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डेली यूज़ (18 Dec, 2019) drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/18-12-2019/print टेक कं पिनय पर बाल कराने का आरोप ीलस ीलस केके लये लये कोबाट िवशेषता तथा योग मेस मेस केके लये लये बाल कानून के उ$ंघन के मामले चचा' चचा' म( म( )य )य ? हाल ही म( अमे,रक टेक कं पिनय टे-ला (Tesla), ए/पल (Apple), अफाबेट (Alphabet), डेल (Dell) तथा माइ2ोसॉ4ट (Microsoft) के िव56 बाल के आरोप म( मुकदमा दज' िकया गया है मु;य मु;य <बदु <बदु : िव= इन पाँच सबसे बड़ी तकनीक कं पिनय के खलाफ दायर इस मुकदमे म( आरोप लगाया गया है िये कं पिनयाँ कांगो लोकतांिAक गणराCय (Democratic Republic of the Congo-DRC) म( D-थत कोबाट (Cobalt) खदान म( बE से ज़बरन काम कराती हF हाल ही म( DRC एक कोबाट खदान के धँसने से 14 बEे दब गए ■जसम( छह बE मौत हो गई तथा अय गंभीर Mप से घायल हो गए थे इस घटना के बाद घायल बE के प,रवार तरफ से अमे,रक मानवाधकार सं-था इंटरनेशनल राइOस एडवोके Oस (International Rights Advocates) ने इन कं पिनय के खलाफ मुकदमा दज' िकया है सं-था का मानना है िDRC खदान म( हो रहे अवैध खनन, मानवाधकार का उ$ंघन तथा PQाचार जानकारी इन कं पिनय को थीइन खदान म( काम करने वाले बEे 2-3 डॉलर तिदन के िहसाब से मज़दूरी करते हF तथा गरीबी पा,रवा,रक दबाव के कारण वे -कू ल छोड़कर खदान म( काम करने को मजबूर होते हF 1/17

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  • डेली यूज़ (18 Dec, 2019)drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/18-12-2019/print

    टेक कंपिनय पर बाल म कराने का आरोप

    ी ल सी ल स केके लयेलयेकोबा ट क िवशेषता तथा योग

    मे समे स केके लयेलयेबाल म कानून के उ ंघन के मामले

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म अमे रक टेक कंपिनय टे ला (Tesla), ए पल (Apple), अ फाबेट (Alphabet), डेल (Dell) तथा माइ ोसॉ ट(Microsoft) के िव बाल म के आरोप म मुकदमा दज िकया गया ह।ै

    मु यमु य बदुबद:ुिव क इन पाँच सबसे बड़ी तकनीक कंपिनय के खलाफ दायर इस मुकदमे म आरोप लगाया गया ह ैिक ये कंपिनयाँकांगो लोकतांि क गणरा य (Democratic Republic of the Congo-DRC) म थत कोबा ट (Cobalt) कखदान म ब से ज़बरन काम कराती ह।हाल ही म DRC क एक कोबा ट क खदान के धँसने से 14 ब े दब गए ■जसम छह ब क मौत हो गई तथा अ यगभंीर प से घायल हो गए थे।इस घटना के बाद घायल ब के प रवार क तरफ से अमे रक मानवाधकार सं था इटंरनेशनल राइ स एडवोके स(International Rights Advocates) ने इन कंपिनय के खलाफ मुकदमा दज िकया ह।ैसं था का मानना ह ैिक DRC क खदान म हो रहे अवधै खनन, मानवाधकार का उ ंघन तथा ाचार कजानकारी इन कंपिनय को थी।इन खदान म काम करने वाले ब े 2-3 डॉलर तिदन के िहसाब से मज़दरूी करते ह तथा गरीबी व पा रवा रक दबावके कारण वे कूल छोड़कर खदान म काम करने को मजबूर होते ह।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/18-12-2019/print

  • गौरतलब ह ैिक तकनीक कंपिनय ारा कोबा ट का बड़े पमैाने पर योग िकया जाता ह।ै इसका योग मु यतःमोबाइल, लपैटॉप, टैबलेट, इले टक कार व अ य तकनीक यं म लथयम-आयन बटैरी (Lithium-ionBattery), इले टो े टग (Electroplating) तथा िम धातुओं (Alloys) के िनमाण म होता ह।ै

    कोबा टकोबा ट (Cobalt):कोबा ट एक सं मण धातु (Transition Metal) ह ैतथा यह अपने अनूठे भौतक-रासायिनक गुण क वजह सेअनेक मह वपूण काय म योग म लाया जाता ह ै■जसे िकसी अ य पदाथ ारा िव थािपत नह िकया जा सकता।कोबा ट क मुख िवशेषता इसक कठोरता, जंग-रोधी (Corrosion Resistant), ऑ सीकरण-रोधी(Oxidation Resistant), ऊ मा-रोधी (Heat Resistant), लौह-चुंबक य (Ferromagnetic) तथा िव ुत कासुचालक (Conductor of Electricity) होना ह।ैइन िवशेषताओं क वजह से कोबा ट क वै क बाज़ार म अ यधक मांग ह ैतथा कुल वै क कोबा ट के लगभग 60तशत का उ पादन अकेले DRC करता ह।ै

    वाक (Walk Free) तथा अंतरा ीय म संगठन (International Labour Organization-ILO) ारा यहकहा गया िक वतमान म लगभग 4 करोड़ से अधक लोग आधुिनक दास व (Modern Slavery) के शकार ह ■ज हबलात् म या ज़बरन िववाह ारा बधंक बना कर रखा गया ह।ै

    ोतोत: दद हदूहदू

    राष्टीय ॉडबड अभयान

    ी ल सी ल स केके लयेलये:रा ीय ॉडबड अभयान क िवशेषताएँ

    मे समे स केके लयेलये:ामीण भारत के ड■जटल सश करण हेतु भारत सरकार क पहल

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म संचार मं ालय (Ministry of Communications) ारा रा ीय मीडया क , नई िद ी म रा ीय ॉडबडअभयान (National Broadband Mission) क शु आत क गई।

    मुखमुख बदुबद:ुयह अभयान, रा ीय ड■जटल संचार नीत, 2018 (National Digital Communications Policy, 2018)का िह सा ह।ैअभी तक भारतनेट (BharatNet) काय म के मा यम से ॉडबड सेवाएँ 142,000 गाँव के लॉक तक पहँुच चुकह।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/printpdf/bharatnet-can-monetise-fibre-assets

  • िवज़निवज़न:रा ीय ॉडबड अभयान का िवज़न ड■जटल संचार ढाँचे का व रत िवकास, ड■जटल अंतर क समाि , ड■जटलसश करण तथा समावेश पर आधा रत ह।ै

    उ े यउ े य:इस अभयान का उ े य तीन ■स ांत पर आधा रत ह:ै

    सभी के लये ॉडबड क उपल धतागुणव ायक्ुत सेवािकफायती सेवा।

    ल यल य:ामीण व सुदरू े समेत पूर ेदेश म वष 2022 तक ॉडबड सेवा को उपल ध कराना।वष 2024 तक टावर घन व त एक हजार क आबादी पर 0.42 से बढ़ाकर 1.0 करना।मोबाइल और इटंरनेट सेवा क गुणवता बेहतर करना।राज्य / क शा■सत देश के साथ िमलकर काय करने के लये राइट ऑफ वे (Right of Way- RoW) मॉडलिवक■सत िकया जाएगा।

    यह मॉडल ऑ टक फाइबर िबछाने समेत ड■जटल अवसंरचना के िव तार संबधंी नीतय के लये सहायकहोगा।

    राज्य / क शा■सत देश म उपल ध ड■जटल संचार अवसंरचना और अनुकूल नीत ईको-■सस्टम को मापने के लएॉडबड रडेीनेस इडेंक्स (Broadband Readiness Index- BRI) िवक■सत िकया जाएगा।पूर ेदेश के लये ड■जटल फाइबर मानच तयैार िकया जाएगा। इसम संचार नेटवक व अवसंरचना, आ टक फाइबरकेबल, टावर आिद को शािमल िकया जाएगा।ड■जटल अवसंरचना और सेवाओं के िनमाण तथा िवस्तार को गत दान करने के लये नीतगत एवं िनयामक संबधंीिनयम म बदलाव करना।िहतधारक ारा 100 िब लयन डॉलर का िनवेश। इसम यूिनवसल स वस आब् लगेशन फंड (Universal ServiceObligation Fund- USOF) का 70,000 करोड़ पए का िनवेश शािमल ह।ैअभयान म िनवेश के लये संबंधत मं ालय /िवभाग /एज■सय समेत सभी िहतधारक के साथ काय करना।

    यूिनवसलयूिनवसल स वसस वस ऑ लगेशनऑ लगेशन फंडफंड

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    http://drishtiias.com/hindi/images/uploads/1576668014_National Broadband Mission.jpg

  • (Universal Service Obligation Fund- USOF)

    यह ामीण और दरूदराज़ के े म लोग तक वहन यो य क मत पर गरै-भेदभावपूण गुणव ापूण सूचना और संचारौ ोिगक (Information and Communication Technology- ICT) सेवाओं क पहँुच सुिन त करता ह।ैइसका गठन वष 2002 म दरूसंचार िवभाग के तहत िकया गया था।इस फंड के लये संसदीय अनुमोदन क आव यकता होती ह ैऔर इसे भारतीय टेली ाफ (संशोधन) अधिनयम,2003 के तहत वधैािनक समथन ा ह।ै

    ोतोत: PIB

    वै क शरणाथ मंच

    ी ल सी ल स केके लयेलये:वै क शरणाथ मचं

    मे समे स केके लयेलये:वै क शरणाथ मचं एवं वतमान थतयाँ

    चचाचचा मम यय ?17-18 िदसंबर, 2019 को वै क शरणाथ मचं (Global Refugee Forum) क पहली बठैक का आयोजन ■जनेवा म होरहा ह।ै

    मु यमु य बदुबद:ुपािक तान के धानमं ी इमरान खान, तुक के रा पत रसेप तईप एद गन तथा को टा रका, इथयोिपया और जमनीके नेताओं को शरणाथय क सुर ा एवं भलाई के संदभ म उनक अनुकरणीय भूिमका के लये मचं के सह-संयोजकके प म आमिं त िकया गया ह।ै21व सदी म शरणाथय पर पहली बड़ी बठैक के प म संयु रा शरणाथ उ ायु (United Nations HighCommissioner for Refugees- UNHCR), संयु रा शरणाथ एजसी एवं व ज़रलड क सरकार ारासंयु प से 17-18 िदसंबर, 2019 को ■जनेवा म आयो■जत िकया जा रहा ह।ै

    पािक तानपािक तान काका पप :पािक तान के धानमं ी ने एक बार िफर भारत के आंत रक मामल पर गभंीर और अनुचत िट पणी करके अपनेसंक ण राजनीतक एजडे का प रचय िदया।पािक तानी धानमं ी ने भारत के NRC मु े क तुलना याँमार के रो ह या संकट से क तथा क मीर के मु े पर िवसे ह त ेप करने का आ ह िकया।

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  • इस बठैक म पािक तान के धानमं ी ने क मीर मु े और नाग रकता संशोधन अधिनयम के संदभ म भारत कआलोचना क ।पािक तानी धानमं ी ने कहा िक भारत ारा हाल ही म उठाए गए कदम का उ े य क मीर म मु लम कोबहुसं यक को अ पसं यक म बदलना ह।ै

    भारतभारत काका पप :भारत ने पािक तान को अपने देश म अ पसं यक क देखभाल करने तथा उ ह पीिड़त न करने क सलाह दी।िपछले 72 वष म पािक तान ने अपने सभी अ पसं यक को लगातार तािड़त िकया ह,ै ■जसम से अधकांश कोभारत का ख करना पड़ा।भारत ने कहा िक पािक तानी सेना ने वष 1971 म पूव पािक तान के लोग के साथ बहुत बुर ेतरीके से बताव िकयाथा।

    वै कवै क शरणाथशरणाथ मचंमचं केके बारेबारे मम:वै क शरणाथ मचं अंतरा ीय उ रदाय व के ■स ांत को ठोस कारवाई के प म बदलने का अवसर दान करने केलये ‘वै क शरणाथ समझौते’ (Global Compact on Refugees) ारा िनदशत एक मचं ह।ैयह मचं िवभ देश के म य शरणाथय क सम या के िनदान के लये भावशाली योगदान तथा त ाओं कोतुत करता ह ैऔर पूव म िकये गए अ छे काय का उदाहरण तुत करता ह।ै

    यह UNHRC ारा बंधत एक मचं ह ैजो अंतरा ीय समुदाय म राजनीतक इ छाशि जुटाकर ‘वै क शरणाथसमझौते’ के उ े य को आगे बढ़ाता ह ैतथा िवभ देश के समथन के आधार को यापक बनाता ह।ै

    ोतोत- दद हदूहदू

    ड बा-बदं खा पदाथ का वा य पर भाव

    ी ल सी ल स केके लयेलयेअनुश■ंसत आहार भ ा (RDA), लाल अ भुज (Red Octagon)

    मे समे स केके लयेलयेखा सुर ा सुिन त करने म खा सुर ा एवं मानक िविनयम क भूिमका

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म िव ान एवं पयावरण क (Centre for Science and Environment-CSE) ने फा टफू स म नमक (Salt)तथा फैट (Fat) क मा ा पर एक अ ययन िकया। इसम भारतीय बाज़ार म िबकने वाले खा पदाथ म इनक मा ाआव यकता से अधक पाई गई।

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  • मु यमु य बदुबद:ुCSE ारा िकये गए अ ययन म 33 लोकि य जंकफू स के नमून को शािमल िकया गया था तथा इनम नमक, फैट,टांसफैट एवं काब हाइडे स क मा ा क जाँच क गई।इन खा पदाथ क उपयु ता क जाँच हेतु CSE ने अनुश■ंसत आहार भ ा (Recommended DietaryAllowance-RDA) को आधार माना।

    “एकएक व थव थ यियि ाराारा तिदनतिदन कक पोषणपोषण आव यकताओंआव यकताओं कक पूतपूत हेतुहेतु लयेलये जानेजाने वालेवाले आहारआहार मम पोषकपोषक कक औसतऔसत मा ामा ा कोकोRDA कहाकहा जाताजाता हैहै। भारतभारत मम RDA कक मा ामा ा काका िनधारणिनधारण िविव वा यवा य संगठनसंगठन (World Health Organisation) तथातथारा ीयरा ीय पोषणपोषण सं थानसं थान (National Institute of Nutrition-NIN) ाराारा िकयािकया जाताजाता हैहै।”

    RDA के अनुसार, एक वय क को तिदन 5 ाम नमक, 60 ाम फैट, 300 ाम काब हाइडे स तथा 2.2 ामटांसफैट से अधक पोषक को हण नह करना चािहये।नमूने म शािमल जंकफू स क त 100 ाम मा ा म नमक, फैट, टांसफैट तथा काब हाइडे स क मा ा RDA केतहत अनुश■ंसत मा ा से कह अधक पाई गई।

    िनयं णिनयं ण केके उपायउपाय:भारतीय खा सुर ा एवं मानक ाधकरण (Food Safety and Standards Authority of India-FSSAI)ारा तािवत खा सुर ा एवं मानक िविनयम [Food Safety and Standards (Labelling and Display)

    Regulations] के मसौदे के तहत ड बाबदं खा पदाथ क िनमाता कंपिनय के लये िदशा-िनदश जारी िकये गएह।िनमाता कंपिनय के लये अिनवाय होगा िक वे खा साम ी क कैलोरी, संतृ वसा, टांस फैट, एडेड शुगर तथासोडयम क मा ा को पकै के आगे क तरफ दशत कर।इसके अलावा कंपिनय को फूड ोड स पर लगे लेबल म खा साम ी म उप थत पोषक त व क मा ा को RDAके तशत म िदखाना होगा।CSE ने इस मसौदे के तहत सुझाव िदया ह ैिक पे (Peru) तथा चली (Chile) क तज पर भारत म भी सभीड बाबदं खा पदाथ के पकै पर लाल अ भुज (Red Octagon) का िनशान होना चािहये ■जसके मा यम सेचेतावनी संबधंी िनदश िदये गए ह ।जसेै- लाल अ भुज का िनशान पकै के अगले िह से म हो तथा उस पर यह दशत िकया जाए िक कोई साम ी RDAारा िनधा रत मा ा क तुलना म िकतनी अधक डाली गई ह।ै

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    http://drishtiias.com/hindi/images/uploads/1576670020_Junk Food.jpg

  • लाललाल अ भुजअ भुज (Red Octagon):यह वै क तर पर िवभ देश ारा योग म लाया जाने वाला एक तीक च ह।ै इसके मा यम से खा सामि य मशािमल पोषक क अधकता को दशत करने हेतु चेतावनी दी जाती ह।ैउदाहरण के तौर पर िकसी खा पदाथ म मीठे क मा ा अधक होने पर लाल अ भुज के अंदर िनदश म “हाई इनशुगर” (High in Sugar) या कैलोरी क मा ा अधक होने पर “हाई इन कैलोरी” (High in Calorie) लखाजाएगा।इस कार के च के योग से खा पदाथ म शािमल सामि य क कैलोरी क गणना नह करनी होगी ब क चके मा यम से इसे आसानी से दशाया जा सकेगा।चली म यह यव था वष 2016 म लागू क गई थी। इसके एक वष बाद काब नेटेड पेय पदाथ (CarbonatedBeverages) क त यि खपत म 24.9 तशत क कमी आई।

    ोतोत: दद हदूहद,ू डाउनडाउन टूटू अथअथ

    अ पसं यक क पहचान

    ी ल सी ल स केके लयेलये:अ पसं यक से संबंधत ावधान

    मे समे स केके लयेलये:अ पसं यक क पहचान से संबंधत वतमान मु े

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म सव यायालय ने रा य के आधार पर अ पसं यक क पहचान संबधंी याचका को खा रज कर िदया।

    याचकायाचका केके बारेबारे मम:याचकाक ा ने क सरकार ारा रा ीय अ पसं यक आयोग अधिनयम, 1992 क धारा 2(C) के अंतगत 23अ ू बर, 1993 को जारी एक अधसूचना के िवरोध म याचका दायर क थी।इस अधसूचना म क सरकार ने मु लम, ■स ख, ईसाई, बौ , पारसी को अ पसं यक घोिषत िकया था।याचकाक ा ने कहा िक सरकार ने यह अधसूचना अ पसं यक क प रभाषा तय िकये िबना तथा इस संबधं म कोईभी िनदश िदये िबना जारी क थी।याचकाक ा ने टी.एम.ए. पाई फाउंडेशन मामले का ■ज करते हुए कहा िक अ पसं यक का दजा िनधा रत करनेवाली इकाई म रा य को भी आधार बनाया गया ह।ै

    टी.एम.ए.टी.एम.ए. पाईपाई फाउंडेशनफाउंडेशन बनामबनाम कनाटककनाटक रा यरा य (2002):इस मामले म सव यायालय ारा अ पसं यक वग क पहचान हेतु दो आधार बताए गए थे- रा ीय व ांतीय

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  • याचकाक ा ने कहा िक हद ूआठ रा य म हद ूअ पसं यक हो गए ह, अतः उ ह अ पसं यक का दजा दान िकयाजाना चािहये।

    सवसव यायालययायालय काका पप :सव यायालय के िनणय के अनुसार भाषा को रा य आधा रत माना जाता ह ैपरतंु धम को अ खल भारतीय तर परमाना जाना चािहये य िक धम को रा य क सीमा म नह बाँधा जा सकता।सव यायालय ने याचकाक ा से पूछा िक मु लम को क मीर म बहुसं यक तथा अ य थान पर अ पसं यकमानने म या सम या ह।ै

    रा ीयरा ीय अ पसं यकअ पसं यक आयोगआयोग काका पप :यह याचका नवंबर 2017 को दायर क गई थी तथा सव यायालय ने याचकाक ा को रा ीय अ पसं यक आयोगसे संपक करने के लये कहा था।रा ीय अ पसं यक आयोग ने कहा िक कुछ रा य म हदओुं को अ पसं यक का दजा देना उसके अधकार े मनह ह ैऔर केवल क ही ऐसा कर सकता ह।ैयाचकाक ा ने यह तक िदया िक ल ीप और ज मू-क मीर म मु लम बहुसं यक ह तथा असम, प म बगंाल,केरल, उ र देश और िबहार म इनक काफ आबादी ह ैिफर भी वे अ पसं यक दज का लाभ उठा रहे ह लेिकन जोसमुदाय वा तव म अ पसं यक ह, उ ह रा य तर पर अ पसं यक का दजा न िदये जाने के कारण वे अपना वधैिह सा नह पा रहे ह।

    रा ीयरा ीय अ पसं यकअ पसं यक आयोगआयोग

    (National Commission for Minorities):

    रा ीय अ पसं यक आयोग अधिनयम, 1992 ारा रा ीय अ पसं यक आयोग का गठन वष 1993 म िकया गयाथा।यह अधिनयम ‘अ पसं यक’ श द को प रभािषत नह करता कतु क सरकार को यह शि दान करता ह ैिक वहअ पसं यक को अधसूचत कर।ेआयोग म एक अ य , एक उपा य व 5 अ य सद य होते ह।अ य सिहत पाँच सद य का अ पसं यक समुदाय से होना आव यक ह।ैअ य व सद य का कायकाल 3 वष का होता ह।ैमुखमुख कायकाय:

    अ पसं यक क गत का मू यांकन करना।अ पसं यक के िहत क र ा के लये क व रा य सरकार को भावी उपाय क ■सफा रश करना।

    रा ीयरा ीय अ पसं यकअ पसं यक अधकारअधकार िदवसिदवस

    (National Minorities Right Day):

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  • अ पसं यक समुदाय के अधकार क र ा के लये हर वष 18 िदसंबर को भारत म अ पसं यक अधकार िदवसमनाया जाता ह।ैयह िदवस 1992 म संयु रा ारा ‘रा ीय या जातीय, धा मक और भाषाई अ पसं यक से संबंधत यि य केअधकार क घोषणा’ को अपनाने का तीक ह।ैयह िदन अ पसं यक से जुड़े मु और उनक सुर ा के बार ेम लोग म बेहतर समझ िवक■सत करने तथा उ हश त करने पर कि त ह।ै

    ोतोत- दद इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    धानमं ी मातृ वंदना योजना

    ी ल सी ल स केके लयेलये:धानमं ी मातृ वंदना योजना

    मे समे स केके लयेलये:धानमं ी मातृ वंदना योजना से संबंधत िववाद

    चचाचचा मम यय ?अ खल भारतीय मातृ व लाभ काय म ‘ धानमं ी मातृ वंदना योजना’ (The Pradhan Mantri Matru VandanaYojana-PMMVY) क अपवजना मक कृत के लये आलोचना क गई ह।ै

    अपवजना मकअपवजना मक कृतकृत केके कारणकारण:इस योजना का लाभ िकसी मिहला को केवल पहले ब े के ज म के आधार पर िमलता ह।ैइस योजना म पंजीकरण के लये आवेदक मिहला को अपने पत का आधार संबधंी िववरण दान करना होता है■जससे एकल मिहलाएँ, अिववािहत माताएँ, अभ य प नयाँ और िवधवा मिहलाएँ इस योजना का लाभ उठाने सेवंचत रह जाती ह।इस योजना म आवेदन करने क यूनतम आय ु19 वष ह ैअतः 18 वष से कम आय ुक नविववािहता इस योजना कालाभ उठाने से वंचत रह जाती ह।पहले शशु को ज म देने वाली लगभग 30-35% मिहलाएँ 18 वष से कम आय ुक ह।नवजात के माता-िपता से अलग-अलग यह माण लया जाता ह ैिक वह उस मिहला और उसके पत से पहला जीिवतब ा ह।ैलाभाथ मिहला को अपने ववैािहक घर का पता संबधंी द तावेज़ तुत करना पड़ता ह,ै अतः यह नविववािहतमिहलाओं के लये चुनौतीपूण होता ह,ै य िक गभाव था के दौरान सामा यतः उ ह घर म रहने तथा आराम करने कआव यकता होती ह।ैद तावेज़ीकरण क जिटल ि या के कारण हाशये पर रहने वाली मिहलाओं जसेै- यौनकम , िहरासत म रहने वालमिहलाएँ, वासी और संघष के बाद क थतय म रहने वाल मिहलाएँ इस योजना का लाभ नह उठा पाती ह।

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  • एक मिहला कायक ा के अनुसार, मिहलाओं को आवेदन ि या के दौरान भारी र त देनी पड़ती ह।ै

    धानमं ीधानमं ी मातृमातृ वंदनावंदना योजनायोजना

    (The Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana):

    धानमं ी मातृ वंदना योजना क शु आत 1 जनवरी, 2017 को देश भर म गभवती एवं तनपान कराने वालीमिहलाओं के क याण हेतु क गई थी।यह एक क ायो■जत योजना ह ै■जसे मिहला और बाल िवकास मं ालय ारा संचा लत िकया जा रहा ह।ैइस योजना के तहत गभवती मिहलाओं को सीधे उनके बक खाते म नकद लाभ दान िकया जाता ह ैतािक बढ़ी हुईपोषण संबधंी ज़ रत को पूरा िकया जा सके और वेतन हािन क आंशक तपूत क जा सके।ल त लाभाथ : सभी गभवती मिहलाएँ और तनपान कराने वाली माताएँ, ■ज ह क सरकार या रा य सरकार यासावजिनक उप म म िनयिमत प से रोज़गार पर रखा गया ह ैया जो िकसी भी कानून के तहत समान लाभ ा कररही ह।PMMVY के तहत सभी पा लाभाथय को तीन िक त म 5,000 पए िदये जाते ह और शेष 1000 पए क राशजननी सुर ा योजना के अंतगत मातृ व लाभ क शत के अनु प सं थागत सूत करवाने के बाद दी जाती ह।ै इसकार औसतन एक मिहला को 6,000 पए ा होते ह

    इस योजना म ब क सं या का ावधान समा कर सभी मिहलाओं, चाहे वे औपचा रक या अनौपचा रक े , वेतन याअवतैिनक काय म संल ह , को शािमल िकया जाना चािहये तथा इन तबधं को हटाकर इस योजना को सावभौिमक बनानेक आव यकता ह।ै ज़मीनी तर क कायकताओं को संबंधत मिहलाओं क सम याओं तथा चताओं को सरकार तक पहँुचानेम सहायता करनी चािहये।

    ोतोत- दद हदूहदू

    भारत म इटंरनेट का िनलबंन

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  • SFLC , ICRIER

    मे समे स केके लयेलये:नाग रकता संशोधन िवधेयक, इटंरनेट बदं होने के आथक प रणाम

    चचचच मम यय ?हाल ही म नाग रकता संशोधन िवधेयक,2019 के संसद म पा रत होने के प ात देश के िवभ भाग म इस िवधेयक का िवरोधशु हो गया। प रणाम व प सरकार ारा सुर ा कारण का हवाला देते हुए देश के िवभ भाग म इटंरनेट सेवा को बदं करिदया गया। िपछले कई िदन म सॉ टवेयर डम लॉ सटर (SFLC) म इटंरनेट बदं होने से संबंधत अनेक सूचनाओं से भरापड़ा ह।ै गौरतलब ह ैिक सॉ टवेयरसॉ टवेयर डमडम लॉलॉ सटर िव म इटंरनेट बदं होने क घटनाओं को टैक करता ह।ै

    इटंरनेटइटंरनेट बदंबदं केके कारणकारण :चूँिक भारत िव का सबसे बड़ा एवं िवकासशील इटंरनेट बाज़ार ह ैऔर इटंरनेट के मा यम से सूचनाओं का आदान-दान करना अ यतं आसान होता ह ै■जसका योग देश के भीतर दगें भड़काने और िवभ हसक ति याओं केलये भी िकया जाता ह।ै फलतः आपातकालीन थत म सूचनाओं के सं ेषण को रोकने हेतु इटंरनेट बदं िकया जाताह।ैजब िकसी े म अफवाह ,फेक यूज़ या अ य कारण से सरकार या शासन को कानून के वतन म सम या आती हैतो ारंभक और िनवारक ति या के प म सरकार ारा इटंरनेट बदं कर िदया जाता ह।ै

    इटंरनेटइटंरनेट बदंबदं काका अथ यव थाअथ यव था परपर भावभाव:भारत म इटंरनेट बदं क लागत बहुत अधक ह।ै अंतरा ीयअंतरा ीय आथकआथक संबधंसंबधं परपर भारतीयभारतीय अनुसंधानअनुसंधान प रषदप रषद (IndianCouncil Research for International Economic Relation-ICRIER) क रपोट के अनुसार,िपछले पाँच वष म लगभग 16000 घटें इटंरनेट बदं रहा ■जसक लागत लगभग 3 िब लयन डॉलर के आसपास होनेका अनुमान ह।ै

    भारतभारत मम 2019 मम इटंरनेटइटंरनेट बदंबदं होनेहोने कक घटनाएँघटनाएँ :हाल ही म नाग रकता संशोधन िवधेयक, 2019 को संसद म पा रत िकया गया ■जसके िवरोध म जनांदोलन एवं िवरोधदशन िकये जा रहे ह फलतः कानून यव था का कारण बताकर प म बगंाल के हावड़ा, मुशदाबाद, मालदा इ यािदथान , उ र देश के अलीगढ़, मेरठ और सहारनपुर ■जल तथा ज मू-क मीर,असम एवं मेघालय के िवभ िह स मइटंरनेट बदं कर िदया गया।बीते नवंबर महीने म उ तम यायालय ारा जब अयो या मामले पर फैसला सुनाया गया तब भी देश के िवभ िह सम तनाव और हसा क आशकंा के चलते तबधंा मक उपाय के प म इटंरनेट बदं क घटनाएँ यापक तर पर देखीगई थी।

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  • 5 अग त 2019 को जब संसद ारा संिवधान म उ■ खत अ थायी धारा 370 जो िक ज मू-क मीर के संबधं मिवशेष उपबधं करती ह,ै के िनरसन और ज मू-क मीर के पुनगठन िवधेयक को पा रत िकया गया था तब ज मू-क मीरम सुर ा कारण से इटंरनेट सेवा को तबंधत कर िदया गया था जो िक ज मू-क मीर के िवभ े म आज भीतबंधत ह।ैगौरतलब ह ैिक ज मू-क मीर म िपछले 135 िदन से इटंरनेट सेवा बदं ह ैजो भारत म इटंरनेट बदं के संदभ म एकरकॉड ह।ै इसके पहले 2017 म दा■जलग म 100 िदन तक दरूसंचार सेवाओं को तबंधत िकया गया था।

    ऐसेऐसे रा यरा य ■जनम■जनम सवाधकसवाधक इटंरनेटइटंरनेट बदंबदं कक घटनाएँघटनाएँ होहो चुकचुक हह :इटंरनेट बदं क घटनाओं क आवृ य के अनुसार, सवाधक इटंरनेट सेवा बदं करने वाले रा य िन न ल खत ह :-

    ज मूज मू-क मीरक मीर : SFLC (softwere freedom law center) के अनुसार, ज मू-क मीर म वष 2012 से लगभग180 बार इटंरनेट बदं क घटनाएँ हो चुक ह। यहाँ इटंरनेट बदं का मु य कारण सुर ा बल और आतकंवािदय केबीच मुठभेड़,बड़े सच अभयान.गोलीबारी और CRPF के जवान पर हमला इ यािद ह।राज थानराज थान : राज थान म वष 2015 से लगभग 67 बार इटंरनेट बदं क घटनाएँ हो चुक ह ■जसका मु य कारणअफ़वाह को रोकना और सां दायक हसा के संदभ म बदं का आयोजन िकया जाना ह।ैउ रउ र देशदेश : उ र देश म वष 2015 से लगभग 19 बार इटंरनेट बदं क घटनाएँ हो चुक ह। ■जसका मु य कारणसां दायक एवं आपराधक घटनाओं के बाद कानून यव था को सु ढ़ बनाए रखना था।

    इटंरनेटइटंरनेट बदंबदं सेसे संबंधतसंबंधत कानूनकानून :दरूसंचार अ थायी सेवा िनलबंन ( लोक आपात या लोक सुर ा ) िनयम, 2017 के अंतगत देश के गृह मं ालय केसचव या रा य के स म पदाधकारी को दरूसंचार सेवाओं के िनलबंन का अधकार िदया गया ह।ैभारतीय टे ल ाफ अधिनयम,1885 क धारा 5(2) के तहत क एवं रा य सरकार को यह अधकार िदया गया ह ैिकवे लोक संकट या जन सुर ा या भारत क सं भुता और अखंडता तथा रा य क सुर ा को यान म रखते हुए संदेशसेवा (Messaging) को तबंधत कर सकती ह।

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  • आपराधक ि या संिहता,1973 क धारा 144 के अंतगत भी दरूसंचार सेवाओं को तबंधत िकया जा सकता ह।ैधारा 144 ■जला म■ज टेट, उप-िवभागीय म■ज टेट या रा य सरकार ारा अधकार ा अधकारी को सावजिनकशांत बनाए रखने के लए दरूसंचार सेवाओं के िनलबंन का अधकार देती ह।ै

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    हाइडोजन सेल तकनीक आधा रत कार

    ी ल सी ल स केके लयेलयेईधंन सेल, हाइडोजन सेल तकनीक या ह?ै

    मे समे स केके लयेलयेजलवाय ुप रवतन को िनयिं त करने म ईधंन सेल क भूिमका

    चचाचचा मम यय ?वष 2020 म टो यो ओलिंपक से पहले जापान हज़ार हाइडोजन सेल तकनीक (Hydrogen Cell Technology) याईधंन सेल (Fuel Cell) आधा रत कार को बाज़ार म लाने के लये तयैार ह।ै

    जापान ईधंन सेल तकनीक के योग के े म एक अ णी देश ह।ै वाय ु दषूण के िनयं ण के संदभ म यह आव यक हैिक भारत व छ उजा के योग हेतु जापान क तकनीक से सीख ले।

    हाइडोजनहाइडोजन ईधंनईधंन सेलसेल कैसेकैसे कायकाय करताकरता हैहै?ईधंन सेल िव ुत वाहन (Fuel Cell Electric Vehicles-FCEV) एक ऐसा यं ह ैजो िक ईधंन ोत के तौर परहाइडोजन तथा एक ऑ सकारक के योग से िव ुत-रासायिनक ि या (Electrochemical) ारा िव ुत कािनमाण करता ह।ैईधंन सेल हाइडोजन तथा ऑ सीजन को सिम त कर िव ुत धारा का िनमाण करता ह ैतथा इस ि या म जलउपो पाद (Byproduct) होता ह।ै

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  • परपंरागत बटै रय क भाँत ही हाइडोजन ईधंन सेल भी रासायिनक उजा को िव ुत उजा म प रवतत करता ह ैपरतंुFCEV लबें समय तक वहनीय ह ैतथा भिव य क इले टक कार के लये एक आधार ह।ै

    याया FCEV एकएक परपंरागतपरपंरागत वाहनवाहन याया िव ुतिव ुत वाहनवाहन हैहै?हालाँिक ईधंन सेल भी एक साधारण बटैरी क भाँत रासायिनक उजा को िव ुत उजा म प रवतत करता ह ैपरतंु यहउजा को संचय नह करता।इसके िवपरीत यह आतं रक दहन इजंन (Internal Combustion Engine-IC Engine) क भाँत, ■जसमलगातार पेटोल, डीज़ल तथा ऑ सीजन क आव यकता होती ह,ै हाइडोजन तथा ऑ सीजन क आपूत पर िनभर ह।ैलेिकन आतं रक दहन इजंन क भाँत ईधंन सेल के अंदर कोई गतमान (Movable) िह सा नह होता तथा इसमकोई आतं रक दहन नह होता। इस लहाज़ से यह परपंरागत IC-Engine से अधक द और िव सनीय ह।ैअभी तक इले टक वाहन (Electric Vehicles-EV) को मु यतः तीन भाग म िवभा■जत िकया जाता ह ैजो िक इसकार ह:ै

    बटैरीबटैरी इले टकइले टक वाहनवाहन (Battery Electric Vehicles-BEV): ये वाहन पूण प से रचाजबल बटैरी ाराजिनत िव ुत उजा से चलते ह।हाइि डहाइि ड इले टकइले टक वाहनवाहन (Hybrid Electric Vehicle-HEV): इन परपंरागत वाहन म आतं रक दहनइजंन के साथ ही िव ुत णोदन णाली (Electric Propulsion System) का उपयोग िकया जाता ह।ैइस कार के हाइि ड इजंन म IC-Engine के काय करने के दौरान बटैरी चाज होती रहती ह।ै इस कार केवाहन म ईधंन क बचत होती ह।ैगग-इनइन हाइि डहाइि ड इले टकइले टक वाहनवाहन (Plug-in Hybrid Vehicles-PHEV): इन वाहन म भी HEV कभाँत IC-Engine तथा बटैरी ारा जिनत इले टक पॉवर का योग होता ह ैलेिकन इसम बटैरी को िकसीबाहरी ोत (चा■जग पॉइटं) से चाज िकया जाता ह।ै

    इले टक वाहन तकनीक म FCEVs एक नई पीढ़ी क शु आत ह।ै इसके अंतगत इले टक मोटर को चलाने के लयेहाइडोजन का योग िकया जाता ह।ैय िप FCEVs को इले टक वाहन ही माना जाता ह ैपरतंु उनम ईधंन भरने क ि या तथा उनक दरूी तय करने कमता पारपं रक कार और टक के सामान ही ह।ै

    हाइडोजन तकनीक के िवकास से यातायात तथा िव ुत ऊजा के िनमाण म मदद िमलेगी। इसके अलावा िव महाइडोजन के िनमाण के लये आव यक त व क उपल धता भी पया मा ा म ह।ैजापान ारा हाइडोजन ईधंन सेल को दो प म िवक■सत िकया जा रहा ह ै■जसके मा यम से व छ तथा िव सनीयउजा का िवकास िकया जा सके। इसके तहत अ पताल , बक तथा हवाई अ पर थैतक ईधंन सेल (StationaryFuel Cell) तथा वाहन म वहनीय ईधंन सेल (Portable Fuel Cell) का योग िकया जाएगा।

    ईधंनईधंन सेलसेल केके लाभलाभ:पारपं रक दहन आधा रत तकनीक के िवपरीत ये अ यतं कम मा ा म ीनहाउस गसै का उ सजन करते ह तथा इनकेारा उ स■जत वाय ुसे वा य को भी कोई नुकसान नह होता ह।ैईधंन सेल म योग िकये गए हाइडोजन से ऊ मा तथा उतो पाद के तौर पर जल का िनमाण होता ह ैऔर ये पारपं रकदहन इजंन से अधक द ह।अ य बटैरी ारा संचा लत वाहन के िवपरीत FCEVs को िकसी चा■जग पॉइटं क आव यकता नह होती ब क इनमईधंन के तौर पर हाइडोजन भरी जाएगी तथा एक बार पूरा टक भरने पर ये 300 िकलोमीटर क दरूी तय कर सकगे।

    ईधंनईधंन सेलसेल कक सम याएँसम याएँ:14/17

  • हालाँिक FCEVs िकसी ऐसी गसै का उ सजन नह करते ■जससे भूमडंलीय ऊ मन (Global Warming) कसम या उ प हो परतंु हाइडोजन के िनमाण म जीवा म ईधंन का योग िकया जाता ह ैजो िक परो प से ीनहाउसगसै के उ सजन को बढ़ावा देगा।सुर ा के लहाज़ से भी हाइडोजन को लेकर कई सवाल खड़े होते ह य िक हाइडोजन पेटोल से भी अधकवलनशील होता ह ैतथा इसके कारण िव फोट होने क संभावना जताई जाती ह।ैइसके अलावा हाइडोजन आधा रत वाहन क क मत पारपं रक वाहन क क मत से काफ अधक होगी तथा इसकेलये ईधंन क भी मा कुछ ही थान पर मौजूद ह।

    भारतभारत मम ईधंनईधंन सेलसेल काका भिव यभिव य:भारत इले टक कार के मामले म अभी शु आती तर पर ह ैतथा इले टक वाहन क ेणी म केवल BEV को हीशािमल िकया जाता ह।ैBEV इले टक वाहन पर सरकार ारा 12 तशत टै स िनधा रत िकया गया ह ैलेिकन अ य HEV तथा FCEVsपर IC-Engine वाले वाहन क भाँत ही 43 तशत टै स लागू ह।ैभारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय उजा मं ालय के अंतगत कई सं थान के साथ िमलकर िवभ शोधकाय म को बढ़ावा िदया जा रहा ह।ैिव ान और ौ ोिगक मं ालय ारा आई.आई.टी. बॉ बे तथा अलौह पदाथ तकनीक िवकास क , हदैराबाद केनेतृ व म दो हाइडोजन टोरजे नेटवक का समथन िकया गया ह।ै इस प रयोजना म 10 अ य सं थान शािमल ह।

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    RAPID FIRE करट अफेयस (18 िदसंबर, 2019)

    परवेज़परवेज़ मुशरफमुशरफ कोको फाँसीफाँसी कक सज़ासज़ापािक तान के पूव रा पत परवेज़परवेज़ मुशरफमुशरफ को राज ोह के मामले म मौत क सज़ा सुनाई गई ह।ै पािक तान क िवशेष अदालतने पूव सै य शासक को दोषी करार देते हुए मौत क सज़ा सुनाई। पूव रा पत के खलाफ मामले क सुनवाई पेशावर उयायालय के मु य यायाधीश वकार अहमद सेठ के नेतृ व वाली िवशेष अदालत क तीन सद यीय पीठ ने क । परवेज़ मुशरफपर 3 नवंबर, 2007 को देश म आपातकाल लगाने के मामले म देश ोह का मामला चल रहा ह।ै पािक तान क पूव मु लमलीग (नवाज़) सरकार ने यह मामला दज कराया था और वष 2013 से यह लिंबत चल रहा था। िदसंबर 2013 म उनकेखलाफ देश ोह का मामला दज हुआ था। इसके बाद 31 माच, 2014 को मुशरफ को आरोपी करार िदया गया और उसीसाल ■सतबंर म अभयोजन ने सार ेसा य िवशेष अदालत के सामने रखे। अपीलीय मचं पर याचकाओं के कारण पूव सै यशासक के मुकदमे म देरी हुई तथा वह शीष अदालत और गृह मं ालय क मज़ंूरी के बाद माच 2016 म पािक तान से बाहरचले गए।

    राज थानराज थान मम देशदेश काका चौथाचौथा भालूभालू अभयार यअभयार यज दी ही राज थान म भालूभालू अभयार यअभयार य (Bear Sanctuary) बनाया जाएगा। यह देश का पहला और देश का चौथा भालूअभयार य होगा। इसे जालोर के सुंधासुंधा मातामाता ेे (Sundha Mata Area) म िवक■सत िकया जाएगा। देश म पहली बार

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  • भालुओं के लये अभयार य बनाया जा रहा ह।ै यह भालू अभयार य ■सरोही िज़ले क माउंट आबू स चुअरी के 326.1 वगिकलोमीटर े और जालोर के सुंधा माता कंज़रवेशन रज़व के 117.49 वग िकलोमीटर के जंगल को िमलाकर बनायाजाएगा। यह पूरा इलाका देश के तीन टाइगर रज़व से अलग ह।ै इस इलाके म जंगल भी घना ह ैऔर यहाँ भालुओं कआबादी भी अ छी ह।ै यहाँ उनके के लये भोजन क भी कमी नह ह।ै

    व यजीव गणना के मुतािबक, माउंट आबू के संर त े के जंगल म 352 भालू ह, जबिक संर त े के बाहर जालोर िज़लेम 58 और ■सरोही िज़ले म मांउट आबू के बाहर भी 63 भालू ह। इन दोन इलाक म भालू के अलावा पथर, भेिड़ये,लकड़ब घा, साही और चकारा क सं या भी अ छी खासी ह।ै हालाँिक राज थान के तीन टाइगर रज़व म से रणंथभंौर औरमुकंदरा िह स म भी भालुओं क सं या अ छी खासी ह,ै लेिकन उसके बावजूद भालुओं का गढ़ माउंट आबू को ही माना जाताह।ै

    भारतीयभारतीय शांतशांत र कर क पुर कृतपुर कृतद ण सूडान म तनैात लगभग 850 भारतीय शांत सिैनक को समपण और ब लदान के लये संयक्ुसंयक्ुतत राष्राष्टट काका ति तति त पदकपदकदान िकया गया ह।ै द ण सूडान म शांत बनाए रखने म भारतीय शांत सिैनक ने उत्कृष्ट योगदान िदया ह।ै उन्ह नेस्थानीय समुदाय क सहायता करने के लये अपने क य से भी बढ़कर काम िकया। भारत संयक्ुत राष्ट के शांत अभयानम सबसे यादा सिैनक का योगदान करने वाले देश म से एक ह।ै संयक्ुत राष्ट के शांत िमशन के अंतगत इस समय भारतके 2342 जवान और 25 पु लसकम तनैात ह। यात य ह ैिक िपछले महीने संयक्ुत राष्ट के शांत िमशन म इजंीिनयर औरचिकत्साक मय के प म सेवारत कुल 323 भारतीय शांत सिैनक को िवशष्ट सेवाओं के लये संयक्ुत राष्ट पदक सेसम्मािनत िकया गया था।

    िमसिमस व डव डलदंन म आयो■जत िमसिमस व डव ड यूटीयूटी पेजटपेजट 2019 का खताब भारतीय मूल क जमकैा क टोनी एन ↓सह ने जीता। भारत कसुमन राव ने तयोिगता म तीसरा थान (Second Runner-up) हा■सल िकया। राज थान क 20 वष य सुमन राव ने जूनम िमस इंडया 2019 का खताब जीता था। जबिक ांस क Ophely Mezino दसूर े थान पर रही।

    जमकैा ने लबें समय के बाद िमस व ड का खताब अपने नाम िकया ह।ै इससे पहले वष 1993 म लीजा हे ा ने िमस व ड काखताब जीता था। उनके पहले वष 1963 और वष 1976 म जमकैा क सुंद रय ने िमस व ड के खताब पर अपना क ज़ाजमाया था।

    बी.एस.बी.एस. ■सरपुरकर■सरपुरकरहदैराबाद गग रपे और ह या तथा उसके बाद हुए आरोिपय के एनकाउंटर क स ाई का पता लगाने के लये जाँच कोआव यक बताते हुए सव यायालय ने पूव यायाधीश बी.एस. ■सरपुरकर क अ य ता म एक जाँच आयोग गिठत क ह।ैजाँच आयोग के अ य सद य म बबंई उ यायालय क पूव यायाधीश रखेा संदरू बा डोटा और CBI के पूव िनदेशकडी.आर. कातकेयन शािमल ह। आयोग को छह महीने के भीतर अपनी रपोट यायालय को स पनी होगी तथा इसके साथ हीतेलगंाना उ यायालय और रा ीय मानवाधकार आयोग म इस घटना के संबधं म लिंबत कायवाही पर रोक लगा दी गई ह।ै 6िदसंबर क घटना क जाँच करने के लये जाँच आयोग को कानून के तहत सभी अधकार ा ह गे।

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  • वीरवीर कुमारकुमारपूव IAS वीरवीर कुमारकुमार को उ रउ र देशदेश अधीन थअधीन थ सेवासेवा चयनचयन आयोगआयोग (Uttar Pradesh Subordinate ServicesSelection Commission- UPSSSC) का अ य िनयु िकया गया ह।ै उनके अलावा रचना पाल व ओम नारायण ↓सहको आयोग के सद य घोिषत िकया गया ह। अधीन थ सेवा चयन आयोग म एक अ य और आठ सद य होते ह। आयोग मअब कुल सात सद य हो गए ह। यात य ह ैिक UPSSSC के अ य का पद एक वष से खाली था। वतमान सरकार म आयोगके अ य िनयु िकये गए रटायड IAS सी.बी. पालीवाल ने 11 िदसंबर, 2018 को िनजी कारण से इ तीफा दे िदया था।तभी से आयोग के सद य रटायड IAS अ ण ■स हा कायवाहक अ य के प म काय देख रहे थे।

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    डेली न्यूज़ (18 Dec, 2019)टेक कंपनियों पर बाल श्रम कराने का आरोपप्रीलिम्स के लियेमेन्स के लियेचर्चा में क्यों?मुख्य बिंदु:कोबाल्ट (Cobalt):स्रोत: द हिंदू

    राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड अभियानप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु:विज़न:उद्देश्य:लक्ष्य:यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड(Universal Service Obligation Fund- USOF)स्रोत: PIB

    वैश्विक शरणार्थी मंचप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?मुख्य बिंदु:पाकिस्तान का पक्ष:भारत का पक्ष:वैश्विक शरणार्थी मंच के बारे में:स्रोत- द हिंदू

    डिब्बा-बंद खाद्य पदार्थों का स्वास्थ्य पर प्रभावप्रीलिम्स के लियेमेन्स के लियेचर्चा में क्यों?मुख्य बिंदु:नियंत्रण के उपाय:लाल अष्टभुज (Red Octagon):स्रोत: द हिंदू, डाउन टू अर्थ

    अल्पसंख्यकों की पहचानप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?याचिका के बारे में:टी.एम.ए. पाई फाउंडेशन बनाम कर्नाटक राज्य (2002):सर्वोच्च न्यायालय का पक्ष:राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का पक्ष:राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग(National Commission for Minorities):राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस(National Minorities Right Day):स्रोत- द इंडियन एक्सप्रेस

    प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजनाप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?अपवर्जनात्मक प्रकृति के कारण:प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना(The Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana):स्रोत- द हिंदू

    भारत में इंटरनेट का निलंबनप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्च में क्यों?इंटरनेट बंद के कारण :इंटरनेट बंद का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव:भारत में 2019 में इंटरनेट बंद होने की घटनाएँ :ऐसे राज्य जिनमें सर्वाधिक इंटरनेट बंद की घटनाएँ हो चुकी हैं :इंटरनेट बंद से संबंधित कानून :स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

    हाइड्रोजन सेल तकनीकी आधारित कारेंप्रीलिम्स के लियेमेन्स के लियेचर्चा में क्यों?हाइड्रोजन ईंधन सेल कैसे कार्य करता है?क्या FCEV एक परंपरागत वाहन या विद्युत वाहन है?ईंधन सेल के लाभ:ईंधन सेल की समस्याएँ:भारत में ईंधन सेल का भविष्य:स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

    RAPID FIRE करेंट अफेयर्स (18 दिसंबर, 2019)परवेज़ मुशर्रफ को फाँसी की सज़ाराजस्थान में देश का चौथा भालू अभयारण्यभारतीय शांति रक्षक पुरस्कृतमिस वर्ल्डबी.एस. सिरपुरकरप्रवीर कुमार