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SPECIAL AUTHOR :JAYASHANKAR PRASAD
B.A HINDI
Study materials
6th SEMESTER
ADDITIONAL COURSE IN LIEU OF PROJECT
UNIVERSITY OF CALICUTSCHOOL OF DISTANCE EDUCATION
CALICUT UNIVERSITY P.O., THENJIPALAM, MALAPPURAM-673635
School of Distance Education
Special Author : Jayashankar Prasad Page 2
UNIVERSITY OF CALICUT
SCHOOL OF DISTANCE EDUCATION
Study materials
6th SEMESTER B.A HINDI
ADDITIONAL COURSE IN LIEU OF PROJECT
SPECIAL AUTHOR : JAYASHANKAR PRASAD
Prepared by
C.SOSHEENA, M.A, MPhilChambayil House(P.O)G.A.CollegeCalicut – 673014
Scrutinised by :
Dr.Pavoor Sasheendran38/1294, Appughar,Edakkad P.O., Calicut
Lay out & Settings :Computer Section, SDE
©Reserved
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 3
MODULE I -
1.2.
MODULE II -
1. जाग2. मेरे3. पेशोला4.
5. तुमलु कोलाहल
MODULE III -
1.
MODULE IV -
1. प2. ममता3. सनुहला साँप4.
5. चड़ूी
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 4
MODULE - I
उ 1890‘जयशंकर’
है। ‘ ’ ,
पढ़ाई छोड़ देनी पड़ी। , , उ , फारसी और
ने उनके जीवन को बहुतकू,
उनके चाचा और भाई
,
परंत ु माँ
‘ ’।
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 5
,
‘ले चल मझु ेबलुावा देकर, ’ तथा ‘हे सागर संगम’ एँ ।
चरणामतृ और बेल-
, , ,समरसतावाद
, , दःुख-सखु, नर- का
,होता है। उनका ,
आभासवाद‘कामायनी’ –
“कहो उसे जड़ या चतेन ”
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 6
ई,
‘ ’रचना है। ,
“सब दःुख है, , ”पानी के बलुबु
उपनी ‘कामायनी’“
”‘ ’ कहानी
है। ‘कामायनी’,
‘ ’-
‘कंकाल’कहानी ‘ममता’ से
,कण परमाण ुकहलाता है।
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 7
–“
परमाण ुबाल सब दौड़ पड़े”
,‘ ’
से अछूतो
, , ,‘दासी’
हुआ है - “ -,
”
- ,भाँ
‘मधआु’, ‘बेड़ी’, ‘घीस’ू, ‘नीरा’, ‘अपराधी’अनेक उ
है। , सामािजक,भी
,
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 8
–
,
-
‘कलाधर’‘ ’
संकलन ‘ ’ आसन ् 1926 ई. से 1936
‘ ’ सन ् 1906 ‘ ’‘ ’
इउनके भानजे, ‘ ’
‘हंस’ और‘जागरण’
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 9
पु“
-बीस छंद ढ़ल जाते।”
,केवल 48
27 , नाटक, , कहानी- ,
1.सन ् 1913 ऒर 1936 के बीच उनके 9 –
1. (1913)2. (1914)3. (1914)4. धार (1918)5. कानन कुसमु (1918)6. आँसू (1925)7. झरना (1927)8. लहर (1933)9. कामायनी (1936)
‘ ’ - ‘ ’ -कथा, ‘काननकुसमु’, ‘झरना’ और ‘लहर’ गीत- , ‘ ’, ‘ ’ और‘आँस’ू ‘कामायनी’
‘ ’
‘ ’ का संदेश है।
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 10
‘कानन कुसमु’, ‘झरना’ और‘लहर’ ‘कानन कुसमु’रचनाओं का संकलन है। इसे 49
।
‘छायावाद’ याशषेता थी। ‘झरना’
‘ चय’जैसे, उषा और कमल, ,
कमल‘लहर’
‘ ’, ‘ ’ और ‘आँस’ू‘ ’ -
,
,
‘ ’, ,
,
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 11
है।
‘आँस’ूहै। ‘आँस’ू
जीवन के ,
‘कामायनी’1935 15
, , घटना,
, ,, , काम । - मन,ु
मन ुमन का, -
, अतः मन,
2., नाटककार भी थे
भा -‘ ’,
‘ ’, ‘ ’, ‘ ’ और ‘ ’‘ ’, ‘ ’, ‘ ’,
‘कामना’, ‘ ’, ‘एक घूँट’, ‘ ’ और ‘ ’
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 12
, ,
होता है।3.
,
, ‘ ’ और ‘पंचायत’ सन ् 1910‘ ’
- ‘छाया’, ‘ ’, ‘ ’, ‘आँधी’और ‘ ’ 72
, , , , , ,सामािजक,छाया
‘छाया’।1911 से 1913
‘ ’। 1925हुआ था।
‘गुदड़ी केलाल’ और ‘ ’
19, , , ,
। ‘ ’‘ ’ ‘ममता’, ‘
खँडहर’, ‘ ’, ‘ ’, ‘ ’, ‘ ’, ‘अपराधी’
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 13
आँधी11
धी, मधआु, घीस,ू बेड़ी, -भंग, नीरा और
इस14
, , ,‘ ’, ‘छोटा जादगूर’,
‘ ’, ‘ ’, ‘ ’, ‘ ’ एवं ‘सालवती’
4.,
- ‘कंकाल’, ‘ ’ और‘इरावती’। ‘इरावती’
सन ्1929 ‘कंकाल’
है। सन ् 1934 ‘ ’, -
,
‘इरावती’1940 ने तीन
है।
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 14
5.- , इनके
–, , क
‘ ’
सन ् 1909ई. ‘ ’
‘ ’
‘ ’सभी
‘ ’, ,
, , नाटककार,,
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 15
MODULE II
है।1. !
!—
तारा-खग-कुल कुल-कुल सा बोल रहा,
,लो, –मध ुमकुुल नवल रस-
,–!
!( - - , - आकाश, पनघट - घाट , तारा-घट- तारे
, खग-कुल- , कुल-कुल – , - ,अंचल - , डोलना - , - बेल, मध ु मकुुल – ,नवल रस- – , अधर- , - धीमा, अलक -बाल, मलयज – पवन, - , हाग- ( )
‘’
,
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परेू
है।है।
,हुआ गाग-
बेबे
2. मेरेले चल वहा ँभलुावा देकरमेरे ! धीरे धीरे।
–-कथा कहती हो,
!ले चल वहा ँभलुावा देकर
! धीरे धीरे।जहा ँसाँझ सी जीवन छाया,
,नील नयन से ढ़ुलकाती हो,
!ले चल वहा ँभलुावा देकर
! धीरे धीरे।–
- --
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 17
!ले चल वहा ँभलुावा देकर
! धीरे धीरे।-
जहा ँसजृन करते मेला से-अमर जागरण उषा नयन से-
!!ले चल वहा ँभलुावा देकर
! धीरे धीरे।( – – , , – , नाव खेनेवाला, भलावा – छल,कपट, , अवनी – , साँझ-सी – , काया – ,ढ़ुलकाती – लढ़ुकती(ऊपर- ), – , –
)
-चल भरे वातावरण से,, , चलो जहाँ
,,
, मु , नीलाकाश,-
, संदेश जहाँ, वहा ँमझु े ले
, , जहाँ सखु-,
का राग बज उठता है वहा ँमु , उसी
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3.!
!
–
––
-सा।, –
-
,
,-मदंृग- , मौन है।
-“कौन लेगा भार यह?
?दु -
, ,
?-चरू होके
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कौन लेगा भार यह??
कहता है कौन ऊँची छाती कर, -- — ,
?बोलो, कोई बोलो –आह, !--कौन थामता है पतवार ऐसे अंधड़
–-रेखा-
खींच ले चला है –काल- ,साँस,आज भी पेशोला के--
,—
?
!?”
( – – लाल, – , – ,- झंझावात, – झकुा हुआ, – आकाश, - बेसहारा,
सतत – लगातार, - , - उदारता, -सा-जैसा, - , - , - ,
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– दःुख, – कठोर दखु, धसूर – धीमा पड़ा , जलद – बादल,– , अनंत – आकाश, -मदंृग- – , –, – -माँस, – ,– , – ( ), खर- फैलना, - ,- ऊँचा, खेवा – पार लगाने वाले, – , काल-
धीवर – , – )
4. तुमलु कोलाहल
!,
खोजती जब नींद के पल;,!
,;
,
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!,
;,!,
जला जीवन जी रहा झकु;,
!,;,
!
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MODULE III
बनाया है। – ‘ ’, ‘ ’, ‘ ’,‘ ’, ‘ ’, ‘ ’, ‘कामना’, ‘ ’, ‘ ’,‘ ’
‘एक घूँट’ और ‘ ’
नाटक है ‘ ’।वंश के यह
ए
‘ ’-
,
च
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तय करके रखा था।
था , उससे यहलेता है
करती है। , अपनाकरती है स
।आ
देती है और कहती है – ,, , ,
कर देता है।
ता करता है,
मानने को
गौरव जाग उठता है।
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को
।
,
कोमा, ,
योजना‘ ’
मानी जा सकती है। ‘ ’
तीन – , ,, शकराज, , कोमा,
, साहसी, वीर, ,गौ
कर देता है।शील,
,,
इस पर - ? ,
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 25
कराज
ज के यहाँ
को को नफरत करती है।
को देता है।
इसका भी संकेत नाटक
, ,
, च
वह शराबी, , ,
, ,
भाग है।
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, तब– !
? यह उ
इससे
– धीरे –
- कुमार
,एवं
होता है। उनके पीछे-पीछे
और पछूती है -‘
...’।
है।
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देखकर एक दासी आती है। -से भीतर आने
- ‘’। असंतोष
,–
-
देती है –करने का
, तो मुके साथ
शकराज का वध करता है।आता है। इससे देती है। वह
– कुमार!? ... झटक दो
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, उदारता,, , , , ,
, उनके,
कोमा
, संवेदनशील और भावकु है।
करना चाहा– ,
? ,
सकती है।
– ,? ...
,
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– , ,, !
?,
है। नाटक के अंत
कोकहती है – राजा का भय,
, तो इस अपनी कुल- , ,,
,,
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MODULE IV
ए
‘ ’ - ‘ ’,‘ममता’, ‘सनुहला सापँ’, ‘ ’ ‘ ’ कहानी
1.‘ ’ ‘ ’
कहानी है। भाव
,
आँख बचाकर खुद कोहै।
से पहले को गले लगाता है।
, चंपाजेल
-, रख देता है।
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- को भी
है – ....ने देखा, !
– कोमलता!
मानता है। चंपा को – - ,,
–आ ,
, ,है, ...। चंपा
– ,मर
–जाओ, , और मझु,े -भाले
-चाहती है। -
, , उस माया- ह- -
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2. ममता‘ममता’
हुमायूं और अफगान शरेशाह से है। यह कहानी
एक यवुती,होतावेदना, ,
हो सकती है – –?
था। को यह तास परकरके
िजतना हो सके उतनी अपने वश कराना चाहता है। परममता के वहाँ
– !इतना आयोजन! ! ,
? - ,दे सके?
,
-पठान
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– आज इसे छोड़ ेजाती हँू। अब तुम इसका मकान बनाओया महल, -
–
‘ममता’पर
3. सनुहला साँप
वाद-,
-
लेकर - आया था। जबभोजन का समय आता है तो नौकर पान-
।
–
चलना, व,
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देवकुमार, , जब जाने का तैयार कर
चले
वह वह अपनीथी। साँप
को पकड़ ेजाने से उस वह अपने नौकर
कमरे कई नकई ,
इ व नेएक
देवआता है। , कुछ बोल न सका
ती है।
ससू करने लगी और
4.
प-
भी– तुम घमूत ेहो!
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 35
कहताहै।
देखूँइससे
उ–
? –
तैयारहोता है।
चलताकर
, तब वह चपु
‘ ’
5.सरस, ‘ ’।
, ,उसका न इतनी सखु और
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 36
सशंक था
बाबू
धारण करके उनके घर आ पहँूचती है।
, यौवनको
–- , तो ...।
–... पान से लाल पतले-पतले ओठ दो-
बहूजी
,
-
देती। जब सरकार आ जाता है तब व –,
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,- बहूजी का कुल-
वध-ुउतनी
वहसफल आ -
।
हो जातीहै बहूजी का
जाता है। , पर बात कुछथी। वह
देता है। –, , बहुत
रोई, , पर सरकार पर इसका कोई असर न पड़ा। वह चला जाता है।
,
है -कर लेती है।
बना कर
रहै।
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 38
,
पहचान लेते ।– -कुलवध ूहोने के
, वह सेवा का है,है
है।– “अपना
,र
? - ?”करके ।
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 39
MODEL QUESTION PAPER – 1SIXTH SEESTER U.G. DEGREE EXAMINATION, 2014
Hindi – Additional Course – 1SPECIAL AUTHOR : JAYASHANKAR PRASAD
Maximum: 30 WeightageTime: Three Hours
1. 1 से 12 :1. ?
a) महादेवी b) c) पंत d)2. ?
a)b)c)d)
3. ?a) b) माँ c) d)
4. “ , कहो उसे जड़ या चतेन ”?a) b) आभासवाद c) d)
5. ?a) छाया b) कंकाल c) d)
6. ?a) भारत b) c) d)
7. ?a) मानसरोवर b) आँधी c) d)
8. ?a) b) इरावती c) कंकाल d) छाया
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Special Author : Jayashankar Prasad Page 40
9. ‘ ’ ?a) b) महादेवी c) पंत d)
10. ‘ ’ ?a) ममता b) सनुहला साँप c) d)
11. ‘ ’ ?a) b) c) d) शकराज
12. ?b) b) आँसु c) लहर d) मोचीराम
(12×1/4 = 3 Weightage)2. 13 से 21 :
13.14.15.16.17.18.19.20.21. चंपा का
(9×1 = 9 Weightage)3. :
22.23.24.25. ?26.27.28.29. –30. तुमलु कोलाहल
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(5×2 = 10 Weightage)4. :
31. का छाप है – इस पर
32. –
33.(2×4 = 8 weightage)