क आजन नाम क एक छोटर स पववतरीय गाव म हआ ा इस छोटरी सरी जगह म जनम लकर यह खदवय िालक कालातर म अपन तज अपन

बरहमचयव अपनरी मधा एव अपनरी अलौखकक रसकतयो स सपणव आयाववतव म पजय हो गया ऐस तो हनमानजरी बरहमा का सा आचरण करन वाल बरहमचाररी री लखकन एक मानयता ह खक इनक पसरीन स एक मकरधवज नामक िालक करी उतपखतत हई री इस मानयता करी पसषट खवखवध पामाखणक सदभथो स नही होतरी

बरहमाडपराण क अनसार शररी हनमानजरी अपनरी माता अजखन क सिस िड़र पत एव उनक 5 अनय भाई खजनक नाम - मखतमान शरखतमान कतमान गखतमान और धखतमान महाभारत काल म महािलरी भरीम भरी पवन क पत होन क नात इनक भाई अपन जयष भाता होन का कतववय खनभात हए इनहोन भरीमसन का दपव भजन खकया और उनह

खवनयररीलता करी खरकषा दरी री यग िदलत रह पररससखतया िदलतरी रही पर शररीहनमानजरी क पखत जनमानस करी आसा और भसकत सदा िलवतरी हरी होतरी गई िनारस पयागराज पटना महदरीपर आखद शररीहनमान जरी स सिधद अनकानक रहर जरीवत तरीव होत चल गए

यहा हरकर राम और मानस पर भरी दसषटपात कर लना उखचत होगा यग-यगातर क खलए मनषय करी समखत म अतयततम आदरव का पकारसतभ ह राम चाररखतक औदातय पणव-चतना आलोचनातमक

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खववक एव दारवखनक मलयानभखत क पणव-पररपाक ह शररीराम कह सकत ह खक-

शील-शनकत-मरवायदवा क पकषटतम पमवाण ि रवाम

ऐस िी निी घर-घर पज जवात ि पभ रवाम

और रामचररतमानस कया ह रामचररतमानस ह - राम क चररत को हर मानस म उदभाखसत-अवससत करन का मानवता क इखतहास का सववोततम पयास यह कवल एक महाकावयातमक गर हरी नही ह खजसक सा धाखमवक आसा सननद ह वरन यह तो मनषय जाखत क आतयसनतक रभ करी समयक पररकलपना ह इस कराल कखलकाल म जहा मानव-मलयो का कषरण दरत गखत स हो रहा ह मानस क आलोक म मानव जाखत क आतयखतक रभ करी समयक पररकलपना हमार खलए आशवससतकारक हरी नही खदराखनदवरक भरी ह राजा कसा हो पत कसा हो पतरी कसरी हो खमत कसा हो यह हम मानस िताता ह ऐस म भसकत कसरी हो और भकत कसा हो उसका खवराट रप हम शररी हनमान क रप म दसषटगोचर होता ह ऐस भसकत और रसकत हरी कयो हम शररीहनमानजरी करी चतराई भरी दिनरी चाखहए-

जस जस सरसवा दन बढवावा

तास दनरी कखप रप दिावा क खवराट रप क िाद अचानक हरी मकिरी क सकम रप म सरसा क मह म पवर कर िाहर खनकल जान करी चतराई स सपषट होता ह खक उनक खलए अपन पभ क कायव का सपादन हरी धयय ा

दत क रप म मा जानकरी का पता लगाना हो अपन सवामरी करी रसकत स दशमन को सावधान करना हो या सकट काल म सजरीवनरी हत पववत हरी उा लाना शररीहनमानजरी न जो खकया वहरी जनमानस क खलए भसकत का भा-सवर हो गया

शररीरामचररतमानस क आलोक म हरी दि तो यह सभरी मानवरीय मलयो करी सापना क सा कखलयग करी वतवमान ससखत का भरी इसम खदगदरवन खमलता ह आज करी ससखत को उततरकाणड म दिा जा सकता ह-

सद तत समतवा मगरवानवा

कत पभवा पसन मन मवानवा

सत बित रज कछ रमत कमवाय

सब मबमध सख रितवा कर धमवाय

बि रज सलप सत कछ तमसवा

विवापर धमय िरष भर मनसवा

तवामस बित रजरोगण थरोरवा

कमल पभवा मबररोध चि ओरवा

ऐसरी ससखत म भरी मानव तन करी गररमा को भरी साखपत खकया

गया ह गरड जरी पशन करत ह-

पथममि किि नवाथ ममतधीरवा

सबस दलयभ कौन सरीरवा

अि भरसणड जरी कहत ह-

नर तन सम नमि कमनउ दिी

जी चरवाचर जवाचत सिी

नरक सगय अपगय मनसनी

जञवान मरवाग भगमत सख दनी

अि इसरी कड़री म सत और असत क लकषण का खनरपण दखिए-

सत सिमि दःख पर मित लवागी

पर दख ित असत अभवागी

भजय तर सम सत कपवालवा

पर मित मनत सि मबपमत मबसवालवा

सन इ खल पर बधन करई

खल कढवाई मबपमतत समि मरई

यहा खवचारणरीय ह खक हनमान जरी महान भकत हरी नही परम सत भरी ह सततव क सार गण उनम समगरता म समदाखटत ह

शररी हनमान सत हरी नही महानायक क रप म हमार सामन आत ह आषव परपरा म महानायकरीय अवा दवरीय चाररतरय हत 14 गण िताए गए ह- सतय धमव पखतभा कतजञता उदारता चाररतरय अनसया साखतवक कोध आतमसममान सववभतखहत नरीखत अनसरण अकोध एव वासगमता अगर इस खनकष पर भरी दि तो शररी हनमान जरी म अनकानक गणो का पाकटय हआ ह आज क सदभव म भरी दि तो ससषट क पहल सपर हरीरो क रप म िचा-िचा उनह जानता और मानता ह

उपयवकत खिदओ क आलोक म यह उदभाखषत होता ह खक खनषकाम समपवण और भसकत क ऐस खचरजरीवत पकारसतमभ ह शररीहनमान खजसस अभरी हरी नही आन वालरी सखदया भरी अनपाखणत-पोखषत होतरी रहगरी शररीअयोधयाजरी म िनन वाल खदवय और भवय राम मखदर क दरवनाव आन वाल समसत शरदालओ को जय शररीराम क उदोष क सा हरी जय हनमान और जय िजरगिलरी क उदोषो स भरी ऊजाव खमलतरी रहगरी

इमत शभम

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तसरीरो म

सघरश क

डदन

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शरभ घड़ी अब आयी

बड़ सिाल उठ बड़ वयगय कस गए वटबोली बोली गयी लोकसभा क दो रनाि बीत गए बसती आय सतकबीर नगर आय गोरखपर आय बाराबकी आय अमबडकर नगर आय लखनऊ आय बनारस स लड़ दोनो बार जीत अयोधया कभी नही आय हालावक मन पथम लोकसभा रनाि क दौरान अपनी इसी शमखला म वलख वदया वक पधानमरिी नरदर मोदी अयोधया तभी आएग जब शीराम जनमभवम पर मवदर की आधारवशला रखनी होगी दरअसल लोगो म बड़ी अधीरता ह ि भल जात ह वक लालककषि आडिािी की राम रथ यारिा और मरली मनोहर जोशी की वतरगा यारिा का सारथी जब सिवोचच वसहासन पर खद सथावपत ह तो भला लालरौक और शीराम जनमभवम को वििावदत रप म कभी नही रखना राहगा पार िषवो क सततातमक सघषश और छठ िषश म पिश क साथ ही इन सभी वििादो को वनविशिाद बन जान क बाद उनकी इस यारिा की पतीकषा की जानी रावहए थी यह यारिा रामनिमी क वदन होन की सभािना थी लवकन कोरोना सकट न नही होन वदया नरदर मोदी की नीवत नीयत और निोनमषी रिनीवत को समझन की आिशयकता ह यह इतना सरल भी नही ह उनको समझन क वलए वकसी भी राजनीवतक या िराररक रशम को वकनार रखना होगा याद कीवजय जब राम मवदर क मद पर कई लोग जब जयादा बयानबाजी करन लग थ तब मोदी न एक िाय म सभी को रप करा वदया था बयानिीर की सजञा दी थी उनहोन यह अलग बात ह वक बािजद उनक वनददश क कछ लोग अपनी िाली करत रह यह बतान क वलए वक शीराम जनम भवम का मदा ि ही सलझा रह ह आप किल वपछल एक िषश क समय की समीकषा कीवजय अपनी ही नजर घमाइए कशमीर की धारा 370 शी राम जनमभवम समान नागररक सवहता की ओर बि कदम और विशिमर पर भारत की उपकसथवत नपाल की छड़खानी रीन की दवमहकडी यद की आहट महामारी और तजी स बदलता हआ इवतहास भगोल बदलन की सगबगाहट और मनषयता की छटपटाहट किल 5 अगसत 2019 स रलत हए 5 अगसत 2020 तक आइय दख सरय तट पर या वदख रहा ह बहत खास होन जा रहा इस बार अयोधया म शी राम जनम भवम गभशगमह क भवम पजन की साइत आ गयी भवम पजन इसी वदन यानी 5 अगसत को होगा राम जनमभवम तीथश कषरि टरसट की ओर स पधानमरिी कायाशलय को 3 और 5 अगस त की तारीख भजी गई थी पीएमओ न 5 अगसत का रना खद पधानमरिी नरदर मोदी इस भवम पजन म वशरकत करग शवनिार को मवदर टरसट की बठक क बाद दो तारीख तय की गई थी इस अिसर पर पधान मरिी का समबोधन बहत खास होन िाला ह सभि हो तो वडकोड कीवजयगा

ndash समपादक

सनािन क महायोदा

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सरकषक मडलसवामी जीतनदवानद सरसती जी(महामतरी अखिल भारतरीय सत सखमखत एव गगा महासभा)जगदगर सवामी रवाघवाचवारय जी (अयोधया)परो० रवाकश उपवाधरवार(अधयकष भारत अधययन कनदर का खह खव खव वाराणसरी)

विदवत पररषदपरो0 सभवाजीत ममशर (पवव अधयकष दरवनरासत खवभाग गोरिपर खवशवखवदालय)परो० दरवानवाथ मरिपवाठी (पवव अधयकष आईसरीएचआर नई खदललरी)परो मनर कमवार पवाणडर(अधयकष जयोखतष खवभाग का खह खव खव वाराणसरी)परो0 रवामद शकल(पवव अधयकष खहनदरी खवभाग गो०खव०खव०)परो0 मवातवा पसवाद मरिपवाठी(पवव अधयकष पाचरीन इखतहास खवभाग गो०खव०खव०)परो0 ननद मकशरोर पवाणडर (अधयकष कनदररीय खहनदरी ससान आगरा)परो0 सदवानद गपत (कायवकाररी अधयकष उततर पदर खहनदरी ससान लिनऊ)परो0 अमजत क चतवदी (खनदरक आईआईटरी रड़करी)परो0 सरनद दब (कलपखत खसदा व खवशवखवदालय कखपलवसत खसदा वनगर)परो0 रवाजनद पसवाद (कलपखत मगध खवशवखवदालय गया खिहार)शरी पफलल कतकर(समपादक आगवनाइजर)शरी कषणकवात उपवाधरवार (समपादक खहनदसतान खिहारझारिड)परो0 मचतरजन ममशर (पवव अधयकष खहनदरी खवभाग गोरिपर खवशवखवदालय गोरिपर)परो0 जीतनद ममशर(अखधषाता खवखध सकाय दरीदउ गोखवखव)परो0 मिमवाश चतवदी(पवव अधयकष इखतहास खवभाग गो०खव०खव०)परो0 रवाजनद मसि (पवव पखतकलपखत गोरिपर खवशवखवदालय गोरिपर)वा० मणवामलनी चतवदी(अधयकषsbquo कायोिक इटरनरनलsbquo नई खदललरी)वा० नरश अगरवाल(वररष िाल रोग खवरषजञsbquo गोरिपर)वा० आर सी शरीवासत(अवकारपापत आईएएस)रवाकश मरिपवाठी(आई आर एस)वा० ररोगश ममशर(समह समपादक अपना भारतनयज टरक लिनऊ)शरी मकशरनवाथ पवाणडर(सखचव नरनल एजकरनल सोसाईटरी गोरिपर)परो० रतनदीप उपवाधरवार(अमररका)

सलाहकार पररषदअधरकषशरीमती रशमवा एच मसि(नई खदललरी)शरी अजर उपवाधरवार(वररष पतकार नई खदललरी)वा० सजर मविदी(खनदरक भारतरीय जनसचार ससान नई खदललरी)शरी सजीत कमवार पवाणडर (वररष पतकार गोरिपर)वा० मनवा मतवारी (िनदलिणड खव०खव० झासरी)वा० ममतवा मरिपवाठी (खदललरी खव०खव०)शरी सनील जन(एडवोकट इलाहािाद)शरी सजर मसि(खनदरक भखमटरक डरवलपसव लिनऊ)आचवारय सरोमदतत मविदी(वाराणसरी)शरी िमत ममशर(खनदरक एिरीसरी खरकषा समह)शरी अजर शवािी(खनदरक आरपरीएम खरकषा समह)वा० गजनदनवाथ ममशर (खनदरक आरसरी ममोररयल खरकषा समह)शरी अरणकवात मरिपवाठी (समपादक कमलजयोखत लिनऊ) वा० मनरोज कमवार शरीवासत (खचखकतसक एव लिक वाराणसरी)वा० वाई क मदमशरवा (वररष खचखकतसक कररीनगर)शरी दीपतभवान ड (वररष पतकार गोरिपर)शरी रमतभवान मरिपवाठी (वररष पतकार लिनऊ)शरी परषरोततम मतवारी (वररष पतकार कोलकाता)शरी अनपम सिवार(वररष अखधकाररी परीएनिरी)ॉ० रमकवात मतवारी(अमररका)वा० रवाम शमवाय(खरकषाखवद मर)वा० मममथलश मतवारी(गोरिपर)

जलाई - 2020िषष-3 अक-05

पजरीकत कायावलय िरी-64 आवास खवकास कालोनरी सरजकड गोरिपर-273001लिनऊ कायावलय 243 खवजय िणड गोमतरी नगर लिनऊ-226010खदललरी कायावलय िरी-38 खडफनस कालोनरी नई खदललरी-110024समपकक - + 91 94508 87186-87

सवामरीsbquo मदरक एव पकारक सजय खतवाररी दारा सवाससतक गरखफकसsbquo महागनगरsbquo लिनऊ उ०प० स मखदरत एव िरीndash64sbquo आवास खवकास कॉलोनरीsbquo सरजकणडsbquo गोरिपरsbquo उ०प० स पकाखरत

पखतका म पकाखरत सामगररी क खलए सिखधत लिक उततरदायरी होगा खकसरी भरी पकार क नयाखयक खववाद का कषत गोरिपर खजला नयायालय क अधरीन होगा

पररणापरम पजय सामी अखणानद जी महाराज

सत साहहतय मममजञ आचारम परशराम चतरवदीबरहमर षि रररती रमण पाणरर

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समपवादकीर सरकषकआचवारय मशनवाथ पसवाद मतवारी

(पवव अधयकष साखहतय अकादमरी नई खदललरी)

पबध समपवादकिरी क खमशर

समपवादकसजय खतवाररी

अमतमथ समपवादकसवामरी जरीतनदराननद सरसवतरी

कवारयकवारी समपवादकडा० अचवना खतवाररी

सिवारक-समपवादक (मिनदी)डा० अखनता अगरवाल

सिवारक-समपवादक (अगरजी)डा० राजरीव खतवाररी

सि-समपवादकडा० पदरीप राव

डा० खदनरमखण खतपारीकमलर कमल खदवाकर रमाव

समनर समपवादकखवकमाखदतय खसह

समपवादकीर सलवािकवारमनोज कमार खतपारी

लआउट गरवामफकस ए मजवाइनसजय मानव

मशष समपवादकीर परवामशयआचवारय लवालममण मतवारी

(गरीता पस गोरिपर)शरी रसनद फरोगलवा

(गरीता वाखटका गोरिपर)शरी अजीत दब

(सदसय साखहतय अकादमरी नई खदललरी)

ममध सलवािकवारशरी अममतवाभ चतवदी

(वररष अखधवकता नई खदललरी)शरी अमसत क चतवदी

(वररष अखधवकता लिनऊ)शरी अशरोक नवारवारण धर दब (वररष अखधवकता गोरिपर)

लखवा परीकषकअरण गपता

सचनवा तकनीक ए पबधनउतकषय मतवारी

मरिएमट पकषय मतवारी

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vksk vad

(भारत ससकखत नयास का पकारन)

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जयोतिष विभाग ससकिविदया धरमविजञान सकाय DEPARTMENT OF JYOTISH FACULTY OF SVDV अधयकष (HEAD)

Tel 0542-6701969

शभाशसा दिनाक- 27072020

पराचीन काल म लौककक आखयानो सदित जञान-विजञान परण आचार-वयििार विशव-बधति एि सािणभौममक समानता आदि िशणननक एि आधयाततमक गरो स पररपरण चचरतन परपराओ म परिादित विचारधारा स भारतिरण क विशव गर पि पर आसीन िोन क कारर भारतीय सनातन ससकनत एि सभयता का अजसर परिाि अतयनत पराचीन काल स समगर विशव को अपनी तरफ आकवरणत करता रिा ि परनत कनतपय ऐनतिामसक काररो स िमारी सनातन परसत विचारधारा विखडित िो गई तथा िमारी यिा पीढी अपनी इस इस समदध विरासत स अनमभजञ िोकर कषणरक सखिायक पाशचातय ससकनत की ओर आकवरणत एि अगरसररत िोती गई तजसका परतयकष परभाि भारतीय समाज म सिणतर दविगत िो रिा ि तजसक ननिान क मलए िमारी भारतीय यिा पीढी को अपनी समदध परपरा स अिगत कराना अतयत आिशयक ि परसतत परसग म आिशण सिरप विदयमान साकषात जगतननयता भगिान विषर क अितार मयाणिा पररोततम भगिान शरी राम की जीिन लीला अतयत उपयोगी मसदध िोगी कयोकक उनका जीिनितत भारतीय समाज िी निी अवपत समगर विशव क मलए अनकररीय ि परसतत सिभण म यि अतयत िरण का विरय ि कक सनातन मलयो पर आधाररत ldquoससकति पिमrdquo नामक इस पतरतरका का परसतत अक विशवराधय मयाणिा पररोततम भगिान शरी राम क विशराक क रप म परकामशत िोकर िो रिा ि अतः म ससकनत पिण पतरतरका क सपािक मिल सदित सभी सिसयो का अमभनिन करता ि कक आप लोगो न अतयत समसामनयक विरय को क दित कर भगिान शरीराम अक क रप म इस पतरतरका को परकामशत करन का ननरणय मलया ि जो ननशचय िी समाज ननमाणर क मलए अतयत लाभकारी मसदध िोगा

(परो विनय कमार पाणिय)

अधयकष जयोनतर विभाग

का दि वि वि िारारसी

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रह अनजान नही ह उसका अनमान नही ह उसकी दषटि म रह साभिमान नही ह रह अरोधा का सराल नही ह का गलत ह का सही ह सराल उस मनषय का ह जजसकी खद की सजञा इसी अरोधा सर बनती ह सषटि कर पथम पर मन सर ही रह जनती ह इसी सजञा म भिपा ह अरोधा और मररा असतितव मररा का हो सकता ह अभिमान इस घोर कजलकाल म कसा अपमान रा हक कसी कोई ननशानी इनर कौन बतारर रही ह सरर का पानी दःख तो रह हक रर जान नही सकतर रह मनषय मन सर ही बना ह रर मान नही सकतर रह हकतना बड़ा षखलराड़ ह बदधि का कसा उजाड़ ह कागज कर पनो म ईट गारर और पतथर कर जगल म आपस कर ही दगल म मनषय कर रर दल तलाश रहर मररा असतितव हकसी िभम कर अश पर मररा साभमतव मनषय और मनषय कर बीच का ररराद मनषय ही कर रहर नार का सराद और नारासन पर िी मनषय ही ररराजमान अितपरम अभिमान अनमान िररषय सर अनजान इनर कौन बतारर हक

म कर रल एक शहर नही ह हकसी सभयता कर जलए जहर नही ह म सषटि का अरध ह जगत का ननबध ह जीरन कर जलए बाध ह अरध ह अरध ह इस मनषय कर जलए असाध ह कर रल दशरथ रा इकषाक की नही ह तम नही जान सकोगर म इस धरती पर पथ की कपा नही ह नही ह हकसी नप की नपा अरोधा र ही नही ह मन कर परम िी रही ह मानर तम कसर जान सकोगर मररा इततहास तमर किी न होगा इसका आिास ननषफल ही होगा परास म तो सनातन दशमन की सहराती ह तम कसर समझोगर हक गारती ह अनिर करो सरर का ताप अनिर करो कौशलपतत कर महल म आरती का आलाप अनिर करो सागर को सगर को अनिर करो जसधिाशरम की डगर को अनिर करो रा करो ररशराम अनिर करो जसरा कर राम को अनिर करो उस ररराम को काल कर जलए बरमानी ह अनिर और अनमान सषटि कर जलए जररी ह ससतत ससार और साभिमान रही ह अरोधा रही ह राम की पहचान सजर ततरारी

र ही नही ह अरोधा

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यह शी अयोधया जी का पनरदार ह शी रामजनमभवम की मकत क साथ ही 492 िषश पिश हई कषवत की ऐसी पवतपवतश ह जो नय भारत क उदय क रप म आधार पा रही ह शी राजनमभवम पर पजन का महतश किल एक मकनदर क वनमाशि का महतश भर नही ह यह नय सनातन भारत की आधारवशला रख जान का महतश भी ह शी रामजनमभवम की मकत का सघषश बहत पीड़ादायक ह 492 िषषो म लगभग 40 लाख वहनदओ क बवलदान क बाद यह मकत वमली ह आधवनक यग म शी अयोधया जी क इवतहास पर नजर डाल तो ईशा स 57 िषश पिश महाराजा विकरमावदतय न इस नय वसर स बसाया था सन 1528 म एक मौलिी क कहन पर वजस मकनदर को मीरबाकी न ढहाया था उस शीराम जनमभवम मकनदर का वनमाशि भी महाराजा विकरमावदतय क समय म ही वकय जान क पमाि ह इवतहास साकषी ह वक अयोधया म महाराजा विकरमावदतय न शीराम स सबवधत उनक अलग-अलग सिरपो क 1150 मकनदर सथावपत वकय थ गोसिामी तलसीदास जी न शीरामरररत मानस म सपषट वलखा ह -रवरमहस वनज मानस राखाभारतीय जनता पाटटी क शीषश परष लालककषि आडिािी न शीरामजनमभवम मकत आदोलन क समय कहा था- राम राषट ह रामजनमभवम की मकत स पहल यह जान लना जररी ह वक इसकी आिशयकता कब और यो पड़ी मझ यह वलखत हए अतयत सतोष का अनभि हो रहा ह वक मरी तीन पीविया इस आदोलन म शावमल रही ह म वजस परमपरा स आता ह उसम शीजयोवतषपीठाधीशिर भगिान शकरारायश मर दादागर सिामी शातानदजी महाराज न इस पर आदोलन की रपरखा और भवमका तयार की थी मर ितशमान गर शीजयोवतषपाठाधीशिर भगिान शकरारायश सिामी िासदिानदजी महाराज न इस करम को आग बिाया और आज िह शीरामजनमभवम तीथश कषरि टरसट क िररषठतम सदसय ह म सिय उस समय यावन 1986 म आठिी ककषा का विदाथटी था जब इस आदोलन क पहल सममलन म अपन टयशन क पसो स यारिा कर शावमल हआ था इस आदोलन क पिता परमपजय सिामी िामदिजी महाराज न 127 समपदायो को एकरि कर अवखल भारतीय सत सवमवत की सथापना की थी वजसकी आज म महामरिी ह इस रप म म कह सकता ह वक इस आदोलन क सभी सिरपो को मन ठीक स दखा ह और अनभि वकया ह भारत म वहनद सनातन समाज को और खासतौर पर सत समाज को विभावजत करन का षडयरि बहत पहल स रलता रला आ रहा ह भारत को धमश क आधार पर विभावजत करन क बाद वहनदसथान क अदर वहनदओ को विभावजत कर राजनीवत करन की परमपरा न ही ऐस सघषषो को जनम वदया ह इसी विभाजन की रिनीवत क तहत 1953 म तततकालील सरकार न गलजारीलाल नदा जी को आग करक भारत साध समाज की सथापना की थी इसी भारत साध समाज

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यह परणय घड़ी ह

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क ितशमान अधयकष सिामीसिरपानद सरसिती और महामरिी सिामी हररनारायिानद ह य लोग ही ह जो इस समय शीराम जनमभवम पर होन िाल पविरि कायषो का भी विरोध कर रह ह यहा एक घटना का उललख आिशयक लगता ह- 1980 म मजफफरनगर म कछ वहनद लोग मकसजद म नमाज पिकर वनकलन िाल मसलमानो को गड़ और रना वखला कर पानी वपलात थ वजस मकसजद क सामन वहनद लोग यह आयोजन करत थ उसी मकसजद म वकसी न कछ ऐसा कर वदया वक मजफफरनगर म दगा भड़क गया और जो लोग वहनद-मकसलम एकता क वलए रन वखलाया करत थ मसलमानो न उनही लोगो पर आकरमि कर वदया इसस पर दश म माहौला वबगड़न लगा उस समय दश म शीमवत इकनदरा गाधी जी की सरकार थी और उततर पदश म नारायि दतत वतिारी जी मखयमरिी थ वतिारी जी क मवरिमडल क एक सदसय दाऊ दयाल खना भी थ 1983 म इस घटना क बाद मजफफरनगर म वहनद सममलन आयोवजत हआ वजसम गोरकष पीठाधीशिर महत अिदनाथ जी की अधयकषता म शीराम जनमभवम मकत यजञ सवमवत की सथापना हई और दाऊ दयाल खना इस सवमवत क महामरिी बनाय गय इस सममलन म धयान दन िाली बात यह थी वक 1953 म भारत साध समाज की सथापना म भवमका वनभान िाल गलजारीलाल नदा भी शावमल हए थ लवकन सरकार क दबाि म िह िापस रल गय शीराम जनमभवम मकत यजञ सवमवत क नतमति म यह आदोलन आग बिा और विशि वहनद पररषद इसक साथ शावमल हो गई महत अिदनाथ जी क साथ जयोवतषपीठाधीसिर शकरारायश सिामी िासदिानद जी सरसिती सिामी िामदि जी परमहस रामरदर दास अशोक वसघल विषि हरर डालवमया और आरायश वगररराज वकशोर सवहत दश क सभी बड़ सतो और आरायषो न इस आदोलन म बि-रिकर वहससा लना शर वकया दश क भीतर ऐस सभी वहनद धावमशक सथल वजन पर अिध कबज ह उनको हटान क वलए एकातमकता यारिाए शर हई लवकन इसी बीर 31 अटटबर 1984 को पधानमरिी शीमवत इकनदरा गाधी जी की हतया क बाद य यारिाए सथवगत कर दी गई लगभग एक साल बाद पनः कायशकरम शर हए और 1986 म शीराम जनमभवम क भिन म लग अजञात ताल को उस समय क फजाबाद क ततकालीन वजला जज शी ककषि मोहन पाणडय न खोलन का आदश द वदया यह ताला न खल इसक वलय उस समय क पधानमरिी जी न हाईकोटट उततर पदश क मखय नयायाधीश स बात की थी लवकन रवक िह ताला वकसी नयायालय क आदश स नही लगा था इसवलए वजला जज न इस मामल म कोई बात नही सनी और उस समय क फजाबाद क पवलस कपान स कानन वयिसथा का आशिासन लकर ताला खलिा वदया इसी क बाद राजनीवत गमश हो गई ककषि मोहन पाणडय अपन जीिन म कभी भी हाई कोटट क जज नही बन पाय इसी बीर शाहबानो मामल म सपीम कोटट का फसला कनदर सरकार यह कहत हए पलट रकी थी वक धावमशक आसथा क मामलो म सरकार हसतकषप नही करगी लवकन वहनदओ क मामल म अयोधया पकारि पर जब सरकारी हसतकषप होन लगा और तकषटकरि की राजनीवत शर हो गई तो वहनदओ का

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गससा बिन लगा और आदोलना तीवर होता रला गया इसक बाद की कसथवतया सभी क सामन ह 6 वदसमबर 1992 को ढारा वगरत ही कनदर की ततकालीन कागरस सरकार न भाजपा की तीन राजय सरकारो को ततकाल पभाि स बखाशसत कर वदया राषटरीय सिय सिक सघ और विशि वहनद पररषद पर पवतबध लगा वदया गया इसक बाद वदनो वदन वहनद समदाय क वलए परशावनयो पर परशानी खड़ी की गई एक समय ऐसा भी आया जब काराी क शकरारायश सिामी रदरशखरनदर सरसिती को अनायास का आरोप लगाकर दीपािली क समय वगरफतार कर जल भज वदया गया उस समय हम वकतन वििश थ वक अपन शकारारायश क वगरफतारी का विरोध भी ठीक तरह स नही कर पा रह थ दश की पररकसथवतया वकसी स वछपी नही ह उचच नयायालय इलाहाबाद का फसला आन स लकर 9 निमबर 2019 को सपीम कोटट स शीराम जनमभवम पर अवतम फसला आन क बीर की सभी घटनाए अभी भी दश को याद ह आज जब शी राम जनमभवम मकत सथान पर भवय शीराम क मकनदर का वनमाशि होन जा रहा ह तो कछ लोगो को छोड़ वदया जाए तो विशि क सभी सनातन धमाशिवलयो क मन म गिश की अनभवत हो रही ह 119 एकड़ भवम पर होन जा रहा यह भवय वनमाशि नय भारत म नय यग का आरभ ह यह कायश वनकशरत तौर पर एक बड़ सकलप की िजह स हो रहा ह वजसक पिता भारत क यशसिी पधानमरिी नरनदर मोदी ह अपन छह िषश क कायशकाल म िह पहली बार शी अयोधया जी म शीराम जनमभवम पर बनन िाल भवय शीराम मकनदर की आधारवशला रखन आ रह ह सपषट ह वक यह उनका सकलप था वक शीराम जनमभवम को िासतविक मकत पदान करन क बाद ही िह शी अयोधया जी म पिश करग ऐस अिसर पर ससककवत पिश का यह विशषाक पकावशत करन क पीछ उदशय भी यही ह वक नय सनातन भारत का नय ढग स आसथािान उदय इस रप म वदख वक आन िाली पीविया सिय को सिावभमानी महसस कर आसथा और सिावभमान क साथ ही आतमवनभशर नय भारत क वनमाशि की यह पणय घड़ी ह नारायि

सिामी जीतनदरानद सरसितीमहामरिी अवखल भारतीय सत सवमवतएि महमरिी शी गगामहासभा काशी

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यह वरतन ही मनभािन ह शी अयोधया जी और भगिान राम की पािन जनमभवम पर कवदरत ससककवत पिश का विशष अक भारतीयता की पहरान क सभी तति एक अक म इस रप म पसतत करन की योजना ही अदभत ह ससककवत पिश क पकाशन क इवतहास म यह एक विवशषट सयोग ह हालावक इस अक की सामगरी जटान स लकर पकाशन तक क वलए समय बहत कम था भारत क यशसिी पधानमरिी क दमि सकलपो स लगभग 500 िषषो क एक ऐस सघषश का अत हआ जो सभी सनातन धवमशयो क वलए वनशरय ही अवत विवशषट ह शी अयोधया जी म पभ शीराम की पविरि जनमभवम पर भवय शीराम मवदर क गभशगमह क वनमाशि की पवकरया जब सिय पधान मरिी शी नरनदर मोदी जी क कर कमलो स शर हो रही ह ऐसी घड़ी म ससककवतपिश न वनशरय ही इस विशष अक का आयोजन कर अपना धमश वनभाया हससककवत पिश का यह अयोधया अक वनकशरत रप स एक कालजयी सगरह ह वजसको पतयक सनातन धमाशिलबी अपन साथ रखना राहगा मझ सतोष ह वक अतयत कम समय म ससककवत पिश पररिार न इस अक को सयोवजत वकया ह यह कायश वजतना ही विवशषट ह उतना ही ऐवतहावसक भी ह ससककवत पिश क सपादक और परी सपादकीय पररषद को इस विशष आयोजन क वलए बहत बहत बधाईमझ उममीद ह वक हमार सममावनत पाठको को भी यह अक बहत पसद आएगा आपकी पवतवकरया और शभकषा की कामनाओ क साथ

(बी क वमश)

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बालमीवक क राम तलसी क राम नानक क राम गोरख क राम कबीर क राम राजा राम दशरथसत राम कौशलया क राम शबरी क राम अवहलया क राम सरभग क राम विशिावमरि क राम िवशषठ क राम हनमान क राम वसया क राम वशि क राम नारद क राम कागभशकणड क राम अयोधया क राम या वक लोक क रामराम क वबना िद उपवनषद सममवत इवतहास पराि यावक कोई शासरि परा नही हो सकता राम क वबना न तो सनातन ससककवत की कलपना की जा सकती ह और न ही मनषय की ऐस राम क जनमसथान क वलए 452 िषषो का रकतम सघषश हदय विदीिश हो जाता ह यह कलपना मारि स वक लगभग 40 लाख मनषयो को बवलदान हो जाना पड़ा आवखर सनातन सभयता इतनी वनरीह यो हो रकी थी वजसक आधार म लोक कलयाि क वलए यद हो िही सभयता ऎसी अिसथा म वरता होती ह यह वरता इसवलए भी योवक सभी मानक सामन ह कही वकसी स कछ पछन तक वक जररत नही कभी सिय का मलयाकन यो नही वकया इस समदाय न यह पमथिी आपकी थी आप क वलए ही थी आप ही रकरितटी होत थ धरा क आप ही भोता थ आपक वलए आपक साथ आपक सभी दिता थ आपन अपन दिता को ही ठीक स दखा होता ठीक स उसक सिरप स सीख पात इतन पतन क गतश म तो नही जात आपका पतयक दिता आपका रोलमॉडल ह कोई दिता ऐसा ह या जो असरिविहीन हो सनातन सभयता क सभी दिता अपन विवशषट रप रग आकार पकार िाहन आवद स ही पहरान जात ह हमार पतयक दिता क पास एक कोई पश अिशय ह एक पषप ह एक असरि और एक शासरि भी अिशय ह यावन पतयक का सदश सपषट ह पश पकषी जीि िनसपवत सभी की सरकषा शकत स सवनवहत इकाई ही कषमाशील भी हो सकती ह जो शकतहीन होगा उसक कषमा का या मतलब िह तो उसकी कायरता ही होगी यही शकतहीन कषमाशीलता धारि करन की एक िककलपक सभयता विकवसत कर ली थी हमन और खद को पता नही या या घोवषत करत रहत थ सवदयो क बाद आज िह कसथवत आयी ह जब खद सनातन का वहससा होन पर गिश होन लगा ह यवद शी अयोधया जी म शीरामजनमभवम सथल अब एक भवय शीराममवदर स आचछावदत होन जा रहा ह यो यह ऐसा गिश ह जो आन िाली पीवियो को सनातन स तो जोड़गा ही इवतहास की दबी हई ऐसी परतो को भी उजागर करन की शकत दगा वजसका साहस इसस पिश हम खो रक थयहा अपन राषटरीय नतमति की सकलप शकत की रराश बहत आिशयक लगती ह िस भी म यह मानता ह वक भारत क पधानमरिी नरदर मोदी जी यवद कभी भी कछ बोल रह होत ह तो उनक शबदो पर न जा कर उनह दर तक वडकोड करन की जररत पड़ती ह यह हमार पधान मरिी की विशषता ही ह जो उनको विशि पटल पर सनातन क महायोदा क रप म सथावपत करती ह यहा वपछल िषश अमररका क हाउडी मोदी कायशकरम क कछ दमशय याद आ रह ह वबलकल ही नए भारत का उदघोष नए भारत का सकलप यकीनन कल हसटन म न कोई पारपररक पोटोकाल बरा था और न

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अयोधया क राम और राम की अयोधया

सजर मतवारी

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ही कोई परानी कमजोरी नजर आयी ऊजाश और असीम सभािनाओ िाल भारत का जलिा अमररका सवहत विशि भर की वनगाहो म आशरयश कौतहल विसमय विशिगर भारत का यही सिरप कभी सिामी वििकानद की सकलपना म रहा होगा जब वशकागो की धमशसभा म तावलया बजी होगी आज भारत क पधानमरिी जब विशिमहानायक क रप म हसटन क सटवडयम म अमररकी राषटरपवत डोनालड टरमप का परररय करा रह थ उनक ही दश म खद मजबान बनकर उनका सिागत कर रह थ वजसन भी इस दमशय को दखा विसमय म डटब गया अदभत अविसमरिीय अकलपनीयहाउडी मोदी कायशकरम न विशि को नया इवतहास वदया इसम कोई सदह नही भारत और अमररका की ऐसी जगलबदी गजब एक तरफ पवसडट टरमप इसलावमक आतकिाद क वखलाफ हकार भर रह थ तो दसरी तरफ मोदी जी कशमीर क विकास क वलए 370 क फयरिल की बात कह रह थ एक तरफ टरमप दोनो दशो म रकषा सहयोग और अतररकष सहयोग की बात कर रह थ तो िही मोदी जी ऐलान कर रह थ वक आतकिाद क विरोध म पवसडट टरमप पर मन स साथ खड़ ह दोनो नताओ क भाषि स भी जयादा आकषशि भाषि क बाद भीड़ की पररकरमा म वदखा मोदी का हाथ पकड़ टरमप पर गदगद भाि स कस सटवडयम का रकर लगा रह थ मोदी जी तो ऐस रल रह थ जस टरमप को रनािी रली म लोगो स कनट होन क गर सीखा रह हो विशि की राजनीवत म वकसी विशलषक न शायद ही ऐस दमशय पहल कभी दख हो इस घटना की रराश इसवलए आिशयक लगी योवक विशि क ितशमान हालात म भारत क पधानमरिी की विवशषट भवमका को अब दवनया दख रही ह अभी जो हालात ह उनकी भयािहता स विशि म वसहरन ह दवकषि एवशया म रीन की शरारत कोरोना का सकट इनही सकटो क बीर अयोधया म शीराम जनमभवम पर शीराम क मवदर की आधारवशला रखन क वलए पधानमरिी का अयोधया आगमन यह उनकी सकलपशकत ही तो ह वजस सलीक स इतन गभीर मद को उनहोन सलझाया ह उतन ही गिश स अब मवदर वनमाशि की पवकरया शर करन िह आ रह ह यह अभतपिश ह सर म यह नया भारत ह यह आधारवशला नए भारत क वनमाशि की ह यह सनातन ससककवत क वलए िकशिक गिश का विषय ह यही ह सनातन सकलप यही ह राम की शकत इसी शकत स नय भारत का उदय हो रहा ह यह मगलमय ह और सििटीम भी सशत नतमति और सबल सकलप क माधयम स अब भारत अगरसर ह विशिगर बनन क पथ पर

सजय वतिारीसमपादकससककवत पिश

सनातन सभयता क सभी दिता अपन विविषट रप रग आकार परकार िाहन आवद स ही पहचान जात ह हमार परतयक दिता क पास एक कोई पि अिशय

ह एक पषप ह एक असतर और एक िासतर भी

अिशय ह यावन परतयक का सदि सपषट ह पि पकषी जीि िनसपवत सभी की

सरकषा िकत स सवनिवहत इकाई ही कषमािील भी हो सकती ह जो िकतहीन होगा उसक कषमा का या मतलब िह तो उसकी कायरता ही होगी यही िकतहीन कषमािीलता धारण करन की एक

िककपक सभयता विकवसत कर ली थी हमन और

खद को पता नही या या घोवषत करत रहत थ

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राम ईशवर भरी ह और माता करी गोद म िलत मसकरात कौरलयानदन भरी ह राम अखवनाररी ह तो अयोधयावासरी भरी ह वह राजा ह तो परातपर बरहम क ईषट भरी ह वह खरव-रसकत क आधयासतमक आदरव क मखतवमत पाकटय ह खवषण-लकमरी क सकलप सवरप होकर लोक क खनभवय हो जान उसक पालन-पोषण क हत होकर वह सरीतापखत ह

खसयाराम ह शररीराम ह

रामरकषा सतोत म खरव पाववतरी जरी क सवाद म मत आता ह-राम रामखत रामखत रम राम मनोरम सहसरनाम तततलय रामनाम वरानन खरव सवय एकमात रामनाम को हरी मसकत का महामत घोखषत करत ह महखषव वालमरीखक स लकर गोसवामरी तलसरीदास तक रामनाम हरी महामत क रप म कोखट कोखट

भारत क लोकमगल क विहान का समय

आज विर िही शीराम अयोधया म पनः भारत की राजनीवत क आदिष

रामराजय की सकपना को साकार दखन क वलए पनः अपन िभि क साथ अपनी जनमभवम पर विराजमान हो रह ह तो सपणष मानिजावत क वलए भारत की ओर स वनयवत का यह सदि सना

और सनाया जाना ही चावहए वक राम सभी क ह सभी

जन राम क ही ह

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सनािन धमव ससककति कािियी ह और शी रामिनमभतम अयोधया क परनरदार की महान सघषव गाथा इसक कािियी होन का सबस निन परमाण ह भारि क िोकिीरन म भारि क रािनीतिक आदशव म भारि क इतिहास और परराण म भारि की आधयाततमक तरिारधारा म और इसक िन-मन म राम तिस गहराई स

रि-बस ह रह सरय ही इस बाि का परमाण ह तक राम क तबना भारि क अतसितर की भी कलपना नही की िा सकिी राम राषटर ह राषटर क पराण भी ह राम राजय ह और राजय क आदशव भी ह राम भारि क िोक ह उसकी मगिकामना भी ह राम घि-

घि वयापी ईशरर ह िो राम अयोधया म सशरीर परकि होन राि रामििा भी ह

रताबदरी परी आचायव भारत अधययन कदर काररी खहनद खवशवखवदालय वाराणसरी-221005

पोराकर कमार उपाधयाय

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वयाकल जनो क जरीवन म आस-खवशवास िनकर जयोखतत होता खदिाई दता ह बरहमाड करी सकम सारसवतधारा क सपकक स खनखमवत षोडरमातका यकत मानव मसषतषक क भरीतर स उत खनराकार रबद ससार करी खवदतरीय हलचल और उस हलचल स रबद को साकार रप म पररवखतवत करन वाल क क मधय आक खजस परम परमातम धवखन का साकषातकार सनातन काल स ऋखष-मखन करत आ रह ह वह खनरतर गजतरी धवखन मगलकाररी राम ह खनगवण खनराकार ओकार जि साकार होन क याता मागव पर िढता ह तो उस राम िनना हरी पड़ता ह

इसरीखलए भारतरीय सनातन आधयासतमक परपरा म बरहम का अनसधान और लकय सि राम म हरी समाखहत माना गया ह राम रबद क उचारण मात स हरी क स लकर मसषतषक क सववोच खिनद सहसरार तक जो सकम वदत तरग दौड़तरी ह वह राम नाम क महातमय को सवय हरी पकट कर दतरी ह मनषय अपनरी समसत वदना म सभरी कषटो म जि खिलकल हरी खनःसहाय रह जाता ह ति भरी यह रामनाम उसक भरीतर रसकत का सचार करता ह रामनाम का जाप उस खफर स दःि करी धल झाड़कर आननदमागव पर चलन क खलए उतपररत कर दता ह

यहरी कारण ह खक भारत करी आधयासतमक भावधारा राम नाम क िगर एक कदम आग नही िढ सकतरी चाह उस खनगवण रप म सतो न दिा भागवत काधारा पराणकाल म खवकखसत हो गई खजसम राम और कषण समत लोकमगल क खलए भगवान क सभरी अवतारो करी का का समावर हआ कालातर म सवामरी रामाननद क जरीवन स राम-भसकत का खनमवल कमल पसषपत हआ खजसकरी सरधारा म समसत भारत भावखवहवल हो गया किरीर न भरी खजनह गाया और गोसवामरी तलसरीदास स लकर सत रखवदास तक समसत सतरसकत क भरीतर उस पराधरीनता क कालिड म जो आतमजयोखत पकार और रसकत सवरप िनकर पकट हए उसक भरी सकड़ो वषव पवव आज स 2000 साल पवव जि पसशचमरी दरो म सववत ििवरता अटास कर रहरी री और खजसक दारा पररत खवषाण रक-हण आखद ििवर रसकतयो क आकमण क रप भारत क लोकजरीवन को तसत कर रह ति उस कषटकाल िाहय आकमणकाल म सदरवन चकधाररी भगवान खवषण क धनधावररी सवरप को हमाररी राजनरीखत न अपन सममि पकट खकया

रारङगधनष को धारण करन वाल भागवत भगवान खवषण को भारतरीय रासन न अपना आदरव घोखषत खकया फन उाकर सदा फफकारन वाल दररतओ का पलक झपकत हरी भकषण कर रत क समल खवनार करी कटनरीखतक एव राजनरीखतक पजञा स समपनन पकषरीराज गरड़ को ति भारत न अपना राषटखचनह िना खलया भागवत पररत रासन वयवसा खनखमवत करन वाला वह महान गपतवररीय रासन आज भरी हमार इखतहास म सवखणवम यग माना गया ह खजसम स खनकलरी खवकमाखदतय रपरी रासक परपरा न

अयोधया समत समसत भारत खकवा खवशवभर म भगवान खवषण क धनधावररी सवरप अावत शररीराम करी पखतमा को जन-मन का वासतखवक रासक मानकर भारतरीय राजय को पजा क चरणकमलो करी सवा क खलए हरी मानो सदा क खलए पसतत कर खदया ततायग स पवाखहत होतरी आ रहरी शररीराम करी आदरव परपरा को ति नवरीन आधार खमला उनका खवगरह भारत क गाव-गाव म अपन महान सापतय और सवााग सदर सभरी क भरण-पोषण करी वयवसा क सा जन-जरीवन का आदरव िना आयववद धनववद सापतयवद गाधवववद आखद वदो क समसत उपवदो करी जञान गगा म सभरी वणव और सभरी जाखत क लोग सससकत और उपकत हए लौखकक सि-समखद क आधार सवरप खरकषा-कला-कौरल म भारत का आम आदमरी ससार का सिस हनरमद उतपादक समह माना और जाना जान लगा तो यह हर आतमा क भरीतर उपससत परमातमा सवरप शररीराम करी ओर खनरतर दिन और पतयक कायव म उनकरी छखव को खनरिकर कमवयोग को हरी भगवान करी भसकत का महामत भारत न िना खलया

आज खफर वहरी शररीराम अयोधया म पनः भारत करी राजनरीखत क आदरव रामराजय करी सकलपना को साकार दिन क खलए पनः अपन वभव क सा अपनरी जनमभखम पर खवराजमान हो रह ह तो सपणव मानवजाखत क खलए भारत करी ओर स खनयखत का यह सदर सना और सनाया जाना हरी चाखहए खक राम सभरी क ह सभरी जन राम क हरी ह वह मयावदा क आदरव ह समनवय क आधार ह जरीव करी सदगखत ह खनरतर सखजत होत और खमटत जरीवन करी वह सजरीवनरी ह राम रपरी अमत को पाकर हरी मानवता सदा क खलए सतषट और सिरी हो सकतरी ह इसक खसवाय कोई रासता नही ह सखदयो क िाद भारत म हो रह इस खचरपखतखकषत नवखवहानकाल को घखटत होत दि अयोधया समत भारत का वतवमान आनसनदत हो उा ह उसका लोक पसनन होन लगा ह और सारा काला-कलष-कलमष कलप कलप कर खमट रहा ह तो यह भखवषय करी आहट ह खक गगनाचछाखदत घन अधर अि ससार क पागण स खवदा होग और सतय का सयव सववत एकसमान पकार दता हआ पकट होकर हरी रहगा भागयवान ह यह परीढरी और वो लोग जो इस राम-कायव क साकषरी और कारण िन ह और उसस भरी िड़भागरी ह वो खजनहोन अपना सववसव इस राम-काज क खलए समखपवत कर खदया ह

हम भारत क गराम-गराम म राम क उसरी सकलप करी पखतषा करनरी होगरी खजस राम क खिना गराम िन हरी नही सकता राम हमार जरीवन क सि क कारणरप गराम ह तो समसत सकटो स जरीवन को मसकत खदलान वाल सगराम भरी ह ऐस राम करी साधना जितक भारत करगा वह अपन आतमखनभवर धययप पर अखवकल चलता रहगा ऐसा हमार पववजो का पववकाल स हम खदया गया पाय ह

रवामवार रवामचदवार रवामभदवार धस रघनवाथवार नवाथवार सीतवारः पतर नमः

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पथवरी पर ससषट क अससततव का इखतहास कया ह ससषट क जरीवो का इखतहास कया ह जरीवो करी सभयताका इखतहास कया ह यह सि सदा स हरी कौतक क खवषय रह ह समय समय पर सभयताओ क खवकासक सा हरी ततसमय क खवदान लोग इन सभरी खवषयो को जानन करी चषटा करत रह ह हम खफलहालउसक भद खवभद या तकक आखद म नही जाना यह पशन भारत भखम पर अवससत एक नगर कइखतहास स जड़ा ह खजसका नाम ह अयोधया यह इखतहास भरी इसखलए महतवपणव हो जाता ह कयोखकभारत भखम करी यह अयोधया कोई सामानय नगररी या िसतरी या रहर मात नही ह

पाचरीन भारतरीय वागमय गरो शरखतयो समखतयो पराणो और इखतहास क गहन खवचरण और अधययन क िाद जि भरी अयोधया रबद सामन आता ह तो उसरी क सा धरतरी पर मनषय क आखवभावव करी गाा भरी सामन आन लगतरी ह हजारो पमाण इस िात क मौजद ह खक अयोधया नाम का नगर खकसरी ख़ास वगव जातरी धमव मज़हि समपदाय या अवावचरीन खरलपरी दारा िसाया या िनाया गया नही ह अयोधया इस पथवरी पर ति स ह जि स यह ससषट ह अयोधया हरी वह सल

ह जहा मनषय नाम क पाणरी का सिस पहल आखवभावव हआ और मानव सभयता का भरी जनम हआ भारतरीय वागमयो क अधययन और आचायवो ता खचतको का खनषकषव ह खक ससषट करी रचना क समय मनषय क रप म पहल मानव का आखवभावव इसरी अयोधया म हआ धरतरी पर जि ससषटकताव न मनषय को उतार उसस पहल उसन अयोधयापररी दरी और सा म खदया शरखत गरन ताखक खजस पाणरी को वह ससषट क खलए भज रह या उतार रह ह वह शरखत स ससकार पापत कर ससार का सजन कमव आग िढाए

यह तो हमाररी अजञानता या लापरवाहरी ह खक ससषट करी उतपखतत करी उस कहानरी को हम पढ और पढा रह ह खजसम मनषय को िनदर करी सतान िताया जाता ह वासतव म यह हमार अजञान का हरी पररचायक ह हम पसशचम क उस कखत खवजञान को सिकछ मानन लग ह जो चौक चौक कर एक एक कदम चलता ह अपन हरी पखतपादन को आग आकर िाररज़ करता ह पसशचम करी नक़ल क इस यग म हम अपन हरी इखतहास को पररी तौर पर भल गए व कखत सभय लोग खजनम स खकसरी का इखतहास दो हजार साल खकसरी

अयोधा एक दरशन

अयोधया किल एक नगर मातर नही ह िासति म यह पथिी पर मानि जावत की उतपवति उसकी ससककवत

और उसक समगर सभयताओ क विकास की िासतविक

राजधानी ह आवद परष मन का अविभाषि इसी अयोधया

क साथ हआ और उनही मन स मानि समदाय का विकास सभि हो पाया इसक वलए

पकशचम की वकसी अिधारणा म जान की आिशयकता नही बकक किल अपनी

शवतयो समवतयो और सिय क इवतहास को ही जानन की

आिशयकता ह

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इस बरहाणड म सकषट की कपना क साथ ही अयोधया का भी अकसतति ककपत होन लगता ह आज का विजान वजन करोडो बरहाडो की बात

कहता ह उनम स वजस बरहाणड पर हम ह उसकी पथिी और उस पर रची जा चकी सकषट की जानकारी भी बहत जररी ह पथिी क अकसतति का इवतहास या ह इसी विषय पर परसतत ह सजय वतिारी का आलख

अधयकष

भारत ससकखत नयास नयरी खदललरी

तरता यग सर परव तरता यगोपरात और ररवमान सररप

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का डरढ हजार साल का ह उनकरी धारणाओ और उनक कन को मरील का पतर िना कर हम पाठयकम िना खलए और अपन िद क उपलबध लािो वषव क इखतहास को कड़र म दाल खदए एक पसशचमरी आदमरी न कह खदया करी मनषय क पववज िनदर और हमन मान खलया यह जानन का भरी पयास नही खकया खक मनषय रबद आया कहा स ह यहरी स अयोधया करी भरी कहानरी रर होतरी ह भारतरीय शरखतयो और अनय वागमयो म हजारो ऐस पमाण ह जो साखित करत ह खक धरतरी पर पम मानव हमार आखद परष मन हरी हम सभरी मन करी हरी सतान ह इसरी मन रबद स मनषय रबद का भो जनम हआ ह मन क वरज अावत मानव यह खकतन दःि करी िात ह खक िद करी वरावलरी होत हए भरी आज का मानव िदरो म अपनरी वरावलरी करी तलार कर रहा ह

िहरहाल यहा चचाव अयोधया करी हो रहरी ह अयोधया क उस इखतहास करी जो तता यग स पहल तता यग म और तता यग क िाद का ह इसको समझन क खलए जरररी ह करी पहल यगो करी काल गणना को सकषप म जान खलया जाय ससषट का इखतहास कलप म और ससषट म मानव उतपखतत व उतान का इखतहास मनवतरो म वखणवत खकया गया ह और उसक पशचात मनवनतरो का इखतहास यग-यगानतरो म खवसतार स समझाया गया ह

पाचीन गरनथो म मानर इततहास को पाच कलपो म बाटा गया

1 हमत कलप 1 लाि 9 हजार 8 सौ वषव खवकमरीय पवव स आरमभ होकर 85800 वषव पवव तक

2 खहरणय गभव कलप 85800 खवकमरीय पवव स 61800 वषव पवव तक बराहम कलप 60800 खवकमरीय पवव स 37800 वषव पवव तक

3 बराहम कलप 60800 खवकमरीय पवव स 37800 वषव पवव तक

4 पादम कलप 37800 खवकम पवव स 13800 वषव पवव तक

5 वराह कलप 13800 खवकम पवव स आरमभ होकर इस समय तक चल रहा ह

यह भरी सौभागय का खवषय ह खक ससषट का सिस रद काल मापन करी वयवसा भारतरीय पणालरी म मौजद रहरी ह भारत का पाचरीन साखहतय सपषट करता ह खक ससषट क उदभव स अि तक का खकतना समय िरीत चका ह और ससषट करी अि तक करी उमर कया ह

रतिक सरत क अनसारldquo खदतरीयपराधव ववसतमनवनतर अषटाखवरखत ndash कलौ यग ५११६

गताबद ldquo अावत यह ववसत मन का अाईसवा कखल ह खजसक ५११६वषव िरीत चक ह | बरहमा क एक खदन को कलप अवा ससषट समय कहत ह | यह कलप १४ मनवनतरो अवा एक सहसत चतयवखगयो का होता ह | अि तक छह मनवनतर िरीत चक ह | एक मनवनतर लगभग ७१ चतयवखगयो का होता ह | ववसत मन करी २७ चतयवगरी िरीत चकरी ह |

अाईसवी म भरी ( कत तता और दापर ) तरीन यग िरीत चक ह | चौ कखल क भरी ५११९ वषव िरीत चक ह | एक मनवनतर म 71 चतयवखगया होतरी ह एक चतयवग म सतयग ततादापर और

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कखलयग होत ह सतयग म 1728000 वषव तता म 1296000 वषव दापर म 864000 वषव और कखलयग म 432000 वषव होत ह इन चारो यगो म कल 4320000 वषव होत ह 71 चतयवखगयो म कल306720000 वषव होत ह छः मनवनतर अावत 1840320000 वषव पर िरीत चक ह और अि सातव मनवनतर करी 28वी चतयवगरी चल रहरी ह गखणत करक दिा गया ह खक इस गणना क अनसार यह समय 1960853115 वषव िनत ह यहरी समय मानव उतपखतत का ह खगनरीज िक ऑफ वलडङ ररकारसव न कलप को समय का सवावखधक लमिा मापन घोखषत खकया ह

अयोधया मन और मानरभारतरीय वागमय म उपलबध साकय साफ़ साफ़ कहत ह करी

सा हरी साखपत आखद परष मन क सा जो ससकखत रर हई उस ससकखत करी राजधानरी अयोधया को मयावदा परषोततम शररी राम क जनम क सा हरी दवरी मयावदा भरी पापत हो गयरी तता यग म भगवान राम क अवतरण क िाद अयोधया को अगखणत गरो न नए ढग स वयाखयाखयत करना रर कर खदया आज अयोधया करी सापना को ससार पभ शररी राम करी जनमसलरी क रप म पहचानता ह रासत कहत ह खक अयोधया पणयनगररी ह अयोधया करी महतता क िार म पवााचल म एक लोकगरीत पचखलत ह -

गगवा बडी गरोदवारी

तीरथ बडरो परवाग

सबस बडी अररोधरवानगरी

जि रवाम मलररो अतवार

इसस पवव खक अयोघया और मन क उदभव पर िात करी जाय यह जरररी लगता ह खक शररी राम और उनकरी पवव वरावलरी पर दसषटपात कर लरी जाय इस को दिन स िहत स तथय सवयम खमल जात ह

खजसस तता क पवव ता तता म अयोधया करी ससखत और महतता पमाखणत होतरी ह

राम क परवजो का इततहासबरहमाजरी करी उनचाखलसवरी परीढरी म

भगवाम शररीराम का जनम हआ ा ववसवत मन क दस पत -

इल इकवाक करनाम अररषट धषट नररषयनतकरष महािलरी रयावखत और पषध

शररी राम का जनम इकवाक क कल म हआ ा और जन धमव क तरीाकर खनखम भरी इसरी कल क

मन क दसर पत इकवाक स खवकखकष खनखम और दणडक पत उतपनन हए

इस तरह स यह वर परमपरा चलत-चलत हररशचनदर रोखहत वष िाह और सगरतक पहचरी

इकवाक पाचरीन कौरल दर क राजा और इनकरी राजधानरी अयोधया री

रामायण क िालकाड म गर वखरषजरी दारा राम क कल का वणवन खकया गया ह जो इस पकार ह

1 - बरहमाजरी स मररीखच

2 - मररीखच क पत कशयप

3 - कशयप क पत खववसवान

4 - खववसवान क ववसवत मन हएववसवत मन क समय जल पलय हआ ा

5 - ववसवतमन क दस पतो म स एक का नाम इकवाक ा इकवाक न अयोधया को अपनरी राजधानरी िनाया और इस पकार इकवाक कलकरी सापना करी

6 - इकवाक क पत कखकष हए

7 - कखकष क पत का नाम खवकखकष ा

8 - खवकखकष क पत िाण हए

9 - िाण क पत अनरणय हए

10- अनरणय स प हए

11- प स खतरक का जनम हआ

12- खतरक क पत धधमार हए

13- धनधमार क पत का नाम यवनाशव ा

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14- यवनाशव क पत मानधाता हए

15- मानधाता स सससनध का जनम हआ

16- सससनध क दो पत हए- धवससनध एव पसनखजत

17- धवससनध क पत भरत हए

18- भरत क पत अखसत हए

19- अखसत क पत सगर हए

20- सगर क पत का नाम असमज ा

21- असमज क पत अरमान हए

22- अरमान क पत खदलरीप हए

23- खदलरीप क पत भगरीर हए भागरीर न हरी गगा को पथवरी पर उतारा ाभागरीर क पत ककतस

24- ककतस क पत रघ हए रघ क अतयत तजसवरी और पराकमरी नरर होन क कारण उनक िाद इस वर का नाम रघवर हो गयाति स शररी राम क कल को रघ कल भरी कहा जाता ह

25- रघ क पत पवद हए

26- पवद क पत रिण

27- रिण क पत सदरवन हए

28- सदरवन क पत का नाम अखनिवणव ा

29- अखनिवणव क पत ररीघरग हए

30- ररीघरग क पत मर हए

31- मर क पत परशरक

32- परशरक क पत अमिररीष हए

33- अमिररीष क पत का नाम नहष ा

34- नहष क पत ययाखत हए

35- ययाखत क पत नाभाग हए

36- नाभाग क पत का नाम अज ा

37- अज क पत दरर हए

38- दरर क चार पत राम भरत लकमण ता रतघन हए इस पकार बरहमा करी उनचाखलसवरी (39) परीढरी म शररीराम का जनम हआ

मन की उतपतर और अयोधयाअभगचछत रवाजनद दमकवा मशरतवाम

पसमतयरि मपवाणवा शररत भरतषयभ

- मिवाभवारत

सपतचरतरीव क पास खवतसता नदरी करी रािा दखवका नदरी क तट पर मनषय जाखत करी उतपखतत हई

पमाण यहरी ितात ह खक आखद ससषट करी उतपखतत बरहमावतव कषत म हरी हई सवायभव को आखद भरी कहा जाता ह सभरी भाषाओ क मनषय-वाचरी रबद मन मनज मानव आदम आदमरी आखद सभरी मन रबद स पभाखवत ह यह समसत मानव जाखत क पम सदरवाहक ह इनह पम मानन क कई कारण ह ससार क पम परष सवायभव मन और पम सतरी री रतरपा इनही पम परष और पम सतरी करी सनतानो स ससार क समसत जनो करी उतपखतत हई मन करी सनतान होन क कारण व मानव कहलाए मानव उस कहत ह खजसम जड़ और पाण स कही जयादा सखकय ह- मन मनषय म मन करी ताकत ह खवचार करन करी ताकत ह इसरीखलए उस मनषय कहत ह चखक यह सभरी करी सतान ह इसरीखलए मनषयत को मानव भरी कहा जाता ह सवायभव मन क हरी कल म आग चलकर सवायभव सखहत कल कमर 7 मन हए और 7 होना िाकरी ह महाभारत म 8 मनओ का उललि खमलता ह शवतवराह कलप म 14 मनओ का उललि ह इन चौदह मनओ को हरी जन धमव म कलकर कहा गया ह

चौिह मनओ क नाम1 सवायमभ 2 सवरोखचष 3 औततमरी 4 तामस मन 5 रवत 6

चाकषष 7ववसवत 8सयवसावखणव 9 दकष सावखणव 10 बरहम सावखणव 11 धमव सावखणव 12 रदर सावखणव 13 रौचय या दव सावखणव 14 भौत या इनदर सावखणव

पजापतय कलप म बरहमा न रदर रप को हरी सवयभ मन और सतरी रप म रतरपा को पकट खकया सवायभव मन एव रतरपा क कल पाच सनतान ी खजनम स दो पत खपयवरत एव उततानपाद ता तरीन कनयाए आकखत दवहखत और पसखत आकखत का खववाह रखच पजापखत क सा और पसखत का खववाह दकष पजापखत क सा हआ दवहखत का खववाह पजापखत कदवम क सा हआ रखच क आकखत स एक पत उतपनन हआ खजसका नाम यजञ रिा गया इनकरी पतरी का नाम दखकषणा ा कखपल ऋखष दवहखत करी सतान पराणो अनसार इनही तरीन कनयाओ स ससार क मानवो म वखद हई

दकष न पसखत स 24 कनयाओ को जनम खदया इसक नाम शरदा लकमरी पसषट धखत तसषट मधा खकया िखद लजा वप रासनत ऋखद और करीखतव ह तरह का खववाह धमव स खकया और खफर भग स खयाखत का खरव स सतरी का मररीखच स समभखत का अखगरा स समखत का पलसतय स परीखत का पलह स कषमा का कखत स सननखत का अखत स अनसया का वखरषट स ऊजाव का वहव स सवाह का ता खपतरो स सवधा का खववाह खकया आग आन वालरी ससषट इनही स खवकखसत हई दो पत- खपयवरत और उततानपाद उततानपाद करी सनरीखत और सरखच नामक दो पतरी ी राजा उततानपाद क सनरीखत स धव ता सरखच स उततम नामक पत उतपनन हए धव न िहत पखसखद हाखसल करी री सवायभव मन क दसर पत खपयवरत न खवशवकमाव करी पतरी

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िखहषमवतरी स खववाह खकया ा खजनस आनिरीध यजञिाह मधाखतख आखद दस पत उतपनन हए खपयवरत करी दसररी पतरी स उततम तामस और रवत- य तरीन पत उतपनन हए जो अपन नामवाल मनवतरो क अखधपखत हए महाराज खपयवरत क दस पतो म स कखव महावरीर ता सवन य तरीन नसषक बरहमचाररी और उनहोन सनयास धमव गरहण खकया ा महाराज मन न िहत खदनो तक इस सपतदरीपवतरी पथवरी पर राजय खकया उनक राजय म पजा िहत सिरी री इनही न मन समखत करी रचना करी री जो आज मल रप म नही खमलतरी उसक अव का अनव हरी होता रहा ह उस काल म वणव का अव रग होता ा और आज जाखत पजा का पालन करत हए जि महाराज मन को मोकष करी अखभलाषा हई तो व सपणव राजपाट अपन िड़र पत उततानपाद को सौपकर एकानत म अपनरी पतरी रतरपा क सा नखमषारणय तरीव चल गए लखकन उततानपाद करी अपकषा उनक दसर पत राजा खपयवरत करी पखसखद हरी अखधक रहरी मन न सनदा नदरी क खकनार सौ वषव तक तपसया करी दोनो पखत-पतरी न नखमषारणय नामक पखवत तरीव

म गौमतरी क खकनार भरी िहत समय तक तपसया करी उस सान पर दोनो करी समाखधया िनरी हई ह

सवायमभ मन क काल क ऋखष मररीखच अखत अखगरस पलह कत पलसतय और वखरष हए राजा मन सखहत उकत ऋखषयो न हरी मानव को सभय सखवधा सपनन शरमसाधय और सससकत िनान का कायव खकया

मानर ससककतत की राजधानी अयोधया अयोधया कवल एक नगर मात नही ह वासतव म यह पथवरी पर

मानव जाखत करी उतपखतत उसकरीससकखत और उसक समगर सभयताओ क खवकास करी वासतखवक राजधानरी ह आखद परष मन का आखवभावव

इसरी अयोधया क सा हआ और उनहरी मन स मानव समदाय का खवकास सभव हो पाया इसक खलए पसशचम करी खकसरी अवधारणा म जान करी आवशयकता नही िसलक कवल अपनरी शरखतयो समखतयो और सवय क इखतहास को हरी जानन करी आवशयकता ह पसशचमरी इखतहासकारो जरीवराससतयो परावजञाखनको जरीवाशम खवजञाखनयो अवा दारवखनको न ससषट और मनषय करी उतपखतत को लकर चाह जरीतनरी वयाखयाए दरी हो परत उनकरी कोई वयाखया अभरी तक सटरीक नही पायरी गयरी उनकरी साररी िोज कछ हज़ार वषवो पवव स रर होकर खमट जातरी ह और इसरीखलए व कोई नतरीजा नही द पात उनक पास आधार साखहतय हरी नही ह इसखलए उनकरी अवधारणाओ को वासतखवकता करी कसौटरी िाररज़ कर दतरी ह उदाहरण क खलए उनकरी िनदर स मनषय क खवसकसत होन करी अवधारणा यखद सहरी होतरी तो आज धरतरी पर िदर नही होन चाखहए कयो करी िदर को खवसकसत होकर मनषय िन जाना चाखहए ा वासतखवकता यह ह खक ससषट क उदभव और उसक समगर खवकास करी गाा हमाररी शरखतयो

और अनय वागमयो म उपलबध ह लखकन दभावगय ह खक हमार यहा उन पर कोई कारगर अधययन या रोध नही हो पाया शरखत परपरा का जञान हम खमलता तो रहा लखकन िरीत हज़ार वषवो म भारत पर दसररी सभयताओ क हमलो न हमारो उस खवरासत को तोड़ा और हमाररी जञानाजवन करी अपनरी परपरा खवलपत हो गयरी अभरी माता 70 साल पहल हरी हम आज़ाद हए ह लखकन खवडमिना ह खक अि जञानाजवन करी कवल पसशचमरी परमपराओ पर हम जरीन लग ह वह पसशचम खजसक पास खरकषा और जञान का कल अनभव हरी महज कछ सौ सालो का ह

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सभी महापरषो का उदभर सथल अयोधया भारत वषव क चाह खजतन नाम हो इसक चाह खजतन भरी सवरप

और दरवन रह हो पर सभरी क मल म अयोधया हरी खमलतरी ह चाह भरत हो धव हो मानधाता हो िखल हो सगर भगरीर खदलरीप प सतयवादरी हररशचनदर या खवदह महाराज जनक हरी कयो न हो सभरी पर भारत को गवव ह और इन सभरी का समिनध अयोधया स हरी ह इसरी पकार हमाररी ऋखष परमपरा म गर वखरष खवशवाखमत गौतम ररभग शरगरी परररामस लकर रतानद तक सभरी ऋखष मखन और तपससवयो क खलए अयोधया हरी कमवभखम रहरी ह

वासतव म इस ससषट म कवल एक माता अयोधया हरी ह खजसन सभरी यगो क सभरी सभयताओ को जनम लत फलत फलत खवसकसत होत और नषट दिा ह अयोधया हरी साकषरी ह सतयग करी अयोधया हरी साकषरी ह सतयग म दव मानव और उस समय करी अनय ससकखतयो क सघषव करी अयोधया न हरी तता यग म मानव और रकष सभयताओ का सघषव दिा ह अयोधया न हरी दापर म ससकारो और पररवारो का सघषव भरी दिा ह अयोधया हरी ह जो अि मनषय और उसकरी शवास क िरीच का सघषव भरी दि रहरी ह

इततहास म अयोधयाऐखतहाखसक दसतावज ितात ह खक अयोधया रघवररी राजाओ

करी िहत परानरी राजधानरी री ऐसरी धारणा ह खक सवय मन न अयोधया का खनमावण खकया ा वालमरीखक रामायण सपता चलता ह खक सवगावरोहण स पवव रामचदरजरी न कर को करावतरी नामक नगररी का राजा िनायाा शररीराम क पशचात अयोधया उजाड़ हो गई री कयोखक उनक उततराखधकाररी कर न अपनरी राजधानरी करावतरी म िना लरी री काखलदास क महाकावय रघवर स जञात होता ह खक अयोधया करी दरीन-हरीन दरा दिकर कर न अपनरी राजधानरी पन अयोधया म िनाई री महाभारतम अयोधया क दरीघवयजञ नामक राजा का उललि ह खजस भरीमसन न पववदर करी खदसगवजय म जरीता ा घटजातक म अयोधया (अयोजझा) क कालसन नामक राजा का उललि ह गौतमिद क समय कोसल क दो भाग हो गए - उततरकोसल और दखकषणकोसल खजनक िरीच म सरयनदरी िहतरी री अयोधया या साकत उततररी भाग करी और शरावसतरी दखकषणरी भाग करी राजधानरी री इस समय शरावसतरी का महतव अखधक िढा हआ ा िौद काल म हरी अयोधया क खनकट एक नई िसतरी िन गई री खजसका नाम साकत ा िौद साखहतय म साकत और अयोधया दोनो का नाम सा-सा भरी खमलता ह खजसस दोनो क खभनन अससततव करी जानकाररी पापत होतरी ह िालमरीखक रामायण म अयोधया का उललि कोरल जनपद करी राजधानरी क रप म खकया गया ह पराणो म इस नगर क सिध म कोई खवरष उललि नही खमलता ह परनत इस नगर क रासको करी वरावखलया अवशय खमलतरी ह जो इस नगर करी पाचरीनता एव महतव क पामाखणकसाकय ह बराहमण साखहतय म इसका वणवन एक गराम क रप म खकया गया ह ऐसा वणवन खमलता

ह खक सत और मागध उस नगररी म िहत अयोधया िहत हरी सनदर नगररी री अयोधया म ऊचरी अटाररयो पर धवजाए रोभायमान ी और सकड़ो रतखघनया उसकरी रकषा क खलए लगरी हई ी राम क समय यह नगर अवध नाम करी राजधानरी स सरोखभत ा अभरी उपलबध िौद गरनो क अनसार अयोधया पवववतरी ता साकत परवतती राजधानरी री भारतवषव क पखवत सानो म इसका नाम खमलता ह पखयात चरीनरी यातरी फ़ाहयान न इसका lsquoरा-चrsquo नाम स उललि खकया हजो कननौज स 13 योजन दखकषण-पवव म ससत ा

एक इखतहासकार मललसकर न पाखल-परपरा क साकत को सई नदरी क खकनार उननाव खज़ल म ससत सजानकोट क िडहरो स समरीकत खकया ह नाखलयाकष दतत एव कषणदतत िाजपयरी न भरी इसका समरीकरण सजानकोट स खकया ह रगाा अटका म साकत को सरय नदरी कखकनार िताया गया ह अत सभव ह खक पाखल का साकत आधखनक अयोधया हरी हो

अयोधया क पाचीन अतभलरखरग वर क पम रासक पषयखमत (खदतरीय रतरी ई प) का

एक खरलालि अयोधया स पापत हआ ा खजसम उस सनापखत कहा गया ह ता उसक दारा दो अशवमध यजञो क खलए जान का वणवन ह अनक अखभलिो स जञात होता ह खक गपतवररीय चदरगपत खदतरीय क समय (चतवरतरी ई का मधयकाल) और ततपशचात काफ़री समय तक अयोधया गपत सामराजय करी राजधानरी री गपतकालरीन महाकखव काखलदासन अयोधया का रघ वर म कई िार उललि खकया ह काखलदास न उततरकौरल करी राजधानरी साकत और अयोधया दोनो हरी का नामोललि खकया ह इसस जान पड़ता ह खक काखलदास क समय म दोनो हरी नाम पचखलत रह होग मधयकाल म अयोधया का नाम अखधक सनन म नही आता ा यवानचवाग क वणवनो स जञात होता ह खक उततर िदकाल म अयोधया का महतव घट चका ा

कावय सातहतय म अयोधयाअयोधया का उललि महाकावयो म खवसतार स खमलता ह

रामायण क अनसार यह नगर सरय नदरी क तट पर िसा हआ ा ता कोरल राजय का सववपमि नगर ा अयोधया को दिन स ऐसा पतरीत होता ा खक मानो मन न सवय अपन हाो क दारा अयोधया का खनमावण खकया हो अयोधया नगर 12 योजन लमिाई म और 3 योजन चौड़ाई म फला हआ ा खजसकरी पसषट वालमरीखक रामायण म भरी होतरी ह एक परवतती जन लिक हमचनदर न नगर का कषतफल 12times9 योजन ितलाया ह जो खक खनसशचत हरी अखतरखजत वणवन ह साकयो क अवलोकन स नगर क खवसतार क खलए कखनघम का मत सवावखधक महतवपणव लगता ह उनकरी मानयता ह खक नगर करी पररखध 12 कोर (24 मरील) री जो वतवमान नगर करी पररखध क अनरप ह अयधया खहनदओ और जखनयो का एक पखवत तरीवसलह और इसका उललि सपतपररयो म सववपम खकया जाताह पराणो क

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अनसार इन सात पररयो या तरीथो को मोकषदायक कहा गया ह इनका सखकषपत खववरण इस पकार ह-

कवाशी कवाची चमवारवाखरवातररोधरवाविवारतरमप

मथरवाऽननतकवा चतवाः सपतपरयोऽरि मरोकषदवाः

अररोधरवा-मथरवामवारवाकवाशीकवाचीतननतकवा

परी विवारवातीच सपतत मरोकषदवामरकवाः

1 अयोधयाशररीराम का जनम यही हआ ा राम करी जनम-भखम अयोधया

उततर पदर म सरय नदरी क दाए तट पर ससत ह अयोधया खहनदओ क पाचरीन और सात पखवत तरीवसलो म स एक ह अयोधया को अवववद म ईशवर का नगर िताया गया ह और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह रामायण क अनसार अयोधया करी सापना मन न करी री कई रतासबदयो तक यह नगर सयव वर करी राजधानरी रहा अयोधया एक तरीव सान ह और मल रप स मखदरो का रहर ह यहा आज भरी खहनद िौद इसलाम और जन धमव स जड़र अवरष दि जा सकत ह जन मत क अनसार यहा आखदना सखहत पाच तरीाकरो का जनम हआ ा

2 मथरापराणो म मरा क गौरवमय इखतहास का खवषद खववरण खमलता

ह अनक धमथो स सिखधत होन क कारण मरा म िसन और रहन का महतव कमर िढता रहा ऐसरी मानयता री खक यहा रहन स पाप रखहत हो जात ह ता इसम रहन करन वालो को मोकष करी पाखपत होतरी ह वराह पराण म कहा गया ह खक इस नगररी म जो लोग रधद खवचार स खनवास करत ह व मानव क रप म साकषात दवता ह शराद कमव का खवरष फल मरा म पापत होता ह मरा म शराद करन वालो क पववजो को आधयासतमक मसकत खमलतरी ह उततानपाद क पत धव न मरा म तपसया कर क नकषतो म सान पापत खकया ा पराणो म मरा करी मखहमा का वणवन ह पथवरी क यह पछन पर खक मरा जस तरीव करी मखहमा कया ह महावराह न कहा ा- मझ इस वसधरा म पाताल अवा अतररकष स भरी मरा अखधक खपय ह वराह पराण म भरी मरा क सदभव म उललि खमलता ह यहा करी भौगोखलक ससखत

का वणवन खमलता ह यहा मरा करी माप िरीस योजन ितायरी गयरी ह इस मडल म मरा गोकल वनदावन ोवधवन आखद नगर गराम एव मखदर तड़ाग कणड वन एव अनगखणत तरीथो क होन का खववरण खमलता ह इनका खवसतत वणवन पराणो म खमलता ह गगा क समान हरी यमना क गौरवमय महतव का भरी खवरद खववरण खकया गया ह पराणो म वखणवत राजाओ क रासन एव उनक वरो का भरी वणवन पापत होता ह

3 हररदारहररदार उततरािड म ससत भारत क सात सिस पखवत तरीव

सलो म एक ह भारत क पौराखणक गरो और उपखनषदो म हररदार को मायापररी कहा गया ह गगा नदरी क खकनार िसा हररदार अावत हरर तक पहचन का दार ह हररदार को धमव करी नगररी माना जाता ह सकडो सालो स लोग मोकष करी तलार म इस पखवत भखम म आत रह ह इस रहर करी पखवत नदरी गगा म डिकरी लगान और अपन पापो का नार करन क खलए साल भर शरदालओ का आना जाना यहा लगा रहता ह गगा नदरी पहाड़री इलाको को परीछर छोड़तरी हई हररदार स हरी मदानरी कषत म पवर करतरी ह

4 काशीवाराणसरी काररी अवा िनारस भारत दर क उततर पदर का

एक पाचरीन और धाखमवक महतता रिन वाला रहर ह वाराणसरी का पराना नाम काररी ह वाराणसरी खवशव का पाचरीनतम िसा हआ रहर ह यह गगा नदरी खकनार िसा ह और हज़ारो साल स उततर भारत का धाखमवक एव सासकखतक कनदर रहा ह दो नखदयो वरणा और अखस क मधय िसा होन क कारण इसका नाम वाराणसरी पडा िनारस या वाराणसरी का नाम पराणो रामायण महाभारत जस अनकानक गरनो म खमलता ह

5 काचीपरमकाचरीपरम तरीवपररी दखकषण करी काररी मानरी जातरी ह जो चननई

स 45 मरील करी दररी पर दखकषणndashपसशचम म ससत ह काचरीपरम को काचरी भरी कहा जाता ह यह आधखनक काल म काचरीवरम क नाम स भरी पखसद ह ऐसरी अनशरखत ह खक इस कषत म पाचरीन काल म बरहमा जरी न दवरी क दरवन क खलय तप खकया ा मोकषदाखयनरी सपत पररयो अयोधया मरा दारका माया(हररदार) काररी और अवसनतका (उजन) म इसकरी गणना करी जातरी ह काचरी हररहरातमक पररी ह इसक दो भाग खरवकाचरी और खवषणकाचरी ह

6 अरततकाउजखयनरी का पाचरीनतम नाम अवसनतका अवसनत नामक राजा

क नाम पर ा इस जगह को पथवरी का नाखभदर कहा गया ह महखषव सानदरीपखन का आशरम भरी यही ा उजखयनरी महाराज खवकमाखदतय

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करी राजधानरी री भारतरीय जयोखतष रासत म दरानतर करी रनय रिा उजखयनरी स पारमभ हई मानरी जातरी ह इसकाखलदास करी नगररी क नाम स भरी जाना जाता ह यहा हर 12 वषव पर खसहस कभ मलालगता ह भगवान खरव क 12 जयोखतखलागो म एक महाकाल इस नगररी म ससत ह

7 दारकादारका का पाचरीन नाम ह पौराखणक काओ क अनसार

महाराजा रवतक क समदर म कर खिछाकर यजञ करन क कारण हरी इस नगररी का नाम करसलरी हआ ा िाद म खतखवकम भगवान न कर नामक दानव का वध भरी यही खकया ा खतखवकम का मखदर दारका म रणछोड़जरी क मखदर क खनकट ह महाराज रवतक (िलराम करी पतरी रवतरी क खपता) न पम िार समदर म स कछ भखम िाहर खनकाल कर यह नगररी िसाई होगरी हररवर पराण क अनसारकरसलरी उस पदर का नाम ा जहा यादवो न दारका िसाई री खवषण पराण क अनसार अावत आनतव क रवत नामक पत हआ खजसन करसलरी नामक पररी म रह कर आनतव पर राजय खकया खवषण पराण स सखचत होता ह खक पाचरीन करावतरी क सान पर हरी शररीकषण न दारका िसाई री करसलरी या तव भप रमया पररी पराभदमरावतरीव सा दारका सपखत तत चासत स करवारो िलदवनामा

सात पररयो क अनतसवमबनध इस िात क भरी ऐखतहाखसक पमाण ह खक इन सातो पररयो क

अतवसिध भरी िहत गहर ह अयोधया मरा काररी हररदार काचरीपरम अवखतका या उजखयनरी और दाररका क िार म खवसतार स चचाव समरीचरीन नही ह खकनत भारत वषव म खनवास करन वाल पतयक सनातन मनषय क खलए इन सभरी सात पररयो करी ख़ास महतता ह ख़ास यह ह खक इनम स खकसरी करी चचाव रर करी जातरी ह तो सातो करी चचाव हो हरी जातरी ह

मधयकाल म अयोधयामधयकाल म मसलमानो क उतकषव क समय अयोधया िचाररी

उपखकषता हरी िनरी रहरी यहा तक खक मगल सामराजय क ससापक िािर क एक सनापखत न खिहार अखभयान क समय अयोधया म शररीराम क जनमसान पर ससत पाचरीन मखदर को तोड़कर एक मससजद िनवाईखजसकोलकर खवगत कई दरको स खववाद िना हआ ह मससजद म लग हए अनक सतभ और खरलापटट उसरी पाचरीन मखदर क क हरी

अयोधया क वतवमान मखदर कनकभवन आखद अखधक पाचरीन नही ह और वहा यह कहावत पचखलत ह खक सरय को छोड़कर रामचदरजरी क समय करी कोईखनरानरी नही ह कहत ह खक अवध क नवािो न जि फ़ज़ािाद म राजधानरी िनाई री तो वहा क अनक

महलो म अयोधया क परान मखदरो करी सामगररी उपयोग म लाई गई री

बौदध सातहतय म अयोधयािौद साखहतय म भरी अयोधया का उललि खमलता ह गौतम िद

का इस नगर स खवरष समिनध ा उललिनरीय ह खक गौतम िद क इस नगर स खवरष समिनध करी ओर लकय करक मसजझमखनकाय म उनह कोसलक (कोरल का खनवासरी) कहा गया ह

धमव-पचाराव व इस नगर म कई िार आ चक एक िार गौतम िद न अपन अनयाखययो को मानव जरीवन करी खनसवारता ता कषण-भगरता पर वयाखयान खदया ा अयोधयावासरी गौतम िद क िहतिड़र परसक और उनहोन उनक खनवास क खलए वहा पर एक खवहार का खनमावणभरी करवाया ा सयकतखनकाय म उललि आया ह खक िद न यहा करी याता दो िार करी री उनहोन यहा फण सकत और दारकिधसकत का वयाखयान खदया ा

अयोधया और साकतअयोधया और साकत दोनो नगरो को कछ खवदानो न एक हरी

माना ह काखलदास न भरी रघवर म दोनो नगरो को एक हरी माना ह खजसका समवन जन साखहतय म भरी खमलता ह कखनघम न भरी अयोधया और साकत को एक हरी नगर स समरीकत खकया ह इसक खवपररीत खवखभननखवदानो न साकत को खभनन-खभनन सानो स समरीकत खकया ह इसकरी पहचान सजानकोट आधखनकलिनऊ कसती परा (पसाका) और तसरन खिहार इलाहािाद स 27 मरील दर ससत ह) स करी गई ह इस नगर क समरीकरण म उपयवकत खवदानो क मतो म सवल पमाणो काअभाव दसषटगत होता ह िौद गरनो म भरी अयोधया और साकत को खभनन-खभनन नगरो क रप म पसतत खकया गया ह वालमरीखक रामायण म अयोधया को कोरल करी राजधानरी िताया गया ह और िाद क ससकत गरनो म साकत स खमला खदया गया ह अयोधयाको सयकतखनकाय मएक ओर गगा क खकनार ससत एक छोटा गाव या नगर ितलाया गया ह जिखक साकत उसस खभनन एक महानगर ा अतएव खकसरी भरी दरा म य दोनो नाम एक नही हो सकत ह

जन गरनथ क अनसारजन गरन खवखवधतरीवकलप म अयोधया को ऋषभ अखजत

अखभनदन समखत अननत और अचलभान- इन जन मखनयो का जनमसान माना गया ह नगररी का खवसतार लमिाई म 12 योजन और चौड़ाई म 9 योजन कहा गया ह इस गरन म वखणवत ह खक चकशवररी और गोमि यकषअयोधया क खनवासरी घघवर-दाह और सरय का अयोधया क पास सगम िताया ह और सयकत नदरी को सवगवदारा नाम स अखभखहत खकया गया ह नगररी स 12 योजन पर अषटावट या अषटापद पहाड़ पर आखद-गर का कवलयसान माना गया ह इस गरन म यह भरी वखणवत ह खकअयोधया क चारो दारो पर

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24 जन तरीाकरो करी मखतवया पखतषाखपत ी एक मखतव करी चालकय नरर कमारपाल न पखतषापना करी री इस गरन म अयोधया को दरर राम और भरत करी राजधानरी िताया गया ह जनगरनो म अयोधया को खवनरीता भरी कहा गया ह

जन गर महापराण (आखदपराण) क अनसार करोड़ो वषव पवव अयोधया म पाच तरीाकरो क जनम तो हए हरी ह सा हरी वहा अनय अनक इखतहास भरी जड़ अयोधया म वतवमान म रायगज पररसर म 31 फट उततग भगवान ऋषभदव करी िरगासन पखतमा खवराजमान ह वहा पखतवषव चतकषण नवमरी क खदन भगवान ऋषभदव क जनम कलयाणक खदवस का वाखषवक मला आयोखजत होता ह खजसम हज़ारो शरदाल भकत भाग लकर पणयलाभ पापत करत ह अयोधया म सवगवदार मोहलल म ऋषभदव का सनदर खजन मखदर िना ह वह भगवान का वासतखवक जनम सानमाना जाता ह सरय नदरी क खनकट हरी भगवान ऋषभदव उदान िहत सदर िना हआ ह जहा दर- खवदर क हज़ारो पयवटक पखतखदन आकर पाकखतक सौदयव का आनद लत ह

राज डतरडस क अनसारराज डरखवरस का कन ह खक दोनो नगर वतवमान लदन और

वसटखमसटर क समान एक-दसर स सटर रह होग जो कालानतर म खवकखसत होकर एक हो गय अयोधया समभवत पाचरीन राजधानरी री और साकत परवतती राजधानरी खवरदाननद पाक भरी राज डरखवरस क मत का समवनकरत ह और पररवतवन क खलए सरय नदरी करी धारा म पररवतवन या खकसरी पाकखतक कारण को उततरदायरी मानत ह खजसक कारण अयोधया का सकचन हआ और दसररी तरफ़ नई खदरा म परवतती काल म साकत का उदभव हआ

साकय साकयो क अवलोकन स दोनो नगरो क अलग-अलग अससततव

करी सावकता खसद हो जातरी ह ता साकत क परवतती काल म खवकास करी िात सतय क अखधक समरीप लगतरी ह इस सनदभव म ई ज ामस रामायण करी परमपरा को िौद परमपरा करी अपकषा उततरकालरीन मानत ह उनकरीमानयता ह खक पहल कोरल करी राजधानरी शरावसतरी री और जि िाद म कोरल का खवसतार दखकषण करी ओर हआ तो अयोधया राजधानरी िनरी जो खक साकत क हरी खकसरी खवजयरी राजा दारा खदया हआ नाम ा

परवाततमदो कवा मत कछ पराततवखवदो या-पो बरजवासरी लाल ता हसमि

धरीरजलाल साकखलया न रामायण इतयाखद म वखणवत अयोधया करी पहचान नगर करी भौगोखलक ससखत पाचरीनता एव सासकखतक अवरषो का अधययन खकया रामायण म वखणवत उपयवकत खववरणो क अनतर करी वयाखया भरी पसतत करी ह इन दोनो खवदानो का यह मत ा खक परातासतवक दसषट स न कवल अयोधया करी पहचान करी जा

अयोधया का इततहास पसतक सर महतरपरव अश-अयोधया वजस अिध और साकत भी कहत ह

अतयत पारीन नगरी ह यह पहल उततरकोशल की राजधानी थी वजसम सख-सममवद क साथ वहनद लोग वजस िसत की आकाकषा करत या वजसका आदर-सममान करत ह िह सब पाप हो रका था जसा वक अब वमलना असभि ह और जो उस तजधारी राजिश का वनिास सथान था जो सयशदि स उतपन हआ और वजसम 60 वनदवोष शासको क पीछ मयाशदा परषोततम शीरामरदर का अितार हआ इस िीर को ऐवतहावसक समालोरना स मनषय की कलपना का सिवोततम वनसगश वसद कर या अदरधऐवतहावसक सथान द इस पर विरार करना वयथश ह इवतहास का उस पभाि स समबध ह जो इनक ररररि का इस बड़ी आयशजावत क सामावजक और धावमशक विशिास पर ह और इवतहास यह भी दखता ह वक इनकी जनम-भवम की यारिा को बड़ी शदा और भकत स यावरियो की ऐसी भीड़ आती ह जसी वकसी दसर तीथश म नही अयोधया का नाम 7 तीथषो म सबस पहल आया ह-अयोधया मथररा माया काशी काञी हररतनिका पररी दारारिीिर सपिा मोकदातयकाछद म अयोधया का नाम पहल आना उसक

पाधानय का पमाि नही परत यह ठीक नही एक पवसद शलोक और ह वजसस पकट ह वक अयोधया-तीथश-रपी विषि का मसतक ह-विषिो पादमिकनतका गििती मधय र काञीपरीननातभ दाररिीनिथा ि हदय मायापररी परणयदामगीरामिमरदाहरतनि मथररा नासाञ राराणसीमएिदबाहमतरदो रदतनि मरनयोऽयोधयापररी

मसिकमशष 6 तीथषो म स अनक की बड़ाई इसी कोशल-

राजधानी क समबध स हई ह शीककषि जी क जनम स पहल मथरा को शरिघन न बसाया था वजनको शीरामरदर न यमनातट पर बस हए तपकसियो क सतान िाल लिि को मारन क वलए भजा था माया या मायापरी हररदार का नामातर ह जहा अयोधया क राजा भगीरथ की लाई हई गगा पहाड़ो स वनकलकर मदान म आती ह और काशी अयोधया की शमशान- भवम ह इन वदनो भी अयोधया जन-मतािलकमबयो का ऐसा ही तीथश ह जसा वहनदओ

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सकतरी ह रामायण म वखणवत अनय सान या- ननदरीगराम शरगवरपर भारदाज आशरम पररयर एव वालमरीखक आशरम भरी खनसशचत रप स पहचान जा सकतह इस सनदभव म पो बरजवासरी लाल दारा खवरद रप म खकए गए परातासतवक सववकषण एव उतिनन उललिनरीय ह परातासतवक आधार पर पो लाल न रामायण म उपयवकत सानो करी पाचरीनता को लगभग सातवी सदरीई प म रिा इस साकय क कारण रामायण एव महाभारत करीपाचरीनता का जो कम ा वह पररवखतवत हो गया ता महाभारत पहल का पतरीत हआ इस पकार पो लाल ता साकखलया का मत हमचनदर राय चौधररी क मत स खमलता ह शररी रायचौधररी का भरी कन ा खक महाभारत म वखणवत सान एव घटनाए रामायण म वखणवत सान एव घटनाओ क पवव करी ह

मनीश चनद जरोशी कवा मत शररी मनरीर चनदर जोररी न पो लाल एव साकखलया क इस मत करी

िलकर आलोचना करी ता तखततररीय आरणयक म उदत अयोधया क उललि का वणवन करत हए यह मत पसतत खकया-

जि तखततररीय आरणयक करी रचना हई उस समय मनरीखषयो करी नगररी अयोधया एव उसकरी ससकखत (अगर यह री तो) को लोग पणवत भल गय अयोधया पणवत पौराखणक नगररी पतरीत होतरी ह आधखनक अयोधया और राम स इसका साहचयव परवतती काल का पतरीत होता ह इन आधारो पर शररी जोररी न कहा खक वखदक या पौराखणक सामगररी क आधार पर परातासतवक साकयो का समरीकरण न तो गराहय ह और न हरी उखचत उनका यह भरी कन ा खक अखधकतर भारतरीय पौराखणक एव वखदक सामगररी का उपयोग धमव एव अनषान क खलए खकया गया ाऐखतहाखसक रप स उनकरी सतयता सखदगध ह

परो बरजवासी लवाल कवा मत शररी जोररी क मतो का िणडन पो बरजवासरी लाल न पराततव

म छप अपन एक लि म खकया ह शररी लाल का कहना ह खक शररी जोररी का पम मत उनक ततरीय मत स मल नही िाता उनका कहना ह खक पम तो जोररी यह मानन को तयार हरी नही होत एव खदतरीय यह सपषट नही हखक राम एव आधखनक अयोधया का समिनध खकस काल म एव कस जोड़ा गया पो लाल का कहना ह खक अयोधया रबद न कवल तखततररीय आरणयक म ह िसलक इसका उललि अवववद म भरी खमलता ह इसक खवसतत अधययन स अयोधया रबद का पयोग अयोधया नगररी स हरी नहीिसलक अजय स खलया जा सकता ह तखततररीय आरणयक म वखणवत अयोधया नगररी का समरीकरण उनहोन मनषय रररीर स खकया ह ता शररीमदभागवदगरीता म आए उस शलोक का खजक़र खकया ह खजसम रररीर नामक नगर का वणवन ह शररी लाल का कहना ह खक तततररीय आरणयकअवववद ता शररीमदभगवदगरीता म रररीर क एक समान उललि खमलत ह खजसम कहा गया ह खक दवताओ करी इस सवखणवम नगररी क आ चक (पररकषत) और नौ दार ह जो खक हमरा पकारमान रहता ह नगर क पकारमान होन करी वयाखया मनषय क धयानमनि होन

का 24 तीथथकरो म स 22 इकिाकिशी थ और उनम स सबस पहल तीथथकर आवदनाथ (ऋषभदि जी) का और 4 और तीथथकरो का जनम यही हआ थाबौदमत की तो कोशला जनमभवम ही माननी

रावहए शायमवन की जनमभवम कवपलिसत और वनिाशिभवम कवशनगर दोनो कोशला म थ अयोधया म उनहोन अपन मत की वशकषा दी और ि वसदात बनाए वजनस जगतपवसद हए और कवशनगर म उनह िह पद पाप हआ वजसकी बौदमत िाल आकाकषा करत

और वजस वनिाशि कहत ह सयशिश क असत होन पर 80 िषश तक अयोधया शकतशाली गपो की राजधानी रही ह सोलकी राजाओ क विषय म कछ ऐस पमाि वमल ह वजनस विवदत होता ह वक यह लोग अयोधया स ही पहल दवकषि गए और िहा सालकी (रालय) राजय सथावपत वकया िहा स गजरात आए जहा अनहलिाड़ को राजधानी बनाकर बहत वदनो तक शासन करत रह परत यह अभी तक वनकशरत नही हआ वक सोलकी जो अपन को रदरिशी मानत ह अयोधया क वसहासन पर कब बठ थराजा साहब सतारा क पास की एक िशािली स विवदत होता ह वक रादरसनीय कायसथ सरयतट पर अयोधया (अजोढा) और मविपर (आजकल का मनकापर) स गए थ पवसद इवतहास-ममशजञ सीिाई िद न वहनद भारत क अत म वलखा ह वक अतयत पारीन काल म अयोधया म वहनदी सावहतय की उतपवतत हई सामानय लोगो को यह सनकर भी आशरयश होगा वक मसलमान भी अयोधया को अपना बड़ा तीथश मानत ह मदीनतल-औवलया नाम क उदश गरथ म जो अयोधया स पकावशत हआ ह वलखा ह वक अयोधया म आदम क समय स आज तक अनक औवलया और पीर हए ह मसलमान निाब िजीरो क राज म अयोधया ही का एक अश फजाबाद क नाम स 3 निाब िजीरो की राजधानी रहा शजाउदौला क शासन म इसकी शोभा दखकर यरोपीय यारिी रवकत होत थ सावहतयरतन वहनदी सधाकर रायबहादर शी अिधिासी लाला सीताराम बीए या कहत ह

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क पशचातजञान जयोखत क पापत होन करी ससखत स करी गई ह आ चको (पररकषतो) का समरीकरण आ धमखनयो क जाल-नरीच करी मलधारा स रर होकर ऊपर करी सहसर धारा तक-स करी गई ह नवदारो का समरीकरण रररीर क नवदारो-दो आि नाक क दो दार दो कान मि गदा एवखरशन- स खकया गया ह

पो बरजवासरी लाल न शररी मनरीरचनदर जोररी क रोधपत एव समिसनधत सामगररी का खवसतत खववचन करक अपन इस मत का पषटरीकरण खकया खक आधखनक अयोधया एव रामायण म वखणवत अयोधया एक हरी ह यखद परातासतवक सामगररी एव रामायण म वखणवत सामगररी म मल नही िातातो इसका अव यह नही खक अयोधया करी पहचान गलत ह या खक वह पौराखणक एव कालपखनक नगर ा वासतव म दोनो सामखगरयो क मल न िान का मखय कारण रामायण क मल म खकया गया िार-िार पररवतवन ह

चीनी रवामरिरो कवा रवारिवा मरणचरीनरी यातरी फ़ाहयान न अयोधया को रा चनाम स अखभखहत खकया

ह उसक याता खववरण म इस नगर का अतयनत सखकषपत वणवन खमलता ह फ़ाहयान क अनसार यहा िौदो एव बराहमणो म सौहादव नही ा उसन यहा उन सानो को दिा ा जहा िद ित और टहलत इससान करी समखतसवरप यहा एक सतप िना हआ ा

हन तसवागहवन तसाग नवदवकल नगर स दखकषण पवव 600 लरी याता करक

और गगा नदरी पार करक अयधा (अयोधया) पहचा ा यह समपणव कषत 5000 लरी ता इसकरी राजधानरी 20 लरी म फलरी हई री यह असग एव िसिध का असायरी खनवास सान ा यहा फ़सल अचछरी होतरी ी और यह सदव पचर हररीखतमा स आचछाखदत रहता ा इसम वभव रालरी फलो क िाग ता यहा करी जलवाय सवासथयवधवक री यहा क खनवासरी खरषट आचरण वाल खकयाररील एव वयावहाररक जञान क उपासक इस नगर म 100 स अखधक िौद खवहार और 3000 स अखधक खभकषक जोमहायान और हरीनयान मतो क अनयायरी यहा 10 दव मसनदर खजनम अिौदो करी सखया अपकषाकत कम री

हवन तसाग खलित ह खक नगर क उततर 40 लरी दररी पर गगा क खकनार एक िड़ा सघाराम ा खजसक भरीतर अरोक दारा खनखमवत एक 200 फट ऊचा सतप ा यह वहरी सान ा जहा पर तागत न दव समाज क उपकार क खलए तरीन मास तक धमव क उततमोततम खसदानतो काखववचन खकया ा इस खवहार स 4-5 लरी पसशचम म िद क अससयकत एक सतप ा खजसक उततर म पाचरीन खवहार क अवरष जहा सौतासनतक समपदाय समिनधरी खवभाषा रासत करी रचना करी गई रीहवन तसाग क अनसार राजधानरी म एक पाचरीन सघाराम ा यह वह सान हजहा दरिध न कखन पररशरम स खवखवध रासतो करी रचना करी री इन भनिावरषो म एक महाककष

ा जहा पर िसिध खवदरो स आन वाल राजकमारो एव खभकषओ को िौदधमव का उपदर दत हवन तसाग क अनसार नगर क दखकषण-पसशचम म 5-6 लरी करी दररी पर एक आमरवाखटका म एक पाचरीन सघाराम ा यह वह सान ा जहा असङग िोखधसतव न खवदाधययन खकया ा आमरवाखटका स पसशचमोततर खदरा म लगभग 100 क़दम करी दररी पर एक सतप ा खजसम तागत क नि और िाल रि हए इसक खनकट हरी कछ पाचरीन दरीवारो करी िखनयाद ी यह वहरी सान ह जहा पर वसिध िोखधसतव तखषत सवगव स उतरकर असङग िोखधसतव स खमलत

परवातवानतक उतखननभारतवषव क पाचरीन इखतहास को समझन म परातासतवक साकयो

का िड़ा महतव ह उतिनन स हरी पाचरीन सभयताओ क िार म आज का मनषय जान सका ह अयोधया क सरीखमत कषतो म पराततववतताओ न उतिनन कायव खकए इस कषत का सववपम उतिनन पोफ़सर अवध खकरोर नारायण क नततव म काररी खहनद खवशवखवदालय क

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एक दल न 1967-1970 म खकया यह उतिनन मखयत जन घाट क समरीप क कषत लकमण टरकररी एवनल टरील क समरीपवतती कषतो म हआ उतिनन स पापत सामगररी को तरीन कालो म खवभकत खकया गया ह-

पथम कवालउतिनन म पम काल क उततररी काल चमकरील मणभाड परमपरा

(एन िरी परी ियर) क भर पात एव लाल रग क मणभाड खमल ह इस काल करी अनय वसतओ म खमटटरी क कटोर गोखलया खख़लौना गाड़री क चक हडरी क उपकरण ताि क मनक सफखटक ररीरा आखद क मनक एवमणमखतवया आखद मखय ह

दसरवा कवालइस काल क मणभाड मखयत ईसा क पम रताबदरी क ह

उतिनन स पापत मखय वसतओ म मकरमिाकखत टोटरी दावात क ढककन करी आकखत क मतपात खचपटर लाल रग क चपटर आधारयकत लमिवत धारदार कटोर सटप और मतपात िणड आखद ह

ततीर कवालइस काल का आरमभ एक लमिरी अवखध क िाद खमलता ह

उतिनन स पापत मधयकालरीन चमकरील मतपात अपन सभरी पकारो म खमलत ह इसक अखतररकत काहरी एव पोकलन मणभाड भरी खमल ह अनय पमि वसतओ म खमटटरी क डिर लोढर लोह करी खवखभनन वसतए मनक िहमलयपतर ररीर करी एकरगरी और िहरगरी चखड़या और खमटटरी करी पर आकखतया (खवरषकर खचखड़यो करी आकखत) ह

अररोधरवा क कछ कषरिो कवा पन उतखननअयोधया क कछ कषतो का पन उतिनन दो सतो 1975-1976

ता 1976-1977 म बरजवासरी लाल और क वरी सनदराजन क नततव म हआ यह उतिनन मखयत दो कषतो- रामजनमभखम और हनमानगढरी म खकया गया इस उतिनन स ससकखतयो का एक खवशवसनरीय कालकमपकार म आया ह सा हरी इस सान पर पाचरीनतम िसतरी क खवषय म जानकाररी भरी खमलरी ह उतिनन म सिस खनचल सतर स उततर कालरीन चमकरील मणभाड एव धसर मणभाड परमपरा क मतपात खमल ह धसर परमपरा क कछ मणभाडो पर काल रग म खचतकाररी भरी खमलतरी ह

िनमवानगढी कषरि म उतखननहनमानगढरी कषत स भरी उततररी कालरी चमकरीलरी मणभाड ससकखत

क अवरष पकार म आए ह सा हरी यहा अनक पकार क मखतका वलय कप ता एक कए म पयकत कछ रकवाकार ईट भरी खमलरी ह उतिनन स िड़री माता म खवखभनन पकार करी वसतए खमलरी ह खजनम मखयत आधादजवन महर70 खसकक एक सौ स अखधक लघ मणमखतवया आखद उललिनरीय ह इस उतिनन म सिस महतवपणव उपलसबध आद ऐखतहाखसक काल क रोलटरड मणभाडो करी पाखपत ह

य मणभाड पम खदतरीय रताबदरी ई क ह इस पकार क मणभाडो करी पाखपत स यह खसद होता ह खक ततकालरीन अयोधया म वाखणजय और वयापार िड़र पमान पर होता ा यहवयापार सरय नदरी क जलमागव दारा गगा नदरी स समिद ा

आद ऐखतहाखसक काल क पशचात यहा क मलिो और गडो स पापत वसतओ क आधार पर वयावसाखयक कम म अवरोध दसषटगत होता ह समभवत यह कषत पन11वी रताबदरी म अखधवाखसत हआ यहा स उतिनन म कछ परवतती मधयकालरीन ईट ककड़ एव चन करी फ़रव आखद भरीखमल ह अयोधया स 16 खकलोमरीटर दखकषण म तमसा नदरी क खकनार ससत ननदरीगराम म भरी शररी बरजवासरी लाल क नततव म उतिनन कायव खकया गया उललि ह खक राम क वनगमन क पशचात भरत न यही पर खनवास करत हए अयोधया का रासन कायव सचाखलत खकया ा यहा कसरीखमत उतिनन स पापत वसतए अयोधया करी वसतओ क समकालरीन ह

सीममत कषरि म उतखनन1981- 1982 ई म सरीखमत कषत म उतिनन खकया गया यह

उतिनन मखयत हनमानगढरी और लकमणघाट कषतो म हआ इसम 700स 800 ई प क कलातमक पात खमल ह शररी लाल क उतिनन स पमाखणत होता ह खक यह िौद काल म अयोधया का महतवपणव सान ा िद रसशम मखण और हरर माझरी क नततव म

नमनवा सखरवा नमनो की मतमथ पनयगणनवा षय म

सखया-7 अयोधया-1 2152 जरी-7 (16) 915 मरीटर 2830 100 िरी परी (880 ई प) 1190- 840 ई प

सखया-8 अयोधया-1 2153 जरी-7 (19) 1100 मरीटर 2860 100 िरी परी (910 ई प) 1210- 900 ई प

सखया-9 अयोधया-1 2154 जरी-7 (20) 1153 मरीटर 3200 130 िरी परी (1250 ई प) 1680-1320 ई प

भारतरीय पराततव सववकषण खवभाग भारत सरकार नई खदललरी दारा िद रसशम मखण और हरर माझरी क नततव म 2003 ईसवरी म रामजनम भखम कषत म उतिनन कायव खकया गया यह उतिनन कायव सववोच नयायालय क खनदवर परवषव 2002स सचाखलत हआ उतिनन स पवव उततररी कषणपररमाखजवत ससकखत स लकर परवतती

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मगलकालरीन ससकखत तक क अवरष पकार म आए पम काल क अवरषो एव रखडयो कािवन खतखयो स यह खनसशचत हो जाता ह खक मानव सभयता करी कहानरी अयोधया म 1300 ईसा पवव स हरी पारमभ होतरी ह

मन ही मानर समाज क आति परषमहखषव मन हरी पहल वयसकत ह खजनहोन एक वयवससत िरी

खनयमिद नखतक आदरव मानवरीय जरीवन जरीन करी पदखत खसिाई ह | मन हरी वह धमव गर ह खजनहोन यजञ परमपरा का पवतवन खकया | उनक दारा रखचत धमवरासत खजसको करी आज मनसमखत क नाम स जाना जाता ह सिस पाचरीन समखत गरन ह | इखतहास उा कर दि लरीखजय वखदक साखहतय स लकर आधखनक काल तक एक परमपरा उन रासतकारो साखहतयकारो लिको कखवयो और राजाओ करी खमलतरी ह खजनहोन मकतक स मन करी पररा करी ह | वखदक5 सखहताओ एव बराहमण गरो म मन करी वचनो को ldquo औषध क समान खहतकाररी और गणकाररी कहा ह ldquo | महखषव िालमरीखक रामायण म मन को एक पमाखणक धमव रासतजञ क रप म उदत हरात ह और शररी राम अपन आचरण को रासत सममत खसद करन क खलए उसक समव म मन क शलोको को उदत करत ह | महाभारत म अनक सानो पर उनक धमव रासत को पररीकषा खसद घोखषत खकया ह | अनक परानो म उनह आखद राजऋखष रासतकार आखद खवरषणो स खवभखषत खकया ह | खनरकत म आचायव यासक न मन क मत को उदत करक पत पतरी क समान दायभाग क खवषय म पमाखणक माना ह | कौखटलय अवरासत म चाणकय न मन क मत को पमाण रप म उदत खकया ह | समखतकार िहसपखत मन करी समखत को सिस पमाखणत मान कर खवरद समखतयो को अमानय घोखषत करत ह | िौद कवरी अशवघोष न अपनरी कखत ldquo वजरकोपखनषद ldquo म मन क पमाणो को पमाण रप माना ह | याजञवलकय समखत मन समखत पर हरी आधाररत ह | शररी रवरीनदरना टगोर डाकटर राधाकषणन जवाहरलाल नहर आखद राषट नताओ न मन को आखद लॉ मगर क रप म उसललखित खकया ह | अनक काननखवदो जससटस डरी एन मलला एन राघवाचायव आखद न सवरखचत खहनद लॉ समिनधरी गरो म मन क खवधान को lsquo अाररटरी lsquo घोखषत खकया ह | मन क मतवयो का समवन करत हए अपनरी पसतको म मकसमलर ए ए मकडोनाल ए िरी करी परी ॉमस आखद पाशचतय लिको न मन समखत को धमव रासत क सा सा एक लॉ िक भरी माना ह| जमवन क पखसद दारवखनक फरीडररच नरीतस न तो यहा तक कहा ह करी ldquo मनसमखत िाइखिल स उततम गरन ह ldquo िसलक ldquo उसस िाइखिल करी तलना करना भरी पाप ह ldquo कहन का

तातपयव यह ह करी मनसमखत को पररी दखनया क खवदानो न महतव खदया ह | यखद मनसमखत न होतरी तो न हरी नयाय वयवसा न अव वयवसा न कमव वयवसा अावत कोई भरी वयवसा नही होतरी| लव न िसाया लाहौर और कसर री कर करी राजधानरी धमावचायव और इखतहासवतता कहत ह खक पाखकसतान क लाहौर रहर को भगवान राम क पत लव न िसाया ा वहा सनातन धखमवयो न हजारो साल तक वषणव धमव का झडा फहराया यहा स कछ दर ससत कसर नगर को कर दारा िसाया गया माना जाता ह इस िार म कई अखभलि भरी सामन आय ह लाहौर परान पजाि करी राजधानरी ह जो रावरी नदरी क दाखहन तट पर िसा हआ ह यह िहत पाचरीन नगर ह लाहौर कराचरी क िाद पाखकसतान म दसरा सिस जयादा आिादरी वाला रहर ह इस पाखकसतान का खदल भरी कहा जाता ह कयोखक इस रहर का इखतहास ससकखत एव खरकषा म अतयत समद रहा ह

पाखकसतान म इस िागो क रहर क रप म भरी जाना जाता ह लाहौर को सभवतः ईसवरी सन करी पारसमभक रतासबदयो म िसाया

गया ा और सातवी रताबदरी ई म यह इतना महतवपणव ा खक उसका उललि चरीनरी यातरी हवन तसाग न खकया ह रतजय क एक अखभलि म लवपर या लाहौर को लामपर कहा गया ह लाहौर रहर रावरी एव वाघा नदरी क तट पर भारत-पाखकसतान सरीमा पर ससत ह

मानयताओ क अनसार लाहौर नगर का पाचरीन नाम लवपर या लवपररी ा और इस शररीरामचनदर क पत लव न िसाया ा कहत ह खक लाहौर क पास ससत कसर नामक नगर को लव क िड़र भाई कर न िसाया ा लाहौर क पजाि खवशवखवदालय म 8671 ससकत-खहदरी करी पाडखलखपया पसतकालय म आज भरी सरखकषत ह यहा अरिरी फरसरी तकती उदव और कषतरीय भाषाओ करी कल िाइस हजार पाडखलखपया रिरी

ह काररी खहद खवशवखवदालय वाराणसरी ससकत न इस सिध म महतवपणव जानकाररया पापत करी ह पौराखणक दसषट स माना जाता ह खक यह नगर भगवान शररीरामचदर क पत लव न िसाया ा लाहौर खकल क अदर उनका मखदर ह लाहौर सासकखतक दसषट स भरी काफरी महतवपणव माना जाता ह बरहमखषव पचता क पत ह िालमरीखक ससषट क आखद कखव और शररीमद रामायण क रचखयता बरहमखषव िालमरीखक कोई चोर अवा डाक नही ह हमार आखद कखव वासतव म बरहमखषव पचता क पत ह वरण दव का हरी एक नाम पचता भरी ह िालमरीखक जरी इनहरी क दसव पत ह इनहोन अयोधया क दखकषण तमसा नदरी क तट पर अपना आशरम साखपत खकया ा पभ शररीराम न जि सरीता जरी को वनवास खदया ति वह इनहरी िालमरीखक जरी क आशरम म आ कर रहरी री शररीमद रामायण जरी म हरी िालमरीखक जरी न अपना परा पररचय खलिा ह जि वह सरीता जरी को लकर राम क दरिार म

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पहचात ह ति वह सवय कहत ह खक राम आपकरी सरीता उतनरी हरी पखवत ह खजतना आपकरी अपकषा ह मन अपन जरीवन म न तो कभरी झ िोला ह और ना हरी खकसरी पकार का कोई गलत कायव खकया ह ऐस म यखद सरीता म कोई भरी दोष हो तो वह सारा पाप मझ लग जाय सवय पर इतना आतमखवशवास करन वाल िालमरीखक जरी खक िात पर पभ शररी राम भरी चखकत ह िालमरीखक जरी लव कर और सरीता जरी को लकर शररी राम क पास आय ह यहा वह अपना पररचय भरी दत ह खक म पचता का दसवा पत िालमरीखक ह अि यह सवय पमाण ह खक रामायण क रचखयता िालमरीखक कभरी डाक नही इस पसग को जगतगर सवामरी राघवाचायव जरी महाराज न भरी खवसतार स वयाखयाखयत खकया ह

अि यह पशन सामन आता ह खक वह िालमरीखक कौन जो डाक इस िार म शररीमद रामायण क साखपत भाषयकार आचायव नागर भटट न खलिा ह खक एक हरी समय म दो िालमरीखक हए ह एकिालमरीखक वह ह जो तमसा क तट पर रहत उनहोन हरी रामायण खक रचना करी दसर िालमरीखक वह ह जो खचतकट म राम स खमल वह िालमरीखक खकसरी ऋखष या बरहमखषव क पत नही िसलक पहल दसय और नारद जरी स खमलन क िाद सनयासरी िन इस पकार स यह भासनत अि दर कर लन करी आवशयकता ह खक ससषट क आखद कखव िालमरीखक पहल चोर या डाक रह ऐसा समझना आखदकखव का अपमान होगा

यह आज जो अयोधया ह आज करी अयोधया चाह जसरी हो पर वसरी नही ह जसरी मन क समय रहरी होगरी ससषट क सा हरी पथवरी पर उताररी गयरी अयोधयापररी का वततवमान िहत हरी खवकत हो चका ह अयोधया करी पकखत और ससकखत क िरीच खवकखत करी िाई काफरी गहररी हो गयरी ह खजस अयोधया पर शररीराम क रासन का वभव सभरी वागमय गात नही कत ह उसरी अयोधया म उसरी राम करी पाखतमा को एक छत इसखलए नसरीि नही हो पा रहरी कयोखक राम क हरी वरजो म उसरी राम क जनमसल को लकर झगड़ा चल रहा ह अयधा

अावत जहा कभरी यद न हो वसरी अयोधया न खपछलरी सदरी क उततराधव म भयकर िन िरािा भरी दि खलया खजस अयोधया म राम क काल म खकसरी पकार क दखहक दखवक भौतरी ताप का पकोप नही होता ा उस अयोधया म आज िहत खवकखतया भररी पड़री ह अयोधया का दभावगय यह रहा करी खपछल लगभग एक हज़ार साल स अखधक समय म भारत पर होन वाल हरक खवदररी आकमण करी मार इस झलनरी पड़री ह यहा शरखत परमपरा म यगो स चलतरी आन वालरी जञान करी धारा को इन आकमणो न िहत नकसान पहचाया पररणाम यह हआ करी खजस अयोधया स जञान लकर ससार पकारमान होता ा उस अयोधया क जञान क पज खवलपतपाय हो चक ह अि भारत करी आधखनक ताहाकाखत मधा पसशचम क कखत पगखतररील आखयानो को आधार िना कर मानव सभयता और खवकास करी कहानरी पढ और पढा रहरी ह

दःि तो इस िात को लकर होता ह खक खबरखटर रासन करी गलामरी स मकत होन क िाद भारत को सचाखलत करन वालरी दररी सरकारो न भरी अयोधया करी खवरासत को सरखकषत करन करी कोखरर नही करी अयोधया का वासतखवक इखतहास तक पकाखरत करन करी कोखरर सरकारो न नही खकया जो नगर मनषय करी ससकखत क खवकास क खलए साखपत ह उस नगर करी घनघोर उपकषा हई सवाधरीनता क िाद सिस जयादा धयान अपनरी इस आखद खवरासत को समहालन पर खदया जाना चाखहए ा पर ऐसा नही खकया गया इसरी िरीच भगवान राम क जनमसान को हरी खववाखदत िना कर राजनरीखत करी रोखटया सकरी जान लगरी आज अयोधया वासतव म खजस ददवरा स गजर रहरी ह उसकरी परीड़ा को समझन करी कोखरर कोई नही कर रहा ससषट करी इस सखगनरी क आसओ को नही समझ गया और ऐस हरी उपकषा होतरी रहरी तो खकसरी एक समदाय खवरष को हरी नही िसलक समचरी मानवता को इसकरी भाररी करीमत चकानरी पड़रगरी

सदभव अगल पष पर ndash

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सनदभय 01- अयोधया मरा माया काररी काखचरवसनतका पररी

दारावतरी चव सपतत मोकषदाखयका िालकाणड 5 6 क अनसार

02- वालमरीखक रामायण उततर काणड 108 4

03- रघ वर सगव 16

04- अयोधया त धमवजञ दरीघवयजञ महािलम अजयत पाडवशरषो नाखततरीवरणकमवणा- सभापवव 30-2

05- जातक सखया 454

06- रायसडरवरीज िखदसट इखडया पष 39

07-बरहम पराण2 1-33ampquot

08- शररीमद भागवत ततरीय सकध 12 52-56 13

09-(ऋगवद 180 168631101005) 14241 तखतत सखहता1513751536713321541056661रतप बराहमण 11414)

10- ऋगवद 8521)ampquot

11- (अवववद 81024)ampquot

12- (ऋगवद 8511)ampquot

13- खवषण पराण

14- एस सरी डर खहसटाररखसटरी ऑफ़ रामायण एड खद इडो आयवन सोसाइटरी इन इखडया एड सरीलोन (खदललरी - अजता पसबलकरस पनमखदवत 1976) पष 80-81

15- ऐतरय बराहमण 731 दि ज रा ए सो 1971 पष 52 (पादखटपपणरी 39 सतमागधसिाधा शररीमतरीमतलपभाम उचाटटालधवजवती रतघनरीरतसकलाम 39 िालका 5 11

16- नदलाल डर खद खजयोगराखफ़कल खडकरनररी ऑफ़ ऐशयट एड खमखडवल इखडया पष 14

17- जमस लगग खद टवलस ऑफ़ फ़ाहयान ओररयटल पसबलरसव खदललरी पनमवखदरत 1972 पष 54

18- जरी परी मललसकर खडकरनररी ऑफ़ पाखल पापर नमस भाग 2 पष 1086

19- नखलनाकष दतत एव कषणदतत िाजपयरी उततर पदर म िौद धमव का खवकास (पकारन बयरो उततर पदर सरकार लिनऊ पम ससकरण 1956) पष 7 एव 12

20-रगाा अटका भाग 1 पष 103

21-39जलाखन या तरीरखनिातयपा वहतययोधयामनराजधानरीम

39 रघ वर 13 61

3 9 आ ल ो क ख य ष य न म ख द त ा म य ो ध य ा पासादमभखलहमाररोह

39- रघ वर 14 29

22- रघ वर 531 1362

23-कोसलो नाम मखदरत सफरीतो जनपदो महान खनखवषट सरयतरीर परभत धनधानयवान (रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 5 amp39मनना मानवदरवण या पररी खनखमवता सवयमय ततव पसकत 12

24-खवनोदखवहाररी दतत टाउन पलाखनग इन ऐशयट इखडया (कलकतता कर ससपक एड क 1925) पष 321- 322 खवखवध तरीवकलप अधयाय 34

25-आयता दर च द योजनाखन महापरो शररीमतरी तखण खवसतरीणव सखवभकतमहापा रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 7

26-दादरयोजनायामा नवयोजन खवसतताम अयोधयलयपराखभखया खवनरीता सोऽकरोतपररीम खतरससतसलाकापररचररत पवव अधयाय 2 शलोक 912

27- ए कखनघम ऐशयट जयोगराफ़री ऑफ़ इखडया (इडोलाखजकल िक हाउस 1963) पष 342

28- मललसकर खडकरनररी ऑफ़ पाखल पापर नमस भाग 1 पष 165

29- सयकतखनकाय (पाखल टरकटस सोसाइटरी) भाग 3 पष 140 और आग ततव भाग 4 पष 179 अधयाय 5 शलोक 31

30- आखद पराण 12 पष 77 खवखवधतरीवकलप पष 55 खवरदानद पाक खहसटरी ऑफ़ कोरल (मोतरीलाल िनारसरीदास वाराणसरी 1963 ई) पष 55

31- ऐलकजडर कखनघम ऐशयट जयोगराफ़री ऑफ़ इखडया (इडोलाखजकल िक हाउस वाराणसरी 1976) पष 405

32- नदलाल डर खद खजयोगराखफ़कल खडकरनररी ऑफ़ ऐशयट एड खमखडवल इखडया पष 174

33- फगवसन आखककयोलाजरी इन इखडया पष 110

34- िरी ए ससम ज रा ए सो 1898 पष 124

35- खवखलयम होवरी ज ऐ सो ि 1900 पष 75

36- डबलय िोसट ज रा ए सो 1906 पष 437 और आग

37- भरतखसह उपाधयाय िदकालरीन भारतरीय भगोल (खहनदरी साखहतय सममलन पयाग 2018) पष 254

38- आवससक कमटरी पष 24

39- राज डरखवरस िखदसट इखडया पष 39

40- हमचनद राय चौधररी पाचरीन भारत का राजनरीखतक इखतहास (खकताि महल इलाहािाद 1976 ई) पष 91

41- खवरदानद पाक खहसटरी ऑफ़ कोरल मोतरीलाल िनारसरीदास वाराणसरी पम ससकरण 1963 पष 58

42- ई ज ामस खद लाइफ़ ऑफ़ िद ऐज लरीजड इन खहसटरी (सटलज एड कगन पाल खलखमटरड लनदन ततरीय ससकरण पनमवखदरत 1952) पष 15

43- बरजवासरी लाल आखककयोलाजरी एड ट इखडयन इखपकस एनलस ऑफ़ खद भणडारकर ओररयटल ररसचव इसटरीटयट खजलद 54 1973 ई

44- हसमि धरीरजलाल साकखलया रामायण खम आर ररयखलटरी नई खदललरी 1973 ई

45- हमचनदर राय चौधररी पाचरीन भारत का राजनरीखतक इखतहास पष 7

46- मनरीरचनदर जोररी आखककयोलाजरी एड इखडयन टरखडरस सम आबजववरन पराततव खजलद 8 1978 ई प पष 89-102

47- तखततररीय आरणयक 127 अषटाचक नवदारा दवना परयोधया तसयाम खहरनमयकोराह सवगवलोको जयोखतषावत यो वयताम बरहममनो वद अमतनावतमपररीम तसम बरहम च आय करीखतवम पजाम यदह खवभाजमानाम हररणरीम यररा सपररीवतताम परम खहरणयमयोम बरहमाखववरापराखजताम

48- बरजवासरी लाल िाज अयोधया ए खमखकल खसटरी पराततव खजलद 10 पष 47

49- अवववद 10228-33

50- शररीमदभागवदगरीता 513

51- पववउललखित 127

52- पववउललखित पराततव खजलद 10 पष 47

53- पववउललखित पराततव खजलद 8 पष 98-102

54- जमस लगग खद टवलस ऑफ़ फ़ाहयान (ओररयटल पसबलरसव नई खदललरी खदतरीय ससकरण 1972) पष 54-55

55- ामस वाटसव ऑन यवॉन चवागस टवलस इन इखडया भाग 1 पष 355

56- िसिध का अधयापन एव पररशरम आखद अयोधया म हरी हआ ा

57- ामस वाटसव ऑन यवॉन चवागस टवलस इन इखडया भाग 1 पष 357

58- इ आ रर 1959-70 पष 40-41

59- इ आ रर 1976-77 पष 52

60- हरर माझरी और िरी आर मखण अयोधया 2002-2003 एकसकवरनस ऐट दरी ampquotखडसपयटरड साइटampquot भारतरीय पराततव सववकषण खवभाग नई खदललरी 2003 छाया पखत

61- कािवन-4 क अदवजरीवन पर आधाररत (5570 30 वषव

62- 39 जलाखन या तरीरखनिातयपा वहतययोधयामनराजधानरीम

39 रघ वर 13 61

3 9 आ ल ो क ख य ष य न म ख द त ा म य ो ध य ा पासादमभखलहमाररोह 39- रघ वर 14 29

63- रघ वर 531 1362

64- कोसलो नाम मखदरत सफरीतो जनपदो महान खनखवषट सरयतरीर पभत धनधानयवान (रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 5

65- 39मनना मानवदरवण या पररी खनखमवता सवयमय ततव पसकत 12

66- खवनोदखवहाररी दतत टाउन पलाखनग इन ऐशयट इखडया (कलकतता कर ससपक एड क 1925) पष 321-322 खवखवध तरीवकलप अधयाय 34

67- आयता दर च द योजनाखन महापरो शररीमतरी तखण खवसतरीणव सखवभकतमहापा रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 7

68- अदभत भारत ए एल वारम

69- पो आर आर पाडरय भारतरीय दरवन

70- पो खवसवमभारररण पाक पाचरीन भारत

71- सवामरी अिणडाननद सरसवतरी शररी राम का एव शररीमद भागवत

72- महामडलशवर सवामरी अवधराननद जरी शररी राम का एव शररीमद भगवत

73- जगतगर सवामरीराघवाचायव जरी शररीमद िालमरीकरीय रामायण

74- शररी रामका सवामरी रामखककर जरी

75- शररीमद रामचररत मानस गोसवामरी तलसरी दास

76- ससकखत क चार अधयाय रामधाररी खसह खदनकर

77- साकत मखलरीररण गपत

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06 तदसमबर 1992 क बाद स िगािार िनि म तररािमान शीराम ििा

सरपरीम कोिट क फसि क बाद रामििा की पतरत

िनमभतम तररादो स मरकि हो गई इसक बाद रामििा को िनि स असथाई मतनदर

म ि िाि उततर परदश क मरखयमती िथा गोरक पीठाधीशरर महि योगी

आतदतयनाथ

शी रामििा का पिन करि उततर परदश क

मरखयमती योगी आदततयनाथ

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अयोधया स जड़र ऐखतहाखसक तथय और साकय इस इखतहास क मकममल गवाह ह रामजनमभखम का इखतहास कवल उतना हरी पराना ह खजतना हमार खवशवखवदालयो म पढाया जान वाला इखतहास का खवषय ह भारतरीय इखतहास को पाचरीन मधयकालरीन और आधखनक क िटवार म डाल कर पढान करी वयवसा खवशवखवदालयो म करी गयरी ह आधखनक और मधयकालरीन इखतहास खलिन वाल और उनक पाठयकम तय करन वाल लोगो को हरी असलरी इखतहासकार िता कर

भारत क ताकखत सकयलर सखहषण खवदान लिरी लिरी िहस करत ह और खपछल 60 -70 वषवो स उनह हरी भारत क इखतहास क अखधकत खवदान िताकर उनहरी क पमाणन को सतय का दज़ाव दत आ रह ह य व हरी इखतहासकार ह खजनको रानरी पखदमनरी और उनका जौहर भरी कालपखनक लगता ह इनको वह कछ भरी नही खदिाई दता जो भारत का अपना और िद क गौरव स जड़ा हो इनको हरी आइना खदिन क खलए यह आलि सामन ह सिकछ खतखवार ह यह ह शररीरामजनमभखम का इखतहास -

शरीरामजनमभमम का इवतहास

30 अटटबर 1990 को हजारो रामभतो न िोट-बक क लालची मलायम वसह यादि क दवारा खडी की गई अनक बाधाओ को पार कर अयोधया म परिि वकया और वििावदत ढाच

क ऊपर भगिा धिज िहरा वदया लवकन 2 निमबर

1990 को मखयमतरी मलायम वसह यादि न कारसिको पर गोली चलान का आदि वदया वजसम सकडो रामभतो न अपन जीिन की आहवतया

दी

vkys[k

भारत क यिसिी परधानमतरी नरनदर मोदी जी अयोधया म भवय शीराम मकनदर क वनमाषण की परवरिया िर करन जा रह ह शीराम जनमभवम पर वपछल पाच सौ िषषो स मकनदर नही था इस सथल पर मकनदर क पनवनषमाण का सघषष बहत कविन रहा ह इस सघषष की गाथा अब एक ऐसा इवतहास ह वजसको पढ कर नई पीढी अिशय कछ न कछ सीखगी

लिक माधयखमक खरकषा सवा चयन िोडङ उ० प० क सदसय और इखतहास क खवदान ह

डा० खदनरमखण खतपारी

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जि िािर खदललरी करी गदरी पर आसरीन हआ उस समय जनमभखम खसद महातमा शयामननद जरी महाराज क अखधकार कषत म री महातमा शयामननद करी खयाखत सनकर खवाजा कजल अबिास मसा आखरकान अयोधया आय महातमा जरी क खरषय िनकर खवाजा कजल अबिास मसा न योग और खसखदया पापकर लरी और उनका नाम भरी महातमा शयामननद क खयाखतपापत खरषयो म खलया जान लगा य सनकर जलालराह नाम का एक फकरीर भरी महातमा शयामननद क पास आया और उनका खरषय िनकर खसखदया पापत करन लगा जलालराह एक कटटर मसलमान ा और उसको एक हरी सनक री हर जगह इसलाम का आखधपतय साखित करना अत जलालराह न अपन काखफर गर करी परी म छरा घोपकर खवाजा कजल अबिास मसा क सा खमलकर य खवचार खकया करी यखद इस मखदर को तोड़ कर मससजद िनवा दरी जाय तो इसलाम का परचम खहनदसान म सायरी हो जायगा धरीर धरीर जलालराह और खवाजा कजल अबिास मसा इस साखजर को अजाम दन करी तयाररयो म जट गए

सववपम जलालराह और खवाजा िािर क खवशवासपात िन और दोनो न अयोधया को िदव मकका िनान क खलए जनमभखम क आसपास करी जमरीनो म िलपववक मत मसलमानो को दफन करना रर खकया और मरीरिाकरी िा क माधयम स िािर को उकसाकर मखदर क खवधवस का कायवकम िनाया िािा शयामननद जरी अपन मससलम खरषयो करी करतत दि क िहत दिरी हए और अपन खनणवय पर उनह िहत पछतावा हआ दिरी मन स िािा शयामननद जरी न रामलला करी मखतवया सरय म पवाखहत खकया और िद खहमालय करी और तपसया करन चल गए मखदर क पजाररयो न मखदर क अनय सामान आखद हटा खलए और व सवय मखदर क दार पर रामलला करी रकषा क खलए िड़र हो गए जलालराह करी आजञा क अनसार उन चारो पजाररयो क सर काट खलए गए खजस समय मखदर को खगराकर मससजद िनान करी घोषणा हई उस समय भरीटरी क राजा महताि खसह िदररी नारायण करी याता करन क खलए खनकल अयोधया पहचन पर रासत म उनह य ििर खमलरी तो उनहोन अपनरी याता सखगत कर दरी और अपनरी छोटरी सना म रामभकतो को राखमल कर 1 लाि चौहततर हजार लोगो क सा िािर करी सना क 4 लाि 50 हजार सखनको स लोहा लन खनकल पड़र

रामभकतो न सौगध ल रकिरी री रकत करी आखिररी िद तक लड़ग जि तक पाण ह ति तक मखदर नही खगरन दग रामभकत वरीरता क सा लड़र 70 खदनो तक घोर सगराम होता रहा और अत म राजा महताि

खसह समत सभरी 1 ल ा ि

74 हजार रामभकत मार गए शररीराम जनमभखम रामभकतो क रकत स लाल हो गयरी इस भरीषण कतल आम क िाद मरीरिाकरी न तोप लगा क मखदर खगरवा खदया मखदर क मसाल स हरी मससजद का खनमावण हआ पानरी करी जगह मर हए खहनदओ का रकत इसतमाल खकया गया नरीव म लिौररी इटो क सा

इखतहासकार कखनघम अपन लिनऊ गजखटयर क 66व अक क पष 3 पर खलिता ह करी एक लाि चौहतर हजार खहदओ करी लार खगर जान क पशचात मरीरिाकरी अपन मखदर धवसत करन क अखभयान म सफल हआ और उसक िाद जनमभखम क चारो और तोप लगवाकर मखदर को धवसत कर खदया गया इसरी पकार हखमलटन नाम का एक अगरज िारािकरी गजखटयर म खलिता ह करी लालराह न खहनदओ क िन का गारा िना क लिौररी ईटो करी नरीवमससजद िनवान क खलए दरी गयरी री उस समय अयोधया स 6 मरील करी दररी पर सन नाम का एक गाव क पखडत दवरीदरीन पाणडरय न वहा क आस पास क गावो सराय खसखसडा राजपर आखद क सयववररीय कषखतयो को एकखतत खकया दवरीदरीन पाणडरय न सयववररीय कषखतयो स कहा भाइयो आप लोग मझ अपना राजपरोखहत मानत ह अप क पववज शररी राम और हमार पववज महखषव भरदाज जरी आज मयावदा परषोततम शररी राम करी जनमभखम को मसलमान आकानता कबरो स पाट रह ह और िोद रह ह इस पररससखत म हमारा मकदरवक िन कर जरीखवत रहन करी िजाय जनमभखम करी रकषाव यद करत करत वरीरगखत पाना जयादा उततम होगा

दवरीदरीन पाणडरय करी आजञा स दो खदन क भरीतर 90 हजार कषखतय इकठा हो गए दर दर क गावो स लोग समहो म इकठा हो कर दवरीदरीन पाणडरय क नततव म जनमभखम पर जिरदसत धावा िोल खदया राहरी सना स लगातार 5 खदनो तक यद हआ छर खदन मरीरिाकरी का सामना दवरीदरीन पाणडरय स हआ उसरी समय धोि स उसक अगरकषक न एक लिौररी ईट स पाणडरय जरी करी िोपड़री पर वार

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कर खदया दवरीदरीन पाणडरय का सर िररी तरह फट गया मगर उस वरीर न अपन पगड़री स िोपड़री स िाधा और तलवार स उस कायर अगरकषक का सर काट खदया इसरी िरीच मरीरिाकरी न खछपकर गोलरी चलायरी जो पहल हरी स घायल दवरीदरीन पाणडरय जरी को लगरी और वो जनमभखम करी रकषा म वरीर गखत को पापत हएजनमभखम खफर स 90 हजार खहनदओ क रकत स लाल हो गयरी दवरीदरीन पाणडरय क वरज सन गराम क ईशवररी पाडर का परवा नामक जगह पर अि भरी मौजद ह पाणडरय जरी करी मतय क 15 खदन िाद हसवर क महाराज रणखवजय खसह न खसफक 25 हजार सखनको क सा मरीरिाकरी करी खवराल और रसतो स ससखजत सना स रामलला को मकत करान क खलए आकमण खकया 10 खदन तक यद चला और महाराज जनमभखम क रकषाव वरीरगखत को पापत हो गए जनमभखम म 25 हजार खहनदओ का रकत खफर िहा रानरी जयराज कमाररी हसवर क सवगतीय महाराज रणखवजय खसह करी पतरी री जनमभखम करी रकषा म महाराज क वरीरगखत पापत करन क िाद महारानरी न उनक कायव को आग िढान का िरीड़ा उाया और तरीन हजार नाररयो करी सना लकर उनहोन जनमभखम पर हमला िोल खदया और हमाय क समय तक उनहोन छापामार यद जाररी रिा रानरी क गर सवामरी महशवरानद जरी न रामभकतो को इकठा करक सना का पिध करक जयराज कमाररी करी सहायता करी सा हरी सवामरी महशवरानद जरी न सनयाखसयो करी सना िनायी इसम उनहोन 24 हजार सनयाखसयो को इकठा खकया और रानरी जयराज कमाररी क सा हमाय क समय म कल 10 हमल जनमभखम क उदार क खलए खकय १०व हमल म राहरी सना को काफरी नकसान हआ और जनमभखम पर रानरी जयराज कमाररी का अखधकार हो गया

लगभग एक महरीन िाद हमाय न पररी ताकत स राहरी सना खफर भजरी इस यद म सवामरी महशवरानद और रानरी कमाररी जयराज कमाररी लड़त हए अपनरी िचरी हई सना क सा मार गए और जनमभखम पर पनः मगलो का अखधकार हो गया शररीराम जनमभखम एक िार खफर कल 24 हजार सनयाखसयो और 3 हजार वरीर नाररयो क रकत स लाल हो गयरी रानरी जयराज कमाररी और सवामरी महशवरानद जरी क िाद यद का नततव सवामरी िलरामचाररी जरी न अपन हा म ल खलया सवामरी िलरामचाररी जरी न गाव गाव म घम कर रामभकत खहनद यवको और सनयाखसयो करी एक मजित सना तयार करन का पयास खकया और जनमभखम क उदाराव 20 िार आकमण खकय इन 20 हमलो म कम स कम 15 िार सवामरी िलरामचाररी न जनमभखम पर अपना अखधकार कर खलया मगर य अखधकार अलप समय क खलए रहता ा ोड़र खदन िाद िड़री राहरी फ़ौज आतरी री और जनमभखम पनः मगलो क अधरीन हो जातरी रीजनमभखम म लािो खहनद िखलदान होत रह उस समय का मगल रासक अकिर ा

राहरी सना हर खदन क इन यदो स कमजोर हो रहरी री अतः अकिर न िरीरिल और टोडरमल क कहन पर िस करी टाट स उस चितर पर ३ फरीट का एक छोटा सा मखदर िनवा खदया लगातार यद करत रहन क कारण सवामरी िलरामचाररी का सवासथय खगरता चला गया ा और पयाग कमभ क अवसर पर खतवणरी तट पर सवामरी िलरामचाररी करी मतय हो गयरी इस पकार िार-िार क आकमणो और खहनद जनमानस क रोष एव खहनदसान पर मगलो करी ढरीलरी होतरी पकड़ स िचन का एक राजनखतक पयास करी अकिर करी इस

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कटनरीखत स कछ खदनो क खलए जनमभखम म रकत नही िहा यहरी कम राहजहा क समय भरी चलता रहा खफर औरगजि क हा सतता आई वो कटटर मसलमान ा और उसन समसत भारत स काखफरो क समपणव सफाय का सकलप खलया ा उसन लगभग 10 िार अयोधया म मखदरो को तोड़न का अखभयान चलकर यहा क सभरी पमि मखदरो करी मखतवयो को तोड़ डाला औरगजि क समय म समव गर शररी रामदास जरी महाराज जरी क खरषय शररी वषणवदास जरी न जनमभखम क उदाराव 30 िार आकमण खकय इन आकमणो म अयोधया क आस पास क गावो क सयववररीय कषखतयो न पणव सहयोग खदया खजनम सराय क ाकर सरदार गजराज खसह और राजपर क कवर गोपाल खसह ता खसखसणडा क ाकर जगदिा खसह पमि य सार वरीर य जानत हए भरी करी उनकरी सना और हखयार िादराहरी सना क सामन कछ भरी नही ह अपन जरीवन क आखिररी समय तक राहरी सना स लोहा लत रह लमि समय तक चल इन यदो म रामलला को मकत करान क खलए हजारो खहनद वरीरो न अपना िखलदान खदया और अयोधया करी धरतरी पर उनका रकत िहता रहा ाकर गजराज खसह और उनक सारी कषखतयो क वरज आज भरी सराय म मौजद ह आज भरी फजािाद खजल क आस पास क सयववररीय कषखतय खसर पर पगड़री नही िाधत जता नही पहनत छाता नही लगात उनहोन अपन पववजो क सामन य पखतजञा लरी री करी जि तक शररी राम जनमभखम का उदार नही कर लग ति तक जता नही पहनग छाता नही लगाएग पगड़री नही पहनग 1640 ईसवरी म औरगजि न मसनदर को धवसत करन क खलए जिाज िा क नततव म एक जिरजसत सना भज दरी री िािा वषणव दास क सा साधओ करी एक सना री जो हर खवदा म खनपण री इस खचमटाधाररी साधओ करी सना भरी कहत जि जनमभखम पर जिाज िा न आकमण खकया तो खहदओ क सा खचमटाधाररी साधओ करी सना करी सना खमल गयरी और उववररी कड नामक जगह पर जािाज़ िा करी सना स सात खदनो तक भरीषण यद खकया

खचमटाधाररी साधओ क खचमटर क मार स मगलो करी सना भाग िड़री हई इस पकार चितर पर ससत मखदर करी रकषा हो गयरी जािाज़ िा करी पराखजत सना को दिकर औरगजि िहत कोखधत हआ और उसन जािाज़ िा को हटाकर एक अनय खसपहसालार सययद हसन अलरी को 50 हजार सखनको करी सना और तोपिान क सा अयोधया करी ओर भजा और सा म य आदर खदया करी अिकरी िार जनमभखम को ििावद करक वापस आना ह यह समय सन 1680 का ा िािा वषणव दास न खसकिो क गर गरगोखवद खसह स यद म सहयोग क खलए पत क माधयम सदर भजा पत पाकर गर गरगोखवद खसह सना समत ततकाल अयोधया आ गए और बरहमकड पर अपना डररा डाला बरहमकड वहरी जगह जहा आजकल गरगोखवद खसह करी समखत म खसकिो का गरदारा िना हआ ह िािा वषणव दास एव खसकिो क गरगोखवद खसह रामलला करी रकषा हत एकसा रणभखम म कद पड़र इन वरीरो क सखनयोखजत हमलो स

मगलो करी सना क पाव उिड़ गय सययद हसन अलरी भरी यद म मारा गया औरगजि खहदओ करी इस पखतखकया स सतबध रह गया ा और इस यद क िाद 4 साल तक उसन अयोधया पर हमला करन करी खहममत नही करी औरगजि न सन 1664 म एक िार खफर शररी राम जनमभखम पर आकमण खकया इस भरीषण हमल म राहरी फौज न लगभग 10 हजार स जयादा खहदओ करी हतया कर दरी नागररको तक को नही छोड़ा जनमभखम खहनदओ क रकत स लाल हो गयरी जनमभखम क अदर नवकोण क एक कदपव कप नाम का कआ ा सभरी मार गए खहदओ करी लार मगलो न उसम फककर चारो ओर चहारदरीवाररी उा कर उस घर खदया आज भरी कदपवकप ldquoगज रहरीदाrdquo क नाम स पखसद हऔर जनमभखम क पवती दार पर ससत ह राहरी सना न जनमभखम का चितरा िोद डाला िहत खदनो तक वह चितरा गडर क रप म वहा ससत ा औरगजि क कर अतयाचारो करी माररी खहनद जनता अि उस गडर पर हरी शररी रामनवमरी क खदन भसकतभाव स अकषतपषप और जल चढातरी रहतरी री

निािसहादत अलरी क समय 1763 ईसवरी म जनमभखम क रकषाव अमरी क राजा गरदतत खसह और खपपरपर क राजकमार खसह क नततव म िािररी ढाच पर पनः पाच आकमण खकय गय खजसम हर िार खहनदओ करी लार अयोधया म खगरतरी रही लिनऊ गजखटयर म कनवल हट खलिता ह करी ldquo लगातार खहदओ क हमल स ऊिकर निाि न खहदओ और मसलमानो को एक सा नमाज पढन और भजन करन करी इजाजत द दरी पर सचा मसलमान होन क नात उसन काखफरो को जमरीन नही सौपरी ldquoलिनऊ गजखटयर पष 62rdquo नाखसरदरीन हदर क समय म मकरहरी क राजा क नततव म जनमभखम को पनः अपन रप म लान क खलए खहदओ क तरीन आकमण हय खजसम िड़री सखया म खहनद मार गय परनत तरीसर आकमण म डटकर निािरी सना का सामना हआ 8व खदन खहदओ करी रसकत कषरीण होन लगरी जनमभखम क मदान म खहनदओ और मसलमानो करी लारो का ढरर लग गया इस सगराम म भरीतरी हसवर मकर हरी िजरहट दरीयरा अमरी क राजा गरदतत खसह आखद सममखलत हारतरी हई खहनद सना क सा वरीर खचमटाधाररी साधओ करी सना आ खमलरी और इस यद म राहरी सना क खचड़र उड गय और उस रौदत हए खहदओ न जनमभखम पर कबजा कर खलया मगर हर िार करी तरह कछ खदनो क िाद खवराल राहरी सना न पनः जनमभखम पर अखधकार कर खलया और हजारो खहनदओ को मार डाला गया जनमभखम म खहनदओ का रकत पवाखहत होन लगा

नावाि वाखजदअलरी राह क समय क समय म पनः खहदओ न जनमभखम क उदाराव आकमण खकया फजािाद गजखटयर म कखनघम न खलिा इस सगराम म िहत हरी भयकर िनिरािा हआ दो खदन और रात होन वाल इस भयकर यद म सकड़ो खहनदओ क मार जान क िावजद खहनदओ न राम जनमभखम पर कबजा कर खलया कद खहदओ करी भरीड़ न कबर तोड़ फोड़ कर ििावद कर डालरी मससजदो को खमसमार करन लग और पररी ताकत स मसलमानो को

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1986 काचरी कामकोखट परी क रकराचायव और मससलम पसवनल

लॉ िोडङ क पखसडट अलरी खमया नदवरी क िरीच िातचरीत हई लखकन वो खकसरी नतरीज पर नही पहचरी

1990 ति परीएम रह चदररिर न दोनो (खहद-मससलम) समदायो

क िरीच गखतरोध तोड़न करी कोखरर करी य िातचरीत उस वकत टट गई जि वरीएचपरी वालखटयसव पर मससजद क एक खहसस को तोड़न का आरोप लगा

मदसबर 1992 िािररी मससजद ढाच को खगराए जान (6 खदसिर 1992)

क 10 खदन िाद परीएम रह परीवरी नरखसमहाराव न जससटस खलबरहान करी अगवाई म एक जाच कमरीरन का गन खकया कमरीरन न 17 साल िाद 2009 म अपनरी ररपोटङ पर करी

इस सहरी मायन म सलह करी कोखरर माना जा सकता ह हालाखक इसका भरी कोई नतरीजा नही खनकला

जन 2002 अटल खिहाररी वाजपयरी न अपन ऑखफस म एक अयोधया

सल िनवाई और उसम पाटती क सरीखनयर पदाखधकाररी रतघन खसह को अपवाइट खकया

सल को इसखलए िनाया गया ा ताखक वह खहद और मससलम लरीडसव स िात कर सक लखकन य कोखरर भरी कामयाि नही हो पाई

अपल 2015 ऑल इखडया खहद महासभा क पखसडट सवामरी चकपाखण और

मससलमो करी ओर दायर खपटरीरस करी अगआई करन वाल मोहममद हाखरम असाररी क िरीच मलाकात हई हालाखक इस मलाकात क िाद कोई िास पहल नही हई

असाररी न हनमान गढरी मखदर क महत जञान दास स िातचरीत करी ररआत करी इसम पलान ा खक खववाखदत 70 एकड़ करी जमरीन पर मखदर और मससजद िनाई जाए दोनो क िरीच 100 फरीट करी दरीवार रहगरी

मई 2016 ऑल इखडया अिाड़ा पररषद क अधयकष महत नरदर खगररी न

असाररी क सा मलाकात करी िातचरीत आग िढतरी इसक पहल हरी असाररी का खनधन हो गया

नबर 2016 हाईकोटङ क ररटायडङ जज जससटस पलक िस न कोटङ क

िाहर सटलमट का सझाव रिा इसम 10 हजार खहद

मार-मार कर अयोधया स िदड़ना रर खकयामगर खहनद भरीड़ न मसलमान ससतयो और िचो को कोई हाखन नही पहचाई अयोधया म पलय मचा हआ ा

इखतहासकार कखनघम खलिता ह करी य अयोधया का सिस िड़ा खहनद मससलम िलवा ा खहदओ न अपना सपना परा खकया और औरगजि दारा खवधवस खकए गए चितर को खफर वापस िनाया चितर पर तरीन फरीट ऊचरी िस करी टाट स एक छोटा सा मखदर िनवा खलया खजसम पनः रामलला करी सापना करी गयरी कछ जहादरी मललाओ को य िात सवरीकार नही हई और कालातर म जनमभखम खफर खहनदओ क हाो स खनकल गयरी

सन 1857 करी काखत म िहादर राह जफर क समय म िािा रामचरण दास न एक मौलवरी आखमर अलरी क सा जनमभखम क उदार का पयास खकया पर 18 माचव सन 1858 को किर टरीला ससत एक इमलरी क पड़ म दोनो को एक सा अगरज़ो न फासरी पर लटका खदया जि अगरज़ो न य दिा खक य पड़ भरी दरभकतो एव रामभकतो क खलए एक समारक क रप म खवकखसत हो रहा ह ति उनहोन इस पड़ को कटवा कर इस आखिररी खनरानरी को भरी खमटा खदया इस पकार अगरज़ो करी कखटल नरीखत क कारण रामजनमभखम क उदार का यह एकमात पयास खवफल हो गया

30 अकटिर 1990 को हजारो रामभकतो न वोट-िक क लालचरी मलायम खसह यादव क दारा िड़री करी गई अनक िाधाओ को पार कर अयोधया म पवर खकया और खववाखदत ढाच क ऊपर भगवा धवज फहरा खदया लखकन 2 नवमिर 1990 को मखयमतरी मलायम खसह यादव न कारसवको पर गोलरी चलान का आदर खदया खजसम सकड़ो रामभकतो न अपन जरीवन करी आहखतया दी सरकार न मतको करी असलरी सखया खछपायरी परनत पतयकषदखरवयो क अनसार सरय तट रामभकतो करी लारो स पट गया ा

4 अपल 1991 को कारसवको क हतयार उततर पदर क ततकालरीन मखयमतरी मलायम खसह यादव न इसतरीफा खदया लािो राम भकत 6 खदसमिर को कारसवा हत अयोधया पहच और राम जनमसान पर िािर क सनापखत दार िनाए गए अपमान क पतरीक मससजदनमा ढाच को धवसत कर खदया परनत खहनद समाज क अनदर वयापत घोर सगनहरीनता एव आज भरी खहनदओ क सिस िड़र आराधय भगवान शररीराम एक फटर हए तमि म खवराजमान ह

राम मखदर खववाद को सलझान करी िरीत 30 साल म 8 कोखरर हई लखकन य सभरी नाकाम रही 1986 म पहलरी िार ति क काचरी कामकोखट रकराचायव न मससलम पसवनल लॉ िोडङ स िातचरीत करी लखकन वो खकसरी नतरीज पर नही पहच पाई इसक िाद परीएम रह चदररिर परीवरी नरखसमहाराव अटल खिहाररी वाजपयरी करी समय भरी कोखरर हई िता द खक िधवार को सपरीम कोटङ न राम मखदर खववाद का हल आपसरी िातचरीत क जररए हल करन को कहा ा जान खकस-खकसन कया कदम उाए

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और मसलमानो क साइन खकया हआ पपोजल फजािाद कखमशनर क सामन रिा गया

सटलमट क खलए सार डॉकयमट सपरीम कोटङ म रि जा चक ह

मवाचय 2017 सपरीम कोटङ न राम मखदर मसल का हल आपसरी िातचरीत

क जररए करन को कहा य कहा खक कोटङ मरीखडएटर िनन को तयार ह

9 नमबर 2019 कई दौर करी िातचरीत और लमिरी सनवाई क िाद आखिर

शररीरामजनमभखम करी मसकत का समय आया 09 नवमिर 2019 को सपरीम काटङ न ऐखतहाखसक फसला दत हए शररी रामजनमभखम को खहनदओ को सौपन का आदर खदया और मससलम पकष को अयोधया जनपद म हरी पाच एकड़ भखम दन का खनणवय सनाया इस आदर क िाद शररीरामजनमभखम पर मसनदर िनन का मागव परसत हो गया

तकसका-कया िारा- बीजपी िीएरपी समत कई वहद सगठन वििावदत जमीन पर राम मवदर और सनी िफ बोडट समत कई मकसलम सगठन िहा मकसजद होन का दािा करत ह

- वहदओ का कहना ह वक िह जगह रामजनम भवम ह िहा भगिान राम का मवदर था वजस मगल शासक बाबर क वसपहसालार मीर बाकी न 1528 म तड़िा वदया और उसकी जगह मकसजद बनिा दी वजस बाबरी मकसजद कहा गया

कौन थर 3 पकष- वनमवोही अखाड़ा वििावदत जमीन का एक-वतहाई वहससा यानी राम रबतरा और सीता रसोई िाली जगह

- रामलला विराजमानएक-वतहाई वहससा यानी रामलला की मवतश िाली जगह

- सनी िफ बोडट वििावदत जमीन का बरा हआ एक-वतहाई ससा

कया था राम मतिर का मदा- राम मवदर मदा 1989 क बाद अपन उफान पर था इस मद की िजह स तब दश म सापदावयक तनाि फला था दश की राजनीवत इस मद स पभावित होती रही ह- वहद सगठनो का दािा ह वक अयोधया म भगिान राम की

जनमसथली पर बाबरी मकसजद बनी थी मवदर तोड़कर यह मकसजद 16िी शताबदी म बनिाई गई थी

- राम मवदर आदोलन क दौरान 6 वदसबर 1992 को अयोधया म बाबरी मकसजद का वििावदत ढारा वगरा वदया गया था मामला अब सपीम कोटट म ह

इलाहाबाि हाईकोटट नर कया तिया था फसला- 30 वसतबर 2010 को इलाहाबाद हाईकोटट क जकसटस सधीर अगरिाल एस य खान और डीिी शमाश की बर न मवदर मद पर अपना फसला भी सनात हए अयोधया की वििावदत 277 एकड़ जमीन को तीन बराबर वहससो म बाटन का आदश वदया था

- बर न तय वकया था वक वजस जगह पर रामलला की मवतश ह उस रामलला विराजमान को द वदया जाए राम रबतरा और सीता रसोई िाली जगह वनमवोही अखाड़ को द दी जाए बरा हआ एक-वतहाई वहससा सनी िफ बोडट को वदया जाए

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Most effective way to prove dominance over any civilization is to attack and demolish their god culture and custom Desecration of someonersquos God and humiliating their deity sends a clear message of their incapability and submission

In whole world Hinduism is the only religion which in spite of having facedcenturies of tyranny slavery barbarism and forced conversion still believes in ldquoVasudhaiv Kutumbakamrdquo

In 1526 Babur after Defeating Ibrahim Lodhi in Panipat became the ruler of north India Although he liked many things about India like numerical system and craftsmanship but principally he despisedHindustan and Hindus This quote from Baburnama

makes his dislike evident ldquoHindustan is a place of little charm There is no beauty in its people no graceful social intercourse no poetic talent or understanding no etiquette nobility or manliness The arts and crafts have no harmony or symmetry There are no good horses meat grapes melons or other fruit There is no ice cold water good food or bread in the markets There are no baths and no schools There are no candles torches or even candlesticksrdquo

It is believed that in 1528 Babur visited Ayodhya and under his instruction Mir- Baqi demolished Ram temple the birth place of Lord Rama and most sacred place for Hindus (However there is no written historical document of Baburrsquos

Remaking of Ram Temple

It is believed that in 1528 Babur visited

Ayodhya and under his instruction Mir- Baqi demolished Ram temple the

birth place of Lord Rama and most sa-cred place for Hin-

dus (However there is no written his-

torical document of Baburrsquos instruction

toMir Baqi)

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Noted historian Arnold JToynbee once said ldquoWhen any civilization becomes too developed it is taken over by

Barbaric racesrdquo Indian civilization is the oldest civiliza-tion on this planet with a history spanning for thousands

of centuries A history full of culture tradition knowl-edge and valour but India has her share of historical

blunders and treachery too The story of Babri Masjid is one such parable Its construction by force over razed Ram Mandir its demolition in 1992 and courtrsquos order of reconstruction of ram temple in 2019is true portrayal of Hindu resilience and suffering yet yearn for justice

through peaceful means

Dr Rajeev Tewari

A story of 400 years of struggle and endurance

Dr Rajeev Tewari is a practicing surgeon at Delhi He did his MBBS course from KGMC Lucknow and finished his masterrsquos course (MS is Surgery) in 1986 from KGMC He specialises is Laparoscopic surgery Writing and teaching undergraduate students are his passion He likes writing on Indian history and Hindu Mythology and recent Geo-political issues

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instruction toMir Baqi) In 1528-29 Mir Baqi constructed Babri Masjid after razing Ram temple

This shameful blot on Hindus was first challenged by Raghubar Das in1885 who filed a suit in court seeking permission for construction of Ram Temple but his appeal was rejected

In 1948 Vishwa Hindu Parishad (VHP) launched a campaign for the construction of a Ram temple at Janmabhoomi Idols of Ram Lalla was placed under central dome and in 1949 a group of devotees led by Baba Abhayram Das of Nirmohi Akhada began offering prayers at the site but government ordered to lock the gates of the premises

In 1950s ldquoParamahansa Ramachandra Dasrdquo the head of Ram Janbhoomi Nyas of Ayodhya filed suit for keeping the idols and continuation of worship Nirmohi Akhara in 1959 filed another suit claiming to be the custodian of the disputed land and sought possession of the land In1961 the Sunni Central Waqf Board too filed a suit claiming ownership of the site (Hashim Ansari and five others joined the case through separate pleas) Although Paramahansa Ramachandra Das and Hashim Ansari were the main petitioner in court but outside of the court they were good friends

During 1980s Swami Vamdev Paramhansa Ramchandradasji Mahant Avaidhyanathji (Guru of Yogi Adityanath presentCM of UP) Nritya Gopaldasji and Yug Purush Parmanandji Maharaj started a movement for Ram temple construction

Swami Vamdev was hailing from a Brahmin family of UPand was atravelling preacher Amit Shah considered him his spiritual Guru

Mahant Avaidyanath was a Mahant (chief priest) of Gorakhnath Temple and one of the most revered Guru of Hindu dharma He was 4 times elected MP of Lok Sabha from Gorakhpur He was one of the pioneer of Ram Janmabhoomi movement In 1984 he was elected as chief of Sri Ramjanmabhoomi Mukti Yagna Samiti Rebuilding of Ram temple was his lifetime dream Since 1984 onwards Mahant Avaidyanath organized many rallies and mobilized many people of VHP which eventually culminated into demolition of the Masjid in 1992

Paramahansa Ramachandra Das ji was born as Chandreshwar Tiwari in Bihar At a very young age of 15 once he attended a Yagna performed by some Sadhus in his village he got very much influenced and moved by the company of Sadhus After becoming Aurvedacharya and

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Sanskritacharya he became a saint and moved to Ayodhya to ldquoParamhans Ramkinker daas ji ashramrdquo and made RamKishore das ji maharaj his spiritual Guru In 1975 he was made Mahant (Head priest) of Digambar Akhada He dedicated his whole life for three motives - construction of Temples at Ayodhya Mathura and Kashi (which were destroyed by Mughals) Prohibition of cow slaughter and formation of Akhand Bharat

Eventually in 1986 Faizabad District Judge Krishna Mohan Pandey allowed the unlocking of the Babri Mosque and worship of lord Ram The Muslims protested the move and ldquoBabri Masjid Action Committeerdquo was formed in the same year Many people believe Judge Krishna Mohan Pandey promotion was withheld till 1991 on the orders of Mulayam Singh Yadav for passing this Judgment Judge Pandey preferred to follow the path of righteousness even putting his career at risk

In 1989 all cases of Babri Masjid-Ram Janmabhoomi title suit were transferred to the High Court Allahabad and HC ordered maintenance of status quo in respect of the disputed structure In the same year Vishwa Hindu Parishad (VHP) laid the foundation of a Ram temple on the land next to the Babri Masjid

In 1990 BJP along with VHP RSS and

other Hindu affiliates launched ldquoThe Ram Rath Yatrardquo with the aim to build a Ram temple on the site of the Babri Masjid The yatra led by Mr LK Advani commenced from Somnath on 25 September 1990 and was planned across the country to Ayodhya through hundreds of villages and cities Thousands of Kar-Sevaks accompanied the yatra which used to travel approximately

300 KM in a day and Advani addressing 4 to 6 public gathering per day Mr Advani was arrested by the Laloorsquos government in Bihar in October 1990

In October 1990 VHP BJP and RSS campaigned for a construction of Ram Temple at the Ram Janmabhoomi site Mr Ashok Singhal the then head of VHP mobilized people to gather at Ayodhya Mr Advani was detained by Laloo Prasad Yadav so he could not reach at the site The then SP government of UP under Mulayam Singh Yadav ordered complete lockdown and stated No bird would be able to fly into Ayodhya Government deployed heavy police and PAC personnel and barred all public transport including trains and buses to Ayodhya

On 30th October 1990 the ldquoD- day of Kar-sevardquo out of 40000 Kar sevaks 25000 managed to reach Ayodhya mostly on foot some even swam across Saryu river A curfew was imposed in Ayodhya and 15 cm long path was barricaded near disputed structure In the morning of 30th October Swami Vamadev Mahant Nratyagopal Das and Ashok Singhal led the kar-sevaks towards disputed site Mr Ashok Singhal was attacked by police and sustain head injury Police detained more than one lakh kar sevaks still many kar sevaks could reach disputed structure

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and finally the Kothari brothers of Kolkata mounted a saffron flag atop Babri Masjid erasing a shameful blot which had lasted for four centuries

Mulayam Singh Yadav ordered police to open fire at Kar sevaks Police chased kar sevaks all across the area and resorted to Lathi charge which led to Stampede at Saryu bridge Many people died from head injuries and in stampede

On 2nd November again kar sevaks gathered at Ram-lalla sthan and after offering prayers started to proceed towards disputed land Police resorted to Lathi charge and used tear gas to disperse the crowd however some kar sevaks reached the disputed structure and partially damaged it The police opened fire again second time within 3 days killing many Kar sevaks including Kothari Bandhu after dragging them out of a house That alley is now named as Shaheed Gali or Martyrrsquos Alley It is accused that police cremated many bodies and even dumped some bodies in Saryu river

The state governments officially reported 16 people were killed This whole incidence was repetition of Jallianwala Bagh episode where Indians forces were ordered to fire at fellow Indians but unlike Jallianwala massacre this order was not issued by an alien ruler Some of the sevaks who were martyred on that day were- Kothari Brothers Sitaram Mali Ramesh Kumar Mahavir Prasad Ramesh Pandey Sanjay Kumar Professor Mahendranath Arora a sadhu Rajendra Dharkar Babulal Tiwari and many more After this incidence Mulayam Singh Yadav earned the title of ldquoMulla Mulayam Singhrdquo among Hindu groups

on April 1991at Boat club Delhi a memorial meeting was arranged for the dead Karsevaks and a nationwide program Asthi Kalash (funeral urns) was launched to make people aware about those who died in the firing incident

Finally in 1992 on 6th December on the call of BJP and VHP around 15 Lakhs volunteer gathered at Ayodhya Rallies were organised and speeches were made by many leaders including Murli Manohar Joshi Uma Bharti and Mr Advani By afternoon a saffron flag could be seen on top of Babri Masjid and thousands of Kar Sevaks by using axes hammers and grappling hooks soon razed the disputed structureto the ground This led to riots all across the country causing deaths of 2000 people The PV Narasimha Rao government formed a commission of inquiry under Justice MS Liberhan to investigate about this whole incidence

In 1993 central Government passed Acquisition of Certain Area at Ayodhya Act and acquired land in the disputed area

During NDA-1 regime Mr Ashok Singhal demanded construction of Ram Temple at Ayodhya and went on fast unto death He was Force Fed on the orders of Atal Bihari Vajpayee

On 27th February 2002 Many Kar Sevaks and pilgrims were returning to Gujarat by Sabarmati

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express after attending Purnahuti Maha Yagna in Ajodhya which was done after completion of 10 years of Babri Masjid demolition About 1500 to 2000 Muslims with pre-planned motive and preparation attacked this train and burnt S-6 compartment of this train burning 59 karsevaks alive including 27 women and 10 children This incidence led to widespread riots in Gujarat in which 790 Muslims and 254 Hindus lost their lives (official figure)

A charge sheet was filed which mentioned that 1540 unidentified men attacked the train 107 people were charged including 8 juvenile out of which 68 could be arrested In Feb 2003 they were charged under POTA But in 2005 UPA decided not to charge the accused under POTA so finally all thirty-one Muslims who were convicted in 2011 could escape death penalty Most shameful act of subversion of justice was done by Laloo Prasad Yadav the then Railway Minister Lalu Yadav formed a committee under justice U C Banerjee who gave the report that the fire was a natural accident due to cooking inside the coach

This report was challenged in High court HC ruled that the Banerjee report was ldquounconstitutional illegal and null and voidrdquo declared its formation to be a ldquocolourable exercise of power with mala fide intentionsrdquo and its argument of accidental fire ldquoopposed to the prima facie accepted facts on recordrdquo The High Court also directed that the report should not be tabled in the Parliament

In 2002 The High Court ordered the Archaeological Survey of India (ASI) to excavate the site to prove any existence of temple in disputed area to determine lawful owner of the land

On Sep 30 2010 High court in a 21 majority rules three-way division of disputed area between Sunni Waqf Board the Nirmohi Akhara and Ram Lalla where one third will belong to Ram Lalla represented by the Hindu Mahasabha one third to the Islamic Waqf Board and the remaining third to the Nirmohi

Akhara In December the Akhil Bharatiya Hindu Mahasabha and the Sunni Waqf Board moved the Supreme Court challenging the HC ruling This ruling was quashed by SC in 2011 maintaining the status Quo

It is shameful yet ridiculous to see the anti-Hindu attitude of so called academicians of left liberal gang of India and how Allahabad High court exposed them in 2010 hearing and proved them epitome of hypocrisy Among all the experts which appeared in court claiming that no Ram Mandir ever existed underneath the Masjid not even one had any knowledge on Medieval History Babur Archaeology or about Ram Janbhoomi excavation Not even one had read Baburnama They all were simply stating each other statements and hearsay as facts (without any historical Proof) During cross examination they all agreed in court under oath that they never visited the disputed area and had no knowledge of archaeological findings and their knowledge was only based on newspaper reports After examining Prof D Mandal Allahabad bench head Justice Sudhir Agarwal noted that ldquothe statements made by him (Mandal) in cross-examination show the shallowness of his knowledge on the subjectrdquo Same kind of opinion was given by the judge for other experts like Supriya Verma Suvira Jaiswal etc The excavation finding by Shri BB lal and his meticulous writing and record keeping conclusively proved the presence of many Hindu sculpture beneath the Masjid and was sufficient to refute all left historians claim

In 2013 Meenakshi Jain a political scientist and historian wrote a book rdquoRama and Ayodhya and 2013rdquo in which she exposed the eminent historians on what they said in court and what they say in Media

Even in 2019 when Rajeev Dhavan (Lawyer for Waqf board) asked the four judge SC bench to take a note of a grandly titled Historiansrsquo Report To The Indian Nation written in 1991 by four Left historians ndash R S Sharma M Athar Ali D N Jha and Suraj Bhan after going through

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the matter and cross examining the historians the bench wrote-

ldquoThese historians did not have the benefit of the archaeological evidence Had this report really been prepared after studying the data collected through an archaeological excavation by ASI (about possible existence of a temple below the mosque) it could have had some meaning to it But these historians have not examined the ASI data The methodology they have adopted appears to be perfunctory as was termed by the High Courtrdquo

The former Regional Director of the Archaeological Survey of India (ASI) KK Muhammed In his book titled ldquoNjan Enna Bharatiyanrdquo (I an Indian) has stated that Left historians actually prevented an agreement between Hindus andMuslims He wrote-

ldquoThe Babri issue would have been settled long ago if the Muslim intelligentsia had not fallen prey to the brain-washing by the Leftist historians A set of historians including Romila Thapar Bipin Chandra and S Gopal argued that there was no mention of the dismantling of the temple before 19th century and Ayodhya is a Buddhist-Jain centre They were supported by historians Irfan Habib RS Sharma DN Jha Suraj Bhan and Akthar Alirdquo

It was a long and taxing path to refute all convoluted false claims of left historians but eventually after legal battle of 4 decades finally based on hard facts and archaeological excavation findings courts disproved all such arguments with very harsh wording for left historians

In August 2019 on Dr Subramaniam Swami plea SC agreed for day-to-day hearing on the land dispute By October 16th SC concludedits hearing and reserved the order

Finally on 9th November the 5 judge bench headed by Chief Justice Ranjan Gogoi and comprising of justices SA Bobde Ashok Bhushan DY Chandrachud and S Abdul Nazeer gave the historic decision in which SC grants

entire 277 acre of disputed land in Ayodhya to Ram Lalla and SC directedgovernment to allot 5 acre alternative land to Muslims at a prominent place to built a mosque

This legal battle which lasted for 7 long decades was finally won by Lord Ram devotee and truth prevailed with a poetic justice Laloo got Mr Advani arrested in 1990 for rath yatra now in 2010 on 5th of August Mr Advani will be doing bhoomi Pujan for Ram mandir at Ayodhya while Laloo is cooling his heels in jail

So finally a long battle for justice and truth is nearing its end The sacrifices and toil of Paramahansa Ramachandra Das Swami Vamdev Mahant Avaidyanath ji Ashok Singhal ji Swami Vasudevanand Sarswati ji Kothari Bandhu and thousands of Hindu devotee is about to bear fruit Shri Narendra Modirsquos leadership and Amit bhai Shahrsquos operation proved auspicious to all Hindus On 5th of August a new chapter of Indian glory and pride will begin when Mr Modi in the presence of Shri LK Advani will do ldquoBhoomi Pujanrdquo of Ram Janbhoomi and in next 3 years the world will see a new bold reverent and pious icon of Hindu dharma in the form of new ldquoRam Mandirrdquo

I started this article with a quote from historian Toynbee I will close this article with another piece of Toynbee

ldquoIt is already becoming clear the chapter which had western beginning will have to have a Indian ending if it is not to end in self destruction of human race At this supremely dangerous moment in human history the only way of salvation is the ancient Hindu way Here we have the attitude and spirit that can make it possible for the human race to grow together in to a single familyrdquo

Toynbee was one of the few western historian who understood the concept of ldquoVasudhaiv Kutumbakamrdquo Eventually all races of world have to follow this Hindu concept if they want to survive and thrive

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अवधय वह ह खजस ससषट न मनषय क खलए सिस िड़र धन क रप म धरतरी पर उतारा ऋगवद स लकर मनसमखत महाभारत और शररीमदभगवदगरीता तक म उस अवधय करी सजञा दरी गयरी वहरी एक माता धन ह मानव सभयता म उस हरी रासतो न धन कहा उस हरी गोमाता करी सजञा खमलरी वहरी गाय ह गाय कोई सामानय पर नही ह इस इस ससषट म खवधाता न सजवन करी याता को आग िढन क खलए मनषय को अखपवत खकया मनषय क खलए यहरी एक माता धन री खजसक आदान पदान स उसन अपनरी जरीवन याता करी ररआत करी अखत पाचरीन गरन और यहा तक खक हडापपा क खवदान भरी यह सवरीकार करत ह खक इस अवधय पाणरी क िल पर हरी मानव सभयता का खवकास सभव हो सका ह इस िार म उपलबध साकय िता रह ह खक ऋगवद म जो सोमकयनरी रबद आया ह उसक मल म गो का हरी अससततव ह सभयता क पारमभ म जि िररीद खिकरी या खकसरी पकार क आदान पदान क खलए कोई मापक भरी नही होता ा ति गाय क इकाई पर हरी साड़री गखतखवखध सपनन होतरी री

ऋगवद म सोम करी कय पखकया म कला रफ पाद गवाधव और गो का पयोग आया ह कहरी कहरी इसक खलए गो क सान पर धन का पयोग ह यह एक मापक इकाई ह खवदानो न इस इकाई करी वयाखया भरी करी ह इसक

अनसार - गाय क आधा िर का खनरान एक रफ होता ह दो रफ खमलाकर एक पाद होता ह दो पाद खमला कर एक गवाधव होता ह दो गवाधव क िरािर एक धन अवा पणव चार पाद होत ह इसरी आधार पर पारसमभक मानव सभयता क सामाखजक कायव वयवहार सपनन होत इसरी आधार पर गो करी इकाई करी वयवसा स काम होत

यहा यह सपषट करना आवशयक ह खक सभयता क पारमभ म गाय हरी एक मात धन होतरी री इसखलए सभरी मानवरीय कायव वयवहार म इसरी को आधार िना कर काम होत लन - दन और यजञ कमव दान आखद म भरी कवल गाय क हरी लन - दन स कायव होन लग और इसको सासकखतक रप म भरी सवरीकार कर खलया गया समाज म वहरी वयसकत सिस अखधक धनवान माना गया खजसक पास अखधक गोधन होता ा जि जरीवन करी सखहताओ का खनमावण हमार ऋखष परपरा न रर खकया तो उनहोन भरी गोधन को हरी आधार िनाया हमार रासत कहत ह -

त रजञसर त मवातवा सयदवानवा कवारणम |त सयतीथवायनवा नमसततअसत सदवानघ |शमश सरयरणवा रसरवा ललवाटड षभ धज|सरसती च िकवार सवनवागवासच कमबल ||कषर पषटड च गनधवाय दवाशचतवार ए च |मखवागर सयतीथवायमन सथवावारवामन चरवामण च ||

अिध अिध अयोधा और गोदान

सभयता की विकास यातरा म गोधन क अलािा अनय मयिान िसतओ और

मदराओ का परचलन समाज म विकसत हआ वकनत

कमषकाडीय और याजीक परपरा म धन अथिा गाय

का लन दन रवढगत रप म कायम रहा पररणाम यह

हआ वक यह रवढ आज एक अभतपिष विसगवत का परमाण बन कर मानि सभयता क सामन कडी हो गयी ह

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अयोधया ही अिध ह अिध का जनम होता ह अिधय स अिधय का आविभाषि

सकषट क साथ ही होता ह अिधय ह उसी क दान की परपरा ह अिधय वजस कषतर

म वनिास करत ह िही अिधय कषतर ह अब उस हम अिध क नाम स जानत ह

यह अिधय या ह इस अिधय का अकसतति या ह

सपखसद लिक कवखयतरी एव ससकखत पवव करी सहायक समपादक ह

ॉ अमनतवा अगरवाल

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ldquo ह खनषपाप तम सि दवताओ करी मायजञ करी कारण रपा और समपणव तरीथो करी तरीव रपा हो हम तमह सदानमसकार करत ह तमहार ललाट म चदरमा सयव अरण और वषवभधवज रकर खवराजमान ह हकार म सरसवतरीगल कमिल म नागगण िरो म गनधवव और चारो वद ता मिागर म चर-अचर समपणव तरीथो का वास ह तातपयव यह खक गोवर भारतरीय जरीवन ससकखत ईखतहास का अटट अग ह याखन जिस ससषट करी रचना हयरी तभरी स गाय का इखतहास भरी पारमभ होता ह यह का सभरी को मालम ह खक आखदकाल म दव और दानवो न अमत पापत करन क खलए समदर मन खकया ा पभ न कचछप अवतार लकर समर पववत को धारण खकया और वासकरी नाग को रज क तौर पर पयोग म लाकर मन खकया गया खजसम पम हलाहल खवष करी जवाला स तारन क खलए रतसवरपा कामधन का पागटय हआ जो सभरी मनोकामना सकलप और आवशयकता पणव करन म सकषम री कामधन को पालन हत दवताओ न महाऋखष वखरषट को पदान खकया खजनहोन गौलोक करी रचना करी

गौ क खवषय म एक और का आतरी ह -जि ससषट का पारमभ हआ तो बरहमा जरी न मन को ससषट रचना का आदर खदया खजसक कारण हम मानव कहलात ह उनहोन गोमाता करीसतखत करी और गोकपा अनसार गौदोहन खकया और पथवरी पर कखष का पारभ खकया पव मन क नाम स यह धरा पथवरी कहलाई

वालमरीखक रामायण स लकर महाभारत शररीमद भागवत पराण आखद गरो स जञात होता ह खक िडर-िडर राजा-महाराजा लािो करी सखया म गोवर का पालन करत और लािो गायो का एक सा दान कर खदया करत गाय का दान ऐस वयसकत को अखधक खकया जाता ा जो समाज म उतकषट कायव कर लोक मगल करी पनरीत परमपरा को समद करन म सतत पयतररील रहता ा

शररीमद भागवत म राजा नग दारा गाए दान करन का एक रोचक पसग आता ह-

रवातरः मसकतवा भमरवायतररो मदम तवारकवा रवातररो षयधवारवाशच तवातीरददवा सवा गवाःपरनसनीरतरणी शील रपगणरोपपनवाः कमपलवा िमशरगीःनरवारवामजतवा कपरखशः सतसवादकलमवालवाभरणवा ददवािम

इस दषटानत स सपषट होता ह खक राजा नग न नयाय स पापत असखय गाए िछडो सखहत दान करी री खजस तरह पथवरी क धखल कण आकार क तार और वषाव करी धाराओ को कोई खगन नही सकता वस हरी उनकरी भरी कोई गणना नही करी जा सकतरी री और व सभरी गौव दधार यवा सरीधरी सनदर कखपला सलकषणा एव वसतालकारो स खवभखषत री

दवखषव नारद न भगवान रामचनदर करी लरीलाओ क वणवन म कहा

ह-

गवा करोरसयरत दतवा मविदभररो ममधपयकमअावत भगवान राम न दस सहसर करोड गौए खवदानो को

खवखधपववक दान करी री अयोधया काणड क ३२व सगव म यकभ पसग आता ह खक एक िार भगवान राम क पास खतजट नामक बराहमण न आकर गायो क खलए याचना करी भगवान राम न खवनोद म उनस कहा- खवपवर आप अपना डडा खजतनरी दर फक सकग वहा तक करी सभरी गाए आपको खमल जाएगरी बराहमण न पररी रसकत स घमाकर अपना डडा फका और वह सरय नदरी क उस पार हजारो गायो क गोष म जाकर खगरा शररी राम न खतजट का सममान करत हए वहा तक करी साररी गौए उसक आशरम म पहचा दरी िहरहाल यह सि व िात ह खजनस भारतरीय वागमय भर पड़र ह हम यहा चचाव सर गाय और गोदान करी परपरा पर कर रह ह

सभयता करी खवकास याता म गोधन क अलावा अनय मलयवान वसतओ और मदराओ का पचलन समाज म खवसकसत हआ खकनत कमवकाडरीय और याजञरीक परपरा म धन अवा गाय का लन दन रखढगत रप म कायम रहा पररणाम यह हआ खक यह रखढ आज एक अभतपवव खवसगखत का पमाण िन कर मानव सभयता क सामन कड़री हो गयरी ह मनषय क खलए गाय खकतना उपयोगरी ह यह खवचार का अलग खवषय ह खकनत खजस गोदान करी परपरा ससषट क सा अवध कषत म रर हई री उसन सभयता म मनषय क फलाव क सा हरी अपनरी याता भरी जाररी रिरी सनातन ससकखत क अनयाखययो म यह उसरी गोदान क रप म खवदमान रहरी लोक मानयता म यह खवदमान रहा खक मतय स पवव गोदान करन स मनषय को मसकत खमलतरी ह और वह भवसागर पर कर जाता ह वद जनो को मतय स पवव गोदान करन करी परपरा आज भरी चलतरी ह शराद एव अनय अवसरो पर भरी गोदान करी परपरा अभरी जाररी ह वसतरीससखत यह ह खक जि य परमपराए रर हई री ति मनषय क पास दान करन योगय गाय हरी एक माता धन री लखकन इस रखढ िनाकर कमवकाड और यजञ स लोगो न जोड़ खदया कालातर म इस धाखमवक कतय क रप म साखपत कर खदया गया गाय हमार जरीवन दरवन म खकतनरी महतवपणव रहरी ह इसका सिस िड़ा उदहारण हमाररी लोक परपरा क रबद गज़ गोदना गोत गाव गोधखल गोरस गोदोहन गोष गोषरी आखद हरी

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 49

पमाखणत कर दत ह गाय जहा िाधरी जातरी री वह सान गोष कहा जाता ा और वह ि कर करी जान वालरी चचाव हरी गोषरी कहलातरी री गोषरी रबद आज पररषकत िन गया ह और कखतम सभागारो म होन वालरी चचावय इसक नाम हो गयरी ह

गाय की अरधयता वदो म पराणो म ता महाभारत म भरी सभरी सानो पर गौ को

अवधय कहा गया ह| महाभारत क राखतपवव शरखत म गौवो को अवधय कहा गया ह तो कौन उनक वध का खवचार करगा जो गायो और िलो को मरता ह वो महान पाप करता ह अगर परओ करी हतया का फल सवगव ह तो नरक खकन कमथो का फल ह

आर गरोिवा निवा धरो रो असत ऋगवद ७५६१७सदा हरी रकषा क पात गाय और िल को मत मार |

सरसवाद भगती मिभरवा अथरो र भगनतः सरवामअमद तणयमघनर मशदवानीमपब शदमदकमवाचरनती ऋगवद ११६४४०

ऋगवद गौ- हतया को जघनय अपराध घोखषत करत हए मनषय हतया क तलय मानता ह और ऐसा महापाप करन वाल क खलय दणड का खवधान करता ह |

अघनरर सवा दयतवा मित सौभगवार ऋगवद १ १६४२७अघनया

गौ- हमार खलय आरोगय एव सौभागय लातरी ह |

रमद नरो गवा िमस रदयशम रमद परषत तवा सीसन मधरवामरो रथवा नरो सरो अीरिवा

अवववद ११६४

यखद कोई हमार गायघोड़र और परषो करी हतया करता ह तो उस सरीस करी गोलरी स उड़ा दो |

अयोधया म गोिान और तरसगततअवधय कषत अावत अवध अावत अयोधया म आज भरी हर साल

सावन मल क अवसर पर लािो लोग गोदान करत ह खवगत कछ वषवो म इस पा को रकन करी भरी कवायद रर हई ह कयोखक पाडा लोग इस पररी तौर पर एक धध क रप म अपना चक ह उनक खलए यह अदभत धनधा िन गया ह य पणडर िद करी गाय िररीद कर लात ह और सरय क खकनार डररा जमा कर ि जात ह खफर जो भरी धमावनरागरी लोग सरय सान करन आत ह उनको पकड़ कर य गोदान करान लगत ह यह धन उगाहरी का ऐसा माधयम िना खदया गया ह करी एक एक गाय स य पणडर हज़ार हज़ार आदमरी को दान करात ह और रद रप स धाखमवक गरी करत ह इसको रोकन क खलए खपछल वषव िाकायदा परासन न जि पडो को सरय क खकनार गाय रिन स मन खकया तो सघषव करी ससखत आ गयरी

मानयताओ और परमपराओ क नाम पर गरी और रखढ िना दन करी कहानरी िहत हरी कषटदायक ह दिद पहल तो यह ह खक महज़ एक दो खदन मल भर क खलए गाय जगाड़ कर पसा काम लन क िाद य लोग गायो को भिो मारन क खलए खववर कर दत ह कयोखक खकसरी क पास कोई गोराला या ऐसरी जगह होतरी हरी नही जहा य गयो को पाल सक और खिला खपला सक िहतर तो ऐस ह जो मला ख़तम होत हरी गायो को कसाईयो क हा भरी िच दत ह यह उसरी अयोधया म धमव क नाम पर खकया जाता ह खजस अयोधया को वद अवधय कषत क रप म मानयता दत ह

गोिान और धमव कमव दर क पायः सभरी धाखमवक नगरो या काररी मखरा वनदावन

हररदार ऋखषकर हररहर कषत पयागराज आखद सभरी जगह गोदान करी परपरा चलरी आ रहरी ह जि भरी सामानय वयसकत तरीव याता अवा सान आखद क खलए खनकलता ह तो वह रासत सममत खकयाय भरी करना चाहता ह लोकमानस करी इसरी धाखमवक भावना का लाभ उा कर गोदान करन वाल िद को बराहमण ितान वाल लोग िि रीक स सनातन ससकखत को िदनाम करन म लग ह जो भरी लोग यह कायव करत ह उनम स िहतो को इस परपरा का कोई जञान भरी नही होता लखकन यह हो तो रहा ह

दरअसल गाय को लकर खजस ढग स िात हो रहरी ह उनम नाटो कोई इसक उदभव और वगयाखनक तथयो पर जाना चाह रहा ह और नही गाय करी मानवरीय जरीवन म खवखरषट भखमका को समझन करी कोखरर करी जा रहरी ह गाय सनातन ससकत का खहससा ह और रहगरी इस कोई नकार नही सकता लखकन गाय करी वतवमान िाज़ार दरा डरक कर खचता होना सवाभाखवक ह खहदतव क दरवन म ग का महतव िता कर अि इस खवरद धाखमवक पर िना कर पसतत करन वाल लोग गाय का भला नही कर रह खजस पकार स गोदान क नाम पर सरआम खिवाड़ हो रहा ह उसस गाय का तो नकसान हो हरी रहा ह खहदतव जसा दरवन भरी िदनाम हो रहा ह

laLd`fr ioZtqykbZamp 2020 vksk foskkkad50

आिायव तगररराि तकशोर

अशोक तसघि सरामी अरदानाथ िी महाराि

सरामी रासरदरानद िी महाराि

सरामी नतयगोपािदस िी महाराि

सरामी रामिनदर परमहस

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अयोधा मनषय और मनसमवत

मनसमवत मानि ससककवत का सबस महतिपणष एि पराचीन धमषिासतर (समवत) ह इस मानि-धमष-िासतर मनसवहता आवद नामो स भी जाना जाता ह यह उपदि क रप म ह जो मन दवारा

ऋवषयो को वदया गया इसक बाद क धमषगरनथकारो न

मनसमवत को एक सनदभष क रप म सिीकारत हए इसका अनसरण वकया ह भारतीय मानयता क अनसार मनसमवत

बरहा की िाणी ह

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जब भी अयोधया की चचाष िर होती ह उसी क साथ आवद परष भगिान मन और उनक दवारा रवचत मनसमवत की चचाष सिाभाविक रप स सामन आ जाती ह बरहा जी न जब धरती पर सकषट सञालन क वलए मन को उतारा

उसी समय उनहोन जीिन सचालन की वयिशथा क वलए शवतयो का भी अितरण कराया इन शवतयो क आधार पर मनषय को विकसत सभयता का वनमाषण करना था इस कायष क वलए उनहोन मन स समवत की रचना कराई

वजस मनसमवत क नाम स आज विशि जानता ह

अधयकष गहखवजञान खवभाग

गगोतरी दवरी महाखवदालय गोरिपर

9450887187

डॉ अचवना खतवाररी

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भारतरीय खचतन करी इस खवचारधारा को अि पसशचमरी खवदान भरी सवरीकार करन लग ह मकसमलर जस महापरष का कन ह करी ससषट करी रचना क सा हरी ससषट सचालन क साखहतय भरी ससशतकार न अवशय खदया होगा कयो करी पहल ससषट दन का कोई औखचतय नही हो सकता जि मनषय धरतरी पर आया होगा तभरी उस मनषय करी जरीवन सखहता भरी आई होगरी

िहरहाल यहा अखभपाय खकसरी अवधारण स नही ह िसलक यह खवखदत होन का ह करी आज क समाज म खजस पकार स एक वगव क आलोचक लोग मन और मन समखत पर अनगवल खटकाए करत ह कया उनह पता भरी ह खक व भरी उसरी मन करी सतान ह मन करी खजस वणव वयवसा को पानरी परी परी कर व कोसत ह और उस वयवसा क खवरोध म खजस पकार स अपनरी अपनरी अवधारानाय साखपत करत ह उसस समाज को व कया नया द पात ह मन न चार वनावशरमो म समाज को वयवससत खकया ह बराहमण कषखतया वशय और रदर हम इस खववाद म नही जाना खक कौन कस पदा होता ह लखकन आज क नए सामाखजक अलमिरदारो स यह सवाल जरर करना चाहगरी खक मन करी अवधारणा को गाखलया दन क िाद आप अज खकस तरह समाज को खवभाखजत कर रह ह आप भरी तो आज कलास वन कलास ट कलास थरी और कलास फोर म हरी पोर समाज को खवभाखजत करन का सखवधान रच रह ह कहन का तातपय यह खक आप भरी समाज को सचाखलत करन क खलए चार पकार क मनषयो पर हरी आखशरत ह तो खवचार करी िात ह खक आखद परष करी सामाखजक अवधारना स अलग आप कया कर पा रह ह

सच यह ह खक खरखकषत अजञानरी समदाय न पसशचम करी नक़ल म भारतरीयता को िदनाम करन और उसकरी आलोचना करन का एक फरन पल खलया ह और पाचरीनता करी आलोचना हरी उनका रगल ह यह वासतखवकता ह करी मन और मनसमखत करी आलोचना कर क समाज को िरगलान वाल खकसरी वयसकत क पास नाटो मनसमखत ह और न हरी उसन मन समखत पढरी ह खिना मन और मनसमखत को जान हरी कवल आलोचना क खलए आलोचना इनका उदशय हो गया ह और य लोग वाहरी करत ह

मनसमखत मानव ससकखत का सिस महतवपणव एव पाचरीन धमवरासत (समखत) ह इस मानव-धमव-रासत मनसखहता आखद नामो स भरी जाना जाता ह यह उपदर क रप म ह जो मन दारा ऋखषयो को खदया गया इसक िाद क धमवगरनकारो न मनसमखत को एक सनदभव क रप म सवरीकारत हए इसका अनसरण खकया ह भारतरीय मानयता क अनसार मनसमखत बरहमा करी वाणरी ह lsquoमनसमखतrsquo भारतरीय ससकखत का अखभनन अग ह इसकरी गणना खवशव क ऐस गरनो म करी जातरी ह खजनस मानव न वयसकतक आचरण और समाज रचना क खलए परणा पापत करी ह इसम पशन कवल वततवमान धाखमवक आसा या खवशवास का नही ह िसलक मनषय क जरीवन करी आवशयकताओ करी पखतव खकसरी भरी पकार आपसरी सहयोग ता सरखचपणव ढग स हो सक यह अपकषा और आकाकषा पतयक सामाखजक वयसकत म होतरी ह दखनया भर म इस खवषय पर पयावपत िोज हई ह तलनातमक अधययन हआ ह और समालोचनाए भरी हई ह भारतरीय जरीवन वयवसा और समाज म तो इसका सान वदतयरी क उपरात ह मनसमखत क िहत स ससकरण उपलबध ह कालानतर म िहत स पकषप भरी सवाभाखवक ह साधारण वयसकत क खलए यह सभव नही ह खक वह िाद म ससममखलत हए अरो करी पहचान कर सक कोई अखधकाररी खवदान हरी तलनातमक अधययन क उपरानत ऐसा कर सकता ह मनसमखत करी पामाखणकता और वजञाखनकता को भारतरीय शरखत मनसमखत करी सरचना एव खवषयवसत एव समखत परमपरा को खवशलखषत कर क समझा जा सकता ह

भारतीय आचार-सतहता का तरशरकोशमनसमखत भारतरीय आचार-सखहता का खवशवकोर ह मनसमखत

म िारह अधयाय ता दो हजार पाच सौ शलोक ह खजनम ससषट करी उतपखतत ससकार खनतय और नखमखततक कमव आशरमधमव वणवधमव राजधमव व पायसशचत आखद खवषयो का उललि ह

(1) जगत करी उतपखतत

(2) ससकारखवखध वरतचयाव उपचार

(3) सान दाराखघगमन खववाहलकषण महायजञ शरादकलप

(4) वखततलकषण सातक वरत

(5) भकयाभकय रौच अरखद सतरीधमव

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(6) गहसाशरम वानपस मोकष सनयास

(7) राजधमव

(8) कायवखवखनणवय साखकषपशनखवधान

(9) सतरीपसधमव खवभाग धमव धत कटकरोधन वशयरदरोपचार

(10) सकरीणवजाखत आपदमव

(11) पायसशचतत

(12) ससारगखत कमव कमवगणदोष दरजाखत कलधमव खनशरयस

टीकाएमन पर कई वयाखयाए पचखलत ह-

(1) पधाखतखकत भाषय

(2) कललककत मनवव मकताव लरी टरीका

(3) नारायणकत मनवव खववखतत टरीका

(4) राघवानद कत मनवव चखदरका टरीका

(5) नदनकत नखदनरी टरीका

(6) गोखवदराज कत मनवारयानसाररणरी टरीका आखद

मन क अनक टरीकाकारो क नाम जञात ह खजनकरी टरीकाए अि लपत हो गई ह या- असहाय भतवयजञ यजवा उपाधयाय ऋज खवषणसवामरी उदयकर भारखच या भागरर भोजदव

धरणरीधर आखद धमवरासतरीय गरकारो क अखतररकत रकराचायव रिरसवामरी जस दारवखनक भरी पमाणरपण इस गर को उदत करत ह परपरानसार यह समखत सवायभव मन दारा रखचत ह मनसमखत स यह भरी पता चलता ह खक सवायभव मन क मलरासत का आशरय कर भग न उस समखत का अवगाहन खकया ा जो पचखलत मनसमखत क नाम स पखसद ह इस भागववरीया मनसमखत करी तरह नारदरीया मनसमखत भरी पचखलत ह मनसमखत वह धमवरासत ह खजसकरी मानयता जगखवखयात ह न कवल भारत म अखपत खवदर म भरी इसक पमाणो क आधार पर खनणवय होत रह ह और आज भरी होत ह अतः धमवरासत क रप म मनसमखत को खवशव करी अमलय खनखध माना जाता ह भारत म वदो क उपरानत सवावखधक मानयता और पचलन lsquoमनसमखतrsquo का हरी ह इसम चारो वणथो चारो आशरमो सोलह ससकारो ता ससषट उतपखतत क अखतररकत राजय करी वयवसा राजा क कतववय भाखत-भाखत क खववादो सना का पिनध आखद उन सभरी खवषयो पर परामरव खदया गया ह जो खक मानव मात क जरीवन म घखटत होन समभव ह यह सि धमव-वयवसा वद पर आधाररत ह मन महाराज क जरीवन और उनक रचनाकाल क खवषय म इखतहास-पराण सपषट नही ह ताखप सभरी एक सवर स सवरीकार करत ह खक मन आखदपरष और उनका यह रासत आखदःरासत ह

मनसममतत क पररता एर कालमनसमखत क काल एव पणता क खवषय म नवरीन अनसधानकाररी

खवदानो न पयावपत खवचार खकया ह खकसरी का मत ह खक मानव चरण (वखदक रािा) म पोकत होन क कारण इस समखत का नाम

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मनसमखत पड़ा कोई कहत ह खक मनसमखत स पहल कोई मानव धमवसत ा (जस मानव गहयसत आखद ह) खजसका आशरय लकर खकसरी न एक मल मनसमखत िनाई री जो िाद म उपिखहत होकर वतवमान रप म पचखलत हो गई मनसमखत क अनक मत या वाकय जोखनरकत महाभारत आखद पाचरीन गरो म नही खमलत ह उनक हत पर खवचार करन पर भरी कई उततर पखतभाखसत होत ह इस पकार क अनक तथयो का िहलर (Buhler G) (सकड िकस ऑव ईसट सरीररीज सखया 25) पाणडरग वामन काण (खहसटरी ऑव धमवरात म मनपकरण) आखद खवदानो न पयावपत खववचन खकया ह

यह भरी सच ह खकमन क काल करी समखत अि उपलबध नही ह आज जो मनसमखत हम पात ह वह मल मनसमखत नही ह यह वह ह खजस समय समय पर खवखिनना ऋखषयोआचायवो और खवदानो न समाज को खदया मन क कल स अि तक ससषट का इतना समय िरीत चका ह ससषट क सा क साखहतय या शरखत अवा समखत का उसरी रप म पापत होना िहत कखन ह इसका कारण यह ह करी खजस शरखत परपरा म इनक अधययन अधयापन करी वयवसा िनरी री वह परपरा िहत पहल हरी िखडत हो चकरी ह िास कर भारत पर खवदररी अभारतरीय आखधपतय क िाद तो कछ भरी नही िचा ऐस म मल शरखत और समखत को पाना िहत कखन ह

पाशचातय खवदानो क अनसार मन परपरा करी पाचरीनता होन पर भरी वतवमान मनसमखत ईसा पवव चतव रताबदरी स पाचरीन नही हो सकतरी (यह िात दसररी ह खक इसम पाचरीनतर काल क अनक वचन सगहरीत हए ह) यह िात यवन रक कािोज चरीन आखद जाखतयो क खनदवर स जञात होतरी ह यह भरी खनसशचत ह खक समखत का वतवमान रप खदतरीय रतरी ईसा पवव तक दढ हो गया ा और इस काल क िाद इसम कोई ससकार नही खकया गया मनकाल करी समखत करी अनपलबधता और भाषाई कखनाइयो क िरीच पसशचम क खवदानो करी अवाधारानाओ क खलए उनह दोषरी नही हराया जाना चाखहए

मनसममतत और जातत वयरसथा मनसमखत उस काल करी ह जि जनमना जाखत वयवसा क

खवचार का भरी कोई अससततव नही ा| अत मनसमखत जनमना समाज वयवसा का कही भरी समवन नही करतरी| महखषव मन न मनषय क गण- कमव ndash सवभाव पर आधाररत समाज वयवसा करी रचना कर क वदो म परमातमा दारा खदए गए आदर का हरी पालन खकया ह (दि ndash ऋगवद-१०१०११-१२ यजववद-३११०-११ अवववद-१९६५-६)|

यह वणव वयवसा ह| वणव रबद ldquoवञrdquo धात स िनता ह खजसका मतलि ह चयन या चनना और सामानयत पयकत रबद वरण भरी यहरी अव रिता ह | जस वर अावत कनया दारा चना गया पखत खजसस पता चलता ह खक वखदक वयवसा कनया को अपना पखत चनन का पणव अखधकार दतरी ह |

सनदभय अयोधया मरा माया काररी काखचरवसनतका पररी दारावतरी चव सपतत मोकषदाखयका वालमरीखक रामायण उततर काणड 108 4 रघ वर सगव 16 अयोधया त धमवजञ दरीघवयजञ महािलम अजयत पाडवशरषो नाखततरीवरणकमवणा- सभापवव 30-2

जातक सखया 454 रायसडरवरीज िखदसट इखडया पष 39 एस सरी डर खहसटाररखसटरी ऑफ़ रामायण एड खद इडो आयवन सोसाइटरी इन इखडया एड सरीलोन (खदललरी अजता पसबलकरस पनमखदवत 1976) पष 80-81

ऐतरय बराहमण 731 दि ज रा ए सो 1971 डा सरनदर कमार पगगापसाद उपाधयाय और सवामरी दयानद सरसवतरी क कायव |

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मनसमखत म वणव वयवसा को हरी िताया गया ह और जाखत वयवसा को नही इसका सिस िड़ा पमाण यह ह खक मनसमखत क पम अधयाय म कही भरी जाखत या गोत रबद हरी नही ह िसलक वहा चार वणथो करी उतपखतत का वणवन ह | यखद जाखत या गोत का इतना हरी महतव होता तो मन इसका उललि अवशय करत खक कौनसरी जाखत बराहमणो स सिखधत ह कौनसरी कषखतयो स कौनसरी वशयो और रदरो स |

मनसमखत २ १३६ धनरी होना िाधव होना आय म िड़र होना शरष कमव का होना और खवदतता यह पाच सममान क उततरोततर मानदड ह | इन म कही भरी कल जाखत गोत या वर को सममान का मानदड नही माना गया ह | मनसमत करी वयापक दसषट कवल मनषय को कदर म रितरी ह और उस मनषय को सससकत िनान और सिरी जरीवन जरीन करी कला खसिातरी ह मानयता और पचलन lsquoमनसमखतrsquo का हरी ह इसम चारो वणथो चारो आशरमो सोलह ससकारो ता ससषट उतपखतत क अखतररकत राजय करी वयवसा राजा क कतववय भाखत-भाखत क खववादो सना का पिनध आखद उन सभरी खवषयो पर परामरव खदया गया ह जो खक मानव मात क खजवन म घखटत होन समभव ह यह सि धमव-वयवसा वद पर आधाररत ह मन महाराज क जरीवन और उनक रचनाकाल क खवषय म इखतहास-पराण सपषट नही ह ताखप सभरी एक सवर स सवरीकार करत ह खक मन आखदपरष और उनका यह रासत आखदःरासत ह कयोखक मन करी समसत मानयताए सतय होन क सा-सा दर काल ता जाखत िनधनो स रखहत ह यह तथय ह खक जि भरी अयोधया पर िात होगरी ति ति अनय सभरी महतताओ क आलावा मनषय जातरी क खलए जरीवन क सखवधान क रप म मन जरी दारा दरी गयरी मनसमखत करी भरी चचाव करनरी हरी होगरी ताकखत आज क खरखकषत और कछ िखधखतरकवादरी लोगो क खलए भारतरीय गरो को लकर खटपपखणया करना उनक कखत पगखतररीलता का दोतक िन गया ह पर यह सि दि कर दःि भरी होता ह य कौन लोग ह खजनह अपनरी ससकखत करी पाचरीनता पर भरी गवव नही ह य िद क माता खपता को गाखलया दकर कया हाखसल करना चाहत ह

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शररीमद रामचररत मानस जरी म गोसवामरी तलसरी दास जरी न वखणवत खकया ह -

अधपरी सम मपर नमि सरोऊ

रि पसग जवानइ करोउ करोऊ

जनमभमम मम परी सिवामन

उततर मदमस बि सरज पवामन

जवा मजजन त मबनमि परवासवा

मम समीप नर पवामि बवासवा

अमत मपर मरोमि इिवा क बवासी

मम धवामदवा परी सख रवासीअि चचाव करत ह पखवत सरय क उदभव

अससततव और इखतहास करी सरय नदरी उततर पदर म अयोधया क खनकट िहन वालरी भारत करी पाचरीन नखदयो म स एक ह घाघरा सरज ता रारदा इस नदरी क अनय नाम ह यह खहमालय स खनकलकर उततररी भारत क गगा क मदान म िहन वालरी नदरी ह जो िखलया और छपरा क िरीच म गगा म खमल जातरी ह अपन ऊपररी भाग म जहा इस कालरी नदरी क नाम स जाना जाता ह यह काफ़री दररी तक भारत (उततरािणड राजय) और नपाल क िरीच सरीमा िनातरी ह

पाचरीन गरो म वखणवत खमलता ह खक

रामायण काल म सरय कोसल जनपद करी पमि नदरी री-

lsquoकरोसलरो नवाम ममदतः सफीतरो जनपदो मिवान मनमषटः सररतीर पभतधनधवानरवान

अररोधरवा नवाम नगरी तरिवासीललरोकमशरतवा

मननवा मवाननदण रवा परी मनममयतवा सरम अयोधया स कछ दर सरय क तट पर घना

जगल ससत ा जहा अयोधया नरर आिट क खलए जाया करत दरर न इसरी वन म आिट क समय भल स शरवण कमार का जो सरय स अपन अध माता-खपता क खलए जल लन क खलए आया ा िध कर खदया ा-

तनसमनमत सखकवाल धनषमवामनषमवानरथी वरवारवामकतसकलपः सररमनगवा नदीम मनपवान ममिष रवारिौगज बवाभरवागतमगम अनरद वा शवापद मकमचमजजधवासरमजतननदरवाrsquo lsquoअपशरमभषणवा तीर सररबवासतवा पस ितम अकीणजटवाभवार पममदकलशरोदकम

सरय नदरी का ऋगवद म उललि ह और यह कहा गया ह खक यद और तववसस न इस पार खकया ा पाखणखन न अषटाधयायरी म सरय का नामोललि खकया ह पदमपराण क उततरिड म भरी सरय नदरी का माहातमय वखणवत ह सरय नदरी अयोधयावाखसयो करी िड़री खपय नदरी री काखलदास क रघवर म राम सरय

जनम भमम मम पररी सहािमन

सरय नदी का ऋगिद म उलख ह और यह कहा गया ह वक यद और तिषसस न इस पार वकया था पावणवन न अषटाधयायी म सरय का नामोलख वकया ह पदमपराण क उतिरखड

म भी सरय नदी का माहातमय िवणषत ह सरय नदी अयोधयािावसयो की

बडी वपरय नदी थी

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आवदपरी शी अयोधया जी की जब भी चचाष होगी उसक साथ ही परम पािनी माता सरय पर विमिष अिशय होगा सरय और अयोधया जी का

सबध भगिान मन स ह और मन स आग इकिाक क ििज भगिान शीराम की यही पवितर जनमभवम ह लगभग 500 िषषो क अनिरत सघषष क बाद जब परभ शीराम की जनमभवम पर भवय शीराम मवदर सथावपत हो रहा ह तो

यह आिशयक लगता ह वक पवितर सरय जी पर भी विमिष हो

लिक वररष पतकार ह

मनोज कमार खतपारी

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को जननरी क समान हरी पजय कहत ह-

lsquoसर मदीरवा जननी तन मवानरन रवाजञवा सररमरकतवा दर बसनत मशमशरवामनलमवाा तरगिसतरपगितीrsquo

सरय क तट पर अनक यजञो क रपो का वणवन काखलदास न अपन महाकावय रघवर म खकया ह-

lsquoजलवामन रवा तीरमनखवातरपवा बितरररोषरवामनरवाजधवानीमrsquo महाभारत अनरासनपवव म सरय को मानसरोवर स खनससत

माना गया ह अधयातम रामायण म भरी इसरी तथय का खनदवर ह- एषा भागरीररी गगा दशयत लोकपावनरी एषा सा दशयत सरीत सरययवपमाखलनरी

भगवान शररीराम करी यह सरय मानसरोवर स खनकलतरी ह खजसका नाम बरहमसर भरी ह काखलदास क खनमन वणवन स यह कन सखचत होता ह-

पररोधरः पणरजनवागनवानवा मनमयषटिमवामबजरण रसरवाः बरवाहसरः कवारणमवापतवाचरो बदररवावरकतमदवािरननत

उपरोकत उदरण स यह भरी जान पड़ता ह खक काखलदास क समय म परमपरागत रप म इस तथय करी जानकाररी यदखप री तो भरी सरय क उदगम को रायद हरी खकसरी न दिा ा इस भौगोखलक तथय का जञान तलसरीदस को भरी ा कयोखक उनहोन सरय को मानसननदनरी कहा ह

यह सरय मानसरोवर स पहल कौड़यालरी नाम धारण करक िहतरी ह खफर इसका नाम सरय और अत म घाघरा या घघवरा

हो जाता ह सरय छपरा (खिहार) क खनकट गगा म खमलतरी ह गगा-सरय सगम पर चरान नामक पाचरीन सान ह काखलदास न सरय-जाहनवरी सगम को तरीव िताया ह यहा दरर क खपता अज न वदावसा म पाण तयाग खदए -

त ी थ वत रो र व र म त क र भ ज ह क न र वा र व रो दितरवागवादमरवाणनवालखरमवासवादय सदयः

समभवत उपरोकत तरीव चरान क खनकट रहा होगा महाभारत भरीषमपवव म सरय का नामोललि इस पकार ह-

रिसरवा शतकभवा च सरर च तथ च

चमयणती रिती िनसतसरोमवा मदशर तथवा शररीमदभागवत म नखदयो करी सचरी म भरी सरय पररगखणत ह-

रमनवा सरसती दषविती गरोमती सरर खमखलदपनहो नामक िौद गर म सरय का सरभ कहा गया ह

जो पाातर मात ह रामचररतमानस का उललि अवधपररी मम पररी सहावखन दखकषण खदर िह सरय पावनरी रामचररत मानस करी इस चौपाई म सरय नदरी को अयोधया करी पहचान का पमि खचहन िताया गया ह राम करी जनम-भखम अयोधया उततर पदर म सरय नदरी क दाए तट पर ससत ह अयोधया खहनदओ क पाचरीन और सात पखवत तरीवसलो म एक ह अयोधया को अवववद म ईशवर का नगर िताया गया ह और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह

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कालिणड अपनरी गखत स िढता रहा पखत सोपान राम हमाररी आसा ह यह मत जाप अनवरत होता रहा ह मरीरिाकरी न सवय खलिा lsquolsquoयह फररशत क उतरन करी जगह हrsquorsquo

30 खदसमिर 1949 मखतवयो का पकाटय हआ राम करी धन धड़कन िन धड़कन लगरी राम आसा ह राम मयावदा ह राम सभयता ह राम ससकखत ह राम भाषा ह राम जनम म ह राम मतय म राम मोकष ह राम अधयातम ह

12 वषव म कछ माह रष - 19 खदसमिर 1961 को खववाद का जनम होता ह शररीराम क जनम क 7100 वषव िाद भखम खववाद का मससलम पकष दारा मकदमा दायर होता ह

इस समय भारतरीय राजनरीखत म मससलम तषटरीकरण रर हो गया ा अिल कलाम आजाद को खरकषा मनतरी नहर न िनाया ा इसखलए अकिर महान मजिररी म पढना पड़ा तजोमय मसनदर स ताजमहल और वाराह खमखहर करी दरिरीन को कतिमरीनार पढाया जान लगा कयोखक कागरस मससलम तषटरीकरण म लगरी री- सभरी सानो म नामो करी पखटटका गाधरी नहर पररवार तक खसमटरी रहरी आजादरी क रहरीदो को भरी याद नही खकया जा रहा ा आजादरी क 25 वषथो म हरी जनता जनादोलन क खलए तयार हो रहरी री आपातकाल क दौरान जनानदोलन खहनदतव सगनो और खवपकषरी सगनो को दरखहत म एक सा आन म सवाभाखवक सरलतापववक सयकत सगन िना

राजरीव गाधरी न राहिानो पकरण म सववोच नयायालय क खनणवय को वापस लन क उपरानत खहनदतव सगन न समाज का आहवान कर खदया अि खहनदतव राषटरीय पटल पर साखपत होन करी ओर िढन लगा

मनषयता म आम ततर राम हबरहमा क पत पचता उनक दसव पत

िासलमरीखक जरी खजनको नारद जरी न राम का सनायरी और राम क जरीवन काल म रामायण खलिरी गयरी िालमरीखक जरी सरीता और लव कष को लकर अयोधया आत ह- राजाराम स कहत ह lsquolsquoम पचता पत कहता हrsquorsquo सरीता उतनरी पखवत ह खजतना मर पणय और यखद ऐसा ना हो तो मर समसत पणय कषरीण हो जाए

मर राम

राम भारत क रोम रोम म ह भारत क लोक म राम ह भारत की सास म राम ह भारत की वमटी हिा जल म राम ह राम भारत की समपदा िभि यष मयाषदा जीिन पदववत ह मकसलम तषटीकरण का पररणाम

सपरदाय जवनत िातािरण की गमाषहट स नय यग क

परारमभ होन की वदषा म एक नय अधयाय की ओर वहनद सगिन बढन लगा वजसकी पररणवत राम रथ यातरा न

भारत की राजनीवत क नय आयाम गढन लग भारत की मौवलक राषटीय चतना को

आग नतति वमला

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भारत की सासककवतक चतना राममय रही ह आजादी क आनदोलन की चतना का मल मतर राम ह इसवलए रघपवत राघि राजाराम मल अथाष म

लोक मतर बना सिाधीनता सगराम म िाह गर शी गरगोविनद वसह की सना न सन 1858 म अयोधया म धािा बोलकर lsquolsquoमकसजदrsquorsquo जनमभवम की दीिार

पर राम राम वलखा था वजस ततकालीन कोतिाल िीतला परसाद दब न थाना-ररपोटट म वलखा ह

सयोजक नदरी सरकषण लोकभारतरी9415217404

कपटन सभाष ओझा

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राम भारत क रोम रोम म ह भारत क लोक म राम ह भारत करी सास म राम ह भारत करी खमटटरी हवा जल म राम ह राम भारत करी समपदा वभव यर मयावदा जरीवन पदखत ह मससलम तषटरीकरण का पररणाम सपदाय जखनत वातावरण करी गमावहट स नय यग क पारमभ होन करी खदरा म एक नय अधयाय करी ओर खहनद सगन िढन लगा खजसकरी पररणखत राम र याता न भारत करी राजनरीखत क नय आयाम गढन लग भारत करी मौखलक राषटरीय चतना को आग नततव खमला

रयाता ससमरण म - आडवाणरी जरी क सा रयाता क सयोजक शररी क० एन० गोखवनदाचायव जरी रह गोखवनद जरी भारत परसत सगन और सजन रसकत को सगखत कर रह दर म र अपनरी याता पर ा एक खदन गोखवनदाचायव जरी स राखत भोजन क उपरानत टहलत हए आडवाणरी जरी न एक पशन खकया - यह जनता जनादवन र क आग खमटटरी म लोट रहरी ह और रा क परीछर करी खमटटरी को कागज पखड़या म रि कर मा चढा रहरी ह आडवाणरी जरी न कहा म हतपभ और आशचयवचखकत ह गोखवनद जरी भरी अनततररत रह गोखवनद जरी न िताया अधययन अवकार क समय खिनदवार धयान करन पर आया खक आडवाणरी जरी अगरजरी ससकखत म पढर पल होन क कारण उनक मन मससतषक म राम मय खमटटरी म लोट-पोट रहरी जनता जनादवन क पखत खवसमय रहा ा

भारत करी तासरीर-तवर कलवर समझन क खलए राममय होना पड़रगा राम करी भष-भषा म आन मात स रावण का मन राममय हो गया ा राम करी मयावदा क आचरण तपसया तयाग और परोपकार सत ससकखत का जरीवन जरीन स रामराजय जनम लता ह

छदम सकलरवाद अि सकलरवाद करी जगह पा चका ा 6 खदसमिर 1992 दोपहर म शररी कलयाण खसह मखयमनतरी उ०प० अपन आवास पर दो मनतरी क सा िर अयोधया म कार सवा चल रहरी री कारसवक िािररी मससजद क गिद पर चढ गय और कदालो स तोड़न लग वहा पयावपत सखया म अधव सखनक िल ा लखकन कार सवको न उनक और िािररी मससजद क िरीच एक घरा िना खदया ा उस समय कलयाण खसह क आवास पर पखलस महाखनदषक उ०प० एल०एम० खतपारी भागत हए आय मखयमतरी स खमलना चाहा अनदर स सनदर आया भोजन समापत होन तक पतरीकषा कर कछ दर िाद जि डरी०जरी०परी० अनदर गय तो lsquolsquoकारसवको पर गोलरी चलान करी अनमखत मागरी ताखक िािररी मससजद को खगरन स िचाया जा सक- कलयाण खसह न पछा - अगर गोलरी चलरी तो कारसवक मार जायग डरी०जरी०परी० न जवाि खदया हा ति मखयमतरी न कहा म आपको गोलरी चलान का आदर नही दगा आप अनय साधनो स खनयतण कर राम को िािररी मससजद का ढाचा ढह गया माननरीय कलयाण खसह न अपना तयाग पत राजयपाल को सौप खदया िािररी मससजद करी एक एक ईट कायवकताव उा ल गय सकलरवाखदयो क अनयायपणव खजद करी पखतखकया म कारसवको न ढाचा खगरा खदया कार सवको न शररी हनमान जरी करी रसकत स िािररी मससजद का पटाकषप कर खदया ा

दरदरवन पर रामायण और महाभारत का खदगदरवन न भारतरीय जनमानस का मानस िनाया रामजनमभखम पर मसनदर खनमावण करी माग और िािररी मससजद करी माग साववजनक गलरी नककड मोहललो गावो म िहस होन लगरी

आम चचाव म राम का जरीवन मयावदा मलयो तयाग करणा दया वातसलय पम सह िनधतव कषमा अपार धयव साहस वरीरता उधम नयायखपयता नसखगवक ईशवररीय गणो स समपणव चररत चचाव चल रहरी री खजस िािा गोसवामरी तलसरीदास जरी मयावदा परषोततम भगवान शररी राम करी सतखत कहत ह समसत ससार रामनाम दरीिन म भगवान क िामन रप जसा ह दरीिन म छोटा खकनत वासतखवक सवरप म पकट कन पर अननत कोखट बरहमाणडो को अपन म समा सकता ह सभरी बरहमाणडो क नायक शररीराम जरी ह

सयव क कनदर म जो सखवता ह वो साकषात नारायण ह इखसलए शररीराम सयववररी ह आसा क पाणततव का पखतफल मर राम ह

भारत का जरीवन दरवन मर राम ह भारत करी पहचान आन मान सममान मर राम ह हम राम जरी क रामजरी हमार ह तभरी असनतम समय म राम नाम सतय ह सभरी करी यह गखत ह

सासकखतक जागरण क कारण उस समय करी िदाई होन पर मसनदर क पमाखणक साकय न नयायालय म जनमभखम करी नयाय म सहायता खदलाया

राम जनमभखम खववाद उच नयायालय स सववोच नयायालय तक पहचन म भारत करी सासकखतक चतना पणव रप स एक मत होन लगरी खक राम भारत क पाण ततव ह भारत क सखवधान करी मल पखत पर भगवान राम सपररवार पषपक खवमान सखहत खचत सयोखजत ह तो भारत क सखवधान म मर राम ह

राम क पाकटय सल पर सववोच नयायालय दारा पापत खनणवय पर अनय सापतय क खिना भारत करी अससमता पर पशन खचहन लगा रहगा राषटवादरी चतना न सासकखतक राषटवाद करी सरकार िनायरी दसररी ओर सवय सवक खवदान अखधवकता सनतो महनतो रकराचायथो आचायथो खवदानजन सजन रसकतयो क दारा तकक साकय समखत खचहन पाकटय पमाण जटान म लग रह खजस सवधाखनक अाव म नयायपणव खनणवय दारा पापत आदष स शररी राम जनमभखम मसनदर खनमावण करीआधारखरला यरसवरी माननरीय पधानमतरी आदरणरीय शररी नरनदर मोदरी जरी क कर कमलो स नय भारत का गौरवारालरी इखतहास रचगा इस पनव खनमावण स खवखरषट रलरी क मसनदर का भखम पजन भारत सवाखभमान को सरोखभत करगा यह समपणव ससार क समकष एक आतमततव राम करी पखतमखतव खवशव को एक वखरषटय उदाहरण पसतत करगा खजसम खहनदतव सनातन करी सासकखतक राषटरीय चतना का गौरव साखपत होगा और यह सतय खक मर राम अखवनाररी कण-कण म ह- घट-घट म ह मर राम

मर राम

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मागव म सानरीय जनता का अभतपवव सहयोग इन लोगो को दिन को खमला अधररी रात म भरी लोग लालटरन लकर गावो म हर जगह इनका सवागत करत पआल पर िोररी या दररी खिछाकर इनक खवशराम करी वयवसा भोजन नाशता मवा आखद स इनका आखतथय होता सि भोजन क पकट तो रासत भर खमल इन कार सवको को खिलान क खलए गननो क कई ित साफ़ कर खदए सानरीय जन सामानय न आग यखद पखलस होन करी सभावना होतरी तो व हरी लोग इनह सावधान करत और सरखकषत मागव भरी सझात राम भसकत का अदभत जवार ा उन खदनो म

फजावाद स कछ खकलोमरीटर पवव रामगज नामक गाव म रात को एक िज लगभग ७००-८०० कारसवक पहच इनक पहचन करी सचना खमलत हरी गाव करी माता िखहन एकखतत हो गई और दित हरी दित सिन खमलकर एक घटर क अदर गरम ताजा भोजन तयार कर खिलाया गराम वाखसयो न अपन सोन क सान िालरी कर कारसवको को सलाया और सवय िाहर सोय सखदवयो क खदन तो सिह ितो म कडाव चढाकर

इन लोगो क सान आखद क खलए पानरी करी वयवसा करी गई गाव करी मखहला सरपच न अपनरी जरीप और गाव क टरकटरो स कारसवको को अयोधया क नजदरीक गोमतरी खकनार तक पहचाया और तो और गोमतरी पार करान िाल नाखवको न भरी इनस पस लन स इनकार कर खदया

१९९० म कार सवा का आवहान हआ खजसम खरवपररी स भरी सकडो सवयसवक रवाना हए खरवपररी झासरी मागव पर उततर पदर करी मलायम खसह सरकार न पल

कसा था िह जार

१९९० म कार सिा का आवहान हआ वजसम वििपरी

स भी सकडो सियसिक रिाना हए वििपरी झासी

मागष पर उतिर परदि की मलायम वसह सरकार न पल पवलया तोड वदए थ तावक कोई अयोधया तो दर उतिर परदि म भी ना पहच सक कारसिक जब झासी की

ओर पदल रिाना हए उनम स अनको वगरफतार कर वलय

गए

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१९९० म वपपररया स पहला जतथा वजला परमख शी अनतराम जी क नतति म तथा दसरा शी दवारका परसाद खडलिाल क नतति म रिाना हआ

इलाहािाद क आग परताप गढ चकपोसट पर इन लोगो को वगरफतार कर वलया गया बहा इनह नि वनवमषत पोलीटवनिक कालज म बदी बनाकर

रखा गया बहा परिासन दवारा भोजन आवद की कोई वयिसथा नही की गई थी इतना ही नही तो बाहर स सथानीय कायषकताषओ दवारा की गई भोजन

वयिसथा को भी नही लन वदया जा रहा था उस पररसर म लगभग ३००० लोग भड बकररयो की तरह भर वदए गए थ अवयिसथा स नाराज इन

लोगो न गट पर लगा ताला तोड वदया बहा उपकसथत मटीभर अवधकारी इस जन सलाब को नही रोक पाए पदल ही य आग अयोधया क मागष पर

बढ चल

लिक वररष पतकार ह

हररहर रमाव

रामजनम भवम आनदोलन ससमरण

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पखलया तोड़ खदए ताखक कोई अयोधया तो दर उततर पदर म भरी ना पहच सक कारसवक जि झासरी करी ओर पदल रवाना हए उनम स अनको खगरफतार कर खलय गए झासरी करी लकमरी वयायामराला को असाई जल िनाया गया जहा इन लोगो न अपनरी आिो क सामन पखलस गोलरी चालन म हताहत होत कारसवको को दिा जो एक दिद अनभव ा

पखलस को चकमा द अनको कारसवक अयोधया क मागव पर आग खनकलन म सफल हए खकनत अततः व भरी खगरफतार कर उननाव जल भज खदए गए इस जल म परासन करी रह पर मससलम कखदयो न लोह करी छड़ो वा पलटो इतयाखद स इनपर हमला कर खदया शररी खवमलर गोयल को तो इतना परीटा गया खक व िहोर हो गए वा आकमण काररी उनह मत समझकर छोड़ गए सात खदन िाद असपताल म शररी गोयल को होर आया

कोलारस गपत वाखहनरी क गयारह कारसवक लिनऊ स २०० खकमरी पदल चलकर सवव शररी गणर खमशरा आलोक खिदल पम रकर वमाव फलखसह जाट खरबिखसह जाट (हममाल) रामशवर खिदल सतोष गौड़ खवनोद खमशरा लाडलरी पसाद गोयल आखद अयोधया पहचन म सफल हए इन सभरी न २ नवमिर को हए नरसहार को अपनरी आिो स दिा व भोगा

२८ अकटिर १९९० को मधय भारत करी ४० वाहखनया अयोधया क खलय रवाना हई| उततर पदर म मलायमखसह करी सरकार न खभड इटावा मागव स कोई आग ना िढ सक इसक पखता इतजाम खकय | इटावा मलायम खसह का गह खजला होन स उनक छोटर भाई खररपाल यादव िद इस वयवसा को दि रह |

चमिल क पल पर तरीन दरीवाल िनाकर यातायात को िाखधत खकया ा िहरी इस िात करी भरी पररी वयवसा री खक कोई पदल भरी उततर पदर म पवर ना कर सक | ईटो करी पककरी दरीवारो क िरीच म लोह करी चादर रिरी गई ी | इसक िाद डरम रिकर उसक परीछर सरसत पखलस िल तनात ा | चमिल म चलन िालरी साररी नावो पर पखलस न कबजा कर खलया ा | नदरी क उस पार खररपाल खसह साररी वयवसाओ का खनररीकषण कर रह | उनक सा हखयार िद गडर भरी |

कार सवको म सिस आग सतो करी टोलरी री | साधओ न खतरल आखद करी सहायता स दरीवार को तोड़ खदया | दरीवार टटत हरी लगभग ४००० कार सवक आग िढन लग | पखलस न कार सवको करी खगरफताररी रर कर दरी | लखकन सखया इतनरी अखधक री खक सिको खगरफतार करना परासन क खलए सभव हरी नहरी ा |

खगरफताररी स काम ना िनता दिकर नदरी पार स खररपाल खसह यादव ता उसक सा िड़र एक पतकार और खडपटरी कलकटर न सवय गोलरी चलाना पारमभ कर खदया | पहलरी गोलरी खभड क एक कायवकताव सतय पाल को लगरी | गभरीर रप स घायल सतयपाल करी िाद म मतय हो गई | कोकखसह नरवररया करी इतनरी खपटाई हई खक उनकरी ररीढ करी हडरी हरी टट गई | उनह ६ माह असपताल म खिताना पड़र | रामखसया क पर म गोलरी लगरी और व जरीवन भर क खलए अपाखहज हो गए | कारसवको न हर पकार क कषट सहकर भरी कारसवा म उतसाह पववक भाग खलया |

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यह िातचरीत ह उस िालकषण सराफ जरी स खजनहोन शररी राम जनमभखम मसकत क आदोलन म तन मन और धन स लग कर इसको गखत दरी री जि अयोधया म मखदर क गभवगह क भखमपजन करी खतख खनधावररत हो चकरी ह ति यह महतवपणव हो जाता ह खक इस लि सघषव क साकषरी और सहभागरी रह िालकषण जरी जस कमवयोदा स चचाव करी जाय इसरी उदशय स जि उनस िातचरीत रर हई तो आदोलन क खदनो म हरी जस वह िो गए िालकषण जरी न िताना रर खकया - व खदन िड़र अलग पकार क गोरकषपरीाधरीशवर महनत अवदना जरी महाराज शररीराम जनमभखम मसकत यजञ सखमखत क अधयकष होत इस कारण भरी और शररी अयोधया जरी क खनकट का सान होन स भरी गोरिपर हरी उस आदोलन का कदर हो गया ा आदोलन स जड़र सभरी पमि और िड़र नता पायः गोरिपर आत रहत

सपना साकार होत दख पा रहा यह राम जरी की कम पा

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शी अयोधया जी म भगिान शी राम की जनमभवम पर मवदर का वनमाषण एक सपना था जो अब परा हो रहा ह परमपजय गोलोकिासी अिोक वसघल जी का यह सपना रहा

वक अपनी आखो स राम मवदर का वनमाषण दख पात उनक जीिन म भल ही सभि नही हो पाया लवकन हम अतयत सौभागयिाली ह जो यह दख रह ह यह कायष वजस सकप िकत क साथ परधानमतरी जी धयषपिषक कर रह ह इसस सनातन धमष क इवतहास म

बहत महतिपणष पनिा जड रहा ह परसतत ह इसी विषय पर बालककषण सराि स बातचीत ससककवत पिष की सहायक समपादक अवनता अगरिाल की बातचीत क कछ परमख अि

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िालकषण जरी ितात ह खक चाह अरोक खसघल हो या खफर खवषणहरर डालखमया या खफर खवनय कखटयार सभरी न मरा आखतथय सवरीकार खकया कारसवको करी मदद म मररी पतरी गोलोकवासरी पकाररी दवरी करी भखमका करी चचाव भरी यहा जरररी ह कयोखक इस धाखमवक कायव म उनहोन भरी न कवल परा सा खदया िसलक कई िार सवाकायव म वह मझस भरी आग नजर आई जि भरी कारसवको क िानपान और रहन क इतजाम करी समसया आतरी यह हमार खजमम होता ा इस कायव म मररी धमवपतरी का योगदान िहत महतवपणव ह कयोखक िान पान और रहन करी वयवसा वहरी समहालतरी ी 1990 और 1992 क आदोलनो म खहससा लन जान वाल िहत स कारसवको करी न कवल आखवक मदद करी िसलक उनक अयोधया तक पहचन का इतजाम भरी खकया

वह ितात ह खक इन आदोलनो को सफल िनान करी रणनरीखत को लकर कई गोपनरीय िक मर घर पर हरी समपनन होतरी ी 1992 क आदोलन म कारसवको करी मदद को लकर जि पखलस न मझ खगरफतार न करन क खलए माफरीनाम करी रतव रिरी तो मन रतव को मानन स साफ इनकार यह कहकर कर खदया खक हम अपन रामलला क खलए लड़ रह ह कोई अपराध नही कर रह िाद म पखलस न खगरफतार तो खकया लखकन कोई सित नही खमलन क चलत मझ छोड़ना पड़ा

िालकषण जरी उन खदनो याद करत हए ितात ह खक व खदन अतयत सघषव क राजनरीखतक पररससखतया अतयत खवपररीत ी सभरी को िरािर खगरफताररी का डर िना रहता ा गोरिना मखदर सरसवतरी खवदामखदर क अलावा मरा हरी घर ा जो पमि कदर ा ति सगन करी भरी आखवक ससखत िहत अचछरी नहरी होतरी री इसखलए हर योजना म िाधाए भरी िहत आतरी ी खवपररीत राजनरीखतक पररवर क कारण सामानय लोगो का सहयोग भरी िहत कम हरी खमलता ा जो लोग मन स आदोलन क सा व भरी िल कर सामन नहरी आत

वतवमान उपलसबधयो और मखदर खनमावण को लकर पछर जान पर िालकषण जरी करी आिो म एक अलग हरी चमक उभरतरी ह वह जस सच म सपनो करी दखनया म िो जात ह कछ रक कर िोलत ह - िहत मसशकलो क िाद यह खदन आया ह हर भारतरीय क खलए यह गौरव का कषण ह हर खहनद को अि िद खहद होन पर अवशय गवव हो रहा ह शररीराम कवल एक दवता नहरी ह शररीराम क खिना भला हमारा अससततव हरी कया ह शररीराम करी जनमभखम पर िन रहा मखदर वासतव म भारत को खवशवगर िनायगा अि स दखनया भारत को खवशवगर क रप म हरी दिगरी यह अदभत ह िड़र िखलदानो क िाद यह खदन आया ह यह भारत करी असलरी सवततता ह यह वासतखवक दरीपावलरी ह

सघ परमपरा

मोहन भागरि िी

क सी सरदशवन िी

परो० रािनदर तसह (रज भया)

बािा साहब दररस िी

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खरव जरी खसह गोरिपर म शररी राम जनमभखम आदोलन का एक गढ रह सरसवतरी खवदा मखदर पररवार क पमि ह वषव 1990 स 1992 तक यह खवदालय आदोलनकाररी खहनद नताओ का पमि आशरयसल रहा ह उस समय क यहा क पमि नागदर खसह दाढरी िािा स लकर खरव जरी खसह तक न अतयत सखकय भखमका खनभाई ह खरव जरी खसह उन खदनो को याद करत हए कहत ह खक खजस तरह का जोर और उतसाह राम मखदर को लकर उस समय िना ा उसकरी कलपना वहरी कर सकता ह जो उसम रररीक रहा वह कहत ह खक अतयत खवपररीत पररससखतयो म उस समय हर आदोलनकाररी एक सवयसवक क रप म ा पायः आदोलनकाररयो करी तलार म खवदालय म पखलस आतरी रहतरी री लखकन ऐसरी वयवसा िनानरी पड़तरी री खक कोई पकड़ म न आय

अपन सघषव क खदनो को याद करत हए खरवजरी खसह ितात ह खक 1990 स 1992 क िरीच कारसवको क खछपन का महतवपणव खकाना ा सरसवतरी खवदा मखदर यहा आन वाल कारसवको क रहन-िान क इतजाम का खजममा मझ पर हरी ा खकसरी को रक न हो इसक खलए जि भरी आदोलन चरम पर होता म नपालरी का वर धारण कर अडरवरीयर-िखनयान और नपालरी टोपरी पहनकर वह पररसर म ऐस घमता जस कोई पररचारक

खरवजरी ितात ह खक 1992 क आदोलन म एक िार ऐसा हआ खक यहा सवा सौ करी सखया म झारिड स आए तरीर-कमान वाल कारसवक खछप हए और दर रात पखलस का छापा पड़ गया ऐस म िद को िचान क खलए मझ नीव क खलए तयार खकए गए उस गडर म कद जाना पड़ा खजसम स छड़ खनकलरी हई ी यह राम जरी करी कपा हरी री खक मझ एक िरोच तक नही आई खरवजरी ितात ह खक उन खदनो हररयाणा पजाि झारिड खिहार स आए हजारो कारसवको करी सवा का उनह अवसर खमला कारसवको क खलए भोजन क तौर पर खवदालय म उन खदनो गड़ चड़ा चना अचार हररी खमचव जस चरीज अखधक माता म हमरा मौजद रहतरी ी खरवजरी क मताखिक आदोलन करी रणनरीखत िनान क खलए कई िार खछपकर अरोक खसघल जरी और खवनय कखटयार जस नता भरी वहा पहच और उनह उनकरी सवा का अवसर भरी खमला ा राम मखदर खनमावण रर होन करी चचाव पर खरवजरी भावक होकर कहत ह खक हमाररी तपसया आखिरकार सफल हई वह कहत ह खक यह पशन कवल एक मखदर का नहरी ा यह भारत और सनातन ससकखत करी अससमता का सवाल रहा ह अि शररीराम जनम भखम पर भवय मखदर क खनमावण का सपना परा हो रहा ह यह ससखत भारत और भारतरीयता क खलए वसशवक गवव करी ह

सघरश स परा हो रहा एक सपनाvkys[k

अयोधया म शी राम जनमभवम पर मवदर का वनमाषण असाधारण घटना ह बहत बवलदानो और सघषषो क बाद यह सपना परा हो रहा ह मझ गिष ह वक म खद भी इस सघषष म एक वगलहरी परयास क साथ मौजद रहा ह आज भी

आदोलन क दौरान की घटनाए याद आती ह तो यकीन ही नही होता वक उतना सब होता था और हम लोग करत थ

सजय यादव

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तालकटोरा सडियम म सतो का रखनाद

3-4 निमबर 2018

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गगवा बडी गरोदवारी तीरथ बडरो परवागसबस बडी अररोधरवानगरीजि रवाम मलररो अतवार

दो हजार साल िाद पाच अगसत को वह सवनवम अवसर आएगा जि राम जनमभखम पर पधानमतरी नरदर मोदरी भवय राममखदर करी आधारखरला रिग और सदरी क सौभागयरालरी लोग इस अवसर क गवाह िनग 21वी सदरी क लोग सौभागयरालरी खजनक सामन वो खचर अखभलाखषत कषण आ रहा ह खजसक खलए कई परीखढय़ो न सघषव खकया और रामजनमभखम क पाशरव म पवाखहत उततरावाखहनरी मा सरय आनिय कोण पर खवराजमान हनमान जरी अयोधयावासरी और शरदावनत साधक जलद हरी अपन रामलला को अपन भाइयो क सा ऐस भवय भवन म खवराजमान होत दिग खजसकरी कामना पाच सदरी स होतरी रहरी ह राम मखदर क भखमपजन करी ताररीि जस-जस नजदरीक आ रहरी ह हलचल िढतरी जा रहरी ह दरभर म मखदर खनमावण म सहयोग दन करी गखतखवखधया भरी तज हो गई ह भखम पजन क खलए पखवत नखदयो का जल और तरीव सलो करी पखवत खमटटरी लान का खसलखसला भरी रर हो गया ह

खहनदओ क मखदरो क अलावा अयोधया

जन मखदरो क खलए भरी िासा लोकखपय ह अयोधया को पाच जन ततीकरो करी जनमभखम भरी कहा जाता ह जहा खजस ततीकर का जनम हआ ा वही उस ततीकर का मखदर िना हआ ह इन मखदरो को फजािाद क नवाि क िजाचरी कसररी खसह न िनवाया ा कहत ह खक खसकदर लोदरी क रासनकाल क दौरान यहा मखदर मौजद ा 14वी रताबदरी म खहनदसतान पर मगलो का अखधकार हो गया और उसक िाद हरी राम जनमभखम एव अयोधया को नषट करन क खलए कई अखभयान चलाए गए अतत 1527-28 म इस भवय मखदर को तोड़ खदया गया और उसकरी जगह िािररी ढाचा िड़ा खकया गया अयोधया म राम जनमभखम को लकर कई दरको स खववाद चल रहा ा खजस सववोच नयायालय क खनणवय न ितम कर खदया ह

भारत करी पाचरीन नगररयो म स एक अयोधया को खहनद पौराखणक इखतहास म पखवत और सिस पाचरीन सपत पररयो म पम माना गया ह अयोधया का सिस पहला वणवन अवववद म खमलता ह अवववद म अयोधया को दवताओ का नगर िताया गया ह पौराखणक काओ क अनसार बरहमा स जि मन न अपन खलए एक नगर क खनमावण करी िात कहरी तो व उनह खवषणजरी क

अयोधा का पाचरीन और पौराणिक इवतहास

भारत की पराचीन नगररयो म स एक अयोधया को वहनद पौरावणक इवतहास

म पवितर और सबस पराचीन सपत पररयो म परथम

माना गया ह अयोधया का सबस पहला िणषन अथिषिद म वमलता ह अथिषिद म अयोधया को

दिताओ का नगर बताया गया ह

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अयोधया कहत ह वक इवतहास खद को दोहराता ह और अयोधया म राम मवदर का पनवनषमाषण एक बार विर इवतहास क पनिो म दजष होन जा रहा ह सन 1528 म बाबर न रामजनमभवम पर बन वजस मवदर का धिस कराया

उस लगभग दो हजार साल पहल महाराज विरिमावदतय न ही वनवमषत कराया था पाच सौ साल क लब सघषष और सपरीम कोटट क िसल क बाद नीि

की ईट विर भवयता धारण करन को आतर ह

लिक महातमा गाधरी अतरावषटरीय खहनदरी खवशव खवदालय वधाव म वररष रोध अधयता ह

डॉ0 अचवना पाठया

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पास ल गए खवषणजरी न उनह अवधधाम म एक उपयकत सान िताया खवषणजरी न इस नगररी को िसान क खलए बरहमा ता मन क सा दवखरलपरी खवशवकमाव को भज खदया इसक अलावा अपन रामावतार क खलए उपयकतन सारन ढढन क खलए महखषव वखरष को भरी उनक सा भजा मानयता ह खक वखरष दारा सरय नदरी क तट पर लरीलाभखम का चयन खकया गया जहा खवशवकमाव न नगर का खनमावण खकया सकददपराण क अनसार अयोधया भगवान खवषण क चक पर खवराजमान ह

सरय नदरी क तट पर िस इस नगर करी रामायण अनसार खववसवान (सयव) क पत ववसवत मन महाराज दारा सापना करी गई री मारो क इखतहास क अनसार ववसवत मन लगभग 6673 ईसा पवव हए बरहमाजरी क पत मररीखच स कशयप का जनम हआ कशयप स खववसवान और खववसवान क पत ववसवत मन ववसवत मन क 10 पत- इल इकवाक करनाम अररषट धषट नररषयनत करष महािलरी रयावखत और पषध इसम इकवाक कल का हरी जयादा खवसतार हआ इकवाक कल म कई महान पतापरी राजा ऋखष अररहत और भगवान हए ह इकवाक कल म हरी आग चलकर पभ शररीराम हए अयोधया पर महाभारत काल तक इसरी वर क लोगो का रासन रहा इस वर म राजा रामचदरजरी क खपता दरर 63व रासक इकवाक न अयोधया को अपनरी राजधानरी िनाकर भारत क लगभग िहत िड़र कषत पर रासन खकया इकवाक क तरीन पत 1कखकष 2खनखम और 3दणडक उतपनन हए इकवाक क पम पत कखकष क पत का नाम खवकखकष ा खवकखकष क पत िाण और िाण क पत अनरणय हए अनरणय स प और प और प स खतरक का जनम हआ खतरक क पत धधमार हए धधमार क पत का नाम यवनाशव ा यवनाशव क पत मानधाता हए और मानधाता स सससनध का जनम हआ सससनध

क दो पत हए- धवससनध एव पसनखजत धवससनध क पत भरत हए कखकष क कल म भरत स आग चलकर सगर भागरीर रघ अमिररीष ययाखत नाभाग दरर और भगवान राम हए उकत सभरी न अयोधया पर राजय खकया पहल अयोधया भारतवषव करी राजधानरी हआ करतरी री िाद म हसतरीनापर हो गई

इकवाक क दसर पत खनखम खमखला क राजा इसरी इकवाक वर म िहत आग चलकर राजा जनक हए राजा खनखम क गर - ऋखष वखसष खनखम जन धमव क 21व तरीाकर िन इस तरह स यह वर परमपरा चलत-चलत हररशचनदर रोखहत वष िाह और सगर तक पहचरी राजा सगर क दो ससतया ी-पभा और भानमखत पभा न औवावखनि स सा हजार पत और भानमखत कवल एक पत करी पाखपत करी खजसका नाम असमजस ा यह का िहत पखसद ह खक सगर क सा हजार पत कखपल मखन क राप स पाताल लोक म भसम हो गए और खफर असमजस करी परमपरा म भगरीर न गगा को मनाकर अपन पववजो का उदार खकया ा इस तरह सयववररी इकवाक वर क अनतगवत अनक यरसवरी राजा उतपनन हए उकत सभरी लोगो न अयोधया पर राज खकया ा सभरी करी काए आपको जन और खहनद पराणो म खवसतार स खमल जाएगरी भगरीर क पत ककतस और ककतस क पत रघ हए रघ क अतयत तजसवरी और पराकमरी नरर होन क कारण उनक िाद इस वर का नाम रघवर हो गया ति राम क कल को रघकल भरी कहा जाता ह रघ क पत पवद हए पवद क पत रिण और रिण क पत सदरवन हए सदरवन क पत का नाम अखनिवणव ा अखनिवणव क पत ररीघरग और ररीघरग क पत मर हए मर क पत परशरक और परशरक क पत अमिररीष हए अमिररीष क पत का नाम नहष ा नहष क पत ययाखत और ययाखत क पत नाभाग हए नाभाग क पत का नाम अज ा अज क पत दरर हए और दरर क य चार

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पत राम भरत लकमण ता रतघन ह राम क दो जड़वा पत लव और कर दोनो का हरी वर आग चला वतवमान म दोनो क हरी वर क लोग िहतायत म पाए जात ह

अयोधया क राजा नाखभराज क पत ऋषभदव अपन खपता करी मतय क िाद राजखसहासन पर िर यवा होन पर कचछ और महाकचछ करी 2 िहनो यरसवतरी (नदा) और सनदा स ऋषभना का खववाह हआ नदा न भरत को जनम खदया जो आग चलकर चकवतती समराट िना उसरी क नाम पर हमार दर का नाम भारत पड़ा सनदा न िाहिलरी को जनम खदया खजनहोन घनघोर तप खकया और अनक खसखदया पापत की इस पकार आखदना ऋषभना 100 पतो और बराहमरी ता सदररी नामक 2 पखतयो क खपता िन शररीमदभागवत क पञचम सकध एव जन गरो म चकवतती समराट राजा भरत क जरीवन एव उनक अनय जनमो का वणवन आता ह महाभारत क अनसार भरत का सामराजय सपणव भारतरीय उपमहादरीप म वयापत ा अयोधया इनकरी राजधानरी री इनक हरी कल म राजा हरररचदर हए और आग चलकर उपर िताए गए महान राजा हए अयोधया इकवाक और खफर रघवररी राजाओ करी िहत परानरी राजधानरी री पहल यह कौरल जनपद करी राजधानरी री पाचरीन उललिो क अनसार ति इसका कषतफल 96 वगव मरील ा वालमरीवखक रामायण क 5व सगव म अयोधयार पररी का वणवन खवसतार स खकया गया ह उततर भारत क तमाम खहससो म जस कौरल कखपलवसत वरालरी और खमखला आखद म अयोधया क इकवाक वर क रासको न हरी राजय कायम खकए अयोधया और पखतषानपर (झसरी) क इखतहास का उदगम बरहमाजरी क मानस पत मन स हरी समिद ह जस पखतषानपर और यहा क चदरवररी रासको करी सापना मन क पत ऐल स जड़री ह खजस खरव क शराप न इला िना खदया ा उसरी पकार अयोधया और उसका सयववर मन क पत इकवाक स पारमभ हआ

भगवान शररीराम क िाद िाद लव न शरावसतरी िसाई और इसका सवतत उललि अगल 800 वषथो तक खमलता ह कहत ह खक भगवान शररीराम क पत कर न एक िार पन राजधानरी अयोधया का पनखनवमावण कराया ा इसक िाद सयववर करी अगलरी 44 परीखढयो तक इसका अससततव िरकरार रहा रामचदर स लकर दापरकालरीन महाभारत और उसक िहत िाद तक हम अयोधया क सयववररी इकवाकओ क उललि खमलत ह इस वर का िहदर अखभमनय क हाो महाभारत क यद म मारा गया ा महाभारत क यद क िाद अयोधया उजड़-सरी गई लखकन उस दौर म भरी शररीराम जनमभखम का अससततव सरखकषत ा जो लगभग 14वी सदरी तक िरकरार रहा िहदर क कई काल िाद यह नगर यह नगर मगध क मौयथो स लकर गपतो और कननौज क रासको क अधरीन रहा अत म यहा महमद गजनरी क भाज सयद सालार न तकक रासन करी सापना करी वो िहराइच म 1033 ई म मारा गया ा उसक िाद तमर क पशचात जि जौनपर म रको का राजय साखपत हआ

तो अयोधया रखककयो क अधरीन हो गया खवरषरप स रक रासक महमद राह क रासन काल म 1440 ई म 1526 ई म िािर न मगल राजय करी सापना करी और उसक सनापखत न 1528 म यहा आकमण करक मससजद का खनमावण करवाया जो 1992 म मखदर-मससजद खववाद क चलत रामजनमभखम आनदोलन क दौरान ढहा दरी गई

ईसा क लगभग 100 वषव पवव उजन क चकवतती समराट खवकमाखदतय एक खदन आिट करत-करत अयोधया पहच गए कान होन क कारण अयोधया म सरय नदरी क खकनार एक आम क वकष क नरीच व अपनरी सना सखहत आराम करन लग उस समय यहा घना जगल हो चला ा कोई िसावट भरी यहा नही री महाराज खवकमाखदतय को इस भखम म कछ चमतकार खदिाई दन लग ति उनहोन िोज आरभ करी और पास क योगरी व सतो करी कपा स उनह जञात हआ खक यह शररीराम करी अवध भखम ह उन सतो क खनदवर स समराट न यहा एक भवय मखदर क सा हरी कप सरोवर महल आखद िनवाए कहत ह खक उनहोन शररीराम जनमभखम पर काल रग क कसौटरी पतर वाल 84 सतभो पर खवराल मखदर का खनमावण करवाया ा

अयोधया भारत क उततर पदर राजय का एक अखत पाचरीन धाखमवक नगर भारतरीयो क आराधय भगवान शररीराम करी जनमसलरी क रप म खवखयात ह यह पखवत सरय नदरी क तट पर िसा ह इस नगर को मन न िसाया ा और इस अयोधया का नाम खदया खजसका अव होता ह अ-यधय अाव जहा कभरी यद नही होता इस कौरल दर भरी कहा जाता ा अयोधया म सयववररीरघवररी

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राजाओ का राजय हआ करता ा खजसम भगवान शररी राम न अवतार खलए अयोधया को अवववद म ईशवर का नगर िताया गया ह और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह पभ शररी राम करी जनमसलरी होन क कारण अयोधया को मोकषदाखयनरी एव खहनदओ करी पमि तरीवसलरी क रप म माना जाता ह भारत करी गौरवरालरी आधयासतमक एव सासकखतक परमपरा का पखतखनखधतव करन वालरी अयोधया पाचरीनकाल स हरी धमव और ससकखत करी परम -पावन नगररी क रप म समपणव खवशव म खवखयात रहरी ह| वद म अयोधया को ईशवर का नगर िताया गया ह अषटचका नवदारा दवाना परयोधया और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह वतवमान अयोघया क पाचरीन मखदरो म सरीतारसोई ता हनमानगढरी मखय ह कछ मखदर 18वी ता 19वी रताबदरी म िन खजनम कनकभवन नागशवरना ता दरवनखसह मखदर दरवनरीय ह कछ जन मखदर भरी ह भगवान शररीराम करी लरीला क अखतररकत अयोधया म शररीहरर क अनय सात पाकटय हय ह खजनह सपतहरर क नाम स जाना जाता ह

अयोधया को भगवान राम करी नगररी कहा जाता ह मानयता ह खक यहा हनमान जरी सदव वास करत ह इसखलए अयोधया आकर भगवान राम क दरवन स पहल भकत हनमान जरी क दरवन करत ह यहा का सिस पमि हनमान मखदर हनमानगढरी क नाम स पखसद ह यह मखदर राजदार क सामन ऊच टरील पर ससत ह कहा जाता ह खक हनमान जरी यहा एक गफा म रहत और रामजनमभखम और रामकोट करी रकषा करत पभ शररीराम न हनमान जरी को य अखधकार खदया ा खक जो भरी भकत मर दरवनो क खलए अयोधया आएगा उस पहल तमहारा दरवन पजन करना होगा यहा आज भरी छोटरी दरीपावलरी क खदन आधरी रात को सकटमोचन का जनम खदवस मनाया जाता ह पखवत नगररी अयोधया म सरय नदरी म पाप धोन स पहल लोगो को भगवान हनमान स आजञा लनरी होतरी ह यह मखदर अयोधया म एक टरील पर ससत होन क कारण मखदर तक पहचन क खलए लगभग 76 सरीखढगया चढनरी पड़तरी ह इसक िाद पवनपत हनमान करी 6 इच करी पखतमा क दरवन होत हजो हमरा फल-मालाओ स सरोखभत रहतरी ह मखय मखदर म िाल हनमान क सा अजनरी माता करी पखतमा ह शरदालओ का मानना ह खक इस मखदर म आन स उनकरी साररी मनोकामनाए पणव होतरी ह मखदर पररसर म मा अजनरी व िाल हनमान करी मखतव ह खजसम हनमान जरी अपनरी मा अजनरी करी गोद म िालक क रप म खवराजमान ह इस मसनदर क खनमावण क परीछर करी एक का पचखलत ह सलतान मसर अलरी अवध का नवाि ा एक िार उसका एकमात पत गभरीर रप स िरीमार पड़ गया पाण िचन क आसार नही रह राखत करी काखलमा गहरान क सा हरी उसकरी नाड़री उिड़न लगरी तो सलतान न क हार कर सकटमोचक हनमान जरी क चरणो म माा रि खदया हनमान न अपन आराधय पभ शररीराम का धयान खकया और सलतान क पत करी धड़कन पनः पारमभ हो गई अपन

इकलौत पत क पाणो करी रकषा होन पर अवध क नवाि मसर अलरी न िजरगिलरी क चरणो म माा टरक खदया खजसक िाद नवाि न न कवल हनमान गढरी मखदर का जरीणथोदार कराया िसलक तामरपत पर खलिकर य घोषणा करी खक कभरी भरी इस मखदर पर खकसरी राजा या रासक का कोई अखधकार नही रहगा और न हरी यहा क चढाव स कोई कर वसल खकया जाएगा उसन 52 िरीघा भखम हनमान गढरी व इमलरी वन क खलए उपलबध करवाई इस हनमान मखदर क खनमावण क कोई सपषट साकय तो नही खमलत ह लखकन कहत ह खक अयोधया न जान खकतनरी िार िसरी और उजड़री लखकन खफर भरी एक सान जो हमरा अपन मल रप म रहा वो हनमान टरीला ह जो आज हनमान गढरी क नाम स पखसद ह लका स खवजय क पतरीक रप म लाए गए खनरान भरी इसरी मखदर म रि गए जो आज भरी िास मौक पर िाहर खनकाल जात ह और जगह-जगह पर उनकरी पजा-अचवना करी जातरी ह मसनदर म खवराजमान हनमान जरी को वतवमान अयोधया का राजा माना जाता ह कहत ह खक हनमान यहा एक गफा म रहत और रामजनमभखम और रामकोट करी रकषा करत |

अयोधया घाटो और मखदरो करी पखसद नगररी ह सरय नदरी यहा स होकर िहतरी ह सरय नदरी क खकनार 14 पमि घाट ह इनम गपतदार घाट ककयरी घाट कौरलया घाट पापमोचन घाट लकमण घाट आखद खवरष उललिनरीय ह मखदरो म कनक भवन सिस सदर ह लोकमानयता क अनसार ककयरी न इस सरीता को मह खदिाई म खदया ा ऊच टरील पर हनमानगढरी आकषवक का कदर ह इस नगर म रामजनमभखम-सल करी िड़री मखहमा ह शररीराम क वन गमन पर भरत जि उनह लौटान हत उनक पास गय और शररीराम न भरत क सि पकार क अननय खवनय को सखवनय असवरीकार कर खदया तो भरत को रामचदरजरी करी िड़ाऊ लकर हरी सतोष करना पड़ा इस समय रामचदरजरी और अयोधया क िहत स लोगो क समकष भरत न कहा ा-

चतयदयश िी सपणय षवदवि मनरघतम नदकरवामम रमद तवा त पकरवामम ितवाशन

अावत ह रघकल शरष खजस खदन चौदह वषव पर होग उस खदन यखद आपको अयोधया म नहरी दिगा तो अखनि म पवर कर जाऊगा अावत आतमदाह दारा पाण तयाग दगा भरत क मि स ऐस पखतजञापणव रबद सनकर रामचदर जरी न अपनरी आतमा करी पखतमखतव भरत को आशवसत करत हए कहा ा- तखत पखतजञाय-अावत ऐसा हरी होगा उनका आरय सपषट ा खक खजस खदन 14 वषव का वनवास पणव हो जाएगा मर अनज भरत म उसरी खदन अयोधया पहच जाऊगा रामचदरजरी अपन खदय वचनो को कभरी खवसमत नहरी करत इसखलए भाई भरत को खदय य वचन उनह पर वनवास काल म भलरी पकार समरण रह

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गोसवामरी तलसरीदास जरी न ऐसरी हरी अयोधया करी तो कलपना करी री शररीमदरामचररतमानस करी अवधारणा म उनक रामराजय करी कलपना यहरी तो ह आसा आतमसममान और आतमखनभवरता यहरी उदोष तो सभरी सनातन रासत करत ह

अयोधया अवा शररीराम कवल एक सान और दवता भर नहरी ह राम क खिना तो भारत भारतरीयता और यहा तक खक मनषयता करी भरी पररकलपना नहरी करी जा सकतरी ह खजस मन स मनषय सजञा साकार होतरी ह वहरी तो हमार और शररीराम क भरी आखद परष ह यानरी समसत मानव जाखत क आखद परष यह सोच कर हरी अदभत आभास होता ह खक हम खकन महान परषो क वरज ह हमाररी आय कया ह और आसा खकतनरी गहररी और महान ह इन सभरी तथयो को हम गोसवामरी जरी क दादस गरो और उनक सवय क जरीवन म दि सकत ह

लोकसरर म लोक मगल गोसवामरी तलसरीदास न रामभसकत क

दारा न कवल अपना हरी जरीवन कताव खकया वरन सभरी को शररीराम क आदरथो स

िाधन का पयास खकया वालमरीखक जरी करी रचना रामायण को आधार मानकर गोसवामरी तलसरीदास न लोक भाषा म राम का करी रचना करीसमपणव भारतवषव म गोसवामरी तलसरीदास क समरण म तलसरी जयतरी मनाई जातरी ह शरावण मास करी सपतमरी क खदन तलसरीदास करी जयतरी मनाई जातरी ह गोसवामरी तलसरीदास न सगण भसकत करी रामभसकत धारा को ऐसा पवाखहत खकया खक वह धारा आज भरी पवाखहत हो रहरी ह गोसवामरी तलसरी दास लोक मगल क लोक सवरो क पणता ह वह गढ जञान को लोक करी भाषा म रबद दन म खसदहसत ह वह लोक करी चतना और उसक समपषण क खलए सतत पयतररील ह वह खजतन िड़र भकत ह उसस भरी िड़र मनषय मानव उनकरी रचना क कदर म ह इसरीखलए वह आज भरी लोक म उतन हरी घल खमल ह भारत करी जञान परमपरा को लोक म पवाखहत करन करी उनकरी महनत िद म िहत कछ कह जातरी ह साखहतय स इात कवल भसकत को भरी दि तो तलसरी को गा कर आज हजारो लोग अपनरी रोजरी चला रह ह मानस ममवजञ और मानस क वयाखयाता िन कर परसकत और सममाखनत

आसा आतमसमान और आतममनभशरता

तलसी की परतयक ककवत कालजयी ह उनक परतयक िबद सनदि और मतर ह उनकी हर रचना पथिी की धाररता को भी पार करन िाली ह िह वजतन बड कवि ह उसस भी बड

यगदरषटा ह समय को पढऩा और उसक अनरप चतना

विवकसत कर लोक को जगा दन म िह मावहर ह

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शी अयोधया जी म भगिान शीराम की जनमभवम पर शीराम मवदर का वनमाषण एक नए यग का सतरपात ह यह आसथािान आतमसिावभमान स पररपणष आतमवनभषर भारत क निवनमाषण की आधारविला भी ह सकडो िषषो की पराधीनता स मत अयोधया को दखना सिय म अवत सखद ह हम उस पीढी क लोग ह जो सवदयो स दगध इवतहास को उजल सिरप म दखन जा रह ह ऐस नए भारत क सिरप को यवद साकार होत हम दख

रह ह तो यह हमारा सौभागय ह

लिक भखमटरक डरवलपसव पा० खल० लिनऊ क खनदरक ह

सजय खसह

सिभव गोसरामी तलसीिास और उनक दािस गरथ

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हो रह ह एक मानस स हरी आज हजारो घर पललखवत और पसषपत हो रह ह अदभत रचना ससार ह गोसवामरी जरी का उतनरी खवरद राखर को भला कछ पननो और रबदो म कस समटा जा सकता ह तलसरी करी पतयक कखत कालजयरी ह उनक पतयक रबद सनदर और मत ह उनकरी हर रचना पथवरी करी धाररता को भरी पार करन वालरी ह वह खजतन िड़र कखव ह उसस भरी िड़र यगदरषटा ह समय को पढऩा और उसक अनरप चतना खवखकसत कर लोक को जगा दन म वह माखहर ह

तलसरीदास जरी खजनका नाम आत हरी पभ राम का सवरप भरी सामन उभर आता ह तलसरीदास जरी रामचररत मानस क रचखयता ता उस भसकत को पान वाल जो अनक जनमो को धारण करन क पशचात भरी नही खमल पातरी उसरी अदभत सवरप को पान वाल तलसरीदास जरी सभरी क खलए सममाननरीय एव पजनरीय रह तलसरीदास जरी का जनम सवत 1589 को उततर पदर क िादा खजला क राजापर नामक गराम म हआ ा इनक खपता का नाम आतमाराम दि ता माता का नाम हलसरी ा तलसरीदास जरी न अपन िालयकाल म अनक दि सह यवा होन पर इनका खववाह

रतावलरी स हआ अपनरी पतरी रतावलरी स इनह अतयाखधक पम ा परत अपन इसरी पम क कारण उनह एक िार अपनरी पतरी रतावलरी करी फटकार lsquoलाज न आई आपको दौर आएह नाrsquo असस चमव मय दह यह ता सो ऐसरी परीखत ता नक जो होतरी राम स तो काह भव-भरीत िरीता न उनक जरीवन करी खदरा हरी िदल दरी और तलसरी जरी राम जरी करी भसकत म ऐस डि खक उनक अननय भकत िन गए िाद म इनहोन गर िािा नरहररदास स दरीकषा पापत करी

समाज क पथपिशवकतलसरीदास जरी न उस समय म समाज म फलरी अनक कररीखतयो

को दर करन का पयास खकया अपनरी रचनाओ दारा उनहोन खवधमती िातो पवाद और सामाज म उतपनन िराइयो करी आलोचना करी उनहोन साकार उपासना गो-बराहमण रकषा सगणवाद एव पाचरीन ससकखत क सममान को उपर उान का पयास खकया वह रामराजय करी पररकलपना करत इधर उनक इस कायथो क दारा समाज क कछ लोग उनस ईषरया करन लग ता उनकरी रचनाओ को नषट करन क पयास भरी खकए खकत कोई भरी उनकरी कखततयो को हाखन नही पहचा सका आज भरी भारत क कोन-कोन म रामलरीलाओ का मचन होता ह उनक जयतरी क उपलकय म दर क कोन कोन म रामचररत मानस ता उनक खनखमवत गरो का पा खकया जाता ह

अयोधया काशी और तलसीिासभगवान रकरजरी करी परणा स रामरल पर रहन वाल शररी

अननताननद जरी क खपय खरषय शररीनरहयावननद जरी न इस रामिोला क नाम स िहचखचवत हो चक िालक को ढढ खनकाला और खवखधवत उसका नाम तलसरीराम रिा तदपरानत व उस अयोधया ल गय और वहा सवत 1561 माघ रकल पचमरी (रकवार) को उसका यजञोपवरीत-ससकार समपनन कराया ससकार क समय भरी खिना खसिाय हरी िालक रामिोला न गायतरी-मनत का सपषट उचारण खकया खजस दिकर सि लोग चखकत हो गय इसक िाद नरहरर िािा न वषणवो क पाच ससकार करक िालक को राम-मनत करी दरीकषा दरी और अयोधया म हरी रहकर उस खवदाधययन कराया िालक रामिोला करी िखद िड़री पिर री वह एक हरी िार म गर-मि स जो सन लता उस वह क स हो जाता वहा स कछ काल क िाद गर-खरषय दोनो रकरकषत (सोरो) पहच वहा नरहरर िािा न िालक को राम-का सनायरी खकनत वह उस भलरी-भाखत समझ न आयरी जयष रकल तयोदररी गरवार सवत 1583 को 29 वषव करी आय म राजापर स ोड़री हरी दर यमना क उस पार ससत एक गाव करी अखत सनदररी भारदाज गोत करी कनया रतावलरी क सा उनका खववाह हआ चखक गौना नही हआ ा अत कछ समय क खलय व काररी चल गय और वहा रष सनातन जरी क पास रहकर वद-वदाग क अधययन म जट गय वहा रहत हए अचानक एक खदन उनह अपनरी पतरी करी याद आयरी और व

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वयाकल होन लग जि नही रहा गया तो गरजरी स आजञा लकर व अपनरी जनमभखम राजापर लौट आय पतरी रतावलरी चखक मायक म हरी री अत तलसरीराम न भयकर अधररी रात म उफनतरी यमना नदरी तरकर पार करी और सरीध अपनरी पतरी क रयन-ककष म जा पहच रतावलरी इतनरी रात गय अपन पखत को अकल आया दि कर आशचयवचखकत हो गयरी उसन लोक-लजा क भय स जि उनह चपचाप वापस जान को कहा तो व उसस उसरी समय घर चलन का आगरह करन लग उनकरी इस अपतयाखरत खजद स िरीझकर रतावलरी न सवरखचत एक दोह क माधयम स जो खरकषा उनह दरी उसन हरी तलसरीराम को तलसरीदास िना खदया रतावलरी न जो दोहा कहा ा वह इस पकार ह-

अनसथ चमय मर दि रि तवा सो ऐसी पीमत

नक जरो िरोती रवाम स तरो कवाि भ-भीत

ससककत म पदय-रचनासवत 1628 म वह हनमान जरी करी आजञा लकर अयोधया करी

ओर चल पड़र उन खदनो पयाग म माघ मला लगा हआ ा व वहा कछ खदन क खलय हर गय पवव क छह खदन िाद एक वटवकष क नरीच उनह भारदाज और याजञवलकयमखन क दरवन हए वहा उस समय वहरी का हो रहरी री जो उनहोन सकरकषत म अपन गर स सनरी री माघ मला समापत होत हरी तलसरीदास जरी पयाग स पन वापस काररी आ गय और वहा क पहादघाट पर एक बराहमण क घर खनवास खकया वही रहत हए उनक अनदर कखवतव-रसकत का पसफरण हआ और व ससकत म पद-रचना करन लग परनत खदन म व खजतन पद रचत राखत म व सि लपत हो जात आव खदन तलसरीदास जरी को सवपन हआ भगवान रकर न उनह आदर खदया खक तम अपनरी भाषा म कावय रचना करो तलसरीदास जरी करी नीद उचट गयरी व उकर ि गय उसरी समय भगवान खरव और पाववतरी उनक सामन पकट हए तलसरीदास जरी न उनह साषटाग पणाम खकया इस पर पसनन होकर खरव जरी न कहा तम अयोधया म जाकर रहो और खहनदरी म कावय-रचना करो मर आररीवावद स तमहाररी कखवता सामवद क समान फलवतरी होगरी इतना कहकर गौररीरकर अनतधावन हो गय तलसरीदास जरी उनकरी आजञा खररोधायव कर काररी स सरीध अयोधया चल गय

तलसीिास की रचनाएअपन 126 वषव क दरीघव जरीवन-काल म तलसरीदास न

कालकमानसार खनमनखलखित कालजयरी गरनो करी रचनाए की-

रामललानहछ वरागयसदरीपनरी रामाजञापशन जानकरी-मगल रामचररतमानस सतसई पाववतरी-मगल गरीतावलरी खवनय-पखतका कषण-गरीतावलरी िरव रामायण दोहावलरी और कखवतावलरी

इनम स रामचररतमानस खवनय-पखतका कखवतावलरी गरीतावलरी जसरी कखतयो क खवषय म खकसरी कखव करी यह आषववाणरी सटरीक पतरीत होतरी ह - पशय दवसय कावय न मणोखत न जरीयवखत अावत दवपरषो का कावय दखिय जो न मरता न पराना होता ह

लगभग चार सौ वषव पवव तलसरीदास जरी न अपनरी कखतयो करी रचना करी री आधखनक पकारन-सखवधाओ स रखहत उस काल म भरी तलसरीदास का कावय जन-जन तक पहच चका ा यह उनक कखव रप म लोकखपय होन का पतयकष पमाण ह मानस जस वहद गरन को कणस करक सामानय पढर खलि लोग भरी अपनरी रखचता एव जञान क खलए पखसद होन लग

रामचररतमानस तलसरीदास जरी का सवावखधक लोकखपय गरन रहा ह उनहोन अपनरी रचनाओ क समिनध म कही कोई उललि नही खकया ह इसखलए पामाखणक रचनाओ क समिनध म अनत साकय का अभाव खदिायरी दता ह नागररी पचाररणरी सभा काररी दारा पकाखरत गरन इस पकार ह-

रामचररतमानस रामललानहछ वरागय-सदरीपनरी िरव रामायण पाववतरी-मगल जानकरी-मगल रामाजञापशन दोहावलरी कखवतावलरी गरीतावलरी शररीकषण-गरीतावलरी खवनय-पखतका सतसई छदावलरी रामायण कडखलया रामायण राम रलाका सकट मोचन करिा रामायण रोला रामायण झलना छपपय रामायण कखवतत रामायण कखलधमावधमव खनरपण हनमान चालरीसा

एनसाइकलोपरीखडया ऑफ ररलरीजन एड एखकस म खगरयसवन न भरी उपरोकत पम िारह गरनो का उललि खकया ह

शीराम सर भटकछ काल राजापर रहन क िाद व पन काररी चल गय और

वहा करी जनता को राम-का सनान लग का क दौरान उनह एक खदन मनषय क वष म एक पत खमला खजसन उनह हनमान जरी का पता ितलाया हनमान जरी स खमलकर तलसरीदास न उनस शररीरघना जरी का दरवन करान करी पावना करी हनमान जरी न कहा तमह खचतकट म रघना जरी दरवन होग इस पर तलसरीदास जरी खचतकट करी ओर चल पड़र खचतकट पहच कर उनहोन रामघाट पर अपना आसन जमाया एक खदन व पदखकषणा करन खनकल हरी खक यकायक मागव म उनह शररीराम क दरवन हए उनहोन दिा खक दो िड़र हरी सनदर राजकमार घोड़ो पर सवार होकर धनष-िाण खलय जा रह ह तलसरीदास उनह दिकर आकखषवत तो हए परनत उनह पहचान न सक तभरी परीछर स हनमानजरी न आकर जि उनह सारा भद िताया तो व पशचाताप करन लग इस पर हनमान जरी न उनह सातवना दरी और कहा पात काल खफर दरवन होग सवत 1607 करी मौनरी अमावसया को िधवार क खदन उनक सामन भगवान शररीराम पन पकट हए उनहोन िालक रप म आकर तलसरीदास

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स कहा िािा हम चनदन चाखहय कया आप हम चनदन द सकत ह हनमान जरी न सोचा कही व इस िार भरी धोिा न िा जाय इसखलय उनहोन तोत का रप धारण करक यह दोहा कहा

मचरिकट क घवाट पर भइ सनतन की भीर

तलसीदवास चनदन मघस मतलक दत रघबीर

तलसरीदास शररीराम जरी करी उस अदभत छखव को खनहार कर अपन रररीर करी सध-िध हरी भल गय अनततोगतवा भगवान न सवय अपन हा स चनदन लकर अपन ता तलसरीदास जरी क मसतक पर लगाया और अनतधरयान हो गय

कखलकाल क िहान स तलसरी कखवतावलरी और खवनयपखतका म िाहय समाज म वयापत लोभ खलपसा ईषरया-दष रोषण भि िकाररी अकाल सामखजक अराजकता सासकखतक अपदषण सामतरी वगव करी मनमानरी कटटरपरी धमाववलसमियो क वणवन क सा तलसरी क अतमवन और तन करी परीड़ा का उललि खकया ह आलोचक रमर कतल मघ करी साहसपणव मगर वसतखनष खटपणणरी तलसरीदास क वयसकततव और कखततव को रिाखकत करतरी ह जि व समाज क पर रगमच को दित-दित ता भोगत-भोगत याववादरी एव वयवाहररक भरी हो जात ह (दोहावलरी कखवतावलरी हनमानिाहकाखद) ति व कखलकाल करी गदवन मरोड़ दत ह अपन जरीवन क परवतती चरण म तलसरी आधयासतमक और सवपनदरषटा क िजाय धाखमवक और याव दरषटा हए ह उनहोन अतत घोखषत हरी खकया करी सार समाज तत का आधार lsquoपटrsquo अावत आखवक रसकत ह (कखवतावालरी) यह उनक समाज दरवन करी महततम खसखद ह जो उनह किरीर तक स िहत आग ल जा सकतरी ह आखवक दररदरता को इतना भोगन-समझन वाला मनषय दररदरता क सामाखजक पररणामो को इतना सटरीक खवशलखषत करन वाला समाज-परष और दररदरता स इतनरी पगाढ नफरत करन वाला लोककखव तलसरी क अलावा कोई नही ह

रामचररतमानस की रचनासवत 1631 का पारमभ हआ दवयोग स उस वषव रामनवमरी

क खदन वसा हरी योग आया जसा ततायग म राम-जनम क खदन ा उस खदन पातकाल तलसरीदास जरी न शररीरामचररतमानस करी रचना पारमभ करी दो वषव सात महरीन और छबिरीस खदन म यह अदभत गरन समपनन हआ सवत 1633 क मागवररीषव रकलपकष म राम-खववाह क खदन सातो काणड पणव हो गय इसक िाद भगवान करी आजञा स तलसरीदास जरी काररी चल आय वहा उनहोन भगवान खवशवना और माता अननपणाव को शररीरामचररतमानस सनाया रात को पसतक खवशवना-मसनदर म रि दरी गयरी पात काल जि मसनदर क पट िोल गय तो पसतक पर खलिा हआ पाया गया-सतय खरव सनदरम खजसक नरीच भगवान रकर करी सहरी (पसषट) री उस समय वहा उपससत लोगो न सतय खरव सनदरम करी आवाज

भरी कानो स सनरी इधर काररी क पसणडतो को जि यह िात पता चलरी तो उनक मन म ईषरया उतपनन हई व दल िनाकर तलसरीदास जरी करी खननदा और उस पसतक को नषट करन का पयत करन लग उनहोन पसतक चरान क खलय दो चोर भरी भज चोरो न जाकर दिा खक तलसरीदास जरी करी कटरी क आसपास दो यवक धनषिाण खलय पहरा द रह ह दोनो यवक िड़र हरी सनदर कमर शयाम और गौर वणव क उनक दरवन करत हरी चोरो करी िखद रद हो गयरी उनहोन उसरी समय स चोररी करना छोड़ खदया और भगवान क भजन म लग गय तलसरीदास जरी न अपन खलय भगवान को कषट हआ जान कटरी का सारा समान लटा खदया और पसतक अपन खमत टोडरमल (अकिर क नौरतो म एक) क यहा रिवा दरी इसक िाद उनहोन अपनरी खवलकषण समरण रसकत स एक दसररी पखत खलिरी उसरी क आधार पर दसररी पखतखलखपया तयार करी गयी और पसतक का पचार खदनो-खदन िढऩ लगा इधर काररी क पसणडतो न और कोई उपाय न दि शररी मधसदन सरसवतरी नाम क महापसणडत को उस पसतक को दिकर अपनरी सममखत दन करी पावना करी मधसदन सरसवतरी जरी न उस दिकर िड़री पसननता पकट करी और उस पर अपनरी ओर स यह खटपपणरी खलि दरी-

आननदकवानन हवानसमञजङगमसतलसीतर

कमतवामञजरी भवामत रवामभरमरभमषतवा

इसका खहनदरी म अव इस पकार ह काररी क आननद-वन म तलसरीदास साकषात चलता-खफरता तलसरी का पौधा ह उसकरी कावय-मञजररी िड़री हरी मनोहर ह खजस पर शररीराम रपरी भवरा सदा मडराता रहता ह पसणडतो को उनकरी इस खटपपणरी पर भरी सतोष नही हआ ति पसतक करी पररीकषा का एक अनय उपाय सोचा गया काररी क खवशवना-मसनदर म भगवान खवशवना क सामन सिस ऊपर वद उनक नरीच रासत रासतो क नरीच पराणऔर सिक नरीच रामचररतमानस रि खदया गया पात काल जि मसनदर िोला गया तो लोगो न दिा खक शररीरामचररतमानस वदो क ऊपर रिा हआ ह अि तो सभरी पसणडत िड़र लखजत हए उनहोन तलसरीदास जरी स कषमा मागरी और भसकत-भाव स उनका चरणोदक खलया

तलसरीदास जरी जि काररी क खवखयात घाट असरीघाट पर रहन लग तो एक रात कखलयग मतव रप धारण कर उनक पास आया और उनह परीड़ा पहचान लगा तलसरीदास जरी न उसरी समय हनमान जरी का धयान खकया हनमान जरी न साकषात पकट होकर उनह पावना क पद रचन को कहा इसक पशचात उनहोन अपनरी असनतम कखत खवनय-पखतका खलिरी और उस भगवान क चरणो म समखपवत कर खदया शररीराम जरी न उस पर सवय अपन हसताकषर कर खदय और तलसरीदास जरी को खनभवय कर खदया सवत 1680 म शरावण कषण ततरीया रखनवार को तलसरीदास जरी न राम-राम कहत हए अपना रररीर पररतयाग खकया

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 73

अतमलतबलधवाम िमशलवाभदि

दनजनकशवान जञवामननवामगरगणरम

सकलगणमनधवान वानरवाणवामधीश

रघपमतमपरभकत वातजवात नमवामम

ऐस तो शररीअयोधयाजरी सखहत समपणव जगत हरी राममय ह और भारत करी कोई भरी पररकलपना राम स असपकत हो हरी नही सकतरी भारतरीय जन-मन भारतरीय जरीवन और दि तो सपणव भारतरीय पाररससखतकरी हरी राममय ह कहा भरी गया ह-सरीय राममय सि जग जानरी

करउ पनवाम जरोरर जग पवानी असत जहा राम ह वहा सरीता ह और वही ह शररीराम भकत िजरगिलरी हनमान

शररीअयोधया जरी तो अवववद क अनसार भरी सवगव सरी समद ईशवर करी नगररी ह खजसक कण-कण म राम नाम करी मखहमा पररवयापत

ह ऐस म राम क सा हरी रामभकत शररी हनमान भरी यहा खवरष रप स खवराजमान ह ऐसरी आशवससत ह खक अयोधया करी रकषा क खलए सवय पभ शररीराम न हनमानजरी को यहा खवराजमान रहन क खलए कहा ा राम स पहल रामभकत हनमान करी तज़व पर यहा आकर भकत राम क दरवन स पहल हनमानगढरी जाकर शररी हनमानजरी क दरवन करत ह मखदर म भल हरी िाल रप म शररीहनमानजरी जरी करी मात छः इच लिरी पखतमा ह पर इस पखतमा करी मखहमा करोड़ो खहनदओ सखहत अवध क नवाि मसर अलरी राह न दिा और परिा ह 76 सरीखढया चढकर जि भकत मा अजनरी करी गोद म लटर शररीहनमानजरी क िाल रप क दरवन करन जात ह तो उनह वह खदवय अनभखत होतरी ह खक हा शररीहनमानजरी क खिना शररीराम क दरवन का वह महतव नही

साकत नगररी अयोधया स जहा कोखट-कोखट खहदओ करी अगाध राम-आसा सननद

हनमान समपशि का सिवोतम षट भाि

एक बार सीता माता को वसदर लगात दख हनमानजी न इसका परयोजन जानना चाहा जब मा सीता न यह कहा वक इसस परभ राम

परसनि होग तो शीहनमानजी न अपन पर िरीर को ही वसदर स रग वलया इस

परकरण क बाद परभ शीराम क परवत उनकी वनषिा न जनमानस क बीच उनह भकत का कदर बना वदया

और उनकी परवतमा पर वसदर लवपत करना आसथा का

विषय बन गया

vkys[k

आईग टरीग िरी ग परीग जिलपर म वररष अखधकाररी एव सपखसद लिक

कमलर कमल

laLd`fr ioZtqykbZamp 2020 vksk foskkkad74

ह वही यह समपवण क सववोतकषट रप म शररीहनमानजरी को रपाखयत करतरी ह जनमानस म यह आशवससत ह खक और कोई नही सवय शररीहनमानजरी हरी शररीराम जनमभखम और इसक राजकोट करी रकषा करत ह

अयोधयानगररी हरी नही सपणव आयाववतव म शररी राम क सा हरी शररीहनमानजरी करी मखहमा गाई जातरी ह

धयातवय ह खक सामानय अखभवादन स लकर उन िन छीकन तक पर राम-राम कहन करी परपरा स लकर इहलरीला करी पररसमाखपत पर राम नाम सतय ह का सामखहक उदोष ह तो रसकत और भसकत क पकषटतम पारप क रप म शररी हनमान का जयघोष और उदोष ह

सभरी यगो म रभ क पसार हत साध-सत और कावाचक पभ राम क माहातमय को जन-जन तक पहचान का पयास करत ह कहा भरी गया ह-

रवामकथवा समस मकरन समवानवा

सत चकोर करखह जखह पानाअसत जहा राम ह वही हनमान भरी ह हर राम का म हनमानजरी करी तसवरीर या पखतमा अवशय होतरी ह अगाध और अटट खनषा और खनषकाम समपवण क ददरीपयमान सतमभ क रप म हनमानजरी करी मखहमा आज इतनरी वयापक ह खक समपणव भारत वषव म राम स अखधक मखदर हनमान क ह मगलवार का खदन हरी शररी हनमान करी भसकत को समखपवत ह और इस खदन मखदरो म खजतनरी लिरी-लिरी कतार लगतरी ह वह जनमानस करी हनमानजरी क पखत आसा को रपाखयत करता ह इतना हरी नही हनमानजरी करी मखतव पर जो खसदर लखपत खकया जाता ह वह भरी पकारानतर स शररीराम क पखत भसकत को हरी रपाखयत करता ह

का ह खक एक िार सरीता माता को खसदर लगात दि हनमानजरी न इसका पयोजन जानना चाहा जि मा सरीता न यह कहा खक इसस पभ राम पसनन होग तो शररीहनमानजरी न अपन पर रररीर को हरी खसदर स रग खलया इस पकरण क िाद पभ शररीराम क पखत उनकरी खनषा न जनमानस क िरीच उनह भसकत का कदर िना खदया और उनकरी पखतमा पर खसदर लखपत करना आसा का खवषय िन गया तलसरीदास जरी न खलिा-

लवाल दि लवाली लस अर धरर लवाल लगर

जर दि दवान दलन जर-जर-जर कमप शर

धयातवय ह खक शररीहनमानजरी को खनषकाम भसकत का सववोतकषट रप कहा जाता ह जनमानस म यह िात इतनरी घर कर गई ह खक जि कोई खकसरी क पखत िहत शरदा रिता ह और उस खवशवास नही खदला पाता ह तो कहता ह- हनमान तो ह नही खक छातरी चरीरकर खदिा सक वह पतरीकातमक तसवरीर खजसम शररी हनमान न छातरी चरीर कर राम और सरीता करी तसवरीर का दरवन कराया ह सामानय लोक म यह आसा खवकखसत और पोखषत करन म सववा सकषम ह खक खनषकाम और पणव समपवण म पररी भारतरीय ससकखत म शररी हनमान स

िड़ा कोई उदाहरण नही खदिता

खनषकाम समपवण करी िात भाषा-खवजञान क आलोक म भरी खसद होतरी ह महतवपणव यह ह खक अतखलत िल क धाम( खनवास सान) जञाखनयो क नामो म सिस आग खगन जान वाल और सकल (सभरी) गणो क खनधान( अमानत Treasury treasurer trove) वानरो क पमि पवनपत को हम lsquoहनमानrsquo नाम स हरी कयो जानत ह

सनातन ससकखत क अपखतम धवज-धारक भगवान रकराचायव न कहा-

अिमनयश मक पररमचनतनीर

ससवार ममथरवात मशवातमतत

इसम व खजस तरह खरव-ततव और आतम ततव क खचतन करी िात करत ह ससार करी खनससारता करी िात करत ह हनमान जरी करी राम भसकत उसका सिस िड़ा पमाण ह आइए इस रबद क सजञा-वखरषटय को दि

अगर हम lsquoहनमानrsquo रबद करी वयाखया - समास-खवगरह क आधार पर कर तो िात सपषट हो जातरी ह lsquoहनमानrsquo रबद lsquoहन+ मानrsquo स िना ह lsquoहनrsquo रबद क दो अव ह

1 हनन करना और 2 जिड़ा

इस तरह हनमान रबद क भरी दो अव हए

खजसन हनन कर खलया -अपन मान घमड का (िहवररीखह समास)

हन( जिड़ा) ह खजसका मान - कमवधारय समास

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 75

समास खवगरह का खनयम ह खक जहा िहवररीखह और कमवधारय दोनो समास हो वहा िहवररीखह को वररीयता दरी जातरी ह ताखककक और िौखदक धरातल पर खवचार कर तो सपषट ह खक पहलरी वयाखया हरी तककसगत और समरीचरीन ह ऐस भरी इतन गणो क आगर (िान mine) हो जो राम जरी का खपय भकत हो और तो और वह हनन( हतया) हरी कर चका हो अपन मान तक का तो सिस िड़री खवरषता खफर यहरी ह राम काज करीज खिना मोखह कहा खवशराम का उदोष करन वाल पवनपत तो राम करी सतता क सा हरी अनसयत और खनमखजत स हो गए ह

ऐस इस सदभव म एक का यह भरी ह खक इदर न अपन वजर क पहार स पवनपत क हन (डरी) को कषखतगरसत कर खदया खजसक िाद उनका नाम हरी हनमान हो गया हालाखक उनही क आररीष स इनका रररीर वजर करी हरी भाखत मज़ित हो गया खजस कारण इनह वजराग कहा गया वयाकरखणक रप स दि तो वजर+अग = वजराग िनता ह यहा भरी िहवररीखह समास ह- व खजनक अग वजर क समान ह लौखकक रप म वजराग वजरग और वजरग स िजरग हो गया अतयखधक िलरालरी होन क कारण िलरी खवरषण भरी सननद हो गया वजर जसरी मज़ितरी क कारण इनह वजरदह वजरागरी (लौखकक रप िजरगरी) वजरकटक आखद भरी कहा जाता ह

हनमानजरी जरी क खपता का नाम कसररी ा इस कारण इनह कसररीनदन कसररीसवन कहा जाता ह रीक इसरी तरह माता अजखन क पत होन क कारण इनह आजनय (अजनरी+एय पतयय) अजनरीसत अजखनपत अजखन क लाल आखद भरी कहा जाता ह

मरत अवा वाय क दवता स जड़र होन क कारण इनह मारत(मरत +अ पतयय = मारत) कहा जाता ह इसरी तरह इनह मारखत(मरत + सतानवाचक इ पतयय) पवननदन पवनसत मरतसत पवनज वातपत वातातमज पवनातमज और पवनपत भरी

कहा जाता ह खजसका अव ह- वायदवता क पत सभरी सकटो स रकषा करन क कारण इनह सकटमोचन कहा जाता ह एव िदरो क ईशवर होन क कारण इनह कपरीर (कखप+ईर) कपरीशवर वानरनदर आखद कहा जाता ह

धयातवय ह खक जयोखतषरीय गणना एव लोकमानयता क अनसार शररीहनमानजरी का जनम 58 हजार 112 वषव पवव तता यग क अखतम चरण म चत पखणवमा खदन मगलवार खचता नकषत एव मष लनि म सिह 6 िज क कररीि झारिड राजय क गमला खजल क आजन नाम क एक छोटर स पववतरीय गाव म हआ ा इस छोटरी सरी जगह म जनम लकर यह खदवय िालक कालातर म अपन तज अपन

बरहमचयव अपनरी मधा एव अपनरी अलौखकक रसकतयो स सपणव आयाववतव म पजय हो गया ऐस तो हनमानजरी बरहमा का सा आचरण करन वाल बरहमचाररी री लखकन एक मानयता ह खक इनक पसरीन स एक मकरधवज नामक िालक करी उतपखतत हई री इस मानयता करी पसषट खवखवध पामाखणक सदभथो स नही होतरी

बरहमाडपराण क अनसार शररी हनमानजरी अपनरी माता अजखन क सिस िड़र पत एव उनक 5 अनय भाई खजनक नाम - मखतमान शरखतमान कतमान गखतमान और धखतमान महाभारत काल म महािलरी भरीम भरी पवन क पत होन क नात इनक भाई अपन जयष भाता होन का कतववय खनभात हए इनहोन भरीमसन का दपव भजन खकया और उनह

खवनयररीलता करी खरकषा दरी री यग िदलत रह पररससखतया िदलतरी रही पर शररीहनमानजरी क पखत जनमानस करी आसा और भसकत सदा िलवतरी हरी होतरी गई िनारस पयागराज पटना महदरीपर आखद शररीहनमान जरी स सिधद अनकानक रहर जरीवत तरीव होत चल गए

यहा हरकर राम और मानस पर भरी दसषटपात कर लना उखचत होगा यग-यगातर क खलए मनषय करी समखत म अतयततम आदरव का पकारसतभ ह राम चाररखतक औदातय पणव-चतना आलोचनातमक

laLd`fr ioZtqykbZamp 2020 vksk foskkkad76

खववक एव दारवखनक मलयानभखत क पणव-पररपाक ह शररीराम कह सकत ह खक-

शील-शनकत-मरवायदवा क पकषटतम पमवाण ि रवाम

ऐस िी निी घर-घर पज जवात ि पभ रवाम

और रामचररतमानस कया ह रामचररतमानस ह - राम क चररत को हर मानस म उदभाखसत-अवससत करन का मानवता क इखतहास का सववोततम पयास यह कवल एक महाकावयातमक गर हरी नही ह खजसक सा धाखमवक आसा सननद ह वरन यह तो मनषय जाखत क आतयसनतक रभ करी समयक पररकलपना ह इस कराल कखलकाल म जहा मानव-मलयो का कषरण दरत गखत स हो रहा ह मानस क आलोक म मानव जाखत क आतयखतक रभ करी समयक पररकलपना हमार खलए आशवससतकारक हरी नही खदराखनदवरक भरी ह राजा कसा हो पत कसा हो पतरी कसरी हो खमत कसा हो यह हम मानस िताता ह ऐस म भसकत कसरी हो और भकत कसा हो उसका खवराट रप हम शररी हनमान क रप म दसषटगोचर होता ह ऐस भसकत और रसकत हरी कयो हम शररीहनमानजरी करी चतराई भरी दिनरी चाखहए-

जस जस सरसवा दन बढवावा

तास दनरी कखप रप दिावा क खवराट रप क िाद अचानक हरी मकिरी क सकम रप म सरसा क मह म पवर कर िाहर खनकल जान करी चतराई स सपषट होता ह खक उनक खलए अपन पभ क कायव का सपादन हरी धयय ा

दत क रप म मा जानकरी का पता लगाना हो अपन सवामरी करी रसकत स दशमन को सावधान करना हो या सकट काल म सजरीवनरी हत पववत हरी उा लाना शररीहनमानजरी न जो खकया वहरी जनमानस क खलए भसकत का भा-सवर हो गया

शररीरामचररतमानस क आलोक म हरी दि तो यह सभरी मानवरीय मलयो करी सापना क सा कखलयग करी वतवमान ससखत का भरी इसम खदगदरवन खमलता ह आज करी ससखत को उततरकाणड म दिा जा सकता ह-

सद तत समतवा मगरवानवा

कत पभवा पसन मन मवानवा

सत बित रज कछ रमत कमवाय

सब मबमध सख रितवा कर धमवाय

बि रज सलप सत कछ तमसवा

विवापर धमय िरष भर मनसवा

तवामस बित रजरोगण थरोरवा

कमल पभवा मबररोध चि ओरवा

ऐसरी ससखत म भरी मानव तन करी गररमा को भरी साखपत खकया

गया ह गरड जरी पशन करत ह-

पथममि किि नवाथ ममतधीरवा

सबस दलयभ कौन सरीरवा

अि भरसणड जरी कहत ह-

नर तन सम नमि कमनउ दिी

जी चरवाचर जवाचत सिी

नरक सगय अपगय मनसनी

जञवान मरवाग भगमत सख दनी

अि इसरी कड़री म सत और असत क लकषण का खनरपण दखिए-

सत सिमि दःख पर मित लवागी

पर दख ित असत अभवागी

भजय तर सम सत कपवालवा

पर मित मनत सि मबपमत मबसवालवा

सन इ खल पर बधन करई

खल कढवाई मबपमतत समि मरई

यहा खवचारणरीय ह खक हनमान जरी महान भकत हरी नही परम सत भरी ह सततव क सार गण उनम समगरता म समदाखटत ह

शररी हनमान सत हरी नही महानायक क रप म हमार सामन आत ह आषव परपरा म महानायकरीय अवा दवरीय चाररतरय हत 14 गण िताए गए ह- सतय धमव पखतभा कतजञता उदारता चाररतरय अनसया साखतवक कोध आतमसममान सववभतखहत नरीखत अनसरण अकोध एव वासगमता अगर इस खनकष पर भरी दि तो शररी हनमान जरी म अनकानक गणो का पाकटय हआ ह आज क सदभव म भरी दि तो ससषट क पहल सपर हरीरो क रप म िचा-िचा उनह जानता और मानता ह

उपयवकत खिदओ क आलोक म यह उदभाखषत होता ह खक खनषकाम समपवण और भसकत क ऐस खचरजरीवत पकारसतमभ ह शररीहनमान खजसस अभरी हरी नही आन वालरी सखदया भरी अनपाखणत-पोखषत होतरी रहगरी शररीअयोधयाजरी म िनन वाल खदवय और भवय राम मखदर क दरवनाव आन वाल समसत शरदालओ को जय शररीराम क उदोष क सा हरी जय हनमान और जय िजरगिलरी क उदोषो स भरी ऊजाव खमलतरी रहगरी

इमत शभम

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 77

तसरीरो म

सघरश क

डदन

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laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 79

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शरभ घड़ी अब आयी

बड़ सिाल उठ बड़ वयगय कस गए वटबोली बोली गयी लोकसभा क दो रनाि बीत गए बसती आय सतकबीर नगर आय गोरखपर आय बाराबकी आय अमबडकर नगर आय लखनऊ आय बनारस स लड़ दोनो बार जीत अयोधया कभी नही आय हालावक मन पथम लोकसभा रनाि क दौरान अपनी इसी शमखला म वलख वदया वक पधानमरिी नरदर मोदी अयोधया तभी आएग जब शीराम जनमभवम पर मवदर की आधारवशला रखनी होगी दरअसल लोगो म बड़ी अधीरता ह ि भल जात ह वक लालककषि आडिािी की राम रथ यारिा और मरली मनोहर जोशी की वतरगा यारिा का सारथी जब सिवोचच वसहासन पर खद सथावपत ह तो भला लालरौक और शीराम जनमभवम को वििावदत रप म कभी नही रखना राहगा पार िषवो क सततातमक सघषश और छठ िषश म पिश क साथ ही इन सभी वििादो को वनविशिाद बन जान क बाद उनकी इस यारिा की पतीकषा की जानी रावहए थी यह यारिा रामनिमी क वदन होन की सभािना थी लवकन कोरोना सकट न नही होन वदया नरदर मोदी की नीवत नीयत और निोनमषी रिनीवत को समझन की आिशयकता ह यह इतना सरल भी नही ह उनको समझन क वलए वकसी भी राजनीवतक या िराररक रशम को वकनार रखना होगा याद कीवजय जब राम मवदर क मद पर कई लोग जब जयादा बयानबाजी करन लग थ तब मोदी न एक िाय म सभी को रप करा वदया था बयानिीर की सजञा दी थी उनहोन यह अलग बात ह वक बािजद उनक वनददश क कछ लोग अपनी िाली करत रह यह बतान क वलए वक शीराम जनम भवम का मदा ि ही सलझा रह ह आप किल वपछल एक िषश क समय की समीकषा कीवजय अपनी ही नजर घमाइए कशमीर की धारा 370 शी राम जनमभवम समान नागररक सवहता की ओर बि कदम और विशिमर पर भारत की उपकसथवत नपाल की छड़खानी रीन की दवमहकडी यद की आहट महामारी और तजी स बदलता हआ इवतहास भगोल बदलन की सगबगाहट और मनषयता की छटपटाहट किल 5 अगसत 2019 स रलत हए 5 अगसत 2020 तक आइय दख सरय तट पर या वदख रहा ह बहत खास होन जा रहा इस बार अयोधया म शी राम जनम भवम गभशगमह क भवम पजन की साइत आ गयी भवम पजन इसी वदन यानी 5 अगसत को होगा राम जनमभवम तीथश कषरि टरसट की ओर स पधानमरिी कायाशलय को 3 और 5 अगस त की तारीख भजी गई थी पीएमओ न 5 अगसत का रना खद पधानमरिी नरदर मोदी इस भवम पजन म वशरकत करग शवनिार को मवदर टरसट की बठक क बाद दो तारीख तय की गई थी इस अिसर पर पधान मरिी का समबोधन बहत खास होन िाला ह सभि हो तो वडकोड कीवजयगा

ndash समपादक

सनािन क महायोदा

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जयोतिष विभाग ससकिविदया धरमविजञान सकाय DEPARTMENT OF JYOTISH FACULTY OF SVDV अधयकष (HEAD)

Tel 0542-6701969

शभाशसा दिनाक- 27072020

पराचीन काल म लौककक आखयानो सदित जञान-विजञान परण आचार-वयििार विशव-बधति एि सािणभौममक समानता आदि िशणननक एि आधयाततमक गरो स पररपरण चचरतन परपराओ म परिादित विचारधारा स भारतिरण क विशव गर पि पर आसीन िोन क कारर भारतीय सनातन ससकनत एि सभयता का अजसर परिाि अतयनत पराचीन काल स समगर विशव को अपनी तरफ आकवरणत करता रिा ि परनत कनतपय ऐनतिामसक काररो स िमारी सनातन परसत विचारधारा विखडित िो गई तथा िमारी यिा पीढी अपनी इस इस समदध विरासत स अनमभजञ िोकर कषणरक सखिायक पाशचातय ससकनत की ओर आकवरणत एि अगरसररत िोती गई तजसका परतयकष परभाि भारतीय समाज म सिणतर दविगत िो रिा ि तजसक ननिान क मलए िमारी भारतीय यिा पीढी को अपनी समदध परपरा स अिगत कराना अतयत आिशयक ि परसतत परसग म आिशण सिरप विदयमान साकषात जगतननयता भगिान विषर क अितार मयाणिा पररोततम भगिान शरी राम की जीिन लीला अतयत उपयोगी मसदध िोगी कयोकक उनका जीिनितत भारतीय समाज िी निी अवपत समगर विशव क मलए अनकररीय ि परसतत सिभण म यि अतयत िरण का विरय ि कक सनातन मलयो पर आधाररत ldquoससकति पिमrdquo नामक इस पतरतरका का परसतत अक विशवराधय मयाणिा पररोततम भगिान शरी राम क विशराक क रप म परकामशत िोकर िो रिा ि अतः म ससकनत पिण पतरतरका क सपािक मिल सदित सभी सिसयो का अमभनिन करता ि कक आप लोगो न अतयत समसामनयक विरय को क दित कर भगिान शरीराम अक क रप म इस पतरतरका को परकामशत करन का ननरणय मलया ि जो ननशचय िी समाज ननमाणर क मलए अतयत लाभकारी मसदध िोगा

(परो विनय कमार पाणिय)

अधयकष जयोनतर विभाग

का दि वि वि िारारसी

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रह अनजान नही ह उसका अनमान नही ह उसकी दषटि म रह साभिमान नही ह रह अरोधा का सराल नही ह का गलत ह का सही ह सराल उस मनषय का ह जजसकी खद की सजञा इसी अरोधा सर बनती ह सषटि कर पथम पर मन सर ही रह जनती ह इसी सजञा म भिपा ह अरोधा और मररा असतितव मररा का हो सकता ह अभिमान इस घोर कजलकाल म कसा अपमान रा हक कसी कोई ननशानी इनर कौन बतारर रही ह सरर का पानी दःख तो रह हक रर जान नही सकतर रह मनषय मन सर ही बना ह रर मान नही सकतर रह हकतना बड़ा षखलराड़ ह बदधि का कसा उजाड़ ह कागज कर पनो म ईट गारर और पतथर कर जगल म आपस कर ही दगल म मनषय कर रर दल तलाश रहर मररा असतितव हकसी िभम कर अश पर मररा साभमतव मनषय और मनषय कर बीच का ररराद मनषय ही कर रहर नार का सराद और नारासन पर िी मनषय ही ररराजमान अितपरम अभिमान अनमान िररषय सर अनजान इनर कौन बतारर हक

म कर रल एक शहर नही ह हकसी सभयता कर जलए जहर नही ह म सषटि का अरध ह जगत का ननबध ह जीरन कर जलए बाध ह अरध ह अरध ह इस मनषय कर जलए असाध ह कर रल दशरथ रा इकषाक की नही ह तम नही जान सकोगर म इस धरती पर पथ की कपा नही ह नही ह हकसी नप की नपा अरोधा र ही नही ह मन कर परम िी रही ह मानर तम कसर जान सकोगर मररा इततहास तमर किी न होगा इसका आिास ननषफल ही होगा परास म तो सनातन दशमन की सहराती ह तम कसर समझोगर हक गारती ह अनिर करो सरर का ताप अनिर करो कौशलपतत कर महल म आरती का आलाप अनिर करो सागर को सगर को अनिर करो जसधिाशरम की डगर को अनिर करो रा करो ररशराम अनिर करो जसरा कर राम को अनिर करो उस ररराम को काल कर जलए बरमानी ह अनिर और अनमान सषटि कर जलए जररी ह ससतत ससार और साभिमान रही ह अरोधा रही ह राम की पहचान सजर ततरारी

र ही नही ह अरोधा

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यह शी अयोधया जी का पनरदार ह शी रामजनमभवम की मकत क साथ ही 492 िषश पिश हई कषवत की ऐसी पवतपवतश ह जो नय भारत क उदय क रप म आधार पा रही ह शी राजनमभवम पर पजन का महतश किल एक मकनदर क वनमाशि का महतश भर नही ह यह नय सनातन भारत की आधारवशला रख जान का महतश भी ह शी रामजनमभवम की मकत का सघषश बहत पीड़ादायक ह 492 िषषो म लगभग 40 लाख वहनदओ क बवलदान क बाद यह मकत वमली ह आधवनक यग म शी अयोधया जी क इवतहास पर नजर डाल तो ईशा स 57 िषश पिश महाराजा विकरमावदतय न इस नय वसर स बसाया था सन 1528 म एक मौलिी क कहन पर वजस मकनदर को मीरबाकी न ढहाया था उस शीराम जनमभवम मकनदर का वनमाशि भी महाराजा विकरमावदतय क समय म ही वकय जान क पमाि ह इवतहास साकषी ह वक अयोधया म महाराजा विकरमावदतय न शीराम स सबवधत उनक अलग-अलग सिरपो क 1150 मकनदर सथावपत वकय थ गोसिामी तलसीदास जी न शीरामरररत मानस म सपषट वलखा ह -रवरमहस वनज मानस राखाभारतीय जनता पाटटी क शीषश परष लालककषि आडिािी न शीरामजनमभवम मकत आदोलन क समय कहा था- राम राषट ह रामजनमभवम की मकत स पहल यह जान लना जररी ह वक इसकी आिशयकता कब और यो पड़ी मझ यह वलखत हए अतयत सतोष का अनभि हो रहा ह वक मरी तीन पीविया इस आदोलन म शावमल रही ह म वजस परमपरा स आता ह उसम शीजयोवतषपीठाधीशिर भगिान शकरारायश मर दादागर सिामी शातानदजी महाराज न इस पर आदोलन की रपरखा और भवमका तयार की थी मर ितशमान गर शीजयोवतषपाठाधीशिर भगिान शकरारायश सिामी िासदिानदजी महाराज न इस करम को आग बिाया और आज िह शीरामजनमभवम तीथश कषरि टरसट क िररषठतम सदसय ह म सिय उस समय यावन 1986 म आठिी ककषा का विदाथटी था जब इस आदोलन क पहल सममलन म अपन टयशन क पसो स यारिा कर शावमल हआ था इस आदोलन क पिता परमपजय सिामी िामदिजी महाराज न 127 समपदायो को एकरि कर अवखल भारतीय सत सवमवत की सथापना की थी वजसकी आज म महामरिी ह इस रप म म कह सकता ह वक इस आदोलन क सभी सिरपो को मन ठीक स दखा ह और अनभि वकया ह भारत म वहनद सनातन समाज को और खासतौर पर सत समाज को विभावजत करन का षडयरि बहत पहल स रलता रला आ रहा ह भारत को धमश क आधार पर विभावजत करन क बाद वहनदसथान क अदर वहनदओ को विभावजत कर राजनीवत करन की परमपरा न ही ऐस सघषषो को जनम वदया ह इसी विभाजन की रिनीवत क तहत 1953 म तततकालील सरकार न गलजारीलाल नदा जी को आग करक भारत साध समाज की सथापना की थी इसी भारत साध समाज

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यह परणय घड़ी ह

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क ितशमान अधयकष सिामीसिरपानद सरसिती और महामरिी सिामी हररनारायिानद ह य लोग ही ह जो इस समय शीराम जनमभवम पर होन िाल पविरि कायषो का भी विरोध कर रह ह यहा एक घटना का उललख आिशयक लगता ह- 1980 म मजफफरनगर म कछ वहनद लोग मकसजद म नमाज पिकर वनकलन िाल मसलमानो को गड़ और रना वखला कर पानी वपलात थ वजस मकसजद क सामन वहनद लोग यह आयोजन करत थ उसी मकसजद म वकसी न कछ ऐसा कर वदया वक मजफफरनगर म दगा भड़क गया और जो लोग वहनद-मकसलम एकता क वलए रन वखलाया करत थ मसलमानो न उनही लोगो पर आकरमि कर वदया इसस पर दश म माहौला वबगड़न लगा उस समय दश म शीमवत इकनदरा गाधी जी की सरकार थी और उततर पदश म नारायि दतत वतिारी जी मखयमरिी थ वतिारी जी क मवरिमडल क एक सदसय दाऊ दयाल खना भी थ 1983 म इस घटना क बाद मजफफरनगर म वहनद सममलन आयोवजत हआ वजसम गोरकष पीठाधीशिर महत अिदनाथ जी की अधयकषता म शीराम जनमभवम मकत यजञ सवमवत की सथापना हई और दाऊ दयाल खना इस सवमवत क महामरिी बनाय गय इस सममलन म धयान दन िाली बात यह थी वक 1953 म भारत साध समाज की सथापना म भवमका वनभान िाल गलजारीलाल नदा भी शावमल हए थ लवकन सरकार क दबाि म िह िापस रल गय शीराम जनमभवम मकत यजञ सवमवत क नतमति म यह आदोलन आग बिा और विशि वहनद पररषद इसक साथ शावमल हो गई महत अिदनाथ जी क साथ जयोवतषपीठाधीसिर शकरारायश सिामी िासदिानद जी सरसिती सिामी िामदि जी परमहस रामरदर दास अशोक वसघल विषि हरर डालवमया और आरायश वगररराज वकशोर सवहत दश क सभी बड़ सतो और आरायषो न इस आदोलन म बि-रिकर वहससा लना शर वकया दश क भीतर ऐस सभी वहनद धावमशक सथल वजन पर अिध कबज ह उनको हटान क वलए एकातमकता यारिाए शर हई लवकन इसी बीर 31 अटटबर 1984 को पधानमरिी शीमवत इकनदरा गाधी जी की हतया क बाद य यारिाए सथवगत कर दी गई लगभग एक साल बाद पनः कायशकरम शर हए और 1986 म शीराम जनमभवम क भिन म लग अजञात ताल को उस समय क फजाबाद क ततकालीन वजला जज शी ककषि मोहन पाणडय न खोलन का आदश द वदया यह ताला न खल इसक वलय उस समय क पधानमरिी जी न हाईकोटट उततर पदश क मखय नयायाधीश स बात की थी लवकन रवक िह ताला वकसी नयायालय क आदश स नही लगा था इसवलए वजला जज न इस मामल म कोई बात नही सनी और उस समय क फजाबाद क पवलस कपान स कानन वयिसथा का आशिासन लकर ताला खलिा वदया इसी क बाद राजनीवत गमश हो गई ककषि मोहन पाणडय अपन जीिन म कभी भी हाई कोटट क जज नही बन पाय इसी बीर शाहबानो मामल म सपीम कोटट का फसला कनदर सरकार यह कहत हए पलट रकी थी वक धावमशक आसथा क मामलो म सरकार हसतकषप नही करगी लवकन वहनदओ क मामल म अयोधया पकारि पर जब सरकारी हसतकषप होन लगा और तकषटकरि की राजनीवत शर हो गई तो वहनदओ का

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गससा बिन लगा और आदोलना तीवर होता रला गया इसक बाद की कसथवतया सभी क सामन ह 6 वदसमबर 1992 को ढारा वगरत ही कनदर की ततकालीन कागरस सरकार न भाजपा की तीन राजय सरकारो को ततकाल पभाि स बखाशसत कर वदया राषटरीय सिय सिक सघ और विशि वहनद पररषद पर पवतबध लगा वदया गया इसक बाद वदनो वदन वहनद समदाय क वलए परशावनयो पर परशानी खड़ी की गई एक समय ऐसा भी आया जब काराी क शकरारायश सिामी रदरशखरनदर सरसिती को अनायास का आरोप लगाकर दीपािली क समय वगरफतार कर जल भज वदया गया उस समय हम वकतन वििश थ वक अपन शकारारायश क वगरफतारी का विरोध भी ठीक तरह स नही कर पा रह थ दश की पररकसथवतया वकसी स वछपी नही ह उचच नयायालय इलाहाबाद का फसला आन स लकर 9 निमबर 2019 को सपीम कोटट स शीराम जनमभवम पर अवतम फसला आन क बीर की सभी घटनाए अभी भी दश को याद ह आज जब शी राम जनमभवम मकत सथान पर भवय शीराम क मकनदर का वनमाशि होन जा रहा ह तो कछ लोगो को छोड़ वदया जाए तो विशि क सभी सनातन धमाशिवलयो क मन म गिश की अनभवत हो रही ह 119 एकड़ भवम पर होन जा रहा यह भवय वनमाशि नय भारत म नय यग का आरभ ह यह कायश वनकशरत तौर पर एक बड़ सकलप की िजह स हो रहा ह वजसक पिता भारत क यशसिी पधानमरिी नरनदर मोदी ह अपन छह िषश क कायशकाल म िह पहली बार शी अयोधया जी म शीराम जनमभवम पर बनन िाल भवय शीराम मकनदर की आधारवशला रखन आ रह ह सपषट ह वक यह उनका सकलप था वक शीराम जनमभवम को िासतविक मकत पदान करन क बाद ही िह शी अयोधया जी म पिश करग ऐस अिसर पर ससककवत पिश का यह विशषाक पकावशत करन क पीछ उदशय भी यही ह वक नय सनातन भारत का नय ढग स आसथािान उदय इस रप म वदख वक आन िाली पीविया सिय को सिावभमानी महसस कर आसथा और सिावभमान क साथ ही आतमवनभशर नय भारत क वनमाशि की यह पणय घड़ी ह नारायि

सिामी जीतनदरानद सरसितीमहामरिी अवखल भारतीय सत सवमवतएि महमरिी शी गगामहासभा काशी

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यह वरतन ही मनभािन ह शी अयोधया जी और भगिान राम की पािन जनमभवम पर कवदरत ससककवत पिश का विशष अक भारतीयता की पहरान क सभी तति एक अक म इस रप म पसतत करन की योजना ही अदभत ह ससककवत पिश क पकाशन क इवतहास म यह एक विवशषट सयोग ह हालावक इस अक की सामगरी जटान स लकर पकाशन तक क वलए समय बहत कम था भारत क यशसिी पधानमरिी क दमि सकलपो स लगभग 500 िषषो क एक ऐस सघषश का अत हआ जो सभी सनातन धवमशयो क वलए वनशरय ही अवत विवशषट ह शी अयोधया जी म पभ शीराम की पविरि जनमभवम पर भवय शीराम मवदर क गभशगमह क वनमाशि की पवकरया जब सिय पधान मरिी शी नरनदर मोदी जी क कर कमलो स शर हो रही ह ऐसी घड़ी म ससककवतपिश न वनशरय ही इस विशष अक का आयोजन कर अपना धमश वनभाया हससककवत पिश का यह अयोधया अक वनकशरत रप स एक कालजयी सगरह ह वजसको पतयक सनातन धमाशिलबी अपन साथ रखना राहगा मझ सतोष ह वक अतयत कम समय म ससककवत पिश पररिार न इस अक को सयोवजत वकया ह यह कायश वजतना ही विवशषट ह उतना ही ऐवतहावसक भी ह ससककवत पिश क सपादक और परी सपादकीय पररषद को इस विशष आयोजन क वलए बहत बहत बधाईमझ उममीद ह वक हमार सममावनत पाठको को भी यह अक बहत पसद आएगा आपकी पवतवकरया और शभकषा की कामनाओ क साथ

(बी क वमश)

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बालमीवक क राम तलसी क राम नानक क राम गोरख क राम कबीर क राम राजा राम दशरथसत राम कौशलया क राम शबरी क राम अवहलया क राम सरभग क राम विशिावमरि क राम िवशषठ क राम हनमान क राम वसया क राम वशि क राम नारद क राम कागभशकणड क राम अयोधया क राम या वक लोक क रामराम क वबना िद उपवनषद सममवत इवतहास पराि यावक कोई शासरि परा नही हो सकता राम क वबना न तो सनातन ससककवत की कलपना की जा सकती ह और न ही मनषय की ऐस राम क जनमसथान क वलए 452 िषषो का रकतम सघषश हदय विदीिश हो जाता ह यह कलपना मारि स वक लगभग 40 लाख मनषयो को बवलदान हो जाना पड़ा आवखर सनातन सभयता इतनी वनरीह यो हो रकी थी वजसक आधार म लोक कलयाि क वलए यद हो िही सभयता ऎसी अिसथा म वरता होती ह यह वरता इसवलए भी योवक सभी मानक सामन ह कही वकसी स कछ पछन तक वक जररत नही कभी सिय का मलयाकन यो नही वकया इस समदाय न यह पमथिी आपकी थी आप क वलए ही थी आप ही रकरितटी होत थ धरा क आप ही भोता थ आपक वलए आपक साथ आपक सभी दिता थ आपन अपन दिता को ही ठीक स दखा होता ठीक स उसक सिरप स सीख पात इतन पतन क गतश म तो नही जात आपका पतयक दिता आपका रोलमॉडल ह कोई दिता ऐसा ह या जो असरिविहीन हो सनातन सभयता क सभी दिता अपन विवशषट रप रग आकार पकार िाहन आवद स ही पहरान जात ह हमार पतयक दिता क पास एक कोई पश अिशय ह एक पषप ह एक असरि और एक शासरि भी अिशय ह यावन पतयक का सदश सपषट ह पश पकषी जीि िनसपवत सभी की सरकषा शकत स सवनवहत इकाई ही कषमाशील भी हो सकती ह जो शकतहीन होगा उसक कषमा का या मतलब िह तो उसकी कायरता ही होगी यही शकतहीन कषमाशीलता धारि करन की एक िककलपक सभयता विकवसत कर ली थी हमन और खद को पता नही या या घोवषत करत रहत थ सवदयो क बाद आज िह कसथवत आयी ह जब खद सनातन का वहससा होन पर गिश होन लगा ह यवद शी अयोधया जी म शीरामजनमभवम सथल अब एक भवय शीराममवदर स आचछावदत होन जा रहा ह यो यह ऐसा गिश ह जो आन िाली पीवियो को सनातन स तो जोड़गा ही इवतहास की दबी हई ऐसी परतो को भी उजागर करन की शकत दगा वजसका साहस इसस पिश हम खो रक थयहा अपन राषटरीय नतमति की सकलप शकत की रराश बहत आिशयक लगती ह िस भी म यह मानता ह वक भारत क पधानमरिी नरदर मोदी जी यवद कभी भी कछ बोल रह होत ह तो उनक शबदो पर न जा कर उनह दर तक वडकोड करन की जररत पड़ती ह यह हमार पधान मरिी की विशषता ही ह जो उनको विशि पटल पर सनातन क महायोदा क रप म सथावपत करती ह यहा वपछल िषश अमररका क हाउडी मोदी कायशकरम क कछ दमशय याद आ रह ह वबलकल ही नए भारत का उदघोष नए भारत का सकलप यकीनन कल हसटन म न कोई पारपररक पोटोकाल बरा था और न

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अयोधया क राम और राम की अयोधया

सजर मतवारी

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ही कोई परानी कमजोरी नजर आयी ऊजाश और असीम सभािनाओ िाल भारत का जलिा अमररका सवहत विशि भर की वनगाहो म आशरयश कौतहल विसमय विशिगर भारत का यही सिरप कभी सिामी वििकानद की सकलपना म रहा होगा जब वशकागो की धमशसभा म तावलया बजी होगी आज भारत क पधानमरिी जब विशिमहानायक क रप म हसटन क सटवडयम म अमररकी राषटरपवत डोनालड टरमप का परररय करा रह थ उनक ही दश म खद मजबान बनकर उनका सिागत कर रह थ वजसन भी इस दमशय को दखा विसमय म डटब गया अदभत अविसमरिीय अकलपनीयहाउडी मोदी कायशकरम न विशि को नया इवतहास वदया इसम कोई सदह नही भारत और अमररका की ऐसी जगलबदी गजब एक तरफ पवसडट टरमप इसलावमक आतकिाद क वखलाफ हकार भर रह थ तो दसरी तरफ मोदी जी कशमीर क विकास क वलए 370 क फयरिल की बात कह रह थ एक तरफ टरमप दोनो दशो म रकषा सहयोग और अतररकष सहयोग की बात कर रह थ तो िही मोदी जी ऐलान कर रह थ वक आतकिाद क विरोध म पवसडट टरमप पर मन स साथ खड़ ह दोनो नताओ क भाषि स भी जयादा आकषशि भाषि क बाद भीड़ की पररकरमा म वदखा मोदी का हाथ पकड़ टरमप पर गदगद भाि स कस सटवडयम का रकर लगा रह थ मोदी जी तो ऐस रल रह थ जस टरमप को रनािी रली म लोगो स कनट होन क गर सीखा रह हो विशि की राजनीवत म वकसी विशलषक न शायद ही ऐस दमशय पहल कभी दख हो इस घटना की रराश इसवलए आिशयक लगी योवक विशि क ितशमान हालात म भारत क पधानमरिी की विवशषट भवमका को अब दवनया दख रही ह अभी जो हालात ह उनकी भयािहता स विशि म वसहरन ह दवकषि एवशया म रीन की शरारत कोरोना का सकट इनही सकटो क बीर अयोधया म शीराम जनमभवम पर शीराम क मवदर की आधारवशला रखन क वलए पधानमरिी का अयोधया आगमन यह उनकी सकलपशकत ही तो ह वजस सलीक स इतन गभीर मद को उनहोन सलझाया ह उतन ही गिश स अब मवदर वनमाशि की पवकरया शर करन िह आ रह ह यह अभतपिश ह सर म यह नया भारत ह यह आधारवशला नए भारत क वनमाशि की ह यह सनातन ससककवत क वलए िकशिक गिश का विषय ह यही ह सनातन सकलप यही ह राम की शकत इसी शकत स नय भारत का उदय हो रहा ह यह मगलमय ह और सििटीम भी सशत नतमति और सबल सकलप क माधयम स अब भारत अगरसर ह विशिगर बनन क पथ पर

सजय वतिारीसमपादकससककवत पिश

सनातन सभयता क सभी दिता अपन विविषट रप रग आकार परकार िाहन आवद स ही पहचान जात ह हमार परतयक दिता क पास एक कोई पि अिशय

ह एक पषप ह एक असतर और एक िासतर भी

अिशय ह यावन परतयक का सदि सपषट ह पि पकषी जीि िनसपवत सभी की

सरकषा िकत स सवनिवहत इकाई ही कषमािील भी हो सकती ह जो िकतहीन होगा उसक कषमा का या मतलब िह तो उसकी कायरता ही होगी यही िकतहीन कषमािीलता धारण करन की एक

िककपक सभयता विकवसत कर ली थी हमन और

खद को पता नही या या घोवषत करत रहत थ

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 17

राम ईशवर भरी ह और माता करी गोद म िलत मसकरात कौरलयानदन भरी ह राम अखवनाररी ह तो अयोधयावासरी भरी ह वह राजा ह तो परातपर बरहम क ईषट भरी ह वह खरव-रसकत क आधयासतमक आदरव क मखतवमत पाकटय ह खवषण-लकमरी क सकलप सवरप होकर लोक क खनभवय हो जान उसक पालन-पोषण क हत होकर वह सरीतापखत ह

खसयाराम ह शररीराम ह

रामरकषा सतोत म खरव पाववतरी जरी क सवाद म मत आता ह-राम रामखत रामखत रम राम मनोरम सहसरनाम तततलय रामनाम वरानन खरव सवय एकमात रामनाम को हरी मसकत का महामत घोखषत करत ह महखषव वालमरीखक स लकर गोसवामरी तलसरीदास तक रामनाम हरी महामत क रप म कोखट कोखट

भारत क लोकमगल क विहान का समय

आज विर िही शीराम अयोधया म पनः भारत की राजनीवत क आदिष

रामराजय की सकपना को साकार दखन क वलए पनः अपन िभि क साथ अपनी जनमभवम पर विराजमान हो रह ह तो सपणष मानिजावत क वलए भारत की ओर स वनयवत का यह सदि सना

और सनाया जाना ही चावहए वक राम सभी क ह सभी

जन राम क ही ह

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सनािन धमव ससककति कािियी ह और शी रामिनमभतम अयोधया क परनरदार की महान सघषव गाथा इसक कािियी होन का सबस निन परमाण ह भारि क िोकिीरन म भारि क रािनीतिक आदशव म भारि क इतिहास और परराण म भारि की आधयाततमक तरिारधारा म और इसक िन-मन म राम तिस गहराई स

रि-बस ह रह सरय ही इस बाि का परमाण ह तक राम क तबना भारि क अतसितर की भी कलपना नही की िा सकिी राम राषटर ह राषटर क पराण भी ह राम राजय ह और राजय क आदशव भी ह राम भारि क िोक ह उसकी मगिकामना भी ह राम घि-

घि वयापी ईशरर ह िो राम अयोधया म सशरीर परकि होन राि रामििा भी ह

रताबदरी परी आचायव भारत अधययन कदर काररी खहनद खवशवखवदालय वाराणसरी-221005

पोराकर कमार उपाधयाय

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वयाकल जनो क जरीवन म आस-खवशवास िनकर जयोखतत होता खदिाई दता ह बरहमाड करी सकम सारसवतधारा क सपकक स खनखमवत षोडरमातका यकत मानव मसषतषक क भरीतर स उत खनराकार रबद ससार करी खवदतरीय हलचल और उस हलचल स रबद को साकार रप म पररवखतवत करन वाल क क मधय आक खजस परम परमातम धवखन का साकषातकार सनातन काल स ऋखष-मखन करत आ रह ह वह खनरतर गजतरी धवखन मगलकाररी राम ह खनगवण खनराकार ओकार जि साकार होन क याता मागव पर िढता ह तो उस राम िनना हरी पड़ता ह

इसरीखलए भारतरीय सनातन आधयासतमक परपरा म बरहम का अनसधान और लकय सि राम म हरी समाखहत माना गया ह राम रबद क उचारण मात स हरी क स लकर मसषतषक क सववोच खिनद सहसरार तक जो सकम वदत तरग दौड़तरी ह वह राम नाम क महातमय को सवय हरी पकट कर दतरी ह मनषय अपनरी समसत वदना म सभरी कषटो म जि खिलकल हरी खनःसहाय रह जाता ह ति भरी यह रामनाम उसक भरीतर रसकत का सचार करता ह रामनाम का जाप उस खफर स दःि करी धल झाड़कर आननदमागव पर चलन क खलए उतपररत कर दता ह

यहरी कारण ह खक भारत करी आधयासतमक भावधारा राम नाम क िगर एक कदम आग नही िढ सकतरी चाह उस खनगवण रप म सतो न दिा भागवत काधारा पराणकाल म खवकखसत हो गई खजसम राम और कषण समत लोकमगल क खलए भगवान क सभरी अवतारो करी का का समावर हआ कालातर म सवामरी रामाननद क जरीवन स राम-भसकत का खनमवल कमल पसषपत हआ खजसकरी सरधारा म समसत भारत भावखवहवल हो गया किरीर न भरी खजनह गाया और गोसवामरी तलसरीदास स लकर सत रखवदास तक समसत सतरसकत क भरीतर उस पराधरीनता क कालिड म जो आतमजयोखत पकार और रसकत सवरप िनकर पकट हए उसक भरी सकड़ो वषव पवव आज स 2000 साल पवव जि पसशचमरी दरो म सववत ििवरता अटास कर रहरी री और खजसक दारा पररत खवषाण रक-हण आखद ििवर रसकतयो क आकमण क रप भारत क लोकजरीवन को तसत कर रह ति उस कषटकाल िाहय आकमणकाल म सदरवन चकधाररी भगवान खवषण क धनधावररी सवरप को हमाररी राजनरीखत न अपन सममि पकट खकया

रारङगधनष को धारण करन वाल भागवत भगवान खवषण को भारतरीय रासन न अपना आदरव घोखषत खकया फन उाकर सदा फफकारन वाल दररतओ का पलक झपकत हरी भकषण कर रत क समल खवनार करी कटनरीखतक एव राजनरीखतक पजञा स समपनन पकषरीराज गरड़ को ति भारत न अपना राषटखचनह िना खलया भागवत पररत रासन वयवसा खनखमवत करन वाला वह महान गपतवररीय रासन आज भरी हमार इखतहास म सवखणवम यग माना गया ह खजसम स खनकलरी खवकमाखदतय रपरी रासक परपरा न

अयोधया समत समसत भारत खकवा खवशवभर म भगवान खवषण क धनधावररी सवरप अावत शररीराम करी पखतमा को जन-मन का वासतखवक रासक मानकर भारतरीय राजय को पजा क चरणकमलो करी सवा क खलए हरी मानो सदा क खलए पसतत कर खदया ततायग स पवाखहत होतरी आ रहरी शररीराम करी आदरव परपरा को ति नवरीन आधार खमला उनका खवगरह भारत क गाव-गाव म अपन महान सापतय और सवााग सदर सभरी क भरण-पोषण करी वयवसा क सा जन-जरीवन का आदरव िना आयववद धनववद सापतयवद गाधवववद आखद वदो क समसत उपवदो करी जञान गगा म सभरी वणव और सभरी जाखत क लोग सससकत और उपकत हए लौखकक सि-समखद क आधार सवरप खरकषा-कला-कौरल म भारत का आम आदमरी ससार का सिस हनरमद उतपादक समह माना और जाना जान लगा तो यह हर आतमा क भरीतर उपससत परमातमा सवरप शररीराम करी ओर खनरतर दिन और पतयक कायव म उनकरी छखव को खनरिकर कमवयोग को हरी भगवान करी भसकत का महामत भारत न िना खलया

आज खफर वहरी शररीराम अयोधया म पनः भारत करी राजनरीखत क आदरव रामराजय करी सकलपना को साकार दिन क खलए पनः अपन वभव क सा अपनरी जनमभखम पर खवराजमान हो रह ह तो सपणव मानवजाखत क खलए भारत करी ओर स खनयखत का यह सदर सना और सनाया जाना हरी चाखहए खक राम सभरी क ह सभरी जन राम क हरी ह वह मयावदा क आदरव ह समनवय क आधार ह जरीव करी सदगखत ह खनरतर सखजत होत और खमटत जरीवन करी वह सजरीवनरी ह राम रपरी अमत को पाकर हरी मानवता सदा क खलए सतषट और सिरी हो सकतरी ह इसक खसवाय कोई रासता नही ह सखदयो क िाद भारत म हो रह इस खचरपखतखकषत नवखवहानकाल को घखटत होत दि अयोधया समत भारत का वतवमान आनसनदत हो उा ह उसका लोक पसनन होन लगा ह और सारा काला-कलष-कलमष कलप कलप कर खमट रहा ह तो यह भखवषय करी आहट ह खक गगनाचछाखदत घन अधर अि ससार क पागण स खवदा होग और सतय का सयव सववत एकसमान पकार दता हआ पकट होकर हरी रहगा भागयवान ह यह परीढरी और वो लोग जो इस राम-कायव क साकषरी और कारण िन ह और उसस भरी िड़भागरी ह वो खजनहोन अपना सववसव इस राम-काज क खलए समखपवत कर खदया ह

हम भारत क गराम-गराम म राम क उसरी सकलप करी पखतषा करनरी होगरी खजस राम क खिना गराम िन हरी नही सकता राम हमार जरीवन क सि क कारणरप गराम ह तो समसत सकटो स जरीवन को मसकत खदलान वाल सगराम भरी ह ऐस राम करी साधना जितक भारत करगा वह अपन आतमखनभवर धययप पर अखवकल चलता रहगा ऐसा हमार पववजो का पववकाल स हम खदया गया पाय ह

रवामवार रवामचदवार रवामभदवार धस रघनवाथवार नवाथवार सीतवारः पतर नमः

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 19

पथवरी पर ससषट क अससततव का इखतहास कया ह ससषट क जरीवो का इखतहास कया ह जरीवो करी सभयताका इखतहास कया ह यह सि सदा स हरी कौतक क खवषय रह ह समय समय पर सभयताओ क खवकासक सा हरी ततसमय क खवदान लोग इन सभरी खवषयो को जानन करी चषटा करत रह ह हम खफलहालउसक भद खवभद या तकक आखद म नही जाना यह पशन भारत भखम पर अवससत एक नगर कइखतहास स जड़ा ह खजसका नाम ह अयोधया यह इखतहास भरी इसखलए महतवपणव हो जाता ह कयोखकभारत भखम करी यह अयोधया कोई सामानय नगररी या िसतरी या रहर मात नही ह

पाचरीन भारतरीय वागमय गरो शरखतयो समखतयो पराणो और इखतहास क गहन खवचरण और अधययन क िाद जि भरी अयोधया रबद सामन आता ह तो उसरी क सा धरतरी पर मनषय क आखवभावव करी गाा भरी सामन आन लगतरी ह हजारो पमाण इस िात क मौजद ह खक अयोधया नाम का नगर खकसरी ख़ास वगव जातरी धमव मज़हि समपदाय या अवावचरीन खरलपरी दारा िसाया या िनाया गया नही ह अयोधया इस पथवरी पर ति स ह जि स यह ससषट ह अयोधया हरी वह सल

ह जहा मनषय नाम क पाणरी का सिस पहल आखवभावव हआ और मानव सभयता का भरी जनम हआ भारतरीय वागमयो क अधययन और आचायवो ता खचतको का खनषकषव ह खक ससषट करी रचना क समय मनषय क रप म पहल मानव का आखवभावव इसरी अयोधया म हआ धरतरी पर जि ससषटकताव न मनषय को उतार उसस पहल उसन अयोधयापररी दरी और सा म खदया शरखत गरन ताखक खजस पाणरी को वह ससषट क खलए भज रह या उतार रह ह वह शरखत स ससकार पापत कर ससार का सजन कमव आग िढाए

यह तो हमाररी अजञानता या लापरवाहरी ह खक ससषट करी उतपखतत करी उस कहानरी को हम पढ और पढा रह ह खजसम मनषय को िनदर करी सतान िताया जाता ह वासतव म यह हमार अजञान का हरी पररचायक ह हम पसशचम क उस कखत खवजञान को सिकछ मानन लग ह जो चौक चौक कर एक एक कदम चलता ह अपन हरी पखतपादन को आग आकर िाररज़ करता ह पसशचम करी नक़ल क इस यग म हम अपन हरी इखतहास को पररी तौर पर भल गए व कखत सभय लोग खजनम स खकसरी का इखतहास दो हजार साल खकसरी

अयोधा एक दरशन

अयोधया किल एक नगर मातर नही ह िासति म यह पथिी पर मानि जावत की उतपवति उसकी ससककवत

और उसक समगर सभयताओ क विकास की िासतविक

राजधानी ह आवद परष मन का अविभाषि इसी अयोधया

क साथ हआ और उनही मन स मानि समदाय का विकास सभि हो पाया इसक वलए

पकशचम की वकसी अिधारणा म जान की आिशयकता नही बकक किल अपनी

शवतयो समवतयो और सिय क इवतहास को ही जानन की

आिशयकता ह

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इस बरहाणड म सकषट की कपना क साथ ही अयोधया का भी अकसतति ककपत होन लगता ह आज का विजान वजन करोडो बरहाडो की बात

कहता ह उनम स वजस बरहाणड पर हम ह उसकी पथिी और उस पर रची जा चकी सकषट की जानकारी भी बहत जररी ह पथिी क अकसतति का इवतहास या ह इसी विषय पर परसतत ह सजय वतिारी का आलख

अधयकष

भारत ससकखत नयास नयरी खदललरी

तरता यग सर परव तरता यगोपरात और ररवमान सररप

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का डरढ हजार साल का ह उनकरी धारणाओ और उनक कन को मरील का पतर िना कर हम पाठयकम िना खलए और अपन िद क उपलबध लािो वषव क इखतहास को कड़र म दाल खदए एक पसशचमरी आदमरी न कह खदया करी मनषय क पववज िनदर और हमन मान खलया यह जानन का भरी पयास नही खकया खक मनषय रबद आया कहा स ह यहरी स अयोधया करी भरी कहानरी रर होतरी ह भारतरीय शरखतयो और अनय वागमयो म हजारो ऐस पमाण ह जो साखित करत ह खक धरतरी पर पम मानव हमार आखद परष मन हरी हम सभरी मन करी हरी सतान ह इसरी मन रबद स मनषय रबद का भो जनम हआ ह मन क वरज अावत मानव यह खकतन दःि करी िात ह खक िद करी वरावलरी होत हए भरी आज का मानव िदरो म अपनरी वरावलरी करी तलार कर रहा ह

िहरहाल यहा चचाव अयोधया करी हो रहरी ह अयोधया क उस इखतहास करी जो तता यग स पहल तता यग म और तता यग क िाद का ह इसको समझन क खलए जरररी ह करी पहल यगो करी काल गणना को सकषप म जान खलया जाय ससषट का इखतहास कलप म और ससषट म मानव उतपखतत व उतान का इखतहास मनवतरो म वखणवत खकया गया ह और उसक पशचात मनवनतरो का इखतहास यग-यगानतरो म खवसतार स समझाया गया ह

पाचीन गरनथो म मानर इततहास को पाच कलपो म बाटा गया

1 हमत कलप 1 लाि 9 हजार 8 सौ वषव खवकमरीय पवव स आरमभ होकर 85800 वषव पवव तक

2 खहरणय गभव कलप 85800 खवकमरीय पवव स 61800 वषव पवव तक बराहम कलप 60800 खवकमरीय पवव स 37800 वषव पवव तक

3 बराहम कलप 60800 खवकमरीय पवव स 37800 वषव पवव तक

4 पादम कलप 37800 खवकम पवव स 13800 वषव पवव तक

5 वराह कलप 13800 खवकम पवव स आरमभ होकर इस समय तक चल रहा ह

यह भरी सौभागय का खवषय ह खक ससषट का सिस रद काल मापन करी वयवसा भारतरीय पणालरी म मौजद रहरी ह भारत का पाचरीन साखहतय सपषट करता ह खक ससषट क उदभव स अि तक का खकतना समय िरीत चका ह और ससषट करी अि तक करी उमर कया ह

रतिक सरत क अनसारldquo खदतरीयपराधव ववसतमनवनतर अषटाखवरखत ndash कलौ यग ५११६

गताबद ldquo अावत यह ववसत मन का अाईसवा कखल ह खजसक ५११६वषव िरीत चक ह | बरहमा क एक खदन को कलप अवा ससषट समय कहत ह | यह कलप १४ मनवनतरो अवा एक सहसत चतयवखगयो का होता ह | अि तक छह मनवनतर िरीत चक ह | एक मनवनतर लगभग ७१ चतयवखगयो का होता ह | ववसत मन करी २७ चतयवगरी िरीत चकरी ह |

अाईसवी म भरी ( कत तता और दापर ) तरीन यग िरीत चक ह | चौ कखल क भरी ५११९ वषव िरीत चक ह | एक मनवनतर म 71 चतयवखगया होतरी ह एक चतयवग म सतयग ततादापर और

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कखलयग होत ह सतयग म 1728000 वषव तता म 1296000 वषव दापर म 864000 वषव और कखलयग म 432000 वषव होत ह इन चारो यगो म कल 4320000 वषव होत ह 71 चतयवखगयो म कल306720000 वषव होत ह छः मनवनतर अावत 1840320000 वषव पर िरीत चक ह और अि सातव मनवनतर करी 28वी चतयवगरी चल रहरी ह गखणत करक दिा गया ह खक इस गणना क अनसार यह समय 1960853115 वषव िनत ह यहरी समय मानव उतपखतत का ह खगनरीज िक ऑफ वलडङ ररकारसव न कलप को समय का सवावखधक लमिा मापन घोखषत खकया ह

अयोधया मन और मानरभारतरीय वागमय म उपलबध साकय साफ़ साफ़ कहत ह करी

सा हरी साखपत आखद परष मन क सा जो ससकखत रर हई उस ससकखत करी राजधानरी अयोधया को मयावदा परषोततम शररी राम क जनम क सा हरी दवरी मयावदा भरी पापत हो गयरी तता यग म भगवान राम क अवतरण क िाद अयोधया को अगखणत गरो न नए ढग स वयाखयाखयत करना रर कर खदया आज अयोधया करी सापना को ससार पभ शररी राम करी जनमसलरी क रप म पहचानता ह रासत कहत ह खक अयोधया पणयनगररी ह अयोधया करी महतता क िार म पवााचल म एक लोकगरीत पचखलत ह -

गगवा बडी गरोदवारी

तीरथ बडरो परवाग

सबस बडी अररोधरवानगरी

जि रवाम मलररो अतवार

इसस पवव खक अयोघया और मन क उदभव पर िात करी जाय यह जरररी लगता ह खक शररी राम और उनकरी पवव वरावलरी पर दसषटपात कर लरी जाय इस को दिन स िहत स तथय सवयम खमल जात ह

खजसस तता क पवव ता तता म अयोधया करी ससखत और महतता पमाखणत होतरी ह

राम क परवजो का इततहासबरहमाजरी करी उनचाखलसवरी परीढरी म

भगवाम शररीराम का जनम हआ ा ववसवत मन क दस पत -

इल इकवाक करनाम अररषट धषट नररषयनतकरष महािलरी रयावखत और पषध

शररी राम का जनम इकवाक क कल म हआ ा और जन धमव क तरीाकर खनखम भरी इसरी कल क

मन क दसर पत इकवाक स खवकखकष खनखम और दणडक पत उतपनन हए

इस तरह स यह वर परमपरा चलत-चलत हररशचनदर रोखहत वष िाह और सगरतक पहचरी

इकवाक पाचरीन कौरल दर क राजा और इनकरी राजधानरी अयोधया री

रामायण क िालकाड म गर वखरषजरी दारा राम क कल का वणवन खकया गया ह जो इस पकार ह

1 - बरहमाजरी स मररीखच

2 - मररीखच क पत कशयप

3 - कशयप क पत खववसवान

4 - खववसवान क ववसवत मन हएववसवत मन क समय जल पलय हआ ा

5 - ववसवतमन क दस पतो म स एक का नाम इकवाक ा इकवाक न अयोधया को अपनरी राजधानरी िनाया और इस पकार इकवाक कलकरी सापना करी

6 - इकवाक क पत कखकष हए

7 - कखकष क पत का नाम खवकखकष ा

8 - खवकखकष क पत िाण हए

9 - िाण क पत अनरणय हए

10- अनरणय स प हए

11- प स खतरक का जनम हआ

12- खतरक क पत धधमार हए

13- धनधमार क पत का नाम यवनाशव ा

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14- यवनाशव क पत मानधाता हए

15- मानधाता स सससनध का जनम हआ

16- सससनध क दो पत हए- धवससनध एव पसनखजत

17- धवससनध क पत भरत हए

18- भरत क पत अखसत हए

19- अखसत क पत सगर हए

20- सगर क पत का नाम असमज ा

21- असमज क पत अरमान हए

22- अरमान क पत खदलरीप हए

23- खदलरीप क पत भगरीर हए भागरीर न हरी गगा को पथवरी पर उतारा ाभागरीर क पत ककतस

24- ककतस क पत रघ हए रघ क अतयत तजसवरी और पराकमरी नरर होन क कारण उनक िाद इस वर का नाम रघवर हो गयाति स शररी राम क कल को रघ कल भरी कहा जाता ह

25- रघ क पत पवद हए

26- पवद क पत रिण

27- रिण क पत सदरवन हए

28- सदरवन क पत का नाम अखनिवणव ा

29- अखनिवणव क पत ररीघरग हए

30- ररीघरग क पत मर हए

31- मर क पत परशरक

32- परशरक क पत अमिररीष हए

33- अमिररीष क पत का नाम नहष ा

34- नहष क पत ययाखत हए

35- ययाखत क पत नाभाग हए

36- नाभाग क पत का नाम अज ा

37- अज क पत दरर हए

38- दरर क चार पत राम भरत लकमण ता रतघन हए इस पकार बरहमा करी उनचाखलसवरी (39) परीढरी म शररीराम का जनम हआ

मन की उतपतर और अयोधयाअभगचछत रवाजनद दमकवा मशरतवाम

पसमतयरि मपवाणवा शररत भरतषयभ

- मिवाभवारत

सपतचरतरीव क पास खवतसता नदरी करी रािा दखवका नदरी क तट पर मनषय जाखत करी उतपखतत हई

पमाण यहरी ितात ह खक आखद ससषट करी उतपखतत बरहमावतव कषत म हरी हई सवायभव को आखद भरी कहा जाता ह सभरी भाषाओ क मनषय-वाचरी रबद मन मनज मानव आदम आदमरी आखद सभरी मन रबद स पभाखवत ह यह समसत मानव जाखत क पम सदरवाहक ह इनह पम मानन क कई कारण ह ससार क पम परष सवायभव मन और पम सतरी री रतरपा इनही पम परष और पम सतरी करी सनतानो स ससार क समसत जनो करी उतपखतत हई मन करी सनतान होन क कारण व मानव कहलाए मानव उस कहत ह खजसम जड़ और पाण स कही जयादा सखकय ह- मन मनषय म मन करी ताकत ह खवचार करन करी ताकत ह इसरीखलए उस मनषय कहत ह चखक यह सभरी करी सतान ह इसरीखलए मनषयत को मानव भरी कहा जाता ह सवायभव मन क हरी कल म आग चलकर सवायभव सखहत कल कमर 7 मन हए और 7 होना िाकरी ह महाभारत म 8 मनओ का उललि खमलता ह शवतवराह कलप म 14 मनओ का उललि ह इन चौदह मनओ को हरी जन धमव म कलकर कहा गया ह

चौिह मनओ क नाम1 सवायमभ 2 सवरोखचष 3 औततमरी 4 तामस मन 5 रवत 6

चाकषष 7ववसवत 8सयवसावखणव 9 दकष सावखणव 10 बरहम सावखणव 11 धमव सावखणव 12 रदर सावखणव 13 रौचय या दव सावखणव 14 भौत या इनदर सावखणव

पजापतय कलप म बरहमा न रदर रप को हरी सवयभ मन और सतरी रप म रतरपा को पकट खकया सवायभव मन एव रतरपा क कल पाच सनतान ी खजनम स दो पत खपयवरत एव उततानपाद ता तरीन कनयाए आकखत दवहखत और पसखत आकखत का खववाह रखच पजापखत क सा और पसखत का खववाह दकष पजापखत क सा हआ दवहखत का खववाह पजापखत कदवम क सा हआ रखच क आकखत स एक पत उतपनन हआ खजसका नाम यजञ रिा गया इनकरी पतरी का नाम दखकषणा ा कखपल ऋखष दवहखत करी सतान पराणो अनसार इनही तरीन कनयाओ स ससार क मानवो म वखद हई

दकष न पसखत स 24 कनयाओ को जनम खदया इसक नाम शरदा लकमरी पसषट धखत तसषट मधा खकया िखद लजा वप रासनत ऋखद और करीखतव ह तरह का खववाह धमव स खकया और खफर भग स खयाखत का खरव स सतरी का मररीखच स समभखत का अखगरा स समखत का पलसतय स परीखत का पलह स कषमा का कखत स सननखत का अखत स अनसया का वखरषट स ऊजाव का वहव स सवाह का ता खपतरो स सवधा का खववाह खकया आग आन वालरी ससषट इनही स खवकखसत हई दो पत- खपयवरत और उततानपाद उततानपाद करी सनरीखत और सरखच नामक दो पतरी ी राजा उततानपाद क सनरीखत स धव ता सरखच स उततम नामक पत उतपनन हए धव न िहत पखसखद हाखसल करी री सवायभव मन क दसर पत खपयवरत न खवशवकमाव करी पतरी

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िखहषमवतरी स खववाह खकया ा खजनस आनिरीध यजञिाह मधाखतख आखद दस पत उतपनन हए खपयवरत करी दसररी पतरी स उततम तामस और रवत- य तरीन पत उतपनन हए जो अपन नामवाल मनवतरो क अखधपखत हए महाराज खपयवरत क दस पतो म स कखव महावरीर ता सवन य तरीन नसषक बरहमचाररी और उनहोन सनयास धमव गरहण खकया ा महाराज मन न िहत खदनो तक इस सपतदरीपवतरी पथवरी पर राजय खकया उनक राजय म पजा िहत सिरी री इनही न मन समखत करी रचना करी री जो आज मल रप म नही खमलतरी उसक अव का अनव हरी होता रहा ह उस काल म वणव का अव रग होता ा और आज जाखत पजा का पालन करत हए जि महाराज मन को मोकष करी अखभलाषा हई तो व सपणव राजपाट अपन िड़र पत उततानपाद को सौपकर एकानत म अपनरी पतरी रतरपा क सा नखमषारणय तरीव चल गए लखकन उततानपाद करी अपकषा उनक दसर पत राजा खपयवरत करी पखसखद हरी अखधक रहरी मन न सनदा नदरी क खकनार सौ वषव तक तपसया करी दोनो पखत-पतरी न नखमषारणय नामक पखवत तरीव

म गौमतरी क खकनार भरी िहत समय तक तपसया करी उस सान पर दोनो करी समाखधया िनरी हई ह

सवायमभ मन क काल क ऋखष मररीखच अखत अखगरस पलह कत पलसतय और वखरष हए राजा मन सखहत उकत ऋखषयो न हरी मानव को सभय सखवधा सपनन शरमसाधय और सससकत िनान का कायव खकया

मानर ससककतत की राजधानी अयोधया अयोधया कवल एक नगर मात नही ह वासतव म यह पथवरी पर

मानव जाखत करी उतपखतत उसकरीससकखत और उसक समगर सभयताओ क खवकास करी वासतखवक राजधानरी ह आखद परष मन का आखवभावव

इसरी अयोधया क सा हआ और उनहरी मन स मानव समदाय का खवकास सभव हो पाया इसक खलए पसशचम करी खकसरी अवधारणा म जान करी आवशयकता नही िसलक कवल अपनरी शरखतयो समखतयो और सवय क इखतहास को हरी जानन करी आवशयकता ह पसशचमरी इखतहासकारो जरीवराससतयो परावजञाखनको जरीवाशम खवजञाखनयो अवा दारवखनको न ससषट और मनषय करी उतपखतत को लकर चाह जरीतनरी वयाखयाए दरी हो परत उनकरी कोई वयाखया अभरी तक सटरीक नही पायरी गयरी उनकरी साररी िोज कछ हज़ार वषवो पवव स रर होकर खमट जातरी ह और इसरीखलए व कोई नतरीजा नही द पात उनक पास आधार साखहतय हरी नही ह इसखलए उनकरी अवधारणाओ को वासतखवकता करी कसौटरी िाररज़ कर दतरी ह उदाहरण क खलए उनकरी िनदर स मनषय क खवसकसत होन करी अवधारणा यखद सहरी होतरी तो आज धरतरी पर िदर नही होन चाखहए कयो करी िदर को खवसकसत होकर मनषय िन जाना चाखहए ा वासतखवकता यह ह खक ससषट क उदभव और उसक समगर खवकास करी गाा हमाररी शरखतयो

और अनय वागमयो म उपलबध ह लखकन दभावगय ह खक हमार यहा उन पर कोई कारगर अधययन या रोध नही हो पाया शरखत परपरा का जञान हम खमलता तो रहा लखकन िरीत हज़ार वषवो म भारत पर दसररी सभयताओ क हमलो न हमारो उस खवरासत को तोड़ा और हमाररी जञानाजवन करी अपनरी परपरा खवलपत हो गयरी अभरी माता 70 साल पहल हरी हम आज़ाद हए ह लखकन खवडमिना ह खक अि जञानाजवन करी कवल पसशचमरी परमपराओ पर हम जरीन लग ह वह पसशचम खजसक पास खरकषा और जञान का कल अनभव हरी महज कछ सौ सालो का ह

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सभी महापरषो का उदभर सथल अयोधया भारत वषव क चाह खजतन नाम हो इसक चाह खजतन भरी सवरप

और दरवन रह हो पर सभरी क मल म अयोधया हरी खमलतरी ह चाह भरत हो धव हो मानधाता हो िखल हो सगर भगरीर खदलरीप प सतयवादरी हररशचनदर या खवदह महाराज जनक हरी कयो न हो सभरी पर भारत को गवव ह और इन सभरी का समिनध अयोधया स हरी ह इसरी पकार हमाररी ऋखष परमपरा म गर वखरष खवशवाखमत गौतम ररभग शरगरी परररामस लकर रतानद तक सभरी ऋखष मखन और तपससवयो क खलए अयोधया हरी कमवभखम रहरी ह

वासतव म इस ससषट म कवल एक माता अयोधया हरी ह खजसन सभरी यगो क सभरी सभयताओ को जनम लत फलत फलत खवसकसत होत और नषट दिा ह अयोधया हरी साकषरी ह सतयग करी अयोधया हरी साकषरी ह सतयग म दव मानव और उस समय करी अनय ससकखतयो क सघषव करी अयोधया न हरी तता यग म मानव और रकष सभयताओ का सघषव दिा ह अयोधया न हरी दापर म ससकारो और पररवारो का सघषव भरी दिा ह अयोधया हरी ह जो अि मनषय और उसकरी शवास क िरीच का सघषव भरी दि रहरी ह

इततहास म अयोधयाऐखतहाखसक दसतावज ितात ह खक अयोधया रघवररी राजाओ

करी िहत परानरी राजधानरी री ऐसरी धारणा ह खक सवय मन न अयोधया का खनमावण खकया ा वालमरीखक रामायण सपता चलता ह खक सवगावरोहण स पवव रामचदरजरी न कर को करावतरी नामक नगररी का राजा िनायाा शररीराम क पशचात अयोधया उजाड़ हो गई री कयोखक उनक उततराखधकाररी कर न अपनरी राजधानरी करावतरी म िना लरी री काखलदास क महाकावय रघवर स जञात होता ह खक अयोधया करी दरीन-हरीन दरा दिकर कर न अपनरी राजधानरी पन अयोधया म िनाई री महाभारतम अयोधया क दरीघवयजञ नामक राजा का उललि ह खजस भरीमसन न पववदर करी खदसगवजय म जरीता ा घटजातक म अयोधया (अयोजझा) क कालसन नामक राजा का उललि ह गौतमिद क समय कोसल क दो भाग हो गए - उततरकोसल और दखकषणकोसल खजनक िरीच म सरयनदरी िहतरी री अयोधया या साकत उततररी भाग करी और शरावसतरी दखकषणरी भाग करी राजधानरी री इस समय शरावसतरी का महतव अखधक िढा हआ ा िौद काल म हरी अयोधया क खनकट एक नई िसतरी िन गई री खजसका नाम साकत ा िौद साखहतय म साकत और अयोधया दोनो का नाम सा-सा भरी खमलता ह खजसस दोनो क खभनन अससततव करी जानकाररी पापत होतरी ह िालमरीखक रामायण म अयोधया का उललि कोरल जनपद करी राजधानरी क रप म खकया गया ह पराणो म इस नगर क सिध म कोई खवरष उललि नही खमलता ह परनत इस नगर क रासको करी वरावखलया अवशय खमलतरी ह जो इस नगर करी पाचरीनता एव महतव क पामाखणकसाकय ह बराहमण साखहतय म इसका वणवन एक गराम क रप म खकया गया ह ऐसा वणवन खमलता

ह खक सत और मागध उस नगररी म िहत अयोधया िहत हरी सनदर नगररी री अयोधया म ऊचरी अटाररयो पर धवजाए रोभायमान ी और सकड़ो रतखघनया उसकरी रकषा क खलए लगरी हई ी राम क समय यह नगर अवध नाम करी राजधानरी स सरोखभत ा अभरी उपलबध िौद गरनो क अनसार अयोधया पवववतरी ता साकत परवतती राजधानरी री भारतवषव क पखवत सानो म इसका नाम खमलता ह पखयात चरीनरी यातरी फ़ाहयान न इसका lsquoरा-चrsquo नाम स उललि खकया हजो कननौज स 13 योजन दखकषण-पवव म ससत ा

एक इखतहासकार मललसकर न पाखल-परपरा क साकत को सई नदरी क खकनार उननाव खज़ल म ससत सजानकोट क िडहरो स समरीकत खकया ह नाखलयाकष दतत एव कषणदतत िाजपयरी न भरी इसका समरीकरण सजानकोट स खकया ह रगाा अटका म साकत को सरय नदरी कखकनार िताया गया ह अत सभव ह खक पाखल का साकत आधखनक अयोधया हरी हो

अयोधया क पाचीन अतभलरखरग वर क पम रासक पषयखमत (खदतरीय रतरी ई प) का

एक खरलालि अयोधया स पापत हआ ा खजसम उस सनापखत कहा गया ह ता उसक दारा दो अशवमध यजञो क खलए जान का वणवन ह अनक अखभलिो स जञात होता ह खक गपतवररीय चदरगपत खदतरीय क समय (चतवरतरी ई का मधयकाल) और ततपशचात काफ़री समय तक अयोधया गपत सामराजय करी राजधानरी री गपतकालरीन महाकखव काखलदासन अयोधया का रघ वर म कई िार उललि खकया ह काखलदास न उततरकौरल करी राजधानरी साकत और अयोधया दोनो हरी का नामोललि खकया ह इसस जान पड़ता ह खक काखलदास क समय म दोनो हरी नाम पचखलत रह होग मधयकाल म अयोधया का नाम अखधक सनन म नही आता ा यवानचवाग क वणवनो स जञात होता ह खक उततर िदकाल म अयोधया का महतव घट चका ा

कावय सातहतय म अयोधयाअयोधया का उललि महाकावयो म खवसतार स खमलता ह

रामायण क अनसार यह नगर सरय नदरी क तट पर िसा हआ ा ता कोरल राजय का सववपमि नगर ा अयोधया को दिन स ऐसा पतरीत होता ा खक मानो मन न सवय अपन हाो क दारा अयोधया का खनमावण खकया हो अयोधया नगर 12 योजन लमिाई म और 3 योजन चौड़ाई म फला हआ ा खजसकरी पसषट वालमरीखक रामायण म भरी होतरी ह एक परवतती जन लिक हमचनदर न नगर का कषतफल 12times9 योजन ितलाया ह जो खक खनसशचत हरी अखतरखजत वणवन ह साकयो क अवलोकन स नगर क खवसतार क खलए कखनघम का मत सवावखधक महतवपणव लगता ह उनकरी मानयता ह खक नगर करी पररखध 12 कोर (24 मरील) री जो वतवमान नगर करी पररखध क अनरप ह अयधया खहनदओ और जखनयो का एक पखवत तरीवसलह और इसका उललि सपतपररयो म सववपम खकया जाताह पराणो क

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अनसार इन सात पररयो या तरीथो को मोकषदायक कहा गया ह इनका सखकषपत खववरण इस पकार ह-

कवाशी कवाची चमवारवाखरवातररोधरवाविवारतरमप

मथरवाऽननतकवा चतवाः सपतपरयोऽरि मरोकषदवाः

अररोधरवा-मथरवामवारवाकवाशीकवाचीतननतकवा

परी विवारवातीच सपतत मरोकषदवामरकवाः

1 अयोधयाशररीराम का जनम यही हआ ा राम करी जनम-भखम अयोधया

उततर पदर म सरय नदरी क दाए तट पर ससत ह अयोधया खहनदओ क पाचरीन और सात पखवत तरीवसलो म स एक ह अयोधया को अवववद म ईशवर का नगर िताया गया ह और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह रामायण क अनसार अयोधया करी सापना मन न करी री कई रतासबदयो तक यह नगर सयव वर करी राजधानरी रहा अयोधया एक तरीव सान ह और मल रप स मखदरो का रहर ह यहा आज भरी खहनद िौद इसलाम और जन धमव स जड़र अवरष दि जा सकत ह जन मत क अनसार यहा आखदना सखहत पाच तरीाकरो का जनम हआ ा

2 मथरापराणो म मरा क गौरवमय इखतहास का खवषद खववरण खमलता

ह अनक धमथो स सिखधत होन क कारण मरा म िसन और रहन का महतव कमर िढता रहा ऐसरी मानयता री खक यहा रहन स पाप रखहत हो जात ह ता इसम रहन करन वालो को मोकष करी पाखपत होतरी ह वराह पराण म कहा गया ह खक इस नगररी म जो लोग रधद खवचार स खनवास करत ह व मानव क रप म साकषात दवता ह शराद कमव का खवरष फल मरा म पापत होता ह मरा म शराद करन वालो क पववजो को आधयासतमक मसकत खमलतरी ह उततानपाद क पत धव न मरा म तपसया कर क नकषतो म सान पापत खकया ा पराणो म मरा करी मखहमा का वणवन ह पथवरी क यह पछन पर खक मरा जस तरीव करी मखहमा कया ह महावराह न कहा ा- मझ इस वसधरा म पाताल अवा अतररकष स भरी मरा अखधक खपय ह वराह पराण म भरी मरा क सदभव म उललि खमलता ह यहा करी भौगोखलक ससखत

का वणवन खमलता ह यहा मरा करी माप िरीस योजन ितायरी गयरी ह इस मडल म मरा गोकल वनदावन ोवधवन आखद नगर गराम एव मखदर तड़ाग कणड वन एव अनगखणत तरीथो क होन का खववरण खमलता ह इनका खवसतत वणवन पराणो म खमलता ह गगा क समान हरी यमना क गौरवमय महतव का भरी खवरद खववरण खकया गया ह पराणो म वखणवत राजाओ क रासन एव उनक वरो का भरी वणवन पापत होता ह

3 हररदारहररदार उततरािड म ससत भारत क सात सिस पखवत तरीव

सलो म एक ह भारत क पौराखणक गरो और उपखनषदो म हररदार को मायापररी कहा गया ह गगा नदरी क खकनार िसा हररदार अावत हरर तक पहचन का दार ह हररदार को धमव करी नगररी माना जाता ह सकडो सालो स लोग मोकष करी तलार म इस पखवत भखम म आत रह ह इस रहर करी पखवत नदरी गगा म डिकरी लगान और अपन पापो का नार करन क खलए साल भर शरदालओ का आना जाना यहा लगा रहता ह गगा नदरी पहाड़री इलाको को परीछर छोड़तरी हई हररदार स हरी मदानरी कषत म पवर करतरी ह

4 काशीवाराणसरी काररी अवा िनारस भारत दर क उततर पदर का

एक पाचरीन और धाखमवक महतता रिन वाला रहर ह वाराणसरी का पराना नाम काररी ह वाराणसरी खवशव का पाचरीनतम िसा हआ रहर ह यह गगा नदरी खकनार िसा ह और हज़ारो साल स उततर भारत का धाखमवक एव सासकखतक कनदर रहा ह दो नखदयो वरणा और अखस क मधय िसा होन क कारण इसका नाम वाराणसरी पडा िनारस या वाराणसरी का नाम पराणो रामायण महाभारत जस अनकानक गरनो म खमलता ह

5 काचीपरमकाचरीपरम तरीवपररी दखकषण करी काररी मानरी जातरी ह जो चननई

स 45 मरील करी दररी पर दखकषणndashपसशचम म ससत ह काचरीपरम को काचरी भरी कहा जाता ह यह आधखनक काल म काचरीवरम क नाम स भरी पखसद ह ऐसरी अनशरखत ह खक इस कषत म पाचरीन काल म बरहमा जरी न दवरी क दरवन क खलय तप खकया ा मोकषदाखयनरी सपत पररयो अयोधया मरा दारका माया(हररदार) काररी और अवसनतका (उजन) म इसकरी गणना करी जातरी ह काचरी हररहरातमक पररी ह इसक दो भाग खरवकाचरी और खवषणकाचरी ह

6 अरततकाउजखयनरी का पाचरीनतम नाम अवसनतका अवसनत नामक राजा

क नाम पर ा इस जगह को पथवरी का नाखभदर कहा गया ह महखषव सानदरीपखन का आशरम भरी यही ा उजखयनरी महाराज खवकमाखदतय

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करी राजधानरी री भारतरीय जयोखतष रासत म दरानतर करी रनय रिा उजखयनरी स पारमभ हई मानरी जातरी ह इसकाखलदास करी नगररी क नाम स भरी जाना जाता ह यहा हर 12 वषव पर खसहस कभ मलालगता ह भगवान खरव क 12 जयोखतखलागो म एक महाकाल इस नगररी म ससत ह

7 दारकादारका का पाचरीन नाम ह पौराखणक काओ क अनसार

महाराजा रवतक क समदर म कर खिछाकर यजञ करन क कारण हरी इस नगररी का नाम करसलरी हआ ा िाद म खतखवकम भगवान न कर नामक दानव का वध भरी यही खकया ा खतखवकम का मखदर दारका म रणछोड़जरी क मखदर क खनकट ह महाराज रवतक (िलराम करी पतरी रवतरी क खपता) न पम िार समदर म स कछ भखम िाहर खनकाल कर यह नगररी िसाई होगरी हररवर पराण क अनसारकरसलरी उस पदर का नाम ा जहा यादवो न दारका िसाई री खवषण पराण क अनसार अावत आनतव क रवत नामक पत हआ खजसन करसलरी नामक पररी म रह कर आनतव पर राजय खकया खवषण पराण स सखचत होता ह खक पाचरीन करावतरी क सान पर हरी शररीकषण न दारका िसाई री करसलरी या तव भप रमया पररी पराभदमरावतरीव सा दारका सपखत तत चासत स करवारो िलदवनामा

सात पररयो क अनतसवमबनध इस िात क भरी ऐखतहाखसक पमाण ह खक इन सातो पररयो क

अतवसिध भरी िहत गहर ह अयोधया मरा काररी हररदार काचरीपरम अवखतका या उजखयनरी और दाररका क िार म खवसतार स चचाव समरीचरीन नही ह खकनत भारत वषव म खनवास करन वाल पतयक सनातन मनषय क खलए इन सभरी सात पररयो करी ख़ास महतता ह ख़ास यह ह खक इनम स खकसरी करी चचाव रर करी जातरी ह तो सातो करी चचाव हो हरी जातरी ह

मधयकाल म अयोधयामधयकाल म मसलमानो क उतकषव क समय अयोधया िचाररी

उपखकषता हरी िनरी रहरी यहा तक खक मगल सामराजय क ससापक िािर क एक सनापखत न खिहार अखभयान क समय अयोधया म शररीराम क जनमसान पर ससत पाचरीन मखदर को तोड़कर एक मससजद िनवाईखजसकोलकर खवगत कई दरको स खववाद िना हआ ह मससजद म लग हए अनक सतभ और खरलापटट उसरी पाचरीन मखदर क क हरी

अयोधया क वतवमान मखदर कनकभवन आखद अखधक पाचरीन नही ह और वहा यह कहावत पचखलत ह खक सरय को छोड़कर रामचदरजरी क समय करी कोईखनरानरी नही ह कहत ह खक अवध क नवािो न जि फ़ज़ािाद म राजधानरी िनाई री तो वहा क अनक

महलो म अयोधया क परान मखदरो करी सामगररी उपयोग म लाई गई री

बौदध सातहतय म अयोधयािौद साखहतय म भरी अयोधया का उललि खमलता ह गौतम िद

का इस नगर स खवरष समिनध ा उललिनरीय ह खक गौतम िद क इस नगर स खवरष समिनध करी ओर लकय करक मसजझमखनकाय म उनह कोसलक (कोरल का खनवासरी) कहा गया ह

धमव-पचाराव व इस नगर म कई िार आ चक एक िार गौतम िद न अपन अनयाखययो को मानव जरीवन करी खनसवारता ता कषण-भगरता पर वयाखयान खदया ा अयोधयावासरी गौतम िद क िहतिड़र परसक और उनहोन उनक खनवास क खलए वहा पर एक खवहार का खनमावणभरी करवाया ा सयकतखनकाय म उललि आया ह खक िद न यहा करी याता दो िार करी री उनहोन यहा फण सकत और दारकिधसकत का वयाखयान खदया ा

अयोधया और साकतअयोधया और साकत दोनो नगरो को कछ खवदानो न एक हरी

माना ह काखलदास न भरी रघवर म दोनो नगरो को एक हरी माना ह खजसका समवन जन साखहतय म भरी खमलता ह कखनघम न भरी अयोधया और साकत को एक हरी नगर स समरीकत खकया ह इसक खवपररीत खवखभननखवदानो न साकत को खभनन-खभनन सानो स समरीकत खकया ह इसकरी पहचान सजानकोट आधखनकलिनऊ कसती परा (पसाका) और तसरन खिहार इलाहािाद स 27 मरील दर ससत ह) स करी गई ह इस नगर क समरीकरण म उपयवकत खवदानो क मतो म सवल पमाणो काअभाव दसषटगत होता ह िौद गरनो म भरी अयोधया और साकत को खभनन-खभनन नगरो क रप म पसतत खकया गया ह वालमरीखक रामायण म अयोधया को कोरल करी राजधानरी िताया गया ह और िाद क ससकत गरनो म साकत स खमला खदया गया ह अयोधयाको सयकतखनकाय मएक ओर गगा क खकनार ससत एक छोटा गाव या नगर ितलाया गया ह जिखक साकत उसस खभनन एक महानगर ा अतएव खकसरी भरी दरा म य दोनो नाम एक नही हो सकत ह

जन गरनथ क अनसारजन गरन खवखवधतरीवकलप म अयोधया को ऋषभ अखजत

अखभनदन समखत अननत और अचलभान- इन जन मखनयो का जनमसान माना गया ह नगररी का खवसतार लमिाई म 12 योजन और चौड़ाई म 9 योजन कहा गया ह इस गरन म वखणवत ह खक चकशवररी और गोमि यकषअयोधया क खनवासरी घघवर-दाह और सरय का अयोधया क पास सगम िताया ह और सयकत नदरी को सवगवदारा नाम स अखभखहत खकया गया ह नगररी स 12 योजन पर अषटावट या अषटापद पहाड़ पर आखद-गर का कवलयसान माना गया ह इस गरन म यह भरी वखणवत ह खकअयोधया क चारो दारो पर

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24 जन तरीाकरो करी मखतवया पखतषाखपत ी एक मखतव करी चालकय नरर कमारपाल न पखतषापना करी री इस गरन म अयोधया को दरर राम और भरत करी राजधानरी िताया गया ह जनगरनो म अयोधया को खवनरीता भरी कहा गया ह

जन गर महापराण (आखदपराण) क अनसार करोड़ो वषव पवव अयोधया म पाच तरीाकरो क जनम तो हए हरी ह सा हरी वहा अनय अनक इखतहास भरी जड़ अयोधया म वतवमान म रायगज पररसर म 31 फट उततग भगवान ऋषभदव करी िरगासन पखतमा खवराजमान ह वहा पखतवषव चतकषण नवमरी क खदन भगवान ऋषभदव क जनम कलयाणक खदवस का वाखषवक मला आयोखजत होता ह खजसम हज़ारो शरदाल भकत भाग लकर पणयलाभ पापत करत ह अयोधया म सवगवदार मोहलल म ऋषभदव का सनदर खजन मखदर िना ह वह भगवान का वासतखवक जनम सानमाना जाता ह सरय नदरी क खनकट हरी भगवान ऋषभदव उदान िहत सदर िना हआ ह जहा दर- खवदर क हज़ारो पयवटक पखतखदन आकर पाकखतक सौदयव का आनद लत ह

राज डतरडस क अनसारराज डरखवरस का कन ह खक दोनो नगर वतवमान लदन और

वसटखमसटर क समान एक-दसर स सटर रह होग जो कालानतर म खवकखसत होकर एक हो गय अयोधया समभवत पाचरीन राजधानरी री और साकत परवतती राजधानरी खवरदाननद पाक भरी राज डरखवरस क मत का समवनकरत ह और पररवतवन क खलए सरय नदरी करी धारा म पररवतवन या खकसरी पाकखतक कारण को उततरदायरी मानत ह खजसक कारण अयोधया का सकचन हआ और दसररी तरफ़ नई खदरा म परवतती काल म साकत का उदभव हआ

साकय साकयो क अवलोकन स दोनो नगरो क अलग-अलग अससततव

करी सावकता खसद हो जातरी ह ता साकत क परवतती काल म खवकास करी िात सतय क अखधक समरीप लगतरी ह इस सनदभव म ई ज ामस रामायण करी परमपरा को िौद परमपरा करी अपकषा उततरकालरीन मानत ह उनकरीमानयता ह खक पहल कोरल करी राजधानरी शरावसतरी री और जि िाद म कोरल का खवसतार दखकषण करी ओर हआ तो अयोधया राजधानरी िनरी जो खक साकत क हरी खकसरी खवजयरी राजा दारा खदया हआ नाम ा

परवाततमदो कवा मत कछ पराततवखवदो या-पो बरजवासरी लाल ता हसमि

धरीरजलाल साकखलया न रामायण इतयाखद म वखणवत अयोधया करी पहचान नगर करी भौगोखलक ससखत पाचरीनता एव सासकखतक अवरषो का अधययन खकया रामायण म वखणवत उपयवकत खववरणो क अनतर करी वयाखया भरी पसतत करी ह इन दोनो खवदानो का यह मत ा खक परातासतवक दसषट स न कवल अयोधया करी पहचान करी जा

अयोधया का इततहास पसतक सर महतरपरव अश-अयोधया वजस अिध और साकत भी कहत ह

अतयत पारीन नगरी ह यह पहल उततरकोशल की राजधानी थी वजसम सख-सममवद क साथ वहनद लोग वजस िसत की आकाकषा करत या वजसका आदर-सममान करत ह िह सब पाप हो रका था जसा वक अब वमलना असभि ह और जो उस तजधारी राजिश का वनिास सथान था जो सयशदि स उतपन हआ और वजसम 60 वनदवोष शासको क पीछ मयाशदा परषोततम शीरामरदर का अितार हआ इस िीर को ऐवतहावसक समालोरना स मनषय की कलपना का सिवोततम वनसगश वसद कर या अदरधऐवतहावसक सथान द इस पर विरार करना वयथश ह इवतहास का उस पभाि स समबध ह जो इनक ररररि का इस बड़ी आयशजावत क सामावजक और धावमशक विशिास पर ह और इवतहास यह भी दखता ह वक इनकी जनम-भवम की यारिा को बड़ी शदा और भकत स यावरियो की ऐसी भीड़ आती ह जसी वकसी दसर तीथश म नही अयोधया का नाम 7 तीथषो म सबस पहल आया ह-अयोधया मथररा माया काशी काञी हररतनिका पररी दारारिीिर सपिा मोकदातयकाछद म अयोधया का नाम पहल आना उसक

पाधानय का पमाि नही परत यह ठीक नही एक पवसद शलोक और ह वजसस पकट ह वक अयोधया-तीथश-रपी विषि का मसतक ह-विषिो पादमिकनतका गििती मधय र काञीपरीननातभ दाररिीनिथा ि हदय मायापररी परणयदामगीरामिमरदाहरतनि मथररा नासाञ राराणसीमएिदबाहमतरदो रदतनि मरनयोऽयोधयापररी

मसिकमशष 6 तीथषो म स अनक की बड़ाई इसी कोशल-

राजधानी क समबध स हई ह शीककषि जी क जनम स पहल मथरा को शरिघन न बसाया था वजनको शीरामरदर न यमनातट पर बस हए तपकसियो क सतान िाल लिि को मारन क वलए भजा था माया या मायापरी हररदार का नामातर ह जहा अयोधया क राजा भगीरथ की लाई हई गगा पहाड़ो स वनकलकर मदान म आती ह और काशी अयोधया की शमशान- भवम ह इन वदनो भी अयोधया जन-मतािलकमबयो का ऐसा ही तीथश ह जसा वहनदओ

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सकतरी ह रामायण म वखणवत अनय सान या- ननदरीगराम शरगवरपर भारदाज आशरम पररयर एव वालमरीखक आशरम भरी खनसशचत रप स पहचान जा सकतह इस सनदभव म पो बरजवासरी लाल दारा खवरद रप म खकए गए परातासतवक सववकषण एव उतिनन उललिनरीय ह परातासतवक आधार पर पो लाल न रामायण म उपयवकत सानो करी पाचरीनता को लगभग सातवी सदरीई प म रिा इस साकय क कारण रामायण एव महाभारत करीपाचरीनता का जो कम ा वह पररवखतवत हो गया ता महाभारत पहल का पतरीत हआ इस पकार पो लाल ता साकखलया का मत हमचनदर राय चौधररी क मत स खमलता ह शररी रायचौधररी का भरी कन ा खक महाभारत म वखणवत सान एव घटनाए रामायण म वखणवत सान एव घटनाओ क पवव करी ह

मनीश चनद जरोशी कवा मत शररी मनरीर चनदर जोररी न पो लाल एव साकखलया क इस मत करी

िलकर आलोचना करी ता तखततररीय आरणयक म उदत अयोधया क उललि का वणवन करत हए यह मत पसतत खकया-

जि तखततररीय आरणयक करी रचना हई उस समय मनरीखषयो करी नगररी अयोधया एव उसकरी ससकखत (अगर यह री तो) को लोग पणवत भल गय अयोधया पणवत पौराखणक नगररी पतरीत होतरी ह आधखनक अयोधया और राम स इसका साहचयव परवतती काल का पतरीत होता ह इन आधारो पर शररी जोररी न कहा खक वखदक या पौराखणक सामगररी क आधार पर परातासतवक साकयो का समरीकरण न तो गराहय ह और न हरी उखचत उनका यह भरी कन ा खक अखधकतर भारतरीय पौराखणक एव वखदक सामगररी का उपयोग धमव एव अनषान क खलए खकया गया ाऐखतहाखसक रप स उनकरी सतयता सखदगध ह

परो बरजवासी लवाल कवा मत शररी जोररी क मतो का िणडन पो बरजवासरी लाल न पराततव

म छप अपन एक लि म खकया ह शररी लाल का कहना ह खक शररी जोररी का पम मत उनक ततरीय मत स मल नही िाता उनका कहना ह खक पम तो जोररी यह मानन को तयार हरी नही होत एव खदतरीय यह सपषट नही हखक राम एव आधखनक अयोधया का समिनध खकस काल म एव कस जोड़ा गया पो लाल का कहना ह खक अयोधया रबद न कवल तखततररीय आरणयक म ह िसलक इसका उललि अवववद म भरी खमलता ह इसक खवसतत अधययन स अयोधया रबद का पयोग अयोधया नगररी स हरी नहीिसलक अजय स खलया जा सकता ह तखततररीय आरणयक म वखणवत अयोधया नगररी का समरीकरण उनहोन मनषय रररीर स खकया ह ता शररीमदभागवदगरीता म आए उस शलोक का खजक़र खकया ह खजसम रररीर नामक नगर का वणवन ह शररी लाल का कहना ह खक तततररीय आरणयकअवववद ता शररीमदभगवदगरीता म रररीर क एक समान उललि खमलत ह खजसम कहा गया ह खक दवताओ करी इस सवखणवम नगररी क आ चक (पररकषत) और नौ दार ह जो खक हमरा पकारमान रहता ह नगर क पकारमान होन करी वयाखया मनषय क धयानमनि होन

का 24 तीथथकरो म स 22 इकिाकिशी थ और उनम स सबस पहल तीथथकर आवदनाथ (ऋषभदि जी) का और 4 और तीथथकरो का जनम यही हआ थाबौदमत की तो कोशला जनमभवम ही माननी

रावहए शायमवन की जनमभवम कवपलिसत और वनिाशिभवम कवशनगर दोनो कोशला म थ अयोधया म उनहोन अपन मत की वशकषा दी और ि वसदात बनाए वजनस जगतपवसद हए और कवशनगर म उनह िह पद पाप हआ वजसकी बौदमत िाल आकाकषा करत

और वजस वनिाशि कहत ह सयशिश क असत होन पर 80 िषश तक अयोधया शकतशाली गपो की राजधानी रही ह सोलकी राजाओ क विषय म कछ ऐस पमाि वमल ह वजनस विवदत होता ह वक यह लोग अयोधया स ही पहल दवकषि गए और िहा सालकी (रालय) राजय सथावपत वकया िहा स गजरात आए जहा अनहलिाड़ को राजधानी बनाकर बहत वदनो तक शासन करत रह परत यह अभी तक वनकशरत नही हआ वक सोलकी जो अपन को रदरिशी मानत ह अयोधया क वसहासन पर कब बठ थराजा साहब सतारा क पास की एक िशािली स विवदत होता ह वक रादरसनीय कायसथ सरयतट पर अयोधया (अजोढा) और मविपर (आजकल का मनकापर) स गए थ पवसद इवतहास-ममशजञ सीिाई िद न वहनद भारत क अत म वलखा ह वक अतयत पारीन काल म अयोधया म वहनदी सावहतय की उतपवतत हई सामानय लोगो को यह सनकर भी आशरयश होगा वक मसलमान भी अयोधया को अपना बड़ा तीथश मानत ह मदीनतल-औवलया नाम क उदश गरथ म जो अयोधया स पकावशत हआ ह वलखा ह वक अयोधया म आदम क समय स आज तक अनक औवलया और पीर हए ह मसलमान निाब िजीरो क राज म अयोधया ही का एक अश फजाबाद क नाम स 3 निाब िजीरो की राजधानी रहा शजाउदौला क शासन म इसकी शोभा दखकर यरोपीय यारिी रवकत होत थ सावहतयरतन वहनदी सधाकर रायबहादर शी अिधिासी लाला सीताराम बीए या कहत ह

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क पशचातजञान जयोखत क पापत होन करी ससखत स करी गई ह आ चको (पररकषतो) का समरीकरण आ धमखनयो क जाल-नरीच करी मलधारा स रर होकर ऊपर करी सहसर धारा तक-स करी गई ह नवदारो का समरीकरण रररीर क नवदारो-दो आि नाक क दो दार दो कान मि गदा एवखरशन- स खकया गया ह

पो बरजवासरी लाल न शररी मनरीरचनदर जोररी क रोधपत एव समिसनधत सामगररी का खवसतत खववचन करक अपन इस मत का पषटरीकरण खकया खक आधखनक अयोधया एव रामायण म वखणवत अयोधया एक हरी ह यखद परातासतवक सामगररी एव रामायण म वखणवत सामगररी म मल नही िातातो इसका अव यह नही खक अयोधया करी पहचान गलत ह या खक वह पौराखणक एव कालपखनक नगर ा वासतव म दोनो सामखगरयो क मल न िान का मखय कारण रामायण क मल म खकया गया िार-िार पररवतवन ह

चीनी रवामरिरो कवा रवारिवा मरणचरीनरी यातरी फ़ाहयान न अयोधया को रा चनाम स अखभखहत खकया

ह उसक याता खववरण म इस नगर का अतयनत सखकषपत वणवन खमलता ह फ़ाहयान क अनसार यहा िौदो एव बराहमणो म सौहादव नही ा उसन यहा उन सानो को दिा ा जहा िद ित और टहलत इससान करी समखतसवरप यहा एक सतप िना हआ ा

हन तसवागहवन तसाग नवदवकल नगर स दखकषण पवव 600 लरी याता करक

और गगा नदरी पार करक अयधा (अयोधया) पहचा ा यह समपणव कषत 5000 लरी ता इसकरी राजधानरी 20 लरी म फलरी हई री यह असग एव िसिध का असायरी खनवास सान ा यहा फ़सल अचछरी होतरी ी और यह सदव पचर हररीखतमा स आचछाखदत रहता ा इसम वभव रालरी फलो क िाग ता यहा करी जलवाय सवासथयवधवक री यहा क खनवासरी खरषट आचरण वाल खकयाररील एव वयावहाररक जञान क उपासक इस नगर म 100 स अखधक िौद खवहार और 3000 स अखधक खभकषक जोमहायान और हरीनयान मतो क अनयायरी यहा 10 दव मसनदर खजनम अिौदो करी सखया अपकषाकत कम री

हवन तसाग खलित ह खक नगर क उततर 40 लरी दररी पर गगा क खकनार एक िड़ा सघाराम ा खजसक भरीतर अरोक दारा खनखमवत एक 200 फट ऊचा सतप ा यह वहरी सान ा जहा पर तागत न दव समाज क उपकार क खलए तरीन मास तक धमव क उततमोततम खसदानतो काखववचन खकया ा इस खवहार स 4-5 लरी पसशचम म िद क अससयकत एक सतप ा खजसक उततर म पाचरीन खवहार क अवरष जहा सौतासनतक समपदाय समिनधरी खवभाषा रासत करी रचना करी गई रीहवन तसाग क अनसार राजधानरी म एक पाचरीन सघाराम ा यह वह सान हजहा दरिध न कखन पररशरम स खवखवध रासतो करी रचना करी री इन भनिावरषो म एक महाककष

ा जहा पर िसिध खवदरो स आन वाल राजकमारो एव खभकषओ को िौदधमव का उपदर दत हवन तसाग क अनसार नगर क दखकषण-पसशचम म 5-6 लरी करी दररी पर एक आमरवाखटका म एक पाचरीन सघाराम ा यह वह सान ा जहा असङग िोखधसतव न खवदाधययन खकया ा आमरवाखटका स पसशचमोततर खदरा म लगभग 100 क़दम करी दररी पर एक सतप ा खजसम तागत क नि और िाल रि हए इसक खनकट हरी कछ पाचरीन दरीवारो करी िखनयाद ी यह वहरी सान ह जहा पर वसिध िोखधसतव तखषत सवगव स उतरकर असङग िोखधसतव स खमलत

परवातवानतक उतखननभारतवषव क पाचरीन इखतहास को समझन म परातासतवक साकयो

का िड़ा महतव ह उतिनन स हरी पाचरीन सभयताओ क िार म आज का मनषय जान सका ह अयोधया क सरीखमत कषतो म पराततववतताओ न उतिनन कायव खकए इस कषत का सववपम उतिनन पोफ़सर अवध खकरोर नारायण क नततव म काररी खहनद खवशवखवदालय क

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एक दल न 1967-1970 म खकया यह उतिनन मखयत जन घाट क समरीप क कषत लकमण टरकररी एवनल टरील क समरीपवतती कषतो म हआ उतिनन स पापत सामगररी को तरीन कालो म खवभकत खकया गया ह-

पथम कवालउतिनन म पम काल क उततररी काल चमकरील मणभाड परमपरा

(एन िरी परी ियर) क भर पात एव लाल रग क मणभाड खमल ह इस काल करी अनय वसतओ म खमटटरी क कटोर गोखलया खख़लौना गाड़री क चक हडरी क उपकरण ताि क मनक सफखटक ररीरा आखद क मनक एवमणमखतवया आखद मखय ह

दसरवा कवालइस काल क मणभाड मखयत ईसा क पम रताबदरी क ह

उतिनन स पापत मखय वसतओ म मकरमिाकखत टोटरी दावात क ढककन करी आकखत क मतपात खचपटर लाल रग क चपटर आधारयकत लमिवत धारदार कटोर सटप और मतपात िणड आखद ह

ततीर कवालइस काल का आरमभ एक लमिरी अवखध क िाद खमलता ह

उतिनन स पापत मधयकालरीन चमकरील मतपात अपन सभरी पकारो म खमलत ह इसक अखतररकत काहरी एव पोकलन मणभाड भरी खमल ह अनय पमि वसतओ म खमटटरी क डिर लोढर लोह करी खवखभनन वसतए मनक िहमलयपतर ररीर करी एकरगरी और िहरगरी चखड़या और खमटटरी करी पर आकखतया (खवरषकर खचखड़यो करी आकखत) ह

अररोधरवा क कछ कषरिो कवा पन उतखननअयोधया क कछ कषतो का पन उतिनन दो सतो 1975-1976

ता 1976-1977 म बरजवासरी लाल और क वरी सनदराजन क नततव म हआ यह उतिनन मखयत दो कषतो- रामजनमभखम और हनमानगढरी म खकया गया इस उतिनन स ससकखतयो का एक खवशवसनरीय कालकमपकार म आया ह सा हरी इस सान पर पाचरीनतम िसतरी क खवषय म जानकाररी भरी खमलरी ह उतिनन म सिस खनचल सतर स उततर कालरीन चमकरील मणभाड एव धसर मणभाड परमपरा क मतपात खमल ह धसर परमपरा क कछ मणभाडो पर काल रग म खचतकाररी भरी खमलतरी ह

िनमवानगढी कषरि म उतखननहनमानगढरी कषत स भरी उततररी कालरी चमकरीलरी मणभाड ससकखत

क अवरष पकार म आए ह सा हरी यहा अनक पकार क मखतका वलय कप ता एक कए म पयकत कछ रकवाकार ईट भरी खमलरी ह उतिनन स िड़री माता म खवखभनन पकार करी वसतए खमलरी ह खजनम मखयत आधादजवन महर70 खसकक एक सौ स अखधक लघ मणमखतवया आखद उललिनरीय ह इस उतिनन म सिस महतवपणव उपलसबध आद ऐखतहाखसक काल क रोलटरड मणभाडो करी पाखपत ह

य मणभाड पम खदतरीय रताबदरी ई क ह इस पकार क मणभाडो करी पाखपत स यह खसद होता ह खक ततकालरीन अयोधया म वाखणजय और वयापार िड़र पमान पर होता ा यहवयापार सरय नदरी क जलमागव दारा गगा नदरी स समिद ा

आद ऐखतहाखसक काल क पशचात यहा क मलिो और गडो स पापत वसतओ क आधार पर वयावसाखयक कम म अवरोध दसषटगत होता ह समभवत यह कषत पन11वी रताबदरी म अखधवाखसत हआ यहा स उतिनन म कछ परवतती मधयकालरीन ईट ककड़ एव चन करी फ़रव आखद भरीखमल ह अयोधया स 16 खकलोमरीटर दखकषण म तमसा नदरी क खकनार ससत ननदरीगराम म भरी शररी बरजवासरी लाल क नततव म उतिनन कायव खकया गया उललि ह खक राम क वनगमन क पशचात भरत न यही पर खनवास करत हए अयोधया का रासन कायव सचाखलत खकया ा यहा कसरीखमत उतिनन स पापत वसतए अयोधया करी वसतओ क समकालरीन ह

सीममत कषरि म उतखनन1981- 1982 ई म सरीखमत कषत म उतिनन खकया गया यह

उतिनन मखयत हनमानगढरी और लकमणघाट कषतो म हआ इसम 700स 800 ई प क कलातमक पात खमल ह शररी लाल क उतिनन स पमाखणत होता ह खक यह िौद काल म अयोधया का महतवपणव सान ा िद रसशम मखण और हरर माझरी क नततव म

नमनवा सखरवा नमनो की मतमथ पनयगणनवा षय म

सखया-7 अयोधया-1 2152 जरी-7 (16) 915 मरीटर 2830 100 िरी परी (880 ई प) 1190- 840 ई प

सखया-8 अयोधया-1 2153 जरी-7 (19) 1100 मरीटर 2860 100 िरी परी (910 ई प) 1210- 900 ई प

सखया-9 अयोधया-1 2154 जरी-7 (20) 1153 मरीटर 3200 130 िरी परी (1250 ई प) 1680-1320 ई प

भारतरीय पराततव सववकषण खवभाग भारत सरकार नई खदललरी दारा िद रसशम मखण और हरर माझरी क नततव म 2003 ईसवरी म रामजनम भखम कषत म उतिनन कायव खकया गया यह उतिनन कायव सववोच नयायालय क खनदवर परवषव 2002स सचाखलत हआ उतिनन स पवव उततररी कषणपररमाखजवत ससकखत स लकर परवतती

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मगलकालरीन ससकखत तक क अवरष पकार म आए पम काल क अवरषो एव रखडयो कािवन खतखयो स यह खनसशचत हो जाता ह खक मानव सभयता करी कहानरी अयोधया म 1300 ईसा पवव स हरी पारमभ होतरी ह

मन ही मानर समाज क आति परषमहखषव मन हरी पहल वयसकत ह खजनहोन एक वयवससत िरी

खनयमिद नखतक आदरव मानवरीय जरीवन जरीन करी पदखत खसिाई ह | मन हरी वह धमव गर ह खजनहोन यजञ परमपरा का पवतवन खकया | उनक दारा रखचत धमवरासत खजसको करी आज मनसमखत क नाम स जाना जाता ह सिस पाचरीन समखत गरन ह | इखतहास उा कर दि लरीखजय वखदक साखहतय स लकर आधखनक काल तक एक परमपरा उन रासतकारो साखहतयकारो लिको कखवयो और राजाओ करी खमलतरी ह खजनहोन मकतक स मन करी पररा करी ह | वखदक5 सखहताओ एव बराहमण गरो म मन करी वचनो को ldquo औषध क समान खहतकाररी और गणकाररी कहा ह ldquo | महखषव िालमरीखक रामायण म मन को एक पमाखणक धमव रासतजञ क रप म उदत हरात ह और शररी राम अपन आचरण को रासत सममत खसद करन क खलए उसक समव म मन क शलोको को उदत करत ह | महाभारत म अनक सानो पर उनक धमव रासत को पररीकषा खसद घोखषत खकया ह | अनक परानो म उनह आखद राजऋखष रासतकार आखद खवरषणो स खवभखषत खकया ह | खनरकत म आचायव यासक न मन क मत को उदत करक पत पतरी क समान दायभाग क खवषय म पमाखणक माना ह | कौखटलय अवरासत म चाणकय न मन क मत को पमाण रप म उदत खकया ह | समखतकार िहसपखत मन करी समखत को सिस पमाखणत मान कर खवरद समखतयो को अमानय घोखषत करत ह | िौद कवरी अशवघोष न अपनरी कखत ldquo वजरकोपखनषद ldquo म मन क पमाणो को पमाण रप माना ह | याजञवलकय समखत मन समखत पर हरी आधाररत ह | शररी रवरीनदरना टगोर डाकटर राधाकषणन जवाहरलाल नहर आखद राषट नताओ न मन को आखद लॉ मगर क रप म उसललखित खकया ह | अनक काननखवदो जससटस डरी एन मलला एन राघवाचायव आखद न सवरखचत खहनद लॉ समिनधरी गरो म मन क खवधान को lsquo अाररटरी lsquo घोखषत खकया ह | मन क मतवयो का समवन करत हए अपनरी पसतको म मकसमलर ए ए मकडोनाल ए िरी करी परी ॉमस आखद पाशचतय लिको न मन समखत को धमव रासत क सा सा एक लॉ िक भरी माना ह| जमवन क पखसद दारवखनक फरीडररच नरीतस न तो यहा तक कहा ह करी ldquo मनसमखत िाइखिल स उततम गरन ह ldquo िसलक ldquo उसस िाइखिल करी तलना करना भरी पाप ह ldquo कहन का

तातपयव यह ह करी मनसमखत को पररी दखनया क खवदानो न महतव खदया ह | यखद मनसमखत न होतरी तो न हरी नयाय वयवसा न अव वयवसा न कमव वयवसा अावत कोई भरी वयवसा नही होतरी| लव न िसाया लाहौर और कसर री कर करी राजधानरी धमावचायव और इखतहासवतता कहत ह खक पाखकसतान क लाहौर रहर को भगवान राम क पत लव न िसाया ा वहा सनातन धखमवयो न हजारो साल तक वषणव धमव का झडा फहराया यहा स कछ दर ससत कसर नगर को कर दारा िसाया गया माना जाता ह इस िार म कई अखभलि भरी सामन आय ह लाहौर परान पजाि करी राजधानरी ह जो रावरी नदरी क दाखहन तट पर िसा हआ ह यह िहत पाचरीन नगर ह लाहौर कराचरी क िाद पाखकसतान म दसरा सिस जयादा आिादरी वाला रहर ह इस पाखकसतान का खदल भरी कहा जाता ह कयोखक इस रहर का इखतहास ससकखत एव खरकषा म अतयत समद रहा ह

पाखकसतान म इस िागो क रहर क रप म भरी जाना जाता ह लाहौर को सभवतः ईसवरी सन करी पारसमभक रतासबदयो म िसाया

गया ा और सातवी रताबदरी ई म यह इतना महतवपणव ा खक उसका उललि चरीनरी यातरी हवन तसाग न खकया ह रतजय क एक अखभलि म लवपर या लाहौर को लामपर कहा गया ह लाहौर रहर रावरी एव वाघा नदरी क तट पर भारत-पाखकसतान सरीमा पर ससत ह

मानयताओ क अनसार लाहौर नगर का पाचरीन नाम लवपर या लवपररी ा और इस शररीरामचनदर क पत लव न िसाया ा कहत ह खक लाहौर क पास ससत कसर नामक नगर को लव क िड़र भाई कर न िसाया ा लाहौर क पजाि खवशवखवदालय म 8671 ससकत-खहदरी करी पाडखलखपया पसतकालय म आज भरी सरखकषत ह यहा अरिरी फरसरी तकती उदव और कषतरीय भाषाओ करी कल िाइस हजार पाडखलखपया रिरी

ह काररी खहद खवशवखवदालय वाराणसरी ससकत न इस सिध म महतवपणव जानकाररया पापत करी ह पौराखणक दसषट स माना जाता ह खक यह नगर भगवान शररीरामचदर क पत लव न िसाया ा लाहौर खकल क अदर उनका मखदर ह लाहौर सासकखतक दसषट स भरी काफरी महतवपणव माना जाता ह बरहमखषव पचता क पत ह िालमरीखक ससषट क आखद कखव और शररीमद रामायण क रचखयता बरहमखषव िालमरीखक कोई चोर अवा डाक नही ह हमार आखद कखव वासतव म बरहमखषव पचता क पत ह वरण दव का हरी एक नाम पचता भरी ह िालमरीखक जरी इनहरी क दसव पत ह इनहोन अयोधया क दखकषण तमसा नदरी क तट पर अपना आशरम साखपत खकया ा पभ शररीराम न जि सरीता जरी को वनवास खदया ति वह इनहरी िालमरीखक जरी क आशरम म आ कर रहरी री शररीमद रामायण जरी म हरी िालमरीखक जरी न अपना परा पररचय खलिा ह जि वह सरीता जरी को लकर राम क दरिार म

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पहचात ह ति वह सवय कहत ह खक राम आपकरी सरीता उतनरी हरी पखवत ह खजतना आपकरी अपकषा ह मन अपन जरीवन म न तो कभरी झ िोला ह और ना हरी खकसरी पकार का कोई गलत कायव खकया ह ऐस म यखद सरीता म कोई भरी दोष हो तो वह सारा पाप मझ लग जाय सवय पर इतना आतमखवशवास करन वाल िालमरीखक जरी खक िात पर पभ शररी राम भरी चखकत ह िालमरीखक जरी लव कर और सरीता जरी को लकर शररी राम क पास आय ह यहा वह अपना पररचय भरी दत ह खक म पचता का दसवा पत िालमरीखक ह अि यह सवय पमाण ह खक रामायण क रचखयता िालमरीखक कभरी डाक नही इस पसग को जगतगर सवामरी राघवाचायव जरी महाराज न भरी खवसतार स वयाखयाखयत खकया ह

अि यह पशन सामन आता ह खक वह िालमरीखक कौन जो डाक इस िार म शररीमद रामायण क साखपत भाषयकार आचायव नागर भटट न खलिा ह खक एक हरी समय म दो िालमरीखक हए ह एकिालमरीखक वह ह जो तमसा क तट पर रहत उनहोन हरी रामायण खक रचना करी दसर िालमरीखक वह ह जो खचतकट म राम स खमल वह िालमरीखक खकसरी ऋखष या बरहमखषव क पत नही िसलक पहल दसय और नारद जरी स खमलन क िाद सनयासरी िन इस पकार स यह भासनत अि दर कर लन करी आवशयकता ह खक ससषट क आखद कखव िालमरीखक पहल चोर या डाक रह ऐसा समझना आखदकखव का अपमान होगा

यह आज जो अयोधया ह आज करी अयोधया चाह जसरी हो पर वसरी नही ह जसरी मन क समय रहरी होगरी ससषट क सा हरी पथवरी पर उताररी गयरी अयोधयापररी का वततवमान िहत हरी खवकत हो चका ह अयोधया करी पकखत और ससकखत क िरीच खवकखत करी िाई काफरी गहररी हो गयरी ह खजस अयोधया पर शररीराम क रासन का वभव सभरी वागमय गात नही कत ह उसरी अयोधया म उसरी राम करी पाखतमा को एक छत इसखलए नसरीि नही हो पा रहरी कयोखक राम क हरी वरजो म उसरी राम क जनमसल को लकर झगड़ा चल रहा ह अयधा

अावत जहा कभरी यद न हो वसरी अयोधया न खपछलरी सदरी क उततराधव म भयकर िन िरािा भरी दि खलया खजस अयोधया म राम क काल म खकसरी पकार क दखहक दखवक भौतरी ताप का पकोप नही होता ा उस अयोधया म आज िहत खवकखतया भररी पड़री ह अयोधया का दभावगय यह रहा करी खपछल लगभग एक हज़ार साल स अखधक समय म भारत पर होन वाल हरक खवदररी आकमण करी मार इस झलनरी पड़री ह यहा शरखत परमपरा म यगो स चलतरी आन वालरी जञान करी धारा को इन आकमणो न िहत नकसान पहचाया पररणाम यह हआ करी खजस अयोधया स जञान लकर ससार पकारमान होता ा उस अयोधया क जञान क पज खवलपतपाय हो चक ह अि भारत करी आधखनक ताहाकाखत मधा पसशचम क कखत पगखतररील आखयानो को आधार िना कर मानव सभयता और खवकास करी कहानरी पढ और पढा रहरी ह

दःि तो इस िात को लकर होता ह खक खबरखटर रासन करी गलामरी स मकत होन क िाद भारत को सचाखलत करन वालरी दररी सरकारो न भरी अयोधया करी खवरासत को सरखकषत करन करी कोखरर नही करी अयोधया का वासतखवक इखतहास तक पकाखरत करन करी कोखरर सरकारो न नही खकया जो नगर मनषय करी ससकखत क खवकास क खलए साखपत ह उस नगर करी घनघोर उपकषा हई सवाधरीनता क िाद सिस जयादा धयान अपनरी इस आखद खवरासत को समहालन पर खदया जाना चाखहए ा पर ऐसा नही खकया गया इसरी िरीच भगवान राम क जनमसान को हरी खववाखदत िना कर राजनरीखत करी रोखटया सकरी जान लगरी आज अयोधया वासतव म खजस ददवरा स गजर रहरी ह उसकरी परीड़ा को समझन करी कोखरर कोई नही कर रहा ससषट करी इस सखगनरी क आसओ को नही समझ गया और ऐस हरी उपकषा होतरी रहरी तो खकसरी एक समदाय खवरष को हरी नही िसलक समचरी मानवता को इसकरी भाररी करीमत चकानरी पड़रगरी

सदभव अगल पष पर ndash

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सनदभय 01- अयोधया मरा माया काररी काखचरवसनतका पररी

दारावतरी चव सपतत मोकषदाखयका िालकाणड 5 6 क अनसार

02- वालमरीखक रामायण उततर काणड 108 4

03- रघ वर सगव 16

04- अयोधया त धमवजञ दरीघवयजञ महािलम अजयत पाडवशरषो नाखततरीवरणकमवणा- सभापवव 30-2

05- जातक सखया 454

06- रायसडरवरीज िखदसट इखडया पष 39

07-बरहम पराण2 1-33ampquot

08- शररीमद भागवत ततरीय सकध 12 52-56 13

09-(ऋगवद 180 168631101005) 14241 तखतत सखहता1513751536713321541056661रतप बराहमण 11414)

10- ऋगवद 8521)ampquot

11- (अवववद 81024)ampquot

12- (ऋगवद 8511)ampquot

13- खवषण पराण

14- एस सरी डर खहसटाररखसटरी ऑफ़ रामायण एड खद इडो आयवन सोसाइटरी इन इखडया एड सरीलोन (खदललरी - अजता पसबलकरस पनमखदवत 1976) पष 80-81

15- ऐतरय बराहमण 731 दि ज रा ए सो 1971 पष 52 (पादखटपपणरी 39 सतमागधसिाधा शररीमतरीमतलपभाम उचाटटालधवजवती रतघनरीरतसकलाम 39 िालका 5 11

16- नदलाल डर खद खजयोगराखफ़कल खडकरनररी ऑफ़ ऐशयट एड खमखडवल इखडया पष 14

17- जमस लगग खद टवलस ऑफ़ फ़ाहयान ओररयटल पसबलरसव खदललरी पनमवखदरत 1972 पष 54

18- जरी परी मललसकर खडकरनररी ऑफ़ पाखल पापर नमस भाग 2 पष 1086

19- नखलनाकष दतत एव कषणदतत िाजपयरी उततर पदर म िौद धमव का खवकास (पकारन बयरो उततर पदर सरकार लिनऊ पम ससकरण 1956) पष 7 एव 12

20-रगाा अटका भाग 1 पष 103

21-39जलाखन या तरीरखनिातयपा वहतययोधयामनराजधानरीम

39 रघ वर 13 61

3 9 आ ल ो क ख य ष य न म ख द त ा म य ो ध य ा पासादमभखलहमाररोह

39- रघ वर 14 29

22- रघ वर 531 1362

23-कोसलो नाम मखदरत सफरीतो जनपदो महान खनखवषट सरयतरीर परभत धनधानयवान (रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 5 amp39मनना मानवदरवण या पररी खनखमवता सवयमय ततव पसकत 12

24-खवनोदखवहाररी दतत टाउन पलाखनग इन ऐशयट इखडया (कलकतता कर ससपक एड क 1925) पष 321- 322 खवखवध तरीवकलप अधयाय 34

25-आयता दर च द योजनाखन महापरो शररीमतरी तखण खवसतरीणव सखवभकतमहापा रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 7

26-दादरयोजनायामा नवयोजन खवसतताम अयोधयलयपराखभखया खवनरीता सोऽकरोतपररीम खतरससतसलाकापररचररत पवव अधयाय 2 शलोक 912

27- ए कखनघम ऐशयट जयोगराफ़री ऑफ़ इखडया (इडोलाखजकल िक हाउस 1963) पष 342

28- मललसकर खडकरनररी ऑफ़ पाखल पापर नमस भाग 1 पष 165

29- सयकतखनकाय (पाखल टरकटस सोसाइटरी) भाग 3 पष 140 और आग ततव भाग 4 पष 179 अधयाय 5 शलोक 31

30- आखद पराण 12 पष 77 खवखवधतरीवकलप पष 55 खवरदानद पाक खहसटरी ऑफ़ कोरल (मोतरीलाल िनारसरीदास वाराणसरी 1963 ई) पष 55

31- ऐलकजडर कखनघम ऐशयट जयोगराफ़री ऑफ़ इखडया (इडोलाखजकल िक हाउस वाराणसरी 1976) पष 405

32- नदलाल डर खद खजयोगराखफ़कल खडकरनररी ऑफ़ ऐशयट एड खमखडवल इखडया पष 174

33- फगवसन आखककयोलाजरी इन इखडया पष 110

34- िरी ए ससम ज रा ए सो 1898 पष 124

35- खवखलयम होवरी ज ऐ सो ि 1900 पष 75

36- डबलय िोसट ज रा ए सो 1906 पष 437 और आग

37- भरतखसह उपाधयाय िदकालरीन भारतरीय भगोल (खहनदरी साखहतय सममलन पयाग 2018) पष 254

38- आवससक कमटरी पष 24

39- राज डरखवरस िखदसट इखडया पष 39

40- हमचनद राय चौधररी पाचरीन भारत का राजनरीखतक इखतहास (खकताि महल इलाहािाद 1976 ई) पष 91

41- खवरदानद पाक खहसटरी ऑफ़ कोरल मोतरीलाल िनारसरीदास वाराणसरी पम ससकरण 1963 पष 58

42- ई ज ामस खद लाइफ़ ऑफ़ िद ऐज लरीजड इन खहसटरी (सटलज एड कगन पाल खलखमटरड लनदन ततरीय ससकरण पनमवखदरत 1952) पष 15

43- बरजवासरी लाल आखककयोलाजरी एड ट इखडयन इखपकस एनलस ऑफ़ खद भणडारकर ओररयटल ररसचव इसटरीटयट खजलद 54 1973 ई

44- हसमि धरीरजलाल साकखलया रामायण खम आर ररयखलटरी नई खदललरी 1973 ई

45- हमचनदर राय चौधररी पाचरीन भारत का राजनरीखतक इखतहास पष 7

46- मनरीरचनदर जोररी आखककयोलाजरी एड इखडयन टरखडरस सम आबजववरन पराततव खजलद 8 1978 ई प पष 89-102

47- तखततररीय आरणयक 127 अषटाचक नवदारा दवना परयोधया तसयाम खहरनमयकोराह सवगवलोको जयोखतषावत यो वयताम बरहममनो वद अमतनावतमपररीम तसम बरहम च आय करीखतवम पजाम यदह खवभाजमानाम हररणरीम यररा सपररीवतताम परम खहरणयमयोम बरहमाखववरापराखजताम

48- बरजवासरी लाल िाज अयोधया ए खमखकल खसटरी पराततव खजलद 10 पष 47

49- अवववद 10228-33

50- शररीमदभागवदगरीता 513

51- पववउललखित 127

52- पववउललखित पराततव खजलद 10 पष 47

53- पववउललखित पराततव खजलद 8 पष 98-102

54- जमस लगग खद टवलस ऑफ़ फ़ाहयान (ओररयटल पसबलरसव नई खदललरी खदतरीय ससकरण 1972) पष 54-55

55- ामस वाटसव ऑन यवॉन चवागस टवलस इन इखडया भाग 1 पष 355

56- िसिध का अधयापन एव पररशरम आखद अयोधया म हरी हआ ा

57- ामस वाटसव ऑन यवॉन चवागस टवलस इन इखडया भाग 1 पष 357

58- इ आ रर 1959-70 पष 40-41

59- इ आ रर 1976-77 पष 52

60- हरर माझरी और िरी आर मखण अयोधया 2002-2003 एकसकवरनस ऐट दरी ampquotखडसपयटरड साइटampquot भारतरीय पराततव सववकषण खवभाग नई खदललरी 2003 छाया पखत

61- कािवन-4 क अदवजरीवन पर आधाररत (5570 30 वषव

62- 39 जलाखन या तरीरखनिातयपा वहतययोधयामनराजधानरीम

39 रघ वर 13 61

3 9 आ ल ो क ख य ष य न म ख द त ा म य ो ध य ा पासादमभखलहमाररोह 39- रघ वर 14 29

63- रघ वर 531 1362

64- कोसलो नाम मखदरत सफरीतो जनपदो महान खनखवषट सरयतरीर पभत धनधानयवान (रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 5

65- 39मनना मानवदरवण या पररी खनखमवता सवयमय ततव पसकत 12

66- खवनोदखवहाररी दतत टाउन पलाखनग इन ऐशयट इखडया (कलकतता कर ससपक एड क 1925) पष 321-322 खवखवध तरीवकलप अधयाय 34

67- आयता दर च द योजनाखन महापरो शररीमतरी तखण खवसतरीणव सखवभकतमहापा रामायण िालकाणड सगव 5 पसकत 7

68- अदभत भारत ए एल वारम

69- पो आर आर पाडरय भारतरीय दरवन

70- पो खवसवमभारररण पाक पाचरीन भारत

71- सवामरी अिणडाननद सरसवतरी शररी राम का एव शररीमद भागवत

72- महामडलशवर सवामरी अवधराननद जरी शररी राम का एव शररीमद भगवत

73- जगतगर सवामरीराघवाचायव जरी शररीमद िालमरीकरीय रामायण

74- शररी रामका सवामरी रामखककर जरी

75- शररीमद रामचररत मानस गोसवामरी तलसरी दास

76- ससकखत क चार अधयाय रामधाररी खसह खदनकर

77- साकत मखलरीररण गपत

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06 तदसमबर 1992 क बाद स िगािार िनि म तररािमान शीराम ििा

सरपरीम कोिट क फसि क बाद रामििा की पतरत

िनमभतम तररादो स मरकि हो गई इसक बाद रामििा को िनि स असथाई मतनदर

म ि िाि उततर परदश क मरखयमती िथा गोरक पीठाधीशरर महि योगी

आतदतयनाथ

शी रामििा का पिन करि उततर परदश क

मरखयमती योगी आदततयनाथ

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अयोधया स जड़र ऐखतहाखसक तथय और साकय इस इखतहास क मकममल गवाह ह रामजनमभखम का इखतहास कवल उतना हरी पराना ह खजतना हमार खवशवखवदालयो म पढाया जान वाला इखतहास का खवषय ह भारतरीय इखतहास को पाचरीन मधयकालरीन और आधखनक क िटवार म डाल कर पढान करी वयवसा खवशवखवदालयो म करी गयरी ह आधखनक और मधयकालरीन इखतहास खलिन वाल और उनक पाठयकम तय करन वाल लोगो को हरी असलरी इखतहासकार िता कर

भारत क ताकखत सकयलर सखहषण खवदान लिरी लिरी िहस करत ह और खपछल 60 -70 वषवो स उनह हरी भारत क इखतहास क अखधकत खवदान िताकर उनहरी क पमाणन को सतय का दज़ाव दत आ रह ह य व हरी इखतहासकार ह खजनको रानरी पखदमनरी और उनका जौहर भरी कालपखनक लगता ह इनको वह कछ भरी नही खदिाई दता जो भारत का अपना और िद क गौरव स जड़ा हो इनको हरी आइना खदिन क खलए यह आलि सामन ह सिकछ खतखवार ह यह ह शररीरामजनमभखम का इखतहास -

शरीरामजनमभमम का इवतहास

30 अटटबर 1990 को हजारो रामभतो न िोट-बक क लालची मलायम वसह यादि क दवारा खडी की गई अनक बाधाओ को पार कर अयोधया म परिि वकया और वििावदत ढाच

क ऊपर भगिा धिज िहरा वदया लवकन 2 निमबर

1990 को मखयमतरी मलायम वसह यादि न कारसिको पर गोली चलान का आदि वदया वजसम सकडो रामभतो न अपन जीिन की आहवतया

दी

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भारत क यिसिी परधानमतरी नरनदर मोदी जी अयोधया म भवय शीराम मकनदर क वनमाषण की परवरिया िर करन जा रह ह शीराम जनमभवम पर वपछल पाच सौ िषषो स मकनदर नही था इस सथल पर मकनदर क पनवनषमाण का सघषष बहत कविन रहा ह इस सघषष की गाथा अब एक ऐसा इवतहास ह वजसको पढ कर नई पीढी अिशय कछ न कछ सीखगी

लिक माधयखमक खरकषा सवा चयन िोडङ उ० प० क सदसय और इखतहास क खवदान ह

डा० खदनरमखण खतपारी

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जि िािर खदललरी करी गदरी पर आसरीन हआ उस समय जनमभखम खसद महातमा शयामननद जरी महाराज क अखधकार कषत म री महातमा शयामननद करी खयाखत सनकर खवाजा कजल अबिास मसा आखरकान अयोधया आय महातमा जरी क खरषय िनकर खवाजा कजल अबिास मसा न योग और खसखदया पापकर लरी और उनका नाम भरी महातमा शयामननद क खयाखतपापत खरषयो म खलया जान लगा य सनकर जलालराह नाम का एक फकरीर भरी महातमा शयामननद क पास आया और उनका खरषय िनकर खसखदया पापत करन लगा जलालराह एक कटटर मसलमान ा और उसको एक हरी सनक री हर जगह इसलाम का आखधपतय साखित करना अत जलालराह न अपन काखफर गर करी परी म छरा घोपकर खवाजा कजल अबिास मसा क सा खमलकर य खवचार खकया करी यखद इस मखदर को तोड़ कर मससजद िनवा दरी जाय तो इसलाम का परचम खहनदसान म सायरी हो जायगा धरीर धरीर जलालराह और खवाजा कजल अबिास मसा इस साखजर को अजाम दन करी तयाररयो म जट गए

सववपम जलालराह और खवाजा िािर क खवशवासपात िन और दोनो न अयोधया को िदव मकका िनान क खलए जनमभखम क आसपास करी जमरीनो म िलपववक मत मसलमानो को दफन करना रर खकया और मरीरिाकरी िा क माधयम स िािर को उकसाकर मखदर क खवधवस का कायवकम िनाया िािा शयामननद जरी अपन मससलम खरषयो करी करतत दि क िहत दिरी हए और अपन खनणवय पर उनह िहत पछतावा हआ दिरी मन स िािा शयामननद जरी न रामलला करी मखतवया सरय म पवाखहत खकया और िद खहमालय करी और तपसया करन चल गए मखदर क पजाररयो न मखदर क अनय सामान आखद हटा खलए और व सवय मखदर क दार पर रामलला करी रकषा क खलए िड़र हो गए जलालराह करी आजञा क अनसार उन चारो पजाररयो क सर काट खलए गए खजस समय मखदर को खगराकर मससजद िनान करी घोषणा हई उस समय भरीटरी क राजा महताि खसह िदररी नारायण करी याता करन क खलए खनकल अयोधया पहचन पर रासत म उनह य ििर खमलरी तो उनहोन अपनरी याता सखगत कर दरी और अपनरी छोटरी सना म रामभकतो को राखमल कर 1 लाि चौहततर हजार लोगो क सा िािर करी सना क 4 लाि 50 हजार सखनको स लोहा लन खनकल पड़र

रामभकतो न सौगध ल रकिरी री रकत करी आखिररी िद तक लड़ग जि तक पाण ह ति तक मखदर नही खगरन दग रामभकत वरीरता क सा लड़र 70 खदनो तक घोर सगराम होता रहा और अत म राजा महताि

खसह समत सभरी 1 ल ा ि

74 हजार रामभकत मार गए शररीराम जनमभखम रामभकतो क रकत स लाल हो गयरी इस भरीषण कतल आम क िाद मरीरिाकरी न तोप लगा क मखदर खगरवा खदया मखदर क मसाल स हरी मससजद का खनमावण हआ पानरी करी जगह मर हए खहनदओ का रकत इसतमाल खकया गया नरीव म लिौररी इटो क सा

इखतहासकार कखनघम अपन लिनऊ गजखटयर क 66व अक क पष 3 पर खलिता ह करी एक लाि चौहतर हजार खहदओ करी लार खगर जान क पशचात मरीरिाकरी अपन मखदर धवसत करन क अखभयान म सफल हआ और उसक िाद जनमभखम क चारो और तोप लगवाकर मखदर को धवसत कर खदया गया इसरी पकार हखमलटन नाम का एक अगरज िारािकरी गजखटयर म खलिता ह करी लालराह न खहनदओ क िन का गारा िना क लिौररी ईटो करी नरीवमससजद िनवान क खलए दरी गयरी री उस समय अयोधया स 6 मरील करी दररी पर सन नाम का एक गाव क पखडत दवरीदरीन पाणडरय न वहा क आस पास क गावो सराय खसखसडा राजपर आखद क सयववररीय कषखतयो को एकखतत खकया दवरीदरीन पाणडरय न सयववररीय कषखतयो स कहा भाइयो आप लोग मझ अपना राजपरोखहत मानत ह अप क पववज शररी राम और हमार पववज महखषव भरदाज जरी आज मयावदा परषोततम शररी राम करी जनमभखम को मसलमान आकानता कबरो स पाट रह ह और िोद रह ह इस पररससखत म हमारा मकदरवक िन कर जरीखवत रहन करी िजाय जनमभखम करी रकषाव यद करत करत वरीरगखत पाना जयादा उततम होगा

दवरीदरीन पाणडरय करी आजञा स दो खदन क भरीतर 90 हजार कषखतय इकठा हो गए दर दर क गावो स लोग समहो म इकठा हो कर दवरीदरीन पाणडरय क नततव म जनमभखम पर जिरदसत धावा िोल खदया राहरी सना स लगातार 5 खदनो तक यद हआ छर खदन मरीरिाकरी का सामना दवरीदरीन पाणडरय स हआ उसरी समय धोि स उसक अगरकषक न एक लिौररी ईट स पाणडरय जरी करी िोपड़री पर वार

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कर खदया दवरीदरीन पाणडरय का सर िररी तरह फट गया मगर उस वरीर न अपन पगड़री स िोपड़री स िाधा और तलवार स उस कायर अगरकषक का सर काट खदया इसरी िरीच मरीरिाकरी न खछपकर गोलरी चलायरी जो पहल हरी स घायल दवरीदरीन पाणडरय जरी को लगरी और वो जनमभखम करी रकषा म वरीर गखत को पापत हएजनमभखम खफर स 90 हजार खहनदओ क रकत स लाल हो गयरी दवरीदरीन पाणडरय क वरज सन गराम क ईशवररी पाडर का परवा नामक जगह पर अि भरी मौजद ह पाणडरय जरी करी मतय क 15 खदन िाद हसवर क महाराज रणखवजय खसह न खसफक 25 हजार सखनको क सा मरीरिाकरी करी खवराल और रसतो स ससखजत सना स रामलला को मकत करान क खलए आकमण खकया 10 खदन तक यद चला और महाराज जनमभखम क रकषाव वरीरगखत को पापत हो गए जनमभखम म 25 हजार खहनदओ का रकत खफर िहा रानरी जयराज कमाररी हसवर क सवगतीय महाराज रणखवजय खसह करी पतरी री जनमभखम करी रकषा म महाराज क वरीरगखत पापत करन क िाद महारानरी न उनक कायव को आग िढान का िरीड़ा उाया और तरीन हजार नाररयो करी सना लकर उनहोन जनमभखम पर हमला िोल खदया और हमाय क समय तक उनहोन छापामार यद जाररी रिा रानरी क गर सवामरी महशवरानद जरी न रामभकतो को इकठा करक सना का पिध करक जयराज कमाररी करी सहायता करी सा हरी सवामरी महशवरानद जरी न सनयाखसयो करी सना िनायी इसम उनहोन 24 हजार सनयाखसयो को इकठा खकया और रानरी जयराज कमाररी क सा हमाय क समय म कल 10 हमल जनमभखम क उदार क खलए खकय १०व हमल म राहरी सना को काफरी नकसान हआ और जनमभखम पर रानरी जयराज कमाररी का अखधकार हो गया

लगभग एक महरीन िाद हमाय न पररी ताकत स राहरी सना खफर भजरी इस यद म सवामरी महशवरानद और रानरी कमाररी जयराज कमाररी लड़त हए अपनरी िचरी हई सना क सा मार गए और जनमभखम पर पनः मगलो का अखधकार हो गया शररीराम जनमभखम एक िार खफर कल 24 हजार सनयाखसयो और 3 हजार वरीर नाररयो क रकत स लाल हो गयरी रानरी जयराज कमाररी और सवामरी महशवरानद जरी क िाद यद का नततव सवामरी िलरामचाररी जरी न अपन हा म ल खलया सवामरी िलरामचाररी जरी न गाव गाव म घम कर रामभकत खहनद यवको और सनयाखसयो करी एक मजित सना तयार करन का पयास खकया और जनमभखम क उदाराव 20 िार आकमण खकय इन 20 हमलो म कम स कम 15 िार सवामरी िलरामचाररी न जनमभखम पर अपना अखधकार कर खलया मगर य अखधकार अलप समय क खलए रहता ा ोड़र खदन िाद िड़री राहरी फ़ौज आतरी री और जनमभखम पनः मगलो क अधरीन हो जातरी रीजनमभखम म लािो खहनद िखलदान होत रह उस समय का मगल रासक अकिर ा

राहरी सना हर खदन क इन यदो स कमजोर हो रहरी री अतः अकिर न िरीरिल और टोडरमल क कहन पर िस करी टाट स उस चितर पर ३ फरीट का एक छोटा सा मखदर िनवा खदया लगातार यद करत रहन क कारण सवामरी िलरामचाररी का सवासथय खगरता चला गया ा और पयाग कमभ क अवसर पर खतवणरी तट पर सवामरी िलरामचाररी करी मतय हो गयरी इस पकार िार-िार क आकमणो और खहनद जनमानस क रोष एव खहनदसान पर मगलो करी ढरीलरी होतरी पकड़ स िचन का एक राजनखतक पयास करी अकिर करी इस

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कटनरीखत स कछ खदनो क खलए जनमभखम म रकत नही िहा यहरी कम राहजहा क समय भरी चलता रहा खफर औरगजि क हा सतता आई वो कटटर मसलमान ा और उसन समसत भारत स काखफरो क समपणव सफाय का सकलप खलया ा उसन लगभग 10 िार अयोधया म मखदरो को तोड़न का अखभयान चलकर यहा क सभरी पमि मखदरो करी मखतवयो को तोड़ डाला औरगजि क समय म समव गर शररी रामदास जरी महाराज जरी क खरषय शररी वषणवदास जरी न जनमभखम क उदाराव 30 िार आकमण खकय इन आकमणो म अयोधया क आस पास क गावो क सयववररीय कषखतयो न पणव सहयोग खदया खजनम सराय क ाकर सरदार गजराज खसह और राजपर क कवर गोपाल खसह ता खसखसणडा क ाकर जगदिा खसह पमि य सार वरीर य जानत हए भरी करी उनकरी सना और हखयार िादराहरी सना क सामन कछ भरी नही ह अपन जरीवन क आखिररी समय तक राहरी सना स लोहा लत रह लमि समय तक चल इन यदो म रामलला को मकत करान क खलए हजारो खहनद वरीरो न अपना िखलदान खदया और अयोधया करी धरतरी पर उनका रकत िहता रहा ाकर गजराज खसह और उनक सारी कषखतयो क वरज आज भरी सराय म मौजद ह आज भरी फजािाद खजल क आस पास क सयववररीय कषखतय खसर पर पगड़री नही िाधत जता नही पहनत छाता नही लगात उनहोन अपन पववजो क सामन य पखतजञा लरी री करी जि तक शररी राम जनमभखम का उदार नही कर लग ति तक जता नही पहनग छाता नही लगाएग पगड़री नही पहनग 1640 ईसवरी म औरगजि न मसनदर को धवसत करन क खलए जिाज िा क नततव म एक जिरजसत सना भज दरी री िािा वषणव दास क सा साधओ करी एक सना री जो हर खवदा म खनपण री इस खचमटाधाररी साधओ करी सना भरी कहत जि जनमभखम पर जिाज िा न आकमण खकया तो खहदओ क सा खचमटाधाररी साधओ करी सना करी सना खमल गयरी और उववररी कड नामक जगह पर जािाज़ िा करी सना स सात खदनो तक भरीषण यद खकया

खचमटाधाररी साधओ क खचमटर क मार स मगलो करी सना भाग िड़री हई इस पकार चितर पर ससत मखदर करी रकषा हो गयरी जािाज़ िा करी पराखजत सना को दिकर औरगजि िहत कोखधत हआ और उसन जािाज़ िा को हटाकर एक अनय खसपहसालार सययद हसन अलरी को 50 हजार सखनको करी सना और तोपिान क सा अयोधया करी ओर भजा और सा म य आदर खदया करी अिकरी िार जनमभखम को ििावद करक वापस आना ह यह समय सन 1680 का ा िािा वषणव दास न खसकिो क गर गरगोखवद खसह स यद म सहयोग क खलए पत क माधयम सदर भजा पत पाकर गर गरगोखवद खसह सना समत ततकाल अयोधया आ गए और बरहमकड पर अपना डररा डाला बरहमकड वहरी जगह जहा आजकल गरगोखवद खसह करी समखत म खसकिो का गरदारा िना हआ ह िािा वषणव दास एव खसकिो क गरगोखवद खसह रामलला करी रकषा हत एकसा रणभखम म कद पड़र इन वरीरो क सखनयोखजत हमलो स

मगलो करी सना क पाव उिड़ गय सययद हसन अलरी भरी यद म मारा गया औरगजि खहदओ करी इस पखतखकया स सतबध रह गया ा और इस यद क िाद 4 साल तक उसन अयोधया पर हमला करन करी खहममत नही करी औरगजि न सन 1664 म एक िार खफर शररी राम जनमभखम पर आकमण खकया इस भरीषण हमल म राहरी फौज न लगभग 10 हजार स जयादा खहदओ करी हतया कर दरी नागररको तक को नही छोड़ा जनमभखम खहनदओ क रकत स लाल हो गयरी जनमभखम क अदर नवकोण क एक कदपव कप नाम का कआ ा सभरी मार गए खहदओ करी लार मगलो न उसम फककर चारो ओर चहारदरीवाररी उा कर उस घर खदया आज भरी कदपवकप ldquoगज रहरीदाrdquo क नाम स पखसद हऔर जनमभखम क पवती दार पर ससत ह राहरी सना न जनमभखम का चितरा िोद डाला िहत खदनो तक वह चितरा गडर क रप म वहा ससत ा औरगजि क कर अतयाचारो करी माररी खहनद जनता अि उस गडर पर हरी शररी रामनवमरी क खदन भसकतभाव स अकषतपषप और जल चढातरी रहतरी री

निािसहादत अलरी क समय 1763 ईसवरी म जनमभखम क रकषाव अमरी क राजा गरदतत खसह और खपपरपर क राजकमार खसह क नततव म िािररी ढाच पर पनः पाच आकमण खकय गय खजसम हर िार खहनदओ करी लार अयोधया म खगरतरी रही लिनऊ गजखटयर म कनवल हट खलिता ह करी ldquo लगातार खहदओ क हमल स ऊिकर निाि न खहदओ और मसलमानो को एक सा नमाज पढन और भजन करन करी इजाजत द दरी पर सचा मसलमान होन क नात उसन काखफरो को जमरीन नही सौपरी ldquoलिनऊ गजखटयर पष 62rdquo नाखसरदरीन हदर क समय म मकरहरी क राजा क नततव म जनमभखम को पनः अपन रप म लान क खलए खहदओ क तरीन आकमण हय खजसम िड़री सखया म खहनद मार गय परनत तरीसर आकमण म डटकर निािरी सना का सामना हआ 8व खदन खहदओ करी रसकत कषरीण होन लगरी जनमभखम क मदान म खहनदओ और मसलमानो करी लारो का ढरर लग गया इस सगराम म भरीतरी हसवर मकर हरी िजरहट दरीयरा अमरी क राजा गरदतत खसह आखद सममखलत हारतरी हई खहनद सना क सा वरीर खचमटाधाररी साधओ करी सना आ खमलरी और इस यद म राहरी सना क खचड़र उड गय और उस रौदत हए खहदओ न जनमभखम पर कबजा कर खलया मगर हर िार करी तरह कछ खदनो क िाद खवराल राहरी सना न पनः जनमभखम पर अखधकार कर खलया और हजारो खहनदओ को मार डाला गया जनमभखम म खहनदओ का रकत पवाखहत होन लगा

नावाि वाखजदअलरी राह क समय क समय म पनः खहदओ न जनमभखम क उदाराव आकमण खकया फजािाद गजखटयर म कखनघम न खलिा इस सगराम म िहत हरी भयकर िनिरािा हआ दो खदन और रात होन वाल इस भयकर यद म सकड़ो खहनदओ क मार जान क िावजद खहनदओ न राम जनमभखम पर कबजा कर खलया कद खहदओ करी भरीड़ न कबर तोड़ फोड़ कर ििावद कर डालरी मससजदो को खमसमार करन लग और पररी ताकत स मसलमानो को

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1986 काचरी कामकोखट परी क रकराचायव और मससलम पसवनल

लॉ िोडङ क पखसडट अलरी खमया नदवरी क िरीच िातचरीत हई लखकन वो खकसरी नतरीज पर नही पहचरी

1990 ति परीएम रह चदररिर न दोनो (खहद-मससलम) समदायो

क िरीच गखतरोध तोड़न करी कोखरर करी य िातचरीत उस वकत टट गई जि वरीएचपरी वालखटयसव पर मससजद क एक खहसस को तोड़न का आरोप लगा

मदसबर 1992 िािररी मससजद ढाच को खगराए जान (6 खदसिर 1992)

क 10 खदन िाद परीएम रह परीवरी नरखसमहाराव न जससटस खलबरहान करी अगवाई म एक जाच कमरीरन का गन खकया कमरीरन न 17 साल िाद 2009 म अपनरी ररपोटङ पर करी

इस सहरी मायन म सलह करी कोखरर माना जा सकता ह हालाखक इसका भरी कोई नतरीजा नही खनकला

जन 2002 अटल खिहाररी वाजपयरी न अपन ऑखफस म एक अयोधया

सल िनवाई और उसम पाटती क सरीखनयर पदाखधकाररी रतघन खसह को अपवाइट खकया

सल को इसखलए िनाया गया ा ताखक वह खहद और मससलम लरीडसव स िात कर सक लखकन य कोखरर भरी कामयाि नही हो पाई

अपल 2015 ऑल इखडया खहद महासभा क पखसडट सवामरी चकपाखण और

मससलमो करी ओर दायर खपटरीरस करी अगआई करन वाल मोहममद हाखरम असाररी क िरीच मलाकात हई हालाखक इस मलाकात क िाद कोई िास पहल नही हई

असाररी न हनमान गढरी मखदर क महत जञान दास स िातचरीत करी ररआत करी इसम पलान ा खक खववाखदत 70 एकड़ करी जमरीन पर मखदर और मससजद िनाई जाए दोनो क िरीच 100 फरीट करी दरीवार रहगरी

मई 2016 ऑल इखडया अिाड़ा पररषद क अधयकष महत नरदर खगररी न

असाररी क सा मलाकात करी िातचरीत आग िढतरी इसक पहल हरी असाररी का खनधन हो गया

नबर 2016 हाईकोटङ क ररटायडङ जज जससटस पलक िस न कोटङ क

िाहर सटलमट का सझाव रिा इसम 10 हजार खहद

मार-मार कर अयोधया स िदड़ना रर खकयामगर खहनद भरीड़ न मसलमान ससतयो और िचो को कोई हाखन नही पहचाई अयोधया म पलय मचा हआ ा

इखतहासकार कखनघम खलिता ह करी य अयोधया का सिस िड़ा खहनद मससलम िलवा ा खहदओ न अपना सपना परा खकया और औरगजि दारा खवधवस खकए गए चितर को खफर वापस िनाया चितर पर तरीन फरीट ऊचरी िस करी टाट स एक छोटा सा मखदर िनवा खलया खजसम पनः रामलला करी सापना करी गयरी कछ जहादरी मललाओ को य िात सवरीकार नही हई और कालातर म जनमभखम खफर खहनदओ क हाो स खनकल गयरी

सन 1857 करी काखत म िहादर राह जफर क समय म िािा रामचरण दास न एक मौलवरी आखमर अलरी क सा जनमभखम क उदार का पयास खकया पर 18 माचव सन 1858 को किर टरीला ससत एक इमलरी क पड़ म दोनो को एक सा अगरज़ो न फासरी पर लटका खदया जि अगरज़ो न य दिा खक य पड़ भरी दरभकतो एव रामभकतो क खलए एक समारक क रप म खवकखसत हो रहा ह ति उनहोन इस पड़ को कटवा कर इस आखिररी खनरानरी को भरी खमटा खदया इस पकार अगरज़ो करी कखटल नरीखत क कारण रामजनमभखम क उदार का यह एकमात पयास खवफल हो गया

30 अकटिर 1990 को हजारो रामभकतो न वोट-िक क लालचरी मलायम खसह यादव क दारा िड़री करी गई अनक िाधाओ को पार कर अयोधया म पवर खकया और खववाखदत ढाच क ऊपर भगवा धवज फहरा खदया लखकन 2 नवमिर 1990 को मखयमतरी मलायम खसह यादव न कारसवको पर गोलरी चलान का आदर खदया खजसम सकड़ो रामभकतो न अपन जरीवन करी आहखतया दी सरकार न मतको करी असलरी सखया खछपायरी परनत पतयकषदखरवयो क अनसार सरय तट रामभकतो करी लारो स पट गया ा

4 अपल 1991 को कारसवको क हतयार उततर पदर क ततकालरीन मखयमतरी मलायम खसह यादव न इसतरीफा खदया लािो राम भकत 6 खदसमिर को कारसवा हत अयोधया पहच और राम जनमसान पर िािर क सनापखत दार िनाए गए अपमान क पतरीक मससजदनमा ढाच को धवसत कर खदया परनत खहनद समाज क अनदर वयापत घोर सगनहरीनता एव आज भरी खहनदओ क सिस िड़र आराधय भगवान शररीराम एक फटर हए तमि म खवराजमान ह

राम मखदर खववाद को सलझान करी िरीत 30 साल म 8 कोखरर हई लखकन य सभरी नाकाम रही 1986 म पहलरी िार ति क काचरी कामकोखट रकराचायव न मससलम पसवनल लॉ िोडङ स िातचरीत करी लखकन वो खकसरी नतरीज पर नही पहच पाई इसक िाद परीएम रह चदररिर परीवरी नरखसमहाराव अटल खिहाररी वाजपयरी करी समय भरी कोखरर हई िता द खक िधवार को सपरीम कोटङ न राम मखदर खववाद का हल आपसरी िातचरीत क जररए हल करन को कहा ा जान खकस-खकसन कया कदम उाए

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और मसलमानो क साइन खकया हआ पपोजल फजािाद कखमशनर क सामन रिा गया

सटलमट क खलए सार डॉकयमट सपरीम कोटङ म रि जा चक ह

मवाचय 2017 सपरीम कोटङ न राम मखदर मसल का हल आपसरी िातचरीत

क जररए करन को कहा य कहा खक कोटङ मरीखडएटर िनन को तयार ह

9 नमबर 2019 कई दौर करी िातचरीत और लमिरी सनवाई क िाद आखिर

शररीरामजनमभखम करी मसकत का समय आया 09 नवमिर 2019 को सपरीम काटङ न ऐखतहाखसक फसला दत हए शररी रामजनमभखम को खहनदओ को सौपन का आदर खदया और मससलम पकष को अयोधया जनपद म हरी पाच एकड़ भखम दन का खनणवय सनाया इस आदर क िाद शररीरामजनमभखम पर मसनदर िनन का मागव परसत हो गया

तकसका-कया िारा- बीजपी िीएरपी समत कई वहद सगठन वििावदत जमीन पर राम मवदर और सनी िफ बोडट समत कई मकसलम सगठन िहा मकसजद होन का दािा करत ह

- वहदओ का कहना ह वक िह जगह रामजनम भवम ह िहा भगिान राम का मवदर था वजस मगल शासक बाबर क वसपहसालार मीर बाकी न 1528 म तड़िा वदया और उसकी जगह मकसजद बनिा दी वजस बाबरी मकसजद कहा गया

कौन थर 3 पकष- वनमवोही अखाड़ा वििावदत जमीन का एक-वतहाई वहससा यानी राम रबतरा और सीता रसोई िाली जगह

- रामलला विराजमानएक-वतहाई वहससा यानी रामलला की मवतश िाली जगह

- सनी िफ बोडट वििावदत जमीन का बरा हआ एक-वतहाई ससा

कया था राम मतिर का मदा- राम मवदर मदा 1989 क बाद अपन उफान पर था इस मद की िजह स तब दश म सापदावयक तनाि फला था दश की राजनीवत इस मद स पभावित होती रही ह- वहद सगठनो का दािा ह वक अयोधया म भगिान राम की

जनमसथली पर बाबरी मकसजद बनी थी मवदर तोड़कर यह मकसजद 16िी शताबदी म बनिाई गई थी

- राम मवदर आदोलन क दौरान 6 वदसबर 1992 को अयोधया म बाबरी मकसजद का वििावदत ढारा वगरा वदया गया था मामला अब सपीम कोटट म ह

इलाहाबाि हाईकोटट नर कया तिया था फसला- 30 वसतबर 2010 को इलाहाबाद हाईकोटट क जकसटस सधीर अगरिाल एस य खान और डीिी शमाश की बर न मवदर मद पर अपना फसला भी सनात हए अयोधया की वििावदत 277 एकड़ जमीन को तीन बराबर वहससो म बाटन का आदश वदया था

- बर न तय वकया था वक वजस जगह पर रामलला की मवतश ह उस रामलला विराजमान को द वदया जाए राम रबतरा और सीता रसोई िाली जगह वनमवोही अखाड़ को द दी जाए बरा हआ एक-वतहाई वहससा सनी िफ बोडट को वदया जाए

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Most effective way to prove dominance over any civilization is to attack and demolish their god culture and custom Desecration of someonersquos God and humiliating their deity sends a clear message of their incapability and submission

In whole world Hinduism is the only religion which in spite of having facedcenturies of tyranny slavery barbarism and forced conversion still believes in ldquoVasudhaiv Kutumbakamrdquo

In 1526 Babur after Defeating Ibrahim Lodhi in Panipat became the ruler of north India Although he liked many things about India like numerical system and craftsmanship but principally he despisedHindustan and Hindus This quote from Baburnama

makes his dislike evident ldquoHindustan is a place of little charm There is no beauty in its people no graceful social intercourse no poetic talent or understanding no etiquette nobility or manliness The arts and crafts have no harmony or symmetry There are no good horses meat grapes melons or other fruit There is no ice cold water good food or bread in the markets There are no baths and no schools There are no candles torches or even candlesticksrdquo

It is believed that in 1528 Babur visited Ayodhya and under his instruction Mir- Baqi demolished Ram temple the birth place of Lord Rama and most sacred place for Hindus (However there is no written historical document of Baburrsquos

Remaking of Ram Temple

It is believed that in 1528 Babur visited

Ayodhya and under his instruction Mir- Baqi demolished Ram temple the

birth place of Lord Rama and most sa-cred place for Hin-

dus (However there is no written his-

torical document of Baburrsquos instruction

toMir Baqi)

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Noted historian Arnold JToynbee once said ldquoWhen any civilization becomes too developed it is taken over by

Barbaric racesrdquo Indian civilization is the oldest civiliza-tion on this planet with a history spanning for thousands

of centuries A history full of culture tradition knowl-edge and valour but India has her share of historical

blunders and treachery too The story of Babri Masjid is one such parable Its construction by force over razed Ram Mandir its demolition in 1992 and courtrsquos order of reconstruction of ram temple in 2019is true portrayal of Hindu resilience and suffering yet yearn for justice

through peaceful means

Dr Rajeev Tewari

A story of 400 years of struggle and endurance

Dr Rajeev Tewari is a practicing surgeon at Delhi He did his MBBS course from KGMC Lucknow and finished his masterrsquos course (MS is Surgery) in 1986 from KGMC He specialises is Laparoscopic surgery Writing and teaching undergraduate students are his passion He likes writing on Indian history and Hindu Mythology and recent Geo-political issues

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instruction toMir Baqi) In 1528-29 Mir Baqi constructed Babri Masjid after razing Ram temple

This shameful blot on Hindus was first challenged by Raghubar Das in1885 who filed a suit in court seeking permission for construction of Ram Temple but his appeal was rejected

In 1948 Vishwa Hindu Parishad (VHP) launched a campaign for the construction of a Ram temple at Janmabhoomi Idols of Ram Lalla was placed under central dome and in 1949 a group of devotees led by Baba Abhayram Das of Nirmohi Akhada began offering prayers at the site but government ordered to lock the gates of the premises

In 1950s ldquoParamahansa Ramachandra Dasrdquo the head of Ram Janbhoomi Nyas of Ayodhya filed suit for keeping the idols and continuation of worship Nirmohi Akhara in 1959 filed another suit claiming to be the custodian of the disputed land and sought possession of the land In1961 the Sunni Central Waqf Board too filed a suit claiming ownership of the site (Hashim Ansari and five others joined the case through separate pleas) Although Paramahansa Ramachandra Das and Hashim Ansari were the main petitioner in court but outside of the court they were good friends

During 1980s Swami Vamdev Paramhansa Ramchandradasji Mahant Avaidhyanathji (Guru of Yogi Adityanath presentCM of UP) Nritya Gopaldasji and Yug Purush Parmanandji Maharaj started a movement for Ram temple construction

Swami Vamdev was hailing from a Brahmin family of UPand was atravelling preacher Amit Shah considered him his spiritual Guru

Mahant Avaidyanath was a Mahant (chief priest) of Gorakhnath Temple and one of the most revered Guru of Hindu dharma He was 4 times elected MP of Lok Sabha from Gorakhpur He was one of the pioneer of Ram Janmabhoomi movement In 1984 he was elected as chief of Sri Ramjanmabhoomi Mukti Yagna Samiti Rebuilding of Ram temple was his lifetime dream Since 1984 onwards Mahant Avaidyanath organized many rallies and mobilized many people of VHP which eventually culminated into demolition of the Masjid in 1992

Paramahansa Ramachandra Das ji was born as Chandreshwar Tiwari in Bihar At a very young age of 15 once he attended a Yagna performed by some Sadhus in his village he got very much influenced and moved by the company of Sadhus After becoming Aurvedacharya and

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Sanskritacharya he became a saint and moved to Ayodhya to ldquoParamhans Ramkinker daas ji ashramrdquo and made RamKishore das ji maharaj his spiritual Guru In 1975 he was made Mahant (Head priest) of Digambar Akhada He dedicated his whole life for three motives - construction of Temples at Ayodhya Mathura and Kashi (which were destroyed by Mughals) Prohibition of cow slaughter and formation of Akhand Bharat

Eventually in 1986 Faizabad District Judge Krishna Mohan Pandey allowed the unlocking of the Babri Mosque and worship of lord Ram The Muslims protested the move and ldquoBabri Masjid Action Committeerdquo was formed in the same year Many people believe Judge Krishna Mohan Pandey promotion was withheld till 1991 on the orders of Mulayam Singh Yadav for passing this Judgment Judge Pandey preferred to follow the path of righteousness even putting his career at risk

In 1989 all cases of Babri Masjid-Ram Janmabhoomi title suit were transferred to the High Court Allahabad and HC ordered maintenance of status quo in respect of the disputed structure In the same year Vishwa Hindu Parishad (VHP) laid the foundation of a Ram temple on the land next to the Babri Masjid

In 1990 BJP along with VHP RSS and

other Hindu affiliates launched ldquoThe Ram Rath Yatrardquo with the aim to build a Ram temple on the site of the Babri Masjid The yatra led by Mr LK Advani commenced from Somnath on 25 September 1990 and was planned across the country to Ayodhya through hundreds of villages and cities Thousands of Kar-Sevaks accompanied the yatra which used to travel approximately

300 KM in a day and Advani addressing 4 to 6 public gathering per day Mr Advani was arrested by the Laloorsquos government in Bihar in October 1990

In October 1990 VHP BJP and RSS campaigned for a construction of Ram Temple at the Ram Janmabhoomi site Mr Ashok Singhal the then head of VHP mobilized people to gather at Ayodhya Mr Advani was detained by Laloo Prasad Yadav so he could not reach at the site The then SP government of UP under Mulayam Singh Yadav ordered complete lockdown and stated No bird would be able to fly into Ayodhya Government deployed heavy police and PAC personnel and barred all public transport including trains and buses to Ayodhya

On 30th October 1990 the ldquoD- day of Kar-sevardquo out of 40000 Kar sevaks 25000 managed to reach Ayodhya mostly on foot some even swam across Saryu river A curfew was imposed in Ayodhya and 15 cm long path was barricaded near disputed structure In the morning of 30th October Swami Vamadev Mahant Nratyagopal Das and Ashok Singhal led the kar-sevaks towards disputed site Mr Ashok Singhal was attacked by police and sustain head injury Police detained more than one lakh kar sevaks still many kar sevaks could reach disputed structure

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and finally the Kothari brothers of Kolkata mounted a saffron flag atop Babri Masjid erasing a shameful blot which had lasted for four centuries

Mulayam Singh Yadav ordered police to open fire at Kar sevaks Police chased kar sevaks all across the area and resorted to Lathi charge which led to Stampede at Saryu bridge Many people died from head injuries and in stampede

On 2nd November again kar sevaks gathered at Ram-lalla sthan and after offering prayers started to proceed towards disputed land Police resorted to Lathi charge and used tear gas to disperse the crowd however some kar sevaks reached the disputed structure and partially damaged it The police opened fire again second time within 3 days killing many Kar sevaks including Kothari Bandhu after dragging them out of a house That alley is now named as Shaheed Gali or Martyrrsquos Alley It is accused that police cremated many bodies and even dumped some bodies in Saryu river

The state governments officially reported 16 people were killed This whole incidence was repetition of Jallianwala Bagh episode where Indians forces were ordered to fire at fellow Indians but unlike Jallianwala massacre this order was not issued by an alien ruler Some of the sevaks who were martyred on that day were- Kothari Brothers Sitaram Mali Ramesh Kumar Mahavir Prasad Ramesh Pandey Sanjay Kumar Professor Mahendranath Arora a sadhu Rajendra Dharkar Babulal Tiwari and many more After this incidence Mulayam Singh Yadav earned the title of ldquoMulla Mulayam Singhrdquo among Hindu groups

on April 1991at Boat club Delhi a memorial meeting was arranged for the dead Karsevaks and a nationwide program Asthi Kalash (funeral urns) was launched to make people aware about those who died in the firing incident

Finally in 1992 on 6th December on the call of BJP and VHP around 15 Lakhs volunteer gathered at Ayodhya Rallies were organised and speeches were made by many leaders including Murli Manohar Joshi Uma Bharti and Mr Advani By afternoon a saffron flag could be seen on top of Babri Masjid and thousands of Kar Sevaks by using axes hammers and grappling hooks soon razed the disputed structureto the ground This led to riots all across the country causing deaths of 2000 people The PV Narasimha Rao government formed a commission of inquiry under Justice MS Liberhan to investigate about this whole incidence

In 1993 central Government passed Acquisition of Certain Area at Ayodhya Act and acquired land in the disputed area

During NDA-1 regime Mr Ashok Singhal demanded construction of Ram Temple at Ayodhya and went on fast unto death He was Force Fed on the orders of Atal Bihari Vajpayee

On 27th February 2002 Many Kar Sevaks and pilgrims were returning to Gujarat by Sabarmati

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express after attending Purnahuti Maha Yagna in Ajodhya which was done after completion of 10 years of Babri Masjid demolition About 1500 to 2000 Muslims with pre-planned motive and preparation attacked this train and burnt S-6 compartment of this train burning 59 karsevaks alive including 27 women and 10 children This incidence led to widespread riots in Gujarat in which 790 Muslims and 254 Hindus lost their lives (official figure)

A charge sheet was filed which mentioned that 1540 unidentified men attacked the train 107 people were charged including 8 juvenile out of which 68 could be arrested In Feb 2003 they were charged under POTA But in 2005 UPA decided not to charge the accused under POTA so finally all thirty-one Muslims who were convicted in 2011 could escape death penalty Most shameful act of subversion of justice was done by Laloo Prasad Yadav the then Railway Minister Lalu Yadav formed a committee under justice U C Banerjee who gave the report that the fire was a natural accident due to cooking inside the coach

This report was challenged in High court HC ruled that the Banerjee report was ldquounconstitutional illegal and null and voidrdquo declared its formation to be a ldquocolourable exercise of power with mala fide intentionsrdquo and its argument of accidental fire ldquoopposed to the prima facie accepted facts on recordrdquo The High Court also directed that the report should not be tabled in the Parliament

In 2002 The High Court ordered the Archaeological Survey of India (ASI) to excavate the site to prove any existence of temple in disputed area to determine lawful owner of the land

On Sep 30 2010 High court in a 21 majority rules three-way division of disputed area between Sunni Waqf Board the Nirmohi Akhara and Ram Lalla where one third will belong to Ram Lalla represented by the Hindu Mahasabha one third to the Islamic Waqf Board and the remaining third to the Nirmohi

Akhara In December the Akhil Bharatiya Hindu Mahasabha and the Sunni Waqf Board moved the Supreme Court challenging the HC ruling This ruling was quashed by SC in 2011 maintaining the status Quo

It is shameful yet ridiculous to see the anti-Hindu attitude of so called academicians of left liberal gang of India and how Allahabad High court exposed them in 2010 hearing and proved them epitome of hypocrisy Among all the experts which appeared in court claiming that no Ram Mandir ever existed underneath the Masjid not even one had any knowledge on Medieval History Babur Archaeology or about Ram Janbhoomi excavation Not even one had read Baburnama They all were simply stating each other statements and hearsay as facts (without any historical Proof) During cross examination they all agreed in court under oath that they never visited the disputed area and had no knowledge of archaeological findings and their knowledge was only based on newspaper reports After examining Prof D Mandal Allahabad bench head Justice Sudhir Agarwal noted that ldquothe statements made by him (Mandal) in cross-examination show the shallowness of his knowledge on the subjectrdquo Same kind of opinion was given by the judge for other experts like Supriya Verma Suvira Jaiswal etc The excavation finding by Shri BB lal and his meticulous writing and record keeping conclusively proved the presence of many Hindu sculpture beneath the Masjid and was sufficient to refute all left historians claim

In 2013 Meenakshi Jain a political scientist and historian wrote a book rdquoRama and Ayodhya and 2013rdquo in which she exposed the eminent historians on what they said in court and what they say in Media

Even in 2019 when Rajeev Dhavan (Lawyer for Waqf board) asked the four judge SC bench to take a note of a grandly titled Historiansrsquo Report To The Indian Nation written in 1991 by four Left historians ndash R S Sharma M Athar Ali D N Jha and Suraj Bhan after going through

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the matter and cross examining the historians the bench wrote-

ldquoThese historians did not have the benefit of the archaeological evidence Had this report really been prepared after studying the data collected through an archaeological excavation by ASI (about possible existence of a temple below the mosque) it could have had some meaning to it But these historians have not examined the ASI data The methodology they have adopted appears to be perfunctory as was termed by the High Courtrdquo

The former Regional Director of the Archaeological Survey of India (ASI) KK Muhammed In his book titled ldquoNjan Enna Bharatiyanrdquo (I an Indian) has stated that Left historians actually prevented an agreement between Hindus andMuslims He wrote-

ldquoThe Babri issue would have been settled long ago if the Muslim intelligentsia had not fallen prey to the brain-washing by the Leftist historians A set of historians including Romila Thapar Bipin Chandra and S Gopal argued that there was no mention of the dismantling of the temple before 19th century and Ayodhya is a Buddhist-Jain centre They were supported by historians Irfan Habib RS Sharma DN Jha Suraj Bhan and Akthar Alirdquo

It was a long and taxing path to refute all convoluted false claims of left historians but eventually after legal battle of 4 decades finally based on hard facts and archaeological excavation findings courts disproved all such arguments with very harsh wording for left historians

In August 2019 on Dr Subramaniam Swami plea SC agreed for day-to-day hearing on the land dispute By October 16th SC concludedits hearing and reserved the order

Finally on 9th November the 5 judge bench headed by Chief Justice Ranjan Gogoi and comprising of justices SA Bobde Ashok Bhushan DY Chandrachud and S Abdul Nazeer gave the historic decision in which SC grants

entire 277 acre of disputed land in Ayodhya to Ram Lalla and SC directedgovernment to allot 5 acre alternative land to Muslims at a prominent place to built a mosque

This legal battle which lasted for 7 long decades was finally won by Lord Ram devotee and truth prevailed with a poetic justice Laloo got Mr Advani arrested in 1990 for rath yatra now in 2010 on 5th of August Mr Advani will be doing bhoomi Pujan for Ram mandir at Ayodhya while Laloo is cooling his heels in jail

So finally a long battle for justice and truth is nearing its end The sacrifices and toil of Paramahansa Ramachandra Das Swami Vamdev Mahant Avaidyanath ji Ashok Singhal ji Swami Vasudevanand Sarswati ji Kothari Bandhu and thousands of Hindu devotee is about to bear fruit Shri Narendra Modirsquos leadership and Amit bhai Shahrsquos operation proved auspicious to all Hindus On 5th of August a new chapter of Indian glory and pride will begin when Mr Modi in the presence of Shri LK Advani will do ldquoBhoomi Pujanrdquo of Ram Janbhoomi and in next 3 years the world will see a new bold reverent and pious icon of Hindu dharma in the form of new ldquoRam Mandirrdquo

I started this article with a quote from historian Toynbee I will close this article with another piece of Toynbee

ldquoIt is already becoming clear the chapter which had western beginning will have to have a Indian ending if it is not to end in self destruction of human race At this supremely dangerous moment in human history the only way of salvation is the ancient Hindu way Here we have the attitude and spirit that can make it possible for the human race to grow together in to a single familyrdquo

Toynbee was one of the few western historian who understood the concept of ldquoVasudhaiv Kutumbakamrdquo Eventually all races of world have to follow this Hindu concept if they want to survive and thrive

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अवधय वह ह खजस ससषट न मनषय क खलए सिस िड़र धन क रप म धरतरी पर उतारा ऋगवद स लकर मनसमखत महाभारत और शररीमदभगवदगरीता तक म उस अवधय करी सजञा दरी गयरी वहरी एक माता धन ह मानव सभयता म उस हरी रासतो न धन कहा उस हरी गोमाता करी सजञा खमलरी वहरी गाय ह गाय कोई सामानय पर नही ह इस इस ससषट म खवधाता न सजवन करी याता को आग िढन क खलए मनषय को अखपवत खकया मनषय क खलए यहरी एक माता धन री खजसक आदान पदान स उसन अपनरी जरीवन याता करी ररआत करी अखत पाचरीन गरन और यहा तक खक हडापपा क खवदान भरी यह सवरीकार करत ह खक इस अवधय पाणरी क िल पर हरी मानव सभयता का खवकास सभव हो सका ह इस िार म उपलबध साकय िता रह ह खक ऋगवद म जो सोमकयनरी रबद आया ह उसक मल म गो का हरी अससततव ह सभयता क पारमभ म जि िररीद खिकरी या खकसरी पकार क आदान पदान क खलए कोई मापक भरी नही होता ा ति गाय क इकाई पर हरी साड़री गखतखवखध सपनन होतरी री

ऋगवद म सोम करी कय पखकया म कला रफ पाद गवाधव और गो का पयोग आया ह कहरी कहरी इसक खलए गो क सान पर धन का पयोग ह यह एक मापक इकाई ह खवदानो न इस इकाई करी वयाखया भरी करी ह इसक

अनसार - गाय क आधा िर का खनरान एक रफ होता ह दो रफ खमलाकर एक पाद होता ह दो पाद खमला कर एक गवाधव होता ह दो गवाधव क िरािर एक धन अवा पणव चार पाद होत ह इसरी आधार पर पारसमभक मानव सभयता क सामाखजक कायव वयवहार सपनन होत इसरी आधार पर गो करी इकाई करी वयवसा स काम होत

यहा यह सपषट करना आवशयक ह खक सभयता क पारमभ म गाय हरी एक मात धन होतरी री इसखलए सभरी मानवरीय कायव वयवहार म इसरी को आधार िना कर काम होत लन - दन और यजञ कमव दान आखद म भरी कवल गाय क हरी लन - दन स कायव होन लग और इसको सासकखतक रप म भरी सवरीकार कर खलया गया समाज म वहरी वयसकत सिस अखधक धनवान माना गया खजसक पास अखधक गोधन होता ा जि जरीवन करी सखहताओ का खनमावण हमार ऋखष परपरा न रर खकया तो उनहोन भरी गोधन को हरी आधार िनाया हमार रासत कहत ह -

त रजञसर त मवातवा सयदवानवा कवारणम |त सयतीथवायनवा नमसततअसत सदवानघ |शमश सरयरणवा रसरवा ललवाटड षभ धज|सरसती च िकवार सवनवागवासच कमबल ||कषर पषटड च गनधवाय दवाशचतवार ए च |मखवागर सयतीथवायमन सथवावारवामन चरवामण च ||

अिध अिध अयोधा और गोदान

सभयता की विकास यातरा म गोधन क अलािा अनय मयिान िसतओ और

मदराओ का परचलन समाज म विकसत हआ वकनत

कमषकाडीय और याजीक परपरा म धन अथिा गाय

का लन दन रवढगत रप म कायम रहा पररणाम यह

हआ वक यह रवढ आज एक अभतपिष विसगवत का परमाण बन कर मानि सभयता क सामन कडी हो गयी ह

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अयोधया ही अिध ह अिध का जनम होता ह अिधय स अिधय का आविभाषि

सकषट क साथ ही होता ह अिधय ह उसी क दान की परपरा ह अिधय वजस कषतर

म वनिास करत ह िही अिधय कषतर ह अब उस हम अिध क नाम स जानत ह

यह अिधय या ह इस अिधय का अकसतति या ह

सपखसद लिक कवखयतरी एव ससकखत पवव करी सहायक समपादक ह

ॉ अमनतवा अगरवाल

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ldquo ह खनषपाप तम सि दवताओ करी मायजञ करी कारण रपा और समपणव तरीथो करी तरीव रपा हो हम तमह सदानमसकार करत ह तमहार ललाट म चदरमा सयव अरण और वषवभधवज रकर खवराजमान ह हकार म सरसवतरीगल कमिल म नागगण िरो म गनधवव और चारो वद ता मिागर म चर-अचर समपणव तरीथो का वास ह तातपयव यह खक गोवर भारतरीय जरीवन ससकखत ईखतहास का अटट अग ह याखन जिस ससषट करी रचना हयरी तभरी स गाय का इखतहास भरी पारमभ होता ह यह का सभरी को मालम ह खक आखदकाल म दव और दानवो न अमत पापत करन क खलए समदर मन खकया ा पभ न कचछप अवतार लकर समर पववत को धारण खकया और वासकरी नाग को रज क तौर पर पयोग म लाकर मन खकया गया खजसम पम हलाहल खवष करी जवाला स तारन क खलए रतसवरपा कामधन का पागटय हआ जो सभरी मनोकामना सकलप और आवशयकता पणव करन म सकषम री कामधन को पालन हत दवताओ न महाऋखष वखरषट को पदान खकया खजनहोन गौलोक करी रचना करी

गौ क खवषय म एक और का आतरी ह -जि ससषट का पारमभ हआ तो बरहमा जरी न मन को ससषट रचना का आदर खदया खजसक कारण हम मानव कहलात ह उनहोन गोमाता करीसतखत करी और गोकपा अनसार गौदोहन खकया और पथवरी पर कखष का पारभ खकया पव मन क नाम स यह धरा पथवरी कहलाई

वालमरीखक रामायण स लकर महाभारत शररीमद भागवत पराण आखद गरो स जञात होता ह खक िडर-िडर राजा-महाराजा लािो करी सखया म गोवर का पालन करत और लािो गायो का एक सा दान कर खदया करत गाय का दान ऐस वयसकत को अखधक खकया जाता ा जो समाज म उतकषट कायव कर लोक मगल करी पनरीत परमपरा को समद करन म सतत पयतररील रहता ा

शररीमद भागवत म राजा नग दारा गाए दान करन का एक रोचक पसग आता ह-

रवातरः मसकतवा भमरवायतररो मदम तवारकवा रवातररो षयधवारवाशच तवातीरददवा सवा गवाःपरनसनीरतरणी शील रपगणरोपपनवाः कमपलवा िमशरगीःनरवारवामजतवा कपरखशः सतसवादकलमवालवाभरणवा ददवािम

इस दषटानत स सपषट होता ह खक राजा नग न नयाय स पापत असखय गाए िछडो सखहत दान करी री खजस तरह पथवरी क धखल कण आकार क तार और वषाव करी धाराओ को कोई खगन नही सकता वस हरी उनकरी भरी कोई गणना नही करी जा सकतरी री और व सभरी गौव दधार यवा सरीधरी सनदर कखपला सलकषणा एव वसतालकारो स खवभखषत री

दवखषव नारद न भगवान रामचनदर करी लरीलाओ क वणवन म कहा

ह-

गवा करोरसयरत दतवा मविदभररो ममधपयकमअावत भगवान राम न दस सहसर करोड गौए खवदानो को

खवखधपववक दान करी री अयोधया काणड क ३२व सगव म यकभ पसग आता ह खक एक िार भगवान राम क पास खतजट नामक बराहमण न आकर गायो क खलए याचना करी भगवान राम न खवनोद म उनस कहा- खवपवर आप अपना डडा खजतनरी दर फक सकग वहा तक करी सभरी गाए आपको खमल जाएगरी बराहमण न पररी रसकत स घमाकर अपना डडा फका और वह सरय नदरी क उस पार हजारो गायो क गोष म जाकर खगरा शररी राम न खतजट का सममान करत हए वहा तक करी साररी गौए उसक आशरम म पहचा दरी िहरहाल यह सि व िात ह खजनस भारतरीय वागमय भर पड़र ह हम यहा चचाव सर गाय और गोदान करी परपरा पर कर रह ह

सभयता करी खवकास याता म गोधन क अलावा अनय मलयवान वसतओ और मदराओ का पचलन समाज म खवसकसत हआ खकनत कमवकाडरीय और याजञरीक परपरा म धन अवा गाय का लन दन रखढगत रप म कायम रहा पररणाम यह हआ खक यह रखढ आज एक अभतपवव खवसगखत का पमाण िन कर मानव सभयता क सामन कड़री हो गयरी ह मनषय क खलए गाय खकतना उपयोगरी ह यह खवचार का अलग खवषय ह खकनत खजस गोदान करी परपरा ससषट क सा अवध कषत म रर हई री उसन सभयता म मनषय क फलाव क सा हरी अपनरी याता भरी जाररी रिरी सनातन ससकखत क अनयाखययो म यह उसरी गोदान क रप म खवदमान रहरी लोक मानयता म यह खवदमान रहा खक मतय स पवव गोदान करन स मनषय को मसकत खमलतरी ह और वह भवसागर पर कर जाता ह वद जनो को मतय स पवव गोदान करन करी परपरा आज भरी चलतरी ह शराद एव अनय अवसरो पर भरी गोदान करी परपरा अभरी जाररी ह वसतरीससखत यह ह खक जि य परमपराए रर हई री ति मनषय क पास दान करन योगय गाय हरी एक माता धन री लखकन इस रखढ िनाकर कमवकाड और यजञ स लोगो न जोड़ खदया कालातर म इस धाखमवक कतय क रप म साखपत कर खदया गया गाय हमार जरीवन दरवन म खकतनरी महतवपणव रहरी ह इसका सिस िड़ा उदहारण हमाररी लोक परपरा क रबद गज़ गोदना गोत गाव गोधखल गोरस गोदोहन गोष गोषरी आखद हरी

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पमाखणत कर दत ह गाय जहा िाधरी जातरी री वह सान गोष कहा जाता ा और वह ि कर करी जान वालरी चचाव हरी गोषरी कहलातरी री गोषरी रबद आज पररषकत िन गया ह और कखतम सभागारो म होन वालरी चचावय इसक नाम हो गयरी ह

गाय की अरधयता वदो म पराणो म ता महाभारत म भरी सभरी सानो पर गौ को

अवधय कहा गया ह| महाभारत क राखतपवव शरखत म गौवो को अवधय कहा गया ह तो कौन उनक वध का खवचार करगा जो गायो और िलो को मरता ह वो महान पाप करता ह अगर परओ करी हतया का फल सवगव ह तो नरक खकन कमथो का फल ह

आर गरोिवा निवा धरो रो असत ऋगवद ७५६१७सदा हरी रकषा क पात गाय और िल को मत मार |

सरसवाद भगती मिभरवा अथरो र भगनतः सरवामअमद तणयमघनर मशदवानीमपब शदमदकमवाचरनती ऋगवद ११६४४०

ऋगवद गौ- हतया को जघनय अपराध घोखषत करत हए मनषय हतया क तलय मानता ह और ऐसा महापाप करन वाल क खलय दणड का खवधान करता ह |

अघनरर सवा दयतवा मित सौभगवार ऋगवद १ १६४२७अघनया

गौ- हमार खलय आरोगय एव सौभागय लातरी ह |

रमद नरो गवा िमस रदयशम रमद परषत तवा सीसन मधरवामरो रथवा नरो सरो अीरिवा

अवववद ११६४

यखद कोई हमार गायघोड़र और परषो करी हतया करता ह तो उस सरीस करी गोलरी स उड़ा दो |

अयोधया म गोिान और तरसगततअवधय कषत अावत अवध अावत अयोधया म आज भरी हर साल

सावन मल क अवसर पर लािो लोग गोदान करत ह खवगत कछ वषवो म इस पा को रकन करी भरी कवायद रर हई ह कयोखक पाडा लोग इस पररी तौर पर एक धध क रप म अपना चक ह उनक खलए यह अदभत धनधा िन गया ह य पणडर िद करी गाय िररीद कर लात ह और सरय क खकनार डररा जमा कर ि जात ह खफर जो भरी धमावनरागरी लोग सरय सान करन आत ह उनको पकड़ कर य गोदान करान लगत ह यह धन उगाहरी का ऐसा माधयम िना खदया गया ह करी एक एक गाय स य पणडर हज़ार हज़ार आदमरी को दान करात ह और रद रप स धाखमवक गरी करत ह इसको रोकन क खलए खपछल वषव िाकायदा परासन न जि पडो को सरय क खकनार गाय रिन स मन खकया तो सघषव करी ससखत आ गयरी

मानयताओ और परमपराओ क नाम पर गरी और रखढ िना दन करी कहानरी िहत हरी कषटदायक ह दिद पहल तो यह ह खक महज़ एक दो खदन मल भर क खलए गाय जगाड़ कर पसा काम लन क िाद य लोग गायो को भिो मारन क खलए खववर कर दत ह कयोखक खकसरी क पास कोई गोराला या ऐसरी जगह होतरी हरी नही जहा य गयो को पाल सक और खिला खपला सक िहतर तो ऐस ह जो मला ख़तम होत हरी गायो को कसाईयो क हा भरी िच दत ह यह उसरी अयोधया म धमव क नाम पर खकया जाता ह खजस अयोधया को वद अवधय कषत क रप म मानयता दत ह

गोिान और धमव कमव दर क पायः सभरी धाखमवक नगरो या काररी मखरा वनदावन

हररदार ऋखषकर हररहर कषत पयागराज आखद सभरी जगह गोदान करी परपरा चलरी आ रहरी ह जि भरी सामानय वयसकत तरीव याता अवा सान आखद क खलए खनकलता ह तो वह रासत सममत खकयाय भरी करना चाहता ह लोकमानस करी इसरी धाखमवक भावना का लाभ उा कर गोदान करन वाल िद को बराहमण ितान वाल लोग िि रीक स सनातन ससकखत को िदनाम करन म लग ह जो भरी लोग यह कायव करत ह उनम स िहतो को इस परपरा का कोई जञान भरी नही होता लखकन यह हो तो रहा ह

दरअसल गाय को लकर खजस ढग स िात हो रहरी ह उनम नाटो कोई इसक उदभव और वगयाखनक तथयो पर जाना चाह रहा ह और नही गाय करी मानवरीय जरीवन म खवखरषट भखमका को समझन करी कोखरर करी जा रहरी ह गाय सनातन ससकत का खहससा ह और रहगरी इस कोई नकार नही सकता लखकन गाय करी वतवमान िाज़ार दरा डरक कर खचता होना सवाभाखवक ह खहदतव क दरवन म ग का महतव िता कर अि इस खवरद धाखमवक पर िना कर पसतत करन वाल लोग गाय का भला नही कर रह खजस पकार स गोदान क नाम पर सरआम खिवाड़ हो रहा ह उसस गाय का तो नकसान हो हरी रहा ह खहदतव जसा दरवन भरी िदनाम हो रहा ह

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आिायव तगररराि तकशोर

अशोक तसघि सरामी अरदानाथ िी महाराि

सरामी रासरदरानद िी महाराि

सरामी नतयगोपािदस िी महाराि

सरामी रामिनदर परमहस

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अयोधा मनषय और मनसमवत

मनसमवत मानि ससककवत का सबस महतिपणष एि पराचीन धमषिासतर (समवत) ह इस मानि-धमष-िासतर मनसवहता आवद नामो स भी जाना जाता ह यह उपदि क रप म ह जो मन दवारा

ऋवषयो को वदया गया इसक बाद क धमषगरनथकारो न

मनसमवत को एक सनदभष क रप म सिीकारत हए इसका अनसरण वकया ह भारतीय मानयता क अनसार मनसमवत

बरहा की िाणी ह

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जब भी अयोधया की चचाष िर होती ह उसी क साथ आवद परष भगिान मन और उनक दवारा रवचत मनसमवत की चचाष सिाभाविक रप स सामन आ जाती ह बरहा जी न जब धरती पर सकषट सञालन क वलए मन को उतारा

उसी समय उनहोन जीिन सचालन की वयिशथा क वलए शवतयो का भी अितरण कराया इन शवतयो क आधार पर मनषय को विकसत सभयता का वनमाषण करना था इस कायष क वलए उनहोन मन स समवत की रचना कराई

वजस मनसमवत क नाम स आज विशि जानता ह

अधयकष गहखवजञान खवभाग

गगोतरी दवरी महाखवदालय गोरिपर

9450887187

डॉ अचवना खतवाररी

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भारतरीय खचतन करी इस खवचारधारा को अि पसशचमरी खवदान भरी सवरीकार करन लग ह मकसमलर जस महापरष का कन ह करी ससषट करी रचना क सा हरी ससषट सचालन क साखहतय भरी ससशतकार न अवशय खदया होगा कयो करी पहल ससषट दन का कोई औखचतय नही हो सकता जि मनषय धरतरी पर आया होगा तभरी उस मनषय करी जरीवन सखहता भरी आई होगरी

िहरहाल यहा अखभपाय खकसरी अवधारण स नही ह िसलक यह खवखदत होन का ह करी आज क समाज म खजस पकार स एक वगव क आलोचक लोग मन और मन समखत पर अनगवल खटकाए करत ह कया उनह पता भरी ह खक व भरी उसरी मन करी सतान ह मन करी खजस वणव वयवसा को पानरी परी परी कर व कोसत ह और उस वयवसा क खवरोध म खजस पकार स अपनरी अपनरी अवधारानाय साखपत करत ह उसस समाज को व कया नया द पात ह मन न चार वनावशरमो म समाज को वयवससत खकया ह बराहमण कषखतया वशय और रदर हम इस खववाद म नही जाना खक कौन कस पदा होता ह लखकन आज क नए सामाखजक अलमिरदारो स यह सवाल जरर करना चाहगरी खक मन करी अवधारणा को गाखलया दन क िाद आप अज खकस तरह समाज को खवभाखजत कर रह ह आप भरी तो आज कलास वन कलास ट कलास थरी और कलास फोर म हरी पोर समाज को खवभाखजत करन का सखवधान रच रह ह कहन का तातपय यह खक आप भरी समाज को सचाखलत करन क खलए चार पकार क मनषयो पर हरी आखशरत ह तो खवचार करी िात ह खक आखद परष करी सामाखजक अवधारना स अलग आप कया कर पा रह ह

सच यह ह खक खरखकषत अजञानरी समदाय न पसशचम करी नक़ल म भारतरीयता को िदनाम करन और उसकरी आलोचना करन का एक फरन पल खलया ह और पाचरीनता करी आलोचना हरी उनका रगल ह यह वासतखवकता ह करी मन और मनसमखत करी आलोचना कर क समाज को िरगलान वाल खकसरी वयसकत क पास नाटो मनसमखत ह और न हरी उसन मन समखत पढरी ह खिना मन और मनसमखत को जान हरी कवल आलोचना क खलए आलोचना इनका उदशय हो गया ह और य लोग वाहरी करत ह

मनसमखत मानव ससकखत का सिस महतवपणव एव पाचरीन धमवरासत (समखत) ह इस मानव-धमव-रासत मनसखहता आखद नामो स भरी जाना जाता ह यह उपदर क रप म ह जो मन दारा ऋखषयो को खदया गया इसक िाद क धमवगरनकारो न मनसमखत को एक सनदभव क रप म सवरीकारत हए इसका अनसरण खकया ह भारतरीय मानयता क अनसार मनसमखत बरहमा करी वाणरी ह lsquoमनसमखतrsquo भारतरीय ससकखत का अखभनन अग ह इसकरी गणना खवशव क ऐस गरनो म करी जातरी ह खजनस मानव न वयसकतक आचरण और समाज रचना क खलए परणा पापत करी ह इसम पशन कवल वततवमान धाखमवक आसा या खवशवास का नही ह िसलक मनषय क जरीवन करी आवशयकताओ करी पखतव खकसरी भरी पकार आपसरी सहयोग ता सरखचपणव ढग स हो सक यह अपकषा और आकाकषा पतयक सामाखजक वयसकत म होतरी ह दखनया भर म इस खवषय पर पयावपत िोज हई ह तलनातमक अधययन हआ ह और समालोचनाए भरी हई ह भारतरीय जरीवन वयवसा और समाज म तो इसका सान वदतयरी क उपरात ह मनसमखत क िहत स ससकरण उपलबध ह कालानतर म िहत स पकषप भरी सवाभाखवक ह साधारण वयसकत क खलए यह सभव नही ह खक वह िाद म ससममखलत हए अरो करी पहचान कर सक कोई अखधकाररी खवदान हरी तलनातमक अधययन क उपरानत ऐसा कर सकता ह मनसमखत करी पामाखणकता और वजञाखनकता को भारतरीय शरखत मनसमखत करी सरचना एव खवषयवसत एव समखत परमपरा को खवशलखषत कर क समझा जा सकता ह

भारतीय आचार-सतहता का तरशरकोशमनसमखत भारतरीय आचार-सखहता का खवशवकोर ह मनसमखत

म िारह अधयाय ता दो हजार पाच सौ शलोक ह खजनम ससषट करी उतपखतत ससकार खनतय और नखमखततक कमव आशरमधमव वणवधमव राजधमव व पायसशचत आखद खवषयो का उललि ह

(1) जगत करी उतपखतत

(2) ससकारखवखध वरतचयाव उपचार

(3) सान दाराखघगमन खववाहलकषण महायजञ शरादकलप

(4) वखततलकषण सातक वरत

(5) भकयाभकय रौच अरखद सतरीधमव

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(6) गहसाशरम वानपस मोकष सनयास

(7) राजधमव

(8) कायवखवखनणवय साखकषपशनखवधान

(9) सतरीपसधमव खवभाग धमव धत कटकरोधन वशयरदरोपचार

(10) सकरीणवजाखत आपदमव

(11) पायसशचतत

(12) ससारगखत कमव कमवगणदोष दरजाखत कलधमव खनशरयस

टीकाएमन पर कई वयाखयाए पचखलत ह-

(1) पधाखतखकत भाषय

(2) कललककत मनवव मकताव लरी टरीका

(3) नारायणकत मनवव खववखतत टरीका

(4) राघवानद कत मनवव चखदरका टरीका

(5) नदनकत नखदनरी टरीका

(6) गोखवदराज कत मनवारयानसाररणरी टरीका आखद

मन क अनक टरीकाकारो क नाम जञात ह खजनकरी टरीकाए अि लपत हो गई ह या- असहाय भतवयजञ यजवा उपाधयाय ऋज खवषणसवामरी उदयकर भारखच या भागरर भोजदव

धरणरीधर आखद धमवरासतरीय गरकारो क अखतररकत रकराचायव रिरसवामरी जस दारवखनक भरी पमाणरपण इस गर को उदत करत ह परपरानसार यह समखत सवायभव मन दारा रखचत ह मनसमखत स यह भरी पता चलता ह खक सवायभव मन क मलरासत का आशरय कर भग न उस समखत का अवगाहन खकया ा जो पचखलत मनसमखत क नाम स पखसद ह इस भागववरीया मनसमखत करी तरह नारदरीया मनसमखत भरी पचखलत ह मनसमखत वह धमवरासत ह खजसकरी मानयता जगखवखयात ह न कवल भारत म अखपत खवदर म भरी इसक पमाणो क आधार पर खनणवय होत रह ह और आज भरी होत ह अतः धमवरासत क रप म मनसमखत को खवशव करी अमलय खनखध माना जाता ह भारत म वदो क उपरानत सवावखधक मानयता और पचलन lsquoमनसमखतrsquo का हरी ह इसम चारो वणथो चारो आशरमो सोलह ससकारो ता ससषट उतपखतत क अखतररकत राजय करी वयवसा राजा क कतववय भाखत-भाखत क खववादो सना का पिनध आखद उन सभरी खवषयो पर परामरव खदया गया ह जो खक मानव मात क जरीवन म घखटत होन समभव ह यह सि धमव-वयवसा वद पर आधाररत ह मन महाराज क जरीवन और उनक रचनाकाल क खवषय म इखतहास-पराण सपषट नही ह ताखप सभरी एक सवर स सवरीकार करत ह खक मन आखदपरष और उनका यह रासत आखदःरासत ह

मनसममतत क पररता एर कालमनसमखत क काल एव पणता क खवषय म नवरीन अनसधानकाररी

खवदानो न पयावपत खवचार खकया ह खकसरी का मत ह खक मानव चरण (वखदक रािा) म पोकत होन क कारण इस समखत का नाम

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मनसमखत पड़ा कोई कहत ह खक मनसमखत स पहल कोई मानव धमवसत ा (जस मानव गहयसत आखद ह) खजसका आशरय लकर खकसरी न एक मल मनसमखत िनाई री जो िाद म उपिखहत होकर वतवमान रप म पचखलत हो गई मनसमखत क अनक मत या वाकय जोखनरकत महाभारत आखद पाचरीन गरो म नही खमलत ह उनक हत पर खवचार करन पर भरी कई उततर पखतभाखसत होत ह इस पकार क अनक तथयो का िहलर (Buhler G) (सकड िकस ऑव ईसट सरीररीज सखया 25) पाणडरग वामन काण (खहसटरी ऑव धमवरात म मनपकरण) आखद खवदानो न पयावपत खववचन खकया ह

यह भरी सच ह खकमन क काल करी समखत अि उपलबध नही ह आज जो मनसमखत हम पात ह वह मल मनसमखत नही ह यह वह ह खजस समय समय पर खवखिनना ऋखषयोआचायवो और खवदानो न समाज को खदया मन क कल स अि तक ससषट का इतना समय िरीत चका ह ससषट क सा क साखहतय या शरखत अवा समखत का उसरी रप म पापत होना िहत कखन ह इसका कारण यह ह करी खजस शरखत परपरा म इनक अधययन अधयापन करी वयवसा िनरी री वह परपरा िहत पहल हरी िखडत हो चकरी ह िास कर भारत पर खवदररी अभारतरीय आखधपतय क िाद तो कछ भरी नही िचा ऐस म मल शरखत और समखत को पाना िहत कखन ह

पाशचातय खवदानो क अनसार मन परपरा करी पाचरीनता होन पर भरी वतवमान मनसमखत ईसा पवव चतव रताबदरी स पाचरीन नही हो सकतरी (यह िात दसररी ह खक इसम पाचरीनतर काल क अनक वचन सगहरीत हए ह) यह िात यवन रक कािोज चरीन आखद जाखतयो क खनदवर स जञात होतरी ह यह भरी खनसशचत ह खक समखत का वतवमान रप खदतरीय रतरी ईसा पवव तक दढ हो गया ा और इस काल क िाद इसम कोई ससकार नही खकया गया मनकाल करी समखत करी अनपलबधता और भाषाई कखनाइयो क िरीच पसशचम क खवदानो करी अवाधारानाओ क खलए उनह दोषरी नही हराया जाना चाखहए

मनसममतत और जातत वयरसथा मनसमखत उस काल करी ह जि जनमना जाखत वयवसा क

खवचार का भरी कोई अससततव नही ा| अत मनसमखत जनमना समाज वयवसा का कही भरी समवन नही करतरी| महखषव मन न मनषय क गण- कमव ndash सवभाव पर आधाररत समाज वयवसा करी रचना कर क वदो म परमातमा दारा खदए गए आदर का हरी पालन खकया ह (दि ndash ऋगवद-१०१०११-१२ यजववद-३११०-११ अवववद-१९६५-६)|

यह वणव वयवसा ह| वणव रबद ldquoवञrdquo धात स िनता ह खजसका मतलि ह चयन या चनना और सामानयत पयकत रबद वरण भरी यहरी अव रिता ह | जस वर अावत कनया दारा चना गया पखत खजसस पता चलता ह खक वखदक वयवसा कनया को अपना पखत चनन का पणव अखधकार दतरी ह |

सनदभय अयोधया मरा माया काररी काखचरवसनतका पररी दारावतरी चव सपतत मोकषदाखयका वालमरीखक रामायण उततर काणड 108 4 रघ वर सगव 16 अयोधया त धमवजञ दरीघवयजञ महािलम अजयत पाडवशरषो नाखततरीवरणकमवणा- सभापवव 30-2

जातक सखया 454 रायसडरवरीज िखदसट इखडया पष 39 एस सरी डर खहसटाररखसटरी ऑफ़ रामायण एड खद इडो आयवन सोसाइटरी इन इखडया एड सरीलोन (खदललरी अजता पसबलकरस पनमखदवत 1976) पष 80-81

ऐतरय बराहमण 731 दि ज रा ए सो 1971 डा सरनदर कमार पगगापसाद उपाधयाय और सवामरी दयानद सरसवतरी क कायव |

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मनसमखत म वणव वयवसा को हरी िताया गया ह और जाखत वयवसा को नही इसका सिस िड़ा पमाण यह ह खक मनसमखत क पम अधयाय म कही भरी जाखत या गोत रबद हरी नही ह िसलक वहा चार वणथो करी उतपखतत का वणवन ह | यखद जाखत या गोत का इतना हरी महतव होता तो मन इसका उललि अवशय करत खक कौनसरी जाखत बराहमणो स सिखधत ह कौनसरी कषखतयो स कौनसरी वशयो और रदरो स |

मनसमखत २ १३६ धनरी होना िाधव होना आय म िड़र होना शरष कमव का होना और खवदतता यह पाच सममान क उततरोततर मानदड ह | इन म कही भरी कल जाखत गोत या वर को सममान का मानदड नही माना गया ह | मनसमत करी वयापक दसषट कवल मनषय को कदर म रितरी ह और उस मनषय को सससकत िनान और सिरी जरीवन जरीन करी कला खसिातरी ह मानयता और पचलन lsquoमनसमखतrsquo का हरी ह इसम चारो वणथो चारो आशरमो सोलह ससकारो ता ससषट उतपखतत क अखतररकत राजय करी वयवसा राजा क कतववय भाखत-भाखत क खववादो सना का पिनध आखद उन सभरी खवषयो पर परामरव खदया गया ह जो खक मानव मात क खजवन म घखटत होन समभव ह यह सि धमव-वयवसा वद पर आधाररत ह मन महाराज क जरीवन और उनक रचनाकाल क खवषय म इखतहास-पराण सपषट नही ह ताखप सभरी एक सवर स सवरीकार करत ह खक मन आखदपरष और उनका यह रासत आखदःरासत ह कयोखक मन करी समसत मानयताए सतय होन क सा-सा दर काल ता जाखत िनधनो स रखहत ह यह तथय ह खक जि भरी अयोधया पर िात होगरी ति ति अनय सभरी महतताओ क आलावा मनषय जातरी क खलए जरीवन क सखवधान क रप म मन जरी दारा दरी गयरी मनसमखत करी भरी चचाव करनरी हरी होगरी ताकखत आज क खरखकषत और कछ िखधखतरकवादरी लोगो क खलए भारतरीय गरो को लकर खटपपखणया करना उनक कखत पगखतररीलता का दोतक िन गया ह पर यह सि दि कर दःि भरी होता ह य कौन लोग ह खजनह अपनरी ससकखत करी पाचरीनता पर भरी गवव नही ह य िद क माता खपता को गाखलया दकर कया हाखसल करना चाहत ह

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शररीमद रामचररत मानस जरी म गोसवामरी तलसरी दास जरी न वखणवत खकया ह -

अधपरी सम मपर नमि सरोऊ

रि पसग जवानइ करोउ करोऊ

जनमभमम मम परी सिवामन

उततर मदमस बि सरज पवामन

जवा मजजन त मबनमि परवासवा

मम समीप नर पवामि बवासवा

अमत मपर मरोमि इिवा क बवासी

मम धवामदवा परी सख रवासीअि चचाव करत ह पखवत सरय क उदभव

अससततव और इखतहास करी सरय नदरी उततर पदर म अयोधया क खनकट िहन वालरी भारत करी पाचरीन नखदयो म स एक ह घाघरा सरज ता रारदा इस नदरी क अनय नाम ह यह खहमालय स खनकलकर उततररी भारत क गगा क मदान म िहन वालरी नदरी ह जो िखलया और छपरा क िरीच म गगा म खमल जातरी ह अपन ऊपररी भाग म जहा इस कालरी नदरी क नाम स जाना जाता ह यह काफ़री दररी तक भारत (उततरािणड राजय) और नपाल क िरीच सरीमा िनातरी ह

पाचरीन गरो म वखणवत खमलता ह खक

रामायण काल म सरय कोसल जनपद करी पमि नदरी री-

lsquoकरोसलरो नवाम ममदतः सफीतरो जनपदो मिवान मनमषटः सररतीर पभतधनधवानरवान

अररोधरवा नवाम नगरी तरिवासीललरोकमशरतवा

मननवा मवाननदण रवा परी मनममयतवा सरम अयोधया स कछ दर सरय क तट पर घना

जगल ससत ा जहा अयोधया नरर आिट क खलए जाया करत दरर न इसरी वन म आिट क समय भल स शरवण कमार का जो सरय स अपन अध माता-खपता क खलए जल लन क खलए आया ा िध कर खदया ा-

तनसमनमत सखकवाल धनषमवामनषमवानरथी वरवारवामकतसकलपः सररमनगवा नदीम मनपवान ममिष रवारिौगज बवाभरवागतमगम अनरद वा शवापद मकमचमजजधवासरमजतननदरवाrsquo lsquoअपशरमभषणवा तीर सररबवासतवा पस ितम अकीणजटवाभवार पममदकलशरोदकम

सरय नदरी का ऋगवद म उललि ह और यह कहा गया ह खक यद और तववसस न इस पार खकया ा पाखणखन न अषटाधयायरी म सरय का नामोललि खकया ह पदमपराण क उततरिड म भरी सरय नदरी का माहातमय वखणवत ह सरय नदरी अयोधयावाखसयो करी िड़री खपय नदरी री काखलदास क रघवर म राम सरय

जनम भमम मम पररी सहािमन

सरय नदी का ऋगिद म उलख ह और यह कहा गया ह वक यद और तिषसस न इस पार वकया था पावणवन न अषटाधयायी म सरय का नामोलख वकया ह पदमपराण क उतिरखड

म भी सरय नदी का माहातमय िवणषत ह सरय नदी अयोधयािावसयो की

बडी वपरय नदी थी

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आवदपरी शी अयोधया जी की जब भी चचाष होगी उसक साथ ही परम पािनी माता सरय पर विमिष अिशय होगा सरय और अयोधया जी का

सबध भगिान मन स ह और मन स आग इकिाक क ििज भगिान शीराम की यही पवितर जनमभवम ह लगभग 500 िषषो क अनिरत सघषष क बाद जब परभ शीराम की जनमभवम पर भवय शीराम मवदर सथावपत हो रहा ह तो

यह आिशयक लगता ह वक पवितर सरय जी पर भी विमिष हो

लिक वररष पतकार ह

मनोज कमार खतपारी

laLd`fr ioZtqykbZamp 2020 vksk foskkkad56

को जननरी क समान हरी पजय कहत ह-

lsquoसर मदीरवा जननी तन मवानरन रवाजञवा सररमरकतवा दर बसनत मशमशरवामनलमवाा तरगिसतरपगितीrsquo

सरय क तट पर अनक यजञो क रपो का वणवन काखलदास न अपन महाकावय रघवर म खकया ह-

lsquoजलवामन रवा तीरमनखवातरपवा बितरररोषरवामनरवाजधवानीमrsquo महाभारत अनरासनपवव म सरय को मानसरोवर स खनससत

माना गया ह अधयातम रामायण म भरी इसरी तथय का खनदवर ह- एषा भागरीररी गगा दशयत लोकपावनरी एषा सा दशयत सरीत सरययवपमाखलनरी

भगवान शररीराम करी यह सरय मानसरोवर स खनकलतरी ह खजसका नाम बरहमसर भरी ह काखलदास क खनमन वणवन स यह कन सखचत होता ह-

पररोधरः पणरजनवागनवानवा मनमयषटिमवामबजरण रसरवाः बरवाहसरः कवारणमवापतवाचरो बदररवावरकतमदवािरननत

उपरोकत उदरण स यह भरी जान पड़ता ह खक काखलदास क समय म परमपरागत रप म इस तथय करी जानकाररी यदखप री तो भरी सरय क उदगम को रायद हरी खकसरी न दिा ा इस भौगोखलक तथय का जञान तलसरीदस को भरी ा कयोखक उनहोन सरय को मानसननदनरी कहा ह

यह सरय मानसरोवर स पहल कौड़यालरी नाम धारण करक िहतरी ह खफर इसका नाम सरय और अत म घाघरा या घघवरा

हो जाता ह सरय छपरा (खिहार) क खनकट गगा म खमलतरी ह गगा-सरय सगम पर चरान नामक पाचरीन सान ह काखलदास न सरय-जाहनवरी सगम को तरीव िताया ह यहा दरर क खपता अज न वदावसा म पाण तयाग खदए -

त ी थ वत रो र व र म त क र भ ज ह क न र वा र व रो दितरवागवादमरवाणनवालखरमवासवादय सदयः

समभवत उपरोकत तरीव चरान क खनकट रहा होगा महाभारत भरीषमपवव म सरय का नामोललि इस पकार ह-

रिसरवा शतकभवा च सरर च तथ च

चमयणती रिती िनसतसरोमवा मदशर तथवा शररीमदभागवत म नखदयो करी सचरी म भरी सरय पररगखणत ह-

रमनवा सरसती दषविती गरोमती सरर खमखलदपनहो नामक िौद गर म सरय का सरभ कहा गया ह

जो पाातर मात ह रामचररतमानस का उललि अवधपररी मम पररी सहावखन दखकषण खदर िह सरय पावनरी रामचररत मानस करी इस चौपाई म सरय नदरी को अयोधया करी पहचान का पमि खचहन िताया गया ह राम करी जनम-भखम अयोधया उततर पदर म सरय नदरी क दाए तट पर ससत ह अयोधया खहनदओ क पाचरीन और सात पखवत तरीवसलो म एक ह अयोधया को अवववद म ईशवर का नगर िताया गया ह और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 57

कालिणड अपनरी गखत स िढता रहा पखत सोपान राम हमाररी आसा ह यह मत जाप अनवरत होता रहा ह मरीरिाकरी न सवय खलिा lsquolsquoयह फररशत क उतरन करी जगह हrsquorsquo

30 खदसमिर 1949 मखतवयो का पकाटय हआ राम करी धन धड़कन िन धड़कन लगरी राम आसा ह राम मयावदा ह राम सभयता ह राम ससकखत ह राम भाषा ह राम जनम म ह राम मतय म राम मोकष ह राम अधयातम ह

12 वषव म कछ माह रष - 19 खदसमिर 1961 को खववाद का जनम होता ह शररीराम क जनम क 7100 वषव िाद भखम खववाद का मससलम पकष दारा मकदमा दायर होता ह

इस समय भारतरीय राजनरीखत म मससलम तषटरीकरण रर हो गया ा अिल कलाम आजाद को खरकषा मनतरी नहर न िनाया ा इसखलए अकिर महान मजिररी म पढना पड़ा तजोमय मसनदर स ताजमहल और वाराह खमखहर करी दरिरीन को कतिमरीनार पढाया जान लगा कयोखक कागरस मससलम तषटरीकरण म लगरी री- सभरी सानो म नामो करी पखटटका गाधरी नहर पररवार तक खसमटरी रहरी आजादरी क रहरीदो को भरी याद नही खकया जा रहा ा आजादरी क 25 वषथो म हरी जनता जनादोलन क खलए तयार हो रहरी री आपातकाल क दौरान जनानदोलन खहनदतव सगनो और खवपकषरी सगनो को दरखहत म एक सा आन म सवाभाखवक सरलतापववक सयकत सगन िना

राजरीव गाधरी न राहिानो पकरण म सववोच नयायालय क खनणवय को वापस लन क उपरानत खहनदतव सगन न समाज का आहवान कर खदया अि खहनदतव राषटरीय पटल पर साखपत होन करी ओर िढन लगा

मनषयता म आम ततर राम हबरहमा क पत पचता उनक दसव पत

िासलमरीखक जरी खजनको नारद जरी न राम का सनायरी और राम क जरीवन काल म रामायण खलिरी गयरी िालमरीखक जरी सरीता और लव कष को लकर अयोधया आत ह- राजाराम स कहत ह lsquolsquoम पचता पत कहता हrsquorsquo सरीता उतनरी पखवत ह खजतना मर पणय और यखद ऐसा ना हो तो मर समसत पणय कषरीण हो जाए

मर राम

राम भारत क रोम रोम म ह भारत क लोक म राम ह भारत की सास म राम ह भारत की वमटी हिा जल म राम ह राम भारत की समपदा िभि यष मयाषदा जीिन पदववत ह मकसलम तषटीकरण का पररणाम

सपरदाय जवनत िातािरण की गमाषहट स नय यग क

परारमभ होन की वदषा म एक नय अधयाय की ओर वहनद सगिन बढन लगा वजसकी पररणवत राम रथ यातरा न

भारत की राजनीवत क नय आयाम गढन लग भारत की मौवलक राषटीय चतना को

आग नतति वमला

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भारत की सासककवतक चतना राममय रही ह आजादी क आनदोलन की चतना का मल मतर राम ह इसवलए रघपवत राघि राजाराम मल अथाष म

लोक मतर बना सिाधीनता सगराम म िाह गर शी गरगोविनद वसह की सना न सन 1858 म अयोधया म धािा बोलकर lsquolsquoमकसजदrsquorsquo जनमभवम की दीिार

पर राम राम वलखा था वजस ततकालीन कोतिाल िीतला परसाद दब न थाना-ररपोटट म वलखा ह

सयोजक नदरी सरकषण लोकभारतरी9415217404

कपटन सभाष ओझा

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राम भारत क रोम रोम म ह भारत क लोक म राम ह भारत करी सास म राम ह भारत करी खमटटरी हवा जल म राम ह राम भारत करी समपदा वभव यर मयावदा जरीवन पदखत ह मससलम तषटरीकरण का पररणाम सपदाय जखनत वातावरण करी गमावहट स नय यग क पारमभ होन करी खदरा म एक नय अधयाय करी ओर खहनद सगन िढन लगा खजसकरी पररणखत राम र याता न भारत करी राजनरीखत क नय आयाम गढन लग भारत करी मौखलक राषटरीय चतना को आग नततव खमला

रयाता ससमरण म - आडवाणरी जरी क सा रयाता क सयोजक शररी क० एन० गोखवनदाचायव जरी रह गोखवनद जरी भारत परसत सगन और सजन रसकत को सगखत कर रह दर म र अपनरी याता पर ा एक खदन गोखवनदाचायव जरी स राखत भोजन क उपरानत टहलत हए आडवाणरी जरी न एक पशन खकया - यह जनता जनादवन र क आग खमटटरी म लोट रहरी ह और रा क परीछर करी खमटटरी को कागज पखड़या म रि कर मा चढा रहरी ह आडवाणरी जरी न कहा म हतपभ और आशचयवचखकत ह गोखवनद जरी भरी अनततररत रह गोखवनद जरी न िताया अधययन अवकार क समय खिनदवार धयान करन पर आया खक आडवाणरी जरी अगरजरी ससकखत म पढर पल होन क कारण उनक मन मससतषक म राम मय खमटटरी म लोट-पोट रहरी जनता जनादवन क पखत खवसमय रहा ा

भारत करी तासरीर-तवर कलवर समझन क खलए राममय होना पड़रगा राम करी भष-भषा म आन मात स रावण का मन राममय हो गया ा राम करी मयावदा क आचरण तपसया तयाग और परोपकार सत ससकखत का जरीवन जरीन स रामराजय जनम लता ह

छदम सकलरवाद अि सकलरवाद करी जगह पा चका ा 6 खदसमिर 1992 दोपहर म शररी कलयाण खसह मखयमनतरी उ०प० अपन आवास पर दो मनतरी क सा िर अयोधया म कार सवा चल रहरी री कारसवक िािररी मससजद क गिद पर चढ गय और कदालो स तोड़न लग वहा पयावपत सखया म अधव सखनक िल ा लखकन कार सवको न उनक और िािररी मससजद क िरीच एक घरा िना खदया ा उस समय कलयाण खसह क आवास पर पखलस महाखनदषक उ०प० एल०एम० खतपारी भागत हए आय मखयमतरी स खमलना चाहा अनदर स सनदर आया भोजन समापत होन तक पतरीकषा कर कछ दर िाद जि डरी०जरी०परी० अनदर गय तो lsquolsquoकारसवको पर गोलरी चलान करी अनमखत मागरी ताखक िािररी मससजद को खगरन स िचाया जा सक- कलयाण खसह न पछा - अगर गोलरी चलरी तो कारसवक मार जायग डरी०जरी०परी० न जवाि खदया हा ति मखयमतरी न कहा म आपको गोलरी चलान का आदर नही दगा आप अनय साधनो स खनयतण कर राम को िािररी मससजद का ढाचा ढह गया माननरीय कलयाण खसह न अपना तयाग पत राजयपाल को सौप खदया िािररी मससजद करी एक एक ईट कायवकताव उा ल गय सकलरवाखदयो क अनयायपणव खजद करी पखतखकया म कारसवको न ढाचा खगरा खदया कार सवको न शररी हनमान जरी करी रसकत स िािररी मससजद का पटाकषप कर खदया ा

दरदरवन पर रामायण और महाभारत का खदगदरवन न भारतरीय जनमानस का मानस िनाया रामजनमभखम पर मसनदर खनमावण करी माग और िािररी मससजद करी माग साववजनक गलरी नककड मोहललो गावो म िहस होन लगरी

आम चचाव म राम का जरीवन मयावदा मलयो तयाग करणा दया वातसलय पम सह िनधतव कषमा अपार धयव साहस वरीरता उधम नयायखपयता नसखगवक ईशवररीय गणो स समपणव चररत चचाव चल रहरी री खजस िािा गोसवामरी तलसरीदास जरी मयावदा परषोततम भगवान शररी राम करी सतखत कहत ह समसत ससार रामनाम दरीिन म भगवान क िामन रप जसा ह दरीिन म छोटा खकनत वासतखवक सवरप म पकट कन पर अननत कोखट बरहमाणडो को अपन म समा सकता ह सभरी बरहमाणडो क नायक शररीराम जरी ह

सयव क कनदर म जो सखवता ह वो साकषात नारायण ह इखसलए शररीराम सयववररी ह आसा क पाणततव का पखतफल मर राम ह

भारत का जरीवन दरवन मर राम ह भारत करी पहचान आन मान सममान मर राम ह हम राम जरी क रामजरी हमार ह तभरी असनतम समय म राम नाम सतय ह सभरी करी यह गखत ह

सासकखतक जागरण क कारण उस समय करी िदाई होन पर मसनदर क पमाखणक साकय न नयायालय म जनमभखम करी नयाय म सहायता खदलाया

राम जनमभखम खववाद उच नयायालय स सववोच नयायालय तक पहचन म भारत करी सासकखतक चतना पणव रप स एक मत होन लगरी खक राम भारत क पाण ततव ह भारत क सखवधान करी मल पखत पर भगवान राम सपररवार पषपक खवमान सखहत खचत सयोखजत ह तो भारत क सखवधान म मर राम ह

राम क पाकटय सल पर सववोच नयायालय दारा पापत खनणवय पर अनय सापतय क खिना भारत करी अससमता पर पशन खचहन लगा रहगा राषटवादरी चतना न सासकखतक राषटवाद करी सरकार िनायरी दसररी ओर सवय सवक खवदान अखधवकता सनतो महनतो रकराचायथो आचायथो खवदानजन सजन रसकतयो क दारा तकक साकय समखत खचहन पाकटय पमाण जटान म लग रह खजस सवधाखनक अाव म नयायपणव खनणवय दारा पापत आदष स शररी राम जनमभखम मसनदर खनमावण करीआधारखरला यरसवरी माननरीय पधानमतरी आदरणरीय शररी नरनदर मोदरी जरी क कर कमलो स नय भारत का गौरवारालरी इखतहास रचगा इस पनव खनमावण स खवखरषट रलरी क मसनदर का भखम पजन भारत सवाखभमान को सरोखभत करगा यह समपणव ससार क समकष एक आतमततव राम करी पखतमखतव खवशव को एक वखरषटय उदाहरण पसतत करगा खजसम खहनदतव सनातन करी सासकखतक राषटरीय चतना का गौरव साखपत होगा और यह सतय खक मर राम अखवनाररी कण-कण म ह- घट-घट म ह मर राम

मर राम

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 59

मागव म सानरीय जनता का अभतपवव सहयोग इन लोगो को दिन को खमला अधररी रात म भरी लोग लालटरन लकर गावो म हर जगह इनका सवागत करत पआल पर िोररी या दररी खिछाकर इनक खवशराम करी वयवसा भोजन नाशता मवा आखद स इनका आखतथय होता सि भोजन क पकट तो रासत भर खमल इन कार सवको को खिलान क खलए गननो क कई ित साफ़ कर खदए सानरीय जन सामानय न आग यखद पखलस होन करी सभावना होतरी तो व हरी लोग इनह सावधान करत और सरखकषत मागव भरी सझात राम भसकत का अदभत जवार ा उन खदनो म

फजावाद स कछ खकलोमरीटर पवव रामगज नामक गाव म रात को एक िज लगभग ७००-८०० कारसवक पहच इनक पहचन करी सचना खमलत हरी गाव करी माता िखहन एकखतत हो गई और दित हरी दित सिन खमलकर एक घटर क अदर गरम ताजा भोजन तयार कर खिलाया गराम वाखसयो न अपन सोन क सान िालरी कर कारसवको को सलाया और सवय िाहर सोय सखदवयो क खदन तो सिह ितो म कडाव चढाकर

इन लोगो क सान आखद क खलए पानरी करी वयवसा करी गई गाव करी मखहला सरपच न अपनरी जरीप और गाव क टरकटरो स कारसवको को अयोधया क नजदरीक गोमतरी खकनार तक पहचाया और तो और गोमतरी पार करान िाल नाखवको न भरी इनस पस लन स इनकार कर खदया

१९९० म कार सवा का आवहान हआ खजसम खरवपररी स भरी सकडो सवयसवक रवाना हए खरवपररी झासरी मागव पर उततर पदर करी मलायम खसह सरकार न पल

कसा था िह जार

१९९० म कार सिा का आवहान हआ वजसम वििपरी

स भी सकडो सियसिक रिाना हए वििपरी झासी

मागष पर उतिर परदि की मलायम वसह सरकार न पल पवलया तोड वदए थ तावक कोई अयोधया तो दर उतिर परदि म भी ना पहच सक कारसिक जब झासी की

ओर पदल रिाना हए उनम स अनको वगरफतार कर वलय

गए

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१९९० म वपपररया स पहला जतथा वजला परमख शी अनतराम जी क नतति म तथा दसरा शी दवारका परसाद खडलिाल क नतति म रिाना हआ

इलाहािाद क आग परताप गढ चकपोसट पर इन लोगो को वगरफतार कर वलया गया बहा इनह नि वनवमषत पोलीटवनिक कालज म बदी बनाकर

रखा गया बहा परिासन दवारा भोजन आवद की कोई वयिसथा नही की गई थी इतना ही नही तो बाहर स सथानीय कायषकताषओ दवारा की गई भोजन

वयिसथा को भी नही लन वदया जा रहा था उस पररसर म लगभग ३००० लोग भड बकररयो की तरह भर वदए गए थ अवयिसथा स नाराज इन

लोगो न गट पर लगा ताला तोड वदया बहा उपकसथत मटीभर अवधकारी इस जन सलाब को नही रोक पाए पदल ही य आग अयोधया क मागष पर

बढ चल

लिक वररष पतकार ह

हररहर रमाव

रामजनम भवम आनदोलन ससमरण

laLd`fr ioZtqykbZamp 2020 vksk foskkkad60

पखलया तोड़ खदए ताखक कोई अयोधया तो दर उततर पदर म भरी ना पहच सक कारसवक जि झासरी करी ओर पदल रवाना हए उनम स अनको खगरफतार कर खलय गए झासरी करी लकमरी वयायामराला को असाई जल िनाया गया जहा इन लोगो न अपनरी आिो क सामन पखलस गोलरी चालन म हताहत होत कारसवको को दिा जो एक दिद अनभव ा

पखलस को चकमा द अनको कारसवक अयोधया क मागव पर आग खनकलन म सफल हए खकनत अततः व भरी खगरफतार कर उननाव जल भज खदए गए इस जल म परासन करी रह पर मससलम कखदयो न लोह करी छड़ो वा पलटो इतयाखद स इनपर हमला कर खदया शररी खवमलर गोयल को तो इतना परीटा गया खक व िहोर हो गए वा आकमण काररी उनह मत समझकर छोड़ गए सात खदन िाद असपताल म शररी गोयल को होर आया

कोलारस गपत वाखहनरी क गयारह कारसवक लिनऊ स २०० खकमरी पदल चलकर सवव शररी गणर खमशरा आलोक खिदल पम रकर वमाव फलखसह जाट खरबिखसह जाट (हममाल) रामशवर खिदल सतोष गौड़ खवनोद खमशरा लाडलरी पसाद गोयल आखद अयोधया पहचन म सफल हए इन सभरी न २ नवमिर को हए नरसहार को अपनरी आिो स दिा व भोगा

२८ अकटिर १९९० को मधय भारत करी ४० वाहखनया अयोधया क खलय रवाना हई| उततर पदर म मलायमखसह करी सरकार न खभड इटावा मागव स कोई आग ना िढ सक इसक पखता इतजाम खकय | इटावा मलायम खसह का गह खजला होन स उनक छोटर भाई खररपाल यादव िद इस वयवसा को दि रह |

चमिल क पल पर तरीन दरीवाल िनाकर यातायात को िाखधत खकया ा िहरी इस िात करी भरी पररी वयवसा री खक कोई पदल भरी उततर पदर म पवर ना कर सक | ईटो करी पककरी दरीवारो क िरीच म लोह करी चादर रिरी गई ी | इसक िाद डरम रिकर उसक परीछर सरसत पखलस िल तनात ा | चमिल म चलन िालरी साररी नावो पर पखलस न कबजा कर खलया ा | नदरी क उस पार खररपाल खसह साररी वयवसाओ का खनररीकषण कर रह | उनक सा हखयार िद गडर भरी |

कार सवको म सिस आग सतो करी टोलरी री | साधओ न खतरल आखद करी सहायता स दरीवार को तोड़ खदया | दरीवार टटत हरी लगभग ४००० कार सवक आग िढन लग | पखलस न कार सवको करी खगरफताररी रर कर दरी | लखकन सखया इतनरी अखधक री खक सिको खगरफतार करना परासन क खलए सभव हरी नहरी ा |

खगरफताररी स काम ना िनता दिकर नदरी पार स खररपाल खसह यादव ता उसक सा िड़र एक पतकार और खडपटरी कलकटर न सवय गोलरी चलाना पारमभ कर खदया | पहलरी गोलरी खभड क एक कायवकताव सतय पाल को लगरी | गभरीर रप स घायल सतयपाल करी िाद म मतय हो गई | कोकखसह नरवररया करी इतनरी खपटाई हई खक उनकरी ररीढ करी हडरी हरी टट गई | उनह ६ माह असपताल म खिताना पड़र | रामखसया क पर म गोलरी लगरी और व जरीवन भर क खलए अपाखहज हो गए | कारसवको न हर पकार क कषट सहकर भरी कारसवा म उतसाह पववक भाग खलया |

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यह िातचरीत ह उस िालकषण सराफ जरी स खजनहोन शररी राम जनमभखम मसकत क आदोलन म तन मन और धन स लग कर इसको गखत दरी री जि अयोधया म मखदर क गभवगह क भखमपजन करी खतख खनधावररत हो चकरी ह ति यह महतवपणव हो जाता ह खक इस लि सघषव क साकषरी और सहभागरी रह िालकषण जरी जस कमवयोदा स चचाव करी जाय इसरी उदशय स जि उनस िातचरीत रर हई तो आदोलन क खदनो म हरी जस वह िो गए िालकषण जरी न िताना रर खकया - व खदन िड़र अलग पकार क गोरकषपरीाधरीशवर महनत अवदना जरी महाराज शररीराम जनमभखम मसकत यजञ सखमखत क अधयकष होत इस कारण भरी और शररी अयोधया जरी क खनकट का सान होन स भरी गोरिपर हरी उस आदोलन का कदर हो गया ा आदोलन स जड़र सभरी पमि और िड़र नता पायः गोरिपर आत रहत

सपना साकार होत दख पा रहा यह राम जरी की कम पा

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शी अयोधया जी म भगिान शी राम की जनमभवम पर मवदर का वनमाषण एक सपना था जो अब परा हो रहा ह परमपजय गोलोकिासी अिोक वसघल जी का यह सपना रहा

वक अपनी आखो स राम मवदर का वनमाषण दख पात उनक जीिन म भल ही सभि नही हो पाया लवकन हम अतयत सौभागयिाली ह जो यह दख रह ह यह कायष वजस सकप िकत क साथ परधानमतरी जी धयषपिषक कर रह ह इसस सनातन धमष क इवतहास म

बहत महतिपणष पनिा जड रहा ह परसतत ह इसी विषय पर बालककषण सराि स बातचीत ससककवत पिष की सहायक समपादक अवनता अगरिाल की बातचीत क कछ परमख अि

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िालकषण जरी ितात ह खक चाह अरोक खसघल हो या खफर खवषणहरर डालखमया या खफर खवनय कखटयार सभरी न मरा आखतथय सवरीकार खकया कारसवको करी मदद म मररी पतरी गोलोकवासरी पकाररी दवरी करी भखमका करी चचाव भरी यहा जरररी ह कयोखक इस धाखमवक कायव म उनहोन भरी न कवल परा सा खदया िसलक कई िार सवाकायव म वह मझस भरी आग नजर आई जि भरी कारसवको क िानपान और रहन क इतजाम करी समसया आतरी यह हमार खजमम होता ा इस कायव म मररी धमवपतरी का योगदान िहत महतवपणव ह कयोखक िान पान और रहन करी वयवसा वहरी समहालतरी ी 1990 और 1992 क आदोलनो म खहससा लन जान वाल िहत स कारसवको करी न कवल आखवक मदद करी िसलक उनक अयोधया तक पहचन का इतजाम भरी खकया

वह ितात ह खक इन आदोलनो को सफल िनान करी रणनरीखत को लकर कई गोपनरीय िक मर घर पर हरी समपनन होतरी ी 1992 क आदोलन म कारसवको करी मदद को लकर जि पखलस न मझ खगरफतार न करन क खलए माफरीनाम करी रतव रिरी तो मन रतव को मानन स साफ इनकार यह कहकर कर खदया खक हम अपन रामलला क खलए लड़ रह ह कोई अपराध नही कर रह िाद म पखलस न खगरफतार तो खकया लखकन कोई सित नही खमलन क चलत मझ छोड़ना पड़ा

िालकषण जरी उन खदनो याद करत हए ितात ह खक व खदन अतयत सघषव क राजनरीखतक पररससखतया अतयत खवपररीत ी सभरी को िरािर खगरफताररी का डर िना रहता ा गोरिना मखदर सरसवतरी खवदामखदर क अलावा मरा हरी घर ा जो पमि कदर ा ति सगन करी भरी आखवक ससखत िहत अचछरी नहरी होतरी री इसखलए हर योजना म िाधाए भरी िहत आतरी ी खवपररीत राजनरीखतक पररवर क कारण सामानय लोगो का सहयोग भरी िहत कम हरी खमलता ा जो लोग मन स आदोलन क सा व भरी िल कर सामन नहरी आत

वतवमान उपलसबधयो और मखदर खनमावण को लकर पछर जान पर िालकषण जरी करी आिो म एक अलग हरी चमक उभरतरी ह वह जस सच म सपनो करी दखनया म िो जात ह कछ रक कर िोलत ह - िहत मसशकलो क िाद यह खदन आया ह हर भारतरीय क खलए यह गौरव का कषण ह हर खहनद को अि िद खहद होन पर अवशय गवव हो रहा ह शररीराम कवल एक दवता नहरी ह शररीराम क खिना भला हमारा अससततव हरी कया ह शररीराम करी जनमभखम पर िन रहा मखदर वासतव म भारत को खवशवगर िनायगा अि स दखनया भारत को खवशवगर क रप म हरी दिगरी यह अदभत ह िड़र िखलदानो क िाद यह खदन आया ह यह भारत करी असलरी सवततता ह यह वासतखवक दरीपावलरी ह

सघ परमपरा

मोहन भागरि िी

क सी सरदशवन िी

परो० रािनदर तसह (रज भया)

बािा साहब दररस िी

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खरव जरी खसह गोरिपर म शररी राम जनमभखम आदोलन का एक गढ रह सरसवतरी खवदा मखदर पररवार क पमि ह वषव 1990 स 1992 तक यह खवदालय आदोलनकाररी खहनद नताओ का पमि आशरयसल रहा ह उस समय क यहा क पमि नागदर खसह दाढरी िािा स लकर खरव जरी खसह तक न अतयत सखकय भखमका खनभाई ह खरव जरी खसह उन खदनो को याद करत हए कहत ह खक खजस तरह का जोर और उतसाह राम मखदर को लकर उस समय िना ा उसकरी कलपना वहरी कर सकता ह जो उसम रररीक रहा वह कहत ह खक अतयत खवपररीत पररससखतयो म उस समय हर आदोलनकाररी एक सवयसवक क रप म ा पायः आदोलनकाररयो करी तलार म खवदालय म पखलस आतरी रहतरी री लखकन ऐसरी वयवसा िनानरी पड़तरी री खक कोई पकड़ म न आय

अपन सघषव क खदनो को याद करत हए खरवजरी खसह ितात ह खक 1990 स 1992 क िरीच कारसवको क खछपन का महतवपणव खकाना ा सरसवतरी खवदा मखदर यहा आन वाल कारसवको क रहन-िान क इतजाम का खजममा मझ पर हरी ा खकसरी को रक न हो इसक खलए जि भरी आदोलन चरम पर होता म नपालरी का वर धारण कर अडरवरीयर-िखनयान और नपालरी टोपरी पहनकर वह पररसर म ऐस घमता जस कोई पररचारक

खरवजरी ितात ह खक 1992 क आदोलन म एक िार ऐसा हआ खक यहा सवा सौ करी सखया म झारिड स आए तरीर-कमान वाल कारसवक खछप हए और दर रात पखलस का छापा पड़ गया ऐस म िद को िचान क खलए मझ नीव क खलए तयार खकए गए उस गडर म कद जाना पड़ा खजसम स छड़ खनकलरी हई ी यह राम जरी करी कपा हरी री खक मझ एक िरोच तक नही आई खरवजरी ितात ह खक उन खदनो हररयाणा पजाि झारिड खिहार स आए हजारो कारसवको करी सवा का उनह अवसर खमला कारसवको क खलए भोजन क तौर पर खवदालय म उन खदनो गड़ चड़ा चना अचार हररी खमचव जस चरीज अखधक माता म हमरा मौजद रहतरी ी खरवजरी क मताखिक आदोलन करी रणनरीखत िनान क खलए कई िार खछपकर अरोक खसघल जरी और खवनय कखटयार जस नता भरी वहा पहच और उनह उनकरी सवा का अवसर भरी खमला ा राम मखदर खनमावण रर होन करी चचाव पर खरवजरी भावक होकर कहत ह खक हमाररी तपसया आखिरकार सफल हई वह कहत ह खक यह पशन कवल एक मखदर का नहरी ा यह भारत और सनातन ससकखत करी अससमता का सवाल रहा ह अि शररीराम जनम भखम पर भवय मखदर क खनमावण का सपना परा हो रहा ह यह ससखत भारत और भारतरीयता क खलए वसशवक गवव करी ह

सघरश स परा हो रहा एक सपनाvkys[k

अयोधया म शी राम जनमभवम पर मवदर का वनमाषण असाधारण घटना ह बहत बवलदानो और सघषषो क बाद यह सपना परा हो रहा ह मझ गिष ह वक म खद भी इस सघषष म एक वगलहरी परयास क साथ मौजद रहा ह आज भी

आदोलन क दौरान की घटनाए याद आती ह तो यकीन ही नही होता वक उतना सब होता था और हम लोग करत थ

सजय यादव

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तालकटोरा सडियम म सतो का रखनाद

3-4 निमबर 2018

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गगवा बडी गरोदवारी तीरथ बडरो परवागसबस बडी अररोधरवानगरीजि रवाम मलररो अतवार

दो हजार साल िाद पाच अगसत को वह सवनवम अवसर आएगा जि राम जनमभखम पर पधानमतरी नरदर मोदरी भवय राममखदर करी आधारखरला रिग और सदरी क सौभागयरालरी लोग इस अवसर क गवाह िनग 21वी सदरी क लोग सौभागयरालरी खजनक सामन वो खचर अखभलाखषत कषण आ रहा ह खजसक खलए कई परीखढय़ो न सघषव खकया और रामजनमभखम क पाशरव म पवाखहत उततरावाखहनरी मा सरय आनिय कोण पर खवराजमान हनमान जरी अयोधयावासरी और शरदावनत साधक जलद हरी अपन रामलला को अपन भाइयो क सा ऐस भवय भवन म खवराजमान होत दिग खजसकरी कामना पाच सदरी स होतरी रहरी ह राम मखदर क भखमपजन करी ताररीि जस-जस नजदरीक आ रहरी ह हलचल िढतरी जा रहरी ह दरभर म मखदर खनमावण म सहयोग दन करी गखतखवखधया भरी तज हो गई ह भखम पजन क खलए पखवत नखदयो का जल और तरीव सलो करी पखवत खमटटरी लान का खसलखसला भरी रर हो गया ह

खहनदओ क मखदरो क अलावा अयोधया

जन मखदरो क खलए भरी िासा लोकखपय ह अयोधया को पाच जन ततीकरो करी जनमभखम भरी कहा जाता ह जहा खजस ततीकर का जनम हआ ा वही उस ततीकर का मखदर िना हआ ह इन मखदरो को फजािाद क नवाि क िजाचरी कसररी खसह न िनवाया ा कहत ह खक खसकदर लोदरी क रासनकाल क दौरान यहा मखदर मौजद ा 14वी रताबदरी म खहनदसतान पर मगलो का अखधकार हो गया और उसक िाद हरी राम जनमभखम एव अयोधया को नषट करन क खलए कई अखभयान चलाए गए अतत 1527-28 म इस भवय मखदर को तोड़ खदया गया और उसकरी जगह िािररी ढाचा िड़ा खकया गया अयोधया म राम जनमभखम को लकर कई दरको स खववाद चल रहा ा खजस सववोच नयायालय क खनणवय न ितम कर खदया ह

भारत करी पाचरीन नगररयो म स एक अयोधया को खहनद पौराखणक इखतहास म पखवत और सिस पाचरीन सपत पररयो म पम माना गया ह अयोधया का सिस पहला वणवन अवववद म खमलता ह अवववद म अयोधया को दवताओ का नगर िताया गया ह पौराखणक काओ क अनसार बरहमा स जि मन न अपन खलए एक नगर क खनमावण करी िात कहरी तो व उनह खवषणजरी क

अयोधा का पाचरीन और पौराणिक इवतहास

भारत की पराचीन नगररयो म स एक अयोधया को वहनद पौरावणक इवतहास

म पवितर और सबस पराचीन सपत पररयो म परथम

माना गया ह अयोधया का सबस पहला िणषन अथिषिद म वमलता ह अथिषिद म अयोधया को

दिताओ का नगर बताया गया ह

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अयोधया कहत ह वक इवतहास खद को दोहराता ह और अयोधया म राम मवदर का पनवनषमाषण एक बार विर इवतहास क पनिो म दजष होन जा रहा ह सन 1528 म बाबर न रामजनमभवम पर बन वजस मवदर का धिस कराया

उस लगभग दो हजार साल पहल महाराज विरिमावदतय न ही वनवमषत कराया था पाच सौ साल क लब सघषष और सपरीम कोटट क िसल क बाद नीि

की ईट विर भवयता धारण करन को आतर ह

लिक महातमा गाधरी अतरावषटरीय खहनदरी खवशव खवदालय वधाव म वररष रोध अधयता ह

डॉ0 अचवना पाठया

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पास ल गए खवषणजरी न उनह अवधधाम म एक उपयकत सान िताया खवषणजरी न इस नगररी को िसान क खलए बरहमा ता मन क सा दवखरलपरी खवशवकमाव को भज खदया इसक अलावा अपन रामावतार क खलए उपयकतन सारन ढढन क खलए महखषव वखरष को भरी उनक सा भजा मानयता ह खक वखरष दारा सरय नदरी क तट पर लरीलाभखम का चयन खकया गया जहा खवशवकमाव न नगर का खनमावण खकया सकददपराण क अनसार अयोधया भगवान खवषण क चक पर खवराजमान ह

सरय नदरी क तट पर िस इस नगर करी रामायण अनसार खववसवान (सयव) क पत ववसवत मन महाराज दारा सापना करी गई री मारो क इखतहास क अनसार ववसवत मन लगभग 6673 ईसा पवव हए बरहमाजरी क पत मररीखच स कशयप का जनम हआ कशयप स खववसवान और खववसवान क पत ववसवत मन ववसवत मन क 10 पत- इल इकवाक करनाम अररषट धषट नररषयनत करष महािलरी रयावखत और पषध इसम इकवाक कल का हरी जयादा खवसतार हआ इकवाक कल म कई महान पतापरी राजा ऋखष अररहत और भगवान हए ह इकवाक कल म हरी आग चलकर पभ शररीराम हए अयोधया पर महाभारत काल तक इसरी वर क लोगो का रासन रहा इस वर म राजा रामचदरजरी क खपता दरर 63व रासक इकवाक न अयोधया को अपनरी राजधानरी िनाकर भारत क लगभग िहत िड़र कषत पर रासन खकया इकवाक क तरीन पत 1कखकष 2खनखम और 3दणडक उतपनन हए इकवाक क पम पत कखकष क पत का नाम खवकखकष ा खवकखकष क पत िाण और िाण क पत अनरणय हए अनरणय स प और प और प स खतरक का जनम हआ खतरक क पत धधमार हए धधमार क पत का नाम यवनाशव ा यवनाशव क पत मानधाता हए और मानधाता स सससनध का जनम हआ सससनध

क दो पत हए- धवससनध एव पसनखजत धवससनध क पत भरत हए कखकष क कल म भरत स आग चलकर सगर भागरीर रघ अमिररीष ययाखत नाभाग दरर और भगवान राम हए उकत सभरी न अयोधया पर राजय खकया पहल अयोधया भारतवषव करी राजधानरी हआ करतरी री िाद म हसतरीनापर हो गई

इकवाक क दसर पत खनखम खमखला क राजा इसरी इकवाक वर म िहत आग चलकर राजा जनक हए राजा खनखम क गर - ऋखष वखसष खनखम जन धमव क 21व तरीाकर िन इस तरह स यह वर परमपरा चलत-चलत हररशचनदर रोखहत वष िाह और सगर तक पहचरी राजा सगर क दो ससतया ी-पभा और भानमखत पभा न औवावखनि स सा हजार पत और भानमखत कवल एक पत करी पाखपत करी खजसका नाम असमजस ा यह का िहत पखसद ह खक सगर क सा हजार पत कखपल मखन क राप स पाताल लोक म भसम हो गए और खफर असमजस करी परमपरा म भगरीर न गगा को मनाकर अपन पववजो का उदार खकया ा इस तरह सयववररी इकवाक वर क अनतगवत अनक यरसवरी राजा उतपनन हए उकत सभरी लोगो न अयोधया पर राज खकया ा सभरी करी काए आपको जन और खहनद पराणो म खवसतार स खमल जाएगरी भगरीर क पत ककतस और ककतस क पत रघ हए रघ क अतयत तजसवरी और पराकमरी नरर होन क कारण उनक िाद इस वर का नाम रघवर हो गया ति राम क कल को रघकल भरी कहा जाता ह रघ क पत पवद हए पवद क पत रिण और रिण क पत सदरवन हए सदरवन क पत का नाम अखनिवणव ा अखनिवणव क पत ररीघरग और ररीघरग क पत मर हए मर क पत परशरक और परशरक क पत अमिररीष हए अमिररीष क पत का नाम नहष ा नहष क पत ययाखत और ययाखत क पत नाभाग हए नाभाग क पत का नाम अज ा अज क पत दरर हए और दरर क य चार

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पत राम भरत लकमण ता रतघन ह राम क दो जड़वा पत लव और कर दोनो का हरी वर आग चला वतवमान म दोनो क हरी वर क लोग िहतायत म पाए जात ह

अयोधया क राजा नाखभराज क पत ऋषभदव अपन खपता करी मतय क िाद राजखसहासन पर िर यवा होन पर कचछ और महाकचछ करी 2 िहनो यरसवतरी (नदा) और सनदा स ऋषभना का खववाह हआ नदा न भरत को जनम खदया जो आग चलकर चकवतती समराट िना उसरी क नाम पर हमार दर का नाम भारत पड़ा सनदा न िाहिलरी को जनम खदया खजनहोन घनघोर तप खकया और अनक खसखदया पापत की इस पकार आखदना ऋषभना 100 पतो और बराहमरी ता सदररी नामक 2 पखतयो क खपता िन शररीमदभागवत क पञचम सकध एव जन गरो म चकवतती समराट राजा भरत क जरीवन एव उनक अनय जनमो का वणवन आता ह महाभारत क अनसार भरत का सामराजय सपणव भारतरीय उपमहादरीप म वयापत ा अयोधया इनकरी राजधानरी री इनक हरी कल म राजा हरररचदर हए और आग चलकर उपर िताए गए महान राजा हए अयोधया इकवाक और खफर रघवररी राजाओ करी िहत परानरी राजधानरी री पहल यह कौरल जनपद करी राजधानरी री पाचरीन उललिो क अनसार ति इसका कषतफल 96 वगव मरील ा वालमरीवखक रामायण क 5व सगव म अयोधयार पररी का वणवन खवसतार स खकया गया ह उततर भारत क तमाम खहससो म जस कौरल कखपलवसत वरालरी और खमखला आखद म अयोधया क इकवाक वर क रासको न हरी राजय कायम खकए अयोधया और पखतषानपर (झसरी) क इखतहास का उदगम बरहमाजरी क मानस पत मन स हरी समिद ह जस पखतषानपर और यहा क चदरवररी रासको करी सापना मन क पत ऐल स जड़री ह खजस खरव क शराप न इला िना खदया ा उसरी पकार अयोधया और उसका सयववर मन क पत इकवाक स पारमभ हआ

भगवान शररीराम क िाद िाद लव न शरावसतरी िसाई और इसका सवतत उललि अगल 800 वषथो तक खमलता ह कहत ह खक भगवान शररीराम क पत कर न एक िार पन राजधानरी अयोधया का पनखनवमावण कराया ा इसक िाद सयववर करी अगलरी 44 परीखढयो तक इसका अससततव िरकरार रहा रामचदर स लकर दापरकालरीन महाभारत और उसक िहत िाद तक हम अयोधया क सयववररी इकवाकओ क उललि खमलत ह इस वर का िहदर अखभमनय क हाो महाभारत क यद म मारा गया ा महाभारत क यद क िाद अयोधया उजड़-सरी गई लखकन उस दौर म भरी शररीराम जनमभखम का अससततव सरखकषत ा जो लगभग 14वी सदरी तक िरकरार रहा िहदर क कई काल िाद यह नगर यह नगर मगध क मौयथो स लकर गपतो और कननौज क रासको क अधरीन रहा अत म यहा महमद गजनरी क भाज सयद सालार न तकक रासन करी सापना करी वो िहराइच म 1033 ई म मारा गया ा उसक िाद तमर क पशचात जि जौनपर म रको का राजय साखपत हआ

तो अयोधया रखककयो क अधरीन हो गया खवरषरप स रक रासक महमद राह क रासन काल म 1440 ई म 1526 ई म िािर न मगल राजय करी सापना करी और उसक सनापखत न 1528 म यहा आकमण करक मससजद का खनमावण करवाया जो 1992 म मखदर-मससजद खववाद क चलत रामजनमभखम आनदोलन क दौरान ढहा दरी गई

ईसा क लगभग 100 वषव पवव उजन क चकवतती समराट खवकमाखदतय एक खदन आिट करत-करत अयोधया पहच गए कान होन क कारण अयोधया म सरय नदरी क खकनार एक आम क वकष क नरीच व अपनरी सना सखहत आराम करन लग उस समय यहा घना जगल हो चला ा कोई िसावट भरी यहा नही री महाराज खवकमाखदतय को इस भखम म कछ चमतकार खदिाई दन लग ति उनहोन िोज आरभ करी और पास क योगरी व सतो करी कपा स उनह जञात हआ खक यह शररीराम करी अवध भखम ह उन सतो क खनदवर स समराट न यहा एक भवय मखदर क सा हरी कप सरोवर महल आखद िनवाए कहत ह खक उनहोन शररीराम जनमभखम पर काल रग क कसौटरी पतर वाल 84 सतभो पर खवराल मखदर का खनमावण करवाया ा

अयोधया भारत क उततर पदर राजय का एक अखत पाचरीन धाखमवक नगर भारतरीयो क आराधय भगवान शररीराम करी जनमसलरी क रप म खवखयात ह यह पखवत सरय नदरी क तट पर िसा ह इस नगर को मन न िसाया ा और इस अयोधया का नाम खदया खजसका अव होता ह अ-यधय अाव जहा कभरी यद नही होता इस कौरल दर भरी कहा जाता ा अयोधया म सयववररीरघवररी

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राजाओ का राजय हआ करता ा खजसम भगवान शररी राम न अवतार खलए अयोधया को अवववद म ईशवर का नगर िताया गया ह और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह पभ शररी राम करी जनमसलरी होन क कारण अयोधया को मोकषदाखयनरी एव खहनदओ करी पमि तरीवसलरी क रप म माना जाता ह भारत करी गौरवरालरी आधयासतमक एव सासकखतक परमपरा का पखतखनखधतव करन वालरी अयोधया पाचरीनकाल स हरी धमव और ससकखत करी परम -पावन नगररी क रप म समपणव खवशव म खवखयात रहरी ह| वद म अयोधया को ईशवर का नगर िताया गया ह अषटचका नवदारा दवाना परयोधया और इसकरी सपननता करी तलना सवगव स करी गई ह वतवमान अयोघया क पाचरीन मखदरो म सरीतारसोई ता हनमानगढरी मखय ह कछ मखदर 18वी ता 19वी रताबदरी म िन खजनम कनकभवन नागशवरना ता दरवनखसह मखदर दरवनरीय ह कछ जन मखदर भरी ह भगवान शररीराम करी लरीला क अखतररकत अयोधया म शररीहरर क अनय सात पाकटय हय ह खजनह सपतहरर क नाम स जाना जाता ह

अयोधया को भगवान राम करी नगररी कहा जाता ह मानयता ह खक यहा हनमान जरी सदव वास करत ह इसखलए अयोधया आकर भगवान राम क दरवन स पहल भकत हनमान जरी क दरवन करत ह यहा का सिस पमि हनमान मखदर हनमानगढरी क नाम स पखसद ह यह मखदर राजदार क सामन ऊच टरील पर ससत ह कहा जाता ह खक हनमान जरी यहा एक गफा म रहत और रामजनमभखम और रामकोट करी रकषा करत पभ शररीराम न हनमान जरी को य अखधकार खदया ा खक जो भरी भकत मर दरवनो क खलए अयोधया आएगा उस पहल तमहारा दरवन पजन करना होगा यहा आज भरी छोटरी दरीपावलरी क खदन आधरी रात को सकटमोचन का जनम खदवस मनाया जाता ह पखवत नगररी अयोधया म सरय नदरी म पाप धोन स पहल लोगो को भगवान हनमान स आजञा लनरी होतरी ह यह मखदर अयोधया म एक टरील पर ससत होन क कारण मखदर तक पहचन क खलए लगभग 76 सरीखढगया चढनरी पड़तरी ह इसक िाद पवनपत हनमान करी 6 इच करी पखतमा क दरवन होत हजो हमरा फल-मालाओ स सरोखभत रहतरी ह मखय मखदर म िाल हनमान क सा अजनरी माता करी पखतमा ह शरदालओ का मानना ह खक इस मखदर म आन स उनकरी साररी मनोकामनाए पणव होतरी ह मखदर पररसर म मा अजनरी व िाल हनमान करी मखतव ह खजसम हनमान जरी अपनरी मा अजनरी करी गोद म िालक क रप म खवराजमान ह इस मसनदर क खनमावण क परीछर करी एक का पचखलत ह सलतान मसर अलरी अवध का नवाि ा एक िार उसका एकमात पत गभरीर रप स िरीमार पड़ गया पाण िचन क आसार नही रह राखत करी काखलमा गहरान क सा हरी उसकरी नाड़री उिड़न लगरी तो सलतान न क हार कर सकटमोचक हनमान जरी क चरणो म माा रि खदया हनमान न अपन आराधय पभ शररीराम का धयान खकया और सलतान क पत करी धड़कन पनः पारमभ हो गई अपन

इकलौत पत क पाणो करी रकषा होन पर अवध क नवाि मसर अलरी न िजरगिलरी क चरणो म माा टरक खदया खजसक िाद नवाि न न कवल हनमान गढरी मखदर का जरीणथोदार कराया िसलक तामरपत पर खलिकर य घोषणा करी खक कभरी भरी इस मखदर पर खकसरी राजा या रासक का कोई अखधकार नही रहगा और न हरी यहा क चढाव स कोई कर वसल खकया जाएगा उसन 52 िरीघा भखम हनमान गढरी व इमलरी वन क खलए उपलबध करवाई इस हनमान मखदर क खनमावण क कोई सपषट साकय तो नही खमलत ह लखकन कहत ह खक अयोधया न जान खकतनरी िार िसरी और उजड़री लखकन खफर भरी एक सान जो हमरा अपन मल रप म रहा वो हनमान टरीला ह जो आज हनमान गढरी क नाम स पखसद ह लका स खवजय क पतरीक रप म लाए गए खनरान भरी इसरी मखदर म रि गए जो आज भरी िास मौक पर िाहर खनकाल जात ह और जगह-जगह पर उनकरी पजा-अचवना करी जातरी ह मसनदर म खवराजमान हनमान जरी को वतवमान अयोधया का राजा माना जाता ह कहत ह खक हनमान यहा एक गफा म रहत और रामजनमभखम और रामकोट करी रकषा करत |

अयोधया घाटो और मखदरो करी पखसद नगररी ह सरय नदरी यहा स होकर िहतरी ह सरय नदरी क खकनार 14 पमि घाट ह इनम गपतदार घाट ककयरी घाट कौरलया घाट पापमोचन घाट लकमण घाट आखद खवरष उललिनरीय ह मखदरो म कनक भवन सिस सदर ह लोकमानयता क अनसार ककयरी न इस सरीता को मह खदिाई म खदया ा ऊच टरील पर हनमानगढरी आकषवक का कदर ह इस नगर म रामजनमभखम-सल करी िड़री मखहमा ह शररीराम क वन गमन पर भरत जि उनह लौटान हत उनक पास गय और शररीराम न भरत क सि पकार क अननय खवनय को सखवनय असवरीकार कर खदया तो भरत को रामचदरजरी करी िड़ाऊ लकर हरी सतोष करना पड़ा इस समय रामचदरजरी और अयोधया क िहत स लोगो क समकष भरत न कहा ा-

चतयदयश िी सपणय षवदवि मनरघतम नदकरवामम रमद तवा त पकरवामम ितवाशन

अावत ह रघकल शरष खजस खदन चौदह वषव पर होग उस खदन यखद आपको अयोधया म नहरी दिगा तो अखनि म पवर कर जाऊगा अावत आतमदाह दारा पाण तयाग दगा भरत क मि स ऐस पखतजञापणव रबद सनकर रामचदर जरी न अपनरी आतमा करी पखतमखतव भरत को आशवसत करत हए कहा ा- तखत पखतजञाय-अावत ऐसा हरी होगा उनका आरय सपषट ा खक खजस खदन 14 वषव का वनवास पणव हो जाएगा मर अनज भरत म उसरी खदन अयोधया पहच जाऊगा रामचदरजरी अपन खदय वचनो को कभरी खवसमत नहरी करत इसखलए भाई भरत को खदय य वचन उनह पर वनवास काल म भलरी पकार समरण रह

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गोसवामरी तलसरीदास जरी न ऐसरी हरी अयोधया करी तो कलपना करी री शररीमदरामचररतमानस करी अवधारणा म उनक रामराजय करी कलपना यहरी तो ह आसा आतमसममान और आतमखनभवरता यहरी उदोष तो सभरी सनातन रासत करत ह

अयोधया अवा शररीराम कवल एक सान और दवता भर नहरी ह राम क खिना तो भारत भारतरीयता और यहा तक खक मनषयता करी भरी पररकलपना नहरी करी जा सकतरी ह खजस मन स मनषय सजञा साकार होतरी ह वहरी तो हमार और शररीराम क भरी आखद परष ह यानरी समसत मानव जाखत क आखद परष यह सोच कर हरी अदभत आभास होता ह खक हम खकन महान परषो क वरज ह हमाररी आय कया ह और आसा खकतनरी गहररी और महान ह इन सभरी तथयो को हम गोसवामरी जरी क दादस गरो और उनक सवय क जरीवन म दि सकत ह

लोकसरर म लोक मगल गोसवामरी तलसरीदास न रामभसकत क

दारा न कवल अपना हरी जरीवन कताव खकया वरन सभरी को शररीराम क आदरथो स

िाधन का पयास खकया वालमरीखक जरी करी रचना रामायण को आधार मानकर गोसवामरी तलसरीदास न लोक भाषा म राम का करी रचना करीसमपणव भारतवषव म गोसवामरी तलसरीदास क समरण म तलसरी जयतरी मनाई जातरी ह शरावण मास करी सपतमरी क खदन तलसरीदास करी जयतरी मनाई जातरी ह गोसवामरी तलसरीदास न सगण भसकत करी रामभसकत धारा को ऐसा पवाखहत खकया खक वह धारा आज भरी पवाखहत हो रहरी ह गोसवामरी तलसरी दास लोक मगल क लोक सवरो क पणता ह वह गढ जञान को लोक करी भाषा म रबद दन म खसदहसत ह वह लोक करी चतना और उसक समपषण क खलए सतत पयतररील ह वह खजतन िड़र भकत ह उसस भरी िड़र मनषय मानव उनकरी रचना क कदर म ह इसरीखलए वह आज भरी लोक म उतन हरी घल खमल ह भारत करी जञान परमपरा को लोक म पवाखहत करन करी उनकरी महनत िद म िहत कछ कह जातरी ह साखहतय स इात कवल भसकत को भरी दि तो तलसरी को गा कर आज हजारो लोग अपनरी रोजरी चला रह ह मानस ममवजञ और मानस क वयाखयाता िन कर परसकत और सममाखनत

आसा आतमसमान और आतममनभशरता

तलसी की परतयक ककवत कालजयी ह उनक परतयक िबद सनदि और मतर ह उनकी हर रचना पथिी की धाररता को भी पार करन िाली ह िह वजतन बड कवि ह उसस भी बड

यगदरषटा ह समय को पढऩा और उसक अनरप चतना

विवकसत कर लोक को जगा दन म िह मावहर ह

vkys[k

शी अयोधया जी म भगिान शीराम की जनमभवम पर शीराम मवदर का वनमाषण एक नए यग का सतरपात ह यह आसथािान आतमसिावभमान स पररपणष आतमवनभषर भारत क निवनमाषण की आधारविला भी ह सकडो िषषो की पराधीनता स मत अयोधया को दखना सिय म अवत सखद ह हम उस पीढी क लोग ह जो सवदयो स दगध इवतहास को उजल सिरप म दखन जा रह ह ऐस नए भारत क सिरप को यवद साकार होत हम दख

रह ह तो यह हमारा सौभागय ह

लिक भखमटरक डरवलपसव पा० खल० लिनऊ क खनदरक ह

सजय खसह

सिभव गोसरामी तलसीिास और उनक दािस गरथ

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हो रह ह एक मानस स हरी आज हजारो घर पललखवत और पसषपत हो रह ह अदभत रचना ससार ह गोसवामरी जरी का उतनरी खवरद राखर को भला कछ पननो और रबदो म कस समटा जा सकता ह तलसरी करी पतयक कखत कालजयरी ह उनक पतयक रबद सनदर और मत ह उनकरी हर रचना पथवरी करी धाररता को भरी पार करन वालरी ह वह खजतन िड़र कखव ह उसस भरी िड़र यगदरषटा ह समय को पढऩा और उसक अनरप चतना खवखकसत कर लोक को जगा दन म वह माखहर ह

तलसरीदास जरी खजनका नाम आत हरी पभ राम का सवरप भरी सामन उभर आता ह तलसरीदास जरी रामचररत मानस क रचखयता ता उस भसकत को पान वाल जो अनक जनमो को धारण करन क पशचात भरी नही खमल पातरी उसरी अदभत सवरप को पान वाल तलसरीदास जरी सभरी क खलए सममाननरीय एव पजनरीय रह तलसरीदास जरी का जनम सवत 1589 को उततर पदर क िादा खजला क राजापर नामक गराम म हआ ा इनक खपता का नाम आतमाराम दि ता माता का नाम हलसरी ा तलसरीदास जरी न अपन िालयकाल म अनक दि सह यवा होन पर इनका खववाह

रतावलरी स हआ अपनरी पतरी रतावलरी स इनह अतयाखधक पम ा परत अपन इसरी पम क कारण उनह एक िार अपनरी पतरी रतावलरी करी फटकार lsquoलाज न आई आपको दौर आएह नाrsquo असस चमव मय दह यह ता सो ऐसरी परीखत ता नक जो होतरी राम स तो काह भव-भरीत िरीता न उनक जरीवन करी खदरा हरी िदल दरी और तलसरी जरी राम जरी करी भसकत म ऐस डि खक उनक अननय भकत िन गए िाद म इनहोन गर िािा नरहररदास स दरीकषा पापत करी

समाज क पथपिशवकतलसरीदास जरी न उस समय म समाज म फलरी अनक कररीखतयो

को दर करन का पयास खकया अपनरी रचनाओ दारा उनहोन खवधमती िातो पवाद और सामाज म उतपनन िराइयो करी आलोचना करी उनहोन साकार उपासना गो-बराहमण रकषा सगणवाद एव पाचरीन ससकखत क सममान को उपर उान का पयास खकया वह रामराजय करी पररकलपना करत इधर उनक इस कायथो क दारा समाज क कछ लोग उनस ईषरया करन लग ता उनकरी रचनाओ को नषट करन क पयास भरी खकए खकत कोई भरी उनकरी कखततयो को हाखन नही पहचा सका आज भरी भारत क कोन-कोन म रामलरीलाओ का मचन होता ह उनक जयतरी क उपलकय म दर क कोन कोन म रामचररत मानस ता उनक खनखमवत गरो का पा खकया जाता ह

अयोधया काशी और तलसीिासभगवान रकरजरी करी परणा स रामरल पर रहन वाल शररी

अननताननद जरी क खपय खरषय शररीनरहयावननद जरी न इस रामिोला क नाम स िहचखचवत हो चक िालक को ढढ खनकाला और खवखधवत उसका नाम तलसरीराम रिा तदपरानत व उस अयोधया ल गय और वहा सवत 1561 माघ रकल पचमरी (रकवार) को उसका यजञोपवरीत-ससकार समपनन कराया ससकार क समय भरी खिना खसिाय हरी िालक रामिोला न गायतरी-मनत का सपषट उचारण खकया खजस दिकर सि लोग चखकत हो गय इसक िाद नरहरर िािा न वषणवो क पाच ससकार करक िालक को राम-मनत करी दरीकषा दरी और अयोधया म हरी रहकर उस खवदाधययन कराया िालक रामिोला करी िखद िड़री पिर री वह एक हरी िार म गर-मि स जो सन लता उस वह क स हो जाता वहा स कछ काल क िाद गर-खरषय दोनो रकरकषत (सोरो) पहच वहा नरहरर िािा न िालक को राम-का सनायरी खकनत वह उस भलरी-भाखत समझ न आयरी जयष रकल तयोदररी गरवार सवत 1583 को 29 वषव करी आय म राजापर स ोड़री हरी दर यमना क उस पार ससत एक गाव करी अखत सनदररी भारदाज गोत करी कनया रतावलरी क सा उनका खववाह हआ चखक गौना नही हआ ा अत कछ समय क खलय व काररी चल गय और वहा रष सनातन जरी क पास रहकर वद-वदाग क अधययन म जट गय वहा रहत हए अचानक एक खदन उनह अपनरी पतरी करी याद आयरी और व

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वयाकल होन लग जि नही रहा गया तो गरजरी स आजञा लकर व अपनरी जनमभखम राजापर लौट आय पतरी रतावलरी चखक मायक म हरी री अत तलसरीराम न भयकर अधररी रात म उफनतरी यमना नदरी तरकर पार करी और सरीध अपनरी पतरी क रयन-ककष म जा पहच रतावलरी इतनरी रात गय अपन पखत को अकल आया दि कर आशचयवचखकत हो गयरी उसन लोक-लजा क भय स जि उनह चपचाप वापस जान को कहा तो व उसस उसरी समय घर चलन का आगरह करन लग उनकरी इस अपतयाखरत खजद स िरीझकर रतावलरी न सवरखचत एक दोह क माधयम स जो खरकषा उनह दरी उसन हरी तलसरीराम को तलसरीदास िना खदया रतावलरी न जो दोहा कहा ा वह इस पकार ह-

अनसथ चमय मर दि रि तवा सो ऐसी पीमत

नक जरो िरोती रवाम स तरो कवाि भ-भीत

ससककत म पदय-रचनासवत 1628 म वह हनमान जरी करी आजञा लकर अयोधया करी

ओर चल पड़र उन खदनो पयाग म माघ मला लगा हआ ा व वहा कछ खदन क खलय हर गय पवव क छह खदन िाद एक वटवकष क नरीच उनह भारदाज और याजञवलकयमखन क दरवन हए वहा उस समय वहरी का हो रहरी री जो उनहोन सकरकषत म अपन गर स सनरी री माघ मला समापत होत हरी तलसरीदास जरी पयाग स पन वापस काररी आ गय और वहा क पहादघाट पर एक बराहमण क घर खनवास खकया वही रहत हए उनक अनदर कखवतव-रसकत का पसफरण हआ और व ससकत म पद-रचना करन लग परनत खदन म व खजतन पद रचत राखत म व सि लपत हो जात आव खदन तलसरीदास जरी को सवपन हआ भगवान रकर न उनह आदर खदया खक तम अपनरी भाषा म कावय रचना करो तलसरीदास जरी करी नीद उचट गयरी व उकर ि गय उसरी समय भगवान खरव और पाववतरी उनक सामन पकट हए तलसरीदास जरी न उनह साषटाग पणाम खकया इस पर पसनन होकर खरव जरी न कहा तम अयोधया म जाकर रहो और खहनदरी म कावय-रचना करो मर आररीवावद स तमहाररी कखवता सामवद क समान फलवतरी होगरी इतना कहकर गौररीरकर अनतधावन हो गय तलसरीदास जरी उनकरी आजञा खररोधायव कर काररी स सरीध अयोधया चल गय

तलसीिास की रचनाएअपन 126 वषव क दरीघव जरीवन-काल म तलसरीदास न

कालकमानसार खनमनखलखित कालजयरी गरनो करी रचनाए की-

रामललानहछ वरागयसदरीपनरी रामाजञापशन जानकरी-मगल रामचररतमानस सतसई पाववतरी-मगल गरीतावलरी खवनय-पखतका कषण-गरीतावलरी िरव रामायण दोहावलरी और कखवतावलरी

इनम स रामचररतमानस खवनय-पखतका कखवतावलरी गरीतावलरी जसरी कखतयो क खवषय म खकसरी कखव करी यह आषववाणरी सटरीक पतरीत होतरी ह - पशय दवसय कावय न मणोखत न जरीयवखत अावत दवपरषो का कावय दखिय जो न मरता न पराना होता ह

लगभग चार सौ वषव पवव तलसरीदास जरी न अपनरी कखतयो करी रचना करी री आधखनक पकारन-सखवधाओ स रखहत उस काल म भरी तलसरीदास का कावय जन-जन तक पहच चका ा यह उनक कखव रप म लोकखपय होन का पतयकष पमाण ह मानस जस वहद गरन को कणस करक सामानय पढर खलि लोग भरी अपनरी रखचता एव जञान क खलए पखसद होन लग

रामचररतमानस तलसरीदास जरी का सवावखधक लोकखपय गरन रहा ह उनहोन अपनरी रचनाओ क समिनध म कही कोई उललि नही खकया ह इसखलए पामाखणक रचनाओ क समिनध म अनत साकय का अभाव खदिायरी दता ह नागररी पचाररणरी सभा काररी दारा पकाखरत गरन इस पकार ह-

रामचररतमानस रामललानहछ वरागय-सदरीपनरी िरव रामायण पाववतरी-मगल जानकरी-मगल रामाजञापशन दोहावलरी कखवतावलरी गरीतावलरी शररीकषण-गरीतावलरी खवनय-पखतका सतसई छदावलरी रामायण कडखलया रामायण राम रलाका सकट मोचन करिा रामायण रोला रामायण झलना छपपय रामायण कखवतत रामायण कखलधमावधमव खनरपण हनमान चालरीसा

एनसाइकलोपरीखडया ऑफ ररलरीजन एड एखकस म खगरयसवन न भरी उपरोकत पम िारह गरनो का उललि खकया ह

शीराम सर भटकछ काल राजापर रहन क िाद व पन काररी चल गय और

वहा करी जनता को राम-का सनान लग का क दौरान उनह एक खदन मनषय क वष म एक पत खमला खजसन उनह हनमान जरी का पता ितलाया हनमान जरी स खमलकर तलसरीदास न उनस शररीरघना जरी का दरवन करान करी पावना करी हनमान जरी न कहा तमह खचतकट म रघना जरी दरवन होग इस पर तलसरीदास जरी खचतकट करी ओर चल पड़र खचतकट पहच कर उनहोन रामघाट पर अपना आसन जमाया एक खदन व पदखकषणा करन खनकल हरी खक यकायक मागव म उनह शररीराम क दरवन हए उनहोन दिा खक दो िड़र हरी सनदर राजकमार घोड़ो पर सवार होकर धनष-िाण खलय जा रह ह तलसरीदास उनह दिकर आकखषवत तो हए परनत उनह पहचान न सक तभरी परीछर स हनमानजरी न आकर जि उनह सारा भद िताया तो व पशचाताप करन लग इस पर हनमान जरी न उनह सातवना दरी और कहा पात काल खफर दरवन होग सवत 1607 करी मौनरी अमावसया को िधवार क खदन उनक सामन भगवान शररीराम पन पकट हए उनहोन िालक रप म आकर तलसरीदास

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स कहा िािा हम चनदन चाखहय कया आप हम चनदन द सकत ह हनमान जरी न सोचा कही व इस िार भरी धोिा न िा जाय इसखलय उनहोन तोत का रप धारण करक यह दोहा कहा

मचरिकट क घवाट पर भइ सनतन की भीर

तलसीदवास चनदन मघस मतलक दत रघबीर

तलसरीदास शररीराम जरी करी उस अदभत छखव को खनहार कर अपन रररीर करी सध-िध हरी भल गय अनततोगतवा भगवान न सवय अपन हा स चनदन लकर अपन ता तलसरीदास जरी क मसतक पर लगाया और अनतधरयान हो गय

कखलकाल क िहान स तलसरी कखवतावलरी और खवनयपखतका म िाहय समाज म वयापत लोभ खलपसा ईषरया-दष रोषण भि िकाररी अकाल सामखजक अराजकता सासकखतक अपदषण सामतरी वगव करी मनमानरी कटटरपरी धमाववलसमियो क वणवन क सा तलसरी क अतमवन और तन करी परीड़ा का उललि खकया ह आलोचक रमर कतल मघ करी साहसपणव मगर वसतखनष खटपणणरी तलसरीदास क वयसकततव और कखततव को रिाखकत करतरी ह जि व समाज क पर रगमच को दित-दित ता भोगत-भोगत याववादरी एव वयवाहररक भरी हो जात ह (दोहावलरी कखवतावलरी हनमानिाहकाखद) ति व कखलकाल करी गदवन मरोड़ दत ह अपन जरीवन क परवतती चरण म तलसरी आधयासतमक और सवपनदरषटा क िजाय धाखमवक और याव दरषटा हए ह उनहोन अतत घोखषत हरी खकया करी सार समाज तत का आधार lsquoपटrsquo अावत आखवक रसकत ह (कखवतावालरी) यह उनक समाज दरवन करी महततम खसखद ह जो उनह किरीर तक स िहत आग ल जा सकतरी ह आखवक दररदरता को इतना भोगन-समझन वाला मनषय दररदरता क सामाखजक पररणामो को इतना सटरीक खवशलखषत करन वाला समाज-परष और दररदरता स इतनरी पगाढ नफरत करन वाला लोककखव तलसरी क अलावा कोई नही ह

रामचररतमानस की रचनासवत 1631 का पारमभ हआ दवयोग स उस वषव रामनवमरी

क खदन वसा हरी योग आया जसा ततायग म राम-जनम क खदन ा उस खदन पातकाल तलसरीदास जरी न शररीरामचररतमानस करी रचना पारमभ करी दो वषव सात महरीन और छबिरीस खदन म यह अदभत गरन समपनन हआ सवत 1633 क मागवररीषव रकलपकष म राम-खववाह क खदन सातो काणड पणव हो गय इसक िाद भगवान करी आजञा स तलसरीदास जरी काररी चल आय वहा उनहोन भगवान खवशवना और माता अननपणाव को शररीरामचररतमानस सनाया रात को पसतक खवशवना-मसनदर म रि दरी गयरी पात काल जि मसनदर क पट िोल गय तो पसतक पर खलिा हआ पाया गया-सतय खरव सनदरम खजसक नरीच भगवान रकर करी सहरी (पसषट) री उस समय वहा उपससत लोगो न सतय खरव सनदरम करी आवाज

भरी कानो स सनरी इधर काररी क पसणडतो को जि यह िात पता चलरी तो उनक मन म ईषरया उतपनन हई व दल िनाकर तलसरीदास जरी करी खननदा और उस पसतक को नषट करन का पयत करन लग उनहोन पसतक चरान क खलय दो चोर भरी भज चोरो न जाकर दिा खक तलसरीदास जरी करी कटरी क आसपास दो यवक धनषिाण खलय पहरा द रह ह दोनो यवक िड़र हरी सनदर कमर शयाम और गौर वणव क उनक दरवन करत हरी चोरो करी िखद रद हो गयरी उनहोन उसरी समय स चोररी करना छोड़ खदया और भगवान क भजन म लग गय तलसरीदास जरी न अपन खलय भगवान को कषट हआ जान कटरी का सारा समान लटा खदया और पसतक अपन खमत टोडरमल (अकिर क नौरतो म एक) क यहा रिवा दरी इसक िाद उनहोन अपनरी खवलकषण समरण रसकत स एक दसररी पखत खलिरी उसरी क आधार पर दसररी पखतखलखपया तयार करी गयी और पसतक का पचार खदनो-खदन िढऩ लगा इधर काररी क पसणडतो न और कोई उपाय न दि शररी मधसदन सरसवतरी नाम क महापसणडत को उस पसतक को दिकर अपनरी सममखत दन करी पावना करी मधसदन सरसवतरी जरी न उस दिकर िड़री पसननता पकट करी और उस पर अपनरी ओर स यह खटपपणरी खलि दरी-

आननदकवानन हवानसमञजङगमसतलसीतर

कमतवामञजरी भवामत रवामभरमरभमषतवा

इसका खहनदरी म अव इस पकार ह काररी क आननद-वन म तलसरीदास साकषात चलता-खफरता तलसरी का पौधा ह उसकरी कावय-मञजररी िड़री हरी मनोहर ह खजस पर शररीराम रपरी भवरा सदा मडराता रहता ह पसणडतो को उनकरी इस खटपपणरी पर भरी सतोष नही हआ ति पसतक करी पररीकषा का एक अनय उपाय सोचा गया काररी क खवशवना-मसनदर म भगवान खवशवना क सामन सिस ऊपर वद उनक नरीच रासत रासतो क नरीच पराणऔर सिक नरीच रामचररतमानस रि खदया गया पात काल जि मसनदर िोला गया तो लोगो न दिा खक शररीरामचररतमानस वदो क ऊपर रिा हआ ह अि तो सभरी पसणडत िड़र लखजत हए उनहोन तलसरीदास जरी स कषमा मागरी और भसकत-भाव स उनका चरणोदक खलया

तलसरीदास जरी जि काररी क खवखयात घाट असरीघाट पर रहन लग तो एक रात कखलयग मतव रप धारण कर उनक पास आया और उनह परीड़ा पहचान लगा तलसरीदास जरी न उसरी समय हनमान जरी का धयान खकया हनमान जरी न साकषात पकट होकर उनह पावना क पद रचन को कहा इसक पशचात उनहोन अपनरी असनतम कखत खवनय-पखतका खलिरी और उस भगवान क चरणो म समखपवत कर खदया शररीराम जरी न उस पर सवय अपन हसताकषर कर खदय और तलसरीदास जरी को खनभवय कर खदया सवत 1680 म शरावण कषण ततरीया रखनवार को तलसरीदास जरी न राम-राम कहत हए अपना रररीर पररतयाग खकया

laLd`fr ioZ tqykbZamp 2020vksk fokskkad 73

अतमलतबलधवाम िमशलवाभदि

दनजनकशवान जञवामननवामगरगणरम

सकलगणमनधवान वानरवाणवामधीश

रघपमतमपरभकत वातजवात नमवामम

ऐस तो शररीअयोधयाजरी सखहत समपणव जगत हरी राममय ह और भारत करी कोई भरी पररकलपना राम स असपकत हो हरी नही सकतरी भारतरीय जन-मन भारतरीय जरीवन और दि तो सपणव भारतरीय पाररससखतकरी हरी राममय ह कहा भरी गया ह-सरीय राममय सि जग जानरी

करउ पनवाम जरोरर जग पवानी असत जहा राम ह वहा सरीता ह और वही ह शररीराम भकत िजरगिलरी हनमान

शररीअयोधया जरी तो अवववद क अनसार भरी सवगव सरी समद ईशवर करी नगररी ह खजसक कण-कण म राम नाम करी मखहमा पररवयापत

ह ऐस म राम क सा हरी रामभकत शररी हनमान भरी यहा खवरष रप स खवराजमान ह ऐसरी आशवससत ह खक अयोधया करी रकषा क खलए सवय पभ शररीराम न हनमानजरी को यहा खवराजमान रहन क खलए कहा ा राम स पहल रामभकत हनमान करी तज़व पर यहा आकर भकत राम क दरवन स पहल हनमानगढरी जाकर शररी हनमानजरी क दरवन करत ह मखदर म भल हरी िाल रप म शररीहनमानजरी जरी करी मात छः इच लिरी पखतमा ह पर इस पखतमा करी मखहमा करोड़ो खहनदओ सखहत अवध क नवाि मसर अलरी राह न दिा और परिा ह 76 सरीखढया चढकर जि भकत मा अजनरी करी गोद म लटर शररीहनमानजरी क िाल रप क दरवन करन जात ह तो उनह वह खदवय अनभखत होतरी ह खक हा शररीहनमानजरी क खिना शररीराम क दरवन का वह महतव नही

साकत नगररी अयोधया स जहा कोखट-कोखट खहदओ करी अगाध राम-आसा सननद

हनमान समपशि का सिवोतम षट भाि

एक बार सीता माता को वसदर लगात दख हनमानजी न इसका परयोजन जानना चाहा जब मा सीता न यह कहा वक इसस परभ राम

परसनि होग तो शीहनमानजी न अपन पर िरीर को ही वसदर स रग वलया इस

परकरण क बाद परभ शीराम क परवत उनकी वनषिा न जनमानस क बीच उनह भकत का कदर बना वदया

और उनकी परवतमा पर वसदर लवपत करना आसथा का

विषय बन गया

vkys[k

आईग टरीग िरी ग परीग जिलपर म वररष अखधकाररी एव सपखसद लिक

कमलर कमल

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ह वही यह समपवण क सववोतकषट रप म शररीहनमानजरी को रपाखयत करतरी ह जनमानस म यह आशवससत ह खक और कोई नही सवय शररीहनमानजरी हरी शररीराम जनमभखम और इसक राजकोट करी रकषा करत ह

अयोधयानगररी हरी नही सपणव आयाववतव म शररी राम क सा हरी शररीहनमानजरी करी मखहमा गाई जातरी ह

धयातवय ह खक सामानय अखभवादन स लकर उन िन छीकन तक पर राम-राम कहन करी परपरा स लकर इहलरीला करी पररसमाखपत पर राम नाम सतय ह का सामखहक उदोष ह तो रसकत और भसकत क पकषटतम पारप क रप म शररी हनमान का जयघोष और उदोष ह

सभरी यगो म रभ क पसार हत साध-सत और कावाचक पभ राम क माहातमय को जन-जन तक पहचान का पयास करत ह कहा भरी गया ह-

रवामकथवा समस मकरन समवानवा

सत चकोर करखह जखह पानाअसत जहा राम ह वही हनमान भरी ह हर राम का म हनमानजरी करी तसवरीर या पखतमा अवशय होतरी ह अगाध और अटट खनषा और खनषकाम समपवण क ददरीपयमान सतमभ क रप म हनमानजरी करी मखहमा आज इतनरी वयापक ह खक समपणव भारत वषव म राम स अखधक मखदर हनमान क ह मगलवार का खदन हरी शररी हनमान करी भसकत को समखपवत ह और इस खदन मखदरो म खजतनरी लिरी-लिरी कतार लगतरी ह वह जनमानस करी हनमानजरी क पखत आसा को रपाखयत करता ह इतना हरी नही हनमानजरी करी मखतव पर जो खसदर लखपत खकया जाता ह वह भरी पकारानतर स शररीराम क पखत भसकत को हरी रपाखयत करता ह

का ह खक एक िार सरीता माता को खसदर लगात दि हनमानजरी न इसका पयोजन जानना चाहा जि मा सरीता न यह कहा खक इसस पभ राम पसनन होग तो शररीहनमानजरी न अपन पर रररीर को हरी खसदर स रग खलया इस पकरण क िाद पभ शररीराम क पखत उनकरी खनषा न जनमानस क िरीच उनह भसकत का कदर िना खदया और उनकरी पखतमा पर खसदर लखपत करना आसा का खवषय िन गया तलसरीदास जरी न खलिा-

लवाल दि लवाली लस अर धरर लवाल लगर

जर दि दवान दलन जर-जर-जर कमप शर

धयातवय ह खक शररीहनमानजरी को खनषकाम भसकत का सववोतकषट रप कहा जाता ह जनमानस म यह िात इतनरी घर कर गई ह खक जि कोई खकसरी क पखत िहत शरदा रिता ह और उस खवशवास नही खदला पाता ह तो कहता ह- हनमान तो ह नही खक छातरी चरीरकर खदिा सक वह पतरीकातमक तसवरीर खजसम शररी हनमान न छातरी चरीर कर राम और सरीता करी तसवरीर का दरवन कराया ह सामानय लोक म यह आसा खवकखसत और पोखषत करन म सववा सकषम ह खक खनषकाम और पणव समपवण म पररी भारतरीय ससकखत म शररी हनमान स

िड़ा कोई उदाहरण नही खदिता

खनषकाम समपवण करी िात भाषा-खवजञान क आलोक म भरी खसद होतरी ह महतवपणव यह ह खक अतखलत िल क धाम( खनवास सान) जञाखनयो क नामो म सिस आग खगन जान वाल और सकल (सभरी) गणो क खनधान( अमानत Treasury treasurer trove) वानरो क पमि पवनपत को हम lsquoहनमानrsquo नाम स हरी कयो जानत ह

सनातन ससकखत क अपखतम धवज-धारक भगवान रकराचायव न कहा-

अिमनयश मक पररमचनतनीर

ससवार ममथरवात मशवातमतत

इसम व खजस तरह खरव-ततव और आतम ततव क खचतन करी िात करत ह ससार करी खनससारता करी िात करत ह हनमान जरी करी राम भसकत उसका सिस िड़ा पमाण ह आइए इस रबद क सजञा-वखरषटय को दि

अगर हम lsquoहनमानrsquo रबद करी वयाखया - समास-खवगरह क आधार पर कर तो िात सपषट हो जातरी ह lsquoहनमानrsquo रबद lsquoहन+ मानrsquo स िना ह lsquoहनrsquo रबद क दो अव ह

1 हनन करना और 2 जिड़ा

इस तरह हनमान रबद क भरी दो अव हए

खजसन हनन कर खलया -अपन मान घमड का (िहवररीखह समास)

हन( जिड़ा) ह खजसका मान - कमवधारय समास

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समास खवगरह का खनयम ह खक जहा िहवररीखह और कमवधारय दोनो समास हो वहा िहवररीखह को वररीयता दरी जातरी ह ताखककक और िौखदक धरातल पर खवचार कर तो सपषट ह खक पहलरी वयाखया हरी तककसगत और समरीचरीन ह ऐस भरी इतन गणो क आगर (िान mine) हो जो राम जरी का खपय भकत हो और तो और वह हनन( हतया) हरी कर चका हो अपन मान तक का तो सिस िड़री खवरषता खफर यहरी ह राम काज करीज खिना मोखह कहा खवशराम का उदोष करन वाल पवनपत तो राम करी सतता क सा हरी अनसयत और खनमखजत स हो गए ह

ऐस इस सदभव म एक का यह भरी ह खक इदर न अपन वजर क पहार स पवनपत क हन (डरी) को कषखतगरसत कर खदया खजसक िाद उनका नाम हरी हनमान हो गया हालाखक उनही क आररीष स इनका रररीर वजर करी हरी भाखत मज़ित हो गया खजस कारण इनह वजराग कहा गया वयाकरखणक रप स दि तो वजर+अग = वजराग िनता ह यहा भरी िहवररीखह समास ह- व खजनक अग वजर क समान ह लौखकक रप म वजराग वजरग और वजरग स िजरग हो गया अतयखधक िलरालरी होन क कारण िलरी खवरषण भरी सननद हो गया वजर जसरी मज़ितरी क कारण इनह वजरदह वजरागरी (लौखकक रप िजरगरी) वजरकटक आखद भरी कहा जाता ह

हनमानजरी जरी क खपता का नाम कसररी ा इस कारण इनह कसररीनदन कसररीसवन कहा जाता ह रीक इसरी तरह माता अजखन क पत होन क कारण इनह आजनय (अजनरी+एय पतयय) अजनरीसत अजखनपत अजखन क लाल आखद भरी कहा जाता ह

मरत अवा वाय क दवता स जड़र होन क कारण इनह मारत(मरत +अ पतयय = मारत) कहा जाता ह इसरी तरह इनह मारखत(मरत + सतानवाचक इ पतयय) पवननदन पवनसत मरतसत पवनज वातपत वातातमज पवनातमज और पवनपत भरी

कहा जाता ह खजसका अव ह- वायदवता क पत सभरी सकटो स रकषा करन क कारण इनह सकटमोचन कहा जाता ह एव िदरो क ईशवर होन क कारण इनह कपरीर (कखप+ईर) कपरीशवर वानरनदर आखद कहा जाता ह

धयातवय ह खक जयोखतषरीय गणना एव लोकमानयता क अनसार शररीहनमानजरी का जनम 58 हजार 112 वषव पवव तता यग क अखतम चरण म चत पखणवमा खदन मगलवार खचता नकषत एव मष लनि म सिह 6 िज क कररीि झारिड राजय क गमला खजल क आजन नाम क एक छोटर स पववतरीय गाव म हआ ा इस छोटरी सरी जगह म जनम लकर यह खदवय िालक कालातर म अपन तज अपन

बरहमचयव अपनरी मधा एव अपनरी अलौखकक रसकतयो स सपणव आयाववतव म पजय हो गया ऐस तो हनमानजरी बरहमा का सा आचरण करन वाल बरहमचाररी री लखकन एक मानयता ह खक इनक पसरीन स एक मकरधवज नामक िालक करी उतपखतत हई री इस मानयता करी पसषट खवखवध पामाखणक सदभथो स नही होतरी

बरहमाडपराण क अनसार शररी हनमानजरी अपनरी माता अजखन क सिस िड़र पत एव उनक 5 अनय भाई खजनक नाम - मखतमान शरखतमान कतमान गखतमान और धखतमान महाभारत काल म महािलरी भरीम भरी पवन क पत होन क नात इनक भाई अपन जयष भाता होन का कतववय खनभात हए इनहोन भरीमसन का दपव भजन खकया और उनह

खवनयररीलता करी खरकषा दरी री यग िदलत रह पररससखतया िदलतरी रही पर शररीहनमानजरी क पखत जनमानस करी आसा और भसकत सदा िलवतरी हरी होतरी गई िनारस पयागराज पटना महदरीपर आखद शररीहनमान जरी स सिधद अनकानक रहर जरीवत तरीव होत चल गए

यहा हरकर राम और मानस पर भरी दसषटपात कर लना उखचत होगा यग-यगातर क खलए मनषय करी समखत म अतयततम आदरव का पकारसतभ ह राम चाररखतक औदातय पणव-चतना आलोचनातमक

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खववक एव दारवखनक मलयानभखत क पणव-पररपाक ह शररीराम कह सकत ह खक-

शील-शनकत-मरवायदवा क पकषटतम पमवाण ि रवाम

ऐस िी निी घर-घर पज जवात ि पभ रवाम

और रामचररतमानस कया ह रामचररतमानस ह - राम क चररत को हर मानस म उदभाखसत-अवससत करन का मानवता क इखतहास का सववोततम पयास यह कवल एक महाकावयातमक गर हरी नही ह खजसक सा धाखमवक आसा सननद ह वरन यह तो मनषय जाखत क आतयसनतक रभ करी समयक पररकलपना ह इस कराल कखलकाल म जहा मानव-मलयो का कषरण दरत गखत स हो रहा ह मानस क आलोक म मानव जाखत क आतयखतक रभ करी समयक पररकलपना हमार खलए आशवससतकारक हरी नही खदराखनदवरक भरी ह राजा कसा हो पत कसा हो पतरी कसरी हो खमत कसा हो यह हम मानस िताता ह ऐस म भसकत कसरी हो और भकत कसा हो उसका खवराट रप हम शररी हनमान क रप म दसषटगोचर होता ह ऐस भसकत और रसकत हरी कयो हम शररीहनमानजरी करी चतराई भरी दिनरी चाखहए-

जस जस सरसवा दन बढवावा

तास दनरी कखप रप दिावा क खवराट रप क िाद अचानक हरी मकिरी क सकम रप म सरसा क मह म पवर कर िाहर खनकल जान करी चतराई स सपषट होता ह खक उनक खलए अपन पभ क कायव का सपादन हरी धयय ा

दत क रप म मा जानकरी का पता लगाना हो अपन सवामरी करी रसकत स दशमन को सावधान करना हो या सकट काल म सजरीवनरी हत पववत हरी उा लाना शररीहनमानजरी न जो खकया वहरी जनमानस क खलए भसकत का भा-सवर हो गया

शररीरामचररतमानस क आलोक म हरी दि तो यह सभरी मानवरीय मलयो करी सापना क सा कखलयग करी वतवमान ससखत का भरी इसम खदगदरवन खमलता ह आज करी ससखत को उततरकाणड म दिा जा सकता ह-

सद तत समतवा मगरवानवा

कत पभवा पसन मन मवानवा

सत बित रज कछ रमत कमवाय

सब मबमध सख रितवा कर धमवाय

बि रज सलप सत कछ तमसवा

विवापर धमय िरष भर मनसवा

तवामस बित रजरोगण थरोरवा

कमल पभवा मबररोध चि ओरवा

ऐसरी ससखत म भरी मानव तन करी गररमा को भरी साखपत खकया

गया ह गरड जरी पशन करत ह-

पथममि किि नवाथ ममतधीरवा

सबस दलयभ कौन सरीरवा

अि भरसणड जरी कहत ह-

नर तन सम नमि कमनउ दिी

जी चरवाचर जवाचत सिी

नरक सगय अपगय मनसनी

जञवान मरवाग भगमत सख दनी

अि इसरी कड़री म सत और असत क लकषण का खनरपण दखिए-

सत सिमि दःख पर मित लवागी

पर दख ित असत अभवागी

भजय तर सम सत कपवालवा

पर मित मनत सि मबपमत मबसवालवा

सन इ खल पर बधन करई

खल कढवाई मबपमतत समि मरई

यहा खवचारणरीय ह खक हनमान जरी महान भकत हरी नही परम सत भरी ह सततव क सार गण उनम समगरता म समदाखटत ह

शररी हनमान सत हरी नही महानायक क रप म हमार सामन आत ह आषव परपरा म महानायकरीय अवा दवरीय चाररतरय हत 14 गण िताए गए ह- सतय धमव पखतभा कतजञता उदारता चाररतरय अनसया साखतवक कोध आतमसममान सववभतखहत नरीखत अनसरण अकोध एव वासगमता अगर इस खनकष पर भरी दि तो शररी हनमान जरी म अनकानक गणो का पाकटय हआ ह आज क सदभव म भरी दि तो ससषट क पहल सपर हरीरो क रप म िचा-िचा उनह जानता और मानता ह

उपयवकत खिदओ क आलोक म यह उदभाखषत होता ह खक खनषकाम समपवण और भसकत क ऐस खचरजरीवत पकारसतमभ ह शररीहनमान खजसस अभरी हरी नही आन वालरी सखदया भरी अनपाखणत-पोखषत होतरी रहगरी शररीअयोधयाजरी म िनन वाल खदवय और भवय राम मखदर क दरवनाव आन वाल समसत शरदालओ को जय शररीराम क उदोष क सा हरी जय हनमान और जय िजरगिलरी क उदोषो स भरी ऊजाव खमलतरी रहगरी

इमत शभम

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तसरीरो म

सघरश क

डदन

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शरभ घड़ी अब आयी

बड़ सिाल उठ बड़ वयगय कस गए वटबोली बोली गयी लोकसभा क दो रनाि बीत गए बसती आय सतकबीर नगर आय गोरखपर आय बाराबकी आय अमबडकर नगर आय लखनऊ आय बनारस स लड़ दोनो बार जीत अयोधया कभी नही आय हालावक मन पथम लोकसभा रनाि क दौरान अपनी इसी शमखला म वलख वदया वक पधानमरिी नरदर मोदी अयोधया तभी आएग जब शीराम जनमभवम पर मवदर की आधारवशला रखनी होगी दरअसल लोगो म बड़ी अधीरता ह ि भल जात ह वक लालककषि आडिािी की राम रथ यारिा और मरली मनोहर जोशी की वतरगा यारिा का सारथी जब सिवोचच वसहासन पर खद सथावपत ह तो भला लालरौक और शीराम जनमभवम को वििावदत रप म कभी नही रखना राहगा पार िषवो क सततातमक सघषश और छठ िषश म पिश क साथ ही इन सभी वििादो को वनविशिाद बन जान क बाद उनकी इस यारिा की पतीकषा की जानी रावहए थी यह यारिा रामनिमी क वदन होन की सभािना थी लवकन कोरोना सकट न नही होन वदया नरदर मोदी की नीवत नीयत और निोनमषी रिनीवत को समझन की आिशयकता ह यह इतना सरल भी नही ह उनको समझन क वलए वकसी भी राजनीवतक या िराररक रशम को वकनार रखना होगा याद कीवजय जब राम मवदर क मद पर कई लोग जब जयादा बयानबाजी करन लग थ तब मोदी न एक िाय म सभी को रप करा वदया था बयानिीर की सजञा दी थी उनहोन यह अलग बात ह वक बािजद उनक वनददश क कछ लोग अपनी िाली करत रह यह बतान क वलए वक शीराम जनम भवम का मदा ि ही सलझा रह ह आप किल वपछल एक िषश क समय की समीकषा कीवजय अपनी ही नजर घमाइए कशमीर की धारा 370 शी राम जनमभवम समान नागररक सवहता की ओर बि कदम और विशिमर पर भारत की उपकसथवत नपाल की छड़खानी रीन की दवमहकडी यद की आहट महामारी और तजी स बदलता हआ इवतहास भगोल बदलन की सगबगाहट और मनषयता की छटपटाहट किल 5 अगसत 2019 स रलत हए 5 अगसत 2020 तक आइय दख सरय तट पर या वदख रहा ह बहत खास होन जा रहा इस बार अयोधया म शी राम जनम भवम गभशगमह क भवम पजन की साइत आ गयी भवम पजन इसी वदन यानी 5 अगसत को होगा राम जनमभवम तीथश कषरि टरसट की ओर स पधानमरिी कायाशलय को 3 और 5 अगस त की तारीख भजी गई थी पीएमओ न 5 अगसत का रना खद पधानमरिी नरदर मोदी इस भवम पजन म वशरकत करग शवनिार को मवदर टरसट की बठक क बाद दो तारीख तय की गई थी इस अिसर पर पधान मरिी का समबोधन बहत खास होन िाला ह सभि हो तो वडकोड कीवजयगा

ndash समपादक

सनािन क महायोदा

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