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धातुकर्मीय प्रक्रर्म के सिद्ाांत

िुनीता उपाध्याय व्याख्याता

शा. बालक उ. र्मा. सि. नागदा, उजै्जन

अयस्कां के िाांद्रण की सिसधयााँ•सिद्युत चुांबकीय प्रथक्करण

•गुरुत्वप्रथक्करण

•झाग उत्प्लािन सिसध

•प्रक्षालन•द्रिण

अयस्कक पीिना एिर््म अयस्कां का िाांद्रण;;;

से्टम्प मिल द्वाराअयस्कका पीसना

इि सिसध रे्म चुांबकीय प्रकृसत के पदाथथ काप्रथक्करण सकया जाता है |

सिद्युत चुांबकीय प्रथक्करण :

गुरुत्वप्रथक्करण :

इि सिसध र्में अयस् कक पानी की तेज धारा

र्में धकया जाता है

झाग उत्प्लािन सिसध :धातुओां का िाांद्रण झाग उत्प्लािन सिसध द्वारासकया जाता हें

प्रक्षालन :सकिी रिायन के िाथ अयस् का चयसनत सिसलयन

बनाना प्रक्षालन कहलाता हें |

द्रिण

ऐिे अयस् सजनका द्रिनाांक कर्म हकता है, उन्हें

ढालू फशथ पर थकडा असधक ताप तक गर्मथ करते है

|

धातुओां का सनष्कर्थण सनम्न पदकां र्में हकता हें

िाांसद्रतअयस् का धातु आक्साइड र्में पररितथन

• अ सनस्तापन—

ZNCO3 === ZNO+CO2

•ब भजथन --

२ZNS +3O2 ==== 2ZNO + 2SO2

•धातुआक्साइड का धातु र्मेंअपचयन (प्रगलन)

•अ ऊष्मा द्वाराअपचयन

•ब रािायसनक अपचयन

•काबथन द्वारा अपचयन•एलु्यर्मीसनयर्म द्वारा अपचयन•ि सिद्युतअपघटन द्वारा अपचयन

धातुओां का शकधन :

धातु शकधन की सिसधयााँ ::

1भकसतक सिसधया ;

अ; आििन

ब ; द्रिण ; शीघ्र सपघलने िाली धातु जैिे ---सटन, लेड आसद |

ि ; प्रभाजी सक्रस्टलीकरण ;

धातु र्में अशुद्धद्याां हकने पर उिका गलनाांक शुद्

धातु िे कर्म हकता हें |

प्रभाजी आििनद

रािायसनक सिसधया :;

•तापीयऑक्सीकरण

• सिद्युत-अपघटनी शकधन

•िानआकेल सिसध

धातुकर्मथ र्में प्रयुक्त भसियकां के प्रकार

•पराितथनीभिी

िात्या भिी

बांद भिी

बेिेरे्मर पररितथक ;;

सिद्युत् भिी

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सिद्युतअपघटन सिसध द्वारा धातु का

शुद्धद्करण सकया जाता है